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दो रंडियों का कॉलेज टूर


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कुसुम है और में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियों के मज़े लेती आ रही हूँ. ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आता है और अब तक ना जाने मैंने कितनी कहानियों के मज़े लिए. बिना कहानी पढ़े मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता.
दोस्तों में अभी अपनी कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूँ और में अभी पहले साल की पढ़ाई कर रही हूँ. मेरे फिगर का आकार 34-28-34 है, हमारे घर में मेरे मम्मी, पापा और भाई है और मेरी एक बहुत पक्की सहेली है जिसका नाम हेमा है. हम दोनों की उम्र करीब 17-18 की होगी.
हम दोनों बहुत मज़े मस्ती किया करते है और मजाक करते समय कभी वो मेरे बूब्स को खींच देती तो कभी में उसके गाल पर चिकोटी काट लेती. कॉलेज में हम दोनों के ही बॉयफ्रेंड है, मेरे बॉयफ्रेंड का नाम राजेश और हेमा के बॉयफ्रेंड का नाम संदीप है में संदीप को और हेमा राजेश को जीजू ही बोलती है वो भी मुझे अपनी साली ही समझता है और हमारे बीच में अभी तक किस ही हुआ है या कपड़ो के ऊपर से बूब्स पर हाथ फेरा बस इतना ही हमारे बीच हुआ है.
अब में अपनी असली बात पर आती हूँ, एक बार हमारे कॉलेज की तरफ से हमे घूमने बाहर जाना था. हमें राजस्थान घूमना था और इस बात को सुनकर में बहुत खुश थी. मैंने और हेमा ने हमारी फीस भी जमा करवा दी. तो हम दोनों ने राजेश और संदीप से भी हमारे साथ चलने को कहा और वो दोनों भी अपनी कार से जाने को तैयार हो गये, लेकिन वो कार उनके एक दोस्त की थी, इसलिए वो भी उनके साथ ही गया और उस लड़के का नाम जितेन्द्र था और जितेन्द्र बहुत अमीर था और उसका जयपुर में फ्लेट भी है. उसका रंग थोड़ा सा काला है. फिर में और हेमा एक स्कूल बस से 26 तारीख को चले और हम जयपुर पहुँच गए.
हम सभी करीब दोपहर को 12 बजे पहुँचे और हम सभी लड़कियों को एक धर्मशाला में ठराया गया था. फिर कुछ देर फ्रेश होने के बाद सभी लड़कियाँ और मेडम राज मंदिर में फिल्म देखने चली गयी और हम दोनों उन सभी को झूठ बोलकर हमारे बॉयफ्रेंड के साथ उनकी कार में बैठकर घूमने चली गयी. हेमा कार में आगे की सीट पर अपने बॉयफ्रेंड संदीप के साथ बैठी हुई थी और में पीछे जितेन्द्र और राजेश के बीच में बैठी हुई थी और हम लोग ने रास्ते में रुककर एक होटल से खाना पेक करवाकर जितेन्द्र के फ्लेट पर आ गए. जितेन्द्र ने पहले से ही अपने साथ बियर ले ली.
वहां पर पहुंचते ही मैंने उनसे कहा कि यहाँ पर क्यों आए हो हम कहीं बाहर घूमने चलते है? तो वो मेरी बात को सुनकर ज़ोर से हंस पड़े और उनमे से एक ने जवाब दिया कि पहले तुम कुछ खा पी लो, उसके बाद हम घूमने चलते है और अब उन तीनों ने बियर पीना शुरू कर दिया और हम दोनों को खाना लगा दिया. फिर कुछ देर बाद राजेश ने मुझसे बियर पीने के लिए कहा, लेकिन मैंने उसको ऐसा करने के लिए साफ मना कर दिया तो संदीप ने हेमा को और राजेश ने मुझे अपनी कसम देकर हम दोनों को बियर पिला दी. बियर पीने के कुछ देर बाद हम दोनों को हल्का सा नशा होने लगा और हम दोनों हॉट हो गयी तो इस बात का फायदा उठाकर संदीप ने उसी समय हेमा को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अब वो उसके होंठो को चूसने लग गया था.
हेमा उूुउउ करके बोली कि तुम सभी के सामने यह क्या कर रहे हो. देखो सभी लोग हम दोनों को देख रहे है? तभी संदीप उससे कहने लगा कि अरे और कौन है यहाँ पर बस एक मेरी साली है या मेरा एक दोस्त है, इन लोगों से क्या शरमाना यह तो हमारे ही है कोई बाहर का नहीं है? और इतने में राजेश ने भी मुझे पकड़ लिया और वो अपने एक हाथ से मेरे बालों को पकड़कर मुझे किस करने लगा था और वो अपने दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को भी दबाने लगा था. उसने यह सब मेरे साथ इतना अचानक से किया कि मुझे थोड़ा सा भी उसने सम्भलने का मौका नहीं दिया और वो मुझे पागलों की तरह लगातार चूमता रहा.
दोस्तों उन दोनों का वो दोस्त जितेन्द्र भी उस समय पास ही एक कुर्सी पर बैठा हुआ हम लोगों को यह सब करते हुए देख रहा था, क्योंकि उसको भी देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था और अब राजेश ने सही मौका देखकर तुरंत मेरी टीशर्ट को उतार दिया और अब वो मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाने मसलने लगा था और में बार बार लगातार उससे ना, ना करती रही, लेकिन वो नहीं माना और अपनी मर्जी से काम करता रहा.
अब राजेश ने हिम्मत करके आगे बढ़ते हुए अपने एक हाथ को मेरी पीठ पर ले जाकर मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया, जिसकी वजह से अब मेरे बूब्स पूरे नंगे हो गए थे, जो ब्रा के खुलते ही तुरंत बाहर आकर खुली हवा में साँस लेने लगे थे और मेरे दोनों बूब्स अब राजेश के हाथों में थे. फिर में उससे बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो राज? प्लीज अब बस करो छोड़ दो मुझे.
अब वो मुझसे बोला कि में तुम्हे प्यार कर रहा हूँ और इतना सा कहकर उसने तुरंत अपने होंठो को मेरे बूब्स पर रख दिया और वो मेरे बूब्स को दबाने के साथ साथ ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था. अब मैंने हेमा की तरफ देखा तो वो सिर्फ़ अब पेंटी में थी और संदीप भी उसके निप्पल को दबा दबाकर चूस रहा था. दोस्तों वैसे हेमा के बूब्स आकार में मेरे बूब्स से ज्यादा बड़े थे और उसके निप्पल भी गुलाबी रंग थे और फिर मैंने देखा कि संदीप एक छोटे बच्चे की तरह उसके निप्पल को चूस रहा था और हेमा जोश में आकर उसके सर को अपनी छाती पर दबा रही थी. फिर मैंने संदीप से कहा कि जीजू आज तो आप भी एक छोटे बच्चे बन गये ना, वो मेरी इस बात को सुनकर हंस पड़ा और बोला कि हाँ कभी कभी ऐसा भी करना पड़ता है.
दोस्तों इधर राजेश ने भी मेरे बूब्स को चूसते हुए मेरी जींस को खोल दिया था और अब वो मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी गीली कामुक चूत को मसलने लगा था जो उसके इतनी देर से मेरे साथ यह सब करने की वजह से अब अपना पानी भी निकालने लगी थी जिसकी वजह से मेरी पेंटी गीली होने लगी थी. फिर में अब अपनी सहेली से बोली कि देखो हम दोनों के साथ कितनी बेईमानी हो रही है हम दोनों पूरी नंगी है और यह दोनों लड़के अब तक अपने कपड़ो में है.
राजेश बोला कि हाँ मेरी जान तुमने बिल्कुल सही कहा और इतना कहकर राजेश ने अपनी शर्ट को तुरंत ही उतार दिया जिसकी वजह से अब उसका वो गोरा भरा हुआ गठीले बदन मेरे सामने था और उसको ऐसा करता हुआ देखा उसका दोस्त भी अपने कपड़े उतारने लगा था.
उसने अपनी पेंट को भी झट से उतार दिया था, जिसकी वजह से अब हम दोनों पेंटी में थी और वो दोनों अपनी अपनी अंडरवियर में हमारे सामने थे. अब संदीप मुझसे बोला कि अब इसको तुम दोनों ही उतार दो, उनका वो दोस्त जितेन्द्र अब भी कुर्सी पर ही बैठा हुआ था और अब में अंडरवियर के ऊपर से ही राजेश का लंड सहलाने लगी थी. मुझे ऐसा करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और उस वजह से में बहुत हॉट हो गयी थी, मैंने संदीप की आखों में देखा वो मुझे देखकर मेरी तरफ मुस्कुरा रहा था और अब संदीप मुझसे बोला कि क्यों जानू क्या तुम्हे डर लग रहा है तुम आराम से देख लो यह तुम्हारे लिए ही बना है और तुम्हारी ही चीज़ फिर में भी अपनी चीज़ के दर्शन करने वाला हूँ. फिर इतना कहकर वो मेरे पास आकर मेरी चूत को सहलाते हुए बोला वाह क्या मस्त मज़ेदार माल है, आज तो जीवन का असली मज़ा आने वाला है. अब मैंने हेमा और संदीप की तरफ देखा तो वो अपने घुटनों के बल बैठे उसके मोटे लंड पर किस कर रही थी.
मुझे भी वो सब देखकर गर्मी चड़ने लगी थी और इसलिए में भी अब अपने घुटनों के बल बैठकर मैंने राजेश का अंडरवियर नीचे किया और झट से उसका लंड मेरे गालो पर जा लगा. फिर में उसका मोटा लंबा लंड देखकर बहुत चकित होकर कांप गयी. मेरी सारी मस्ती मानो उतर गयी, क्योंकि वो करीब 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. अब में वापस उठने लगी तो राजेश मुझसे पूछने लगा क्यों क्या हुआ मेरी रानी तुम ऐसे इससे इतना क्यों डर रही हो? तो मैंने उससे कहा कि मुझे कुछ नहीं करना, में मर जाउंगी, मुझे बहुत दर्द होगा. फिर वो मुझसे बोला कि साली क्यों बिना मतलब का तू मुझे अब इतना नखरा दिखा रही है उधर तेरी सहेली हेमा को देख वो भी तो बड़े मज़े चूस रही है.
अब मैंने देखा और सुना तो हेमा के मुहं से वो आवाज़े आ रही थी उूउउ आआह्ह्ह क्योंकि वो दोनों अब 69 की पोज़िशन में आ चुके थे और उन्हे ऐसा करता देख में एक बार फिर से जोश में आकर गरम होने लगी थी, लेकिन में अब नीचे बैठे रही थी कि तभी संदीप बोला यार यह लड़कियाँ तो रंडियों की तरह नखरे करती है. तो मुझे उसकी वो बात सुनकर बहुत गुस्सा आने लगा और मैंने कहा कि यह क्या कम लफंगे है वो सभी हंसने लगे और बोला कि जो लड़की इसके नीचे आ जाती है वो खुद ही अपने आप को रंडी कुतिया बोलती है और इधर राजेश मेरे बूब्स को मसल रहा था तो संदीप उसकी चूत चाट रहा था.
में भी उसके लाल-लाल टोपे पर किस करने लगी थी. फिर मैंने अपना मुहं खोला और राजेश के लंड को मैंने अपने मुहं में तीन इंच भर लिया, आह्ह्ह्ह राजेश के मुहं से निकला और वो धीरे धीरे मेरे मुहं में अपने लंड को धक्के देने लगा था. अब उसने मेरे बाल पकड़े और ज़ोर से धक्का देकर गले में अपना लंड फंसा दिया जिसकी वजह से मेरा दम घुटने लगा और मेरी आखों से आंसू बाहर आने लगे थे.
उसने मेरी हालत को देखकर अपना लंड बाहर निकाला और वो बोला कि चलो अब बेड पर आ जाओ वो दोनों भी पहले से ही तैयार थे और तभी हमारी नजर जितेन्द्र पर चली गई. वो अपना लंड सहला रहा था. उसका लंड बिल्कुल काला और मोटा था और वो करीब पांच इंच लंबा और बहुत मोटा भी था. वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराया और पहली बार बोला कि तुम बहुत मस्त सेक्सी लग रही हो. फिर राजेश बोला की हरामजादी रंडी एसी मस्त ही होती है. फिर में उससे बोली कि यह क्या बोल रहे हो, गाली मत दो मुझे ऐसा कुछ भी सुनना अच्छा नहीं लगता और फिर वो बोला कि सेक्स में गालियाँ देकर बात करने से ही असली मज़ा आता है, में अब कुछ नहीं बोली उन्होंने अब बेड पर हम दोनों को कमर के बल लेटा दिया और हम दोनों के पैरों को ऊपर उठाया.
एक पैर जितेन्द्र ने पकड़ लिया और दूसरा राजेश ने पकड़ा और हेमा का एक पैर संदीप ने और दूसरा जितेन्द्र ने पकड़ लिया. अब वो दोनों अपने लंड को हमारी चूत पर रगड़ने लगे थे. वो हमारी चूत के दाने को अपने लंड के टोपे से सहलाने लगे थे, जिसकी वजह से हम दोनों का बड़ा बुरा हाल हो गया था और हमारी चूत में चीटियाँ रेंग रही थी. अब राजेश मेरे निप्पल को चूस रहा था और अपने दांतो से काट भी रहा था.
मैंने उससे कहा कि प्लीज अब थोड़ा जल्दी से करो ना. तो वो मुझसे पूछने लगा कि क्या करूं तुम मुझे बोलकर बताओ तब करने में ज्यादा मज़ा आएगा? दोस्तों में उस समय बहुत गरम हो चुकी थी और में बहुत तड़प रही थी, इसलिए जोश में आकर में बोली कि जल्दी से इसको अंदर डाल दो. तभी हेमा की चीख मेरे कानो में आई आईईईई ऊउईईईईईई माँ में मरी आह्ह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो इसको मुझे बहुत दर्द हो रहा है और इतने में राजेश ने अपने लंड को मेरी चूत में धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरे मुहं से वो चीख निकली आईईईइ माँ में मरी आईईई उफ्फ्फ्फ़ प्लीज बाहर निकालो इसको, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और उसके दर्द की वजह से मेरी आखों में पानी और मेरी चूत से खून भी निकल रहा था. तभी राज ने अपनी तरफ से मेरी चूत में एक धक्का और मार दिया, जिसकी वजह से उसका आधे से ज़्यादा लंड मेरी चूत में फंस गया और उस कमरे में मेरी और हेमा की चीखे चिल्लाने की और उनके हंसने की आवाज़ थी.
अब में कहने लगी कि प्लीज राज अब तुम इसको बाहर निकाल लो मुझे बहुत दर्द हो रहा है और हेमा भी उससे यही बात बार बार बोल रही थी, राज ने मेरे एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर मेरी तरफ देखा और एक जोरदार झटका मार दिया और अब मुझ पर एक अजीब सी बेहोशी सी छा गयी और में हल्की आवाज से कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ माँ में मरी, मेरी चूत फट गयी थी.
मैंने हेमा की तरफ देखा तो उसकी आखों में भी पानी था और तभी मेरी नज़र उसके दोनों पैरों के बीच में चली गयी वहां पर खून था और संदीप का लंड उसकी चूत में फंसा पड़ा था. उसका लंड खून से तर था और अब मुझे दर्द से थोड़ा सा आराम मिलने लगा था.
में हेमा से बोली कि तेरी चूत पर तो जीजू ने अपना नाम लिख दिया, यह अब इनकी हो चुकी है और इनका इस पर सबसे पहला हक है, तभी हेमा बोली कि साली तू अपनी चूत को भी देख वहां पर मेरे जीजाजी का नाम लिखा है और अब उन दोनों ने हमारा कम दर्द देखकर तेज लगातार धक्के लगाने शुरू कर दिए, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था. में जोश में आकर उससे बोल रही थी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से मेरे राजा, आज फाड़ दे तू मेरी इस चूत को, यह मुझे हमेशा बहुत तंग करती है, हाँ जाने दे पूरा अंदर तक वाह मज़ा आ गया.
दोस्तों ऐसे ही कुछ शब्द हेमा भी बोल रही थी और हमारी सिसकियाँ उस पूरे कमरे में गूँज रही थी उनके धक्के वैसे ही लगतार लगते रहे और में जोश में आकर ख़ुशी से झूम उठी, क्योंकि अब में झड़ने वाली थी और में राजेश को बोल रही थी उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से करो हाँ पूरा अंदर तक डालो, लेकिन तभी राजेश ने मेरी चूत से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और वो अब एक तरफ जाकर खड़ा हो गया और वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगा था. फिर में उससे पूछने लगी कि क्यों क्या हुआ तुम रुक क्यों गए, प्लीज अब थोड़ा जल्दी से करो ना, अब राजेश मुस्कुराया और वो मुझसे बोला कि तुम मुझे माफ़ करना मेरा लंड कुतिया, रंडी, छिनाल या हरामजादी की चूत में जाता है, लेकिन तुम तो एक शरीफ लड़की हो यह कैसे तुम्हारे अंदर जाएगा?
दोस्तों उस समय मेरी चूत जोश में आकर लंड माँग रही थी और उसको अब लंड के धक्कों से ठंडा होना था. वो बिल्कुल कामुक होकर लंड मांग रही थी और लंड के लिए तरस रही थी. फिर हेमा मेरी हालत को देखकर ठीक तरह से समझकर उससे कहने लगी कि जीजू प्लीज आप यह क्या कर रहे हो. आप क्यों इस बेचारी को इतना तरसा रहे हो, प्लीज मेरे कहने पर इसको एक बार ठीक तरह से चोदकर ठंडा कर दो और इसकी चूत को वो शांति दे दो जिसके लिए देखो यह इतना तड़प रही है.
वो बोला कि नहीं इस साली के बहुत नखरे है और यह मुझे इतनी देर से अपने नाटक दिखा रही थी, यह बड़ी समझदार बनती है में देखता हूँ कि कैसे यह आज अपनी चूत को बिना लंड के ठंडा करती है? अब में अपनी चुदाई के लिए प्यासी चूत को अपने एक हाथ से मसलते हुए उससे बोली कि प्लीज राजेश प्लीज तुम अपना लंड अपनी इस हरामजादी की चूत में डाल दो, बना लो मुझे अपनी रंडी प्लीज, वरना में मर ही जाउंगी उफ्फ्फ्फ़ आह्ह् अब जल्दी करो, में तुम्हारी तो क्या इस सारे शहर की रंडी बन जाउंगी, लेकिन अब तुम मुझे चोद दो, प्लीज मुझसे अब बर्दाश्त नहीं होता.
अब हेमा ज़ोर से हंसते हुए बोली कि वाह जीजू में मान गई आज आपको. आपने मेरी इस नखराली बन्नो को आज पूरी एक रंडी बना दिया, जो अब तक इतना नाटक नखरा दिखा रही थी अब वो अपनी चुदाई के लिए खुद ही तैयार है, देखो यह लंड लेने के लिए कितना तड़प रही है. अब राजेश मेरे पास आ गया और वो मुझसे बोला कि चल अब तू एक असली कुतिया की तरह मेरे सामने झुक जा और में आज तुझे असली कुतिया बनाकर तेरी इस गरम चूत को ठंडा करूंगा और तेरी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा लूँगा.
में राजेश के कहने पर अपने घुटनों के बल कुतिया की तरह बैठ गई और उसने मेरे पास आते ही सबसे पहले मेरे कूल्हों पर एक कसकर थप्पड़ मारा, जिसकी वजह से मेरे कुल्हे एकदम लाल हो गये उसके बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत से सटा दिया और ज़ोर का एक धक्का मारा, जिसकी वजह से मुझे दर्द तो बहुत हुआ, लेकिन में कुछ भी नहीं बोली और में अपनी चीख को अपने अंदर ही दबाकर उस दर्द को सहती रही. अब उसी समय जितेन्द्र मेरे मुहं के पास अपना लंड ले आया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगा.
मैंने तुरंत उसका इशारा समझकर अपना मुहं खोला और उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया और में उसके लंड को चूसने लगी, वो धक्के लगाने लगा था. दोस्तों उधर राजेश अपनी पूरी स्पीड से लगा हुआ था और इधर जितेन्द्र मेरे मुहं में अपने लंड को धक्के दिए जा रहा था और फिर मैंने देखा तो हेमा संदीप के लंड के ऊपर बड़ी स्पीड से कूदकर अपनी चूत के अंदर उसका लंड ले रही थी और उसको बड़ा मज़ा आ रहा था.
उस पूरे कमरे में अब ऊह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह आईईईई की आवाज़े आ रही थी और हम सभी पूरे जोश में अपना अपना काम कर रहे थे. तभी कुछ देर बाद जितेन्द्र ने मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसने हल्के धक्के देते हुए अपना पूरा वीर्य मेरे मुहं में निकाल दिया. में उसका लंड वैसे ही अपने मुहं में लिए चूसती रही और उसके वीर्य का बड़ा ही नमकीन सा स्वाद था. वो कुछ मेरे गले में भी चला गया और कुछ मुहं से बाहर निकलकर मेरे गालो पर बह गया और अब तक मेरी चूत ने भी एक बार पानी छोड़ दिया था वो भी धीरे धीरे ठंडी होने लगी थी, लेकिन उसी समय राजेश ने भी लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और उसने भी मेरे मुहं पर अपना सारा वीर्य निकाल दिया और इधर संदीप और हेमा भी झड़ने वाले थे.
हेमा अब संदीप से बोल रही थी कि साले ज़ोर से धक्के दे. में अब गई काम से और उसी समय संदीप ने भी अपने लंड को बाहर निकालकर हेमा के मुहं में अपने लंड को डाल दिया और वो उससे बोला कि ले साली कुतिया पी ले आज तू भी मेरा पूरा जूस तू भी मज़े कर. फिर हेमा ने संदीप के लंड को चूसते हुए उसका सारा वीर्य पी गयी, लेकिन वीर्य कि मात्रा ज्यादा होने की वजह से वो उसके मुहं से बाहर निकलते हुए उसके बूब्स पर जा टपका, जिसको संदीप ने उसके पूरे बूब्स पर मसल दिया था. मैंने देखा कि हेमा के चेहरे से वो ख़ुशी साफ साफ नजर आ रही थी और वैसा ही हाल मेरा भी था. में अपनी पहली चुदाई से बड़ी खुश थी और मुझे चुदाई का असली मतलब उस दिन समझ में आया था और तब मुझे पता चला कि चुदाई करने में क्या कैसे और कितना मज़ा आता यह सभी बातें पता चली उसके बाद मुझे और भी चुदाई करवाने की इच्छा होने लगी थी.
दोस्तों में अपनी अगली कहानी में आप सभी को बताउंगी कि कैसे उन तीनों ने मेरी और हेमा की मस्त मज़ेदार जमकर चुदाई करके हम दोनों को सही में एक रंडी और कुतिया की तरह हमारे साथ व्यहवार किया, लेकिन हम दोनों को उस खेल में भी बहुत मज़ा आया वो सभी बातें अगली बार में खुलकर बताउंगी अब मुझे जाने की आज्ञा दीजिए.
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कॉलेज टूर पर चुदाई का अनोखा खेल


हैल्लो दोस्तों मेरा नाम कुसुम है और यह मेरी आज दूसरी कहानी है. दोस्तों अब में जो लोग आप मेरी इस कहानी को पहली बार पढ़ रहे है उनको में अपनी आज की कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय दे देती हूँ.
मेरी उम्र 18 साल है और मेरे फिगर का आकार 34-28-34 है मेरे हॉट सेक्सी बदन का रंग गोरा है और में एक कॉलेज से अपनी पढ़ाई कर रही हूँ, मैंने आप सभी को अपनी पिछली कहानी में बताया था कि हम सभी लोग हमारे कॉलेज की तरफ से एक टूर पर गए हुए थे, जहाँ पर मेरी और मेरी एक बहुत पक्की सहेली जिसका नाम हेमा है उसकी और मेरी पहली बार चुदाई हुई थी.
दोस्तों हमारी उस चुदाई में हम दोनों का साथ हमारे ही बॉयफ्रेंड ने दिया था, जहाँ पर उनका एक दोस्त भी था क्योंकि वो घर उसी का था, जहाँ पर हम दोनों ने पहली बार अपनी सील को चुदाई करवाकर अपना कुंवारापन खत्म किया.
ऐसा करने में हम दोनों को बहुत मज़ा आया और हमने हंसी ख़ुशी अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर उस खेल को बड़े मज़े से खेलकर जीवन के असली मज़े लिए और उन्होंने हमे वहां पर बहुत जमकर चोदा और चुदाई का पूरा मज़ा दिया और हम दोनों को अपनी रंडी बना लिया, लेकिन अब भी हम सभी का मन चुदाई से नहीं भरा और इसलिए हमारे बॉयफ्रेंड ने हमे दोबारा चुदाई करने के लिए कहा और हम दोनों ने दूसरे दिन उस काम को पूरा करने का वादा करके हम वापस अपने कॉलेज के साथियों के पास चली आई.
दोस्तों में अपने मन की सच बात कहूँ तो में उस चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट तो हो चुकी थी, लेकिन मेरी चूत में अब भी चुदाई के नाम की खुजली चल रही थी और इसलिए हम दोनों ने अपनी मेडम को एक झूठ बोलकर दोबारा अपनी चुदाई का प्लान बना लिया और अब आप लोग खुद ही आगे की कहानी को पढ़कर उसके मज़े ले लीजिए.
दोस्तों जिस किसी ने भी हमारी पिछली कहानी को नहीं पढ़ा हो वो पहले उसको पढ़ ले उसके बाद आपको यह आज की कहानी ठीक तरह से पूरी समझ में आ जाएगी और अब उसके आगे क्या हुआ वो भी अब पूरी तरह विस्तार से सुनकर उसका भी मज़ा ले.
हम सभी अब हमारी उस दमदार चुदाई की वजह से थककर एक ही बेड पर पास पास पूरे नंगे ही लेटे हुए थे और उसी समय संदीप ने मेरे बूब्स पर अपना एक हाथ रख दिया और वो मेरी निप्पल को मसलने लगा, जिसकी वजह से कुछ सेकिंड में मेरी निप्पल तन गई.
में उसी समय उससे पूछने लगी क्या बात है जीजू आपका क्या हेमा को इतनी देर तेज धक्के देकर चोदकर मन नहीं भरा जो अब मेरे ऊपर हाथ मारने लगे? तो वो हंसते हुए बोला कि यार चूत मारने से क्या कभी किसी का मन भरा है जो मेरा भरेगा? मेरे मन में अब तुम्हारी चूत की चुदाई करने की इच्छा हो रही है मेरे लंड को दूसरी चूत को चोदकर उसका स्वाद भी एक बार चखकर वो मज़े लेने है.
मैंने उसी समय कहा कि नहीं जीजू आप हेमा की ही मार लो, उसी के मज़े लो वो मेरी चूत से ज्यादा मस्त मज़ेदार है इसको चुदाई का अनुभव भी मुझसे कुछ ज्यादा ही है वो आपको ज्यादा मज़े देगी और अब हम दोनों के बीच में जितेन्द्र बोला पड़ा वो कहने लगा कि ऐसे अभी नहीं आज रात का प्रोग्राम बनाओ तब देखते है कि कौन साली है और कौन जीजा है? अब हेमा कहने लगी कि हाँ ठीक है हम कोशिश करके देखते है और वो मुझसे बोली कि चल कुसुम क्या तुझे चलना नहीं है क्या?
मैंने सबसे पहले राजेश के लंड पर किस किया और में कहने लगी इसने तो मुझे एक ही बार में हरामजादी पूरी रंडी बना दिया है, एक रात में तो पता नहीं मुझे क्या क्या बना देगा? और फिर हम दोनों तैयार होकर अपने बॉयफ्रेंड के साथ वापस उसी धर्मशाला में आ गए जहाँ पर हमारे साथ के सभी लोग ठहरे हुए थे. रात को हमारे पहुंचने के कुछ देर बाद वो सभी लोग भी फिल्म देखकर वापस आ गए और हम दोनों उन सभी के साथ बातें हंसी मजाक करने लगे. दोस्तों करीब आधे घंटे के बाद मैंने अपनी मेडम से कहा कि मेडम यहाँ पर कुछ दूरी पर मेरी मौसी रहती है और इसलिए मेरी मम्मी ने कुछ सामान उनको देने के लिए मुझे दिया है, आप कहें तो में वो सामान उसके घर देने कल चली जाऊं और वैसे भी कल मेरी मौसी के बेटे का जन्मदिन है, हो सकता है कि शायद कल रात को भी मुझे वहां पर रुकना पड़े.
फिर वो कहने लगी कि तुम अकेली वहां पर कैसे जाओगी? में तुम्हे उनके घर छोड़ दूँगी तुम मुझे उनके घर का पता बता देना, तभी में उनको कहने लगी कि नहीं मेडम आप यहाँ पर रुककर इन सभी लड़कियों को संभालो, क्योंकि में वहां पर हेमा को अपने साथ ले जाउंगी हम दोनों कल रात को वहीं पर रुककर परसो सुबह तक जल्दी ही वापस आ जाएगें और मैंने अपनी मेडम को राजेश का मोबाईल नंबर दे दिया और उनको कहा कि यह मेरे मौसा जी का मोबाईल नंबर है.
मेडम मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, लेकिन तुम दोनों थोड़ा जल्दी आना, क्योंकि हम सभी को इसके बाद अब उदयपुर भी जाना है और फिर मैंने मन ही मन खुश होकर कहा कि हाँ ठीक है मेडम आपको बहुत बहुत धन्यवाद और कुछ देर बाद हेमा ने मेरे पास आकर हंसते हुए मुझसे कहा क्यों साली आज तूने अपने जीजू को मौसाजी बना दिया वाह में तेरे दिमाग को मान गई, तूने कितना अच्छा बहाना बनाकर मेडम को पागल बनाकर अपनी दूसरी चुदाई को अब पक्का कर लिया है. अब तो हमे उनके साथ दोबारा बड़ा मस्त मज़ा आएगा.
में : तो क्या हुआ हमे वैसे भी कुछ ना कुछ तो वैसे भी करना ही था, हमें मज़ा तो अब आ गया, लेकिन मेरी चूत में तो पिछली चुदाई की वजह से ही अब भी बहुत दर्द हो रहा है.
हेमा : हाँ कुसुम तू बात तो बिल्कुल ठीक ही कह रही है क्योंकि दर्द तो मुझे भी हो रहा है, लेकिन अब सोच सोचकर मन भी बड़ा खुश हो रहा है, तू देख लेना हम दोनों की अब वो तीनों ही बहुत जमकर चुदाई करेंगे और हो सकता है कि दूसरी बार चुदाई से हम दोनों का यह दर्द भी खत्म हो जाए, क्या तूने देखा था जितेन्द्र का लंड कितना मोटा और बड़ा है, मुझे तो अभी से ही सोच सोचकर मन ही मन में वो गुदगुदी होने लगी है, चुदाई करवाते समय ना जाने क्या होने वाला है?
में : नहीं हमारी अपनी मर्ज़ी के बिना कुछ भी ऐसा नहीं होगा, में उनको साफ मना कर दूंगी.
हेमा : तो बता तू मुझे कि आज क्यों तू रंडी बनी थी. देख जब भी प्यासी चूत को लंड चाहिए होता है तो वो लंड किसका है यह सब नहीं देखा जाता, क्योंकि चूत को तो बस किसी का भी लंड अपने अंदर लेकर उसकी खुजली को खत्म करना होता है और उसके लिए वो कुछ भी किसी के साथ भी करने को तैयार हो जाती है तब यह सब नहीं देखा जाता, चल अब तू चुपचाप सो जा रात बहुत हो चुकी है इसके बारे में कल रात को वहां पर पहुंचकर बात करेंगे.
फिर हम दोनों चुपचाप लेट गई और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे गहरी नींद आई और में दूसरे दिन सुबह उठी, अगले दिन हम सभी साथ में घूमते रहे और हमने बहुत कुछ देखा, लेकिन हमारी उन सभी में इतना मन नहीं लग रहा था, क्योंकि हमारी चूत को लंड की बड़ी याद आ रही थी. करीब शाम को पांच बजे मैंने हमारी मेडम से कहा कि क्या अब हम दोनों मेरी मौसी के घर चली जाए? उन्होंने कहा कि हाँ ठीक ठीक है चली जाओ, लेकिन ध्यान से जाना और एक दूसरे का खयाल भी रखना. फिर मैंने मन ही मन बहुत खुश होकर राजेश को फोन करके कहा कि वो हमे आकर ले जाए. दोस्तों वो तीनों करीब एक घंटे बाद करीब 6 बजे हमारी बताई हुई जगह पर पहुंच गये उन्होंने अपनी कार को ठीक हमारे सामने लाकर खड़ा कर दिया और उसके बाद हम दोनों उस कार में बैठ गए, मैंने देखा कि हमारी ही तरह उन तीनों के चेहरे भी हम दोनों से मिलकर ख़ुशी से चमक रहे थे.
राजेश : आ मेरी हरामजादी, रंडी पूरी रात हमे अपने अपने लंड को अपने हाथ में पकड़कर सोना पड़ा.
संदीप : हेमा क्या तेरी चूत में कोई जादू है? जो उसको चोदने के लिए रात भर मेरा लंड खड़ा होकर मुझे परेशान करता रहा और में तेरे नाम की मुठ मारकर इसको शांत करके सोया तब जाकर मुझे आराम मिला. आज हम तुम्हारी सारी रात बहुत जमकर चुदाई करेंगे और तुम्हे भी बहुत मस्त मज़े देकर खुश कर देंगे, लेकिन वो सब करने से पहले हम सभी यहीं बाहर ही किसी अच्छी होटल पर कुछ खा लें, फिर उसके बाद हम फ्लेट में चलते है.
में : जीजू आप गलत कह रहे है हमारी नहीं आपके लिए सिर्फ़ हेमा है आप इसको जैसे चाहे वैसे मज़े दे क्योंकि यह बस आपकी ही है और वैसे भी कल आप मेरे बूब्स को दबा रहे थे, लेकिन तब मैंने आपको कुछ नहीं कहा और सोचा कि इतना सब तो सभी के बीच चलता ही है.
राजेश : सबसे पहले चलो तो हम सभी कुछ खा पीकर अपना पेट भरते है, उसके बाद आगे के काम के बारे में बैठकर बात करके और देखेंगे कि अब क्या करना है. फिर हम सभी रास्ते में एक अच्छी सी होटल पर रुके और हम सभी ने खाना खाया और अपना अपना पेट भर लिया.
पैसे देने के बाद हम सभी वापस अपनी कार में जा बैठे और उसके बाद हम सभी रूम पर पहुंच गये, तो फ्लेट पर पहुंचते ही अभी ठीक तरह से दरवाज़ा भी बंद नहीं किया था. उससे पहले ही राजेश ने आते ही मुझे और संदीप ने हेमा को अपनी बाहों में जकड़ लिया और राजेश ने मुझे बस दो मिनट में ही नंगी कर दिया. वो मेरे बूब्स के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और यह सब करते समय ही उसने मेरे हाथ में अपना मोटा, लंबा लंड पकड़ा दिया जो पहले से ही तनकर खड़ा हुआ था. अब मेरे हाथ के स्पर्श से वो जोश में आकर हल्के से झटके भी देने लगा था और उधर संदीप ने भी बिना देर किए हेमा के सभी कपड़े उतारकर उसको भी पूरा नंगा करके अपने लंड को उसके मुहं में दे दिया था और वो अपने लंड को हेमा के मुहं में हल्के धक्के देने के साथ साथ उसके बूब्स को भी दबाकर उनको निचोड़ रहा था. में यह सब देखकर बड़ी चकित थी.
दोस्तों इतने में जितेन्द्र ने भी मेरे पीछे से आकर मेरे कूल्हों को उसने मसलना शुरू कर दिया था और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो मुझे देखकर मुस्कुराया और फिर मैंने कहा कि राजेश यह सब क्या है जितेन्द्र भी शुरू हो गया? तो वो बोला कि कोई बात नहीं यह भी तो अपना ही साथी है इसको भी थोड़े बहुत मज़े लेने दो, यह कब तक हमे ऐसे ही दूर से देखता रहेगा?
अब मैंने राजेश से कहा कि नहीं में तुम्हारे अलावा और किसी का भी लंड नहीं लूँगी, तुम इसका लंड तो देखो यह तो किसी जानवर के जैसा है, इसको अपने अंदर लेकर तो में आज मर ही जाउंगी, मेरी चूत को यह पूरा फाड़ देगा, मुझे नहीं करना इसके साथ ऐसा कुछ भी तुम इससे बोले यह कहीं और चला जाए. तभी संदीप बीच में बोल पड़ा वो कहने लगा कि साली कुतिया ज्यादा नखरा मत दिखा, आज की रात तुम दोनों हमारी रंडियां हो और आज तुम दोनों हम तीनो को पूरे चुदाई के मज़े देने वाली हो और हम तुम्हे चोदकर अपने लंड की प्यास बुझाकर इनको शांत करने वाले है हमे आज ऐसा करने से कोई भी नहीं रोक सकता.
हेमा : क्यों कुसुम मैंने पहले ही तुम्हे कहा था ना कि यह तीनों ही आज रात को हमारी जमकर चुदाई करेंगे? मुझे पहले से पता था कि हमारे साथ आज क्या होने वाला है और मैंने तुम्हे बताया भी था, लेकिन तुमने मेरी बात को नहीं माना और वैसे इसमें भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि पहली चुदाई से हमारी चूत तो पहले से ही खुल चुकी है, इसलिए अब हमे उतना दर्द कहाँ होने वाला है जो पहली चुदाई के समय हुआ था और अब तो हमे बस मज़े मिलने वाले है.
फिर इतने में राजेश ने मेरे निप्पल पर काट लिया और मुझे दर्द हुआ. मेरे मुहं से आईईईई स्सीईईइ प्लीज थोड़ा धीरे करो जानू ऐसे क्या करते हो, मुझे बहुत दर्द होता है? तो राजेश निप्पल को छोड़कर बोला क्यों साली? और इतने में जितेन्द्र ने मेरा मुहं अपनी तरफ किया और वो मेरे होंठो को चूमते हुए कुछ देर बाद मेरी जीभ को चूसने लगा आहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ और में कुछ ही देर में गरम होने लगी थी जिसकी वजह से अब मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी और फिर हम दोनों को अपने अपने घुटनों के बल बैठाकर वो तीनों अपने मोटे लंड हम दोनों के मुहं के पास ले आए जिनको देखकर में बड़ी चकित थी, लेकिन अब उनको लेने के लिए में मन ही मन बहुत उत्साहित भी हो रही थी. फिर उसके बाद मेरे मुहं में अब जितेन्द्र ने और हेमा के मुहं में राजेश ने अपना लंड डाल दिया, जिसको हम दोनों अंदर बाहर करने के साथ साथ मज़े से चूसने भी लगी थी.
दोस्तों संदीप हम दोनों के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था, जिसकी वजह से हमारे बदन में गरमी और जोश पहले से ज्यादा अब बढ़ने लगा था. दोस्तों मैंने अपने मुहं में लेकर महसूस किया कि जितेन्द्र का लंड उन सभी के लंड से मोटा और लंबा भी था, जिसकी वजह से मेरे मुहं के किनारे अब फटने वाल हो गये थे. मुझे बहुत दर्द भी हो रहा था.
अब जितेन्द्र मुझसे बोला कि चल अब कुतिया साली रंडी चूस मेरे लंड को और मुझे वो मज़ा दे जिसके लिए आज हमने तुझे आज यहाँ पर बुलाया है मुझे भी तो करके दिखाओ कि तुम्हे क्या क्या आता है? दोस्तों में अपने मन की सच्ची बात कहूँ तो मुझे भी ऐसा करने में मज़ा आने लगा था. तभी हेमा ने अपने मुहं से राजेश का लंड बाहर निकाला और वो बोली कि देखो लाल-लाल होंठो पर काला लंड कितना प्यारा लग रहा है? यह तेरे लाल-लाल होंठो के बीच भी आएगा और तेरे दोनों पैरों के बीच के लाल होंठो के बीच जाते हुए सबको प्यारा लगेगा.
फिर जितेन्द्र बोला कि तब कुसुम जान कहेगी वाह कितनी प्यारी लग रही है? में अब लंड को चूसने में बड़ी व्यस्त थी कभी कभी वो अपने लंड को धक्का देकर मेरे गले में भी फंसा देता जिसकी वजह से मेरी साँस रुक जाती और अब राजेश गालियाँ बक रहा था.
संदीप ने मुझे और भी नीचे झुका दिया में पूरी तरह से डॉगी स्टाइल में हो गयी. फिर तभी संदीप ने पीछे से मेरी चूत पर अपने लंड को सटा दिया और उसने मुझे कुछ भी सोचने समझने का मौका भी नहीं दिया और एक ज़ोर से धक्का मार दिया, जिसकी वजह से उसका वो लंड एकदम से मेरी चूत में पूरा अंदर घुस गया और दर्द की वजह से मेरे मुहं से आह्ह्ह्हह आईईईईइ की आवाज निकली और वो लंड मेरे मुहं से निकल गया. तब मैंने संदीप से कहा ऊह्ह्ह्हह प्लीज थोड़ा धीरे धीरे से करो, प्लीज जीजू मुझे बहुत दर्द होता है. अब राजेश ने हेमा को डॉगी स्टाइल में किया, जिसकी वजह से उसका मुहं मेरे मुहं से छू रहा था और हम दोनों के मुहं के बिल्कुल बीच में जितेन्द्र का काला मोटा लंड झूल रहा था और हम दोनों ही उस लंड को किस करने लगी थी. वो बहुत जोश में था इसलिए तनकर खड़ा होकर हमारी चूत को सलामी दे रहा था.
अब राजेश ने हेमा की चूत के मुहं पर अपना लंड सटाया और एक तेज जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से हेमा चीख पड़ी और उसके मुहं से आईईईईईई माँ मरी उफ्फ्फ्फ़ प्लीज माँ मुझे बचाओ और हम दोनों की चूत पर लगातार जोरदार धक्के लग रहे थे, जिसकी वजह से कुछ देर बाद में अपना सारा दर्द भुलाकर अब जोश में आकर चुदाई के मज़े लेने लगी थी और में संदीप से कहने लगी थी कि हाँ आज तुमने मेरी इस चूत को पूरी ताकत से धक्के देकर नहीं चोदा, देखो मेरी यह चूत तुम्हारे लंड की प्यासी थी. फाड़ दो इस चूत को आह्ह्ह्ह हाँ तुम आज फाड़ दो मेरी इस चूत को हाँ और तेज धक्के लगाओ उह्ह्ह्हह्ह और तेज ऊउईईईईईईइ हाँ जानू तेज धक्के से चोदो, ज़ोर से चोदो तुम मुझे और अब में झड़ने वाली थी.
दोस्तों हेमा भी अब जोश में आकर बोल रही थी हाँ उफ्फ्फ्फ़ और ज़ोर से चोदो तुम मुझे. आज तुम इस रंडी की चूत को पूरा फाड़ दो, अपनी इस हरामजादी को तुम आज इतना चोदो कि में तुम्हारे बच्चे की माँ बन जाऊं. अब में उन तेज धक्को की वजह से चीख चिल्ला रही थी और वैसे अब में झड़ने भी वाली थी इसलिए में उनको यह बात भी चिल्ला चिल्लाकर कह रही थी.
हेमा : उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह देखो जीजू तुम्हारी घरवाली आज कितनी मज़े मस्ती से चुद रही है, इसको आज तुम्हारे इस दोस्त ने पूरी तरह से रंडी बना दिया है और अब देखो इसको यह उसके बच्चे की माँ भी बनना चाहती है, देखो इसको तुम्हारे दोस्त का लंड कितना पसंद आ गया है.
राजेश : इसको ही नहीं मैंने तो आज तुझे भी एक असली रंडी बना दिया है माँ की लौड़ी तू भी तो देख कितनी मस्ती से चुद रही है, तुझे भी तो मेरे लंड से कितना मस्त मज़ा आ रहा है?
जितेन्द्र : चल आज में तुझे अच्छी तरह से पूरी रंडी, हरामजादी बना देता हूँ.
अब वो मुझसे इतना कहकर नीचे लेट गया और मुझे उसने अपने ऊपर बैठा लिया. में उसका लंड अपने हाथ से पकड़कर नीचे दवाब देने लगी थी, उसका लंड मोटा और लंबा था, तभी उसने मेरी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर नीचे दबा दिया, जिसकी वजह से उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर जाने लगा था, लेकिन वो लंड मेरी चूत के अंदर जैसे जैसे जा रहा था, वैसे वैसे ही दर्द की वजह से मेरी जान बाहर निकल रही थी और में कहने लगी उफ्फ्फ् आईईई प्लीज जीत बस करो छोड़ दो मुझे आह्ह्ह में मर जाउंगी. फिर वो मुझसे कहने लगा कि चुप कर बहनचोद, झूठे नखरे करती है और वो अपने कूल्हों को ऊपर उछालकर तेज धक्के देकर अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल रहा था और में आईईई माँ में मरी वो मेरे बूब्स को अपने दोनों हाथों में पकड़कर कस कसकर तेज धक्के मार रहा था और कुछ देर धक्के खाने पर अब मुझे भी मज़ा आ रहा था क्योंकि मेरा दर्द अब खत्म हो चुका था, इसलिए में भी अब उसके लंड के ऊपर नीचे कूद रही थी.
