हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनिया है और में 2 साल से कहानियाँ पढ़ रही हूँ तो मैंने सोचा कि क्यों ना आज में भी अपनी कहानी आप सबके साथ शेयर करूँ? में कानपुर में रहती हूँ और मेरे परिवार में एक बहन, एक भाई और मम्मी, पापा रहते है और मेरे घर के सामने एक परिवार रहता है, उसमें उनका एक लड़का है.
जब में 22 साल की थी तो मेरी शादी हो गयी, लेकिन भगवान की मर्ज़ी नहीं थी तो मेरी शादी 1 महीने के बाद ही टूट गयी और में अपने मायके वापस आ गयी. अब वो लड़का मुझे और मेरी बहन को रोज अपनी खिड़की से देखता था. हम दोनों बहनें काफ़ी बिंदास स्वभाव की है. फिर कुछ दिन तो मैंने अनदेखा किया, लेकिन फिर मैंने भी सोचा कि जब तक शादी नहीं हो रही क्यों ना इससे मज़ा ले लूँ? तो मैंने सोच लिया कि इसे फंसाना है और वो भी लाईन में तो था ही. अब में उसे देखती थी और उसे कुछ ज्यादा ही दिखती थी.
फिर एक दिन जब वो दरवाजे पर खड़ा था, तो में एकदम से नीचे की तरफ झुक गयी, जिससे मेरी जींस पीछे से उठ गयी और मेरी पेंटी उसे थोड़ी सी दिख गयी, लेकिन वो कुछ कर तो सकता नहीं था तो वो बेचारा देखकर ही रह गया. फिर मैंने कुछ नये टॉप खरीदे, जिनका गला काफ़ी बड़ा था और उसमें से मेरी चूची साफ-साफ दिखती थी, तो वो रोज देखता था. फिर दिन में अपने कमरे में थी, मेरे कमरे की खिड़की और उसके कमरे की खिड़की आमने सामने है.
मैंने रात को करीब 10 बजे देखा, तो वो खिड़की खोलकर बैठा था. फिर मैंने अंजान बनते हुए अपने कपड़े उतारना शुरू किया और जैसे मैंने उसे नहीं देखा हो और में सोने के लिए अपने कपड़े उतार रही हूँ.
फिर थोड़ी देर तक तो उसने नहीं देखा, तो मुझे बहुत गुस्सा आया तो मैंने अपने कमरे में ब्लू फिल्म चालू कर दी और उसकी आवाज काफ़ी तेज कर दिया, तो तब उसका ध्यान गया. तब तक मैंने केवल अपना टॉप उतारा था, तो वो मुझे देखता ही रह गया. अब मेरी सफ़ेद ब्रा पर उसकी नजर पड़ गयी थी, लेकिन मैंने अंजान बनते हुए अपनी ब्रा उतारकर फेंक दी.
जैसे ही मैंने अपनी जींस उतारकर फेंकी और अपनी पेंटी में अपना एक हाथ डालकर उसे सहलाने लगी, तो उसने बोल ही दिया कि सोनिया अरे क्या कर रही हो? तुममें कोई शर्म है कि नहीं? खिड़की खोलकर कपड़े क्यों उतार रही हो? लेकिन उसने मेरे ऊपर से अपनी आँखें नहीं हटाई. फिर मैंने बोला कि तुम ही हट जाओं, क्यों देख रहे हो? तो वो बड़ी बेशर्मी से बोला कि में क्यों जाऊं? इतनी बढ़िया ब्लू फिल्म, वो भी फ्री में क्यों ना देखूं? तो मैंने बोला कि मैंने मना किया है क्या? देखो ना. फिर वो बोला कि दूर से नहीं मेरे पास आओ, में ही उतार देता हूँ.
तो मैंने बोला कि पागल हो क्या? में अभी कैसे आ सकती हूँ? तुम एक काम करो कल दिन में मेरे घर में कोई नहीं रहेगा, तो तब तुम आ जाना. फिर उसने कहा ओके और फिर में अपनी खिड़की बंद किए बिना ही ऐसे ही सो गयी. फिर मैंने उसे दूसरे दिन अपने घर पर बुलाया. उस दिन मैंने स्कर्ट और ढीले गले का टॉप पहना था, जिसमें से मेरे बूब्स साफ-साफ दिख रहे थे. फिर वो बोला कि अरे इसे क्यों खोला है? इसे ढककर रखा करो. फिर मैंने गुस्से से बोला कि इसे ढक दूँगी, तो तुम यहाँ आकर क्या करोगे? तो वो समझ गया कि में एकदम प्यासी हूँ.
वो बोला कि फिर तो जो चाहो करो, क्यों टाइम बर्बाद कर रही हो? तो मैंने कहा कि तो करो ना, में कब मना कर रही हूँ? तो वो बोला कि ओके डार्लिंग. फिर में डार्लिंग सुनकर एकदम मस्त हो गयी और उसने मुझे अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर बैठा दिया, क्योंकि जब घर में कोई नहीं था तो दरवाज़ा बंद करने की कोई जरूरत तो थी नहीं और में बिंदास उसकी गोद में बैठी थी.
अब मुझे किसी मर्द की गोद में बहुत अच्छा लग रहा था, क्योंकि मेरी शादी जरुर 1 महीने तक चली थी, लेकिन मेरा उनसे संबंध केवल 1 दिन ही बना था और वो भी सुहागरात को, क्योंकि उनके लंड का साईज केवल 3 इंच था और पतला सा था, तो वो मुझे उस दिन भी खुश नहीं कर पाए, यहाँ तक कि मेरी सील भी नहीं टूटी थी तभी तो मैंने उन्हें तलाक भी दिया था. फिर उसने मुझे अपनी गोद से उतारकर बगल में बिस्तर पर बैठा दिया. फिर में चुपचाप बैठी देखती रही कि वो क्या करने वाला है? तो तब उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए.
में उसका लंड देखकर दंग रह गयी, उसका लंड करीब 10 इंच का था. अब मुझे उसके लंड को देखकर अच्छा भी लग रहा था और डर भी लग रहा था. फिर मैंने सोचा कि कहीं आज में मर ही ना जाऊं. फिर तभी वो बोल पड़ा कि अरे डरो मत में तुम्हें बड़े प्यार से खुश करूँगा, तुम डरो मत और फिर बिस्तर पर आकर बैठ गया और मुझसे बोला कि अरे तुम भी तो कुछ हल्की हो जाओ.
फिर मैंने कुछ नहीं बोला तो उसने अपनी बात फिर से कही. फिर मैंने कहा कि अरे अब जो करना है तुम ही करो. फिर फिर उसने कुछ नहीं कहा और मुझे धीरे से अपनी गोद में बैठाकर मेरे टॉप के बटन खोलने लगा, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. फिर उसने मेरी टॉप उतारकर फेंक दी. फिर उसने मेरी ब्रा के हुक खोल दिए, तो तुरंत ही मेरे दो 36 साईज के कबूतर उड़ने को तैयार हो गये. फिर उसने तुरंत ही उन्हें अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और बड़ी बेदर्दी से मसलने लगा, तो में दर्द से कराह उठी.
मैंने कहा कि अरे कुत्ते छोड़ मुझे. फिर उसने अपनी पकड़ कुछ ढीली की तो मुझे कुछ आराम मिला, लेकिन वो तुरंत ही मेरी चूची को अपने मुँह में डालकर चूसने लगा. अब मुझे उसका ये करना अच्छा लग रहा था और अब वो मेरी स्कर्ट के नाड़े को खोलने लगा था, लेकिन वो उससे नहीं खुला बल्कि और फंस गया था.
अब उसने मेरी चूची को अपने मुँह से बाहर निकाला और अपने मुँह को मेरी नाभि के पास ले जाकर मेरे नाड़े को अपने दाँत से काटने लगा और कभी-कभी अपनी जीभ मेरे नंगे पेट पर चला देता था. अब मुझे उसका ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था. फिर थोड़ी देर में उसने मेरे नाड़े को अपने दाँत से काट दिया. फिर उसने अपने मुँह से ही मेरी स्कर्ट को पकड़कर नीचे सरकाना चाहा, लेकिन वो नहीं कर पाया तो उसने अपने हाथ से ही मेरी स्कर्ट उतार दी. अब वो मुझे सिर्फ़ वाईट पेंटी में देखकर पागल हो गया था.
वो मेरी पेंटी पर टूट पड़ा, लेकिन उसने उसे उतारा नहीं बल्कि उसे अपने दाँत से काट डाला. फिर मैंने उसे मना किया, क्योंकि कभी-कभी उसके दाँत मेरी जांघ पर भी लगते थे और मुझे बहुत दर्द होता था, लेकिन उसने मेरी एक नहीं सुनी और करीब 15 मिनट में मेरी पेंटी काट डाली और फेंक दी. फिर उसके बाद तो वो मेरी चूत को देखता ही रह गया और पागल कुत्ते की तरह उसे चाटने लगा.
फिर वो करीब आधे घंटे तक मेरी चूत को चाटता रहा और साथ में मेरे बूब्स को भी मसलता रहा. फिर मैंने उससे कहा कि अरे मुझे भी चूसना है, तो वो झट से 69 की पोजिशन में आ गया. फिर हमने करीब 1 घंटे तक एक दूसरे के जिस्म को चाटा. अब इस बीच में वो 3 बार झड़ गयी थी और अंत में जब उसने मेरे मुँह में अपना वीर्य छोड़ा, तो तब हम अलग हुए. फिर थोड़ी देर में मैंने उसका लंड चूसकर खड़ा किया और उससे कहा कि अब बस करो, अब मैन काम करो. फिर उसने कहा कि क्या मैन काम? तो मैंने कहा कि अरे वही.
