मेरी चूत को भाई के लंड से चुदने की तड़प
उसको खड़े लंड का अहसास होते ही उसने मुझे पीछे को धकेल दिया. मैं भी सब दिमाग से निकाल कर सोफे पर पड़ी मैगज़ीन पढ़ने लगा. उसके पास में उसका फोन पड़ा था. मैंने उसका फेसबुक खोलकर देखा तो पायल ने अलग नाम से अकाउंट बनाया था. उसके मैसेंजर में उसने कई लड़कों से बहुत सी चुदाई की बातें की हुई थीं. मेरा तो दिमाग ही घूम गया. तभी दीदी की आहट सुनाई दी और मैंने फोन रख दिया.
कहानी शुरू से शुरू करते है… तो ये रही…
एक महीने पहले ही मैंने सरकारी नौकरी जॉइन की है, तो मुझे गांव से शहर आना पड़ा. सूरत में और कोई पहचान वाला नहीं था तो मुझे अपने चाचा की लड़की यानि मेरी बहन के घर जाना पड़ा. मेरी चचेरी बहन का नाम पायल है और वो बहुत खूबसूरत है. पायल की शादी हो चुकी है. उसकी उम्र अठ्ठाइस साल है. मैं उसके घर गया और उधर रहने का इंतजाम करने के लिए बात की.. तो मेरा उनके घर में ही रुकने का तय हो गया. पायल का फिगर 34-28-34 है. वो बहुत ही ज्यादा सेक्सी है. शादी के बाद तो उसकी गांड पहले से भी ज्यादा बड़ी हो गई है. उसके पति यानि मेरे जीजाजी, काम के सिलसिले में ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं.
अब मैं पायल के ही घर में था. उधर मुझे थोड़ी थकान महसूस हुई तो मैं सोफे पर ही सो गया. जब जगा तो शाम के सात बज चुके थे. पायल शायद किचन में थी. उधर से सब्जी काटने की आवाज आ रही थी.
मैंने किचन में देखा तो वह अपना काम कर रही थी. मेरे सामने उसकी बड़ी गांड हिल रही थी. वैसे तो मेरे मन में उसके बारे में कभी गलत विचार नहीं आया था लेकिन आज उसकी गांड देखकर मेरे लंड में हरकत होने लगी.
मैंने उसके पीछे जाकर उसको गुड इवनिंग कहा और उसके पीछे सटकर खड़ा हो गया. मेरा लंड पहले से थोड़ा खड़ा होने लगा था, जो अब गांड का स्पर्श पाते ही पूरा अकड़ गया. लंड दोनों चूतड़ों के बीच में आ गया.
उसको खड़े लंड का अहसास होते ही उसने मुझे पीछे को धकेल दिया. मैं भी सब दिमाग से निकाल कर सोफे पर पड़ी मैगज़ीन पढ़ने लगा. उसके पास में उसका फोन पड़ा था. मैंने उसका फेसबुक खोलकर देखा तो पायल ने अलग नाम से अकाउंट बनाया था. उसके मैसेंजर में उसने कई लड़कों से बहुत सी चुदाई की बातें की हुई थीं. मेरा तो दिमाग ही घूम गया. तभी दीदी की आहट सुनाई दी और मैंने फोन रख दिया.
खाना खाने के बाद हमें एक साथ ही सोना था क्योंकि एक ही बेड था. हम एक साथ लेटे, मगर दोनों के बीच थोड़ा सा अंतर रखकर सोये. पायल थोड़ी देर फोन पर चैट करके बाथरूम गई और सो गई.
रात को अचानक मेरी नींद खुल गई. रूम में अंधेरा था. मैं करवट बदलने के लिए बस थोड़ा सा खिसका कि कोई चीज हाथ से टकरा गई. मैंने धीरे से हाथ से स्पर्श किया तो वह पायल की गांड थी. नींद में उसकी नाइटी ऊपर की ओर खिसक गई थी और नीचे उसने पैंटी पहनी हुई थी.
मैं करवट लेकर पायल से ऐसे सटकर सोया कि मेरा लंड उसकी गांड पर सैट हो जाए. मेरा लंड थोड़ी देर में ही पूरी तरह तन गया. मैंने थोड़ी देर ऐसे ही किया, पर कुछ मज़ा नहीं आया. मैं थोड़ा पीछे खिसका और अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसकी जाँघों के बीच चुत वाले हिस्से पे हाथ से थोड़ा स्पर्श करने पर भी वो नहीं जगी. इसका मतलब ये था कि दीदी इस वक्त बहुत गहरी नींद में सो रही थी.
