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नौकरानी की कुंवारी बेटी का योवन


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में कोलकाता का रहने वाला हूँ.  में एक इंजिनियर हूँ और में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ.  दोस्तों में आज आप सभी को मेरे पहले सच्चे सेक्स अनुभव के बारे में आज आप लोगो को बताना चाहता हूँ और अब में आपको अपनी सच्ची कहानी सुनाता हूँ.
दोस्तों यह तब की घटना है जब में उन दिनों अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था और मुझे अपने हॉस्टल जहाँ पर में रह रहा था उस जगह कुछ समस्या हो रही थी, इसलिए मैंने एक फ्लैट किराए पर ले लिया और अपना वो हॉस्टल छोड़ दिया और उसके बाद मैंने खाना पकाने के लिए एक बंगाली नौकरानी को अपने फ्लैट में काम पर रख लिया जिसकी उम्र करीब 40 साल थी.
वो दिखने में बहुत सेक्सी थी और उसके फिगर का आकार 36-28-36 और उसके बूब्स उस उम्र में भी एकदम गोल गोल थे.  उसके गोरे भरे हुए बदन को देखकर पता ही नहीं चलता था कि उसकी उम्र 40 साल थी और वो रोज सुबह मेरे फ्लैट पर आती थी और मेरे लिए खाना बनाकर चली जाती और उसके चले जाने के बाद में उठकर नहा धोकर नाश्ता करके अपने कॉलेज चला जाता.
वो शाम को 7 बजे करीब वापस मेरे फ्लेट पर आती और घर का कुछ बचा हुआ काम करने के साथ साथ मेरे लिए खाना बनाकर वो वापस कुछ घंटो में चली जाती थी.
दोस्तों उसकी एक बेटी भी थी जिसका नाम रूपा और जैसा उसका नाम ठीक वैसा ही उसका रूप रंग था.  वो दिखने में बड़ी ही आकर्षक लगती और वो भी कभी कभी अपनी माँ के साथ उसके कामें में हाथ बटाने के लिए मेरे घर पर आया करती थी और इसलिए मेरी उससे बहुत अच्छी जान-पहचान, बातें और कभी-कभी हंसी-मजाक कर लिया करता था.  वो अपनी माँ के साथ बहुत मन लगाकर मेरे घर के सभी काम किया करती और फिर कुछ घंटे रुककर चली जाती.
दोस्तों सच कहूँ तो वो मुझे मन ही मन बहुत अच्छी लगती और में उसकी तरफ हमेशा आकर्षित रहता में ही आगे बढ़कर उससे बातें शुरू करता और वो मेरी हर बात का हंसकर जवाब दिया करती थी.
एक दिन रूपा की माँ ने मुझसे कहा कि उसकी बेटी रूपा जो कि उस समय 8th क्लास में पढ़ती थी वो अपनी क्लास के पेपर में फैल हो गई है और उसका वैसे पढ़ाई लिखाई में इतना मन भी नहीं लगता था.
फिर मैंने उनसे कहा कि आप उसको कोई अच्छे से प्राइवेट टीचर से बात करके इसको पढ़ाने क्यों नहीं भेजती हो? तो मेरे मुहं से यह बात सुनते ही वो रो पड़ी और उसकी आखों से आंसू बाहर आने लगे और वो मुझसे कहने लगी कि में बहुत ग़रीब हूँ और मुझे इतना काम करने के बाद भी अपने परिवार का पेट पालने में ही बहुत मुश्किल होती है तो आप ही मुझे बताए कि में अपनी बेटी को कैसे किसी के घर पर भिजवाकर इसकी अच्छी पढ़ाई करवाऊँ और उसके लिए मुझे पैसे कहाँ से मिलेंगे? फिर मैंने उससे पूछा कि आपका पति क्या काम करता है? तब वो कहने लगी कि उसका पति कुछ समय पहले तक एक कपड़े की फेक्ट्री में काम किया करता था, लेकिन अचानक से एक दिन वो फेक्ट्री घाटे में चले जाने की वजह से बंद हो गई और उनका पति बेरोज़गार हो गया.
वो अभी एक छोटी सी किराने की दुकान चलाता है, लेकिन उसमें बहुत ही कम आमदनी हो पाती है और फिर वो मुझसे बोली कि आप अगर बुरा ना माने तो में आपसे एक बात कहूँ? फिर मैंने कहा कि हाँ बोलो क्या कहना है?
उसने मुझसे कहा कि आप ही कभी कभी थोड़ा समय निकालकर मेरी बेटी को पढ़ा दिया कीजिए.  फिर मैंने तुरंत उससे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन में इसके लिए तुमसे कोई पैसा वैसा नहीं लूँगा और वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई और वो मुझे दुआ देने लगी.  दोस्तों उसके बाद रूपा को वो अपने साथ पढ़ाने के लिए मेरे फ्लैट पर अब हर दिन लाने लगी और में उसको पढ़ाने लगा.
फिर एक दिन में उसको पढ़ा रहा था और रूपा मेरे सामने बैठकर पढ़ रही थी.  उसने उस समय एक ढीली सी कमीज पहनी हुई थी जिसकी वजह से जब भी वो नीचे झुककर कुछ लिख रही थी और तब मुझे उसके खुले हुए गोरे मस्त बूब्स नज़र आ जाते उफफफफ्फ़ वाह क्या मस्त बूब्स थे उसके एकदम गोल टाईट जैसे कि वो कोई बड़े आकार की नारंगी हो और में उसको देखकर बहुत आकर्षित होने लगा और मैंने उस दिन पहली बार सोचा कि कैसे रूपा को चोदा जाए?
लेकिन में डर रहा था कि अगर बाहर किसी लोगों को पता चल जायेगा तो हम दोनों के साथ बहुत बुरा होगा और मेरे साथ साथ उसकी भी बहुत बदनामी होगी, लेकिन मेरा दिल इतनी बातें सोचने के बाद भी रूपा की चुदाई करने के लिए बड़ा बेचैन था और में उसको पढ़ाते समय कभी उसके हाथ को पकड़कर समझाने लगता तो कभी उसकी जांघो पर अपना हाथ रखकर छूकर उसको बताने लगता, लेकिन वो कभी भी मुझे कुछ नहीं कहती और ना ही मेरी किसी भी हरकत का विरोध करती जिसकी वजह से में धीरे धीरे आगे बढ़ता चला गया और में अपने साथ उसकी मस्त जमकर चुदाई के सपने हर समय देखने लगा था में उसकी सुन्दरता को देखकर अब बिल्कुल पागल हो चुका था और एक दिन शाम को मुझे वो मौका मिल ही गया जिसकी मुझे इतने दिनों से तलाश थी.
दोस्तों उस दिन रूपा मेरे घर पर अकेली ही आई थी और मेरे पूछने पर वो मुझसे बोली कि उसकी माँ की तबीयत आज ठीक नहीं है इसलिए उसको आज अकेले ही आना पड़ा और इतना कहकर वो अपना काम करने लगी.  फिर उस समय उसको अकेला देखकर मैंने मन ही मन में ठान लिया था कि आज किसी भी तरह से इसकी चुदाई का वो अधूरा काम पूरा करना ही पड़ेगा और यह बात सोचकर में बहुत हो गया.
फिर मैंने देखा कि रूपा उस समय रसोई में अपना काम कर रही थी और मैंने उससे कहा कि आज मेरा सर बहुत ज़ोर से दर्द हो रहा है क्या तुम थोड़ा बाम लगा दोगी? और वो मेरे उस काम के लिए तुरंत तैयार हो गई और वो अपना काम वहीं वैसा ही छोड़कर सीधा मेरे साथ मेरे कमरे में आकर मेरे सर को दबाने लगी और उस पर अपने नरम हाथों से बाम लगाने लगी.
मैंने उस समय अपनी दोनों आंखे बंद कर रखी थी.  फिर तभी अचानक से मैंने जानबूझ कर अपना एक हाथ बीच हटाने के बहाने मैंने उसके बूब्स को छू लिया जिसकी वजह वो झट से थोड़ा सा पीछे हट गई तो में बिल्कुल अंजान बनकर उससे पूछने लगा कि क्या हुआ? लेकिन वो कुछ नहीं बोली और थोड़ा सा शरमा गई.
फिर मैंने देखा कि उसका गाल शरम से एकदम लाल हो गया था और तब मैंने सही मौका देखकर तुरंत उसको अपनी बाहों में जकड़कर उसके नरम गुलाबी होंठो पर एक जबरदस्त किस कर दिया और उसी समय मैंने उसके बूब्स को भी पकड़ लिया.
दोस्तों में अपने मन की बात कहूँ तो उस दिन मैंने पहली बार उसके पूरे बूब्स का आकार और उसकी गोलाई और बूब्स को छूकर महसूस किया कि वो एकदम रुई की तरह मुलायम थे.  तभी कुछ देर बाद उसने एक झटके से मुझे अपने से दूर हटा दिया और वो रोने लगी.  दोस्तों उसको रोता हुआ देखकर मेरे तो सर से पसीना छूट गया क्योंकि में अब यह बात सोच रहा था कि अगर वो बाहर सभी को मेरी इस हरकत के बारे में बता देगी तो मेरी बहुत बदनामी हो जायेगी और में किसी को कुछ भी कहने लायक नहीं रहूँगा और फिर मैंने बहुत ही धीरज से काम लिया और अब में उसको समझाने लगा.
में उससे बोला कि तुम मुझसे इस तरह से डर क्यों रही हो? यह तो बस मैंने मज़े करने के लिए किया था और में तो कभी भी तुम्हारा बुरा नहीं चाहूँगा.  में हमेशा तुम्हे फ्री में पढ़ाऊंगा और तुम्हे कंप्यूटर सिखाऊंगा और इंग्लिश सिखाऊंगा और तुम्हे एक अच्छी सी नौकरी मिल जाये इस लायक बनाऊँगा.
फिर इस तरह में उसको कुछ देर समझाता रहा और उसके साथ-साथ में उसकी पीठ को भी सहलाता रहा जिसकी वजह से उसने अब रोने के साथ साथ मेरा विरोध करना बंद कर दिया था.  अब थोड़ी देर के बाद मैंने उसको एक बार फिर से अपनी तरह लेकर किस किया और इस बार वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली.
में तुरंत समझ गया कि अब मेरा काम बन सकता है क्योंकि वो भी अब धीरे धीरे मेरे साथ मज़े करने लगी थी और में अब उसके बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा था.  वाह दोस्तों उफफफ्फ़ क्या मस्त बूब्स थे उसके? एकदम नरम रुई जैसे और फिर मैंने महसूस किया कि जब में उसके निप्पल को सहलाने लगा तो वो गरम होकर एकदम से बेकाबू हो गयी और वो मुझसे लिपटकर मेरी बाहों में आकर मुझे वो पागलों की तरह किस करने लगी.  फिर वो लगातार मुझे चूमने लगी थी और उसकी तेज़ी से चलती गरम गरम सांसे मुझे मेरी गर्दन व् गालों पर महसूस होने लगी थी और वो उस समय बहुत जोश में थी.
में अब तुरंत समझ गया कि लोहा बहुत गरम हो चुका है बस इस पर मेरा हथोड़ा मारने की देरी ही है मन में यह बात सोचकर मैंने उसके कपड़े एक ही जोरदार झटके में उतार लिया.  उसके बाद मेरी क्या हालत थी में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता उसका वाह उफफफ्फ़ क्या मस्त आकार का गोरा फिगर था.  वो एकदम सेक्स बॉम्ब लग रही थी.  अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी पहने हुए थी और उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी उसके गोरे भरे हुए बदन को बिना कपड़ो के देखकर मेरा लंड तो उस समय बेकाबू हो रहा था.  अब मैंने तुरंत अपनी भी पेंट और टी-शर्ट को जल्दी से उतार दिया और में रूपा के पूरे कामुक गरम बदन को पागलों की तरह चूमने चाटने लगा, जिसकी वजह से वो भी अब तड़पने लगी थी.
कुछ देर चूमकर नीचे आते हुए मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया और अब में अपनी फटी हुई चकित नजरों से उसकी वर्जिन चूत को देखने लगा, क्योंकि ऐसा मस्त सेक्सी नजारा में आज पहली बार देख रहा था और इसके पहले मैंने कभी भी सही में चूत नहीं देखी थी.  मैंने जो भी अब तक देखा था वो बस ब्लू फिल्म में ही देखा था और फिर उसकी उभरी हुई चूत को देखकर मेरे अंदर एक अजीब सा जोश आ रहा था.  मैंने देखा कि उसकी चूत में छोटे छोटे नरम झांट के बाल थे और वो बहुत सुंदर कामुक नजर आ रहे थे.
में उसकी चूत में अपनी उंगली को डालकर चूत के दाने को सहलाने लगा, जिसकी वजह से अब वो धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी और मेरे ऐसा करने की वजह से कुछ ही देर में उसकी चूत अब बिल्कुल गीली हो गई थी और जब में अपनी उंगली को चूत के अंदर डालने की कोशिश करने लगा तो मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाइट थी.  फिर मेरे कुछ देर तक चूत में उंगली डालने की वजह से वो और भी ज्यादा जोश में आकर तड़पने लगी.  अब मैंने 69 पोजीशन में आकर उससे मेरा लंड चूसने के लिए बोला और में उसकी वर्जिन चूत को चाटने चूसने लगा और मुझे ऐसा करने में बड़ा जोश और मज़ा आ रहा था और उसकी चूत अब बिल्कुल गीली हो गयी थी और मेरा लंड एकदम तनकर डंडे जैसा हो गया था.  वो उसकी प्यासी वर्जिन चूत को सलामी देने लगा था.
मुझसे अब और सहन नहीं हो रहा था तो मैंने उसी समय उठकर उसको बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक हल्का सा धक्का दे दिया जिसकी वजह से मेरा लंड करीब एक इंच चूत के अंदर चला गया, लेकिन अब रूपा उस धक्के की वजह से दर्द से चीख उठी और वो कहने लगी आह्ह्ह में मर गई ऊईईईइ माँ मुझे बहुत दर्द हो रहा है ऊह्ह्ह्हह अब छोड़ दो मुझे, में मर जाउंगी और अब वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने के साथ साथ दर्द से छटपटाने लगी.  फिर उसकी उस हालत को देखकर में तुरंत समझ गया कि उसकी चूत की सील मेरे उस धक्के की वजह से अब फट चुकी है इसलिए वो इतना उठपड़ रही है.  फिर मैंने धक्के देना बंद करके में उसके एक निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसने लगा और कुछ देर बाद मैंने फिर से थोड़ा दबाव करके अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख दिया.
अब मेरा लंड करीब चार इंच अंदर चला गया और वो एक बार फिर से चीखने लगी, लेकिन कुछ देर तक धीरे-धीरे धक्के देने के साथ साथ उसकी निप्पल चूसने बूब्स को सहलाने की वजह से वो अब दर्द कम होने पर मोन करने लगी थी और में भी सही मौका देखकर अपने लंड को आगे पीछे करने के साथ साथ अपनी स्पीड को पहले से ज्यादा तेज करने लगा था और तभी मैंने देखा कि वो भी अब अपनी दोनों आंखे बंद करके मेरे साथ अपनी पहली चुदाई का मज़ा लेने लगी थी और में लगातार जोरदार धक्के देता रहा.
करीब बीस मिनट तक अलग अलग तरह से रूपा को चोदने के बाद वो भी अब झड़कर बिल्कुल शांत हो गई और कुछ ही मिनट में मेरा भी वीर्य उसकी चूत के अंदर निकल गया और कुछ देर उसके ऊपर लेटे रहने के बाद मैंने उससे पूछा क्यों तुम्हे यह सब मज़ा मस्ती कैसी लगी? तो वो मुस्कुराकर बोली कि थोड़ा दर्द तो मुझे अब भी हो रहा है, लेकिन मुझे आज तक पता ही नहीं था कि चुदाई करवाने में इतना मज़ा भी आता है, इसलिए अब आज से मुझे अपनी चुदाई आपसे करवाने के लिए ऐसा हर दर्द कबूल है क्योंकि आज में एक कुंवारी लड़की से एक औरत बन गई हूँ और आज अपने मुझे वो सुख देकर मेरे ऊपर बहुत बड़ा अहसान किया है इसलिए मुझे अब आप जब भी जी चाहे कैसे भी चोद देना, मुझे आपके साथ यह सब करना बहुत अच्छा लगेगा और में कभी भी आपसे मना नहीं करूंगी.
मैंने उससे बोला कि देखना तुम्हारा यह दर्द जल्दी ही ठीक हो जाएगा और तुम देखना अगली बार जब हम दोबारा चुदाई करेंगे तब तुम्हे बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा और तुम्हे सिर्फ़ मज़ा आएगा और फिर दोस्तों जब में उसको अपनी गोद में उठाकर बाथरूम ले जाने के लिए मैंने उसको उठाया तो मैंने देखा कि बेड शीट उसकी चूत से निकले उस खून से भीग गई थी और उसको बाथरूम से वापस लाने के बाद मैंने उस गंदी बेड शीट को बदलकर उसकी जगह दूसरी को बिछा दिया ताकि उसकी माँ को किसी भी तरह का कोई शक ना हो जाए.
मैंने उसको बाथरूम में ले जाकर उसकी चूत पर पानी डालकर अच्छी तरह से धो डाला और चूत के साफ हो जाने के बाद वो मेरे लिए रसोई में जाकर खाना बनाकर वापस हंसी ख़ुशी अपने घर पर चली गई और वो जाते समय मेरी तरफ मुस्कुराते हुए कहने लगी कि में कल फिर से आउंगी और वो मुझसे यह बात बोलकर चली गई और में उसकी पहली बार चुदाई से मन ही मन बहुत खुश होकर उसके बारे में सोचता हुआ ना जाने कब सो गया.  दोस्तों उसके बाद भी मैंने रूपा को कई बार चोदकर उसकी इच्छा को पूरा किया और उसने हर बार मेरा पूरा-पूरा साथ दिया.
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बॉस की प्यासी बीवी की तड़पती चूत


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमन है और में एक फोटोग्राफर हूँ और में हमारा पूरा भारत देश घूम चुका हूँ.  मैंने बहुत सारे मॉडल की फोटोग्राफी और मॉडलिंग को अपने कैमरे में उतार चुका हूँ.  मेरी लम्बाई 6.1 इंच और मेरे लंड की लम्बाई 6 इंच जो किसी भी प्यासी तरसती हुई चूत को उसकी चुदाई करके खुश करने के लिए एकदम ठीक है.
दोस्तों में भी पिछले कुछ लंबे समय से सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लेता आ रहा हूँ और ऐसा करना मुझे बहुत अच्छा और मुझे बहुत मज़ा आता है.  इस तरह से में अब तक ना जाने कितनी सेक्सी कहानियों के मज़े ले चुका हूँ.
एक दिन मैंने अपनी भी इस कहानी को आप तक लिखकर पहुँचाने के बारे में विचार किया, जिसमें मैंने अपने बॉस की पत्नी जो दिखने में बहुत ही मस्त सेक्सी लगती है.  मैंने उनको उनके घर पर उनके कहने से चोदा और बहुत मज़े लिए.  वैसे में अपने बॉस के घर पर हर कभी किसी ना किसी काम से जाया करता था और तब से ही उनकी पत्नी मुझसे अपनी चुदाई के सपने देखने लगी थी और यह बात उन्होंने मुझे हमारी चुदाई पूरी हो जाने के बाद बताई.  दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि यह सच्ची घटना आप लोगों को जरुर पसंद आएगी
दोस्तों एक दिन की बात है, में अपने घर से बाहर निकला ही था और कुछ दूर रोड पर पैदल ही घूम रहा था कि अचानक से एक कार मेरे पास में आकर रुक गई और फिर मैंने देखा कि उस कार में उस समय मेरे प्रोड्यूसर की बीवी मतलब की मेरी बॉस बैठी हुई थी, जो मेरी तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुरा रही थी, उनकी उम्र 36 साल थी और तब में सिर्फ़ 19 का था.
दोस्तों वो हमेशा जब भी में उनके घर पर जाता तो मुझसे बड़े प्यार से हंस हंसकर बातें किया करती थी और मुझे लगता था कि उनका मुझसे बातें करने में कुछ ज्यादा रूचि थी, शायद इसलिए वो मुझसे हमेशा ऐसा प्यार भरा व्यहवार किया करती थी.  फिर उन्होंने मुझसे एक पास ही के किसी एक रेस्टोरेंट का पता पूछा और मैंने उनको वो पता बता दिया, लेकिन तभी वो मुझसे कहने लगी कि क्या आप भी मेरे साथ वहां तक चल सकते है, क्योंकि में यहाँ पर नई हूँ? और आप यहीं के रहने वाले सभी से आप अच्छी तरह से परिचित है और में बिल्कुल अंजान, इसलिए मुझे रेस्टोरेंट का पता नहीं है, आप मेरे साथ चलोगे तो मुझे अच्छा लगेगा.
फिर मैंने तुरंत गाड़ी का आगे का दरवाजा खोलकर में आगे वाली सीट पर बैठ गया.  दोस्तों में क्या करता अपने बॉस को में ना भी तो नहीं कह सकता था? तब उन्होंने कुछ दूर चलने के बाद मुझसे पूछा कि क्या तुम मेरे साथ जुहू तक चलोगे? तो मैंने उनसे पूछा कि क्या आप मुझे वापस यहीं पर छोड़ देंगी? तो उन्होंने मुझसे कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन हमें थोड़ी देर भी हो सकती है और तुम्हें उसमें कोई परेशानी तो नहीं है ना? और अब मैंने कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है, में आपके साथ चलने के लिए तैयार हूँ आप चलिए.
फिर वो अपनी गाड़ी को धीरे धीरे चलाने लगी.  तभी मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि में उसके पास वाली सीट पर बैठा हुआ था कि तभी अचानक से उसने गियर बदलते हुए अपना हाथ मेरे पैर पर छू दिया.  मैंने पहली बार कुछ ना कहा, लेकिन उसने ऐसा मेरे साथ कई बार किया और अब में मन ही मन सोच रहा था कि यह मेरे साथ जानबूझ कर क्या कर रही है और फिर भी में चुप था.  फिर उसने जब यह देखा कि में चुप हूँ तो उसने कुछ देर बाद धीरे धीरे मेरे पैर पर अपना हाथ फेरना शुरू कर दिया और वो मुझसे पूछने लगी कि आप आज कल तुम कौँन से सेट पर फोटो शूटिंग कर रहे हो? तब मैंने कहा कि आज कल में थोड़ा सा फ्री हूँ.  अब वो मुझसे पूछने लगी क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि नहीं, क्योंकि मैंने कभी इस बारे में ध्यान ही नहीं दिया.
फिर उसने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए कहा कि आप इतने सुंदर और अच्छे दिखते हो और मेरे लिए यह बहुत चकित होने की बात है कि आपकी अब तक कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है और वैसे तुम्हें कैसी लड़की पसंद है? तब मैंने कहा कि मुझे वैसे तो वो लड़की अच्छी लगती है, जो बहुत देख रेख करने वाली, समझदार और अच्छी दिखने वाली और वो दिखने में आकर्षक भी हो.
अब मेरे मुहं से यह बातें सुनकर उसने तुरंत मेरी तरफ मुड़कर मुस्कुराते हुए देखा और कहा कि मुझे एक काम है, क्या आप मेरे साथ मेरे घर चल सकते है? फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, आप मेरी बॉस है और आप मुझसे जैसा कहें में वैसा ही करूंगा, तो वो मेरी तरफ शरारती नज़र में देखते हुए हँसने लगी और कुछ देर बाद वो मुझे अपने एक घर में ले आई और में जब उसके घर गया तो मैंने देखा कि उस समय घर में कोई नहीं था और अब उसने मुझसे कहा कि में कब से गाड़ी चला रही हूँ, इसलिए में अब बहुत ज्यादा थक गई हूँ और आज गरमी भी वैसे बहुत है, में इसलिए नहाकर अभी आती हूँ, तब तक आप यहाँ पर बैठ जाए.
अब में उनके कहने पर बैठ गया और उनके नहाकर बाहर आने का इंतजार करने लगा और फिर कुछ देर बाद जब वो नहाकर बाथरूम से बाहर निकली, तो उस समय वो सिर्फ़ मेक्सी में थी और वो बहुत ही मस्त पटाका लग रही थी, में उनको पहली बार उस रूप में देखकर थोड़ा सा चकित जरुर हुआ, लेकिन फिर मैंने वो मेरे बॉस की पत्नी थी, इसलिए उस बात को सोचकर अपने देखने का नजरिया बदल दिया.  अब वो सीधा मेरे पास में आकर बैठ गई और वो मुझसे पूछने लगी, हाँ अब तुम बताओ कि में तुम्हें कैसी लग रही हूँ? दोस्तों मैंने उसको दोबारा पलटकर देखा तो में देखता ही रह गया, क्योंकि उसने उस समय बहुत ही टाईट कपड़े पहने हुए थे, इसलिए उन कपड़ो से उसका गोरा, गीला, अंग अंग नज़र आ रह था और उस सेक्सी बदन की सुंदरता को देखकर मैंने कहा कि आप बहुत अच्छी लग रही हो.
फिर मेरे मुहं से यह बात सुनकर उसने उसी समय मेरा एक हाथ झटके से पकड़ लिया और मेरे हाथ को पकड़कर मुझे अपनी तरफ खींचकर वो मुझसे कहनी लगी कि तुम अब इतनी देर क्यों कर रहे हो? तब मैंने वो बात उनके मुहं से सुनकर चकित होकर कहा कि यह आप मुझसे क्या कह रही है? तब उसने कहा कि तुम किसी भी बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, कुछ भी नहीं होगा, क्योंकि इस समय तुम मेरे साथ हो और मेरे लिए तुम सब कुछ कर सकते हो, जैसा तुम चाहो, वो भी कर सकते हो.
फिर मैंने पूछा कि में क्या करूँ? तब उसने मेरा हाथ जो पहले से ही पकड़ा हुआ था, उसने उसको अपने नरम गोरे गालों पर धीरे धीरे फेरना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद वो मेरा हाथ अपने सुंदर गोलमटोल बूब्स पर फेरने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि वाह तुम्हारे हाथों में तो कोई जादू है.  दोस्तों सच कहूँ तो मुझे भी अब उनके यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन में चुप था.
तभी उसने धीरे से मेरे लंड पर अपना हाथ फेरना शुरू कर दिया और वो मुझसे कहने लगी कि अरे वाह यह तो बहुत ही सख्त हो रहा है, मुझे उम्मीद नहीं थी कि यह ऐसे अकड़कर खड़ा भी हो सकता है.  दोस्तों अब मेरा दिल भी उनकी यह बातें हरकते देखकर पूरी तरह से खुल चुका था, इसलिए मैंने उससे कहा कि आपका हाथ लगेगा तो मेरा क्या किसी बूढ़े का भी खड़ा हो जाएगा और वैसे भी में एक जवान मुर्द हूँ, तैयार तो में हो ही जाऊंगा.
अब उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर कहा कि चलो आज हम भी देख लेते है कि तुम्हारे इस लंड में कितनी गरमी है? मुझसे यह बात कहते हुए उसने अपनी उस मेक्सी को तुरंत उतार दिया और साथ में मेरे कपड़े भी उतार नीचे कर दिए.  उसके बाद वो बेड पर लेट गई और मुझे अपने पास खींचकर मेरे होंठो पर अपने नरम गुलाबी होंठ रखकर वो मुझे किस करने लगी और उसका ऐसे करने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.  मैंने तो अपनी पूरी जीभ को उसके मुँह के अंदर डाल उतार दिया और में उसके होंठो का रस चूसने लगा.
तभी उसने मुझसे कहा कि आज तक ऐसी किस तो मेरे पति ने भी मुझे नहीं की, तुम बहुत अच्छी किसिंग करते हो, प्लीज चूस लो आह्ह्ह्हह हाँ मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है और फिर उसने अपने बूब्स की तरफ मेरा मुँह कर दिया और कहा कि तुम अब यहाँ भी चूसो ना.  दोस्तों अब में करीब 15 मिनट तक उसके बूब्स को चूसता रहा, जब में उसके बूब्स को चूस रहा था तो उसके मुँह से सिसकियाँ सी निकल रही थी, अहह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह उफ़फ्फ़ बड़ा मज़ा आ रहा है, जब मैंने उसके निप्पल चूसे तो उसने मुझसे कहा कि आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ खा जाओ, प्लीज अमन तुम इनको आज आह्ह्हह्ह तुम बहुत अच्छे चूसते हो हाँ और ज़ोर से चूसो प्लीज तुम्हारी जीभ तो बड़ी मस्त है, प्लीज ज़ोर से चूसो.
दोस्तों में एक तरफ से उसके बूब्स को चूस रहा था और दूसरी तरफ उसने मेरा एक हाथ पकड़कर अपनी चूत पर फेरना शुरू कर दिया और वो मुझसे कहने लगी, प्लीज तुम अपनी प्यारी उँगलियों से इसको भी थोड़ी ठंडक पहुंचा दो ना प्लीज उफफफफफफफ्फ़ अह्ह्ह्ह तुम इससे पहले मेरे हाथ में क्यों नहीं लगे, में तुमसे यह मज़े लेकर खुश हो जाती? और दूसरी तरफ वो भी मेरे लंड से खेल रही थी.  तभी उसने मेरा मुँह अपने बूब्स से हटाकर अपनी गरम प्यासी चूत पर रख दिया और मैंने धीरे धीरे उसकी चूत पर अपनी जीभ को फेरना शुरू कर दिया तो उसने कहा कि आह्ह्ह्हह उफफ्फ्फ्फ़ ज़ोर से और ज़ोर से और मैंने अपना पूरा मुँह उसकी चूत पर रख दिया और में चूत को चाटने लगा और उनके दाने को लीक करने लगा और चूत को चूसने लगा.
तब में एक हाथ से उनके बूब्स को भी दबा रहा था और दूसरे से उनकी गांड को दबा रहा था तो वो चीखने लगी आह्ह्ह्हह हाँ मुझे बहुत मज़ा आ रहा है अमन आज तो मेरी ज़िंदगी का सबसे खुशकिस्मत दिन है, जो तुम आज मुझे मिल गए, कितने दिनों से मैंने तुम पर अपनी नज़र डाली हुई थी, प्लीज और ज़ोर से आह्ह्ह्हह आईईईईइ फिर में बहुत देर तक उसकी चूत को चाट रहा था तो अचानक से उसकी चूत से पानी निकल गया और वो कहने लगी वाह अमन मज़ा आ गया.
उसने अचानक मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और कहा कि तुमने मुझे खुश कर दिया है, लेकिन अभी भी मेरी प्यास नहीं बुझी है.  फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी और कहने लगी कि तुम्हारा लंड तो बहुत मज़ेदार है और बहुत स्वादिष्ट है, इतना बड़ा और तगड़ा लंड आज तक मैंने नहीं देखा और उसने मेरा पूरा बदन चूसना शुरू कर दिया और वो मेरे लंड को ज़बरदस्त तरीके से चाटने लगी, जब मेरा लंड एकदम कड़क हो गया.  फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज अब और मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, में तुम्हारे लंड से संतुष्ट होने के लिए पागल हो रही हूँ, प्लीज अब तू इसको मेरी चूत में डाल दो.
दोस्तों में भी उस वक्त तक एकदम गरम और जोश में आ चुका था और सीधी सी बात है कि एक इंसान जिसने कभी चुदाई ना की हो, उसका क्या हाल होगा, आप खुद समझ सकते है? फिर मैंने ज़ोर से जब उसकी चूत में अपना लंबा और मोटा लंड एक जोरदार धक्का देकर डाला तो दर्द की वजह से उसके मुहं से चीख निकलने लगी, आईईई प्लीज थोड़ा धीरे ऊफ्फफ्फ्फ् करो, में मर गई और उसने कहा कि प्लीज धीरे तुम्हारा लंड तो बहुत ताक़तवर है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
अब में अपनी तरफ से अब उनको धीरे धीरे झटके देने लगा.  में अपना पूरा लंड उनकी चूत से बाहर निकालता और फिर धीरे धीरे अंदर डालता जाता, जिसकी वजह से उसको बहुत मज़ा आने लगा था और वो कुछ देर बाद मुझसे कहने लगी, हाँ थोड़ा ज़ोर से और ज़ोर से में तुम्हारी ही हूँ, मेरा पति तो एकदम चूतिया है साला नाकारा हाँ मज़ा आ गया, स्सीईईईइ तुम्हारा लंड तो वाकई में बहुत लाजवाब मजेदार है, यह जिस लड़की को भी नसीब होगा, वो इस पूरी दुनिया में बहुत खुशनसीब होगी.
अब वो अहह्ह् सस्सस ओह्ह्ह्ह चोदो मुझे ज़ोर से प्लीज ज़ोर से चोदो ना और ज़ोर से अहह्हह् वो बस यही बात कहती रही और फिर उसने कुछ देर धक्के देने के बाद मुझे बहुत कसकर हग कर लिया और वो मुझसे कहने लगी, ऊऊह्ह्ह्हहह हाँ और ज़ोर से स्सीईईईई तुम बहुत अच्छे हो, में अगर तुम्हें पहले से मिल जाती तो में हर रोज़ तुम्हारे लंड का ऐसे ही जमकर मज़ा लेती, लेकिन उफफ्फ्फ्फ़ तुम मेरी खराब किस्मत देखो आह्ह्ह्ह मुझे अब एक सप्ताह के बाद दूसरे शहर जाना है, तो इसलिए तुम मेरी सारी जिंदगी का रस इस एक सप्ताह में ही निकाल देना, अऊऊऊऊऊऊऊहह तुम मुझे अपनी चुदाई से पूरी तरह से संतुष्ट कर देना आह्ह्ह्ह.  फिर हम दोनों कुछ देर धक्के देने के बाद जोश में आकर एक साथ ही झड़ गये और वो कुछ ही मिनट में ठंडी पड़ गई और वो मुझसे कहने लगी कि तुम सच में बहुत अच्छे दमदार इंसान हो, तुमने मुझे आज पहली बार इतनी देर तक चोदकर बहुत मज़ा दिया है, मेरी इस तरह की ताबड़तोड़ चुदाई किसी ने नहीं की, वाह आज मुझे पहली बार सेक्स का असली मज़ा आया.
दोस्तों लेकिन में अब भी पूरी तरह से ठंडा नहीं हुआ था, मुझमें अब भी बड़ा जोश था, इसलिए मैंने उसको दोबारा किस करना, उसके बूब्स को दबाना और सहलाना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से वो थोड़ी ही देर में एक बार फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गई थी, वो मेरा पूरा साथ दे रही थी.  अब मैंने उससे कहा कि अब मुझे तुम्हारी गांड में अपना लंड डालना है, में तुम्हारी गांड के भी मज़े एक बार लेकर देखना चाहता हूँ.  फिर उसने मुझसे कहा कि तुम्हारा कहना सब ठीक है, लेकिन आज तक मैंने वो काम नहीं करवाया, जो तुम करना चाहते हो, उससे मुझे बहुत दर्द होगा.  तब मैंने उनसे कहा कि यह तुम्हारी मर्ज़ी तुम पहले सोच लो, अगर हाँ कहोगी तो में ऐसा करने के बारे में सोचना शुरू करूं और आगे बड़ना शुरू करूं?
अब वो मेरी तरफ हंसती हुई बोली कि तुम्हारे लिए तो में कुछ भी कर सकती हूँ, क्योंकि आज तुमने ही इतने सालों बाद मुझे और मेरी इस जवानी को दोबारा ज़िंदा और हरा भरा कर दिया है, इसलिए आज से तुम मुझसे जो भी जैसा भी कहोगे, में जरुर करूंगी और फिर वो इतना कहकर मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और उसके मुहं की गरमी और चूसने के तरीके से मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया और इस काम के बीच में उसके बूब्स को सहला दबाता रहा था.
फिर जब मेरा पूरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसको डॉगी स्टाईल में बैठा दिया और धीरे से धक्का देते हुए में उसकी गांड में अपना गीला लंड डालने लगा फिर जब एक इंच लंड उसकी गांड के अंदर गया तो अचानक उसने गांड को नीचे करके लंड को बाहर निकाल दिया और वो मुझसे कहने लगी कि आह्ह्ह्ह्ह मुझे बहुत तक़लीफ़ हो रही है, एक तो तुम्हारा लंड बहुत मोटा दमदार है और इसलिए यह मेरे इस छोटे छेद में अंदर नहीं जा रहा है, लेकिन दर्द मुझे बहुत हो रहा है.  फिर कुछ ही समय में उसने मुझे और मैंने उसको पकड़ लिया था, क्योंकि हम दोनों अब जोश में आकर बिल्कुल पागल हो चुके थे और हम एक दूसरे को किस कर रहे थे, में कभी उसके बूब्स को दबाता, चूसता और कभी जीभ को चाटने लगता और फिर मैंने उससे पूछा क्या कोई क्रीम है तुम्हारे पास? तो उसने हाँ कहकर उठाकर लाकर मुझे क्रीम दे दी.
अब मैंने उसको दोबारा से घोड़ी बनाकर उसकी गांड पर क्रीम लगा दी और अपने लंड पर भी बहुत सारी क्रीम लगाई.  फिर मैंने लंड को उसकी गांड के मुहं पर सेट करके उसके दोनों कूल्हों को मजबूती से पकड़कर एक जोरदार झटके से अपने पूरे लंड को अंदर डाल दिया. जिसकी वजह से वो दर्द की वजह से ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी, आईईईईइ नहीं अहह्ह्ह में मर गई, तुम ऐसा मत करो. वो दर्द से छटपटाने लगी, लेकिन मैंने तब भी उसको मुझसे अलग नहीं होने दिया और सेक्स का जुनून मेरे सर पर सवार होने की वजह से में उसको झटके पे झटके लगता रहा और वो अह्ह्ह्हह उफ़फ्फ़फ्फ्फ करती रही और उसको भी थोड़ी ही देर बाद में मज़ा आने लगा और वो अब मुझसे कहने लगी आअह्ह्ह्ह उफफफ्फ़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है, आईईईइ तुम्हारा लंड तो पत्थर की तरह बड़ा सख़्त है अहह्ाहह ओउउफ्फ, लेकिन अब मुझे तुम्हारे इस दर्द के साथ साथ मीठा मज़ा भी बहुत आ रहा है आईयईईई आहहहह प्लीज मज़ा आ रहा है और वो लंड को बाहर नहीं निकालने दे रही थी और फिर जब में ठंडा हो गया तो उसने मुझसे कहा कि आज तो तुमने मेरी कितने सालों की इच्छा को इन दो घंटो में पूरा कर दिया है. तुम बहुत अच्छे हो. जब भी में वापस अपने इस शहर में आउंगी. तब में तुम से जरुर मिलकर अपनी चुदाई दोबारा करवाउंगी, क्योंकि तुमने आज मुझे वो मज़ा दिया है जिसके लिए में अब तक वंचित थी और यह मेरा पहला जोश भरा सेक्स अनुभव का पूरा मज़ा मिला है. तुमने बहुत देर तक जमकर मुझे यह मज़ा दिया है और में तुम्हारे साथ यह मज़े करके बड़ी खुश हूँ, आज से तुम जब तक में यहाँ पर हूँ, मेरी चुदाई कर सकते हो, में हर बार तुम्हारी चुदाई के लिए जब भी तुम मुझसे कहोगे, में तुम्हें हमेशा हाँ कहूंगी.
फिर मैंने उसको एक जोरदार धक्का देकर अपना पूरा वीर्य उसकी गांड की गहराई में डालकर कुछ देर बाद मैंने उसको अपनी बाहों में जकड़कर कहा कि हाँ मेरी प्यारी सेक्सी जान तुम भी मुझे जब कहोगी, में चला आऊंगा और तुम्हारे साथ ऐसे ही मज़े करूंगा और तुम्हें हमेशा खुश रखूंगा.  फिर उसके बाद मैंने उनके कहने पर फिर से कई बार चोदा और बड़े मज़े किए.
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कविता ने अपने बॉस को खुश किया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम नवीन है और मेरी उम्र 32 साल है. में मुंबई का रहने वाला हूँ और आज में आपको एक ऐसी घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसको सुनने के बाद आप ये सोचने के लिए मजबूर हो जाएँगे कि किस तरह से एक लड़की अपने शरीर का इस्तेमाल अपने जीवन में प्रगति के लिए करती है.
आज में आपको एक ऐसी घटना जिसे मैंने अपनी आँखों के सामने देखा है सुनाने जा रहा हूँ. ये कहानी किसी और की नहीं बल्कि मेरी अपनी पड़ोसी की है, जो अकेली रहती है और उसने अपनी नौकरी में प्रमोशन पाने के लिए एक रात के लिए अपने आपको अपने बॉस के हवाले कर दिया था, जिसका नाम कविता है और उसकी उम्र 25 साल की है. फिर एक दिन कविता ने मुझे बताया कि उनका बॉस कल यहाँ आ रहा है, तो तब में उनकी बात को समझ नहीं पाया था, लेकिन फिर अगले दिन जब रात के 7 बज़े कविता पूरी तरह से तैयार होकर कहीं जाने लगी. फिर मैंने कविता से पूछा, तो उन्होंने बताया कि वो अपने बॉस को लेने जा रही है. में समझ गया कि आज कविता अपनी रात बॉस के साथ बिताएँगी.
फिर जब कविता एक हैंडसम और स्मार्ट आदमी के साथ रूम पर कुछ देर के बाद आई, तो में समझ गया कि वो कोई और नहीं उनका बॉस ही था. फिर खाना खाने के कुछ देर के बाद कविता ने बॉस को अपने बेडरूम में चलने के लिए बोला, तो बॉस कविता के बेडरूम में चला गया. फिर कविता ने मुझसे आकर बोला कि वो आज रात बॉस को खुश करने जा रही है, अब उनका प्रमोशन हो जाएगा. फिर मैंने कहा कि ये क्या ठीक है? तो कविता वहाँ से बाथरूम में चली गयी और वहाँ से कुछ देर के बाद कविता ब्रा और पेंटी पहनकर बाहर आई और बॉस के पास चली गयी. फिर मैंने देखा कि कविता जब बॉस के पास गयी तो बॉस ने मुस्कुराते हुए कविता की चूत के ऊपर अपना हाथ फैरते हुए पूछा कि ये तो बिल्कुल ही टाईट है. फिर कविता ने जबाब दिया कि हाँ ये अभी तक कुंवारी है.
कविता बेड पर जाने के बाद अपनी पीठ को ऊपर करके लेट गयी. फिर तब बॉस ने कविता की पेंटी को अपने दोनों हाथों से पकड़कर खोल दिया और उनकी पेंटी को पूरी तरह से उतार दिया और फिर कविता की जाँघ पर बैठ गया. अब कविता ने बाथरूम से आते ही अपनी ब्रा को भी खोल दिया था और अब उनकी चुदाई का समय आ गया था. फिर कविता बेड पर आकर लेट गयी, तो उनका बॉस कविता की चूत को देखकर उसे चोदने के लिए उतावला हो रहा था. फिर बॉस ने कविता की दोनों टांगों को फैलाया और अपनी कविता की दोनों टांगो के बीच में आकर कविता की कमर के पास बैठ गया. फिर उसने कविता की चूत पर अपना लंड सटाया और कविता ने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को फैलाया.
फिर बॉस ने कविता की चूत पर अपना लंड रखने के बाद अपनी कमर को हल्का सा झटका मारा, तो कविता के मुँह से आहह की चीख निकली, लेकिन कविता की चूत में बॉस का लंड नहीं गया. फिर बॉस ने अपने मुँह से थोड़ा सा थूक निकाला और कविता की चूत को फैलाते हुए अपने थूक को कविता की चूत पर रगड़ दिया.
फिर बॉस ने अपने लंड को कविता की चूत पर रखकर पहले की अपेक्षा ज़्यादा ज़ोर से झटका लगाया, तो कविता पहले की अपेक्षा ज़ोर से चिल्लाई और कविता ने सरसों के तेल को लाने के लिए बोला. फिर बॉस किचन से सरसों का तेल का डब्बा लेकर जब कविता के रूम में गया, तो कविता की पोज़िशन को देखकर बॉस सेक्स करने के लिए बैचेन हो गया. फिर बॉस ने डब्बे से तेल निकाला और कविता की चूत को फैलाते हुए उसमें तेल लगाया और उसके बाद अपने लंड को तेल के डब्बे में डाल दिया और उसके बाद अपने लंड को कविता की चूत के ऊपर रखा और एक ज़ोर से झटका मारा, तो तब भी कविता की चूत में लंड नहीं गया.
फिर कविता ने अपनी चूत में बॉस के लंड को घुसाने के लिए बोला, तो बॉस ने कविता की जाँघो को और फैलाया. अब कविता की चूत का छेद बिल्कुल ही साफ दिख रहा था. फिर कविता ने बॉस को अपने लंड का टोपा उसकी चूत के छेद में डालने के लिए बोला. फिर बॉस ने अपने लंड के टोपे को कविता की चूत के छेद में डाल दिया.
बॉस ने कविता के दोनों हाथों को दीवार से लगी एक लकड़ी को ज़ोर से पकड़ने के लिए बोला, तो कविता ने उसे अपने हाथों से पकड़ लिया. फिर कविता ने बॉस को अपनी कमर को पकड़कर ज़ोर से झटका मारने के लिए बोला. फिर बॉस ने कविता की कमर को पकड़कर एक ज़ोर का झटका मारा, तो कविता की दर्द के मारे नईईईईईईईई की आवाज़ के साथ ज़ोर से चीख निकली. तो उसे सुनकर बॉस ने कविता का मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया.
फिर मैंने देखा कि कविता की चूत से ब्लडिंग होने लगी थी. फिर तभी कविता ने बॉस को उसकी चूत में धक्के लगाने के लिए बोल दिया. फिर बॉस ने कविता की कमर पर से अपने हाथ हटाते हुए अपने दोनों हाथों से कविता की दोनों चूचीयों को पकड़ लिया और अपनी कमर को हिलाना जारी रखा. अब कविता के मुँह से आह आह, उहह उऊहह, ओह ऊफफफफ्फ़, उईईईईईईइ माँ, आहहा की आवाजे निकल रही थी, जो उनके बॉस को और भी जोश में ला रही थी.
अब उधर बॉस उनकी चूत के अंदर और अंदर अपने लंड को ले जाने के लिए अपनी कमर से ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगा रहा था और कविता दर्द के मारे आआहहह, उईईईईईईइ माँ की आवाजे निकाल रही थी. फिर मैंने देखा कि कविता की चूत में उसके लंड का कुछ भाग अंदर चला गया था. अब कविता कुछ देर तक ज़ोर-ज़ोर से चीखने के बाद शांत होने लगी थी और मस्ती के साथ आहें भरने लगी थी.
फिर बॉस ने एक ज़ोर से झटका मारा तो कविता ने फिर से अपने हाथ को अपनी चूत तक ले जाकर उनके लंड को निकालना चाहा और ज़ोर से आआहह, आहह, उहह उऊहह, ओह ऊफफफफफफफ्फ़, आअहह, उईईईईईईइ माँ की आवाजे उसके हर एक झटके के साथ देते हुए अपने पूरे बदन को तोड़ते हुए अपना विरोध जताया.
फिर में वहाँ से हट गया, क्योंकि उस समय तक कविता की चूत में बॉस का 4 इंच लंड पूरा चला गया था. अब कविता को भी मज़ा आने लगा था, अब कविता भी पूरी मस्ती में दिख रही थी और अपनी मदमस्त भरी आवाज़ से मदहोश कर रही थी और आआहह, आहहआआआ करते हुए इस तरह से बोले जा रही थी. अब कविता अपने बॉस का 4 इंच का लंड अपनी चूत के अंदर लेने में सफल हो चुकी थी. अब कविता पूरी तरह से खुलकर अपने बॉस का पूरा सहयोग दे रही थी. फिर इस तरह से कविता ने अपनी जवानी को उस रात पूरी रात तक अपने बॉस के हवाले कर दिया और अपने प्रमोशन के लिए अपने रास्ते को आसान कर लिया.
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नौकरानी और ब्लू फिल्म

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और आज में आपको अपनी लाईफ का सबसे मस्त और ज़बरदस्त अनुभव बताने जा रहा हूँ. यह बात उन दिनों की है, जब में 10वीं क्लास में था और वंदना हमारे घर में काम करती थी. उसका रंग गोरा, फिगर साईज 36-24-36 के करीब था और वो जब काम करती थी तो वो अपना दुप्पटा उतारकर रख देती थी और जब वो नीचे की और होती, तो मुझे उसके बूब्स साफ-साफ़ नज़र आ जाते थे.
एक दिन पापा ने कहा कि हम सब मनाली घूमने जा रहे है, क्योंकि उन्हें फेमिली टूर पैकेज मिला था इसलिए वो सबको लेकर जाना चाहते थे, लेकिन मेरा मन उनके साथ जाने को नहीं कर रहा था, इसलिए मैंने कह दिया कि मुझे अपने दोस्तों के साथ टीचर्स के पास जाना इसलिए में उनके साथ नहीं जा सकता, तो पापा को बहुत बुरा लगा.
फिर मैंने अपनी दादी से कहा कि मेरी प्रोब्लम है, प्लीज आप पापा को समझा दो. फिर वो बोली कि कोई बात नहीं अगर नहीं जाना है तो मत जाओ, में तेरे पापा से कह दूंगी. फिर में बहुत खुश हो गया और अपने भाई के साथ खेलने चला गया. फिर दादी ने मेरे पापा को समझा दिया तो वो गुस्से में कहने लगे कि जब देखो अपनी मर्ज़ी करता रहता है, नहीं जाना तो मत जा भाड़ में जाए.
पापा जी ने टैक्सी बुक की और सोमवार को जाने का प्रोग्राम फिक्स कर दिया और मुझसे कहने लगे कि सारा दिन घूमते मत रहना कुछ पढ़ भी लेना, तो मैंने चुपचाप हाँ में अपना सिर हिला दिया. फिर सोमवार सुबह कोई 6 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि सब लोग उठ गये थे और जाने की तैयारी कर रहे थे, तो में भी उठकर उनकी मदद करने लगा. अब मेरे पापा बात-बात पर मुझ पर गुस्सा हो रहे थे.
अब मुझे बहुत बुरा लग रहा था, लेकिन में क्या कर सकता था? तो चुपचाप सुनता रहा और इतने में डोर बेल बजी, तो मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि टैक्सी ड्राईवर आ गया था. फिर मैंने पापा को बता दिया कि टैक्सी आ गई है, तो पापा ने कहा कि ठीक है ड्राइवर से कहो कि सामान रखे. फिर में ड्राइवर के साथ सामान रखने लगा.
लगभग 6:40 पर सब लोग घर से मनाली के लिए चले गये और जाते-जाते वंदना को मेरे लिए खाना बनाना कर देने की बोल गये. फिर उनके जाने के बाद में फिर से सोने लगा तो मुझे याद आया कि क्यों ना में ब्लू फिल्म ले आऊं? तो में यह सोचकर अपनी बाइक लेकर ब्लू फिल्म लेने अपने दोस्त के पास चला गया और वापस आकर वो फिल्म देखने लगा. अब मेरा दिल किसी को चोदने का कर रहा था, लेकिन मुझे खुद अपने हाथ से काम चलना पड़ा. फिर इतने में वंदना मेरे लिए नाश्ता ले आई, उसमें दूध, ब्रेड और आमलेट था.
फिर नाश्ता करने के बाद मैंने वंदना को घर की ड्यूप्लिकेट चाबी दी और कहा कि सफाई करो, में बाहर जा रहा हूँ, तो उसने हाँ में अपना सिर हिला दिया और में बाहर चला गया. फिर लगभग 11 बजे जब में वापस आया तो मैंने सोचा कि सफाई हो गई होगी, चलो जाकर सोते है और मैंने अपनी चाबी से डोर का लॉक खोला और अंदर आ गया और जैसे ही में लॉबी की लॉक खोलने लगा तो मुझे अंदर से टी.वी की आवाज़ आई, तो में डर गया कि शायद घर में कोई चोर है और में डर के मारे बाहर आ गया.
मैंने सोचा कि अगर घर में चोर होगा, तो वो टी.वी क्यों देखेगा? इसलिए में धीरे-धीरे से अंदर जाने लगा और फिर जब मैंने अपने रूम में देखा तो में हैरान हो गया, क्योंकि में जो ब्लू फिल्म बंद करके गया था, अब वो तो टी.वी पर चल रही थी. अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था आखिर हो क्या रहा है? फिर मैंने धीरे से अंदर देखा तो वंदना मेरे बेड पर लेटी ब्लू फिल्म देख रही थी.
फिर मुझे देखकर वो टी.वी बंद करने की कोशिश करने लगी, तो मैंने उससे पूछा कि यह सब क्या है? तो वो बोली कि चुदाई हो रही थी. फिर में उसके मुँह की तरफ देखने लगा कि वो क्या कह रही है? फिर मैंने कहा कि यह तो लड़को के लिए है. फिर वो बोली कि झूठ मेरे पास भी ऐसी 3-4 फिल्म है. फिर मैंने पूछा कि कभी चुदाई करवाई है क्या? तो वो बोली कि नहीं.
मैंने कहा कि मैंने भी आज तक कभी किसी को नहीं चोदा, तो वो हँसने लगी. फिर मैंने कहा कि मुझसे चुदाई करवाना चाहोगी क्या? तो वो शर्माकर जाने लगी, तो मैंने उसे पकड़ लिया और वो चुपचाप खड़ी हो गई.
मैंने कहा कि मेरे साथ सेक्स करना चाहोगी क्या? अब वो हँसने लगी थी. फिर मैंने सोचा कि शायद वो नहीं मानेगी, लेकिन में ग़लत था. तो उसने कहा कि कैसे? फिर मैंने उसे अपनी और खींच लिया और उसके लिप्स पर अपने लिप्स रखकर स्मूच करने लगा. पहले तो उसने मेरा कोई साथ नहीं दिया, लेकिन 2 मिनट के बाद उसने साथ देना शुरू कर दिया.
फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी कमीज़ के अंदर अपना हाथ डाल दिया और उसकी ब्रा के हुक खोलने लगा, तो वो बोली कि साले पहले कमीज़ तो उतार दे. फिर मैंने उसकी कमीज़ उतार दी, उसने सफ़ेद कलर की ब्रा पहनी थी, जो कि उसके रंग के साथ काफ़ी मैच कर रही थी. फिर में उसके सलवार को खोलने लगा तो उसने अंदर पेंटी पहनी थी और उसकी चूत पर बाल थे.
मैंने उसे बेड पर सीधा लेटा दिया और उसके सफ़ेद मिल्की बूब्स को चूसने लगा. फिर उसने अपना एक हाथ मेरी पेंट में डाल दिया और कहने लगी कि बहनचोद इसे बाहर तो निकाल, देखूं तो सही कितना बड़ा है?
मैंने कहा कि मुँह में लोगी क्या? तो उसने कहा कि तू मेरी चूत चाट, में तेरा लंड चूसूंगी, तो में मान गया और फिर हम दोनों 69 पोजिशन में आ गये. फिर मैंने कहा कि चल अब तेरी चूत में अपना लंड डालता हूँ, तो वो बोली तेल तो लगा ले वरना बहुत दर्द होगा.
फिर में तेल लेकर आया और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगा लिया, उसकी बालों से भरी चूत बहुत टाईट थी. फिर दोस्तों इसके आगे मैंने वंदना को खूब चोदा और उसने भी चुदाई का पूरा मजा लिया.
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टेलीफोन ऑपरेटर का प्रमोशनटेलीफोन ऑपरेटर का प्रमोशन

हैल्लो दोस्तों, में दीपक और में एक सरकारी दफ़्तर में ऑफिसर हूँ और एक बार मेरा तबादला कुछ महीनों के लिए उतरप्रदेश के एक शहर में हुआ था. अब वहाँ जाते ही में पहले तो 2-3 दिन होटल में रहा और फिर मेरे सहकर्मी ने बातचीत करके हमारी टेलिफोन ऑपरेटर के घर में रहने का इंतजाम कर दिया.
हमारी टेलिफोन ऑपरेटर का नाम सुनीता था, वो दिल्ली से ट्रान्सफर होकर आई थी. उसकी उम्र 28 साल, बदन एकदम स्लिम, रंग गोरा, बाल एकदम काले और आखें भूरी थी और वो काफ़ी सेक्सी महिला थी. मुझे हमेशा उसकी आँखे वासना से भरी हुई लगती थी और उसकी शादी 4 साल पहले ही हुई है, लेकिन उसके कोई औलाद नहीं थी, उसका पति बैंक में बाबू था.
सुनीता को प्रमोशन चाहिए था, इसलिए वो मुझे बहुत मस्का लगाती थी ताकि में उसकी सिफारिश करके उसका प्रमोशन करा दूँ और उसका पति भी जब हम घर पर होते थे तो मेरी खूब खातिरदारी करता था और मुझसे कहता था कि में सुनीता का प्रमोशन करवा दूँ, तो में कहता था कि में पूरी कोशिश करूँगा.
फिर मैंने उसके घर रहते हुए महसूस किया कि सुनीता की सेक्स लाईफ अच्छी नहीं है, इसलिए वो कई बार मुझे जानबूझ कर अपनी चूचियों का दीदार कराती थी और मेरे सामने मटक-मटककर सेक्सी अदा से इतरा इतरा कर चलती थी. उस दिन शुक्रवार था और उसका पति एक हफ्ते के लिए दिल्ली ट्रैनिंग के लिए गया था.
अब शाम को जब हम दोनों सुनीता और में ऑफिस से घर लौट रहे थे, तो तब मैंने सुनीता से कहा कि हम दोनों ही घर पर है तो खाना मत बनाना, में होटल से खाना मंगा लूँगा. फिर वो बोली कि ठीक है और फिर रास्ते में मैंने विस्की की बोतल खरीदी और घर आकर फ्रेश होकर में विस्की का पैग पीने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद सुनीता भी फ्रेश होकर मेरे कमरे में आकर बैठ गयी और बातें करने लगी. फिर मैंने बातें करते वक़्त महसूस किया कि वो बहुत ही कामुक हो रही थी कि इतने में होटल से खाना भी आ गया और अब हम दोनों खाना खाते-खाते बातें कर रहे थे.
अब वो जब भी झुककर मुझे सब्जी या रोटी देती थी, तो मुझे उसकी चूचियों के दर्शन होते थे, क्योंकि उसने ढीली नाईटी पहनी थी. फिर मैंने अचानक से सुनीता से पूछा कि सुनीता में कई दिनों से देख रहा हूँ कि तुम दिन प्रति दिन सेक्सी लगती हो, तुम्हारी सेक्स लाईफ कैसी है? तो वो बोली कि क्या दीपक जी में बहुत ही सेक्सी हूँ? मेरे पति 10-15 दिनों में केवल एक बार ही शारीरिक संबंध बनाते है और बहुत ही जल्दी खल्लास हो जाते है, जिससे मेरी सेक्स की भूख नहीं मिट पाती और मेरी इच्छा बरकरार रहती है. ख़ैर फिर में खाना खाकर अपने कमरे में चला आया.
फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरे कमरे में आई और बोली कि दीपक जी मुझे नींद नहीं आ रही है, इसलिए में आपके पास चली आई. फिर हम बातें करते हुए मज़ाक भी करने लगे. अब में मज़ाक के मूड में था तो मैंने कहा कि मुझे भी नींद नहीं आ रही है, चलो अच्छा है तुम्हारा साथ रहेगा और उठकर टेबल के पास गया, तो वहाँ पर केले रखे थे तो मैंने पूछा कि सुनीता जी केले चाहिए? बहुत ही लंबे और मोटे केले है.
फिर वो मुस्कुराते हुए बोली कि पहले अपने केले तो दिखाओ. फिर में उसके पास चला आया और उसको एक बहुत बड़ा केला दिखाते हुए कहा कि सुनीता जी आप ये केला ले लो, ये बहुत ही अच्छा है, आपको मज़ा आ जाएगा. फिर वो भी मुस्कुराते हुए सेक्सी अंदाज़ में बोली कि ये केला तो नर्म है और मुझे तो एकदम कड़क और बड़ा केला चाहिए. फिर मैंने उसे दूसरा केला दिखाते हुए कहा कि तो ये ले लो. फिर वो आँख मारते हुए बोली कि मुझे कोई अच्छा सा केला चाहिए.
में सुनीता के पास आकर सोफे पर बैठ गया और अब मेरा लंड मेरी अंडरवियर के अंदर उछल कूद मचा रहा था और सुनीता की नजरे उस पर जमी हुई थी. फिर उसने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा कि तुमने तो वहाँ पर एक खास केला छुपाकर रखा है, उसे नहीं दिखाओगे? तो में बोला कि आप मज़ाक कर रही है. फिर वो बोली कि में मज़ाक नहीं कर रही हूँ. तब में बोला कि सुनीता जी यह आपके लायक नहीं है, ये बहुत ही बड़ा है. फिर वो बोली कि यह तो और भी अच्छी बात है, मुझे तो बड़ा केला ही चाहिए.
फिर मैंने शरमाते हुए अपना लंड अंडरवियर से बाहर निकाला और बोला कि देख लो. फिर वो अपना सर झुकाकर बोली कि मुझे तुम्हारा केला पसंद है, मुझे यही केला चाहिए. फिर में बोला कि इससे तुम्हें बहुत दर्द होगा. फिर वो बोली कि बाद में मज़ा भी तो आएगा. फिर में बोला कि हाँ मज़ा तो बहुत आएगा, लेकिन ये केला खाने से आपकी फट सकती है. तब वो मुस्कुराते हुए बोली कि में तो बहुत दिनों से ऐसा ही केला खोज रही थी.
मैंने बोला कि आप सोच लो में इस केले का मज़ा आपको देने के लिए तैयार हूँ, आगे आपकी मर्ज़ी. अब सुनीता के बदन में मेरे लंड को देखकर आग सी लग उठी थी. फिर अचानक से सुनीता ने मेरा लंड अपने हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर के बाद मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
फिर मैंने सुनीता से कहा कि अगर आप कहे तो में आपकी चूत को अपनी जीभ से चाट लूँ. फिर वो बोली कि तब तो और मज़ा आएगा, ऐसा करो में लेट जाती हूँ और तुम मेरे ऊपर आ जाओ. फिर वो लेट गयी और में उसके ऊपर 69 की पोज़िशन में हो गया, तो उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और में उसकी चूत को चाटने लगा.
जैसे ही मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगाई, तो उसके बदन में सुरसुरी सी होने लगी और वो सिसकारियाँ भरते हुए मेरे लंड को तेज़ी के साथ चूसने लगी.
फिर कुछ ही मिनटों में उसकी चूत फड़फडाते हुए पानी छोड़ने लगी और अब वो बड़े ही प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी. फिर मैंने बोला कि सुनीता जी आपकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी है, अगर आप कहे तो अब में आपकी चुदाई करूँ. फिर वो बोली कि दीपक थोड़ी देर तक मेरी चूत को और चाटो, आज तक किसी ने मेरी चूत नहीं चाटी है, में शादी से पहले अपनी एक सहेली से अपनी चूत चटवा-चटवाकर खुजली मिटाती थी. अब में फिर से उसकी चूत को चाटने लगा तो 5 मिनट के बाद वो फिर से झड़ गयी.
फिर वो बोली कि दीपक अब तुम मेरी चुदाई शुरू करो. अब में उसकी टाँगों के बीच में आ गया और उसके चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए, जिससे उसकी चूत एकदम ऊपर उठ गयी.
फिर उसके बाद मैंने अपने लंड के सुपाड़े पर ढेर सारा अपना थूक लगाकर उसकी चूत की फांको को फैलाकर बीच में रख दिया और बोला कि देखो अब मेरा ये लंबा और मोटा लंड पूरा का पूरा आपकी चूत में आसानी से घुस जाएगा और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के अंदर दबाना शुरू कर दिया. अब मेरा लंड उसकी कसी हुई चूत को चीरता हुआ उसकी चूत में घुसने लगा. अब उसे हल्का-हल्का दर्द होने लगा था.
जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में लगभग आधा घुसा तो सुनीता को बहुत ज़्यादा दर्द महसूस होने लगा और उसके मुँह चीख निकलने लगी. फिर में उसके चेहरे पर असहनीय दर्द को देखते हुए बोला कि बस थोड़ा सा सहन कर लो, अभी ये आपकी चूत में पूरा का पूरा बड़े आसानी से घुस जाएगा और मैंने अपना लंड दबाना जारी रखा.
अब दर्द के मारे उसका बुरा हाल था और इधर वो दर्द के मारे चिला रही थी, दीपक उूउउफफफफ्फ धीरे उूउउइईईईईईईई माँ में मर गयी और उधर मैंने एक जोरदार धक्का लगाकर मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया. अब उसका पूरा बदन थर-थर काँपने लगा था और फिर उसने मुझसे रुक जाने को कहा, तो में रुक गया और उसके होंठो को चूसता हुआ उसकी चूचियों को मसलने लगा.
फिर थोड़ी देर के बाद जब उसका दर्द कुछ कम हो गया तो उसने कहा कि अब तुम बहुत ही धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में अंदर बाहर करो. अब में अपना लंड उसकी चूत में धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा था कि कुछ ही मिनटो में मुझे उसकी चूत की सिकुड़न महसूस हुई. अब में समझ गया कि वो झड़ रही है और अब हम दोनों का पूरा बदन पसीने से नहा गया था.
फिर में 5 मिनट तक बहुत ही धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में अंदर बाहर करता रहा. अब उसकी चूत झड़ने के कारण काफ़ी गीली हो चुकी थी और अब मेरा लंड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था. अब उसका दर्द भी कुछ कम हो चुका था और उसे भी मज़ा आने लगा था.
फिर वो सिसकारियाँ लेते हुए बोली कि चोदो दीपक और चोदो, कस-कसकर चोदो मुझे, उफफफ्फ़ कई दिनों के बाद मेरी इस चूत की प्यास बुझी है और इस तरह की बातें करते-करते वो फिर से एक बार और झड़ गयी. अब मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और ज़ोर-ज़ोर के धक्के लगाने लगा था. अब वो भी अपने चूतड़ उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी और बोली कि दीपक अब मुझे एकदम ज़न्नत का मज़ा मिल रहा है, जो कि मुझे आज तक कभी नहीं मिला था.
अब में जोश में आकर उसकी चूचियों को मसलते हुए उसकी चुदाई कर रहा था. फिर कुछ ही मिनटों में वो तीसरी बार झड़ी तो मेरे लंड राज ने भी उसकी चूत में अपना लंड रस डाल दिया. फिर मैंने बेड की चादर से उसकी चूत को साफ कर दिया और फिर अपने लंड को साफ करने लगा. उस रात मैंने उसकी 3-4 बार जमकर चुदाई की. अब वो बहुत खुश थी और में भी बहुत खुश था और उसके पति के आने से पहले मैंने सिफारिश करके उसका प्रमोशन करवा दिया था, इसलिए वो उसके पति के होते हुए भी रात को छुपकर मेरे कमरे में आकर चुदवाती थी.
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ऑफिस वाली को कार में चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और में फिर से आपके लिए एक नई कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों में आगरा का रहने वाला हूँ, नॉर्मल बॉडी और लंड साईज 6 इंच लम्बा और अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ.
ये कहानी तब की है जब में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता था. वहाँ वैसे तो काफ़ी लोग थे, लेकिन एक लड़की थी शालू, जो ज़ीरो फिगर की और काफ़ी स्वीट थी. पहले तो हम सब ऐसे ही बात करते थे, लेकिन हमें महीने के आखरी पर काम की देखभाल के लिए जाना होता था तो पूरा स्टाफ दो दिन तक कार में ट्रेवल करता और शालू अक्सर मेरी कार में बैठी और लास्ट में में उसे उसके घर छोड़ देता था.
फिर एक दिन मैंने उससे ऐसे ही पूछा कि ड्राइव पर चले, तो उसने हाँ कर दी. अब में तो मन ही मन खुश हो गया और सोचने लगा कि आज प्रपोज भी कर दूँ. फिर हम ड्राइव से लौट रहे तो मैंने उससे बोला कि आई लव यू शालू, तो उसने हाँ बोला और अब में बहुत खुश था.
मैंने उससे कहा कि क्या में तुम्हें किस कर सकता हूँ? तो वो बोली कि रोड़ पर नहीं कोई देख लेगा. फिर वहाँ पर एक इंडस्ट्रियल एरिया था, तो मैंने वहाँ पर कुछ ट्राई किया तो मैंने देखा कि वहाँ एक गली काफ़ी सुनसान थी. उस दिन रविवार था तो सारी फेक्ट्रियां बंद थी और थोड़ा अँधेरा भी हो गया था, तो मैंने कार वहाँ लगाई और उसे किस करने लगा. अब पहले तो वो मेरा साथ नहीं दे रही थी कि कोई आ जाएगा और देख लेगा, लेकिन फिर वो भी शुरू हुई और मेरा सपोर्ट करने लगी. फिर हम कार की पीछे वाली सीट पर आए और एक दूसरे को किस करते रहे.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट के बटन खोल दिए, तो मुझे उसकी पिंक कलर की ब्रा में उसके बूब्स दिखने लगे, जो काफ़ी गोल और गोरे से दिख रहे थे. अब मुझे और जोश आ गया था और उसका फिगर साईज 32-30-34 था, जो मुझे बाद में पता चला था. फिर में उसके बूब्स पर ऊपर से ही किस करने लगा और हल्का-हल्का काट भी देता था. उसके बूब्स पर एक तिल था, जिससे वो और भी सुंदर लग रही थी. अब वो ओह आ आ कर रही थी.
फिर मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसके पिंक निपल को चूसने लगा था. अब में कभी सक करता तो कभी उसके निप्पल को दाँत से काटने लगता. अब वो मेरे सिर को अपने हाथ से दबा रही थी और धीरे-धीरे मौन भी कर रही थी.
फिर धीरे-धीरे उसने भी अपना हाथ मेरी जीन्स में डाल दिया और मेरे लंड को टच करने लगी. अब वो तो जैसे फुल जोश में उसका स्वागत कर रहा था. फिर मैंने भी उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और उसने मैचिंग की पेंटी पहनी थी. फिर मैंने उसकी जीन्स और पेंटी एक साथ नीचे कर दी और अब मुझे उसकी हल्के-हल्के बालों वाली चूत दिख रही थी. फिर मैंने उसकी चूत पर किस किया और फिर उसे चूसने लगा, तो वो ज़ोर-ज़ोर से श आ ऊओह आ करने लगी.
अब वो अपने हाथ से मेरा सिर दबा रही थी और मुझे ऊपर नहीं होने दे रही थी. अब उसे काफ़ी मज़ा आ रहा था. फिर हम 69 की पोजिशन में आ गये. अब वो मेरा पूरा लंड लॉलीपोप के जैसे चूस रही थी और साथ में ऊहह अया भी कर रही थी. फिर उसने अपने पर्स से एक चोकलेट निकाली, जो काफ़ी पिघली हुई थी और मेरे लंड पर लगाकर उसे चूसने लगी.
अब मुझे भी काफ़ी मज़ा आने लगा था और में भी उसकी चूत पर चॉकलेट लगाकर अपनी जीभ से चाट रहा था तो कभी काट रहा था. जिससे वो काफ़ी मजे कर रही थी और फिर हम दोनों 15 मिनट के बाद एक साथ झड़ गये और एक दूसरे को किस करने लगे. फिर 5 मिनट के बाद मैंने उसे अपनी गोदी में बैठाया और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके धीरे-धीरे उसे अपने लंड पर बैठाने लगा और हल्के-हल्के झटके मारने लगा.
अब 2-3 झटको में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया था. अब वो खुद धीरे-धीरे झटके मार रही थी और अब उसे दर्द भी हो रहा था और उसकी चूत से हल्का-हल्का खून भी आ रहा था. अब वो खून देखकर मुझे मना करने लगी, लेकिन कार में इतनी जगह नहीं होती है कि वो उठ पाती.
अब में नीचे से हल्के-हल्के झटके मारता रहा और वो दर्द में ऐसे ही बैठी रही और में नीचे से झटके मारता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देती हुई श आ ओह हाँ करती रही. अब वो कभी मेरी गर्दन पर किस करती तो कभी काट देती.
फिर 15-20 मिनट के बाद वो झड़ गयी, लेकिन में ऐसे ही झटके मारता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद में भी उसकी चूत में ही झड़ गया और फिर हमने अपने कपड़े ठीक किए और वहाँ निकलने लगे कि हमें वहाँ एक चोकीदार ने पकड़ लिया, लेकिन उसे पता नहीं था कि वहाँ हमने सेक्स किया है. फिर मैंने उसे समझाया और थोड़े से पैसे दिए तब उसने हमें वहाँ से जाने दिया.
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तलाकशुदा बॉस के साथ चुदाई

हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी पढ़ने वालों को अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी सुनाने जा रही हूँ. यह मेरी चुदाई मेरे बॉस ने की और मैंने भी उनका पूरा पूरा साथ दिया और उनके साथ बहुत मज़े किए मैंने उनको अपनी बातों में और अपने सेक्सी गदराए बदन का अंग प्रदर्शन करके उन्हें अपनी तरफ पूरी तरह से आकर्षित किया जिसकी वजह से वो मेरी चुदाई करने पर मजबूर हो गए और मुझे उनका लंड मिल गया और उनको मेरी मचलती हुई चूत और हम दोनों बहुत खुश हुए और अब में आप लोगों का ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए सीधे अपनी आज की कहानी की तरफ बढ़ती हूँ. दोस्तों उस समय में अपने पति के साथ अमेरिका में रहती थी, लेकिन दोस्तों मेरी रूचि शुरू से ही चुदाई करने में रही है. मुझे अपनी चुदाई करवाना बहुत अच्छा लगता था और मैंने अपने पति के साथ हमेशा अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए थे, लेकिन दोस्तों जब से हम दोनों पति, पत्नी अमेरिका आए है हमने एक बार भी चुदाई का खेल नहीं खेला.
में अपने पति से पूरी तरह से संतुष्ट होकर बहुत समय पहले चुदी थी, लेकिन फिर भी मेरे पति का मुझ पर अब ज्यादा ध्यान नहीं था और वो अब मेरी चुदाई करने में इतनी ज्यादा रूचि नहीं रखते थे. मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि उन्हें ऐसा क्या हो गया था और वो जब कभी मुझे चोदते तो ज्यादा से ज्यादा दो पांच मिनट में ही मुझसे दूर हो जाते और में हमेशा प्यासी तड़पती हुई रह जाती. उन्होंने मुझे कभी भी पूरी तरह से संतुष्ट नहीं किया इसलिए में उस बात को लेकर मन ही मन बहुत चिंतित और थोड़ा सा उदास रहने लगी थी. मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता था.
फिर एक दिन मुझे एक ऑफर आया अपने पति की कंपनी में काम करने का तो मैंने बिना कुछ सोचे समझे तुरंत हाँ कर दिया. वहां पर मुझे एक चपरासी का काम मिला था जिसमे फाईल बनानी होती है और अपने बॉस को वो अपना काम दिखाकर उसको आगे भेजनी होती है. फिर मैंने अगले ही दिन से ही अपने ऑफिस में जाना शुरू कर दिया था.
में अपनी उस नौकरी से बहुत खुश थी क्योंकि उस नौकरी की वजह से अब मेरा मन भी लगा रहेगा वरना में अकेली घर पर रहकर बहुत बोर भी होने लगी थी. दोस्तों वहाँ पर औरतों के कपड़ो का कलर एक जैसा और वो हमेशा स्कर्ट और शर्ट और साड़ी भी पहनना होता था. फिर मैंने पहले दिन पीछे से पूरी खुली हुई साड़ी पहनने के बारे में सोचा और मैंने बहुत अच्छे से मेकअप किया और लाल कलर की लिपस्टिक और आउटलाईन लगाई. मेरे पति को कोई जरूरी काम था इसलिए वो मुझसे पहले ही चले गए थे.
मैंने अपने बाल खुले रखे हुए थे और एक ज्यादा गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था, जिसमें से मेरे बूब्स की लाइन साफ साफ दिख रही थी और में बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर में करीब एक घंटे के बाद अपने ऑफिस गई. मेरे पति का टेबल नंबर 6th मंजिल पर था और मेरा 13th पर था मैंने सारा दिन काम किया और बहुत थक गई थी. फिर में अपनी कुछ फाईल लेकर जब अपने बॉस के कमरे में चली गई तो दोस्तों उसके बाद में वो सब कुछ देखकर बहुत चकित थी कि वो अपनी पत्नी को ना जाने किस बात के लिए डांट रहे थे और वो उनको तलाक देने की भी बातें कर रहे थे उनकी यह लड़ाई झगड़ा कुछ देर ऐसे ही चलता रहा और करीब पांच मिनट के बाद वो वहां से चली गई.
मैंने उन्हें जाते हुए देखा और फिर में उनके बाहर निकलते ही अंदर चली गई. मैंने खुद का अपने बॉस से परिचय करवाया और फिर हम दोनों ने करीब 15 मिनट तक इधर उधर की बातें की. दोस्तों वो बहुत ही मजाकिया किस्म के आदमी थे और उन्होंने मुझसे बहुत मजाक किया और मुझे बहुत बार हंसाया, लेकिन मुझे उनके साथ अपना समय बिताकर बहुत अच्छा लगा और वो मेरा पहला दिन बहुत अच्छा गुजरा.
वो सभी बातें मैंने अपने घर पर आने के बाद अपनी पति के साथ खाना खाते समय उनको भी बताई, लेकिन उन्होंने मेरी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और वो खाना खाकर सोने चले गए और में भी अपने कामो से फ्री होकर बेड पर जा लेटी और कुछ देर अपने बॉस के बारे में सोचती रही और ना जाने कब मुझे नींद आ गई.
उसके अगले दिन में जल्दी से उठकर अपने सभी कामों को करने के बाद नहाकर तैयार हो गई और मैंने उस दिन स्कर्ट और एक गुलाबी कलर की टी-शर्ट जिसके मैंने खुद जानबूझ कर ऊपर के दो बटन खोल लिए, जिसकी वजह से मेरे बड़े आकार के बूब्स बिल्कुल साफ साफ दिखाई दे रहे थे, जिसको देखकर कोई भी मेरी तरफ आकर्षित हो जाए क्योंकि में दिखने में बहुत गोरी, सुंदर मेरे बड़े आकार के सुंदर बूब्स और मटकती हुई गांड, सेक्सी गदराया हुआ बदन किसी को भी मुझे चोदने पर मजबूर कर सकता है.
फिर में सजधजकर अपने ऑफिस चली गई. सच पूछो तो दोस्तों में उस दिन बहुत खुश थी, क्योंकि मुझे मेरे बॉस का व्यहवार बहुत अच्छा लगा, जिसकी वजह से मेरा मन भी लगने लगा था और फिर में अपना काम करने लगी.
फिर तभी कुछ देर बाद मुझे मेरे बॉस ने अपने केबिन में बुलाया और उन्होंने मुझसे कल कि कुछ फाईल माँगी और जब में उनके पास वो फाइल्स लेकर पहुंची तो वो मुझे अपनी खा जाने वाली नजरों से लगातार घूरकर देखने लगे थे, उनकी नजर मेरी छाती से हटने को तैयार ही नहीं थी.
फिर जब में अपना काम करने के बाद वापस जाने लगी तो मैंने देखा कि वो मेरे बूब्स को बहुत ध्यान से घूर घूरकर देख रहे है और उनकी नजरे मेरे सेक्सी बदन पर ही टिकी हुई थी इसलिए में भी जानबूझ कर उन्हें हल्की सी स्माइल देकर बाहर चली आई.
तभी कुछ देर के बाद मेरे साथ की एक मेडम ने मुझे अपने पास बुलाया और फिर हम दोनों बातें करने लगे तब मैंने उनसे मेरे बॉस के बारे में पूछा तब उसने मुझे बताया कि उसका तलाक हो चुका है और उसकी पत्नी आज भी उससे पैसे लेने के लिए यहाँ पर आती है. तलाक होने के बाद से वो अब तक बिल्कुल अकेला ही है और तब में वो सारा माझरा समझ गई कि उस दिन वो सब मेरे बॉस और उनकी पत्नी के बीच क्या सब चल रहा था? और फिर जब में दोबारा अपने बॉस के रूम में गई तो में उनसे बहुत हंस हंसकर बातें करने लगी और अब में अपने बॉस के अकेलेपन उनकी कमजोरी का फायदा उठाना चाहती थी, क्योंकि ऐसा करने में मेरा भी बहुत बड़ा फायदा था इसलिए में मन ही मन वो सब सोचकर बहुत खुश थी.
फिर उस दिन हमारे बीच बहुत देर तक हंसी मजाक चलता रहा और तभी अचानक से मैंने जानबूझ कर अपने पेन को नीचे गिरा दिया जिसको उठाने के लिए में उसके सामने झुक गई और जिसकी वजह से मेरे दोनों बूब्स बाहर की तरफ झूलने लटकने लगे थे और अब में उसे अपने बूब्स को दिखाकर अपनी तरफ आकर्षित करने लगी थी और वो अब मेरे सेक्सी जिस्म का नज़ारा देखकर मुझ पर लट्टू होने लगे थे, लेकिन में कुछ देर बाद उनकी तरफ मुस्कुराकर उन्हें अपनी तरफ से हरी झंडी दिखाकर तुरंत बाहर चली आई.
फिर उस दिन शाम को मैंने अपने पति को एक के साथ गे सेक्स करते हुए मेरे ऑफिस के एक खाली रूम में रंगे हाथों पकड़ा और फिर में वो सब देखकर बहुत उदास होकर अपनी जगह पर आकर रोने लगी. तब तक ऑफिस के सभी लोग अपने अपने घर पर वहाँ से जा चुके थे और वहां पर बस में अकेली बैठी रो रही थी.
मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि में अब क्या करूं? फिर कुछ देर बाद मेरे बॉस ने अपने केबिन से बाहर निकलने के बाद मुझे रोता हुआ बहुत उदास देखा तो वो मुझसे पूछने लगे कि ऐसा क्या हुआ जो में रोने लगी? क्या मुझे किसी ने कुछ कहा है? तुम मुझे अपनी समस्या बता सकती हो में उसका जरुर कोई ना कोई समाधान निकाल दूंगा. फिर मैंने उन्हे वो सब कुछ सच सच बता दिया जो मैंने अपनी आखों से अपनी पति को कुछ देर पहले करते हुए देखा था. वो मेरी बात को एकदम चुपचाप बहुत ध्यान से सुनते रहे और में अपनी बात को खत्म करके एक बार फिर से ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी. फिर उन्होंने मुझे दिलासा दिया और मुझे चुप करवाया और कुछ देर बाद में वहां से चली गई, लेकिन मैंने अभी तक अपने पति से कुछ भी नहीं पूछा और में चुपचाप अपने बेड पर जाकर सो गई.
फिर उसके अगले दिन क्रिस्मस था तो उसी शाम को एक पार्टी थी जिसमें हर एक जोड़े का डांस था, लेकिन हर एक मिनट के बाद जोड़े बदलते है और डांस करने वाले सब लोग अपनी जगह भी बदलते है.
उस दिन मैंने काली कलर की साड़ी जिसका ब्लाउज पीछे से पूरा खुला हुआ था वो पहना था. फिर सबसे पहले तो हमने खाना खाया तभी मेरे बॉस आ गए और मेरे पति का पता नहीं था कि वो कहाँ चला गया था इसलिए बॉस और मैंने एक साथ में बैठकर खाना खाया वो पार्टी 9 बजे से थी और अभी हमारे पास पूरा एक घंटा पड़ा हुआ था. तो हम दोनों कार में घूमने चले गये. मुझे उनके साथ बहुत मजा आया और में उनके साथ बहुत खुश थी और एक पल के लिए तो मुझे ऐसा लगने लगा था कि बस यही मेरा पति है और वो मन ही मन मुझे अच्छे लगने लगे थे.
फिर हम कुछ देर बाद पार्टी में पहुंच गये और मुझे मेरा पति वहीं पर मिला और अब डांस पार्टी शुरू हुई. हम सभी डांस करने लगे और अब मेरी नज़रें उस भीड़ में बस मेरे बॉस को ही ढूंड रही थी.
में डांस करते समय भी लगातार इधर उधर देखती रही तभी कुछ ही देर बाद जोड़े बदल गए और मैंने देखा कि उस समय मेरे सामने मेरे बॉस आ गये और फिर मैंने बहुत खुश होकर तुरंत अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और उन्होंने झट से उसे पकड़ लिया और अब उनका एक हाथ मेरी गोरी, पतली, नाजुक कमर पर था जो कि धीरे धीरे नीचे सरक रहा था, लेकिन मैंने उनसे कुछ ना कहा और हमारी सांसे एक दूसरे से टकरा रही थी मेरे बड़े आकार के गोरे लटकते हुए बूब्स उनकी छाती से दब रहे थे और में उस समय पूरी तरह मधहोश होकर उनकी बाहों में झूल रही थी.
में उस समय कोई दूसरी दुनिया में थी और करीब 15 मिनट के बाद हम दोनों ना चाहते हुए भी एक दूसरे से अलग हो गये और अब हम ड्रिंक पीने लगे और फिर उसके बाद हम एक दूसरे से बाय कहकर जा रहे थे कि तभी हमारी कार अचानक से खराब हो गई और अब बारिश भी आने लगी थी.
फिर बॉस ने हमे देख लिया और वो हमसे कहने लगे कि में तुम्हे छोड़ देता हूँ. फिर मेरे पति ने उनसे हाँ कहा और फिर हम चले गये. अपने घर पर पहुंचने के बाद जब हमने उनसे बाय कहा तो जब मेरे बॉस जा रहे थे और तभी मेरे पति ने देख लिया कि वो पूरे भीगे पड़े थे तो मेरे पति ने उनको रुकने के लिए कहा और मैंने उनकी तरफ एक शरारत भरी हल्की सी स्माइल दे दी और वो मान गये.
फिर मेरे पति ने उन्हे उनका रूम दिखाया और फिर उनको पहनने के लिए अपना एक लोवर दे दिया फिर हम सब सो गये. फिर करीब रात को एक बजे में उठी तो मुझे किसी के बातें करने की आवाज़ आई. में उठी और में कम्बल देने अपने बॉस के कमरे में चली गई. में उस समय मेक्सी में थी और मैंने देखा कि मेरे पति से मेरे बॉस बातें कर रहे थे, तो मैंने उन्हे कम्बल दे दिया और में अपने कमरे में आकर सो गई.
दोस्तों उसके अगले दिन वो सुबह जल्दी उठकर हमारे साथ चाय पीकर चले गए और फिर दो दिन बाद उनका जन्मदिन था इसलिए उन्होंने अपने जन्मदिन की एक छोटी सी पार्टी रखी थी, लेकिन उस समय मेरे पति दो दिन के लिए बाहर कहीं एक शादी में गये हुए थे. फिर मेरे ऑफिस में पार्टी के खत्म करने के बाद उन्होंने मुझे उनके घर पर आने के लिए कहा और मैंने भी उन्हे तुरंत हाँ कर दिया. फिर शाम को करीब 6 बजे में एक गुलाबी कलर की साड़ी गहरे गले का ब्लाउज पहनकर गुलाबी कलर की लिपस्टिक और ऊँची हील्स पहनकर उनके घर पर सज धजकर मटकती हुई चली गई उन्होंने मन से मेरा स्वागत किया और अपने जन्मदिन का केक काटा हम दोनों उस समय घर पर बिल्कुल अकेले थे.
फिर हम दोनों ने कुछ देर बाद ड्रिंक करना शुरू किया, लेकिन कुछ देर बाद वो मुझसे बोले कि अब हम फिल्म देखते है और मैंने भी उनसे हाँ कह दिया. उन्होंने रागिनी एमएमएस 2 लगा दी और में तो उसे देखकर अब धीरे धीरे गरम हो रही थी और में अब तक दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उससे मुझे मेरे घर पर छोड़ने के लिए कहा तो हम दोनों बस से चले गये, वो बस पूरी तरह भरी हुई थी और उसमे बहुत भीड़भाड़ थी और वो ठीक मेरे पीछे खड़े थे मेरी गांड से बिल्कुल चिपककर और वो मेरी गांड में अपना लंड डालने की कोशिश कर रहे थे और में भी पूरे जोश में आकर मज़े लेते हुए पीछे की तरफ झटके मार रही थी.
फिर मैंने कुछ देर बाद उनकी तरफ अपना चेहरा कर लिया और अब हम दोनों बहुत हंस हंसकर बातें करने लगे थे तभी अचानक से एक ज़ोर का ब्रेक लगा और उनके होंठ मेरे होंठ से टकराए मेरे बूब्स उनकी छाती से चिपक गये और उनका लंड मेरी चूत में धँस गया. हम फिर अलग हुए और घर पर पहुंच गये. अब में उन्हें सोफे पर बैठाकर चाय बनाने किचन में चली गई, लेकिन वो भी मेरे पीछे आ गये और अब वो मुझसे उन सभी हरकतों के लिए सॉरी कहने लगे.
मैंने उनकी तरफ स्माइल करते हुए उनसे कहा कि वो जो भी था बहुत अच्छा था और जो मुझे चुभ रहा था वो भी, बस इतना कहने की देर थी कि उन्होंने आगे बढ़कर तुरंत मुझे पकड़ लिया और वो अब मेरे नरम गुलाबी होंठो पर किस करने लगे थे और उन्होंने मुझे वहीं उस पट्टी पर बैठा दिया और अब वो मेरे होंठो को चूसने लगे और ज़ोर ज़ोर से मेरे बूब्स को दबाने लगे थे और में जोश में आकर लगातार सिसकियाँ ले रही थी.
कुछ देर बाद मैंने उनको रूम में जाने के लिए कहा तो उन्होंने मुझे ऐसे ही अपनी गोद में उठा लिया और वो मुझे मेरे बेडरूम में ले गए और उन्होंने बेड पर पटक दिया और अब उन्होंने जल्दी से मेरे सारे कपड़े उतार दिए और वो खुद भी मेरे सामने पूरे नंगे हो गये. उसके बाद वो मेरी चूत को चाटने लगे, जिसकी वजह से में आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया. सिसकियाँ लेने लगी और में तो जैसे उस समय सातवें आसमान में थी.
फिर करीब बीस मिनट के बाद में झड़ गई और मेरा पूरा शरीर बेजान सा हो गया, लेकिन मेरी चूत अपना काम लगातार करती रही और वो मेरी चूत से निकला मेरा पानी भी पी गये. उसके बाद अब उन्होंने मुझे अपना लंड चूसने के लिए कहा और में बहुत खुश होकर उनका लंड चूसने लगी, वाह दोस्तों उनका कितना लंबा और मोटा लंड था, लेकिन कुछ देर चूसने के बाद उन्होंने मुझे नीचे लेटा दिया और वो खुद मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गए उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत के मुहं पर रख दिया और फिर ज़ोर से धक्का देकर उन्होंने अपना पूरा लंड एक ही बार में अंदर डालकर वो अब मुझे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे थे और में ज़ोर ज़ोर से आहहह सस्सिईई आआअहह आअहह करके चिल्लाने लगी थी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था उनके हर एक धक्के में बहुत दम था में बिल्कुल पागल हुई जा रही थी कुछ देर बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनाकर एक जोरदार धक्का देकर मेरी चूत के अंदर अपना पूरा लंड सरकाकर मेरी चुदाई करने लगे थे और मैंने एक बार फिर से सिसकियाँ भरनी शुरू कर दी थी, लेकिन वो फिर भी ना रुके और में आआहह सस्स्सिईई सस्स्स्सिईई आह्ह्हह्ह करके लगातार लंड के मज़े लेकर चीखती चिल्लाती रही.
करीब बीस मिनट की लगातार चुदाई के बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकालकर मुझे सीधा लेटाकर लंड को अपने एक हाथ से हिलाते हुए सारा गरम गरम स्पर्म मेरे बूब्स पर छोड़ दिया वो मेरे पूरे बदन पर फैल गया. अब वो सीधा बाथरूम में चले गए उन्होंने अपने आप को साफ किया और फिर वो बाहर आकर अपने कपड़े पहनकर उनके घर पर चले गये, लेकिन दोस्तों में अपनी उस चुदाई के बाद बहुत खुश रहने लगी और उसके बाद में कभी अपने ऑफिस तो कभी उसके घर पर उनसे चुदती उनके साथ पूरे पूरे मज़े लेती थी.
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