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दीदी ने माँ को जीजाजी से चुदवाया


हेल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी माँ, बहन, जीजाजी और मेरी है. मेरी माँ की उम्र 40 साल है. दोस्तों मेरी माँ के बूब्स बहुत ही बड़े आकार के है, जिनमें अभी भी दूध आता था, लेकिन मुझे यह बात बाद में उस घटना के बाद पता चला और फिर उस समय यह हुआ कि मेरी बड़ी बहन शादीशुदा है, उसकी शादी को अभी तीन साल हुए थे और उसके पहला बच्चा पैदा हुआ था, इसलिए वो कुछ दिन हमारे घर पर बिताने के लिए आई हुई थी और मेरी बहन का शरीर भी मेरी माँ की तरह भरा हुआ है और उसके बूब्स भी बड़े बड़े है.
लेकिन मेरी बहन बहुत आलसी किस्म की है, इसलिए उसको अपने बच्चे को ठीक तरह से दूध पिलाना भी नहीं आता और ना ही उसने कभी उस बात पर इतना ध्यान दिया था, वो जब भी बच्चे को पकड़कर उसको अपना दूध पिलाती तो वो कुछ मिनट में ही उस बच्चे को मेरी माँ को वापस पकड़ा देती और वो बहाना बनाकर कहती कि घर में गर्मी बहुत है, जिसकी वजह से बच्चा हमेशा भूखा रह जाता था.
दोस्तों हमेशा घर में मेरी दीदी और माँ ढीले कपड़े पहना करती थी. माँ तो फिर भी ठीक थी, लेकिन मेरी दीदी तो बहुत ही ज्यादा लापरवाह किस्म की थी, जैसे उसने घर में सिर्फ़ ढीला सा कोई भी गाउन पहन लिया या ब्लाउज पेटीकोट और वो भी बिना ब्रा, पेंटी के जिनमें उसके बड़े आकार के लटके हुए बूब्स साफ साफ नजर आते और उसके बूब्स के निप्पल उन कपड़ो से हमेशा दिखते थे. दोस्तों अब में आप सभी सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेने वालों को अपनी उस सच्ची घटना की तरफ ले चलता हूँ, जिसके लिए में आज यहाँ पर आया हूँ और जिस घटना ने मेरा पूरा बिल्कुल जीवन बदलकर रख दिया.
एक दिन रात को खाना खाने के बाद में अपने कमरे में चला गया, तब मेरी माँ और मेरी दीदी अपने कमरे में थी. अब में भी अपने कमरे में जाकर पूरा नंगा हो गया और अपने लंड को बाहर निकालकर हाथ में लेकर में उसको सहलाने लगा था और कुछ देर बाद में मुठ मारने लगा था. उस समय मेरा लंड पूरी तरह जोश में आकर खड़ा हो चुका था.
उसी समय मेरे मन में अपनी दीदी की चूत की याद आने लगी. फिर मैंने तुरंत लंड को छोड़कर लूँगी पहनी और फिर में अपने कमरे से बाहर निकल गया. तब मैंने देखा कि उस समय मेरी माँ के कमरे की लाईट जल रही थी और में उसके पास चला गया और तब मेरे कानों में माँ की वो आवाज़ मुझे कुछ बातें सुनाई देने लगी. तब माँ दीदी से कुछ कह रही थी, में खिड़की के बिल्कुल पास चला गया और मैंने अंदर झांककर देखा तो मेरी माँ दीदी से कह रही थी कि तू मुन्ना को अपना दूध ज्यादा पिलाया कर देख यह कितने बड़े हो गये है.
दीदी कहने लगी कि माँ देखो तुम्हारे भी तो बूब्स कितने बड़े है, आप भी इनका कुछ किया करो. अब माँ बोली कि चल पागल तू यह कैसी बातें करती है? और तभी दीदी बोली कि माँ तुम्हारे जवाई को मेरे बूब्स को दबाने में बहुत मज़ा आता है और वो बड़े मज़े से इनको दबाकर मुझे बड़ा खुश कर देते है, लेकिन यह सब किए हुए मुझे बहुत दिन हो गये है, इसलिए मेरा मन कुछ करने को करता है.
तभी मुन्ना नींद से उठकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगा और उसी समय तुरंत ही दीदी ने ऐसे ही अपने ब्लाउज को उतार दिया, जिसकी वजह से उसके दोनों बूब्स नंगे हो गए, मुझे तो यह सब देखने में मज़ा ही आ गया और अब मुन्ने के मुँह में दीदी ने अपने बड़े आकार के निप्पल को डाल दिया और वो बिल्कुल शांत होकर दूध पीने लगा.
अब माँ दीदी से पूछने लगी कि तूने यह ब्लाउज क्यों पूरा उतार दिया? तब दीदी बोली कि मुझे बहुत गर्मी लग रही है, इसलिए मैंने ऐसा किया. अब माँ उससे बोली कि तू बच्चे को दूध तो सही तरीके से पिला, तो दीदी बोली कि में तो हमेशा ऐसे ही इसको दूध पिलाती हूँ. फिर माँ ने दीदी का वो जवान सुनकर कहा कि ला में तुझे बताती कि कैसे बच्चे को दूध पिलाया जाता है और अब यह बात कहकर माँ ने अपना भी ब्लाउज उतार दिया और माँ भी ऊपर से पूरी नंगी हो गयी और वो मुन्ने को अपनी गोद में लेकर उसको वो अपने बूब्स का निप्पल मुहं में डालकर दूध पिलाने लगी थी और अब वो दीदी से कहने लगी कि देख ध्यान से ऐसे पिलाते है बच्चे को दूध, जिससे उसका पेट पूरा भरता है.
फिर दीदी कुछ देर बड़े ध्यान से चकित होकर देखकर बोली कि माँ मुन्ना तुम्हारे निप्पल को देखो कैसे लगातार चूस रहा है, क्या तुम्हारे बूब्स से अभी भी दूध निकलता है? तभी माँ ने अपने दूसरे बूब्स को अपने एक हाथ से पकड़कर दबा दिया, जिसकी वजह से उसमें से दूध की एक पिचकारी बाहर निकल गई और वो सीधे जाकर दीदी के मुँह पर गिर गई.
फिर दीदी ने चकित होकर कहा कि माँ तुम्हारे तो बूब्स से अभी भी बहुत दूध आता है और वो बोली कि बचपन में तो मैंने बहुत बार दूध पिया होगा, लेकिन आज में एक बार फिर से अपनी माँ का दूध पीना चाहती हूँ और इतना कहकर दीदी ने माँ के दूसरे बूब्स की निप्पल को अपने मुँह में लेकर वो उसको चूसने लगी और यह सब देखकर मेरा तो कमरे से बाहर खड़े हुए बड़ा बुरा हाल हो रहा था.
में बड़ा चकित होकर वो सब घूर घूरकर देख रहा था और तभी मेरे लंड से एक पिचकारी बाहर निकल गयी, जिसकी वजह से कुछ देर में मेरा लंड धीरे धीरे ठंडा होकर छोटा हो गया. फिर मैंने दोबारा से अंदर देखा तो दीदी अब अपने बूब्स को दबा रही थी.
कुछ देर बाद दीदी ने माँ का एक हाथ पकड़कर उसको अपने बूब्स के ऊपर रख दिया और माँ से कहा कि आप इन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाओ मसल दो. अब माँ दीदी के बूब्स को उनके कहने पर ज़ोर से मसलने और दबाने लगी थी, जिसकी वजह से दीदी गरम होकर उसी समय अपना एक हाथ अपनी चूत पर ले गई और अब वो अपने पेटीकोट के ऊपर से ही अपनी कामुक गरम चूत को रगड़ने लगी थी और तभी माँ ने मुन्ना को एक तरफ लेटा दिया और उन्होंने झट से दीदी के एक बूब्स को अपने मुँह में ले लिया, लेकिन माँ के ऐसा करने से दीदी अब पहले से ज्यादा जोश में आकर बिल्कुल पागल होकर और भी ज़ोर से अपनी चूत को रगड़ने लगी थी.
दोस्तों अब मेरा बाहर खड़े खड़े ही एक बार फिर से लंड खड़ा हो गया और तभी माँ दीदी की चूत पर अपना एक हाथ रखकर मसलने सहलाने लगी थी. फिर दीदी ने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और अब माँ ने उसको नीचे कर दिया. दीदी अब पूरी नंगी हो चुकी थी.
तब मैंने ध्यान से देखा कि उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, वो बिल्कुल चिकनी, गोरी, उभरी हुई जोश से भरी हुई, कामुक नजर आ रही. फिर दीदी ने माँ का पेटीकोट भी उतार दिया और तब मैंने देखा कि मेरी माँ की चूत पर भी कोई बाल नहीं था, उनकी चूत में भी सुंदरता की कोई भी कमी मुझे नजर नहीं आ रही थी, एकदम मस्त मजेदार रसभरी चूत मुझे अपनी माँ की नजर आ रही थी. अब वो दोनों एक दूसरे के बूब्स को मसलने दबाने लगी थी और फिर कुछ देर बाद वो दोनों 69 की पोजीशन में आ गयी और अब वो एक दूसरे की गीली चूत को अपनी जीभ से बड़े मज़े लेकर चाटने और उसका रस चूसने लगी थी और यह मस्त सेक्सी द्रश्य देखकर में कमरे से बाहर खड़ा होकर अपने लंड को हाथ में लेकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा था और धीरे धीरे मेरी स्पीड बढ़ने लगी थी.
मैंने मन ही मन में सोचा कि आज यह दोनों पूरी तरह से गरम हो चुकी है, अगर में ऐसे ही नंगा होकर इनके सामने कमरे के अंदर चला गया तो हो सकता है कि मुझे आज इन दोनों की चूत चुदाई के लिए जरुर मिल सकती है और यह बात सोचकर में अंदर जाने ही वाला था कि उसी समय बाहर से दरवाजे पर लगी घंटी बज गई, उसकी आवाज को सुनकर में जल्दी से अपने कमरे की तरफ भाग गया.
फिर थोड़ी देर बाद माँ ने उठकर दरवाज़ा खोल दिया तो मैंने देखा कि वो मेरे जीजा जी थे. वो अब अंदर आ गए और उन्होंने अंदर आकर बताया कि वो अपने बॉस को लेने आए थे, लेकिन किसी वजह से उनकी फ्लाईट लेट हो गयी है, इसलिए वो अब कल सुबह तक आयेंगे, इसलिए मैंने सोचा कि एक रात किसी होटल में क्या सोना? में आज रात को यहीं पर सो जाऊंगा और अपने बच्चे बीवी और आपसे भी मिल लूँगा. फिर दीदी बोली कि हाँ आपने यह बहुत अच्छा किया और अब दीदी ने उनसे पूछा कि क्या आपको कुछ खाना है तो में अभी बना देती हूँ?
जीजा जी ने कहा कि नहीं में बस दो चार पेग लगाना चाहता हूँ और इतना कहकर मेरे जीजा जी ने अपने बेग से एक बोतल बाहर निकाली और दीदी से सामान लाने को कहा. मेरी माँ और दीदी सामान लेने चली गई. दोस्तों हमारे घर का किचन मेरे कमरे के बिल्कुल साथ था, जिसकी वजह से में उनकी आवाज साफ साफ सुन रहा था. मेरी माँ दीदी से कहने लगी कि इसको भी अभी ही आना था, हमारा सारा मज़ा इसने बीच में आकर खराब कर दिया.
