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ऑफिस वाली सेक्सी माया


दोस्तों, मेरा नाम अमित शर्मा है ओर मैं जयपुर राजस्थान का रहने वाला हू. मेरी उम्र ३१ साल है ओर मैं एक मल्टिनॅशनल मैं अच्छे पद पर हू. ये मेरी अंतर्वनसा पर पहली कहानी हैं ओर पूरी तरह काल्पनिक हैं. अगर कुछ भूल हुई हो तो माफ़ कीजिएगा ओर अपने विचार भेजना ना भूलिएगा. मेरा ईमेल हैं


आआह्ह्ह. आआह्ह्ह. आआह्ह्ह्ह. आआअह्ह्ह्हह चिल्लाते हुए माया अपनी गांड उछाल रही थी. आज माया का जोश सातवे आसमान पे था और अंकित भी उसे चोदने मैं कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता था. वो बस अपनी बीवी को रगड़ के चोदना चाहता था. अंकित और माया की शादी को लगभग १० साल हो गए थे. वैसे तो उनकी सेक्स लाइफ शुरू से ही अच्छी थी, लेकिन पिछले ४-५ सालो मैं माया की वासना बढ़ने लगी थी. अंकित को भी इससे कोई शिकायत नहीं थी. माया को चोदते हुए अंकित की नज़र माया के चुच्चो पे पड़ी. ३६C के भरी भरी मम्मे अंकित के हर धक्के से ताल से ताल मिला रहे थे.


३५ साल की उम्र मैं भी माया ने खुद को फिट रखा था. ३६-२८-३४ का फिगर किसी को भी पागल करने के लिए काफी था. बेड के कोने पे लेटी माया ने अपनी टाँगे अंकित की कमर मैं डाल राखी थी. अंकित बेड के नीचे खड़ा हुआ माया की चुत मैं अपना लन्ड अंदर बाहर कर रहा था. अंकित जानता था माया किसी भी पल झड सकती है और अंकित भी झड़ने ही वाला था. अंकित ने झुक के माया का एक निप्पल मुँह मैं ले लिए और दूसरे को मरोड़ने लगा. अंकित के झुकने से उसके लन्ड के ऊपर का हिस्सा माया के दाने को रगड़ने लगा. अपने दाने और मम्मे पर हुए इस हमले से माया पिघलने लगी. आआह्ह्ह्हह आआआअह्ह्ह्हह. “और जोर से अंकित. जोर से चोदो. चूस लो मेरे मम्मो को. और जोर से डालो. आआह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.” अपनी कमर उठाते हुए माया झड़ने लगी.


अंकित भी माया की चुत की गर्मी सहन नहीं कर पाया और माया की चुत मैं झड़ने लगा और माया के ऊपर गिर गया. माया को अंकित का भार अपने बदन पे अच्छा लग रहा था. दोनों हाफ्ते हुए एक दूसरे से लिपट गए और जब माया की आँख खुली, सुबह हो चुकी थी. माया सीधे नहाने चली गई. आज उसके लिए बड़ा दिन था. माया आज एक नयी कंपनी ज्वाइन करने वाली थी. यह एक बढ़ती हुई कंपनी थी और यहाँ माया जल्दी ही अपने बॉस, कंपनी के MD को इम्प्रेस करना चाहती थी.


माया नहा के निकली और अपनी अलमारी से एक पंजाबी सूट निकला. माया बोहोत सुन्दर थी. गोरा चिट्टा रंग, ५’५” की हाइट और ऊपर से ३६C-२८-३४ का फिगर. आज भी माया २८ साल से ज्यादा नहीं लगती थी. माया खुले विचारो वाली मोर्डर्न औरत थी. ऑफिस में कई लोग उससे फ़्लर्ट करते थे और माया को इससे कोई परहेज़ नहीं था. जब माया के फ़्लर्ट करने की वजह से लोगो का लन्ड खड़ा हो जाता था, माया को बोहोत मज़ा आता था. उसे लगता था के वो किसी को भी अपने वश में कर सकती है. अंकित उसका पहला प्यार था और शादी के बाद माया अंकित के अलावा किसी भी मर्द से नहीं चुदी थी. या कहिये माया को किसी से चुदने की जरुरत नहीं पड़ी. अंकित उसे हर तरह से खुश रखता था और दोनों हफ्ते में ३-४ बार सेक्स कर ही लेते थे.


माया ने पंजाबी सूट में खुद को निहारा. वो जानती थी आज बोहोत ले लोग उसे देख के उसके नाम की मुठ मरेंगे. टाइट फिटिंग की वजह से माया के मम्मे और भी बड़े लग रहे थे. मम्मो का ऊपर का हिस्सा सूट से बाहर झांक रहा था. अपनी बलखाती हुई कमर पे माया ने हाथ फिराया और १ चुन्नी डाल ली. माया ने अपनी गाडी निकली और चल दी ऑफिस की और.


ऑफिस मे माया का वेलकम खुद MD ने किया और माया को सभी से मिलवाया. माया लोगो की नज़रो में अपने लिए हवस देख सकती थी. खासकर कोने में खड़ा हुआ १ आदमी, जो की उसे ४० के आस पास लगा, लगातार माया को ही घूरे जा रहा था. “बहनचोद आज तो आखो से ही बलात्कार कर देगा ये हरामी” सोचते हुए माया ने उससे हाथ मिलाया. “माया, यह है Mr अमित. आपके पहले प्रोजेक्ट पे ये आपके साथी होंगे और इसलिए आप दोनों का केबिन एक ही है” कहते हुए MD ने माया को अमित से मिलवाया. माया ने मुस्कुराते हुए अमित से हाथ मिलाया और सोचने लगी “पहला प्रोजेक्ट इस हरामी के साथ. बोहोत संभल के रहना होगा”.


माया को ऑफिस ज्वाइन किये हुए २ दिन हो चुके थे और अमित के बारे में जिस भी लड़की से पूछा, माया को उससे और चीड़ होती गई. अमित MD का साला था और एक नंबर का ठरकी था. ऑफिस में कोई भी लड़की ऐसी नहीं थी जिसपे अमित ने लाइन न मारी हो. “मुझसे पन्गा लिया तो इस हरामी को ऐसा सबक सिखाऊंगी, साला अपनी बीवी को भी आँख उठा के नहीं देखेगा” सोचते हुए माया अपने कैबिने मे एक फाइल ढूंढ रही थी. उसे याद आया के वो फाइल ऊपर वाले शेल्फ में रखी है. आज माया ने साडी पहनी थी और जैसे ही माया ने अपना हाथ बढ़ाया फाइल उतरने के लिए, उसे अपने पेट पे एक हाथ महसूस हुआ. माया फ़ौरन पलटी उसके सामने अमित खड़ा था. माया ने सोचा भी नहीं था अमित की इतना हिम्मत हो सकती है. अमित के चेहरे की मुस्कराहट माया से बर्दास्त नहीं हुई और माया ने कस के अमित को थप्पड़ मार दिया. अमित ने कुछ नहीं कहा और सीधे कमरे से बाहर निकल गया. माया का चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था लेकिन उसने किसी तरह खुद को शांत किया.


अगले ४-५ अमित और माया में बस उतनी ही बात हुई जितनी जरुरी थी. माया को देखते ही अमित अपनी आखें झुका लेता. माया को लगने लगा था के अमित को उसका सबक मिल गया है और आगे से अमित अपनी लिमिट में रहेगा. उसे ये भी लगने लगा था के शायद उसे अमित को थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था और उसे अमित से इस बारे में बात करनी चाहिए. माया ये सब सोच ही रही थी के अमित की आवाज उसके कानो में पड़ी “माया, आपके लिए कॉफी लाया हूँ. आपकी मीटिंग से पहले ये आपमें एनर्जी भर देगी”. आज माया की एक बोहोत ही बड़े क्लाइंट क साथ मीटिंग थी जिसमे खुद MD होने वाले थे. ये प्रेजेंटेशन इस कंपनी में माया का भविष्य बना और बिगड़ सकती थी. माया ने जैसे ही कॉफी लेने के लिए हाथ बढ़ाया, कॉफी माया की साडी पे गिर गई. “रियली सॉरी माया, सब मेरी गलती है. जल्दी से इससे साफ़ कर लो” कहते हुए अमित ने माया को साडी साफ़ करने के लिए टिश्यू पकड़ाया. माया तुरंत लेडीज वाशरूम की तरफ भागी.


गरम कॉफी गिरने की वजह से माया जो पेट पे जलन हो रही थी. माया ने पहले अपने पेट पर से, फिर अपनी सेमि-ट्रांसपेरेंट साडी पर से कॉफी साफ़ की. “साला चूतिया, देख के कॉफी भी नहीं दे सकता” सोचते हुए माया साडी ठीक करने लगी. लेकिन पेट पे जलन की वजह से माया साडी ठीक से नहीं पहन पा रही थी. माया ने साडी अपनी नाभि से २ इंच नीचे की, तब जाके उसे अच्छा लगा. ठन्डे पानी की वजह से जलन तो काम हो गई थी, लेकिन माया को ये पता था के वो साडी ऊपर नहीं बांध पाएगी. माया ने खुद को शीशे में देखा. साडी नीचे बाँधने की वजह से माया और भी सेक्सी लग रही थी. “ये ट्रांसपेरेंट साडी भी आज ही पहननी थी मुझे” बड़बड़ाते हुए माया बाहर निकली और सीधे अपने केबिन में घुस गई जहा अमित नहीं था.


माया ने घडी की तरफ देखा और अपनी फाइल ढूंढ़ने लगी. “यार तू इतनी लापरवाही कैसे कर सकती है माया. इतनी महत्वपूर्ण फाइल और तू रख के भूल गई”. तभी माया को अमित की आवाज सुनाई दी “माया, क्या ढूंढ रही हो? वो आपकी महत्वपूर्ण फाइल?” माया का ग़ुस्सा सातवे आसमान पे था. वो अमित का खेल समझ चुकी थी. “अमित, अगर वो फाइल तुमने अभी के अभी मुझे नहीं दी, तो में MD सर से कंप्लेंट कर दूंगी” माया गरजते हुए बोली. “जिसको बोलना है बोल दो, लेकिन सब यही सोचेंगे के मीटिंग से पहले तुमने फाइल कही खो दी और इलज़ाम मुझपे डाल रही हो. MD सर को में आराम से मन लूंगा” अमित अपनी चेयर पे बैठते हुए बोलै, उसके चेहरे पे विजयी मुस्कान थी और माया जानती थी, इस समय वो कुछ नहीं कर सकती थी. “अमित प्लीज वो फाइल मुझे दे दो, उस थप्पड़ के लिए मुझे दिल से दुःख है” माया लगभग गिड़गिड़ाते हुए बोली. “नाटक करती है रंडी, उस दिन तो बोहोत लाल पीली हो रही थी. निकल गई सारी हेकड़ी”.


अमित के बात करने के तरीके से माया को झटका लगा, लेकिन वो जानती थी के वो फाइल कंपनी के लिए बोहोत महत्वपूर्ण है. “मैं तुम्हे वो फाइल दे सकता हूँ, लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा?” “कितने पैसे चाहिए तुम्हे, बोलो.” माया ने कहा, हलाकि वो जानती थी अमित ये सब पैसो के लिए नहीं कर रहा. “फाइल के बदले में मुझे तुम्हारी ब्रा चाहिए, अभी”. माया की आखे खुली की खुली रह गई और उसे एक मिनट लगा समझने में अमित क्या मांग रहा था. “मैं बाहर जा रहा हूँ, ५ मिनट में वापस आऊंगा. तब तक मुझे तुम्हारी ब्रा तुम्हारी टेबल पे मिलनी चाहिए” कहते हुए अमित रूम से बाहर चला गया.


अपनी सीट पे बैठते हुए माया उस दिन को कोसने लगी जब उसने अमित को थप्पड़ मारा था. खुद को संभाते हुए माया उठी, और गेट बंद किया. उसे पता था ५ मिनट जल्दी ही निकल जाएंगे. अपना पल्लू हटाया और जल्दी से ब्लाउज खोलने लगी. फिर ब्रा निकल के टेबल पे रखी, और ब्लाउज का हुक बंद ही कर रही थी के दरवाजे पे दस्तक हुई. माया जैसे ही ब्लाउज बंद कर के मुड़ी, सामने सुमित खड़ा था. वो माया का जूनियर था और माया को शायद मीटिंग के लिए याद दिलाने आया था. टेबल पे रखी ब्रा देख कर सुमित का मुँह खुला का खुला रह गया. “मैं थोड़ी देर में वापस आता हूँ” कह के सुमित केबिन से बाहर निकल गया. “पता नहीं आज क्या क्या और देखना बचा है” कहते हुए माया दरवाजे की तरफ बढ़ने लगी के तभी अमित अंदर आ गया, और उसके पीछे था उस्मान. उस्मान ऑफिस में पियोन था. “ये यहाँ क्या कर रहा है” माया ने गुस्से से अमित को देखते हुए पूछा.

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मोनिका को उसके क्लिनिक में चोदा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है. में मोनिका को बहुत दिनों से चोदना चाहता हूँ और वो भी चुदने को बेताब थी. अब जब भी में उसके घर जाता तो वो अपने बड़े-बड़े बूब्स मुझे दिखाकर मेरे लंड को खड़ा कर देती थी. उसकी माँ भी बहुत ही सेक्सी थी और मेरा लंड लेने के लिए बेताब थी. अब में माँ और बेटी दोनों की जमकर चुदाई करना चाहता था. उसके एक मौसी भी थी, जिसके बूब्स करीब 8-10 इंच लंबे थे.
एक बार मैंने उनसे पूछा कि उनके बूब्स इतने लंबे कैसे है? तो तब उन्होंने बताया कि वो अपने बूब्स को कई मर्दों से चुसवा चुकी है और वो मेरे लंड से अपने बूब्स की चुदाई करवाना चाहती है, उनकी गांड भी बहुत ही सेक्सी है, गोरा रंग, पिंक निपल्स और सेक्सी नाभि. यह एक दिन की बात है में मोनिका के क्लिनिक पर गया, उस दिन रविवार था और मरीज कम थे.
फिर में अचानक से मोनिका के चेंबर में दाखिल हो गया. उस वक़्त वो कोई मैग्जीन पढ़ रही थी और उसका एक हाथ उसकी जांघो के बीच में था, वो आह उह आ कर रही थी और उसकी आँखें मस्ती में बंद थी.
में उसको देखता रह गया और फिर मैंने भी अपने लंड को सहलाना स्टार्ट कर दिया, लेकिन वो थोड़ी देर में ही झड़ गयी थी और उसकी आँखें खुलने से पहले ही में उसके चेंबर से बाहर निकल गया था.
थोड़ी देर बाद में उसके कैबिन में उसकी परमिशन लेकर गया, उस वक़्त उसकी आँखें लाल थी और उसके बाल बिखरे हुए थे. फिर मैंने पूछा कि क्या बात है? तो उसने बहाना बनाया कि सिर में और गर्दन में बहुत दर्द हो रहा है, उसकी आँखों में चुदाई की चाहत साफ नजर आ रही थी.
फिर मैंने मौका पाकर उससे पूछा कि क्या में तुम्हारा सिर दबा दूँ? उसे पता था में बहुत अच्छी मसाज करता हूँ. फिर मेरे बहुत मनाने पर वो राज़ी हो गयी और फिर मैंने उसके माथे को मसाज करना शुरू कर दिया.
थोड़ी ही देर के बाद उसकी आँखें बंद होने लगी और अब वो अपनी ज्यादा आराम वाली कुर्सी पर अपनी आँखें बंद करके लेट सी गयी थी. अब उसके कुर्ते में से उसके 40 साईज के बूब्स बाहर निकलने को मचल रहे थे.
मैंने धीरे-धीरे उसकी गर्दन और कंधों पर मसाज करना शुरू कर दिया. तो तभी अचानक से वो अपनी सीट पर पूरी लेट गयी और सोने का नाटक करने लगी. फिर तब मैंने उसके होंठो पर किस किया तो यह करते ही वो गर्म हो गयी और मुझे अपने ऊपर गिरा लिया और मेरे होंठो को चूसने लगी थी. तो तब मैंने भी उसके बूब्स को मसलना शुरू कर दिया और अपने एक हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा था.
जिससे वो ज़ोर-ज़ोर से आहें भरने लगी और कहने लगी कि इतने दिन से क्यों तड़पा रहे हो मुझे? मेरी चूत को तुम्हारा लंड चाहिए, रोज वाइब्रेटर लेकर बाथरूम में जाती हूँ और तुम्हारा नाम लेकर अपनी चूत में वाइब्रेटर डालती हूँ, मम्मी को भी मेरी चाहत के बारे में पता है और मौसी तो मम्मी के साथ तुमसे चुदने का प्लान बना चुकी है.
अब इतना सुनते ही मेरे लंड में आग लग गयी थी और फिर मैंने मोनिका की कुर्ती ऊपर करके उसके बूब्स उसकी ब्रा खोले बिना ही बाहर निकाल लिए. यह मेरा औरत के बूब्स से खेलने का सेक्सी स्टाइल है.
उसके बूब्स बहुत ही प्यारे लग रहे थे और गोरे-गोरे बूब्स हर मर्द की कमज़ोरी होते है. फिर उसने मेरा सिर पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया और अपने एक हाथ से मेरा लंड सहलाने लगी थी. अब हम दोनों पागल हो गये थे, तो तभी उसे याद आया कि दरवाजा तो खुला है.
फिर तब उसने कहा कि बंद का बोर्ड लगाकर मैन दरवाजा बंद कर दो. फिर मैंने जल्दी से दरवाजा बंद कर दिया और वापस आते ही मोनिका को पूरा नंगा कर दिया.
अब वो सीट पर नंगी बहुत सेक्सी दिख रही थी. फिर मैंने उसकी हाई हील सैंडल के साथ ही उसके दोनों पैरो पर किस करना स्टार्ट कर दिया और उसकी जांघो को चाटने लगा था. अब वो और भी सेक्सी हो गयी थी और मुझे मादरचोद, बहनचोद और गंदी गंदी बातें करने लगी थी और सिसकारियां भरने लगी थी. फिर तभी मैंने अपने होंठ उसकी चूत के होंठो पर रख दिए.
वो पागलों की तरह अपने सिर को हिलाने लगी और ज़ोर-ज़ोर से कहने लगी कि तुम ही मेरे पति हो और आज अपनी सुहागरात है.
फिर मैंने उसे उठाया और मरीज की टेबल पर लेटा दिया और फिर बेरहमी से उसकी चूत को चाटने, काटने लगा. अब वो ज़ोर-ज़ोर से कहने लगी थी. मेरे पिया मुझे आज सुहागन बना दो और मेरी चूत फाड़ डालो में बहुत प्यासी हूँ.
फिर मैंने उसकी चूत पर बहुत सारा थूक लगाया और अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखकर एक जोरदार धक्का दिया तो मेरा पूरा 9 इंच का लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया. अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी.
फिर वो और जोर से चिल्लाने लगी कि मेरे राजा मुझे चोदो और मेरी प्यास बुझा दो. फिर उस दिन मैंने मोनिका को 3 बार चोदा और 1 बार उसकी गांड भी मारी.
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ऑफिस वाली की चूत को खूब चोदा


हैल्लो दोस्तों, में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ और में 30 साल का कुंवारा लड़का हूँ. में औरतों को बहुत पसंद करता हूँ. फिर मैंने जब पहले दिन कंपनी को जॉइन किया तो तब वहाँ और तीन लोग थे 2 लड़कियाँ और एक लड़का, लड़का पियोन था और लड़कियाँ असिस्टेंट थी. उन दोनों को ग्रेजुयट होने के बावजूद कुछ काम नहीं आता था. उन्हें कोई खास अनुभव नहीं था.
अब मेरे जॉइन होने के बाद सब काम में ही सँभालने लगा था. अब हमारे साहब तो बहुत खुश थे इसलिए वो ऑफिस छोड़कर दूसरे काम के लिए हमेशा बाहर रहते थे, अब ऑफिस में तो मेरा ही राज था. फिर 1 महीने के बाद एक लड़की ने काम छोड़ दिया और अब हम सिर्फ़ तीन लोग ही बचे थे, वो पियोन (लड़का) जो था उसको तो हमेशा इस ऑफिस से उस ऑफिस घूमता ही रहता था. फिर तभी वो दूसरी लड़की मेरे साथ नजदीक हो गयी. अब वो मुझसे प्यार करने लगी थी. अब में तो सबके साथ खुलकर बात करता था इसलिए में ऐसा कुछ सोचता नहीं था.
फिर एक दिन उसने मुझसे आई लव यू बोल दिया, तो मुझे लगा कि मज़ाक कर रही है. फिर उसने मुझे किस करना, वो कभी-कभी तो मेरे गाल पर काट लेती थी. अब में भी उसको किस करना और कभी-कभी उसके बूब्स दबाना स्टार्ट किया, तो वो शर्मा जाती थी. फिर एक दिन हमारे साहब बेंगलौर गये थे और वो पियोन जो था, वो छुट्टी पर था.
उस दिन वो मेरे चेंबर में आ गयी और मुझसे पीछे से लिपट गयी और किस करने लगी. फिर में भी उसे किस करने लगा और फिर हम ऐसे ही करीब 5 मिनट तक किस करते रहे. अब वो बहुत गर्म हो गयी थी और तड़प रही थी. फिर तभी में पीछे मुड़ गया और मेरी जांघो पर उसको बैठाकर किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा था. उस वक्त तक मैंने उसके बूब्स को कभी नहीं देखा था और उसके कपड़े के ऊपर ही दबाता था, लेकिन आज तो ऑफिस में हम दोनों ही थे तो हमें किसी का डर भी नहीं था.
अब हम दोनों खुलकर मज़ा ले रहे थे. फिर मैंने उसके बूब्स दबाते-दबाते उसकी सलवार में अपना एक हाथ डाल दिया और उसके बूब्स दबाने लगा था. अब वो एकदम गर्म हो गयी थी और सिसकारी लेने लगी थी. फिर मैंने धीरे-धीरे उसके सलवार को ऊपर किया और उसकी ब्रा को साईड में करके उसके लेफ्ट बूब्स को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा था.
अब वो तो ऐसे तड़पने लगी थी कि जैसे उसे करंट लगा हो. फिर तभी कोई आ गया, वो तो नसीब अच्छा था कि वो मेरे चेंबर में नहीं आया और में ही बाहर चला गया और मैंने उससे बात करके उसको भेज दिया और अंदर आकर फिर से उसे किस करने लगा था.
अब वो घबराई हुई थी कि उसको पता चल गया होगा. तो मैंने उसको समझाया तो करीब 15 मिनट तक मनाने के बाद वो को-ऑपरेट करने लगी थी. फिर क्या था? इस बार तो मैंने उसको टेबल पर बैठा दिया और उसकी सलवार उठाकर उसके बूब्स चूसता रहा और धीरे-धीरे उसकी जांघो पर अपना एक हाथ फैरा और उसकी चूत को टच करने लगा था. अब वो एकदम गर्म हो गयी थी.
मैंने सीधा उसकी चूत पर किस किया, तो तब उसका मुँह लाल हो गया था और उसकी चूत में से पानी निकल आया था. फिर में उसकी चूत पर किस करते हुए उसके बूब्स को दबाता रहा और धीरे से उसकी चूत के ऊपर के दाने को काट लिया. फिर वो चीख उठी और उसकी चूत में से पानी बहने लगा. अब वो दो बार अपना पानी छोड़ चुकी थी. फिर एक और आदमी आ गया, तो में फिर से बाहर आ गया, लेकिन में उसे भेज नहीं सका, तो वो करीब 1 घंटे तक बैठ गया, तो तब उस लड़की के घर से फोन आया, तो वो चली गयी.
फिर रात को तो में ठीक तरह से सो नहीं पाया, अब मुझे हर वक्त उसके बूब्स ही नजर आ रहे थे. अब मुझे तो उसकी चूत को चटाना था तो फिर मैंने रात को दो बार मुठ मारी और सो गया. अब हम दोनों को जब भी कोई मौका मिलता, तो हम किस कर लेते थे और में उसके बूब्स दबा देता था, कभी-कभी उसकी गांड भी दबा देता था.
ऐसे ही करीब 15-20 दिन निकल गये और अब हम मौके की तलाश में थे. फिर बाद में एक दिन हमारे साहब एक शादी में जाने के लिए बेंगलूर गये. अब वो 3 दिन के बाद वापस आने वाले थे, तो यह सुनकर हमारे पियोन ने भी बोला कि में भी एक दिन छुट्टी करूँगा. अब हम तो खुश हो गये थे, क्योंकि अब हम सोच रहे थे कि उसको कैसे बाहर भेजे? वैसे भी वो साहब ना होने का फ़ायदा उठाना चाहता था. फिर मैंने उस लड़की को बोला कि कल साड़ी पहनकर आए, तो उसने हाँ बोल दिया, तो वो दूसरे दिन साड़ी पहनकर ऑफिस आई.
फिर हमने ऑफिस को अंदर से बंद किया और हमारी रासलीला स्टार्ट कर दी. अब हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे थे. फिर मैंने करीब 10 मिनट तक उसको किस किया और फिर में उसका ब्लाउज और उसकी ब्रा खोलकर उसके बूब्स दबाने लगा और उसके एक बूब्स को चूसने लगा था और फिर उसके दूसरे बूब्स को भी चूसते हुए अपने एक हाथ से उसके एक बूब्स को दबाते हुए अपना एक हाथ उसकी जांघ पर फैरने लगा था.
में उसकी चूत को सहलाने लगा और उसकी चूत को सहलाते-सहलाते अपनी एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दी.
तभी उसने अपना पानी छोड़ दिया और मेरी उंगली गीली हो गयी थी. फिर में धीरे से किस करते हुए नीचे आया और उसकी चूत को किस करने लगा. फिर में उसकी चूत को चाटने लगा और फिर उसके बाद में मैंने उसको टेबल पर बैठाया और उसके दोनों पैरो को मेरे दोनों कंधो पर रख लिया और उसकी चूत को चाटने लगा और उसकी चूत को चाट-चाटकर साफ कर दिया.
अब में उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर चाटने लगा था, तो वो फिर से तैयार हो गयी. फिर वो धीरे से मेरे लंड पर अपना एक हाथ फैरने लगी, तो में उठा और उसके सामने खड़ा हो गया. फिर उसने मेरी पेंट की चैन खोलकर मेरा लंड बाहर निकाला और उसको किस किया और फिर बाद में मेरे लंड हो चूसने लगी. अब में तो स्वर्ग में था. फिर मैंने उसके दोनों पैर फैलाकर उसकी चूत में अपना लंड डालने की कोशिश की तो मेरा लंड अंदर नहीं गया.
में उसकी चूत पर थूक लगाकर अपना लंड डालने लगा. अब उसको दर्द हो रहा था और उसकी आँखों से आसूं निकल रहे थे. फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब उसकी चूत में से खून निकलने लगा था. फिर में थोड़ी देर रुका और उसके बूब्स को चूसने लगा, तो फिर उसे भी मज़ा आने लगा, तो में धीरे- धीरे धक्के देने लगा.
अब उसका दर्द कुछ कम हो गया था और अब वो अपनी कमर भी हिलाने लगी थी. अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी, तो थोड़ी ही देर में वो झड़ गयी और अपना बहुत सारा पानी छोड़ दिया.
अब मेरा लंड आसानी से उसकी चूत में पूरा अंदर जा रहा था. अब उसका पानी निकलकर उसकी गांड के छेद में जा रहा था. फिर उसे देखकर मैंने नीचे से अपना एक हाथ डालकर अपनी एक उंगली उसकी गांड में डाल दी तो वो फिर से झड़ गयी. अब तो पूरे ऑफिस में पच-पच की आवाजे आ रही थी. फिर करीब 10 मिनट के बाद में भी झड़ने वाला था तो मैंने उसकी चूत से अपना लंड निकाला और अपना सारा पानी उसकी चूत और पेट पर गिरा दिया.
अब वो एकदम खुश थी और मुझे किस करने लगी थी और मेरा लंड चाटकर क्लीन कर दिया था. फिर मैंने उसकी चूत पर किस किया और पेपर से पोछा और फिर उसके बाद में हम दोनों को कभी भी ऐसा मौका नहीं मिला. अब में उसे सिर्फ़ किस करता था और उसके बूब्स दबाता था.
फिर कुछ दिन के बाद उसने जॉब छोड़ दिया. अब बाद में हम कभी-कभी मिलते थे, लेकिन में बाद में सिर्फ़ दो बार ही कर सका था. फिर में वहाँ से अपने शहर आ गया, अब में जब भी मूठ मारता हूँ तो में उसको याद करता हूँ.
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नौकरानी ने अपनी बहन को चुदवाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में फिर से आपके लिए अपना एक नया सेक्स अनुभव लेकर आया हूँ. दोस्तों मेरी सेक्स की भूख मेरी नौकरानी मिटाती है. में उसके साथ हर 2 या 3 दिन में मौका मिलते ही सेक्स करता था. लेकिन एक दिन जब मैंने उसे चोदने के लिए अपने कमरे में बुलाया. तो वो बोली कि नहीं आज नहीं कर सकती, तो मैंने पूछा कि क्या परेशानी है? ज़्यादा पैसे चाहिए क्या?
वो बोली कि नहीं ऐसी बात नहीं है, लेकिन आज मेरी तबियत ठीक नहीं है. फिर मैंने उसे अपना लंड दिखाया और बोला कि इसका क्या करूँ? इसे तो चोदने के लिए चूत चाहिए, तो वो बोली कि ठीक है में इसका इंतज़ाम शाम को कर दूँगी, पैसे दे दो. फिर मैंने उसे पैसे दे दिए और शाम को उसका इंतज़ार करने लगा.
फिर शाम को जब वो घर आई, तो उसके साथ एक और औरत थी, उसकी उम्र थोड़ी कम थी, शायद 25-26 साल की रही होगी. फिर में समझा की शायद उसकी कोई फ्रेंड होगी, लेकिन वो उसकी छोटी चचेरी बहन थी और उसका नाम नीता था. फिर उसने हम दोनों को मिलाया और फिर वो मुझे देखकर मुस्कुराकर बोली कि ये लो तुम्हारे लंड की भूख मिटा लो. अब में उसकी जवानी देखकर खुश हो गया था और उसके बूब्स 34 के होंगे, कमर 30 की और गांड 36 की थी और वो बहुत गोरी थी. अब में उसे चोदूंगा ये सोचकर ही मेरे मुँह में पानी आ गया था. फिर मैंने अपनी नौकरानी से कहा कि ठीक है जाओ तुम अपना काम करो और मुझे अपना काम करने दो. नीता शायद पहली बार अपनी पति के अलावा किसी और से चुदने वाली थी.
फिर मैंने जल्दी से रूम का दरवाज़ा बंद किया और उसको अपनी बाँहों में भर लिया. अब वो बहुत शरमा रही थी, तो मैंने उससे कहा कि में तुमसे छोटा होकर भी नहीं शरमा रहा, तो तुम क्यों शर्मा रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं आप जल्दी से अपना काम करो. फिर मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और उसको बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और उसके होंठो को चूमने लगा, ममममममममम क्या टेस्ट था? फिर धीरे- धीरे वो भी साथ देने लगी, तो हम दोनों एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे.
मैंने उसकी साड़ी उतारी और उसका ब्लाउज भी जल्दी से उसके बूब्स से अलग कर दिया, आहह बिना ब्लाउज के उसके बूब्स कितने बड़े लग रहे थे?
में उसके बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और अपने एक हाथ से दबाने लगा, तो वो थोड़ी चिल्लाई और बोली कि आआआआ धीरे दबाओ, लेकिन में नहीं माना और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा और धीरे-धीरे अपना एक हाथ नीचे ले गया और उसका पेटीकोट झट से उतार दिया, उसने पेंटी नहीं पहनी थी, आआआआआआआ क्या नज़ारा था? उसकी चूत एकदम फ्रेश लग रही थी, उसकी चूत के ऊपर थोड़े-थोड़े बाल थे.
अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने जल्दी से एक कंडोम निकाला और उसको बेड पर सीधा लेटा दिया और उसकी टांगो के बीच में बैठ गया और उसकी चूत के छेद में अपना लंड डालने के लिए उसकी चूत को फैलाने की कोशिश की. उसकी चूत शादी के बाद भी बहुत टाईट थी, शायद उसका पति उसको चोदता नहीं था, या फिर उसके पति का लंड छोटा था.
मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया, ताकि मेरा लंड उसकी चूत में आराम से घुस जाए. फिर उसकी चूत को चाटने के बाद मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और धीरे से अंदर डालने लगा, लेकिन मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था तो मैंने ज़ोर से धक्का दिया, तो वो चिल्ला उठी आईईईईई धीरे से डालना. फिर मैंने कहा कि तेरी चूत टाईट है, तो में क्या करूँ? और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा.
अब वो चिल्ला रही थी आआआआअ धीरे-धीरे करो. फिर उसकी आवाज़ सुनकर मेरी नौकरानी आ गयी और बोली कि आवाज़ क्यों कर रहे हो? चुपचाप चुदाई करो.
फिर मैंने उसे आवाज़ देकर अंदर बुलाया कि देख ये चिल्ला रही है, तो वो अंदर आई और बोली कि धीरे से चोदना, इसको आदत नहीं है, तो में बोला कि तू मदद कर और उसने उसकी दोनों टांगो को पकड़कर थोड़ा फैला दिया, तो में उसे चोदने लगा. अब वो भी मजे लेने लगी थी. फिर मैंने कहा कि डॉगी स्टाइल में आ जा. फिर मेरी नौकरानी ने उसे समझाया कि ऐसे झुक जा, तो वो झुकी.
मैंने ज़ोर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, आआआआआहह उसकी चूत में कई विस्की की बोतल से भी ज़्यादा नशा था. फिर में उसे ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा और कुछ देर के बाद मेरा पानी निकल गया और में अपने बिस्तर पर पड़ा रहा.
थोड़ी देर के बाद वो चली गयी. फिर मैंने अपनी नौकरानी से कहा कि इसे कल भी लाना, तो वो बोली कि पता नहीं, उसे इतनी ज़ोर से चोदा है कि पता नहीं आएगी या नहीं. फिर मैंने कहा कि उसे कैसे भी करके लाना? उसे जो भी चाहिए में दूँगा, तो वो बोली कि ठीक है. दोस्तों यह मेरा एक और अनुभव था, जो मैंने आप लोगों के साथ शेयर किया.
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टेलीफोन ऑपरेटर का प्रमोशनटेलीफोन ऑपरेटर का प्रमोशन

हैल्लो दोस्तों, में दीपक और में एक सरकारी दफ़्तर में ऑफिसर हूँ और एक बार मेरा तबादला कुछ महीनों के लिए उतरप्रदेश के एक शहर में हुआ था. अब वहाँ जाते ही में पहले तो 2-3 दिन होटल में रहा और फिर मेरे सहकर्मी ने बातचीत करके हमारी टेलिफोन ऑपरेटर के घर में रहने का इंतजाम कर दिया.
हमारी टेलिफोन ऑपरेटर का नाम सुनीता था, वो दिल्ली से ट्रान्सफर होकर आई थी. उसकी उम्र 28 साल, बदन एकदम स्लिम, रंग गोरा, बाल एकदम काले और आखें भूरी थी और वो काफ़ी सेक्सी महिला थी. मुझे हमेशा उसकी आँखे वासना से भरी हुई लगती थी और उसकी शादी 4 साल पहले ही हुई है, लेकिन उसके कोई औलाद नहीं थी, उसका पति बैंक में बाबू था.
सुनीता को प्रमोशन चाहिए था, इसलिए वो मुझे बहुत मस्का लगाती थी ताकि में उसकी सिफारिश करके उसका प्रमोशन करा दूँ और उसका पति भी जब हम घर पर होते थे तो मेरी खूब खातिरदारी करता था और मुझसे कहता था कि में सुनीता का प्रमोशन करवा दूँ, तो में कहता था कि में पूरी कोशिश करूँगा.
फिर मैंने उसके घर रहते हुए महसूस किया कि सुनीता की सेक्स लाईफ अच्छी नहीं है, इसलिए वो कई बार मुझे जानबूझ कर अपनी चूचियों का दीदार कराती थी और मेरे सामने मटक-मटककर सेक्सी अदा से इतरा इतरा कर चलती थी. उस दिन शुक्रवार था और उसका पति एक हफ्ते के लिए दिल्ली ट्रैनिंग के लिए गया था.
अब शाम को जब हम दोनों सुनीता और में ऑफिस से घर लौट रहे थे, तो तब मैंने सुनीता से कहा कि हम दोनों ही घर पर है तो खाना मत बनाना, में होटल से खाना मंगा लूँगा. फिर वो बोली कि ठीक है और फिर रास्ते में मैंने विस्की की बोतल खरीदी और घर आकर फ्रेश होकर में विस्की का पैग पीने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद सुनीता भी फ्रेश होकर मेरे कमरे में आकर बैठ गयी और बातें करने लगी. फिर मैंने बातें करते वक़्त महसूस किया कि वो बहुत ही कामुक हो रही थी कि इतने में होटल से खाना भी आ गया और अब हम दोनों खाना खाते-खाते बातें कर रहे थे.
अब वो जब भी झुककर मुझे सब्जी या रोटी देती थी, तो मुझे उसकी चूचियों के दर्शन होते थे, क्योंकि उसने ढीली नाईटी पहनी थी. फिर मैंने अचानक से सुनीता से पूछा कि सुनीता में कई दिनों से देख रहा हूँ कि तुम दिन प्रति दिन सेक्सी लगती हो, तुम्हारी सेक्स लाईफ कैसी है? तो वो बोली कि क्या दीपक जी में बहुत ही सेक्सी हूँ? मेरे पति 10-15 दिनों में केवल एक बार ही शारीरिक संबंध बनाते है और बहुत ही जल्दी खल्लास हो जाते है, जिससे मेरी सेक्स की भूख नहीं मिट पाती और मेरी इच्छा बरकरार रहती है. ख़ैर फिर में खाना खाकर अपने कमरे में चला आया.
फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे कमरे में आई और बोली कि दीपक जी मुझे नींद नहीं आ रही है, इसलिए में आपके पास चली आई. फिर हम बातें करते हुए मज़ाक भी करने लगे. अब में मज़ाक के मूड में था तो मैंने कहा कि मुझे भी नींद नहीं आ रही है, चलो अच्छा है तुम्हारा साथ रहेगा और उठकर टेबल के पास गया, तो वहाँ पर केले रखे थे तो मैंने पूछा कि सुनीता जी केले चाहिए? बहुत ही लंबे और मोटे केले है.
फिर वो मुस्कुराते हुए बोली कि पहले अपने केले तो दिखाओ. फिर में उसके पास चला आया और उसको एक बहुत बड़ा केला दिखाते हुए कहा कि सुनीता जी आप ये केला ले लो, ये बहुत ही अच्छा है, आपको मज़ा आ जाएगा. फिर वो भी मुस्कुराते हुए सेक्सी अंदाज़ में बोली कि ये केला तो नर्म है और मुझे तो एकदम कड़क और बड़ा केला चाहिए. फिर मैंने उसे दूसरा केला दिखाते हुए कहा कि तो ये ले लो. फिर वो आँख मारते हुए बोली कि मुझे कोई अच्छा सा केला चाहिए.
में सुनीता के पास आकर सोफे पर बैठ गया और अब मेरा लंड मेरी अंडरवियर के अंदर उछल कूद मचा रहा था और सुनीता की नजरे उस पर जमी हुई थी. फिर उसने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा कि तुमने तो वहाँ पर एक खास केला छुपाकर रखा है, उसे नहीं दिखाओगे? तो में बोला कि आप मज़ाक कर रही है. फिर वो बोली कि में मज़ाक नहीं कर रही हूँ. तब में बोला कि सुनीता जी यह आपके लायक नहीं है, ये बहुत ही बड़ा है. फिर वो बोली कि यह तो और भी अच्छी बात है, मुझे तो बड़ा केला ही चाहिए.
फिर मैंने शरमाते हुए अपना लंड अंडरवियर से बाहर निकाला और बोला कि देख लो. फिर वो अपना सर झुकाकर बोली कि मुझे तुम्हारा केला पसंद है, मुझे यही केला चाहिए. फिर में बोला कि इससे तुम्हें बहुत दर्द होगा. फिर वो बोली कि बाद में मज़ा भी तो आएगा. फिर में बोला कि हाँ मज़ा तो बहुत आएगा, लेकिन ये केला खाने से आपकी फट सकती है. तब वो मुस्कुराते हुए बोली कि में तो बहुत दिनों से ऐसा ही केला खोज रही थी.
मैंने बोला कि आप सोच लो में इस केले का मज़ा आपको देने के लिए तैयार हूँ, आगे आपकी मर्ज़ी. अब सुनीता के बदन में मेरे लंड को देखकर आग सी लग उठी थी. फिर अचानक से सुनीता ने मेरा लंड अपने हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर के बाद मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
फिर मैंने सुनीता से कहा कि अगर आप कहे तो में आपकी चूत को अपनी जीभ से चाट लूँ. फिर वो बोली कि तब तो और मज़ा आएगा, ऐसा करो में लेट जाती हूँ और तुम मेरे ऊपर आ जाओ. फिर वो लेट गयी और में उसके ऊपर 69 की पोज़िशन में हो गया, तो उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और में उसकी चूत को चाटने लगा.
जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगाई, तो उसके बदन में सुरसुरी सी होने लगी और वो सिसकारियाँ भरते हुए मेरे लंड को तेज़ी के साथ चूसने लगी.
फिर कुछ ही मिनटों में उसकी चूत फड़फडाते हुए पानी छोड़ने लगी और अब वो बड़े ही प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी. फिर मैंने बोला कि सुनीता जी आपकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी है, अगर आप कहे तो अब में आपकी चुदाई करूँ. फिर वो बोली कि दीपक थोड़ी देर तक मेरी चूत को और चाटो, आज तक किसी ने मेरी चूत नहीं चाटी है, में शादी से पहले अपनी एक सहेली से अपनी चूत चटवा-चटवाकर खुजली मिटाती थी. अब में फिर से उसकी चूत को चाटने लगा तो 5 मिनट के बाद वो फिर से झड़ गयी.
फिर वो बोली कि दीपक अब तुम मेरी चुदाई शुरू करो. अब में उसकी टाँगों के बीच में आ गया और उसके चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए, जिससे उसकी चूत एकदम ऊपर उठ गयी.
फिर उसके बाद मैंने अपने लंड के सुपाड़े पर ढेर सारा अपना थूक लगाकर उसकी चूत की फांको को फैलाकर बीच में रख दिया और बोला कि देखो अब मेरा ये लंबा और मोटा लंड पूरा का पूरा आपकी चूत में आसानी से घुस जाएगा और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के अंदर दबाना शुरू कर दिया. अब मेरा लंड उसकी कसी हुई चूत को चीरता हुआ उसकी चूत में घुसने लगा. अब उसे हल्का-हल्का दर्द होने लगा था.
जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में लगभग आधा घुसा तो सुनीता को बहुत ज़्यादा दर्द महसूस होने लगा और उसके मुँह चीख निकलने लगी. फिर में उसके चेहरे पर असहनीय दर्द को देखते हुए बोला कि बस थोड़ा सा सहन कर लो, अभी ये आपकी चूत में पूरा का पूरा बड़े आसानी से घुस जाएगा और मैंने अपना लंड दबाना जारी रखा.
अब दर्द के मारे उसका बुरा हाल था और इधर वो दर्द के मारे चिला रही थी, दीपक उूउउफफफफ्फ धीरे उूउउइईईईईईईई माँ में मर गयी और उधर मैंने एक जोरदार धक्का लगाकर मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया. अब उसका पूरा बदन थर-थर काँपने लगा था और फिर उसने मुझसे रुक जाने को कहा, तो में रुक गया और उसके होंठो को चूसता हुआ उसकी चूचियों को मसलने लगा.
फिर थोड़ी देर के बाद जब उसका दर्द कुछ कम हो गया तो उसने कहा कि अब तुम बहुत ही धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में अंदर बाहर करो. अब में अपना लंड उसकी चूत में धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा था कि कुछ ही मिनटो में मुझे उसकी चूत की सिकुड़न महसूस हुई. अब में समझ गया कि वो झड़ रही है और अब हम दोनों का पूरा बदन पसीने से नहा गया था.
फिर में 5 मिनट तक बहुत ही धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर करता रहा. अब उसकी चूत झड़ने के कारण काफ़ी गीली हो चुकी थी और अब मेरा लंड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था. अब उसका दर्द भी कुछ कम हो चुका था और उसे भी मज़ा आने लगा था.
फिर वो सिसकारियाँ लेते हुए बोली कि चोदो दीपक और चोदो, कस-कसकर चोदो मुझे, उफफफ्फ़ कई दिनों के बाद मेरी इस चूत की प्यास बुझी है और इस तरह की बातें करते-करते वो फिर से एक बार और झड़ गयी. अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर-ज़ोर के धक्के लगाने लगा था. अब वो भी अपने चूतड़ उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी और बोली कि दीपक अब मुझे एकदम ज़न्नत का मज़ा मिल रहा है, जो कि मुझे आज तक कभी नहीं मिला था.
अब में जोश में आकर उसकी चूचियों को मसलते हुए उसकी चुदाई कर रहा था. फिर कुछ ही मिनटों में वो तीसरी बार झड़ी तो मेरे लंड राज ने भी उसकी चूत में अपना लंड रस डाल दिया. फिर मैंने बेड की चादर से उसकी चूत को साफ कर दिया और फिर अपने लंड को साफ करने लगा. उस रात मैंने उसकी 3-4 बार जमकर चुदाई की. अब वो बहुत खुश थी और में भी बहुत खुश था और उसके पति के आने से पहले मैंने सिफारिश करके उसका प्रमोशन करवा दिया था, इसलिए वो उसके पति के होते हुए भी रात को छुपकर मेरे कमरे में आकर चुदवाती थी.
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ऑफिस वाली को जमकर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आकाश है और में गुजरात का रहने वाला हूँ. मेरी इस साईट पर यह पहली स्टोरी है. अब में पहले आपको अपने बारे में बता दूँ. मेरी उम्र 25 साल है, हाईट 6 फुट, में गोरे रंग का हूँ और बॉडी भी ठीक-ठाक है, मेरे लंड की साईज़ 7 इंच है. में इस साईट का नियमित पाठक हूँ और काफ़ी कहानियाँ पढने के बाद मैंने सोचा कि क्यों ना में भी खुद का एक रियल अनुभव शेयर करूँ.
यह कहानी आज से 2 साल पहले की है, मेरे साथ एक लड़की काम करती थी और उसका नाम अंजू था, अंजू दिखने में बहुत खूबसूरत थी और उसका फिगर भी कमाल का था. वो दिखने में एकदम गोरी और बड़े-बड़े बूब्स थे और में उसके बूब्स का दीवाना था. अंजू ऑफिस में किसी से बात नहीं करती थी और किसी भी लड़के को पसंद नहीं करती थी. वो पहले-पहले मुझसे अकड़ कर बात करती थी, लेकिन एक दिन उसे मुझसे कुछ काम पड़ा तो उसने एटिट्यूड की वजह से पहले तो मुझे नहीं बोला, लेकिन बाद में उससे काम नहीं हुआ, इसलिए उसने मुझसे कहा.
अंजू : आकाश क्या तुम मेरी मदद करोगे?
में : या शॉर वाई नोट?
अंजू : यार ये फाईल मुझसे डाउनलोड नहीं हो रही है.
में : में चेक करता हूँ.
अब जैसे ही में उसके करीब गया तो वो थोड़ा पीछे हट गयी, में तो यू भी काम ही कर रहा और मेरे हाथ में माउस था कि अचानक उसने मेरे हाथ पर हाथ रखा और कहा कि ये वाली फाईल डाउनलोड नहीं हो रही है. अब मेरे तो शरीर में जैसे बिजली सी दौड़ गयी, उसके क्या मुलायम हाथ थे? फिर मैंने उसका काम ख़त्म किया और अपनी जगह पर जाकर बैठ गया. फिर जब वो शाम को घर जा रही थी तो उसने जाते जाते मुझे थैंक्स कहा और मैंने कहा कि कोई बात नहीं, आख़िर दोस्त हेल्प करने के लिए ही तो होते है.
फिर उसने मुझे एक स्माईल दी और चली गयी. फिर थोड़े दिन के बाद उसने मुझे फिर से किसी दूसरे काम से बुलाया और इस बार वो पीछे नहीं हटी. अब में खड़े-खड़े की-बोर्ड पर काम कर रहा था तो मेरी कोहनी उसके बूब्स को टच हो रही थी, तो उसने मुझे कुछ नहीं कहा, लेकिन जब मैंने उसके सामने देखा, तो उसने एक नॉटी सी स्माईल दी.
फिर कुछ ही दिनों में हमारी अच्छी दोस्ती हो गयी और हमने अपने नंबर भी एक्सचेंज किए और मेरे ही कहने पर उसने एक स्मार्ट फोन खरीदा, ताकि हम व्हाटसअप पर बात कर सके. फिर हम घर पर जाते ही चैट करते, अब ये सिलसिला रोज़ का हो गया था. एक दिन अचानक ही उसने मुझसे पूछा क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा नहीं तो उसने कहा झूठ मत बोलो.
फिर मैंने कहा कि मेरा यकीन करो मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है तो वो बाद में मान गयी. फिर कुछ दिन के बाद उसने मुझे अचानक से कहा कि में तुम्हें पसंद करने लगी हूँ. फिर मैंने कहा कि में भी तुम्हें काफ़ी समय से पसंद करता हूँ, लेकिन कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी. फिर तो वो मुझसे ऑफिस में बहुत फ्रेंक हो गयी थी और बहुत मज़ाक करती, अब हम लोग कॉफी पीने, शॉपिंग करने साथ जाते थे.
एक दिन मेरे घरवाले एक प्रोग्राम में आउट ऑफ स्टेट गये, उन लोगों का प्रोग्राम 7 दिन का था. मुझे ऑफिस में से छुट्टी नहीं मिली तो में घर पर ही रुक गया. फिर जैसे ही मेरे घरवाले चले गये तो मैंने अंजू से कहा कि चलो आज रात के शो में मूवी देखने चलते है. पहले तो उसने मना कर दिया और उसने कहा कि उसके घरवाले नहीं मानेगें. फिर मैंने उसे थोड़ा फोर्स किया तो उसने कहा कि वो कोशिश करेगी और फिर दोपहर को उसने मुझसे कहा कि उसके घरवाले मान गये और मेरा खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
फिर मैंने दो कॉर्नर की सीट ली और हम रात को मूवी देखने चले गये, उसने अपने घर पर कहा कि वो अपनी एक बहुत अच्छी फ्रेंड के साथ जा रही है. फिर जब हम मूवी देख रहे थे तो मैंने उसका हाथ पकड़ा और बाद में उसके कंधे पर हाथ रखा तो उसने मुझे एक स्माईल दी और कुछ नहीं कहा. फिर मैंने अचानक से उसके गाल पर किस कर ली तो उसने मुझे ऐसा करने से रोका और में वहीं रुक गया और उसने मुझे कहा कि वो बुरा मान गयी है.
फिर हम जैसे ही थियेटर के बाहर निकले तो उसने मेरे सामने देखा और कहा कि अंदर बहुत रोमांटिक बन रहे थे तो मैंने एक स्माईल दे दी. फिर हम वहाँ से चल दिए तो अचानक से उसे चक्कर आने लगे और अब उसे अच्छा महसूस नहीं हो रहा था तो उस थियेटर से मेरा घर नज़दीक था और वैसे भी मेरे घर पर कोई नहीं था तो में उसे अपने घर ले गया.
फिर मैंने उसे मेरे रूम में सुलाया और दवाई दी और मैंने उससे कहा कि वो आज की रात यहीं सो जाए और घरवालों को बता दे कि वो अपनी फ्रेंड के यहाँ रुक रही है, क्योंकि रात बहुत हो चुकी थी. फिर उसने अपने घर पर फोन कर दिया और फोन रखने के बाद उसने मुझसे कहा कि उसके पास नाईट ड्रेस तो नहीं है. फिर मैंने उसे अपनी शॉर्ट्स और टी-शर्ट दे दी. फिर वो जैसे ही चेंज करके आई तो क्या कयामत लग रही थी? उसके पैर और जांघे एकदम सेक्सी लग रही थी. अब में उसे एक नज़र देखता ही रह गया. फिर मैंने अपना नाईट ड्रेस पहन लिया और उससे कहा कि थियेटर में अगर उसने मुझे रोका नहीं होता तो आज बहुत कुछ हो जाता.
फिर उसने कहा कि अच्छा ऐसा क्या करते तुम? तो मैंने उसे अपनी आँखे बंद करने को कहा और उसने जैसे ही अपनी आँखे बंद की तो में उसके करीब गया और उसे एक ज़बरदस्त स्मूच किया. फिर उसने अपनी आँखे खोली और कहा कि बस इतना ही करना था क्या? ये सुनते ही में एकदम जोश में आ गया और मैंने उसे उठाया और अपने रूम में ले गया और करीब 15 मिनट तक स्मूच की. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी और में उसके बूब्स टी-शर्ट के ऊपर से दबा रहा था. अब वो बड़ी मदहोशी से मुझे किस कर रही थी.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया. अब वो मेरे सामने ब्रा और शॉर्ट्स में थी और अब में उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से किस कर रहा था और फिर मैंने उसकी ब्रा और शॉर्ट्स उतार दिए. दोस्तों पिंक पेंटी में वो क्या लग रही थी? अब उसने मेरा टी-शर्ट और पजामा उतार दिया. मैंने अंदर कुछ नहीं पहना था तो उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और सहलाने लगी.
अब मैंने उसकी पेंटी उतारी और उसे सुला दिया. फिर मैंने उसे किस करना स्टार्ट किया और फिर से हमारा किस बहुत लंबा चला और फिर में उसकी गर्दन पर किस करते-करते नीचे आया और बूब्स को किस करता रहा. अब में काफ़ी देर तक उसके बूब्स चाटता रहा और फिर में थोड़ा नीचे गया और उसकी नाभि में अपनी जीभ डाली तो अब वो पागल सी हो रही थी और ज़ोर-ज़ोर से, अहहह्ह्ह आहह कम ऑन और करो और करो बोल रही थी. फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाली और चाटना शुरू किया.
फिर वो एकदम गर्म हो गयी और मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी. अब में उसकी चूत में अपनी जीभ अंदर बाहर कर रहा था कि उसका पानी निकल गया और में उसका पूरा पानी पी गया, क्या स्वादिष्ट पानी था उसका? अब में उसे अपना लंड मुँह में लेने को बोला. फिर वो उठी और पहले तो मेरे लंड को सहलाने लगी और फिर उसने मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया. अब वो मेरे लंड को चूस भी रही थी और चाट भी रही थी, वो जैसे एक छोटा बच्चा लॉलीपोप चूसता हो वैसे ही मेरा लंड चूस रही थी.
अब मैंने उसे बेड पर सुलाया और अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो अब वो बोल रही थी कि जल्दी डालो आकाश जल्दी डालो, अब मुझसे कंट्रोल नहीं होता, मुझे इतना मत तड़पाओ. फिर मैंने एक धक्के में ही अपना पूरा लंड उसकी चूत में अंदर डाल दिया तो वो एकदम से चीख पड़ी और कहने लगी कि जल्दी उसे बाहर निकालो. फिर मैंने उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और कुछ देर तक ऐसे ही पड़ा रहा. फिर में हल्के-हल्के अपने झटके तेज करने लगा और उसे खूब चोदा. इतनी देर में उसका एक और बार छूट चुका था, अब मेरा अभी निकलना बाकी था तो मैंने उसे डॉगी स्टाईल में आने को बोला और फिर उसे उस स्टाईल में चोदा. अब मेरा जैसे ही निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि कहाँ निकालूँ? तो उसने कहा कि अंदर ही डाल दो.
फिर मैंने उसकी चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया और हम कुछ देर तक ऐसे ही पड़े रहे. उस रात हमने 3 बार और सेक्स किया और मैंने उसे अलग-अलग स्टाईल में चोदा. फिर हम साथ में नहाने चले गये और वहाँ भी मैंने उसे शॉवर के नीचे चोदा.
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बेंक मैनेजर के साथ सुहागरात

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हर्ष है और में आज आप सभी को एक बहुत कमाल की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमें एक 38 साल की औरत एक 21 साल के लड़के के साथ गुलछर्रे उड़ाती है और उसके साथ अपनी चूत चुदाई के बहुत जमकर मज़े लेती है और अपनी प्यासी चूत को उसके लंड से चुदवाकर शांत करती है और अब में उस घटना को थोड़ा विस्तार से आपको बताता हूँ.
दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि यह आप सभी को बहुत पसंद आएगी. दोस्तों यह बात मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की है और वहीं पर नौकरी करता हूँ. में दिखने में एकदम ठीक ठाक 21 साल का लड़का हूँ और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच है.
दोस्तों मैंने अपनी 21 की उम्र तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया था और कुछ समय पहले मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, लेकिन उसकी एक रोड़ दुर्घटना में मौत हो गई थी और तब से मेरी लाईफ रुक सी गई और में बहुत दुखी होकर अपनी नौकरी पर चला गया. दोस्तों यह बात मेरी छुट्टियों के समय की है जब में अपने घर पर लोटा था तो मैंने देखा कि मेरे घर के आस पास सब कुछ बदल सा गया है, क्योंकि में बहुत सालों के बाद अपने घर पर पहुंचा था और अब सब नए नए लोग रहने आ गये थे. में अपने घर पर देर रात तक पहुंचा और बहुत थका होने की वजह से आकर सो गया.
फिर जब सुबह हुई और में सोकर उठा तो मैंने सोचा कि में पास के पार्क में घूमने चला जाता हूँ और वहां पर कोई भी मेरा पुराना दोस्त नहीं था, सब लोग बदल चुके थे और हर एक चेहरा मेरे लिए बिल्कुल नया नया था, क्योंकि में तीन साल से भोपाल में नहीं था और में अपनी पुराने दिनों को याद करते हुए टहलने लगा. तभी मुझे पार्क में एक आंटी दिखी, वो दिखने में एकदम सेक्सी आईटम लग रही थी.
उनका वो गदराया हुआ बदन मुझे उनकी तरफ बहुत आकर्षित कर रहा था और अब उन्हे देखकर मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया और वो आंटी दिखने में बिल्कुल मस्त थी और उनकी उम्र करीब 30 साल होगी और उनका फिगर तो ऐसा था कि किसी के भी लंड का वीर्य उन्हें सिर्फ देखने से ही निकल जाए, क्योंकि उनके बूब्स बहुत बड़े बाहर की तरफ झांकते हुए नजर आ रहे थे और उनके फिगर का आकार करीब 38 -35-40 और उनकी लम्बाई 5 फीट 2 इंच थी, लेकिन आप कुछ भी कहो दोस्तों थी वो एकदम पटाका माल. फिर मैंने अब मन ही मन सोचा कि क्यों ना में अब उनके साथ बात करके देखता करता हूँ और में थोड़ी सी हिम्मत करके उनके पास चला गया और फिर में उनसे बोला.
में : हैल्लो आंटी, क्या आप यहाँ पर हर रोज आते हो?
दोस्तों उस समय आंटी थोड़ा पैदल चलने की वजह से थककर पार्क की सीडी पर बैठी हुई थी और उनकी उखड़ती हुई तेज तेज चलती सांसे उनके बूब्स को कुछ ज्यादा ही ऊपर नीचे कर रही थी जिसकी वजह से मुझे उनके बूब्स का बहुत अच्छा नजारा दिख रहा था. मेरी नजर उनकी छाती पर थी और में लगातार घूर घूरकर देखता जा रहा था और अब वो मुझसे बोली..
आंटी : हाँ, में हर दिन सुबह के समय यहाँ पर आती हूँ.
में : वाह आंटी यह तो बहुत अच्छी बात है फिर तो हम हर दिन ऐसे ही मिला करेंगे.
आंटी : हाँ, लेकिन तुम हो कौन? जो मुझसे इस तरह मिलने की बात कह रहे हो और मैंने इससे पहले तुम्हे कभी यहाँ पर नहीं देखा, कहाँ रहते हो तुम?
में : जी हाँ में आपके लिए बिल्कुल नया हूँ, क्योंकि में पिछले तीन साल बाद यहाँ पर आया हूँ, में पास ही में रहता हूँ और यहाँ से बाहर निकलते ही कुछ दूरी पर मेरा घर है और में बाहर नौकरी करता हूँ.
आंटी : वाह तुम तो दिखने में बहुत अच्छे लगते हो और तुम बातें भी बहुत अच्छी कर लेते हो.
में : धन्यवाद आंटी और आप क्या ग्रहणी हो?
आंटी : नहीं नहीं में एक प्राईवेट बैंक में मैनेजर हूँ.
में : वाह आंटी बहुत अच्छा आप दिखने में भी बहुत अच्छी लगती हो और यह सब आपके हर दिन घूमने की वजह से है आपने अपने शरीर पर बहुत ध्यान दिया है.
आंटी : धन्यवाद, चलो अब मेरा घर पर जाने का समय हो गया है, ठीक है में अब चलती हूँ, मुझे फिर जल्दी से तैयार होकर अपने बैंक भी जाना है और भी बहुत सारे काम है.
में : हाँ, ठीक है आंटी में भी बस अब अपने घर पर ही जाने वाला हूँ, चलो हम साथ में चलते है.
फिर हम दोनों साथ साथ उस पार्क से घर के लिए गये और चलते चलते पता लगा कि हमारा घर पास में ही है दोस्तों मेरे घर के सामने वाला घर उन्होंने पिछले दो साल पहले खरीद लिया था और अब हमने एक दूसरे को बाय बोला और अपने अपने घर में चले गये. फिर में तो अपने घर पर जाकर सो गया और दोपहर को में उठा, खाना खाया और मुझे बैंक में चैक से पैसे निकलवाने थे इसलिए में बैंक में चला गया. फिर मैंने देखा कि वो आंटी जो सुबह मुझे पार्क में मिली थी वो उस बैंक की मैनेजर थी और अब आंटी ने भी मुझे अपने केबिन में बुलाया.
आंटी : क्यों तुम यहाँ पर कैसे, क्या तुम यहाँ पर मुझसे मिलने आए हो?
में : हाँ आंटी, आप कुछ यही समझ लो, वैसे मुझे एक काम भी था और मुझे चैक से पैसे निकलवाने थे.
आंटी : ठीक है लाओ दो मुझे अपना चेक, में अभी तुरंत तुम्हारे अकाउंट में डलवा देती हूँ.
में : धन्यवाद आंटी, वैसे आंटी आपने अब तक मुझे अपने बारे में कुछ भी नहीं बताया.
आंटी : क्यों तुमने भी तो मुझे अपने बारे में कहाँ बताया? पहले तुम अपने बारे में बोलो.
में : आंटी मेरा कोई नहीं है, क्योंकि मैंने अपना घर पांच साल पहले ही छोड़ दिया था. हाँ, लेकिन मुझे अपना कहने वाला पहले कोई एक था, लेकिन यह सब उस भगवान को मंजूर नहीं था कि वो मेरे साथ रहे और में उसके साथ बहुत खुश था और मुझे अपनी जिन्दगी उस समय बहुत अच्छी लगती थी.
आंटी : हाँ, लेकिन वो एक कौन था?
में : अब आपसे क्या छुपाना चार साल पहले मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, लेकिन उसकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. मैंने उसे बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो फिर भी मुझे बिल्कुल अकेला छोड़कर चली गई और उसके चले जाने के बाद से में हमेशा के लिए बिल्कुल अकेला रह गया. अब मेरा इस पूरी दुनिया में कोई नहीं है.
आंटी : ओह, मुझे तुम्हारी यह बात सुनकर बहुत दुःख हुआ, तुम्हारे साथ ऊपर वाले ने बहुत बुरा किया, लेकिन कोई बात नहीं जिन्दगी हमे कोई ना कोई दूसरा मौका जरुर देती है, बस हमे उस मौके को अपनी जिन्दगी बनाना है. तुम्हे इतना उदास होनी की जरूरत नहीं है और तुम्हे भी जरुर कोई अच्छा मौका मिलेगा.
में : हाँ ठीक है आंटी अब आपकी बारी है मुझे अपने बारे में भी कुछ बता दो.
आंटी : हाँ ठीक है, मेरी भी हालत तुम्हारे जैसी ही है मेरा भी इस दुनिया में आगे पीछे कोई भी नहीं है. तुम्हारे अंकल ने मुझे दो साल पहले छोड़ दिया था और हमारी तलाक भी हो चुकी है. मेरी एक लड़की भी थी, लेकिन उसे भी उन्होंने केस जीतकर अपने साथ रख लिया और में अब बिल्कुल अकेली हो गई हूँ एकदम तुम्हारी तरह.
में : क्या आंटी? कोर्ट ऐसा कैसे कर सकती है? जबकी लड़की पर माँ का ज़्यादा हक़ होता है, उन्होंने आपके साथ कोई ना कोई धोखाधड़ी जरुर की है, ऐसा कभी नहीं होता जैसा आपके साथ हुआ है.
आंटी : हाँ, लेकिन तुम्हारे अंकल एक बहुत बड़े बिजनेसमेन है और उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं है और उस बात का फायदा उठाते हुए उन्होंने मुझे कोर्ट के सामने एक धंधे करने वाली साबित कर दिया था और उन्होंने मेरे किसी दूसरे के साथ नाजायज रिश्ते साबित कर दिए और मैंने अपना सब कुछ खो दिया.
दोस्तों मैंने देखा कि अब आंटी की आँख में से बात करते समय दुःख के आँसू बाहर आ गये है और मेरी नज़रो में अब आंटी की इज्जत और भी ज्यादा बड़ गई थी. फिर कुछ देर बैठकर बात करने के बाद अब बैंक बंद होने वाला था तो मैंने उनसे कहा कि चलो आंटी में आपको घर तक छोड़ देता हूँ.
आंटी : हाँ चलो ठीक है और आज से तुम मेरे बहुत अच्छे दोस्त हो और तुम मुझे अब आंटी मत बोला करो, मेरा नाम बबिता है, लेकिन तुम मुझे प्यार से प्रिन्सेस बोल सकते हो.
दोस्तों बाईक चलते हुए आंटी ने पीछे बैठकर मुझसे यह सब कहा और मैंने भी उनका मन रखने के लिए उन्हें खुश करने के लिए कहा कि हाँ ठीक है प्रिन्सेस.
फिर उसके अगले दिन में सुबह उठकर पार्क के लिए जा रहा था कि तभी मैंने देखा कि मेरे घर के बाहर बबिता पहले से ही खड़ी खड़ी मेरा इंतजार कर रही है.
में : आप और यहाँ क्यों अभी तक पार्क में नहीं गये?
बबिता : हाँ मैंने सोचा कि क्यों ना हम साथ में चलते है.
में : ओह मुझे माफ़ करना मैंने आपको लेट किया, ठीक है चलो.
फिर हम दोनों वहां से पार्क में चले आए
बबिता : क्या आप मुझे अपनी बाइक पर मेरे बैंक तक छोड़ दोगे?
में : क्यों नहीं, आपको तो में बैंक लेने भी आ सकता हूँ क्योंकि अब आप मेरी दोस्त हो और में घर पर एकदम फ्री हूँ. कम से कम में यह तो में आपके लिए कर सकता हूँ.
बबिता : धन्यवाद.
फिर में कुछ देर घूमने के बाद प्रिन्सेस को उनके बैंक में अपनी बाईक पर लेकर आ गया तो उन्होंने मुझसे बोला कि आप मेरे घर रोज रात को खाना खाने आया करो, क्योंकि में खाना बहुत अच्छा बनाती हूँ और आपके साथ खाना खाने में मुझे बहुत ख़ुशी होगी.
में : हाँ ठीक है प्रिन्सेस.
दोस्तों अब हमने उस दिन से रोजाना साथ में बैठकर खाना खाया और में खाना खाकर कुछ घंटे उनसे बातें करके अपने घर पर चला जाता. हमारे बीच पूरे एक महीने तक हर दिन ऐसा ही चलता रहा. फिर एक दिन शाम को हमने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर उसके बाद हम साथ में बैठकर टीवी भी देख रहे थे कि तभी एकदम से बबिता उठकर खड़ी हो गई और वो सीधा अपने रूम में चली गई.
फिर कुछ देर बाद मैंने मन ही मन सोचा कि ऐसा क्या हुआ होगा जो वो इस तरह से उठकर चली गई अब में भी चला गया, लेकिन मैंने बाहर खिड़की से अंदर झांककर देखा कि उस समय बबिता ब्लाउज और पेंटी में बैठी हुई थी और उसने अपनी चूत में एक मोमबत्ती डाल रखी थी और वो उस मोमबत्ती को लगातार धीरे धीरे अंदर बाहर कर रही थी.
दोस्तों में यह सब देखकर बहुत चकित हो गया और मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि बबिता भी क्या कभी ऐसा कर सकती है, लेकिन वो यह सब क्यों कर रही थी और फिर में कुछ देर बाद उन सवालों को अपने मन में लेकर अपने घर पर चला गया, लेकिन अब मुझे यह सब देखने के बाद नींद भी नहीं आ रही थी और मुझे बस सपनों में भी बबिता और उसकी वो मोमबत्ती से चुदाई नज़र आ रही थी. अब मैंने रात भर उसके बारे में सोचा कि उसे भी एक अच्छे दोस्त के सहारे की बहुत ज़रूरत है और मुझे भी. फिर अगले दिन जब हम पार्क में जाने के लिए मिले तो मैंने उससे बोला..
में : क्यों आपको में कैसा लगा?
बबिता : आप अच्छे हो.
में : अब में चाहता हूँ कि हम दोनों को अब एक अच्छे दोस्त से और भी कुछ बनना चाहिए.
बबिता : आपका क्या मतलब है?
दोस्तों मैंने झट से उसका एक हाथ अपने हाथ से पकड़ते हुए उससे कहा.
में : में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ बबिता, देखो अब तुम मुझसे ना मत बोलना, मैंने कल रात को बहुत देर तक सोचा है कि आपको भी किसी सहारे की ज़रूरत है और मुझे भी और अब हम एक दूसरे के एक बहुत अच्छे दोस्त भी है. दोस्तों कुछ देर सोचने के बाद बबिता ने मुझे हाँ कह दिया. अब में और वो उसी दिन रात को घूमने बाहर चले गये.
फिर हमने बाहर एक अच्छी सी होटल में रात का खाना खाया और उसके बाद हम फिल्म देखने चले गये. हमने एक दूसरे का हाथ पकड़कर पूरी फिल्म देखी और फिर जब सड़क पर कोई नहीं था तो मैंने उसके होंठो पर किस भी किए, जिसकी वजह से वो पूरी तरह से गरम हो गई थी. फिर जब हम अपने घर पर आ रहे थे तो उसने मुझसे कहा कि आज तुम मेरे घर पर ही सोना, मुझे तुमसे कुछ काम है.
में : हाँ ठीक है मेरी जान.
फिर हम दोनों अपने घर पर पहुंच गये. मैंने अपनी बाईक को खड़ा और पास के एक मेडिकल से कंडोम का पैकेट ले लिया और फिर में बबिता के घर पर पहुंच गया. फिर जैसे ही मैंने दरवाज़ा बजाया तो तुरंत बबिता ने दरवाज़ा खोल दिया, जैसे कि वो मेरा ही इंतजार कर रही हो. अब मैंने देखा कि बबिता आज पहली बार मेरे सामने गाऊन पहनकर खड़ी हुई थी, वो गाऊन लाल कलर का थी और उससे साफ साफ पता चल रहा था कि बबिता ने ब्रा काली कलर की पहनी हुई थी और उसके एक हाथ में सिगार था जिसे वो बहुत मज़े ले लेकर पी रही थी.
में : वाह आपका यह गाऊन आपके ऊपर बहुत जंच रहा है और आप इसमे बहुत सुंदर लग रही हो.
फिर बबिता ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और उसने सीधे मेरे होंठो पर किस किया, जिसकी वजह से मेरे मुहं में उसकी सिगार का धुंआ चला गया, लेकिन बहुत मज़ा आ रहा था. फिर पांच मिनट तक किस करने के बाद वो तुरंत मुझसे छूटकर बाथरूम में चली गई और में समझ गया कि बबिता अब झड़ने वाली है. फिर वो कुछ देर बाद बाथरूम से वापस आई और सीधे आकर मेरी गोद में बैठ गई, जिसकी वजह से मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड उसकी गांड को छू रहा था.
फिर वो और भी जोश में आ गई और मेरे मुहं में अपना मुहं डालकर मेरे साथ चुम्माचाटी करने लगी. मैंने भी उसका पूरा पूरा साथ दिया और अब हम दोनों एक एक करके झड़ गये, वो दोबारा उठकर बाथरूम में चली गई और अपनी पेंटी को बदलकर आ गई. फिर में उसके आ जाने के बाद बाथरूम में गया और अपने लंड को अच्छी तरह से धोकर अंडरवियर पहनकर बेडरूम में आकर चुपचाप सो गया. फिर कुछ देर बाद वो आई और मेरे पास में लेट गई, कुछ देर बाद अचानक से वो उठी और उसने एक सिगरेट निकली और जलाई, फिर बहुत आराम से बेड पर बैठकर पीने लगी और फिर सो गई.
फिर अगले दिन रात के करीब 8 बज गये थे और में बबिता के घर पर चला गया. मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि बबिता उस समय ब्रा और पेंटी में दरवाज़ा खोलकर सिगार पीते हुए बैठकर ना जाने क्या सोच रही है?
में : क्या बबिता, क्या आज तुम मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो?
बबिता : हाँ मेरी जान, आज से में तुम्हारी ही बनना चाहती हूँ.
में : हाँ, में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तुम मुझे बहुत अच्छी लगी हो.
फिर मैंने दरवाज़ा बंद किया और अब हम टीवी देखते देखते लेपटॉप पर ब्लूफिल्म देखने लगे और अब हमारा सेक्स करने का मूड बन गया और सबसे पहले मैंने बबिता को एक फ्रेंच किस किया और करीब पांच मिनट तक मैंने उसकी जीभ चाटी और बहुत मज़े किए. फिर बबिता की पेंटी को उतार दिया और अब मुझे बबिता की चूत में बाल ही बाल दिख रहे थे और ऐसा लग रहा था कि बाल बबिता के चूत से निकलते हुए रस की वजह से पूरे भीगे हुए थे.
फिर मैंने बबिता को तुरंत बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत के ऊपर अपना मुहं रखकर में भी लेट गया और करीब मैंने दस मिनट तक उसकी चूत के बालों को चाटा और फिर उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया, जिसकी वजह से बबिता सिसकियाँ लेने लगी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर बबिता सिसकियों के साथ मेरे मुहं पर झड़ गई और में उसका रस पी गया.
फिर उसके बाद बबिता ने मेरा अंडरवियर उतार दिया और वो मेरा 7 इंच लंबा मोटा लंड देखकर एकदम से चकित हो गई और धीरे धीरे मदहोश हो गई. फिर मैंने भी उस मौके का फायदा उठाते हुए अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और वो चूस चूसकर मज़े लेने लगी. फिर कुछ देर बाद में भी झड़ गया और मेरा पूरा वीर्य उसके मुहं में चला गया और वो उसे बहुत मज़े लेकर पी गई और अब उसने जोश में आकर अपनी ब्रा को भी उतार दिया और वो मुझसे बोली कि आओ राजा एक बार तुम मेरे बूब्स को भी चखकर देख लो.
फिर मैंने तुरंत अपना मुहं उसके गोरे गोरे बूब्स की हल्की भूरी निप्पल पर रख दिया जो बहुत टाईट थी और करीब में 15 मिनट तक उसके एक एक बूब्स को दबा दबाकर उनका दूध पीता रहा. अब उसने मेरे सर को उसके बूब्स के ऊपर दबा दिया और फिर उसने एक सिगार को जला लिया और पीने लगी.
फिर कुछ देर बूब्स चूसने दबाने के बाद मैंने बूब्स को छोड़कर नीचे आकर उसकी गीली, गरम, चूत के मुहं पर अपना खड़ा लंड रख दिया और अब धीरे से अंदर सरकाने लगा. फिर जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी चूत में गया तो वैसे ही वो चीखने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी आअहहहह उम्म्म आईईईई और मेरे करीब दस मिनट तक धक्के देने के बाद वो झड़ गई, लेकिन में अभी भी नहीं झड़ा था और फिर मैंने उसे डोगी स्टाईल में बैठाकर उसकी गांड में लंड डालकर उसकी गांड मारी और वो दर्द के साथ साथ उस मज़े को लेकर मुझसे चुदवाती रही और में जोरदार धक्के दे देकर उसे चोदता रहा और करीब 15 मिनट के धक्कों के बाद में भी अब झड़ गया. फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड से बाहर खींचकर उसके मुहं में डाल दिया और उसको उसने चाट चाटकर साफ किया.
दोस्तों अब हम हर रोज सुहागरात मनाते है और मैंने आंटी के साथ ऐसी बहुत सारी रातें बिताई है. मैंने उनके साथ साथ अपनी भी सेक्स की भूख को शांत किया और अब हम दोनों को एक दूसरे का बहुत अच्छा साथ मिल गया है.
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