बहन ने बनाया मादरचोद


मैं राज मेहरा पेश करता हूँ आप सभी लंड और चूत के पुजारियों के सामने अपनी नई प्रस्तुति. में अपनी फेमिली के बारे बता देता हूँ.. में पंजाबी फेमिली से हूँ और हम पानीपत में रहते है और मेरा नाम राज मेहरा, उम्र 26 साल.. एक तंदरुस्त गबरू जवान जिसका 8 इंच का लंड हमेशा चूत, गांड और मुँह को सलामी देने के लिए तैयार रहता है.
हमारी फेमिली मे कुल 5 सदस्य है.. में, मम्मी, पापा और दो बड़ी बहनें. मेरी बड़ी बहन पूनम की शादी 2 साल पहले हो गई है और वो अपने पति के साथ लंदन मे रहती है और छोटी बहन सिमरन उम्र 22 साल जो बी.कॉम कर रही है और एक कॉल सेंटर मे जॉब करती है. पिताजी आर्मी से रिटायर्ड होने के बाद दिल्ली के रोहिणी में अपना बिज़नेस चलाते हैं और वहीं रहते हैं और केवल छुट्टियों पर आते है.
मम्मी का नाम संगीता है और वो मस्त फिगर रखती है और दिखने मे अपनी रियल उम्र से 5 साल कम दिखती है और गांड तक काले बाल, बड़ी गांड, घर मे मॉडर्न कपड़े और बाहर साड़ी पहनती है. रंग गोरा बूब्स बड़े बड़े.. जब वो चलती है तो गांड देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाये. सिमरन को एक बार चोदने के बाद ये सिलसिला रोज़ का ही बन गया.. रोज़ाना मम्मी के सोने के बाद वो मेरे रूम मे आती और 2-3 बार चुदकर अपने कमरे मे सोने चली जाती.
उसे चोदते चोदते मुझे लगभग 3 महीने हो चुके थे. अब वो मुझसे कुछ नहीं छुपाती.. उसने मुझे बताया कि कैसे दो साल पहले उसने अपने बॉयफ्रेंड से उसके घर जाकर अपनी सील तुड़वाई. चुदाई के वक़्त हम अब बहुत मजे करने लगे.. उसे मेरे लेपटॉप मे पॉर्न मूवी देखना बहुत अच्छा लगता है. एक दिन उसने अपने आप एक मूवी चलाई.. जिसमे एक अंग्रेज कपल के साथ एक नीग्रो सेक्स कर रहा था.. अंग्रेज मेल ने पहले उसका लंड चूसा और बाद मे अपनी बीवी की चूत मे खुद पकड़कर डाला.
सिमरन : भैया क्या मर्दों को भी लंड चूसना अच्छा लगता है?
में : हाँ क्यों नहीं.. मर्दों के मुँह भी तो तुम्हारे जैसे ही होते हैं बल्कि एक लड़का और बेहतर जानता है कि लंड पर कहाँ ज़्यादा फील होता है.
सिमरन : हाँ वो तो है और तुम्हें क्या अच्छा लगता है.
में : मेरा मन है कि मैं एक साथ दो औरतों को चोदूं और चोदते चोदते एक आदमी का लंड भी चूसूं. आजकल में एक कपल से नेट पर बात कर रहा हूँ.. देखो अगर अगले सप्ताह बात बनी तो.
सिमरन : अकेले अकेले ही जाओगे.. अपनी बहन को भूल जाओगे क्या?
में : अरे ऐसा कैसे हो सकता है मेरी जान.. तुम भी चलना और मज़े करना.
सिमरन : तुम्हे मेरे अलावा भी कोई घर मे पसंद है क्या?
में : ये राज की बात है.. फिर कभी.
सिमरन : बताओ ना प्लीज़.. तुम्हे मेरी कसम.
में : मैंने माँ को कई बार नहाते हुए देखा है.. उसकी बॉडी को देखते ही मेरा लंड पागल हो जाता है.
सिमरन : माँ को बता दूं क्या? कि उसका बेटा..
में : अच्छा जी 100 चूहे खा के बिल्ली चली हज को.
सिमरन : हहहहहहा मज़ाक कर रही थी.
सिमरन : अगर तुम्हारी इच्छा घर में ही पूरी करवा दूं तो.
में : क्या मतलब.. में समझा नहीं.
सिमरन : इसमे समझने की क्या बात है.. मेरे अलावा माँ ही घर मे दूसरी औरत है.
में : सच.. क्या यह संभव है.
सिमरन : पर तुम्हे भी बदले में मेरे लिये एक नये बड़े से लंड का इंतज़ाम करना पड़ेगा.
में : पर यह सब कैसे होगा.
सिमरन : अरे पागल में और माँ एक दूसरे के सभी राज जानते हैं.. जब पापा नहीं होते तो माँ अपने बॉस से अपनी चूत की आग बुझाती है और पिछले 4 सालों से में यह सब जानती थी और हमेशा उनकी चुदाई देखकर मज़े लेती थी.
एक दिन जब में पहली बार अपने बॉयफ्रेंड से चुदकर आई थी तो माँ को मेरी चाल देखकर शक हो गया था. जब कई बार पूछा तो मैंने सब सच बता दिया और पहले तो गुस्से मे डाँटने लगी.. मगर जब मैंने गुप्ता जी उनके बॉस वाली बात बताई तो वो सीधी लाईन पर आ गई.. तब से लेकर आज तक हम एक दूसरे के राज जानते है और वो मुझे सेक्सी कपड़े ला कर देती है. एक दिन तो अभी हफ़्ते भर पहले गुप्ता जी ने चुदाई का एक राउंड पूरा करने के बाद अपना लंड मुझे चुसवाया.. वाउ क्या मस्त लंड है उनका.. तुमसे लम्बाई मे थोड़ा छोटा पर मोटाई में तो तुमसे भी बड़ा है और वो तो उस दिन गुप्ता जी की बीवी का फ़ोन आ गया.. वरना मेरी चुदाई का भी इंतज़ाम हो जाता.
में : तो यह बात है.
सिमरन : बोलो फिर कब बनना है मादरचोद.
में : नेक काम मे देरी कैसी.
सिमरन : ओके, फिर तुम अपने लंड को तैयार रखो.. मैं अभी आती हूँ.
में : यह तो माँ के लिए हमेशा तैयार है.
यह कहकर सिमरन बिस्तर से उठकर माँ के रूम की और चली गई. उसने केवल ऊपर टॉप पहना हुआ था.. नीचे कुछ भी नहीं और 30 मिनिट के बाद सिमरन मेरी माँ को लेकर मेरे रूम मे आई.
सिमरन : तुम्हारी खातिर इतनी देर समझाना पड़ा.. लेकिन माँ पहले तो आ ही नहीं रही थी.. जैसे तुम्हारे लंड मे काँटे लगे हो. फिर जब मैंने अपनी चुदी हुई चूत दिखाई तो इनका कुछ मूड बदला और में माँ की तरफ देख रहा था.. वो अभी भी कुछ शरमा रही थी और दूसरी तरफ देख रही थी. उसने काले कलर की सिल्की नाइटी पहनी थी और जिसके नीचे काले ही कलर की पेंटी और ब्रा थी. मैंने माँ का हाथ पकड़ा तो उन्होंने हाथ छुड़ाने का नाटक किया.
सिमरन : माँ अभी तो आप हाथ छुड़ा रही हो.. जब लंड देखोगी तो अपने बेटे की दीवानी हो जाओगी.
में : माँ अब तो आपकी और सिमरन की खुशियों की ज़िम्मेदारी मेरी और मेरा लंड आपकी खूब सेवा करेगा.
माँ : देखते है बेटा.. अगर यह सब करना ही है तो चलो हमारे बेडरूम मे चलते हैं.
में : वो तो ठीक है पर मेरी एक इच्छा और है.. आज की रात के लिये में चाहता हूँ कि चुदाई से पहले आप शादी की ड्रेस पहनकर आओ. तब तक सिमरन हमारे बेडरूम को सजाये और सुहागरात को शुरू करने से पहले मुझे सदा मादरचोद बहनचोद बने रहने का वरदान मिले.
सिमरन : साले तू तो बहुत ही बड़ा कमीना निकला.
माँ : शादी का जोड़ा तो में पहनूंगी लेकिन तुम्हे मेरे साथ अग्नि के साथ फेरे भी लेने होंगे और मेरी माँग मे सिंदूर भी भरना होगा.
में : तुमने तो मेरे मन की बात छीन ली.. पहले सिंदूर से तुम्हारी माँग भरूँगा और फिर अपने वीर्य से तुम्हारी माँग भरूँगा.
सिमरन माँ के साथ चली गई और माँ की चाल मे एक उतावलापन साफ दिख रहा था. फिर में नहाने चला गया. नहाकर वापस आया तो बस मैं टावल में था तो देखा सिमरन खड़ी है और उसने अभी भी बस एक ढीले से टॉप के अलावा कुछ नहीं पहना था.
सिमरन : भैया तुम्हारे लिए पापा की अलमारी से उनकी शादी की शेरवानी लाई हूँ और में खुद तुम्हे तैयार करूँगी तो मेरा लंड उसकी ऐसी बाते सुनकर खड़ा होने लगा और वो पास आई तो मेरा टावल उतार दिया और मेरे पप्पू को हाथ मे ले लिया. अब तो पप्पू महाराज पूरे ठुमके लगाने लगे.. उसने बैठकर लंड पर एक जोरदार किस किया और बोली जा मेरे शेर और अपनी पैदा करने वाली चूत मे तूफान मचा दे.
फिर उसने मुझे सबसे पहले अंडरवियर पहनाई और बोली कि रोज़ तो उसे उतारती हूँ और आज पहनाना पड़ रहा है. फिर उसने मुझे सारे कपड़े पहनाये और बीच बीच में वो मुझे बॉडी पर किस भी कर रही थी. अंत मे सेहरा पहनाया और हाथ पकड़कर माँ के रूम की तरफ ले चली.. माँ तो लाल जोड़े मे पहले से ही तैयार बैठी थी. सिमरन ने एक मोमबत्ती जलाई और कहाँ अब तुम दोनों मुझे साक्षी मानकर इस अग्नि के 7 फेरे लो.. फेरों के बाद उसने मुझे कई वचन भी दिलाये कि जब भी माँ को मेरे लंड की ज़रूरत होगी तो मैं मना नहीं करूँगा. मेरे लंड पर पहला हक़ हमेशा माँ का होगा. फिर मैंने माँ की माँग मे सिंदूर भरा और उन्होनें मेरे पैर छुये तो मैंने आशीर्वाद दिया और कहा कि मेरी जान तुम्हारी चूत और गांड हमेशा लंड से भरी रहे. सिमरन यह सुनकर हँसने लगी और वो यह प्रोग्राम की वीडियो रिकार्डिंग कर रही थी.
माँ : बेटा अब जल्दी कर.. इन कपड़ों मे गर्मी लगने लगी है.
में : थोड़ा इंतज़ार का मज़ा लो मेरी ज़ान.. आज से यह तुम्हारा बेटा ही तुम्हारा पति है.
माँ : हे पातिदेव.. में दूध का ग्लास लिए आपका बेड पर इन्तजार कर रही हूँ.
यह कहकर माँ चली गई और अपने बेड पर सिमरन ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे भी बेड पर बिठाया तो वो दूध ले आई. फिर माँ यानी कि मेरी नई नवेली दुल्हन ने मुझे दूध पिलाया और वो पीने के बाद मैंने धीरे से घूँघट उठाया तो माँ ने शरमा कर अपना मुँह दूसरी और कर लिया. सिमरन यह सब वीडियो बना रही थी. एक कोने में बैठकर मैंने अपने होंठ मेरी माँ संगीता (मेरी नई पत्नी) के लिप्स पर रख दिये और हमारी टांग आपस मे लड़ने लगी. संगीता ने मेरा चेहरा अपनी बाहों मे भर लिया और अब धीरे धीरे हमने एक दूजे के सारे कपड़े उतार दिये. अब हम दोनो नंगे थे और माँ का दूधिया बदन ज़न्नत लग रहा था.. उनके गोल गोल बड़े बूब्स मुझे दूध पीने को निमंत्रण दे रहे थे तो में दोनों बूब्स पर टूट पड़ा.
सिमरन : वाह मेरे शेर.. चोद दे अपनी माँ को.. दिखा दे अपने लंड का ज़लवा.. मेरा ध्यान अब केवल माँ पर था.. वो भी अब पूरी गर्म हो चुकी थी. मैंने पीछे मुड़कर देखा तो पता चला कि सिमरन ने अपना टॉप भी उतार दिया है और वो पूरी नंगी होकर एक हाथ से अपनी चूत को सहला रही है और दूसरे से कैमरा पकड़ा हुआ है.
सिमरन : ऐसे क्या देख रहा है पहली बार नंगी देखा है क्या मुझे? तुम दोनों मज़े करो और मैं कुछ भी ना करूँ.. यह कैसे हो सकता है.
माँ : मेरे लंड को हाथ मे लेकर सहलाते हुये बोली कि सिमरन यह मस्त लंड आज मुझे तेरे कारण ही मिला है.
सिमरन : ओये ओये.. मेरे भाई की नई दुल्हन.. आज से तो तुझे भाभी कहूँगी.
माँ : बेटा मुँह मीठा तो करा दे अपनी बहन का.
में : वो कैसे.. यहाँ तो कोई मीठा नहीं है.
माँ : अरे पागल और हँसने लगी और सिमरन भी मुस्कुरा रही थी. तो सिमरन ने मेरे लंड को मुँह मे लिया और ज़ोरदार किस किया.. फिर एक किस माँ की चूत को भी दी. फिर वापस जाकर कैमरा लेकर वीडियो बनाने लगी.. माँ की चूत बिल्कुल चिकनी थी और आज ही शेव की हुई लग रही थी. माँ ने बताया कि आज उनका उनके बॉस गुप्ता जी के साथ चुदाई का प्रोग्राम था लेकिन गुप्ता जी को कहीं जाना था और वो नहीं आ सके. मैंने कहा तुम चिंता क्यों करती हो.. में तुम्हे गुप्ता से भी मस्त चोदूंगा और यह कहकर मैंने अपने लिप्स माँ की चूत पर रख दिये.
माँ : चाट मेरे राजा.. खा जा अपनी समझकर और आज इस चूत की आग मिटा दे.. एक हाथ से माँ मेरे लंड को सहला रही थी. मैं अपने हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था और उधर सिमरन अपनी चूत में दो उँगलियाँ डालकर मज़े ले रही थी. 10 मिनिट तक चूत चाटने के बाद मैंने लंड को माँ की चूत पर रखा और एक ही धक्के मे आधा अंदर कर दिया तो माँ के मुँह से आह्ह्ह निकला. सिमरन बोली कि देखो कैसे नाटक कर रही है.. जैसे आज ही सील टूट रही है. तो माँ बोली कि सुहागरात तो पूरे ढंग से मनानी चाहिये.
सिमरन : जी भाभी और हँसने लगी और उससे भी अब चूत की खुजली बर्दाश्त नहीं हो रही थी तो इधर मैंने अपना पूरा लंड माँ की चूत मे डाल दिया और धक्के लगाने शुरू किये.
माँ : चोद मेरे राजा.. स्पीड बड़ा और मचा दे इस चूत मे खलबली.. घुसा दे अपना पूरा लंड इसमें. अब वो भी उछल उछल कर मेरा लंड अंदर ले रही थी. 15 मिनट की भयानक चुदाई के बाद में झड़ गया. अगले 5 मिनट तक मेरा लंड माँ की चूत मे ही पड़ा रहा और माँ चुदाई के दौरान 3 बार झड़ चुकी थी. सिमरन भी अब झड़ चुकी थी और मेरा लंड जैसे ही बाहर आया तो कुछ वीर्य चूत से बाहर आने लगा तो सिमरन ने उस पर कैमरा फोकस किया और मुझे कैमरा पकड़ने का इशारा किया.
फिर मैंने कैमरा संभाला तो सिमरन ने माँ की चूत चाटनी शुरू कर दी. अब मैं रिकॉर्डिंग कर रहा था और उसने सारा माल अपने मुँह में भर लिया और माँ के बराबर मे लेटकर माँ को किस करते हुये वीर्य पिलाने लगी. उस रात हमने सुबह 4 बजे तक चुदाई का अलग अलग स्टाईल में मजा लिया.
Share:

भाभी की साड़ी और चूत फाड़ी


हैलो दोस्तों.. मेरा नाम सुमित है और में जालंधर से हूँ. आज में आपके साथ अपनी एक सच्ची कहानी शेयर कर रहा हूँ. यह बात उन दिनों की है जब में बारहवीं क्लास में पढ़ता था. मेरे मामा जी के बेटे की नई नई शादी हुई थी और वो कनाडा में रहता है. उसका वहाँ अपना बिज़नेस है.. तो बात यह हुई कि वो शादी करके जल्दी ही कनाडा चला गया क्योंकि उसको बहुत बड़ा प्रॉजेक्ट मिल गया था. में उसकी शादी पर नहीं जा सका क्योंकि मेरे एग्जाम चल रहे थे.
एक दिन में मामा जी के घर गया.. सब लोग मंदिर गये हुए थे. घर में सिर्फ़ में और मेरी भाभी रेणुका थी. लेकिन मुझे नहीं पता था कि घर में कोई नहीं है. में हमेशा की तरह बिना बेल बजायें अंदर चला गया और मामा जी को आवाज़ दी लेकिन अंदर से कोई रिप्लाई नहीं आया.. तो मैंने 3-4 बार और पुकारा.. फिर भाभी ने आवाज़ दी तो मैंने अपने बारे में बताया तब भाभी को पता चला कि में उनका रिश्तेदार ही हूँ.
उस वक़्त तक़ मेरी भाभी पर बुरी नज़र नहीं थी. भाभी बोली चलो में आपके लिए चाय बना के लाती हूँ. सर्दी बहुत ज़्यादा थी तो मैंने भी चाय के लिए हाँ कर दी. भाभी जब चाय बनाने के लिए गयी तो में वहां बैठ कर टी.वी देखने लगा. जब मैंने टी.वी चालू किया तो टी.वी पर सेक्सी गाना चल रहा था.
मेरा मूड खराब होना स्टार्ट हो गया और भाभी के आने की आवाज़ सुनकर मैंने चेनल चेंज कर दिया. तब मैंने शरमाते हुये भाभी से पूछा कि बाकी फेमिली कहाँ है.. तो भाभी ने बताया कि वो सब मंदिर गये है और शाम को ही सब वापस आयेंगे. मेरी तो क़िस्मत चमक पड़ी तो मैंने भाभी को बोला कि में 2-3 दिन के लिए यहाँ ही रहूँगा. भाभी ने मुझे मेरा रूम दिखा दिया और में वहां जाकर आराम करके अपने मोबाइल पर ब्लू फिल्म देखने लगा. मैंने हेड फोन्स लगाये और जल्दबाज़ी में अपना दरवाज़ा लॉक करना भूल गया था और उधर भाभी के फोन पर मामा जी का फोन आया कि उनकी कार खराब हो गई है और वो कल सुबह आयेंगे और मुझे घर पर ही रहने को कहा.
यह बताने भाभी मेरे रूम में आई तो में अपने कंबल में मुठ मार रहा था. भाभी मेरे पास आकर खड़ी हो गई और मुझे बताने लगी कि कैसे उनकी कार खराब हो गई है. मेरा ब्लू फिल्म और भाभी को देखकर मूड खराब होता जा रहा था. भाभी ने उस टाईम काली साड़ी पहनी हुई थी. में तो आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था.. भाभी का फिगर 36-28-34 था. मेरा तो सेक्स की गर्मी के कारण इतनी सर्दी में भी चेहरा लाल हो रहा था. मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. भाभी जाने ही लगी थी कि मैंने उनको आवाज़ दी और उनको अपने पास बैठाकर इधर उधर की बातें करने लगा.
फिर धीरे धीरे में भाभी के पास आने लगा और मैंने फिर एक ही झटके में भाभी को पकड़ लिया और अपने बेड पर पटक दिया. भाभी बोलने लगी कि यह सब क्या कर रहे हो लेकिन में इतना उत्सुक था कि मेरी कोई आवाज़ ही नहीं निकल पा रही थी. में पागलो की तरह भाभी को किस करता रहा और भाभी मुझे दूर हटाने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन में कहाँ मानने वाला था. भाभी मुझे गालियाँ देने लगी लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और उन्हें किस करता रहा. फिर कुछ ही समय बाद मैंने भाभी की साड़ी को उतारना चाहा लेकिन भाभी चिल्लाये जा रही थी और मुझे दूर धकेले जा रही थी.
मैंने पास में पड़ी एक ब्लेड से भाभी की साड़ी को थोड़ा फाड़ दिया और फिर मैंने बाकी साड़ी को हाथ से ही फाड़ दिया. भाभी चिल्ला रही थी कि छोड़ दो मुझे.. लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और जल्दी जल्दी उनका ब्लाउज भी फाड़ दिया. भाभी गुस्से के मारे लाल हुए जा रही थी. में बहुत तेजी से भाभी के बूब्स ब्रा के उपर से ही दबाने लगा. तब जाकर भाभी थोड़ा शांत हुई और फिर मैंने दोबारा किस करना शुरू कर दिया.
अब भाभी किस करने मे मेरा साथ दे रही थी. भाभी को भी धीरे धीरे मज़ा आने लगा. फिर मैंने भाभी के पूरे कपड़े उतार दिए और उन्हें नंगा कर दिया. भाभी मुझे बोलने लगी कि आज लगता है तुम मुझे चोद के ही रहोगे. इसके लिए मेरी इतनी कीमती साड़ी फाड़ने की क्या ज़रूरत थी. फिर मैंने कहा कोई बात नहीं भाभी.. में आपको नई साड़ी ला दूंगा. इस पर भाभी मुस्करा पड़ी. फिर धीरे धीरे मैंने भाभी की चूत को टच किया.. भाभी के शरीर में कंपन स्टार्ट हो गया. में धीरे धीरे किस करने लगा जिससे भाभी को बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने किस करते-करते ही अपने भी कपड़े उतार दिए. भाभी मेरा 10 इंच का लंड देखकर हैरान रह गई.
मैंने भाभी से कहा कि इतना बड़ा पहले कभी नहीं देखा क्या? तब भाभी ने बताया कि उसने अभी तक़ सुहागरात भी नहीं मनाई है. भाभी ने कहा कि पहले तो तुम मुझे भाभी कहना बंद करो और मुझे रेणुका कहना स्टार्ट करो.. आज से में तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ. मैंने फिर भाभी को खूब किस किया और धीरे धीरे उनकी चूत की तरफ बढ़ा और उनकी चूत पर किस किया और फिर एक उंगली से उनकी चूत को चोदना चाहा.. लेकिन उनकी चूत सच में वर्जिन थी. फिर मैंने पास में पड़ा ऑयल अपनी उंगली पर लगाया और भाभी की चूत पर में धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा.. लेकिन रेणुका उंगली से ही चिल्ला उठी.
मैंने उंगली की स्पीड बड़ा दी कुछ ही समय बाद उन्हें मज़ा आने लगा और फिर उसकी चूत ने ढेर सारा लावा छोड़ दिया. भाभी बहुत खुश नज़र आ रही थी. मैंने फिर 2 उंगलियों से भाभी की चूत को चोदना स्टार्ट कर दिया. भाभी फिर से चिल्ला उठी लेकिन में नहीं रुका. जब दोबारा भाभी काफ़ी गर्म हो गई तो मैंने अपने लंड पर ढेर सारा ऑयल लगाया और थोड़ा रेणुका की चूत पर भी लगाया और धीरे धीरे अपना लंड उसकी चूत से टच करने लगा.. रेणुका कहने लगी कि बस डाल दो.
मैंने एक ही झटका दिया था कि अचानक रेणुका रोने लग गई.. और वो दर्द के मारे चिल्ला रही थी. उसने मुझे धकेल दिया और कहने लगी कि मुझे नहीं करना यह सब और ना ही मुझसे कंट्रोल हो रहा था. मैंने रेणुका को वाइन पिलाई जिससे वो अपने होश में नहीं रही और उसको दोबारा गर्म किया. इस बार मैंने एक ही झटके में अपना सुपाड़ा अंदर कर दिया और लगातार किस करता रहा. उसे वाइन की वजह से दर्द थोड़ा कम हो रहा था. फिर मैंने दूसरा धक्का भी मार दिया और रेणुका फिर से चिल्ला पड़ी.. मम्मी, लेकिन में फिर भी धीरे धीरे धक्के लगाता रहा और कुछ ही समय बाद उसको भी मज़ा आने लगा.
फिर मैंने एक और धक्का मारा और उसकी सील तोड़ दी सील टूटते ही वो बहुत जोर से चिल्लाई सुमित छोड़ दो मुझे.. तुम्हारा बहुत बड़ा है.. निकालो इसे, मुझे नहीं करना सेक्स.. लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और लगातार सेक्स करता रहा और बड़े बड़े शॉट मारते मारते अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया. भाभी बहुत चिल्ला रही थी कि छोड़ दो मुझे प्लीज़.. छोड़ दो.. वो लगातार चिल्लाये जा रही थी.. लेकिन में भी लगातार धक्के लगाता रहा.
फिर 4-5 मिनिट के बाद भाभी को भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. उन्होंने मुझे नीचे से ही हग कर लिया और कहने लगी कि फक मी हार्ड सुमित प्लीज़.. डू फास्टर एंड हार्डर.. में भी पूरे जोश में आकर धक्के पर धक्के लगाता रहा और फिर मैंने भाभी को घोड़ी बनने को कहा और मैंने पीछे से भाभी को खूब चोदा.. पूरे घर में हमारी चुदाई की ढप धप धप ढप्प्प की आवाज आ रही थी. फिर भाभी ने कहा की रुकना मत चोदते रहो.. कुछ ही समय बाद मेरा निकलने वाला था. मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ छोडू तो भाभी ने बोला कि एक भी बूंद बाहर नहीं आनी चाहिये.. सब मेरे अंदर आने दो.
तब में और रेणुका एक साथ झड़ गये और में भाभी के उपर ही लेटा रहा. हम वैसे ही सो गये और फिर बाद में उठकर जब चड्डी की तरफ देखा तो भाभी हैरान रह गई. जल्दी जल्दी भाभी ने अपनी फटी हुई साड़ी और चड्डी को कूड़ेदान में फेक दिया और नहाकर फ्रेश हो गई. आज भाभी बहुत खुश थी. भाभी ने मुझसे वादा किया कि जब भी तुम कहोगे में तुम्हारे साथ सेक्स करुँगी. आज से में तुम्हारी लाईफ टाईम के लिए गर्लफ्रेंड हूँ. तो दोस्तों यह थी मेरी कहानी ..
Share:

मौसी का खाता खोला


हैलो दोस्तो.. मेरा नाम रॉकी है और में दिल्ली में रहता हूँ और में एक मल्टीनेशनल कम्पनी में नौकरी करता हूँ. अब मेरी उम्र लगभग 22 साल है और भगवान की दुआ से एक अच्छा ख़ासा शरीर भी है. में आज आपके साथ अपनी एक सच्ची घटना शेयर करने जा रहा हूँ.
बात उन दिनों की है जब मेरी छुट्टियाँ चल रही थी. एक दिन हमारे घर मेरी मौसी आई.. उन्होने मेरी मम्मी को नमस्ते किया और अंदर आई. उस समय में कोचिंग जाने के लिये तैयार हो रहा था इसलिये मैंने उन्हे नमस्ते किया और में कोचिंग चला गया.. क्योंकि वो मेरी मम्मी के मामा की लड़की थी (यानी दूर की मौसी.. इसलिये में उन्हे जानता नहीं था) शाम को जब में घर आया तो मैंने मम्मी से पूछा तो उन्होने बताया कि उन्होंने यही पास में एक रूम किराये पर लिया है और अब वो यही रहेगी और उनका नाम सीमा है. अभी तक मेरे मन में उनके लिये कोई बुरे ख्याल नहीं आये थे इसी तरह लगभग 45 दिन निकल चुके थे और मैंने उनसे अभी तक ज़्यादा बात नहीं की थी बस थोड़ी बहुत बात की थी.
एक दिन शाम को मेरे मामा का फोन आया और बताया कि मेरी मामी की तबीयत खराब है और उन्हें जयपुर के एक हॉस्पिटल मे भर्ती करा दिया गया है तो मेरे पापा मम्मी ने जयपुर जाने का फैसला लिया.. क्योंकि मुझे खाना बनाना नहीं आता था तो उन्होने मेरी सीमा मौसी को मेरे साथ रहने को कह दिया था. मेरी मौसी मेरे घर आ गई थी और उन्होंने मेरे लिये खाना बनाया और वो अपने ऑफिस चली गई थी. वो शाम को लगभग 7 बजे वापस आई.. उस समय में टी.वी देख रहा था.
उन्होने खाना बनाया हमने खाना खाया और में टी.वी देखने लगा और वो बर्तन साफ करने चली गई ( अभी तक हमारी ज़्यादा बात नहीं हुई थी) और वो फिर रात को 9 बजे आई. में एक नई मूवी देख रहा था तो वो भी मेरे साथ देखने लगी. कमरे का ए.सी. चालू था इसलिये मैंने कंबल ओड़ रखा था और वो भी मेरे साथ कंबल ओड़कर बैठ गई. मुझे टी.वी देखते देखते कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं चला. रात को करीब 1 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने पाया कि मौसी मुझसे चिपकी हुई है इस वजह से उनके बूब्स मेरी पीठ को टच हो रहे थे.
इससे मेरा लंड खड़ा हो गया.. मैंने सोचा कि ए.सी. की वजह से वो मुझसे चिपकी थी. मैंने थोड़ी हलचल की तो उन्होने अपनी करवट बदल ली फिर लगभग आधे घंटे बाद दुबारा फिर चिपक गई. फिर मुझे नींद आ गई फिर सुबह 3 बजे के करीब मैंने देखा कि में उनसे चिपका हुआ हूँ और मेरा लंड उनकी गांड के होल से चिपका हुआ है और पूरी तरह से खड़ा है. उस रात मैंने डर के मारे कुछ नहीं किया.. फिर अगले दिन वो नहाकर टॉवल लपेटकर बाहर आई तो मेरी नज़र पहली बार उनके फिगर पर पड़ी जो कि करीब 34-24-34 का होगा.
मेरा लंड तो उनको देखते ही खड़ा हो गया. फिर उन्होंने मेरे लिये खाना बनाया और ऑफिस चली गई. शायद उन्हें रात के बारे में कुछ पता नहीं था लेकिन.. जब में बाथरूम में गया तो मैंने देखा कि उनके झांट के बाल पड़े हुए थे तो मैंने सोचा कि शायद उन्हें रात के बारे में सब कुछ पता था.
फिर पूरा दिन मेरा हाल बुरा हो रहा था और पूरा दिन मेरा लंड खड़ा हुआ था. फिर मैंने सोचा की आज तो मौसी को चोद दूँगा लेकिन…..कैसे इतना सब कुछ सोचते हुए शाम हो गई और मौसी वापस आ गई. में उस दिन भी मूवी देख रहा था वो भी मेरे साथ मूवी देखने लगी. अभी भी मेरा लंड खड़ा था.. लेकिन डर के मारे मैंने उनसे बात तक नहीं की.. आज फिर मुझे नींद आ गई और वो मुझे से चिपकी हुई थी. तब मैंने सोचा कि वो जानबूझ कर ऐसा कर रही है मैंने थोड़ी सी हलचल की तो उन्होंने करवट बदल ली और मैंने थोड़ी देर बाद अपना लंड उनकी गांड पर रख दिया और में उनसे चिपक गया. उन्होंने कोई हलचल नहीं की.
फिर मैंने अपना लंड थोड़ा उनकी गांड पर और दबा दिया.. क्योंकि उन्होने टी-शर्ट पहन रखी थी जो कि थोड़ी ऊपर हो रही थी. मैंने अपना हाथ उनके पेट रखा तो उनके मुँह से सीईइ की आवाज़ निकल गई. में समझ गया कि वो जाग रही है.
फिर मैंने अपना लंड थोड़ा ढीला छोड़ा तो उन्होने अपनी गांड दबा दी. अब में बिल्कुल पक्का था कि वो जाग रही है. में बिल्कुल खुश हो गया और मन कर रहा था कि उन्हे चूम लूँ लेकिन.. मैंने ऐसा नहीं किया. फिर में अपना मुँह उनकी गर्दन की तरफ ले गया और इस तरह रख दिया कि मेरी सांसे उनकी गर्दन को टच करती रहे. फिर में थोड़ी देर ऐसे ही रहा फिर उन्होंने अपना हाथ अपनी चूत की तरफ बढाया.
फिर मैंने उनका हाथ पकड़ लिया तो उन्होंने मेरी तरफ देखा और मैंने उनके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिये और अपना एक हाथ उनकी टी-शर्ट में डाल दिया और उनके बूब्स दबा दिये और उन्होने अपना हाथ मेरे पजामे में डाल दिया और अंडरवियर के ऊपर से ही लंड को सहलाने लगी.. क्या बताऊँ दोस्तो? मुझे कितना मज़ा आ रहा था. मैंने अपना लंड अंडरवियर से बाहर निकाला और उनकी टी-शर्ट उतार दी और उनके बूब्स चूसने लगा. मैंने उनके निपल को काटा तो वो सिसकारियां लेने लगी.. उनकी सी अहह उम्म्म्म जैसी आवाज़े पूरे कमरे में गूंजने लगी. फिर मैंने उनकी पेंट खोली और अंडरवियर उतारी तो उनकी चूत से एक बहुत अच्छी महक आने लगी.
फिर मैंने अपना मुँह उनकी चूत से सटा दिया और चूसने लगा. करीब 10 मिनट बाद वो झड़ गई और में उनका सारा रस पी गया वो बहुत नमकीन था लेकिन अच्छा था. फिर मैंने अपना लंड उनके मुँह में दिया और कहा कि..
में – मौसी इसे चूसो ना.
मौसी – कितना बड़ा लंड है.. आज मेरा ख़ाता इसी लंड से खुलेगा. फिर मौसी मेरे लंड को चूसने लगी.. वो अपनी गर्म जीभ को मेरे लंड के ऊपर फेरने लगी.. में तो स्वर्ग मे था. करीब 7-8 मिनिट बाद मेरे मुँह से आवाज़ निकली हह्ह्ह्ह और में झड़ गया मौसी मेरा सारा पानी पी गई. फिर में दुबारा उनके बूब्स को चूसने लगा तो करीब 5 मिनिट बाद मौसी बोली कि..
मौसी – साले चोदेगा या नहीं.
में – अभी चोद देता हूँ मौसी.
फिर मैंने मौसी को कुत्तिया बनने को कहा फिर मेरी नज़र उनकी गांड के होल पर पड़ी और मैंने अपना लंड उनकी गांड में दे दिया.. वो चिल्लाई अहह मार डाला रे निकाल बाहर में मर गई. फिर में थोड़ी देर तक लंड को धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगा. फिर करीब 10 मिनिट बाद में उन्हें ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा तो मौसी के मुँह से दुबारा आवाज़ें निकलने लगी. फिर मैंने उनकी चूत को चोदा.. उस रात मैंने उन्हे 3 बार चोदा और फिर मैंने उन्हे 3 दिन तक रोज चोदा. फिर मेरे मम्मी पापा वापस आ गये. अब उनकी शादी हो चुकी है मैंने शादी के बाद उन्हे सिर्फ़ 2 बार चोदा है.
Share:

चचेरी बहन की जवानी लूटी


हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम हर्ष है और में आज अपना एकदम सच्चा सेक्स अनुभव बताने जा रहा हूँ वैसे में जयपुर का रहने वाला हूँ और में पुणे में अपना बिजनेस चला रहा हूँ. दोस्तों मेरी उम्र 26 है और मेरा लंड 8 इंच लंबा है और मुझे भाभी, आंटी के साथ सेक्स करना बहुत पसंद है. गर्ल्स जिनके बूब्स 35 के ऊपर हो वो मुझे ज़्यादा आकर्षित करती है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी पहली सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ.. यह कहानी मेरे और मेरी चचेरी बहन के बीच हुई एक घटना है.
दोस्तों मुझे सेक्स का बहुत शौक है और में एक दिन में 5-6 बार लड़कियों को और बड़ी बड़ी गांड वाली औरतों को सोचकर मुठ मार लिया करता हूँ. चलो तो अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ. शायद आप सभी पाठकों को यह स्टोरी बहुत अजीब लगे.. लेकिन यह स्टोरी झूटी नहीं है. में बचपन से ही ग़लत दोस्तों की संगत में रहा हूँ तो तभी से मुझे भी सेक्स के बारे में ज्यादा दिलचस्पी रहने लगी थी और मुझे हर टाईम बस सेक्स, सेक्स, सेक्स और चारों तरफ सेक्स ही दिखता था और में स्कूल टाईम में अपनी टीचर्स को देखकर मुठ मारा करता था.
फिर जैसे जैसे टाईम निकला मेरी सेक्स करने की इच्छा और बढ़ती गई और मेरी कज़िन जिसकी उम्र उस समय 19 थी.. वो कुछ दिनों के लिए छुट्टियाँ बिताने घर पर जयपुर आई थी और वो बचपन से ही थोड़ी मोटी थी. में हमेशा से ही उसके साथ घूमता था और उसको इधर उधर छूने की कोशिश करता रहता था.
सॉरी फ्रेंड्स में आपको उसके बारे में तो बताना ही भूल गया. उसका नाम श्वेता है और उसके बूब्स का साईज़ 40 है और गांड का साईज़ 39, उसकी हाईट 5 फीट 2 इंच है. दोस्तों एक दिन उसका मेरे मोबाईल पर कॉल आया कि भैया में जयपुर आ रही हूँ और उसने कहा कि में एक महीने आपके साथ ही रहूंगी. यह बात सुनकर में बहुत खुश हुआ और उसने मुझे टाईम बताया कि वो किस दिन आने वाली है और में उस दिन उसे लेने रेलवे स्टेशन पहुंच गया था और वहाँ पर खड़ा खड़ा उसकी ट्रेन के आने का इंतजार कर रहा था. फिर ट्रेन जैसे ही रुकी तो थोड़ी देर के बाद वो अपने सामान के साथ बाहर आई और आकर मुझसे गले लगकर कहा कि भैया में आपको बहुत याद करती थी.
मैंने भी उसको हग करके कहा कि हाँ में भी तुम्हे बहुत याद करता था और फिर में उसको घर पर लेकर आ गया और घर आते ही वो सबसे मिलने में लग गई और में भी अपने काम में व्यस्त हो गया और वो कुछ देर बाद मेरे पास आकर मुझसे मस्ती करने लगी और वो दिन पूरा ऐसे ही निकल गया और जब रात को सोने का टाईम आया तो मम्मी ने उसके सोने के लिए दूसरे रूम में बिस्तर लगा दिये थे.. लेकिन उसकी ज़िद करने की वजह से फिर वो मेरे साथ मेरे रूम में ही सोने के लिए बोल रही थी और फिर आखिरकार मम्मी भी मान गई और उसको मेरे साथ सोने की इजाजत दे दी. में भी अंदर ही अंदर बहुत खुश हुआ क्योंकि मेरी इच्छा पूरी हो गई थी कि वो मेरे साथ ही सोए.. वो 5 साल के बाद मेरे घर पर आई थी और इन 5 सालों में उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े गोल हो गये थे और गांड भी बाहर आ गई थी. फिर वो फ्रेश होकर आई और मेरे पास में आकर लेट गई और डबल बेड पर वो ज्यादातर सूट ही पहनती है क्योंकि वो थोड़ी मोटी है.. लेकिन वो उस दिन मेरे पास एक ढीला पयज़ामा और टॉप पहनकर आई थी.
दोस्तों मेरी भी आदत है कि में सोते समय एक बरमूडा पहनकर सोता हूँ.. लेकिन जब मैंने उसे पयज़ामे और टॉप में देखा तो मेरा 8 इंच का लंड तो एकदम खड़ा हो गया था और फिर में जैसे तैसे कंट्रोल करके उससे इधर उधर की बातें करने लगा और थोड़ी ही देर में उसको झपकी आने लगी थी. तो मैंने उससे कहा कि तुम सो जाओ.. तुम दिन भर की थकी हुई हो.. तो वो बोली ठीक है और वो मुझसे शुभ रात्रि बोलकर सो गयी. फिर में भी अपने लॅपटॉप पर कुछ काम कर रहा था.. लेकिन मेरा मन तो उसको देख देखकर डोल रहा था और मेरे अंदर सेक्स का अहसास आने लगा और में ना चाहते हुए भी उसके साथ कुछ ना करना चाहता था.. लेकिन सोते समय उसका टॉप थोड़ा ऊपर हो गया और उसकी गोरी गोरी जांघे मुझे साफ दिख रही थी और यह देखकर तो मेरे होश उड़ गये थे और अब मुझसे कंट्रोल भी नहीं हो पा रहा था.
तभी मैंने अपना लेपटॉप बंद किया और उसके पास जाकर लेट गया. फिर धीरे धीरे में उसके और भी पास होता गया और मैंने धीरे से उसकी तरफ करवट ली और अपने एक पैर को उठाकर उसकी गोरी, मुलायम, गरम जांघ पर रख दिया और फिर अपना एक हाथ उसके बूब्स के ऊपर रखकर लेट गया.. उसकी गरम गरम सांसे मुझे महसूस हो रही थी और मैंने उसकी छाती पर अपना हाथ रखा हुआ था और जैसे जैसे वो सांसे लेती मेरा हाथ भी ऊपर नीचे होता. यह सब मुझे बहुत ही गरम कर रहा था और आखिरकार मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अब धीरे धीरे मैंने उसके बूब्स को हल्के हल्के दबाना, सहलाना शुरू किया. फिर जब उसने कोई भी हलचल नहीं की तो में उसके बूब्स को थोड़ा ज़ोर से दबाने लगा और 15-20 मिनट के बाद ऐसा करने से उसकी नींद खुली तो वो एक झटके से उठी और बहुत गुस्से में मुझसे कहने लगी कि भैया आप यह क्या कर रहे थे? में सभी घर वालों को उठाने जा रही हूँ.
मेरी तो फटकर हाथ में आ गई और मैंने उसे सॉरी बोला.. लेकिन वो बहुत ही गुस्से में थी फिर से बहुत मनाने के बाद वो थोड़ा शांत हुई और मुझसे दूर होकर सो गयी.. लेकिन मुझे बहुत बुरा लगा और गुस्सा भी बहुत आया कि मैंने ऐसा कैसे कर दिया अपनी छोटी बहन के साथ. फिर जब अगले दिन में उठा तो देखा वो जल्दी ही उठकर मम्मी के साथ बाहर चली गई. में भी उठकर तैयार हुआ और लंच लेकर रूम में आया तो मम्मी और मेरी बहन दोनों बाहर से वापस आ गई थी और अब में अपनी कज़िन से नज़रे भी नहीं मिला पा रहा था.. लेकिन फिर भी मैंने उससे बात करने की कोशिश की.. लेकिन वो गुस्से में होने की वजह से बात नहीं कर रही थी और अब उसने गेस्ट रूम में सोना शुरू कर दिया था.. यह सब एक सप्ताह तक चला.
फिर एक दिन में बहुत थका हुआ था और थोड़ा देर से घर पर आया तो तब तक घर के सब लोग सो गये थे और में सुबह अपने साथ घर की एक चाबी ले जाना भूल गया था. तो मैंने उसे कॉल करके दरवाजा खोलने को बोला और फिर वो उठकर आई और उसने दरवाजा खोला तो में अंदर गया, फ्रेश हुआ. उसने पूछा कि क्या में खाना लगा दूँ? तो मैंने मना कर दिया और सीधा अपने रूम में सोने चला गया. उस टाईम रात के एक बज रहे थे और में बहुत थका हुआ था तो मुझे बेड पर लेटते ही नींद आ गई और थोड़ी देर के बाद मुझे ऐसा महसूस हुआ कि कोई मेरे पास लेटा हुआ है और कोई मुझको सहला रहा था.
में डर के मारे उठ गया और मैंने देखा कि मेरी बहन मेरे पास लेटी हुई थी और वो मुझे सहला रही थी. मैंने उससे पूछा कि तुम यहाँ पर कैसे आई? तो उसने कहा कि आप बहुत थके हुए थे और मुझे नींद भी नहीं आ रही थी तो में आपके पास आपसे बात करने आ गई.. लेकिन मैंने देखा कि आप तो सो गये थे और मैंने सोचा कि आपको उठाकर परेशान नहीं करूँ. मैंने कहा कि तुम मुझे उठा देती ऐसी कोई बात नहीं है.
फिर उसने मुझे कहा कि आप लेट जाओ फिर हम बात करते है और हम दोनों एक साथ बेड पर लेट गये. तो उसने मुझसे कहा कि आप उस दिन मेरे साथ वो सब क्यों कर रहे थे? तो मैंने उसे सॉरी कहा और कहा कि मुझे पता नहीं उस दिन क्या हुआ और मुझे तुम्हारी बॉडी अपनी और आकर्षित कर रही थी और मुझसे रहा नहीं गया और एकदम सच कह रहा हूँ.. श्वेता में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और मेरा कोई इरादा नहीं था कि में तुम्हारे साथ ऐसा कुछ करूं. फिर वो मेरे पास आ गई और मुझे अचानक मुझे हग कर लिया और कहा कि भैया में भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ.. लेकिन यह सब करना सुरक्षित भी नहीं है और अगर में प्रेग्नेंट हो गई तो?
यह सब सुनकर तो मेरे भी होश उड़ गये कि श्वेता यह क्या बोल रही है? मैंने उसे कहा कि प्रेग्नेंट.. तुम यह सब क्या सोचने लगी हो? तो उसने कहा कि भैया मुझे भी यह सब करने का बहुत मन करता है.. लेकिन मेरे फ्रेंड में कोई भी लड़का नहीं है और आप मेरे बहुत करीब हो तो में चाहती हूँ कि आप मेरे साथ यह सब करो.. लेकिन मुझे डर सिर्फ इस बात का है कि घर पर किसी को पता ना लगे और में सेक्स के चक्कर में प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती हूँ. तो मैंने उसे समझाया कि ऐसे कोई प्रेग्नेंट नहीं होता तो उसने कहा कि में आपको मेरे साथ वो सब करने दूँगी.. लेकिन चुदाई नहीं करने दूँगी क्योंकि में चाहती हूँ कि मेरी शादी के बाद मेरा पतिं ही मेरी सील तोड़े. तो मैंने उसे और ज़ोर से हग किया और उसके होंठ पर आने होंठ रख दिए और 30 मिनट तक जबर्दस्त स्मूच किया.
फिर उसने मुझे खुद से अलग किया और अपना टॉप और ब्रा उतार फेंकी और मुझे वापस अपनी तरफ खींचा और मेरा मुहं अपने एक बूब्स पर रखकर ज़ोर से दबा दिया. में भी मज़े से उसके बूब्स चूस रहा था और उसके निप्पल को काट रहा था.. मेरे निप्पल काटने की वजह से वो बोली.
श्वेता : अहह भैया प्लीज़ धीरे करो.. में कहीं भागी थोड़ी ना जा रही हूँ अह्ह्हह्ह्ह प्लीज़ आईईईईई प्लीज धीरे भैया.
में : काटने में ही तो मज़ा है मेरी प्यारी बहन.. कुछ देर बाद तुम्हे भी मज़ा आएगा.
फिर में एक हाथ से उसके दूसरे निप्पल को खींच रहा था और मसल रहा था और दूसरे हाथ से उसकी गांड में ऊँगली कर रहा था.
श्वेता : भैया अहह उह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो अपनी ऊँगली मेरी गांड से.. अह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने उसका पयज़ामा भी उतार फेंका और उसकी एकदम रसभरी चूत के दर्शन किये.. लेकिन उसकी चूत पर झांटो का जंगल था.. मैंने उसे बेड पर सीधा लेटाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चूत को अपने मुहं में भर लिया. चूत मुहं में लेते ही शेवता ने मेरे सर को पकड़कर और भी आगे किया और एकदम उसकी चूत से चिपका दिया. तो मैंने भी अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और श्वेता ने ज़ोर जोर से मोन करना शुरू कर दिया और वो सिसकियाँ लेने लगी और मेरे चूत पर जीभ घुमाने से एकदम मचल रही थी.
श्वेता : आअहह भैया यह क्या कर रहे हो आप? आईईइ उफ्फ्फ्फ़ बहुत ही अच्छा लगा रहा है.
फिर में उसे 69 पोज़िशन में लाया और अपना लंड उसको चूसने को कहा और वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करके चूसने लगी और में उसकी चूत में ऊँगली करने के साथ उसने बूब्स भी चूस रहा था और 20 मिनट चूसने के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने उसके बालों को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और अपने लंड को उसके मुहं के अंदर तक ज़ोर ज़ोर से धक्के देते हुए अपना वीर्य उसको पिला दिया.
श्वेता : आहह भैया आपका वीर्य तो बहुत स्वादिष्ट है.
तो मैंने कहा कि अब तो तुम्हे रोज़ ही मेरा वीर्य पीना है और उसे फिर से स्मूच कने लगा और मैंने उसे अपने ऊपर आने को कहा और उसकी चूत को अपने मुहं पर रगड़ने को कहा और उसने भी वैसा ही किया फिर मैंने 15 मिनट उसकी चूत चाटी और दो बार उसकी चूत का पानी पिया. फिर हम उठे और एक दूसरे को साफ करके वापस एक ही कम्बल में नंगे सो गये.
दोस्तों यह सब दो सप्ताह तक लगातार और चला फिर एक दिन वो वापस अपने घर चली गई.. लेकिन जब भी मुझे टाईम मिलता तो में किसी काम से उदयपुर उसके घर पर जाता हूँ और उसके साथ एक रात गुजारकर आता हूँ ..
Share:

दोस्त की दीदी की चुदास


हैल्लो फ्रेंड्स.. में मयंक आप सभी के सामने एक नई स्टोरी लेकर हाजिर हुआ हूँ. मेरी उम्र साल 22 है मेरी हाईट 5.7 है और मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. दोस्तों मेरी यह स्टोरी एक सच्ची कहानी है और यह तीन साल पुरानी बात है जब में वर्जिन था तब कैसे मैंने पहला सेक्स किया? में आज आप लोगों को बताता हूँ. हाँ तो फ्रेंड्स आप सभी का टाईम खराब ना करते हुए में आपको सीधे बताता हूँ कि कैसे में अपने एक दोस्त की बहन को चोदने में सफल हुआ हाँ तो दोस्तों हुआ यूँ कि मेरा एक स्कूल का बहुत अच्छा दोस्त था और उसकी बहन थी शिल्पा.. वो मुझसे दो साल बड़ी थी. में उसकी बहुत इज़्ज़त करता था और वो भी मुझे बहुत इज़्ज़त देती थी.
फिर जब में 12th पास हुआ तो मैंने एक कॉलेज में एडमिशन लिया और मेरे दोस्त ने पुणे में जाकर अपनी पड़ाई करना शुरू कर दिया. मेरे दोस्त की बहन का नाम शिल्पा है और में जबलपुर में रहकर ही बी-कॉम कर रहा था.. दोस्तों कहने को तो शिल्पा दीदी मुझसे दो साल बड़ी थी.. लेकिन उन्होंने बी-कॉम के लिए एडमिशन एक साल पहले ही लिया था. तो वो मुझसे एक साल बस बड़ी थी और वो बीकॉम 3rd में थी और मैंने भी उसी कॉलेज में एडमिशन ले लिया ताकि मुझे उनकी मदद मिल जाए.
पहले में आपको उनके बारे में बता दूँ.. वो बहुत ही सेक्सी आईटम लगती है, उनकी आँखें हिरनी जैसी और बूब्स बड़े-बड़े.. मन करता था कि अभी पकड़कर चूसने लग जाऊँ और उनकी गांड के बारे में क्या कहना बहुत मोटी गांड है और उनका फिगर 38-35-36, उनके दूध का साईज़ कुछ ज्यादा ही था.. लेकिन उनके बूब्स गजब के है, कुल मिलाकर चुदाई करने लायक. वो मुझसे इतने अच्छे से बात करती थी कि मेरा मन करता था कि उनके होंठ को घंटो तक चूसता रहूँ.. लेकिन मुझे ऐसा मौका नहीं मिला और फिर देखते ही देखते एक साल बीत गया और अब वो अपने आखरी साल में चली गयी.
दोस्तों जैसा कि मैंने आपको बताया है कि मेरा दोस्त पुणे में था और मेरा उसके घर पर आना जाना कम ना हो जाए इसलिए में दीदी से बातचीत करता था.. में उनसे कॉलेज के नोट्स लेता रहता था. वो क्या है ना कि मुझे दीदी को देखने की बहुत इच्छा होती थी तो में उसके घर पर चला जाता था. पूरे एक साल में शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जब में उनसे ना मिला.. में उनके घर जाकर सीधे उनसे पूछ लेता था जो कुछ भी मुझे नहीं आता था और ऐसे ही समय निकलता जा रहा था. फिर में भी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गया और उनसे अगले साल के नोट्स ले लेता था और पढ़ाई करता.
फिर एक दिन जब में उनसे 2nd साल के नोट्स लेने के लिए गया तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम एक काम करो मेरे पास अभी तो यहाँ पर नोट्स नहीं है.. लेकिन तुम मेरे घर आ जाओ और आकर ले जाना. तो मैंने पूछा कि में कब आऊँ? तो उन्होंने कहा कि तुम कल सुबह आ जाना और जब में दूसरे दिन उनके घर पर गया तो उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और में उनके रूम में जाकर बैठ गया और वो नोट्स निकालने लगी और में हमेशा की तरह उनको घूर रहा था. दोस्तों में आपको बता दूँ कि मेरे दोस्त के पापा नहीं है और घर में सिर्फ़ उसकी मम्मी, दीदी और वो है और उसकी मम्मी सरकारी नौकरी करती है तो वो हर रोज सुबह 10:30 बजे अपने घर से निकल जाती है.
फिर जब में उनके घर पर पहुंचा तब 9 बजे थे और में जब दीदी को घूरने में व्यस्त था तभी आंटी मेरे और दीदी के लिए शरबत लेकर आ गई और फिर मैंने उनसे अपनी नज़रे चुराते हुए नीचे की और देखने लगा. फिर आंटी ने मुझे शरबत दिया और कहा कि बेटा कैसे हो? और घर में सब कैसे है? तो मैंने कहा कि जी आंटी सब लोग एकदम ठीक है और आप कैसे है? तो वो बोली कि बेटा में भी ठीक हूँ और फिर वो दीदी से बोली कि में नहाने जा रही हूँ और वो नहाने चली गई.
फिर उसके बाद दीदी ने कहा कि राहुल मुझे अभी यह थोड़े बहुत नोट्स मिले है. तुम अभी इनको ले जाओ.. में बाकि बाद में ढूढ़कर और दे दूंगी. फिर ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा और मेरा उनके घर में आना जाना बड़ता रहा और फिर एक दिन शिल्पा दीदी का फोन आया कि राहुल मेरे कंप्यूटर में बहुत ज्यादा वाईरस आ गए है और कंप्यूटर बहुत धीमा हो रहा है. तुम प्लीज़ आकर एक बार इसको देख लेना.
मैंने कहा कि ठीक है दीदी में जल्दी ही आ जाऊंगा और फिर में एक दिन करीब 12:30 बजे दीदी के घर गया और उस टाईम वो घर में एकदम अकेली थी.. मैंने घर की बेल बजाई.. तो दीदी ने दरवाज़ा खोला. उस टाईम दीदी ने एक बहुत ही ढीला गाऊन पहना हुआ था और ऊपर से वो एकदम जालीदार था. में क्या बताऊँ उन्होंने काले कलर का गाऊन पहना हुआ था और सफेद कलर की ब्रा और पेंटी पहने हुई थी जिससे अंदर सब कुछ साफ साफ दिख रहा था यहाँ तक की उनकी नाभि भी साफ साफ दिख रही थी.
फिर उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और सीधे अपने रूम में चली गई और बोला कि राहुल जल्दी से मेरा कंप्यूटर ठीक कर दो और एंटीवाइरस भी डाल दो. तो मैंने कहा कि ठीक है दीदी आप रूको में 30 मिनट में ठीक कर दूँगा और मैंने उनका पीसी फॉर्मेट करना चालू कर दिया और जब लास्ट के 2-3 मिनट का काम बचा था तब दीदी बोली कि राहुल में नहाने जा रही हूँ.
तो मैंने उनसे कहा कि ठीक है दीदी.. आप जाओ में अभी कंप्यूटर चला रहा हूँ और जब दीदी नहाने के लिए बाथरूम के पास गई तब तक उनका कंप्यूटर पूरा ठीक हो चुका था और फिर मैंने कंप्यूटर को चालू किया और में यही देखना चाहता था कि क्या दीदी सेक्स वीडियो देखती है? फिर मैंने उनकी ड्राइव को चेक करना चालू किया और मैंने जैसे ही हिडन फोल्डर देखा तो सब कुछ साफ साफ हो गया कि वो क्या क्या करती है? और उनका तो 70% कंप्यूटर पॉर्न वीडियो से भरा हुआ था और मैंने वो वीडियो देखना चालू किया और थोड़ी देर तक देखता रहा और में जब वीडियो देख रहा था तो मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरे पीछे खड़ा है और मैंने तुरंत वीडियो बंद कर दिया और एकदम शांत बैठ गया..
तो थोड़ी देर के बाद दीदी आई और बोली कि में चाय लेकर आती हूँ और जैसे ही वो बाहर गई मैंने फिर से वही फोल्डर खोल लिया और फिर जैसे ही वो अंदर आने लगी तो मैंने उसे बंद कर दिया. वो मुझे देखकर स्माइल देने लगी और मुझे थाड़ा सा शक हुआ.. हम दोनों चाय पीते पीते बातें करने लगे. तब मैंने देखा कि मुझे दीदी की छाती साफ साफ दिख रही थी और में तो उसे ही देख रहा था.. दीदी समझ गयी थी लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा.. बल्कि और भी ज्यादा दिखाने लगी. तो देखते देखते दीदी ने मुझसे पूछा कि क्या तुम ब्लू फिल्म देखते हो? मैंने कहा कि दीदी आप यह क्या पूछ रही हो? और मैंने कह दिया कि नहीं में यह सब नहीं देखता हूँ.
फिर दीदी ने कहा कि तुम झूठ तो मत बोलो.. मैंने तुम्हे दरवाज़े से देखा है कि तुम मेरे कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देख रहे थे. तो मैंने अपनी आँखें नीचे कर ली और दीदी ने कहा कि शरमाने की क्या बात है? में भी देखती हूँ फिर धीरे धीरे हम दोनों के बीच में सेक्सी बातचीत शुरू हो गई. फिर दीदी ने मुझसे पूछा कि क्या मैंने कभी ट्राई किया है? तो मैंने नहीं कह दिया और फिर मैंने दीदी से पूछा कि क्या दीदी आपने कभी ट्राई किया है? तो दीदी ने कहा कि में हमेशा बाथरूम में जाकर अपने बूब्स को मसाज करती हूँ. तो मैंने मन ही मन में सोचा कि शायद दीदी के बूब्स इसलिए इतने बड़े बड़े है.. तब मैंने दीदी से कहा कि क्या आप मेरे साथ सेक्स करोगी?
तो दीदी ने कुछ नहीं बोला बस स्माईल कर दी और में समझ गया कि मेरी लाईन साफ है.. मैंने दीदी को एकदम से पकड़ा और किस कर दिया. पहले तो दीदी सोच में पड़ गयी और फिर दीदी भी मुझे चूसने लगी और में धीरे धीरे दीदी के कपड़े उतारने लगा.. उसने अपनी आँखें बंद कर ली थी और मेरे होंठो को चूस रही थी और मेरे मुहं में अपनी जीभ डाल रही थी और कभी कभी मेरी जीभ को चूस रही थी जिससे में बहुत गरम हो चुका था और वो भी बहुत मस्त हो चुकी थी मेरा सीना उसकी छाती से टकरा रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने दीदी के बालों को खोल दिया और फिर मैंने दीदी की मेक्सी को उतार दिया और उसके बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे. उनके अच्छे बड़े बड़े बूब्स थे और थोड़ी देर में हम दोनों पूरे नंगे हो चुके थे.. लेकिन हम अभी भी एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे और धीरे धीरे में उनकी गर्दन को चूसने लगा तो वो पागल हो रही थी. मैंने उनके कान को काट लिया और वो पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी और में उनको चूमते चूमते उनकी गांड को भी हाथ से सहला देता.
फिर मैंने उनको बिस्तर पर लेटा दिया और धीरे से उनकी चूत पर हाथ लगाया तो वो गीली हो चुकी थी. मुझे समझ आ चुका था कि अब वो भी पूरी तरह से मस्त हो चुकी है. वैसे तो हम दोनों ही वर्जिन थे.. लेकिन चिपक ऐसे रहे थे जैसे पहले बहुत बार चुदाई कर चुके है.
फिर मैंने उनके हाथों को कसकर पकड़ लिया. वो एकदम पागल हो रही थी.. में फिर उनके बूब्स को चूसने लगा और एक हाथ से दबा रहा था. इससे उनके मुहं से आहह औऊउ अह्ह्ह्ह की आवाज़ आ रही थी और में उनके ऊपर चढ़ा हुआ था. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से आवाज़े निकाल रही थी और फिर उसने अपने दोनों हाथों से मेरे बालों को पकड़कर अपनी छाती की तरफ दबाने लगी. वो पूरी तरह से पागल हो चुकी थी.
मैंने दीदी से कहा कि क्या आपके घर में जेम है? तो उन्होंने कहा कि हाँ है और में किचन में जाकर जेम ले आया और मैंने बहुत सारा उनकी चूत में लगा दिया और फिर थोड़ी देर में उनकी कुवारीं चूत को चाटने लगा. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह कर रही थी और उनकी चूत से पानी बहने लगा था. फिर करीब एक घंटे तक लगातार चूत चाटने के बाद मैंने सोचा कि अब इसको चोदा जाए. तो उसने मेरे लंड को देखा और उस पर किस कर दिया और फिर हम 69 पोज़िशन में आ गए और करीब 10 मिनट तक मैंने उसकी चूत और बीच बीच में गांड का छेद भी चाटा और उसने मेरा लंड भी चूसा और उसने अपनी चूत में डालने के लिए उसको चूत के मुहं पर रख दिया. में भी वर्जिन था तो मुझे भी बहुत डर लग रहा था कि अगर मेरे लंड की चमड़ी फट गई या फिर गलती से शिल्पा की चूत फट जाए और ज़्यादा खून निकलने लगे तो क्या होगा? और मैंने शिल्पा को यह बताया..
वो बोली कि आज हमे बहुत अच्छा मौका मिला है और आज के बाद नहीं मिलेगा.. तुम जो चाहे कर लो.. आज मेरी चूत को फाड़ दो.. जो होगा देखा जाएगा.. लेकिन अभी तो इस हसीन पल का मज़ा ले लो. तो मैंने भी कहा कि ठीक है आज तो में तुम्हे बहुत मज़ा दूँगा.. वो बोली कि मेरी जान मेरी चूत को चाटकर तुमने मुझे जन्नत का नजारा दिखा दिया है और मैंने कंप्यूटर पर गाना लगा दिया और आवाज को थोड़ा बढ़ा दिया ताकि जब मेरा लंड उसकी चूत में घुसे तो आवाज़ ज़्यादा बाहर ना जाए. उसने अपनी आखों को बंद कर लिया और मैंने अपने हाथ से उसके हाथ को पकड़ लिया था और उसने अपने पैरों को मेरी कमर से बाँध दिया था. फिर मैंने सही मौका देखकर एक ज़ोर से झटका मारा और 3 इंच लंड उसकी चूत में चला गया वो चिल्लाई आईईई अह्ह्ह्ह माँ में मर जाउंगी.. प्लीज इसे बाहर निकालो. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था और थोड़ी देर रुककर फिर से धक्का देने लगा. उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था और दो मिनट के बाद मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. वो बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी आआईईईईईईईईईई में मररररर गयी.. प्लीज इसे बाहर निकालो मेरी चूत फट जाएगी और उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे.
फिर मैंने थोड़ी देर रुककर धक्के देना शुरू किए और उसके ऊपर लेटकर उसके बूब्स को दबाने लगा चूसने लगा और कुछ देर बाद जब वो ठीक हुई तो मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून निकल रहा था जिसे देखकर मुझे अपने आप पर बहुत गर्व महसूस हुआ कि मैंने 19 साल की उम्र में पहली सील तोड़ी है और में उसके ऊपर पूरा ज़ोर लगाकर उसे धक्का देने लगा और अब वो मुहं से आह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी और बोल रही थी कि चोद मुझे और ज़ोर ज़ोर से चोद फाड़ दो मेरी चूत को और में यह बात सुनकर पूरे जोश में आ गया.
15 मिनट की लगातार चुदाई के बाद में झड़ने वाला था तो उसने मुझसे कहा कि पूरा वीर्य मेरी चूत में ही डाल दो और में उसकी चूत में ही झड़ गया.. लेकिन वो इस बीच दो बार झड़ चुकी थी. तो में उसके ऊपर ही लेट गया और मैंने अपना लंड उसकी चूत में से बाहर निकाला तो वो खून में पूरा लाल हो चुका था और शिल्पा तो मेरे लंड को देखती ही रह गयी. फिर मैंने अपना लंड फिर से उसकी चूत में एक बार में ही पूरा डाल दिया.. लेकिन अब उसको और भी मज़ा आ रहा था. उसका शरीर तो आग की तरह तप रहा था और इस बार मैंने उसे 20 मिनट तक चोदा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और इस बार वो दो बार झड़ चुकी थी.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि अब में तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ तो वो बोली कि नहीं मुझे बहुत दर्द होगा.. तो मैंने कहा कि नहीं होगा बस थोड़ी देर दर्द होगा फिर तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा और वो मान गई फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और पहले हम वॉशरूम गए.. लेकिन उससे तो ठीक से उठा भी नहीं जा रहा था क्योंकि चुदाई करने से उसकी चूत में बहुत दर्द हो रहा था. फिर जैसे तैसे में उसको बाथरूम लेकर गया और फिर वहाँ पर जाकर उसने मेरा लंड और अपनी चूत को साफ किया. उसने पहले मेरे लंड से पूरा खून वगेरा अच्छी तरह साफ किया और फिर अपनी चूत को अच्छे से साफ किया. मैंने भी उसकी चूत में उंगली डालकर अच्छे से उसकी चूत को साफ कर दिया और फिर उसने मुझे टावल से साफ किया और फिर अपने आप को साफ किया और फिर मुझे देखकर स्माइल दी और मैंने भी उसको स्माइल दी और फिर हमने वहीं पर एक किस किया और वो बोली कि मुझे टॉयलेट आया है.. तुम बाहर जाओ में दो मिनट में आती हूँ. तो मैंने कहा कि नहीं तुम मेरे सामने ही कर लो.. वो पहले साफ मना कर रही थी.. लेकिन फिर मान गई. उसके टॉयलेट में वेस्टर्न स्टाईल का सीट था और वो उस पर बैठ गई और टॉयलेट करने लग गई और जैसे ही उसका पेशाब बाहर निकला तो बहुत ही ज्यादा मदहोश कर देने वाली आवाज़ आने लगी. तो मैंने उसको देखा और उसके पास गया. फिर अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और उसने भी बैठे बैठे ही मेरा लंड चूस लिया और करीब 5 मिनट के बाद उसने मेरा लंड अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और फिर उसने अपनी चूत को पानी से साफ किया और खड़ी हो गई.
फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और बेड पर ले गया और उसके बाद मैंने उसको गांड मारने के लिए इशारा किया और उसे कुतिया बनने को कहा और जब वो डॉगी बन गई तो मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और रगड़ने लगा और धीरे धीरे से धक्के देकर डालने लगा. मेरा लंड उसकी गांड में पहली बार में तो घुसा ही नहीं. फिर मैंने उसकी गांड पर थूक लगाया और उसको अपना लंड 5 मिनट चुसवाया जिससे मेरा लंड भी थोड़ा चिकना और गीला हो गया और फिर मैंने उसकी गांड पर लंड रखा और थोड़ा दम लगाकर अंदर डाला तो बड़ी मुश्किल से मेरा लंड दो इंच घुसा और वो दर्द के कारण बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.. लेकिन में फिर भी नहीं रुका और ज़ोर ज़ोर से धक्का लगाने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने अपना पूरा 8 इंच का लंड उसकी गांड में उतार दिया. वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई.. लेकिन अब उसे मज़ा भी आ रहा था.
फिर भी मैंने अपनी चुदाई ज़ारी रखी.. अब में थोड़ा ज़ोर लगाने लगा और फिर थोड़ी देर के बाद वो भी कहने लगी कि जान थोड़ा धीरे और आराम से चोदो और वो अह्ह्हउनह उह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी और कह रही थी कि आज तो में पूरी तरह से तुम्हारी हो चुकी हूँ.. में कहीं भाग नहीं जाउंगी.. तुम थोड़ा आराम से चोदो.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और धीरे धीरे उसकी साँसे तेज़ हो रही थी और अब उसे भी बहुत मज़ा आने लगा.. वो अपनी गांड को उठा उठाकर चुदवा रही थी और में तो इतनी मोटी गांड में लंड डालकर जन्नत की सैर कर रहा था और लंड को हिलाते हिलाते में भी उसकी गांड में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर हम दोनों नहाने चले गये और मैंने वहाँ भी शावर के नीचे फिर से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया और 15 मिनट तक चुदाई की और बाहर निकलने के बाद हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और उसने मुझे कॉफी बनाकर पिलाई और हम दोनों एक ही कप में पी रहे थे.
फिर एक घंटे तक हमने ब्लूफिल्म देखी उस दौरान में उसे करीब आधे घंटे तक चूमता रहा.. उसे स्मूच भी कर रहा था. फिर हमने उस दौरान एक बार सेक्स भी किया और फिर 4 बजे तक हमने एक दूसरे के साथ फुल मजा किया और फिर उसके बाद मैंने फिर से अपने कपड़े पहने और फिर उसको 15 मिनट तक लगातार किस किया और फिर में वहाँ से निकल आया और फिर हमारा रात में फोन पर सेक्स शुरू हुआ और हम हर दो तीन दिन में चुदाई भी किया करते थे.. लेकिन जब दीदी की पढ़ाई पूरी हो गई तो वो भी आगे की पढ़ाई करने पूना चली गई. अब तो में चुदाई नहीं कर पाता और शिल्पा दीदी की यादों में खोया रहता हूँ ..
Share:

भाभी की गांड की चटनी


हैल्लो फ्रेंड्स.. में राज आप सभी के सामने अपनी एक और हॉट कहानी लेकर आया हूँ. दोस्तों में आप सभी को अपना परिचय करवा देता हूँ.. मेरा नाम राज है और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ. में 3rd साल बी-कॉम में पढ़ाई कर रहा हूँ और मेरी उम्र 20 साल है. में जब भी किसी लड़की को चोदता हूँ तो उसको जन्नत की सेर करा देता हूँ और एक या दो घंटे तक लड़की को छोड़ता नहीं हूँ. मुझे जब तक उसको चोदने से पूरी तरह सन्तुष्टि नहीं मिलती में बस उसे चोदे ही जाता हूँ. मेरे लंड का साईज़ 8 इंच लंबा 3 इंच मोटा है.
दोस्तों मैंने मेरी भाभी को चुदाई के लिये पटा लिया था और उनकी चूत को कई बार चोद भी चुका था. अब में आज आपको बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने भाभी की गांड फाड़ डाली. दोस्तों एक दिन में भाभी का कॉल आया..
भाभी : हैल्लो.. क्या कर रहे हो?
में : बस आपको ही याद कर रहा हूँ.
भाभी : अच्छा.. तो फिर आज का क्या प्लान है?
में : बस आपको आज और भी जमकर चोदना और सन्तुष्टि देना का?
भाभी : ठीक है तो आज एक बजे मेरे घर पर आ जाना.
में : ठीक है भाभी.
फिर में भाभी के घर पर जाने के लिए तैयार हो गया और मैंने भाभी के घर पहुंच कर डोर बेल बजाई.. तो भाभी ने दरवाजा खोला.. वाह! दोस्तों में तो उसे देखता ही रह गया.. वो नीले कलर की जालीदार मेक्सी में क्या सेक्सी लग रही थी? फिर मैंने उसको देखकर सोच लिया था कि आज में इस साली की चूत और गांड दोनों फाड़ डालूँगा. फिर वो बोली कि क्या बस ऐसे ही देखोगे या कुछ करोगे भी? तो मैंने कहा कि जानेमन आज तो में तुझे छोड़ने वाला नहीं हूँ.. तू कितना भी चिल्लाए या आंसू निकाले.. आज में तुझे फाड़कर रख दूँगा. फिर वो बोली ओह बड़े आए फाड़ने वाले.. कहने से कुछ नहीं होता कुछ करके भी दिखाओ तब मुझे पता चले कि इस लंड में कितनी ताकत है? तो मैंने झट से उसको पकड़कर मेरी और खींच लिया और किस करने लगा. वाह क्या होंठ थे उसके? यारों इतने रसीले की उन्हें छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था. फिर वो बोली कि चलो अब बेडरूम में चलते है.. तो मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और किस करते करते बेडरूम में गया और उसे बेड पर फेंक दिया और उसके ऊपर आ गया.
तो वो बोली कि क्यों आज बहुत जोश में लग रहे हो राज. फिर में उनको किस करता रहा.. क्या मुलायम होंठ थे उनके कि बस पूछो मत. फिर में धीरे धीरे उनकी गर्दन पर और उनकी छाती पर किस करने लगा और उनके 36 के बूब्स दबाने लगा. उस जगह पर मेरा हाथ लगते ही उनके बूब्स के निप्पल टाईट होने लगे. तो में थोड़ा और नीचे आ गया और उनकी नाभि को चूमने लगा. दोस्तों में तो उनकी जांघो को चूमते हुए फिर उनकी चूत के ऊपर से ही रगड़ने लगा और वो सिसकियाँ भरने लगी और वो कहने लगी हाँ बहुत अच्छे.. बस ऐसे ही लगे रहो ऊओसुउउउ अह्ह्ह. फिर मैंने मेक्सी का बूब्स वाला हिस्सा खोल दिया और मैंने देखा कि उसके एकदम सफेद बूब्स थे उनको देखकर किसी के भी मुहं में पानी आ जाए फिर मैंने बूब्स को मुहं में ले लिया और चूसने लगा मुझे बहुत मज़ा आने लगा और वो भी सिसकियाँ लेने लगी अहह उह्ह्ह राज चूसो इनको और चूसो उउईईइ अह्ह्ह उनके निप्पल एकदम गुलाबी थे और में मुहं में लेकर चूस रहा था और बहुत ज़ोर से बूब्स को दबा रहा था.
तो वो बोली कि अह्ह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो बहुत दर्द हो रहा है फिर नाभि को चूसते हुए मैंने उनकी मेक्सी का नीचे का हिस्सा भी उतार दिया और उसकी चूत यारों एकदम साफ शेव की हुई थी. में झट से उनकी चूत को चाटने लगा और वो मेरा मुहं अपनी चूत पर दबा रही थी और चिल्ला रही थी. आह्ह राज और ज़ोर से अह्ह्ह उह्ह्ह्हऑश माँ मर गई अह्ह्ह फिर क्या था वो झड़ गई और फिर उसने मुझको लेटा दिया और धीरे धीरे मेरे कपड़े उतारने लगी और मुझे किस करने लगी.
फिर में सिर्फ अंडरवियर में था और वो मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही हिलाने लगी और फिर मुहं में लेने लगी फिर झट से उसे उतार दिया और मेरा 8.5 इंच का लंड देखकर उसके मुहं पर एक ख़ुशी सी नजर आने लगी और वो उसे बस देखे ही जा रही थी. तो मैंने झटके से उसके मुहं में लंड को डाल दिया और वो ना ना करती रही.. लेकिन में कहाँ सुनने वाला था और उसके मुहं में मेरा पूरा लंड समा भी नहीं रहा था.. लेकिन फिर भी वो उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी और मेरा बुरा हाल होता गया.. वो बहुत ज़ालिम की तरह मेरा लंड चूस रही थी. वाह! दोस्तों में क्या बताऊँ में तो जन्नत में था और फिर 5 मिनट बाद में उसके मुहं में झड़ गया.. लेकिन फिर भी उसके मुहं को पकड़कर चोदने लगा और उसके मुहं से पुच पुच की आवाज आने लगी.. उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी और वो मुझसे दूर होने की कोशिश करने लगी.
में उसके मुहं में लंड को आगे पीछे करे ही जा रहा था और कुछ देर के बाद में बेड पर लेट गया और वो मेरा सारा वीर्य पी गई और मेरा लंड फिर से मुहं में लेकर साफ करने लगी और उसने फिर से मेरा लंड खड़ा कर दिया और बोली कि राज मुझसे अब नहीं रहा जा रहा.. प्लीज अपनी इस रांड को चोद दो और फाड़ दो उसकी यह प्यासी चूत. तो मैंने कहा कि थोड़ा सब्र रखो मेरी जान और में उसकी चूत को चाटने लगा.. दो तीन मिनट चाटने के बाद लंड को उसकी चूत पर रखा और ज़ोर से झटका लगाया तो वो ज़ोर से चिल्ला गई अह्ह्ह ऑश माँ मर गई.. राज थोड़ा धीरे करो.. प्लीज यार तुम जब भी चोदते हो तो नानी याद दिला देते हो.. प्लीज थोड़ा धीरे से करो.
तो मैंने कहा कि तभी तो चुदाई का मज़ा आता है मेरी जान.. फिर और ज़ोर से मैंने दूसरा झटका लगया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ अंदर चला गया और वो चीखने चिल्लाने लगी और उसकी आँख से आंसू बाहर आ गये और में उसके होंठो को किस करने लगा और जल्दी जल्दी धक्के मारता रहा और वो चिल्लाती रही कि मार डाला.. प्लीज थोड़ा धीरे कर अहह उह्ह.
फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसका एक पैर ऊपर किया और मेरे कंधे पर रख लिया.. वो बोली अरे वाह आज तो नयी नयी पोज़िशन बना रहे हो.. लेकिन प्लीज राज थोड़ा धीरे करो और मैंने ज़ोर से धक्का देकर लंड उसकी चूत में डाल दिया वो चिल्लाने लगी और मुझसे चुदने लगी अह्ह्ह माँ मर गई अह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो.. प्लीज निकालो और में झटके देता रहा. फिर वो झड़ गयी और थोड़ी बेहोश जैसे हो गयी और मैंने चूत से लंड को बाहर निकाला और उसके मुहं में डाल दिया और लंड को मुहं में धक्के देकर चोदने लगा और फिर से मुहं में सारा माल डाल दिया. हम दोनों बेड पर लेट गये.
फिर थोड़ी देर बाद वो मुझे किस करने लगी और बोली कि आज बहुत दर्द हुआ राज.. लेकिन मज़ा भी बहुत आया.. चलो अब में फ्रेश हो जाती हूँ और वो बाथरूम में गई और में भी उसके पीछे गया. तो वो मुझे देखकर बोली कि प्लीज राज अब नहीं.. मुझमें और ताक़त नहीं है प्लीज़. तो मैंने कहा कि अरे चुदाई जितनी ज़्यादा हो उसकी अगली चुदाई में उतना ही ज्यादा मज़ा आता है मेरी जान.
फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने उसे लंड की तरफ़ इशारा किया और वो उसको चूसने लगी. मैंने कहा कि में आज तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ. तो उसने झट से लंड को बाहर निकाला और बोली कि नहीं राज.. तुम चूत में डालकर हालत खराब कर देते हो और जब गांड में डालोगे तब मेरा क्या होगा? में तो मर ही जाऊंगी और शायद जिंदा बची तो ठीक से चल भी नहीं पाउँगी. फिर मैंने कहा कि अरे जान ऐसा कुछ नहीं होगा.. सिर्फ़ थोड़ा सा दर्द तो होगा.. लेकिन उसके बाद मज़ा भी बहुत आता है और वो फिर भी ना ना करने लगी मैंने और समझाया.. लेकिन फिर भी ना.
तो मैंने कहा कि अरे यार एक बार ट्राई तो करो अगर तुम्हे ज्यादा दर्द होगा तो में बाहर निकाल दूँगा. तभी उसने कहा ठीक है.. लेकिन थोड़ा धीरे धीरे ही डालना. फिर क्या था मैंने उसकी 36 की गांड पर एक ज़ोर से थप्पड़ मारा और देखा वो एकदम लाल हो गई थी और में उसको बेडरूम में ले गया और उसकी गांड को थोड़ा चाटा और गांड में एक उंगली डाल दी. वो चिल्ला उठी और बोली कि देखो राज एक उंगली से इतना दर्द हो रहा है तो तेरा लंड जाने से मेरी तो पूरी की पूरी गांड फट जायेगी.
फिर मैंने कहा कि क्या यहाँ पर लोशन है? तो वो बोली कि हाँ.. वहाँ पर वो ड्रा खोलो और मैंने लोशन निकाला और उसकी गांड के छेद पर लगा दिया और उसने मेरे लंड को मुहं में ले लिया और थोड़ा मेरे लंड पर लगा दिया. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाईल में होने को कहा वो बोली कि ठीक है.. लेकिन राज प्लीज धीरे धीरे. तो मैंने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखा और धीरे से धक्का दिया तो मेरा आधा टोपा उसकी गांड में जा चुका था और वो बहुत ज़ोर से चिल्ला रही थी. राज प्लीज़ अह्ह्ह अईईईई में मर गई अहह बाहर निकालो प्लीज़ मैंने सोचा अगर धीरे धीरे डालूँगा तो यह डालने नहीं देगी और उसे दर्द भी ज्यादा होगा और मैंने एकदम ज़ोर से झटका लगाया तो आधा लंड उसकी गांड में चला गया और उसकी हालत देखने जैसी थी.
दर्द के मारे वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी और उसकी आखों में से आंसू निकल रहे थे और वो मुझे गालियां दे रही थी और बोल रही थी अरे मादरचोद छोड़ मुझे.. में मर गयी, प्लीज भगवान के वास्ते अहह मुझे छोड़ दो प्लीज. में उसके बूब्स को पकड़कर दबा रहा था. फिर मैंने एक और ज़ोर से झटका लगाया तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में चला गया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी अह्ह्ह माँ मर गई और थोड़ी देर बेहोश जैसी हो गई और में भी वैसे ही पड़ा रहा. फिर दो तीन मिनट के बाद उसको होश आया और वो बोली कि राज आज बस बहुत हुआ.. प्लीज इसे बाहर निकालो.
तो में बिना कुछ सुने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा जिससे थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो खुद ही अपनी गांड को आगे पीछे करने लगी और बोली कि राज बहुत मज़ा आ रहा है फाड़ दो आज मेरी गांड. तो क्या अब मैंने भी ज़ोर ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिए और वो चिल्लाने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह हाँ और ज़ोर से मज़ा आ गया राज.. आज में सातवें आसमान पर हूँ उह्ह्ह ह्म्‍म्म्म. तो मैंने लंड को बाहर निकाला और देखा तो उसकी गांड का छेद बड़ा सा हो गया था.. फिर लंड को उसके मुहं में दिया और फिर में लेट गया और उसे मेरे ऊपर बैठने को कहा वो अपनी गांड का छेद लिए मेरे लंड पर बैठ गई और मैंने झट से उसकी कमर पकड़कर आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया.. वो चिल्लाने लगी अहह माँ मरी थोड़ा धीरे और में उसकी कमर पकड़कर ज़ोर ज़ोर से झटके लगाता रहा फिर 10 मिनट बाद में झड़ गया और सारा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया. तो उसने मेरे लंड को साफ कर दिया और हम लेट गये.. वो बोली कि राज गांड मरवाने में बहुत मज़ा आता है. अगर आज तुम ना होते तो में यह सुख शायद कभी नहीं ले पाती. मुझे आज बहुत मज़ा आया.. आज से तुम मेरी गांड चोदते रहना.
Share:

पड़ोसन की चूत का खून


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राज है और यह मेरी पहली कहानी है.. में आपको बता दूँ कि में हरियाणा का रहने वाला हूँ और में अपना व्यापार करता हूँ.. मेरी हाईट 5.4 इंच और मेरी उम्र 25 साल, कलर साफ और दिखने में एकदम मस्त और मेरे लंड का साईज़ 8 इंच और मोटाई 3 इंच है
दोस्तों यह कहानी मेरे फ्रेंड के साथ मेरे अफेयर की है. कैसे मैंने उसे अपना बनाया और यह बात तब की है जब वो हमारे घर के पास वाले घर में किराये पर रहने के लिए आई. दोस्तों में ज्यादातर समय अपने घर से बाहर ही रहता हूँ.. करीब सुबह से शाम तक और इसलिए पहले तो मेरा उससे कोई सामना नहीं था लेकिन एक दिन वो हमारे घर पर किसी काम से आई तो में उसे देखता ही रह गया.. यारों मेरे तो उसे देखते ही होश ही उड़ गए और मेरा लंड तो उसे देखते ही एकदम तनकर खड़ा हो गया.. क्योंकि उस समय वो क्या सेक्सी लग रही थी और उसके बूब्स 34 साईज के जैसे कोई रस भरे आम हो और उसके फिगर का साईज़ 34-28-34 और नाम बदला हुआ मोना और बस में उसे एक नजर से देखता ही रह गया.
फिर वो कुछ देर बाद अपना काम खत्म करके चली गई.. लेकिन वो अपने साथ मुझे भी ले गई.. में उसके सपनों में खो गया और वहीं पर खड़े खड़े उसकी चुदाई के सपने देखने लगा और उसके जाने के कुछ देर बाद में अपने होश में आया. उसके घर पर उसकी माँ, उसके पापा और उसका एक छोटा भाई रहता था लेकिन अब में उसे पाने के लिए रोज उससे मिलने का मौके खोजने लगा.
फिर बहुत मेहनत करने के बाद भी मुझे कोई मौका नहीं मिला. फिर एक दिन जब वो दोपहर के समय अपनी छत पर कपड़े सुखाने के लिए आई तो में भी उससे बात करने के लिए अपनी छत पर चला गया और मैंने वहाँ पर मौका देखकर उससे पूछा कि तुम क्या करती हो तो उसने मुझे बताया कि वो अभी पढ़ाई कर रही है और फिर मैंने उससे इधर उधर की हंसी मजाक की बातें शुरू कर दी और वो मेरी बातें सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसकर जवाब दे रही थी और इस तरह उस दिन से हमारी बातों का सिलसिला शुरू हो गया और वो मुझे बहुत अच्छी लगती थी और इसलिए में उससे रोज बातें करने लगा.
फिर एक दिन बातों ही बातों मैंने उससे उसका मोबाईल नंबर माँगा और उसने भी बिना किसी परेशानी के मुझे अपना नंबर दे दिया और फिर में उसे पहले अच्छे अच्छे मैसेज करने लगा और वो भी मेरे हर एक मैसेज का लगातार जवाब देने लगी और इस तरह हम दोनों की दोस्ती धीरे धीरे पक्की होने लगी और फिर कुछ दिन बाद हमारी बातें सेक्स में बदलने लगी और हम दोनों फोन पर ही सेक्स करने लगे और कभी कभी हम रात को छत पर भी मिलने लगे और एक दूसरे को किस किया करते और कुछ समय एक दूसरे की बाहों में एक साथ बिताकर नीचे चले जाते थे.. लेकिन अब हम दोनों सेक्स के लिए तड़पने लगे और एक दिन हमे वो अच्छा मौका मिल ही गया जिसका हम बहुत इंतजार कर रहे थे. दोस्तों उस दिन उसके घर वाले दो दिन के लिए बाहर जा रहे थे.. तभी उसने मुझसे बोला कि में आज रात को उसके घर पर आ जाऊँ और फिर में रात का बहुत बेसब्री से इंतजार करने लगा.
फिर जब रात हुई तो में अपनी छत से उसके घर पर रात के 10 बजे चला गया.. मैंने वहाँ पर पहुंचकर देखा कि वो घर पर एकदम अकेली थी और खाना खा रही थी तो मैंने जाते ही उसे पीछे से पकड़ लिया और उसे किस करने लगा.. मैंने उसे 5-7 मिनट तक लगातार किस किया और उसके बाद उसे अपनी गोद में उठाकर पास वाले रूम में लेकर चला गया और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके बाद उसके टॉप में हाथ डाल दिया.. उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा.. उसके बूब्स बड़े ही मुलायम थे और में ज़ोर ज़ोर से पूरे जोश से उसके बूब्स को दबाने लगा और फिर कुछ देर बाद वो सिसकियाँ लेती हुई मेरा साथ देने लगी.
फिर मैंने उसके बूब्स को ब्रा से बाहर निकाला और निप्पल को अपनी ऊँगली में लेकर मसलने लगा और अब धीरे धीरे उसकी हालत खराब हो रही थी और वो आहह औऊउ उफफफफ्फ़ माँ मरी थोड़ा धीरे करो.. अह्ह्ह कर रही थी. मैंने उसके बूब्स को सक करने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी.. में उसे किस कर रहा था और बूब्स को चूस रहा था और वो बार बार आहह उफफफ्फ़ ह्म्‍म्म्म उईईइई माँ प्लीज थोड़ा धीरे खींचो मेरे बूब्स को.. बोले जा रही थी और में उसके बूब्स को चूस चूसकर लाल कर रहा था और फिर मैंने उसकी जीन्स का बटन खोला और अपना हाथ नीचे ले जाते हुए उसकी चूत पर ले गया और फिर मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी और में उसकी चूत पर अपनी उंगली घुमाने लगा और उसकी चूत के दाने को ज़ोर से हिलाने लगा और इस बीच उसने मुझे मेरे कान पर, होंठ पर बहुत ज़ोर से ऐसे काटा कि वहाँ पर खून आने लगा और वो अपना एक हाथ मेरी पीठ पर ले जाकर नाख़ून मारने लगी,, उसके नाखूनों के निशान मेरी कमर पर दिखने लगे.
फिर में उसे चूमते, चाटते हुए धीरे धीरे नीचे आने लगा और उसकी एकदम गहरी, सुंदर नाभि पर किस करने लगा.. वो और गरम होकर बैचेन होने लगी और में उसे चूमते हुए एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था.. उसके बूब्स एकदम टाईट हो गए थे और वो बार बार मोन कर रही थी. फिर मैंने उसकी पेंटी उतारी और देखकर दंग रह गया.. छोटी सी चूत और उस पर एक भी बाल नहीं था और मैंने उसकी चूत की खुशबू ली और उसे चूसने लगा.. वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी.. एयाया अफउईईइइ माँ अह्ह्ह छोड़ो मुझे और में उसकी चूत के दाने को ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा और उसे काट भी लेता और वो छोड़ दो.. में मर जाउंगी उफ़फ्फ़ या हमा उूउउ.. फिर में उसकी चूत में उंगली डालकर चोदने लगा.
उसकी चूत बहुत टाईट थी और बड़ी मुश्किल से मेरी बीच की ऊँगली उसके अंदर जा पा रही थी. फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और मेरा लंड तो पहले से ही लोहे की रोड बना हुआ था तो वो मेरे 8 इंच के लंड को देखकर डर गई और कहने लगी कि में इसे अपनी चूत में नहीं ले सकती.. यह मेरी चूत को एक बार में ही फाड़ देगा.. लेकिन मेरे बहुत समझाने के बाद वो मान गई और उसने मेरे लंड को पहले किस किया और फिर अपने नरम होंठो के बीच में लेकर चूसने लगी.
मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में बता नहीं सकता.. वो मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी और आख़िरकार में उसके मुहं में ही झड़ गया तो वो मेरा सारा वीर्य पी गई और बोली कि इसका स्वाद तो बहुत नमकीन है और मैंने भी उसकी चूत को दोबारा से चाटना शुरू किया और मैंने उसकी चूत को करीब 15 मिनट तक चाटा और फिर वो भी मेरे मुहं में ही झड़ गई और उसका पानी भी बहुत नमकीन था और फिर वो मेरे लंड को चूस रही थी तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर धक्का देने के लिए सेट किया और उसकी चूत और मेरे लंड पर अपना ही थूक लगाकर उसकी चूत पर धक्का मारा.
मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी तो मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख लिए और उसकी चूत से खून निकल रहा था लेकिन उसकी चिल्लाने की आवाज बाहर नहीं आई.. क्योंकि मैंने उसके मुहं पर अपना मुहं रखा हुआ था और अब उसकी चूत से निकले खून से चादर भी गीली हो गई थी और 5 मिनट ऐसे करने के बाद में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल सका और फिर उसे एक बार और दर्द हुआ और में कुछ देर उसके ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा और कुछ देर बाद में धीरे धीरे धक्के देने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो अपनी गांड को हिला हिलाकर मेरे लंड का मज़ा ले रही थी और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी कि चोदो मुझे अह्ह्ह और ज़ोर से चोदो मुझे.. आआउूउउ और में उसे जोरदार धक्के देकर चोद रहा था और फिर वो मुझे गालियाँ देने लगी.. कुत्ते तू आज मेरी चूत को फाड़ दे.. मुझे और ज़ोर से चोद साले मेरी चूत का भोसड़ा बना दे और हाँ ज़ोर से चोद.. आआउफ़फ्फ़ इस तरह बोल रही थी और में उसे चोद रहा था और में भी उसे बोल रहा था.. ले साली कुतिया मेरा लंड तेरी चूत में.. आज में चोद चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा.. में तेरी माँ की चूत भी फाड़ दूंगा और आज में तेरी चूत को ठंडा कर दूंगा और वो चुदती रही.
फिर मैंने उसे 4-5 बार अलग अलग तरह से 40 मिनट तक लगातार चोदा और वो इस दौरान तीन बार झड़ चुकी थी और उसे अब सहन नहीं हो रहा था तो में और तेज तेज धक्के देने लगा और उसकी चूत में ही झड़ गया लेकिन में उसके ऊपर ऐसे ही लेट गया और उसे बहुत मज़ा आया और उसे ऐसे ही सहलाता रहा और कुछ देर बाद उसने मुझे बोला कि उसे बहुत मज़ा आया.. मैंने भी उसे किस किया और बाथरूम में फ्रेश होने चला गया.. वो भी मेरे पीछे पीछे फ्रेश होने आ गई और उसने भी मेरे साथ सू सू किया.. उसकी चूत से सिटी की आवाज़ आ रही थी सईईइइ.
फिर उसने मेरे लंड को और अपनी चूत को साफ किया और पानी डाला.. उसके बाद हम दोनों बेड पर आकर बातें करने लगे और एक दूसरे को सहलाने लगे तो मैंने बोला कि जान तुम्हारी गांड मुझे बहुत पसंद है तो वो बोली कि इसको भी बजा लो और मैंने इतना सुनते ही उसे फिर से किस करना शुरू कर दिया और उसके बूब्स को दबाने लगा और मसलने लगा और वो धीरे धीरे गरम होने लगी तो मैंने उसकी चूत को एक बार फिर चाटा और उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा और वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी.. कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
फिर मैंने उसको डोगी स्टाइल में किया और उसकी ड्रेसिंग टेबल से तेल लेकर अपने लंड पर लगाया और उसकी गांड के छेद पर और अपने लंड पर लगाकर उसे गांड के छेद पर टिकाकर एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा आधा लंड एक बार में ही उसकी गांड में चला गया और वो इतनी ज़ोर से चिल्लाई कि में बता नहीं सकता. फिर वो बोली कि प्लीज इसे बाहर निकालो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है लेकिन में कुछ देर रुका रहा और फिर एक और ज़ोर का झटका मारा और इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया. वो फिर से चिल्लाई और उसकी गांड से भी खून की कुछ बूंदे निकलने लगी लेकिन मैंने कोई ध्यान नहीं दिया और उसे ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा और वो चिल्लाती रही और में उसे चोदता रहा. फिर 30 मिनट के बाद मैंने उसकी गांड में ही अपना वीर्य छोड़ दिया और उसे कुछ शांति मिली और में उसके ऊपर गिर गया और हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे. फिर कुछ देर के बाद में उसे किस करके अपने घर आ गया.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया