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रूबी की चूत का फालूदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रीत है और मेरी उम्र 21 साल है. दोस्तों मैंने अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है, जिनको पढ़कर मुझे बहुत अच्छा. अब में कहानी को शुरू करने से पहले अपना परिचय भी करवा देता हूँ, दोस्तों में एक व्यापारी हूँ और में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ और यह घटना मेरे साथ एक सेल्स करने वाली भाभी जो की एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है जिसका नाम रूबी है उसके साथ कुछ समय पहले घटित हुई थी.
यह मेरा रूबी भाभी के साथ पहला सेक्स अनुभव था जिसके हम दोनों ने बहुत मज़े लिए. दोस्तों रूबी भाभी दिखने में बहुत सुंदर और उनके फिगर का आकार 36-32-36 था जो मुझे उनकी चुदाई करने के बाद उनसे पता चला. में उनको देखता ही रह गया और मेरी नजर उनके गदराए बदन से हटने को तैयार ही नहीं थी. में पहली बार उनको देखकर उनका दीवाना हो चुका था, क्योंकि वो बहुत हॉट सेक्सी थी और मैंने उनसे उनका फोन नंबर ले लिया और अपना नंबर उनको दे दिया.
फिर उसके बाद धीरे धीरे हमारी फोन पर बातें शुरू हो गई और मैंने उससे बहुत दिनों तक लगातार बात की. वो भी अब मुझसे खुलकर बातें करने लगी थी और हमारे बीच हंसी मजाक ऐसे ही चलता रहा और उसके बाद एक दिन मैंने उससे बोला कि मुझे आपसे मिलना है तो कुछ देर बाद सोचकर मुझे उसकी तरफ से हाँ का जवाब मिला और फिर में उनसे मिलने चला गया फिर हमारी बातचीत हुई और धीरे धीरे प्यार हो गया.
दोस्तों वो मुझसे उम्र में करीब 4 साल बड़ी है और उसका एक बेटा भी है और सबसे जरूरी बात उसका पति एक नंबर का नशेड़ी है जिसने उसको शुरू से ही बहुत दुखी किया वो उससे बिल्कुल भी खुश नहीं थी, लेकिन वो अपनी मजबूरी की वजह से उसके साथ रह रही थी और रूबी ने उसके साथ पिछले तीन साल से सेक्स नहीं किया था, क्योंकि वो हर रात को देरी से आता और हमेशा नशे में होता था. उसके पति ने कभी भी उसको चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं किया था और वो अपने पति से बहुत परेशान थी.
दोस्तों यह सभी बातें मुझे उससे मिलने के बाद खुद उसके मुहं से पता चली और अब में उससे हर रोज़ मिलता और फिर हम दोनों धीरे धीरे एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते रहे. फिर हम रोज़ मौका देखकर हर कभी स्मूच करते और कुछ टाइम बाद में उसके बूब्स चूसता और उसकी चूत में ऊँगली भी करता.
एक दिन उसका जन्मदिन था और उस दिन उसने अपने ऑफिस से छुट्टी ली हुई थी और फिर हम दोनों बाहर घूमने निकल पड़े और जब वो गाड़ी में बैठने लगी तो में उसको घूर घूरकर देखने लगा क्योंकि उसने काले कलर का सूट पहना हुआ था जिसमें वो बहुत ही हॉट सेक्सी लग रही थी और बैठते ही मैंने उसको अपनी तरफ से जन्मदिन की बधाईयाँ दी और उसको स्मूच किया और बूब्स को भी दबाने लगा. फिर हम निकल पड़े और वहां पर हमने एक अच्छी सी होटल में एक रूम लिया और फिर हमने सबसे पहले केक काटा. उसके बाद हम दोनों बैठकर बातें करने लगे और एक बार फिर से स्मूच किया अब हमे रोकने वाला कोई नहीं था.
मैंने उसके बूब्स को उसके सूट के ऊपर से बहुत मज़े लेकर दबाए. फिर उसने मेरी पेंट के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और धीरे धीरे सहलाने लगी. मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ फिर मैंने उसके कपड़े उतारे और मैंने देखा कि वो काली कलर की ब्रा, पेंटी में थी और उसने मुझे हग किया हुआ था और उसके बूब्स ब्रा को फाड़कर बाहर आने को थे और अब मैंने तुरंत बूब्स को आज़ाद किया और सक किया इतने मुलायम और बड़े बूब्स थे कि मुझे मज़ा आ गया और उसने मेरा लंड बाहर निकला और उसको मुहं में ले लिया.
मेरा यह पहला टाइम था तो में तीन मिनट के बाद ही उसके मुहं में झड़ गया और मुझे इतना अच्छा लगा कि में बता नहीं सकता. फिर में जोश में आ गया और मैंने उसके निप्पल पर बीट किया और उसकी गर्दन पर सक किया और उसके पूरे शरीर को अपनी जीभ से चाटा तो वो मुझसे बोली कि प्लीज अब मुझे इतना मत तड़पाओ, मुझे अब आपका लंड चाहिए और में अब उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और वो अब अपने होंठो को खुद काट रही थी और वो मुझसे बार बार बोल रही थी कि प्रीत मुझे लंड चाहिए, प्लीज मुझे लंड दो और मेरी चूत का फालूदा बना दो आह्ह्ह प्रीत चोदो मुझे आह्ह्ह्ह बेबी और वो भी करीब दस मिनट के बाद झड़ गई थी और मैंने रूबी से कहा कि में अब तुम्हे चोदना चाहता हूँ.
फिर उसने मुझसे बोला कि हाँ प्लीज थोड़ा जल्दी करो मेरी जान और अब चोद दो तुम मेरी चूत और मुझे अपने लंड के मज़े दे दो उह्ह्ह्ह. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को खोल दिया अब उसकी चिकनी बिना बालों वाली चूत को देखकर में बहुत खुश था और मैंने लंड को चूत के ऊपर रखा और एक झटका मारा तो लंड फिसल गया, लेकिन अब रूबी ने मेरा लंड पड़का और अपनी चूत पर रखकर बोली कि अब मारो धक्का और मुझे अपनी रखेल बना लो चोदकर.
फिर मैंने धक्का मारा और लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया. दर्द की वजह से उसकी बहुत ज़ोर से चीख निकल गई और में वैसे ही रुक गया क्योंकि दोस्तों इतने समय से उसने सेक्स नहीं किया था और उसकी चूत आकार में छोटी थी इसलिए उसको इतना दर्द हुआ था और मुझे लंड के अंदर जाते ही ऐसा लगा कि जैसे उसकी चूत कोई गरम गुफा हो.
फिर मैंने जब वो थोड़ी शांत हो गई तो धीरे झटके मारने शुरू किए और रूबी आह्ह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ आईईईइ प्रीत हाँ थोड़ा और अंदर डाल दो हाँ और ज़ोर से धक्के देकर चोदो मुझे, वाह मज़ा आ गया बोल रही थी. फिर में भी उसके साथ साथ बहुत जोश में आकर धक्के मारने लगा था उस समय हम दोनों बहुत जोश में थे, लेकिन दोस्तों कुछ देर की चुदाई करने के बाद अब में झड़ने वाला था इसलिए अचानक से अब मेरी धक्के देने की स्पीड थोड़ी अब कम हो चुकी थी, लेकिन फिर भी में लगातार धक्के देता रहा. फिर मैंने उससे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि हाँ अब मुझे कुछ ऐसा ही महसूस हो रहा है और अब हम दोनों का काम खत्म होने वाला था.
फिर कुछ देर के धक्को के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए. उसका और मेरा माल उसकी चूत के अंदर मिक्स हो गया जिसकी वजह से उसकी चूत पूरी भर चुकी थी और फिर जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो हम दोनों का माल उसकी चूत से टपक रहा था, वो उसकी चूत से बाहर निकलकर अब उसकी जांघ से होता हुआ उसकी गांड तक पहुंच चुका था जिसकी वजह से उसकी चूत और गांड दोनों ही उस सफेद चिपचिपे पदार्थ से गीली हो चुकी थी.
दोस्तों इस तरह मैंने अपनी लाइफ की पहली चूत मारी और मुझे ऐसा करने में बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन में थोड़ा थक सा गया था. फिर हमने एक दूसरे को पूरे जोश में आकर अपनी बाहों में लेकर समूच किया और हम हग करके आधे घंटे के लिए सो गये. फिर मैंने कुछ देर बाद देखा कि अब मेरी छाती पर रूबी अपनी जीभ को घुमा रही है में तुरंत उठा और मैंने उसको स्मूच किया और अब उसे अपने ऊपर कर लिया. फिर मैंने उसके बूब्स चूसे निप्पल पर बीट करके उन्हें एकदम लाल कर दिए और अब तक मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया था. तो मैंने रूबी को अपने ऊपर बैठा दिया और लंड को चूत पर सेट किया.
फिर वो धीरे धीरे नीचे बैठती हुई लंड को अपनी चूत के अंदर लेने लगी थी, लेकिन दोस्तों इस बार मेरे लंड ने रूबी की कुछ ज्यादा ही चीखे निकलवा दी. उसको जैसे जैसे लंड अंदर जाता बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था, लेकिन उसके साथ साथ मज़ा भी बहुत आ रहा था. अब वो लंड को एक बार पूरा अंदर लेने के बाद कुछ देर रुककर धीरे धीरे लंड पर ऊपर नीचे होकर उसे अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी थी मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया और करीब बीस मिनट के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गए.
फिर कुछ देर लेटे रहने के बाद मैंने अब उसकी गांड पर अपना हाथ लगा दिया गांड को सहलाते हुए में उससे बोला कि मुझे अब मेरा लंड यहाँ पर डालना है. फिर उसने मुझसे कहा कि नहीं प्रीत उस जगह पर मुझे बहुत दर्द होता है, प्लीज यहाँ पर नहीं, चाहे तुम मेरे साथ कहीं और कुछ भी कर लो. फिर मैंने उससे कहा कि जब तुम मुझसे प्यार करती हो तो क्या तुम मेरे लिए इतना भी दर्द नहीं सह सकती प्लीज एक बार करने दो. तो उसने मुझसे बोला कि चलो ठीक है, लेकिन तुम बहुत आराम से करना वरना में मर जाउंगी और उसके हाँ कहते ही में बहुत खुश हो गया मैंने तुरंत अपना लंड रूबी के मुहं में दे दिया और वो उसे चूसने लगी. फिर जब लंड कुछ देर में खड़ा हो गया तो मैंने लंड को उसकी गांड पर रखकर एक ज़ोर से धक्का मारा, लेकिन उसकी गांड बहुत टाईट होने की वजह से वो अंदर नहीं गया और फिसने लगा.
