बुआ के नंगे जिस्म की मसाज

बुआ के नंगे जिस्म की मसाज

हेलो दोस्तों, मैं आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ.. दोस्तों यह कहानी है मेरी बुआ और मेरी.. इससे पहले मैं अपने बारे में बता दूँ कि मेरा नाम विक्की है और मेरी उम्र 26 साल हाईट 5.8 इंच और मेरा वजन 64 किलो है. मैं पुणे महाराष्ट्र में रहता हूँ और यहाँ की एक बहुत बड़ी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ और मुझे हमेशा से ही बड़ी उम्र की औरतों में ज्यादा रूचि है.. जितनी बड़ी औरत उतना ही ज़्यादा मज़ा. यह कहानी मेरी और मेरी बुआ के साथ सेक्स की है. मेरी बुआ संध्या और मेरी बचपन से ही बहुत जमती है और उनकी शादी से पहले में पैदा हुआ था. अभी उनकी उम्र लगभग 42 साल होगी.. लेकिन वो अपनी शादी से इतनी कुछ खुश नहीं दिखती और उनका फिगर भी ठीक ठाक है.. उनके दो बच्चे है एक लड़का और एक लड़की.
वो मेरे घर पर साल में दो बार आती है.. गर्मी की छुट्टियों में और दीवाली की छुट्टियों में. मैं बचपन से ही सब बच्चों में उनके सबसे करीब रहा हूँ. यह कहानी आखरी गर्मियों की छुट्टियों की है बुआ घर पर आई थी कुछ 20-25 दिन हो गये थे. अंकल बुआ के पति उन सबको ले जाने के लिए वो छुट्टियों के आख़िर में आते है और अब बुआ की छुट्टियों का एक महीना बाकी था. मैं पुणे में नौकरी करता हूँ तो महीने में एक बार घर जाता हूँ. इस बार बुआ आई है यह सोचकर मैं 15 दिन की छुट्टी लेकर आया था.
फिर मैं घर में सभी लोगों से मिला बुआ के बच्चो से बातचीत की.. हम सब लोग हमारे घर के हॉल में सोते है मैं बुआ उनके दो बच्चे मेरा भाई और मैं. मेरा और मेरे भाई का एक ही बेडरूम है.. लेकिन फिर भी हम लोग एक साथ मिलकर सोते है. तो जब मैं गया तो उसके दूसरे दिन बुआ ने कहा कि ज़रा मेरे पैर दबा दो बहुत दर्द कर रहे है तो मैंने नॉर्मली उनके पैर दबाने शुरू किए. वो घर में गाऊन पहनती है तो मैंने गाऊन के थोड़ा अंदर हाथ डालकर पैर दबाने शुरू किए.
उनके पैर बड़े सेक्सी है और मुझे उनके गोरे, मुलायम, नाज़ुक पैर दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था तो मैंने घुटनो तक गाऊन को ऊपर किया और थोड़ा थोड़ा उनकी जाँघो को भी छुआ मैं सच में पागल हो रहा था और मेरा लंड उनके पैरों को हाथ लगाकर पूरा तन गया था. उनके भी दोनों पैरों के बीच का हिस्सा हल्की हल्की गर्मी महसूस कर रहा था और वो अपनी दोनों आखें बंद करके मेरी मसाज का मज़ा ले रही थी. तो उन्होंने कहा कि अब बस कर और सो जाओ. फिर मैं लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा.. लेकिन अब मुझे कहाँ नींद आने वाली थी और मुझे उनके गोरे गोर पैर और भरी हुई जांघे आखों के सामने दिखाई दे रही थी.. वैसे मैं अपनी बुआ से बहुत खुलकर बात करता हूँ और उन्हे पता है कि मेरे लेपटॉप और मोबाईल में पॉर्न वीडियो रहते है और मैं हर कभी देर रात तक सेक्स चेट करता हूँ और वो बहुत बार मुझे चिढ़ाती भी थी कि मैं पॉर्न साईड देखता हूँ.
फिर अगले दिन सुबह हम लोग कुछ बातें कर रहे थे तो बुआ ने मेरे पैरों की उंगलियों पर अपनी उंगलियों से सहलाना शुरू किया मैं फिर से गरम होने लगा.. लेकिन उनके चहरे पर कुछ खास नहीं था और फिर दिन बीत गया रात में बच्चो ने ऊपर बेडरूम में सोने का प्लान बनाया..
मेरे भाई का और एक मेरा ऊपर दो बेडरूम है. भाई के बेडरूम में टीवी है और मेरे बेडरूम में टीवी नहीं है. तो बच्चे फिल्म बहुत देखते थे तो बुआ बोली कि बुआ के दो बच्चे और मेरा भाई टीवी वाले रूम में सो जाए और मैं, बुआ मेरे रूम में सो जाएगें. तो मैं और संध्या बुआ मेरे रूम में चले गये और उन्होंने बेड पर लेटे लेटे कहा कि कल की तरह पैर दबा दे ना.. बहुत आराम मिला कल और थोड़ी सी कमर भी दबा देना और यह कहकर उन्होंने ही अपना गाऊन घुटनों से ऊपर कर लिया और अब हम दोनों ही रूम में थे. मैं तो सिर्फ़ शर्ट में सोता हूँ और ऊपर कुछ नहीं पहनता.. तो मैंने अपनी शर्ट निकाली.
वैसे तो मेरा शरीर ठीक ठाक है क्योंकि मैं रोज़ घर पर ही कसरत करता हूँ जिम नहीं जाता. तो वो मेरी छाती को हाथ लगाकर बोली कि कितने सारे बाल है तेरी छाती पर और उसमे उंगलियां घुमाने लगी और बोली कि आजकल बॉडी बनाकर कोई नयी आंटी के चक्कर में रहेगा.. तू बड़ा हरामी है.
फिर मैंने बोला कि बुआ ऐसी कुछ भी बात नहीं है और मैं एक छोटी सी शर्ट पहनकर उनके पैरों के पास बैठ गया और अपने दोनों हाथों से उनके पैर सहला रहा था और दबा रहा था और मैं आज थोड़ा हाथ ऊपर तक ले गया.. लेकिन वो कुछ भी नहीं बोली और कोई भी विरोध नहीं किया.. उनकी जांघे बहुत गरम थी और मुझे दोनों जाँघो के बीच में बहुत गरमी महसूस हो रही थी और इस कारण से मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था.. वो सिर्फ़ थोड़ा ज़ोर से दबाने को कह रही थी और मैं उनके मुलायम पैरों का मज़ा लिए जा रहा था. फिर उन्होंने कहा कि अभी थोड़ी कमर और पीठ दबा दे और पलट कर लेट गयी. तो मैं गाऊन को थोड़ा ऊपर करके कमर के ऊपर से दबाने लगा और पीठ भी और फिर कमर दबाते वक़्त उनकी गांड को दो बार दबाया.. मेरा खड़ा हुआ लंड उन्हें महसूस हुआ और उन्होंने मुड़कर देखा.. लेकिन कुछ नहीं बोली और फिर कुछ देर बाद बोली कि बस करो.. चलो अब हम सो जाते है तो हम लाईट बंद करके सो गये.
फिर रात को जब मैं जगा तो मैंने देखा कि बुआ का गाऊन कमर तक ऊपर आ गया था और उनका एक पैर मेरे पैर के ऊपर आ गया था और उनकी मोटी नंगी जाँघ मेरे पैर के ऊपर.. वाह मैं बता ही नहीं सकता. फिर मैंने धीरे से उनकी जाँघ से अपना हाथ छुआ और वैसे ही सो गया. फिर अगले दिन दोपहर में मेरे भाई के पैर में मोच आ गई और मैं उसकी मसाज कर रहा था और तभी मेरी माँ कहती है कि मैं बहुत अच्छा मसाज करता हूँ पापा और मेरा भाई मुझसे अक्सर नहाने से पहले बॉडी मसाज करवा लेते है और कभी कभी माँ भी उनके पैरों की मसाज करवा लेती है. तो मुझे अपने भाई का मसाज करते देख माँ बुआ से बोली कि आप इससे एक बार अपने पैरों के मसाज करवा लो.. इसका हाथ बहुत अच्छा है शायद दर्द कम हो जाए. तो बुआ बोली कि ठीक है फिर वो दिन भी चला गया और मैं उस रात को खाना खाकर ऊपर अपने रूम में बेड पर उल्टा लेटकर लेपटॉप पर पॉर्न फिल्म देख रहा था तो मेरा लंड खड़ा हो गया और तभी अचानक से बुआ मेरे रूम के अंदर आ गई.. उन्होंने सफेद फूलों की डिज़ाइन वाला गाऊन पहना था और मैंने उनको आता देख लेपटॉप सिर्फ़ बंद किया और मैं वैसे ही रह गया. तब वो हंसते हुए बोली कि तू नहीं सुधरेगा.. अब तो बस कर.. 26 साल का हो गया है कब तक देखेगा यह पॉर्न वीडियो? फिर मैंने शरमाते हुए उनके सामने लेपटॉप खोला और पूरी तरह से बंद करने लगा तो उन्होंने कहा कि रहने दो बंद मत करो.. लेकिन मैं कुछ समझा नहीं.
मैं पहले ही बहुत बुरा महसूस कर रहा था और वो वीडियो बंद करके फोल्डर वैसा ही रखा.. बुआ नॉर्मल होने लगी और बातें करने लगी. तभी उन्होंने कहा कि आज तू दर्द कम होने के तेल से मेरे पैरों को मसाज कर दे.. तेरी माँ ने बोला है कि तेरे हाथ में जादू है. फिर मैंने नीचे जाकर वो दर्द के तेल की बोतल ले आया और तब तक बुआ बेड पर उल्टी लेटकर मेरे लेपटॉप में कुछ कर रही थी और जब मैं आया तो मैंने उनसे कहा कि चलो बुआ आज आपके पैर का दर्द पूरा गायब कर देता हूँ.. वो मुझे देखकर हंसी उन्होंने आज अपना गाऊन घुटनो से बहुत ऊपर उठा लिया था ताकि गाऊन को तेल ना लग जाए और वो अभी तक उल्टी लेटी हुई थी.. मैंने हाथ में थोड़ा सा तेल लेकर उनके पैरों पर लगाना शुरू किया और फिर धीरे धीरे तेल अपना असर करने लगा था.
वो कहने लगी कि बाप रे क्या इतना सारे सेक्सी विडियो भर रखे है ज़रा देखूं तो मैंने आज तक बहुत कम देखा है और उन्होंने एक वीडियो शुरू किया और मैं गर्दन नीचे करके उन्हे तेल लगा रहा था और उस वीडियो में एक लड़का एक आंटी को गरम कर रहा था और बुआ भी धीरे धीरे गरम हो रही थी और वीडियो पूरे मज़े से देख रही थी.
फिर बुआ बोली कि रुक जा.. पुरानी बेडशीट डाल देते है जिससे बेड पर तेल के दाग ना लग जाए यह वीडियो रोक दे.. मैं बेडशीट निकालती हूँ और वो उठी तो सबसे पहले उन्होंने अपनी चूत पे हाथ रखा और वॉशरूम में चली गयी और बाहर आकर उन्होंने अलमारी से एक बेडशीट निकाली और बेड पर डाली और इस बार गाऊन थोड़ा ज़्यादा उठाकर उल्टी लेट गयी. उस वीडियो में अब तक रोमांस ही चल रहा था किस्सिंग और फुल मस्ती.. लेकिन वो बहुत गौर से देख रही थी. एक बार बीच में उन्होंने गरम होकर खुद का बूब्स सहलाया.. फिर से ठीक होकर देख रही थी और मैं महसूस कर रहा था कि वो गरम हो रही है.
फिर मैंने अपने हाथों से थोड़ा घुमाकर मसाज पैरों को शुरू कर दिया.. जाँघो के बीच से लेकर नीचे तक सीधी मसाज कर रहा था.. उनकी मोटी जाँघो से मैं भी गरम हो रहा था और बुआ फिल्म देखकर.. उधर वीडियो में वो लड़का आंटी की चूत बड़े मस्त होकर चाट रहा था बुआ ने बड़ी कामुक नज़रों से मेरी तरफ देखा.. लेकिन मैं मन लगाकर मसाज कर रहा था और अब बुआ की आवाज़ चेंज हो गयी थी और उस वीडियो में आंटी जब लड़के का लंड चूस रही थी तब बुआ ने धीरे से अपना एक हाथ पेट के नीचे से चूत के पास ले गयी और मुझसे बोली कि बहुत मस्त चलता है रे तेरा हाथ.. थोड़ा और ज़ोर लगा ना और थोड़ा ऊपर से कर ना.
फिर मैं आधी नंगी जाँघो को मसाज कर रहा था और अब मैंने और थोड़ा ऊपर हाथ लगाया तो उनकी सफेद पेंटी दिखने लगी और मैं भी कामुक होने लगा. फिर बुआ ने भरी हुई आवाज़ में कहा कि बेटा और थोड़ा ऊपर आ जा जाँघो के बीच से कर ना. तो मैंने उनका गाऊन गांड के ऊपर तक सरका दिया और उनकी नंगी मोटी सेक्सी जांघे रगड़ने लगा तो वो अभी मुहं से हल्की हल्की सिसकियां ले रही थी और फिर मैंने उनसे बिना पूछे उनकी चिकनी गांड पर हाथ रगड़ना शुरू कर दिया और उधर वीडियो में वो लड़का उस मस्त आंटी को अलग अलग पोज़ में चोद रहा था.. उस वीडियो वाली आंटी के साथ बुआ भी सिसक रही थी.
फिर गांड और जांघे मसलते हुए बुआ की पेंटी बीच में आ रही थी और अचानक मेरा हाथ उनकी चूत को 4-5 बार पीछे से छू गया और वो पैर फैलाकर सोई थी. तभी उन्होंने पूछा कि बेटा क्या कुछ दिक्कत हो रही है? तो मैंने एकदम धीरे आवाज़ में कहा कि जी हाँ आपकी पेंटी थोड़ा बीच में आ रही है. वो बहुत गरम हो गयी थी और कुछ नहीं बोली.. फिर मैंने उन्हे सीधा सोने को कहा और वो छाती पर लॅपटॉप लेकर सर के नीचे दो तकिये लगाकर लेट गयी. मैंने उनका एक पैर गोद में लिया और मसाज करने लगा.. बुआ का बदन भट्टी की तरह तप रहा था और उन्होंने मेरे सामने ही चूत को पेंटी के ऊपर से एक दो बार रगड़ा.. कभी सिसकियां लेती तो कभी धीरे से बूब्स सहलाती, कभी चूत रगड़ती और वो वीडियो देखकर पागल हो रही थी.
फिर उन्होंने कहा कि बेटा मसाज थोड़ा ऊपर करना.. तो मैंने उनका गाऊन पेट तक ऊपर उठा दिया था और उनकी नंगी जांघे देखकर मेरा लंड मेरे कपड़े फाड़े जा रहा था. फिर उन्होंने अपना हाथ मेरे हाथ के ऊपर रखा और कहा कि अरे बाबा ऊपर मतलब इसके बीच में कर. तो मैंने हाथ को चूत और जाँघ के बीच में रखकर हल्का सा दबाया.. मैं पूरा गरम हो गया था और वो भी.. अब मैं जब जाँघ और चूत के बीच रगड़ रहा था. तभी उन्होंने लेपटॉप बंद करके साईड में रखा और आंखे बंद करके सिसकियां ले रही थी. फिर मैंने डरकर एक उंगली पेंटी के अंदर डाली.. बुआ के मुहं से अहह निकली और अपनी मदहोश आँखों से मुझे देखकर मुस्कुराते हुए बोली कि पूरी गीली हो गयी है ना.. निकाल दे.
फिर क्या था मैंने उनके पेट पर झुककर किस किया वो मेरे बालों में हाथ डालकर सहलाने लगी और मैंने पेंटी के ऊपर से किस करते करते पेंटी को निकाल दिया और चूत पर होंठ रखकर बुआ की चूत चाटने लगा.. वो पागल हुए जा रही थी और बोल रही थी जिंदगी मैं पहली बार इतना गरम हुई हूँ और पहली बार कोई मेरी चूत चाट रहा है बेटा बहुत चूसना आहह उउउइ गुदग़ुगी होती है अहह थोड़ा धीरे कर ना.
फिर यह कहकर वो गांड उठा उठाकर चूत मेरे मुहं पर रगड़ रही थी और मस्त होकर आवाज़े निकाल रही थी. हाए मार डालेगा क्या मुझे अहह कितना तंग करता है तू आअहह. फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपने बूब्स रखा और कहा कि थोड़ा इनके साथ भी खेल ले और उन्होंने मेरी मदद की उनका गाऊन और ब्रा निकालने में.. तो मैंने भी अपनी पेंट को उतार दिया. तो बुआ ने मुझे थोड़ा और पास बुलाकर मेरे लंड को मुट्ठी में पकड़ा और एक दो बार हिलाया और मेरी आखों में देखकर बोली कि राजा आज पूरी रात मुझे सोने मत देना.
हम दोनों पूरे नंगे थे और उनके दोनों बच्चे भाई के रूम में सो गए थे.. माँ, पापा उनके बेडरूम में थे तो पूरी रात भर हमे किसी के परेशान करने चान्स नहीं था. फिर मैंने बुआ को अपने नज़दीक खींच लिया और उनको बाहों में भर लिया.. दोनों के नंगे बदन की गर्मी एक दूसरे को महसूस हो रही थी.. बुआ की चमड़ी एकदम गोरी और मुलायम थी और फिर मैंने उनके होंठ पर अपने होंठ रखकर चूसना शुरू किया.. वाह उनके मुलायम होंठ और मेरे हाथ उनकी पीठ पर और गांड पर घूम रहे थे और मैं उनके बूब्स दबा रहा था.
फिर बुआ भी एकदम से पूरी गर्म हो गयी थी और मेरा लंड हाथ में पकड़कर सहला रही थी. फिर मैं उनकी गर्दन को किस करते हुए बूब्स तक पहुंचा.. उनके सीधे बूब्स के निप्पल पर अपनी जीभ रख दी और चाटने लगा.. बुआ सिसकियां लेने लगी उह्ह्ह आअहह. तो मैंने उसी निप्पल को हाथ में पकड़कर मसल दिया.. तो बुआ कहने लगी कि आआहह थोड़ा धीरे कर राजा दर्द होता है फिर दूसरे बूब्स को थोड़ा मसला और निप्पल को दांत में पकड़कर खींचा.. वो कहने लगी कि आअहह मस्त मज़ा आ रहा था और मैं दोनों बूब्स के बीच मैं अपनी जीभ घुमा रहा था तो बुआ पागल हो गयी और मेरा सर बूब्स पर दबाने लगी अह्ह्ह मेरे राजा कितना मस्त हॉट है रे तू.. चूस और चूस इन बूब्स को आअहह मज़ा आ रहा है.. खा जा इनको.. दूध निकाल दे इनका.. ज़ोर से दबा आहह जानू.
फिर मैंने उनके पेट पर किस करना शुरू किया और थोड़ा नीचे झुककर चूत पर एक किस किया और गांड के छेद को किस करने लगा. तो उन्होंने मना किया और फिर भी गांड के एक दो किस करने के बाद उन्होंने मेरा लंड हाथ में लेकर मुझे उनके दोनों पैरों के बीच में बैठने को कहा और मेरा लंड लेकर अपनी चूत के मुहं पर रगड़ने लगी और अपनी दोनों आखें बंद करके मज़े लेने लगी.
तो मैंने उनका हाथ हटाया और लंड को चूत के ऊपर सेट किया और लंड एक झटके में चूत के अंदर डाला और मेरा लंड लगभग 6 इंच का है और ठीक ठाक साईज़ का मोटा है. फिर बुआ मस्त हुई और मैं धीरे धीरे धक्के देकर उन्हे चोद रहा था और अब बुआ भी मस्ती में आ गई थी. फिर मैं कभी नीचे झुककर उन्हे क़िस करता तो कभी उनके बूब्स मसल देता, तो कभी उनकी गांड दबा देता और फिर थोड़ी देर रुककर फिर से शुरू हो जाता. आहह मुझे बहुत मजा आ रहा था.
बुआ कहने लगी कि आहह राजा कितना मज़ा आ रहा है रे उउह्ह्ह आहह और थोड़ा तेज कर ना आहह मसल दे यह बूब्स.. साले मिटा दे मेरी चूत की खुजली आहह और ज़ोर से चोद ना राजा आहह सस्स्सस्स थोड़ा और ज़ोर से कर.. मैं झड़ने वाली हूँ में आह्ह्ह गई राजा आहह.
फिर मैं उन्हे चोदने लगा. फिर मेरा भी वीर्य निकलने वाला था और चूत पूरी गीली थी आहह ऊफफफ्फ़ और मैं उनको और तेज तेज चोदते चोदते ही उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया और उन्हे कसकर पकड़ लिया. फिर दो मिनट हम वैसे ही पड़े रहे और एक लंबा लिप किस किया और दोनों साथ में बाथरूम में गये. बुआ ने मुझसे चूत साफ करवाई और मेरा लंड उन्होंने चाटकर साफ किया.
फिर लंड और चूत धोकर हम बेड पर आए और एक दूसरे की बाहों में नंगे सो गये. उस रात हमने दो बार और सेक्स किया और सुबह 5 बजे सोए. दोस्तों इस तरह मैंने मेरी बुआ की चूत की आग और उनके जिस्म को ठंडा किया.. लेकिन हमारी चुदाई यहीं पर ही खत्म नहीं हुई. अब मुझे और बुआ को चुदाई का बहाना चाहिए था. उनको मेरा लंड चाहिए और मुझे उनकी चूत ..
Share:

भाभी की गांड की जबरदस्त चुदाई

भाभी की गांड की जबरदस्त चुदाई

हेलो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और मैं सेक्स कहानी का बड़ा ही जबरदस्त फैन हु. मैं अपनी भाभी को बहुत जबरदस्त तरीके से चोदा करता हु. पहले मैं अपनी भाभी के बारे में बता दू. वो ३२ साल की है और उनकी फिगर बहुत कमाल की है. वो बहुत ही गोरी चिट्टी है. अब मैं सीधे अपनी स्टोरी पर आता हु. ये अभी पिछले महीने की बात है. मेरे रिश्ते की बात चल रही थी, जो कि मेरी भाभी के कानो तक पता नहीं कैसे चली गयी. उसका मुझे फ़ोन आया, कि तुम कहाँ पर हो? मैंने कहा – शॉप पर हु. तो उसने कहा – जरा घर पर आओ. मैंने कहा – क्या हुआ? तो वो कहने लगी, तुम जल्दी आओ.. कुछ काम है. मैंने पूछा – भाई कहाँ है? तो वो कहने लगी, कि वो अभी सो रहे है. आज कल वो नाईट ड्यूटी पर है. मैंने कहा – ठीक है. फिर उन्हें ८:३० बजे को आने को कहा. उनका फिर से फ़ोन आ गया, कि कहाँ हो? मैंने कहा – मैं शॉप बंद कर रहा हु.
उन्होंने कहा – जल्दी आओ. तुम्हारे भाई चले गए है. मैंने जल्दी से शॉप बंद की और भाई के घर की तरफ चल दिया. मैं खुश था, कि आज भाभी ने खुद बुलाया है और दबा कर चुद्वायेगी. फिर जैसे ही मैं उनके गली में पंहुचा, तो मैंने उसे कॉल कर दिया और उसने फ़ोन उठाया और कहने लगी. सीधे किचन में आना और सारी लाइट मैंने ऑफ कर दी है. जिस से किसी को कुछ भी ना पता चले और बच्चे भी नहीं उठंगे.
फिर उसने कहा – जब तुम अन्दर आ जाओ. तो दरवाजा बंद करके आना. मैंने कहा – ठीक है. फिर मैं जीने में चड़ा और चड़ते हुए जीने को अन्दर से बंद कर दिया. और ऊपर चढ़ गया. जैसे ही मैं किचन में घुसा, तो भाभी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और रोने लगी. मेरा लंड इतने में खड़ा हो चूका था. मैंने उसे उठाया और उसके होठो पर किस करते हुए कहा – मेरी जान टेशन क्यों ले रही हो? होने दो मेरी शादी… मेरी शादी के बाद, क्या तुम मुझे भूल जाओगी या मैं तुम्हे भूल जाऊँगा?
ऐसा मेरी तरफ से तो कभी नहीं होगा, कि मैं तुम्हे भूल जाऊँगा. मुझ पर विश्वास तो करो. तो इस पर वो कहने लगी, खाओ मेरी कसम. मैंने कहा – तुम्हारी कसम. फिर मैंने उसे कहा – अब मैं आ गया हु. तो कम से कम एक बार आओ, प्यार तो कर ले. तो वो हँसते हुए मना करने लगी. पर समझ गया था, कि लाइन क्लियर थी. क्योंकि वो हँसते हुए बोल रही थी. फिर मैंने भी हँसते हुए ही कहा – अच्छा ठीक है. जैसी तुम्हारी मर्ज़ी. अब मैं चलता हु. यहाँ पर रुक कर क्या फायदा.
उन्होंने एकदम से मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली – जानू, नाराज़ होकर जा रहे हो. और मुझे अपनी तरफ खीच लिया. उन्होंने अपने होठो को मेरे होठो से चिपका दिया और अब हम दोनों के लिप लॉक हो गए और हम दोनों जोरदार तरीके से हब्शियो की तरह किस करने लगे. फिर मैंने उनको सीधा खड़ा किया और बिलकुल भी देर ना करते हुए, उसके पेटीकोट का नाडा खोल दिया और पेटीकोट भी एकदम उसके बदन को छोड़ते हुए नीचे गिर गया.
अब वो मेरे सामने काले रंग की पेंटी में थी. जिसमे से उसकी चूत से निकले हुए पानी की खुशबु आ रही थी. मैंने दबा कर खूब देर तक उसकी गोरी भरी – भरी जांघो को खूब चाटा और अब वो भी सिस्कारिया लेने लगी थी अहहाह अहहहा हाहाहा उऔऔऔऔ ऊउईई करके… फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी.. जैसे ही मैंने उसकी पेंटी उतारी.. मैं तो बड़ा हु खुश हो गया. क्योंकि उसकी चूत पर के भी बाल नहीं था. मैं अब पागलो की तरह से उसकी चूत को चाटे जा रहा था. उसने चूत ने भी अब पानी छोड़ना चालू कर दिया था. क्योंकि उसकी चूत से गाड़ा – गाड़ा पानी निकल कर बाहर आ रहा था. और उसकी सिस्कारिया तो सुनने लायक थी.
फिर मैं खड़ा हुआ और पीछे हाथ डाल कर उसकी ब्रा भी खोल दी. फिर मैंने उसको किचन की मुडेर पर बैठाया और उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और एक जोर का झटका दिया. लंड एक ही बार में पूरा अन्दर चले गया और उसने मुझे अपने से चिपटा लिया.
और फिर मैंने उसे अपनी गोदी में उठाया और नीचे से अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ कर उसकी चूत में टिकाया और दबा कर धक्के मारने लगा और वो हर धक्के के साथ मज़े लेकर चुदवा रही थी. धक्के मारते समय फट फट की आवाज़ आ रही थी. क्योंकि मेरा लंड उसकी चूत में अन्दर तक उसकी चूत की जड़ तक जाकर टकरा रहा था. करीब आधे घंटे तक की जबरदस्त चुदाई के बाद, मेरा निकलने को हुआ, तो मैंने कहा – मेरा निकलने वाला है. तो उसने कहा – बोलो मत. बस ठोकते रहो. और थोड़ी देर बाद, मैंने चिल्लाते हुए उसकी चूत में अपना रस डाल दिया.
फिर मैं उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया और उसके ऊपर ही लेट गया. उसके बाद फिर उसने मेरे लंड को फिर से चूम कर, चूस कर और चाट कर खड़ा कर दिया और मैं भी तैयार हो गया और उसे उल्टा किया और उसकी मोटी और मदमस्त गांड के मुह पर अपने लंड को रखा और थोड़ा सा धक्का लगाया और लंड फिसल कर नीचे चला गया.
मैंने दोबारा थोड़ा सा थूक अपने लंड पर लगाया और एक जोरदार धक्का मारा और इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड के अन्दर चले गया. मेरे लंड के अन्दर घुसते ही, भाभी के मुह से एक जोरदार चीख निकल पड़ी आआआआआ आआआआआ ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह जलन हो रही है आआआआआ अहहहः अहाहः अहहहः…. उसके कुछ बोलने से पहले ही, मैंने उसके होठो को अपने हाथो से बंद कर दिया और पीछे से उसकी गांड मारता रहा. पच पच की आवाज़े आ रही थी. क्योंकि हम दोनों बड़ी ही जोश के साथ किस कर रहे थे.
फिर जब उसे थोड़ा आराम मिला, तो मैंने कहा – अब धक्के मारू? उसने कहा – हाँ. अब शुरू करो. मैंने धीरे – धीरे धक्के लगाने शुरू किये. अब उसकी गांड का दर्द भी लगभग ख़तम सा हो गया था. क्योंकि वो अब अपनी गांड को नीचे से हिलाने लगी थी. मैं समझ गया था, कि अब भाभी तैयार है और मैंने अपने धक्को की स्पीड बड़ा दी. अब पूरा का पूरा लंड भाभी की गांड के अन्दर जा रहा था. मैं आपको बता नहीं सकता, कितना मज़ा आ रहा था.
फिर मैं नीचे लेट गया था और उसे अपने ऊपर आने को कहा. मेरा खड़ा काला लंड देख कर वो एकदम मादक मुस्कान देने लगी थी. फिर वो नीचे बैठने को हो रही थी, तो मैंने उसकी नंगी गांड पर हाथ लगाते हुए उसे बोला – ऐसे ही रहो.. और उसकी गांड के छेद को खोल कर मैं उसे चाटने लगा. वो सिस्कारिया लेने लगी थी अहहाह अहहाह औऔऔऔ अहहाह ईइऐऐऐऐऐऐअ… ममाम्मम मममम हम्मम्मम्म उम्म्मम्म.
फिर थोड़ी देर बाद, मैंने उसे इशाराकिया और उसने मेरा लंड अपनी गांड के नीचे छेद पर टिका दिया और एकदम से बैठ गयी. और एक ही बार में पूरा का पूरा का लंड उसकी गांड में घुसा दिया. मैं जोर – जोर से धक्के लगा रहा था. फिर फट फट की जबरदस्त आवाज़े आ रही थी. करीब आधे घंटा जबरदस्त तरीके से उसकी गांड ठोकने के बाद, मेरा निकलने वाला था और मैंने जोर से पकड़ लिया और मेरा सारा का सारा माल उसकी गांड में निकल गया. मेरा माल उसकी गांड में से रिस कर बाहर आने लगा.
फिर हम दोनों अलग हुए और मैं अपने घर आ गया और उसने गेट लॉक कर लिया. ये सब और भी जोर शोरो से चल रहा है. इसके बाद क्या हुआ.. वो बाद में बताऊंगा.. पहले आप मुझे अपने कमेंट से बताओ, कि आपको मेरी ये कहानी कितनी पसंद आई.
