गर्लफ्रेंड की फ्रेंड ने चूत चुदवाई


हैल्लो दोस्तो, वैसे में अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बहुत खुश था और वो बहुत हॉट सेक्सी किस्म की लड़की है. फिर हम जब भी साथ होते.. तब कम से कम 4 बार तो चुदाई पक्की रहती और एक लड़के को अपनी गर्लफ्रेंड से और क्या चाहिए. मेरी गर्लफ्रेंड एक स्वभाविक लड़की है.. वो अकेली रहती है और में उसके छुट्टियों के समय भी हमेशा सेक्स करता हूँ. समस्या सिर्फ़ तब आती.. जब वो पीरियड में हो. वैसे हमने उस वक़्त भी कई बार सेक्स किया है.. लेकिन वो दर्द की वजह से मना कर देती है और उस वक़्त सेक्स करना बहुत गम्भीर हो जाता है और वो दर्द की गोली लेकर सोती है.. लेकिन वो फिर भी मेरा लंड चूसकर मुझे एक बार तो चुदाई का मज़ा दिला ही देती है.
दोस्तों अब आज की स्टोरी पर आते है. यह बात उन दिनों की है.. जब मीना पीरियड में थी और में चुदाई के मूड में था.. लेकिन शुरू के दिन होने की वजह से दर्द के साथ साथ दबाव कुछ ज्यादा था और वो मूड में नहीं थी. फिर मैंने उससे कहा कि जानेमन प्लीज एक बार कम से कम लंड चूसकर मज़ा तो दिला दो.. वो लंड चूसने से मना कभी नहीं करती थी और वो मेरे लंड को तो अपना लोलीपोप समझती थी और जब में उससे मेरे लंड को चुसवाता.. तो उसे बहुत मज़ा आता और लंड का सारा का सारा रस पीना उसे बहुत पसंद है.
मीना ने उसके दर्द की दवाई ले ली थी.. जिसका मतलब था कि वो ज़्यादा देर तक मज़े नहीं लेने वाली थी और वो सोना चाहती थी.. लेकिन में बहुत गरम मूड में था. फिर मैंने उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाना और मसलना शुरू कर दिया और में जानता था कि अगर मैंने इसे गरम कर दिया.. तो यह मेरा पानी पिए बिना मानेगी नहीं. फिर मैंने प्यार से उसके निप्पल को काट लिया और उसके गले पर किस देने लगा.
फिर उसके बड़े बड़े बूब्स को चूस चूसकर मैंने उसे गरम कर दिया था. अब उसने सीधा मुझ पर झपट्टा मारा और मेरे अंडरवियर को उतारकर मेरे लंड को अपने हाथ से धीरे धीरे सहलाने लगी. उसके हाथों में अजीब सी नज़ाकत है और जिन लड़को की गर्लफ्रेंड है.. वो बहुत अच्छी तरह जानते है कि चाहे कितना भी मुठ अपने हाथ से मार लो.. जब कोई लड़की लंड हाथ में लेती है.. तो उसमे कुछ अलग ही मज़ा आता है.
फिर में भी मज़ा लेने लगा और थोड़ी देर सहलाने के बाद उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया.. वाह क्या मज़ा आ रहा था कि बता नहीं सकता और मेरे लंड को वो लोलीपोप की तरह चूसे जा रही थी. फिर मैंने अपना हाथ उसके बालों में डाला और बालों को कसकर पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसके मुहं को चोदने लगा. दोस्तों चूत तो सबने चोदी होगी.. लेकिन जिन खुश किस्मत वालो ने मुहं चोदा है और वो ही जानते है कि उसमे क्या मज़ा है. मीना के सारे बाल बिखर गये थे और में अपने पूरे जोश में धक्के देकर अपने लंड से उसके मुहं को चोदने में लगा हुआ था और इन सब के बीच उसके घर के दरवाजे की घंटी बजी.
फिर मैंने उससे कहा कि रहने दो मेरी जान चूसती रहो.. थोड़ी देर में पानी छोड़ दूँगा.. लेकिन घंटी फिर से बजी और वो उठकर दरवाजे की तरफ चल पड़ी. फिर उसने दरवाजा खोलकर देखा.. तो उसकी फ्रेंड रीना वहाँ पर उदास खड़ी थी.. लेकिन किस्मत से वहाँ पर कोई और नहीं था.. क्योंकि जिस हाल में मीना ने दरवाजा खोला था.. अगर कोई आदमी होता.. तो उसके बिखरे हुए बाल और कपड़े देखकर समझ जाता कि अंदर क्या हो रहा है. फिर रीना को अंदर आने को कहकर मीना ने मेरी तरफ इशारा किया कि अपना लंड अंदर डालो.
दोस्तों में तो लंड को अंदर डालने के मूड में बिल्कुल भी नहीं था.. लेकिन क्या करता और इस कमिनी को भी अभी आना था.. तो फिर रीना ने कहा कि उसका उसके बॉयफ्रेंड के साथ झगड़ा हो गया है और उसने उसको रात को ही अपने घर से बाहर निकाल दिया और अगर इस टाईम पर वो घर गयी.. तो घर वाले बहुत सारे सवाल करेंगे और वो तो घर पर कहकर आई थी कि आज की रात मीना के यहाँ पर ही गुजारेगी.. अचानक वापस घर आने की क्या वजह दे.. तो उसे कुछ नहीं सूझा और वो यहाँ पर आ गयी.
फिर जब मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे बीच में झगड़ा क्यों हुआ.. तो उसने पर्सनल बात कहकर बताने से मना कर दिया. फिर मीना ने कहा कि रीना और वो बेडरूम में सोयेंगे और मुझे बाहर दूसरे रूम में सोना पड़ेगा. फिर मैंने जब मीना से लंड चूसने का इशारा किया.. तो उसने साफ मना कर दिया और बोला कि जाओ सो जाओ.
फिर में करूं तो क्या करूं और में बाहर के रूम में आ गया और मीना ने एक और दर्द की गोली लेकर सोने की तैयारी की और उन दोनों को अंदर गये हुए 30 मिनट हो गये होंगे.. लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. फिर मैंने अपना लैपटॉप चालू किया और हेडसेट लगाकर पॉर्न फिल्म देखने लगा और फिल्म देखकर में अपने लंड को सहलाने लगा. दोस्तों लंड का काम कभी भी आधा नहीं छोड़ा जाता.. यह सभी लोग जानते है और फिर में मुठ मारने का मज़ा ले रहा था कि तभी मेरे खड़े हुए लंड पर किसी ने अपना हाथ रखा और मैंने पीछे मुड़कर देखा.. तो रीना खड़ी थी और मैंने तुरंत अपना लंड अपनी अंडरवियर के अंदर डाल दिया.
मुझे यकीन था कि उसने बहुत कुछ देख लिया था और उसने मुझे सॉरी कहा. फिर मैंने कहा कि नहीं यार मेरी तरफ से सॉरी तुमने मुझे ऐसे देख लिया. तो वो बोली कि नहीं में इसके लिए सॉरी नहीं बोल रही.. में तो थोड़ी देर पहले मैंने जो तुम दोनों को बीच में रोक दिया.. उसके लिए सॉरी बोल रही हूँ.
फिर जब मैंने कहा कि नहीं.. हम कुछ भी नहीं कर रहे थे.. तो उसने कहा कि उसने मीना के बिखरे हुए बाल और उखड़ती हुई सांसो को महसूस कर लिया था. फिर मैंने सिर्फ़ ठीक है कहा और फिर उसने कहा कि क्या तुम जानते हो मेरा और मेरे बॉयफ्रेंड का झगड़ा क्यों हुआ.. तो मैंने पूछा कि क्यों? तो उसने कहा कि वो कमीना मुझसे अपना लंड चुसवाता है.. लेकिन मेरी चूत नहीं चाटता है और वो कहता है कि उसे ये पसंद नहीं. फिर मैंने उसका लंड चूसकर उसका सारा पानी पिया और जब उससे मैंने अपनी चूत चटवानी चाही.. तो उसने मुझसे झगड़ा करके मुझे घर से बाहर निकाल दिया और यह बात सुनकर मेरा मुहं खुला का खुला रह गया.. क्योंकि में उससे ऐसे शब्दों की उम्मीद नहीं कर रहा था.
फिर उसने एक ही झटके में अपनी ड्रेस को पूरा उतार दिया. फिर मैंने कहा कि यह क्या कर रही हो? तो रीना ने कहा कि मीना ने मुझे बताया है कि तुम्हे चूत चूसना बहुत पसंद है और उसने यह भी कहा है कि जब तुम उसकी चूत चाटते हुए जोश में आते हो.. तब तुम उसकी जमकर चुदाई करते हो. फिर मैंने उससे कहा कि रीना तुम बहुत सुंदर हो.. लेकिन मीना और में गर्लफ्रेंड, बॉयफ्रेंड है और वो इस वक्त दूसरे कमरे में है.. सो प्लीज कपड़े पहन लो.
फिर रीना ने कहा कि चुपचाप मेरी प्यास बुझा दो और में तुम्हारी प्यास बुझा दूँगी.. वरना में शोर मचा दूँगी कि तुमने ज़बरदस्ती मुझे नंगा कर दिया और मुझे चोदने की कोशिश कर रहे हो और यह कहते ही उसने तुरंत मेरे लंड को अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और मसलने लगी. फिर मैंने उससे साफ मना किया.. तो उसने मीना को एक आवाज़ लगा दी और में डर गया. फिर मैंने उसके मुहं पर हाथ रखा और कहा कि प्लीज ऐसा मत कर और सो जा..
लेकिन वो साली रंडी मानने वाली नहीं थी और फिर उसने कहा कि चोदते हो कि में शोर मचा दूँ और जब मैंने उससे कहा कि मेरे पास कंडोम नहीं है.. क्योंकि मीना पीरियड में है और में उसे चोदने वाला नहीं था. फिर उसने कहा कि ठीक है.. लेकिन एक बार मेरी चूत ही चाट लो. फिर मैंने उसे फिर से समझाने की कोशिश की.. लेकिन उसने फिर एक आवाज़ लगाई और मैंने फिर से उसे रोका और उसकी चूत को चाटने के लिए आगे बड़ा.. जैसे ही में झुका और अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी और उसने तुरंत अपने मोबाईल से एक फोटो ले ली. फिर मैंने उससे कहा कि रीना तुमने ऐसा क्यों किया? रीना ने जवाब दिया कि अब तू मुझे चोदेगा.. वरना में यह फोटो मीना को दिखा दूँगी और बोलूँगी कि तुम मेरे साथ ज़बरदस्ती कर रहे थे.
फिर में समझ गया कि अब कोई फायदा नहीं है.. यह साली एक नंबर की रंडी है और क्यों ना चोदकर ही मजा ले लिया जाए. फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए और उसे कहा कि चल आज तुझे रंडी की तरह चोदूंगा.. क्योंकि तू एक रंडी ही है.. उसे ऐसी भाषा में बात करना और भी ज़्यादा पसंद था. फिर उसने कहा कि हाँ चोदो इस रंडी को यह रंडी आज से तुम्हारी गुलाम है. फिर मैंने कहा कि चल रंडी पहले मेरा लंड चूसकर इसे तैयार कर. फिर तुझे चोदूंगा.
फिर मैंने रीना से कहा कि चल आज तुझे जन्नत दिखा देता हूँ और मैंने उसे 69 पोज़िशन में ले लिया और उसकी चूत क्लीन शेव्ड और एकदम गुलाबी थी. फिर मैंने रीना की चूत पर जीभ लगाई और वो रांड साली नागिन की तरह हंसने लगी.. शायद पहली बार किसी ने उसकी चूत चाटी थी और मुझे चूत चाटना बहुत पसंद है. फिर वो सातवें आसमान पर पहुंच गयी थी और मैंने उसकी चूत को करीब दस मिनट तक इतनी ज़ोर ज़ोर से चाटा कि उसका सारा पानी निकल गया और वो एकदम ठंडी पड़ गयी.. जैसे उसके शरीर से जान ही निकल गयी हो.
फिर मैंने कहा कि क्यों रीना रंडी मजा आया. उसने सिर्फ़ सर हिला दिया.. क्योंकि उसमे तो जान ही नहीं बची थी. उसकी चूत का पानी निकला और अब में उस पर चड़ा और उसके बड़े बड़े बूब्स को मसलने लगा.. क्योंकि में इस रंडी को गरम करके चोदना चाहता था. मैंने उसके एक बड़े मुलायम बूब्स को मुहं में लिया और हल्का सा काट लिया और इससे पहले कि वो कोई आवाज़ करती.. तो उससे पहले ही उसका मुहं अपने हाथ से बंद किया और ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को चूसने लगा.. तो वो साली रांड दर्द से तड़पने लगी. फिर मैंने उसके मुहं से हाथ हटाया और कहा कि चल रंडी अब तू चुदेगी.. लेकिन पहले अपने मालिक का लंड चूस और फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में लिया और चूस चूसकर बहुत गीला कर दिया और अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.
फिर मैंने उसकी तड़पती हुई चूत में अपना लंड डाल ही दिया.. लेकिन दोस्तों उसकी चूत बहुत ही टाईट थी और लगता है कि उसका बॉयफ्रेंड हिजड़ा था.. क्योंकि इतने टाईम साथ रहने के बावजूद इतनी टाईट चूत थी. इसका मतलब है कि उसका बहुत ही छोटा लंड था.
फिर मैंने रीना को बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा और बहुत सारे किस भी दिए और जब में झड़ने वाला था.. तो फिर मैंने कहा कि रीना मेरा वीर्य निकलने वाला है और में अब क्या करूं.. तो उस रंडी ने मुझसे कहा कि तुम डरो मत और सारा वीर्य मेरी प्यासी चूत के अंदर ही डाल दो.
फिर मैंने कहा कि नहीं में अभी कोई बच्चा नहीं चाहता और उस रंडी ने अपने दोनों पैरों को सांप की तरह मेरी कमर से जकड़ लिए और मुझे लंड को बाहर नहीं निकालने दिया और मेरा सारा का सारा वीर्य अपनी चूत के अंदर ही ले लिया और जब हम दोनों की हवस कम हुई.. तब उसने कहा कि वो कल सुबह गर्भनिरोधक गोली ले लेगी. दोस्तों फिर हमने उस रात में तीन बार और चुदाई की और हमारी किस्मत से मीना को उस गोली ने उसे नींद से उठने नहीं दिया और हम बिना चिंता के अपनी चुदाई में लगे रहे.
Share:

पूरी रात जन्नत की सैर


हेल्लो दोस्तों.. ये मेरी पहली कहानी है. दोस्तों अगर कुछ ग़लती हो जाये.. तो माफ़ करना और अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. ये बात तब की है.. जब में 20 साल का था और में दिल्ली से हूँ. मेरी एक गर्लफ्रेंड थी.. लेकिन अब नहीं है. उसका नाम शिल्पी था.. वो 19 साल की थी और उसका फिगर साईज 32-28-34 था. जब वो चलती थी.. तो अपनी मोटी गांड से सब लड़को को मुठ मारने पर मजबूर कर देती थी और मेरे दोस्त मुझसे जलते थे कि दोस्त तुझे तो अच्छा ख़ासा गोदाम मिला हुआ है. मेरी बॉडी सामान्य है और मेरा लंड करीब 5.6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
एक दिन की बात है. मेरे माता-पिता को कहीं जाना था. फिर मैंने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ पूरी रात का सीन बनाया. में उस दिन ऑफिस से जल्दी आ गया था और पूरा प्रोग्राम पक्का करने लगा और मेडिकल से 3-4 पैकेट कन्डोम के ले आया और 3-4 बोतल बियर्स की और अब में शाम होने का वेट करने लगा.. शाम को जब वो आई तो एकदम मस्त लग रही थी और अंदर आते ही में उस पर टूट पड़ा.. जैसे सूखे में बारिश हो गई हो.
थोड़ा संभलने के बाद उसने कहा कि जानू अभी रूको.. आज तो पूरी रात है.. पहले कुछ खा पी लो.. फिर नहीं रोकूंगी. खाना खाने के बाद मैंने उसे बियर की बोतल दी और ड्रिंक करने को कहा.. फिर में पीछे से गया और उसे पकड़ लिया और उसके 32 इंच के बूब्स दबाने लगा. उसने अपनी आँखे बंद कर ली और हल्का हल्का मोन करने लगी.. आ आ उउंह उउंह. उसके बूब्स बहुत ही सॉफ्ट थे.. बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने उसे सीधा किया.. अब भी उसकी आँखे बंद थी.. तभी मैंने उसका सर ऊपर किया और एक किस कर दिया और वो भी मेरा साथ देने लगी. उसने उस दिन एक सूट पहन रखा था. फिर मैंने उसके सलवार के अंदर हाथ डाला और अंदर बस एक काले कलर की पेंटी थी और ऊपर सफ़ेद क्रीम कलर की ब्रा बड़ी मस्त लग रही थी. करीब 15 मिनट तक मैंने उसके बूब्स दबाये और उन्हे चूसा.. अब तक शिल्पी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी.
फिर धीरे धीरे मेरा हाथ जब उसकी चूत पर गया.. तो मुझे महसूस हुआ कि उसकी पेंटी गीली हो चुकी है. फिर मैंने पेंटी के अंदर हाथ डाला.. तो देखा कि उसकी चूत से बहुत सारा पानी निकल रहा है. यह देख के मुझसे तो रहा नहीं जा रहा था.. इसलिये मैंने उसकी सलवार और ब्रा भी निकाल दी और उसकी पेंटी निकालकर मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा.. क्या बताऊँ यार? उस वक़्त मेरे लिये वो किसी जन्नत से कम नहीं थी और उसका फिगर भी.
फिर मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े उतारे और फिर कंप्यूटर चालू करके मैंने उसे कुछ क्लिप दिखाई.. जो कि एक ब्लू फिल्म की क्लिप थी. तब मैंने उससे कहा कि शुरू में थोड़ा सा दर्द होगा.. लेकिन बाद में यही दर्द जन्नत बन जायेगा.
फिर मैंने उसे लेटाया और उसकी चूत पर थोड़े हल्के बाल थे.. लेकिन उसकी चूत मस्त और भरी हुई लग रही थी. फिर मैंने उसकी चूत पर किस किया और अपनी जीभ को चूत में दाने तक अंदर बाहर करने लगा.. वो तो मानो आसमान में उड़ने लगी थी और उसके मुँह से सिसकारियाँ बहुत तेज हो गई थी.. नशे में तो वो और भी पागल हो गई थी. फिर मैंने कंप्यूटर में गानों की आवाज को थोड़ा तेज कर दिया और 10-15 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद मेरा लंड बिल्कुल तन चुका था.
फिर मैंने उससे कहा कि इस पर थोड़ा सा थूक लगा दो.. तो वो कहने लगी कि में कैसे लगाऊँ? तो मैंने कहा कि इसे मुँह में लेकर अपने थूक से गीला कर दो.. उसे थोड़ा अजीब लगा.. लेकिन अपने मुंह में लंड लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी.. ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वो पहली बार कर रही है.
फिर मुझसे रहा नहीं जा रहा था.. इतनी सेक्सी फीलिंग हो रही थी. फिर मैंने लंड उसके मुँह से निकालकर अपना लंड उसकी चूत के दरवाज़े पर रख दिया.. वो सिसकियां ले रही थी और कहने लगी कि आज तो फाड़ दो.. मेरी चूत को जन्नत की सैर करा दो. में जानता था कि वो एक वर्जिन है और नशे में भी है.. जब में अंदर डालूँगा.. तो वो चीख पड़ेगी.. इसलिये मैंने उसके होंठ पर अपना होंठ रख दिया और अपना 5.6 इंच लंबे लंड से एक जोरदार झटका दिया.. मेरा पूरा सुपाड़ा अंदर चला गया और वो चिल्लाना चाहती थी.. लेकिन मैंने पहले ही उसका मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया था. उसकी आँख से पानी आने लगा.. इससे पहले कि वो शांत हो पाती.
फिर मैंने एक और जोर से धक्का दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और उसकी सील टूट गई और वो जोर जोर से रो रही थी.. लेकिन उसकी आवाज़ नहीं निकल पा रही थी.
फिर में थोड़ी देर उसके उपर वैसे ही लेटा रहा. फिर 2 मिनट बाद जब वो थोड़ी शांत हुई.. तब मैंने अपना आखरी झटका दिया और मेरा 5.6 इंच लंबा लंड पूरा उसकी चूत में चला गया. उसे फिर दर्द हुआ और मैंने इस बार उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया. फिर कुछ देर के बाद वो शांत हो गई और में धीरे- धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.. अब उसे भी मज़ा आने लगा. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर देखा.. तो उस पर खून लगा हुआ था और वो ये देखकर डर गई. फिर मैंने कहा कि जब भी कोई लड़की पहली बार सेक्स करती है.. तो ऐसा ज़रूर होता है और अच्छा हुआ कि मैंने नीचे दूसरा कपड़ा लगा दिया था.. नहीं तो चद्दर पर पूरे खून के धब्बे हो जाते. फिर मैंने उसे डोगी स्टाइल में होने को कहा और मैंने उसको पीछे से चोदा. बहुत मज़ा आ रहा था और में उसके दोनों बूब्स दबा रहा था और ज़ोर ज़ोर से झटके मार रहा था. करीब 30 मिनट के बाद में झड़ने वाला था.. इसलिये मैंने अपना लंड बाहर निकालकर उसकी कमर पर झड़ गया और हम ऐसे ही लेट गये और वो मेरे ऊपर लेट गई.
फिर हम बाथरूम में गये और वहां शॉवर लिया.. में वहां भी उसके बूब्स को चूसने लगा.. क्या करूँ यार मन ही नहीं भर रहा था. फिर हम बाहर आये और 1-2 घंटे के लिये सो गये.. रात में जब नींद खुली.. तो हमने फिर सेक्स किया.. तब तक उसका नशा उतर गया था. फिर सुबह 4 बजे तक हमने 3 बार और सेक्स किया.. जिससे वो सुबह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी.
Share:

मामी का सेक्स गिफ्ट


हैलो दोस्तों.. मेरा नाम दीनू है और में आपके लिये नई स्टोरी लेकर आया हूँ और आज में आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ. जिसका मुझको बेसब्री से इंतज़ार था.. मेरा मतलब मैंने कैसे अपनी मामी को गर्म करके चोदा. मेरी मामी का नाम अनुराधा है.. उनका फिगर कुछ ख़ास नहीं है.. लेकिन वो दिखने में बहुत सेक्सी लगती है.. उनकी हाईट बहुत ज़्यादा है और उनकी उम्र लगभग 32 साल होगी.
ये तब की बात है.. जब में दीपावली की छुट्टियों में मामा के घर गया था. जब में वहां पहुँचा.. तो पहले मैंने मामी, मामा के पैर छुये और हाथ मुँह धोने बाथरूम में चला गया. जब में हाथ मुँह धोकर आया तब तक मामी मेरे लिये चाय लेकर आई.. में चाय पीकर सोनू के साथ टी.वी. देखने लगा (सोनू यानी मेरे मामा का 6 साल का लड़का).. हमने एक पूरी मूवी देखी.
फिर रात हो गई और मामी ने कहा कि खाना तैयार है.. हाथ धो लो और हम सब खाना खाकर सोने के लिये चले गये. दूसरे दिन जब में उठा तो देखा कि घड़ी में 9 बज रहे है.. मामा ऑफिस के लिये निकल गये थे और मामी सोनू को स्कूल के लिये तैयार कर रही थी.. थोड़ी देर में सोनू की स्कूल बस आ गई और सोनू स्कूल चला गया.
अब घर में सिर्फ़ में और मामी ही थे.. मामी दीपावली की तैयारी में लगी थी और में हॉल में टी.वी. देख रहा था. टी.वी. देखते देखते में किचन में पानी पीने के लिये गया. जब में अंदर गया.. तो मामी लड्डू बना रही थी और काफ़ी देर से काम करने के कारण मामी के शरीर से बहुत पसीना आ रहा था. मामी का ब्लाउज 50% गीला हो चुका था.. मामी फ्रिज से चिपककर बैठी हुई थी. मामी ने मुझसे पूछा कि कुछ चाहिये क्या?
फिर मैंने कहा कि पानी पीने आया था.. मामी आगे सरक गई. मैंने जब फ्रिज का दरवाज़ा खोला.. तो वो मामी के पिछवाड़े पर टकराया. फिर मैंने मामी से पूछा कि मामी कहीं लगी तो नहीं? मामी ने नहीं में अपना सिर हिलाया. पानी पीने के बाद मैंने मामी से पूछा कि में कुछ मदद करूँ.. तो मामी ने कहा कि ये सब औरतों का काम है.. तू क्या मदद करेगा? तू रहने दे.. तो में फिर से टी.वी. देखने हॉल में चला गया और कुछ देर बाद मामी किचन से पसीना पोंछते पोंछते हुये बाहर आई और बेडरूम में जाकर गाउन लेकर बाथरूम में चली गई.
फिर थोड़ी देर में मामी फ्रेश होकर गाउन पहने हुये बाहर आ गई.. में समझ गया कि मामी ने साड़ी बदलकर गाउन पहन लिया है. मामी मेरे पास आई और मुझसे कहा कि तुम भी फ्रेश हो जाओ.. में तुम्हारे लिये चाय बनाती हूँ. दोस्तों इस समय तक मेरे मन में मामी के बारे में कुछ ग़लत नहीं था.. लेकिन जब में बाथरूम में गया तो मुझे मामी की साड़ी और पसीने से गीला हुआ ब्लाउज दिखाई दिया. मैंने बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर लिया और उस ब्लाउज को उठाया और उसे सूंघने लगा.. जैसे ही मैंने उसे सूँघा तो में पागल हो गया और मुझे एक झटका सा लगा.
मेरा 6 इंच का लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया और उसे मुझे मुठ मारकर ही शांत करना पड़ा. जब में बाथरूम से बाहर आया तो मामी चाय लेकर टी.वी. के सामने सोफे पर बैठी हुई थी. में जाकर उनके बगल में बैठ गया. उन्होनें कहा कि इतनी देर तक नहा रहा था. फिर मैंने कहा कि नहीं मामी.. बस ऐसे ही और हम चाय पीते पीते बातें करने लगे.. तब तक 4 बज गये और सोनू स्कूल से आ गया और हम दोनों घूमने के लिये बाहर चले गये.
शाम को जब हम लौटे.. तब तक मामा घर आ चुके थे. हमने थोड़ी देर टी.वी. देखी और खाना खाकर सोने चले गये. रात के करीब 12 बजे थे.. मुझे नींद ही नहीं आ रही थी.. मुझे हर वक़्त मामी को चोदने का ख्याल आने लगा.
फिर मैंने सोचा कि मामी को गर्म करके चोदना पड़ेगा. फिर में दूसरे दिन से ही अपने मिशन पर काम करने लग गया. में मामी की किचन में सहायता करने लगा.. इस दौरान में मामी को बहुत बार टच करता था. कभी कभी उनके पिछवाड़े को भी हाथ से रगड़ता था. ऐसे ही दो दिन बीत गये.. मुझे लगा कि ऐसे करने से कुछ नहीं होगा.. कुछ तो रिस्क लेनी पड़ेगी..
तभी मेरे दिमाग़ में एक आईडिया आया. मामी जब टी.वी. देख रही थी.. तो में उनके पास जाकर बैठ गया और कहा कि मामी मेरा दीपावली का गिफ्ट.. तो मामी ने कहा कि माँगो तुम्हे क्या चाहिये? फिर मैंने मज़ाक में कह दिया कि मुझे आपसे एक किस चाहिये.
फिर मामी ने कहा कि बस इतनी सी बात और झट से मेरे गाल पर एक किस दे दिया. फिर मैंने मामी से कहा कि क्या मामी बच्चो जैसे किस कर रहे हो.. अब में बड़ा हो चुका हूँ.. तो मामी ने कहा कि तुम्हे और कैसे किस करूँ. फिर मैंने कहा कि ओह मामी.. मामी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई और कहा कि मुझे किस देना नहीं आता.. तो मैंने कहा कि में आपको किस करता हूँ और मामी ने हाँ में सर हिलाया.. बस मुझे और क्या चाहिये था.
मैंने झट से मामी के होठों को अपने होठों में लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया. थोड़ी देर बाद किस करते करते मैंने मामी का एक बूब्स हल्के से दबाया.. तो मामी ने मुझको झटका दिया और कहा कि ये क्या कर रहे हो.. तुमने तो सिर्फ़ किस माँगी थी ना. फिर मैंने कहा कि सॉरी मामी और अपने होंठ मामी के होठों के पास ले गया.. तो मामी ने ही मुझको खींचा और किस करने लगी. तब मैंने सोचा कि आग दोनों तरफ लगी हुई है.. यही मौका है और लोहा गर्म है.. बस हथोड़ा मारना चाहिये और मैंने मामी को किस करते करते सोफे पर लेटा दिया और उनकी साड़ी उतारने लगा.
फिर मामी ने कहा कि अरे ज़रा धीरे.. अभी पूरा दिन बाकी है और उठकर मैंने दरवाज़ा बंद किया और मामी मुझे पकड़कर बेडरूम में ले गई.. तभी मुझे लगा कि दाल में कुछ काला है. मैंने मामी से पूछा कि मामी ये क्या कर रही हो? तो मामी ने कहा कि तुझे अब मेरे पसीने से नहलाउंगी. फिर मैंने कहा.. क्या? तो मामी ने कहा कि इतना भोला मत बन.. उस दिन तो बड़े प्यार से मेरा ब्लाउज सूंघ रहा था और बाद में मूठ भी मारी थी.. तो में ये सुनकर हैरान रह गया. मैंने मामी से पूछा.. आपको कैसे पता?
मामी ने कहा कि अरे में तेरी मामी हूँ और पास आकर मुझसे चिपक गई और बोली कि आज में सिर्फ़ तुम्हारी हूँ और ये मामी और भांजे का रिश्ता भूल जा और मुझे अपनी गर्लफ्रेंड समझकर प्यार करना. मैंने ये सुनते ही उनको उठाया और बेड पर लेटाया और उनकी साड़ी ऊपर करके उनकी जाँघो पर हाथ फेरने लगा और अपनी छोटी सी दाढ़ी को मामी की जाँघो पर रगड़ने लगा.. तो मामी जोर से उछलने लगी.. उउहह आहह हहह्ह्ह् और ऐसी आवाजें निकालने लगी.
फिर मैंने धीरे धीरे मामी के सारे कपड़े उतार दिये. अब मामी मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी और में भी मामी के सामने सब कपड़े उतारकर नंगा खड़ा हो गया और मामी से कहा कि मेरे लंड को अपने मुँह में लो. पहले तो मामी ने इनकार किया.. मगर मेरी ज़िद करने पर मामी ने मेरे लंड को हाथ में लिया और हिलाने लगी और अपने मुँह में डालकर अंदर बाहर करने लगी. क्या बताऊँ.. बहुत मज़ा आ रहा था दोस्तों.
फिर मामी ने मेरा लंड चूस चूसकर लॉलीपोप ही बना डाला और जब में डिसचार्ज होने वाला था.. तब मामी ने मेरा लंड बाहर निकाला और सारा पानी अपने बूब्स पर ले लिया और हम थोड़ी देर बेड पर पड़े रहे और थोड़ी देर बाद वो मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी और मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाने लगी. में फिर मूड में आ गया और मेरा लंड धीरे धीरे पूरा खड़ा हो गया.
मैंने मामी की दोनों टाँगे फैलाई और मामी की चूत में दो उंगलिया डालकर अंदर बाहर करने लगा.. तो मामी सिसकारियां भरने लगी. फिर मैंने कुछ देर मामी की चूत में उंगलिया की और थोड़ी देर बाद मामी झड़ गई. फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा मामी की चूत पर रखा और ज़ोर से धक्का लगाया.. तो मेरा आधा लंड मामी की चूत के अंदर चला गया और कुछ ही देर में मामी को ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा. मामी और में दोनों एन्जॉय कर रहे थे. मैंने मामी को कई पोज़िशन में चोदा.. इस दौरान मामी दो बार झड़ गई. फिर जब मेरे झड़ने का टाईम आया.. तो मैंने मामी से पूछा कि कहां निकालूं..
मामी ने कहा अंदर ही निकाल दे.. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से मामी की चूत में पिचकारियां छोड़ी और सारा वीर्य चूत से बहने लगा और में मामी के बगल में लेट गया. थोड़ी देर बाद मामी उठी और अपने सारे कपड़े पहन लिये.. क्योंकि सोनू के आने का टाइम हो चुका था.
मैंने मामी का हाथ पकड़ा और मामी को अपनी तरफ खींचा और मामी के गालो पर किस किया और कहा कि में ये दीपावली का गिफ्ट कभी नहीं भूलूंगा और मैंने दो दिन और मामी के साथ मस्ती की और में अपने घर चला गया.
Share:

साथ वाली टीचर की जमकर चुदाई

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम अनिल है और में एक सरकारी स्कूल टीचर हूँ.. मेरी उम्र 25 साल है. दोस्तों मुझे बचपन से ही सेक्स में बहुत रूचि है और आज जो में यह कहानी आपको बताने जा रहा हूँ यह मेरी पहली कहानी है और में इस वेबसाईट बहुत बड़ा फेन हूँ और मुझे इसकी अधिकतर कहानियाँ बहुत अच्छी लगती है और में बड़े मज़े लेकर उन्हे पढ़ता हूँ.
दोस्तों वैसे में हर वक़्त किसी ना किसी को चोदने के जुगाड़ में भी लगा रहता हूँ और में अपनी कमाई के लगभग सारे पैसे लड़कियों में ही उड़ा देता हूँ. फिर में अपनी कमाई बड़ाने के लिए पास के ही एक गावं के सरकारी स्कूल में इंग्लीश के 4 पीरियड लेने लगा और वहां की लड़कियों को देखकर अपने लंड को खड़ा करने लगा और घर पर पहुंच कर मुठ मारने लगा. दोस्तों वहाँ पर भी मेरे साथ कुछ ऐसी ही एक घटना हुई जो में आपको सुनाने जा रहा हूँ.
में हर रोज की तरह उस दिन भी अपने स्कूल गया और हाफ टाईम में मैंने देखा कि एक मस्त बड़ी गांड वाली औरत जिसकी उम्र 30-32 साल की होगी वो आगे की तरफ चली आ रही थी और वो सीधा हेड मास्टर के रूम में गई और थोड़ी देर बाद वो वापस चली गई.. तो में उसकी मोटी गांड को हिलते हुए देख रहा था और मेरी आँखे तो उस पर से हट नहीं रही थी.
फिर जब इधर उधर से मैंने उसके बारे में पूछा तो पता चला कि वो अभी कुछ समय पहले ही नई नई नौकरी पर आई है और मैंने तभी से उसको चोदने के सपने देखने शुरू कर दिए उसके गोरे बदन ने मेरी हालत खराब कर दी और मैंने उस रात में उसके नाम पर दो बार मुठ मारी और ऐसे ही तीन चार दिन गुजर गए.. लेकिन वो नहीं आई और में बहुत बैचेन सा रहने लगा. फिर दूसरे दिन वो स्कूल टाईम पर आ गई और हम लोगों ने हाए हैल्लो किया. वो साड़ी पहनकर आई थी जिसमे वो एकदम पटाखा लग रही थी और वो भी शादीशुदा थी.. लेकिन उसके गोरे गोरे फूले हुए गाल, पतले गुलाबी होंठ, बड़ी बड़ी नशीली आँखे, पतली कमर, गदराया बदन.. वो बिल्कुल अप्सरा सी लग रही थी.. तो मैंने सोचा कि शायद इसका पति इसको रोज चोदता होगा. यह क्या मस्त है.
फिर में उससे हाफ टाईम में मिला. उससे मैंने थोड़ी बात की और उसके बारे में पूछा तो पता चला कि वो मेरे घर के पास के ही एक मोहल्ले से आती है. फिर मैंने उससे कहा कि आप सुबह की बस से आया करो.. उसमे भीड़ नहीं होती और वो अगले दिन से ही उसी बस में आने लगी और में उसके साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त गुजारने की कोशिश करता. फिर एक दिन छुट्टी हुई और हम सब टीचर बस का इंतजार कर रहे थे.
फिर कुछ देर बाद बस आई.. लेकिन उसमें बहुत भीड़ थी और में झट से चड़ गया और पीछे से सब चड़े जैसे ही वो चड़ी तो में उसके पीछे खड़ा हो गया और उसकी गांड मेरे लंड के सामने थी. मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया. फिर अचानक बस एक दूसरी बस को साईड देने के लिए मुड़ी तो झटका लगा और मैंने उस बात का फायदा उठाया और तना हुआ लंड उसकी गांड में सटा दिया. दोस्तों उसकी गद्देदार गांड में लंड चुभा तो में मस्त हो गया. फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए.. लेकिन में उसके साथ कुछ नहीं कर पा रहा था और एक दिन वो बोली कि सर आज में एक स्कूटी खरीद रही हूँ अपना साधन होगा तो हमारी आने जाने की समस्या खत्म हो जाएगी. तो मैंने कहा कि यह तो बहुत अच्छा है..
फिर मैंने कहा कि मिठाई खाएगें. फिर उसने मुझे शाम घर पर बुलाया और में घर पर पहुंचा तो वो मेक्सी पहने हुए मिली.. वो मेरे लिए पानी लेने गई तो पीछे से उसकी मेक्सी गांड में फंसी देखकर मुझे उसकी गांड की गहराई का अंदाज़ा लगने लगा. फिर हमने बैठकर थोड़ी इधर उधर की बात की.. तभी उसके पति आ गए. हम लोगों ने हैल्लो किया और थोड़ी देर बातें हुई. फिर वो बोले कि सर आप संगीता के साथ स्कूटी पर जाया करो ना.. आप दोनों का आधे आधे पेट्रोल में काम हो जाएगा. में तो उनकी बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं कर पा रहा था और फिर मैंने जल्दी से बिना कुछ समझे हाँ कर दी और मैंने कहा क्यों आपको स्कूटी चलानी आती है? वो बोली कि जी नहीं मुझे सीखना है तो उनके पति बोले कि में सिखा दूंगा..
मैंने कहा कि नई स्कूटी है और हमें कल ही स्कूल जाना चाहिए.. चलो में चलाऊंगा और आप पीछे बैठना. तो वो हंसकर बोले कि अरे भाई हमारी बीवी को कहीं पटक ना देना? तो मैंने कहा कि अरे आप उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करिए.. यह जैसी जाएगी वैसी ही वापस आएगी. फिर उसने मुझे सुबह जल्दी आने को कहा और में अपने ठीक टाईम पर पहुंच गया.. स्कूटी पर उसको अपने पीछे बैठा लिया और फिर निकल पड़ा.
मैंने सोचा कि रास्ते में ब्रेक मारकर मज़ा लूँगा.. लेकिन फिर लगा शुरुआत में ही यह सब नहीं करना.. वरना काम बिगड़ जाएगा और हम लोग आराम से बातें, मजाक करते गए और आए. एक दिन जब में उनको लेने उनके घर पर गया तो उस दिन वो बोली कि आज में चलाऊंगी.. मैंने कहा कि ठीक है और हम दोनों निकल पड़े. वो थोड़ा डरते हुए चला रही थी 13 किलोमीटर का रास्ता था और रास्ते में वो बोली कि मेरी कलाई दुखने लगी.
मैंने कहा कि आप आगे ही रहो में पीछे से हेंडल पकड़ता हूँ. वो थोड़ा झिझकी.. लेकिन तब तक मैंने हेंडल पकड़ लिया था और इस बहाने से में पहली बार उसकी पीठ के इतना नज़दीक हुआ कि उसके बदन की खुश्बू आने लगी और मैंने उसकी बाहों और बड़े बड़े बूब्स का मजा लिया जो कि मेरे हाथ को छू रहे थे. फिर मैंने अपनी कमर को थोड़ा आगे किया और लंड को उसकी गांड के पास ले गया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और स्कूल से लौटते वक़्त भी वो ही ड्राइव कर रही थी. तभी अचानक से एक सुनसान जगह पर उसने स्कूटी रोकी और बोली कि सर थोड़ा रुकिये में अभी आती हूँ और वो सड़क के किनारे गई और पौधों के पीछे जाकर साड़ी ऊपर करके नीचे बैठ गई.. मैंने तब नज़र बचाकर उसको पेंटी ऊपर करते देखा क्या गजब की जांघे थी.. एकदम चिकनी.
फिर उसने अपना काम खत्म होने के बाद मेरे पास आकर मुझसे कहा कि आप ही चलाइए और में सारे रास्ते में उसी के बारे में सोचता रहा और फिर कुछ दिन गुज़रे तो वो अच्छे से ड्राइविंग सीख गई. फिर एक दिन मेरे सब्र का बाँध टूट गया.. वो हमेशा की तरह जब भी कोई गड्ढा आए तो अपनी गांड ऊपर कर रही थी और मैंने एक सुनसान जगह देखी और जैसे ही वो ऊपर हुई तो मैंने अपनी हथेली गांड के नीचे रख दी और वो मेरी हथेली पर बैठ गई तो उसकी चीख सी निकल गई और इस कारण गाड़ी बहक सी गई और मैंने ज़ोर लगाकर उसकी गांड को दबाते हुए हथेली को बाहर किया और जल्दी से गाड़ी को सम्भाला.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली.
अगले दिन मैंने जब जाते समय रोड पर देखा कि कोई नहीं है तो मैंने पीछे से अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया और फिर उसने मेरे हाथ को देखा और गाड़ी चलाती रही और मैंने इस बात का फायदा उठाया और जाँघ को सहलाया. अब में बहुत हैरान था कि वो क्यों कुछ नहीं बोल रही? तो मैंने सोचा कि आज जो भी होगा देखा जाएगा और मैंने अपने दूसरे हाथ को भी दूसरी जाँघ पर रख दिया. तो इस पर वो बोली कि सर यह क्या कर रहे हो? यह रोड है हमारा घर नहीं है प्लीज हाथ हटा लो.. लोग देख लेंगे तो क्या सोचेगें?
मैंने उसकी जाँघ को ज़ोर से दबाया और उसके थोड़ा और करीब आकर उसकी गर्दन पर किस कर लिया.. लेकिन उसने थोड़ा आगे जाकर किनारे पर स्कूटी को रोक दिया और पीछे मुड़कर मुझसे बोली कि सर आपकी नियत को क्या हुआ? मुझे आज आपके इरादे नेक नहीं लग रहे और रास्ते में चलती गाड़ी पर लोग देखते कि मेरी जाँघो पर आपका हाथ है तो क्या सोचते? हर चीज़ का एक वक़्त होता है. तो मुझे उसके मुहं से यह बातें सुनकर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था और मुझे यकीन नहीं था कि यह सब वो बोल रही है.
फिर अचानक से मेरे मुहं से निकल गया कि वो लोग क्या सोचेगें? यही ना कि दो प्यार करने वाले होंगे और क्या? फिर वो मुझे अपनी बड़ी बड़ी आँखे फाड़कर देखने लगी.. मैंने कहा कि हाँ में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तो उसने स्कूटी स्टार्ट की और में उसके पीछे बैठ गया.. लेकिन उसने मुझसे कोई बात नहीं की और पूरा टाईम निकल गया. फिर जब छुट्टी हुई तो वो मुझे बिना बैठाए ही निकल गई और में पैदल ही जिस जगह बस आने वाली थी उस जगह की तरफ अकेला जा रहा था और मेरा दिमाग़ बहुत खराब था.
तभी मैंने देखा कि वो सामने से वापस आ रही थी और वो मेरे पास आकर बोली कि आप वहाँ से क्यों आ गए में वापस आपको लेने आ तो रही थी? मैंने कहा कि आप बिना बताये आ गई बीच रास्ते में छोड़कर.. तो वो सॉरी बोली और कहा कि में बताना ही भूल गई कि में सरपंच के यहाँ पर गई थी.. पेपर पर साईन करवाने. फिर उसने मुझे अपने पीछे गाड़ी पर बैठाया और थोड़ी दूर रास्ते में उसने चुप्पी तोड़ी और बोली कि सुबह आपने मुझे किस क्यों किया? मैंने कहा कि मुझे अच्छी लगती हो इसलिए में नज़दीक आ गया और में उसकी जाँघो पर हाथ रखकर सहलाने लगा तो वो बोली कि इस तरह सारेआम नहीं.. कहीं किनारे ले जाते और फिर कर लेते. में उसकी यह बात सुनकर एकदम दंग रह गया. यहाँ तो उल्टा लाईन अपने आप साफ़ हो रही थी.
मैंने तुरंत उसकी जाँघो को ज़ोर से दबाया और हाथ थोड़ा ऊपर लाकर उसके मखमली पेट पर ले गया. मैंने 4 बार कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तो वो कुछ देर चुप रही और 5वीं बार उसने जवाब में कहा कि में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. वो गाड़ी बहुत धीरे धीरे चला रही थी और मैंने कहा कि इतना धीरे धीरे चलाओगी तो रात हो जाएगी और वैसे भी 6 बजने वाले है.
तो वो बोली कि थोड़ा अंधेरा हो जाने दो ना और फिर मैंने कहा कि कहीं किनारे पर लगा दो इसे और उसने थोड़ा दूर जाकर किनारे में गाड़ी रोकी और उतर गई. मैंने स्कूटी को धकेल कर यह दिखाया जैसे खराब हो गई हो और किनारे की तरफ लगे पौधों के बीच में ले जाकर छुपा सी दी.. ताकि किसी की नज़र ना पड़ पाए और उसे इशारे से बुलाया. वहां कोई नहीं था.. यह देखकर वो जल्दी से चलकर मेरे पास आई.
मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी और खींचा और हम दोनों ज़ोर से लिपट गए और मैंने उसको किस किया वो भी मुझे किस करके बोली कि अब चलो देर हो जाएगी.. लेकिन मैंने उसकी साड़ी को पकड़कर ऊपर किया. तो वो बोली कि क्या सब कुछ आज ही करना है? चलो यार देर हो रही. फिर मैंने कहा कि प्लीज बस एक किस दे दो..
वो बोली कि अच्छा जल्दी से ले लो और मैंने जल्दी से उसकी पेंटी को खिसकाकर देखा तो उसकी एकदम चिकनी चूत थी और मैंने जब हाथ लगाया तो पाया कि चूत एकदम गीली थी.. शायद वो जोश में थी और में किस करने की जगह चूत को चाटने लगा और वो अब ना करो बस और नहीं कह रही थी और खुद ही अपनी कमर हिलाकर चूत को चुसवा रही थी. फिर मैंने अपना मुहं उसकी गीली चूत से हटाया और हम दोनों के कपड़े ठीक किए उसे एक बार गले लगाया और स्कूटी बाहर निकालकर आ गए और अब यह रोज का काम हो गया और हम लोग रोज औरल सेक्स करते थे वो मेरे लंड को चूस चूसकर मेरा माल निकल देती और में भी उसकी चूत को चाट चाटकर उसे शांत कर देता.
एक दिन मैंने उसको कहा कि संगीता प्लीज एक बार इसको अपने अंदर चूत लो ना.. वो बोली कि हाँ में जरुर ऐसा करूंगी.. लेकिन परसो यह बाहर जा रहे है और तुम उस रात को मेरे घर पर आना. तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर वो दिन आ गया.. हम दोनों ही उस दिन स्कूल नहीं गए और संगीता को मैंने फोन लगाया और पूछा कि क्या में आ जाऊँ.. तुम्हारे वो गए क्या? तो वो बोली कि हाँ में तो कब से इंतजार कर रही हूँ.. जल्दी से आ जाओ और में 10 मिनट में उसके घर पर पहुंच गया और उसने जैसे ही दरवाजा बंद किया.. तो मैंने उसको बाहों में भर लिया और वहीं पर खड़े खड़े किस करने लगा.
फिर वो बोली कि अरे अरे यह क्या कर रहे हो? अभी तो तुम्हारे पास पूरी दो राते पड़ी है. तो मैंने कहा कि रात तक इंतजार कौन कर पाएगा डार्लिंग.. तुम तो एटमबम हो फट जाओगी और वो ज़ोर से हंसने लगी. फिर मैंने उसके फूलों से नाजुक बदन को गोद में उठा लिया और सीधा उसके बेड पर आ गया और ताबड़तोड़ किस किए. वो भी मज़ा ले रही थी.. मैंने कहा कि मेडम क्या मलाई चाट लूँ? वो बोली कि हाँ चाट लो और मैंने उसको पूरा नंगा कर दिया.. वो एकदम अप्सरा जैसी लग रही थी. उसके बड़े बड़े बूब्स मैंने ज़ोर से दबाए.. वो अपनी दोनों आखें बंद किए थी और मैंने अपना लंड बाहर निकालकर उसके हाथ में थमा दिया और वो लंड से खेलने लगी. मैंने उसको पहली बार पूरा नंगा देखा था और में उसके ऊपर आ गया.
फिर से चूमने, चाटने लगा तो वो बोली कि तुम कितना चूमोगे? मैंने कहा कि आज में जी भरकर चूमना चाहता हूँ. तो वो बोली कि में क्या करूंगी? तो मैंने कहा कि जब तक यह चूस लो.. उसने कहा कि क्या? मैंने कहा कि यह.. वो बोली कि क्या? मैंने फिर से कहा कि पेनिस. फिर वो बोली कि डार्लिंग देसी लंड पिलाओ ना और फिर मैंने कहा कि यह लो और आगे होकर उसके मुहं में लंड को डाल दिया. वो मस्ती में लंड को चूस रही थी.. वाह! इतना मज़ा आ रहा था कि पूछो मत. उसके गालों पर लंड आता जाता महसूस हो रहा था.
फिर मैंने लंड को उसके मुहं से बाहर खींच लिया और नीचे की झुककर उसकी चूत पर लंड को टिकाकर अंदर डालने लगा. तो वो बोली कि बिना कंडोम सीईसीईईईईई और तब तक मैंने लंड को पूरा अंदर ही कर दिया और 5-6 जोरदार धक्के मार दिए.. फिर लंड थोड़ा बाहर किया तो वो सईईई आहहाहा बोली कि अह्ह्ह तुम ऐसा नहीं कर सकते.. तुमने कंडोम तक नहीं पहना. तो मैंने कहा कि डार्लिंग मेरा लंड पवित्र है और धक्का मारकर पूरा का पूरा अंदर डाल दिया. वो अह्ह्ह हिचकी ले गई और मैंने जब उसे धीरे धीरे कुछ देर चोदा तो वो थोड़ी देर बाद बोली कि हाँ और जोर से चोदो डार्लिंग मज़ा आ रहा अह्ह्ह्ह तुम्हारा लंड कितना बड़ा है आहह सईईई. तो में ताबड़तोड़ चुदाई करने लगा और वो बस आह्ह्ह आहाआह कह रही थी. मैंने उसके एक बूब्स को मुहं में लिया और धक्के देकर चोदने लगा तो वो मुझसे लिपटने लगी और उसने मुझे जकड़ लिया.
फिर मैंने उसे बहुत तेज़ी से चोदा.. वो आखें बंद किए चुदवाती रही और अब मेरा काम होने वाला था तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और एक साईड में करके उसका हाथ लंड पर रखवाकर हिलवाया और माल टपका दिया और में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ बोलकर उसके पास में ही लेट गया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट कर पड़े रहे. वो बोली अच्छा लगा यार.. मज़ा आ गया.. तुमने बहुत अच्छा चोदा..
फिर मैंने कहा कि डार्लिंग तुम बहुत अच्छी हो. हम लिपटे थे और फिर मेरा लंड खड़ा हो गया वो लंड को देखकर बोली कि देखो इस लंड को इतनी जल्दी खड़ा हो गया.. तो मैंने कहा कि तुम्हारी मस्त जवानी का ज़ोश है.. वो शरमा गई और फिर मैंने उसको उल्टा किया और उसकी पीठ पर हाथ फेरा और गांड के पास जाकर गांड देखने लगा. तो मैंने उससे कहा कि ऐसा लग रहा जैसे यह लंड मांग रही है.. क्या डाल दूँ? तो वो बोली कि अभी वो भी गांड मारकर ही गए है.. मैंने कहा कि अब में मारूंगा और मैंने तुरंत उसके भारी भरकम कूल्हों को एक दूसरे से दूर किया और बीच में लंड घुसाता गया.. वो उुह्ह्ह्हअहहाहा एरेरेरेहाएएरर अह्ह्ह्ह राम रे करती रही और में भी उसके ऊपर टूट ही पड़ा था.
उसकी गांड देखकर मैंने उसकी जमकर गांड मारी.. वो बैचारी दर्द से करहाती रही.. लेकिन में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदता रहा और मैंने इस बार जब में झड़ने वाला था तब लंड बाहर नहीं निकाला और उसकी गांड में ही पूरा वीर्य डाल दिया और में वहाँ उससे अलग होकर लेट गया. तो वो भी शांत लेटी हुई हांफती रही.. कुछ देर में वो उठी और कपड़े पहनने लगी और बोली कि में खाना लगा देती हूँ.. खाना खा लो. तो मैंने कपड़े पकड़ कर खींच लिए और कहा कि डार्लिंग तुम ऐसे ही अच्छी लगती हो और वो नंगी ही घूम घूमकर खाना लगाने लगी और में उसकी गांड के पीछे पीछे घूमता रहा. वो हंसती हुई बोली कि क्या पागल हो गए हो.. क्या कभी लड़की नहीं देखी?
मैंने कहा कि हाँ देखी है लेकिन तुम्हारे जैसी नहीं.. जी कर रहा है फिर से एक बार चोद लूँ तो वो हंसकर बोली पागल और वो खाना बेड पर ले आई.. हम दोनों नंगे ही थे और वो पास में बैठी थी. मैंने उसको अपनी गोद में बैठाकर अपने हाथों से खाना खिलाया और मेरा लंड खड़ा होकर फिर से बाहर निकल आया. वो हंसने लगी और बोली कि तुमसे ज्यादा जल्दी में तो तुम्हारा लंड है.
फिर हम दोनों ने खाना ख़त्म किया. वो उठकर किचन में गई और बर्तन रखकर आई तो मैंने तुरंत उसे अपनी तरफ खींच लिया और में कुछ ही देर में उसको चोद रहा था. मैंने उसको उस दिन 4 बार चोदा.. अगले दिन में फिर से गया और वही सब हुआ. हम दोनों ने जी भरकर चुदाई का मज़ा लिया. हमें आज भी मौके मिलते है और हम जमकर चुदाई करते है.
Share:

छत पर झांटे साफ करवाई


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम निशा है. यह मेरी पहली कहानी है. में दिल्ली से हूँ और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रही हूँ. मेरी उम्र 21 साल है.. मेरी बॉडी का शेप बहुत अच्छा है.. जिससे कॉलेज के सारे लड़के मुझ पर लाईन मारते है.. तो दोस्तों में आपका टाइम ख़राब किये बिना सीधे अपनी कहानी पर आती हूँ. मेरा फर्स्ट सेक्स एक्सपीरियन्स मेरे बॉयफ्रेंड लकी के साथ हुआ.
लकी बहुत सुन्दर लड़का है और वो मेरी क्लास में ही पढ़ता था. ये बात 15 जनवरी की है.. दिल्ली में बहुत सर्दी होती है. में लकी से लगभग 2-3 घंटे रोज़ रात को फोन पर बात करती थी और वो बोर होता रहता था. उसको सेक्स की बातें करना बहुत पसंद था.. पसंद तो मुझे भी है.. लेकिन में शर्माती थी कि वो मेरे बारे में क्या सोचेगा. 15 जनवरी को उसका जन्मदिन था.
उस दिन हमने फुल मस्ती की और रात को फोन पर बात करते करते उसने सेक्सी बातें करनी शुरू कर दी. फिर मैंने सोचा कि चलो उसके जन्मदिन के दिन जो वो चाहता है करने दो.. मुझे भी अच्छा लगता.. जब वो मेरे बारे में पूछता कि तुम्हारा साइज़ क्या है? तुमने क्या क्या पहना है.. लेकिन उसके आगे हमारी कभी बात नहीं हुई.. लेकिन उस रात को उसने पूछा कि तुम कभी शेव करती हो? पहले तो मैंने नाटक किया कि क्या पूछ रहे हो.. लड़कियां भी कभी शेव करती है.. लेकिन बाद में उसके बार बार पूछने पर मैंने कह दिया कि नहीं.. मैंने आज तक कभी शेव नहीं की है. उसने कहा कि शेव नहीं करने से इन्फेक्शन हो जाता है. शेव तो हर 1-2 महीने में करनी चाहिये.
में तो एकदम डर गई कि कहीं मुझे कोई बीमारी ना हो जाये.. क्योंकि मैंने तो कभी नहीं की थी. फिर उसने कहा कि कोई बात नहीं.. में कर दूँगा और उसने कहा कि तुम छत पर आ जाओ.. में भी तुम्हारी छत पर आ जाता हूँ और फिर तुम्हारी शेव कर दूँगा. फिर मैंने हाँ कह दी और लगभग 1 घंटे बाद में छत पर गई. लकी भी वहां आ चुका था.. मुझे देखते ही उसने मुझे अपनी और खींचा और स्मूच करने लगा. फिर मैंने भी उसका साथ दिया और हमने लगभग 2-3 मिनट तक स्मूच किया. फिर उसने मुझे रेज़र दिखाया और कहा कि चलो.. जो काम में करने आया हूँ.. वो कर लेते है.
मैंने कहा कि मुझे शर्म आ रही है. उसने कहा कि बीमारी हो जायेगी.. तो फिर क्या करोगी? इसीलिये कुछ होने से पहले बाल साफ करवा लो. फिर मैंने कहा कि प्लीज़ दर्द मत करना. फिर उसने मेरा कोट निकाल दिया और मेरी जीन्स भी निकाल दी. में ठंड के मारे बुरी तरह कांप रही थी.
उसने मुझे कांपते हुये देखकर कहा कि तुम मेरा लंड पकड़ लो.. तो तुम्हे ठंड नहीं लगेगी. मैंने पहले भी उसका लंड टच किया है.. इसीलिये मैंने उसका लोहे जैसा लगभग 10 इंच लंबा और 6 इंच मोटा लंड कसकर पकड़ लिया और वो मेरी चूत की तरफ 69 पोज़िशन में आकर मेरे बाल साफ करने लगा और बाल साफ करते करते उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. में कुछ कह भी नहीं सकी.. क्योंकि मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उसने चाटते चाटते अपनी टांग मेरी चूत के अंदर डालने की कोशिश की.. लेकिन में एकदम से उछल पड़ी. मुझे लगा कि मेरा पेशाब निकलने वाला है.. लेकिन उसने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और मेरा रस पी गया. उसने मुझसे कहा कि मेरा लंड मुँह में लो.. तो मैंने मना कर दिया. फिर उसने कहा कि तुम्हे मेरी कसम है.
फिर मैंने थोड़ा सा उसके लंड को मुँह से टच किया और कहा कि लकी प्लीज़.. ये मुझसे नहीं होगा.. उसने कहा कि ठीक है.. ये नहीं तो फिर सेक्स कर लो.. तो मैंने मना कर दिया और छत से भागने लगी. रात के लगभग 2 बज रहे थे.. उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और ज़बरदस्ती मुझे फर्श पर लेटाकर मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरे बूब्स चूसने लगा. मेरे 34 साइज़ के बूब्स उसके मुहँ में नहीं आ रहे थे.. पर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. लकी ने बूब्स चूसते चूसते मेरी पेंटी में अपनी उंगली डाल दी और धीरे धीरे मेरी चूत को सहलाने लगा.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरे मुहँ से आआअ आ फास्ट करो.. फक मी.. निकल रहा था.
उसने फिर मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और अपना लंड मेरी चूत पर रखा.. जैसे ही उसने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और मुझे पसीने छूटने लगे.. मुझे बहुत डर लग रहा था. फिर उसने धीरे से एक धक्का लगाया और उसका लंड फिसल गया. लकी ने फिर से लंड को मेरी चूत के मुँह पर सेट किया और धक्का मारा.. लंड फिर से फिसल गया.
अब मुझे भी गुस्सा आ रहा था. फिर मैंने कहा कि मादरचोद कुछ नहीं कर सकता.. तो गांड मरवाने जा. ये सुनते ही उसे बहुत जोश आया और उसने ज़ोर से धक्का मारा और उसका आधा लंड मेरी चूत मे था. मेरे मुँह से ज़ोर की चीख निकल गई.. पर उसने मेरे मुँह पर हाथ रख लिया.. मुझे इतना दर्द हो रहा था कि लिख नहीं सकती.
उसके बाद मैंने ज़ोर से लकी को धक्का मारा और उसको दूर गिरा दिया.. मेरे चिल्लाने की आवाज़ सुनकर मेरी मम्मी की नींद शायद खुल गई और जैसे ही मम्मी ने लाइट चालू की.. तो में छत से भागकर बाथरूम में चली गई. फिर मैंने बाथरूम में देखा कि मेरी चूत से बहुत खून निकल रहा है और बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है.. लेकिन अब धीरे धीरे सब कुछ सेट हो गया. अब तो में बड़ी आसानी से लंड चूत में लेती हूँ और खुलकर चुदवाती हूँ.
Share:

तड़पते हुए दो जिस्म


मेरा नाम अजय और में हरियाणा का रहने वाला हूँ मेरी हाईट 5.9 इंच है और मेरी उम्र 22 साल है. दोस्तों अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.. लेकिन इसमें कोई गलती हो तो आप सभी मुझे अपना समझकर माफ़ करें. दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है जब में कॉलेज में था और में अपने कॉलेज के पास में किराए से एक रूम लेकर रहता था.
उस समय मेरे पड़ोसे में एक फेमिली रहती थी जिसमें दो लड़के और एक लड़की और उनके माता, पिता रहते थे और उस लड़की का नाम रश्मि था और वो लड़की अपने नाम की तरह बहुत सुंदर थी. उसके पतले, पतले लाल सुर्ख होंठ, हिरनी जैसी आखें, सुराही सी गर्दन, कसे हुए बड़े बड़े बूब्स, पतली कमर और मदमस्त गांड, एकदम मस्त बिंदास फिगर और उसको देखकर रह किसी का भी ईमान डोल जाए और उसके मेरे पड़ोस में रहने के कारण मेरी उससे अक्सर बात होती थी.
एक रात वो अपनी छत पर घूम रही थी और मैंने उससे उसका मोबाईल नंबर माँगा तो उसने इशारे से मुझे अपना नंबर दे दिया और फिर उसी समय मैंने उसे फोन किया और हम बातें करने लगे.. लेकिन उस रात के बाद मेरी उससे फोन पर हर रोज बातें होने लगी थी और एक बार रात को मैंने उससे मेरे फ्लेट पर आने को कहा तो उसने साफ मना कर दिया.. लेकिन बाद में आने का वादा करके उसने कॉल काट दिया.
फिर अगली सुबह किसी ने मेरे दरवाज़ को खटखटाया और जैसे ही मैंने दरवाजा खोलकर बाहर देखा तो वो मेरे सामने खड़ी थी और मुझे अपने ऊपर विश्वास नहीं हो रहा था और में उसे एक सपना समझकर देखने लगा. तभी उसने मेरे हाथ पर छुआ और में हडबड़ा कर अपनी नींद से पूरी तरह उठा और मैंने उसे अंदर आने को कहा और हम बैठकर बातें करने लगे.
थोड़ी देर बाद उसने मुझसे पूछा कि क्या घर में दूध है? तो में हाँ में सर हिलाकर किचन की तरफ जाने लगा तो उसने कहा कि तुम बैठ जाओ आज में तुम्हारे लिए चाय बनाकर लाती हूँ और जब वो किचन में चाय बना रही थी तो पहली बार में उसके गोल गोल बूब्स, बड़ी सी चूतड़, पतली कमर को बड़े गोर से देख रहा था.
फिर हमने चाय पी और बातें करने लगे.. में उसे एकटक देखने लगा. तो उसने पूछा कि ऐसे क्यों देख रहे हो? तो मैंने कहा कि आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो. तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और मैंने मौका देखकर धीरे से उसका हाथ पकड़ लिया.. उसने मेरी तरफ बड़ी मदहोशी से देखकर स्माइल की और अपना हाथ छुड़ाकर भाग गई. तो में उसे जाते हुए देख रहा था और फिर वो मेरे फ्लेट पर अक्सर आने जाने लगी और में उसे छेड़ने लगा.. में कभी उसका हाथ पकड़कर मसल देता तो कभी उसके नाजुक, गोरे गोरे गालों को सहला देता.. लेकिन वो मेरे किसी भी काम का ऐतराज नहीं करती और मुझे धीरे धीरे आगे बड़ने का मौका मिलने लगा और एक दिन मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी गांड पर हाथ रख दिया. तो उसने कहा कि ऐसे मत करो तो मैंने उसको पकड़ा और दीवार से लगाकर उससे चिपककर खड़ा हो गया और कहा कि अच्छा बताओ और क्या करूं?
वो मुझे धक्का देकर मुझसे दूर हो गयी और मुस्कुराकर चली गई. तो उस दिन मैंने दो बार उसे सोचकर मुठ मारी और फिर रात को उसने मुझे कॉल किया और मैंने उससे थोड़ी सी हंसी मज़ाक की और फिर मैंने उससे उसके फिगर का साईज पूछा.. पहले तो उसने साफ मना कर दिया और फिर दो तीन बार पूछने पर उसने अपने फिगर का साईज़ मुझे बताया 34-30-36 और उसकी उम्र पूछी. फिर हमने बहुत देर तक सेक्सी बातें की और कॉल खत्म होने के बाद मैंने एक बार फिर से मुठ मारी और सो गया.
फिर जब वो अगले दिन मेरे पास आई तो मुझसे नज़र हटाकर बात करने लगी और जब वो जाने लगी तो मैंने उसके गालों पर किस किया और हल्के से उसके बूब्स को दबा दिया. तो वो उस दिन के बाद कुछ दिन मेरे फ्लेट पर नहीं आई.. लेकिन हमारी फोन पर ही बातें होती रही. फिर जब में सुबह उठा तो देखा कि मेरे कॉलेज जाने का समय हो चुका था और जब में जल्दी से तैयार होकर कॉलेज के लिए निकाला तो मैंने देखा कि उसकी फेमिली कहीं बाहर जा रही है. तो मैंने उसको कॉल किया तो उसने मुझे बताया कि उसके मम्मी, पापा उनके किसी रिश्तेदार के यहाँ पर जा रहे है और शाम तक वापस आ जायेगें और उसने मुझे बताया कि वो वहाँ पर नहीं जा रही है.
तो मैंने उसकी यह बात सुनकर कॉलेज ना जाने का फैसला लिया और वापस अपने फ्लेट पर आ गया और अब में उसके आने का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करने लगा और वो करीब एक घंटे के बाद मेरे फ्लेट पर आई.. उसने काले रंग का सलवार सूट पहना हुआ था और उसमे वो बिल्कुल सेक्सी लग रही थी.. उसे देखकर मेरा लंड उफान मारने लगा. तो मैंने उससे कहा कि क्यों आज किसका कत्ल करने का इरादा है? तो यह बात सुनकर वो शरमा गयी और हम बातें करने लगे तभी ज़ोर से बरसात होने लगी और उसने मुझे छत पर चलने को कहा और हम दोनों ऊपर छत पर बारिश का मज़े लेने लगे. दोस्तों उस बारिश के पानी में उसका सलवार सूट उसके बदन से एकदम चिपक रहा था जिसकी वजह से मुझे उसके जिस्म का हर एक अंग साफ साफ दिख रहा था और उसका भरा भरा जिस्म देखकर मेरा लंड टाईट होने लगा था और फिर में उससे जाकर चिपक गया और उसके जिस्म पर धीरे धीरे हाथ घुमाने लगा और उसकी गर्दन पर किस करने लगा.. तो उसने मुझे एकदम से धक्का दिया और वो भागकर नीचे जाने लगी.. लेकिन मैंने उसे सीडियो पर पीछे से पकड़ लिया.
तो में फिर से उसकी गर्दन को चूमने लगा वो छुड़ाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उसकी गर्दन को पागलों की तरह चूमने लगा और उसके कानों को धीरे से चूमा और धीरे से काटता रहा. अब उसकी आखें बंद होने लगी और मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाया और उसके गालों को चूमने लगा.
फिर उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर धीरे धीरे चूसने लगा. दोस्तों उस समय मुझे लगा कि जैसे यह समय रुक सा गया हो और अब उसकी सांसे तेज़ होने लगी थी और मैंने उसे गोद में उठाया और नीचे ले जाकर बेड पर लेटा दिया और उससे लिपट गया. उसके होंठो को चूसने लगा और उसके गरम जिस्म को सहलाने लगा फिर उसके दोनों बूब्स को कपड़ो के ऊपर से ही अपने हाथों में लेकर धीरे धीरे मसलने और दबाने लगा और उसने अपनी आखें अभी तक नहीं खोली थी.
मैंने सही मौका देखकर उसका सलवार सूट उतार दिया और अब वो मेरे सामने गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी में थी. दोस्तों आपको क्या बताऊँ वो उस समय पानी में भीगी हुई क्या लग रही थी? में उसको शब्दों में नहीं बता सकता. उसका पूरे गरम जिस्म पर छोटी छोटी पानी की बूंदे और भी उसके जिस्म पर चार चाँद लगा रही थी. तो मैंने भी अपनी टी-शर्ट और लोवर उतार दिया और में उसके पेट को चूमने लगा.
उसका जिस्म बहुत गरम हो गया था और वो मचलने लगी और मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और अब उसके बूब्स एकदम मेरे सामने थे बिल्कुल गोल गोल गहरे भूरे कलर की निप्पल एकदम तनकर खड़ी हुई थी और में उसके एक बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को एक हाथ से दबाने, मसलने लगा और बहुत देर तक में उसके बूब्स को चूसता रहा और धीरे धीरे उसकी कमर को चूमते हुए नीचे जाने लगा और अब मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी और में उसकी चूत को घूरकर देखने लगा. उस पर हल्के हल्के बाल थे..
मैंने उसकी चूत पर अपना एक हाथ धीरे से रख दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा और कुछ देर सहलाने के बाद मैंने महसूस किया कि उसकी चूत से थोड़ा थोड़ा सा पानी बाहर आ रहा था और अब मैंने उसका हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया.. लेकिन उसने तुरंत अपना हाथ हटा दिया और फिर मैंने दोबारा उसका हाथ लंड पर रख दिया.. लेकिन इस बार उसने हाथ नहीं हटाया वो धीरे धीरे मेरे लंड पर अपना हाथ घुमाने लगी. दोस्तों मेरा लंड बहुत देर से तनकर खड़ा था जिसकी वजह से वो बहुत दर्द कर रहा था और फिर वो मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी.
फिर मैंने कुछ देर के बाद अपना लंड उसके होंठो पर रख दिया.. वो धीरे धीरे से लंड की टोपी को चूसने लगी और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मेरा लंड और भी फूल फूलकर कुप्पा हो गया. तो मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूत पर अपना मुहं रख दिया. मेरे चूत पर मुहं रखते ही वो एकदम मचलने लगी और उसके मुहं से अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह माँ मरी अह्ह्ह उह्ह्ह की सिसकियाँ फूटने लगी और में उसकी चूत को 5 मिनट तक चूसता रहा. फिर कुछ देर में वो झड़ गयी और उसने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं में छोड़ दिया और मैंने उसे चाटकर साफ कर दिया. फिर में उसके पैरों के बीच में बैठ गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
उसने मेरे लंड को पकड़ा और मुझे कुछ देर रोक दिया और मैंने कुछ देर के बाद लंड को चूत के मुहं पर सेट किया और एक झटका मारा लेकिन लंड ऊपर की तरफ़ फिसल गया.. क्योंकि उसकी चूत का छेद बहुत छोटा था और चूत बहुत टाईट थी. लेकिन इस बार उसने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर सेट किया और आखों से मुझे इशारा किया और मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और लंड का टोपा उसकी चूत में चला गया और उसके मुहं से चीख निकल गयी. मैंने तुरंत उसके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और वो दर्द से छटपटाने लगी और छुड़ाने की कोशिश करने लगी.. लेकिन मैंने उसे बहुत कसकर पकड़ लिया और एक ज़ोर का झटका मारा तो उसकी आखों से आंसू आने लगे और अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में था.
में कुछ देर ऐसे ही रुका रहा और धीरे धीरे उसके गालों को चूमता रहा और उसके होंठो को चूसने लगा और उसके जिस्म को एक हाथ से सहलाने लगा. कुछ देर बाद वो मेरा साथ देने लगी और में धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत में आगे पीछे करने लगा और धीरे धीरे मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया.. लेकिन अब भी मेरा लंड उसकी चूत में बहुत टाईट जा रहा था. दोस्तों शायद यह उसकी पहली चुदाई थी इसलिए उसकी चूत इतनी टाईट थी और वो दर्द से तड़प रही थी. फिर कुछ देर बाद वो भी अपनी कमर को उठाकर मेरा साथ देने लगी और मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी.. वो अपनी गांड को उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत में पूरी गहराइयों तक लेने लगी और वो मेरे बदन पर हाथ फेरने लगी और मुझे अपनी बाहों में जकड़ने लगी.
पूरे रूम में उसकी सिसकियाँ गूंजने लगी.. वो मुझे काटने लगी और उसने अपने दोनों पैरों को क्रॉस करके मेरी कमर को जकड़ लिया और मेरे हर एक धक्के पर उसकी सिसकियाँ तेज होने लगी और उसकी चूत से फच फच की आवाजें आने लगी. उसने मुझे अपने जिस्म से ज़ोर से जकड़ लिया.. मुझे ऐसा लगा कि वो मुझमें समाना चाहती और फिर उसने अपने नाख़ून मेरे पेट पर गड़ा दिए. तभी उसकी चूत से जोरदार स्पीड में गरम गरम लावा बाहर निकलने लगा और वो इतने ज़ोर से झड़ी कि 3-4 झटके के बाद मैंने भी अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और निढाल होकर उसके ऊपर गिर गया और कुछ देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लिपटे बेड पर पड़े रहे और कुछ देर बाद हम उठे और बाथरूम में जाकर एक दूसरे को साफ किया. फिर उसने खून से सनी हुई बेडशीट को उठाकर धो दिया.
उसके बाद उस दिन हमने एक बार और चुदाई की और जब तक शाम हो गई थी और उसके मम्मी, पापा के आने का भी टाईम हो गया था और वो जल्दी से कपड़े पहनकर, मुझे किस करके अपने घर चली गयी.. लेकिन अब जब भी हमे मौका मिलता तो हम सेक्स करते है और मैंने उसे अपने फ्लेट में हर जगह, हर पोजिशन में कई बार चोदा.
Share:

पूवना चाची का चोर


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम हरप्रीत है और में पंजाब का रहने वाला हूँ और में बहुत लंबे समय से सेक्सी कहानियाँ पढ़ रहा हूँ.. लेकिन में आज पहली बार थोड़ी हिम्मत करके अपनी भी एक सच्ची कहानी लिख रहा हूँ.. लेकिन कहानी सुनाने से पहले में आप सभी से अपना परिचय भी करा देता हूँ. दोस्तों मेरी उम्र 21 साल है और में अच्छी बॉडी का मालिक हूँ और मेरे लंड के साईज पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया.. लेकिन वो किसी भी प्यासी चूत की प्यास को बुझाने और उसकी तड़पती हुई चूत को शांत करने के लिए बहुत है.
दोस्तों मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती है जिसे में चाची कहता हूँ.. लेकिन वो मेरी रियल आंटी नहीं है और उसका नाम पूनम है.. लेकिन उसे सभी लोग पूवना कहते है. उसका शरीर बहुत सेक्सी है और वो इतनी स्लिम तो नहीं है.. लेकिन उसके बड़े बड़े बूब्स को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. उसके बूब्स का साईज 38 के आस पास होगा और उसकी गांड तो उससे भी ख़तरनाक है. दोस्तों उसके पति ज्यादातर काम के सिलसिले में बाहर ही रहते है और उनका हमारे घर पर बहुत आना जाना है.
तो दोस्तों में अब स्टोरी शुरू करता हूँ.. दोस्तों यह एक महीने पहले की बात है हमारे मोहल्ले में चोरियां बहुत हो रही थी तो पूवना ने हमारे घर पर आकर मेरे घर वालों से कहा कि में उनके घर पर सेक्यूरिटी के लिए सो जाऊंगा.. क्योंकि वो घर पर रात को अधिकतर समय अकेली ही रहती थी और उन्हे बहुत डर लगता था.. तो उसके यह बात कहने पर मेरे पापा, मम्मी ने उन्हे हाँ कह दी और में तो वहीं पर खड़ा खड़ा उनकी बातें सुन रहा था.
में यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया क्योंकि में तो कई बार उसके बारे में सोचकर मुठ मारा करता था और अब उसी के घर में रात को सोने जा रहा था और में उसी रात को उनके घर चला गया. वो मुझे कभी कभी छेड़ती रहती थी उनके घर जाकर मैंने दरवाजा खटखटाया और पूवना चाची ने दरवाजा खोला.
उसने गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी.. उसमे तो आज वो और भी सेक्सी दिख रही थी. फिर में कमरे में जाकर बैठ गया और टीवी देखने लगा.. थोड़ी देर बाद वो किचन का काम निपटाकर मेरे लिए दूध ले आई.. तो मैंने उसे पीने से ना कहा तो वो बोली कि पी ले शायद हो सकता है आज तुझे इसकी ज़रूरत पड़ जाए.. तो मैंने हैरानी भरी निगाहों से उनको देखा. तो वो समझ गई कि में क्या सोच रहा हूँ? तभी वो बोली कि अरे अगर रात को कोई चोर आ गया तो फिर ताक़त तो चाहिए ना? फिर मैंने मुस्कुराकर दूध का गिलास पकड़ लिया और एक ही साँस में पी गया.
तो वो बोली कि चलो अब सो जाओ और उन्होंने मुझे दूसरे कमरे में भेज दिया.. में तो एकदम उदास हो गया.. लेकिन में अब और कर भी क्या सकता था? फिर मैंने थोड़ा दिमाग़ चलाया आधे घंटे में उठा और चाची के रूम का दरवाजा खटखटाया और अपने रूम में जाकर लेट गया जैसे मुझे कुछ मालूम ही नहीं है. तो चाची मेरे रूम में आई और मुझसे पूछा कि क्या दरवाजा तुमने खटखटाया था? तो मैंने कहा कि नहीं..
फिर वो चली गई और मैंने कुछ देर बाद फिर से वैसा ही किया.. लेकिन अब वो बहुत घबरा गई और मुझे अपने रूम में ले आई. उनके रूम में डबल बेड था.. में वहाँ पर चाची के साथ लेट गया और में सोचने लगा कि में इसे कैसे चोदूं? फिर मुझे याद आया कि इनको बहुत अच्छी तरह पता है कि में जब भी सोता हूँ तो एकदम बेसुध होकर सोता हूँ.. क्योंकि मेरी माँ उन्हें बताती रहती थी और आधे घंटे बाद मैंने थोड़ी हिम्मत करके एक हाथ उसके बूब्स पर रखा.. लेकिन मैंने ऐसा नाटक किया कि जैसे में गहरी नींद में हूँ (दोस्तों वो हर रोज नींद की गोली लेती थी और आज उन्हे यह गोली मैंने दी थी पानी में डालकर) लेकिन उधर से कोई हरकत नहीं हुई तो मेरी हिम्मत और बढ़ी और मैंने बूब्स को सहलाना शुरू किया.
उसके बूब्स बहुत मुलायम, बड़े बड़े थे और उनमे से थोड़ा थोड़ा दूध भी आ रहा था. दोस्तों में तो पागल हो गया. मैंने उनके बूब्स को मुहं में लेकर चूसना शुरू किया और फिर काटा भी.. लेकिन वो नींद में ही आह्ह्ह उह्ह्ह्ह करके सिसकियाँ ले रही थी. फिर पाँच मिनट के बाद मैंने अपना हाथ चूत की तरफ बडाया वो एकदम साफ थी.. जैसे आज ही शेव की हो और मेरे 10 मिनट उनकी चूत सहलाने के बाद मुझे विश्वास हो गया कि वो गहरी नींद में है और अब मैंने टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर किया.. वो बहुत खुली हुई थी इसलिए कोई समस्या नहीं हुई और पूवना ने नीचे कुछ नहीं पहना था और मैंने उसकी मेक्सी को भी उतार दिया और लाईट बंद थी.
दोस्तों मैंने कभी किसी औरत को नंगा नहीं देखा था.. तो मैंने उठकर लाईट जलाई ओह भगवान में तो खुशी से एकदम पागल सा हो गया.. मैंने अपने कपड़े उतारे और पूवना के ऊपर चढ़ गया और उसके बूब्स चूसने लगा. उसके बूब्स चूसने से मुझे धीरे धीरे जोश आ रहा था और में तो पागल हो रहा था. फिर आधा घंटा बूब्स चूसने के बाद मैंने अपना लंड हाथ से पकड़ा और चूत के मुहं पर टिकाकर सटीक निशाने पर लगाया.
फिर मैंने एक ज़ोर से धक्का मारा और मेरा 9 इंच का लंड थोड़ा अंदर चला गया.. लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी जैसे कि वो वर्जिन हो ऐसा लगा कि जैसे चाचा उनको कभी कभी चोदते थे और उनको ठीक तरह से संतुष्ट नहीं कर पाते थे. तो वो थोड़ी कसमसाई में बहुत डर गया और एकदम से रुक गया और फिर एक मिनट रुकने के बाद एक और ज़ोर से धक्का मारा तो आधे से ज़्यादा लंड अंदर चला गया..
फिर एक और ज़ोर से धक्का मारा तो पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया और मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए और धीरे धीरे मेरी स्पीड बड़ती ही जा रही थी. फिर मैंने कुछ देर चोदने के बाद उनके दोनों पैरों को उठाकर अपने कंधो पर रख लिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर लंड डालने लगा और इसी तरह में उनको चोदता रहा.
दोस्तों वो मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत रात थी और कम से कम 45 मिनट के बाद मेरा लंड झड़ गया और मैंने सारा वीर्य अंदर ही डाल दिया.. मैंने उस रात उनकी तीन बार और चुदाई कि और चाची की अपने मोबाईल से कुछ नंगी फोटो भी खींच ली और में सो गया. फिर सुबह में 9 बजे उठा तो चाची उस समय किचन में थी और में उठकर सीधा फ्रेश होने चला गया और जब में वापस आया और रूम में बैठ गया तो उन्होंने मुझे चाय दी.
फिर मैंने रूम में बैठकर चाय पी. तभी चाची अंदर आई और बोली कि रात को कम से कम मुझे कपड़े तो पहना देते. तब मुझे याद आया कि में रात को चाची को बिना कपड़े पहनाए ही सो गया था और में बहुत डर गया. तो वो बोली कि डरो मत में किसी से कुछ भी नहीं कहूंगी.. लेकिन तुम्हे हर रात को ऐसे ही चोर पकड़ने आना पड़ेगा. तब मैंने उनकी बात का इशारा समझते हुए फिर से चाची को पकड़ लिया और एक बार फिर से जमकर सेक्स किया.. लेकिन इस बार मैंने उनको घोड़ी बनाकर उनकी गांड में लंड डाला और उनके ऊपर सवार होकर उनकी गांड मारी.
Share:

देवर का लंड खड़ा किया


हैल्लो दोस्तों.. में रूचा, उम्र 22 साल और में शादीशुदा गर्ल हूँ. मेरी शादीशुदा लाईफ बहुत अच्छी चल रही है. मेरे पति मुंबई में आर्किटेक है और वो 27 साल के है. मेरी शादी को 3 महीने हो चुके है.
यह जो घटना में आपको बताने जा रही हूँ वो मेरी शादीशुदा सेक्स लाइफ का एक्सपीरियन्स है. में मेरे पति के साथ मुंबई में ही रहती हूँ और फेमिली में हम दो ही लोग है और शादी से पहले मेरा एक बॉयफ्रेंड था.. लेकिन हमारे बीच में बस ओरल सेक्स हुआ था. जब मेरे पति ने मेरे साथ पहली बार सेक्स किया तब तक में वर्जिन थी. में बहुत सेक्सी और सुन्दर गर्ल हूँ और अब में आपको बोर ना करते हुए सीधे स्टोरी पर आती हूँ. मेरी हमेशा से एक इच्छा थी कि मेरे पति मुझे खूब जमकर चोदे और में खूब चुदाई करवाऊँ और गांड मरवाऊँ.. लेकिन मेरी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई.
एक दिन जब रात को मेरे पति घर आये तो उनके साथ मेरे देवर जी भी आये. मेरे पति और उनके भाई दोनों ही बहुत सुन्दर है और अच्छे दिखते है. मैंने जब दोनों को साथ में देखा तो मेरी पुरानी इच्छा जाग उठी और मैंने सोचा कि ये मौका अच्छा है अपनी इच्छा पूरा करने का. फिर मैंने प्लान बनाया कि में देवर से चुदवाऊंगी.. लेकिन कैसे?
रात में डिनर के समय मैंने ब्रा और पेंटी उतार दी और सिर्फ़ अपने नाईट गाउन में थी जो कि काफ़ी ढीला और बड़े गले का है. अगर में घर में ऐसे ही रहूँ तो मेरे पति को कोई प्रोब्लम नहीं थी. लेकिन मेरे देवर जी का ध्यान बार बार मेरे बूब्स की तरफ आ जाता था. मेरे 34-B साइज़ के आम उन्हें मेरी तरफ बड़ी भूख की आँखो से देखने पर मजबूर कर रहे थे.
मैंने उन्हे ये करते हुये बहुत बार पकड़ लिया और सोचा कि आज रात में ही कुछ प्लान बनाया जाये. रात होने पर मेरे पति जाकर सो गये और मैंने अपने देवर जी के साथ बातें शुरू की और बातों बातों मे उनका हाथ मेरे बूब्स पर लगाया.. ब्रा नहीं होने से मेरे बूब्स झट से उछल गये और देवर जी थोड़े शरमा गये. मैंने मुस्कुरा कर कहा कि कुछ नहीं होता.. मैंने ब्रा नहीं पहनी है इसीलिये ऐसा हुआ.. यह सुनकर देवर जी मुझे घूरने लगे और उनके पजामे में उनका लंड खड़ा होने लगा.
मैंने फिर कहा कि क्या हुआ देवर जी? क्या सोच रहे है आप.. तो वो बोले कुछ नहीं भाभी. मैंने कहा कि आप मुझे रूचा ही कहिये और आप क्या सोच रहे है वो तो सब दिख रहा है. यह सुनकर उसने मुझसे पूछा कि क्या आप घर में बिना ब्रा के रहती है अब में समझ गई कि आज देवर जी तो फंस ही गये. मैंने आराम से सोफे पर लेटकर कहा हाँ और अब घर में कैसे भी रहो क्या फ़र्क पड़ता है में तो पेंटी भी नहीं पहनती. यह बोलते ही उनका लंड तन गया और वो मेरे करीब आ गये.
मैंने कहा क्या हुआ? उसने कहा कि में आपके बूब्स बहुत देर से देख रहा हूँ और करीब से देखना चाहता हूँ. में कुछ जवाब देती उससे पहले उन्होंने अपना हाथ मेरे गाउन मे डाल दिया. गाउन में हाथ डालते ही उन्होने मेरे बूब्स दबाने शुरू किये और निप्पल पर चिकोटी लेने लगे. मैंने कहा ये क्या कर रहे है.. तो उनसे कहा अब रहने दीजिये मुझे भी पता है आप क्या सोच रही है और उसने अपना पजामा उतार दिया और मेरे हाथ मे अपना लंड दे दिया और कहा कि मैंने भी अंदर कुछ नहीं पहना है. उनका लंड काफ़ी मोटा था और 8 इंच लंबा था.
उनके तने हुये लंड को देखकर मुझसे नहीं रहा गया. मैंने अपने देवर जी के लंड को सहलाना शुरू किया और कहा कि आपको करीब से देखना है तो देख लीजिये पर मुझे बदले में कुछ चाहिये. में उठकर खड़ी हो गई और देवर जी के बेडरूम में आ गई.. वो मेरे पीछे आ गये और रूम मे आकर मैंने अपना गाउन उतार दिया. मेरे देवर ने दोनों हाथ से मेरे बूब्स को दबाया और पागलों जैसे चूसने लगे..
फिर एक हाथ मेरी चूत पर ले जाकर उसमे दो उंगली डाल दी और बोला ओह भाभी आप तो बहुत गर्म हो गई है. मैंने कहा आपका लंड देखकर रहा ही नहीं गया.. लेकिन कहीं भैया आ गये तो? मैंने कहा कि वो अब सीधा सुबह उठेंगे. ये सुनते ही उसने मुझे बेड पर धकेल दिया और अपने कपड़े उतार दिये और मुझे अपने उपर आने का इशारा किया.. हम दोनों 69 पोज़िशन में थे. उसने मेरी चूत चाटना शुरू किया और एक उंगली को मेरी गांड मे डाल दिया.. लगता है भैया को गांड काफ़ी अच्छी लगती है.
मैंने उसका 8 इंच लंबा लंड चूसते हुये ह्ह्हम्म्म हम कर रही थी. इतने में उसने मुझे उठाया और कहा कि ऐसे ही रहो.. हम डॉगी स्टाइल में थे. उसने एक ही झटके में मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया और दोनों हाथ से मेरे बूब्स पकड़ लिये और झटके देने शुरू कर दिये. 2-3 धीरे धीरे झटको के बाद उसने ज़ोर ज़ोर से चोदना शुरू किया.
फिर उसने मुझे 25 मिनट तक वैसे ही चोदा. में तो अब झड़ने वाली थी. उसने फ़िर अपना लंड निकाला और कहा कि झुक जाओ.. तो में समझ गई कि वो क्या करना चाहता है उसने मेरी कमर कसकर पकड़ी और अपना मोटा लंड मेरी गांड पर रख कर धक्का मारा. उस एक धक्के में उसका 8 इंच लंबा लंड मेरी गांड में था और मेरी चीख निकल गई. उसने एक हाथ में मेरा मुँह पकड़ लिया और दूसरे से मेरे बूब्स और कहा कि आज आपको ऐसी जन्नत मिलेगी जो भैया ने आपको कभी नहीं दी होगी. मैंने कहा हाँ चोदो मुझे जम कर चोदो ह्ह्ह्हम्म और उसने अगले 15 मिनट तक मेरी गांड मारी फिर लंड निकालकर मुझे पलट दिया. फिर मेरा सर पकड़कर अपने लंड के पास लाया.. तो मैंने उसका लंड अपने हाथ में लेकर मुँह में डाल लिया. उसका लंड बहुत गर्म हो गया था. 2 मिनिट मे उसने अपना वीर्य मेरे मुँह पर छोड़ दिया. फिर में उठकर बाथरूम गई और फिर में अपने रूम में चली गई.
Share:

शादी में लड़की पटाकर चोदी


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम युवी है और में गुजरात का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 26 साल है और में दिखने में पतला दुबला हूँ.. लेकिन मुझमें सेक्स का बहुत बड़ा कीड़ा है यह बात में नहीं कहता.. लेकिन वो लड़कियाँ, औरतें, चाची कहती है जिसके साथ मैंने आज तक बहुत बार सेक्स किया है और मेरे तगड़े लंड का मज़ा बहुत सारी लड़कियों और आंटी ने लिया है.. लेकिन उसकी शुरुआत कैसे हुई? में वो आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी में बताने जा रहा हूँ..
वैसे मैंने बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है और वो मुझे बहुत अच्छी भी लगी और आज में अपनी भी एक सच्ची घटना का राज खोलने जा रहा हूँ. दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरी गर्ल फ्रेंड की है.. जो उस रात की पहली चुदाई के बाद मेरी गर्लफ्रेंड बनी थी.
दोस्तों में एक दिन अपने एक बहुत पक्के दोस्त की बहन की शादी में गया हुआ था. वहाँ पर मुझसे एक लड़की मिली थी.. जिसका नाम दिव्या है और हम सब दोस्त मिलकर शादी में बहुत मज़े मस्ती कर रहे थे. तो मेरी नजर एकदम दूसरी तरफ गई और तब मैंने देखा कि दिव्या एक कौने में खड़ी थी.. लेकिन पता नहीं क्यों मेरी नज़र बार बार उस पर ही जा रही थी और में हर थोड़ी देर में उसको ही देखे जा रहा था और वो बहुत मासूमियत से चुपचाप हम सभी को दूर से देखकर मज़े कर रही थी. तो मेरे सब दोस्त बोलने लगे कि आज तो युवी कुछ कमाल करके ही रहेगा और में शरमा रहा था.. क्योंकि मैंने पहले कभी किसी लड़की को इस तरह नहीं देखा था.. लेकिन उस लड़की में ना जाने कौन सा जादू था. में उसको हर बार पलट पलटकर देखे जा रहा था.
फिर वो लड़की कुछ देर बाद शरमाते हुए मेरे पास आई और मेरे सारे दोस्त मुझे उसके पास अकेला छोड़कर चले गये.. दोस्तों वो क्या पटाका लड़की थी? उसके फिगर का साईज 32-26-32 है और वो नीले कलर की ड्रेस में बहुत ही सुंदर लग रही थी और में उसके हुस्न के जादू में खोया चला जा रहा था.
फिर मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके उससे उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम दिव्या बताया और मुझे बाद में पता चला कि वो भी गुजरात की ही रहने वाली है. तो मेरी तो जैसे लौटरी ही निकल पड़ी और उतने में ही बारात आ गई और मुझे बारात के स्वागत और देखभाल के लिए जाना पड़ा.. लेकिन वैसे हमने एक दूसरे के मोबाईल नंबर ले लिए थे और अब मेरे सभी दोस्त मुझे चिड़ा रहे थे कि साले तू यहाँ पर शादी में आया है या अपनी शादी करने? फिर जब हम काम से फ्री हुए तो रात के 10 बज चुके थे और शादी का टाईम 12 बजे का था और जब मैंने अपना मोबाईल देखा तो दिव्या के कई सारे मैसेज और मिस कॉल्स थे.
तो मैंने जब उसे कॉल किया तो वो थोड़ी नाराज़ होकर बात करने लगी.. तो मैंने उससे कुछ देर बात करने के बाद कहा कि प्लीज अब माफ़ भी करो.. बहुत काम था तो में काम को छोड़कर कैसे आ जाता?
फिर में फोन पर बात करते हुए जल्दी से उसके पास पहुंच गया. तो उसने मुझसे बोला कि चलो हम कहीं घूमने चलते है और हम वहाँ से पैदल निकल पड़े कुछ दूर जाते ही थोड़ा ज्यादा अंधेरा था तो वो मुझसे चिपककर चलने लगी. दोस्तों यह मेरा पहली बार था तो में तो अपने आपे से बाहर हो रहा था. फिर हम एक छोटी सी दुकान के पास पहुंचे.. लेकिन वहाँ पर कोई नहीं था और वहाँ पर कुछ कुर्सियां भी थी.. तो हमने वहाँ पर बैठकर थोड़ी देर बात की और फिर मैंने उससे बोला कि चलो अब वापस चलते है. हमें बहुत देर हो गई है और अंधेरा भी बहुत हो गया और बाद में हमें सोने के लिए जगह भी नहीं मिलेगी. तो उसने कहा कि ठीक है चलते है और अब वो मेरा हाथ थामकर ऐसे चल रही थी कि जैसे में उसका बॉयफ्रेंड हूँ और जब हम वापस आए तो वही हाल था. सब लोग अपने अपने लिए गद्दे लेकर सोने चले गये थे और हमारे लिए कोई जगह नहीं बची थी.
फिर मैंने अपने दोस्त को कॉल किया तो वो छत से नीचे आया और मुझे उससे थोड़ा दूर ले जाकर बोला कि पास वाले घर की छत पर कोई नहीं है और मैंने तुम्हारे लिए वहाँ पर गद्दा भी बिछा रखा है. तुम इसे लेकर वहाँ पर चले जाओ और आज रात बिना चिंता के मज़े करो.. बाकि हम सब सम्भाल लेंगे. तो मैंने कहा कि यह क्या बोल रहे हो तुम? तो वो थोड़ा सा मुस्कुराया और वहाँ से चला गया और फिर मैंने दिव्या को जाकर बताया कि ऐसी स्थिति है तो अब हम क्या करें? तो वो बिना कुछ कहे मेरा हाथ पकड़कर मुझे छत पर ले गयी और बोली कि हम दोनों यहीं पर सो जाते है तुम चिंता ना करो.
तो मैंने देखा कि घड़ी में उस समय 11:30 बज चुके थे और मैंने भी वहीं पर सोना ठीक समझा और हम एक साथ ही उस बिस्तर पर एक दूसरे से थोड़ी दूरी बनाकर लेट गये और कुछ देर बाद हम सो गए.. लेकिन रात को हमे ठंड बहुत लग रही थी और रात को ना जाने कब वो मुझसे एकदम से लिपट गयी और उसका घुटना मेरे लंड को छू रहा था और मेरा लंड एकदम तन गया था और जब मेरी आँखे खुली तो ठीक मेरी आखों के सामने उसके बड़े बड़े बूब्स उसके कपड़ो में से बाहर दिख रहे थे.
मैंने थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ आगे की तरफ बड़ाकर उसके बूब्स पर रख दिया और जब मुझे लगा कि उसने कुछ देर मेरे हाथ रखने से किसी भी तरह का विरोध नहीं किया है.. तो मेरी हिम्मत थोड़ी बड़ गई और में बूब्स को धीरे धीरे सहलाने लगा. तभी अचानक उसका एक हाथ मेरे लंड पर गया और उसने मेरा लंड थाम लिया और में एकदम से बहुत घबरा गया. उस ठंडी रात में भी मेरे पूरे शरीर से पसीना छूटने लगा और मैंने अपना हाथ एकदम से पीछे कर लिया और सोने का नाटक करने लगा.. लेकिन कुछ देर बाद उसने बाजी सम्भाल ली और उसने अपने बूब्स ठीक मेरे सामने कर दिए और मेरा एक हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़कर अपने बूब्स पर चलाने लगी.
में समझ गया कि वो उस समय नींद में नहीं थी. मैंने थोड़ी हिम्मत करके फिर से उसके बूब्स को उसकी ड्रेस के ऊपर से ही सहलाने दबाने लगा और वो मेरे लंड को घिसे जा रही थी तो कुछ ही देर में मेरा लंड सख़्त हो गया.. मैंने उसकी ड्रेस उतार दी और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स चूसने लगा और कुछ देर के बाद उसने अपनी ब्रा को भी निकाल दिया और मेरी पेंट को भी उतार दिया. फिर वो मेरे लंड को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और बहुत प्यार से मुझे चूमने लगी और में भी उसके रसीले होंठो का रस पीने लगा और उसे बहुत प्यार करने लगा. फिर मैंने ठीक समय देखकर उसकी लेगी और पेंटी को भी उतार दिया.. वाह!
दोस्तों क्या चूत थी उसकी? मुझे तो जैसे आज पहली बार चुदाई में ही जन्नत मिल गयी थी और आज मेरे दिल की हर एक इच्छा पूरी होने वाली थी और में मन ही मन ऊपर वाले को बहुत धन्यवाद देने लगा. तो वो अब मेरा लंड चूसने लगी और में उसकी चूत.. उसकी चूत की क्या खुश्बू थी? में तो बस उसे सूंघकर जैसे मदहोश ही हुआ जा रहा था. फिर में अपनी जीभ को उसकी चूत में डालकर चूत को चाटने लगा और अपनी जीभ को चूत में अंदर बाहर करने लगा. मुझे उसकी गरम गरम चूत को जीभ से चोदने में और चूसने में बहुत मज़ा आने लगा था. तो वो अह्ह्हओउउंमह आऊऊऊच अह्ह्ह करके सिसकियाँ लेने लगी और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और उसकी इस तरह की आवाजें सुनकर जोश आ रहा था.
दोस्तों अब हम दोनों के नंगे जिस्म एक दूसरे में खो से गये थे कि तभी अचानक उसकी चूत ने मेरे मुहं पर अपनी चूत का गरम लावा छोड़ दिया और मैंने उसका सारा लावा चाटकर साफ कर दिया और अब इधर में भी झड़ने वाला था.. तो में अपने लंड को उसके मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा और वो समझ गयी कि अब में भी झड़ने वाला हूँ तो उसने मेरे लंड पर अपने मुहं की पकड़ को टाईट बना लिया और जैसे ही मेरा लंड झड़ने वाला था..
उसने जल्दी से लंड को मुहं से बाहर निकालकर मेरा सारा माल एक साईड में निकाल दिया. दोस्तों उस समय मुझे क्या आनंद मिला.. में वो शब्दों में बयान नहीं कर सकता था और फिर थोड़ी देर बाद वो उठी और उसने मेरे लंड को मुहं में लिया और कुतिया की तरह चाटना शुरू कर दिया. में भी उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और जैसे ही मेरा लंड फिर से पूरा तनकर खड़ा हो गया तो वो लंड को छोड़कर गद्दे पर सीधी हो कर लेट गयी और उसने मुझे उसके ऊपर खींच लिया और फिर मैंने भी उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत पर सेट कर दिया.
दोस्तों यह सेक्स मेरा पहली बार था तो मैंने उससे कहा कि तुम लंड को पकड़कर अपनी चूत के मुहं के पास रखना और फिर उसने अपने पैरों को और भी खोल लिया और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रखा और मैंने उसका इशारा पाकर एक ज़ोर से धकका दे मारा. तो एकदम से उसकी बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और में डर गया और अपने लंड को एक जगह पर रखकर एकदम से शांत हो गया कि कहीं किसी ने सुन ना लिया हो?
लेकिन उस समय रात बहुत हो चुकी थी और सभी अपने कामो से थककर गहरी नींद में सो चुके थे और कुछ लोग शादी में लगे हुए थे और वैसे भी उस छत पर कोई भी नहीं था.. तो मुझे थोड़ी राहत मिली. तो उसने कहा कि भला ऐसे भी कभी कोई करता है क्या? थोड़ा आराम से करो.. क्या में कहीं भागी जा रही हूँ? और अभी तो पूरी रात पड़ी हुई है जितना चाहो चोद लेना. दोस्तों उसके मुहं से यह अब शब्दों को सुनकर मुझे बहुत अजीब सा लगा और मेरा थोड़ा डर भी खत्म हुआ.. क्योंकि अब मुझे उसकी तरफ से हरी झंडी मिल चुकी थी और अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में था. फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और उसे चूमने लगा और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी.
फिर मैंने उसे एक और जोरदार धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. इस वक़्त उसे बहुत दर्द हुआ.. लेकिन उसने अपनी एकदम से चीख रोक ली और वो प्यार भरी सेक्सी सिसकियों की आवाज़ से आअहह अऔचअऔह माँ अह्ह्ह जैसे आवाज़ से मेरा साथ देने लगी. फिर करीब 20 मिनट के बाद वो एक बार फिर से झड़ गयी और मैंने उसे एकदम अपनी बाहों में जकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और फिर करीब 15 मिनट के धक्को के बाद में झड़ने वाला था.. तो मैंने उससे पूछा कि कहाँ पर निकालूँ? तो उसने कहा कि में भी झड़ने वाली हूँ.. तुम अंदर ही निकाल दो मेरी जान और हम एक साथ में झड़ गये. फिर में उसके ऊपर पर लेट गया और उसे चूमने लगा.
कुछ देर के बाद में खड़ा हुआ तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर और उसकी चूत पर खून लगा था और थोड़ा खून गद्दे पर भी लगा हुआ था. तो मैंने उसे जब बताया तो उसने मुझसे कहा कि पहली बार चुदाई में ऐसा ही होता है. तो दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया कि वो भी आज पहली बार मुझसे चुद रही थी और मैंने उसे बहुत देर तक चूमा.
उसने अपनी पेंटी से मेरा लंड और उसकी चूत पर लगा खून साफ किया और मैंने देखा तो उस समय दो बज चुके थे. तो मैंने अपने दोस्त को फोन किया तो वो बोला कि शादी के फेरे ख़त्म हो गये है और तू बस ऊपर ही लगा रह और सुबह ही नीचे आना हम तेरे साथ है और उतना कहकर उसने फोन काट दिया. तो उस रात हमने दो बार और सेक्स किया और हमने एक दूसरे से बोला कि हम एक दूसरे को बहुत प्यार करते है और फिर उस रात की चुदाई के बाद वो मेरी गर्लफ्रेंड बन गयी और में उसका बॉयफ्रेंड और जब तक उसकी शादी नहीं हुई हम दोनों एक साथ रहे.. लेकिन उसके घर वालों को हमारा रिश्ता मंजूर नहीं था और एक दिन उसकी शादी जबरदस्ती करवा दी.. लेकिन में आज भी दिव्या से बहुत मोहब्बत करता हूँ और वो भी मुझसे बहुत प्यार करती है और उसकी शादी होने के बाद भी हमने बहुत बार चुदाई की है.
Share:

प्राची चुदी पैसे के लिये


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम प्राची है. में जयपुर से पढाई कर रही हूँ.  काफ़ी स्टोरी पढ़ने के बाद मुझे लगा कि मुझे भी अपनी स्टोरी शेयर करनी चाहिये. ये मेरी रियल स्टोरी है.. अगर अच्छी लगे तो मुझे मेल करना. अब में आपको अपने बारे में बता देती हूँ..
मेरी हाईट 5 फीट 5 इंच है. में कोटा से बिलोंग करती हूँ. मेरी फेमिली में पापा, मम्मी और 2 छोटे भाई है. अब में आपका टाइम खराब ना करते हुये अपनी स्टोरी पर आती हूँ. मैंने 12वीं क्लास के बाद मेरी आगे की पढाई जयपुर से की और में होस्टल में रहती हूँ. में दिखने में बहुत सेक्सी हूँ.. मेरा फिगर 32-30-34 है और शुरुवात के समय जयपुर में मेरा मूड नहीं लगता था तो में रोज गौरव टावर जाती थी.
फिर वहा मेरी दोस्ती अर्पित से हुई.. वो जयपुर इंजिनियरिंग कॉलेज में दूसरे साल का स्टूडेंट था और वो दिखने में भी मस्त था और वो बहुत अमीर फेमिली से है. मुझे पहले तो अच्छा नहीं लगता था.. लेकिन पापा की डेथ के बाद मुझे अपना काम निकलवाने के लिये काफ़ी लड़को की सहायता लेनी पड़ी. आप लोगों को भी मालूम होगा कि बिना कुछ दिये आज कल कुछ भी नहीं मिलता. फिर मैंने शुरुवात अर्पित से की.. अर्पित दिखने में बहुत अच्छा था. अर्पित की बहन मेरे कॉलेज में पढ़ती थी.
धीरे धीरे मैंने जानकारी निकाली और उसकी बहन से अच्छी दोस्ती की और कई बार तो अर्पित अपनी बहन को लेने कॉलेज आया करता था. साथ में रहने के कारण मेरी और उसकी नजदीकियां बढ़ती गई और एक दिन अर्पित ने मुझसे दोस्ती करने के लिये बोला.. मैंने दोस्ती के लिये हाँ बोल दिया. फिर धीरे धीरे नंबर एक्सचेंज हो गया और शुरुवात में चेटिंग करते और फिर कब वो प्यार में बदल गया.. पता ही नहीं चला.
फिर मैंने भी हाँ बोल दिया. में कई बार अर्पित के घर जाया करती थी. एक दिन में अर्पित के घर गई.. तो वहां कोई नहीं था.. केवल अर्पित था.. बाकी सब लोग मार्केट गये थे. मैंने प्रियंका के बारे में पूछा.. तो उसने बोला कि वो बाहर गये है 2-3 घंटे के बाद आयेगें.. उसने बैठने को कहा और में बैठ गई. फिर हम दोनों बातें करने लगे.. तभी अचानक से अर्पित मेरे पास आकर बोला कि में तुमसे शादी करना चाहता हूँ..
में यह सुनकर चोंक गई. मैंने उसको समझाया.. लेकिन वो नहीं माना और आखरी में मुझे उसको हाँ बोलना पड़ा.. वो खुश हो गया और मुझे अपनी बाहों में लेकर किस करने लगा. किस करते करते हुये हमें 25 मिनट हो गये. फिर मैंने उसको धक्का दिया.. लेकिन वो नहीं माना और मुझे खींचकर पीछे से पकड़कर मेरे बूब्स को ज़ोर से दबा दिया.. दर्द के मारे में ज़ोर से चीख गई.. हुईई माँ माँ माआ और वो वापस से मेरे होठों को चूसने लगा और में अब गर्म होने लगी.
उसने समय देखकर मेरा टॉप उतार दिया और ब्रा के ऊपर से बूब्स को चूसने लगा. में बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी.. साथ में पेंटी भी गीली होने लगी. अब उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और एक हाथ से बूब्स दबा रहा था.. वो भी इतनी ज़ोर से कि बहुत दर्द कर रहा था और दूसरा निप्पल मुँह में लेकर उसको चूस रहा था. में बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी.. अब अर्पित ने मेरी जीन्स को खोलने के लिये उसके ऊपर अपना हाथ रखा.
फिर मैंने उसको मना कर दिया और बोला कि जान ये ग़लत है.. लेकिन वो नहीं माना.. मैंने उसको फिर दूर किया.. लेकिन उसने अपने प्यार की कसम देकर मेरी जीन्स व स्कर्ट को उतार दिया और पेंटी को भी उतार दिया.. वो मेरी चूत को देखकर ऐसा चोंका कि वो 3 मिनट तक केवल देखता रहा. मैंने पिछले 1 साल से बालो की कटिंग नहीं की थी.. तो वहां पूरा जंगल सा हो गया था. वो कमरे में गया और रेजर लेकर आया और उसने मेरे बालों की सफाई की और उसके बाद मेरी चूत को चाटने लगा.. चाटने के कारण में बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई और मोन करने लगी.
फिर उसने 2 उंगली मेरी चूत में एक साथ घुसेड़ दी.. जिसके कारण में ज़ोर से चिल्लाई.. लेकिन उसने एक नहीं सुनी और लगातार अंदर बाहर करने लगा. मैंने अपना पानी छोड़ दिया और उसने उंगली से ही मेरी चूत में खून निकाल दिया. अब उसने अपने कपड़े उतारे और लंड मेरे हाथ में दिया और मसलने के लिये बोला.. उसके लंड की साइज 3 इंच मोटा और 8 इंच लंबा था. मैंने काफ़ी बार होस्टल गर्ल्स के साथ ब्लू फिल्म देखी थी..
में उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. इतने में ही अर्पित ने अपना पानी छोड़ दिया और मुझे वो पानी बहुत गंदा लगा और में थूकने के लिये उठी.. लेकिन उसने मुझे उठने नहीं दिया और जबरदस्ती मुझे अंदर पीना पड़ा. अब अर्पित का लंड वापस से खड़ा हो गया और मेरी चूत के पास अपना लंड टच किया और अंदर डालने लगा लेकिन वर्जिन होने की वजह से लंड अंदर नहीं जा रहा था.
अब उसने एक ज़ोर से धक्का मारा और मेरी चूत का गेट खुल गया और चीरता हुआ बच्चेदानी से जा टकराया.. मेरी तो दर्द के मारे माँ ही चुद गई. में ज़ोर से चीखी.. हाआईईईईइ.. अर्पित प्लीज नीचे उतारो और में उसको धक्का देने लगी.. लेकिन वो ऊपर होने की वजह से अपना मुँह मेरे मुँह में डालकर किस करने लगा. कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हुआ.. तभी वो फिर से मुझे चोदने लगा. मुझे अब बहुत अच्छा लग रहा था और वो लगातार मेरे ऊपर गधे की तरह मुझे चोदे जा रहा था. उसने करीब मुझे 20 मिनट तक लगातार चोदा.. जिससे में 3 बार झड़ गई थी. उसने मेरी चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया और मुझे सेक्स करके बहुत मज़ा आया. अब में उठी और चूत को देखने लगी.. उसका तो भोसड़ा बन चुका था.. पूरी खून में भीगी हुई थी.. अब भी खून निकला जा रहा था. मैंने उसके साथ 2-3 बार और सेक्स किया. लास्ट टाईम सेक्स करने के बाद उसने मुझे प्रेग्नेंट कर दिया और उसके बहाने से में उससे 25000 रुपये ले आई और अपना खर्चा निकालने लगी.
उसके बाद वो मुझसे रियल लव करने लगा.. लेकिन में तो केवल चूत और पैसों के लिये काम करती थी. उसके बाद में कई लड़को से चुदी. फिर मैंने ऑफिस जॉइन किया.. सांगानेर में बिल्डर के यहाँ भी अपने बॉस के साथ चुदी और उससे तो मुझे बहुत फायदा भी हुआ. अब तक में 5 लड़को से प्रेग्नेंट होने का बहाना कर चुकी हूँ और अब में मेडिकल में मेनेजर हूँ और अब मैंने घर से भागकर शादी कर ली है.. लेकिन अभी वाला भी नामर्द निकला.. लेकिन उससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मुझे पराये लोगों से चुदवाना ज्यादा पसंद है. में आज चुदवाने जाती हूँ.. फुल पैसे के साथ, फुल मोज मस्ती.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया