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मेरी चूत को भाई के लंड से चुदने की तड़प

उसको खड़े लंड का अहसास होते ही उसने मुझे पीछे को धकेल दिया. मैं भी सब दिमाग से निकाल कर सोफे पर पड़ी मैगज़ीन पढ़ने लगा. उसके पास में उसका फोन पड़ा था. मैंने उसका फेसबुक खोलकर देखा तो पायल ने अलग नाम से अकाउंट बनाया था. उसके मैसेंजर में उसने कई लड़कों से बहुत सी चुदाई की बातें की हुई थीं. मेरा तो दिमाग ही घूम गया. तभी दीदी की आहट सुनाई दी और मैंने फोन रख दिया.


कहानी शुरू से शुरू करते है… तो ये रही…

एक महीने पहले ही मैंने सरकारी नौकरी जॉइन की है, तो मुझे गांव से शहर आना पड़ा. सूरत में और कोई पहचान वाला नहीं था तो मुझे अपने चाचा की लड़की यानि मेरी बहन के घर जाना पड़ा. मेरी चचेरी बहन का नाम पायल है और वो बहुत खूबसूरत है. पायल की शादी हो चुकी है. उसकी उम्र अठ्ठाइस साल है. मैं उसके घर गया और उधर रहने का इंतजाम करने के लिए बात की.. तो मेरा उनके घर में ही रुकने का तय हो गया. पायल का फिगर 34-28-34 है. वो बहुत ही ज्यादा सेक्सी है. शादी के बाद तो उसकी गांड पहले से भी ज्यादा बड़ी हो गई है. उसके पति यानि मेरे जीजाजी, काम के सिलसिले में ज्यादातर घर से बाहर ही रहते हैं.

अब मैं पायल के ही घर में था. उधर मुझे थोड़ी थकान महसूस हुई तो मैं सोफे पर ही सो गया. जब जगा तो शाम के सात बज चुके थे. पायल शायद किचन में थी. उधर से सब्जी काटने की आवाज आ रही थी.

मैंने किचन में देखा तो वह अपना काम कर रही थी. मेरे सामने उसकी बड़ी गांड हिल रही थी. वैसे तो मेरे मन में उसके बारे में कभी गलत विचार नहीं आया था लेकिन आज उसकी गांड देखकर मेरे लंड में हरकत होने लगी.


मैंने उसके पीछे जाकर उसको गुड इवनिंग कहा और उसके पीछे सटकर खड़ा हो गया. मेरा लंड पहले से थोड़ा खड़ा होने लगा था, जो अब गांड का स्पर्श पाते ही पूरा अकड़ गया. लंड दोनों चूतड़ों के बीच में आ गया.


उसको खड़े लंड का अहसास होते ही उसने मुझे पीछे को धकेल दिया. मैं भी सब दिमाग से निकाल कर सोफे पर पड़ी मैगज़ीन पढ़ने लगा. उसके पास में उसका फोन पड़ा था. मैंने उसका फेसबुक खोलकर देखा तो पायल ने अलग नाम से अकाउंट बनाया था. उसके मैसेंजर में उसने कई लड़कों से बहुत सी चुदाई की बातें की हुई थीं. मेरा तो दिमाग ही घूम गया. तभी दीदी की आहट सुनाई दी और मैंने फोन रख दिया.


खाना खाने के बाद हमें एक साथ ही सोना था क्योंकि एक ही बेड था. हम एक साथ लेटे, मगर दोनों के बीच थोड़ा सा अंतर रखकर सोये. पायल थोड़ी देर फोन पर चैट करके बाथरूम गई और सो गई.


रात को अचानक मेरी नींद खुल गई. रूम में अंधेरा था. मैं करवट बदलने के लिए बस थोड़ा सा खिसका कि कोई चीज हाथ से टकरा गई. मैंने धीरे से हाथ से स्पर्श किया तो वह पायल की गांड थी. नींद में उसकी नाइटी ऊपर की ओर खिसक गई थी और नीचे उसने पैंटी पहनी हुई थी.

मैं करवट लेकर पायल से ऐसे सटकर सोया कि मेरा लंड उसकी गांड पर सैट हो जाए. मेरा लंड थोड़ी देर में ही पूरी तरह तन गया. मैंने थोड़ी देर ऐसे ही किया, पर कुछ मज़ा नहीं आया. मैं थोड़ा पीछे खिसका और अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसकी जाँघों के बीच चुत वाले हिस्से पे हाथ से थोड़ा स्पर्श करने पर भी वो नहीं जगी. इसका मतलब ये था कि दीदी इस वक्त बहुत गहरी नींद में सो रही थी.


मैंने धीरे से दीदी की पैंटी सरकाने की कोशिश की, तो आसानी से सरक गई और उनकी पेंटी घुटनों तक आ गई. तभी उसने हल्की सी कुनमुनाते हुए हरकत की और फिर सो गई. मैंने थोड़ी देर इंतज़ार किया और फिर उसकी गांड पे हाथ रखा तो पैंटी निकली हुई थी. मतलब वो अभी नींद में ही थी.. पर इस बार वो पैर मोड़कर सो गई थी.


अंधेरे में अपने मैंने लंड को थोड़ा आगे किया तो दीदी की गांड का स्पर्श हुआ. मैं अपने लंड को थोड़ा नीचे ले गया, जहाँ दीदी की चुत थी तो वह पूरी तरह खुली हुई और गर्म थी.


मैं अपने लंड को धीरे धीरे से चुत पे घिसने लगा. मेरा लंड चूंकि एकदम गरम कुत्ते जैसे अकड़ा हुआ था, सो वो बार बार दीदी की चुत के छेद वाली जगह पर अटक जाता था. मुझे भी अब कुछ भी करके अपना पानी निकालना था.


मैंने अपने लंड पे थूक लगाया और पायल दीदी की चूत के छेद पर सैट कर दिया. मैंने थोड़ा दबाव डाला तो लंड नीचे की ओर फिसल गया. दीदी की चुत खुली हुई जरूर थी लेकिन बहुत ही चिकनी और टाइट थी.


मेरा लंड बुरी तरह अकड़ गया था. मैंने पायल की कमर को पकड़ लिया और दबाव बनाया तो चुत का छेद धीरे धीरे फैलने लगा, पर अब भी उतना नहीं फ़ैल सका था कि लंड का टोपा घुस सके.

मैंने फिर धीरे से धक्का दिया तो थोड़ा लंड का टोपा अन्दर घुस गया. पर थोड़ा टोपा अन्दर जाते ही पायल जग गई और उसके मुँह से हल्की सी चीख निकल गई. मुझे भी थोड़ी जलन हुई. पायल उठके चली गई, पर मैं बुरी तरह डर गया.


थोड़ी देर बाद वो फिर आई और सो गई. अब मुझमें कुछ भी करने की हिम्मत नहीं थी. लेकिन अब वो आई तो उसके पास से आयल की खुशबू आ रही थी.


मेरा लंड अभी खड़ा ही था. तभी उसका हाथ मेरे लंड पे पड़ा. मैं समझ गया कि वह पायल का ही हाथ था. उसके हाथ में कुछ चिकनाहट थी. शायद वो मेरी मुठ मारने वाली थी.. पर कुछ देर लंड सहलाने के बाद उसने हाथ हटा लिया.


मैंने अपने लंड को छुआ तो पूरा तेल से सना हुआ था. यानी पायल दीदी ने अपनी चूत चुदाई के लिए मेरे लंड पर तेल लगाया था. मैं थोड़ा सा पायल दीदी की ओर खिसका तो वो फिर से घुटने मोड़ कर लेटी हुई थी. उसकी चुत पे हाथ लगाने पर बहुत चिकनाहट महसूस हुई, शायद वो अपनी चुत में तेल लगाकर आई थी. मतलब साफ था कि वो चुदने का मन बना चुकी थी.


अब मैंने बेहिचक पायल की कमर को कसकर पकड़ लिया और अपने लंड को चुत के छेद पर सैट कर दिया. एक हल्का धक्का देने पर ही टोपा चुत में चला गया. उसके बाद तो बस मैं दबाव देता गया और आधे से ज्यादा लंड आसानी से चुत में उतर गया.

मुझे लगा थोड़ा लंड अभी बाहर है. मैंने धक्का दिया, पर अन्दर नहीं गया. पायल के मुँह से हल्की सी आवाज निकली उम्म… अह… और उसने अपनी गांड भी आगे की ओर खिसका ली. शायद उसको चुत में दर्द हुआ था. उसके आगे की ओर गांड खिसकाने से लंड भी बाहर आ गया, बस टोपा भर अन्दर घुसा रहा था. मैंने उसकी कमर को फिर से कसकर पकड़ा और पूरी ताकत लगा कर धक्का मार दिया, जिससे पूरा का पूरा लंड दीदी की चुत की गहराई में उतर गया.


उसी वक्त उसके मुँह से जोर से चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ शायद दीदी को दर्द हुआ और वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी. पर मैं उसको कसके पकड़े हुए था. मैंने समझ लिया था की जीजाजी के ज्यादा न चोद पाने के कारण इसकी चुदास शांत नहीं हो पाती है और इसीलिए ये फेसबुक पर चैट करके अपनी ठरक शांत करने की कोशिश करती है.


पायल की चुत में मेरा मोटा लंड एकदम फंसा हुआ था, जिससे उसको दर्द हो रहा था, दीदी लगातार धीमे धीमे कराह रही थी और साथ ही सिस्कारियां भी भर रही थी, मैंने उसके मस्त मम्मों को मींजना शुरू कर दिया और उसके होंठों पर अपने होंठ धर कर दीदी को चूमना शुरू कर दिया. वो भी मुझे चूमने लगी. इससे उसको अपनी चुत में कुछ पानी सा महसूस हुआ और उसका दर्द काफी कम हो गया.


तभी उसकी गांड ने मेरे लंड को एक झटका सा मारा, मैं समझ गया कि इसको लंड की चोट चाहिए.


अब मैं पूरी ताकत लगाकर हचक के धक्के मारने लगा. हालांकि मुझे इतनी जल्दी नहीं करना चाहिए था. क्योंकि उसकी चुत अब भी कसी हुई थी जिस कारण उसको दर्द हो रहा था और अब वो रोने लगी थी. पर मैंने चुत चोदना जारी रखा.

थोड़ी देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया. उसके पानी की वजह से इतनी जबरदस्त चिकनाहट हो गई थी कि लंड पूरा बाहर निकल जाता था..लेकिन तभी मैं धक्का मार कर उसकी चुत की गहराई में अपने लंड को उतार देता था.

वो एकदम शिथिल पड़ी, मेरी चोटों को सह रही थी, थोड़ी देर बाद मैंने भी अपने पानी से अपनी दीदी की चुत को भर दिया. लंड का पानी निकाल कर मैंने समय देखा तो सुबह के पांच बज गए थे. हम दोनों थके होने की वजह से चिपक कर सो गए.


सुबह हुई तो पायल मुझसे शर्मा रही थी, वो मुझे चाय देने आई, तो मैंने उसको अपनी ओर खींच लिया. उसने मुझे मुस्करा कर सीने से लगा लिया.

बस हम दोनों एक दूसरे से खुल गए. इसके बाद मैं पायल दीदी को काफी बार चोद चुका हूं.


आपको मेरी दीदी की चुत चुदाई की हिंदी सेक्स कहानी कैसी लगी, जरूर बताइएगा.

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छोटी बहन की चूत की तड़प

मेरी बहन, जिसका नाम पल्लवी है, को मैं अक्सर देखता था कि वो जब भी सोती थी, तो वो कमरा बंद करके अकेले ही सोती थी. मेरे मन में कुछ कुछ संदेह सा होता था.. क्योंकि वो उम्र के जिस दौर से गुजर रही थी, वो मैं पार कर चुका था.. इसलिए मुझे इस बात का गहरा अनुभव था. 


जब हम सभी मामाजी के घर पर थे. तो एक दिन की बात थी, मैं मामा जी के घर की छत पर टहल रहा था. तभी बगल के घर की खिड़की से एक लड़का दिखा. उसका नाम करण था, वो किसी को फ्लाइयिंग किस दे रहा था. मैं कुछ समझ नहीं पाया.

मैंने जब छत से नीचे आके देखा तो वो मेरी बहन के कमरे की ओर देख कर किस कर रहा था. मेरी बहन रूम बंद करके अन्दर थी. मैं फिर से छत पर आ गया.. और उसको छुप कर देखने लगा.

कुछ देर बाद करण ऐसे ही सेक्स करने का इशारा कर रहा था.


मैंने सोचा कि इन लोगों की हरकतों को रंगे हाथ पकड़ा जाए. मैं उस समय तो करण को कुछ नहीं बोल सकता था, क्योंकि इससे मेरी बहन का इज़्ज़त खराब होने का डर था. लेकिन मैं अब उन दोनों पर चुपके से ध्यान रखने लगा. करण मेरे मामाजी के घर भी आता था. मैं इस बात को लेकर उसके साथ कुछ कर भी नहीं सकता था.


मेरी बहन मुझसे छोटी थी और जब तक मैं उसे रंगे हाथ नहीं पकड़ता, तब तक मैं उसको भी कुछ नहीं बोल सकता था. सो मैंने अब उन दोनों पर नजर रखना शुरू कर दिया.


एक दिन मेरी बहन पल्लवी नहा कर आई और कमरे में कपड़े चेंज कर रही थी. तो करण फिर से उसको कुछ इस तरह का इशारा कर रहा था जैसे वो किसी चीज को लाइक कर रहा हो.


मुझको लगा कि अन्दर कमरे में बहुत कुछ गड़बड़ चल रही है. इसी वजह से मुझे ये भी लगने लगा कि करण रात में मेरी सिस्टर के कमरे में आता है.


एक दिन मैंने अपना फोन में हिडन कैमरा ऑन करके उसके कमरे की खूंटी में टांग कर चार्जिंग पिन को लगा दिया. ताकि इस तरह से उसको शक ना हो.


जब मैंने सुबह फोन निकाला तो जो वीडियो उसमें शूट हुआ था, उसको देख करके मैं दंग रह गया. मैं सोच भी नहीं सकता था कि मेरी बहना पल्लवी, जिसको इतने अच्छे संस्कार मिले हों, वो ये सब काम भी कर सकती है.

मुझे उस वीडियो में चल रही क्लिप को देख कर कई दिनों तक ये चिंता बनी रही थी.


दरअसल करण जिस तरह से उसके मुँह में अपना लंड डाले हुए चुसवा रहा था … वो ऐसा लग रहा था मानो पल्लवी कोई पॉर्न स्टार हो. दूसरे सीन में वो लंड चुसवाता हुआ पल्लवी की गांड पर तेज तेज थप्पड़ भी बरसा रहा था, जिससे पल्लवी के चूतड़ एकदम लाल हो गए थे.


मैं ये सब याद कर कर के पागल हो गया. मुझे पल्लवी को लंड चूसते देख कर ये ध्यान ही नहीं रहा था कि यह लड़की मेरी सगी बहन है, हम दोनों एक ही माँ के जाये हैं.


नतीजा यह हुआ कि अंत में मैं भी पल्लवी को चोदने का प्रयास करने में जुट गया. मैंने सोचना चालू किया कि ये सब उसके साथ कैसे करूँ.


मैं एक दिन दोपहर में उसके कमरे में गया और अपने मोबाइल में फीड उस लंड चुसाई वाले वीडियो को, उसके रूम के टीवी में कनेक्ट करके प्ले कर दिया.


मेरी भगिनी ने सेक्स वीडियो को देखा तो वो घबरा गई और उसके पास कुछ बोलने कहने को कोई शब्द ही नहीं थे.


अब मुझे मेरी सेक्सी बहन को कुछ बोलने की आवश्यकता ही रह गई नहीं थी. वो मेरे करीब आकर रोने लगी- भैया.. आप किसी को मत बोलना.. आप जो चाहो कर लो, पर इस बात को किसी से मत बोलना.


मेरा गुस्सा उफान पर था. मैंने बहन की गांड पर 5-6 झापड़ जड़ दिए और उसको बोला- अब तू रंडी बन गई है.. तू मुझे भाई मत बोल.


उस दिन तो मैं वहां से चला गया.


दो दिन तक जब भी मेरा मन होता, मैं उस वीडियो को देखने लगता. तीसरे दिन मैंने उससे कहा कि रात में तुम मेरे कमरे में आ जाना.

रात हुई, सब लोग खाना खाकर सोने चले गए. मैं भी अपने कमरे में आ गया. मैंने कमरे के दरवाजे को खुला छोड़ दिया था. करीब 11:30 बजे वो मेरे कमरे में आई और सिसक सिसक के रोने लगी.


मैंने कहा- जो हुआ सो हुआ.. अब चुप हो जाओ.. जब तुमको चुदाई ही करवाना था तो मुझको बोल देती.


इतना कहते हुए मैंने एक ब्लू मूवी चालू कर दी. मैंने टीवी का वॉल्यूम म्यूट कर दिया था. जैसे जैसे ब्लू मूवी की चुदाई आगे बढ़ने लगी, मेरी बहन की कामुकता जागती गई.


मैंने उसे देखा तो वो नंगी होने लगी और अपना रंग दिखाने लगी. में लेटा हुआ सब देख रहा था.


वो मेरे करीब आई और चिपकने लगी. मैंने उसको दूर हटाया तो वो मुझको उत्तेजित करने के लिए अपने कपड़े खोलने लगी.


मैं जीवन में पहली बार अपनी बहन की चूचियों को देख रहा था. क्या मस्त चूचियां थीं … एकदम से तनी हुई. मुझे तो पता भी नहीं था कि उसके चूचियों के निप्पल डार्क ब्राउन रंग के हो गए हैं. नीचे देखा तो उसकी चूत में झांटें भी आ गई थीं.


अगले दस मिनट में मेरे सामने एक 18 साल की लड़की पूरी तरह नंगी खड़ी थी. उसका साइज़ तो नहीं बता सकता, पर हां जब वो पीछे घूमी, तो उसकी उठी हुई गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.


अब मैं सोचने लगा कि इसलिए ही करण इसकी गांड पर थप्पड़ बरसा रहा था.


अब उसकी गांड पर थप्पड़ बरसाने की बारी मेरी थी. मैं उसको अपनी गोद में लेकर उसकी गांड को मसलने लगा. उसके मम्मों को मसलने लगा. मैं भूल चुका था कि वो मेरी छोटी बहन है. मैं उसके साथ रंडी जैसे व्यवहार करने लगा.

पहले मैं 20 मिनट तक उसके चूचों को मसलता रहा. जब वो गर्म हो चुकी तो उसने मुझे खड़ा किया और खुद नीचे बैठ कर मेरा पैन्ट खोल कर मेरे लौड़े को, जो 6 इंच से कुछ ज़्यादा ही होगा, उसको निकाल लिया.


मैंने उसको इशारा किया तो वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. मैं उसके माथे को पकड़ के उसके मुँह में अपना लंड पेल रहा था. वाह क्या चूसना सीख गई थी एकदम रंडी जैसे लंड चूस रही थी.


इस वक्त उसके चूचे मेरे हाथों में दबे थे. उसके कसे लेकिन मुलायम मम्मों, जैसे गुब्बारों में पानी भरा हो, का क्या कहना. फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया. पीछे आकर उसकी चुत को चूमना शुरू किया.


उसकी चुत से पानी की धार आ रही थी. मैं उसकी चुत को मस्ती से चूस रहा था.


दस मिनट उसकी चुत को चूसने के बाद मैंने अपनी छोटी बहन की चुत में अपना लंड लगाया और एक ही झटके में पूरा लंड घुसा दिया. उम्म्ह… अहह… हय… याह…


उसकी चुत बहुत ही टाइट थी. वो इससे पहले एक दो बार ही चुदी थी. मैं उसकी चुत को करीब 15 मिनट तक चोदता रहा.


वो मेरे लंड की मोटाई को झेल नहीं पा रही थी, जिससे वो हल्के स्वर में चिल्लाए जा रही थी- आह … भैया छोड़ दो … मुझे दर्द हो रहा है … आपका बहुत बड़ा है.


जब भी वो चिल्लाती, मैं उसके मुँह को दबा कर अपनी स्पीड और तेज कर देता था. कुछ देर बाद वो झड़ गई. मगर मैं अभी गरम था. तो मैंने उसकी चुत को चोदने के बाद उसकी गांड मारने का सोचा.

मैंने उसको बेड के किनारे पर घोड़ी बना कर दिया और मैं नीचे खड़ा हो गया. जैसे ही मैंने उसकी गांड में अपना लंड लगाया, वो समझ गई. वो उठ कर बैठ गई और मेरे पैर पकड़ते हुए बोली- भैया, प्लीज़ गांड मत मारो.. बहुत दर्द होता है.. और आपका तो बहुत बड़ा है.


मैंने उसके चूचों को दबाते हुए कहा- रंडी साली.. जब करण तेरी गांड मार रहा था.. तो दर्द नहीं कर रहा था.

वो चुप रह गई.


फिर मैंने उसको घोड़ी बना कर उसकी गांड में लंड पेलना शुरू किया.


उसकी मस्त गांड देख कर आपलोगों को भी उसकी गांड में लंड पेलने का मन करने लगेगा.


अब मैं उसकी गांड को लंड पेल कर बेरहमी से चोद रहा था. वो चिल्ला रही थी, लेकिन मैं बिना परवाह किए, उसकी गांड को चोदे जा रहा था.


थोड़ी देर में मैं झड़ने लगा.. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में पेलने लगा. कुछ देर बाद मैंने सारा माल उसके मुँह में ही निकाल दिया और मैंने उसकी नाक को दबाए रखा क्योंकि मैं चाहता था कि वो मेरे लंड के माल को उगल ना दे. जब उसने मेरे लंड का पूरा पानी पी लिया, तभी मैंने लंड को बाहर निकाला.


अब जब भी मेरा सेक्स करने का मन होता है तो मैं अपनी बहन को चोद लेता हूँ. अब वो रोती भी नहीं है, मजे से पूरी गांड उठा कर गांड और चूत मरवाती है.

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भैया अब मुझे रोज़ चोदते हैँ


मेरा नाम स्वाति गुप्ता है. मैं दिल्ली की रहने बाली हु, मेरे घर में माँ पापा और हम भाई बहन रहते है. माँ और पापा दोनों बैंक में जॉब करते है. भाई कॉलेज के थर्ड पार्ट में है और मैं अभी कॉलेज जाना शुरू की हु, मैं 19 साल की हु, बहूत ही हॉट हु, मेरे ब्रा की साइज 34 B है, मुझे लड़को में चस्का लग गया है. पहले भी मैं दो तीन बार अपने स्कूल के फ्रेंड से चुद चुकी हु, जब मैं कॉलेज गई तो वह एक लड़का है सोनू, बहूत ही हॉट है. हलकी हलकी दाढ़ी रखता है. कान में सोने की बालियां पहनता है. और कॉलेज खुली जीप पर आता है, उसका मसल्स बहूत ही बेजोड़ है. मैं उसके आगोश में आना चाहती थी. 


वो बहूत ही बड़े घर का बेटा मैं चाहती थी की उससे पटाऊँ, और खूब मजे लू, अपने चूत की गर्मी शांत करवाऊं उससे, मैं अपने जलवे दिखने शुरू किये, और अपनी कजरारी आँख और मटकती हुई चाल, और मेरी छलकती हुई जवानी से रिझाने लगी.


और करीब दस दिन में ही कामयाब हो गई, और मैं उसको अपना बॉय फ्रेंड बना लिया, खूब मजे लेने लगी.


कभी मक डोनाल्ड, कभी पिज़्ज़ा हट, कभी सिनेमा, आखिर रो में टिकेट लेती थी और वो मेरी जीन्स के अंदर हाथ डाल के मेरी चूत को सहलाने लगता था. चूचियां दबाते हुए मेरी तो तन बदन में आग लग जाती थी. मैंने उसका लंड पकड़ के अपनी मुट्ठी में भरते रहती थी, और हिलाते रहती थी, दोस्तों मेरी दोनों निप्पल दर्द करने लगता था क्यों को वो मेरी निप्पल को अपने दोनों अँगुलियों से रगड़ते रहता था. मेरी चूत हमेशा गीली होने लगती थी. वो मुझे चूमता था मेरी होठ को अपने दांतो से काटता था, इसी तरह से चलने लगा.


