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लण्डधारी शैतान


नमस्ते दोस्तो मेरे नाम अनीकेत है में नागपुर का रहें वाले हू। मेरी लंबाई छे फ़ीट है और रंग सावला है और में एक ओडीट कम्पनी में फील्ड ओफीसर हू। ये मेरी पहली चूदाइ (chudai) की कहानी है। आशा है कि आप सभी को ये कहानी बेहद पसंद आएगी।


मेंरे पापा एक ढेकेदार है।

उनका कलरींग का काम चलता है हमारा चार कमरे वाला घर है जीसमे कीचन और होल ओर तीन बेट रोम है दो नीचे और एक ऊपर है मेरे परिवार में मैं, मैरी दीदी, पापा , माँ रहते हैं।


बात उन दिनों की हैं जब मैं दसवीं के बाद गरमी की छुटी मना रहा था बस दीं भर बाहर घूमना, दोस्तों के घर जाना और फोन में चूदाइ के वीडियो देखन, फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पडना और उपर वाले से कोई जूगाड मंगना।


अब मैं कहानी की शुरुआत करताहूं।


एक दिन पापा एक मैरिज कपल को घर ले आये, और हम सब को बता ने लगे की ये दोनो अब कूछ महीनों के लिए यहाँ रहेगे क्यों वो आदमी जीसका नाम गणेश था पापा के पास काम करता था।


और जब मैंने उसकी पत्नी को देखा तो देखता ही रह गया, क्या वो बला की खूबसूरत थी, गोरा रंग, बड़ी बड़ी आखे, हाइट तकरीबन सडे 5 रही होगी। उस के बूब्स कमसे कम 38D के तो जरूर होगे और कमर 32 की होगी और गांड 36 की होगी।


उसे देखने के बाद अछे से अछा आदमी का भी लंड खडा हो जाये गया। बस कयामत की खूबसूरत थी।


मै बस उसे देखेही जा रहा था, और उतना मे पापा की आवाज मैरे कानों पर पडी, और मेरी नज़र उसकी गांड पेसे हटी और पापा मुझे बोले की आज से तू भी नीचे वाले कमरे में सोयेगा, और ये दोनों तेरे कमरे में सोयेंगे, में बोला की नीचे वाले कमरा दे दो तो मम्मी कहने लगी नीचेवाले कमरे में पापा का का सामना रखा है।


और मैरा पूरा मुड खराब हो गया, क्योंकि मैं मैरे रूम में चूदाई के वीडियो देखकर मूठ मारा करता था और दोस्तों के साथ फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पडता था।


पेशल रूमना होने के कारण मूझे पूरी आजादी थी पर अब तो ये सब बहोत कम होगा पर पापा और मम्मी उने उपर वाले कमरे में लेकर चलेगी और मैं भी मेरे दोस्त अभी के घर चला गया अभी से भी मेरी इस बात पर बात हूँ तो वो बोल ने लगाया की अछा है कम से कम बूब्स देखने मीलेंगे, मैं उसे गाली देते हुए उस बातों को वही बंद कर दिया, पर उसके वजह से मैं और भी सोच ने लगा।


फिर कूछ हप्ते बाद में जब शाम को घर आया तो सीधे अपने कमरे में चले गए क्यों की उपर वाले कमरे की सीढ़ीया बरामदे से ही थी.


मैं जेसे ही अंदर गया तो गणेश भाउ की बीबी सामने सो रहीं थी और साढी घूटने के उपर तक थी मूझे उस जांगे साफ साफ दिखाई दे रही थी।


उसके पैर और जांगे इतनी साफ और सफेद थी की दूध जेसी मैं उस की जांगो को घूरा जा रहा था तभी वो बोली, आप और मूजे याद आया की मेरा रुम में अब वो लोग रहते हैं में सोरी बोल के वहा से जाने लगा उतनें में उसने आवाज दी रोको और मैं रूक गया वो बोली की लाइट कब आएगी शायद बीजली नहीं थी, मैं बोला, बीजली तो वेसे जाती तो नहीं है पर भी मैं चेक करता हु, और मेने मम्मी को आवाज दी और पूछा की बीजली है क्या तो वो हा बोलीं, और में कमरे के अंदर जाने के लीया पुछा तो वो बोली आप काही घर है, और में अंदर गया और फीयुज चेक करने लगा क्या की उसका बंटन कभी कभी बंद हो जाता था और में उने भी बता या मेंने उसे उनका नाम पूछा क्यों गणेश का नाम पता था पर इनका नहीं..


तो वो बोली मेरे नाम राची है, और मै बोला मैर नाम, तो वो उतने में बोली अनीकेत और घर में सभी अंनी बूलाते है, मैं बटन दबाके बोला आप को के से पता, तो वो बोली आप की माँ ने बताया फिर मै बोला आप मुझे आप कहके मत बूलो ला करो तो वो बोली क्यों, क्या खराबी है आप कहने मे क्योंकि आज से पहले मूझसे येसी बात नहीं की और आप मुझसे उमर मे बडी हो इतना कह कर में नीचे चला गया, रात में मम्मी ने उन्हें खाने को नहीं चे ही भूलाया राची ने लाल रंग की साड़ी पेनी थी, जीसमे वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी। खाना खाते हूवे पूरी वक्त मेरी नज़र बस उसे ही देखते जा रही थी, उसके बडे बूब्स काफी कातीलाना दीख रहे थे। मेरे साथ नउ इंच लंड बार बार खड़ा हो रहा था उसे रात मे ने तीन बार उसके नाम की मूठ मारी…


अगले कुछ दिन में वो सभी के साथ घूल मील गई जब वो टीवी देखने के लिए नीचे आती तो मैं उसके बदन को नीहारता, और रोज उसके नाम की मूठ मारता था।

ये सब तकरीबन एक से दो महीनों तक चला, एक दिन अभीने मूजे वीडियो का नया कलेक्शन दीया और मैं घर लौट कर पहले उपर के कमरे में देखा तो मेने सोचा की राची टीवी देखने के लिए नीचे गयी है और मैं उसके कमरे में जाकर वीडियो देखने लगा और अपने लंड को सहलाने लगा आचानक मरी नजर सामने की काच पर पडी और मेरे हूश उड गये। काच नमे की राची खडी थी और मेरे फोन में जाक रहीं थी।

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बीना लंड पर बैठकर खूब चुदी


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अली है. तो हुआ यूँ कि जैसे ही बीना मेरे हाथों पर अपने हाथ रखकर मेरे साथ लेटी तो उस वक़्त मुझे ऐसा महसूस हुआ जिसे में हरगिज लफ़्ज़ों में बयान ही नहीं कर सकता हूँ.
में सोच भी नहीं सकता था कि में बीना के इतना करीब भी कभी आ सकूँगा. उसके जिस्म से बहुत ही प्यारी खुशबू आ रही थी, जो मुझे और भी पागल कर रही थी. उसका भरा हुआ जिस्म मेरे जिस्म से बिल्कुल टच था और उसने इतनी टाईट शर्ट पहनी हुई थी कि लेटे हुए उसके बूब्स आधे से ज्यादा बाहर उभर गये थे, जिन पर जब भी मेरी नजर जाती तो मेरा उसके अलावा कुछ और देखने का दिल ही नहीं करता था.
फिर मेरे साथ लेटते ही बीना ने अपना मुँह मेरी तरफ किया और मेरी आँखों में आँखें डालकर मेरे बिल्कुल करीब आ गई, इतनी करीब की जब वो साँसे लेती थी तो उसकी गर्म-गर्म साँसें मेरी गर्दन पर टकराती थी.
उसने हल्के से मुझसे पूछा कि जान तुम मुझसे कितना प्यार करते हो? तो तब मैंने कहा कि अपनी जान से भी ज्यादा. तो यह सुनते ही बीना ने मुझे ज़ोर से गले लगा लिया और मुझे पागलों की तरह किस करने लगी, मेरे होंठो पर, मेरी गर्दन पर, मेरे कंधो पर और उसकी किस में इस कदर शिद्दत थी कि में होश में होकर भी मदहोश था. फिर उसने मेरी गर्दन पर बेतहाशा किस कर डाले.
वो मेरे ऊपर आकर मेरी जांघो पर बैठ गई और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी.
अब में उस वक़्त चाहकर भी उसे मना नहीं कर पा रहा था कि बीना प्लीज मुझे प्यार करने दो, क्योंकि उसका फिगर इतना मस्त था कि में उससे प्यार करने के लिए कुछ भी करने को तैयार था. अब उसके प्यार करने के अंदाज़ ने मुझे बिल्कुल सुन्न कर दिया था और मुझे इस हद तक मज़ा आ रहा था. मेरी शर्ट के बटन खोलते ही बीना ने मेरी शर्ट खींचकर पूरी साईड में कर दी थी, जिससे मेरी छाती उसके सामने आ गई थी.
वो बैठे-बैठे झुकी और मेरी पूरी छाती पर पहले किस करने लगी. अब वो उसकी जीभ मेरी छाती पर चारों तरफ घुमा रही थी. अब मेरे पूरे जिस्म में करंट सा लग रहा था, अब मेरी बॉडी पूरी हिल रही थी.
तभी उसने अपनी जीभ मेरी नाभि में डालकर घुमाई, तो मुझे ऐसा झटका लगा कि वो मुझ पर बैठी हुई थी और गिरते-गिरते बची थी.
अब उसे भी अंदाजा हो गया था और फिर उसने मेरी नाभि को खूब चाटा. अब मेरी तो जान ही निकल रही थी और नीचे जीन्स में मेरा 7 इंच का लंड पूरा तना हुआ था और सख़्त हो रहा था, जो बीना के कूल्हों के बिल्कुल नीचे था. अब वो मुझे सक करते-करते अपने कूल्हों को मेरे लंड पर रगड़ती जा रही थी, जिससे मेरा लंड और भी सख़्त होता जा रहा था.
बीना ने अपने होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और मेरे होंठो को चूसना शुरू कर दिया. अब मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मेरा दिल चाह रहा था कि बस वो मेरे होंठो को चूसती रही, मेरे होंठ किस के दौरान बंद थे.
उसने मेरे होंठो को सक करते-करते अपनी जीभ मेरे होंठो के बीच में मारी. फिर मैंने अपने होंठो को खोल दिया और उसने अपनी मीठी जीभ मेरे मुँह में डाल दी, उफफफफफफफ्फ क्या बताऊँ दोस्तों? मुझे तो उस वक़्त यह समझ में नहीं आ रहा था कि यह कैसा नशा है? जिसका मज़ा नॉन स्टॉप बढ़ता ही जा रहा है.
उसकी जीभ मेरे मुँह में कभी मेरी जीभ के ऊपर होती, तो कभी नीचे और फिर उसने इस शिद्दत से मेरे होंठो को चूसा कि मेरे होंठ बुरी तरह सूज गये थे, लेकिन मुझे उस वक़्त मामूली सा भी दर्द नहीं हो रहा था और फिर उसके बाद तो मेरे अंदर आग सी लग गई थी और शायद वो भी यही चाहती थी.
फिर मैंने उसे अचानक से उसके दोनों आर्म्स से पकड़कर बेड पर गिरा दिया और खुद उठकर उसके ऊपर आ गया और उसे ऐसे किस करने लगा था, जैसे 1 सेकेंड के लिए भी मेरे होंठ उसके चेहरे से अलग होंगे तो वो गायब हो ज़ाएगी. अब में उसके पूरे चेहरे को पागलों की तरह चूम रहा था और चाट रहा था और मेरे दोनों हाथ उसके बड़े-बड़े गोरे-गोरे बूब्स पर थे. उसके बूब्स इस कदर सख़्त थे कि उनको दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था और जितना मज़ा आता था में उतना ही पागलों की तरह उसे किस करता था.
मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए और उसके होंठो को ज़ोर-ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया. मुझे फ्रेंच किस करनी बिल्कुल नहीं आती थी, क्योंकि यह मेरा फर्स्ट टाईम था, लेकिन बीना की किस से मुझे बहुत अंदाज़ा हो गया था और फर्स्ट टाईम में ही में बहुत अच्छी तरह से किस कर रहा था.
फिर मैंने उसका लिप्स अपने मुँह में लिया और उसे चूसने लगा और खूब चूसा तो उसने इस बार फिर से अपनी जीभ को मेरे मुँह में डाल दिया, तो मैंने उसकी जीभ को चूसना शुरू कर दिया. अब तो हम दोनों इतने पागल हो गये थे कि हमें कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
में उसके बूब्स दबाते- दबाते अपना एक हाथ ऊपर से उसकी शर्ट के अंदर ले गया और उसके एक बूब्स को अपने हाथ से पकड़कर ज़बरदस्ती बाहर निकालने लगा, जो कि बाहर नहीं आ पा रहा था, क्योंकि उसकी शर्ट बहुत टाईट थी. फिर तभी बीना ने मुझे रुकने को कहा और उठकर मेरी तरफ अपनी पीठ करके बैठ गई और मुझसे कहा कि मेरी शर्ट की चैन खोल दो.
फिर मैंने बिना वक़्त बर्बाद किए उसकी चैन पूरी खोल दी और फिर उसने अपनी शर्ट उतार दी. अब वो सिर्फ़ पिंक कलर की ब्रा में थी और उसके सेक्सी बूब्स उसकी ब्रा से आधे बाहर थे, दूध जैसे सफेद बदन पर पिंक कलर की ब्रा क्या गजब ढा रही होगी? दोस्तों जरा सोचकर देखो, में तो सामने देख रहा था मेरा क्या हाल था? यह में ही जानता हूँ.
मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो में एकदम से उस पर झपट पड़ा और उसे बेड पर लेटाकर उसकी गर्दन को सक करने लगा था और अब मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे. फिर में उसकी गर्दन को किस करता हुआ उसके कंधो पर आ गया और उसके कंधो को चूसने और चाटने लगा था.
ऐसा करते-करते मैंने उसके दोनों हाथ ऊपर कर दिए और उसके कंधो पर से अपनी जीभ फैरता-फैरता उसके अंडरआर्म्स पर आया और वहाँ से लीक करता हुआ उसके बूब्स की गोलाई पर आ गया और उसके बूब्स की गोलाई को चारों तरफ से चाटा, जो कि उसकी ब्रा से बाहर निकले हुए थे.
फिर मैंने उसकी ब्रा को ऊपर कर दिया, तो उसके बड़े-बड़े बूब्स उसकी ब्रा से आज़ाद हो गये और वो इतने दिलकश और खूबसूरत थे कि में उन्हें देखकर देखता ही रह गया था, बिल्कुल सफेद, गोल-गोल और तने हुए बूब्स जिन पर लाइट पिंक नॉर्मल निपल्स तो कयामत लग रही थी.
अब मेरा दिल चाह रहा था कि उसके निपल्स को अपने मुँह में ले लूँ और फिर छोडूं ही नहीं और फिर मैंने उसके बूब्स को एक बार फिर से चारों तरफ से चाटा और चाटते-चाटते अपनी जीभ उसके निपल्स के चारों तरफ घुमाने लगा था. अब वो पूरी हिल रही थी, उसका जिस्म मछली की तरह तड़प रहा था और अब उसने मेरे बालों को कसकर पकड़ा हुआ था, ताकि में अपना मुँह उसके बूब्स से ऊपर उठा ही ना पाऊँ.
मैंने अपनी जीभ की नोक को उसके निपल्स पर रखा और उसकी निपल्स की नोक को चाटने लगा और फिर में अपनी जीभ से बीना के निप्पल को दबाने लगा था, जिसकी वजह से बीना की सेक्सी आवाज़ें निकलने लगी थी.
अब उसके हाथ मेरी पीठ पर आ गये थे और अब उसने मुझे इतनी सख्ती से जकड़े हुए था कि मेरी पीठ पर निशान आ गये थे. फिर मैंने उसके निप्पल को चाटते-चाटते अचानक से अपने मुँह में ले लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा था.
जब मैंने इतने सॉफ्ट तरीके से उसके निप्पल को चाटते-चाटते उसे ज़ोर से चूसना शुरू किया. फिर बीना और भी पागल होने लगी और अब उसने मेरी बेल्ट खोलनी शुरू कर दी थी, जब उसकी आँखें बंद थी और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी और फिर आख़िर में उसने मेरी बेल्ट खोल ही दी और मेरी अंडरवेयर के अंदर अपना एक हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगी थी, जिससे मुझे और जोश चढ़ने लगा था.
अब में उसके दूसरे निप्पल को भी ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा था. अब मेरा लंड तो पहले ही रोड बना हुआ था. अब उसके टच करने से तो वो और भी अकड़ने लगा था.
फिर में उसके बूब्स से अपनी जीभ फैरता हुआ उसके पेट पर आ गया और उसके पूरे पेट को चाटना शुरू कर दिया और हल्का-हल्का काटना भी शुरू कर दिया था. अब मेरे होंठो को उसकी नाभि पर लगाते ही उसका जिस्म बार-बार ऊपर उठने लगा था.
उसने अपने दोनों हाथों से बेडशीट को पकड़ रखा था और बहुत मौन कर रही थी. फिर में उसको लीक करता-करता उसकी जांघो पर आ गया और उसकी पूरी जांघो को अपनी जीभ से चाटता हुआ उसके पैरों तक आ गया. उसके पैर इतने प्यारे थे कि मैंने उसके पैरों पर किस करना शुरू कर दिया था. फिर में उसके पैरों को उठाकर अपने मुँह के सामने लाया और उसके पैरों की उंगलियों को एक-एक करके अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और बीना को तो शायद मुझसे ज्यादा मज़ा आ रहा था, क्योंकि उसकी हालत बहुत अजीब सी हो रही थी, उसकी आँखें नहीं खुल रही थी और उसने बेडशीट को सख्ती से पकड़कर रखा था.
फिर मैंने ऐसा ही उसके दूसरे पैर के साथ किया, तो वो और बेकरार हो गई. में फिर से अपनी जीभ को उसके पैरों से फैरता हुआ उसकी जांघो तक आ गया और उसकी जांघो को चूसने लगा था. फिर पहली बार मुझे बीना की जोश से भरपूर आवाज सुनाई दी जान प्लीज मेरी चूत पर किस करो ना. तो मुझे उसके बोलने से बहुत जोश चढ़ा और फिर मैंने अपने होंठ एकदम से उसकी चूत पर जमा दिए और उस पर किस करने लगा था.
पहले तो मुझे बहुत अजीब सा लगा और सच बताऊँ तो बहुत घिन भी आ रही थी कि यह में क्या कर रहा हूँ? लेकिन जब मैंने कुछ देर तक उसकी चूत को किस किया तो मेरी झिझक और घिन दूर होती गई और अब में खूब मज़े ले-लेकर उसकी चूत को नीचे से ऊपर चाट रहा था और उसकी चूत गीली होती जा रही थी. अब उसका पानी हल्के हल्के बाहर आने लगा था, जो कि बार-बार मेरी जीभ से टच होता था और अब मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मैंने अपने होंठो को बीना की चूत पर सख्ती से जमा दिया था और उसकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा था.
फिर तभी बीना की फिर से लड़खड़ाती हुई आवाज आई जानू, बेबी, प्लीज अपनी जीभ अंदर दाल दो. अब मुझे तो और जुनून चढ़ गया था और फिर मैंने अपनी उँगलियों की मदद से उसकी चूत को थोड़ा सा ओपन किया और फिर अपनी जीभ अंदर डाल दी. उसकी चूत अंदर से जितनी गीली हो रही थी उतनी ही गर्म भी थी और फिर मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर चारों तरफ घुमाना शुरू कर दिया, लेकिन मेरे होंठ अब भी उसकी चूत पर ही जमे हुए थे और फिर मैंने देखते ही देखते 10 मिनट में ही उसकी चूत को चूस चूसकर सुखा दिया. अब बीना की सिसकारियां बहुत बढ़ चुकी थी और उसकी आवाज भी काफ़ी तेज हो गई थी. उसकी आँखें बहुत लाल हो रही थी और उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि वो बहुत हॉट हो चुकी है.
फिर उसने मुझको मेरे बालों से पकड़ा और मेरे मुँह को ज़ोर से अपनी चूत में दबाने लगी और अब में भी और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत को चाट रहा था.
