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सगी बहन को चोदा थूक लगाकर
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राहुल है और में आज अपने जीवन की एक सच्ची घटना आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों मैंने बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी और वो मुझे बहुत अच्छी भी लगी.. उन्ही को पड़कर मेरे मन में अपनी भी सच्ची घटना आपको सुनाने की प्रेरणा मिली.. वैसे यह मेरी पहली कहानी है। दोस्तों में लखनऊ का रहने वाला हूँ और मेरी फेमिली में मेरी बहन जिसका नाम खुशी है.. में और मेरे पापा रहते है। मेरे बड़े भैया जो मुझसे 5 साल बड़े है वो मेरी भाभी के साथ कानपुर में रहते है।
में और मेरी बहन एक ही स्कूल में पढ़ते है। मेरी बहन मुझसे दो साल छोटी है और हम दोनों शहर के एक बहुत बड़े स्कूल में पढ़ते हैं। दोस्तों मेरी बहन अपनी उम्र से थोड़ी ज़्यादा बड़ी दिखती है और उसके बूब्स बड़े बड़े है वो एकदम गोरी चिट्टी सी है और उसका फिगर 26-32-26 है। दोस्तों यह घटना 24 जुलाई 2012 की है।
एक दिन मेरे पापा ऑफिस के लिए सुबह 9 बजे घर से निकल गए और हम दोनों भाई बहन को उस दिन 10 बजे स्कूल के लिए निकलना था और अब हम दोनों घर से तैयार होकर अभी घर से कुछ ही दूर निकले थे कि बहुत तेज़ बारिश शुरू हो गई और हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे। मेरी बहन ने सफेद कलर की शर्ट पहनी हुई थी जिसमे से उसकी काली कलर की ब्रा बिल्कुल साफ साफ दिख रही थी लेकिन उसने इस बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। वहां पास में ही एक दुकान थी जहाँ जाकर हम बारिश से बच सकते थे लेकिन वहां पर बहुत भीड़ थी तो मैंने उससे कहा कि हम वापस घर चलते है और हम दोनों वापस घर आ गये और हमने उस दिन स्कूल नहीं जाने का प्लान बनाया।
फिर उस दिन की पहली बारिश थी तो खुजली से बचने के लिए हमे नहाना भी बहुत ज़रूरी था। में और मेरी बहन एक ही रूम में रहते है तो खुशी ने मुझसे कहा कि तुम बाहर वाले बाथरूम में जाओ.. में यहीं पर नहाऊंगी और फिर में बाहर वाले बाथरूम में नहाने चला गया। तो मेरी बहन ने नहाने के बाद एक गाऊन पहन रखा था और अब वो आराम करने जा रही थी और मैंने टी-शर्ट, पेंट पहन रखी थी। फिर वो बेड पर लेट गई और में भी जाकर उसके पास में लेट गया.. तभी मेरी बहन खुशी ने मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा कि तूने मुझे दुकान पर क्यों नहीं रुकने दिया?
में : बस ऐसे ही मुझे अच्छा नहीं लग रहा था.. तुम्हारे के अंडरगार्मेंट दिख रहे थे।
खुशी : हाँ मुझे सब पता है।
फिर खुशी ने मेरे पैर पर अपना पैर रखते हुए धीरे से कहा कि आओ मुझे छुओ और फिर मैंने उसे छुआ तो मुझे कुछ महसूस हुआ कि खुशी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी है और वो अपने बूब्स को मेरी छाती पर दबा रही थी।
में : अरे खुशी क्या तुम ठीक हो?
खुशी : हाँ में ठीक हूँ और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ भैया।
में : हाँ.. में भी।
फिर कुछ देर खुशी एकदम से गरम हो गई और मुझे तकिए से मारने लगी.. दोस्तों बचपन में हम भाई, बहन तकिए से लड़ाई और रेसलिंग खेलते थे। तो खुशी ने कहा कि आओ आज हम खेलते है और फिर हम लोग रेसलिंग करने लगे.. मैंने उसे सीधा करने के लिए पीछे से पकड़ा और उसके बूब्स मेरे हाथों में आ गये। दोस्तों वैसे यह हर बार खेलते हुए होता होगा लेकिन मैंने उस दिन पहली बार ध्यान दिया कि उसके बूब्स बहुत ही मुलायम थे और मुझे अच्छा लग रहा था।
में उसके मुलायम बूब्स पर पकड़ बनाते हुए उसे पलटने की कोशिश करने लगा लेकिन उसने मेरे कान पकड़ लिए में उसके बूब्स को छोड़ना नहीं चाहता था इसलिए में उसकी कमर पर ही लेट गया और अब तक में भी गरम हो गया था। मेरा लंड खड़ा हो गया था जो कि उसकी गांड में चुभ रहा था। फिर में उसके बूब्स को धीरे धीरे ढीले करने लगा जैसे कि में उसे पलटने की कोशिश कर रहा हूँ और इसी के साथ मेरा लंड भी टाईट होता जा रहा था। मेरी बहन धीरे से मेरा हाथ ऊपर की और सरकाने के बहाने अपने गाऊन को ऊपर सरकाने लगी.. वो बार बार अपने बूब्स से मेरा हाथ ऊपर की और सरकाती और में बार बार उसके बूब्स को पकड़ लेता। तो ऐसे करते करते गाऊन उसकी छाती से भी ऊपर आ गयी और फिर जब मैंने जैसे ही अगली बार अपना हाथ उसके बूब्स पर रखा.. तो मैंने महसूस किया कि गाऊन अब तक पूरा ऊपर चला गया था।
फिर मेरी बहन ने कहा कि पहले जाओ गेट बंद कर दो और कोई गाना चला दो और फिर से दोबारा रेसलिंग शुरू करते है। तो में उठकर गया और गेट बंद करने के बाद एक रोमेंटिक गाना पसंद करके शुरू कर दिया। तब तक मेरी बहन वापस गाऊन पहन चुकी थी और मैंने सोचा कि यह सब जो हुआ है.. उस पर शायद मेरी बहन ने ध्यान नहीं दिया। फिर में उसको सीधा पटककर उसके ऊपर चढ़ने की कोशिश करने लगा लेकिन खुशी इस बार उल्टा पलट गई और मैंने जानबूझ कर उसकी चूत के बीच में अपना लंड फंसा दिया और उसके बूब्स को फिर वैसे ही दबाने लगा जैसे उसे सीधा करने की कोशिश कर रहा हूँ और अब मेरा लंड बहुत कड़क हो गया था और उसने धीरे से गाऊन को हटा दिया। तो मेरे लंड और उसकी गांड के बीच में सिर्फ़ मेरी पेंट और अंडरवियर और उसकी पेंटी थी और अब उसने सीधा होते हुए अपने गाऊन को ऊपर कर दिया और मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में फंसा लिया। मेरा लंड बहुत टाईट हो गया था।
खुशी : तुम अपनी पेंट को उतार दो।
फिर में अपनी पेंट को उतारते हुए बोला अब ठीक है और इसी बीच खुशी ने अपने पेंटी की डोरी को थोड़ा ढीला कर दिया और पूरी खोलकर लेट गई तो में उसके दोनों पैरों के बीच में जाकर फिक्स हो गया और अब मेरा लंड उसकी चूत को छू रहा था। फिर खुशी ने अपने दोनों पैरों को मेरी कमर में फंसाते हुए मेरी अंडरवियर को नीचे सरका दिया और अब मेरा खड़ा लंड बाहर था और में लंड को खुशी की चूत के ऊपर रगड़ने लगा। तो खुशी ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और में भी उससे लिपट गया। वो मेरे कानों पर किस करने लगी और में उसकी गर्दन पर। फिर में उसके बड़े बड़े बूब्स को दबाने लगा। तो खुशी मेरे पूरे शरीर पर अपने दोनों हाथ घुमाने लगी और बोली कि प्लीज इसको चूसो और फिर में उसके बूब्स को दबाना छोड़कर दोनों बूब्स को चूसने लगा और फिर खुशी मोन करने लगी।
फिर हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गये। में उसकी चूत को चाटने लगा और वो मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी और कुछ देर बाद मुहं में लेकर चूसने लगी। दोस्तों मैंने ध्यान दिया कि हम दोनों ने कुछ दिन पहले ही शेविंग किया था.. जिससे उसकी चूत और भी सुंदर और फूली हुई नजर आ रही थी। तो में अब बेड से नीचे उतरकर उसकी चूत को चाटने लगा और अपनी जीभ को अंदर बाहर करके खुशी की चूत को चोदने लगा। तो वो अब बहुत बेचेन हो गई और बहुत तेज़ मोन करने लगी.. इसलिए मैंने म्यूज़िक की गाने की आवाज थोड़ी और बढ़ा दी.. जिसकी वजह से उसकी मोन करने की आवाज दब गई।
फिर में दस मिनट तक उसे अपनी जीभ से चोदता रहा और फिर वो मेरे लंड को मुहं में लेकर बड़े प्यार से चूसने लगी और अब मेरा अपने लंड पर से जोर खत्म होने लगा था.. क्योंकि वो मेरा आखरी समय चल रहा था और में अब झड़ने वाला था और इसलिए मैंने उसके मुहं से अपना लंड बाहर निकाल लिया और पास ही पड़े एक टावल को उठाकर उसे लंड पर रखा और उस पर सारा पानी निकाल दिया। फिर हम दोनों नंगे ही बेड पर लेट गये। में उसकी चूत में एक ऊँगली डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर करके चूत को सहलाने लगा और फिर ऊँगली से ही उसकी चूत को चोदने लगा। मेरी ऊँगली उसकी गीली चूत में फिसलकर पूरी अंदर तक जा रही थी।
वो भी मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाकर मेरे लंड में जान डालने की कोशिश कर रही थी और कुछ देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और अब उसकी चूत को फाड़ने के लिए एकदम तैयार था और खुशी भी एकदम गरम हो चुकी थी। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अंदर डालने के लिए एक ज़ोर से धक्का लगाया तो मेरा लंड फिसल गया.. तो मैंने उसकी चूत को चूसने के बहाने उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगा दिया और खुशी ने भी मेरे लंड पर थूक लगा दिया.. अब लंड और चूत दोनों एकदम चिकने हो गए थे। अब मैंने उसकी चूत के छेद पर लंड रखकर धीरे से धक्का लगाया तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत को चीरते हुए अंदर चला और उसी के साथ खुशी के आँखो से आँसू आ गये और वो दर्द भरी आवाज़ में बोली.. भाई निकाल लो वरना में मर जाउंगी।
में : जान थोड़ी देर बर्दाश कर लो.. तुम्हे अभी बहुत मज़ा आएगा।
फिर में उसके गालों पर किस करने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा और धीरे धीरे अपने लंड को और अंदर डालता और कुछ देर में मेरा पूरा 6 इंच का लंड उसकी चूत में था। में अब धीरे धीरे ऊपर नीचे करके उसे चोदने लगा तो खुशी दर्द और मज़ा मिक्स करने लगी। फिर कुछ देर ऐसे ही चलता रहा.. फिर खुशी को मज़ा आने लगा और खुशी अपनी गर्दन हिलाते हुए कहने लगी कि राहुल और तेज़ धक्के मार.. में स्पीड बड़ाते हुए ओहह यस खुशी.. में तेरी चूत को फाड़ दूँगा और आज तेरी चूत को फाड़कर भोसड़ा बना दूँगा।
खुशी : अरे फाड़ दे राहुल मेरी चूत आअहह सस्स्स्सस्स यस राहुल जान फक मी और तेज़ ईईए रााहूऊऊुुउउल…. और तेज चोदो राहुल।
मैंने अब उसे गोद में उठाया.. तो उसने अपने पैरों को मेरी कमर के आस पास बाँध लिया। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर उसको नीचे की तरफ थोड़ा सरकाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। फिर में उसकी चूत को 15 मिनट तक चोदता रहा। फिर मैंने बोला कि में झड़ने वाला हूँ। तो खुशी ने बोला कि अंदर ही निकाल दो भाई और में उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया.. फिर म्यूज़िक बंद करके ह्म दोनों नंगे ही एक दूसरे को बाहों में लेकर सो गए ।
pappu ne teacher ko choda
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम अंकित है और मेरी उम्र 22 साल है.. में गुजरात का रहने वाला हूँ. वैसे मुझे बचपन से ही सेक्स बहुत अच्छा लगता था और में इसकी तरफ बहुत आकर्षित था और आज में कामुकता डॉट कॉम पर अपने पहली सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ.. दोस्तों मुझसे इसमें कोई गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करे. दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब में 18 साल का था.. तब मुझे लड़की बहुत पसंद आती थी और लडकियों के अलावा में टीचर में भी बहुत रूचि रखता था और यह आज की मेरी स्टोरी नंगी बातों से लंड उठाने वालोँ की नहीं.. लेकिन हुस्न के दीवानो के लिए है. तो में अब आपको अपना परिचय दे देता हूँ.. दोस्तों मैंने अपना लंड कभी नापा नहीं इसलिए आपको उसका साईज़ नहीं बता सकता.. क्योंकि लंड साईज़ से नहीं.. ताकत से नापा जाता है. में जब स्कूल में पढ़ता था तब मेरी एक ट्यूशन टीचर थी नैना.. वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और उन दिनों उसके ब्लाउज में जब साईड में बैठकर देखता था तो उसके बूब्स की झलक उस ब्लाउज में से एकदम साफ और बूब्स के आकार और ब्रा की झलक को देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और मुझे लगता था कि यह मुझे कोई बीमारी है.. जो मेरे साथ ऐसा होता है.
नैना एक गदराए शरीर वाली औरत थी जो उस टाईम 22 साल की थी.. उसने लव मेरिज की थी और उन दिनों तक उसकी कोई औलाद नहीं हुई थी. वो छोटे छोटे बाल रखती थी और उसकी आखें एकदम गहरी काली थी.. उसका रंग बहुत ही गोरा था.. बूब्स बहुत बड़े थे गोल मटोल नहीं थे.. लेकिन एकदम आम जैसे थे. उसकी कमर बहुत ही पतली थी और खूबसूरत और भी वो हमेशा हरी नेल पोलिश और हरी लिपस्टिक लगाती थी वो बॉडी स्प्रे और पर्फ्यूम की शौक़ीन थी. तो उसके शरीर से खुश्बू हमेशा आती रहती थी. वो जब भी नींद में से उठती थी तो वो एकदम हॉट ही लगती थी और वो ट्यूशन क्लास के अलावा अपने घर में ही ब्यूटी पार्लर भी चलाती थी. वो जब भी बोलती थी तो उसकी आवाज़ एकदम सेक्सी लगती थी और वो बहुत धीरे धीरे बोलती थी एकदम हल्के से. वो कानो में बड़ी बड़ी रिंग पहनती थी और नाक में कुछ नहीं पहनती थी और वो हर रोज मेकअप करती थी.
वो कभी कभी पंजाबी ड्रेस और कभी कभी वो काली साड़ी के साथ एकदम छोटा ब्लाउज पहनती थी. वो म्यूज़िक की बहुत शौक़ीन थी और हर रोज रेडियो सुनती थी. उसके घर की स्थिति एकदम कमजोर थी.. क्योंकि उसका पति कुछ काम नहीं करता था.. मतलब पूरे घर की जिम्मेदारी उस अकेली टीचर पर थी. उसकी लाईफ कुछ ऐसी थी.. लेकिन वो एकदम अच्छी फेमिली से बिलॉंग करती थी. उसका एक बॉयफ्रेंड था और उसके बॉयफ्रेंड ने उसके साथ धोखा किया था तो उसने गुस्से से इस आदमी के साथ शादी कर ली.
तो दोस्तों अब स्टोरी शुरू करते है.. उन दिनों में बहुत छोटा था.. लेकिन जब 18 साल का हुआ तो मुझे पता चलने लगा कि सेक्स ऐसे होता है और में रोज उसके बारे में ही सोचता रहता था.. स्कूल बस में, क्लास में, घर में और में पढ़ाई में बिल्कुल भी ध्यान नहीं रख पा रहा था और बस हर टाईम में ट्यूशन जाने के लिए बैचेन सा रहता था. उसी टाइम वो प्रेग्नेंट थी इसलिए उसने मुझे बताया कि यह आखरी साल है और में इसके बाद में ट्यूशन पढ़ाना बंद कर रही हूँ तो उस टाईम में बहुत उदास रहने लगा. रात भर में जागता रहता और रोता रहता कि अब क्या होगा? फिर एक दिन मेरी ट्यूशन छूट गई. में बहुत दु:खी रहने लगा और मेरे मन में बैचैनी हो गई.
फिर उसके बाद एक दिन वो मेरे घर आई और बोली कि उसकी हालत बहुत खराब है और उसका पति कुछ काम नहीं कर रहा तो में फिर से ट्यूशन चालू कर रही हूँ. में उसकी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया.. ना जाने मुझे सब कुछ मिल गया और मेरी ट्यूशन चालू हो गई और मेरी सेक्स नालेज भी मन से हाथ तक आ गयी थी. में हमेशा उससे चिपककर बैठता था और हम दोनों अकले ही होते थे और में उसको पटाने के लिए बहुत ही कोशिश करता था.. लेकिन उसमे हमारी उम्र का फर्क सबसे बड़ा कारण था. मेरी हालत एकदम भूखे शेर की तरह थी. मेरे सामने खाना था.. लेकिन में खा नहीं पा रहा था और हर रोज उसके नाम की मुठ मारता था और मुठ मारते समय.. नैना में तुमसे प्यार करता हूँ बोलता था.
इतने टाइम में भी उसका शरीर एकदम पहले जैसा ही था.. वही स्टाईल और वही फिगर.. एकदम ठीक ठाक था.. फिर एक साल बाद उसका पति पैसा कमाने के लिए दुबई चला गया. तो में जब भी ट्यूशन जाता था.. तो उसके घर पर में एक उसकी छोटी बेबी और वो ही होते थे और वो मुझे 2.5 घंटे तक पढ़ाती थी और में उसके बूब्स देखकर मन ही मन में उत्तेजित होता था और अगर मेरा मेरा लंड उठ जाए तो उसके ऊपर हाथ रख लेता था और उसके ऊपर किताब रख देता और फिर ऐसे ही दिन गुज़रते गये और वो सब चलता रहा.. अब मेरा मूड था उसके साथ शारिरिक संबंध बनाने का.. लेकिन में बहुत ही डरता था. फिर उसका पति दुबई में ही सेट हो गया और उसके पास वहाँ से पैसे आने लगे और उसकी स्टाईल और भी ज़्यादा सॉलिड हो गई.. ब्रा की जगह कप वाली ब्रा पहनने लगी अंडरवियर की जगह पेंटी ने ले ली.. नेल पॉलिश और लिपस्टिक ब्रांडेड हो गयी.. बालों में हाइलाइट्स और सेंडल की जगह में हाई हील्स आ गयी और अब वो लग रही थी एकदम सेक्सी टीचर.
फिर मेरी क्लास में एक पाठ आया कृत्रिम वीर्य दान का.. साईन्स की क्लास में मैंने उससे पूछा कि यह क्या होता है? तो उसने मुझे बताया कि तुम अभी इसके लिए छोटे हो. फिर मैंने बहुत ही ज़िद की.. लेकिन वो नहीं मानी तो में बोला कि ठीक है. फिर एक बार उसको किसी काम से बाहर जाना था और उसके पास स्कूटर नहीं था.. उसने मुझसे बोला कि क्या तुम मुझे छोड़ दोगे? तो मैंने बोला कि तुम मुझे वो लेसन सिख़ाओगी तो ही. फिर वो बोली कि ठीक है बाबा में तुम्हे सिख़ाऊँगी पहले तुम मुझे छोड़ तो दो.. तो मैंने बोला कि वादा करो.. तो उसने मुझसे वादा कर दिया और फिर में पहली बार किसी लेडीस को मेरे पीछे बाईक पर बैठाकर ले जा रहा था.. वो भी मेरी सेक्सी नैना को.
मैंने अपनी बाईक को साफ किया और सीट को भी साफ किया ताकि उसकी साड़ी मैली ना हो जाए.. रास्ते में हमारी बातचीत चल रही थी और मैंने बोला कि क्यों टीचर लेसन एकदम साफ समझाओगी ना? तो वो बोली कि तू अभी बहुत नादान है.. मैंने बोला कि अब तो में बड़ा हूँ. तो वो बोली कि हाँ बाबा हाँ हम तुम्हे सीखा देंगे और वो यह बात बोलकर एकदम चिपककर बैठ गई. फिर दूसरे दिन जब में उसके घर गया तो मैंने बोला कि टीचर किताब निकालूँ? तो उसने बोला कि उसमे किताब की क्या ज़रूरत है? में तुम्हे ऐसे ही बता देती हूँ. फिर मैंने बोला कि ठीक है.
नैना : तुम्हे पता है बच्चे कैसे होते है?
में : हाँ थोड़ा थोड़ा पता है.
नैना : मुझे बताओ?
में : शादी में सात फेरे लेने के बाद होते है.
नैना : मुझे उल्लू मत समझो.. में सब जानती हूँ.
में : मुझे शरम आती है.
नैना : तो फिर पूछा क्यों? और क्या मुझे ऐसी बातें बताने में शरम नहीं आएगी? हंसकर बोली.
में : एकदम चुपचाप रहा.
नैना : चलो भोले मत बनो जितना पता है उतना बताओ और अब मुझसे क्या शरमाना?
में : लड़का अपने बाथरूम करनी की जगह लड़की के टॉयलेट करने की जगह में डालेगा.. तब बच्चा पैदा होगा.
नैना : ज़ोर ज़ोर से हंसकर बोली अरे पागल तुम्हे तो आधी बात ही पता है. देख तेरे पास जो चीज़ है उसे लंड बोलते है और लड़की के पास जो चीज़ होती है उसे चूत बोलते है जहाँ से दोनों बाथरूम करते है वो चीज़ जब एक दूसरे के अंदर जाती है और लंड में से जब वीर्य निकलकर चूत के अंदर जाता है तो लड़की प्रेग्नेंट हो जाती है.
में : तो यह चूत कैसी होती है?
नैना : वो तो में नहीं बताउंगी.
में : लेकिन आपने मुझसे वादा किया था.
नैना : मैंने लेसन समझाने के लिए वादा किया था चूत दिखाने का नहीं.
में : तो ठीक है लेसन तो समझाओ.
नैना : जब यह वीर्य निकलता है तो वो डॉक्टर उसे एकत्र करके चूत में डालकर फीमेल को प्रेग्नेंट कर देते है यही होता है कृत्रिम वीर्य दान.
फिर वो दिन ख़त्म हो गया और मैंने उस दिन बहुत ज़ोर ज़ोर से मुठ मारी और उस दिन उसके मुहं से चूत और लंड सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और में दूसरे दिन का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था और फिर दूसरे दिन मेरा इंतजार खत्म हो गया.
नैना : चलो आज में तुम्हे गणित पढ़ती हूँ.
में : लेकिन मेरी तो साईन्स में बहुत रूचि है. यह रही साइन्स की बुक.
नैना : तू क्यों मुझे परेशान करता है? एक तो मेरे पति है नहीं और तू भी.
में : उसमे परेशानी वाली कौन सी बात है?
नैना : कल मुझे उनकी बहुत ही याद आ रही थी.
में : क्यों?
नैना : चलो छोड़ो में नहाकर आती हूँ ठीक है.. तुम बैठकर साईन्स का लेसन पढ़ो.. कुछ ना समझ आए तो मुझे बताना और हंसकर इशारा किया.
फिर वो जब नहाने गई तो उसने अपनी ब्रा और पेंटी बेड के ऊपर रखे और मैंने उनको हाथ लगाया उसको सूँघा उसमे से अजीब स्मेल आ रही थी और में तो एकदम से लोटपोट हो गया और मेरे पसीने छूटने लगे और मेरा वीर्य मुठ मारे बिना ही धीरे धीरे बाहर आने लगा और पेंट में एक दाग हो गया.. इतना वीर्य पहले कभी नहीं निकला था. मैंने वॉश रूम में जाकर उसको साफ किया.. लेकिन पानी का दाग रह गया.
नैना : बाथरूम से बाहर निकलकर बोली साइन्स आ गया.