दोस्तों अब मुझे लगता था की वो मुझे चोदे, क्यों की अब उसकी के ख्याल में रहती थी. और हमेशा रात में सोचते रहती थी की वो मुझे ऐसे चोदेगा, और मेरी गांड में ऊँगली घुसायेगा, ऐसे मेरी चूत को चाटेगा, ऐसी मेरी चूचियों को मसलेगा, मैं आह आह करुँगी और वो मेरी चूत में अपना मोटा लंड घुसाते रहेगा और मैं आह आह आह करते रहूंगी, दोस्तों वो दिन भी आगया, एक दिन मेरा भाई कॉलेज गया, माँ और पापा दोनों बैंक गए.


मैं बहा ना बनाई की मेरी तबियत खराब है और मैं घर पे ही रह गई. जैसे सब लोग बाहर गए. एक दिन पहले ही मैं सोनू को बोल दिया था की कल तू पक्का १० बजे मेरे घर के आस पास ही रहियो, क्यों की मैं तुम्हे दस बजे ही कॉल करुँगी. कल मैं नहीं चाहती की देरी हो. और हुआ भी यही, मैंने तुरंत फ़ोन किया. वो पार्क के पास ही था और सिर्फ पांच मिनट में आ गया.


आते ही उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मेरे होठ को चूसने लगा. मैं गदगद हो रही थी, मैं टी शर्ट पहनी थी और जानबूझ कर ब्रा पहले से उतार दी थी ताकि मजा में कोई ज्यादा खलल ना हो. वो देखते ही बोला वाओ, मैंने भी सोनू का लंड तुरंत ही पकड़ लिया, और बैठ गई. बेल्ट खोली और चेन खोली, और उनका मोटा लंड निकाल कर चूसने लगी. वो मेरी बाल पकड़ रखा था और वो भी हौले हौले से मेरे मुह में लंड घुसाने लगा. मुझे बहूत ही ज्यादा मजा आने लगा. फिर मैंने उसको अपने बैडरूम में ले गई. वो मुझे बेड पे पटक दिया. और मेरी टी शर्ट को ऊपर कर दिया और मेरी चूचियों को दबाने लगा. उसके मुह से सी सी सी ऊ ऊ की आवाज आ रही थी. क्यों को वो बहूत ही ज्यादा कामुक हो गया था.


मैंने तुरंत अपनी काप्री उतारी दी. उसने भी बिना देर किया अपने सारे कपडे उतार फेके, मेरी लाल कलर की पेंटी के ऊपर से वो पहले सुंघा और एक गहरी साँसे लेते हुए कहा, तुम हुस्न की मालिक हो मेरी जान, मैं तेरे ऊपर मरता हु, तेरे जैसा लड़की जो इतनी हॉट हो आज तक मुझे नहीं मिली, मजा आ गया तुन्हें पाके मेरी जान स्वाति, मैंने कहा क्या तुम मुझे ऐसे ही प्यार करोगे? सोनू बोला अरे इससे भी ज्यादा करूँगा.


एक रात तुम्हे अपने फार्म हाउस पे ले जाऊंगा. फिर देखना क्या क्या होता है. पर didikichudai ki एक बात का ध्यान रखना. जब तुम्हे अपने फार्म हाउस पे ले जाउगा, मैं तेरे शरीर में जितने भी छेद है उस सब में मैं अपना लंड घुसूंगा. मैंने पूछा कहा कहा घुसायेगा. उसने कहा. देख तेरे मुह में घुसूंगा. तेरी चूत में घुसूंगा. फिर तेरी गांड में घुसूंगा. मैंने कहा मुह में और चूत में तो ठीक है पर मैं तुम्हे अपने गांड में नहीं घुसने दूंगी. क्यों की गांड में बहूत ही ज्यादा दर्द होगा. और मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी.तभी सोनू बोला मेरी जान तुम चिंता क्यों करती हो. मैंने तुम्हे पहले शराब पिलाऊंगा. उसके बाद सब कुछ होगा. मैं बोली ठीक है देखते है.


और उसने मेरी पेंटी उतार दी और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा. मैंने आज उस दिन ही सुबह सुबह अपने चूत की और काख की बाल को साफ़ की थी. मेरी चूत एक दम क्लीन था. वो बड़े मजे लेके मेरी चूत को चाट रहा था. और अपनी जीभ से मेरी चूत में घुसा रहा था. मैं काफी सेक्सी हो चुकी थी. मेरी चूत आग में धधक रही थी. मेरी चूत से बार बार पानी छोड़ रहा था, मैं पागल हुए जा रही थी. मैंने सोनू से बोला की सोनू मुझे तड़पाओ मत मुझे तुम्हारा लंड चाहिए, मेरी चूत अब काफी गीली हो गई है.


मैं अब बिना देर किये तुम्हरे लंड को अपने चूत के अंदर लेना चाहती हु. सोनू तुरंत ही अपना लंड अपने हाथ में लिया और दिखाया, बोला देख नौ इंच का लंड, आज तेरी चूत को फाड़ देगा. मैंने कहा अरे जा जा देखती हु किसमे कितना दम है. आज मैं भी पूरी तरह से अपने चूत में मोटा से मोटा लंड लेने के लिए तैयार हु.


उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पे रखा, दोस्तों मेरी चूत पे लंड रखते ही. मेरा पूरा शरीर काँप उठा और अंगड़ाइयां लेने लगी. मैंने अपने हाथो से अपने दोनों बूब के दबाने लगी. तभी सोनू बोला अरे तुम खुद अपनी चूचियां दबा रही हो. जब आज मैं तुम्हारे साथ हु तो ये सब मेरा काम है और वो मेरी दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों से दबाने लगा. और जोर से धक्का दिया, पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया.

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सगी बहनों की रसीली चूत का मजा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर है और मुझे भी आप सभी की तरह सेक्सी कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है. मैंने अब तक ना जाने कितनी कहानियों के मज़े लिए और आज में अपनी भी एक सच्ची चुदाई की घटना आप सभी को सुनाने आया हूँ. अब में अपना अपने घरवालों का परिचय करवाते हुए इस कहानी को शुरू करता हूँ. दोस्तों में 21 साल का हूँ और मेरे घर में मेरी दो बहन है जिनका नाम श्रेया और सोनल है वो दोनों ही उम्र में मुझसे तीन साल बड़ी है में बचपन से ही अपनी दोनों दीदी के साथ बड़ा ही घुल मिलकर रहता था.
हम सभी घर वाले बड़े ही खुले विचारों हंसमुख स्वभाव के लोग है और हम तीनो भाई बहनों के बीच बातें हंसी मजाक हमेशा ही चलता था, लेकिन कभी भी मेरे मन में अपनी गोरी सुंदर जवान बहनों के लिए कोई भी गंदे विचार नहीं आए थे. दोस्तों मेरी सुंदर जवान बहनों को हमारे आसपास रहने वाले लड़के हमेशा अपनी गंदी नजरो से देखा करते थे. वो उनके बड़े आकार के उभरे हुए बूब्स गांड को देखकर अपनी आखें सेका करते थे.
उनको यह सब करने में बड़ा मज़ा आता था. यह बात मेरी बहन भी बड़ी अच्छी तरह से जानती समझती थी, क्योंकि उनको अच्छी तरह से पता था कि इस उम्र में उनके साथ यह सब होना स्वभाविक है, इसलिए उनके कोई भी फर्क नहीं पढ़ता. फिर भी वो एकदम कसे हुए कपड़े पहना करती थी, जिसकी वजह से उनके जिस्म का हर एक अंग देखने वाले को अपनी तरफ बड़ा ही आकर्षित करता. एक बार तो में भी उनको देखकर कुछ सोचने पर मजबूर हो जाता, लेकिन फिर अपने रिश्ते के बारे में सोचकर तुरंत पीछे हट जाता.
दोस्तों में एक स्टूडेंट हूँ और एक होस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा था. में अपनी छुट्टियों के समय ही घर आ जाता और कुछ दिन समय बिताकर में वापस चला जाता. यह घटना तब की है जब में कुछ दिनों के लिए अपने घर आया था. मेरी दोनों दीदी हमेशा घर में ही रहती थी और वो भी अपनी पढ़ाई कर रही थी. अपने कॉलेज के समय या किसी काम की वजह से उनका घर से बाहर निकलना होता था. दोस्तों सेक्स मेरी बचपन से ही बहुत बड़ी कमज़ोरी रही है और इसलिए में कोई भी सुंदर लड़की को देखता तब मन ही मन में उसके बारे में बहुत कुछ सोच लेता था.
मेरी दोनों बहने बहुत ही सुंदर होने के साथ साथ बड़ी ही हॉट सेक्सी भी थी, इसलिए हर कोई उनका दीवाना हो चुका था, घर में वो ज़्यादातर स्कर्ट और टॉप्स ही पहनती थी. एक दिन शाम को में अपने दोस्त के पास से एक सेक्सी कहानियों की किताब अपने साथ ले आया और दूसरे दिन में उसको अपने कोर्स की किताब के अंदर रखकर चोरीछिपे पढ़ रहा था, जिसकी वजह से कुछ देर में ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और इतने में अचानक से मेरी बड़ी बहन सोनल उस रूम में सफाई करने आ गयी और वो अब नीचे झुककर अपना सफाई का काम करने लगी थी.
उसी समय मैंने तुरंत ही किताब को पढ़ना बंद कर दिया और उसी समय ग़लती से मेरी नज़र अपनी बहन के गोरे बड़े आकार के झूलते लटकते हुए बूब्स पर चली गयी. मुझे उसके बूब्स थी थोड़ी सी झलक नजर आ रही थी, जिसको में अपनी चकित नजरों से कुछ देर देखता रहा. वो बड़ा ही मस्त मजेदार द्रश्य था, क्योंकि ऐसा मेरे साथ पहली बार हुआ था, लेकिन कुछ देर के बाद मैंने उस तरफ से अपनी नजर को हटाकर मन ही मन में सोचा कि यह बिल्कुल गलत है, सामने वाली लड़की मेरी बहन है और मुझे उसके बदन के ऊपर अपनी इस गतल नजर को नहीं डालना चाहिए, यह बात सोचकर मैंने अपने आपको शांत किया और फिर में वहाँ से उठकर बाहर चला गया, लेकिन अब मुझे उस पूरी रात को नींद नहीं आ रही थी.
अब में ना चाहकर भी बार बार वो द्रश्य अपनी आखों के सामने देखने उसके बारे में सोचने लगा था. में उसके गोरे कामुक जिस्म को देखकर बिल्कुल पागल हो चुका था. में सेक्स की वजह से अपने सभी रिश्ते भूल चुका और उस दिन से में सोनल से सेक्स करने का विचार अपने मन में बनाने लगा था. एक दिन जब में बाथरूम में नहा रहा था तो मैंने देखा कि सोनल की स्कर्ट वहाँ पर पहले से ही रखी हुई थी. मैंने उसको उठा लिया मेरे ऐसा करने की वजह से उसी समय कुछ सेकिंड में मैंने देखा कि सोनल की काले रंग की पेंटी नीचे गिर गयी जिसको देखकर में ख़ुशी से बिल्कुल पागल हो गया, इसलिए मैंने बिना कुछ सोचे समझे सोनल की पेंटी को अपने हाथों में लेकर चूमना शुरू किया.
फिर में कुछ देर लगातार उसको सूंघने में लगा रहा. पेंटी के अंदर से आ रही हल्की चूत की खुशबू की वजह से में धीरे मदहोश होता चला गया और तभी मुझे महसूस हुआ कि उसकी पेंटी थोड़ी सी गरम भी थी, क्योंकि मुझसे पहले सोनल ही नहा रही थी. दोस्तों मुझे तब पहली बार ऐसा करने पर महसूस हुआ कि उसकी पेंटी का स्वाद हल्का सा नमकीन था और फिर मैंने उसकी पेंटी को अपने लंड से रगड़ना शुरू किया और कुछ देर बाद जोश में अपने होश खोकर मैंने उस पेंटी पर अपना वीर्य निकाल दिया और जब मुझे होश आता तो में एकदम से घबरा गया और मन ही मन सोचने लगा कि अब क्या होगा?
मैंने अपनी ग़लती को छुपाने के लिए उसकी पेंटी को तुरंत ही धोकर चुपचाप बाहर लाकर धूप में डालकर सूखने दिया और मैंने सोनल से ऐसे ही कह दिया कि जब में नहा रहा था तो वो गलती से नीचे गिर गयी थी, लेकिन उस दिन के बाद जब भी घर में कोई ना होता में सही मौका देखकर सोनल और श्रेया दोनों की पेंटी निकालकर चूमता, सूंघता और कुछ देर बाद मन में उनका विचार करके में मुठ मारने लगता. ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आने लगा था. एक दिन रात को मुझसे नहीं रहा गया मुझे बहुत देर तक उनके विचारों की वजह से नींद भी नहीं आ रही थी और इसलिए उस वजह से में हिम्मत करके उसी समय अपने बिस्तर से उठकर सोनल और श्रेया के रूम में चला गया.
फिर मैंने देखा कि वो दोनों लेटी हुई थी और फिर में धीरे से आगे बढ़ते हुए गहरी नींद में सोती हुई सोनल के पास जाकर पहले कुछ देर गोरी भरी हुई जांघो को अपनी चकित नजरों से देखता रहा. उसके बाद में उसकी स्कर्ट को धीरे धीरे उठाने की कोशिश करने लगा. अभी मैंने यह काम करना ही शुरू किया था कि इतने में श्रेया अपनी नींद से जाग गयी और उसने मुझे देख लिया. मेरा एक हाथ उस समय सोनल की स्कर्ट में अंदर घुसा हुआ था और वो यह सब अपनी आखों से देखकर बिल्कुल हैरान हो गयी और उसने मेरी इस हरकत की वजह से बिल्कुल चकित होते हुए अब गुस्से से उसने मुझसे डांटकर वहाँ से उसी समय बाहर निकल जाने के लिए कहा और में अपने मुहं को नीचे लटकाकर तुरंत ही बाहर आ गया.
मेरा सारा जोश एक ही बार में ठंडा हो गया और में अपनी गलती के बारे में मन ही मन सोचने लगा था. फिर दूसरे दिन में अपनी बहनों से शरम की वजह से इधर उधर छुपता रहा और उनसे नजर मिलाने की मेरी बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हो रही थी और करीब दस बजे श्रेया ने मुझे अपने पास बुला लिया. उस समय कमरे में बस हम दोनों ही थे. अब उसने मुझसे कहा कि वो यह सभी बातें मेरे पापा, मम्मी को बता देगी और वो गुस्से से बोली कि तुम रात को क्या कर रहे थे और तुम अपनी बहन को अपनी बीवी बनाने की बात सोच भी कैसे सकते हो, क्यों तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है या नहीं? अब मैंने मौके की नजाकत को समझकर तुरंत ही उसके सामने उसके हाथ पैर जोड़कर अपनी दीदी से माफी माँगी कि दोबारा ऐसी गलती कभी नहीं होगी और उससे यह बात किसी को भी बताने से मना किया. उसके बाद में अपने कमरे में चला गया.
दोस्तों उस दिन के बाद से मेरी बहन सोनल ने भी मुझसे बात करने बिल्कुल छोड़ ही दिया था, जिसकी वजह से बड़ा चिंतित डरा हुआ रहने लगा था. मेरा किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता था और फिर ऐसे ही दो तीन दिन निकल गये. मुझे पता ही नहीं चला और उस घटना की वजह से में बिल्कुल भूल ही गया था कि मैंने अपनी एक सेक्सी कहानियों की किताब अपने सेल्फ़ पर रखी हुई थी. एक दिन कुछ सामान ढूढ़ते समय उस किताब को गलती से श्रेया ने देख लिया और वो उस किताब को अपने साथ लेकर चली गई. उसको कहीं उसने उचित जगह पर छुपाकर रख दिया. फिर उसके दूसरी रात को में अपने कमरे से उठकर बाथरूम की तरफ जा रहा था तो देर रात का समय था और घर के सभी लोग मेरे हिसाब से सो चुके थे.
फिर मेरे मन में उसी समय एक दोबारा गंदा विचार आया और मैंने सोचा कि एक बार में उनको सोते हुए देख तो सकता हूँ जिसकी वजह से में अपनी बहनों के कमरे की खिड़की से अंदर झांककर देखने लगा, लेकिन उसके बाद तो मेरे होश बिल्कुल उड़ गए क्योंकि मैंने देखा कि मेरी वही सती सावित्री बनी बहनें सोनल और श्रेया दोनों ही मेरी उस किताब को बड़े मज़े से पढ़ रही थी.
में अब थोड़ी सी हिम्मत करके अचानक उनके रूम में चला गया और उसके बाद मैंने देखा कि श्रेया उस समय अपनी उंगली को अपनी चूत पर रगड़ रही थी और मेरी दूसरी बहन अपने बूब्स को धीरे से सहला रही थी, जिसका मतलब साफ था कि वो दोनों जोश में आ चुकी थी, लेकिन उन दोनों को यह भी पता नहीं चला कि मैंने उनको यह सब करते हुए अपनी आखों से देख लिया है और में कुछ देर देखकर वहाँ से वापस दबे पैर बाहर आकर बाथरूम में जाकर उनके नाम की मुठ मारकर अपने कमरे में वापस आ गया.
दोस्तों अब में पलंग पर लेटे हुए पूरी रात उन दोनों के बारे में सोचकर ना जाने कैसे कैसे विचार बनाता रहा, लेकिन अब मैंने सोच ही लिया था कि कैसे भी करके मुझे उनके साथ अब कुछ करना ही पड़ेगा. अब मेरे पास भी उनको दबाने के लिए कुछ सबूत सच्ची बातें उनकी हरकतों के बारे में मुझे पता चल चुका था. फिर दूसरे दिन मेरे पास अपने मन की उस बात को आगे बढ़ाने का एक अच्छा मौका था क्योंकि घर उस समय पूरा दिन मेरी मम्मी कहीं बाहर थी और वो शाम से पहले वापस नहीं आने वाली थी, लेकिन मेरा मन तो पूरी तरह से सोनल की चूत के नशे में पागल हो चुका था.
मैंने श्रेया से रात को उसके कमरे में हो रहे उस काम के बारे में पूछा वो शरमा गयी और तभी मैंने उससे कहा कि तुमने उस दिन मुझे मेरी छोटी सी बात के लिए इतना सब कहा और मुझे डराया और तुम दोनों के बीच रात में यह सब चलता है. फिर वो कहने लगी कि तुमने एकदम गलत काम किया था, क्योंकि हम लोग भाई बहन है और हम आपस में यह सब नहीं कर सकते है, यह बात अगर किसी को पता चले तो हमारे घर के साथ हमारी भी बड़ी बेज्जती होगी. फिर मैंने अपनी बात रखने के लिए उससे कहा, लेकिन उससे पहले हम एक जवान लड़का और लड़की है और वैसे भी उम्र के साथ साथ हम सभी में बदलाव आने लगता है और उसी वजह से मैंने अपने होश खोकर वो काम किया में पागल हो चुका था और तुमने मुझे प्यार से समझाने की जगह मेरे साथ ऐसा गंदा व्यहवार करना शुरू किया और फिर वो मेरी बातें सुनकर चुपचाप वहाँ से चली गयी.
फिर उसी रात को मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके सोनल से जाकर कह दिया कि मुझे तुम्हारी पेंटी चाहिए, तब उसने मुझसे कहा कि तुम बहुत अच्छी तरह से जानते हो कि में अपनी पेंटी कहाँ रखती हूँ और तुम मेरी पेंटी के साथ क्या करते हो, वो भी मुझे अब पता है, तुम्हे उसकी क्यों जरूरत है में सब कुछ समझती हूँ? अब मैंने उसका वो जवाब सुनकर मन ही मन खुश होकर उससे कहा कि रखी हुई पेंटी मुझे नहीं चाहिए मुझे तो जो तुमने अभी पहनी हुई है वो वाली चाहिए, तुम मुझे अभी उतारकर दो.
फिर उसने चकित होकर मुझसे कहा कि यह कभी नहीं हो सकता, में अभी यह सब कुछ पापा, मम्मी को फोन करके बताने जा रही हूँ. मैंने उसको डराते हुए कहा कि अगर तुमने ऐसा कुछ भी किया तो में तुम्हारी वो रात वाली हरकते भी उनको बता दूंगा और उन किताबो को भी उनके सामने लाकर कह दूंगा कि यह सब देखकर तुम वो सब काम करती हो, उनको यह सभी सबूत देखकर मेरे ऊपर पूरा पूरा विश्वास हो जाएगा.
अब वो मेरे मुहं से यह सभी बातें सुनकर डर गयी और उसी समय उसने तुरंत ही खड़े होकर अपनी स्कर्ट के अंदर अपने दोनों हाथों को डालकर अपनी पेंटी को नीचे कर दिया. फिर उसके बाद वो पेंटी अब मेरे हाथ में थी और में उसकी उतरी हुई गरम पेंटी को अपने साथ लेकर अपने कमरे में सोने चला गया मैंने तुरंत ही दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और उसको बड़े मज़े से चूमते हुए जोश में आकर मैंने उसको अपने लंड के ऊपर रखकर मुठ मारना शुरू किया कुछ देर बाद अपना पूरा वीर्य पेंटी के अंदर निकालकर अपने लंड को शांत करके में ना जाने कब वैसे ही सो गया और दूसरे दिन सुबह उठा और अब तो ऐसे सभी काम में बिना किसी डर के करने लगा. मुझे अपनी बहनों की तरफ से कोई भी चिंता नहीं थी.
