कविता की रसभरी चूत


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अरुण है और में बिलासपुर छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह बात आज से तीन महीने पहले की है, जब में अपने दोस्त के घर गया था. वहाँ पर मुझे एक लड़की नजर आई वो दिखने में बहुत ही सुंदर और सेक्सी थी और उसके बूब्स का आकार करीब 36-28-36 था. हमेशा उसको देखते ही मेरे लंड में एक अजीब सी सरसराहट होनी शुरू हो गयी और फिर क्या था? मैंने इधर उधर सभी से पूछकर उसके बारे में जानने की कोशिश की और तब मुझे पता चला कि वो मेरे उसी दोस्त की पड़ोसन है.
मैंने अब धीरे धीरे उसके साथ जानपहचान को बढ़ाना शुरू किया और फिर कुछ ही दिनों बाद हम दोनों की बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी. वो मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें करती और मुझे उससे बहुत मजाक करता, जिसकी वजह से हम दोनों ही एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे, उसके साथ रहकर मुझे पता ही नहीं चलता कि कब मेरे समय निकल जाता.
एक दिन की बात है, में उस लड़की के घर चला गया और मेरी अच्छी किस्मत से वहाँ पर उस दिन उसके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था सिर्फ़ वो जिसका नाम कविता था, बस वो अपने घर में अकेली थी और उसने कुछ खास कपड़े नहीं पहने थे. फिर मैंने ध्यान से देखा कि उसका ऊपर का हिस्स जिसको हम सभी बूब्स कहते है बूब्स का उभरता हुआ हिस्सा मुझे साफ साफ नजर आ रहा था और जैसे ही में अंदर गया तो उसने ज़ोर से चिल्लाकर कहा रुक जाओ वहीं पर. तो में बहुत चकित हुआ में मन ही मन सोचने लगा कि इसको अचानक से क्या हुआ? और फिर मैंने उससे पूछ ही लिया क्यों क्या हुआ जो तुम मुझे इस तरह से बाहर रहने के लिए कह रही हो? तब उसने मुझसे कहा कि कुछ नहीं मुझे पोछा लगाना है इसलिए तुम कुछ देर बाहर ही खड़े रहो.
अब मैंने उससे कहा कि बाहर खड़ा रहूँगा तो क्या तुम्हे अच्छा लगेगा? तो उसने मेरी बात को सुनकर मुझे अपने घर में अंदर की तरफ बुला लिए और कहा कि ठीक है लेकिन तुम अपने दोनों पैरों को ऊपर करके बैठ जाओ और में उसके कहने के हिसाब से बैठ गया. अब वो ठीक मेरे सामने पोछा लगाने के लिए झुकी, जिसकी वजह से उसके बूब्स जो की आकार में बहुत बड़े है वो मेरे सामने लटकते हुए झूल रहे थे और उसके दोनों घुटनों से दबने टकराने की वजह से वो कपड़ो से बहुत ज्यादा ऊपर उठकर बाहर आने को बेताब हो रहे थे. में देखकर बड़ा चकित होने के साथ साथ खुश भी बहुत हो रहा था.
फिर मैंने कुछ देर बाद उससे पूछ लिया कि इतनी देर हो गयी है और अभी तक घर की सफाई का काम खत्म नहीं हुआ, ऐसा क्यों? यह काम तो सुबह जल्दी ही खत्म हो जाता है? तो वो मुझसे कहने लगी कि आज घर पर मेरे अलावा कोई भी नहीं है, अकेले मैंने पहले दूसरे काम खत्म किया और उसके बाद इस काम में अब लगी हूँ इसलिए मुझे इतनी देर हो गयी है.
दोस्तों बस फिर क्या था? में तो वैसे भी बहुत दिनों से ऐसा ही कोई अच्छा मौका खोज रहा था, जिसका फायदा उठाकर में उसके साथ अपने मन का कोई काम कर लूँ जिसकी वजह से मेरा मन खुश हो जाए. अब मैंने खुश होते हुए टीवी को चालू कर लिया और उसके बाद में उसमे गाने सुन और देख रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उस चेनल को बदल किया और अब मैंने फेशन टीवी लगा दिया उस समय उसमे औरतो की पेंटी और ब्रा का प्रदर्शन हो रहा था, तो अचानक से कविता की नज़र भी उस पर पड़ गई और वो भी बड़े मज़े से उसको देखने लगी. फिर कुछ देर बाद मैंने धीरे से उससे पूछा तुम यह क्या देख रही हो? तब उसने शरमाकर कहा कि कुछ नहीं और इतना कहकर उसने अपनी नजरों को नीचे झुका लिया और अब मैंने उससे कहा कि इसमे शरमाने वाली कौन सी बात है? जो तुम इस समय टीवी में देख रही हो वो सब तुम्हारे पास भी तो है.
दोस्तों मेरे मुहं से वो सभी बातें सुनकर कविता हल्की सी मुस्कुराने लगी और उसने कहा कि धत तुम ऐसी क्या शरारती बातें करते हो? फिर मैंने अपनी उसी बात को आगे बढ़ाते हुए उससे कहा क्या में तुमसे एक बात पूछ सकता हूँ? उसने कहा कि हाँ जरुर पूछो.
अब मैंने उससे कहा कि तुम इस बात को सुनकर गुस्सा तो नहीं करोगी ना? उसने कहा कि नहीं में कोई भी गुस्सा नहीं करूंगी और फिर हिम्मत करके मैंने उससे पूछा कि तुम्हे सेक्स के बारे में कितना पता है? उसके बारे में तुम क्या क्या जानती हो? तो उसने मेरे मुहं से यह बात सुनकर शरमाते हुए कहा कि कुछ खास नहीं मुझे बस थोड़ा सा पता है और वो भी मैंने अपनी एक सहेली से इसके बारे में सुना था.
फिर उसने मुझसे कहा कि तुम इसके बारे में कितना जानते हो? तभी मैंने उससे कहा कि तुम चाहो तो मुझे एक बार आज़माकर देख लो तुम्हे अपने आप ही पता चल जाएगा, यह बात कहते हुए में उसके बहुत करीब पहुंच गया और मैंने तब उस समय महसूस किया कि उसके दिल की धड़कने बड़ी तेज़ हो गयी थी और मैंने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा कि हम एक बहुत अच्छे दोस्त है, इसमें शरमाने वाली कौन सी बात है?
अब उसकी नज़र मेरी नजरों से टकराई तो मैंने उसके होठों पर अपने होठों से किस कर दिया इतने में उसका जोश बढ़ गया और वो सिहर उठी मैंने उसको उसी पोज़िशन में पांच मिनट तक रखा था जिससे वो गरम हो चुकी थी और मैंने धीरे से उसके सूट के अंदर नीचे की तरफ से हाथ डाल दिया तो वो डर गई और उसने मुझसे कहा कि नहीं यह सब ग़लत है, लेकिन उस समय वो जोश में भी बहुत थी, इसलिए उसकी तरफ से कुछ ज्यादा विरोध नहीं हुआ और उसका सूट धीरे धीरे करके मैंने उतार दिया. फिर धीरे से उसकी सलवार को भी उतार दिया और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और उसके बाद उसका वो गोरा जिस्म देखकर मेरा लंड फनफनाने लगा.
फिर मैंने उसका हाथ अपने लंड के ऊपर रखा, जिसको वो कुछ देर ऊपर से ही सहला रही थी. उसके हाथ को महसूस करके वो मेरे तनकर खड़े लंड को महसूस करने के बाद मुझसे पूछने लगी कि तुम्हारी पेंट में शायद कुछ है? तो मैंने उससे कहा कि तुम खुद ही इसको खोलकर देख लो. अब उसने मेरी पेंट की चेन को खोला और उसके बाद उसने मेरी पेंट को उतार दिया और फिर उसके बाद वो मेरी शर्ट को भी उतारने लगी.
उसने उसको भी उसने तुरंत ही उतार दिया, जिसकी वजह से अब में भी उसके सामने सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था. मैंने फिर से उसके होठों पर किस किया और वो ससस्स करने लगी करीब तीन मिनट के बाद मैंने उसकी ब्रा को खोल दिया जिसमें से उसके 36 इंच के बूब्स बाहर आकर मेरे सामने आ गये. फिर मैंने अब उसके दोनों बूब्स को अच्छी तरह से मथना दबाना शुरू कर दिया इतने में वो इतनी गरम हो गयी कि आप पूछो मत में लिखकर नहीं बता सकता. अब मैंने अपने दूसरे हाथ को उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया, तो उसकी चूत पर हल्के हल्के से बाल थे और वो थोड़ी गीली बहुत गरम लग रही थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि मुझे ऐसा गीला क्यों लग रहा है? तो उसने कहा कि यह मेरी चूत का पानी है और मेरे जोश में आने की वजह से यह बाहर आने लगता है, दोस्तों उसकी यह बातें सुनकर में समझ गया कि यह झड़ रही है और मैंने उसी समय उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी चूत के पानी का स्वाद लेने लगा, जिसकी वजह से उसने मुहं से सिसकियों की आवाज़े निकलने लगी आह्ह्ह्ह माँ ऊफ्फ्फ्फ़ अब मैंने उससे कहा कि अभी तो शुरूआत है, तुम आगे आगे देखो होता है क्या? मैंने इतना कहकर अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया. अब वो मेरा लंड देखकर एकदम से डर गयी और उसने मुझे कहा कि इतना बड़ा लंड, मैंने उससे कहा कि पहली बार है ना तो तुम्हे थोड़ा सा दर्द तकलीफ़ जरुर होगी, लेकिन उसके बाद तुम्हे बहुत मज़ा आएगा.
उसके बाद फिर क्या था मैंने अपना लंड सबसे पहले उसके मुहं में डाला तो उसने उसको चूसना शुरू किया. कुछ देर बाद मैंने उसके मुहं से लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत के होंठो पर अपने लंड को रखा तो वो डरने लगी थी और वो कह रही थी कि इतना मोटा और लंबा लंड को मेरी इस छोटी सी चूत में कैसे जाएगा, तुम इसको कैसे इसके अंदर डालोगे? यह तो मेरी चूत को फाड़ ही देगा, मुझे इससे बहुत दर्द होगा.
फिर में उसको उठाकर उसके बेड पर ले गया और उसके कूल्हों के नीचे मैंने दो तकिये लगा दिए. उसके बाद मैंने उसकी चूत पर अपने मुहं को रखकर कुछ देर उसकी चूत को चूसने का मज़ा लिया, जिसकी वजह से उसने जोश में आकर कुछ देर बाद मेरे सर को अपनी चूत पर दबा लिया और वो जोश में आकर अपने कूल्हों को ऊपर उठा रही थी. फिर कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत की रसभरी पंखुड़ियों पर रखा और धक्का दे दिया, लेकिन पहली बार में वो फिसल गया.
मैंने उससे कहा कि तुम्हारी चूत का छेद बहुत छोटा है तुम इसलिए अपनी चूत को अपने दोनों हाथों से थोड़ा सा फैला लो, जिसकी वजह से मुझे अंदर डालने में आसानी होगी और तुम्हे दर्द भी कम होगा. लंड अंदर जाएगा और उसका पता भी नहीं चलेगा. फिर उसने मेरे कहते ही तुरंत अपनी चूत को पूरा फैला लिया, जिसकी वजह से मुझे पूरी खुली हुई चूत साफ साफ नजर आ रही थी और फिर मैंने जोश में आकर धक्का दिया तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत के अंदर चला गया, जिसकी वजह से वा बहुत जोश में आ गयी और उसके मुहं से दर्द की वजह से आआहह ऊफफ्फ् की आवाज़ निकलने लगी.
मैंने एक बार फिर से धक्का दिया और मैंने जैसे ही धक्का मारा तो उसकी चूत में मेरा आधा लंड अंदर चला गया और वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला पड़ी, प्लीज अब तुम इसको बाहर निकालो, मुझे बहुत तेज दर्द हो रहा है, मेरी चूत फट जाएगी, लेकिन मैंने उसकी एक भी बात नहीं सुनी और में धक्के पे धक्के देता गया और फिर जब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर हो गया तो में उसको उसी पोज़िशन में कुछ मिनट के लिए रुककर उसको किस करने लगा, जिसकी वजह से उसका दर्द कम हो जाए और कुछ देर बाद मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और अब मैंने देखा कि उसकी चूत से खून भी निकल रहा था, लेकिन मैंने उसको बताया नहीं वरना वो डर जाती. फिर कुछ देर रुकने के बाद उसका खून आना बंद हो गया.
अब मैंने अपने धक्को की स्पीड को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया और में उसको लगातार धक्के पे धक्के लगा रहा था और कविता की सिर्फ़ सिसकियों की आवाज़ उस कमरे में गूंज रही थी आह्ह्ह्ह प्लीज अब तुम मेरी चूत से अपना लंड बाहर निकालो मुझे बहुत दर्द हो रहा है. इतना कहते हुए अब तक वो एक बार और झड़ चुकी थी, इसलिए मेरा लंड अब बड़ी आसानी से उसकी चूत में फिसलता हुआ अंदर बाहर आ जा रहा था.
अब में भी झड़ने वाला था इस बात पता चलते ही तुरंत मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए उसके मुहं पर अपना वीर्य गिरा दिया जो उसके चेहरे गर्दन बूब्स पर भी जा पहुंचा, जिसको कविता बड़े ही चाव से चाटकर साफ करके गटक लिया उसके बाद उसने मेरे लंड को भी अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया. दोस्तों अब मैंने उससे पूछा कि तुम्हे यह सब कैसा लगा? तुम्हे मज़ा आया या नहीं?
वो कहने लगी कि हाँ मज़ा तो मुझे बहुत आया यह सब करके मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है. फिर मैंने देखा कि उसके चेहरे पर एक अजीब से ख़ुशी साफ साफ झलक रही थी और फिर हम दोनों उसके बाद उठकर बाथरूम में चले गये और एक दूसरे को साफ करने लगे और उस समय उसने मुझसे कहा कि सही में तुम्हे तो सेक्स के बारे में बहुत कुछ पता है, फिर हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किए और बाहर आ गये. दोस्तों तब से लेकर अब तक में कविता को 21 बार चोद चुका हूँ, जिसमें हर बार उसने मेरा पूरा पूरा साथ दिया और हर बार मैंने उसको जमकर चुदाई करके पूरी तरह से संतुष्ट किया.
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दो रंडियों का कॉलेज टूर


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कुसुम है और में पिछले कुछ सालों से सेक्सी कहानियों के मज़े लेती आ रही हूँ. ऐसा करने में मुझे बड़ा मज़ा आता है और अब तक ना जाने मैंने कितनी कहानियों के मज़े लिए. बिना कहानी पढ़े मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता.
दोस्तों में अभी अपनी कॉलेज की पढ़ाई कर रही हूँ और में अभी पहले साल की पढ़ाई कर रही हूँ. मेरे फिगर का आकार 34-28-34 है, हमारे घर में मेरे मम्मी, पापा और भाई है और मेरी एक बहुत पक्की सहेली है जिसका नाम हेमा है. हम दोनों की उम्र करीब 17-18 की होगी.
हम दोनों बहुत मज़े मस्ती किया करते है और मजाक करते समय कभी वो मेरे बूब्स को खींच देती तो कभी में उसके गाल पर चिकोटी काट लेती. कॉलेज में हम दोनों के ही बॉयफ्रेंड है, मेरे बॉयफ्रेंड का नाम राजेश और हेमा के बॉयफ्रेंड का नाम संदीप है में संदीप को और हेमा राजेश को जीजू ही बोलती है वो भी मुझे अपनी साली ही समझता है और हमारे बीच में अभी तक किस ही हुआ है या कपड़ो के ऊपर से बूब्स पर हाथ फेरा बस इतना ही हमारे बीच हुआ है.
अब में अपनी असली बात पर आती हूँ, एक बार हमारे कॉलेज की तरफ से हमे घूमने बाहर जाना था. हमें राजस्थान घूमना था और इस बात को सुनकर में बहुत खुश थी. मैंने और हेमा ने हमारी फीस भी जमा करवा दी. तो हम दोनों ने राजेश और संदीप से भी हमारे साथ चलने को कहा और वो दोनों भी अपनी कार से जाने को तैयार हो गये, लेकिन वो कार उनके एक दोस्त की थी, इसलिए वो भी उनके साथ ही गया और उस लड़के का नाम जितेन्द्र था और जितेन्द्र बहुत अमीर था और उसका जयपुर में फ्लेट भी है. उसका रंग थोड़ा सा काला है. फिर में और हेमा एक स्कूल बस से 26 तारीख को चले और हम जयपुर पहुँच गए.
हम सभी करीब दोपहर को 12 बजे पहुँचे और हम सभी लड़कियों को एक धर्मशाला में ठराया गया था. फिर कुछ देर फ्रेश होने के बाद सभी लड़कियाँ और मेडम राज मंदिर में फिल्म देखने चली गयी और हम दोनों उन सभी को झूठ बोलकर हमारे बॉयफ्रेंड के साथ उनकी कार में बैठकर घूमने चली गयी. हेमा कार में आगे की सीट पर अपने बॉयफ्रेंड संदीप के साथ बैठी हुई थी और में पीछे जितेन्द्र और राजेश के बीच में बैठी हुई थी और हम लोग ने रास्ते में रुककर एक होटल से खाना पेक करवाकर जितेन्द्र के फ्लेट पर आ गए. जितेन्द्र ने पहले से ही अपने साथ बियर ले ली.
वहां पर पहुंचते ही मैंने उनसे कहा कि यहाँ पर क्यों आए हो हम कहीं बाहर घूमने चलते है? तो वो मेरी बात को सुनकर ज़ोर से हंस पड़े और उनमे से एक ने जवाब दिया कि पहले तुम कुछ खा पी लो, उसके बाद हम घूमने चलते है और अब उन तीनों ने बियर पीना शुरू कर दिया और हम दोनों को खाना लगा दिया. फिर कुछ देर बाद राजेश ने मुझसे बियर पीने के लिए कहा, लेकिन मैंने उसको ऐसा करने के लिए साफ मना कर दिया तो संदीप ने हेमा को और राजेश ने मुझे अपनी कसम देकर हम दोनों को बियर पिला दी. बियर पीने के कुछ देर बाद हम दोनों को हल्का सा नशा होने लगा और हम दोनों हॉट हो गयी तो इस बात का फायदा उठाकर संदीप ने उसी समय हेमा को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अब वो उसके होंठो को चूसने लग गया था.
हेमा उूुउउ करके बोली कि तुम सभी के सामने यह क्या कर रहे हो. देखो सभी लोग हम दोनों को देख रहे है? तभी संदीप उससे कहने लगा कि अरे और कौन है यहाँ पर बस एक मेरी साली है या मेरा एक दोस्त है, इन लोगों से क्या शरमाना यह तो हमारे ही है कोई बाहर का नहीं है? और इतने में राजेश ने भी मुझे पकड़ लिया और वो अपने एक हाथ से मेरे बालों को पकड़कर मुझे किस करने लगा था और वो अपने दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को भी दबाने लगा था. उसने यह सब मेरे साथ इतना अचानक से किया कि मुझे थोड़ा सा भी उसने सम्भलने का मौका नहीं दिया और वो मुझे पागलों की तरह लगातार चूमता रहा.
दोस्तों उन दोनों का वो दोस्त जितेन्द्र भी उस समय पास ही एक कुर्सी पर बैठा हुआ हम लोगों को यह सब करते हुए देख रहा था, क्योंकि उसको भी देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था और अब राजेश ने सही मौका देखकर तुरंत मेरी टीशर्ट को उतार दिया और अब वो मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाने मसलने लगा था और में बार बार लगातार उससे ना, ना करती रही, लेकिन वो नहीं माना और अपनी मर्जी से काम करता रहा.
अब राजेश ने हिम्मत करके आगे बढ़ते हुए अपने एक हाथ को मेरी पीठ पर ले जाकर मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया, जिसकी वजह से अब मेरे बूब्स पूरे नंगे हो गए थे, जो ब्रा के खुलते ही तुरंत बाहर आकर खुली हवा में साँस लेने लगे थे और मेरे दोनों बूब्स अब राजेश के हाथों में थे. फिर में उससे बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो राज? प्लीज अब बस करो छोड़ दो मुझे.
अब वो मुझसे बोला कि में तुम्हे प्यार कर रहा हूँ और इतना सा कहकर उसने तुरंत अपने होंठो को मेरे बूब्स पर रख दिया और वो मेरे बूब्स को दबाने के साथ साथ ज़ोर ज़ोर से चूस रहा था. अब मैंने हेमा की तरफ देखा तो वो सिर्फ़ अब पेंटी में थी और संदीप भी उसके निप्पल को दबा दबाकर चूस रहा था. दोस्तों वैसे हेमा के बूब्स आकार में मेरे बूब्स से ज्यादा बड़े थे और उसके निप्पल भी गुलाबी रंग थे और फिर मैंने देखा कि संदीप एक छोटे बच्चे की तरह उसके निप्पल को चूस रहा था और हेमा जोश में आकर उसके सर को अपनी छाती पर दबा रही थी. फिर मैंने संदीप से कहा कि जीजू आज तो आप भी एक छोटे बच्चे बन गये ना, वो मेरी इस बात को सुनकर हंस पड़ा और बोला कि हाँ कभी कभी ऐसा भी करना पड़ता है.
दोस्तों इधर राजेश ने भी मेरे बूब्स को चूसते हुए मेरी जींस को खोल दिया था और अब वो मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी गीली कामुक चूत को मसलने लगा था जो उसके इतनी देर से मेरे साथ यह सब करने की वजह से अब अपना पानी भी निकालने लगी थी जिसकी वजह से मेरी पेंटी गीली होने लगी थी. फिर में अब अपनी सहेली से बोली कि देखो हम दोनों के साथ कितनी बेईमानी हो रही है हम दोनों पूरी नंगी है और यह दोनों लड़के अब तक अपने कपड़ो में है.
राजेश बोला कि हाँ मेरी जान तुमने बिल्कुल सही कहा और इतना कहकर राजेश ने अपनी शर्ट को तुरंत ही उतार दिया जिसकी वजह से अब उसका वो गोरा भरा हुआ गठीले बदन मेरे सामने था और उसको ऐसा करता हुआ देखा उसका दोस्त भी अपने कपड़े उतारने लगा था.
उसने अपनी पेंट को भी झट से उतार दिया था, जिसकी वजह से अब हम दोनों पेंटी में थी और वो दोनों अपनी अपनी अंडरवियर में हमारे सामने थे. अब संदीप मुझसे बोला कि अब इसको तुम दोनों ही उतार दो, उनका वो दोस्त जितेन्द्र अब भी कुर्सी पर ही बैठा हुआ था और अब में अंडरवियर के ऊपर से ही राजेश का लंड सहलाने लगी थी. मुझे ऐसा करने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था और उस वजह से में बहुत हॉट हो गयी थी, मैंने संदीप की आखों में देखा वो मुझे देखकर मेरी तरफ मुस्कुरा रहा था और अब संदीप मुझसे बोला कि क्यों जानू क्या तुम्हे डर लग रहा है तुम आराम से देख लो यह तुम्हारे लिए ही बना है और तुम्हारी ही चीज़ फिर में भी अपनी चीज़ के दर्शन करने वाला हूँ. फिर इतना कहकर वो मेरे पास आकर मेरी चूत को सहलाते हुए बोला वाह क्या मस्त मज़ेदार माल है, आज तो जीवन का असली मज़ा आने वाला है. अब मैंने हेमा और संदीप की तरफ देखा तो वो अपने घुटनों के बल बैठे उसके मोटे लंड पर किस कर रही थी.
मुझे भी वो सब देखकर गर्मी चड़ने लगी थी और इसलिए में भी अब अपने घुटनों के बल बैठकर मैंने राजेश का अंडरवियर नीचे किया और झट से उसका लंड मेरे गालो पर जा लगा. फिर में उसका मोटा लंबा लंड देखकर बहुत चकित होकर कांप गयी. मेरी सारी मस्ती मानो उतर गयी, क्योंकि वो करीब 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था. अब में वापस उठने लगी तो राजेश मुझसे पूछने लगा क्यों क्या हुआ मेरी रानी तुम ऐसे इससे इतना क्यों डर रही हो? तो मैंने उससे कहा कि मुझे कुछ नहीं करना, में मर जाउंगी, मुझे बहुत दर्द होगा. फिर वो मुझसे बोला कि साली क्यों बिना मतलब का तू मुझे अब इतना नखरा दिखा रही है उधर तेरी सहेली हेमा को देख वो भी तो बड़े मज़े चूस रही है.
अब मैंने देखा और सुना तो हेमा के मुहं से वो आवाज़े आ रही थी उूउउ आआह्ह्ह क्योंकि वो दोनों अब 69 की पोज़िशन में आ चुके थे और उन्हे ऐसा करता देख में एक बार फिर से जोश में आकर गरम होने लगी थी, लेकिन में अब नीचे बैठे रही थी कि तभी संदीप बोला यार यह लड़कियाँ तो रंडियों की तरह नखरे करती है. तो मुझे उसकी वो बात सुनकर बहुत गुस्सा आने लगा और मैंने कहा कि यह क्या कम लफंगे है वो सभी हंसने लगे और बोला कि जो लड़की इसके नीचे आ जाती है वो खुद ही अपने आप को रंडी कुतिया बोलती है और इधर राजेश मेरे बूब्स को मसल रहा था तो संदीप उसकी चूत चाट रहा था.
में भी उसके लाल-लाल टोपे पर किस करने लगी थी. फिर मैंने अपना मुहं खोला और राजेश के लंड को मैंने अपने मुहं में तीन इंच भर लिया, आह्ह्ह्ह राजेश के मुहं से निकला और वो धीरे धीरे मेरे मुहं में अपने लंड को धक्के देने लगा था. अब उसने मेरे बाल पकड़े और ज़ोर से धक्का देकर गले में अपना लंड फंसा दिया जिसकी वजह से मेरा दम घुटने लगा और मेरी आखों से आंसू बाहर आने लगे थे.
उसने मेरी हालत को देखकर अपना लंड बाहर निकाला और वो बोला कि चलो अब बेड पर आ जाओ वो दोनों भी पहले से ही तैयार थे और तभी हमारी नजर जितेन्द्र पर चली गई. वो अपना लंड सहला रहा था. उसका लंड बिल्कुल काला और मोटा था और वो करीब पांच इंच लंबा और बहुत मोटा भी था. वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराया और पहली बार बोला कि तुम बहुत मस्त सेक्सी लग रही हो. फिर राजेश बोला की हरामजादी रंडी एसी मस्त ही होती है. फिर में उससे बोली कि यह क्या बोल रहे हो, गाली मत दो मुझे ऐसा कुछ भी सुनना अच्छा नहीं लगता और फिर वो बोला कि सेक्स में गालियाँ देकर बात करने से ही असली मज़ा आता है, में अब कुछ नहीं बोली उन्होंने अब बेड पर हम दोनों को कमर के बल लेटा दिया और हम दोनों के पैरों को ऊपर उठाया.
एक पैर जितेन्द्र ने पकड़ लिया और दूसरा राजेश ने पकड़ा और हेमा का एक पैर संदीप ने और दूसरा जितेन्द्र ने पकड़ लिया. अब वो दोनों अपने लंड को हमारी चूत पर रगड़ने लगे थे. वो हमारी चूत के दाने को अपने लंड के टोपे से सहलाने लगे थे, जिसकी वजह से हम दोनों का बड़ा बुरा हाल हो गया था और हमारी चूत में चीटियाँ रेंग रही थी. अब राजेश मेरे निप्पल को चूस रहा था और अपने दांतो से काट भी रहा था.
मैंने उससे कहा कि प्लीज अब थोड़ा जल्दी से करो ना. तो वो मुझसे पूछने लगा कि क्या करूं तुम मुझे बोलकर बताओ तब करने में ज्यादा मज़ा आएगा? दोस्तों में उस समय बहुत गरम हो चुकी थी और में बहुत तड़प रही थी, इसलिए जोश में आकर में बोली कि जल्दी से इसको अंदर डाल दो. तभी हेमा की चीख मेरे कानो में आई आईईईई ऊउईईईईईई माँ में मरी आह्ह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो इसको मुझे बहुत दर्द हो रहा है और इतने में राजेश ने अपने लंड को मेरी चूत में धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरे मुहं से वो चीख निकली आईईईइ माँ में मरी आईईई उफ्फ्फ्फ़ प्लीज बाहर निकालो इसको, मुझे बहुत दर्द हो रहा है और उसके दर्द की वजह से मेरी आखों में पानी और मेरी चूत से खून भी निकल रहा था. तभी राज ने अपनी तरफ से मेरी चूत में एक धक्का और मार दिया, जिसकी वजह से उसका आधे से ज़्यादा लंड मेरी चूत में फंस गया और उस कमरे में मेरी और हेमा की चीखे चिल्लाने की और उनके हंसने की आवाज़ थी.
अब में कहने लगी कि प्लीज राज अब तुम इसको बाहर निकाल लो मुझे बहुत दर्द हो रहा है और हेमा भी उससे यही बात बार बार बोल रही थी, राज ने मेरे एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर मेरी तरफ देखा और एक जोरदार झटका मार दिया और अब मुझ पर एक अजीब सी बेहोशी सी छा गयी और में हल्की आवाज से कहने लगी उफफ्फ्फ्फ़ माँ में मरी, मेरी चूत फट गयी थी.
मैंने हेमा की तरफ देखा तो उसकी आखों में भी पानी था और तभी मेरी नज़र उसके दोनों पैरों के बीच में चली गयी वहां पर खून था और संदीप का लंड उसकी चूत में फंसा पड़ा था. उसका लंड खून से तर था और अब मुझे दर्द से थोड़ा सा आराम मिलने लगा था.
में हेमा से बोली कि तेरी चूत पर तो जीजू ने अपना नाम लिख दिया, यह अब इनकी हो चुकी है और इनका इस पर सबसे पहला हक है, तभी हेमा बोली कि साली तू अपनी चूत को भी देख वहां पर मेरे जीजाजी का नाम लिखा है और अब उन दोनों ने हमारा कम दर्द देखकर तेज लगातार धक्के लगाने शुरू कर दिए, जिसकी वजह से मुझे बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था. में जोश में आकर उससे बोल रही थी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से मेरे राजा, आज फाड़ दे तू मेरी इस चूत को, यह मुझे हमेशा बहुत तंग करती है, हाँ जाने दे पूरा अंदर तक वाह मज़ा आ गया.
दोस्तों ऐसे ही कुछ शब्द हेमा भी बोल रही थी और हमारी सिसकियाँ उस पूरे कमरे में गूँज रही थी उनके धक्के वैसे ही लगतार लगते रहे और में जोश में आकर ख़ुशी से झूम उठी, क्योंकि अब में झड़ने वाली थी और में राजेश को बोल रही थी उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से करो हाँ पूरा अंदर तक डालो, लेकिन तभी राजेश ने मेरी चूत से अपने लंड को बाहर निकाल लिया और वो अब एक तरफ जाकर खड़ा हो गया और वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगा था. फिर में उससे पूछने लगी कि क्यों क्या हुआ तुम रुक क्यों गए, प्लीज अब थोड़ा जल्दी से करो ना, अब राजेश मुस्कुराया और वो मुझसे बोला कि तुम मुझे माफ़ करना मेरा लंड कुतिया, रंडी, छिनाल या हरामजादी की चूत में जाता है, लेकिन तुम तो एक शरीफ लड़की हो यह कैसे तुम्हारे अंदर जाएगा?
दोस्तों उस समय मेरी चूत जोश में आकर लंड माँग रही थी और उसको अब लंड के धक्कों से ठंडा होना था. वो बिल्कुल कामुक होकर लंड मांग रही थी और लंड के लिए तरस रही थी. फिर हेमा मेरी हालत को देखकर ठीक तरह से समझकर उससे कहने लगी कि जीजू प्लीज आप यह क्या कर रहे हो. आप क्यों इस बेचारी को इतना तरसा रहे हो, प्लीज मेरे कहने पर इसको एक बार ठीक तरह से चोदकर ठंडा कर दो और इसकी चूत को वो शांति दे दो जिसके लिए देखो यह इतना तड़प रही है.
वो बोला कि नहीं इस साली के बहुत नखरे है और यह मुझे इतनी देर से अपने नाटक दिखा रही थी, यह बड़ी समझदार बनती है में देखता हूँ कि कैसे यह आज अपनी चूत को बिना लंड के ठंडा करती है? अब में अपनी चुदाई के लिए प्यासी चूत को अपने एक हाथ से मसलते हुए उससे बोली कि प्लीज राजेश प्लीज तुम अपना लंड अपनी इस हरामजादी की चूत में डाल दो, बना लो मुझे अपनी रंडी प्लीज, वरना में मर ही जाउंगी उफ्फ्फ्फ़ आह्ह् अब जल्दी करो, में तुम्हारी तो क्या इस सारे शहर की रंडी बन जाउंगी, लेकिन अब तुम मुझे चोद दो, प्लीज मुझसे अब बर्दाश्त नहीं होता.
अब हेमा ज़ोर से हंसते हुए बोली कि वाह जीजू में मान गई आज आपको. आपने मेरी इस नखराली बन्नो को आज पूरी एक रंडी बना दिया, जो अब तक इतना नाटक नखरा दिखा रही थी अब वो अपनी चुदाई के लिए खुद ही तैयार है, देखो यह लंड लेने के लिए कितना तड़प रही है. अब राजेश मेरे पास आ गया और वो मुझसे बोला कि चल अब तू एक असली कुतिया की तरह मेरे सामने झुक जा और में आज तुझे असली कुतिया बनाकर तेरी इस गरम चूत को ठंडा करूंगा और तेरी चुदाई का पूरा पूरा मज़ा लूँगा.
में राजेश के कहने पर अपने घुटनों के बल कुतिया की तरह बैठ गई और उसने मेरे पास आते ही सबसे पहले मेरे कूल्हों पर एक कसकर थप्पड़ मारा, जिसकी वजह से मेरे कुल्हे एकदम लाल हो गये उसके बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत से सटा दिया और ज़ोर का एक धक्का मारा, जिसकी वजह से मुझे दर्द तो बहुत हुआ, लेकिन में कुछ भी नहीं बोली और में अपनी चीख को अपने अंदर ही दबाकर उस दर्द को सहती रही. अब उसी समय जितेन्द्र मेरे मुहं के पास अपना लंड ले आया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगा.
मैंने तुरंत उसका इशारा समझकर अपना मुहं खोला और उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया और में उसके लंड को चूसने लगी, वो धक्के लगाने लगा था. दोस्तों उधर राजेश अपनी पूरी स्पीड से लगा हुआ था और इधर जितेन्द्र मेरे मुहं में अपने लंड को धक्के दिए जा रहा था और फिर मैंने देखा तो हेमा संदीप के लंड के ऊपर बड़ी स्पीड से कूदकर अपनी चूत के अंदर उसका लंड ले रही थी और उसको बड़ा मज़ा आ रहा था.
उस पूरे कमरे में अब ऊह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह आईईईई की आवाज़े आ रही थी और हम सभी पूरे जोश में अपना अपना काम कर रहे थे. तभी कुछ देर बाद जितेन्द्र ने मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसने हल्के धक्के देते हुए अपना पूरा वीर्य मेरे मुहं में निकाल दिया. में उसका लंड वैसे ही अपने मुहं में लिए चूसती रही और उसके वीर्य का बड़ा ही नमकीन सा स्वाद था. वो कुछ मेरे गले में भी चला गया और कुछ मुहं से बाहर निकलकर मेरे गालो पर बह गया और अब तक मेरी चूत ने भी एक बार पानी छोड़ दिया था वो भी धीरे धीरे ठंडी होने लगी थी, लेकिन उसी समय राजेश ने भी लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और उसने भी मेरे मुहं पर अपना सारा वीर्य निकाल दिया और इधर संदीप और हेमा भी झड़ने वाले थे.
हेमा अब संदीप से बोल रही थी कि साले ज़ोर से धक्के दे. में अब गई काम से और उसी समय संदीप ने भी अपने लंड को बाहर निकालकर हेमा के मुहं में अपने लंड को डाल दिया और वो उससे बोला कि ले साली कुतिया पी ले आज तू भी मेरा पूरा जूस तू भी मज़े कर. फिर हेमा ने संदीप के लंड को चूसते हुए उसका सारा वीर्य पी गयी, लेकिन वीर्य कि मात्रा ज्यादा होने की वजह से वो उसके मुहं से बाहर निकलते हुए उसके बूब्स पर जा टपका, जिसको संदीप ने उसके पूरे बूब्स पर मसल दिया था. मैंने देखा कि हेमा के चेहरे से वो ख़ुशी साफ साफ नजर आ रही थी और वैसा ही हाल मेरा भी था. में अपनी पहली चुदाई से बड़ी खुश थी और मुझे चुदाई का असली मतलब उस दिन समझ में आया था और तब मुझे पता चला कि चुदाई करने में क्या कैसे और कितना मज़ा आता यह सभी बातें पता चली उसके बाद मुझे और भी चुदाई करवाने की इच्छा होने लगी थी.
दोस्तों में अपनी अगली कहानी में आप सभी को बताउंगी कि कैसे उन तीनों ने मेरी और हेमा की मस्त मज़ेदार जमकर चुदाई करके हम दोनों को सही में एक रंडी और कुतिया की तरह हमारे साथ व्यहवार किया, लेकिन हम दोनों को उस खेल में भी बहुत मज़ा आया वो सभी बातें अगली बार में खुलकर बताउंगी अब मुझे जाने की आज्ञा दीजिए.
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भाभी की खूबसूरत गांड


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्चित है, में सूरत का रहने वाला हूँ. आज में अपना खुद का अनुभव आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ. यह स्टोरी मेरी और मेरी पड़ोसी भाभी के साथ सेक्स अनुभव की है. मेरी भाभी की उम्र 25 साल है, उनका नाम स्नेहा है, कलर सांवला, फिगर साईज 32-30-34 है.
मुझे पहले मेरी भाभी में रूचि नहीं थी मगर यह एक दिन की बात है जब से मेरी लाईफ को चेंज कर दिया. जब शादी के 4 महीने के बाद उनके पति देव ऑस्ट्रेलिया चले गये, तो तब से मेरी कहानी शुरू हो गयी. फिर जब में कॉलेज के बाद घर आया तो तब वो बोली कि तुम अगर बिज़ी नहीं हो तो तुम मेरे घर पर आ सकते हो. तो तब मैंने उसको ना बोल दिया, अब मुझे काम था पढाई करनी थी, तो में नहीं जा पाता.
फिर कुछ दिन के बाद जब में उनको लास्ट वाली बात पर सॉरी बोलने गया तो तब मैंने देखा कि घर अच्छी तरह सजाया था. फिर मुझे पता चला कि उस दिन मेरी भाभी का बर्थ-डे था. ( उसके नौकर ने बताया था ) फिर मैंने सोचा कि क्यों ना विश करूँ? और सॉरी भी बोल दूँ और फिर में उनके रूम में विश करने गया तो रूम में कोई नहीं था. तो तब मेरी आँखे चमकी और ऐसे ही देखने लगा.
अब मेरे अंदर करंट दौड़ गया था और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. तब वो पंजाबी ड्रेस में थी और कपड़े फुल टाईट बूब्स तक कपड़े टाईट और वो बहुत खूबसूरत दिख रही थी. अब मैंने सोच लिया था कि ये मेरी ब्लू फिल्म की हिरोइन है, क्या बदन है? क्या बूब्स है? क्या गांड है साली की? अब मुझे सिर्फ़ उसे राज़ी करना है. अब में उसके बूब्स देखता ही रह गया था.
फिर मैंने होश में आकर कहा कि भाभी हैप्पी बर्थ-डे और सॉरी भी कहा. तो तब वो बोली कि कोई बात नहीं यार ऐसा होता रहता है. फिर उसके बाद मैंने फिर से एक बार बर्थ-डे विश किया और मन ही मन में कहा कि हैप्पी बूब्स डे. फिर उस दिन से में उनके क्लोज़ हो गया. अब हम बहुत बातें करने लगे थे मेरे कॉलेज पर और मूवी पर और में चान्स ढूँढ रहा था कि कब उसकी चूत देखूं?
भाभी भी एक ऑफिस में नौकरी करती है, जो घर से बहुत दूर था. अब में चान्स ढूँढ रहा था और फिर एक दिन मुझे चान्स मिल ही गया और उस दिन रविवार था. उसके घर पर जो नौकर था, वो भी शानिवार को रात को अपने गाँव चला गया था और रविवार को मेरे घर में मेरी माँ ही थी, जो दोपहर के 1 बजे अपने काम से जाने वाली थी. फिर सुबह के 11 बजे तक सब बाहर चले गये और फिर मैंने भी कहा कि मुझे भी बाहर जाना है और चला गया, मुझे पता था कि शाम तक माँ नहीं आएँगी. फिर में 2 घंटे में ही घर वापस आ गया.
अब मेरे घर पर लॉक होने से में उनके घर चला गया था. तो तब भाभी पीले कलर की नाइटी में थी और टी.वी देख रही थी और जब टाईम 1 बज रहे थे. फिर में भी उनके पास बैठ गया और टी.वी देखने लगा. फिर मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर उनकी कमर पर डाले.
तब भाभी ने कुछ भी नहीं कहा और फिर वो किचन में काम करने चली गयी. फिर थोड़ी देर के बाद में भी उनके पीछे गया. अब में उसके गर्म बदन और उसकी बड़ी सी गांड को देखता ही रह गया था. अब मेरा तो लंड खड़ा हो गया था, जिसे में रोक नहीं सका और उसके पीछे आकर खड़ा हो गया और मेरे दोनों हाथों से भाभी को कसकर दबोचा और उनके बूब्स प्रेस करने लगा था. अब मेरा बड़ा लंड उनकी गांड में उनके कपड़ो के ऊपर से ही घुस गया था. तो तब वो शॉक हो गयी और बोली कि मुझे छोडो, तो मैंने उनको छोड़ दिया. फिर वो मुझे गुस्से से देखकर कहने लगी कि मैंने कभी नहीं सोचा तू ऐसा है और जाकर बेडरूम में लेट गयी थी.
फिर मैंने सारे दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर दिए और उनके बेडरूम में गया और सीधी बात कह डाली कि भाभी मुझे आपको चोदना है, में कब से इस टाईम का इंतजार कर रहा हूँ? प्लीज. तो तब भाभी ने कहा कि अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा? तो तब मैंने कहा कि क्या होगा? कुछ नहीं होगा और यह कहकर उनके बेड पर आ गया.
वो मुस्कुराने लगी और लेट गयी और तब करंट भी नहीं था. फिर मैंने धीरे से उनकी नाइटी के हुक एक-एक करके निकाले और फिर उनकी पूरी नाइटी उतार दी, तो उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली. फिर मैंने अपने पूरे कपड़े निकाल दिए. अब हम दोनों पसीने-पसीने थे. फिर मैंने उनको बिस्तर पर लेटा दिया और कहा कि अब सब मुझ पर छोड़ दो. भाभी का बदन सांवला है और पूरा गर्मा-गर्म है. फिर मैंने उनकी सफ़ेद ब्रा के हुक खोलकर उनकी ब्रा को फेंक दिया. अब वो शर्मा रही थी. अब में उनकी काले कलर की पेंटी उतारने लगा था. अब वो मुझे देख रही थी, उसकी चूत शेव की हुई थी. अब वो मुझे ही देख रही थी. अब में पूरे हवस में आ गया था और मन में अटेक कहकर उनके होंठो पर किस किया. अब वो भी मेरे साथ मिल गयी थी.
फिर में थोड़ा नीचे आया और भाभी के नारंगी साईज़ के बूब्स दबाने लगा. तब भाभी ने कहा कि आह और आह और फिर में 5 मिनट तक उनके बूब्स चूसता ही रहा और फिर उससे कहा कि साली रंडी कितनों से चुदवाई हो? तो तब वो कुछ नहीं बोली और हंसी.
में नीचे आया और उसके पूरे बदन का पसीना ऊपर से नीचे तक चाटा तो वो मुझे देखती रही और उसके बदन का अंग-अंग मुझे देने लगी थी. फिर मैंने उनकी चूत पर अपना एक हाथ डाला तो मेरे हाथ डालते ही वो सिसकारियां लेने लगी. फिर में अपना मुँह उसकी चूत में डालकर चाटने लगा, मेरी भाभी की रसीली चूत का सबको मज़ा लेना चाहिए. फिर मैंने अपना 8 इंच का लंड उनके मुँह पर रख दिया, तो तब भाभी अपने मुँह से मेरे लंड को 10 मिनट तक चूसती रही और बाहर निकालने ही नहीं दे रही थी.
फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी मेरा लंड रुक नहीं रहा है और आपकी रसीली चूत में घुसना चाहता है. तब उसने कहा कि अर्चित जी तो ऐसे क्या देख रहे हो? आपके लंड का मज़ा तो दीजिए हमें. फिर मैंने उसकी दोनों टाँगों को चौड़ा किया और मेरा लंड उनकी काली साफ चूत में धीरे-धीरे डालने लगा. अब में उनकी चूत का मज़ा लूट रहा था. अब भाभी और मैंने हिलना करना शुरू कर दिया था और धीरे से अपना लंड बाहर लेकर आया और तेजी से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया तो तब वो जोर-जोर से कहने लगी कि अर्चित आआआ क्या बात है? आह, आआह, ऐसे ही, आह, ऐसे ही.
तब मैंने कहा कि भाभी आपकी चूत तो फट गयी साली, रंडी और अब तेरी गांड की बारी है और फिर भाभी की गांड में अपना लंड घुसाकर उस रंडी को पूरे 30 मिनट तक पूरी तरह से चोदा. अब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो तब मैंने कहा कि भाभी कहा निकालूं इस पानी को? तो तब वो बोली कि मेरे मुँह में. तो मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही छोड़ दिया और फिर में ठंडा हो गया. फिर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही 10 मिनट तक पड़े रहे. फिर उसने अपने कपड़े पहन लिए तो तब मैंने कहा भाभी आप मस्त माल हो. फिर हम दोनों को जब कभी भी कोई मौका मिला, तो हमने चुदाई का भरपूर आनंद लिया और खूब इन्जॉय किया.
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दिव्या भाभी मेरे लंड से चुदी


हैल्लो दोस्तों मेरा नाम राहुल है. मेरी उम्र 24 साल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरी लम्बाई 5.9 इंच मेरा बदन गोरा, गठीला में दिखने में भी ठीक ठाक लगता हूँ और मेरे लंड का आकार सात इंच लंबा और तीन इंच मोटा है, मेरे इस बदन को देखकर हर लड़की मेरी तरफ बहुत आकर्षित हो जाती है. दोस्तों आज में आप सभी को जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ.
यह कुछ दिन पहले की एक सच्ची घटना है, वैसे मुझे शुरू से ही सेक्स में बड़ी रूचि रही है और मेरी यह हमेशा कोशिश रहती थी कि कोई मुझे ऐसा मिले जिसके साथ में जमकर सेक्स करूं और अपने मन की सभी इच्छा को उसके साथ पूरा कर लूँ, लेकिन में ऐसा कुछ नहीं कर सका क्योंकि मुझे वो ऐसा मौका कभी मिला ही नहीं, जिसका में फायदा उठाकर वो सभी कर लेता और मेरी किस्मत ने मेरा साथ नहीं दिया. दोस्तों मेरी यह कहानी लंबी जरुर है, लेकिन आप लोग इसको थोड़ा ध्यान से पढ़ना आपको जरुर मज़ा आएगा, उन्ही दिनों में मेरा एक पक्का दोस्त जो मेरे पड़ोस में रहता था उसकी शादी पक्की हो गयी और 15 दिनों के बाद ही उसकी शादी भी हो गयी, लेकिन में उसकी शादी में नहीं जा सका, क्योंकि में उन दिनों किसी जरूरी काम की वजह से अपने अंकल के घर मुम्बई गया हुआ था और जब में वापस आया तो वो उसी शाम को मुझसे मिला.
फिर मैंने उससे पूछा क्यों कैसी रही तुम्हारी शादी और वो पहली रात तुम्हारी पत्नी के साथ? वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर कुछ भी नहीं बोला और बिल्कुल चुप ही रहा. उसके बाद वो मुझसे कहने लगा कि चल में तुझे मेरी पत्नी से मिलवा देता हूँ. तो में और मेरा वो दोस्त उसके घर चले गए और जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि वहां पर उसकी पत्नी घर में अकेली ही थी. अब मैंने देखा कि उसकी पत्नी बहुत ही सुंदर गोरी और सेक्सी लग रही थी और साड़ी में तो वो बहुत ही अच्छी लग रही थी और उसका फिगर तो कुछ ऐसा था कि आप उसके बारे में मुझसे पूछो ही मत, वो मेरी ही उम्र की थी.
उसका नाम दिव्या था. मुझे तो वो दिखने में बड़ी ही आकर्षक लड़की लग रही थी, जिसको देखकर में अपने होश पूरी तरह से खो चुका था. उसको देखकर मेरे मन में उसको अपना बनाने की इच्छा होने लगी थी. फिर मैंने मेरे दोस्त को ऐसे ही मजाक में कह दिया वाह यार तेरी पत्नी तो बहुत ही मस्त सुंदर लग रही है, तेरी तो किस्मत ही खुल गई जो तुझे ऐसी सुंदर लड़की मिली है. तू अब इसके साथ अपने अच्छे से आगे का जीवन बिना और इसके साथ खुश रह. फिर मैंने मन ही मन में दुआ कि भगवान अगर आप मुझे पत्नी दो तो ठीक ऐसे ही फिगर वाली और सुंदर पत्नी देना जो मेरा जीवन सफल बना दे और मैंने उससे बात करना शुरू किया तो उसकी आवाज़ भी बहुत मीठी सुरीली थी, जिसको सुनकर में बड़ा खुश था मेरा मन अब पूरी तरह से उसकी तरफ आकर्षित होकर में उसका दीवाना हो चुका था. उस पर मेरा मन आ गया था. अब वो भी मुझे देखकर बार बार मेरी ही तरफ देख रही थी.
शायद वो भी मेरे गठीले बदन को देखकर मुझसे आकर्षित थी. फिर कुछ देर वहीं पर रुककर चाय पानी पीकर में वापस अपने घर चला आया, लेकिन मेरा मन तो उसी के पास रह गया था. में बस उसी में बारे में सोचने लगा. फिर एक दिन में जब अपनी गाड़ी को धो रहा था तभी वो अपने घर से कुछ कपड़े और बर्तन लेकर मेरे यहाँ पर धोने आ गई उनके मुझे बताया कि किसी वजह से उनके घर आज पानी खत्म हो चुका है, इसलिए उसको यहाँ आना पड़ा.
जब वो अपने काम को करते हुए नीचे की तरफ झुकती उसी समय मैंने उसके प्यारे से गोरे गोलमटोल बूब्स को देख लिया, जिनको देखकर में बड़ा चकित था, इसलिए में उससे कुछ कह नहीं पाया मुझे उसके उभरते हुए बूब्स को देखने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था. में गाड़ी को धोता रहा और उसी के बहाने बूब्स को भी देखता रहा और वो मुझे देखती गयी, लेकिन उसने जानबूझ कर अपने पल्लू को ठीक नहीं किया, जो काम करने की वजह से नीचे आ चुका था इसलिए अब तो उसके बूब्स मुझे पहले से भी ज्यादा साफ नज़र आने लगे थे और इसलिए जब जब में उसके बूब्स को देखता तब तक मेरे शरीर में 440 वॉट्स का करंट एक साथ दौड़ने लगता और इस तरह में कई बार उसके बूब्स को खुश होकर देख चुका था.
वो मुझसे कुछ कहती ही नहीं वो बस मुझसे अपनी नजरे मिलाकर मेरी तरफ मुस्कुराने लगती और शायद उसको मेरी यह हरकत उसके साथ करना अच्छा लग रहा था इसलिए उसने भी आगे होकर मुझे अपने बूब्स दिखाए और मैंने देखकर उनके मज़े लिए वो बहुत ही गोरे उसके घुटनों से सटे होने की वजह से दबकर उसके बड़े आकार के गले के ब्लाउज से बाहर निकल रहे थे. वो द्रश्य बड़ा ही मनमोहक था इसलिए में भी बिल्कुल चकित होकर घूर घूरकर उन दोनों सफेद कबूतरों को देख रहा था.
फिर कुछ देर अपने काम को खत्म करके वो वापस चली गई और उस घटना के बाद से मेरे मन में उसके लिए अब गलत विचार कुछ ज्यादा ही आने लगे थे. में अब उसकी चुदाई के सपने देखने लगा था और उस घटना के बाद से मैंने उसके मेरे लिए व्यहवार में बहुत परिवर्तन महसूस किया वो अब मुझसे बहुत हंस हंसकर बातें और बहुत हंसी मजाक करने लगी थी वो हर कभी किसी भी बहाने से मेरे घर अब पहले से ज्यादा आने लगी थी और मुझे भी उसके आने उससे मिलने उसको देखने से बड़ी खुशी होती और उसका वो साथ मुझे अच्छा लगने लगा था और फिर एक दिन वो दिन भी आ गया जब मेरी किस्मत खुल गई. उस दिन वो मेरे घर चली आई और उसने मुझसे कहा कि हमारे घर पर टीवी में कुछ नजर आता ही नहीं है तो आप चलकर उसको प्लीज ठीक कर दीजिए ना, वरना में अकेले घर में रहकर पूरा दिन बोर हो जाती हूँ उसके बिना मेरा मन नहीं लगता.
मैंने उससे तुरंत कहा कि हाँ ठीक है आप चलो मेरे साथ में देखता हूँ कि आपकी टीवी में क्या समस्या है? और जैसे ही में टीवी वाले कमरे में गया तो उसने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था, लेकिन मुझे इसके बारे में पता ही नहीं था कि उसने दरवाजा बंद कब किया? उस समय उसके घर पर कोई नहीं था. में टीवी की समस्या को देख रहा था और मेरे हाथ में टीवी का रिमोट था और मेरी नजरे टीवी के ऊपर थी. तभी अचानक से उसने मुझे पीछे से आकर अपनी बाहों में कसकर जकड़ लिया, जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरी कमर को छूकर दबने लगे और वो अहसास कुछ ऐसा था कि जिसको में किसी भी शब्दों में लिखकर नहीं बता सकता, वैसे तो में उसकी इस हरकत की वजह से मन ही मन बहुत खुश हो रहा था, लेकिन फिर भी मैंने जानबूझ कर नाटक करते हुए उससे पूछ लिया यह तुम क्या कर रही हो? छोड़ो मुझे.
वो कहने लगी कि जो तुम्हे दिख रहा है यह बात कहकर उसने मेरी पीठ पर किस करना शुरू कर दिया और उसके बाद वो मेरे आगे आकर मेरे होंठो को बुरी तरह से चूमने चूसने लगी थी कि उसके इतना सब करने की वजह से में भी झट से जोश में आ गया और अब में भी उसको किस करने लगा था और उसको अपनी बाहों में दबाने लगा, जिसकी वजह से हम दोनों के बदन के बीच इतनी भी जगह नहीं बची जिसकी बीच हवा भी निकल जाए उसके वो गोरे गोलमटोल बूब्स मेरी छाती से दबकर बाहर आ रहे थे वो बड़े ही मुलायम थे और वो अहसास सबसे अलग हटकर था.
फिर कुछ देर चूमने के बाद मैंने उसको खींचकर सोफे पर लेटा दिया और अब में उसके ऊपर आ गया. मैंने दोबारा उसको पागलों की तरह चूमना शुरू कर दिया था. फिर करीब दस मिनट तक में उसको चूमता ही रहा, जिसकी वजह से हम दोनों का जोश बहुत बढ़ चुका था और हम अब बिल्कुल पागल हो चुके थे.
अब मैंने सही मौका देखकर उस ब्लाउज खोल दिया, जिसकी वजह से वो मेरे सामने ब्रा में केद अपने उन लटकते हुए बूब्स के साथ बड़ी ही सुंदर अप्सरा की तरह नजर आ रही थी.
में उनकी सुंदरता को देखकर बड़ा चकित था. फिर उसके बाद मैंने बिना देर किए अपने एक हाथ को उसकी कमर पर ले जाकर उसकी ब्रा को भी तुरंत खोलकर उसके गोरे सेक्सी कामुक बदन से अलग कर दिया और जैसे ही मैंने उसकी ब्रा को खोला वैसे ही उसके वो दोनों बूब्स उछलकर बाहर आ गये और में बिल्कुल पागलों की तरह उनको देखकर बड़ा चकित होकर दोनों बूब्स को अपने हाथो में लेकर दबाने मसलने लगा. वाह क्या मस्त बड़े बड़े बूब्स थे? उनके बूब्स का आकार 38 इंच के करीब था आज मुझे कितने दिनों के बाद उसके पूरे के पूरे बूब्स देखने को और दबाने को मिले थे, जिनको पाकर में बड़ा खुश था.
फिर मैंने उनकी निप्पल को अपने मुहं में भर लिया और में उनको चूसने लगा साथ ही दूसरे बूब्स को सहला रहा था और में उनको चूसता ही रहा. ऐसा करने में मुझे बड़ा मस्त मज़ा रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी साड़ी को उताकर उसको मैंने पेंटी में कर दिया उसकी चूत बहुत गरम हो चुकी थी, इसलिए उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी. तुरंत ही मैंने उसकी पेंटी को उतारकर उसकी चूत को फैलाकर में चाटने लगा और वो जोश में आकर सिसकियाँ भर रही थी.
कुछ देर बाद वो जोश में आकर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और में बड़े मज़े लेकर अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने के मज़े लेने लगा, तभी उसने मुझसे कहा कि ऐसा तो तुम्हारा दोस्त कभी भी मेरे साथ नहीं करता तुम्हे तो बड़े मस्त मज़े बहुत कुछ करना आता है अब उसको और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि मैंने किसी की चूत को पहली बार अपनी आखों से देखा था, क्योंकि वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी पहली बार ऐसी सुंदर गोरी पूरी नंगी लड़की को देखकर मेरा लंड जो जोश में था.
अब वो पूरी तरह से टाइट होकर झटके देने लगा था, वैसे तो में कई बार बहुत सारी नंगी लड़कियों को सेक्सी फिल्म में चुदाई करते हुए देख चुका था, लेकिन आज पहली बार में किसी लड़की को अपने सामने पूरा नंगा करके उसकी चुदाई अपने लंड से करने जा रहा था.
यह मेरा सबसे अच्छा अनुभव था, जिसको में अपने पूरे जीवन कभी नहीं भुला सकता. अब उसने मुझे बैठकर मेरे कपड़े उतारकर मुझे भी पूरा नंगा कर दिया तभी वो मेरा तनकर खड़ा लंड देखते ही एकदम चकित होकर मुझसे बोली वाह इतना लंबा, मोटा इतना तो मेरे पति का भी नहीं है आज तो मुझे इस लंड से अपनी चुदाई करवाने में बड़ा मस्त मज़ा आएगा और फिर मेरा लंड उसके हाथों में आते ही झटके मारने लगा. वो बहुत टाइट हो चुका था और तब उसने मुझसे कहा कि तुम्हारा यह लंड तो बहुत ही दमदार लगता है. देखो यह कैसे मेरे हाथों में ही उछल रहा है और यह बात खत्म करके वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और जहाँ तक हो सकता था वो मेरे लंड को अपने मुहं में ले रही थी और टोपे पर अपनी जीभ को घुमाकर चूस चाट रही थी.
उसके यह सब करने की वजह से मुझे बहुत मस्त मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर वो मेरे लंड को चूसती रही और उसके बाद मैंने उसको सोफे पर ही लेटा दिया और एक बार फिर से में उसकी चूत को चाटने लगा, जिसकी वजह से वो सिसकियाँ ले रही थी. फिर में उठा मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया, उसने भी मेरा साथ देते हुए अपने हाथों से अपनी रसभरी गुलाबी चूत की पंखुड़ियों को पूरा फैलाकर मेरे लंड के स्वागत के लिए खोल दिया.
मैंने अपना लंड का टोपा उसकी चूत के खुले हुए होंठो पर रख दिया और में उसकी चूत के दाने पर घिसने लगा, ऐसा मैंने कुछ ही देर किया और तभी वो बोल पड़ी प्लीज अब डाल भी दो क्यों तुम मुझे कितना तड़पा रहे हो, प्लीज थोड़ा जल्दी करो, मुझे अब रहा नहीं जाता तुम अपना यह पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डालकर मुझे तेज धक्के देकर मेरी मस्त चुदाई करके मज़े दो, देखो मेरी अब कैसी हालत हो रही थी और अब तुम मुझे ज्यादा भी मत तरसाओ.
फिर मैंने उससे कहा कि असली मज़ा मेरी जान तड़पाने में ही आता है और फिर मैंने अपनी बात को अधूरा ही छोड़ दिया और उसी समय मैंने एक तेज धक्का लगाकर उसकी फैली हुई चूत में अपने लंड को तीन इंच तक अंदर डाल दिया. उसके बाद लगातार तीन चार धक्के और लगाए तो वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला पड़ी, उस समय मैंने धक्के मारने बंद किए और कुछ देर में वो बिल्कुल शांत हो गयी और मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया और किस करने के बाद में उसके बड़े बड़े बूब्स जो 38 इंच के थे में उनको अपने मुहं में भरकर चूसने और दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद वो खुद अपने कूल्हे ऊपर की तरफ उठाकर धकेलने लगी, तब में तुरंत समझ गया कि अब वो पूरा लंड लेने के लिए तैयार है. अब मैंने एक बार फिर से धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिया. वो आहहह ऊफ्फ्फ्फ़ कर रही थी और उसी समय मैंने सही मौका देखकर एक ज़ोर से धक्का लगाकर अपने लंड को थोड़ा अंदर उसकी चूत में घुसा दिया, लेकिन वो अब चिल्ला नहीं सकी, क्योंकि उस समय उसका मुहं मेरे मुहं में था और में उसको ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा था और वैसे ही धक्के लगाता गया. अब वो जोश में आकर मुझसे कहने लगी आह्ह्ह हाँ फाड़ डाल मेरी चूत को, यह तुम्हारे जैसा ही लंड मज़े लेने के लिए चाहती है वाह मज़ा आ गया तुम इस काम में बड़े अनुभवी लगते हो और उसके यह कहने से मेरे अंदर जोश आ गया. मैंने फिर से धक्का लगाकर अपने पूरे लंड को उसकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से वो इस बार बड़ी ज़ोर से चिल्ला उठी आईईइ माँ मर गई आह्ह्ह मुझे दर्द हो रहा है.
में तुरंत समझ गया कि मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका है, इसलिए उसकी चूत का दर्द बढ़ चुका है और उसी समय वो मुझसे बोली कि में अब और नहीं सह सकती, प्लीज तुम अब लंड को बाहर निकाल लो वरना में मर ही जाउंगी, प्लीज मुझ पर थोड़ा सा तरस खाओ आईईई मुझे बड़ा अजीब सा दर्द हो रहा है. अब मैंने उससे कहा कि अभी तुम्ही ने खुद मेरे लंड को अपनी चुदाई का न्योता दिया है. अब तो यह इसकी पूरी भूख को मिटाने के बाद ही इसे बाहर निकालूँगा. वो बाद में कुछ नहीं बोली में उसको लगातार धक्के लगा रहा था.
उसको ऐसे ही में 15 से 20 मिनट तक में उसी एक पोज़िशन में वैसे ही धक्के देकर चोदता रहा, जिसकी वजह से अब उसको भी मज़ा आ रहा था और वो अपने कूल्हों को उठा उठाकर मुझसे अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी. फिर उसके बाद मैंने उसको और भी ज़ोर से धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया. फिर थोड़ी देर के बाद वो मुझसे बोली राहुल अब में झड़ने वाली हूँ प्लीज और तेज धक्के मारो ना और मैंने अपने धक्के पहले से भी तेज कर लिए और वो आह्ह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ करती हुई झड़ गयी और कुछ ही देर में वो शांत हो गयी.
मैंने अब उसको अपने सामने घोड़ी बनने को कहा तो वो हंसती हुई मुझे किस करने लगी और उसके बाद वो झट से घोड़ी बन गयी और सोफे के सहारे उसने अपने दोनों हाथ करके और अपने सेक्सी कूल्हों को उसने पीछे कर दिए और उसने अपनी कमर को थोड़ी सी नीचे कर लिया, जिसकी वजह से उसकी चूत पहले से ज्यादा उभरकर बाहर आ चुकी थी.
अब मैंने उसके पीछे जाकर उसकी चूत में अपने लंड को एक ही धक्के में पूरा का पूरा उतार दिया और इस बार मेरा लंड एक ही धक्के में पूरा का पूरा उसकी चूत में चला गया, क्योंकि उसकी चूत एक बार झड़कर गीली चिकनी होने के साथ साथ खुल भी चुकी थी.
फिर उसको अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. में तो इतनी मेहनत करके पसीना पसीना हो गया था और में धक्के देते हुए ही उसके बूब्स को दबाए जा रहा था. फिर करीब 25 मिनट तक ऐसे ही मैंने उसको चोदा और तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन मेरा वीर्य तो अभी भी नहीं निकला था, इसलिए मेरा जोश अभी तक भी वैसा ही था. अब मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और में उसको फुल स्पीड से चोदना शुरू कर दिया. फिर वो कहने लगी हाँ राहुल तुम मुझे इसी तरह से चोदते रहो अह्ह्ह वाह मज़ा आ गया. फिर मैंने उससे कहा कि अब मेरा वीर्य निकलने वाला है, इसको में कहाँ निकालूं? तब वो बोली कि तुम इसको मेरी चूत में ही निकाल दो और उसके कहते ही मैंने उसकी चूत में अपने लंड से निकला पूरा वीर्य उसकी चूत के अंदर ही निकाल दिया. फिर उसको मैंने अपने ऊपर घुमाकर लेटा लिया और में उसको अपनी बाहों में लेकर सोफे पर लेट गया. तभी थोड़ी देर के बाद वो उठी और अपनी चूत से मेरे लंड को बाहर निकालकर वो उसको चूसने लगी.
उसके बाद वो मुझे बाथरूम में ले गयी और मेरे लंड को साबुन लगाकर साफ किया. तब उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हे मज़ा आया या नहीं? तब मैंने उससे कहा कि हाँ मुझे बहुत मज़ा आया और उसी समय वो मुझसे बोली कि तुम्हारा लंड तो अभी भी टाइट है, ऐसा क्यों? तो मैंने उससे कहा कि यह अभी भी चुदाई के लिए भूखा लगता है, इसलिए यह अभी भी शांत नहीं हुआ. यह बात कहकर उसने मुझसे कहा तो चलो फिर से शुरू हो जाओ इसको शांत करके ही तुम मेरा पीछा छोड़ना. में भी तो देखूं कि इसमें कितना दम है? में उसके मुहं से यह बात सुनकर तो ख़ुशी के मारे उछल पड़ा.
फिर मैंने उससे पूछा अगर तुम्हारी तरफ से हाँ हो तो क्या में तुम्हारी यह सेक्सी गांड मार सकता हूँ? वो कुछ नहीं बोली और उसने बस मेरी तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुरा दिया, जिसका मतलब में तुरंत समझ गया कि वो मेरे इस काम के लिए तैयार है और अब मैंने बाथरूम में रखे तेल को लेकर अपने लंड पर लगा लिया, जिससे मेरा लंड एकदम चिकना होकर चमक उठा. फिर वो मुझे कहने लगी कि कब से में यह करना चाहती थी, लेकिन उन्होंने अब तक कभी भी मेरी गांड नहीं मारी, आज तुमने यह बात बोलकर मुझे खुश कर दिया है, मुझे पता है कि तुम्हारा यह लंड मेरी गांड को फाड़ देगा, लेकिन मुझे उसकी कोई परवाह नहीं है, क्योंकि आज मेरी गांड को इतना लंबा और मोटा लंड भी तो मिलेगा, चलो अब तुम अपनी और मेरी इस इच्छा को जल्दी से पूरा करो, मुझे ज्यादा देर मत तरसाओ.
फिर मैंने भी उसकी वो बातें सुनकर खुश होकर बिना उस मौके को गवांए अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखकर एक जोरदार धक्का मार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड 5 इंच तक उसकी गांड में समा गया, लेकिन वो दर्द की वजह से छटपटाने लगी. उसी समय में अपने हाथ को आगे करके उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा. फिर कुछ देर में वो मुझसे कहने लगी कि तुम मेरे इस दर्द की इतनी परवा मत करो, दिखाओ तुम मुझे कितना जोश है और तुम्हारे इस लंड में दो मुझे तेज तेज धक्के, मेरी गांड को भी आज तुम फाड़ दो.
फिर क्या था? में उसकी वो बातें सुनकर जोश में आकर उसकी गांड में अपना लंड धक्के देते हुए डालता गया और वो आह्ह्ह ऊफ्फ्फ आईईईई माँ मर गई करती हुई अपनी गांड मुझसे मरवाती रही. करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने उससे बोला में अब झड़ने वाला हूँ क्या अपना वीर्य में तुम्हारी गांड में ही निकाल दूं? वो बोली नहीं नहीं अपने इस कीमती पानी को तुम बेकार मत करो, मुझे इसको पीना है और फिर जल्दी से उसने मेरा लंड अपनी गांड से बाहर निकालकर उसको पानी से धोया और अपने मुहं में लेकर वो लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी.
उसके ऐसा करने से मुझे बहुत मस्त मज़ा आ रहा था. में उससे कहने लगा वाह दिव्या आह्ह्ह्ह लो पूरा अंदर लेकर चूसो ऊफ्फ्फ्फ़ अब में झड़ने वाला हूँ और फिर में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा का सारा वीर्य पी गयी उस वक़्त मुझे सच में ऐसा लगा जैसे कि में जन्नत में हूँ और कुछ देर बाद हम दोनों साथ में नहाए और उसके बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और मैंने अब उससे वापस अपने घर जाने के लिए कहा तो वो बोली कि अब आप मेरा टीवी कब ठीक करोगे? अब में उससे हंसते हुए बोला कि जब भी खराब हो जाएगा में तभी उसको ठीक कर दिया करूँगा. बस तुम मुझसे इशारा कर देना में दौड़ा चला आऊंगा.
फिर हम दोनों एक साथ ज़ोर से हंस पड़े और उसके बाद हमने एक दूसरे को किस किया और फिर में खुश होता हुआ उसकी चुदाई की बातें सोचता हुआ अपने घर आ गया. दोस्तों उसके बाद उसको जब भी मौका मिलता वो मुझे अपने घर बुला लेती और में उसके घर जाकर उसकी चुदाई करके उसकी चूत गांड का बेंड बजाकर हंसी ख़ुशी अपने घर चला आता हूँ और वो हर बार मेरा पूरा पूरा साथ देती है. में उसका जोश देखकर बहुत खुश था और वो मेरी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट थी.
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सहेली का धोखा


हैल्लो दोस्तों, आज में आप लोगों से मेरी एक सहेली की एक स्टोरी शेयर करना चाहती हूँ. उसका नाम नीतू है, उसकी उम्र 26 साल है और उसका फिगर साइज 34-28-36 है और वो दिखने में भी काफ़ी सुंदर है. नीतू के एक बॉयफ्रेंड था, जिसका नाम विनोद था. नीतू और विनोद एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे. नीतू कुछ मॉडर्न ख्याल की लड़की है, वो प्यार में सब कुछ चाहती थी, लेकिन विनोद उससे शरीरिक सम्बन्ध नहीं रखना चाहता था, लेकिन नीतू की ज़िद्द पर विनोद ने पहली बार उसे किस किया.
उसने कुछ दिन के बाद उसके बूब्स सक किए और कुछ दिन के बाद उनके बीच शरीरिक सम्बन्ध कायम हो गये. अब शुरू-शुरू में तो विनोद नीतू से बहुत ज़्यादा प्यार करता था, लेकिन नीतू उसे लेकर सीरीयस नहीं थी, इसलिए वो कभी भी उसकी कोई बात नहीं मानती थी और ना ही उसे टाईम पर मिलने आती, वो हमेशा लेट आती थी और लड़कों से बातें करती थी और उनके साथ बाइक पर घूमने जाती थी और घंटो फोन पर बातें करती थी.
फिर जब विनोद उससे कहता कि जरूरत हो तो लड़कों से बातें किया करो, वरना तुम्हारा बेवजह उनसे बातें करना और उनके साथ घूमना मुझे पसंद नहीं है, लेकिन नीतू उसकी बात को नहीं मानती थी और उससे कहती कि ये आखरी बार है, आगे से ऐसा कभी नहीं होगा. फिर एक बार नीतू का कोई ऑफिस ट्रिप दिल्ली गया और उस ट्रिप पर कोई भी स्टाफ की लड़की नहीं गयी थी और अकेली नीतू गयी थी, वो भी 4 लड़को के साथ.
विनोद ने नीतू को काफ़ी मना किया, लेकिन नीतू नहीं मानी और उन लड़कों के साथ घूमने चली गयी. बस उस दिन के बाद उन दोनों के बीच में लड़ाईयाँ कुछ ज़्यादा ही शुरू हो गयी, लेकिन लड़ाईयों के बावजूद जब नीतू का सेक्स करने का मन करता तो वो विनोद के पास चली जाती और उसे सेक्स करने के लिए मनाती और वो कुछ देर के बाद तैयार भी हो जाता था.
अब धीरे-धीरे नीतू भी विनोद को बहुत प्यार करने लगी थी. अब इसी तरह से उन दोनों की लाईफ चल रही थी कि विनोद के घरवालों ने विनोद का रिश्ता कहीं और कर दिया. फिर नीतू को जब इस बात का पता चला तो वो अंदर से बिल्कुल टूट गयी. अब वो सारी-सारी रात रोकर गुजारती थी. अब उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे? फिर उसी वक़्त उसके एक ख़ास जिसका नाम आनंद गुप्ता था उसने उसकी काफ़ी मदद की, वो उसे समझाता था कि दुनियाँ में ये सब कुछ तो होता रहता है इसलिए अपनी लाईफ दुबारा नये तरीके से दुबारा शुरू करे.
फिर धीरे धीरे नीतू को उसकी बात समझ में आने लगी कि भूतकाल के पीछे भागने से कुछ हासिल नहीं होगा, तो वो विनोद को भूलने की कोशिश करने लगी और विनोद को भूलने की कोशिश में वो आनंद के कब करीब आ गयी? यह खुद उसे भी पता नहीं चला था. फिर एक बार वो दोनों इंटरनेट कैफे पर कुछ काम से गये तो वहाँ कैबिन बने हुए थे, तो वो दोनों एक कैबिन में बैठ गये और काम करने लगे थे.
कुछ देर के बाद आनंद ने धीरे से अपने एक हाथ को नीतू की कमर में डाल दिया, लेकिन फिर भी नीतू ने आनंद को कुछ नहीं कहा. यह देखकर आनंद की हिम्मत बढ़ गयी और उसने नीतू को किस कर दिया, लेकिन आनंद के किस करने पर नीतू चौंक गयी और बोली कि आनंद ये क्या कर रहे हो? तो तब आनंद ने कहा कि क्या हुआ नीतू डार्लिंग? मैंने कुछ अलग तो नहीं किया, जो सभी लोग प्यार में करते है में वही तो कर रहा हूँ, क्या यह गलत है? तो यह सुनकर नीतू ने कहा कि नहीं गलत तो नहीं है, लेकिन डर लग रहा है, में एक बार प्यार में चोट खा चुकी हूँ.
आनंद ने कहा कि हर कोई एक जैसा नहीं होता है, मुझ पर विश्वास करो और यह कहकर उसने नीतू को अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसे चूमने लगा था. फिर काफ़ी देर तक चूमने के बाद उसने नीतू से कहा कि क्या तुम मेरे साथ मेरे घर चलोगी? आज मेरे घर पर कोई नहीं है.
कुछ देर तक आनाकानी करने के बाद नीतू आनंद के साथ उसके घर जाने के लिए तैयार हो गयी और उस दिन उन दोनों के बीच शरीरिक सम्बन्ध बन गये और उस दिन के बाद तो नीतू और आनंद ने काफ़ी बार सेक्स किया.
काफ़ी दिनों के बाद नीतू ने आनंद से शादी के लिए कहा तो आनंद ने उसकी बात को घुमाकर खत्म कर दिया और वो नीतू को बाहर घूमने के लिए मनाने लगा और नीतू तैयार भी हो गयी और फिर वो दोनों शिमला चले गये और शिमला में आनंद ने नीतू को जबरदस्त ढंग से चोदा और कई बार चोदा, वो कहीं नहीं घूमा और न ही नीतू को घुमाया और सारे दिन कमरे में नीतू को चोदता रहता और फिर 4-5 दिन के बाद वो लोग वापस आ गये और वहाँ से वापस आने के बाद भी आनंद ने उसे चोदना कम नहीं किया और उसे चोदने की स्पीड बढ़ा दी.
अब इधर नीतू भी आनंद पर शादी के लिए प्रेशर डालने लगी थी. फिर एक दिन आनंद ने नीतू से कहा कि वो उससे शादी कैसे कर सकता है? क्योंकि वो तो विनोद से चुद चुकी है और वो एक ऐसी लड़की से शादी नहीं कर सकता, जो किसी और से चुद चुकी हो.
नीतू ने उससे कहा कि लेकिन आनंद को तो विनोद के बारे में सब पता था और उसने फिर भी कहा था कि वो उससे शादी करेगा. तब आनंद ने कहा कि वो तो इसलिए कहा था क्योंकि वो उसे पहले से चोदना चाहता था, लेकिन उसे मौका नहीं मिला था. लेकिन जब उसे नीतू और विनोद के ब्रेकअप का पता चला, तो उसे लगा की यही मौका है उसे चोदने का इसलिए उसने उससे प्यार का नाटक किया, ताकि वो उसे चोद सके और वो उसमें कामयाब भी हुआ और फिर उसने उसे जमकर और कई बार चोदा.
अब उसे उसकी जरूरत नहीं है, हाँ लेकिन अगर वो उससे चुदाई करवाना चाहे तो वो उसकी चुदाई करने के लिए तैयार है. फिर नीतू यह सुनकर फिर से टूट गयी और इस बार फिर उसके एक खास जिसका नाम गौतम था, उसने उसके करीब आने की कोशिश की, लेकिन इस बार नीतू ने उसे अपने करीब आने नहीं दिया. तब उसने नीतू से कहा कि वो उससे पहले शादी करेगा और फिर उसे टच करेगा. तो यह बात सुनकर नीतू को भरोसा हो गया कि वो उससे शादी करेगा.
तब गौतम ने उससे मंदिर मे शादी करने को कहा, लेकिन नीतू ने कहा कि मंदिर में की गयी शादी का कोई प्रूफ नहीं होता है. तो तब गौतम ने कहा कि तो ठीक है हम दोनों दिल्ली चलते है और वहाँ कोर्ट मैरिज कर लेंगे और वहाँ से तुम्हें मैरिज सर्टिफिकेट भी मिल जाएगा, जो सबसे बड़ा प्रूफ है और हम वहीं से अपने हनीमून पर चलेंगे. तो तब नीतू ने कहा कि ठीक है और फिर अगले दिन नीतू और गौतम दिल्ली चले गये.
फिर वहाँ जाकर वो कोर्ट गये और मैरिज के लिए एप्लिकेशन फॉर्म भर दिया. अब उनकी बारी आने में टाईम था, तो तब गौतम ने कहा कि चलो जब तक हमारा नंबर आता है हम दिल्ली घूम लेते है और एक स्वीट रूम बुक करा लेते है, क्योंकि आज की रात उनकी सुहागरात होगी. तब नीतू तैयार हो गयी. फिर बाद में रूम बुक करने के बाद वो वापस कोर्ट आए और इन्तजार करने लगे, लेकिन कोर्ट 5 बजे बंद हो गयी थी, लेकिन उनका नंबर नहीं आया था.
तब मैरिज रिजिस्ट्रार ने उन्हें सुबह 9 बजे आने को कहा तो यह सुनकर गौतम ने कहा कि आज रात हम यहीं रुक जाते है और सुबह शादी कर लेंगे. तो तब नीतू ने सोचा कि सुबह दुबारा आने से अच्छा है कि रात यहीं बिताई जाए और यह सोचकर वो दोनों होटल चले गये और दोनों अलग-अलग सो गये, लेकिन रात को अचानक से गौतम नीतू के पास गया और उसे किस करने लगा.
तब नीतू ने मना किया, तो तब गौतम ने कहा कि नीतू डार्लिंग प्लीज मना मत करो, में तो तुमसे शादी कर ही रहा हूँ, आज नहीं हो सकी तो इसमें मेरी क्या गलती है? प्लीज मुझे मत रोको, कई दिन से अपने ऊपर कंट्रोल किया हुआ था. तब नीतू को लगा कि यह ठीक कह रहा है, तो तब उसने को विरोध नहीं किया और फिर उस रात भी नीतू की जबरदस्त चुदाई हुई. फिर जब सुबह नीतू उठी तो उसने देखा कि कमरे में कोई नहीं था.
उसने इधर उधर सब जगह देखा, लेकिन गौतम उसे कहीं नहीं मिला और उसे अपना पर्स भी नहीं मिला था. फिर जैसे ही वो होटल से बाहर जाने लगी तो तब मैनेजर ने उसे रोक लिया और उसे होटल का बिल चुकाने के लिए कहा तो तब नीतू ने उसे सारी बात बता दी. तो तब मैनेजर ने उससे कहा कि तुम्हारी बात पर विश्वास कर लेता हूँ, लेकिन होटल के बिल के बदले एक रात उसके साथ गुजारनी पड़ेगी. तब नीतू मना करने लगी तो तब उसने कहा कि जब वो अपने बॉयफ्रेंड से चुदाई करवा सकती है, तो उससे क्यों नहीं?
फिर भी जब नीतू तैयार नहीं हुई तो तब मैनेजर ने कहा कि तो ठीक है में पुलिस को कॉल करता हूँ, वो तुम्हें पकड़कर अपने साथ ले जाएगी और पुलिस वाले तो बारी-बारी सब तुम्हें नोच-नोचकर खा जाएँगे, यहाँ तो में अकेला ही हूँ, तुम्हारी मर्ज़ी है सोच लो. यह सुनकर नीतू को लगा कि यह ठीक कह रहा है, तो वो तैयार हो गयी और उसने मैनेजर के साथ रात गुज़रने के लिए हाँ कर दी.
उस रात मैनेजर ने नीतू की जबरदस्त चुदाई की और जब सुबह नीतू जाने लगी तो तब मैनेजर ने कहा कि अभी नहीं जानेमन, अभी मेरे लंड की प्यास नहीं बुझी, अभी मुझे तुम्हारी और भी गांड मारनी है. तब नीतू ने कहा कि उसने एक रात रुकने को कहा था. तो तब मैनेजर ने कहा कि कहा तो था, लेकिन अब नहीं, बस एक रात और फिर इस तरह से मैनेजर ने उसे 7 दिन तक लगातार रोका और 7 दिन तक उसे दिन और रात सारा दिन चोदता रहा.
फिर 7 दिन के बाद जब नीतू ने उससे कहा कि मुझे 100 रुपए दे दो, ताकि में अपने घर जा सकूँ. तो तब उसने कहा कि एक रात और रुक जा तब दूँगा. तब नीतू को लगा कि जहाँ इतने दिन वहाँ एक दिन और सही. फिर वो एक दिन और रुक गयी और उस रात मैनेजर ने उसकी गांड भी मारी और चूत भी और उसके मुँह में अपना लंड डालने को कहा तो वो डर के मारे उसके लंड को चूसती रही और सारी रात चुदती रही.
सुबह उठकर भी जब मैनेजर पैसे देने के लिए तैयार नहीं हुआ. तब नीतू ने कहा कि चलो पैसे नहीं तो एक फोन ही करने दो. तब मैनेजर ने कहा कि ठीक है फोन कर लो. फिर नीतू ने सोचा कि हर लड़का एक जैसा होता है, अब में किसी लड़के की बात नहीं मानूँगी.
तब उसने अपनी एक फ्रेंड रीता को फोन किया और कहा कि उसे कुछ पैसे की जरूरत है. तो तब रीता ने नीतू से कहा कि ठीक है, उसका पति जिसका नाम अशोक है दिल्ली ही आया हुआ है, वो तुम्हें पैसे दे देगा, तुम अपना एड्रेस दे दो. तब नीतू ने अपना एड्रेस रीता को दे दिया और रीता ने अशोक को नीतू को पैसे देने के लिए कह दिया.
फिर जब अशोक नीतू को पैसे देने उसके पास पहुँचा तो तब उसने नीतू को बस स्टेंड ड्रॉप करने को कहा और उसे अपनी कार में बैठाकर चल दिया और एक सुनसान रोड पर आकर उससे बोला कि नीतू जी आप तो बहुत सेक्सी हो, प्लीज एक बार मुझसे गांड मरवा लो 100 रुपए क्या? में आपको 1000 रुपए दूँगा और यह कहकर वो उस पर टूट पड़ा और फिर उसने कार में ही नीतू को चोद दिया और फिर उसे बस स्टेंड छोड़ दिया और फिर आख़िरकार नीतू अपने घर पहुँच गयी. फिर घर पहुँचकर उसने मुझे अपनी सारी आप बीती सुनाई और उस दिन के बाद से नीतू ने लड़को पर विश्वास करना छोड़ दिया.
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