आंटी का किराया


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम सूरज है.. लेकिन यह बदला हुआ नाम है और में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो कि मेरे एक दोस्त की माँ की है. तब में 20 साल का था और और में पढ़ाई के लिए अक्सर मेरे अपने दोस्त के यहाँ पर जाता था और हम दोनों एक साथ मिलकर पढ़ाई किया करते थे. उसके घर में वो, उसकी माँ, उसकी एक छोटी बहन शालू रहती थी और उसकी एक बड़ी बहन की शादी अभी दो महीने पहले ही हुई थी. उसके पापा ड्राईवर थे और वो किसी बड़ी कम्पनी में गाड़ियाँ चलाते थे.. लेकिन उससे उनके घर का खर्चा नहीं चलता था और उनका वो घर भी किराए का था जिसमे वो रहते थे. उसमे दो बेडरूम थे.. एक बेडरूम में उसकी माँ और पापा और दूसरे बेडरूम में वो, उसकी बहन सोते थे. हम उनके बेडरूम में ही पढ़ाई किया करते थे और वहीँ पर सो जाते थे.
तो एक दिन रविवार को दिन के समय हम लोग घर पर पढ़ाई कर रहे थे और फिर उसी समय उनके घर का मालिक आया और किराए के बारे में बोलने लगा तो उसकी माँ बोली कि प्लीज आप और थोड़े दिन रुकिये में कोई काम ढूंड रही हूँ जैसे ही मुझे काम मिलेगा में आपको किराया दे दूँगी.
फिर वो बोला कि अभी तक पिछले तीन महीने का किराया बाकी है क्यों इतना पैसा कहाँ से ला कर दोगी? तो वो बोली कि प्लीज आप मुझे थोड़ा और समय दे दीजिए में आपको सब दे दूँगी.. लेकिन वो नहीं माना तो आंटी बोली कि में आपको थोड़ी देर बाद घर आकर पैसे दूँगी और फिर वो यह बात सुनकर चला गया और हम लोग भी बाहर आ गये और आंटी को पूछा कि अब कैसे होगा? और पैसे कहाँ से आएँगे?
वो बोली कि में कहीं से करके देती हूँ और हम लोग घर से बाहर खेलने निकल गये और थोड़ी देर खेलने के बाद हम लोग वापस आए तो हमे रास्ते में आंटी मकान मालिक के घर पर जाती हुई दिखी और हम लोग भी उनसे चाबी लेने के लिए उनके पीछे जाने लगे और फिर वो अंदर चली गई और उन्होंने दरवाजा भी बंद कर लिया तो हम लोग एक खिड़की से अंदर देखने लगे और हमने देखा कि वो उन्हे बेडरूम में ले गया था.
फिर वो दोनों बातें कर रहे थे और जब हम आंटी को चाबी के लिए आवाज़ देने ही वाले थे कि उतने में ही हमे मकान मालिक की आवाज़ सुनाई दी.. वो कह रहा था. में आपका पहले का सारा किराया छोड़ दूँगा.. लेकिन आपको मेरा एक काम करना होगा.. तो आंटी बहुत खुश हो गई और खुश होकर बोली कि बताईए क्या काम है? और हम भी बड़े ध्यान से उनकी बातें सुनने लगे कि वो क्या काम हैं? और हम भी खुश थे कि हमारी एक तो टेंशन कम हुई.
मकान मालिक : आओ मेरे साथ बेड पर सो जाओ.
आंटी : क्या बात कर रहे हैं आप? और बाहर हमे भी उनकी यह बात सुनकर बहुत गुस्सा आने लगा था.
मकान मालिक : जो आपने सुना वो एकदम सही है और में इसके बाद आपको काम भी दूँगा.
आंटी : कैसा काम?
मकान मालिक : मेरे सभी मकानों का किराया.. सभी लोगों से लेकर आना और मुझे उनका हिसाब देना.
दोस्तों उसके बहुत सारे मकान और गोदाम थे और वो सभी उसने किराए पर दिए हुए थे.
आंटी : यह काम तो ठीक है.. लेकिन बेड पर नहीं सो सकती.
मकान मालिक : तो में इसमें तुम्हारी कोई भी मदद नहीं कर सकता.. अब तुम ही सोच लो कि तुम्हे क्या करना है? किराया दो या फिर शाम तक घर खाली कर दो.
आंटी : में अपने बच्चो को लेकर कहाँ जाउंगी.. प्लीज़ मुझ पर थोड़ा रहम करो.
मकान मालिक : नहीं में कुछ नहीं जानता मैंने जो कहा वो मान जाओ नहीं तो मेरा मकान खाली कर दो.
तो आंटी एकदम चुप होकर सोचने लगी उनके माथे की लकीरे उनकी टेंशन को बता रही थी कि वो कितनी परेशान है और हम खिड़की से देख रहे थे. फिर हमने दोस्त की बहन को घर पर जाने को कहा तो वो बोली कि नहीं मुझे भी देखना हैं और में यहीं पर रुकूंगी नहीं तो में ज़ोर से चिल्लाउंगी और उनको पता चल जाएगा कि हम भी यहाँ पर मौजूद है तो हमने उसे बहुत समझाया.. लेकिन वो नहीं मानी तो हमने उसे वहीं पर रहने दिया.
आंटी : तो बहुत देर सोचकर बोली कि ठीक हैं आप जैसा भी कहेंगे में करने को तैयार हूँ.
तो हम लोग उनकी यह बात सुनकर एकदम चकरा गये कि आंटी ने क्या सोचकर यह बोला?
मकान मालिक : तो हम अपना काम अभी स्टार्ट करते हैं ठीक है.
आंटी : क्या घर पर कोई नहीं है?
मकान मालिक : नहीं इस समय में घर पर एकदम अकेला हूँ.
दोस्तों उसकी बीवी को गुज़रे हुए दो साल हुए थे और उसके दोनों बच्चे स्कूल गए हुए थे.
आंटी : हाँ फिर ठीक है दरवाजे को अच्छे से बंद कर दो.
मकान मालिक : ठीक है में अभी करता हूँ और उसने अपने बेडरूम का दरवाजा लगाया.
आंटी : प्लीज थोड़ा जल्दी कीजिए में घर पर ताला लगाकर आई हूँ और बच्चे बाहर खेलने गये हैं.. जब वो घर पर ताला देखेगे तो मुझे ढूंढते हुए इधर ही आएँगे.
मकान मालिक : ठीक है तुम कहती हो तो हम अभी एक बार ही सेक्स करेंगे.. लेकिन तुम आज रात को जरुर आ जाना हम एक बार फिर से बिना टेंशन के मज़े करेंगे.
आंटी : क्यों आज सिर्फ एक ही बार यह सब बार करना होगा ना?
मकान मालिक : आज से में तुमको काम पर रखूँगा तो तुम्हे महीने में सिर्फ एक ही दिन काम करना होगा और बाकी के दिन तो अपने मज़े मस्ती करने के हैं ना.
आंटी : नहीं नहीं में हर रोज यह सब तुम्हारे साथ नहीं कर सकती.
तो उसने फिर आंटी को डराना धमकाना शुरू किया और वो भी उससे डरकर उसकी बातों में आती चली गई और उनके पास कोई दूसरा चारा भी नहीं था .
आंटी : ठीक हैं.. लेकिन दिन में सिर्फ एक बार और में रोज रात में नहीं आउंगी.
मकान मालिक : ठीक हैं और फिर आंटी अपनी साड़ी को धीरे धीरे ऊपर करने लगी.
मकान मालिक : अरे इस तरह नहीं हम अपने पूरे कपड़े निकालकर सेक्स के मज़े करेंगे.
आंटी : प्लीज़ मुझ पर रहम करो.. मैंने आज तक अपने पति के सिवा किसी के सामने कपड़े नहीं खोले और मुझे बहुत शरम आएगी.
मकान मालिक : तो उसमे क्या हुआ.. में अभी तुमसे शादी कर लेता हूँ.
आंटी : नहीं मुझ पर इतना ज़ुल्म मत करना और जैसा आप कहेंगे हम उसी तरह करेंगे.
फिर इधर हमने शालू को कहा कि अब घर पर चलो तो वो बोली कि नहीं मुझे एक बार देखना है और तुम लोग जाओ हम दोनों हैरान हो गये.. लेकिन अब हमारे पास भी कोई चारा नहीं था और हम उसकी हर बात मानने लगे.
मकान मालिक : अब जल्दी से अपने सारे कपड़े खोल दो.
आंटी बहुत शरमाते हुये अपनी साड़ी उतारने लगी तो वो बोला कि अरे शरमाओ मत समझ लो में ही तुम्हारा पति हूँ चलो छोड़ो में ही तुम्हारे कपड़े निकालता हूँ और उसने नीचे किए हुए पल्लू को पकड़ा और साड़ी को उतारने लगा. फिर उसने सबसे पहले साड़ी, फिर जल्दी से ब्लाउज को खोल दिया.. आंटी ने सफेद कलर की ब्रा पहनी हुई थी और वो बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा और साथ में आंटी के होंठो को भी किस करने लगा और अब आंटी गरम होने लगी थी और हम दोनों दोस्त भी यह सब नजारा देखकर धीरे धीरे गरम हो रहे थे और अब हमारे लंड ने भी अपना आकार बदलना शुरू कर दिया था और शालू बीच बीच में हमारे लंड को देख रही थी जो थोड़ी थोड़ी देर में झटके दे रहा था.
फिर उसने आंटी के पेटीकोट का नाड़ा पकड़ा और एकदम से झटका देकर खींच दिया और वो पल भर में नीचे गया. फिर उसने आंटी को बाहों में जकड़ लिया और अपने दोनों हाथों से ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को भी खींचकर बाहर निकाला और फिर पेंटी भी. तो अब आंटी उसके सामने पूरी तरह से नंगी थी फिर उसने अपने कपड़े भी उतार दिए और एकदम नंगा हो गया.. उसका लंड देखकर हम दोनों पागल हो गये और आंटी भी उसके लंड को देखकर कहने लगी हे भगवान कितना लंबा लंड है.. बाप रे कम से कम 8-9 इंच लंबा तो होगा? यह इतना बड़ा लंड मेरी चूत के अंदर कैसे जाएगा?
वो बोला कि क्यों तेरे पति का तो जाता है ना? तो आंटी बोली कि हाँ.. लेकिन उसका लंड इतना बड़ा नहीं है. फिर वो बोला कि तो कितना बड़ा है क्या 5 इंच का है? तो वो बोला कि तुझे मेरे लंड से पहली बार चुदाई में थोड़ी तकलीफ़ होगी.. लेकिन रात में बहुत आराम से जाएगा और फिर उसने आंटी को बेड पर लेटा दिया और अपने एक हाथ में बहुत सारा तेल लेकर आंटी के चूत पर लगाया और चूत को चूसने, चाटने भी लगा और थोड़ी देर चूसने के बाद आंटी से बोला कि अब तुम मेरा लंड चूसो.
तो आंटी बहुत मजबूर थी उन्हे वो सब करना था जो उसने कहा और वो उठकर बैठ गई फिर उन्होंने उसके लंड अपने एक हाथ से पकड़ा और उसे डरते हुए धीरे धीरे मुहं में लेकर चूसने लगी. तो उसने सही मौका देखकर अपने लंड से आंटी के मुहं में पूरे अंदर तक धक्के दिए और फिर लगभग 10-15 मिनट लंड चूसने के बाद उसने लंड को बाहर निकाला और रसीली चूत के मुहं पर रखकर घुसाने लगा और एक जोरदार झटका लगाया.
आंटी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी प्लीज अह्ह्ह उह्ह्ह्ह माँ आईईईई धीरे करो नहीं तो में मर जाउंगी अह्ह्ह्ह मेरी चूत फट जाएगी. तो वो बोला कि तुम्हे कुछ नहीं होगा तुम थोड़ा दर्द सहन कर लो और फिर वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और हम तीनों वो सब देख रहे थे और हम दोनों के हाथ अपने अपने लंड और शालू का हाथ उसकी मचलती हुई चूत पर जा चुका था और फिर शालू ने हम दोनों की ज़िप खोली और पेंट के अंदर हाथ डालकर देखने लगी.
फिर मैंने अपना एक हाथ उसके कंधे पर रखा और उसकी कमीज के अंदर हाथ डालकर उसके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा और वो हम दोनों के लंड पेंट से बाहर निकालकर पूरे जोश से हिला रही थी और उधर आंटी भी बहुत मज़े से लंड को लेकर चुद रही थी और सिसकियाँ ले रही थी और वो ज़ोर ज़ोर से पूरे जोश में धक्के देकर उन्हें चोद रहा था और फिर करीब 40 मिनट बाद वो झड़ने लगा और हम दोनों तो कभी के झड़ गये थे और फिर भी शालू अभी तक पूरी मस्ती में थी.
फिर मकान मालिक ने आंटी की चूत में ही सारा वीर्य छोड़ दिया और उनके ऊपर ही लेट गया. फिर करीब 10 मिनट के बाद वो दोनों अलग हो गये और आंटी ने कहा कि तुमने सारा माल अंदर ही छोड़ दिया और अगर कुछ हो गया तो? फिर वो बोला कि चिंता मत करो.. जाते जाते एक गोली खा लो. फिर आंटी ने कहा कि ठीक है अब में जाती हूँ.. मुझे बहुत देर हो गई है में रात आउंगी और वो कपड़े पहने लगी और वो आंटी को कपड़े पहनते हुए देख रहा था. तो आंटी ने एक एक करके सारे कपड़े पहन लिए.. लेकिन वो अभी तक नंगा ही था और आंटी जाने लगी तो उसने कहा कि अपनी चूत पर से पहले मेरे लंड के पानी को धो तो लो.
आंटी बोली कि नहीं अभी जाने दो बहुत देर हो गई है और वैसे भी मुझे अपने घर पर जा कर नहाना है. तो वो बोला कि अभी जाते जाते एक किस तो दो और फिर वो दोनों लिप किस करने लगे और वो आंटी के बूब्स को भी दबाने मसलने लगा.. जिससे आंटी और वो एक बार फिर से गरम हो गये और उसने आंटी की साड़ी को ऊपर करके उन्हे घोड़ी बनने के लिए कहा तो आंटी बोली कि अभी नहीं रात में जितना चाहे कर लेना.. लेकिन प्लीज मुझे अभी जाने दो.
हम तीनों भी बाहर एक बार फिर से गरम हो गये और इस बार हम एक दीवार पर बैठे थे और शालू का पायजामा थोड़ा नीचे किया हुआ था और वो हमारे लंड की मुठ मार रही थी और हम दोनों उसकी चूत में उंगली कर रहे थे. फिर करीब 5 मिनट बाद हम वहां से निकल गये और आंटी भी कुछ देर बाद घर आ गई..
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मेरे परिवार की चुदाई

मेरे परिवार की चुदाई

हेल्लो दोस्तों…. मेरा नाम रोहित है मैं आज जो घटना आप को बताने जा हूँ वो मेरे सामने मेरे परिवार के साथ बीती है सबसे पहले में आपको बता दूँ कि मेरी बुआ सीता देवी जो 58 साल की थोड़ी मोटी महिला है उनका फिगर 36-34-38 है यानी मस्त बड़े बूब्स और गदराई हुई गांड.. जिसे देखकर अच्छे अच्छे का लंड खड़ा हो जाये. फिर मेरी कज़िन बड़ी दीदी सीमा जिनकी उम्र 48 साल है उनका फिगर 38-40-42 है.. पपीते जितने बड़े बूब्स और कद्दू जैसी बड़ी गांड. वो जब चले तो सबके लंड खड़े कर दे. तीसरी है मेरी कज़िन दूसरी दीदी मधु जो 44 साल की है और जिनका फिगर 34-36-38 है. दूध जैसी गोरी मस्त बूब्स विशाल गांड जिसे देखकर मज़ा आ जाये. और आखरी है मेरी चाची उम्र 49 साल पतली दुबली फिगर 30-32-34 पर दिखती सेक्सी है.. छोटी गांड मटकाने में माहिर.. चलिये सबका परिचय हो गया.
अब स्टोरी में आता हूँ. एक बार हम सब एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने जबलपुर जा रहे थे. में और ये चारों औरतें एक गाड़ी में थी. में गाड़ी चला रहा था. रास्ते में घना जंगल था और रात भी हो रही थी हालाकीं हम तीन चार गाडियों में बहुत रिश्तेदार जा रहे थे पर अचानक हमारी गाड़ी बीच जंगल में बंद हो गयी और हम अकेले हो गये. हम सब गाड़ी से निकले इतने में बहुत से लोगों ने हमे घेर लिया और बंदूक की नोक पर हमे सुनसान जंगल के अंदर ले गये और वहां ले जाकर मुझे एक पेड़ से बांध दिया. फिर मैने चारों और देखा.. वो 15-20 लोग थे. थोड़े काले और बदसूरत. मेरी घर की औरतों को देखकर उनका लंड खड़ा होने लगा. दो तीन लोगों ने मेरी बुआ सीता देवी को पकड़ा और उसके कपड़े उतारने लगे पहले उसकी साड़ी उतारी फिर उसके ब्लाउज और पेटीकोट अब वो ब्रा और पेंटी में थी जिसे देखकर सबके लंड टाइट हो गये.
जब उसकी ब्रा खुली तो उसके दोनो कबूतर फड़फड़ा के बाहर आ गये. जिसे एक डाकू ने हाथ में थाम लिया और एक डाकू उसकी पेंटी नीचे करने लगा जिससे वो पूरी नंगी हो गयी और एक डाकू उनके बूब्स को चूसने लगा. एक डाकू उनकी चूत में उंगली करने लगा और तीसरा डाकू उनकी बड़ी गांड से खेलने लगा. तभी एक डाकू ने उनके गुलाबी होठों को चूसना स्टार्ट कर दिया और पूरा उनका रस निचोड़ लिया. एक ने उनकी चूची को चूस चूस कर लाल कर दिया था तीसरे ने अपना लंड उनकी चूत में एक ही झटके में डाल दिया. जिससे सीता बुआ के मुँह से चीख निकल गयी आअहह मार डाला उईईए आआआः उउफ्फ और उसने अपना काला लंड दनदनादन पेलना चालू कर दिया.
फिर एक आदमी ने अपना लंड बुआ के मुँह मे डाल दिया और चूसने को बोला तो बुआ ने मना कर दिया. उसने कस कर एक थप्पड़ मारा जिससे डर कर बुआ उसका लंड चूसने लगी और वो मस्ती में खो गया एक आदमी अभी भी बुआ की चूचियों को चूस रहा था और बुआ मुझे छोड़ दो इस उम्र में मुझे बर्बाद मत करो तो उन आदमियों ने कहा अब बर्बाद होने को क्या बचा है तू नंगी हमारे से चुद रही है. देख उधर एक आदमी तेरी शूटिंग कर रहा है ज़्यादा नाटक करेगी तो इसे सब जगह दिखा देंगे और वो झड़ने के करीब पहुँच गया.. उउउः मज़ा आआ गया में झड़ने वाला हूँ.
बुआ बोली कि मेरी चूत में मत झड़ना.. तो उस आदमी ने कहा क्यों नही झड़ूगां? आखरी बूँद तक तेरी चूत को दूँगा और उसने अपना सारा रस सीता बुआ की चूत में छोड़ दिया. फिर दूसरे आदमी ने बुआ को कुत्तिया बनाकर चोदा. बुआ की अधेड़ जवानी के भरपूर मज़े लूटे लंड और गांड के टकराने की आवाज़ आ रही थी ठप ठप और बुआ की भी सिसकारियाँ निकलने लगी. में झड़ने वाली हूँ और बुआ भी झड़ गयी. उस आदमी ने सबको सुनाकर बोला देखो इस रंडी को भी मज़ा आ रहा है चुदने में.
दूसरे आदमी ने कहा क्यों ना आये इतने मोटे और लंबे लंड मिले हैं इस उम्र में चोदते चोदते वो आदमी भी बुआ की चूत में झड़ गया. तीसरे आदमी ने सीता बुआ को अपने उपर बिठाकर चोदने को बोला पहले बुआ हिचकी लेकिन डरकर उसके लंड पर बैठ गयी और उपर नीचे होने लगी. जिससे उनके बूब्स हवा मे उछलने लगे.. जिनको उस आदमी ने थाम लिए और बुआ का मज़ा लूटने लगा. बुआ को मोटापे के कारण चोदने में मुश्किल हो रही थी पर चोदना जारी रखा. पहले वाले डाकू का लंड ये सब देखकर फिर खड़ा हो गया उसने तुरंत बुआ की गांड में लंड घुसाने लगा.
बुआ ज़ोर से चिल्लाई वहाँ नहीं मेरी गांड वर्जिन है इसे मेरे पति ने भी नहीं छुआ. उस आदमी ने कहा कोई बात नही रंडी आज में तेरी इस वर्जिन गांड का उद्घाटन करूँगा और उस आदमी ने बुआ की टाइट गांड में लंड डाल दिया. बुआ के मुँह से चीख निकली आआईईइ में मररर गई इसने मेरी सील पेक गांड फाड़ दी.. बचाओ मुझे और फिर बुआ ऊपर नीचे से चुदने लगी और वो दोनों बुआ की चूत और गांड में झड़ गये.
इसे देखकर बाकी आदमीयों ने सीमा दीदी मधु दीदी और चंपा चाची को भी नंगा कर दिया और सबकी जवानी बाहर आ गयी. फिर हुआ चुदाई का नंगा नाच.. कोई सीमा के दूध चूस रहा था तो कोई मधु की बड़ी गांड को दबा रहा था तो कोई चाची के होंठ का रसपान कर रहा था. तीनों औरतें लुट रही थी. तभी एक ने सीमा दीदी को सीधा लेटाकर अपना लंड उसकी चूत में घुसाकर चोदने लगा.. तो दूसरे ने मधु दीदी को कुत्तिया बनाकर पीछे से पेलने लगा और चाची को तो एक ने अपने ऊपर बैठाकर उछालने लगा. तीनों एक साथ चुद रही थी तीन तीन स्टाइलो में और बुआ चुदकर निढाल पड़ी थी. तभी तीनों उनकी चूत में झड़ गये और मधु दीदी को एक आदमी पकड़कर उसकी गोरी गांड को टटोलने लगा. मधु दीदी समझ गयी थी.. वह बोली नहीं मुझे छोड़ दो मेरी वर्जिन गांड है.. मैने मेरे पति को भी नहीं दिया.
तो उस आदमी ने कहा कोई बात नही आज में तेरी गांड मारूँगा और उसने मधु दीदी की गांड में लंड पेल दिया और मधु दीदी छटपटाई में मर गयी.. मेरी गांड फट गई.. में पूरी लुट गई. इस तरह मधु की जवानी लूट ली गई. फिर दो आदमीयों ने सीमा दीदी और चंपा चाची को घोड़ी बनाकर उनकी वर्जिन गांड भी फाड़ दी और गांड मारते हुए कहने लगे कि कमाल है.. इस घर की सभी औरतो की गांड सील पैक और टाईट है मज़ा आ रहा हैं और उन दोनो नें भी सीमा और चाची की गांड फाड़ दी. फिर उन्होंने बदल बदल कर चारो औरतों को रात भर हर स्टाइल में चोदा और संभोग का आनंद उठाया. ये सब देखकर मेरा लंड भी तन गया था.. जब वो जाने लगे तो उन्होने मुझे खोल दिया. उनके जाने के बाद में बेहोश पड़ी सभी औरतों पर टूट पड़ा. अपनी बुआ के बूब्स चूसे और चूत मारी और गांड का मजा लिया. सीमा दीदी, मधु दीदी, चंपा चाची सभी की चूत और गांड मारी और मज़ा लूटा. उन्हे बेहोशी में पता नहीं चला. ये बात हम लोगों ने शर्म के मारे किसी को नही बताई है.
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चाँदनी की चूत में चोकलेट

चाँदनी की चूत में चोकलेट

हैल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम सन्नी है और में नैनीताल उत्तराखंड का रहने वाला हूँ.. में आप लोगो का ज़्यादा टाईम खराब नहीं करूँगा.. लेकिन अपने जीवन में घटी हुई घटना को जल्दी से विस्तार में बता दूंगा. दोस्तों यह मेरी पहली स्टोरी है.. लेकिन में इस पर बहुत कहानियाँ पढ़ चुका हूँ और वो मुझे बहुत अच्छी भी लगी और उन्ही से प्रेरणा लेकर मैंने अपनी यह कहानी आप सभी को सुनाने का निर्णय लिया. तो दोस्तों मुझसे इसमें कोई भी गलती हो तो मुझे माफ़ करना और में सबसे पहले थोड़ा बहुत अपने बारे में भी बता देता हूँ.. मेरी हाईट 5.6 है और उम्र 21 साल है दोस्तों वैसे में और सभी लोगो की तरह झूठ नहीं बोलूँगा कि मेरा लंड 10 इंच का है. दोस्तों मेरा लंड 6.8 इंच का है और बॉडी दिखने में बहुत अच्छी है और अब में आप सभी का थोड़ा सा परिचय चाँदनी से भी करवा देता हूँ जिसको मैंने अपने घर पर बहुत जमकर चोदा और चुदाई के मज़े लिए.
दोस्तों चाँदनी मेरी पड़ोसन है और वो बहुत ही हॉट, सेक्सी है.. उसके बूब्स कपड़ो के अंदर से छोटे आकार के नजर आते है.. लेकिन जब वो पहली बार मेरे सामने बिना कपड़ो के आई तो में उन्हें देखकर पागल हो गया और दोस्तों उसकी मटकती हुई गांड हर किसी को दीवाना बनाकर अपनी और आकर्षित करती है और वो दिखने में भी अच्छी लगती है.. उसका रंग गोरा, बड़ी सी गांड, पतली कमर और गदराया हुआ बदन है. दोस्तों यह स्टोरी तीन साल पहले की है जब चाँदनी सिर्फ़ 18 साल की थी और जब उसकी चूत पर खुजली होना शुरू ही हुई थी.. अरे सॉरी दोस्तों में एक बात बताना तो भूल ही गया कि उसका साईज़ 34- 26 -36 है और फ्रेंड्स आप उसको एक बार देखोगे तो पागल हो जाओगे.. उसकी स्माईल एकदम कातिलाना है.
तो दोस्तों यह एक दिन की बात है जब मेरे माता, पिता घर पर नहीं थे और हमारे घर के बाहर कुछ हमारी पड़ोस की आंटीयां बैठी हुई थी. तो में जब मैगी का पेकेट लेकर जा रहा था तभी एक आंटी ने मुझसे कहा कि बेटा दिन के समय खाना खाने की जगह मैगी क्यों बना रहे हो? तो मैंने कहा कि आंटी आज मेरे घर पर कोई भी नहीं है. मेरे मम्मी, पापा अचानक किसी काम से बाहर गये हुए है और में सब्जी तो बना लेता हूँ.. लेकिन रोटी नहीं बना पता. तो चाँदनी की मम्मी ने कहा कि बेटा रुक में चाँदनी को रोटी बनाने के लिए तुम्हारे घर पर भेज देती हूँ.
मैंने कहा कि कोई बात नहीं आंटी में मैगी से ही काम चला लूँगा. तो उन्होंने कहा कि नहीं रूको में अभी भेजती हूँ और मैंने कहा कि चलो ठीक है आप जैसा अच्छा समझो.. में अंदर हूँ आप भेज दीजिएगा और करीब 10 मिनट के बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया और जब मैंने देखा तो बाहर दरवाजे पर चाँदनी खड़ी हुई थी. तो में उसे ऊपर से नीचे तक आखें फाड़कर देखता ही रह गया.. दोस्तों उसने लाल टॉप और नीली जीन्स पहनी हुई थी और वो उस ड्रेस में कयामत ढा रही थी.
फिर वो अंदर आई और उसने मुझसे कहा कि में पहले आपके लिए आटा लगा देती हूँ और वो यह कहकर मटकती हुई सीधी किचन में चली गई और वहाँ पर पहुंचकर उसने मुझे बुलाया और में अपनी नींद से उठकर उसके पास पहुंचा. तो उसने कहा कि मुझे आटा और दूसरा सामान कहाँ पर रखा है वो तो बता दो. फिर मैंने आटा निकाला और उसने आटा लगाने के लिए टेबल पर रखा.
दोस्तों वो टेबल जिस पर उसने आटा रखा था वो थोड़ा नीचे था और फिर मुझे उसके बूब्स के बीच की गहराईयां दिखने लगी और में एकदम पागल सा हो गया और मैंने मन में ठान ली कि आज में इसे बिना चोदे नहीं जाने देना दूंगा और फिर जब उसकी जुल्फे उसके होंठो तक आती तो वो और भी सेक्सी लगती. दोस्तों कहते है कि लड़की कपड़े पहने हुए ज़्यादा खूबसूरत लगती है जो कपड़ो में छुपी हुई अधूरी छाती और सेक्सी गांड दिखती है वो पूरे खुले आम देखने में नहीं.
दोस्तों वो किचन में रोटी बनाने लगी तो में टीवी देखने का बहाना करके टीवी देखने लगा.. लेकिन दोस्तों में उसे तिरछी नजर से देख रहा था और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था. तो मैंने धीरे से उसके पीछे जाकर उसे पीछे से पकड़ लिया.. वो एकदम से डर गयी और मुझसे कहने लगी कि सन्नी यह क्या बत्तमीजी है? और दूर हटो वरना कोई आ जाएगा और हमे देख लेगा. तो उसके इतना कहते ही मुझे एक बात समझ में आ गई कि उसे भी चुदने से कोई समस्या नहीं है.. लेकिन पकड़े जाने का डर है.
फिर मैंने कहा कि कोई नहीं आएगा.. सबको पता है कि तुम मेरे साथ अपने घर वालों की मर्जी से हो तो कोई तुम्हारे ऊपर शक भी नहीं करेगा और तुम चिंता मत करो में हूँ ना तुम हो ही इतनी सेक्सी कि मुझसे अब कंट्रोल नहीं हो रहा में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तो उसने कहा कि हाँ में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ.. लेकिन हमारी शादी होना बहुत मुश्किल है. दोस्तों लड़कियां अपनी लाईफ में कुछ भी होने से पहले शादी तक बहुत जल्दी पहुंचती है और फिर मैंने कहा कि वो तो जब टाईम आएगा तब देखेंगे.. मैंने कहा कि तुम सिर्फ़ इतना बताओ कि तुम मुझे प्यार करती हो या नहीं?
तो उसने कहा कि हाँ में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और फिर मैंने इतना सुनते ही उसको 5 मिनट का किस किया और उसके पूरे जिस्म पर अपने दोनों हाथ घुमाने लगा जिसकी वजह से वो जोश में आ गई. फिर दोस्तों मैंने ज्यादा समय खराब ना करते हुए उसकी टी-शर्ट उतारनी शुरू की.. उसने गुलाबी कलर की ब्रा पहनी थी और मुझे उसके बूब्स को देखकर मज़ा आ गया और मेरी आखों में बूब्स को देखकर एक चमक सी आ गई में उनको घूरकर देखने लगा. फिर मैंने उसे हल्का सा ब्रा के ऊपर से ही धीरे से सहलाया और बहुत हल्के से दबाया जिससे उसके बहुत बूब्स टाईट हो गये और निप्पल तनकर खड़ी हो गई वो अब जोश में आने लगी.
फिर मैंने सही मौका देखकर उसकी जीन्स उतारी.. उसने सफेद कलर की पेंटी पहनी हुई थी और अब मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो गया और उसकी चूत को सलामी देने लगा. तो मैंने उसकी पेंटी को थोड़ा ज़ोर से खींचा तो वो फट गयी और मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी. दोस्तों वो नज़ारा देखने लायक था वो बिल्कुल नंगी हो गयी थी और मेरे सामने अपने मनमोहक जिस्म को प्रदर्शित कर रही थी. तभी उसने मुझसे कहा कि तुम अपना सामान भी तो दिखाओ मुझे तो एकदम नंगा कर दिया. दोस्तों फिर उसने मुझे भी पूरा नंगा कर दिया और मेरा लंड देखकर वो डर गयी और उसने कहा कि में इतने बड़े लंड से नहीं चुद सकती यह लंड तो एक बार में ही मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा.
उसके मुहं से यह शब्द सुनकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मैंने उससे कहा कि में बड़े आराम से करूँगा जिससे तुम्हे ज्यादा दर्द नहीं होगा. फिर दोस्तों मैंने उसे अपने बेड पर लेटाया और उसकी चूत की दोनों गुलाबी पंखुड़ियों को अपने हाथ से हटाया. दोस्तों मुझे उसकी कामुक, गुलाबी, उभरी हुई चूत को देखकर मज़ा आ गया और मैंने हल्की सी उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी और उसे हल्का सा चाटा. तो दोस्तों उसकी चूत से सफेद पानी का फुहारा बाहर निकल गया और मैंने उसे भी अपनी जीभ से चाटा और वो बस सिसकियाँ लेती रही और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी दोस्तों में एकदम पागल हो गया और मैंने सुना था कि लड़कियों को हम से भी ज़्यादा सेक्स का जोश चड़ता है और आज वो मैंने देख भी लिया और उस टाईम लड़कियां एकदम पागल हो जाती जानवर बन जाती है.
करीब दस मिनट चूत चाटने के बाद वो मेरी जीभ पर ही झड़ गई और में उसकी चूत का रस पीने लगा. फिर कुछ देर चूत चाटकर साफ करने के बाद मैंने उसे अपना लंड चुसवाना शुरू किया पहले तो वो मना करने लगी.. लेकिन फिर मान गयी. तो उसने जोश में आकर लंड चूसना शुरू किया तो मुझे उसे हटाना ही पड़ा.. वरना वो तो हटने को तैयार ही नहीं थी वो तो मेरे लंड पर एकदम टूट पड़ी और मेरे लंड को किसी रांड की तरह चूसने लगी थी. फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया और एक धीरे से धक्का देकर थोड़ा अंदर डाला और पहले ही धक्के में वो इतनी तेज चीखी कि मैंने उसके मुहं पर हाथ रख दिया जिससे उसकी चीखने चिल्लाने की आवाजे वहीं पर दब कर रह गई.. लेकिन वो रोने लगी. उसकी आखों से मोटे मोटे आंसू बहने लगे और वो कहने लगी कि सन्नी प्लीज अह्ह्ह इसे बाहर उह्ह्हह्ह निकालो प्लीज उह्ह्ह निकालो.. लेकिन में कहाँ मानने वाला था मैंने उससे कहा कि थोड़ा सहन करो और अब ज्यादा दर्द नहीं होगा.
फिर मैंने सही मौका देखकर एक और ज़ोर का धक्का मारा और वो एक बार फिर से बहुत ज़ोर से चीखी और फिर एकदम शांत हो गई और में भी लंड को चूत में डालकर एकदम चुपचाप होकर उसके जिस्म को चूमने, सहलाने लगा और जब मुझे वो थोड़ी ठीक नजर आई तो मैंने लंड को धीरे से अंदर बाहर किया.. लेकिन मुझे कुछ अजीब सा गीला, गीला सा महसूस हुआ और जब मैंने लंड को बाहर निकालकर देखा में एकदम हैरान रह गया.. उसकी चूत से खून की बारिश हो गयी. तो मैंने उसे एक कपड़े से साफ किया और मैंने उससे कहा कि लो आज तुम एक लड़की से औरत बन गयी. उसने कहा कि प्लीज अब और मत तड़पाओ मेरी चूत में लंड डालो प्लीज़.
फिर मैंने दोबारा से चूत पर लंड सेट किया.. लेकिन इस बार मुझे धक्का देने की जरूरत नहीं पड़ी. लंड खुद ही अपने आप चूत की गहराइयों में चला गया और में धक्के देकर लंड को आगे पीछे करके चुदाई करने लगा.. लेकिन दोस्तों उसकी चूत बहुत टाईट थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और शायद उसे भी मेरे लंड से अपनी चूत को शांति दिलवाने में बहुत मज़ा आ रहा था और फिर कुछ देर बाद में झड़ने वाला था तो मैंने अपने लंड की स्पीड बड़ा दी और जमकर चुदाई करने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और वो कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे फाड़ दो मेरी चूत को.. मुझे आज तुम्हारे लंड के पूरे मज़े दो. तो में जोश में आकर और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसे चोदने लगा और फिर कुछ देर के बाद में झड़ गया.. लेकिन में नहीं रुका और उसे चोदता रहा और वो भी मेरे लंड को अपनी गांड को उठाकर नीचे से धक्के देने लगी.
दोस्तों उसके कुछ देर के बाद में और वो भी झड़ गयी. फिर मैंने उसे बाथरूम करने भेजा.. कुछ देर बाद वो वापस आई तो उसने फ्रिज का दरवाजा खोला पानी पीने के लिए तो वहाँ पर एक चॉकलेट पड़ी थी. तो उसने कहा कि मुझे यह खानी है.. मैंने कहा कि हम आधी आधी खाएगें. तो उसने कहा कि ठीक है.. तभी मैंने कहा कि मुझे चॉकलेट तुम्हारी चूत में डालकर खानी है. तो उसने मुझसे कहा कि जैसी तुम्हारी इच्छा और फिर मैंने उसकी चूत में चॉकलेट डाली और उसको चाटा और चॉकलेट के साथ साथ उसकी चूत के भी चाटकर मज़े लिए.
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दीदी के घर में सीमा को चोदा

दीदी के घर में सीमा को चोदा

हैल्लो दोस्तों.. मेंरा नाम रेनेश ठाकुर है और यह तब की घटना है.. जब में भिंड में रहने के लिए चला गया था और वहाँ पर रहकर एक कॉलेज से बी.कॉम कर रहा था और अपने दोस्तों के पास कभी कभी मेरा ग्वालियर आना होता था और में अक्सर अपनी मुहं बोली दीदी के घर पर ही रुकता था. उनकी दो बहन और थी.. एक का नाम रेणु और दूसरी का नाम सीमा था. सीमा रेणु से छोटी थी लेकिन वो बहुत कामुक जिस्म की मालकिन थी और उनके पूरे मोहल्ले के लड़के तो तब से ही उसके पीछे थे.. जब से में ग्वालियार में रहता था.
दोस्तों एक बार की बात है.. मेरी दीदी ने मज़ाक में मेरी मम्मी से सीमा के साथ मेरी शादी की बात चलाई थी तो मुझे भी ऐसा लगने लगा था कि वो मेरी बीवी है और इसलिए में जब भी ग्वालियर में रहता तो अक्सर अपने दोस्तों से उसके बारे में कुछ भी गलत शब्द सुनकर उनसे झगड़ा कर लेता था और अब दोस्तों सीधे कहानी पर आते है. एक बार में ग्वालियर गया हुआ था और मेरा रुकना दीदी के यहाँ पर ही हुआ तो रात को जब हम खाना खाकर बैठे हुए थे. तभी कुछ देर के बाद दीदी और जीजा जी दूसरे रूम में सोने चले गये लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा कि क्यों ना फिल्म ही देख ली जाए. मेरे रूम में मेरे साथ सीमा और दीदी के दोनों लड़के लेटे थे और हमने धीरे से टीवी सेट चालू किया तो मैंने देखा कि टीवी पर अच्छी रोमेंटिक फिल्म आ रही थी और हम सब लोग एक साथ लेटकर फिल्म का मज़ा लेने लगे और करीब आधी फिल्म खत्म होते होते वो दोनों बच्चे सो गये तो मैंने धीरे से सीमा की तरफ देखा और मुझे एहसास हुआ कि वो भी सो गयी है लेकिन इतनी रोमेंटिक फिल्म को देखकर मुझे नींद कहाँ आने वाली थी.
फिर मेरा हथियार तो खड़ा होकर टेंट बना रहा था तो में सीमा की तरफ जाकर लेट गया और धीरे से सीमा के पेट पर अपने हाथ को रख दिया. पहले तो सीमा हड़बड़ा गई लेकिन जब उसने मुझे महसूस किया तो वो बोली कि इधर कब आए तो मैंने कहा कि बस अभी ही आया हूँ तो उसने फिर से पूछा कि और इधर क्यों आए तो मैंने धीरे से कहा कि थोड़ा ध्यान से सुन जीजी के रोने की आवाज़ आ रही है.. पता नहीं शायद जीजाजी उनको मार रहे है. तभी वो धीरे से उठी और पास वाले रूम की खिड़की में झाँककर देखा और जल्दी से अपने मुहं पर हाथ लगाकर मेरे पास आई और बोली कि हाय राम कितना गंदा काम हो रहा है तो में झटके से उठकर बैठ गया और कहा कि क्या में भी देखूं अंदर क्या हो रहा है तो वो मुझसे मना करने लगी लेकिन मैंने फिर भी उठकर खिड़की से देखा तो जीजाजी दीदी के ऊपर चड़े हुए थे और ज़ोर ज़ोर से दीदी की चूत पर अपने लंड को ठोक रहे थे.
फिर मैंने बहुत धीमी आवाज़ से सीमा से कहा कि तू भाग क्यों गयी.. इधर आना तो लेकिन उसने आने से मना कर दिया और कुछ देर बाद वो आवाज़ आनी बंद हो गयी और मैंने कमरे में देखा तो दीदी जीजाजी की छाती पर सर रखकर लेट रही थी तो मैंने सीमा के पास आकर उसका हाथ पकड़ लिया और बोला कि क्या तुम भी ऐसे मज़े लेना चाहती हो तो उसने मुझे जकड़ लिया और फिर मैंने भी उसकी गर्दन को ज़ोर से पकड़ लिया और उसके गुलाबी रंगीन होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अपनी जीभ से उसका मुहं चोदने लगा.. थोड़ी देर बाद मुझे एहसास हुआ कि वो भी मेरे मुहं में अपनी जीभ को देकर मुझसे चुसवाना चाहती है तो मैंने भी उसका आमंत्रण स्वीकार कर लिया और उसके मुहं का स्वाद लेने लगा. मेरा तो अब बुरा हाल हुए जा रहा था लेकिन धीरे-धीरे उसकी पकड़ भी ढीली हो चुकी थी तो मैंने इसी बीच धीरे से उसकी स्कर्ट का हुक खोल दिया और उसकी स्कर्ट को सरकाकर नीचे कर दिया. फिर मैंने अपने एक पैर को उठाकर धीरे से उसकी पेंटी को भी नीचे खिसका दिया और अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत पर रगड़ने लगा और कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रखा तो मुझे कुछ गीला सा महसूस हुआ और इस दौरान उसने भी मेरे पजामे को धीरे से नीचे सरकाकर मुझे नंगा कर दिया था.
फिर मैंने धीरे से उसके कान में कहा कि टीवी और लाईट को बंद कर दो तो हुकुम की गुलाम की तरह उसने टीवी और लाईट को बंद कर दिया. फिर में और सीमा 69 पोज़िशन में आकर एक दूसरे के मुहं की चुदाई करने लगे. फिर मैंने अपना मुहं उसकी चूत पर रखा और उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा लेकिन कुछ ही देर बाद मुझे अहसास हुआ कि वो हल्के-हल्के झटके ले रही है तो मुझे समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा कि वो गरम हो चुकी है और में जीभ से उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा और कुछ ही पलों में वो खामोश होने लगी और उसने मेरे मुहं में ढेर सारा पानी उडेल दिया और में तो उसका पानी पीकर निढाल हो गया था लेकिन अब मेरी बारी थी तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रखा और जोश में आकर एक जोरदार धक्का देकर पूरे लंड को चूत की गहराइयों में पहुंचा दिया तो उसके मुहं से बहुत ज़ोर की चीख निकली और मैंने उसके मुहं पर हाथ रखकर उस आवाज़ को दबा दिया.
फिर में धीरे-धीरे धक्के देकर चोदने लगा और जब मुझे महसूस हुआ कि उसका दर्द कम हो गया है तो मैंने अपने धक्के तेज कर दिए लेकिन में बहुत ही जल्दी झड़ गया.. क्योंकि में पहले से ही बहुत गरम था और जैसे ही में झड़ने वाला था तो उसने मेरे लंड को बाहर निकालकर अपने पेट पर सारा वीर्य गिरा दिया लेकिन मुझे अफ़सोस था कि में उसकी अच्छे से चुदाई नहीं कर सका और हम दोनों एक दूसरे से ज़ोर से चिपक गये. में फिर से उसके बूब्स को दबाकर, सहलाकर उसको गरम करने लगा तो वो मना करने लगी लेकिन में कहाँ मानने वाला था? मैंने अब उसके बूब्स को चूसना शुरू किया और दस मिनट के बाद उसके मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी तो मैंने अपने हाथ से उसका मुहं बंद कर दिया और दूसरे हाथ से उसकी चूत में फिर से उंगली करने लगा और कुछ ही देर में वो फिर से पूरी तरह गरम हो गयी और इतनी ही देर में मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो चुका था.
लेकिन इस बार मैंने ज्यादा देर नहीं की और तुरंत ही नीचे आकर उसके दोनों पैरों को फैलाकर उसकी चूत पर अपने लंड को रखकर एक धक्का लगाया तो में तो डर ही गया. वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी तो मैंने ज़ोर से उसके मुहं पर अपने होंठ रख दिए और दोबारा से उसकी चूत पर अपना लंड टिकाकर धीरे-धीरे अंदर करने की कोशिश करने लगा और मुझे पता चल चुका था कि वो अब तक पूरी तरह से कुँवारी है.. कुछ देर पहले ही एक बार लंड लेने के बाद भी उसकी चूत बहुत टाईट थी और वो मेरे लंड को बहुत मुश्किल से झेल रही थी. मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड अंदर चला गया लेकिन इस बार में तैयार था. मैंने उसके होंठो को अपने होंठो से दबा रखा था. इस कारण वो चीख नहीं सकी लेकिन उसकी आखों से निकलते आंसू इस बात की गवाही दे रहे थे कि उसको कितना दर्द हुआ होगा.
फिर में कुछ देर तक रुका रहा और जब वो ठीक हो गयी तो मैंने धीरे-धीरे से अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और अब मुझे महसूस हुआ कि वो भी मुझे धीर-धीरे से नीचे से अपनी चुदाई की सहमति प्रदान कर रही थी. मैंने फिर से एक तेज झटका मारा तो मेरा 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत को फाड़कर उसकी बच्चेदानी से चिपक गया और उसकी गले से अहह आह्ह की ज़ोर से आवाज़े आने लगी. मुझे भी कुछ गीला गीला लगा लेकिन मुझे पता था कि क्या हुआ होगा तो में उसका मुहं दबाकर उसके ऊपर ही थोड़ी देर के लिए लेट गया और धीरे-धीरे अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और जब 5 मिनट बाद सब कुछ शांत हुआ तो मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ानी शुरू कर दी और फिर वो समझ चुकी थी कि मुझे इस बार झड़ने में थोड़ा समय लगेगा और नीचे से मुझे सीमा का साथ भी मिलने लगा.
फिर उसका साथ मिलते ही मैंने अपने इंजन की रफ़्तार बड़ानी शुरू की और मेरा इंजन राजधानी एक्सप्रेस बन गया. करीब 10 मिनट के बाद मुझे सीमा के शरीर में अकड़न महसूस हुई और में समझ गया कि वो अब झड़ने वाली है. फिर उसने ज़ोर से मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और मुझसे इस तरह चिपक गयी.. जैसे हम दो नहीं सिर्फ एक जिस्म हो लेकिन में अभी भी नहीं झड़ा था तो मैंने अपनी राजधानी को पैसेंजर ट्रेन नहीं बनने दिया लेकिन कुछ देर के बाद मुझे ऐसा लगा कि अब मेरे इंजन को सीमा कंट्रोल करना चाहती है तो में सीमा के नीचे आ गया और सीमा मेरे लंड पर अपनी चूत रखकर मेरे लंड की सवारी करने लगी और कुछ समय बाद वो फिर से झड़ गयी. फिर मैंने तुरंत ही उसको फिर से नीचे किया और इस बार उसको डोगी स्टाईल में बैठाया और अपने लंड को उसकी चूत में ज़ोर-ज़ोर से डालने लगा.
फिर में अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स को पकड़कर ज़ोर से दबा रहा था और वो अपने दातों से अपने होंठो को दबाए हुए थी. मैंने अपने धक्को की स्पीड बड़ा दी और अब में अपनी चरम सीमा पर पहुंचने वाला था और मेरी स्पीड को बड़ा हुआ देख वो भी अब समझ गयी थी तो वो भी फिर अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी और 15-20 झटको बाद मेरा सारा वीर्य उसकी चूत में चला गया. फिर जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो खून की तेज धार बह निकली तो रोते हुए उसने मुझसे पूछा कि यह तुमने क्या किया तो मैंने हंसकर जवाब दिया कि पगली यह तो तेरी चुदाई का इनाम था.. जिसकी तू हकदार थी और इतना कहकर में सो गया लेकिन शायद वो नहीं सोई थी.. क्योंकि सुबह जब मैंने उसकी आखें देखी तो वो सूजी हुई थी. फिर मैंने अकेले में उससे बात करने की कोशिश की तो उसने मुझे किसी तरह का मौका नहीं दिया. में फिर दोस्तों के घर चला गया और शाम को वापस भिंड लौट आया ..
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भाई की साली को जन्नत दिखाई

भाई की साली को जन्नत दिखाई

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम निशांत है और में गुजरात के राजकोट का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 25 साल है और में दिखने में ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साईज़ 6.5 इंच है. दोस्तों आज में अपने जीवन की एक सच्ची घटना आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. मुझे छोटी सी उम्र से ही सेक्स में बहुत रूचि रही है और में जब भी समय मिलता सेक्सी कहानियाँ पढ़ता.. ऐसा करने से मुझे बहुत अच्छा लगता और में कभी कभी मुठ भी मारता.. मैंने बहुत सी कहानियाँ पड़ी और एक दिन मैंने अपनी भी कहानी आप सभी को सुनाने की ठान ली.. वैसे यह मेरी पहली कहानी है तो मुझसे कोई गलती हुई हो तो प्लीज मुझे माफ़ करे लेकिन में उम्मीद करता हूँ कि यह आपको बहुत पसंद आएगी. अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. दोस्तों यह कहानी आज से 5 साल पुरानी है और मेरे भाई की साली को कैसे मैंने पटाकर चोदा.. उसके बारे में है लेकिन उस पर मेरी नज़र भाई की सगाई से ही थी और आख़िर में उनकी शादी के बाद एक दिन मुझे वो मौका मिल ही गया.. जिसका में बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था और में उसको सोच सोचकर कई बार मुठ भी मार चुका था.
दोस्तों मेरे भाई की साली की उस वक़्त उम्र 18-19 होगी और उसका नाम दीपिका है.. वो दिखने में एकदम सेक्सी और उसको एक बार देखकर कोई भी उसे चोदने को तैयार हो जाए.. उसका वो गोरा जिस्म, नशीली आंखे, बड़े बड़े बूब्स, पतली कमर, अच्छी खासी दिखने वाली गांड और फूला हुआ बदन.. मुझे शुरू से ही अपनी और आकर्षित करने लगा था और जब मैंने उसे पहली बार देखा.. तब ही मैंने उसे चोदने की ठान ली थी और उससे पहले भी मैंने शादी में उसे कई बार इधर उधर छुआ लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा. फिर एक दिन भाई की शादी के बाद वो अपनी बहन से मिलने हमारे घर पर आई लेकिन उस वक़्त भाई और भाभी फिल्म देखने गये थे और मेरे घर के सब लोग मेरे किसी रिश्तेदार के यहाँ पर किसी समारोह में गये थे और सिर्फ़ में घर पर अकेला था और में घर पर अकेला बोर हो रहा था तो में समय बिताने के लिए टीवी देखने लगा.
तभी दरवाजे पर बेल बजी और जब मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि बाहर दीपिका खड़ी हुई थी. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था और वो मेरे एकदम सामने खड़ी थी और वो बहुत सेक्सी लग रही थी. तो मैंने उससे हैलो किया और उसे अंदर बुलाया.. तभी वो इधर उधर देखने लगी और बोली कि दीदी कहाँ है? तो मैंने कहा कि भैया और भाभी फिल्म देखने बाहर गए है और घर पर में सिर्फ़ अकेला ही हूँ. तो वो बोली कि ठीक है.. में बाद में आती हूँ. दोस्तों मेरी भाभी हमारे घर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर रहती थी.. इसलिए उसने मुझसे बाद में आने को कहा लेकिन में इतना अच्छा मौका अपने हाथ से कैसे जाने देता और मैंने उससे कहा कि दो मिनट रूको में कॉफी बनाता हूँ.. पीकर ही जाना और थोड़ी देर मेरे साथ बैठकर मुझे अपना साथ दो.. में अकेला बैठा बैठा बोर हो रहा हूँ. तो वो बोली कि ठीक है लेकिन में ज्यादा देर नहीं रुक सकती.. मुझे कहीं और भी जाना है. तो मैंने कहा कि ठीक है..
बस कुछ वक्त मेरे साथ गुजारो और फिर चली जाना और में जल्दी से कॉफी बनाने किचन में गया और कॉफी बनाते हुए सोचने लगा कि अब कैसे क्या किया जाए? जिससे में उसे चोद सकूँ. फिर मैंने कॉफी बनाकर थोड़ी देर ठंडी होने दी और उसे उस पर गिराने का प्लान बनाया. तो में कुछ देर बाद कॉफी लेकर किचन से बाहर गया और उसे कॉफी देते हुए जानबूझ कर थोड़ी सी कॉफी उसकी छाती वाले हिस्से के ऊपर गिरा दी. दोस्तों उसके बूब्स वैसे कोई 34 साईज के होंगे लेकिन मस्त मुलायम थे और कॉफी गिरते ही मैंने कप को नीचे रखकर सॉरी बोलते हुए उसकी छाती पर गिरी हुई कॉफी को साफ करने लगा और इसी के साथ धीरे धीरे उसके बूब्स भी सहलाने लगा.. वो मुझे मना कर रही थी और बार बार कह रही थी कि कोई बात नहीं रहने दो..
में खुद साफ कर लूंगी लेकिन अब मेरा बूब्स मसलना उसे भी पसंद आया और अब वो मना करते हुए मेरे हाथों को अपने बूब्स पर और दबाने लगी. तो में समझ गया कि शायद अब उसे भी मज़ा आ रहा है और यह मेरे लिए ग्रीन सिग्नल है और में उसके कपड़े साफ करने के बहाने से उसे अपने बेडरूम वाले बाथरूम में ले गया और रूम में पहुंचते ही इतने अच्छे मौके को ना गंवाते हुए मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और बूब्स दबाने लगा. दोस्तों पहले तो वो मेरे ऐसा करने पर वो थोड़ा हिचकिचायी लेकिन बाद में मज़े करने लगी. फिर मैंने उसे मेरी और घुमाया और अपने होंठो को उसके होंठो पर लगाकर एक लंबी किस दी और किस करते करते उसे मेरे बेड पर ले गया और बेड पर उसके ऊपर आ गया.
फिर उसके जिस्म की हर एक जगह पर किस करने लगा.. वो अब धीरे धीरे मदहोश हो रही थी और उस वक़्त वो सलवार कुर्ते में थी. फिर में धीरे धीरे उसके कपड़े निकालने लगा और कपड़े निकालते निकालते किस किए जा रहा था और अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी और मैंने अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए और में भी एकदम नंगा हो गया.. मुझे नंगा देखकर वो शरमा गयी और वो मुझसे बोली कि..
दीपिका : निशांत में अभी तक वर्जिन ही हूँ. प्लीज़ इस बात का ध्यान रखना और थोड़ा धीरे धीरे करना.. वरना में कहीं की नहीं रहूंगी.
में : तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो. तुम्हे कुछ नहीं होगा मेरी जानेमन.. तुम सिर्फ़ मज़े ही मज़े लो.. तुम टेंशन मत लो.
फिर वो खड़ी होकर मेरे पास आई और मैंने उसे ज़ोर से पकड़ लिया और उसे बेड पर लेटाकर उसके पूरे शरीर को चूमा, चाटा और अब अपने एक हाथ की दो उगलियों से उसकी चूत को सहलाते हुए उसे चूसने लगा और मैंने जैसे ही उंगली को चूत में डाला.. वो एकदम से पूरी तरह से हिल गयी और बेड को अपने दोनों हाथों से जोर से पकड़ लिया और में उसे उंगलियों से चोदे जा रहा था. फिर उसका एक हाथ मैंने अपने लंड पर रखा.. वो उसे धीरे धीरे सहलाने लगी और में उसकी चूत को ज़ोर ज़ोर से चोदे जा रहा था. फिर मैंने उसे लंड चूसने को बोला लेकिन उसने साफ मना किया और फिर मेरे बहुत कहने पर उसने कहा कि तुम सिर्फ़ होंठ पर घुमा सकते हो. तो मैंने अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर उसके गुलाबी होंठो पर घुमाया और थोड़ा सा लंड उसके दोनों होंठो के बीच में डाला और वो मेरे लंड को अपनी दोनों आखें बंद करके अपने होंठो पर महसूस कर रही थी. फिर मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चूत के पास पहुंचकर पहले चूत को चूमा और फिर उसे चाटने लगा.
तो मेरे ऐसा करने से वो एकदम तड़प उठी और सिसकियाँ लेने लगी और कहने लगी कि प्लीज मुझे अब और मत तड़पाओ अह्ह्ह उह्ह. तो मैंने भी देर ना करते हुए लंड को चूत पर रखा और धीरे धीरे उस पर घुमाने लगा और धीरे से एक धक्का दिया तो थोड़ा सा लंड अंदर गया लेकिन उसे बहुत दर्द हो रहा था.. क्योंकि वो वर्जिन जो थी. इसलिए उसने अपनी गांड को थोड़ा पीछे कर लिया.. जिससे लंड फिसलकर बाहर निकल गया तो में उसके बूब्स मसलने लगा और किस कर रहा था और मैंने सही मौका देखकर एक ज़ोर का धक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड चूत में चला गया और वो बहुत ज़ोर से चीखी और दर्द से छटपटाने लगी और कहने लगी प्लीज इसे बाहर निकालो. अहह उईईइ माँ में मर गई और अपनी गांड को फिर से पीछे करने लगी लेकिन मैंने ऐसा होने नहीं दिया और उसे चूमते, चाटते, सहलाते हुए उसके शांत होने का इंतजार करने लगा और कुछ देर बाद जब वो शांत हुई तो में अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा. फिर
एक और ज़ोरदार झटके के साथ पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया तो वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी और मैंने उसके होंठो पर एक लंबा किस किया और थोड़ी देर बाद जब वो शांत हुई तो लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करके चोदने लगा. फिर कुछ देर बाद मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और अब उसे भी अपनी वर्जिन चूत चुदवाने का मज़ा आने लगा था और वो अपनी गांड को धीरे धीरे झटके देकर मेरे हर एक धक्के का जवाब दे रही थी.
दोस्तों मेरी यह चुदाई लगभग 15-20 मिनट तक चली लेकिन मैंने उसकी चूत को बहुत जोश में आकर चोदा और बहुत धक्के दिए. फिर कुछ देर बाद मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और अब वो शायद झड़ चुकी थी और एकदम ढीली होकर अपने पूरे जिस्म को मेरे लंड के हवाले करके चुपचाप अपनी दोनों आखें बंद करके पड़ी रही. फिर उसके कुछ देर बाद में भी झड़ गया और में उसके बूब्स को चूसने लगा और कुछ देर चूसने के बाद उसके ऊपर ही थककर लेट गया और अब हम एक दूसरे को किस करने लगे तो वो मुझसे बोली कि तुमने आज मुझे जन्नत दिखा दी. में बहुत समय से अपनी चूत को शांत करना चाहती थी और आज तुमने उसे एकदम शांत कर दिया और वो मेरे गले लगी. फिर उसने मुझे किस किया और कुछ देर बाद अपने कपड़े पहन कर मुझे फिर से मिलने का वादा देकर चली गई.
दोस्तों उसके चले जाने के बाद मैंने करीब दो घंटे के बाद एक बार मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया लेकिन मैंने उसके बाद उसको अपने घर पर तो कभी उसके घर पर बहुत बार चोदा और चुदाई के बहुत मज़े लिये ..
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