आंटी का ख़राब कंप्यूटर


हैलो दोस्तों.. मेरा नाम ईशान है और मैं गुजरात के राजकोट सिटी में रहता हूँ. मेरी उम्र 22 साल है. मेरी हाईट 5.6 फीट है.. भरपूर टाईप की बॉडी और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच और मोटाई 6 इंच की है और अब मैं आपको अपनी रियल स्टोरी बताने जा रहा हूँ.
यह बात उस टाइम की है.. जब में डिप्लोमा कर रहा था.. यानी कि आज से करीब 8 महीने पहले की. तब मे पार्ट टाइम कंप्यूटर रिपेरिंग का काम भी करता था ताकि एक्सट्रा पॉकेट मनी का जुगाड़ हो सके. एक दिन मुझे एक अंकल का कॉल आया कि मेरा कंप्यूटर खराब हो गया है.. आप आकर इसे प्लीज़ ठीक कर दीजिये. मैंने उनसे उनका एड्रेस लिया और उनको अपने आने का टाईम दिया. अगले दिन में सुबह 11 बजे उनके घर पहुंचा.. मैंने डोर बेल बजाई तो 28-30 साल की आंटी ने दरवाजा खोला. क्या आंटी थी वो? मैं तो उन्हे देखता ही रह गया.
अब मैं आपको उनके बारे मैं बताता हूँ.. उनकी हाइट 5 फीट 8 इंच होगी और उनका साईज़ करीब करीब 38-28-40 होगा और एकदम दूध की तरह गोरा रंग और वो एकदम खूबसूरत दिखती थी. मैंने मन ही मन उन्हें चोदने का सोचा.. फिर मैं घर में गया तो उसके पति वहीं थे. उन्होने मुझे अपना कंप्यूटर दिखाया. फिर मैंने उसे चेक किया तो पाया कि उसका विंडो खराब था.
मैंने सोचा कि अगर आज ही कंप्यूटर ठीक कर दूँगा तो उस आंटी से बातचीत नहीं कर पाऊंगा.. क्योंकि उस दिन रविवार था और उसके पति की ऑफीस की छुट्टी थी.. तो मैंने कहा कि मैं आपका कंप्यूटर कल आकर ठीक करता हूँ तो उसके पति ने कहा कि कल आप प्लीज़ 11 बजे से पहले आ जाना.. क्योंकि उसके बाद मुझे ऑफिस जाना होता है.
मैंने कहा ठीक है और में वहां से आ गया और फिर में कल का इंतज़ार करने लगा. कल के काम के लिए मैंने अपने बैग में एक विंडो की सी.डी और एक ब्लू फिल्म की सी.डी रख ली और फिर जान बूझकर में 10:50 पर उनके घर पहुंचा. आज फिर दरवाजा उसी आंटी ने खोला और उन्होने मुझे अंदर आने को कहा मैंने देखा की उसके पति ऑफिस जाने की तैयारी कर रहे है.
उन्होने मुझसे कहा कि मैंने आपको 11 बजे से पहले आने को कहा था और आप इतना लेट आ रहे हो तो मैंने कहा कि में किसी काम मे अटक गया था. फिर उन्होंने कहा कि में तो जा रहा हूँ आप कंप्यूटर ठीक करके पैसे मेरी पत्नी से ले लेना.. मैंने कहा ठीक है और फिर वो वहां से चले गये. उसके बाद में कंप्यूटर को ठीक करने चला गया.. 10-15 मिनट के बाद आंटी मेरे पास आई और मुझसे पूछा कि आप को कुछ चाहिये तो मैंने मन में सोचा कि आपकी चूत चाहिये पर मैंने कहा कि सिर्फ़ पानी पिला दीजिये.
फिर वो मेरे लिए पानी ले कर आई और मेरे पास आ कर बैठ गयी. उसके बदन से बहुत अच्छे पर्फ्यूम की खुशबू आ रही थी.. उसे सूंघकर ही मेरा लंड तन गया. कुछ देर बाद जब विंडो इन्स्टोलेशन पूरी हो गयी तो मैंने उनसे उनके मदरबोर्ड की सी.डी माँगी तो उन्होंने कहा मुझे नहीं पता.. फिर भी में आपको वो सी.डी ला देती हूँ जो हमारे पास पड़ी है. फिर उन्होने मुझे सी.डी ला कर दी.. फिर मैंने उनसे कहा कि प्लीज़.. मुझे एक ग्लास पानी पिला दीजिये.
फिर जब वो मेरे लिए पानी लेने गयी तो मैंने अपने बैग से ब्लू फिल्म की सी.डी निकालकर उनके बैग मे डाल दी. फिर जब वो पानी ले कर आई तो में सी.डी ढूंढने का बहाना करने लगा और ब्लू फिल्म की सी.डी कंप्यूटर मैं चालू कर दी और एकदम से बीच का सीन लगा दिया जिसमें कि एक आदमी औरत की चूत चोद रहा होता है. फिर में नाटक करने लगा जैसे कि यह सी.डी ग़लती से लग गयी हो. मैंने आंटी की तरफ देखा तो उन्होने आँखे बंद कर रख थी और वो ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रही थी.
फिर मैंने कहा कि में अभी बाथरूम से आता हूँ. यह कहकर में बाथरूम में घुस गया और हल्का सा दरवाजा खुला छोड़ दिया ताकि उसको देख सकूँ. थोड़ी देर बाद वो आंटी उठी और उस ब्लू फिल्म को कंप्यूटर में लगाकर देखने लगी.. साथ ही साथ उसने अपने सलवार के अंदर हाथ डालकर अपनी चूत मसलने लगी. फिर मैंने सोचा कि यही सही टाइम है.. इशान घुस जा कमरे में और में एक झटके के साथ कमरे में घुस गया. में इतनी जल्दी से कमरे में घुसा कि उसे अपना हाथ अपनी चूत से हटाने का टाईम भी नहीं मिला.
मुझे देखकर वो एकदम से घबरा गयी और अपना हाथ अपनी चूत में से निकालकर वहां से जाने लगी. मैंने तभी उसे पीछे से पकड़ लिया और पलटकर उनके होठों पर ज़बरदस्ती किस करने लगा. पहले तो उन्होंने छूटने की बहुत कोशिश की.. लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और मेरे सिर में अपनी उंगलियां घुमाने लगी. में भी अपने एक हाथ से उसकी चूत और दूसरे हाथ से बूब्स दबाने लगा. अब वो धीरे-धीरे सिसकियाँ भी भरने लगी थी.
फिर मैंने उसे अपने से अलग किया और उसका कुर्ता और सलवार उतार दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पिंक कलर की ब्रा और पेंटी मे खड़ी थी और उसने मेरे कपड़े भी उतार दिये. मेरे 7 इंच के लंड को देखकर उसकी आँखो में एक चमक सी आ गयी. फिर मैंने एक झटके में उसकी ब्रा और पेंटी खींच दी. अब हम दोनो एकदम नंगे खड़े थे.
फिर मैंने उनसे कहा कि क्या आपको 69 पोज़िशन के बारे में पता है तो उन्होने मना कर दिया. फिर में बेड पर लेट गया और उनसे कहा कि वो अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दे और अपना मुँह मेरे लंड पर. उसने वैसा ही किया और फिर मैंने जैसे ही उसकी चूत पर अपनी जीभ घुमाई वो तो पागल सी हो गयी और ऑश आआअहह की आवाज़े निकालने लगी. जिससे मेरे अंदर का शैतान जाग गया और में अंदर तक अपनी जीभ डालने लगा.
इससे वो पागल सी होने लगी और मेरे लंड को अपने मुँह से बड़ी तेज़ी से चूसने लगी. करीब 20 मिनिट के बाद में झड़ गया और उसने मेरा सारा पानी पी लिया. फिर मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर लेटाया और उसकी टांगे खोलकर उसकी चूत के मुँह पर अपने लंड को रगड़ने लगा इससे वो और पागल सी हो गयी और मुझसे कहने लगी कि बस और मत तड़पाओ मुझे.. में तुम्हारे लंड के लिये मरे जा रही हूँ. प्लीज.. मुझे चोद दो. में तो जैसे कि उसी वक़्त का इंतज़ार कर रहा था.
मैंने एक जोरदार झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो हल्की सी चिल्लाई. मैंने अपने हाथो से उसका मुँह बंद कर दिया और फिर एक और झटका पूरी जान से मारा.. इस बार तो वो और भी ज़्यादा चिल्लाई और मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने उसे पकड़ रखा था. कुछ देर तक उसकी चूत में अपना लंड बिना हिलाये रखा तो उसने बताया कि उसके पति का लंड सिर्फ़ 4 इंच लंबा है और वो उसे सही तरीके से चोद नहीं पाते है. फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं आज में तुम्हारी चूत की प्यास बुझाऊंगा.. यह कहकर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और फिर आराम से उसकी चूत मारने लगा.
उसके मुँह से सिसकियां निकलने लगी थी जो कि पूरे कमरे में गूंजने लगी थी. फिर मैंने अपनी स्पीड और भी तेज कर दी जिससे कि वो और तेज हाहाहा में मर गयी की तरह की आवाज़े निकालने लगी और मुझे गालीयाँ भी देने लगी कि भोसड़ी के आज तूने मुझे चोद ही दिया. में तो कल से तुझसे चुदवाना चाहती थी.. पर कैसे कहती? करीब 10 मिनिट तक चोदने के बाद उसने मुझसे कहा कि वो झड़ने वाली है. मैंने सुनकर भी अनसुना कर दिया और चोदता रहा. फिर एकदम से उसके शरीर मे एक कंपन सा हुआ और मेरे लंड पर मुझे कुछ गर्म गर्म सा महसूस हुआ. में समझ गया कि वो झड़ चुकी है.
फिर भी में रुका नहीं और उसे चोदता रहा. अब वो भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी थी. उसकी चूत से उसका पानी हल्का हल्का बहने लगा था जिसकी वजह से उसकी चूत कुछ चिपचिपी सी हो गयी थी. करीब 20 मिनिट की चुदाई के बाद वो फिर से झड़ गयी. फिर मैंने भी उसे कहा कि में भी झड़ने वाला हूँ तुम मेरा लंड चूस कर इसका सारा पानी पी जाओ पर उसने कहा कि नहीं आज तुम मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ दो.
यह सुनकर मुझे और भी जोश आ गया और मैंने अपनी स्पीड बहुत ही तेज कर दी और करीब 20-25 झटके मारने के बाद में मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत मे ही छोड़ दिया और थककर बिस्तर पर जाकर गिर गया. हम दोनों पसीने मे भीग चुके थे तो मैंने उसकी तरफ देखा तो वो रो रही थी. मैंने पूछा कि तुम रो क्यों रही हो? तो उसने मुझसे कहा कि आज किसी ने पहली बार उसे इतनी अच्छी तरह चोदा है.. यह कहकर वो मुझसे लिपट गयी. फिर हम दोनों एक दूसरे को साफ करने के लिये बाथरूम मे चले गये. वहां पर उसने मुझे नहलाया और खुद भी नहाई.. नहाकर जब हम बाहर निकले तो वो कपड़े पहनने लगी तो मैंने मना कर दिया.
फिर मैंने कहा कि मुझे भूख लगी है.. तो वो मेरे लिये खाना बनाने किचन में चली गई. हम दोनो नंगे ही सारे घर मे घूम रहे थे खाना बनाते बनाते भी में उसकी चूत चाट रहा था और उसे अपना लंड चुसा रहा था. फिर करीब 1 घंटे बाद हम लोगों ने खाना खाया और आराम करने लगे.. तब तक 3 बज चुके थे. फिर मैंने कहा कि चलो एक बार लास्ट टाईम और करते है. वो खुश हो गयी.. लेकिन मैंने कहा कि इस बार में तुम्हारी गांड मारूंगा तो वो मना करने लगी.
ये सुनकर मे वहाँ से जाने लगा तो उसने कहा ठीक है.. लेकिन अगर दर्द होगा तो तुम नहीं मारोगे.. मैंने भी कहा कि ठीक है. फिर हम लोग वापस से रूम में आ गये जहाँ पर पहले थे. तो मैंने उसकी गांड के छेद पर बहुत सारा तेल लगाया जिससे कि उसको दर्द ना हो और मेरे लंड पर भी ताकि उसकी गांड मे आराम से चला जायें और उसके हाथो से अपने लंड की थोड़ी मालिश भी करवाई.
फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड के मुँह पर अपना लंड रख दिया और हल्का सा ज़ोर लगाया तो मेरा लंड जरा सा भी अंदर नहीं गया. फिर मैंने पूरी जान से अपने लंड को धक्का दिया तो इस बार आधे से भी ज़्यादा लंड उसकी गांड में घुस गया और वो बहुत तेज चिल्लाई. उसके साथ साथ ही उसकी आँखो से आँसू भी निकल आये. वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज़.. मेरी गांड से अपना लंड निकालो बहुत दर्द हो रहा और रोने लगी पर मुझे कहाँ उस पर दया आने वाली थी.
फिर में उसकी गांड मे लंड डालकर खड़ा रहा. करीब 10 मिनिट बाद जब वो कुछ शांत हुई तो मैंने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और फिर पूरी जान से उसे दोबारा पूरा का पूरा अंदर डाल दिया. इस बार वो और भी ज़्यादा चिल्लाई और मुझे गालीयाँ भी देने लगी.. बहन के लोडे क्यों मेरी गांड फाड़ने में लगा है.. इसे बाहर क्यों नहीं निकाल लेता. लेकिन में बिना कुछ कहे सुने फिर आराम से खड़ा हो गया.
फिर जब वो शांत हुई तो में आराम आराम से उसकी गांड मारने लगा. लेकिन इस बार उसने कुछ नहीं कहा. ये देखकर मेरा भी होसला बड़ गया और मैंने अपने लंड की स्पीड थोड़ी और तेज कर दी. अब उसे भी मज़ा आने लगा था और वो मेरे लंड का साथ देने लगी और वो दोबारा से सिसकियाँ भरने लगी थी.. इसके साथ साथ में अपनी एक उंगली से उसकी चूत भी चोद रहा था.
करीब 20 मिनिट बाद उसने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया और मैंने उसे अपने हाथ में भर कर चाट लिया. इस बीच मेरा लंड भी जवाब दे गया और मैंने उसकी गांड में ही अपना सारा पानी छोड़ दिया और फिर हम दोनो ढीले पड़ चुके थे. फिर कुछ देर बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ किया और फिर में वहाँ से जाने लगा तो उसने मुझसे कहा कि आज तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया है.. क्या तुम दोबारा कभी मेरे पास आना चाहोगे? तो मैंने कहा कि क्यों नहीं और मैंने उसे अपना फोन नम्बर दिया और वहाँ से आ गया. आते टाईम मैंने उसकी आँखो में आँसू देखे पर वो ख़ुशी के आँसू थे.
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मम्मी की बहन का चोदन


हैल्लो दोस्तों.. में गुड्डू आप सभी का दोस्त.. दोस्तों कुछ दिनों पहले मेरा तबादला अपने स्टेट से बिनापुर में कर दिया गया था और में वहाँ पर अकेला ही रहता था.. रोज सुबह उठकर ऑफिस जाना और फिर शाम को वापस आकर खाना बनाना.. मेरी रोज़ की अदत बन गयी थी और करीब दो महीने के बाद मुझे मेरी मम्मी का फोन आया और उन्होंने मुझे अपनी बड़ी बहन का भी तबादला बिनापुर में होने की बात बताई.
दोस्तों मेरी मम्मी की बड़ी बहन का नाम रीमा था और वो एक तलाकशुदा औरत थी और फिर मम्मी ने कहा कि वो भी तुम्हारे साथ ही रहेगी तो मुझे यह बात सुनकर बहुत अच्छा लगा और मैंने सोचा कि चलो अब मेरा अकेलापन तो कम से कम दूर हो जाएगा और में बचपन में भी हमेशा रीमा मौसी के पास सोता था और वो सारे दिन मुझे याद आ गए.
फिर अगले ही दिन में उन्हे लेने स्टेशन चला गया तो मेरी आँखे उन्हे देखकर एकदम खुली की खुली रह गई.. क्योंकि 52 साल की उम्र में भी वो बहुत ही सुंदर लग रही थी और उनके बूब्स बहुत बड़े और गोल थे.. साथ ही साथ उनकी गांड का साईज़ शायद 46 के आस पास था.. जो सफेद कलर की साड़ी में वो बहुत ही हसीन दिख रही थी.
तभी से मुझे उनको चोदने का मन हुआ और में हमेशा किसी अच्छे मौके की तलाश में रहा. फिर मैंने अपने बाथरूम में कील डालकर दो छोटे छोटे छेद किए और नहाते समय रीमा मौसी को देखने का प्लान बनाया.. दो से तीन दिन के बाद रविवार था और में जल्दी जल्दी अपने सारे काम ख़त्म करके पेपर पढ़ने बैठ गया. तभी मौसी नहाने के लिए बाथरूम में चली गयी और में भी उनके पीछे पीछे दरवाज़े के पास पहुँच गया और अपनी दोनों आँखो से उस छेद में से देखता रहा..
मौसी ने एक मेक्सी पहनी हुई थी और फिर वो थोड़ा झुककर उसे उतारने लगी और जो भी मैंने उस समय देखा.. में उसे देखकर बहुत चकित हो गया. हे भगवान क्या गठीला शरीर था.. ज्यादा उम्र होने के कारण उनका पेट भी थोड़ा बाहर निकला हुआ था और काले रंग की ब्रा और पेंटी में रीमा मौसी एकदम सेक्सी लग रही थी.. उनकी गोरी गोरी, एकदम चिकनी जांघे बहुत ही सुंदर लग रही थी.
फिर उन्होंने नल चालू किया और ब्रा का हुक खोलने लगी.. उनके विशाल बूब्स किसी पहाड़ की चोटी की तरह एकदम तनकर खड़े थे और दोनों बूब्स का आकर एक समान था और वो सब पूरी तरह से खिले खिले नज़र आ रह थे और अब पेंटी की बारी थी तो उन्होंने धीरे से अपना एक पैर ऊपर किया और फिर दूसरा भी ऊपर करके उसको भी बाहर निकाल दिया. में उनके पूरे नंगे जिस्म के देखकर पूरी तरह से पागल हो गया.. उनकी गांड बहुत बड़ी थी और चूत एकदम लाल रंग की थी लेकिन बहुत सारे बालों में ढकी हुई थी और यह सब देखकर मेरा लंड झटके देता हुआ खड़ा हो गया और मैंने कसम ली कि में किसी भी तरह मौसी की चूत में आग लगाकर रहूँगा.
फिर दूसरे ही दिन मैंने ऑफिस में एक प्लान बनाया और पास के एक बार से दारू पीकर घर थोड़ा लेट पहुँचा तो मौसी आँखे मलते हुए आई और दरवाज़ा खोला.. उनके गाऊन का हुक खुला हुआ था और उनका लाल कलर की ब्रा मुझे दिख गई तो मौसी ने तुरंत उसको ठीक किया और मेरे लिए खाना लगाने लगी.. उनका गाऊन हल्का सफेद रंग का था और उसमे से उनका पूरा बदन मुझे साफ साफ दिख रहा था और अब मैंने फ़ैसला कर ही लिया कि आज मुझे हर हालत में इस काम को अंजाम देना है और अब मुझ पर दारु का असर भी पूरी तरह से हो गया था. मैंने चुपके से अपने कपड़े बदल लिए और एक निक्कर पहन लिया और एकदम दबे पांव रसोई रूम में चल गया. मौसी वहीं पर खड़ी खड़ी रोटी बेल रही थी और उनका लाल कलर का ब्रा मेरी आँखो में नाचने लगा.. में तुरंत उनके पीछे खड़ा हो गया और अपने लंड को उनकी बड़ी सी गांड पर घिसने लगा.
तभी वो चोंक पड़ी और उन्होंने मुझे एक जोरदार थप्पड़ खींचकर मारा और बोलने लगी कि बेशर्म में तुम्हारी मम्मी की बड़ी बहन हूँ और तुम मेरे साथ ऐसी गंदी हरकत कर रहे हो.. लेकिन अब में कहाँ रुकने वाला था और दारू के नशे ने मुझे पूरी तरह जकड़ लिया था और मुझे गुस्सा आ गया तो मैंने उनको अपनी बाहों में ज़बरदस्ती पकड़ लिया और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और मुझसे छूटने की ना काम कोशिश करने लगी. लेकिन मैंने उसकी परवाह ना करते हुए उनको गोद में उठाकर बेडरूम की तरफ ले गया और वो मुझसे अपने आप को छुड़वाने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन मेरी ताक़त और जोश उनसे बहुत ज़्यादा था.
फिर मैंने उनको बेड के ऊपर पटक दिया और में उनके ऊपर चढ़ गया.. पहले मैंने उनका गाउन पकड़ा और एकदम ज़ोर से झटका देकर फाड़ दिया और फिर अपने हाथ को उनकी ब्रा के ऊपर ले गया लेकिन उनका संघर्ष अब और बहुत तेज़ हो गया और वो मुझको गाली देने लगी.. कुत्ते की औलाद छोड़ दे मुझे.. मादरचोद! किसी और को जाकर चोद.. में तेरी माँ के बराबर हूँ.. प्लीज छोड़ दे मुझे अह्ह्ह.. तो मैंने उनकी हर बात को अनसुनी करके उनके दोनों पैरों को अपनी जाँघ के बीच दबा लिया और उनके गले और होठों को कुत्ते की तरह चाटने, चूमने लगा और अपने दोनों हाथों से उनके बड़े बड़े बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा दबाकर स्वर्ग का आनंद लेने लगा.. मौसी सिर्फ़ ब्रा, पेंटी में मेरे आगे पड़ी हुई छटपटा रही थी और मेरा बहुत विरोध कर रही थी.
फिर मैंने अपना लंड जो कि अंडरवियर के नीचे था और अब चूत में जाने का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था.. में उसको मौसी की पेंटी पर घिसने लगा और मैंने उनकी ब्रा को भी एक झटके से फाड़ दिया और मोटे मोटे बूब्स के निप्पल पर मुहं मारने लगा.
तभी मौसी ने मेरे कंधे को काट लिया और नीचे बैठ गयी.. में उठ खड़ा हुआ और उनको बोला कि देखो आप ज़रूर मेरी मम्मी की बड़ी बहन है.. लेकिन अब इस घर में अकेली हैं और आपको यहाँ पर बचाने वाला कोई भी नहीं है तो अब आप चुपचाप मेरे साथ सेक्स का मज़ा लीजिये.. नहीं तो में आपकी नंगी नंगी फोटो खींचकर सबको बता दूँगा. वो यह सब बातें चुपचाप सुनने लगी और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी..
मैंने कहा कि में आपको एक घंटे का वक़्त देता हूँ. आप मुझे सोचकर बता दीजिए कि अब आपको क्या करना है और यह बात कहकर में सीधा ड्रॉयिंग रूम में आ गया और टीवी के नीचे रखी हुई दारू की बॉटल को फिर से निकालकर अपना ग्लास बनाने लगा. फिर करीब आधे घंटे बाद मौसी मेरे पास आई और कहने लगी कि अगर में एक बार यह सब कर लूँ तो क्या तुम मुझे छोड़ दोगे तो मैंने बोला कि हाँ क्यों नहीं..
तो मौसी ने बोला कि ठीक है.. तुम 10 मिनट के बाद मेरे रूम में आ जाना तो अब में बहुत खुश हो गया और जल्दी जल्दी दारू ख़त्म करके मौसी के रूम में चल गया.. मैंने वहाँ पर पहुंचकर देखा कि रूम की लाईट पहले से ही बंद थी और मौसी सिर्फ़ अपनी ब्रा और पेंटी में लेटी हुई थी.. उन्होंने मुझे पास बुलाया और बोला कि जो करना है सिर्फ़ आज की रात कर लो.. लेकिन फिर से मत करना. मैंने बहुत खुश होकर हाँ भरकर अपनी अंडरवियर को उतारा और मौसी को अपना लंड उनके मुहं में भरने को बोला और फिर उन्होंने मेरे एक बार कहने पर ही मेरा पूरा लंड अपने मुहं में लिया और उसे लॉलीपोप की तरह चाटने, चूसने लगी..
वो मेरे लंड को बहुत धीरे धीरे आगे पीछे करके चूस रही थी.. जिससे मेरा जोश और भी बड़ता जा रहा था और मैंने भी साली की पेंटी में मुहं घुसेड़ा और बालों से भरी हुई चूत के ऊपर वाले हिस्से को अपनी जीभ से गीला किया और मौसी तब सिर्फ़ अहह कर रही थी. मौसी मेरे लंड को पके हुये आम की तरह चूसने लगी और में उसकी गोरी गोरी जांघों के साथ साथ उसकी लाल गीली चूत की प्यास बुझा रहा था.
फिर मैंने साली के बूब्स का आनंद लिया.. दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों से ज़ोर ज़ोर से दबाया और अपने मुहं में भरने लगा.. जिसकी वजह से मौसी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी.. अह्ह्ह उह्ह्ह अरेरेरे बहुत दर्द कर रहा है प्लीज अब मेरे बूब्स को छोड़ दो लेकिन मैंने नहीं छोड़ा.. मेरा मन भरने के बाद मैंने मौसी को नंगा करवाया और टेबल पर बैठा दिया और उनके दोनों पैरों को पकड़कर फैला दिए.. मैंने ध्यान से देखा कि उनकी चूत बहुत ही बड़ी थी. उसमें मेरी 5 उंगलियाँ घुस गई.. लेकिन मेरा लंड भी किसी पेड़ की तरह मोटा था और मैंने उसे धीरे से धक्का देकर चूत की गहराई में उतार दिया और चोदना शुरू किया.
फिर धीरे धीरे अपनी स्पीड को हाई स्पीड तक ले गया.. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और सिसकियाँ ले रही थी अह्ह्ह माँ मर गई.. बस बेटा अब तो इस बुड़िया पर रहम करो.. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था. मैंने उनकी दोनों जाँघ को पकड़कर उसकी चूत को चोद चोदकर फुला दिया और अब उनकी विशाल गांड की बारी थी.. मैंने उनको नीचे लेटाकर एक पैर अपने कंधे पर रखा और फिर से जोरदार धक्के देकर चोदने लगा. तो वो फिर से मुझसे रहम की भीख माँग रही थी.. लेकिन मेरा ध्यान उसकी चूत के बालों पर था और करीब एक घंटे 15 मिनट लगातार चोदने लगा और मैंने ध्यान से देखा तो अब उनकी गांड से खून निकलने लगा.
तो मैंने पीछे से अपना लंड बाहर निकालकर मौसी के मुहं में डाला और हिला हिलाकर अपना पूरा गरम गरम लावा उनके मुहं में निकाल दिया.. लेकिन अब मौसी के अंदर थोड़ा सी भी जान नहीं थी और वो कुछ देर बिना कपड़ो के एकदम चुपचाप पड़ी रही और फिर कुछ देर के बाद चुपके से बेड शीट ओढ़कर सोने लगी. तो में भी अपने कमरे में आकर सो गया.. लेकिन दूसरे दिन मुझे उनका चेहरा देखकर बहुत लज्जा आई और में उठकर चुपचाप सीधा ऑफिस के लिए निकल गया और मौसी मुझे खिड़की में से झाँक रही थी.
दोस्तों यह था मेरी पहली चुदाई का अनुभव जिसमें मैंने अपनी मम्मी की बहन को जमकर चोदा और उस रात के बाद हमारी चुदाई का सिलसिला जारी रहा और अब हम दोनों अपनी मर्जी से चुदाई में व्यस्त रहते है. वो मुझे कभी भी चुदाई के लिए मना नहीं करती.. क्योंकि उनको एक मोटा तगड़ा लंड और मुझे एक प्यासी चूत मिल गई थी.
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दोस्त की बीवी और माँ को चोदा


हैल्लो दोस्तों.. सभी रीडर्स को मनोज का प्यार.. में अपनी लाईफ में घटी एक अनोखी घटना को लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ. दोस्तों यह घटना आज से करीब दो साल पहले की है. उस टाईम में अपने घर से दूर एक शहर में रहता था और वहाँ पर मेरा एक दोस्त है.. उसका नाम सन्नी और उसकी शादी को उस समय तीन साल से भी ज़्यादा वक़्त हो चुका था लेकिन उसके घर में कोई भी बच्चा नहीं हुआ था. उस बात से मेरा दोस्त सन्नी और उसकी वाईफ रवीना और उसके घरवाले सन्नी की माँ संजू आंटी और उसके पापा संदीप अंकल.. सब लोग बहुत परेशान थे. फिर उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने कहा कि सन्नी में कुछ प्राब्लम है और इसीलिए वो बच्चा पैदा नहीं कर सकता लेकिन किसी और का वीर्य रवीना की चूत के अंदर डाला जाए तो वो गर्भवती हो सकती है और फिर यह बात सुनकर उसके घरवाले और भी परेशान हो गये और उन्होंने इस बारे में बहुत सोचा कि रवीना कैसे माँ बने.
फिर उसी समय सन्नी की माँ ने रवीना को माँ बनाने के लिए मेरा नाम लिया.. तभी सारे लोग चकित हो गये और फिर उन्होंने सबको मना भी किया और सन्नी भी अच्छी तरह से जानता था कि में किसी को भी चोदकर माँ बना सकता हूँ.. क्योंकि उसे मेरे और स्नेहा भाभी की कहानी और उनकी चूत में मेरा लंड और स्नेहा भाभी की चुदाई के बारे में पता था और उसे यह भी पता था कि स्नेहा भाभी का बेटा मेरा बेटा है तो वो भी इसके लिए मान गया.
लेकिन वो सोचने लगा कि इस बारे में कैसे मुझे बताए और उसकी बीवी को प्रेग्नेंट करने के लिए मना सके. दोस्तों अब आप लोग सोच रहे होंगे कि सन्नी की माँ ने मेरा नाम क्यों लिया.. इसके पीछे भी एक कहानी है और में जब कॉलेज में था तो उस टाईम मैंने सन्नी की माँ को भी चोदा था. वैसे में उनके बारे में ऐसा नहीं सोचता था लेकिन संजू आंटी ने मुझे खुद उनको चोदने के लिए मजबूर किया और मौका दिया था.
में तो था ही चुदक्कड़ और उस पर कोई मुझे ऐसा मौका दे तो में कैसे उसे छोड़ सकता था.. तो सबके हाँ करने के बाद सन्नी और रवीना मेरे घर पर मुझसे मिलने के लिए आए.. उसके साथ सन्नी की माँ और पापा भी थे तो में अचानक उन सबको देखकर बहुत चकित हो गया. मैंने सन्नी से पूछा कि अरे वाह! यह तो कमाल हो गया और आज कैसे मेरी याद आई? तो उसने कहा कि मुझे तुझसे कुछ काम है और इस काम में तेरे सिवाए मेरी कोई मदद नहीं कर सकता.
फिर यह बात सुनकर बिना कुछ जाने मैंने सन्नी से कहा कि दोस्त यह भी कोई कहने की बात है.. अगर दोस्त दोस्त के काम नहीं आएगा तो और कौन आएगा.. तू बोल साले मुझे क्या करना है तो उसने कहा कि हम अभी तो आए है बाद में आराम से बात कर लेंगे. फिर मैंने भी कहा कि ठीक है और तुम लोग फ़्रेश हो जाओ.. में कुछ खाने का इंतज़ाम करता हूँ तो यह बात सुनकर रवीना ने कहा कि अरे इसकी आप चिंता मत कीजिए.. में और माँ है ना हम सब कुछ कर देंगे. फिर में अपने कमरे में गया और कुछ मिनट में संजू आंटी भी मेरे पीछे पीछे मेरे कमरे में आ गई और अंदर आते ही उन्होंने दरवाज़ा बंद कर लिया और मुझसे लिपट गयी और वो कहने लगी कि में बहुत दिनों के बाद आज तुम्हारी बाहों में आई हूँ और आज मेरे दिल को बहुत सुकून मिला है.. में आज तक तुम्हे और तुमसे चुदवाए हुए वो सारे पल नहीं भूल पाई.. तुम्हारे जाने के बाद में कब से तुमसे चुदवाने के लिए तरस रही हूँ और क्या तुम आज मेरी चूत की आग को नहीं बुझाओगे.
फिर इतना कहकर वो मुझे किस करने लगी तो मैंने कहा कि देखों मेरी जान अभी तो घर पर सब लोग है तो में कैसे तुम्हे चोद सकता हूँ और तुम तो जानती ही हो मुझे ऐसे जल्दी जल्दी चुदाई करना अच्छा नहीं लगता और शायद तुम्हे भी ऐसे चुदवाने में वो सुख नहीं मिलेगा.
थोड़ा सब्र करो में तुम्हे बाहर होटल में ले जाऊंगा और में वहाँ पर जमकर तुम्हारी चूत, गांड को चोदूंगा और इतना कहकर मैंने उन्हे किस किया और बाहर आ गया. रवीना किचन में जाकर हम सब के लिए लंच बनाने लगी और उसने बहुत ही जल्द खाना बना लिया और हम सब बैठकर खाने लगे.. खाते खाते सब लोग मुझसे वो बात कहने की कोशिश करने लगे. लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई और सब लोग चुपचाप खाना ख़ाकर कमरे में जाकर आराम करने लगे.
फिर संजू आंटी ने एक प्लान बनाया.. जिससे उनकी भी चुदाई हो जाए और उन सबका यहाँ आने का काम भी पूरा हो जाए.. उन्होंने अंकल और सन्नी से कहा कि वो मेरे साथ बाहर जाएँगी और मुझसे बात करेंगी तो यह बात सुनकर सब लोग मान गये तो आंटी मेरे रूम में आई और मुझसे गले लगकर कहा कि चलो मैंने प्लान बना लिया है.. अब हम दोनों साथ साथ बाहर चलेंगे और मेरी इतने दिनों की तुमसे चुदने की तमन्ना पूरी हो जाएगी.. अब चलो ना.. देर मत करो और मैंने सबको मना लिया है.
फिर में उनकी बात मानकर निकल पड़ा और हम दोनों मेरे ऑफिस के गेस्ट हाउस में गये.. वहाँ पर जाते ही आंटी शुरू हो गई और में भी उनको जमकर चोदने लगा और यह सिलसिला बहुत लंबा चला.. में उनको दिन के 3.30 से लेकर रात के करीब 10 बजे तक चोदता रहा और इस बीच उन्होंने मुझे सन्नी की वाईफ को चोदकर माँ बनाने के बारे में कहा तो यह बात सुनकर में तो बहुत हैरान हो गया.. क्योंकि किसी को छुपकर चोदना और सबकी जानकारी होते हुए चोदना पड़ा अजीब सा लगा.
फिर पहले तो मैंने साफ मना कर दिया.. क्योंकि रवीना जो थी तो वो बहुत ही अच्छी और शर्मीली लड़की थी और मैंने कभी भी उसके बारे में ऐसा नहीं सोचा था और अब अचानक मुझे उसे चोदना पड़े तो अच्छा नहीं है.. लेकिन एक अनुभवी औरत तुम से यह बात कहे.. वो भी एसी पोज़िशन में जब तुम उसकी चूत में डूबे हुए हो तो कोई मना कैसे कर सकता है और मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया तो आंटी ने तुरंत घर पर फोन करके सबको यह बात बता दी और हम दोनों करीब 10.30 बजे घर पर आए.
फिर उसी रात रवीना को मेरे साथ सोने के लिए भेज दिया और वो बेचारी डरी हुई सहमी सी मेरे कमरे में आई तो उसे देखकर उसे हाथ लगाने की मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और इस चक्कर में मैंने पूरी रात बिना सोए गुजार दी और उसे छुआ तक नहीं.. तो सुबह जब सबको यह बात पता चली तो सब लोग टेंशन में आ गये और आंटी जी ने बाहर घूमने जाने का एक प्लान बनाया और वो भी स्लीपर कोच बस में.
फिर मैंने उसी रात के 5 टिकट बुक किए लेकिन मुझे पता नहीं चला कि कब सन्नी ने जाकर एक टिकट रद्द करवा दिया और यह भी आंटी जी का प्लान था तो उनके प्लान के मुताबिक जब में अपनी बर्थ में जाकर सोने लगा तो आंटी जी मेरे पास आई और बोली कि रवीना को में अपने साथ सुला दूँ और जब मैंने उनसे पूछा कि उसकी बर्थ का क्या हुआ तो वो मुझसे झूठ बोलने लगी.. लेकिन में समझ गया कि यह सब पहले से ही प्लान किया हुआ है. फिर जब से मुझे रवीना को माँ बनाने की बात का पता चला है.. में अंकल और सन्नी से आँख मिलाकर बात नहीं कर पाया हूँ लेकिन में क्या करूं? मजबूरी थी और मैंने रवीना को अपने साथ सुलाया. फिर बस चलने लगी लेकिन अभी भी मेरी हिम्मत उसे छूने की नहीं हो रही थी. फिर आधे घंटे बाद रवीना खुद मेरे सीने पर सर रखकर लेट गयी और में उसकी हालत को समझ सकता हूँ.. बेचारी एक बच्चे के लिए यह सब कर रही है और मैंने भी कुछ नहीं सोचा और उसे अपनी बाहों में भर लिया और मैंने देखा कि वो रो रही थी तो मैंने उससे पूछा कि बताओ कि में उसकी बच्चे की चाहत को पूरी कर दूँ.
उसकी बात सुनकर मुझे भी बहुत बुरा लगा और में उसके भीगी हुई आँखों को चूमने लगा.. ऐसा करने के बाद रवीना की हिम्मत और बढ़ गयी और वो मेरी पेंट के ऊपर हाथ रखकर सहलाने लगी और में उसके बूब्स को दबाने लगा. दोस्तों रवीना एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी.. रंग थोड़ा संवला था लेकिन फिगर कमाल का था.. बड़े बड़े बूब्स और कमर का तो क्या कहना?
फिर में उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा और मैंने उसके ब्लाउज के बटन को खोल दिया और बूब्स को चूसने लगा तो वो सीईईईईईइ अहह करते हुए मेरे बालों में उंगली फेरने लगी और अब हम दोनों गरम होने लगे तो रवीना ने मेरी पेंट की ज़िप को खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाला और एक हाथ से हिलाने लगी और में उसके बूब्स चूसते हुए साड़ी के अंदर हाथ डालकर चूत को छूने लगा और मैंने महूसस किया कि उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई है तो में समझ गया कि वो आराम से चुदवा सके.. इसलिए उसने पेंटी नहीं पहनी हुई है और उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे.. जिसको हाथ लगाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और में उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा तो उसके शरीर में करंट सा दौड़ गया और वो आआहह उह्ह्ह्ह करने लगी और में उसकी चूत में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.. वो तड़पने लगी और कुछ देर बाद झड़ गयी.
फिर उसने मुझे चोदने को कहा तो मैंने मना कर दिया.. क्योंकि मुझे ऐसे चोदना अच्छा नहीं लगता. फिर पहले तो वो नहीं मानी और फिर मेरे बार बार कहने के बाद वो मान गयी तो इस तरह हम दोनों रात भर एक दूसरे के हथियार को पकड़ कर सहलाने लगे.
फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा तो वो तुरंत मेरे पैर की तरफ घूम गयी और मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और में उसके मुहं को चोदने लगा.. रवीना बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी.. क्योंकि सन्नी जो है वो बहुत अच्छी तरह चोदता है और उसने रवीना की सभी तरह से चुदाई की हुई थी और उसको हर एक स्टाईल सिखा भी रखी थी. फिर रवीना के बहुत देर तक लंड चूसने के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और मेरा सारा वीर्य उसने पी लिया. ऐसा करते करते सुबह के 6.30 बज चुके थे और हम लोग पहुँच गये.
फिर वहां पर उतरने के बाद रवीना सन्नी के पास गयी और उसे सब कुछ बता दिया तो वो सुनकर कहने लगा कि वो मेरे साथ ही रहे. हमने एक होटल में तीन रूम बुक किए.. एक आंटी और अंकल के लिए दूसरा सन्नी के लिए और तीसरा मेरे और रवीना के लिए. हम रात भर सोए नहीं थे तो हमे बहुत थकान महसूस हो रही थी और हम अपने अपने कमरे में चले गये.. रवीना मेरे साथ रूम में गयी. में बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और रवीना भी जाकर फ्रेश होकर आ गई और अब मेरा भी उसे चोदने का और उसे भी चुदवाने का मूड था. वो अपने बालों को गीला करके एक लाल कलर का नाईट गाउन पहनकर आ गई.
मैंने जब उसे देखा तो देखता ही रह गया.. दोस्तों में बता नहीं सकता कि उस नाईट गाउन में रवीना क्या क़यामत लग रही थी और वो धीरे से मेरे पास आई और अपने बालों को मेरे चहरे पर हिलाया तो पानी टपकने लगा. दोस्तों में एक टावल में था तो उसने मुझे पकड़कर बेड के ऊपर बैठाया तो मैंने उसकी कमर को पकड़ लिया और चूमने लगा तो उसने मेरे सर को पकड़कर अपने पेट पर दबा लिया और मुहं से शीईईईइ आह्ह्ह्हहऊऊ करने लगी.. ऐसा करते ही मेरा लंड फड़फड़ाने लगा और टावल में तंबू बन गया. फिर रवीना मेरी गोद में बैठ गयी और में उसके होंठो को चूमने लगा और मैंने चूमते चूमते उसको गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया और मैंने जैसे ही उसके गाउन के ऊपर का बटन खोला तो दो बड़े बड़े बूब्स मेरे सामने आ गए और में उनके ऊपर टूट पड़ा. दोस्तों में उस वक़्त बस में बहुत अंधेरा होने की वजह से उसके जिस्म की किसी भी चीज़ को देख नहीं पाया था. लेकिन अब लाईट में उसके शरीर का हर एक हिस्सा मेरे सामने आने लगा और उसके मुहं से लगातार सिसकियों की आवाज़ आने लगी.. अहहहह और ज़ोर से चूसो मेरे बूब्स को अह्ह्हहह.
दोस्तों उसके बूब्स बहुत बड़े थे.. उन्हे चूसने में और दबाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर में उसके ऊपर चड़कर आँखों में आँखें डालकर जीभ को चाटने लगा और उसकी आँखों में एक अजीब सा नशा था.. जो मुझे और पागल बना रहा था और रवीना मेरी पीठ को सहला रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और हम दोनों उस टाईम एक ऐसी दुनिया में खो गये थे.. जहाँ से हमे कुछ भी और सुनाई, दिखाई नहीं दे रहा था. हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही एक दूसरे की जीभ चाटने में मस्त हो गये और उस टाईम मैंने जाना कि रवीना कितनी सेक्सी और हॉट लड़की है और वो एक मर्द को खुश करने में माहिर थी. फिर में किस करते करते नीचे की तरफ आने लगा और जैसे ही में उसके पेट तक पहुँचा तो उसकी तड़प भी बढ़ने लगी और मेरे दिमाग़ ने भी काम करना बंद कर दिया था और मुझे सिर्फ़ रवीना और उसका हॉट जिस्म दिख रहा था. फिर मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमाई तो वो मेरे सर को पेट के ऊपर दबाने लगी और मैंने मौका देखकर उसके गाउन को उतार फेंका और देखा कि अंदर उसने कुछ नहीं पहना था.
फिर मेरी नज़र उसकी चूत पर गयी तो चूत के ऊपर छोटे छोटे बाल थे और जो चूत की शोभा बढ़ा रहे थे.. मैंने उसके पैरों को फैलाया तो चूत के पूरे दर्शन मिल गए. शादी के तीन साल बाद भी उसकी चूत फूली हुई थी तो मैंने धीरे से चूत का मुहं खोला तो अंदर बिल्कुल लाल कलर दिख रहा था और मैंने चूत के दाने को उंगली से थोड़ा गीला करके छुआ तो रवीना के शरीर में करंट सा दौड़ गया और मैंने बिना रुके चूत को चाटना शुरू कर दिया तो वो शईई ऊई माँ करने लगी और मेरे सर पर हाथ फेरती रही.
उसकी चूत पहले से ही गीली हो गयी थी तो मुझे रस भरी चूत को चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था लेकिन रवीना मेरे चूत चाटने का पूरा मजा ले रही थी. फिर मैंने चूत में एक उंगली डाल दी और चाटने लगा.. चूत के अंदर बहुत गरम था और कुछ देर चूत चाटने के बाद रवीना मुझे अपनी दोनों जांघो के बीच में दबाने लगी और चिल्लाने लगी ऊहह अह्ह्ह करते करते झड़ने लगी. अब मुझे उसकी चूत के पानी को पीने में बहुत मज़ा आ रहा था. में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा तो वो और भी तड़प उठी और उसकी चूत से बहुत पानी निकल रहा था. फिर पूरा झड़ने के बाद रवीना उठी और मुझे बेड पर लेटाकर मेरा टावल निकालकर लंड को चूसने लगी. वो लंड चूसने में माहिर थी और वो मेरे सुपाड़े को दांत से काट लेती. जिससे मेरे अंदर करंट दौड़ जाता और में पीछे से उसकी चूत को सहला रहा था.. जिस कारण वो भी बहुत गरम हो गयी. फिर अचानक वो उठी और मेरे लंड पर बैठ गयी लेकिन मेरा लंड सन्नी के लंड से थोड़ा बड़ा और मोटा था.. वैसे सन्नी का लंड भी बड़ा था और वो रवीना को बहुत चोदता था.
फिर रवीना झट से मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी और दर्द से चीख पड़ी और एकदम खड़ी हो गयी तो मैंने उससे कहा कि मेरी जान थोड़ा आराम से चूत में डालो.. बहुत मज़ा आएगा और उसके बाद वो धीरे से मेरे लंड पर बैठी और ऊपर नीचे होने लगी. रवीना मेरी तरफ मुहं करके बैठी थी और मैंने उसकी कमर को पकड़ा और नीचे से तेज़ी से धनाधन चोदने लगा और में जानबूझ कर उसे बहुत देर तक बिना रुके तेज़ चोदने लगा तो वो चिल्लाने लगी.. ऊहह माँ मर गई रे आह्ह्ह ज़रा थोड़ा धीरे करो उफफफ्फ़ लेकिन मैंने नहीं सुना और मग्न होकर चोदने लगा. वो ज़्यादा दर्द के कारण मेरे ऊपर लेट गयी और मुझे रुकने के लिए कहा..
मैंने उससे पूछा कि क्यों मेरी जान मज़ा नहीं आया तो वो बोली कि तुम तो बहुत ही खतरनाक स्टाईल से चोदते हो.. सन्नी भी मुझे तड़पा तड़पाकर चोदता है और मुझे लगता है कि तुम दोनों दोस्त एक ही स्कूल से चोदने की ट्रैनिंग लेकर आए हो. फिर मैंने कहा कि अभी तो शुरुवात हुई है आगे आगे देखो होता है क्या?
फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और में उसके पीछे पास में लेट गया.. उसके एक पैर को मैंने ऊपर उठाया और लंड को चूत में घुसाकर चोदने लगा.. उसकी चूत टाईट तो नहीं थी लेकिन वो बहुत ही सेक्सी थी और मेरा चोदने में पूरा साथ दे रही थी.. इस कारण मुझे उसे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो चीखकर झड़ गयी लेकिन में बिना रुके चोद रहा था और चूत से पानी निकलने लगा. मेरे लंड के अंदर बाहर जाते हुए चूत से फच फच की आवाज़ निकल रही थी और पूरे कमरे में गूँज रही थी. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और गांड में लंड डालकर चोदने लगा.. रवीना को बहुत दर्द हो रहा था और वो चिल्ला रही थी.. आह ज़रा धीरे ऑश अह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है तो मैंने पूछा कि क्या हुआ बेबी? सन्नी गांड नहीं मारता क्या? तो उसने कहा कि मारते तो है लेकिन बहुत कम. फिर मैंने कहा तो आज में तुम्हारी गांड की ऐसी हालत करूँगा कि अगली बार से बड़ा डंडा डाल दो तब भी कुछ नहीं होगा और में उसके बूब्स को पकड़कर चोद रहा था.
फिर मैंने हर स्टाईल में उसकी गांड मारी और उसे गोद में उठाकर उसकी गांड मारने लगा. ऐसा करने से मेरा लंड गांड में दबकर पूरा अंदर जाने लगा तो रवीना चिल्ला उठी. ऐसे नहीं प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है अहह प्लीज़. तो मैंने उसकी बात मानकर उसे नीचे उतार दिया तो वो बेड पर बैठ गयी और मेरे लंड को हाथ में लेकर खेलने लगी और मुहं में डालकर चूसने लगी.. में नीचे खड़ा था तो मैंने उसका सर पकड़ा और लंड को गले तक घुसाकर मुहं चोदने लगा और जैसे ही मेरा लंड गले तक जाता.. वो अह्ह्ह्ह करके उल्टी करने लगती.. लेकिन में नहीं रुका और उसका मुहं चोदने लगा.
फिर उसी पोज़िशन में मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और गांड को थोड़ा बेड से बाहर किया.. दोनों पैरों को फैलाकर हाथ में पकड़ा और चूत में लंड घुसा दिया और चोदने लगा. रवीना मज़े ले लेकर चुदवा रही थी और उसके मुहं से लगातार आह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह और ज़ोर से चोदो निकल रही थी और मुझे भी उसे ऐसे चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था और में लंड पूरा बाहर निकालकर फिर से फ़च से अंदर डाल देता तो रवीना चीख पड़ती.. उफफफ्फ़ अह्ह्ह माँ और हर धक्के के साथ उसकी चूत और मुहं दोनों में से आवाज़ें निकल रही थी और यह आवाज़ें सुनकर मेरे अंदर और जोश आता और में तेज़ और तेज़ चोदने लगा.
फिर में बहुत देर चोदता रहा था और रवीना चुदवा रही थी और दोनों बहुत थक चुके थे लेकिन हम दोनों ने हार नहीं मानी. फिर मैंने उसे उसी पोज़िशन में चूत में लंड डाले हुए गोद में उठाया और बेड पर लेटाकर चोदने लगा. रवीना इतनी थक चुकी थी कि वो मुझे अपने ऊपर खीचकर बाहों में जकड़ कर चुदवा रही थी और उसने अपने दोनों पैरों को मेरी कमर में बांध रखा था और मेरे हर धक्के के साथ वो मेरी पीठ पर नाख़ून गड़ाती. मैंने उसके बूब्स को चूस चूसकर लाल कर दिए.. निप्पल भी एकदम लाल हो गए थे और में झड़ने वाला था तो मैंने चोदने की स्पीड और बढ़ा दी.. उसके मुहं में अपना मुहं रखकर चूसने लगा.
तभी रवीना झड़ गयी और अब उसके साथ साथ में भी झड़ गया और में सारा माल उसकी चूत में भरने लगा.. वो चिल्ला रही थी और में भी हाँफ रहा था.. क्योंकि हमारी चुदाई एक घंटे से ज़्यादा टाईम तक चली और में लंड की आखरी बूँद निकलने तक धक्का मार मारकर चोदता रहा. फिर जब मेरा पूरा माल निकल गया तो में उसी हालत में उसके ऊपर पड़ा रहा. रवीना भी बहुत थक गयी तो वो भी ऐसे ही पड़ी रही. फिर 30 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गये. थकान के कारण हम दोनों एक दूसरे की बाहों में कब सो गये पता भी नहीं चला.
फिर जब नींद खुली तो उस समय दोपहर के 1.30 बजे थे और हम दोनों उठे तो रवीना सन्नी के रूम में गयी और उसे सारी बातें बता दी. फिर संजू आंटी ने मुझसे पूछा तो मैंने भी उन्हे सब कुछ बता दिया तो वो लोग बहुत खुश हो गये और उस रात मैंने रवीना की फिर से जमकर चुदाई की और अगले दिन सबने कहा कि वो लोग मुझे और रवीना को अकेला छोड़कर घर चले जाएँगे.. क्योंकि बच्चा तो ऐसे एक बार चोदने से नहीं होगा और जब तक रवीना गर्भवती नहीं होती.. वो मेरे साथ रहेगी.
फिर वो लोग चले गये में और रवीना वहाँ पर दो दिन और रही और फिर हम मेरे घर आ गए.. उसके बाद में रवीना को दिन रात चोदने लगा. उसे जितना भी चोदो और चोदने का मन करता. फिर 19-20 दिन चोदने के बाद पता चला कि वो गर्भवती है.. यह बात सुनकर सब लोग बहुत खुश हो गये.. सन्नी आया और रवीना को अपने साथ ले गया. लेकिन जब रवीना गयी तो मुझे बड़ा बुरा लगा और मेरे साथ साथ रवीना को भी.. क्योंकि इन कुछ दिनों में हम दोनों पूरी दुनियाँ को भूलकर सिर्फ़ चुदाई करते रहे और उसके और मेरे बीच एक लगाव हो गया था और वो जाते जाते बहुत रोई लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था.
फिर एक दिन अचानक मुझे फोन आया कि रवीना का बच्चा गिर गया है और इस घटना से सन्नी के घर वाले बहुत दुखी हो गये और ऐसा लगा कि जैसे उनके सारे सपने बिखर गये.. लेकिन एक महीने बाद संजू आंटी ने फिर से रवीना को मेरे साथ रहने के लिए भेज दिया और हमारी लाईफ स्टाईल फिर से चेंज हो गयी.
फिर से हम वही मस्ती मज़ाक से साथ साथ ज़बरदस्त चुदाई करने लगे लेकिन पता नहीं क्यों इस बार रवीना को गर्भवती होने में बहुत टाईम लगा और रवीना को गर्भवती होने में पूरा दो महीनों से भी ज़्यादा समय लगा था. मैंने सन्नी से कहा कि यार तू इसे मेरे पास ही रहने दे.. यहाँ पर डॉक्टर को और सभी सुविधायें है और इसलिए वो घर में रहकर ही अपना चेकअप करवाती रहेगी.. तू रवीना का ख़याल रखने के लिए सिर्फ़ संजू आंटी को भेज दे.. तो सन्नी ने वैसा ही किया और संजू आंटी मेरे पास रहने के लिए आ गई और उनके आने के बाद मुझे फिर से एक बार मौका मिल गया उनको चोदने का. जब रवीना सो जाती थी तो में आंटी को चोदता तो ऐसा रोज़ चलता रहा और वो लोग मेरे पास करीब 9 महीने रहे.
फिर रवीना की डिलीवरी हुई और उसको एक बेटा हुआ तो यह देखकर सारे लोग बहुत खुश थे और डिलीवरी के बाद भी एक महीने तक वो लोग मेरे पास रहे और फिर अपने घर चले गये. आज रवीना और मेरा बेटा करीब दो साल का है और में आज भी रवीना को बहुत याद करता हूँ.. क्योंकि बच्चा होने के बाद मैंने उसे फिर कभी हाथ नहीं लगाया. वो तो चाहती थी कि में उसे फिर से चोदूं लेकिन मैंने अपने दोस्त के लिए उसे ना कह दिया.
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बारिश में आंटी के साथ मस्ती


हैल्लो फ्रेंड्स आप सभी कैसे हैं? में उम्मीद करता हूँ कि ठीक ठाक ही होंगे.. मेरा नाम राहुल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 25 साल है और मेरी बॉडी दिखने में एकदम अच्छी है क्योंकि में हर रोज जिम जाता हूँ.
में आप सभी का ज़्यादा समय ना लेते हुए सीधे अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. वैसे मैंने बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है.. लेकिन यह मेरी पहली कहानी है और अगर मुझसे इसमें कोई भी गलती हुई हो तो प्लीज मुझे आप सभी माफ करना. दोस्तों मेरे पापा की म्रत्यु के बाद मेरे परिवार में सिर्फ़ में, मेरी माँ और एक बड़ी बहन थी और यह बात उन दिनों की है जब में 19 साल का था..
उस समय हमारी आमदनी का सिर्फ़ एक ही ज़रिया था रेंट, मतलब कि किराया. दोस्तों हमारे पास 10-12 कमरे थे जिनको हमने किराए पर दे रखा था और हमारा किराया सबसे कम था इसलिए हमारा एक भी कमरा खाली नहीं था.. लेकिन हमने कुछ टाईम के बाद ही अपने मकान का किराया बढ़ा दिया और करीब करीब अधिकतर किरायेदार ज्यादा किराया ना दे पाने की वजह से कमरा खाली करके चले गये और धीरे धीरे सभी ने अपना अपना कमरा खाली कर दिया और अब हमारी आमदनी का सहारा टूट रहा था.. लेकिन भगवान ने हमारी जल्द ही सुन ली.
फिर कुछ दिन में ही एक शादीशुदा जोड़ा आया और वो मेरी माँ से कमरे के किराए के बारे में बात कर रहे थे.. लेकिन में कुछ और ही नोटीस कर रहा था वो एक नया नया शादीशुदा जोड़ा था और वो औरत तो.. में उसके बारे में क्या बताऊँ दोस्तों.. क्या मस्त फिगर था उसका? गोरा रंग, पतली सी कमर, लंबी नाक, लंबे, काले बाल, एकदम गुलाबी होंठ, मस्त मटकती हुई बड़ी गांड, बड़े बड़े बूब्स जिसकी निप्पल उभरी हुई थी. मुझे उसको देखकर लगता था कि उसका पति शायद उसकी गांड बहुत चोदता है क्योंकि वो बहुत बड़े आकार की थी और बहुत सेक्सी लगती थी. उसे देखकर मेरा मन कर रहा था कि इसे अभी पकड़कर चोद दूँ.
फिर आखिरकार उनको कमरा पसंद आया और वो रहने लगे क्योंकि सिर्फ़ एक ही कमरा किराए पर चढ़ा था और सभी कमरे अभी तक खाली पड़े हुए थे.. इसलिए छोटी छोटी चीज़ो के लिए वो आंटी हमारे घर आती थी.. जैसे कभी दूध लेने, कभी शक्कर लेने और फिर धीरे धीरे हमारी दोस्ती बहुत अच्छी हो गई क्योंकि आंटी पढ़ी लिखी थी इसलिए वो मुझे मेरे कॉलेज के पहले साल की पढ़ाई में मदद किया करती थी और उस समय में पहले साल का स्टूडेंट था और फिर हमारी लंबी गपशप होती थी. धीरे धीरे मेरी और आंटी की अच्छी दोस्ती हो गई.
फिर एक दिन माँ को मेरी दीदी के लिए लड़का देखने के लिए हमारे गावं जाना पड़ा और उनके साथ दीदी भी चली गई और में 10-15 दिनों के लिए घर पर एकदम अकेला था और में खाना आंटी के घर पर ही खाता था. फिर में उनके पास दिन भर बैठकर गपशप करने लगा और वो भी मेरे साथ बहुत खुश रहने लगी थी.. में उनके गदराए हुए बदन को घूरने लगा में हमेशा उनकी गांड, बूब्स पर ही नजर रखने लगा.
वो जब भी घर का काम करती में उन्हें तिरछी नजर से देखता.. यह बात उनको भी पता थी.. लेकिन उन्होंने कभी मुझे कुछ नहीं कहा और मुझे आगे बड़ने का मौका मिलता गया. फिर उसी बीच एक दिन अंकल को भी अचानक से गावं जाना पड़ा क्योंकि उनकी बड़ी माँ की म्रत्यु हो गई थी और वो भी 10-15 दिन से पहले नहीं आने वाले थे और अब बस में और मेरी आंटी ही अकेले रह गये थे और अब अकेला रहने की वजह से मेरे अंदर का शैतान जाग गया और में रात में अपने डीवीडी पर ब्लूफिल्म देखता था और आंटी अपने कमरे में अकेली सोती थी. एक दिन की बात है उस दिन सुबह से ही बहुत ज़ोर से बारिश हो रही थी और वो रात होने तक भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी और आंटी के घर पर में खाना खा चुका था और फिर में अपने कमरे में आकर ब्लूफिल्म देखने लगा.
कुछ देर बाद मुझे दरवाजा खटखटाने की आवाज़ सुनाई दी और मैंने जब दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर शीना आंटी खड़ी थी और वो पूरी तरह बारिश में भीग चुकी थी और उनकी सफेद कलर की साड़ी उनके शरीर से बिल्कुल चिपकी हुई थी.. जिसकी वजह से उनके कामुक जिस्म के हर एक अंग का साईज पता चल रहा था और वो क्या मस्त, सेक्सी लग रही थी और उनके बूब्स वाह मुझे उनके बूब्स देखते ही मेरे मुहं में पानी आ गया और मेरी नजरें उनके जिस्म से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी. फिर मैंने थोड़ी देर के बाद होश में आकर उनसे पूछा कि क्या बात है आंटी? तो उन्होंने बताया कि उनके कमरे की लाईट नहीं आ रही है.
तो मैंने कहा कि आप चलो में अभी आकार देख लेता हूँ.. दोस्तों में बता दूँ कि हमारे किरायेदारों के कमरे हमारे घर के पीछे है और हमारे घर के आस पास कोई घर नहीं है.. पूरा सुनसान इलाक़ा है. सिर्फ़ फार्महाउस ही फार्महाउस हैं. फिर वो मेरे आगे आगे और में उनके पीछे पीछे उनकी मटकती हुई गांड को देखता हुआ चल रहा था और मैंने उनके कमरे में जाकर देखा तो एक तार बारिश की वजह से टूट गया था.
मैंने उनसे कहा कि आप मेरे कमरे में से प्लायर ले आओ और तब तक में अच्छे से देख लेता हूँ कि कहीं और तो कट नहीं है और में थोड़ा ऊपर खड़ा होकर अपना काम करने लगा. कुछ देर के बाद वो प्लायर लेकर आ गई और ठीक मेरे नीचे आकर खड़ी हो गई और मुझे उनके बूब्स की गहराईयां नजर आने लगी जिससे मेरी नीयत और भी खराब होने लगी उनको यह सब मालूम था कि में उनको किस नजर से देख रहा हूँ. तभी उन्होंने मुझसे कहा कि काम भी करोंगे या नीचे ही देखते रहोगे और फिर मैंने अपनी नींद से उठकर सभी टूटे हुए तार जोड़ दिए और अब उनकी लाईट आ चुकी थी.. लेकिन हाए में तो मरा जा रहा था क्योंकि वो मेरे सामने भीगी हुई साड़ी में खड़ी थी. जो गीली होने की वजह से उनके जिस्म से एकदम चिपकी हुई थी और मैंने अपने पर बहुत कंट्रोल किया.
तभी आंटी ने फिर धीरे से कहा कि आप अपने कमरे में क्या देख रहे थे. तो मुझे याद आया कि में जल्दबाजी में अपने कमरे की टीवी बंद करना भूल ही गया था और जब आंटी मेरे कमरे में प्लायर लेने गई होगी तब उन्होंने वो सब कुछ देख लिया होगा.. ओह !!
में : प्लीज मुझे माफ़ करना आंटी.. लेकिन प्लीज़ माँ को मत बोलना.
शीना : कोई बात नहीं इस उम्र में यह सब कुछ होता है.. लेकिन में यह सब तुम्हारी माँ को नहीं बोलूँगी अगर तुम मेरा एक काम करोगे तब?
में : हाँ बताओ आंटी वो क्या काम है?
शीना : ठीक है.. लेकिन पहले कमरे में चलो तब में तुम्हे वो काम बताती हूँ.
फिर में शीना आंटी के साथ उनकी पतली कमर और बड़ी सी गांड को देखता हुआ उनके कमरे में चला गया.
शीना : अच्छा तुम मुझे एक बात बताओ जो सब तुम थोड़ी देर पहले टीवी पर देख रहे थे, क्या तुम वो सब कुछ उसी तरह से कर सकते हो?
तभी में यह बात सुनते ही स्वर्ग में पहुंच गया और मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं, आप एक बार मुझे आजमा कर देख लो.. लेकिन उसके लिए आपको हाँ भरनी होगी.
शीना : मैंने कब मना किया है.
फिर उसके बाद तो हमारा रोमान्स सेक्स के साथ शुरू हो गया और मैंने सही मौका देखकर उनकी भीगी साड़ी उतार फेंकी और 5 मिनट तक तो बस उनको देखता रहा. उनकी गहरी नाभि, उनके लाल लाल होंठ, उनका गोरा बदन और वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउज और पेटिकोट में खड़ी थी. तो उसके बाद में उनके होंठो पर चिपक गया और मैंने उसके होंठ ऐसे चूसे, ऐसे चूसे कि बस हमारे अंदर का सेक्स का तूफान जाग गया. फिर में उनकी गर्दन पर आ गया, उसके बाद उनके बूब्स से होते हुए उनकी नाभि पर आ गया और 15 मिनट तक उनकी नाभि चूसता रहा.
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और आए भी क्यों ना यह मेरा पहला अनुभव था. फिर उसके बाद मैंने उनको दीवार के साथ खड़ा किया और एक एक करके उनके बूब्स दबाने लगा और फिर एक एक करके ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए क्या बूब्स थे उनके एकदम खरबूजे जैसे.. में उन पर टूट पड़ा और चूस चूसकर एकदम लाल कर दिए और आंटी लगातार मोन किये जा रही थी. फिर मैंने उनका पेटिकोट और पेंटी भी उतार दी वो पूरी तरह गीली हो चुकी थी और में उनकी उभरी हुई रस से भरी चूत चाटने लगा.
तो मैंने उसको इतना चाटा इतना चाटा कि आंटी ने अपने दोनों हाथो से मेरा सर पकड़कर चूत पर दबाना शुरू कर दिया और कुछ 10 मिनट के बाद उन्होंने पानी छोड़ दिया और में सारा पानी चाट गया मुझे बहुत मज़ा आ गया और आंटी तो जानवर बन चुकी थी और उन्होंने मेरा अंडरवियर उतार फेंका और लंड को बहुत तेज़ी से लॉलीपोप की तरह चूसने लगी और अब में स्वर्ग में था और करीब 10 मिनट के बाद मैंने भी पानी छोड़ दिया.
अब मैंने उनको बेड पर पटका और उनके ऊपर आ गया और अपना 7 इंच का लंड एक ही धक्के में उनकी चूत में घुसेड़ दिया और फिर खच खच फ़च फ़च और उनकी आअम्म अह्ह्ह उह्ह्ह्ह से सारा कमरा गूँज उठा और फिर मैंने उनकी गांड पर अटेक किया और वो भी डॉगी स्टाईल में और उनकी आअहह उह्ह्ह्ह और चोदो ऐसी आवाज़ें आती रही. फिर कुछ 15 मिनट के बाद मैंने और शीना आंटी ने एक साथ पानी छोड़ा और उस रात मैंने उनको तीन बार और चोदा और वैसे भी बाहर तो बारिश हो रही थी.. ऐसे में मौसम बन ही जाता है. दोस्तों सुबह के तीन बजे जाकर हम अलग हुए और ऐसे ही नंगे पड़े रहे और में पूरा दिन उन्ही के घर पर नंगा सोता रहा और उन्होंने भी नंगी रहकर सारा काम किया और मुझे खाना खाने के लिए उठाया..
हम दोनों ने खाना खाया और बहुत जूस पिया और फिर मैंने उससे कहा कि मुझे इस जूस का मज़ा नहीं आया. मुझे तुम्हारा जूस अच्छा लगता है.. प्लीज मुझे वही दो. फिर आंटी ने इंतजार करने को कहा.. फिर हमने खाना ख़त्म किया और मैंने उनको अपनी गोद में उठाया और बेड पर फिर से उनकी चूत चाटने लगा और फिर से हमने चुदाई का मज़ा लिया ..
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चूत का ढक्कन खुलवाया


हेल्लो दोस्तों.. मेरा नाम सुनीता है और में 29 वर्षीय मॉडर्न महिला हूँ.. मेरी शादी को 5 साल हो चुके है लेकिन बात पिछले महीने की है. मेरा ए.सी. रात को चलते चलते अचानक बंद हो गया तो मेरे पति ने सुबह एक मैकेनिक को फोन किया और उसने 11 बजे आने का वक़्त दिया. मेरे पति 10 बजे ऑफिस चले गये और मुझसे बोले अगर कोई बड़ी प्रोब्लम हो तो मुझे कॉल करना. में अपने रोज के काम मे व्यस्त हो गई और में 11.30 बजे तक इंतज़ार करती रही..
मैकेनिक नहीं आया तो में नहाने चली गई और में नहाकर वापस आई और कांच के सामने अपना नंगा बदन निहारने लगी. फिर में अपने पूरे शरीर पर बॉडी लोशन लगाने लगी.. क्योकि कल रात को ए.सी. खराब होने से गर्मी बड़ गई और हमारी चुदाई भी अधूरी रह गई थी और जिसकी खुमारी अभी तक मेरे बदन में थी.. मेरा हाथ मेरी चूत को छूने लगा और में हल्के से चूत सहलाते हुयें उत्तेजना में गुम हो गई.
अचानक से मुझे लगा कि जैसे मुझे कोई देख रहा हो तो मैने तुरंत अपनी नाइटी पहन ली और जल्दबाज़ी में ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में अक्सर घर पर शोर्ट नाइटी पहनती हूँ.. जो मेरे घुटनो के थोड़े ऊपर रहती है. में कमरे के बाहर आई तो वहां कोई नहीं था लेकिन घर का मेन दरवाजा खुला था और में शायद लॉक करना भूल गई थी.
में दरवाजा लॉक करने गई तो वहां एक 30-32 साल का पुरुष दरवाजे पर खड़ा था और उसके हाथ में टूल किट था और वो मुझे मुस्कुराती नज़रों से देख रहा था तो मुझे ऐसा लगा कि यही मुझे अभी बेडरूम में देख रहा था और मेरी आहट आते ही बाहर खड़ा हो गया. ग़लती मेरी ही थी.. मुझे ध्यान से गेट लॉक करना चाहिये था और उसकी नज़रों में वासना दिखाई दे रही थी और नीचे पेंट में उसके खड़े लंड का उभार था.. जो कि करीब 8 इंच का लग रहा था.
वैसे में जानकारी के लियें बता दूँ कि मेरे पति का लंड सिर्फ़ 5 इंच का है. सॉरी मेडम थोड़ी देर हो गई.. मेरा नाम फ़िरोज़ है और में ए.सी. ठीक करने आया हूँ. मैने उसे अंदर आने दिया और बेडरूम में ले गई और उसे ए.सी. दिखा दिया.. तो वो ए.सी. का कवर खोलने लगा और कवर खोलकर उसे रखने के लिये बेड की तरफ मुड़ा.. तभी हम दोनो की नज़र एक साथ बेड पर पड़ी और जहाँ पर में अपनी चूत को सहला रही थी वहां मेरी चूत से टपकी बूँदो के कारण निशान पड़ गया था और कॉटन सफ़ेद बेड शीट पर साफ दिखाई दे रहा था..
हम दोनो की नज़रे मिली और वो मुझे वासना से घूर रहा था. में शर्म से लाल हो गई और मैने तुरंत उसके ऊपर एक चादर रख दिया और रूम से बाहर आ गई. थोड़ी देर बाद मेरे दिमाग़ में आया कि बेडरूम में मेरी ज्वेलरी और दूसरे कीमती कागजात है.. इसलिये में बेडरूम में वापस जाकर स्टूल पर बैठ गई.
थोड़ी देर बाद फ़िरोज़ बोला मेडम ए.सी. के आउटडोर में पानी जा रहा है और शायद पानी की लाइन में प्रोब्लम है.. किसी प्लमबर को बुलाना पड़ेगा.. लेकिन में किसी प्लमबर को नहीं जानती और कभी ज़रूरत ही नहीं पड़ी. फ़िरोज़ बोला कोई बात नहीं मेडम आप कहे तो मेरा एक दोस्त है राजेश उसे बुला लूँ.. मैने हाँ में सर हिलाया और कोई उपाय भी नहीं था.
उसने राजेश को फोन करके बुलाया और फिर दोनों रिपेयर करने लगे और तभी फ़िरोज़ ने मुझसे वारंटी कार्ड किट माँगी. मैने अपने पति को फोन लगाया और उनसे वारंटी कार्ड के बारे में पूछा तो उन्होने बताया कि वो उपर वाली ड्रॉ में है.. अलमारी की ड्रॉ में भी जरुरी कागजात थे और इसलिये मैंने ही ऊपर से उतारना उचित समझा. इसलियें में स्टूल पर चड़ने लगी लेकिन स्टूल थोड़ा ऊँचा था तो फ़िरोज़ ने स्टूल पकड़ लिया और मुझे सहारा देकर चड़ा दिया.. उपर चड़ने के बाद मुझे ध्यान आया कि मैने पेंटी नहीं पहनी है और मैंने नीचे देखा तो फ़िरोज़ मेरी नंगी जाँघो और चूत को घूर रहा था.
में फिर से वारंटी कार्ड खोजने लगी और तभी मेरी नज़र साइड के कांच पर पड़ी.. उसमे बाथरूम का नज़ारा साफ़ दिख रहा था और राजेश मेरी पेंटी को सूंघ रहा था और पेंट के उपर से ही लंड सहला रहा था. यह सीन देख कर मुझे शक हुआ कि ये दोनो मुझे चोदने का प्लान तो नहीं बना रहे.. इसी ख्याल में वापस मुड़ी और स्लिप हो गई और फ़िरोज़ ने मुझे संभालने की कोशिश की तो उसका हाथ मेरे नंगे बूब्स के बीच में पड़ा और दो उंगलिया चूत के अंदर प्रवेश कर गई.
इस अचानक वार को मेरी चूत नहीं झेल पाई और में चिल्ला कर उछल पड़ी और बैलेन्स खोकर नीचे गिरने लगी और फ़िरोज़ का दूसरा हाथ मेरी नाइटी पर पड़ा और इसके कारण वो सिर्फ़ नाइटी पकड़ पाया और जब तक हम दोनो संभल पाते तो इसके कारण नाइटी फटकर फ़िरोज़ के हाथ में थी.. तो आवाज़ सुनकर राजेश भी कमरे में आ गया और में दो लोगो के सामने नंगी खड़ी थी. दोस्तों
मैंने शर्म से नज़रे झुका ली और मैने तुरंत पलट कर दीवार की तरफ अपना मुँह छुपा लिया और राजेश को सामने से टावल देने को कहा और उन दोनो को बेडरूम से जाने को कहा.. मेडम क्यों शरमा रही हो और में तो आपको पहले ही नंगा देख चुका हूँ और जब दो मर्द आपके सामने है तो हाथ से चूत क्यों सहलाना.. हमारे जाने के बाद तो हाथ से सहलाओगी और आपकी चूत गर्म है.. जिसके निशान इस बेड पर है.. लगता है आपका पति आपकी प्यास नहीं बुझा पाता.. इसलियें आपकी चूत प्यासी है. इतना बोलते बोलते कब उन दोनो ने अपने कपड़े उतार दिये.. पता ही नहीं चला और फ़िरोज़ मुझसे आकर चिपक गया.
उसका लंड मेरी गांड पर दस्तक देने लगा और ऐसा मत करो तुम दोनो.. में शादीशुदा हूँ.. मेरे पति को पता चल गया तो में कहीं की नहीं रहूंगी. इतना कहकर में पलट कर दूसरे रूम मे जाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन जैसे ही पलटी उल्टा फ़िरोज़ की बाहों मे आ गई.
लेकिन आपके पति को कौन बतायेगा मेडम? आप जैसी चिकनी औरत की चूत हम जैसो के नसीब में नहीं होती.. आज किस्मत ने मौका दिया है तो आपको चोदकर ही छोड़ेगे.. चाहे उसके लिये कुछ भी करना पड़े. फ़िरोज़ मेरे बूब्स मसलने लगा और मुझे चूमने की कोशिश करने लगा.. राजेश मेरे पैरो के बीच मे आ गया और बैठ कर मेरे पैर खोल दिये और अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया और चूत को किसी कुत्ते की तरह चाटने लगा. पहली बार कोई मेरी चूत चाट रहा था.. मेरे पति को ओरल करना पसंद नहीं था.
में उत्तेजना से छटपटाने लगी और रात भर की सेक्स की भूख अपना रंग दिखाने लगी थी. मेरी जांघे सख्त पड़ गई और दिमाग़ सुन्न पड़ गया. में सातवें आसमान पर थी और अचानक एक चीख के साथ चूत से पानी बह निकला और राजेश चाट चाट कर सारा चूत का रस पी गया. में लगातार बह रही थी और थोड़ी देर बाद शांत पड़ गई तो उसके बाद हम तीनों बेड पर आ गये और वो दोनों उपर से नीचे तक सहलाने लगे.. कभी चूमते कभी चूत सहलाते और कभी बूब्स को मसलते में उत्तेजना से आहें भरने लगी.
मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगी तो फ़िरोज़ ने मुझे लंड चूसने को कहा और मैने मना कर दिया तो राजेश ने मेरे चूतड़ो पर एक थप्पड़ बजा दिया. मुझे उल्टा लेटाकर मेरे पेट के नीचे तकिया लगा दिया और मेरी गीली चूत मे अपना लंड पेल दिया. मेरी चूत इतने मोटे लंड से पहली बार चुदवा रही थी.. इसलिये लंड बाहर फिसल गया तो उसने फ़िरोज़ से कहा कि साला इसका पति हिजड़ा लगता है.. इतनी सुन्दर रंडी को भी ठीक से नहीं चोदता. इसकी चूत टाइट है तो इसका छेद बड़ा करना पड़ेगा.. फ़िरोज़ मेरी कमर पर बैठ गया और मेरे पैर फैला दिये और जिससे मेरी चूत फेल गई लेकिन मेरी जांघे दर्द करने लगी.
में चीखी.. आअहह तुम लोग आराम से करो.. दर्द हो रहा है. इसमे हमारी क्या ग़लती है अगर तेरे पति ने तेरा छेद टाइट छोड़ा है तो छेद खोलने के लिये थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. इतना कहकर राजेश ने दो उंगलियां मेरी चूत के अंदर डाल दी और मेरी चूत बहुत गीली हो चुकी थी तो उसे एक लंड की ज़रूरत थी लेकिन ये दोनो चोदने की बजाय मेरी जवानी को तड़पा रहे थे.
करीब 5 मिनट तक अंदर बाहर करने के बाद मे बेकाबू होने लगी. मैने उनसे कहा प्लीज.. अब मत तड़पाओ.. घुसा दो अपना लंड. मेरे दर्द की परवाह मत करो.. फट जाने दो मेरी चूत को.. पर प्लीज आज इसे चोदो.. मेरी प्यास बुझा दो नहीं तो मे मर जाऊंगी. राजेश ने यह सुनकर अपना लंड मेरी चूत पर टिका दिया और उसके मोटे लंड का सुपाड़ा मेरी चूत मे जाने का नाम नहीं ले रहा था.
वो मेरे मुँह के पास आया और कहने लगा कि इसे चूस कर गीला करो.. तभी ये अंदर जायेगा. उसका पूरा उत्तेजित लंड देखकर मेरे पसीने आ गये कि हे भगवान मेरे छोटे से छेद मे ये कैसे जायेगा. यह तो मेरे पति से तीन गुना मोटा है लेकिन उसने मेरा मुँह अपने लंड पर रखते हुये कहा कि तू इसे गीला कर… आज यह तेरी चूत का भोसड़ा बना देगा.. में उसका लंड उत्तेजना मे चूसने लगी.
फ़िरोज़ मेरे बूब्स मसलने लगा और अपना मुँह मेरी चूत पर लगा कर उसे चाटने लगा. उसके बाद अपना लंड मेरी चूत पर लगाकर रगड़ने लगा.. उसका लंड लंबा मगर राजेश की तरह मोटा नहीं था.. मगर मेरी चूत के लिये वो भी काफ़ी बड़ा था. उसने मेरी चूत को हाथों से फैलाया और अपना टॉप मेरी चूत से सटा दिया और पच की आवाज़ के साथ मेरी चूत मे समा गया. मुझे जैसे जन्नत मिल गई हो. दर्द हो रहा था लेकिन वो मज़ा ज़्यादा दे रहा था.. ह्ह्ह्हईईई माँ में मर गई.. उई फ़िरोज़ चोदो.. रहम मत करो घुसा दो.. आअहह मीठी आवाजों से कमरा गूंजने लगा. फ़िरोज़ ने जड़ तक लंड पेल दिया और में एक बार में झड़ गई.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद में एक बार और झड़ गई तो वो बोला राजेश अब ये तेरे लंड के लिये तैयार है. राजेश थोड़ा संभाल कर करना.. मेरी चूत अभी भी तुम्हारे लिये छोटी है तो वो मेरे पीछे आकर किसी बैल की तरह मेरी चूत पर चड गया और उसका सुपाड़ा मेरी चूत पर टिका दिया.. वो अब भी अंदर नहीं जा रहा था. उसने मेरे बूब्स ज़ोर से पकड़कर फैलाये और पूरा वजन मेरी चूत पर डाल दिया और उसका लंड चूत को चीरता हुआ अंदर जाने की कोशिश करने लगा.. आहह राजेश मत करो मेरी चूत फट रही है अब में नहीं झेल पाउँगी कहते हुये पैर पटकने लगी.. लेकिन उसका टॉप धीरे धीरे अंदर सरक रहा था और मेरी जान निकल रही थी और तभी मेरा दिमाग़ सुन्न हो गया और में बेहोश सी हो गई.
मेरी आँखो के सामने अंधेरा छा गया और फक्क की आवाज़ हुई और वो मेरे अंदर समा चुका था. मेरा सारा बदन अकड़ गया.. जांघे सख़्त हो गई और में दर्द से चीख उठी और चूत से खून बह रहा था. फ़िरोज़ बोला अब चीखना बंद करो और मज़ा लो.. अब तेरी चूत का ढक्कन खुला है और तेरा पति तो सिर्फ़ लंड का वीर्य डाल के मज़े ले रहा था. राजेश अब भी धीरे धीरे लंड अंदर समाता जा रहा था और मेरी चूत की सारी दीवारे उसके लंड पर चिपक चुकी थी और उसने पूरी तरह से चिपककर नीचे से मुझे जकड़ लिया और बूब्स को मसलने लगा और वो धीरे धीरे कमर हिला रहा था. मुझे भी मज़ा आने लगा था और में भी उसका साथ देने लगी..
फिर स्पीड बड़ने लगी और करीब 20 मिनिट के भीषण घर्षण के बाद हम दोनों के फव्वारे छूटने लगे.. उत्तेजना मे मैने फ़िरोज़ का लंड जकड़ लिया और जोर से चूसने लगी और उसने मेरे मुँह में फव्वारा छोड़ दिया. उस दिन हमने करीब शाम को 5 बजे तक 4 बार चुदाई की और वो मेरे पति के आने से पहले चले गये. ऐसा लगता था कि आज सुहागरात मनाई हो और मुझे लगता है कि शादी के कुछ साल बीत जाने के बाद हर लड़की को ऐसी सुहागरात जरुर नसीब होनी चाहिये.
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बड़ी साली को चोदकर गर्भवती किया


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम जीशान है और मेरी उम्र 34 साल है. में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ. में शादीशुदा हूँ और मेरी दो बड़ी सालीयाँ और दो साले है.. आज में आपको सबसे पहले अपनी सबसे बड़ी साली की चुदाई की दास्तान सुनाऊंगा.. मेरी सबसे बड़ी साली का नाम नुशरत है और उसकी उम्र 32 साल है और उसके फिगर का साईज 34-26-34 है और वो शादीशुदा है लेकिन उसका पति अमेरिका में रहता है और शादी के तीन साल बीतने के बाद भी उनको कोई बच्चा नहीं था. उसके बाद वाली साली आशिया जिसकी उम्र 30 साल और वो भी शादीशुदा है और उसके फिगर का साईज 36-28-36 है और उसका एक बेटा है.
दोस्तों अब में आज की अपनी कहानी की तरफ आता हूँ. यह उन दिनों की बात है कि जब मेरी बीवी गर्भवती थी और उसका सातवाँ महिना चल रहा था.. मेरी बीवी शादी के पहले ही महीने में गर्भवती हो गई थी और अक्सर मेरी बीवी से मेरी बड़ी सालीयाँ पूछती थी कि क्यों तुम्हारे पति में क्या इतनी जान है कि पहले ही महीने में तुम्हे गर्भवती कर दिया.. इसके अलवा कितनी बार सेक्स करते है और यह भी पूछती रहती थी और सभी मौज मस्ती करते रहते थे.. मेरी सबसे बड़ी साली नुशरत का कोई भी बच्चा नहीं था और उनकी शादी को पूरे तीन साल गुजर चुके थे और उसकी सास हमेशा उसको बांझ होने का ताना देती रहती थी.. उसका पति अमेरिका से हर तीन महीने के बाद आता और कुछ दिन उसको चोदकर वापस चला जाता था लेकिन वो फिर भी गर्भवती नहीं होती थी.
फिर एक दिन नुशरत की सास ने उसको धमकी दी और उससे कहा कि अगर उसके कोई बच्चा नहीं हुआ तो वो अपने बेटे की दूसरी शादी करवा देगी. फिर एक दिन मेरे पास मेरी साली आशिया का फोन आया.. उसने मुझसे पूछा कि जीशान भाई क्या आप कल सुबह मेरे घर पर आ सकते है तो मैंने कहा कि ठीक है और में दूसरे दिन 11 बजे आशिया के घर पहुंचा तो वो घर पर अकेली थी.. उसका बेटा स्कूल गया हुआ था और उसका पति ऑफिस.
फिर मैंने उससे कहा कि क्यों सब कुछ ठीक ठाक है ना? तो वो बोली कि हाँ सब ठीक है लेकिन मुझे आपसे बस एक जरूरी बात करनी है तो मैंने कहा कि बोलिए.. वो बोली कि पहले आप कसम खाए कि किसी को यह बात नहीं बताएगे और ना ही कभी अपनी बीवी से कुछ कहेंगे. फिर मैंने कहा कि ठीक है.. में कसम खाता हूँ और उसके बाद उसने मुझे नुशरत की पूरी स्टोरी बताई और मुझे वो सब सुनकर बहुत गुस्सा आया.. मैंने आशिया से कहा कि यह तो ऊपर वाले के हाथ है.. उसका मेडिकल चेकअप करवाओ.
फिर आशिया ने कहा कि हमने वो सब पहले ही करवाया लिया है और नुशरत का सब कुछ ठीक ठाक है लेकिन उसका पति चेकअप नहीं करवा रहा और अब समस्या यह है कि अगर नुशरत को बच्चा नहीं हुआ तो उसका तलाक़ हो जाएगा.. तो मैंने कहा कि यह तो एकदम गलत बात है और फिर मैंने आशिया से पूछा कि आप ही बताए कि में इसमे आपकी क्या मदद कर सकता हूँ?
फिर आशिया ने कहा कि कहीं आप नाराज़ ना हो जाओ.. क्या में वो बात बोलूं तो मैंने कहा कि आप बिना जिझक के बोलिए.. में नाराज नहीं होऊंगा. फिर आशिया ने कहा कि प्लीज आप नुशरत को गर्भवती कर दे और उसकी यह बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया और मैंने कहा कि आप क्या पागल है और में कैसे यह सब कर सकता हूँ.. तो इस पर आशिया रोने लगी और कहने लगी कि बड़ी मुश्किल से नुशरत की शादी हुई है और अब अगर उसका तलाक़ हो गया तो उसकी पूरी लाईफ बर्बाद हो जाएगी और वैसे भी किसी की मदद करना कोई गुनाह नहीं है और यह तो किसी की ज़िंदगी बचाने वाली बात है.. क्योंकि अगर नुशरत का तलाक़ हो गया तो वो खुदखुशी कर लेगी और वो बोली कि वैसे भी हम आपकी सालियाँ है तो मतलब की आधी घर वाली और नुशरत सबसे बड़ी है और इसलिए आप पर उसका हक़ है और हमने बहुत देर तक बहस की और आशिया ने मुझे कसम दी और कहा कि आपको यह काम करना ही होगा.
तो मैंने कहा कि ठीक है लेकिन में सिर्फ़ एक बार ही उसके साथ सेक्स करूंगा.. अगर वो गर्भवती हो गई तो ठीक है वरना आगे से मुझसे ऐसी कोई उम्मीद भी मत रखना और यह बात सुनकर आशिया बहुत खुश हो गई और कहने लगी कि क्या आज ही करेंगे या बाद में? तो मैंने कहा कि में आज नहीं कर सकता.. में कल ऑफिस से दो दिन की छुट्टी लेकर आ जाऊंगा.. लेकिन यह काम होगा कहाँ पर यह भी तो बताओ और में अपने घर तो नहीं ले जा सकता.. क्योकि वहाँ पर हमेशा मेरे सभी घर वाले मौजूद रहते है तो आशिया बोली कि आप चिंता मत करो.. आप दोनों कल सुबह मेरे घर पर 9 बजे तक आ जाना.. क्योंकि मेरा बेटा सुबह स्कूल जाता है और दिन में दो बजे तक वापस आता है और इस बीच आप लोगों को बहुत टाईम मिल जायगा.. तो मैंने कहा कि ठीक है. में कल सुबह 9 बजे तक आ जाऊंगा और में वापस अपने घर की तरफ रवाना हो गया और में दिल ही दिल में बहुत खुश हो रहा था कि मेरी नुशरत को चोदने की इच्छा अब पूरी हो रही है.. में नुशरत को पहली बार देखने के बाद से ही चोदना चाहता था.. क्योंकि वो हमेशा सेक्सी कपड़े पहनती थी और में उसके बूब्स का नज़ारा किया करता था.
फिर में घर पर पहुंचते ही वॉशरूम में घुस गया और मैंने एक बार नुशरत के नाम की मुठ मारी और अपने नीचे के बालों को साफ किया और अपनी बीवी से लंड पर तेल लगवाकर मालिश करवाने के बाद उसको सोचकर सो गया.
फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर में नहाकर तैयार हुआ और ठीक 9 बजे आशिया के घर पर पहुंच गया और मैंने जब वहाँ पर देखा तो नुशरत पहले से ही मौजूद थी और वो दोनों मेरा ही इंतजार कर रही थी.. नुशरत मुझे देखकर शरमा गई और मुझे कहा कि ज़ीशान भाई धन्यवाद. दोस्तों मेरी सभी सालियाँ और साले मुझे ज़ीशान भाई कहती है.. मैंने नुशरत से कहा कि ठीक है.
फिर हम कमरे में बैठकर तीनो बातें करने लगे और आशिया ने जूस बनाकर दिया.. हमने मिलकर जूस पिया. तभी आशिया ने कहा कि 10 बज रहे है तो आप लोग बेडरूम में बैठिए और में टीवी देखने जा रही हूँ. अब बेडरूम में नुशरत और में अकेले रह गये.. नुशरत ने गुलाबी कलर की सलवार कमीज़ पहना हुई थी और काली कलर की ब्रा उसमे से साफ दिख रही थी और फिर में थोड़ा घबरा रहा था और नुशरत भी आंखे नीचे किये बैठी थी.. तो मैंने कहा कि नुशरत क्या यह सब ठीक होगा लेकिन वो कुछ नहीं बोली तो मैंने कहा कि में आपकी मजबूरी की वजह से आपका साथ दे रहा हूँ.. तो उसने कहा कि धन्यवाद ज़ीशान भाई. फिर मैंने धीरे से उसका हाथ अपने हाथों में लिया और उसको दिलासा देने लगा कि सब ठीक हो जाएगा.. आप बिल्कुल भी फ़िक्र ना करें.
तभी नुशरत ने कहा कि अगर में गर्भवती नहीं हुई तो सब कुछ ख़त्म हो जाएगा और फिर मैंने कहा कि आप गर्भवती जरुर हो जाओगी.. वो बोली कि इससे पहले बशीर ने बहुत ट्राई किया है और जब वो घर पर आते है तो हर रोज 3-4 बार मेरे साथ सेक्स करते है लेकिन फिर भी में गर्भवती नहीं हुई और तुमने सिर्फ़ आज का कहा है.. लेकिन एक दिन में यह सब कैसे होगा?
मैंने कहा कि जैसे आपकी बहन को मैंने गर्भवती किया है तो उसी तरह आपको भी कर दूंगा.. आप फ़िक्र ना करें तो उसने हाँ में सर हिलाया और मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा और उसे अपने क़रीब कर लिया.. उसने मेरी कमर में अपना एक हाथ डाल दिया और में धीरे-धीरे अपना हाथ उसके कंधे पर फेरने लगा. कंधे से में अपना हाथ नीचे की तरफ लाया और उसके पेट पर हाथ लगाया तो उसने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और मैंने उसे गर्दन पर किस किया तो वो शरम की वजह से लाल हो रही थी.
फिर मैंने उसके गालों पर किस किया और फिर छाती पर किस किया और उसका दुपट्टा उतारकर दूर फेंक दिया.. उसके बाद मैंने उसे खड़ा किया और गले लगाया और किस करने लगा.. उसके बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था तो मैंने उसकी क़मीज़ उतार दी और किस करने लगा तो फिर मैंने उसके होंठो को किस किया.. वाह मज़ा आ गया और क्या मस्त होंठ थे उसके और फिर उसने भी मुझे पूरा जवाब देना शुरू कर दिया और मुझे किस करने लगी.. में बहुत देर तक इसी तरह खड़े खड़े किसिंग करता रहा और साथ साथ उसके बूब्स को भी दबाता, मसलता रहा.
फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला और ब्रा को उतार दिया.. ब्रा को उतारते ही उसके बड़े-बड़े एकदम सेक्सी तने हुए बूब्स को देखकर मेरा दिल खुश हो गया और उसके गुलाबी निप्पल भी तनकर खड़े थे. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया और किस करने लगा.. उसने कहा कि क्या आप सिर्फ़ किसिंग ही करेंगे या और कुछ भी तो मैंने कहा कि नहीं.. मेरी जान में अभी तुम्हे जन्नत का नज़ारा दिखाता हूँ और मैंने अपने कपड़े उतार दिये और उसकी सलवार भी उतार दी.. उसने काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी..
मैंने उसकी चूत को देखा तो वो एकदम उभरी हुई थी और थोड़ी गीली हो रही थी और में दिल ही दिल बहुत खुश हो रहा था कि आज मेरी दिल की इच्छा पूरी हो रही है तो मैंने उसके बूब्स पर किस्सिंग करना शुरू कर दिया और बहुत ज़ालीम अंदाज़ में उसके बूब्स को चूसने लगा और वो बहुत बेचैन होकर मेरे पेट पर अपने नाख़ून चुभाने लगी तो में उसके निप्पल को कभी चूसता तो कभी काट रहा था और वो भी मेरे सीने पर किस करती रही.
फिर मैंने उसकी पेंटी में हाथ डालकर उसकी चूत को मसलना शुरू किया तो उसकी बैचेनी बहुत बड़ गई. मेरा लंड 7 इंच लंबा एकदम तन गया और उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया तो में उसकी चूत में उंगली करता रहा और अचानक वो झड़ गई और उसकी चूत से पानी निकल गया और मैंने उसके दुपट्टे से अपना हाथ और उसकी चूत को साफ किया और लेट गया.. वो मेरे पास में बैठ गई और मेरा लंड दोनों हाथों में पकड़कर रगड़ने लगी.
फिर उसने मेरी छाती को किस करना शुरू कर दिया और मेरी गर्दन पर किस किया.. मेरे निप्पल पर जीभ से छुआ तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो साथ साथ मेरे लंड को भी रगड़ रही थी और मैंने उससे कहा कि मेरा लंड चूसो.. उसने कहा कि मुझे यह सब करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता और में बशीर का लंड भी नहीं चूसती.. वो भी बहुत कहते है. तो मैंने कहा कि बशीर और मुझमें बहुत फर्क़ है मेरी जान.. में तुम्हे बच्चा दूंगा और बशीर नहीं दे सकता.. तो इसलिये मेरी बात तो माननी पड़ेगी और मेरी इस बात पर वो थोड़ी देर सोचती रही और उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी..
वो कभी मेरे टोपे पर जीभ फेरती तो कभी मेरे आंड पर किस करती और लंड को मुहं में आगे पीछे करती तो मेरा लंड फूलकर और मोटा हो गया और मैंने उससे कहा कि अब तुम लेट जाओ और वो झट से बेड पर सीधी लेट गई और में उसके दोनों पैरों के बीच में बैठ गया.. मैंने अपना लंड पकड़कर उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया और वो मचलने लगी तो मैंने अपनी तीन उगलियाँ उसकी चूत में डाली और उसकी चीख निकल गई.. मैंने कहा कि अभी तो मेरी ऊँगली ही चूत में गई है और अगर मेरा लंड जाएगा तो क्या करोगी? तो वो कहने लगी कि में अपने बच्चे के लिये सब दर्द बर्दाश्त कर लूंगी और उसके बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और रगड़ने लगा तो उसने अपने बूब्स को दबाना शुरू कर दिया और उसकी आंखे बंद हो गई और वो बहुत मज़ा ले रही थी.. में दो तीन मिनट इसी तरह से करता रहा तो उसने कहा कि मुझे और मत तड़पाओ.. में प्यासी हूँ.. प्लीज मेरी प्यास बुझा दो.
फिर मैंने कहा कि अभी रुको मेरी रानी में तुम्हारी प्यास बुझा देता हूँ और यह कहकर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला.. मेरा टोपा उसकी चूत में गया और वो दर्द की वजह से अपने होंठो को दाँतों के नीचे दबा रही थी. मैंने थोड़ा इंतजार किया और हल्का सा झटका मारा तो उसकी चीख निकल गई और वो कहने लगी कि प्लीज थोड़ा आराम से करो.
फिर मैंने कहा कि क्यों इतनी बार बशीर भाई से चुद चुकी हो.. फिर भी इतना दर्द हो रहा है तो उसने कहा कि बशीर का लंड 4 इंच का है और आपके लंड की तरह मोटा भी नहीं है तो मैंने धीरे से अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और मुझे उसकी चूत की दीवार अपने लंड पर महसूस हुई तो वो दर्द की वजह से तड़पने लगी..
मैंने थोड़ा इंतजार किया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिये और किस करने लगा और हाथों से उसके बूब्स को दबाने लगा.. थोड़ी देर में वो सुकून में आ गई और मैंने उससे कहा कि चलो अब जन्नत की सेर करवाता हूँ. फिर मैंने झटका मारना शुरू कर दिया और वो आहह उफफफफफ्फ़ और ज़ोर से और ज़ोर से.. मेरी चूत फाड़ डालो प्लीज और मुझे बच्चा दे दो कहने लगी और क़रीब 10 मिनट के बाद वो झड़ गई.. लेकिन में लगातार झटके लगाता रहा.. बेडरूम में फच फच की आवाज़ के साथ उसकी सिसकियों की आवाजें गूंज रही थी.
और 40 मिनट के बाद मैंने कहा कि में झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि जल्दी से झड़ो मेरी चूत में और मैंने तेज़ तेज़ झटके मारने शुरू कर दिए और फिर मेरा गर्म गर्म वीर्य उसकी चूत की गहराईयों में अंदर तक बहता चला गया और वो अपने पैरों को सिकुड़ने लगी.. पर में निढाल होकर उसकी छाती पर सर रखकर लेट गया और 5 मिनट के बाद में उस पर से उठा और उसके बराबर में लेट गया और थोड़ी देर लेटा रहा.
फिर मैंने अपना लंड उसके मुहं में दिया और उसने चूस चूसकर मेरा लंड साफ किया.. मैंने उसके दुपट्टे से उसकी चूत को साफ किया और उसके साथ लेटकर उसकी छाती को मसलने लगा और वो मेरे लंड को रगड़ने लगी और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और फिर मैंने उससे कहा कि वो घोड़ी बन जाए तो वो झट से घोड़ी बन गई और में उसके पीछे गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.. वो अपनी गांड को हिलाने लगी. फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड एक झटके में पूरा अंदर डाल दिया और वो एकदम तड़पकर रह गई और उसने मेरा लंड बाहर निकालने की कोशिश की लेकिन मैंने उसे ज़ोर से पकड़ा हुआ था. वो निकाल नहीं सकी और थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत में झटके मारने शुरू किए और वो भी अपनी गांड हिला हिलाकर चुदने लगी और में उसके कूल्हों पर थप्पड़ मार रहा था और उसकी आवाज़ बाहर तक जा रही थी और वो ज़ोर ज़ोर से आहह आअहह उम्म्म उफफफ्फ़ मर गई.. कह रही थी और फिर क़रीबन 30 मिनट के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में एक बार और डाल दिया.. इस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी. मैंने लंड को तब तक बाहर नहीं निकाला.. जब तक लंड खुद छोटा होकर बाहर नहीं आया.. में उससे अलग हुआ तो वो मुस्कराते हुए मेरे गले लग गई और कहा कि ज़ीशान तुम ने आज वाक़ई मुझे जन्नत की सैर करवाई है और आज मुझे पता चला है कि सेक्स किसे कहते है..
बशीर तो 5 मिनट में ही झड़कर बाथरूम भाग जाता था और फिर से तैयार होने में एक घंटा लगता था तो मैंने कहा कि मेरी जान फिल्म अभी बाक़ी है तो में 10 मिनट में तैयार हो जाता हूँ और तभी तो तुम्हारी छोटी बहन मतलब मेरी वाईफ को मैंने इतनी जल्दी गर्भवती कर दिया तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि ज़ीशान जितनी मर्ज़ी हो आप मुझे चोद सकते है.. आज और अभी से मैंने खुद को आपके हवाले कर दिया है कि आप मुझे जब भी जितना भी चोदना चाहते है चोद सकते हो.
फिर मैंने कहा कि मेरे पास टाईम की बहुत समस्या है.. वरना में तुम्हे तो हर दिन लगातार चोदता रहूँ. फिर हम बैठ गए और जूस पीने लगे और मैंने अपना जूस का ग्लास उसके बूब्स के पास किया और जूस उसकी छाती पर गिरा दिया और जूस को उसकी छाती पर से चाटने लगा..
उसको बहुत मज़ा आया और उसने अपना ग्लास भी अपनी छाती पर रखा और जूस को धीरे धीरे गिराने लगी और में उसकी निप्पल से एक एक बूंद टपकता हुआ जूस पीने लगा और अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने कहा कि मैंने तो जूस पी लिया है अब तुम भी पीयो तो वो बोली कि वो कैसे? फिर मैंने उससे बिना कुछ कहे अपना बचा हुआ पूरा जूस अपने लंड पर धीरे से डाला और वो मेरी बात को समझकर तुरंत मेरे लंड को बड़े मज़े से चूसने लगी और में उसके बूब्स को दबा रहा था.
फिर में लेट गया और उसको मेरे लंड पर सवार होने को कहा और वो मेरे लंड पर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी.. मैंने उसको अपनी तरफ झुकाया और उसके बूब्स को चूसने लगा.. जिससे वो ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी. तभी थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि तुम घूम जाओ और उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और फिर से मेरे लंड पर बैठकर उछल कूद मचाने लगी और अब कुछ देर के बाद वो झड़ गई तो उसकी चूत का रस मेरे लंड के आस पास फेल गया और इसी तरह उछलते कूदते वो भी झड़ गई और वो बुरी तरह से थक चुकी थी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी तो मैंने कहा कि क्यों मज़ा आया? तो उसने कहा कि ज़िंदगी में पहली बार ऐसा मज़ा आया है.
फिर मैंने कहा कि अब तो तुम गर्भवती हो ही जाओगी.. उसने सर हिलाकर हाँ कहा और मुझे किस किया. हम इसी तरह थोड़ी देर लेटे रहे तो अचानक मेरी नज़र घड़ी पर पड़ीं और जिसमे 1:30 का टाईम हो चुका था और हम पिछले तीन घंटे से सेक्स कर रहे थे और मैंने उससे कहा कि चलो अब कपड़े पहन लो.. आशिया का बेटा स्कूल से आने वाला है.
तो उसने कहा कि ठीक है और हम दोनों एक साथ बाथरूम में गए और उसने मेरा लंड धोया और मैंने उसकी चूत को और फिर कपड़े पहनकर बाहर आ गए.. बाहर आते ही जो नज़ारा मैंने देखा तो वो मेरे लिए हैरान करने वाला था और नुशरत का भी मुहं खुला का खुला रह गया.. क्योंकि बाहर आशिया अपनी क़मीज़ ऊपर किये एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और उसका दूसरा हाथ उसकी सलवार में था और उसकी आंखे बंद थी और वो पूरे जोश में आकर मज़ा ले रही थी.
फिर हम बहुत देर तक देखते रहे और फिर नुशरत ने खांसकर आशिया को अपनी बेहोशी से उठाया और वो घबराकर सीधी हुई.. अपने कपड़े ठीक किये और हमने उससे कहा कि हमारा काम हो गया है तो मैंने नुशरत को कहा कि तुम जब गर्भवती हो जाओ तो मुझे बताना.. उसने मुस्कुराकर हाँ कहा. फिर मैंने दोनों को अलविदा कहा और अपने घर आ गया.
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भाभी ने चोदने पर मजबूर किया


हैल्लो दोस्तों.. में एक बार फिर से आप सभी को अपनी एक ओर सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि यह भी आपको बहुत पसंद आएगी. यह कहानी शुरू तब हुई जब मेरे बड़े भाई की शादी हुई और मेरे बड़े भाई मुझसे 12 साल बड़े है और मुझे वो बिल्कुल अपने बेटे की तरह ही मानते थे. भाभी घर पर आई तो उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे अपना दोस्त ही समझना और अपनी हर बात शेयर करना.. तो में भी उनसे हर बात शेयर करता था और तब मेरी उम्र 19 साल थी.. मेरी एक गर्लफ्रेंड भी थी और भाभी को यह बात भी पता थी और शादी के एक साल तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन कुछ दिनों से भाभी थोड़ी परेशान सी रहती थी और मैंने कई बार पूछा लेकिन उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं बताया.
अब में भी 19 साल से ऊपर का हो गया था और कॉलेज जाने लगा था और मेरे शरीर में भी बहुत बदलाव आया.. क्योंकि मैंने जिम जाना शुरू किया हुआ था. एक दिन दोपहर को में भाभी के रूम में गया तो मैंने देखा कि भाभी रो रही थी और मैंने उनके पास जाकर पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर में वादा करूँ तो वो मुझे सब बता सकती है.. तो मैंने उनसे वादा किया और उन्होंने कहा कि वो और भैया डॉक्टर के पास चेकअप के लिए गये थे.. क्योंकि वो प्रेग्नेंट नहीं हो पा रही थी और उन्होंने कहा कि कमी तुम्हारे भैया में है और वो कभी बाप नहीं बन सकते.. तो मैंने कहा कि भाभी आजकल तो मेडिकल बहुत आगे बड़ गया है.. भैया दवाइयों से ठीक हो जाएँगे या फिर और कोई ईलाज से वो माँ बन सकती है तो भाभी ने तभी रिपोर्ट निकाली और मुझे दिखाकर बोली कि यह देखो तुम्हारे भैया के वीर्य में शुक्राणु बहुत ज्यादा कम है और में कभी भी उनके ज़रिए माँ नहीं बन सकती और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी और रोते रोते वो मुझसे लिपट गयी तो में उनको दिलासा देने लगा.. लेकिन भाभी कुछ आगे बड़ने लगी.. मुझे बहुत ही अजीब लगा और में भाभी को वही छोड़कर रूम से बाहर आ गया.
अब दिन रात में यही सोच रहा था कि कैसे भैया, भाभी की यह समस्या दूर की जाए. मेरी गर्लफ्रेंड के अंकल डॉक्टर थे और मैंने वो रिपोर्ट्स उन्हे दिखाई तो वो बोले कि हालत बहुत खराब है और शायद तुम्हारे भैया तुम्हारी भाभी को सेक्स से संतुष्ट भी नहीं कर पाते होंगे.. माँ बनाना तो दूर की बात है. फिर उनसे मिलकर मुझे भाभी की हालत पर बहुत ही दुख हुआ और में सही में उनकी कुछ मदद करना चाहता था तो दूसरे दिन में भाभी के रूम में गया और उन्हे बताया कि में आप दोनों की रिपोर्ट्स लेकर सपना के अंकल के पास गया था और उन्होंने भी यही बताया और यह कहकर में एकदम चुप हो गया तो भाभी ने कहा कि बताओ ना क्या कहा उन्होंने?
मैंने झिझकते हुए कहा कि क्या भैया आपको संतुष्ट भी नहीं कर पाते है और इतना सुनकर वो रो पड़ी और फिर मेरा ही कंधा था उनको दिलासा देने के लिए और कहने लगी कि अब तो तुम ही मेरी शादी बचाने के लिए मेरी मदद कर सकते हो.
मैंने कहा कि भाभी आप बताओ.. आप जिस डॉक्टर के लिए कहोगी में आपके साथ चलूँगा.. तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं है.. तुम यहीं पर मेरी मदद कर सकते हो.. में कुछ अच्छा महससू नहीं कर रहा था और वो मेरे बहुत करीब आकर बोली कि प्लीज तुम मुझे संतुष्ट कर दो और मुझे एक बच्चा दे दो और वो मेरे इतनी करीब थी कि में उनकी सांसे साफ महसूस कर सकता था और मेरा तो दिमाग़ जाम हो गया और शरीर ठंडा पड़ गया.. में मूर्ति की तरह खड़ा था और भाभी ने मेरे हाथ पर किस कर लिया तो मैंने उन्हे बेड पर धक्का देकर कहा कि भाभी यह सब बहुत ग़लत है और में कभी भी ऐसा नहीं कर सकता.
तभी उन्होंने कहा कि तुम ऐसा नहीं कर सकते लेकिन अपने भैया का घर टूटे हुए देख सकते हो और उन्होंने कहा कि उन्होंने सपना से तुम्हारे सेक्स के बारे में कई बार सुना है.. तो में अब कुछ भी सोच नहीं पा रहा था और भाभी इमोशनल अत्याचार कर रही थी.. वो रोए जा रही थी और फिर में भी इमोशनल हो गया तो मैंने कहा कि ठीक है भाभी लेकिन सिर्फ़ एक बार ही सेक्स करेंगे और वो भी आप दोनों की खुशी के लिए. फिर में भाभी के पास बेड पर जाकर बैठ गया.
भाभी ने मेरा हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा कि तुम चिंता मत करो. में इस बात को किसी को नहीं बताउंगी और भाभी ने मुझे ज़ोर से किस किया लेकिन में ठीक से जवाब नहीं दे पा रहा था तो कुछ देर के बाद भाभी ने अपनी साड़ी को उतार दिया और अब वो मेरे सामने पेटिकोट और ब्लाउज में थी. भाभी का शरीर बहुत सेक्सी था और में भी अब उनका कुछ साथ देने लगा.. में खड़ा हुआ और भाभी को ज़ोर से पकड़ लिया और फिर उन्हे हर जगह किस करने लगा और वो पूरी तरह से गरम हो चुकी थी.
फिर मैंने धीरे से भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट उतर गया और भाभी के नीचे का अंग देखकर तो में हैरान रह गया.. वाह क्या सेक्सी जिस्म था तो भाभी हँसने लगी और कहा कि क्या देख रहे हो तो मैंने कहा कि क्या करूँ.. ऐसे कभी आपको देखा ही नहीं आप तो बहुत सेक्सी हो और मैंने उनके ब्लाउज और ब्रा को भी उतार दिया.. उनके बूब्स तो और भी ज़बरदस्त थे.. उनके निप्पल गुलाबी कलर के थे.. में अपने आप को रोक नहीं सका और उनके निप्पल चूसने लगा.. कभी चूसता तो कभी दबाता और कभी काटता.. भाभी को बड़ा मज़ा आ रहा था.. में उनके बूब्स को चूस रहा था और उधर वो मेरे लंड को रगड़ रही थी और फिर में भी अपना एक हाथ उनकी पेंटी की तरफ ले गया तो उनकी पेंटी पूरी गीली थी और मैंने हंसते हुए कहा कि आपने तो अभी से ही पानी छोड़ दिया है. सेक्स में आपको कैसे मज़ा आएगा? तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं.
फिर मैंने कहा कि भाभी कोई चिंता की बात नहीं.. आज में आपको ऐसी सेक्स संतुष्टि दूंगा कि आप पूरी लाइफ याद रखोगी. मैंने फिर उनकी पेंटी उतारी और उससे उनकी चूत को साफ किया.. मैंने उन्हे बेड पर लेटाया और दोनों पैर फैलाने को कहा और फिर मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में डाली तो वो एकदम से सिसक उठी और में उनकी चूत चाटता रहा और वो सिसकियाँ लेती रही और कुछ देर बाद उनकी चूत साफ हो चुकी थी और वो अब एकदम सूखी थी.
मैंने कहा कि भाभी अब सही टाईम है आपको चोदने का तो भाभी एकदम मदमस्त थी और जैसे में कह रहा था वैसा ही कर रही थी. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और भाभी से कहा कि इसे दो तीन बार अपने मुहं में लो और उन्होंने ऐसा ही किया.. मैंने फिर उन्हे सीधा लेटाया और अपना लंड उनकी चूत पर रखा तो चूत एकदम गरम थी.. मैंने एक ज़ोर से धक्का देकर अपना लंड उनकी चूत में डाला तो वो दर्द से करहा उठी और सिसकियाँ लेने लगी.. उनकी चूत बिल्कुल एक वर्जिन की तरह बहुत टाईट थी तो मैंने पूछा कि क्या दर्द हो रहा है.
उन्होंने हाँ में सर हिलाया लेकिन कहा कि कोई बात नहीं तुम चालू रखो.. में हंसा और धक्के मारता रहा और 10-15 धक्को तक तो भाभी को नहीं दर्द हुआ लेकिन फिर उनकी चूत ठंडी हो गयी और उन्हे कुछ आराम मिला तो मुझे लगा कि अब धक्को की स्पीड बड़ा देनी चाहिए.. में और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारता रहा और भाभी ने फिर से पानी छोड़ दिया.. फिर कुछ देर के बाद में भी चूत के अंदर ही झड़ गया. अब शाम हो चुकी थी और मुझे लगा कि भैया आने वाले होंगे और में कमरे से बाहर जाने लगा तो भाभी ने कहा कि कहाँ जा रहे हो.. मैंने कहा कि भैया आने वाले होंगे तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़कर अपनी और खींचा और कहा कि भैया टूर पर गये है और 4 दिन बाद आएँगे और अब हम दोनों अभी भी पूरी तरह से नंगे थे और हमे ऐसे रहने में बहुत ही मज़ा आ रहा था.
फिर में उठकर टॉयलेट में गया और फ्रेश होकर बाहर आया और मैंने अपना अंडरवियर उठाया तो भाभी ने कहा कि आज कोई कपड़े नहीं पहनेगा.. हम पूरी रात नंगे रहेंगे.. दोनों जहाँ चाहेंगे जैसा चाहेंगे वैसे सेक्स करेंगे और में मुस्कुरा रहा था.. मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो भाभी को स्वर्ग मिल गया है.. उनको इतना खुश मैंने पहले कभी नहीं देखा था.
फिर मैंने भाभी से कहा कि मुझे भूख लग रही है कुछ खाने को दो तो वो वैसे नंगी ही किचन की और चल दी.. में भी ऐसे ही उनके पीछे पीछे किचन में चल दिया. फिर में सोच ही नहीं पा रहा था कि यह सब सच है कि हम दोनों किचन में नंगे है. मुझको तभी एक फिल्म का सीन याद आया.. जिसमे कपल किचन में सेक्स करते हैं और मैंने भाभी से कहा कि बटर, जेम, जेली, सॉस और ऐसी जितनी भी चीज़ें है सबको बाहर निकालो तो वो हैरान होकर पूछने लगी कि क्या करना है?
मैंने कहा कि आप निकालो तो सही और वो सब कुछ निकालकर ले आई.. फिर मैने कहा कि अब पहले मुझे कुछ खाने को दो और फिर में आपको दिखाता हूँ असली मज़ा और फिर भाभी ने चाऊमीन बनाई और हम दोनों ने साथ बैठकर चाऊमीन खाई. फिर भाभी ने कहा कि लो अब तो खाना भी खा लिया. अब बताओ उन सब चीज़ों का क्या करना है तो में हंसा और जेम लेकर लंड पर लगाने लगा.. तभी भाभी ने कहा कि यह क्या कर रहे हो.. जेम क्यों खराब कर रहे हो तो मैंने हंसते हुए कहा कि क्या कभी ऐसे जेम खाया है लेकिन फिर भी उनकी समझ में भी नहीं आया.. वो मेरे जेम लगे लंड को लेकर चाटने लगी. फिर उन्होंने थोड़ा बटर लिया और लंड पर लगाया और मुझसे कहा कि मैंने ऐसे कभी बटर भी नहीं खाया लेकिन बहुत मज़ा आ रहा है और वो बहुत देर तक मेरे लंड को चाटती रही.
फिर मैंने उन्हे गोद में उठाकर किचन की पट्टी पर बैठाया और उनकी चूत में जेली भरी.. वो कहने लगी कि यह बहुत ठंडी है तो मैंने कहा कि थोड़ा सब्र करो और में वो जेली खाने लगा.. में खा रहा था और भाभी पूरे जोश में थी और धीरे-धीरे मैंने हर एक चीज़ को चूत में डालकर चाटा चूसा और खाया.. मुझे बहुत मज़ा आया और यह कार्यक्रम करीब आधे घंटे तक चला.
मैंने फिर थोड़ी जेली लेकर अपने लंड पर लगाई और भाभी चाटने के लिए उठी तो मैंने कहा कि आप बैठी रहो और मैंने उनसे पूछा कि क्या कभी भैया ने पीछे वाले छेद में लंड डाला है तो वो हंसते हुए बोली कि आगे वाले बड़े छेद में तो डाल नहीं पाते थे.. पीछे छोटे छेद में क्या खाक डालते. तो मैंने कहा कि अब छोड़ो उस बात को और अब आज में डालकर दिखाता हूँ. फिर में लंड को उनकी गांड में डालने लगा तो उनको बहुत ही दर्द हुआ और उन्होंने मुझे रूकने के लिए कहा लेकिन मैंने कहा कि थोड़ा बर्दास्त कर लो. फिर बहुत मज़ा आएगा और मैंने भी पहले कभी पीछे के छेद में लंड नहीं डाला था और फिर मैंने जैसे तैसे लंड अंदर डाल दिया लेकिन तकलीफ़ मुझे भी हुई और भाभी की तो हालत बहुत खराब थी.. उनकी आखों से दर्द के आँसू टपकने लगे थे.
मैंने फिर बहुत ही धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए लेकिन वो बहुत तकलीफ़ में थी.. मैंने उनसे पूछा कि क्या बंद कर दूँ तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं चालू रखो और में धीरे धीरे धक्के मारता रहा और थोड़े टाईम बाद शायद उनका दर्द भी कम हो गया और में धक्के मारता रहा. मैंने कुछ देर के बाद लंड को बाहर निकाल लिया और भाभी से पूछा कि आप किस किस पोज़िशन में चुद चुकी हो? तो भाभी ने कहा कि तेरे भैया मुझे लेटाते थे.. लंड डालते थे और 10-12 धक्को में उनका लंड झड़ जाया करता था और वो कभी मेरे बूब्स भी नहीं चूसते थे.. क्योंकि ज्यादा गरम होने पर कई बार तो वो बिना किए भी झड़ चुके थे. मैंने कहा कि क्या आप धक्के मारोगी? उन्होंने बड़ी हैरानी से पूछा कि कैसे? तो में नीचे लेट गया और कहा कि आप अब मेरे ऊपर से धक्के मारो.
फिर वो मेरे ऊपर आकर बैठ गयी और मैंने अपने लंड को हाथ से उनकी चूत में डाल दिया और उनसे कहा कि अब मेरे लंड पर उछलकूद करो और फिर वो जोश में बहुत ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी और कई बार लंड चूत से बाहर निकल गया तो मैंने कहा कि भाभी थोड़े आराम से करो नहीं तो आपको मज़ा नहीं आएगा और अब वो आराम से करने लगी और इस बार में पहले झड़ गया था लेकिन वो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी.. वो धक्के पे धक्के मारे जा रही थी और मेरा लंड फिर से तन चुका था.
अब वो थोड़ी थकने लगी थी तो मैंने कहा कि आप बैठ जाओ और मैंने कहा कि अब हम डॉगी स्टाईल में करते है और मैंने पीछे से चूत में लंड को धक्के मारने शुरू किए.. में धक्के मारे जा रहा था लेकिन लंड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था और हम दोनों बुरी तरह से थक चुके थे. फिर मैंने लंड को बाहर निकालते हुए भाभी से कहा कि अब तो आप ही कुछ करो और मैंने कहा कि इसे चूसो और इसका पानी बाहर निकालो.. मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है.
तभी उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू किया.. चूसते चूसते 10 मिनट हो चुके थे. तब जाकर लंड साहब झड़े और मुझे कुछ चैन आया. मैंने भाभी से पूछा कि मज़ा आया या नहीं और वो मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मुझे किस करके बोली कि आज मुझे औरत होने का एहसास हो रहा है. तब तक लगभग 12 बज चुके थे और हम दोनों थक भी चुके थे और हम दोनों बेड पर जाकर नंगे ही लेट गये. फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम कल कॉलेज मत जाओ.. हम दोनों घर पर ही रहेंगे तो मैंने मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिलाया.. सुबह कामवाली बाई आई और वो बोली कि तुम्हारे घर कल कौन आया था. किचन का सभी सामान कितना फैला हुआ है और हर तरफ गंदगी है.
तो में एक कोने में खड़ा होकर मुस्कुरा रहा था और भाभी को देख रहा था और भाभी भी मुस्कुरा रही थी. तो उन्होंने नौकरानी से कहा कि कुछ बच्चे आए थे और इतना कहकर वो बाहर आने लगी और अपने पीछे के छेद को चुदवाने के कारण वो ढंग से चल भी नहीं पा रही थी तो नौकरानी ने कहा कि क्या हुआ कुछ तकलीफ़ है.. हम दोनों एक दूसरे को देखकर ज़ोर से हंस पड़े और मैंने कहा कि भाभी बच्चो के साथ खेल रही थी तो पीछे चोट लग गयी तो बाई ने कहा कि तो अपना बच्चा क्यों नहीं ले आती. भाभी मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली कि कल उसी का तो इंतज़ाम कर रहे थे और यह कहकर बेडरूम में चली गयी. में भी उनके पीछे पीछे बेडरूम में चला आया और उन्हे खींचकर बाथरूम में ले गया और उनके कपड़े उतारने लगा तो वो कहने लगी कि अभी नहीं बाई है थोड़ा इंतज़ार करो.
मैंने कहा कि वो अभी किचन में है और सब कुछ जल्दी हो जाएगा.. चिंता मत करो और वो झट से मान गयी.. मैंने उनके सारे कपड़े उतारे और अपने भी. में बेड पर लेट गया और वो मेरे ऊपर.. में नीचे से धक्के मार रहा था और भाभी को बड़ा मज़ा आ रहा था. वो बहुत ज़ोर ज़ोर के आवाज़ करने लगी तो बाई की आवाज़ बाहर से आई कि क्या हुआ तो भाभी ने कहा कि कुछ नहीं कमर की सिकाई कर रही हूँ.. बस थोड़ा दर्द है लगभग 10 मिनट में हम फ्री हो गये और हम बाहर आ गये.
हमने पूरे तीन दिन ऐश किए.. उन तीन दिनों में मैंने भाभी को सेक्स के इतने मज़े दिए कि उनकी जो भी तकलीफें थी वो सब दूर हो गयी और उसके बाद वो प्रेग्नेंट भी हुई और एक बच्चे को जन्म भी दिया और अब उनकी लाईफ बहुत सुखी है लेकिन आज भी कभी-कभी सेक्स का सुख लेने के लिए वो मेरे पास आ जाती है.
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तीन तांत्रिकों ने मौसी को चोदा


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम आशीष है और मेरी उम्र 25 साल है और में दिखने में बहुत अच्छा लगता हूँ.. मेरी हाईट 5.11 इंच और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच है. दोस्तों आज में आप सभी को  अपनी लाईफ की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ.. वैसे यह मेरी मौसी की चुदाई की कहानी है जिसमे वो कुछ तांत्रिकों से चुदी.. अब इसके आगे आप खुद ही पढ़कर मज़े लीजिए.
दोस्तों लेकिन उससे पहले में थोड़ा अपनी मौसी के बारे में भी बता देता हूँ.. वो बहुत सुंदर, बहुत गोरी और उसके फिगर एकदम सेक्सी बड़े बड़े गोल उनके बूब्स का साईज 40 है और वो जब भी बाथरूम में नहाने जाती तो बाहर सिर्फ ब्रा, पेटीकोट पहनकर आती.. उनको में अभी भी बच्चा ही लगता हूँ और में उनके बूब्स का मज़ा लेता.. लेकिन वो शादी होने के बाद भी चेहरे से एकदम हॉट, सेक्सी कुंवारी दिखती है. दोस्तों वो अपनी शादी होने के कुछ महीने बाद से ही मेरे नाना, नानी के घर पर रहने लगी थी.. क्योंकि मेरे मौसा जी ज्यादा कुछ कमाते नहीं थे और वो शायद उनको पूरी सुख सुविधा नहीं दे सके और वो अपने पति के साथ वहीं पर रहने आ गई.
उस समय मेरे भी कॉलेज की छुट्टियाँ लग रही थी और में अपने नाना नानी के घर कुछ दिन गुजारने चला आया और फिर एक दिन मेरे नाना, नानी किसी जरूरी काम से कुछ दिनों के लिए बाहर चले गए और फिर उसी दिन मौसी और मौसा जी का किसी बात को लेकर बहुत झगड़ा हुआ और वो घर छोड़कर चले गए और अब घर में वो अकेली रह गई. कुछ दिनों के लिए तो में भी मौजूद था.. लेकिन कुछ दिनों के बाद मुझे भी अपने घर पर वापस जाना था. फिर क्या था वो तो मुझे और भी सेक्सी लगने लगी और वो भी बिना बाँह के कपड़े पहनने लगी और अपने बाल खुले करके पूरे घर में घूमने लगी. उनकी उम्र 35 साल थी.. लेकिन फिर भी वो अपने कामुक जिस्म की वजह से बहुत कम उम्र की लगती.
फिर में अक्सर दिन में बाहर अपने दोस्तों के साथ जाकर क्रिकेट खेलने चला जाता और वैसे भी उस समय मेरी गर्मियों की छुट्टियाँ लगी हुई थी और फिर एक दिन में जल्दी ही घर पर पहुंच गया और मुझे अपने घर पर दो लोग मिले. वो लोग मुझे तांत्रिकों जैसे लगे.. उन्होंने गले में बड़ी बड़ी माला पहनी हुई थी और हाथ में त्रिशूल भी था.. लेकिन वो किसी और गाँव के थे. मैंने उनको कभी भी यहाँ पर नहीं देखा था. फिर वो मुझे देखकर कुछ देर बाद चले गए.. लेकिन मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि वो लोग घर के अंदर क्या कर रहे थे? फिर अंदर जाने के बाद मुझे समझ में आ गया कि वो लोग सही में तांत्रिक है और मेरी मौसी तांत्रिक से कोई पूजा करवाना चाहती हैं. तो मैंने जब घर में अंदर आकर देखा तो वो दोनों लगातार उनके शरीर को घूर रहे थे.. लेकिन उन्हे इससे कोई प्राब्लम नहीं थी और फिर वो चले गये.
दोस्तों में उस घटना के बारे में पूरे दिन सोचता रहा.. लेकिन मैंने मौसी से इस बारे में कुछ भी नहीं पूछा.. क्योंकि मुझे मौसी खुद ही दूसरी दुनिया में लग रही थी. उनका व्यहवार एकदम बदल गया था और फिर में रात को यह सब सोचकर सो गया और अगले दिन में अपने दोस्तों के साथ फिर से खेलने बाहर चला गया.. लेकिन में जिस समय में कल दिन में आया था.. उसी समय वापस घर पर आया तो मौसी कहीं भी नहीं थी.. लेकिन एक रूम का दरवाजा अंदर से बंद था और उसमे से थोड़ा थोड़ा धुआँ बाहर आ रहा था और उस रूम के साईड में एक बहुत छोटी सी खिड़की थी जिससे मैंने उस रूम के अंदर देखा.. दोस्तों वैसे तो खिड़की बंद थी.. लेकिन उससे भी सब कुछ साफ देखा जा सकता था और जब मैंने अंदर देखा तो में देखता ही रह गया.
मेरी मौसी बिल्कुल नंगी ज़मीन पर बैठी थी उनकी कमर में बस एक पतला सा कपड़ा बंधा हुआ था जिसका एक छोर उनकी चूत पर लटक रहा था और गांड बिल्कुल खुली हुई थी और वो तांत्रिक भी उनके सामने नंगा बैठा हुआ था और उसका साँप की तरह का लंबा, काला, मोटा लंड उसके पैरों के बीच एकदम सीधा तनकर खड़ा था और वो बहुत चमक भी रहा था और लंड के ऊपर वाली चमड़ी आधी खुली हुई थी जहाँ से उसका गुलाबी कलर का टोपा झाँक रहा था जो थोड़ा गीला और चिकना लग रहा था.. शायद सेक्स का एक राउंड पहले ही हो चुका था और मेरी मौसी के पूरे बदन पर तेल लगा हुआ था मेरी मौसी का क्या जिस्म था?
उनको देखकर मेरा तो लंड जैसे जीन्स फाड़कर बाहर आ रहा था और वो तांत्रिक कोई मंत्र बुदबुदा रहा था. फिर उसने मौसी को लेटने को कहा और फिर उसके शरीर पर और तेल मसलने लगा.. उनकी जाघों को रगड़ते रगड़ते बार बार चूत भी रगड़ता था.
फिर उसने मौसी से बोला कि मेरी मालिश करो और मेरी मौसी उठी.. वो क्या ग़ज़ब लग रही थी? उनका पूरा शरीर नंगा था और बस उनकी चूत पर एक छोटा सा कपड़ा लटक रहा था. उसकी चूचियाँ और गांड बाहर की तरफ निकल रहे थे. फिर उन्होंने खड़ी होकर सबसे पहले उस तांत्रिक के पैर छुये और फिर उसकी मालिश करने लगी..
फिर तांत्रिक के बिना बोले ही उन्होंने उसके लंड को अपने मुहं में ले लिया और तांत्रिक ने अपना लंड उनके मुहं से बाहर निकाल कर उन्हे धक्का दिया और उल्टा लेटाकर उनकी गांड में मुहं लगाकर जीभ से चाटने लगा. तो उसकी दाढ़ी और मूंछ मौसी की गांड में चुभ रही थी और मौसी को बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर कम से कम 15 मिनट तक वो गांड और चूत को बारी बारी से एक एक करके चाटता रहा और मौसी को उल्टा लेटाकर अपना काला साँप जैसा 7 इंच का लंड उनकी गांड में डालकर ज़ोर जोर से धक्के देकर चोदने लगा. तो मौसी आह उह्ह्ह्ह अह्ह्ह माँ थोड़ा धीरे कर रही थी और बोल रही थी कि चूत में डालो, गांड में नहीं.. मुझे बहुत दर्द होता है. तो वो बोला कि हरामजादी पूरा काम एक तरीके से होगा.. अगर तू चाहती है कि तेरी मनोकामना पूरी हो तो जैसे में बोलूं वही करना होगा.. अभी चुपचाप गांड मरवा.. चूत की बारी रात में आएगी.
फिर वो ताबड़तोड़ धक्के देकर गांड मारने लगा और कुछ देर बाद गांड में तेल लगे होने के कारण मौसी भी दर्द के साथ साथ मज़ा ले रही थी और वो बाबा उनकी मोटी मोटी गांड को ऐसे निचोड़ रहा था जैसे कोई नींबू से रस निचोड़ता है.. लेकिन यह नींबू नहीं बल्कि तरबूज के आकार की गांड थी और वो पीछे से उनके बूब्स की चटनी बनाने पर उतारू था और यहाँ मौसी आँखें बंद करके मोन कर रही थी और अपनी तीन उंगलियों को अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी और अपनी चूत, गांड दोनों से ही चुदाई का बराबर मज़ा ले रही थी और अपनी आग को शांत कर रही थी.
फिर जब तांत्रिक गांड में ही झड़ गया तो वो उठा और मेरे ख्याल से मौसी बहुत बार झड़ चुकी थी.. लेकिन फिर भी वो इतनी बड़ी चुदक्कड़ थी कि वो जब उठी.. तब भी वो अपने हाथों से अपनी चूत सहला रही थी. फिर जब तांत्रिक ने देखा तो वो बोला कि हाँ इसे भी शांत किया जाएगा.. लेकिन जैसा बोला है वैसा ही करना है. तो मौसी बोली कि बिल्कुल वैसा ही होगा महाराज बस आप मेरे ऊपर अपनी कृपा बनाए रखिए और फिर उसने कहा कि आज रात में तैयार रहना और यह करकर उसने अपने नंगे शरीर पर एक कंबल डाला और चला गया. उसके जाने के आधे घंटे बाद तक मौसी वहाँ पर नंगी बैठकर पूजा करती रही और अपनी चूत रगड़ती रही. फिर वो उठी और साड़ी लपेट कर बाहर आ गई.
में तो बस रात होने का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था.. क्योंकि हम दोनों अलग अलग पलंग पर आँगन में सोते थे. फिर मैंने देखा कि उस दिन मौसी मुझे भी बड़ी मादक नज़रों से देख रही थी और उन्होंने सिर्फ़ साड़ी ही लपेट रखी थी जिससे मुझे उनका पूरा सेक्सी बदन साफ साफ दिख रहा था. फिर रात में जब हम लोग सोने के लिए लेटे तो मैंने बड़ी जल्दी सोने का नाटक किया.. लेकिन वैसे भी मौसी को मेरे सोने का कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था क्योंकि उन्होंने लेटने के थोड़ी देर बाद ही वो साड़ी भी अपने शरीर से हटा दी थी और दूसरी तरफ करवट बदल कर अपनी चूत पर उंगली रगड़ रही थी.. शायद अब उनसे भी इंतज़ार नहीं हो रहा था यह मुझे उसकी गांड देखकर साफ पता चल रहा था और उसका पूरा बदन चाँदनी रात में एकदम साफ दिख रहा था और उनकी गांड पीछे से दो सफेद छोटी छोटी पहाड़ियों की तरह लग रही थी और मुझे यह बाद में समझ में आया कि मौसी की अपने पति से लड़ाई क्यों होती थी और वो मयके में ही क्यों रहती थी? वो तंत्र मंत्र में बहुत विश्वास रखती थी और उसके लिए किसी से भी चुदवाने को तैयार हो जाती थी और इसी कारण ना जाने कितने बाबा लोगों का लंड इनकी चूत, गांड को चख चुका था और मेरा लंड तो सारे दिन से पेंट के अंदर ही तना हुआ था, यह उन्हे भी पता था.. लेकिन मैंने पहले ही कहा कि उन्हे कोई फ़र्क नहीं पड़ रहा था शायद वो इतनी चुदक़्कड़ बन चुकी थी कि वो किसी से भी चुदवा लें.
तभी थोड़ी देर बाद दरवाज़े पर हल्की सी आहट हुई वो तुरंत उठकर नंगी ही दरवाज़े तक गई. पूरे घर की लाईट बंद थी और वो गाँव का कच्चा घर था.. लेकिन उस चाँदनी रात में सब कुछ साफ साफ दिख रहा था और उन्होंने नंगी ही दरवाज़ा खोला. उस समय लगभग 12 बज रहे थे. तो दरवाज़े से तीन तांत्रिक एक एक करके अंदर आए और उनमे वो भी था.. जिसने दिन में मौसी की गांड मारी थी. वो सब के सब सर से लेकर पैर तक राख में सने हुए थे और बिल्कुल नंगे नागा बाबा जैसे थे और उन सब ने हड्डियों जैसी मालाएँ पहनी हुई थी और अपने एक हाथ में त्रिशुल लिए हुए थे और उनके लंड के पास घने बाल थे.. लेकिन उनमे से एक के बाल सफेद थे शायद वो उनका सरदार था.
मौसी के बदन को देखते ही सबके लंड एकदम टाईट हो गये. उन सबके लंड 7 इंच या 8 इंच से कम नहीं थे. वो अंदर आते ही मौसी को घूरकर देखने लगे और फिर मौसी उनके चरणों में गिर पड़ीं.. लेकिन उनकी नज़रें बार बार उन सब के लंड पर ही जा रही थी.. जैसे कोई भूखी शेरनी के सामने कोई मेमना आ गया हो. फिर वो आगे बढ़ गये और आँगन में आ गये. फिर मुझे देखकर बोले कि यह बालक कौन है? तो वो बोली कि यह मेरा भांजा है और यह गहरी नींद में सो रहा है और फिर उन्होंने पूछा कि क्या तुम तैयार हो? तो मौसी बोली कि में तो आपकी दासी हूँ.. आप जो भी चाहे वो करिए.
तो तांत्रिक ने कहा कि ठीक है ज़मीन पर लेट जा और जब वो लेटी तो सारे तांत्रिक हड्डियाँ वग़ैरह उतार कर वहाँ पर जम गए.. जैसे कोई अनुष्ठान होने वाला हो. फिर उन्होंने अपने गले में लटकी हुई खोपडियां उतार दी और उनके पास धूप वग़ैरह जला दिया और अचनाक अपने झोले में से दारू की बॉटल निकालकर तीनों ने एक एक घूंट मारी और मौसी के बदन पर थोड़ी सी दारू डाल दी और फिर उन पर पेशाब करने लगे. तो मुझे यह सब देखकर बड़ी घिन आई.. लेकिन मौसी तो जैसे पागल हो चुकी थी वो आहम्म अह्ह्ह उह्ह्ह कर रही थी और में लगातार सोने का नाटक कर रहा था.. लेकिन में अपनी पेंट के अंदर हाथ डालकर अपने लंड का टोपा रगड़ रहा था और एक बार झड़ भी चुका था.
फिर सरदार ने उन्हे सीधा बैठाकर अपना लंड उनके मुहं में घुसा दिया और वो उनका मोटा काला लंड चूसने लगी.
फिर एक एक करके मौसी ने सबका लंड चूसा और अब वो चुदने को बैताब हो रही थी.. तो सरदार लेट गया और मौसी ने उनके ऊपर आकर उसका लंड पकड़कर अपनी चूत में डालकर लंड पर उठक बैठक लगाने लगी और पीछे से उनके एक चेले ने अपना लंड उनकी गांड में डाल दिया और मौसी मज़े से कराहने लगी और सरदार उनके बूब्स को रगड़ रहा था और थोड़ी देर बाद तीसरे ने भी अपना लंड उनके मुहं में डाल दिया और मौसी तीन तरफ से चुदने लगी.. वाह वो क्या नज़ारा था? तो इसी बीच मौसी को मेरा ख़याल आया और उन्होंने मेरी तरफ देखा तो में सोने का नाटक कर रहा था.. लेकिन शायद वो समझ गई थी और मुस्कुरा दी और उछल उछलकर मज़े ले रही थी.
फिर थोड़ी देर बाद दोनों चेले झड़ गये.. लेकिन बुड्ढा सरदार अभी भी लगा हुआ था और वो बोला कि बहुत हो गया और मौसी को ज़मीन पर पटककर बड़ी तेज़ी से धक्के मारने लगा और मौसी चिल्लाने लगी.. मारो हाँ और ज़ोर से मार.. अह्ह्ह्ह डालो उह्ह्ह्ह में आपकी दासी हूँ चोदो आहह और ज़ोर से.. बुझा लीजिए अपनी बरसों की प्यास आह उह्ह्ह फाड़ डालो मेरी चूत आहह और उनके बूब्स इधर उधर उचक रहे थे. करीब आधे घंटे बाद सरदार भी झड़ गया और थककर लेट गया.
फिर मौसी उठकर उनका ढीला पड़ा हुआ लंड फिर से चूसने लगी और फिर सरदार उठा और अपने चेलों से बोला कि और भोग लो इस छिनाल को और नंगा ही घर से बाहर चला गया.. लेकिन बाकी दोनों चेले रात भर मौसी को चोदते रहे और मेरी कब नींद लग गई मुझे पता ही नहीं चला और जब नींद खुली तो मेरा लंड पेंट से बाहर था और मैंने झट से अपना लंड पेंट के अंदर डाला और सब कुछ भूलकर अपने दैनिक कार्य में लग गया. अभी भी वो तांत्रिक आते है और मौसी को जबरदस्त चोदकर जाते है.
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