दीदी बोली कि तुम भी उनसे मज़े ले लो और तब माँ बोली क्या तू पागल है, में उसकी माँ समान हूँ, ऐसा कैसे हो सकता है? दीदी बोली कि तो क्या हुआ वो जब अपनी सग़ी माँ को चोद सकते है तब, तुम तो फिर भी उनकी सास हो? माँ ने पूछा क्या तुम सच कह रही हो? लेकिन में नहीं दूँगी. फिर दीदी ने कहा कि वो तो तुम्हारी इच्छा है, में तो दूँगी और फिर जीजा जी ने कुछ देर बाद वो बोतल पूरी खत्म कर दी. उसके बाद माँ वहां से उठकर अपने कमरे में चली गयी और उसके बाद दीदी जीजा जी को एक तरफ ले जाकर उनसे बोली कि आज आपको एक नहीं बल्कि दो चूत को चोदकर शांत करना है. अब जीजा जी चकित होकर पूछने लगे कि वो दूसरी कौन है?
तब दीदी मुस्कुराते हुए बोली कि एक आपकी सास है, जिसको आज आपको अपने लंड का पूरा मज़ा देना है और शांत करना है. अब जीजा जी पूछने लगे कि क्या तुम सच बोल रही हो, क्या वो तैयार है मेरे साथ अपनी चुदाई के मज़े लेने के लिए? तो दीदी बोली कि हाँ, लेकिन वो थोड़ा सा नाटक नखरा जरुर करेगी, लेकिन आपको तो पता है कि उसके साथ आपको कैसे क्या करना है? इतनी बातें करने के बाद वो दोनों भी हंसी ख़ुशी मेरी माँ के कमरे में चले गये और अब उन्होंने अंदर से दरवाजे को बंद कर लिया. तभी में एक बार फिर से अपने कमरे से बाहर आकर उस कमरे की खिड़की से अंदर देखने लगा और मैंने मन ही मन में सोचा कि आज तो जीजा जी माँ की चूत को फाड़कर ही दम लेंगे. तभी मैंने देखा कि मेरी माँ बाथरूम से बाहर निकली.
उस समय उन्होंने सिर्फ़ गाउन ही पहना हुआ था और मेरी दीदी ने ब्लाउज, पेटीकोट पहना हुआ था. अब माँ ने जीजा जी को पहनने के लिए लूँगी दे दी और देखते ही देखते जीजा जी ने अपने सारे कपड़े एक एक करके उतार दिए और वो पूरे नंगे हो गये.
फिर मैंने देखा कि उस समय जीजा जी का लंड अभी तक सोया हुआ ही था. फिर जीजा जी बाथरूम में चले गये और दीदी मेरी माँ से कहने लगी कि देखा माँ तुम्हारे जवाई का लंड जब तनकर खड़ा हो जाता है तो वो पूरे पांच इंच का हो जाता है, जिससे चुदाई का बड़ा मस्त मज़ा आता है, उन्होंने मुझे हमेशा अपनी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट किया है और में उनकी चुदाई से बहुत खुश हूँ.
तभी जीजा जी बाथरूम से बाहर आ गये और उन्होंने कहा कि में नीचे ही सो जाता हूँ. तब माँ उनसे कहने लगी कि नहीं बेटा में नीचे सो जाती हूँ और तुम ऊपर सो जाओ, लेकिन तभी उन दोनों के बीच में मेरी दीदी बोल पड़ी, नहीं आज हम तीनों ही नीचे सो जाते है.
फिर जीजा जी ने कहा कि हाँ ठीक है और वो तीनो ही अब नीचे लेट गये. थोड़ी देर बाद दीदी ने अपने एक हाथ को माँ के बूब्स पर कपड़ो के ऊपर से ही रखकर उनको मसलना शुरू किया और एक तरफ जीजाजी भी दीदी के बूब्स को मसलने लगे थे.
दीदी ने माँ से कहा आप ऐसे ही रहना, में आपके लिए अभी एक लंबी मोमबत्ती लेकर आती हूँ, पीछे से वो मेरी चूत में अपना पांच इंच का लंड डालेंगे और में आपकी चूत में उस मोमबत्ती को डालकर मज़े दूंगी. फिर माँ ने कहा कि हाँ ठीक है तुम जाओ और उसी समय दीदी ने माँ से कहा कि अपना यह गाउन उतार दो और दीदी ने उनसे कहते समय ही अपने भी कपड़े उतार दिए और अब जीजा जी उन दोनों के बीच में आ गये और वो मेरी माँ के बूब्स को मसलने लगे, जिसकी वजह से माँ धीरे धीरे गरम होने लगी थी.
दीदी नीचे झुककर जीजाजी का लंड चूसने लगी. फिर जीजाजी ने कुछ देर बाद माँ के एक पैर को घुमा दिया था, उस वजह से माँ की चूत और गांड साफ साफ दिखने लगी थी और उसी समय जीजाजी ने बिना देर किए अपनी एक उंगली को माँ की चूत में डाल दिया और वो अपनी ऊँगली को अंदर बाहर करने के साथ साथ माँ के बूब्स को भी वो ज़ोर से मसलने लगे थे. फिर दीदी ने उसी समय जीजाजी का लंड अपने मुँह से बाहर निकाला और जीजाजी ने अपना वो लंड मेरी माँ की चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर के धक्के में पूरा अंदर कर दिया, ताकि माँ को संभलने का मौका भी ना मिले.
अब माँ अचानक से हुए उस जोरदार प्रहार के दर्द की वजह से एकदम चीख पड़ी और वो दर्द से छटपटाने लगी, उनको बड़ा दर्द हुआ, क्योंकि उन्होंने बहुत दिनों के बाद एक लंड अपनी चूत में लिया था, जो ज्यादा मोटा होने की वजह से आज उनकी चूत को चीरता, फाड़ता हुआ पूरा अंदर जा पहुंचा था और तभी माँ उस दर्द की वजह से उठकर बैठ गयी और वो सिसकियाँ लेते हुए कहने लगी आह्ह्हह्ह ऊईईईईई बेटा तुम यह क्या कर रहे हो?
जीजा जी बोले कि माँ क्या हुआ अभी आपको भी कुछ देर बाद मज़ा आने लगेगा, यह सब दुःख दर्द भूल जाओगी? माँ ने कहा कि नहीं यह सब जो भी हमारे बीच में हो रहा है, यह बिल्कुल ग़लत है और तभी दीदी अपनी ऊँची आवाज से बोली कि चुपकर रंडी साली अब तू ज्यादा नखरा मत दिखा, बड़ी सती सावित्री बनती है, छिनाल साली कुतिया चल अब जल्दी से सीधी नीचे लेट जा देख आज मेरे पति का लंड तुझे जन्नत की कैसे सेर करवाएगा, तुझे असली चुदाई के मज़े देगा.
माँ कहने लगी कि नहीं तुम अब बस करो आऊऊऊ स्स्सीईईईइ में इस दर्द से मरी जा रही हूँ मुझे बड़ा अजीब सा दर्द महसूस हो रहा है. फिर दीदी जीजाजी से कहने लगी कि यह साली रंडी मुझे लगता है कि ऐसे नहीं मानेगी, आप इसको चोदना शुरू करो में इसको देखती हूँ कि यह क्या करती है? और अब जीजा जी ने अपना लंड बाहर निकालकर में के मुँह के पास कर दिया और उनको कहा कि इसको तुम अब अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू करो.
फिर माँ ना ऐसा करने से मना करने लगी, लेकिन उसी समय दीदी ने मेरी माँ का मुँह पकड़कर जबरदस्ती अपने पति का लंड मेरी माँ के मुहं के अंदर डाल दिया और फिर माँ उसको चूसने लगी. माँ थोड़ी देर तक उस मोटे दमदार लंड को लोलीपोप की तरह चूसती रही. फिर उन्होंने लंड को बाहर निकालकर कहा कि में अब तैयार हूँ, लेकिन तुम थोड़ा आराम से करना, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है और इतना कहकर माँ एकदम सीधी होकर लेट गयी.
फिर दीदी ने अपनी चूत को माँ के मुँह पर रख दिया और वो उनके मुहं पर बैठ गयी और माँ अपनी बेटी की रसभरी चूत को अपनी जीभ अंदर डालकर चूसने लगी थी और दीदी जोश में आकर आऊऊऊ आईईई करके सिसकियाँ लेने लगी थी.
उन दोनों का वो जोश देखकर जीजा जी ने माँ की चूत के मुहं पर अपना लंड रख दिया और उन्होंने अपनी तरफ से एक हल्का सा झटका मार दिया, जिसकी वजह से जीजाजी का आधा लंड माँ की चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और उसके बाद जीजा जी ने एक बार फिर ज़ोर से धक्का मार दिया और उस वजह से उनका पूरा लंड माँ की चूत में चला गया और अब जीजाजी माँ के ऊपर ही लेट गये और वो उनके बूब्स को दबाने उनका रस निचोड़ने लगे थे और साथ ही साथ वो ज़ोर ज़ोर से धक्के भी मारने लगे थे और माँ अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी थी और वो जोश में आकर कहने लगी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से दो आह्ह्ह्ह हाँ तुम जाने दो पूरा अंदर हाँ ऐसे ही धक्के देकर चोदो मुझे आज तुम मेरी इस चूत को शांत कर दो, में बहुत समय से इसकी वजह से बहुत परेशान हूँ और आज तुम इसकी पूरी भूख प्यास को मिटाकर मुझे वो मज़े दो जिसके लिए में अब तक तरस रही हूँ, लेकिन दोस्तों थोड़ी ही देर धक्के देने के बाद माँ अब झड़ चुकी थी और उनकी चूत से चूत का बहुत सारा रस बहकर बाहर आने लगा था.
अब दीदी यह सब देखकर बिल्कुल सीधी होकर लेट गयी और जीजा जी ने अपने लंड को मेरी माँ की चूत से बाहर निकालकर अपनी पत्नी की गीली कामुक चूत के मुहं पर रखकर एक ही जोरदार झटके में अपना पूरा का पूरा लंड दीदी की चूत में डाल दिया जिसकी वजह से दीदी के मुहं से बस एक आईईईईई की आवाज बाहर आई और उसके बाद वो चुपकर मज़े लेने लगी थी और अब वो अपनी तरफ से दीदी को ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगे थे और उसी समय माँ ने उठकर अपने बूब्स की निप्पल को जीजाजी के मुँह में डाल दिया और वो बोली कि बेटा मेरा दूध बहुत मेहनत करने पर बाहर आता है आज तुम इसका भी स्वाद चखकर मुझे बताओ कि यह तुम्हे कैसा लगा आज तुम इसका पूरा रस निचोड़ दो.
करीब दस मिनट में दीदी भी झाड़ गयी, लेकिन जीजाजी का लंड अब भी वैसे ही तनकर खड़ा था इसलिए अब उन्होंने माँ को अपने सामने घोड़ी बनाया और फिर एक ही ज़ोर के झटके में माँ की चूत में उन्होंने अपना लंड डाल दिया और वो ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे थे. फिर तभी उसी समय जीजाजी ने अपनी एक उंगली को माँ की गांड में डाल दिया, जिसकी वजह से माँ को थोड़ा सा दर्द हुआ. फिर माँ ने कहा कि बेटा इसे मत छेड़ो, मैंने कभी गांड नहीं दी, दीदी बोली कि माँ इसमे आपको बहुत मज़ा आएगा और यह बहुत प्यार से आपका यह काम भी जरुर पूरा कर देंगे.
माँ मेरी दीदी की वो बातें सुनकर थोड़ा सा शांत होकर अपनी गांड में लंड का मज़ा लेने लगी थी, क्योंकि कुछ देर बाद उनका वो दर्द अब मज़े मस्ती में बदल चुका था. अब जीजाजी ने कुछ देर धक्के देने के बाद अपना लंड तुरंत गांड से बाहर निकालकर माँ के मुँह में डाल दिया, क्योंकि वो झड़ने वाले थे और मेरी छिनाल माँ ने जीजा जी के लंड से बाहर निकला वो सारा वीर्य पी लिया और वो तीनों थककर वैसे ही पूरे नंगे एक दूसरे से लिपटकर लेट गये और वो तीनों ही उस मज़े मस्ती की वजह से अपने अपने चेहरे से बहुत ही खुश और मेरी माँ पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रही थी. दोस्तों यह था अपनी आखों से देखा हुआ वो सच जिसे मैंने इतनी मेहनत करके इसको आप तक पहुंचाया.
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दीदी के साथ जीजू ने मुझे भी ठोका

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम श्रेया है और में आज आप सभी को अपने जीवन का एक सच और उससे जुड़ी एक सच्ची घटना सुनाने जा रही हूँ जिसने मेरे पूरे जीवन को बिल्कुल बदलकर रख दिया.
दोस्तों मेरी चुदाई होने से पहले मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी चुदाई कौन करेगा? और फिर मेरी पहली चुदाई खत्म होने के बाद में सारी बातें सोचने लगी कि मैंने यह सब क्या किया?
दोस्तों मेरे फिगर का आकार 32-25-35 है और हर एक लड़की का सेक्सी होने का मन होता है, वो मन ही मन चाहती है कि हर किसी को वो अपनी तरफ अपना सेक्सी बदन दिखाकर आकर्षित कर ले और उसको अपना बनाने का मन होता है, ठीक वैसा ही मेरा भी मन था. में अपनी कॉलेज की दोस्तों के साथ रहकर सेक्स के बारे में बहुत सारी बातें समझ गई थी, लेकिन उस समय मेरी उम्र भी कुछ ज़्यादा नहीं थी.
में उस समय सिर्फ 19 साल की थी और में 18 साल की उम्र से ही अपनी चुदाई करवाना चाहती थी. मेरी चूत के अंदर चुदाई करवाने की इच्छा और कुछ अजीब सा महसूस होने लगा था, लेकिन मुझे ऐसा कोई मिला नहीं मिला जिसका फायदा उठाकर में अपनी चूत की चुदाई करवाकर उसको शांत करूं और वो मज़े लूँ, लेकिन अभी कुछ दिन पहले मेरे साथ एक ऐसी घटना हुई जिससे मेरी पूरी जिंदगी बदल गई और अब आप सभी का ज़्यादा समय ना लेते हुए में सीधा उस कहानी पर आती हूँ और बताती हूँ कि मेरी चुदाई का वो सपना कैसे सच हुआ, मुझे कैसे लंड और किसका लंड मिला?
दोस्तों वो मेरी दीदी की शादी का दिन था और हमारे पूरे घर में ख़ुशी का माहोल था में भी बहुत खुश थी और फिर वो पल आ ही गया. मेरी दीदी की उस दिन शादी हो गई और विदाई के समय मेरी दीदी बहुत ज़ोर ज़ोर से रो रही थी.
वैसे तो घर के सभी सदस्य दुखी थे और उनके साथ साथ में भी रो रही थी. तभी कुछ देर बाद मुझसे मेरी मम्मी ने कहा कि तुम भी अपनी दीदी के साथ चली जाओ कुछ दिन रुकने के बाद हम लोग तुम दोनों के लेने आ जाएगें और तुम्हारे साथ रहने से इसका भी मन लगा रहेगा और फिर मैंने अपनी मम्मी को वो बात सुनकर बहुत खुश होकर जाने के लिए तुरंत हाँ कह दिया और जब में दीदी के ससुराल आई तो मुझे वहां पर बहुत मज़ा आया.
वहां पर सभी का व्यहवार बहुत अच्छा था और वो लोग बहुत प्यार से हंस हंसकर मुझसे बातें कर रहे थे. दोस्तों वो दिन तो ऐसे ही मज़े मस्ती में गुजर गया और उस रात को मेरी दीदी की सुहागरात थी. वैसे मुझे तो पहले से ही पता था कि आज दीदी की जमकर चुदाई होगी और उनकी चूत की सील भी जरुर टूटेगी और आज मेरी दीदी को ठीक तरह से पता चलेगा कि लंड क्या होता है और लोलीपॉप किसे कहते है?
उस रात को में अपनी दीदी की चुदाई के बारे में सोचकर बहुत ज्यादा जोश में आकर में खुद अपनी चूत में उंगली करके अपनी चूत को शांत करके थककर ना जाने कब सो गई और जब में दूसरे दिन सुबह उठी तो में सीधी बाथरूम में जाने के बाद सीधी दीदी के रूम में चली गई. मुझे पता चल गया कि कल रात की चुदाई से मेरी दीदी की चूत की सील टूट चुकी थी.
उस समय मेरे जीजा जी कमरे में नहीं थे इसलिए में अपनी दीदी से पूछने लगी कि कल रात को उनके साथ क्या क्या हुआ? तो उन्होंने थोड़ा सा शरमाकर मुझसे बोला कि तेरे जीजा जी का बहुत मोटा है और उन्होंने मुझे बहुत बुरी तरह से जमकर चोदा और अपनी तरफ से चुदाई में कोई भी कमी नहीं आने दी. वैसे उनको यह काम करना बहुत अच्छे से आता है और मुझे उनका हर एक तरीका बड़ा अच्छा लगा. उनमे बहुत जोश भी है. दोस्तों अपनी दीदी की बातें सुनकर मुझे तो अब वो सभी बातें पूरी विस्तार से जानने की इच्छा हो रही थी और में वो बातें सुनकर जोश में आ गई और बड़ी उत्सुक भी थी, क्योंकि में अब तक वर्जिन थी और मैंने किसी लंड का मज़ा नहीं लिया था.
में बस जब भी मुझे याद आती अपनी ऊँगली को डालकर चूत को शांत कर लिया करती, लेकिन तभी मेरे जीजा जी भी कमरे में आ गये और वो अब मुझसे पूछने लगे कि क्या हो रहा है तुम कैसी हो और तुम्हे रात को नींद तो ठीक तरह से आई, क्या यहाँ पर कोई परेशानी तो नहीं है ना? तो मैंने उनको कहा कि सब कुछ ठीक है और में यहाँ पर बहुत खुश हूँ और आपके रहते हुए मुझे कैसी परेशानी मेरे साथ आप हो ना और में उनकी तरफ मुस्कुराने लगी.
अब मेरी दीदी हम दोनों से कहकर उठकर बाथरूम में जाने लगी और तभी मेरे जीजा जी ने तुरंत उनका हाथ पकड़कर लिया और उठकर उनको किस किया और वो मेरे ही सामने दीदी के बूब्स को ज़ोर से दबाने सहलाने लगे, लेकिन दीदी उनसे कुछ नहीं बोली. फिर जीजाजी दीदी से पूछने लगे कि क्या में तुम्हारी बहन से किस ले लूँ? दीदी बोली कि में इसमें क्या कहूँ आप और आपकी साली जानो.
दीदी यह बात कहकर हंसती हुई सीधी बाथरूम में चली गई और जीजा जी उनके कमरे से बाहर जाते ही तुरंत मुझे अपनी बाहों जकड़कर किस लेने लगे और वो मेरे बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे. दोस्तों मुझे उनके ऊपर उनकी ऐसी हरकत की वजह से बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन में क्या कर सकती थी, क्योंकि उनको मेरी दीदी ने जो हाँ कर दिया था और में भी उस समय पूरी तरह से जवान थी और मेरे अंदर भी सेक्स भड़क रहा था, इसलिए में उनका ज्यादा विरोध नहीं कर रही थी.
अब जीजाजी ने मेरी तरफ से कोई भी विरोध ना देखकर उनकी हिम्मत ज्यादा बढ़ गई और उस बात का उन्होंने फायदा उठाते हुए मेरी टी-शर्ट को उतारना चाहा, लेकिन मैंने मना कर दिया और उनसे कहा कि क्या आपका दिमाग खराब हो गया है, अगर कोई आ गया तो क्या होगा? प्लीज अब आप मुझे छोड़ दो, लेकिन तभी जबरदस्ती उन्होंने मेरी कोई भी बात को ना सुनकर एक ज़ोर का झटका देकर मेरी टी-शर्ट को उतारने की जगह खींचकर फाड़ दिया और ब्रा को भी ज़ोर से पकड़कर खींचकर उसके हुक को तोड़ दिया.
में ऊपर से उनके सामने पूरी नंगी थी और अपने बूब्स को अपने हाथों से छुपाने की कोशिश करने लगी. अब वो जबरदस्ती करते हुए मेरे गोरे गोरे बूब्स को अब कुत्ते की तरह चूसने लगे. वो उन पर टूट पड़े और बिल्कुल पागल हो चुके थे, लेकिन दोस्तों मुझे तो कैसे भी करके अब उनका लंड देखना था, इसलिए मैंने अपनी तरफ से बिल्कुल विरोध को बंद करके उनकी टेंट बनी हुई पेंट को पकड़ लिया और मैंने उनके लंड को बिना देर किए जल्दी से बाहर निकाल लिया. अब जीजाजी और में हम दोनों पूरे नंगे होकर खड़े थे.
मेरे हाथ में उनका तनकर खड़ा हुआ लंड था और उनके मुहं में मेरे एक बूब्स की निप्पल तो दूसरी निप्पल को वो अपने एक हाथ से कसकर निचोड़ रहे थे. हम दोनों उस समय पूरे जोश में थे और हमें बड़े मज़े आ रहे थे, लेकिन तभी अचानक से हमारा मज़ा खराब करने के लिए मेरी दीदी ना जाने कहाँ से आ गई. वो हम दोनों को उस हालत में देखकर बिल्कुल चकित रह गई. फिर उन्होंने मुझे कसकर एक थप्पड़ मार दिया, जिसकी वजह से मेरा सारा सेक्स का नशा उस एक ही थप्पड़ में झट से टूट गया.
में अपने पूरे होश में आ चुकी थी कि में क्या कर रही थी. मुझे वो सब कुछ अच्छी तरह से समझ में आ गया. फिर जीजाजी ने गुस्से में आकर मेरी दीदी को भी एक थप्पड़ मार दिया और वो बोले कि साली रंडी तुझे नहीं पसंद तो तू इसको भी क्यों मना कर रही है? इसको तो मेरे साथ मज़ा लेने दे और इतना कहने के बाद जीजा जी ने मेरी दीदी के कपड़े जबरदस्ती उतारकर अपने खड़े लंड को उन्होंने दीदी की चूत में बहुत बेरहमी से एक जोरदार धक्का देकर अंदर डाल दिया, लेकिन उनका आधा ही लंड दीदी की चूत के अंदर गया था और दीदी दर्द की वजह से बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी. वो दर्द से तड़प रही थी.
फिर यह सब कुछ अपनी आखों के सामने देखकर मेरी चूत से पानी बाहर आ गया. एक तो में पहले से ही बहुत गरम थी और दूसरा मेरी दीदी की चुदाई मेरे सामने होने लगी, जिसकी वजह से में बिल्कुल पागल हो चुकी थी. सब कुछ मेरी समझ से बाहर था कि में क्या करूं? तभी मेरी बैचेनी को मेरे जीजाजी झट से समझ गए और वो मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरी चूत में ज़ोर ज़ोर से अपनी दो उँगलियों को डालकर मेरी भी चुदाई करने लगे, जिसकी वजह से मेरी चूत अब कुछ ज्यादा ही व्याकुल हो उठी.
में वो सब किसी भी शब्दों में लिखकर आप लोगों को नहीं बता सकती कि में उस समय कैसा और क्या महसूस कर रही थी. अब मैंने समय को देखते हुए तुरंत अपनी दीदी से आग्रह किया कि प्लीज दीदी मेरे भी अंदर डालने दो ना और दीदी उस समय अपनी चुदाई होने के साथ साथ रो रही थी.
फिर जीजा ने मुझे पकड़ा और वो मुझे नीचे लेटाकर मेरे दोनों पैरों को ऊपर उठाकर उन्होंने दीदी की चूत से खींचकर अपना लंड बाहर किया और अब वो धीरे से अपने लंड को मेरी चूत में डालने लगे. में बिना हलचल किए उनके सामने पड़ी रही और वो मेरी चूत पर अपने लंड का हल्का हल्का दबाव बनाते हुए लंड को अंदर करने लगे.
दोस्तों सिर्फ़ उनके लंड का टोपा ही मेरी चूत के अंदर गया था, लेकिन उसकी वजह से ही मुझे बहुत दर्द हो रहा था. में उस असहनीए दर्द से तड़पने लगी और सिसकियाँ ले रही थी आईईईईइ माँ में मर गई उफ्फ्फ्फफ्फ प्लीज थोड़ा धीरे करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मेरे बेरहम जीजा ने कुछ भी ना सुनते हुए अपना लंड मेरी चूत के अंदर पूरा डाल ही दिया. वो अब जमकर धक्के देकर मेरी चुदाई करने लगे और तब जीजाजी, में और दीदी सब नंगे पूरी रात तक बारी बारी से मज़े ले रहे थे और अब तो दीदी की बारी थी.
तब मैंने उनको बहुत किस किए और उसके बूब्स को भी मैंने बहुत देर तक चूसा दबाया, जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आया. उस समय जीजा जी मेरी चूत को कुत्ते की रह अपनी गरम जीभ से चाटने लगे. मुझे तो उस दिन जैसे जन्नत मिल गई और 6 इंच के लंड से मेरी चुदाई भी हो गई और फिर में जब तक वहां पर रही और तब तक में हर रात को अपनी दीदी की चूत को चुदते हुए देखती थी और उनकी चूत में अपनी उंगली को भी डाल देती थी जिससे मुझे उनकी चूत अंदर तक गुलाबी के दर्शन हो जाते थे, लेकिन अब मुझे अपने घर भी जाना था, क्योंकि में अपनी दीदी के ससुराल में दो दिन तक रुक गई थी. इसलिए में वापस अपने घर आ गई.
फिर उसके बाद में अब कॉलेज में अपनी चुदाई करवाने के लिए दमदार लड़को की तलाश करने लगी और में बहुत से लड़को को ऐसे ही किस दे देती और उनके लंड को भी कपड़ो के ऊपर से किस कर लेती, तो लगातार कॉलेज जाने के बाद भी मुझे अपनी चुदाई का कोई भी जुगाड़ नहीं मिला. मुझे हर रात को अपनी उँगलियों से ही अपनी चूत को शांत करना पड़ा और एक दिन जब में अपने कॉलेज से घर आई, तो मैंने देखा कि आज मेरे घर पर मेरे सामने मेरे जीजाजी और दीदी बैठी हुई थी.
दोस्तों पहले तो मुझे उनको देखकर विश्वास नहीं हुआ. फिर उनसे बात करने और अपनी दीदी से गले लगने के बाद में समझ गई और में उन दोनों को देखकर बहुत खुश हो गई, क्योंकि एक बार फिर से मुझे आज रात को उनके साथ अपनी चूत को चुदवाने का असली मज़ा आएगा और वो सुख मिलेगा जिसके लिए में तरस रही थी. फिर जब शाम हुई तब जीजाजी और में छत पर आ गए और जीजाजी कुछ देर बाद वहीं पर शुरू हो गए और में भी शुरू हो गई. हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिए और में साथ में उनका लंड दबा रही थी और वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे, लेकिन तभी दीदी भी छत पर आ गई और वो बोली कि तू कभी भी नहीं सुधरेगी.
अब मैंने दीदी को लपककर पकड़ लिया और मैंने उनकी सलवार को ज़बरदस्ती उतार दिया और उनके बूब्स को बहुत जमकर दबाया और चूसा. फिर जीजाजी ने इतनी देर में मेरे कपड़े उतार दिए और उन्होंने अपने लंड को मेरे मुहं में डाल दिया और उन्होंने हल्के हल्के धक्के देकर मेरे मुहं की चुदाई करना शुरू कर दिया. फिर तभी कुछ देर बाद मुझे उल्टी आ गई, क्योंकि मैंने उससे पहले कभी भी किसी के लंड का पानी नहीं पिया था. दोस्तों यह थी मेरी वो सच्ची घटना जिसको में आप लोगों तक पहुँचाने के बारे में बहुत समय से सोच रही थी, लेकिन आज बता ही दिया.
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अपने बॉयफ्रेंड के बाद जीजू से चुदी

हैल्लो दोस्तों, में निहारिका एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी चुदाई की एक और सच्ची घटना लेकर आई हूँ. दोस्तों मेरा नाम तो आप लोग पहले से ही जानते ही हो कि में निहारिका हूँ और अब मेरा बदन, फिगर थोड़ा बदल सा गया है तो इसलिए में फिर से अपने फिगर का साईज बता रही हूँ मेरा फिगर अब 36 -28 -38 हो गया है दोस्तों यह मेरी आज की कहानी मेरी और मेरे जीजू की है और मेरी पिछली कहानी में मैंने बताया था कि में होली के दिन जीजू के घर गई थी और फिर उस दिन मैंने बहुत मज़े से होली खेली और अपने बॉयफ्रेंड रोहन से एक बार चुदी और उसके बाद रोहन ने मुझे मेरे घर पर छोड़ दिया था और उसके बाद क्या हुआ था वो में आज अपनी इस आगे की कहानी में बता रही हूँ.
फिर रोहन मुझे अपने घर पर छोड़कर चले आए और उसके चले जाने के बाद में ठीक तरह से चल भी नहीं सकती थी क्योंकि कुछ देर पहले हुई उस ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा था. फिर जब में अपने घर के अंदर गई तो मैंने देखा कि मेरे जीजू मेरी दीदी को नीचे फर्श पर लेटाकर बहुत मज़े से उनके कपड़ो में हाथ डालकर रंग लगा रहे थे, लेकिन उन्होंने अचानक से मुझे देखकर मेरी दीदी को छोड़ दिया और फिर वो मुझसे बोले कि साली साहिबा क्या आप आ गई? तो मैंने बोला कि हाँ जीजू में आ गई और अब वो उठकर मेरे पास आए और उन्होंने मेरा चेहरा पकड़कर रंग लगा दिया और तब तक दीदी उठकर वहां से चली गई थी. अब जीजू ने सही मौका देखकर जानबूझ कर मेरे बूब्स पर हाथ लगा दिया और फिर मेरे बूब्स को बहुत ज़ोर से दबा दिया.
मैंने जीजू से बहुत गुस्से में कहा कि जीजू यह सब बहुत ग़लत बात है प्लीज अब यह सब करना बंद करो नहीं तो दीदी आ जाएगी. तो जीजू ने कहा कि क्यों जब रोहन तुम्हारे बूब्स दबाए वो तो सब सही है और जब में दबाऊँ वो सब कुछ ग़लत है? तो मैंने एकदम से आश्चर्यचकित होकर तुरंत उनसे पूछा कि क्यों आपको कैसे पता कि रोहन ने मेरे बूब्स दबाए है? तब जीजू ने कहा कि मुझे तो यह भी पता है कि तुम और रोहन चुदाई करने ही गये हो और यह तुम्हारी बिल्कुल बदली हुई चाल सभी को सब कुछ फूट फूटकर बता रही है कि रोहन ने तुम्हे बहुत जमकर चोदा है और साली साहिबा जब रोहन के साथ तुम्हे यह सब करने में कोई भी आपत्ति नहीं तो फिर मेरे साथ करने में क्या आपत्ति है? और फिर में तो वैसे भी आपका जीजू हूँ और आप मेरी साली और साली वैसे भी आधी घरवाली होती है. यह बात कहते हुए उन्होंने मेरी गर्दन पर एक किस कर दिया और मुझे ज़ोर से हग किया और मेरे बूब्स भी दबा दिए.
दोस्तों तब तक में जीजू की बाहों में जकड़कर पकड़े होने की वजह से बहुत गरम हो गई थी और जीजू का लंड भी मेरी गांड में दब रहा था, लेकिन फिर भी मैंने अपने आप पर बहुत कंट्रोल करते हुए उनसे कहा कि जीजू, दीदी अभी घर पर ही है कुछ बात हो गई तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है प्लीज अभी मुझे आप छोड़ दो. अब जीजू ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि क्यों तो फिर मेरा और आपका चुदाई प्रोग्राम तो पक्का है ना?
तब मैंने उनसे हाँ कहकर जीजू के लोवर के ऊपर से ही उनका लंड दबा दिया, जिसकी वजह से जीजू ने मीठी सी आअहह निकाल दी और फिर मैंने कहा कि हाँ मेरे प्यारे और हॉट जीजू में आपके साथ चुदवाने के लिए एकदम तैयार हूँ, लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए और फिर उन्होंने मुझसे वादा करके मुझे छोड़ दिया और तब तक दीदी भी कमरे में आ गई थी. तो उन्होंने मुझसे मुस्कुराते हुए पूछा कि क्यों तुम दोनों जीजा और साली में ऐसी क्या खिचड़ी पक रही है मुझे भी तो बताओ में भी तो तुम्हारी थोड़ी सी बात सुन लूँ?
तब में और जीजू एक दूसरे की तरफ देखकर हंस दिए और फिर मैंने दीदी को पकड़ लिया और जीजू ने दीदी के कपड़ो के अंदर हाथ डालकर उनके बूब्स पर बहुत सारा रंग मल दिया. फिर दीदी ज़ोर से चिल्लाई तो जीजू ने उन्हें छोड़ दिया और फिर हँसने लगे. फिर दीदी ने मुझसे कहा कि चल अब तू नहा ले, सबसे ज़्यादा तुझ पर ही रंग लगा है पता नहीं यह रंग निकलेगा भी कि नहीं और अब दीदी ने मेरे मुहं के अंदर लगा हुआ रंग देख लिया और वो मुझसे पूछने लगी कि क्यों यह रंग तेरे मुहं के अंदर कैसे रंग गया? अब में उनकी यह बात सुनकर बहुत डर गई, लेकिन तभी मुझे एक आईडिया आया और मैंने उनसे कह दिया कि दीदी वो जब में रोहन के साथ होली खेलने गई थी जब में पानी पी रही थी तभी उस समय ग्लास में रंग गिर गया था और मेरे मुहं के अंदर लग गया.
फिर दीदी ने ठीक है कहा और मुझसे बोला कि चल जाकर नहा ले. तो में बाथरूम में नहाने चली गई और करीब एक घंटे तक अपने बदन से वो रंग निकालती रही और फिर में आख़िर में रंग निकालने में कमियाब रही और उसके बाद दीदी और जीजू एक एक करके भी नहा लिए और फिर हम लोगों ने एक साथ में ही खाना खाया और उसके बाद दीदी घर के कामों में लग गई. में और जीजू उनके रूम में बैठकर लेपटॉप पर फिल्म देखने लगे और जब फिल्म शुरू हुई तब जीजू ने मुझसे कहा कि निक्की तुम बहुत हॉट सेक्सी हो और कहा कि तुम्हारे इन बड़े बड़े बूब्स का तो कोई जवाब ही नहीं है और यह बात कहते हुए उन्होंने मेरे बूब्स दबा दिए और फिर मुझे गाल पर एक किस कर दिया और फिर मुझसे पूछा कि निहारीका मेरा नंबर कब है? तो मैंने कहा कि में क्या कहीं भागी जा रही हूँ?
मैंने कहा कि जब भी मौका मिलेगा तब में आपकी ही तो हूँ. फिर जीजू उठकर नीचे देखने चले गये कि दीदी क्या कर रही है? उस समय दीदी किचन में कुछ काम कर रही थी. जीजू कमरे में वापस आए और उन्होंने मुझसे कहा कि मैंने देखा है कि तुम्हारी दीदी अभी किचन के कामों में व्यस्त है और अब मुझे तुम्हारे बूब्स चूसने है.
फिर मैंने उनसे साफ मना किया तो जीजू ने मुझसे कई बार आग्रह किया और अब में उनकी बात मान गई. फिर मैंने अपनी टी-शर्ट को जल्दी से ऊपर कर दिया और ब्रा की हुक को खोल दिया. तभी मेरे बड़े और मोटे बूब्स ब्रा के खुलते ही लटककर बाहर आ गए और जीजू मेरे बूब्स को देखकर एकदम से दंग रह गये, वो मुझसे बोले कि तुम्हारे बूब्स तो बहुत बड़े है और गोरे भी उतने ही है. फिर इतना कहकर उन्होंने मेरा एक बूब्स पकड़कर मुहं में भर लिया और दूसरे बूब्स को हाथ से दबाने लगे.
फिर करीब दस मिनट बूब्स चूसने और दबाने के बाद मेरे बहुत बार मना करने पर उन्होंने मुझे छोड़ दिया और मैंने अपनी ब्रा का हुक लगाकर अपनी टी-शर्ट को ठीक किया. अब मैंने जीजू के लोवर में उनका खड़ा हुआ लंड देखा और जीजू ने भी देख लिया कि में उनका लंड बहुत ध्यान से देख रही हूँ. फिर जीजू ने झट से मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और मैंने भी अब उनका लंड पकड़कर धीरे धीरे सहला दिया. फिर जीजू ने अपना लोवर नीचे करके अपना लंड बाहर निकाल दिया और मुझे एक बार फिर से हाथ में पकड़ा दिया.
दोस्तों मैंने महसूस किया कि उनका लंड रोहन के लंड से भी लंबा और मोटा था तो में उसे अपने सामने आते ही गौर करके देखती ही रह गई. फिर जीजू ने मुझसे कहा कि निक्की प्लीज इसे एक बार अपने मुहं में लेकर चूसो ना और अब मैंने भी उनके कहने पर लंड को मुहं में भर लिया और चूसने लगी. तभी मैंने महसूस किया कि मेरे मुहं की गरमी से जीजू का लंड अब और भी मोटा और लंबा हो गया था और वो मेरे मुहं में पूरा अंदर तक जा भी नहीं रहा था. फिर जीजू ने मेरे सर के बाल पकड़कर अपने लंड पर दबाव लगाया और अब उनका लंड मेरे मुहं में मेरे गले तक चला गया.
फिर थोड़ी देर लंड चूसने के बाद जीजू जब झड़ने वाले थे तो उन्होंने मुझसे कहा कि में तुम्हारे मुहं में ही अपना वीर्य निकालूँगा. फिर मैंने भी हाँ में अपना सर हिला दिया और फिर जीजू ने थोड़ी देर में ही गरम गरम फुहारा मेरे मुहं में छोड़ दिया. अब मेरा पूरा मुहं उनके वीर्य से भर गया था और में उनका सारा वीर्य पी गई. फिर जीजू ने मुझसे कहा कि निक्की अभी तो मैंने सिर्फ़ तुम्हारा मुहं ही चोदा है तो इतना मज़ा आया, अभी चूत और गांड तो बाकी ही है मेरी जान उसमें कितना मज़ा आएगा? अब में और जीजू फिल्म देखने लगे तो मैंने और जीजू ने उस समय एक चद्दर ओढ़ रखी थी जिसकी आड़ में जीजू ने अपना हाथ मेरे लोवर में डाल दिया और अब वो मेरी चूत को सहलाने लगे और अपनी दो उँगलियों से मुझे चोदने लगे और फिर थोड़ी देर बाद में झड़ गई.
फिर जीजू ने मुझसे कहा कि तुम्हारा भी काम हो गया है. मैंने कहा कि हाँ फिर हम फिल्म देखकर उठे ही थे कि दीदी हमारे लिए चाय लेकर आ गई और हमें चाय दे दी. फिर जीजू ने कहा कि तुम दोनों बहने तैयार हो जाओ हम कहीं बाहर घूमकर आते है. फिर दीदी ने कहा कि नहीं मुझे घर पर थोड़ा सा काम है इसलिए में आपके साथ नहीं जा सकती, आप एक काम करिए कि आप और निक्की कहीं बाहर घूमकर आ जाओ. फिर जीजू ने कहा कि तुम्हारे बिना, लेकिन मज़ा कहाँ है? तो दीदी ने कहा कि आप थोड़ा समझो मुझे यहाँ घर में कुछ काम है तो आप दोनों चले जाओ.
फिर मैंने और जीजू ने कहा कि ठीक है और फिर में फ्रेश होने चली गई और मैंने काली कलर की शर्ट और नीले कलर की जीन्स पहनी जिससे जीजू को शर्ट खोलने में ज्यादा दिक्कत ना हो और मैंने गुलाबी कलर की ब्रा और काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी और फिर मैंने अपने होंठो पर गुलाबी कलर की लिपस्टिक भी लगा ली थी जिससे में जीजू को अपनी तरफ और भी ज्यादा आकर्षित कर लूँ.
फिर में और जीजू उनकी कार में बैठकर बाहर चले गये और थोड़ा आगे जाकर एक सुनसान रोड पर जीजू ने अपनी कार को रोक दिया और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि निक्की डार्लिंग मुझे लगता है कि आप आज तो मुझे मार डालने के मूड में ही हो. फिर मैंने स्माईल दे दी और जीजू ने मेरे होंठो पर किस करना शुरू कर दिया और अब में उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी और फिर मैंने अपने ही हाथों से शर्ट के दो बटन खोल दिए ताकि जीजू को मेरे बूब्स दबाने में ज्यादा समस्या ना हो और फिर हम दोनों ऐसे ही 15 मिनट किस और बूब्स प्रेस करने लगे. अब जीजू ने मुझसे कहा कि निक्की हम कोई होटल में चलते है. फिर मैंने कहा कि हाँ तब जीजू ने एक होटल में रूम बुक करवा दिया. अब में और जीजू कार से होटल चले गये. वहां से हमने रूम की चाबी ली और अपने रूम में चले गये.
अब वहां पर जाकर दरवाजा बंद करके जीजू ने मेरे होंठो को चूसना चालू कर दिया और मैंने जीजू के होंठो को चूसना चालू कर दिया और फिर जीजू ने धीरे से मेरे होंठो को काट दिया और मैंने आईई की आवाज निकाली. फिर जीजू ने मेरी शर्ट के बटन को खोलकर मेरी शर्ट को पूरा उतार दिया और अब मेरी जींस के बटन को भी खोल दिया और मैंने जींस को उतार दिया. अब में सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में रह गई थी.
तभी मैंने जीजू की शर्ट के बटन खोल दिए और फिर उन्होंने अपनी जींस को भी उतार दिया. फिर वो सिर्फ़ अंडरवियर में ही रह गये और अब में और जीजू किस कर रहे थे. में उनकी अंडरवियर में हाथ डालकर उनका लंड पकड़कर सहला रही थी कि तभी जीजू ने मेरी ब्रा को खोलकर मुझे बेड पर लेटा दिया और वो मेरे बूब्स को चूसने लगे और हल्का हल्का काट भी रहे थे और में आहह उह्ह्ह्ह मर गई कर रही थी. फिर जीजू ने मेरी पेंटी उतारी और मेरी चूत को चाटने और चूसने लगे. वो मुझसे बोले कि यह तो बहुत मस्त है और में उनका मुहं मेरी चूत पर दबाती रही. फिर उसके कुछ देर बाद में झड़ गई और मेरी चूत को जीजू ने चाट चाटकर साफ कर दिया और उन्होंने मुझे खड़ी करके अपना लंड मेरे मुहं में दे दिया.
में उनका लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर चूसने के बाद जीजू ने मुझे बेड पर लेटा दिया और उन्होंने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. मुझे बहुत दर्द हुआ जिसकी वजह से में ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी उह्ह्हह्ह माँ मर गई उईईईईइ करने लगी. फिर भी जीजू मुझे लगातार धक्के देकर चोदते रहे और कुछ देर बाद उन्होंने मुझे उठाकर खुद नीचे लेट गये और मुझसे अपने लंड पर बैठने को कहा.
में उनके ऊपर आकर अपने एक हाथ से लंड के मुहं पर सेट करके लंड पर बैठ गई और अब लंड धीरे धीरे मेरी चूत में जाने लगा, लेकिन मुझे बहुत दर्द हुआ और मज़ा भी बहुत आ रहा था और में आहहहह आईईईइ मर गई करके चुदवा रही थी और जीजू मुझे लगातार चोद रहे थे. फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनाकर मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया, लेकिन करीब दस मिनट तक चोदने के बाद जब उनका वीर्य निकालने वाला था तो उन्होंने मुझे उठाकर लंड मेरे मुहं में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरे मुहं को चोदने लगे फिर करीब तीन मिनट तक चोदने के बाद वो मेरे मुहं में ही झड़ गये और में उनका सारा वीर्य गटक गई और फिर हम बेड पर ही लेट गये और अब थोड़ी देर बाद में बाथरूम में चली गई तो वो वहां पर भी मेरे पीछे पीछे आ गये और मैंने अपनी चूत को साफ किया और उनका लंड भी साफ किया और तब तक मेरे हाथों में ही उनका लंड एक बार फिर से खड़ा होने लगा. उन्होंने मुझे वहीं पर बैठाकर लंड मेरे मुहं में दे दिया और बहुत देर तक चुसवाया. अब उनका लंड पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया था.
