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मैडम की चूत में लंड उतार डाला


हैल्लो दोस्तों, मेरे कॉलेज में एक बहुत सुंदर मेम आई थी, उनका नाम अनु था और वो दिखने में बहुत स्वीट थी, आप सब भी अपनी मेम के पीछे पड़ते होंगे. अब में भी मेम के पीछे पड़ गया था, में उसको हर समय घूरता रहता था, उनको क्लास में पढ़ाने नहीं देता था और वो जब घर जाती तो में उनके घर के सामने खड़ा रहता था.
अब वो बिल्कुल बुरी तरह से परेशान हो गई थी. अब मेम ना ही डाइरेक्टर को शिकायत कर सकती थी, क्योंकि डाइरेक्टर सर मेरे पापा के बहुत अच्छे दोस्त थे. अब में मेम पर क्लास में कमेंट भी मारने लग गया था.
फिर मेम का चेहरा गुस्से में लाल हो जाता था और मुझे गुस्से में भी मेम बहुत प्यारी लगती थी. में उनकी नशीली मोटी-मोटी आँखो का दीवाना हो गया था, जिन्हें देखकर में नशे में हो जाता था, लेकिन मेरे दिल में उनके लिए कोई गलत विचार नहीं थे.
फिर एक दिन मेम ने मुझे अपने कैबिन में बुलाया, वहाँ सिर्फ़ मेम बैठती थी. अब में बहुत खुश था, अब में मेम को घूर रहा था और मेम का चेहरा नीचे झुका हुआ था. अब मेम की आँखें गीली हो गई थी और वो बिल्कुल रोने वाली थी.
तभी में मेम के पास गया, तो मेम रोने लग गई, तो मैंने मेम के कंधे पर अपना एक हाथ रखा. फिर मेम ने मेरा हाथ पकड़कर अपने ब्लाउज पर रख दिया और बोली कि तुम यही चाहते होना तो कर लो जो करना है. फिर मुझे एकदम से झटका लगा और में कैबिन से बाहर आ गया.
अब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था, मेम मेरे बारे में क्या सोचती है? फिर कॉलेज की छुट्टी हुई. अब में मेम के घर के सामने खड़ा हो गया था. फिर मेम आई और मुझे देखकर फिर से रोने जैसी हो गई और अपने घर चली गई.
फिर मैंने भी थोड़ी हिम्मत की और मेम के पीछे-पीछे उनके घर में अंदर चला गया, उनके घर में एक 3 साल की बच्ची और एक नौकरानी थी. फिर उसने मुझे पानी दिया और फिर मेम ने मेरा हाथ पकड़ा और अपने बेडरूम में ले गई. मेम मुझे अभी भी गलत समझ रही थी.
फिर बेडरूम में जाते ही मेम ने गेट की कुण्डी लगा दी और मेरे पैरो में रोती-रोती पड़ गई. फिर मुझे एक झटका सा लगा और में पीछे हट गया. अब मेम रोते-रोते कह रही थी कि आप मुझे कॉलेज से ना निकलवाए, आप जो कहेंगे में वो करने के लिए तैयार हूँ.
फिर मुझे झटका सा लगा कि ये मेम क्या कह रही है? फिर मैंने आगे बढ़कर मेम को उठाया और उनके आँसू पोछे और मेम से बोलने लगा. फिर मेम ने मुझे रोका और बोली कि आप यही चाहते है ना कि में आपके साथ रात गुज़ारू, तो में तैयार हूँ बस आप मुझे नौकरी से ना निकलवाइए. अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मेम यह क्या कह रही थी?
फिर मैंने मेम से पूछा. फिर मेम ने बताया कि मेरे दोस्त उनसे कहते है या तो में आपके साथ रात गुज़ारू नहीं तो आप मुझे निकलवा देंगे और बताया कि मेरा इस संसार में उसकी बेटी के आलावा कोई नहीं है, उनके पति का स्वर्गवास हो चुका है और बड़ी मुश्किल से उन्हें ये पढ़ाने की जॉब मिली है, तो तब मुझे अपने दोस्तों पर बहुत गुस्सा आया.
फिर मैंने मेम से कहा कि आप मुझे बहुत प्यारी लगती हो, लेकिन मेरे दिल में आपके प्रति कोई गंदी भावना नहीं है, मुझे आप अपनी ज़िंदगी से भी ज़्यादा लगती हो. फिर मेम ने इस बार हंसकर कहा कि मुझ पर लाईन मार रहे हो, मुझमें क्या अच्छा लगता है?
मैंने कहा कि आपकी आँखें, आपके होंठ, आपका पेट, तो ये सुनकर मेम शर्मा गई. फिर मैंने मेम से कहा कि क्या में आपको किस कर सकता हूँ? तो उन्होंने भरे दिल से हाँ कह दिया. फिर मैंने कहा कि अगर आप नहीं चाहती तो मना कर दो. फिर मेम ने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि आप बहुत अच्छे हो, आप किस ले सकते हो.
फिर मेम ने अपना मुँह उठाया और अपनी आँखें बंद कर ली. अब में मेम के होंठ चूमना चाहता था, अब में मेम की साँसे महसूस कर रहा था, उनकी धड़कन तेज हो चुकी थी और फिर में उनके होंठो पर किस करने के बजाए उनके गाल पर किस करके जाने लगा.
मेम ने अपनी आँखें खोली, तो मैंने आँख मारकर फ्लाइयिंग किस दे दी. अब मेम और में काफ़ी घुलमिल गये थे और एक दूसरे को हग करने लग गये थे. अब मेम मुझसे पूछती थी कि तुम्हें क्लास में कौन सी लड़की सबसे अच्छी लगती है? तो में मेम का नाम लेता था.
फिर मेम ने कहा कि में तो लेडी हूँ. फिर मैंने कहा कि मुझे आपके आलावा कोई पसंद नहीं है.
मेम ने फिर से मुझसे पूछा कि आपको मुझमें क्या पसंद है? तो इस बार मैंने अपना मुँह मेम के बूब्स पर रख दिया. फिर मेम ने मेरा चेहरा दबा लिया और कहा कि मुझे भी तुम बहुत पसंद हो.
अब में मेम के ब्लाउज के ऊपर से उनकी चूची पीने लगा था और फिर मैंने उनका ब्लाउज फाड़ दिया. फिर तभी मेम बोली कि आज मुझे गुरु दक्षिणा चाहिए. फिर मैंने पूछा कि मेरी जान को क्या चाहिए? तो मेम ने कहा कि मुझे एक बच्चा चाहिए. फिर ये सुनते ही में मेम के होंठ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा. अब मेरा लंड तनकर मेम की चूत के ऊपर टकरा रहा था.
मेरे दोनों हाथ मेम के मोटे-मोटे चूतड़ों पर चले गये और मैंने उन्हें ज़ोर से अंदर की तरफ दबाया, तो मेम बिल्कुल मुझसे चिपक गई. फिर मैंने मेम की ब्रा उतार दी और उनकी चूची चूस-चूसकर लाल कर दी. अब मेम को दर्द होने लगा था तो वो बोली कि सैयाँ नीचे खुजली हो रही है.
फिर में मेम का पेट चाटता हुआ उनकी नाभि पर आ गया और अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी. अब मेम मौन कर रही थी. फिर में मेम की चूत में अपनी एक उंगली देने लगा. अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी. फिर जैसे ही मैंने मेम की चूत पर अपने होंठ रखे, तो उन्होंने अपना पानी छोड़ दिया और मेरे सिर को वहाँ पर ही दबा लिया.
अब वो ज़ोर-ज़ोर सिसकारी लेकर शांत पड़ गई थी, लेकिन में मेम की चूत के दाने को मसलता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद हम 69 की पोजिशन में आ गये. अब मेम बहुत अच्छे तरीके से मेरा लंड चूस रही थी और में उनकी चूत को चूस और चाट रहा था. फिर में उनके ऊपर बैठ गया और अपने लंड से उनके बूब्स को चोदने लगा.
अब जब भी मेरा लंड ऊपर जाता, तो वो उसे अपनी जीभ से चाट लेती थी और में ऐसे ही 2 मिनट में झड़ गया और वो मेरा सारा वीर्य पी गई, लेकिन मेम ने मेरा लंड नहीं छोड़ा और उसे चूसती ही रही. फिर हम फिर से 69 की पोजिशन में आ गये तो थोड़ी देर में ही मेरा लंड फिर से तैयार हो चुका था और उनकी चूत मिलन के लिए तैयार था.
फिर मेम बोली कि फाड़ दो मेरी चूत, मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो. फिर मैंने एक ही झटके में अपना लंड उनकी चूत की गहराई में उतार दिया. फिर मेम की चीख निकल गई, लेकिन में उन्हें प्यार करता रहा और हम फिर एक दूसरे के हो गये. फिर हमें जब कभी भी कोई मौका मिला तो हमने खूब चुदाई की और खूब इन्जॉय किया.
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मेडम ने निराली चूत का भोसड़ा बनवाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रितेश है और मेरी उम्र 28 साल है. में दिल्ली का रहने वाला हूँ और में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ. में आज तक न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी सरिता विहार में लगभग 15 भाभियों को चोद चुका हूँ और वो मेरी चुदाई से बहुत सॅटिस्फाइड होती है, क्योंकि में चुदाई सिर्फ़ चुदाई के लिए नहीं करता बल्कि पूरी संतुष्टी देना मेरी आदत है. दोस्तों आज में आपको एक ऐसी कहानी बता रहा हूँ जो बिल्कुल सच्ची है.
मेरी टीचर राधिका मेम मेरी 11वीं क्लास में साइन्स पढ़ाती थी, लेकिन में साइन्स में बहुत कमजोर था इसलिए मैंने मेम से आग्रह किया कि वो मुझे होम कोचिंग दे क्योंकि मेरे पापा के पास पैसों की कोई कमी नहीं थी, इसलिए वो मान गयी और मेरे घर पढ़ाने आने लगी.
एक दिन में घर में अकेला था, तो वो बोली कि रितेश आज चलो में तुम्हें रिप्रोडक्षन सिस्टम पढ़ाती हूँ तो मैंने कहा कि ओके मेम. मेम बोली कि रितेश रिप्रोडक्षन सिस्टम को जनन कहा जाता है, इसमें मादा और पुरुष के जनन पार्ट हिस्सा लेते है. मैंने पूछा कि मेम ये जनन पार्ट क्या होता है? तो मेम बोली कि रितेश देखो शरीर के निचले हिस्से में तुम्हारा जनन पार्ट है और मेरे शरीर के निचले हिस्से में मेरा जनन पार्ट है. लड़को के जनन पार्ट को लंड कहते है और लड़कियों के जनन पार्ट को चूत कहते है. एक काम करो तुम खड़े हो जाओ, में तुम्हें दिखाती हूँ.
में खड़ा हो गया और में उस दिन जीन्स पहने हुए था. मेडम ने मेरी जीन्स के हुक को खोल दिया और मेरी चैन को नीचे किया और मेरी जीन्स को नीचे गिरा दिया. अब में कच्ची में था, तो मेम बोली कि रितेश ये कच्ची उतार दो. मैनें पूछा कि वो क्यों मेम? तो मेम बोली कि रितेश तुम्हारा जनन पार्ट इसी कच्ची के अंदर है. मैंने कहा कि लेकिन मेम वो तो मेरी नूनी है जिससे में पेशाब करता हूँ.
मेम बोली कि रितेश दिखाओ तो कैसा है? तो मैंने कहा कि ओके मेम में खोलता हूँ और मैंने अपनी कच्ची अलग कर दी, तो मेम बोली कि वाउ रितेश तुम्हारी नूनी तो बड़ी गोरी और टाईट है, देखो इसी नूनी को लंड कहते है ये जनन पार्ट का एक अहम हिस्सेदार है और बोली कि तुम्हारा लंड अब इस काबिल हो चुका है की वो रिप्रोडक्षन सिस्टम का हिस्सा बन सके, यह लंड मादा की चूत के अंदर जाकर उसे चोदता है तो थोड़ी देर तक चुदाई करने के बाद मादा की चूत में यह अपने पानी को गिरा देता है इसी से बच्चा पैदा होता है. मैंने कहा कि लेकिन मेम लंड से तो पेशाब बाहर निकलता है तो क्या इस पेशाब से बच्चा पैदा होता है?
मेम बोली कि रितेश तुम अभी बहुत बच्चे हो, देखो और मेडम ने अपनी समीज को ऊपर उठाकर अपनी सलवार की तरफ दिखाते हुए कहा कि इसके अंदर मेरी चूत है, पहले जब मेरी शादी नहीं हुई थी तो इसे हम बुर कहते थे और जब मेरी शादी हो गयी तो यह बुर लंड से चुदने लगी, तो अब हम इसे चूत कहते है. उसने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और एक ही झटके में अपनी सलवार को अपनी कमर से अलग कर दिया. अब मेम ने अपनी सलवार के नीचे लाल रंग की पेंटी पहनी हुई थी.
वो बोली कि रितेश इधर आओ और अपने हाथ को इस पेंटी के अंदर डालो. मैंने कहा कि जी मेम और मैंने अपना एक हाथ अंदर डाला, ओह माई गॉड इट्स सो हॉट तो मैंने तुरंत अपना हाथ बाहर निकाल लिया और मेम से बोला कि इसके अंदर इतनी गर्मी और भीगा हुआ है, क्या आपने पेशाब कर दिया है? तो मेम बोली कि नहीं रितेश, देखो और मेम ने अपनी पेंटी को उतार दिया और कहा कि ये मेरी चूत है और इसमें ऊपर काले रंग के बाल होते है इसे मैंने साफ कर दिया है, देखो यहाँ गहराई है ना.
मैंने कहा कि हाँ मेम ये तो नहर के जैसा है, दोनों बगल बाँध है और बीच में गहराई है. तो मेम बोली कि हाँ रितेश, इसी को चूत कहते है और तुम्हारा लंड इसी चूत में जाकर चोदेगा तो उसे चुदाई कहेंगे, चलो अब में तुम्हें प्रेक्टिकल करके दिखाती हूँ और मेम अपने पैरो को फैलाकर टेबल के बल खड़ी हो जाती है और बोली कि अब तुम अपना लंड इस चूत में डालो.
मैंने कहा कि लेकिन मेम बच्चा पैदा हो गया तो. तो मेम बोली कि कोई बात नहीं, में उसे पैदा नहीं होने दूँगी. में बोला कि लेकिन मेम मेरा तो लंड टाईट है और अगर यह आपकी चूत को फाड़ देगा तो? मेम बोली कि नहीं फाड़ेगा जब तुम उसे इसमें डालोगे तो यह अंदर चला जाएगा, तो में बोला कि ओके मेम.
मेम अपने दोनों पैरो को फैलाकर टेबल के बल खड़ी हो गयी, तो मैंने अपना लंड मेडम की चूत के मुहाने पर रखा और धीरे से एक धक्का दिया तो मेरा लंड सरकता हुआ मेडम की चूत में चला गया. तो मेम के मुँह से आवाज निकली ओह, आहह, रितेश धीरे-धीरे डालो, बड़ा टाईट लंड है तुम्हारा, मेरी चूत फाड़ डालेगा.
में बोला कि ओके मेम और मैंने धीरे से दबाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड मेम की चूत में चला गया. मेम के मुँह से आवाज निकल गयी हम्म रितेश, अब अपने लंड को बाहर खींचकर थोड़ा अंदर डालो. में बोला कि जी मेम और मैंने अपने लंड को थोड़ा बाहर खींचकर से अंदर डाला. अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और अब मेम ने अपनी आँखे बंद कर ली थी.
मैंने मेम से पूछा कि कैसा लग रहा है? तो मेम बोली कि रितेश इसे ही चोदना कहते है, जब चूत में लंड आगे पीछे होता है तो देखो चूत से पानी निकलता है और चुदाई होती है, डालो और अंदर डालो, थोड़ा और अंदर दबाओ, आहह बड़ी अच्छी तरह से चुदाई कर रहे हो तुम, थोड़ा दाएँ से मारो, थोड़ा दाएँ और थोड़ा, हाँ डालो चूत के अंदर और थोड़ा डालो, म्‍म्म्मममममम रितेश तुम्हारा लंड तो वाकई में जवान है, पेलो इसे और पेलो.
अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था, अब मेरा लंड वाकई में टाईट हो गया था. अब मेरे शरीर में एक अजीब सी कसावट पैदा हो गयी थी और ना जाने क्या हो गया? मैंने मेम से पूछा कि मेम आपकी चूत को मेरा लंड चोद रहा है कि पेल रहा है. मेम बोली कि रितेश तुम्हारा लंड मेरी चूत को पेल रहा है और मेरी चूत तुम्हारे लंड से चुद रही है, रितेश रूको अपने लंड को थोड़ा बाहर निकालो में घोड़ी बन जाती हूँ, तुम पीछे से पेलो, तो में बोला कि ओके मेम. अब मेम अपने दोनों हाथों को जमीन के बल करके घोड़ी बन गयी थी.
मैंने अपना लंड उनकी चूत में पीछे से लगाया और पेलना शुरू किया. तो मेम बोली कि हाँ रितेश आह बड़ा मज़ा आ रहा है, चोदो और चोदो. में बोला कि ओके मेम आज में आपकी चूत को अपने लंड से फाड़ दूँगा. में इसे नहीं छोडूंगा, ये लो मेम मेरा धक्का. मेम बोली कि हाँ रितेश फाड़ डालो इसे, पूरी तरह चोद दो आज, मेरी चूत बड़ी प्यासी है, आह, ऊऊऊफफफ लंड हो तो ऐसा और ज़ोर से चोदो, तुम वाकई में मेरे प्यारे स्टूडेंट हो, आज अपनी मेम की चूत की प्यास बुझा डालो. में बोला कि आज में आपकी चूत को चारो तरफ से चोदूंगा, इसका कचूमर निकाल दूँगा, मेम बड़ी मस्त चूत है आपकी, ऐसा लग रहा है में पिस्टन चला रहा हूँ, ये लो मेम मेरा धक्का, मेम बहुत अच्छा लग रहा है, मेम एक बात कहूँ आपकी चूत बड़ी निराली है.
मेम बोली कि हाँ चोदो इस निराली चूत का भोसड़ा बना डालो और इस निराली चूत को चोदो, पेलो और ज़ोर से अंदर डालो, हाँ रितेश ऐसे ही पेलते रहो, पेलते रहो अपने लंड को मेरी चूत में, पेलते रहो और थोड़ा दबाकर.
में बोला कि हाँ मेम मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आहह. मेम बोली कि हाँ रितेश मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है और यह चुदाई का खेल करीब 15 मिनट तक चलता रहा.
में मेम से बोला कि मेम मेरे लंड से कुछ निकलने वाला है. तो मेम बोली कि ओके अपने लंड को बाहर निकालो. में बोला कि जी मेम और मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो पचक से एक धार मेरे लंड से बाहर आने लगी.
मेम ने उसे अपने मुँह में ले लिया और अपनी जीभ से चाटकर साफ किया और बोली कि देखो रितेश यह वो पानी है जो अगर मेरी चूत के अंदर गिर जाता तो बच्चा पैदा हो जाता, आहह रितेश वाकई में तुम बहुत अच्छा चोदते हो. में बोला कि थैंक्स मेम.
मेम बोली कि रितेश अब अपने कपड़े पहन लो, तो में बोला कि जी मेम और हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए. मेम बोली कि रितेश तो समझ में आया रिप्रोडक्षन सिस्टम, तो में बोला कि हाँ मेम, तो मेम बोली कि ओके रितेश अब में चलती हूँ.
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इंग्लिश टीचर के मुहं में लंड


हैल्लो दोस्तों, ये करीब जून के शुरू की बात है, तब मेरे एग्जॉम ख़त्म हो चुके थे. मेरी इंग्लिश की मेडम बहुत ही सेक्सी है और उसके शानदार बूब्स है और वो कपड़े भी ऐसे पहनती है कि उसके जिस्म का कुछ हिस्सा नजर आता रहता है. वो जैसे ही क्लास में आती थी तो उसके निप्पल खड़े होते थे, वो टाईट कमीज पहनती थी और उसकी ब्रा भी निप्पल के खड़े होने की वजह से टाईट रहती थी, उसके निप्पल अपना निशान उस पर बना लेते थे, फिर पढ़ाई तो भाड़ में ही जानी थी. उनका नाम सुनीता है, उनकी उम्र 28 साल है, वो दिखने में बहुत ही सेक्सी है, उनकी हाईट 5 फुट 3 इंच है और उनकी बहुत टाईट बॉडी है, उसकी शादी हो चुकी है, लेकिन वो अपने पति से खुश नहीं थी.
ख़ैर फिर में इंग्लिश का पेपर लेकर उनके घर पेपर के बारे में बातचीत करने गया, तो वो सलवार कमीज में बहुत खूबसूरत लग रही थी, उसकी कमीज थोड़ी छोटी थी. उनके घर में इतना शोर नहीं था ऐसा लगता था जैसे कोई भी ना हो. फिर उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि में बुक लाती हूँ फिर डिसकस करते है.
थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे अपने कमरे से आवाज़ दी और कहा कि यहाँ आ जाओ, तो में चला गया. अब बुक उनके कमरे में किसी ऊँची जगह पर रखी थी, उफ क्या सीन था? अब मेडम बुक को लेने के लिए ऊपर होती, तो उनकी शर्ट भी ऊँची हो जाती और मुझे उनकी पीठ नजर आती. अब मेरा तो उसी वक़्त खड़ा हो गया था. फिर में उनके पास गया और उनसे कहा कि मेडम में आपको उठाता हूँ, तो आप बुक को उतार लेना. फिर उन्होंने कहा कि तुम मुझे उठा सकते हो? तो मैंने जल्दी से जवाब दिया हाँ मेडम. फिर उन्होंने कहा कि ठीक है तो आज तुम्हारा ज़ोर देख लेते है.
फिर उन्होंने कहा कि तुम मुझे पीछे से उठाकर ऊँचा करो और में बुक उतारती हूँ और इससे तुम्हारे ज़ोर का पता चल जाएगा. अब में तो चाहता ही यही था तो में मान गया, उफ़फ्फ अब मेरे तो पसीने छूट रहे थे. फिर मैंने उसको उनके कूल्हों के नीचे से उठाया और उनका वजन ज्यादा था, लेकिन मैंने उसे उठा ही लिया. अब उनके कूल्हें मेरे पेट से लग रहे थे और अब वो अभी ऊपर बुक खोज रही थी और मुझसे पूछा कि थके तो नहीं, तो मैंने कहा कि नहीं.
मैंने उसे थोड़ा सा नीचे किया तो अब उनके कूल्हें मेरे खड़े हुए लंड के साथ लगने लगे थे, लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कहा. अब मुझे तो ऐसा लग रहा था कि मेरी बरसों की ख्वाइश पूरी होने जा रही है. फिर मैंने पूछा कि मेडम बुक मिली या नहीं तो उन्होंने कहा कि सब्र करो. फिर मैंने आहिस्ता-आहिस्ता अपना एक हाथ उनकी शर्ट के नीचे ले जाना शुरू किया, तो उनको लगा कि में थक गया हूँ और वो फिसल रही है.
ख़ैर अब मेरे हाथ उनकी बॉडी को लगने लगे थे, अब मेरा लंड तो बस मेरी अंडरवेयर को फाड़ने लगा था. फिर उन्होंने तुरंत मुझसे कहा कि तुम मुझे उतार दो, तो मैंने जल्दी से उन्हें उतारा, उफ़फ उनके कड़क निप्पल. अब मेरे अंदर तो करंट दौड़ रहा था. फिर उन्होंने कहा कि बुक नहीं मिल रही है, में तुम्हारे लिए कुछ पीने को लाती हूँ और फिर ऐसे ही पेपर के बारे में बातचीत कर लेंगे.
मैंने कहा कि ओके, तो वो किचन में चली गयी. अब में कमरे में अकेला था तो मैंने अपने लंड को जल्दी से हाथ लगाया और दबाया ताकि मेरे लंड से जल्दी ही पानी निकल जाए और मुझसे मेडम के साथ कोई गलती ना हो जाए. उनके पति आर्मी में है और वो शायद वहाँ गया हो. ख़ैर अभी मैं अभी अपना लंड दबा ही रहा था कि मेडम शरबत लेकर आ गयी और वो कब किचन से निकली मुझे कुछ पता ही नहीं चला. अब उन्होंने मुझे लंड को दबाते देख लिया था, तो मैंने जल्दी से अपने लंड पर से अपना हाथ हटा लिया.
अब मैं किसी हद तक तो चाहता था कि मेडम मुझे देखे, क्योंकि मुझे उन्हें गर्म करना था. फिर मेडम ने मुझे स्माइल दी और पूछा कि ये क्या कर रहे थे? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं. फिर मैंने शरबत लिया और वो दरवाज़े की तरफ बढ़ी और दरवाज़ा लॉक कर दिया. फिर मैंने उन्हें हैरान होकर देखा तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और मेरे पास आकर बैठ गयी. अब वो मेरे इतनी पास बैठी थी कि में दूर नहीं हो सकता था. फिर मैंने उनकी आँखों में देखा तो ऐसा लग रहा था कि वो अब तक सेक्स की तलाश में है.
मैंने उनको टच करना चाहा, लेकिन में डर रहा था. फिर उसके बाद उन्होंने मुझसे पेपर लिया और फेंक दिया और पूछा कि तुमने पहले कभी किया है? तो मैंने पूछा कि क्या? तो उन्होंने कहा कि अंजान मत बनो. फिर में दिल ही दिल में खुश हुआ और उन्हें जवाब दिया जी हाँ एक बार किया है. फिर उन्होंने पूछा कि क्षकश या क्षकशकश. तो मैंने जानबूझकर उनसे पूछा कि इनका मतलब क्या है? तो उन्होंने कहा कि सिर्फ किसिंग, टचिंग या चुदाई. फिर मैंने तो चुदाई का नाम सुना तो मैंने तुरंत जवाब दिया कि हाँ मेडम.
फिर मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने जल्दी से उनके दोनों हाथों से पकड़ा और सोफे पर लेटा दिया और उन्हें किस करने लगा, तो उन्होंने कुछ भी नहीं कहा. अब में गर्म हो गया था, फिर मैंने उन्हें फ्रेंच किस किया और अब मेरा लंड तो बस फुल हार्ड था, मैंने शर्ट पेंट पहनी हुई थी. फिर मैंने उनके बूब्स पर बहुत देर तक किस किया, अब उनके बूब्स तो उनकी शर्ट के ऊपर से भी थोड़े-थोड़े नजर आ रहे थे. अब वो भी गर्म हो गयी थी और मेरी किसिंग उन्हें और गर्म करती जा रही थी.
अब उन्होंने सोफा पकड़ लिया था और जो में करना चाहता था मुझे करने दिया. फिर मैंने उनकी शर्ट उतारी और अपनी शर्ट भी उतार दी. अब वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि वो लाल हो रही थी. फिर मैंने उनकी सलवार उतारी और उसके बड़े-बड़े कूल्हों को दबाने लगा. फिर मैंने अपनी पेंट उतारी और अंडरवेयर भी उतार दी और उससे कहा कि मेडम प्लीज उल्टी हो जाओ, तो उन्होंने मुझसे कहा कि चुदाई करोगे.
फिर मैंने कहा कि अब मुझसे कंट्रोल नहीं होता. फिर उनके बूब्स सोफे से टच हुए तो दबने लगे और में उन्हें किसिंग करने लगा और उनकी कमर पर अपना हाथ फैरने लगा, तो उन्हें बहुत मज़ा आया. फिर में उनकी पीठ पर लेट गया तो मेरा लंड उनकी चूत से टच हुआ. अब मेरा लंड भी गर्म था और उनकी चूत भी गर्म थी. फिर मैंने उनकी ब्रा को पीछे से खोला और उतारकर फेंक दिया तो उनके बूब्स तो जैसे आज़ाद हो गये हो और ज्यादा खड़े हो गये.
मैंने उनके बूब्स को बहुत ज्यादा दबाया और फिर उन्हें सीधा किया और उनके बूब्स को चूसा उफफफ्फ़ क्या टेस्ट था उनके बूब्स का? फिर मैंने उनके निपल्स को चूसने के बाद उनकी दोनों टाँगें सीधी की और ऊपर कर दी और अपना लंड उनकी चूत में डाला, क्या टाईट चूत थी उनकी? फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत में अंदर किया तो मेरा लंड थोड़ा ही अंदर गया और उससे मज़ा आया. अब वो आह, ओह, प्लीज और जैसी आवाजे निकाल रही थी. फिर मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और वो बहुत तेज चीखी, लेकिन उन्होंने मुझे रोका नहीं.
फिर मैंने अपना लंड अंदर बाहर अंदर बाहर करना शुरू किया और करीब 30-40 मिनट तक उनकी चुदाई की. अब मेरा पानी निकल आया था और उनका भी पानी निकल गया था, उफफफ्फ क्या दिन था? मैंने कभी सोचा भी नहीं था. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अब तुम मेरे मुँह में अपना लंड डालो. फिर मैंने थोड़ी देर तक और उनकी चुदाई की और उनके बाद उनके मुँह में अपना लंड डाल दिया और उसे अंदर बाहर करने लगा, तो मुझे बहुत मज़ा आया. फिर 15 मिनट के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि अब बस करो मेरे पति आते ही होंगे, अब तुम जाओ.
मैंने उनके पूरे जिस्म पर किसिंग की और फिर अपने कपड़े पहने और उसे फ्रेंच किस देकर कहा कि मेडम आप चाहती है कि में फिर आऊँ. फिर उन्होंने कहाँ कि मुझे अपना मोबाईल नंबर दे दो, जब भी मेरे घर पर कोई नहीं होगा तो में तुम्हें बुला लूँगी. फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि तुम मुझे फोन नहीं करोंगे, तो मैंने कहा कि ठीक है. फिर मैंने उसे अपना मोबाईल नंबर दिया और अब तक में उसे 3 बार चोद चुका हूँ.
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मेडम की मालिश और चुदाई

हैल्लो दोस्तों, में विक्की शर्मा में इंदौर का रहने वाला हूँ और आज में एक बार फिर से अपनी दूसरी सच्ची कहानी लेकर आप सभी चाहने वालों की सेवा में एक बार फिर से हाजिर हूँ. दोस्तों यह घटना कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई और उस समय मैंने अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए एक बहुत अच्छे बड़े कॉलेज में अपना एडमिशन किया था. अब में वहां पर बहुत खुश था, मेरे वहां पर बहुत सारे अच्छे दोस्त बने और मुझे उनका व्यहवार बहुत अच्छा लगा.
हम पढ़ाई के साथ साथ बहुत मज़े भी करते थे. तब मेरे कॉलेज में एक टीचर थी, जिसका नाम था धारा, वो मुझे बहुत ही सेक्सी लगती थी. मैंने जब पहली बार उनको देखा में तब से ही उनकी बातें, उनकी सुन्दरता, उनकी हंसी को देखकर उनकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित हो गया.
दोस्तों वैसे मुझे अपने से बड़ी उम्र की लड़कियां ख़ासकर शादीशुदा औरतें हमेशा से ही बहुत पसंद भी है और वो मुझे आकर्षित भी करती है खैर धारा शादीशुदा तो नहीं थी, लेकिन वो हमारे कॉलेज से ही अपनी पढ़ाई पूरी करके कुछ साल पहले निकली थी और अब वो यहीं पर हमें पढ़ाने भी लगी थी और उसका फिगर बहुत ही मस्त था. उसके 36 इंच के एकदम गोल, मुलायम बूब्स, 32 इंच की गोरी मटकती कमर और 34 इंच के गोल मटोल उभरे हुए चूतड़, सुंदर सा चेहरा और उस पर गहरे लाल रंग के होंठ, जिसका मतलब वो बहुत बाला की सेक्सी औरत थी, इसलिए में उसके ऊपर लट्टू था और मैंने उसके गदराए हुए जिस्म को जिस दिन से देखा था, में उस दिन से उसका दीवाना हो गया था और वो थी भी बहुत हँसमुख और अच्छे स्वभाव की थी.
फिर मेरे कुछ दिन वहां पर रहने के बाद मेरी उससे अब धीरे धीरे बहुत हंसी मज़ाक भी होती रहती थी और मेरे आखरी साल तक आने तक तो मेरी उनसे अब बहुत अच्छी बातचीत शुरू हो गयी थी और अब हम दोनों एक दूसरे को कभी कभार व्हाटसप पर चुटकुले भी भेज दिया करते थे, हमारे बीच यह सब कुछ ऐसे ही चलता रहा.
अब मेरे कॉलेज के आखरी कुछ दिन बचे थे और इस वजह से सभी टीचर्स को भी हमारे साथ साथ कॉलेज में कुछ ज्यादा समय रुकना पड़ता था, वो हमे पढ़ाते और हम सभी मन लगाकर अपनी पढ़ाई करते थे. फिर एक दिन में भी अपने किसी काम से कॉलेज में रुक गया और मुझे वहां से अपने घर के लिए निकलते निकलते शाम के करीब 6 बज गए थे, में उस समय पार्किंग में था और तभी कुछ देर बाद मैंने देखा कि धारा मेडम भी वहां पर मेरे सामने से चली आ रही थी, उन्हें आता देख में उनके पास चला गया.
फिर मैंने देखा कि वो मुझे उनके चेहरे से कुछ बीमार सी लग रही थी, उनका चेहरा एकदम उतरा हुआ सा नजर आ रहा था, इसलिए मैंने उनसे पूछा कि आप आज ऐसे कैसे उदास मुरझाई हुई सी हो रही हो, क्यों बताईए ना क्या बात है? तब उसने मुझे बताया कि उनकी तबियत आज खराब है और वो मुझसे इतना कहकर आगे जाने लगी.
तभी मैंने उनको कहा कि चलो आज में आपको आपके घर पर छोड़ देता हूँ और वैसे भी आपने मुझे अभी अभी बताया है कि आपकी तबियत ठीक नहीं है, लेकिन उसने मुझसे मना कर दिया और वो मुझसे कहने लगी कि तुम रहने दो मेरी वजह से तुम्हें भी परेशान होना पड़ेगा, में अकेली ही चली जाउंगी, लेकिन अब मैंने उनसे बहुत ज़िद की और कई बार मेरे साथ जाने के लिए कहा और फिर मैंने उनसे कहा कि आप इस थकी हुई हालत में ऑटो से कहाँ जाओगे? आप मेरे साथ चलो और मेरे थोड़ा ज़िद करने पर वो मान गई. उन्होंने मुझसे कहा कि चलो ठीक है तुम अगर मुझसे इतनी जिद करते हो तो में आज तुम्हारा कहा मान लेती हूँ.
दोस्तों इतना कहकर वो मेरे पीछे बैठ गई और अब हम दोनों मेरी बाईक से उसके घर की तरफ जाने लगे थे और अब उसके बूब्स मेरी पीठ को छू रहे थे, जिसकी वजह से में उनके उन एकदम गोल, रुई जैसे मुलायम बूब्स को अपने शरीर से छू जाने पर बहुत अच्छा महसूस करने लगा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और फिर में पूरे रास्ते भर जानबूझ कर बहुत बार ब्रेक लगा लगाकर उन्हें अच्छे से महसूस किए जा रहा था और ब्रेक लगाने की वजह से वो अब मुझसे एकदम सटकर बैठी हुई थी.
फिर कुछ देर चलने के बाद हम उसकी मल्टी के बाहर पहुंच गए और वो मेरे पीछे से उतरकर बिल्कुल पास आकर खड़ी हो गई और में उसको लगातार देखता रहा, लेकिन दोस्तों मेरा उनको अपनी बाईक से उतारने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था. मैंने तो मन ही मन सोच रहा था कि मेरे साथ उनका यह सफर पूरी जिंदगी ऐसे ही चलता रहे और में उनके मज़े लेता रहूँ. अब उसने मुझसे ऊपर आने का कहा तो मैंने अपने होश में आकर उससे झट से हाँ कर दिया और फिर में उसके फ्लेट में अंदर जाकर बैठ गया और उसने मुझे पानी लाकर पिलाया.
फिर मैंने उससे कहा कि आप अब आराम करो और फिर मैंने उन्हें सोफे पर बैठा दिया और उससे पूछा कि अब आप मुझसे बताओ कि आपको क्या हुआ है? तो वो मुझसे कहने लगी कि ऐसा कुछ नहीं है बस मुझे थोड़ी सी थकान महसूस हो रही है और उसके साथ साथ मेरा पूरा बदन भी बहुत दर्द कर रहा है, कल रात को मेरी नींद पूरी नहीं हो पाई थी, यह उसी का नतीजा है. फिर मैंने उससे कहा कि आप आराम करो और लाओ में आपकी थोड़ी सी मसाज कर देता हूँ, हो सकता है उसकी वजह से आपको थोड़ा अच्छा लगने लगेगा.
फिर उसने मुझसे ऐसा करने के लिए साफ मना किया और वो कहने लगी कि तुम रहने दो, में उसके लिए आराम करने के साथ साथ कोई दवाई ले लूंगी और कुछ ही घंटो बाद में बिल्कुल ठीक हो जाउंगी. फिर मैंने उससे मज़ाक में कह दिया कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, में आपके साथ कुछ ग़लत नहीं करूँगा, जिसकी वजह से आपको मुझसे डरना पड़े. दोस्तों अब वो मेरी यह बात सुनकर थोड़ा सा मुस्कुराते हुए मुझसे कहने लगी कि ऐसी कोई बात नहीं है, जैसा तूने अपना दिमाग लगाकर सोचा है, में वो बात नहीं सोचती.
तब मैंने उससे कहा कि ठीक है तो फिर अब में चलता हूँ. तभी वो मुझसे बोली कि क्यों तुम मेरी बात का बुरा मान गये क्या? तो मैंने कहा कि नहीं आपको मुझ पर भरोसा ही नहीं है तो फिर मेरा अब यहाँ पर रुकने से क्या मतलब? तो वो मेरी यह बात सुनकर तुरंत मेरे पास आकर बैठ गई और वो मुझसे बोली कि ऐसी बात नहीं है, में बस तुझे बिना किसी वजह के परेशान नहीं करना चाहती.
फिर मैंने कहा कि अपनो की मदद करने में कैसी परेशानी, लेकिन शायद आप मुझे अपना ही नहीं समझती, इसलिए आपने मुझसे यह सब कहा? तभी वो एकदम से मेरा हाथ पकड़कर मुझे उनके कमरे में अंदर ले गई और में रुक गया और फिर वो मेरे सामने तुरंत अपने बेड पर उल्टी लेटते हुए मुझसे कहने लगी कि तुम मेरी कमर को थोड़ा ज़ोर से दबाना, बाकी मेरे कंधो में इतना ज्यादा दर्द नहीं है, इसलिए वहां तो तू अगर धीरे धीरे भी दबा दोगे तो चलेगा.
दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरी तो तबियत बिल्कुल खुश हो गयी और में झट से उसके पास जाकर बैठ गया और उसकी गर्दन से लेकर उसके कंधो तक और पीठ की मालिश करने लगा और अब उसे थोड़ी सी राहत मिल रही थी, इसलिए वो अपनी दोनों आँखे बंद करके पड़ी थी तो पीठ की मसाज करते समय बार बार मेरा हाथ उसकी ब्रा के हुक से टकरा रहा था और मन कर रहा था कि उसे में अभी खोल दूँ. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों आपको अब कैसा लग रहा है? तो उसने बिना अपनी आखें खोले बहुत धीमी आवाज में मुझसे हाँ कहा और अब मैंने उसकी गोरी पीठ से कमर की तरफ बढ़ने लगा और अपनी अच्छी ताक़त से उसकी पूरी पीठ और कमर की मसाज करने लगा और में कभी धीरे से उसके गोल मुलायम चूतड़ भी दबा देता, लेकिन फिर जल्दी से वापस कमर पर आ जाता. फिर कुछ देर बाद जब वो बहुत अच्छा महसूस करने लगी तो में उठकर उसके पैरों की तरफ चला गया और मैंने उससे कहा कि में इस तरफ बैठकर ठीक से मसाज कर नहीं पा रहा हूँ और उससे यह बात कहते हुए मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और में बीच में बैठ गया.
इससे पहले कि वो कुछ समझ पाती उससे पहले मैंने एक बार फिर से उसकी पीठ की मसाज करना शुरू कर दिया था. फिर में कमर से लेकर उसके चूतड़ तक दबाने लगा था और अब में धीरे धीरे नीचे उतरते हुए उसकी जांघे और पैरों को भी मसाज किया, लेकिन उसने मुझसे कुछ भी ना कहा, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत अब कुछ ज्यादा ही बढ़ गई.
फिर में उसकी जाँघो के अंदर के हिस्से को भी दबाने लगा था और अब में अपने हाथ ऊपर ले जाते हुए उसकी गांड की दरार तक ऊपर से नीचे तक मसाज करने लगा था, जिसकी वजह से जैसे ही मेरे हाथ उसकी गांड की दरार पर लगते वो अचानक से कुछ सिहर सी उठती थी. अब में उसको देखकर तुरंत समझ गया था कि वो अब तक कुछ कुछ गरम हो चुकी थी और लगातार कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़कर उसको अब एकदम सीधा किया.
अब मेरे इस काम में उसने भी मेरा पूरा साथ दिया और अब वो मेरे सामने बिल्कुल सीधी होकर लेट गई, जिसकी वजह से वो आँखे बंद करके सीधी लेटी हुई थी और में उसके दोनों पैरों के बीच में बैठकर उसके पैर और जांघे दबा रहा था.
फिर पीछे की तरह आगे से भी मैंने अपने हाथ को नीचे से ऊपर की तरफ चलाने शुरू किए और अब में उसके घुटनों से लेकर चूत तक उसकी जाँघो की मसाज कर रहा था और जब में चूत के करीब जाता तो अपने अंगूठो से चूत की दोनों फांको को आपस में घिस देता, जिसकी वजह से वो चिकार भरती और में फिर से नीचे आ जाता. दोस्तों 5-7 बार ऐसा करने के बाद मुझे उसकी चूत में अब हल्की हल्की चिकनाहट महसूस होने लगी थी और मैंने नीचे जाना कम करते हुए हर दो सेकेंड में उसकी चूत को मसलना शुरू कर दिया और अब वो भी बहुत मस्त होने लगी थी और मुझे उसके लगातार मोन करने की आवाजे आ रही थी.
फिर मैंने बिल्कुल सही मौका देखकर झट से उसकी सलवार और पेंटी दोनों को एक साथ नीचे करते हुए अपना मुहं तुरंत उसकी चूत पर रख दिया और में उसकी चूत चाटने लगा. दोस्तों मैंने यह काम इतने कम समय में अचानक से किया कि उसको सोचने समझने का बिल्कुल भी मौका नहीं मिला और फिर उसने थोड़ा सा घबराकर उठने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसकी कमर को पकड़कर उसकी चूत को और भी ज़ोर से चाटने लगा और चूसने लगा था, जिसकी वजह से वो बिल्कुल मदहोश होते हुए एक बार फिर से नीचे लेट गई और अब वो अपनी कमर को धीरे से हिला हिलाकर मेरे मुहं से उसकी चुदाई करवाने लगी थी और तब मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बुरी तरह से गीली हो रही थी.
अब मैंने अपने हाथों से उसकी चूत की फांको को पूरा खोल दिया और में अपनी जीभ को पूरा अंदर तक डालकर चूसने लगा था, इससे उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गयी और दो मिनट में ही वो झार झार करते हुए झड़ गई और में उसका चूत रस पीने लगा और थोड़ा अपनी उंगलियों पर लगाकर उसको चाटने भी लगा था.
फिर आखरी घूट अपने मुहं में लेकर मैंने उसके ऊपर लेटते हुए उसको किस करते हुए में अब उसको भी उसकी चूत का रस पिलाने लगा था, जिसकी वजह से वो और भी जोश में आकर मेरे होंठो को चूसने लगी थी और हम दोनों पागलों की तरह एक दूसरे को किस किए जा रहे थे और मैंने झट से उसकी कुरती और उसके बाद ब्रा को भी उतार दिया और अब में उसके बूब्स को चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा था.
अब उसने भी मेरी शर्ट और बनियान को उतार दिया और में उसके निप्पल को अपने अंगूठे और उंगली के बीच में लेकर उन्हें निचोड़ने लगा और कभी में उन्हे मसलता, कभी काटता, कभी चूसने लगता और वो भी मस्ती में आकर चीखते हुए मेरे बालों में हाथ फेर रही थी. फिर करीब 5-7 मिनट उसके बूब्स से खेलने के बाद में वापस उसके होंठो को चूमने लगा और उंगली से उसकी चूत को चोदने लगा था.
फिर मैंने अपनी पेंट और अंडरवियर को भी उतार दिया और उसको चूमते हुए ही अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, जिसकी वजह से वो और भी ज्यादा गरम गई थी और अब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उसके झड़ने के बाद मैंने उसका चूत रस अपने हाथ में लेकर अपने लंड पर लगाया और लंड को चूत के मुहं पर सेट किया और धीरे धीरे से दबाव बनाते हुए अंदर डालने लगा था, दर्द और उत्तेजना में उसके मुहं से आह्ह्हह्ह्ह्ह माँ मर गई आईईईईइ निकल रही थी और उसने मुझे कसकर पकड़ रखा था.
फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारकर अपने लंड को पूरा चूत में डाल दिया और अब में उसके ऊपर लेटकर उसके होंठो को चूमते हुए उसको हल्के हल्के धक्के देकर चोदने लगा था और जोश में आकर वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी और अपने बूब्स को मेरी छाती पर घिसते हुए चुदवाने लगी थी.
फिर इस तरह करीब 5-7 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया और अब में उसे हल्का सा उठाकर उसके बूब्स को चूसने लगा और वो अपनी गांड को उछाल उछालकर मुझसे चुदने लगी और उसके मुहं से आह्ह्ह्हह्ह उम्महसस्स आईईईईईई की आवाज़े निकल रही थी और में बड़े प्यार से उसके बूब्स को चूस रहा था और उसके निप्पल पर काट रहा था, मेरी इस सब काम में उसकी उत्तेजना इतनी बढ़ गई थी कि वो सस्स्सस्स आअहह करते हुए बुरी तरह से झड़ने लगी थी, वो मुझे कसकर जकड़ते हुए करीब दो मिनट तक झड़ती रही और ज़ोर ज़ोर से अपनी गरम चूत को मेरे तनकर खड़े लंड पर पटकती रही और वो मेरी छाती से लगकर कुछ देर हांफती रही.
उसके बाद अपना मुहं मेरे होंठो के करीब लाकर वो अपनी गरम साँसे मेरी सांसो से मिलाकर बोली कि वाह मज़ा आ गया रे विक्की आख़िरकार तूने मुझे चोद ही दिया ना यह कहकर वो मेरे होंठो को चूमने लगी. फिर मैंने झट से उसे अपने नीचे ले लिया और अपने होंठो को छूकर कहा कि चुदाई अभी बाकी है मेरी जान और फिर हमारे बीच एक ज़ोरदार चुंबन शुरू हुआ और किस के साथ साथ धक्का देकर चुदाई भी चल रही थी और उसकी गरम आहे यह बता रही थी कि वो फिर से कितनी गरम हो चुकी है.
अब में दोबारा उसके बूब्स पर आ गया और थोड़ी देर बूब्स को चूसने के बाद दोबारा उसके गुलाबी होंठो का रसपान करते हुए और उसके बूब्स को मसलते निचोड़ते हुए में उसको लगातार चोदने लगा था, जिसकी वजह से उसकी गर्दन पर, चेहरे पर और उसके होंठो पर चूमते चाटते हुए अब उसको चोदते हुए मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और वो भी बड़े दिनों के बाद चुद रही थी, इसलिए वो अपने सारे दुःख दर्द को भूलकर चुदवा रही थी और उसकी सिसकियों की आवाज भी अब बहुत बढ़ गयी थी और वो भी पूरी मस्ती में चुद रही थी, वो मुझसे कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह हाँ चोद दे मुझे उफफ्फ्फ्फ़ थोड़ा अंदर तक घुसा, में बहुत दिनों के बाद चुद रही हूँ, वाह तू तो बहुत अच्छी चुदाई करता है आईईईइ में कब से ऐसी चुदाई के लिए तरस रही थी, हाँ ऊईईईईईईई वाह तेरे साथ मज़ा आ गया, में तो तुझे अब तक छोटा बच्चा समझ रही थी, लेकिन तू तो बहुत ऊँची चीज निकला, तू इतने दिनों से कहाँ छुपा था.
फिर करीब दस मिनट के बाद मेरा बदन अकड़ गया और अब में झड़ने लगा था और मेरा लंड से निकला मेरा फव्वारा छूटते ही उसकी चूत से भी वीर्य का वो झरना बह निकला और अब हम दोनों साथ साथ झड़ने का आनंद लेने लगे थे. उसके बाद में बिल्कुल निढाल सा होकर उसके एक साईड में लेट गया और करीब दो चार मिनट ऐसे ही पड़े रहने के बाद वो अपने होंठ मेरे होंठो के करीब लाकर मुझसे बोली कि वाह तूने तो मुझे अपना पूरा दीवाना ही बना लिया है, तूने इतनी प्यारी दमदार चुदाई करना कहाँ से सीखा है? फिर मैंने उससे कहा कि यह सब तो आपके इस हुस्न का ही जादू है मेरी जान, अगर मेरा बस चले तो में दिन रात ऐसे ही आपसे इश्क़ लड़ाता रहूँ और आपकी चुदाई करके वो मज़े देता रहूँ, जिसके लिए में ऐसा बना हूँ.
दोस्तों उनसे यह बात कहते हुए में उसकी गरम, गीली चूत को भी मसल रहा था. तभी कुछ देर बाद अचानक से उसने एक बहुत ही मादक सी आह भरी और मैंने एक हाथ से उसका गाल पकड़ते हुए उसके गुलाबी रसीले होंठो को एक बार फिर से अपने होंठो में जकड़ लिया था, लेकिन दोस्तों अब की बार में उसे एक नये अंदाज़ में चोदना चाहता था, इसलिए में बिस्तर पर अपनी कमर को दीवार के सहारे करके बैठ गया और फिर मैंने उसको अपनी गोद में बैठाते हुए धीरे धीरे से अपना लंड उसकी चूत में उतारते हुए पूरा अंदर डाल दिया और मेरा लंड अब सीधा जाकर उसकी बच्चेदानी से जा टकराया और उसके मुहं से आईईईई माँ मर गई की आवाज निकल गई और उसकी वजह से वो अब मुझसे एकदम चिपककर मेरी गोद में बैठी हुई थी. मैंने उसको अपनी बाहों में कसकर जकड़ा हुआ था और अब वो उछल उछलकर चुद रही थी और उसके साथ साथ मज़े भी ले रही थी, में उसको अपना सहारा देकर ऊपर नीचे होने में मदद करने लगा था.
दोस्तों उसके लगातार ऊपर नीचे होने की वजह से उसके गोल, मुलायम, लटकते हुए बूब्स मेरी छाती पर रगड़ खा रहे थे और हम दोनों चुदाई के साथ साथ बहुत ही प्यार भरा चुंबन लेते हुए बड़े ही प्यार से चुदाई की और उस मस्ती में पूरी तरह से डूबे जा रहे थे, कभी में उसकी गर्दन चूमता और कभी उसे कसकर गले लगाते हुए उसके बूब्स को अपनी छाती से दबाते हुए ज़ोर के झटके मार देता, जिसकी वजह से उसके मुहं से उन सिसकियों की आवाज़ और भी ज्यादा बढ़ जाती.
फिर कुछ देर बाद उसको पीछे की तरफ झुकाते हुए में उसका एक बूब्स मुहं में लेकर खींचते हुए ज़ोर लगाकर पीने लगा था, जिसकी वजह से वो खुद भी अब ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी थी. दोस्तों हमारी इस तरह से चुदाई करीब 30-40 मिनट तक लगातार चली और इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर जब मुझे ऐसा लगा कि मेरा भी वीर्य अब निकलने वाला है तो मैंने झट से उन्हें नीचे लेटाते हुए ज़ोरदार धक्को की बारिश शुरू कर दी थी और मेरी इस धक्का पेल में वो भी अब अपनी चरम पर पहुंच गयी थी और फिर वो बहुत भी अपने मुहं से सेक्सी आवाज़े निकालते हुए मेरे साथ ही झड़ गयी, जिसकी वजह से मेरा और उनका वीर्य उनकी चूत में जाकर एक हो गया था, वो पूरी पसीने से भीगी हुई थी और अब वो एकदम निढाल हो गई थी, लेकिन मुझे उसके चेहरे से एकदम साफ नजर आ रहा था कि वो मेरी चुदाई से बहुत अच्छी तरह से संतुष्ट थी.
फिर हम कुछ देर तक ऐसे पड़े रहे और एक दूसरे के जोश की तारीफ़ करते रहे. हमे चुदाई करते हुए अब रात के करीब दस बज चुके थे और में अपने कपड़े पहनकर तैयार होकर उनसे विदा लेकर वापस अपने फ्लेट पर आ गया. दोस्तों उस दिन के बाद मैंने उसको कई बार चोदा. मैंने कभी उसके फ्लेट पर तो कभी मेरे फ्लेट पर उसको बहुत जमकर चोदा और उसके साथ चुदाई के पूरे पूरे मज़े लिए. उसने हर बार मेरा पूरा साथ दिया और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे.
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सेक्सी कविता मेडम की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, कभी कभी हमारे जीवन में ऐसा कुछ घटित हो जाता है जिसकी हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते और ठीक वैसा ही मेरे साथ भी हुआ और वो दिन मुझे आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है जिस दिन मैंने अपनी एक मेडम को अपने स्कूल में चोदा और उनकी प्यासी चूत में अपना लंड डालकर अपने वीर्य से उसको भरकर पूरी तरह से संतुष्ट किया.
दोस्तों इस कहानी को आप लोगों के लिए लिखते हुए मुझे वो मज़ा तो नहीं आएगा, लेकिन हाँ दोबारा वो यादें आज दोबारा से ताजा हो जाएगी और में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप लोगों को जरुर अच्छे लगेगी और इसको पढ़कर आप मुझे मैल करना भी ना भूले.
वैसे यह मेरी अपनी पहली कहानी है, लेकिन में बहुत लंबे समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े लेता आ रहा हूँ और दोस्तों यह मेरी कहानी मेरी और मेरी कविता मेडम की है. कविता मेडम मुझे स्कूल में गणित पड़ती है, जिसको मैंने उनके कहने पर चोदा और वो मज़े लिए.
दोस्तों यह घटना मेरे साथ तब घटी जब में 12वीं क्लास की पढ़ाई कर रहा था. मेरी वो मेडम बहुत ही सुंदर गोरी होने के साथ साथ वो बड़ी हॉट सेक्सी भी थी और उनके मोटे मोटे बूब्स मस्त मोटी गांड स्कूल में हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती थी और उनका व्यहवार सभी के लिए एक जैसा मतलब कि वो बहुत अच्छी तरह से हंस हंसकर बातें किया करती थी, इसलिए वो मुझे बहुत पसंद थी और उनकी शादी हो चुकी थी, लेकिन फिर भी वो ना तो अपने चेहरे और ना ही अपने उस कातिल सेक्सी बदन से शादीशुदा लगती थी. उन्होंने अपने पूरे शरीर का बड़ा ध्यान रखा हुआ था उनके गोरे गोरे बूब्स के निप्पल हमेशा तनकर खड़े रहते थे इसलिए वो अब भी इतनी सुंदर आकर्षक लगती थी.
दोस्तों में शुरू से ही गणित में कमजोर था, लेकिन फिर मेरी कविता मेडम की वजह से मुझे अब बहुत कुछ आने लगा था. दोस्तों एक दिन कविता मेडम ने हमारी क्लास में कहा कि जो भी बच्चा कल गणित का होमवर्क नहीं करके आएगा तो वो कल उस बच्चे को सजा जरुर देगी. फिर मैंने किसी वजह से अपना गणित का काम नहीं किया था और अगले दिन में जब अपने स्कूल पहुंचा तो मेडम ने सभी बच्चो से उनका किया हुआ काम बताने के लिए कहा.
सभी बच्चों ने अपना अपना काम पूरा करके उनको दिखा दिया और उन्होंने अपना काम पूरा किया था, लेकिन उन सभी में एक में ही अकेला ऐसा बच्चा था जिसने अपना वो काम नहीं किया था. अब में अपनी कविता मेडम के सामने अपना सर झुकाकर खड़ा था, तब उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे इतना समझाने पर भी तुमने अपना काम क्यों नहीं किया, लेकिन मैंने उनको अपनी तरफ से कोई भी जवाब नहीं दिया और तब वो मुझसे कहने लगी कि आज तुम यहाँ स्कूल की छुट्टी हो जाने के बाद अपना काम करोगे और में खुद तुम्हे तुम्हारा वो काम करवाऊँगी.
मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है मेडम और फिर क्लास खत्म हुई और उसके बाद वो चली गई और धीरे धीरे स्कूल की छुट्टी होने का समय भी आ गया. छुट्टी की घंटी बजी और सभी बच्चे अपने अपने घर जाने लगे, लेकिन मुझे तो वहीं पर रुककर अपना अधूरा काम पूरा करना था इसलिए में अब भी अपनी क्लास में ही बैठा रहा और अब तक वहां पर मेरे आसपास बैठे हुए सभी बच्चे भी अपने घर जा चुके थे, जिसके बाद अब में अपनी क्लास में बिल्कुल अकेले बैठा हुआ था.
तभी थोड़ी देर के बाद में कविता मेडम आ गई और में उस समय सबसे आगे वाली बेंच पर बैठा हुआ था, मेडम ने अंदर आते ही क्लास का दरवाजा बंद कर दिया और वो अब ब्लॅकबोर्ड पर मुझे सवाल समझाने लगी, लेकिन में तो सवाल को कम उनकी मोटी गांड को ज्यादा देख रहा था.
तभी अचानक से उनके हाथ से चोक नीचे गिर गई और मेडम उसको लेने के लिए नीचे झुकी तो मुझे उनके मोटे मोटे गोरे बूब्स की एक झलक दिखाई देने लगी और तभी उन्होंने मुझे उनके बूब्स की तरफ देखते हुए देख लिया था और वो सुंदर द्रश्य देखकर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो चुका था.
फिर मेडम ने कुछ एक दो सवाल करवाने के बाद मुझसे कहा कि तुम अपने यह सवाल करो में बस एक मिनट में अभी आती हूँ. फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है मेडम और मेडम दरवाजा खोलकर क्लास से बाहर चली गयी, लेकिन अब उनको गये हुए बहुत देर हो चुकी थी और वो वापस नहीं आई थी. अब मैंने मन ही मन सोचा कि अब मुझे ही चलकर देख लेना चाहिए कि उनको इतनी देर कहाँ और कैसे लगी? और में अपनी क्लास से बाहर जाकर अपनी मेडम को इधर उधर देखने लगा.
में सभी क्लास में उनको देखता जा रहा था, लेकिन वो मुझे कहीं भी नजर नहीं आ रही थी और जब में उस हिस्से के लड़कियों के टॉयलेट के सामने से निकला तब मुझे अंदर से कुछ आवाज़ आ रही थी, इसलिए में वहीं पर रुक गया और में थोड़ी हिम्मत करके उस टॉयलेट के पास चला गया और मैंने ध्यान से अपना कान लगाकर सुना तो मुझे तब पता लगा कि यह तो मेरी कविता मेडम की ही आवाज़ थी. उसके बाद में दरवाजे के थोड़ा और पास चला गया.
फिर उसके बाद मैंने अंदर झांककर देखा कि अंदर दीवार पर लगे उस आईने के सामने मेरी मेडम नंगी खड़ी हुई थी और मेरी मेडम ने अपनी कमीज़ को उतार रखा था और उन्होंने अपनी ब्रा को भी नीचे किया हुआ था, मतलब मेडम के मोटे मोटे बूब्स उनकी ब्रा की उस केद से एकदम आज़ाद होकर बहुत खुश नजर आ रहे थे और यह सब देखकर मेरी चकित आखें वहां से हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी, क्योंकि इस पूरी दुनिया का सबसे अच्छा रोचक द्रश्य आज मेरे सामने था और उस समय मेडम ने अपनी सलवार को भी नीचे कर रखा था और उनका एक हाथ पेंटी में था और दूसरा हाथ उनके बूब्स पर था, वो गरम होकर सिसकियाँ ले रही थी आहहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ आज तो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हो रहा है और अब तो मुझे चुदाई करवानी ही पड़ेगी. मेरी चूत कब से प्यासी है में अब इसका क्या करूं?
में उनके मुहं से यह बातें ऐसे शब्द सुनकर बिल्कुल हैरान रह गया और मन ही मन सोचने लगा कि मेडम यह सब क्या कह रही है उस सभी की वजह से मेरा लंड अब तनकर खड़ा हो चुका था और अब मेरा मन अपनी सेक्सी कविता मेडम को उसी समय पकड़कर चुदाई करने का कर रहा था, इसलिए में अपनी पेंट के ऊपर से ही अपना लंड पकड़ा हुआ था उसको सहला रहा था. तभी अचानक से एक आवाज़ आई, हाँ अब तुम अंदर आ जाओ, प्लीज़ मुझे चोदो ना, में यहाँ पर तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी.
फिर में तुरंत अंदर चला गया और में मेडम को पकड़कर उनके होंठो पर स्मूच लेने लगा. कुछ देर बाद अपने होंठो को हटाकर मेडम अब अपने घुटनों के बल बैठ गयी और वो मेरी पेंट को खोलने लगी. पेंट को खोलने के बाद उन्होंने मेरा अंडरवियर भी उतार दिया.
दोस्तों मेरी अंडरवियर के नीचे उतरते ही मेरा खड़ा लंड अब बाहर आ गया था जो मेरी मेडम के ठीक सामने आकर उनकी चूत को सलामी दे रहा था और मेडम ने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो उसको ऐसे चूसने लगी जैसे पहली बार उन्होंने कोई लंड देखा हो मेरा हाथ मेडम के बूब्स पर पहुंच गया था आअहह वाह उनके बूब्स कितने टाइट थे. मैंने उनको छूकर महसूस किया और अब मेरा मन मेडम के बूब्स को चूसने का कर रहा था, लेकिन मेडम तो मेरा लंड छोड़ ही नहीं रही थी.
फिर मैंने उनसे कहा कि मेडम मुझे आपके बूब्स को चूसना है. तभी मेडम खड़ी हुई और उन्होंने मेरा मुहं पकड़कर अपने बूब्स पर लगा दिया और मेरे सर पर हाथ फेरने लगी थी, में अब मेडम के मोटे मोटे बूब्स को दबा दबाकर चूस रहा था.
फिर मैंने बहुत देर तक उनके बूब्स को चूसने के बाद मेडम को हल्का सा धक्का देकर उनको दीवार के साथ लगा दिया और फिर मैंने खड़े खड़े अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और में ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और हम दोनों बहुत जोश में थे और कई देर के बाद मेरा वीर्य मेडम की चूत में डाल दिया. फिर उसके बाद में और मेडम नंगे ही वापस अपनी क्लास में आ गए और फिर मैंने मेडम को एक टेबल पर लेटा दिया और में उनके पास खड़ा होकर अब में उनके बूब्स को चूसने लग था और उनके निप्पल को निचोड़ने लगा था, जिसकी वजह से वो बहुत जोश में आकर सिसकियाँ ले रही थी और मुझसे कह रही थी हाँ उफ्फ्फफ्फ्फ़ तुम आज इनको जमकर चूसो, इनका पूरा रस निचोड़ दो आह्ह्हह्ह वाह मज़ा आ गया, हाँ चूसते रहो.
थोड़ी देर बूब्स को चूसने के बाद मैंने सही मौका देखकर उसका फायदा उठाना ठीक समझा और मैंने एक बार फिर से अपना लंड मेडम की चूत में डाल दिया और फिर मैंने उन्हे बहुत जमकर चोदा इस बार मैंने उनकी थोड़ा लंबे समय तक लगातार धक्के देकर चूत को शांत किया और मैंने दोबारा झड़कर अपना पूरा वीर्य उनकी चूत के अंदर डाल दिया जो कुछ ही देर बाद लंड के अंदर बाहर होने की वजह से बाहर आकर उनकी जांघो पर फैल गया और उसके कुछ देर बाद मैंने उनको छोड़ दिया और वो उठकर खड़ी हो गई. फिर उन्होंने अपने सभी कपड़े ठीक किए और वो मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी.
दोस्तों अब हम दोनों ऐसे ही कई बार कभी उनके घर पर तो कभी स्कूल में सेक्स कर चुके है, जिसकी वजह से हमने बहुत मज़े लिए और हमारे बीच अब कोई भी दूरी नहीं है, इसलिए उन्होंने अपनी पहली चुदाई के बाद अपने जीवन की बहुत सारी बातें मुझे बताई जिनको हमारे अवाला कोई नहीं जानता था. उन्होंने मेरी चुदाई और चोदने का तरीका बहुत देर तक जमे रहने की भी बड़ी तारीफ की है और अब हमे जब भी कोई अच्छा मौका मिलता है हम चुदाई का काम खत्म करते है, जिससे वो हमेशा बहुत संतुष्ट दिखाई देती है और में उनको देखकर खुश रहता हूँ, लेकिन यह सब कभी मेरे साथ होगा मैंने कभी किसी सपने में भी नहीं सोचा था और वो आज एक हकीकत बन गया है.
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प्रोफेसर की चुदक्कड़ बीवी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राकेश है और में गुजरात के अहमदाबाद शहर में रहता हूँ. में शादीशुदा हूँ और मेरे दो बेटे भी है. दोस्तों आज में जो कहानी आप लोगों को सुनाने जा रहा हूँ, यह घटना मेरे साथ उस समय घटी जब में एक बहुत बड़े कॉलेज में अपनी दूसरे साल की पढ़ाई कर रहा था और मैंने तब तक सेक्स के बारे में सिर्फ़ सुना ही था और मैंने सेक्स करते हुए देखा था, लेकिन वो सब मैंने ब्लूफिल्म में देखा और कभी भी सच में किसी को सेक्स करते हुए नहीं देखा था और आज में आप सभी चाहने वालों को अपना एक सच्चा सेक्स अनुभव बताने यहाँ पर आया हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि उसको पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा.
दोस्तों मेरी लम्बाई 5.8 इंच है और मेरा बदन दिखने में एकदम ठीक-ठाक है और में पढ़ाई में भी बहुत अच्छा था, उस समय मेरे कॉलेज के एक प्रोफेसर मिस्टर पाटिल जो कि महाराष्ट्र के रहने वाले थे और मेरी उनसे शुरू से ही बहुत अच्छी पटती थी और वो हमेशा मेरी पढ़ाई के बारे में मदद किया करते थे और में उनके हर एक छोटे बड़े कामों को कर दिया करता था उनसे मेरी बहुत ज्यादा बातें और कभी कभी हंसी मजाक भी होता था और दोस्तों उनके परिवार में उनके अलावा सिर्फ़ उनकी पत्नी ही उनके साथ रहती थी, वो दोनों अपने उस जीवन में बड़े खुश थे.
दोस्तों यहाँ से शुरू होती है मेरी वो कहानी, उस दिन जब में अपने कॉलेज पहुँचा तो कॉरिडर में मुझे मिस्टर पाटिल सर मिल गए और उनको देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो किसी को ढूंढ रहे थे, मैंने नज़दीक जाकर उनसे गुड मॉर्निंग किया. तभी वो तुरंत मुझे देखकर खुश होकर मेरी तरफ देखने लगे और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि राकेश क्या तुम मेरा एक काम करोगे? तो मैंने तुरंत अपना सर हिलाकर उनसे कहा कि हाँ बताए सर मुझे क्या करना है? तभी वो मुझसे बोले कि यह जरूरी कुछ पेपर तुम मेरी पत्नी को मेरे घर पर जाकर दे देना, में यहाँ पर मीटिंग होने की वजह से नहीं जा सकता और यह उसको देना बहुत ज़रूरी है.
फिर मैंने उनकी पूरी बात सुनकर तुरंत हाँ कहा और फिर में सर के घर की तरफ चल दिया जो कि नज़दीक ही था और फिर मैंने उनके घर पर पहुंचकर दरवाजे पर लगी घंटी को बजाया और थोड़ी ही देर में दरवाजा खुला और तभी मेरा मुहं खुला का खुला रह गया क्योंकि वो नजारा देखकर मुझे ऐसा लगा था जैसे कोई अप्सरा मेरे सामने खड़ी हो और उनकी सुंदरता की तारीफ करने के लिए मेरे पास कोई भी शब्द नहीं थे और उनको देखकर मेरे मुहं से कोई आवाज़ नहीं निकल रही थी. में सिर्फ़ उनको अपनी चकित नजरों से देखता ही रह गया.
मुझे ऐसे देखने और कुछ भी ना बोलने से वो दरवाजा बंद करने लगी और तभी में अपने होश संभालते हुए बोला कि एक मिनट मेडम मुझे पाटिल सर ने भेजा है आपको यह कवर देने के लिए. तब उन्होंने हंसते हुए दरवाजा दोबारा खोल दिया और फिर उन्होंने मुझे अपने घर के अंदर बुलाया और वो मेरी तरफ देखने लगी. में शरम के मारे नीचे देखने लगा तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारा नाम क्या है? मैंने अपना नाम उनको बताया तो मेडम ने मुझे बैठने के लिए बोला और में बैठ गया.
फिर उसके बाद वो मेरे लिए पानी लेने रसोईघर की तरफ चली गयी और में एक बार फिर से मेडम को पीछे से देखने लगा वाह क्या मस्त फिगर था उनका एकदम गोल सही आकार के आकर्षक बूब्स, उनकी वो मादक आँखें, उनके गोरे गाल, उनके रसीले होंठ, उनकी उभरी हुई टाइट गांड थी, वो साड़ी में बहुत सुंदर लग रही थी और उनको देखकर मेरा लंड कुछ ही देर बाद पेंट के अंदर टाइट होने लगा था और मेडम जब वापस आई तो मुझे बिल्कुल भी पता नहीं कि उनके दिमाग़ क्या चल रहा था? वो मेरे पास आकर मुझसे बोली राकेश आपके पास थोड़ा समय हो तो आप रुक जाए तो में यह फॉर्म आपको भरकर दे देती हूँ आप प्लीज सर को दे देना, तो मैंने कहा कि हाँ ठीक मेडम में जब तक आप कहें यहीं पर रुक जाता हूँ और फिर वो मेरे पास सोफे पर आकर बैठ गयी और उसके बाद वो नीचे झुककर वो फॉर्म भरने लगी.
उन्होंने उस समय गहरे गले का ब्लाउज पहन रखा था और उसकी वजह से और उनके इतना ज्यादा नीचे झुककर काम करने की वजह से उनके गोरे गोरे बूब्स के बीच की सुंदर दरार मुझे बहुत अच्छी तरह से दिख रही थी, जिसकी वजह से मेरा पूरा ध्यान उनके गोरे सेक्सी जिस्म पर था और में उनकी मादक खुशबु में जैसे खो सा गया था. मेरी नजर अब उनके बदन से हटने को तैयार ही नहीं थी और कुछ देर बाद यह बात मेडम ने भी देख ली और उन्होंने मुझे हल्का सा स्माइल देते हुए वो पेपर भरकर मेरे हाथ में दे दिए.
दोस्तों में एकदम सच कहता हूँ कि में किसी भी शब्दों में आप लोगों को बता नहीं सकता कि में तो उनके गोरे मुलायम हाथ का स्पर्श अपने हाथ पर पाते ही जैसे बिल्कुल पागल हो गया और में जब उठकर वहां से जाने लगा तो मेडम मुझसे बोली कि राकेश अगर तुम्हारे पास टाइम हो तो तुम मुझसे मिलने आ जाया करो, वैसे भी में पूरे दिन यहाँ पर अकेली बोर हो जाती हूँ.
दोस्तों मेरे लिए यह शब्द मानो एक तरह का खुला न्योता हो गया और मैंने तुरंत उनकी बात पर हाँ कह दिया और मैंने उनका फोन नंबर ले लिया और उसके बाद में वहां से चला आया, लेकिन में बस उनके ही सपने देखता रहा. मैंने उनके बारे में बहुत कुछ सोचा और फिर उसके दूसरे दिन मैंने बहुत हिम्मत करके उनको फोन किया तो मेडम ने मुझे तुरंत ही अपने घर पर बुला लिया और में भी उनके कहने पर तुरंत ही उनके घर पर चला गया. घर पर जाते ही मेडम ने हंसते हुए मुझे अंदर आने के लिए कहा और बैठने का इशारा किया तो में उनके कहने पर बैठ गया और उन्होंने मुझसे पूछा कि राकेश तुम क्या लेना पसंद करोगे ठंडा या गरम?
में उनकी बात का मतलब पूरी तरह से समझ गया और अब में उनसे बोला कि कुछ गरम मिल जाए तो मज़ा आ जाएगा. फिर मेरी बात को सुनकर मेडम ने मेरी तरफ हंसकर कहा कि थोड़ा सा इंतजार करो में अभी देती हूँ, उस समय मेरी नज़र मेडम के बूब्स पर थी क्योंकि उन्होंने आज एकदम टाइट टॉप और स्कर्ट पहन रखी थी उसमे वो और भी ज्यादा हॉट सेक्सी लग रही थी.
फिर वो मुझसे इधर उधर की बातें करने लगी, लेकिन में तो सिर्फ़ मेडम को ही देख रहा था और मेरा पूरा ध्यान उनके उस मादक जिस्म पर था जिसकी चुदाई के सपने में एक दिन पहले ही देख चुका था और अब मुझे कैसे भी करके उसको पाना था और उसकी जमकर चुदाई करनी थी.
फिर कुछ ही देर बाद मेरे शरीर के अंदर पता नहीं कुछ कुछ होने लगा था जिसकी वजह से मेरा लंड घड़ी घड़ी पेंट में हलचल कर रहा था वो अपने असली आकार में आकर तनकर खड़ा था और यह सब मेडम भी धीरे से अपनी चोर नजर से देख रही थी. अब में मन ही मन में सोच रहा था कि कैसे में मेडम की चुदाई करूं? उस काम को करने के लिए में उनसे क्या कहूँ? तभी मेडम ने मुझसे पूछ लिया क्यों राकेश क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो मैंने हंसते हुए अपना जवाब उनको दिया कि मुझे अभी तक कोई आप जैसी मिली ही नहीं जिसको में अपनी गर्लफ्रेंड बना सकता.
फिर वो मेरी बात को सुनकर हंस पड़ी और तुरंत वो बोली कि हाँ ठीक है आज से में तेरी गर्लफ्रेंड बोल क्या तू तैयार है? दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चोंक पड़ा और मुझे उनके कहे शब्द और मेरे कानों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ कि वो आगे होकर मुझसे यह सब क्या कह रही है और तभी वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगी और मुझसे पूछने लगी क्यों क्या हुआ तुमने मुझे तुम्हारा कोई भी जवाब नहीं दिया, क्या तुम्हे में अच्छी नहीं लगी? फिर में उनसे बोला कि आपको कौन पागल ना कहेगा? लेकिन मेरी आपसे एक शर्त है.
फिर मेडम मुझसे पूछने लगी कि वो क्या? तब मैंने उनसे बहुत हिम्मत करके कह दिया कि मेडम आपको मेरे साथ वो सब करना पड़ेगा जो काम हमेशा एक बॉयफ्रेंड अपनी गर्लफ्रेंड के साथ करता है. फिर वो मुझसे बिल्कुल अंजान बनकर पूछने लगी और बोली कि राकेश में तुम्हारे कहने का मतलब नहीं समझी. अब मैंने उनसे पूछा कि क्या में आपको एक किस कर सकता हूँ? वो मुस्कुराकर बोली कि क्यों नहीं हाँ कर सकते हो उनके चेहरे से मुझे साफ साफ पता चल रहा था कि वो मुझसे अब क्या चाहती है उनके मन में क्या क्या चल रहा है?
दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरी तो ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और मैंने बिल्कुल भी समय ना गवाते हुएँ आगे बढ़कर मेडम को अपने और भी पास खींचकर उनके होंठो पर एक हल्का सा लीप किस ले लिया और में वापस उनसे दूर हो गया.
वो सब करना मेरे लिए तो स्वर्ग की सेर करने जैसा था, क्योंकि वो सब मेरा पहला अनुभव था और मेरा लंड अब मेरी पेंट में बिल्कुल पागल हो रहा था. में जाने क्या क्या सोचने लगी. तभी मेडम मुझसे बोली क्यों बस इतना ही? इसके आगे क्या तुम कुछ भी नहीं करोगे? लो कर लो बात फिर क्या था? और फिर वो खुद ही उठकर मेरी गोद में आकर बैठ गयी और अब वो मुझसे अपनी शरारती हंसी के साथ पूछने लगी कि बोलो और क्या करते है गर्लफ्रेंड के साथ मुझे बताओ?
फिर मैंने उनकी बात का कोई भी जवाब नहीं दिया और में मेडम को किस करने लगा. उनके मस्त और नाज़ुक स्तन मेरी छाती को स्पर्श करने लगे और में एकदम उत्तेजित हो गया और एक हाथ से में उनके स्तन को सहलाने लगा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा, वो मेरी बाहों में अपने पूरे बदन को मेरे लिए ढीला छोड़ने लगी और उनकी कामुकता को देखकर में कुछ ज्यादा ही जोश में आकर अपने हाथ उनके बूब्स पर चलाने लगा और उनकी नरम गुलाबी होंठो को चूसने लगा और अपनी जीभ को उनके मुहं में अंदर तक डालकर घुमाने लगा और अब मेडम भी पूरे जोश में आ चुकी थी और उनके मुहं से अह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फफ्फ्फ़ की आवाज़ें निकलने लगी थी. फिर कुछ देर बाद मेरा दूसरा हाथ मेडम की गांड पर अपने आप फिरने लगा.
दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि मेडम की गांड बड़ी मस्त एकदम सुडोल थी और फिर मैंने किस करते हुए अपना एक हाथ मेडम के कपड़ो के अंदर डाल दिया, लेकिन तभी अचानक से मुझे एक जोरदार झटका लगा और मैंने महसूस किया कि मेडम ने ब्रा नहीं पहनी थी उससे साफ पता चलता था कि उनको भी मेरे साथ यह सब करना था और वो अपनी चुदाई मेरे साथ करने के लिए पहले से ही तैयार थी और इसलिए ही उन्होंने मुझसे फोन पर उनके घर पर आ जाने के लिए कहा और यह सभी बातें मन ही मन सोचकर में बहुत खुश हुआ और मेरे अंदर अब बहुत हिम्मत आ चुकी थी.
फिर मैंने महसूस किया कि मेरे हाथ का स्पर्श अपने बूब्स पर पाते ही मेडम जैसे बिल्कुल पागल हो गई थी, वो कहने लगी ओह्ह्ह्हह आह्ह्हह्ह प्लीज इन्हें और ज़ोर से दबाओ. में कई दिनों से इस काम के लिए तड़प रही हूँ ओहह्ह्ह्हह प्लीज तुम मुझे अब और ना तड़पाओ, मुझे वो सुख वो मज़ा तुम आज मुझे दे दो जिसके लिए मैंने तुम्हे यहाँ पर बुलाया है, प्लीज मेरी यह इच्छा आज तुम पूरी कर दो और यह बात कहते हुए उन्होंने अपने कपड़े तुरंत उतार दिए और अब मेरे सामने मस्त गोरे गोरे दो स्तन जिन पर हल्की गुलाबी निप्पल तनकर खड़ी थी.
अब मैंने भी ज्यादा टाइम खराब किए बिना में उन पर टूट पड़ा और मैंने सीधे एक बूब्स को अपने मुहं में ले लिए और चूसने लगा और मेरे दोनों हाथ अब मेडम की गांड और जाँघ पर फिरने लगे. फिर कुछ देर बाद मैंने उसकी स्कर्ट को पूरा ऊपर उठा दिया और अब में अपना एक हाथ उसकी जाँघ पर रगड़ने लगा और सहलाने लगा और धीरे धीरे मेरे हाथ अब मेडम की नंगी चूत की तरफ बढ़ने लगे, क्योंकि मेडम ने कपड़ो के नीचे पेंटी भी नहीं पहनी थी और वो अपनी चुदाई के सपने लेकर मेरा इंतजार कर रही थी.
दोस्तों वाह क्या मस्त चूत थी उनकी, में उसको देखकर अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर सका में झट से नीचे झुक गया और उनकी प्यासी चूत को चाटने लगा मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था और अब वो लगातार मोन कर रही थी अब वो अपनी चूत को अपने एक हाथ से फैला रही थी और दूसरे हाथ से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी में उनके जोश को देखकर पागलों की तरह चूत को पूरा अंदर तक चाट और चूस रहा था और वो आहहहह ऊईईईईई हाँ प्लीज थोड़ा और चाटो मज़ा आ गया करने लगी थी और करीब पांच मिनट चूत को चूसने के बाद मेडम ने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं पर छोड़ दिया और में वो पूरा पानी पी गया, वो अब बिल्कुल निढाल होकर पड़ी हुई थी.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड मेडम की चूत के मुहं पर रख दिया और धीरे से धक्का लगाया. चूत गीली होने की वजह से मेरा थोड़ा लंड फिसलकर पूरा अंदर चला गया और मेडम के मुहं से अहहह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़ माँ मर गई निकल गया. फिर मैंने कुछ देर रुकने के बाद एक और ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से उनकी एक जोरदार चीखने की आवाज के साथ मेरा पूरा लंड मेडम की चूत को चीरकर अंदर चला गया और मेडम ने मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और तब मैंने देखा कि उनकी आखों से आंसू बाहर आने लगे थे, वो उस दर्द से छटपटा रही.
फिर में कुछ देर रुक गया और जब वो शांत हुई तब में मेडम को करीब 15 मिनट तक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा. अब मेडम का दर्द कम होने के बाद वो मुझसे बोल रही थी हाँ और चोदो मुझे आअहह उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया. तुम बहुत अच्छी तरह से चोदते हो उईईईइ हाँ थोड़ा और अंदर करो. में ऐसी चुदाई इस सुख को पाने के लिए कितने दिनों से तड़प रही हूँ. आज राकेश तुम मेरी पूरी आग को बुझा दो, तुम मुझे जमकर चोदो.
फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और मेडम ज़ोर ज़ोर से आअहह स्स्ईईईइ कर रही थी और अब करीब दस मिनट के बाद में झड़ने वाला था, इसलिए मैंने मेडम को पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ डालूं? तो मेडम ने मुझसे कहा कि तुम अपना पूरा माल मेरी चूत में ही डाल दो. फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और कुछ देर धक्के देने के बाद मैंने महसूस किया कि मेडम ने अपना पानी छोड़ दिया था और फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड को भी बढ़ा दिया और करीब दस मिनट के बाद मैंने अपना भी पूरा वीर्य मेडम की चूत में ही निकाल दिया.
तब मैंने देखा कि मेडम अपनी इस चुदाई से बहुत खुश थी और उन्होंने मुझे किस किया और कहा कि जानू आज से तुम मुझे जब चाहो चोद सकते हो, में आज से बस तुम्हारी हूँ, तुमने मुझे आज वो मज़े दिए जिसके लिए में बहुत समय से तरस रही थी, तुम बहुत अच्छे हो तुमने मुझे वो मज़ा दिया जिसको में अपनी पति से चाहती थी, लेकिन वो इसके लिए तैयार बहुत कम तैयार होते है उनको चुदाई करने का ज्यादा शौक नहीं है.
फिर उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने में बहुत खुश होकर उनको कुछ देर चूमकर अपने घर पर आ गया, लेकिन यह उनके साथ मेरी पहली चुदाई होने के साथ मेरा उनके साथ हमेशा का काम हो गया. मैंने उनको बहुत बार चोदा और जब वो मुझे फोन करके बुलाती तो में ख़ुशी ख़ुशी चला जाता और बहुत मज़े करता.
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