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पड़ोसन आंटी की रसीली चूत
हैल्लो दोस्तों.. में इस साईड का नियमित पाठक हूँ और ये मेरी पहली कहानी है.. जो में आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ. ये मेरी सच्ची कहानी है. में 25 साल का हूँ और में एक प्राइवेट कम्पनी में इंजिनियर हूँ. मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता है.. जिसमे चार लोग है अंकल, आंटी और उनके दो बच्चे. उनका हमारे परिवार के साथ काफ़ी अच्छा रिलेशन है और जो आंटी है.. वो 38 साल की है और उनका नाम भावना है. उनका फिगर 38-30-40 है और वो दिखने में भी काफ़ी सुन्दर है.. पहले मैंने उनके बारे में कभी ग़लत नहीं सोचा था.. लेकिन दो तीन बार जब से मैंने उनको गार्डन में घूमते देखा है.. तब से में उनका दीवाना हो गया हूँ.
तो दोस्तों.. एक दिन की बात है.. जब में जॉब से घर आया और घर के साईड में जो झूला है.. में उस पर बैठा था. अचानक मेरी नज़र पड़ोस वाली आंटी पर पड़ी.. वो गार्डन में झुककर कुछ काम कर रही थी.. उन्होने कुर्ता पहना हुआ था. झुककर काम करने की वजह से उनके स्तन बिल्कुल साफ दिख रहे थे.. क्या बताऊँ आपको. दोस्तों क्या स्तन थे उनके? बड़े बड़े.. में तो देखता ही रहा. इतने में शायद उन्होने मुझे देख लिया था.. लेकिन उन्होने कुछ नहीं कहा.
आंटी को मेरे साथ बात करना अच्छा लगता था.. वो कई बार ऐसे अकेले में मेरे साथ बातें किया करती थी.. लेकिन उस दिन के बाद मेरा तो उन्हे देखने का अंदाज ही बदल गया. अब में बार बार उनसे बातें करने का और उनके स्तन देखने का बहाना देखता रहता था.
ऐसे ही कई दिन बीत गये.. लेकिन एक दिन ऐसा आया कि कुछ अलग होने वाला था. स्कूल में छुट्टियाँ होने के कारण आंटी के बच्चे उनके मामा के यहाँ गये हुये थे और अंकल भी कम्पनी के काम से 3-4 दिन आउट ऑफ टाउन गये थे.. तो उस दिन आंटी मेरे घर आई और मेरी माँ से कहा कि में घर पर अकेली हूँ.. तो 2-3 दिन अजय को मेरे घर सोने भेज दीजिये ना प्लीज.. मुझे अकेले में डर लगता है.. हमारे परिवार में काफ़ी अच्छा रिलेशन था तो माँ ने हाँ कर दी. में जब शाम को जॉब से लोटा..
माँ ने कहा कि आज से 2-3 दिन तक तू आंटी के यहाँ सोने चले जाना. मेरे मन में तो लड्डू फूटने लगे.. में खुश हो गया और रात को खाना खाकर आंटी के घर चला गया. आंटी के घर जाकर डोर बेल बजाई.. आंटी ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर बुलाया. आंटी टी.वी. देख रही थी.. तो में भी टी.वी. देखने लगा. थोड़ी देर टी.वी. देखने के बाद हमे नींद आने लगी.. तो आंटी ने कहा कि चलो सो जाते है.. तो मैंने कहा ठीक है और हम उनके बेडरूम में चले गये. आंटी बेड पर लेट गई तो मैंने पूछा कि में कहा सोऊंगा? तो आंटी बोली कि यहीं पर सो जाओ ना.. तो में भी उनके बगल में सो गया.
थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि आंटी सो गई है.. मुझे नींद नहीं आ रही थी और मन में आंटी को चोदने के बारे में विचार चल रहे थे. उतने में आंटी ने करवट बदली और मेरी और हो गई. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना एक हाथ उनके ऊपर रख दिया. थोड़ी देर के बाद जब आंटी ने कुछ नहीं किया तो मैंने अपना एक पैर उनके पैरो पर रख दिया.
फिर धीरे धीरे सहलाने लगा और फिर धीरे से मैंने अपने होठ आंटी के गर्म होठों के पास ले गया और धीरे से उन्हें चूम लिया.. आंटी तब भी नहीं जागी और पता नहीं कैसे मुझे भी नींद आ गई. सुबह में जब उठा तो आंटी उठ चुकी थी. में भी उठकर अपने घर जाने लगा.. तो सामने आंटी मिली और उन्होने मुझे एक शर्त भरी नज़रो से देखकर स्माईल दी. में कुछ समझ नहीं पाया और घर चला गया.
फिर शाम को जब में आंटी के घर सोने गया तो अंदर जाकर मैंने देखा कि आंटी ने एक सिल्की नाईटी पहनी हुई थी.. जिसमें से उनके स्तन की गली दिख रही थी. हम टी.वी. देखने लगे.. उतने में आंटी ने मुझसे पूछा कि अजय तुम शादी कब कर रहे हो? तो मैंने कहा कि आंटी अभी कहाँ.. अभी तो में छोटा हूँ. तो आंटी ने कहा कि मुझे पता है.. तुम कितने छोटे हो. में कुछ समझा नहीं और मैंने उनसे पूछा की क्या मतलब? तो वो बोली कि कल रात मुझे सब पता चल गया कि तुम्हारी शादी करवानी पड़ेगी.
में समझ गया कि आंटी सब जानती है कल रात के बारे में. फिर मैंने भी मौका देखकर चौका मारा और आंटी से कहा कि आप करवाइये ना मेरी शादी.. तो आंटी ने कहा कि में कहाँ से तुम्हारी शादी करवाऊंगी.. तो मैंने कहा कि अच्छा तो फिर जब तक मेरी शादी ना हो तब तक आप मेरी बीवी बन जाओ.. तो आंटी ने थोड़ी देर सोचकर कहा कि ठीक है.. चलो जब तक तुम्हारी शादी नहीं हो जाती में तुम्हारी बीवी बनकर रहूंगी.. लेकिन तुम्हे वो सब करना पड़ेगा जो एक पति और पत्नी करते है. फिर मैंने कहा क्यों नहीं आंटी.. में तो कब से ये सब करने के बारे में सोच रहा था और मैंने आंटी को अपनी बाहों में ले लिया और उनके चेहरे को चूमने लगा.
फिर उनके रसीले होठों को चूमने चाटने लगा और वो भी धीरे धीरे गर्म हो रही थी.. धीरे धोरे मेरा साथ देने लगी. कुछ 10 मिनट तक किस करने के बाद आंटी मुझे बेडरूम में ले गई और मुझे बेड पर धक्का देकर गिरा दिया और मेरे ऊपर चड़ गई और मुझे ऊपर से नीचे तक चूमने लगी और मेरे सारे कपड़े उतार दिये. अब में सिर्फ़ चड्डी में उनके सामने था.
फिर मैंने उनको उठाया और उनकी नाईटी उतार दी.. उन्होने ब्रा नहीं पहनी थी. में तो उनके स्तन देखते ही पागल सा हो गया और उन पर टूट पड़ा.. में आंटी के बूब्स को दबाने और चूसने लगा और वो भी मौन करने लगी.. आहह ओह वॉववववव और चूसो और चूसो और में पागलों की तरह उनके बूब्स चूसे जा रहा था.. अब आंटी भी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी तो वो भी मेरी पीठ को अपने हाथों से सहलाने लगी और सहलाते सहलाते वो मेरे लंड तक पहुँच गई और रुक गई.
फिर मैंने पूछा क्या हुआ आंटी? तो उन्होने कहा ये क्या है? तो मैंने कहा कि आप खुद ही देख लीजिये (तब मेरा लंड पूरा तन चुका था और चूत मारने के लिये तड़प रहा था) और आंटी ने धीरे से मेरी चड्डी निकाल दी और वो मेरा 7 इंच का लंड देखकर चौंक गई. आंटी मुझसे पूछने लगी कि अजय आज तक तुम कितनी चूत फाड़ चुके हो? तो मैंने कहा एक भी नहीं.. तो आंटी खुश हो गई और मेरे लंड को सहलाने लगी और कहने लगी कि कितना लंबा और मोटा लंड है तुम्हारा. तुम्हारे अंकल का इतना मोटा नहीं है.
फिर आंटी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.. क्या बताऊँ यारों वो क्या अनुभव था. में तो जैसे जन्नत में पहुँच गया था. फिर 10-15 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद वो मेरे ऊपर बैठ गई और अपनी चूत मेरे मुँह के पास लाकर रख दी और अपने हाथों से मुझे इशारे करने लगी.. उसकी चूत को चाटने से पहले मैंने उनकी चूत को सूंघकर मज़े लिये.. क्या खुशबू थी यार.
फिर मैंने अपनी जीभ को धीरे से उनकी चूत पर लगाया.. मेरे जीभ लगाते ही आंटी उछल पड़ी. फिर मैंने भी उनके पैर पकड़ लिये और उनकी चूत चाटने लगा.. वो तो जैसे पागल ही हो गई और मौन करने लगी.. आइसस्स्स्स्स ऊहह करीब 8-10 मिनट उनकी चूत चाटने के बाद वो मेरे ऊपर से उठी और सीधी सो गई. फिर मुझसे कहा कि मेरे राजा अब मुझसे रहा नहीं जाता.. मुझे चोद दो प्लीज.
फिर मैंने भी उनको थोड़ा तड़पाने के लिये कहा. आंटी मुझे तो नींद आ रही है.. में सो जाऊं.. तो आंटी गिड़गिडाने लगी और कहने लगी.. प्लीज अजय ऐसा मत करो.. मुझे ऐसे अधूरा मत छोड़ो. फिर मैंने कहा कि आंटी एक बार फिर मेरा लंड मुँह में लेकर मस्त कर दो. फिर में आपकी चूत मारता हूँ. आंटी तुरंत ही मेरे लंड को चाटने और चूसने लगी और मेरे लंड को लोहे की रोड़ बना दिया.
अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. फिर मैंने आंटी को सीधा सुलाया और उनकी टाँगे चौड़ी कर दी और उनकी चूत के मुँह पर अपना लंड रखकर सहलाने लगा. आंटी बोली कि प्लीज अजय और मत तड़पाओ अपनी आंटी को.. मुझे जल्दी से चोद दो. फिर मैंने अपने लंड की पोजिशन बनाई और एक हल्का सा झटका मारा.. तो मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया और आंटी चीख पड़ी. फिर मैंने पूछा क्या हुआ? तो वो बोली कि इतना बड़ा लंड पहली बार मेरी चूत में गया है.. तो दर्द हो रहा है.. लेकिन तुम मत रूको.. करते रहो प्लीज. फिर मैंने भी धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया.
फिर धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी तो आंटी तो पागल हो गई और मौन करने लगी.. ज़ोर से चोदो मुझे अजय और ज़ोर से अपनी आंटी की चूत फाड़ डालो आज. करीब 20 मिनट तक झटके मारने के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था.. तो उन्होने मुझे कसकर पकड़ लिया और नीचे से अपनी गांड उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और आंटी की चूत में मेरा वीर्य निकल गया. थोड़ी देर में ऐसे ही पड़ा रहा. फिर आंटी से लंड चूसने को कहा.. तो वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगी और फिर से मेरा लंड तन गया और लोहे की रोड़ जैसा हो गया.
अब की बार आंटी मेरे ऊपर चड़ गई और अपनी चूत में मेरा लंड घुसाकर मुझे चोदने लगी. क्या बताऊँ यारो? क्या मज़ा आ रहा था. फिर 15 मिनट के बाद आंटी झड़ गई और में भी झड़ गया. फिर हम दोनों साथ में नहाने गये.. वहां भी मैंने आंटी को दो बार चोदा. फिर हम लोग सो गये और सुबह जब में उठा तो आंटी सो रही थी. फिर मैंने उनके बूब्स दबाकर एक लिप किस करके उन्हे जगाया.. तो उनकी हालत कुछ ठीक नहीं लग रही थी.. वो थकी हुई लग रही थी. फिर मैंने उनको उठाया और फिर में अपने घर चला गया. उस दिन से आज तक जब भी हमे मौका मिलता है.. हम लोग खूब चुदाई का खेल खेलते है.
कुँवारी गर्लफ्रेंड की भयानक चुदाई
हैल्लो फ्रेंड्स.. मेरा नाम साहिल ख़ान है और में दिल्ली से हूँ. मेरी उम्र 26 साल है और में एक डॉक्टर हूँ. में अभी तक कुंवारा हूँ और सेक्स में बहुत दिलचस्पी रखता हूँ. मेरी हाईट 6 फीट 3 इंच है और में गोरा हूँ.. मेरा लंड लगभग 7 इंच का है और 2.7 इंच मोटा है. में अभी तक लगभग 8 लड़कियों को चोद चुका हूँ और मेरा यकीन मानो.. उनकी चूत की मैंने चोद चोदकर बुरी हालत की है और अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ. यह स्टोरी तब की है.. जब में 19 साल का था.
मेरे स्कूल में एक लड़की थी अनु जो कि मेरी गर्लफ्रेंड भी थी.. वो बहुत सेक्सी थी. उसका फिगर 34-28-36 था. वो काफ़ी गोरी थी. सब दोस्त मुझसे बोलते थे कि तुझे तो परी जैसी गर्लफ्रेंड मिली है. वो मुझसे बहुत प्यार करती थी.. लेकिन में तो उसके जिस्म का दीवाना था. उसको देखकर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था. हम जब भी घूमने जाते.. तो में उसको किस करता और उसके बूब्स दबाता. उसको भी अब मज़ा आने लगा था. हम रात-रात भर फोन पर बात करते और कई बार फोन सेक्स भी करते थे.
एक रात जब हम फोन सेक्स कर रहे थे.. तो मैंने उससे बोला कि अनु मुझे रियल सेक्स करना है.. तो उसने मना कर दिया.. लेकिन मेरे ज़ोर देने पर वो मान गई. मैंने उस रात उसके साथ बहुत फोन सेक्स किया.. वो भी सेक्स के लिए पागल हो रही थी. अगले दिन मैंने उसको बताया कि हम कल मेरे चाचा के फार्म हाऊस पर जायेंगे और रात तक वापस आयेंगे.. क्योंकि मेरे चाचा लन्दन में है और उनके फार्म हाऊस पर कोई नहीं रहता है और उसकी चाबी भी हमारे पास ही होती है.
मैंने और उसने घर पर बहाना बनाया कि हमारे स्कूल में प्रोग्राम है.. तो हम शाम को लेट घर पहुँच पायेंगे. मैंने उसको बाहर सड़क पर इंतज़ार करने को बोला.. में घर से गाड़ी लेकर निकला और उसको बैठाकर फार्म हाऊस जाने लगा. रास्ते में कार में मैंने उसको किस किया, उसकी चूचीयाँ दबाई.. वो घर से टी-शर्ट लाई थी. उसने मेरे सामने अपनी स्कूल की शर्ट निकाली और वो पहनी. मैंने उसको स्कर्ट निकालने को बोला.. लेकिन वो नहीं मानी.
मैंने अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट में डाला और उसकी चूत को सहलाने लगा.. वो मदहोश होने लगी और उसका पानी निकल गया. तभी हम फार्म हाऊस पहुंचे. हमने दरवाज़ा खोला.. वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराई. मैंने दरवाज़ा बंद किया और झट से उसको दिवार के साथ सटा कर लिप किस करने लगा.. उम्माअहममा उसके हाथ मेरे बालों में थे और मेरे हाथ उसकी गांड पर थे.
लगभग 30 मिनिट तक हमने किस किया.. उसके बाद में उसको गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और बेड पर लेटा दिया और फिर से उसको किस करने लगा. फिर मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी और उसकी स्कर्ट भी ऊतार दी. अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी. मैंने उसकी आँखों पर किस किया.. फिर गालों और फिर होंठ, कान, को किस किया और उसकी नाभि को भी किस करने लगा.. वो पागल हो रही थी. वो बोलने लगी कि प्लीज़.. मुझे चोदो, मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा है. लेकिन मेरा प्लान तो कुछ और ही था. में उसको तड़पाना चाहता था.
मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और उसके निपल को चूसने लगा और गोल गोल निप्पल के आस पास चाटने लगा.. उसकी सफ़ेद पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी. में एक साईड से बूब्स चूस रहा था और दूसरी साईड से उसके दूसरे बूब्स को दबा कर रहा था. उसके दोनों बूब्स को में पागालों की तरह चूस कर रहा था और उन पर दातों से काट रहा था.. वो चिल्लाने लगी कि मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने उसको एक जोर का थप्पड़ मारा और बोला रांड आज तो तेरी चूत फाड़कर ही जाऊंगा. उसकी निपल को दांतों में लेकर खींचने लगा.. वो चिल्ला रही थी और बोलने लगी कि मुझे चोदो साहिल. अब में बूब्स को दोनों हाथों से मसल रहा था और मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा जो कि अभी तक पेंटी से ढकी हुई थी. मैंने एक झटके में उसकी पेंटी फाड़ दी.. उसकी गुलाबी कलर की चूत एक दम क्लीन शेव थी. मैंने उसके पैर पर अपने पैर रखे और उसके चूत के दाने को चूसने लगा.. वो बहुत ज्यादा पागल होने लगी और चिल्लाने लगी. मुझे चोदो मेरी चूत की खुजली मिटा दो मेरी चूत को अपने लंड से ठंडा करके फाड़ो.. मेरी चूत साहिल. में उसके चूत के दाने को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.. वो मेरे मुँह को अपनी चूत में दबाने लगी.
मैंने उसकी चूत के छेद पर अपनी जीभ रखी और उसको चाटने लगा.. उमाह्ह्ह्ह और अपनी जीभ उसकी चूत के छेद में घुसा दी.. चूत अंदर से काफ़ी गीली थी. में उसको चूसने लगा और वो फिर से झड़ गई.. वो अभी तक लगभग 6 बार झड़ चुकी थी.
में उसको 15 मिनिट तक जीभ से चोदने लगा और उसका सारा पानी पी गया. अब में उठा और उससे लंड चूसने को बोला.. वो नहीं मानी और बोली कि यह बहुत बड़ा है.. मेरे मुँह में नहीं आयेगा. मैंने उसको फिर से थप्पड़ मारा और मुँह में लंड घुसा दिया.. लंड सीधा उसके मुँह के आखरी तक चला गया. उसका दम घुटने लगा.. लेकिन मैंने बहुत देर तक अपना लंड उसके मुँह में डाले रखा. अब उसको भी मज़ा आने लगा था और वो मेरे लंड को चाटने लगी. मैंने उसको बेड की एक साईड पर लटका कर रखा और लंड उसके मुँह में डालकर उसके मुँह को चोदने लगा.. लंड सीधा उसके गले तक घुसता और बाहर निकलता. इस तरह से मैंने उसके मुहं को चोदा. फिर भी मैंने अपना वीर्य उसके मुँह में नहीं डाला. मैंने तो वो उसकी चूत के लिये रखा था. अब वो उठी और बोली कि अब मुझसे सहन नहीं होता.. प्लीज मुझे चोदो. में बोला कि ठीक है.. लेकिन तू अपने आप को पहले गाली दे और मुझसे चुदवाने कि भीख माँग.
फिर उसने वैसा ही किया.. वो अपने घुटने के बल बैठकर बोली कि साहिल मेरे मालिक.. मुझे कुत्तिया की तरह चोदो.. में तुम्हारी रखेल हूँ. मुझ रंडी को इतना चोदो कि मेरी चूत फट जाये.. में तुम्हारी गुलाम हूँ. तुम मुझे अपनी रंडी बना लो. मैंने उसके मुँह पर थूककर बोला ठीक है मेरी रांड आज में तेरी हालत इतनी खराब करूँगा कि तू ठीक से चल भी नहीं पायेगी.. वो मेरे थूक को चाटते हुये बोली ठीक है मेरे राजा चोद अपनी कुत्तिया रानी को.. में तो तेरी कुत्तिया और रखेल हूँ. तू जो चाहें मेरे साथ कर. मैंने उसकी टाँगे अपने कंधो पर रख ली और अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और थोड़ा सा रगड़ा..
वो बोली डालो अब में और इंतज़ार नहीं कर सकती. मैंने उसको तड़पाते हुये अपना लंड उसकी चूत की लाईन पर रगड़ने लगा.. वो बोली प्लीज मेरी जान डालो. अब मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और हल्का सा धक्का दिया. लंड का अभी टोपा ही अंदर गया था कि अनु के मुँह से चीख निकल गई.. वो बोली मुझे दर्द हो रहा है. मैंने एक और तेज धक्का मारा तो लंड का टोपा उसकी टाईट चूत में घुस गया. उसके मुँह से बहुत तेज़ चीख निकली चूत से बहुत सारा खून निकलने लगा. मैंने लंड बाहर निकाला.. तो देखा कि मेरे लंड पर भी काफ़ी खून था. अनु रोने लगी और बोली मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उसको एक थप्पड़ मारा और बोला साली रंडी चुपचाप लंड अंदर ले.
मैंने फिर से लंड उसकी चूत के छेद में रखा और एक बहुत ज़ोरदार धक्का मारा. इस टाईम आधा लंड चूत में घुस गया. सारे बेड पर खून ही खून था. वो चिल्ला रही थी और रो रही थी. में कुछ देर रुका और उसके बूब्स प्रेस किए.. जब तक कि वो शांत ना हुई. अब मैंने फिर से लंड बाहर निकाला और उसकी टी-शर्ट से साफ किया.. वो सारा खून से भीगा था. अब मैंने फिर से उसकी चूत पर लंड रखा और एक और ज़ोरदार झटका दिया. इस टाईम लंड सीधा उसकी बच्चेदानी तक घुस गया.. वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई.. में उसकी बच्चेदानी को अपने लंड पर महसूस कर रहा था. में थोड़ा रुका और थोड़ा इंतजार किया.
फिर में उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करने लगा.. उसका दर्द भी कुछ कम हो रहा था और उसको भी मज़ा आने लगा. में उसको अब ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा.. हर झटके के साथ मेरा लंड उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था.. वो भी अब अपनी चूत उछाल उछाल कर मेरे लंड पर मार रही थी. मैंने लगभग 1 घंटा लगातार उसको चोदा.. में उसके बूब्स को हाथों से मसल रहा था. उसके बूब्स पर मेरे हाथों के निशान बन गये थे और उसकी चूत फूल गई थी. फिर हम एक साथ झड़ गये.. में उसके ऊपर ही गिर गया. हमने 2 घंटे तक नींद निकाली जब हम उठे.. तो अनु ने बोला कि में वॉशरूम जाती हूँ.
फिर जब वो उठी.. तो वो ठीक से थोड़ा सा चल भी नहीं पा रही थी.. वो मुझे देखकर बोली कि तुमने तो मुझे चलने के लायक भी नहीं छोड़ा और मुझे सड़क कि कुत्तिया की तरह चोदा. जब वो बाथरुम गई तो में भी उसके पीछे पीछे गया. वो पेशाब कर रही थी. जब में अंदर आया.. तो वो बोली पेशाब तो करने दो. तो में बोला कि पेशाब मुझे भी करना है वो बोली.. तो करो. में बोला मुझे तुम्हारे मुँह में करना है. वो बोली नहीं नहीं.. तो मैंने उसको एक चांटा मारा और उसको टायलेट सीट पर लंड चूसने को बोला.. वो लंड चूसने लगी. मैंने अपने पेशाब की धार उसके मुँह में निकाल दी. उसका मुँह मेरे पेशाब से भर गया. उसने लंड बाहर निकाला.
मैंने उसके पूरे चेहरे और पूरे जिस्म पर पेशाब किया.. फिर उसके मुँह में लंड डाल के लंड चूसने को बोला और वो चूसने लगी. फिर हम दोनों ने एक साथ शावर लिया और शावर के नीचे भी मैंने उसको चोदा. अब में उसको बेडरूम में ले आया.. वो बोली कि अब घर चलें? में बोला कि अभी नहीं.. अभी तो तेरी गांड भी मारनी है. वो बोली नहीं गांड नहीं.. मुझे दर्द होगा. में नहीं माना और उसकी गांड पर 7-8 थप्पड़ मारे.. वो चिल्लाई. मैंने उसको कुत्तिया बनने को कहा और अपना लंड उसकी गांड पर रखा और बहुत सारा थूक लगाकर एक झटका दिया तो मेरा लंड उसकी गांड में घुस गया.. वो ज़ोर से चिल्लाई.
मैंने लंड बाहर निकाला और फिर से एक झटके में लंड अंदर घुसाया.. उसकी गांड के छेद से थोड़ा सा खून भी निकलने लगा था. अब में उसको डॉगी स्टाईल में चोद रहा था. तूफ़ानी स्पीड के साथ सारे कमरे में तपाक तपाक की आवाजें आ रही थी.. वो चिल्ला रही थी कि और ज़ोर से चोदो. लगभग 30 मिनिट चोदने के बाद में उसकी गांड में झड़ गया. मैंने लंड बाहर निकाला और उसको चाटने को बोला. उसने लंड चाटकर साफ कर दिया. अब मैंने लंड फिर से उसकी चूत में डाला और फिर से चोदा. फिर लगभग रात 8 बजे तक मैंने उसकी 6 बार चूत और गांड चोदी.. उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी. उससे चला भी नहीं जा रहा था. फिर हम 8 बजे वहाँ से निकले और 9 बजे तक घर पहुंचे.
रंडी बहन पकड़ी गई
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राजीव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. में एक सीधा साधा सा दिखने वाला लड़का हूँ.. मुझे सेक्स का बहुत शौक है और में जब भी अपनी सभी कामों से फ्री होता हूँ तो में वेबसाईट पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ.. जिसको में आप सभी को सुनाने की बहुत समय से सोच रहा था.. लेकिन मुझे अब लिखने का समय मिला और अब में थोड़ा अपने परिवार का परिचय आप सभी से करा देता हूँ.
दोस्तों मेरे घर में मेरी मम्मी में और मेरी बड़ी दीदी रहती है.. मेरी उम्र 22 साल है और मेरी दीदी की उम्र 26 साल है. में एक प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और काम के लिए सुबह जल्दी घर से निकल जाता हूँ.. मेरा पापा का अपना एक बिजनेस है और अब कुछ समय पहले पापा की म्रत्यु होने के बाद में खुद उसे चला रहा हूँ. तो में हर सुबह घर से 9 बजे निकल जाता हूँ और घर पर 11 बजे तक आ जाता हूँ और मेरी मम्मी की बहन (मतलब मेरी मौसी) हमसे एक घंटे की दूरी पर रहती है.
तो घर पर अकेले होने के कारण मम्मी ज़्यादातर मौसी के घर चली जाती है.. लेकिन मेरी बहन घर पर पूरा दिन एकदम अकेली रहती है. मेरी बहन का नाम सलोनी है और वो थोड़ा सावले रंग की है.. लेकिन उसकी कमर, फिगर बहुत मस्त है और वो एक बहुत सुंदर दिखने वाली लड़की है. उसके पीछे बहुत लड़के पड़ते है और वो भी उन लड़कों से मोबाइल पर घंटों बात करती रहती है.. लेकिन मैंने कभी भी उनसे उस बारें में कुछ नहीं कहा.
एक दिन में सुबह उठकर अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हुआ और फिर मम्मी ने कहा कि आज वो अपनी बहन के घर पर जाएगी और में तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल पड़ा. तो मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि ऑफीस में कुछ ज़्यादा काम नहीं था इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना आज में घर जल्दी चला जाऊँ और कोई अच्छी फिल्म देख लूँ. तो में जल्दी घर के लिए निकल पड़ा और घर के दरवाजे की एक चाबी मेरे पास भी थी.
तो में घर पर आया और वो दोपहर का टाईम था.. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी सो रही होगी में उसे नींद से उठाकर परेशान नहीं करूँगा और फिर मैंने धीरे से दरवाजा खोला और घर के अंदर घुसते ही मुझे कुछ अजीब आवाजें आने लगी.. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी बेडरूम में टीवी देख रही होगी और हो सकता है कि यह उसी की आवाज हो?
मैंने उस आवाज पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और में अपने कमरे में पहुंचकर कपड़े बदले लगा और फिर में कपड़े बदल कर अचानक से अपनी दीदी के बेडरूम में चला गया.. लेकिन दीदी के बेडरूम का वो नज़ारा देखकर मेरी आखें खुली की खुली रह गयी. मैंने वहां पर देखा कि मेरी दीदी अपने बेड पर पड़ी हुई है और उन्होंने अपने दोनों पैरों को फैलाया हुआ है और वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थी. तो यह सब देखकर मेरा लंड बहुत बुरी तरह से तनकर खड़ा हो गया और मेरे पूरे शरीर में एकदम जोश आ गया और में दरवाज़े के कोने से उन्हें देख रहा था और अपने लंड को सहला रहा था और अब कुछ देर बाद मैंने अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया.
फिर कुछ मिनट बाद उन्होंने अपनी स्पीड बड़ा दी और फिर वो झड़ गई और एकदम शांत होकर बेड पर पड़ी रही और उनकी चूत से रस बहता हुआ बाहर आने लगा. दोस्तों उन्हे इस हालत में यह सब करता हुआ देखकर एक बार तो मैंने सोचा कि में अभी जाकर अपनी दीदी को जबरदस्ती पकड़कर चोद डालूं.. लेकिन उस वक्त मैंने अपनी भावनाओ को काबू में रखा और उस पल को हमेशा याद रखने के लिए मैंने उसका वीडियो बना लिया और अब में हर रात को सोते समय उस वीडियो को देखकर अपना लंड हिलाता हूँ और मुठ मारकर अपने लंड को शांत करता हूँ. दोस्तों जब से मैंने अपनी दीदी को उस हालत में वो सब करते हुए देखा है.. तब से में उसे चोदने की तरकीब ढूँडने लगा और मैंने कई बार अपनी मम्मी की गैर हाज़री में दीदी को अपनी तरफ कई बार आकर्षित करने की कोशिश की.. दोस्तों में कभी कभी अंडरवियर में अपना लंड खड़ा करके दीदी के पास खड़ा हो जाता.. लेकिन उससे कुछ खास काम नहीं बना.
फिर एक दिन मेरी मम्मी फिर से अपनी बहन के घर जाने वाली थी और उस दिन मैंने ऑफिस से घर पर जल्दी आने का प्लान बनाया और फिर में उस दिन की तरह घर पर जल्दी आ गया. तो जब में अपनी बिल्डिंग में लिफ्ट की तरफ जा रहा था.. तब मेरी सोसाइटी के एक बच्चे ने मुझसे बोला कि यह लिफ्ट खराब है और वॉचमेन उसे ठीक करने के लिए छत पर गया हुआ है.
दोस्तों हमारा घर आखरी मंजिल पर है और बिल्डिंग एकदम नई थी.. इसलिए बहुत कम लोग ही लोग उसमे रहने आए थे. फिर में सीड़ियों पर चलता हुआ अपने घर पर पहुंच गया और मैंने वहां पर पहुंच कर बहुत धीरे से घर का दरवाज़ा खोला और अंदर घुसते ही मुझे उस दिन की तरह वही आवाज़ आ रही थी. तो मैंने सोचा कि शायद दीदी आज फिर से अपनी चूत में उंगली डाल रही है? तभी मैंने एक नाटक करने के बारे में सोचा और मैंने अपने कपड़े खोले और पूरा नंगा होकर अपनी बहन के बेडरूम में अंजाने में जाने का प्लान बनाया और फिर में वैसे ही चला गया. तो आज जब में कमरे के अंदर गया तो नज़ारा और भी चौंकाने वाला था.
दोस्तों मेरी रंडी बहन अपने दोनों पैरों को फैलाए हुए बेड पर पड़ी हुई थी और वो वॉचमेन नीचे जमीन पर खड़ा हुआ अपना लंड मेरी रंडी बहन की चूत में डालकर ज़ोर ज़ोर से धक्के दे रहा था और यह सब देखकर मेरा लंड तो एकदम खड़ा हो गया.. लेकिन अब मुझे बहुत गुस्सा भी आ रहा था कि वो वॉचमेन मेरी बहन की चूत मारकर जा सकता है और अब तक में कुछ नहीं कर पाया. फिर मेरी बहन की चूत में वॉचमेन करीब एक घंटे तक लंड डालता रहा.. वो उनकी चूत पर ताबड़तोड़ धक्के दे रहा था और वो नीचे पड़ी पड़ी सिसकियाँ ले रही थी. तभी अचानक से उसने अपनी स्पीड और बड़ा दी और कुछ धक्को के बाद उसने अपना वीर्य मेरी बहन की चूत में डाल दिया और वो सब चुदाई के द्रश्य मैंने अपने मोबाईल में रिकॉर्ड कर लिए थे.
फिर में कमरे से बाहर आकर अपने कपड़े पहनकर जल्दी से घर के बाहर चला गया और जब वॉचमेन मेरे घर से बाहर निकल गया.. तब मैंने अपने घर की घंटी बजाई और मेरी दीदी ने दरवाज़ा खोला और वो मुझे देखकर एकदम चकित हो गई.. लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और में भी उसे देखकर समझ गया कि यह अपनी चुदाई से बहुत थक चुकी है.. वो उसके चेहरे से झलक रहा था.. उसके बिखरे हुए बाल और चेहरे का उड़ा हुआ रंग साफ साफ बता रहा था कि वो अभी अभी चुदकर आ रही है और फिर वो मेरे आगे आगे अपनी गांड मटकाती हुई चलने लगी और में उसके पीछे पीछे उसकी गांड को देखता हुआ अंदर चला आया. फिर मैंने थोड़ा नाश्ता किया और हॉल में दीदी और में साथ बैठकर फिल्म देखने लगे और मैंने सोच ही लिया था कि आज इस साली रंडी को में किसी भी हालत में जरुर चोदूंगा.
में टीवी देखते हुए एकदम से उठा और अपने बेडरूम में चला गया और कुछ देर के बाद सिर्फ़ अंडरवियर और बनियान में बाहर आया. फिर मैंने अपनी दीदी के थोड़ा पास आकर कहा कि मेरे पास एक बहुत अच्छी नयी फिल्म आई है और अब हम उसे देखेंगे तो उसने हाँ कर दिया.. लेकिन उसकी नजर मेरे खड़े हुये लंड पर थी और मेरी उसके बड़े बड़े बूब्स पर.. जो मुझे अपनी और आकर्षित कर रहे थे. तो मैंने फिल्म शुरू की.. पहले तो फिल्म ठीक ठाक चल रही थी.. लेकिन थोड़ी देर बाद उसमे गंदे गंदे सीन चालू हो गये और फिर धीरे धीरे उसमे चुदाई वाले सीन चालू हो गए.
मेरी बहन एकदम उठकर खड़ी हुई और वो बनावटी गुस्से में मुझसे बोली कि यह क्या बदतमीजी है? यह तुम मुझे क्या दिखा रहे हो.. में तुम्हारी बड़ी बहन हूँ और में यह सब गंदी चीज़े नहीं देखती और अभी के अभी यह सब बंद करो. फिर में उठकर खड़ा हुआ और मैंने सबसे पहले उसे अपनी चूत में उंगली डालने वाली वीडियो दिखाई.. वो उसे देखकर एकदम भड़क गयी और उसने मुझे एक जोरदार थप्पड़ लगा दिया और कहा कि तुम भी तो बाथरूम में जाकर अपना लंड हिलाते हो.. तुमने मेरा ऐसा वीडियो क्यों लिया? और हिलाते तो सब ही है और हाँ, में भी कभी कभी चूत में ऊँगली करती हूँ.. लेकिन मैंने कभी किसी के साथ सेक्स किया नहीं है. तो मैंने फिर उसे वॉचमेन से उसकी चुदाई वाली वो वीडियो दिखाई और फिर पूछा कि अब बोल साली रंडी तब तो पैर फैलाकर बड़े मज़े से लंड ले रही थी और जब मैंने कुछ सेक्स वाली फिल्म दिखाई तो मेरे ऊपर भड़क गयी? तो वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और मेरे पैरों पर गिर पड़ी और वो मुझसे माफ़ी मांगने लगी.. बोली कि प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो.. मैंने बहुत बड़ी ग़लती कर दी.
तो मैंने कहा कि में तुम्हें एक ही शर्त पर माफ़ करूँगा.. अगर तुम जो काम उस वॉचमेन के साथ कर रही थी वही काम मेरे साथ करो तो? तो यह बात सुनकर वो एकदम दंग रह गयी और मुझसे दूर जाकर खड़ी हो गयी. फिर उसने मुझसे कहा कि में उसका भाई होकर उसके बारें में ऐसा कैसे सोच सकता हूँ?
मैंने कहा कि जब तू उस वॉचमेन से पूरी तरह से जोश में आकर चुदवा रही थी.. तब तो तुझे बड़ा मज़ा आ रहा था ना? तो अब मुझसे चुदवाने में क्या प्राब्लम है? और में यह बात किसी को नहीं बताऊंगा और एक भाई, बहन का रिश्ता हम लोग घर के बाहर रखेंगे और घर में दिनभर चुदाई करते रहेंगे.. इसकी वजह से तुझे भी बाहर किसी और से चुदवाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और में घर पर ही तुझे चोदता रहूँगा.. इससे तेरा भी काम चलेगा और मेरा भी चलता रहेगा और इस तरह से बहुत देर तक समझने पर वो आख़िर समझ गई.. लेकिन उसने बोला कि हम चोदेंगे नहीं.. लेकिन सिर्फ़ एक दूसरे को मुठ मारने में मदद करेंगे.. तो मैंने कहा कि ठीक है.
फिर हम बेडरूम में आ गये.. पहले हमने घर की सभी खिड़कियों को बंद किया और उनके पर्दे लगा दिए.. फिर मैंने दीदी से कहा कि पहले तू अपने कपड़े उतार. तो वो रोने लगी और कहने लगी कि प्लीज़ तुम मेरे साथ ऐसा मत करो.. मुझे ऐसा करते हुए बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा.. लेकिन में उसकी कोई भी बात पर ध्यान नहीं दे रहा था और फिर मैंने सोचा कि क्यों ना में आज इसे चोद दूँ? क्योंकि फिर उसे चोदने का इससे अच्छा मौका मुझे कभी भी नहीं मिलेगा. तो में झट से उसके पास गया और उसकी शर्ट को खींचकर निकाल दिया और वो रोने लगी. फिर मैंने उसकी जींस को भी निकाल दिया और अब वो ठीक मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी..
मैंने फिर अपने कपड़े उतारे और में उसके सामने पूरा नंगा हो गया और उसके बहुत करीब गया और उसकी चूत का आकार उसकी पेंटी से पूरा साफ साफ दिखाई दे रहा था और उसके बूब्स के निप्पल भी अब उभर रहे थे और मेरा लंड तनकर खड़ा हो चुका था. तो मैंने उसकी पेंटी पर ही अपना लंड रगड़ना शुरू कर दिया और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर चिपकाना शुरू कर दिया. फिर सबसे पहले मैंने उसकी ब्रा को उतारा और उसके बूब्स देखकर में तो बिल्कुल पागल सा हो गया और मैंने तुरंत बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. में अपनी दीदी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा और वो रोती रही.. लेकिन मैंने उसपर थोड़ा भी तरस नहीं खाया और में अपना काम लगातार करता रहा.
फिर मैंने उसकी गांड पर पेंटी के ऊपर से ही अपना लंड रगड़ना शुरू कर दिया.. तो उसने मुझे रोका और कहा कि हमारे बीच यह तय हुआ था कि हम सिर्फ़ एक दूसरे के साथ मुठ मारेंगे.. तो तुम अब अपना लंड मेरी चूत में क्यों डाल रहे हो? तो मैंने कहा कि ठीक है तो तू अपनी पेंटी को उतार और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर मुठ मार. फिर उसने धीरे से अपनी पेंटी को उतारा.. वाह क्या चूत थी? मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था और हम दोनों बेड पर बैठ गये और वो मेरा लंड अपने हाथ में पकड़कर हिलाने लगी.
दोस्तों मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि में अपनी बहन के साथ ऐसे बिल्कुल नंगा बैठकर उसके हाथ से अपनी मुठ मारवाऊंगा और फिर जब वो मेरा लंड हिला रही थी.. तब मैंने उसकी चूत पर उंगली करना शूरु कर दिया. दोस्तों मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. लेकिन मेरी बहन ने रोने वाला चेहरा बना रखा था.
मैंने फिर उसके बाल पकड़े और उसका मुहं अपने लंड की तरफ लाया. तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? हमारी बात तो सिर्फ़ लंड हिलाने की हुई थी? तो मैंने कहा कि अब तुम मेरे लंड को अपने मुहं से हिलाओ.. लेकिन वो बैचारी क्या करती मजबूर थी. फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और लंड को चूसने लगी और मैंने उससे अपना लंड बड़े मज़े से चुसवाया.
फिर मैंने उसका सर अपने दोनों हाथों से पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसके मुहं में डालता रहा.. वाह क्या मज़ा आ रहा था? फिर मैंने अपना कंट्रोल खो दिया और उसको पकड़कर बेड पर पटक दिया. तो वो एकदम से डर गयी और अब मेरा लंड एकदम जोश में आ चुका था और मेरे लंड को उसकी चूत की ज़रूरत थी और में इतना खुश कभी नहीं था.. मेरी बहन मेरे सामने एकदम नंगी मजबूरी में लेटी हुई थी.
अब तो मुझे बस उसको चोदना था.. तो में अपना लंड उसकी चूत के पास ले गया.. लेकिन उसने मुझे धक्का मार दिया और वो बोली कि ऐसा मत करो भाई.. प्लीज़ में तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ. हमारे बीच बात तो सिर्फ़ मुठ मारने की हुई थी.. फिर तुम मुझे क्यों चोद रहे हो? तो मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके ऊपर गिर पड़ा.. मैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया. उसकी चूत पैर खुलने के बाद और भी मस्त लग रही थी और में बहुत बैताब था अपना लंड उसकी चूत में डालने को.
तभी उसने कहा कि भाई तुम तो मेरे छोटे भाई हो ना.. प्लीज़ अपनी बहन पर रहम करो.. मुझे मत चोदो. तुम मुझे बाद में चोद लेना.. क्योंकि आज मेरी चूत बहुत दुख रही है.. क्योंकि आज उस वॉचमेन ने मुझे दो घंटे से लगातार चोदा है जिसकी वजह से मेरी चूत तो बुरी तरह से सूज गयी है.. प्लीज़ भाई मुझे मत चोदो. तो मैंने कहा कि मेरा लंड तो अब खड़ा हो चुका है. तुम कुछ भी कहो.. में तो तुम्हे अभी चोदूंगा.. मुझे तुम्हारी चूत के दुखने से क्या? मतलब मुझे तो बस मज़ा करना है और यह बात बोलकर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो बहुत ज़ोरो से चीखने, चिल्लाने लगी.
तो मैंने अपने एक हाथ से उसका मुहं दबा दिया और दूसरे हाथ से उसके जिस्म को सहलाने लगा और नीचे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा और वो चिल्ला चिल्लाकर रोने लगी अहहआहह आईईईईईईईईईईई प्लीज़ भाई अपनी बहन को ऐसे मत चोद अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह मेरे प्यारे छोटे भैया आह्ह्ह उह्ह्ह्ह प्लीज छोड़ दो अपनी बड़ी बहना को. फिर मैंने उसे कम से कम एक घंटे तक चोदा और फिर मेरा वीर्य निकल गया और मैंने उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया और मुझे अपनी दीदी को चुदते हुए देखने में मज़ा आ रहा था.
फिर मेरी दीदी चुदकर बेड पर एकदम बेहोश पड़ी हुई थी और अचनाक किसी ने घर का दरवाज़ा खटखटाया और जब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो प्लमबर किसी काम से आया हुआ था. तो मैंने सोचा कि क्यों ना और भी मज़ा किया जाए? तो मैंने प्लमबर से बोला कि में बाहर जा रहा हूँ.. लेकिन मेरी दीदी बेडरूम में है. तुम जाकर उनसे काम के बारे में बात करो और में झूठा नाटक करके बाहर चला गया.
फिर जब प्लमबर बेडरूम में गया तो उसने देखा कि मेरी दीदी एकदम नंगी बेड पर लेटी हुई है और इस अच्छे मौके का फायदा उठाकर प्लमबर ने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और दीदी की चूत में घुसा दिया. तो दीदी और ज़ोर से चिल्लाने लगी और फिर में पीछे से आया प्लमबर मुझे देखकर एकदम डर गया.. तो मैंने उससे बोला कि भाई तुम मुझसे बिल्कुल भी घबराओ मत. में तो अकेला इस रांड को चोदते हुए बोर हो रहा था और इसलिए तुम्हें मैंने अंदर भेजा. अब चलो हम दोनों मिलकर मेरी बहन की एक साथ चुदाई करते है.
तो मेरी दीदी यह सब देखकर और भी डर गयी और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.. प्लमबर ने अपना लंड मेरी बहन की चूत में डाला और मैंने अपना लंड दीदी की गांड में डाला और करीब एक घंटे तक दीदी को हम दोनों ने मिलकर चोदा. मेरी बहन की चूत और गांड दोनों ही लाल हो चुकी थी. फिर कुछ देर बाद प्लमबर झड़ गया और कपड़े पहनकर चला गया और फिर थोड़े टाईम बाद मम्मी का फोन आया कि मम्मी आज और कल घर पर नहीं आएगी. मैंने उस दिन दीदी को पूरी रात चोदा.. फिर हम सो गये.. दूसरे दिन सुबह सुबह 4 बजे अचानक मेरी नींद खुल गई. तो में उठा और अपनी बहन को नींद में ही नंगा किया और उसकी गांड में लंड डालने लगा और मैंने दो दिनों तक अपनी बहन को अपनी रंडी बनाकर रख दिया. अब तो में दिन में 2 से 3 बार उसे चोदता हूँ और वो बैचारी चुपचाप मुझसे चुदवा लेती है.. लेकिन अब वो भी मेरी चुदाई से खुश होने गई है और हम दोनों बहुत मज़े करते है.
भाभी की तकलीफ़ दूर की
हैलो दोस्तों.. मेरा नाम राज है और में कर्नाटक से हूँ. ये स्टोरी मेरी और मेरी भाभी की है. उनका नाम शबाना है और उनकी उम्र 23 साल की है और मेरी उम्र 19 साल की है. मेरे घर में सिर्फ़ में भाभी और माँ रहते है. भाई दुबई में काम करते है और पापा भी हमेशा बेंगलोर में रहते है.
भाभी की शादी के 4 महीने के बाद भैया दुबई चले गये.. तो उसके बाद में और भाभी बहुत अच्छे दोस्त बन गये. एक दिन मेरी माँ बाहर गई हुई थी.. तो में भाभी के रूम में गया.. भाभी सो रही थी. मैंने जाकर उनको उठाया.. तो वो बोली की क्या हुआ राज? में बोला की भाभी कहीं बाहर चलते है.. तो भाभी बोली कि नहीं में नहीं आ सकती. में बोला कि प्लीज.. तो वो नहीं मानी. फिर में अकेला ही बाहर चला गया.. लेकिन तुरंत ही वापस आ गया. में सीधा ही भाभी के रूम में गया.. तो भाभी रो रही थी. मैंने पूछा भाभी क्या हुआ क्यों रो रही हो?
भाभी – कुछ नहीं ऐसे ही मन उदास है.
में – प्लीज.. बोलो ना क्या हुआ?
भाभी – तुमसे बोलने में अजीब लग रहा है.
में – में कुछ नहीं बोलूँगा प्लीज.. बोलो.
भाभी – मैंने आज नहाते वक़्त …
में – हाँ भाभी बोलो.
भाभी – में नहाते वक़्त अपने नीचे के बाल साफ़ कर रही थी तो …
में – बोलो क्या हुआ? भाभी
भाभी – वहां पर चोट लग गई.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
में – बस इतनी सी बात.. में अभी डिटोल लगा देता हूँ.
भाभी – नहीं उससे बहुत जलन होती है.
में – नहीं भाभी, कुछ नहीं होगा.. मैंने बोला ना कि कुछ नहीं होगा.
भाभी – अगर तुम्हारे भैया होते तो मेरा कितना ख्याल रखते.. में तो अब बिल्कुल अकेली हूँ.
में – क्यों ऐसा बोल रही हो भाभी.. में हूँ ना आपका ख्याल रखने के लिये. में वहां डिटोल लगा दूँगा.
भाभी बहुत मासूम थी. वो दर्द से बहुत तड़प रही थी.. ये देखते हुये में तुरंत उनके नज़दीक गया और उनकी नाईटी को ऊपर किया.. तो वो शरमा रही थी.. लेकिन में बहुत अच्छे दिल से उनकी मदद कर रहा था.. तो जब में उनकी चोट तक पहुँच गया तो मैंने देखा की चोट ब्लेड लगने से नहीं आई थी.. बल्कि उन्होंने कुछ अपनी चूत के अंदर डाला था इसलिये वो चोट आई थी.
में – भाभी आपने अपनी चूत में क्या डाला था?
भाभी – (रोते हुये बोली) सॉरी में आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी.
में – लेकिन.. तुमने आख़िर डाला क्या इसमें?
भाभी – मैंने टूथ ब्रश डाला.
में – लेकिन क्यों भाभी? आप क्यों ऐसा करते हो? ये ग़लत है.
मेरी ये बात सुनते ही वो बहुत उदास हो गई और हल्की सी रोने लगी. मैंने थोड़ा डिटोल उनकी चूत पर लगाया और वहां से निकल गया.. तो दो दिन तक वो बहुत नाराज़ और उदास थी. में सोच रहा था कि भाभी की तकलीफ़ कैसे दूर की जाये.. फिर 3 हफ्ते के बाद मुझे कॉलेज से छुट्टी मिली.. तो में भाभी को उनके गावं लेकर जा रहा था.. उनका गावं 180 किलोमीटर की दूरी पर था.. तो में उनके साथ बस में बैठ गया.
थोड़ी देर हमने बातें की और उसके बाद वो मेरे कंधे पर सर रखकर सो गई.. तो उनका हाथ मेरे लंड पर लगा.. फिर मेरा दिमाग़ खराब होने लगा. में बहुत सेक्सी मूड में आ गया.. तो मैंने भाभी की कमर में धीरे से हाथ डाला. वो बुरखे में थी तो हाथ बहुत फिसल रहा था. मैंने उनकी गांड पर धीरे से टच किया और धीरे से दूसरा हाथ बूब्स से टच किया.. तो उसी टाईम बस ने अचानक ब्रेक मारा तो मैंने घबराकर बूब्स प्रेस कर दिया और भाभी नींद से जाग गई.
भाभी – क्या हुआ क्या कर रहे हो?
में – भाभी वो बस अचानक रुक गई तो मेरा हाथ गलती से वहां चल गया.. सॉरी भाभी.
भाभी – कोई बात नहीं.
लेकिन में उन्हे चोदना चाहता था. बस में भीड़ बहुत हो गई. उस वक़्त बारिश का मौसम था और रास्तें में एक संदूर गावं आता है.. वहां पर जंगल जैसा एक बहुत बड़ा पार्क है. मैंने भाभी से पूछा कि हम यहाँ उतरते है और थोड़ा पार्क देखकर गावं जाते है.. तो वो मान गई.. में तारा नगर बस स्टॉप पर उतर गया और ऑटो से पार्क गये और छुट्टियाँ होने के कारण वहां कोई नहीं था. थोड़ा दूर तक चलने के बाद पानी आया तो मैंने भाभी से पूछा कि हम नहाते है यहाँ कोई नहीं है..
भाभी बोली कि नहीं. मैंने कहा तुम्हें मेरी कसम.. तो वो मान गई. पहले उन्होंने अपना बुरखा उतार दिया.. फिर में बोला कि भाभी आप साड़ी भी उतार दो.. यहाँ कोई नहीं है. सिर्फ़ ब्रा पेंटी में हो जाओ ना प्लीज.. तो भाभी बोली में नहीं नहा सकती. फिर मेरे बोलने के बाद वो मान गई और अपने कपड़े निकालने लगी. मेरा तो दिमाग़ खराब हो गया.. में भी सिर्फ़ अंडरवेयर में आ गया.. तो हम पानी में चले गये.
थोड़ी देर बाद में भाभी के नज़दीक गया और धीरे से उनके पीछे पीठ को टच किया.. मेरा लंड सीधा उनकी गांड पर टच हुआ वो बहुत डर गई और मुझे देखने के लिये पीछे पलटी.. तो में बोला भाभी आप बहुत सेक्सी हो में तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ.. तो वो अपनी आँखे बंद किये हुये कुछ नहीं बोल रही थी. में नज़दीक गया और उनके होठों पर किस किया और होंठो को चूसे जा रहा था.. तो भाभी ने मुझे गले से लगाया और किस करने लगी.. अभी भी हम पानी में ही थे.
फिर में उन्हे गोद में ले कर थोड़ी झाड़ियाँ थी.. वहां ले कर गया और उनकी ब्रा को थोड़ी नीचे किया और बूब्स को किस करने लगा.. वो मौन कर रही थी. फिर में उनकी पूरी छाती को चाटने लगा वो भी बहुत गर्म हो गई. फिर मैंने धीरे से अपना हाथ चूत पर रखा.. तो वो उछल पड़ी और मैंने उनकी पेंटी उतार दी. मैंने उनकी चूत पर हल्का सा किस किया तो वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी.. में पूरे जोश में उनकी चूत चाट रहा था.
फिर में उठा और बैठ गया और मेरा 7 इंच का लंड बाहर निकाला.. तो भाभी ने उसे धीरे से टच किया और नज़दीक आने लगी. में बहुत तड़प रहा था.. वो धीरे से मेरे लंड को किस करने लगी. थोड़ी देर बाद में उठा और वहीं पर भाभी को लेटा दिया और चूत पर थूक लगाने लगा और उसने मेरे लंड पर थूक लगाया और धीरे से लंड चूत में डाला.. तो वो अंदर नहीं जा रहा था.. क्योंकि मेरा पहला सेक्स था.. तो मैंने फिर ट्राई किया. फिर लंड थोड़ा अंदर गया.. तो मैंने एक जोरदार धक्का मारा.. तो भाभी चिल्ला पड़ी और तड़पने लगी.. इस तरह में उनको जोर से चोदने लगा और 20 मिनट बाद बिना बोले उनकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया.. तो वो बोली कि ये तुमने क्या किया? में तो अब प्रेग्नेंट हो जाउंगी. मुझे जल्दी मेडिकल ले जाओ.. वरना बहुत बड़ी प्रोब्लम हो ज़ायेगी.. तो मैंने जल्दी अपने कपड़े पहने और भाभी ने भी अपनी साड़ी पहनी. फिर हम पार्क से सीधा सिटी में गये और आई-पिल खरीदी और भाभी को खिलाई. उसके बाद हमने गावं जाकर बहुत मस्ती और खूब सेक्स किया.
ऑफिस वाली आंटी को पूरे दिन चोदा
हैल्लो फ्रेंड्स.. मैंने नई जॉब जॉइन की थी और मेरी पोस्टिंग ग्रेटर नॉएडा के ऑफीस में हुई थी. वहाँ पर करीब 25 लोगों का स्टाफ था.. करीब 5 लेडीस और 20 जेंट्स और में जेंट्स में सबसे कम उम्र का था. मेरी उम्र 22 साल थी.. वैसे कॉलेज के वक़्त मेरी कई गर्लफ्रेंड थी और बहुत बार सेक्स भी कर चुका था.. लेकिन पिछले करीब 6 महीने से सूखा था और लंड महाराज को चूत के दर्शन नहीं हुए थे. लंड किसी चूत से मिलने को तड़प रहा था और मुठ मार के ही काम चलाना पड़ता था. में 5 लेडीस में सबसे छोटी उम्र वाली को सेट करने के चक्कर में था. सबसे छोटी वाली लड़की की उम्र 19 साल थी और एकदम कच्ची कली थी.. ऐसा लगता था कि उसकी तो सील भी नहीं टूटी होगी. मैंने सबसे पहले उसी पर लाईन मारना शुरू किया और उससे अच्छी दोस्तीं भी हो गई थी.
एक दिन उसका पीछा करते-करते में नॉएडा तक गया.. तो देखा कि वो तो हमारे मैनेजर के साथ लगी हुई है. साले दोनों कार को अंधेरे में खड़ा करके चुम्मा चाटी कर रहे थे और फिर सोचा की इस हसीना की चूत तो में नहीं मार सकता और उस कमसिन हसीना को छोड़कर मैंने 30 साल की औरत को सेट करने की ठानी.. वो पंजाबन थी और दिखने में एकदम मस्त शादीशुदा थी और उसके एक बेटी भी थी. कुछ खास दोस्तों से पता चला कि उसकी और उसके पति के बीच में नहीं बनती है और वो काफी परेशान है. बस यही मौका तो में ताक रहा था. मैंने उससे दोस्ती की और काफ़ी सीधा दिखना शुरू कर दिया और कुछ ही दिन बाद में उसका करीबी दोस्त बन गया.. वो अब मुझसे अपनी हर बात शेयर करती थी.
एक दिन हम सब लंच पर गये.. तो वो काफ़ी उदास थी. मैंने पूछा कि क्या हुआ.. तो वो रो पड़ी मुझे लगा कि यही सही टाइम है उसके पास आने का और मैंने अपना कंधा आगे बढ़ा दिया. वो रोती जा रही थी और में उसे सपोर्ट कर रहा था. थोड़ी देर बाद वो चुप हुई.. तो मैंने कहा कि तुम्हारा पति तुम्हे क्यो नहीं पसंद करता.. अगर में होता तो तुम्हे देखकर हमेशा खुश रहता.. बस इतना कहना था कि वो इमोशनल ही हो गई और मुझसे लिपट गई. अब वक़्त था दूसरा कदम उठाने का मतलब सेक्स की और बड़ने का.. मैंने उसे एक एडल्ट जोक भेजा और सोचा कि देखता हूँ उसका क्या नतीजा होता है. अगर कुछ गड़बड़ हुआ.. तो सॉरी कह दूँगा.. वो जोक ऐसा था कि अगर कोई नॉर्मल लड़की पढ़ ले.. तो मुझे थप्पड़ ही मार दे. फिर वो कुछ देर बाद मेरे कैबिन में आई.. में कुछ डर तो गया था.. लेकिन वो बोली ये क्या भेजा है मैंने कहा जोक था और वो मुस्कुराने लगी मुझे लगा कि हँसी तो फंसी.
मैंने शाम को उसे लिफ्ट ऑफर की और उसे मेरे साथ कॉफी पीने के लिए कहा.. तो वो तैयार हो गई. हम नॉएडा गये हमने कॉफी पी और वो मेरी फैमिली और गर्लफ्रेंड के बारे में पूछती रही. मैंने कहा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है उसने फिर पूछा कि कभी सेक्स किया है. मैंने कहा कि नहीं बस तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था.. वो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी. अब मेरी भी हिम्मत बड़ने लगी थी. मैंने भी उसकी सेक्स लाईफ के बारे में पूछा.. तो उसने कहा कि उसकी सेक्स लाइफ नॉर्मल नहीं है.. वो 2-3 महीने में एक बार सेक्स करते है.. उसका पति घर के बाहर रंडियों को चोदता है. मैंने कहा कि तुम क्यों नहीं करती..
फिर ये सुनकर वो मेरी और अजीब से देखने लगी और कहा कि चलो.. मुझे लगा कि वो बुरा मान गई है खैर में चुप रहा और कार में बैठ गया. हम घर की और चल दिये.. हम घर पहुँचने ही वाले थे कि उसने कार एक सुनसान रास्ते की और मुड़वाई और वहीं रूकने को कहा तो मैंने कार रोक दी. एकदम अंधेरा और सुनसान रोड था.. उसने कार अंदर से बंद की और लाइट भी ऑफ कर दी.. वो मेरे करीब आई और बोली कभी किसी औरत को किस किया है.. तो मैंने कहा कि नहीं. वो मेरे और करीब आई और बोली तो फिर करो.
मैंने कहा मतलब.. तो वो बोली मुझे किस करो. मैंने जल्दी से छोटा सा किस कर दिया.. वो मुस्कुराई और बोली शायद तुम सच कह रहे हो.. तुमने अभी तक किसी लड़की को नहीं छुआ है.. वो बोली में बताती हूँ कि किस कैसे करते है. उसने अपने दोनों हाथ मेरे होठों पर रख दिए और जीभ को अंदर बाहर करने लगी. वो ऐसे कर रही थी कि मेरा लंड एकदम तन गया और उसे चोदने को बेताब होने लगा. वो भी ये सब भांप चुकी थी. उसने कहा की अभी तो तुम मुझे नहीं चोद सकते हो.. क्योंकि घर जल्दी जाना है.. लेकिन में तुम्हे जल्द ही जन्नत दिखाउंगी.
उसने मेरी चैन खोली और अंडरवेयर से लंड को बाहर निकाला.. तो लंड को देखकर वो बोली कि काफ़ी बड़ा है तुम्हारा लंड. फिर उसने लंड की खाल नीचे की.. फिर उसने प्यार से थप्पड़ मारकर बोला कि झूठ बोलते हो.. तुम्हारा लंड पहले भी चूत चोद चुका है. मैंने कहा हाँ एक दो बार.. फिर वो मेरे लंड को सहलाने लगी और फिर उसे मुँह में ले लिया और लंड को चूसने लगी.
में इतना ज्यादा उत्तेजित था कि कुछ ही देर में उसके मुँह में झड़ गया. उसने पूछा कि मज़ा आया.. तो मैंने कहा कि मज़ा तो आया.. लेकिन अधूरा. वो हँसी और बोली कि कल सुबह हम दोनों ऑफीस नहीं जायेंगे और वो मेरे घर 9 बजे आ जायेगी और पूरे दिन हम साथ रहेंगे. फिर जितना चाहो चूत की पूजा और दर्शन करना.
मैंने फिर उसे घर छोड़ दिया और घर पहुँच कर में सुबह का ही इंतज़ार कर रहा था. में सुबह 6 बजे ही जाग गया और उसे फोन किया तो वो बोली कि अभी तो 6 ही बजे है. मैंने कहा कि बस जल्दी आ जाओ बस.. अब इंतजार ही नहीं हो रहा है. सुबह करीब 8:30 बजे बेल बजी और मैंने दरवाज़ा खोला.. तो सामने वो खड़ी थी.
उसने एक सिल्क की साड़ी पहन रखी थी और वो ग़ज़ब का माल लग रही थी. वो अंदर आई और बात करने लगी. में उसके पास गया और उसे किस करना शुरू कर दिया. उसने कहा कि आराम से और में किस किये जा रहा था. फिर में एक हाथ से उसकी निप्पल और दूसरे हाथ से उसकी चूत रगड़ रहा था. अब वो भी धीरे-धीरे गर्म हो रही थी. मैंने उसे बेड पर लेटाया और नंगा कर दिया.. फिर मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और चोदन क्रिया को तैयार थे.
मैंने लंड को पकड़ा और उसकी चूत में लंड डाला.. काफ़ी टाईट चूत थी उसकी.. लगता था कि बहुत कम चुदी हुई है. में धीरे-धीरे धक्के मार रहा था और वो भी धीरे-धीरे मधहोश हुये जा रही थी. उसकी चूत एकदम साफ थी.. मैंने पूछा कि बड़ी चिकनी है तेरी चूत.. तो वो बोली सुबह-सुबह तेरे लिए ही साफ की है.. वरना कल तो बालों से भरी हुई थी. अब मैंने धक्को की स्पीड बड़ा दी.. वो कहने लगी कि चूत के बाहर झड़ना.. वरना कहीं बाद में गड़बड़ ना हो जाये. में इतनी ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था कि साला लंड अंदर ही झड़ गया.. वो एकदम उठी और भागी और मूतने लगी. में बाहर खड़ा हो कर उसे मूतते हुए देख रहा था.
मैंने कहा कि इतनी जल्दी क्या थी मूतने की.. तो वो बोली ताकि बाद में ज्यादा गड़बड़ ना हो.. वो खड़े होकर मेरे पास आई और मेरे लंड को पकड़कर बोली.. अब तो भूख मिट गई होगी तेरे लंड की. मैंने उसके दोनों बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा. पहला सेक्स किये हुये हमे 15 मिनट ही हुए थे और में दूसरे राउंड के लिये तैयार था. हम बाथरूम में ही थे.. में उसके पीछे गया और उसके बूब्स बहुत ज़ोर से दबाने लगा. उसके निप्पल रगड़ने में तो बहुत ही मज़ा आ रहा था. उसके बूब्स भी एकदम तन गये थे.
अब मैंने उसे आगे की और झुकाया और पीछे से लंड उसकी चूत में प्रवेश कराया.. जैसे जैसे लंड अंदर जा रहा था वैसे वैसे उसकी सिसकियाँ तेज हो रही थी. में धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और वो सिसकियाँ लेती जा रही थी. लगभग 15-20 मिनट के बाद लंड झड़ने को तैयार था और इस बार मैंने लंड उसके बूब्स पर झाड़ दिया.
अब करीब 10 बजे थे. मैंने उससे कुछ नाश्ता बनाने को कहा और उसने ब्रेड-आमलेट बना दिया. मैंने वो खा लिया और अब 11 बज चुके थे.. मैंने उससे पूछा कि तुम क्या खाओगी? तो वो बोली जो तुम खिलाओ. मैंने कहा कि जेम रोल बनाकर खिलाता हूँ.. वो बोली कि ये क्या है? मैंने कहा थोड़ा इन्तजार करो.. में किचन में गया और 2 मिनट बाद वापस आया. मैंने अपने लंड को पेपर से ढक रखा था.. वो बोली क्या है दिखाओ? मैंने पेपर हटाया और वो देखकर वो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी. मैंने अपने लंड पर जेम और बटर लगा रखा था. मैंने कहा कि नाश्ता तैयार है खा लीजिये.. वो हंसते हुए लंड को हाथ में लेकर चाटने लगी और फिर चूसने लगी.. क्योंकि हम 3 घंटे में 2 बार पहले ही सेक्स कर चुके थे.. इसलिये लंड अब जल्दी नहीं झड़ा. उसने आराम से लंड को चाटा और चूसा.. लेकिन लंड नहीं झड़ा.
अब फिर से बारी थी उसे चोदने की.. एक बार उसे डॉगी स्टाइल में चोदना था. वो डॉगी स्टाइल में बैठ गई.. फिर मैंने लंड चूत में ना डालकर उसकी गांड में डाल दिया.. अरे क्या ग़ज़ब का टाईट छेद था, मज़ा आ गया.. लेकिन उसकी तो चीख निकल गई. मैंने कहा कि कुछ देर सहन कर लो फिर मज़ा आयेगा. 10 मिनट चोदने के बाद लंड को उसकी गांड में ही झाड़ दिया. अब हम नहाकर कुछ देर बाहर घूमने मार्केट में गये. मैंने उससे कहा कि घर पहुँचकर और भी स्टाईल ट्राई करेंगे.. तो वो मुस्कुराने लगी.
उस दिन हम पहले ही 3 बार सेक्स कर चुके थे और घर पहुँचकर हमने 3 बार फिर से सेक्स किया और अब रात के 8 बज चुके थे और उसके घर जाने का टाईम हो चुका था. वो घर जाने लगी तो मैंने कहा कि एक बार आखरी बार और कर लो.. तो अब उसने मुझे लेटाया, मेरी चैन खोली और लंड निकाला. उसने अपनी पेंटी उतारी साड़ी ऊपर की और वो लंड पर बैठ गई. अब हम कपड़े पहनकर ही सेक्स कर रहे थे.. वो लंड चूत के अंदर लेकर उछले जा रही थी. कुछ देर बाद में झड़ गया.. लेकिन कुछ बूंदे उसकी साड़ी पर भी गिर गई. उस पूरे दिन हमने 7 बार सेक्स किया और शाम तक में पूरी तरह से थक चुका था. मैंने 2 ग्लास जूस पिया. फिर कुछ जान में जान आई.. उसके बाद हमने ना जाने कितनी बार सेक्स किया.
घूमने के बहाने मेघा की चूत मारी
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम आलोक है और में अपनी आज की कहानी शुरू करने से पहले आप लोगों को अपने बारे में बता दूँ.. वैसे तो में आगरा का रहने वाला हूँ.. लेकिन आजकल में पुणे में नौकरी कर रहा हूँ. मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है और अब में आपको ज़्यादा इंतजार नहीं करवाऊंगा और सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है.. तो अगर मुझसे कोई भी ग़लती हो तो माफ़ करना.. यह कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड मेघा की है. मेघा 27 साल की लड़की है और वो दिखने में बहुत सुंदर तो नहीं है.. लेकिन एक पंजाबन होने के कारण उसने अपना फिगर बहुत अच्छी तरह से संभालकर रखा है और उसके फिगर का साईज करीब 36-26-36 होगा. उसके बहुत बड़े बड़े बूब्स है और बिल्कुल गोल है और वो जब चलती है.. तो गांड दोनों तरफ मटकती है और मैंने कॉलेज में बहुत बार उसको देखकर मुठ मारी है.
अब में अपनी आज की कहानी शुरू करता हूँ. दोस्तों मेघा मुझे पहली बार मेरे कॉलेज में मिली और जब उसने मुझे पहली बार देखा.. तो उसके देखने के तरीके से मुझे लगा कि इस लड़की को में पसंद आ गया हूँ और मैंने सोचा कि कॉलेज से जाने से पहले इसकी चूत एक बार तो ज़रूर मारूँगा.
फिर शुरुआत में उससे नॉर्मल ही व्यहवार रखा और फिर में दूसरे सेमेस्टर में ऑस्ट्रेलिया चला गया.. लेकिन मैंने लगातार उससे सम्पर्क बनाए रखा और जैसा में चाहता था.. वैसा ही हुआ और अब धीरे धीरे उसको मेरी आदत पढ़ गयी. फिर में समझ गया कि अब मेरा काम हो गया और वापस जाकर इसकी चूत मिलने में मुझे ज़्यादा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. फिर जब में वापस आया.. तो हम लोग और भी ज़्यादा समय एक दूसरे के साथ बिताने लगे और धीरे धीरे अपनी ऐसी बातें जो कि किसी को नहीं बतानी चाहिए.. वो भी शेयर करने लगे.
एक दिन अच्छा मौका देखकर मैंने उसको प्रपोज़ कर दिया और उसने स्वीकार कर लिया और मैंने उसको कह दिया कि में उससे शादी भी कर लूँगा.. जबकि वो मुझसे तीन साल बड़ी थी.. दरअसल मेरे बड़े भैया की भी लव मैरिज हुई थी और उनकी पत्नी भी उनसे बड़ी थी.. तो वो मान गयी. अब हम हर रोज़ ही अकेले घूमने जाने लगे और कभी कभी हम कॉलेज के बाहर भी जाने लगे और फिर मैंने एक दिन उसको चोदने का प्रोग्राम बनाया.. वो शुक्रवार की शाम थी और हम बाहर घूम रहे थे और फिर अच्छा मौका देखकर उससे बोला.
में : यार यहाँ तो हमे रोज़ कोई ना कोई देख लेता है और हम दोनों एक साथ ज़्यादा समय नहीं बिता पाते. ( दोस्तों मैंने यह बहुत उदास सी आवाज में कहा )
मेघा : हाँ.. लेकिन अब क्या चाहिए तुम्हे (और उसने एक शरारती स्माईल दी)
में : मतलब कुछ टाईम सिर्फ़ हम दोनों और कोई ना हो.. तुम में केंडल लाईट डिनर और थोड़ी सी शेम्पियन वगेरा.
मेघा : इसमे क्या है? हम किसी दिन बाहर चलते है.
में : क्या सच्ची?
मेघा : हाँ मुच्ची.
में : तो क्या कल ही चले?
मेघा : क्या कल.. हम इतनी जल्दी कहाँ का प्रोग्राम बनाएँगे?
में : में हूँ ना तुम मुझ पर छोड़ दो.. तुम बस कल सुबह तैयार रहना.. हम कल कॉलेज बस से सुबह सिटी चलेंगे और में दो टिकट ले लूँगा.
मेघा : ठीक है.. लेकिन अभी तो मुझे होस्टल छोड़ आओ.
में : हाँ क्यों नहीं.. मेरी जान.
फिर अगले दिन सुबह हम कॉलेज बस से सिटी चले गये और एक मॉल के आगे उतर गये और फिर उसने कहा कि अब क्या प्लान है? तो मैंने उससे कहा कि यहाँ पीछे एक होटल है. मैंने उसमे एक रूम बुक किया हुआ है और हम दिनभर बहुत मज़े मस्ती करेंगे. उसने मुझे अजीब सी नज़रों से देखा.. लेकिन कुछ भी नहीं बोला और मैंने सोचा कि आज तो मेरा काम हो जाएगा. दरअसल मैंने रूम दो दिन के लिए बुक करवाया था. दोस्तों फिर हम होटल चले गये और वहाँ पर जाकर हमने अपने बेग साईड में फेंक दिए और बातें करने लगे.. हमने क़रीब एक घंटे तक बातें की.
फिर मैंने बातों को एकदम प्यार की तरफ घुमा दिया और बात करते करते में उसके बहुत करीब आ गया और फिर अचानक में उसके होंठो पर एक किस करके पीछे हट गया. उसने मुझे बहुत घूरा.. लेकिन कुछ नहीं कहा और मैंने हिम्मत करके फिर अपने होंठ उसके होंठ पर लगा दिए और उसको एक लंबा सा स्मूच दिया. इस बार उसने भी मेरा साथ दिया और हमारा वो स्मूच क़रीब दस मिनट तक चला. फिर जब यह खत्म हुआ.. तो मैंने उससे बोला कि मेघा में तुम्हे प्यार करना चाहता हूँ.. बहुत सारा प्यार.
फिर वो बोली कि नहीं आलोक यह सब बहुत ग़लत है.. हमे शादी से पहले कुछ नहीं करना चाहिए. फिर मैंने फिर से बिगड़ा हुआ मुहं बना लिया और बोला कि कर तो रहा हूँ तुमसे शादी और क्या सिर्फ़ शादी करने से ही पति, पत्नी बनते है? मेघा यह रिश्ता तो मन का होता है.. साथ फेरों से कुछ नहीं होता और तुम जानती हो मुझे यह सब पसंद नहीं. फिर बहुत देर मनाने के बाद वो ओरल सेक्स के लिए तैयार हो गयी और मैंने मन ही मन सोचा कि पहले यह कर लूँ.. बाद में थोड़ा बहुत गरम होकर यह अपने आप हाँ करेगी.
फिर मैंने उसको अपनी बाहों में एकदम टाईट पकड़ लिया और एक ज़ोरदार वाली किस दी और किस करते हुए में बीच बीच में उसके होंठ भी काटता.. कभी ऊपर वाला होंठ.. तो कभी नीचे वाला और अपनी जीभ को उसके मुहं में डालने लगा और अब धीरे धीरे वो भी ऐसा ही करने लगी. फिर किस करते हुए ही मैंने अपना एक हाथ पीछे से उसकी टी-शर्ट के अंदर डाल दिया और उसके नंगे जिस्म पर फेरने लगा. फिर धीरे धीरे वो गरम होने लगी और उसकी साँसें तेज़ होने लगी. इसी दौरान मैंने उसकी बेल्ट का बक्कल खोल दिया और उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और मैंने अपने हाथ पीछे से उसकी जीन्स में डाल दिए और पेंटी के ऊपर से ही उसकी गांड और फेरने लगा और मुझे ऐसा करते करते करीब आधा घंटा निकल गया.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके बूब्स को निहारने लगा.. उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी गुलाबी कलर की ब्रा में क्या एकदम मस्त लग रहे थे? में तो उनको देखकर एकदम पागल ही हो गया और ब्रा के ऊपर से उन्हे चूसने लगा.. में अपने मुहं से उसके एक बूब्स को चूस रहा था और दूसरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था.
फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी जीन्स में आगे की तरफ डाल दिया और पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और फिर मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी पहले से ही एकदम गीली थी.. इसका मतलब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. फिर मैंने थोड़ी देर और उसके बूब्स को चूसना जारी रखा और फिर मैंने उसकी जीन्स उतार दी और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी और इसी दौरान मैंने अपने भी कपड़े उतार दिए और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में उसके सामने खड़ा था. अब मैंने धीरे से उसको बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैला दिया और पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सूंघने लगा.
दोस्तों उसकी चूत के पानी में भीगी पेंटी ने मुझे पागल सा कर दिया और मैंने उसकी पेंटी को चाटना और उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.. लेकिन अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था और मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया और उसके दोनों बूब्स अपने हाथों में ले लिए और एक बार फिर में उसके बूब्स पर टूट पढ़ा और उन्हे ऐसे चूसने लगा.. जैसे कि दो साल का बच्चा अपनी माँ का दूध पीता है.
फिर में कभी उसके एक बूब्स को चूसता और कभी दूसरे बूब्स को अपने हाथ से दबाता और में बूब्स चूसते चूसते बीच बीच में उसके निप्पल के चारों तरफ अपनी जीभ घुमाता और मेरे ऐसा करने से वो एकदम पागल हो जाती. फिर मैंने बहुत देर तक उसके बूब्स चूसे.. लेकिन में उसके बूब्स चूसते वक़्त एक बार झड़ गया और मेरा अंडरवियर गीला हो गया. फिर मुझे गीले अंडरवियर से बहुत परेशानी होने लगी.. तो मैंने सोचा कि यही एकदम अच्छा मौका है और मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया.
फिर मेरे लंड को देखकर वो एकदम घबरा गयी और बोली कि यह क्या है? मैंने तो सोचा था कि सिर्फ़ ब्लू फिल्म के हीरो का ही बहुत बड़ा होता है और अच्छा हुआ मैंने सिर्फ ओरल सेक्स के लिए ही हाँ की है. फिर मैंने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाई.. लेकिन मन ही मन सोचा कि बेटा रुक जा.. आज इसी लंड से तेरी चूत और गांड दोनों मारूँगा और ऐसे मारूँगा कि तुझे इसका नशा सा हो जाएगा और फिर तू ही मेरे आगे हाथ जोड़ेगी और कहेगी कि चोद दो मुझे.
फिर में दोबारा उसको किस करने लगा और साथ में उसके बूब्स भी दबा रहा था और उसके जिस्म को चूम रहा था और फिर इसी बीच मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया और मैंने जानबूझ कर अपने लंड को पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.. इससे शायद उसको मज़ा आने लगा और उसने अपनी दोनों आखें बंद करके.. मोनिंग की आवाज बड़ा दी थी.. वो बेसुध होकर यह सब कर रही थी.
फिर मैंने सोचा कि यही सबसे बड़िया मौका है और मैंने नीचे जाकर अचानक से एक ही झटके में उसकी पेंटी निकाल दी. फिर वो एकदम घबरा गई और उसने अपने दोनों पैर एक दूसरे में फंसा लिए और अपनी चूत को अपने हाथ से ढक लिया और मुझ पर चिल्लाई.
मेघा : आलोक मैंने बोला ना.. यह सब अभी नहीं.
में : हाँ जान याद है.. में वो सब नहीं कर रहा और अब अपने हाथ हटाओ और प्लीज एक बार अपनी सुंदर चिकनी चूत तो दिखाओ.
मेघा : क्या.. यह कैसे शब्द बोल रहे हो?
में : अरे यार अब जो बोला जाता है.. वही बोलूँगा ना. अब चलो तुम भी क्या याद रखोगी.. प्लीज़ मुझे तुम्हारी प्यारी वो दिखाओ.
मेघा : हाँ.. लेकिन उससे पहले तुम मुझसे वादा करो कि तुम वो कुछ नहीं करोगे.
में : हाँ जानू.. में वादा करता हूँ.
मेघा : तो ठीक है मेरी जान और यह लो देखो.
फिर यह बोलते ही मुझे उसकी चूत के दर्शन हुए.. वाह क्या चूत थी. नरम नरम गुलाबी गुलाबी हल्की सी उभरी हुई और बिल्कुल साफ उस पर एक भी बाल नहीं था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो हर दिन शेव करती है. फिर मैंने सबसे पहले उसकी चूत पर प्यारी सी एक किस दी और मुझे ऐसा लगा कि मानो उसके जिस्म को करंट लग गया हो. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया? उसने बस हुन्न्न्न किया और कुछ नहीं बोला.
फिर मैंने बोला कि फिर अब देखो कि तुम्हे कितना मज़ा आएगा और यह बोलते ही मैंने उसकी चूत को ऐसे चाटना शुरू कर दिया.. जैसे कि वो शहद का भंडार हो और मेरे ऐसा करते ही उसने मेरा सर अपने दोनों पैरों के बीच में दबा लिया.. लेकिन मैंने उसकी चूत को चूसना बंद नहीं किया. दोस्तों उसकी क्या नरम मुलायम चूत थी और उसकी चूत के पानी ने मुझे दीवाना सा कर दिया और में अपनी पूरी ताक़त लगाकर चूसने लगा.
दोस्तों वो तो मानो पागल ही हो गई और उसकी साँसों की रफ्तार करीब करीब दोगुनी हो गई और साथ साथ उसने मोन करना भी शुरू कर दिया.. ओहह्ह् आलोक ओहह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ आलोक. फिर उसके ऐसा करने से में और भी जोश में आ गया और मैंने पागलों की तरह उसकी चूत का पानी पीना शुरू कर दिया. में कभी उसकी चूत के दाने को चूसता.. तो कभी उसकी पूरी चूत में अपनी जीभ घुमाता और कभी कभी उसके चूत के दाने को हल्का सा काट भी लेता.. जिसकी वजह से वो एकदम सिहर जाती.. तो इस बीच मैंने सोचा कि में उंगली से चुदाई शुरू कर देता हूँ.. लेकिन मैंने देखा कि इसकी चूत की सील अभी तक नहीं टूटी है.. तो मैंने सोचा कि क्यों उंगली को तक़लीफ़ देनी.. यह काम तो मेरा लंड ही करेगा.
फिर मैंने अपना काम लगातार जारी रखा और उसको अपनी जीभ से चोदने लगा और अचानक मैंने महसूस किया कि उसका शरीर एकदम अकड़ने लगा है और अब में समझ गया कि यह झड़ने वाली है और मैंने अपनी जीभ की स्पीड बड़ा दी और करीब एक मिनट के बाद वो झड़ गयी और उसका सारा शरीर एकदम ढीला पड़ गया और में उसकी चूत से निकला सारा रस पी गया. दोस्तों वैसे मुझे बोलना तो नहीं चाहिए.. लेकिन इस दौरान में भी दो बार झड़ चुका था.. क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स था और दो बार झड़ने के कारण मेरा लंड मुरझा सा गया था और इसके बाद में मेघा की साईड में आकर लेट गया.
फिर वो बोली कि मज़ा आ गया और ऐसा अहसास उसको आज तक कभी नहीं आया. उसने बताया कि वो अपनी चूत में कभी उंगलियाँ भी नहीं करती और यह उसका पहली बार था. फिर मैंने कहा कि अभी तो शुरुआत है.. आगे आगे देखो होता है क्या और अब मुझे उसकी आँखों में जोश दिख रहा था.
में : चलो अब तुम्हारी बारी.
मेघा : बारी.. क्या मतलब मेरी बारी?
में : बारी का मतलब अब तुम वही करो.. जो मैंने तुम्हारे साथ किया.
मेघा : क्या में इसे अपने मुहं में? नहीं में नहीं ले सकती.
में : ऐसा क्यों?
मेघा : यह कितना गंदा है.. ना बाबा ना.
में : अरे क्या.. अभी मैंने नहीं किया क्या?
मेघा : अरे हाँ.. लेकिन तुम्हारी बात और है.
में : मेरी बात क्यों और है? देखो ना कैसा मुर्झा गया है.. प्लीज इसमें जान डाल दो.
मेघा : नहीं नहीं यह सब मुझसे नहीं होगा.
में : प्लीज डार्लिंग ऐसे ना करो.. एक बार ट्राई तो करो.. क्यों हनीमून खराब कर रही हो?
मेघा : हनीमून.. क्या मतलब?
में : हाँ यह हमारा शादी से पहले का हनीमून है.. देखो अब मेरी नौकरी लग गयी है और एक बार तुम्हारी लग जाए. फिर कॉलेज ख़तम होते ही में तुम्हारे घरवालों से तुम्हारा हाथ माँग लूँगा.
मेघा : क्या सच्ची
में : हाँ एकदम मुच्ची.
मेघा : ओह अंकित.. तुम कितने अच्छे हो.
में : मेघा में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.. क्या अब अपना अधूरा काम करें?
मेघा : हाँ.. लेकिन सिर्फ़ एक बार.
में : हाँ बाबा.. सिर्फ़ एक बार.
मेघा : ठीक है लाओ.
फिर इसके बाद उसने मेरा लंड अपने मुहं में लिया और लोलीपोप की तरह चूसना शुरू कर दिया और धीरे धीरे मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.. पहले तो वो बहुत नाक सिकोड़कर मेरा लंड अपने मुहं में ले रही थी.. लेकिन बाद में शायद उसे मज़ा आने लगा और वो पूरा मज़ा लेकर मेरा लंड चूसने लगी और बहुत देर चूसने के बाद उसने पूछा कि क्यों कब तक चूसना है?
मैंने कहा कि जब तक तुम्हारी तरह मेरा पानी नहीं निकल जाता और यह बात सुनकर वो फिर से अपने काम पर लग गयी.. लेकिन इस बार वो मेरा लंड और अंदर तक ले रही थी और करीब आधे घंटे तक चूसने के बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ. फिर मैंने कहा कि मेरा वीर्य निकलने वाला है.. क्या करूँ?
उसने कहा कि मेरे मुहं में ही छोड़ दो. फिर यह बात सुनकर तो जैसे में एकदम चकित हो गया और मैंने पूरे जोश में आकर उसके मुहं को चोदना शुरू कर दिया. करीब 10-15 झटको के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा माल पी गयी और थककर बिस्तर पर गिर गयी.. उसके बिस्तर पर गिरते ही मुझे उसकी चूत दिख गयी और में फिर से उस पर टूट पड़ा. फिर वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि यह मेरी बात मानने का तोहफा.. वो बस मुस्कुराई और मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
फिर कुछ देर के बाद उसने फिर से मोन करना शुरू कर दिया और क़रीब 15 मिनट के बाद वो आहह उह्ह्हह्ह आईईईईईइ के साथ झड़ गयी और मैंने एक बार फिर से उसकी चूत का रस पी लिया और उसके साथ बिस्तर पर आकर लेट गया.
मेघा : आलोक तुम बहुत अच्छे हो.. धन्यवाद. तुमने मुझे आज पहली बार ऐसा अहसास दिलाया.
में : क्यों अच्छा लगा ना?
मेघा : हाँ बहुत.. मुझे इससे अच्छा कभी नहीं लगा.
में : तुम्हे इससे भी अच्छा लग सकता है.. अगर तुम मेरी बात मानो तो.
मेघा : क्यों अब क्या बचा है?
में : वही जो तुमने शुरू में मना किया था.
मेघा : नहीं आलोक.. वो सब नहीं.
में : प्लीज़ मेघा हमारा हनीमून है यार और ना जाने ऐसा मौका फिर कब मिलेगा?
मेघा : मिलेगा ना.. हमारी शादी के बाद.
में : हाँ यार.. लेकिन उसमे अभी बहुत टाईम है और अब मुझसे इतना इंतजार नहीं होगा.. प्लीज़ में वादा करता हूँ कि तुम्हे बहुत मज़ा आएगा.
मेघा : क्या मज़ा? मैंने तो सुना है.. इसमें बहुत दर्द होता है.
में : वो सिर्फ 5 मिनट रहता है और उसके बाद जो मज़ा आता है.. उसके आगे यह मज़ा कुछ भी नहीं.
मेघा : ऐसा क्या ( एक शरारती हंसी के साथ ).. लेकिन तुम्हारे पास तो कंडोम भी नहीं है?
में : अरे यार एक पति पत्नी को कंडोम की क्या जरुरत है? और वैसे भी मुझे एड्स नहीं है.
मेघा : नहीं वो बात नहीं है.. यह सिर्फ एक सुरक्षा के लिए.
में : यार तुम एक कंडोम के पीछे इतना रोमेंटिक मौका खराब करोगी और सुरक्षा का क्या है? सुरक्षित रहने के लिए सुबह एक आईपिल खा लेना.. क्या में अब कुछ करूं?
मेघा : हाँ ठीक है ( शरमाते हुए )
फिर में फ़ौरन उठकर गया और टेबल पर रखी हुई तेल की बोटल उठा लाया और बहुत सारा उसकी चूत पर लगाया और फिर अपने लंड पर लगाया.. उसके बाद मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखा.. उसकी चूत इतनी गरम थी.. मानो उससे आग निकल रही हो.
फिर मैंने थोड़ी देर लंड को उसकी चूत पर रगड़ा.. शायद मेरे ऐसा करने से वो बैचेन होने लगी और छटपटाने लगी और कहने लगी कि प्लीज जल्दी करो. फिर मैंने सोचा कि यही मौका है और मैंने उससे बोला कि थोड़ा दर्द होगा.. तुम सहन करना और उसने कहा कि ठीक है.. लेकिन मुझे पता था कि मेरा लंड जब भी उसकी सील तोड़ेगा.. तो वो ज़रूर चिल्लाएगी और इसलिए मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और जब उसका उस तरफ ध्यान नहीं था.
मैंने पहला धक्का लगाया.. उसने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून मारने शुरू कर दिए और मुझे चोदने को कहने लगी.. लेकिन मैंने उसको किस करना लगातार जारी रखा और एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया और सील टूटते ही मानो उसकी जान गले तक आ गयी और उसने अपने आपको मुझसे छुड़ाने की बहुत कोशिश की.. लेकिन मैंने उसको किस करना जारी रखा.
फिर थोड़ी देर बाद वो शांत हुई और उसने अपनी गांड को हिलाना शुरू कर दिया और में समझ गया कि यह चुदवाने के लिए तैयार है और मैंने अपने होंठ उसके होंठ से हटा लिए और धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए. पहले तो मैंने हल्के हल्के धक्के लगाए और फिर धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी. फिर वो भी अब अपनी गांड हिला हिलाकर मेरा साथ दे रही थी और साथ ही साथ बोल रही थी.. ओहह्ह्ह उह्ह्ह्ह चोदो अह्ह्ह चोदो मुझे और ज़ोर से अह्ह्ह. फिर यह सुनकर मेरी स्पीड और बढ़ गई और करीब आधे घंटे बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ और इस दौरान वो 4 बार झड़ चुकी थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि कहाँ पर झड़ना है? तो उसने कहा कि अंदर नहीं. फिर मैंने कहा कि क्या हुआ.. तुम आईपिल तो ले रही हो. फिर क्या टेन्शन है? उस टाईम वो बहस करने की हालत में नहीं थी.. वो बस आहहउहह ओह अह्ह्ह्हह कर रही थी. फिर करीब 5 मिनट के बाद मेरा बदन अकड़ गया और मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया और हम दोनों इसी हालत में करीब आधा घंटा पढ़े रहे. फिर उसके बाद में उठा और बाथरूम में जाकर अपना लंड साफ किया और जब में वापस आया.. तो मैंने देखा कि बिस्तर पर खून ही खून है और मेघा करीब बेहोशी की हालत में पड़ी.. कराह रही है और अब उसकी चूत शायद फट गयी थी.. लेकिन मेरे अंदर की भूख अभी भी शांत नहीं हुई थी. फिर में उसके पास गया और उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया? तो उसने हाँ में अपना सर हिलाया.
फिर मैंने पूछा कि क्यों और मज़ा करना है? तो उसने बस हल्की सी स्माईल दी.. शायद वो सच में मुझे अपना पति मान चुकी थी. फिर मैंने उसको उल्टा किया और घोड़ी बनाया और वो बैचारी बार बार गिर रही थी. फिर मैंने उसको कसकर पकड़ लिया और थोड़ी देर बाद उसमे थोड़ी जान आई.. तो वो सीधी हुई. फिर मैंने बहुत सारा तेल इसकी गांड के छेद पर लगाया और बहुत सारा अपने लंड पर लगाया.. वो कुछ भी कहने की हालत में नहीं थी.
फिर मैंने अपने हाथ से उसके मुहं को ढक लिया और एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया और लंड डलते ही मानो उसमे नयी जान आ गयी और उसने मेरा हाथ हटाना शुरू कर दिया.. लेकिन मैंने भी अपना हाथ नहीं हटाया और तसल्ली से उसकी गांड मारता रहा और थोड़ी देर बाद वो शांत हुई और उसने भी मेरा साथ देना शुरू किया और करीब 15 मिनट उसकी गांड मारने के बाद में उसकी गांड में झड़ गया और अब में इतना थक चुका था कि मुझसे कुछ भी नहीं हो रहा था.. इसलिए मैंने मेघा को सीधा किया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर उसके ऊपर ही लेट गया और हम दोनों करीब 3-4 घंटे ऐसे सोते रहे.
फिर जब में उठा तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था और मैंने सोते हुए ही मेघा को चोदना शुरू कर दिया.. वो जाग गयी और उसने भी मेरा पूरा साथ दिया और में फिर से उसकी चूत में झड़ गया और इसके बाद मैंने मेघा को गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया.. क्योंकि उससे खुद चला भी नहीं जा रहा था.. वहाँ पर जाकर मैंने उसकी चूत साफ की और उसको अपने हाथ से नहलाया और उसके बाद हमने बाथरूम में भी सेक्स किया.
फिर मैंने अगले पूरे दिन कई बार मेघा की चूत और गांड मारी और मार मारकर उसकी गांड और चूत का भोसड़ा बना दिया और शाम को उसे एक आईपिल लाकर दे दी और आने वाले 4 महीने मैंने जी भरकर उसकी गांड और चूत मारी और अब वो मेरी पर्सनल रंडी बन चुकी थी. जब मेरा मन करता था.. में उसे ले जाकर जी भरकर चोदता था और वो भी बिना कंडोम के और ऐसे जमकर 4 महीने उसकी चुदाई करने के बाद मैंने उससे शादी करने से मना कर दिया. यह बोलकर कि मेरे घर वाले नहीं मान रहे और उसने कुछ भी नहीं किया.. सिर्फ़ मुझसे शादी करने के लिए मेरे आगे हाथ जोड़ती रही. आज भी वो मेरे प्यार में पागल है.. लेकिन दोस्तों अब उसकी चूत में वो बात नहीं रही और अब उसकी चूत एक चुदी हुई रंडी जैसी हो गयी है.
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