Share:

दोस्त की चुदक्कड़ भाभी नयना

दोस्त की चुदक्कड़ भाभी नयना

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम मोन्टी है और में बरोड़ा गुजरात का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 27 साल है और में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ। दोस्तों मुझे सेक्सी कहानियाँ पड़ना बहुत अच्छा लगता है और में इस साईट से सालों से जुड़ा हुआ हूँ।
दोस्तों यह कहानी इस दिसम्बर महीने की ही है जब मैंने अपने सबसे करीबी दोस्त की भाभी को चोदा और उस दिन से वो चाहती है कि वो हर रोज मुझसे चुदे। मेरे दोस्त का नाम करन है और जब से वो मेरे साथ कॉलेज में पढ़ता था.. तब से हम पक्के दोस्त है। अक्सर हमारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहता था और धीरे धीरे हमारे फेमिली जैसे सम्बन्ध हो गये थे। उसके घर में वो उसके मम्मी, पापा उसका भाई, भाभी और उनकी दो छोटी लड़कियां रहती थी। करन के पापा एक सरकारी नौकर थे और उसकी माँ ग्रहणी थी.. उसका भाई किसी प्राईवेट कंपनी में काम करता था और मेरा दोस्त सरकारी नौकरी के लिए तैयारी कर रहा था और में भी उसके साथ ही तैयारी कर रहा था और साथ में नौकरी भी करता था और हम अधिकतर एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे।
उसका भाई भी मेरा अच्छा दोस्त बन गया था.. उसका नाम समीर था और उसकी उम्र करीब 34 साल थी और भाभी का नाम नयना था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन उन्हें एक बार देखकर कोई बोल नहीं सकता कि यह दो बच्चे की माँ होगी। उनका फिगर 36-26-38 था। भाभी दिखने में एकदम मस्त थी और वो हमेशा गुजराती साड़ी ही पहना करती थी और साड़ी के नीचे उनका वो टाईट फिटिंग वाला ब्लाउज और उसमे कसे हुए बूब्स एकदम मस्त दिखते थे और खुली कमर एकदम गोरी गोरी दिखती थी।
में जब भी उनके घर जाता तो वो कुछ ना कुछ काम कर रही होती थी.. कभी कभी में देखता जब वो पोछा लगाती तो उस समय साड़ी में से उनकी बड़ी भारी गांड दिखती थी.. लेकिन मैंने कभी उनके बारे में ग़लत नहीं सोचा था और में हमेशा उनको भाभी की तरह ही देखता था क्योंकि करन की माँ मुझे बेटे की तरह रखती थी। भाभी की दोनों बेटियाँ स्कूल में पढ़ती थी और घर से स्कूल थोड़ी ही दूर पर था इसलिए मेरा दोस्त रोज उनको स्कूल छोड़ने और लेने जाता था।
थोड़े दिन बाद मेरा दोस्त नई स्कूटी लेकर मेरे घर पर आया तो मैंने पूछा कि अरे यह किसका उठाकर ले आया? तो बोला कि नया लिया है और उसका नंबर 1001 लिया था। एक दिन में जब उनके घर गया तो उसका भाई समीर भाभी को स्कूटी सिखा रहा था.. तो मैंने बोला कि वाह भाभी आप तो सीख गई? तो वो बोली कि हाँ सीखना तो पड़ेगा ही ना फिर बच्चो को स्कूल छोड़ने और लाने में कभी ज़रूरत पड़ जाए। तो मैंने बोला कि यह सही बात है। फिर थोड़े दिन बाद मेरे दोस्त ने कॉल सेंटर में नौकरी ढूँढ ली और जब में उनके घर जाता तो कभी कभी वो घर पर नहीं मिलता.. वो नौकरी पर ही होता था.. क्योंकि उनकी शिफ्ट चेंज होती रहती थी.. इसलिए मैंने देखा कि भाभी ही बच्चों को छोड़ने जाया करती थी। यह एक महीने पहले की ही बात है जब में बाज़ार में कुछ शॉपिंग करने गया था
और फिर में पार्किंग में बाईक पार्क करने गया तो मैंने देखा कि 1001 नंबर वाली स्कूटी खड़ी हुई थी। तो मैंने सोचा कि शायद करन भी आया होगा और मैंने उसे कॉल किया.. लेकिन उसने नहीं उठाया। तो मैंने सोचा कि वो अंदर ही होगा तो मिल जाएगा और में मॉल के अंदर गया और बहुत ढूँढा.. लेकिन वो नहीं मिला। फिर मैंने शॉपिंग के बाद जब बिल के लिए लाईन में गया तो बहुत लंबी लाईन थी और में लाईन में खड़ा रहा। तभी थोड़ी देर बाद मेरी नज़र पास वाले बिल काउंटर पर गयी.. उस लाईन में नयना भाभी खड़ी थी.. लेकिन वो दूर थी तो मैंने उन्हे बुलाने की कोशिश नहीं की और वो बिल बनाकर बाहर निकली।
मैंने देखा कि वो किसी लड़के के साथ में खड़ी थी और बातें कर ही थी। फिर वो लड़का पार्किंग से अपनी कार लेकर आया और भाभी उसमें बैठ गई और उसके साथ चली गई और में जब पार्किंग में गया तो स्कूटी वहीं पर खड़ी थी। तो मैंने सोचा कि वो कोई रिश्तेदार होगा और वो उनके साथ कहीं गई होगी और मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर थोड़े दिनों बाद में शाम को करीब 7 बजे उनके घर गया तो सब लोग घर पर थे सिर्फ़ करन नौकरी पर गया हुआ था। फिर उनके पापा ने मुझे बैठने को बोला और में सोफे पर बैठ गया.. मेरे पास में समीर बैठा था और भाभी सब्जी काट रही थी और उनकी मम्मी किचन में थी।
फिर भाभी उठकर मेरे लिए पानी लेकर आई तो मैंने उनको धन्यवाद बोला और वो किचन में चली गयी। फिर जब वो वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि भाभी थोड़े दिन पहले मैंने आपको बिग बाज़ार में देखा था? तो वो चोंक गयी और मेरी तरफ देखती रही.. मैंने कहा कि आप बिल की लाईन में थी। तो वो मेरी तरफ देखने लगी और उतने में समीर ने पूछा कि कब? तो मैंने कहा कि थोड़े दिन पहले उतना कहते कहते मैंने भाभी की तरफ देखा तो वो मुझे इशारे से होंठ पर उंगली रखकर कह रही थी कि कुछ मत बोलो.. चुप रहो। फिर मुझे लगा कि शायद कुछ गड़बड़ है तो मैंने तुरंत ही बात पलट दी और बोला कि भाभी आपने लाल कलर की ड्रेस पहनी थी न उस दिन।
तो समीर बोला कि यह तो कभी ड्रेस पहनती ही नहीं। फिर मैंने बोला कि तो शायद कोई और होगी.. लेकिन वो तुम्हारे जैसी ही दिखती थी। तो समीर बोला कि क्या यार तू भी? फिर हमने थोड़ी देर बातें की और फिर मैंने कहा कि में चलता हूँ और में घर पर आ गया। तो दूसरे दिन दोपहर को मेरे फोन पर एक अनजान मोबाईल नंबर से कॉल आया। मैंने रिसीव किया और मैंने बोला।
में : हैल्लो और सामने कोई लड़की थी।
लड़की : हैल्लो।
में : हाँ कौन?
लड़की : क्या आप में बोल रहे हो?
में : हाँ आप कौन?
लड़की : में नयना।
में : कौन नयना?
लड़की : अरे यार में करन की भाभी।
में : ओह्ह हाँ भाभी बोलिए.. सॉरी में आपकी आवाज़ पहचान नहीं पाया.. हाँ बोलिए बोलिए।
नयना : सुनो तुमने बिग बाज़ार में मुझे ही देखा था.. वो प्लीज किसी को मत बताना।
में : हाँ वो उस दिन आप मुझे इशारे से मना कर रही थी ना नहीं बताने के लिए।
नयना : हाँ वो प्लीज किसी को मत बताना।
में : ठीक है नहीं बताऊंगा किसी को भी।
नयना : और करन को प्लीज कुछ मत बोलना.. जो हमारी बात हुई उसके बारे में।
में : ठीक है भाभी ठीक है.. लेकिन मुझे तो बताओगी कि तुम घर वालों से क्या छुपा रही हो?
नयना : नहीं कुछ नहीं.. लेकिन तुम प्लीज किसी को मत बताना।
में : लेकिन मुझे तो बताओ में किसी से कुछ नहीं कहूंगा।
नयना : प्लीज समझो में तुम्हे नहीं बता सकती.. लेकिन यह बात प्लीज किसी को मत बताना।
में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन तुम्हे मुझे बताना होगा कि तुम क्या छुपा रही हो? और में वादा करता हूँ कि किसी को नहीं बताऊंगा।
नयना : बहुत लंबी कहानी है बाद में बताउंगी।
में : नहीं भाभी पहले मुझे बताओ।
नयना : बाद में तुम्हे सब कुछ विस्तार में बताउंगी ।
में : लेकिन.. थोड़ा तो बोलो क्या बात है?
नयना : लेकिन.. प्लीज यह किसी को मत बताना।
में : भाभी आपसे जो वादा किया है नहीं तोडूंगा।
नयना : ठीक है सुनो जब तुमने मुझे माल में देखा था.. उस वक्त तुमने क्या देखा था?
में : आप बिल बनवा रही थी और फिर आप किसी के साथ कार में बैठकर चली गयी।
नयना : हाँ वो किसी को मत बताना कि में किसी के साथ कार में गयी थी।
में : ठीक है.. लेकिन वो कौन था जो तुम्हारे साथ था?
नयना : वो मेरा कॉलेज का दोस्त था।
में : तो उसमे छुपाने वाली क्या बात है?
नयना : हाँ लेकिन प्लीज किसी को मत बताना।
में : ठीक है नहीं बताऊंगा.. लेकिन अगर तुम्हारे घर पर किसी को पता चल गया तो?
नयना : पिछले तीन साल से हम मिल रहे है.. लेकिन आज तक किसी को पता नहीं है।
में : ओह भाभी मतलब वो तुम्हारा बॉयफ्रेंड है?
नयना : तुम जो भी समझो..।
में : ठीक है भाभी.. लेकिन मुझसे वादा करो कि आप मुझे उससे मिलवावोगी?
नयना : तुम क्या करोगे उससे मिलकर?
में : कुछ नहीं में भी तो देखूं आपका बॉयफ्रेंड कैसा है?
नयना : ठीक है बाद में।
में : ठीक है।
नयना : ठीक धन्यवाद और बाय।
में : बाय।
फिर मैंने रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तीन साल से इससे मिल रही है और किसी को पता नहीं है और घर पर इतनी भोली बनती है और बाहर बॉयफ्रेंड के साथ घूमती है। फिर मैंने सोचा कि चलो कोई बात नहीं.. उसकी ज़िंदगी है वो कुछ भी करे मुझे क्या और में सो गया। सुबह उठा तो मैंने देखा कि मेरे मोबाईल पर मैसेज आया और मैंने खोला तो वो मैसेज भाभी के नंबर से था और अंदर धन्यवाद लिखा था।
फिर दो दिन बाद वापस भाभी का कॉल आया और उन्होंने मुझे कहा कि अगर तुम्हे मेरे बॉयफ्रेंड से मिलना हो तो बिग बाज़ार की पार्किंग में आ जाओ। तो में वहां पर गया.. लेकिन वहां पर कोई नहीं था सिर्फ़ भाभी की स्कूटी पड़ी थी और भाभी कहीं पर दिख नहीं रही थी।
तभी थोड़ी देर बाद एक कार आई और भाभी उसमे से उतरी में तो देखता ही रह गया। भाभी ने छोटी स्कर्ट और टॉप पहना था और मैंने आज तक भाभी को ऐसे कपड़ो में नहीं देखा था। फिर भाभी ने मुझे हैल्लो कहा और मैंने भाभी को फिर उसने अपने बॉयफ्रेंड को बुलाया और मुझसे मिलवाया।
नयना : में, यह पीयूष, और पीयूष यह मोन्टी।
में : हाय।
पीयूष : हाय क्या तुम नयना के दोस्त हो?
में : नहीं में उनके देवर का दोस्त हूँ।
पीयूष : ठीक ठीक है।
नयना : ठीक है मोन्टी हो गयी बात।
में : हाँ भाभी।
नयना : ठीक है तो अब में चलती हूँ।
में : ठीक है।
नयना : बाय।
में : बाय।
पीयूष : बाय मोन्टी।
में : बाय
फिर और वो लोग कार में बैठकर चले गये में तो भाभी को ऐसे कपड़ो में देखता ही रह गया और सोचने लगा कि भाभी घर पर कितनी भोली भाली दिखती है और यहाँ पर अय्याशी कर रही है और वो बात घर पर किसी को पता नहीं है। तो करीब 2 घंटे के बाद भाभी के नंबर से कॉल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि क्या तुम हमारे साथ फिल्म के लिए चलोगे? तो मैंने कहा कि कहाँ? तो उन्होंने सिनेमा का पता दिया और में वहां पर चला गया.. लेकिन भाभी तब साड़ी में थी जो वो अक्सर घर पर पहनती है और फिर में सोचने लगा कि भाभी ने कपड़े कब चेंज किए?
तभी थोड़ी देर में फिल्म शुरू हो गयी और मेरे पास में पीयूष बैठा था और उसके पास भाभी थी। फिर इंटर्वल के टाईम भाभी ने बोला कि में क्या तुम्हे कुछ चाहिए तो बोलो? में बाहर जा रही हूँ.. कुछ खाने का लेकर आती हूँ। तो मैंने बोला कि चलो भाभी में भी आता हूँ।
तो मैंने कहा कि पीयूष तुम भी चलो.. लेकिन पीयूष ने बोला कि नहीं तुम हो आओ में यहीं पर बैठा हूँ और हम बाहर गये तो भाभी ने बोला कि यह लो पैसे जो लेना हो ले लो में वॉशरूम जाकर आती हूँ और हाँ यह मेरा मोबाईल रखो और वो मुझे मोबाईल देकर अंदर चली गई। तो मैंने मोबाईल मेंर देखा तो पीयूष के मैसेज थे। मैंने बहुत सारे मैसेज पढ़े.. लेकिन कुछ नहीं मिला नॉर्मल शायरीयां थी और चुटकुले थे.. लेकिन एक फोल्डर था नयना के नाम का.. मैंने वो खोला तो अंदर अलग अलग फोल्डर थे और अलग अलग लड़को के नाम लिखे थे.. मैंने थोड़े चेक किए और देखा तो मुझे पता चला कि सारे मैसेज सेक्स चेट के मैसेज थे और सारे मैसेज का टाईम रात का था। फिर मुझे समझ आया कि भाभी रात को लड़को से मैसेज पर सेक्स चेट करती है और मैंने घर जाकर रात को सोते वक़्त सोचा कि भाभी तो बड़ी चालू लगती है.. लेकिन घर पर किसी को पता नहीं।
मैंने सोचा कि अगर घर पर पता चला तो क्या होगा? फिर मैंने सोचा कि जो भी हो मुझे क्या? फिर मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया कि में भी भाभी को रात को मैसेज भेजता हूँ। फिर मैंने उस रात ही मेसेज किया तो उनका भी मेसेज आया। मैंने बोला क्या कर रही हो तो वो बोली कि कुछ नहीं बस अब नींद आ रही है। मैंने बोला ठीक है और उन्होंने गुड नाइट का मेसेज भेज दिया। मैंने सोचा कि ऐसा क्यों किया।
फिर मैंने अगले दिन एक नया नंबर ले लिया और उस नंबर से मेसेज किया, पहले रिप्लाइ नहीं आया फिर मैंने दूसरा मेसेज भेजा तो उनका मेसेज आया कि तुम कौन हो? मैंने कहा कि तुम्हारा दोस्त तो उन्होंने नाम पूछा मैंने दूसरा नाम बताया और उन्होंने बाय का मेसेज भेज दिया.. फिर मैंने कहा दोस्त नहीं तो क्या हुआ? थोड़ी देर क्या हम चेट कर सकते है। तो पहले उन्होंने मना किया फिर मान गयी. और धीरे धीरे हमने सेक्स चेट शुरू किया.. तुम मनोगे नहीं इतना मस्त सेक्स चेट किया उन्होंने.. जिससे मेरा ऐसे ही निकल गया। फिर रोज रात को हम सेक्स चेट करते रहे और उन्होंने मुझे मिलने बुलाया फिर मैंने कहा ठीक है और हम मॉल मे मिले तो वो मुझे देखती ही रह गयी और बोली में तुमने ये सारे मेसेज किए थे?
मैंने कहा आप तो मेरे नंबर पे रिप्लाई नहीं करती तो मे क्या करूँ.. फिर थोड़ी देर नाराज़ हो गयी और फिर मान गयी लेकिन उन्होंने शर्त रखी कि तुम किसी को कुछ भी नहीं बतावोगे। मैंने कहा ठीक है। फिर रात को हमने चेट किया और उसमे मैंने भाभी को पूछा कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी तो उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और बोली के नहीं में समीर के अलावा किसी से नहीं करती, मैंने कहा ठीक है फिर भी कभी मन हो तो मुझे बोल देना.. क्योंकि आप मुझे बहुत पसंद हो तो वो बोली ठीक है. और फिर गुड नाइट करके सो गये फिर एक दिन भाभी ने मुझे कॉल किया और बोली कि क्या तुम मूवी देखने चलोगे? मैंने कहा कौन कौन है? तो वो बोली के में तुम और एक फ्रेंड है। मैंने कहा कौन पीयूष? वो बोली नहीं कोई और है और उसने मुझे नये फ्रेंड से मिलवाया और कहा कि ये मेरे कालेज का फ्रेंड है।
मैंने सोचा कि क्या सारे कालेज के फ्रेंड ही है। उसके बाद मे समझ गया कि ये हर किसी के साथ भी चालू हो जाती है और नयना ने मुझे बोला के पीयूष को मत बताना.. ये सब बातें हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए। मैंने कहा ठीक है और फिर हम मूवी देखकर जब वापस आए तो मुझे नींद नहीं आई.. में रात भर सोचता रहा कि आख़िर भाभी क्यों सबको अपना कालेज फ्रेंड बोलती है। फिर दूसरे दिन मैंने करीब सुबह 11:30 पर भाभी को कॉल किया तो मैंने पूछा कि कहाँ पर हो? तो वो बोली कि में बच्चो को स्कूल छोड़ने आई हूँ। मैंने पूछा कहाँ पर? तो वो बोली तुमने स्कूल नहीं देखा क्या? मैंने कहा हां.. तो भाभी बोली कि अगर आ सकते हो तो आ जाओ मैंने बोला क्यों तो भाभी बोली कि में शॉपिंग जा रही हूँ.. तो मैंने बोला कि शॉपिंग तो बाद में भी जा सकते हो?
तो भाभी बोली कि क्यों बाद में? तो मैंने कहा कि अभी अगर आप चाहो तो मेरे फ्लेट पर आ सकते हो और फिर हम कुछ देर के बाद में शॉपिंग जाएगे। तभी वो बोली कि ठीक है में अभी आती हूँ और जब वो आई तो मैंने देखा कि उन्होंने हल्के पीले कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसा ही ब्लाउज भी।
मैंने उन्हे अंदर बुलाया और वो आकर सोफे पर बैठ गई और फिर मैंने उन्हें पीने का पानी दिया। तभी वो बोली कि क्या यह तुम्हारा घर है? मैंने कहा कि नहीं यह मेरे फ्रेंड का घर है.. तो बोली कि वो कहाँ है? तो मैंने कहा कि वो नौकरी पर गया है। फिर वो बोली कि तुम्हारा फ्रेंड कब तक आएगा? तो मैंने कहा कि रात को 8 बजे और मैंने कहा कि करन का एक दोस्त भी यहीं पर इसी फ्लेट में रहता है। तभी वो बोली कि अगर उसने मुझे देख लिया तो क्या होगा? तभी मैंने कहा कि में दरवाज़ बंद कर लेता हूँ और यह कहकर मैंने दरवाज़ बंद कर दिया और मैंने कहा कि भाभी मुझे तुमसे कुछ बातें पूछनी है.. लेकिन अगर आप बुरा ना मानो तो? वो बोली कि ठीक है पूछो। तो मैंने कहा कि क्या यह सब तुम्हारे असली कॉलेज फ्रेंड है?
तो वो बोली कि हाँ.. क्यों? मैंने कहा कि नहीं.. क्योंकि जो दोनों फ्रेंड से में मिला दोनों की उम्र करीब 38-40 के आस पास है.. वो लोग कैसे तुम्हारे कॉलेज फ्रेंड हो सकते है? वो बोली कि है तो है। फिर मैंने कहा कि भाभी आप मुझसे क्यों छुपाती हो? और में कहाँ किसी को बताने वाला हूँ? तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन तुम किसी को बताओगे तो नहीं? और अगर नहीं बताओगे तो में तुम्हे बता दूंगी कि यह सब झूठ मैंने तुमसे क्यों बोला?
तभी मैंने कहा कि हाँ बताओ में किसी को नहीं बताऊंगा.. तो वो बोली कि ठीक है.. एक दिन जब में सुबह सुबह करन के कमरे में उसे उठाने के लिए गयी तो मैंने देखा कि वो सिर्फ़ टावल में सोया हुआ था और गहरी नींद में उसे पता नहीं था कि उसका टावल पूरा खुल गया था और मैंने उसे देखा तो उससे अंडरवियर में से साईज़ इतना बड़ा दिख रहा था कि में देखती ही रह गयी। तभी मैंने कहा कि तो उसमे क्या हुआ? तो वो बोली कि फिर मुझे मालूम पड़ा कि हर एक आदमी का साईज़ अलग अलग होता है। तो मैंने कहा कि हाँ वो तो होता ही है क्यों तुम्हे नहीं पता था?
तो वो बोली कि नहीं मुझे समीर बता रहे थे कि सबका एक ही साईज होता है.. लेकिन जब मैंने करन का देखा तो पता लगा कि यह तो समीर से भी बहुत बड़ा है और मैंने कई बार करन को लाईन देने की कोशिश की.. लेकिन उसने मुझे भाव नहीं दिया और मुझे बहुत डर लगता था कि अगर में उससे सीधा बात करूंगी तो कहीं वो समीर या पापा को ना बता दे.. इसलिए मैंने सोचा कि करन नहीं तो कोई और सही और में लगातार मॉल में जाती रही जिससे कि कहीं कोई हॅंडसम मिल जाए और एक दिन मुझे पीयूष मिल गया और मैंने उस के साथ बहुत एंजाय किया.. लेकिन जब मुझे लगा की नये टेस्ट में ज़्यादा मज़ा है तो मैंने फिर चेटिंग से बहुत फ्रेंड बनाए और बहुत से मिली भी हूँ.. लेकिन करन जैसा आज तक मुझे नहीं मिला। तभी मैंने कहा कि भाभी अगर आप बुरा ना मानो तो में एक बात कहूँ?
तो वो बोली कि हाँ बोलो.. तो मैंने कहा कि क्या आप सच में करन से चुदना चाहती हो? तो वो बोली कि हाँ.. लेकिन यह मुमकिन नहीं है। फिर मैंने कहा कि में मुमकिन बना दूँगा.. तो वो बोली कि ठीक है तुम ट्राई करो.. लेकिन कहीं में ना फंस जाऊँ? तो मैंने कहा कि मेरा वादा है आपको कुछ नहीं होगा.. फिर उन्होंने बोला कि धन्यवाद। तभी मैंने कहा कि भाभी और कभी मुझे भी मौका दोगी या नहीं? तो वो बोली कि बाद में.. तो मैंने कहा कि.. लेकिन अभी यहाँ पर कोई भी नहीं है। तो वो बोली कि मुझे घर पर भी जाना है.. मैंने कहा कि प्लीज सिर्फ़ 10 मिनट.. तो वो बोली ठीक है और हम बेडरूम में चले गये और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.. उन्होंने अपनी साड़ी को उतारना शुरू किया।
तो मैंने कहा कि रूको भाभी मुझे उतारने दो ना। तो वो बोली कि ठीक है.. लेकिन थोड़ा जल्दी करो और फिर मैंने फटाफट उनकी साड़ी को उतार दिया और उन्हें देखता ही रह गया। उनके वो बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में भी नहीं समा रहे थे और मैंने कहा कि भाभी क्या इसे भी खोल दूँ? तो वो बोली कि हाँ और यह कहते कहते मैंने मेरा मुहं उनके बूब्स पर दबा दिया और मैंने कहा कि भाभी तुम्हारे बूब्स बहुत मस्त है।
तभी वो बोली कि जल्दी करो मुझे घर पर जाना है.. मैंने जल्दी से उनका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी जो बिल्कुल सफेद थी और एकदम सिल्की मैंने उसे हाथ लगाया तो मेरा लंड एकदम टाईट हो गया। तो वो बोली कि तुम्हारे भी कपड़े उतारो.. मैंने अपनी टी-शर्ट और पेंट को उतार दिया। अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और उन्होंने अपना हाथ मेरे पंड पर रख दिया और बोली कि यह तो पीयूष से भी बड़ा है।
तो मैंने कहा कि हाँ तुम्हे देखकर और भी बड़ा हो गया है.. वो बोली कि अब जल्दी करो और फिर मैंने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनकी ब्रा खोल दी और बूब्स चूसने लगा और वो सिसकियां लेने लगी आअहह उफ्फ्फ अह्ह्ह। तो मैंने कहा कि भाभी पेंटी को भी उतार दो.. तो वो बोली कि तुम्ही उतार दो। फिर मैंने जैसे ही पेंटी को उतारा तो मैंने देखा कि उनकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे और चूत एकदम मस्त लग रही थी और मैंने जैसे ही वहां पर किस किया भाभी ने मेरा मुहं वहीं पर दबाकर रख दिया और कहा कि चाटो मेरी चूत डार्लिंग। तो मैंने कहा कि भाभी मेरा बहुत मन कर रहा है.. तो उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली वाह डार्लिंग तुम्हारा कितना मोटा लंड है।
तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया कि भाभी ने अपने मुहं से लंड बोला और में तो उनको देखता ही रह गया। तभी वो बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. तो वो बोली कि बस और अब मुझे जल्दी से गीला कर दो। तो मैंने उनके दोनों पैर फैलाकर बीच में आ गया और अपने लंड पर थूक लगाकर उनको बोला कि भाभी क्या डाल दूँ? तो वो बोली प्लीज अब तो मुझे भाभी मत बोलो। तो मैंने कहा कि फिर क्या कहकर बुलाऊँ? तो वो बोली कि बस नयना..
मैंने कहा कि ठीक है नयना तुम्हारी चूत बहुत मस्त है क्या में अंदर डाल दूँ? तो वो बोली कि हाँ जल्दी से और देर ना करते हुए मैंने अपना पूरा का पूरा लंड एक ही झटके में अंदर डाल दिया.. वो चकित रह गयी और उसकी आँख से पानी निकल गया और फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि इतना दर्द हुआ कि में बता नहीं सकती.. लेकिन मज़ा आया।
तो मैंने कहा कि बोलो और क्या करूं जिससे तुम्हे और मज़ा आए? तो वो बोली कि क्या में तुम्हारे ऊपर आ जाऊँ? मैंने कहा कि ठीक है आ जाओ और वो मेरी जांघ पर बैठ गयी और मेरे लंड पर थूक लगाया और फिर ऊपर बैठ गयी और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया। तो मैंने कहा कि नयना क्या हुआ? वो बोली बस तुम्हारे साथ तो ऐसे ही पड़े रहने का मन करता है। तो मैंने कहा कि जब मन करे आ जाना और उसने मेरी उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसाकर मेरे ऊपर कूदने लगी और मेरा लंड तो जैसे लोहे की तरह टाईट हो गया था और वो ऊपर कूद कूदकर मजे ले रही थी और 15 मिनट के बाद उसने मुझे ज़ोर से किस किया और उसका पूरा शरीर खिंच गया।
फिर मैंने कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि बस में झड़ने वाली हूँ। तभी मैंने उसे कसकर पकड़ा और बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ.. तो वो बोली कि प्लीज वीर्य अंदर मत गिरना। मैंने कहा कि फिर कहाँ गिराऊँ? तो वो बोली कि कहीं और.. लेकिन चूत के अंदर नहीं। तो मैंने कहा कि क्या मुहं में डालूं नयना? वो बोली कि हाँ.. लेकिन पहले तुम सारा वीर्य मेरे बूब्स पर गिरा दो और में बेड के पास खड़े हो गया और लंड को चूत से बाहर निकालकर सारा वीर्य उसके बूब्स पर गिरा दिया और फिर उसने जल्दी से मेरा लंड पकड़ कर अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी।
तभी थोड़ी देर चूसने के बाद वो बोली कि क्यों बस हो गया.. अब तो में जाऊँ? तो मैंने कहा कि फिर कब? वो बोली कि जब तुम बुलाओ तब.. मैंने कहा कि क्या सच? तो वो बोली कि हाँ समीर और पीयूष से तो ज़्यादा मज़ा आया। तो मैंने कहा कि ठीक है फिर हर रोज चाहो तो तुम आ सकती हो.. वो बोली कि क्या यह मुमकिन है? तो मैंने कहा कि हाँ जब तुम्हारा मन करे आ जाना.. तो वो बोली कि मेरा तो हर रोज मन करेगा। मैंने कहा कि ठीक है तो फिर रोज़ आ जाना।
फिर हमने करीब एक महीने तक हर दिन सेक्स किया और फिर एक दिन मैंने उससे पूछा कि सच बताओ नयना आज तक तुमने कितने लोगों के साथ सेक्स किया है? तो वो बोली के करीब 24-25 से तो मैंने सेक्स किया है। मैंने कहा तो फिर क्या चाहिए? तो उसने कहा कि कुछ नहीं और फिर मैंने कहा कि अगर करन के साथ सेक्स करना है तो में तुम्हारी सेटिंग करवा सकता हूँ? तो वो बोली वो कैसे? मैंने कहा कि वो काम में कर दूँगा और तुम बहुत खुश हो जाओगी। तो वो बोली कि ठीक है और वो तब से हर रोज मुझसे चुदने आती है कि किसी बहाने में बता दूँ कि करन से कैसे चुदना है।
Share:

बेटी की जगह माँ चुद गयी


हैल्लो दोस्तों.. सभी रीडर्स को रोकी का प्यार.. में एक बार फिर हाज़िर हूँ अपनी लाईफ में घटी एक अनोखी घटना को लेकर.. लेकिन में उससे पहले उन सभी का बहुत बहुत धन्यवाद करना चाहता हूँ जिन्होंने मेरी पिछली सभी कहानियों को इतना प्यार दिया और मुझे आगे बड़ने का मौका दिया और में आज फिर से अपनी एक सच्ची घटना लेकर आप सभी के सामने आया हूँ।
मेरा नाम रोकी है और मेरी उम्र 23 साल है और में इस साईट का दिवाना हूँ। दोस्तों मेरी आज की कहानी में मैंने बेटी की जगह गलती से उसकी माँ को चोद दिया। अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ और थोड़ा विस्तार से बताता हूँ। मेरे घर के पड़ोस में एक घर में एक परिवार रहता है और उस परिवार में पांच लोग है.. जिसमें तीन बेटियाँ और पति पत्नी रहते है। उस घर में जो पति है वो 50 साल का है और उनका नाम हरिप्रसाद है.. उनकी पत्नी 47-48 साल की है और उनका नाम राधा है और में इन दोनों को दादा, दादी बुलाता हूँ और इनकी तीनों बेटियों को बुआजी बुलाता हूँ। उनमे सबसे छोटी बेटी का नाम मंजू है उसकी उम्र 26-27 साल है.. मंजू बुआ थोड़ी मोटी है क्योंकि वो रोज़ गर्भनिरोधक गोलियां खाती है और उसका रंग सावंला है।
आज से एक साल पहले मैंने उनको और उनकी एक सहेली छाया को चोदना शुरू किया था.. तब इन दोनों को मैंने लेस्बियन सेक्स करते पकड़ा था.. यह दोनों पूरी नंगी होकर एक दूसरे की चूत चाट रही थी और चूत में उंगली डालकर चोद रही थी। में जैसे ही कमरे में घुसा तो यह सब देखकर बहुत डर गया.. लेकिन यह दोनों सेक्स के नशे में चूर थे और इस कारण दोनों ने मिलकर मुझे ज़बरदस्ती नंगा किया और मेरे लंड को चूसकर खड़ा करके बारी बारी से मुझसे चुदवाया और उस दिन के बाद से में आज तक इन दोनों को चोदता आ रहा हूँ.. लेकिन 8 महीने बाद छाया बुआ की शादी हो गई और वो अपनी ससुराल चली गयी.. लेकिन वो जब भी अपने घर आती है तो में उन दोनों को एक साथ मिलकर चोदता हूँ।
फिर छाया बुआ की शादी के बाद में सिर्फ़ मंजू बुआ को चोदता हूँ और हर रोज़ रात को उनके घर में जाकर उनकी चुदाई करता हूँ और कभी कभी दिन में भी उन्हें घर पर अकेले देखकर चोदता हूँ और ऐसा पिछले एक साल से हो रहा है। इस बारे में उनकी माँ (राधा) को भी पता है.. लेकिन वो किसी से कुछ नहीं कहती.. क्योंकि में जब एक दिन रात को मंजू बुआ को चोदकर जा रहा था तो मैंने राधा दादी को उनकी मझली बेटी और दामाद को कमरे में चुदाई करते देखते हुए पकड़ा था.. वो उनके कमरे की खिड़की से अंदर झाँक रही थी। दादी ने जैसे ही मुझे देखा वो एकदम से डर गयी।
फिर मैंने उनसे कहा कि में इस बारे में किसी को नहीं बताऊंगा.. लेकिन फिर भी वो मुझसे बहुत डरती है कि कहीं में यह बात किसी को ना बता दूँ। उनके पति हर वक़्त खेत पर होते है वहां पर एक छोटा सा मकान है और वो दादी को छोड़कर बाकी सब औरतों की चुदाई करते है। उनके खेत में जितनी भी मज़दूर औरतें काम करती है वो उन सभी को चोदते है और इस कारण हरी दादाजी ने पिछले 12-15 सालों से अपनी पत्नी को चोदना तो दूर ठीक से देखा भी नहीं है। तो इस तरह में रोज़ मंजू बुआ को चोदता था।
उनके कमरे में टीवी और डीवीडी है जिसमे हम लोग ब्लूफिल्म देख देखकर चुदाई करते है। हम एक अनोखी स्टाईल में चुदाई करते है.. पहले बुआजी मेरे लंड को चूस चूसकर लोहे के सरीए की तरह कर देती है और फिर उसके बाद एक बड़े से बर्तन में ढेर सारा तेल लाती है और उसमे वो मेरे लंड को डुबो देती है और फिर दोनों हाथों से मेरे लंड को उस तेल के अंदर मालिश करती है। जिससे मेरा लंड और भी चोदने के लिए मस्त हो जाता है।
ऐसा 10 से 15 मिनट तक करती है और फिर में उनको बेड पर सुला देता और उनकी चूत का मुहं खोलकर उसमे तेल डाल देता हूँ और उसके बाद में फिर से अपने लंड को उस तेल में डुबाकर चूत में घुसाता। चूत तो पहले से ही तेल से लपालप भरी होती है और मेरा लंड तेल में डूबने के कारण वो भी तेल से पूरा भीग जाता है। फिर जब में तेल से भरी चूत में लंड डालता हूँ तो लंड के घुसते ही चूत में से फच की आवाज़ निकलती और मेरा लंड एक बार में ही पूरा जड़ तक चूत में घुस जाता है और उसके बाद में चोदने लगता और तेल के कारण चुदाई के टाईम चूत में से ऐसी ऐसी आवाज़ें निकलती है कि हम दोनों उसे सुनकर मदहोश हो जाते है।
फिर उसी तरह जब में गांड में लंड घुसाता तो उससे पहले गांड के छेद में उंगली डालकर तेल से लपालप भर लेटा और फिर लंड डालकर चोदता.. गांड मारते टाईम भी ऐसी ही आवाजें गांड से भी निकलती है और में बीच बीच में अपना लंड निकालकर तेल में डुबाकर फिर से अंदर डाल देता। में आप लोगों को बता नहीं सकता कि ऐसे चोदने में कितना मज़ा आता। उस वक्त मुझे चुदाई का इतना अनुभव नहीं था तो उस टाईम में ऐसे चोदने का मतलब समझ नहीं पाता था.. लेकिन ऐसे चोदने में बहुत मज़ा आता था। यह आईडिया मेरा नहीं था.. वो बुआजी का था.. लेकिन पता नहीं उनको ऐसी चुदाई के बारे में किसने बताया था.. लेकिन आज में उस बात को समझ गया हूँ कि ऐसे चोदने में मज़ा दुगना हो जाता है और में आप सबसे भी यही कहता हूँ कि ऐसे ही चुदकर या चुदवाकर देखिए कितना मज़ा आता है।
फिर एक दिन की बात है जब में बुआजी को रात में चोदने के बाद घर जाने लगा तो मंजू बुआ ने कहा कि कल दोपहर को घर में कोई भी नहीं होगा.. तो तुम छुपकर चले आना हम दोनों बहुत मस्ती करेंगे। तो मैंने उनकी बात मान ली और दिन के दो बजे उनके घर पहुँच गया और घर पर सच में कोई भी नहीं था.. इस कारण हम दोनों ने आराम से टीवी पर ब्लूफिल्म देखी और उसी स्टाईल में बहुत देर तक चुदाई का मज़ा लिया। फिर मंजू बुआ ने मुझे रात को भी आने को कहा और फिर में वहां से चला गया। तो मेरे जाने के बाद उनके मामाजी आए और मंजू बुआ को लेकर अपने साथ चले गये और यह सब इतना जल्दी हुआ कि वो मुझे बता भी नहीं सकी.. इसीलिए मुझे पता नहीं था कि वो घर पर है या नहीं और में रात को रोज़ की तरह उनके कमरे में चुपचाप घुस गया।
मंजू बुआ दिन में हमेशा सलवार कमीज़ पहनती है और रात को मेक्सी पहन कर सोती है और फिर उस दिन शाम को अचानक से बहुत तेज बारिश होने लगी जिसकी वजह से लाईट भी चली गयी थी और इस कारण उनके कमरे में बहुत ही अंधेरा था। फिर मैंने अंदर जाते ही दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और मंजू बुआ की साईड में जाकर लेट गया और उनको ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया.. लेकिन बाहों में लेते ही मुझे लगा कि वो थोड़ी ज़्यादा मोटी लग रही है।
मैंने पूछा कि क्या हुआ बुआजी अचानक इतनी मोटी कैसे हो गई? तो उन्होंने कुछ नहीं कहा और मैंने भी उस बात पर ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया और फिर में उनकी मेक्सी के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा। तो आज बूब्स भी मुझे थोड़े ढीले लगे और छोटे लगे.. क्योंकि मंजू बुआ के बूब्स बहुत बड़े बड़े और टाईट है.. लेकिन मेरा ध्यान उस टाईम सिर्फ़ चोदने पर था तो इन सब बातों को मैंने अनदेखा कर दिया और फिर मुझे थोड़ा अजीब लगा कि आज में ही सब कुछ कर रहा हूँ.. बुआजी तो चुपचाप पड़ी हुई है। फिर मैंने उनकी मेक्सी को उतार दिया और उनको सीधा लेटा दिया.. उसके बाद में उनके ऊपर चढ़ गया और बूब्स को चूसने लगा।
उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और आज बुआ ने ब्रा नहीं पहनी थी और ना ही पेंटी। तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बुआजी आज आप पहले से ही चुदवाने के लिए तैयार है और क्या इसलिए ब्रा और पेंटी खोल दी? फिर बूब्स चूसते चूसते मैंने हाथ चूत की तरफ बढ़ाया और जैसे ही मैंने चूत पर हाथ रखा तो मुझे बालों का एहसास हुआ और मैंने एक बार फिर से हाथ लगाया तो देखा कि चूत पर बहुत सारे बाल है और में बहुत चकित हो गया.. क्योंकि आज दोपहर जब मैंने उनको चोदा था तब तो चूत बिल्कुल साफ थी.. फिर अचानक इतने सारे बाल चूत पर कहाँ से आ गये? में बहुत डर गया कि यह कौन है? और इस कारण मेरा लंड भी सिकुड़ गया।
में तुरंत उनके ऊपर से उतर गया और पूछा कि कौन हो आप? लेकिन कोई जबाब नहीं मिला तो मैंने जाकर झरोका खोल दिया। बाहर बहुत बारिश के साथ साथ तेज़ बिजली भी चमक रही थी उस बिजली की चमक से मैंने उनका मुहं देखा तो में देखता ही रह गया।
मैंने देखा कि अब तक मैंने मंजू बुआ समझकर जिसे नंगा कर दिया.. वो मंजू बुआ नहीं उनकी माँ राधा दादी है। में बहुत डर गया और वहां से जाने लगा। तो दादी ने मुझे आवाज़ दी और कहा कि रुक जाओ.. में रुक गया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर मुझे बेड पर बैठाया.. लेकिन मुझे इतना पता था कि वो इस बारे में किसी को नहीं कहेंगी.. लेकिन मैंने कभी उन्हे चोदने का सोचा भी नहीं था। दादी ने कहा कि ऐसे काम अधूरा छोड़कर कहाँ जा रहे हो? तो मैंने कहा कि में आपको कैसे चोद सकता हूँ? आप तो मुझसे बहुत बड़ी है। इस पर उन्होंने कहा कि बड़ी हुई तो क्या हुआ? में भी तो एक औरत हूँ मेरी भी एक चूत है जिसमे तुम आराम से अपना लंड घुसाकर चोद सकते हो।
यह बात सुनकर मेरे तो होश ही उड़ गये क्योंकि इससे पहले मैंने कभी 47-48 साल की औरत को चोदने के बारे में सोचा भी नहीं था.. चोदना तो बहुत दूर की बात है.. लेकिन वो कोई और होती तो में कभी पीछे नहीं हटता.. क्योंकि मुझे लड़कियों से ज़्यादा औरतों को चोदने में मज़ा आता है.. लेकिन वो साल 30 की हुई तो अच्छा है और 40 साल की हुई तो बहुत अच्छा है और यह सब मेरे उन दोस्तों को पता होगा जिन्होंने ऐसा सेक्स किया होगा।
अब कहानी पर आता हूँ.. दादी की बात सुनकर मैंने कहा कि यह आप क्या कह रही हो? यह सब ठीक नहीं है आप तो शादीशुदा हो.. जाकर अपने पति से चुदवाईए ना और इतना कहकर में वहाँ से जाने लगा तो वो मेरे पैरों पर गिर गयी और गिड़गिड़ाने लगी कि बिना मुझे चोदे ऐसे मत जाओ और उन्होंने मुझे अपनी सारी दुख भरी कहानी सुनाई।
राधा दादी ने कहा कि जब उनकी शादी हरी दादा के साथ हुई थी तो हरी दादा उन्हे बहुत चोदते थे। दिन भर में 5-6 बार और रात को 3-4 बार रोज़ चोदते थे और कभी दो बार तो 24 घंटे में 14-15 बार भी चोदते थे। किचन में आकर साड़ी को ऊपर उठाकर घोड़ी बनाकर पीछे से चूत में लंड डालकर चोद लेते थे और जब भी लंड खड़ा होता तो वो दादी के पास जाकर उनको चोदते थे। रात को सोते टाईम अगर लंड खड़ा हो गया तो उसी वक़्त साड़ी को ऊपर करके लंड चूत में घुसा देते थे और सुबह जब उठते थे तब उठने से पहले रोज़ चोदते थे। वो हमारी शादी के 15 दिन में ही मुझे 150-200 बार चोद चुके थे.. जिस कारण मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी और में 15 दिनों में ही प्रेग्नेंट हो गयी थी और उसके बाद भी 4 महीने तक तेरे दादाजी मुझे ऐसे ही चोदते रहे। जब भी वो खेत पर जाते थे तो मुझे अपने साथ लेकर जाते थे और वहाँ एक चारपाई थी.. उसके ऊपर लेटाकर चोदते थे.. जिस कारण वो चार पाई चार दिनों में ही टूट गयी थी।
फिर एक बार हम दोनों मेरी बहन की शादी में गये थे और फिर वहाँ भी यह मुझे एक कमरे में ले जाकर चोदने लगे और उस वक़्त बाहर शादी चल रही थी.. लेकिन हम लोग अंदर कमरे में चुदाई कर रहे थे। इस बीच मेरे पिताजी हमे बुलाने आ गए तो अंदर से ही मैंने जबाब दिया के आप जाइए हम अभी थोड़ी में आते है.. क्योंकि तेरे दादाजी ज़्यादा देर तक नहीं चोद सकते थे.. बस 12-15 मिनट चोदने के बाद ही उनका लंड पानी छोड़ देता था। फिर जब बड़ी बेटी पैदा हुई उसके 10 दिन के बाद ही वो मुझे चोदने लगे थे.. में नीचे लेटकर बच्ची को दूध पिलाती थी और यह पीछे से आकर मेरी साड़ी को ऊपर करके मेरी चूत में लंड डालकर चोदते थे। उनका हाल तो ऐसा था कि रात को जब भी इनका लंड खड़ा होता था.. उसी वक़्त चोदने लगते थे और जब में गहरी नींद में होती थी तो चुपचाप मेरे दोनों पैर उठाकर चोदने लगते थे और जब मेरी नींद खुलती थी तो मेरी चूत में लंड होता था। इस तरह बहुत जल्द ही में फिर से प्रेग्नेंट हो गई थी और मेरी बड़ी बेटी 8 महीने में ही पैदा हो गयी थी। तो जब हमारी शादी को एक साल पूरा हुआ तो में दूसरी बार प्रेग्नेंट थी। तो इस बार जब मैंने दूसरी बेटी को जन्म दिया तो डॉक्टर ने कहा कि इसके बाद कम से कम दो साल तक कोई बच्चा नहीं होना चाहिए.. नहीं तो मेरी जान को ख़तरा हो सकता है और यह बात सुनते ही तेरे दादाजी बहुत दुखी हो गये।
फिर उसके बाद उन्होंने मुझे चोदना कम कर दिया था.. इस कारण वो बाहर की औरतों को चोदने लगे और कभी कभी अगर मन किया तो मुझे चोद देते थे और इस तरह मंजू पैदा हुई और उसके बाद तो वो महीने में एक बार मुझे चोद ले तो वो भी बहुत था.. लेकिन पिछले 15 सालों से उन्होंने मुझे छुआ तक नहीं और इस कारण में रोज़ चुदवाने के लिए तरस गयी हूँ। फिर जब दोनों बड़ी बेटियों की शादी हुई तो जब भी वो अपने पति के साथ आती थी तो रात को चुदाई करते हुए में उनको देखकर अपने आपको शांत कर लेती हूँ.. लेकिन अब तो वो भी देखने को नहीं मिलता। इसलिए में तुम्हे मंजू को चोदते हुए कभी कभी देखती थी और आज जब मंजू ने मुझे कहा कि में तुझे उसके जाने के बारे में बता दूँ तो मेरे मन में ख़याल आया कि क्यों ना इस बात का फायदा उठाकर में तुम से चुदवा लूँ और 15 सालों से प्यासी अपनी चूत की आग को बुझा लूँ? इसलिए में तुम्हारे पैर पड़ती हूँ मुझे आज चोदकर मेरी प्यास बुझा दो तुम जो कहोगे में वो सब करूँगी और इसके लिए में तुम्हे रोज़ 100 रुपये दूँगी.. लेकिन मुझे ऐसे तड़पती हुई छोड़कर मत जाओ..
