गर्लफ्रेंड को चोदा
यह कहानी मेरी और मेरी प्रेमिका वैदेही की है। वैसे तो आज वो मेरे साथ नहीं है, क्योंकि वो अपनी माता पिता को दुःख पहुँचाना नहीं चाहती थी इसीलिए उसने मुझसे नाता तोड़ दिया।
बात तब की है जब दो साल पहले में अपनी कॉलेज के अंतिम साल में था तब वो मुझे एक सेमिनार में मिली थी, उसकी छोटी छोटी आँखों ने मुझमें उसके प्रति प्यार जगाया। पर उस सेमिनार में मैंने उससे बात नहीं की थी।
उसके एक महीने के बाद एक दिन अचानक वो मेरी कॉलेज के बाहर मिली तो मैं उसे देखता ही रह गया। उसके साथ एक दूसरी लड़की थी, वो भी उस सेमिनार में थी। उसने मुझसे बात की और बाद में मेरी और
वैदेही की दोस्ती हो गई। वैसे तो मैं उसे शुरु से ही चाहने लगा था पर कह नहीं पाया था।
एक दिन बड़ी मुश्किल से मैंने उसके सामने अपने प्यार का इजहार किया कि मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ पर उसने मना कर दिया और कहा कि यह नामुमकिन है।
बाद में मैंने उसे बहुत तरीकों से यह बताना चाहा कि मैं उसे सच्चा प्यार करता हूँ। आखिर एक दिन उसने मुझसे कहा कि वो भी मुझे चाहने लगी है पर घर की स्थिति की वजह से वो डर रही है।
पर बाद में धीरे धीरे हम दोनों के प्यार का रंग एक-दूजे पर चढ़ने लगा और हम लोग बहुत करीब आ गये।
एक दिन एक बाग़ में मैंने उसे उसके चहेरे को पकड़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और हम लोग एक दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे। हम दोनों एक दूसरे को बहुत चाहते थे, उस दिन से हम जब भी मिलते तो हम लोग चुम्मा-चाटी करते।
एक दिन एक पिक्चर के शो में मैंने उसके होंठ चूमते चूमते उसके गालों को चूमा बाद में गले पर आ गया और बाद में उसकी छाती पर आया, तब उसने एक टॉप पहना था तो उसने उस टॉप के बटन खोल दिए और उस वक़्त पहली बार मैंने उसके बोबे चूसे।
उसको बहुत मजा आया।
उसके बाद मैं जब भी उससे मिलता तो उसके बोबे बहुत दबाता था।
एक बार जब मेरे घर पर कोई नहीं था तो मैंने उसे अपने घर पे बुलाया और उसके अन्दर आते ही हम दोनों एकदूसरे में खो गये। बहुत चुम्मा चाटी और बोबे दबाना हुआ। फिर मैं उसको पलंग पर लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गया और कपड़ों में ही सेक्स करने लगा।
उस समय मैंने अपने चड्डी में ही अपना माल निकाल दिया। उसके बाद हम दोनों नजर नहीं मिला सके पर उसके बाद हमारा प्यार और दोगुना हो गया।
उसके बाद जब उसका जन्मदिन आया तो मैंने उसे मिलने की योजना बनाई पर कुछ और काम आ जाने से उस दिन मैं नहीं मिल सका पर उसके दूसरे ही दिन मुझे मौका मिल गया। मेरे घर के सभी लोग बाहर
जा रहे थे तो मैंने उसे अपने घर पर बुला लिया और साथ में यह भी कहा- मैं तुम्हें साड़ी में देखना चाहता हूँ।
तो थोड़ी ना-नुकर करने के बाद वो आई और अपने साथ एक बैग में साड़ी भी लेकर आई। उसके आते ही मैं उसे प्यार करने लगा और चूमने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी।
बाद में वैदेही बोली- चलो अब मैं तुम्हारी पत्नी बन जाऊँ।
तो मैंने खुश होते हुए कहा- हाँ जरूर !
वो उठ कर बाथरूम चली गई और दस मिनट बाद वो साड़ी पहन कर बाहर आई तो मैं उसे देखता ही रह गया। खुले बालों के साथ लाल साड़ी में वो बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।
उसने पूछा- कैसी लग रही हूँ?
मैं तो उसे देखता ही रह गया, वो सचमुच में कमाल लग रही थी, मैंने उससे पूछा- क्या मैं तुम्हारी मांग भर दूँ?
तो उसने शरमाते हुए हाँ कहा।
मैंने थोड़ा सिंदूर लेकर उसकी मांग में भर दिया और उसे अपनी बाहों में ले लिया।
तब उसने मुझसे कहा- राज, मैं तुमसे सच में बहुत प्यार करने लगी हूँ, प्लीज़ मुझे अपनी पत्नी बना लो।
मैं उसे वहाँ से अपने कमरे में ले गया और अपने साथ अपने पलंग पर बिठाया और उसके होंठों को प्यार
से चूसने लगा। वो भी उसमें मेरा साथ देने लगी। मैं उसे चूमते हुए अपने एक हाथ से उसके बोबे दबाने
लगा। उसके बाद मैंने उसे पलंग पर लिटाया और प्यार करने लगा।
वो धीरे धीरे गएम होने लगी थी। जब मैंने अपनी शर्ट उतार दी तो वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी और कहने लगी- राज, मुझे प्यार करो ! बहुत ज्यादा प्यार करो !
फिर मैंने उसकी साड़ी निकाल दी तो वो सिर्फ ब्लाऊज़ और पेटीकोट में रह गई। वो बहुत शरमा रही थी तो मैंने उसे चूम लिया और पूछा- क्या मैं इसके आगे कुछ करूँ?
तो उसने हाँ कर दी और मैंने उसका ब्लाऊज़-पेटिकोट निकाल दिया। अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी। मैं उसको देख कर और ज्यादा उत्तेजित हो गया और उसे खूब चाटने और चूसने लगा। मैंने उसकी ब्रा निकाल दी तो दो उन्नत बोबे बाहर आये।
उसने कहा- ये लो अपने मेहनत का फल ! इतने बड़े आपने ही किये हैं।
उसकी यह बात सुनकर मैं उसके उरोज दबाने और चूसने लगा। फ़िर मैं उसके पेट को चूमता हुआ पेंटी तक आया और उसके ऊपर से ही वहाँ एक चुम्बन किया।
उसमें से क्या खुशबू आ रही थी यार ! मैंने जल्द ही पेंटी हटा दी तो उसमें से एक प्यारी सी गुलाबी चूत के दर्शन हुए।
वैदेही उस समय बहुत शरमा रही थी तो मैं झट से चूत को चाटने और चूमने लगा तो वो बहुत ही ज्यादा गर्म हो गई और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी। मैंने भी बड़े प्यार से उसकी चूत को चाटा और चूमा, और वो झड़ गई।
उसका सारा पानी मैंने चाट लिया।
मैं जब वहाँ से खड़ा हो रहा था तो उसने मुझे पकड़ लिया और मेरे लंड पर हाथ घुमाने लगी। तो मैंने अपना पेंट और अण्डरवीयर नीचे कर दिया तो उसने झटके से मेरे लंड को पकड़ा और हिलाने लगी। तो मैंने अपना लंड उसके होंठों पर रखा, तुरंत ही उसने उसको बड़े प्यार से चूमा और चूसने लगी।
उसने बहुत देर तक चूसा और उसके बाद मैंने उससे कहा- चलो, अब पति पत्नी वाला काम करें !
तो वो तुरंत मान गई।
मैंने उसे सीधा लिटाया और उसके ऊपर आ गया। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और हल्का सा धक्का मारा तो वो चिल्लाने लगी और दर्द से कराहने लगी।
मैंने उसे प्यार से समझाया और चुम्बन करने लगा।
उसके थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने पूरा जोर लगाते हुए उसके मुँह को अपने मुँह
से बंद किया और एक तगड़ा झटका मारा और मेरा लंड मेरी वैदेही की चूत की जिल्ली फाड़ कर पूरा उसमें समा गया।
वो रोने लगी थी और कराह भी रही थी पर मैं थोड़ी देर ऐसे ही रहा और बाद में जब उसे थोड़ा ठीक लगने लगा तो मैं धीरे धीरे उसे झटके मारने लगा। उसके बाद उसे भी मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी।
उसके बाद हम दोनों ने जम कर चुदाई की, वो अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी और मैं भी उसे जोर-शोर से चोद रहा था। उसके बाद हम दोनों के प्रेम की धारा एकसाथ छुट गई और हम एकदूसरे को बाहों में लेकर सो गये।
आधे घंटे बाद जब उसने मुझे उठाया तो मेरा फिर से खड़ा हो गया और उसको भी इच्छा हो गई थी तो हम लोग फिर से चुदाई में खो गये पर इस बार न तो कोई दर्द न ही चीखना, सिर्फ मजा ही मजा लिया एक दूसरे ने !
सके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने, ठीकठाक हुए और एक दूसरे को चूमा। उस वक़्त भी उसकी मांग में मेरा सिंदूर था।
मैंने उसे चूम कर ‘आई लव यू माय वाइफ’ कहा तो उसने भी ‘आई लव यू टू माय हसबंड’ कहा और उसके बाद में उसे उसके घर छोड़ने निकाल पड़ा।
पड़ोस की मस्त भाभी
बात उन दिनों की है जब मैं गाँव में रहता था, उस समय मेरी पड़ोस में एक नयी नहीं शादी हुई थी रिश्ते में वो भाई लगता था नाम था कौशल, शादी के कुछ दिन बाद यानी की ५ दिन बाद ही वो अपने काम पे यानी की दिल्ली लौट आया था! उनके घर में सिर्फ कौशल भैया की माँ और वाइफ ही रहने लगी थी. मैं कभी कभी उनके घर जाया करता था, और हसी मजाक भी होता था क्यों की वो भाभी थी, अक्सर मेरे यहाँ हसी मजाक देवर भाभी में होता है.
एक दिन जब मैं उनके घर गया गर्मी का दिन था वो अकेले ही घर पे थी उनकी सास अपने मायके गयी हुई थी एक दिन के लिए, पहले मैं आपको भाभी के बारे में बता दू भाभी करीब २१ साल की थी रंग गेहुआ चेहरा गोल, टाइट चूची गोल गांड और जब वो साड़ी पहनती तो वो नाभि की निचे सारे बांधती थी उनका गोल गोल पेट पे नाभि एक गदम सुराही के तरह पेट लगता था, लाल लाल होठ कस हुआ बदन. बहुत ही सेक्सी लगती थी. जब मैं उनके घर गया तो वो कुछ काम कर रही थी और मैं वही चारपाई पे बैठ गया, वो अपना काम खत्म करके वो कमरे में चली गयी और मुझे भी बोली अंदर ही आ जाओ बहार बरामदे पे बहुत धुल उड़ रहा है,
मैं भी अंदर चला गया और वही बैठ गया, हम दोनों में बात चीत होने लगी वो बोल रही थी की मैं आपकी शादी अपने ही मायके में करवाउंगी एक बड़ी ही ख़ूबसूरत लड़की है मेरी चचेरी बहन लगती है, मुझे भी आनंद आ रहा था क्यों की किसी भी कुंवारे को शादी के बारे में बात करते अच्छा लगता है, फिर वो काफी देर इधर उधर की बात करने के बाद मैं जाने ही बल था की वो कमरे के दरवाजे पे ही बैठ गयी उनका आँचल सरका हुआ था ब्लाउज टाइट होने की वजह से उनका चूच ऊपर से निकलने की कोशिश कर रहा था, ये सब देख के मेरा लैंड खड़ा हो गया मैं थोड़ा शर्मा भी रहा था क्यों की लग रहा तो अगर वो देख लेगी तो कैसा लगेगा, क्यों की मेरे लैंड का उभर पता चल रहा था.
मैं जैसे ही दरवाजे से निकलने की कोशिश किया मैंने कहा भाभी थोड़ा पैर हटाना वो थोड़ा और भी चौड़ी होकर बैठ गयी फिर मैंने उनको फिर कहा वो मुस्कुरा रही थी पर हटाई नहीं मैं वैसे ही जाने लगा की वो बैठी थी मेरे लैंड काफी टाइट था उस समय जससे ही मैं एक पैर उनसे आगे रखा वो मेरे लैंड को पकड़ ली मैं पीछे कमरे में हो गया और फिर वो हुस्ने लगी, मुझे अच्छा लगा पर मैं बहाना बनाने लगा “मुझे जाना है प्लीज हटो ना वह से” पर जैसे ही जाने की कोशिश करता फिर लैंड पकड़ लेती, मैंने कहा मैं भी कुछ छु दूंगा, वो बोली क्या छुओगे बताओ और फिर उसने लैंड को छु दी, मैंने उनके गाल पे चुटी काटा वो फिर मेरे लैंड को छू ली.
फिर मैंने कहा आप ऐसे नहीं मानोगे, तबी वो भाग के अंदर हो गयी मैंने उनके चूची को पकड़ने की कोशिश कर रहा था पर वो इससे बचने की कोशिश कर रही थी मैंने उनको पीछेः से पकड़ के दोनों चूचियों को अपने हाथ में ले लिया उनके कपडे अस्त व्यस्त हो गए थे, वो दब्बाये जा रही थी और हुस रही थी फिर मैंने उनके गर्दन पे किश करना शुरू कर दिया मैंने कहा भाभी क्या मुझे दोगे “वो बोली हां किसी को बोलना नहीं इसके बारे में” मैंने कहा नहीं नहीं ये कोई बाोलने की बात है फिर वो कमरे से बहार आयी और इधर उधर देखि सड़क के तरफ और बहार शायद वो ये देख रही थी कोई बाहर है तो नहीं. बहार लू चल रही थी और हवा की आवाज़ आ रही थी सारे लोग अपने अपने घरो में थे.
फिर वो २ तीन मिनट में आ गयी और मुझे पकड़ के किश करने लगाई आँचल उनका जमीं पे गिर रहा था चुचिया तनी हुई थी मदहोश कर देने बाली पसीने की खुसबू उनके कांख से आ रही थी हल्का हलका पसीना उनके माथे पे था, ये पहली बार था जब किसी ने मेरे जिस्म की और लैंड को छुई थी, मेरा गाला सुख रहा था मैंने पानी पि फिर मैंने उनके टाइट गाल और नरम नरम होठ पे चुम्मा लेना शुरू किया, ऐसा लग रहा था की जन्नत में हु, मेरे लैंड में तो ऐसा लग रहा था कोई विद्युत की धरा प्रवाह हो रहा था, क्या हसीं पल था.
फिर वो वही निचे चटाई पे लेट गयी और अपने ब्लाउज का हुक खोल के पीछे से ब्रा का भी हुक खोल के अलग कर दी, दोनों बड़ी बड़ी चुचिया कैद से आज़ाद हो चूका था वो अपने होठ को अपने दातो का काट रही थी अपनी जीव्ह से अपने होठो पे फ़िर रही थी मैंने उनकी साडी को ऊपर उठा दिया वो उस समय पेंटी नहीं पहनी थी जब मैंने साडी उठाया उनका बूर (चुत) नहीं दिखाई दे रहा था जांघ से सटा हुआ था ऊपर थोड़ा थोड़ा भूरा भूरा बाल दिखा रहा था और गोल गोल जांघे, जब उनकी और देखा तो उनकी आँखे लाल हो चुकी थी चुचिया तन चुकी थी निप्पल टाइट था, मैंने दोनों पैर को अलग किया ताकि बूर की देख सके छोटा से बूर दिखा मैंने अपना लैंड निकला और उनके ऊपर लेट गया पर मेरी पहली चुदाई थी पता नहीं था कैसे डालते है फिर उन्होंने थोड़ा उठने के लिए कहा और अपनी चुडिओं की खनकती हुयी हाथो से मेरे लैंड को पकड़ के अपने बूर के मुहाने पे ले गयी और बोली चोदो.
मैंने जोर से धक्का लगाया और मेरा लौड़ा बूर के अंदर चला गया उनकी चीख निकल गयी ” हाई मैं मर गयी” कितना बड़ा लौड़ा है, आआआआआआआ…. , ओईईईईईईईईईईए मेरी माआआआआआआआ, मैंने अपने लैंड को अंदर बाबर करना शुरू किया और चुचिया की निप्पल को अपने दातो से दबाने लगा वो अपना दोनों हाथ ऊपर कर दी उनकी कांख की बाल दिखाई देने लगा और उस समय की सीन की आप कल्पना कर सकते है कैसी लग रही होगी. करीब १० मिनट तो चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया क्यों वो वो काफी कामुक हो गयी थी और अपनी गांड को उठा उठा के चुदवा रही थी वो भी निढाल हो गयी और एकदम शांत हो गयी मैं भी उन्ही के ऊपर पड़ा रहा फिर थोड़ी देर बाद उठा दोनों ने एक दूसरे को किश किया फिर आज तक कभी मौका नहीं मिला चोदने का क्यों की उसके बाद उनकी सास आ गयी और मैं भी पढ़ाई करने के लिए शहर चला गया अब तो जब भी मैं गाँव जाता हु एक हलकी सी मुस्कान देती है, ये मेरी सच्ची कहानी है,
छोटी बहन की चुदाई देख बड़ी की चूत मचल गई
यह कहानी एक साल पुरानी है.. तब मैं बी ए के तीसरे साल में था और उस वक्त 20 साल का था। चूँकि मैं एक सीधा-सादा लड़का था। सेक्स के लिए हमेशा से ही मैं लड़की के बारे में सोचता रहता था। कभी-कभी सोचता था कि मुझे एक प्ले बॉय भी बन जाना चाहिए। Hindi sexy story
मैं एग्जाम देने एक दूर के रिश्तेदार के यहाँ से दे रहा था। मैंने पहली बार वहाँ पर एक लड़की को देखा। उसका नाम रूबी(बदला हुआ नाम) था। वो 19 साल की थी.. थोड़ी मोटी थी। मैंने जब उसे देखा तो वो देखने में अच्छी चोदने लायक माल लगी।
मैं यहाँ एक बात बता दूँ कि वो भी कानपुर से ही थी। इस वजह से वो मुझसे थोड़ा ज्यादा घुल-मिल गई और मुझसे अच्छे से बातें भी करने लगी थी। धीरे-धीरे हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई।
एक दिन बातों ही बातों में उसने बताया कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। तब मैंने उससे प्यार वाली दोस्ती करने को कहा तो उसने कहा कि सोच कर बताऊँगी।
मैंने कहा- ठीक है लेकिन थोड़ा जल्दी बताना।
वो उस वक्त वहाँ से चली गई।
उसकी एक ताई की लड़की वहीं रहती थी, उसका नाम रीना था। रीना रूबी से बड़ी थी, मेरी उससे भी अच्छी दोस्ती थी लेकिन मुझे उससे सेक्स के बारे में कभी ख्याल नहीं आया।
रूबी ने रीना से मेरे बारे में सब कुछ पूछा तो उसने बता दिया। ये बात मुझे रीना ने बता दी।
इसके बाद रूबी ने भी मुझसे कह दिया- मुझे तुम अच्छे लगते हो और मैं तुमसे प्यार भी करती हूँ।
मैंने झट से उसे अपने सीने से लगा लिया और उसे धीरे-धीरे किस करने लगा। लेकिन दिन होने की वजह से हम दोनों कुछ ज्यादा न कर सके।
हम दोनों ने रात को उसके ही घर पर मिलने का सोचा लेकिन एक दिक्कत थी उसकी मम्मी भी वहीं थीं।
तब मैंने रीना का सहारा लिया, उसको मैंने कहा- तुम आज उसके घर पर सो जाओ।
तो उसने कहा- ठीक है।
जब रूबी की मम्मी ऊपर सोने चली गईं। तब रूबी ने मुझे रात में काल करके घर पर आने को कहा.. उसने बताया कि रीना भी सो चुकी है।
अब हमारी कहानी शुरू हुई.. हम दोनों अन्दर कमरे में आ गए बिस्तर पर आने लगे। मैंने उसे अपनी गोद में उठाया तो वो मेरी गांड में उंगली करके मुझे छेड़ने लगी।
मैंने कहा- रुको बेड पर तो पहुँचने दो.. फिर तुम्हें बताता हूँ।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों पर किस करने लगा। किस क्या.. मैं तो उसके ऊपर बिल्कुल टूट पड़ा.. एकदम कुत्ते की तरह उसे भंभोड़ने लगा।
उसने कहा- आराम से करो न!
उसके भी पैर चलने लगे। फिर मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने चालू किए.. पहले उसका टॉप ऊपर किया और उसके पेट पर किस करने लगा.. अपनी जीभ चलाने लगा।
वो आहें भरने लगी- आह आह..
वो कहने लगी- ओह.. गुल्लू ऐसे ही आह आह.. और जोर से करो.. आह आ हाय.. मजा रहा है।
मैं अपने हाथों को उसकी मोटी-मोटी टांगों पर चलाने लगा.. जिससे वो और उछलने लगी। फिर मैंने उसके टॉप को उतार दिया और उसके ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को दबाने लगा।
बहुत मजा आ रहा था।
साली मोटी होने की वजह से बहुत मजा दे रही थी। मैं पागलों की तरह उसके चूचों को दबाए जा रहा था। फिर मैं अपने हाथों को उसकी पैंटी में डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा। उसकी चूत काफी फूली हुई थी.. जिसे सहलाने में बहुत मजा आ रहा था।
अब मेरा लण्ड पेंट के अन्दर फटा जा रहा था। फिर मैंने उसके बाकी कपड़े निकालने शुरू किए। पहले उसकी ब्रा उतारी और उसके मम्मों को मुँह में लेकर चूसने लगा।
उसके मम्मे एकदम रुई के जैसे थे। मैं अपने मुँह को धीरे-धीरे नीचे करता गया.. अपनी जीभ को उसके पेट पर चलाते हुए नीचे उसकी कमर पर आ पहुंचा। उसकी पैंटी को भी दांतों से खीच कर निकाल दिया। अब वो बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा।
चुत पर जीभ लगते ही वो एकदम से उछल गई और आहें भरने लगी ‘आह आह.. नहीं आह.. ओह.. गुल्लू आह ऑह.. इस्स आह..’
मैंने उससे पूछा- कभी पहले लंड लिया है?
उसने कहा- नहीं..
मैंने कहा- तुम्हें थोड़ा दर्द सहना पड़ेगा।
बोली- सब झेल लूँगी।
मैं उसके होंठों पर किस करने लगा और अब वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि मेरे होंठों को काटने लगी, उसने कहा- गुल्लू अब बर्दाश्त नहीं होता है, जल्दी से कुछ करो।
मैंने कहा- रुको मेरी जान.. पहले तुम्हें थोड़ा और गर्म कर दूँ.. जिससे तुम लंड के दर्द को सह सको।
फिर मैं 69 की पोजीशन में आया.. जिससे मेरा लौड़ा चिकना होकर उसकी बुर में आराम से धीरे-धीरे अन्दर जाने लगे।
छोटी ही उम्र में पड़ोसन की लौंडिया को चोदने की वजह से मेरे लंड का टांका टूटा हुआ था। उस वक्त वो लौंडिया भी फूल की कली सी थी।
कुछ देर 69 में लंड चुत की चुसाई के बाद मैंने उसे सीधा लिटा कर फिर से उसकी अनचुदी चूत को बुरी तरह से चूसने लगा। वो बुरी तरह से आहें भरते हुए उछलने लगी ‘आह हय इस्स आह..’
उसी वक्त वो इठते हुए झड़ गई.. मैं उसकी कच्ची चूत का पानी मजे से पीने लगा। फिर मैं उसके होंठों को किस करने लगा.. जिससे उसे भी अपनी चूत का स्वाद मिल गया।
फिलहाल वो ढीली सी होकर लेट गई थी, लेकिन मुझे उसको अभी चोदना था.. तो मैंने उसे फिर से गर्म करना चालू किया, उसके मम्मों को दबाया.. उसकी चूत पर हाथ फिराना चालू किया और अपने लण्ड को उसकी कमर पर रगड़ने लगा।
उसने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू किया और कुछ ही पलों में वो फिर से गर्म हो गई। वो आहें भरते हुए चुत उछालने लगी। मैंने महसूस किया कि इस बार वो कुछ ज्यादा ही गर्म लग रही थी।
मैं तो कब से चुत चोदने को पागल हुआ पड़ा था। फिर मैंने देर न करते हुए अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और उसकी चूत पर भी लगा दिया।
तभी रीना वहाँ पर आ गई।
वो मेरी दोस्त होने की वजह से बोली- अच्छा तो इसलिए मुझे यहाँ भेजा गया था.. गुल्लू तुमने मुझे नहीं बताया।
तो मैंने कहा- अब बता देता हूँ.. इसे यहाँ पर इसकी सील तोड़ने लाया था।
फिर उसने कहा- इसकी सील ऐसे नहीं टूटेगी.. तेरा लंड चुत में भी नहीं जा पाएगा.. मैं आऊं क्या?
मैंने कहा- हाँ जरूर..
वो हम दोनों के पास आ गई।
मैंने उससे पूछा- तुम तो सो रही थीं?
उसने कहा- रूबी ने मुझे बता दिया था.. कि आज उसकी दुकान का फीता कटना है.. चलो अब मजा दोगुना आएगा।
मैं समझ गया कि ये दोनों मेरे लंड से चुदना चाहती हैं।
फिर रीना ने अपने कपड़े भी निकाल दिए और वो रूबी के मम्मों को दबाने लगी। रीना खेली खाई थी.. तो उसे सब पता था। वो रूबी की चूत के दाने को मसलने लगी..
जिससे रूबी को मजा आने लगा और वो कमर उठाने लगी।
फिर रीना ने एकदम से मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मुझे एकदम से ऐसा झटका सा लगा जिसे बता नहीं सकता।
रीना एक चुदी-चुदाई लड़की थी.. तो वो मेरे लंड को पागलों की तरह चूसने लगी। वो रूबी की चूत भी सहलाती रही.. रूबी को भी मजा आ रहा था.. जोकि उसकी आहों से पता चल रहा था।
रीना ने कहा- अब तुम्हारी चूत की बारी है। रीना ने मेरे लण्ड पे थूक लगाया और रूबी की चूत में भी लगा दिया। फिर उसने रूबी की चुत में लंड से धक्का लगाने को कहा। मैंने जैसे ही लण्ड डाला रूबी चिल्ला पड़ी।
मैंने तुरंत अपने होंठ उसके होंठों से लगा कर उसे किस करने लगा और धीरे-धीरे अपने लण्ड को अन्दर डालते हुए उसके मम्मों को दबाने लगा।
दर्द के कारण रूबी के आंसू आने लगे। फिर रीना ने उसकी जांघों को सहलाया और साथ ही रीना ने रूबी की चूत और मेरे लण्ड के बीच में हाथ लगा कर चुत सहलाने लगी.. जिससे रूबी का दर्द कम हो गया। इसी बीच मैंने अपने लंड का एक जोर का धक्का लगा दिया। लण्ड थोड़ा ही अन्दर गया था लेकिन रूबी कराहने लगी।
वो दर्द से अपने पैर हिलाने लगी। लेकिन रीना ने उसके पैरों को दबा लिया और मुझे अपना काम करने को कहा। लेकिन इतनी टाइट चूत होने की वजह से लण्ड जा नहीं रहा था। फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा और रूबी की सील टूट गई। इससे मेरे लण्ड में भी दर्द होने लगा लेकिन चूत के जोश की वजह से धक्के देता गया और पूरा लण्ड अन्दर पेल कर उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को किस करने लगा।
अब मैं रूबी के शांत होने का इन्तजार करने लगा.. लेकिन रीना कहाँ मानने वाली थी। उसने मुझे चुदाई करने को कहा क्योंकि इसके बाद उसे भी तो चुदवाना था। साली की चुदी-चुदाई चुत कुलबुला रही थी.. उसे बहुत दिनों से किसी का लण्ड नहीं मिला था तो वो जल्दी से रूबी को चुदवाकर खुद चुदना चाहती थी।
मैंने फिर चुदाई शुरू की.. रूबी को थोड़ा दर्द और चुदाई का मजा आना शुरू हो रहा था।
रूबी- आह उई.. ऊ.. उम्म.. मर गई
इस बीच रीना उसकी मोटी-मोटी जांघें सहलाए जा रही थी।
मैंने उसके मम्मों को दबाते हुए चुदाई शुरू कर दी.. अब उसे भी मजा आने लगा था। कुछ ही पलों में वो अपने चूतड़ उचका-उचका कर मस्ती से चुदवा रही थी और आहें भी भर रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह..’
वो चुदास में मेरी पीठ पर नोचे जा रही थी।
फिर तभी रीना ने मेरा लण्ड बाहर निकाला और चूसने लगी। साथ ही वो रूबी की चूत में उंगली डाल कर उसकी चूत चोदने लगी। मैंने फिर से लण्ड को रूबी की चुत में ठेला और चूत चोदने लगा। रूबी भी अपने पैरों को मेरी कमर में लपेट कर चुदने लगी और अपने चूतड़ उचकाने लगी.. वो बड़ी मस्ती से उछल-उछल कर चुदते हुए आहें भरती रही।
कुछ ही धक्कों के बाद रूबी अकड़ने लगी और शायद उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया था तभी मैं भी 2-4 धक्कों के बाद निकल गया। हम दोनों वहीं एक-दूसरे से चिपककर ढेर हो गए.. मैं रूबी के ऊपर ही लेट गया।
रूबी की चुत अब कुँवारी नहीं रही थी उसने मेरे लंड से सील खुलवा ली थी।
इसके बाद रीना की चुत चुदने का नम्बर आ गया था, उसकी चुदाई की कहानी को फिर कभी लिखूंगा।
मेरी चूत को भाई के लंड से चुदने की तड़प
उसको खड़े लंड का अहसास होते ही उसने मुझे पीछे को धकेल दिया. मैं भी सब दिमाग से निकाल कर सोफे पर पड़ी मैगज़ीन पढ़ने लगा. उसके पास में उसका फोन पड़ा था. मैंने उसका फेसबुक खोलकर देखा तो पायल ने अलग नाम से अकाउंट बनाया था. उसके मैसेंजर में उसने कई लड़कों से बहुत सी चुदाई की बातें की हुई थीं. मेरा तो दिमाग ही घूम गया. तभी दीदी की आहट सुनाई दी और मैंने फोन रख दिया.
कहानी शुरू से शुरू करते है… तो ये रही…
एक महीने पहले ही मैंने सरकारी नौकरी जॉइन की है, तो मुझे गांव से शहर आना पड़ा. सूरत में और कोई पहचान वाला नहीं था तो मुझे अपने चाचा की लड़की यानि मेरी बहन के घर जाना पड़ा. मेरी चचेरी बहन का नाम पायल है और वो बहुत खूबसूरत है. पायल की शादी हो चुकी है. उसकी उम्र अठ्ठाइस साल है. मैं उसके घर गया और उधर रहने का इंतजाम करने के लिए बात की.. तो मेरा उनके घर में ही रुकने का तय हो गया. पायल का फिगर 34-28-34 है. वो बहुत ही ज्यादा सेक्सी है. शादी के बाद तो उसकी गांड पहले से भी ज्यादा बड़ी हो गई है. उसके पति यानि मेरे जीजाजी, काम के सिलसिले में ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं.
अब मैं पायल के ही घर में था. उधर मुझे थोड़ी थकान महसूस हुई तो मैं सोफे पर ही सो गया. जब जगा तो शाम के सात बज चुके थे. पायल शायद किचन में थी. उधर से सब्जी काटने की आवाज आ रही थी.
मैंने किचन में देखा तो वह अपना काम कर रही थी. मेरे सामने उसकी बड़ी गांड हिल रही थी. वैसे तो मेरे मन में उसके बारे में कभी गलत विचार नहीं आया था लेकिन आज उसकी गांड देखकर मेरे लंड में हरकत होने लगी.
मैंने उसके पीछे जाकर उसको गुड इवनिंग कहा और उसके पीछे सटकर खड़ा हो गया. मेरा लंड पहले से थोड़ा खड़ा होने लगा था, जो अब गांड का स्पर्श पाते ही पूरा अकड़ गया. लंड दोनों चूतड़ों के बीच में आ गया.
उसको खड़े लंड का अहसास होते ही उसने मुझे पीछे को धकेल दिया. मैं भी सब दिमाग से निकाल कर सोफे पर पड़ी मैगज़ीन पढ़ने लगा. उसके पास में उसका फोन पड़ा था. मैंने उसका फेसबुक खोलकर देखा तो पायल ने अलग नाम से अकाउंट बनाया था. उसके मैसेंजर में उसने कई लड़कों से बहुत सी चुदाई की बातें की हुई थीं. मेरा तो दिमाग ही घूम गया. तभी दीदी की आहट सुनाई दी और मैंने फोन रख दिया.
खाना खाने के बाद हमें एक साथ ही सोना था क्योंकि एक ही बेड था. हम एक साथ लेटे, मगर दोनों के बीच थोड़ा सा अंतर रखकर सोये. पायल थोड़ी देर फोन पर चैट करके बाथरूम गई और सो गई.
रात को अचानक मेरी नींद खुल गई. रूम में अंधेरा था. मैं करवट बदलने के लिए बस थोड़ा सा खिसका कि कोई चीज हाथ से टकरा गई. मैंने धीरे से हाथ से स्पर्श किया तो वह पायल की गांड थी. नींद में उसकी नाइटी ऊपर की ओर खिसक गई थी और नीचे उसने पैंटी पहनी हुई थी.
मैं करवट लेकर पायल से ऐसे सटकर सोया कि मेरा लंड उसकी गांड पर सैट हो जाए. मेरा लंड थोड़ी देर में ही पूरी तरह तन गया. मैंने थोड़ी देर ऐसे ही किया, पर कुछ मज़ा नहीं आया. मैं थोड़ा पीछे खिसका और अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसकी जाँघों के बीच चुत वाले हिस्से पे हाथ से थोड़ा स्पर्श करने पर भी वो नहीं जगी. इसका मतलब ये था कि दीदी इस वक्त बहुत गहरी नींद में सो रही थी.
मैंने धीरे से दीदी की पैंटी सरकाने की कोशिश की, तो आसानी से सरक गई और उनकी पेंटी घुटनों तक आ गई. तभी उसने हल्की सी कुनमुनाते हुए हरकत की और फिर सो गई. मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर उसकी गांड पे हाथ रखा तो पैंटी निकली हुई थी. मतलब वो अभी नींद में ही थी.. पर इस बार वो पैर मोड़कर सो गई थी.
अंधेरे में अपने मैंने लंड को थोड़ा आगे किया तो दीदी की गांड का स्पर्श हुआ. मैं अपने लंड को थोड़ा नीचे ले गया, जहाँ दीदी की चुत थी तो वह पूरी तरह खुली हुई और गर्म थी.
मैं अपने लंड को धीरे धीरे से चुत पे घिसने लगा. मेरा लंड चूंकि एकदम गरम कुत्ते जैसे अकड़ा हुआ था, सो वो बार बार दीदी की चुत के छेद वाली जगह पर अटक जाता था. मुझे भी अब कुछ भी करके अपना पानी निकालना था.
मैंने अपने लंड पे थूक लगाया और पायल दीदी की चूत के छेद पर सैट कर दिया. मैंने थोड़ा दबाव डाला तो लंड नीचे की ओर फिसल गया. दीदी की चुत खुली हुई जरूर थी लेकिन बहुत ही चिकनी और टाइट थी.
मेरा लंड बुरी तरह अकड़ गया था. मैंने पायल की कमर को पकड़ लिया और दबाव बनाया तो चुत का छेद धीरे धीरे फैलने लगा, पर अब भी उतना नहीं फ़ैल सका था कि लंड का टोपा घुस सके.
मैंने फिर धीरे से धक्का दिया तो थोड़ा लंड का टोपा अन्दर घुस गया. पर थोड़ा टोपा अन्दर जाते ही पायल जग गई और उसके मुँह से हल्की सी चीख निकल गई. मुझे भी थोड़ी जलन हुई. पायल उठके चली गई, पर मैं बुरी तरह डर गया.
थोड़ी देर बाद वो फिर आई और सो गई. अब मुझमें कुछ भी करने की हिम्मत नहीं थी. लेकिन अब वो आई तो उसके पास से आयल की खुशबू आ रही थी.
मेरा लंड अभी खड़ा ही था. तभी उसका हाथ मेरे लंड पे पड़ा. मैं समझ गया कि वह पायल का ही हाथ था. उसके हाथ में कुछ चिकनाहट थी. शायद वो मेरी मुठ मारने वाली थी.. पर कुछ देर लंड सहलाने के बाद उसने हाथ हटा लिया.
मैंने अपने लंड को छुआ तो पूरा तेल से सना हुआ था. यानी पायल दीदी ने अपनी चूत चुदाई के लिए मेरे लंड पर तेल लगाया था. मैं थोड़ा सा पायल दीदी की ओर खिसका तो वो फिर से घुटने मोड़ कर लेटी हुई थी. उसकी चुत पे हाथ लगाने पर बहुत चिकनाहट महसूस हुई, शायद वो अपनी चुत में तेल लगाकर आई थी. मतलब साफ था कि वो चुदने का मन बना चुकी थी.
अब मैंने बेहिचक पायल की कमर को कसकर पकड़ लिया और अपने लंड को चुत के छेद पर सैट कर दिया. एक हल्का धक्का देने पर ही टोपा चुत में चला गया. उसके बाद तो बस मैं दबाव देता गया और आधे से ज्यादा लंड आसानी से चुत में उतर गया.
मुझे लगा थोड़ा लंड अभी बाहर है. मैंने धक्का दिया, पर अन्दर नहीं गया. पायल के मुँह से हल्की सी आवाज निकली उम्म… अह… और उसने अपनी गांड भी आगे की ओर खिसका ली. शायद उसको चुत में दर्द हुआ था. उसके आगे की ओर गांड खिसकाने से लंड भी बाहर आ गया, बस टोपा भर अन्दर घुसा रहा था. मैंने उसकी कमर को फिर से कसकर पकड़ा और पूरी ताकत लगा कर धक्का मार दिया, जिससे पूरा का पूरा लंड दीदी की चुत की गहराई में उतर गया.
उसी वक्त उसके मुँह से जोर से चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ शायद दीदी को दर्द हुआ और वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी. पर मैं उसको कसके पकड़े हुए था. मैंने समझ लिया था की जीजाजी के ज्यादा न चोद पाने के कारण इसकी चुदास शांत नहीं हो पाती है और इसीलिए ये फेसबुक पर चैट करके अपनी ठरक शांत करने की कोशिश करती है.
पायल की चुत में मेरा मोटा लंड एकदम फंसा हुआ था, जिससे उसको दर्द हो रहा था, दीदी लगातार धीमे धीमे कराह रही थी और साथ ही सिस्कारियां भी भर रही थी, मैंने उसके मस्त मम्मों को मींजना शुरू कर दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ धर कर दीदी को चूमना शुरू कर दिया. वो भी मुझे चूमने लगी. इससे उसको अपनी चुत में कुछ पानी सा महसूस हुआ और उसका दर्द काफी कम हो गया.
तभी उसकी गांड ने मेरे लंड को एक झटका सा मारा, मैं समझ गया कि इसको लंड की चोट चाहिए.
अब मैं पूरी ताकत लगाकर हचक के धक्के मारने लगा. हालांकि मुझे इतनी जल्दी नहीं करना चाहिए था. क्योंकि उसकी चुत अब भी कसी हुई थी जिस कारण उसको दर्द हो रहा था और अब वो रोने लगी थी. पर मैंने चुत चोदना जारी रखा.
थोड़ी देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया. उसके पानी की वजह से इतनी जबरदस्त चिकनाहट हो गई थी कि लंड पूरा बाहर निकल जाता था..लेकिन तभी मैं धक्का मार कर उसकी चुत की गहराई में अपने लंड को उतार देता था.
वो एकदम शिथिल पड़ी, मेरी चोटों को सह रही थी, थोड़ी देर बाद मैंने भी अपने पानी से अपनी दीदी की चुत को भर दिया. लंड का पानी निकाल कर मैंने समय देखा तो सुबह के पांच बज गए थे. हम दोनों थके होने की वजह से चिपक कर सो गए.
सुबह हुई तो पायल मुझसे शर्मा रही थी, वो मुझे चाय देने आई, तो मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया. उसने मुझे मुस्करा कर सीने से लगा लिया.
बस हम दोनों एक दूसरे से खुल गए. इसके बाद मैं पायल दीदी को काफी बार चोद चुका हूं.
आपको मेरी दीदी की चुत चुदाई की हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा.
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