मैंने धीरे से दीदी की पैंटी सरकाने की कोशिश की, तो आसानी से सरक गई और उनकी पेंटी घुटनों तक आ गई. तभी उसने हल्की सी कुनमुनाते हुए हरकत की और फिर सो गई. मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर उसकी गांड पे हाथ रखा तो पैंटी निकली हुई थी. मतलब वो अभी नींद में ही थी.. पर इस बार वो पैर मोड़कर सो गई थी.
अंधेरे में अपने मैंने लंड को थोड़ा आगे किया तो दीदी की गांड का स्पर्श हुआ. मैं अपने लंड को थोड़ा नीचे ले गया, जहाँ दीदी की चुत थी तो वह पूरी तरह खुली हुई और गर्म थी.
मैं अपने लंड को धीरे धीरे से चुत पे घिसने लगा. मेरा लंड चूंकि एकदम गरम कुत्ते जैसे अकड़ा हुआ था, सो वो बार बार दीदी की चुत के छेद वाली जगह पर अटक जाता था. मुझे भी अब कुछ भी करके अपना पानी निकालना था.
मैंने अपने लंड पे थूक लगाया और पायल दीदी की चूत के छेद पर सैट कर दिया. मैंने थोड़ा दबाव डाला तो लंड नीचे की ओर फिसल गया. दीदी की चुत खुली हुई जरूर थी लेकिन बहुत ही चिकनी और टाइट थी.
मेरा लंड बुरी तरह अकड़ गया था. मैंने पायल की कमर को पकड़ लिया और दबाव बनाया तो चुत का छेद धीरे धीरे फैलने लगा, पर अब भी उतना नहीं फ़ैल सका था कि लंड का टोपा घुस सके.
मैंने फिर धीरे से धक्का दिया तो थोड़ा लंड का टोपा अन्दर घुस गया. पर थोड़ा टोपा अन्दर जाते ही पायल जग गई और उसके मुँह से हल्की सी चीख निकल गई. मुझे भी थोड़ी जलन हुई. पायल उठके चली गई, पर मैं बुरी तरह डर गया.
थोड़ी देर बाद वो फिर आई और सो गई. अब मुझमें कुछ भी करने की हिम्मत नहीं थी. लेकिन अब वो आई तो उसके पास से आयल की खुशबू आ रही थी.
मेरा लंड अभी खड़ा ही था. तभी उसका हाथ मेरे लंड पे पड़ा. मैं समझ गया कि वह पायल का ही हाथ था. उसके हाथ में कुछ चिकनाहट थी. शायद वो मेरी मुठ मारने वाली थी.. पर कुछ देर लंड सहलाने के बाद उसने हाथ हटा लिया.
मैंने अपने लंड को छुआ तो पूरा तेल से सना हुआ था. यानी पायल दीदी ने अपनी चूत चुदाई के लिए मेरे लंड पर तेल लगाया था. मैं थोड़ा सा पायल दीदी की ओर खिसका तो वो फिर से घुटने मोड़ कर लेटी हुई थी. उसकी चुत पे हाथ लगाने पर बहुत चिकनाहट महसूस हुई, शायद वो अपनी चुत में तेल लगाकर आई थी. मतलब साफ था कि वो चुदने का मन बना चुकी थी.
अब मैंने बेहिचक पायल की कमर को कसकर पकड़ लिया और अपने लंड को चुत के छेद पर सैट कर दिया. एक हल्का धक्का देने पर ही टोपा चुत में चला गया. उसके बाद तो बस मैं दबाव देता गया और आधे से ज्यादा लंड आसानी से चुत में उतर गया.
मुझे लगा थोड़ा लंड अभी बाहर है. मैंने धक्का दिया, पर अन्दर नहीं गया. पायल के मुँह से हल्की सी आवाज निकली उम्म… अह… और उसने अपनी गांड भी आगे की ओर खिसका ली. शायद उसको चुत में दर्द हुआ था. उसके आगे की ओर गांड खिसकाने से लंड भी बाहर आ गया, बस टोपा भर अन्दर घुसा रहा था. मैंने उसकी कमर को फिर से कसकर पकड़ा और पूरी ताकत लगा कर धक्का मार दिया, जिससे पूरा का पूरा लंड दीदी की चुत की गहराई में उतर गया.
उसी वक्त उसके मुँह से जोर से चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ शायद दीदी को दर्द हुआ और वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी. पर मैं उसको कसके पकड़े हुए था. मैंने समझ लिया था की जीजाजी के ज्यादा न चोद पाने के कारण इसकी चुदास शांत नहीं हो पाती है और इसीलिए ये फेसबुक पर चैट करके अपनी ठरक शांत करने की कोशिश करती है.
पायल की चुत में मेरा मोटा लंड एकदम फंसा हुआ था, जिससे उसको दर्द हो रहा था, दीदी लगातार धीमे धीमे कराह रही थी और साथ ही सिस्कारियां भी भर रही थी, मैंने उसके मस्त मम्मों को मींजना शुरू कर दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ धर कर दीदी को चूमना शुरू कर दिया. वो भी मुझे चूमने लगी. इससे उसको अपनी चुत में कुछ पानी सा महसूस हुआ और उसका दर्द काफी कम हो गया.
तभी उसकी गांड ने मेरे लंड को एक झटका सा मारा, मैं समझ गया कि इसको लंड की चोट चाहिए.
अब मैं पूरी ताकत लगाकर हचक के धक्के मारने लगा. हालांकि मुझे इतनी जल्दी नहीं करना चाहिए था. क्योंकि उसकी चुत अब भी कसी हुई थी जिस कारण उसको दर्द हो रहा था और अब वो रोने लगी थी. पर मैंने चुत चोदना जारी रखा.
थोड़ी देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया. उसके पानी की वजह से इतनी जबरदस्त चिकनाहट हो गई थी कि लंड पूरा बाहर निकल जाता था..लेकिन तभी मैं धक्का मार कर उसकी चुत की गहराई में अपने लंड को उतार देता था.
वो एकदम शिथिल पड़ी, मेरी चोटों को सह रही थी, थोड़ी देर बाद मैंने भी अपने पानी से अपनी दीदी की चुत को भर दिया. लंड का पानी निकाल कर मैंने समय देखा तो सुबह के पांच बज गए थे. हम दोनों थके होने की वजह से चिपक कर सो गए.
सुबह हुई तो पायल मुझसे शर्मा रही थी, वो मुझे चाय देने आई, तो मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया. उसने मुझे मुस्करा कर सीने से लगा लिया.
बस हम दोनों एक दूसरे से खुल गए. इसके बाद मैं पायल दीदी को काफी बार चोद चुका हूं.
आपको मेरी दीदी की चुत चुदाई की हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा.
छोटी बहन की चूत की तड़प
मेरी बहन, जिसका नाम पल्लवी है, को मैं अक्सर देखता था कि वो जब भी सोती थी, तो वो कमरा बंद करके अकेले ही सोती थी. मेरे मन में कुछ कुछ संदेह सा होता था.. क्योंकि वो उम्र के जिस दौर से गुजर रही थी, वो मैं पार कर चुका था.. इसलिए मुझे इस बात का गहरा अनुभव था.
जब हम सभी मामाजी के घर पर थे. तो एक दिन की बात थी, मैं मामा जी के घर की छत पर टहल रहा था. तभी बगल के घर की खिड़की से एक लड़का दिखा. उसका नाम करण था, वो किसी को फ्लाइयिंग किस दे रहा था. मैं कुछ समझ नहीं पाया.
मैंने जब छत से नीचे आके देखा तो वो मेरी बहन के कमरे की ओर देख कर किस कर रहा था. मेरी बहन रूम बंद करके अन्दर थी. मैं फिर से छत पर आ गया.. और उसको छुप कर देखने लगा.
कुछ देर बाद करण ऐसे ही सेक्स करने का इशारा कर रहा था.
मैंने सोचा कि इन लोगों की हरकतों को रंगे हाथ पकड़ा जाए. मैं उस समय तो करण को कुछ नहीं बोल सकता था, क्योंकि इससे मेरी बहन का इज़्ज़त खराब होने का डर था. लेकिन मैं अब उन दोनों पर चुपके से ध्यान रखने लगा. करण मेरे मामाजी के घर भी आता था. मैं इस बात को लेकर उसके साथ कुछ कर भी नहीं सकता था.