में हर कभी उनकी पेंटी को उतरवाकर उसमे अपना वीर्य निकालकर उनको देकर अपने दूसरे काम को करने लगता. दोस्तों, लेकिन इतने दिनों तक यह काम करने के बाद अब मेरा मन कुछ अलग हटकर करना चाहता था, इसलिए में किसी अच्छे मौके की तलाश में हमेशा रहने लगा था और एक दिन मुझे मेरी अच्छी किस्मत से एक मौका मिल ही गया, क्योंकि उस दिन मेरे पापा और मम्मी हमारे किसी रिश्तेदार की शादी में शामिल होने दो दिन के लिए हमारे गाँव चले गये.
फिर उस रात को में बिना डर ना किसी संकोच के में सीधा सोनल के रूम में चला गया और मैंने आज उनके साथ सब कुछ करने की बात अपने मन में सोच रखी थी. मैंने जल्दी से अपना पांच इंच का लंड पेंट से बाहर निकाल दिया और उसके बाद में एकदम नंगा होकर उन दोनों के सामने बैठ गया. तो मेरी इस हरकत की वजह से शरमाकर श्रेया वहाँ से उठकर तुरंत ही बाहर चली गई, लेकिन मेरी नजरे तो बस सोनल पर ही अटकी हुई थी और अब मैंने सोनल से कहा कि मैंने आज तक कोई जवान लड़की को नंगी नहीं देखा, मैंने केवल इंटरनेट और किताबों में ही यह सब देखा है, आज शायद मुझे यह मौका मिल जाए?
मैंने देखा कि सोनल बार बार मेरे मोटे लंबे लंड को ही अपनी चकित नजरों से देख रही थी. मेरा इतना दमदार अच्छे आकार का लंड भी शायद उसने पहली बार देखा था, इसलिए उसके साथ ऐसा हो रहा था. अब मैंने सही मौका देखकर पास आकर धीरे धीरे उसके टॉप को उतार दिया. तब मुझे पता चला कि उसने सफेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी और उसके वो बूब्स आकार में 34 इंच के होंगे.
अब में उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को छूकर महसूस करने लगा. फिर कुछ देर बाद उसके मुहं से आह्ह्ह उह्ह्ह आउच की आवाज़ निकलने लगी. वो बड़ी मादक लग रही थी, जिसकी वजह से मेरा जोश अब पहले से ज्यादा बढ़ गया. अब मैंने बिना देर किए मौके का फायदा उठाकर उसकी ब्रा को उतारकर देखा बूब्स झट से मेरे सामने आकर खुली हवा में साँस लेने लगे, एकदम गोरे गोलमटोल बूब्स के ऊपर उसकी उठी हुई निप्पल को देखकर में अपने होश खो बैठा.
तुंरत ही मैंने उसके गुलाबी रंग के निप्पल को अपने मुहं में लेकर चूसना सहलना शुरू किया और ऐसा करने से हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था, करीब दस मिनट तक उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से में दबाता और चूसता भी रहा जिसकी वजह से उसके बूब्स पूरे लाल हो गये थे और वो जोश में आकर सिसकियाँ लेते हुए अपनी चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी थी. अब मैंने उस समय की नज़ाकत को देखते हुए तुरंत ही उसकी स्कर्ट को खोल दिया, जिसकी वजह से मुझे उसकी गुलाबी रंग की सिल्क वाली पेंटी साफ साफ नज़र आने लगी थी और उसके अंदर उसकी वो उभरी हुई कुंवारी चूत भी मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगी.
फिर मैंने झट से उसकी पेंटी को भी खोल दिया और तब मेरी आखों के सामने बड़ा ही मस्त चकित कर देने वाला द्रश्य था, जिसको देखकर मेरे माथे से पसीना आने लगा, क्योंकि पहली बार में किसी की चूत, बूब्स गोरा जिस्म वो भी बिना कपड़ो के देख रहा था और उसकी वजह से मेरे शरीर का पारा चड़ चुका था. मुझे अब गरमी भी लगने लगी थी. दोस्तों मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और उसके ऊपर एक भी बाल नहीं था. में पागल होकर जानवरों की तरह उसकी चूत को चूमने लगा और कुछ देर बाद अपनी जीभ से चाटने भी लगा था, जिसकी वजह से वो आहह ऊफ्फ्फ उम्मह बस करो बार बार कहने लगी, लेकिन में तो अब किसी के भी कहने से रुकने वाला नहीं था और मैंने उसको बेड के साइड में बैठाकर दोनों हाथों से उसकी जांघो को पूरा फैलाकर चूत के होंठो पर अपने मुहं को उसकी चूत के होंठो पर लगाकर चूत का रस पीने लगा.
में उसको किसी रसीले आम की तरह चूसता रहा, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था, कुछ देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और बोली अब देर मत करो, जल्दी से अंदर डाल दो मुझसे अब रुका नहीं जाता. फिर मैंने जल्द से अपनी पेंट से कंडोम निकालकर लंड पर लगा लिया और उसके बाद में उसके ऊपर चड़ गया. मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़कर उसकी चूत के मुहं पर रखकर धक्का देते हुए अंदर डालने लगा. फिर वो आह्ह्ह आईईईइ ऊऊउउहह आआहह करने लगी और मेरे तीन जोरदार धक्को में लंड पूरा उसकी चूत के अंदर चला गया.
फिर में तेज तेज धक्के लगाने और उसके बाद करीब पांच मिनट तक उसको वैसे ही धक्के देकर मैंने चोदा और अब वो भी जोश में आकर अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी. फिर में झड़ गया और फिर कुछ देर बाद मैंने उसके बूब्स के मज़े लेने के बाद जब मेरा लंड छोटा हुआ उसको बाहर निकाल लिया. उसके बाद उस कमरे से सीधा में कपड़े पहनकर बाथरूम में चला गया और उसके बाद नहाकर अपने कपड़े पहनकर में कुछ घंटो के लिए घर से बाहर चला गया.
दोस्तों सच कहूँ तो में उस दिन अपनी पहली चुदाई के मज़े लेकर बड़ा खुश था. फिर कुछ दिन अपने घर वालों के साथ रहने बाद में वापस अपने होस्टल चला गया, लेकिन उसके बाद से जब भी हम तीनों घर में अकेले रहते तो में सही मौका देखकर उनके साथ चुदाई का खेल खेलकर मज़े लेता. उन्होंने मेरे साथ उनकी चुदाई का अब बिल्कुल भी विरोध करना एकदम बंद कर दिया था और में हमेशा उनको कंडोम लगाकर ही चुदाई का मज़ा देता, जिसकी वजह से ना उनको कोई दुःख और ना मेरे सामने कोई परेशानी थी. दोस्तों यह थी मेरी एक सच्ची चुदाई की कहानी जिसमे मैंने अपनी बहनों के साथ मज़े लिए में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी.
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शादी में भाई के लंड का मजा


हैल्लो दोस्तों, मेरी उम्र 23 साल है. हाईट 5 फुट 3 इंच और रंग काफ़ी गोरा है, बाल गोल्डन ब्राउन है, फिगर साईज 35-27-34 है. ये बात पिछले महीने की है. मेरी एक कज़िन की शादी लखनऊ में थी, लेकिन उस दिन और भी शादियाँ थी, जिसकी वजह से कोई परिवार का सदस्य लखनऊ शादी में नहीं जा सकता था.
मेरी बुआ का लड़का जिसका नाम राहुल है 3 बज़े के आस पास मेरे घर आया और पूछा कि कौन शादी में जाएगा? तो तब माँ ने मना किया कोई नहीं, लेकिन उसकी ज़िद के आगे माँ ने कहा कि मोनिका से पूछ लो अगर वो जाना चाहे. फिर तब उसने मुझसे पूछा, तो में जाने के लिए तैयार हो गई. राहुल काफ़ी हैंडसम और अमीर है.
फिर वो कार लेने घर जाने लगा तो तब माँ ने कहा कि कार से नहीं जाना है, ट्रेन या बस से चले जाओ. फिर तब मैंने उससे कहा कि तुम अपने कपड़े ले आओं, तब तक में भी पैकिंग कर लूँगी. फिर हम लोग लगभग 4 बज़े घर से निकले और स्टेशन गये, लेकिन ट्रेन में बहुत भीड़ थी तो वहाँ से हम बस स्टेशन गये, ए.सी बस जा रही थी, अब तक 5 बज गये थे. फिर हम लखनऊ लगभग 8 बज़े पहुँचे, शादी एक होटल से थी, जो बस स्टेंड से 1 किलोमीटर दूर था.
जब हम होटल पहुँचे तो काफ़ी लेट हो चुके थे. फिर बुआ ने हमें केवल एक ही रूम दिया और बाकी रूम गेस्ट से भरे हुए थे. फिर हम तैयार होकर हॉल में आ गये, अभी बारात आने में टाईम था.
फिर हम लोग सबसे मिलने जुलने लगे, हम पंजाबी है इसलिए हमारे यहाँ शादी में पीने पिलाने का इंतज़ाम जरूर होता है. फिर कज़िन ने चुपचाप जाकर पी ली, मैंने शादी में लहंगा चोली पहना था. अब रात के लगभग 12 बज़े थे. फिर जब फैरो का टाईम हुआ, तो तब में ड्रेस चेंज करने रूम में आई तो तब कज़िन वहीं पर था और बियर पी रहा था. फिर में ड्रेस चेंज करने बाथरूम में चली गई और फिर मैंने वहाँ पंजाबी सूट पहना, जो काफ़ी टाईट होता है.
जब में बाहर निकली तो तब उसने कहा कि दीदी थोड़ी देर रुक जाओ, में भी अभी चलता हूँ और फिर उसने मुझसे बियर के लिए पूछा तो तब मैंने कहा कि शादी में बहुत लोग है ठीक नहीं रहेगा, लेकिन जब उसने थोड़ा कहा तो मैंने एक गिलास पी ली, वैसे में कभी-कभी पार्टी शादी में पी लेती हूँ, लेकिन बहुत ज़्यादा नहीं पीती हूँ.
उसने मुझे आधी बोतल और देते हुए कहा कि दीदी इसे और पी लो, तब चलते है. खैर मुझे कोई प्रोब्लम नहीं थी तो मैंने पी ली. फिर वो मुझसे कहने लगा कि दीदी आप शादी में क्या सेक्सी लग रही थी? तो में शर्मा गई और मैंने कहा कि अब ड्रिंक खत्म करो और चलो. तब उसने मेरा हाथ पकड़कर बैठाते हुए कहा कि अभी रूको चलते है और फिर वो मेरी तारीफ के पूल बाँधने लगा और कहा कि दीदी अपना दुप्पटा उतार दो, में ऐसे ही आपको देखकर बताता हूँ कि आप कैसी लग रही हो? तो तब मैंने उससे कहा कि तुम पागल हो क्या? में तुम्हारी बहन हूँ कोई गर्लफ्रेंड नहीं.
तब वो कहने लगा कि एक दिन के लिए बन जाओ. फिर जब में गुस्से से रूम के बाहर जाने लगी, तो तब उसने मेरा हाथ पकड़कर खींच लिया और मुझे ज़ोर से गले लगा लिया. अब मैंने भी पिछला सेक्स 31 दिसम्बर को किया था और उसके बाद नहीं, इसलिए थोड़ी उत्तेजित तो में भी थी, लेकिन में सेक्स के लिए तैयार नहीं थी, क्योंकि राहुल था तो मेरा भाई.
अब में यहाँ तक तैयार हो गई थी कि वो मुझे कपड़ों के ऊपर से जो करना चाहे कर सकता है. फिर वो मुझे लिप्स किस करने लगा और काफ़ी देर तक करता रहा. तब मैंने उससे कई बार कहा कि ये गलत है. फिर तब वो कहने लगा कि एक बियर और पीते है सब गलत सही हो जाएगा. अब तक लगभग में भी मूड बना चुकी थी कि कर ही लेती हूँ जो होगा देखा जाएगा.
हम बेड पर आकर बैठ गये और वो मुझे किस करने लगा और फिर उसने अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया तो में एकदम से शर्मा गई. अब में शर्म के मारे खुलकर इन्जॉय नहीं कर पा रही थी. फिर मैंने राहुल से कहा कि मुझे और ड्रिंक करनी है, तो वो रूम के बाहर गया और बियर ले आया. फिर हम दोनों ने लगभग डेढ़ बियर पी और डेढ़ बियर बच गई थी.
अब वो अपना सूट उतारने लगा था. अब वो अंडरवेयर और बनियान में मेरे सामने खड़ा था. फिर उसने मेरे कपड़े उतारने चाहे तो मैंने कहा कि लाईट बंद कर दो तब उतारूँगी. तब उसने कहा कि क्या दीदी बिना लाईट के क्या मज़ा आएगा? और मेरा ऊपर का उतार दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे दोनों बूब्स दबाने लगा था. अब तक में काफ़ी उत्तेजित होकर कर रही थी. फिर उसने मुझे बेड पर लेटाकर मेरी ब्रा खोल दी.
वो मेरे बड़े-बड़े बूब्स देखकर एकदम पागल हो गया था और उसे बुरी तरह मसलने लगा था. अब काफ़ी दिनों के बाद सेक्स करने की वजह से मेरे निप्पल एकदम टाईट और पिंक हो गये थे. अब वो अपने एक हाथ से मेरे बूब्स दबा रहा था और दूसरे हाथ से मेरा सलवार खोल रहा था. अब सलवार उतारने के बाद मैंने शर्म की वजह से अपनी आँखें बंद कर ली थी. फिर जब उसने मेरी पैंटी उतारी तो तब मैंने अपने दोनों हाथ अपनी चूत पर रख लिए और पैर एक के ऊपर एक चढ़ा लिए थे. फिर उसने अपने बाकि के कपड़े उतार दिए, मेरी आँखें अब भी बंद थी. फिर उसने अपना लंड मेरे लिप्स पर रखा तो जब मैंने आँखें खोली तो उसे मना कर दिया कि में चुसाई नहीं करूँगी.
फिर तब उसने कोई जबरदस्ती नहीं की और कहा कि ठीक है, लेकिन हाथ में तो ले सकती हो ना. उसका लंड काफ़ी बड़ा और मोटा था. अब में उसका लंड अपने एक हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी थी. फिर थोड़ी देर के बाद वो उठा और मेरी दोनों टाँगे फैलाकर मेरी चूत चाटने लगा और अपने दोनों हाथों से मेरे बूब्स दबाने लगा था. अब वो बहुत तेज़ी से कर रहा था, अब मुझे एक अज़ीब सी गुदगुदी हो रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद उसे लगा कि में सेक्स के पूरे मूड में आ गई हूँ, तो तब उसने मेरे दोनों पैर फिर से फैलाकर अपना लंड मेरी चूत पर रखा और धीरे से थोड़ा आगे किया, तो में कसमसा कर रह गई थी. फिर उसने थोड़ी तेज़ी से एक धक्का मारा तो में चिल्लाई कि रुक जाओ, तो फिर वो अपना लंड वहीं पर थोड़ा-थोड़ा अंदर बाहर करने लगा.
मैंने उससे पूछा कि अभी कितना बाहर है? तो तब उसने कहा कि दीदी अभी गया ही कितना है? तो तब मैंने कहा कि में शायद अब और अंदर नहीं ले पाऊँगी, मुझे इतने में ही काफ़ी दर्द हो रहा है. फिर वो कहने लगा कि एक काम करो, आप अपनी आँखें बंद करके लेट जाओ और थोड़ा सा और बर्दाश्त करो, थोड़ी देर में सब सही हो जाएगा और मज़ा भी आएगा.
अब मैंने अपनी आँखें बंद की ही थी कि उसने मेरा दुप्पटा मेरे मुँह पर मेरे मुँह खोलते ही डाल दिया और मेरे दोनों हाथ पकड़कर एक ज़ोरदार धक्का लगाया तो मेरे मुँह में से एक दबी-दबी चीख निकल गई. अब वो लगभग अपना पूरा लंड अंदर कर चुका था. फिर जैसे ही उसने मेरा एक हाथ छोड़कर मेरे बूब्स दबाने शुरू किए तो तब मैंने दुप्पटा मेरे मुँह से बाहर निकाल लिया. अब वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगा रहा था.
थोड़ी देर तक तो में आआअहह, आअहह, धीरे-धीरे, रूक्कक्कक जाओं, अब नहीं करती रही और फिर थोड़ी देर बाद में भी जोश में आ गई और नीचे से उछल-उछलकर उसका साथ देने लगी थी. अब टाइमिंग कुछ ऐसी थी कि जब में नीचे से उछलती थी, तो तभी वो धक्का लगाता था. अब इस वजह से उसका लंड काफ़ी अंदर तक जा रहा था. अब मेरे मुँह से आह में मर गई, मर गई, अब नहीं सहा जा रहा, रोक लो, में मर जाऊंगी और जाने क्या-क्या निकल रहा था? फिर लगभग 15-20 मिनट के बाद 1 मिनट के अंतर पर हम दोनों झड़ गये. पहले में और बाद में राहुल और फिर हम दोनों थककर लेट गये.
फिर थोड़ी देर के बाद में उठी और अपने कपड़े पहनने लगी तो तब राहुल ने मना किया. फिर मैंने मना किया और उससे कहा कि जो भी हुआ ये गलत ही है ना. तब वो कहने लगा कि दीदी गलती-गलती ही होती है, एक बार की हो या ज़्यादा बार.
मैंने पूछा कि कहते क्या हो? तो वो कहने लगा कि बस आज रात के बाद में कभी भी आपसे सेक्स के लिए नहीं कहूँगा, ये वादा है. तो तब उसने कहा कि 5 मिनट सोच लो, तब तक बियर पीते है. फिर मैंने भी सोचा कि जो नहीं करना था, वो तो कर ही लिया, चलो अब एक रात की ही तो बात है जो होगा देखेंगे. अब में भी तैयार हो गई थी और फिर उसने उस रात मुझे 3 बार और जमकर चोदा. में बता नहीं सकती कि कितना मज़ा आया था?
फिर आखरी में राहुल ने कहा कि अगर आप मेरी दीदी नहीं होती तो में आपसे शादी कर लेता. अब सुबह होने को थी. फिर मेरे मोबाईल पर कॉल आई की लड़की विदा होने जा रही है. अब में जाने के मूड में नहीं थी, में काफ़ी थक गई थी, लेकिन फिर भी तैयार होकर नीचे जाना पड़ा.
जैसे ही लड़की विदा हुई तो में रूम पर आकर सो गई. फिर जब कज़िन ने मुझे जगाया तब तक 11 बज गये थे. फिर में नहाकर तैयार हुई और हम वापस कानपुर के लिए लौट गये. अब राहुल और में एक दूसरे से बस में आँख भी नहीं मिला पा रहे थे. फिर मैंने राहुल से कहा कि इसे एक सपने की तरह भूल जाना और हुआ भी ऐसा ही उस दिन के बाद राहुल मेरे घर कभी नहीं आया और ना में उससे कभी मिली.
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