फिर में दोबारा अंदर डालने की कोशिश करने लगा और फिर बहुत ज़ोर लगाने पर मेरा आधा लंड उसकी टाइट गांड को छीलता हुआ अंदर चला गया, लेकिन रूबी उस असहनी दर्द से रो पड़ी और चीखने चिल्लाने लगी और वो मुझसे बोली कि प्लीज इसको तुम बाहर निकालो उफफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह में मर गई प्रीत, प्लीज बाहर निकालो उईईईइ माँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
फिर मैंने उसकी बातों पर ध्यान ना देते हुए उसकी कमर को पकड़कर एक और जोरदार धक्का मारा जिसकी वजह से अब मेरा पूरा लंड अंदर चला गया था और वो बहुत ज़ोर ज़ोर से रो रही थी. में अब थोड़ा सा रुक गया. तो मैंने करीब दस मिनट के बाद धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब उसको मज़ा आ रहा था और वो मुझसे बोल रही थी कि प्रीत में अब तुम्हारी हूँ उफ्फ्फ्फ़ हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से हाँ थोड़ा और अंदर डालो उफ्फ्फ हाँ बहुत मज़ा आ रहा है चोदो मुझे बेबी आह्ह्ह.
फिर कुछ देर धक्के देने के बाद अब में झड़ गया और मैंने अपना गरम गरम लावा उसकी गांड में भर दिया और फिर में उसके ऊपर गिर गया और हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. तब तक शाम भी हो गई थी और फिर हम दोनों उठकर हम बाथरूम चले गये और फिर रूबी को बहुत दर्द हो रहा था फिर हम दोनों एक साथ में नहाए और एक दूसरे हो हग करके खड़े रहे और स्मूच किया हमने एक बार और चूत मारी और चुदाई के पूरे मज़े लिए. फिर हम दोनों कुछ देर बाद बाहर आकर तैयार होकर वापसी के लिए निकल पड़े.
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सरिता की जवानी लूटी विदिशा में

हैल्लो दोस्तों, में राज साउथ उड़ीसा का रहने वाला हूँ और में दिखने में बिल्कुल ठीक-ठाक हूँ. मेरी उम्र 36 साल है और मेरा गोरा बदन और मेरे लंड की लम्बाई 5 इंच है. दोस्तों यह मेरी  पहली कहानी है. वैसे में भी पिछले कुछ सालों से आप लोगों की तरह इसकी बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े ले चुका हूँ और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है और आज में अपनी भी एक सच्ची कहानी लिखकर आप लोगों तक पहुंचा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा और बहुत अच्छा लगेगा.
में इस घटना में एक लड़की से फोन पर बात करते करते बहुत आगे तक पहुंच गया और हम दोनों की बातें धीरे धीरे प्यार और उसके बाद सेक्स में बदल गई, में वो सब कुछ अब आप लोगों को पूरे विस्तार से बताने वाला और अब में सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों में चेटिंग और फोन पर बात करने में शुरू से ही बहुत रूचि रखता हूँ और ऐसे ही एक दिन में एक अंजान नंबर पर व्हाटसप पर चेटिंग कर रहा था, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि वो लड़की भी यहीं की है? फिर क्या होना था? हम दोनों ने हमारी वो दोस्ती भरी चेटिंग करीब चार दिनों तक लगातार सुबह शाम जब भी हमे मौका मिलता तो हम दोनों अपने अपने काम में लगे रहते, लेकिन फिर हमारी उस चेटिंग में अचानक से एक नया मोड़ आ गया और हम दोनों अब तक एक दूसरे से कभी मिले नहीं थे, लेकिन अब हमारे बीच सेक्स चेटिंग चालू हो गई और ऐसे करते करते एक दिन हम दोनों ने एक दूसरे से मिलने का विचार किया.
दोस्तों में उस दिन बहुत खुश था, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वो लड़की इतनी जल्दी मुझसे मिलना चाहेगी और फिर उसके कहने पर हम दोनों ने रविवार के दिन मिलने का विचार बनाया. फिर मैंने बहुत खुश होते हुए अपनी कार बाहर निकाली और अब में उससे मिलने निकल पड़ा. हम दोनों को बोरिगुमा के बीच में एक हाईवे पर मिलना था और में उसकी बताई हुई जगह पर पहुंच गया. उसके बाद में रोड पर खड़ा होकर उसका इंतजार कर रहा था.
तभी कुछ देर इंतजार करने के बाद एक बस मेरे सामने आकर रुकी. उस बस से एक लाल रंग की सलवार और काले कलर के सूट में एक बहुत मस्त सेक्सी बला उतरी, जिसको देखकर में तो एकदम चकित हो गया, क्योंकि उसका इतना गठीला बदन, गोरा रंग, गोल चेहरा, बड़ी आखें, मानो वो कोई बंगाली फिल्म की सेक्सी हीरोइन हो, लेकिन वो तो एक उड़िया लड़की थी और सीधे बस से उतरकर वो मेरी कार की आगे वाली सीट पर जाकर बैठ गई. मेरी तो उससे आगे होकर बात करने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी और में तो बिल्कुल चकित होकर उसके बड़े आकार के बूब्स जो बाहर आने को बेकरार थे, उन्हें घूर घूरकर देख रहा था और फिर उसने मुझसे कहा कि बस मुझे घूरकर देखते ही रहोगे या अब इस कार को भी चलाओगे? फिर मैंने अपनी कार को आगे बड़ाई और उसके कहने पर हम कुछ दूरी चलने के बाद पास ही के एक गाँव में हम रुके.
फिर उसने कार से उतरकर थोड़ा सा चलने के बाद एक घर का ताला खोला और में भी उसके पीछे पीछे चलता गया और फिर उसने मुझसे कहा कि यह घर भी हमारा ही है, लेकिन अब यहाँ पर कोई नहीं रहता, सब लोग शहर में रहने चले गए है. अब में भी उसके पीछे पीछे उस घर के अंदर चला गया और मेरे अंदर जाते ही सरिता ने दरवाज़ा तुरंत अंदर से बंद कर दिया और जब वो मेरी तरफ मुड़ी तब तक मेरी पेंट में मेरा लंड तंबू बन चुका था, वो लगातार मुझे और मेरे तंबू को देख रही थी. फिर मैंने भी उस अच्छे मौके को नहीं छोड़ा और झट से उसे पकड़कर हग कर लिया और हग करते ही मैंने उसके होंठो को अपने होंठो के साथ क़ैद कर लिया. मेरा एक हाथ अब उसकी गोरी पतली कमर पर था और दूसरा हाथ उसकी छाती पर घूम रहा था और सरिता भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और अब हम दोनों एक दूसरे की जीभ से खेल रहे थे.
करीब 15 मिनट तक हम ऐसे ही एक दूसरे को किस करते रहे, लेकिन फिर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसको अपनी गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मैंने देखा कि उसके चेहरे पर ख़ुशी भरी मुस्कान लहरा रही थी. अब मैंने अपनी शर्ट उतारी और उससे लिपट गया. हम एक दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे और अब में धीरे धीरे उसका काला सूट ऊपर करके उसकी कमर और नाभि को चूम रहा था.
तभी मेरा एक हाथ उसकी चूत को कपड़ो के ऊपर से सहला रहा था. तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत गरम और थोड़ी उभरी हुई थी. मेरे सहलाने की वजह से सरिता भी जोश में आकर अब और भी गरम होकर धीरे धीरे मोन कर रही थी और वो मुझसे बोले जा रही थी हाँ और चूमो उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चाटो मुझे मेरी जान अब जल्दी से चोद दो मुझे अह्ह्ह्ह. दोस्तों सरिता भी अब मेरे लंड को पेंट के ऊपर से दबा सहला रही थी और फिर मैंने सरिता को उस सूट की क़ैद से आज़ाद किया, अब वो मेरे सामने सिर्फ़ काले कलर की ब्रा में थी, उसकी वो ब्रा 36 इंच की थी.
फिर मैंने अब ज्यादा देर नहीं की और तुरंत उसके बूब्स को भी उसकी ब्रा से आज़ाद कर दिया. उसके गोरे गोरे बूब्स और उसके उठे हुए निप्पल मुझे अब पूरी तरह से मदहोश कर गए और में उसके बूब्स को स्मूच करता रहा और उसके दोनों निप्पल को एक एक करके बारी बारी से चूस चूसकर हल्के से काटकर मैंने उन्हें लाल कर दिए थे.
अब सरिता से रहा नहीं गया और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज तुम अब मुझे जल्दी से जानवरों की तरह चोद दो, मेरी आग को बुझा दो, कर दो मुझे शांत प्लीज थोड़ा जल्दी करो. फिर मैंने उसके कहने पर अपनी जीन्स को उतार दिया और अंडरवियर को भी, जिसकी वजह से अब मेरा तना हुआ 5 इंच का लंड उसके सामने था, जिसको देखकर वो बहुत खुश हुई और उसने तुरंत उसे सीधे अपने मुहं में ले लिया और अब सरिता मेरे लंड को पागलों की तहर चूस रही थी, मानो वो सदियो से लंड लेने के लिए बेताब हो.
उसने करीब दस मिनट में चूस चूसकर मेरी हालत एकदम खराब कर दी. फिर मैंने उससे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ, लेकिन फिर भी उसने मेरे लंड को चूसना बंद नहीं किया और उसने मुझसे इशारे से कहा कि ठीक है. तभी मैंने अपना पूरा रस उसके मुहं में छोड़ दिया और सरिता ने भी बड़े प्यार से चाट चाटकर मेरा लंड साफ कर दिया. उसके बाद सरिता फिर से मुझे किस करती रही.
अब मैंने सरिता की सलवार और पेंटी दोनों को उतार फेंका. उसकी चूत अब तक पूरी गीली हो चुकी थी और मैंने देखा कि उसकी चूत हल्के से बालों से भरी हुई थी. मैंने ज्यादा समय बर्बाद नहीं करके में अब उसकी प्यासी चूत को चाटने लगा, मुझे उसकी चूत से एक मदहोश कर देने वाली खुशबू आ रही थी.
फिर में अपनी जीभ को उसकी चूत में पूरा अंदर तक डालने लगा, सरिता भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी. करीब दस मिनट के बाद अचानक सरिता मेरे सर को ज़ोर से जकड़कर अपनी चूत पर दबाने लगी तो में तुरंत समझ गया कि वो अब झड़ने वाली थी और तभी वो झड़ गई, जिसकी वजह से उसका सारा रस मेरे मुहं में फैल गया.
फिर हम दोनों कुछ देर बाद 69 पोज़िशन में आ गये और में अब उसकी चूत को चाट रहा था और वो मेरे लंड को चूस रही थी. फिर इस बीच मेरा लंड एक बार फिर से शिकार करने के लिए तैयार हो गया. अब में अपना लंड सरिता की चूत के ऊपर सहला रहा था और फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज धीरे से, मेरा ख्याल रखना और मैंने भी ठीक वैसा ही किया. मैंने पहले धीरे से लंड को सरिता की चूत में डाला, जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा ही उसकी चूत के अंदर गया था कि सरिता की आखों से आँसू टपक गए और वो उस दर्द से एकदम तड़पने लगी और बहुत ज़ोर से चीखने लगी.
फिर मैंने अपने लंड को बाहर करके उसमें थोड़ा सा वेसलिन लगा लिया और में फिर से शुरू हो गया. इस बार लंड सरिता की चूत में बहुत आराम से फिसलता हुआ अंदर चला गया, उसको हल्का सा दर्द जरुर हुआ था, लेकिन वो ज्यादा नहीं चिल्लाई. अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसको धक्के मारने शुरू किए, वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और मुझसे कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे आह्ह्ह्ह वाह मज़ा आ गया उफ्फ्फ्फ़ हाँ थोड़ा और अंदर तक डालो आईईईईई और अब सरिता भी अपनी चूतड़ को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी, जिसकी वजह से उसकी चूत में मेरा पूरा लंड बहुत अंदर तक जाकर बाहर हुए जा रहा था और सरिता के मुहं से सिसकियों की लगातार आवाज़े आ रही थी, सरिता की जैसे जैसे आवाज़े बड़ रही थी, में उतनी ही ज़ोर से उसकी चूत में धक्के मार रहा था.
सरिता वाह तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्हह्ह वाह मज़ा आ गया, में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, हाँ थोड़ा सा और अंदर घुसाओ आईईईई कहे जा रही थी.
दोस्तों उसकी चुदाई करते समय मैंने महसूस किया था कि उसकी चूत बहुत टाईट थी और लगता है कि उसने बहुत समय से अपनी चुदाई नहीं करवाई थी, इसलिए वो इतनी भूखी थी. करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद अब में झड़ने वाला था और फिर मैंने उससे कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ.
फिर सरिता मुझसे बोली कि तुम मेरी चूत के अंदर नहीं मेरे मुहं पर अपना वीर्य निकालो. फिर मैंने अपना लंड तुरंत उसकी चूत से बाहर निकालकर उसके मुहं में डाल दिया और अब में उसके मुहं को चोदने लगा और कुछ देर बाद में वहीं पर झड़ गया.

दोस्तों उस दिन हमने रुक रुककर चार बार चुदाई के मज़े लिए और फिर सरिता मुझसे कहने लगी कि आज आपकी वजह से आज मुझे गर्व महसूस हुआ कि में एक औरत हूँ और मैंने इतना मज़ा मुझे आज तक कभी नहीं मिला, तुमने मुझसे इस तरह से चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है और मेरी प्यासी चूत को आज बहुत दिनों के बाद शांति मिली है, जिसके लिए में कब से तरस रही थी, तुम्हारे साथ मुझे अपनी चुदाई करके बहुत मज़ा आ गया, तुमने मुझे बहुत मज़े दिए, तुम्हें चुदाई करने का पूरा अनुभव है, आज के बाद से तुम मुझे जब चाहो चोद सकते हो, क्योंकि में खुद भी तुमसे हर दिन चुदवाना चाहती हूँ. दोस्तों फिर उसके बाद हम दोनों वहां से निकल पड़े और मैंने उसके बताई हुई जगह पर उतार दिया और वो अपने घर पर और में अपने घर पर चला गया और घर पहुंचने के बाद भी मैंने उसके सेक्सी बदन को याद करके एक बार मुठ मारी और उसके बाद ना जाने कब में सो गया.
फिर अगले हफ्ते हम दोनों दोबारा उसी जगह पर मिले जहाँ पर हमारी पहली चुदाई और हमारा पहला मिलन हुआ था और फिर हमने एक ब्लू फिल्म देखकर उसमें जैसे जैसे चुदाई चल रही थी ठीक वैसे ही चुदाई करके सेक्स के पूरे पूरे मज़े लिए.
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मेरी भाभी और वो काले आदमी

हैल्लो दोस्तों, में सागर एक बार फिर से हाजिर हूँ और आप सभी चाहने वालों के सामने अपनी दूसरी कहानी के साथ है और में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी जरुर को पसंद आएगी. दोस्तों मेरे घर में हम पांच लोग ही है, में, मेरी मम्मी, पापा, बड़े भैया और भाभी. दोस्तों मेरे पापा एक सरकारी नौकर थे, लेकिन अब वो रिटायर्ड है और अपनी एक दुकान पर बैठकर अपना टाईम पास करते है. मेरी मम्मी घर में रहती और घर के छोटे मोटे कामों में मेरी भाभी की मदद करती है. भैया और भाभी दोनों ही अलग अलग सरकारी सेक्टर में है और में दिल्ली में रहकर फील्ड की नौकरी करता हूँ.
दोस्तों उस समय यहाँ पर बहुत गरमी हो रही थी और में एक सिगरेट की दुकान पर रुककर पेप्सी और सिगरेट पी रहा था. तभी कुछ देर बाद उसी दुकान पर एक आदमी बाईक लेकर आया, उसके साथ एक औरत भी पीछे बैठी हुई थी और जिसने अपने मुहं पर साड़ी का पल्लू लिया हुआ था. में उस समय बिल्कुल कोने में खड़ा हुआ देख रहा था.
तभी उस आदमी ने बिना अपना हेलमेट उतारे उस दुकान से एक कॉंडम का पैकेट ले लिया और वापस जाने लगा. उस औरत ने एक पर्स अपने कंधे पर लटकाया हुआ था, उसको देखकर में बहुत हैरान हो गया और फिर में मन ही मन सोचने लगा कि यह तो वही पर्स है जो मम्मी ने मेरी भाभी को गिफ्ट दिया था और फिर उस आदमी ने अपनी बाईक पर किक मारी और वो चल दिया, लेकिन में अब भी उसके बारे में सोच रहा था.
तभी अचानक से में अपने होश में आ गया और मैंने अपनी बाईक को स्टार्ट किया और धीरे धीरे उसके पीछे जाने लगा. फिर कुछ दूरी पर चलने के बाद वो एक सरकारी क्वॉर्टर की तरफ मुड़ गए तो में भी उनके पीछे पीछे हो लिया और फिर वो एक बिल्कुल कोने के मकान के पास जाकर रुका.
दोस्तों में वहाँ पर बहुत बार जा चुका था और वो मकान आगे से अक्सर बंद ही रहता था, लेकिन उसके पीछे की तरफ एक कमरा था, जिसका दरवाजा हमेशा खुला ही रहता था.
मैंने कई बार वहाँ पर जाकर पेशाब भी किया था, वो अपनी गाड़ी से नीचे उतरे और वो आदमी उस मकान का दरवाजा खोलने लगा और फिर वो दोनों तुरंत अंदर घुस गये. फिर में भी जल्दी से पीछे की तरफ भागा और उस कमरे से अंदर की तरफ देखने लगा. उस औरत ने अंदर जाते ही अपनी चुन्नी को उतार दिया और उसके चुन्नी को उतारते ही में तो उसे एकदम चकित होकर देखता ही रह गया, क्योंकि वो मेरी भाभी ही थी.
दोस्तों में आप सभी लोगों को बता दूं कि मेरी भाभी की उम्र करीब 38-40 के बीच होगी और फिर उन्होंने अपनी चुन्नी को उतार दिया और उस आदमी से पूछा कि मुझे फ्रेश होना है तो वॉशरूम कहाँ है? तो उसने हाथ का इशारा करके बताया. में लगातार उस आदमी को देख रहा था और उसके बारे में सोच रहा था. वो करीब 45- 50 के बीच का काला बहुत अजीब सा था और वो ज़्यादा लंबा चौड़ा भी नहीं था, मेरे भैया के मुक़ाबले तो वो आधा भी नहीं था.
फिर भाभी ऐसा कैसे कर सकती है, उन्हे पूरी दुनिया में क्या बस यही आदमी मिला था यह सब करने के लिए, में यह सारी बातें सोचता रहा. फिर वो कुछ देर बाद वॉशरूम से फ्रेश होकर बाहर आई और आते ही उस आदमी ने उन्हें तुरंत अपनी तरफ खींचकर चूमना, चाटना शुरू कर दिया और वो बिल्कुल पागलों की तरह उनके गोरे गोरे गाल और गुलाबी होंठ चूम और चाटे जा रहा था.
फिर भाभी ने उससे कहा कि इतने जल्दी में क्यों हो थोड़ा आराम से मज़े लेंगे, हमारे पास तो अभी बहुत टाईम है और वो उसका हाथ पकड़कर उसे बेड की तरफ लेकर चली गयी और वो बेड पर लेट गई. अब उसने भाभी का पल्लू हटाया और ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को चूमने लगा और दबाने लगा. भाभी की आँखें बंद थी और वो तेज़ तेज़ साँसें ले रही थी.
अब वो धीरे धीरे नीचे की तरफ जाने लगा और उनकी नाभि में अपनी जीभ को डालने लगा और दोनों हाथों से उसके बूब्स को दबाने लगा था और नीचे जाकर वो भाभी की साड़ी को खोलने लगा और भाभी की मदद से उसने पूरी साड़ी को उतार दिया. फिर वो पेटिकोट भी खोलने लगा और भाभी की गोरी गोरी जांघे अब उसके सामने थी. वो देखकर साला पागल हो गया और अब वो मेरी भाभी के पूरे पैर और तलवे को चाटने लगा.
दोस्तों मैंने देखा कि भाभी ने उस समय लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी, वो तो अब ऐसे पागल हो गया जैसे पहली बार किसी को ऐसे देख रहा था और भाभी भी उसको देखकर हंस रही थी और फिर वो उससे कहने लगी कि पहली बार किसी को इस तरह से देख रहे हो क्या? तो वो बोला कि हाँ में आज इस तरह इतनी गोरी औरत को पहली बार ही देख रहा हूँ. फिर भाभी बोली कि तुम झूठ मत बोलो इतना मोटा और लंबा हथियार लेकर घूमते हो और इससे पहले कभी इतनी गोरी औरत से नहीं किया, ऐसा हो ही नहीं सकता.
दोस्तों में अपनी भाभी के मुहं से यह सब सुनकर बहुत हैरान था और अब वो पहली बार भाभी को ऐसे देख रहा था और में सोच रहा था कि भाभी को बिना देखे कैसे पता कि उसका लंड कितना लंबा और मोटा है? अब वो अपना काम करने में लगा हुआ था. फिर वो ऊपर की तरफ बढ़ने लगा और अपनी जीभ से चाटने, चूमने लगा और फिर ब्लाउज को खोलने लगा और जैसे ही उसने ब्लाउज को खोला तो वो भाभी की लाल कलर की ब्रा को देखकर तो भाभी के ऊपर जैसे टूट पड़ा हो.
अब कभी वो चूमता तो कभी चाटता और कभी काट रहा था, जिसकी वजह से भाभी के गाल, छाती और गला पूरा लाल हो गये थे. फिर भाभी ने उसे रोका और बोला कि तुम अब अपने कपड़े भी तो उतारो तो वो खड़ा हुआ और अपनी शर्ट और पेंट को उतारने लगा और जैसे ही वो अंडरवियर में आया तो उसके लंड का उभार इतना था कि मानो उसकी नाभि तक लंड के खड़े होने की वजह से छुप गयी थी.
फिर भाभी ने उसका तनकर खड़ा लंड देख और उस पर अपना हाथ फेरने लगी, वो उस समय खड़ा था और भाभी लेटी हुई थी और हाथ फेरते फेरते भाभी ने उसका अंडरवियर उतार दिया और अब उसका लंड ऐसे सामने आया जैसे पिंजरे से भूखा शेर आज़ाद हो गया हो और फिर भाभी उसका लंड देखकर पागल हो गयी और एकदम से उसके काले टोपे को अपनी जीभ से चाटने लगी. सच में उसका लंड बहुत मोटा और लंबा था, भाभी तो उसका सिर्फ़ टोपा ही अपने मुहं में ले पा रही थी और भाभी के गोरे गाल और गुलाबी होंठो के बीच वो काला लंड ऐसा लग रहा था जैसे सफेद टीले पर कोयले का निशान पड़ गया हो. फिर भाभी वहाँ पर चूसने में लगी हुई थी और में यहाँ पर ढीला हो गया था.
फिर मेरा तो यह सब देखते ही झड़ गया और उस साले का क्या हाल हो रहा होगा मुझे नहीं पता? तो भाभी बहुत देर तक उसका लंड चूसती रही और फिर उसने भाभी के बाल पकड़ लिए और हल्के हल्के झटके देने लगा और वो कहने लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ, उफ्फ्फ में झड़ जाऊंगा. फिर भाभी अब और भी मस्ती में आकर उसका लंड चूसने लगी और थोड़ी देर बाद वो भाभी के मुहं में ही झड़ गया और भाभी उसका सारा पानी पी गई जैसे जन्मो से प्यासी हो.
फिर वो कहने लगा कि ऐसा क्यों किया? अब जल्दी खड़ा नहीं होगा तो भाभी कहने लगी कि जल्दी किसको है और रही बात खड़ा करने की तो में वो सब कुछ कर दूँगी और तुम उस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो. फिर भाभी ने उसको पलंग पर लेटा दिया और उसके निप्पल को चूसने और चूमने लगी और उसकी छाती पर बहुत बाल थे और वो बालों पर हाथ भी फेरे जा रही थी और धीरे धीरे नीचे की तरफ आने लगी, उसकी नाभि जो कि बालों से घिरी हुई थी, उस पर अपनी जीभ घूमाने लगी और जिसकी वजह से वो तो साला लेटे हुए जन्नत की सेर कर रहा था.
फिर उसके लंड पर भाभी अपने बूब्स को रगड़ने लगी, उसका लंड ढीला था और तब भी आकार में बहुत बड़ा था और फिर वो अपनी जीभ उसके टोपे पर फिराने लगी और पूरे लंड को चाटने लगी और गंदी गंदी बातें करने लगी जैसे कि वाह क्या मस्त लंड है तेरा, तू कहाँ था अब तक, इतना मोटा लंड लेकर ऑफिस में आस पास घूमता रहता था. एक बार आकर मेरी गांड पर रगड़ देता या दरवाज़ा खोलकर मूत करता तो अब तक तो में इसका सारा रस निचोड़ लेती और इसको जवान कर देती, अब जब भी बोलूँगी तो तू मुझे यहाँ जरुर लेकर आएगा, वरना में ऑफिस में तेरा जीना मुश्किल कर दूँगी और यह बात कहते कहते उसका लोड़ा भाभी अपने मुहं में लेकर चूस रही थी. दोस्तों अब यह सब देखकर तो मेरा लंड दोबारा से तनकर खड़ा हो गया था और में बहुत जोश में आ गया था.
भाभी के मुहं से यह सब सुनकर मुझे पहले बहुत अजीब लगा, लेकिन अब बहुत मज़ा आने लगा था. अब वो भी मज़े से उछलने लगा और कहने लगा कि अब में तुझे अपनी रखैल बनाकर रखूँगा और हर दिन तेरी चूत की चुदाई जरुर करूंगा और तेरी चूत को चोद चोदकर आज में भोसड़ा बना दूंगा. फिर भाभी बोली कि तेरा लंड देखकर तो कोई भी औरत इसकी गुलाम हो जाए, अब में तेरी गुलाम रखैल रंडी सब बनकर रहूंगी और तुझे वो सारे सुख दूँगी जो में तुझे अपनी तरफ से दे सकती हूँ और मैंने कभी सुना था कि कोयले की खान में ही हीरा मिलता है और आज मैंने देख भी लिया. दोस्तों में अपनी भाभी को ऐसे देखकर बहुत हैरान था कि जो औरत घर में हमेशा घूँघट में रहती है, वो किसी गैर मर्द के साथ इतना सब कुछ एक अनुभवी रंडी की तरह क्यों कर रही है? वो अब उस आदमी का लंड अपने बूब्स के बीच में रखकर चूसने लगी थी, जैसे कि इसके बाद यह पल कभी नहीं आएगा और धीरे धीरे भाभी ने उसका लंड खड़ा कर ही दिया.
फिर भाभी ने अपनी पेंटी उतारी और उसके लंड के ऊपर बैठ गई, लेकिन वो उसका आधा लंड ही अपनी चूत के अंदर ले पा रही थी, क्योंकि लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और भाभी की चूत का छेद थोड़ा छोटा था और भाभी की आँखो से आँसू गिरने लगे, लेकिन अब भी वो लगातार कोशिश किए जा रही थी. वो भाभी के नीचे लेटा हुआ देख रहा था और हंस रहा था और अब पहले धीरे धीरे, लेकिन फिर एक झटके से वो उस लंड पर बैठ गई, जिसकी वजह से लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर घुस गया और वो चीख पड़ी.
कुछ देर ऐसे ही बिना हिले बैठी रही. फिर जब वो थोड़ा शांत हुई तो वो आदमी नीचे से हल्के झटके देने लगा और थोड़ी देर झटके देने के बाद भाभी भी एकदम पहले जैसी हो गई और वो अब लंड पर उछलने लगी और लंड पूरा चूत से बाहर निकलता और फिर वो अंदर डाल लेती और ऐसे ही करीब 20 मिनट तक वो अपने तरीके से लंड को लेती रही और पता नहीं वो कितनी बार झड़ गयी.
फिर भाभी ने उससे बोला कि अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ तो वो आदमी तुरंत उठा और भाभी से उसने घोड़ी बनने के लिए कहा और भाभी उसके सामने जल्दी से बन गयी और फिर उसने अपना लंड पीछे से भाभी की चूत में डाल दिया.
अब भाभी की चूत थोड़ी सी सूज गई थी और एकदम लाल भी हो गयी थी, लेकिन वो तो पागलों की तरह पीछे से भाभी के बूब्स पकड़कर उन्हें लगातार धक्के देकर चोदे जा रहा था. वो कभी भाभी की गांड पर हाथ फेरता, पूरी पीठ पर चूमता काटता और फिर वो पूछने लगा कि क्यों मज़ा आ रहा है कि नहीं? तो भाभी बोली कि हाँ मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा है, में तो पहले ही समझ गई थी कि तुम मुझे आज खुश कर दोगे और बहुत मज़ा दोगे.
फिर वो बोला कि क्यों तेरा पति तुझे ढंग से नहीं चोदता क्या? तो भाभी बोली कि ऐसी कोई बात नहीं है, वो मुझे खुश कर देते है, लेकिन मैंने जब से अपनी दोस्त से तुम्हारे बारे में सुना तब से पता नहीं मुझे क्या हो गया और कुछ समझ में नहीं आया. फिर वो बोला कि क्यों जब तुमने पहली बार मेरा लंड देखा तब तुम्हें कैसा लगा था?
भाभी बोली कि में तो तुम्हारा लंड उस एक वीडियो में देखकर ही पागल हो गई थी, जिसमें तुमने मेरी उस दोस्त की चूत को चोद चोदकर उसकी माँ चोद दी थी, वो वीडियो मुझे मेरी दोस्त ने दिखाई थी. दोस्तों में उनकी बातें सुनकर समझ गया था कि कैसे और कब देखा भाभी ने इसका लंड देखा था और करीब 45 मिनट तक घोड़ी बनाकर भाभी को चोदते हुए उसने कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ, अंदर डालूँ या बाहर? फिर भाभी ने कहा कि बाहर गिराना होता तो लंड पर कॉंडम लगाते ना बिना कॉंडम के करने दिया है, इसका मतलब अंदर ही झाड़ दो.
फिर वो बोला कि अरे हाँ मैंने वो कंडोम का पैकेट तो बेकार ही लिया. भाभी बोली कि कोई बात नहीं तुम उसे अगली बार काम में ले लेना और अब तो हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रहेगी और फिर वो झड़ने लगा तो उसने भाभी की गांड को पकड़कर अपना पूरा माल उनकी चूत में डाल दिया और उन्हीं के ऊपर लेट गया और करीब 15 मिनट तक वो दोनों ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को सहलाते रहे.
फिर भाभी और वो वॉशरूम में साथ चले गये और दोनों ने एक दूसरे को साफ किया और वापस बाहर आकर उसने भाभी को पेंटी पहनाई और फिर भाभी कांच के सामने अपने बाल बनाने लगी और वो पीछे से जाकर भाभी से लिपट गया और भाभी ने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया? तो उसने कहा कि हाँ बहुत मज़ा आया काश कि तुम मेरी बीवी होती तो में तुम्हें ऐसे ही दिन रात चोदता रहता और अपना लंड सदा तुम्हारी चूत में डालकर पड़ा रहता. फिर भाभी तुरंत उससे बोली कि अब से में तुम्हारी रखैल हूँ और भाभी ने उसे अपना मंगलसूत्र उतारकर दे दिया और कहा कि तुम मुझे पहनाओ.
फिर उसने भाभी के बाल को एक साईड किया और उन्हें वो मंगलसूत्र पहनाया और फिर भाभी ने पर्स से सिंदूर निकाला और कहा कि भर दो तुम आज मेरी माँग. फिर उसने भाभी की माँग भरी और भाभी ने नीचे झुककर उसका लंड छुआ और चूमा और कहने लगी कि अब से इस पर मेरा भी पूरा हक हो गया है और गले लग गयी.
फिर उसने और भाभी ने पूरे कपड़े पहने और फिर घर से बाहर निकलने से पहले उसने और भाभी ने स्मूच किया और एक दूसरे की जीभ को चाटा और वहाँ से निकल गये और थोड़ी देर बाद में भी वहाँ से निकल गया. फिर शाम को जब में अपने घर पर पहुंचा तो मैंने देखा कि भाभी खाना बना रही थी और सब लोग हॉल में बैठे हुए थे. उन्होंने मुझे आकर पानी दिया और घूँघट करके वापस किचन में चली गयी.
फिर रात को सबने साथ खाना खाया और फिर सब अपने रूम में चले गये. मैंने जाकर भैया के रूम में देखा तो भाभी भैया से ऐसे बात कर रही थी जैसे वो उनसे बहुत प्यार करती है और उनके लिए सब कुछ कर सकती है. दोस्तों में तो हैरान था कि वो ऐसे बातें कर रही है जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं और उनके चेहरे पर बिल्कुल भी दुख नहीं है बल्कि बहुत खुश है.
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तीन मस्त लोड़ो ने पूरी रात चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनिया है और में चुरु के पास एक छोटे से गाँव में रहती हूँ और में अपनी नौकरी के लिए तैयारी कर रही हूँ. मेरी दो दोस्त की मुझसे पहले ही नौकरी लग चुकी है और उनमे से एक की तो कुछ समय पहले शादी भी हो गई.
दोस्तों हम सभी का एक बहुत अच्छा दोस्त है जिसका नाम रेहान है और उसकी उम्र 21 साल, वो लंबा और पतला सा बहुत अच्छा दिखने वाला लड़का है. दोस्तों वो भले ही एक टेक्सी ड्राईवर है, लेकिन उसने करीब 9 महीने पहले हम तीनों को पहली बार चोदा था और तब से में उसे राज़ा ही बोलती हूँ और अब में उससे शादी करना चाहती हूँ, लेकिन मेरे घरवाले किसी भी टेक्सी ड्राइवर से मेरी शादी नहीं करेंगे और इस बात का मुझे पूरा पता है, क्योंकि मेरे पापा की हमारे पूरे गाँव में बहुत इज़्ज़त है और मेरे यह सब करने की वजह से उनकी इज्जत खराब होगी.
फिर मैंने एक दिन मन ही मन फैसला लिया कि में मेरे रेहान राज़ा के साथ ऐसे ही मज़े लेती रहूँगी और अपनी बची हुई पढ़ाई के सिलसिले में मैंने चुरु में एक रूम ले लिया था और फिर वहाँ पर में एकदम अकेली ही रहती हूँ और हर कभी अच्छा मौका पाकर में रेहान से मिल भी लेती हूँ और रेहान की हर बात को में हमेशा मानती थी, क्योंकि उसने ही मुझे पहली बार आज से 9 महीने पहले चोदा और मुझे वो सब सुख दिया और मेरी कुंवारी चूत और गांड को फाड़ दिया था.
दोस्तों रेहान ने कुछ दिन पहले मुझसे कहा कि जैसे तुम तीनों लड़कियों ने 9 महीने पहले मुझसे चूत और गांड मरवाई थी वैसे ही में और मेरे दो दोस्त एक साथ मिलकर तेरी चूत और गांड को मारेंगे.
मैंने उसकी यह बात सुनकर हंसकर टाल दिया और मैंने रेहान से कहा कि तू मेरी चूत और गांड से बदला लेगा और मेरी यह बात सुनकर वो भी हंसने लगा, लेकिन मेरे मन से यह बात निकली नहीं थी. दोस्तों मुझे रेहान के अलावा आज तक किसी ने नहीं चोदा था. रेहान के लंड में कितना दम है वो मेरी चूत और गांड के अलावा कोई नहीं जान सकता.
अब रेहान ने भी जितना मज़ा मेरी चूत और गांड का लिया उतना किसी का नहीं लिया था. रेहान जब भी मुझे चोदता तो वो अपने लंड के टोपे को मेरी चूत और गांड में फंसाकर मुझे बहुत गरम करता और उसके लंड की साईज़ 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था और उसके लंड का टोपा 2 इंच मोटा और लाल कलर का था.
अब मेरी चूत और गांड पूरी तरह से खुल चुकी थी, लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं था कि 3-3 लड़के एक साथ मुझे चोदे और मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़े. अब आख़िर वो टाईम भी आ गया जब रेहान का प्लान पूरा होने वाला था. उसने मुझे कॉल किया कि आज चुरु में ही रहेगी या गाँव जाएगी? तो मैंने बोला कि में तो यहीं रहूँगी और मैंने उससे कहा कि राज़ा मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है, प्लीज तुम आ जाओ ना. फिर वो फोन पर हंसते हुए बोलने लगा कि रानी में जरुर आऊंगा भी और आज रात में तुझे बहुत कुछ दूंगा.
दोस्तों रेहान के साथ मैंने रात में कभी सेक्स नहीं किया था. उसके साथ जब भी सेक्स किया वो दिन में ही किया था, क्योंकि रात में चुदाई का मौका हमे कभी मिलता ही नहीं था. फिर मैंने उस दिन मेरी चूत के बाल मेरे राज़ा के लिए साफ कर लिए और ब्यूटी पार्लर जाकर अच्छे से तैयार हो गई और मार्केट जाकर गुलाबी कलर की नई ब्रा और पेंटी जाली वाली ले आई, क्योंकि यह कलर रेहान को बहुत अच्छा लगता था और चुदाई के काम में आने वाले सामान क्रीम और तेल मेरे पास पहले से ही थे, वो सब मुझे मेरी एक दोस्त माया जो एक नर्स है उसने लाकर दिए थे और अब में अपने राज़ा के लिए तैयार होकर उसका इंतज़ार करने लगी.
फिर इतने में किसी ने दरवाजा खटखटाया मैंने दरवाजे के छेद में से बाहर देखा तो मुझे बाहर रेहान खड़ा नज़र आया और उसके साथ करीब 18-19 साल के दो लड़के और वो दोनों भी दिखने में अच्छे और तन्दुरुस्त लग रहे थे, लेकिन में अब रेहान के साथ दो और लड़के देखकर थोड़ा सा घबरा गई, लेकिन फिर भी मैंने मेरे रेहान राज़ा के लिए दरवाजा खोल दिया. फिर वो तीनों अंदर आ गये और मैंने तीनों को बैठाकर पानी पिलाया उस समय रात के करीब दस बज चुके थे.
दोस्तों रेहान की तरह ही उनका भी शरीर साफ था और रेहान ने उनसे मेरा परिचय करवाया और उनके बारे में मुझे बताया. उनमे से एक का नाम इरफ़ान था और वो एक सिनेमा हॉल में नौकरी करता है, दूसरे का नाम शाहिद था और वो कभी कभी रेहान की टेक्सी चला लेता था.
दोस्तों मेरा कमरा इतना सुरक्षित है कि वहां पर किसी की नज़र नहीं पड़ती कि कौन आ रहा है और कौन जा रहा है? अब हम चारों एक दूसरे को चुपचाप देख रहे थे कि तभी मैंने महसूस किया की इरफ़ान और शाहिद को रेहान धोखे से मेरे रूम पर लेकर आया था, इसलिए वो मेरी जालीदार स्कर्ट जिसमे से मेरी पेंटी साफ साफ नज़र आ रही थी उसे देखकर अजीब सा महसूस कर रहे थे.
अब रेहान ने मुझे आँख मारकर इशारा कर दिया कि आज हम तीनों तेरी प्यास को दूर करेंगे और अब मैंने ज़्यादा टाइम खराब ना करते हुए रेहान के प्लान को अंजाम तक पहुँचाने की शुरुआत कर दी, क्योंकि में रेहान की हर बात की बहुत इज्जत करती थी और रेहान की वजह से मुझे उन दोनों से भी कोई डर नहीं था.
अब मैंने बाथरूम में जाकर मेरी स्कर्ट के हुक को ऐसे लगाया कि अगर में उनके सामने हल्की सी भी झुक जाऊँ तो मेरी स्कर्ट अपने आप नीचे गिर जाए और फिर बाथरूम से बाहर आकर में उनके सामने जाकर पानी का गिलास उठाने के लिए झुकी तो मेरी स्कर्ट गिर गयी और उस समय मेरे चूतड़ शाहिद की तरफ थे.
अब में वापस बाथरूम में भागने का नाटक करते हुए लड़खड़ाकर रेहान और इरफ़ान के बीच गिर गई और इरफ़ान की पेंट में लंड की जगह पर मेरा एक हाथ आ गया और अब में चोर नज़र से देख रही थी कि रेहान के साथ साथ उन दोनों का लंड भी पेंट के अंदर ही अंदर हरकत करने लगा और इसी के साथ वो तीनों लंड मुझ पर टूट पड़े.
रेहान मेरे बूब्स को दबा रहा था तो इरफ़ान मेरी चूत पर हाथ रगड़ रहा था और शाहिद मेरे चूतड़ दबा रहा था. अब रेहान ने मेरी ब्रा तो इरफ़ान ने मेरी पेंटी को उतार दिया था. वैसे उसमे उतारना क्या था वो तो वैसे ही जालीदार थी, लेकिन उनके इरादे और मेरे प्लान के अनुसार चूत और गांड की चुदाई के लिए यह सब उतारना बहुत ज़रूरी भी था.
दोस्तों इरफ़ान तो साला सबसे तेज लग रहा था और शाहिद भी रेहान से कम नहीं था और मेरे रेहान राज़ा को तो मैंने पहले भी कई बार आजमाया हुआ था. अब में उनके सामने बिल्कुल नंगी थी और उन तीनों मदारचोदो ने अभी तक तो अपने अपने ऊपर के कपड़े भी नहीं उतारे थे तो मैंने इरफ़ान की शर्ट को उतार दिया और उसकी जीन्स को खोलने के लिए उसका हुक निकाल दिया.
दोस्तों पता नहीं क्यों, लेकिन आज में इरफ़ान की तरफ कुछ ज़्यादा ही आकर्षित हो रही थी और अब मैंने उसकी पेंट को भी उतार दिया तो उसके हाथ, पैर और जांघे एकदम टाईट और मस्त लग रही थी. फिर मैंने रेहान की शर्ट और पेंट को भी उतार दिया और वो पीछे पलटकर मेरे चूतड़ को दबा रहा था और मैंने शाहिद की टी-शर्ट और पेंट को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब शाहिद भी अब बिल्कुल नंगा हो गया था, क्योंकि उसने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था.
अब मैंने उसके लंड को छेड़ा और कहा कि क्यों नौजवान अंडरवियर नहीं पहनता? तो वो बोला कि क्या करूं यार मेरा एक दोस्त और एक गर्लफ्रेंड मुझसे मना करते है.
शाहिद का लंड भी रेहान जैसा ही था और उसका टोपा गुलाबी नहीं होकर बिल्कुल लाल था, जिसको देखकर ऐसे लग रहा था कि जैसे खून निकलने वाला है और उसकी जांघे एकदम पतली थी, लेकिन देखते ही उसमे दम लग रहा था, क्योंकि वो अभी अभी तो जवान हुआ था. अब मैंने रेहान की अंडरवियर और बनियान को भी उतार दिया और उसको यह मैंने ही उसके जन्मदिन पर दी थी.
मैंने रेहान के लंड को किस किया और उसके आंड को अपने मुहं में लेकर चूसा तो शाहिद अपने लंड से मेरी गांड की दोनों दीवारों के बीच हरकत करने लगा. फिर मैंने उससे कहा कि शाहिद बेटा थोड़ी तस्सली रख, अभी तो मैंने तेरे लंड को चूसा ही नहीं, इसलिए अभी मेरी गांड का नंबर नहीं आ सकता. अब वो मेरे बूब्स को दबाने लगा और इरफ़ान ने मेरे चूतड़ दबाने शुरू कर दिए और अब इरफ़ान का लंड उसकी वी शेप वाली अंडरवियर से एक तरफ से बाहर निकल रहा था. फिर मैंने उसकी अंडरवियर उतारकर उसको भी पूरा नंगा कर दिया.
फिर उसके फनफनाते हुए नाग ने मेरे चूतड़ पर ज़ोर से मारा तो मुझे ऐसे लगा जैसे उसने किसी डंडे की मारी हो. दोस्तों आप विश्वास नहीं करोगे उसका लंड तो उन तीनों में सबसे मोटा और लंबा और बिल्कुल सुडोल था और उसके टोपे पर चमड़ी तो थी ही नहीं और आगे का टोपा 3 इंच का था और टोपे का आकार मशरूम जैसा था जो किसी भी चूत या गांड में घुस जाए तो बाहर निकलते समय अंदर का सब कुछ बाहर निकल दे और इतने भयंकर टोपे के साथ ही लंड की लम्बाई 7 इंच थी.
फिर मैंने ज़ोर से सिसकियाँ भरी और लंड को चूसने लगी. में अब एकदम पागल हो चुकी थी कि 18 साल का लड़का और उसका यह कमाल का लंड. मेरे मन की आवाज़ सुनकर इरफ़ान ने बहुत धीरे से मुझसे बोला कि पगली में हर दिन 10 किलोमीटर दौड़ लगता हूँ और 1 घंटे फुटबॉल भी खेलता हूँ और जिम भी करता हूँ और मेरे नाग की भी में सांडे के तेल से लगातार मसाज करता हूँ और उसकी यह सभी बातें सुनकर तो में और भी जोश में आ गई. अब मैंने इरफ़ान का लंड चूसा और जीभ से उसकी गांड को भी चाटा और उसकी गांड के छेद में अपनी जीभ को फंसाने की कोशिश करने लगी.
मुझे बहुत मज़ा आया और वो भी 69 पोज़िशन में आकर मेरी चूत और गांड को बारी बारी से चाटने लगा वो मेरी चूत के दाने को भी चाट रहा था और उधर शाहिद मेरे चूतड़ और रेहान मेरे निप्पल को दबा रहा था. में इरफ़ान की गांड पर और इरफ़ान मेरी गांड पर मार रहा था, जिससे मेरी गांड पर उसके हाथों के निशान बन गये थे और ऐसा करने से हम दोनों को बहुत जोश आ रहा था और इतने में करीब 30-35 मिनट के बाद में हम दोनों अकड़कर झड़ गये और इरफ़ान के लंड का गरम गरम लावा मेरे मुहं में पिचकारी की तरह निकल गया और में उसके लंड के पानी को पूरा पी गयी और अब मेरा पानी मेरी चूत से बाहर बहने लगा जिसको इरफ़ान पीकर शांत हो गया और फिर इरफ़ान वहीं पर लेट गया और में उसे सम्भालने लगी.
दोस्तों अब रेहान और शाहिद मुझ पर भूखे की तरह टूट पड़े शाहिद और रेहान ने मेरी चूत और गांड को चाटा और में उन दोनों के लंड का जूस बारी बारी से पी गई और जैसे ही में झड़ी तो मेरा जूस भी वो दोनों आधा आधा बाँटकर पी गये. दोस्तों में इस बीच दो बार झड़ चुकी थी और झड़ने के बाद अब हमने करीब दस मिनट तक थोड़ा सा आराम किया और हम सभी ने कॉफी पी, लेकिन हम सभी तब भी एकदम नंगे ही थे.
उस समय तक रात के 12.30 बज चुके थे, लेकिन तब तक भी मेरी चूत और गांड की चुदाई नहीं हुई थी. फिर उन तीनों ने मिलकर मुझे डॉगी स्टाइल में करके मेरे दोनों पैर तो बेड पर रख दिए और मेरे आगे का हिस्सा कुर्सी पर एक तकिया रखकर मेरी ऐसी पोज़िशन बनाई कि यह तीनों लंड एक साथ मेरी चूत, गांड और मेरे मुहं की चुदाई कर सके और साथ ही साथ मेरे निप्पल और चूतड़ और जांघे भी एक साथ दबा दबाकर मसाज भी कर सके. फिर मुझे उसी पोज़िशन में तैयार करके उन्होंने तेल और क्रीम से मेरे पूरे शरीर की मसाज की और तेल और क्रीम मेरी गांड और चूत पर कुछ ज़्यादा ही लगा रहे थे.
जिसकी वजह से मुझे अंदर से ठंडक महसूस हो रही थी और हल्की हल्की गुदगुदी भी हो रही थी कुल मिलाकर यह तेल और क्रीम के साथ मसाज की भी तैयारियां हो रही थी और वो सब मेरी चूत और मेरी गांड में इरफ़ान के लंड का मोटा टोपा घुसाने की तैयारियां थी. में यह सब समझ चुकी थी और मुझे तो केवल और केवल इरफ़ान का लंड और उसका मोटा टोपा ही नज़र आ रहा था और अब यह सब सोच सोचकर में बहुत ज़्यादा जोश में आ रही थी.
मुझे मेरी चूत की ज़्यादा टेंशन नहीं थी, क्योंकि वैसे भी हर चूत में कितना भी मोटा लंड लेने की क्षमता और लचीलापन वैसे भी कुछ ज़्यादा ही होता है और ऊपर से रेहान 9 महीने से मेरी गदराई हुई चूत का भोसड़ा बनाने की शुरुआत तो बहुत पहले से ही कर चुका था.
अब में उनसे अपनी तरफ से कुछ भी नहीं कर रही थी, क्योंकि मुझे रेहान ने मना कर दिया था कि तुम तो इसी पोज़िशन में रहो, अब जो भी करेंगे हम ही करेंगे और में मेरे राज़ा की बात मानकर चुपचाप मज़े लिए जा रही थी. अब रेहान ने अपना लंड मेरे मुहं में दे दिया और इरफ़ान ने नीचे जाकर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया, जो बार बार गांड के छेद की तरफ जा रहा था और शाहिद ने मेरे ऊपर पोज़िशन बनाकर मेरी गांड की दोनों दीवारो के बीच क्रीम के साथ अपने लंड को स्पीड से रगड़ना शुरू किया जो फिसलकर चूत की तरफ जा रहा था, लेकिन शाहिद के लंड का टोपा तो फिर भी चूत और गांड के छेद पर कुछ अटक रहा था जबकि इरफ़ान के लंड का टोपा तो ऐसे फिसल रहा था जैसे मार्बल के फर्श पर पानी में पैर फिसल रहे हो.
