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मम्मी को अपने दोस्त से चुदवाया
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम शिवम जैन है और में जयपुर का रहने वाला हूँ.. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमे मैंने और मेरे दो पक्के दोस्तों ने मेरी मम्मी को पटाकर चुदवाया. हम तीनों जयपुर के एक कॉलेज में पड़ते है और हम अभी 3rd साल में है और कॉलेज में ही हम तीनों एक दूसरे से मिले और हम तीनों एक ही ब्रांच के है और जल्दी ही हम तीनों बहुत अच्छे दोस्त बन गये.
कॉलेज में आने के बाद हम तीनों ने पहली बार एक साथ ही ब्लूफिल्म देखी थी और फिर एक दिन हमे सेक्स स्टोरीज़ साईट मिली.. जहाँ पर हमें बहुत सारी सेक्स स्टोरी पड़ने को मिली. हम सभी को आंटी और जवान लड़के के बीच सेक्स स्टोरी बड़ी पसंद थी.. हम पिछले एक साल से लगातार सेक्सी स्टोरी पड़ रहे है और मुठ मारते है. फिर हम तीनों किसी बड़ी उम्र की औरत को ढूंढने लगे.. जिसके साथ हम सेक्स कर सके.. लेकिन हमारी किस्मत बहुत खराब थी और हमे इतना ढूंढने के बाद भी कोई नहीं मिली.
फिर हम तीनों में से एक ने जिसका नाम राजेश है उसने हमे एक आईडिया दिया और उसने कहा कि अगर वो मेरी मम्मी के साथ सेक्स करे तो कैसा रहेगा? तो पहले तो हम दोनों यानी में और प्रतीक ने उसे डांटकर चुप करवा दिया.. लेकिन ना जाने क्यों उसकी बात अब धीरे धीरे हमारे दिमाग़ में बैठ गयी और कुछ दिनों बाद हम तीनों बैठे हुए तो मैंने और प्रतीक ने राजेश को उसकी बात पर राज़ी होने का और उसका साथ देने का फैसला सुनाया.
तो अब हम तीनों ने सोचा कि पहले और कैसे किसकी मम्मी को फंसाया जाए.. क्योंकि मेरी मम्मी हाऊस वाईफ थी और उम्र 40 साल से ज्यादा थी और फिर हमने निर्णय किया कि मेरी मम्मी को पटाया जाएगा और उन्हे चोदा जाएगा.. दोस्तों मेरी मम्मी का नाम छाया जैन है और उनकी उम्र 45 साल है और जैसा कि आप सब जानते है कि इस उम्र में औरते थोड़ी मोटी होती है.. वैसे मेरी मम्मी भी है और उनके बूब्स बहुत अच्छे है और उनके बाल बहुत घने और लंबे है.
हम सबने निर्णय किया कि सबसे पहले सिर्फ़ एक ही मम्मी को पटाएगा फिर धीरे धीरे बाकी के दोनों को भी उसमे शामिल कर लिया जाएगा और हम सब सोचने लगे कि कैसे और कहाँ पर उनके साथ सेक्स किया जाए और कौन उन्हे पहले पटाएगा? तो राजेश ने कहा कि वो मेरी मम्मी को बहुत ज्यादा पसंद करता है और वो उन्हे पटाकर उन्हे चोदेगा और अब हम दोनों राज़ी हो गये. तो राजेश मेरे घर पर अब ज्यादा आने जाने लगा और मेरी मम्मी शाम के टाईम सब्ज़ी लेने मार्केट भी जाया करती थी.. कभी मेरे साथ तो कभी अकेले. तो जब भी मम्मी मार्केट अकेले जाती में राजेश को फोन कर देता और बता देता कि मम्मी आज अकेले मार्केट गयी है. तो राजेश वहाँ पर पहुंच जाता और मेरी मम्मी से मिलता और उनका सामान पकड़ने में मदद करता और साथ ही घर भी छोड़ने आता और ऐसे ही धीरे धीरे मम्मी का विश्वास उस पर बड़ने लगा और मैंने राजेश को मम्मी के बारे में कई बातें बताई कि उन्हे खाने में क्या पसंद है और उसे बहुत कुछ जानकारियां दी. मम्मी को आईसक्रीम और कचोरी बहुत ही पसंद है.. मैंने उसे यह भी बता दिया था.
एक दिन राजेश मेरे घर पर आया और उस समय मम्मी को मार्केट जाना था तो राजेश ने मम्मी से कहा कि वो उन्हे ले चलता है और फिर मम्मी उसके साथ चली गयी. फिर कुछ देर सामान खरीदने के बाद राजेश ने मम्मी को कहा कि उसका आईसक्रीम खाने का मन है क्या वो भी खाएगी? तो मम्मी ने मना कर दिया और कहा कि राजेश तुम खा लो.. तो राजेश ने पूछा कि क्या उन्हे आईसक्रीम पसंद नहीं है? तो मम्मी ने कहा कि नहीं.. उन्हे बहुत अच्छी लगती है. तो राजेश ने कहा कि तो फिर चलीये ना और वो मम्मी को ले गया.
फिर इसके बाद तो जब भी राजेश मम्मी के साथ मार्केट जाता तो उन्हे आइस्क्रीम पार्लर ले जाता और कभी कभी वो मम्मी को खुश करने के लिए आईसक्रीम घर पर ले आता. दोस्तों ऐसा चलते हुए दो महीने हो गये थे और राजेश ने मम्मी का पूरा विश्वास हासिल कर लिया और मम्मी का मोबाईल नंबर भी ले लिया. अब मम्मी को कभी भी कहीं भी जाना होता और पापा घर पर नहीं होते या में भी व्यस्त होता तो मम्मी राजेश को फोन करती और राजेश खुशी खुशी मम्मी के सामने हाज़िर हो जाता.
मम्मी उसके आने से बहुत खुश होती और उससे फोन पर भी बात करती.. राजेश मम्मी को मैसेज करता.. मैसेज में चुटकले हुआ करते या कोई कविता होती और मम्मी उसके मैसेज का जवाब भी दिया करती और राजेश हमें यह सब बताता रहता था. फिर एक दिन मम्मी को कपड़े लेने जाना था तो मम्मी ने मुझसे चलने को कहा.. लेकिन मैंने सर दर्द होने का बहाना लगा दिया और मम्मी को कहा कि वो राजेश के साथ चली जाए. तो मम्मी ने राजेश को कॉल किया तो वो फोरन राज़ी हो गया और मम्मी उसके साथ मार्केट चली गयी और करीब तीन घंटे के बाद मम्मी अकेली ऑटो से घर आई.
तो मैंने मम्मी से पूछा कि वो तो राजेश के साथ गयी थी फिर ऑटो से कैसे आई? तो मम्मी ने कहा कि राजेश के घर से फोन आया था तो उसे घर जाना पड़ा और वो ऑटो से आ गयी. फिर वो अपने रूम में कपड़े चेंज करने चली गयी और उसी शाम को हम तीनों प्रतीक के घर मिले.. तो मैंने वहाँ पर राजेश से पूछा कि घर पर ऐसा क्या काम आ गया था जो मम्मी को मार्केट में छोड़कर घर जाना पड़ा? तब राजेश ने बोला कि घर से कोई फोन नहीं आया था और फिर वो पूरी बात बताने लगा कि क्या हुआ और उसने बताना चालू किया कि मम्मी ने मार्केट से साड़ियाँ खरीदी और राजेश ने भी मम्मी का साड़ी पसंद करने में पूरा पूरा साथ दिया और मम्मी ने उसकी पसंद की हुई एक साड़ी भी खरीदी.
फिर हमेशा की तरह राजेश मम्मी को एक रेस्टोरेंट ले गया और वहाँ से उसने कचोरी पेक करवाई और फिर उसने मम्मी को कहा कि पास में पार्क है हम वहाँ पर चलकर ही खाते है और फिर मम्मी ने भी हाँ बोल दिया. फिर दोनों पार्क पहुंचे और कचोरियां खाई और वहीं पर बैठकर बातें करने लगे. तो राजेश ने अचानक मम्मी का हाथ पकड़ा और मम्मी को कहा कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
मम्मी यह सुनकर हैरान हो गयी और मम्मी को समझ में नहीं आया और कुछ देर के लिए वो बस वैसे ही रही और फिर राजेश ने मम्मी का हाथ चूम लिया. तो मम्मी ने अपना हाथ खींचा और राजेश को एक जोरदार थप्पड़ लगाया और कहा कि वो क्या बोल रहा है?
राजेश ने कहा कि हाँ वो उनसे बहुत प्यार करता है और आपके बिना नहीं रह सकता.. ऐसा बोलने लगा. तो मम्मी ने उसे एक और थप्पड़ लगाया और बोली कि वो उसकी माँ की तरह है और उनसे ऐसी बात करने की हिम्मत कैसे हुई? और वो अपना समान उठाकर चली गयी और ऑटो पकड़कर घर रवाना हो गयी. तो राजेश से यह सब सुनने के बाद में और प्रतीक ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे और बहुत देर तक हँसे और राजेश ने मुझसे पूछा कि क्या मेरी मम्मी ने घर पर कुछ भी नहीं कहा और उसके लिए झूट बोला? तो मैंने कहा कि हाँ..
फिर मैंने पूछा कि अब क्या करेंगे अपना प्लान तो फैल हो गया? तो प्रतीक ने कहा कि अगर आंटी ने राजेश के घर वालों को यह बात कह दी तो क्या होगा? तो हम सभी डर गये और हमने निर्णय लिया कि राजेश मम्मी को सॉरी बोल देगा और राजेश भी मान गया.. लेकिन राजेश की मम्मी के सामने जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी तो उसने उसी रात में मम्मी को फोन किया.. लेकिन मम्मी ने फोन नहीं उठाया और फोन कट कर दिया और राजेश बार बार फोन करता और मम्मी फोन कट कर देती. फिर राजेश ने मम्मी को सॉरी लिखकर मैसेज किए उसने उन्हे बहुत सारे मैसेज किए.
तो करीब 100 मैसेज के बाद मम्मी का जवाब आया कि राजेश कल उन्हे (मम्मी) से मार्केट में मिले और राजेश ने भी हाँ लिखकर जवाब में मैसेज भेज दिया. फिर अगले दिन दोपहर में मम्मी मार्केट के लिए घर से निकली और राजेश को जिस जगह मिलने को कहा था वहाँ पर मिली और राजेश पहले से ही वहीं पर मम्मी का इंतजार कर रहा था. तो मम्मी के पास पहुंचते ही राजेश मम्मी को सॉरी बोलने लगा और फिर मम्मी ने कहा कि अगर वो राजेश की हरकत को राजेश के घरवालों को बता दे तो क्या होगा?
राजेश ने यह बात सुनी और उसकी आँखो में आंसू आ गए और वो मम्मी के पैरों में गिर गया और मम्मी से सॉरी बोलने लगा. तो मम्मी ने उसे उठने को कहा और कहा कि अगर वो भविष्य में ऐसा दोबारा कुछ ना करे तो वो उसे माफ़ कर देगी और किसी को कुछ नहीं बताएगी. तो राजेश ने मम्मी से वादा किया कि वो ऐसा कुछ नहीं करेगा और अब इसके बाद अगले दिन हम दोनों राजेश और में मिले तो राजेश ने हमे पूरी बात बताई. तो मैंने कहा कि चलो अब मुसीबत टली और अब हम आगे कुछ नहीं करेगे और राजेश भी मेरी बात से सहमत था.
फिर बाद में प्रतीक राजेश से अकेले में मिला और राजेश की पूरी बात सुनने के बाद बोला कि राजेश तू ऐसे हार मत मान.. तू आंटी को चोदेगा और ज़रूर चोदेगा और उन्होंने तुझसे माफी मंगवाई है ना.. तो तू ऐसे चोदना कि वो तेरे पैरों में गिरे और बोले कि मुझे छोड़ो. फिर प्रतीक ने राजेश को बहुत भड़का दिया और राजेश को फिर से तैयार कर लिया और राजेश ने मुझसे मिलकर मुझे बताया कि वो एक बार और मम्मी को चोदने की कोशिश करना चाहता है. तो मैंने कहा कि ठीक है कर ले ट्राई और राजेश ने कहा कि अब प्रतीक के पास एक प्लान है और हम उसी पर चलेगें.
प्रतीक ने राजेश को फिर से मेरी मम्मी के पास जाने और उनका विश्वास हासिल करने को कहा.. राजेश ने ऐसा ही किया और करीब दो महीने की कोशिश के बाद राजेश ने मम्मी का खोया हुआ विश्वास फिर से वापस हासिल कर लिया और इसके बाद हमने यानी मैंने और राजेश ने प्रतीक से पूछा कि उसका आगे का प्लान क्या है?
प्रतीक ने कहा कि 15 दिन बाद होली है और उसके घरवालों ने होली की एक छोटी सी पार्टी रखी है जो कि पास के ही एक मेरिज हॉल में रखी गयी है.. वहाँ पर ही मेरी मम्मी को राजेश चोदेगा. तो हमने पूछा कि इतने सारे लोगो के बीच में यह सब कैसे होगा? और मम्मी वहाँ चिल्लाई तो सब आ जाएगें. तो प्रतीक बोला कि पार्टी में भांग का भी उपयोग होगा और हम आंटी, अंकल (यानी मेरे मम्मी, पापा ) को भांग पिला देंगे.. उससे काम आसान हो जाएगा. तो ऐसे ही 15 दिन निकल गये और होली का दिन आ गया.. में और मम्मी, पापा प्रतीक की बताई हुई जगह पर पहुंचे. वहाँ पर सब लोग होली खेल रहे थे और वहाँ पर कुछ तो भांग पीकर मस्त हो रहे थे. वहाँ पर प्रतीक के घरवाले और राजेश के मम्मी, पापा भी मौजूद थे.
फिर हम तीनों के माता, पिता एक दूसरे से मिले और होली खेलने लगे और करीब 30 मिनट के बाद में मम्मी, पापा के लिए ठंडाई लेकर गया.. तो मम्मी ने पूछा कि क्या यह नॉर्मल है? इसमें भांग तो नहीं है ना? तो मैंने कहा कि नहीं.. यहाँ पर बिना भांग वाली ठंडाई भी है और में आपके लिए वही लाया हूँ.
मम्मी, पापा दोनों ने पूरा पूरा ग्लास पी लिया और फिर से होली खेलने लगे और फिर बहुत देर बाद भांग का असर दिखना शुरू हुआ.. प्रतीक ने और मैंने मम्मी, पापा को एक-एक ग्लास और भांग वाली ठंडाई पिला दी और दोनों ने भांग पहली बार ली थी.. इसलिए उसका बहुत असर हुआ और पापा को नशा चड़ गया था. इसलिए वो सही तरह से खड़े नहीं हो पा रहे थे. तो मैंने और राजेश ने पापा को वहाँ पर बने एक रूम में ले जाकर लेटा दिया और पापा वहाँ पर जाकर सो गये. फिर दूसरी तरफ मम्मी की हालत भी अच्छी नहीं थी. उनको भी नशा बहुत चड़ गया था.
फिर प्रतीक मम्मी को एक दूसरे रूम में ले गया.. यह रूम मेरिज हॉल का सबसे अंदर का रूम था और मम्मी बार बार पापा को बुलाने के लिए बोल रही थी. तो प्रतीक ने कहा कि वो अभी बुलाकर लाता है और रूम बाहर से बंद करके हमारे पास आ गया और हमसे बोला कि प्लान के हिसाब से ही सब कुछ चल रहा है. अब राजेश का काम रह गया है और उसने राजेश को रूम के अंदर भेज दिया. प्रतीक मुझे अपने साथ एक दूसरे रूम में ले गया.. वहाँ पर एक टीवी रखा हुआ था और प्रतीक ने टीवी चालू किया तो उसमे मम्मी और राजेश दिखे.. तो प्रतीक ने बोला कि उसने रूम में एक कैमरा लगा दिया है ताकि हमें भी सब दिखता रहे.. हम दोनों वहाँ पर बैठ गये और टीवी देखने लगे..
फिर राजेश रूम में पहुंचा तो रूम में एक नाईट बल्ब जल रहा था और राजेश ने रूम को अंदर से बंद कर लिया था.. मम्मी बेड पर नशे में लेटी हुई रही थी राजेश मम्मी के पास गया और उन्हे देखने लगा और जल्दी से पूरा नंगा होकर मम्मी के ऊपर लेट गया और मम्मी का चेहरा चूमने लगा. फिर जल्दी से उसने मम्मी की साड़ी हटाई और मम्मी का ब्लाउज उतारा और पागलों की तरह उनके बूब्स दबाने लगा और उन्हे ब्रा के ऊपर से ही किस करने लगा.
फिर उसने उनकी ब्रा को भी हटा दिया और नंगे बूब्स देखकर वो पागल हो गया.. वो कभी तो उन्हे दबाता कभी उन्हे चूसता और कभी मम्मी को गले लगाता.. ताकि उनके बूब्स नंगे बूब्स को अपने नंगे सीने से चिपका सके.
फिर बूब्स के बाद वो नीचे पहुंचा और उसने मम्मी की साड़ी पूरी उतार दी और पेटिकोट भी उतार दिया और अब मम्मी पूरी नंगी ही गई.. मम्मी की चूत पर बहुत सारी झांटे थी. राजेश ने मम्मी की चूत पर हाथ फेरा और अपने हाथ से चूत को मसलने और दबाने लगा और फिर मम्मी की चूत को चाटने लगा और चूत चाटने के कारण मम्मी गरम होने लगी और आहे भरने लगी.. लेकिन राजेश कुछ परवाह ना करते हुए मम्मी की चूत को चाटने में लगा रहा. फिर दस मिनट चूत चाटने के बाद राजेश ने अपना लंड मम्मी की चूत पर रखा और अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा और धीरे धीरे धक्के देकर अंदर घुसाने लगा.. तो उसके लगातार धक्के लगाने की वजह से लंड धीरे धीरे सरकता हुआ अंदर चला गया और वो पूरा लंड अंदर घुसाकर मम्मी के ऊपर लेट गया. तो लंड अंदर घुसने के कारण मम्मी ज़ोर ज़ोर से आहे भरने लगी.. लेकिन उनके नशे में होने की वजह से और रूम में ज्यादा रोशनी नहीं होने की वजह से ज्यादा कुछ पता नहीं लगा और वो राजेश को अपना पति यानी मेरे पापा समझकर कुछ नहीं बोल रही थी.
फिर थोड़ी देर बाद राजेश हल्के हल्के.. लेकिन लगातार धक्के मारने लगा और मम्मी भी हर एक धक्के के साथ आहे भरती और कुछ देर बाद मम्मी ने राजेश के कंधो पर अपने हाथ रख लिए और अपने पैर को राजेश के लिए उठा दिया ताकि राजेश आसानी से लंड अंदर घुसा सके. तो दो मिनट के बाद राजेश ने अपनी स्पीड बड़ा दी और वो ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता जिससे मम्मी तो मम्मी बेड भी हिलने लगा गया और रूम में सिर्फ़ मम्मी की ज़ोर ज़ोर से आहे गूंजने लगी और दोनों की जाँघो के टकराने की आवाज़ गूँजती और 15-20 धक्को के बाद राजेश ने ज़ोर से आह भरी और वो अकड़ सा गया और मम्मी के ऊपर गिर गया. राजेश ने अब हल्के हल्के धक्के मारे और फिर शांत होकर लेट गया.
मम्मी भी ठीक उसी टाईम झड़ने पर आ गई और उन्होंने भी राजेश को कसकर गले लगा लिया. राजेश और मम्मी दोनों सो गये. करीब 2 घंटे के बाद मम्मी की नींद खुली तो राजेश अब भी उनके पास ही सोया हुआ था.. तो मम्मी उठकर बैठी हुई और अपना सर पकड़कर बैठ गयी और थोड़ी देर इधर उधर देखने लगी कि वो कहाँ पर है और फिर उनका ध्यान अपने आप पर गया तो वो बिल्कुल नंगी थी और फिर उन्होंने अपने पास किसी को सोया देखा और मम्मी सोच में पड़ गयी.
फिर जब उन्होंने उसे अपनी और घुमाया तो उन्होंने राजेश को देखा और वो भी पूरा नंगा था. मम्मी के मुहं से एकदम चीख निकल गई और वो ज़ोर ज़ोर रोने लगी. तो मम्मी की चीख सुनकर राजेश की नींद खुल गयी और उसने जल्दी से लाईट का स्विच चालू कर दिया.. मम्मी ने जल्दी से बेड की चादर को खींचकर अपने बदन को छुपा लिया और राजेश ने मम्मी से पूछा कि वो चीखी क्यों? और मम्मी के एकदम पास आकर बैठ गया. तो मम्मी उससे बोली कि तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो राजेश बोला कि आंटी आप ही तो मुझे यहाँ पर लेकर आई और आप जब यहाँ पर आई तो मेरे गले लग गयी और बोली कि कर ले जितना प्यार करना चाहता है और आज में तेरी हूँ और मैंने तो जाने की कोशिश भी की.. लेकिन आपने मुझे जाने नहीं दिया और फिर मैंने आपको प्यार किया. तो मम्मी ने कहा कि यह सब झूट है में ऐसा नहीं बोल सकती और राजेश बोला कि आंटी यह सब सच है अगर में आपसे कोई भी ज़बरदस्ती करता या आपको ज़बरदस्ती यहाँ पर लाता तो कोई ना कोई तो हमे देखता और आप चिल्लाती.. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ उल्टा आपने ही सब कुछ शुरू किया था.
तो मम्मी यह सब सुनकर और भी ज़ोर से रोने लगी. उन्हे विश्वास नहीं हो रहा था.. लेकिन वो अब क्या कर सकती थी? और मम्मी रोने लगी. तो राजेश मम्मी के पास गया और उन्हे संभालने लगा उन्हें चुप करने लगा.. लेकिन मम्मी चुप नहीं हुई. इस पर राजेश ने मम्मी को गले लगा लिया और बोला कि में आपको बहुत प्यार करता हूँ आंटी.. लेकिन मैंने यह सब नहीं किया.. यह सब आपने मुझसे खुद करवाया है और आपकी ही मर्ज़ी से यह सब हुआ है. तो मम्मी ने उसे अलग किया और हालात देखकर मैंने और प्रतीक ने सोचा कि अब हमे ही संभालना होगा और हम दोनों रूम पर गये और मैंने बाहर से दरवाजा बजाया तो थोड़ी देर तक कोई नहीं बोला.
फिर मैंने कहा कि राजेश कितना सोएगा जल्दी आजा मुझे भी घर जाना है. मम्मी पापा मेरा इंतजार कर रहे होंगे. तो अंदर से राजेश की आवाज़ आई हाँ में अभी आता हूँ तू चल में और प्रतीक जल्दी से अपने टीवी वाले रूम में आ गये और हमने देखा की मम्मी मेरी आवाज़ सुनकर बहुत पेरशान हो गयी और बोलने लगी कि अब तो वो कहीं मुहं दिखाने के लायक नहीं रहेगी.. जब सब लोग उन्हे राजेश के साथ इस रूम में देखेगे. तो राजेश बोला कि आंटी ऐसा कुछ भी नहीं होगा में आपसे प्यार करता हूँ और में ऐसा कुछ नहीं होने दूँगा जिससे आपकी इज़्ज़त पर आँच भी आए.
राजेश बोला कि आंटी आप जल्दी से कपड़े पहन लो और में बाहर जाकर शिवम को बातों में लगाता हूँ आप जल्दी से घर पहुँचो और उसने मम्मी को कपड़े उठाकर दिए वो भी एक-एक करके पहले पेटिकोट, फिर ब्रा और साड़ी जब मम्मी ने कपड़े पहन लिए तो राजेश ने मम्मी को कसकर गले लगाया और मम्मी से कहा कि में आपको बहुत प्यार करता हूँ और फिर बाहर आ गया और हमारे पास आकर बातें करने लगा और मम्मी चुपचाप निकल गयी और घर पहुंच गयी.. लेकिन हम तीनों बहुत खुश थे कि हमारा प्लान कामयाब हो गया और राजेश हम सब में बहुत ज्यादा खुश था क्योंकि उसने तो चोदा था ना.
फिर हम अपने अपने घर गये.. तो मैंने मम्मी से पूछा कि वो पार्टी के बीच में कहाँ गायब हो गया थी? तो मम्मी सकपका गयी और बोली कि वो घर पर आ गई थी. तो मैंने पूछा कि किसके साथ? तो उन्होंने कहा कि राजेश के साथ. फिर उसी रात राजेश का मुझे कॉल आया कि वो मेरी मम्मी से अकेले में मिलना चाहता है.. मैंने पूछा कि क्यों? तू आज ही तो उनसे मिला है? यह मैंने उसे चिड़ाने के लिए कहा था. तो राजेश ने कहा कि यार समझाकर बस कल मुझे उनसे मिलना है तो मैंने पूछा कि कितनी देर और कहाँ पर मिलेगा? तो उसने कहा कि 3-4 घंटे के लिए और वो भी मेरे ही घर पर. तो मैंने हाँ बोल दिया.
फिर अगले दिन पापा ऑफिस से चले गये और सुबह 11 बजे के करीब मैंने मम्मी से कहा कि मुझे अपने दोस्तों से मिलने जाना है.. में जा रहा हूँ और शाम को ही आऊंगा. तो मम्मी ने ठीक है बोल दिया और में चला गया और मैंने घर से बाहर निकलते ही राजेश को कॉल कर दिया कि में घर से निकल गया हूँ और अब मम्मी घर पर बिल्कुल अकेली है और मैंने उससे कहा कि घर पर पहुंच कर मुझे कॉल करना और अपना मोबाइल चालू रखना में भी तुम्हारी सारी बातें सुनना चाहता हूँ.
राजेश ने हाँ कहा और राजेश सिर्फ़ 5 मिनट में मेरे घर पर पहुंच गया और मम्मी ने उसे बाहर से ही कह दिया कि शिवम घर पर नहीं है.. लेकिन राजेश ने कहा कि उसे आपसे (मम्मी) से ही काम है. तो मम्मी ने बाहर आकर बोला कि हाँ बोलो.. लेकिन राजेश मौका देखकर मम्मी को साईड में करके अंदर चला गया और अब मम्मी को भी अंदर जाना पड़ा.
राजेश ने गुलाब का फूल आगे किया और घुटनों पर बैठकर मम्मी को कहा कि आंटी कल आपने मुझे बहुत प्यार किया उसके लिए में आपको धन्यवाद बोलने आया हूँ प्लीज़ यह गुलाब ले लीजिए.. में फिर कभी कुछ नहीं बोलूंगा. तो मम्मी ने उससे वो फूल ले लिया और फिर एकदम खामोश रही.. राजेश ने खामोशी तोड़ी और उसने मम्मी से पानी मांगा.
तो मम्मी किचन में चली गयी और राजेश ने तेज़ी से दरवाजा बंद किया और मम्मी के पास किचन में चला गया और मम्मी को अपनी बाहों में ले लिया और मम्मी की गर्दन पर किस करने लगा और हाथों से मम्मी के बूब्स पकड़कर मसलने और दबाने लगा. तो मम्मी उससे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी.. लेकिन राजेश मम्मी को गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और उसने मम्मी को बिस्तर पर पटककर बिना कपड़े उतारे ही सेक्स करना शुरू कर दिया.. उसने मम्मी की साड़ी को ऊपर उठाकर चूत चाटनी शुरू कर दी और मम्मी बार बार अपने पैरों से राजेश को लाते मारती रही.. लेकिन राजेश नहीं हटा. तो मम्मी ने कहा कि राजेश प्लीज़ ऐसा मत करो.. में तुम्हारी माँ जैसी हूँ कल जो हुआ वो कैसे हुआ में नहीं जानती.. प्लीज़ छोड़ दो मुझे.. मेरे साथ गलत सम्बन्ध मत बनाओ.. यह ग़लत है. लेकिन राजेश नहीं रुका.. वो चूत चाटता रहा और ज़ोर ज़ोर से बूब्स दबाने से मम्मी उत्तेजित होने लगी और अब मम्मी की चूत गीली होने लगी.
फिर राजेश ने मम्मी को छोड़ दिया. तो वो दोनों पसीने से भीगे हुए थे और राजेश मम्मी के पास लेटकर उन्हे किस करने लगा.. उनका पसीना पोंछने लगा और मम्मी सुबक़ रही थी.. लेकिन वो कुछ नहीं बोल रही थी. फिर मम्मी ने राजेश से पूछा कि राजेश तुमने मुझमें क्या देखा जो मुझे प्यार करने लगे और हमेशा में तुमसे प्यार करता हूँ बोलते रहते हो.. में तो इतनी मोटी हूँ? तो राजेश बोला कि आंटी आप मेरा पहला प्यार हो और आप बहुत सुंदर हो और आप अपने आपको मोटी बोलती हो.. लेकिन मुझे तो आप बहुत सुंदर लगती हो. मेरे लिए तो आप दुनिया में सबसे अच्छी औरत हो और फिर राजेश ने मम्मी को गले लगा लिया.
इस बार मम्मी ने उसका कुछ भी विरोध नहीं किया और राजेश आगे बड़ने लगा.. वो मम्मी के ब्लाउज को उतारने लगा.. लेकिन मम्मी ने राजेश का हाथ पकड़ लिया और उसे मना किया और कहा कि शिवम कभी भी आ सकता है प्लीज़ अभी मत करो और अगर उसने देख लिया कि में उसके दोस्त के साथ यह सब करती हूँ तो वो क्या सोचेगा?
राजेश यह सब सुनकर उठ गया और मम्मी से बिना कुछ बोले चला गया और मम्मी उसे देखती ही रह गयी और थोड़ी देर बाद राजेश प्रतीक के घर पहुंचा हम दोनों ने मम्मी को दोबारा चोदने की सलाह दी और राजेश बहुत खुश हुआ.. जैसे उसने कोई जंग जीत ली हो. तो 5 मिनट के बाद ही राजेश के पास मेरी मम्मी का कॉल आया.. राजेश ने कॉल रिसीव नहीं किया और कट कर दिया. तो मम्मी ने फिर से कॉल किया और राजेश ने फिर से कट कर दिया ऐसा 4 बार हुआ.. लेकिन जब 5वीं बार कॉल आया तो राजेश ने फोन उठाया और उसने बहुत गुस्से वाली आवाज़ बनाकर मम्मी से पूछा क्या हुआ? आप मुझे बार बार फोन क्यों कर रही हो? आपको तो मुझसे प्यार ही नहीं है और अगर प्यार होता तो आप मुझे कभी नहीं रोकती.
तो मम्मी ने कहा कि राजेश प्लीज़ मेरी बात समझो.. ऐसा नहीं है जैसा तुम समझ रहे हो और अब तो तुम भी मुझे अच्छे लगने लगे हो.. लेकिन अगर उस टाईम शिवम आ जाता तो और वो मुझे तुम्हारे साथ ऐसी हालत में देख लेता? तो राजेश ने पूछा कि कैसी हालत में? मम्मी शरमाते हुए बोली कि तुम्हारे साथ संबंध बनाते हुए तो वो क्या सोचता? प्लीज़ तुम मुझसे नाराज़ मत होना.. अब जब भी तुम जैसा भी कहोगे में वैसा ही करूंगी. तो राजेश बोला कि अच्छा आंटी तो कल शाम आप मुझे मार्केट में मिलो.. जिस टाईम आप आती हो और कल आप कुछ नहीं बोलोगी और मेरी पसंद के कपड़े पहनकर ही आना. तो मम्मी ने कहा कि ठीक है.. लेकिन कपड़े कौन से पहनने है? तो राजेश बोला कि आपके पास एक लाल कलर की साड़ी होगी आप वही पहनकर आना और जैसे नई दुल्हन के हाथों में चूड़ियां होती है.. पैरों में पायल होती है आप वो सब पहनकर आना. मम्मी ने हाँ बोल दिया और अगले दिन शाम को मम्मी राजेश के कहे अनुसार तैयार होकर जब मार्केट के लिए जाने लगी तो मैंने भी उनके साथ चलने को कहा.
तो उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और वो अकेली सजधज कर मार्केट चली गयी. फिर मार्केट में राजेश आया और उसने मम्मी को अपनी कार में बैठ लिया और कार लेकर एक सुनसान जगह पर पहुंच गया और मम्मी को अपनी और खींच लिया और किस करने लगा और मम्मी भी उसे किस करने लगी और फिर वो धीरे धीरे मम्मी की साड़ी उतारने लगा.
मम्मी ने कहा कि यहाँ पर? तो राजेश ने कहा कि हाँ यहाँ पर और फिर राजेश ने मम्मी को वहीं पर अपनी गाड़ी की पिछली सीट पर ले जाकर चोद दिया और फिर वो एक घंटे के बाद मम्मी को घर छोड़कर चला गया. तो दोस्तो इस तरह हमने अपनी प्लानिंग से मेरी मम्मी को राजेश से चुदवाया. दोस्तों अब हम तीनों मेरी माँ के साथ चुदाई का प्लान बना रहे है.. अगर हमारा प्लान सफल हुआ और हम तीनों ने मिलकर मेरी माँ को चोद दिया तो वो कहानी में अगली बार बताऊंगा.
शादी की सालगिरह बेटे के साथ
हेल्लो दोस्तों.. में ज्यादातर भाई बहन और माँ की कहानी पढ़ता हूँ. जिससे मुझे भी अपनी माँ को चोदने का मौका मिला.. इसलिये आज में अपना अनुभव शेयर करने जा रहा हूँ.. जो कि मेरी माँ के साथ हुआ. ये एकदम सच्ची घटना है और मेरी कहानी पसंद आये.. तो मुझे मेल करे. मेरा नाम राजेश है और में 19 साल का हूँ. में प्राइवेट बी.कॉम कर रहा हूँ. मेरी फेमिली में 3 मेंबर है.. मेरे पापा, मम्मी और में. मेरे पापा सरकारी कर्मचारी है.
पैसों के मामले में मेरा परिवार अच्छा ख़ासा है. मेरी माँ का नाम शारदा है और वो 40 साल की है और वो हमेशा साड़ी पहनती है.. मेरी माँ एकदम सेक्सी औरत है. 40 की उम्र में वो 32-33 की कामुक महिला लगती है और उनके बूब्स का साईज़ 38 है.. जो कि मुझे बाद में पता चला और जब वो चलती है.. तो उनकी गांड देखकर मेरा 6 इंच का लंड एकदम खड़ा हो जाता है और माँ की चुदाई करने का मन करता है.
मेरे पापा का नाम विजय है और वो 43 साल के है. ये कहानी आज से 2 महीने पहले की है. मेरे घर में माँ पापा ग्राउंड फ्लोर पर रहते है और में फर्स्ट फ्लोर पर.. एक रात मुझे टॉयलेट लगी.. तो में ग्राउंड फ्लोर पर टॉयलेट करने आया और टॉयलेट ग्राउंड फ्लोर पर था. तब मुझे माँ पापा के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई दी. मैंने पास जाकर सुना.. तो वो माँ की सिसकारियों की आवाज़ थी. मुझे पता चल गया कि माँ पापा चुदाई कर रहे है.. मेरा लंड भी एकदम खड़ा हो गया और टाईट हो गया. मेरा मन उनकी चुदाई देखने का हुआ.. तो मैंने चुपके से खिड़की से देखा कि अंदर एक ज़ीरो वॉट का बल्ब जल रहा था और हल्की रोशनी थी.. पर देखने के लायक काफ़ी थी..
जैसे ही मैंने अंदर देखा.. तो दंग रह गया. पापा माँ की चूत में उंगली कर रहे थे और माँ सिसकारियाँ भर रही थी.. आआहह मर गई. मेरे राजा बड़ा मज़ा आ रहा है.. आहहह. सबसे ज़्यादा तो में ये देखकर दंग रह गया कि माँ ने एक मिनी स्कर्ट पहन रखी थी और एक ट्रान्स्परेंट टॉप जीन्स.. माँ को में आज तक साड़ी में देखता आया था.. वो मिनी स्कर्ट में बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
फिर 5 मिनट तक पापा माँ की चूत में उंगली करते रहे. फिर पापा ने धीरे धीर माँ की स्कर्ट निकाल दी और फिर टॉप भी उतार दिया. माँ को पूरा नंगा देखते ही मेरी हालत खराब हो गई. फिर पापा ने माँ को डॉगी स्टाइल में किया और अपना लंड माँ की गांड में डाल दिया. पापा का लंड लगभग 5 इंच का होगा. लंड अंदर जाते ही माँ को शुरू में थोड़ा दर्द हुआ और फिर वो मज़े लेने लगी और सिसकारियां भरने लगी.. आआहहह मार डाला तुमने. मेरे राजा कितना मज़ा आ रहा है और चोद इस रंडी को.. चोद मुझे में एक रांड हूँ.. आहह आहहहहह चोद दे मुझे और फिर 5 मिनट तक चोदने के बाद पापा झड़ गये.. लेकिन माँ की प्यास अभी बुझी नहीं थी.
पापा थककर बेड पर लेट गये. फिर माँ ने कहा कि अभी तो मेरी चूत की बारी है.. उसे और शांत करो. पापा कहने लगे कि अब तेरी चूत नहीं मारूँगा.. तेरी चूत मारने में अब मज़ा नहीं आता.. सिर्फ़ गांड मारा करूँगा. तब माँ ने कहा कि क्या आप भी ना.. 4 महीनों से मेरी गांड ही मार रहे हो.. गांड को तो मार मारकर फाड़ दिया और मेरी चूत प्यासी ही रह जाती है.. इसे शांत करने के लिए मोमबत्ती डालनी पड़ती है.
फिर पापा ने कहा कि बुरा क्यों मान रही हो मेरी जान.. तेरे लिए तो इतने मॉडर्न कपड़े लाता हूँ.. जिसमें टू औरत से लड़की जैसी लगती है.. इसे पहनकर तुझे मज़ा नहीं आता. तब माँ बोली कि कहाँ का मज़ा सिर्फ़ रात में चुदाई के वक़्त ऐसे छोटे कपड़े पहनती हूँ. दिन में तो पहन नहीं सकती और मन तो बहुत करता है.. पर राजेश जो रहता है.. वो अपनी माँ को ऐसे कपड़ो में देखकर क्या सोचेगा.. वरना मेरा बस चले.. तो पूरे दिन बिकनी में घूमती रहूँ.
फिर पापा ने कहा कि चिंता मत कर मेरी रंडी.. किसी दिन राजेश को तेरे मामा के यहाँ भेज देते है.. तब पूरे दिन घर में अपना नंगा बदन लेकर घूमना. उस दिन तुझे पूरे दिन चोदूंगा और कल तेरे लिए कुछ और मॉडर्न सेक्सी कपड़े लाता हूँ. फिर पापा सो गये और माँ अपनी चूत में मोमबत्ती डालने लगी और सिसकारियां भरने लगी. उसके बाद में सीधा अपने कमरे में गया और माँ को सोचकर 3-4 बार मूठ मारी. उस रात अगले दिन मैंने माँ को चोदने का प्लान बनाना स्टार्ट किया.
मुझे पता था कि पापा ने माँ की चूत कई महीनो से नहीं मारी.. तो माँ को भी चूत मरवाने का मन करता होगा. दोपहर में खाना खाने के बाद माँ और में टी.वी. देख रहे थे और टी.वी. में गाने आ रहे थे. मैंने माँ से कहा कि माँ ये फ़िल्मो में हिरोइन ऐसे मॉडर्न कपड़े पहनती है और आजकल की लड़कियां भी सब ऐसे ही कपड़े पहनती है.. तो आप कभी मोर्डन कपड़े ट्राई क्यों नहीं करती.. हमेशा साड़ी में रहती हो.
फिर माँ ने कहा कि तू पागल हो गया है. अब इस उम्र में आकर तू मुझे जीन्स स्कर्ट पहनने को कह रहा है. फिर मैंने कहा कि माँ आपकी उम्र भले ही 40 हो.. लेकिन आप अभी भी एक लड़की लगती हो. माँ शरमाते हुए बोली कि झूठ बोलने के लिए में ही मिली हूँ तुझे. मैंने कहा कि झूठ नहीं.. सच कह रहा हू. माँ ने कहा कि शादी से पहले तो में ऐसे छोटे कपड़े पहना करती थी.. लेकिन शादी के बाद से नहीं.
फिर मैंने कहा कि माँ मैंने आपकी अलमारी में मिनी स्कर्ट्स देखी थी. दोस्तों में जान गया था कि पापा के लाये हुए कपड़े माँ ने अलमारी में रखे होगें.. क्योंकि माँ अपने सारे कपड़े अलमारी में रखती थी.. इसका मतलब में क्या समझूँ. माँ एकदम चोंक पड़ी और बोली कि अरे वो तो तेरे पापा मेरे लिए लाये थे.. पर में पहनती नहीं और तू बड़ा ताक झाँक करने लगा है मेरे कमरे में. मैंने कहा कि नहीं माँ वो तो उस दिन यूँ ही. फिर माँ ने कहा कि चल ठीक है.. पर आगे से मत करना. मैंने कहा ठीक है माँ. फिर में माँ से बोला कि अगर आपके लिए कपड़े लेकर आये है.. तो आप पहनती क्यों नहीं? फिर माँ बोली कि मन तो करता है.. पर इस उम्र में शर्म आती है.. तेरे सामने ऐसे कपड़े पहनने में और फिर तू क्या सोचेगा मेरे बारे में.
में बोला कि माँ ऐसी कोई बात नहीं और ये तो आजकल का फैशन है.. अगर आपका मन करता है.. तो पहन लिया करो मुझे कोई ऐतराज नहीं और अगर आप चाहे.. तो मुझे पहनकर दिखा सकती है. तब माँ बोली कि हट पगले.. अब जा और मुझे आराम करने दे. फिर उसके बाद में चला गया और माँ को गर्म करने की आगे की प्लानिंग बनाने लगा. उसके बाद मुझे माँ को गर्म करने में कोई सफलता नहीं मिली.
में जब भी माँ से कहता कि मुझे पापा के लाये हुए कपड़े पहनकर दिखाओ ना.. तो माँ मना कर देती थी.. मेरे ज़्यादा फोर्स करने पर माँ मुझे डांट भी देती. फिर ऐसे ही एक महीना बीत गया.. दो दिन बाद माँ की शादी की सालगिरह थी. फिर तो मैंने पक्का सोच लिया था कि उस दिन तो माँ को चोदकर ही रहूंगा.
फिर सालगिरह वाले दिन माँ पापा ने एक दूसरे को विश किया और फिर पापा काम पर चले गये. मैंने सुबह ब्रेकफास्ट के बाद माँ के कमरे में जाकर उन्हे विश किया और कहा कि माँ आज तो ये साड़ी मत पहनो.. आज तो पापा की लाई हुई मॉडर्न ड्रेस पहनो. माँ कहने लगी कि तू फिर इसी बात पर आकर अटक गया. मैंने कहा कि माँ प्लीज़.. आज तो पहन लो. आज आपकी शादी की सालगिरह है.. अगर आज भी नहीं पहनोगी.. तो फिर उन्हे लाने का क्या फायदा और फिर आपने भी कहा कि मेरा भी मन करता है मॉडर्न ड्रेस पहनने का..
मेरे ज़्यादा कहने पर माँ मान गई और कहने लगी कि पापा को मत बताना. फिर माँ ने अपनी अलमारी खोली और में उसमे देखकर चोंक पड़ा.. एक तरफ तो साड़ी थी और दूसरी तरफ मिनी स्कर्ट्स, जीन्स, टॉप्स यहाँ तक की बिकनी भी थी..
फिर मैंने माँ को बिकनी पहनने को कहा.. तो माँ ने मना कर दिया और बोली कि अब तू बाहर जा. फिर में बाहर आ गया.. मेरी साँसे तेज़ होने लगी.. मुझे लगने लगा कि आज काम बनने वाला है.
फिर 10 मिनट बाद माँ ने आवाज़ लगाई.. जैसे ही में अंदर माँ के रूम में गया.. तो अपनी माँ को मिनी स्कर्ट्स में देखकर मेरा तो बुरा हाल हो गया और मेरा 6 इंच का लंड फनफनाने लगा और पेंट में तंबू बनकर खड़ा हो गया. माँ की गोरी नंगी जांघे एकदम मस्त लग रही थी.. जी तो कर रहा था कि अभी जाकर चोद दूँ इस साली रंडी को.. जिसने इतने महीनो से तड़पा रखा है. फिर मैंने किसी तरह उसको कंट्रोल किया.
फिर माँ ने मुझसे कहा कि में कैसी लग रही हूँ.. तो मैंने कहा कि आप एकदम सेक्सी लग रही हो. आज आप इस ड्रेस को पूरे दिन घर में पहनना और हम आपकी शादी की सालगिरह सेलीब्रेट करेंगे. माँ ने कहा कि ठीक है.. तो बाजार से जाकर केक ले आया और माँ से केक काटने को कहा. माँ ने कहा कि अभी तेरे पापा को तो आने दे.
मैंने कहा कि पापा जब आयेंगे.. तो एक केक और काट लेंगे.. फिलहाल तो ये काट लो. फिर माँ केक काटने लगी और में अपने मोबाइल से माँ के फोटो लेने लगा.. माँ ने मुझे केक खिलाया और मैंने भी.
फिर मैंने माँ को बिकनी पहनने के लिए कहा.. तो माँ ने मना कर दिया कि मुझे शर्म आती है इतनी छोटी ड्रेस पहनने में.. मेरे ज़्यादा कहने पर माँ मान गई और कहा कि ठीक है तू बाहर जा.
फिर में रूम के बाहर आ गया.. 5 मिनट बाद माँ बाहर आई.. तो उन्हे देखकर मेरा बुरा हाल हो गया. उन्होने 2 पीस पीले कलर की स्ट्रिंग वाली बिकनी पहन रखी थी. माँ का नंगा बदन देखकर में काबू में नहीं रहा और माँ की फोटो लेने लगा.. माँ मना करने लगी. मैंने कहा कि आप रोज़ रोज़ तो बिकनी पहनोगी नहीं.. जब मेरा मन करेगा तब आपकी फोटो देख लिया करूँगा. माँ ने कहा कि में इतनी अच्छी लगती हूँ तुझे.
फिर मैंने हाँ बोला और माँ को बेड पर लेटने को कहा और माँ की फोटो लेने लगा. माँ को ऐसी हालत में देखकर में कंट्रोल खो बैठा और माँ के गले लग गया और कहने लगा कि माँ आप बड़ी सेक्सी लग रही है और माँ को जोरदार किस करने लगा. माँ पीछे हटी और कहने लगी.. ये क्या कर रहा है? में तेरी माँ हूँ. मैंने कहा कि माँ आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो.. में आपसे प्यार करता हूँ और आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ. माँ बोली तू पागल है क्या? ये पाप है.. माँ बेटे ऐसा नहीं कर सकते.. सुधर जा वरना अभी तेरे पापा को बताती हूँ.
फिर में बोला कि माँ और आप भी तो यही चाहती है. मैंने देखा है कि रात को पापा आपकी सिर्फ़ गांड मारते है चूत नहीं.. आपका भी तो चूत मरवाने का मन करता होगा.. प्लीज़ मान जाओ और मैंने अपना खड़ा लंड बाहर निकालकर माँ के सामने रख दिया और कहा कि देखो क्या हाल बना दिया है आपने इसका.. माँ लंड को देखती ही रह गई. फिर माँ बोली कि तू अपने कमरे में जा और मुझे सोचने दे.
फिर में ऊपर अपने कमरे में आ गया.. मुझे लगा कि काम लगभग बन गया. आधे घंटे बाद माँ मेरे कमरे में आई और बोली कि चल ठीक है.. लेकिन अपने पापा को ये बात मत बताना.. मेरा खुशी से ठिकाना नहीं रहा. फिर मैंने माँ को बिस्तर पर पटका और किस करने लगा. माँ भी बड़ी हवस के साथ मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने धीरे धीरे माँ की बिकनी उतार दी और माँ ने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
फिर मैंने माँ को लंड चूसने को कहा और माँ मेरा लंड मुँह में लेकर बड़े मज़े से चूसने लगी. तभी में बड़बड़ाने लगा कि चूसो माँ और चूसो मेरा लंड.. बड़ा मज़ा आ रहा है.. आआहहहह चूसो और तेज़ आआहहाह. आपने कहाँ से सीखा इतना बढ़िया लंड चूसना. माँ बोली कि ये तेरे पापा की कृपा है और तू मुझे आज से माँ मत बोला कर.. मुझे शारदा कहकर बुलाया कर.. आज से में तेरी शारदा रंडी हूँ. में एक रांड हूँ.. में भी फिर तेज़ तेज़ आवाज़ में बोलने लगा.. चूस मेरा लंड.. शारदा रंडी, चुदक्कड़ औरत चूस, भोसड़ी वाली मेरी रंडी.. चूस. 5 मिनट बाद में झड़ गया और माँ के मुँह में ही सारा पानी निकाल दिया.
फिर माँ के बूब्स की बारी आई.. उन्हे में बेसब्री के साथ चूसने लगा.. क्या मोटे मोटे बूब्स थे.. में तो जैसे जन्नत की सेर कर रहा था. फिर माँ ने सेक्सी आवाज़ में कहा कि अब और इंतज़ार मत करवा मेरे राजा.. चोद दे मुझे. इस रंडी की चूत कब से लंड की प्यासी है. इसकी तड़प मिटा दे और अब और देर ना कर.
फिर मैंने अपना लंड माँ की चूत पर रखा और अंदर डालने लगा. लंड अंदर नहीं जा रहा था.. तो माँ ने कहा कि अभी तू बच्चा है एक ज़ोर का झटका मार. फिर मैंने बहुत ज़ोर लगाया और लंड आधा अंदर चला गया. माँ एकदम चीख पड़ी.. मर गई. मैंने कहा कि थोड़ी देर रुक जाऊं.. तो माँ बोली कि नहीं.. मेरे राजा तू रुक मत.. दर्द में ही तो मज़ा है. ये मेरी चुदक्कड़ चूत बहुत दिनों से चुदी नहीं है.. इसलिये फड़फड़ा रही है.. तू चोदना चालू रख. मैंने भी फिर तेज तेज धक्के मारने स्टार्ट किये.. चुदते हुए माँ बोल रही थी कि चोद मेरी चूत को फाड़ डाल.. बना दे इसका भोसड़ा. साली महीनो से चुदी नहीं है.. यहहहहहा हहा हाईईई.. कितना मज़ा आ रहा है. इतना मज़ा तो तेरे पापा भी नहीं देते.. बड़ा अच्छा चोद रहा है तू.. अहहहः मर गई.. चोद इस रंडी को चोद मादरचोद.. हे भगवान में कैसी माँ हूँ.. जो अपने बेटे से चुदवा रही है.. आआहहह ऑश आहहाह मर गई अहाहह.
फिर मैं भी धक्के मारते हुए बोलने लगा कि हाँ मेरी रंडी शारदा आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा. बड़ी चुदास उठी है ना तुझे.. रंडी, बहन की लोड़ी ले चुदवा अपने बेटे से आहहहह शारदा मेरी शारदा मेरी रंडी शारदा.. अहहाः कितनी सेक्सी है तेरी चूत मारने में बड़ा मज़ा आ रहा है.. मेरी शारदा रंडी. माँ का नाम लेकर चोदने में मुझे और भी मज़ा आने लगा. फिर 10 मिनट तक चोदने के बाद में झड़ने वाला था.. तो माँ ने कहा कि मेरी चूत में ही झाड़ दे. मैंने ऑपरेशन करवा रखा है कुछ नहीं होगा.
फिर मैंने माँ की चूत में ही झाड़ दिया. फिर 30 मिनट तक मेरी रंडी शारदा और में चुम्मा चाटी करते हूऐ एक दूसरे के जिस्म से लिपटे रहे और सिसकारियां भरते रहे. फिर मेरा लंड दोबारा खड़ा हुआ. फिर मैंने दोबारा शारदा को चोदने को बोला.. तो शारदा बोली कि ऐसे नहीं थोड़ा अलग अंदाज़ में करते है और आज मेरी शादी की सालगिरह है और हम दोनों की सुहागरात भी.. अब तू मेरा पति बनकर मुझे चोदेगा. तू यही रुक और आधे घंटे में मेरे कमरे में आ और मुझे बड़ा मज़ा आने लगा.. में आधे घंटे तक नंगा ही लेटा रहा. फिर में माँ के कमरे में गया और देखा.. तो माँ दुल्हन बनकर बेड पर बैठी है.
मेरी रंडी माँ शारदा ने लाल कलर की साड़ी पहनी है.. जिसे उसने अपनी शादी के दिन पहनी थी. में बेड पर गया और माँ को बोला कि मेरी रंडी शारदा कितनी सेक्सी लग रही है तू और माँ को किस करने लगा. 5 मिनट तक चिपका चिपकी चलती रही. फिर मैंने माँ की साड़ी निकाल दी और फिर ब्लाउज और फिर पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया.. अंदर माँ ने एक नई बिकनी पहन रखी थी. मैंने वो भी उतार दी.. अब मैंने माँ की गांड मारने को कहा.. तो माँ ने कहा कि अभी गांड नहीं.. अभी तो मेरी चूत की प्यास भी नहीं बुझी है.. पहले मेरी चूत मार.
फिर माँ मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड पर अपनी चूत रखकर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी. माँ के बूब्स हवा में ऊपर नीचे होते हुये बड़े सेक्सी लग रहे थे. 5 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने माँ को नीचे किया और अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी.
माँ की चीख निकलने लगी.. आहाह मार डाला मादरचोद भोसड़ी के मर गई में. फिर में भी बोलने लगा कि और चुदवा रंडी शारदा मुझसे.. बहन की लोड़ी, बड़ी प्यासी थी ना तेरी चूत.. ले अब इससे शांत करता हूँ ले भोसड़ीवाली ले रंडी बहनचोद चुदक्कड़ रांड. फिर धीरे धीरे माँ को और मज़ा आने लगा और बोलने लगी.. हाय कितना मज़ा आ रहा है अपने बेटे से चुदवाने में.. चोद डाला अहहा चुद गई शारदा अहहहः चोद अहहहः मिटा दे जन्मो की प्यास.. मेरे राजा में तेरी रंडी माँ हूँ. आज से तेरी रंडी शारदा आई लव यू बेटा और में भी कहने लगा कि आई लव यू टू मेरी रंडी.. अहहहा ओाहहः कितना मज़ा आ रहा है.. अपनी रंडी माँ को चोदने में.. शारदा, मेरी प्यारी शारदा, मेरी जान, मेरी रंडी शारदा.
10-12 मिनट तक चोदने के बाद में झड़ गया.. माँ भी 2 बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने माँ को घोड़ी बनाया और उनकी गांड मारने लगा. मेरी रंडी माँ शारदा की गांड चूत से भी ज़्यादा टाईट थी. उसे चोदने में और भी मज़ा आने लगा.. तभी तो पापा माँ की सिर्फ़ गांड ही मारते थे और फिर भी माँ को बड़ा दर्द हुआ.
इस बार तो वो कहने लगी कि आराम से चोद अपनी रंडी शारदा को.. तेरा लंड तेरे बाप से बहुत मोटा है. फिर में माँ को धीरे धीरे चोदने लगा. माँ भी लगातार सिसकारियां भर रही थी.. शारदा आऊहाहहः चोद डाला.. ओाओआहाए राम. मैंने अपने बेटे से ही चुदवा लिया.. कैसी रंडी माँ हूँ में हहह ओआहहो मर गई.. बड़ा मज़ा आ रहा है अपने बेटे से चुदवाने में अहहाह. फिर थोड़ी देर बाद में फिर से झड़ गया और बुरी तरह थक गया.
1 घंटे तक हम ऐसे ही नंगे पड़े रहे तो माँ ने कहा कि मेरी आज तक ऐसी चुदाई नहीं हुई.. आज का जितना मज़ा कभी नहीं आया.. लव यू बेटा. फिर मैंने भी कहा कि मुझे भी बड़ा मज़ा आया.. मेरी रंडी लव यू टू शारदा. उसके बाद हमने कपड़े पहन लिए. मैंने माँ से कहा कि माँ अब आप घर में बिकनी मिनी स्कर्ट्स ही पहना करो.. तो माँ भी खुश हो गई.
फिर माँ ने एक मिनी स्कर्ट और टी-शर्ट डाल ली.. शाम को पापा आये और माँ को स्कर्ट में देखकर बड़े खुश हुये और बोले कि क्या हुआ आज मिनी स्कर्ट.. तो माँ ने कहा कि आज हमारी शादी की सालगिरह जो है. फिर डिनर के बाद माँ पापा अपने कमरे में चले गये और में भी सो गया. उसके बाद माँ रात को पापा से गांड मरवाती है और दिन में उनकी चूत मारता हूँ. घर के बाहर वो मेरी माँ है और घर के अंदर वो मेरी रंडी है ..
आंटी के पालतू कुत्ते
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम विधुर है और में आज आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ.. वैसे यह मेरी पहली कहानी है तो हो सकता है कि मुझे इसमें कोई गलती हो गई हो तो मुझे माफ़ करें…
दोस्तों में बचपन से ही समझता था कि औरतें सेक्स में बहुत माहिर होती है.. तो इसलिए हमेशा से मैंने उन्हे एक देवी का दर्जा दिया. इसी वजह से मेरे मन के अंदर उनकी सेवा करने की और उन्हे खुश करने की प्रवृत्ति जाग गई और मुझे लड़कियों से ज्यादा शादीशुदा आंटियों के पैरों में रहकर उनकी सेवा करने का बहुत मन करता है.
दोस्तों औरतों का शरीर एक वीना की तरह होता है.. अगर हम चाहे तो उनका एक एक अंग एक सुर की तरह बज सकता है और इस वजह से मुझे लड़कियों के पैरों चाट चाटकर उन्हे गर्म करना, उनके पैर, जांघो को चूमना, उनके बूब्स को छूना, दबाना, चूमना और चूत में जीभ डालकर चाटना बहुत अच्छा लगता और मुझे पता है कि यह सब महिलाओ को भी उतना ही पसंद है कि कोई उनका नौकर बनकर उनकी जी जान से सेवा करे.. उनके पैर चाटे, चूत चाटे, उनकी गंदी पेंटी चाटे और यहाँ तक की उनका मन करता है कि कोई उनका मूत तक पी ले और यह काम अगर पति कर दे तो पत्नी की लाईफ जन्नत से कम नहीं रहती और अगर वो पति उसका एक नौकर बन जाए तो पत्नी को कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं.. क्योंकि वो उसका पति सब करेगा और पत्नी किसी से भी चुदवाए पति कुछ नहीं कह पाएगा और पत्नी अपने पति के सामने ही दूसरे मर्द से चुद सकेगी और पति, पत्नी की गंदी पेंटी चाटेगा, पैर चाटेगा, पत्नी की चुदी हुई चूत चूसेगा.
दोस्तों यह कहानी ऐसी ही एक पत्नी की है.. उसकी उम्र 34 साल है और जिसका पति उसका गुलाम है, उसका नौकर है और यह आज से एक महीने पहले की बात है. मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती थी.. वो बहुत ही सुंदर थी और उन्हे देखकर ऐसा लगता था कि मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा उतरकर आ गई हो. वो एकदम सेक्सी, पतली कमर, गोरा बदन, बड़ी सी गांड, उनके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे.. लेकिन वो एकदम तनकर खड़े रहते थे. तो एक दिन मैंने इस बात पर भी गौर किया कि वो आंटी हमेशा एकदम सजधजकर तैयार रहती थी और वो हमेशा अच्छे अच्छे कपड़े, हाई हील्स सेंडिल पहनकर नजर आती थी.
उनके पति एक बहुत बड़ी प्राईवेट कम्पनी में काम करते थे और मैंने जब भी उनके पति को देखा तो वो हमेशा सर झुकाकर ही चलते थे और उनका मुहं हमेशा ज़रूरत से ज्यादा लाल रहता था.. लेकिन वो थे बहुत अमीर और आंटी रोज़ नये नये कपड़े पहनती.. लेकिन उनके घर के अंदर क्या चलता है मुझे वो सब जानना था. तो एक दिन मुझे मौका मिल ही गया और में होली के त्यौहार के समय सोसाइटी में तैयारी करने के लिए आंटी के घर पर गया. तो मैंने दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई और में कुछ देर इंतजार करने लगा.. लेकिन बहुत देर रुकने पर भी कोई भी नहीं आया.. लेकिन मुझे अंदर से कुछ आवाज़ आ रही थी और वो किसी बेल्ट या हंटर के जैसी थी.. लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और मुझे ऐसा लगा कि शायद अंदर टीवी चल रहा होगा. तो कुछ देर और इंतजार करने के थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला देखा और मैंने देखा कि मेरे ठीक सामने आंटी खड़ी हुई थी.. उन्होंने लाल कलर का ओवरकोट पहना हुआ था जो कि उनके घुटनों तक था. दोस्तों में आप सभी को बता नहीं सकता कि वो क्या नज़ारा था?
वो किसी कामदेवी से कम नहीं लग रही थी और वो उस समय एक स्वर्ग सुंदरी लग रही थी और मुझे उनके पति से जलन होने लगी और उन्होंने अपने खुबसूरत पैरों में लंबी हील के लाल कलर के सेंडल पहने हुए थे होंठो पर सेक्सी लाल कलर की लिपस्टिक, आखों में काजल, हाथों और पैरों में लाल कलर का नैलपेंट.. वो बहुत सेक्सी लग रही थी. तो में उन्हे देखता ही रह गया और बहुत चकित भी था कि अभी इस समय आंटी ऐसे तैयार होकर कहाँ जा रही है? मैंने आंटी से कहा कि होली का त्यौहार है तो कुछ तैयारी करनी है और फिर उन्होंने कहा कि ठीक है तुम यहीं पर रूको.
तो में वहीं पर खड़ा इंतज़ार करने लगा और मैंने अंदर झांककर देखा तो उनका घर बहुत सुंदर था और मैंने देखा कि आंटी के थोड़े कपड़े बिखरे हुए पड़े है.. उसमे एक आंटी की पेंटी भी थी और उसे देखकर मेरा उसे चाटने का मन हो गया और फिर मैंने अंदर देखा कि वहाँ पर एक काले कलर का हंटर भी पड़ा हुआ है जिसका गोल्डन कलर का हेंडल है.. लेकिन वो सुंदर था. तो में समझ गया कि हंटर की आवाज़ टीवी से नहीं यहीं से आ रही थी और इतने में आंटी ने अपने पति को उसके नाम से बुलाया और उन्हे पैसे देने को कहा. तो मुझे यह सब सुनकर बहुत अजीब सा लगा.. क्योंकि आंटी, अंकल से तू तू करके बात कर रही थी और वो उनसे आप आप करके बात कर रहे थे.
फिर आंटी मेरे पास आई और मुझे पैसे दिए.. तो मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके आंटी से पूछ ही लिया कि यह हंटर किस के लिए है? तो आंटी बहुत शैतानी तरीके से मुस्कुराई और बोली कि तुम्हारा नाम क्या है? तो मैंने खुशी खुशी अपना नाम उन्हे बता दिया और फिर आंटी ने बताया कि यह मेरे कुत्ते के लिए है.. लेकिन मैंने बोला कि आपके पास तो कोई भी पालतू कुत्ता नहीं है? तो आंटी ने कहा कि अंदर आओ.
तो में अंदर आकर सोफे पर बैठ गया और आंटी भी ठीक मेरे सामने अपने एक पैर पर दूसरा पैर रखकर बैठ गई और मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ है.. तो उन्होंने सीधे मुझसे कहा कि क्यों उसे कैसे खुश करते हो? तो मैंने कहा कि क्या मतलब? तो उन्होंने कहा कि उसके जिस्म को कैसे खुश करते हो? तो मैंने कहा कि यह आप क्या पूछ रही है? तो उन्होंने कहा कि हाँ में वही पूछ रही हूँ जो तुम सुन रहे हो.. तुम बस मुझे बताओ. फिर मैंने कहा कि जी कैसे भी नहीं और तभी उन्होंने मुझसे पूछा कि क्यों तुमने क्या कभी किसी के साथ सेक्स किया है? तो मैंने झट से कहा कि नहीं आंटी मुझे अब तक ऐसा कोई भी मौका नहीं मिला. तभी उन्होंने कहा कि क्या तुम मुझे संतुष्ट कर पाओगे? तो मैंने कहा कि क्या मतलब? और अब आंटी मेरे लंड को बहुत गौर करके देख रही थी जो कि पेंट में फनफना रहा था.
मैंने बोला कि आंटी वो तो आपके पति भी हमेशा करते ही होंगे ना. तो वो हंसने लगी और बोली कि क्या तुम देखना चाहते हो कि मेरे पति क्या करते है? और फिर मैंने कहा कि हाँ तो उन्होंने बोला कि तुम पूछ रहे थे ना मेरे पास कुत्ता नहीं है. यह देखो और फिर उन्होंने एक घर का नाम बोला और उनके पति घुटनो के बल चलकर उनके सामने आ गए और आंटी के सेंडल चाटने लगे. तो मैंने कहा कि यह क्या कर रहे है? तो आंटी ने कहा कि यह है मेरा पालतू कुत्ता. तभी आंटी ने उनके गाल पर एक जोरदार चांटा मार दिया और कहा कि तुम्हारा पट्टा कहाँ है तो अंकल जल्दी से पट्टा पहनकर आए और फिर आंटी ने बोला कि जल्दी से मेरी पेंटी साफ करो..
अंकल ने वहाँ पड़ी आंटी की पेंटी को उठाया और चाटना शुरू कर दिया. फिर आंटी ने बोला कि मेरे सेंडल उतारो और फिर अंकल अपने हाथों से उनके सेंडल उतारने लगे और आंटी ने उनके मुहं पर एक जोरदार लात मारी और बोला कि कुत्ते हाथ से नहीं मुहं से उतार. तो अंकल ने वैसा ही किया और वो अपने मुहं से पकड़कर उनके सेंडल उतारने लगे और इतने में आंटी मुझे डाइनिंग टेबल पर ले गई और उन्होंने अपने पति से खाना सर्व करने को बोला. तो वो जल्दी से उठा और प्लेट में खाना निकालने लगा और फिर अपने पति से खाना सर्व करवाने के बाद उनका पति टेबल के नीचे उनके पैरों में बैठ गया और उनके नाजुक नाजुक पैर चाटने लगा.
मैंने आंटी से कहा कि क्या यह नहीं खाएँगे? तो आंटी ने कहा कि यह एक कुत्ता है और यह सब नहीं ख़ाता. तो मैंने कहा कि फिर क्या ख़ाता है? तो इस पर आंटी ने कहा कि तुम देखते जाओ और खाना खाते समय बीच में आंटी ने एक निवाला नीचे गिरा दिया और अपने हील्स से कुचल दिया वो उनके सेंडल में चिपक गया और उन्होंने अपने पति से बोला कि खा लो.. तो उनका पति कुत्तो की तरह उनकी सेंडल से वो निवाला खाने लगा.
फिर इतने में आंटी ने मुहं से एक निवाला काटा और काटते ही बाहर निकालने लगी.. उनके पति ने मुहं आगे की तरफ कर लिया और आंटी ने अपना चबाया हुआ निवाला उनके मुहं पर थूक दिया और उन्होंने बड़े चाव से चबा चबाकर उसे खा लिया और जब हम खाना खाकर हटे तो उनका पति एक बर्तन में थोड़ा पानी ले आया और उसमे आंटी के पैर धोने लगा.
फिर आंटी ने उस बर्तन कि में 4-5 बार थूक दिया और उनका पति वो पानी पी गया. फिर आंटी ने अपने कपड़े उतार दिए और वो मेरे सामने एकदम नंगी हो गई और उसने अपने पति को इशारा किया. तो उनका पति आया और कुत्तों की तरह उनकी चूत चाटने लगा और वो बीच बीच में उनकी गांड भी चाट रहा था.
फिर मैंने आंटी से बोला कि क्या आपको यह सब करना अच्छा लगता है? तो में आपके लिए ऐसा क्या करूं जिससे आप खुश हो जाएँगी? तो उन्होंने कहा कि क्या तुम भी मुझे खुश करोगे?
मैंने कहा कि हाँ और उन्होंने कहा कि ठीक है और मैंने सीधा उनकी चूत पर एक जोरदार किस ले लिया और थोड़ा सा उनकी चूत को चूसा उनकी गीली चूत का पानी चाटा और फिर किचन से कुछ चने और केले ले आया.
फिर मैंने थोड़े चने अपने मुहं में डाले और आंटी की चूत से अपना मुहं लगा लिया और वो चने एक एक करके अपने मुहं से उनकी चूत में डाल दिए और अब वो सभी चने उनकी चूत की गहराइयों में गुम हो गये और उन्होंने बोला कि यह क्या किया तुमने? तो मैंने कहा कि अब आगे देखो.
फिर मैंने अपनी पूरी जीभ उनकी चूत में डाली और अपनी जीभ से चने ढूंढने लगा. वाह क्या स्वाद था उनकी चूत का? मैंने इस बहाने से उनकी चूत को अंदर तक चाटा और चूसा और वो मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह्ह मज़ा आ गया वाह ओह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से चूसो अह्ह्ह उह्ह्ह और मेरे कुछ देर चूसने के बाद आंटी झड़ने लगी और वो धीरे धीरे ठंडी होने लगी..
में उनकी चूत से निकला हुआ पूरा गरम गरम लावा चाटने लगा और मेरे ऐसा करने से आंटी को बहुत मज़ा आ रहा था.. लेकिन अब मैंने आंटी को छोड़ने का निर्णय कर लिया और मैंने आंटी की चूत में एक केला डालने की कोशिश की और वो केला फिसलता हुआ अंदर चला गया. तो आंटी ने बोला कि मुझे पता है कि अब तुम इसके आगे क्या करोगे? तुम इसे मेरी चूत से बाहर निकाल कर खा जाओगे.. क्योंकि तुम्हे मेरी चूत का स्वाद बहुत पसंद है.. है ना? अब बाहर निकालो इसे और खा जाओ और मेरे इस कुत्ते को भी सिख़ाओ यह नए नए तरीके. फिर मैंने ऐसा ही किया.. उनकी चूत में मुहं डालकर दाँतों से केले को पकड़ा और बाहर निकाल कर पूरा केला खा लिया.. दोस्तों क्या बताऊँ वो क्या स्वाद था?
और फिर आंटी भी झड़ गई और मैंने उनका सारा पानी भी पी लिया. तो वो भी कह रही थी कि पियो पियो और ज़ोर से चूस चूसकर पियो और फिर आंटी ने कहा कि मुझे मूत आ रहा है और अब मेरा कुत्ता मुहं लगाकर मेरा मूत पियेगा.. चल कुत्ते यहाँ पर आ. तो मैंने आंटी से कहा कि क्या में आपका मूत पी सकता हूँ?
आंटी ने कहा कि क्या तुम भी पीओगे? तो मैंने उनकी चूत में मुहं लगा दिया और उन्होंने एकदम से एक गरम गरम सुनहरे पानी की धार मेरे मुहं पर छोड़ दी और में बड़े चाव से सारा मूत पी गया और अब मेरा मन आंटी के पैर चाटने का भी था.. लेकिन आंटी ने कहा कि तुम अभी जाओ और कभी बाद में आना. में तुम्हे भी अपना कुत्ता बना लूंगी और तुमसे चुदवाउंगी भी और अपने पति के सामने तुम्हारे मोटे लंड पर कूदूँगी और अपने पति के सामने गांड में भी तुम्हारा लंड लूंगी और मेरा पति मुझे तुमसे चुदते हुए देखेगा.
तो दोस्तों उसके बाद में वहाँ से चला आया और अपने घर पर पहुंचकर मैंने सीधा बाथरूम में जाकर एक बार उनके नाम की मुठ मारी और अपने तड़पते हुए लंड को शांत किया और उसके बाद दूसरे दिन मैंने उनके घर पर पहुंच कर उनकी जमकर चुदाई की और उन्हे संतुष्ट किया.
भाभी को चोदा अहमदाबाद में
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम रॉकी है और में गुजरात का रहने वाला हूँ और में 25 साल का एक हट्टा कट्टा लड़का हूँ और में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ. दोस्तों आज में अपनी जिंदगी की एक सच्ची घटना आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. वैसे में इस साईट का बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ क्योंकि इसकी कहानियों को पढ़ने के बाद से मुझे थोड़ी हिम्मत मिली और में अपनी कहानी लिखने को तैयार हुआ और अब में पिछले कुछ सालों से इसका बहुत बड़ा फेन हो गया हूँ.
दोस्तों वैसे मैंने पहला सेक्स मेरी लाईफ में जब किया में 20 साल का था और तब से मैंने बहुत बार सेक्स किया हुआ है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों वैसे अभी मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है तो में ज़्यादातर फ्री टाईम होता हूँ और में उस समय ऑनलाईन चेट करता हूँ, सर्चिंग करता रहता हूँ कि शायद कोई लड़की या भाभी या आंटी मुझे मिल जाए सेक्स करने को.. लेकिन बहुत दिनों तक लगातार चेट करने पर भी मुझे कोई भी नहीं मिली.
फिर एक दिन मेरा सोया हुआ नसीब जाग गया और में उस शाम को फ्रेश होकर लेपटॉप चालू करके चेट करने के लिए बैठ और थोड़ी देर चेट करने के बाद मेरी एक लड़की से बात हुई. मैंने उसे बताया कि में 25 साल का हूँ और उसने जवाब दिया कि वो एक लड़की है. तो मैंने उससे उसकी उम्र के बारे में पूछा और फिर उसने बताया कि वो 32 साल की एक शादीशुदा औरत है.
मैंने और उसने ऐसे ही बहुत देर तक नॉर्मल बातें की और उसके बाद मैंने उसको मेरी दोस्त बनने के लिए आग्रह भेजा.. तो उसने मेरा वो आग्रह मान लिया और करीब हमने उस दिन 15-20 मिनट ऐसे ही बातें की और अभी मुझे कोई जल्द बाजी नहीं करनी थी और हो सकता है कि शायद वो बुरा मान जाए और चली जाए.
उस दिन के बाद हमने दूसरे दिन ऑनलाइन मिलने को बोला और में उसके दिए हुए टाईम को याद करके ऑनलाइन हो गया और जैसे ही में ऑनलाइन हुआ मैंने देखा कि वो पहले से ही ऑनलाइन है और हमने फिर से बातें शुरू की और इतने से समय में ही बातों ही बातों में हमने एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जान लिया था.
मैंने उससे उसकी फेमिली के बारे में पूछा और फिर उसने बोला कि वो, उसके पति और उसकी एक छोटी सी बेटी है जो अहमदाबाद के पॉश एरिया में एक फ्लेट में रहते है और वैसे वो लोग गुजरात के रहने वाले नहीं थे.. वो तो यहाँ अहमदाबाद में उसके पति की नौकरी के वजह से रहते है और अहमदाबाद में उसका और कोई रिश्तेदार भी नहीं है. वो ज़्यादातर ऐसे ही फिल्म देखकर या ऑनलाइन रहकर ही टाईम पास करती है और उसकी बेटी अभी बहुत छोटी है इसलिए वो ज़्यादातर समय सोती ही रहती है.
फिर उस दिन बहुत देर बात करने के बाद मेरी उसके साथ बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी और मैंने उससे उसका मोबाईल नंबर माँगा.. लेकिन उसने मुझसे साफ मना किया और कहा कि नहीं अभी हम यहीं पर ऑनलाइन बातें करेंगे. तो मैंने उससे ठीक है बोला और वैसे भी में कर भी क्या सकता था? फिर ऐसे ही हमने 8-10 दिन तक लगातार बातें की और मुझे उससे बातें करना बहुत अच्छा लगता था..
दोस्तों में सच बोलूँ तो मुझे उसकी बातों से लगता था कि शायद उसे भी एक फ्रेंड की ही ज़रूरत है.. लेकिन वो जो मेरे दिल में थी वो मनोकामना पूरी करने वाली नहीं है.. लेकिन फिर भी मुझे उससे बातें करना बहुत अच्छा लगता था और ऐसे ही इतने दिन बात करने के बाद उसे मुझ पर पक्का भरोसा हो गया था कि में एक बहुत अच्छा लड़का हूँ और फिर जब मैंने दोबारा से उसका मोबाईल नंबर माँगा तो उस दिन उसने मुझे नंबर दे दिया और वो मुझसे बोला कि तुम अभी कॉल कर सकते हो.
मैंने तुरंत ही उसको कॉल किया.. उसने हैल्लो बोला और मैंने भी हाय बोला और मुझे उसकी आवाज़ सुनकर ही कुछ कुछ होने लगा. फिर उसने मुझसे बोला कि मुझे तुमसे चेटिंग करके बहुत अच्छा लगा और फिर हमने ऐसे ही इधर उधर की बातें की और अब मुझे उससे एक बार जरुर मिलना था.. लेकिन में उससे बोल नहीं पाया.
फिर दो दिन बाद मैंने ऐसे ही उससे पूछ लिया कि क्या हम मिल सकते है? तो वो मुस्कुराने लगी और बोली कि आप मुझसे क्यों मिलना चाहते है? तो मैंने बोला कि बस ऐसे ही.. क्यों हम दो दोस्त नहीं मिल सकते और उसने मुझे बोला कि हाँ मिल सकते हो.. लेकिन में तुम्हे कल बताउंगी कि हमे कब और कहाँ पर मिलना है?
दूसरे दिन सुबह जब हमने बात की तो उसने मुझे बताया कि तुम मुझे मेरे घर पर आकर मिल सकते हो.. लेकिन जब मेरे पति घर पर ना हो तब. तो मैंने उससे मिलने का टाईम पूछा और उसने टाईम और अपने घर का पता मुझे बता दिया और मुझे लग रहा था कि आज ज़रूर कुछ होगा.. तो में उसके दिए हुए टाईम और पते पर पहुंच गया और मैंने देखा कि वो एक बड़ा अपार्टमेंट्स है.. उसकी 7th मंजिल पर उसका फ्लेट है और मैंने वहाँ पर जाकर दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई और उसने जब दरवाजा खोला तो में उसे देखकर एकदम दंग रह गया.. वो क्या लगती थी?
वो एकदम कमाल की दिख रही थी और वो इतनी गोरी भी नहीं थी.. लेकिन उसका शरीर थोड़ा भरा हुआ था और उसके बूब्स कपड़ो के ऊपर से ही बहुत बड़े दिख रहे थे और उसके बाल खुले थे और उसने गुलाबी कलर की ड्रेस पहनी हुई थी.
फिर उसने मुझे अंदर आने को कहा और में अंदर जाकर सोफे पर बैठ गया.. उसने मुझे किचन से लाकर पीने को पानी दिया.. लेकिन बस में तो उसे देखे ही जा रहा था और पानी पिए जा रहा था. तो उसने बोला कि क्या देख रहे हो?
मैंने बोला कि तुम बहुत अच्छी लगती हो और तुम्हे देखकर बिल्कुल भी नहीं लगता कि तुम 32 साल की हो. फिर उसने थोड़ा मुस्कुराते, शरमाते हुए मुझसे बोला कि आप भी दिखने में बहुत अच्छे लगते हो. फिर मैंने उससे उसकी बेटी के बारे में पूछा तो उसने बोला कि वो इस समय दूसरे रूम में सो रही है और उस समय शायद उसका पति नौकरी पर गया हुआ है और वो रात को ही लोटेगा.
फिर वो मेरे सामने बैठ गई और हम बातें करने लगे. में तो उसको पहली बार देखकर ही उसकी तरफ बहुत आकर्षित हो गया था और अब मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो रहा था और में उससे मेरे खड़े लंड को छुपाने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन उसने वो देख ही लिया और मंद मंद मुस्कुरा रही थी और उसके हाव भाव से लगता था कि उसे क्या चाहिए?
लेकिन हम दोनों में से कोई भी पहल नहीं कर रहा था. तभी उसने मुझसे कहा कि क्या बार बार मुझे देख रहे हो और अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.. तो मैंने उससे बोला कि आपकी कमर बहुत अच्छी है एकदम पतली. तो वो शरमाने लगी और धन्यवाद बोला. मेरी हिम्मत अब और बढ़ गई.. तो उसने मुझसे बोला कि मेरे शरीर में आपको और क्या क्या अच्छा लगता है?
मैंने बोला कि आपके होंठ बहुत रसीले है.. आपकी गर्दन पतली सुराही जैसी है.. आपकी आखें एकदम नशीली है और आपके वो तो बहुत ही बड़े बड़े है. तो वो और शरमाने लगी और में बोला कि और क्या क्या बताऊँ आपके सेक्सी जिस्म बारे में.. जिसे एक बार देखकर हर कोई आपका चाहने वाला बन जाए और मुझे पता चल गया था कि अब मेरी लाईन साफ है.. में एकदम से खड़ा होकर उसके पास चला गया और उसे छूकर बोला कि यह आपके बूब्स.. तो वो एकदम से चकित हो गयी और उसने ज़्यादा शरम की वजह से अपना मुहं दूसरी तरफ फेर लिया.
मैंने उसका मुहं मेरी तरफ करके उसे लिप किस करने लगा और वो मेरी आखों में आखें डालकर मुझे देखने लगी और मुझसे छूटने का नाटक करने लगी.. लेकिन जब कुछ देर विरोध करने के बाद उसे महसूस हुआ कि वो अब मुझसे नहीं छूट सकती.. तो वो भी थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी. फिर मैंने उसे कुछ देर किस करने के बाद बोला कि में कब से तुम्हे मिलना चाहता था.. लेकिन में तुमसे यह बात कह नहीं पाता था.
फिर उसने मुझसे कहा कि में भी यही सब चाहती थी.. लेकिन आप ही पहले मुझसे मिलने को बोले तो उस बात का कुछ और ही मज़ा है इसलिए में इतने दिन चुप रही. फिर यह सब बातें सुनकर मुझे और जोश आ गया और में उसे अपनी गोद में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया और वहाँ पर उसे किस करने लगा और धीरे धीरे उसके बूब्स दबाने, सहलाने लगा और वो भी मेरी पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड पर हाथ घुमा रही थी.
फिर मैंने धीरे धीरे करके ऊपर से उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसे पूरा नंगा कर दिया और अब में भी अंडरवियर में आ गया और उसने नीचे पेंटी नहीं पहनी हुई थी और में बेड पर लेटाकर उसके पूरे शरीर पर किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा. फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों एकदम नंगे हो गये और एक दूसरे के जिस्म से खेलते रहे और फिर उसी समय उसने मुझे बोला कि वो अपने पति से आज तक कभी भी उतनी संतुष्ट नहीं हुई है इसलिए वो अब किसी और के साथ सेक्स करना चाहती है.
मैंने उसको बोला कि मेरी जान तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो.. आज हम दोनों एक दूसरे को जी भरकर प्यार करेंगे और हम दोनों एक दूसरे के तड़पते हुए शरीर से खेलते रहे और में उसकी चूत में ऊँगली करने लगा.. जिसकी वजह से उसकी मचलती हुई चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.. वो मोनिंग किए जा रही थी और वो मेरे लंड को मसाज किए जा रही थी और अब हम दोनों चुदाई के लिए तैयार थे.. मैंने कंडोम निकाला और लंड पर लगाकर उसके ऊपर बेड पर आ गया. उसने मुझसे बोला कि जानू थोड़ा आराम से करना.. तुम्हारा लंड बहुत लंबा और मोटा है और मुझे मेरे पति के अलावा आदत नहीं है इतने बड़े लंड से चुदने की.. तो मैंने बोला कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो डार्लिंग आज यह तुम्हे थोड़े दर्द के साथ साथ मज़ा भी कराएगा.
फिर मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया और लंड को चूत पर सेट करके धीरे धीरे धकेलते हुए चूत में डालना शुरू किया और अब लंड धीरे धीरे फिसलता हुआ उसकी चूत की दीवार पर रगड़ खाता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया. तो उसे थोड़ी तकलीफ़ जरुर हुई.. लेकिन वो हर रोज चुदने वाली थी तो उसे इतना दर्द नहीं हुआ फिर में उसको लिप किस करते करते बहुत तेज़ी से धक्के देकर चोद रहा था. फिर हम ऐसे ही चुदाई करते हुए एक दूसरे की तरफ देखकर हंस भी रहे थे. तो मैंने उसको बोला कि वाह जान क्या चूत है तुम्हारी? और में पहली बार किसी की बीवी को चोद रहा हूँ.. मुझे इस चुदाई में बहुत मज़ा आ रहा है. तो वो भी हंसने लगी और सिसकियाँ लेने लगी और लगातार 15-20 मिनट धक्के देने के बाद में झड़ने वाला था और उस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उसे तेज तेज धक्के देकर चोदना शुरू किया और में थोड़ी ही देर में उसकी चूत में झड़ गया..
मेरे लंड से एक एक गरम वीर्य की बूंद उसकी चूत में टपकने लगी और उसके चेहर से साफ दिखने लगा था कि वो मेरी इस चुदाई से कितनी संतुष्ट है. तो अब हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लिपटकर लेटे रहे.. क्योंकि हम दोनों उस चुदाई से बहुत थककर पसीना पसीना हो गये थे. फिर कुछ देर बाद हम उठकर फ्रेश हुए और हमने खाना खाया और उस दिन हमने दो बार और चुदाई की. दोस्तों अभी वो गुजरात में नहीं है.. लेकिन वो जब तक यहाँ पर थी हमने बहुत समय तक जमकर चुदाई की और आज भी में उससे ऑनलाईन बातें करता हूँ और हम बहुत मज़े करते है ..
रंडियों की कोचिंग
नमस्तें दोस्तों.. में एक गर्ल्स कॉलेज में प्रोफेसर हूँ और आज में अपनी जिंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा आप लोगों को बताने जा रहा हूँ. मुझे वो दिन आज भी याद है जब में बी.ए पार्ट Ist ईयर की पहली क्लास लेने गया. एक लड़की फर्स्ट बेंच पर बैठी हुई थी. उसकी उम्र का आप लोगों ने अंदाजा लगा ही लिया होगा.. वो लगभग 20-21 साल कि थी लेकिन.. मैंने ज्यादा उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया.. लेकिन अगले दिन वो मुझसे मिलने मेरे डिपार्टमेंट में कुछ दोस्तों के साथ आई. उसने उस दिन पिंक कलर का सलवार सूट पहना हुआ था.. वो उतनी खूबसूरत तो नहीं थी.. लेकिन उसकी आँखों में जबरदस्त सेक्स झलकता था. मैंने पूछा कि क्या बात है?
वो – सर हम लोगों का बी.ए पार्ट Ist ईयर में एक पेपर खराब हो गया है. प्लीज.. आप हम लोगों को कोंचिग पढ़ा देंगे?
में – में कोंचिग घर पर नहीं पढ़ाता हूँ.
वो – क्यों सर? मेडम से डर लगता है क्या?
में – नहीं.. बस उसे मेरा लड़कियों को घर पर बुलाना अच्छा नहीं लगता है. में आप लोगों को कॉलेज में ही पढ़ा दिया करूँगा.
वो – लेकिन.. सर हम लोगों को वहां पढ़ने में प्रोब्लम है बाकी लड़कियाँ क्या कहेंगी?
में – तब तो में तुम्हें नहीं पढ़ा सकता.
वो – सर एक काम करिये में शाम को सभी को अपने घर पर बुला लेती हूँ आप मेरे घर पर ही पढ़ा दीजिये.
में – ठीक है.
अगले दिन में पूनम के घर ठीक 5 बजे गया.. वहां पहले से उसकी पाँचो फ्रेंड एक से बढ़कर एक ड्रेस पहने बैठी हुई थी. लगता था घर में कोई नहीं था. मैंने कहा कि आज तो तुम लोग बहुत ही खूबसूरत लग रही हो.. तो पूनम बोली सर, सबसे खूबसूरत कौन लग रहा है? में बोला कि ये बताना बहुत मुश्किल है.. में क्लास के बाद बताऊंगा.
फिर पढ़ाते हुये मैंने गौर किया कि पूनम की ड्रेस ऐसी थी कि उसमें से उसकी चूचीयों का लगभग 50% भाग दिख रहा था. वो बार बार मेरी आँखों की तरफ देख रही थी. वो जान गई थी कि में उसकी चूचियों को देख रहा हूँ. उसके गाल एकदम लाल हुये जा रहे थे. वो उठी और अपने रूम में चली गई.. मेरी क्लास उस दिन ख़त्म हो गई.
में अगले दिन डर से उसके घर नहीं गया और वो भी उस दिन कॉलेज नहीं आई थी. दूसरे दिन उसकी दोस्त रिंकी ने पूछा कि सर कल आप क्यों नहीं आयें थे? मैंने बोला कि आज आऊंगा.. तो वो बोली कि सर आज पूनम ने आपको लंच पर बुलाया है.. आप आज थोड़ा जल्दी चल जाना हम लोग 5 बजे आयेंगे. मैंने बोला कि तुम साथ में रहोगी तब ही हम लंच पर जायेंगे.
रिंकी बोली सर आप लोगों के बीच में मेरा क्या काम? पूनम ने केवल आपको ही बुलाया है. में पूनम के घर दोपहर के 3 बजे गया बेल बजाने के बाद पूनम ने जब दरवाजा खोला तो मेरे होश ही उड़ गये.. वो एक पिंक रंग की छोटी सी फ्रॉक पहने हुई थी. उस ड्रेस के बारे में क्या बताऊँ? बस यही सोचो कि उस ड्रेस पर ऊपर से उसकी चूचीयों का पूरा का पूरा साइज़ पता चल रहा था.
उसने मुझे अंदर बुलाया और दरवाजे को अच्छी तरह से बंद कर दिया. हम लोग थोड़ी देर सोफे पर अगल बगल बैठकर उसकी और उसकी फ्रेंड के बारे में बात करने लगे और अब हम लोग अब थोड़ा घुल मिल गये थे. फिर उसने किचन में जाकर मुझे आवाज़ दी.. तो में किचन में गया और वो बोली कि सर प्लीज़ थोड़ी कुर्सी पकड़ो ना.. मुझे ऊपर से अचार उतारना है और वो जब ऊपर चढ़ी तो उसकी काली पेंटी मुझे साफ दिखने लगी..
वो बोली सर क्या कर रहे हो? में गिर जाऊंगी तो में शरमा गया और बोला कि कुछ नहीं. फिर हम भोजन कर रहे थे.. तो वो बोली कि सर भोजन अच्छा नहीं बना है क्या? मैंने कहा कि नहीं मटन तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.. वो प्लेट में से मटन थोड़ा और मुझे देने लगी कि इतने में थोड़ा सा मटन मेरी शर्ट के ऊपर गिर गया वो सॉरी बोलकर मेरी शर्ट को पोंछने लगी.
में उसके इतने नज़दीक के स्पर्श से ही उत्तेजित हो गया.. मेरा लंड खड़ा हो गया. भोजन के बाद वो बोली कि सर आपकी शर्ट में धो देती हूँ.
मैंने कहा कि नहीं कोई बात नहीं है छोड़ दो.. वो बोली कि नहीं सर मेरे दोस्त लोग क्या कहेंगे? लाइयें ना उन लोगों के आने में अभी लगभग 2 घंटे हैं. इतनी देर में सूख जायेगी और वो मेरी शर्ट का बटन खोलने लगी. मुझे तो लगा कि अब मेरा पानी निकल जायेगा.. वो मुझे बेड पर आराम करने को कहकर बाथरूम में चली गई. बाथरूम में शर्ट को धोने से उसका भी फ्रॉक भीग गया था. वो रूम में आई तो में उसको देखता ही रह गया.
मैंने बोला कि तुम तो पूरी भीग गई हो.. ड्रेस चेंज कर लो.. उसने बोला कि सर तुरंत सूख जायेगी और वो मेरे बगल में बैठ गई. मेरा तो मन कर रहा था कि उसके दोनों बूब्स कस कर पकड़ लूँ.. क्योंकि दोनों बूब्स एकदम बाहर निकलने को बेताब लग रहे थे और बाहर से भी दिख रहे थे.
मुझसे उसने पूछा कि सर आप क्या देख रहे हैं? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं.. तो उसने कहा कि सर इतने तो ये अच्छे नहीं है कि आप इसको एकदम ख़ाने के लिये बेताब हो रहे है.
मैंने कहा कि यदि तुम मुझे इसे दे दो तो में लगभग 2 घंटे तक इसको चूसता रहूँ.. वो बातों ही बातों में मेरी पत्नी के बारे में पूछने लगी. फिर उसने कहा कि सर लगता है कि आप डेली पैसेंजर है. मैंने कहा कि मतलब? तो वो बोली कि सर इतने भोले मत बनिये..
मैंने पूछा कि आप मेडम के साथ रोज करते हैं क्या? मैंने कहा कि मुझे तो रोज सुबह और शाम को चाहिये ही चाहिये.. इन शब्दों के बोलने के बाद मेरी तो हिम्मत बड़ गई. मैंने फिर पूछ ही डाला लगता है कि क्या तुम्हे भी इसका बहुत अनुभव है? तो वो बोली सर सच बोलूं तो मुझे अभी तक तो अनुभव नहीं है.. लेकिन मेरी एक ही आदत है कि में रोज रात में ब्लू फिल्म देखकर ही सोती हूँ.
मैंने इतना सुनते ही उसके कंधे पर अपना हाथ रख दिया और उसने मेरी बाहों में अपना सिर रख दिया. मैंने कहा कि एक फिल्म दिखाऊँ और में भी देख ही लूँ.. में झट से उठा और अपना लेपटॉप चालू कर दिया. थोड़ी देर देखने के बाद मैंने उसकी फ्रॉक के ऊपर हाथ रख दिया.. इसके बदले उसने मेरे खड़े लंड के ऊपर हाथ रखकर मुझे और गर्म कर दिया.
मैंने पूछा कि कोई आयेगा तो नहीं ना.. तो वो बोली की नहीं. में तुरंत उठा और अपनी पेंट उतार कर फेंक दी और उसकी फ्रॉक ऊपर से खोलकर फेंक दी. ये सब इतना जल्दी हुआ कि वो कुछ बोल ही नहीं सकी. उसने अपने दोनों हाथों से अपने दोनों बूब्स छिपाने की कोशिश की.. लेकिन मैंने कहा कि अब तो अपना दूध पिला दो. उसने कहा कि मना किसने किया है जल्दी से पी लो और अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़कर आगे पीछे ब्लू फिल्म जैसे करने लगी.
तभी उसकी फ्रेंड का फोन आ गया.. तो उसने अपनी फ्रेंड से बोला कि अभी डिस्टर्ब मत करो.. जो वो चाहती थी वो मुझे मिल रहा है. में समझा नहीं कि वो अपनी फ्रेंड से क्या बोलना चाह रही है? लगता था कि उसकी सभी फ्रेंड को इस बात का पता था कि आज भोजन पर बुलाकर सेक्स करना है. मुझे लगने लगा कि थोड़ी ही देर में इसकी सभी फ्रेंड भी मजा लेने आयेगी.
फिर उसने अपने दोनों बूब्स मेरे मुँह में डालकर चूसने को बोला. उसने कहा कि सर आप जैसे मेडम के साथ करते है उसी तरह से मेरे साथ भी करो.. मुझे अपना लंड चूसने दो. उसने मेरी अंडरवियर तो उतार फेंकी और अपनी पेंटी को उतार दिया.
अब हम लोग दोनों बिना कपड़े के एक दूसरे को 69 पोज़िशन में चूस रहे थे. उसने कहा कि सर अब मुझे चोदो.. मैंने कहा कि थोड़ा रूको.. तो वो बोली नहीं सर में बहुत गर्म हो गई हूँ. मैंने कहा कि कंडोम लगा लूँ तो वो बोली कि नहीं सर.. उसमे मज़ा नहीं आयेगा.. में आई-पिल खा लूँगी. अब देर मत करो और जल्दी करो. उसने बेड पर लेटकर मुझे अपने ऊपर बैठा लिया और मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल लिया और मुझसे कहा कि अब मेरा दूध भी पी लो.. वो इतनी गर्म थी कि उसने ही अपनी कमर ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.
मेरी स्पीड बढ़ने के 2 मिनट के भीतर ही उसका पानी निकल गया. इतने में डोरबेल बज गई.. वो उठी और मात्र एक टावल पहनकर दरवाजा खोलने चली गई. मैंने बेडरूम से देखा कि उसकी एक फ्रेंड आई है..
उसने उसे आँखों से इशारा किया और दोनों अंदर बेडरूम में आने लगी. मैंने झट से बेड कवर से अपने आपको ढक लिया.. उसने रूम में आते ही अपनी फ्रेंड से बोला कि जल्दी से अपने कपड़े खोलो नहीं तो और भी लड़कियां आ जायेंगी. उसकी फ्रेंड झिझक रही थी.. तो उसने अपना टावल उतार फेंका और मेरा बेड कवर भी हटा दिया. में उठा और उसके बूब्स को फिर पीने लगा.
इतने में उसकी फ्रेंड ने भी अपने कपड़े उतार दिये और मुझसे बोला कि सर इसका भी दूध पी लो.. आज आपको 5 लोगों का दूध पीना है और मेरी ये ड्यूटी लगभग रोज ही चलने लगी.. पढ़ने के समय एक शर्त रखी गई कि सभी लोग पढ़ने के समय अपना ऊपर का टॉप खोलकर पढ़ेगे और रोज एक लड़की अपनी प्यास बुझायेगी. में रोज कंडोम और आई-पिल लेकर जाता था कि कौन सी लड़की को कब क्या जरूरत पड़ जाये. मेरा तो रोज का एक ही काम था.. 5 लड़कियों के बूब्स पीना.. लेकिन सभी लोगों के एक सवाल से में रोज परेशान हूँ कि सर सबसे अच्छा बूब्स किसका है?
कज़िन को चोदकर बहनचोद बना
हेल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राहुल है और में औरंगाबाद महाराष्ट्र से हूँ और मेरी यह पहली कहानी है. में आशा करता हूँ कि यह आपको जरुर पसंद आयेगी और यह कहानी थोड़ी सी लंबी है.. क्योंकि में अपना दिनभर का अनुभव दो लाईन में तो नहीं बता सकता. मेरी हाईट 5 फीट 10 इंच है और मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और में हूँ और कहानी की नायिका ऋतु मेरी कज़िन है. जैसा कि में कह रहा था कि ऋतु जो मेरी कज़िन है.. दिखने में वो बहुत सेक्सी लड़की है. उसका फिगर कुछ 32-29-32 है और हाईट 5 फीट 7 इंच है.. वो मेरी कज़िन यानी मेरे चाचा की लड़की है.. वैसे मेरे चाचा के 2 लड़कियाँ और 1 बेटा है. बचपन से ही ऋतु और मेरी बहुत बनती थी और घर का इकलोता लड़का होने के कारण चाची हर साल छुट्टियों में ऋतु को हमारे घर मुझे कंपनी देने भेज देते थे और इस साल भी कुछ ऐसा ही हुआ.
ऋतु गावं में रहने के कारण बस 10वीं तक ही पढ़ी थी और फिर उसके घरवालों ने उसकी पढ़ाई रुकवा दी.. क्योंकि गावं का माहोल काफ़ी खराब था और इसलिये ऋतु को वो हमेशा घर में ही रखते थे.. इसलिये वो शायद इतनी गोरी थी.
ऋतु और मेरी खूब जमती थी और हम बेस्ट फ्रेंड्स थे और ना उसके कोई बॉयफ्रेंड था और ना मेरे कोई गर्लफ्रेंड थी और हर साल की तरह जब वो मेरे घर आई.. तो में खुश हो गया.. क्योंकि मुझे अकेलापन बिल्कुल पसंद नहीं था.. पर इस साल ऋतु पर कुछ ख़ास नज़र पड़ रही थी. उसके बूब्स और गांड हद से ज़्यादा बड़े लग रहे थे और उसकी अदायें भी कामुक थी और यह बाते मेरे दिमाग़ में चुम्बक जैसे चिपक गई थी और मेरे दिमाग पर उसे चोदने का भूत सवार होने लगा..
वो मम्मी के कामों में अक्सर मदद किया करती और में उसे देखा करता. जब वो कपड़े धोती.. तो उसका सलवार और आधा बदन गीला हो जाता और उसकी गांड की दरार साफ दिखती और जब वो झाडू लगाती और बर्तन धोती.. तो मुझे उसके बूब्स के दर्शन हो जाते और में ये सब देखकर मूठ मार लिया करता था.
हम दोनों एक ही रूम में सोते थे और सोने से पहले देर रात तक बातें करते और बताते कि मुझसे क्या हुआ? किसने क्या किया और हम कभी किसी से बातें नहीं छुपाते.. जैसे अक्सर भाई बहन में लिमिट होती है.. हमारे बीच वो बहुत कम थी. एक दिन जब में सोकर उठा.. तो मैंने देखा कि पापा और मम्मी कही जाने की तैयारी कर रहे है और यही जानने के लिए जब में मम्मी के पास गया.. तो मम्मी ऋतु को बता रही थी कि खाना गर्म ही खाना और दोनों बाहर भी नहीं जाना और जाओ और लॉक को दो बार चेक करना.
तभी मैंने मम्मी को बीच में टोकते हुये पूछा कि बात क्या है पैकिंग क्यों की जा रही है.. तो मम्मी ने कहा कि हमारे दूर के चाचा जी की डेथ हो गई है. मुझे कोई प्रोब्लम ना हो इसलिये मम्मी ने मुझे और ऋतु को घर पर ही रहने को कहा और ऋतु को कुछ पैसे दे दिये. फिर दोपहर को में उन्हे रेलवे स्टेशन पर ड्रॉप कर वापस घर आया. फिर मैंने जब डोर बेल बजाई.. तो ऋतु ने दरवाज़ा खोला और उसकी आँखों में एक चमक नज़र आ रही थी और फिर ऋतु ने खाना लगाया और हमने खा लिया.
फिर ऋतु उसकी साईड से ही मेरे बर्तन उठाने लगी और उसकी कमीज़ से उसके बूब्स नज़र आने लगे. मेरी पूरी नज़र वही थी और ऐसा लग रहा था कि सब कुछ स्लो मोशन में हो रहा है. फिर वो बर्तन किचन में रखकर धोने लगी और में उसी को देख रहा था और बर्तन धोते हुये उसकी कमीज़ ऊपर से गीली हो गई और में नज़ारा देखने के लिये चला गया.
पानी पीने के बहाने में पानी पीते समय उसके बूब्स को देख रहा था. उसकी कमीज़ पूरी तरह से बूब्स से चिपक गई थी और में उसे देख ही रहा था कि उसकी नज़र मुझ पर पड़ी और मैंने नज़र हटाई और पतली गली से निकलने की सोची. फिर में जा ही रहा था कि उसने मुझे रोकते हुये पूछा. (गुस्से में नहीं नॉर्मली और नॉटी स्टाईल से)
ऋतु : तुम दिनभर मुझे क्यों घूरते रहते हो? (मेरी तो आधी फट गई थी)
में : नहीं तो मेडम.. कब घूरता हूँ? ऐसा तो कुछ नहीं है.
ऋतु : अच्छा जब में बर्तन धोती हूँ.. कपड़े धोती हूँ और बाकि काम करती हूँ. फिर मैंने सोचा कि झूठ बोलूँगा.. तो और फंस जाऊंगा और मैंने सामने रखे बर्तनो को देखकर कहा.
में : में तो बस सोच में डूब जाता हूँ कि तुम सारा काम इतनी अच्छे से कैसे कर लेती हो.. अगर मैंने ट्राई किया.. तो नज़ारा कुछ और ही रहेगा.
ऋतु : ओह.. तो तुम्हे मेरा काम इतना अच्छा लगता है. (और फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया)
में : और नहीं तो क्या? तुम्हारे बर्तन कितने अच्छे से चमकते रहते है.
ऋतु : ओह रियली.. कौनसे ऊपर वाले या नीचे वाले?
में : मुझे सारे पसंद है.. पर काम ऊपर से नीचे हो तो अच्छा लगता है ना.
ऋतु : बाप रे तुमसे इन बातों में कोई नहीं जीत सकता.. राहुल मेरा एक काम करोगे?
में : हाँ बोलो मेडम जी.
ऋतु : पीछे से मेरी ब्रा का हुक ठीक कर दो ना.. पता नहीं क्यों 5-10 मिनट से चुभ रहा है और फिर मैंने उसकी कमीज़ उठाई.. तो वो उसके शरीर से बिल्कुल चिपक रही थी.. इसलिये मैंने उसे पूरा उतारना चाहा. फिर मैंने सोचा कि वो विरोध करेगी.. पर उसने खुद अपने हाथ ऊपर करके मुझे कमीज़ निकालने में हेल्प की.. और अब वो मेरी तरफ पीठ करके सिर्फ़ ब्रा में थी.
उउउफ़फ्फ़ क्या बदन था उसका और बिना कमीज़ के उसकी उभरी हुई गांड भी कमाल की लग रही थी.. आपको क्या बताऊँ? उसकी दूध के रंग की पीठ को देखकर में किसी और दुनिया में पहुँच गया. फिर तभी वो बोली कि क्या हुआ? जल्दी करो. फिर मैंने उसका हुक ठीक करने के बजाये पूरा हुक खोल दिया और अब उसकी ब्रा उसके हाथ में थी और में धीरे धीरे उसकी पीठ को एक उंगली से सहलाने लगा और अब वो भी बड़ी अजीब आवाजें हम्मम्म अहह निकाल रही थी और मुँह इधर उधर कर रही थी.
फिर मैंने उसे अपनी तरफ मोड़ा और वो मुझसे चिपक गई.. मतलब गले लग गई. उसके नंगे बूब्स जब मेरी छाती से टच हुये.. तो मेरे अंदर सनसनी होने लगी और मेरा लंड लोहे की राड़ की तरह खड़ा हो गया और उसकी चूत पर मेरा लंड रगड़ने लगा. फिर हमने एक किस किया और में उस समय एक अलग ही दुनिया में था.
15-20 मिनट तक मेरे लिये तो समय रुक ही गया था और में जन्नत में पहुँच चुका था. हमने अपना थूक एक्सचेंज किया और हम एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे.. क्या बताऊँ यारों? में तो जन्नत में था और वो मेरी अप्सरा थी. फिर मुझे थोड़ा होश आया और में किस करते करते उसके बूब्स दबाने लगा और फिर उसे वही पर लेटा दिया और उसकी सलवार और पेंटी उतारकर अपने भी कपड़े उतार दिये.
फिर मैंने सोचा कि लेटकर उसकी चूचीयां दबाऊँ.. लेकिन मेरे लेटने से पहले ही उसने मेरा लंड जो कि पूरा 7 इंच का हो गया था और उसको पकड़कर आगे पीछे करने लगी और सारा मज़ा अकेले ही लूटेगा क्या? ऐसा बोलकर मेरा लंड चूसने लगी. वो तो जानवर जैसे मेरे लंड को चूस रही थी. में तो सातवें आसमान पर था और फिर 5 मिनट तक लंड चूसने के बाद वो मेरे अंडो को चूसने लगी और फिर बोली कि आज तो तोड़ दे मेरी सील और बन जा बहनचोद और फाड़ डाल मेरी चूत. वो भी पूरे जोश में थी और फिर में उसके ऊपर लेटा. (ये सब किचन में ही हुआ) फिर उसके एक बूब्स को आम जैसे चूसने लगा.. साथ ही साथ एक हाथ से दूसरा बूब्स मसलने लगा और दूसरे हाथ की उंगली को चूत में डालकर रगड़ने लगा.. वो पूरी उछल रही थी और चिल्लाने लगी.. हमम्म आहह उउउहह ससस्स और बोली और ना तड़पा मार दे मेरी चूत और अगर अब नहीं डाला.. तो में तड़पते तड़पते मर जाउंगी.
फिर मैंने अपना मुँह उसकी गुलाबी चूत के पास किया.. वहां पर एक भी बाल नहीं था और हल्का हल्का पानी निकल रहा था और उसकी खूशबु मेरी नाक में जा रही थी. फिर मैंने हल्की सी जीभ उसकी चूत पर लगाई.. क्या गर्म चूत थी और फिर में उसे चाटने लगा और वो आअहह उम्म्म ह्म्म्मम्म जैसी आवाजें निकालने लगी. फिर मैंने अपने हाथ के बीच की उंगली उसकी चूत में डाली.. वो बहुत टाईट थी. उसकी सील भी टूटी हुई नहीं थी.. वो वर्जिन थी और में भी अब मैंने अपनी उंगली पूरी तरह से उसकी चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगा और वो सिसकियां भरती रही.
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के दरवाज़े पर रखा और डालने की कोशिश की और वो आधे से थोड़ा कम चूत में चला गया.. तभी वो ज़ोर से चिल्लाई आआहाआ और उसकी आँखों से आँसू आने लगे और वो छटपटाने लगी.. लेकिन मैंने ध्यान नहीं देते हुये पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. मुझे भी थोड़ा दर्द महसूस हुआ.. क्योंकि उसकी चूत काफ़ी टाईट थी और इस बार वो फिर चिल्लाने लगी.
फिर मैंने उसे किस करने की सोची और दोनों तरफ काम जारी रखा और दो तीन झटके और दे दिये और होंठ हटाकर उसके बूब्स चूसने लगा.. वो आह आ आ हम्म्म्म करने लगी. फिर 5 सेकंड के ब्रेक के बाद फिर मैंने जब उसकी चूत में लंड डाला और स्पीड बढ़ा कर चोदने लगा.. तो में 5 मिनट तक रुका ही नहीं और अब वो भी गर्म हो गई थी और गांड उछाल उछाल कर चुदवा रही थी और आआहह सस्स्सस्स उम्म आअहह करके सिसकियां ले रही थी. इससे मेरा कॉन्फिडेन्स और बढ़ रहा था और अब उसकी गुलाबी रंग की चूत लाल रंग की चूत हो चुकी थी. फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और लंड चूत में डाल दिया.. इस बार लंड जल्दी अंदर चला गया.. क्योंकि वो चुदाई के दौरान दो तीन बार झड़ चुकी थी और में अब तक इसलिये नहीं झड़ा.. क्योंकि मैंने सुबह ही मम्मी और उसके नाम की मूठ मारी थी.
फिर अब मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदने के बाद उसे खड़ा करके डाइनिंग टेबल पर बिठाकर उसकी एक टाँग ऊपर अपने कंधे पर रख दी और उसे किस करते करते चोदा और फिर 5 मिनट बाद में भी झड़ गया. फिर चोदते चोदते पता ही नहीं चला कि कब दोपहर से शाम हो गई और फिर हम वही किचन में एक दूसरे की बाहों में लेट गये और फिर हम 7 बजे उठे. तब ऋतु और मैंने खाने की तैयारी की.. क्योंकि पूरे हफ्ते भर के लिए भी तो एनर्जी चाहिये थी. उसने खाना बनाया और हमने एक ही थाली में खाना खाया और पानी की जगह दूध पिया वो भी एक ही ग्लास में.. क्योंकि मुझे पता था कि उससे ताकत मिलती है. फिर रात को मैंने उसकी बहुत जमकर चुदाई की.
बहुत अच्छे परिवार की असलियत
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम संजय है और मेरी उम्र 32 साल है. दोस्तों मेरी शादी को 10 साल हो चुके है और मेरी फेमिली में मेरे पापा 52 साल, मेरी मम्मी 49 साल और मेरी वाईफ 28 साल की है. दोस्तों में आप सभी को सबसे पहले यह बता दूँ कि मेरे मम्मी और पापा ने आज तक मुझसे ज्यादा बात नहीं की है.. वो मुझसे कोई भी ज़रूरत होने पर ही बात करते थे. मेरी मम्मी दिन भर पूजा पाठ और पापा अपने बिज़नेस में लगे रहते थे.
फिर 22 साल की उम्र में मेरी शादी हुई और मुझे बहुत सेक्सी वाईफ भी मिली और मेरा जीवन बहुत मस्ती में गुजर रहा था. हाई सोसाईटी में रहना घूमना फिरना मज़े मस्ती करना.. तो अब में आपको बताता हूँ कि कैसे मेरी लाईफ में अचानक एक दिन बहुत बड़ा भूचाल आ गया.
दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है.. जब में अपने किसी जरूरी काम से घर पर लौटा था.. उस समय दिन के दो बज रहे थे और मेरी वाईफ ने मुझे पानी लाकर दिया और जब मैंने उससे पूछा कि बाकी सब लोग कहाँ गए?
वो बोली कि सब बाहर गये है और उस समय में थोड़ा मूड में था.. तो मैंने उससे कहा कि चलो आज मस्ती करते है और उसे अपने रूम में ले जाने लगा.. लेकिन उसने कहा कि रूम में तो हम रोज ही यह सब करते है.. आज हम किचन में करते है और फिर हम किचन में चले गए. किचन में एक टेबल थी.. वो उसी पर चड़ गयी और उसने मुझसे कहा कि तुम नीचे ही रहो और वो अपनी साड़ी खोलने लगी और साड़ी को पूरा खोलने के बाद वो अपना ब्लाउज, फिर पेटिकोट, फिर ब्रा और आखरी में उसने अपनी पेंटी तक को उतार दिया.. लेकिन दोस्तों वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी.. जैसे कोई रंडी स्टेज पर प्रोग्राम कर रही हो और उसके बाद उसने मुझसे कहा कि हम आज कुछ नया करते है.. जैसा कि हम नेट पर वीडियो देखते है.
फिर में भी एकदम तैयार हो गया और फिर उसने मुझसे कहा कि में उसकी चूत के नीचे अपना मुहं करूं और जैसे ही मैंने उसकी चूत के पास मुहं किया.. तो उसने तेज़ी से अपनी पीली कलर की धार मेरे मुहं में छोड़ दी और में एकदम से चकित हो गया कि यह क्या कर रही है.. लेकिन तब तक उसका पीला पानी मेरे पूरे मुहं और शरीर में आ चुका था.
फिर उसके बाद वो बोली कि तुम ऐसे घबरा क्यों रहे हो.. अभी तो स्टार्ट हुआ है. फिर मैंने कहा कि क्या बात है.. आज तुम इतनी रंगीन कैसै? तो वो बोली कि बस तुम देखते जाओ और उसने मुझे ऊपर आने को कहा और जैसे ही में ऊपर चड़ा.. तो वो मेरे लंड को चूसकर मेरा सारा माल झाड़ दिया और मेरा पूरा वीर्य पी गयी. अब में तो बहुत चकित हो गया कि इतने सालों में आज तक उसने कभी भी मेरा लंड नहीं चूसा था और आज इतना कुछ.. खैर उसके बाद हम रोज इस तरह का कुछ ना कुछ करते रहे और अब मुझे क्या मालूम था कि मेरी जिन्दगी में और भी बहुत कुछ होने वाला है.
फिर कुछ दिनों के बाद एक रात को करीब दो बजे में अचानक नींद से उठा और पानी पीने लगा.. तो मुझे अपनी माँ की आवाज़ हॉल में सुनाई दी और बेड पर मेरी वाईफ भी नहीं थी और जैसे ही में हॉल के सामने पहुंचा.. तो मेरी वाईफ और पापा मम्मी तीनो एकदम नंगे थे और मेरी वाईफ डाइनिंग टेबल पर खड़ी है और पापा मम्मी नीचे खड़े है और वो उन दोनों पर मूत रही है.. वो उन्हे कह रही थी कि..
वाईफ : अबे साले मादरचोद तेरे बेटे का लंड तो तुझसे भी पतला है.. इसलिए आज में तेरे साथ हूँ और तू साला नखरे कर रहा है.. चल अब सामने आकर मेरा मूत पी.
मम्मी : बेटी मुझे भी थोड़ा सा पिला.. बहुत दिन हो गये तेरा मूत पिए.
पापा : हाँ बेटी में तैयार हूँ और फिर वो उन दोनों पर मूतने लगी.
पापा : बेटी अब नीचे आ.. मुझे तेरी चूत का स्वाद भी चखा.
फिर पापा मम्मी उसे गोदी में उठाकर ज़मीन पर ले आए और पापा उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगे.. तो अचानक माँ ने उससे कहा.
मम्मी : बेटी तू तो मेरे पति से चुदवा ले और अब अपना वादा पूरा कर और मेरे पति से मुझे छुटकारा दिला.. साला संजय को जब से पैदा किया है.. तब से उससे अपनी चूत को चटवाकर पागल हूँ.
वाईफ : हाँ मम्मी जी.. आज आपका काम जरुर होगा और आप बिल्कुल भी चिंता मत करो.
फिर उसके बाद मेरा बाप पागलों की तरह मेरी बीवी को चोदने लगा. फिर उसे चोदने के बाद संध्या ने एक रबर का लंड अपनी कमर पर बाँध लिया और मेरी मम्मी की चूत में डाल दिया और यह सब देखकर में भी अब तक एकदम पागल हो चुका था कि जो माँ दिन भर पूजा करती है.. कभी ऐसी भी हो सकती है.
फिर मुझे भी कंट्रोल नहीं हुआ और में अंदर घुस गया.. मुझे देखकर सबके सब घबरा गए. तभी मेरी मम्मी उसी नंगी हालत में मेरे पास आई और कहने लगी कि बेटा घबरा मत.. अगर तुझे भी हमारे साथ आना है.. तो बोल.. नहीं तो तू यहाँ से चला जा. फिर मैंने कहा कि मम्मी आप ऐसी भी हो सकती हो.. मुझे इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता. फिर वो बोली कि बेटा अभी तो यह शुरुवात है और तुझे पूरी बात कहां पता है. फिर मैंने कहा कि मतलब? तो उसने कहा कि में और तेरे पापा सेक्स में बहुत आगे आ चुके है और हमारी जो यह अमीरी है.. वो सेक्स की ही देन और जिस लड़की से तेरी शादी हुई है और यहाँ पर तेरी बीवी कोई नहीं है.. इसे तेरी शादी से पहले जब यह 18 साल की थी.. तब से तेरे पापा कई बार चोद चुके है और यह हमें दिल्ली में मिली थी और उसी दिन हमने सोच लिया था कि इसे तेरी वाईफ बनाकर लाएगें और फिर तुझे भी इसमे शामिल करेंगे.. ताकि तुझे भी दिक्कत ना हो.. वैसे में तेरे पापा और तेरी वाईफ हम तीनों बहुत सेक्स करते है.
दोस्तों में यह सब सुनकर एकदम पागल हो चुका था.. अचानक से मेरा हाथ अपने आप मम्मी के बूब्स पर चला गया और जैसे ही मैंने उनके बूब्स को पकड़ा.. तो मेरी वाईफ मेरे बाप से बोली कि चल साले आज से तू मेरा पति और यह इसका पति है.. जो हमने सोचा था.. आज वो हो गया और वो रूम से चली गई.
उसके बाद मैंने अपनी मम्मी को कहा कि बोलो.. तो मम्मी बोली और कहा कि आज से मम्मी नहीं किरण बुला मुझे और उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया.. उफ़फ्फ़ मम्मी नहीं सॉरी किरण चूस चूस और ज़ोर से. फिर किरण बोली कि मूत बेटा आज मुझे तेरा मूत पिला और फिर में धीरे धीरे मूतने लगा और उसे हॉट ड्रिंक्स समझकर पीने लगी.
उसके बाद वो मुझे अपनी चूत चुसवाने लगी.. क्या गांड, क्या चूत, क्या बॉडी एक औरत वो भी 50 साल के लगभग थी. वो भी भगवान की भक्ति में लगी रहती थी.. उसका असली रूप तो यह है.. जो कि सेक्स में अपने बेटे को पाने के लिये इतना सब कर चुकी थी और उसके बाद उसकी चूत में मेरा लंड जैसे ही गया.. वो चिल्ला उठी.. आहह अह्ह्ह्ह मादरचोद बना ही दिया तुझे अह्ह्ह हाँ बेटा चोद अपनी माँ को चोद चोद उफफफ्फ़ और अंदर डाल साले बहनचोद डालना उउउफफफ्फ़. फिर में 15 मिनट के बाद जैसे ही झड़ने वाला था..
मैंने कहा कि किरण मेरा माल निकल रहा है.. तो वो बोली कि तो क्या हुआ अंदर ही डाल.. इसलिये आज तक मैंने ऑपरेशन नहीं करवाया कि एक ना एक दिन में तेरे बेटे को जन्म दूंगी और आज तक तेरी बीवी तेरे साथ इसलिए कंडोम लगाकर चुदाई करती थी.. ताकि उसका पहला बच्चा तेरे बाप से हो. आज वो भी माँ बन गई और में भी.
फिर उसके बाद रात भर में अपनी मम्मी किरण को चोदता रहा और उधर मेरे पापा मेरी बीवी को और जब सुबह हुआ.. तो मेरे घर का पूरा माहोल ही बदल चुका था.. जो औरत सुबह जल्दी उठकर पूजा में बैठ जाती थी.. आज मैंने देखा कि वो आज एकदम नंगी ही डाइनिंग हॉल में घूम रही है और पापा मेरी बीवी की कमर में हाथ डालकर उससे कह रहे है.. संध्या तू साली इंडिया की पहली औरत होगी.. जिसे भगवान ने इतना सेक्सी फिगर दिया.. इसे कपड़ो में क्यों छुपाकर रखती है? आज से तू और तेरी सास दोनों घर पर नंगी रहा करो और अब हम सब कुछ घर पर ही करेंगे.. बाहर होटल में नहीं और फिर उसके बाद अब हम एक साथ ही घर पर चुदाई करते है.. लेकिन आज एक साल बाद मेरी माँ को भी एक बेटी और मेरी वाईफ को भी एक बेटी हो गयी है.. लेकिन उन दोनों को नहीं पता कि मेरी बहन मेरी बेटी है और मेरी बेटी मेरी बहन है.
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