में : हाँ थोड़ा थोड़ा.. वो अभी मुझे दिख नहीं रही थी और वो बाथरूम के पास ही थी. वो जब आई तो उसने एकदम पारदर्शी गाऊन पहना था और उसके अंदर एक छोटी पेंटी और ब्रा लाल कलर की साफ दिख रही थी और उसके बाल गीले थे कान और नाक में रिंग पहन रखी थी नैल पोलिश का पीला कलर और लिपस्टिक लाल कलर की थी और उसके बूब्स के बीच की दरार एकदम साफ दिखाई दे रही थी और उसके कूल्हे लचक रहे थे. उसके पेर में भी पीले कलर की नैल पॉलिश लगी हुई थी और में बस इतना ही देख पाया और मेरे लंड ने मुझे धोखा दे दिया और में एक बार और झड़ गया.. लेकिन इस बार बहुत जोर की छूट हो गई थी. में उठा और पेंट को साफ किया और सीधे बेग को छोड़कर वीडियो गेम खेलने लगा.
15:20 मिनट के बाद वो वहाँ पर आई और मुझे अपने रूम में ले गयी.. मुझसे बोली कि क्या तू यह बात किसी को बताएगा तो नहीं? तो में बोला कि नहीं.. आज से हम स्टूडेंट नहीं फ्रेंड्स. तो वो बोली कि अरे पगले हम तो उस दिन से फ्रेंड्स थे जब तुमने मुझे बाईक से छोड़ा था और उसने मुझे यह बात किसी को ना बताने का वादा लिया. फिर दूसरे दिन जब में उसके घर गया तो मैंने बोला कि आज साईन्स और गणित नहीं.. बहुत हो गयी पढ़ाई.. आप नाहकर आओ. तो वो बोली कि पेंट में छूट तो नहीं हो जाएगी ना? में बोला कि आज में मुठ मारकर आया हूँ. वो बोली कि वाह बहुत अच्छा.
फिर वो नहाने चली गयी और मैंने फिर से उसकी पेंटी और ब्रा को सूंघा और मज़े लिए और कुछ देर बाद वो बाहर आई.. उसने मस्त सेक्सी कपड़े पहने थे. उसने थ्री पीस पहना था.. छोटी डोरी वाली ब्रा और छोटी पेंटी और ऊपर गाउन स्कर्ट टाईप का कुछ था. वो एकदम सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने बोला कि मेरे पास आओ. तो उसने मुझे बोला कि मेरा पर्स खोलो उसके अंदर लंड जैसा कुछ था.. मैंने बोला कि यह क्या है? तो उसने बोला कि यह चूत के अंदर और गांड के अंदर घुसाने की चीज़ है.
उसने बोला कि इसे नकली लंड बोलते है और उसने बोला कि पर्स में दवाई भी होगी.. तो मैंने बोला कि यह किसकी दवाई है? उसने बोला कि इससे मज़ा कर सकते है और बच्चा भी नहीं होता और उसने पर्स में से एक नंगी तस्वीर वाला एक पेकेट निकाला और वो बोली कि यह कंडोम है और इसे लंड पर पहनकर चोदते है.. इससे भी बच्चा नहीं होता और बोली कि क्या अभी कोई और चीज़ सीखनी है तुझे? तो में बोला कि हाँ.. मुझे चूत देखनी है.
फिर वो बोली कि क्या तू देख पाएगा? तो में बोला कि हाँ और उसने धीरे धीरे स्कर्ट उतारी और बोली कि मेरे शरीर को छुओ.. तो धीरे धीरे मैंने उसके शरीर को छुआ.. बड़ा मज़ा आ रहा था और मैंने बोला आज का दिन मुझे दे दो नैना.. मेरी डार्लिंग में तेरे लिए पूरी ज़िंदगी से भूखा हूँ. तो वो बोली कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और फिर मैंने अपनी जीभ से उसको चाटना शुरू कर दिया. पहले उसके कान चाटे उसकी आखें चूमी बाद में उसकी गर्दन धीरे धीरे उसके बूब्स दबाते हुए उसकी नाभि को चाटा और कमर को ज़ोर से पकड़कर उसकी पेंटी के ऊपर से ही चूत को चूमा.. उसकी जांघो में तो जादू था. वो बहुत ही मुलायम थी.. में उनको चाटता गया और दबाता गया. उसके घुटने भी एकदम सफेद थे और बाद में उसके पैरों को चाटा.. फिर मैंने उसकी ब्रा उतारी और मेरे सामने दो आम लटक रहे थे उसके बूब्स एकदम बड़े थे. थोड़े लचीले और एकदम छोटी छोटी गुलाबी निप्पल और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
तो मैंने उसके निप्पल को मुहं में लिया तो मुझे लग रहा था जैसे में स्वर्ग में कोई परी के बूब्स चूस रहा हूँ और थोड़ी देर के बाद मैंने उसकी पेंटी उतारी.. उसकी चूत एकदम साफ थी और उसके कूल्हे एकदम टाईट थे और अब मेरी नैना मेरे सामने नंगी खड़ी थी. उसके शरीर पर एक भी दाग नहीं था और एक तिल भी नहीं था और उसके शरीर की खुश्बू ने तो जैसे मेरे होश उड़ा रखे थे. फिर मैंने भी अपने कपड़े उतारे और उसने मेरे लंड से खेलना चालू कर दिया और वो बोली कि तेरा लंड तो मुझे मजा दे सकता है और उसने लंड को अपनी जीभ से हिलाना शुरू कर दिया और मैंने उसके मुहं में ही छूट कर दी. फिर भी वो चूसती ही जा रही थी. ऐसे दो बार छूट हो जाने पर भी वो ना रुकी चूसती ही गयी और अब वीर्य खाली हो चुका था और उसे पता चल गया की टंकी अब खाली हो गयी है.
फिर उसने मेरे लंड को गीला कर दिया और अब बोली कि तेरी बारी और फिर उसने मुझसे अपनी चूत चटवाई और बोली कि चूस जितनी ताक़त है उतनी चूस.. उसकी चूत में से गम जैसा कुछ निकल रहा था. वो बोली कि उसे पी जा और बाद में उसने अपने दोनों पैर ऊँचे कर लिए और बोली कि अब गांड भी चाट और भोसड़ा भी चूस. तो मैंने चूसना चालू रखा और थोड़ी देर के बाद वो बोली कि अब तेरा लंड मेरी चूत के अंदर जाएगा.. तो मैंने बोला कि क्या में कंडोम पहन लूँ? वो बोली कि नहीं तेरे और मेरे बीच कोई नहीं आना चाहिए और मैंने उसकी चूत के अंदर जब लंड डाला तो उसकी चूत एकदम गरम गरम थी और वो मेरा मुहं चाट रही थी.. मैंने उसके बाल ज़ोर से पकड़ रखे थे उसने आवाजें निकालना शुरू किया.
आहह आह्ह्ह और ज़ोर से डाल मेरे अंदर और ज़ोर से. फिर उसने मेरी कमर पर नाख़ून चुभाने शुरू कर दिए. में कभी उसके बाल पकड़ता, तो कभी उसके बूब्स फिर उसने अपने पैर मेरे पैरों के साथ लपेट लिए थे और में जैसे ही धक्का मारता तो वो अपने पैरों से मुझे अंदर की और खींचती ऐसा बहुत देर चला और मेरी छूट ही नहीं हो रही थी और वो भी थकने का नाम नहीं ले रही थी और में भी थकने का नाम नहीं ले रहा था और अब मेरे और उसका बदन एकदम पसीने से लथपथ हो गया था. तभी थोड़ी देर बाद मैंने उसको लिप किस किया तो वो अब भूखी शैरनी हो गयी थी और उसने मुझे काटना शुरू कर दिया.
फिर भी मुझे मजा आ रहा था और अब मेरा गरम लंड और उसकी गरम चूत का मिलन चल रहा था. फिर मैंने बाद में अपनी नज़र उसके सेक्सी निप्पल की तरफ जमाई और में देखता रहा और धक्के मारता गया और अब वो बोली कि अब मेरी गांड मार और वो कुतिया बन गयी और मैंने उसकी गांड को गीला करके अंदर मेरा लंड घुसा दिया और अब मेरा लंड मेरा साथ छोड़ रहा था.. मुझे बहुत ही दर्द होने लगा था.. फिर आख़िर में उसकी कमर को पकड़कर उसकी गांड मारी तो छूट हो ही गयी और में उससे लिपट कर शाम तक सोता रहा. फिर में अपने घर आ गया और अब तो वो मेरे लंड पर बैठकर ही मुझे पढाती है अब हम पढाई के साथ साथ चुदाई के भी बहुत मजे लेते है ..
बहन चुद गई सेक्स गेम खेलकर
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अमित है और मेरी बहन का नाम पूनम है और हमारी फेमिली में मेरी माँ और मेरी बहन है। मेरे पापा की कुछ समय पहले एक बीमारी की वजह से म्रत्यु हो गयी थी। मेरी उम्र 21 साल है और में एक कॉलेज में पड़ता हूँ.. मेरी बहन की उम्र 25 साल है और वो एक प्राईमरी स्कूल में पड़ती है। मेरी बहन पूनम बहुत ही सेक्सी है। उसका फिगर 34-32-37 है.. रंग गोरा नहीं है.. लेकिन काली भी नहीं है.. वो थोड़ा साफ कलर की लड़की है जिसको देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाता होगा.. उसके बाल बहुत काले है और लंबे भी है।
दोस्तों में अब स्टोरी पर आता हूँ.. पूनम का स्कूल एक बजे ख़त्म हो जाता है। एक दिन में उसके स्कूल के पास से गुजर रहा था तो मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ खड़ी थी और कुछ बातें कर रही थी। तभी थोड़ी ही देर में एक मेडम आई और पूनम को साथ लेकर चली गयी और मैंने देखा कि वो लड़का और एक दूसरा आदमी उसके पीछे चले गये.. वो दोनों लड़के शायद उसके स्कूल के टीचर थे। फिर रास्ते में उन्होंने अपनी बाईक रोकी और एक पान की दुकान पर खड़े हो गये और एक दूसरे से बातें करने लगे। में भी उसके पास में रुक गया और उनकी बातें सुनने लगा.. वो आपस में बातें कर रहे थे कि यार अश्विन तूने तो पूनम मेडम को चोदा है ना?
अश्विन : हाँ विजय कई बार चोदा है.. पूनम बड़े मज़े करती है.. लेकिन तू क्यों पूछ रहा है? क्यों तूने भी तो रेखा मेडम को चोदा है ना?
विजय : हाँ यार.. लेकिन वो तो बड़ी औरत है। उसमे मज़े नहीं है वो 36 साल की है और पूनम मेडम तो शायद 24-25 साल की होगी।
अश्विन : हाँ यार पूनम की तो बात ही कुछ और है उसके बूब्स बड़े ही मस्त है और उसकी गांड तो जैसे कयामत है यार।
विजय : और उसकी चूत?
अश्विन : अरे यार तुझे चोदना है क्या पूनम को? साफ साफ क्यों नहीं रहा है?
विजय : तू कुछ करवा सकता है क्या? तो प्लीज़ तू रेखा को चोद सकता है।
अश्विन : चल पहले रेखा मेडम के घर देखते है कि कुछ होता है कि नहीं?
फिर वो दोनों लोग रेखा मेडम के घर पर चले गये और मैंने देखा कि मेरी बहन पूनम की स्कूटी वहां पर खड़ी थी और वो लोग अंदर चले गये.. में बाहर से देखना चाहता था कि अंदर क्या होता है? तो मैंने एक खिड़की से अंदर देखा कि क्या हो रहा है? और जैसे ही वो लोग अंदर गये।
रेखा मेडम : आइए अश्विन.. सर आप तो पहली बार हमारे घर पर आए है ना।
अश्विन : पूनम मुझे लेकर ही नहीं आती और मैंने तो उसे कई बार बोला है।
पूनम वहां पर एक तरफ खड़ी थी और दोनों के लिए पानी लेकर आई और उन्हें पानी दिया और बाद में हॉल में सब लोग बैठ गये और बातें करने लगे। तभी अश्विन बोला कि चलो कुछ करते है। बातें करते करते तो बोर हो गये है। तो पूनम यह बात सुनकर हल्की सी मुस्कुरा उठी तो रेखा मेडम ने उससे बोला कि पूनम क्या तुझे भी जल्दी है अश्विन की तरह? तो पूनम शरमा गयी और कुछ नहीं बोली सिर्फ़ एक स्माईल दे दी।
अश्विन : मुझे जल्दी नहीं है.. रेखा मेडम में तो कुछ और ही कहना चाहता था कि कुछ टीवी और खेल खेलते है.. वैसे रेखा मेडम आपका बाथरूम कहाँ पर है?
रेखा मेडम : चलो में दिखाती हूँ और यह कहकर वो और अश्विन सर अंदर चले गये और पूनम और विजय बाहर बैठे थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे।
विजय : पूनम मेडम आप तो बहुत ही सुंदर हो अश्विन का तो नसीब ही खुल गया है जो आप जैसे।
पूनम : आप जैसे क्या?
विजय : मेरा मतलब है कि आप जैसे सेक्सी लड़की के साथ उसकी तो ऐश है।
पूनम : में इतनी सुंदर हूँ क्या?
विजय : मैंने आपसे अच्छी किसी लड़की को नहीं देखा.. क्या सेक्सी फिगर है आपका ?
इतने में ही रेखा मेडम और अश्विन सर बाहर आते है और वो लोग बातें करना बंद कर देते है और अश्विन सर आते ही कहते है कि मैंने कल रात को एक इंग्लीश फिल्म देखी थी। उसमे आपस में एक बहुत ही मस्त खेल खेलते है।
रेखा मेडम : तो फिर क्यों ना हम भी खेलें? क्यों पूनम क्या ख्याल है तेरा?
पूनम : हाँ हाँ क्यों नहीं.. पहले बताओ तो सही क्या खेल है? और रूल्स क्या है?
अश्विन : में रूल्स और खेल खेलने के बाद ही बताऊंगा बोलो क्या तुम्हे मंजूर है? तो सब खेलो वरना कोई बात नहीं। फिर सब कहते है कि ठीक है खेलते है और फिर अश्विन रेखा मेडम को कार्ड लाने को कहता है। सब सोफे पर बैठे थे है और खेल शुरू करते है और 30 मिनट खेलने के बाद स्कोर होता है। रेखा मेडम 5 बार जीती और पूनम 4 बार हारी.. विजय 3 बार हरा और अश्विन सर 2 बार जीते। अब अश्विन सब को बताता है कि रूल्स क्या है उस फिल्म में जिसका सबसे ज्यादा स्कोर होता है वो किसी को भी पूरी रात अपने कमरे में ले जा सकता है और हम यहाँ पर 6 बजे तक का टाईम फिक्स करेंगे क्यों ठीक है?
रेखा मेडम : यानी किसी भी पार्ट्नर के साथ मजा और कोई भी पार्ट्नर.. यही ना।
अश्विन : हाँ ठीक है.. लेकिन बड़े स्कोर वाला पहले चुन कर सकता है।
फिर सब एक दूसरे के सामने देख रहे थे। तभी रेखा मेडम ने सबसे पूछा कि क्यों किसी को कोई समस्या नहीं है ना? अगर है तो वो बता दे हम यह खेल बंद कर सकते है। तभी विजय बोला कि कोई समस्या नहीं है.. पूनम ने भी धीरे से अपना सर हाँ में झुका दिया।
रेखा मेडम : आप सब तो जानते ही है कि मैंने और विजय सर ने तो कई बार मजा किया है तो में विजय सर का तो नहीं चुनाव करूँगी। पूनम के साथ में एंजाय कर नहीं सकती.. पूनम मुझे माफ़ करना.. लेकिन मुझे अश्विन को ही चुनना करना पड़ेगा.. तुम्हे कोई विरोध तो नहीं है ना?
पूनम : सब की मर्ज़ी है तो में कोई विरोध नहीं करूँगी।
फिर इतना कहकर रेखा मेडम अश्विन सर का हाथ पकड़कर कमरे में चलने लगी और पूनम को बोली कि अपना ख्याल रखना और तुम अपने कमरे में चले जाना.. वहां है तुम्हारा कमरा और वो लोग कमरे में चले गये। मेरी बहन और विजय सर बाहर ही थे.. तो विजय सर ने पूनम को बोला कि क्यों चलना है कमरे में या फिर यहीं पर बैठते है? तो पूनम थोड़ी देर बाद बोली कि जैसी आपकी मर्ज़ी.. आप कमरे में जाइए में अभी आती हूँ।
फिर विजय सर कमरे में चले गये और पूनम किचन से पानी की बोतल लेकर अंदर कमरे में गयी। तो मैंने भी अब अपनी खिड़की बदल दी थी और दूसरी खिड़की से अंदर की तरफ देख रहा था। पूनम ने काली कलर की स्कर्ट और काले कलर का टॉप पहना हुआ था.. फिर वो कमरे में अंदर आ गयी। तो विजय सर ने बोला कि पूनम ज़रा दरवाजा बंद कर देना। तो उसने दरवाजा बंद कर दिया और दरवाजे के पास ही खड़ी रह गयी।
विजय : शरमाओ मत आ जाओ पूनम.. में तुम्हे बहुत मज़े दूंगा जो अश्विन नहीं देता होगा।
पूनम : में आपको इतनी अच्छी लगती हूँ क्या? तो यह सुनकर विजय बेड से खड़ा हुआ और पूनम के पास जाकर उसको अपनी बाहों में उठा लिया।
पूनम : छोड़िए ना क्या करते हो? क्या में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.. मुझे नीचे उतारिए ना।
विजय पूनम को बेड के ऊपर उतार देता है और उसके हाथ पकड़ कर चूमता है और बोलता है.. पूनम मेरी रानी आज मुझे करने दो.. दिल खोलकर अपने हुस्न के जलवे दिखा दो मुझे.. तुम खुश तो हो ना मेरे साथ.. तुम्हे कोई समस्या हो तो में चला जाता हूँ।
पूनम : नहीं नहीं मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है जानू और में तो बहुत खुश हूँ कि मुझे आज एक नया आनंद मिलने वाला है।
विजय : वाह मेरी रानी आजा अपने यार की बाहों में आ जा।
फिर यह कहकर विजय सर ने पूनम को अपनी बाहों में भर लिया और उसको चूमने लगे.. पूनम भी विजय सर को सहलाने लगी थी और वो दोनों एक दूसरे को लिप किस करने लगे.. पूनम बोल रही थी कि आअहह विजय क्या चूमते हो तुम.. बहुत मज़ा आ रहा है और चूमो मुझे आआहह मेरे राजा आहह क्या बाहें है तुम्हारी में तो पूरी की पूरी समा गयी इसमे अह्ह्ह। तो विजय बोल रहा था.. पूनम क्या रसीले होंठ है तुम्हारे जी करता है खा जाऊँ इनको.. क्या गुलाबी होंठ है रानी तुम तो सच में सेक्स की टीचर हो.. मुझे बाकी के अंगो का भी तो दर्शन करवाओ ना मेरी जान।
पूनम : थोड़ा सब्र करो मेरे राजा.. सब कुछ दिखा दूँगी यह बदन अब तुम्हारा ही है.. लेकिन पहले यह बताओ तुम्हे रंग कौन सा पसंद है मेरे राजा?
विजय : क्यों रंग का क्या करना है? वैसे मुझे काला कलर पसंद है क्यों?
पूनम : नहीं ऐसे ही अश्विन को लाल पसंद है तो में उसके लिए.. लेकिन तुम्हारी पसंद का इंतजाम हो जाएगा मेरे राजा। अब तुम मुझे चोदो और तुम भी कपड़े चेंज कर लो में अभी आती हूँ।
तो यह कहकर पूनम बाहर चली गयी और बेग लेकर वापस आ गयी और बाथरूम में चली गयी। फिर थोड़ी देर बाद जब वो वापस आई तो पूछो ही मत.. मेरा लंड भी खड़ा हो गया। क्या कयामत लग रही थी? वो खुले बाल, एक छोटी सी पारदर्शी मेक्सी उसके घुटनों के ऊपर तक.. क्या पैर थे उसके? जाँघ भी साफ साफ दिख रही थी.. एकदम चिकनी कसी हुई थी। विजय सिर्फ़ अंडरवियर में था और उसका लंड साफ दिख रहा था।
पूनम बेड के पास खड़ी हो गयी तो विजय ने उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसके होंठ पर अपने होंठ पर रख दिए और चूमने लगा और साथ ही साथ उसने पूनम के बूब्स को भी दबाना शुरू कर दिया था। तो पूनम भी उसके ऊपर अपना बदन रगड़ रही थी और फिर विजय ने पूनम के पैरों के पास जाकर उसको चूमना शुरू कर दिया और मेक्सी को ऊपर उठाता गया। फिर विजय ने अब पूनम की मेक्सी को निकाल दिया.. तो पूनम अब सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी और वो काले कलर की पेंटी क्या सेक्सी लग रही थी।
विजय : पूनम मेरी रानी मेरे लिए तूने अपनी यह ब्रा और पेंटी बदल दी ना? मज़ा आ गया क्या लग रही हो जानेमन?
पूनम : तुम भी तो मुझे अपना दिखाओ ना विजय और फिर यह कहकर पूनम ने विजय की अंडरवियर पर हाथ रख दिया और ऊपर से ही सहलाने लगी और लंड को बाहर निकाल दिया।
विजय : पूनम कैसा है? क्यों अश्विन से बड़ा है या नहीं?
पूनम : हाँ थोड़ा बड़ा होगा.. लेकिन प्यारा भी है और यह कहकर उसने उसे अपने हाथों में भर लिया और सहलाने लगी। तो विजय बोला कि अरे अपने इन गुलाबी होंठो से उसे थोड़ा प्यार तो करो.. यह कहकर उसने अपना लंड पूनम के मुहं के पास रख दिया और उससे कहा कि पूनम लंड चूसो मेरी रानी.. यह लंड आज तुम्हारा ही है।
पूनम : बस आज ही मेरा है दोबारा इसको नहीं दोगे मुझे.. यह कहकर उसने उसे अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।
फिर मेरी बहन एक रांड की तरह बड़े अच्छे से लंड को चूस रही थी और अपने गले तक लंड को भर लेती थी। विजय ने अब पूनम की ब्रा को खोल दिया और उसके बड़े-बड़े बूब्स आज़ाद हो गये.. विजय उसे दबाने लगा और लंड पूनम को चुसवा रहा था और बोल रहा था कि क्या लंड चूसती है तू और ज़ोर से चूस रंडी.. क्यों अब तक कितने लंड चूस चुकी हो पूनम रानी?
पूनम : तुझे उससे क्या है कि कितने लंड चूस चुकी हूँ में? हाँ तुझे बता दूँ कि तेरा लंड चूसकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है राजा।
फिर विजय ने अब पूनम को बेड पर लेटा दिया और उसके एक बूब्स को चाट रहा था और एक को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बोल रहा था कि पूनम आज से तू मेरी रंडी है में जैसे चाहूँ तुझे चोद सकता हूँ और तेरे बूब्स को दबा सकता हूँ समझी मेरी रंडी। तो पूनम बोली कि हाँ रे मेरे भडवे में तेरी रंडी हूँ और ज़ोर से दबा भोसड़ी के। फिर विजय ने पूनम की पेंटी उतार फेंकी और उसकी चूत को देखकर पागल हो गया। क्या चूत है पूनम तेरी? मैंने ऐसी चूत कभी नहीं देखी है एकदम चिकनी है रूई की तरह.. मेरा तो जी करता है खा जाऊँ इसको और उसकी चूत को चाटने लगा।
पूनम : खा जाना तेरी ही है यह चूत मेरे राजा खा जा या फिर फाड़ दे इस चूत को आज और थोड़ी देर तक चूत चूसने के बाद विजय अब खड़ा हो गया और बोला कि मेरी पूनम रानी तैयार हो ना अपनी चूत में मेरा लंड लेने के लिए और लंड का सुपाड़ा पूनम की चूत पर रगड़ने लगा तो पूनम बोली कि मेरे राजा अब डाल दे लंड को मेरी चूत में.. आज इसकी आग बुझा दे। आज एक नया लंड लेने के लिए मेरी चूत बहुत बेकरार हो रही है डाल दे जल्दी मेरे राजा।
यह बात सुनते ही विजय ने एक झटका मारा और आधा लंड पूनम की चूत में डाल दिया और पूनम ने भी नीचे से अपनी गांड को उठाकर लंड का स्वागत किया। फिर एक झटके के साथ पूरा का पूरा लंड पूनम की चूत की गहराईयों में समा गया और विजय उसे चोदने लगा।
पूनम भी बड़ी मस्ती के साथ उसके हर एक धक्को का साथ देती हुई उससे चुदवा रही थी और बोल रही थी आआअहह ऊईईईईई माँ क्या लंड है तुम्हारा? विजय चोदो मुझे और ज़ोर से चोदो ना विजय.. आह्ह्ह्ह्ह्ह् मेरी चूत धन्य हो गयी तुम्हारे लंड से चुदवाकर.. फाड़ दो अपनी पूनम की चूत को विजय आहह मज़ा आ गया। बड़ा मस्त चोदते हो तुम.. सच में मुझे मज़ा आ गया। फिर विजय भी पूनम को ज़ोर ज़ोर से धक्के मारते हुए उसके बूब्स को दबाते हुए बोल रहा था.. हाँ पूनम अब तक तू कहाँ थी मेरी रानी पहले क्यों नहीं चुदवाया तूने मुझसे। में तो कब से तुम्हे चोदना चाहता था.. जब भी में स्कूल में तुम्हारी गांड को मटकता हुआ देखता था तो जी करता था कि अभी तुम्हारी गांड मार दूँ। मेरी जान क्या चूत है तुम्हारी और क्या बूब्स है आज मज़ा ही आ गया रानी तुझे चोदने में और अब तू तैयार हो जा.. में तेरी गांड में भी लंड डालना चाहता हूँ.. मेरा लंड भी तो देखे कि तेरी गांड में कितना दम है।
पूनम : हाँ में गांड भी मरवा लूँगी पहले अच्छे से चोद तो सही और यह गांड भी तुम्हारी है और यह चूत भी तुम्हारी है और हाँ अब तू मुझे जब चाहे चोद सकता है मेरे राजा.. तू जब भी चोदना चाहे में यह चूत लेकर आ जाउंगी तेरा लंड लेने के लिए और चोद ज़ोर से और ज़ोर से चोद मेरे राजा।
विजय ने अब अपना लंड पूनम की चूत में से निकाल लिया और बोला कि चल खड़ी हो जा में तुझे कुतिया की तरह चोदना चाहता हूँ.. तो पूनम भी जल्दी से कुतिया की तरह अपने दोनों पैरों पर खड़ी हो गयी और बोली कि चल आ जा मेरे राजा में तैयार हूँ लंड लेने के लिए। तो विजय ने अपना लंड पूनम की चूत में डाल दिया और उसको पीछे से पकड़कर चोदने लगा और उसके बूब्स भी दबा रहा था और गांड भी सहला रहा था।
पूनम अपनी गांड पीछे धकेलती हुई लंड अपनी चूत में डलवा रही थी और आआऊऊऊईईईई माँ और चोद और ज़ोर ज़ोर से चोद.. अपनी पूनम की चूत फाड़ दे आज मेरे राजा.. मार और ज़ोर से धक्के मार.. तेरा लंड मेरी चूत के अंदर तक ठोकर मार रहा है। विजय अब थक गया था तो उसने पूनम की चूत में से लंड निकाल दिया और बेड पर लेट गया और पूनम को बोला कि आ जा मेरे ऊपर और ऐसे चुदवा अपनी इस रसीली चूत को।
तो पूनम ने अपने दोनों पैर फैलाए और विजय सर का लंड अपने हाथ में लेकर उसको अपनी चूत पर रखकर अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर बैठकर उचकने लगी और विजय नीचे से उसके बूब्स को पकड़कर दबाता हुआ नीचे से लंड को पूनम की चूत में डालने लगा और वो दोनों बड़ी मस्ती से चुदाई का खेल खेल रहे थे।
तभी थोड़ी देर में पूनम की सांसे तेज होने लगी और वो बोल रही थी हाँ और ज़ोर से चोदो विजय और ज़ोर से चोदो में अब झड़ने वाली हूँ.. अहह और ज़ोर से आअहह माँ में गईईईईईइ में झड़ गई विजय.. फिर पूनम की चूत ने अपना पानी छोड़ दिया.. लेकिन विजय अब भी धक्के लगाता जा रहा था और थोड़ी देर में विजय भी तेज़ी से चोदने लगा और बोल रहा था कि पूनम मेरी रानी कहाँ लेगी मेरा पानी.. बोल ना जल्दी मेरी रंडी.. कहाँ लेगी बोल।
पूनम : मेरी चूत में ही निकाल दो.. में पहली चुदाई में पानी चूत में ही लेती हूँ.. भर दो मेरी चूत को अपने पानी से और थोड़ी ही देर में विजय के लंड से वीर्य का फव्वारा निकला और पूनम की चूत में भर गया और दोनों एक दूसरे के ऊपर थोड़ी देर पड़े रहे। तभी थोड़ी देर बाद पूनम उठी और बाथरूम में चली गयी और वापस नंगी ही बाहर चली आई। फिर विजय ने अपनी बाहें फैलाई और वो उसके पास में लेट गयी और दोनों एक दूसरे को किस करने लगे।
तभी विजय बोला कि पूनम मेरी रानी अगली बार चुदवाओगी ना मुझसे? पूनम बोली कि हाँ ज़रूर चुदवाऊँगी तुझसे मेरे राजा.. तू तो बहुत अच्छा चोदता है। जब भी तेरा लंड मेरी चूत को बुलाएगा तो मेरी चूत पानी छोड़ते हुई आ जायेगी तेरे लंड से चुदवाने के लिये और हाँ अगली बार में तुम्हारा पानी अपने मुहं में लूँगी.. समझे मेरे गांडू राजा।
फिर थोड़ी देर के बाद वो दोनों हॉल में वापस आए। पूनम मेक्सी में और विजय सर सिर्फ़ अंडरवियर में और वहां पर पहले से ही अश्विन सर और रेखा मेडम बैठे थे.. वो दोनों भी यानी अश्विन सर अंडरवियर में और रेखा मेडम सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में थी।
फिर पूनम को बाहर निकलते देख अश्विन सर ने उसे एक स्माईल दी और इशारा किया उनके पास आने का तो पूनम उनके पास चली गयी। पूनम थोड़ा शरमा रही थी और उनसे नज़रे नहीं मिला रही थी तो अश्विन सर ने पूनम का हाथ पड़ाकर उसे अपनी गोद में बैठा लिया और एक किस देकर पूछा कि पूनम मज़ा नहीं आया क्या? तेरी चूत ठंडी हो गयी ना.. बोल ना कैसा था विजय का लंड?
पूनम : हाँ मेरे राजा मुझे तो विजय सर के लंड से चुदवाने में मज़ा आया.. लेकिन क्या तुझे रेखा मेडम की चूत में लंड डालकर एक नयी चूत चोदने में मज़ा आया कि नहीं?
अश्विन : हाँ.. रेखा तो बहुत चुदक्कड़ है साली.. पूरी की पूरी रंडी की तरह टाँगे उठा उठाकर चुदवाती है।
विजय : अरे यारो मुझे तो पूनम की चूत चोदने में बहुत ही मज़ा आया.. क्या चुदवाती है रंडी? क्या बूब्स है रे साली के?
रेखा मेडम : मुझे भी अश्विन के नये लंड में बहुत मज़ा आया।
दोस्तों इस तरह उन सभी की बातें चलती रही और वो थोड़ी देर बाद एक दूसरे को सहलाने लगे। करीब एक घंटे के बाद वो सभी अपने अपने कपड़े पहनने लगे और में भी मौका देखकर वहां से निकल गया.. लेकिन उसके बाद मेरी बहन ने उनसे चुदाई का सिलसिला जारी रखा और वो चुदवाती रही।
कामवाली को उसका पति बन कर चोदा
मेरे डैड का ट्रान्सफर एक छोटे से प्लेस से इन्दोर हुआ. हमारा घर सिटी से बहुत दूर था. तो वहां पर कोई काम वाली आने को तैयार नहीं थी. मेरे माँ ने हमारी पुरानी काम वाली को इन्दोर साथ में ले आई. उसका नाम पलक था. वो थोड़ी सांवली थी. वो दिखने में अच्छी थी और उसकी हाइट मेरे जैसी ही थी ५.५ फिट. उसके बूब्स बहुत बड़े थे. अब मैं अपनी कहानी पर आता हु. ट्रान्सफर आर्डर मिलते ही, हम सब निकल पड़े इंदौर के लिए. तब हमारे पास एक डीसी मॉडिफाइड इन्नोवा थी. जिसको बेक सीटबी बिलकुल पीछे थी और एक केबिन जैसे था. डेड ड्राइव कर रहे थे और माँ उनके बगल में बैठी हुई थी. पीछे एक सीट पर मैं था और दूसरी पर हमारी कामवाली बैठी थी. मुझे कार में सोने की आदत है, सो मैं सो गया और मेरी नीद खुली, तो २ घंटे बीत चुके थे और मेरा हेड कामवाली की जांघो पर था.
मेरी आँख खुलते ही, मेरी नज़र उसके बूब्स पर पड़ी, जोकि मेरे सिर के ठीक ऊपर थे. कुछ टाइम तक तो मैं उन तरबूजो को देखता रहा और फिर उसने मुझे देखते हुए पकड़ लिया. मुझे मुझसे हँसते हुए पूछने लगी, कि क्या देख रहे हो? मैं डर गया और बोला – कि मेरी नीद बस अभी – अभी खुली है. उसने कहा – झूठ मत बोलो. पिछले ५ मिनट से देख रही हु आपको. मेरे कहाँ देख रहे हो और बोली – आप चिंता मत करो. जो देखना होगा, सब दिखा दूंगी आपको. अब तो साथ में ही रहना है कुछ सालो के लिए. तो मेरे में हिम्मत आ गयी और मैंने कहा – दिखाओ अभी. उसने बोला – अभी नहीं. अभी आपके माँ डैड है.. आगे ही बैठे है. आवाज़ सुन लेंगे. मैंने बोला – नहीं आवाज़ जायगी. केबिन साउंड प्रूफ है और फिर मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा.
करीब ५ मिनट दबाने के बाद, मैंने उसे अपनी गोदी में बैठाया और उसको फ्रेंच किस करना लगा और फिर बाकी का रास्ता ऐसे ही फ्रेंच किस करके और उसके बूब्स के साथ खेलते – खेलते बीत गया. फिर हम इंदौर पहुच गये. रात काफी हो चुकी थी. इसलिए हमने वहां पहुच कर रेडीसन होटल में २ रूम बुक करवा लिए. फेस्टिवल का टाइम था, तो हमे सिंपल रूम नहीं मिल पाए. हमने सिर्फ हनीमून स्वीट ही मिल पाए. एक में माँ और डेड और दुसरे में मैं और हमारी कामवाली पहुच गये. हम सबसे पहले फ्रेश हुए और फिर माँ ने खाना आर्डर कर दिया था, तो खाना अपनेआप रूम में आ गया था. हमने खाना खाना शुर किया और फिर मैंने पलक की तरफ देखा और उसकी और लपका. मैंने उसका सूट उसके बूब्स के ऊपर से फाड़ दिया और उसके बूब्स पर आइसक्रीम लगा दी. फिर मैं उसके बूब्स को किसी कुत्ते की तरह चाटने लगा. वो कुछ समझ ही नहीं पायी और कुछ टाइम बाद, वो गरम हो गयी और फिर मैंने उसके और अपने कपड़े उतार दिए.
हम ओरल सेक्स करने लगे. तभी मैंने उसको गोदी में उठाया और बाथरूम में ले गया और बाथटब में पानी भर कर उसको लिटा दिया. फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी चूत को चाटने लगा. करीब १५ मिनट के बाद, उसकी चूत गीली हो गयी और मेरा लंड भी तैयार था. मैंने अपने लंड को उसकी चूत में जोर से घुसा दिया और पहले शॉट में हम दोनों चिल्ला पड़े. पर मैं रुका नहीं.. शॉट्स और शॉट्स मारता रहा. कुछ टाइम बाद, हम दोनों को मज़ा आने लगा. वो अहहाह अहहाह अहहाह ओओओओं की आवाज़े निकाल रही थी. वो बोल रही थी चोद मुझे… और जोर से चोद… फाड़ दे आज मेरी फुद्दी. मेरा जोश बढ़ रहा था और मैं जोर के धक्के लगा रहा था.
करीब ३० मिनट बाद, हम दोनों ने अपना – अपना पानी छोड़ दिया. मैंने उसके अन्दर ही छोड़ दिया अपना पानी. वो डर गयी और बोली – गलत कर दिया तुमने. फिर मैंने उसे समझाया, कि सुबह होते ही, मैं तुम्हे आईपिल खरीद कर दे दूंगा. उस से तुम प्रेग्नेंट नहीं होगी. फिर मैंने उसको अपनी गोदी में उठाया और बेड पर लेटा दिया और अपने आपको उसके ऊपर सुला दिया. सुबह उठते ही, मैं मेडिकल शॉप पर गया और पिल्स खरीद कर उसके लिए ले आया. मैंने पिल्स बल्क में ले ली.. फ्यूचर के लिए.
फिर दुसरे दिन, हमने अपने घर में शिफ्ट हो गए थे. सिर्फ २ बीएचके का घर था. कामवाली होने के कारण, पलक को अलग रूम नहीं दिया. इसलिए उसको मेरे रूम में जमीन पर नीचे सोना पड़ रहा था. मेरा रूम माँ डैड के रूम के बिलकुल बराबर में था. तो मैं ज्यादा कुछ नहीं कर सकता था. लेकिन मैं रोजाना उसके दूध से दूध जरुर पीता था और वो मुझे शांत करने के लिए मेरा लंड चूसती थी. कभी – कभी मैं उसकी चूत भी चाट लिया करता था. एक दिन मेरे माँ डैड को एक शादी में जाना था आउट ऑफ़ स्टेशन. मेरे स्कूल की वजह से मैं और पलक घर पर ही रुक गये.
हम दोनों बहुत खुश थे. उसी रात को माँ डेड की फ्लाइट थी और वो दोनों निकल गये. मैं भी बहुत थक गया था और इसलिए मैंने पलक से कहा, कि जब मैं स्कूल से आऊंगा, तब तू नहा कर साड़ी पहन कर रखना. अभी १ मंथ, जब तक माँ डेड नहीं आते है, तब तक तू मेरी बीवी बन कर रहेगी. मैं उसके बूब्स को खोल कर उसके बूब्स के ऊपर सिर रख कर सो गया. दुसरे दिन उठ कर स्कूल गया और फिर लौट कर जब घर आया और मैंने डोर बेल बजायी, तो उसने गेट खोला.
वो मेरे सामने साड़ी में खड़ी थी और ऐसा लग रहा था, कि जैसे कि वो शादी के बाद पहला दिन हो. मैं जैसे ही घर में घुसा. मैंने गेट को लॉक कर दिया और सारी विंडो भी बंद कर दी. मैंने कोई भी ऐसी जगह नहीं छोड़ी, जहाँ से हमे कोई देख सके. जब सब बंद करके मैं वापस आया, तो वो डिनर टेबल पर बैठी हुई थी.. तो मैं उसके पास गया और उसके बगल वाली चेयर पर बैठ गया. फिर मैंने उसको अपने पास वाली चेयर पर खीच लिया और उसको किस करने लगा. हम दोनों अपनी किस में खो गये. मैंने धीमे – धीमे उसकी साड़ी को खोलना चालू किया. वो भी मेरे कपड़े उतार रही थी. देखते ही देखते हम दोनों नंगे हो गये और फिर मैं उसके बूब्स को चूसने लगा.
करीब १५ मिनट चूसने के बाद वो गरम हो गयी और मेरे कहने पर मेरे लंड अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी. करीब २० मिनट चूसने के बाद, मैं डिस्चार्ज हो गया और उसके मुह में झड़ गया. वो बहुत ही दिलेर थी और उस दिन बहुत कामुक भी. उसने मेरा पूरा पानी पी लिया और फिर मेरे लंड को अपने होठो में दबा लिया और उसको चूस – चूस कर पूरा का पूरा साफ़ कर दिया. फिर मैंने अपना मुह उसकी चूत पर लगा दिया और चाटने लगा. उसने मेरे लंड को दबाना शुरू कर दिया. वो चिल्ला रही थी और अपनी टाँगे इधर – उधर फेंक रही थी और उसके कामुक आहे मेरा जोश और भी बड़ा रही थी. मेरा डिक फिर से जोर मारने लगा था और अपनी पूरी ताकत में आने को बहुत बेताब था. और १० मिनट बाद, मैं फिर से रेडी था.
फिर मैंने उसे उठाया और कुर्सी पर बैठा दिया. और उसे चुमते हुए, अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. मैं जोर – जोर से शॉट मारने लगा. कुछ टाइम के बाद, मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. उसका बैलेंस बिगड़ गया और वो कुर्सी से गिर पड़ी. मैं फिर भी चालू रहा.. वो मस्ती में मचल रही थी और अहहाह अहहाह अहहः फक मी… फक मी हार्डर… उहओहोहो… एस चोदो मुझे… और जोर से… फाड़ डालो…. एस एस एस अहहः अहहाह अहहः आहाहाह ऊहोहोहोह होहोहोहो मर गयी… और जोर से… अहः अहः जोर से चोदो… फाड़ डालो.
उसके मुह से कामुक आहे निकल रही थी और वो कामुक आहे पुरे कमरे में गूंज रही थी. कुछ टाइम चोदने के बाद, मैं डिस्चार्ज होने वाला था, तो मैंने पूछा कि अन्दर ही निकाल दू? तो वो बोली – मैं भी होने वाली हु. दोनों एक साथ ही अन्दर होएंगे. और हम दोनों ही जोर से अहहाह अहहाह अहहः अहहहः चिल्लाने लगे. फिर हम दोनों एक साथ ही डिस्चार्ज हो गए. फिर हम दोनों उठे और बगल के सोफे पर बैठ गये और उसकी साड़ी में हम दोनों एकसाथ लिपट कर लेट गये. हमारी नीद ८ बजे खुली और फिर मैं उसे एक डेट पर ले गया और हमने पुरे मंथ खूब मस्ती करी और एक दुसरे को खूब चोदा.
तो दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. अपना फीडबैक जरुर देना.. अब मैं ग्वालियर में अकेला रहता हु और सेक्स के हर मौके के इंतज़ार और तलाश में रहता हु. अगर कोई भी सेक्सी भाभी, आंटी और लड़की को मेरे मस्त लंड की दरकार को अपनी चूत की प्यास को शांत करने के लिए, तो मुझे यहीं पर कमेंट जरुर करके बताये. मुझे आप सबका इंतज़ार रहेगा..
बुआ के नंगे जिस्म की मसाज
हेलो दोस्तों, मैं आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ.. दोस्तों यह कहानी है मेरी बुआ और मेरी.. इससे पहले मैं अपने बारे में बता दूँ कि मेरा नाम विक्की है और मेरी उम्र 26 साल हाईट 5.8 इंच और मेरा वजन 64 किलो है. मैं पुणे महाराष्ट्र में रहता हूँ और यहाँ की एक बहुत बड़ी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और मुझे हमेशा से ही बड़ी उम्र की औरतों में ज्यादा रूचि है.. जितनी बड़ी औरत उतना ही ज़्यादा मज़ा. यह कहानी मेरी और मेरी बुआ के साथ सेक्स की है. मेरी बुआ संध्या और मेरी बचपन से ही बहुत जमती है और उनकी शादी से पहले में पैदा हुआ था. अभी उनकी उम्र लगभग 42 साल होगी.. लेकिन वो अपनी शादी से इतनी कुछ खुश नहीं दिखती और उनका फिगर भी ठीक ठाक है.. उनके दो बच्चे है एक लड़का और एक लड़की.
वो मेरे घर पर साल में दो बार आती है.. गर्मी की छुट्टियों में और दीवाली की छुट्टियों में. मैं बचपन से ही सब बच्चों में उनके सबसे करीब रहा हूँ. यह कहानी आखरी गर्मियों की छुट्टियों की है बुआ घर पर आई थी कुछ 20-25 दिन हो गये थे. अंकल बुआ के पति उन सबको ले जाने के लिए वो छुट्टियों के आख़िर में आते है और अब बुआ की छुट्टियों का एक महीना बाकी था. मैं पुणे में नौकरी करता हूँ तो महीने में एक बार घर जाता हूँ. इस बार बुआ आई है यह सोचकर मैं 15 दिन की छुट्टी लेकर आया था.
फिर मैं घर में सभी लोगों से मिला बुआ के बच्चो से बातचीत की.. हम सब लोग हमारे घर के हॉल में सोते है मैं बुआ उनके दो बच्चे मेरा भाई और मैं. मेरा और मेरे भाई का एक ही बेडरूम है.. लेकिन फिर भी हम लोग एक साथ मिलकर सोते है. तो जब मैं गया तो उसके दूसरे दिन बुआ ने कहा कि ज़रा मेरे पैर दबा दो बहुत दर्द कर रहे है तो मैंने नॉर्मली उनके पैर दबाने शुरू किए. वो घर में गाऊन पहनती है तो मैंने गाऊन के थोड़ा अंदर हाथ डालकर पैर दबाने शुरू किए.
उनके पैर बड़े सेक्सी है और मुझे उनके गोरे, मुलायम, नाज़ुक पैर दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था तो मैंने घुटनो तक गाऊन को ऊपर किया और थोड़ा थोड़ा उनकी जाँघो को भी छुआ मैं सच में पागल हो रहा था और मेरा लंड उनके पैरों को हाथ लगाकर पूरा तन गया था. उनके भी दोनों पैरों के बीच का हिस्सा हल्की हल्की गर्मी महसूस कर रहा था और वो अपनी दोनों आखें बंद करके मेरी मसाज का मज़ा ले रही थी. तो उन्होंने कहा कि अब बस कर और सो जाओ. फिर मैं लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा.. लेकिन अब मुझे कहाँ नींद आने वाली थी और मुझे उनके गोरे गोर पैर और भरी हुई जांघे आखों के सामने दिखाई दे रही थी.. वैसे मैं अपनी बुआ से बहुत खुलकर बात करता हूँ और उन्हे पता है कि मेरे लेपटॉप और मोबाईल में पॉर्न वीडियो रहते है और मैं हर कभी देर रात तक सेक्स चेट करता हूँ और वो बहुत बार मुझे चिढ़ाती भी थी कि मैं पॉर्न साईड देखता हूँ.
फिर अगले दिन सुबह हम लोग कुछ बातें कर रहे थे तो बुआ ने मेरे पैरों की उंगलियों पर अपनी उंगलियों से सहलाना शुरू किया मैं फिर से गरम होने लगा.. लेकिन उनके चहरे पर कुछ खास नहीं था और फिर दिन बीत गया रात में बच्चो ने ऊपर बेडरूम में सोने का प्लान बनाया..
मेरे भाई का और एक मेरा ऊपर दो बेडरूम है. भाई के बेडरूम में टीवी है और मेरे बेडरूम में टीवी नहीं है. तो बच्चे फिल्म बहुत देखते थे तो बुआ बोली कि बुआ के दो बच्चे और मेरा भाई टीवी वाले रूम में सो जाए और मैं, बुआ मेरे रूम में सो जाएगें. तो मैं और संध्या बुआ मेरे रूम में चले गये और उन्होंने बेड पर लेटे लेटे कहा कि कल की तरह पैर दबा दे ना.. बहुत आराम मिला कल और थोड़ी सी कमर भी दबा देना और यह कहकर उन्होंने ही अपना गाऊन घुटनों से ऊपर कर लिया और अब हम दोनों ही रूम में थे. मैं तो सिर्फ़ शर्ट में सोता हूँ और ऊपर कुछ नहीं पहनता.. तो मैंने अपनी शर्ट निकाली.
वैसे तो मेरा शरीर ठीक ठाक है क्योंकि मैं रोज़ घर पर ही कसरत करता हूँ जिम नहीं जाता. तो वो मेरी छाती को हाथ लगाकर बोली कि कितने सारे बाल है तेरी छाती पर और उसमे उंगलियां घुमाने लगी और बोली कि आजकल बॉडी बनाकर कोई नयी आंटी के चक्कर में रहेगा.. तू बड़ा हरामी है.
फिर मैंने बोला कि बुआ ऐसी कुछ भी बात नहीं है और मैं एक छोटी सी शर्ट पहनकर उनके पैरों के पास बैठ गया और अपने दोनों हाथों से उनके पैर सहला रहा था और दबा रहा था और मैं आज थोड़ा हाथ ऊपर तक ले गया.. लेकिन वो कुछ भी नहीं बोली और कोई भी विरोध नहीं किया.. उनकी जांघे बहुत गरम थी और मुझे दोनों जाँघो के बीच में बहुत गरमी महसूस हो रही थी और इस कारण से मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.. वो सिर्फ़ थोड़ा ज़ोर से दबाने को कह रही थी और मैं उनके मुलायम पैरों का मज़ा लिए जा रहा था. फिर उन्होंने कहा कि अभी थोड़ी कमर और पीठ दबा दे और पलट कर लेट गयी. तो मैं गाऊन को थोड़ा ऊपर करके कमर के ऊपर से दबाने लगा और पीठ भी और फिर कमर दबाते वक़्त उनकी गांड को दो बार दबाया.. मेरा खड़ा हुआ लंड उन्हें महसूस हुआ और उन्होंने मुड़कर देखा.. लेकिन कुछ नहीं बोली और फिर कुछ देर बाद बोली कि बस करो.. चलो अब हम सो जाते है तो हम लाईट बंद करके सो गये.
