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हसीन मेहबूबा


मेरा नाम अरमान है. मैं राजस्थान के कोटा शहर का रहने वाला हूँ। मेरा कद 6 फीट और उम्र 22 साल है. अच्छी बॉडी वाला लड़का हूँ। मैं दूसरों की तरह यह तो नहीं कहूंगा कि मेरा लण्ड 8 इंच का है, मगर यह जरूर कहूंगा कि मेरा लंड किसी भी औरत और लड़की को hotsex से संतुष्ट कर सकता है।
वो बरसात के दिन थे. मुझे किसी काम से मेरे शहर से 200 किलोमीटर दूर जाना था। मैं शनिवार को आपनी कार से निकल पड़ा।
मौसम बहुत सुहाना था तो मैंने रास्ते में वाइन शॉप से एक बीयर ले ली और कार में ही उसे पीने लग गया और कार भी चला रहा था।
मैं अपने शहर से करीब 80 किलोमीटर दूर आ गया था. रास्ते में बरसात बहुत तेज हो गयी थी।
बीयर भी अपना असर दिखा रही थी. हल्का नशा हो रहा था.
बरसात तेज होने के कारण मुझे रोड साफ़ दिखाई नहीं दे रहा था।
रास्ते में बहुत डरावना जंगल था. दूर-दूर तक सुनसान रास्ता था और रोड पर गाड़ियां भी बहुत कम चल रही थीं।
रात के करीब 8 बज चुके थे और मुझे भूख लग रही थी, मगर आस-पास दूर-दूर तक कुछ नहीं था।
तभी अचानक मेरे सामने जंगल में से भागता हुआ एक नीलगाय (हिरन जैसा जानवर) मेरी कार के सामने आ गया.
मैंने एकदम हड़बड़ा कर गाड़ी को साइड में घुमा दिया.
मेरी गाडी स्पीड में ही रोड से नीचे उतर कर झाड़ियों में घुस गयी और पीछे का टायर एक गड्ढे में फंस गया और गाड़ी बंद हो गयी।
मैंने मन ही मन ऊपरवाले को कोसा कि कैसे सुनसान रोड पर गाडी ख़राब करवा दी.
अब आस-पास दूर-दूर तक इंसान तो दूर, कोई झोपड़ी भी नहीं दिख रही थी.
मैंने सोचा चलो जैसे तैसे रात कार में ही गुजारते हैं. सुबह किसी को ढूंढ कर निकलने का जरिया खोज लूंगा।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
hotsex stories मेरे दिमाग में आया कि चलो रात यहाँ बिताने से अच्छा है कुछ दूर तक चला जाये. क्या पता कोई घर या झोपड़ी मिल जाये? मैंने कार को लॉक किया और चल पड़ा जंगल की ओर.
फिर अचानक से बहुत तेज बिजली कड़की और मुझे एक पुरानी फिल्मों की तरह की एक हवेली नजर आई मैंने सोचा कि चलो रात तो बिताई जा सकती है।
मैं उस हवेली की तरफ बढ़ चला.
अंधेरा होने की वजह से मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था.
मैं हवेली के पास पंहुचा और मैंने आवाज लगाई पर अंदर से कोई आवाज नहीं आई.
फिर मैंने जोर से दरवाज़े को बजाया मगर फिर भी कोई आवाज नहीं आई.
मैंने सोचा यहाँ कोई नहीं रहता, तो मैं जैसे ही वापस जाने के लिए मुड़ा, अचानक हवेली की लाइट जली और अंदर से आवाज आई- कौन है?
वो आवाज़ इतनी मधुर थी कि मैं उस औरत की सुंदरता को सिर्फ कल्पना कर रहा था कि इसकी आवाज इतनी सुन्दर है तो यह कितनी सुन्दर होगी?
तभी फिर से अंदर से आती आवाज ने मेरी कल्पना को तोड़ा- कौन है?
मैंने जवाब दिया- मेरी कार पास में ही ख़राब हो गयी है और रात भी बहुत हो गयी है इसलिये मैं आपके यहाँ रात गुजार सकता हूं क्या?
अंदर से आवाज आई- मैं तुम पर यकीन क्यों करूं?
मैंने फिर अपनी कार ख़राब होने की दास्तान सुनाई. तभी हवेली का दरवाजा खुला और तभी अचानक जो मैंने देखा उसे मैं कभी नहीं भूल सकता.
काली साड़ी में मेरे सामने खुद काम की देवी खड़ी थी. वैसी सुंदरता मैंने मेरी जिंदगी में कहीं नहीं देखी थी. जैसे स्वर्ग की अप्सराएं भी इसके सामने फीकी पड़ जायें।
उसके जिस्म को शब्दों में बयां करना नामुमकिन सा था. कद 5 फीट 8 इंच. चेहरा ऐसा जैसे कोई भी देखते ही मोहित हो जाये. होंठ सेब की फ़ांकों की तरह लाल, जिस्म का आकार 34, 30, 34 था.
उस काम की देवी के पास से ऐसी खुशबू आ रही थी कि बस मैं उसके वश में होता जा रहा था.
सी तराशी हुई हुस्न की मूरत थी कि खुदा ने अपनी सारी सोच इसे बनाने में ही लगा दी हो।
मैंने मन ही मन ऊपरवाले को शुक्रिया कहा कि ऐसी सुंदरी के दर्शन करवाए जिसे असल जिंदगी में देखना ही जिंदगी धन्य कर दे।
तभी उसकी आवाज ने फिर से मेरी कल्पना की दुनिया से मुझे जगाया- यहाँ ही खड़े रहना है या अंदर भी आओगे?
मेरे गले से धीमी सी आवाज निकली- हाँ जी.
उसे देखते ही सारे अरमान जाग गए. मैंने मन ही मन ऊपरवाले को धन्यवाद दिया।
मेरे मन में कुछ और सवाल भी थे कि इतने सुनसान जंगल में यह अकेली और यहाँ कोई नहीं?
अचानक मुझे गीले कपड़ों की वजह से छींकें आने लग गयीं तो उसने कहा- जाइये कपड़े बदल लीजिये.
मैंने कहा- मेरे पास कपड़े नहीं है. उसने कहा कि मेरे पति के कपड़े दे देती हूं मैं आपको. आप जाइये फ्रेश हो जाइये।
मैं जाकर फ्रेश हो कर आ गया और मैंने उसके पति का पायजामा और टी-शर्ट पहन ली. फिर भी मेरे मन में बहुत से सवाल थे तो मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने उनका नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम अक्षिता बताया और मैंने पूछा कि इस सुनसान जंगल में आप अकेली वो भी इतने बड़े घर में?
तो उन्होंने मुस्कुरा कर कहा- ये मेरे पति के पुरखों की हवेली है और वो एक वन विभाग में अफसर हैं उनकी पोस्टिंग इसी जंगल में हो गयी तो हम यहाँ आ गये.
उसने आगे बताया कि घर के नौकर अपने गांव गये हैं और मेरे पति मीटिंग करने कुछ दिनों के लिए बाहर गए हैं.
फिर मैंने उसको अपना नाम बताया।
उन्होंने कहा- मैं अभी खाना लगाती हूं. आप खाने की टेबल पर चलिये.
फिर हमने साथ में खाना खाया. फिर अक्षिता ने बर्तन किचन में रखे.
