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सहेली का धोखा


हैल्लो दोस्तों, आज में आप लोगों से मेरी एक सहेली की एक स्टोरी शेयर करना चाहती हूँ. उसका नाम नीतू है, उसकी उम्र 26 साल है और उसका फिगर साइज 34-28-36 है और वो दिखने में भी काफ़ी सुंदर है. नीतू के एक बॉयफ्रेंड था, जिसका नाम विनोद था. नीतू और विनोद एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे. नीतू कुछ मॉडर्न ख्याल की लड़की है, वो प्यार में सब कुछ चाहती थी, लेकिन विनोद उससे शरीरिक सम्बन्ध नहीं रखना चाहता था, लेकिन नीतू की ज़िद्द पर विनोद ने पहली बार उसे किस किया.
उसने कुछ दिन के बाद उसके बूब्स सक किए और कुछ दिन के बाद उनके बीच शरीरिक सम्बन्ध कायम हो गये. अब शुरू-शुरू में तो विनोद नीतू से बहुत ज़्यादा प्यार करता था, लेकिन नीतू उसे लेकर सीरीयस नहीं थी, इसलिए वो कभी भी उसकी कोई बात नहीं मानती थी और ना ही उसे टाईम पर मिलने आती, वो हमेशा लेट आती थी और लड़कों से बातें करती थी और उनके साथ बाइक पर घूमने जाती थी और घंटो फोन पर बातें करती थी.
फिर जब विनोद उससे कहता कि जरूरत हो तो लड़कों से बातें किया करो, वरना तुम्हारा बेवजह उनसे बातें करना और उनके साथ घूमना मुझे पसंद नहीं है, लेकिन नीतू उसकी बात को नहीं मानती थी और उससे कहती कि ये आखरी बार है, आगे से ऐसा कभी नहीं होगा. फिर एक बार नीतू का कोई ऑफिस ट्रिप दिल्ली गया और उस ट्रिप पर कोई भी स्टाफ की लड़की नहीं गयी थी और अकेली नीतू गयी थी, वो भी 4 लड़को के साथ.
विनोद ने नीतू को काफ़ी मना किया, लेकिन नीतू नहीं मानी और उन लड़कों के साथ घूमने चली गयी. बस उस दिन के बाद उन दोनों के बीच में लड़ाईयाँ कुछ ज़्यादा ही शुरू हो गयी, लेकिन लड़ाईयों के बावजूद जब नीतू का सेक्स करने का मन करता तो वो विनोद के पास चली जाती और उसे सेक्स करने के लिए मनाती और वो कुछ देर के बाद तैयार भी हो जाता था.
अब धीरे-धीरे नीतू भी विनोद को बहुत प्यार करने लगी थी. अब इसी तरह से उन दोनों की लाईफ चल रही थी कि विनोद के घरवालों ने विनोद का रिश्ता कहीं और कर दिया. फिर नीतू को जब इस बात का पता चला तो वो अंदर से बिल्कुल टूट गयी. अब वो सारी-सारी रात रोकर गुजारती थी. अब उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे? फिर उसी वक़्त उसके एक ख़ास जिसका नाम आनंद गुप्ता था उसने उसकी काफ़ी मदद की, वो उसे समझाता था कि दुनियाँ में ये सब कुछ तो होता रहता है इसलिए अपनी लाईफ दुबारा नये तरीके से दुबारा शुरू करे.
फिर धीरे धीरे नीतू को उसकी बात समझ में आने लगी कि भूतकाल के पीछे भागने से कुछ हासिल नहीं होगा, तो वो विनोद को भूलने की कोशिश करने लगी और विनोद को भूलने की कोशिश में वो आनंद के कब करीब आ गयी? यह खुद उसे भी पता नहीं चला था. फिर एक बार वो दोनों इंटरनेट कैफे पर कुछ काम से गये तो वहाँ कैबिन बने हुए थे, तो वो दोनों एक कैबिन में बैठ गये और काम करने लगे थे.
कुछ देर के बाद आनंद ने धीरे से अपने एक हाथ को नीतू की कमर में डाल दिया, लेकिन फिर भी नीतू ने आनंद को कुछ नहीं कहा. यह देखकर आनंद की हिम्मत बढ़ गयी और उसने नीतू को किस कर दिया, लेकिन आनंद के किस करने पर नीतू चौंक गयी और बोली कि आनंद ये क्या कर रहे हो? तो तब आनंद ने कहा कि क्या हुआ नीतू डार्लिंग? मैंने कुछ अलग तो नहीं किया, जो सभी लोग प्यार में करते है में वही तो कर रहा हूँ, क्या यह गलत है? तो यह सुनकर नीतू ने कहा कि नहीं गलत तो नहीं है, लेकिन डर लग रहा है, में एक बार प्यार में चोट खा चुकी हूँ.
आनंद ने कहा कि हर कोई एक जैसा नहीं होता है, मुझ पर विश्वास करो और यह कहकर उसने नीतू को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसे चूमने लगा था. फिर काफ़ी देर तक चूमने के बाद उसने नीतू से कहा कि क्या तुम मेरे साथ मेरे घर चलोगी? आज मेरे घर पर कोई नहीं है.
कुछ देर तक आनाकानी करने के बाद नीतू आनंद के साथ उसके घर जाने के लिए तैयार हो गयी और उस दिन उन दोनों के बीच शरीरिक सम्बन्ध बन गये और उस दिन के बाद तो नीतू और आनंद ने काफ़ी बार सेक्स किया.
काफ़ी दिनों के बाद नीतू ने आनंद से शादी के लिए कहा तो आनंद ने उसकी बात को घुमाकर खत्म कर दिया और वो नीतू को बाहर घूमने के लिए मनाने लगा और नीतू तैयार भी हो गयी और फिर वो दोनों शिमला चले गये और शिमला में आनंद ने नीतू को जबरदस्त ढंग से चोदा और कई बार चोदा, वो कहीं नहीं घूमा और न ही नीतू को घुमाया और सारे दिन कमरे में नीतू को चोदता रहता और फिर 4-5 दिन के बाद वो लोग वापस आ गये और वहाँ से वापस आने के बाद भी आनंद ने उसे चोदना कम नहीं किया और उसे चोदने की स्पीड बढ़ा दी.
अब इधर नीतू भी आनंद पर शादी के लिए प्रेशर डालने लगी थी. फिर एक दिन आनंद ने नीतू से कहा कि वो उससे शादी कैसे कर सकता है? क्योंकि वो तो विनोद से चुद चुकी है और वो एक ऐसी लड़की से शादी नहीं कर सकता, जो किसी और से चुद चुकी हो.
नीतू ने उससे कहा कि लेकिन आनंद को तो विनोद के बारे में सब पता था और उसने फिर भी कहा था कि वो उससे शादी करेगा. तब आनंद ने कहा कि वो तो इसलिए कहा था क्योंकि वो उसे पहले से चोदना चाहता था, लेकिन उसे मौका नहीं मिला था. लेकिन जब उसे नीतू और विनोद के ब्रेकअप का पता चला, तो उसे लगा की यही मौका है उसे चोदने का इसलिए उसने उससे प्यार का नाटक किया, ताकि वो उसे चोद सके और वो उसमें कामयाब भी हुआ और फिर उसने उसे जमकर और कई बार चोदा.
अब उसे उसकी जरूरत नहीं है, हाँ लेकिन अगर वो उससे चुदाई करवाना चाहे तो वो उसकी चुदाई करने के लिए तैयार है. फिर नीतू यह सुनकर फिर से टूट गयी और इस बार फिर उसके एक खास जिसका नाम गौतम था, उसने उसके करीब आने की कोशिश की, लेकिन इस बार नीतू ने उसे अपने करीब आने नहीं दिया. तब उसने नीतू से कहा कि वो उससे पहले शादी करेगा और फिर उसे टच करेगा. तो यह बात सुनकर नीतू को भरोसा हो गया कि वो उससे शादी करेगा.
तब गौतम ने उससे मंदिर मे शादी करने को कहा, लेकिन नीतू ने कहा कि मंदिर में की गयी शादी का कोई प्रूफ नहीं होता है. तो तब गौतम ने कहा कि तो ठीक है हम दोनों दिल्ली चलते है और वहाँ कोर्ट मैरिज कर लेंगे और वहाँ से तुम्हें मैरिज सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा, जो सबसे बड़ा प्रूफ है और हम वहीं से अपने हनीमून पर चलेंगे. तो तब नीतू ने कहा कि ठीक है और फिर अगले दिन नीतू और गौतम दिल्ली चले गये.
फिर वहाँ जाकर वो कोर्ट गये और मैरिज के लिए एप्लिकेशन फॉर्म भर दिया. अब उनकी बारी आने में टाईम था, तो तब गौतम ने कहा कि चलो जब तक हमारा नंबर आता है हम दिल्ली घूम लेते है और एक स्वीट रूम बुक करा लेते है, क्योंकि आज की रात उनकी सुहागरात होगी. तब नीतू तैयार हो गयी. फिर बाद में रूम बुक करने के बाद वो वापस कोर्ट आए और इन्तजार करने लगे, लेकिन कोर्ट 5 बजे बंद हो गयी थी, लेकिन उनका नंबर नहीं आया था.
तब मैरिज रिजिस्ट्रार ने उन्हें सुबह 9 बजे आने को कहा तो यह सुनकर गौतम ने कहा कि आज रात हम यहीं रुक जाते है और सुबह शादी कर लेंगे. तो तब नीतू ने सोचा कि सुबह दुबारा आने से अच्छा है कि रात यहीं बिताई जाए और यह सोचकर वो दोनों होटल चले गये और दोनों अलग-अलग सो गये, लेकिन रात को अचानक से गौतम नीतू के पास गया और उसे किस करने लगा.
तब नीतू ने मना किया, तो तब गौतम ने कहा कि नीतू डार्लिंग प्लीज मना मत करो, में तो तुमसे शादी कर ही रहा हूँ, आज नहीं हो सकी तो इसमें मेरी क्या गलती है? प्लीज मुझे मत रोको, कई दिन से अपने ऊपर कंट्रोल किया हुआ था. तब नीतू को लगा कि यह ठीक कह रहा है, तो तब उसने को विरोध नहीं किया और फिर उस रात भी नीतू की जबरदस्त चुदाई हुई. फिर जब सुबह नीतू उठी तो उसने देखा कि कमरे में कोई नहीं था.
उसने इधर उधर सब जगह देखा, लेकिन गौतम उसे कहीं नहीं मिला और उसे अपना पर्स भी नहीं मिला था. फिर जैसे ही वो होटल से बाहर जाने लगी तो तब मैनेजर ने उसे रोक लिया और उसे होटल का बिल चुकाने के लिए कहा तो तब नीतू ने उसे सारी बात बता दी. तो तब मैनेजर ने उससे कहा कि तुम्हारी बात पर विश्वास कर लेता हूँ, लेकिन होटल के बिल के बदले एक रात उसके साथ गुजारनी पड़ेगी. तब नीतू मना करने लगी तो तब उसने कहा कि जब वो अपने बॉयफ्रेंड से चुदाई करवा सकती है, तो उससे क्यों नहीं?
फिर भी जब नीतू तैयार नहीं हुई तो तब मैनेजर ने कहा कि तो ठीक है में पुलिस को कॉल करता हूँ, वो तुम्हें पकड़कर अपने साथ ले जाएगी और पुलिस वाले तो बारी-बारी सब तुम्हें नोच-नोचकर खा जाएँगे, यहाँ तो में अकेला ही हूँ, तुम्हारी मर्ज़ी है सोच लो. यह सुनकर नीतू को लगा कि यह ठीक कह रहा है, तो वो तैयार हो गयी और उसने मैनेजर के साथ रात गुज़रने के लिए हाँ कर दी.