मेरी बहन मुझसे छोटी थी और जब तक मैं उसे रंगे हाथ नहीं पकड़ता, तब तक मैं उसको भी कुछ नहीं बोल सकता था. सो मैंने अब उन दोनों पर नजर रखना शुरू कर दिया.
एक दिन मेरी बहन पल्लवी नहा कर आई और कमरे में कपड़े चेंज कर रही थी. तो करण फिर से उसको कुछ इस तरह का इशारा कर रहा था जैसे वो किसी चीज को लाइक कर रहा हो.
मुझको लगा कि अन्दर कमरे में बहुत कुछ गड़बड़ चल रही है. इसी वजह से मुझे ये भी लगने लगा कि करण रात में मेरी सिस्टर के कमरे में आता है.
एक दिन मैंने अपना फोन में हिडन कैमरा ऑन करके उसके कमरे की खूंटी में टांग कर चार्जिंग पिन को लगा दिया. ताकि इस तरह से उसको शक ना हो.
जब मैंने सुबह फोन निकाला तो जो वीडियो उसमें शूट हुआ था, उसको देख करके मैं दंग रह गया. मैं सोच भी नहीं सकता था कि मेरी बहना पल्लवी, जिसको इतने अच्छे संस्कार मिले हों, वो ये सब काम भी कर सकती है.
मुझे उस वीडियो में चल रही क्लिप को देख कर कई दिनों तक ये चिंता बनी रही थी.
दरअसल करण जिस तरह से उसके मुँह में अपना लंड डाले हुए चुसवा रहा था … वो ऐसा लग रहा था मानो पल्लवी कोई पॉर्न स्टार हो. दूसरे सीन में वो लंड चुसवाता हुआ पल्लवी की गांड पर तेज तेज थप्पड़ भी बरसा रहा था, जिससे पल्लवी के चूतड़ एकदम लाल हो गए थे.
मैं ये सब याद कर कर के पागल हो गया. मुझे पल्लवी को लंड चूसते देख कर ये ध्यान ही नहीं रहा था कि यह लड़की मेरी सगी बहन है, हम दोनों एक ही माँ के जाये हैं.
नतीजा यह हुआ कि अंत में मैं भी पल्लवी को चोदने का प्रयास करने में जुट गया. मैंने सोचना चालू किया कि ये सब उसके साथ कैसे करूँ.
मैं एक दिन दोपहर में उसके कमरे में गया और अपने मोबाइल में फीड उस लंड चुसाई वाले वीडियो को, उसके रूम के टीवी में कनेक्ट करके प्ले कर दिया.
मेरी भगिनी ने सेक्स वीडियो को देखा तो वो घबरा गई और उसके पास कुछ बोलने कहने को कोई शब्द ही नहीं थे.
अब मुझे मेरी सेक्सी बहन को कुछ बोलने की आवश्यकता ही रह गई नहीं थी. वो मेरे करीब आकर रोने लगी- भैया.. आप किसी को मत बोलना.. आप जो चाहो कर लो, पर इस बात को किसी से मत बोलना.
मेरा गुस्सा उफान पर था. मैंने बहन की गांड पर 5-6 झापड़ जड़ दिए और उसको बोला- अब तू रंडी बन गई है.. तू मुझे भाई मत बोल.
उस दिन तो मैं वहां से चला गया.
दो दिन तक जब भी मेरा मन होता, मैं उस वीडियो को देखने लगता. तीसरे दिन मैंने उससे कहा कि रात में तुम मेरे कमरे में आ जाना.
रात हुई, सब लोग खाना खाकर सोने चले गए. मैं भी अपने कमरे में आ गया. मैंने कमरे के दरवाजे को खुला छोड़ दिया था. करीब 11:30 बजे वो मेरे कमरे में आई और सिसक सिसक के रोने लगी.
मैंने कहा- जो हुआ सो हुआ.. अब चुप हो जाओ.. जब तुमको चुदाई ही करवाना था तो मुझको बोल देती.
इतना कहते हुए मैंने एक ब्लू मूवी चालू कर दी. मैंने टीवी का वॉल्यूम म्यूट कर दिया था. जैसे जैसे ब्लू मूवी की चुदाई आगे बढ़ने लगी, मेरी बहन की कामुकता जागती गई.
मैंने उसे देखा तो वो नंगी होने लगी और अपना रंग दिखाने लगी. में लेटा हुआ सब देख रहा था.
वो मेरे करीब आई और चिपकने लगी. मैंने उसको दूर हटाया तो वो मुझको उत्तेजित करने के लिए अपने कपड़े खोलने लगी.
मैं जीवन में पहली बार अपनी बहन की चूचियों को देख रहा था. क्या मस्त चूचियां थीं … एकदम से तनी हुई. मुझे तो पता भी नहीं था कि उसके चूचियों के निप्पल डार्क ब्राउन रंग के हो गए हैं. नीचे देखा तो उसकी चूत में झांटें भी आ गई थीं.
अगले दस मिनट में मेरे सामने एक 18 साल की लड़की पूरी तरह नंगी खड़ी थी. उसका साइज़ तो नहीं बता सकता, पर हां जब वो पीछे घूमी, तो उसकी उठी हुई गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.
अब मैं सोचने लगा कि इसलिए ही करण इसकी गांड पर थप्पड़ बरसा रहा था.
अब उसकी गांड पर थप्पड़ बरसाने की बारी मेरी थी. मैं उसको अपनी गोद में लेकर उसकी गांड को मसलने लगा. उसके मम्मों को मसलने लगा. मैं भूल चुका था कि वो मेरी छोटी बहन है. मैं उसके साथ रंडी जैसे व्यवहार करने लगा.
पहले मैं 20 मिनट तक उसके चूचों को मसलता रहा. जब वो गर्म हो चुकी तो उसने मुझे खड़ा किया और खुद नीचे बैठ कर मेरा पैन्ट खोल कर मेरे लौड़े को, जो 6 इंच से कुछ ज़्यादा ही होगा, उसको निकाल लिया.
मैंने उसको इशारा किया तो वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. मैं उसके माथे को पकड़ के उसके मुँह में अपना लंड पेल रहा था. वाह क्या चूसना सीख गई थी एकदम रंडी जैसे लंड चूस रही थी.
इस वक्त उसके चूचे मेरे हाथों में दबे थे. उसके कसे लेकिन मुलायम मम्मों, जैसे गुब्बारों में पानी भरा हो, का क्या कहना. फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया. पीछे आकर उसकी चुत को चूमना शुरू किया.
उसकी चुत से पानी की धार आ रही थी. मैं उसकी चुत को मस्ती से चूस रहा था.
दस मिनट उसकी चुत को चूसने के बाद मैंने अपनी छोटी बहन की चुत में अपना लंड लगाया और एक ही झटके में पूरा लंड घुसा दिया. उम्म्ह… अहह… हय… याह…
उसकी चुत बहुत ही टाइट थी. वो इससे पहले एक दो बार ही चुदी थी. मैं उसकी चुत को करीब 15 मिनट तक चोदता रहा.
वो मेरे लंड की मोटाई को झेल नहीं पा रही थी, जिससे वो हल्के स्वर में चिल्लाए जा रही थी- आह … भैया छोड़ दो … मुझे दर्द हो रहा है … आपका बहुत बड़ा है.
जब भी वो चिल्लाती, मैं उसके मुँह को दबा कर अपनी स्पीड और तेज कर देता था. कुछ देर बाद वो झड़ गई. मगर मैं अभी गरम था. तो मैंने उसकी चुत को चोदने के बाद उसकी गांड मारने का सोचा.
मैंने उसको बेड के किनारे पर घोड़ी बना कर दिया और मैं नीचे खड़ा हो गया. जैसे ही मैंने उसकी गांड में अपना लंड लगाया, वो समझ गई. वो उठ कर बैठ गई और मेरे पैर पकड़ते हुए बोली- भैया, प्लीज़ गांड मत मारो.. बहुत दर्द होता है.. और आपका तो बहुत बड़ा है.
मैंने उसके चूचों को दबाते हुए कहा- रंडी साली.. जब करण तेरी गांड मार रहा था.. तो दर्द नहीं कर रहा था.
वो चुप रह गई.
फिर मैंने उसको घोड़ी बना कर उसकी गांड में लंड पेलना शुरू किया.
उसकी मस्त गांड देख कर आपलोगों को भी उसकी गांड में लंड पेलने का मन करने लगेगा.
अब मैं उसकी गांड को लंड पेल कर बेरहमी से चोद रहा था. वो चिल्ला रही थी, लेकिन मैं बिना परवाह किए, उसकी गांड को चोदे जा रहा था.
थोड़ी देर में मैं झड़ने लगा.. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में पेलने लगा. कुछ देर बाद मैंने सारा माल उसके मुँह में ही निकाल दिया और मैंने उसकी नाक को दबाए रखा क्योंकि मैं चाहता था कि वो मेरे लंड के माल को उगल ना दे. जब उसने मेरे लंड का पूरा पानी पी लिया, तभी मैंने लंड को बाहर निकाला.
अब जब भी मेरा सेक्स करने का मन होता है तो मैं अपनी बहन को चोद लेता हूँ. अब वो रोती भी नहीं है, मजे से पूरी गांड उठा कर गांड और चूत मरवाती है.
भैया अब मुझे रोज़ चोदते हैँ
मेरा नाम स्वाति गुप्ता है. मैं दिल्ली की रहने बाली हु, मेरे घर में माँ पापा और हम भाई बहन रहते है. माँ और पापा दोनों बैंक में जॉब करते है. भाई कॉलेज के थर्ड पार्ट में है और मैं अभी कॉलेज जाना शुरू की हु, मैं 19 साल की हु, बहूत ही हॉट हु, मेरे ब्रा की साइज 34 B है, मुझे लड़को में चस्का लग गया है. पहले भी मैं दो तीन बार अपने स्कूल के फ्रेंड से चुद चुकी हु, जब मैं कॉलेज गई तो वह एक लड़का है सोनू, बहूत ही हॉट है. हलकी हलकी दाढ़ी रखता है. कान में सोने की बालियां पहनता है. और कॉलेज खुली जीप पर आता है, उसका मसल्स बहूत ही बेजोड़ है. मैं उसके आगोश में आना चाहती थी.
वो बहूत ही बड़े घर का बेटा मैं चाहती थी की उससे पटाऊँ, और खूब मजे लू, अपने चूत की गर्मी शांत करवाऊं उससे, मैं अपने जलवे दिखने शुरू किये, और अपनी कजरारी आँख और मटकती हुई चाल, और मेरी छलकती हुई जवानी से रिझाने लगी.
और करीब दस दिन में ही कामयाब हो गई, और मैं उसको अपना बॉय फ्रेंड बना लिया, खूब मजे लेने लगी.
कभी मक डोनाल्ड, कभी पिज़्ज़ा हट, कभी सिनेमा, आखिर रो में टिकेट लेती थी और वो मेरी जीन्स के अंदर हाथ डाल के मेरी चूत को सहलाने लगता था. चूचियां दबाते हुए मेरी तो तन बदन में आग लग जाती थी. मैंने उसका लंड पकड़ के अपनी मुट्ठी में भरते रहती थी, और हिलाते रहती थी, दोस्तों मेरी दोनों निप्पल दर्द करने लगता था क्यों को वो मेरी निप्पल को अपने दोनों अँगुलियों से रगड़ते रहता था. मेरी चूत हमेशा गीली होने लगती थी. वो मुझे चूमता था मेरी होठ को अपने दांतो से काटता था, इसी तरह से चलने लगा.
दोस्तों अब मुझे लगता था की वो मुझे चोदे, क्यों की अब उसकी के ख्याल में रहती थी. और हमेशा रात में सोचते रहती थी की वो मुझे ऐसे चोदेगा, और मेरी गांड में ऊँगली घुसायेगा, ऐसे मेरी चूत को चाटेगा, ऐसी मेरी चूचियों को मसलेगा, मैं आह आह करुँगी और वो मेरी चूत में अपना मोटा लंड घुसाते रहेगा और मैं आह आह आह करते रहूंगी, दोस्तों वो दिन भी आगया, एक दिन मेरा भाई कॉलेज गया, माँ और पापा दोनों बैंक गए.
मैं बहा ना बनाई की मेरी तबियत खराब है और मैं घर पे ही रह गई. जैसे सब लोग बाहर गए. एक दिन पहले ही मैं सोनू को बोल दिया था की कल तू पक्का १० बजे मेरे घर के आस पास ही रहियो, क्यों की मैं तुम्हे दस बजे ही कॉल करुँगी. कल मैं नहीं चाहती की देरी हो. और हुआ भी यही, मैंने तुरंत फ़ोन किया. वो पार्क के पास ही था और सिर्फ पांच मिनट में आ गया.