जब वो चलती थी तो ऐसे लग रहा था कि कोई हिरणी अपनी सुंदरता पूरे जंगल में बिखेर कर जा रही हो।
मैं बार-बार ऊपरवाले को इस रात के लिये धन्यवाद दिये जा रहा था।
अक्षिता ने फिर मुझसे पूछा- आप कुछ पीएंगे?
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कविता की रसभरी चूत


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अरुण है और में बिलासपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह बात आज से तीन महीने पहले की है, जब में अपने दोस्त के घर गया था. वहाँ पर मुझे एक लड़की नजर आई वो दिखने में बहुत ही सुंदर और सेक्सी थी और उसके बूब्स का आकार करीब 36-28-36 था. हमेशा उसको देखते ही मेरे लंड में एक अजीब सी सरसराहट होनी शुरू हो गयी और फिर क्या था? मैंने इधर उधर सभी से पूछकर उसके बारे में जानने की कोशिश की और तब मुझे पता चला कि वो मेरे उसी दोस्त की पड़ोसन है.
मैंने अब धीरे धीरे उसके साथ जानपहचान को बढ़ाना शुरू किया और फिर कुछ ही दिनों बाद हम दोनों की बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी. वो मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें करती और मुझे उससे बहुत मजाक करता, जिसकी वजह से हम दोनों ही एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे, उसके साथ रहकर मुझे पता ही नहीं चलता कि कब मेरे समय निकल जाता.
एक दिन की बात है, में उस लड़की के घर चला गया और मेरी अच्छी किस्मत से वहाँ पर उस दिन उसके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था सिर्फ़ वो जिसका नाम कविता था, बस वो अपने घर में अकेली थी और उसने कुछ खास कपड़े नहीं पहने थे. फिर मैंने ध्यान से देखा कि उसका ऊपर का हिस्स जिसको हम सभी बूब्स कहते है बूब्स का उभरता हुआ हिस्सा मुझे साफ साफ नजर आ रहा था और जैसे ही में अंदर गया तो उसने ज़ोर से चिल्लाकर कहा रुक जाओ वहीं पर. तो में बहुत चकित हुआ में मन ही मन सोचने लगा कि इसको अचानक से क्या हुआ? और फिर मैंने उससे पूछ ही लिया क्यों क्या हुआ जो तुम मुझे इस तरह से बाहर रहने के लिए कह रही हो? तब उसने मुझसे कहा कि कुछ नहीं मुझे पोछा लगाना है इसलिए तुम कुछ देर बाहर ही खड़े रहो.
अब मैंने उससे कहा कि बाहर खड़ा रहूँगा तो क्या तुम्हे अच्छा लगेगा? तो उसने मेरी बात को सुनकर मुझे अपने घर में अंदर की तरफ बुला लिए और कहा कि ठीक है लेकिन तुम अपने दोनों पैरों को ऊपर करके बैठ जाओ और में उसके कहने के हिसाब से बैठ गया. अब वो ठीक मेरे सामने पोछा लगाने के लिए झुकी, जिसकी वजह से उसके बूब्स जो की आकार में बहुत बड़े है वो मेरे सामने लटकते हुए झूल रहे थे और उसके दोनों घुटनों से दबने टकराने की वजह से वो कपड़ो से बहुत ज्यादा ऊपर उठकर बाहर आने को बेताब हो रहे थे. में देखकर बड़ा चकित होने के साथ साथ खुश भी बहुत हो रहा था.
फिर मैंने कुछ देर बाद उससे पूछ लिया कि इतनी देर हो गयी है और अभी तक घर की सफाई का काम खत्म नहीं हुआ, ऐसा क्यों? यह काम तो सुबह जल्दी ही खत्म हो जाता है? तो वो मुझसे कहने लगी कि आज घर पर मेरे अलावा कोई भी नहीं है, अकेले मैंने पहले दूसरे काम खत्म किया और उसके बाद इस काम में अब लगी हूँ इसलिए मुझे इतनी देर हो गयी है.
दोस्तों बस फिर क्या था? में तो वैसे भी बहुत दिनों से ऐसा ही कोई अच्छा मौका खोज रहा था, जिसका फायदा उठाकर में उसके साथ अपने मन का कोई काम कर लूँ जिसकी वजह से मेरा मन खुश हो जाए. अब मैंने खुश होते हुए टीवी को चालू कर लिया और उसके बाद में उसमे गाने सुन और देख रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उस चेनल को बदल किया और अब मैंने फेशन टीवी लगा दिया उस समय उसमे औरतो की पेंटी और ब्रा का प्रदर्शन हो रहा था, तो अचानक से कविता की नज़र भी उस पर पड़ गई और वो भी बड़े मज़े से उसको देखने लगी. फिर कुछ देर बाद मैंने धीरे से उससे पूछा तुम यह क्या देख रही हो? तब उसने शरमाकर कहा कि कुछ नहीं और इतना कहकर उसने अपनी नजरों को नीचे झुका लिया और अब मैंने उससे कहा कि इसमे शरमाने वाली कौन सी बात है? जो तुम इस समय टीवी में देख रही हो वो सब तुम्हारे पास भी तो है.
दोस्तों मेरे मुहं से वो सभी बातें सुनकर कविता हल्की सी मुस्कुराने लगी और उसने कहा कि धत तुम ऐसी क्या शरारती बातें करते हो? फिर मैंने अपनी उसी बात को आगे बढ़ाते हुए उससे कहा क्या में तुमसे एक बात पूछ सकता हूँ? उसने कहा कि हाँ जरुर पूछो.
अब मैंने उससे कहा कि तुम इस बात को सुनकर गुस्सा तो नहीं करोगी ना? उसने कहा कि नहीं में कोई भी गुस्सा नहीं करूंगी और फिर हिम्मत करके मैंने उससे पूछा कि तुम्हे सेक्स के बारे में कितना पता है? उसके बारे में तुम क्या क्या जानती हो? तो उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर शरमाते हुए कहा कि कुछ खास नहीं मुझे बस थोड़ा सा पता है और वो भी मैंने अपनी एक सहेली से इसके बारे में सुना था.
फिर उसने मुझसे कहा कि तुम इसके बारे में कितना जानते हो? तभी मैंने उससे कहा कि तुम चाहो तो मुझे एक बार आज़माकर देख लो तुम्हे अपने आप ही पता चल जाएगा, यह बात कहते हुए में उसके बहुत करीब पहुंच गया और मैंने तब उस समय महसूस किया कि उसके दिल की धड़कने बड़ी तेज़ हो गयी थी और मैंने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि हम एक बहुत अच्छे दोस्त है, इसमें शरमाने वाली कौन सी बात है?
अब उसकी नज़र मेरी नजरों से टकराई तो मैंने उसके होठों पर अपने होठों से किस कर दिया इतने में उसका जोश बढ़ गया और वो सिहर उठी मैंने उसको उसी पोज़िशन में पांच मिनट तक रखा था जिससे वो गरम हो चुकी थी और मैंने धीरे से उसके सूट के अंदर नीचे की तरफ से हाथ डाल दिया तो वो डर गई और उसने मुझसे कहा कि नहीं यह सब ग़लत है, लेकिन उस समय वो जोश में भी बहुत थी, इसलिए उसकी तरफ से कुछ ज्यादा विरोध नहीं हुआ और उसका सूट धीरे धीरे करके मैंने उतार दिया. फिर धीरे से उसकी सलवार को भी उतार दिया और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और उसके बाद उसका वो गोरा जिस्म देखकर मेरा लंड फनफनाने लगा.
फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड के ऊपर रखा, जिसको वो कुछ देर ऊपर से ही सहला रही थी. उसके हाथ को महसूस करके वो मेरे तनकर खड़े लंड को महसूस करने के बाद मुझसे पूछने लगी कि तुम्हारी पेंट में शायद कुछ है? तो मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही इसको खोलकर देख लो. अब उसने मेरी पेंट की चेन को खोला और उसके बाद उसने मेरी पेंट को उतार दिया और फिर उसके बाद वो मेरी शर्ट को भी उतारने लगी.
उसने उसको भी उसने तुरंत ही उतार दिया, जिसकी वजह से अब में भी उसके सामने सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था. मैंने फिर से उसके होठों पर किस किया और वो ससस्स करने लगी करीब तीन मिनट के बाद मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया जिसमें से उसके 36 इंच के बूब्स बाहर आकर मेरे सामने आ गये. फिर मैंने अब उसके दोनों बूब्स को अच्छी तरह से मथना दबाना शुरू कर दिया इतने में वो इतनी गरम हो गयी कि आप पूछो मत में लिखकर नहीं बता सकता. अब मैंने अपने दूसरे हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया, तो उसकी चूत पर हल्के हल्के से बाल थे और वो थोड़ी गीली बहुत गरम लग रही थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि मुझे ऐसा गीला क्यों लग रहा है? तो उसने कहा कि यह मेरी चूत का पानी है और मेरे जोश में आने की वजह से यह बाहर आने लगता है, दोस्तों उसकी यह बातें सुनकर में समझ गया कि यह झड़ रही है और मैंने उसी समय उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी चूत के पानी का स्वाद लेने लगा, जिसकी वजह से उसने मुहं से सिसकियों की आवाज़े निकलने लगी आह्ह्ह्ह माँ ऊफ्फ्फ्फ़ अब मैंने उससे कहा कि अभी तो शुरूआत है, तुम आगे आगे देखो होता है क्या? मैंने इतना कहकर अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया. अब वो मेरा लंड देखकर एकदम से डर गयी और उसने मुझे कहा कि इतना बड़ा लंड, मैंने उससे कहा कि पहली बार है ना तो तुम्हे थोड़ा सा दर्द तकलीफ़ जरुर होगी, लेकिन उसके बाद तुम्हे बहुत मज़ा आएगा.
उसके बाद फिर क्या था मैंने अपना लंड सबसे पहले उसके मुहं में डाला तो उसने उसको चूसना शुरू किया. कुछ देर बाद मैंने उसके मुहं से लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत के होंठो पर अपने लंड को रखा तो वो डरने लगी थी और वो कह रही थी कि इतना मोटा और लंबा लंड को मेरी इस छोटी सी चूत में कैसे जाएगा, तुम इसको कैसे इसके अंदर डालोगे? यह तो मेरी चूत को फाड़ ही देगा, मुझे इससे बहुत दर्द होगा.
फिर में उसको उठाकर उसके बेड पर ले गया और उसके कूल्हों के नीचे मैंने दो तकिये लगा दिए. उसके बाद मैंने उसकी चूत पर अपने मुहं को रखकर कुछ देर उसकी चूत को चूसने का मज़ा लिया, जिसकी वजह से उसने जोश में आकर कुछ देर बाद मेरे सर को अपनी चूत पर दबा लिया और वो जोश में आकर अपने कूल्हों को ऊपर उठा रही थी. फिर कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत की रसभरी पंखुड़ियों पर रखा और धक्का दे दिया, लेकिन पहली बार में वो फिसल गया.
मैंने उससे कहा कि तुम्हारी चूत का छेद बहुत छोटा है तुम इसलिए अपनी चूत को अपने दोनों हाथों से थोड़ा सा फैला लो, जिसकी वजह से मुझे अंदर डालने में आसानी होगी और तुम्हे दर्द भी कम होगा. लंड अंदर जाएगा और उसका पता भी नहीं चलेगा. फिर उसने मेरे कहते ही तुरंत अपनी चूत को पूरा फैला लिया, जिसकी वजह से मुझे पूरी खुली हुई चूत साफ साफ नजर आ रही थी और फिर मैंने जोश में आकर धक्का दिया तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर चला गया, जिसकी वजह से वा बहुत जोश में आ गयी और उसके मुहं से दर्द की वजह से आआहह ऊफफ्फ् की आवाज़ निकलने लगी.
मैंने एक बार फिर से धक्का दिया और मैंने जैसे ही धक्का मारा तो उसकी चूत में मेरा आधा लंड अंदर चला गया और वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला पड़ी, प्लीज अब तुम इसको बाहर निकालो, मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है, मेरी चूत फट जाएगी, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी और में धक्के पे धक्के देता गया और फिर जब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर हो गया तो में उसको उसी पोज़िशन में कुछ मिनट के लिए रुककर उसको किस करने लगा, जिसकी वजह से उसका दर्द कम हो जाए और कुछ देर बाद मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और अब मैंने देखा कि उसकी चूत से खून भी निकल रहा था, लेकिन मैंने उसको बताया नहीं वरना वो डर जाती. फिर कुछ देर रुकने के बाद उसका खून आना बंद हो गया.
अब मैंने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया और में उसको लगातार धक्के पे धक्के लगा रहा था और कविता की सिर्फ़ सिसकियों की आवाज़ उस कमरे में गूंज रही थी आह्ह्ह्ह प्लीज अब तुम मेरी चूत से अपना लंड बाहर निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है. इतना कहते हुए अब तक वो एक बार और झड़ चुकी थी, इसलिए मेरा लंड अब बड़ी आसानी से उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर बाहर आ जा रहा था.
अब में भी झड़ने वाला था इस बात पता चलते ही तुरंत मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए उसके मुहं पर अपना वीर्य गिरा दिया जो उसके चेहरे गर्दन बूब्स पर भी जा पहुंचा, जिसको कविता बड़े ही चाव से चाटकर साफ करके गटक लिया उसके बाद उसने मेरे लंड को भी अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया. दोस्तों अब मैंने उससे पूछा कि तुम्हे यह सब कैसा लगा? तुम्हे मज़ा आया या नहीं?
वो कहने लगी कि हाँ मज़ा तो मुझे बहुत आया यह सब करके मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है. फिर मैंने देखा कि उसके चेहरे पर एक अजीब से ख़ुशी साफ साफ झलक रही थी और फिर हम दोनों उसके बाद उठकर बाथरूम में चले गये और एक दूसरे को साफ करने लगे और उस समय उसने मुझसे कहा कि सही में तुम्हे तो सेक्स के बारे में बहुत कुछ पता है, फिर हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किए और बाहर आ गये. दोस्तों तब से लेकर अब तक में कविता को 21 बार चोद चुका हूँ, जिसमें हर बार उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और हर बार मैंने उसको जमकर चुदाई करके पूरी तरह से संतुष्ट किया.
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सुमन को लंड का मजा चखाया


हैल्लो दोस्तों, आज में आप सबको बताना चाहता हूँ कि मैंने किस तरह से अपनी गर्लफ्रेंड सुमन के साथ सेक्स किया? और मुझे नहीं पता किसी को यह रियल स्टोरी अच्छी लगे या ना लगे, लेकिन उसे जरूर अच्छी लगेगी जिसने किसी से सच्चा प्यार किया हो.