उस रात मैनेजर ने नीतू की जबरदस्त चुदाई की और जब सुबह नीतू जाने लगी तो तब मैनेजर ने कहा कि अभी नहीं जानेमन, अभी मेरे लंड की प्यास नहीं बुझी, अभी मुझे तुम्हारी और भी गांड मारनी है. तब नीतू ने कहा कि उसने एक रात रुकने को कहा था. तो तब मैनेजर ने कहा कि कहा तो था, लेकिन अब नहीं, बस एक रात और फिर इस तरह से मैनेजर ने उसे 7 दिन तक लगातार रोका और 7 दिन तक उसे दिन और रात सारा दिन चोदता रहा.
फिर 7 दिन के बाद जब नीतू ने उससे कहा कि मुझे 100 रुपए दे दो, ताकि में अपने घर जा सकूँ. तो तब उसने कहा कि एक रात और रुक जा तब दूँगा. तब नीतू को लगा कि जहाँ इतने दिन वहाँ एक दिन और सही. फिर वो एक दिन और रुक गयी और उस रात मैनेजर ने उसकी गांड भी मारी और चूत भी और उसके मुँह में अपना लंड डालने को कहा तो वो डर के मारे उसके लंड को चूसती रही और सारी रात चुदती रही.
सुबह उठकर भी जब मैनेजर पैसे देने के लिए तैयार नहीं हुआ. तब नीतू ने कहा कि चलो पैसे नहीं तो एक फोन ही करने दो. तब मैनेजर ने कहा कि ठीक है फोन कर लो. फिर नीतू ने सोचा कि हर लड़का एक जैसा होता है, अब में किसी लड़के की बात नहीं मानूँगी.
तब उसने अपनी एक फ्रेंड रीता को फोन किया और कहा कि उसे कुछ पैसे की जरूरत है. तो तब रीता ने नीतू से कहा कि ठीक है, उसका पति जिसका नाम अशोक है दिल्ली ही आया हुआ है, वो तुम्हें पैसे दे देगा, तुम अपना एड्रेस दे दो. तब नीतू ने अपना एड्रेस रीता को दे दिया और रीता ने अशोक को नीतू को पैसे देने के लिए कह दिया.
फिर जब अशोक नीतू को पैसे देने उसके पास पहुँचा तो तब उसने नीतू को बस स्टेंड ड्रॉप करने को कहा और उसे अपनी कार में बैठाकर चल दिया और एक सुनसान रोड पर आकर उससे बोला कि नीतू जी आप तो बहुत सेक्सी हो, प्लीज एक बार मुझसे गांड मरवा लो 100 रुपए क्या? में आपको 1000 रुपए दूँगा और यह कहकर वो उस पर टूट पड़ा और फिर उसने कार में ही नीतू को चोद दिया और फिर उसे बस स्टेंड छोड़ दिया और फिर आख़िरकार नीतू अपने घर पहुँच गयी. फिर घर पहुँचकर उसने मुझे अपनी सारी आप बीती सुनाई और उस दिन के बाद से नीतू ने लड़को पर विश्वास करना छोड़ दिया.
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चुदक्कड़ आंटी की चूत में अंकल का लंड


हैल्लो दोस्तों, सभी पढ़ने वालों का मेरी इस आज की कहानी में स्वागत है. दोस्तों मेरी आंटी ने पहली बार उन अंकल के लंड को अपनी चूत में डलवाकर बड़े तेज धक्को के साथ चुदाई के मस्त पूरे मज़े लिए और वो उनके साथ पहली बार चुदाई में ही इतनी खुल गई कि वो दोनों एक दूसरे से गंदे शब्द लंड, चूत, भोसड़ा, चुदाई और गालियों का भी प्रयोग करने लगे थे, लेकिन मुझे क्या पता था कि कुछ दिनों बाद ही मुझे दोबारा उन दोनों की उस पहले से भी ज्यादा जबर्दस्त चुदाई के मज़े देखकर मिलेगें क्योंकि मेरी आंटी ने एक दिन सही मौका देखकर अंकल को दोबारा से अपनी चुदाई का निमन्त्रण दे दिया और वो आ गए अपने लंड की बारात लेकर उनके साथ दोबारा सुहागरात के मज़े लेने और उसके बाद लगे वो अपना काम करने.
आंटी के बारे में सब कुछ पूरी तरह विस्तार से बताता हूँ. उनके परिवार में वो आंटी, मेरे अंकल और में हूँ. मेरे अंकल एक प्राइवेट कंपनी में काम करते है, जिसकी वजह से उनको अक्सर अपने शहर से बाहर ही रहना पड़ता है.
दोस्तों मेरी वो आंटी जिसकी उम्र करीब 28 साल है, वो दिखने में इतनी सुंदर गोरी है कि उनको देखने के बाद अच्छे अच्छो के डंडे खड़े होकर कुछ देर में ठंडे भी हो जाते है उनकी लंबाई पाँच फिट छ इंच है और जितनी दिखने में वो सेक्सी है उससे ज्यादा वो चुदाई के काम में अनुभवी और एक नंबर की चुदक्कड़ किस्म की औरत है, हमेशा मेरी वो आंटी किसी ऐसे मर्द को अपने जाल में फंसाने के जुगाड़ में रहती थी जो उनके साथ उनकी बड़ी मस्त जमकर चुदाई करे. यह उनकी एक इच्छा थी इसलिए वो हमेशा उसके लिए किसी को देखती ही रहती थी और उनकी वो इच्छा उस दिन पूरी हो गयी जब मेरे अंकल ने एक दिन उनको अपने एक बहुत अच्छे दोस्त से पहली बार मिलवाया और मेरे अंकल के उस दोस्त का नाम योगेश था.
उनको पहली बार देखते ही आंटी के चेहरे को ध्यान से देखने के बाद ऐसा एकदम साफ लग रहा था कि आंटी की वो इच्छा अब बहुत जल्दी पूरी होने वाली है वो उस योगेश नाम के आदमी को देखकर मन ही मन खुश होकर बहुत इतरा रही थी, वो अपनी प्यासी नजरों से बार बार उनको किसी ना किसी बहाने से देख रही थी और अब में आप सभी को उस दिन की तरफ ले चलता हूँ और पूरी तरह विस्तार से उस घटना के बारे में बताता हूँ.
दोस्तों मुझे वो दिन आज भी बहुत ही अच्छी तरह से याद है, उस दिन घर में मेरी आंटी ही थी क्योकि अंकल अपने काम से दो दिन के लिए कहीं बाहर गये हुए थे और में भी उस दिन उस समय अपने स्कूल गया हुआ था. तो उस दिन किसी वजह से मेरे स्कूल में आधी पढ़ाई हुई मतलब कि कुछ घंटो तक की पढ़ाई हुई और फिर उसके बाद स्कूल में छुट्टी होने की वजह से जब में अपने घर के पास पहुंचा तो मैंने उन अंकल को मेरी आंटी के घर के दरवाजे पर उस समय खड़ा हुए देखा तो उनको देखकर में तुरंत वहीं पर रुक गया.
उसके बाद फिर मैंने देखा कि अंकल के दरवाजे पर घंटी को बजाने के कुछ देर बाद आंटी ने दरवाजा खोला और वो उनको देखकर बहुत मुस्कुरा रही थी और उसके बाद अंकल मेरी आंटी के कहने पर तुरंत ही अंदर चले गये और उसके बाद झट से दरवाजा बंद हो गया. अब में तुरंत ही समझ गया कि आज एक बार फिर से मेरी आंटी की वो दिन में ही चुदाई करने आए है और वो उनका आज भी जरुर जमकर बैंड बजाकर जाएगें.
मैंने यह बात मन ही मन सोचकर बिल्कुल भी देर करना ठीक नहीं समझा और उसके बाद में बिल्कुल आराम से सीड़ी पर चढ़कर वैसे ही उसी जगह पर आज भी बैठ गया जहाँ से में सब कुछ बड़े आराम से देख सकता था और मैंने पिछली बार भी उसी जगह पर बैठकर उनकी चुदाई को देखकर बड़े मज़े लिए थे.
अब मैंने देखा कि वो अंकल मेरी आंटी के रूम में जाकर बैठ गये और कुछ देर बाद मेरी आंटी उनके लिए पानी लेकर आई और उनको हाथ में पानी का गिलास देकर वो बाहर चली गई और तब तक अंकल ने पानी पी लिया. फिर कुछ देर के बाद आंटी अपना कुछ काम करके वापस आ गई तो उसी समय अंकल ने तुरंत ही आंटी के एक हाथ को पकड़ लिया और आंटी को एक ज़ोर का झटका देते हुए उन्होंने अपनी तरफ खींचते हुए अपनी गोद में आंटी को बैठा लिया.
आंटी उनकी तरफ मुस्कुराते हुए उनसे कहने लगी कि आप यह क्या कर रहे हो? उसी समय अंकल ने बिना कोई जवाब दिए आंटी के दोनों बड़े आकार के गोलमटोल बहुत ही मुलायम बूब्स को अपने दोनों हाथों की हथेलियों में लेकर उनको मसलना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से आंटी के मुहं से आईईई स्सीईईईइ की आवाज बाहर निकल रही थी और वो तब आंटी से बोले कि बहुत दिन हो गये है आइए ना, आज हम एक दूसरे की आवश्कता को पूरा कर लें, क्योंकि अब मुझे सेक्स करने की बड़ी तेज भूख लगी है और शायद आपकी चूत भी मेरा लंड लेने के लिए बहुत प्यासी होगी और यह बात कहते हुए ही उन्होंने मेरी आंटी को अपनी बाहों में लेकर बेड पर लेटा दिया.
फिर उसके बाद वो मेरी आंटी की मेक्सी को ऊपर उठाने लगे. तो मैंने देखा कि उस समय मेरी आंटी के दोनों पैर बेड से नीचे लटक रहे थे और अंकल ने बिना देर किए आंटी की मेक्सी को तुरंत ही पूरा ऊपर उठा दिया जिसकी वजह से मुझे मेरी आंटी का वो गोरा कामुक बदन एकदम साफ नजर आ रहा था.
आंटी ने अब अंकल से बोला कि अगर कोई बीच में आ जाएगा तो क्या होगा? अंकल बोले कि कोई बात नहीं है हम उसको भी देख लेंगे यह बात कहते हुए अंकल ने आंटी की मेक्सी को अब उनके दोनों हाथ ऊपर उठाकर बाहर निकालने के बारे में कुछ किया. दोस्तों मैंने देखा कि आज मेरी आंटी ने अपनी मेक्सी के नीचे कुछ नहीं पहना था, इसलिए अब मुझे अपनी आंटी की चूत साफ साफ नजर आ रही थी.
अब मेरी आंटी की चूत को अपनी चकित खा जाने वाली नजर से देखते हुए अंकल ने कहा कि इसको देखकर मुझे ऐसा लगता है कि पता नहीं यह आपकी चूत कितने दिनों से भूखी है? और आज में आपकी इस प्यासी चूत की भूख के साथ साथ प्यास भी मिटा देता हूँ. आओ आज हम दोबारा वैसे ही मज़े लेकर एक दूसरे को चुदाई के मज़े देकर अपनी मन को खुश करते है.
अब अंकल ने इतना कहकर तुरंत ही अपने लंड को बाहर निकाल दिया और अपने तनकर खड़े लंड को उन्होंने आंटी की चूत पर सटाकर एक ही जोरदार धक्के से अपने लंड को चूत
की गहराइयों में पहुंचाकर अपनी कमर को हिलाना शुरू किया. उस समय आंटी ने हल्की सी आईईईई माँ मर गई की आवाज अपने मुहं से बाहर निकालकर उन्होंने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया और वो अब ज़ोर ज़ोर से सांसे लेने लगी थी.

फिर अंकल ने अब धक्के देते हुए आंटी के दोनों हाथों को पूरा ऊपर उठाकर उस मेक्सी को ऊँचा करके उनके गोरे कामुक बदन से अलग करके आंटी को बिल्कुल ही नंगा कर दिया. फिर मैंने देखा कि अंकल के हर एक धक्के पर आंटी ज़ोर ज़ोर से अपनी सांसे खींच रही थी, जिसकी वजह से कुछ देर के बाद मुझे ऐसा लगाने लगा कि आंटी अब बिल्कुल ही गरम हो चुकी है.
फिर अंकल ने अब आंटी की हालत को देखकर उसी समय अपने लंड को जो कि छ इंच लंबा और ढाई इंच मोटा है उसको आंटी की चूत से पूरा बाहर निकाल लिया, बस अपने लंड का टोपा चूत के अंदर ही था. फिर उसके बाद एक हल्के से झटके के साथ दोबारा लंड को चूत के अंदर किया तब आंटी तो जैसे कांप उठी और आंटी ने अपनी चूत की तरफ जब मैंने देखा तो पाया कि उनकी चूत में अंकल के लंड का अगला हिस्सा पूरा अंदर चला गया था.
अब आंटी की कमर को पकड़कर अंकल ने अपनी कमर को धीरे धीरे हिलाना शुरू किया और इसकी वजह से आंटी अब जोश में आकर उनके हर एक झटके के साथ एक अजीब सी मस्ती में आकर सिसकियों की आवाज़ में उनका जबाब दे रही थी और आंटी के पैर उनका पूरा गदराया हुआ बदन भी हर झटके के साथ हिल रहा था, जिसकी वजह से उनके पैरों की पायल की छन छन आवाज़ से अंकल का जोश अब पहले से भी ज्यादा बढ़ रहा था और अंकल, आंटी की चूत में अपने लंड को पूरा अंदर डालने के लिए कभी कभी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते तब आंटी की तरफ से एक अजीब सी सिसकियों की वो आवाज पूरे कमरे में फैल जाती.
दोस्तों मैंने ध्यान से देखा कि आंटी कि चूत में अंकल का लंड हर एक बड़े ही तेज दमदार धक्के के साथ पूरा अंदर जा रहा था जो आंटी के दर्द को पहले से भी ज्यादा बढ़ा रहा था.
आंटी को इस तरह से मस्ती में आकर करहाते हुए देखकर अंकल ने आंटी के तने हुए बूब्स को धीरे धीरे दबाना शुरू किया और वो उनकी निप्पल को अब पहले से ज्यादा ज़ोर से दबाने भी लगे थे. फिर तभी मैंने देखा कि आंटी के बूब्स से अब दूध भी निकलने लगा था.
उसी समय तुरंत ही अंकल, आंटी के बूब्स के दूध को पीने के लिए निप्पल को चूसने के लिए झट से आंटी के ऊपर लेट गए और वो अब आंटी के दोनों बूब्स को बारी बारी से अपने मुहं में लेकर आंटी के दूध को पीने लगे थे, जिसकी वजह से आंटी बड़ी मस्ती में आने लगी थी और वो कुछ देर बाद ढीली भी पड़ने लगी.
अंकल ने जब देखा कि आंटी ढीली पड़ने लगी है तो एक बार फिर से अपनी कमर को एक ज़ोर के झटके के साथ हिलाकर अपने लंड को आंटी की चूत की गहराई में डालने का पूरा प्रयास किया और उस तेज धक्के की वजह से आंटी अपनी जगह से करीब दो इंच ऊपर सरक चुकी थी. उस समय आंटी दर्द की वजह से बड़ी ज़ोर से चीख पड़ी और आंटी की वो चीख पूरे रूम में गूंज गई. अब आंटी ने तेज दर्द की वजह से अंकल से उनका लंड बाहर निकालने के लिए बोला, लेकिन अंकल के ऊपर आंटी के रोने चिल्लाने या मना करने का कोई भी असर नहीं पड़ा और वो लगातार वैसे ही अपने काम में लगे रहे.
फिर आंटी अब आग्रह करते हुए कहने लगी कि प्लीज़ आप एक बार थोड़ी देर के लिए इसको बाहर निकाल दीजिए वरना में इसकी वजह से मर ही जाउंगी मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है, लेकिन उनकी इस बात का अंकल के ऊपर कोई भी असर नहीं हुआ और उन्होंने एक बार फिर से एक ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से आंटी फिर से तेज दर्द होने पर छटपटाने लगी और अब आंटी की चूत में अंकल का पूरा छ इंच लंबा मोटा लंड चला गया.
उस समय आंटी की वो हालत देखते ही बन रही थी और वो ऐसे छटपटा रही थी कि जैसे वो कोई छोटी बच्ची हो या यह उनकी पहली चुदाई हो. अब मैंने देखा कि आंटी की चूत के कोमल कोमल बालो से अंकल के कोमल कोमल बालों का मिलन हो रहा था और फिर अंकल ने धक्के देना बंद करके आंटी के होंठो को चूसना शुरू कर दिया.
फिर आंटी भी कुछ देर के बाद धीरे धीरे शांत होकर अब पूरी तरह से मस्ती में आने लगी थी और अब वो भी अंकल का पूरा पूरा साथ देने लगी थी. उसी समय आंटी ने अपने दोनों पैरों को मोड़ लिया और अपनी दोनों गोरी भरी हुई जांघो को फैला दिया, जिसकी वजह से अंकल अब आंटी के दोनों पैरों के एकदम बीच में आ गए और वो अपनी तरफ से तेज तेज धक्के देकर आंटी की जवानी का भरपूर मज़ा लूटने लगे थे.
दोस्तों अपनी छिनाल आंटी की इस चुदाई को देखकर मेरा मन सोचने के लिए बड़ा मज़बूर हो गया कि जब अपनी आंटी की इस चूत की चुदाई को देखने में इतना मज़ा आ रहा है तो भला अंकल को आंटी की चुदाई करने में कितना ज्यादा मज़ा आ रहा होगा?
तभी कुछ देर धक्के देने के बाद आंटी, अंकल एक दूसरे से पूरी तरह से लिपट गये और आंटी अंकल की पीठ पर अपने दोनों हाथों से सहला रही थी. दोस्तों एक तरफ तो अंकल आंटी की चूत में अपने पूरे लंड को लगातार धक्के देकर अंदर बाहर कर रहे थे तो दूसरी तरफ आंटी के होंठो को भी वो चूस रहे थे और आंटी भी अब उनका खुलकर पूरा साथ दे रही थी और इस तरह से आंटी अपनी जवानी का भरपूर आनंद उन अंकल को पूरी तरह खुलकर दे रही थी.
कुछ देर के बाद वो दोनों ही शांत हो गये और तब में झट से समझ गया कि अब आंटी की चूत में अंकल के लंड का पूरा वीर्य निकल गया था, जिसकी वजह से वो दोनों बड़े ही खुश शांत नजर आ रहे थे. फिर उसके बाद वो दोनों लोग वैसे ही कुछ देर तक एक दूसरे की बाहों में चिपके पड़े रहे और कुछ देर के बाद अंकल जब आंटी के ऊपर से हटे तो आंटी ने अपनी दोनों आखें खोली और वो अंकल की तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
उन्होंने अंकल को अपनी उस मस्त मजेदार चुदाई के लिए धन्यवाद कहा और उन्होंने कहा कि आपके लंड में बहुत ही विशेष बात है, इसको लेकर मेरी चूत दोबारा कई दिनों तक लंड लेने के बारे में सोचना ही बंद कर देती है. फिर इतना सुनकर अंकल उनसे बोले कि देखो इस चूत को देखकर लगता है कि बहुत दिनों से इसकी मेरे लंड से चुदाई करवाने की इच्छा आज पूरी हो गई है और आज यह अपने साथ हुई इस चुदाई के मज़े को दोबारा भी लेना चाहती है. यह बड़ी खुश खिली हुई नजर आ रही है जैसे आज इसको सारी ख़ुशी मिल गई है.
तभी आंटी बीच में बोल पड़ी और उन्होंने कहा कि हाँ आपका कहना सब कुछ एकदम सही है क्योंकि मेरे पति के साथ तो इसको ऐसा मज़ा कहाँ मिलता वो मुझे कुछ देर धक्के देते उसके बाद झड़कर मुझे अपने से दूर हटाकर सो जाते और यह बात सुनकर अब अंकल, आंटी के ऊपर से हट गये उसके बाद वो अपने कपड़े पहनकर जब सीधा बाथरूम में चले गये.
तो उस समय आंटी भी उठकर बैठ गयी और उसके बाद आंटी ने अपनी मेक्सी को वापस पहन लिया और जैसे ही कुछ देर बाद अंकल वापस बाथरूम से बाहर निकले तब आंटी भी उसी बाथरूम में चली गयी और जब कुछ देर बाद वो पेशाब करके वापस बाहर आई मुझे उनके चेहरे पर मस्त चुदाई और संतुष्टि की चमक साफ साफ नजर आ रही थी.
मैंने दरवाजा खुलवाने के लिए दरवाजे पर लगी घंटी को बजाया. फिर आंटी ने आकर दरवाजा खोल दिया और वो मुझे अचानक से आया हुआ देखकर बड़ी चकित हुई उनके माथे पर परेशानी की वजह से पसीने की कुछ बूंदे साफ नजर आ रही थी. फिर में अंदर आ गया और उसके बाद जब मैंने अंकल को देखा तो आंटी से मैंने पूछा कि अंकल कब आए? तो आंटी ने मुझसे झूठ बोलकर बताया कि वो अभी बस पांच मिनट पहले ही आकर बैठे है.
उसके बाद वो मुझसे इतना जल्दी अचानक से आ जाने के बारे में पूछने लगी और मैंने उसको सब सच सच बता दिया. उसके बाद वो बड़ी खुश होती हुई हम सभी के लिए चाय बनाने रसोई में चली गई.
दोस्तों मैंने आंटी को कभी भी यह बात का अहसास भी नहीं होने दिया कि मैंने उन दोनों को दो बार चुदाई करते हुए लिया है, लेकिन कुछ भी कहो आंटी अंकल के कुछ देर चले जाने के बाद भी बहुत खुश थी. वो मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें कर रही थी और हर बात का वो मुझे बहुत प्यार से जवाब दे रही थी. मेरा पूरा पूरा ध्यान रखने लगी थी, क्योंकि आख़िर उस दिन उनकी चूत की दोबारा बड़ी ही मस्त चुदाई जो हुई थी, जिसके बारे में वो बड़े दिनों से विचार बना रही थी और उस दिन पूरी तरह सफल भी हो गई थी.
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जिन्दगी के सफर में चूत का प्रसाद


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अली है और में गुजरात का रहने वाला हूँ और आज में जो कहानी आप सभी को सुनने जा रहा हूँ. यह आज से दो साल पहले की एक सच्ची घटना है और उन दिनों में अपने पेपर देकर अपनी छुट्टियों के दिन बिता रहा था और में उस समय कोई भी काम नहीं कर रहा था, लेकिन हाँ में हर दिन अपने एक दोस्त के पास जरुर जाता था जिसका नाम अबरार है.
में और वो उसके घर के बाहर बैठकर कई घंटे बातें किया करते थे और जिस जगह पर हम दोनों बैठे बातें करते थे वहां पर एक घर था जिसमें एक सुंदर लड़की रहती थी जो कि मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड थी जिसका नाम सिद्रा था और इसलिए हम दोनों का वहां पर बैठकर टाइम पास हो जाता था और वैसे उस लड़की के घर में ज्यादा लोग नहीं थे हम अक्सर रात को देर तक वहाँ पर बैठा करते थे और वो भी सही मौका देखकर रात को दरवाजे पर आ जाती थी.
मेरा दोस्त उसके पास चला जाता और उसके बाद वो दरवाजे पर ही एक दूसरे को चूमने लगते थे में इधर उधर देखता था कि कहीं कोई आ ना जाये. अगर कोई आता तो में अपने दोस्त को बता देता था और यह सिलसला बहुत दिनों तक चलता रहा.
एक दिन जब में अपने दोस्त के पास गया तो हम रोज़ की तरह हम दोनों वहीं पर बैठ गए और जब मैंने अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड के घर के दरवाजे पर देखा तो मुझे वहां पर सिद्रा और उसके साथ एक और लड़की खड़ी हुई थी.
मैंने उस लड़की को देखा तो देखता ही रह गया, क्योंकि वो लड़की बहुत सुंदर बड़ी गोरी थी. उसका बदन भरा हुआ था और उसके बूब्स बड़े आकार के होने की वजह से उसके कपड़ो से बाहर नजर आ रहे थे. वो बड़े ही मस्त गोल थे, लेकिन वो लड़की थोड़ी सी मोटी भी थी और मेरा दिल उस लड़की पर आ गया था और जब मैंने अपने दोस्त से उसके बारे में पूछा कि यह लड़की कौन है तो उसने मुझे बताया कि यह लड़की मेरी गर्लफ्रेंड की चचेरी बहन है और वो कुछ दिन के लिए यहाँ पर रहने आई हुई है.
मैंने अपने दोस्त से कहा कि तू इस लड़की की मुझसे बात करवा दे तब उसने अपनी गर्लफ्रेंड के पास जाकर उससे मेरी उस बात के बारे में कहा और फिर उसने मुझे दरवाजे पर बुलवाया और फिर मेरी उस लड़की से बात करवाई, तो मैंने उसको उसी समय मुझसे दोस्ती करने के लिए कहा तो वो तुरंत मेरी बात को सुनकर तैयार हो गई और में वापस आया और मैंने अपने दोस्त से कहा कि वो अपनी गर्लफ्रेंड से कहकर मुझे इसकी एक किस दिलवाने की बात कहे.
उसने अपनी दोस्त से यह कहा तो उसने मुझे उस दरवाजे पर किस करने से बिल्कुल मना कर दिया, लेकिन उसने मुझसे मिलने को कहा तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है और मैंने उसको एक आइस्क्रीम पार्लर पर मिलने के लिए कहा. मैंने उसको दिन के करीब दो बजे का समय उससे मिलने का दिया और फिर में मन ही मन बड़ा खुश होता हुआ और वापस अपने घर पर आ गया.
फिर अगले दिन में और मेरा दोस्त दो बजे से कुछ मिनट पहले ही उस आइस्क्रीम पार्लर पर पहुंच गए और अब हम दोनों उसका इंतज़ार करने लगे थे. करीब दस मिनट के बाद वो लोग भी आ गए और हमारी क़िस्मत बहुत अच्छी थी कि उस समय उस आइस्क्रीम पार्लर में बस हम चार लोगों के अलावा और कोई भी नहीं था.
मैंने कुछ देर बाद अपने दोस्त से कहा कि वो लोग अलग जाकर दूसरी कुर्सी पर बैठ जाए और हम दोनों को अलग बैठने दो और उसी समय मेरा दोस्त अपनी दोस्त को लेकर दूसरी टेबल पर बैठ गया. अब मैंने उस लड़की से उसका नाम पूछा तब उसने मुझे अपना नाम ताहिरा बताया उसके बाद मैंने उससे इधर उधर की बहुत सारी बातें हँसी मजाक किया और फिर मैंने उससे मुझे किस करने की बात कही.
पहली बार तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन जब मैंने दो तीन बार फिर से उससे कहा तब जाकर वो तैयार हो गई तो में बहुत खुश हुआ और उसके साथ जाकर बैठ गया. फिर मैंने उसके गालों से उसको पकड़कर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए तब मुझे पता चला कि उसको किस करना नहीं आता था इसलिए उसने अपने होंठो को ज़ोर से बंद कर लिए, लेकिन में उसके नरम होंठो को लगातार चूसता रहा.
धीरे धीरे उसने अपने होंठो को ढीला छोड़ दिया और मैंने उसको करीब पांच मिनट तक किस किया, लेकिन बाद में हम लोगों ने बहुत जमकर किस किया. फिर कुछ देर बाद हम दोनों उठकर अपने दोस्तों के पास चले गए और कुछ देर साथ में बैठकर बातें मजाक करने के बाद हम लोग वापस अपने अपने घर पर आ गए. उस दिन वहां पर मेरे दोस्त ने भी अपनी दोस्त के साथ बड़े मस्त मज़े लिए थे. उसने मुझे वापस आते समय सब कुछ सच सच बता दिया था.
अब मैंने और मेरे दोस्त ने उन दोनों को चोदने का प्लान बनाना शुरू किया और दो दिन के बाद हम दोनों ने एक हमारे काम करने लायक जगह का इंतज़ाम किया और उसके बाद उन दोनों को हमने वहां पर बुला लिया जिस जगह पर हमने उन दोनों को बुलाया था वो घर हमारे ही एक बहुत पक्के दोस्त का था जो वहां पर अपने पापा के साथ रहता था.
उनकी एक दुकान थी और उसके परिवार के बचे हुए लोग उनके गाँव में रहते थे और वो उस घर में अपने पापा के साथ अकेला ही रहता था, लेकिन उसके पापा उस दिन अपने परिवार से मिलने के लिए अपने गाँव गए हुए थे और वो दूसरे दिन तक वापस आने वाले थे इसलिए उसने हम लोगों को कुछ देर के लिए अपने घर की चाबी हम दोनों को दे दी.
हम सभी लोग उसके घर में गये और कुछ देर तक हमने बातें की और फिर उसके बाद मैंने अपने दोस्त से इशारे में दूसरे पास वाले कमरे में जाने के लिए कहा और फिर वो मेरा इशारा तुरंत समझकर उठकर अपनी दोस्त को अपने साथ में लेकर दूसरे रूम में चला गया. अब हम दोनों वहीं उस सोफे पर बैठे रहे कुछ देर बाद मैंने उसका एक हाथ पकड़ लिया और उसके हाथ को किस किया, क्योंकि में तब उसका मूड देखना चाहता था, लेकिन जब उसने मुझे अपना हाथ चूमने पर कुछ नहीं कहा तो मैंने अब आगे बढ़कर उसके होंटो पर किस करना शुरू कर दिया और में उसके रस भरे होंठो को चूसने चूसने लगा था.
उस समय मेरा एक हाथ उसकी गर्दन पर था और अपने दूसरे हाथ से में उसके बूब्स को दबा भी रहा था. अब कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि अब वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और मैंने उसको अपनी गोद में बैठा लिया और फिर मैंने उसको होंठो पर चूमना बंद कर दिया. अब मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और धीरे धीरे मैंने उसकी कमीज़ के अंदर अपने हाथ को डाल दिया और में उसके बूब्स को दबाने लगा.
तब मैंने छूकर महसूस किया कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी और मैंने उसको पूरा गरम कर दिया था. फिर मैंने उसकी कमीज़ को उसके बूब्स तक ऊपर उठा दिया और फिर उसकी ब्रा को ऊपर करके में उसके बूब्स को चूसने लगा और दबाने भी लगा था.
में बहुत देर तक उसके बूब्स को चूसता रहा और दबाता भी रहा. अब मैंने सही मौका देखकर उसकी पूरी कमीज़ को उतार दिया और अपनी शर्ट को भी उतारकर उसको मैंने अपने गले से लगा लिया. अब मैंने पीछे से उसकी सलवार में हाथ डालकर में उसकी गांड को दबाने लगा जो कि बहुत ही नरम थी और साथ साथ में उसकी गर्दन पर किस भी कर रहा था और फिर कुछ देर बाद मैंने उसको सोफे पर ही लेटा दिया और में खुद उसके ऊपर लेट गया और अब में उसको किस करने लगा.
मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया और तब मैंने छूकर महसूस किया कि उसकी सलवार चूत वाली जगह से गीली हो गई थी और अब में उसकी चूत पर अपने हाथ को फिरने लगा था. अब में धीरे धीरे अपने हाथ को सलवार के पूरा अंदर ले गया और तब मुझे अहसास हुआ कि उसकी चूत बड़ी ही गरम होने के साथ साथ बिल्कुल चिकनी भी थी उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और में तुरंत समझ चुका था कि वो आज मुझसे अपनी चुदाई करवाने की पूरी तैयारी में यहाँ पर आई है.
वो आग जो मेरे बदन में लगी है वही आग उसके जिस्म में भी बराबर लगी हुई है, जिसको आज वो मेरे लंड से चुदवाकर ठंडा करना चाहती है. अब में उसकी चूत के कुछ देर सहलाता रहा और उसके बाद मैंने उसकी सलवार को नीचे उतार दिया. दोस्तों में उस समय बहुत हैरान था कि वो मुझे किसी भी काम को करने के लिए रोक नहीं रही थी, बल्कि वो तो खुद भी मेरा उस काम में पूरा पूरा साथ दे रही थी.
अब मैंने अपनी भी पेंट को उतार दिया और में उसके ऊपर लेट गया और उसके बाद में उसको चूमने लगा था. फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और फिर में उसकी चूत पर अपने हाथ को घुमाने लगा. फिर में कुछ देर बाद उठा और उसके सामने आ गया और उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रख और में धीरे धीरे दबाते हुए अपने लंड को उसकी चूत के अंदर करने लगा था, लेकिन उसकी चूत का आकार बहुत छोटा था और मेरा लंड बड़ा, मोटा था इसलिए अंदर जाने से उसको बड़ा दर्द भी हो रहा था, लेकिन में क्या करता मुझ पर तो उस समय उसकी चुदाई का भूत सवार था.
मैंने उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक दिया जिसकी वजह से वो गीली चिकनी हो गई और अब में अपना लंड एक जोरदार धक्का देकर उसकी चूत के अंदर जबरदस्ती डालने की कोशिश करने लगा था. फिर सबसे पहले मैंने उसकी चूत पर अपने लंड का टोपा रख दिया, उसको में धक्का देकर अंदर करने लगा.
उसने मुझसे कहा कि तुम इसको मत डालो मुझे बड़ा दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी कोई भी बात नहीं सुनी और अपना लंड में उसकी चूत में डालने लगा वो नीचे पड़ी तड़प रही थी, लेकिन मैंने उसके दर्द की बिल्कुल भी चिंता नहीं की और अपना लंड मैंने उसकी चूत में डाल दिया वो दर्द की वजह से चीखने चिल्लाने लगी थी, लेकिन उसी समय मैंने अपना एक हाथ उसके मुहं पर रख दिया और में उसको अपनी तरफ से झटके मारने लगा था, तब उसको बहुत दर्द हो रहा था और वो रोने भी लगी थी, लेकिन उस वक़्त मुझ पर उसकी चुदाई का भूत सवार था इसलिए में उसको मस्त मजेदार तेज तेज झटके मारता रहा और फिर वो थोड़ी सी ढीली हो गई तो मैंने तब महसूस किया कि धीरे धीरे उसको भी अब मज़ा आने लगा था, इसलिए वो भी नीचे से अपने कूल्हों को हिलाने लगी थी और में उसको वैसे ही धक्के मारता जा रहा था.
फिर कुछ देर बाद जब में झड़ने वाला था, तो मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया और जब मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर देखा तो उस पर उसकी चूत का खून लगा हुआ था. फिर में उसकी चूत के ऊपर ही अपने लंड को मसलने लगा तो मैंने सोचा कि अगर में धक्के देते समय झड़ गया तो मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत के अंदर चला जाता और यह बात सोचकर मैंने लंड को बाहर निकाला था और में अपना लंड उसकी चूत पर मसलता रहा.
उसकी चूत के दाने को उससे टटोलने लगा था, लेकिन कुछ देर के बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उसके पेट पर ही निकाल दिया और फिर में उसके ऊपर ही लेट गया. में उसको किस करने लगा था और कुछ देर तक में उसको किस करता रहा, तब तक मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया था और में फिर से उसको चोदना शुरू किया और वो मेरा पूरा पूरा साथ देते हुए खुश होकर मज़े से मेरे साथ चुदाई करवाती रही, मैंने उसको उस दिन तीन बार चोदा और हम सभी करीब पांच घंटे तक अपने उस दोस्त के घर में ही रहे.
हम ने अपना काम खत्म करके अपने कपड़े पहने और मैंने दूसरे कमरे में अपने दोस्त को आवाज़ दी. वो लोग भी तब तक अपने काम से फ्री हो चुके थे और वो भी हमारा ही इंतज़ार कर रहे थे. अब हम सभी लोगों ने घर से बाहर निकलकर वापस दरवाजे पर ताला लगा दिया और चाबी अपने दोस्त को देकर वापस आ गए. दोस्तों अगले दिन मुझे पता चला कि वो अपने घर जा चुकी थी और उसके चले जाने का मुझे बड़ा दुख था, लेकिन उसकी उस मस्त मजेदार चुदाई के बारे में सोचकर में खुश भी बहुत था.
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लक्ष्मी की चुदाई राँची में


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विजय है और मेरी उम्र 26 साल और में राँची से हूँ. आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची चुदाई की घटना सुनाने के लिए यहाँ पर आया हूँ, जिसमें मैंने अपनी एक गर्लफ्रेंड को बहुत मज़े लेकर चोदा और उसके थोड़ा सा विरोध करने के बाद भी मैंने उसको अपनी बातों में फंसाकर उसके साथ सेक्स किया.
दोस्तों मेरी उस लड़की से दोस्ती को करीब दो साल हो गई थी, वो लड़की जिससे मेरी दोस्ती थी और वो दिखने में बहुत ही सुंदर, गोरी उसके बड़े आकार में बूब्स उसका भरा हुआ और वो पूरा सेक्सी जिस्म मुझे हमेशा अपनी तरफ आकर्षित किया करता था, लेकिन फिर भी मेरी उसके ऊपर कोई गलत नजर नहीं थी. दोस्तों हमारे बीच यह रिश्ता बहुत अच्छी तरह से चल रहा था और हम दोनों बड़े खुश थे क्योंकि हम दोनों ही एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे. हमें एक दूसरे से मिलना और घंटो समय एक साथ बिताना बातें, हंसी मजाक करना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन मैंने उसको अब तक अपने इन दो सालों के बीच कभी छुआ तक भी नहीं था.
एक दिन जब हम दोनों पास के एक गार्डन में गये तो मैंने हिम्मत करके उस दिन पहली बार उसको सिर्फ़ एक किस ही किया और उसकी तरफ से कोई भी विरोध ना देखकर मेरी हिम्मत बढ़ गई और जब में आगे बढ़कर उसके बूब्स पर हाथ लगाने लगा, तो वो उस समय मेरे ऊपर बहुत गुस्सा करने लगी और फिर उसने कम से कम एक महीने तक मुझसे बात भी नहीं की, आख़िर मैंने भी उसको एक दिन में कैसे भी करके मना ही लिया और उसको कहा कि दोस्ती में यह सब तो चलता रहता है. फिर वो मुझसे बोली कि मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता और फिर मैंने उससे कहा कि अच्छा नहीं लगता तो में अब ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा और उस दिन के बाद हम दोनों मिलते तो जरुर, लेकिन हम किस तक ही सीमित रहे, लेकिन अब मुझसे से सब्र भी नहीं होता था और में उसकी चुदाई करने के विचार बनाने लगा था.
एक बार जब में उससे मिलने गया तो वो समय गर्मियों का समय था और वो मुझसे बोली कि आज तुम अपने ऑफिस से छुट्टी ले लो, आज हम दोनों बैठकर बहुत सारी बातें करेंगे और अब मैंने अपने ऑफिस में उसी समय फोन करके उनको बोल दिया कि आज में ऑफिस नहीं आ सकता, क्योंकि आज मेरी तबियत कुछ ठीक नहीं है और उसके बाद हम दोनों कुछ देर तक उसके कॉलेज में ही बैठे बातें करते रहे और फिर मैंने उसको कहा कि हम कहीं दूसरी जगह पर चलते है, तो वो भी मेरी बात को मान गई, लेकिन उस समय 12 बज रहे थे, इसलिए उस समय ना तो हमें किसी भी फिल्म का टिकिट मिलना था और ना ही हम किसी गार्डन में जा सकते थे, क्योंकि मुंबई में हमेशा 11:00 बजे तक सभी सिनेमा होल में शो शुरू हो जाते है और हम गार्डन में इसलिए नहीं जा सकते है क्योंकि वहाँ पर गर्मी भी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए मैंने उससे कहा कि हम दोनों आज मेरे रूम पर चलते है, लेकिन वो मुझसे मना कर रही थी और वो कह रही थी कि मुझे डर लगता है कि कहीं कुछ हो गया तो, लेकिन मैंने उसको अपनी तरफ से समझा दिया और मैंने उससे कहा कि अगर तुम्हे मुझसे प्यार है और अगर तुम मुझ पर भरोसा करती हो तो तुम मेरे साथ मेरे कमरे पर चल सकती हो, नहीं तो में अपने ऑफिस चला जाता हूँ और तुम तुम्हारे घर पर चली जाओ. फिर मेरी इस बात पर वो मुझसे बोली कि तुम मेरी कसम खाओ कि तुम मेरे साथ ऐसा वैसा कुछ नहीं करोगे और फिर मैंने उसकी कसम खा ली उसके बाद वो मेरे साथ चलने के लिए तैयार हो गई.
दोस्तों अब वो मेरे साथ पीछे मुझसे बिल्कुल सटकर बैठ गई उस वजह से उसके बड़े आकार के बूब्स मेरी कमर पर दबने लगे थे इसलिए मेरे अंदर एक अलग ही जोश नशा छाने लगा था और में उसके साथ जाते समय रास्ते में बस यही बात सोचता रहा कि उसके कहने पर कसम तो मैंने उसकी खा ली है, लेकिन अब में उसकी चुदाई कैसे करूंगा? फिर जब कुछ देर चलने के बाद हम दोनों मेरे रूम पर पहुंचे तब में हम दोनों के अंदर आते ही अपने कमरे का दरवाजा तुरंत बंद करने लगा था, तो वो थोड़ा सा चकित होकर मुझसे बोल पड़ी कि तुम दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो?
तब मैंने उससे कहा कि अगर कोई बाहर वाला हम दोनों को एक साथ देख लेगा तो वो क्या सोचेगा और वो तुम्हारे बारे में क्या कहेगा कि तुम कौन हो और मेरे साथ मेरे कमरे में अकेली क्या कर रही हो? उसके मन में तुम्हारे लिए बहुत सारे गलत विचार बहुत सारी गलत आएगी और में नहीं चाहता कि तुम्हारे बारे में कोई भी कुछ गलत बात सोचे, जिसकी वजह से तुम्हारी इज्जत खराब हो में ऐसा काम नहीं कर सकता.
दोस्तों मैंने उसको अपनी बातों में इतनी अच्छी तरह से उलझा दिया कि उसका अब मेरे उस जाल से बाहर निकलना एकदम मुश्किल था और उसी समय मैंने दरवाजे को झट से बंद कर दिया, लेकिन उसने अब मुझसे कुछ भी नहीं कहा. दोस्तों उसको क्या पता था कि मैंने यह सब किस लिए किया था? फिर उसके बाद में बेड पर उसके साथ बैठ गया और अब में उससे इधर उधर की बातें करने लगा. वो बहुत खुश नजर आ रही थी, उससे कुछ देर बातें हंसी मजाक करते करते मैंने सही मौका देखकर उसके कंधे पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर में उसके बाद उसके नरम गुलाबी होंठो पर किस करने लगा.
हम दोनों कोई सेक्सी फिल्म की तरह यह काम करते रहे और वो भी मेरे साथ मुझे चुमते हुए मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी, लेकिन उसने अब मेरा बिल्कुल भी विरोध नहीं किया, इसलिए हमारा यह काम करीब 15 मिनट तक लगातार चलता रहा और अब मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके उसकी गोलमटोल छाती, उसके तने हुए निप्पल पर अपने हाथ को फेरना शुरू कर दिया, लेकिन उसने तब भी मेरा कोई विरोध नहीं किया और धीरे धीरे में उसकी छाती से उसके मुलायम पेट पर होता हुआ अब उसकी गरम चूत को सलवार के ऊपर से अपने एक हाथ से छूकर महसूस करने लगा. में उसको अपने हाथ से हल्के हल्के सहलाने लगा था और उस समय भी मेरे होंठ उसके होंठो पर किस कर रहे थे और मेरा एक हाथ उसके बूब्स पर और एक हाथ उसकी चूत पर था. में उसका पूरी तरह से मज़ा लेते हुए उसको गरम कर रहा था.
अब में धीरे धीरे उसकी गर्दन और उसके बाद उसके बूब्स को उसकी कमीज़ के ऊपर से ही चूसने लगा. उसके बूब्स की गोलाइयों आकार जाँचने परखने लगा था. उस समय ज्यादा गरम होकर जोश में आने की वजह से उसके मुहं से अजीब सी आवाजे आने लगी थी. फिर में तुरंत समझ गया था कि अब वो पूरी तरह से गरम हो चुकी है और मेरे लिए यही एकदम सही समय था, जब में उस गरम लोहे पर चोट मार सकता था.
यह बात सोचकर मैंने उसके बाद धीरे धीरे अपने एक हाथ को उसकी कमीज़ के अंदर डाल दिया और अब में उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके गरम मुलायम बूब्स को दबाने लगा था, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी थी और कुछ देर के बाद मैंने बिना देर किए उसकी कमीज़ को उतार दिया, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली क्योंकि वो अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. दोस्तों उस समय मैंने देखा कि उसने बहुत सेक्सी जालीदार काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी और वो मेरे सामने पहली बार ब्रा में होने की वजह से शरम आने की वजह से उसने अपने बूब्स को अपने दोनों हाथों से छुपाने की वो नाकाम कोशिश करने लगी थी, क्योंकि उसके बूब्स आकार में ज्यादा बड़े थे और वो ब्रा से भी बाहर निकल रहे थे.
अब मैंने ज्यादा समय खराब नहीं करते हुए उसको तुरंत दोबारा किस करना शुरू कर दिया और में कुछ देर तक उसकी ब्रा के ऊपर से उसके दोनों बूब्स को सहलाते हुए मज़े ले रहा था और उसके बाद मैंने उसकी कमर पर हाथ ले जाकर उसकी ब्रा के हुक को भी खोलकर उसकी ब्रा को उसके गोरे बदन से अलग कर दिया, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने ऊपर से बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और उसके गोरे गोरे बूब्स काले रंग की ब्रा की केद से आजाद होकर अब खुली हवा में साँस ले रहे थे उसकी सांसे तेज चलने की वजह से उसकी छाती ऊपर नीचे होने की वजह से बड़ी ही सेक्सी अजब सा मज़ा दे रही थी और में उनको देखकर एकदम अपने होश खो बैठा था.
मैंने उसको अपने हाथ का सहारा देकर बेड पर लेटा दिया और में उसके बूब्स को चूसने लगा. फिर करीब बीस मिनट तक उसके बूब्स को चूसने के बाद मैंने उसकी सलवार की तरफ अपने हाथ को आगे बढ़ाया और उसका नाड़ा खोल दिया. तब भी में उसके बूब्स को लगातार चूसता रहा जिसकी वजह से उसके मुहं से अब अजीब अजीब सी आवाज़े आ रही थी.
फिर मैंने मन ही मन में सोचा कि उसकी यह सिसकियाँ कहीं मेरे पड़ोसी सुन लेंगे तो हम दोनों के लिए कोई समस्या खड़ी हो जाएगी और इसलिए मैंने उसके बूब्स सक करते समय ही थोड़ा सा उठकर सीडी का बटन चालू कर दिया, जिसकी वजह से अब ज़ोर ज़ोर से गाने बजने लगे थे और कमरे से बाहर किसी को कुछ भी सुनाई देने का तो काम ही नहीं था.
अब मैंने उसकी सलवार को धीरे धीरे नीचे उतारना शुरू कर दिया और उसकी सलवार को उतारने के बाद में उसकी कामुक उभरी हुई चूत को उसकी काले रंग की पेंटी के ऊपर से ही चूसने लगा, तो वो जोश में आकर अब और भी ज्यादा ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी मैंने उसके जोश हालत का अंदाजा तुरंत लगाकर, धीरे धीरे उसकी पेंटी को भी अब नीचे उतार दिया और अब में उसकी चूत को चूसने लगा था.
दोस्तों अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी और वो मुझसे कुछ बोल भी नहीं रही थी मैंने लगभग दस मिनट तक उसकी चूत को सक किया और जैसे ही मुझे अंदाजा लगा कि अब उसकी चूत झड़ने वाली है तो उसी समय मैंने उसको चूसना बंद करके में उससे दूर हट गया. फिर मैंने देखा कि वो अब बिना पानी की मछली की तरह तड़प उठी और वो अपनी चूत में उंगली डालकर अपनी चूत को ठंडा करने की कोशिश लगी थी, लेकिन कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों हाथों को कसकर पकड़ लिया, तो वो अब मेरे आगे गिड़गिड़ाते हुए मुझसे कहने लगी कि प्लीज़ तुम अब मेरी चूत को सक करो आह्ह्हह्ह आह्ह्ह्ह वरना में आज मर ही जाउंगी.
में ज्यादा देर रुक नहीं सकती और मुझे कुछ हो रहा है. फिर मैंने उससे कहा कि साली पहली चुदाई के समय तड़पने में ही ज्यादा मज़ा आता है इसलिए में तुझे आज बहुत तरसाकर तेरी चुदाई करूंगा और तू देखती जा आज मेरे साथ तुझे कैसा मज़ा आता है. तू आज के बाद मुझे हमेशा याद रखेगी और कभी भूल नहीं सकती. में आज तुझे ऐसा चुदाई का मज़ा दूंगा, तो वो दोबारा मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगी और वो मुझसे उसकी चुदाई करने के लिए कहने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि में आज तुम्हारी चूत को मेरी एक शर्त पर सक करूँगा कि उससे पहले तुम्हे मेरे लंड को भी अपने मुहं में लेकर इसको सक करना होगा.
दोस्तों वो मेरी उस बात को तुरंत मान गई और सबसे पहले मैंने उसको मेरे कपड़े उतारने के लिए कहा तो वो पागलों की जल्दी जल्दी मेरे कपड़े उतारने लगी और उसको देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसको अपनी चूत को मेरे लंड से चुदाई करवाकर शांत करने की कुछ ज्यादा ही जल्दी थी और उसके बाद वो मेरे 6 इंच और तीन इंच मोटे लंड को देखकर एकदम चकित होकर बोली कि यह आपका मेरे मुहं में कैसे जाएगा?
मैंने उससे कहा कि साली वो सब में तुझे अभी बताता हूँ और फिर मैंने उसका सर पकड़कर जबरदस्ती अपने लंड को मैंने उसके मुहं में थोड़ा सा डाल दिया, जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उसके मुहं में था और उसके बाद वो धीरे धीरे खुद ही अपने मुहं को पूरा खोलकर आगे बढ़ाती चली गई और अब वो मेरे पूरे लंड को अपने मुहं में डालकर सक करने लगी और उसका एक हाथ मेरे आंड के साथ खेल रहा था और में भी उसके बूब्स के साथ खेल रहा था. मुझे उसके साथ यह सब करने में मज़े के साथ साथ जोश भी बहुत ज्यादा आ रहा था और यही हाल उसका भी था वो भी अब तक बिल्कुल पागल हो चुकी थी.
फिर थोड़ी देर तक सक करने के बाद वो मुझसे कहने लगी कि अब तुम मेरी चूत को सक करो, मुझसे ज्यादा देर रुकना मुश्किल है, मुझे ना जाने क्या हो रहा है? फिर मैंने उससे कहा कि चलो अब हम दोनों 69 की पोजीशन में हो जाए और तभी वो मुझसे पूछने लगी कि वो क्या होती है? तब मैंने उसको समझाया कि 69 पोजीशन क्या होती है? और इस तरह हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गये और हम एक दूसरे को सक करने लगे. दोस्तों में बीच बीच में उसकी चूत में अपनी उंगली को भी डाल रहा था, तो वो मुझसे कह रही थी कि उसको ऐसे दर्द होता है और करीब दस मिनट के बाद उसकी चूत का पानी निकल गया और में उसके रस को पी गया.
फिर उसका स्वाद मुझे अच्छा लगा और अब में उसकी चूत को सक करता रहा और उसके बाद वो दोबारा से गरम हो गई और जैसे ही मैंने चूसना बंद किया तो वो दोबारा मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज तुम मुझे लगातार सक करो प्लीज तुम करते रहो रुको नहीं. फिर मैंने उससे कहा कि अब में तुम्हे सक नहीं करूँगा बल्कि में अब तुम्हारी चूत में अपना लंड डालकर तुम्हारी मस्त मजेदार चुदाई करूंगा.
फिर वो मुझसे कहने लगी कि इतना बड़ा मोटा लंड मेरी इस छोटी कुंवारी चूत में कैसे जाएगा? मुझे तो तुम्हारी उंगली से भी इतना दर्द होता है तो में इसके दर्द को कैसे सहन करूँगी? तो मैंने उससे कहा कि तुम्हे मेरे साथ अपनी चुदाई के समय बिल्कुल भी डरने की ज़रूरत नहीं है तुम्हे बस थोड़ी देर दर्द होगा और उसके बाद तुम्हे भी मेरे साथ बहुत मज़ा आएगा और वैसे भी में तुम्हारे साथ तुम्हारे दर्द का ध्यान रखते हुए बहुत धीरे धीरे करूंगा और फिर मैंने उससे कहा कि सभी औरतों की चूत का छेद दिखने में छोटा, लेकिन यह होता बहुत बड़ा है क्योंकि इसी चूत से इतना बड़ा बच्चा भी बाहर निकल जाता है तो मेरा लंड तो इसमे बहुत आराम से अंदर चला जाएगा.
फिर उसके बाद मैंने थोड़ा सा तेल अपने हाथ में लेकर थोड़ा सा अपने लंड पर और बाकी बचा हुआ तेल मैंने उसकी चूत के दोनों होंठो को फैलाकर उन पर लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड और उसकी चूत दोनों ही चिकने हो गए.
अब में अपना लंड उसकी चूत में अंदर डालने की बजाए चूत के होंठो पर ही रगड़ने लगा था. तो वो थोड़ी ही देर में चिल्ला पड़ी, प्लीज़ अब इसको अंदर डाल दो ना, क्यों तुम मुझे इतना तरसा रहे हो, तुम मुझे पागल क्यों किये जा रहे हो क्या आज तुम मेरी पूरी जान ही बाहर निकालकर मेरा पीछा छोड़ोगे तुम मुझसे क्या चाहते हो? प्लीज जल्दी से पूरा अंदर डालकर मेरी इस आग को बुझा दो. फिर उसके बाद मैंने अपने लंड को थोड़ा सा उसकी चूत के अंदर किया और मेरा मोटा लंड अब उसकी चूत की पंखुड़ियों को फैलाकर उसको मज़े के साथ साथ दर्द का अहसास देने लगा था.
तभी वो उस दर्द की वजह से चिल्लाने लगी आईईईइ माँ उफ्फ्फफ्फ्फ़ में मर गई यह क्या किया स्सीईईईइ में मर गई प्लीज अब बंद करो मुझे नहीं करना, यह सब नहीं चाहिए मुझे ऐसे मज़े जिसमे इतना दर्द हो. फिर मैंने उसी समय तुरंत उसके होंठो पर अपने होंठो को रख दिया और अपने लंड को मैंने वहीं पर थोड़ी सी देर रखने के बाद में अब धीरे से अपनी कमर को हिलाकर लंड को में आगे पीछे करके हिलाने लगा. फिर जब वो कुछ देर बाद अपने दुःख दर्द को भुलाकर मेरे साथ मज़ा करने लगी तो उसी समय मैंने सही मौका देखकर अपनी तरफ से एक ज़ोर से जटका लगा दिया, जिसकी वजह से अब मेरा लंड उसकी चूत में पूरा अंदर चला गया और वो उस दर्द की वजह से तड़पने लगी, बिन पानी की मछली की तरह वो मचलने लगी थी, लेकिन अब मेरे सब्र का वो बांध पूरी तरह से टूट चुका था और मैंने उसके दर्द की बिल्कुल भी परवाह ना करते हुए में अब अपने लंड को उसकी चूत में धक्के देकर अंदर बाहर करने लगा था.
दोस्तों तब मैंने देखा कि वो थोड़ी देर तक दर्द को महसूस करती रही, लेकिन कुछ देर बाद वो भी अब मेरे साथ अपनी चुदाई के मज़े करने लगी थी और वो अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर मेरे धक्को पर अपनी तरफ से भी धक्के देने लगी थी और बा उसके मुहं से अब जोश से भरी हुई आवाजे आने लगी. वो अब आआअहहूऊ ऊऊऊऊऊऊहह हाँ मेरे राजा आज तुम मुझे और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदो उफ्फ्फफ्फ् हाँ ज़ोर से पूरा अंदर करो स्सीईईइ आज तुम मेरी इस चूत को चोद चोदकर इसकी सारी गरमी को बाहर निकाल दो, इसने मुझे बहुत तरसाया है और में इसकी वजह से बहुत दुखी हूँ.
मैंने उससे पूछा कि क्यों यह सब काम करना तो पहले तुझे कभी अच्छा नहीं लगता था साली अब तुझे मेरे लंड का असली स्वाद पूरा पूरा आ रहा है ना? तेरी तो चूत को आज में पूरी तरह से फाड़कर तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा और करीब 15 मिनट की उस लगातार चली ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरा वीर्य अब निकलने वाला था, लेकिन इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी.
अब मैंने उससे कहा कि मेरा वीर्य अब निकलने वाला है और मैंने उससे पूछा कि में इसको तुम्हारी चूत के अंदर ही छोड़ दूँ या बाहर निकालूं? तब उसने मुझसे कहा कि तुम इसको बाहर ही निकाल दो में इसकी वजह से गर्भवती नहीं होना चाहती है और उसके मुहं से वो बात सुनकर उसी समय मैंने तुरंत उसकी चूत से अपने लंड को बाहर निकालकर उसके मुहं में डाल दिया और अब में उसके मुहं को हल्के हल्के धक्के देकर चोदने लगा था. जिसकी वजह से थोड़ी ही देर में मेरे लंड लंड से वीर्य निकल गया और जिसकी वजह से उसका मुहं अब मेरे वीर्य से पूरा भर गया.
दोस्तों कुछ तो उसने निगल लिया और बाकी वीर्य उसके मुहं से बहकर बाहर निकलकर उसके होंठो से होता हुआ उसकी छाती पर आकर टपकने लगा था और उसके बाद में थोड़ी देर उसके ऊपर लेट गया, उसको किस करता रहा और अपने वीर्य को में अब उसके दोनों बूब्स पर फैलाता रहा, जिसकी वजह से उसके निप्पल खड़े हो चुके थे और करीब 15 मिनट तक आराम करने के बाद हम दोनों उठ गए. अब मैंने देखा कि शाम होने लगी थी और अब उसको अपने घर भी जाना था तो हम दोनों ने बाथरूम में जाकर अपने आपको पानी से अच्छी तरह साफ किया और अपने अपने कपड़े पहले और उसके बाद में उसको अपने साथ मेरी गाड़ी में बैठाकर उसके घर के पास छोड़कर वापस अपने घर आ गया.
दोस्तों दोबारा अपने घर पर आकर मैंने सबसे पहले उसकी चूत से चुदाई के दौरान निकले खून और हम दोनों के पानी से खराब हुई चादर को साफ किया और उसके बाद में चुदाई से हुई अपनी थकान को बेड पर लेकर निकालने लगा और में अब लेटे हुए हमारी उस चुदाई के बारे में सोचने लगा और साथ साथ में अब उसकी अगली चुदाई के बारे में भी विचार बनाने लगा कि मुझे उसकी अगली चुदाई कब और कैसे कहाँ करनी है? में उस दिन बहुत खुश था और मेरी उस ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था. मेरी उस पहली चुदाई से मेरी गर्लफ्रेंड भी पूरी तरह से संतुष्ट थी और उसको मेरे साथ यह सब करके बड़े मज़े आए, यह सभी बातें उसने मुझे दूसरे दिन हमारी उस मुलाकात में बताई.
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चूत की चुदाई का भूत


हैल्लो दोस्तों, में एक कॉल सेंटर में जॉब करता था. वहाँ मेरी एक सीनियर थी, में वहाँ एक टीम लीडर था. फिर एक दिन मुझे और मेरी सीनियर जिसका नाम था पूजा था. अब हम दोनों को थोड़ा सा काम था तो हम वहीं पर रुक गये, जब पूरे ऑफिस में कोई नहीं था. अब बातों-बातों में मेरी और उसकी सेक्स के बारे में बात होने लगी थी.
उसने मुझसे पूछा कि तुमने किसी के साथ सेक्स किया है? तो मैंने कहा कि हाँ, में कई लड़कियों के साथ सेक्स कर चुका हूँ, लेकिन तुम क्यों ऐसे पूछ रही हो? तो उसने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई लड़का किसी लड़की की प्यास बुझा सकता है. फिर मैंने कहा कि ऐसा नहीं है आज तक मुझे कोई ऐसी लड़की नहीं मिली जो मेरे लंड से संतुष्ट ना हुई हो. तो उसने कहा कि ठीक है तुम्हें कभी ट्राई करूँगी. फिर मैंने कहा कि जब मन हो तो आ जाना, मेरे पास लड़कियों को चोदने के लिए हमेशा टाईम है और फिर में अपने रूम पर आ गया.
अब में आपको बता दूँ कि में अकेले अपने घर से दूर रहता हूँ. फिर मुझे उसी दिन उसका कॉल आया, तो उसने कहा कि मुझे अपने लंड का कहाँ मज़ा दोगे? तो मैंने कहा कि जहाँ आप अपनी चूत मुझे देना चाहे.
उसने कहा कि ठीक है, में तुम्हारे रूम पर आ जाऊं कोई दिक्कत तो नहीं होगी, तो मैंने कहा कि नहीं. फिर वो आधे घंटे के बाद मुझे पास के चौराहे पर मिली, तो मैंने उसे अपनी बाइक पर बैठाया, वो कुछ ज़्यादा ही मस्ती में लग रही थी क्योंकि वो मुझसे काफ़ी चिपककर बैठी थी और अपनी चूचीयाँ मेरी पीठ पर दबा रखी थी. फिर में उसे अपने फ्लेट पर लेकर गया. फिर जैसे ही हम वहाँ पहुँचे, तो वो अपना पर्स फेंककर मुझसे लिपट गयी और मेरे कपड़े उतारने लगी. फिर मैंने कहा कि ऐसे नहीं रानी आराम से करेंगे तो ज़्यादा मज़ा आएगा.
फिर मैंने सबसे पहले उसके कपड़ो के ऊपर से ही कसकर रगड़ा, कसकर उसकी चूचीयाँ दबाई, उसके चूतड़ों को सहलाया. फिर मैंने उसके रसीले होंठो का मज़ा लेना शुरू किया और फिर करीब 30 मिनट तक यही करते हुए उसका टॉप उतार दिया. अब उसकी चूचीयाँ ब्रा के अंदर से ही झाँकने लगी थी, वो उस टाईम पर कसम से बड़ी सेक्सी लग रही थी.
फिर मैंने उसके गले पर और ब्रा के ऊपर से जितना अंग दिख रहा था, उसे कसकर चूसा और खूब रगड़ा. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी. फिर क्या था? अब उसकी मस्त बड़ी-बड़ी चूचीयाँ फुदकने लगी थी. फिर मैंने पहले उसकी दोनों चूचीयों को पकड़कर कसकर दबाया और फिर बारी-बारी से अपने मुँह में लेकर कसकर चूसना शुरू किया. अब पूजा की साँसे तेज हो चुकी थी और उसके मुँह से मस्त-मस्त कामुक आवाज़े निकलने लगी थी, जो मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी.
फिर मैंने अपने एक हाथ से उसकी जींस उतार दी और उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को दबाने लगा. अब उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी और धीरे-धीरे उसकी चूत पर अपना एक हाथ फैरने लगा. अब मेरे ऐसा करने से वो और भी ज्यादा मदहोश हो गयी थी और ज़ोर-ज़ोर से आहें लेने लगी थी. फिर क्या था? मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, उसकी चूत एकदम कुंवारी थी. फिर क्या था? मैंने कस-कसकर अपनी उंगली से उसकी चूत के अंदर मालिश करना शुरू कर दिया. अब वो और भी मदहोश हो गयी थी.
फिर मैंने अपने कपड़े उतारे तो जैसे ही मैंने अपना 9 इंच का लंड बाहर निकाला. तो उसने उसे पकड़ लिया और बोलने लगी हाए मेरे राजा तुम्हारा लंड तो बड़ा मस्त है, एक बार उससे मेरी चूत की आग शांत कर दो राजा जी. फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने के लिए कहा, तो उसने एक बार में ही मेरा आधा लंड अपने मुँह में ले लिया और ज़्यादा लेने की कोशिश करने लगी, लेकिन मेरा लंड बड़ा होने के कारण वो मेरा पूरा लंड अपने मुँह में नहीं ले सकी और कसकर मेरा लंड चूसती रही.
फिर मैंने उसे उठाकर उसकी चूत पर अपने होंठ टिका दिए, तो उसके मुँह से सिसकारियों की बौछार निकल पड़ी थी. फिर मैंने उसकी मक्खन जैसी चूत को रगड़-रगड़कर चूसा, तो वो बोली कि अब बस करो मेरे राजा जी नहीं तो में झड़ जाऊंगी और तुम्हारा लंड घुसवाने का मज़ा बेकार हो जाएगा, लेकिन में नहीं माना और उसकी चूत को चाट-चाटकर उसे झड़वा दिया.
फिर जब वो झड़ गयी, तो मैंने उससे कहा कि तू तो बड़ी-बड़ी बातें कर रही थी कि कोई भी लड़का लड़की की प्यास नहीं बुझा सकता, लेकिन तू तो बीच में ही मैदान छोड़कर भाग निकली. फिर वो शर्मा गयी, लेकिन अब मेरे लंड की प्यास अभी भी अधूरी थी तो मैंने फिर से उसकी चूचीयों को सहलाना शुरू किया, तो धीरे-धीरे उसे भी जोश आने लगा. फिर मैंने दुबारा से उसकी चूत को चाटना शुरू किया, तो वो फिर से पूरी मस्ती में आ गयी. तो इस बार मैंने देर नहीं की और उसकी टाँगे अपनी कमर पर रखकर अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पर टिका दिया और एक ज़ोर का धक्का दिया तो मेरा एक चौथाई लंड उसकी चूत में घुस गया.
अब मेरा लंड मोटा होने के कारण उसे तकलीफ़ हो रही थी, लेकिन उसे लंड की चाह इतनी थी कि दर्द के बावजूद वो सिसकियाँ लेते हुए कहे जा रही थी आअहह मेरे राजा जी, मजा आ रहा है, हाईईईई और लंड पेलो ना अपनी रानी की चूत में, फाड़ डालो साली को, बड़ी फुदक रही है, जल्दी से अपना लंड अंदर करो ना मेरे राजा. फिर मैंने फिर से एक जोरदार धक्का दिया तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत को फाड़ते हुए घुस गया और वो दर्द से कराह गयी, लेकिन में नहीं रुका और ताबड़तोड़ धक्के लगाते हुए धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा.
कुछ धक्के लगते ही, वो चिल्लाने लगी प्लीज रुक जाओ, बहुत दर्द हो रहा है, तो में थोड़ा सा रुक गया. फिर थोड़ी देर बाद मैंने धीरे-धीरे अपना लंड रगड़ना शुरू किया.
अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो ज़ोर-ज़ोर धक्का लगाने को कहने लगी थी चोदो और ज़ोर से चोदो ना, आआआ, आईईईईई, हाईईई, मज़ा आ रहा है, हाए रे मेरी चूत तो फट गयी, उईईईईईई माआआआअ घुस गया पूरा लंड मेरी चूत में, हाए राजा चोदो ना, आज मेरी चूत फाड़कर इसका भोसड़ा बना दो. अब में लगातार अपने धक्को की स्पीड बढ़ाने लगा था और वो भी नीचे से अपनी गांड उछाल- उछालकर मेरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर जब उसका झड़ने का टाईम आ गया तो उसने अपनी गांड उछालना तेज कर दिया और फिर एकदम से शांत हो गयी. फिर मैंने भी उसे शांत होते देखकर अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी और झड़कर ही शांत हुआ. फिर इस तरह से मैंने उसे लगातार 3 दिनों तक जमकर चोदा और खूब इन्जॉय किया.
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चुदाई का संदेशा


हैल्लो दोस्तों, में आपका प्यारा आर्यन हूँ और में फिर से अपनी एक कहानी के साथ हाज़िर हूँ. मेरी उम्र 19 साल है, में दिखने में हैंडसम हूँ, मेरा कलर गोरा है और मेरे लंड का साईज 7 इंच है. अब में आपका ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
अब दोस्तों मेरे प्यार के दिन ख़त्म हो चले थे, अब में बहुत ही तन्हा रहने लगा था, कहते है ना हर कुत्ते के दिन चेंज होते है तो मेरे भी हुए और में वही पहली वाली औकात पर आ गया था. अब में तो जैसे तैसे मुठ मारकर काम चला रहा था और अब में ज़्यादातर अपनी पिछली यादें याद करके मुठ मारा करता था तो तब मुझे भी एहसास हुआ कि में सेक्स के बगैर नहीं रह सकता हूँ. आप लोग मेरी फोटो देखोगे तो आप सब भी कहोगे कि साला देखने में ही ठरकी है और में हूँ भी.
अब में 2 हफ्ते से मुठ मारकर काम चला रहा था, क्या करता कोई लड़की ही नहीं मिल रही थी? और ना कोई जुगाड़ बन रहा था. फिर मेरे जीवन में एक अवतार आया, मेरा दोस्त और मेरे लिए संदेशा लाया और बोला कि आजा मेरे भाई चूत चोदेंगे. फिर मैंने कहा कि चूत कहाँ चोदेंगे? तो वो बोला कि मेरी गर्लफ्रेंड है, जो कि ग्रूप सेक्स करना चाहती है.
मैंने कहा कि भाई यहाँ तो कोई पार्टनर नहीं है, तो वो बोला कि अबे वो दो लड़को से एक साथ चुदना चाहती है. फिर में बहुत खुश हुआ और मेरे लंड को बहुत दिनों के बाद चूत मिलने का एहसास हुआ और मेरी चड्डी में से बाहर झाँककर चूत की तलाश करने लगा, अब में तो बहुत खुश हो गया था. अब हमारा शाम का प्रोग्राम था तो मैंने तो पूरी तैयारी कर ली थी, अब में एक पूरा पत्ता ताक़त की गोलियाँ ले आया था, ताकि में लंबी से लंबी सेक्स ड्राइव कर सकूँ.
फिर हमने एक टू इन वन रूम बुक किया और वहाँ चले गये. फिर शाम को उसकी गर्लफ्रेंड आई और साथ में इंतजार ख़त्म होने का संदेशा लाई. अब मेरी आँखें चूत के लिए तड़प रही थी, फिर जैसे ही डोर बेल बजी, तो मेरे लंड में भी घंटियाँ बजी. फिर मैंने उठकर दरवाजा खोला तो दरवाजा खोलते ही मेरी आँखें फटी रह गयी, क्या माल था यारों? भगवान ने भी आइटम बनाया था. फिर मैंने उसे अंदर आने को कहा और फिर हम दोनों ने एक दूसरे से परिचय किया, उसका नाम अर्चिता था.
मैंने अपने दोस्त को साईड में ले जाकर पूछा कि बहनचोद माल तो बहुत अच्छा पकड़ा है, कहाँ से लाया? तो वो कहने लगा कि कॉलेज में साथ में पढ़ती है. फिर मैंने कहा कि यार तेरी तो मौज है, तो वो बोला कि साले आज तो तेरी भी मौज है. फिर मैंने बातें करना बंद की और फिर हम दोनों बेड पर बैठ गये, तो राकेश ने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और मेरी तरफ आँख मारी. फिर में समझ गया और सोफे पर जाकर बैठ गया और अर्चिता राकेश के पास जाकर बैठ गयी.
फिर मैंने तो अपनी सिगरेट जला ली और स्मोक करने लगा. फिर उधर राकेश अर्चिता की जांघो पर अपना एक हाथ फैरने लगा. अब अर्चिता को थोड़ी शर्म आ रही थी, फिर राकेश उसके और करीब गया और उसे अपनी बाहों में पकड़ लिया और ज़ोरदार किस की बौछार कर दी और उसका टॉप भी उतार दिया और फिर थोड़ी देर तक उसके बूब्स दबाए और फिर धीरे-धीरे उसे पूरा नंगा कर दिया. अब में तो अर्चिता का शरीर देखकर हैरान था, क्या गजब का माल था वो? उसके बूब्स पर पिंक निप्पल और उसकी चूत पूरी फटी हुई थी.
अब मेरे बाप का क्या जा रहा था? अब मुझे तो फ्री की चूत मिल रही थी. फिर राकेश ने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत में पूरा डाल दिया और फिर मुझे अपने पास बुलाया, तो मैंने अपनी सिगरेट फेंकी और अपने सारे कपड़े उतार दिए.
अब में अच्छी तरह से समझ गया था कि अर्चिता ग्रूप सेक्स क्यों चाहती थी? वो किसी और से भी चुदना चाहती थी, क्योंकि राकेश उसे संतुष्ट नहीं कर पाता था, लेकिन वो राकेश पर विश्वास करती थी इसलिए उसने यह काम राकेश के हवाले सौंप दिया था, लेकिन मुझको क्या? अब मुझे तो चूत मिल ही रही थी.
फिर मैंने थोड़ा मज़ाक करना शुरू कर दिया और अब राकेश का लंड अर्चिता की चूत में और मेरा लंड तो पिछले 1 घंटे से ही खड़ा था. फिर में राकेश के पीछे गया और उससे कहा कि राकेश आज अर्चिता की चूत तेरी है, तो में तेरी ही गांड मार लेता हूँ और वैसे भी मैंने किसी लड़के की गांड नहीं मारी है. फिर मेरी यह बात सुनते ही अर्चिता हंसने लगी.
राकेश ने कहा कि चूतिए अर्चिता की मार मेरी गांड में क्या रखा है? तो मैंने कहा कि बहनचोद क्यों चिल्ला रहा है? में तो बस मज़ाक ही कर रहा था. फिर मैंने कहा कि यार मुझे सूखा-सूखा मज़ा नहीं आता, तो उसने कहा कि तुझे जो करना है, तू बाद में कर लेना. फिर मैंने कहा कि ठीक है में बाद में ही कर लूँगा और फिर मैंने अपने कपड़े वापस से पहन लिए. फिर राकेश ने उसे चोदना शुरू किया, अब अर्चिता आराम से लेटी हुई थी और बस बीच-बीच में हल्की-हल्की सिसकियाँ ले रही थी.
फिर राकेश भी झड़ गया, लेकिन अर्चिता को देखकर ऐसा लग रहा था कि वो अभी और मज़े लेना चाहती थी. फिर राकेश ने ही अपना लंड बाहर निकाला और अपने कपड़े पहन लिए. फिर मैंने उससे कहा कि भाई 2 बीयर की बोतल मंगवा दे, तो उसने कहा कि अभी लेकर ही आ जाता हूँ. फिर मैंने उसे पैसे दिए और वो बोतल लेने चला गया, शराब की दुकान वहाँ से 3 किलोमीटर की दूरी पर ही थी. अब अर्चिता मुझे देख रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि तुम राकेश से खुश नहीं हो ना? तो उसने कहा कि नहीं ऐसी बात नहीं है.
मैंने कहा कि यह सब तुम्हारी आँखों में दिख रहा है और उससे कहा कि कोई बात नहीं, में तुम्हें किसी और दिन अपने जलवे दिखाऊंगा. तो वो बोली कि अभी क्यों नहीं? तो मैंने कहा कि राकेश की गांड में मिर्ची लगेगी और कोई बात नहीं है. फिर वो मान गयी, तो मैंने उससे कल फिर इसी रूम पर आने को कहा.
फिर राकेश 10 मिनट के बाद बीयर लेकर आया और फिर हम तीनों ने बीयर पी और अपने-अपने घर चले गये. फिर मैंने तो अपने घर जाते ही अर्चिता के नाम की मुठ मार ली और बेताबी से अगले दिन के बारे में सोचने लगा. फिर अगले दिन में उसी रूम पर पहुँच गया, तो 30 मिनट के बाद अर्चिता भी वहाँ आ गयी, तो मैंने उससे गेट बंद करने को कह दिया.
मैंने 4 ताकत की गोलियाँ निकाली और खा ली और एक गोली उसे भी खाने को कहा, तो उसने भी गोली खा ली. फिर में बेड की एक साईड पर बैठ गया और अर्चिता को अपनी गोद में बैठा लिया. अब उसके होंठ मेरे होंठो के पास और उसके बूब्स मेरी छाती से टच हो रहे थे. फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया, तो मैंने उसे अच्छी तरह कस लिया और उसे स्मूच देने लगा. अब वो भी मेरा पूरा-पूरा साथ देने लगी थी और अब में लगातार अपनी जीभ उसके मुँह में घुमा रहा था और वो मेरी जीभ को अपने मुँह में पकड़ने की कोशिश कर रही थी.
फिर में धीरे-धीरे अपना एक हाथ उसके कूल्हों की तरफ ले गया और धीरे-धीरे सहलाने लगा. अब वो तो और भी गर्म हो गयी थी और झटपटाने लगी थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके साथ में लेट गया. अब में उसके बूब्स को अपने एक हाथ से मसल रहा था और साथ ही साथ चूस भी रहा था. फिर उसने मेरा सिर पकड़ा और अपने बूब्स पर दबाने लगी. अब में भी अपनी पूरी जान से उसके बूब्स दबा रहा था और चूम रहा था.
मैंने उसकी जीन्स उतारी और उसकी पेंटी में अपनी उंगलियाँ डालकर उसकी चूत तक ले गया. अब मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में घुमानी शुरू कर दी थी. फिर मुझसे भी नहीं रहा गया तो मैंने उसकी पेंटी उतार फेंकी और उसकी पिंक चूत पर अपने सॉफ्ट-सॉफ्ट होंठ रख दिए, तो वो एकदम से झटपटा गयी.
फिर में उसकी चूत में अपनी जीभ इधर उधर घुमाता रहा और फिर अचानक से मैंने उसकी चूत को चूसना स्टार्ट कर दिया. अब वो पूरी तरह से पागल हो चुकी थी और ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी, तो में इसी तरह से उसकी चूत में अपनी जीभ चलाता रहा. फिर में उसके ऊपर लेट गया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर धीरे-धीरे धक्के देने लगा और ऊपर से उसके बूब्स दबाता रहा. अब वो तो बस इस नशे का स्वाद चख रही थी और सिर्फ़ सिसकियाँ ले रही थी. अब धीरे-धीरे वो भी अपने कूल्हों को उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी थी.
मैंने फिर से अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और नीचे उसकी चूत पर अपने लंड से धक्के देता रहा. फिर मैंने उसे अपने ऊपर बैठा दिया और उसके मुँह को कसकर पकड़ लिया और किस देता रहा. अब वो अपनी गांड को उठा-उठाकर मेरे लंड पर पटक रही थी, जिससे मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में जा रहा था. फिर में तो इसी तरह पड़ा रहा और थोड़ी देर के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये. अब वो मेरे साथ में लेट गयी थी और हम दोनों आराम करने लगे थे.
फिर मैंने कहा कि क्यों जान कैसा लगा? तो वो बोली कि मैंने इससे अच्छी चुदाई आज तक जीवन में कभी नहीं करवाई और मेरे साथ जब मौका मिलेगा सेक्स करेगी. फिर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहने और फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे और अपने-अपने घर की और चल दिए. तो दोस्तों यह थी मेरी कहानी जो मैंने आपको सुनाई. मैंने एक चीज देखी है कि ज़्यादातर लड़को को लड़की सिर्फ़ चोदने की मशीन नज़र आती है
दोस्तों यह गलत है और लड़की कोई चोदने की मशीन नहीं है, उसके भी कई अरमान होते है. सेक्स की संतुष्टी का हक़ सिर्फ़ हमें ही नहीं, उन्हें भी है इसलिए सेक्स करते समय यह ध्यान रखे कि आपका सेक्स पार्टनर आपसे संतुष्ट है या नहीं. अगर वो संतुष्ट नहीं है तो उसे संतुष्ट करने की कोशिश करो. आप जानते हो लड़की को सबसे ज़्यादा मज़ा चूत चटवाने में आता है.
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