मैंने देखा कि अब तक हेमा और राजेश झड़ चुके थे और अब जितेन्द्र ने चुदाई का तरीका बदल लिया था और संदीप जबरदस्ती मेरी गांड में अपने लंड को डालकर धक्के दिए जा रहा था, जिसकी वजह से में बड़े मज़े से चुदाई के उस दौर से गुजर रही थी.
अब हेमा मेरे पास आई और वो मुझसे कहने लगी कि वाह मेरी जान क्या मस्त लग रही है, तेरी चूत बहुत दमदार है जो इतना मोटा बड़ा लंड झेल गयी.
फिर इतना कहकर वो मुझे चूमने लगी थी. मैंने देखा कि उसके पैरों से अब चुदाई के बाद का पानी निकल रहा था और में आह्ह्ह उफ्फ्फ ज़ोर से चिल्ला रही थी. फिर में उससे कहने लगी कि हेमा यह अभी थोड़ी देर बाद तेरी चूत में भी जाएगा तब में साली तूझे देख लूंगी. अब वो मुझसे कहने लगी कि तू बहुत किस्मत वाली जो सबसे पहले ही इन तीनों से चुद चुकी है इतने प्यारे लंड की तो में हमेशा ही गुलाम बनकर रहूँ. पता नहीं कब यह मेरी चूत में जाएगा? अब जितेन्द्र और संदीप के बीच कुछ इशारा हुआ और जितेन्द्र ने मुझे अपने ऊपर गिरा लिया, जिसकी वजह से मेरे बूब्स उसकी छाती से दब गए और उसने मेरे कूल्हों को ऊपर किया, जिसकी वजह से वो और भी ज्यादा उभर गये और हेमा यह सब देखकर हंसने लगी और वो बोली कि कुसुम तू तो गयी काम से. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों क्या हुआ? वो बोली कि तू आज सही में रंडी बन जाएगी और फिर संदीप ने मेरे दोनों कूल्हों को अपने दोनों हाथों से अलग किया और उसने मेरी गांड के छेद पर अपने लंड को लगा दिया.
में उससे बोली कि नहीं अब बस भी करो यह खेल अब यहीं पर खत्म करो और में उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी थी, लेकिन जितेन्द्र ने मेरे कूल्हों को कसकर पकड़ रखा था. संदीप ने एक तेज धक्का मारा और उसके लंड का टोपा ही अभी मेरी गांड के अंदर गया था, लेकिन मुझे उस मोटे लंड से दर्द बहुत हुआ और में ज़ोर से आईईईईइ उफफफ्फ़ करके चीख पड़ी, आह्ह्ह में मर गयी, अब नहीं करना मुझे यह सब, लेकिन किसी ने मेरी बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और में दर्द से तड़पती रही. फिर कुछ देर बाद संदीप ने अपना दूसरा झटका मारकर अपना पूरा का पूरा लंड मेरी गांड के अंदर घुसा दिया, में आह्ह्ह्ह माँ ओह्ह्ह करती रही और फिर मुझे दोनों तरफ से धक्के पड़ने लगे.
दोस्तों मेरी चूत में भी और गांड में भी अब उन दोनों के लंड एक साथ अंदर बाहर हो रहे थे और फिर में चिल्ला रही थी हाँ ज़ोर से और ज़ोर से धक्का दो फाड़ दो आज तुम मेरी गांड और चूत को क्या तुम्हारे लंड में दम नहीं है आह्ह्ह्ह हाँ चोदो मुझे, राजेश देखो तुम्हारी जान आज कैसे चुद रही है? मुझे आज तुम अपनी रंडी बना लो, में तुम तीनों की घर वाली हूँ चोदो मुझे में तुम्हारी रखेल हूँ और ज़ोर से चोदो मुझे वाह मज़ा आ गया, मुझे देखकर वो सभी हंस रहे थे और फच फच की आवाज़े भी आ रही थी. में अब झड़ रही थी और मैंने कहने लगी कि प्लीज मेरी अब तक शादी नहीं हुई है इसलिए में अभी तुम्हारे बच्चे की माँ नहीं बनना चाहती उुउऊहह प्लीज.
अब पहले संदीप आया और उसने अपना लंड बाहर निकालकर हेमा के मुहं में दे दिया और वो उससे बोला कि चल अब कुतिया तू पी जा यह सारा माल और हेमा उसका सारा वीर्य पी गयी और अब जितेन्द्र ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी गांड में डालकर उसने दो तीन धक्के ही दिए थे और वो भी अब झड़ गया और अब में थककर जितेन्द्र की छाती पर पड़ी हुई थी तो में बहुत थक चुकी थी और मेरे पूरे शरीर में बिल्कुल भी जान नहीं थी, इसलिए में वैसे ही बिना हिले पड़ी रही और मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, जो मेरी जांघो से बहता हुआ नीचे बेड को गंदा कर रहा था. वो बहुत ज्यादा मात्रा में निकला था.
दोस्तों कुछ देर बाद अब जितेन्द्र मेरे पास आकर मुझसे पूछने लगा कि क्यों मेरी रंडी आज तुझे कैसा और कितना मज़ा आया. क्या तू हमारे इस काम से खुश है? तो मैंने हाँ भरकर कहा कि ऐसे दमदार लंड लेकर में क्या कोई भी चूत खुश हो जाएगी, क्योंकि लंड ऐसा होना चाहिए जो चुदाई करके बस उसको पूरी संतुष्टि दे और वो पूरा मज़ा आज मुझे मिल चुका है. आज पहली बार मुझे अपनी गांड में भी लंड लेने का मौका मिला है, वहां अब भी दर्द जरुर है, लेकिन इस मज़े के सामने वो कुछ भी नहीं है. दोस्तों मेरे मुहं से वो बातें सुनकर अब संदीप ने बहुत खुश होकर मेरे बूब्स को मसलते हुए कुछ देर बाद मेरे मुहं में अपना लंड डाल दिया और में उसको लेटे हुए ही चूसने लगी थी, जिसकी वजह से वो तुरंत ही तनकर खड़ा हो गया और उस रात को उन तीनों ने हम दोनों की जी भरकर चुदाई करके हमें पूरी तरह से रंडी बना दिया.
दोस्तों उन तीनों ने कभी एक एक करके तो कभी एक साथ हम दोनों की चूत गांड में अपना लंड डालकर हमे तेज जोरदार धक्के देकर चोदा और उन तीनों ने हमारे मुहं गांड और चूत तीनों छेद को धक्के मार मारकर पहले से ज्यादा बड़ा कर दिया था और जब भी में झड़ने वाली होती तो मेरे मुहं से अपने लिए ही गालियाँ निकलती साली कुतिया तुझे बहुत शौक है ना चुदाई का और मज़े ले इन तीनों ने तुझे एक पूरी रंडी छिनाल बना दिया है.
दूसरे दिन सुबह हम दोनों उठ गई और वो तीनो अब तक रात भर की चुदाई से थककर बिना कपड़ो के सो रहे थे. उनसे पहले हम दोनों उठकर बाथरूम में जाकर नहाकर फ्रेश होकर तैयार हो चुकी थी. उसके बाद उनको उठाया वो भी उठकर नहाकर कपड़े पहनकर तैयार हुए और उसके बाद उन्होंने हम दोनों को ले जाकर एक होटल में नाश्ता करवाकर हमें दोबार उसी जगह पर अपनी कार से लाकर छोड़ दिया, जहाँ से हम दोनों उनके साथ गई थी और उसके बाद हम हमारे कॉलेज वालो के साथ जाकर मिल गई. दोस्तों यह थी मेरी दूसरी चुदाई की सच्ची घटना और मेरा सेक्स अनुभव.
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सुमन को पूरा प्रेक्टिकल करवाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है, में छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. यह बात आज से 2 महीने पहले की है. जब में अपने दोस्त की शादी में गया था, वहाँ पर एक लड़की बहुत ही सुंदर और सेक्सी आई हुई थी, उसका साईज लगभग 36-30-36 रहा होगा. उसको देखते ही मेरे लंड में खुजली शुरू हो गयी थी. फिर क्या था? मैंने उसके बारे में जानने की कोशिश की तो पता चला कि वो भी बिलासपुर की रहने वाली है.
मैंने धीरे-धीरे उससे जान-पहचान बढाई और फिर हमारी दोस्ती हो गयी. फिर एक दिन की बात है में उसके घर को गया, वहाँ पर उस दिन कोई नहीं था, सिर्फ़ सुमन थी और उसने कुछ खास कपड़े नहीं पहने थे, तो उसका ऊपर का हिस्सा जिसे बूब्स कहते है का उछलता हुआ भाग दिख रहा था. फिर जैसे ही में अंदर गया, तो उसने ज़ोर से चिल्लाकर कहा कि वही पर रुक जाओं.
तब मैंने सोचा कि क्या हुआ? तो तब उसने कहा कि कुछ नहीं पोछा लगाऊँगी, तुम बाहर रहो.
मैंने कहा कि में बाहर खड़ा रहूँगा, तो क्या तुम्हें अच्छा लगेगा? तो फिर उसने मुझे अंदर की तरफ बुला लिया और कहा कि अपने पैर ऊपर करके बैठ जाओ, तो में बैठ गया.  पोछा लगाने के लिए झुकी तो उसके बूब्स जो कि बहुत बड़े-बड़े है हिल रहे थे और उसके घुटने से टकराने की वजह से वो ऊपर की तरफ आने को तैयार हो रहे थे. तो तब मैंने पूछा कि इतनी देर हो गयी है और अभी तक घर की सफाई नहीं की.
तब वो कहने लगी कि घर पर कोई नहीं है तो देर हो गयी. बस फिर क्या था? अब में तो मौका खोज रहा था. फिर मैंने टी.वी चालू कर लिया और उसके बाद उसमें गाने सुन और देख रहा था.
तभी उतने में मैंने चैनेल चेंज किया और एफ टी.वी लगा दिया. उस वक़्त उसमें लेडीस की चड्डी और ब्रा का प्रर्दशन हो रहा था. तो तब सुमन की नजर भी उस पर पड़ी और देखने लगी.
तब मैंने धीरे से उससे पूछा कि क्या देख रही हो? तो उसने शर्माकर कहा कि कुछ नहीं. तो तब मैंने कहा कि इसमें शर्माने वाली कौन सी बात है? जो टी.वी में देख रही हो, वो सब तुम्हारे पास भी तो है. तो वो हल्की सी मुस्कुरा दी और कहा कि धत.
मैंने टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए कहा कि एक बात पूंछू? तो तब उसने कहा कि पूछो. तो मैंने कहा कि तुम गुस्सा तो नहीं होगी? तो उसने कहा कि नहीं होंऊँगी. तो तब मैंने हिम्मत करके उससे पूछा कि तुम्हें सेक्स के बारे में कुछ पता है.
उसने शर्माते हुए कहा कि कुछ खास नहीं और फिर उसने कहा कि तुम कितना जानते हो? तो तब मैंने कहा कि आजमा के देख लो, पता चल जाएगा. अब इतने में में उसके बहुत करीब पहुँच गया था.
उसकी दिल की धड़कन तेज हो गयी थी. फिर मैंने उसके कंधे पर अपना हाथ रखते हुए कहा कि हम एक अच्छे दोस्त है, इसमें शर्माने वाली कौन सी बात है? तो तभी उसकी नजर मेरी नजरों से टकराई, तो मैंने उसके होंठो पर अपने होंठो से किस कर दिया. तो इतने में उसका आनंद बढ़ गया और वो सिहर उठी. फिर मैंने उसे उसी पोज़िशन में 5 मिनट तक रखे रखा, जिससे वो गर्म हो चुकी थी.
मैंने धीरे से उसके सूट के अंदर नीचे की तरफ से अपना एक हाथ डाला. तो वो डर गयी और बोली कि नहीं ये गलत है. लेकिन अब जोश में वो भी थी तो कुछ ज्यादा विरोध नहीं हुआ और फिर मैंने उसका सूट उतार दिया और फिर धीरे से उसकी सलवार को भी उतार दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी, उसका जिस्म देखकर मेरा लंड फंनफनाने लगा था. फिर मैंने उसका एक हाथ अपने लंड के ऊपर रखा. तो वो कहने लगी कि तुम्हारी पैंट में कुछ है.
तब मैंने कहा कि खोलकर देख लो. तो फिर उसने मेरी पैंट की चैन खोली और मेरी पैंट उतार दी और फिर मेरी शर्ट भी उतार दी. अब में भी सिर्फ़ अंडरवेयर में था.
फिर मैंने फिर से उसके होंठो पर किस किया, तो वो सस्स्स्स्ससस्स करने लगी. फिर लगभग 3 मिनट के बाद मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया, जिसमें से उसके 36 साईज के बूब्स बाहर आ गये थे और मैंने फिर से उसके बूब्स को अच्छी तरह से मसलना और दबाना शुरू कर दिया.
इतने में वो इतनी गर्म हो गयी कि पूछो मत. फिर मैंने अपने दूसरे हाथ को उसकी चड्डी के अंदर डाला, तो उसकी चूत पर हल्के-हल्के से बाल थे और वो थोड़ी गीली लग रही थी. फिर मैंने उससे पूछा कि ये गीला क्यों लग रहा है? तो तब उसने कहा कि ये मेरा पानी है. अब में समझ गया था कि ये झड़ रही है. फिर मैंने उसकी चड्डी उतार दी और उसकी चूत के पानी का स्वाद लेने लगा, जिससे उसके मुँह से आवाज़े निकलने लगी थी ससस्स, आआ, प्लीज, आआ.
फिर मैंने कहा कि अभी तो शुरुआत है आगे-आगे देखो होता है क्या? और फिर मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी. वो मेरा लंड देखकर डर गयी और बोली कि इतना बड़ा लंड. फिर तब मैंने कहा कि पहली बार है ना तो थोड़ी सी तकलीफ होगी, लेकिन बाद में बहुत मज़ा आएगा. तो फिर क्या था? मैंने अपना लंड पहले उसके मुँह में डाला, तो उसने उसको चूसना शुरू किया. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकालकर उसकी चूत के ऊपर अपना लंड रखा.
अब वो डर रही थी और कह रही थी कि इतना मोटा और प्यारा लंड मेरी छोटी सी चूत में कैसे डालोगे? फिर में उसको उठाकार उसके बेड पर ले गया और उसके नीचे दो तकिये लगा दिए. फिर मैंने 69 की पोजिशन में आकर उसकी चूत पर अपना लंड रखा और एक धक्का दिया तो पहली बार में वो फिसल गया. तो तब मैंने कहा कि अपनी चूत को थोड़ा सा फैलाओ. तो उसने अपनी चूत फैला दी, तो मैंने फिर से एक धक्का दिया तो मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के अंदर चला गया.
अब उस पर वो बहुत गर्म हो गयी थी और आआहह की आवाज निकालने लगी थी. तो तभी मैंने फिर से एक धक्का दिया और यकीन मानो मैंने जैसे ही धक्का मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया था. तो तभी वो चिल्ला उठी प्लीज बाहर निकालो, मेरी चूत फट जाएगी, लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और धक्के पर धक्का देता गया.
जब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में अंदर हो गया तो में उसी पोज़िशन में कुछ मिनट के लिए उसे किस करने लगा, ताकि उसका दर्द कम हो जाए. फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो तब मैंने देखा कि उसकी चूत में से खून निकल रहा था, तो तब मैंने उसे नहीं बताया वरना वो डर जाती. फिर कुछ देर रुकने के बाद उसका खून आना बंद हो गया.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और धक्के पर धक्का लगा रहा था और सुमन की सिर्फ़ आवाजें उस कमरे में गूंज रही थी आआअसस्स प्लीज, मेरी चूत से अपना लंड निकालो. अब तक वो एक बार और झड़ चुकी थी.
अब मेरा लंड आसानी से उसकी चूत में आ-जा रहा था और अब में भी झड़ने वाला था तो मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुँह पर अपना पानी गिरा दिया, जिसे सुमन बड़े ही चाव से चाटकर पी गयी थी. फिर मैंने उससे पूछा कि कैसा लगा? तो वो कहने लगी कि कुछ खट्टा-खट्टा लग रहा है. तो तब मैंने कहा कि यदि इसे तुम्हारी चूत के अंदर गिरा देता, तो तुम्हें मज़ा नहीं आता ना.
तब वो कहने लगी कि तुमने अच्छा किया, जो अपना पानी बाहर गिरा दिया, वरना में प्रेग्नेंट हो जाती तो. तो तब में ज़ोर से हंस पड़ा और बोला कि में तुम्हें प्रेंग्नेट नहीं करूँगा और जब भी तुम्हें जी करे तुम मुझे बुला लेना. अब उसके चेहरे पर एक अजीब सी ख़ुशी झलक रही थी और फिर हम दोनों बाथरूम में गये और एक दूसरे को साफ किया. तब उसने कहा कि में तुम्हें तो सेक्स के बारे में बहुत पता है. फिर हमने अपने-अपने कपड़े ठीक किए और बाहर आ गये. में तब से लेकर अब तक सुमन को 17 बार चोद चुका हूँ और उसके खूब मजे लेता हूँ.
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स्टूडेंट की जवानी का मजा लूटा


हैल्लो दोस्तों, यह स्टोरी आज से 1 साल पहले की है, जब में जॉब की तलाश में था, लेकिन मुझको जॉब नहीं मिल रही थी तो मैंने सोचा कि कुछ ना कुछ किया जाना चाहिए तो मैंने कोचिंग करने का सोचा और मुझको एक घर में एक गर्ल की कोचिंग मिल गई थी.
मेरी स्टूडेंट जिसको में कोचिंग पढ़ाता था, उसका नाम किरण था और उसकी उम्र 18 साल थी, वो बहुत ही मस्त थी, वो मिल्की, फेयर कलर, ब्राउन बाल, ब्लू आँखें, पिंक लिप्स और उसका फिगर उस वक्त यही कोई 30-24-28 था. वो काफ़ी समझदार लड़की थी, उसका पढ़ाई के अलवा किसी चीज में इंटरेस्ट था तो वो कंप्यूटर और इंटरनेट था, लेकिन वो इंटरनेट को सिर्फ अपनी पढ़ाई के लिए यूज़ करती थी. चलो अब में अपनी स्टोरी की तरफ आता हूँ. में रोज सुबह उसको 7 से 10 बजे पर पढ़ाने जाता था. यह बात दिसम्बर की है.
फिर जब में उसके घर पहुँचा, तो वो घर पर अकेली थी, उसके मम्मी पापा और उसका भाई एक प्रोग्राम में गये हुए थे. फिर उसने आकर दरवाजा खोला और बोली कि सर अंदर आ जाओ और फिर वो खुद अपना बैग लेने दूसरे रूम में चली गई और फिर जब वो वापस आई तो बोली कि सर मेरा पी.सी काफ़ी दिनों से हैंग हो रहा है, प्लीज जरा मेरा पी.सी ठीक कर दें, मुझको काफ़ी प्रोब्लम होती है, आज घर में भी कोई नहीं है.
में बोला कि किरण कहाँ है तुम्हारा पी.सी? चलो देख लेता हूँ. तो फिर वो मुझको लेकर अपनी स्टडी वाले रूम में ले गई और पी.सी के सामने वाली कुर्सी पर बैठकर पीसी ऑन कर दिया. फिर उसने मेरे लिए एक दूसरी कुर्सी अपनी बराबर में खींच ली और मुझको बैठने को बोला, तो में बैठ गया. उसने उस दिन लाइट ब्लू कलर का सलवार कमीज पहना हुआ था, जो कि काफ़ी सिल्की था और इस वजह से उसका दुप्पटा बार-बार नीचे खिसक रहा था और मुझको उसके बूब्स देखने का मौका मिल रहा था.
फिर जब कई बार उसका दुप्पटा नीचे खिसका तो तब में बोला कि किरण तुम ऐसा करो अपने दुप्पटे को उतारकर रख दो, क्योंकि तुम बार-बार सही करती हो और यह बार-बार गिर जाता है. फिर मैंने बोला कि किरण तुम ऐसा करो अपना दुप्पटा उतारकर रख दो, वैसे भी घर में में और तुम ही तो है. तो उसने कुछ शरमाते हुए अपना दुप्पटा उतारकर टेबल की साईड पर रख दिया और पी.सी का पासवर्ड डालकर पी.सी ऑन कर दिया.
अब में दूसरी वाली कुर्सी पर बैठकर पी.सी देख रहा था. फिर तभी अचानक से मेरी नजर किरण के सीने पर गई तो में देखता ही रह गया. उसके बूब्स बहुत ही टाईट और तने थे और उसकी कमीज काफ़ी टाईट होने की वजह से और भी सेक्सी लग रही थी.
अब मेरी नजर उसके बूब्स पर ही रुक गई थी. फिर तभी अचानक से किरण ने मुझसे मुखातिब होकर बोलना चाहा तो उसने देखा कि में उसके बूब्स की तरफ देख रहा हूँ, तो उसने अचानक से अपना दुप्पटा उठाया और अपने सीने पर रख लिया और अजीब तरह से मेरी तरफ देखकर बोली कि सर प्लीज पी.सी को देखो ना क्या परेशानी है इसके साथ? यह बार-बार हैंग क्यों होता है?
मैंने एकदम से पी.सी पर अपनी नजरे कर ली और माउस हाथ में लेकर चैक करने लगा. अब माउस चलाते हुए मेरी कोहनी उसके बूब्स के साईड पर लग रही थी, जिससे उसके बूब्स साईड से मेरी कोहनी से दब रहे थे और अब में जानबूझकर अपनी कोहनी को उसके बूब्स की साईड पर दबाता जा रहा था. अब ऐसा करने से वो कुछ-कुछ समझ गई थी कि में यह सब जानबूझकर रहा हूँ. फिर वो अपनी कुर्सी को थोड़ी आगे करके बैठ गई.
अब में एक बार फिर से माउस से पी.सी को चैक करने लगा था और अब में आहिस्ता से अपनी कोहनी को थोड़ा करके फिर से उसको टच करने लगा था. फिर वो मुझको पी.सी चैक करती देखती रही और फिर मैंने अपनी कोहनी को उसके बूब्स पर रगड़ना शुरू कर दिया. तो एक बार फिर से उसका दुप्पटा बार-बार नीचे गिरने लगा. तो मैंने बोला कि किरण अपना दुप्पटा उतार दो ना.
तब वो बोली कि सर आप फिर से मुझको देखने लगेंगे, जो मुझको अच्छा नहीं लगता है. तो तब मैंने बोला कि किरण देख ही तो रहा था, तुम वैसे भी आज इस ड्रेस में बहुत अच्छी लग रही हो. तो वो थोड़ी सी शर्मा गई. फिर में समझ गया कि इसको भी मेरा यह सब करना बुरा नहीं लग रहा है, फीमेल है ना थोड़ी हसरतें तो होगी ही. फिर तब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसका दुप्पटा अपने एक हाथ से खुद ही उतारकर साईड में रख दिया, तो वो कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने एक बार फिर से पी.सी को देखना शुरू किया और अपनी कोहनी को उसके बूब्स पर टच करना शुरू कर दिया. अब वो थोड़ी अजीब सा महसूस करने लगी थी. तो तब मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी और फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघो पर रख दिया और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी जांघो को अपनी उँगलियों से रब करना शुरू कर दिया था. तो तब वो बोली कि सर प्लीज अपना हाथ यहाँ से हटा लो. तो मैंने पूछा कि क्यों किरण? क्या हुआ?
वो बोली कि पता नहीं आपके हाथ रखने से अजीब सी फिलिंग हो रही है. तो मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो वो शर्मा गई. तो मेरी थोड़ी और हिम्मत बढ़ी और फिर मैंने उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया और फिर मैंने अपने हाथ को उसके बूब्स के क़रीब करके प्रेस किया.
वो कुर्सी से उठकर बाहर जाने लगी, तो मैंने उसको पीछे से जाकर पकड़ लिया. अब वो बहुत विरोध कर रही थी और बोली कि सर प्लीज छोड़ दो मुझको. लेकिन मैंने उसको पकड़कर उसकी पीठ के पीछे की साईड पर किस की. तो तब वो बोली कि सर प्लीज यह सब सही नहीं है. तो तब में बोला कि किरण प्लीज तुम बहुत अच्छी लग रही हो, प्लीज घर पर कोई भी नहीं है.
फिर तब वो बोली कि सर प्लीज मुझे यह सब अच्छा नहीं लगता है. फिर मैंने पूछा कि क्यों पहले भी कभी किसी ने तुम्हारे साथ ऐसा करने की कोशिश की है? तो तब वो बोली कि नहीं, लेकिन में ऐसी लड़की नहीं हूँ, प्लीज आप ऐसा ना करे और अब आप जाएँ. फिर मैंने उसको दोनों बाजुओं से पकड़कर उसकी गर्दन पर किसिंग करनी शुरू कर दी. वो अपने आपको मुझसे छुड़ाने की कोशिश करती रही, लेकिन मैंने किसिंग जारी रखी.
अब उसने छुड़ाने की काफ़ी कोशिश की थी, लेकिन मैंने उसको ज़ोर से पकड़े हुए था और उसकी गर्दन पर किसिंग करता जा रहा था और फिर मैंने पीछे से ही उसके दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों में लेकर दबाना और गर्दन पर किसिंग करना शुरू कर दिया था. अब वो अपने आपको छुड़ाने की कोशिश कर रही थी और रोने लगी प्लीज सर छोड़ दो मुझको, ऐसा मत करो मेरे साथ, यह सब मत करो, में ऐसी लड़की नहीं हूँ, प्लीज छोड़ दो मुझको, लेकिन अब में तो अपने होश खो बैठा था और उसकी गर्दन को चूस रहा था और उसके बूब्स को दबा रहा था.
फिर मैंने उसकी कमीज और ब्रा के अंदर अपना एक हाथ डालकर उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया और वो चीखती रही प्लीज सर छोड़ दो मुझको, ऐसा मत करो, प्लीज. अब मैंने उसको उसके बूब्स से कसकर पकड़े हुए था.
में अपना एक हाथ उसकी सलवार में ले गया और उसकी मासूम सी चूत को रगड़ने लगा था. फिर थोड़ी देर तक उसकी चूत को रब करने से वो भी मस्त होने लगी और अब उसकी छुड़ाने की कोशिश कम हो गई थी, बल्कि बिल्कुल ख़त्म सी हो गई थी, लेकिन वो रो रही थी.
मैंने उसकी चूत के अंदर अपनी एक उंगली डालनी की कोशिश की. तो वो चीख पड़ी और बोली कि प्लीज सर ऐसा मत करो. फिर मेरी इस कोशिश में वो डिसचार्ज हो गई, तो मुझको उसकी चूत गीली महसूस हुई, लेकिन मैंने उसको रब करना जारी रखा था.
अब वो आहिस्ता-आहिस्ता ढीली पड़ गई थी और मस्त हो गई थी. फिर मैंने उसकी सलवार को नीचे करनी की कोशिश की, तो उसकी सलवार में इलास्टिक होने की वजह से मुझको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और उसकी सलवार नीचे हो गई थी.
मैंने उसको सोफे पर लेटा दिया और अपनी जीभ उसकी चूत पर रखकर उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया. अब वो मस्त होती जा रही थी और मौन करने लगी थी अह्ह्ह प्लीज सर ऐसा मत करो, आपको आपकी माँ की कसम है, छोड़ दो मुझको, आआ, सुउुउउ, हाईईई, प्लीज, नहीं सर छोड़ दो ना, अम्म, आआ, ओह. फिर मैंने उसकी चूत के छेद को थोड़ा सा खोला और अपनी जीभ उसकी चूत के छेद में डाल दी.
मेरे ऐसा करने से वो और मस्त हो गई और अब उसने आवाजें निकालनी शुरू कर दी थी आहह, बसस्स ना, आह, एम्म्म छोड़ दो, छोड़ दो, प्लीज ना और फिर वो एक बार फिर से मेरे मुँह में ही झड़ गई और में उसकी चूत चाटता रहा और वो आआआ, प्लीज मत करो ना, एमम, आहह, एयाया, बससस्स ना, बसस्सस्स करो, प्लीज सर बोले जा रही थी.
वो सच में बहुत मासूम लड़की थी, वो बहुत जवान थी और फिर में उसकी चूत को चाटता रहा. तो तभी इतमें में उसके घर की डोर बेल बजी, तो मैंने जल्दी से अपनी शर्ट सही की और फिर में वहाँ से भाग आया और फिर उसके बाद में कभी उसके घर नहीं गया.
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कोचिंग सेंटर में काजल को चोद डाला


हैल्लो दोस्तों, नाम राज है और मेरी उम्र 18 साल और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मुझे बचपन से ही चुदाई करने का बहुत शौक है और में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियों को पढ़कर भी अपने मन को बहलाता हूँ. ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आता और आज में आप सभी को मेरा भी एक सच्चा सेक्स अनुभव और मेरी उस चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें मैंने एक लड़की को मेरे कोचिंग सेंटर पर चोदा. में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी पढ़ने वालों को मेरा यह पहला सेक्स अनुभव जरुर पसंद आएगा. दोस्तों अब में आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए पहले उस लड़की के बारे में थोड़ा बहुत बताकर अपनी कहानी को शुरू करता हूँ.
मैंने जिस लड़की को चोदा उसका नाम काजल था और वो दिखने में बड़ी ही मस्त हॉट सेक्सी थी. उसका वो गोरा कामुक जिस्म मुझे पहली बार में ही उसका दीवाना बना चुका था, इसलिए में उसकी तरफ बड़ा आकर्षित होकर उसकी चुदाई के मेरे साथ सपने देखने लगा था, क्योंकि अगर कोई भी उस लड़की को एक बार देख ले तो ना जाने वो कितनी बार उसके बारे में सोचकर उसके नाम की मुठ मारे. दोस्तों यह बात आज से करीब तीन महीने पहले की है जब में अपने घर से थोड़ी ही दूर एक सेंटर में इंजिनियरिंग की ट्यूशन के लिए जाता था और वहीं पर वो लड़की काजल भी नौकरी किया करती थी. जब में पहली बार वहां पर अपना रेजिस्ट्रेशन करवाने गया था, तभी से में उसको पहली बार देखकर ही पागल हो गया था.
दोस्तों में आप सभी को उसके फिगर के बारे में तो बताना ही भूल गया. वो थी बड़ी ही हॉट सेक्सी थी. उसके बूब्स बड़े ही मस्त गोल गोरे उभरे हुए थे, इसलिए उसके बूब्स को देखकर ही बस मज़ा आ जाए और हर बार उसको देखकर मेरा मन बस करता था कि में अभी उसके पास जाकर उसके बूब्स को पकड़ लूँ और उनको ज़ोर ज़ोर से दबाकर उनका रस चूस लूँ और उसकी कमर तो एकदम मिस यूनिवर्स की तरह पतली थी और में उसके कामुक बदन के बारे में क्या क्या बताऊँ?
में किसी भी शब्दों में बता नहीं सकता कि वो क्या मस्त मज़ेदार चीज़ थी और अब में अपनी आज की कहानी की तरफ आगे बढ़ता हूँ. दोस्तों उस दिन मेरी क्लास चार बजे की थी और में उस दिन अपने घर पर बैठा हुआ बोर हो रहा था, क्योंकि अभी सिर्फ़ दोपहर के ढाई बजे थे. तभी मैंने सोचा कि क्यों ना अभी से ही सेंटर चला जाए और इस बहाने से काजल को देखकर मेरा टाइम भी पास हो जाएगा और उसको देखकर मेरी आखें भी थोड़ी गरम हो जाएँगी.
में ख़ुशी ख़ुशी अच्छी तरह से तैयार होकर करीब तीन बजे अपने सेंटर पहुंच गया और मेरी क्या किस्मत थी कि उस समय वहां पर मैंने जाकर देखा कि काजल और मुझे छोड़कर और कोई भी सेंटर पर नहीं था. फिर मैंने काजल से पूछा कि सर कहाँ है? तो वो मुझसे बोली कि सर तो इस समय अपने घर पर खाना खाने गए हुए है और वो चार बजे तक ही वापस आएँगे. अब मैंने कहा कि तो ठीक है और फिर में इतना कहकर वापस अपने घर पर जाने लगा था, लेकिन तभी उसने मुझे पीछे से आवाज़ दी और वो मुझसे बोली कि आप यहीं पर रुक जाओ, में भी अकेली बैठी हुई बोर हो रही हूँ आपके रहने से मेरा भी मन लगा रहेगा.
मेरे मन में तो उसके मुहं से यह बात सुनकर ख़ुशी के लड्डू फूटने लगे थे और मेरे लंड ने भी अब अपनी तरफ से हरकत करना शुरू कर दिया था और उसके बाद में ख़ुशी ख़ुशी उसके पास बैठ गया. फिर थोड़ी देर तक हम दोनों ने बड़े गप्पे लगाए और अब मेरे लंड की तो हालत भी पहले से ज्यादा खराब हो रही थी. फिर थोड़ी ही देर के बाद वो अब बाहर आने को उतावला हो रहा था और इस वजह से मुझे थोड़ी सी शरम आ रही थी और मैंने अब क्लास के अंदर ही जाना ठीक समझा. तो मैंने काजल को कहा कि में अंदर बैठकर पढ़ रहा हूँ.
वो बोली कि हाँ ठीक है और में जैसे ही अंदर क्लास में घुसा तो मैंने अंदर से दरवाज़ा बंद किया और उसके बाद अपनी पेंट को खोला और फिर में लग गया अपने लंड को अपने एक हाथ में लेकर उसको ज़ोर ज़ोर से हिलाने, जिसकी वजह से वो शांत हो सके और मैंने यह भी नहीं सोचा कि में अपने लंड से निकले वीर्य को कहाँ निकालूँगा? में जोश में आकर काजल के बारे में सोचता हुआ अपने उस काम में लगा रहा. फिर मैंने कुछ देर बाद झड़ जाने के बाद अपना काम खत्म करके अपनी पेंट को बंद कर लिया और झड़ने की वजह से मेरा लंड छोटे आकार का होकर चुपचाप बैठ गया.
फिर जैसे ही में पीछे मुड़ा मेरी तो पीछे का वो नजारा देखते ही फट गयी, क्योंकि उस समय मेरे पीछे काजल खड़ी हुई थी और वो एकदम चकित होकर अपनी आखें फाड़ फाड़कर मेरी तरफ देख रही थी और अब तो मेरा वो सब देखकर बड़ा बुरा हाल हो रहा था और उस समय मेरी काजल से आँख मिलने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी, लेकिन फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत की और काजल के पास जाकर मैंने उससे माफ़ करने के लिए बोला. पहले तो वो कुछ देर तक एक भी शब्द नहीं बोली.
फिर मैंने दोबारा उससे माफ़ करने के लिए बोला तो वो अब मेरी तरफ देखने लगी और वो मुझसे पूछने लगी कि क्या यह सब मेरी वजह से किया जा रहा था? दोस्तों पहले तो मैंने उसके सामने भोला बनने की बहुत कोशिश की और अब मैंने उससे पूछा कि क्या सब कुछ के बारे में तुम मुझसे पूछ रही हो? अब वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोली कि तुम्हे अब मेरे सामने ज्यादा भोला बनने की ज़रूरत नहीं है, जब से तुम यह सब कर रहे थे, में तभी से तुम्हारे पीछे खड़ी हुई थी और में तुम्हे बड़े ध्यान से देख और सुन रही थी.
दोस्तों अब तक उसके मुहं से वो सभी बातें सुनकर मेरे पसीने छूटने लगे थे और इसलिए मैंने उससे कहा कि प्लीज़ प्लीज़ तुम यह बात किसी से मत कहना, में आज के बाद ऐसा कभी नहीं करूँगा, लेकिन दोस्तों जैसा कि मैंने पहले भी कहा था कि उसके फिगर इतने मस्त सेक्सी है कि उसको देखकर ही किसी का भी लंड तुरंत तनकर खड़ा हो जाए और मेरे साथ भी उस समय ठीक वैसा ही हो रहा था और मेरा लंड एक बार फिर से तन गया था.
तभी उसकी नज़र मेरी पेंट पर पड़ी और उसने मेरा खड़ा हुआ लंड देख लिया, लेकिन अब ना जाने उसको ऐसा क्या हुआ वो बड़ी ही शरारती नज़रों से मुझे देखने लगी थी और वो मेरी तरफ अपनी स्माइल देते हुए मुझसे बोली कि तुम बड़े हही बेशरम हो. अब मुझे उसकी बातें सुनकर थोड़ा थोड़ा सा साहस आ रहा था, इसलिए मैंने उससे पूछा कि क्या मतलब? तो वो मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए बोली कि लगता है इसको अब भूख लगी है? तो मैंने उससे कहा क्या बुझवाएगी इसकी भूख? तो वो बड़े ही सेक्सी अंदाज से बोली कि हाँ क्यों नहीं?
दोस्तों उसके मुहं से वो शब्द सुनकर मेरी तो जैसे किस्मत ही खुल गयी थी, क्योंकि दोस्तों वो दिन मेरी जिन्दगी का सबसे अच्छा दिन बनने वाला था और उस मौके का फायदा उठाते हुए तुरंत मैंने उसका एक हाथ अपने हाथों में पकड़ लिया और फिर मैंने उसी समय उसके उस नरम मुलायम हाथ को अपने लंड के ऊपर रख दिया. वाह वो क्या मस्त मजेदार पल था, मुझे तो लग रहा था कि जैसे में कोई सपना देख रहा हूँ.
मैंने उसको अपने पास खींच लिया और उसको अपनी बाहों में भरकर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए. में उसको कुछ देर चूमता और उसके होंठो का रस चूसता रहा, लेकिन तभी वो कुछ देर बाद पीछे हट गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि यहाँ नहीं किसी के आने का यहाँ पर मुझे कुछ ज्यादा डर है. दोस्तों में ऐसा मस्त मजेदार मौका अपने हाथ से गंवाना नहीं चाहता था, तो मैंने उससे कहा कि चलो हम कहीं और चलते है. अब वो मुझसे कहने लगी कि हाँ ठीक है, लेकिन फिर उसने कहा कि अगर बाहर किसी ने हमें देख लिया तो?
फिर थोड़ी देर बाद वो खुद ही बोल पड़ी कि चलो हम दोनों स्टोर रूम में चलते है, मैंने कहा कि हाँ ठीक है और फिर उसने तुरंत ही स्टोर का दरवाजा खोला और फिर उसके अंदर जाते ही हमने उसको अंदर से बंद कर लिया और जैसे ही उसने दरवाजा बंद किया में उसके पीछे गया और एकदम से मैंने उसको पकड़ा और में उसकी गर्दन को चूमने लगा और अपने दोनों हाथ मैंने उसके बूब्स पर रख दिए. ऐसा करने से मुझे वाह क्या मस्त मज़ा आ रहा था, क्योंकि उसके वाह क्या मस्त मुलायम बूब्स थे जिनको छूकर मुझे मज़ा ही आ गया.
अब वो पीछे मुड़ गई और हम दोनों ने एक लंबा फ्रेंच किस किया, जिसमें उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और इस दौरान मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स पर थे और उसका एक हाथ मेरे लंड पर था, वो मेरे लंड को सहला रही थी और में उसके बूब्स को दबाकर ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था. फिर जब हम दोनों की किस टूटी तो मैंने बिना देर किए अब उसके टॉप को उतार दिया, वाह क्या मस्त गोल आकार के गोरे बूब्स अब मेरे सामने थे, जिसको देखकर में अपने पूरे होश खो बैठा था और फिर मैंने उसके बूब्स को ऊपर से ही चूसना शुरू कर दिया और तभी मैंने अपना एक हाथ उसकी जींस में डालना शुरू किया जिसकी वजह से वो बहुत ही ज़्यादा गरम हो रही थी.
मैंने महसूस किया कि उसकी जींस बड़ी ही टाइट फिटिंग की थी इस वजह से मुझे अपने हाथ को अंदर डालने में थोड़ी सी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी, लेकिन में आख़िर में अपनी मंज़िल तक पहुंच ही गया और तब मैंने छूकर महसूस किया कि उसकी चूत एकदम साफ बिना बालों की चिकनी थी और मैंने पाया कि वो अब तक बुरी तरह से गीली हो चुकी थी. अब तक वो जोश में आकर अपनी ब्रा को भी उतार चुकी थी और में बुरी तरह से उसके बूब्स के उठे हुए निप्पल को चूस रहा था.
अचानक से उसने मुझे ज़ोर से धक्का दे दिया और में नीचे गिर गया और इससे पहले कि में कुछ करता वो मेरे पास आई और उसने मेरी पेंट को खोल दिया. उसके बाद उसने मेरी अंडरवियर को उतार दिया और अब मुझे उसके यह सब करने की वजह से लगने लगा था कि वो अब मुझे वर्ल्ड का सबसे अच्छा मस्त मजेदार ब्लो जॉब देने वाली थी. में इतना जोश में था कि में उन सभी के बीच बस दो मिनट में ही झड़ गया, लेकिन मुझे अब काजल की दाद देनी पड़ेगी कि उसने मेरे लंड से निकले वीर्य की एक भी बूँद को बेकार नहीं किया और वो मेरा सारा वीर्य पी गयी. उसने मेरे लंड को चाट चाटकर साफ कर दिया और वो मेरे लंड को कुछ देर तक अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसती हुई उसके मज़े लेती रही.
मैंने उसकी जींस और पेंटी को तुरंत ही उतार दिया और उसके बाद मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए और हम दोनों उसके बाद एक दूसरे के सामने पूरे नंगे हो चुके थे और वो बिना कपड़ो के काम देवी की तरह सुंदर नजर आ रही थी. फिर मैंने उसको नीचे लेटा दिया और अब हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये. दोस्तों उसकी वाह क्या मस्त चूत थी, मुझे तो उसको चूसकर मज़ा ही आ गया और वो टाइट भी बहुत थी.
बहुत देर तक उसकी चूत को चूसने चाटने के बाद अब उससे रहा नहीं गया और वो लंड को अपने मुहं से बाहर निकालकर मुझसे बोलने लगी कि प्लीज़ आह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अब बहुत हो गया. अब तुम अपना लंड मेरे अंदर डाल दो और मुझे तुम अब जमकर चोद दो.
फिर मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रख दिया और एक ज़ोर का झटका मार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी चूत में थोड़ा सा अंदर चला गया और उसके मुहं से आईईईइ माँ में मर गई उफफ्फ्फ्फ़ प्लीज थोड़ा धीरे करो मुझे बहुत तेज अजीब सा दर्द है, जैसे किसी ने मेरे अंदर गरम सा कुछ डाल दिया है की आवाज बाहर निकल गई.
दोस्तों उसके साथ ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट और मेरा लंड मोटा और वो बिना चुदी थी. मेरे साथ उसकी वो पहली चुदाई और मेरा सबसे मस्त मजेदार सेक्स अनुभव था. मेरी तो आज किस्मत ही खुल चुकी थी, क्योंकि में पहली बार में ही किसी कुंवारी लड़की की चुदाई करके उसकी चूत की सील को तोड़ने वाला था और यह बात सोच सोचकर में बड़ा खुश हो चुका था.
फिर थोड़ी मेहनत करके मैंने दबाव बढ़ाते हुए धीरे धीरे करके अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया था और में कुछ देर उसका वो दर्द देखकर रुक गया, लेकिन कुछ देर बाद मैंने दोबारा से धक्के देना शुरू किया जिसकी वजह से उसको भी बड़े मस्त मज़े आने लगे थे और जोश में आकर अब वो भी अपनी गांड को ऊपर उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी और करीब बीस मिनट के धक्के देने के बाद हम दोनों ही एक के बाद एक झड़ गये. जिसकी वजह से हम दोनों का वो लावा उसकी चूत से निकलकर बाहर आकर बहने लगा था और उसके साथ साथ हम दोनों का जोश भी अब धीरे धीरे ठंडा होता चला गया.
दोस्तों वो मेरा अब तक का सबसे मस्त सेक्स अनुभव था. में उसकी चुदाई करके झड़ते समय किसी दूसरी दुनिया में चला गया और फिर इसके बाद हम दोनों ने एक बार फिर से दोबारा सेक्स के मज़े लिए और जब मैंने टाइम देखा तो उस समय सात बज चुके थे. अब हम दोनों की हालत यह बात सोचकर बड़ी खराब थी कि कहीं हम बाहर पकड़े ना जाए. फिर मैंने चुपके से बाहर निकलकर देखा तो बाहर उस समय कोई नहीं था और उस समय तक सबकी छुट्टी हो चुकी थी मेरे सर भी वहां पर नहीं थे. फिर हम दोनों सही मौका देखकर वहां से बाहर निकल गए और अपने अपने घर पर भाग गये.
दोस्तों उस पहली चुदाई के बाद मेरी हिम्मत अब पहले से बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी. मुझे अब किसी भी बात का कोई डर नहीं था और फिर हम दोनों ने मौके का बहुत बार फायदा उठाकर सेक्स किया, लेकिन वो सब काम अब हम दोनों ने दूसरी जगह पर किया.
मैंने बहुत बार उसको अपने घर पर बुलाकर अपने लंड को शांत किया और एक बार उसके घर भी जाकर में उसकी चुदाई के मस्त मज़े ले चुका हूँ. वो हर बार मेरी चुदाई से बहुत खुश थी और मैंने उसको हर बार जमकर चुदाई का असली मज़ा और पूरा सुख दिया. उसने भी हर बार मुझे चुदाई के समय अपना पूरा पूरा साथ दिया, जिसकी वजह से हम दोनों बहुत खुश थे.
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