अब उसकी बर्दाश्त करने की शक्ति खत्म होती जा रही थी और वही हुआ. फिर उसने अचानक से मुझे बालों से ही पकड़कर ऊपर किया और मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद उठकर मेरे ऊपर आकर मेरे खड़े लंड पर अपनी चूत रखकर बैठ गई. उसके बाद ऊपर नीचे होकर उसने अपनी चूत को खूब चोदा और मेरे लंड को झाड़कर खुद भी झड़ गई.
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आख़िर मैंने चुदाई का मज़ा ले ही लिया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनिया है और में 2 साल से कहानियाँ पढ़ रही हूँ तो मैंने सोचा कि क्यों ना आज में भी अपनी कहानी आप सबके साथ शेयर करूँ? में कानपुर में रहती हूँ और मेरे परिवार में एक बहन, एक भाई और मम्मी, पापा रहते है और मेरे घर के सामने एक परिवार रहता है, उसमें उनका एक लड़का है.
जब में 22 साल की थी तो मेरी शादी हो गयी, लेकिन भगवान की मर्ज़ी नहीं थी तो मेरी शादी 1 महीने के बाद ही टूट गयी और में अपने मायके वापस आ गयी. अब वो लड़का मुझे और मेरी बहन को रोज अपनी खिड़की से देखता था. हम दोनों बहनें काफ़ी बिंदास स्वभाव की है. फिर कुछ दिन तो मैंने अनदेखा किया, लेकिन फिर मैंने भी सोचा कि जब तक शादी नहीं हो रही क्यों ना इससे मज़ा ले लूँ? तो मैंने सोच लिया कि इसे फंसाना है और वो भी लाईन में तो था ही. अब में उसे देखती थी और उसे कुछ ज्यादा ही दिखती थी.
फिर एक दिन जब वो दरवाजे पर खड़ा था, तो में एकदम से नीचे की तरफ झुक गयी, जिससे मेरी जींस पीछे से उठ गयी और मेरी पेंटी उसे थोड़ी सी दिख गयी, लेकिन वो कुछ कर तो सकता नहीं था तो वो बेचारा देखकर ही रह गया. फिर मैंने कुछ नये टॉप खरीदे, जिनका गला काफ़ी बड़ा था और उसमें से मेरी चूची साफ-साफ दिखती थी, तो वो रोज देखता था. फिर दिन में अपने कमरे में थी, मेरे कमरे की खिड़की और उसके कमरे की खिड़की आमने सामने है.
मैंने रात को करीब 10 बजे देखा, तो वो खिड़की खोलकर बैठा था. फिर मैंने अंजान बनते हुए अपने कपड़े उतारना शुरू किया और जैसे मैंने उसे नहीं देखा हो और में सोने के लिए अपने कपड़े उतार रही हूँ.
फिर थोड़ी देर तक तो उसने नहीं देखा, तो मुझे बहुत गुस्सा आया तो मैंने अपने कमरे में ब्लू फिल्म चालू कर दी और उसकी आवाज काफ़ी तेज कर दिया, तो तब उसका ध्यान गया. तब तक मैंने केवल अपना टॉप उतारा था, तो वो मुझे देखता ही रह गया. अब मेरी सफ़ेद ब्रा पर उसकी नजर पड़ गयी थी, लेकिन मैंने अंजान बनते हुए अपनी ब्रा उतारकर फेंक दी.
जैसे ही मैंने अपनी जींस उतारकर फेंकी और अपनी पेंटी में अपना एक हाथ डालकर उसे सहलाने लगी, तो उसने बोल ही दिया कि सोनिया अरे क्या कर रही हो? तुममें कोई शर्म है कि नहीं? खिड़की खोलकर कपड़े क्यों उतार रही हो? लेकिन उसने मेरे ऊपर से अपनी आँखें नहीं हटाई. फिर मैंने बोला कि तुम ही हट जाओं, क्यों देख रहे हो? तो वो बड़ी बेशर्मी से बोला कि में क्यों जाऊं? इतनी बढ़िया ब्लू फिल्म, वो भी फ्री में क्यों ना देखूं? तो मैंने बोला कि मैंने मना किया है क्या? देखो ना. फिर वो बोला कि दूर से नहीं मेरे पास आओ, में ही उतार देता हूँ.
तो मैंने बोला कि पागल हो क्या? में अभी कैसे आ सकती हूँ? तुम एक काम करो कल दिन में मेरे घर में कोई नहीं रहेगा, तो तब तुम आ जाना. फिर उसने कहा ओके और फिर में अपनी खिड़की बंद किए बिना ही ऐसे ही सो गयी. फिर मैंने उसे दूसरे दिन अपने घर पर बुलाया. उस दिन मैंने स्कर्ट और ढीले गले का टॉप पहना था, जिसमें से मेरे बूब्स साफ-साफ दिख रहे थे. फिर वो बोला कि अरे इसे क्यों खोला है? इसे ढककर रखा करो. फिर मैंने गुस्से से बोला कि इसे ढक दूँगी, तो तुम यहाँ आकर क्या करोगे? तो वो समझ गया कि में एकदम प्यासी हूँ.
वो बोला कि फिर तो जो चाहो करो, क्यों टाइम बर्बाद कर रही हो? तो मैंने कहा कि तो करो ना, में कब मना कर रही हूँ? तो वो बोला कि ओके डार्लिंग. फिर में डार्लिंग सुनकर एकदम मस्त हो गयी और उसने मुझे अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर बैठा दिया, क्योंकि जब घर में कोई नहीं था तो दरवाज़ा बंद करने की कोई जरूरत तो थी नहीं और में बिंदास उसकी गोद में बैठी थी.
अब मुझे किसी मर्द की गोद में बहुत अच्छा लग रहा था, क्योंकि मेरी शादी जरुर 1 महीने तक चली थी, लेकिन मेरा उनसे संबंध केवल 1 दिन ही बना था और वो भी सुहागरात को, क्योंकि उनके लंड का साईज केवल 3 इंच था और पतला सा था, तो वो मुझे उस दिन भी खुश नहीं कर पाए, यहाँ तक कि मेरी सील भी नहीं टूटी थी तभी तो मैंने उन्हें तलाक भी दिया था. फिर उसने मुझे अपनी गोद से उतारकर बगल में बिस्तर पर बैठा दिया. फिर में चुपचाप बैठी देखती रही कि वो क्या करने वाला है? तो तब उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए.
में उसका लंड देखकर दंग रह गयी, उसका लंड करीब 10 इंच का था. अब मुझे उसके लंड को देखकर अच्छा भी लग रहा था और डर भी लग रहा था. फिर मैंने सोचा कि कहीं आज में मर ही ना जाऊं. फिर तभी वो बोल पड़ा कि अरे डरो मत में तुम्हें बड़े प्यार से खुश करूँगा, तुम डरो मत और फिर बिस्तर पर आकर बैठ गया और मुझसे बोला कि अरे तुम भी तो कुछ हल्की हो जाओ.
फिर मैंने कुछ नहीं बोला तो उसने अपनी बात फिर से कही. फिर मैंने कहा कि अरे अब जो करना है तुम ही करो. फिर फिर उसने कुछ नहीं कहा और मुझे धीरे से अपनी गोद में बैठाकर मेरे टॉप के बटन खोलने लगा, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. फिर उसने मेरी टॉप उतारकर फेंक दी. फिर उसने मेरी ब्रा के हुक खोल दिए, तो तुरंत ही मेरे दो 36 साईज के कबूतर उड़ने को तैयार हो गये. फिर उसने तुरंत ही उन्हें अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और बड़ी बेदर्दी से मसलने लगा, तो में दर्द से कराह उठी.
मैंने कहा कि अरे कुत्ते छोड़ मुझे. फिर उसने अपनी पकड़ कुछ ढीली की तो मुझे कुछ आराम मिला, लेकिन वो तुरंत ही मेरी चूची को अपने मुँह में डालकर चूसने लगा. अब मुझे उसका ये करना अच्छा लग रहा था और अब वो मेरी स्कर्ट के नाड़े को खोलने लगा था, लेकिन वो उससे नहीं खुला बल्कि और फंस गया था.
अब उसने मेरी चूची को अपने मुँह से बाहर निकाला और अपने मुँह को मेरी नाभि के पास ले जाकर मेरे नाड़े को अपने दाँत से काटने लगा और कभी-कभी अपनी जीभ मेरे नंगे पेट पर चला देता था. अब मुझे उसका ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था. फिर थोड़ी देर में उसने मेरे नाड़े को अपने दाँत से काट दिया. फिर उसने अपने मुँह से ही मेरी स्कर्ट को पकड़कर नीचे सरकाना चाहा, लेकिन वो नहीं कर पाया तो उसने अपने हाथ से ही मेरी स्कर्ट उतार दी. अब वो मुझे सिर्फ़ वाईट पेंटी में देखकर पागल हो गया था.
वो मेरी पेंटी पर टूट पड़ा, लेकिन उसने उसे उतारा नहीं बल्कि उसे अपने दाँत से काट डाला. फिर मैंने उसे मना किया, क्योंकि कभी-कभी उसके दाँत मेरी जांघ पर भी लगते थे और मुझे बहुत दर्द होता था, लेकिन उसने मेरी एक नहीं सुनी और करीब 15 मिनट में मेरी पेंटी काट डाली और फेंक दी. फिर उसके बाद तो वो मेरी चूत को देखता ही रह गया और पागल कुत्ते की तरह उसे चाटने लगा.
फिर वो करीब आधे घंटे तक मेरी चूत को चाटता रहा और साथ में मेरे बूब्स को भी मसलता रहा. फिर मैंने उससे कहा कि अरे मुझे भी चूसना है, तो वो झट से 69 की पोजिशन में आ गया. फिर हमने करीब 1 घंटे तक एक दूसरे के जिस्म को चाटा. अब इस बीच में वो 3 बार झड़ गयी थी और अंत में जब उसने मेरे मुँह में अपना वीर्य छोड़ा, तो तब हम अलग हुए. फिर थोड़ी देर में मैंने उसका लंड चूसकर खड़ा किया और उससे कहा कि अब बस करो, अब मैन काम करो. फिर उसने कहा कि क्या मैन काम? तो मैंने कहा कि अरे वही.
वो बोला कि साफ़-साफ़ बोलो. फिर मैंने कहा कि अरे मुझे शर्म आती है. फिर उसने कहा कि जब तक तुम अपने मुँह से नहीं बोलोगी, में नहीं करूँगा. फिर मुझे बोलना पड़ा, तो मैंने कहा कि अरे बाबा चुदाई करो. फिर तब उसने मुझे सीधा लेटा दिया और मेरे पैरों को थोड़ा फैलाया और अपना सुपाड़ा मेरी चूत पर रख दिया और रगड़े बिना सीधा अंदर की तरफ जोर से दबा दिया तो में चिल्ला उठी. फिर तब वो उठ गया और क्रीम लेकर आया और उसने ढेर सारी क्रीम मेरी चूत के अंदर डाल दी या ऐसे कहूँ कि मेरी चूत को क्रीम से भर दिया.
फिर उसके बाद उसने अपने लंड को क्रीम के डिब्बे में 5-6 बार अंदर बाहर किया जैसे वो डब्बे को चोद रहा हो तो इस तरह से उसके लंड पर भी क्रीम लग गयी तो तब उसने दुबारा से धक्का लगाया और यकीन मानिए उसका 10 इंच का लंड बिना दर्द के एक बार में ही पूरा अंदर चला गया था, लेकिन मुझे क्या पता था? तो मैंने बोला कि प्लीज धीरे डालो और थोड़ा रूककर बाकी का डालना. फिर वो बोला अरे जरा नीचे देखो पूरा लंड अंदर है.
उसने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और करीब 30 मिनट तक करता रहा और अब उसकी स्पीड बहुत तेज थी. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर करीब 30 मिनट बाद में 5 बार झड़ी और फिर बाद में वो भी झड़ गया और उसने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में ही छोड़ दिया और वो ऐसे ही अपना लंड अंदर डाले ही लेटा रहा. अब उसका सिर मेरे बूब्स पर था.
फिर जब थोड़ी देर के बाद हमारी थकान दूर हुई तो वो बोला कि अब पीछे से हो जाए. फिर मैंने कहा कि पागल हो क्या? में मर जाऊंगी. फिर तब वो बोला कि अरे क्यों डरती हो? अब मन तो मेरा भी था, लेकिन में कुछ बोल ना सकी. फिर उसने फिर से क्रीम का डिब्बा उठाया और इस बार क्रीम मेरी गांड में भरने लगा. फिर उसने अपनी 2 उँगलियों पर ढेर सारी क्रीम रखी और अपनी दोनों उंगलियाँ मेरी गांड में डाल दी. फिर में उछल पड़ी और उससे बोली कि क्या कर रहे हो? मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
वो गुस्सा हो गया और बोला कि चुपचाप पड़ी रह साली रंडी कहीं की, तो में चुप हो गयी. फिर थोड़ी देर में उसने ढेर सारी क्रीम मेरी गांड में भर दी. फिर उसने अपने लंड पर क्रीम लगाकर मुझे घोड़ी बना दिया और मेरे बूब्स को पकड़कर मुझे पेलने लगा और फिर 30 मिनट तक उसने मेरी गांड भी मारी, लेकिन क्रीम लगी होने पर भी मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन मुझे मज़ा भी बहुत आया था.
फिर जब उसका वीर्य मेरी गांड में भर गया, तो वो उठा और मेरी गांड को देखकर हँसने लगा और बोला कि देखो कितनी सूज गयी है? और इसका छेद भी देखो और हँसने लगा. फिर मैंने उससे कहा कि अब बस करो, मेरे घरवालों का आने का टाईम हो रहा है. फिर वो बोला कि ओके, लाओ में तुम्हारी चूत और गांड साफ कर दूँ, तो मैंने कहा कि ओके. फिर उसने चादर को अपनी उंगली में लगाकर मेरी चूत में डाला और कसकर अपनी एक उंगली मेरी चूत के अंदर घुमा दी.
में दर्द से चिल्ला उठी और बोली कि ये क्या कर रहे हो? तो वो बोला कि बस हो गया, अब सारा वीर्य बाहर निकल गया है. फिर उसने ऐसे ही मेरे गांड के साथ किया और फिर बोला कि अब तुम मेरे लंड को साफ कर दो, तो मैंने भी उसे चाटकर साफ कर दिया. फिर वो अपने कपड़े पहनकर अपने घर चला गया और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और किसी को कुछ पता नहीं चला.
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नौकर ने रखैल बनाकर चूत फाड़ी


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पार्वती है, में शादिशुदा हूँ, मेरी उम्र 31 साल है, मेरी शादी 24 साल की उम्र में हो गयी थी. मेरा फिगर साईज 38-29-40 है, मेरी हाईट यही कोई 5 फुट होगी. मेरी यह स्टोरी मेरे पड़ोस के नौकर और मेरे बीच की है, उसका नाम रवि है. में एक जॉइंट फेमिली में रहती हूँ, मेरे पति, बच्चे, सास और ससुर हम साथ ही रहते है. ये कहानी आज से करीब 6 साल पहले की है.
मेरे सास और ससुर अमेरिका चले गये थे, मेरे पति ट्रैनिंग के सिलसिले में देश से बाहर थे. मुझे अपने पति के साथ ना सोए हुए करीब 1 महीने हुआ था, मेरी नयी-नयी शादी हुई थी और में जवान थी, मेरे अंदर गुदगुदी होने लगी थी. मुझे क्या पता था? मेरे घर के पास वाले घर में जो नौकर था, लेकिन वो नौकर होकर भी उस मकान मालकिन के बेटे जैसा रहता था. वो मेरे सुडौल बदन को बहुत घूर-घूरकर देखता रहता था, लेकिन मुझे कुछ पता नहीं था.
यह एक दिन की बात है, वो मुझे घूर रहा था कि मेरी आँख भी उसके ऊपर पड़ी. अब मस्त जवान लड़का मुझे घूर रहा है और मेरे भीतर कुछ-कुछ होने लगा था तो में मुस्कुराई, तो उसे मेरा सिग्नल मिल गया. फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे घर पर आया, तो मैंने दरवाजे पर दस्तक दी. फिर मैंने दरवाजा खोला और वो मेरे घर के अंदर घुस गया. फिर मैंने उससे पूछा कि आपको किससे मिलना है? तो उसने जवाब में कहा कि तुम से यार.
में खड़ी-खड़ी देखती रह गयी और उसने उसी वक़्त मेरे दोनों बूब्स को दबोच लिया. फिर उसने कहा कि तुम्हारे बदन को देखकर में पागल हो गया हूँ, आज तुमने मुझे सिग्नल देकर बहुत अच्छा काम किया है मेरी जान. अब में भी रोमांचित हो गयी थी और में कुछ नहीं कर सकी.
फिर उसने दरवाजा अंदर से बंद किया और मेरे दोनों बूब्स को सहलाते हुए मेरे बेडरूम की तरफ मुड़ गया, तो में भी खिंची हुई चली गयी. फिर वो मेरी कमर पर अपना एक हाथ मसलकर बोला कि मेरी जान तू मुझे पागल करके ही छोड़ेगी, है ना? तो में कुछ नहीं कह सकी. फिर उसने मुझे मेरे बेड पर लेटाया और मेरे होंठ, गर्दन और बदन पर चूमने लगा. अब मेरे मुँह से आवाज आने लगी थी. अब में पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी.
उसने मेरी साड़ी उतार फेंकी और मेरे ब्लाउस को भी उतार फेंका और फिर उसने मेरे पेटीकोट को भी उतार फेंका. अब में उसके सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. फिर उसी वक़्त उसने अपने सारे कपड़े उतार डाले. अब में उसके लंड को देखकर घबरा गयी थी, उसका लंड काला, मोटा था, उसका साईज यही कोई 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था, लेकिन मुझे करीबन 1 महीना हो चुका था, मैंने लंड का मज़ा नहीं पाया था इसलिए मैंने अपनी आँखें बंद कर ली थी.
फिर वो अपना औजार मेरी चूत के नजदीक लेकर गया और मेरे ऊपर झुक गया, तो में उसके गर्म लंड को महसूस करने लगी. फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत के अंदर डालना शुरू किया. अब मुझे दर्द होने लगा था, अब में दर्द से चिल्लाने से लगी थी. तो वो अपने होंठो को मेरे होंठो पर रखकर चूसने लगा और दबाने लगा. फिर बाद में मुझे भी आनंद आने लगा तो में भी पूरी तरह से उसके साथ खेलने लगी.
हम आधे घंटे तक खेलते रहे और बाद में मेरी चूत झड़ गयी और उसके ठीक 2 मिनट के बाद उसने भी अपना पूरा पानी मेरी चूत के अंदर ही डाल दिया और फिर हम दोनों सो गये. फिर करीब 1 घंटे के बाद वो दूसरी बार मेरे साथ खेलकर अपने घर चला गया. फिर अगले दिन फिर से करीब दिन के 11 बजे के आस पास उसने मेरे दरवाजे पर दस्तक दी. तो मैंने दरवाजा खोला और उसको मेरे कमरे में आने दिया. फिर मैंने घर के मैन दरवाजे को बंद किया और उसके पीछे-पीछे चली आई.
फिर उसने मेरे बूब्स को सहलाया और मुझको नंगा होने को कहा और फिर उसने अपने पूरे कपड़े निकाल फेंके. अब में भी पूरी तरह से नंगी हो गयी थी. फिर उसने मेरा निप्पल चूसा और मेरे ऊपर चढ़कर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और पूरा ज़ोर लगाकर अपना लंड मेरी चूत के अंदर किया. फिर उसके बाद थोड़ी देर आराम करने के बाद वो बातें करने के मूड में था और फिर उसने मुझसे पूछा कि कैसा लगा ये खेल और मेरा लंड?
में शर्मा गयी और बोली कि अच्छा लगा, तो वो हँसने लगा. फिर मैंने उससे उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो उस घर का नौकर है. तो में देखती ही रह गयी, इससे पहले तो मैंने सोचा था कि वो उस घर का बेटा है और चौंका देने वाली बात तो और ही थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि क्या आप शादीशुदा है? तो उसने जवाब में कहा कि नहीं, लेकिन वर्जिन भी नहीं हूँ. तो मेरा दिल मचल उठा और मैंने उसको पूरी कहानी सुनाने को कहा. तो उसने बताया कि पहले मेरे घर के (जहाँ में रहता हूँ) सामने वाले घर में रहने वाली एक नौकरानी के साथ संबंध था. हम दोनों हर रात पति पत्नी की तरह सोते थे, बाद में वो मेरे बच्चे की माँ बनने वाली थी, फिर उसके मालिक का वहाँ से ट्रान्सफर हो गया था इसलिए अब वो कहाँ है? और क्या कर रही है? मुझे पता नहीं है.
फिर उसने अपनी दूसरी कहानी सुनाई कि मैंने अपने ही घर में नीचे फ्लेट पर रहने वालो की नौकरानी के साथ संबंध रखा था, उसके साथ भी में दिन में और रात में करके हर दिन दो बार अपनी हवस पूरा करता था, लेकिन पहले गलत घटने के कारण मैंने उसे गर्भ निरोधक दे रखी थी इसलिए उसके साथ सोने में मुझे कोई दिक्कत नहीं आई. फिर अपनी दोनों कहानी पूरी करने के बाद मैंने उससे पूछा कि क्या आपके और भी कोई है? तो उसने कहा कि हाँ, अब पहले एक बार फिर से हो जाए और उसके बाद और सुनाऊँगा कहकर उसने मुझे दबोचा और इस बार उसने मुझसे उसका लंड चूसने को कहा, तो पहले तो में झिझक गयी.
फिर उसने मेरा मुँह अपने हाथ में लिया और मेरे होंठो को चूमने लगा और बाद में अपने एक हाथ से मेरे बूब्स को बहुत सख्ती से दबाया और अपने दूसरे हाथ को मेरी चूत पर फैरा. फिर वो मुझसे गुस्से में कहने लगा कि मैंने तुझसे क्या कहा था? मेरे लंड को अच्छी तरह से चूसो, नहीं तो. तो उसके इतना कहते ही में डर गयी और उसके लंड को चूसने लगी. अब उसको बहुत मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर तक चूसने के बाद वो कहने लगा कि रंडी तेरे पति का लंड इतना मोटा नहीं है क्या? और ज़ोर-ज़ोर से चूस ले साली, कुत्तिया. फिर तभी इतने में उसका वीर्य मेरे मुँह में भर गया और फिर उसने मुझे वो खाने को कहा. फिर आख़िरकार में वो सब वीर्य खा गयी और उसके लंड को भी चाट-चाटकर साफ कर दिया. फिर उसके बाद हमने कुछ खाया और उसने मुझे पकड़कर डॉगी स्टाइल में मेरे साथ सेक्स किया. फिर थोड़ी देर के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और फिर हम दोनों थोड़ी देर तक आराम करने लगे.
फिर मैंने उससे उसकी कहानी के बारे में पूछा और यह तीसरी कहानी उसके घर से ही जुड़ी हुई थी. फिर वो कहने लगा कि मेरी मालकिन का पति बहुत पहले ही भाग गया था और वो उनके बॉस से काम चलाती थी और फिर बाद में जब वो थोड़ी बूढी हो गयी तो उसके बॉस ने भी उसका साथ छोड़ दिया, वो मुझे बेटे की तरह रखती थी. फिर जब मैंने पहली कहानी में कहा ना एक नौकरानी को प्रेग्नेंट किया था, वो मेरी मालकिन ने वही जानकर कभी-कभी मेरे साथ अपनी रात बिताना शुरू किया था, अभी भी में कभी-कभी उनकी इच्छा पूरी करता हूँ और फिर इतना कहने के बाद उसने मेरे साथ फिर से सेक्स किया.
इसके बाद मैंने पूछा कि आपकी और कितनी कहानी है? तो उसने तुरंत ही जवाब दिया अब तेरे साथ की जो कहानी है वही बाकि है, वो भी कह दूँ रंडी, तो में चुप हो गयी.
फिर उस दिन वो चला गया और रात में थोड़ी शराब पीकर आया और फिर उसने मुझे दो चार थप्पड़ भी मारी और उस दिन के बाद करीब 1 साल तक में उसकी रखैल बनकर रही. अब जब भी उसका दिल चाहता था तो वो आ जाता था और मेरे साथ खेलता था.
में एक बार प्रेग्नेंट भी हुई थी, लेकिन मैंने उसे गिरा दिया था और फिर उसके बाद मैंने पिल्स लेना शुरू किया. में अभी भी हफ्ते में दो से चार बार दिन में उसकी हवस पूरी कर रही हूँ. अब जब भी मेरा पति बाहर जाता है, तो वो मेरे साथ रात बिताने के लिए आ जाता है और मुझे उसका लंड चूसना पड़ता है और वीर्य पीना पड़ता है. वो मुझे उसकी रखैल समझता है और गंदी-गंदी गालियाँ देता है और मुझसे बहुत खेलता है और में भी खूब इन्जॉय करती हूँ.
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शराबी दोस्त की मस्त बीवी


हैल्लो दोस्तों, में फिर से अपने अनुभव के साथ आ गया हूँ. यह बात अभी 2 महीने पहले की ही है और मुझे चोदने की बुरी आदत हो गई है. में जब तक एक बार चुदाई ना कर लूँ मुझे नींद ही नहीं आती है.
मेरी वाईफ भी एकदम ठंडी पड़ी रहती है और उसे उकसाने के बाद बड़ी मुश्किल से वो करने देती है. दोस्तों आप लोग मेरी समस्या समझ रहे होंगे कितनी विकट समस्या है और ऊपर से चुदाई का आलम, एक तो मदहोशी का आलम और ऊपर से लंड ने गजब ढाई हो, यारो मेरी तबीयत का मत पूछो, मुझे चुदाई की कितनी याद आती है? में अपने फनफनाते लंड को कैसे दबाता हूँ? मैंने कई बार अपने हाथों से ही रगड़कर ही उसकी जान निकाली है, लेकिन जब जिसकी जरूरत हो और खुदा से दिल से माँगो तो वो मिल ही जाती है और मेरे साथ भी ठीक यही हुआ था.
मेरे साथ का मेरा एक घनिष्ठ मित्र अपने परिवार के साथ अचानक से आ गया था, उन्हें अपनी पत्नी को लखनऊ लेकर जाना था, लेकिन उनके बच्चे की तबीयत खराब हुई, तो बीच रास्ते में ही उन्होंने सोचा कि अनिल के घर चलते है वैसे भी राकेश को मेरे यहाँ आने में दिक्कत नहीं होती है, वो ड्रिंक करने का शौकीन है और शाम 8 बजे से ही बोतल का ढक्कन खुल जाता है, लेकिन उसकी बुराई ये है कि 3-4 पैग के बाद ही उससे संभलती नहीं है और वो बेहोश हो जाता है. यह हुआ भी है, जब उसे संभालना पड़ा. अब समय ज़्यादा हो गया था तो मैंने अपनी वाईफ को बोला कि तुम बच्चों के साथ सो जाओ. तो वो मेरे और राकेश के बच्चों को लेकर सोने चली गई.
अब इधर में और राकेश की वाईफ राकेश को सँभालते हुए आपस में बातें करने लगे थे, ये राकेश भी जब साले को हजम नहीं होती तो इतनी क्यों पी लेता है? तो वो बोली कि इनका तो रोज का यही हाल है, में बच्चे को संभालू या इन्हें. फिर मैंने कहा कि तब तो बड़ी दिक्कत होती होगी. फिर वो बोली कि हाँ रात में इनसे बात किए हुए कई दिन गुजर जाते है.
फिर मैंने घूमकर कहा कि तब तो रात के काम भी नहीं हो पाते होंगे. फिर उसने आहें भरते हुए हाँ कहा. फिर तब मैंने बड़ी हिम्मत करके उससे कहा कि तो आप प्यासी रह जाती होगी, अगर आप कहे तो में आपकी मदद करूँ, तो वो मुस्कुरा दी. अब उसकी आँखों से इशारा मिलते ही में उसके पास आ गया और उसके होंठो पर एक किस जड़ दिया. अब उसकी आँखों में खुला निमंत्रण था.
अब में जोश में आ गया था और उसके होंठो को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा था और जोरो से चूसा और उधर अपने हाथों से उसके बूब्स को दबाए जा रहा था. फिर में उसके बूब्स दबाते-दबाते उसकी चूत की तरफ अपना एक हाथ ले गया और उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, उसकी चूत गजब की गीली हुई थी और वो खुद मदहोश हुए जा रही थी.
अब तवा एकदम गर्म था और अब में भी पूरे जोश में था, अब बस मेरा मन कर रहा था कि अपने लंड को निकालकर जल्दी से उसकी चूत में डाल दूँ. फिर उस रात मैंने 3 बार उसकी चुदाई की, में आपको धीरे-धीरे बताता हूँ. फिर मैंने जैसे ही उसके होंठो को छोड़ा, तो वो सिसकियाँ मारने लगी, जान जल्दी से चोद दो, में बहुत बैचेन हूँ. फिर मैंने जल्दी से उसके कपड़े उतार दिए और अपने भी उतार दिए. अब में अपने मुँह में उसके बूब्स के निपल डालकर चूसने लगा था. अब में बस खा जाने वाले अंदाज में चूसे जा रहा था और वो सिसकारियाँ मारे जा रही थी आहह जान और ज़ोर से चूसो, मज़ा आ गया जान, ऐसा तो राकेश ने कभी नहीं किया.
फिर मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया, तो उसके हाथ में मेरा मोटा लंड पकड़ते ही वो चीख गई अरे इतना मोटा लंड कैसे घुसेगा? अब वो मस्त हुए जा रही थी और अब इधर मेरा सब्र भी ख़त्म हुए जा रहा था. फिर में उसके ऊपर आ गया और अपने लंड को उसकी चूत से सटाया तो एक धक्का देते ही मेरा पूरा सुपाड़ा उसकी चूत में अंदर घुस गया. फिर वो जोर से चीखी, तो मैंने जल्दी से उसका मुँह दबा दिया और बोला कि चिल्लाओ मत, सब जाग जाएगें.
फिर वो आहिस्ते से अपना दर्द बया करने लगी आआआ जान, मार दिया तूने. अब में धीरे-धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा था. फिर थोड़ी देर में ही वो मस्ती की आहें भरने लगी कि मेरे राजा जमकर चोदो, तुम्हारा लंड तो बड़ा ही मस्त है, आज जमकर चोदो, आआआअ जोर से मेरे राजा और चोदो, आआआहह, आआआआ.
अब वो भी नीचे से अपनी गांड उछाल-उछालकर चुदवा रही थी और में धक्के लगाए जा रहा था. फिर तभी वो बोली कि मेरे राजा मेरी चूत में तुम्हारा पानी निकल रहा है, अब वो भी झड़ रही थी आआआआआ जान तुम्हारा लंड बहुत मस्त चुदाई करता है, हाईईईईईईईईईईईई और ये कहते हुए में उसकी चूत में ही झड़ गया.
फिर हम दोनों चिपककर लेट गये, अब उसने मुझे कसकर चिपका लिया था. फिर उसने बताया कि आज बहुत दिनों के बाद उसने चुदाई का आनंद लिया है, इतनी मस्ती उसे बस सुहागरात वाले दिन ही आई थी और फिर उसके बाद वो कभी संतुष्ट नहीं हो पाई. अब तो वो खुलकर बातें किए जा रही थी. अब उसने फिर से मेरे लंड को पकड़ लिया था, तो में बोला कि क्या हुआ? अभी मन नहीं भरा क्या? तो उसने कहा कि नहीं और चुदाई करो ना.
अब मुझे उसको चोदे हुए अभी 15 मिनट ही हुए थे. अब उसका मन फिर से करने लगा तो तभी मैंने उसकी टांगो को चौड़ा किया और उसकी चूत को चाटने लगा. फिर वो बोली कि ये क्या कर रहे हो? ऐसा भी करते है क्या? तो में समझ गया कि उसने आज तक चूत चटाई का मज़ा नहीं लिया है.
अब में जोर-जोर से उसकी चूत को चाटने लगा था. अब वो मादकता में डूबने लगी थी, चूत वो बला है जो अच्छे अच्छो का मन हिला दे, बूढों को भी जवान बना दे, बुझे लंड में भी जान डाल दे. अब यही हाल मेरे झड़े हुए लंड का हुआ था. अब मेरा लंड फिर से फनफनाकर खड़ा हो गया था. अब में उसकी चूत को जोर-जोर से चाट रहा था.
अब उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी आआआआअहह, आह, नहीं मेरी जान, आआआआ जान ऐसे क्या आआआआआआआ, कर आाआआआआ रहे हो? अब उसने मेरे बालों को कसकर पकड़ लिया था और वो बोले जा रही थी कि बहुत मजा आ रहा है, आअहह मेरी इतनी मस्त चुदाई किसी ने नहीं की थी.
फिर मैंने अपनी जीभ को जैसे ही उसकी चूत में घुसाया, तो वो चीख उठी आह मार डाला और मेरे बालों को ज़ोर से नोच लिया, मेरी चूत का तो यही बाजा बजा दिया, चूसो राजा और ज़ोर से, थक गये हो तो बताओ में ऊपर आकर इस भोसड़ी को चोद दूँ, ओह अब में नहीं हाईईईईईईईईईईईई, रुकककककककक सकती, ओह, आहह लो में आ गइईई, ओह राजा तुम भी आ जाओ, अब वो अपनी मस्ती में बोले जा रही थी.
अब में समझ गया था कि अब इसकी चूत में लंड डालना पड़ेगा, लेकिन मुझे इस बार जल्दी नहीं थी. अब में उसे अपना लंड चुसाना चाह रहा था. अब मुझे इतना अंदाजा लग गया था कि जब राकेश ने कभी इसकी चूत नहीं चूसी तो साले ने अपना लंड भी नहीं चुसाया होगा, ये अभी मस्त है तो मस्ती में पूरा लंड चूस लेगी.
फिर मैंने उससे अपना लंड चूसने को बोला तो पहले तो वो नहीं मानी, लेकिन जब मैंने उसे बताया कि अभी और मस्ती आएगी, तो वो मेरे लंड चूसने को राज़ी हो गई और बोली कि तुम्हारा लंड बड़ा जानदार है, बहुत अच्छा लग रहा है, हाईईईईईईईईईईईईईई, हाईईईईईई और ज़ोर से मेरे राजा और ज़ोर से, मेरे मुँह को ही चोद दोगे क्या? अपने लंड से, आह, ओह, आहह. अब वो मेरे लंड को चूसे जा रही थी. अब में सोच रहा था कि जो अभी मना कर रही थी और वो अब कितनी मस्त होकर मेरे लंड को अपने मुँह में लिए जा रही है?
फिर मैंने उसे 69 पोज़िशन में लेटाया और चालू हो गया, आज में उसे लंड और चूत के सभी पोजिशन सिखा देना चाहता था, जिससे अगली बार वो और मस्ती में चुदाई कर सके और उसे कुछ भी नहीं बताना पड़े. अब तो मेरा उसे चोदने का मन हो रहा था.
फिर मैनें अपने लंड को उसकी चूत से सटाकर जैसे ही अंदर डाला तो वो चीख उठी और बोली कि ओह मेरे राजा, क्या जानदार लंड है? मेरी चूत को चोद-चोदकर निहाल कर दो, मारो राजा, कस-कसकर धक्के मारो, चोद दो, चोद दो, हाईईई, हाईईईईईई, हाईईईईईई, में गईईई और फिर वो जोर-जोर से झड़ गई. फिर हमारी वो चुदाई 1 घंटे तक चली जो पाठक चूत का मजा लेते रहे है वो समझ रहे जायेंगे कि दूसरे राउंड में चुदाई का क्या मज़ा होता है? फिर थोड़ी देर के बाद में भी उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया और हम दोनों थककर एक दूसरे से चिपककर सो गये.
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पूर्णिमा की गांड पूरी मारी