फिर उन्होंने मुझे वहां से अपनी गोद में उठाकर बेड पर लाकर पटक दिया और अब मुझसे घोड़ी बनने को कहा तो में उनके सामने घोड़ी बन गई. फिर जीजू ने मेरी गांड पर अपना हाथ रखकर सहलाया और फिर मेरी गांड को चाटने लगे. फिर थोड़ा थूक मेरी गांड पर लगाकर मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया. में उस दर्द की वजह से कराह उठी और मेरी आँख में से आँसू निकल गये तो जीजू थोड़ी देर रुक गए और जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो एक बार फिर से मुझे ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगे और में आहहह माँ ऊईईईइ उह्ह्ह्हह्ह करके अपनी गांड चुदवा रही थी. अब थोड़ी देर चोदने के बाद उन्होंने मुझे अपने ऊपर बैठाकर मेरी गांड में दोबारा लंड डाल दिया तो में भी उनका लंड गांड में लेकर उछल उछलकर चुदवाने लगी और जीजू मेरे बूब्स को दबा रहे थे और फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने मुझे बेड पर उल्टा लेटाकर मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और मुझे पीछे से किस करने लगे.
वो मेरे गले पर किस करने लगे और मेरी पीठ पर भी किस करने लगे और फिर अचानक से उन्होंने अपने धक्को की स्पीड को तेज कर दिया और थोड़ी देर चोदने के बाद वो झड़ गये. अब मैंने भी उनका पूरा वीर्य अपनी गांड में ही ले लिया. फिर में उठी और अपनी गांड को साफ करने बाथरूम में चली गई, वहां पर भी जीजू मेरे पीछे आ गये. अब मैंने उनका लंड भी साफ किया, लेकिन मुझे अब दर्द थोड़ा ज़्यादा था तो मैंने जीजू से कहा तो उन्होंने कहा कि में तुम्हे दर्द खत्म करने की दवाई दिलवा दूंगा और फिर में जीजू साथ में ही नहाने लगे. अब में और जीजू तैयार होकर घर के लिए निकल गये और रास्ते में जीजू ने मेरे बहुत बार बूब्स दबाए और ज़ोर ज़ोर से चूसे भी. दोस्तों में उनकी इस चुदाई से बहुत खुश थी क्योंकि उन्होंने मुझे बहुत अच्छी तरह अलग अलग तरह से और मेरे हर एक छेद में अपना लंड डालकर चोदा. जिसकी वजह से में अब उनकी चुदाई से बहुत संतुष्ट थी और मुझे उनसे चुदने में बहुत मज़ा भी आया.
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जीजू ने मुझे रंडी की तरह चुदवाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनू है और मेरी उम्र 21 साल है. में एकदम गोरी चिट्टी हूँ. मेरा उभरे हुए बूब्स, गोल गोल चूतड़ है. दोस्तों इस नादान उम्र में हम लड़कियों की चूत कुछ ज़्यादा ही मचलती है और सभी सेक्स की शौकीन भाभी, दीदी और आंटियों की एक बार चुदाई हो चुकी होती है तो वो या तो अपनी पति से पहली बार चुदती है या फिर अपने बॉयफ्रेंड से, लेकिन दोस्तों मेरी चूत की सील मेरे जीजा जी ने तोड़ी थी.
मेरे फिगर का साईज 30-26-32 है और में 12th में पड़ती हूँ. में और मेरी दीदी पिंकी भी कई बार मेरे जीजू के दोस्तों से चुद चुकी है इसलिए हम आपस में भी बहुत खुली हुई है.
तो एक बार जीजू और जीजी घर पर आये हुये थे. में, पिंकी दीदी, जीजी (आरती) और जीजू सभी बैठकर बातें कर रहें थे.
में : जीजू होली पर क्या प्रोग्राम है, क्यों कुछ चटकीला सा हो जाए?
आरती : इसकी चूत में ज़्यादा खुजली मची हुई है.
पिंकी : इस हरामजादी का बस चले तो यह अपनी चूत और गांड लंड से हमेशा भरी रखे.
में : तुम दोनों कुत्तियों को क्या तक़लीफ़ है? में तो शहर के हर लंड के नीचे आउंगी, क्यों जीजू?
जीजू : हाँ यह दोनों तेरे से जलती है, मेरी प्यारी साली तो रंडी की तरह चुदेगी.
में : हाँ, लेकिन मेरे प्यारे जीजू बोलो, आज होली पर में किसकी रांड बनूंगी?
आरती : इस हरामजादी को तो आज किसी घोड़े के लंड से चुदवा दो.
में : वाह ओहह्ह्ह दीदी, फिर तो कितना मज़ा आएगा? कि जब किसी घोड़े का बड़ा सा लंड मेरी प्यासी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुसेगा और इसे भोसड़ा बना देगा?
जीजू : आज विदेश से मेरी कंपनी के दो आदमी आ रहे है और अगर हमारी डील अच्छी रही तो हमे अच्छा मुनाफा होगा और आज की रात मीनू उनके लंड के नीचे आने वाली है. तो मीनू तुम कुछ अच्छा सा पहन लेना हम वहां पर शाम को चलेगें, क्यों ठीक है ना.
में : हाँ ठीक है, आप कहो तो में नंगी ही चल दूँ.
पिंकी : वाह जीजा जी, यह कहाँ का इंसाफ़ है? मीनू को तो दो दो लंड और हमको एक भी नहीं.
जीजू : मेरी जान में मीनू को उनके पास छोड़कर तुम दोनों को अपने दोस्त की एक पार्टी में ले जाऊंगा, क्यों अब तो ठीक है ना.
आरती : हाँ तो ठीक है हम तीनों तुम्हे एकदम तैयार मिलेगी.
फिर उसी शाम को मैंने मिनी स्कर्ट और बिना ब्रा के एक टॉप पहना हुआ था. लेकिन वो टॉप इतना उँचा था कि उसमे मेरे गोल मटोल बूब्स भी उसमे नहीं समा रहे थे, तो जीजू बोले कि मेरी जान तुम छोटी सी हो, क्या उनको सम्भाल भी लोगी? फिर में बोलती उससे पहले ही आरती बोल पड़ी, कि यह तो एकदम पक्की रंडी है, तुम इसकी बिल्कुल चिंता मत करो, यह सबको बहुत अच्छी तरह सम्भाल लेगी.
फिर जीजू मुझे लेकर एक होटल में आ गये, वो बहुत शानदार होटल थी और वहां पर दो आदमी पहले से ही हमारा इंतजार कर रहे थे, उनमे से एक बिल्कुल काला 7.5 इंच ऊँचा नाम माइकल दूसरा एकदम गोरा अंग्रेज जॉन और मैंने उनके बारे में सुना हुआ था कि इनके लंड घोड़े जैसे लंबे, मोटे होते है. तो मैंने मन में सोचा कि मीनू रानी आज तेरी बुरी तरह से चुदाई होने वाली है. फिर जीजू ने मुझे उनसे मिलवाया. पहले माइकल ने मुझे गले लगाकर गालों पर किस किया और फिर जॉन ने, उसके बाद हमने खाना खाया. में माइकल के पास में बैठी हुई थी और हम आपस में बातें कर रहे थे और होटल में भीड़ भी कम थी.
तभी माइकल ने एक हाथ मेरी जांग पर रखा और सहलाने लगा. में उसकी और देखकर मुस्कुराई और मैंने अपनी जांघे खोल दी तो उसका हाथ मेरी जांघो से होता हुआ मेरी पेंटी तक पहुँच गया. वो मुझे ऐसे ही छेड़ता रहा और फिर खाने के बाद जीजू के फोन की घंटी बजी तो जीजू ने बात करके मुझसे उनके सामने कहा कि मुझे कुछ जरूरी काम है आओ मीनू हम चले.
माइकल और जॉन के चेहरे एकदम से उतर गये. वो दोनों एकदम उदास हो गए, लेकिन तभी मैंने कहा कि जीजू तुम जाकर आ जाओ में यहाँ पर थोड़ा बहुत एंजाय करती हूँ और फिर यह दोनों मेरा ख्याल रखेंगे. तो जीजू बोले कि लेकिन में तो कल सुबह तक आ पाउँगा? तो माइकल बोला कि यार तुम जाओ, इसका ख्याल हम रखेंगे. वैसे मुझे तो पता था कि जीजू को मुझे उन दोनों से चुदवाना है और मुझे भी जीजू के जाने के बाद इन दोनों की रंडी बनना है और फिर जीजू मुझसे अपना ख्याल रखना कहकर चले गये और हम तीनों भी थोड़ा सा डांस करके रूम की तरफ चल पड़े.
तो में बोली कि हम थोड़ा और डांस करते है और उन दोनों ने अपना एक एक हाथ मेरे चूतड़ पर रखा और लगभग मुझे धकेलते हुए बोले कि बस अब तुझे बेड पर डांस करना है. तो में जानबूझ कर बोली कि बेड पर कैसे? तो माइकल बोला कि अब तुझे हम अपने लंड पर डांस करवाएगे और वो मेरे चूतड़ को दबाते हुए मुझे रूम में ले गये और फिर रूम में जाते ही वो दोनों भूखे कुत्तो की तरह मुझ पर टूट पड़े और रूम के अंदर जाते ही माइकल मेरे आगे की तरफ खड़ा था और जॉन मेरे पीछे खड़ा था.
में उन दोनों के बीच में एकदम बच्ची लग रही थी. माइकल ने मेरा टॉप उतारा तो जॉन ने पीछे से मेरी छोटी सी स्कर्ट नीचे खिसका दी, फिर माइकल अपने मोटे मोटे होंठो से मेरे होंठो को चूसने लगा और बीच बीच में वो मेरी जीभ भी चूसने लगता है.
में उसके चुंबन से बिल्कुल बेहाल हुई जा रही थी और एक तरफ जॉन ने पीछे से हाथ आगे की तरफ करके मेरे 32 इंच के बूब्स को पकड़कर बहुत बुरी तरह से मसलना शुरू कर दिया और तभी जॉन मेरे एक बूब्स पर से हाथ हटाकर मेरे चूतड़ो पर ले गया और मेरी चूत की फांको को मसलता रहा था. जैसे ही जॉन ने बूब्स पर से अपना हाथ हटाया माइकल ने बूब्स को अपने होंठो में भर लिया. मेरे मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी. ओह उफ्फ्फ्फ़ ऑश आईईईइ क्या कर रहे हो? प्लीज बूब्स मत चूसो ऐसा करने से मेरी चूत में आग लग जाती है, प्लीज अब छोड़ दो मेरे बूब्स को, मेरी चूत अब तड़पने लगी है.
जॉन बोला कि तू बिल्कुल भी घबरा मत और आज लगने दे आग, हम अभी तेरी चूत की आग भी बुझाएगें और अब में भी पूरी तरह से चुदाई के मूड में आ चुकी थी. तो में बोली कि मुझे तो कुछ दिखाई नहीं दे रहा, जिससे तुम मेरी चूत की आग बुझाओगे. यह मेरे गोल मटोल बूब्स देख रहे हो, जब तक इसे कोई चूस चूसकर लाल ना कर दे चैन नहीं पड़ता और फिर मैंने अपनी पेंटी को नीचे सरका कर अपनी चूत को उनको दिखाते हुए बोली, कि इस चूत की जब तक लंड से इतनी पिटाई ना हो कि यह रो पड़े, इसकी आग नहीं बुझती और यह मेरे गोल गोल चूतड़ लाल करने पड़ेगे.
तो मेरी बात सुनकर उन दोनों ने अपने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और फिर जॉन मेरे पीछे खड़ा हुआ था और जब मैंने माइकल का लंड देखा तो में अंदर तक कांप गयी. जैसे घोड़े का लंड काटकर उस पर लगा दिया हो 8 इंच लंबा 3 गोलाई लिए हुए एकदम काला और जॉन जब मेरे सामने आया तो उसका लंड भी माइकल के लंड जैसा ही था और अगर उनमे कोई फरक था तो सिर्फ रंग का, जहाँ माइकल का लंड एकदम काला था तो वहीं जॉन का एकदम लाल. उनके लंड देखते ही मेरी चूत ने रो रोकर अपना पानी छोड़ दिया.
में एकदम चकित होते हुई उनके लंड देख रही थी. तो जॉन ने झट से मेरे चूतड़ो पर चाटा मारा. साली कुतिया क्या बोल रही थी? चूतड़ लाल चाहिए, यह ले बूब्स नीले होने चाहिए. माइकल बूब्स पर टूट पड़ा, उसके दातों के होंठो के निशान मेरे बूब्स पर पड़ रहे थे. तभी माइकल मुझे नीचे की तरफ झुकता गया और में अपने घुटनों पर हो गयी तो उसका काला, मोटा लंड मेरे होंठो से छू रहा था.
माइकल बोला कि मीनू अपना मुहं खोल और ले मेरा लंड चूस. तो में बोली कि मेरा नाम मीनू नहीं है. तो जॉन बोला कि तो फिर क्या नाम है तेरा मेरी छम्मकछल्लो? तो में बोली कि आज की रात मेरा नाम है हरामजादी, कुतिया, रंडी, छिनाल, रांड, चूत की चोदी, बहन की लौड़ी, माँ की लौड़ी, मादर चोद, सड़ी कुतिया और तुम्हारी छमिया और जो भी गाली तुम्हे आती हो मुझे आज उस नाम से बुलाना और मुझे भी यह हक़ होगा कि में तुम्हे जो मर्ज़ी पड़े बोलूं.
माइकल बोला कि साली पहले लंड तो चूस, तेरी तो हम आज सारी रात हम माँ चोदेगें और फिर में अपनी जीभ निकाल कर लंड पर घुमाते हुए उसे अपने मुहं में ले गयी, तो जॉन माइकल से बोला कि देख हरामजादी के लाल लाल होंठो में तेरा काला लंड कैसा गजब कर रहा है. कितनी प्यारी लग रही है और माइकल मुहं में लंड को आगे पीछे करता बोला कि इस कुतिया के मुहं में काला ही नहीं लाल लंड भी प्यारा लगेगा. क्यों रंडी ठीक बात है ना? तो में बोली कि मुझे क्या पता तुम खुद अपनी रांड के मुहं में डालकर देख लो और फिर बताना कैसी लगती हूँ. फिर जॉन ने मुझे अपनी और घुमाकर अपना लंड मेरे मुहं में फंसा दिया.
तभी माइकल बोला कि वाह यह तो एकदम टॉप की रंडी लग रही है, चल अब तेरी माँ चुदने का वक़्त आ गया है और फिर मुझे अपनी बाहों में उठाकर उन दोनों ने बेड पर पटक दिया. तो माइकल ने मेरे एक पैर को उठाया और वो मेरी चूत पर अपना लंड घिसने लगा. जॉन मेरे बूब्स की माँ चोद रहा था.
फिर माइकल ने अच्छा मौका देखकर एक जोरदार धक्का मारा. लंड गीली चूत में फिसलता हुआ आधे से भी ज़्यादा अंदर घुस गया और में बहुत बुरी तरह से चीख पड़ी आआईईईईई माँ अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ बचाओ मुझे, मुझे तेज़ दर्द हुआ और में बोली कि कुत्ते फ्री की चूत देखकर चोदे जा रहा है, बाहर निकाल अपने मूसल को ऑह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह. लेकिन तभी एक और उससे भी दमदार धक्के ने मेरी चूत को फाड़ दिया और अब वो पूरा घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में घुस चुका था. तो में बोली कि साले कुत्ते क्या ऐसे चोदते है एक छोटी सी बच्ची को और अगर कहीं में मर जाती तो?
लेकिन तभी जॉन मेरे मुहं को अपने लंड से बंद करता हुआ बोला कि हम कुत्ते तुम्हारे जैसी कुतिया को ऐसे ही चोदते है. फिर माइकल मेरी चूत में और जॉन मेरे मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और 5-7 धक्को में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और अब लंड बहुत तेज रफ़्तार से चूत में अंदर बाहर हो रहा था. तभी माइकल ने अचानक से अपना लंड, चूत से बाहर खींच लिया और मुझे लगा जैसे कि मेरी चूत एकदम खाली हो गई. तो में बोली कि अब क्या हुआ और मेरी चूत बिल्कुल खाली हो गयी है?
तो जॉन ने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकालकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया. में उसकी छाती के ऊपर लेटी हुई उसका मुहं चूम रही थी और उसका मोटा लंड मेरी चूत को छू रहा था. तो मैंने जल्दी से उसका लंड पकड़कर अपनी प्यासी चूत पर लगाया और अपना सारा वजन लंड पर टिकाकर धीरे धीरे उस पर दबाव डालने लगी और फिर लंड मेरी चूत में धीरे धीरे फिसलता हुआ घुसता चला गया और अभी में सिर्फ तीन चार बार ही ऊपर नीचे हुई थी कि मुझे मेरे चूतड़ खुलते महसूस हुए.
मैंने पीछे मुड़कर देखना चाहा. लेकिन जॉन ने मुझे अपने से कसकर चिपका रखा था. तभी मैंने कहा कि नहीं मेरी गांड में कुछ नहीं जाएगा. यह चूत है ना, तुम इसे सारी रात जैसे जी करे वैसे चोद लो. लेकिन मेरी गांड को प्लीज छोड़ दो वरना वो फट जाएगी प्लीज. लेकिन माइकल ने बिना कुछ सुने अपनी दो मोटी मोटी उँगलियों को मेरी गांड में डाल दिया और उसे आगे पीछे करके मेरी गांड के छेद को ढीला करने लगा. तो में आईईईईई ऊउईईईई माँ प्लीज नहीं, प्लीज अब नहीं अह्ह्ह्हह्ह कर रही थी. जॉन बोला कि क्या माइकल इस रंडी के गांड में उंगलियां डाल रहा है सीधा एक झटके में पूरा लंड डाल ना.
तो में बोली कि नहीं माइकल प्लीज नहीं ऐसा मत करना. लेकिन अब वहां पर मेरी कौन सुनता, माइकल ने अपना 8 इंच का काला लंड मेरी छोटी सी गांड के छेद पर रखा और कसकर धक्का मारा. तो में किसी हलाल होती बकरी की तरह चिल्लाने लगी अह्ह्ह्हह्ह मार दिया ऊओह निकाल बाहर कुत्ते की औलाद अह्ह्ह्ह छोड़ दे मुझे आईईईई में मर जाउंगी, प्लीज छोड़ दे और अब मेरी आखों में से पानी भी गिरने लगा था. लेकिन उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसाकर ही दम लिया और उसका घोड़े जैसा लंड मेरे पेट में चुभ रहा था और अब मेरी गांड और चूत दोनों ही फट चुकी थी और अब उन दोनों ने मेरी बहुत बुरी तरह से चुदाई शुरू कर दी.
मेरी गांड और चूत उन दोनों के लंड से पनाह माँग रही थी और फिर थोड़ी ही देर में उनके लंड को मज़ा देने लगी. मेरी चूत उनके लंड की मार से बार बार पानी छोड़ रही थी और में बार बार चिल्ला रही थी अह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो इस कुतिया को ज़ोर से, ज़ोर से फाड़ डालो साली को और वो दोनों पूरी रफ़्तार से लगे हुए थे. तो जॉन बोला कि साली कोई और तमन्ना है तो बोल हम उसे भी आज पूरा कर देंगे? तो में बोली कि एक कुतिया की इच्छा क्या हो सकती है कि वो कुतिया की तरह चुदे.
माइकल ने अपने लंड को गांड में से बाहर निकाला और बोला कि चल फिर बन जा कुतिया और में झट से कुतिया की तरह झुक गयी और अपने चूतड़ हिलाने लगी. तो माइकल ने झट से पीछे आकर मेरी चूत को लंड से भर दिया और जॉन ने मेरे मुहं में जोरदार धक्के मारने शुरू किए. फिर दस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद माइकल बोला कि में कहाँ निकालूं?
में बोली कि तुम दोनों मेरा मुहं भर दो और उन दोनों ने बारी बारी से एक एक करके मेरे मुहं पर वीर्य की बौछार करना शुरू किया और मेरा मुहं पूरी तरह से उनके गरम गरम वीर्य से भर गया. तो मैंने उनके लंड को एक एक करके चूस चूसकर अच्छी तरह से साफ किए. लेकिन सुबह होने तक मेरी ऐसे ही रुक रुककर चुदाई चलती रही और में उनके लंड के मज़े लेती रही. उन्होंने मेरी चूत, गांड, मुहं को सुबह तक पूरी तरह से खोल दिया था और में बिना किसी विरोध के उनसे पूरी रात चुदती रही और जब सुबह जीजू मुझे लेने आए तो मेरे बूब्स उनके दातों के निशान थे और चूत उनके लंड को रात भर झेल झेलकर लाल पड़ चुकी थी और मेरे चूतड़ उनके थप्पड़ से लाल हो चुके थे. लेकिन जीजू का मेरी चुदाई का काम अब पूरा हो चुका था और में उनके सामने एकदम नंगी निढाल होकर पड़ी हुई थी और वो दोनों मेरी चुदाई से बहुत खुश नजर आ रहे थे. तो में जीजू को देखकर उठी और बाथरूम में चली गई. मैंने अपनी चूत और अपने पूरे जिस्म को पानी से ठंडा किया, जो पूरी रात उनके लंड के रगड़ने से गरम हो चुका था और फिर में बाहर चली आई और उनके पास बैठ गई. वो मुझे अभी भी अपनी भूखी नजरों से देख रहे थे. कुछ देर बाद में जीजू के साथ अपने घर पर चली आई.