आते ही उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मेरे होठ को चूसने लगा. मैं गदगद हो रही थी, मैं टी शर्ट पहनी थी और जानबूझ कर ब्रा पहले से उतार दी थी ताकि मजा में कोई ज्यादा खलल ना हो. वो देखते ही बोला वाओ, मैंने भी सोनू का लंड तुरंत ही पकड़ लिया, और बैठ गई. बेल्ट खोली और चेन खोली, और उनका मोटा लंड निकाल कर चूसने लगी. वो मेरी बाल पकड़ रखा था और वो भी हौले हौले से मेरे मुह में लंड घुसाने लगा. मुझे बहूत ही ज्यादा मजा आने लगा. फिर मैंने उसको अपने बैडरूम में ले गई. वो मुझे बेड पे पटक दिया. और मेरी टी शर्ट को ऊपर कर दिया और मेरी चूचियों को दबाने लगा. उसके मुह से सी सी सी ऊ ऊ की आवाज आ रही थी. क्यों को वो बहूत ही ज्यादा कामुक हो गया था.
मैंने तुरंत अपनी काप्री उतारी दी. उसने भी बिना देर किया अपने सारे कपडे उतार फेके, मेरी लाल कलर की पेंटी के ऊपर से वो पहले सुंघा और एक गहरी साँसे लेते हुए कहा, तुम हुस्न की मालिक हो मेरी जान, मैं तेरे ऊपर मरता हु, तेरे जैसा लड़की जो इतनी हॉट हो आज तक मुझे नहीं मिली, मजा आ गया तुन्हें पाके मेरी जान स्वाति, मैंने कहा क्या तुम मुझे ऐसे ही प्यार करोगे? सोनू बोला अरे इससे भी ज्यादा करूँगा.
एक रात तुम्हे अपने फार्म हाउस पे ले जाऊंगा. फिर देखना क्या क्या होता है. पर didikichudai ki एक बात का ध्यान रखना. जब तुम्हे अपने फार्म हाउस पे ले जाउगा, मैं तेरे शरीर में जितने भी छेद है उस सब में मैं अपना लंड घुसूंगा. मैंने पूछा कहा कहा घुसायेगा. उसने कहा. देख तेरे मुह में घुसूंगा. तेरी चूत में घुसूंगा. फिर तेरी गांड में घुसूंगा. मैंने कहा मुह में और चूत में तो ठीक है पर मैं तुम्हे अपने गांड में नहीं घुसने दूंगी. क्यों की गांड में बहूत ही ज्यादा दर्द होगा. और मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी.तभी सोनू बोला मेरी जान तुम चिंता क्यों करती हो. मैंने तुम्हे पहले शराब पिलाऊंगा. उसके बाद सब कुछ होगा. मैं बोली ठीक है देखते है.
और उसने मेरी पेंटी उतार दी और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा. मैंने आज उस दिन ही सुबह सुबह अपने चूत की और काख की बाल को साफ़ की थी. मेरी चूत एक दम क्लीन था. वो बड़े मजे लेके मेरी चूत को चाट रहा था. और अपनी जीभ से मेरी चूत में घुसा रहा था. मैं काफी सेक्सी हो चुकी थी. मेरी चूत आग में धधक रही थी. मेरी चूत से बार बार पानी छोड़ रहा था, मैं पागल हुए जा रही थी. मैंने सोनू से बोला की सोनू मुझे तड़पाओ मत मुझे तुम्हारा लंड चाहिए, मेरी चूत अब काफी गीली हो गई है.
मैं अब बिना देर किये तुम्हरे लंड को अपने चूत के अंदर लेना चाहती हु. सोनू तुरंत ही अपना लंड अपने हाथ में लिया और दिखाया, बोला देख नौ इंच का लंड, आज तेरी चूत को फाड़ देगा. मैंने कहा अरे जा जा देखती हु किसमे कितना दम है. आज मैं भी पूरी तरह से अपने चूत में मोटा से मोटा लंड लेने के लिए तैयार हु.
उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पे रखा, दोस्तों मेरी चूत पे लंड रखते ही. मेरा पूरा शरीर काँप उठा और अंगड़ाइयां लेने लगी. मैंने अपने हाथो से अपने दोनों बूब के दबाने लगी. तभी सोनू बोला अरे तुम खुद अपनी चूचियां दबा रही हो. जब आज मैं तुम्हारे साथ हु तो ये सब मेरा काम है और वो मेरी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों से दबाने लगा. और जोर से धक्का दिया, पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.
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