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दोस्त की चुदक्कड़ भाभी नयना
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम मोन्टी है और में बरोड़ा गुजरात का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 27 साल है और में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। दोस्तों मुझे सेक्सी कहानियाँ पड़ना बहुत अच्छा लगता है और में इस साईट से सालों से जुड़ा हुआ हूँ।
दोस्तों यह कहानी इस दिसम्बर महीने की ही है जब मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त की भाभी को चोदा और उस दिन से वो चाहती है कि वो हर रोज मुझसे चुदे। मेरे दोस्त का नाम करन है और जब से वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था.. तब से हम पक्के दोस्त है। अक्सर हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था और धीरे धीरे हमारे फेमिली जैसे सम्बन्ध हो गये थे। उसके घर में वो उसके मम्मी, पापा उसका भाई, भाभी और उनकी दो छोटी लड़कियां रहती थी। करन के पापा एक सरकारी नौकर थे और उसकी माँ ग्रहणी थी.. उसका भाई किसी प्राईवेट कंपनी में काम करता था और मेरा दोस्त सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था और में भी उसके साथ ही तैयारी कर रहा था और साथ में नौकरी भी करता था और हम अधिकतर एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे।
उसका भाई भी मेरा अच्छा दोस्त बन गया था.. उसका नाम समीर था और उसकी उम्र करीब 34 साल थी और भाभी का नाम नयना था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन उन्हें एक बार देखकर कोई बोल नहीं सकता कि यह दो बच्चे की माँ होगी। उनका फिगर 36-26-38 था। भाभी दिखने में एकदम मस्त थी और वो हमेशा गुजराती साड़ी ही पहना करती थी और साड़ी के नीचे उनका वो टाईट फिटिंग वाला ब्लाउज और उसमे कसे हुए बूब्स एकदम मस्त दिखते थे और खुली कमर एकदम गोरी गोरी दिखती थी।
में जब भी उनके घर जाता तो वो कुछ ना कुछ काम कर रही होती थी.. कभी कभी में देखता जब वो पोछा लगाती तो उस समय साड़ी में से उनकी बड़ी भारी गांड दिखती थी.. लेकिन मैंने कभी उनके बारे में ग़लत नहीं सोचा था और में हमेशा उनको भाभी की तरह ही देखता था क्योंकि करन की माँ मुझे बेटे की तरह रखती थी। भाभी की दोनों बेटियाँ स्कूल में पढ़ती थी और घर से स्कूल थोड़ी ही दूर पर था इसलिए मेरा दोस्त रोज उनको स्कूल छोड़ने और लेने जाता था।
थोड़े दिन बाद मेरा दोस्त नई स्कूटी लेकर मेरे घर पर आया तो मैंने पूछा कि अरे यह किसका उठाकर ले आया? तो बोला कि नया लिया है और उसका नंबर 1001 लिया था। एक दिन में जब उनके घर गया तो उसका भाई समीर भाभी को स्कूटी सिखा रहा था.. तो मैंने बोला कि वाह भाभी आप तो सीख गई? तो वो बोली कि हाँ सीखना तो पड़ेगा ही ना फिर बच्चो को स्कूल छोड़ने और लाने में कभी ज़रूरत पड़ जाए। तो मैंने बोला कि यह सही बात है। फिर थोड़े दिन बाद मेरे दोस्त ने कॉल सेंटर में नौकरी ढूँढ ली और जब में उनके घर जाता तो कभी कभी वो घर पर नहीं मिलता.. वो नौकरी पर ही होता था.. क्योंकि उनकी शिफ्ट चेंज होती रहती थी.. इसलिए मैंने देखा कि भाभी ही बच्चों को छोड़ने जाया करती थी। यह एक महीने पहले की ही बात है जब में बाज़ार में कुछ शॉपिंग करने गया था
और फिर में पार्किंग में बाईक पार्क करने गया तो मैंने देखा कि 1001 नंबर वाली स्कूटी खड़ी हुई थी। तो मैंने सोचा कि शायद करन भी आया होगा और मैंने उसे कॉल किया.. लेकिन उसने नहीं उठाया। तो मैंने सोचा कि वो अंदर ही होगा तो मिल जाएगा और में मॉल के अंदर गया और बहुत ढूँढा.. लेकिन वो नहीं मिला। फिर मैंने शॉपिंग के बाद जब बिल के लिए लाईन में गया तो बहुत लंबी लाईन थी और में लाईन में खड़ा रहा। तभी थोड़ी देर बाद मेरी नज़र पास वाले बिल काउंटर पर गयी.. उस लाईन में नयना भाभी खड़ी थी.. लेकिन वो दूर थी तो मैंने उन्हे बुलाने की कोशिश नहीं की और वो बिल बनाकर बाहर निकली।
मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ में खड़ी थी और बातें कर ही थी। फिर वो लड़का पार्किंग से अपनी कार लेकर आया और भाभी उसमें बैठ गई और उसके साथ चली गई और में जब पार्किंग में गया तो स्कूटी वहीं पर खड़ी थी। तो मैंने सोचा कि वो कोई रिश्तेदार होगा और वो उनके साथ कहीं गई होगी और मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर थोड़े दिनों बाद में शाम को करीब 7 बजे उनके घर गया तो सब लोग घर पर थे सिर्फ़ करन नौकरी पर गया हुआ था। फिर उनके पापा ने मुझे बैठने को बोला और में सोफे पर बैठ गया.. मेरे पास में समीर बैठा था और भाभी सब्जी काट रही थी और उनकी मम्मी किचन में थी।
फिर भाभी उठकर मेरे लिए पानी लेकर आई तो मैंने उनको धन्यवाद बोला और वो किचन में चली गयी। फिर जब वो वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि भाभी थोड़े दिन पहले मैंने आपको बिग बाज़ार में देखा था? तो वो चोंक गयी और मेरी तरफ देखती रही.. मैंने कहा कि आप बिल की लाईन में थी। तो वो मेरी तरफ देखने लगी और उतने में समीर ने पूछा कि कब? तो मैंने कहा कि थोड़े दिन पहले उतना कहते कहते मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे इशारे से होंठ पर उंगली रखकर कह रही थी कि कुछ मत बोलो.. चुप रहो। फिर मुझे लगा कि शायद कुछ गड़बड़ है तो मैंने तुरंत ही बात पलट दी और बोला कि भाभी आपने लाल कलर की ड्रेस पहनी थी न उस दिन।
तो समीर बोला कि यह तो कभी ड्रेस पहनती ही नहीं। फिर मैंने बोला कि तो शायद कोई और होगी.. लेकिन वो तुम्हारे जैसी ही दिखती थी। तो समीर बोला कि क्या यार तू भी? फिर हमने थोड़ी देर बातें की और फिर मैंने कहा कि में चलता हूँ और में घर पर आ गया। तो दूसरे दिन दोपहर को मेरे फोन पर एक अनजान मोबाईल नंबर से कॉल आया। मैंने रिसीव किया और मैंने बोला।
में : हैल्लो और सामने कोई लड़की थी।
लड़की : हैल्लो।
में : हाँ कौन?
लड़की : क्या आप में बोल रहे हो?
में : हाँ आप कौन?
लड़की : में नयना।
में : कौन नयना?
लड़की : अरे यार में करन की भाभी।
में : ओह्ह हाँ भाभी बोलिए.. सॉरी में आपकी आवाज़ पहचान नहीं पाया.. हाँ बोलिए बोलिए।
नयना : सुनो तुमने बिग बाज़ार में मुझे ही देखा था.. वो प्लीज किसी को मत बताना।
में : हाँ वो उस दिन आप मुझे इशारे से मना कर रही थी ना नहीं बताने के लिए।
नयना : हाँ वो प्लीज किसी को मत बताना।
में : ठीक है नहीं बताऊंगा किसी को भी।
नयना : और करन को प्लीज कुछ मत बोलना.. जो हमारी बात हुई उसके बारे में।
में : ठीक है भाभी ठीक है.. लेकिन मुझे तो बताओगी कि तुम घर वालों से क्या छुपा रही हो?
नयना : नहीं कुछ नहीं.. लेकिन तुम प्लीज किसी को मत बताना।
में : लेकिन मुझे तो बताओ में किसी से कुछ नहीं कहूंगा।
नयना : प्लीज समझो में तुम्हे नहीं बता सकती.. लेकिन यह बात प्लीज किसी को मत बताना।
में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन तुम्हे मुझे बताना होगा कि तुम क्या छुपा रही हो? और में वादा करता हूँ कि किसी को नहीं बताऊंगा।
नयना : बहुत लंबी कहानी है बाद में बताउंगी।
में : नहीं भाभी पहले मुझे बताओ।
नयना : बाद में तुम्हे सब कुछ विस्तार में बताउंगी ।
में : लेकिन.. थोड़ा तो बोलो क्या बात है?
नयना : लेकिन.. प्लीज यह किसी को मत बताना।
में : भाभी आपसे जो वादा किया है नहीं तोडूंगा।
नयना : ठीक है सुनो जब तुमने मुझे माल में देखा था.. उस वक्त तुमने क्या देखा था?
में : आप बिल बनवा रही थी और फिर आप किसी के साथ कार में बैठकर चली गयी।
नयना : हाँ वो किसी को मत बताना कि में किसी के साथ कार में गयी थी।
में : ठीक है.. लेकिन वो कौन था जो तुम्हारे साथ था?
नयना : वो मेरा कॉलेज का दोस्त था।
में : तो उसमे छुपाने वाली क्या बात है?
नयना : हाँ लेकिन प्लीज किसी को मत बताना।
में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन अगर तुम्हारे घर पर किसी को पता चल गया तो?
नयना : पिछले तीन साल से हम मिल रहे है.. लेकिन आज तक किसी को पता नहीं है।
में : ओह भाभी मतलब वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड है?
नयना : तुम जो भी समझो..।
में : ठीक है भाभी.. लेकिन मुझसे वादा करो कि आप मुझे उससे मिलवावोगी?
नयना : तुम क्या करोगे उससे मिलकर?
में : कुछ नहीं में भी तो देखूं आपका बॉयफ्रेंड कैसा है?
नयना : ठीक है बाद में।
में : ठीक है।
नयना : ठीक धन्यवाद और बाय।
में : बाय।
फिर मैंने रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तीन साल से इससे मिल रही है और किसी को पता नहीं है और घर पर इतनी भोली बनती है और बाहर बॉयफ्रेंड के साथ घूमती है। फिर मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं.. उसकी ज़िंदगी है वो कुछ भी करे मुझे क्या और में सो गया। सुबह उठा तो मैंने देखा कि मेरे मोबाईल पर मैसेज आया और मैंने खोला तो वो मैसेज भाभी के नंबर से था और अंदर धन्यवाद लिखा था।
फिर दो दिन बाद वापस भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे कहा कि अगर तुम्हे मेरे बॉयफ्रेंड से मिलना हो तो बिग बाज़ार की पार्किंग में आ जाओ। तो में वहां पर गया.. लेकिन वहां पर कोई नहीं था सिर्फ़ भाभी की स्कूटी पड़ी थी और भाभी कहीं पर दिख नहीं रही थी।
तभी थोड़ी देर बाद एक कार आई और भाभी उसमे से उतरी में तो देखता ही रह गया। भाभी ने छोटी स्कर्ट और टॉप पहना था और मैंने आज तक भाभी को ऐसे कपड़ो में नहीं देखा था। फिर भाभी ने मुझे हैल्लो कहा और मैंने भाभी को फिर उसने अपने बॉयफ्रेंड को बुलाया और मुझसे मिलवाया।
नयना : में, यह पीयूष, और पीयूष यह मोन्टी।
में : हाय।
पीयूष : हाय क्या तुम नयना के दोस्त हो?
में : नहीं में उनके देवर का दोस्त हूँ।
पीयूष : ठीक ठीक है।
नयना : ठीक है मोन्टी हो गयी बात।
में : हाँ भाभी।
नयना : ठीक है तो अब में चलती हूँ।
में : ठीक है।
नयना : बाय।
में : बाय।
पीयूष : बाय मोन्टी।
में : बाय
फिर और वो लोग कार में बैठकर चले गये में तो भाभी को ऐसे कपड़ो में देखता ही रह गया और सोचने लगा कि भाभी घर पर कितनी भोली भाली दिखती है और यहाँ पर अय्याशी कर रही है और वो बात घर पर किसी को पता नहीं है। तो करीब 2 घंटे के बाद भाभी के नंबर से कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुम हमारे साथ फिल्म के लिए चलोगे? तो मैंने कहा कि कहाँ? तो उन्होंने सिनेमा का पता दिया और में वहां पर चला गया.. लेकिन भाभी तब साड़ी में थी जो वो अक्सर घर पर पहनती है और फिर में सोचने लगा कि भाभी ने कपड़े कब चेंज किए?
तभी थोड़ी देर में फिल्म शुरू हो गयी और मेरे पास में पीयूष बैठा था और उसके पास भाभी थी। फिर इंटर्वल के टाईम भाभी ने बोला कि में क्या तुम्हे कुछ चाहिए तो बोलो? में बाहर जा रही हूँ.. कुछ खाने का लेकर आती हूँ। तो मैंने बोला कि चलो भाभी में भी आता हूँ।
तो मैंने कहा कि पीयूष तुम भी चलो.. लेकिन पीयूष ने बोला कि नहीं तुम हो आओ में यहीं पर बैठा हूँ और हम बाहर गये तो भाभी ने बोला कि यह लो पैसे जो लेना हो ले लो में वॉशरूम जाकर आती हूँ और हाँ यह मेरा मोबाईल रखो और वो मुझे मोबाईल देकर अंदर चली गई। तो मैंने मोबाईल मेंर देखा तो पीयूष के मैसेज थे। मैंने बहुत सारे मैसेज पढ़े.. लेकिन कुछ नहीं मिला नॉर्मल शायरीयां थी और चुटकुले थे.. लेकिन एक फोल्डर था नयना के नाम का.. मैंने वो खोला तो अंदर अलग अलग फोल्डर थे और अलग अलग लड़को के नाम लिखे थे.. मैंने थोड़े चेक किए और देखा तो मुझे पता चला कि सारे मैसेज सेक्स चेट के मैसेज थे और सारे मैसेज का टाईम रात का था। फिर मुझे समझ आया कि भाभी रात को लड़को से मैसेज पर सेक्स चेट करती है और मैंने घर जाकर रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तो बड़ी चालू लगती है.. लेकिन घर पर किसी को पता नहीं।
मैंने सोचा कि अगर घर पर पता चला तो क्या होगा? फिर मैंने सोचा कि जो भी हो मुझे क्या? फिर मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया कि में भी भाभी को रात को मैसेज भेजता हूँ। फिर मैंने उस रात ही मेसेज किया तो उनका भी मेसेज आया। मैंने बोला क्या कर रही हो तो वो बोली कि कुछ नहीं बस अब नींद आ रही है। मैंने बोला ठीक है और उन्होंने गुड नाइट का मेसेज भेज दिया। मैंने सोचा कि ऐसा क्यों किया।
फिर मैंने अगले दिन एक नया नंबर ले लिया और उस नंबर से मेसेज किया, पहले रिप्लाइ नहीं आया फिर मैंने दूसरा मेसेज भेजा तो उनका मेसेज आया कि तुम कौन हो? मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त तो उन्होंने नाम पूछा मैंने दूसरा नाम बताया और उन्होंने बाय का मेसेज भेज दिया.. फिर मैंने कहा दोस्त नहीं तो क्या हुआ? थोड़ी देर क्या हम चेट कर सकते है। तो पहले उन्होंने मना किया फिर मान गयी. और धीरे धीरे हमने सेक्स चेट शुरू किया.. तुम मनोगे नहीं इतना मस्त सेक्स चेट किया उन्होंने.. जिससे मेरा ऐसे ही निकल गया। फिर रोज रात को हम सेक्स चेट करते रहे और उन्होंने मुझे मिलने बुलाया फिर मैंने कहा ठीक है और हम मॉल मे मिले तो वो मुझे देखती ही रह गयी और बोली में तुमने ये सारे मेसेज किए थे?
मैंने कहा आप तो मेरे नंबर पे रिप्लाई नहीं करती तो मे क्या करूँ.. फिर थोड़ी देर नाराज़ हो गयी और फिर मान गयी लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि तुम किसी को कुछ भी नहीं बतावोगे। मैंने कहा ठीक है। फिर रात को हमने चेट किया और उसमे मैंने भाभी को पूछा कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी तो उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और बोली के नहीं में समीर के अलावा किसी से नहीं करती, मैंने कहा ठीक है फिर भी कभी मन हो तो मुझे बोल देना.. क्योंकि आप मुझे बहुत पसंद हो तो वो बोली ठीक है. और फिर गुड नाइट करके सो गये फिर एक दिन भाभी ने मुझे कॉल किया और बोली कि क्या तुम मूवी देखने चलोगे? मैंने कहा कौन कौन है? तो वो बोली के में तुम और एक फ्रेंड है। मैंने कहा कौन पीयूष? वो बोली नहीं कोई और है और उसने मुझे नये फ्रेंड से मिलवाया और कहा कि ये मेरे कालेज का फ्रेंड है।
मैंने सोचा कि क्या सारे कालेज के फ्रेंड ही है। उसके बाद मे समझ गया कि ये हर किसी के साथ भी चालू हो जाती है और नयना ने मुझे बोला के पीयूष को मत बताना.. ये सब बातें हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए। मैंने कहा ठीक है और फिर हम मूवी देखकर जब वापस आए तो मुझे नींद नहीं आई.. में रात भर सोचता रहा कि आख़िर भाभी क्यों सबको अपना कालेज फ्रेंड बोलती है। फिर दूसरे दिन मैंने करीब सुबह 11:30 पर भाभी को कॉल किया तो मैंने पूछा कि कहाँ पर हो? तो वो बोली कि में बच्चो को स्कूल छोड़ने आई हूँ। मैंने पूछा कहाँ पर? तो वो बोली तुमने स्कूल नहीं देखा क्या? मैंने कहा हां.. तो भाभी बोली कि अगर आ सकते हो तो आ जाओ मैंने बोला क्यों तो भाभी बोली कि में शॉपिंग जा रही हूँ.. तो मैंने बोला कि शॉपिंग तो बाद में भी जा सकते हो?
तो भाभी बोली कि क्यों बाद में? तो मैंने कहा कि अभी अगर आप चाहो तो मेरे फ्लेट पर आ सकते हो और फिर हम कुछ देर के बाद में शॉपिंग जाएगे। तभी वो बोली कि ठीक है में अभी आती हूँ और जब वो आई तो मैंने देखा कि उन्होंने हल्के पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसा ही ब्लाउज भी।
मैंने उन्हे अंदर बुलाया और वो आकर सोफे पर बैठ गई और फिर मैंने उन्हें पीने का पानी दिया। तभी वो बोली कि क्या यह तुम्हारा घर है? मैंने कहा कि नहीं यह मेरे फ्रेंड का घर है.. तो बोली कि वो कहाँ है? तो मैंने कहा कि वो नौकरी पर गया है। फिर वो बोली कि तुम्हारा फ्रेंड कब तक आएगा? तो मैंने कहा कि रात को 8 बजे और मैंने कहा कि करन का एक दोस्त भी यहीं पर इसी फ्लेट में रहता है। तभी वो बोली कि अगर उसने मुझे देख लिया तो क्या होगा? तभी मैंने कहा कि में दरवाज़ बंद कर लेता हूँ और यह कहकर मैंने दरवाज़ बंद कर दिया और मैंने कहा कि भाभी मुझे तुमसे कुछ बातें पूछनी है.. लेकिन अगर आप बुरा ना मानो तो? वो बोली कि ठीक है पूछो। तो मैंने कहा कि क्या यह सब तुम्हारे असली कॉलेज फ्रेंड है?
तो वो बोली कि हाँ.. क्यों? मैंने कहा कि नहीं.. क्योंकि जो दोनों फ्रेंड से में मिला दोनों की उम्र करीब 38-40 के आस पास है.. वो लोग कैसे तुम्हारे कॉलेज फ्रेंड हो सकते है? वो बोली कि है तो है। फिर मैंने कहा कि भाभी आप मुझसे क्यों छुपाती हो? और में कहाँ किसी को बताने वाला हूँ? तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन तुम किसी को बताओगे तो नहीं? और अगर नहीं बताओगे तो में तुम्हे बता दूंगी कि यह सब झूठ मैंने तुमसे क्यों बोला?
तभी मैंने कहा कि हाँ बताओ में किसी को नहीं बताऊंगा.. तो वो बोली कि ठीक है.. एक दिन जब में सुबह सुबह करन के कमरे में उसे उठाने के लिए गयी तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ टावल में सोया हुआ था और गहरी नींद में उसे पता नहीं था कि उसका टावल पूरा खुल गया था और मैंने उसे देखा तो उससे अंडरवियर में से साईज़ इतना बड़ा दिख रहा था कि में देखती ही रह गयी। तभी मैंने कहा कि तो उसमे क्या हुआ? तो वो बोली कि फिर मुझे मालूम पड़ा कि हर एक आदमी का साईज़ अलग अलग होता है। तो मैंने कहा कि हाँ वो तो होता ही है क्यों तुम्हे नहीं पता था?
तो वो बोली कि नहीं मुझे समीर बता रहे थे कि सबका एक ही साईज होता है.. लेकिन जब मैंने करन का देखा तो पता लगा कि यह तो समीर से भी बहुत बड़ा है और मैंने कई बार करन को लाईन देने की कोशिश की.. लेकिन उसने मुझे भाव नहीं दिया और मुझे बहुत डर लगता था कि अगर में उससे सीधा बात करूंगी तो कहीं वो समीर या पापा को ना बता दे.. इसलिए मैंने सोचा कि करन नहीं तो कोई और सही और में लगातार मॉल में जाती रही जिससे कि कहीं कोई हॅंडसम मिल जाए और एक दिन मुझे पीयूष मिल गया और मैंने उस के साथ बहुत एंजाय किया.. लेकिन जब मुझे लगा की नये टेस्ट में ज़्यादा मज़ा है तो मैंने फिर चेटिंग से बहुत फ्रेंड बनाए और बहुत से मिली भी हूँ.. लेकिन करन जैसा आज तक मुझे नहीं मिला। तभी मैंने कहा कि भाभी अगर आप बुरा ना मानो तो में एक बात कहूँ?
तो वो बोली कि हाँ बोलो.. तो मैंने कहा कि क्या आप सच में करन से चुदना चाहती हो? तो वो बोली कि हाँ.. लेकिन यह मुमकिन नहीं है। फिर मैंने कहा कि में मुमकिन बना दूँगा.. तो वो बोली कि ठीक है तुम ट्राई करो.. लेकिन कहीं में ना फंस जाऊँ? तो मैंने कहा कि मेरा वादा है आपको कुछ नहीं होगा.. फिर उन्होंने बोला कि धन्यवाद। तभी मैंने कहा कि भाभी और कभी मुझे भी मौका दोगी या नहीं? तो वो बोली कि बाद में.. तो मैंने कहा कि.. लेकिन अभी यहाँ पर कोई भी नहीं है। तो वो बोली कि मुझे घर पर भी जाना है.. मैंने कहा कि प्लीज सिर्फ़ 10 मिनट.. तो वो बोली ठीक है और हम बेडरूम में चले गये और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.. उन्होंने अपनी साड़ी को उतारना शुरू किया।
तो मैंने कहा कि रूको भाभी मुझे उतारने दो ना। तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन थोड़ा जल्दी करो और फिर मैंने फटाफट उनकी साड़ी को उतार दिया और उन्हें देखता ही रह गया। उनके वो बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में भी नहीं समा रहे थे और मैंने कहा कि भाभी क्या इसे भी खोल दूँ? तो वो बोली कि हाँ और यह कहते कहते मैंने मेरा मुहं उनके बूब्स पर दबा दिया और मैंने कहा कि भाभी तुम्हारे बूब्स बहुत मस्त है।
तभी वो बोली कि जल्दी करो मुझे घर पर जाना है.. मैंने जल्दी से उनका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी जो बिल्कुल सफेद थी और एकदम सिल्की मैंने उसे हाथ लगाया तो मेरा लंड एकदम टाईट हो गया। तो वो बोली कि तुम्हारे भी कपड़े उतारो.. मैंने अपनी टी-शर्ट और पेंट को उतार दिया। अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और उन्होंने अपना हाथ मेरे पंड पर रख दिया और बोली कि यह तो पीयूष से भी बड़ा है।
तो मैंने कहा कि हाँ तुम्हे देखकर और भी बड़ा हो गया है.. वो बोली कि अब जल्दी करो और फिर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनकी ब्रा खोल दी और बूब्स चूसने लगा और वो सिसकियां लेने लगी आअहह उफ्फ्फ अह्ह्ह। तो मैंने कहा कि भाभी पेंटी को भी उतार दो.. तो वो बोली कि तुम्ही उतार दो। फिर मैंने जैसे ही पेंटी को उतारा तो मैंने देखा कि उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और चूत एकदम मस्त लग रही थी और मैंने जैसे ही वहां पर किस किया भाभी ने मेरा मुहं वहीं पर दबाकर रख दिया और कहा कि चाटो मेरी चूत डार्लिंग। तो मैंने कहा कि भाभी मेरा बहुत मन कर रहा है.. तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली वाह डार्लिंग तुम्हारा कितना मोटा लंड है।
तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया कि भाभी ने अपने मुहं से लंड बोला और में तो उनको देखता ही रह गया। तभी वो बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. तो वो बोली कि बस और अब मुझे जल्दी से गीला कर दो। तो मैंने उनके दोनों पैर फैलाकर बीच में आ गया और अपने लंड पर थूक लगाकर उनको बोला कि भाभी क्या डाल दूँ? तो वो बोली प्लीज अब तो मुझे भाभी मत बोलो। तो मैंने कहा कि फिर क्या कहकर बुलाऊँ? तो वो बोली कि बस नयना..
मैंने कहा कि ठीक है नयना तुम्हारी चूत बहुत मस्त है क्या में अंदर डाल दूँ? तो वो बोली कि हाँ जल्दी से और देर ना करते हुए मैंने अपना पूरा का पूरा लंड एक ही झटके में अंदर डाल दिया.. वो चकित रह गयी और उसकी आँख से पानी निकल गया और फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि इतना दर्द हुआ कि में बता नहीं सकती.. लेकिन मज़ा आया।
तो मैंने कहा कि बोलो और क्या करूं जिससे तुम्हे और मज़ा आए? तो वो बोली कि क्या में तुम्हारे ऊपर आ जाऊँ? मैंने कहा कि ठीक है आ जाओ और वो मेरी जांघ पर बैठ गयी और मेरे लंड पर थूक लगाया और फिर ऊपर बैठ गयी और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया। तो मैंने कहा कि नयना क्या हुआ? वो बोली बस तुम्हारे साथ तो ऐसे ही पड़े रहने का मन करता है। तो मैंने कहा कि जब मन करे आ जाना और उसने मेरी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसाकर मेरे ऊपर कूदने लगी और मेरा लंड तो जैसे लोहे की तरह टाईट हो गया था और वो ऊपर कूद कूदकर मजे ले रही थी और 15 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से किस किया और उसका पूरा शरीर खिंच गया।
फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि बस में झड़ने वाली हूँ। तभी मैंने उसे कसकर पकड़ा और बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ.. तो वो बोली कि प्लीज वीर्य अंदर मत गिरना। मैंने कहा कि फिर कहाँ गिराऊँ? तो वो बोली कि कहीं और.. लेकिन चूत के अंदर नहीं। तो मैंने कहा कि क्या मुहं में डालूं नयना? वो बोली कि हाँ.. लेकिन पहले तुम सारा वीर्य मेरे बूब्स पर गिरा दो और में बेड के पास खड़े हो गया और लंड को चूत से बाहर निकालकर सारा वीर्य उसके बूब्स पर गिरा दिया और फिर उसने जल्दी से मेरा लंड पकड़ कर अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।
तभी थोड़ी देर चूसने के बाद वो बोली कि क्यों बस हो गया.. अब तो में जाऊँ? तो मैंने कहा कि फिर कब? वो बोली कि जब तुम बुलाओ तब.. मैंने कहा कि क्या सच? तो वो बोली कि हाँ समीर और पीयूष से तो ज़्यादा मज़ा आया। तो मैंने कहा कि ठीक है फिर हर रोज चाहो तो तुम आ सकती हो.. वो बोली कि क्या यह मुमकिन है? तो मैंने कहा कि हाँ जब तुम्हारा मन करे आ जाना.. तो वो बोली कि मेरा तो हर रोज मन करेगा। मैंने कहा कि ठीक है तो फिर रोज़ आ जाना।
फिर हमने करीब एक महीने तक हर दिन सेक्स किया और फिर एक दिन मैंने उससे पूछा कि सच बताओ नयना आज तक तुमने कितने लोगों के साथ सेक्स किया है? तो वो बोली के करीब 24-25 से तो मैंने सेक्स किया है। मैंने कहा तो फिर क्या चाहिए? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और फिर मैंने कहा कि अगर करन के साथ सेक्स करना है तो में तुम्हारी सेटिंग करवा सकता हूँ? तो वो बोली वो कैसे? मैंने कहा कि वो काम में कर दूँगा और तुम बहुत खुश हो जाओगी। तो वो बोली कि ठीक है और वो तब से हर रोज मुझसे चुदने आती है कि किसी बहाने में बता दूँ कि करन से कैसे चुदना है।
बेटी की जगह माँ चुद गयी
हैल्लो दोस्तों.. सभी रीडर्स को रोकी का प्यार.. में एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी लाईफ में घटी एक अनोखी घटना को लेकर.. लेकिन में उससे पहले उन सभी का बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहता हूँ जिन्होंने मेरी पिछली सभी कहानियों को इतना प्यार दिया और मुझे आगे बड़ने का मौका दिया और में आज फिर से अपनी एक सच्ची घटना लेकर आप सभी के सामने आया हूँ।
मेरा नाम रोकी है और मेरी उम्र 23 साल है और में इस साईट का दिवाना हूँ। दोस्तों मेरी आज की कहानी में मैंने बेटी की जगह गलती से उसकी माँ को चोद दिया। अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ और थोड़ा विस्तार से बताता हूँ। मेरे घर के पड़ोस में एक घर में एक परिवार रहता है और उस परिवार में पांच लोग है.. जिसमें तीन बेटियाँ और पति पत्नी रहते है। उस घर में जो पति है वो 50 साल का है और उनका नाम हरिप्रसाद है.. उनकी पत्नी 47-48 साल की है और उनका नाम राधा है और में इन दोनों को दादा, दादी बुलाता हूँ और इनकी तीनों बेटियों को बुआजी बुलाता हूँ। उनमे सबसे छोटी बेटी का नाम मंजू है उसकी उम्र 26-27 साल है.. मंजू बुआ थोड़ी मोटी है क्योंकि वो रोज़ गर्भनिरोधक गोलियां खाती है और उसका रंग सावंला है।
आज से एक साल पहले मैंने उनको और उनकी एक सहेली छाया को चोदना शुरू किया था.. तब इन दोनों को मैंने लेस्बियन सेक्स करते पकड़ा था.. यह दोनों पूरी नंगी होकर एक दूसरे की चूत चाट रही थी और चूत में उंगली डालकर चोद रही थी। में जैसे ही कमरे में घुसा तो यह सब देखकर बहुत डर गया.. लेकिन यह दोनों सेक्स के नशे में चूर थे और इस कारण दोनों ने मिलकर मुझे ज़बरदस्ती नंगा किया और मेरे लंड को चूसकर खड़ा करके बारी बारी से मुझसे चुदवाया और उस दिन के बाद से में आज तक इन दोनों को चोदता आ रहा हूँ.. लेकिन 8 महीने बाद छाया बुआ की शादी हो गई और वो अपनी ससुराल चली गयी.. लेकिन वो जब भी अपने घर आती है तो में उन दोनों को एक साथ मिलकर चोदता हूँ।
फिर छाया बुआ की शादी के बाद में सिर्फ़ मंजू बुआ को चोदता हूँ और हर रोज़ रात को उनके घर में जाकर उनकी चुदाई करता हूँ और कभी कभी दिन में भी उन्हें घर पर अकेले देखकर चोदता हूँ और ऐसा पिछले एक साल से हो रहा है। इस बारे में उनकी माँ (राधा) को भी पता है.. लेकिन वो किसी से कुछ नहीं कहती.. क्योंकि में जब एक दिन रात को मंजू बुआ को चोदकर जा रहा था तो मैंने राधा दादी को उनकी मझली बेटी और दामाद को कमरे में चुदाई करते देखते हुए पकड़ा था.. वो उनके कमरे की खिड़की से अंदर झाँक रही थी। दादी ने जैसे ही मुझे देखा वो एकदम से डर गयी।
फिर मैंने उनसे कहा कि में इस बारे में किसी को नहीं बताऊंगा.. लेकिन फिर भी वो मुझसे बहुत डरती है कि कहीं में यह बात किसी को ना बता दूँ। उनके पति हर वक़्त खेत पर होते है वहां पर एक छोटा सा मकान है और वो दादी को छोड़कर बाकी सब औरतों की चुदाई करते है। उनके खेत में जितनी भी मज़दूर औरतें काम करती है वो उन सभी को चोदते है और इस कारण हरी दादाजी ने पिछले 12-15 सालों से अपनी पत्नी को चोदना तो दूर ठीक से देखा भी नहीं है। तो इस तरह में रोज़ मंजू बुआ को चोदता था।
उनके कमरे में टीवी और डीवीडी है जिसमे हम लोग ब्लूफिल्म देख देखकर चुदाई करते है। हम एक अनोखी स्टाईल में चुदाई करते है.. पहले बुआजी मेरे लंड को चूस चूसकर लोहे के सरीए की तरह कर देती है और फिर उसके बाद एक बड़े से बर्तन में ढेर सारा तेल लाती है और उसमे वो मेरे लंड को डुबो देती है और फिर दोनों हाथों से मेरे लंड को उस तेल के अंदर मालिश करती है। जिससे मेरा लंड और भी चोदने के लिए मस्त हो जाता है।
ऐसा 10 से 15 मिनट तक करती है और फिर में उनको बेड पर सुला देता और उनकी चूत का मुहं खोलकर उसमे तेल डाल देता हूँ और उसके बाद में फिर से अपने लंड को उस तेल में डुबाकर चूत में घुसाता। चूत तो पहले से ही तेल से लपालप भरी होती है और मेरा लंड तेल में डूबने के कारण वो भी तेल से पूरा भीग जाता है। फिर जब में तेल से भरी चूत में लंड डालता हूँ तो लंड के घुसते ही चूत में से फच की आवाज़ निकलती और मेरा लंड एक बार में ही पूरा जड़ तक चूत में घुस जाता है और उसके बाद में चोदने लगता और तेल के कारण चुदाई के टाईम चूत में से ऐसी ऐसी आवाज़ें निकलती है कि हम दोनों उसे सुनकर मदहोश हो जाते है।
फिर उसी तरह जब में गांड में लंड घुसाता तो उससे पहले गांड के छेद में उंगली डालकर तेल से लपालप भर लेटा और फिर लंड डालकर चोदता.. गांड मारते टाईम भी ऐसी ही आवाजें गांड से भी निकलती है और में बीच बीच में अपना लंड निकालकर तेल में डुबाकर फिर से अंदर डाल देता। में आप लोगों को बता नहीं सकता कि ऐसे चोदने में कितना मज़ा आता। उस वक्त मुझे चुदाई का इतना अनुभव नहीं था तो उस टाईम में ऐसे चोदने का मतलब समझ नहीं पाता था.. लेकिन ऐसे चोदने में बहुत मज़ा आता था। यह आईडिया मेरा नहीं था.. वो बुआजी का था.. लेकिन पता नहीं उनको ऐसी चुदाई के बारे में किसने बताया था.. लेकिन आज में उस बात को समझ गया हूँ कि ऐसे चोदने में मज़ा दुगना हो जाता है और में आप सबसे भी यही कहता हूँ कि ऐसे ही चुदकर या चुदवाकर देखिए कितना मज़ा आता है।
फिर एक दिन की बात है जब में बुआजी को रात में चोदने के बाद घर जाने लगा तो मंजू बुआ ने कहा कि कल दोपहर को घर में कोई भी नहीं होगा.. तो तुम छुपकर चले आना हम दोनों बहुत मस्ती करेंगे। तो मैंने उनकी बात मान ली और दिन के दो बजे उनके घर पहुँच गया और घर पर सच में कोई भी नहीं था.. इस कारण हम दोनों ने आराम से टीवी पर ब्लूफिल्म देखी और उसी स्टाईल में बहुत देर तक चुदाई का मज़ा लिया। फिर मंजू बुआ ने मुझे रात को भी आने को कहा और फिर में वहां से चला गया। तो मेरे जाने के बाद उनके मामाजी आए और मंजू बुआ को लेकर अपने साथ चले गये और यह सब इतना जल्दी हुआ कि वो मुझे बता भी नहीं सकी.. इसीलिए मुझे पता नहीं था कि वो घर पर है या नहीं और में रात को रोज़ की तरह उनके कमरे में चुपचाप घुस गया।
मंजू बुआ दिन में हमेशा सलवार कमीज़ पहनती है और रात को मेक्सी पहन कर सोती है और फिर उस दिन शाम को अचानक से बहुत तेज बारिश होने लगी जिसकी वजह से लाईट भी चली गयी थी और इस कारण उनके कमरे में बहुत ही अंधेरा था। फिर मैंने अंदर जाते ही दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और मंजू बुआ की साईड में जाकर लेट गया और उनको ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया.. लेकिन बाहों में लेते ही मुझे लगा कि वो थोड़ी ज़्यादा मोटी लग रही है।
मैंने पूछा कि क्या हुआ बुआजी अचानक इतनी मोटी कैसे हो गई? तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और मैंने भी उस बात पर ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया और फिर में उनकी मेक्सी के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा। तो आज बूब्स भी मुझे थोड़े ढीले लगे और छोटे लगे.. क्योंकि मंजू बुआ के बूब्स बहुत बड़े बड़े और टाईट है.. लेकिन मेरा ध्यान उस टाईम सिर्फ़ चोदने पर था तो इन सब बातों को मैंने अनदेखा कर दिया और फिर मुझे थोड़ा अजीब लगा कि आज में ही सब कुछ कर रहा हूँ.. बुआजी तो चुपचाप पड़ी हुई है। फिर मैंने उनकी मेक्सी को उतार दिया और उनको सीधा लेटा दिया.. उसके बाद में उनके ऊपर चढ़ गया और बूब्स को चूसने लगा।
उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और आज बुआ ने ब्रा नहीं पहनी थी और ना ही पेंटी। तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बुआजी आज आप पहले से ही चुदवाने के लिए तैयार है और क्या इसलिए ब्रा और पेंटी खोल दी? फिर बूब्स चूसते चूसते मैंने हाथ चूत की तरफ बढ़ाया और जैसे ही मैंने चूत पर हाथ रखा तो मुझे बालों का एहसास हुआ और मैंने एक बार फिर से हाथ लगाया तो देखा कि चूत पर बहुत सारे बाल है और में बहुत चकित हो गया.. क्योंकि आज दोपहर जब मैंने उनको चोदा था तब तो चूत बिल्कुल साफ थी.. फिर अचानक इतने सारे बाल चूत पर कहाँ से आ गये? में बहुत डर गया कि यह कौन है? और इस कारण मेरा लंड भी सिकुड़ गया।
में तुरंत उनके ऊपर से उतर गया और पूछा कि कौन हो आप? लेकिन कोई जबाब नहीं मिला तो मैंने जाकर झरोका खोल दिया। बाहर बहुत बारिश के साथ साथ तेज़ बिजली भी चमक रही थी उस बिजली की चमक से मैंने उनका मुहं देखा तो में देखता ही रह गया।
मैंने देखा कि अब तक मैंने मंजू बुआ समझकर जिसे नंगा कर दिया.. वो मंजू बुआ नहीं उनकी माँ राधा दादी है। में बहुत डर गया और वहां से जाने लगा। तो दादी ने मुझे आवाज़ दी और कहा कि रुक जाओ.. में रुक गया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर मुझे बेड पर बैठाया.. लेकिन मुझे इतना पता था कि वो इस बारे में किसी को नहीं कहेंगी.. लेकिन मैंने कभी उन्हे चोदने का सोचा भी नहीं था। दादी ने कहा कि ऐसे काम अधूरा छोड़कर कहाँ जा रहे हो? तो मैंने कहा कि में आपको कैसे चोद सकता हूँ? आप तो मुझसे बहुत बड़ी है। इस पर उन्होंने कहा कि बड़ी हुई तो क्या हुआ? में भी तो एक औरत हूँ मेरी भी एक चूत है जिसमे तुम आराम से अपना लंड घुसाकर चोद सकते हो।
यह बात सुनकर मेरे तो होश ही उड़ गये क्योंकि इससे पहले मैंने कभी 47-48 साल की औरत को चोदने के बारे में सोचा भी नहीं था.. चोदना तो बहुत दूर की बात है.. लेकिन वो कोई और होती तो में कभी पीछे नहीं हटता.. क्योंकि मुझे लड़कियों से ज़्यादा औरतों को चोदने में मज़ा आता है.. लेकिन वो साल 30 की हुई तो अच्छा है और 40 साल की हुई तो बहुत अच्छा है और यह सब मेरे उन दोस्तों को पता होगा जिन्होंने ऐसा सेक्स किया होगा।
अब कहानी पर आता हूँ.. दादी की बात सुनकर मैंने कहा कि यह आप क्या कह रही हो? यह सब ठीक नहीं है आप तो शादीशुदा हो.. जाकर अपने पति से चुदवाईए ना और इतना कहकर में वहाँ से जाने लगा तो वो मेरे पैरों पर गिर गयी और गिड़गिड़ाने लगी कि बिना मुझे चोदे ऐसे मत जाओ और उन्होंने मुझे अपनी सारी दुख भरी कहानी सुनाई।
राधा दादी ने कहा कि जब उनकी शादी हरी दादा के साथ हुई थी तो हरी दादा उन्हे बहुत चोदते थे। दिन भर में 5-6 बार और रात को 3-4 बार रोज़ चोदते थे और कभी दो बार तो 24 घंटे में 14-15 बार भी चोदते थे। किचन में आकर साड़ी को ऊपर उठाकर घोड़ी बनाकर पीछे से चूत में लंड डालकर चोद लेते थे और जब भी लंड खड़ा होता तो वो दादी के पास जाकर उनको चोदते थे। रात को सोते टाईम अगर लंड खड़ा हो गया तो उसी वक़्त साड़ी को ऊपर करके लंड चूत में घुसा देते थे और सुबह जब उठते थे तब उठने से पहले रोज़ चोदते थे। वो हमारी शादी के 15 दिन में ही मुझे 150-200 बार चोद चुके थे.. जिस कारण मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी और में 15 दिनों में ही प्रेग्नेंट हो गयी थी और उसके बाद भी 4 महीने तक तेरे दादाजी मुझे ऐसे ही चोदते रहे। जब भी वो खेत पर जाते थे तो मुझे अपने साथ लेकर जाते थे और वहाँ एक चारपाई थी.. उसके ऊपर लेटाकर चोदते थे.. जिस कारण वो चार पाई चार दिनों में ही टूट गयी थी।
फिर एक बार हम दोनों मेरी बहन की शादी में गये थे और फिर वहाँ भी यह मुझे एक कमरे में ले जाकर चोदने लगे और उस वक़्त बाहर शादी चल रही थी.. लेकिन हम लोग अंदर कमरे में चुदाई कर रहे थे। इस बीच मेरे पिताजी हमे बुलाने आ गए तो अंदर से ही मैंने जबाब दिया के आप जाइए हम अभी थोड़ी में आते है.. क्योंकि तेरे दादाजी ज़्यादा देर तक नहीं चोद सकते थे.. बस 12-15 मिनट चोदने के बाद ही उनका लंड पानी छोड़ देता था। फिर जब बड़ी बेटी पैदा हुई उसके 10 दिन के बाद ही वो मुझे चोदने लगे थे.. में नीचे लेटकर बच्ची को दूध पिलाती थी और यह पीछे से आकर मेरी साड़ी को ऊपर करके मेरी चूत में लंड डालकर चोदते थे। उनका हाल तो ऐसा था कि रात को जब भी इनका लंड खड़ा होता था.. उसी वक़्त चोदने लगते थे और जब में गहरी नींद में होती थी तो चुपचाप मेरे दोनों पैर उठाकर चोदने लगते थे और जब मेरी नींद खुलती थी तो मेरी चूत में लंड होता था। इस तरह बहुत जल्द ही में फिर से प्रेग्नेंट हो गई थी और मेरी बड़ी बेटी 8 महीने में ही पैदा हो गयी थी। तो जब हमारी शादी को एक साल पूरा हुआ तो में दूसरी बार प्रेग्नेंट थी। तो इस बार जब मैंने दूसरी बेटी को जन्म दिया तो डॉक्टर ने कहा कि इसके बाद कम से कम दो साल तक कोई बच्चा नहीं होना चाहिए.. नहीं तो मेरी जान को ख़तरा हो सकता है और यह बात सुनते ही तेरे दादाजी बहुत दुखी हो गये।
फिर उसके बाद उन्होंने मुझे चोदना कम कर दिया था.. इस कारण वो बाहर की औरतों को चोदने लगे और कभी कभी अगर मन किया तो मुझे चोद देते थे और इस तरह मंजू पैदा हुई और उसके बाद तो वो महीने में एक बार मुझे चोद ले तो वो भी बहुत था.. लेकिन पिछले 15 सालों से उन्होंने मुझे छुआ तक नहीं और इस कारण में रोज़ चुदवाने के लिए तरस गयी हूँ। फिर जब दोनों बड़ी बेटियों की शादी हुई तो जब भी वो अपने पति के साथ आती थी तो रात को चुदाई करते हुए में उनको देखकर अपने आपको शांत कर लेती हूँ.. लेकिन अब तो वो भी देखने को नहीं मिलता। इसलिए में तुम्हे मंजू को चोदते हुए कभी कभी देखती थी और आज जब मंजू ने मुझे कहा कि में तुझे उसके जाने के बारे में बता दूँ तो मेरे मन में ख़याल आया कि क्यों ना इस बात का फायदा उठाकर में तुम से चुदवा लूँ और 15 सालों से प्यासी अपनी चूत की आग को बुझा लूँ? इसलिए में तुम्हारे पैर पड़ती हूँ मुझे आज चोदकर मेरी प्यास बुझा दो तुम जो कहोगे में वो सब करूँगी और इसके लिए में तुम्हे रोज़ 100 रुपये दूँगी.. लेकिन मुझे ऐसे तड़पती हुई छोड़कर मत जाओ..
bus wali ajnabi ladki ki chudai
हैल्लो दोस्तों.. मैंने बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है.. ज़्यादातर मुझे बहुत अच्छी लगी है दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मेरी यह कहानी पढ़कर बहुत मज़ा जाएगा.. तो दोस्तों अब में आप सबको बोर ना करते हुए अपनी कहानी सुनाता हूँ.. यह एक महीने पहले की बात है। में अपनी आंटी के घर गया था जो देहरादून में रहती है और में वहाँ पर घूमने के लिए गया था। मेरे दोस्त बताते थे कि देहरादून की लडकियों को सेक्स का बड़ा शोक है वो जल्दी ही किसी से भी चुद लेती है और यह बात सोचकर मेरा लंड भी खड़ा हो जाता था और में सोचा करता था कि शायद मुझे भी वहाँ पर ऐसी ही कोई लड़की मिल जाए जो मेरी प्यास बुझा सके। मैंने अभी तक सेक्स कभी नहीं किया था बस मुठ मारकर अपना काम चला लिया करता था।
में देहरादून में लगभग हर जगह घूम चुका था.. लेकिन मुझे अब तक कोई ऐसी लड़की नहीं मिली थी और यार मेरे मन में सेक्स के लिए प्यास बढ़ती जा रही थी और में वहाँ पर अपनी बाईक लेकर गया हुआ था। एक दिन मेरे मन में एक ख़याल आया क्यों ना आज बस में घुमा जाए और में अपनी बाईक को घर पर छोड़कर बस से घूमने निकल गया। में जिस सिटी बस में घुसा उसमे एक ही सीट खाली थी तो में जल्दी से उस पर जाकर बैठ गया और अब बस कुछ दूर ही गई थी। तो उसमे एकदम से बहुत सारे यात्री चढ़ गये.. क्योंकि हम से आगे जो बस चल रही थी वो खराब हो गयी थी और उस बस के सारे यात्री हमारी बस में आने से बहुत ज़्यादा भीड़ हो गयी।
में थका हुआ सा था तो मैंने अपने से अगली सीट पर अपने हाथ मोड़कर रख लिए और अपने हाथों पर सर टिकाकर आराम करने लगा। तभी मेरा ध्यान मेरे पास में खड़ी लड़की पर गया.. उसका फिगर बड़ा सेक्सी था.. बूब्स बड़े बड़े और उसकी गांड भी बहुत उभरी हुई थी। उसने काले कलर का सूट पहना हुआ था वो बड़ी सेक्सी लग रही थी.. बस में ज्यादा भीड़ होने के कारण सभी लोग आपस में बहुत सटकर खड़े हुए थे। उस लड़की के पीछे एक अंकल खड़े थे और मैंने ध्यान से देखा तो वो अंकल उससे बिल्कुल चिपककर खड़े हो गये और अंकल ने अपना एक हाथ धीरे धीरे उसकी गांड पर रख दिया।
तो वो देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे बड़ा अफ़सोस हो रहा था और में सोच रहा था काश में उस अंकल की जगह होता। फिर वो अंकल धीरे धीरे उसकी मस्त गांड पर अपना हाथ घुमा रहे थे.. लेकिन वो लड़की चुपचाप खड़ी हुई थी जैसे उसे कुछ पता ही नहीं चल रहा हो। फिर उस अंकल ने भीड़ का फायदा उठाते हुए अपना एक हाथ उसके सूट में डाल दिया और मैंने ध्यान से देखा तो वो लड़की इसके मजे ले रखी थी.. लेकिन तभी बस का एक स्टॉप आया और वो अंकल उतर गये और अंकल के चले जाने से वो लड़की थोड़ा सा पीछे होकर जिस सीट पर मैंने अपने हाथ रख रखे थे वो उस पर अपनी गांड टिकाकर खड़ी हो गई और उसकी कोमल गांड मेरे हाथ पर लग रही थी। माँ कसम मेरा तो लंड फटने के लिए तैयार हो गया था यह मेरी लाईफ का पहला मौका था जब मेरा हाथ किसी लड़की की गांड को छू रहा था।
मुझे तो पहले ही सेक्स चढ़ा हुआ था और मेरी हिम्मत भी बढ़ी हुई थी कि जब इसने उस अंकल को कुछ भी नहीं कहा तो मुझे क्या कहेगी? तो मैंने भी यह सोचकर उसकी गांड पर हाथ फिराना शुरू कर दिया.. उस लड़की ने मेरी तरफ देखा और मुझे हल्की सी स्माईल दी और मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था। दोस्तों मुझे इतना ज़्यादा मज़ा आ रहा था कि बता नहीं सकता। में भगवान से दुआ कर रहा था कि यह सफर कभी खत्म ही ना हो और में ऐसे ही उसकी गांड पर अपना हाथ फिराता रहूँ। तब तक बस घंटाघर पहुंच चुकी थी.. लेकिन वहाँ पर जाम लगा हुआ था और में तो यह देखकर बहुत खुश हो गया.. क्योंकि मुझे अब और टाईम मिल गया था। तभी मेरी पास की सीट पर जो अंकल बैठे हुए थे वो उतर गये और वो लड़की मेरे पास में बैठ गई.. उसके मेरे पास बैठते ही में उसको पूरा छुपाकर बैठ गया।
फिर मैंने उससे बात करने की सोची और उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम टीना बताया। वो देहरादून में पढ़ाई करने आई हुई थी और वो बड़ी ही चालू टाईप की लड़की थी और फिर बातों बातों में मैंने उसका मोबाईल नंबर ले लिया और अब मेरे मन में सेक्स की प्यास और बढ़ती जा रही थी।
फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके सूट के पल्लू के नीचे से उसकी चूत के ऊपर फिराने लगा और मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी और उसने मेरा हाथ पकड़कर दबा दिया तो में समझ गया कि अब वो चुद जाएगी.. लेकिन तभी उसका स्टॉप आ गया और वो मुझे स्माईल करते हुए उतर गयी। उस टाईम में बहुत ज़्यादा खुश था। मुझे खुशी के मारे यकीन भी नहीं हो रहा था और उसने मुझे बताया था कि उसकी स्कूटी खराब हो गयी थी तो वो आज पहली बार बस में आई थी और वो जहाँ पर उतरी थी वहाँ पर उसकी ट्यूशन थी और उसकी क्लास शाम को ख़त्म होनी थी। फिर में वहीं से जल्दी जल्दी अपनी आंटी के घर वापस गया और मैंने दो बार मुठ मारी और में नहा धोकर तैयार हो गया था। फिर मैंने उसे कॉल किया तो पता चला कि आज उनके सर नहीं आए थे तो उसकी तभी छुट्टी हो गयी थी और वो तो अपने रूम पर भी आ चुकी थी और उसने इस टाईम में अपनी स्कूटी भी ठीक करवा ली थी।
फिर मैंने उससे कहा कि में तुम से मिलना चाहता हूँ.. तो वो बोली कि मिलकर क्या करने का इरादा है? तो मैंने कहा कि में बताता नहीं हूँ बस करके दिखाता हूँ। तो वो हंसने लगी और उसने अपना पता मुझे दे दिया.. लेकिन उसने कहा कि बाईक मत लाना वर्ना पड़ोसियों को शक हो जाएगा।
तो मैंने कहा कि ठीक है और में जल्दी से घर से निकल गया.. मैंने सबसे पहले एक कंडोम का पेकेट खरीदा और में उसकी कॉलोनी में ऑटो करके पहुंच गया और उसे कॉल किया। तो वो अपनी स्कूटी लेकर आ गयी और में उसके पीछे बैठ गया और मैंने उससे कहा कि मुझे थोड़ा सा घुमा भी दो। तो वो मुझे एक ऐसे रोड पर ले गयी जो एकदम सुनसान सी थी और फिर मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुये उसके टॉप में हाथ डाल दिया और उसकी नाभि पर हाथ घुमाने लगा और मेरा ऐसा करने से उसे बहुत मजा आ रहा था.. उसकी चमड़ी बहुत ही मुलायम थी। मैंने तभी उसके बूब्स भी दबा दिए और वो उछल पड़ी और बोली कि सब कुछ यहीं पर कर लोगे तो रूम पर क्या करोगे? और वो बोली कि अब रूम पर चलते है। वो बड़ी गरम हो रही थी और उसने मुझे अपनी गली के बाहर उतार दिया और कहा कि यहाँ से तुम पैदल आ जाओ और उसके रूम का दरवाजा रोड पर ही था। तो में धीरे से उसके रूम में घुस गया और घुसते ही मैंने गेट की कुण्डी लगा दी और उसे अपने साथ बेड पर गिरा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिए।
वो मेरी लाईफ की पहली स्मूच थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने उसके टॉप में हाथ घुसा दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा और वो अपनी दोनों आखें बंद करके सिसकियाँ ले रही थी। फिर मैंने धीरे धीरे उसका टॉप उतार दिया.. उसने गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी। फिर मैंने झट से उसकी ब्रा भी उतार दी.. उसके बूब्स बड़े ही मस्त थे और मैंने उसके एक बूब्स को मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया और अपने एक हाथ से उसके दूसरे बूब्स के निप्पल को दबाने लगा।
उसके बूब्स को दबाने और चूसने में मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उसकी केफ्री उतार दी.. वो आराम से बिना बोले मज़े ले रही थी.. उसके मुहं से बस सिसकियाँ आ अया उह्ह्ह्ह अह्ह्ह की आवाजें आ रही थी। उसने पेंटी भी गुलाबी कलर की ही पहनी हुई थी। मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी उसने अपनी चूत के बाल साफ किए हुए थे और उसकी चूत एकदम चिकनी लग रही थी और फिर मैंने उसकी चूत पर अपनी एक उंगली रख दी। तभी उसने एक ऐसा झटका मारा कि मेरी उंगली उसकी चूत में घुस गयी.. उसकी चूत अंदर से बड़ी मुलायम थी और अब मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए।
फिर में उसके ऊपर लेट गया और में थोड़ा सा ऊपर उठा तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया और वो मेरे लंड को अपनी चूत पर रगड़ने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था और फिर मैंने टाईम खराब ना करते हुए अपने लंड पर कंडोम लगा लिया और अपना लंड धीरे धीरे उसकी चूत में घुसा दिया। वो आह्ह्ह आह्ह्ह करने लगी और बोली कि चोद दो मुझे मेरी चूत फाड़ दो और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारो। तभी उसके मुहं से यह सब सुनकर मुझे बड़ा जोश आ गया और अब मैंने अपने दोनों हाथ उसकी गांड पर रखे और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा। तो वो भी अपनी गांड उठा उठाकर पूरा लंड चूत में ले रही थी और हम दोनों बड़े मजे से चुदाई कर रहे थे।
फिर उसे चोदते हुए मुझे टाईम का भी पता नहीं चला और कुछ देर बाद ही वो चुपचाप लेटी रही जैसे उसे नींद आ गयी हो और जब मैंने पूछा तो उसने बताया कि वो झड़ गयी है और उसके झड़ने के एक मिनट के बाद ही में भी झड़ गया और झड़ने के बाद उसके ऊपर ही लेट गया।
फिर हम दोनों को ऐसे ही लेटे लेटे नींद आ गई और हम दोनों बहुत देर तक ऐसी ही हालत में सोते रहे। फिर मैंने उठकर अपना लंड साफ किया और फिर उसने मेरा लंड पकड़ लिया और अपने मुहं में ले लिया और मज़े से चूसने लगी। तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.. लेकिन वो उसे चूसती रही मुझे बहुत ज़्यादा गुदगुदी हो रही थी और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उसके सर के बालों को पकड़ा और उसके मुहं में ही ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और मैंने देखा कि उसकी सांसे धीरे धीरे तेज होने लगी थी। उसके चहरे का रंग लाल होने लगा था और फिर भी में उसके मुहं में लंड को धकेले जा रहा था और करीब दस मिनट के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया।
तभी उसके मोबाईल पर कॉल आया उसकी एक दोस्त उसके रूम पर आने वाली थी और वो रास्ते में थी। तो उसने मुझे कहा कि अब आपको जाना होगा और हम फिर कभी मिलते है और उसने मुझे बताया कि उसका एक बॉयफ्रेंड है.. लेकिन वो जहाँ से आई थी वो वहीं पर है और वो उसके साथ बहुत बार चुदाई कर चुकी थी। उसका भी मेरी तरह सेक्स के लिए बड़ा मन कर रहा था और जब उस अंकल ने उसकी गांड छुई तो उससे कंट्रोल नहीं हुआ और वो मुझसे चुदवाने के लिए तैयार हो गयी थी।
बस फिर में वहाँ से अपने घर पर आ गया। फिर मुझे घर आकर पता चला कि मेरे दादा जी भी देहरादून आए हुए थे वो मुझे अपने साथ वापस सहारनपुर ले आए और उस दिन के बाद से उसका मोबाईल नंबर बंद आ रहा था। फिर में बीच में एक बार देहरादून जाकर उसकी कॉलोनी में गया और उसके बारे में पता किया तो मुझे पता चला कि वो वहाँ से कमरा छोड़कर चली गई थी। अब जब भी में उसे याद करता हूँ तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
स्वीट प्रिया भाभी की चूत चोदी
हैलो दोस्तों.. मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र 28 साल है। में मुंबई में रहता हूँ मेरी लम्बाई 5.8 और में एक इंजिनियर हूँ। दोस्तों वैसे में सेक्सी कहानियाँ पड़ने के लिए समय निकाल ही लेता हूँ और मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लगता है और इन कहानियों को पढ़कर ही मैंने एक दिन अपनी भी कहानी लिखने के बारे में सोचा और आज आप सभी के सामने वो घटना मौजूद है। दोस्तों इसमें मुझसे अगर कोई भी गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करना क्योंकि यह मेरी पहली कहानी है।
दोस्तों यह बात 7 साल पहले की है जब में 21 साल का था और इंजिनियरिंग के आखरी साल में मेरा दाखिला हुआ था। में अपने कज़िन के घर पर रहकर पढ़ाई करता था क्योंकि मेरा घर गावं में था और वहां पर एक भी अच्छे स्कूल कॉलेज नहीं थे। मेरे कज़िन के यहाँ सिर्फ़ वो और उनकी वाईफ प्रिया रहती थी।
मेरे भाई ने इंटरनेशनल मार्केटिंग में B.A. की हुई थी और वो अधिकतर समय घर से बाहर किसी ना किसी ट्यूर पर ही रहता था और मेरी भाभी को ज़्यादा वक़्त नहीं दे पाता था। मेरी भाभी फिर भी खुश थी और उन्होंने कभी किसी बात की शिकायत नहीं की.. जब भी मेरे भाई ट्यूर पर जाते थे तो में अपनी भाभी के कमरे में ही सोता था। क्योंकि अकेले में उनको बहुत डर लगता था।
यह बात अगस्त महीने की हैं जब बारिश का मौसम था और भैया को 15 दिनों के लिए आउट ऑफ कंट्री जाना था और फिर में, मेरी भाभी उनको एयरपोर्ट तक छोड़कर घर पर आए.. लेकिन भाभी बहुत उदास थी और घर पर आकर सीधे अपने कमरे में चली गई और अंदर से कमरा बंद कर लिया। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनके दरवाजे को बजाया.. उन्होंने दरवाजा खोला। तो मैंने देखा तो उनकी आँखें लाल थी.. शायद वो रो रही थी।
में : भाभी आप रो क्यों रही हो?
भाभी : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है बस मुझे आपके भैया की याद आ रही है तब तक मैंने अपनी भाभी को कभी ग़लत नज़र से नहीं देखा था.. लेकिन 21 साल की उम्र ही कुछ ऐसी होती है अपने आप पर काबू ही नहीं रहता। फिर मेरा लंड मुझे रात को बारिश की ठंडक में बहुत परेशान करने लगा और कभी भी खड़ा हो जाता। एक अजीब सी कशिश होती जो कि शब्दो में बताना बहुत मुश्किल है। फिर रात को भाभी ने कहा कि आओ रोहित सोने का टाईम हो गया।
में : भाभी मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है।
भाभी : क्यों क्या हो गया? ला ओ में दबा देती हूँ।
फिर मैंने बोला कि ठीक है भाभी और भाभी मेरा सर होले होले दबाने लगी.. मेरे और मेरी भाभी के बीच में एक बहुत अच्छे दोस्त का रिश्ता भी था और में भाभी के साथ हर एक बात शेयर करता था.. लेकिन अभी तक कभी सेक्स से सम्बंधित बातें शेयर नहीं की। भाभी ने मेरे सर में बाम लगाया और धीरे धीरे मेरा सर दर्द ठीक होने लगा और में बहुत अच्छा महसूस कर रहा था.. मैंने भाभी से कहा कि में अब पूरी तरह से ठीक हूँ और अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। तो भाभी ने मुझसे कहा कि रोहित पता नहीं मेरे पैर में कल शाम से हल्का हल्का दर्द हो रहा है।
में : भाभी यह तो ग़लत बात है आपने मुझे अभी तक बताया क्यों नहीं? में अभी आपके पैर दबा देता हूँ।
भाभी : नहीं नहीं रोहित.. ऐसा मत करो प्लीज़.. में तुमसे कैसे अपने पैर दबवा सकती हूँ? लेकिन में कहाँ सुनने वाला था.. में सरसों का तेल लेकर आया और भाभी के पैरों में लगाने लगा। दोस्तों मेरी भाभी का कलर बिल्कुल साफ था और उनकी लम्बाई 5.5 और वो 25 साल की थी। वो एकदम सेक्सी लगती थी और उनके बूब्स एकदम गोल थे। अगर वो मुझे पहले मिली होती तो में उन से शादी कर लेता। भाभी ने उस वक़्त गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी।
फिर मेरे बहुत कहने पर भाभी आखिकार मान गई और पैर दबवाने को मजबूर हो गई.. में तेल लेकर भाभी के पैरों पर लगाने लगा। तभी मुझे अचानक से पता नहीं क्या होने लगा और मेरा लंड हाफ पेंट में तनकर खड़ा हो गया.. मुझे पसीना आने लगा और दिल की धड़कन तेज हो गई और यह पहली बार था कि में अपनी भाभी को सेक्स की नज़र से देखने लगा था।
तभी अचानक से भाभी ने पूछा कि अब तो तू बड़ा हो गया है। तेरी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो में शरमा गया और बोला कि नहीं भाभी अभी तक तो कोई नहीं है और गर्लफ्रेंड की बात भाभी के मुहं से सुनकर मेरा लंड और ज़्यादा टाईट होने लगा और मैंने सोच लिया कि इस बात को आज कुछ ऐसी दिशा की तरफ मोड़ दूँ ताकि हमारे बीच और भी सेक्स की बातें हो सके। फिर में भाभी के पैर को दबाते हुए उन पर दबाव भी डाल रहा था और धीरे धीरे उनकी जांघो तक पहुंच गया था। भाभी की तरफ से कोई भी विरोध नहीं हो रहा था जिससे मेरा डर और खुल रहा था और में उनको अपने सेक्स प्लान में फंसा लेना चाहता था।
भाभी : क्यों भाई अब तक गर्लफ्रेंड क्यों नहीं? दिखने में तो ठीक ठाक हो फिर क्या समस्या है।
तो मैंने कहा कि भाभी स्कूल में अगर किसी को पता चले कि मेरा किसी के साथ चक्कर है तो नाम खराब होगा और इसलिए मैंने किसी को प्रपोज़ नहीं किया। तभी भाभी अचानक से बोली कि मेरे करीब आओ.. तो में बहुत घबरा गया.. लेकिन फिर भी उनके करीब गया। उन्होंने मेरे सर पर किस किया और बोला कि मुझे तुम पर बहुत गर्व है रोहित में बहुत खुश हूँ कि मुझे तुम जैसा देवर मिला है।
में : में भी बहुत खुश हूँ भाभी आपको पाकर आप मेरी भाभी कम और एक दोस्त ज़्यादा हो और अब मेरा लंड मुझे ज़्यादा ही तंग कर रहा था और लंड इतना ज़्यादा खड़ा हो गया था कि मुझे डर लगने लगा कि कहीं भाभी उसे देख ना ले। तो मैंने भाभी से कहा कि में एक मिनट में वॉशरूम से आया.. लेकिन में बेड पर से जैसे ही उठा अचानक से में भाभी के ऊपर गिर गया और मेरा लंड उनके पेट से टकराया भाभी ने बड़ी बड़ी आँखों से मुझे देखा और देखती ही रह गई।
में फटाफट उठकर पेशाब करके वापस आया और भाभी के पैर दबाने लगा जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं.. लेकिन भाभी में अब बहुत बदलाव दिख रहा था.. उनकी आवाज़ धीमी हो गई थी और उनकी छाती भी थोड़ी तेज ऊपर नीचे हो रही थी। में उनके पैर दबा रहा था.. लेकिन मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा था। भाभी की नज़र नीचे थी और में समझ गया कि वो मेरे लंड को देख रही है। तभी थोड़ी देर की खामोशी के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि लगता है तुम अब बड़े हो गये हो और अपनी भाभी के साथ सब कुछ शेयर नहीं करते।
में : नहीं भाभी ऐसा तो कुछ नहीं है.. लेकिन आपको ऐसा क्यों लग रहा है?
भाभी : यह तुम्हारी पेंट के अंदर पहाड़ क्यों बना हुआ है?
तो में यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया और मेरे मुहं से कुछ नहीं निकला और में सर नीचे झुकाते हुए उनके पैर को दबा रहा था।
में : भाभी प्लीज मुझे माफ़ कर दो।
भाभी : अरे इस में माफ़ी की क्या बात है यह सब इस उम्र में सभी के साथ होता है और यह सब सामान्य है।
में : बहुत बहुत धन्यवाद भाभी मुझे समझाने के लिए.. लेकिन भाभी अगर आप गुस्सा नहीं हो तो क्या में एक बात पूछूँ?
भाभी : तुम एक क्यों 100 बात पूछो?
में : भाभी आप और भैया क्या रोज़ सेक्स करते हो?
भाभी : नहीं रोहित में इतनी ख़ुशनसीब नहीं हूँ.. तुम्हारे भैया के लिए उनका काम ही ज़्यादा ज़रूरी है और वो वहां से बहुत थककर आते है और थोड़ी बहुत देर में सो जाते है।
फिर में उनकी यह बात सुनकर बहुत चकित हुआ और मैंने भाभी के पैर दबाना छोड़ दिया और उनके ही पास में आकर लेट गया।
में : भाभी क्या में आपको किस कर सकता हूँ?
तो भाभी ने मेरी तरफ देखा और कुछ जवाब नहीं दिया। वो सीधी अपने होठों को मेरे होठों के करीब लेकर आए और मेरे ऊपर वाले होंठ को चूसने लगी.. में हक्का बक्का रह गया था.. क्योंकि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि किस करने की शुरुवात भाभी की तरफ से होगी। में संभला और में भी भाभी का साथ देना लगा और उनके होठों को काटने लगा। बारिश और बिजली की कड़कड़ाहट से मौसम ठंडा हो गया था और हम दोनों भी बहुत ज़्यादा कामुक हो गये थे।
फिर मैंने भाभी को झटका देकर हटाया और उनके ऊपर आ गया और उनके होठों को ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. भाभी ने मुझे इशारों से रोका और सिखाया कि कैसे आराम से किस करना चाहिए और हम दोनों एक दूसरे के होंठ करीब 5 मिनट तक चूस रहे थे। मुझे ऐसा लग रहा था कि में जन्नत में पहुंच गया हूँ और उनके होंठो को ऐसे चूस रहा था जैसे कि हम आईसक्रीम खा रहे हो और मेरा लंड इतना कड़क हो गया था कि उसमे बहुत दर्द होने लगा था। फिर भाभी ने मेरे होंठो को छोड़ा और मेरे निपल्स को काटने लगी और मेरी कमर में भी अपने नाख़ून का दबाव डालने लगी।
में इतना ज़्यादा उत्तेजित हो गया था कि मैंने उनकी मेक्सी को फाड़ दिया और उनके बूब्स देखकर तो जैसे पागल ही हो गया था.. काली कलर की ब्रा से उनके बूब्स ऐसे ढके हुए थे जैसे कि नई नवेली दुल्हन घूँघट में छुपकर रहती है। फिर मैंने उनकी ब्रा का हुक खोला और इतना पागल हो गया था कि मैंने उनके निपल्स को ज़ोर से काटा वो दर्द से चिल्लाने लगी और कहा कि प्लीज धीरे प्लीज़.. लेकिन में तो पागल हो गया था और उनके आग्रह का कोई असर अब मुझ पर होने वाला नहीं था। फिर में ज़ोर ज़ोर से उनके बूब्स को चूस रहा था और मेरी भाभी की आवाज़ आ रही थी आहह और ज़ोर से और ज़ोर से अह्ह्ह उफ्फ्फ ऐईईइ रोहित मेरे शरीर को अपने दातों से काटो।
तभी उनके मुहं से यह सुनकर में और पागल हो गया और उनके बूब्स को और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.. मेरी भाभी को अब बहुत मज़ा आ रहा था और उन्होंने मेरे सर पर हाथ फैरते हुए कहा कि रोहित तुम तो खिलाड़ी हो ऐसा लग रहा है कि तुम पूरी रात मेरे निपल्स को ज़ोर ज़ोर से चूसते रहो और अब में उनके बूब्स से हटा और उनकी हल्की हरी कलर की पेंटी को सूंघने लगा। फिर मैंने उनकी पेंटी के ऊपर से ही उनको अपने दातों से काटा और मेरी भाभी दर्द से चिल्लाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी।
तभी मैंने एक झटके में उनकी पेंटी निकाली और उनकी चूत के आकार को देखने लगा.. चूत पर हल्के हल्के बाल थे और उसके होंठ गुलाबी कलर के थे। दोस्तों मैंने चूत रियल लाईफ में पहली बार देखी थी और इससे पहले ब्लू फिल्म में कई बार देखी थी और फिर मैंने ब्लूफिल्म्स की तरह उनकी चूत को चूसना शुरू किया और भाभी का चेहरा देखा.. भाभी अपनी दोनों आँखें बंद करके एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और दूसरे हाथों से मेरे सर पर दबाव डालकर उनकी चूत की तरफ धकेल रही थी।
तो अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में उनकी चूत को चूस रहा था और मैंने अपनी जीभ को उनकी चूत की गहराई में डाला तो उनकी चूत बहुत गरम हो चुकी थी और उनकी चूत के रस का स्वाद भी अच्छा था। मेरी भाभी पागल हो रही थी और वो बोली कि रोहित अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.. प्लीज़ अपना लंड मेरी चूत में डाल दो। तभी उनके मुहं से लंड शब्द सुनकर मुझमें और जोश आ गया और में 69 पोज़िशन में आ गया। तो मैंने अपना लंड उनके मुहं में डाला और उनकी चूत को चूस रहा था.. मुझे लंड चुसवाते हुए बहुत मज़ा आ रहा था और भाभी को भी उनकी चूत चुसवाते हुए बहुत मस्ती आ रही थी।
हम 5 मिनट तक 69 पोज़िशन में एक दूसरे के प्राईवेट अंग को चूसते रहे.. लेकिन अब भाभी बेकाबू हो रही थी और मुझसे मदहोशी वाली आवाज़ में आग्रह करने लगी कि मुझे चोदो प्लीज़ मुझे चोदो। तो अब टाईम आ गया था उनकी चूत की प्यास बुझाने का.. मैंने उनको बिस्तर पर लेटाया और उनके कमर के नीचे एक तकिया लगाया और मैंने भाभी के कहने पर उनकी अलमारी से कंडोम निकाला। फिर भाभी ने कंडोम मेरे खड़े लंड पर चड़ाया और मुझे इशारा किया लंड को चूत के अंदर घुसाने का.. मेरा लंड बार बार स्लिप हो गया था। तो भाभी ने अपने हाथों से लंड को चूत के अंदर सेट किया और जैसे ही लंड चूत के अंदर घुसा तो उन्होंने मेरे सर के बाल ज़ोर से खींचे। अब वो पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी और उनके मुहं से अपने आप आवाज़े निकल रही थी आअहह अह्ह्ह आईई ज़ोर से तेज और तेज रोहित और तेज़ यह सब सुनकर में और ज़्यादा उत्तेजित हो रहा था और मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
मैंने भाभी के होठों को किस किया और एक हाथ से उनके बूब्स को भी दबा रहा था.. भाभी की आँखें बंद थी और होठों पर हल्की हल्की मुस्कान और अब उन्हें देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो हम दोनों कश्मीर की वादियों में अपना हनिमून मना रहे हो। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला और उनको घुटनो के बल डोगी स्टाईल में बैठने को कहा और में उनके पीछे आया और वहां से लंड उनकी चूत में डाला। इस बार उनको और भी ज़्यादा मज़ा आ रहा था.. क्योंकि दबाव और लंड से चूत की रगड़ और भी ज़्यादा हो रही थी.. भाभी भी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी। तभी अचानक भाभी की धड़कन तेज होने लगी और उन्होंने ज़ोर से बोला कि तेज.. तो में समझ गया कि उनकी चूत का रस निकलने वाला है और मैंने फटाफट उनको सीधा लेटाया और खुद बहुत तेजी से झटके देने लगा। हम दोनों अपने आखरी छोर पर पहुंच चुके थे और साथ साथ ही झड़ गए।
अब भाभी के चेहरे पर अलग ही ख़ुशी थी और वो मेरे बालों को सहलाने लगी.. उन्होंने मेरे गालों को किस किया और कहा कि में तुम से बहुत प्यार करती हूँ और फिर मैंने भी कहा कि भाभी में भी आपसे बहुत प्यार करता हूँ। दोस्तों वो रात मेरी और मेरी भाभी की सबसे सुहानी रात थी.. जिसे में कभी नहीं भूल पाऊँगा। फिर हमने उस रात दो बार और चुदाई की और ऐसे ही सो गए।
काम वाली बाई से लंड चुसवाया
हेलो दोस्तों, आप कैसे है. मैं २८ साल का नौजवान हु और मुझे सेक्स का बहुत शौक है. मेरी शादी अभी नहीं हुई है और मैं मुंबई में रह कर जॉब कर रहा हु. आप सब को तो मालूम ही है, कि मुंबई की लाइफ कितनी भागा- दौड़ी वाली है और घर के लिए समय ही नहीं मिलता है. इसलिए मैंने घर में काम वाली बाई लगा रखी थी. वो कोई ४५ के आसपास की औरत होगी. वो सिर्फ मेरे घर में ही काम करती थी. मैंने उसको रखा ही इसी शर्त पर था. मेरा नाश्ता बनाना, कपड़े धोने, घर की साफ़ सफाई और बाकी सारे काम. वो सुबह ६ बजे आ जाती थी और मुझे चाय देकर जागती थी.
आप सब को पता ही होगा, कि सुबह के वक्त लंड ज्यादा खड़ा होता है. बाई जब भी मुझे चाय दे कर जाती, तो उसके चेहरे पर मुस्कराहट होती थी. मुझे ये तो पता था, कि मेरा लंड खड़ा रहता है और वो इसी वजह से मुस्कुराती है. एक दिन मैं ऑफिस से वापस आया, तो देखा कि उसने टेबल पर मेरी सेक्स किताबे निकाल रखी थी. वो मुझे चाय देते हुए बोली – साहब शादी कर लो. आप सुबह ही तने रहते हो, इन सब तस्वीरो को देख कर. फिर वो जोर – जोर से हसने लगी. मैंने कहा – कोई बात नहीं. तने हुए को शांत करने के लिए शादी की जरूरत नहीं है. सिर्फ जो प्यासा हो उसकी जरूरत है.
शायद, बाई को मेरी बात कुछ समझ आ गयी. उस दिन उसने खाना बड़ा अच्छा बनाया था. वो शाम को मेरे साथ बात करती थी और अपने पति को खूब गालिया देती थी. साला… खुद तो कुछ काम करता नहीं.. जो मैं कमाती हु, वो भी ले लेता है और सब दारु में उडा देता है. इस बहाने से वो मुझे कुछ ना कुछ ले ही जाती थी. उस दिन भी वो अपनी ही कहानी सुना रही थी और बोल रही थी.. साहब बिलकुल बेकार हो गया है. आता है साला दारू में धुत्त और मेरे ऊपर चढ़ जाता है और फिर २ मिनट में ख़तम. हम तो मनमकोस कर रह जाते है.
मुझे समझ आ गया, कि बुद्दी की चूत चुदवाने को फुदक रही है. मैंने उसको बोला – आज खाना अच्छा बनाया है. वो मुस्कुरा दी. फिर मैंने कहा – लगता है.. तस्वीरे देख कर जवानी आ गयी. वो बोली – साहब, जवान तो हम है ही.. बस जवानी को रौंदने वाला नहीं मिला अभी तक. फिर तो मेरे लंड ने जोर मारना शुरू कर दिया. फिर मैंने कहा – बाई आज थोड़ा रुक सकती हो? मेरे पैरो की मालिश करनी है. बहुत दर्द है. वो मुस्कुरा दी और बोली – आप कहे, तो रात में रुक जाती हु. मेरा मर्द कोई एतराज़ नहीं करेगा. मैंने कहा – ठीक है. उसने अपने मर्द को फ़ोन कर दिया और मैंने अपने बेडरूम में आ गया और केवल शॉर्ट्स डाल दी.
मैंने पलंग पर पैर फैला कर बैठ गया और वो तेल गरम करके ले आई. वो मेरे पैरो को मालिश कर रही थी और मैं अपने मोबाइल को साइलेंट करके एक ब्लू फिल्म देख रहा था. वो साथ – साथ में मुझसे बातें भी कर रही थी. एक ब्लू फिल्म की वजह से और दूसरी उसके हाथ मेरे शरीर में लगने की वजह से मेरा लंड धीरे – धीरे धक्के मारने लगा. वो अब मेरे शोर्ट में तम्बू बना रहा था. मैंने लंड को ऐसे ही रहने दिया और कुछ भी नहीं किया. बाई का हाथ धीरे – धीरे ऊपर आ गया और मेरी जांघ पर वो मालिश करने लगी. फिर उसने देखते – देखते मेरे शॉर्ट्स के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरे अन्डो को पकड़ कर दबा दिया.
मेरे मुह से जोर दार सिसकी निकल गयी इस्स्सस्स्स्सस्स्स… उसके निप्पल भी खड़े हो चुके थे. मैंने आव ना देखा ताव और सीधे ही उस पर हमला कर दिया. मैंने उसके बूब्स को एकदम से पकड़ लिया और उसको दबाने लगा. वो मचल रही थी और बहुत जोर से सिसकी रही थी… क्या कर रहे हो बाबु जी… ऊऊऊऊईईईईइमा अहहहहाहा…. मैंने उसको एकदम से ऊपर खीच लिया और उसके चेहरे को पकड़ लिया और उसके होठो को अपने होठो में दबा लिया और उसको मसल कर चूसने लगा. वो बहुत ही मस्त होने लगी थी और उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उसको मसलने लगी.
वो बहुत गरम और बैचेन थी. उसने मुझे ज्यादा मौका नहीं दिया और एकदम से मेरा शॉट्स खीच दिया और मेरे लंड को नंगा कर दिया. मुझे उसको बैचेनी देख कर मज़ा आ रहा था और मैंने फिर एकदम से उसको पकड़ा और उसके सारे कपड़े उतार दिए और मस्ती में उसके दूध को पकड़ लिया और उनके निप्पल को मुह में डालने लगा. उसने मुझे धक्का देख कर पलंग पर लिटा दिया और मेरे लंड से खेलते हुए, उसको अपने मुह में पकड़ लिया और उसको मस्ती में चूसने लगी. वो पुरे लंड को अपने मुह के अन्दर तक ले रही थी.
बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे लगा, कि अगर वो ज्यादा चूसेगी, तो मेरा छुट जाएगा. मैंने उसको कहा बस प्लीज और नहीं. फिर उसने मेरी तरफ देखा और फिर मेरे ऊपर चढ़ गयी और अपनी चूत को अपने हाथो से खोल कर मेरे लंड के ऊपर रख दिया और धम्म से नीचे बैठ गयी… मेरे लंड की खाल एकदम से नीचे खिसक गयी और मेरे मुह से एक जोरदार चीख निकली आआआआआआआआआआआआह्हह्हह्हह्ह…. मर गया. प्लीज… वो मेरे लंड पर खुद रही थी अपने बूब्स को दबा रही थी और अपने होठो को काट भी रही थी.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने पलंग के पीछे के हिस्से को पकड़ा हुआ था और फिर एकदम से मेरी गांड भी ऊपर की और चलने लगी. उसकी स्पीड भी तेज होने लगी थी और अचानक से उसका शरीर ढीला पड़ गया और वो मेरे ऊपर गिर गयी. मेरे लंड पर बहुत गरम अहसास हुआ और मुझे पता चल गया, कि वो झड़ गयी है. मैंने उसको कस कर दबा लिया और फिर उसको जोरदार झटके मारने लगा. मेरी गांड से नीचे से ऊपर झटक रही थी और करीब १० मिनट के बाद, मैंने भी अपना पानी उसकी चूत में छोड़ दिया.
वो मेरे ऊपर ही पड़ी रही और फिर हम सो गये. रात को जब मेरी नीद खुली, तो देखा कि वो मेरा लंड चूस रही थी. हमने फिर मस्त सेक्स किया और मैंने उसको गांड भी मारी. सुबह वो उठी. नहाई और काम करके जाने लगी. तो मैंने उसे १००० दिए. वो खुश हो गयी. अब जब भी मैं हॉर्नी होता हु. उसको रात भर चोदता हु और मज़े लेता हु और देता हु.
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