Share:

bus wali ajnabi ladki ki chudai

bus wali ajnabi ladki ki chudai

हैल्लो दोस्तों.. मैंने बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है.. ज़्यादातर मुझे बहुत अच्छी लगी है दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मेरी यह कहानी पढ़कर बहुत मज़ा जाएगा.. तो दोस्तों अब में आप सबको बोर ना करते हुए अपनी कहानी सुनाता हूँ.. यह एक महीने पहले की बात है। में अपनी आंटी के घर गया था जो देहरादून में रहती है और में वहाँ पर घूमने के लिए गया था। मेरे दोस्त बताते थे कि देहरादून की लडकियों को सेक्स का बड़ा शोक है वो जल्दी ही किसी से भी चुद लेती है और यह बात सोचकर मेरा लंड भी खड़ा हो जाता था और में सोचा करता था कि शायद मुझे भी वहाँ पर ऐसी ही कोई लड़की मिल जाए जो मेरी प्यास बुझा सके। मैंने अभी तक सेक्स कभी नहीं किया था बस मुठ मारकर अपना काम चला लिया करता था।
में देहरादून में लगभग हर जगह घूम चुका था.. लेकिन मुझे अब तक कोई ऐसी लड़की नहीं मिली थी और यार मेरे मन में सेक्स के लिए प्यास बढ़ती जा रही थी और में वहाँ पर अपनी बाईक लेकर गया हुआ था। एक दिन मेरे मन में एक ख़याल आया क्यों ना आज बस में घुमा जाए और में अपनी बाईक को घर पर छोड़कर बस से घूमने निकल गया। में जिस सिटी बस में घुसा उसमे एक ही सीट खाली थी तो में जल्दी से उस पर जाकर बैठ गया और अब बस कुछ दूर ही गई थी। तो उसमे एकदम से बहुत सारे यात्री चढ़ गये.. क्योंकि हम से आगे जो बस चल रही थी वो खराब हो गयी थी और उस बस के सारे यात्री हमारी बस में आने से बहुत ज़्यादा भीड़ हो गयी।
में थका हुआ सा था तो मैंने अपने से अगली सीट पर अपने हाथ मोड़कर रख लिए और अपने हाथों पर सर टिकाकर आराम करने लगा। तभी मेरा ध्यान मेरे पास में खड़ी लड़की पर गया.. उसका फिगर बड़ा सेक्सी था.. बूब्स बड़े बड़े और उसकी गांड भी बहुत उभरी हुई थी। उसने काले कलर का सूट पहना हुआ था वो बड़ी सेक्सी लग रही थी.. बस में ज्यादा भीड़ होने के कारण सभी लोग आपस में बहुत सटकर खड़े हुए थे। उस लड़की के पीछे एक अंकल खड़े थे और मैंने ध्यान से देखा तो वो अंकल उससे बिल्कुल चिपककर खड़े हो गये और अंकल ने अपना एक हाथ धीरे धीरे उसकी गांड पर रख दिया।
तो वो देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मुझे बड़ा अफ़सोस हो रहा था और में सोच रहा था काश में उस अंकल की जगह होता। फिर वो अंकल धीरे धीरे उसकी मस्त गांड पर अपना हाथ घुमा रहे थे.. लेकिन वो लड़की चुपचाप खड़ी हुई थी जैसे उसे कुछ पता ही नहीं चल रहा हो। फिर उस अंकल ने भीड़ का फायदा उठाते हुए अपना एक हाथ उसके सूट में डाल दिया और मैंने ध्यान से देखा तो वो लड़की इसके मजे ले रखी थी.. लेकिन तभी बस का एक स्टॉप आया और वो अंकल उतर गये और अंकल के चले जाने से वो लड़की थोड़ा सा पीछे होकर जिस सीट पर मैंने अपने हाथ रख रखे थे वो उस पर अपनी गांड टिकाकर खड़ी हो गई और उसकी कोमल गांड मेरे हाथ पर लग रही थी। माँ कसम मेरा तो लंड फटने के लिए तैयार हो गया था यह मेरी लाईफ का पहला मौका था जब मेरा हाथ किसी लड़की की गांड को छू रहा था।
मुझे तो पहले ही सेक्स चढ़ा हुआ था और मेरी हिम्मत भी बढ़ी हुई थी कि जब इसने उस अंकल को कुछ भी नहीं कहा तो मुझे क्या कहेगी? तो मैंने भी यह सोचकर उसकी गांड पर हाथ फिराना शुरू कर दिया.. उस लड़की ने मेरी तरफ देखा और मुझे हल्की सी स्माईल दी और मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था। दोस्तों मुझे इतना ज़्यादा मज़ा आ रहा था कि बता नहीं सकता। में भगवान से दुआ कर रहा था कि यह सफर कभी खत्म ही ना हो और में ऐसे ही उसकी गांड पर अपना हाथ फिराता रहूँ। तब तक बस घंटाघर पहुंच चुकी थी.. लेकिन वहाँ पर जाम लगा हुआ था और में तो यह देखकर बहुत खुश हो गया.. क्योंकि मुझे अब और टाईम मिल गया था। तभी मेरी पास की सीट पर जो अंकल बैठे हुए थे वो उतर गये और वो लड़की मेरे पास में बैठ गई.. उसके मेरे पास बैठते ही में उसको पूरा छुपाकर बैठ गया।
फिर मैंने उससे बात करने की सोची और उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम टीना बताया। वो देहरादून में पढ़ाई करने आई हुई थी और वो बड़ी ही चालू टाईप की लड़की थी और फिर बातों बातों में मैंने उसका मोबाईल नंबर ले लिया और अब मेरे मन में सेक्स की प्यास और बढ़ती जा रही थी।
फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके सूट के पल्लू के नीचे से उसकी चूत के ऊपर फिराने लगा और मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी और उसने मेरा हाथ पकड़कर दबा दिया तो में समझ गया कि अब वो चुद जाएगी.. लेकिन तभी उसका स्टॉप आ गया और वो मुझे स्माईल करते हुए उतर गयी। उस टाईम में बहुत ज़्यादा खुश था। मुझे खुशी के मारे यकीन भी नहीं हो रहा था और उसने मुझे बताया था कि उसकी स्कूटी खराब हो गयी थी तो वो आज पहली बार बस में आई थी और वो जहाँ पर उतरी थी वहाँ पर उसकी ट्यूशन थी और उसकी क्लास शाम को ख़त्म होनी थी। फिर में वहीं से जल्दी जल्दी अपनी आंटी के घर वापस गया और मैंने दो बार मुठ मारी और में नहा धोकर तैयार हो गया था। फिर मैंने उसे कॉल किया तो पता चला कि आज उनके सर नहीं आए थे तो उसकी तभी छुट्टी हो गयी थी और वो तो अपने रूम पर भी आ चुकी थी और उसने इस टाईम में अपनी स्कूटी भी ठीक करवा ली थी।
फिर मैंने उससे कहा कि में तुम से मिलना चाहता हूँ.. तो वो बोली कि मिलकर क्या करने का इरादा है? तो मैंने कहा कि में बताता नहीं हूँ बस करके दिखाता हूँ। तो वो हंसने लगी और उसने अपना पता मुझे दे दिया.. लेकिन उसने कहा कि बाईक मत लाना वर्ना पड़ोसियों को शक हो जाएगा।
तो मैंने कहा कि ठीक है और में जल्दी से घर से निकल गया.. मैंने सबसे पहले एक कंडोम का पेकेट खरीदा और में उसकी कॉलोनी में ऑटो करके पहुंच गया और उसे कॉल किया। तो वो अपनी स्कूटी लेकर आ गयी और में उसके पीछे बैठ गया और मैंने उससे कहा कि मुझे थोड़ा सा घुमा भी दो। तो वो मुझे एक ऐसे रोड पर ले गयी जो एकदम सुनसान सी थी और फिर मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुये उसके टॉप में हाथ डाल दिया और उसकी नाभि पर हाथ घुमाने लगा और मेरा ऐसा करने से उसे बहुत मजा आ रहा था.. उसकी चमड़ी बहुत ही मुलायम थी। मैंने तभी उसके बूब्स भी दबा दिए और वो उछल पड़ी और बोली कि सब कुछ यहीं पर कर लोगे तो रूम पर क्या करोगे? और वो बोली कि अब रूम पर चलते है। वो बड़ी गरम हो रही थी और उसने मुझे अपनी गली के बाहर उतार दिया और कहा कि यहाँ से तुम पैदल आ जाओ और उसके रूम का दरवाजा रोड पर ही था। तो में धीरे से उसके रूम में घुस गया और घुसते ही मैंने गेट की कुण्डी लगा दी और उसे अपने साथ बेड पर गिरा दिया और उसके होंठो पर अपने होंठ चिपका दिए।
वो मेरी लाईफ की पहली स्मूच थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और फिर मैंने उसके टॉप में हाथ घुसा दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा और वो अपनी दोनों आखें बंद करके सिसकियाँ ले रही थी। फिर मैंने धीरे धीरे उसका टॉप उतार दिया.. उसने गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी। फिर मैंने झट से उसकी ब्रा भी उतार दी.. उसके बूब्स बड़े ही मस्त थे और मैंने उसके एक बूब्स को मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया और अपने एक हाथ से उसके दूसरे बूब्स के निप्पल को दबाने लगा।
उसके बूब्स को दबाने और चूसने में मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उसकी केफ्री उतार दी.. वो आराम से बिना बोले मज़े ले रही थी.. उसके मुहं से बस सिसकियाँ आ अया उह्ह्ह्ह अह्ह्ह की आवाजें आ रही थी। उसने पेंटी भी गुलाबी कलर की ही पहनी हुई थी। मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी उसने अपनी चूत के बाल साफ किए हुए थे और उसकी चूत एकदम चिकनी लग रही थी और फिर मैंने उसकी चूत पर अपनी एक उंगली रख दी। तभी उसने एक ऐसा झटका मारा कि मेरी उंगली उसकी चूत में घुस गयी.. उसकी चूत अंदर से बड़ी मुलायम थी और अब मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए।
फिर में उसके ऊपर लेट गया और में थोड़ा सा ऊपर उठा तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया और वो मेरे लंड को अपनी चूत पर रगड़ने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था और फिर मैंने टाईम खराब ना करते हुए अपने लंड पर कंडोम लगा लिया और अपना लंड धीरे धीरे उसकी चूत में घुसा दिया। वो आह्ह्ह आह्ह्ह करने लगी और बोली कि चोद दो मुझे मेरी चूत फाड़ दो और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारो। तभी उसके मुहं से यह सब सुनकर मुझे बड़ा जोश आ गया और अब मैंने अपने दोनों हाथ उसकी गांड पर रखे और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा। तो वो भी अपनी गांड उठा उठाकर पूरा लंड चूत में ले रही थी और हम दोनों बड़े मजे से चुदाई कर रहे थे।
फिर उसे चोदते हुए मुझे टाईम का भी पता नहीं चला और कुछ देर बाद ही वो चुपचाप लेटी रही जैसे उसे नींद आ गयी हो और जब मैंने पूछा तो उसने बताया कि वो झड़ गयी है और उसके झड़ने के एक मिनट के बाद ही में भी झड़ गया और झड़ने के बाद उसके ऊपर ही लेट गया।
फिर हम दोनों को ऐसे ही लेटे लेटे नींद आ गई और हम दोनों बहुत देर तक ऐसी ही हालत में सोते रहे। फिर मैंने उठकर अपना लंड साफ किया और फिर उसने मेरा लंड पकड़ लिया और अपने मुहं में ले लिया और मज़े से चूसने लगी। तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.. लेकिन वो उसे चूसती रही मुझे बहुत ज़्यादा गुदगुदी हो रही थी और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उसके सर के बालों को पकड़ा और उसके मुहं में ही ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए और मैंने देखा कि उसकी सांसे धीरे धीरे तेज होने लगी थी। उसके चहरे का रंग लाल होने लगा था और फिर भी में उसके मुहं में लंड को धकेले जा रहा था और करीब दस मिनट के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया।
तभी उसके मोबाईल पर कॉल आया उसकी एक दोस्त उसके रूम पर आने वाली थी और वो रास्ते में थी। तो उसने मुझे कहा कि अब आपको जाना होगा और हम फिर कभी मिलते है और उसने मुझे बताया कि उसका एक बॉयफ्रेंड है.. लेकिन वो जहाँ से आई थी वो वहीं पर है और वो उसके साथ बहुत बार चुदाई कर चुकी थी। उसका भी मेरी तरह सेक्स के लिए बड़ा मन कर रहा था और जब उस अंकल ने उसकी गांड छुई तो उससे कंट्रोल नहीं हुआ और वो मुझसे चुदवाने के लिए तैयार हो गयी थी।
बस फिर में वहाँ से अपने घर पर आ गया। फिर मुझे घर आकर पता चला कि मेरे दादा जी भी देहरादून आए हुए थे वो मुझे अपने साथ वापस सहारनपुर ले आए और उस दिन के बाद से उसका मोबाईल नंबर बंद आ रहा था। फिर में बीच में एक बार देहरादून जाकर उसकी कॉलोनी में गया और उसके बारे में पता किया तो मुझे पता चला कि वो वहाँ से कमरा छोड़कर चली गई थी। अब जब भी में उसे याद करता हूँ तो मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया