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छोटे भाई ने कुंवारी चूत की सील तोड़ी


हैल्लो दोस्तों, में मोहिनी आज आप सभी चाहने वालों की सेवा में अपनी एक सच्ची घटना को लेकर हाजिर हुई हूँ जिसमें मैंने मेरे अपने सगे भाई के साथ मिलकर अपनी चुदाई की भूख को शांत किया और पहली बार यह काम करने के बाद हम दोनों को बड़ा मज़ा आया. उसके बाद का हमारा यह अब हर दिन का यह काम हो गया और हम दोनों ने लगातार ही चुदाई करना शुरू किया जिसकी वजह से हम खुश होकर जब भी हमें मौका मिलता यह काम करते.
दोस्तों यह घटना बहुत पुरानी है, जब में उस समय 20 साल की थी और मेरा छोटा भाई जिसका नाम मोहन है वो 18 साल का था, जब में 19 साल की थी तब हम दोनों भाई बहन ने एक धर्मशाला में चोरी छिपे एक चुदाई का खेल पहली बार अपनी आखों से देखा, जिसको देखकर हम दोनों की हालत बहुत बुरी हो गई, क्योंकि हम दोनों को इससे पहले बिल्कुल भी पता नहीं था कि यह चुदाई क्या होती है, इसको कैसे किया जाता है और इसमे कितना मज़ा आता है? उस दिन हम दोनों ने देखा कि धर्मशाला में एक चारपाई हमेशा रखी रहती थी, उसी पर एक लड़की लेटी हुई थी और उसके ऊपर एक आदमी उल्टा लेटा हुआ था और वो उस लड़की पर ऊपर से ही बड़ा जोरदार दबाव बना रहा था और वो उसको बड़ी तेज़ी से झटके भी मार रहा था, जिसको देखकर हम दोनों को बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, क्योंकि यह हम दोनों का पहला अनुभव था इसलिए हम बड़े चकित होकर अपनी आखें फाड़ फाड़कर देख रहे थे.
फिर मैंने देखा कि अचानक से वो आदमी रुक गया और उसने उस लड़के के बूब्स को अपने दोनों हाथों से सहलाना ज़ोर लगाकर दबाना शुरू किया, जिसकी वजह से उसके मुहं से सिसकियों की आवाज आने लगी. यह काम कुछ देर करने के बाद उसने दोबारा वैसे ही धक्के उसको दोबारा देने शुरू किए और उन दोनों को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उनको इस काम को करने में मेहनत तो बहुत करती पड़ी, लेकिन उनको मज़ा भी बहुत आ रहा था, इसलिए उस लड़की का चेहरा पसीने से भीगा होने के बाद भी संतुष्टि से खिल चुका था, वो बहुत खुश नजर आ रही थी, क्योंकि कुछ देर वो भी अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर उस आदमी को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया, लेकिन फिर भी उसने धक्के देना कम नहीं किया.
एक औरत ने अचानक से बीच में आकर उस आदमी को धमकाना ज़ोर ज़ोर से चिल्लाना शुरू किया. तब वो आदमी उस लड़की के ऊपर से उठ गया और उसी समय हम दोनों को उस आदमी का लंड नजर आ गया, वो उस लड़की की चूत से बाहर निकलकर बिल्कुल चिकना होकर तनकर खड़ा हुआ था. फिर उसके बाद हमे उस लड़की की चूत भी नजर आने लगी और वो लंड के बाहर निकलने के बाद भी फड़फड़ा रही थी. उससे चूत रस बहकर बाहर रिस रहा था जो जांघो तक पहुंच रहा था. अब मैंने उस तरफ से अपने ध्यान को हटाकर तुरंत ही अपने पास खड़े मोहन का लंड बाहर निकालकर देखा और पाया कि वो आकार में बहुत छोटा था और उसके आसपास बाल भी नहीं थे.
उसके बाद मैंने अपनी चूत को देखा, वहां भी बाल नहीं थे और उसी समय मैंने मोहन का लंड अपने एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ना शुरू किया. ऐसा करने से हम दोनों को बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर कुछ देर यह काम करने के बाद हम दोनों भी सभी की नजर बचाकर अपने घर आ गए और हम दोनों के कमरे में बंद होकर अकेले में एक दूसरे के लंड और चूत को बड़े ध्यान से देखकर उनके साथ खेलना शरु किया. दोस्तों उस दिन के एक साल के बाद में और मेरा भाई मोहन किसी काम की वजह से दिल्ली गये हुए थे. में लाल किला, इंडिया गेट देखना चाहती थी, इसलिए हम दोनों चल पड़े. अब में और मोहन एक लोकल बस में खड़े होकर सफर कर रहे थे, उसमे भीड़ कुछ ज्यादा ही थी इसलिए हम दोनों को बड़े धक्के लग रहे थे.
उस समय मेरे पीछे की तरफ मोहन खड़ा हुआ था और ज्यादा भीड़ होने की वजह से मोहन मेरी पीठ से एकदम चिपका हुआ था और थोड़ी ही देर के बाद मेरी गांड पर मोहन का लंड चुभने लगा और पीछे से धक्का लगने की वजह से मोहन का लंड मेरी गांड में ठीक जगह पर सेट होकर घुसने लगा था. मुझे उसके धक्के खाने में बड़ा मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ देर बाद हमारे उतरने की जगह आ गई तो हम दोनों उस बस से नीचे उतरकर लाल किले में घूमने चले गए. कुछ देर देखने घूमने के बाद मुझे बड़ी ज़ोर से पेशाब आने लगा, जिसको ज्यादा देर रोक पाना मेरे लिए बड़ा मुश्किल था इसलिए मैंने मोहन से कहा कि मुझे पेशाब करना है, में बड़ी देर से रोक रही हूँ लेकिन अब नहीं रुकता, जल्दी से कुछ करो वरना यह अब किसी भी समय निकल जाएगा.
वो मुझसे बोला कि हाँ मुझे भी पेशाब तो आ रहा है और फिर हम दोनों पास ही एक एकांत जगह पर चले गये जहाँ आसपास कोई भी हमें नजर नहीं आ रहा था उसी जगह हम दोनों ने पेशाब किया. फिर पेशाब करने के बाद हम दोनों ने वहीं कुछ दूरी पर छोटे पेड़ झाड़ियों के पीछे एक लड़का लड़की को बाहों में लिपटकर एक दूसरे को चूमते हुए देखा, उसी समय में मोहन से बोली कि तू उधर क्या ऐसे घूरकर देखता है? तब मोहन बोला कि देखो वो लड़का उस लड़की को कैसे पागलों की तरह चूम रहा है और तुम देखो उसका एक हाथ कहाँ है, दिख नहीं रहा? तो मैंने मोहन को बताया कि उस लड़के का एक हाथ उस समय लड़की की चूत पर है वो अपने हाथ से देखो उसकी चूत को सहला रहा है.
दोस्तों उस समय मोहन मेरे एकदम पास ही सटकर खड़ा हुआ था और मैंने देखा कि मोहन का लंड अब वो सभी काम देखकर धीरे धीरे खड़ा हो चुका था. फिर तुरंत ही मैंने उसके लंड को अपना एक हाथ लगाकर महसूस किया कि वो बहुत कड़क हो चुका था. अब मोहन थोड़ा चकित होकर मुझसे बोला दीदी आप यह क्या कर रही हो? तब मैंने उससे कहा कि जो वो लड़का उस लड़की के साथ कर रहा है तुम भी अब मेरे साथ ठीक वैसा ही करो, हमें बड़ा मज़ा आएगा. अब मोहन मेरे साथ एकदम चिपक गया और उसके बाद हम दोनों ने आपस में चूमना शुरू किया. उसी के साथ मोहन ने मेरी चूत पर कपड़ो के ऊपर ही अपने एक हाथ को रखकर सहलाना शुरू किया, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और हम दोनों ही मस्ती के सागर में गोते लगा रहे थे. वो मुझे चूमते हुए एक हाथ से मेरी चूत और अपने दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को दबाने के साथ साथ सहला रहा था. फिर कुछ देर बाद हम अपना काम अधूरा छोड़कर उसी शाम को वापस अपने घर आ गये. हम दोनों के चेहरे खुशी से चमक रहे थे. फिर रात को खाना खा लेने के बाद हम दोनों छत पर चले गये.
दोस्तों वो रात बड़ी काली थी इसलिए ऊपर छत पर बहुत अंधेरा था. हमें आसपास का कुछ भी नजर नहीं आ रहा था और उस मौके का फायदा उठाकर मैंने उसी समय अपने सारे कपड़े उतार दिए और झट से मोहन का एक हाथ अपने हाथ से पकड़कर अपनी छाती पर रख दिया, जिसके बाद वो मेरा इशारा समझकर तुरंत ही मेरे बूब्स को मसलने लगा. वो बहुत जोश में आ चुका था और अब मैंने उससे कहा कि वो भी अपने कपड़े उतार दे और उसने ठीक वैसा ही किया, जिसकी वजह से अब हम दोनों ही पूरे नंगे हो चुके थे और पागलों की तरह हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. अब मोहन मुझसे पूछने लगा दीदी मेरा लंड अब तन गया है, क्या अब में इसको आपकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दूँ? देखो यह कैसे तनकर झटके देकर मुझे दर्द दे रहा है जो अब मुझसे सहा नहीं जाता.
मैंने तुरंत ही उसको हाँ कह दिया और में वहीं पर नीचे अपने दोनों पैरों को पूरा खोलकर लेट गई, जिसकी वजह से उसके सामने अब मेरी गीली जोश से भरी हुई कामुक चूत पूरी तरह से खुलकर फड़फड़ाने लगी और वो मेरे ऊपर लेट गया उसने अपना लंड मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और उसके बाद उसके अपना पूरा दम लगाकर लंड को जबरदस्ती अंदर डालना शुरू किया और वो धक्के मारने लगा. दोस्तों मेरी यह पहली चुदाई और चूत एकदम कुंवारी थी, इसलिए वो बहुत टाईट होने के साथ साथ सील बंद थी, जिसमें उसका लंड कैसे अंदर जाता? लंड को अंदर डालने के लिए उसने अपना पूरा ज़ोर लगाया और उसने बड़ा तेज धक्का मारा जिसकी वजह से उसके लंड का टोपा मेरी चूत के अंदर जा पहुंचा और मेरी चूत में बड़ा तेज अजीब सा दर्द होने लगा और में अब कुछ भी बड़बड़ा रही थी, उससे में कहने लगी कि साले बहनचोद तूने आज मेरी कुंवारी चूत की सील को तोड़ दिया, देख में कितना दर्द से तड़प रही हूँ.
अब मोहन मुझसे बोल रहा था दीदी अब तुम मुझे टोको मत, चुपचाप मेरे नीचे पड़ी रहो और आज तो में तुम्हे चोदकर तुम्हारी इस चूत की प्यास को बुझा दूंगा और चूत के बाद में आज तुम्हारी गांड को भी अपना लंड डालकर ऐसे ही धक्के मारकर मस्त मज़े दूंगा, जो तुम्हे हमेशा याद रहेगा. अब में अपनी गांड को अपने एक हाथ से सहला रही थी और उसके बाद में उससे कहने लगी कि साले बहनचोद आ जा आज तू अपनी बहन की चूत को पहले अच्छे से चोद ले, ज्यादा बातें मत कर मादारचोद, पहले तू मेरी चूत को ठंडा कर और उसके बाद तू मेरी गांड में भी अपने लंड को डालकर उसके भी मज़े ले लेना. अब उस बहनचोद मोहन ने अपनी छिनाल बहन की कुंवारी चूत में अपना सनसनाता हुआ पूरा लंड अंदर डाल दिया जिसकी वजह से अब हम दोनों को बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था. फिर करीब तीस मिनट तक वो मेरी चूत को वैसे ही धक्के देकर मेरी चुदाई करता रहा.
फिर कुछ देर वैसे ही तेज दमदार धक्के देने के बाद उसके लंड ने चूत के अंदर ही अपना वीर्य निकाल दिया और मैंने भी पेशाब कर दिया, जिसकी वजह से वीर्य और मेरा पेशाब दोनों ही बहकर बाहर आने लगे. उसके बाद हम दोनों आपस में चिपक गये और मोहन मेर्रे बूब्स के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और थोड़ी देर बाद मोहन मुझसे कहने लगा कि साली मेरी रंडी दीदी आज मैंने तेरी चूत की चुदाई का मज़ा ले लिया है. अब हम जब भी अकेले होंगे तब हम भाई बहन नहीं पति-पत्नी होंगे.
अब मैंने मोहन से कहा कि हाँ ठीक है भैया आज से तुम मेरे पति हो तुम जैसा चाहोगे में वैसा ही करूंगी और फिर मोहन ने मेरे मुहं से यह बात सुनकर कुछ देर बाद दोबारा अपने लंड को खड़ा करके मेरी गांड मारी जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन मज़ा भी बहुत आया और सारी रात हम दोनों ने कई बार चुदाई के वैसे ही मज़े लिए, जिससे हम दोनों का जोश उस खेल को खेलने में पहले से ज्यादा बढ़ने लगा था, इसलिए हम लगातार चुदाई का खेल खेलने लगे और अब हम दोनों रोज रात को या दिन भी जब कभी हमे अकेले में मौका मिलता तो आपस में एक दूसरे को गरम करके मस्त चुदाई करते और हमने निरोध का इस्तेमाल कभी नहीं किया था, इसलिए एक महीने बाद जब मेरी महावारी अपने समय से नहीं आई तब में बड़ी घबरा गई और यह बात मैंने अपने भाई को बताई.
फिर दूसरे दिन मेरा भाई मोहन मुझे अपने एक बहुत पक्के दोस्त की बहन के पास ले गया वो किसी हॉस्पिटल में नर्स का काम करती थी, इसलिए उसको इन काम का बहुत अच्छा अनुभव था इसलिए उसने मेरी सफाई तो कर दी, लेकिन वो अब मुझसे पूछने लगी क्यों आजकल तुम किसके लंड से अपनी चुदाई करवा रही हो? लगता वो लंड बड़ा दमदार है देखो उसने तुम्हारी चूत को चोद चोदकर इसका क्या हाल कर दिया है दिखने में यह कोई चूत कम भोसड़ा ज्यादा नजर आ रही है.
मैंने भी मुस्कुराते हुए उससे कह दिया कि में आजकल मोहन से अपनी चुदाई करवाती हूँ. मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो बड़ी चकित होकर कहने लगी, लेकिन मोहन का लंड तो अभी बहुत छोटा होगा वो तुम्हारी चूत का ऐसा हाल कैसे कर सकता है? अब मैंने उसकी बातों से खुश होकर उसको असली चीज दिखने के लिए उसी समय मोहन को आवाज देकर अंदर बुला लिया, वो नर्स उषा जिसकी उम्र अभी 22 साल थी, उसने मोहन के अंदर आते ही तुरंत ही उसका लंड पकड़कर वो उससे बोली साले बहनचोद तूने अपनी सग़ी बहन को ही चोदकर उसको माँ बना दिया है मादरचोद तुझे अपनी इस बहन की ही चुदाई करनी थी, तो साले तुझे अपने लंड पर निरोध तो लगा लेना चाहिए था, उसके बाद तुम दोनों की जो मर्जी पड़े तुम वही सब करते, तुम्हे मना करने वाला देखने वाला कौन था? अब मोहन उससे बोला कि बहन जी बस यही हम दोनों से एक बहुत बड़ी ग़लती हो गई, वैसे यह सब हमारी नासमझी और नादानी की वजह से हुआ, क्योंकि मेरा चोदना और मेरी दीदी का मुझसे चुदवाना सब कुछ पहली बार था और उसके मज़े में हम इतने खो गए कि हमने आगे आने वाली इस मुसीबत के बारे में इतना कुछ नहीं सोचा था.
उषा थोड़ा गुस्से में उससे बोली कि साले तू मुझे बहन कहता है और मेरी चूत को एक बार भी हाथ नहीं लगता बहनचोद अब तू मेरी चूत को भी चोद मुझे भी तेरे इस लंड की ताकत यह जोश दिखा. मुझे भी तो चले तू बस बातें ही करता है या काम भी अच्छा कर सकता है और फिर उषा दीदी ने हम दोनों को उसी दिन वहीं पर सिखाया और समझाया कि एक सुरक्षित चुदाई कैसे की जाती है? हम उनसे वो सभी बातें सीखकर अपना काम खत्म होने के बाद वापस अपने घर चले आए.
फिर एक दिन उषा दीदी ने हम दोनों को अपने घर बुला लिया और जब हम उनके घर पहुंचे तब वो अपने घर में बिल्कुल अकेली थी. हम दोनों को अपने घर के अंदर लेते ही उन्होंने दरवाजा बंद किया और उसी समय उसने मेरे भाई मोहन का लंड अपने एक हाथ में पकड़कर उससे कहा कि चल आज तू मुझे अपने इस लंड के जलवे दिखा, इतना कहकर पहले उन्होंने तुरंत नीचे बैठकर लंड को पेंट से बाहर निकालकर उसको चूसकर खड़ा किया. उसके बाद अपने कपड़ो के साथ साथ मोहन को भी पूरा नंगा करके चुदाई का खेल खेलना शुरू किया, वो झट से लंड के खड़े होते ही नीचे लेट गई और मोहन को अपने ऊपर लेकर लंड को अपने एक हाथ से पकड़कर चूत के मुहं पर सेट किया.
फिर मोहन भी फिर क्यों पीछे हटता, उसने एक ही जोरदार धक्का देकर अपना पूरा लंड चूत की गहराइयों में डालकर तेज धक्के देने शुरू किए. अब वो मेरे सामने ही मोहन से अपनी चूत की चुदाई करवाने लगी. फिर में कुछ देर देखने के बाद कमरे से बाहर आ गई, लेकिन तभी उषा दीदी का भाई जिसका नाम दीपक था, जिसकी उम्र करीब 19 साल थी वो अचानक जाने कहाँ से आ गया और उसने अपनी उषा दीदी को मोहन के लंड से से चुदाई के मज़े लेते हुए देख लिया. फिर कुछ देर उनका वो खेल अपनी चकित आखों से देखने के बाद उसका लंड भी तनकर खड़ा हो गया. शायद अब उसका भी मन चुदाई करने का होने लगा था. में उसके मन की बात को तुरंत समझ गई, इसलिए मैंने उसको झट से पकड़ लिया और में उसको अपने साथ दूसरे कमरे में लेकर चली गई. वहां पर मैंने दीपक से अपनी चूत को चुदवाने का काम किया.
दोस्तों मुझे दीपक के साथ चुदाई करवाने में भी बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि उसका लंड मेरे भाई के लंड से आकार में लंबा होने के साथ साथ मोटा भी था और वो मुझे बहुत जोश में आकर तेज धक्के देता हुआ चोद रहा था, जिसकी वजह से में एक बार झड़ भी चुकी थी, लेकिन उसका जोश अब भी वैसा ही था. फिर कुछ देर धक्के देने के बाद वो भी झड़ गया और उसने तुरंत ही अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकालकर अपना पूरा वीर्य मेरे बदन पर निकाल दिया. उसके बाद भी वो मेरे बूब्स को दबाकर उसका रस निचोड़कर मेरी गीली चूत में अपनी एक उगली को डालकर कुछ टटोल रहा था. में वैसे ही अपनी दोनों आखों को बंद करके उसके सामने लेटी रही. तभी उसी समय वहां पर उषा दीदी आ गई और वो अब भी नंगी ही थी. उसने साथ मोहन भी था और उसने भी कपड़े नहीं पहने थे. अब उषा दीदी हंसती हुई अपने भाई से कहने लगी कि वाह साले दीपक बहनचोद, मोहन ने आज तेरी बहन की चूत को चोदा तो तूने भी मोहन की बहन को भी चोद डाला, क्या तेरा मेरी चुदाई करके मन नहीं भरा जो तू इसकी चूत के भी पीछे पड़ गया.
दोस्तों उस समय उस एक कमरे में हम चारो बहन भाई एकदम नंगे खड़े थे और फिर दीपक ने अपनी बहन उषा दीदी को भी पकड़कर हमारे सामने चोदना शुरू किया. हम दोनों भाई बहन खड़े खड़े उनका तमाशा देखने लगे. फिर कुछ देर बाद उषा दीदी मुझसे कहने लगी कि यह दीपक तो पक्का बहनचोद है यह पिछले चार सालो से मेरी चूत को चोद रहा है, क्योंकि इस घर के अंदर हम दोनों भाई, बहन के अलावा और कोई नहीं रहता इसलिए दीपक और में चार सालो से घर के अंदर हमेशा पूरे नंगे ही रहते है हम दोनों साथ में नहाते है और रात दिन एक ही बेड पर नंगे ही एक दूसरे से चिपककर सोते है और हर रात को जब तक दीपक मेरे बूब्स को नहीं पी लेता और अपने लंड से दो बार मेरी चूत की जमकर चुदाई नहीं कर लेता तब तक हम दोनों को नींद नहीं आती. दोस्तों हम दोनों को यह बातें बताते हुए ही उन दोनों ने अपनी चुदाई का काम खत्म किया और तब तक हम दोनों भी दोबारा जोश में आ चुके थे. मैंने नीचे बैठकर अब मोहन का लंड अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया और कुछ देर चूसने के बाद उसने मेरी चूत पर चड़ाई करने का विचार बनाकर मुझे अपने सामने घोड़ी बनाकर एक ही जोरदार धक्के के साथ पूरा लंड अंदर डालकर मुझे जोश में आकर तेज धक्के देकर चोदना शुरू किया.
फिर उसी समय दीपक ने भी अपनी जगह बनाकर मेरे नीचे घुसकर मेरे बड़े आकार के झूलते हुए बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसना दबाना शुरू किया और उषा दीदी ने नीचे लेटे हुए अपने भाई के लंड को अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसना शुरू किया. हम चारों को देखकर लग रहा था कि जैसे हम सब एक ही डोर में बंधे हुए है और जैसे जैसे हम झड़ते गए अलग होते चले गए और हम सभी के चेहरे ख़ुशी और संतुष्टि से चमक उठे थे और उस दिन के बाद हम चारों वैसे ही चुदाई करने लगे थे. कभी लंड पर निरोध लगाकर तो कभी बिना निरोध से हमने चुदाई के बड़े मज़े लिए और जब मेरी महावारी रुक जाती तो उषा दीदी मुझे अपने पास से कोई दवाई दे देती, जिसकी वजह से मेरी वो समस्या खत्म हो जाती और उसके बाद हम दोबारा उसी खेल में लग जाते. ऐसा करने में हम सभी को बड़ा मज़ा आने लगा था. वैसे भी कौन हमे रोकने वाला था. फिर कुछ महीनों के बाद मेरी शादी हो गई और उसके बाद फिर मोहन की भी शादी हो गई. आज में 48 साल की हूँ और मोहन भी 46 साल का है, लेकिन अब भी जब कभी हमे मौका मिलता है तो हम दोनों भाई बहन चुदाई करके अपनी चूत और लंड की प्यास को ठंडा करते हुए अपने वो पुराने दिनों को याद करते हुए मन ही मन बहुत खुश होते है. हमारे इस दूसरे रिश्ते के बारे में हम दोनों के अलावा घर में किसी को कुछ भी पता अभी तक भी नहीं है.
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बबिता की कुँवारी चूत की सीलतोड़ चुदाई


हैल्लो दोस्तों, में सबसे पहले आप सभी  को अपने बारे में बता देता हूँ. दोस्तों मेरा नाम राज है और में पिछले कुछ सालों से आप सभी लोगों की तरह सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेता आ रहा हूँ और मैंने अब तक बहुत सारी कहानियों के मज़े लिए.
वो सभी मुझे बहुत अच्छी लगी और दोस्तों मेरी तरह ही हर जवान दिल की मन की इच्छा होती है कि काश मुझे कोई गोरी सुंदर, बड़े बड़े बूब्स वाली लड़की जिसकी कुँवारी चूत हो वो बस एक बार मिल जाए तो बस मज़ा ही आ जाए और उसकी चुदाई करके मन खुश हो जाए ठीक वैसी ही मेरी भी मन की इच्छा थी, लेकिन में हमेशा चुप ही रहता और में ज्यादा कुछ बोलता नहीं था, लेकिन पिछले दो सालो से में पहले से अब बहुत ज्यादा बदल गया था और फिर जब में अपने मामा के घर पर कुछ दिन रहने घूमने फिरने गया तब मेरे साथ कुछ ऐसी घटना घटी जिसको आज में आप सभी को सुनाना चाहता हूँ.
दोस्तों मेरे अंकल कानपुर में रहते है, इसलिए में उनके घर पर अपनी कुछ दिनों की छुट्टियाँ बिताने चला गया, वहीं मेरे अंकल के पड़ोस में एक बहुत ही सुंदर गोरी मस्त सेक्सी लड़की रहती थी, जिसका नाम बबिता था और उस समय उसकी उम्र कम से कम 20 साल की रही होगी. उसके फिगर का आकार उस समय 30-26-28 रहा होगा.
दोस्तों उससे पहले भी जब में कभी भी अपने मामा के यहाँ पर जाता था तो में उस लड़की की उस चढ़ती मस्त जवानी को देखकर हमेशा बहुत चकित होकर सोच में पड़ जाता था और में मन ही मन में सोचता रहता कि काश मुझे एक बार उसकी कुंवारी चूत की सेवा करने का मौका मिल जाए. में उसकी बहुत मन लगाकर सेवा करूंगा और में हमेशा ही उसकी चुदाई के सपने देखा करता था. मुझे उसको एक बार अपना जरुर बनाना था.
दोस्तों वैसे तो मेरा या उसका मेरे मामा के घर पर आना जाना बहुत कम ही था, लेकिन फिर भी जब वो मुझे मिलती या मेरी तरफ देखती तब मुझे उसकी आखों में एक अजीब सी चमक नजर आती जिसको देखकर मुझे हमेशा ऐसा लगता था कि जैसे उसके मन में भी मेरे लिए कुछ ऐसा ही चल रहा है और जैसा में उसके साथ करना चाहता हूँ, लेकिन शायद उसकी मुझे यह अपने मन की बात कहने की हिम्मत नहीं हो रही है, इसलिए वो बस मुझे देखकर मेरी तरफ मुस्कुराने लगती और में उसकी मुस्कुराहट को देखकर उसकी तरफ झुका चला जाता.
मेरे मन में उसको अपना बनाने के लिए और भी इच्छा होने लगती. अब वो जब भी मुझसे मिलती या में उसको देखता हम दोनों बहुत देर तक एक ही जगह पर चिपक जाते और मेरा दिन उसको देखे बिना गुजरता ही नहीं था. मेरी उसको देखने की इच्छा हमेशा मेरे मन में रहती.
फिर एक दिन की बात है तब में घर के दरवाजे पर खड़ा हुआ था और उस समय वो लड़की बबिता भी अपने घर के दरवाजे पर खड़ी हुई थी और वो भी मुझे कुछ देर देखती रही.
फिर उसके बाद वो मुझसे कुछ इशारो में बोल रही थी वो बार बार मुझे देखकर हंस भी रही थी, तो में तुरंत उसका वो इशारा समझ गया कि वो अब मुझे अपनी तरफ से लाईन दे रही है जिसकी वजह से में बड़ा खुश था और अब मैंने तभी इशारे से उससे पूछा कि किया हुआ? तब उसने भी अपनी तरफ से मुझे इशारे में जवाब देकर कहा कि कुछ नहीं और फिर हम दोनों बहुत देर तक वहीं दरवाजे पर खड़े खड़े एक दूसरे की तरफ देखते रहे.
तभी अचानक से उसने मुझे एक इशारा किया जिसको देखकर में एकदम हैरान हो गया और उसने अपने उस इशारे से मुझे ऊपर छत पर आने के लिए कहा और फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि आज तो मुन्ना तेरी ज़िंदगी बन गई. में बहुत खुश हुआ और मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था. फिर में जल्दी से ऊपर छत पर चला गया और मैंने देखा कि वहां पर वो मुझसे पहले ही पहुंच चुकी थी. में उसको देखकर उसकी तरफ मुस्कुरा दिया और वो भी मेरी तरफ हंस पड़ी. दोस्तों पहले तो में उससे बस इशारो में ही बातें कर रहा था, क्योंकि उस समय हम दोनों अपनी अपनी छत पर खड़े हुए थे, लेकिन जब मुझे लगा कि हमारे आसपास कोई भी नहीं है तो में सही मौका देखकर उसके घर की दीवार कूदकर उसके घर की छत पर चला गया.
अब मैंने देखा कि वो मेरे उसकी छत पर इस तरह से कूदकर आ जाने की वजह से कुछ घबरा रही थी, लेकिन में बहुत उतावला हो चुका था इसलिए मुझे किसी से कोई भी मतलब नहीं था. फिर कुछ देर बाद उससे मुझे पता चला कि आज उसके घर में कोई भी नहीं था बस उसकी एक दादी थी जो कभी भी ऊपर छत पर नहीं आती और वो हमेशा नीचे ही रहती है. दोस्तों में इस बात को सोचकर बड़ा खुश था कि आज बबिता के घर में कोई नहीं था और उनकी छत पर ऊपर बस एक रूम बना हुआ था, जिसमें उसके भाई और भाभी रहती है, लेकिन वो कमरा भी आज खाली पड़ा हुआ था.
अब में उससे कुछ देर इधर उधर की बातें करता रहा और हम दोनों को बातें करते करते शाम से रात भी हो गई मुझे इस बात का पता ही नहीं चला और वो सब कुछ इतना जल्दी जल्दी हो रहा था कि मुझे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूं और क्या ना करूं? क्योंकि वो मुझे एक ऐसा मौका मिला था कि आज में उसकी कुंवारी चूत के बहुत अच्छी तरह से मज़े भी ले सकता था.
में वो बातें सोचकर बस बहुत बेचैन था कि जल्द से जल्द मुझे उसकी चूत मिल जाए. दोस्तों पहले तो में उसके साथ बहुत ही शराफ़त भरी बातें हंसी मजाक करने लगा फिर मैंने उसको ध्यान से देखा कि वो बार बार अपनी आखों को इस तरह से बंद कर रही थी जैसे कि उसको किसी चीज़ की तड़प हो रही थी. दोस्तों शायद वो तड़प उसको मेरे लंड की हो रही थी.
मैंने उसका इशारा समझकर अब उससे कुछ अलग किस्म की बातें मतलब कि सेक्स से जुड़ी हुई बातें करना शुरू कर दिया था और वो भी बड़े मज़े से मेरी बातें सुनने लगी थी. जिनको सुनकर वो बड़ी खुश थी तभी में तुरंत समझ गया कि आज तो मेरे मन की सभी इच्छाए पूरी हो जाएगी और यह बात मन ही मन सोचकर मेरी ख़ुशी का अब कोई ठिकाना ना रहा और बस कुछ देर बातें करने के बाद वो भी अब बिल्कुल खामोश हो गई और में भी चुपचाप उसको देखने लगा था.
मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तब भी वो खामोश ही रही और अब में उसके पास गया और मैंने अब उससे पूछा कि क्या हुआ? लेकिन वो फिर भी कुछ नहीं बोली तब मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और मैंने उसका चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ा और तुरंत में उसके होंठो को चूमने लगा जैसा में कभी किसी फिल्म में लड़का लड़की को चूमते हुए देखा करता था और में भी उसके साथ ठीक वैसे ही किस करता रहा और वो तो अब भी बस चुप ही थी और वो कुछ भी नहीं कर रही थी, लेकिन मुझे उसकी उस खामोशी से ही पता चल गया था कि उसकी तरफ से मेरे साथ आज पहली चुदाई के लिए हाँ है और में फिर उसके बूब्स को दबाने लगा, जिसकी वजह से उसके मुहं से अब अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़ ह्म्‍म्म्ममम ऑश प्लीज आराम से करो बार बार निकल रही थी, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था?
उसी समय में उसको उसके भाई के रूम में ले गया और वहां पर जाकर मैंने सबसे पहले उसके कपड़े एक एक करके जल्दी से उतारने शुरू किए तब पहली बार इतना पास से उसके बूब्स को देखाकर तो मेरे होश ही गुम हो गए, क्योंकि वो बाहर से कुछ और अंदर से कुछ और थी में तो बस उन्हे देखकर ही पागल हो गया और अब में उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने मसलने लगा था.
वो दर्द और मज़े की वजह से लगातार सिसकियाँ भरती रही और फिर मैंने कुछ देर बाद अपने भी कपड़े उतारने शुरू किए, लेकिन तभी उसने मुझसे कहा कि नहीं प्लीज तुम मेरे साथ ऐसा कुछ भी मत करो अब मुझे जाने दो, लेकिन में समझ गया कि अब यह बस ऐसे ही मुझे अपने नखरे दिखा रही है, लेकिन में अब उसके कहने पर कहाँ रुकता.
जैसे ही वो दोबारा मुझसे कुछ शब्द बोलती तो में उसके होंठो को चूमने लगता. फिर वो भी कुछ देर बाद जोश में आ जाती तो फिर से में अपना काम शुरू कर देता और फिर जब मैंने अपने कपड़े पूरी तरह उतार दिए वो और अब हम दोनों एक दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे थे.
फिर उसने मेरे लंड को देखा और उसको देखकर वो बड़ी गहरी सोच में पड़ गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि ऊहह दैया इतना बड़ा लंड है आपका में तो मर ही जाउंगी इससे मुझे बहुत दर्द होगा. अब मैंने उसको समझाते हुए उससे कहा कि पहले पहले तुम्हे थोड़ा सा दर्द जरुर होगा, लेकिन फिर उसके बाद में तुम्हे भी मेरे साथ मेरी तरह बड़ा मज़ा आने लगेगा.
दोस्तों क्योंकि मेरा लंड लम्बाई में पांच इंच का है इसलिए वो उसकी मोटाई को देखकर डर गई थी, क्योंकि यह उसकी पहली चुदाई थी जो मेरे मोटे लंड होने वाली थी. उसके बारे में सोचकर शायद उसको पसीना भी अब आने लगा था.
अब में उसकी चूत को पहले तो अपने हाथ से सहलाने लगा, जिसकी वजह से वो धीरे धीरे बहुत गरम होने लगी थी और फिर कुछ देर बाद में अपनी उंगली को उसकी चूत में करने लगा था. तब मुझे पता चला कि उसकी चूत के अंदर लंड जाने का रास्ता बहुत छोटा है. अब मेरे उसकी चूत में ऊँगली करने की वजह से वो बहुत गरम हो जाए यह बात सोचकर में अपने काम में लगा रहा और उसकी चूत मेरा लंड अपने आप मुझसे मांगने लगे और मुझे उसकी चुदाई में वो मज़ा आए जो में उससे उम्मीद कर रहा था.
तभी अचानक से मैंने उसके मुहं से वो सेक्सी जोश भरी आवाजे सुनकर अपनी उंगली को उसकी चूत में अंदर बाहर करने की रफ़्तार को पहले से कुछ ज्यादा बढ़ा दिया, जिसकी वजह से वो अब बिल्कुल बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी और उसके मुहं से ज़ोर ज़ोर से सिसकियों की आवाज़े आने लगी थी.
मैंने मन ही मन में सोचा कि उसकी इस कुंवारी छोटी सी चूत में मेरा इतना बड़ा लंड कैसे जाएगा, क्योंकि उसको मेरी ऊँगली से ही इतना जब दर्द है तो वो मेरा मोटा लंबा लंड लेने के बाद तो मर ही जाएगी और उसकी चूत फट जाएगी. उसको यह दर्द सहना बड़ा मुश्किल होगा. फिर उसी समय अचानक से मेरी नज़र पास में रखे बालों में लगाने वाले तेल पर पड़ी और उसको देखकर मेरे मन में एक विचार आ गया.
उसके बाद मैंने उस बोतल से बहुत सारा तेल अपने हाथ में लिया और पहले तो मैंने उसकी चूत पर वो तेल लगाया और फिर अपने लंड पर भी मैंने बहुत सारा तेल लगाकर दोनों को एकदम चिकना कर दिया और फिर अपने लंड से मैंने उसकी चूत का सेंटर से सेंटर मिलाकर पहले तो मैंने हल्का सा झटका मारा तो वो दर्द से चिल्ला उठी आइईईई ऊईईईईइ माँ में मर गई आह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा सा आराम से करो.
अब में उसका वो दर्द देखकर उसी समय रुक गया और फिर में उसके होंठो को चूमने लगा कुछ देर रुककर जब मुझे महसूस हुआ कि उसका दर्द अब पहले से कम हो गया है तब एक बार फिर से मैंने सेंटर से सेंटर मिलाया और फिर से मैंने एक ज़ोर का झटका दे दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड उसकी चूत में कुछ इंच तो अंदर चला गया, लेकिन उसको अब बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन अब में तो उसका दर्द देखकर वहीं पर रुक गया और मैंने अपने लंड को उसकी चूत में कुछ देर के लिए उसी एक जगह पर रोक दिया और कुछ देर रुकने के बाद मैंने फिर से एक झटका दे दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड करीब दो इंच अब उसकी चूत में चला गया और अब मुझसे नहीं रुका गया और मैंने एक ज़ोर का धक्का दोबारा लगा दिया उस वजह से वो ज़ोर से चिल्ला पड़ी आाईईईईईई माँ में मर गई आआह्ह्ह् ऊऊऊऊह्ह्ह्ह मुझे मार डाला आपने मुझे बहुत दर्द हो रहा है आप इसको अभी वापस बाहर निकाल लो.
फिर मैंने उससे कहा कि अभी कुछ देर बाद तुम्हे भी मेरे साथ मज़ा आने लगेगा उसके बाद तुम अपना यह सभी दुःख दर्द हमेशा के लिए भूल जाओगी. अब में धीरे धीरे धक्के देते हुए उसके बूब्स को सहलाने लगा, जिसकी वजह से कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि अब उसको भी मज़ा आने लगा था,.
लेकिन दोस्तों मेरा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा था तो अंदर और बाहर करने और उसको धक्के मारने की वजह से मेरा डर बढ़ता जा रहा था, लेकिन में अब ज्यादा देर रुक भी नहीं सकता था और मुझे किसी की कोई भी परवा नहीं थी, इसलिए में यह बात सोचकर अब ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो दर्द से चिल्ला रही थी. वो हर बार मुझसे बोलती रही कि प्लीज रूको मुझे दर्द हो रहा है प्लीज रूको, लेकिन में नहीं रुका. फिर वो भी खामोश हो गई और अब उसको भी मज़ा आने लगा था और वो मुझे अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी थी. वो पूरी तरह से मेरा लंड बड़े मज़े से ले रही थी. में अपनी पूरी ताक़त से उसको धक्के मार रहा था.
फिर बस वो तो अपनी दोनों आखों को बंद करके आह्ह्ह्ह उहह्ह्ह्ह आइईईई उफफफ्फ़ करे जा रही थी. में बार बार उसके होंठो के चूमता रहा और उसके होंठ कुछ ज्यादा ही नरम थे, इसलिए में बार बार उनको पेप्सी समझकर पीता रहा. वो बहुत रसीले थे और मैंने उसके दोनों होंठो को चूमकर चूसकर एकदम लाल कर दिया था और अब मैंने मन ही मन में सोचा कि क्यों ना अब फिल्मी अंदाज़ में उसकी चूत मारी जाए और यह बात सोचकर मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लिया.
और अब मैंने उसको अपने सामने घोड़ी बना दिया और मैंने पीछे से उसकी चूत में अपना पांच लंबा लंड जब अंदर डाला तो बस उसकी वजह से उसकी अब हालत तो ऐसी हो गई थी जैसे कि वो उस दर्द की वजह से अभी मर ही जाएगी, क्योंकि मेरे लंड का आकार कुछ ज्यादा ही बड़ा था और उसकी चूत कुंवारी थी, जिसमें कभी ऊँगली तक भी अंदर नहीं गई थी इसलिए उसको तो उस दर्द को बर्दाश्त करना कुछ ज्यादा ही मुश्किल हो रहा था, लेकिन वो लड़की इतनी हिम्मत वाली थी वो इतना दर्द होने के बाद भी अब मुझसे कुछ भी नहीं बोल रही थी.
अब मैंने उसको अपने घोड़ी की तरफ बैठे हुए उसकी कमर को पकड़कर अपनी तरफ से जोरदार धक्के देना शुरू किए और में जोश में आकर पहले से ज़ोर और ज़ोर से धक्के देने लगा था और उसकी कमर पर मेरी पकड़ कुछ मस्त थी, इसलिए मुझे उसको धक्के देने में कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था. में जब तक धक्के दे रहा था तभी मैंने सोचा कि अब किसी और तरह से इसकी चूत मारी जाए और यह बात सोचकर अब में बेड पेर लेट गया और मैंने अपने लंडा को सीधा खड़ा किया और फिर उससे कहा कि अब तुम मेरे ऊपर आकर लंड पर बैठ जाओ.
फिर वो बहुत आराम से उठी और जैसा मैंने उसको करने के लिए कहा था, वो वैसा ही करने लगी थी और उसने मेरे लंड पर बैठकर उसको अपनी चूत में पूरा अंदर तक लेकर उस पर सवारी करना शुरू कर दिया था. दोस्तों मुझे पहले से ही पता था कि इस तरह से चूत में लंड को धक्के मारने का मज़ा ही कुछ और होगा, क्योंकि इस तरह से चुदाई करने में लड़की की पूरी जान निकल जाती है और जब पूरा लंड उसकी चूत के अंदर जाता है तब उसको दर्द के अलावा कुछ भी नजर नहीं आता और वैसा ही हाल थी उसका भी हुआ.
दोस्तों पहले तो वो मेरे लंड पर धीरे धीरे से बैठती चली गई तब उसके मुहं से दर्द की वजह से आईईईइ आश उफफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकल गई, लेकिन फिर भी उसने धीरे धीरे करके मेरा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर ले लिया, तो में उसकी हिम्मत और जोश को देखकर बड़ा चकित रह गया और उसके बाद वो कुछ देर वैसे ही रुकी रही और मैंने भी उसको अपनी तरफ से धक्के नहीं दिए.
फिर अचानक से कुछ देर बाद वो खुद ही अब ऊपर नीचे होकर धक्के देने लगी थी. उसके ऐसा करने की वजह से मुझे और भी ज्यादा मज़ा आने लगा था और में भी नीचे से उसको अपनी तरफ से धक्के देकर उसका साथ देने लगा था. मेरे साथ साथ अब वो भी धक्के दे रही थी और में भी हम दोनों उस समय बहुत जोश में थे, इसलिए उसको भी मेरे साथ मज़ा आ रहा था.
फिर मुझे कुछ देर धक्के देने के बाद अब लगने लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ तब मैंने यह बात सोचकर अब उसकी गीली जोश से भरी चूत में और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए थे और जैसे ही में झड़ने वाला था. मैंने उसको तुरंत उसी समय पकड़कर नीचे लेटा दिया और उसके बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर में उसके ऊपर चड़कर बैठ गया और मैंने उसके बूब्स के ऊपर झड़ते हुए अपना वीर्य उसकी छाती पर निकाल दिया, जिसकी वजह से उसके दोनों बूब्स मेरे गरम चिकने वीर्य से पूरे सफेद होकर ढक गए थे और वो वीर्य बहुत ज्यादा था, इसलिए वो अब बहकर उसके गोरे मुलायम पेट तक भी बहकर आ गया और फिर में पूरा वीर्य बाहर निकालने के बाद उस दमदार चुदाई की वजह से थककर अब उसके पास में लेट गया.
फिर मैंने देखा कि उसने अब उठकर अपनी पूरी छाती को एक कपड़ा लेकर अच्छी तरह से उसको साफ किया. वो ऐसा करते हुए मेरे लंड की तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी, जिसका मतलब बिल्कुल साफ था कि वो मेरी उस चुदाई की वजह से पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी. उसको मेरे साथ पहली बार ऐसा करने पर बड़ा मज़ा आया और फिर वो भी मेरे ही पास में लेट गई.
मैंने उसके गोरे सेक्सी गदराए बदन पर अपना हाथ फेरना शुरू किया. में लगातार उसको सहलाता और उसके निप्पल को मसलता रहा और हम दोनों उस चुदाई को खत्म करने के बाद भी करीब तीस मिनट तक वैसे ही पूरे नंगे एक दूसरे से चिपककर आराम से लेटे रहे. फिर में उठ गया और मैंने एक बार फिर से उसके होंठो को चूमना शुरू कर दिया था.
में चूमने के साथ साथ उसके गोल गोल बूब्स को भी अपने हाथ से सहला रहा था और बहुत देर तक चूमने के बाद में अब उसके ऊपर से हट गया और फिर मैंने अब अपने कपड़े पहनने शुरू किए. वैसे भी हम दोनों को साथ में रहते हुए बहुत समय हो चुका था और अब उसके भी भाई के ऑफिस से वापस आने का समय हो गया था, इसलिए वो भी अब जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी और अब वो मुझसे पूछने लगी कि आप वापस कब जा रहे है?
तब मैंने उससे कहा कि में तुम्हारे साथ दो या चार बार ऐसे ही मज़े लेने के बाद ही अब वापस जाऊंगा. फिर वो मुझसे कहने लगी कि पता नहीं फिर हमें ऐसा मौका कब मिलेगा, जिसका फायदा उठाकर हम दोनों दोबारा ऐसे मस्त मज़े ले सकेंगे? तो मैंने उससे कहा कि कल फिर जब तुम्हारे भैया उनके ऑफिस चले जायेंगे तब तुम मुझे ऊपर दोबारा मिलना. हम दोनों दोबारा से यह ऐसे मज़े कर लेंगे.
फिर वो मुझसे कहने लगी कि हाँ ठीक है, लेकिन तुम कल दो बजे ही आना वरना मेरी दादी को मेरे ऊपर शक सा हो जाएगा, क्योंकि दोपहर के समय घर के सभी लोग सो जाते है और उस समय छत पर कोई भी नहीं रहता और में तुम्हारे साथ ऊपर आ जाउंगी.
मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है मुझे उसमे कोई भी आपत्ति नहीं है तुम मुझे जब भी कहोगी में चला आऊंगा और उससे यह बात कहकर में अपनी छत पर से नीचे उतरकर अपने कमरे में आ गया और फिर मैंने उसको तीन दिन तक हर रोज़ बड़े मज़े से चोदा और वो भी मेरी चुदाई से खुश होकर मुझसे खुशी खुशी अपनी चूत की चुदाई करवाती रही. इस तरह मैंने उसके साथ चुदाई करके वो पूरे मज़े लिए जिसमें उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और वो मेरी चुदाई से हर बार बहुत खुश और पूरी तरह से संतुष्ट हुई.
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सेक्सी नर्स की सील तोड़कर चूत फाड़ी


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और में पंजाब का रहने वाला हूँ. में आज आप सभी के साथ अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव बाँटना चाहता हूँ जो आज से करीब एक साल पहले का है, मुझे शुरू से ही चेटिंग करने का बहुत शौक था और वो रविवार का दिन था और में उस समय भी चेट कर रहा था. तभी एक लड़की जिसका मैल आईडी रानी के नाम पर था मुझसे ग़लती से रानी की जगह ही रीना लिखने में आ गया और फिर में एकदम आशचर्यचकित हो गया क्योंकि मुझे उसी मैल आई डी से मैल आया और उसने मुझसे पूछा कि तुम्हे कैसे याद कि मेरा नाम रीना है?
तब मैंने उससे कहा कि मुझसे तो बस ग़लती से लिखने में आ गया, लेकिन वो तब भी नहीं मानी और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसका मोबाईल नंबर माँगा, लेकिन वो मुझे अपना मोबाईल नंबर भी नहीं दे रही थी, लेकिन फिर मैंने उसको अपनी बातों में फंसाया तब जाकर मेरे कहने पर उसने मेरे फोन नंबर पर एक मिस्ड कॉल किया, लेकिन फिर मैंने देखा तो वो किसी ऑफिस का फोन नंबर है और उसको देखकर मेरा मन थोड़ा उदास हो गया. फिर उसने मुझे बताया कि वो रहने वाली तो वैसे चंडीगढ़ की है, लेकिन पेशे से एक नर्स है और वो हिमाचल के किसी हॉस्पिटल में काम करती है, उसके बाद हमारी तीन महीने तक बात होती रही.
फिर मैंने कई बार उससे सेक्स के बारे में भी बहुत बार बातें करना चाहा, लेकिन वो हमेशा मुझसे ना कर देती तो मैंने अब उससे बातें करना बंद कर दिया और उसके बाद एक दिन उसका मेरे पास कॉल आया और तब उसने मुझसे कहा कि वो इस रविवार को चंडीगढ़ आ रही है. अब में उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम खुश हो गया.
उसके बाद हमने तय किया कि हम दोनों एक फिल्म देखने जाएगें और उसने भी हाँ कर दिया और उसके बाद हम दोनों मिलने के बाद पास ही के एक थियेटर में फिल्म देखने चले गये. वहां पर धूम-2 फिल्म लगी हुई थी और उस फिल्म को लगे हुए बहुत दिन हो चुके थे इसलिए वहां पर लोग कुछ कम ही थे. फिर कुछ देर बाद फिल्म शुरू हो गई, लेकिन मेरे अंदर तो दूसरी आग लगी हुई थी. अब मैंने कुछ देर बाद सही मौका देखकर उससे कहा कि तुम मुझे एक किस करो, तब उसने मुझसे ऐसा करने के लिए साफ मना कर दिया और वो मुझसे कहने लगी याद रहे यह हमारी पहली और आखरी मीटिंग है और वो उस समय टी-शर्ट में थी.
अब मैंने उसके चेहरे को जबरदस्ती अपनी तरफ किया और में उसको किस करने लगा और मैंने हाथ को उसकी छाती की तरफ सरका दिए और उसके बाद वही हुआ जिसकी मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी और में बहुत चकित था, क्योंकि अब उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा. फिर मैंने उसकी चूत पर अपनी उंगली रखी और में धीरे धीरे अंदर की तरफ दबाने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और फिर मैंने धीरे से उसकी पेंट की चेन को खोल दिया और फिर उसकी पेंटी में से अपने हाथ को डालकर मैंने उसके छेद में डाल दिया. में अपनी ऊँगली करने लगा और तब भी उसने मुझसे कुछ ना कहा और मैंने वो काम करते हुए मेरी पेंट की चेन को भी खोल दिया और अब वो मेरा लंड बाहर निकालने लगी, लेकिन उससे ठीक तरह से यह काम नहीं हो पा रहा था, इसलिए मैंने खुद ही अपने लंड को बाहर निकाल दिया और फिर में उसकी चूत में अपनी उंगली को अंदर बाहर करने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से मेरी मुठ मारने लगी.
अब हम दोनों जोश में आकर बिल्कुल पागल हुए जा रहे थे, लेकिन अफ़सोस हम दोनों उस समय उस जगह पर इससे ज्यादा और कुछ भी नहीं कर सकते थे, इसलिए उस पूरी फिल्म में हमारे बीच बस यही सब चलता रहा और वो मेरे साथ कुछ घंटे बिताकर अपने घर चली गयी, लेकिन ना उसकी आग बुझी ना मेरी, जिसकी वजह से हम दोनों अब पहले से ज्यादा पागल हो चुके थे.
फिर मार्च का महिना शुरू हुआ और मैंने कुछ दिनों तक उससे लगातार बातें करने के बाद अब उससे मिलने के लिए कहा और तब उसने मुझसे कहा कि वो अब दोबारा चंडीगढ़ नहीं आ सकती है और तभी मैंने उससे कहा कि रीना चलो फिर हम दोनों इस शनिवार की रात को शिमला चलते है. फिर वो तुरंत मान गयी और में यहाँ से उससे बात करके बस में बैठ गया, वो मुझे रास्ते में मिल गयी और फिर रास्ते में हमारी किसी बात पर लड़ाई हो गयी.
फिर हमने शिमला पहुंचकर एक होटल में रूम ले लिया और वो अपने साथ में एक बेग भी लेकर आई थी जिससे देखने वालों को लगे कि हम एक दूसरे से परिचित है इसलिए हमें कहीं भी कोई भी ज्यादा समस्या नहीं हुई और वहां पर पहुंचकर 11 बजे तक हम दोनों ने खाना खा लिया और उसके बाद लाइट को बंद किया. में तब उससे नाराज़ था इसलिए वो मुझे मनाने लगी थी और उसने तब मुझे पहले अपनी बाहों में भरा और उसके बाद मुझे किस किया.
अब मैंने तुरंत उसको एकदम सीधा लेटा दिया और में उसके बूब्स को दबाने लगा और बूब्स को दबाने मसलने के साथ साथ में उसको किस भी कर रहा था. वो मुझे अब ज़ोर से अपने ऊपर खींच रही थी और मैंने उसको पीठ के बल लेटा दिया और उसकी टी-शर्ट को खोल दिया और अब में उसकी गोरी गरम पीठ पर किस करने लगा. वो अब इतनी गरम हो चुकी थी कि जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी थी. मैंने अब सही मौका देखकर उसकी शर्ट को उतार दिया और में उसके बूब्स जो अब भी ब्रा में केद थे में उनको धीरे धीरे दाबने लगा.
अब उसने जल्दी से मेरी शर्ट को उतार दिया और हम दोनों उस समय एकदम पागल हो गए थे. मैंने उसकी ब्रा को उतारी और में उसके निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा. वो उस वजह से पागल हो उठी और मैंने करीब 15 मिनट तक उसके बूब्स बहुत जमकर चूसे और वो अब जोश में आकर सिसकियाँ लेने के साथ साथ चीखने लगी उसी समय मैंने उसकी पेंट उतारी और फिर उसकी गोरी भरी हुई जांघ पर में किस करने लगा और अब उसकी पेंटी की बारी थी और जैसे ही मैंने उसको उतारा उसने मुझसे कहा कि रोहित प्लीज मेरी चूत को तुम हाथ मत लगाना, लेकिन में अब कहाँ मानने वाला था.
मैंने उसकी पेंटी को उतारकर चूत को कुछ देर सहलाने के बाद अब अपनी जीभ को उसकी चूत पर रख दिया, जिसकी वजह से वो जोश में आकर अपने कूल्हों को उठाकर चीखने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि रीना तुम अब चीखो मत वरना सारे होटल को पता चल जाएगा. अब उसने अपने मुँह पर अपना एक हाथ रख लिया और में उसकी चूत को धीरे धीरे लेकिन लगातार चाटता रहा और वो सिसकियाँ लेती रही. अब उसकी बारी थी और उसी समय उसने मेरा लंड बाहर निकाला और वो उसको अपने मुहं में लेकर चूसने लगी. वो बहुत जोश में थी और किसी भूखी बिल्ली की तरह वो मेरे लंड को अपनी जीभ से कभी चाटती तो कभी उसको चूसने लगती.
वो किसी अनुभवी रंडी की तरह यह सब कर रही थी और जब तक मेरा पूरा वीर्य उसके मुँह में आ गया तब तक वो पूरे जोश में चूसती रही. अब मैंने अपने लंड को उसके मुँह में दोबारा डाल दिया क्योंकि मुझे लंड को चुसवाना बहुत अच्छा लगता है और इस बार वो मुझसे मना करने लगी, लेकिन मैंने ज़बरदस्ती उसके मुँह में अपने लंड को डाल दिया और अब में उल्टा होकर उसकी चूत को चाटने लगा, वो भी अब धीरे धीरे गरम हो गयी और वो मेरा लंड दोबारा उसी जोश में आकर चूसने लगी. हम दोनों ने यह काम करीब बीस मिनट लगातार किया.
फिर मैंने उसके बाद उसकी गीली कामुक चूत में अपना लंड डाल दिया. वो दर्द से चिल्लाकर बोली आईईईई स्सीईईईष्स्स्स्स् रोहित प्लीज धीरे लेकिन और अंदर तक डालो. तभी मैंने जोश में आकर एक ही ज़ोर के झटके के साथ अपना पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया और मैंने धक्के देकर उसकी चुदाई शुरू कर दी और वो ज़ोर ज़ोर से मुझसे चुदवाने लगी और में खुश होकर उसकी चूत में अपने लंड को धक्के देता रहा.
फिर कुछ देर बाद वो अब मेरे ऊपर बैठकर अपनी चूत में लंड को डालकर मुझे चोदने लगी. दोस्तों में आप सभी को बताना तो भूल ही गया कि उसके बूब्स बहुत सेक्सी है उनका आकार 36-32-34 है और करीब तीस मिनट के बाद मेरा लंड अब झड़ा गया और उसके बाद मैंने उससे कहा कि रीना मुझे अब तुम्हारी पीछे से करनी है, तो वो बोली कि नहीं रोहित, मुझे वहां पर बहुत दर्द होगा, मैंने इससे पहले कभी ऐसा नहीं किया, तब मैंने उससे कहा कि प्लीज एक बार में धीरे धीरे करूंगा अगर तुम्हे दर्द हो तो तुम मुझे बता देना में हट जाऊंगा और फिर मैंने उसको उल्टा कर लिया, तब भी वो ना कर रही थी, वो अब मुझसे बोली कि रोहित तुम अगर चाहो तो मेरी चूत में दोबारा धक्के मार लो, लेकिन प्लीज पीछे से मत करो, लेकिन मैंने उसकी कोई भी बात पर ध्यान नहीं दिया और मैंने उसके बेग से तेल निकाला और एक गिलास में डालकर उसमे अपना लंड डालकर उसको पूरा तेल में भिगोया और बाकी का तेल मैंने उसकी गांड पर गिरा दिया वो अब भी मुझसे मना करती रही और मैंने तुरंत उसकी गांड में अपना लंड रख दिया, लेकिन वो अब बहुत ज्यादा हिल रही थी और फिर भी मैंने उसको धक्का दे दिया तो मेरा थोड़ा सा लंड उसकी गांड के अंदर चला गया और वो उस दर्द की वजह से छटपटाने लगी और वो ज़ोर से चीख मारना चाहती थी, लेकिन मैंने उसके मुँह पर अपना एक हाथ रख दिया.
अब कुछ सेकिंड रुकने के बाद दोबारा धकका मार दिया तो मेरा थोड़ा सा लंड उसकी गांड के अंदर चला गया और फिर वो मेरे तीसरे धक्के में पूरा का पूरा अंदर चला गया. अब मैंने उसके बूब्स को सहलाना शुरू किया और जब उसको दर्द कम महसूस हुआ तो मैंने अपनी तरफ से धक्के देकर उसकी चुदाई शुरू कर दी. अब मैंने देखकर महसूस किया कि वो भी अब अच्छी तरह से चुदवा रही थी और सिसकियाँ ले रही थी.
करीब तीस मिनट तक मैंने उसको चोदा और फिर में और वो हम दोनों ही साथ में झड़ गये और मैंने अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया, वो मेरा सारा माल पी गयी. फिर करीब बीस मिनट तक हम वैसे ही रुके रहे और उसके बाद मैंने उसकी चूत में अपने लंड को दोबारा डालकर धक्के मारने शुरू किए और अब उसने भी अपनी गांड को ऊपर उठाकर मेरे हर धक्के का जवाब दिया, जिससे मुझे चुदाई करने में पहले से ज्यादा मज़ा आया और हम दोनों अपने काम में लगे रहे और हमें कैसे भी करके अपने जिस्म की आग को ठंडा करना था.
दोस्तों उस रात को हम दोनों ने पांच बार सेक्स किया. कभी गांड में तो कभी उसकी चूत में और कभी उसके मुँह में मैंने अपने लंड को डालकर बहुत मज़े लिए फिर सुबह में उसकी रात भर चुदाई की वजह से बहुत थक गया था और वो मेरे साथ नाश्ता करने के बाद वापस अपने घर चली गयी. दोस्तों में पूरे सफर में उस बस के अंदर सोता हुआ आया.
वो मेरा उसके साथ पहला और आखरी सेक्स था, क्योंकि उसके बाद कभी भी हम दोबारा नहीं मिले, लेकिन में उसकी वो मस्त मज़ेदार चुदाई उसके सात बिताई वो रात आज भी नहीं भुला सका आज तक भी मुझे वो सब कुछ बहुत अच्छी तरह से याद है क्योंकि मुझे इस बात की बहुत ख़ुशी थी. मैंने पहली बार उसकी कुंवारी चूत की चुदाई करके उसकी सील को तोड़ा था और उस चुदाई में उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया. हम दोनों ने बहुत मस्त मज़े लिए और उसके कुछ महीनों बाद मुझे पता चला कि उसकी अब शादी भी हो चुकी है.
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सुहागन की सील तोड़ी


हैल्लो दोस्तों, जैसा कि आप सभी लोग जानते है कि मेरा नाम राहुल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ, में एक जवान और सुंदर लड़का हूँ और मेरी उम्र 24 साल और में अपनी बी.ए. की पढ़ाई एक अच्छे कॉलेज से कर रहा हूँ, मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है. दोस्तों अब आप सभी को ज़्यादा बोर ना करते हुए में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. दोस्तों आप लोगों की तरह मुझे भी सेक्सी कहानियों को पढ़ने का बहुत मस्त शौक लगा और में पढ़ने लगा.
उसके बाद मैंने अपनी कहानियाँ भी लिखकर आप तक पहुंचाई, जिसके लिए मुझे आप लोगों के बहुत सारे मैल मिले और में उम्मीद करता हूँ कि इस कहानी के लिए भी आप मुझे मैल जरुर करेंगे, क्योंकि आपके साथ की वजह से ही हमें आगे बढ़ने की हिम्मत मिलती है. दोस्तों यह कहानी करीब पांच महीने पहले की है, जिसमें मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली एक सेक्सी टीचर की चुदाई के बहुत जमकर मज़े लिए.
मैंने उसको अपनी चुदाई से पूरी तरह से खुश कर दिया और मुझे उसकी चुदाई करने के बाद पता चला कि वो पूरी चुदाई उसके सोचे समझे एक विचार का नतीजा थी, जिसको मैंने अपना मन लगाकर पूरा किया. दोस्तों में वैसे हर रोज़ सुबह आठ बजे अपने घर से अपने कॉलेज के लिए निकल जाता था और फिर दोपहर तक में वापस भी आ जाता था. उसके बाद में कुछ देर आराम करता और उसके बाद अपने दूसरे काम किया करता था. दोस्तों मेरे एक पड़ोसी है मिस्टर शर्मा वो एक बहुत बड़े कारोबारी है और उनकी एक मस्त, सुंदर सी पत्नी है, जिसका नाम अंकिता है, जो अपना समय बिताने के लिए पास ही के एक स्कूल में टीचर का काम करती है, वो भी हर सुबह आठ बजे अपने स्कूल जाती है और वो करीब एक बजे वापस अपने घर आ जाती है और उसके बाद वो पूरे दिनभर घर में अकेली ही रहती, क्योंकि उसके घर में अब तक कोई छोटा बड़ा बच्चा नहीं था.
एक दिन मेरे कॉलेज की छुट्टी का दिन था, तो में अपने घर में आराम से सो रहा था और तभी मुझे मेरी मम्मी ने उठाया और वो मुझसे बोली कि तुम उठकर दरवाजा बंद कर लो में ऑफिस जा रही हूँ. फिर मैंने उनके कहने पर उठकर दरवाजा बंद कर दिया और में दोबारा से सो गया. मेरे सोने के करीब तीस मिनट के बाद एक बार फिर से घंटी बजी, तो मैंने दरवाजा खोला और देखा तो अंकिता सामने खड़ी थी.
फिर में उसको अपने सामने देखकर थोड़ा सा हैरान हो गया और में मन ही मन में सोच रहा था कि यह हॉट सेक्सी औरत आज मेरे घर पर कैसे किस काम से आ गई? उस समय में भी बहुत गहरी नींद से उठकर आया था, इसलिए में यह बात भूल गया कि में सिर्फ़ अंडरवियर में हूँ, वो मुझे बहुत घूर घूरकर देख रही थी कि तभी वो अचानक से हंसने लगी और मुझसे पूछने लगी क्या घर में कपड़े भी नहीं है क्या? तभी मैंने अपने नीचे की तरफ देखा और में तुरंत भागकर अपने रूम में चला गया और शर्ट और बरमूडा पहनकर आ गया, तब तक वो हॉल में बैठ गयी थी. फिर मैंने उनसे पूछा कि हाँ कहिए आपका कैसे आना हुआ?
तब वो बोली कि कल हमारे स्कूल में फ़न पार्टी है और में उसकी टिकट बेच रही हूँ, मेरे पास अब दो टिकट बची थी और इसलिए मैंने सोचा कि में यह आपको दे दूँ. फिर मैंने कहा कि आपने बिल्कुल ठीक सोचा और मैंने उनसे टिकट ले ली और थोड़ी देर हमारे बीच इधर उधर की बातें हुई और हमारे बीच हंसी मजाक चलने लगा, जिसकी वजह से उससे मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी थी और हमारी उस दिन की मुलाकात के करीब 15 दिन बाद वो एक दिन मेरे कमरे में बैठी हुई थी और में उसके साथ मस्ती कर रहा था. मस्ती मस्ती में मैंने उसके बूब्स को छू लिया और फिर वो उठकर चली गयी. फिर दूसरे दिन वो मेरे कमरे में फिर से आई, लेकिन जब वो आने वाली थी, उससे पहले मैंने अपने कंप्यूटर पर एक सेक्सी फिल्म लगाकर में देख रहा था और जब वो कमरे में आई तो उसने देखा कि सेक्सी फिल्म चल रही है.
तभी मैंने उस फिल्म को तुरंत बंद कर दिया और मुझे बहुत अच्छी तरह से पता था कि वो मुझसे जरुर पूछेगी कि तुम क्या देख रहे थे? और अब उसने मुझसे वही बात पूछी, तो मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं वो तुम्हारे काम की चीज़ नहीं है, तो वो अब मुझसे ज्यादा ज़िद करने लगी और तब मैंने उससे कहा कि में सेक्सी फिल्म देख रहा था. तब वो मुझसे बोली कि वो मुझे भी देखनी है. फिर मैंने उस फिल्म को दोबारा से शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद में उसके करीब जाकर बैठा तो उसने मुझसे पूछा क्या तुमने कभी ऐसा किया है? तो मैंने कहा कि हाँ किया है और अब में तुरंत समझ गया कि वो मुझसे अपनी चुदाई करवाना चाहती है और में यह बात सोचकर उसको झट से पकड़कर किस करने लगा और शुरू में वो ना नहीं करने लगी, लेकिन में नहीं माना तो वो थोड़ी ही देर बाद शांत हो गयी और में धीरे धीरे उसको चूमता रहा, जब मुझे एहसास हुआ कि वो अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. तब मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू किया और उसने उस समय बहुत टाईट साड़ी बाँध रखी थी, जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी.
दोस्तों उसके थोड़ा सा विरोध करने के बाद भी उसके कपड़े उतारने के बाद में पहली बार अपनी चकित आखों से उसकी कोमल, नाज़ुक जवानी को देखकर थोड़ी देर तक बिल्कुल दंग सा रह गया. दोस्तों उसका फिगर बिल्कुल मस्त आकार का था और उसका फिगर यही कोई 36-28-34 था और उसके वो दोनों बूब्स तो बड़े बड़े आकार के और गोरे भी थे. तब मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसकी बड़ी मस्त गुलाबी रंग वाली एकदम रसीली चूत थी, जिसको देखकर में अपने पूरे होश खो बैठा था. फिर मैंने सही मौका देखकर अपने कपड़े भी उतार दिए और फिर जैसे ही मैंने अपनी अंडरवियर को उतारा, तो वो मेरा 6 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड देखकर एकदम दंग रह गई और उसके मुहं से एक ही शब्द हाए राम इतना लंबा मोटा निकला और वो मुझसे पूछने लगी क्या में इसको झेल सकती हूँ.
मैंने इससे पहले कभी भी ऐसा कुछ काम इतने मोटे, लंबे से नहीं किया है, में यह सब कैसे कर सकती हूँ? नहीं तुम रहने दो वरना मुझे बहुत दर्द होगा. फिर में उससे बोला कि मेरी जान अगर आज में तुम्हें इतना मस्त मज़ा देकर खुश कर दूंगा, जिसकी वजह से तुम खुद अपने कूल्हों को उठा उठाकर मेरा पूरा लंड अपनी चूत में ना ले लो, तो मेरा नाम बदल देना. फिर मैंने उससे अपना लंड उसके मुहं में लेने के लिए कहा, तब वो कहने लगी कि नहीं मैंने ऐसा पहले कभी भी नहीं किया है और वैसे भी में इतना बड़ा, मोटा कैसे ले सकती हूँ? नहीं में तुम्हारा लंड नहीं ले सकती, मेरा दम घुट जाएगा, में तो मर ही जाउंगी.
फिर मैंने उससे कहा कि तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो मेरी जान, में बड़ी धीरे धीरे करूँगा, जिसकी वजह से तुम्हें दर्द नहीं मज़ा ज्यादा आएगा और फिर वो मेरे बहुत बार कहने समझाने के बाद मेरी बात को सुनकर मेरा लंड अपने मुहं में लेकर करीब बीस मिनट तक चूसती रही, क्योंकि उसको ऐसा करने में बड़ा मज़ा आने लगा था.
दोस्तों वो आज पहली बार यह सब कर रही थी, लेकिन किसी वो अनुभवी लड़की की तरह यह सब कर रही थी. फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और उस समय वो मेरे ऊपर थी और मेरा लंड बहुत ज़ोर ज़ोर से जितना हो सकता था उतना अपने मुहं में लेकर चूस रही थी, उसको ऐसा करने में बड़ा मज़ा आ रहा था और में भी उसकी चूत को चाटने, चूसने लगा.
फिर वो कुछ देर बाद छटपटाने लगी और में अपनी जीभ को उसकी चूत में डालकर उसको अपनी जीभ से चोदने लगा और वो अपने मुहं से आह्ह्ह्हह् उह्ह्हह्ह कर रही थी, उसको आज पहली बार एक साथ दो मज़े मिल रहे थे, एक तो अपनी चूत को मुझसे चटाने का और दूसरा मेरा लंड चूसने का, जिसकी वजह से मेरा लंड लोहे की तरह सख़्त हो गया था. अब मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे धक्का देकर अंदर डालने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट होने की वजह से वो अंदर नहीं जा रहा था. तभी में उठ गया और तेल लाकर मैंने उसकी चूत पर और कुछ अपने लंड पर लगाकर मैंने चूत के साथ साथ अपने लंड को एकदम चिकना कर दिया.
अब उसकी चूत के छेद पर लंड को रखने के बाद मैंने उसके गुलाबी होंठो पर अपने होंठ रखकर में उसको किस करने लगा और उसी समय ठीक मौका देखकर मैंने एक ज़ोर का झटका दिया, जिसकी वजह से पूरा लंड उसकी चूत को चीरता फाड़ता हुआ अंदर तक जा पहुंचा और दर्द की वजह से उसके मुँह से एक बहुत ज़ोर की चीख निकल गयी, लेकिन वो मेरे मुँह के अंदर ही दबकर रह गई. दोस्तों मैंने देखकर महसूस किया कि उसकी चूत की सील टूटने की वजह से अब उसकी चूत से खून बहना शुरू हो गया था और वो रोने भी लगी थी. फिर में थोड़ी देर उसकी टाईट, रसीली, कामुक चूत में अपना बड़ा और मोटा लंड डाले हुए बिना हीले उसके ऊपर पड़ा रहा और उसके दोनों बूब्स को दबाता भी रहा और उसको किस करता रहा, जिसकी वजह से उसको थोड़ी देर बाद जब अच्छा लगने लगा.
तब मैंने सही मौका देखकर धीरे धीरे झटके देना शुरू कर दिया और में अब उसकी बिल्कुल फ्रेश चूत में अपना बड़ा और मोटा लंड अंदर बाहर करके उसको चोद रहा था और वो भी नीचे से उसके कूल्हे उठा उठाकर मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के मज़े लेकर मुझसे चुदवा रही थी, उसके मुँह से अब बड़ी सेक्सी सी जोश भरी आवाजे आ रही थी और वो मुझसे कह रही थी ऊहह्ह्हह् राहुल मेरे राजा प्लीज आज तुम मुझे एक पूरी औरत बना दो, इस कुंवारी कली को एक फूल बना दो, में कब से ऐसी चुदाई के लिए तरस रही हूँ, तुम आज मुझे चुदाई का पूरा मज़ा वो सुख दो, मुझे खुश कर दो अपनी चुदाई से, दिखाओ मुझे अपना दम और करो मुझे खुश.
दोस्तों अब वो मेरा पूरा पूरा लंड ले रही थी और मुझे अपनी ताबड़तोड़ चुदाई के लिए ललकार रही थी और वो कह रही थी हाँ और ज़ोर से चोदो अपनी रानी को आह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ आज तुमने मुझे स्वर्ग का मज़ा दे दिया है, उफफ्फ्फ्फ़ अब तो में तुमसे ही हर दिन सुबह, शाम, दिन, दोपहर अपनी चुदाई करवाया करूंगी, हाँ आज तुम फाड़ दो अपनी रानी की चूत को, बना दो उसका भोसड़ा, उईईई हाँ पूरा अंदर तक जाने दो वाह मज़ा आ गया, तुम बहुत अच्छे हो.
दोस्तों उसके मुँह से ऐसी जोश भरी बातें सुनकर मुझे अब बड़ा जोश आ रहा था और इसलिए में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी चूत को चोद रहा था और मेरे हर एक धक्के में वो एक दो इंच ऊपर हो रही थी और ज़ोर ज़ोर से हिल रही थी. करीब तीस मिनट की चुदाई के बाद वो मुझसे कहने लगी, मेरा राहुल राजा में अब झड़ने वाली हूँ, ऊहह्ह्ह्ह्ह्ह आहह्ह्ह्ह यह लो में झड़ी आईईईईईईई और अब उसने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकड़ किया था और में भी रुक गया और वो जब पूरी तरह से झड़ गयी, तब मुझसे बोली कि राहुल मेरी जान आज तुमने मुझे फूल बना दिया है.
फिर मैंने उससे पूछा कि तुम खुश तो होना? वो बोली कि आज से पहले में कभी भी इतनी खुश नहीं हुई, मुझे तुमने वो मज़ा दिया है जिसको में तुम्हें किसी भी शब्द में कहकर नहीं बता सकती. फिर में बोला कि ठीक है अभी मेरा झड़ना बाकी है, अब तुम जल्दी से डॉगी की तरह हो जाओ, में अब तुम्हें पीछे से आकर चोदना चाहता हूँ और वो मेरे कहते ही तुरंत घूम गयी. फिर मैंने देखा कि पीछे से उसके कूल्हे बहुत मस्त लग रहे थे. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या में तुम्हारी गांड में अपना लंड डाल सकता हूँ?
वो बोली कि तुम आज जो चाहो वो सब करो, बस मुझे मज़ा आना चाहिए. फिर मैंने उससे बोला कि शुरू में तुम्हें थोड़ा सा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद में मज़ा आएगा. फिर वो बोली कि मुझे पता है और वैसे भी में तुमसे ना भी करूँ, तब भी तुम ज़बरदस्ती मेरी गांड ज़रूर मारोगे, क्योंकि में भी आज पहली बार गांड चुदवाने का मज़ा लेना चाहती हूँ, लेकिन बस तुम मेरी गांड को आराम से मारना.
फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है. फिर मैंने थोड़ा सा तेल लिया और उसकी गांड पर लगा दिया और कुछ अपने लंड पर भी लगाया. उसके बाद मैंने उसकी गांड के छेद पर अपना 6 इंच लंबा और 5 इंच मोटा लंड रखा और एक जोरदार धक्का मारा, उसने दर्द की वजह से अपने दोनों होंठ दबा लिए, जिसकी वजह से उसकी चीख बाहर नहीं आ सकी और मैंने देखा वो अब रो रही थी. फिर मैंने उससे पूछा अंकिता क्या तुम्हें दर्द हो रहा है तो हम रहने देते है? अब वो बोली कि नहीं राहुल प्लीज तुम अपना लंड बाहर मत निकालना, तुम पूरा लंड मेरी गांड में डाल दो. फिर में भी नहीं रुका और मैंने अपना पूरा लंड बाहर करके एक जोरदार झटका मारा, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में समा गया और फिर में रुका नहीं और में बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी गांड मारता रहा.
दोस्तों उसकी गांड उसकी चूत से भी ज़्यादा टाईट थी, मुझे उसकी गांड मारने में पहले से बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था और वो भी सिसकियों के साथ मेरी चुदाई का मज़ा ले रही थी और ओह्ह्ह्हह आआहह्ह्ह हाँ मारो राहुल और ज़ोर से मारो मेरी गांड, जितना चाहो मारते रहो, मुझे तुमसे चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा है. करीब तीस मिनट तक उसको चोदने के बाद मैंने निकिता से कहा कि मेरी जान में अब झड़ने वाला हूँ.
फिर वो बोली प्लीज राहुल तुम मेरी गांड को अपने इस अनमोल रस से भर दो, में तुम्हारा बहुत एहसानमंद रहूंगी और इस बीच में अपनी चरमसीमा पर आ गया था और बहुत ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसकी गांड में डालकर चोद रहा था और वो आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ़ मारो और ज़ोर से मारो चिल्ला रही थी कि तभी में झड़ने लगा और मैंने अपना प्यारा रस उसकी गांड में डाल दिया और झड़ने के बीच उसको भी मेरा रस अपनी गांड में महसूस हो रहा था, जब में पूरा पानी उसकी गांड में निकालकर अपना लंड बाहर किया तो उसकी गांड से मेरा पानी बाहर आ रहा था. फिर वो कुछ देर बाद उठकर बाथरूम चली गई और उसने अपने कपड़े पहन लिए और वापस आने के बाद वो मुझे किस करने लगी.
फिर मैंने अंकिता से पूछा कि तुम तो शादीशुदा हो और फिर तुम्हारी चूत से इस चुदाई में खून कैसे आया? वो बोली कि प्लीज तुम यह बात किसी को बताना नहीं, मेरे पति मुझे कभी भी ठीक तरह से चोद नहीं पाते है और उनका लंड चार इंच से ज़्यादा लंबा मोटा नहीं है, जिसकी वजह से वो आज तक मेरी चूत की सील भी नहीं तोड़ सके, वो तो मेरी चूत में अपना लंड डालकर धक्के देने के एक या दो मिनट में ही झड़ जाते है और में हमेशा प्यासी ही रह जाती थी, उन्होंने मुझे आज तक कभी भी जमकर चुदाई के मज़े नहीं दिए. उन्होंने मुझे कभी भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं किया है.
दोस्तों में उसके मुहं से वो सभी बातें सुनकर एकदम हैरान था, लेकिन मुझे उन सब बातों से क्या? मुझे तो चुदाई करने के लिए एक प्यासी चूत चाहिए थी, जो मुझे मेरी अच्छी किस्मत से मिली और वो भी कुछ ज्यादा ही मस्त और कुंवारी निकली. फिर उसने मेरी तरफ मुस्कुराकर मुझसे पूछा कि राहुल अब जब कभी भी सेक्स करने का सही मौका मिलेगा तो क्या तुम मेरी चुदाई करोगे?
तब मैंने भी मुस्कुराते हुए उससे कहा कि तुम्हें ना करने वाला कोई पागल ही हो सकता है, तुम जब भी मुझे याद करोगी, में तुम्हारी सेवा करने आ जाऊंगा, बस तुम मुझे ऐसे ही अपनी सेवा का मौका देती रहो, में तुम्हें मेरी चुदाई से हमेशा खुश करूंगा और फिर वो मुझे किस करके बहुत खुश होती हुई चली गयी. फिर दो तीन दिन तक वो मेरे यहाँ नहीं आई, लेकिन उसके बाद जब भी हमे मौका मिलता है, में उसको बहुत जमकर चोदता हूँ और आज तक मैंने उसको कितनी बार चोदा, यह मुझे भी याद नहीं है, लेकिन हाँ आज भी में उसको बड़े प्यार और मजे से चोदता हूँ और वो भी हमेशा मेरा पूरा पूरा साथ देकर मुझसे अपनी चुदाई करवाती है.
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बहन की सहेली की सील तोड़ी


हैल्लो दोस्तों, आज में जो कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ, वो किसी और की नहीं बल्कि मेरी अपनी एक सच्ची घटना है. इसमें मैंने अपनी छोटी बहन की एक दोस्त के साथ वो काम किया था. दोस्तों इससे पहले कि में अपनी आज की कहानी को शुरू करूं, उससे पहले में आप सभी को अपना और उस लड़की का परिचय करवा देता हूँ.
दोस्तों में सूरत में नौकरी करता हूँ और में वहीं पर अपने परिवार के साथ रहता हूँ और मेरी एक चचेरी बहन है, जो कुछ दिनों पहले ही हमारे गाँव से अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए सूरत के एक होस्टल में रहने आई थी, लेकिन वो अब हमारे घर पर ही रहती थी, क्योंकि अंकल को मेरे घर वालों ने कहा था कि वो यहीं पर हमारे साथ रहेगी, जब हम सूरत में रहते है, तो उसको होस्टल में रहने की क्या जरुरत है?
मेरे चाचा ने कहा कि हाँ ठीक है और अब वो कुछ दिन पहले ही उसका वो होस्टल छोड़कर हमारे साथ रहती है. दोस्तों जिस लड़की की कहानी में आज आप सभी चाहने वालों को सुनाने जा रहा हूँ, उस लड़की का नाम सुमन है और वो दिखने में इतनी सुंदर है कि उसको देखने के बाद मेरा मन हमेशा ही उसके साथ सोने का करने लगता था.
दोस्तों अब आपको उस कहानी की तरफ ले चलता हूँ, जिसके लिए आज में यहाँ पर आया हूँ. दोस्तों उस दिन में अपने घर पर बिल्कुल अकेला था, क्योंकि मेरी चचेरी बहन उस दिन सुबह से ही मेरे मामा के लड़के के ससुराल में चली गयी थी और में जैसे ही अपने ऑफिस के लिए निकल रहा था, वैसे ही उसकी एक दोस्त का फोन आया और उसने मुझसे पूछा कि भैया आपकी बहन कहाँ है, उसके बारे में मुझसे पूछा और उसने मुझसे कहा कि मेरी शादी होने वाली है, इसलिए हम दोनों शॉपिंग के लिए जाना चाहते है.
मैंने कहा कि हाँ ठीक है, तुम यहाँ आ जाओ. दोस्तों में बहुत अच्छी तरह से जानता था कि मेरी बहन उस दिन शाम से पहले नहीं आने वाली है और यह उसकी दोस्त सुमन की चुदाई करने का बहुत अच्छा मौका है. मैंने उससे बोल दिया कि नहीं मेरी बहन अभी नहीं है, लेकिन हाँ वो पाँच मिनट में आ जाएगी.
वो मुझसे बोली कि हाँ ठीक है, में भी बस दस मिनट में वहां पर आ रही हूँ और में अब बहुत खुश होकर उसके आने की तैयारी करने लगा और दोस्तों में उस दिन यह मौका बिना उसकी चुदाई किए नहीं छोड़ना नहीं चाहता था. मैंने अपने मन में पूरी तरह से ठान लिया था कि मुझे आज कैसे भी करके उसकी चुदाई करनी है और में उसके बारे में विचार बनाता रहा.
मैंने दस मिनट के अंदर ही अपनी सभी तैयारी पूरी कर ली और कुछ देर के बाद जैसे ही नीचे गया. तब मैंने देखा कि वो उस समय रिक्शे से नीचे उतर रही थी. मैंने उसको ऊपर चलने के लिए कहा तो उसने मेरी बहन के बारे में पूछा. फिर मैंने उसको बताया कि में उसको बुलाने ही जा रहा हूँ और मैंने देखा कि वो अब ऊपर चली गयी थी और अब में नीचे की सीड़ियों का दरवाजा बंद करके ऊपर आ गया.
में जब रूम में आया तो मैंने देखा कि वो उस रूम में कुर्सी पर बैठी हुई थी. फिर मैंने उसको पानी पिलाया तो वो कंप्यूटर को चालू करके उसमें गेम खेलने लगी और कुछ देर उससे हंसी मजाक करने के बाद जब मेरे सब्र का बाँध टूट गया तो में उठकर रसोई में चला गया और वहां से आने के बाद में उसके पीछे जाकर उसको अपनी बाहों में भरते हुए में उसके दोनों बूब्स को दबाने लगा.
अचानक से बदले मेरे इस प्रकार के व्यहवार से वो डरकर एकदम से घबरा गई और उसी समय वो अपनी धीमी आवाज में डरी सहमी हुई सी मुझसे बोली कि भैया आप यह क्या कर रहे हो? और वो तुरंत उठकर खड़ी हो गई. तब मैंने उसको बता दिया कि मेरी बहन इस समय मेरे भाई के पास गयी है और वो अब शाम तक ही वापस आएगी और अब मैंने उसको इतना कहकर उसे अपने पास सटा लिया और में उसके दोनों बूब्स को दबाने लगा और उसी समय में उससे बोला कि देखो सुमन मैंने जब से तुमको पहली बार देखा है, तभी से मेरा मन तुमसे सेक्स करने के लिए बहुत बेचैन रहता था.
मैंने बहुत बार तुमको यह बात बताने के बारे में सोचा, लेकिन बता ना सका और आज मेरे पास एक बहुत अच्छा मौका था, तो में इसको अपने हाथ से कैसे जाने देता? तभी कुछ देर के बाद वो ना ना करने लगी और उसने कहा कि मेरी बहुत जल्दी शादी भी होने वाली है.
फिर में उससे बोला तो क्या हुआ तुम्हें मेरे साथ आज बड़ा मज़ा आएगा, क्योंकि आज तुम्हारी मेरे साथ सुहागरात होने वाली है और उसमें में आज तुम्हारा नकली पति बनकर वो मज़े तुम्हें दे देता हूँ. अब भी वो मुझसे ना ना बोलती रही, लेकिन थोड़ी देर के बाद अब उसने मेरा विरोध करना बंद कर दिया और मैंने उससे बेड पर चलने के लिए बोला तो वो बेड के पास चली गयी. अब मैंने तुरंत उसकी जींस के बटन को खोलते हुए उसकी चैन को खोल दिया और पेंट को नीचे गिरा दिया.
मैंने उसको वो पेंट उसके पैरों से बाहर निकालने के लिए बोला और उसने अपनी पेंट को अपने पैरों से अलग कर दिया. अब मैंने उसे अपनी पकड़ से कमजोर कर दिया और मैंने उसको बेड पर लेटने के लिए बोला. फिर वो बेड पर लेट गयी.
उसके बाद मैंने उसके टॉप को खोल दिया और उस समय मैंने देखा कि उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी और उसी समय मैंने उससे बोला कि काले रंग का अंडरगारमेंट्स तुम्हारे इस गोरे सेक्सी बदन पर बहुत सूट करता है, वो मेरी उस बात को सुनकर मुस्कुराने लगी. अब मैंने अपने एक हाथ को उसकी पेंटी के ऊपर रखा, तो वो आआहहह्ह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ करके अंगड़ाई लेने लगी.
मैंने अब अपने दोनों हाथों से उसकी पेंटी को एक ही झटके में खींचकर घुटनों तक पहुंचा दिया और जैसे ही मेरी नज़र उसकी खुली तो कामुक चूत पर गई तो मेरे लंड को बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो गया. फिर तो जैसे बाहर आने के लिए बेचैन हो गया. अब मैंने अपने हाथ को उसकी चूत के ऊपर फेरते हुए उसको हल्का सा दबाते सहलाते हुए महसूस किया कि वो बहुत गरम सख्त थी और उसने अपनी दोनों आखें बंद करके वो चुपचाप लेटी रही.
अब मैंने अब ज्यादा देरी करना बिल्कुल भी उचित नहीं समझा और मैंने झट से अपने लंड को टावल से बाहर निकाल दिया. फिर जैसे ही मेरे लंड ने अपने अगले हिस्से को बाहर निकाला तो उसने अपनी आखें खोलकर मेरे लंड को घूर घूरकर देखने लगी और मैंने देखा कि वो बहुत ध्यान से देख रही थी.
अब में उठकर पास की टेबल पर पड़े हुए तेल के डब्बे को लेकर अपने बेड के पास रख दिया और में उसकी जाँघ पर बैठ गया. मैंने अब उसकी चूत को फैलाते हुए मैंने तेल के डब्बे से तेल को निकालकर उसकी चूत की दोनों पंखुड़ियों पर लगाया. अब मैंने देखा कि मेरे लंड के मुहं पर पानी आ गया था. मैंने उसको लंड के अगले हिस्से पर मल दिया. अब मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर सटाते हुए उसको चूत को फैलाने के लिए बोला और तभी उसने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैला दिया.
मैंने जैसे ही उसकी चूत को फैलाते हुए देखा तो उसी समय मैंने अपने लंड का उसकी चूत पर एक ज़ोर का झटका दे मारा, जिसकी वजह से वो ज़ोर से आह्ह्ह्हह उुउह्ह्ह्ह करके सिहर उठी और उसी समय मैंने अपनी कमर को तुरंत रोक लिया. अब उसने बोला कि आईईईइ स्सीईईईईई माँ में मर जाउंगी प्लीज अब तुम इसको बाहर निकाल दीजिए.
मैंने उससे पूछा कि क्यों? तब वो बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने इससे पहले कभी भी सेक्स नहीं किया है, में मर ही जाउंगी. फिर मैंने उससे बोला कि हाँ तभी तुमको पता नहीं है कि इस काम में कितना अच्छा लगता है और कितना मज़ा आता है? और अब मैंने उसकी ब्रा को खोलने के लिए उसको अपनी पीठ को थोड़ा ऊपर उठाने के लिए कहा और तब उसने अपनी पीठ को ऊपर उठा लिया.
फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक को खोलकर उसके बदन से अलग कर दिया और जैसे ही मेरी नज़र उसके नंगे बूब्स के ऊपर पड़ी तो उस वजह से मेरे तो लंड के आकार में जैसे जोश ही भर गया और उसी समय मैंने उसके दोनों बूब्स पर हल्का हल्का सा तेल लगाया और अपनी दोनों हथेलियों से उन दोनों को मसलना शुरू कर दिया और कुछ देर तक में उनको लगातार मज़े से मसलता रहा और ऐसा करना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और उसके बाद जब मैंने देखा कि अब उसकी पकड़ मेरी कमर पर ढीली पड़ने लगी है.
मैंने फिर से अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और अपनी कमर को हिलाकर धक्के देने के साथ साथ मैंने अब उसके दोनों बूब्स के निप्पल को जो कि बिल्कुल ही तने हुए थे, में उनको भी मसलने के साथ ही अपनी कमर को भी हिला रहा था और उसके चेहरे की तरफ भी देख रहा था. वो आह्ह्ह्ह वउुउह्ह्ह्ह आईईईईईईईई और नहीं आज के लिए बहुत है स्सीईईईइ करके सिसकियाँ ले रही थी.
अब मैंने उससे पूछा क्या अब भी तुम्हें इतना दर्द हो रहा है? तब वो मुझसे बोली कि हाँ में इस दर्द को ज्यादा देर सहन नहीं कर सकती उफ्फ्फ्फ़ प्लीज अब तुम इसको बाहर निकालो, वरना में मर जाउंगी.
जब मैंने उसकी बात को सुनकर भी धक्का दिया तो मेरा लंड कुछ और अंदर चला गया और में उसके धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मैंने कुछ देर धक्के देने के बाद अपने लंड के रास्ते में कुछ अड़चन को महसूस किया तो में समझ गया कि यह उसकी चूत की सील थी और उसी समय मैंने अपनी कमर को थोड़ा सा ऊपर उठाया और उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर ज़ोर से एक झटका मार दिया और मेरे इस झटके से वो ज़ोर से आईईईईईईईई आआहह्ह्ह प्लीज उफ्फ्फफ्फ्फ़ निकाल दो नहीं ऊऊईईईईईईईईईईई करके चिल्ला पड़ी.
फिर मैंने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल लिया और उसके दोनों बूब्स को मैंने एक बार फिर से मसलना शुरू कर दिया. फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी कमर को ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया और उसके मुहं से आहह्ह्ह्ह ऊऊऊओह्ह्ह्ह की आवाज़ निकालने लगी.
जब मैंने देखा कि उसकी यह आवाज रुकने वाली नहीं है, तब उसी समय मैंने अपने होंठो से उसके होंठो को कस लिया और में ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा, जिसकी वजह से वो बड़ी ज़ोर से हिल रही थी और उसके दोनों बूब्स भी मुझे हिलते हुए बहुत आकर्षक नजर आ रहे थे. फिर कुछ देर उन धक्कों का मज़ा लेकर उसने अपने होंठो को आज़ाद करते हुए मुझसे पूछा कि भैया अभी और कितना बाहर है?
मैंने उससे बोला कि बस थोड़ा ही है, क्या में पूरा का पूरा डाल दूँ? तो उसने हाँ में अपने सर को हिला दिया और उसकी तरफ से हाँ को देखकर मैंने तुरंत अपनी कमर को एक ज़ोर के झटके के साथ अपने लंड को पूरा उसकी कामुक चूत के अंदर डाल दिया और में उसको लगातार धक्के मारकर चोदने लगा और कुछ देर तक ज़ोर के झटके मारने के बाद मैंने जब महसूस किया कि अब मेरा वीर्य उसकी चूत में जाने वाला है तो मैंने एक तरफ से उसके बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू किया. तो दूसरी तरफ उसके होंठो को भी चूसना शुरू कर दिया और अब वो भी मेरे सुर के साथ अपनी ताल मिलाने लगी थी, उसने भी अब मेरे हर एक धक्के का जवाब अपनी कमर को उठाकर हल्के हल्के धक्के देकर मेरे साथ मज़ा लेना शुरू कर दिया था.
मैंने उससे पूछा क्यों अब तुम्हें मज़ा आ रहा है या नहीं? तब उसने बिना कुछ कहे हाँ में अपना सर हिला दिया. फिर कुछ देर के बाद मेरा वीर्य लंड से बाहर निकलकर उसकी गीली चूत को चिकना करने लगा, जिसकी वजह से मेरा लंड अब बहुत आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था.
फिर वो अब मुझे अपनी बाहों भरकर मुझसे कहने लगी, आईईईईईई उूउउहह तुम बहुत अच्छे हो, में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और यह बात कहकर वो अपने दोनों हाथों को मेरी पीठ पर रगड़ते हुए पूरी तरह से मेरे आगोश में आ गयी और में भी अब बिल्कुल निढाल होकर उसके ऊपर पड़ा रहा और कुछ देर तक एक दूसरे से चिपककर हम दोनों वैसे ही पड़े रहे.
उसके बाद मैंने उठकर अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर देखा तो उसमें खून लगा हुआ था और फिर मैंने उसकी चूत को देखा तो वो बहुत फूल चुकी थी, तब भी वो चुपचाप कुछ देर तक वैसे ही लेटी रही और उसके बाद वो उठकर अपने कपड़ो को अपने साथ में लेकर पहनने के लिए बाथरूम में चली गई और वहां पर कपड़े पहनकर पेशाब करने के बाद वो जब बाहर आई तो मुस्कुराते हुए मुझसे वो बाहर रोड़ तक छोड़ने के लिए कहने लगी.
में उसके साथ बाहर रोड़ तक चला गया और रास्ते में चलते समय मैंने उससे पूछा कि उसको मेरे साथ कैसा लगा? तब वो मुझसे कहने लगी कि उसको वो सब बहुत अच्छा लगा और बड़ा मज़ा आया. मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि इस काम में इतना मज़ा भी आता है. फिर मैंने उसको एक ऑटो को रुकवाकर उसमें बैठा दिया और उसके बाद में उससे बाय कहकर अपने घर पर वापस आ गया. दोस्तों उसकी तरह में भी बहुत खुश था, क्योंकि आज मेरा वो सपना जिसको में बहुत दिनों से देख रहा था, वो पूरा हो चुका था.
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