नरम भाभी की गरम चुत


हैलो दोस्तो मेरा नाम विक्रम साह‌ है. अन्तर्वासना के दुनिया में सबका स्वागत करता हु. मैं रोज़ फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज डॉट नेट पर चुदाई की कहानियाँ पढ़ने आता हु… मैं रायपुर का रहने वाला हूं. मेरा उम्र 28 वर्ष है और 5.6 मेरी ऊंचाई है. 

मेरे लन्ड का साईज 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है.

हम अपने पापा के तीन बेटे हैं और मैं सबसे छोटा हूं.

मुझे सेक्स करना बहुत पसंद हैं.

मैंने बहुत से लड़कियों और औरतों की खुब चुदाई भी किया है और उनको खुश किया है.

मुझे बचपन से ही सेक्स का खेल बहुत पसंद हैं क्योंकि जब हम छोटे थे तो हमारे पड़ोस में 3 लड़कीया थी जो उम्र में मुझसे 2-3 साल की बड़ी थी.

उन्होंने ने ही हमें सेक्स का खेल सिखाया था और वो अक्सर हमसे चुदाई करवाया करते थे .

कभी कभी तो वो आपस में झगड़ भी जाते थे हमसे चुदाई करवाने के लिए.

इन सब के कारण हमें चुत चुदाई की लत सी लग चुका था.

धीरे धीरे हम लोग बड़े होने के बाद भी यह खेल चलता रहा और उनकी शादी हो गई और हम चुत के लिए तरसने लगे.

पड़ोस के कुछ औरतों की हमने चुदाई तो किया लेकिन वो भी अपने पतियों के डर से हमें ज्यादा टाइम नहीं दे पाते थे और हमारे चुदाई का मज़ा अधुरा रह जाता था.

हमारे दिन बड़े ही मुश्किल से गुजर रहे थे कि पापा ने हमारे दोनों बड़े भाई लोगो की शादी तय कर दिया.

हमने भी पापा को शादी के लिए बहुत हेल्प किया और फिर शादी में खुब मज़े किए.

शादी के टाइम हमने एक आन्टी जो उम्र में 40 की बड़ी खुबसूरत देखने में 30 की लगती थी उनको शराब पिलाकर खुब चोदा था और फिर बारात वाले दिन भाभी की सहेली को पटा कर चुदाई कर दिया.

अब शादी के टाइम हमने बहुत मज़ा किया और फिर शादी के बाद हम फिर से चुत के लिए तड़पने लगे.

शादी के बाद एक भैया जो घर से बाहर जांब करते थे, भाभी के साथ जाकर वहां रहने लगे और बड़े भाई और भाभी हम लोगों के साथ ही रहते थे.

हमारे बड़े भैया जो सिक्यूरिटी गार्ड के पोस्ट पर काम कर रहे थे और उनकी नाईट ड्यूटी की थी.

शायद इस कारण बड़ी भाभी सेक्स लाइफ से संतुष्ट नहीं हो पाया करता था क्योंकि भैया रात में ड्यूटी करते और दिन में सोते थे और भाभी को घर का काम भी तो करना रहता था.

फिर एक दिन जब हम बाथरूम में जाकर पेशाब कर रहे थे तो हमें लगा कि कोई हमें देख रहा है.

चुकि हम जब भी पेशाब करने जाते है तो हमें पैंट और अंडरवियर घुटने तक नीचे उतार कर ही पेशाब करते हैं.

हमारे यहां जहां पर बाथरूम है उससे कुछ ही दूरी पर किचन है और वहां बाथरूम के सीधे में ही खिड़की लगा था जिसमें पारदर्शी शीशा लगा हुआ था और बाहर का सारा नज़ारा दिखाई देता है.

हमारे मन में अभी तक भाभी को लेकर ऐसा कोई ग़लत विचार नहीं बना था लेकिन उस दिन के बाद हम जब भी पेशाब करने जाते बहुत देर तक पेशाब करते थे और हम वहीं खड़े होकर लन्ड को हिला देते.

धीरे धीरे हम भाभी की ओर सेक्स के लिए प्लान बनाने लगे.

अब वो जब भी हमारे सामने आती हम ऊपर से ही अपने लन्ड पर हाथ फेरते और वो हल्की सी मुस्कान दे दिया करते थे और हम भी किचन में उनको हेल्प करने के बहाने उनको टच कर दिया करते थे.

फिर हमने महसूस किया कि अब हम जब किचन में जाते वो वहां से निकल कर बाथरूम में जाकर अपनी साड़ी को पूरा ऊपर उठा कर पेशाब करने लगती.

तब हमें यह तो पता चल गया था कि आग दोनों तरफ से लगा हुआ है.

फिर हमने उनको चोदने का पूरा प्लान बना लिया और किस्मत ने भी हमारा साथ दिया.

शाम को बुआ के घर से फोन आया और पापा मम्मी को बुआ ने अपने घर बुलाया.

मम्मी पापा बड़े भैया को लेकर बुआ के घर जाने के लिए मान गए.

मम्मी ने रात में ही भाभी को कहा दिया था कि बहु सुबह हमें जल्दी निकलना होगा तो तु सुबह जल्दी उठकर खाना बना लेना और हेल्प कि जरुरत हो तो विक्रम को उठा लेना.

हमने जब यह सुना तो हमने भाभी के सेक्स के तड़प को बढ़ाने के लिए प्लान बना लिया और हमें पता था कि भाभी हमें सुबह जल्दी जगाने जरूर आएंगे.

तो हम जानबूझकर सारे कपड़े उतार कर सोये हुए थे और इंतजार कर रहे थे कि कब भाभी हमारे कमरे में आकर हमें इस तरह देखें.

सुबह के 4:30 ही हुआ था कि भाभी हमें कमरे के बाहर से आवाज दे रहे थे फिर दुसरी बार उन्होंने हमारे रूम के दरवाजे को धक्का देते हुए लगाया.

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