फिर करीब दस मिनट बाद उन सभी ने अपनी अपनी जगह बदल ली थी, जिसकी वजह से अब रेहान मेरे नीचे और शाहिद मेरे ऊपर तो इरफ़ान मेरे मुहं की तरफ आकर तीनों अपने अपने काम में लग गये थे, लेकिन मुहं के अलावा चूत और गांड में उनके लंड अंदर नहीं जा रहे थे और रेहान जानबूझ कर लंड नहीं घुसा रहा था क्योंकि वो आज मुझे नये लंड से चुदवाना चाहता था, लेकिन फिर भी रेहान ने मेरी गांड पर लंड का टोपा रखकर ज़ोर का धक्का मारा तो वो मेरी गांड में फंस गया और उसने क्रीम लगाकर धीरे धीरे मेरी गांड को धक्को से उन दोनों के लंड के लिए खोल दिया.
फिर करीब दस मिनट बाद फिर से उन्होंने अपनी जगह बदल ली और अब इरफ़ान मेरी गांड पर अपना टोपा रखकर ज़ोर लगाने लगा, लेकिन मेरी टाईट गांड में उसका टाईट लंड भी अंदर नहीं जा सका और इस बीच रेहान ने मेरी चूत में लंड डालकर 5-6 बार रगड़कर बाहर निकाल दिया ताकि नये लंड के लिए चूत का मुहं कुछ खुल जाए.
दोस्तों में एक बात तो साफ कर दूँ कि रेहान ने मेरी गांड और चूत में जो 5-6 धक्के लगाए थे वो मुझे चोदने के इरादे से नहीं, लेकिन उन दोनों लंड के लिए मेरी गांड और चूत में रास्ता साफ तैयार करने के लिए लगाए थे. अब वो दोनों लंड मुझे चोदने के लिए बिल्कुल तैयार थे और इतने में शाहिद ने सही मौका देखकर अपने लंड का टोपा एक जोरदार धक्के के साथ मेरी गांड में डाल दिया.
मुझे दर्द हुआ, क्योंकि वो बिल्कुल अनाड़ी की तरह कर रहा था और वो मेरी गांड का सत्यानाश करने पर तुला हुआ था और नीचे से रेहान मेरी चूत को चोद रहा था जिससे मुझे थोड़ा दर्द कम हो गया था. फिर से अनाड़ी शाहिद ने मेरी गांड में जड़ तक पूरा का पूरा लंड 3-4 धक्को के साथ घुसा दिया और तेज धक्के देकर चोदने लगा और उसका लंड बिल्कुल रेहान जैसा था, इसलिए मुझे उससे गांड मरवाने में कोई परेशानी नहीं हुई.
अब रेहान मेरे मुहं के पास चला गया और मेरा सपनों का राजकुमार इरफ़ान मेरे नीचे आकर मेरी चूत को चोदने लगा तो मेरी चूत में उसका टोपा नहीं गया. फिर रेहान ने मेरी जगह बदलवाई, क्योंकि उसको पता था कि लड़की कैसे चुदती है और उसने मुझे सीधा लेटाकर मेरी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और शाहिद और रेहान ने मेरे दोनों पैरों को ऊपर करके एक साईड में फैला दिया.
अब मेरी चूत पूरी खुल गई थी और इरफ़ान अपना लंड लेकर मेरी चूत पर आ गया और उसने अपने लंड का टोपा मेरी चूत पर रगड़ा तो पहली बार लंड मेरी चूत के छेद पर जाकर रुका और उसने ज़ोर से धक्का मारा तो मेरी चूत फिर से फट गई और दर्द के साथ उसका टोपा मेरी चूत में फंस गया, जिसकी वजह से में तड़प रही थी, लेकिन उन कुत्तों ने मुझे कसकर पकड़ रखा था और थोड़ा रुककर वो मुझे फिर से चोदने लगे थे और उन्होंने अपनी स्पीड को बड़ा दिया तो मुझे मज़ा आने लगा और मौका देखकर इरफ़ान मुझे लेकर खड़ा हो गया और मैंने उसकी गर्दन पर हाथ डालकर उससे लटक लटककर मज़े लेने लगी और फिर वो उसी पोज़िशन में मुझसे नीचे आ गया और में उल्टी हो गई तो अब ऊपर से मेरी गांड भी खुल गई थी.
अब मौका पाकर शाहिद मेरी गांड मारने लगा और अब मेरी दोनों तरफ से भयंकर चुदाई हो रही थी और मैंने भी रेहान का लंड मुहं में ले लिया. फिर करीब 15-20 मिनट तक हमारी चुदाई चलती रही और में बिल्कुल पागल और एकदम बेसुध हो गई थी और अचानक मुझे लगा कि में अब झड़ने वाली हूँ तो उन तीनों ने भी अपनी धक्कों की स्पीड को और भी बढ़ा दिया था और उनके लंड अब पूरे अंदर तक जा रहे थे और मुझे इरफ़ान के धक्के सबसे ज़्यादा ख़तरनाक लग रहे थे और कुछ देर बाद उन तीनों का एक साथ पानी निकल गया और मेरी चूत और गांड और मुहं एक साथ लंड के गरम गरम लावे के सैलाब से भर गये.
फिर में रेहान का पूरा पानी पी गई और शाहिद का पानी मेरी गांड में भरकर मुझे अच्छा लग रहा था और उसी मस्ती में चूत ने भी पानी निकाल दिया जो इरफ़ान के लंड के टोपे की वजह से अंदर ही रुका हुआ था और हम सभी 5 मिनट तक इस पोज़िशन में रहे और जैसे ही हम अलग हुए तो इरफ़ान के टोपे के मेरी चूत से बाहर निकलते ही मेरी चूत से मेरी चूत के जूस और इरफ़ान के लंड के पानी का लावा बाहर निकलने लगा.
अब मैंने थोड़ा संभलकर रेहान, शाहिद और इरफ़ान के लंड को चाटकर साफ किया और फिर तब तक रात के 2.45 हो चुके थे और उस ताबड़तोड़ चुदाई से में भी बहुत थक चुकी थी. फिर हमने करीब 30 मिनट तक आराम कर लिया. फिर रेहान ने हम सबके लिए चाय बनाई और तब तक इरफ़ान मेरे सर को गोद में लेकर सहलाता रहा और शाहिद भी बहुत प्यार से अपने मुलायम मुलायम हाथों से मुझे सहला रहा था. जिससे मुझे ऐसा लग रहा था कि उनको मुझसे लगाव हो गया है और इरफ़ान तो कुछ ज्यादा ही भावुक हो रहा था, लेकिन हमारे पास आज की चुदाई के लिए 5 बजे तक का ही समय बचा था.
फिर चाय पीकर फिर से मेरी एक और चुदाई होने वाली थी और में इतने लंड लेकर भी भूखी शेरनी की तरह उनके लंड फिर से लेने के लिए बैताब थी और वो तीनों लंड भी इसी फिराक में थे, क्योंकि शाहिद को मेरी चूत लेनी थी और इरफ़ान को मेरी गांड लेनी थी. अब हमने तेल और क्रीम से एक दूसरे की मसाज करनी शुरू की तो वो अपने लंड से मेरी गांड और चूत में क्रीम और तेल से उंगली कर रहे थे और यह सब देखकर मैंने भी क्रीम और तेल से उनकी भी गांड में उंगली डाल दी और मैंने महसूस किया कि रेहान और इरफ़ान की गांड बहुत टाईट थी, लेकिन शाहिद की गांड में उंगली बहुत आराम से चली गयी और उसको मज़ा भी आने लगा तो मुझे ऐसा लगा कि वो अपनी गांड भी मरवाता है.
अब वैसे उससे मुझे क्या करना था? वो उसकी गांड थी जो करे वो करे और में भी तो तीन तीन लंड से गांड मरवा रही थी. फिर ऐसा करते करते 4 बज गये थे और हमारे पास चुदाई के लिए अब एक घंटा ही बचा था. फिर रेहान ने शुरुआत की और उसने मेरी चूत में लंड के 8-10 धक्के दे दिए फिर उसने मेरी गांड में भी 10-12 धक्के दिए और इतने में शाहिद ने मेरी चूत पर अपना लंड टिका दिया और उसने एक ज़ोर का धक्का मारा तो बहुत आसानी से उसका लंड मेरी चूत के अंदर चला गया, क्योंकि जहाँ इरफ़ान के लंड का टोपा चला जाए वहां पर कुछ नहीं बचता, लेकिन उसका लंड मुझे दर्द से तड़पा रहा था और उसने मेरी चूत के अंदर की दीवारों को अच्छे से रगड़ दिया.
फिर अच्छा मौका पाकर इरफ़ान मेरी गांड पर सवार हो गया और मेरी गांड की असली परीक्षा तो अब थी कि कैसे उसके लंड का टोपा मेरी गांड सहन करेगी? रेहान सबकी हेल्प कर रहा था और उसने क्रीम और तेल मिक्स करके मेरी गांड और इरफ़ान के लंड पर लगाया तो हम दोनों पागल हो गये और इस पागलपन के बीच इरफ़ान ने अपने लंड का टोपा मेरी गांड के छेद पर रखा और पूरा ज़ोर लगाकर एक धक्का मारा तो मेरी गांड को चीरते हुए उसके लंड का टोपा अंदर चला गया और मेरी गांड में फंसकर जाम हो गया.
फिर रेहान ने जल्दी से क्रीम लगाई और नीचे से मेरी चूत को गांडू शाहिद चोद ही रहा था और अब शाहिद को में गांडू कहने लगी थी, क्योंकि वो गांड मरवाता था और उसकी गांड में मेरी उंगली गई तो उसको बहुत मज़ा आ रहा था. अब इफारन ने फिर से 3-4 धक्के लगाए तो पूरा लंड मेरी गांड के अंदर पहुंच गया और वो मुझे 30-35 मिनट तक लगातार चोदते रहे और अब मेरी गांड और चूत को बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
अब इरफ़ान ने मेरे बाल पकड़कर मुझे उल्टी घोड़ी बनाकर मेरे बाल खींचे और मेरे कूल्हों पर हाथ से मारने लगा, जिसकी वजह मुझे और भी ज़्यादा जोश आ रहा था और अब भी उसने मेरी गांड की चुदाई बंद नहीं की थी और इतने में मौका पाकर रेहान ने शाहिद के नीचे घुसकर उसकी गांड पर क्रीम लगाकर अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया तो शाहिद ने गांड में लंड जाने से गरम होकर मेरी चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए.
अब हम सभी आपस में चुद रहे थे कि तभी अचानक सभी ने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए और पसीने की वजह से चूतड़ आपस में टकराकर थप थप थपाथप की आवाज़ कर रहे थे और फिर हम सभी एक एक करके झड़ने लगे. अब रेहान ने शाहिद की गांड में तो शाहिद ने मेरी चूत में लंड का पानी डाल दिया और शांत हो गये, लेकिन में और इरफ़ान शांत नहीं हुए थे. फिर 20-25 धक्के लगते ही हम दोनों भी झड़ गये और उसने मुझे घूमकर कसकर पकड़ लिया और 5 मिनट तक हम सभी ऐसे ही रहे. तीनों ने मेरी चूत और गांड को चाटा और मैंने भी उनके लंड को चाटा और फिर सभी ने कपड़े पहने और मुझे ऐसे ही नंगी छोड़कर चले गये.
फिर इरफ़ान के चले जाने से में सबसे ज़्यादा दुखी थी और मुझे कब नींद आई पता ही नहीं चला और 11 बजे मेरी नींद खुली तो मेरी गांड और चूत में बहुत दर्द हो रहा था. में जैसे ही बाथरूम में जाने के लिए खड़ी हुई तो मुझसे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था, लेकिन मुझे मेरे रूम में चुदाई की खुशबू आ रही थी और में अब इरफ़ान से मिलने को बहुत बैताब थी.
रेहान ने 9 महीने में मुझे चोद चोदकर चूत और गांड को कुछ ढीला कर दिया था और मेरा बदन भी थोड़ा गदराया हुआ लगने लगा था और चूतड़ तो और भी ज़्यादा सेक्सी लगने लगे थे. फिर में जब भी अपनी कोचिंग सेंटर के लिए बाहर निकलती थी तो चलते समय मेरे चूतड़ हिलते थे तो बाहर के सभी लड़के मुझ पर ताने मारते थे और वो बहुत गंदा गंदा बोलते थे. दोस्तों अब तो मेरे सपनों के राजा इरफ़ान ने मेरे राज़ा रेहान और गांडू शाहिद के साथ मिलकर मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया था और गांड को फाड़ दिया था, जिसके कारण मेरे चूतड़ और ढीले हो गए थे जो चलते टाइम और भी ज़्यादा हिलने लगे थे.
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लखनऊ की आरती की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदि है और में लखनऊ का रहने वाला हूँ और में एक स्पोर्ट्समैन हूँ. मेरे लंड का साईज़ 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है जो क़िसी भी लड़की को संतुष्ट कर सकता है. मैंने बहुत सारी लड़कियों के साथ सेक्स किया है, कैसे में प्ले बॉय बना? आज आपको बताने जा रहा हूँ.
मेरी एक दोस्त है आरती, उसका फिगर साईज 34-32-36 है और वो लखनऊ के एक हॉस्टल में रहती थी, हम अच्छे दोस्त थे लेकिन धीरे-धीरे हमारी बात आगे लव तक पहुँच गई.
फिर एक दिन मैंने उसे प्रपोज़ कर दिया, तो वो कल जवाब दूंगी कहकर चली गई. फिर रात में हम फोन पर बात कर रहे थे तो उसने मुझे हाँ बोल दिया. फिर क्या था? फिर हम लोग कुछ दिन के बाद सेक्स की बातें करने लगे, अब फोन सेक्स करते हुए एक दिन हमने मेरे फ्लेट पर मिलने का प्लान बनाया.
फिर मैंने अपने दोस्तों से कहा कि आज आरती आ रही है और तुम सब मूवी देखने चले जाओ और वैसे भी हम 3 BHK फ्लेट पर 3 लोग ही रहते है तो रूम की कोई दिक्कत नहीं थी. फिर वो मेरे फ्लेट पर आई और वो जैसे ही अंदर आई तो मैंने दरवाजा बंद कर दिया और बिना देर किए उसे ज़ोर से हग किया और उसे किस करने लगा.
वो बोली कि में भागी नहीं जा रही हूँ, आराम से कर लेना, हमारे पास पूरा दिन है. फिर मैंने उसके लिप्स पर किस किया और फिर हम एक दूसरे में खो से गये. फिर 15-20 मिनट के बाद जब हम ज्यादा गर्म हो गये तो में उसे दीवार से चिपकाकर किस करने लगा. अब वो मदहोश होने लगी थी. फिर में धीरे से अपना एक हाथ उसके बूब्स पर ले गया जो कि बहुत बड़े-बड़े 34 साईज के थे और एकदम सॉफ्ट थे.
अब वो पागल हुए जा रही थी और सिर्फ़ आअहह आहह आराम से कह रही थी. फिर मैंने उसका टॉप निकाल फेंका, अब वो पिंक ब्रा में एकदम माल लग रही थी जैसे कोई पोर्न स्टार हो, बड़े-बड़े बूब्स, पिंक ब्रा और मैंने बिना देर किए उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके दोनों बूब्स को आज़ाद कर दिया. अब मेरे प्रेस करने से उसके बूब्स हार्ड हो गये थे.
फिर में उसके पिंक टाईट निप्पल को अपने हाथ में लेकर चूसने लगा. अब वो मदहोश होती जा रही थी और चिल्ला रही थी काट दो, खा जाओ, सब तुम्हारा है, बहुत तड़पती हूँ कभी किसी ने नहीं चूसा, खा जाओ, वाऊ आदि तुम बहुत अच्छे हो और दबाओ, तेज़-तेज़ चूसो, मेरे निपल अपने दातों से खींचो, काट डालो मेरे दोनों बूब्स. फिर मैंने उसकी जीन्स उतार दी और अब वो पिंक पेंटी में थी.
फिर मैंने देर ना करते हुए उसकी पेंटी भी उतार दी, उसकी चूत एकदम टाईट थी. अब मेरी एक उंगली भी बहुत मुश्किल से जा रही थी, अब में समझ गया था कि यह कभी चुदी नहीं है.
फिर मैंने उसकी चूत को चाटा तो अब वो मेरा सिर पकड़कर अंदर दबा रही थी और में अपनी जीभ से उसकी चूत को चोद रहा था. अब वो पागल हुए जा रही थी कि प्लीज खा जाओ, बहुत मज़ा आ रहा है मुझे, थैंक्स यार. फिर मैंने उसके हाथ में अपना लंड दे दिया तो वो डर गई और इतना बड़ा में कैसे अपनी चूत में लूँगी? मेरी चूत फट जाएगी, मुझे नहीं करना.
फिर मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं होगा, थोड़ा सा दर्द होगा और फिर बहुत मजा आएगा. फिर मैंने उसे सक करने को कहा तो वो बिना कुछ बोले सक करने लगी थी. अब वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कि कोई आइसक्रीम हो. अब चुदाई की बारी थी, फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और उसकी चूत के किनारे-किनारे फैरने लगा.
अब वो पागल हुए जा रही थी प्लीज अंदर डालो, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है. तो मैंने एक झटका लगाया और अब मेरा टोपा अंदर ही गया होगा कि वो जोर से चिल्ला पड़ी प्लीज निकालो मुझे नहीं करना है ये सब, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज निकालो. फिर मैंने थोड़ा रुककर एक और झटका मारा, तो अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर था.
अब वो अपना सिर इधर उधर पटक रही थी और चिल्ला रही थी आहह हह हह उूओ ऊ ऊऊ ऊ में मर गईईईइ, मम्मी प्लीज मुझे बचा लो, में मर जाऊँगी, बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज निकालो. फिर में धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा और अब में उसके बूब्स सक करता तो कभी किस करता.
फिर कुछ देर के बाद वो शांत हुई और अब थोड़ा सा खून भी उसकी चूत से गिर रहा था, लेकिन अब में अपना लंड आगे पीछे करने लगा था. अब वो अहहाहाहहह उफ़फ्फ़ फक मी आदिइईई वाऊंवववव आह हाहह ह ऑश बहुत मज़ा आ रहा है, तुम बहुत अच्छा चोदते हो, अब में तुमसे रोजाना चुदवाऊंगी, प्लीज तेज़ तेज़ करो बोले जा रही थी. फिर मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी तो वो अयाया आहा अहहह ऑश उफफफफ्फ़ माँ में मर गई बोलती जा रही थी.
अब इतने में वो दो बार झड़ गई थी, अब मेरा अभी तक नहीं निकला था तो मैंने उसकी पोज़िशन चेंज करके उसको डॉगी स्टाइल में कर दिया. उसकी गांड बहुत मस्त थी और उसकी गांड कोई भी देख ले तो मारे बिना रह ही नहीं सकता है.
फिर मैंने उसकी चूत में फिर से अपना लंड घुसा दिया और उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा. फिर 1 घंटे के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये, फिर मुझे उसकी गांड की याद आई. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारनी है तो वो मेरे हाथ जोड़ने लगी प्लीज आज नहीं में बहुत थक गई हूँ, लेकिन फिर मेरे बहुत बार कहने पर वो मान गई और क्या बताऊँ? मुझे उसकी गांड मारने में चूत से ज्यादा मज़ा आया था.
फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और एक ही झटके में अपना पूरा लंड डाल दिया तो वो चिल्ला उठी आईई आहह हह ऑश हह आदि प्लीज बाहर निकालो, में मर जाउंगी एयाया आआ आह वूव्व ववव फुक मी हार्ड बेबी. अब वो चल भी नहीं पा रही थी. फिर मैंने उसे उसके हॉस्टल पर छोड़ा. फिर रातभर हमने आराम किया.
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