हैल्लो दोस्तों, ये कहानी मेरे कॉलेज के दिनों की है, मेरे कॉलेज में एक स्टूडेंट थी पूर्णिमा, वो कंप्यूटर ब्रांच में थी और में मैकेनिकल ब्रांच में था. हमारे क्लास में कोई लड़की नहीं थी, तो हम दूसरी ब्रांच की लड़कियों को चोदने के मौके में रहते थे. दोस्तों जब लड़की नई-नई कॉलेज में आती है, तो तब उसकी चूत में खुजली थोड़ी ज़्यादा होती है, बस लड़को को थोड़ी हिम्मत करके मौका ले लेना चाहिए.
जब पूर्णिमा नई नई आई, तो सारे सीनियर्स हाथ धोकर उसके पीछे पड़ गये, उसका पिछवाड़ा था भी उसके पीछे पड़ने लायक, वो मस्त थी और एकदम जोरदार माल भी लगती थी, बड़े-बड़े गोल-गोल बूब्स, चिकना हल्का सा सांवला बदन और सबसे ख़ास हिस्सा थी उसकी चौड़ी मोटी गांड, हाए-हाए क्या मस्त मादक मोटी गांड थी? जब वो चलती तो उसकी मांसल गांड मटक-मटककर सबको आकर्षित करती थी. अब उसकी गांड देखते ही मेरा लंड सलामी देने लगता था, लेकिन उसकी कुछ ख़ास रूचि नहीं थी, वो लड़की इतनी तेज़ थी कि जल्दी किसी सीनियर के हाथ नहीं लगी थी, फर्स्ट ईयर में हमारे सब्जेक्ट कॉमन होते थे.
फिर एक दिन कुछ किताब के बहाने मैंने उससे दोस्ती की और यही से हमारा याराना शुरू हो गया. अब शुरू-शुरू में मैंने उस पर अपने इरादे जरा से भी ज़ाहिर नहीं होने दिए थे. अब उसके लिए में एक अच्छा पढ़ने लिखने वाला लड़का था. में जहाँ तक हो सके उसे सीनियर्स से दूर रखता था और रेगिंग से बचाकर उसकी हिम्मत बढ़ाता था. अब धीरे-धीरे हमारी दोस्ती गहरी होती चली गयी थी और ना जाने कब हमारे बीच शारीरिक आकर्षण आ गया था? अब पहले साथ पढ़ते-पढ़ते हम एक दूसरे को गलती से छू भी ले तो ध्यान नहीं देते थे, लेकिन मन में हम दोनों के तूफान मचा हुआ था, बस एक स्टार्टिंग पॉइंट की देर थी.
दोस्तों ये उस समय की बात है जब हमारे सेकेंड सेमेस्टर के पेपर चालू हुए, तो किस्मत से पूर्णिमा के सारे घर वाले अपनी मौसी के बेटे की शादी में गये हुए थे, अब एग्जॉम की वजह से वो घर पर ही रह गयी थी. फिर एक दिन पूर्णिमा ने मुझे फोन करके बुलाया और कहा कि साथ में पढाई करते है, तो में तो खुशी से उछल पड़ा. अब मेरा लंड उसकी मोटी गांड को याद करके पूरा 7 इंच खड़ा हो गया था तो मैंने पहले बाथरूम में जाकर अपने लंड महाराज को शांत किया और फिर तैयार होकर उसके घर पहुँच गया. अब उसके घर पर पहुँचते ही में समझ गया था कि आज तो यह जरुर चुदेगी, उसने एक पतली सी पारदर्शी नाइटी पहनी थी, जिससे उसके अंदर के पार्ट साफ-साफ़ झलक रहे थे.
उसने ना ही ब्रा पहनी थी ना ही पेंटी पहनी थी. अब मेरा लंड तो जैसे मेरी पेंट फाड़कर बाहर निकलने वाला हो गया था. फिर आधे घंटे तक तो हम शरीफ बच्चों की तरह पढ़ते रहे. फिर मैंने हिम्मत करके उसके कंधे पीछे से दबाए और उसे अपनी और खींच लिया और ठंडी साँस लेते हुए उससे कहा कि अब पढ़ाई नहीं होती है.
उसने भी मेरी जाँघ पर अपना हाथ फैरते हुए कहा कि चलो थोड़ी देर सो लेते है. फिर हम दोनों बेडरूम में आ गये और अब हम एक ही चादर में लिपटकर सोने लगे थे, अब उसकी आँखें बंद थी. फिर मैंने हिम्मत करके उसे अपने से सटा लिया, अब मेरा खड़ा लंड उसे चुभने लगा था. तो वो कसमसा उठी, लेकिन उसने अपनी आँखें नहीं खोली. फिर मैंने अपने पैर उसकी जाँघ पर चढ़ा दिए और उसे कसकर गले लगा लिया, तो उसने कोई विरोध नहीं किया, अब उल्टे उसमें खुमारी चढ़ने लगी थी. फिर मैंने उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठो को चूम लिया, ये मेरा सबसे प्यारा स्मूच था.
फिर हम काफ़ी देर तक एक दूसरे के लिप्स को चूसते रहे, फिर क्या था? मैंने झट से उसे कपड़ो से आज़ाद कर दिया और खुद ने भी अपने कपड़े उतार दिए, अब हम दोनों पूरे नंगे थे. फिर में उसके ऊपर चढ़ गया, हाए जैसे ज़ोर का झटका लगा हो, कैसा मक्खन सा बदन था उसका? अब में उसके बूब्स चूमने और चूसने लगा था. अब वो भी मेरी गांड पर अपना एक हाथ फैरने लगी थी. फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा, तो वो शर्म के मारे लाल हो गयी, लेकिन उसने मेरा लंड नहीं छोड़ा था.
अब में नीचे उसकी चूत को चाटने लगा था, तो वो चीख पड़ी ऊफफफफफ्फ क्या कर रहे हो? विशाल मेरे अंग- अंग में आग लग गयी है, उहहह, ऊफफफ, हम्मम्मम और करो और करो मेरी जान, चूसो, चाट लो, में तुम्हारी पत्नी हूँ, चोद डालो मुझे. बस फिर क्या था? में उसके ऊपर सवार हो गया और उसकी चूत पेलने लगा, तो वो दर्द से बिलबिला उठी, लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और 15 मिनट तक उसकी चूत में दनादन अपना लंड पेलता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ गयी, लेकिन मेरा लंड अभी तक शांत नहीं हुआ था, मेरी नजर कई दिनों से उसकी मतवाली गांड पर थी.
फिर मैंने उसे पलट दिया और उसकी गांड चाटने लगा. अब वो शर्म के मारे मरी जा रही थी. फिर मैंने उसकी गांड में अपनी एक उंगली की, तो वो आह करके चिल्लाई और बोली कि प्लीज यहाँ मत करो, बहुत दर्द होता है. फिर मैंने कहा कि घबरा मत मेरी रानी अभी वैसलीन लगाता हूँ. फिर मैंने आधी बोतल वैसलीन उसकी गांड के छेद पर लगा दी और बहुत सारी मेरे लंड पर भी लगा दी और उसकी गांड चोदने लगा. फिर वो जोर से चिल्लाई, लेकिन मैंने उसे रोका नहीं.
अब मुझे उसे चिल्लाते हुए देखकर बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, तो वो हाँ-हाँ चोद दो मेरी गांड को, फाड़ दो, आह, आह, आह में मर गयी, चोद विशाल, चोद कमीने, कुत्ते, आह, आह, चोद अपनी कुत्तिया को करके चुद रही थी. फिर आधे घंटे के बाद में झड़ गया, फिर मैंने जी भरकर उसकी मोटी गांड को चाटा और चूमा और उसके छेद में भी अपनी जीभ डाल दी.
फिर उसी से उसको किस भी किया और फिर खड़े होकर अपना स्पर्म और लंड उसके मुँह में डाल दिया, तो वो उसे लॉलीपोप की तरह चूसने लगी. फिर हम दोनों एक दूसरे से लिपटकर सो गये. फिर में रोज उसकी चूत मारता और उसकी गांड चोदता रहा. फिर ये सिलसिला 4 साल तक चलता रहा. अब उसकी गांड पूरी मटके की तरह और भी चौड़ी और फूल गयी है, उसे चोदने का मज़ा ही कुछ और था. फिर हमें जब कभी भी कोई मौका मिला, तो हमने खूब चुदाई की और खूब इन्जॉय किया.
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साली के साथ सेक्स मैच


हैल्लो दोस्तों, मेरी यह पहली स्टोरी है. यह स्टोरी मेरे और मेरी साली के बीच की है, मेरी साली बहुत सेक्सी लेडी है, उसमें सेक्स कूट-कूट कर भरा हुआ है और उसके हर अंग-अंग से कामरस टपकता है, उसका फिगर बहुत ही सेक्सी है, वो बहुत ही सुंदर है, एकदम गोरी, लम्बे-लम्बे काले बाल, हाईट करीब 5 फुट 4 इंच और फिगर साईज 38-24-38 है. मुझे वो बहुत अच्छी लगती है और वो बहुत ही कामुक है. एक बार संयोगवंश मेरा उसका सेक्स रिलेशन हो जाने के कारण हम एक दूसरे से काफ़ी खुल गये है.
एक दिन मैंने उसे फोन किया और उससे बातों के दौरान पूछा कि तुम क्या कर रही थी? तो वो बोली में टी.वी. पर वन-डे क्रिकेट मैच आ रहा है और उसे देख रही हूँ, आज का बहुत शानदार मैच है. फिर मैंने कहा कि तुम बोलो तो हम भी अपना एक वन-डे मैच खेले, डे नाईट मैच होगा, वो मैच बड़ा मस्त होगा, पूरी मस्ती आएंगी, बोलो कब खेलना है? तारीख, टाईम सोचकर बताओं तुम कब फ्री हो? तो वो बोली हाँ-हाँ वेरी गुड आइडिया.
अगले रविवार को मेरे पति भी आउट स्टेशन रहेंगे और बच्चे भी अपनी बुआ के घर कल चले जाएँगे, तो में अकेली रहूंगी प्रोग्राम फाईनल है, लेकिन यह मैच कैसा होगा? हम कैसे खेलेंगे? कुछ तो बताओ. फिर मैंने कहा कि बड़ा ही मज़ेदार सेक्स मैच होगा, हम दोनों बारी बारी खेलेंगे और बैटिंग करेंगे और फिर जब तुम बैटिंग करोगी तो मुझे बचना है और तुम मुझे कितनी जल्दी पस्त करती हो, उसमें हम कुछ भी कर सकते है, लेकिन कोई चोट नहीं पहुँचे इसका ध्यान रखना है. फिर में हँसकर बोला कि मैच के इंटरवेल में लंच और ड्रिंक्स भी होगा ना, प्लीज़ पूरी तैयारी रखना. फिर वो भी खुश हो गई.
फिर अगले रविवार को में ठीक समय पर 3 बजे उसके घर पहुँच गया तो माहौल देखकर मेरा दिल खुश हो गया, क्योंकि वो घर पर अकेली ही थी, उसने आज नौकरानी को भी छुट्टी दे दी थी. फिर मैंने जैसे ही डोर बेल बाजाई, तो उसने दरवाज़ा खोला तो में उसे देखता ही रह गया. उसने महीन सलवार सूट पहन रखा था और उसमें उसका सुडोल बदन पूरा ही झाँक रहा था, वो क्या सेक्सी लग रही थी. फिर उसने कहा कि वेलकम आइए-आइए आपका मैच ग्राउंड में स्वागत है, तो में हँसने लगा. फिर उसने फ्लेट का दरवाजा लॉक कर दिया.
फिर उसने मुझे कोल्ड ड्रिंक्स दी और पूछा कि क्या तुम नाश्ता करोगे? तो मैंने कहा कि अभी नहीं बाद में करेंगे, लेकिन उसकी रिक्वेस्ट पर मैंने कुछ ड्राई फ्रूट्स लिए, उसने अंगूर भी रखे थे तो मैंने एक अंगूर आधा अपने मुँह में रखकर अपना मुँह उसकी तरफ किया, तो उसने मेरे होंठो पर किस करते हुए आधा अंगूर खा लिया.
फिर मैंने कहा कि मैच शुरू करे, अब वो बहुत उत्तेजित हो रही थी, कैसे होगा? तो मैंने कहा कि पहले कौन बैटिंग करेगा? चलो टॉस करते है.
फिर वो बोली कि लैडीस फर्स्ट, में पहले टॉस करूँगी, तुम तैयार हो और फिर वो बोली कि बैटिंग कैसे होगी? बोलो. फिर मैंने कहा कि तुम्हें मुझे सेक्स के लिए उत्तेजित करके जैसे भी हो मजबूर करना है और में कितनी देर तक रुक सकता हूँ? यह देखना है, तुम कितनी जल्दी मुझे सेक्स के लिए तैयार करती हो. फिर में बैटिंग करूँगा और में तुम्हारे साथ सेक्स करूँगा और तुम कितनी देर बचती हो यह देखना है.
फिर वो बोली कि बहुत रोचक और मस्त आइडिया लाए हो मेरे लवली राजा, तो में भी बहुत खुश हुआ. बस फिर क्या था? उसने साउंड सिस्टम ऑन किया और एक आईटम सोंग चला दिया. अब में सोफे पर बैठा हुआ था और वो आईटम गर्ल की तरह डांस करने लगी थी, वो बड़ी ही मादक अदाओं में चहक रही थी, उसकी ठुमकती कमर और कूल्हें बड़े ही कामुक लग रहे थे. अब उसने अपनी स्लीव खोल दी थी, जो कि बटन पर अटकी हुई थी और फिर उसने अपना टॉप भी उतार दिया, उसने अंदर बड़ा ही सेक्सी पारदर्शी टॉप पहना हुआ था.
अब उसने अपनी सलवार भी उतार दी थी, उसने सलवार के नीचे पारदर्शी हाफ पेंट पहन रखी थी, उसके नीचे बड़ी ही सुंदर पेंटी दिख रही थी और उसके पीछे छिपी हुई चूत के उभार बड़े ही सेक्सी लग रहे थे और अब वो नाचते-नाचते मेरे होंठो पर किस कर देती थी. अब वो बीच-बीच में मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी थी और मेरी छाती पर अपना हाथ फैर रही थी.
उसने अपना टॉप उतार दिया, तो अब ब्रा में उसके दो बड़े-बड़े, गोरे-गोरे बूब्स बाहर आने को बेताब हो गये थे और उन्हें बार-बार मेरे मुँह के पास ला रही थी और पीछे कर रही थी, जो मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था. अब मेरी इच्छा हो रही थी कि उसकी ब्रा को झटके से पकड़कर अलग कर दूँ, लेकिन मैंने कंट्रोल किया. अब में भी उसे तरसाना चाहता था. फिर उसने अपने आप ही अपनी ब्रा भी उतारकर अलग रख दी, तो उसकी दोनों चूचियाँ उछलकर आज़ाद हो गई, वो क्या हसीन लग रही थी? अब वो अपने होंठो को अपने दातों से दबाकर मंद-मंद मुस्कुरा रही थी.
फिर वो अपनी चूचियों के निप्पल मेरे मुँह के पास ले जाकर वापस ले जाने लगी और मेरी पेंट की चैन भी खोल दी और अपना एक हाथ अंदर ले जाकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे सहलाने लगी और बोली कि तुम्हारा यह बहुत प्यारा है और उसे किस कर लिया और फिर अपने दोनों बूब्स के बीच में लाकर दबाने लगी. अब मुझे बहुत आनंद आ रहा था, अब उसका और मेरा सब्र का बाँध टूटा जा रहा था. अब उसकी इस सेक्सी फास्ट बोलिंग के आगे में अपने आपको रोक नहीं पा रहा था और मेरा तेज शॉट खेलने का मन कर रहा था.
वो बोली कि क्या रे दम नहीं है क्या? और फिर उसने मेरी पेंट के बटन खोलकर उसको नीचे सरका दिया. बस फिर क्या था? मैंने भी अपनी पेंट उतार दी और अपने लंड को अंडरवियर के बंधन से आज़ाद किया और उसे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और बोला कि अब देख में तेरी इन गेंदो की कैसे धुनाई करता हूँ? तूने मेरी बैटिंग और शॉट देखे नहीं है.
फिर वो बोली कि दम है तो लगाना शॉट. फिर मैंने उसे तुरंत बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को उसकी चूत के पास ले जाकर सीधा अंदर की तरफ़ धीरे-धीरे रगड़ा और अपने हाथों से उसके बूब्स को दबाए जा रहा था और साथ-साथ उसके होंठ चूसना सब एक साथ चल रहा था. अब वो सिसकियाँ लेकर मुझसे अपने होंठ सटाए और मुझे किस कर रही थी, क्या होंठ थे उसके? जैसे गुलाब की पत्तियां हो और ऐसा टेस्ट कि बस नशा आ गया. अब वो भी कामुकता में सिसकारी भर रही थी उम्म्म्मम, आआआआहह, अम्म, एम्म.
मैंने उसके मुँह में अपना मुँह डाल दिया और उसे डीप किस करने लगा, अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने दूसरा धक्का दिया तो मेरा लंड लगभग 75% तक अंदर चला गया. फिर वो ज़ोर से चिल्लाई, लेकिन मैंने उसके मुँह को किस से भर दिया और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. अब उसे थोड़ा दर्द जरूर हुआ था, लेकिन वो मज़े लूट रही थी.
फिर थोड़ी देर तक उसे सहलाने के बाद मैंने एक और आखरी धक्का दिया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. अब उधर मैच में शॉट पर शॉट मार रहा था और अब में भी शॉट लगाने के मूड में आ गया था. फिर मैंने कहा कि अब देख मेरे चौके छक्के और फिर में भी अपने धक्के ज़ोर-ज़ोर से मारने लगा. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और बोला कि ले चौका और फिर चौका.
वो भी उछलकर मजे लेने लगी और अपनी कमर उचकाते हुए बोली कि हाए मेरे राजा और ज़ोर से और ज़ोर से लगाओ राजा, वैसे अब ज़रा ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारो ओवर ख़त्म होने वाले है. अब में समझ गया था कि वो अब झड़ने वाली है, तो तब में उसकी चूचियों को अपने दोनों हाथों में पकड़कर अपनी कमर झटकों के साथ हिला-हिलाकर उसे चोदने लगा.
अब वो भी अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर डालकर अपने चूतड़ों को उछाल-उछालकर मेरे लंड के धक्को का जवाब देने लगी थी और बोली कि और ज़ोर की बैटिंग करो मेरे राजा और ज़ोर से पेलो मेरी चूत में अपना लंड, आज मेरी चूत को फाड़ डालो, आज सारे ग्राउंड को रौंद डालो, मेरी चूत का भोसड़ा बना दो, लेकिन तुम्हें मेरी चूत की कसम अभी रुकना मत, बस ऐसे ही शॉट लगाते रहो, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, हाए क्या शॉट मार रहे हो? इस मैच का मज़ा आ गया, तुम धक्के मेरी चूत में मार रहे हो और चोट मेरे दिल तक पहुँच रही है, अरे ओवर ख़त्म होने वाले है, यह लास्ट ओवर ही है, जितना मन है कर लो, हाए में झड़ रही हूँ मेरे राजा और तेज-तेज अपना लंड पेलो, हाए में गईईईईई, हाए और चोदो, रुकना नहीं, ओह ओह हा हा वा वा मेरी चूत को फाड़ डालो और फिर थोड़ी देर के बाद वो झड़ गई.
मैंने कहा कि दूसरी पारी भी तो खेलनी है तो तब मैंने तेज-तेज धक्के मारकर मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी चूत में डालकर मेरे लंड के पानी से उस साली की चूत को भर दिया. अब मेरे झड़ने के साथ- साथ वो एक बार फिर से झड़ गई थी और मुझसे लिपट गई और मुझे चूमने लगी और बोली कि आज तो मजा आ गया.
फिर में बोला कि अभी तो असली मजा बाकी है और फिर में बोला कि दूसरी पारी की तैयारी करनी है, ग्राउंड साफ करना है, नयी-नयी पोलिश की हुई बॉल मिलेगी.
वो हँसने लगी और उठकर बाथरूम में चली गई, तो में भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम में चला गया. अब मेरे एक हाथ में एक कोल्डड्रिंक की बोतल थी तो में बाथरूम में जाकर बोला कि ड्रिंक्स का टाईम है ना और वो कोल्डड्रिंक्स उसकी गर्दन पर डालने लगा. अब उसकी धार उसकी चूचियों पर आ रही थी, तो में उसकी चूचियों को अपने मुँह में लेकर कोल्डड्रिंक्स पीने लगा, क्या मस्ती आ रही थी? अब में उसकी चूचियों को चूसते हुए कोल्डड्रिंक्स पी रहा था. अब वो भी उहह और आह की आवाजे निकाल रही थी.
फिर जब कोल्डड्रिंक्स ख़त्म हुई, तो उसने शॉवर चला दिया और फिर हम दोनों एक साथ शॉवर में नहाए और एक दूसरे को हाथों से मसला और फिर में टावल पहनकर बाहर आ गया.
फिर थोड़ी देर के बाद वो भी अपना बदन पोंछकर बाहर निकली. अब उसने टावल अपने बदन पर लपेटा हुआ था, वो क्या हसीन लग रही थी? फिर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ उसके धधकते होंठो पर रखकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और उसे धक्का देकर पलंग पर लेटा दिया. फिर वो बोली कि क्या कर रहे हो? बड़े बेसब्र हो.
मैंने कहा कि पिच तैयार करनी है ना और फिर मैंने उसका टावल खोल दिया, उसने एक पतली सी लेस वाली पेंटी पहन रखी थी. फिर मैंने उसके बूब्स को चूमते हुए, दबाते हुए, कस-कसकर एक दूसरे को मसलते हुए पहले बेसब्री से उसकी नंगी आज़ाद चूचियों को अपने हाथ में ले लिया, उसकी चूचियाँ सख़्त भी थी और नर्म भी थी और गर्म भी थी और टाईट गोल- गोल भी थी, क्या कहूँ बस गजब की चूचियाँ थी? दबाओ तो चिटक-चिटक जाए, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और जो सुगंध उसके शरीर से आ रही थी, वो मुझे और भी मदहोश किए जा रही थी.
अब वो पूरी तरह से नंगी नहीं थी, वो नाइलॉन की टाईट पेंटी से अपनी चूत को छुपाए हुई थी. फिर मैंने उसके बदन को चूमते हुए उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत की पंखुड़ियों को अपने दाँत से ज़ोर से भींचा. फिर वो बोली कि क्या कर रहे हो? और अपने दातों से उसकी डोरी को खींच दिया और उसकी पेंटी को दूर कर दिया, उसकी क्या मदमस्त चूत थी? काली-काली झाटों के बीच में रसभरी.
मैंने चॉकलेट को उसके बूब्स और चूत के ऊपर लगा किया और अपनी जीभ से उसके बूब्स को चाटने लगा और अब में चारों तरफ अपनी जीभ को घुमा-घुमाकर चाट रहा था और फिर उसके बूब्स को चूसने लगा. फिर वो बोली कि क्या गजब कर रहे हो मेरे राजा? तो में बोला में तो फील्डिंग कर रहा हूँ और उसके बूब्स को चूसते हुए अपनी जीभ को नीचे की तरफ ले जा रहा था. अब उसके बदन में जोरों की सनसनी हो रही थी और वो आह, उहहहह, क्या कर रहे हो? बोले जा रही थी. फिर में उसकी चूत के ऊपर अपनी जीभ ले गया और उसकी चॉकलेटी चूत को चाटने लगा. अब उसे बड़ा मज़ा आ रहा था और अब उसने अपने हाथ से थोड़ी और चॉकलेट अपनी चूत पर डाल दी थी.
अब में और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत को चाटने लगा था. फिर वो बोली कि आहह, आह, क्या मस्ती आ रही है? और चाटो. फिर में बोला कि तेरी इस चॉकलेटी चूत को पूरा खा जाऊंगा, तू अब देखती जा में क्या करता हूँ? और फिर मैंने उसकी चूत को चाटते-चाटते मेरी जीभ अंदर डाल दी. फिर वो बोली कि उई क्या कर रहे हो? बड़ी मस्त चीज़ हो यार, खा जा इसे जल्दी से.
मैंने उसकी पंखुड़ियों को एक बार फिर ज़ोर से अपने मुँह में लेकर चूस लिया और खड़ा हुआ और बोला कि अब तुझे बैटिंग करनी है, तो ये सुनकर वो मेरी तरफ देखने लगी. फिर में खुद बिस्तर पर अपनी पीठ के बल लेट गया और अपने चूतड़ों के नीचे एक तकिया भी लगा लिया और उससे बोला कि पेड लगा लिया है. अब वो मुझे अपनी फटी-फटी आँखो से देख रही थी और कुछ सोच रही थी. फिर में उससे बोला कि आओं डार्लिंग मेरे ऊपर बैठकर सवारी करो, आओ रानी आओ, अब मैदान में उतरो, मेरे ऊपर बैठकर मेरे इस लंड को अपनी चूत में भर लो और बैटिंग करो.
अब तुरंत ही उसको मेरी बातों का असर हुआ और वो झट से बिस्तर पर चढ़कर मेरी कमर के दोनों तरफ अपने पैरों को करके मेरे ऊपर बैठ गई और बैठने के बाद उसने थोड़ा सा अपने चूतडों को ऊपर उठाया और अपने हाथों से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में लगा दिया और फिर कुछ शर्माकर अपनी कमर को आगे पीछे करके मेरा लंड अपनी चूत में घुसेड़ लिया और फिर से एक धक्के के साथ मेरा लंड अपनी चूत में भर लिया.
फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे ऊपर झुक गई और मेरे होंठो को चूमते हुए और मेरे सीने से अपनी भारी- भारी चूचियों को दबाते हुए मुझे हल्के-हल्के धक्के के साथ चोदने लगी.
मैंने कहा कि बैटिंग की अच्छी शुरुआत है. फिर थोड़ी देर तक मुझे धीरे-धीरे चोदने के बाद वो मेरे ऊपर लेट गई. तब में नीचे से उसके बड़े-बड़े, गोल-गोल चूतड़ो पर अपना हाथ फैरते हुए उसके कान में धीरे से बोला कि डार्लिंग अब तुम्हारी चूत को मज़ा दिलवाना तुम्हारे हाथों में है, तुमको बैटिंग कितनी ज़ोर या धीरे करनी है देख लो? कितना दम है तुम में? में बस चुपचाप नीचे लेटा-लेटा तुम्हारी चूत के धक्के ख़ाता रहूँगा और फील्डिंग करता रहूँगा और मैच जितना है तो शॉट तुमको ही लगाना है और इतना कहकर अपने हाथों को आगे बढ़ाकर उसकी चूचियों को अपने हाथों में लेकर कसकर मसल दिया और अपनी कमर को नीचे से उचकाकर साली की चूत में 3-4 धक्के मार दिए.
मेरी बातों को सुनकर अरुणा की आँख एक बार फिर से चमक गई और फिर वो मुझे चूमते हुए बोली कि मेरे राजा, अब देख में तुम्हें दिखाती हूँ बैटिंग कैसे की जाती है? अब मेरी चूत तुझे मस्त करेगी, अब में तुम्हारे लंड को छोड़ूँगी नहीं और फिर उसके बाद वो मुझे फिर से जकड़कर पकड़ते हुए अपनी कमर उठा-उठाकर मुझे चोदने लगी. फिर वो मुझे फिर से अपनी बाहों में भरती हुई मुझे चूमकर बोली कि ओह डार्लिंग बहुत मज़ा आ रहा है, में जल्दी आउट नहीं होंऊँगी, मुझे लंबी पारी खेलनी है और फिर वो मेरे ऊपर तनकर अपनी कमर को कसकर मेरी कमर पर दबाकर बैठ गई और मेरे आँखो में देखते हुए ऊपर नीचे होने लगी.
अब वो मेरे लंड पर जोर-जोर से अपनी कमर हिला-हिलाकर उठ बैठ रही थी और उसके उठने बैठने के साथ-साथ अरुणा की दोनों चूंचियाँ भी उछल रही थी और फिर थोड़ी देर के बाद वो ज़ोर-जोर से धक्के मारने लगी. अब वो बहुत ज़ोर-ज़ोर उछल रही थी और बोल रही थी कि लो मेरे राजा बैटिंग का मज़ा लो, ये लगा चौका और ज़ोर से धक्का मारो, मेरी चूत के धक्के अपने लंड पर खाओ, अभी चौके पर चौका और फिर बोली कि यह अब सिक्स और लो संभालो अपने लंड को नहीं तो मेरी चूत के धक्को से तुम्हारा लंड टूट जाएगा, हाए क्या मज़ा आ रहा है? क्या मस्ती है?
अब वो उछल-उछलकर धक्के मार रही थी उउउईईई, आआहह, ले चौका, ले सिक्स, ओह मेरे राजा और फिर वो बोली कि में आउट नहीं हो जाऊं. अब ड्रिंक का समय हो गया था तो उसने पास में पड़े टावल से मेरे लंड को साफ किया और उसे सहलाने लगी और बोली कि क्या मस्त चीज है ये? और उसे अपने होंठो से लगा लिया. फिर मैंने भी उसका सर पकड़कर और नीचे कर दिया और मेरा लंड उसके मुँह में घुस गया था.
फिर मैंने कहा कि पी ले इसे और अब वो अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटने लगी थी और फिर उसे अपने मुँह में ऊपर की तरफ घुसाने लगी. फिर मैंने उसके बाल पकड़कर उसके सर को फिर से नीचे कर दिया, तो झटके से मेरा लंड और अंदर चल गया. अब वो और ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूसने लगी थी. अब मेरे मुँह से भी सिसकारी निकलने लगी थी, हाआहह मेरी जान क्या गजब का चूस रही हो? मुझे स्वर्ग का आनंद आ रहा है और जोर से प्लीज और ज़ोर से और फिर वो भी ज़ोर-ज़ोर से अंदर बाहर कर मेरे लंड को चूसने लगी. अब में उसके बूब्स को दबाने लगा था.
फिर मैंने कहा कि तूने इसे मदमस्त कर दिया है और अब में तुझे मज़ा चखाऊँगा. फिर वो अपने मुँह से मेरा लंड बाहर निकालते हुए बोली कि तो चखाओ ना. बस फिर क्या था? मैंने उसे बेड पर सीधा लेटाया और एक तकिया उसकी कमर के नीचे लगा दिया और उसके ऊपर चढ़कर अपने लंड को उसकी चूत में एक झटके में अंदर डाल दिया.
अब उसने अपनी दोनों टाँगे फैला दी थी और मेरे दोनों कंधो पर रख दी थी. अब में भी उसके बूब्स को दबाते हुए ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा था. फिर वो बोली कि ऊऊओह क्या मज़ा आ रहा है? और ज़ोर से चोदो, ज़ोर से. फिर मैंने उसकी चूत पर जोरदार धक्के लगाने शुरू कर दिए. फिर वो जोर-जोर सिसकियाँ लेने लगी आहहहहहह, उफफ्फ क्या बात है तुम्हारी? हाईईईई काश मेरी शादी तुमसे हुई होती.
मैंने एक ज़ोर का शॉट मारा तो वो जोर से चिल्लाई उईईईईई माँ मार डाला तूने और मार ले तेरी ही है. अब मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार और बढ़ा दी, तो वो ऊऊऊहह, आआहह, अब मज़ा आ रहा है और चोद, ज़ोर से चोद, फिर मौका नहीं मिलेगा, लूट ले राजा जितना चाहे बोले जा रही थी. फिर हम दोनों एक साथ ही झड़ गये और अब मैच के पूरे ओवर ख़त्म हो गये थे. फिर हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में लिपटे पड़े रहे. फिर मैंने उसे एक लम्बा किस किया और उससे पूछा कि कैसा रहा मैच? तो वो बोली कि शानदार मज़ा आ गया.
फिर मैंने उसके निप्पल को दबा दिया और कहा कि टेस्ट मैच खेलना हो तो बताना. फिर उसने भी मेरे लंड को दबाते हुए कहा कि वो लम्बा होता है, वन-डे ठीक है. फिर मैंने अपने कपड़े पहन लिए और उसे इस सेक्सी मैच के लिए थैंक्स कहा और अपने घर चला आया.
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