ये बात नवम्बर 2013 की है, जब मैंने सुमन को अपने घर पर बुलाया था, लेकिन उसने आने से मना कर दिया और बोली कि में घर से बाहर नहीं निकल सकती, लेकिन फिर भी कोशिश करके वो मुझसे मिलने आई. मैंने उस दिन से करीब 2 महीने पहले उसे सिर्फ़ किस किया था और आज का दिन में ऐसे ही नहीं गँवाना चाहता था. मेरे घर में सब लोग थे, तो मैंने सोचा कि हम लोग कहाँ जायें? ताकि कोई हमें परेशान ना करे. फिर तभी में अपने किराएदार के पास गया और वहाँ जाकर कहा कि आप प्लीज़ थोड़ी देर के लिए कहीं बाहर जा सकते है, तो वो मान गया और चला गया.
अब तो सोने पे सुहागा था. फिर में और सुमन अंदर कमरे में चुपके से गये और किसी को पता नहीं लगने दिया कि हम ऊपर कमरे में है. बस फिर क्या था? मैंने जैसे ही कमरा बंद किया, तो वो ऐतराज करने लगी कि कोई आ ना जाए, लेकिन मैंने उससे कहा कि चिंता मत करो अब कोई नहीं आएगा. फिर मैंने करीब आधे घंटे तक उससे बातें की और बातें करते-करते ही मैंने उसका हाथ पकड़कर चूम लिया, तो उसने कोई विरोध नहीं किया. फिर क्या था? मैंने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिए और उसको जबरदस्त तरीक़े से चूमता रहा तो मुझे बहुत अच्छा लगा.
फिर मैंने उसे किस करते-करते ही लेटा दिया और फिर हम दोनों एक दूसरे से चिपक गये. फिर मैंने उसके बूब्स को दबाना शुरू किया, तो उसने थोड़ा बहुत विरोध किया, लेकिन फिर कुछ नहीं कहा. फिर मैंने उसका दुपट्टा हटाया और उसका सूट ऊपर उठाकर निकाल दिया. अब वो मेरे सामने आधी नंगी थी. फिर मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और फिर उसके बूब्स को चूमता रहा, तो इतने में उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया. अब में समझ गया था कि मामला सेट है तो मैंने बिना कोई देरी किए अपनी शर्ट और फिर अपनी पेंट उतार दी.
अब में उसके सामने सिर्फ़ अंडरवेयर में था. फिर मैंने उसकी सलवार भी उतार दी और फिर उसकी पेंटी भी उतार दी. फिर उसने भी मेरा अंडरवियर खुद उतार दिया. अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और अब मेरा लंड देखकर तो वो घबरा गयी थी, क्योंकि उसने पहले किसी भी जवान मर्द का लंड नहीं देखा था.
फिर मैंने फटाफट से उसकी चूत पर अपना हाथ फैरना शुरू कर दिया और उसकी चूत में अपनी एक उंगली अंदर बाहर करने लगा.
अब वो तो पूरी की पूरी गर्म हो चुकी थी और अब वो मेरे लंड को ऊपर नीचे कर रही थी. अब वो दीवार के सहारे थोड़ा झुककर बैठ गयी थी. फिर मैंने उससे कहा कि मेरे ऊपर आ जाओ, तो वो उठी और सीधी मेरे ऊपर आकर बैठ गयी.
जैसे ही मैंने उसकी चूत फैलाई तो उसने एक जबरदस्त सिसकारी ली. फिर उसने मेरा लंड पकड़ा, तो मैंने उसकी चूत को फैलाते हुए उसमें अपना लंड डालना शुरू किया. अब वो धीरे-धीरे मेरे ऊपर बैठ रही थी. फिर जैसे ही मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया तो वो रुक गयी, तो मैंने उसे जबरदस्ती नीचे किया. अब करीब मेरा 5 इंच लंड उसकी चूत में चला गया था. फिर वो ज़ोर से चिल्लाई, लेकिन मैंने उसके होंठ पर अपना होंठ रख दिया, तो उसने उठने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसे दबाकर रखा और अब वो छटपटा रही थी.
फिर मैंने उसे लेटा दिया और में उसके ऊपर चढ़ गया. फिर मैंने जैसे ही शॉट लगाने शुरू किए, तो उसके तो सारे विकेट ही गिरने लगे और वो कहने लगी कि और ज़ोर-ज़ोर से और चोदो, फाड़ डालो मेरी चूत को उईईईईईइ माँ, आहह, आआहह, म्‍म्म्ममममम, उफफफ, म्म्ममम और ज़ोर से और फिर वो करीब 10 मिनट के बाद झड़ गयी, लेकिन में आउट नहीं हुआ. फिर मैंने और ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. अब उसकी चूत से खून भी निकल रहा था, लेकिन मैंने उसकी परवाह नहीं की.
में जमीन पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गयी. अब वो उछल-उछलकर अपनी चूत में मेरा पूरा लंड ले रही थी, अब उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था. फिर करीब 25 मिनट के बाद में भी झड़ गया और फिर हम दोनों आराम से बैठ गये. फिर में उसकी चूत में उंगली देता रहा और वो मेरे लंड को सहलाती रही.
अब मेरा लंड फिर से 5 मिनट के बाद खड़ा हो गया था तो अबकी बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके पीछे आ गया और फिर मैंने जैसे ही उसकी बॉल पर चौका मारा मेरा मतलब उसकी चूत में लंड डाला, तो वो एकदम से चिल्लाने लगी, तो मैंने जल्दी से मेरा लंड बाहर निकाला. फिर वो बोली कि इस तरह मत डालो, तो मैंने चूत में लंड डालने का तरीक़ा सोचा, क्योंकि ऐसे तो बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने वही कमरे में से सरसों का तेल उठाया और उसकी चूत में मलता रहा और वो मेरे लंड पर मलती रही.
अब हम दोनों ने एक दूसरे को बिल्कुल चिकना कर दिया था. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और थोड़ा तेल अपने हाथ में लिया और थोड़ा-थोड़ा लंड डालता रहा और ऊपर से तेल की बूंदे गिराता रहा. अब बस धीरे-धीरे उसकी गांड में आधे से ज़्यादा मेरा लंड जा चुका था. फिर में थोड़ी देर तक आधे ही लंड से काम चलता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने तेल उठाया और उसको लेटाकर उसकी चूत को उसी के हाथों से फैलवाकर उसकी चूत में जबरदस्त तेल लगा दिया और फिर उसे घोड़ी बनाया तो एक ही झटके में मेरा 7 इंच का लंड उसकी चूत में जा घुसा. उसने फिर से चिल्लाने की कोशिश की, तो मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रख दिए.
फिर उसने आगे बढ़कर मेरा लंड बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन में भी पीछे से और ऊपर चढ़ गया, तो वो थोड़ी देर तक फिर से झटपटाने लगी, लेकिन मैंने थोड़ी देर तक उसकी चूत में ऐसे ही अपना लंड डाले रखा. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी चूत में धक्के लगाने शुरू किए. अब वो भी मेरा साथ देने लगी. अब में सीधा जमीन पर लेट गया था, तो वो मेरे ऊपर आई और अपनी दोनों टांगे फैलाकर बैठने लगी. फिर मैंने उसकी चूत का छेद और खोला और वो मेरा लंड पकड़कर बैठ गयी.
अब उसने भी इस बार एक ही बार में मेरा पूरा लंड ले लिया था. फिर मैंने ऐसे ही करीब 10 मिनट तक उसकी चूत मारी और फिर वो भी झड़ गयी और में भी झड़ गया और एक दूसरे से चिपककर थोड़ी देर तक लेटे रहे और एक दूसरे को किस करते रहे. फिर थोड़ी देर के बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए और फिर हमें जब भी कोई मौका मिला तो हमने खूब चुदाई की और खूब मजा किया.
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चुदाई का उद्घाटन

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शहज़ाद है और मेरी गर्लफ्रेंड पूजा एक राजपूत फैमिली से बिलोंग करती है और उसका फिगर बहुत मस्त है. में पूजा से नये साल की पार्टी में मिला था, जहाँ वो अपनी फ्रेंड्स के साथ आई थी. उससे मेरा परिचय मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड ने करवाया था, जिसके लिए मैंने अपने दोस्त से रिक्वेस्ट की थी कि वो अपनी गर्लफ्रेंड से कहकर मेरी भी दोस्ती किसी लड़की से करवा दे, इसके लिए मैंने उनका न्यू ईयर पार्टी का खर्चा भी उठाया था.
फिर मेरी दोस्ती हुई तो हमने आपस में अपने घर का पता वगेरह लिया, तब मुझे पता चला कि वो मेरे मकान के पीछे वाली गली में ही रहती है. अब में बहुत खुश हुआ और उस दिन हम लोगों ने साथ में खूब डांस किया.
फिर पार्टी खत्म होने पर उसने मुझसे स्पेशली बाय किया और फिर हम दूसरे दिन उसके कॉलेज के पास वाली रेस्टोरेंट में मिलने का वादा करके अपने घर आ गये.
दूसरे दिन हमने रेस्टोरेंट में काफ़ी वक़्त एक साथ बिताया और अगले दिन मिलने का वादा करके अपने-अपने घर चले गये. अब उन दिनों मेरी तो हालत ही खराब थी, क्योंकि पूजा काफ़ी सुंदर थी जिसके लिए मेरे पास शब्द नहीं है, वो 20 साल की गोरी, अच्छे फिगर 34-28-35 वाली, 5 फुट 4 इंच हाईट वाली, एकदम नॉटी लड़की है. अब हमारे बीच में ऐसे ही बातचीत होती रहती थी.
एक दिन में अपनी छत पर पतंग उड़ा रहा था कि मेरे मकान के पिछवाड़े की तरफ थोड़ी ऊँची दीवार करीब 5 फुट की है. जिसके कारण एक दूसरे की छत वाले नज़र नहीं आते है. फिर किसी की पतंग कटकर आई तो मैंने दीवार पर चढ़कर पतंग को पकड़ लिया.
फिर मेरी नजर पीछे के मकान की छत पर गयी, तो में अचरज़ से देखता ही रह गया, वहाँ पूजा भी थी. फिर में जानबूझ कर उनकी पतंगे काटने लगा, तब पहले तो उसके भैया ने कहा कि हमारी पतंगे मत काटो, लेकिन में नहीं माना.
फिर पूजा ने दीवार से ऊपर देखकर कहा कि हमारी पतंगे मत काटो, हमें उड़ाने दो. फिर जब मेने पीछे देखा तो वह छुप गयी और फिर वापस से आकर पतंग माँग ली. फिर उसने पतंग अपने भैया को उड़ाने के लिए दे दी और वापस आकर मुझसे बातें करने लगी.
तब मुझे पता चला कि उसका रूम भी ऊपर ही है, मैंने उससे अभी तक ग़लत बातें नहीं की थी, लेकिन मेरे मन में ये बात थी कि किसी भी तरह में उसको चोद लूँ, लेकिन डरता था कि वो बुरा नहीं मान जाए और हमारी दोस्ती ना टूट जाए, जो में नहीं चाहता था. अब तक मैंने बस उसका हाथ ही पकड़ा था और बात आगे बढ़ाने की कोशिश में था.
फिर हम अगले दिन मिले, तब मैंने उसको दूसरे रेस्टोरेंट में चलने के लिए कहा, तो वो भी तैयार हो गयी और मेरी बाइक पर बैठ गई. अब जब हम बाइक पर जा रहे थे, तब उसके बूब्स बार-बार मेरी बैक साईड को छू रहे थे, जिससे मुझको अलग सा मज़ा आने लगा था. फिर हम रेस्टोरेंट में जाकर बातें करने लगे और में धीरे धीरे उसके हाथ को अपने हाथों में लेकर सहलाने लगा, उसके हाथ बहुत सॉफ्ट थे. अब में उत्तेजित होने लगा था, फिर जब उसने कोई विरोध नहीं किया तो में टेबल के नीचे से उसके पैरो को दबाने लगा.
अब उसने अपनी आँखे नीचे कर ली थी. फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और मुस्कुराने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि मेरी तरफ देखो, तब उसके देखते ही मैंने उसको आँख मार दी. फिर उसने फिर से अपनी आँखे नीची कर ली और कहा कि ऐसा मत करो, मुझे शर्म आती है. तब मैंने कहा कि में तुम्हारा दोस्त हूँ कोई और नहीं और ये मेरा हक है और फिर मैंने उसको किस कर दिया. अब टेबल के नीचे मेरे दोनों घुटनों के बीच में उसके दोनों घुटने थे.
अब में मन ही मन सोच रहा था कि इसने हाँ कर दी है और अब ये मुझसे चुदवा लेगी. फिर उसने चलने के लिए कहा तो मैंने कहा कि आज रात को मिले, तब उसने कहा कि ठीक है आज रात को 11 बजे बाद और फिर हम अपने-अपने घर चले गये. अब मुझे दिन काटना भारी पड़ गया और में रात का इंतज़ार करने लगा. फिर जेसे ही शाम हुई, तो में छत पर पहुँच गया और उसका इंतज़ार करने लगा, लेकिन वो 11 बजे नहीं आई.
फिर जब में निराश होकर 11:30 बजे नीचे आने ही वाला था, कि वो आई और मुझसे सॉरी बोला और फिर उसने बताया कि वो डिनर में लेट हो गई, इसलिए लेट हो गई. फिर हम देर रात तक बातें करते रहे और फिर मैंने उसको एक पैक गिफ्ट दिया, जिसमें मैंने उसके लिए ब्लेक कलर की पेंटी और ब्रा पैक कराई थी. फिर मैंने उससे पूछा कि मेरा बर्थ-डे 20 अगस्त को है, बता क्या गिफ्ट दोगी? तब उसने कहा कि जिस चीज़ की आपको ज़रूरत हो बता दो. मैंने कहा कि वादा रहा जिसकी मुझे ज़रूरत है दोगी, तो उसने कहा कि प्रोमिस. तब मैंने कहा कि ठीक है, में बाद में बताऊंगा और फिर में उसको किस करके वापस नीचे आ गया.
फिर हम रोज रात को छत पर मिलने लगे. अब हम आपस में किस करते, तो में कभी-कभी किसी बहाने से उसके बूब्स को दबा देता था. फिर 20 अगस्त की रात को में पहले से अपना लंड झड़ाकर ऊपर छत पर गया था, तो वो मेरा इंतज़ार कर रही थी. फिर मैंने उसे ज़बरदस्त किस किया, तब उसने भी मुझको लाल गुलाब दिया और साथ में एक शानदार किस भी दी और बोली कि बताओ आपको बर्थ-डे गिफ्ट में क्या चाहिए? तो मैंने कहा कि मुझे पूजा चाहिए. तब उसने कहा कि बस वो तो पहले से ही आपकी है.
हम दोनों ने थोड़ी देर तक बातें की और उसने बताया कि कल उसके घरवाले गाँव जाएगें, क्योंकि उसके दादा जी की तबीयत खराब है. फिर मैंने कहा कि तो कल में तुम्हारे घर आ जाऊं, तो उसने कहा कि क्यों नहीं? और बताया कि वो फोन कर देगी.
फिर दूसरे दिन मुझे उसका करीब 12 बजे फोन आया और मुझे अपने घर बुलाया. फिर जब में उसके घर गया, तो उसने लोंग स्कर्ट और रेड टॉप पहन रखा था. अब उसकी स्कर्ट में से मुझे उसकी पेंटी साफ़- साफ़ नज़र आ रही थी, अब में मन ही मन बैचेन हो गया था. फिर उसने मुझसे कॉफी के लिए पूछा और फिर वो कॉफी बनाने किचन में चली गयी.
तब तक मैंने उनका ड्राइंग रूम देखा, उसमें उनके पूर्वजों की पेंटिंग्स लगी हुई थी. फिर जब में किचन में गया, तो उसका पिछवाडा मेरी तरफ था. अब मुझको उसकी पेंटी साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी, जिसको देखकर मेरा लंड कड़क हो गया और बार-बार पूजा को चोदने की ज़िद करने लगा था. अब में उसको संभाल नहीं पा रहा था और बड़ी मुश्किल से उसको काबू करने की कोशिश कर रहा था.
मैंने पूजा के करीब जाकर उसके कान में कहा कि पूजा आई लव यू. अब मेरा लंड पूजा के हिप्स पर टच करने लगा, तब वो और ज्यादा कड़क हो गया. अब में पूजा के बालों में अपना हाथ फैरने लगा था और उसे किस करने लगा था. फिर में उसके बूब्स पर अपना हाथ फैरने लगा और फिर मैंने उसके कान को अपने दातों से हल्का सा काटा, तो पूजा ने इन बातों का हल्का सा विरोध किया, लेकिन धीरे-धीरे वो भी मस्ती करने लगी थी.
फिर पूजा ने मुझसे कहा कि लो आपको में अपना घर दिखाती हूँ. तब मैंने कहा कि पहले अपना रूम दिखा दो, जिसका मुझे पहले से पता था कि ऊपर है. फिर उसने अंदर से गेट अच्छी तरह से बंद कर दिया और वापस आने लगी, तो मैंने उसको अपनी बाहों में उठा लिया और उसके रूम में ले गया. अब में उसको किस पर किस कर रहा था और अब वो भी उत्तेजित तो हो ही चुकी थी.
फिर मैंने कहा कि पूजा तुम मेरे गिफ्ट को पहनकर दिखाओ, तो उसने पहले तो मना कर दिया, लेकिन फिर मैंने ज़िद की तो वो मान गयी और बाथरूम में जाकर अपने पहले वाले अंडरगार्मेंट्स को उतारकर मेरे वाले गिफ्ट को पहनकर आई. फिर मैंने कहा कि यह सही तरीके से आए नहीं है. फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा. फिर में उसके ऊपर लेट गया और अब उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी और अब वो मेरे किस का मज़ा लेने लगी थी.
फिर मैंने उसके टॉप को उतार दिया, तो में उसको देखता ही रह गया, उसके बूब्स वाउ ब्लेक ब्रा में गजब ढा रहे थे. फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी और पूजा के बगल में लेटते हुए कहा कि पूजा आई वॉंट फुक यू, यही मेरा बर्थ डे गिफ्ट है मुझे इसी की ज़रूरत है. फिर मैंने उसकी बॉडी पर किस की बौछार कर दी और अब उसके मुँह से सस्स्स्स्सस्स्स्स्सस्स आह्ह की आवाज़ आने लगी थी. फिर में उसकी नाभि पर किस करता हुआ नीचे गया और मैंने अपनी पेंट को उतार दिया और उसकी स्कर्ट को ऊँचा उठा दिया तो मुझे मेरा खजाना पेंटी के नीचे से बहुत ही पास नज़र आया, जिसे में खोना नहीं चाहता था. अब मेरा 8 इंच का लंड पूजा की चूत से मिलने के लिए बहुत उतावला हो रहा था.
फिर में उसकी पेंटी को नीचे खींचने लगा, तब पूजा ने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत को छुपाने का असफल प्रयास किया, लेकिन अब में कहाँ मानने वाला था.
फिर मैंने उसके हाथ हटाकर उसकी शेव्ड छोटी सी चूत को देखा, तब मेरी हालत पागल जैसी हो गयी. अब वो पूरी तरह से गीली थी और मेरे लंड का स्वाद चखने को तैयार थी. फिर मैंने उसकी चूत को किस किया और अपना लंड उस पर फैरकर पूजा के ऊपर लेट गया और पूजा से कहा कि पूजा क्या बात है? तुम नाराज़ हो क्या? तो उसने कोई जवाब नहीं दिया.
तब मैंने कहा कि पूजा मुझे अपना गिफ्ट खुश होकर दो तो में लूँगा, नहीं तो रहने दो (ये मैंने उससे ऐसे ही कहा था में पूजा को बिना चोदे वापस आने वाला नहीं था) फिर मैंने उससे कहा कि शादी के बाद तो वैसे भी होगा, तो फिर आज क्यों नहीं? अपनी आँखे खोलो और प्यार से अपना गिफ्ट दो. फिर पूजा ने कहा कि मुझको शर्म आती है, तो मैंने कहा कि इसमें शर्म की क्या बात है और पूजा को किस करने लगा और उसके बूब्स पर अपना हाथ फैरने लगा.
फिर उसने अपनी मदहोश आँखे खोली और में उसकी जांघो पर अपना हाथ फैरने लगा, तो वो उूउऊ आआआआहस्स्स्स्स की आवाज़े निकालने लगी. फिर में मौका देखकर उसकी टांगो के बीच में आ गया और अपने लंड का टॉप उसकी चूत के मुँह पर सेट करके उस पर फैरने लगा. फिर मैंने पूजा से पूछा कि पूजा तैयार हो तो डाल दूँ, तब उसने कुछ नहीं कहा और हम्मम्मम्मम की आवाज़ निकाली. अब मेरा लंड पूजा की फ्रेश चूत को देखकर दीवाना होकर घुसने के लिए पूरा तैयार था.
फिर मैंने अपने लंड के टोपे को पूजा की चूत पर रखकर हल्का सा दबाव डाला तो पूजा चिल्ला उठी मुम्म्मममममय्यययययी, लेकिन तब तक मेरे लंड का सुपाड़ा अंदर जा चुका था. फिर मैंने कहा कि पूजा प्लीज थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो, अब ज्यादा दर्द नहीं होगा. तो उसने कहा कि नहीं-नहीं शहज़ाद प्लीज बाहर निकालो, मेरे बस की नहीं है, अब में और सहन नहीं कर सकती हूँ.
फिर मैंने कहा कि पूजा प्लीज अब नहीं होगा ना, जितना होना था वो तो हो गया प्लीज और अपना लंड उसकी चूत में अंदर ही अंदर घुमाने लगा, तो उसका भी दर्द कम हुआ और उसको भी धीरे-धीरे मज़ा आने लगा. फिर मैंने हल्का सा दबाव बनाया और अपने लंड को करीब 6 इंच अंदर डाल दिया. अब इससे पहले पूजा चिल्लाती कि मैंने पहले से ही पूजा के होंठो को अपने मुँह में लेकर दबा लिया था. अब वो ह्म्‍म्म्म की आवाज़ का अलावा कुछ नहीं बोल पा रही थी और अब वो दर्द के मारे कांप रही थी.
फिर मैंने ये मौका नहीं छोड़ना चाहा और अपना पूरा लंड पूजा की चूत में घुसा दिया. अब वो रोने लगी थी और फिर में धीरे-धीरे उसको सहलाता रहा और फिर जब उसको मजा आने लगा, तो मेंने अपना लंड हल्का-हल्का ऊपर नीचे करने लगा. फिर धीरे-धीरे मुझे लगने लगा कि में ज़्यादा नहीं रुक सकता हूँ तो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. अब पूजा भी हल्का-हल्का मेरा साथ देने लगी थी, अब उसे भी दर्द नहीं हो रहा था.
फिर करीब 15 मिनट के बाद हम दोनों का पानी एक साथ निकल गया और फिर उस दिन मैंने पूजा को करीब 3-4 बार चोदा और अपना बर्थ-डे गिफ्ट लिया. फिर उसके बाद अभी तक पूजा ने मेरे साथ दुबारा सेक्स नहीं किया है, अब आगे का इंतज़ार है कि कब पूजा दुबारा से मुझसे चुदवाती है.
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भाभी की सहेली की मस्त चुदाई

हैल्लो दोस्तों, में फिर से आपके लिए एक नई स्टोरी लेकर आया हूँ. दोस्तों मैंने प्रीति भाभी को चोदा और में हर रोज़ उसकी चुदाई करता और वो भी पूरी तरह से संतुष्ट होती थी.
एक दिन में उसके घर गया तो उसकी सहेली प्रीति भाभी भी वहाँ पर आई हुई थी और तब उसने ग्रीन पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी और उस पर बैकलेस ब्लाउज और उसका फिगर 36-30-36 साईज में उसकी साड़ी टाईट और सेक्सी लग रही थी. अब में तो बस उसे देखता ही रह गया और फिर मेरे अपने मन में विचार आया कि क्यों ना इसे भी पटाया जाए? और सेक्स किया जाए.
प्रीति भाभी ने हमारा परिचय करवाया. अब हम तीनों ऐसे ही बातें कर रहे थे कि तभी कृतिका भाभी का फोन बजा, शायद उसके पति का था और वो बाल्कनी में चली गयी. फिर तभी मैंने प्रीति भाभी से कहा कि आपकी सहेली तो आपकी तरह ही सेक्सी दिखती है और तभी उसने कहा कि हाँ वो तो है और वो मेरी बेस्ट फ्रेंड है.
फिर मैंने प्रीति भाभी से कहा कि क्यों ना हम तीनों एक साथ सेक्स करें? फिर प्रीति भाभी ने डांटकर कहा कि में काफ़ी नहीं हूँ क्या? जो उसके साथ भी सेक्स करना चाहते हो. फिर मैंने कहा कि नहीं आपके साथ तो बहुत मज़ा आता है, लेकिन में इसके साथ भी सेक्स करना चाहता हूँ और मेरा उसे देखते ही लंड खड़ा हो गया है. तब प्रीति भाभी ने कहा कि लेकिन वो नहीं मानेगी, तो फिर मैंने उससे बहुत रिक्वेस्ट की आप उसे मनाए, तो प्रीति भाभी मान गयी.
तभी कृतिका भाभी अंदर आ गयी और कहा कि सॉरी मेरे पति का फोन था और मुझे जाना होगा, तो हमने कहा कि ठीक है. तभी प्रीति भाभी उसे दरवाजे तक छोड़ने गयी और फिर वो चली गयी. फिर मैंने प्रीति भाभी से कहा कि आपने पूछा कि नहीं, तो उसने कहा कि सही टाईम देखकर पूछ लूँगी और तब यह सुनकर मेरा मन भी मान गया.
फिर मैंने प्रीति भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गया, क्योंकि अब में सेक्स करने के मूड में था. फिर मैंने प्रीति भाभी को बेड पर लेटाया और प्रीति भाभी घर में अक्सर टॉप और शॉर्ट पहनती है. अब में उसके गुलाबी होंठो पर किस करने लगा और एक हाथ से बूब्स दबा रहा था, वाऊ क्या मज़ा आ रहा था? अब 15 मिनट तक किस और बूब्स दबाने के बाद में उसकी पूरी बॉडी पर किस करने लगा. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और प्रीति भाभी मेरे लंड के सुपाड़े को अपने मुहं में लेकर उसे चूसने लगी. अब वो ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को चूस रही थी और अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर ऐसे ही करीब 10 मिनट तक चलता रहा.
फिर मैंने उसे एक टेबल पर ले जाकर बैठाया और उसके पैर फैला दिए और उसकी चूत में ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा. अब में उसे बहुत ज़ोर-ज़ोर से चोदता जा रहा था और उसके बूब्स दबा कर रहा था. अब मेरा निकलने वाला था इसलिए में और ज़ोर-जोर से धक्के देने लगा और मैंने उसकी चूत में सारा स्पर्म डाल दिया. फिर हम बेड पर ऐसे ही सोते रहे और में उसके बूब्स को चूस रहा था. फिर मैंने पूरी रात उसे 2 बार चोदा और पूरा नंगा होकर उसके साथ चिपक कर सो गया.
जब में सुबह उठा तो में उसके बूब्स को दबाता रहा और वो भी जाग गयी. अब मुझे बूब्स दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर में वहाँ से चला गया और मैंने शाम को प्रीति भाभी को मैसेज किया कि आप कृतिका भाभी को मना लेना प्लीज, तो उन्होंने कहा कि ठीक है. फिर अगले दिन में प्रीति भाभी के घर गया और वहाँ जाकर टी.वी देखने लगा.
फिर प्रीति भाभी के मोबाईल पर मैसेज आया तो उन्होंने कहा कि कृतिका भाभी भी आ रही है. फिर मैंने कहा कि आप कृतिका भाभी को मत बताना कि में यहाँ हूँ और उन्हें सेक्स के लिए उत्तेजित करना. फिर प्रीति भाभी ने कहा कि ठीक है तुम बाहर के रूम में ही रहना.
फिर कृतिका भाभी प्रीति भाभी के घर पर आते ही ओ दोनों बेडरूम में बैठे गई और बातें कर रही थी और दरवाज़ा आधा बंद था, इसलिए में चुपके से उन दोनों की बातें सुन रहा था. तब कृतिका भाभी को पता नहीं था कि में भी प्रीति भाभी के घर में हूँ.
फिर थोड़ी देर तक उन लोगों ने बात की और फिर प्रीति भाभी ने कहा कि तुम्हारे पति कैसे है? तो कृतिका भाभी ने कहा कि वो ठीक है और अभी वो ऑफिस में होते है.
प्रीति भाभी ने कहा कि यार मेरे पति तो महीने में 1-2 बार ही आते है और मुझे यहाँ पर अकेला सा लगता है और उदास हो गयी. फिर कृतिका भाभी ने कहा कि जब आते होंगे तो जमकर सेक्स करते होंगे ना. अब ऐसी बातें सुनकर तो में दंग ही रह गया, वैसे भी वो दोनों बेस्ट फ्रेंड है, इसलिए वो सब खुलकर बात करती है.
प्रीति – कहाँ यार, कृतिका उसका तो बहुत छोटा है और वो जल्दी-जल्दी से ही झड़ जाते है और फिर सो जाते है.
कृतिका – उदास मत हो यार, मेरा भी हाल कुछ ऐसा ही है.
प्रीति – ऐसा क्या? मुझे लगा कि तुम्हारा पति तो तुमसे बहुत मज़े लेते होंगे.
कृतिका – ऐसा कुछ नहीं है यार.
प्रीति – पता है कृतिका, मैंने तुमसे एक बात छुपा रखी है.
कृतिका – वो क्या?
प्रीति – में अमन से संतुष्ट होती हूँ, यार कितना बड़ा है उसका और उसके साथ सेक्स करने में बहुत मज़ा आता है.
कृतिका – अरे, एक शादीशुदा होकर दूसरे के साथ कैसे?
प्रीति – चलता है यार, कहाँ किसी को पता चलने वाला है और में संतुष्ट भी हो जाती हूँ.
कृतिका – में तो ऐसा नहीं कर सकती यार, क्योंकि अगर मेरे पति को पता चल गया तो वो मुझे तलाक दे देगा.
प्रीति – किसी को कुछ पता नहीं चलता है, में तो कहती हूँ कि तुम भी मेरी बात मान लो.
कृतिका – नहीं-नहीं.
प्रीति – अरे, संतुष्ट होना चाहती हो तो यही एक रास्ता है.
कृतिका – लेकिन.
तभी में चुपके से अंदर गया और कृतिका भाभी को पीछे से पकड़ लिया और उनकी पीठ पर किस करने लगा. अब तो वो हैरान हो गयी और पीछे मुड़ी तो उन्होंने देखा कि वहाँ पर में खड़ा था. अब वो बोली कि क्या कर रहे हो? प्लीज़ हट जाओ और मुझे धक्का मारकर छूट गयी. तब मैंने कहा कि कृतिका भाभी प्लीज मान जाओ, मैंने जब से आपको देखा है तब से मेरा लंड नीचे ही नहीं बैठ रहा है.
कृतिका – चुप रहो, तुम हम दोनों की बातें सुन रहे थे.
तब मैंने कहा कि हाँ मेरी जान और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है और यह कहकर मैंने उन्हें पकड़कर बेड पर सुला दिया और उसके पेट पर किस करने लगा. अब पहले तो वो बहुत मना कर रही थी, लेकिन में तो जैसे जंगली की तरह टूट पड़ा और जोर-जोर से उसके बूब्स दबाने लगा. क्या सॉफ्ट मुलायम बूब्स थे? प्रीति भाभी से भी मस्त.
अब में उसके बूब्स दबा रहा था और तभी प्रीति भाभी मेरी पेंट नीचे उतार कर मेरा लंड चूसने लगी. अब धीरे-धीरे कृतिका भाभी भी आह अहह उह्ह करने लगी थी और अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी. फिर मैंने अपने लिप्स उसके लिप्स पर रख दिए और ज़ोर से किस किया.
करीब 10 मिनट तक में उसे किस करता रहा. फिर मैंने कृतिका भाभी को बेड पर से उठाया और बाथरूम में ले गया और फिर हम दोनों बाथ टब में बैठ गये और मैंने बाथ टब पूरा पानी से भर दिया. फिर मैंने उसकी पूरी बॉडी पर किस किया. अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी, इसलिए मैंने उसकी काली साड़ी उतारी और अब वो ब्लाउज और पेटिकोट में थी.
अब उसके बूब्स ब्लाउज से बाहर आने को जेसे तरस रहे थे, उसके बूब्स बहुत बड़े थे. फिर मैंने उसके बूब्स को दबाना स्टार्ट किया और ऊपर से ही चूसने लगा और अब वो मेरे बालों को सहला रही थी. फिर मैंने उसके ब्लाउज को फाड़ दिया और उसे पूरा नंगा कर दिया. अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था.
करीब 15 मिनट तक में उसके बूब्स को चूसता और दबाता रहा और फिर उसकी चूत को चाटने लगा. अब वो बोले जा रही थी फुक मी आहह फुक मी. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा और धीरे- धीरे उसकी चूत के अंदर मेरे लंड का सुपाड़ा डालने लगा और एक ज़ोर से धक्का मारा तो वो चीख पड़ी.
प्रीति भाभी उसकी आवाज़ सुनकर बाथरूम में आई और वो भी टब में बैठ गयी. अब में एक साईड में कृति भाभी को ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था और प्रीति भाभी के बूब्स को हिला-हिलाकर दबा रहा था. उसकी चूत और मेरे लंड के टकराने से क्या फच- फच की आवाज आ रही थी. आह दोस्तों अब उन दोनों के साथ क्या मज़ा आ रहा था? जैसे में जन्नत में हूँ. अब मैंने कृतिका भाभी की चूत फाड़ ही दी थी. वैसे मैंने आपको बताया नहीं कि जब वो दोनों भाभीया बातें कर रही थी तब मैंने विगोरा की गोली खा ली, इसलिए मेरा लंड नीचे ही नहीं हो रहा था.
अब मैंने करीब 20 मिनट तक कृतिका भाभी को ठोका और फिर मैंने कहा कि अब में झड़ने वाला हूँ. फिर उन्होंने कहा कि सब कुछ अंदर ही डाल दो और मैंने अपना पूरा का पूरा माल उनकी चूत के अंदर ही छोड़ दिया और अपना लंड अंदर ही डालकर में उसको किस करता रहा. दोस्तों पानी में चोदने का क्या मज़ा आया?
फिर मैंने प्रीति भाभी को भी ठोका और फिर हम तीनों ने एक दूसरे को नहलाया और उन दोनों ने मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर बारी-बारी साफ किया.
फिर मैंने भी उन दोनों के बूब्स को बहुत दबाया और चूसा. फिर हमने नहाकर अपने-अपने कपड़े पहन लिए. फिर प्रीति भाभी ने गहरे गले का ब्लाउज और साड़ी पहनी और फिर कृतिका भाभी के पास कपड़े नहीं थे, इसलिए उन्होंने प्रीति भाभी के कपड़े पहने थे.
फिर मैंने उनके फोटो लिए और साथ में चाय पी और बहुत मज़े किए. फिर कृतिका भाभी ने कहा कि यार तुम्हारा लंड तो बहुत मज़ा दिलवाता है. फिर कृतिका भाभी को फोन आया और वो कोई बहाना बनाकर प्रीति के घर पर ही रुकी और फिर हमने रात को भी बहुत मज़े किए. दोस्तों मैंने उन दोनों को बहुत नई-नई पोज़िशन में चोदा और मज़े लिए.
फिर मैंने कृतिका भाभी का मोबाईल नंबर लिया और सुबह अपने घर के लिये निकल गया. अब हमको जब भी मौका मिलता तो हम एक साथ सेक्स करते है और कभी भी एक भाभी नहीं होती तो में दूसरी भाभी को चोदता हूँ, लेकिन मेरा एक दिन भी खाली नहीं रहता. एक बार तो हम तीनों बाहर घूमने गये और मैंने होटल में भी उन दोनों की जमकर चुदाई की थी.
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