फिर रात को जब मैं जगा तो मैंने देखा कि बुआ का गाऊन कमर तक ऊपर आ गया था और उनका एक पैर मेरे पैर के ऊपर आ गया था और उनकी मोटी नंगी जाँघ मेरे पैर के ऊपर.. वाह मैं बता ही नहीं सकता. फिर मैंने धीरे से उनकी जाँघ से अपना हाथ छुआ और वैसे ही सो गया. फिर अगले दिन दोपहर में मेरे भाई के पैर में मोच आ गई और मैं उसकी मसाज कर रहा था और तभी मेरी माँ कहती है कि मैं बहुत अच्छा मसाज करता हूँ पापा और मेरा भाई मुझसे अक्सर नहाने से पहले बॉडी मसाज करवा लेते है और कभी कभी माँ भी उनके पैरों की मसाज करवा लेती है. तो मुझे अपने भाई का मसाज करते देख माँ बुआ से बोली कि आप इससे एक बार अपने पैरों के मसाज करवा लो.. इसका हाथ बहुत अच्छा है शायद दर्द कम हो जाए. तो बुआ बोली कि ठीक है फिर वो दिन भी चला गया और मैं उस रात को खाना खाकर ऊपर अपने रूम में बेड पर उल्टा लेटकर लेपटॉप पर पॉर्न फिल्म देख रहा था तो मेरा लंड खड़ा हो गया और तभी अचानक से बुआ मेरे रूम के अंदर आ गई.. उन्होंने सफेद फूलों की डिज़ाइन वाला गाऊन पहना था और मैंने उनको आता देख लेपटॉप सिर्फ़ बंद किया और मैं वैसे ही रह गया. तब वो हंसते हुए बोली कि तू नहीं सुधरेगा.. अब तो बस कर.. 26 साल का हो गया है कब तक देखेगा यह पॉर्न वीडियो? फिर मैंने शरमाते हुए उनके सामने लेपटॉप खोला और पूरी तरह से बंद करने लगा तो उन्होंने कहा कि रहने दो बंद मत करो.. लेकिन मैं कुछ समझा नहीं.
मैं पहले ही बहुत बुरा महसूस कर रहा था और वो वीडियो बंद करके फोल्डर वैसा ही रखा.. बुआ नॉर्मल होने लगी और बातें करने लगी. तभी उन्होंने कहा कि आज तू दर्द कम होने के तेल से मेरे पैरों को मसाज कर दे.. तेरी माँ ने बोला है कि तेरे हाथ में जादू है. फिर मैंने नीचे जाकर वो दर्द के तेल की बोतल ले आया और तब तक बुआ बेड पर उल्टी लेटकर मेरे लेपटॉप में कुछ कर रही थी और जब मैं आया तो मैंने उनसे कहा कि चलो बुआ आज आपके पैर का दर्द पूरा गायब कर देता हूँ.. वो मुझे देखकर हंसी उन्होंने आज अपना गाऊन घुटनो से बहुत ऊपर उठा लिया था ताकि गाऊन को तेल ना लग जाए और वो अभी तक उल्टी लेटी हुई थी.. मैंने हाथ में थोड़ा सा तेल लेकर उनके पैरों पर लगाना शुरू किया और फिर धीरे धीरे तेल अपना असर करने लगा था.
वो कहने लगी कि बाप रे क्या इतना सारे सेक्सी विडियो भर रखे है ज़रा देखूं तो मैंने आज तक बहुत कम देखा है और उन्होंने एक वीडियो शुरू किया और मैं गर्दन नीचे करके उन्हे तेल लगा रहा था और उस वीडियो में एक लड़का एक आंटी को गरम कर रहा था और बुआ भी धीरे धीरे गरम हो रही थी और वीडियो पूरे मज़े से देख रही थी.
फिर बुआ बोली कि रुक जा.. पुरानी बेडशीट डाल देते है जिससे बेड पर तेल के दाग ना लग जाए यह वीडियो रोक दे.. मैं बेडशीट निकालती हूँ और वो उठी तो सबसे पहले उन्होंने अपनी चूत पे हाथ रखा और वॉशरूम में चली गयी और बाहर आकर उन्होंने अलमारी से एक बेडशीट निकाली और बेड पर डाली और इस बार गाऊन थोड़ा ज़्यादा उठाकर उल्टी लेट गयी. उस वीडियो में अब तक रोमांस ही चल रहा था किस्सिंग और फुल मस्ती.. लेकिन वो बहुत गौर से देख रही थी. एक बार बीच में उन्होंने गरम होकर खुद का बूब्स सहलाया.. फिर से ठीक होकर देख रही थी और मैं महसूस कर रहा था कि वो गरम हो रही है.
फिर मैंने अपने हाथों से थोड़ा घुमाकर मसाज पैरों को शुरू कर दिया.. जाँघो के बीच से लेकर नीचे तक सीधी मसाज कर रहा था.. उनकी मोटी जाँघो से मैं भी गरम हो रहा था और बुआ फिल्म देखकर.. उधर वीडियो में वो लड़का आंटी की चूत बड़े मस्त होकर चाट रहा था बुआ ने बड़ी कामुक नज़रों से मेरी तरफ देखा.. लेकिन मैं मन लगाकर मसाज कर रहा था और अब बुआ की आवाज़ चेंज हो गयी थी और उस वीडियो में आंटी जब लड़के का लंड चूस रही थी तब बुआ ने धीरे से अपना एक हाथ पेट के नीचे से चूत के पास ले गयी और मुझसे बोली कि बहुत मस्त चलता है रे तेरा हाथ.. थोड़ा और ज़ोर लगा ना और थोड़ा ऊपर से कर ना.
फिर मैं आधी नंगी जाँघो को मसाज कर रहा था और अब मैंने और थोड़ा ऊपर हाथ लगाया तो उनकी सफेद पेंटी दिखने लगी और मैं भी कामुक होने लगा. फिर बुआ ने भरी हुई आवाज़ में कहा कि बेटा और थोड़ा ऊपर आ जा जाँघो के बीच से कर ना. तो मैंने उनका गाऊन गांड के ऊपर तक सरका दिया और उनकी नंगी मोटी सेक्सी जांघे रगड़ने लगा तो वो अभी मुहं से हल्की हल्की सिसकियां ले रही थी और फिर मैंने उनसे बिना पूछे उनकी चिकनी गांड पर हाथ रगड़ना शुरू कर दिया और उधर वीडियो में वो लड़का उस मस्त आंटी को अलग अलग पोज़ में चोद रहा था.. उस वीडियो वाली आंटी के साथ बुआ भी सिसक रही थी.
फिर गांड और जांघे मसलते हुए बुआ की पेंटी बीच में आ रही थी और अचानक मेरा हाथ उनकी चूत को 4-5 बार पीछे से छू गया और वो पैर फैलाकर सोई थी. तभी उन्होंने पूछा कि बेटा क्या कुछ दिक्कत हो रही है? तो मैंने एकदम धीरे आवाज़ में कहा कि जी हाँ आपकी पेंटी थोड़ा बीच में आ रही है. वो बहुत गरम हो गयी थी और कुछ नहीं बोली.. फिर मैंने उन्हे सीधा सोने को कहा और वो छाती पर लॅपटॉप लेकर सर के नीचे दो तकिये लगाकर लेट गयी. मैंने उनका एक पैर गोद में लिया और मसाज करने लगा.. बुआ का बदन भट्टी की तरह तप रहा था और उन्होंने मेरे सामने ही चूत को पेंटी के ऊपर से एक दो बार रगड़ा.. कभी सिसकियां लेती तो कभी धीरे से बूब्स सहलाती, कभी चूत रगड़ती और वो वीडियो देखकर पागल हो रही थी.
फिर उन्होंने कहा कि बेटा मसाज थोड़ा ऊपर करना.. तो मैंने उनका गाऊन पेट तक ऊपर उठा दिया था और उनकी नंगी जांघे देखकर मेरा लंड मेरे कपड़े फाड़े जा रहा था. फिर उन्होंने अपना हाथ मेरे हाथ के ऊपर रखा और कहा कि अरे बाबा ऊपर मतलब इसके बीच में कर. तो मैंने हाथ को चूत और जाँघ के बीच में रखकर हल्का सा दबाया.. मैं पूरा गरम हो गया था और वो भी.. अब मैं जब जाँघ और चूत के बीच रगड़ रहा था. तभी उन्होंने लेपटॉप बंद करके साईड में रखा और आंखे बंद करके सिसकियां ले रही थी. फिर मैंने डरकर एक उंगली पेंटी के अंदर डाली.. बुआ के मुहं से अहह निकली और अपनी मदहोश आँखों से मुझे देखकर मुस्कुराते हुए बोली कि पूरी गीली हो गयी है ना.. निकाल दे.
फिर क्या था मैंने उनके पेट पर झुककर किस किया वो मेरे बालों में हाथ डालकर सहलाने लगी और मैंने पेंटी के ऊपर से किस करते करते पेंटी को निकाल दिया और चूत पर होंठ रखकर बुआ की चूत चाटने लगा.. वो पागल हुए जा रही थी और बोल रही थी जिंदगी मैं पहली बार इतना गरम हुई हूँ और पहली बार कोई मेरी चूत चाट रहा है बेटा बहुत चूसना आहह उउउइ गुदग़ुगी होती है अहह थोड़ा धीरे कर ना.
फिर यह कहकर वो गांड उठा उठाकर चूत मेरे मुहं पर रगड़ रही थी और मस्त होकर आवाज़े निकाल रही थी. हाए मार डालेगा क्या मुझे अहह कितना तंग करता है तू आअहह. फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स रखा और कहा कि थोड़ा इनके साथ भी खेल ले और उन्होंने मेरी मदद की उनका गाऊन और ब्रा निकालने में.. तो मैंने भी अपनी पेंट को उतार दिया. तो बुआ ने मुझे थोड़ा और पास बुलाकर मेरे लंड को मुट्ठी में पकड़ा और एक दो बार हिलाया और मेरी आखों में देखकर बोली कि राजा आज पूरी रात मुझे सोने मत देना.
हम दोनों पूरे नंगे थे और उनके दोनों बच्चे भाई के रूम में सो गए थे.. माँ, पापा उनके बेडरूम में थे तो पूरी रात भर हमे किसी के परेशान करने चान्स नहीं था. फिर मैंने बुआ को अपने नज़दीक खींच लिया और उनको बाहों में भर लिया.. दोनों के नंगे बदन की गर्मी एक दूसरे को महसूस हो रही थी.. बुआ की चमड़ी एकदम गोरी और मुलायम थी और फिर मैंने उनके होंठ पर अपने होंठ रखकर चूसना शुरू किया.. वाह उनके मुलायम होंठ और मेरे हाथ उनकी पीठ पर और गांड पर घूम रहे थे और मैं उनके बूब्स दबा रहा था.
फिर बुआ भी एकदम से पूरी गर्म हो गयी थी और मेरा लंड हाथ में पकड़कर सहला रही थी. फिर मैं उनकी गर्दन को किस करते हुए बूब्स तक पहुंचा.. उनके सीधे बूब्स के निप्पल पर अपनी जीभ रख दी और चाटने लगा.. बुआ सिसकियां लेने लगी उह्ह्ह आअहह. तो मैंने उसी निप्पल को हाथ में पकड़कर मसल दिया.. तो बुआ कहने लगी कि आआहह थोड़ा धीरे कर राजा दर्द होता है फिर दूसरे बूब्स को थोड़ा मसला और निप्पल को दांत में पकड़कर खींचा.. वो कहने लगी कि आअहह मस्त मज़ा आ रहा था और मैं दोनों बूब्स के बीच मैं अपनी जीभ घुमा रहा था तो बुआ पागल हो गयी और मेरा सर बूब्स पर दबाने लगी अह्ह्ह मेरे राजा कितना मस्त हॉट है रे तू.. चूस और चूस इन बूब्स को आअहह मज़ा आ रहा है.. खा जा इनको.. दूध निकाल दे इनका.. ज़ोर से दबा आहह जानू.
फिर मैंने उनके पेट पर किस करना शुरू किया और थोड़ा नीचे झुककर चूत पर एक किस किया और गांड के छेद को किस करने लगा. तो उन्होंने मना किया और फिर भी गांड के एक दो किस करने के बाद उन्होंने मेरा लंड हाथ में लेकर मुझे उनके दोनों पैरों के बीच में बैठने को कहा और मेरा लंड लेकर अपनी चूत के मुहं पर रगड़ने लगी और अपनी दोनों आखें बंद करके मज़े लेने लगी.
तो मैंने उनका हाथ हटाया और लंड को चूत के ऊपर सेट किया और लंड एक झटके में चूत के अंदर डाला और मेरा लंड लगभग 6 इंच का है और ठीक ठाक साईज़ का मोटा है. फिर बुआ मस्त हुई और मैं धीरे धीरे धक्के देकर उन्हे चोद रहा था और अब बुआ भी मस्ती में आ गई थी. फिर मैं कभी नीचे झुककर उन्हे क़िस करता तो कभी उनके बूब्स मसल देता, तो कभी उनकी गांड दबा देता और फिर थोड़ी देर रुककर फिर से शुरू हो जाता. आहह मुझे बहुत मजा आ रहा था.
बुआ कहने लगी कि आहह राजा कितना मज़ा आ रहा है रे उउह्ह्ह आहह और थोड़ा तेज कर ना आहह मसल दे यह बूब्स.. साले मिटा दे मेरी चूत की खुजली आहह और ज़ोर से चोद ना राजा आहह सस्स्सस्स थोड़ा और ज़ोर से कर.. मैं झड़ने वाली हूँ में आह्ह्ह गई राजा आहह.
फिर मैं उन्हे चोदने लगा. फिर मेरा भी वीर्य निकलने वाला था और चूत पूरी गीली थी आहह ऊफफफ्फ़ और मैं उनको और तेज तेज चोदते चोदते ही उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया और उन्हे कसकर पकड़ लिया. फिर दो मिनट हम वैसे ही पड़े रहे और एक लंबा लिप किस किया और दोनों साथ में बाथरूम में गये. बुआ ने मुझसे चूत साफ करवाई और मेरा लंड उन्होंने चाटकर साफ किया.
फिर लंड और चूत धोकर हम बेड पर आए और एक दूसरे की बाहों में नंगे सो गये. उस रात हमने दो बार और सेक्स किया और सुबह 5 बजे सोए. दोस्तों इस तरह मैंने मेरी बुआ की चूत की आग और उनके जिस्म को ठंडा किया.. लेकिन हमारी चुदाई यहीं पर ही खत्म नहीं हुई. अब मुझे और बुआ को चुदाई का बहाना चाहिए था. उनको मेरा लंड चाहिए और मुझे उनकी चूत ..
भाभी की गांड की जबरदस्त चुदाई
हेलो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और मैं सेक्स कहानी का बड़ा ही जबरदस्त फैन हु. मैं अपनी भाभी को बहुत जबरदस्त तरीके से चोदा करता हु. पहले मैं अपनी भाभी के बारे में बता दू. वो ३२ साल की है और उनकी फिगर बहुत कमाल की है. वो बहुत ही गोरी चिट्टी है. अब मैं सीधे अपनी स्टोरी पर आता हु. ये अभी पिछले महीने की बात है. मेरे रिश्ते की बात चल रही थी, जो कि मेरी भाभी के कानो तक पता नहीं कैसे चली गयी. उसका मुझे फ़ोन आया, कि तुम कहाँ पर हो? मैंने कहा – शॉप पर हु. तो उसने कहा – जरा घर पर आओ. मैंने कहा – क्या हुआ? तो वो कहने लगी, तुम जल्दी आओ.. कुछ काम है. मैंने पूछा – भाई कहाँ है? तो वो कहने लगी, कि वो अभी सो रहे है. आज कल वो नाईट ड्यूटी पर है. मैंने कहा – ठीक है. फिर उन्हें ८:३० बजे को आने को कहा. उनका फिर से फ़ोन आ गया, कि कहाँ हो? मैंने कहा – मैं शॉप बंद कर रहा हु.
उन्होंने कहा – जल्दी आओ. तुम्हारे भाई चले गए है. मैंने जल्दी से शॉप बंद की और भाई के घर की तरफ चल दिया. मैं खुश था, कि आज भाभी ने खुद बुलाया है और दबा कर चुद्वायेगी. फिर जैसे ही मैं उनके गली में पंहुचा, तो मैंने उसे कॉल कर दिया और उसने फ़ोन उठाया और कहने लगी. सीधे किचन में आना और सारी लाइट मैंने ऑफ कर दी है. जिस से किसी को कुछ भी ना पता चले और बच्चे भी नहीं उठंगे.
फिर उसने कहा – जब तुम अन्दर आ जाओ. तो दरवाजा बंद करके आना. मैंने कहा – ठीक है. फिर मैं जीने में चड़ा और चड़ते हुए जीने को अन्दर से बंद कर दिया. और ऊपर चढ़ गया. जैसे ही मैं किचन में घुसा, तो भाभी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और रोने लगी. मेरा लंड इतने में खड़ा हो चूका था. मैंने उसे उठाया और उसके होठो पर किस करते हुए कहा – मेरी जान टेशन क्यों ले रही हो? होने दो मेरी शादी… मेरी शादी के बाद, क्या तुम मुझे भूल जाओगी या मैं तुम्हे भूल जाऊँगा?
ऐसा मेरी तरफ से तो कभी नहीं होगा, कि मैं तुम्हे भूल जाऊँगा. मुझ पर विश्वास तो करो. तो इस पर वो कहने लगी, खाओ मेरी कसम. मैंने कहा – तुम्हारी कसम. फिर मैंने उसे कहा – अब मैं आ गया हु. तो कम से कम एक बार आओ, प्यार तो कर ले. तो वो हँसते हुए मना करने लगी. पर समझ गया था, कि लाइन क्लियर थी. क्योंकि वो हँसते हुए बोल रही थी. फिर मैंने भी हँसते हुए ही कहा – अच्छा ठीक है. जैसी तुम्हारी मर्ज़ी. अब मैं चलता हु. यहाँ पर रुक कर क्या फायदा.
उन्होंने एकदम से मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली – जानू, नाराज़ होकर जा रहे हो. और मुझे अपनी तरफ खीच लिया. उन्होंने अपने होठो को मेरे होठो से चिपका दिया और अब हम दोनों के लिप लॉक हो गए और हम दोनों जोरदार तरीके से हब्शियो की तरह किस करने लगे. फिर मैंने उनको सीधा खड़ा किया और बिलकुल भी देर ना करते हुए, उसके पेटीकोट का नाडा खोल दिया और पेटीकोट भी एकदम उसके बदन को छोड़ते हुए नीचे गिर गया.
अब वो मेरे सामने काले रंग की पेंटी में थी. जिसमे से उसकी चूत से निकले हुए पानी की खुशबु आ रही थी. मैंने दबा कर खूब देर तक उसकी गोरी भरी – भरी जांघो को खूब चाटा और अब वो भी सिस्कारिया लेने लगी थी अहहाह अहहहा हाहाहा उऔऔऔऔ ऊउईई करके… फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी.. जैसे ही मैंने उसकी पेंटी उतारी.. मैं तो बड़ा हु खुश हो गया. क्योंकि उसकी चूत पर के भी बाल नहीं था. मैं अब पागलो की तरह से उसकी चूत को चाटे जा रहा था. उसने चूत ने भी अब पानी छोड़ना चालू कर दिया था. क्योंकि उसकी चूत से गाड़ा – गाड़ा पानी निकल कर बाहर आ रहा था. और उसकी सिस्कारिया तो सुनने लायक थी.
फिर मैं खड़ा हुआ और पीछे हाथ डाल कर उसकी ब्रा भी खोल दी. फिर मैंने उसको किचन की मुडेर पर बैठाया और उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और एक जोर का झटका दिया. लंड एक ही बार में पूरा अन्दर चले गया और उसने मुझे अपने से चिपटा लिया.
और फिर मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और नीचे से अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसकी चूत में टिकाया और दबा कर धक्के मारने लगा और वो हर धक्के के साथ मज़े लेकर चुदवा रही थी. धक्के मारते समय फट फट की आवाज़ आ रही थी. क्योंकि मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक उसकी चूत की जड़ तक जाकर टकरा रहा था. करीब आधे घंटे तक की जबरदस्त चुदाई के बाद, मेरा निकलने को हुआ, तो मैंने कहा – मेरा निकलने वाला है. तो उसने कहा – बोलो मत. बस ठोकते रहो. और थोड़ी देर बाद, मैंने चिल्लाते हुए उसकी चूत में अपना रस डाल दिया.
फिर मैं उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया और उसके ऊपर ही लेट गया. उसके बाद फिर उसने मेरे लंड को फिर से चूम कर, चूस कर और चाट कर खड़ा कर दिया और मैं भी तैयार हो गया और उसे उल्टा किया और उसकी मोटी और मदमस्त गांड के मुह पर अपने लंड को रखा और थोड़ा सा धक्का लगाया और लंड फिसल कर नीचे चला गया.
मैंने दोबारा थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगाया और एक जोरदार धक्का मारा और इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड के अन्दर चले गया. मेरे लंड के अन्दर घुसते ही, भाभी के मुह से एक जोरदार चीख निकल पड़ी आआआआआ आआआआआ ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह जलन हो रही है आआआआआ अहहहः अहाहः अहहहः…. उसके कुछ बोलने से पहले ही, मैंने उसके होठो को अपने हाथो से बंद कर दिया और पीछे से उसकी गांड मारता रहा. पच पच की आवाज़े आ रही थी. क्योंकि हम दोनों बड़ी ही जोश के साथ किस कर रहे थे.
फिर जब उसे थोड़ा आराम मिला, तो मैंने कहा – अब धक्के मारू? उसने कहा – हाँ. अब शुरू करो. मैंने धीरे – धीरे धक्के लगाने शुरू किये. अब उसकी गांड का दर्द भी लगभग ख़तम सा हो गया था. क्योंकि वो अब अपनी गांड को नीचे से हिलाने लगी थी. मैं समझ गया था, कि अब भाभी तैयार है और मैंने अपने धक्को की स्पीड बड़ा दी. अब पूरा का पूरा लंड भाभी की गांड के अन्दर जा रहा था. मैं आपको बता नहीं सकता, कितना मज़ा आ रहा था.
फिर मैं नीचे लेट गया था और उसे अपने ऊपर आने को कहा. मेरा खड़ा काला लंड देख कर वो एकदम मादक मुस्कान देने लगी थी. फिर वो नीचे बैठने को हो रही थी, तो मैंने उसकी नंगी गांड पर हाथ लगाते हुए उसे बोला – ऐसे ही रहो.. और उसकी गांड के छेद को खोल कर मैं उसे चाटने लगा. वो सिस्कारिया लेने लगी थी अहहाह अहहाह औऔऔऔ अहहाह ईइऐऐऐऐऐऐअ… ममाम्मम मममम हम्मम्मम्म उम्म्मम्म.
फिर थोड़ी देर बाद, मैंने उसे इशाराकिया और उसने मेरा लंड अपनी गांड के नीचे छेद पर टिका दिया और एकदम से बैठ गयी. और एक ही बार में पूरा का पूरा का लंड उसकी गांड में घुसा दिया. मैं जोर – जोर से धक्के लगा रहा था. फिर फट फट की जबरदस्त आवाज़े आ रही थी. करीब आधे घंटा जबरदस्त तरीके से उसकी गांड ठोकने के बाद, मेरा निकलने वाला था और मैंने जोर से पकड़ लिया और मेरा सारा का सारा माल उसकी गांड में निकल गया. मेरा माल उसकी गांड में से रिस कर बाहर आने लगा.
फिर हम दोनों अलग हुए और मैं अपने घर आ गया और उसने गेट लॉक कर लिया. ये सब और भी जोर शोरो से चल रहा है. इसके बाद क्या हुआ.. वो बाद में बताऊंगा.. पहले आप मुझे अपने कमेंट से बताओ, कि आपको मेरी ये कहानी कितनी पसंद आई.
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