सेक्स की वह पहली क्लास


कॉलेज का मेरा पहला दिन ही था मेरा स्वभाव थोड़ा शर्मीला किस्म का है इसलिए मैं अपने कॉलेज के पहले दिन किसी से भी बात नहीं कर पाया। अगले दिन जब मैं कॉलेज गया तो उस दिन मेरे साथ वाली सीट में पायल बैठी हुई थी पायल बड़ी बिंदास किस्म की है वह कभी भी किसी बात को लेकर शरमाती नहीं है और बिल्कुल उसके उलट मेरा नेचर है लेकिन पायल ने मुझे भी अपनी तरह ही बना दिया था और मैं भी पायल की तरह बदलने लगा था। पायल और मेरी अच्छी दोस्ती हो गई थी और ज्यादातर समय मैं पायल के साथ ही बिताया करता पायल का मेरी जिंदगी में एक अहम भूमिका है उसकी वजह से मैं पूरी तरीके से बदल चुका था। मेरा स्वभाव कब पहले की तरह तो बिल्कुल भी नहीं था और मैं काफी ज्यादा बदल चुका था। पायल को डांस का बड़ा ही शौक है और पायल चाहती थी कि हम लोग हमारे कॉलेज में होने वाले एनुअल फंक्शन में डांस कंपटीशन में हिस्सा ले।

मैंने पायल को कहा कि मुझसे डांस नहीं हो पाएगा मैंने आज तक जिंदगी में कभी डांस नहीं किया है पर पायल बहुत ही जिद्दी है वह मुझे कहने लगी कि तुम्हें मेरे साथ डांस करना ही पड़ेगा और तुम्हें मालूम है कि मेरा डांस पार्टनर बनने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। पायल ने मुझे कहा कि तुम्हें मेरे साथ डांस करना होगा और फिर मुझे भी पायल की बात माननी पड़ी क्योकि मेरे पास और दूसरा कोई रास्ता नहीं था। मैं पायल की बात मान चुका था और हम दोनों एक दूसरे के साथ डांस प्रैक्टिस करने लगे, मेरे घर के पास ही डांस क्लास है हम लोग वहां पर डांस प्रैक्टिस के लिए जाने लगे। मुझे बिल्कुल भी डांस नहीं आता था इसलिए पायल ने मेरी डांस में मदद की और मैं अब थोड़ा बहुत डांस करने लगा था। हालांकि मैं उतना अच्छा डांस नहीं करता था लेकिन फिर भी पायल के साथ मैं डांस करने लगा था और हम लोगों ने हमारे कॉलेज के एनुअल फंक्शन में डांस कंपटीशन में हिस्सा ले लिया था।

मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हम लोग हमारे कॉलेज में होने वाले एनुअल फंक्शन के डांस कंपटीशन में जीत जाएंगे। हम लोग डांस कंपटीशन जीत चुके थे पायल बड़ी खुश थी, वह मुझे कहने लगी कि रोहित यह सब तुम्हारी वजह से ही हुआ है। मैंने पायल को कहा लेकिन पायल इसमें मेरा तो कोई भी योगदान नहीं था तुमने ही मुझे डांस सिखाया यह सब तुम्हारी ही मेहनत का नतीजा है। मैंने पायल को कहा कि पायल चलो आज हम लोग कहीं चलते हैं उस दिन हम लोग कॉलेज खत्म हो जाने के बाद मूवी देखने के लिए चलते है। पायल और मैं उस दिन मूवी देखने के लिए चले गए, हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो मैंने पायल से कहा कि पायल मुझे तुमसे कुछ बात करनी थी पायल मुझे कहने लगी हां कहो ना रोहित तुम्हें क्या बात करनी थी। मैंने पायल से कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने पापा मम्मी के साथ अहमदाबाद जा रहा हूं, पायल मुझे कहने लगी कि क्या अहमदाबाद में तुम अपनी दीदी के घर जा रहे हो तो मैंने पायल से कहा हां मैं अहमदाबाद अपनी दीदी के घर जा रहा हूं और हम लोग कुछ दिनों तक वहीं रहेंगे। पायल मुझे कहने लगी कि रोहित क्या हम लोगों की इस बीच फोन पर बात नहीं हो पाएगी मैंने पायल से कहा क्यों नहीं हम लोग फोन पर तो बातें करते रहेंगे। वह मुझे कहने लगी कि लेकिन अब तुम्हारे बिना ऐसा लगता है जैसे कि मेरे जीवन में कुछ भी नहीं है। मुझे उस दिन पायल की आंखों में देखकर ऐसा लगा कि कहीं हम दोनों एक दूसरे से प्यार तो नहीं करने लगे हैं लेकिन मुझे उस वक्त इस चीज का एहसास नहीं हुआ था परन्तु जब मैं अहमदाबाद गया तो तब मुझे चीज का एहसास हुआ कि पायल और मैं एक दूसरे को प्यार करने लगे हैं। अहमदाबाद में मैं करीब 15 दिनों तक रुका इन 15 दिनों में मुझे लग रहा था कि पायल के बिना मेरी जिंदगी अधूरी है और मैं चाहता था कि पायल और मैं एक दूसरे से जल्द से जल्द मिले। मैं जब दिल्ली वापस लौटा तो मैं पायल से मिला पायल और मैं एक दूसरे से मिलकर काफी खुश थे यह 15 दिन मेरे लिए काटने बहुत मुश्किल हो गए थे। मैंने पायल को कहा कि मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं तुमसे कितना दूर हूं पायल मुझे कहने लगी कि रोहित मुझे भी बिल्कुल ऐसा ही लगा था लेकिन अब मुझे लगने लगा है कि हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे हैं। मैंने भी उस दिन पायल को अपने दिल की बात कह डाली मैं भी चाहता था कि मैं पायल से अपने दिल की बात कह दूं।


उस दिन मैंने पायल को जब अपने दिल की बात कही तो पायल भी बहुत ज्यादा खुश हो चुकी थी और वह मुझे कहने लगी कि रोहित मैं बहुत खुश हूँ कि हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे हैं। मैंने पायल से कहा कि मुझे तो यह बात उसी वक्त समझ आ गई थी जब मैं तुमसे दूर अहमदाबाद गया, जब मैं तुमसे अलग अहमदाबाद में था तो इतने दिनों तक अहमदाबाद में रहने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं। अब हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे हम दोनों का रिलेशन आगे बढ़ चला था और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे हैं। पायल और मेरे बीच बहुत ज्यादा प्यार पनपने लगा था। इसी वजह से पायल और मैं एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाते थे। पायल मेरे बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाती है इसलिए तो जक दिन जब पायल और मैं साथ में बैठे हुए थे तो उस दिन पायल बहुत ही अच्छी लग रही थी। मैंने पायल के हाथ को पकड़ कर उसके हाथों को किस कर लिया तो पायल मुझे कहने लगी रोहित तुम यह क्या कर रहे हो पायल के कहने का अंदाज ही कुछ अलग था।

मुझे पायल के ऊपर उस दिन कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा था। पायल मुझे कहने लगी आज तुम कुछ ज्यादा ही रोमांटिक मूड में नजर आ रहे हो। मैंने पायल को कहा नहीं ऐसी तो कोई बात नहीं है लेकिन पायल यह बात अच्छे से जानती थी कि हम दोनों एक दूसरे के लिए बहुत ही ज्यादा तड़पने लगे हैं इसीलिए तो मैंने पायल से कहा कि मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं। पायल पहले तो इस बात के लिए तैयार नहीं थी लेकिन फिर वह मेरी बात मान गई और उस दिन हम दोनो मेरे दोस्त के घर गए। मेरे दोस्त के घर पर उस दिन कोई भी नहीं था यह मेरा और पायल का पहला ही मौका था जब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे। मैंने इससे पहले कभी किसी लड़की को अपने सामने नंगा नहीं देखा था लेकिन उस दिन जब पायल ने अपने कपड़ों को उतारा तो मैंने पायल की तरफ देखा और मैं पायल को देखकर पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुका था। मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाया मैंने पायल से कहा तुम बहुत ही अच्छी लग रही हो तो पायल मुझे कहने लगी तुम भी तो बहुत ही अच्छे हो। यह बात सुनकर जब मैने पायल के सामने अपना लंड को किया तो पायल मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है। मैंने पायल से कहा मेरा लंड तो बहुत मोटा है लेकिन तुम इसे अब अपने मुंह में ले लो मैं चाहता हूं कि तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर तब तक चूसो जब तक मेरे लंड से पानी बाहर ना आ जाए। पायल अब मेरे लिए तड़पने लगी थी। पायल ने जैसे ही अपनी जीभ को मेरे लंड पर लगाया तो मुझे मजा आने लगा और पायल बड़े अच्छे तरीके से मेरे लंड को सकिंग कर रही थी।

उसने मेरे अंदर की गर्मी को तो बढा ही दिया था लेकिन अब मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था। मुझे हो तो समझ आ चुका था कि अब पायल मेरी लंड को अपनी चूत में लेना चाहती है। मैंने जब पायल के गोरे स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान करना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा। पायल के बूब्स बड़े ही कमाल करते थे पहली बार मैंने उसके निप्पल को चूस कर उनका रसपान किया था। अब मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और पायल को भी मजा ही आ रहा था। पायल और मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ चुकी थी जब मैंने पायल से कहा मेरे अंदर की गर्मी तुमने पूरी तरीके से बढा दी है तो उसने भी अपने पैरों को खोला। मैंने पायल की चूत की तरफ देखा तो पायल के चूत पर एक भी बाल नहीं था उसकी कोमल चूत पर मैंने जब अपनी जीभ का स्पर्श किया तो पायल को मजा आने लगा वह मेरे बालों को अपने हाथों से खींचने की कोशिश करने लगी। जब वह ऐसा कर रही थी तो मुझे अच्छा लग रहा था मेरे अंदर की गर्मी बढ चुकी थी।

मुझे यह भी पता चल चुका था कि अब मैं अपने आपको रोक नहीं पाऊंगा शायद यही वजह थी कि मैंने पायल की योनि के अंदर अपने लंड को डाला और उसे बड़ी तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए थे। मै जब पायल को चोद रहा था तो मुझे मज़ा आ रहा था। पायल को इतना मजा आता कि पायल और मैं एक दूसरे के लिए बहुत ही ज्यादा तड़पने लगे थे। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ संभोग का मजा ले रहे थे और हम दोनों को ही मजा आने लगा था। मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी पायल के अंदर की गर्मी भी अब काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे जैसे ही मैंने पायल की योनि के अंदर अपने माल को गिराया तो मैंने देखा पायल की चूत से खून निकल रहा है। मैंने पायल की चूत से अपने लंड को निकाल दिया था लेकिन मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मैंने पायल के साथ संभोग किया था। उसके बाद भी हम दोनों ने दो बार और सेक्स का मजा लिया।
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मेरा माल बाहर निकाल दिया


काफी लंबे अरसे बाद मैं अपने मामा जी के घर पर गया था मेरा उनके घर पर जाना हो ही नहीं पाता था क्योंकि मैं अपनी जॉब के चलते काफी बिजी हो गया था इसलिए मेरा मामा जी के घर पर जाना नहीं हो पाता था। जब मैं उस दिन मामा जी से मिलने के लिए गया तो उस वक्त मामा जी घर पर ही थे वह मुझे देखकर बहुत खुश हुए और कहने लगे कि आदित्य बेटा तुम घर पर आते ही नहीं हो। मैंने मामा जी को अपनी मजबूरी बताई और कहा कि आपको तो पता ही है कि जॉब के चलते मैं आपसे मिलने के लिए आ नहीं पाता हूं तो वह कहने लगे कि बेटा कोई बात नहीं लेकिन हम लोग काफी दिनों से सोच रहे थे कि हम लोग तुम्हें घर पर बुलाएं। मैंने मामा जी से कहा मामा जी घर में सब कुछ ठीक तो हैं मैंने उन्हें कहा मामी कहीं नजर नहीं आ रही तो वह मुझे कहने लगे कि वह कुछ देर पहले ही बाजार गई थी बस थोड़ी देर बाद लौटती ही होगी। मैंने मामा जी से कहा मामा जी बताइए आपका कारोबार कैसा चल रहा है तो वह कहने लगे बेटा आजकल तो मेरा कारोबार कुछ ठीक नहीं चल रहा है और तुम जानते ही हो कि जब से मेरी तबीयत खराब रहने लगी है उसके बाद से मेरा कारोबार भी बिल्कुल अच्छे से नहीं चल रहा है क्योंकि मैं अपने कारोबार में ध्यान ही नहीं दे पा रहा हूं।

मैंने मामा जी से कहा कि अब आपकी आराम करने की उम्र है और आप इस उम्र में भी काम कर रहे हैं तो मामा जी मुझे कहने लगे कि आदित्य बेटा तुम्हें क्या बताऊं तुम तो जानते ही हो कि घर की जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही हैं। मामा जी के बड़े बेटे की जब शादी हुई तो उसके कुछ सालों बाद वह अपनी पत्नी के साथ अलग रहने के लिए चला गया जिस वजह से मामा जी काफी परेशान रहने लगे और उनका छोटा बेटा भी उनके हाथ से निकल चुका है वह गलत संगत की वजह से ज्यादातर घर से बाहर ही रहा करता है जिस वजह से मामा जी बहुत परेशान रहते हैं और यही वजह है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती और उनके ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारी हैं।

मैंने मामा जी को कहा कि मामा जी आपने हमारा बहुत साथ दिया है मम्मी और पापा की मृत्यु हो जाने के बाद मामा जी ने हीं हमारे घर की देखभाल की और उन्होंने ही मेरे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई यदि मामाजी मेरी मदद नहीं करते तो शायद आज मैं एक अच्छी कंपनी में जॉब नहीं कर पाता और ना ही मेरे कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो पाती। मामा जी का हाथ हमारे सर पर हमेशा ही था इस वजह से मैं एक अच्छे कॉलेज में पढ़ पाया और अपनी पढ़ाई पूरी कर पाया। मामा जी का मुझ पर बहुत ही बड़ा एहसान है मामा जी मुझे बहुत ही अच्छा मानते हैं वह मुझे कहने लगे कि आदित्य बेटा तुम शादी क्यों नहीं कर लेते तो मैंने उन्हें कहा कि नहीं मामा जी आप तो जानते ही हैं कि अभी मेरे ऊपर गुड़िया की जिम्मेदारी है। गुड़िया मेरी छोटी बहन का नाम है वह अब 26 वर्ष की हो चुकी है और मैं उसकी शादी को लेकर बहुत ही चिंतित हूं। मामा जी मुझे कहने लगे कि बेटा अगर तुम कहो तो मैं गुड़िया के लिए कोई लड़का देखना शुरु कर देता हूँ मैंने मामा जी को कहा क्यों नहीं अगर आपकी नजर में कोई अच्छा लगा है तो आप मुझे जरुर बताइएगा। गुड़िया का नाम रेखा है और सब लोग उसे प्यार से गुड़िया ही बुलाते हैं। मैं उस दिन मामा जी के साथ काफी देर तक रहा और उस दिन रात के वक्त मैं जब घर लौटा तो गुड़िया भी अपने ऑफिस से आ चुकी थी और वह मुझे कहने लगी कि भैया आज आप ऑफिस नहीं गए थे। मैंने गुड़िया को कहा नहीं आज मैं मामा जी से मिलने के लिए चला गया था काफी दिन हो गए थे मैं मामा जी को मिला भी नहीं था तो सोचा कि आज मामा जी से मुलाकात कर आता हूं। गुड़िया मुझे कहने लगी कि मामा जी कैसे हैं तो मैंने उसे बताया की वह अच्छे हैं और तुम्हारे बारे में भी पूछ रहे थे। गुड़िया कहने लगी कि मुझे भी मामा जी से मिले हुए काफी समय हो चुका है और अब उनकी तबीयत कैसी है, मैंने गुड़िया को कहा उनकी तबीयत भी ठीक है और मैंने उन्हें घर पर आने के लिए कहा है तो हो सकता है वह कुछ दिनों बाद घर पर आ जाए। गुड़िया कहने लगी कि भैया मैं अब खाना बना देती हूं गुड़िया उसके बाद खाना बनाने के लिए रसोई में चली गई।


मैं अपने रूम में बैठा हुआ था और टीवी देख रहा था थोड़ी देर बाद गुड़िया ने खाना बना लिया था और उसके बाद हम दोनों ने साथ में डिनर किया। डिनर करने के बाद गुड़िया अपने रूम में चली गई और मैं अपने रूम में लेटा हुआ था लेकिन मुझे हमेशा ही यह चिंता सताती की मैं गुड़िया की शादी कैसे कर पाऊंगा लेकिन मामा जी ने मेरी सारी चिंता को दूर कर दी थी। मामा जी करीब एक महीने बाद घर पर आए जब वह घर पर आए तो उस दिन उन्होंने मुझे कहा कि मैंने गुड़िया के लिए एक अच्छा रिश्ता देखा है तुम कहो तो मैं उन्हें तुमसे मिलने के लिए कह देता हूं। मैंने मामा जी को कहा मामा जी आप उन्हें जानते हैं तो वह मुझे कहने लगे कि हां बेटा मैं उन्हें बहुत ही अच्छे से जानता हूँ और तुम भी एक बार उनसे मिल लो। मामा जी के कहने पर मैं रोहित के परिवार से मिला और जब मैं रोहित के परिवार से मिला तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। रोहित बड़ी कंपनी में मैनेजर के पद पर है मुझे रोहित बहुत ही पसंद आया और मैंने गुड़िया से भी उसकी शादी के बारे में पूछा तो गुड़िया मुझे कहने लगी कि भैया जैसा आपको ठीक लगता है आप वैसा ही कीजिए।

गुड़िया को शादी से कोई एतराज नहीं था तो मैंने रोहित और गुड़िया की शादी तय कर दी। गुड़िया की शादी बड़ी धूमधाम से हुई मैंने उसकी शादी में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी क्योंकि मैं चाहता था कि उसकी शादी में किसी भी प्रकार की कोई कमी ना रहे इसलिए मैंने उसकी शादी बड़े ही धूमधाम से की। गुड़िया बहुत ही खुश थी और वह अपने ससुराल जा चुकी थी, घर पर मैं अकेला था तो मुझे गुड़िया की बहुत याद सताती लेकिन गुड़िया अपने ससुराल जा चुकी थी। जब गुड़िया अपने ससुराल चली गई थी तो उसके बाद मैं घर पर अकेला ही रह गया था। गुड़िया की शादी को एक महीने से ऊपर हो चुका था। जिस कॉलोनी में मैं रहता था उस कॉलोनी मे एक दिन मेरी मुलाकात सुचित्रा से हुई। सुचित्रा से जब मेरी मुलाकात हुई तो मुझे उससे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा। सुचित्रा से मिलकर मैं काफी खुश था लेकिन उसके डिवोर्स के बारे में मुझे पता नहीं था। वह भी अकेली रहती थी लेकिन सुचित्रा का मुझसे मिलना जुलना ज्यादा ही होने लगा था इसलिए हम दोनों एक दूसरे के घर पर आने जाने लगे थे क्योंकि हम दोनों अकेले ही रहते थे इसलिए हम दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत ही ज्यादा पसंद आने लगा था शायद यही वजह थी कि सुचित्रा और मेरी बीच कुछ ज्यादा करीब या बढ़ती चली गई और हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार हो चुके थे। एक शाम जब मे उसके घर पर बैठा हुआ था तो हम दोनों के बीच किस हो गया। हम दोनों ही एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तडपने लगे थे। मैं चाहता था मैं उसे अपनी बाहों में ले लूं। मैंने उसे अपनी बाहों में लिया वह भी तड़पने लगी। मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया था। वह मेरे अंडरवीयर से लंड को निकालने की कोशिश करती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा था। जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे चूसना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा और सुचित्रा को भी बड़ा आनंद आने लगा था। वह मेरे लंड को बड़े ही अच्छे से सकिंग कर रही थी और मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ाती जा रही थी। हम दोनों के अंदर की गर्मी बढ रही थी।

मुझे अब महसूस हो चुका था कि अब हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पाएंगे उसने मेरे लंड से चूस कर पूरी तरीके से पानी बाहर निकाल दिया था। मैं सुचित्रा के साथ सेक्स करने के लिए तैयार था मैंने जब उसकी चूत पर अपने लंड को सटाया तो वह तडपने लगी। वह कहने लगी कुछ देर तक तुम मेरी चूत को चाट लो। मैंने उसकी योनि को चटा और उसकी योनि को चाट कर मैंने पूरी तरीके से गिला बना दिया था जिससे कि उसकी योनि से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकल आया था। हम दोनों ही पूरी तरीके से तड़पने लगे थे। मैंने उसके स्तनों को बहुत देर तक चूसा। मैने सुचित्रा की चूत मे लंड घुसा दिया। जिस से कि उसे मजा आ रहा था मैं जिस तरह से सुचित्रा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था उससे मेरे अंदर की गर्मी मे लगातार बढ़ोतरी हो रही थी।

सुचित्रा कि चूत से निकलती हुई गर्मी मे भी बढ़ोतरी हो रही थी काफी समय बाद उसने भी किसी लंड का अनुभव किया था इसलिए वह मुझे अपनी और आकर्षित करती जा रही थी। मैं तो उसे बड़ी ही तीव्रता से धक्के मारे जा रहा था मेरे धक्के तेज होने लगे थे। वह मुझे कहने लगी मुझे और तेजी से चोदो। मैंने उसे बहुत तेजी से चोदना शुरू कर दिया था उसका शरीर हिलता जा रहा था। मेरे धक्को की गति भी बढ़ने लगी थी जिससे कि मेरा लंड छिलने लगा था। हम दोनो ज्यादा ही गरम हो चुके थे। अंडकोष भी वीर्य को बाहर की तरफ छोड़ने के लिए तैयार था जैसे ही मेरे अंडकोष ने मेरे वीर्य को बाहर की तरफ छोड़ा तो मैंने अपने वीर्य को सुचित्रा की चूत मे गिरा कर अपने अपनी गर्मी को शांत कर दिया सुचित्रा बड़ी ही खुश थी कि हम दोनों एक दूसरे के साथ मजे ले पाए। हम दोनों को एक दूसरे का साथ सेक्स करने मे मजा आ चुका थ। उसके बाद भी हम दोनों ने एक दूसरे के साथ कई बार सेक्स किया। सुचित्रा मेरे अकेलेपन को दूर कर दिया करती।
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चोदकर खून निकाल दिया


मैं अपने दोस्त के घर पर जाता हू उसके घर मैं काफी समय बाद गया था। मेरे दोस्त से मैं काफी दिनों बाद मिलता हूं। वह मुझसे मिलकर बहत खुश होता हैं। वह मुझे कहता हैं रमेश तुम काफी दिनों बाद घर पर आ रहे हो। मैं रोहन से कहता हू मुझे समय ही नहीं मिल पता हैं तुम तो जानते ही हो जब से पापा का बिजनेस संभला हैं तब से समय ही नहीं मिल पता हैं। मैं और रोहन बहुत दिनों बाद मिलते हैं मुझे बहुत अच्छा लगा जब मैं रोहन से मिला। रोहन के साथ अपनी कुछ पुरानी यादों को ताज़ा किया तो मुझे बहुत अछा लगा। मैं रोहन से मिलने के बाद अपने घर पर आ गया। जब मैं घर पंहुचा तो मेरे मामा और उनके लड़के घर पर आए हुए थे। वह लोग बहुत ही परेशान थे मुझे माजरा समझ नहीं आया आखिर बात क्या हैं। जब मुझे पता चला मामा की लड़की घर से भाग गई हैं तो वह घर पर आये हुए थे। मैं अब उन लोगो के साथ बैठा तो उन्होंने कहा वह हमारे पडोस के लड़के से प्यार करती थी लेकिन हम लोगो को ये बिलकुल भी पसंद नहीं था।

मामा भी बोले अगर मुझे मालूम होता तो मैं कभी भी उसको ऐसा कदम नहीं उठाने देता। मैंने मामा से कहा आप लोग परेशान मत होइए सब ठीक हो जायेगा| मामा बोले रमेश बेटा हमारी कितनी बदनामी हुइ है तुम जानते हो इससे हमारे बदनामी हुए है। पापा ने मामा से बोला अब तुम किसी भी तरीके से संगीता को ढूंढ लो और उसके रिश्ते को स्वीकार कर लो। मामा बोले मैं तो उसकी शादी उस लड़के से करवाने के लिए तयार हूं लेकिन मुझे यह चिंता सता रही हैं संगीता कैसे होगी? मामा बहुत ही भावुक हो गए। वह बहुत ही परेशान थे आखिर परेशानी की वजह भी थी उनकी जवान लड़की जो घर से भाग गयी थी। उस रात पापा ने मामा को समझाया और वह लोग घर चले गए कुछ दिनों मे संगीता घर वापस लौट आई थी। अब मामा उसकी शादी उस लड़के से करवाना चाहते थे उन्होंने उसकी शादी उस लड़के से करवा दी। अब संगीता की शादी हो चुकी थी और वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गए थे मामा भी अब खुश थे उनकी बेटी घर लौट आई हैं।

मामा इस बात से बहुत खुश थे की उनकी बेटी घर लौट आई हैं। मैं अपने काम में अच्छे से ध्यान दे रहा था मैं अपने काम से बहुत ही ज्यादा बिजी रहताहू इस लिए अब पापा भी चाहते थे मैं शादी कर लू और मम्मी ने ना जाने कितने ही बार मुझसे शादी की बात की और कहा बेटा तुम शादी कर लो लेकिन मैं तो अभी भी अपनी कॉलेज मैं पढ़ने वाली आशा के बारे मे सोचता हूं लेकिन वह अपनी फैमली के साथ अमेरिका में रहती हैं। मेरा उससे कोई भी संपर्क नहीं हैं मैं चाहता था मैं आशा को मिलू लेकिन फ़िलहाल उससे मिल पाना मुश्किल था उससे मेरा कोई भी संपर्क नहीं था। यही वजह हैं की मैं आशा से अभी तक मिल नहीं पाया था। एक दिन मैं अपने फेसबुक अकाउंट मे अपनी एक तस्वीर अपलोड के रहा था तो मैंने देखा आशा ने अपनी एक सहेली के साथ एक फोटो अपलोड की है और वह मुंबई आई हुई हैं। मैं बहुत ही खुश था मैंने सोचा मैं आशा से मिल भी पाउँगा या नहीं मेरे लिए आखिरी मौका था मैं इस मौके को छोडना नहीं चाहता था। मैं चाहता था किसी भी तरीके से मैं आशा को मिलू और मैंने अब आशा को फेसबुक पर मेसेज किया तो उसका रिप्लाई मुझे आये और वह मुझसे मिलना चाहती थी। मैं बहुत ही खुश था की इतने सालो बाद मैं आशा से मिल पाउँगा हम दोनो ने अब मिलने का प्लान बना लिया था और हम दोनों जब एक दूसरे को एक एक रेस्तोरो मे मिले। हम दोनों एक दूसरे से काफी सालो बाद मिले थे हम दोनों बहुत ही खुश थे और हम दोनों एक दूसरे से मिलकर एक दूसरे का हाल चाल पूछ रहे थे। मैं तो आशा की तरफ देख रहा था और वह मेरी तरफ देख रही थी मैं बहुत ही खुश था और आशा भी बहुत खुश थी मैंने आशा से कहा हम लोग कितने समय बाद मिल रहे हैं तो वह कहने लगी हम लोग काफी सालो बाद मिल रहे हैं। मैं आशा की आँखों मैं देख रहा था और वह मेरी आँखों मे देख रही थी। मैंने जब उसका हाथ पकड़ा और अपने दिल की बात उसे कही तो आशा मेरी तरफ देखकर बोली ये क्या कर रहे हो मेरी सगाई हो गई हैं। यह बात सुन कर मेरा तो दिल ही टूट गया और आशा भी वहां से चली गई।


मैं भी अब घर लौट आया था और मैं बहुत ही ज्यादा दुखी हो गया था आखिर यह मेरे साथ क्यों हो गया है। मेरे पास इस बात का कोई जवाब तो नहीं था लेकिन मुझे यह समझ आ चूका था की अब आशा मेरी ज़िन्दगी में कभी भी वापस नहीं आ सकती। अब मैं अपनी ज़िन्दगी मैं आगे बढ़ चूका था। मेरी ज़िन्दगी मे अब महिमा आई मैं उस से अपने दोस्त के घर पर मिला था और हम दोनों के बीच दोस्ती हो गई हमारे बीच प्यार होने लगा। मैं महिमा एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करते और हम दोनों को ही अच्छा लगता। मैं बहुत ही खुश था की अब मेरी ज़िन्दगी मे महिमा आ चुकी थी। महिमा को मेरा साथ बहुत ही अच्छा लगता हम दोना का प्यार दिन ब दिन परवान चढ़ता जा रहा था। मैं और महिमा बहुत ही खुश थे। महिमा और मैं एक दिन एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे उस दिन महिमा और मैंने साथ मे घुमने का प्लान बनाया और हम दोनों उस दिन साथ मे मूवी देखने के लिए गए। मुझे बहुत ही अच्छा लगा और महिमा को भी बहुत अच्छा लगा। हम दोनों साथ मैं मूवी देख रहे थे मैं महिमा की तरफ देख रहा था और महिमा मेरे तरफ देख रही थी।

मैंने महिमा का हाथ पकड़ लिया और मैंने महिमा के होंठो को चूम लिया तो वह मेरी तरफ देखने लगी। मैं महिमा की तरफ देख रहा था मैंने महिमा से कहा आई लव यू तो महिमा भी खुश हो गयी और मुझे कहने लगी मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा हैं| हम दोनो ने अब फैसला कर लिया था की हम दोनों कही साथ मैं जाए। मैंने महिमा को कहा हमे कही साथ मे चलना चाहिए और हम दोनों उस दिन साथ मे ही रुक गए। हमने होटल मैं रूम लिया और वहा पर मैंने महिमा को किस कर दिया। वह भी उत्तेजित होती जा रही थी और वह अपने अन्दर की आग को झेल नहीं पाई वह भी अब मेरे लंड को चूसने लगी मुझे तो बहुत ही अच्छा लग रहा था और महिमा को भी मजा आने लगा था। मैंने महिमा को कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा हैं| महिमा बिलकुल भी रह ना सकी और मेरे अंडरवियर से महिमा ने मेरे काले लंड को निकल लिया। उसके बाद मुझे और भी मजा आने लगा मैंने महिमा को नंगा कर दिया और उसकी चूत की तरफ देखा तो मुझे मजा आने लगा। मैंने महिमा से कहा तुम्हारे चूत पर एक भी बाल नहीं हैं। महिमा की चूत से पानी निकल आया था महिमा मुझे कहनी लगी मुझसे बिलकुल भी रहा नही जायेगा। मैने महिमा को कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जा रहा है। महिमा ने अब मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था और मुझे भी मजा आने लगा। मैंने महिमा को कहा की तुम मेरे लंड को ऐसे ही चूसती रहो। महिमा को मजा आ गया था उसने मेरे लंड को चूसकर मेरे लंड से पानी को बाहर निकल दिया था और मुझे उत्तेजित कर दिया। मैं बिलकुल भी रह ना सका मैंने महिमा की चूत के अंदर लंड को घुसा दिया। महिमा की चूत से खून निकल आया था। मैंने अब महिमा को तेज गति से चोदना शुरू कर दिया था मुझे बहुत ही मजा आने लगा था। महिमा की चिकनी चूत से खून निकलता ही जा रहा था।

मैंने महिमा को कहा मैं तुमको घोड़ी बनाकार चोदना चाहता हूं तो महिमा मुझे कहने लगी जैसा तुमको लगता हैं तुम वैसा कर लो लेकिन फ़िलहाल तो मुझे मजा आया रहा हैं और मेरे चूत से खून निकल रहा हैं। महिमा को मैंने अब घोड़ी बना दिया जब मैंने महिमा की चूत के अंदर लंड को डाला तो मुझे मजा आने लगा और महिमा की चूत के अंदर बहार मैं अपने लंड को करने लगा जिससे मुझे मजा आ रहा था। महिमा को भी मजा आ रहा था वह मुझे बोलने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा हैं। वह मुझसे अपनी गांड को मिलाए जा रही थी और महिमा को बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था| महिमा की गांड लाल होने लगी थी। महिमा जोर से सिसकारिया ले रही थी और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। मैंने महिमा को बहुत ही तेजी से चोदना शुरू कर दिया था।

मैंने महिमा को बहुत देर तक चोदा अब मुझे अहसास हो चूका था मैं अब रह नहीं पाउँगा। मैंने महिमा की चूत मे अपने माल को गिरा दिया और महिमा को अपना दीवाना बना दिया। महिमा और मैं बहुत ही खुश थे हम दोनों एक दूसरे की इच्छा को पूरा कर पाए और महिमा भी बहुत ही ज्यादा खुश थी। महिमा मुझे कहनी लगी अब हमे चलना चहिये लेकिन मेरे कहने पर महिमा मेरे साथ रुक गई। महिमा और मैने रात भर चुदाई का मजा लिया। महिमा अपनी चूत मुझसे मरवाकर बहुत ही खुश थी। महिमा को बहुत ही मजा आया था रात भर हम दोनों ने चुदाई का मजा लिया। महिमा और मैं अगले दिन घर चले गए और उसके बाद भी हम लोगो ने कई बार चुदाई का मजा लिया। हम दोनों को बहुत ही मजा आता मैं और महिमा एक दूसरे के साथ सेक्स का जमकर मजा लेते हैं जब भी मुझे महिमा को चोदना होता तो मैं उसे घर पर बुला लिया करता।
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लंड और चूत का खेल


मैं कुछ दिनों के लिए अपने दोस्तों के साथ शिमला घुमने का प्लान बनता हू। मैं जब अपने दोस्तों के साथ घुमने के लिए जाता हू तो हम लोगो को बहुत ही अच्छा लगता हैं। एक शाम हम सारे दोस्त होटल के लॉन में बैठे थे हम सब लोग आपस मैं बात कर रहे थे। जब हम लोग आपस में बात कर रहे थे तो मैंने सामने से एक लड़की को आते हुए देखा जब मैंने उसको सामने से आता देखा तो मैंने अपने दोस्तों से कहा क्या लड़की हैं। मेरे दोस्त मुझे कहने लगे अगर हिम्मत हैं तो उस लड़की से बात करके दिखाओ। पहले तो कुछ देर तक मैंने सोचा फिर मैंने सोचा मैं उस लड़की से बात कर ही लेता हू। मैं हिम्मत करते हुए उस लड़की के पास जाने ही वाला था तभी मैंने सामने से आते एक आदमी को देखा वह कोई 6 फीट का लम्बा सा आदमी था मैं अब उस लड़की से बात नहीं कर पाया क्योंकि वह आदमी उस लड़की का पिता था। मेरे दिल दिमाग मे उस लड़की ने घर कर लिया था मैं चाहता था मैं उससे बात करू लेकिन अब हम लोग शिमला से वापस लौट आये थे।

मेरे सर से उस लड़की का भूत उतरने का नाम ही नहीं ले रहा था मैं अब दिल्ली वापस लौट आया था लेकिन अभी भी उसी लड़की के बारे मैं सोच रहा था। मेरी किस्मत में उससे मिलना लिखा था और मैं जब उस लडकी को अपने एक परिचित की शादी मे मिला तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ की उससे मेरी मुलाकात कभी हो भी पाएगी लेकिन उससे मेरी मुलकात हो गई। हम दोनों की मुलाकात एक इत्तेफाक था मैं चाहता था मैं उससे बात करू लेकिन मेरी किस्मत में उससे बात करना लिखा था क्योंकि जब तक मैं उससे बात करने वाला था तो वहां उसके पिताजी आ गए और मैं उससे बात ना कर सका। मैं उदास था की मेरी उससे बात नहीं हो पाई लेकिन जब मैं अपनी कार लेने के लिए पार्किंग मैं गया तो मैंने उसे वहा देखा और मैं उस लड़की की तरफ देख रहा था जब मैं उसे देख रहा था तो वह भी मुझे देख कर खुश हो गई और उसने मुझे प्यारी सी मुस्कान दी। यह देख कर मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज़ हो गयी थ।

मैं उसकी तरफ देख रहा था और वह मेरी तरफ ही देख रही थी मैंने उसके पापा को देखा तो वह मेरी तरफ ही देख रही थी मैं चाहता था मैं उससे उसका नंबर ले लू और मैंने उसका नंबर उससे ले लिया था। मैं जब घर पंहुचा तो मैंने उससे बात की और जब मैंने उससे बात की तो मुझे उसका नाम आखिरकार मालूम चल ही गया। उसका नाम संजना हैं संजना से मैं बाते करने लगा था और मेरे उससे बात होने लगी थी मुझे उससे बात करने में बहुत अच्छा लगता और हम दोनों घंटो तक फोन पर बात किया करते। मुझे संजना से फोन पर बात करने मैं बहुत ही अच्छा लगता और उसको भी मुझसे बात करने में बहुत ही अच्छा लगता। हम दोनों की मुलाकात तो होती नहीं थी क्योंकि संजना के पिताजी पुराने विचारो के हैं इसलिए वह उस पर बहुत से पाबन्दी लगाकर रखते हैं। हम दोनों की सिर्फ फ़ोन पर ही बात हो पाती थी एक दिन मैंने संजना को मिलने के लिए कहा वह कहने लगी तुमसे मिल पाना बहुत ही मुश्किल होगा। संजना से मैं मिलना चाहता था लेकिन हम लोगो की मुलाकात हो नहीं पाई थी। एक दिन संजना मुझसे चोरी छुपे मिलने के लिए आ गई। मैं संजना से मिला हम दोनों पहली बार मिल रहे थे कुछ देर तक संजना ने कुछ भी नही बोला फिर वह मुझसे बात करने लगी मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था और संजना भी बहुत ही खुश हो गयी थी। हम दोनों उस दिन बात कर रहे थे तो मैंने संजना को कहा जब मैंने तुमको पहली बार शिमला में देखा था तभी मुझे तुमसे प्यार हो गया था। संजना कहने लगी मैं भी तुमसे बात करना चाहती थी लेकिन तुमसे बात हो नहीं पाई थी। मैं और संजना आपस मैं बात कर रहे थे संजना मुझे कहने लगी आज पहले बार मुझे महसूस हो रहा हैं की मैं अपनी ज़िन्दगी जी रही हूं। संजना ने मुझ पर पहले ही जादू कर दिया था और अब मैं भी चाहता था की संजना के साथ मैं अकेले में कही समय बिताऊ और संजना को भी मैंने अपने साथ चलने के लिए मना लिया था।


हम दोनों मेरे दोस्त के घर पर चले गए मैंने संजना को कहा तुम्हे कही डर तो नहीं लग रहा हैं। संजना मुझे कहने लगी मुझे डर नहीं लग रहा हैं। संजना भी मेरे साथ अपने आपको बहुत ही अच्छा महसूस कर रही थी मैंने संजना को किस कर दिया वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और मैं भी संजना के होंठो को किस कर रहा था संजना बहुत ही खुश थी की वह मेरे साथ अपनी जिंदगी का मजा ले रही हैं। मैंने संजना के होंठो से खून भी निकल दिया था। मैंने संजना से कहा मुझे तुम्हारे होंठो को चूमने मैं मजा आ गया। संजना भी मजे में आ गई थी वह तड़प रहे थी संजना से मैंने कहा अब तो लगता हैं तुम भी रह नही पा रही हो। वह मुझे कहने लगी हां मैं नहीं रह पा रही हू तुम मुझे अब और ना तडपाओ मैं रह नहीं पाऊँगी। मुझे समझ आ चुका था मैं रह नहीं पाउँगा इसलिए मैंने संजना से कहा अब मुझे तुम्हे चोदना हैं। मैंने जब संजना के बदन को महसूस करना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा। वह भी मेरी गोद में आकर बैठ गई और मेरे अंदर की आग को बढ़ने लगी। मैंने उसकी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था। संजना मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तड़प रही थी। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत मारने के लिए तैयार हूं मैंने अब संजना के कपड़े उतारने शुरू किए तो मचलने लगी।

मैं संजना के बदन को बड़े अच्छे तरीके से महसूस करने लगा था। मैं संजना के होठों को चूमने लगा था। उसके होठों को चूम कर मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी और मुझे मजा आने लगा था। मैं जिस प्रकार से उसके होठों को चूम रहा था उससे मेरे अंदर की आग इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि मैं उसकी चूत मारने के लिए तैयार था। मैंने संजना के बदन को महसूस करना शुरू कर दिया था। संजना ने मेरे लंड मुंह में लेने की बात कही। मैंने अब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया। उसे बड़ा मजा आ रहा था अब मुझे भी बहुत ही अच्छा महसूस होने लगा था। मैंने उसके अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था मैं उसे कहने लगा तुम ऐसे ही लंड को चूसती रहो। वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर लेकर अच्छे से चूस रही थी मुझे बहुत मजा आने लगा था। संजना को मेरे लंड को चूसने मैं मजा आ रहा था वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारे लंड को चूसने मे मजा आ रहा हैं। संजना ने  मेरे लंड से पानी निकल कर उसे अंदर ही निगल लिया। मैंने संजना के कपडे उतरने के बाद संजना की ब्रा को उतर दिया उअके स्तन देख मेरा मन उसके स्तनों को चूसने का होने लगा और मैं संजना के स्तनो को चूसने लगा। मुझे संजना के स्तनो को चूसकर मजा आ गया था और मैंने संजना के स्तनों को बहुत चूसा। मैंने अब संजना की चूत को देखा तो मुझे उसकी चूत को मैं चाटने का मन होने लगा। मैं अब संजना की चूत को चाटने लगा और मुझे मजा आने लगा। जब मैं संजना की चूत को चाट रहा तो उसकी कोमल चूत को चाटकर मुझे बहुत मजा आया रहा था। उसकी चूत को चाटने लगा तो मुझे इतना मजा आने लगा था कि मेरे अंदर की गर्मी बहुत बढ़ने लगी और संजना की चूत से निकलता हुआ पानी बढ़ चुका था। मैंने संजना से कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं। मैंने जब संजना की चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो मेरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। संजना जिस तरह से मुझे अपने पैरों के बीच में जकडने की कोशिश करती उससे मुझे बहुत मजा आने लगा था। उसके अंदर की आग भी बढ़ती जा रही थी।

मैंने देखा संजना की चूत से खून निकल रहा हैं। मैंने संजना के पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसे तेजी से धक्के मारने शुरू किए। मेरे धक्को में तेजी आया गयी थी मैंने संजना को अब इतने तेज़ी से चोदना शुरू किया की वह रह नही पा रही थी करीब 5 मिनट की चुदाई का आनंद लेने के बाद मेरा माल बाहर गिर गया। मेरा माल गिरने के बाद मैंने संजना को कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसो। संजना ने मेरे लंड को बड़े ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी और मुझे बहुत ही मज़ा आने लगा था मेरे अंदर की आग बढने लगी थी। मैंने संजना को घोडी बना दिया। जब मैंने संजना को घोड़ी बनाया तो संजना की चूत को कुछ देर तक चाटने के बाद संजना की चूत पर लंड लगाकर उसे चोदने लगा तो मुझे मजा आने लगा था।

उसकी चूत मारकर मुझे इतना मजा आने लगा था कि मैं एक पल के लिए अब रह नहीं पा रहा था मैंने संजना से कहा मैं रह नहीं पा रहा हूं। मैंने संजना को बड़ी तेज गति से चोदना शुरू किया मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था। संजना का बदन भी बहुत ज्यादा गर्म होने लगा था। मैंने जब अपने वीर्य को संजना की चूत के अंदर गिराया तो वह खुश हो गई। हम दोनों अभी भी गरम थे मैंने संजना को कहा हम लोग एक बार और सेक्स करना चाहते थे। मैंने संजना के साथ एक बार और सेक्स किया और मुझे भी बहुत मजा आया। संजना की चूत मारकर मुझे बहुत ही मजा आया और संजना उसके बाद घर चली गयी और संजना ने मुझे रात को फ़ोन पर कहा मुझे बहुत ही मजा आया गया जिस तरह से मैंने तुम्हारे साथ सेक्स किया और तुमने मेरे सील को तोडा संजना को बहुत अच्छा लगा था जिस तरह से मैंने उसको चोदा था।
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चूत फाड़ चुदाई के मजे


मेरी दोस्ती रजत के साथ अपने कॉलेज के दिनों में हुई थी रजत और मैं काफी अच्छे दोस्त बन गए, हम दोनों की दोस्ती काफी ज्यादा गहरी हो चुकी थी। रजत और मेरे बीच बिजनेस को लेकर भी पार्टनरशिप हो चुकी थी हम दोनों साथ में ही बिजनेस कर रहे थे। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे कि हम दोनों का बिजनेस बहुत ही अच्छा चल रहा है लेकिन एक समय ऐसा आया जब हमारा बिजनेस में काफी घाटा होने लगा जिससे उभर पाना हम दोनों के लिए मुश्किल था लेकिन मैंने और रजत ने हार नहीं मानी और हम दोनों ने अपने बिजनेस को दोबारा से पहले की तरह ही अपने बिजनेस को अच्छे से शुरू किया और हमारे बीच में सब अच्छे से चलने लगा। हम दोनों बहुत खुश थे कि अब हमारा बिज़नेस पहले की तरह ही दोबारा से चलने लगा है। एक दिन मैं और रजत एक पार्टी में गए हुए थे हम दोनों की अभी तक शादी नहीं हुई थी। रजत और मैं जब उस पार्टी में गए तो वहां पर रजत ने मुझे महिमा से मिलवाया, रजत महिमा को पहले से ही पहचानता था।

वह उसके मामा की लड़की की शादी थी और इसी वजह से उसने मुझे महिमा से मिलवाया महिमा से मिलकर मैं काफी खुश था और महिमा भी मुझसे मिलकर बहुत खुश थी। हम दोनों में बातचीत शुरू हो गई उसके बाद भी हम दोनों एक दो बार मिले फिर यह मुलाकात अब कुछ ज्यादा ही होने लगी थी मुझे भी महिमा का साथ अच्छा लगने लगा और महिमा को भी मेरा साथ बहुत ही अच्छा लगता एक दिन मैं महिमा से मिलने के लिए उसके ऑफिस के बाहर महिमा का इंतजार कर रहा था महिमा अभी तक आई नहीं थी महिमा जिस कंपनी में जॉब करती है उसी कंपनी में मेरे दोस्त के पिताजी भी मैनेजर हैं और जब उन्होंने मुझे महिमा के साथ देखा तो उन्होंने उसे मुझे बताया कि महिमा बहुत ही अच्छी लड़की है और मुझे अब महिमा के साथ बहुत ही अच्छा लगता। एक दिन महिमा और मैं साथ में मूवी देखने के लिए गए जब हम दोनों मूवी देखने के लिए उस दिन साथ में गए तो रास्ते में लौटते वक्त मेरी कार खराब हो गई।

जब मेरी कार खराब हुई तो महिमा घबरा गई थी वह मुझे कहने लगी कि संतोष मुझे घर जल्दी जाना है मैंने महिमा को कहा कि यहां आस-पास कोई मैकेनिक भी तो नहीं दिखाई दे रहा। हम दोनों थोड़ा वहां से आगे की तरफ आए तो वहां पर एक मैकेनिक था और उस मैकेनिक को मैंने अपने साथ चलने के लिए कहा उसके बाद उसने मेरी कार ठीक कर दी और हम दोनों घर लौट आए। उस दिन घर लौटने में हम दोनों को काफी देर हो गई थी जिस वजह से महिमा की मां ने महिमा को काफी डांटा भी था। मुझे जब महिमा ने यह बात फोन पर बताई तो मैंने महिमा को कहा कि क्या हम लोगों को अपने रिलेशन के बारे में तुम्हारे मम्मी पापा से बात करनी चाहिए? महिमा मुझे कहने लगी कि संतोष तुम जानते हो मैं अपने करियर को लेकर कितनी ज्यादा सीरियस हूं और मैं अभी शादी नहीं करना चाहती हूं। मुझे यह बात अच्छे से पता थी की महिमा अभी शादी नहीं करना चाहती है लेकिन हम दोनों का प्यार अब काफी ज्यादा परवान चढ़ने लगा था और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत समय बिताने लगे थे। एक दिन महिमा और मैं साथ में थे उस दिन जब हम दोनों साथ में समय बिता रहे थे तो मैंने महिमा से कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने बिजनेस टूर के लिए जा रहा हूं। महिमा कहने लगी कि लेकिन संतोष तुम वहां से वापस कब लौटोगे तो मैंने महिमा से कहा कि मुझे वहां से वापस लौटने में थोड़ा समय लग सकता है। उसके बाद मैं अपने बिजनेस के सिलसिले में चेन्नई चला गया। कुछ दिनों के लिए मैं चेन्नई में ही रुका उस दौरान मेरी महिमा से फोन पर ही बात हो रही थी मेरे और महिमा के रिलेशन के बारे में रजत को भी पता था। जब उस दिन रजत का मुझे फोन आया तो वह मुझे कहने लगा कि तुम चेन्नई पहुंच गए थे तो मैंने रजत को कहा हां मैं चेन्नई पहुंच गया था। चेन्नई में ही हमें एक बड़ा प्रोजेक्ट मिलने वाला था जिसके लिए मैं चेन्नई गया हुआ था और मैं काफी खुश था कि मुझे वह प्रोजेक्ट मिल चुका था।

कुछ ही दिन में मैं वापस मुंबई लौट आया जब मैं वापस मुंबई लौटा तो रजत और मैंने छोटी सी पार्टी देने के बारे में सोचा। हम दोनों काफी खुश थे हम दोनों ने अपने दोस्तों और अपने परिवार के लोगों को उस पार्टी में इनवाइट किया और उस दिन मैंने महिमा को भी इनवाइट किया था। महिमा जब उस दिन पार्टी में आई तो वह बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही थी उसे देखकर मैंने महिमा से कहा कि आज तुम बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही हो। महिमा कहने लगी कि मैं तो हमेशा ही सुंदर लगती हूं लेकिन शायद तुम मेरी तरफ देखते ही नहीं हो। इस बात से मैंने जब महिमा को कहा कि ऐसा तो कुछ भी नहीं है मैं तो हमेशा तुम्हारी तरफ देखता हूं लेकिन तुम जानती हो कि हम दोनो काफी दिनों से मिल नहीं पाए हैं। महिमा मुझे कहने लगी कि क्या कल तुम फ्री हो तो मैंने महिमा से कहा हां कल मैं फ्री हूं। हम दोनों ने अगले दिन साथ में समय बिताने का फैसला कर लिया था क्योंकि काफी दिन हो गए थे मैं महिमा के साथ अच्छे से टाइम स्पेंड भी नहीं कर पाया था इसलिए हम दोनों साथ में टाइम स्पेंड करना चाहते थे। पार्टी बड़े ही अच्छे से हुई और सारा कुछ अरेंजमेंट बहुत ही अच्छे से हुआ था इसलिए हम दोनों बड़े खुश थे कि पार्टी बहुत ही अच्छे से हुई है।

अगले दिन हम दोनो मिलते है उस दिन महिमा और साथ मै थे लेकिन उस दिन बहुत तेज बारिश हो रही थी। मौसम बहुत सुहाना था और मै चाहता था महिमा के साथ अकेल मे समय बिताऊ। मैने महिमा के साथ उस दिन समय बिताने के बारे मे सोचा और हम दोनो वहा से एक होटल मे चले गए। महिमा मेरे साथ थी और मै बहुत खुश था। हम दोनो होटल के रूम मे थे मैने महिमा के होंठो को चूमा और उसको गरम कर दिया महिमा कि चूत से निकलता पानी बढ चुका था और महिमा बहुत ही ज्यादा खुश थी और मै भी उत्तेजित हो गया था। मैने महिमा को अब गरम कर दिया था और वह बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी। मेरा लंड मेरे अडरवीयर को फाड कर बाहर आ रहा था मैने अपने लंड को बाहर निकल दिया। महिमा मेरे मोटे लंड को देख कर बोली लंड बहुत मोटा है। महिमा मेरे लंड को अपने मुंह में लेना चाहती थी महिमा ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगने लगा था। वह मेरे लंड को बड़े अच्छे तरीके से चूस रही थी महिमा ने मेरे लंड को चूसकर पानी बाहर निकाल दिया उसने मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढा दिया था। महिमा की चूत से निकलता हुआ पानी भी अब बढ चुका था। अब वह मेरे गोद में आकर बैठ गई मेरे लंड से उसकी गांड टकरा रही थी। मेरे अंदर की आग बढ़ने लगी थी मैंने उसकी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था। महिमा मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तड़प रही थी मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत मारने के लिए तैयार हूं। मैंने महिमा के कपड़े उतारने शुरू किए मैने महिमा के गोरे बदन को देखा तो मेरा लंड हिलोरे मारने लगा और मै उसके बदन को बड़े अच्छे तरीके से महसूस करने लगा था। मैने उसके होठों को चूमा उसके होठों को चूमकर मेरे अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी मुझे मजा आने लगा था। मैने महिमा की चूत से पानी निकाल दिया था। मैं जिस प्रकार से उसके होठों को चूम रहा था उससे मेरे अंदर की आग बहुत बढ़ चुकी थी। अब मैं उसकी चूत मारने के लिए तैयार था। मैंने महिमा के गोरे बदन को महसूस करना शुरू कर दिया था। मेरे अंदर की आग अब इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी कि वह रह नहीं पा रही थी।

मैंने उसके बदन से सारे कपड़े उतार दिए और उसकी चूत को मैं चाटने लगा। जब मैं उसकी चूत को चाटने लगा तो मुझे इतना मजा आने लगा था कि मेरे अंदर की गर्मी बहुत बढ़ने लगी और उसकी चूत से निकलता हुआ पानी पूरी तरीके से बढ़ चुका था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया था। मेरा लंड महिमा की चूत के अंदर चला गया मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वह जिस तरह से मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकडने की कोशिश करती मुझे बहुत मजा आने लगा था। महिमा के अंदर की आग बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी। मैने देखा महिमा की चूत से पानी निकल आया था और खून भी निकल रहा था। मैंने अब उसके पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसे तेजी से धक्के मारने शुरू किए करीब 5 मिनट की चुदाई का आनंद लेने के बाद मेरा माल बाहर गिर गया था।

जब मेरा माल गिरा तो उसके बाद मैंने महिमा की चूत से लंड को निकालकर उसने अपने मुंह से मेरे लंड को चूसा। महिमा को अच्छा लग रहा था वह बड़े ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसती तो मुझे बहुत ही अधिक मज़ा आने लगा था। मैने महिमा की चूत कि तरफ देखा तो उसकी चूत से पानी निकल रहा था। मैने महिमा की चूत को दोबारा से चाटा अब उसकी चूत का लावा बाहर निकल आया था। मैंने महिमा को घोडी बना दिया। घोडी बनाने के बाद मैने महिमा की चूत को सहलाया जब मैने उसकी चूत के अंदर लंड डाला तो वह चिल्लाई। मैं उसे चोदने लगा मुझे मजा आने लगा था। महिमा की चूत मारकर मुझे मजा आने लगा था मैं एक पल भी अब रह नहीं पा रहा था। मैंने महिमा को बड़ी तेज गति से चोदना शुरू किया। मेरे लंड मे अब दर्द हो चुका था। मैने उसके बदन को गर्म कर दिया था। मेरा माल अब बाहर गिरने को था मैंने जैसे ही अपने वीर्य की पिचकारी महिमा की चूत के अंदर गिराया तो वह खुश हो गई। महिमा की चूत से मेरा माल अब भी टपक रहा था।

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पडोस की जुगाड़ ने जलवे दिखा दिए


मैं और मेरा दोस्त सुरेश अपनी कार से वापस लौट रहे थे हम लोग मेरे गांव गए हुए थे मेरा गांव अहमदाबाद के पास ही है। जब हम लोग वापस लौट रहे थे तो रास्ते में कार खराब हो गई जिस वजह से हम दोनों को वहां पर काफी देर तक रुकना पड़ा आस-पास कोई मैकेनिक भी नहीं था इसलिए हम लोग काफी परेशान हो गए थे। गर्मी भी बहुत ज्यादा थी और आसपास कहीं कोई रुकने की जगह भी नहीं मिल रही थी तभी वहां से मोटरसाइकिल पर सवार एक व्यक्ति आया, वह हमें देखकर वहां रुका और कहने लगा कि आप लोगों को कहां जाना है। हमने उसे अपनी समस्या बताई और कहा कि हम लोगों को अहमदाबाद जाना है लेकिन हमारी कार खराब हो गई है क्या आसपास कोई मैकेनिक है तो वह व्यक्ति हमें कहने लगा कि यहां एक मैकेनिक तो है लेकिन यहां से करीब 10 किलोमीटर दूर होगा। हम दोनों परेशान हो गए और हमारे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए, हमने उस व्यक्ति से ही मदद मांगी और कहा कि क्या आप हम दोनों को मैकेनिक के पास तक छोड़ सकते है।

वह हमे कहने लगे कि मैं आप लोगों को वहां तक तो नहीं लेकिन आधे रास्ते तक जरूर छोड़ सकता हूं वहां से आप लोगों को कुछ ना कुछ जरूर मिल जाएगा। हम दोनों भी तैयार हो गए और उसके साथ हम दोनों मोटरसाइकिल तक आधे रास्ते तक चले गए। हम लोग करीब 6 किलोमीटर तक गये और वहीं पर हम लोगों ने खाना भी खाया क्योंकि हम लोग काफी भूखे थे और गर्मी भी बहुत ज्यादा थी। दोपहर के करीब 1:00 बज रहे थे लेकिन गर्मी इतनी ज्यादा हो रही थी कि हम दोनों पसीने में तर बदर हो गए। वहां से हम लोग एक गाड़ी से लिफ्ट लेकर आगे तक चले गए और फिर वहां हमें एक मैकेनिक मिला। मैकेनिक से हम लोगों ने हमारे साथ चलने को कहा तो वह हम लोगों की बात मान गया और हम लोग वहां से आप अपनी कार के पास गए। हम लोगों को वहां पहुंचने में काफी समय लग गया था वह मैकेनिक गाड़ी देखने लगा और कहने लगा कि साहब मुझे नहीं लगता कि आपकी गाड़ी आज ठीक हो पाएगी मुझे कम से कम एक दिन का समय चाहिए।

हम लोगों ने उसे कहा की हमें आज अहमदाबाद जाना है तो वह कहने लगा कि आज आप लोग यहीं रुक जाइए। मैंने उसे कहा लेकिन यहां आस-पास तो कहीं भी कोई रुकने की जगह नहीं है वह हमें कहने लगा कि मैं आप लोगों को अपने ही गैराज के पास रुकने की व्यवस्था करवा दूंगा। हम लोग भी उसकी बात मान गए और हम लोगों ने उसे कहा कि लेकिन यहां से गाड़ी कैसे जाएगी तो उसने एक क्रेन मंगवा लिया और क्रेन की मदद से हम लोग अब उस मैकेनिक की दुकान तक पहुंच गए। हम उसके गैरेज के पास आए तो उसने हमारी वहीं पास में रुकने की व्यवस्था करवा दी वहां एक छोटा सा कमरा था उसमें ही हम दोनों रुके। उस रात हम लोग वहीं पर रुके और अगले दिन मैकेनिक ने गाड़ी ठीक कर दी थी उसके बाद हम वहां से वापस अहमदाबाद लौट आए थे। जब हम लोग अहमदाबाद लौटे तो सुरेश और मैं एक दूसरे से इस बारे में बात कर रहे थे और मैंने सुरेश से कहा कि हमारा सफर कुछ ठीक नहीं रहा तो सुरेश इस बात पर हंसने लगा। अगले दिन से मैं अपने काम पर जाने लगा था अहमदाबाद में मेरी गारमेंट शॉप है और उसे मैं काफी सालों से चला रहा हूं मेरे जीवन में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं है मेरी शादी को करीब 10 वर्ष हो चुके हैं और मेरी पत्नी मेरा बहुत ही ख्याल रखती है। मेरी जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चल रहा है और मेरी जिंदगी में सब कुछ सामान्य है लेकिन मेरी बहन की वजह से घर में काफी ज्यादा परेशानी रहती है। मेरी बहन के डिवोर्स को हुए करीब 3 वर्ष हो चुके हैं और इन 3 वर्षों में वह मानसिक रूप से काफी ज्यादा टूट चुकी है। हालांकि हम लोगों ने उसकी काफी मदद की लेकिन उसके बावजूद भी वह काफी ज्यादा परेशान होने लगी है हम लोगों के पास भी इसका कोई जवाब नहीं था लेकिन फिर भी हम लोग उसे खुश रखने की हमेशा ही कोशिश करते हैं। एक दिन मैं अपनी शॉप पर जा रहा था अपनी शॉप पर जब मैं गया तो उस दिन मेरी पत्नी ने मुझे फोन किया और कहने लगी कि क्या आप घर आ सकते हैं। मैंने उसे पूछा कि लेकिन क्या हुआ, उसने मुझे कुछ नहीं बताया और जब मैं घर आया तो मैंने देखा कि मेरी बहन की तबीयत बिल्कुल भी ठीक नहीं है वह काफी ज्यादा बीमार है यह सब देखकर मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गया था और तुरंत ही हमे उसे अस्पताल लेकर जाना पड़ा।


जब मैं अपनी बहन को हॉस्पिटल ले गया तो वहां पर डॉक्टर ने मुझे कहा कि आप लोगों को इन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ेगा। मुझे नहीं समझ आया की आखिर ऐसा क्या हुआ है लेकिन फिर मेरी पत्नी ने बताया कि आज सुबह से ही रीना की तबीयत खराब थी, हमें कुछ पता नहीं था कि आखिर ऐसा हुआ क्या है। इलाज के बाद रीना ठीक हो चुकी थी और उसे हम लोग घर ले आए जब हम लोग रीना को घर लाए तो मैं और मेरी पत्नी रीना का ध्यान बड़े अच्छे से रखते। पापा मम्मी भी उसे काफी ज्यादा प्यार करते हैं लेकिन उसकी इस हालत को अब हम लोग देख नहीं पा रहे थे मैं चाहता था कि जल्द से जल्द उसकी शादी कहीं हो जाए जिससे कि वह अपनी जिंदगी जी पाए लेकिन उसके लिए कोई लड़का मिल ही नहीं रहा था। काफी ढूंढने के बाद हम लोगों को रीना के लिए एक लड़का मिल ही गया और थोड़े ही समय मे हम लोगों ने उसकी शादी उससे करवा दी। रीना की मानसिक स्थिति ठीक होने लगी थी और वह अब पहले से ठीक थी मैं भी इस बात से काफी खुश था कि अब रीना की शादी हो चुकी है और वह अपनी जिंदगी अच्छे से जी रही है।  हमारे पडोस मे गरिमा रहती है।

वह एक दिन मुझे मिली तो मैने उसके हालचाल पूछे उसका चरित्र सही नही है जिस वजह से मै भी उस पर लाइन मारता था। उसने मुझे उस दिन अपने घर पर चलने को कहा मै उसके घर चला गया जब मै उसके घर गया तो वह मेरे लिए तडप रही थी उसकी चूत से निकलता हुआ पानी बढ रहा था। वह मेरे सामने बैठी थी और जब मैने उसके हाथ को पकडकर उसे अपनी ओर खीचा तो वह खुश हो गई। वह मेरे लंड को दबाने लगी। गरिमा की चूत मे खुजली हो चुकी थी। हम दोनों ने एक दूसरे को किस कर लिया काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे को चुम्मा चाटी करते रहे। अब हम दोनों के बदन आग बढ़ने लगी थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पाया। वह भी अब रह नही पा रही थी और वह तडपने लगी थी। मैंने उसे कहा मुझे तुम्हारे होंठो को किस करने मे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है। वह मुझे कहने लगी अच्छा तो मुझे भी बहुत लग रहा है। मैने उसकी चूत से पानी बाहर को बाहर निकल दिया था इसलिए वह बहुत ज्यादा तड़पने लगी थी। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाल लिया तो मैंने अपने मोटे और लंबे लंड को बाहर निकालकर हिलाना शुरू किया वह मेरे लंड को देखकर कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है। मैंने उसे कहा तुम्हे इसे अपने मुंह में लेना है। उसने भी झट से अपने मुंह मे मेरे लंड को ले लिया था जैसे उसे लंड लेने की आदत हो। गरिमा की चूत से पानी बाहर निकालने लगा था मैं पूरी तरीके से मचलने लगा था और गरिमा भी उत्तेजित हो गई थी। मैंने उसके बदन से कपड़े उतारकर उसकी चूचियों को अपने हाथों से दबाना शुरू किया। जब मैं ऐसा करता तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और उसे भी बड़ा मजा आता। मेरे अंदर की आग बढ़ती ही जा रही थी उसे इतना मजा आने लगा था कि वह मुझे कहने लगी मुझे अब तुम्हारे लंड को चूत में लेना है मै तडप रही हूं।

मैंने उसकी पैंटी को उतारकर उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसकी चूत गुलाबी थी। जब मैंने उसकी चूत पर अपनी उंगली का स्पर्श किया तो वह मचलने लगी। मैंने अपनी उंगली को गरिमा की गोरी चूत मे डालने की कोशिश की तो वह उछल पड़ी और बोली अब मत तडपाओ। मैंने उसकी चूत पर जीभ लगाकर चाटना शुरू कर दिया था। मैं जब उसकी योनि को चाट रहा था तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था और उसे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था वह उत्तेजित होने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। मैंने उसे कहा मेरे अंदर की आग अब बढ़ने लगी है हम दोनों ही एक दूसरे के लिए तडपने लगे थे।

मैं भी अपने आपको ज्यादा देर तक रोक नहीं पाया। मैंने जब उसकी चूत के अंदर अपने लंड को धकेलते हुए डाला तो वह जोर से चिल्लाई। मैंने देखा उसकी चूत से पानी निकल रहा था उसको बड़ा ही मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने गरिमा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था जिससे कि मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। मैंने गरिमा के दोनों पैरों को आपस में मिला लिया। उसकी मोटी जांघो को आपस मे मिलाने के बाद जिस प्रकार से मै उसे चोद रहा था उससे वह और भी ज्यादा उत्तेजित होती जा रही थी। उसकी चूत के अंदर तक मेरा लंड जा रहा था। मै उसकी चूत पर प्रहार करता तो उसकी चूत और मेरे लंड के मिलन से आवाज पैदा हो रही थी। उसकी चूत लाल होने लगी थी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। जब मुझसे रहा नही गया तो मैंने अपने माल को उसकी चूत पर गिरा दिया था और मेरा माल गरिमा की चूत मे गिर चुका था। गरिमा की चूत कमाल थी उसे चोदकर मेरा मन खुश हो गया था।
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चूत के जलवे कमाल के


मुझे अपने ऑफिस से आने में देर हो गई थी उस वक्त रात के 11:00 बज रहे थे। मैं जब अपने फ्लैट में पहुंचा तो फ्लैट में पहुंचने के बाद मैंने खाना बाहर से ही आर्डर करवा लिया था और थोड़ी ही देर बाद खाना भी आ गया था, खाना खाने के बाद मैं लेट गया। काफी दिनों से मुझे बहुत अकेला महसूस हो रहा था क्योंकि मैं अपने परिवार से दूर पुणे में रहता हूं पुणे में मुझे जॉब करते हुए करीब 3 वर्ष हो चुके हैं। कॉलेज खत्म हो जाने के बाद मेरी जॉब पुणे की ही एक बड़ी कंपनी में लग गई मैं अपनी जॉब से बहुत ही ज्यादा खुश था। मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था परन्तु मुझे कई बार ऐसा भी लगता कि मुझे मेरे परिवार के साथ रहना चाहिए लेकिन यह सब हो नहीं सकता था क्योंकि मेरे ऊपर ही मेरे परिवार की सारी जिम्मेदारी थी। मेरे पिताजी ने किसी प्रकार से मुझे पढ़ाया और मेरी पढ़ाई खत्म हो जाने के बाद अब मैं ही घर की सारी जिम्मेदारी अपने कंधे पर उठाया हुआ था। पापा की तबीयत भी ठीक नहीं रहती थी क्योंकि उनकी उम्र भी अब हो चुकी है इसीलिए उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक नहीं रहती और शायद मैं ही उनकी जिंदगी का एक सहारा था इसी वजह से तो पापा और मम्मी हमेशा ही मुझे कहते कि बेटा तुम जब से जॉब करने लगे हो तब से हमारी घर की स्थिति सुधरने लगी है।

पापा का बिजनेस था लेकिन जब उन्हें बिजनेस में नुकसान हुआ तो उसके बाद वह उस नुकसान की भरपाई नहीं कर पाए और फिर उनके जीवन में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था। उन्होंने मेरी पढ़ाई पूरी करवाने के बाद मुझे कहा कि बेटा तुम अपनी जिंदगी में मेहनत करते रहना, यह सुनकर मैंने हमेशा ही पापा और मम्मी की मदद की मैंने उन्हें अपने पास आने के लिए भी कहा लेकिन वह लोग मेरे पास नहीं आते वह लोग मथुरा में ही रहते हैं। अगले दिन जब सुबह मैं 7:00 बजे उठा तो सुबह उठने के बाद मैं अपने ऑफिस के लिए तैयार होने लगा और साथ ही मैं अपना नाश्ता बनाने लगा। करीब 8:30 बज चुके थे मुझे घर से 9:00 बजे निकलना था और मैं 9:00 बजे घर से अपने ऑफिस के लिए निकल गया। जब मैं ऑफिस पहुंचा तो उस दिन मैंने देखा कि हमारे ऑफिस में एक लड़की आई हुई है उसके ऑफिस का पहला ही दिन था मैं उसकी तरफ देख रहा था और वह मेरी तरफ देख रही थी। हम दोनों एक दूसरे की तरफ देख रहे थे तो जब लंच टाइम में मैंने उससे बात की तो उसने मुझे अपना नाम बताया और कहा की मेरा नाम सुहानी है। सुहानी को मैंने अपना नाम बताया और हम दोनों की बात शुरू होने लगी लेकिन मुझे यह बात नहीं पता थी कि सुहानी भी मथुरा की रहने वाली है।

हम दोनों एक ही शहर के रहने वाले थे और शायद इससे बढ़कर हमारे लिए कुछ भी नहीं था हम दोनों बिल्कुल एक जैसे ही थे। सुहानी ने मुझे बताया कि उसका कॉलेज प्लेसमेंट में सिलेक्शन हुआ है मैंने सुहानी की काफी मदद की और हम दोनों एक दूसरे से बहुत बातें करने लगे थे। हम दोनों की बातें कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगी और वह शायद प्यार में भी तब्दील होने लगी लेकिन सुहानी ने कुछ समय पहले ही ऑफिस छोड़ दिया, सुहानी ने करीब एक साल जॉब करने के बाद जब ऑफिस छोड़ा तो उसके बाद मैं और सुहानी एक दूसरे से नहीं मिल पाए। सुहानी चली गई थी लेकिन हम दोनों की फोन पर बातें होती रहती थी हम दोनों की फोन पर काफी बातें होती थी। एक दिन मैंने सुहानी को कहा कि क्या तुम मुझसे मिलने के लिए पुणे आ सकती हो तो सुहानी ने कहा मैं पुणे तो नहीं आ सकती लेकिन आप मुंबई आ जाइए। मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं सुहानी को मिलने के लिए चला जाऊं और फिर मैं सुहानी को मिलने के लिए मुंबई चला गया। कोई तो ऐसी वजह थी कि सुहानी और मेरे बीच में प्यार होने लगा और हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करने लगे थे, शायद यही वजह थी कि मैंने अपने दिल की बात सुहानी से कह दी। मैं दो दिन मुम्बई में रुका और फिर मैं पुणे लौट आया हम दोनों के बीच प्यार हो चुका था मैं चाहता था कि सुहानी और मैं शादी कर ले। इस बात से सुहानी को कोई एतराज नहीं था वह मुझसे शादी करने के लिए तैयार हो गई। सुहानी और मैंने कोर्ट मैरिज की और उसके बाद सुहानी मेरे साथ रहने लगी सुहानी ने पुणे में ही अब एक कंपनी ज्वाइन कर ली थी और वह जॉब करने लगी। मेरे माता-पिता भी खुश थे और सुहानी के माता-पिता को भी इससे कोई ऐतराज नहीं था। सुहानी और मेरी शादी हो जाने के बाद हम दोनों एक दूसरे का ध्यान रखते और हमारी जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चल रहा था। सुहानी और मेरी जिंदगी में सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था और हम दोनों की शादीशुदा जिंदगी भी अच्छे से चल रही थी लेकिन हम दोनों अब कुछ ज्यादा ही बिजी रहने लगे थे इस वजह से हम दोनों को एक दूसरे के लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था। हम दोनों को एक दूसरे के लिए बिल्कुल समय नहीं मिल पाता था इसलिए हम दोनों ने घूमने का फैसला किया और कुछ दिनों के लिए हम लोग कहीं साथ में घूमने के लिए जाना चाहते थे।

सुहानी और मैं कुछ दिनों के लिए दुबई जाना चाहते थे और हम लोगों ने दुबई जाने का फैसला कर लिया था हम जब दुबई घूमने के लिए गए तो हम लोगों का टूर बड़ा ही अच्छा रहा और उसके बाद हम दोनों वापस लौट आये थे। लौटने के बाद हम अपने काम पर ध्यान देने लगे थे। मैं ऑफिस से थका हुआ घर आया उस वक्त सुहानी घर पर आ चुकी थी। सुहानी मुझे कहने लगी गौतम आज आप काफी थके हुए नजर आ रहे हैं। मैंने सुहानी को कहा हां सुहानी मैं आज बहुत ज्यादा थक चुका हूं। सुहानी मुझे कहने लगी मैं आपके बदन की मालिश कर देती हूं। सुहानी और मैं बेडरूम में लेटे हुए थे जब सुहानी मेरे पैरों को दबा रही थी। मैं सुहानी को कहने लगा तुम ऐसे ही मेरे पैरों को दबाते रहो थोड़ी देर बाद सुहानी को मैंने अपनी बाहों में समा लिया। सुहानी के स्तन और मेरी छाती आपस में टकराने लगे मै उत्तेजित होने लगा। हम दोनों पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे अब मैंने सुहानी के होंठों को चूमना शुरू किया तो सुहानी के अंदर से भी गर्मी बाहर निकलने लगी थी और सुहानी पूरी तरीके से तड़पने लगी। मैं और सुहानी एक दूसरे के होठों को किस कर रहे थे हमें बहुत ही मजा आ रहा था।

हम दोनों पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगे अब मैंने जब सुहानी के कपड़े उतारकर सुहानी से कहा मैं तुम्हारे गोरे बदन को महसूस करना चाहता हूं तो सुहानी मुस्कुराने लगी। मैंने सुहानी की नाइटी को उतारकर सुहानी के गोरे स्तनों को चूसना शुरू किया।मै सुहानी के गोरे स्तनों को जब चूसता तो उसके स्तनो से मैंने दूध को बहार निकाल दिया। अब सुहानी पूरी तरीके से तड़पने लगी थी और वह अपने पैरों को आपस में मिलाने लगी। मैं भी समझ चुका था कि सुहानी की चूत से निकलता हुआ पानी अब कुछ ज्यादा ही बढ़ चुका है इसलिए मैंने भी सुहानी की योनि पर अपनी जीभ को लगा कर सुहानी की योनि को चाटना शुरू कर दिया। सुहानी की योनि को मैं जिस प्रकार से चाट रहा था उससे मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था सुहानी को बहुत मजा आने लगा था। सुहानी मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा मुझे अब बहुत ही मजा आ रहा था। अब हम दोनों ही एक दूसरे की गर्मी को झेल नहीं पा रहे थे इसलिए मैंने भी अपने लंड को सुहानी की योनि पर लगा दिया और अंदर की तरफ डाला मेरा लंड सुहानी की चूत को फाडता हुआ अंदर घुसा और वह चिल्लाने लगी। उसके मुंह से निकलती हुई चीख बढ़ने लगी और मैं उसे बहुत ही तेजी से धक्के मारने लगा। मेरे धक्के अब इतने ज्यादा तेज हो गए मुझे मजा आ रहा था। वह मुझे कहने लगी ऐसे ही मुझे बस तुम धक्के मारते रहो और मुझे अपना बनाते रहो मैं समझ चुका था कि सुहानी को मजा आने लगा है इसलिए उसने भी अपने पैरो को खोलना शुरू कर दिया। मेरा मोटा लंड सुहानी की चूत के अंदर बाहर होता तो मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आता। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे। मुझे तो सुहानी को चोदने में बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था सुहानी को भी बड़ा मजा आ रहा था। वह मेरा पूरा साथ दे रही थी और मुझे कहती मेरी चूत ऐसे ही मारते रहो मै सुहानी को तेजी से चोदे जा रहा था और वह मेरा साथ बडे अच्छे से देती।मुझे यह तो समझ आ चुका था कि मै सुहानी को ज्यादा देर तक चोद नही पाऊंगा। मैने उसे बहुत तेजी से चोदा और एक समय ऐसा आया जब मैने अपने माल को सुहानी की चूत मे गिरा दिया था। अब हम दोनो साथ मै बैठ गए फिर दोबारा से हमने चुदाई शुरु कि जो बहुत लंबी चलने वाली थी क्योंकि मे चाहता था उसे मै जमकर चोदू।

मेरा लंड सुहानी की चूतडो से टकरा रहा था और सुहानी को मजा आ रहा था। वह मुझसे अपनी चूतडो को मिलाए जा रही थी और मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था जिस प्रकार से मैं उसकी योनि का मजा ले रहा था। वह मुझे बोली मुझे तेजी से धक्के मारते रहो मैंने भी सुहानी को बहुत तेजी से धक्के दिए। मेरा पूरी तरीके से छिल चुका था लेकिन मेरी गर्मी बढ चुकी थी। करीब 10 मिनट तक ऐसे ही हम दोनों ने एक दूसरे का साथ दिया और जब मैंने अपने वीर्य की पिचकारी को सुहानी की चूत मे मारा तो वह बहुत खुश हो गई और उसके बाद हम दोनों साथ में लेटे हुए थे। हम दोनों के बीच बहुत ही ज्यादा प्यार है। सुहानी मेरा बड़े अच्छे से ध्यान रखती है शायद यही वजह है कि हम दोनों के बीच बहुत ही ज्यादा अंडरस्टैंडिंग है और कभी भी हम लोगों के बीच झगड़ा नहीं होता।

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चूत पेल पेल कर लाल की


मैं पटना का रहने वाला हूं और मैंने जब अपनी पढ़ाई पूरी की तो उसके बाद मैं दिल्ली जॉब करने के लिए आ गया। शुरुआत में तो काफी समय तक मुझे कोई नौकरी नहीं मिली लेकिन जब मुझे एक कंपनी में जॉब मिली तो वहां पर मैं जॉब करने लगा और उसी दौरान मेरी महेश से मुलाकात हुई। जब मेरी महेश के साथ मुलाकात हुई तो महेश और मेरी काफी अच्छी दोस्ती होने लगी महेश दिल्ली का ही रहने वाला था। कुछ समय बाद हम दोनों ने वहां से जॉब छोड़ दी और दूसरी कंपनी में जॉब के लिए ट्राई किया तो वहां पर हम दोनों जॉब करने लगे। मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक हो गया था मेरी जॉब भी एक अच्छी कंपनी में लग चुकी थी हालांकि महेश और मैं अब अलग अलग जॉब करते थे लेकिन हम दोनों की फिर भी मुलाकात हो ही जाती थी। 

मैं महेश के घर अक्सर आया जाया करता था और महेश के घर जब मैं जाता तो मुझे एक अपनापन सा महसूस होता महेश के परिवार वाले मुझे काफी पसंद करते थे। एक दिन मैं और महेश साथ में बैठे हुए थे उस दिन हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तो महेश मुझे लगा कि रोहित मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई जा रहा हूं। मैंने महेश को कहा कि लेकिन तुम मुंबई क्यों जा रहे हो महेश ने मुझे कहा कि वहां पर मैं मामा जी के घर जा रहा हूँ। महेश के मामा मुंबई में रहते हैं और यह मुझे महेश ने पहली बार ही बताया था उस दिन मैं महेश के साथ काफी देर तक रहा और फिर मैं अपने घर वापस लौट आया था। मैं जब अपने घर वापस लौटा तो महेश भी उसके अगले दिन मुंबई के लिए निकल चुका था और महेश से मेरी काफी दिनों तक मुलाकात नहीं हुई थी। एक दिन महेश का मुझे फोन आया और वह मुझे कहने लगा कि रोहित मुझे तुमसे मिलना है। उस दिन वह मुझसे मिलना चाहता था जब हम दोनों की मुलाकात हुई तो मैंने महेश को कहा कि तुम इतने दिनों से कहां थे तो महेश मुझे कहने लगा कि अब तुम्हें क्या बताऊं मैं मुंबई गया था उसके बाद जब मैं घर वापस लौटा तो मेरी तबीयत ठीक नहीं थी और मैं हॉस्पिटल में एडमिट था। मैंने महेश को कहा कि मैं भी तुमसे मिलने के लिए आ नहीं पाया क्योंकि ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था और इस बीच तुमसे कोई संपर्क भी नहीं हो पाया था महेश मुझे कहने लगा कोई बात नहीं। मैं काफी देर तक महेश के साथ ही था मैं उस दिन महेश के घर पर ही रुक गया था अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी तो अगले दिन महेश और मैं शॉपिंग करने के लिए साथ में गए। महेश की तबीयत पहले से ठीक थी और उस दिन हम दोनों शॉपिंग करने के लिए गए तो महेश के साथ कॉलेज में पढ़ने वाली उसकी फ्रेंड माधुरी हमे मिली।

जब माधुरी हमें वहां पर मिली तो महेश ने उससे मेरा परिचय करवाया माधुरी को देख कर मुझे भी काफी अच्छा लगा। मुझे क्या पता था कि माधुरी और मेरे बीच रिलेशन चलने लगेगा उसके बाद से हम दोनों की एक दूसरे से बातें होने लगी थी। हम दोनों एक दूसरे से काफी बातें करने लगे थे इसलिए हम दोनों एक दूसरे को अक्सर मिला करते और एक दूसरे को हम डेट करने लगे थे इस बारे में महेश को भी पता चल चुका था। एक दिन माधुरी और मैं साथ में बैठे हुए थे हम दोनों आपस में बातें कर रहे थे जब हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तो हम दोनों को बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने माधुरी को कहा कि चलो आज हम लोग साथ में ही कहीं डिनर करने चलते हैं तो माधुरी कहने लगी कि रोहित आज तो मुश्किल होगा क्योंकि आज मुझे घर जल्दी जाना है लेकिन मैंने किसी तरीके से माधुरी को मना लिया और उस दिन हम दोनों साथ में डिनर करने के लिए चले गए। हम दोनों ने साथ में डिनर किया और काफी अच्छा समय भी हम दोनों ने साथ में बिताया। डिनर करने के बाद मैं और माधुरी वापस अपने घर लौट आए जब हम लोग वापस घर लौटे तो मैंने उस वक्त माधुरी को फोन किया और उससे काफी देर तक फोन पर बातें की। मेरी माधुरी से फोन पर काफी बातें हुई मुझे बहुत अच्छा लगा कि माधुरी से मैंने फोन पर इतनी बातें की। हम दोनों की फोन पर करीब एक घंटे तक बात हुई और उसके बाद पता नहीं कब मुझे नींद आ गई कुछ मालूम ही नहीं पड़ा। मेरी आंख लग चुकी थी और उसके बाद हम दोनों सो चुके थे मैं और माधुरी एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे इसलिए हम दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं पाते थे एक दूसरे के बिना हम दोनों की जिंदगी अधूरी थी।

मैंने माधुरी से कहा कि मैं अपने घर जा रहा हूं तो माधुरी कहने लगी कि तुम वहां से कब लौटोगे मैंने माधुरी से कहा कि वहां से मैं जल्दी लौट आऊंगा। मैं अपने घर पटना चला गया, उस वक्त मेरी बहन की शादी के बारे में मेरे पापा मम्मी ने मुझे बताया की मेरी बहन की शादी के लिए वह लोग लड़का देख रहे है लेकिन मेरी बहन हमारे पड़ोस में रहने वाले लड़के से प्यार करने लगी थी और फिर पापा मम्मी उसकी शादी करवाने के लिए मान चुके थे। उसके बाद हम लोगो ने मेरी बहन की शादी उस लड़के से करवा दी हम लोगों ने ज्यादा किसी को बुलाया नहीं था। उन दोनों की शादी हो चुकी थी और मैं भी कुछ दिनों बाद वापस दिल्ली लौट आया। मैं जब दिल्ली लौटा तो मैंने यह बात माधुरी को बताई, माधुरी मुझे कहने लगी अब हम दोनों को भी शादी कर लेनी चाहिए। मैंने माधुरी से कहा कि लेकिन मैं नहीं चाहता कि हम लोग अभी शादी करें हम दोनों को थोड़ा समय और साथ में बिताना चाहिए। हम दोनों का रिलेशन तो अच्छे से चल ही रहा था और हम दोनों के बीच बहुत अच्छी अंडरस्टैंडिंग भी थी हम दोनों एक दूसरे की बातों को बहुत ही अच्छे से समझते थे। मेरे और माधुरी के बीच रिलेशन बड़े ही अच्छे तरीके से चल रहा था। मेरे और माधुरी के बीच का रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा था।

एक दिन मैंने माधुरी को अपने घर पर मिलने के लिए बुला लिया। उस दिन माधुरी मुझसे मिलने के लिए आई। जब वह मुझसे मिलने के लिए आई तो मैं और माधुरी साथ में बैठे हुए थे हम दोनों साथ में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे। जब हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो मुझे माधुरी से बात करके अच्छा लग रहा था। मैंने माधुरी को कहा मुझे तुमसे बातें कर के बहुत ही अच्छा लग रहा है माधुरी भी बहुत ही खुश थी और वह मुझे कहने लगी मुझे भी तुमसे आज मिलना था। उस दिन हम दोनों जब एक दूसरे से कुछ ज्यादा ही करीब आते चले गए मैंने माधुरी के होठों को किस कर लिया क्योंकि उस दिन मुझे माधुरी को देख कर एक अलग फीलिंग आ रही थी। मैंने उसके नरम होंठों को चूम कर अपना बना लिया हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे हम दोनों के लिए ही बड़ा अच्छा था और मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो चुका था कि मैं माधुरी के नरम होठों को चूम कर उसे अपना बना रहा हूं। हम दोनों ही एक दूसरे के लिए तड़पने लगे थे और हमारी तडप इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि ना तो मैं अपने आपको रोक पाया और ना ही माधुरी अपने आपको रोक पाई। यही वजह थी कि मैंने माधुरी के कपड़े खोल दिए और जब उसके कपड़े खोलकर मैंने उसको नंगा किया तो वह मुझे देखकर कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। माधुरी समझ चुकी थी की हम दोनों ही रह नहीं पाएंगे इसलिए उसने भी मेरे मोटे लंड को बाहर निकाल कर उसे अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया। माधुरी को बड़ा ही मजा आने लगा वह मेरे लंड को बड़े अच्छे तरीके से चूस रही थी। माधुरी जिस तरीके से मेरे मोटा लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी उससे मुझे मज़ा आ रहा था। वह पूरी तरीके से उत्तेजित होती चली गई हम दोनों की उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी और हम दोनों बिल्कुल भी नहीं रह पाए। मैंने माधुरी के स्तनों का कुछ देर तक रसपान किया और उसके स्तनों को चूस कर मुझे उसकी योनि को चाटने का मन होने लगा। मैंने माधुरी की योनि को बहुत देर तक चाटा और उसकी योनि को चाट कर मैंने उसे अपना बना लिया था। माधुरी चाहती थी हम दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स करें। मैंने अपने मोटे लंड को माधुरी की चूत पर लगाकर अंदर की तरफ धकेला जैसे ही मेरा मोटा लंड माधुरी की योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो वह जोर से चिल्ला कर कहने लगी दर्द हो रहा है।

उसके अंदर की गर्मी बढ़ती जाती हम दोनों ही एक दूसरे की गर्मी को बर्दाश्त ना कर सके और मैंने जब माधुरी की योनि के अंदर अपने वीर्य का छिड़काव किया तो माधुरी खुश हो गई। वह मुझे कहने लगी आज मुझे मजा आ गया। माधुरी ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उस से पूरे पानी को साफ कर लिया था। वह मुझे कहने लगी मुझे एक बार और तुम्हारे साथ सेक्स के मज़े लेने है। मैंने माधुरी की चूतडो को पकड़कर उसे घोड़ी बनाया और उसे बड़ी तेजी से चोदने लगा। मैंने माधुरी को बहुत देर तक चोदा और उसकी चूत मारकर मुझे मजा आ गया। जब मैंने माधुरी के टाइट चूत में दोबारा से अपने माल को गिराया वह खुश हो गई और मुझसे गले लगकर कहने लगी तुम्हारे साथ तो आज मजा ही आ गया।

माधुरी के चेहरे की खुशी बयां कर रही थी उसे मेरे लंड को अपनी योनि में लेकर बहुत ही मजा आया। वह मुझे कहने लगी अब मैं चलती हूं माधुरी उस दिन तो चली गई लेकिन उस दिन के बाद जब भी हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बनते तो हम दोनों ही एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा लेते और एक दूसरे को पूरी तरीके से संतुष्ट कर दिया करते। जब भी माधुरी को ऐसा लगता कि उसे मेरी जरूरत है तो वह मुझे फोन कर लिया करती और हम दोनों मिल लिया करते। जब भी हम दोनों मिलते तो हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का जमकर मजा लिया करते। अभी कुछ दिन पहले ही हम दोनों ने एक दूसरे के साथ रहने का फैसला किया हम दोनों साथ में रहे औल उस दिन हमने सेक्स का खूब मजा लिया।
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आंटी बोली चोदो मुझे जितना चोद सकते हो


कॉलेज के अपने पहले दिन जब मैं अपनी क्लास में बैठा हुआ था तो मैं किसी से भी बात नहीं कर रहा था तभी एक लड़का मेरे पास आकर बैठा उसने मुझसे बात की और मेरा नाम पूछा। मैंने उसे अपना नाम बताया, मैंने उसे कहा मेरा नाम सार्थक है उसने मुझसे हाथ मिलाते हुए कहा मेरा नाम आदित्य है। यह हम दोनों की पहली ही मुलाकात थी जब हम दोनों मिले थे हम एक दूसरे से बात करने लगे हमारे कॉलेज खत्म हो जाने के बाद आदित्य ने मुझे मेरे घर तक छोड़ा। मैं जब अपने घर आया तो पापा ने मुझसे पूछा कि सार्थक बेटा आज तुम्हारी क्लास कैसी रही तो मैंने पापा से कहा पापा मेरी क्लास तो अच्छी रही और आज मैंने अपने कॉलेज में एक नया दोस्त भी बनाया है। पापा ने मुझसे पूछा कि बेटा तुम्हारे दोस्त का क्या नाम है तो मैंने उन्हें बताया कि मेरे दोस्त का नाम आदित्य है। पापा और मैं एक दूसरे से बात कर रहे थे कि तभी मैंने देखा कि मां मेरे लिए चाय बना कर ला रही हैं मां ने जैसे ही चाय टेबल पर रखी तो मां ने मुझे और पापा को कहा कि आप लोग चाय पी लीजिए।

मां ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और कहा की सार्थक बेटा तुम्हारी क्लास तो ठीक रही, मैंने उन्हें कहा हां मां। मैंने चाय पी और मैं अपने कमरे में चला गया मैं अपने कमरे में गया तो उसके बाद मैं जब अपने रूम से बाहर निकला तो मां खाना बनाने की तैयारी कर रही थी मां ने रसोई में खाना बनाने की तैयारी शुरू कर दी थी। अगले दिन भी मैं कॉलेज गया और ऐसे ही समय बीता जा रहा था मुझे करीब दो महीने हो चुके थे दो महीने हो जाने के बाद क्लास में मेरी दोस्ती काफी लोगों से होने लगी थी। कॉलेज का समय बड़ी तेजी से निकलता जा रहा था एक दिन मुझे आदित्य ने कहा कि मैं आज तुम्हें अपने घर पर लेकर चलता हूं मैं उससे पहले कभी भी आदित्य के घर पर नहीं गया था यह पहला ही मौका था जब आदित्य मुझे अपने घर पर ले गया। जब वह मुझे अपने घर पर ले गया तो उसने मुझे अपने पापा मम्मी से मिलवाया उनसे मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा वह लोग कहने लगे कि आदित्य अक्सर तुम्हारी बातें करता रहता है। मैं उन लोगों के साथ काफी देर तक बैठा रहा फिर मैं वापस घर चला आया जब मैं घर पहुंचा तो मां मुझे कहने लगी कि सार्थक बेटा तुम जल्दी से हाथ मुंह धो लो मैं तुम्हारे लिए कुछ बना देती हूँ।

मैंने मां से कहा नहीं मां रहने दीजिए आज मैं आदित्य के घर गया था और वहीं पर मैंने कुछ खा लिया था आप रहने दीजिए। मां मेरे पास आकर बैठी और मुझे कहने लगी कि सार्थक बेटा हम लोग कुछ दिनों के लिए तुम्हारे मामा जी के घर जा रहे हैं। मैंने मां से कहा मां क्या मैं भी आपके साथ चलूं तो मां कहने लगी बेटा लेकिन तुम्हारे कॉलेज की पढ़ाई मिस हो जाएगी। मैंने मां से कहा हां मां यह तो है मेरी कॉलेज की पढ़ाई भी मिस हो जाएगी। थोड़ी देर बाद पापा भी आ चुके थे पापा और मैं साथ में बैठकर बात कर रहे थे तब तक मां ने हमारे लिए खाना बना दिया था खाना बनाने के बाद हम लोगों ने खाना खाया और फिर मैं कुछ देर अपने घर के बाहर कॉलोनी में चला गया। मैं अपने घर के बाहर कॉलोनी में टहल ही रहा था कि मैंने देखा सामने से एक बुजुर्ग महिला आ रही थी शायद उन्हें अच्छे से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था तो मैंने उनसे कहा आंटी आपको कहां जाना है। उन्होंने मुझे कहा कि बेटा मुझे अपने घर जाना है लेकिन वह कुछ बताने में असमर्थ थी मैं उनका हाथ पकड़ते हुए उन्हें उनके घर तक ले गया और उन्हें मैंने उनके घर तक छोड़ दिया था। जब मैंने उन्हें उनके घर तक छोड़ा तो उसके बाद मैं अपने घर लौट आया और अगले दिन भी मैं अपने कॉलेज चला गया। अगले दिन कॉलेज से घर लौटने के बाद पापा और मम्मी सामान पैक कर रहे थे मैंने उन्हें कहा लेकिन आप लोग वहां से कब तक लौटेंगे तो वह लोग कहने लगे कि बेटा हमने पड़ोस में आंटी से कह दिया है वह तुम्हारे लिए खाना बना दिया करेंगे। मैंने मम्मी से कहा ठीक है मम्मी मैं संगीता आंटी के घर चला जाया करूंगा और अगले दिन सुबह पापा और मम्मी चले गए। मैं उस दिन कॉलेज गया और मैं काफी देर तक कॉलेज में ही था आदित्य को जब मैंने यह बताया कि पापा और मम्मी कुछ दिनों के लिए मामा जी के पास गए हुए हैं तो आदित्य मुझे कहने लगा कि तुम मेरे घर पर चलो। मैंने उसे कहा नहीं आदित्य हमारे पड़ोस में ही संगीता आंटी रहती हैं वह बहुत ही अच्छी हैं और मम्मी ने उनसे मेरे लिए खाना बनाने के लिए कह दिया है।

मैंने जब आदित्य को यह कहा तो वह कहने लगा कि सार्थक यदि किसी भी प्रकार की कोई परेशानी होगी तो तुम मुझे कह देना। मैंने आदित्य को कहा ठीक है यदि मुझे कुछ भी परेशानी हुई तो मैं जरूर तुम्हें कह दूंगा उसके बाद मैं और आदित्य घर लौट आए। जब मैं घर लौटा तो मैं उस दिन संगीता आंटी के घर चला गया संगीत आंटी के घर जब मैं गया तो मैंने उनके घर की डोर बेल बजाई जैसे ही मैंने उनके घर की डोर बेल बजाई तो उन्होंने दरवाजा खोला। जब उन्होंने दरवाजा खोला तो मुझे देखती ही आंटी कहने लगी कि सार्थक बेटा तुम आ गए मैंने उन्हें कहा हां आंटी। वह कहने लगी आओ बेटा अंदर आ जाओ उन्होंने मुझे घर के अंदर बुला लिया मैं उनके घर के अंदर बैठा हुआ था मैंने आंटी से कहा आंटी आज अंकल नहीं दिखाई दे रहे। वह मुझे कहने लगी कि बेटा वह आज देर से घर आएंगे मैंने तुम्हारे लिए खाना बना दिया है मैंने आंटी से कहा आंटी अभी मेरा भी खाना खाने का मन नहीं है तो वह मुझे कहने लगे कि तुम कुछ देर चिंटू के पास जाकर बैठ जाओ। चिंटू आंटी के लड़के का नाम है और उसकी उम्र 14 वर्ष है वह स्कूल की पढ़ाई कर रहा है मैंने सोचा कि कुछ देर मैं चिंटू के पास बैठ जाता हूं और मैं कुछ देर उसके साथ चला गया।

मैं उससे बात करने लगा तो वह वीडियो गेम खेल रहा था मैंने भी थोड़ी देर उसके साथ वीडियो गेम खेला और फिर मैंने आंटी से कहा कि आप मेरे लिए खाना लगा दीजिए। आंटी ने मेरे लिए खाना लगा दिया था लेकिन अभी तक अंकल घर लौटे नहीं थे और आंटी उनका इंतजार कर रही थी। मैंने खाना खाया और मैं अपने घर चला आया जब मैं अपने घर आया तो उस वक्त मुझे घर आते ही बहुत गहरी नींद आने लगी मैं आते ही सो गया और अगले दिन सुबह मैं जब उठा तो उस वक्त सुबह के 7:00 बज रहे थे। सुबह उठने के बाद मैंने अपने कॉलेज जाने की तैयारी कि और मैं अपने कॉलेज चला गया। मैं अपने कॉलेज गया तो मैंने देखा उस दिन आदित्य कॉलेज नहीं आया था मेरा क्लास में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था और मैं जल्दी ही घर लौट आया था। मैं जब घर लौटा तो उस वक्त यही कोई 2:30 बज रहे थे मैंने उस दिन आदित्य को फोन किया तो उसने मुझे बताया कि आज मेरी तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं आ नहीं पाया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं और वैसे भी आज क्लास में ज्यादा पढ़ाई हुई नहीं थी तो वह कहने लगा ठीक है सार्थक मैं तुम्हें कल मिलता हूं। आदित्य को काफी तेज बुखार था इसलिए वह आराम कर रहा था और उसने मुझे कहा कि मैं तुमसे बाद में बात करता हूं। मैंने फोन रख दिया था और मैं अपने घर पर ही था। मैं घर पर ही था कि तभी घर के डोर बेल बजी। मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो मैंने देखा घर के बाहर संगीता आंटी खड़ी थी। वह कहने लगी सार्थक तुम कब आए मैंने उन्हें कहा आंटी में तो आधे घंटे पहले ही आ गया था उन्होंने मुझे कहा क्या तुमने खाना खा लिया था? मैंने कहा नहीं मेरा खाना खाने का मन नहीं है वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे लिए कुछ बना देती हूं वह मेरे लिए खाना बनाने लगी थी मैं अपने कमरे में बैठा हुआ था।

संगीता आंटी मेरे कमरे में आई वह कहने लगी मैंने तुम्हारे लिए खाना बना दिया है वह मेरे साथ बैठी हुई थी ना जाने उस दिन उनके मन में क्या चल रहा था वह मेरे साथ बैठकर मुझे कहने लगी सार्थक क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड भी है मैंने उन्हें कहा नहीं मैने कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनाई। वह बार-बार उस दिन आपने साड़ी के पल्लू को नीचे किए जा रही थी मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था क्या करूं। वह जिस प्रकार की बातें कर रही थी उससे उनकी इरादे मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहे थे अब मुझे भी महसूस होने लगा था कि उनके मन में कुछ तो चल रहा है वह चाहती हैं कि मैं उनके साथ सेक्स करूं लेकिन मैंने कभी उनके बारे में ऐसा सोचा नहीं था परंतु उस दिन मेरा भी मूड उनको चोदने का होने लगा। वह मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए ही घर पर आई हुई थी मैं जैसे ही उनके स्तनों को छुआ तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है अब तो जैसे वह मेरी बाहों में आ चुकी थी संगीता आंटी के बड़े स्तनों को मैं अपने हाथों से दबा रहा था।

मैं जब उनके स्तनों को दबाता तो मुझे बहुत ही मजा आता मुझे उनके स्तनों को दबाने में इतना मजा आ रहा था कि मैं उनके होठों को भी है चूमने लगा था मेरे अंदर की गर्मी बढ़ने लगी। मैंने अब उनके ब्लाउज को खोलते हुए उनकी ब्रा को उतारा मैंने देखा उनके बड़े स्तन बाहर की तरफ को लटकने लगे हैं। मै उनके स्तनों को चूसने लगा मैं उनके स्तनों का रसपान कर रहा था मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और उनको भी मज़ा आने लगा था। वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी मैंने उनकी साड़ी को ऊपर करते हुए उनकी पैंटी को नीचे उतारकर उनकी चूत के अंदर अपनी उंगली को घुसा दिया वह मुझे कहने लगी सार्थक तुम तो बड़े ही हरामी किस्म के हो मैंने कहा आंटी अब आप ही मुझे हरामी बनने पर मजबूर कर रही हैं मैंने अपने लंड को उनकी चूत के अंदर डाल दिया। जब मैंने अपने लंड को उनकी चूत के अंदर डाला तो वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी तुम्हारा लंड तो बड़ा मोटा है। मैंने उन्हें कहा क्या आजकल आपको अंकल चोद नहीं रहे तो वह मुझे कहने लगे हां यही समझ लो आजकल उनका मूड मुझे देखने का नहीं होता है इसलिए मैं कुछ ज्यादा ही तड़प रही थी। मैं उनकी दोनों जांघो को अपने हाथों से उठाकर उनकी चूतड़ों पर तेजी से प्रहार करने लगा था मैं जिस प्रकार से उन्हें चोद रहा था। उन्होंने मुझे कहा तुम मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो। मैंने उन्हें कहा मेरा माल गिरने वाला है वह मुझे कहने लगी तुम अपने माल को जल्दी से मेरी चूत में गिरा दो। मैंने उन्हें कहा बस आपकी चूत में अभी अपने माल को मैं गिरा देता हूं। जिस प्रकार से उनकी सिसकारियां में बढ़ोतरी हो रही थी उससे मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था मैंने अपने माल को जब उनकी चूत में गिराया तो वह खुश हो गई।
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ऐसी चूत जिंदगी मे नहीं देखी थी


कुछ समय से मैं बहुत ज्यादा परेशान चल रहा था मेरी नौकरी से भी मुझे रिजाइन देना पड़ा और मैं काफी समय तक घर पर ही रहा। मुझे कहीं नौकरी नहीं मिली जिससे कि घर की सारी परेशानियां बढ़ती ही चली गई। घर में मैं ही कमाने वाला इकलौता था इसलिए घर की सारी परेशानियां बढ़ चुकी थी बच्चों की फीस और ना जाने घर के कितने ही खर्चे बढ़ते जा रहे थे। मैंने जब अपने दोस्त सुनील को फोन किया तो उसने मुझे कोलकाता आने के लिए कहा वह कंपनी में अच्छे पद पर है इसलिए उसने मुझे कहा कि तुम कोलकाता आ जाओ मैं तुम्हारी जॉब के लिए अपनी कंपनी में बात कर लूंगा। मैंने भी सोचा कि मुझे कोलकाता चले जाना चाहिए और फिर मैं सुनील के पास कोलकाता चला गया। मैं जब सुनील के पास कोलकाता गया तो वहां पर कुछ दिनों तक तो मैं सुनील के पास ही रहा सुनील ने मेरी जॉब लगवा दी थी उसने अपनी कंपनी में ही मेरी नौकरी लगवा दी थी और मैं काम में पूरे मन लगाकर ध्यान दे रहा था। जब महीने की तनखा मेरे हाथ में आई तो मैं काफी खुश था मैंने कुछ पैसे अपने घर भिजवा दिया और थोड़े पैसे मैंने अपने पास ही रखे थे जिससे कि मैं अपना खर्चा चला पता।

सुनील ने मुझे अपने साथ रहने के लिए कहा था हर रोज की तरह सुबह मैं अपने ऑफिस जाता और शाम को ऑफिस से घर लौट आता। एक दिन सुनील ने कहा कि रोहित क्यों ना हम लोग कुछ दिनों के लिए अपने घर हो आए मैंने उसे कहा हां सुनील मुझे भी काफी महीने हो गए हैं अपने परिवार को मिले हुए हम लोगों को कुछ समय घर चले जाना चाहिए। सुनील ने मुझे कहा कि मैं कल तुम्हारी टिकट भी करवा दूंगा तो मैंने उसे कहा ठीक है। हम लोगों ने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी और हम लोग कुछ दिनों के लिए अपने घर चले गए। जब मैं घर गया तो काफी समय बाद मैं अपनी पत्नी और अपने बच्चों से मिला तो मुझे काफी खुशी हुई मेरी बूढ़ी मां भी मुझे देख कर बहुत खुश थी। वह कहने लगी कि रोहित बेटा तुम घर आए हो यह बहुत ही अच्छी बात है हम लोग तो कब से सोच रहे थे कि तुम घर आओगे लेकिन  तुम इतने समय बाद घर आ रहे हो तो हम सब लोग बहुत ही खुश हैं।

कुछ दिनों तक मैं घर पर ही रुकने वाला था करीब 10 दिनों की हम लोगों ने छुट्टी ली थी और 10 दिन तक हम लोग घर पर ही रुकने वाले थे। उन 10 दिनों का कुछ पता ही नहीं चला कब 10 दिन बीत गये और अब हम लोगों को कोलकाता जाना था। मैं और सुनील वापस कोलकाता लौट गए कोलकाता लौटने के बाद एक दिन सुनील ने मुझे अपने और अपनी पत्नी के बारे में बताया मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी और ना ही सुनील ने मुझे कभी इस बारे में कुछ बताया था। सुनील ने मुझे कहा कि उसकी पत्नी और उसके बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है जिससे कि उन दोनों के डिवोर्स लेने की स्थिति पैदा हो गई है। मैंने सुनील को कहा लेकिन सुनील तुमने तो मुझे कभी इस बारे में कुछ बताया ही नहीं तो वह मुझे कहने लगा कि रोहित अब मैं तुम्हें क्या बताऊं मेरी पत्नी और मेरे बीच कुछ भी ठीक नहीं है हम दोनों सिर्फ नाम के ही पति पत्नी है और अब मैं उससे डिवोर्स लेने वाला हूं और इस बात से उसे भी कोई आपत्ति नहीं है वह मुझसे डिवोर्स लेने के लिए तैयार है। मैंने सुनील को कहा लेकिन तुम्हें एक बार तो इस बारे में अपनी पत्नी से बात करनी चाहिए तो सुनील कहने लगा कि मैंने उससे ना जाने कितनी ही बार बात की है लेकिन मुझे नहीं लगता कि अब मुझे उससे बात करके कोई फायदा होने वाला है। मैंने सुनील को कहा लेकिन तुम अगर अपनी पत्नी को डिवोर्स देदोगे तो तुम्हारे बूढ़े मां बाप की घर में देखभाल कौन करेगा। वह कहने लगा कि रोहित फिलहाल तो मैंने इस बारे में अभी कुछ सोचा नहीं है। सुनील कुछ दिनों से काफी ज्यादा परेशान था और जल्द ही वह अपनी पत्नी को डिवोर्स देने वाला था कुछ ही समय मे उसने अपनी पत्नी को डिवोर्स दे दिया था और डिवोर्स देने के बाद कुछ समय तक वह इसी परेशानी में रहा लेकिन फिर सब कुछ ठीक होने लगा। सुनील और मैं हर रोज की तरह ऑफिस जाया करते सुनील चाहता था कि वह दूसरी शादी कर ले और जल्द ही उसे दूसरी शादी के लिए लड़की भी मिल गई और फिर उसने शादी करने का फैसला कर लिया।


उसके बाद सुनील शादी कर चुका था और उसकी शादी हो जाने के बाद वह कुछ दिनों तक घर पर ही रुकने वाला था मैं भी उसकी शादी में गया था लेकिन मैं जल्द ही वापस लौट आया था। सुनील अपनी शादीशुदा जिंदगी से बहुत ही खुश था और वह अपनी जिंदगी को पूरी तरीके से इंजॉय कर रहा था। सुनील अभी तक कोलकाता नहीं लौटा था वह अपनी पत्नी के साथ घूमने के लिए दुबई गया हुआ था वहां की कुछ तस्वीरें उसने अपने फेसबुक अकाउंट पर भी डाली थी जिसे मैंने भी देखा तो मुझे लगा कि सुनील बहुत ही ज्यादा खुश है। जब सुनील वापस कोलकाता लौटा तो मैंने सुनील को कहा सुनील तुमने बहुत ही अच्छा किया जो शादी कर ली। सुनील कहने लगा कि रोहित अब मुझे शादी तो करनी ही थी क्योंकि मेरे बूढ़े मां-बाप की जिम्मेदारी संभालने के लिए घर पर कोई भी नहीं था और तुम तो जानते ही हो कि मैं फिलहाल कोलकाता से जॉब नहीं छोड़ सकता। सुनील ने हमेशा ही मेरी मदद की है बचपन से लेकर अब तक वह मेरी हमेशा ही मदद करता आया है।

सुनील के पिताजी एक अधिकारी रह चुके हैं और सुनील पढ़ने में भी हमेशा से ही अच्छा था मैं भी अपने परिवार से दूर था और मुझे कई बार अपने परिवार की याद आती थी। मुझे कई बार अपनी पत्नी से बात करने का मन होता मैं सोचता उसके साथ सेक्स करू लेकिन मै उससे बहुत दूर था। एक दिन मेरा मन बहुत ही ज्यादा सेक्स करने का हो रहा था मैं उस दिन किसी को चोदना चाहता था मैंने उस दिन एक कॉल गर्ल को घर पर बुलाने का फैसला किया क्योंकि सुनील ऑफिस के काम से 2 दिनों के लिए बाहर जा रहा था मै घर पर अकेला ही था इसलिए मैंने उस दिन एक कॉलगर्ल को फोन कर के घर पर बुला लिया। जब वह घर पर आई तो उसकी उम्र यही कोई 30 वर्ष के आसपास रही होगी लेकिन उसने अपने बदन को बड़े अच्छे से मेंटेन किया हुआ था उसे देखकर मेरा मन हो रहा था कि उसे अभी लेटा कर चोदना शुरू कर दूं। मैने कुछ देर तक उस से बात की फिर हम दोनों के बीच मे किस शुरू हो गया किस होने के बाद हम दोनों गरम होते चले गए उसने मुझे कहा मैं तुम्हें पूरे मजे दूंगी। मैंने उसे कुछ और पैसे भी दिए वह मुझे गर्म करने की कोशिश कर रही थी और मेरे बदन को उसने पूरी तरीके से गर्म कर दिया था। वह भी अपने आपको बिल्कुल रोक नही पा रही थी उसको बिस्तर पर लेटाकर उसके बदन को सहलाना एक अलग मजा दे रहा था। उसने मेरे लंड को कसकर अपने हाथों से पकड़ लिया था अब मै समझ गया था वह मेरे लंड को चूत में लेने के लिए तड़पने लगी है हम दोनों एक दूसरे को होठों को चूमने लगे थे मुझे बहुत मज़ा आने लगा था मेरे अंदर की गर्मी अब बढ़ने लगी थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। उसने मेरे लंड को बाहर निकाल लिया था कुछ देर लंड को हिलाने के बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया मेरे लंड को वह बडे अच्छे तरीके से चूसने लगी मेरे लंड को वह जिस प्रकार से चूस रही थी उससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। उसने मेरे लंड से झाग बाहर निकाल दिया था, मेरे अंदर की आग अब बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी।

मैंने उसके कपडे उतारकर उसकी चूत को चाटकर पूरी तरीके से चिकना बना दिया था मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर सटाया तो उसकी चूत से पानी बाहर निकलने लगा मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था उसकी चूत से इतना अधिक पानी निकलने लगा था कि मेरे अंदर की आग पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी। मैंने एक ही झटके में उसकी चूत के अंदर लंड को डल दिया वह चिल्लाई मै मर गई। मैंने उसको बड़ी तेज गति से धक्के मारने शुरु कर दिए मुझे उसको चोदकर मजा आ रहा था वह मेरी आग को बढ़ती जा रही थी मेरे अंदर की गर्मी अब इतनी बढ चुकी थी कि मैंने उससे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है। मैंने उसको 10 मिनट तक चोदा जब मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था तो मुझे एहसास होने लगा मैं ज्यादा देर तक उसकी गर्मी को झेल नहीं पाऊंगा उसने मुझे अपने पैरों के बीच में कसकर जकड लिया। उसकी चूत का गर्म लावा बहुत अधिक बढ़ चुका था वह मेरे लंड को गर्म कर रहा था मैंने अपने वीर्य की पिचकारी से उसकी चूत मे गिराकार अपनी गर्मी को शांत कर दिया।

मेरा लंड उसकी चूत के लिए तड़पने लगा था। मैने उसके स्तनो को चूसकर उसको दोबारा गर्म कर दिया मुझे मजा आने लगा। जब मैंने अपने लंड पर तेल लगाकर उसकी चूत के अंदर डाला तो वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी तुम्हारा लंड तो कितना मोटा है मै यह बात सुनकर खुश था। मैंने उसकी गोरी और मोटी जांघो को अपने हाथों से उठाकर उसकी चूत पर तेजी से प्रहार करने शुरु किया। वह बोलने लगी मुझे तुम ऐसे ही धक्के मारते रहो। मैंने उसे कहा मै तो तुमको ऐसे ही चोदना चाहता हूं उसको घोडी बनाने के बाद चोदने मे मजा आ रहा था उसकी चूतडो का रंग लाल होता चला गया और मेरा माल भी गिरने वाला था मै जब उसको चोदता तो उसकी सिसकारियां बढ रही थी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था मैंने अपने माल को उसकी चूत में गिराया तो वह खुश हो गई। वह मुझे बोली अब मै जा रही हूं मैंने उसे बोला तुम कुछ और पैसे ले लो लेकिन आज मेरे पास ही रुक जाओ। मैंने उसे कुछ और पैसे दिए तो वह मेरे पास रुक गई रात भर मैंने उसके बदन की गर्मी को महसूस किया और सुबह वह चली गई।
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