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मेरे अंदर सेक्स की आग जला दी


घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था पापा ने दीदी की शादी करवाने के लिए साहूकार से कुछ पैसे ब्याज पर ले लिए थे जो कि उनके लिए सिरदर्द बन चुका था। हालांकि वह अभी भी नौकरी कर रहे थे लेकिन उनकी तनख्वाह में से आधे से ज्यादा पैसा तो साहूकार को देना पड़ता जिस वजह से पिताजी काफी ज्यादा तनाव में रहने लगे थे। वह घर में किसी से भी ज्यादा बात नहीं करते थे उनके चेहरे पर तनाव देखकर मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था वह काफी ज्यादा परेशान रहने लगे थे और दिन-रात वह इसी बारे में सोचते रहते थे कि कैसे वह उन पैसो को लौटाएंगे। पिताजी ने धीरे धीरे उन पैसो को तो लौटा दिया लेकिन उनकी तबीयत खराब होने लगी थी जिस वजह से वह काफी बीमार होने लगे। अब वह रिटायर भी हो चुके थे और जो भी उनकी जमा पूंजी थी वह उनकी बीमारी में लग गई अभी तक वह पूरी तरीके से ठीक नहीं हुए थे।

मेरी कॉलेज की पढ़ाई तो पूरी हो चुकी थी लेकिन मेरे सामने अब यह समस्या थी कि मुझे अपनी जिंदगी में आगे कैसे बढ़ना है मेरे अपने भी कुछ सपने थे मैं उन्हें पूरा करना चाहता था लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था। हालांकि हम लोग एक छोटे से शहर के रहने वाले हैं लेकिन मैं हमेशा से ही बड़े सपने देखता था जिस वजह से मैंने दिल्ली का रुख कर लिया। मैं जब दिल्ली गया तो मैंने रहने के लिए एक छोटा सा कमरा लिया मैं अकेले ही वहां पर रह करता था और अपने इंटरव्यू की तैयारी करने लगा। मैंने कई कंपनियों में इंटरव्यू दिया लेकिन कहीं पर भी मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया और अभी तक मेरी नौकरी नहीं लग पाई थी जिस वजह से मैं काफी ज्यादा परेशान था। एक दिन मैंने अखबार में इश्तेहार पड़ा और अगले दिन मैं कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए चला गया जब मैं इंटरव्यू देने के लिए गया तो उस कंपनी में मेरा सिलेक्शन भी हो गया और मैं अब अपनी नौकरी में पूरी तरीके से ध्यान देने लगा। मेरी तनख्वा में से आधे से ज्यादा पैसा मैं बचाने लगा था और उन पैसों को मैं घर भेज दिया करता। काफी समय बाद जब मैं घर आया तो मेरी मां काफी खुश थी और पापा भी बहुत खुश थे पापा कहने लगे कि रोशन बेटा हमें तुमसे यही उम्मीद थी।

उन्हें मुझसे काफी उम्मीद थी लेकिन उन्हें इस बात का हमेशा से ही दुख था कि वह मेरे लिए कुछ कर नहीं पाए बहन की शादी का कर्ज इतना सर दर्द बन चुका था कि वह उस तनाव से अभी तक उबर भी नहीं पाए थे। कहीं ना कहीं उनके चेहरे पर वह परेशानी आज भी नजर आ जाती थी लेकिन फिर भी मैंने पूरी मेहनत की और मेरा प्रमोशन भी होने लगा था। मेरा प्रमोशन हो चुका था और जब मेरा प्रमोशन हुआ तो मेरी तनख्वाह बढ़ जाने के बाद मैंने एक बड़ा घर किराए पर ले लिया पहले मैं जिस कमरे में रह रहा था वह काफी छोटा था क्योंकि उस वक्त मेरी तनख्वाह इतनी ज्यादा नहीं थी लेकिन अब मेरा प्रमोशन भी हो चुका था और मेरी तनख्वाह भी बढ़ चुकी थी इसलिए मुझे बड़ा घर किराए पर लेना पड़ा। मैं चाहता था कि मेरे मां और पापा मेरे पास रहने के लिए आ जाएं मैंने उनसे कई बार इस बारे में कहा लेकिन पापा ने कहा कि बेटा हम लोग तुम पर अभी से बोझ नहीं बनना चाहते हैं तुम अपने काम पर ध्यान दो। पापा बहुत ही स्वाभिमानी है इसलिए वह कभी भी नहीं चाहते थे कि वह मुझ पर बोझ बने मैं अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान देने लगा था क्योंकि मुझे दिल्ली में नौकरी करते हुए काफी समय हो चुका था इसलिए अब दिल्ली में मेरे काफी दोस्ती बनने लगे थे। रोहन मेरे सबसे ज्यादा करीब था क्योंकि रोहन हमेशा ही मेरे परेशानी में मेरा साथ देता था रोहन मुझे अच्छी तरीके से समझता था रोहन के घर पर भी मेरा आना-जाना था। रोहन के घर जब भी मैं जाता तो मुझे काफी अच्छा लगता मैंने एक दिन रोहन से कहा कि रोहन मैं कुछ दिनों के लिए घर जा रहा हूं। रोहन मुझे कहने लगा कि रोशन तुम घर से कब लौटोगे? मैंने उससे कहा कि मैं एक हफ्ते में घर से लौट आऊंगा और फिर मैं अपने घर चला आया। घर से एक हफ्ते बाद मैं दिल्ली लौट गया था जब मैं घर से लौटा तो रोहन उस दिन मुझे मिला रोहन ने मुझे कहा कि रोशन घर पर सब लोग ठीक तो है ना, मैंने रोहन से कहा हां घर में सब कुछ ठीक है।
मैं दीदी से भी मिला था और दीदी भी काफी खुश थी पापा की तबीयत पहले से ज्यादा बेहतर है रोहन और मैं उस दिन साथ में ही बैठे हुए थे तो रोहन ने मुझे बताया कि कुछ दिनों बाद उसके मामा जी विलायत से घर लौट रहे हैं मैंने रोहन से कहा यह तो बहुत अच्छी बात है। रोहन के मामा जी विलायत में काफी वर्षों से रहते हैं और वहां पर वह किसी अच्छी कंपनी में नौकरी करते हैं रोहन भी चाहता था कि वह उन्ही के साथ नौकरी करने के लिए चला जाए। कुछ दिनों बाद रोहन के मामा जी घर लौट आए थे वह लोग भी दिल्ली में ही रहते हैं मैं उनसे पहली बार ही रोहन के घर पर मिला रोहन के मामा जी काफी अच्छे हैं और उनसे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं एक दिन अपने ऑफिस से वापस घर की तरफ लौट रहा था जब मैं घर लौट रहा था तो रोहन का मुझे फोन आया और वह कहने लगा कि मामा जी का एक्सीडेंट हो गया है हमे उनके घर पर जाना पड़ेगा। मैंने उनको कहा बस मैं 10 मिनट में घर पहुंच रहा हूं फिर हम लोग मामा जी से मिलने के लिए चलेंगे रोहन कहने लगा कि रोशन तुम जल्दी आ जाओ। मैं जल्दी से घर पहुंचा फिर रोहन और मैं मामा जी से मिलने के लिए अस्पताल में गए जब हम लोग हॉस्पिटल में गए तो हमे पता चला कि उनका एक्सीडेंट एक कार से हुआ था।

वह अपनी मोटरसाइकिल से जा रहे थे और कार से उनका एक्सीडेंट हो गया जिससे की उन्हें काफी चोट आई थी।  हम लोग जब अस्पताल में थे तो उस दौरान रोहन की मामी काफी ज्यादा परेशान थी। रोहन ने उन्हें कहा आप चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा। उस दिन हम अस्पताल मे ही थे अस्पताल में मेरी एक नर्स से काफी अच्छी बातचीत हो गई उसका नाम आशा है। रात के वक्त आशा की ड्यूटी हॉस्पिटल में ही थी मैं उसके स्तनों और उसकी गांड देखकर उसकी चूत मारने के लिए बहुत उतावला था। आशा भी शायद मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए बहुत ही उत्साहित थी ऐसा ही उस वक्त हुआ जब उसने रात को मुझे कहां आप अभी तक सोए नहीं है। मैंने उसे कहा नहीं मुझे अभी तक नींद नहीं आ रही है जब मैंने उसकी बड़ी गांड पर अपने हाथ को रखा तो वह समझ गई मैं उस से क्या चाहता हूं। आशा भी मेरे साथ अपनी चूत मरवाने के लिए बहुत उतावली थी इसलिए उस रात हम दोनों ने सेक्स करने के बारे में सोचा और हम दोनों अस्पताल के बाथरूम में चले गए। जब हम लोग बाथरूम मे गए तो वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने उसे तुरंत अपने मुंह के अंदर ले लिया और बड़े अच्छे चूसनी लगी। वह जिस तरह मेरे लंड को सकिंग कर रही थी मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और वह बहुत ज्यादा खुश थी वह बहुत ज्यादा गर्म चुकी थी मैंने उससे कहा मैं तुम्हारी चूत मारना चाहता हूं। उसने अपने सलवार को नीचे किया और मेरे सामने जब उसने अपनी बडी चूतडो को किया तो मैने उसकी चूत के अंदर उंगली को घुसा दिया। वह मुझे कहने लगी तुम मेरी चूत के अंदर अपने मोटे लंड को घुसा दो मैंने उसकी चूत पर मोटे लंड को सटाया तो उसकी योनि से काफी ज्यादा पानी निकल रहा था। मैंने उसे कहा तुम्हारी योनि से काफी पानी बाहर की तरफ निकल रहा है वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी।

मैंने जब उसकी योनि के अंदर धक्का देकर अपने लंड को अंदर घुसाया तो वह बड़ी जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुमने तो मेरी चूत को फाड दिया है। मैंने उसे कहा तुम्हारी चूत बहुत ज्यादा टाइट है। वह इस बात से खुश थी उसने अपनी लंबी टांगों को मेरी तरफ किया हुआ था उसकी बड़ी चूतडो को मैंने अपने हाथों में पकड़ा हुआ था मैं उसे धक्के मार रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझे काफी मजा आ रहा है और मुझे भी बहुत ज्यादा आनंद आता। मुझे उसे धक्के मारने मे इतना आनंद आ रहा था कि मैं अपने आपको बिल्कुल भी नहीं रोक पा रहा था और ना ही वह अपनी गर्मी को रोक पा रही थी आशा ने मुझसे कहा मेरे अंदर की गर्मी तो लगातार बढ़ती ही जा रही है। मैं आशा की चूत के अंदर की गर्मी को बढ़ चुका था इसलिए मुझे लगता शायद मैं ज्यादा देर तक अपने आपको नहीं रोक पाऊंगा। मैं उसकी चूत के अंदर बाहर बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी उसकी गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है।

जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया और उसे अपने मुंह में ले लिया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी तो मेरे लंड से पानी बाहर निकलने लगा था और थोड़ी देर बाद मुझे एहसास होने लगा कि मेरा अंडकोषो से मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिरने वाला है और थोड़ी ही देर बाद मेरा वीर्य बड़ी तेजी से बाहर की तरफ गिरा। जैसे कि उसने अपने मुंह के अंदर मेरे वीर्य को लिया तो वह मुझे बोली आपका वीर्य बड़ा ही स्वादिष्ट है। कुछ देर बाद मेरे आग दोबारा से बढ़ने लगी थी मैंने दोबारा से उसकी चूत मारनी शुरू की काफी देर तक उसकी चूत मारना के बाद जब मैं पूरी तरीके से संतुष्ट हो गया तो मुझे काफी अच्छा लगा और वह भी बड़ी खुश थी मैं उसकी चूत मार पाया।

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