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पड़ोस की मस्त भाभी

बात उन दिनों की है जब मैं गाँव में रहता था, उस समय मेरी पड़ोस में एक नयी नहीं शादी हुई थी रिश्ते में वो भाई लगता था नाम था कौशल, शादी के कुछ दिन बाद यानी की ५ दिन बाद ही वो अपने काम पे यानी की दिल्ली लौट आया था! उनके घर में सिर्फ कौशल भैया की माँ और वाइफ ही रहने लगी थी. मैं कभी कभी उनके घर जाया करता था, और हसी मजाक भी होता था क्यों की वो भाभी थी, अक्सर मेरे यहाँ हसी मजाक देवर भाभी में होता है.


एक दिन जब मैं उनके घर गया गर्मी का दिन था वो अकेले ही घर पे थी उनकी सास अपने मायके गयी हुई थी एक दिन के लिए, पहले मैं आपको भाभी के बारे में बता दू भाभी करीब २१ साल की थी रंग गेहुआ चेहरा गोल, टाइट चूची गोल गांड और जब वो साड़ी पहनती तो वो नाभि की निचे सारे बांधती थी उनका गोल गोल पेट पे नाभि एक गदम सुराही के तरह पेट लगता था, लाल लाल होठ कस हुआ बदन. बहुत ही सेक्सी लगती थी. जब मैं उनके घर गया तो वो कुछ काम कर रही थी और मैं वही चारपाई पे बैठ गया, वो अपना काम खत्म करके वो कमरे में चली गयी और मुझे भी बोली अंदर ही आ जाओ बहार बरामदे पे बहुत धुल उड़ रहा है,


मैं भी अंदर चला गया और वही बैठ गया, हम दोनों में बात चीत होने लगी वो बोल रही थी की मैं आपकी शादी अपने ही मायके में करवाउंगी एक बड़ी ही ख़ूबसूरत लड़की है मेरी चचेरी बहन लगती है, मुझे भी आनंद आ रहा था क्यों की किसी भी कुंवारे को शादी के बारे में बात करते अच्छा लगता है, फिर वो काफी देर इधर उधर की बात करने के बाद मैं जाने ही बल था की वो कमरे के दरवाजे पे ही बैठ गयी उनका आँचल सरका हुआ था ब्लाउज टाइट होने की वजह से उनका चूच ऊपर से निकलने की कोशिश कर रहा था, ये सब देख के मेरा लैंड खड़ा हो गया मैं थोड़ा शर्मा भी रहा था क्यों की लग रहा तो अगर वो देख लेगी तो कैसा लगेगा, क्यों की मेरे लैंड का उभर पता चल रहा था.


मैं जैसे ही दरवाजे से निकलने की कोशिश किया मैंने कहा भाभी थोड़ा पैर हटाना वो थोड़ा और भी चौड़ी होकर बैठ गयी फिर मैंने उनको फिर कहा वो मुस्कुरा रही थी पर हटाई नहीं मैं वैसे ही जाने लगा की वो बैठी थी मेरे लैंड काफी टाइट था उस समय जससे ही मैं एक पैर उनसे आगे रखा वो मेरे लैंड को पकड़ ली मैं पीछे कमरे में हो गया और फिर वो हुस्ने लगी, मुझे अच्छा लगा पर मैं बहाना बनाने लगा “मुझे जाना है प्लीज हटो ना वह से” पर जैसे ही जाने की कोशिश करता फिर लैंड पकड़ लेती, मैंने कहा मैं भी कुछ छु दूंगा, वो बोली क्या छुओगे बताओ और फिर उसने लैंड को छु दी, मैंने उनके गाल पे चुटी काटा वो फिर मेरे लैंड को छू ली.


फिर मैंने कहा आप ऐसे नहीं मानोगे, तबी वो भाग के अंदर हो गयी मैंने उनके चूची को पकड़ने की कोशिश कर रहा था पर वो इससे बचने की कोशिश कर रही थी मैंने उनको पीछेः से पकड़ के दोनों चूचियों को अपने हाथ में ले लिया उनके कपडे अस्त व्यस्त हो गए थे, वो दब्बाये जा रही थी और हुस रही थी फिर मैंने उनके गर्दन पे किश करना शुरू कर दिया मैंने कहा भाभी क्या मुझे दोगे “वो बोली हां किसी को बोलना नहीं इसके बारे में” मैंने कहा नहीं नहीं ये कोई बाोलने की बात है फिर वो कमरे से बहार आयी और इधर उधर देखि सड़क के तरफ और बहार शायद वो ये देख रही थी कोई बाहर है तो नहीं. बहार लू चल रही थी और हवा की आवाज़ आ रही थी सारे लोग अपने अपने घरो में थे.


फिर वो २ तीन मिनट में आ गयी और मुझे पकड़ के किश करने लगाई आँचल उनका जमीं पे गिर रहा था चुचिया तनी हुई थी मदहोश कर देने बाली पसीने की खुसबू उनके कांख से आ रही थी हल्का हलका पसीना उनके माथे पे था, ये पहली बार था जब किसी ने मेरे जिस्म की और लैंड को छुई थी, मेरा गाला सुख रहा था मैंने पानी पि फिर मैंने उनके टाइट गाल और नरम नरम होठ पे चुम्मा लेना शुरू किया, ऐसा लग रहा था की जन्नत में हु, मेरे लैंड में तो ऐसा लग रहा था कोई विद्युत की धरा प्रवाह हो रहा था, क्या हसीं पल था.


फिर वो वही निचे चटाई पे लेट गयी और अपने ब्लाउज का हुक खोल के पीछे से ब्रा का भी हुक खोल के अलग कर दी, दोनों बड़ी बड़ी चुचिया कैद से आज़ाद हो चूका था वो अपने होठ को अपने दातो का काट रही थी अपनी जीव्ह से अपने होठो पे फ़िर रही थी मैंने उनकी साडी को ऊपर उठा दिया वो उस समय पेंटी नहीं पहनी थी जब मैंने साडी उठाया उनका बूर (चुत) नहीं दिखाई दे रहा था जांघ से सटा हुआ था ऊपर थोड़ा थोड़ा भूरा भूरा बाल दिखा रहा था और गोल गोल जांघे, जब उनकी और देखा तो उनकी आँखे लाल हो चुकी थी चुचिया तन चुकी थी निप्पल टाइट था, मैंने दोनों पैर को अलग किया ताकि बूर की देख सके छोटा से बूर दिखा मैंने अपना लैंड निकला और उनके ऊपर लेट गया पर मेरी पहली चुदाई थी पता नहीं था कैसे डालते है फिर उन्होंने थोड़ा उठने के लिए कहा और अपनी चुडिओं की खनकती हुयी हाथो से मेरे लैंड को पकड़ के अपने बूर के मुहाने पे ले गयी और बोली चोदो.


मैंने जोर से धक्का लगाया और मेरा लौड़ा बूर के अंदर चला गया उनकी चीख निकल गयी ” हाई मैं मर गयी” कितना बड़ा लौड़ा है, आआआआआआआ…. , ओईईईईईईईईईईए मेरी माआआआआआआआ, मैंने अपने लैंड को अंदर बाबर करना शुरू किया और चुचिया की निप्पल को अपने दातो से दबाने लगा वो अपना दोनों हाथ ऊपर कर दी उनकी कांख की बाल दिखाई देने लगा और उस समय की सीन की आप कल्पना कर सकते है कैसी लग रही होगी. करीब १० मिनट तो चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया क्यों वो वो काफी कामुक हो गयी थी और अपनी गांड को उठा उठा के चुदवा रही थी वो भी निढाल हो गयी और एकदम शांत हो गयी मैं भी उन्ही के ऊपर पड़ा रहा फिर थोड़ी देर बाद उठा दोनों ने एक दूसरे को किश किया फिर आज तक कभी मौका नहीं मिला चोदने का क्यों की उसके बाद उनकी सास आ गयी और मैं भी पढ़ाई करने के लिए शहर चला गया अब तो जब भी मैं गाँव जाता हु एक हलकी सी मुस्कान देती है, ये मेरी सच्ची कहानी है,

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रेशमा भाभी की गोरी चूत


मेरा नाम आशीष है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 28 साल है और अच्छी सेहत के साथ-साथ 6 इंच लम्बे और 2 इंच मोटे लंड का मालिक हूँ। यह मेरी सच्ची कहानी है जो 2 साल पहले एक भाभी के साथ घटित हुई थी। उस भाभी का नाम रेशमा था. Desi sex कहानी शुरू करने से पहले मैं भाभी से आपको परिचित करवा देता हूँ.


उम्र की बात करें तो रेशमा 30 साल की थी. भरा हुआ बदन, गोरा रंग, बड़े-बड़े मम्मे, उभरी हुई गांड, फ़िगर 36-30-38 से कम नहीं था।
रेशमा मेरे सामने वाले घर में रहती थी और रोज अपने घर की बालकनी में गांड हिला-हिला के झाड़ू लगाया करती थी.
जब वो झाड़ू लगाती थी तो उसकी गांड ऐसे हिलती थी जैसे आम के पेड़ पर हवा लगने पर पके हुए आम हिलते हैं.
मन करता था उसकी गांड का रस पी लूं.
उसकी गांड को देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था. बहुत दिनों तक मैंने उसको देखा फिर जब रहा न गया तो एक दिन उसके नाम की मुट्ठ मारनी ही पड़ी.


वो गांड हिलाती रहती थी और मैं उसको देख कर लंड हिलाता रहता था.
मगर शांत होने की बजाय लंड की प्यास बढ़ती जा रही थी.
रेशमा का पति किसी प्राइवेट कम्पनी में काम करता था।
उसका घर कुछ ऐसे बना हुआ था कि रेशमा का रूम मेरे रूम से साफ़ नज़र आता था।
एक दिन रेशमा के रूम का दरवाज़ा खुला था. मेरी नज़र पड़ी तो मैं अपने रूम की खिड़की से छुपकर देखने लगा।


रेशमा अपने कपड़े उतार रही थी. पहले उसने साड़ी खोली. साड़ी खोलते ही उसके बड़े-बड़े चूचे जो उसके ब्लाउज में भरे हुए थे वो मुझे दिखाई देने लगे.
ओए होए… क्या मस्त बोबे थे उसके. ब्लाउज मुश्किल से ही संभाल पा रहा था.


फिर उसके बाद उसने अपने पैटीकोट का नाड़ा खोल दिया और इतने में ही मेरा लंड खड़ा होकर मेरे अंडरवियर के साथ लड़ाई करने लगा.
जब उसने पैटीकोट उतारा तो उसकी गोरी मांसल जांघें देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया.


5 मिनट बाद वो पूरी की पूरी केवल ब्रा और पैंटी में ही रह गई थी. क्या माल लग रही थी!
मैं सारा नज़ारा साफ़ साफ़ देख रहा था। उसने पहले तो अपनी योनि को पेंटी के ऊपर से खुजलाया.
उसकी इस हरकत ने मेरा हाथ मेरे तने हुए लंड पर पहुंचा दिया और मैंने अपने लंड को सहला दिया. स्स्स … क्या नजारा था यार … काश मैं उसकी पेंटी को खुजला पाता.
लेकिन कल्पना तो कल्पना ही होती है. फिर आगे जो हुआ उसकी तो मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी.


अगले ही पल रेशमा ने फिर पेंटी भी उतार दी.
बालों से लदी हुई रेशमा की योनि देखकर मेरा लंड अंडरवियर को फाड़कर बाहर आने के लिए मेरी जांघों को पीटने लगा.
कभी नीचे लगता तो कभी साइड में जाकर उछल जाता।
फिर उसने अपनी योनि पर ढेर सारी क्रीम लगाई और बेड पर लेट गई।
योनि के काले घने बालों पर क्रीम लगाए हुए रेशमा बेड पर मेरे सामने लेटी हुई थी.
मेरी तो हालत ऐसी थी कि जाकर उसकी योनि को अभी चोद दूं और उसकी योनि को अपने लंड से फाड़ दूं.


मगर ऐसा हो पाना अभी तो संभव नहीं था न, मैं बस दूर से ही देख कर उसकी योनि को चोदने की कल्पना करने के सिवाय और कुछ नहीं कर सकता था.
सामने का नजारा देख कर ऐसा हाल हो गया था कि अगर मैं लंड को केवल पैंट के ऊपर से ही सहलाने भी लगता तो दो मिनट में ही मेरा वीर्य छूट जाता.
दस मिनट बाद रेशमा क्रीम साफ़ करने लगी. देखते ही देखते क्रीम के साथ योनि के सारे बाल गायब हो गये.
उसने कपड़े से पौंछते हुए जब कपड़ा योनि से हटाया तो योनि एकदम चिकनी सफाचट हो गई थी.
क्या योनि थी यार … गोरी-गोरी, फूली हुई, हल्के गुलाबी रंग की … देखते ही चाटने का मन करने लगा।


यह सब देखकर अब मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं पर खड़े होकर अपने लंड को लाना शुरू कर दिया.
मगर किस्मत खराब थी कि रेशमा बेड से उठने लगी और उसने मुझे अपना लंड हिलाते हुए देख लिया.


मेरा हाथ में मेरा लंड था और रेशमा की आंखों में गुस्सा. उसने उठ कर अपने रूम का दरवाजा गुस्से में पटकते हुए बंद कर लिया.
उसका ऐसा रिएक्शन देख कर मेरी गांड फट गई. मैं सोच रहा था कि कहीं यह अपने पति को सब कुछ बता न दे.
कई दिन तक तो मैं बालकनी में आया ही नहीं. मगर जैसा मैं सोच रहा था वैसा कुछ भी नहीं हुआ.


एक हफ्ता ऐसे ही निकल गया.
फिर जब सब कुछ सामान्य हो गया तो मैं फिर से उसके दर्शन करने अपनी बालकनी में आकर उसके रूम में झांकने लगा.
मैंने देखा कि उसके रूम में सजावट हो रखी थी. रेशमा तैयार हो रही थी.
शाम को सात बजे रेशमा बालकनी में आई.
मैं उसे देखकर अंदर रूम में हो गय
मगर खिड़की खुली हुई थी तो मैं खिड़की में खड़ा होकर स्थिति का जायजा लेने लगा.


न चाहते हुए भी मेरी नजर रेशमा से मिल गई.
मैंने नर्वस सा मुंह बना कर उसको ऊपरी मन से स्माइल किया लेकिन उसने मेरी तरफ देख कर ऐसे रिएक्ट किया कि जैसे वो अभी भी गुस्से में ही है और फिर वापस अंदर चली गई.
कुछ मिनट बाद ही सब कुछ पलट गया. रेशमा दोबारा से अपनी बालकनी में आई.


मैं भी बाहर ही खड़ा था.
मैंने उसकी तरफ देखा और उसने मेरी तरफ देखा.
थोड़ी देर पहले जिस चेहरे पर गुस्सा था अब उस पर एक स्माइल थी.
इससे पहले मैं कुछ समझ पाता उसने मुझे अपने घर आने का इशारा किया.
पहले तो मैं समझा नहीं और भोंदुओं की तरह उसके चेहरे को देखता रहा.
उसके बाद उसने फिर आंखों ही आंखों में मुझे उसके घर आने का इशारा किया तब कहीं जाकर मेरी समझ में आया कि वह मुझे अपने घर बुला रही है.


मगर यह सब हुआ कैसे? मैं एक पल के लिए तो सोच में पड़ गया लेकिन फिर अगले ही पल सोचा कि बड़ी मुश्किल से मछली फंसी है.
अगर अबकी बार हाथ से फिसल गई तो शायद दोबारा ही हाथ लगे.
उसके बाद तो मेरे पांव में जैसे पहिये लग गये. जल्दी से तैयार होने के लिए यहाँ-वहाँ डोलने लगा.
अगले पांच या सात मिनट के अंदर मैं रेशमा के घर के बाहर खड़ा था.
उसने दरवाजा खोला तो मेरी नजर सीधी उसके चूचों की दरार पर जाकर ही अटक गई.


रेशमा ने झेंपते हुए कहा- पहले अंदर तो आ जओ.
शायद रेशमा मेरी नजर को पढ़ गई थी.
उसने अंदर बुलाकर मुझे सोफे पर बिठाया.
मैंने देखा कि टेबल पर एक केक का बॉक्स पड़ा हुआ है.
बात शुरू करने के लिए मैंने पूछ लिया- ये केक किसके लिए है?
रेशमा मुस्कुराते हुए बोली- आज मेरा जन्मदिन है.
मगर अगले ही पल उसका चेहरा ऐसे उतर गया जैसे बाढ़ आई नदी से पानी उतर जाता है.
यहाँ तक कि उसने रोना ही शुरू कर दिया.
मैं उसकी इस बात पर हैरान हो रहा था कि आज तो खुशी का दिन है और ये रो रही है.


मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर पूछा- क्या बात हुई? तुम रो क्यूं रही हो? मैंने कुछ गलत पूछ लिया क्या?
रेशमा ने ना में गर्दन हिला दी और सुबकते हुए बोली- देखो न, आज मेरा जन्मदिन है. लेकिन मेरे पति को मेरी परवाह ही नहीं है.
मैंने उसके कंधे को सहलाते हुए कहा- कोई बात नहीं. अगर वो नहीं हैं तो क्या हुआ. मैं तो हूं न.
मेरे हाथ उसकी कमर को सहलाने लगे. उसने मेरे कंधे पर अपना सिर रख लिया और पूछने लगी- उस दिन तुमने अपनी कैपरी में हाथ क्यों डाला हुआ था? हाथ क्यों हिला रहे थे तुम पैंट में डाल कर.
उसकी बात पर एक बार तो मेरी बोलती बंद हो गई कि अचानक बर्थडे की बात से एकदम ये लंड पर कैसे उतर आई?
मगर मैंने भी हिम्मत करते हुए कह ही दिया- उस दिन जो नजारा दिखाई दे रहा था उसके मजे लूट रहा था.


क्या पता फिर वो नजारा शायद दोबारा न मिले.
वो बोली- अगर दोबारा वही नजारा सामने हो तो क्या करोगे?

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मेरी भाभी रंडी निकली

भैया भाभी के ऊपर बहुत जोर से चिल्ला रहे थे और उन दोनों के आपस में झगड़े हो रहे थे मां को भी भैया को समझाने के लिए जाना पड़ा लेकिन भैया कहां मानने वाले थे और ना ही भाभी मान रही थी। उन दोनों के बीच कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही झगड़े बढ़ने लगे थे मां बहुत ज्यादा परेशान रहती थी और भैया भी बहुत ज्यादा परेशान रहते थे। भाभी की इसमें कोई गलती थी या नहीं लेकिन भैया भी अब गलती कर रहे थे भैया को भाभी को कुछ भी नहीं कहना चाहिए था लेकिन भैया भाभी से हर रोज अपने ऑफिस से आने के बाद झगड़ा किया करते। जिस वक्त भैया की शादी हुई थी 


उस वक्त सब लोग घर में खुश थे लेकिन जब से उन दोनों के बीच झगड़े शुरू हुए हैं तब से घर जैसे जंग का मैदान बन गया है और घर का माहौल बिल्कुल भी ठीक नहीं है आए दिन के झगड़ों से घर में सब लोग परेशान होने लगे थे। पापा मुझे कहने लगे कि माधव बेटा तुम भी कभी अपने भैया और भाभी को कुछ कह दिया करो मैंने उन्हें कहा पापा मैं क्या कहूंगा मैं उन लोगों से छोटा हूं और भला भैया और भाभी मेरी क्या बात मानेंगे।


पापा और मम्मी दोनों ही इस बात से बहुत चिंतित रहते थे और उनकी चिंता उस वक्त और भी ज्यादा बढ़ गई जब भैया और भाभी के डिवोर्स की नौबत आ गई। मुझे इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि भैया और भाभी का डिवोर्स हो जाएगा लेकिन वह दोनों अब एक दूसरे से अलग हो चुके थे और उन दोनों के साथ में रहने की फिलहाल तो कोई उम्मीद की किरण कहीं भी दिखाई नहीं दे रही थी। भाभी ने भैया से डिवोर्स ले लिया था और वह अब अपने मायके में ही रहती थी


भैया घर में उदास ही बैठे रहते थे वह किसी से भी ज्यादा बात नहीं किया करते थे शायद इसके पीछे भाभी ही थी क्योंकि भाभी की वजह से ही भैया की ऐसी हालत हुई थी और वह अब बिल्कुल भी किसी से बात नहीं किया करते थे। मैंने भैया से बात करने की कोशिश भी की तो वह बहुत कम बात किया करते थे। एक दिन भैया मुझे कहने लगे कि माधव मैं सोच रहा हूं कि कुछ दिनों के लिए मैं गाऊं चला जाऊं मैंने भैया से कहा भैया आप गांव जाकर क्या करेंगे।


भैया कहने लगे कि माधव यहां तो मेरा दम घुटने लगा है मैं कुछ दिनों के लिए गांव जाना चाहता हूं मैंने यह बात मम्मी को बताई तो मम्मी कहने लगी कि हां तुम्हारे भैया को कुछ दिनों के लिए गांव चले जाना चाहिए क्योंकि वह बहुत ही ज्यादा परेशान रहने लगा है। मम्मी चाहती थी कि भैया कुछ दिनों के लिए गांव चले जाएं भैया ने भी अपनी नौकरी छोड़ दी थी और वह कुछ दिनों के लिए गांव चले गए लेकिन जब भैया ने बताया कि उन्हें गांव में एक लड़की पसंद आ गई है और वह उसके साथ ही शादी करना चाहते हैं


तो सब लोग इस बात से खुश हो गए। यह सब इतनी जल्दी में हुआ कि किसी को कुछ सोचने का मौका ही नहीं मिल पाया और भैया की शादी गांव में ही करवा दी भैया के जीवन में अब नई बाहर आ चुकी थी और भैया बहुत ही खुश रहने लगे थे उनके चेहरे पर मुस्कुराहट नजर आने लगी थी। भैया और भाभी बहुत ही खुश थे भाभी का नाम आहिल्या है भैया कुछ समय तक तो गांव में ही रहे और उसके बाद वह पटना आ गए जब भैया पटना आए तो भाभी भी उनके साथ पटना आ गई। भैया की जिंदगी अब पटरी पर दोबारा से आ चुकी थी और वह अब पहले से ज्यादा खुश नजर आ रहे थे आहिल्या भाभी की वजह से ही उनकी जिंदगी में बाहर आई थी। मां तो बहुत ही ज्यादा खुश थी क्योंकि भैया के चेहरे पर मुस्कान थी


और भैया की टेंशन अब पूरी तरीके से दूर हो चुकी थी। मैं भी भैया से अक्सर यही पूछता रहता था कि भैया अब आप पहले से ज्यादा खुश नजर आने लगे हैं तो भैया कहते कि यह सब तुम्हारी भाभी की वजह से ही हुआ है। भैया ने अपना एक नया काम शुरू कर लिया था और अब उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था भैया का काम भी अच्छा चलने लगा था और वह अपने काम की तरफ पूरा ध्यान देने लगे थे। घर में सब कुछ अब पहले जैसा ही सामान्य होने लगा था यह सब आहिल्या भाभी की वजह से ही तो हुआ था यदि वह भैया के जीवन में नहीं आती तो शायद भैया भी पहले की तरह बिल्कुल नहीं हो पाते।


भैया के सामान्य होने में भाभी ने उनकी बहुत मदद की मैं कुछ दिनों के लिए अपने गांव पापा के साथ चला गया पापा और मैं गांव के ही हमारे चाचा की बेटी की शादी में हम लोग गए हुए थे। जब हम लोग उनकी शादी में गए तो वहां पर सब लोग बड़े ही खुश नजर आ रहे थे और मुझे भी इस बात की खुशी थी कि कम से कम मैं भी कुछ दिनों के लिए गांव तो आया।


पापा ने मुझे कहा कि माधव बेटा हम लोगों को कल सुबह यहां से जाना भी है तो तुमने क्या जाने का बंदोबस्त करवा लिया है मैंने पापा से कहा हां पापा मैंने जाने का पूरा प्रबंध करवा दिया है। गांव से बस कि थोड़ा समस्या थी गांव से मुख्य बस अड्डे की दूरी 20 किलोमीटर थी इसलिए सुबह जाने के लिए हमें समस्या का सामना करना पड़ता था लेकिन मैंने अपने गांव के ही एक दोस्त से कहकर जाने की व्यवस्था करवा ली थी इसलिए मुझे फिलहाल तो इस बात की कोई भी चिंता नहीं थी और पापा भी अब निश्चिंत हो चुके थे। मुझे भैया का फोन आया और वह कहने लगे कि माधव तुम अपनी भाभी के घर भी हो आना मैंने उन्हें कहा ठीक है भैया मैं उनके घर भी हो आऊंगा।


मैं भाभी के घर पर चला गया वहां पर उनके माता पिता से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं ज्यादा समय तो उनके घर पर नहीं रुक पाया लेकिन उनसे मेरी मुलाकात अच्छी रही। भाभी के घर में ही मुझे एक व्यक्ति मिले और उन्होंने मुझे भाभी के बारे में बताया तो मैं अहिल्या भाभी के बारे में सुनकर थोड़ा हैरान जरूर रह गया लेकिन मुझे उसकी बात पर यकीन नहीं आया। मैंने भाभी के बारे में जब पता करवाने की कोशिश की तो मुझे मालूम पड़ा कि भाभी का चरित्र ठीक नहीं था


लेकिन भैया के चेहरे पर भाभी के साथ शादी करने के बाद खुशी लौट आई थी इसलिए मैं उनकी खुशी को ऐसे ही बर्बाद नहीं करना चाहता था। मैंने भाभी के बारे में सब कुछ पता करवा लिया था और अगले ही दिन हम लोग शहर लौट गए। मैंने भाभी से इस बारे में बात की तो भाभी कहने लगी देवर जी आप किसी को बताइएगा मत, मैंने भाभी से कहा अब तो मुझे आपकी असलियत पता चल चुकी है आपके ना जाने कितने ही लोगों के साथ नाजायज संबंध थे आप एक चरित्रहीन महिला है। भाभी मुझे कहने लगी मैं चरित्रहीन महिला नहीं हूं मैंने तो उन लोगों की खुशी के लिए अपने बदन को निछावर कर दिया था। मैंने भाभी से कहा लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था


भाभी मुझे कहने लगी देवर जी आप यह किसी को मत बताना। वह जब भी मेरे पास आती तो सिर्फ यही बात कहती थी एक दिन भाभी ने जब मेरे लंड को हिलाया तो मैंने भाभी से कहा कि भाभी आप ऐसा मत कीजिए। भाभी ने मेरे होठों को चूम लिया और मुझे भी उन्हें चोदने के लिए विवश होना पड़ा। मैंने अपने होंठो से उनके होंठो को चूम कर अपना बनाया जब वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी तो मुझे कहने लगी आज रात को मैं आपका इंतजार करूंगी।


मैंने कहा ठीक है, रात को वह मेरा इंतजार कर रही थी वह अपने कमरे से निकल कर मेरे पास चली आई जब वह मेरे पास आई तो मैंने भाभी से कहा चलिए तो फिर मुझे भी आज अपने बदन के गर्मी से नहला दीजिए। भाभी कहने लगी इसमें तो मुझे महारत हासिल है और यह कहते ही उन्होंने अपने ब्लाउज के हुक को खोलते हुए मेरे सामने अपनी ब्रा को कर दिया और कहने लगी कि देवर जी ब्रा को खोल दीजिए।


मैंने बड़े ही प्यार से भाभी की ब्रा को उतारा उसके बाद वह मुझे कहने लगी आपके अंदर कुछ तो बात है। मैंने भाभी के स्तनों को जमकर चूसा और उनके स्तनो को मसल कर दूध बाहर निकाल दिया वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी। मैने उनकी साड़ी को उतारकर नंगी चूत को चाटना शुरू किया वह मुझे कहने लगी थोड़ा आराम से कीजिए मुझे तो आपने पूरी तरीके से अपना दीवाना बना दिया है।


मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत के बीच मे लगा कर रखा था और उनकी चूत को अपनी उंगलियों से दबा रहा था। उनकी चूत से मैंने गिलापन बाहर निकाल दिया था और जब उनकी चूत पूरी तरीके से गीली हो गई तो मैंने अपने मोटे लंड को बाहर निकाला और भाभी से कहा आप मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिजिए।


भाभी लंड को बहुत अच्छे से चूसने लगी वह बड़े ही अच्छे तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी वह जिस प्रकार से मेरे मोटे लंड को अंदर बाहर कर रही थी उससे मेरा लंड पानी छोड़ने लगा था। भाभी मुझे कहने लगी अब मुझसे नहीं रहा जा रहा है आइए ना मेरी गर्रई को बुझा दीजिए। मैंने भाभी की चूत को दोबारा से चाटा उनकी योनि गिला हो गई भाभी की चूत से लगातार पानी टपक रहा था।


मैंने उन्हें घोडी बनाते हुए उनकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह चिल्लाने लगी थी और मेरा लंड उनके अंदर जा चुका था। मैं उनकी योनि के अंदर बाहर लंड को करता तो वह बहुत तेजी से चिल्लाती और मुझे कहती कि मुझे दर्द हो रहा है। मैंने उनकी चूतड़ों को कसकर पकड़ा हुआ था और बड़ी तेज गति से में धक्के दे रहा था काफी देर तक मैंने ऐसा ही किया।


जब भाभी की योनि से पानी कुछ ज्यादा ही बाहर निकलने लगा तो उन्होंने कहा अब मै नही कर पाऊंगा और उनकी गर्मी को मै भी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था…
मैंने भी अपने वीर्य को उनकी चूत मे गिराया भाभी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई थी।

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नरम भाभी की गरम चुत


हैलो दोस्तो मेरा नाम विक्रम साह‌ है. अन्तर्वासना के दुनिया में सबका स्वागत करता हु. मैं रोज़ फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पढ़ने आता हु… मैं रायपुर का रहने वाला हूं. मेरा उम्र 28 वर्ष है और 5.6 मेरी ऊंचाई है. 

मेरे लन्ड का साईज 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है.

हम अपने पापा के तीन बेटे हैं और मैं सबसे छोटा हूं.

मुझे सेक्स करना बहुत पसंद हैं.

मैंने बहुत से लड़कियों और औरतों की खुब चुदाई भी किया है और उनको खुश किया है.

मुझे बचपन से ही सेक्स का खेल बहुत पसंद हैं क्योंकि जब हम छोटे थे तो हमारे पड़ोस में 3 लड़कीया थी जो उम्र में मुझसे 2-3 साल की बड़ी थी.

उन्होंने ने ही हमें सेक्स का खेल सिखाया था और वो अक्सर हमसे चुदाई करवाया करते थे .

कभी कभी तो वो आपस में झगड़ भी जाते थे हमसे चुदाई करवाने के लिए.

इन सब के कारण हमें चुत चुदाई की लत सी लग चुका था.

धीरे धीरे हम लोग बड़े होने के बाद भी यह खेल चलता रहा और उनकी शादी हो गई और हम चुत के लिए तरसने लगे.

पड़ोस के कुछ औरतों की हमने चुदाई तो किया लेकिन वो भी अपने पतियों के डर से हमें ज्यादा टाइम नहीं दे पाते थे और हमारे चुदाई का मज़ा अधुरा रह जाता था.

हमारे दिन बड़े ही मुश्किल से गुजर रहे थे कि पापा ने हमारे दोनों बड़े भाई लोगो की शादी तय कर दिया.

हमने भी पापा को शादी के लिए बहुत हेल्प किया और फिर शादी में खुब मज़े किए.

शादी के टाइम हमने एक आन्टी जो उम्र में 40 की बड़ी खुबसूरत देखने में 30 की लगती थी उनको शराब पिलाकर खुब चोदा था और फिर बारात वाले दिन भाभी की सहेली को पटा कर चुदाई कर दिया.

अब शादी के टाइम हमने बहुत मज़ा किया और फिर शादी के बाद हम फिर से चुत के लिए तड़पने लगे.

शादी के बाद एक भैया जो घर से बाहर जांब करते थे, भाभी के साथ जाकर वहां रहने लगे और बड़े भाई और भाभी हम लोगों के साथ ही रहते थे.

हमारे बड़े भैया जो सिक्यूरिटी गार्ड के पोस्ट पर काम कर रहे थे और उनकी नाईट ड्यूटी की थी.

शायद इस कारण बड़ी भाभी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नहीं हो पाया करता था क्योंकि भैया रात में ड्यूटी करते और दिन में सोते थे और भाभी को घर का काम भी तो करना रहता था.

फिर एक दिन जब हम बाथरूम में जाकर पेशाब कर रहे थे तो हमें लगा कि कोई हमें देख रहा है.

चुकि हम जब भी पेशाब करने जाते है तो हमें पैंट और अंडरवियर घुटने तक नीचे उतार कर ही पेशाब करते हैं.

हमारे यहां जहां पर बाथरूम है उससे कुछ ही दूरी पर किचन है और वहां बाथरूम के सीधे में ही खिड़की लगा था जिसमें पारदर्शी शीशा लगा हुआ था और बाहर का सारा नज़ारा दिखाई देता है.

हमारे मन में अभी तक भाभी को लेकर ऐसा कोई ग़लत विचार नहीं बना था लेकिन उस दिन के बाद हम जब भी पेशाब करने जाते बहुत देर तक पेशाब करते थे और हम वहीं खड़े होकर लन्ड को हिला देते.

धीरे धीरे हम भाभी की ओर सेक्स के लिए प्लान बनाने लगे.

अब वो जब भी हमारे सामने आती हम ऊपर से ही अपने लन्ड पर हाथ फेरते और वो हल्की सी मुस्कान दे दिया करते थे और हम भी किचन में उनको हेल्प करने के बहाने उनको टच कर दिया करते थे.

फिर हमने महसूस किया कि अब हम जब किचन में जाते वो वहां से निकल कर बाथरूम में जाकर अपनी साड़ी को पूरा ऊपर उठा कर पेशाब करने लगती.

तब हमें यह तो पता चल गया था कि आग दोनों तरफ से लगा हुआ है.

फिर हमने उनको चोदने का पूरा प्लान बना लिया और किस्मत ने भी हमारा साथ दिया.

शाम को बुआ के घर से फोन आया और पापा मम्मी को बुआ ने अपने घर बुलाया.

मम्मी पापा बड़े भैया को लेकर बुआ के घर जाने के लिए मान गए.

मम्मी ने रात में ही भाभी को कहा दिया था कि बहु सुबह हमें जल्दी निकलना होगा तो तु सुबह जल्दी उठकर खाना बना लेना और हेल्प कि जरुरत हो तो विक्रम को उठा लेना.

हमने जब यह सुना तो हमने भाभी के सेक्स के तड़प को बढ़ाने के लिए प्लान बना लिया और हमें पता था कि भाभी हमें सुबह जल्दी जगाने जरूर आएंगे.

तो हम जानबूझकर सारे कपड़े उतार कर सोये हुए थे और इंतजार कर रहे थे कि कब भाभी हमारे कमरे में आकर हमें इस तरह देखें.

सुबह के 4:30 ही हुआ था कि भाभी हमें कमरे के बाहर से आवाज दे रहे थे फिर दुसरी बार उन्होंने हमारे रूम के दरवाजे को धक्का देते हुए लगाया.

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भाभी की खूबसूरत गांड


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्चित है, में सूरत का रहने वाला हूँ. आज में अपना खुद का अनुभव आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ. यह स्टोरी मेरी और मेरी पड़ोसी भाभी के साथ सेक्स अनुभव की है. मेरी भाभी की उम्र 25 साल है, उनका नाम स्नेहा है, कलर सांवला, फिगर साईज 32-30-34 है.
मुझे पहले मेरी भाभी में रूचि नहीं थी मगर यह एक दिन की बात है जब से मेरी लाईफ को चेंज कर दिया. जब शादी के 4 महीने के बाद उनके पति देव ऑस्ट्रेलिया चले गये, तो तब से मेरी कहानी शुरू हो गयी. फिर जब में कॉलेज के बाद घर आया तो तब वो बोली कि तुम अगर बिज़ी नहीं हो तो तुम मेरे घर पर आ सकते हो. तो तब मैंने उसको ना बोल दिया, अब मुझे काम था पढाई करनी थी, तो में नहीं जा पाता.
फिर कुछ दिन के बाद जब में उनको लास्ट वाली बात पर सॉरी बोलने गया तो तब मैंने देखा कि घर अच्छी तरह सजाया था. फिर मुझे पता चला कि उस दिन मेरी भाभी का बर्थ-डे था. ( उसके नौकर ने बताया था ) फिर मैंने सोचा कि क्यों ना विश करूँ? और सॉरी भी बोल दूँ और फिर में उनके रूम में विश करने गया तो रूम में कोई नहीं था. तो तब मेरी आँखे चमकी और ऐसे ही देखने लगा.
अब मेरे अंदर करंट दौड़ गया था और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. तब वो पंजाबी ड्रेस में थी और कपड़े फुल टाईट बूब्स तक कपड़े टाईट और वो बहुत खूबसूरत दिख रही थी. अब मैंने सोच लिया था कि ये मेरी ब्लू फिल्म की हिरोइन है, क्या बदन है? क्या बूब्स है? क्या गांड है साली की? अब मुझे सिर्फ़ उसे राज़ी करना है. अब में उसके बूब्स देखता ही रह गया था.
फिर मैंने होश में आकर कहा कि भाभी हैप्पी बर्थ-डे और सॉरी भी कहा. तो तब वो बोली कि कोई बात नहीं यार ऐसा होता रहता है. फिर उसके बाद मैंने फिर से एक बार बर्थ-डे विश किया और मन ही मन में कहा कि हैप्पी बूब्स डे. फिर उस दिन से में उनके क्लोज़ हो गया. अब हम बहुत बातें करने लगे थे मेरे कॉलेज पर और मूवी पर और में चान्स ढूँढ रहा था कि कब उसकी चूत देखूं?
भाभी भी एक ऑफिस में नौकरी करती है, जो घर से बहुत दूर था. अब में चान्स ढूँढ रहा था और फिर एक दिन मुझे चान्स मिल ही गया और उस दिन रविवार था. उसके घर पर जो नौकर था, वो भी शानिवार को रात को अपने गाँव चला गया था और रविवार को मेरे घर में मेरी माँ ही थी, जो दोपहर के 1 बजे अपने काम से जाने वाली थी. फिर सुबह के 11 बजे तक सब बाहर चले गये और फिर मैंने भी कहा कि मुझे भी बाहर जाना है और चला गया, मुझे पता था कि शाम तक माँ नहीं आएँगी. फिर में 2 घंटे में ही घर वापस आ गया.
अब मेरे घर पर लॉक होने से में उनके घर चला गया था. तो तब भाभी पीले कलर की नाइटी में थी और टी.वी देख रही थी और जब टाईम 1 बज रहे थे. फिर में भी उनके पास बैठ गया और टी.वी देखने लगा. फिर मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर उनकी कमर पर डाले.
तब भाभी ने कुछ भी नहीं कहा और फिर वो किचन में काम करने चली गयी. फिर थोड़ी देर के बाद में भी उनके पीछे गया. अब में उसके गर्म बदन और उसकी बड़ी सी गांड को देखता ही रह गया था. अब मेरा तो लंड खड़ा हो गया था, जिसे में रोक नहीं सका और उसके पीछे आकर खड़ा हो गया और मेरे दोनों हाथों से भाभी को कसकर दबोचा और उनके बूब्स प्रेस करने लगा था. अब मेरा बड़ा लंड उनकी गांड में उनके कपड़ो के ऊपर से ही घुस गया था. तो तब वो शॉक हो गयी और बोली कि मुझे छोडो, तो मैंने उनको छोड़ दिया. फिर वो मुझे गुस्से से देखकर कहने लगी कि मैंने कभी नहीं सोचा तू ऐसा है और जाकर बेडरूम में लेट गयी थी.
फिर मैंने सारे दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर दिए और उनके बेडरूम में गया और सीधी बात कह डाली कि भाभी मुझे आपको चोदना है, में कब से इस टाईम का इंतजार कर रहा हूँ? प्लीज. तो तब भाभी ने कहा कि अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा? तो तब मैंने कहा कि क्या होगा? कुछ नहीं होगा और यह कहकर उनके बेड पर आ गया.
वो मुस्कुराने लगी और लेट गयी और तब करंट भी नहीं था. फिर मैंने धीरे से उनकी नाइटी के हुक एक-एक करके निकाले और फिर उनकी पूरी नाइटी उतार दी, तो उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली. फिर मैंने अपने पूरे कपड़े निकाल दिए. अब हम दोनों पसीने-पसीने थे. फिर मैंने उनको बिस्तर पर लेटा दिया और कहा कि अब सब मुझ पर छोड़ दो. भाभी का बदन सांवला है और पूरा गर्मा-गर्म है. फिर मैंने उनकी सफ़ेद ब्रा के हुक खोलकर उनकी ब्रा को फेंक दिया. अब वो शर्मा रही थी. अब में उनकी काले कलर की पेंटी उतारने लगा था. अब वो मुझे देख रही थी, उसकी चूत शेव की हुई थी. अब वो मुझे ही देख रही थी. अब में पूरे हवस में आ गया था और मन में अटेक कहकर उनके होंठो पर किस किया. अब वो भी मेरे साथ मिल गयी थी.
फिर में थोड़ा नीचे आया और भाभी के नारंगी साईज़ के बूब्स दबाने लगा. तब भाभी ने कहा कि आह और आह और फिर में 5 मिनट तक उनके बूब्स चूसता ही रहा और फिर उससे कहा कि साली रंडी कितनों से चुदवाई हो? तो तब वो कुछ नहीं बोली और हंसी.
में नीचे आया और उसके पूरे बदन का पसीना ऊपर से नीचे तक चाटा तो वो मुझे देखती रही और उसके बदन का अंग-अंग मुझे देने लगी थी. फिर मैंने उनकी चूत पर अपना एक हाथ डाला तो मेरे हाथ डालते ही वो सिसकारियां लेने लगी. फिर में अपना मुँह उसकी चूत में डालकर चाटने लगा, मेरी भाभी की रसीली चूत का सबको मज़ा लेना चाहिए. फिर मैंने अपना 8 इंच का लंड उनके मुँह पर रख दिया, तो तब भाभी अपने मुँह से मेरे लंड को 10 मिनट तक चूसती रही और बाहर निकालने ही नहीं दे रही थी.
फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी मेरा लंड रुक नहीं रहा है और आपकी रसीली चूत में घुसना चाहता है. तब उसने कहा कि अर्चित जी तो ऐसे क्या देख रहे हो? आपके लंड का मज़ा तो दीजिए हमें. फिर मैंने उसकी दोनों टाँगों को चौड़ा किया और मेरा लंड उनकी काली साफ चूत में धीरे-धीरे डालने लगा. अब में उनकी चूत का मज़ा लूट रहा था. अब भाभी और मैंने हिलना करना शुरू कर दिया था और धीरे से अपना लंड बाहर लेकर आया और तेजी से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया तो तब वो जोर-जोर से कहने लगी कि अर्चित आआआ क्या बात है? आह, आआह, ऐसे ही, आह, ऐसे ही.
तब मैंने कहा कि भाभी आपकी चूत तो फट गयी साली, रंडी और अब तेरी गांड की बारी है और फिर भाभी की गांड में अपना लंड घुसाकर उस रंडी को पूरे 30 मिनट तक पूरी तरह से चोदा. अब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो तब मैंने कहा कि भाभी कहा निकालूं इस पानी को? तो तब वो बोली कि मेरे मुँह में. तो मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही छोड़ दिया और फिर में ठंडा हो गया. फिर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही 10 मिनट तक पड़े रहे. फिर उसने अपने कपड़े पहन लिए तो तब मैंने कहा भाभी आप मस्त माल हो. फिर हम दोनों को जब कभी भी कोई मौका मिला, तो हमने चुदाई का भरपूर आनंद लिया और खूब इन्जॉय किया.
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दिव्या भाभी मेरे लंड से चुदी


हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है. मेरी उम्र 24 साल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 5.9 इंच मेरा बदन गोरा, गठीला में दिखने में भी ठीक ठाक लगता हूँ और मेरे लंड का आकार सात इंच लंबा और तीन इंच मोटा है, मेरे इस बदन को देखकर हर लड़की मेरी तरफ बहुत आकर्षित हो जाती है. दोस्तों आज में आप सभी को जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ.
यह कुछ दिन पहले की एक सच्ची घटना है, वैसे मुझे शुरू से ही सेक्स में बड़ी रूचि रही है और मेरी यह हमेशा कोशिश रहती थी कि कोई मुझे ऐसा मिले जिसके साथ में जमकर सेक्स करूं और अपने मन की सभी इच्छा को उसके साथ पूरा कर लूँ, लेकिन में ऐसा कुछ नहीं कर सका क्योंकि मुझे वो ऐसा मौका कभी मिला ही नहीं, जिसका में फायदा उठाकर वो सभी कर लेता और मेरी किस्मत ने मेरा साथ नहीं दिया. दोस्तों मेरी यह कहानी लंबी जरुर है, लेकिन आप लोग इसको थोड़ा ध्यान से पढ़ना आपको जरुर मज़ा आएगा, उन्ही दिनों में मेरा एक पक्का दोस्त जो मेरे पड़ोस में रहता था उसकी शादी पक्की हो गयी और 15 दिनों के बाद ही उसकी शादी भी हो गयी, लेकिन में उसकी शादी में नहीं जा सका, क्योंकि में उन दिनों किसी जरूरी काम की वजह से अपने अंकल के घर मुम्बई गया हुआ था और जब में वापस आया तो वो उसी शाम को मुझसे मिला.
फिर मैंने उससे पूछा क्यों कैसी रही तुम्हारी शादी और वो पहली रात तुम्हारी पत्नी के साथ? वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर कुछ भी नहीं बोला और बिल्कुल चुप ही रहा. उसके बाद वो मुझसे कहने लगा कि चल में तुझे मेरी पत्नी से मिलवा देता हूँ. तो में और मेरा वो दोस्त उसके घर चले गए और जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि वहां पर उसकी पत्नी घर में अकेली ही थी. अब मैंने देखा कि उसकी पत्नी बहुत ही सुंदर गोरी और सेक्सी लग रही थी और साड़ी में तो वो बहुत ही अच्छी लग रही थी और उसका फिगर तो कुछ ऐसा था कि आप उसके बारे में मुझसे पूछो ही मत, वो मेरी ही उम्र की थी.
उसका नाम दिव्या था. मुझे तो वो दिखने में बड़ी ही आकर्षक लड़की लग रही थी, जिसको देखकर में अपने होश पूरी तरह से खो चुका था. उसको देखकर मेरे मन में उसको अपना बनाने की इच्छा होने लगी थी. फिर मैंने मेरे दोस्त को ऐसे ही मजाक में कह दिया वाह यार तेरी पत्नी तो बहुत ही मस्त सुंदर लग रही है, तेरी तो किस्मत ही खुल गई जो तुझे ऐसी सुंदर लड़की मिली है. तू अब इसके साथ अपने अच्छे से आगे का जीवन बिना और इसके साथ खुश रह. फिर मैंने मन ही मन में दुआ कि भगवान अगर आप मुझे पत्नी दो तो ठीक ऐसे ही फिगर वाली और सुंदर पत्नी देना जो मेरा जीवन सफल बना दे और मैंने उससे बात करना शुरू किया तो उसकी आवाज़ भी बहुत मीठी सुरीली थी, जिसको सुनकर में बड़ा खुश था मेरा मन अब पूरी तरह से उसकी तरफ आकर्षित होकर में उसका दीवाना हो चुका था. उस पर मेरा मन आ गया था. अब वो भी मुझे देखकर बार बार मेरी ही तरफ देख रही थी.
शायद वो भी मेरे गठीले बदन को देखकर मुझसे आकर्षित थी. फिर कुछ देर वहीं पर रुककर चाय पानी पीकर में वापस अपने घर चला आया, लेकिन मेरा मन तो उसी के पास रह गया था. में बस उसी में बारे में सोचने लगा. फिर एक दिन में जब अपनी गाड़ी को धो रहा था तभी वो अपने घर से कुछ कपड़े और बर्तन लेकर मेरे यहाँ पर धोने आ गई उनके मुझे बताया कि किसी वजह से उनके घर आज पानी खत्म हो चुका है, इसलिए उसको यहाँ आना पड़ा.
जब वो अपने काम को करते हुए नीचे की तरफ झुकती उसी समय मैंने उसके प्यारे से गोरे गोलमटोल बूब्स को देख लिया, जिनको देखकर में बड़ा चकित था, इसलिए में उससे कुछ कह नहीं पाया मुझे उसके उभरते हुए बूब्स को देखने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था. में गाड़ी को धोता रहा और उसी के बहाने बूब्स को भी देखता रहा और वो मुझे देखती गयी, लेकिन उसने जानबूझ कर अपने पल्लू को ठीक नहीं किया, जो काम करने की वजह से नीचे आ चुका था इसलिए अब तो उसके बूब्स मुझे पहले से भी ज्यादा साफ नज़र आने लगे थे और इसलिए जब जब में उसके बूब्स को देखता तब तक मेरे शरीर में 440 वॉट्स का करंट एक साथ दौड़ने लगता और इस तरह में कई बार उसके बूब्स को खुश होकर देख चुका था.
वो मुझसे कुछ कहती ही नहीं वो बस मुझसे अपनी नजरे मिलाकर मेरी तरफ मुस्कुराने लगती और शायद उसको मेरी यह हरकत उसके साथ करना अच्छा लग रहा था इसलिए उसने भी आगे होकर मुझे अपने बूब्स दिखाए और मैंने देखकर उनके मज़े लिए वो बहुत ही गोरे उसके घुटनों से सटे होने की वजह से दबकर उसके बड़े आकार के गले के ब्लाउज से बाहर निकल रहे थे. वो द्रश्य बड़ा ही मनमोहक था इसलिए में भी बिल्कुल चकित होकर घूर घूरकर उन दोनों सफेद कबूतरों को देख रहा था.
फिर कुछ देर अपने काम को खत्म करके वो वापस चली गई और उस घटना के बाद से मेरे मन में उसके लिए अब गलत विचार कुछ ज्यादा ही आने लगे थे. में अब उसकी चुदाई के सपने देखने लगा था और उस घटना के बाद से मैंने उसके मेरे लिए व्यहवार में बहुत परिवर्तन महसूस किया वो अब मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें और बहुत हंसी मजाक करने लगी थी वो हर कभी किसी भी बहाने से मेरे घर अब पहले से ज्यादा आने लगी थी और मुझे भी उसके आने उससे मिलने उसको देखने से बड़ी खुशी होती और उसका वो साथ मुझे अच्छा लगने लगा था और फिर एक दिन वो दिन भी आ गया जब मेरी किस्मत खुल गई. उस दिन वो मेरे घर चली आई और उसने मुझसे कहा कि हमारे घर पर टीवी में कुछ नजर आता ही नहीं है तो आप चलकर उसको प्लीज ठीक कर दीजिए ना, वरना में अकेले घर में रहकर पूरा दिन बोर हो जाती हूँ उसके बिना मेरा मन नहीं लगता.
मैंने उससे तुरंत कहा कि हाँ ठीक है आप चलो मेरे साथ में देखता हूँ कि आपकी टीवी में क्या समस्या है? और जैसे ही में टीवी वाले कमरे में गया तो उसने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था, लेकिन मुझे इसके बारे में पता ही नहीं था कि उसने दरवाजा बंद कब किया? उस समय उसके घर पर कोई नहीं था. में टीवी की समस्या को देख रहा था और मेरे हाथ में टीवी का रिमोट था और मेरी नजरे टीवी के ऊपर थी. तभी अचानक से उसने मुझे पीछे से आकर अपनी बाहों में कसकर जकड़ लिया, जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरी कमर को छूकर दबने लगे और वो अहसास कुछ ऐसा था कि जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता, वैसे तो में उसकी इस हरकत की वजह से मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, लेकिन फिर भी मैंने जानबूझ कर नाटक करते हुए उससे पूछ लिया यह तुम क्या कर रही हो? छोड़ो मुझे.
वो कहने लगी कि जो तुम्हे दिख रहा है यह बात कहकर उसने मेरी पीठ पर किस करना शुरू कर दिया और उसके बाद वो मेरे आगे आकर मेरे होंठो को बुरी तरह से चूमने चूसने लगी थी कि उसके इतना सब करने की वजह से में भी झट से जोश में आ गया और अब में भी उसको किस करने लगा था और उसको अपनी बाहों में दबाने लगा, जिसकी वजह से हम दोनों के बदन के बीच इतनी भी जगह नहीं बची जिसकी बीच हवा भी निकल जाए उसके वो गोरे गोलमटोल बूब्स मेरी छाती से दबकर बाहर आ रहे थे वो बड़े ही मुलायम थे और वो अहसास सबसे अलग हटकर था.
फिर कुछ देर चूमने के बाद मैंने उसको खींचकर सोफे पर लेटा दिया और अब में उसके ऊपर आ गया. मैंने दोबारा उसको पागलों की तरह चूमना शुरू कर दिया था. फिर करीब दस मिनट तक में उसको चूमता ही रहा, जिसकी वजह से हम दोनों का जोश बहुत बढ़ चुका था और हम अब बिल्कुल पागल हो चुके थे.
अब मैंने सही मौका देखकर उस ब्लाउज खोल दिया, जिसकी वजह से वो मेरे सामने ब्रा में केद अपने उन लटकते हुए बूब्स के साथ बड़ी ही सुंदर अप्सरा की तरह नजर आ रही थी.
में उनकी सुंदरता को देखकर बड़ा चकित था. फिर उसके बाद मैंने बिना देर किए अपने एक हाथ को उसकी कमर पर ले जाकर उसकी ब्रा को भी तुरंत खोलकर उसके गोरे सेक्सी कामुक बदन से अलग कर दिया और जैसे ही मैंने उसकी ब्रा को खोला वैसे ही उसके वो दोनों बूब्स उछलकर बाहर आ गये और में बिल्कुल पागलों की तरह उनको देखकर बड़ा चकित होकर दोनों बूब्स को अपने हाथो में लेकर दबाने मसलने लगा. वाह क्या मस्त बड़े बड़े बूब्स थे? उनके बूब्स का आकार 38 इंच के करीब था आज मुझे कितने दिनों के बाद उसके पूरे के पूरे बूब्स देखने को और दबाने को मिले थे, जिनको पाकर में बड़ा खुश था.
फिर मैंने उनकी निप्पल को अपने मुहं में भर लिया और में उनको चूसने लगा साथ ही दूसरे बूब्स को सहला रहा था और में उनको चूसता ही रहा. ऐसा करने में मुझे बड़ा मस्त मज़ा रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी साड़ी को उताकर उसको मैंने पेंटी में कर दिया उसकी चूत बहुत गरम हो चुकी थी, इसलिए उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी. तुरंत ही मैंने उसकी पेंटी को उतारकर उसकी चूत को फैलाकर में चाटने लगा और वो जोश में आकर सिसकियाँ भर रही थी.
कुछ देर बाद वो जोश में आकर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और में बड़े मज़े लेकर अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने के मज़े लेने लगा, तभी उसने मुझसे कहा कि ऐसा तो तुम्हारा दोस्त कभी भी मेरे साथ नहीं करता तुम्हे तो बड़े मस्त मज़े बहुत कुछ करना आता है अब उसको और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि मैंने किसी की चूत को पहली बार अपनी आखों से देखा था, क्योंकि वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी पहली बार ऐसी सुंदर गोरी पूरी नंगी लड़की को देखकर मेरा लंड जो जोश में था.
अब वो पूरी तरह से टाइट होकर झटके देने लगा था, वैसे तो में कई बार बहुत सारी नंगी लड़कियों को सेक्सी फिल्म में चुदाई करते हुए देख चुका था, लेकिन आज पहली बार में किसी लड़की को अपने सामने पूरा नंगा करके उसकी चुदाई अपने लंड से करने जा रहा था.
यह मेरा सबसे अच्छा अनुभव था, जिसको में अपने पूरे जीवन कभी नहीं भुला सकता. अब उसने मुझे बैठकर मेरे कपड़े उतारकर मुझे भी पूरा नंगा कर दिया तभी वो मेरा तनकर खड़ा लंड देखते ही एकदम चकित होकर मुझसे बोली वाह इतना लंबा, मोटा इतना तो मेरे पति का भी नहीं है आज तो मुझे इस लंड से अपनी चुदाई करवाने में बड़ा मस्त मज़ा आएगा और फिर मेरा लंड उसके हाथों में आते ही झटके मारने लगा. वो बहुत टाइट हो चुका था और तब उसने मुझसे कहा कि तुम्हारा यह लंड तो बहुत ही दमदार लगता है. देखो यह कैसे मेरे हाथों में ही उछल रहा है और यह बात खत्म करके वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और जहाँ तक हो सकता था वो मेरे लंड को अपने मुहं में ले रही थी और टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर चूस चाट रही थी.
उसके यह सब करने की वजह से मुझे बहुत मस्त मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर ही लेटा दिया और एक बार फिर से में उसकी चूत को चाटने लगा, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ ले रही थी. फिर में उठा मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया, उसने भी मेरा साथ देते हुए अपने हाथों से अपनी रसभरी गुलाबी चूत की पंखुड़ियों को पूरा फैलाकर मेरे लंड के स्वागत के लिए खोल दिया.
मैंने अपना लंड का टोपा उसकी चूत के खुले हुए होंठो पर रख दिया और में उसकी चूत के दाने पर घिसने लगा, ऐसा मैंने कुछ ही देर किया और तभी वो बोल पड़ी प्लीज अब डाल भी दो क्यों तुम मुझे कितना तड़पा रहे हो, प्लीज थोड़ा जल्दी करो, मुझे अब रहा नहीं जाता तुम अपना यह पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डालकर मुझे तेज धक्के देकर मेरी मस्त चुदाई करके मज़े दो, देखो मेरी अब कैसी हालत हो रही थी और अब तुम मुझे ज्यादा भी मत तरसाओ.
फिर मैंने उससे कहा कि असली मज़ा मेरी जान तड़पाने में ही आता है और फिर मैंने अपनी बात को अधूरा ही छोड़ दिया और उसी समय मैंने एक तेज धक्का लगाकर उसकी फैली हुई चूत में अपने लंड को तीन इंच तक अंदर डाल दिया. उसके बाद लगातार तीन चार धक्के और लगाए तो वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला पड़ी, उस समय मैंने धक्के मारने बंद किए और कुछ देर में वो बिल्कुल शांत हो गयी और मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया और किस करने के बाद में उसके बड़े बड़े बूब्स जो 38 इंच के थे में उनको अपने मुहं में भरकर चूसने और दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद वो खुद अपने कूल्हे ऊपर की तरफ उठाकर धकेलने लगी, तब में तुरंत समझ गया कि अब वो पूरा लंड लेने के लिए तैयार है. अब मैंने एक बार फिर से धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिया. वो आहहह ऊफ्फ्फ्फ़ कर रही थी और उसी समय मैंने सही मौका देखकर एक ज़ोर से धक्का लगाकर अपने लंड को थोड़ा अंदर उसकी चूत में घुसा दिया, लेकिन वो अब चिल्ला नहीं सकी, क्योंकि उस समय उसका मुहं मेरे मुहं में था और में उसको ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा था और वैसे ही धक्के लगाता गया. अब वो जोश में आकर मुझसे कहने लगी आह्ह्ह हाँ फाड़ डाल मेरी चूत को, यह तुम्हारे जैसा ही लंड मज़े लेने के लिए चाहती है वाह मज़ा आ गया तुम इस काम में बड़े अनुभवी लगते हो और उसके यह कहने से मेरे अंदर जोश आ गया. मैंने फिर से धक्का लगाकर अपने पूरे लंड को उसकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से वो इस बार बड़ी ज़ोर से चिल्ला उठी आईईइ माँ मर गई आह्ह्ह मुझे दर्द हो रहा है.
में तुरंत समझ गया कि मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका है, इसलिए उसकी चूत का दर्द बढ़ चुका है और उसी समय वो मुझसे बोली कि में अब और नहीं सह सकती, प्लीज तुम अब लंड को बाहर निकाल लो वरना में मर ही जाउंगी, प्लीज मुझ पर थोड़ा सा तरस खाओ आईईई मुझे बड़ा अजीब सा दर्द हो रहा है. अब मैंने उससे कहा कि अभी तुम्ही ने खुद मेरे लंड को अपनी चुदाई का न्योता दिया है. अब तो यह इसकी पूरी भूख को मिटाने के बाद ही इसे बाहर निकालूँगा. वो बाद में कुछ नहीं बोली में उसको लगातार धक्के लगा रहा था.
उसको ऐसे ही में 15 से 20 मिनट तक में उसी एक पोज़िशन में वैसे ही धक्के देकर चोदता रहा, जिसकी वजह से अब उसको भी मज़ा आ रहा था और वो अपने कूल्हों को उठा उठाकर मुझसे अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी. फिर उसके बाद मैंने उसको और भी ज़ोर से धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया. फिर थोड़ी देर के बाद वो मुझसे बोली राहुल अब में झड़ने वाली हूँ प्लीज और तेज धक्के मारो ना और मैंने अपने धक्के पहले से भी तेज कर लिए और वो आह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ करती हुई झड़ गयी और कुछ ही देर में वो शांत हो गयी.
मैंने अब उसको अपने सामने घोड़ी बनने को कहा तो वो हंसती हुई मुझे किस करने लगी और उसके बाद वो झट से घोड़ी बन गयी और सोफे के सहारे उसने अपने दोनों हाथ करके और अपने सेक्सी कूल्हों को उसने पीछे कर दिए और उसने अपनी कमर को थोड़ी सी नीचे कर लिया, जिसकी वजह से उसकी चूत पहले से ज्यादा उभरकर बाहर आ चुकी थी.
अब मैंने उसके पीछे जाकर उसकी चूत में अपने लंड को एक ही धक्के में पूरा का पूरा उतार दिया और इस बार मेरा लंड एक ही धक्के में पूरा का पूरा उसकी चूत में चला गया, क्योंकि उसकी चूत एक बार झड़कर गीली चिकनी होने के साथ साथ खुल भी चुकी थी.
फिर उसको अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. में तो इतनी मेहनत करके पसीना पसीना हो गया था और में धक्के देते हुए ही उसके बूब्स को दबाए जा रहा था. फिर करीब 25 मिनट तक ऐसे ही मैंने उसको चोदा और तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन मेरा वीर्य तो अभी भी नहीं निकला था, इसलिए मेरा जोश अभी तक भी वैसा ही था. अब मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और में उसको फुल स्पीड से चोदना शुरू कर दिया. फिर वो कहने लगी हाँ राहुल तुम मुझे इसी तरह से चोदते रहो अह्ह्ह वाह मज़ा आ गया. फिर मैंने उससे कहा कि अब मेरा वीर्य निकलने वाला है, इसको में कहाँ निकालूं? तब वो बोली कि तुम इसको मेरी चूत में ही निकाल दो और उसके कहते ही मैंने उसकी चूत में अपने लंड से निकला पूरा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही निकाल दिया. फिर उसको मैंने अपने ऊपर घुमाकर लेटा लिया और में उसको अपनी बाहों में लेकर सोफे पर लेट गया. तभी थोड़ी देर के बाद वो उठी और अपनी चूत से मेरे लंड को बाहर निकालकर वो उसको चूसने लगी.
उसके बाद वो मुझे बाथरूम में ले गयी और मेरे लंड को साबुन लगाकर साफ किया. तब उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हे मज़ा आया या नहीं? तब मैंने उससे कहा कि हाँ मुझे बहुत मज़ा आया और उसी समय वो मुझसे बोली कि तुम्हारा लंड तो अभी भी टाइट है, ऐसा क्यों? तो मैंने उससे कहा कि यह अभी भी चुदाई के लिए भूखा लगता है, इसलिए यह अभी भी शांत नहीं हुआ. यह बात कहकर उसने मुझसे कहा तो चलो फिर से शुरू हो जाओ इसको शांत करके ही तुम मेरा पीछा छोड़ना. में भी तो देखूं कि इसमें कितना दम है? में उसके मुहं से यह बात सुनकर तो ख़ुशी के मारे उछल पड़ा.
फिर मैंने उससे पूछा अगर तुम्हारी तरफ से हाँ हो तो क्या में तुम्हारी यह सेक्सी गांड मार सकता हूँ? वो कुछ नहीं बोली और उसने बस मेरी तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुरा दिया, जिसका मतलब में तुरंत समझ गया कि वो मेरे इस काम के लिए तैयार है और अब मैंने बाथरूम में रखे तेल को लेकर अपने लंड पर लगा लिया, जिससे मेरा लंड एकदम चिकना होकर चमक उठा. फिर वो मुझे कहने लगी कि कब से में यह करना चाहती थी, लेकिन उन्होंने अब तक कभी भी मेरी गांड नहीं मारी, आज तुमने यह बात बोलकर मुझे खुश कर दिया है, मुझे पता है कि तुम्हारा यह लंड मेरी गांड को फाड़ देगा, लेकिन मुझे उसकी कोई परवाह नहीं है, क्योंकि आज मेरी गांड को इतना लंबा और मोटा लंड भी तो मिलेगा, चलो अब तुम अपनी और मेरी इस इच्छा को जल्दी से पूरा करो, मुझे ज्यादा देर मत तरसाओ.
फिर मैंने भी उसकी वो बातें सुनकर खुश होकर बिना उस मौके को गवांए अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखकर एक जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड 5 इंच तक उसकी गांड में समा गया, लेकिन वो दर्द की वजह से छटपटाने लगी. उसी समय में अपने हाथ को आगे करके उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा. फिर कुछ देर में वो मुझसे कहने लगी कि तुम मेरे इस दर्द की इतनी परवा मत करो, दिखाओ तुम मुझे कितना जोश है और तुम्हारे इस लंड में दो मुझे तेज तेज धक्के, मेरी गांड को भी आज तुम फाड़ दो.
फिर क्या था? में उसकी वो बातें सुनकर जोश में आकर उसकी गांड में अपना लंड धक्के देते हुए डालता गया और वो आह्ह्ह ऊफ्फ्फ आईईईई माँ मर गई करती हुई अपनी गांड मुझसे मरवाती रही. करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने उससे बोला में अब झड़ने वाला हूँ क्या अपना वीर्य में तुम्हारी गांड में ही निकाल दूं? वो बोली नहीं नहीं अपने इस कीमती पानी को तुम बेकार मत करो, मुझे इसको पीना है और फिर जल्दी से उसने मेरा लंड अपनी गांड से बाहर निकालकर उसको पानी से धोया और अपने मुहं में लेकर वो लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी.
उसके ऐसा करने से मुझे बहुत मस्त मज़ा आ रहा था. में उससे कहने लगा वाह दिव्या आह्ह्ह्ह लो पूरा अंदर लेकर चूसो ऊफ्फ्फ्फ़ अब में झड़ने वाला हूँ और फिर में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा का सारा वीर्य पी गयी उस वक़्त मुझे सच में ऐसा लगा जैसे कि में जन्नत में हूँ और कुछ देर बाद हम दोनों साथ में नहाए और उसके बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और मैंने अब उससे वापस अपने घर जाने के लिए कहा तो वो बोली कि अब आप मेरा टीवी कब ठीक करोगे? अब में उससे हंसते हुए बोला कि जब भी खराब हो जाएगा में तभी उसको ठीक कर दिया करूँगा. बस तुम मुझसे इशारा कर देना में दौड़ा चला आऊंगा.
फिर हम दोनों एक साथ ज़ोर से हंस पड़े और उसके बाद हमने एक दूसरे को किस किया और फिर में खुश होता हुआ उसकी चुदाई की बातें सोचता हुआ अपने घर आ गया. दोस्तों उसके बाद उसको जब भी मौका मिलता वो मुझे अपने घर बुला लेती और में उसके घर जाकर उसकी चुदाई करके उसकी चूत गांड का बेंड बजाकर हंसी ख़ुशी अपने घर चला आता हूँ और वो हर बार मेरा पूरा पूरा साथ देती है. में उसका जोश देखकर बहुत खुश था और वो मेरी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट थी.
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भाभी की पर्फेक्ट चुदाई


हैल्लो दोस्तों, अब में आप सभी चाहने वालों को अपनी एक सच्ची घटना बताने वाला हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप लोगों को बहुत मज़ा आ जाएगा. दोस्तों जैसा कि आप लोगों को पता है कि मेरा लंड 7 इंच का है, जिसे देखकर कोई भी भाभी उसकी तरफ आकर्षित हो जाती है और अब में अपनी कहानी पर आता हूँ. दोस्तों में अपने परिवार के साथ मुंबई में रहता था और में जिस फ्लेट में रहता था, जिसके पास वाले फ्लेट में एक पंजाबी परिवार भी रहता था, उसमें अंकल, आंटी, उसकी बेटी जिसकी उम्र करीब 20 साल थी और उसका बेटा और उसकी बीवी और एक साल का बच्चा भी था. हम दोनों का परिवार बहुत ही कम समय में एक दूसरे से बहुत घुल मिल गए थे, हम कोई भी त्यौहार हो एक साथ ही मनाते थे, मेरी भी उन सबके साथ बहुत अच्छी बनती थी और उसकी बेटी जो 20 साल की थी, वो मेरे साथ ही पढ़ती थी तो इसलिए हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे. उसके बड़े भाई को में भैया और उसकी पत्नी को में भाभी कहकर बुलाता था.
अब में आप सभी लोगों को उस भाभी के बारे में भी थोड़ा विस्तार से बता देता हूँ. वो एक सीधी साथ लड़की थी और पंजाबी परिवार से थी, लेकिन एकदम टाईट सेक्सी माल और उसका नाम किंजल भाभी था. उसके फिगर का आकार 34-26-34 था और वो दिखने में किसी ब्लूफिल्म की हिरोइन से कम नहीं लग रही थी, वो हमेशा साड़ी ही पहनती थी और एक अच्छी बहू की तरह रहती थी, लेकिन उसका साड़ी पहनने का तरीका बहुत ही अच्छा था, वो एकदम टाईट साड़ी पहनती और साथ में बिना बाहं और पीछे से ज्यादातर खुला हुआ ब्लाउज पहनती थी, जिसकी वजह से उसका पीछे से पूरा नंगा बदन होता था और उसका हमेशा बीच में से पेट खुला हुआ होता था, जिसकी वजह से उसे आगे से देखो तो उसकी नाभि बहुत मस्त गहरी दिखती थी और जब उसे एक साईड से देखो तो उसकी कमर और नाभि उससे भी मस्त दिखती और उसके बूब्स साफ साफ दिखाई देते थे, क्योंकि उसके बूब्स बहुत बड़े थे.
दोस्तों पहले मेरे मन में भाभी के लिए ऐसा कुछ नहीं था, हम सब खुशी खुशी हर त्यौहार मनाते थे और में भी उनसे हंसी मजाक किया करता था, वो भी मेरी हर बात का हंसकर जवाब दिया करती थी और मुझे उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा बहुत अच्छा लगता था.
दोस्तों अब में धीरे धीरे  सेक्सी कहानियाँ पढ़ने लगा था और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता. मैंने बहुत बार कई लोगों के सेक्स अनुभव के बारे में पढ़ा और धीरे धीरे मेरा उनको देखने का नजरिया बिल्कुल ही बदल गया, वैसे वो खुद भी मुझसे बहुत खुलकर बातें करने लगी थी और में उनसे कभी कभी दो मतलब वाली बातें करने लगा था, जिनको वो समझ जाती थी और कभी कभी मेरी तरफ मुस्कुरा देती थी और उस वजह से मेरी हिम्मत थोड़ी सी बढ़ने लगी थी.
एक दिन क्या हुआ कि? उनके घर पर उस दिन कोई भी नहीं था, सभी लोग बाहर गए हुए थे और उनके लिए खाना हमारे घर से बना था, क्योंकि उनकी तबियत थोड़ी सी खराब थी, वो सब मुझे बाद में पता चला. उस दिन में उन्हें खाना देने उनके घर पर चला गया और जब में उनके घर पर पहुंचा तो मैंने देखा कि दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था, इसलिए में बिना दरवाजे को बजाए सीधा ही अंदर चला गया, लेकिन अंदर जाने के बाद भी मुझे किंजल भाभी कहीं नहीं दिखी, इसलिए में उनके कमरे की तरफ चला गया. उनके कमरे का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला हुआ था.
दोस्तों में अंदर घुसने ही वाला था कि तभी मेरी नज़र अंदर की तरफ पड़ी और मैंने देखा कि उस समय भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में बैठी हुई अपने बाल बना रही थी, जिसको देखकर में पहले तो बहुत चकित हुआ, लेकिन कुछ देर बाद में उन्हें घूर घूरकर देखने लगा, मेरी आखें वो सब देखकर फटी की फटी रह गई, वाह दोस्तों वो क्या मस्त लग रही थी, उनका गोरा बदन, बड़े आकार के बूब्स को देखकर मेरा लंड तो तनकर खड़ा हो गया, क्योंकि मैंने आज पहली बार उन्हें इस तरह कम कपड़ो में देखा था और में वहीं पर खड़ा होकर अपना लंड जीन्स के अंदर ही हिलाने लगा. फिर कुछ देर दिखने के बाद वो अब खड़ी हो गई और साड़ी पहनने लगी और तैयार हो गई. उसने उस समय पीले कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना हुआ था, उसमें वो और भी कातिल लग रही थी.
फिर में जल्दी से मौका देखकर तुरंत बाहर चला गया और अब मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई. तभी कुछ देर बाद वो आई तो मैंने उनसे कहा कि यह आपका खाना तो उन्होंने मुझे अंदर आने को कहा और में अंदर चला गया. दोस्तों उसे शायद पता नहीं था कि दरवाजा पहले से ही खुला हुआ था और में उन्हें उस हालत में देख चुका हूँ. फिर हमने थोड़ी देर इधर उधर की बातें की और फिर कुछ देर बाद में उठकर उनके बाथरूम में चला गया, जहाँ पर मैंने देखा कि वहां पर उसकी दूसरी ब्रा और पेंटी खूँटी पर लटकी हुई थी. मैंने उसे नीचे उतरकर सूँघकर वहीं पर उनके नाम की मुठ मार ली और बाहर आ गया.
दोस्तों उस दिन मैंने पहली बार भाभी के नाम की मुठ मारी थी. मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आया और तब से मुझे उसको चोदने का विचार मेरे मन में आने लगा था और में विचार करने लगा कि अब कैसे इसको चोदा जाए? अब मुझे जब भी मौका मिलता तो में उसे लाईन मारता और उसके गोरे बदन को घूरता और बड़े बड़े बूब्स को लगातार देखता रहता था और अब में जितना हो सके उससे ज़्यादा बातें करता और जब भी वो अकेली होती तो में उनके घर पर चला जाता और हम बहुत हंस हंसकर बातें करते, हम बहुत खुलकर भी बातें करने लगे थे, हमारे बीच हंसी मजाक अब कुछ ज्यादा ही बड गया था.
एक दिन वो भैया हमारे घर पर आए और उन्होंने मेरे घर पर मेरी मम्मी, पापा को कहा कि हम लोग गावं जा रहे और वो किंजल भाभी और उसकी बहन मीनल यहीं पर रुकेगी तो आप लोग थोड़ा उनका ध्यान रखना, क्योंकि वो दोनों घर पर बिल्कुल अकेली रहेगी. फिर मेरी माँ ने उनसे कहा कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, में उनकी पूरा पूरा ध्यान रखूंगी, आप लोग चले जाओ. दोस्तों अब मेरे मन में विचार आया कि यही बिल्कुल सही मौका है भाभी को पटाने का, लेकिन उस मीनल का कुछ करना पड़ेगा, क्योंकि वो भी घर पर रहेगी? दोस्तों में मन ही मन में सोचने लगा कि हमारा कॉलेज जाने का समय सुबह का था तो वो उस समय कॉलेज चली जाएगी और पूरे दिन भाभी घर पर बिल्कुल अकेली रहेगी और मुझे पहले से ही इस बात का भी पता था कि कल पूरे दिन मेरे घर वाले किसी शादी में जाने वाले है और वो शाम को वापस आएँगे, इसलिए मैंने बीमार होने का नाटक करने का विचार किया.
फिर अगले दिन सुबह 6 बजे किंजल भाभी के परिवार वाले गाँव चले गए और फिर मैंने बीमार होने का नाटक किया तो मुझसे मेरे घर वालों ने कहा कि तुम आज कॉलेज मत जाना और मैंने कहा कि ठीक है. फिर मीनल मुझे कॉलेज जाने के लिए बुलाने आई, क्योंकि हम दोनों साथ ही कॉलेज जाते थे तो मैंने उससे कहा कि आज में नहीं आ सकता, मेरी तबियत खराब है. फिर उसने मुझसे कहा कि ठीक है और फिर वो अकेली ही कॉलेज चली गयी.
अब में अपने घर वालों के जाने का इंतज़ार कर रहा था और करीब 9 बजे मेरे घर वाले भी शादी में चले गये और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम दिन का खाना किंजल भाभी के यहाँ पर खा लेना, अगर तुम्हारी तबियत अच्छी रहे तो मैंने कहा कि ठीक है और अब में और भाभी अकेले थे. करीब 11 बजे में सो रहा था तो भाभी मेरा हालचाल पूछने मेरे पास आई और में बस उनके बारे में ही सोच रहा था, वो साड़ी में बहुत मस्त लग रही थी. फिर उसने मुझसे पूछा कि अब तुम्हारी तबियत कैसी है? मैंने कहा कि ठीक है और उसने मुझसे कहा कि तुम खाना खाने आ जाना.
12:30 पर में उनके घर पर गया और में एक नींद की गोली लेकर गया, क्योंकि मुझे पता था कि वो इतनी आसानी से नहीं मानने वाली थी और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था और मुझे कैसे भी करके उसके साथ सेक्स करना था. में उनके घर पर गया तो इस बार उसने कपड़े बदले हुए थे, उसने बहुत मस्त ड्रेस पहनी हुई थी और जो पीछे से तो बिल्कुल खुली हुई थी, मेरा तो उसे देखते ही लंड खड़ा हो गया.
फिर में अंदर चला गया और फिर उसने मुझसे कहा कि तुम टी.वी. देखो और तब तक में तुम्हारे लिए खाना लगा देती हूँ, लेकिन दोस्तों मेरा ध्यान टी.वी. में था ही नहीं, मेरा ध्यान तो बस उसके बदन पर था, वो जब भी चलती तो उसकी गांड मटकती और वो देखकर तो मेरा बहुत बुरा हाल हो रहा था. फिर हम खाना खाने बैठ गए और अब मुझे वो नींद की गोली उसके पानी के गिलास में डालनी थी, इसलिए मैंने उनसे ऐसे ही कहा कि भाभी मुझे थोड़ा नमक दीजिए ना. फिर वो उठी और किचन में चली गयी और वो जब तक वापस आई, तब तक मैंने उसके गिलास में वो गोली डाल दी, लेकिन उसे इस बात का पता नहीं था और फिर हम ऐसे ही बात करने लगे. फिर मैंने भाभी से पूछा कि भाभी क्या आपका कॉलेज में कोई बॉयफ्रेंड नहीं था? तो उसने मुझसे कहा कि नहीं कोई नहीं था.
में : अरे क्यों आप तो इतनी सुंदर हो फिर भी?
भाभी : हाँ उस समय मुझे मेरे कॉलेज में लाईन तो बहुत मारते थे, लेकिन में खुद जानबूझ कर ऐसे चक्कर में नहीं पड़ना चाहती थी.
में : तो फिर आपने भैया को कैसे पसंद किया?
भाभी : बस हम एक साथ एक ही ऑफिस में काम करते थे, इसलिए हमारी बातें शुरू होते हुए हम बहुत आगे बढ़ने लगे और हमे एक दूसरे से प्यार हो गया और फिर हमने शादी कर ली, लेकिन.
में : हाँ, लेकिन क्या भाभी प्लीज बताओ ना.
भाभी : कुछ नहीं, लेकिन हाँ क्यों तुम्हारी तो कोई गर्लफ्रेंड होगी ही?
में : हाँ पहले थी भाभी, लेकिन अब मेरी उससे बात बिल्कुल बंद हो गई है और अब मुझे कोई भी लड़की पसंद ही नहीं आती, क्योंकि मुझे आप जैसे कोई सुंदर मिल नहीं रही है.
भाभी : अच्छा तो तुम्हें मेरी जैसी बीवी चाहिए.
में : हाँ भाभी अगर कोई है तो आप मुझे जरुर बता देना.
दोस्तों मुझे उनकी बातों से ऐसा लगा कि वो अपनी सेक्स लाईफ से बहुत मायूस लग रही है. फिर हमारा खाना हो गया और फिर हम साथ में टी.वी. देखने लगे और अब में इंतज़ार कर रहा था कि कब गोली का असर चालू हो. फिर भाभी ने मुझसे कहा कि अमन मुझे कुछ चक्कर आ रहे है. फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ भाभी? तो उन्होंने मुझसे कहा कि पता नहीं, लेकिन मुझे बहुत अजीब सा महसूस हो रहा है. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी आप बेडरूम में जाकर लेट जाओ और में तब तक टी.वी. देखता हूँ. फिर वो उठकर खड़ी हुई और अपने बेडरूम में जाने लगी, तभी वो गिरने ही वाली थी कि तुरंत मैंने उसे पकड़ लिया और अपना सहारा दे दिया और फिर मुझे मानो उसके गोरे बदन को छूकर करंट सा लग गया. मैंने उनसे कहा कि भाभी में आपको बेडरूम में छोड़ देता हूँ और फिर उसे उसके बेडरूम में लेकर चला गया और तब तक मैंने उसके पूरे शरीर को छू लिया था और वो मेरा विरोध करने की हालत में बिल्कुल ही नहीं थी. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया था और अब उसे नींद आने लगी थी.
अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपनी टी-शर्ट और पेंट को उतार दिया और में पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो गया था, भाभी अब बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और में सीधा बेड पर गया और में उनकी कमर पर हाथ फेरने लगा और कमर पर उसके कपड़ो के ऊपर से किस भी करने लगा था, क्योंकि पीछे से वो पूरा खुले हुए कपड़े पहनती थी और में धीरे धीरे उसकी गर्दन को, शरीर को किस करने लगा था और फिर में उसके ऊपर चड़ गया और अब में अपना लंड उसकी गांड को छू रहा था और में उसके पेट पर हाथ घुमा रहा था और कमर और गर्दन पर किस करता रहा.
करीब 10 मिनट के बाद में नीचे उसकी गांड की तरफ गया और उसे कपड़ो के ऊपर से ही चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. दोस्तों वो तो बिल्कुल होश में ही नहीं थी, लेकिन में तो पूरे जोश में था और ऐसे ही करीब 5 मिनट के बाद मैंने उसे सीधा किया. अब वो चीज़ मेरे सामने थी, जिसको में बहुत बेसब्री से दबाने का इंतज़ार कर रहा था. अब में उसके ऊपर आ गया और मैंने उसके होंठो पर किस किया, ओह यार क्या मज़ा आया, में उसे किस करने लगा और इस तरह मैंने उसकी गर्दन पर भी किस किया.
फिर में धीरे धीरे नीचे आया और उसके मस्त रसीली नाभि पर हाथ रखा और उसे चूसने लगा, में उसके ऊपर टूट पड़ा. मैंने उसके पूरे पेट को किस किया और एक हाथ मैंने धीरे से उसके बूब्स पर रख दिया और एक हाथ उसकी नाभि पर. फिर में उसके बूब्स पर आया और उसके कपड़ो के ऊपर से ही चूसने लगा और एक हाथ से दबा भी रहा था. तभी में दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था, वाह क्या मुलायम मुलायम बूब्स थे, अभी तो में ऊपर से दबा रहा था और में तो उसके बूब्स पर टूट ही पड़ा था, मन तो किया कि साली के कपड़े फाड़ दूँ और इसके बूब्स को चूसने लग जाऊँ, लेकिन मैंने कंट्रोल किया, में फिर से उठा और मैंने धीरे धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी. अब में वापस उसके ऊपर चड़ गया और बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और होंठो पर किस करने लगा.
में उसके बूब्स को चूसता रहा और दबाता रहा. में करीब 15 मिनट तक ऐसे ही बूब्स को दबाता रहा, लेकिन फिर वो थोड़ी हिलने लगी, मन तो कर रहा था कि उसके बूब्स को में लगातार दबाता ही रहूँ, लेकिन सोचा कि अगर जाग जाएगी तो काम अधूरा रह जाएगा और अब में धीरे से उसकी चूत पर आ गया और चूमने लगा और मुझे ऐसा करने में बहुत ही मज़ा आ रहा था. में अपनी जीभ से उसकी चूत को चाट रहा था. अब वो शायद थोड़ा होश में आ रही थी और उसकी आँख खुल गई थी तो मैंने अपना मोबाईल निकाला और में उसके पास में सो गया और मैंने उसके 2-3 बूब्स दबाते हुए फोटो भी लिए, क्योंकि में अब उसके साथ और भी सेक्स करना चाहता था, लेकिन ऐसे नहीं उसकी मंज़ूरी के साथ, इसलिए मैंने फोटो खींच लिए और वो फोटो भी ऐसे आए मानो कोई ज़बरदस्ती नहीं वो अपने आप अपनी मर्जी से सेक्स कर रही है, ऐसे आए.
दोस्तों अभी भी उसे कुछ भी पता नहीं था कि उसके साथ क्या हो रहा है? अब में उठा और उसकी चूत की तरफ बढ़ा और अपना खड़ा लंड लेकर अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रगड़ा और फिर धीरे धीरे उसकी चूत में धक्के देने लगा. तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत एकदम टाईट थी, जैसे सालों से उसकी किसी ने चुदाई नहीं की हो. अब में जल्दी से उठकर एक तेल की बोतल ले आया. मैंने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाया और फिर धक्के दिए, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड फिसलता हुआ चूत के अंदर घुसने लगा और फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का दे दिया और मेरा लंड उसके अंदर उसका थोड़ा खून भी बाहर निकला.
में धीरे धीरे धक्के देने लगा. करीब दस मिनट के बाद अब में जोश में आ गया था और मैंने ज़ोर ज़ोर से उसे चोदना शुरू किया. मैंने अपनी जितनी ताक़त थी, वो सब लगा दी और उसकी चुदाई कर रहा था. फिर करीब 15 मिनट के बाद मैंने उसे कुतिया बनाई. फिर उस पोज़िशन में भी चोदा और कभी उसकी गांड में भी धक्का मार देता, जिससे उसकी गांड लाल हो गयी थी, एक तरफ में उसे ज़ोर से धक्के मार रहा था और दूसरी तरफ उसके बूब्स को दबा रहा और उन्हें भी मैंने एकदम लाल कर दिए थे.
दोस्तों करीब 10-15 मिनट तक चोदने के बाद में अब झड़ने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और 5 मिनट के बाद मैंने अपना पूरा स्पर्म उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया, मुझे बहुत मज़ा आया. अब में उसके ऊपर और अपना लंड चूत में ही रखकर सो गया. दोस्तों वो अभी भी अपने पूरे होश में नहीं थी. करीब आधे घंटे के बाद में उठा और उसके बूब्स को दबाने लगा और मैंने एक बार फिर से उसकी चुदाई शुरू कर दी और चुदाई खत्म होने के बाद मैंने उसे उठाया और जैसे तैसे उसके कपड़े पहनाए और सीधा लेटा दिया और में अपने घर पर चला गया. फिर में घर जाकर सो गया.
करीब 6 बजे दरवाजे की घंटी बजी, में उस समय शॉर्ट्स में था और में उठकर दरवाजा खोलने चला गया, जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो किंजल भाभी मेरे सामने खड़ी हुई थी और उसने नाईट ड्रेस की जगह साड़ी पहन ली थी. फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या भाभी अब आप ठीक हो, आपको चक्कर आ रहे थे ना? तो भाभी ने कहा कि हाँ में अब एकदम ठीक हूँ, भाभी को शायद पता नहीं था कि उनके साथ कुछ देर पहले क्या हुआ था?
फिर वो अंदर आई और उसने मुझसे पूछा कि तुम कब चले गये? तो मैंने कहा कि मैंने थोड़ी देर टी.वी. देखी. फिर मैंने आपको बहुत बार आवाज़ दी, लेकिन आपने मुझे कुछ जवाब ही नहीं दिया, मुझे लगा कि आप शायद सो गयी होगी और फिर में दरवाजा बंद करके चला गया. दोस्तों मुझे ऐसा लगा कि भाभी को शायद अब दर्द हो रहा था, क्योंकि वो बार बार बात करते समय अपना एक हाथ अपनी चूत पर रख रही थी और वो ठीक से बैठ भी नहीं रही थी, उसे थोड़ा शक हुआ कि मैंने उसके साथ कुछ किया है, मुझे उसके चेहरे से ऐसा लग रहा था. फिर वो कुछ देर बाद उठकर चली गयी और थोड़ी देर बाद मेरे घर वाले भी आ गये, लेकिन अभी भी मेरा मन नहीं भरा था और में उसे और भी चोदना चाहता था, लेकिन फिर से बेहोशी में नहीं उसके सामने ही, इसलिए में विचार करने लगा.
मुझे पूरे एक महीने तक ऐसा कोई मौका नहीं मिला, जिसका में फायदा उठा सकता. एक दिन दोबारा मेरे पूरे घर वाले एक सप्ताह के लिए कहीं बाहर चले गये थे और वो भी पूरे परिवार वाले उनके गाँव चले गए, इसलिए में घर पर एकदम अकेला था. फिर ऐसा ही मेरे साथ 2-3 बार हो चुका था. फिर एक रात को मेरे दरवाजे की घंटी बजी. फिर मैंने उठकर दरवाज़ा खोला और जब मैंने देखा तो मेरे पास वाले भैया और भाभी बाहर खड़े हुए थे, तो मैंने उनसे कहा कि अरे आप लोग और मैंने उन्हें अंदर बुला लिया. भैया ने कहा कि ऑफिस के काम की वजह से हमे थोड़ा जल्दी आना पड़ा और अब उनके घर वाले 3-4 दिन बाद आयेंगे और वो उनके घर की चाबी भी अपने साथ लेकर चले गये है और फिर मैंने उनको अपने पास से उनकी चाबी दे दी, क्योंकि हम में से कोई भी बाहर जाता है तो दूसरी चाबी को एक दूसरे के घरे पर रखते है. फिर अगले दिन 10 बजे में उनके घर पर गया तो मैंने देखा कि उस समय भाभी किचन में थी.
मैंने उनसे पूछा कि भैया कहीं नज़र नहीं आ रहे है? तो उन्होंने मुझसे कहा कि उनको ऑफिस के काम के लिए एक वीक के लिए बाहर जाना था तो इसलिए वो सुबह ही चले गये. फिर मैंने कहा कि अरे उन्होंने मुझे बताया नहीं कल रात को जब आप हमारे घर आए थे, तब बता देते तो में उन्हें एरपोर्ट तक छोड़ देता. फिर भाभी ने कहा कि नहीं, वो भूल गये थे और वैसे भी उन्होंने एक टेक्सी बुक करवा ली थी. अब मैंने कहा कि ठीक है और उनसे पूछा कि मीनल कब आ रही है? उसने मुझसे कहा कि वो अभी 3-4 दिन बाद आएगी और हम दोनों ऐसे ही बातें करने लगे.
फिर में कुछ देर बाद अपने घर चला गया और घर पर आकर में उनके नाम की मुठ मारने लगा और मैंने मन ही मन सोचा कि यही अच्छा मौका है भाभी को दोबारा चोदने का. फिर रात हो गयी और करीब 8 बजे भाभी मेरे घर पर आई और उन्होंने मुझसे कहा कि अमन चलो मार्केट मुझे कुछ सामान लेना है तो फिर मैंने कहा कि ठीक है. फिर हम दोनों मेरी बाईक पर निकल गये और फिर जब भी ब्रेकर आता तो में अचानक से ब्रेक लगा देता तो उसके बूब्स मेरी कमर से टकराते और मुझे बहुत मज़ा आता.
दोस्तों उस वक़्त उसने काली कलर की साड़ी और काले कलर का ब्लाउज पहना हुआ था और उसकी लाल कलर की ब्रा मुझे साफ साफ नज़र आ रही थी. फिर हम दोनों मार्केट में करीब एक घंटा घूमे और हम घर के लिए निकल गये. तभी अचानक से बारिश शुरू हो गयी, क्योंकि वो बारिश का मौसम था, इसलिए हम अपने घर पर पहुंचते पहुंचते पूरे भीग गये थे और भाभी भी बारिश में पूरी भीग चुकी थी और उनकी वो साड़ी उनसे बिल्कुल चिपक गयी थी और वैसे भी वो थोड़ी टाईट साड़ी पहनती है, इसलिए भाभी भीगने की वजह से बहुत मस्त सेक्सी लग रही थी, उसके बाल खुल चुके थे और उनसे पानी टपक रहा था, में तो बस उसे ही देखता रहा, वो उसकी काली कलर की साडी और उसका वो गोरा बदन जिसमें वो एकदम पटाका लग रही थी. फिर हम घर पर आ गये और हम सीधे उनके घर पर चले गये और सामान रख दिए.
तभी उन्होंने मुझसे कहा कि में अपने कपड़े बदलकर अभी आती हूँ और तब तक तुम भी फ्रेश होकर आ जाओ, लेकिन दोस्तों मेरा पूरा ध्यान अब उसकी कमर पर ही था. फिर उसने मुझसे कहा कि हैल्लो तुम्हारा ध्यान कहाँ है? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं भाभी और फिर वो जाने लगी. तभी मैंने हिम्मत करके बोल दिया कि क्यों भाभी, भैया को तो रात को बहुत मज़ा आ जाता होगा ना? तो वो मुझसे कहने लगी कि तुम क्या कहना चाहते हो? फिर मैंने उनसे पूछा कि भाभी उस दिन आपको कुछ महसूस हुआ था, जब आपको चक्कर आ रहे थे? तो उन्होंने कहा कि हाँ थोड़ा बहुत, लेकिन तुम यह सब मुझसे क्यों पूछ रहे हो? तो मैंने बहुत हिम्मत करके उनको बोल ही दिया कि उस वक़्त मैंने आपकी चुदाई की थी और मुझे आपके चेहरे से बहुत संतुष्ट लगी थी, जब आप मेरे घर पर आई थी. दोस्तों वो तो मेरी पूरी बात सुनकर एकदम से चकित हो गई और वो मुझसे बोली कि क्या तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, में यह सभी बातें तुम्हारे घरवालों को बता दूँगी, लेकिन मेरा ध्यान अब भी उसके उभरते हुए बूब्स पर ही था.
फिर उन्होंने मुझसे बहुत गुस्से में आकर कहा कि निकल जा अभी मेरे घर से और वो मुझसे इतना कहकर बाथरूम में जाने लगी. तभी मैंने झट से उसका एक हाथ पकड़ लिया और उसे तुरंत मेरी तरफ खींच लिया और हाथ पेट से होते हुए कमर पर रख दिया और में अब किस करने लगा और अब भी वो मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसके होंठो को ज़बरदस्ती चूमा और काटने लगा.
5 मिनट के बाद मैंने जैसे ही उसे छोड़ा तो वो मुझसे कहने लगी कि चले जाओ यहाँ से निकल जाओ मेरे घर से. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी अब मुझसे और नहीं रहा जाता, प्लीज मुझे एक बार आपके साथ सेक्स करना है तो वो बोलने लगी कि में तुम्हें बहुत अच्छा लड़का समझ रही थी, लेकिन तुम तो साले धोखेबाज निकले, में उसे ज़बरदस्ती पकड़कर बाथरूम ले गया और ज़ोर ज़ोर से उसके भीगे बदन पर किस करने लगा और वो रोने लगी और मुझसे कहने लगी, प्लीज़ मुझे छोड़ दो. फिर मैंने कहा कि देखो में तुम्हें आज चोदकर ही रहूँगा, इसलिए अब तुम चुपचाप मेरा साथ दो, वो तो बार बार सिर्फ एक ही बात बोलने लगी, प्लीज मुझे छोड़ दो, में ऐसा नहीं कर सकती, लेकिन में उसे लगातार किस करता रहा.
दोस्तों में तो अब सातवें आसमान पर पहुंच चुका था, मुझे उसके भीगे हुए बदन को किस करते हुए बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने पानी चालू कर दिया और में उनके बूब्स को साड़ी के ऊपर से ही किस करने लगा था और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था, लेकिन कुछ देर बाद अब वो थोड़ा शांत होने लगी थी और धीरे धीरे सिसकियाँ भी लेने लगी थी, आह्ह्ह्हह्ह आईईईइ. फिर मैंने उसकी साड़ी को पूरी उतार दिया और पेटिकोट को भी निकाल दिया और अब वो ब्लाउज में और पेंटी में थी और अब में ब्लाउज के ऊपर से ही ज़ोर ज़ोर से बूब्स को दबाने लगा था, जिसकी वजह से वो धीरे धीरे बोल रही थी, उफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा धीरे दबाव आईईईईइ मुझे बहुत दर्द हो रहा था आह्ह्ह्ह्ह, लेकिन में तो और ज़ोर से दबाने लगा, में कुछ देर दबाता और फिर उसकी नाभि पर भी किस करता.
मैंने जोश में आकर उस ब्लाउज को फाड़ डाला और ब्रा भी पूरा फाड़ दिया और अब मैंने उसे अपने सामने पूरा नंगा कर दिया था. अभी भी वो कभी कभी बोलती प्लीज़ छोड़ दो मुझे, अगर मेरे पति को पता चल गया तो में क्या करूंगी? लेकिन में उस समय तो पूरे जोश में था, में नीचे उसकी चूत पर गया और उसे जीभ से चाटने लगा और वो सिसकियों की आवाज़ करने लगी, आहहहहह उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज छोड़ दो मुझे, आह्ह्ह्ह अब में धीरे धीरे चूत में उंगली करने लगा और उसके बाद मैंने करीब दस मिनट तक उसकी चूत को चाटी.
फिर में वापिस खड़ा हुआ और बूब्स को दबाने लगा और साथ ही उसे किस भी करने लगा. मैंने कुछ देर ऐसा ही किया और फिर मैंने पानी को बंद करके उसे अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम में लाकर पटक दिया, हम अभी भी पूरे भीगे हुए थे. मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का धक्का दे दिया और गीली चूत में मेरा लंड फिसलता हुआ पूरा अंदर चला गया और वो चीखी अहहह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ ऊउईईईईईइ माँ मार डाला. अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा. कुछ देर बाद मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और वो भी ऑश उफ्फ्फ हाँ चोदो मुझे उफ्फ्फ्फ़ हाँ आहउहह ज़ोर से चोदो मुझे करने लगी. दोस्तों मैंने करीब 15 मिनट उसे लेटे लेटे चोदा और साथ में बूब्स को चूसता, दबाता भी रहा. फिर हम दोनों खड़े हुए और में नीचे ले गया और अब उसे मैंने अपने लंड के ऊपर बैठा दिया. उसने धीरे धीरे नीचे बैठते हुए मेरा पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में डाल लिया और वो अब ऊपर नीचे होने लगी थी.
फिर हमने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और वो बहुत जोरदार स्पीड से ऊपर नीचे होने लगी थी और अब उसे भी बहुत मज़ा आने लगा था. फिर मैंने कहा कि भाभी मुझे आपको उस दिन बेहोशी में चोदने में ज्यादा मज़ा नहीं आया था, इसलिए आज मैंने आपके साथ ज़बरदस्ती की, लेकिन आज मुझे बहुत मज़े आ रहे है. फिर भाभी ने कहा कि बस एक ही बार इसके बाद दोबारा कभी नहीं, तुम्हें आज जितना भी करना है कर लो, में इसके बाद तुम्हारे झांसे में कभी नहीं आउंगी, क्योंकि मुझे मेरी इज्जत भी बचानी है और तुम्हारे साथ यह सब करने के बाद मेरी बहुत बेज्जती होगी और में ऐसा कभी भी नहीं करूंगी. फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी जी अब तो मेरा जब भी मन करेगा, में आपको ही बुलाऊंगा, क्योंकि मेरे पास आपकी फोटो है और मैंने उनको वो फोटो भी दिखाई और उनसे कहा कि अगर आप नहीं मानी तो में यह फोटो सबको दिखा दूंगा और हम बातें करते करते ही चुदाई कर रहे थे.
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि प्लीज़ तुम यह फोटो किसी को मत बताना. फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन में जब भी चुदाई करने की कहूँगा आप मुझे ना नहीं करोगे? तो उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है, में तुम्हें अपने साथ वो सब कुछ करने दूंगी. फिर में खड़ा हुआ और हमने 2 अलग अलग पोज़िशन में चुदाई की, तब तक भाभी ने 3-4 बार अपनी चूत का पानी छोड़ दिया था और फिर मैंने उनसे कहा कि अब मेरा भी निकलने वाला है तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम मेरे अंदर ही डाल दो. फिर मैंने कहा कि नहीं तुम मेरा पूरा वीर्य चाट जाओ तो वो मना करने लगी, लेकिन मैंने तुरंत लंड को चूत से बाहर निकाल लिया और उसके मुहं की तरफ ले गये और तेज़ी से हिलाते हुए मैंने अपना स्पर्म उसके मुहं में निकाल दिए और वो अब मेरा लंड चाटने लगी. उसके बाद हम एक दूसरे से चिपककर लेट गये.
फिर रात को भी हमने बहुत जमकर चुदाई की और इस बार मैंने उसे अपना ज़बरदस्त लंड भी चुसवाया. फिर 2-3 दिन हम ऐसे ही लगातार चुदाई करते रहे, जब तक हमारे पास समय था तब तक, लेकिन फिर उसके बाद उनके परिवार वाले आ गए. अब उसके बाद में उसे चुपके से किसी होटल में बुला लेता और उसकी बहुत जमकर चुदाई करता हूँ, क्योंकि घर पर हमे कभी मौका नहीं मिलता.
दोस्तों फिर एक बार मीनल को हमारे ऊपर शक हो गया कि कुछ गड़बड़ है तो इसलिए एक दिन उसे भी भाभी ने बुलाया और फिर उन्होंने उसको बहुत समझाया, वो जब मान गई तो मैंने उसकी भी बहुत जमकर चुदाई कर दी और तब उन्होंने मान लिया कि मुझे चुदाई करने का बहुत अच्छा अनुभव है और मैंने एक बार उनके घर पर दोनों की बहुत बार जमकर चुदाई की और उन्हें अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट किया. अब में हर कभी जब भी मुझे मौका मिलता है, कभी एक एक करके तो कभी उन दोनों को एक साथ चोदता हूँ और हम तीनों सेक्स के पूरे पूरे मज़े लेते है.
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