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साली को चोदा मजे लेकर

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्जुन है और में आपको मेरे बारे में दूँ, में गुजराती हूँ और राजकोट (गुजरात) का रहने वाला हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 3 इंच, हैंडसम बॉडी और 8 इंच लम्बा लंड है, में एक बड़ी कंपनी में बड़ी पोस्ट पर हूँ, मेरी उम्र 27 साल है. दोस्तों अब में आपका ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
यह स्टोरी आज से 6 महीने पहले की है, जब हम मेरी दूसरी साली की शादी में जूनागढ़ गये थे. मेरी पहली साली की शादी को 6 महीने हुए थे और वो भी अपनी बहन की शादी की तैयारी के लिए आई थी. मेरी साली का नाम गीता है और हम सब शादी से 1 हफ्ते पहले गये थे. उसका पति शादी में नहीं आया था. वो करीब 24 साल की होगी, वो भी मेरी बीवी की तरह ही बहुत सेक्सी थी, वैसे मेरी साली का फिगर 36-29-38 होगा, उसके बूब्स तो बहुत ही सेक्सी थे, जब वो चलती थी तो उसके बूब्स हिलते थे और यह देखकर किसी का भी मन मचल जाए, उसके पति की अक्सर नाईट ड्यूटी रहती थी.
अब में जब भी उसके घर पर जाता तो उसको देखता ही रहता और उसको चोदने की सोचा करता था कि काश में इसको चोद सकूँ. फिर एक दिन जब रात को सब सोने चले गये, अब एक रूम में पूरा सामान पड़ा था इसलिए हम सब एक साथ ही सो गये थे. अब पहले में और मेरे पास मेरी वाईफ और फिर मेरी साली सो रही थी.
फिर रात को जब में पानी पीने उठा तो मैनें वापस आकर देखा कि मेरी जगह पर मेरी वाईफ थी इसलिए में मेरी साली और मेरी वाईफ के बीच में सो गया, अब मुझे नींद नहीं आ रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद मेरी साली ने उसका पैर मेरे पैर पर रख दिया, उसने नाइटी पहनी थी और वो उसके घुटनों तक ऊपर हो गयी थी. अब मेरा लंड खड़ा हो गया और पूरा टेंट बन गया था.
फिर मैंने भी अपना एक हाथ उसके ऊपर रख दिया. फिर थोड़ी देर के बाद जब वो कुछ नहीं बोली तो मैंने अपना एक हाथ थोड़ा ऊपर ले जाकर उसके एक बूब्स पर रख दिया और धीरे से दबाने लगा. अब वो धीरे से मेरे पास आ गई थी, तो मुझे लगा कि उसका साथ मिल रहा है और फिर में उसका दूसरा बूब्स भी दबाने लगा.
फिर वो मेरी तरफ घूम गई तो में अपना एक हाथ उसकी नाइटी में ऊपर से डालकर उसके बूब्स को दबाने लगा. अब वो मचलने लगी थी, फिर उसने धीरे से मेरे कान में कहा कि स्टोर रूम में चलते है. फिर वो उठकर दूसरे रूम में चली गई और में भी उसके पीछे-पीछे चला गया और स्टोर रूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.
फिर में उसको पीछे से पकड़कर उसके बूब्स दबाने लगा तो उसने कहा कि आहिस्ता-आहिस्ता दबाओ. फिर मैंने उसकी नाइटी को ऊपर उठाकर पूरा निकाल दिया और उसको किस करने लगा. फिर मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और उसके बूब्स को अपने हाथों से दबाने लगा. अब उसकी साँसे तेज हो रही थी.
फिर उसने मुझसे अपने बूब्स चूसने को कहा तो में उसका सीधा बूब्स चूसने लगा और पूरा चाटने लगा और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसका दूसरा बूब्स भी चूसा. फिर मैंने धीरे से उसके पेटीकोट को ऊपर करके अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया और उसका बूब्स भी चूसता रहा. उसकी चूत पर बाल नहीं थे और वो पूरी गीली हो गई थी. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली घुसा दी तो वो मचल गई. अब वो जोर-जोर से सिसकियां ले रही थी.
फिर मैंने उसका पेटीकोट और पेंटी भी निकाल दिए और उसकी चूत को चाटने लगा, उसके पानी का टेस्ट बहुत अच्छा था. फिर उसने मेरे पजामे का नाड़ा खोल दिया और मेरा पजामा और अंडरवियर एक साथ उतार दिए.
अब वो मेरे लंड को देखती ही रह गयी और बोली कि ये तो मेरे पति से बहुत बड़ा है और उस पर अपना हाथ फैरने लगी. फिर में वापस से उसकी चूत को चाटने लगा और अब हम 69 की पोज़िशन में आ गये थे. अब वहाँ पर कोई बिस्तर नहीं था इसलिए हम टाईल्स पर ही लेट गये.
फिर मैंने उसके चूत के दाने को अपने दातों से थोड़ा सा दबाया और वो ज़ोर से मचल पड़ी और फिर में मेरी जीभ को उसकी चूत के अंदर डालकर अंदर बाहर हिलाने लगा. फिर वो सिसकियां भरने लगी और बहुत गरम हो गई. फिर वो मेरी बाहों में आकर मुझसे लिपट गई और धीरे से कहा कि अब मत तड़पाओ, अब मेरे अंदर जल्दी से डालो, में मर रही हूँ.
फिर में एक कुर्सी पर बैठ गया और उसको आगे की तरफ झुकाकर मेरे लंड पर बैठा दिया और ज़ोर से एक ही झटके में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. फिर वो दर्द के मारे अपने होंठो को दबाने लगी और मुझे पीछे से पकड़ लिया. फिर मैंने उसको थोड़ी देर तक ऐसे ही बैठाया और में भी बैठा रहा.
अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो भी आगे पीछे होने लगी थी. अब मैंने भी पीछे से धक्के देने शुरू कर दिए थे. फिर 10 मिनट के बाद उसकी रफ़्तार तेज हो गई और अब मेरा भी निकलने वाला था, इसलिए मैंने भी जोर-जोर से धक्के लगाना शुरू कर दिया था. फिर थोड़ी देर के बाद वो मुझ पर बैठ गई और में भी उसके दोनों बूब्स को ज़ोर-जोर से दबाने लगा.
फिर हम दोनों ने एक साथ अपना-अपना पानी छोड़ दिया और फिर हम दोनों थोड़ी देर तक ऐसे ही बातें करते रहे. फिर हम दोनों अपने कपड़े पहनकर एक लंबी किस करके वापस अपनी जगह पर आकर सो गये.
फिर हम दोनों पूरी रात नहीं सोए और में भी उसके बाजू में लेटकर उसकी पेंटी में अपना एक हाथ डालकर उसकी चूत पर अपना हाथ फैरता रहा और वो भी चादर के अंदर से अपना एक हाथ मेरी चड्डी में डालकर पूरी रात मेरे लंड को पकड़कर सोई रही. फिर जब तक हम दोनों वहाँ पर साथ रहे तो रोज कुछ बहाना बनाकर बाहर चले जाते और कोई होटल या खाली जगह पर जाकर मज़े लूटते रहे. अब वो गर्भवती हो गई है और मेरे ही बच्चे की माँ बनेगी.
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जीजू की छोटी बहन की चुदाई

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है और में एक सॉफ्टवेर इंजिनियर हूँ दोस्तों जो कहानी आज में आप सभी लोगों को बताने जा रहा हूँ यह कहानी नहीं मेरी एक सच्ची घटना है जो मेरे साथ कुछ समय घटित हुई. दोस्तों में पिछले कुछ समय से लगातार सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और मुझे इनको पढ़ना बहुत अच्छा लगता है मैंने अब तक बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है और आज में अपनी खुद की कहानी आपको बताने जा रहा हूँ. में उम्मीद करता हूँ कि यह आपको जरुर पसंद आएगी. दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरे जीजा जी की छोटी बहन सोनल की है वैसे कहते है ना ऊपर वाला अगर किसी को मिलना चाहे तो वो कभी भी मिला सकता है और ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ.
दोस्तों में और सोनल एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ते थे और वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी, लेकिन कुछ साल रुकने के बाद में वो चंडीगढ़ रहने चली गई वो हमारे पूरे स्कूल में बहुत ही हॉट और सेक्सी लड़की थी, लेकिन कुछ साल के बाद उसके बड़े भाई के साथ मेरी बहन की शादी फिक्स हो गई और हम दोनों एक बार फिर से मिले और हमारी दोबारा से बात शुरू हो गई और धीरे धीरे हमारी बातें भी अब बढ़ने लगी थी और कब हम एक दूसरे के इतने करीब आ गए हमें उस बात का पता ही नहीं चला.
प्लीज मुझे माफ़ करना दोस्तों में आपको सोनल के बारे में तो बताना ही भूल गया, दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर है और उसका फिगर बहुत ही सेक्सी है उसके फिगर का साईज 34-30-34 है जो मैंने खुद अपने हाथों से नाप कर देखा है वो मुझे शुरू से ही बहुत अच्छी लगती थी और मेरा उसकी तरफ झुकाव कुछ ज्यादा ही था. में उसको देखकर उससे बातें करके बहुत खुश होता था. अब में एक बार फिर से अपनी कहानी पर आता हूँ. अब ऐसे ही धीरे धीरे हमारी बातें सेक्स चेट में बदलने लगी थी और हम दोनों बहुत देर रात तक सेक्स चेट किया करते थे और अपना पानी बाहर निकालकर शांत हुआ करते थे, लेकिन हमे कोई भी सेक्स करने का मौका नहीं मिल पा रहा था.
फिर में अपनी दीदी की शादी के बाद जब में पहली बार दीदी को लेने उनके घर पर गया तो मैंने सही मौका देखकर उसी के घर पर उसे पहली बार किस किया. फिर रात को सभी लोगों के सोने के बाद हम दोनों रोज की तरह उस रात को भी सेक्स चेट कर रहे थे और फिर मेरा मूड बन गया और उन्होंने मुझे अपने घर पर एक रूम दिया था जिसमें उस समय में बिल्कुल अकेला था.
फिर मैंने उससे बोला कि तुम एक बार कैसे भी करके मेरे रूम में आ जाओ ना प्लीज. दोस्तों पहले तो वो मुझसे साफ मना कर रही थी, लेकिन मेरे बहुत बार बोलने पर वो मान गई और कुछ देर के लिए वो मेरे पास आ गई और उसके अंदर आते ही मैंने तुरंत दरवाजा बंद किया. फिर उसके बाद हम दोनों ने बहुत टाइट हग किया जिसकी वजह से उसके बड़े आकार के बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे और मुझे बहुत अच्छा लगा. अब मैंने उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से दबाना शुरू कर दिए, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी आह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ राहुल प्लीज मत करो प्लीज वरना कोई आ जाएगा आह्ह्हह्ह अब प्लीज मुझे छोड़ दो स्ईईईईईईइ, लेकिन में उसकी बातें कहाँ मानने वाला था और में अब पहले से भी ज्यादा तेज़ तेज़ दबाने लगा और थोड़ी देर में वो भी मेरा साथ देने लगी थी और वो मुझसे कहने लगी कि राहुल और ज़ोर से दबाओ हाँ उह्ह्ह्हह्ह और मेरे बूब्स से पूरा रस निचोड़ दो और फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया जिसको छूते ही वो अचानक से डर गई और वो चकित होकर मुझसे बोली कि राहुल इतना बड़ा?
मैंने सोनल को बोल दिया कि हाँ अब तुम ही इसे शांत कर सकती हो और फिर मैंने अपनी पेंट की ज़िप को खोलकर लंड को बाहर निकाल दिया. तो वो मेरे लंड को पकड़कर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वैसे दोस्तों किसी लड़की के हाथ से मुठ मरवाने का अपना अलग ही मज़ा होता है वो सब में आप सभी को किसी भी शब्दों में नहीं बता सकता.
फिर अचानक से हमें किसी के उठने की आवाज़ आई और वो तुरंत कमरे से बाहर चली गई जिसकी वजह से उस रात को मुझे उसकी गीली, गरम चूत के बारे में सोचकर मुठ मारनी पड़ी और में ना जाने कब सो गया. अगले दिन दोस्तों हमें अपने घर पर वापस जाना था तो मैंने सही मौका देखकर सोनल को पकड़ लिया और मैंने उसको किस किया उसने भी मेरा साथ दिया.
अब मैंने उससे बोला कि प्लीज तुम कोई भी बहाना बनाकर हमारे साथ चलो तो वो मेरी बात मान गई और फिर उसने हमारे साथ जाने की बात अपने घर वालों से कही और उन्होंने उसको हाँ कहा और फिर हम सभी घर के लिए निकल पड़े. कुछ देर चलने के बाद रास्ते में मेरी दीदी सो गई और वो ठंड का मौसम था तो इसलिए उस समय सोनल ने एक जेकेट पहन रखी थी.
फिर मैंने उससे बोला कि तुम अपनी इस जेकेट को आगे से पहन लो और फिर उसने तुरंत वैसा ही किया जैसा जैसा मैंने उससे कहा. अब मैंने उसकी जेकेट के अंदर हाथ डालकर उसके बूब्स बहुत मज़े लेकर दबाए और फिर कुछ देर बाद मैंने अंदर हाथ डालकर उसकी ब्रा को भी बूब्स की गोलाई से उतार दिया, दोस्तों मैंने अंदर से उसके मुलायम मुलायम बूब्स को पहली बार छुआ था.
फिर शाम को हम अपने घर पर पहुंच गए और उसके दूसरे दिन हम दोनों उसके कहने पर हमारे घर वालों से कहकर बहाना बनाकर उनके पुराने घर पर चले गये जहाँ पर उस समय कोई भी नहीं रहता था. वहां पर जाते ही मैंने दरवाजे को बंद किया और में उसे अब जल्दी से रूम में ले गया और मैंने उसके होंठो पर किस किया हमारी वो किस पूरे 10 मिनट तक चली.
फिर उसके बाद मैंने उसके बूब्स दबाने शुरू किए और धीरे धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. में अपने एक हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से सहला रहा था. मेरे ऐसा करने की वजह से वो भी अब और भी ज्यादा जोश में आकर गरम हो रही थी और मैंने अपना हाथ लगाकर महसूस किया कि उसकी पेंटी अब पूरी गीली हो चुकी थी. फिर उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और जैसे ही उसने मेरी अंडरवियर को नीचे किया तो मेरा 7 इंच का लंड फनफनाता हुआ बाहर निकल गया और वो उसे देखते ही डर गई और अब वो डरते हुए मुझसे बोली कि में तुम्हारा इतना मोटा नहीं ले सकती.
फिर हम 69 पोज़िशन में आ गए और एक दूसरे को लगातार चूसते, चाटते रहे, लेकिन कुछ देर बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुहं में ही निकाल दिया. में अब भी उसकी चूत को चूस रहा था वो जोश में आकर मेरा सर अपनी चूत पर दबाकर मुझसे चटवा रही थी वो मुझसे कह रही थी हाँ थोड़ा और ऊफ्फ्फफ्फ्फ्फफ् हाँ मज़ा आ गया आह्ह्हह्ह हाँ पूरी अंदर डाल दो ऊउईईईईईइ माँ वाह मज़ा आ गया वो लगातार सिसकियाँ ले रही थी और थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मेरा लंड एक बार फिर से धीरे धीरे खड़ा हो गया. फिर मैंने उसकी चूत का चाटना छोड़कर उसके दोनों पैरों को थोड़ा सा फैला दिया और अब में एकदम उसके बीच में आ गया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर में उसकी चूत पर रगड़ने लगा था में थोड़ी देर तक ऐसे ही करता रहा.
फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज राहुल और मत तड़पाओ मुझे आह्ह्हह्ह अब प्लीज डाल दो इसको मेरी चूत में और आज तुम फाड़ दो मेरी इस वर्जिन चूत को. फिर मैंने जैसे ही अपना पहला जोरदार धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी सील को तोड़ता हुआ अंदर चला गया और उसकी सील टूट गई और अब उसकी चूत से खून निकलने लगा था और उस दर्द की वजह से वो बहुत ज़ोर से चीखी और तड़पने लगी. मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैंने उसके मुहं पर हाथ रख दिया जिसकी वजह से उसकी आवाज अंदर ही दबी रह गई.
मैंने उसको अपने नीचे दबाए रखा और मैंने उसे हिलने भी नहीं दिया, लेकिन मैंने महसूस किया कि उसे अब बहुत दर्द होने लगा था और वो मुझसे बार बार मना करने लगी थी. फिर में थोड़ी देर वैसे ही रुक गया और मैंने लंड को बाहर निकाल लिया दोबारा लंड को उसके मुहं में डालकर उससे लंड चुसवाया और जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने एक बार फिर से उसकी चूत में डालना शुरू किया. पहले तो मैंने उसकी चूत में धीरे धीरे से लंड को अंदर डालना शुरू किया और फिर मौका देखकर मैंने एकदम से एक ज़ोर का झटका मारा और पूरा 7 इंच का लंड उसकी चूत में उतार दिया.
फिर थोड़ी देर बाद में उसको दूसरी स्टाइल में चोदने लगा था और अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो मुझसे बोल रही हाँ और ज़ोर से अह्ह्हहह चोदो मुझे ऊफफ्फ्फ्फ़ वाह बहुत मज़ा आ रहा है और अहहहहहहह की चीख निकालने लगी. फिर थोड़ी देर बाद उसका पानी निकल गया, लेकिन में अभी भी नहीं झड़ा था और थोड़ी देर बाद जब मेरा निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि में कहाँ निकालूं?
उसने बोला कि मेरे बूब्स पर निकाल दो. फिर मैंने अपना सारा स्पर्म उसके बूब्स पर निकाल दिया और उसने मेरा लंड चाटकर साफ कर दिया और फिर हम दोनों बेड पर एक साइड में लेट गये फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों साथ में नहाने चले गए और वहां पर मेरा फिर से खड़ा हो गया तो हमने एक बार फिर से बाथरूम में ही चुदाई की और इस बार मैंने अपना लंड बाहर निकालकर उसके मुहं में अपना वीर्य निकाल दिया और फिर शाम को हम वापस अपने घर पर आ गये. दोस्तों उस दिन हम दोनों बहुत खुश थे.
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जीजू के दोस्त के साथ होली


हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी और मेरे जीजू के एक दोस्त मतलब कि मेरे बॉयफ्रेंड रोहन की है और यह स्टोरी होली के दिन हुई एक सेक्स की सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ बहुत जमकर होली के मज़े लिये और अपनी चुदाई करवाई. दोस्तों मेरा नाम निहारिका है और मेरी उम्र 21 साल और मेरे फिगर का साईज 34-28-32 है. दोस्तों में दिखने में बहुत खूबसूरत और सेक्सी हूँ, ऐसा में नहीं कहती हूँ, लेकिन मुझे भी मेरे बॉयफ्रेंड रोहन ने मेरी पहली चुदाई करते समय बताया और उसने जब मुझे देखा तो देखता ही रह गया और मुझे पाने और मेरी चुदाई करने के सपने देखने लगा और उसने बहुत जल्दी अपने सपने को मेरी बहन की शादी के समय पूरा भी कर लिया.
वैसे हम लोग मेरी बहन की शादी में मिले थे और उसने बहुत कम समय में मेरे ऊपर अपना ऐसा जादू किया और उसके बाद हम लोग सभी से छुप-छुपकर मिलने लगे और शादी के समय हमने सही मौका पाकर एक बार चुदाई का मज़ा भी लिया और वैसे वो मेरे जीजू के परिवार के एक सदस्य जैसे ही है जिसकी वजह से हम दोनों पर किसी को शक भी नहीं और वो जीजू के बहुत ही करीबी दोस्त होने के कारण जीजू के घर पर भी बहुत ज़्यादा आया करते है. दोस्तों जब होली नज़दीक आ रही थी तो दीदी ने कुछ दिन पहले मेरे घर पर फ़ोन करके कहा कि मम्मी प्लीज आप इस बार निक्की को हमारे घर पर भेज दो ना, में चाहती हूँ कि वो इस बार की होली हमारे साथ ही मनाये.
सॉरी दोस्तों में आप सभी को बताना ही भूल गई कि मेरे घर पर सभी लोग मुझे निक्की कहकर ही बुलाते है और वैसे भी एक दो दिन के बाद मेरे कॉलेज में होली की छुट्टियाँ लगने के कारण मेरी मम्मी ने भी मुझसे पूछकर हाँ बोल दिया और फिर में जाने के लिए मान गई और तब जीजू ने मुझे अपने घर पर लाने के लिए अपनी कार भेज दी और में अपना कुछ सामन पेक करके दीदी के घर पर चली गई. तो जब में वहां पर पहुंची तो मैंने देखा कि जीजू उस समय वहां पर नहीं है, सिर्फ़ दीदी और दीदी के सास, ससुर ही घर पर मौजूद थे तो मैंने उनका आशीर्वाद लिया और फिर दीदी से बातें करने लगी.
कुछ देर के बाद जीजू भी आ गये और जीजू ने मुझे अपने घर पर आया हुआ देखकर वो बहुत खुश हुए और उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया और कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे एक अच्छी खबर भी बताई कि अभी कुछ दिनों के बाद होली के दिन उनका एक बहुत अच्छा दोस्त रोहन भी यहाँ पर आने वाला है और वो भी हमारे साथ ही होली मनाएगा. जब मुझे यह बात पता चली तो में मन ही मन बहुत खुश हो गई और में ख़ुशी की वजह से उछल पड़ी, लेकिन तब तक मैंने रोहन को यह नहीं बताया था कि में भी जीजू के घर पर आई हुई हूँ और वो बात मैंने उससे छुपाकर रखी थी.
में पूरी रात उसके आने की बातें सोच सोचकर जागती रही और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और अब वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बहुत बेसब्री से इंतजार था, वो होली का दिन था. उस दिन में सुबह जल्दी उठ गई और मैंने अपने कमरे से बाहर आकर देखा कि रोहन हमारे घर पर आया हुआ है और वो जीजू के साथ बैठकर बाहर गार्डन में सुबह की चाय पी रहा था और जीजू से हंस-हंसकर बातें भी कर रहा था. फिर में उसे एक नजर देखकर खुश होकर दीदी के साथ सीधी किचन में चली गई, तो दीदी ने मुझसे बोला कि तुम अपनी यह नाईट ड्रेस चेंज कर लो, नहीं तो कोई भी तुम्हे इन्ही कपड़ो में रंग लगा देगा.
फिर में उनकी यह बात सुनकर कमरे में कपड़े चेंज करने चली गई और कुछ देर के बाद बाहर आ गई. फिर में एकदम फ्रेश होकर जीजू और रोहन को नाश्ता देने बाहर गार्डन में चली गई. तभी रोहन अचानक मुझे देखकर एकदम दंग रह गया और फिर रोहन मुझसे बोला कि क्यों आप यहाँ पर कब आई? तो मैंने कहा कि में तो पिछले दो दिन से यहीं पर हूँ. फिर उसने कहा कि अब तो होली खेलने में बहुत मज़ा आएगा और यह बात कहते हुए उसने सभी से छुपकर मेरी तरफ आंख भी मारी, जिसका मतलब में समझ चुकी थी और में एकदम से शरमाई और अपनी आंखे झुकाए वहीं पर खड़ी रही. में मन ही मन बहुत खुश थी.
दोस्तों मेरे जीजू को पहले से ही पता था कि मेरी और रोहन की बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन उन्हे यह नहीं पता था कि मेरा रोहन के साथ कुछ चक्कर भी चल रहा है या हम दोनों एक बार चुदाई का मज़ा भी ले चुके है. फिर हम लोग होली खेलने के लिए एकदम तैयार हो गये और दीदी भी नाश्ता करके होली खेलने के लिए तैयार हो गई. हम लोग अपने अपने हाथों में रंग लेकर तैयार हो गये तो मैंने सबसे पहले अपने जीजू को थोड़ा चेहरे पर रंग लगाया और तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और उसने मेरे चेहरे पर रंग लगाया और धीरे से सबकी नजरों से छुपकर मेरी गांड पर अपना एक हाथ रखकर दबा दिया. फिर रोहन ने दीदी को थोड़ा सा रंग लगाया और फिर जीजू, दीदी को पकड़कर एक बड़े से पेड़ के पीछे लेकर चले गये.
तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और वो मुझसे बोला कि मुझे पहले से पता होता तो में कब का तुम्हे चोद देता और उन्होंने मुझे फिर से पकड़कर मेरी गर्दन पर रंग लगा दिया. उस दिन मैंने सफेद कलर की एकदम ढीली ढाली टी-शर्ट और नीले कलर की जीन्स पहनी हुई थी. फिर उसने मेरी टी-शर्ट में अपना एक हाथ डालकर मेरे बूब्स पर रंग लगा दिया और धीरे-धीरे मेरे बूब्स को मसाज किया, लेकिन तभी जीजू और दीदी आ गई और हम पहले जैसे एक दूसरे से अलग हो गये. फिर दीदी ने मुझे पकड़ लिया और जीजू ने मुझ पर सूखा रंग डाल दिया और बाद में पानी की एक बाल्टी लेकर मेरे सर पर पानी डाल दिया.
में पूरी तरह से रंगो से रंग गई और मेरी गीली टी-शर्ट मेरे बूब्स से एकदम चिपक गई, जिसकी वजह से मेरे बूब्स का आकार साफ साफ दिखने लगा और में रंगो में रंगी हुई बहुत हॉट, सेक्सी लग रही थी. फिर रोहन ने दीदी और जीजू से बोला कि क्या में निहारिका को अपने साथ होली खेलने के लिए ले जा सकता हूँ? तब दीदी ने कहा कि अगर निहारिका तुम्हारे साथ जाना चाहती हो तो हमे उसमे किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है.
मैंने झट से उन्हे हाँ बोल दिया और फिर में और रोहन दोनों उनकी कार में बैठकर वहां से चले गये और कुछ दूर आगे जाकर एक सुनसान जगह देखकर रोहन ने कार को रोक दिया और वो मुझे पकड़कर किस करने लगा. उसके ऐसा करने से मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और उसके साथ साथ मेरा जोश भी अब बड़ने लगा था और अब में भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी. कुछ देर के बाद उसने मेरे बूब्स दबाए और बूब्स दबाने के कुछ समय बाद हम लोग उसके दोस्तों के पास गये. वहां पर रोहन के चार लड़के और तीन लड़कियाँ दोस्त हमें वहाँ पर मिले.
हम लोगों ने उनके साथ कुछ देर तक होली खेली, बहुत मज़े किए और फिर रोहन मुझे वहां से लेकर चले गये और हम एक घर पर पहुंच गये. फिर मुझे पता चला कि यह घर रोहन का ही है, उसके घर पर कोई भी नहीं था इसलिए वो मुझे वहां पर लेकर गया था. फिर अंदर जाते ही रोहन ने दरवाजा बंद करके मुझे पकड़ लिया और किस करने लगा और फिर मुझे बहुत ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरी ब्रा को फाड़ दिया और मेरे बूब्स दबाने लगा. मेरे बूब्स रंगो से बिल्कुल लाल हो गए थे. तो रोहन अब मेरे बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा और थोड़ी देर बाद उनका मुहं अंदर से पूरा लाल हो गया था.
फिर मैंने उससे कहा कि क्या तुम्हे पता है कि तुम्हारा मुहं अंदर से एकदम लाल हो गया है? तो रोहन ने कहा कि तुम्हारे बूब्स है ही ऐसे कि में क्या कोई भी इन्हें बिना चूसे रह नहीं सकता, मुझे इनको चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है. फिर उसने मेरी जीन्स को उतार दिया और मेरी पेंटी को भी उतार दिया और अब वो मेरी चूत को चाटने लगा और थोड़ी ही देर के बाद मेरी चूत भी जोश में आकर पूरी गीली हो गई थी और अब में पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. फिर मैंने रोहन की टी-शर्ट को उतार दिया और थोड़ी देर किस करने लगी.
फिर रोहन ने अपनी जीन्स को भी उतार दिया और अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और अब उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा. फिर मैंने कहा कि यह तो पूरा रंगो से लाल हो गया है में इसे कैसे चूस सकती हूँ. तो उसने कहा कि जब मैंने तुम्हारे बूब्स को चूस चूसकर अपना मुहं लाल कर लिया है तो क्या तुम मेरे लिए अपना मुहं लाल नहीं कर सकती? फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने बाहर थूका तो मेरे मुहं से लाल कलर का थूक बाहर आया.
फिर रोहन ने मुझे ज़मीन पर लेटा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैलाकर लंड को चूत के ऊपर रखकर एक धक्का देकर अंदर डाल दिया आहहहहहहह थोड़ा धीरे प्लीज अह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईई धीरे करो. दोस्तों मुझे क्या दर्द हुआ में शब्दों में नहीं बता सकती और फिर रोहन ने धीरे धीरे झटके लगाने चालू कर दिए और में जोश से आआआअहह आआहहहह कर रही थी और थोड़ी देर बाद मुझे बहुत मज़ा आने लगा तो में अपनी गांड उछाल उछालकर चूत में लंड लेने लगी.
फिर उसका लंड जब झड़ने वाला था तो उसने मेरी चूत से लंड बाहर निकालकर मेरे मुहं में लंड डाल दिया और में उसे बहुत प्यार से चूसने लगी, तभी थोड़ी देर बाद उसने मेरे मुहं में अपना गरम गरम वीर्य भर दिया और उसके स्पर्म से मेरा पूरा मुहं भर गया और में उसे पूरा गटक गई. फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे और फिर कुछ देर के बाद रोहन ने उठकर मुझे किस करना शुरु किया तो मैंने भी फिर से उसका पूरा पूरा साथ दिया और फिर में इसी बीच उनके लंड को पकड़कर धीरे धीरे हिलाने, सहलाने लगी. फिर उसने मुझसे अपने लंड को चूसने को कहा तो में उठकर उसके लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद वो पूरा लंबा और मोटा हो गया.
फिर रोहन ने मुझे घोड़ी बनने को कहा तो में झट से घोड़ी बन गई. अब रोहन ने मेरी गांड चाटना शुरू किया और मेरी गांड पर थोड़ा थूक लगाया और फिर उसने लंड को धीरे धीरे धक्के लगाते हुए मेरी गांड में डाल दिया, लेकिन जब उसका सुपाड़ा मेरी गांड में गया तो मुझे बहुत दर्द हुआ और में चीखने चिल्लाने लगी आहहहहहह प्लीज रोहन बाहर निकालो अपना लंड आईईईई बाहर निकालो प्लीज, मुझे बहुत दर्द हो रहा है आऊऊऊऊ तुम चाहो तो मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, लेकिन प्लीज मेरी गांड को छोड़ दो.
फिर रोहन ने मेरी बात बिना सुने दूसरा झटका लगाया और लंड मेरी गांड को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया और में दर्द के मारे ज़ोर ज़ोर से रोने, चीखने, चिल्लाने लगी. तब जाकर रोहन थोड़ी देर रुका और अब जब मुझे दर्द थोड़ा कम हुआ तो में अपनी गांड को हिलाने लगी. रोहन को अपना काम पूरा करने का इशारा मिल गया और अब वो मेरी गांड में पूरे जोश से झटके लगाने लगा और में भी प्यार से जोश में आकर आहहह्ह्ह्ह कर उह्ह्ह्हह्हह्ह हाँ मज़ा आ गया रोहन, हाँ और अंदर तक डालो, हाँ पूरा अंदर तक घुसा दो अपना लंड, कह रही थी.
फिर रोहन ने करीब 20 मिनट अलग अलग पोज में मेरी गांड जमकर मारी और अब उसने झड़ते समय मेरी गांड में ही अपना सारा वीर्य डाल दिया और कुछ देर के बाद अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिया, लेकिन उसकी गांड मारने की कला को देखकर मुझे भी बहुत मज़ा आया. फिर उसने अब मेरे ऊपर एक बाल्टी पक्का रंग लेकर डाल दिया और अब में पूरी तरह से गुलाबी हो गई. फिर मैंने भी लाल रंग उसके ऊपर डाल दिया जिसकी वजह से में गुलाबी और वो लाल रंग से बिल्कुल रंगे हुए थे.
फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और थोड़ी देर किस किया और उसने मेरे कपड़ो के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाया और मैंने भी थोड़ी देर करीब दस मिनट तक उसके लंड को पकड़कर हिलाया और फिर जब उसका वीर्य गिरने वाला था तो उसने मुझे नीचे बैठने का इशारा किया और मेरे मुहं में निकाल दिया मैंने उसे पी लिया और लंड को चाट चाटकर साफ किया. फिर मैंने अपना चेहरा कपड़े से साफ किया. फिर में और रोहन दोनों उसकी कार में बैठकर मेरी दीदी के घर पर चले गये और होली के बाद में तीन दिन तक दीदी के घर पर ही रही और में उन तीन दिनों में रोहन से आठ बार चुदी. हम किसी भी बहाने को ढूंढकर अपने चुदाई के कार्यक्रम में व्यस्त हो जाते और हमने बहुत जमकर चुदाई की.
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जीजू ने मुझे रंडी की तरह चुदवाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनू है और मेरी उम्र 21 साल है. में एकदम गोरी चिट्टी हूँ. मेरा उभरे हुए बूब्स, गोल गोल चूतड़ है. दोस्तों इस नादान उम्र में हम लड़कियों की चूत कुछ ज़्यादा ही मचलती है और सभी सेक्स की शौकीन भाभी, दीदी और आंटियों की एक बार चुदाई हो चुकी होती है तो वो या तो अपनी पति से पहली बार चुदती है या फिर अपने बॉयफ्रेंड से, लेकिन दोस्तों मेरी चूत की सील मेरे जीजा जी ने तोड़ी थी.
मेरे फिगर का साईज 30-26-32 है और में 12th में पड़ती हूँ. में और मेरी दीदी पिंकी भी कई बार मेरे जीजू के दोस्तों से चुद चुकी है इसलिए हम आपस में भी बहुत खुली हुई है.
तो एक बार जीजू और जीजी घर पर आये हुये थे. में, पिंकी दीदी, जीजी (आरती) और जीजू सभी बैठकर बातें कर रहें थे.
में : जीजू होली पर क्या प्रोग्राम है, क्यों कुछ चटकीला सा हो जाए?
आरती : इसकी चूत में ज़्यादा खुजली मची हुई है.
पिंकी : इस हरामजादी का बस चले तो यह अपनी चूत और गांड लंड से हमेशा भरी रखे.
में : तुम दोनों कुत्तियों को क्या तक़लीफ़ है? में तो शहर के हर लंड के नीचे आउंगी, क्यों जीजू?
जीजू : हाँ यह दोनों तेरे से जलती है, मेरी प्यारी साली तो रंडी की तरह चुदेगी.
में : हाँ, लेकिन मेरे प्यारे जीजू बोलो, आज होली पर में किसकी रांड बनूंगी?
आरती : इस हरामजादी को तो आज किसी घोड़े के लंड से चुदवा दो.
में : वाह ओहह्ह्ह दीदी, फिर तो कितना मज़ा आएगा? कि जब किसी घोड़े का बड़ा सा लंड मेरी प्यासी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुसेगा और इसे भोसड़ा बना देगा?
जीजू : आज विदेश से मेरी कंपनी के दो आदमी आ रहे है और अगर हमारी डील अच्छी रही तो हमे अच्छा मुनाफा होगा और आज की रात मीनू उनके लंड के नीचे आने वाली है. तो मीनू तुम कुछ अच्छा सा पहन लेना हम वहां पर शाम को चलेगें, क्यों ठीक है ना.
में : हाँ ठीक है, आप कहो तो में नंगी ही चल दूँ.
पिंकी : वाह जीजा जी, यह कहाँ का इंसाफ़ है? मीनू को तो दो दो लंड और हमको एक भी नहीं.
जीजू : मेरी जान में मीनू को उनके पास छोड़कर तुम दोनों को अपने दोस्त की एक पार्टी में ले जाऊंगा, क्यों अब तो ठीक है ना.
आरती : हाँ तो ठीक है हम तीनों तुम्हे एकदम तैयार मिलेगी.
फिर उसी शाम को मैंने मिनी स्कर्ट और बिना ब्रा के एक टॉप पहना हुआ था. लेकिन वो टॉप इतना उँचा था कि उसमे मेरे गोल मटोल बूब्स भी उसमे नहीं समा रहे थे, तो जीजू बोले कि मेरी जान तुम छोटी सी हो, क्या उनको सम्भाल भी लोगी? फिर में बोलती उससे पहले ही आरती बोल पड़ी, कि यह तो एकदम पक्की रंडी है, तुम इसकी बिल्कुल चिंता मत करो, यह सबको बहुत अच्छी तरह सम्भाल लेगी.
फिर जीजू मुझे लेकर एक होटल में आ गये, वो बहुत शानदार होटल थी और वहां पर दो आदमी पहले से ही हमारा इंतजार कर रहे थे, उनमे से एक बिल्कुल काला 7.5 इंच ऊँचा नाम माइकल दूसरा एकदम गोरा अंग्रेज जॉन और मैंने उनके बारे में सुना हुआ था कि इनके लंड घोड़े जैसे लंबे, मोटे होते है. तो मैंने मन में सोचा कि मीनू रानी आज तेरी बुरी तरह से चुदाई होने वाली है. फिर जीजू ने मुझे उनसे मिलवाया. पहले माइकल ने मुझे गले लगाकर गालों पर किस किया और फिर जॉन ने, उसके बाद हमने खाना खाया. में माइकल के पास में बैठी हुई थी और हम आपस में बातें कर रहे थे और होटल में भीड़ भी कम थी.
तभी माइकल ने एक हाथ मेरी जांग पर रखा और सहलाने लगा. में उसकी और देखकर मुस्कुराई और मैंने अपनी जांघे खोल दी तो उसका हाथ मेरी जांघो से होता हुआ मेरी पेंटी तक पहुँच गया. वो मुझे ऐसे ही छेड़ता रहा और फिर खाने के बाद जीजू के फोन की घंटी बजी तो जीजू ने बात करके मुझसे उनके सामने कहा कि मुझे कुछ जरूरी काम है आओ मीनू हम चले.
माइकल और जॉन के चेहरे एकदम से उतर गये. वो दोनों एकदम उदास हो गए, लेकिन तभी मैंने कहा कि जीजू तुम जाकर आ जाओ में यहाँ पर थोड़ा बहुत एंजाय करती हूँ और फिर यह दोनों मेरा ख्याल रखेंगे. तो जीजू बोले कि लेकिन में तो कल सुबह तक आ पाउँगा? तो माइकल बोला कि यार तुम जाओ, इसका ख्याल हम रखेंगे. वैसे मुझे तो पता था कि जीजू को मुझे उन दोनों से चुदवाना है और मुझे भी जीजू के जाने के बाद इन दोनों की रंडी बनना है और फिर जीजू मुझसे अपना ख्याल रखना कहकर चले गये और हम तीनों भी थोड़ा सा डांस करके रूम की तरफ चल पड़े.
तो में बोली कि हम थोड़ा और डांस करते है और उन दोनों ने अपना एक एक हाथ मेरे चूतड़ पर रखा और लगभग मुझे धकेलते हुए बोले कि बस अब तुझे बेड पर डांस करना है. तो में जानबूझ कर बोली कि बेड पर कैसे? तो माइकल बोला कि अब तुझे हम अपने लंड पर डांस करवाएगे और वो मेरे चूतड़ को दबाते हुए मुझे रूम में ले गये और फिर रूम में जाते ही वो दोनों भूखे कुत्तो की तरह मुझ पर टूट पड़े और रूम के अंदर जाते ही माइकल मेरे आगे की तरफ खड़ा था और जॉन मेरे पीछे खड़ा था.
में उन दोनों के बीच में एकदम बच्ची लग रही थी. माइकल ने मेरा टॉप उतारा तो जॉन ने पीछे से मेरी छोटी सी स्कर्ट नीचे खिसका दी, फिर माइकल अपने मोटे मोटे होंठो से मेरे होंठो को चूसने लगा और बीच बीच में वो मेरी जीभ भी चूसने लगता है.
में उसके चुंबन से बिल्कुल बेहाल हुई जा रही थी और एक तरफ जॉन ने पीछे से हाथ आगे की तरफ करके मेरे 32 इंच के बूब्स को पकड़कर बहुत बुरी तरह से मसलना शुरू कर दिया और तभी जॉन मेरे एक बूब्स पर से हाथ हटाकर मेरे चूतड़ो पर ले गया और मेरी चूत की फांको को मसलता रहा था. जैसे ही जॉन ने बूब्स पर से अपना हाथ हटाया माइकल ने बूब्स को अपने होंठो में भर लिया. मेरे मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी. ओह उफ्फ्फ्फ़ ऑश आईईईइ क्या कर रहे हो? प्लीज बूब्स मत चूसो ऐसा करने से मेरी चूत में आग लग जाती है, प्लीज अब छोड़ दो मेरे बूब्स को, मेरी चूत अब तड़पने लगी है.
जॉन बोला कि तू बिल्कुल भी घबरा मत और आज लगने दे आग, हम अभी तेरी चूत की आग भी बुझाएगें और अब में भी पूरी तरह से चुदाई के मूड में आ चुकी थी. तो में बोली कि मुझे तो कुछ दिखाई नहीं दे रहा, जिससे तुम मेरी चूत की आग बुझाओगे. यह मेरे गोल मटोल बूब्स देख रहे हो, जब तक इसे कोई चूस चूसकर लाल ना कर दे चैन नहीं पड़ता और फिर मैंने अपनी पेंटी को नीचे सरका कर अपनी चूत को उनको दिखाते हुए बोली, कि इस चूत की जब तक लंड से इतनी पिटाई ना हो कि यह रो पड़े, इसकी आग नहीं बुझती और यह मेरे गोल गोल चूतड़ लाल करने पड़ेगे.
तो मेरी बात सुनकर उन दोनों ने अपने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और फिर जॉन मेरे पीछे खड़ा हुआ था और जब मैंने माइकल का लंड देखा तो में अंदर तक कांप गयी. जैसे घोड़े का लंड काटकर उस पर लगा दिया हो 8 इंच लंबा 3 गोलाई लिए हुए एकदम काला और जॉन जब मेरे सामने आया तो उसका लंड भी माइकल के लंड जैसा ही था और अगर उनमे कोई फरक था तो सिर्फ रंग का, जहाँ माइकल का लंड एकदम काला था तो वहीं जॉन का एकदम लाल. उनके लंड देखते ही मेरी चूत ने रो रोकर अपना पानी छोड़ दिया.
में एकदम चकित होते हुई उनके लंड देख रही थी. तो जॉन ने झट से मेरे चूतड़ो पर चाटा मारा. साली कुतिया क्या बोल रही थी? चूतड़ लाल चाहिए, यह ले बूब्स नीले होने चाहिए. माइकल बूब्स पर टूट पड़ा, उसके दातों के होंठो के निशान मेरे बूब्स पर पड़ रहे थे. तभी माइकल मुझे नीचे की तरफ झुकता गया और में अपने घुटनों पर हो गयी तो उसका काला, मोटा लंड मेरे होंठो से छू रहा था.
माइकल बोला कि मीनू अपना मुहं खोल और ले मेरा लंड चूस. तो में बोली कि मेरा नाम मीनू नहीं है. तो जॉन बोला कि तो फिर क्या नाम है तेरा मेरी छम्मकछल्लो? तो में बोली कि आज की रात मेरा नाम है हरामजादी, कुतिया, रंडी, छिनाल, रांड, चूत की चोदी, बहन की लौड़ी, माँ की लौड़ी, मादर चोद, सड़ी कुतिया और तुम्हारी छमिया और जो भी गाली तुम्हे आती हो मुझे आज उस नाम से बुलाना और मुझे भी यह हक़ होगा कि में तुम्हे जो मर्ज़ी पड़े बोलूं.
माइकल बोला कि साली पहले लंड तो चूस, तेरी तो हम आज सारी रात हम माँ चोदेगें और फिर में अपनी जीभ निकाल कर लंड पर घुमाते हुए उसे अपने मुहं में ले गयी, तो जॉन माइकल से बोला कि देख हरामजादी के लाल लाल होंठो में तेरा काला लंड कैसा गजब कर रहा है. कितनी प्यारी लग रही है और माइकल मुहं में लंड को आगे पीछे करता बोला कि इस कुतिया के मुहं में काला ही नहीं लाल लंड भी प्यारा लगेगा. क्यों रंडी ठीक बात है ना? तो में बोली कि मुझे क्या पता तुम खुद अपनी रांड के मुहं में डालकर देख लो और फिर बताना कैसी लगती हूँ. फिर जॉन ने मुझे अपनी और घुमाकर अपना लंड मेरे मुहं में फंसा दिया.
तभी माइकल बोला कि वाह यह तो एकदम टॉप की रंडी लग रही है, चल अब तेरी माँ चुदने का वक़्त आ गया है और फिर मुझे अपनी बाहों में उठाकर उन दोनों ने बेड पर पटक दिया. तो माइकल ने मेरे एक पैर को उठाया और वो मेरी चूत पर अपना लंड घिसने लगा. जॉन मेरे बूब्स की माँ चोद रहा था.
फिर माइकल ने अच्छा मौका देखकर एक जोरदार धक्का मारा. लंड गीली चूत में फिसलता हुआ आधे से भी ज़्यादा अंदर घुस गया और में बहुत बुरी तरह से चीख पड़ी आआईईईईई माँ अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ बचाओ मुझे, मुझे तेज़ दर्द हुआ और में बोली कि कुत्ते फ्री की चूत देखकर चोदे जा रहा है, बाहर निकाल अपने मूसल को ऑह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह. लेकिन तभी एक और उससे भी दमदार धक्के ने मेरी चूत को फाड़ दिया और अब वो पूरा घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में घुस चुका था. तो में बोली कि साले कुत्ते क्या ऐसे चोदते है एक छोटी सी बच्ची को और अगर कहीं में मर जाती तो?
लेकिन तभी जॉन मेरे मुहं को अपने लंड से बंद करता हुआ बोला कि हम कुत्ते तुम्हारे जैसी कुतिया को ऐसे ही चोदते है. फिर माइकल मेरी चूत में और जॉन मेरे मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और 5-7 धक्को में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और अब लंड बहुत तेज रफ़्तार से चूत में अंदर बाहर हो रहा था. तभी माइकल ने अचानक से अपना लंड, चूत से बाहर खींच लिया और मुझे लगा जैसे कि मेरी चूत एकदम खाली हो गई. तो में बोली कि अब क्या हुआ और मेरी चूत बिल्कुल खाली हो गयी है?
तो जॉन ने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकालकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया. में उसकी छाती के ऊपर लेटी हुई उसका मुहं चूम रही थी और उसका मोटा लंड मेरी चूत को छू रहा था. तो मैंने जल्दी से उसका लंड पकड़कर अपनी प्यासी चूत पर लगाया और अपना सारा वजन लंड पर टिकाकर धीरे धीरे उस पर दबाव डालने लगी और फिर लंड मेरी चूत में धीरे धीरे फिसलता हुआ घुसता चला गया और अभी में सिर्फ तीन चार बार ही ऊपर नीचे हुई थी कि मुझे मेरे चूतड़ खुलते महसूस हुए.
मैंने पीछे मुड़कर देखना चाहा. लेकिन जॉन ने मुझे अपने से कसकर चिपका रखा था. तभी मैंने कहा कि नहीं मेरी गांड में कुछ नहीं जाएगा. यह चूत है ना, तुम इसे सारी रात जैसे जी करे वैसे चोद लो. लेकिन मेरी गांड को प्लीज छोड़ दो वरना वो फट जाएगी प्लीज. लेकिन माइकल ने बिना कुछ सुने अपनी दो मोटी मोटी उँगलियों को मेरी गांड में डाल दिया और उसे आगे पीछे करके मेरी गांड के छेद को ढीला करने लगा. तो में आईईईईई ऊउईईईई माँ प्लीज नहीं, प्लीज अब नहीं अह्ह्ह्हह्ह कर रही थी. जॉन बोला कि क्या माइकल इस रंडी के गांड में उंगलियां डाल रहा है सीधा एक झटके में पूरा लंड डाल ना.
तो में बोली कि नहीं माइकल प्लीज नहीं ऐसा मत करना. लेकिन अब वहां पर मेरी कौन सुनता, माइकल ने अपना 8 इंच का काला लंड मेरी छोटी सी गांड के छेद पर रखा और कसकर धक्का मारा. तो में किसी हलाल होती बकरी की तरह चिल्लाने लगी अह्ह्ह्हह्ह मार दिया ऊओह निकाल बाहर कुत्ते की औलाद अह्ह्ह्ह छोड़ दे मुझे आईईईई में मर जाउंगी, प्लीज छोड़ दे और अब मेरी आखों में से पानी भी गिरने लगा था. लेकिन उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसाकर ही दम लिया और उसका घोड़े जैसा लंड मेरे पेट में चुभ रहा था और अब मेरी गांड और चूत दोनों ही फट चुकी थी और अब उन दोनों ने मेरी बहुत बुरी तरह से चुदाई शुरू कर दी.
मेरी गांड और चूत उन दोनों के लंड से पनाह माँग रही थी और फिर थोड़ी ही देर में उनके लंड को मज़ा देने लगी. मेरी चूत उनके लंड की मार से बार बार पानी छोड़ रही थी और में बार बार चिल्ला रही थी अह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो इस कुतिया को ज़ोर से, ज़ोर से फाड़ डालो साली को और वो दोनों पूरी रफ़्तार से लगे हुए थे. तो जॉन बोला कि साली कोई और तमन्ना है तो बोल हम उसे भी आज पूरा कर देंगे? तो में बोली कि एक कुतिया की इच्छा क्या हो सकती है कि वो कुतिया की तरह चुदे.
माइकल ने अपने लंड को गांड में से बाहर निकाला और बोला कि चल फिर बन जा कुतिया और में झट से कुतिया की तरह झुक गयी और अपने चूतड़ हिलाने लगी. तो माइकल ने झट से पीछे आकर मेरी चूत को लंड से भर दिया और जॉन ने मेरे मुहं में जोरदार धक्के मारने शुरू किए. फिर दस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद माइकल बोला कि में कहाँ निकालूं?
में बोली कि तुम दोनों मेरा मुहं भर दो और उन दोनों ने बारी बारी से एक एक करके मेरे मुहं पर वीर्य की बौछार करना शुरू किया और मेरा मुहं पूरी तरह से उनके गरम गरम वीर्य से भर गया. तो मैंने उनके लंड को एक एक करके चूस चूसकर अच्छी तरह से साफ किए. लेकिन सुबह होने तक मेरी ऐसे ही रुक रुककर चुदाई चलती रही और में उनके लंड के मज़े लेती रही. उन्होंने मेरी चूत, गांड, मुहं को सुबह तक पूरी तरह से खोल दिया था और में बिना किसी विरोध के उनसे पूरी रात चुदती रही और जब सुबह जीजू मुझे लेने आए तो मेरे बूब्स उनके दातों के निशान थे और चूत उनके लंड को रात भर झेल झेलकर लाल पड़ चुकी थी और मेरे चूतड़ उनके थप्पड़ से लाल हो चुके थे. लेकिन जीजू का मेरी चुदाई का काम अब पूरा हो चुका था और में उनके सामने एकदम नंगी निढाल होकर पड़ी हुई थी और वो दोनों मेरी चुदाई से बहुत खुश नजर आ रहे थे. तो में जीजू को देखकर उठी और बाथरूम में चली गई. मैंने अपनी चूत और अपने पूरे जिस्म को पानी से ठंडा किया, जो पूरी रात उनके लंड के रगड़ने से गरम हो चुका था और फिर में बाहर चली आई और उनके पास बैठ गई. वो मुझे अभी भी अपनी भूखी नजरों से देख रहे थे. कुछ देर बाद में जीजू के साथ अपने घर पर चली आई.
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स्वीट प्रिया भाभी की चूत चोदी


हैलो दोस्तों.. मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र 28 साल है। में मुंबई में रहता हूँ मेरी लम्बाई 5.8 और में एक इंजिनियर हूँ। दोस्तों वैसे में सेक्सी कहानियाँ पड़ने के लिए समय निकाल ही लेता हूँ और मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लगता है और इन कहानियों को पढ़कर ही मैंने एक दिन अपनी भी कहानी लिखने के बारे में सोचा और आज आप सभी के सामने वो घटना मौजूद है। दोस्तों इसमें मुझसे अगर कोई भी गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करना क्योंकि यह मेरी पहली कहानी है।
दोस्तों यह बात 7 साल पहले की है जब में 21 साल का था और इंजिनियरिंग के आखरी साल में मेरा दाखिला हुआ था। में अपने कज़िन के घर पर रहकर पढ़ाई करता था क्योंकि मेरा घर गावं में था और वहां पर एक भी अच्छे स्कूल कॉलेज नहीं थे। मेरे कज़िन के यहाँ सिर्फ़ वो और उनकी वाईफ प्रिया रहती थी।
मेरे भाई ने इंटरनेशनल मार्केटिंग में B.A. की हुई थी और वो अधिकतर समय घर से बाहर किसी ना किसी ट्यूर पर ही रहता था और मेरी भाभी को ज़्यादा वक़्त नहीं दे पाता था। मेरी भाभी फिर भी खुश थी और उन्होंने कभी किसी बात की शिकायत नहीं की.. जब भी मेरे भाई ट्यूर पर जाते थे तो में अपनी भाभी के कमरे में ही सोता था। क्योंकि अकेले में उनको बहुत डर लगता था।
यह बात अगस्त महीने की हैं जब बारिश का मौसम था और भैया को 15 दिनों के लिए आउट ऑफ कंट्री जाना था और फिर में, मेरी भाभी उनको एयरपोर्ट तक छोड़कर घर पर आए.. लेकिन भाभी बहुत उदास थी और घर पर आकर सीधे अपने कमरे में चली गई और अंदर से कमरा बंद कर लिया। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनके दरवाजे को बजाया.. उन्होंने दरवाजा खोला। तो मैंने देखा तो उनकी आँखें लाल थी.. शायद वो रो रही थी।
में : भाभी आप रो क्यों रही हो?
भाभी : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है बस मुझे आपके भैया की याद आ रही है तब तक मैंने अपनी भाभी को कभी ग़लत नज़र से नहीं देखा था.. लेकिन 21 साल की उम्र ही कुछ ऐसी होती है अपने आप पर काबू ही नहीं रहता। फिर मेरा लंड मुझे रात को बारिश की ठंडक में बहुत परेशान करने लगा और कभी भी खड़ा हो जाता। एक अजीब सी कशिश होती जो कि शब्दो में बताना बहुत मुश्किल है। फिर रात को भाभी ने कहा कि आओ रोहित सोने का टाईम हो गया।
में : भाभी मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है।
भाभी : क्यों क्या हो गया? ला ओ में दबा देती हूँ।
फिर मैंने बोला कि ठीक है भाभी और भाभी मेरा सर होले होले दबाने लगी.. मेरे और मेरी भाभी के बीच में एक बहुत अच्छे दोस्त का रिश्ता भी था और में भाभी के साथ हर एक बात शेयर करता था.. लेकिन अभी तक कभी सेक्स से सम्बंधित बातें शेयर नहीं की। भाभी ने मेरे सर में बाम लगाया और धीरे धीरे मेरा सर दर्द ठीक होने लगा और में बहुत अच्छा महसूस कर रहा था.. मैंने भाभी से कहा कि में अब पूरी तरह से ठीक हूँ और अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। तो भाभी ने मुझसे कहा कि रोहित पता नहीं मेरे पैर में कल शाम से हल्का हल्का दर्द हो रहा है।
में : भाभी यह तो ग़लत बात है आपने मुझे अभी तक बताया क्यों नहीं? में अभी आपके पैर दबा देता हूँ।
भाभी : नहीं नहीं रोहित.. ऐसा मत करो प्लीज़.. में तुमसे कैसे अपने पैर दबवा सकती हूँ? लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. में सरसों का तेल लेकर आया और भाभी के पैरों में लगाने लगा। दोस्तों मेरी भाभी का कलर बिल्कुल साफ था और उनकी लम्बाई 5.5 और वो 25 साल की थी। वो एकदम सेक्सी लगती थी और उनके बूब्स एकदम गोल थे। अगर वो मुझे पहले मिली होती तो में उन से शादी कर लेता। भाभी ने उस वक़्त गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी।
फिर मेरे बहुत कहने पर भाभी आखिकार मान गई और पैर दबवाने को मजबूर हो गई.. में तेल लेकर भाभी के पैरों पर लगाने लगा। तभी मुझे अचानक से पता नहीं क्या होने लगा और मेरा लंड हाफ पेंट में तनकर खड़ा हो गया.. मुझे पसीना आने लगा और दिल की धड़कन तेज हो गई और यह पहली बार था कि में अपनी भाभी को सेक्स की नज़र से देखने लगा था।
तभी अचानक से भाभी ने पूछा कि अब तो तू बड़ा हो गया है। तेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो में शरमा गया और बोला कि नहीं भाभी अभी तक तो कोई नहीं है और गर्लफ्रेंड की बात भाभी के मुहं से सुनकर मेरा लंड और ज़्यादा टाईट होने लगा और मैंने सोच लिया कि इस बात को आज कुछ ऐसी दिशा की तरफ मोड़ दूँ ताकि हमारे बीच और भी सेक्स की बातें हो सके। फिर में भाभी के पैर को दबाते हुए उन पर दबाव भी डाल रहा था और धीरे धीरे उनकी जांघो तक पहुंच गया था। भाभी की तरफ से कोई भी विरोध नहीं हो रहा था जिससे मेरा डर और खुल रहा था और में उनको अपने सेक्स प्लान में फंसा लेना चाहता था।
भाभी : क्यों भाई अब तक गर्लफ्रेंड क्यों नहीं? दिखने में तो ठीक ठाक हो फिर क्या समस्या है।
तो मैंने कहा कि भाभी स्कूल में अगर किसी को पता चले कि मेरा किसी के साथ चक्कर है तो नाम खराब होगा और इसलिए मैंने किसी को प्रपोज़ नहीं किया। तभी भाभी अचानक से बोली कि मेरे करीब आओ.. तो में बहुत घबरा गया.. लेकिन फिर भी उनके करीब गया। उन्होंने मेरे सर पर किस किया और बोला कि मुझे तुम पर बहुत गर्व है रोहित में बहुत खुश हूँ कि मुझे तुम जैसा देवर मिला है।
में : में भी बहुत खुश हूँ भाभी आपको पाकर आप मेरी भाभी कम और एक दोस्त ज़्यादा हो और अब मेरा लंड मुझे ज़्यादा ही तंग कर रहा था और लंड इतना ज़्यादा खड़ा हो गया था कि मुझे डर लगने लगा कि कहीं भाभी उसे देख ना ले। तो मैंने भाभी से कहा कि में एक मिनट में वॉशरूम से आया.. लेकिन में बेड पर से जैसे ही उठा अचानक से में भाभी के ऊपर गिर गया और मेरा लंड उनके पेट से टकराया भाभी ने बड़ी बड़ी आँखों से मुझे देखा और देखती ही रह गई।
में फटाफट उठकर पेशाब करके वापस आया और भाभी के पैर दबाने लगा जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं.. लेकिन भाभी में अब बहुत बदलाव दिख रहा था.. उनकी आवाज़ धीमी हो गई थी और उनकी छाती भी थोड़ी तेज ऊपर नीचे हो रही थी। में उनके पैर दबा रहा था.. लेकिन मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा था। भाभी की नज़र नीचे थी और में समझ गया कि वो मेरे लंड को देख रही है। तभी थोड़ी देर की खामोशी के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि लगता है तुम अब बड़े हो गये हो और अपनी भाभी के साथ सब कुछ शेयर नहीं करते।
में : नहीं भाभी ऐसा तो कुछ नहीं है.. लेकिन आपको ऐसा क्यों लग रहा है?
भाभी : यह तुम्हारी पेंट के अंदर पहाड़ क्यों बना हुआ है?
तो में यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया और मेरे मुहं से कुछ नहीं निकला और में सर नीचे झुकाते हुए उनके पैर को दबा रहा था।
में : भाभी प्लीज मुझे माफ़ कर दो।
भाभी : अरे इस में माफ़ी की क्या बात है यह सब इस उम्र में सभी के साथ होता है और यह सब सामान्य है।
में : बहुत बहुत धन्यवाद भाभी मुझे समझाने के लिए.. लेकिन भाभी अगर आप गुस्सा नहीं हो तो क्या में एक बात पूछूँ?
भाभी : तुम एक क्यों 100 बात पूछो?
में : भाभी आप और भैया क्या रोज़ सेक्स करते हो?
भाभी : नहीं रोहित में इतनी ख़ुशनसीब नहीं हूँ.. तुम्हारे भैया के लिए उनका काम ही ज़्यादा ज़रूरी है और वो वहां से बहुत थककर आते है और थोड़ी बहुत देर में सो जाते है।
फिर में उनकी यह बात सुनकर बहुत चकित हुआ और मैंने भाभी के पैर दबाना छोड़ दिया और उनके ही पास में आकर लेट गया।
में : भाभी क्या में आपको किस कर सकता हूँ?
तो भाभी ने मेरी तरफ देखा और कुछ जवाब नहीं दिया। वो सीधी अपने होठों को मेरे होठों के करीब लेकर आए और मेरे ऊपर वाले होंठ को चूसने लगी.. में हक्का बक्का रह गया था.. क्योंकि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि किस करने की शुरुवात भाभी की तरफ से होगी। में संभला और में भी भाभी का साथ देना लगा और उनके होठों को काटने लगा। बारिश और बिजली की कड़कड़ाहट से मौसम ठंडा हो गया था और हम दोनों भी बहुत ज़्यादा कामुक हो गये थे।
फिर मैंने भाभी को झटका देकर हटाया और उनके ऊपर आ गया और उनके होठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. भाभी ने मुझे इशारों से रोका और सिखाया कि कैसे आराम से किस करना चाहिए और हम दोनों एक दूसरे के होंठ करीब 5 मिनट तक चूस रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि में जन्नत में पहुंच गया हूँ और उनके होंठो को ऐसे चूस रहा था जैसे कि हम आईसक्रीम खा रहे हो और मेरा लंड इतना कड़क हो गया था कि उसमे बहुत दर्द होने लगा था। फिर भाभी ने मेरे होंठो को छोड़ा और मेरे निपल्स को काटने लगी और मेरी कमर में भी अपने नाख़ून का दबाव डालने लगी।
में इतना ज़्यादा उत्तेजित हो गया था कि मैंने उनकी मेक्सी को फाड़ दिया और उनके बूब्स देखकर तो जैसे पागल ही हो गया था.. काली कलर की ब्रा से उनके बूब्स ऐसे ढके हुए थे जैसे कि नई नवेली दुल्हन घूँघट में छुपकर रहती है। फिर मैंने उनकी ब्रा का हुक खोला और इतना पागल हो गया था कि मैंने उनके निपल्स को ज़ोर से काटा वो दर्द से चिल्लाने लगी और कहा कि प्लीज धीरे प्लीज़.. लेकिन में तो पागल हो गया था और उनके आग्रह का कोई असर अब मुझ पर होने वाला नहीं था। फिर में ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को चूस रहा था और मेरी भाभी की आवाज़ आ रही थी आहह और ज़ोर से और ज़ोर से अह्ह्ह उफ्फ्फ ऐईईइ रोहित मेरे शरीर को अपने दातों से काटो।
तभी उनके मुहं से यह सुनकर में और पागल हो गया और उनके बूब्स को और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. मेरी भाभी को अब बहुत मज़ा आ रहा था और उन्होंने मेरे सर पर हाथ फैरते हुए कहा कि रोहित तुम तो खिलाड़ी हो ऐसा लग रहा है कि तुम पूरी रात मेरे निपल्स को ज़ोर ज़ोर से चूसते रहो और अब में उनके बूब्स से हटा और उनकी हल्की हरी कलर की पेंटी को सूंघने लगा। फिर मैंने उनकी पेंटी के ऊपर से ही उनको अपने दातों से काटा और मेरी भाभी दर्द से चिल्लाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी।
तभी मैंने एक झटके में उनकी पेंटी निकाली और उनकी चूत के आकार को देखने लगा.. चूत पर हल्के हल्के बाल थे और उसके होंठ गुलाबी कलर के थे। दोस्तों मैंने चूत रियल लाईफ में पहली बार देखी थी और इससे पहले ब्लू फिल्म में कई बार देखी थी और फिर मैंने ब्लूफिल्म्स की तरह उनकी चूत को चूसना शुरू किया और भाभी का चेहरा देखा.. भाभी अपनी दोनों आँखें बंद करके एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और दूसरे हाथों से मेरे सर पर दबाव डालकर उनकी चूत की तरफ धकेल रही थी।
तो अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में उनकी चूत को चूस रहा था और मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत की गहराई में डाला तो उनकी चूत बहुत गरम हो चुकी थी और उनकी चूत के रस का स्वाद भी अच्छा था। मेरी भाभी पागल हो रही थी और वो बोली कि रोहित अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में डाल दो। तभी उनके मुहं से लंड शब्द सुनकर मुझमें और जोश आ गया और में 69 पोज़िशन में आ गया। तो मैंने अपना लंड उनके मुहं में डाला और उनकी चूत को चूस रहा था.. मुझे लंड चुसवाते हुए बहुत मज़ा आ रहा था और भाभी को भी उनकी चूत चुसवाते हुए बहुत मस्ती आ रही थी।
हम 5 मिनट तक 69 पोज़िशन में एक दूसरे के प्राईवेट अंग को चूसते रहे.. लेकिन अब भाभी बेकाबू हो रही थी और मुझसे मदहोशी वाली आवाज़ में आग्रह करने लगी कि मुझे चोदो प्लीज़ मुझे चोदो। तो अब टाईम आ गया था उनकी चूत की प्यास बुझाने का.. मैंने उनको बिस्तर पर लेटाया और उनके कमर के नीचे एक तकिया लगाया और मैंने भाभी के कहने पर उनकी अलमारी से कंडोम निकाला। फिर भाभी ने कंडोम मेरे खड़े लंड पर चड़ाया और मुझे इशारा किया लंड को चूत के अंदर घुसाने का.. मेरा लंड बार बार स्लिप हो गया था। तो भाभी ने अपने हाथों से लंड को चूत के अंदर सेट किया और जैसे ही लंड चूत के अंदर घुसा तो उन्होंने मेरे सर के बाल ज़ोर से खींचे। अब वो पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी और उनके मुहं से अपने आप आवाज़े निकल रही थी आअहह अह्ह्ह आईई ज़ोर से तेज और तेज रोहित और तेज़ यह सब सुनकर में और ज़्यादा उत्तेजित हो रहा था और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
मैंने भाभी के होठों को किस किया और एक हाथ से उनके बूब्स को भी दबा रहा था.. भाभी की आँखें बंद थी और होठों पर हल्की हल्की मुस्कान और अब उन्हें देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो हम दोनों कश्मीर की वादियों में अपना हनिमून मना रहे हो। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और उनको घुटनो के बल डोगी स्टाईल में बैठने को कहा और में उनके पीछे आया और वहां से लंड उनकी चूत में डाला। इस बार उनको और भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था.. क्योंकि दबाव और लंड से चूत की रगड़ और भी ज़्यादा हो रही थी.. भाभी भी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी। तभी अचानक भाभी की धड़कन तेज होने लगी और उन्होंने ज़ोर से बोला कि तेज.. तो में समझ गया कि उनकी चूत का रस निकलने वाला है और मैंने फटाफट उनको सीधा लेटाया और खुद बहुत तेजी से झटके देने लगा। हम दोनों अपने आखरी छोर पर पहुंच चुके थे और साथ साथ ही झड़ गए।
अब भाभी के चेहरे पर अलग ही ख़ुशी थी और वो मेरे बालों को सहलाने लगी.. उन्होंने मेरे गालों को किस किया और कहा कि में तुम से बहुत प्यार करती हूँ और फिर मैंने भी कहा कि भाभी में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ। दोस्तों वो रात मेरी और मेरी भाभी की सबसे सुहानी रात थी.. जिसे में कभी नहीं भूल पाऊँगा। फिर हमने उस रात दो बार और चुदाई की और ऐसे ही सो गए।
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ऐसा मत करो मै नहीं रह पाऊंगी


मेरा नाम रमेश है मैं दिल्ली का रहने वाला हूं दिल्ली में मेरे पिताजी का कपड़े का व्यापार है और वह कई सालों से कपड़े का व्यापार करते आ रहे हैं मैं भी काफी समय से उन्हीं के साथ काम कर रहा हूं। मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है लेकिन एक दिन मैं अपने दोस्त को फोन कर रहा था तो गलती से मेरा फोन किसी और ही नंबर पर चला गया और जब सामने से एक लड़की ने फोन उठाया तो उससे मेरी बात होने लगी। पहले दिन तो हम लोगों की बात ज्यादा नहीं हो सकी क्योंकि हम दोनों एक दूसरे से अनजान थे और मैं कभी भी उससे मिला नहीं था लेकिन उसके बाद मुझे उससे बात करना अच्छा लगा और मैं ममता से बात करने लगा। ममता से बात करते हुए मुझे करीब 6 महीने हो चुके थे और इन 6 महीनों में हम दोनों की बात काफी आगे बढ़ चुकी थी हम दोनों एक दूसरे से मिलना चाहते थे लेकिन ममता मुझसे दूर थी ममता चेन्नई में रहती थी उसका परिवार चेन्नई में कई सालों से रह रहा है उसके पिताजी चेन्नई में ही एक अधिकारी हैं और ममता के बारे में मुझे काफी कुछ चीजें पता थी।

हम दोनों एक दूसरे से अक्सर फोन पर ही बातें किया करते थे ममता मुझे अपने हर रोज की दिनचर्या के बारे में बताती थी हम लोग रात के वक्त हर रोज फोन पर बातें किया करते थे। हम दोनों एक दूसरे से हमेशा ही बातें करते थे जिस वजह से यह बात मेरी मां को भी पता चल चुकी थी मेरी मां मुझे हमेशा कहती की बेटा तुम ममता से इतना बात करते हो तो उसे मिल क्यों नहीं लेते। मैंने एक दो बार अपनी मां की बात भी ममता से करवाई थी लेकिन ममता मुझसे काफी दूर थी और मैं उससे मिल नहीं पाया था कभी भी मुझे मौका नहीं मिल पाया था कि मैं ममता से मिल पाऊं। मेरी मौसी जो कि दिल्ली में ही रहती हैं और वह सरकारी नौकरी पर हैं उनका ट्रांसफर अब चेन्नई में हो चुका था मेरी मौसी का ट्रांसफर चेन्नई में होने के बाद जब उन्होंने मुझे यह बात बताई तो मैं बहुत खुश हुआ क्योंकि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं ममता से मिलूंगा।

मैं चाहता था कि मैं मौसी के साथ ही कुछ समय के लिए चेन्नई चले जाऊं मौसी ने अभी अपना सामान भी शिफ्ट नहीं किया था और मैं उनके साथ चेन्नई जाने के लिए तैयार था। मैंने मौसी को बताया कि मैं आपके साथ चेन्नई आ रहा हूं तो मौसी ने कहा कि ठीक है रमेश मेरी भी मदद हो जाएगी क्योंकि मुझे वहां पर अपना सामान शिफ्ट करने में काफी परेशानी होने वाली थी। मैं मौसी के साथ चेन्नई चला गया उनका ट्रांसफर चेन्नई में हो चुका था इसलिए वह वहां पर अब काफी समय तक रहने वाली थी मैं जब चेन्नई गया तो मैंने यह बात ममता को बता दी थी ममता इस बात से बहुत खुश थी और ममता के बारे में मेरी मौसी को भी पता था क्योंकि मेरी मां ने ममता के बारे में मौसी को बता दिया था। जब हम लोग चेन्नई पहुंचे तो उसके बाद हम लोग घर का सामान शिफ्ट कर रहे थे मैंने मौसी की काफी मदद की मैं ममता से मिलने के लिए बहुत बेताब था लेकिन अभी तक मैं ममता को मिल नहीं पाया था मैं ममता से फिलहाल तो दूर था। मैं जब ममता को पहली बार मिला तो मैं ममता से मिलकर बहुत खुश हुआ हम दोनों एक कॉफी शॉप में मिले और उस कॉफ़ी शॉप में जब हम लोगों की पहली मुलाकात हुई तो मैं उस मुलाकात से बहुत खुश हुआ। मैंने ममता से कहा ममता मुझे कभी उम्मीद भी नहीं थी कि मैं तुमसे मिल पाऊंगा लेकिन हम दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत ही ज्यादा खुश थे और ममता के साथ उस दिन मैंने काफी अच्छा समय बिताया। मैं कुछ दिन चेन्नई में ही रुकने वाला था मैंने अपने घर पर भी बात बता दी थी की मैं चेन्नई से कुछ दिनों बाद लौटूंगा। मौसी एक दिन मुझे कहने लगी कि बेटा कुछ दिनों के लिए शोभित भी चेन्नई आना चाहता है शोभित अभी स्कूल की पढ़ाई कर रहा था और वह कुछ दिनों के लिए चेन्नई आना चाहता था उसकी स्कूल की छुट्टियां पड़ी हुई थी इस वजह से वह मौसी के पास आना चाहता था। कुछ दिनों बाद शोभित चेन्नई आ चुका था जब वह चेन्नई आया तो मैं ही उसे लेने के लिए रेलवे स्टेशन गया था और मैं शोभित को लेकर घर चला आया मैं और शोभित कुछ दिनों तक साथ में रहने वाले थे।

मैंने शोभित से कहा कि तुम्हारे स्कूल की कितने समय की छुट्टियां हैं तो वह मुझे कहने लगा कि भैया मेरे स्कूल की 15 दिनों की छुट्टियां हैं उसके बाद हम लोग अपने स्कूल में अपने एनुअल फंक्शन की तैयारी करने वाले हैं। शोभित की 12वीं के एग्जाम नजदीक आने वाले थे और उनके स्कूल में एनुअल फंक्शन भी होने वाला था मैंने शोभित से कहा जब तुम्हारे स्कूल की पढ़ाई पूरी हो जाएगी तो उसके बाद तुम भी मौसी के साथ यहीं आ जाओगे। वह कहने लगा हां भैया मैं उसके बाद मम्मी के साथ ही चेन्नई में रहकर पढ़ाई करना चाहता हूं मैं जब शोभित से बात कर रहा था तो ममता का फोन मुझे आया और मैं ममता से बात करने लगा। ममता मुझे कहने लगी कि रमेश मुझे तुमसे मिलना था तो मैंने ममता को कहा ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आता हूं। मैं ममता से मिलने के लिए चला गया मैंने शोभित को कहा कि मैं थोड़ी देर बाद घर लौट आऊंगा शोभित कहने लगा ठीक है भैया। शोभित घर पर ही था और मैं ममता से मिलने के लिए उस कॉफी शॉप में चला गया जिसमें हम लोग पहली बार मिले थे हम दोनों एक दूसरे से मिलकर बहुत खुश हुए।

ममता मुझे कहने लगी कि रमेश मेरा घर पर बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था तो मैंने सोचा कि तुमसे मैं मुलाकात कर लूं इसलिए मैं तुमसे मिलने के लिए चली आई। मैं और ममता उस दिन साथ मे काफी देर तक बैठे रहे फिर ममता ने मुझे कहा रमेश मुझे तुम्हारे साथ अकेले में समय बिताना है। हम दोनों के रिलेशन को काफी समय हो चुका था मैं ममता के साथ उस दिन जब पार्क मे बैठा हुआ था तो वहां आसपास मैंने देखा  कोई भी मुझे नजर नहीं आ रहा था मैंने ममता के होठों को चूम लिया। उसके नरम और गुलाबी होठों को चूम कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उसके होठों से खून भी निकाल कर रख दिया था। जब मैंने उसकी चूत को दबाना शुरू किया तो वह मचलने लगी और मुझे कहने लगी रमेश ऐसा मत करो मैं अपने आपको नहीं रोक पाऊगी। ममता के अंदर की आग को मैने जगा दिया था अब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे। मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था कि मैं ममता के साथ सेक्स करने वाला हूं। ममता मुझे अपने घर पर ले गई क्योंकि उसके घर पर कोई भी नहीं था हम लोग ममता के घर पर चले गए। जब ममता ने मेरे मोटे लंड को बाहर निकालकर अपने मुंह में लिया तो मैंने ममता से कहा तुम मेरे लंड को ऐसे ही अपने मुंह के अंदर लेती रहो। ममता ने अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को ले लिया था वह बहुत ही अच्छे से मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी। उसने मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर किया और उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से उसने मेरे लंड सकिंग किया। मेरे अंदर की गर्मी को वह पूरी तरीके से बढ़ा चुकी थी अब मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था। मैंने ममता के कपड़े उतारकर उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसकी योनि से तरल पदार्थ बाहर की तरफ को निकलने लगा था उसकी चूत से तरल पदार्थ बाहर की तरफ को इतना अधिक निकलने लगा था कि वह अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया उसकी चूत के अंदर जब मैंने अपने लंड को डाला तो वह बहुत जोर से चिल्लाई और उसकी चूत के अंदर मेरा लंड जा चुका था।

वह इतनी तेजी से चिल्लाने लगी मैं उसे और भी तेज गति से चोदने लगा लेकिन जब मैंने देखा कि ममता की चूत से कुछ ज्यादा ही खून बाहर की तरफ को निकल रहा है तो मैंने उसे कहा तुम्हारी चूत से तो बहुत ज्यादा खून बाहर निकल रहा है। वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी अपने आपको नहीं रोक पा रही हूं वह अपने पैरों को आपस में मिलाने लगी। उसकी चूत के अंदर बाहर मेरा लंड हो रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था वह बड़ी मादक आवाज में सिसकियां ले रही थी। उसकी सिसकियां लगातार तेज आवाज में बढ़ती जा रही थी वह मुझे कहने लगी तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो। मैंने उसे बहुत देर तक ऐसे ही धक्के मारे मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी।

मेरे अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ने लगी कि मैंने उसे कहा तुम मेरा साथ ऐसे ही देती रहो। वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है वह बिल्कुल भी नहीं रह पा रही थी और उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर की तरफ को निकल आया था। मैंने उसकी चूत पूरी तरीके से छिल कर रख दी थी मेरा मोटा लंड भी पूरी तरीके से छिल चुका था। मैंने उसे कहा मुझे बहुत ही मजा आ रहा है जिस प्रकार से मैं तुम्हें चोद रहा हूं आखिरकार मेरा वीर्य उसकी चूत के अंदर गिर ही गया। जब मेरा वीर्य ममता की चूत मे गिरा तो हम दोनों ही बहुत खुश थे ममता मुझे कहने लगी रमेश आज मुझे बहुत अच्छा लगा जिस प्रकार से तुमने मेरी सील तोड़ी। मैंने ममता की सील तोड़ दी थी और उसे मैंने अपना बना दिया था। मैं बहुत ज्यादा खुश था मैं कुछ दिनों तक चेन्नई मे रहा उसके बाद मैं वापस दिल्ली लौट आया था। जब हम लोग दिल्ली वापस लौट आए तो मुझे काफी अच्छा लगा हम लोग दिल्ली वापस लौट आए थे उसके बाद भी मै ममता से फोन पर बात करता रहता हूं।
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पैरो को खोलकर चूत चुदाई का आंनद लिया


मैं छोटे शहर का रहने वाला हूं लेकिन जब मैं पहली बार दिल्ली आया तो दिल्ली की भागदौड़ भरी जिंदगी में मुझे एडजस्ट होने में काफी समय लगा लेकिन किसी तरीके से मैं दिल्ली की लाइफ में घुलने मिलने लगा और मैंने अब अपने दोस्त भी बना लिए थे। मैं अपने मामा जी के पास कुछ दिनों के लिए रहने आया था लेकिन मैंने अब नौकरी करने का फैसला कर लिया और मैं दिल्ली की एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। वहां पर मुझे काम करते हुए करीब 6 महीने हो चुके थे 6 महीने बीत जाने के बाद मैंने अपने लिए अलग घर लेने का निर्णय किया। मैंने एक दिन मामा जी से इस बारे में बात की तो उन्होंने मुझे कहा कि सूरज बेटा तुम हमारे साथ रह लो लेकिन मैं अब अलग रहना चाहता था। उनके परिवार में उनके दो बच्चे हैं और मैं चाहता था कि मैं अब अलग रहूं इसलिए मैंने अपने लिए एक घर किराए पर देख लिया और वहां मैं रहने लगा शुरुआत में मुझे वहां पर कोई भी परेशानी नहीं हुई क्योंकि मेरा ऑफिस वहां से काफी नजदीक था लेकिन कुछ समय बाद ही मैंने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया और उसके बाद मैंने एक नई कंपनी ज्वाइन की।

जब मैंने नई कंपनी ज्वाइन की तो मुझे वहां से घर खाली करना पड़ा और दूसरी जगह मैं घर ले चुका था। मेरे साथ ही मेरे ऑफिस में काम करने वाला सुबोध भी रहता था सुबोध कुछ समय तक मेरे साथ ही रहा लेकिन जब उसकी शादी तय हो गई तो उसने अपने लिए दूसरा घर ले लिया था और मैं अब अकेला ही रहता था। मैं जहां रहता था वहीं पड़ोस में एक लड़की रहती थी उसका नाम संजना है संजना भी वहां किराए पर रहती थी संजना को मै अक्सर देखा करता था। एक दिन संजना ऑफिस जा रही थी मैं भी उसके पीछे पीछे जा रहा था और जब उस दिन हम दोनों बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहे थे तो मैंने संजना से बात की और उसे कहा कि क्या आप यहीं रहती हैं। उसने मुझे कहा कि हां मैं यही रहती हूं मैंने संजना से हाथ मिलाया और अपना परिचय दिया तो वह मुझे कहने लगी कि मैंने भी कई बार आपको यहां आते जाते हुए देखा है।

हम दोनों बात कर ही रहे थे कि बस आ गई और हम दोनों बस में चढ़ गए, बस में हम दोनों को बैठने के लिए सीट नहीं मिली इसलिए हम दोनों खड़े ही थे कंडक्टर हमारे पास आया तो मैंने संजना के टिकट के पैसे भी दे दिए थे। संजना ने मुझे कहा कि आपको पैसे नहीं देने चाहिए थे संजना मुझे अब पैसे लौटाने लगी लेकिन मैंने उसे कहा नहीं रहने दो अगली बार अगर हम दोनों साथ में आये तो तुम ही पैसे दे देना। वह मुझे कहने लगी ठीक है अगर अगली बार तुम मेरे साथ होगे तो मैं जरूर तुम्हारे पैसे दे दूंगी और उसके बाद संजना उतर गई मैं अपने ऑफिस के सामने के ही बस स्टॉप पर उतरा और अपने ऑफिस चला गया। मैं जब ऑफिस पहुंचा तो सुबोध मुझे कहने लगा कि सूरज क्या तुम कल मेरे घर पर आ सकते हो मैंने सुबोध को कहा लेकिन क्या कोई जरूरी काम है तो उसने मुझे बताया कि उसकी शादी की सालगिरह है और उसने घर पर कुछ लोगों को बुलाया है। मैंने उसको कहा ठीक है मैं कल तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और अब हम लोग ऑफिस का काम करने लगे दोपहर के वक्त हम लोगों ने हमारे ऑफिस के पास ही एक कैंटीन है वहां पर हम लोगों ने लंच किया और शाम के वक्त मैं घर लौट आया। उस दिन शाम को मुझे संजना दिखाई नहीं दी अगले दिन भी मुझे संजना दिखाई नहीं दी तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि संजना दो दिनों से घर नहीं आई है उस दिन शाम के वक्त मैं सुबोध के घर चला गया। सुबोध के घर जब मैं गया तो उसकी शादी के एक वर्ष पूरे होने की खुशी में उसने अपने घर पर ही छोटा सा प्रोग्राम आयोजित किया था और उसके कुछ जान पहचान के लोग भी वहां पर आए हुए थे। अब मैं सुबोध के घर से ही खाना खाकर वापस लौटा तो मैंने देखा कि संजना भी घर लौट रही है मैंने संजना से बात की और कहा कि तुम इतनी रात को कहां से आ रही हो तो उसने मुझे बताया कि वह दो दिन से अपनी सहेली के घर ही रुकी थी इसलिए वह घर नहीं आ पाई। मैंने संजना को कहा हां मैंने तुम्हें पिछले दो दिनों से देखा नहीं था और मेरे पास तुम्हारा नंबर भी नहीं था इसलिए मैं तुमसे बात नहीं कर पाया मैंने संजना को कहा अगर तुम्हें कोई परेशानी नहीं है तो क्या तुम मुझे अपना नंबर दे सकती हो।

संजना ने मुझे अपना नंबर दे दिया और जब उसने मुझे अपना नंबर दिया तो उसके बाद एक दिन मैंने उसे मैसेज किया उसके मैसेज का भी मुझे रिप्लाई आया। हालांकि हम लोग फोन पर कभी बात नहीं कर पाए थे सिर्फ मैसेज पर ही हम लोगों की चैटिंग हुई अब संजना मुझे जब भी देखती तो वह मुझसे बात कर लिया करती। संजना के बारे में मुझे अब पता चलने लगा था कि उसकी पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है इसलिए उसे नौकरी करनी पड़ रही है संजना ने मुझे एक दिन बताया कि उसके पिताजी काफी ज्यादा बीमार रहते हैं जिस वजह से वह कुछ कर नहीं पाते जिसके कारण उनके घर की आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा दयनीय हो चुकी है। एक दिन मैंने संजना को कहा कि क्या तुम मेरे साथ आज कॉफी पीने चल सकती हो तो संजना भी मेरे साथ कॉफी पीने के लिए आ गई और हम लोग एक कॉफी शॉप में बैठकर आपस में बात कर रहे थे मैंने कॉफी ऑर्डर की और कुछ देर बाद कॉफी आ गई। उस दिन संजना ने मुझे अपने भैया के बारे में बताया उसके भैया उनके साथ नहीं रहते वह अलग रहते हैं इसलिए सारी जिम्मेदारी संजना के कंधों पर ही आ गई है।

हम लोगों ने कॉफी खत्म की और उसके बाद हम लोग घर लौट आये। अब हम दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत अच्छा लगने लगा था हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी। एक दिन संजना को मैंने अपने पास बुला लिया वह उस दिन जब मुझसे मिलने आई तो संजना ने मुझे अपने बारे में बताया और कहा वह एक कॉल गर्ल का काम भी करती है। यह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई मैंने कभी सोचा भी नहीं था लेकिन जब संजना ने बताया कि उसकी मजबूरी थी इसलिए उसे यह करना पड़ा। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं संजना तुमने अपनी मजबूरी के कारण यह सब किया है तुम्हारी कोई गलती नहीं है लेकिन अब मैं संजना का साथ देना चाहता था। मैंने संजना की काफी मदद की जिससे कि वह मेरी तरफ आकर्षित हो गई जब भी वह घर पर आती तो वह मुझसे हमेशा कहती तुम बहुत ही अच्छे हो। एक दिन हम दोनों एक दूसरे को देखकर कुछ ज्यादा ही उत्तेजित होने लगे मैं अपने आपको रोक न सका मैंने उसके होंठों को चूमकर उसे अपनी बांहों में समा लिया। जब मैंने ऐसा किया तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी उसकी चूत से पानी निकल आया था वह मुझसे चूत मरवाने के लिए तैयार थी। मैंने संजना से कहा तुम अपने कपड़े उतार दो संजना ने अपने कपड़े उतार दिए जब उसने अपने कपड़े उतारे तो उसका सेक्सी और हॉट बदन मेरे सामने था। उसके बदन पर एक भी बाल नहीं था ऊपर से नीचे तक वह इतनी ज्यादा गोरी थी कि उसे देखकर में बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो उठा था। जब उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर ऊपर नीचे करना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और वह भी बड़ी खुश हो गई थी। उसने मुझे कहा मुझे तुम्हारे मोटे लंड को अपने मुंह में लेना है उसने अपने मुंह को खोलो जब उसने अपने होठों से मेरे लंड को स्पर्श किया तो उसने लंड को अंदर तक समा लिया मुझे बहुत ही अच्छा लगा। जब उसने ऐसा किया तो मैंने उसे कहा संजना तुम बड़ी कमाल की हो वह जब मेरे लंड को चूसती तो मुझे और भी अच्छा लगता।

उसने मेरे लंड से पूरी तरीके से पानी बाहर निकाल लिया था काफी देर तक ऐसा करने के बाद जब उसने मुझे कहा तुम मेरे बदन को अपना बना लो। मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू किया मैंने उसकी योनि पर अपनी जीभ का स्पर्श किया जब उसकी चूत को मैं अच्छे से चाटने लगा तो उसकी चूत से इतना अधिक पानी बाहर की तरफ निकल आया था कि वह मुझे कहने लगी अब मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही हूं और मैं अपने आपको रोक नहीं पाऊंगी। मैंने अपने लंड पर तेल लगा लिया था और उसे पूरा चिकना बना लिया संजना ने भी मेरे इसमे मदद की थी उसने मेरे लंड को इतना चिकना बना दिया कि मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया।

वह बोली तुम अपने मोटे लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दो मैंने धीरे-धीरे अब उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डालना शुरू किया। जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो वह जोर से चिल्लाते हुए कहने लगी आज तो मजा आ गया। अब धीरे धीरे मेरी गति में भी बढ़ोतरी होने लगी थी तो वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो मैंने अपने पैरों को खोल रखा है। उसने अपने पैरों को खोल दिया था जिसके बाद मैं लगातार उसे चोद रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने उसे इतनी तेजी से धक्के मारे कि वह बड़ी जोर से चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मैं तुम्हारा साथ ऐसे ही देना चाहती हूं। मैं बहुत खुश था क्योंकि संजना मेरा साथ दे रही थी मैंने उसके पैरों को खोल लिया था वह सिसकियां ले रही थी। उसकी चूत से इतना पानी निकाल आया कि मैंने उसे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह मेरा साथ बड़े अच्छे से देती कुछ देर की चूत चुदाई के बाद मेरा माल गिरा तो वह बहुत खुश थी। उसके बाद भी हम लोगों ने तीन बार सेक्स का और आनंद लिया।
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