वो बोला कि साफ़-साफ़ बोलो. फिर मैंने कहा कि अरे मुझे शर्म आती है. फिर उसने कहा कि जब तक तुम अपने मुँह से नहीं बोलोगी, में नहीं करूँगा. फिर मुझे बोलना पड़ा, तो मैंने कहा कि अरे बाबा चुदाई करो. फिर तब उसने मुझे सीधा लेटा दिया और मेरे पैरों को थोड़ा फैलाया और अपना सुपाड़ा मेरी चूत पर रख दिया और रगड़े बिना सीधा अंदर की तरफ जोर से दबा दिया तो में चिल्ला उठी. फिर तब वो उठ गया और क्रीम लेकर आया और उसने ढेर सारी क्रीम मेरी चूत के अंदर डाल दी या ऐसे कहूँ कि मेरी चूत को क्रीम से भर दिया.
फिर उसके बाद उसने अपने लंड को क्रीम के डिब्बे में 5-6 बार अंदर बाहर किया जैसे वो डब्बे को चोद रहा हो तो इस तरह से उसके लंड पर भी क्रीम लग गयी तो तब उसने दुबारा से धक्का लगाया और यकीन मानिए उसका 10 इंच का लंड बिना दर्द के एक बार में ही पूरा अंदर चला गया था, लेकिन मुझे क्या पता था? तो मैंने बोला कि प्लीज धीरे डालो और थोड़ा रूककर बाकी का डालना. फिर वो बोला अरे जरा नीचे देखो पूरा लंड अंदर है.
उसने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और करीब 30 मिनट तक करता रहा और अब उसकी स्पीड बहुत तेज थी. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर करीब 30 मिनट बाद में 5 बार झड़ी और फिर बाद में वो भी झड़ गया और उसने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में ही छोड़ दिया और वो ऐसे ही अपना लंड अंदर डाले ही लेटा रहा. अब उसका सिर मेरे बूब्स पर था.
फिर जब थोड़ी देर के बाद हमारी थकान दूर हुई तो वो बोला कि अब पीछे से हो जाए. फिर मैंने कहा कि पागल हो क्या? में मर जाऊंगी. फिर तब वो बोला कि अरे क्यों डरती हो? अब मन तो मेरा भी था, लेकिन में कुछ बोल ना सकी. फिर उसने फिर से क्रीम का डिब्बा उठाया और इस बार क्रीम मेरी गांड में भरने लगा. फिर उसने अपनी 2 उँगलियों पर ढेर सारी क्रीम रखी और अपनी दोनों उंगलियाँ मेरी गांड में डाल दी. फिर में उछल पड़ी और उससे बोली कि क्या कर रहे हो? मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
वो गुस्सा हो गया और बोला कि चुपचाप पड़ी रह साली रंडी कहीं की, तो में चुप हो गयी. फिर थोड़ी देर में उसने ढेर सारी क्रीम मेरी गांड में भर दी. फिर उसने अपने लंड पर क्रीम लगाकर मुझे घोड़ी बना दिया और मेरे बूब्स को पकड़कर मुझे पेलने लगा और फिर 30 मिनट तक उसने मेरी गांड भी मारी, लेकिन क्रीम लगी होने पर भी मुझे बहुत दर्द हुआ, लेकिन मुझे मज़ा भी बहुत आया था.
फिर जब उसका वीर्य मेरी गांड में भर गया, तो वो उठा और मेरी गांड को देखकर हँसने लगा और बोला कि देखो कितनी सूज गयी है? और इसका छेद भी देखो और हँसने लगा. फिर मैंने उससे कहा कि अब बस करो, मेरे घरवालों का आने का टाईम हो रहा है. फिर वो बोला कि ओके, लाओ में तुम्हारी चूत और गांड साफ कर दूँ, तो मैंने कहा कि ओके. फिर उसने चादर को अपनी उंगली में लगाकर मेरी चूत में डाला और कसकर अपनी एक उंगली मेरी चूत के अंदर घुमा दी.
में दर्द से चिल्ला उठी और बोली कि ये क्या कर रहे हो? तो वो बोला कि बस हो गया, अब सारा वीर्य बाहर निकल गया है. फिर उसने ऐसे ही मेरे गांड के साथ किया और फिर बोला कि अब तुम मेरे लंड को साफ कर दो, तो मैंने भी उसे चाटकर साफ कर दिया. फिर वो अपने कपड़े पहनकर अपने घर चला गया और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और किसी को कुछ पता नहीं चला.
