सेक्सी स्टूडेंट की सील तोड़ी


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रिंस, यह मेरी पहली कहानी है तो मुझे लगता है कि मुझसे कुछ गलतियाँ भी हुई होगी तो प्लीज आप सभी मुझे अपना समझकर मुझे माफ़ जरुर करें, लेकिन में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी आप सभी को बहुत पसंद आएगी, क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है और यह दो महीने पुरानी घटना है. दोस्तों मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है और मेरी उम्र 21 साल है, में दिल्ली में रहता हूँ और में दिखने में एकदम ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच और 2.5 मोटा है. दोस्तों में आज जो कहानी आपको सुनाने जा रहा हूँ वो मेरी पड़ोस में रहने वाली एक लड़की की है जो अभी अभी जवान हुई है और अब धीरे धीरे उसके जिस्म ने अपने हर एक अंग को उभारना शुरू कर दिया है और अब में आप सभी को पूरी विस्तार में वो घटना सुनाता हूँ.
दोस्तों मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती है जिसका नाम पूजा है और उसकी माँ बड़ी ही बातूनी किस्म की औरत थी और वो कहीं भी किसी के भी घर में घुस जाती थी और ऐसे ही वो धीरे धीरे मेरे घर में भी घुस आई थी और मेरे घरवालों से मिलना शुरू किया और कुछ भी माँगना शुरू हो गया जैसे शक्कर या दूध या या और कुछ भी. में गणित में बहुत अच्छा था और पूजा 10th क्लास में थी और उसके बोर्ड के एग्जाम थे तो उसकी माँ ने एक दिन मुझसे कहा कि मेरी बेटी गणित में बहुत कमजोर है इसलिए क्या तुम पूजा को कुछ दिन ट्यूशन दे सकते हो?
में उनके बहुत कहने पर मान गया और उसको ट्यूशन देकर मेरा भी अभ्यास हो जाता और पूजा जैसी सुंदर और सेक्सी लड़की को अपने पास बैठाकर मज़ा आएगा. तो मैंने यह सोचा और वैसे पूजा थी बहुत साफ रंग, थोड़ी कम हाईट, करीब 5 फीट 1.2 इंच और उसका फिगर वाह 34-35 बूब्स 28 कमर और 36 गांड और वो हमेशा स्कर्ट और टॉप पहना करती थी.
तो उसके अगले दिन से वो मेरे पास पड़ने आने लगी और में उसको पढ़ाता, लेकिन फिर मौका देखकर उसको देखता था क्योंकि वो बहुत खुबसूरत थी और अब में उसको पूरे ध्यान से पढ़ाता और मुझको वो अच्छी भी लगती थी, लेकिन जब वो पड़ती थी तब में नजरे चुराकर उसके पैरों को देखता था वो बहुत ही गोरी थी और उसकी छोटी सी स्कर्ट से बहुत ऊपर तक नजर आता.
एक बार में उसको देख रहा था कि उसने मुझसे कुछ पूछा, लेकिन मेरा पूरा ध्यान उसकी गोरी गोरी जांघो पर था और में उसकी बात ध्यान नहीं दे सका, लेकिन फिर भी उसने मुझे दो बार बुलाया भैया, भैया. तो मैंने एकदम से उसकी तरफ देखा और कहा कि हाँ क्या हुआ? तो वो मुझसे बोली कि आपको क्या हुआ है और आप इतना ध्यान से क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, कुछ नहीं तो वो बोली कि नहीं आप कुछ तो देख रहे थे प्लीज बताओ ना बताओ.
वो मुझसे बहुत जिद करने लगी और मैंने थोड़ी हिम्मत करके उससे कहा कि पूजा में देख रहा हूँ कि तुम्हारे पैर पर एक भी बाल नहीं है. तो वो बोली कि हाँ मैंने कुछ दिन पहले ही साफ किए है वो मेरे स्कूल में ऊँची स्कर्ट है ना इसलिए मैंने साफ किए है क्योंकि मेरे पैरों पर बाल अच्छे नहीं लगते है और वो बहुत काले है इसलिए मैंने उन्हे साफ कर दिया है. तो मैंने कहा कि हाँ ठीक और अब थोड़ा माहोल और साथ में उसका मूड दोनों ही एकदम ठीक थे तो मैंने भी सही मौका देखकर उससे पूछा कि क्या तुम्हारा स्कूल में कोई बॉयफ्रेंड है? तो वो फटाक से बोली कि हाँ बहुत है, मैंने कहा कि बहुत है इसका क्या मतलब है?
वो बोली कि हाँ स्कूल के अंदर और बाहर मेरे बहुत सारे लड़के मेरे फ्रेंड है. मैंने कहा कि वो नहीं में तुम्हारे बॉयफ्रेंड की पूछ रहा था तो उसने कहा कि हाँ मैंने भी तो बॉयफ्रेंड का बताया है. तो मैंने कहा कि में वो वाला बॉयफ्रेंड कह रहा था और उसने पूछा कि वो वाला कैसे वाला? तो में मन ही मन में सोचने लगा कि या तो यह पागल बन रही है या फिर मुझे बनाने की कोशिश कर रही है, मैंने कहा कि चलो अब वो बात छोड़ो और चुपचाप पड़ो.
तो उसने कहा कि नहीं पहले आप बताओ क्या कह रहे थे? मैंने कहा कि वो फ्रेंड जो तुमको बहुत प्यार करता है और फिर उसने कहा कि हाँ मेरी कई फ्रेंड फोन पर बात करती तो है, लेकिन मुझको समझ नहीं आता. तो मैंने कहा कि ठीक है छोड़ो चलो अब पढ़ाई पर ध्यान दो, लेकिन वो बिना मन से पढ़ने लगी और मैंने उसके पैरों को देखकर अपने लंड को खड़ा कर रखा था और कुछ देर की पढ़ाई के बाद वो अपने घर पर चली गई, तो मैंने बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया.
करीब दो सप्ताह के बाद मेरे सभी परिवार वाले मेरे किसी रिश्तेदार की शादी में बाहर चले गये और उनको दो, तीन दिन बाद वापस आना था, लेकिन मुझे घर पर कोई जरूरी काम था तो में उनके साथ नहीं गया. वो शनिवार का दिन था और में दो बज़े घर पर वापस आ गया और फिर कुछ देर बाद दरवाजे की घंटी बजी, तो मैंने उठकर दरवाज़ा खोला और मैंने देखा कि सामने पूजा खड़ी हुई थी और उसके हाथ में किताब थी शायद वो मुझसे कुछ समझने आई थी.
तो मैंने उससे बोला कि घर पर कोई नहीं है, वो बोली कि हाँ मुझे पता है और उसने एक नॉटी सी स्माइल दे दी. फिर में इससे पहले कुछ कहता वो सीधा अंदर आ गई और उसने बोला कि फिर तो आज पढ़ाई नहीं होगी, आज सिर्फ़ एंजाय करेंगे और फिर वो सोफे पर बैठ गई उसने टीवी चालू किया और एक चॅनेल पर पूजा ने एक मूवी लगा ली और उसने अपना नरम नरम हाथ मेरे लंड पर रख दिया और धीरे धीरे अपने हाथ को ऊपर नीचे करके मेरे लंड को खड़ा कर दिया. में एकदम मस्ती में आ गया और अब मैंने सोचा कि इसको चोदा जाए.
मैंने कहा कि अब अपनी स्कर्ट उतारो में भी देखता हूँ कि अंदर कैसा नजारा होगा? तो वो मेरी बातों को मानने लगी और एक हाथ से लंड को पकड़े रही और दूसरे हाथ से स्कर्ट उतार रही थी, मैंने उसका साथ दिया और स्कर्ट को नीचे कर दिया उसकी नीले कलर के पेंटी वाह मैंने उसे दोनों साईड से पकड़ा और उतार दिया. तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं थे मैंने कहा कि क्यों इस पर बाल नहीं है? तो उसने कहा कि में जब पैर के बाल साफ करती हूँ तभी इसको भी साफ कर लेती हूँ, मुझको इस पर रेज़र लगाते हुए बहुत मज़ा आता है.
फिर मैंने कहा कि प्यार में भी यही सब होता है, लेकिन बस प्यार में यह मज़ा बहुत ज़्यादा होता है. तो मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा वो एकदम मचल गई और मुझसे कहने लगी कि गुदगुदी होती है और फिर मैंने उसको लेटाया और चूत पर हाथ फेरता रहा और एक हाथ उसके बूब्स पर ले गया और बूब्स को दबाने लगा. हाथ के घुमाने से उसको मज़ा आ रहा था कि उसको पता भी नहीं चला कि मेरा एक हाथ कब उसके टॉप में घुस गया में बूब्स को ब्रा के ऊपर से सहला रहा था और वो बोल रही थी कि हाँ और दबाओ मज़ा आ रहा है अच्छा लग रहा है तो मैंने कहा कि टॉप को भी उतारो.
उसने एकदम से टॉप को नीचे उतारा और फिर ब्रा को उतारा और लेट गई. में हाथ फेरते फेरते अपना मुहं उसकी चूत पर ले गया और मैंने जैसे ही अपनी जीभ को उसकी चूत के होंठ पर रखा वैसे ही वो सिसकियाँ लेने लगी और में जीभ से उसकी गरम चूत को चाटने लगा वो मचलने लगी. तो मैंने और भी जीभ को अंदर डाला, वो मज़े से पागल हो गई और अब मेरा लंड भी पूरी मस्ती में था तो मैंने सोचा कि अब डाल ही देता दूँ, जो भी होगा देखा जाएगा और में उसके ऊपर लेट गया और मैंने अपने होंठ से उसके होंठ मिलाए, वो मज़े में मदहोश थी और अब उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. मैंने फ्रेंच किस स्टार्ट किया और मुहं एकदम से अपने मुहं से बंद करके अपना लंड उसकी मस्त चूत पर रखा और धीरे से डालने लगा तो वो मचलने लगी.
तो मैंने देखा कि यह धीरे का काम नहीं है और मैंने एक झटका मारा, लेकिन लंड, चूत से एकदम फिसलता हुआ इधर उधर होने लगा. तो मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़ा और दूसरे हाथ से उसकी चूत की पंखड़ियों को थोड़ा सा फैला दिया और लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का दिया. तो मेरा पूरा का पूरा लंड, चूत में फिसलता, रगड़ खाता हुआ घुस गया और उसके मुहं से एक बहुत ज़ोर की चीख निकली और वो अपने पैरों को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और मुझसे लंड को बाहर निकालने को कहने लगी.
उसके पूरे चेहरे पर पसीने की छोटी छोटी बूंदे बहने लगी वो अपने दर्द से छटपटाने लगी, लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके मुहं पर अपना मुहं लगाया तो उसकी आवाज़ अंदर ही अटक गई और में बिल्कुल चुपचाप बिना हिले लंड को चूत में डाले पड़ा रहा और उसका मुहं चूसता रहा और उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से सहलाने लगा और फिर करीब दस मिनट के बाद मैंने महसूस किया कि वो अपनी गांड को उठकर मेरे लंड के साइड से धक्के दे रही है. तो में समझ गया कि उसको अब दर्द कम है और शायद मुझसे अपनी चूत चुदाई में मज़ा भी आ रहा है.
तो में धीरे धीरे धक्के मारता रहा और उसका मुहं छोड़कर बूब्स चूसता रहा और 10-12 मिनट बाद एक तूफान सा आया और मैंने देखा कि पूजा एक बिन पानी मछली की तरह तड़प रही थी और फिर में समझ गया कि उसका झड़ने का समय अब करीब आ चुका है और उसकी तड़प से मेरी स्पीड और भी तेज़ हो गई और में भी झड़ने पर पहुंचने लगा और वो सिसकियाँ लेने लगी अह्हह्ह्ह्ह्ह् उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ् और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह फाड़ दो मेरी चूत को अह्ह्ह दो मुझे चुदाई का पूरा सुख.
फिर कुछ देर बाद हम दोनों का पानी एक साथ निकल गया और वो एकदम शांत होकर लेट गई. उसने मुझे अपनी बाहों में भर रखा था और में उसकी चूत में झड़ने के साथ साथ उसके बूब्स को सहला रहा था. फिर कुछ देर बाद में भी थककर उसके ऊपर लेट गया और उसके जिस्म को सहलाने लगा. फिर हम दोनों उठे तो मैंने देखा कि बेडशीट पर मेरे वीर्य के अलावा उसकी चूत से निकला हुआ खून भी था जो आज उसकी चुदाई में उसकी सील टूटने की तरफ इशारा कर रहा था. तो हमने अपने कपड़े पहने और उस समय शाम के 7 बज गये थे. उसके मम्मी, पापा के आने का टाईम भी हो गया था. तो वो सोफे पर बैठकर अपनी किताब को लेकर बैठ गयी. तो मैंने बेडरूम से खून से भरी हुई बेडशीट उठाई और उसे धोने लगा, लेकिन उस पर लगा हुआ वो चुदाई का खून नहीं निकला.
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बेटे ने अपनी माँ को रंडी बनाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम बाबूराव है और मेरी बीवी का नाम वन्दना है. उसकी लम्बाई 5.2 और 38-32-38 फिगर है. उसकी उम्र 37 साल है और वो दिखाने में एकदम गोरी चिट्टी है. में मुंबई का रहने वाला हूँ और हमारे दो बच्चे है, लेकिन उस में से एक ही हमारे साथ रहता है और दूसरा मेरी साली के पास रहता है. मेरा बड़ा बेटा भूषण 19 साल का है और एक बड़े कॉलेज में पढ़ता है.
दोस्तों मेरी बीवी अभी भी दिखने में बड़ी ही सेक्सी है, उसका रंग गोरा, बाल लंबे और बहुत काले है. वो ज्यादातर समय साड़ी पहनती है और वो हमेशा आधी बाँह का ब्लाउज और साड़ी को नाभि से 3 इंच नीचे बांधती है क्योंकि उसे उसकी नाभि लोगों को दिखना बहुत अच्छा लगता है और मुझे भी. दोस्तों इस कहानी का असली हीरो मेरा बेटा है जिसने अपनी माँ को अपने दोस्त अनिल के पापा (अमर) से चुदवाया और यह चुदाई हमारे सामने ही हुई. मुझे उस पर नाज़ है कि उसने हम सबको यह करने के लिए समझाया और बहुत मज़ा दिया. तो अमर ने मेरी बीवी वन्दना को मेरे और मेरे घर वालों के सामने नंगी करके जमकर चोदा और हम उसकी इस चुदाई के मज़ा ले रहे थे.
तो एक दिन भूषण ने एक सपना देखा जिसमे उसकी माँ वन्दना को उसके दोस्त के पापा चोद रहे थे और उसके पापा और बाकी घर वाले मज़ा ले रहे थे और वन्दना की बहुत जमकर चुदाई हुई और तभी उसकी नींद खुल गई. तो उसने महसूस किया कि उसका लंड एकदम टाईट था और पूरा बदन पसीने से लथपथ था. उसने अपने लंड को हाथ में पकड़ा और अपनी माँ के नाम से मुठ मारी और सो गया और सुबह उठकर वो अपने कॉलेज चला गया. तो उसने यह बात उसके कॉलेज के दोस्त को बताई.
भूषण ने अपने दोस्त अनिल से कहा कि यार अनिल कल रात को मैंने एक सपना देखा, तो अनिल ने पूछा कि अच्छा बता उसमे तूने ऐसा क्या देखा? तो उसने कहा कि मेरे समझ में नहीं आता कि तुम्हे कैसे बताऊँ? तो अनिल बोला कि बिना झिझक बताओ, फिर भूषण बोला कि यार कल मैंने एक सपना देखा जिसमे मेरी माँ को तेरे पापा चोद रहे थे और मेरा बाप खड़ा खड़ा देख रहा था और मज़े ले रहा था. इतना ही नहीं मेरे दादा, दादी भी मज़े ले रहे थे.
तो अनिल बोला कि क्या यह चुदाई तुम्हारे घर में हो रही थी? और तुम्हारी माँ ने सफेद कलर की पेंटी पहनी हुई थी? जिसे मेरे पापा ने तेरे पापा को उतारने को कहा था. तो भूषण झटसे बोला कि हाँ यार, लेकिन यह सब तुझे कैसे पता? तो अनिल बोला कि दोस्त तुमने और मैंने कल रात शायद एक ही सपना देखा है और मैंने तो यह सपना सुबह देखा और फिर भूषण बोला कि हाँ मैंने भी.
अनिल बोला कि मुझे तो लगता है कि यही भगवान की भी मर्ज़ी है तो भूषण बोला कि भगवान की मर्जी हो या ना हो, लेकिन में अब अपनी माँ को तुम्हारे बाप से चुदवाकर ही रहूँगा. तो अनिल बोला कि लेकिन यह सब कैसे होगा? मेरा बाप काला तवा और तेरी माँ गोरी सुंदर. वो मेरे बाप से क्यों चुदवाएगी और फिर तुम्हारे पापा का क्या? तो भूषण बोला कि तू चिंता मत कर, में एक प्लान बनाता हूँ तू सिर्फ़ वैसा कर. तो अनिल बोला कि में तेरी माँ को मेरे बाप से चुदवाने के लिए कुछ भी करूँगा, लेकिन यार अगर तुम्हारी माँ ने चुदवाने से इनकार किया तो?
भूषण बोला तो हम उसका अपहरण करके चुदवाएँगे और फिर सिर्फ़ चुदाई ही नहीं बल्कि रेप होगा और वो भी दस लोगों से और तू फ़िक्र मत कर तेरे बाप का काला काला लंड मेरी माँ की गुलाबी चूत में जरुर घुसेगा और चल अब में प्लान समझाता हूँ और उसने पूरा प्लान अनिल को समझाया. अनिल अपने घर पर रहता था और उसकी माँ के गुजरने के बाद उसके पापा ने दूसरी शादी नहीं की थी, इसलिए उन्हे जब कभी सेक्स की इच्छा होती तो वो मुठ मारते थे. तो एक दिन उन्हे मुठ मारते हुए अनिल ने रंगे हाथ पकड़ लिया और फिर अमर बहुत शर्मिंदा महसूस करने लगा. तो अनिल बोला कि क्या पापा आप कितने दिन तक मुठ मारोगे? तो अमर बोला कि मुझे माफ़ करना बेटा, लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ.
अनिल : तो पापा कोई लड़की या औरत को पटाईये.
अमर : अब इस उम्र में मुझसे कौन पटेगी? में अब 47 साल का हूँ और दिखाने में काला और गंजा हूँ.
अनिल : पापा मेरे एक दोस्त की माँ है आप कहे तो में बात आगे चलाऊँ?
अमर : लेकिन क्या तेरे दोस्त और उसके पापा कुछ नहीं कहेंगे? उन्हे पता चला तो और वो भी क्यों तैयार होगी?
तो अनिल ने पापा को वन्दना की फोटो दिखाई, उस तस्वीर में वन्दना ने नीले कलर की साडी पहनी हुई थी और उसका गोरा पेट और पेट गहरी पर नाभि दिखाई दे रही थी. फिर वन्दना को देखकर अमर की खुश हो गया और अमर बोला कि बेटा, लेकिन इतनी सुंदर औरत मुझसे चुदवाएगी क्या तुम बेवकूफ़ हो? तो अनिल बोला कि लेकिन पापा यह आइडिया मेरे दोस्त भूषण का ही है, अमर एकदम चौंक गया, क्या? हाँ पापा और अनिल ने कहा कि यह आइडिया उसी का है और फिर अनिल ने अमर को पूरी बात बता दी.
अमर बोला कि ठीक है में तैयार हूँ, फिर अनिल ने कहा कि ठीक है, में भूषण को अभी बुलाता हूँ, आप उससे बात कर लीजिए, वो अपने साथ में वन्दना के और भी फोटो लाएगा तो आप ठीक तरह से उसे देख लीजिए. फिर अनिल ने भूषण को फोन करके घर पर बुला लिया और भूषण आ गया. उसने अभी तक अमर को इतनी ठीक तरह से कभी नहीं देखा था. अमर 6 फिट उँचा काला, टकला और एक भद्दा आदमी था, लेकिन वन्दना को ऐसे ही आदमी से चुदते हुए देखने में मज़ा था.
तो अमर ने भूषण से पूछा कि बेटे तुम अपनी माँ को मुझसे क्यों चुदवाना चाहते हो? भूषण ने कहा कि अंकल मुझे सिर्फ़ मेरी माँ को चुदवाना है, लेकिन क्यों यह पता नहीं? और मेरी माँ जैसी सेक्सी रांड को आप जैसा सांड ही चाहिए. तो अमर हंस पड़ा और वो बोला कि ठीक है बेटा में तुम्हारी माँ को चोदने को तैयार हूँ, लेकिन क्या वो तैयार है? और हम तुम्हारे बाप का क्या करेंगे? तो भूषण बोला कि आप मेरे बाप की चिंता मत कीजिए वो मान जाएगा.
फिर अमर बोला कि लेकिन बेटा मैंने तुम्हारी माँ को चोदा तो उसके आगे क्या? उसके बाद और क्या होगा? तो भूषण बोला कि फिर मेरी माँ आपकी रांड बनेगी और आप उसे हमेशा चोदना. में मेरी माँ को पूरी तरह से आपके हवाले करूँगा और फिर आप जो चाहे वो करना उसके साथ और आप चाहे तो उसे भरे बाज़ार में नंगी करो तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं और उसके जैसी छिनाल आईटम को आप जैसा मर्द ही चाहिए. फिर अमर ने कहा कि ठीक है अब मुझे दिखाओ मेरी चिकनी चमेली के फोटो. तो अनिल और भूषण दोनों हंसने लगे, भूषण ने कहा कि अंकल यह हुई ना मर्दो वाली बात. तो अमर ने कहा कि बेटे भूषण जब में तुम्हारी माँ वन्दना की गांड मेरे लंड से चोदूंगा तो वो होगी मर्दो वाली बात और फिर सब हंसने लगे.
फिर भूषण ने कहा कि अंकल मेरी माँ की गांड आपके लंड की राह देख रही है और फटने को बेकरार है, अंकल आपका काला मोटा ताज़ा लंड मेरी माँ की गांड चीर देगा तो बड़ा मज़ा आएगा. तो अमर बोला कि ठीक है भूषण दिखा दे मुझे मेरी चिकनी वन्दना के फोटो. फिर भूषण ने अमर को वन्दना के फोटो दिखाए, अमर ने कहा कि में अपना लंड बाहर निकाल कर फोटो देखूँगा.
वन्दना का पहला फोटो देखकर अमर बोला कि वन्दना डार्लिंग तुम इतने दिन से कहाँ थी? अमर हर फोटो पर कॉमेंट कर रहा था और दोनों हंस रहे थे. वन्दना ने एक फोटो में जीन्स पहनी हुई थी उसे देखकर अमर बोला कि देख अनिल बेटा इस छिनाल ने क्या टाईट जीन्स पहनी है? साली की गांड तो गोल गोल है, मस्त मज़ा आएगा इस कुतिया की गांड मारने में. भूषण बेटा क्या इस छिनाल की गांड तुम्हारे हरामी बाप ने मारी है? तो भूषण बोला कि अंकल इस छिनाल की गांड अभी भी कुंवारी है. अनिल बोला कि तो इस गांड को फाड़ने में बहुत मज़ा आएगा. तो भूषण बोला कि प्लीज तुम दोनों बाप बेटे इसकी गांड जरुर फाड़ दीजिएगा.
फिर सभी फोटो देखने के बाद अमर बोला कि बेटे भूषण तुम्हारा बाप बहुत कमीना है जो ऐसे सेक्स बम को अकेला चोदा. तो भूषण ने कहा कि अमर अंकल अब में मेरी माँ को पूरी तरह से आपके कब्जे में दे दूँगा. तुम मेरे बाप को इसे हाथ भी मत लगाने देना. तो अमर बोला कि ठीक है बेटे, मुझे तुम पर पूरा विश्वास है तुम मेरी वन्दना मुझे जरुर दिला दोगे, भूषण बोला कि ठीक है अंकल.  में अब चलता हूँ मुझे मेरे पापा को भी समझाना है और फिर भूषण वहां से चला गया और भूषण घर पर आकर अपने पापा को समझा रहा था, लेकिन उसका बाप बाबूराव मान नहीं रहा था.
आख़िरकार बाबूराव मान गया और भूषण से बोला ठीक है बेटा में वन्दना की चुदाई उस अमर से करवाने को तैयार हूँ और उसके बाद में वन्दना को उसके हवाले करने को भी तैयार हूँ, मुझे भी बहुत बार ऐसा ही लगता था कि तुम्हारी माँ को दूसरा कोई आदमी चोदे. तुम उसे घर पर बुला लो वो इस बहाने से उसे देखेगा. तो भूषण ने अनिल को फोन किया और कहा कि अनिल तुम अपने बाप को लेकर बाज़ार पहुँचो, वहां पर वन्दना गई हुई है तुम उसे नज़र मत आना सिर्फ़ अमर अंकल से बोलो कि उसको छेड़े और अपना चेहरा उसे दिखाओ. फिर बाबूराव ने बोला कि मुझे उस आदमी की तस्वीर तो दिखाओ, भूषण ने बाबूराव को अमर की फोटो दिखाई उसे देखने के बाद बाबूराव बोला कि यह तो बहुत काला है.तो अमर बोला कि काला है, लेकिन दिलवाला है. वन्दना बहुत अच्छे आदमी की बीवी बनाने वाली है.
बाबूराव बोला कि तो क्या वन्दना अब उसकी बीवी बनेगी? भूषण बोला कि हाँ अब से सिर्फ़ नाम के लिए आपकी बीवी रहेगी, चुदाई और बाकी के काम वही करेंगे और थोड़ी देर में अनिल का फ़ोन आया. उसने भूषण से बात की बाबूराव ने भूषण से पूछा कि क्या हुआ? तो भूषण ने कहा कि उन्होंने माँ को पहले पीछे जाकर गांड पर एक फटका मारा नाभि में उंगली की और गाल पर किस किया. तो बाबूराव बोला कि क्या इतने लोगों के सामने? भूषण बोला कि अब तो सिर्फ़ किस किया आने वाले दिनों में अमर अंकल वन्दना को उसी माल में पब्लिक के सामने नंगी करेंगे और चोदेगें. बाबूराव अब पूरी तरह से समझ गया था और वो अब वन्दना की चुदाई के सपने देख रहा था. उसकी भी बरसो की इच्छा उसका बेटा भूषण पूरा करने वाला था.
भूषण फिर एक बार अमर से मिलने गया, अमर भूषण से बोला कि बेटा वन्दना तो एकदम मक्खन है, धन्यवाद बेटा तुमने मेरी जिंदगी बदल दी. तो भूषण बोला कि अंकल एक और खुश खबरी है. आपके रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा मेरा बाप बाबूराव मान गया है और वो आपसे मेरी माँ की चुदाई करने को तैयार है और बाद में वन्दना को आपके हवाले करने को भी तैयार हो गया है. तो अमर एकदम उछल पड़ा और अब स्वर्ग सिर्फ़ उसके हाथ से दो कदम दूर था और अमर भी अब वन्दना के साथ चुदाई के सपने देख रहा था और एक दिन बाबूराव ने भूषण से कहा कि बेटा मुझे अमर से मिलना है में भी तो देखूं कि मेरी बीवी को चोदने वाला आदमी कैसा है?
भूषण बोला कि ठीक है और उसने अमर से फोन पर बात कर ली और फिर बाबूराव भूषण के साथ अमर के घर पर चला गया. अमर 6 फिट लंबा, थोड़ा सा मोटा, काला और टकला आदमी था. उसकी उम्र करीब 48 साल थी. तो अमर ने बाबूराव का और भूषण का स्वागत किया, लेकिन बहुत देर तक कोई भी एक दूसरे से बात नहीं कर रहा था और उस रूम में अमर, बाबूराव, भूषण और अनिल बैठे हुए थे.
उस कमरे की दीवार पर वन्दना की एक तस्वीर लगी हुई थी. उसे देखकर बाबूराव ने भूषण से कहा कि यहाँ तो बहुत आग लगी हुई है और तभी सब लोग हंस पड़े और फिर अमर बोला कि क्या बताऊँ साहब, आपकी बीवी है ही ऐसी चीज़? वन्दना जैसी सेक्सी औरत से मिलने के लिए नसीब की ज़रूरत होती है और यह तो भूषण बेटे की कृपा है कि वो मुझे मिलने वाली है.
बाबूराव ने कहा कि देखो अमर मैंने भी मेरी बीवी को बहुत बार चोदा है, लेकिन आज कल मुझे भी उसे चोदने में उतना मज़ा नहीं आता है और अब तुम उसे चोद सकते हो, लेकिन पहले तुम्हे उसे पटाना होगा. तो अमर बोला कि में तो भूषण बेटा जैसे कहेगा वैसा ही करता जाऊंगा, लेकिन बाबूराव जी आपकी बीवी वन्दना बहुत ही गरम माल है. तो बाबूराव बोला कि गरम ही नहीं बल्कि उसकी गांड में भी बहुत खुजली है. अमर बोला कि आप चिंता मत करो में उसकी गांड की सारी खुजली और मस्ती भी उतार दूँगा और मैंने सुना है कि आपने आपकी बीवी की गांड नहीं मारी है? तो बाबूराव ने कहा कि हाँ नहीं मारी, मैंने दो बार ट्राई किया था, लेकिन फिर भी मार नहीं पाया.
तो अमर बोला कि अच्छा हुआ नहीं मार पाए, मेरे लिए उसकी गांड तो कुँवारी बची है. अब आप देखिए आपकी सेक्सी बीवी की गांड जमकर मारूँगा. तो बाबूराव ने कहा कि बिंदास अमर. फाड़ दे उस छिनाल की गांड. में अपना लंड नहीं घुसा पाया कम से कम तुम्हारे लंड से तो फटने दो मेरी हरामजादी बीवी की गांड को. तो अमर बोला कि में मेरा लंड भी वन्दना के मुहं में देने वाला हूँ और मेरा पानी पिलाने वाला हूँ में अभी बता देता हूँ. तो बाबूराव बोला कि में मेरी बीवी को आपके हवाले कर रहा हूँ आप जो चाहे उसके साथ करो. उसे उठाकर, लेटाकर, खड़ा करके, उल्टा करके जैसी चाहे जहाँ चाहे और जब चाहे चोद दो और यह बात सुनकर सब हंस पड़े.
भूषण बोला कि मुझे ऐसे लग रहा है कि में तुम दोनों की बातें सुनता ही रहूँ, मुझे कितना अच्छा लग रहा है. पापा आपको माँ के बारे में ऐसी बातें करते हुए मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. फिर सबने जमकर शराब पी और दूसरे दिन का प्लान करके बाबूराव और भूषण घर लौट आए. तो दूसरे दिन का पूरा प्लान भूषण ने सबको समझा दिया था और घर पर आने के बाद भूषण ने दादाजी और दादी को भी पूरा प्लान समझा दिया, उन दोनों को भी यह प्लान बहुत पसंद आया. तो दूसरे दिन भूषण ने वन्दना से कहा कि मम्मी आज मेरा दोस्त अनिल और उसके पापा आने वाले है, वन्दना बोली कि ठीक है बेटा लेकिन वो लोग कब आने वाले है? तो भूषण बोला कि वो शाम के 4.00 बजे आने वाले है, वन्दना बोली कि ठीक है और शाम के ठीक 4.00 बजे अनिल और अमर भूषण के घर पर आ गए.
वन्दना किचन में काम कर रही थी. तो बाबूराव ने दरवाजा खोला, अमर और अनिल अंदर आ गए. अमर ने बाबूराव से धीरे से पूछा कि मेरी चिकनी चमेली वन्दना कहाँ है? तो बाबूराव ने कहा कि तो अंदर है, वो शायद तुम्हारे लिए कुछ बना रही है. तो अमर ने कहा कि उसे कहो कि में आज उसे ही खाने आया हूँ और वो दोनों हंस पड़े. अनिल और अमर सोफे पर बैठे हुए थे और अंदर से वन्दना पानी लेकर बाहर आ गई. उसने सफेद कलर की साड़ी पहनी हुई थी और उसने साड़ी नाभि से 4 इंच नीचे पहनी हुई थी और सफेद कलर का बिना बाँह का ब्लाउज पहना हुआ था. साड़ी का पल्लू ऐसे लिया था कि उसका एक बूब्स और नाभि दिखाई दे और जब कोई मेहमान घर पर आते है तो वन्दना हमेशा साड़ी कमर से ज़्यादा नीचे पहनती थी ताकि देखने वाले को उसकी सेक्सी नाभी अच्ची तरह से दिखाई दे और उसके होंठो पर हल्की सी गुलाबी लिपस्टिक थी.
फिर अमर को देखते ही वन्दना एकदम चौंक गयी, लेकिन सब लोगों के सामने अपनी परेशानी को उसने जाहिर नहीं किया, उसने अनिल और अमर को पानी, चाय, नाश्ता दिया और चली गयी और थोड़ी देर इधर उधर की बातें होने के बाद अमर ने कहा कि भूषण बेटे तुम्हारी मम्मी को बुलाओ मुझे उनसे कुछ कहना है. तो भूषण ने वन्दना को बुलाया, वन्दना बाहर आ गई तो अमर बोला कि में तुम सब लोगों के सामने एक बात कहना चाहता हूँ, मैंने तुम्हारी मम्मी के साथ मॉल में बत्तमीजी की है, लेकिन में नहीं जानता था कि यह तुम्हारी मम्मी है. वन्दना जी में आप से माफी माँगना चाहता हूँ.
भूषण की दादी बोली कि देखो बहू यह आदमी शरीफ लगता है, इसने तुमसे माफी माँगी है इसे माफ़ कर दो, बाबूराव भी बोला कि हाँ वन्दना माफ़ कर दो. तो वन्दना बोली कि ठीक है अमर जी और इधर उधर की बातें होने के बाद अनिल और अमर जाने को निकले उन्होंने बाबूराव के माता, पिता के पैर छुए और बाबूराव को बोले कि चलो बाबूराव और दोनों गले मिले और भूषण को अमर ने कहा कि चलो भूषण बेटे. तभी वन्दना भी बाहर आई. अनिल बोला कि ठीक है आंटी बाय. वन्दना बोली कि बाय बेटे आते जाते रहना और अमर बोला कि अच्छा वन्दना जी में अब चलता हूँ.
तभी बाबूराव बोला कि अमर तुम वन्दना को वन्दना ही कहो, क्यों वन्दना? तो वन्दना बोली कि हाँ क्यों नहीं? तो अमर बोला कि वैसे तो में वन्दना से दोस्ती करना चाहता हूँ, बाबूराव बोला कि क्यों नहीं वन्दना आगे आओ और अमर से हाथ मिलाओ. तो वन्दना आगे आ गई और उसने अमर से हाथ मिला लिया, तभी भूषण बोला कि अंकल आप और माँ सच में अब दोस्त हो गये हो तो अब आप दोनों गले क्यों नहीं मिलते? तो वन्दना शायद अमर के गले नहीं लगना चाहती थी, लेकिन अमर ने उसे बाहों में ले लिया और सब लोग हंसने लगे और तुरंत अमर ने वन्दना के गाल पर एक किस कर दिया और वन्दना शरम से पानी पानी हो गयी.
फिर अमर ने उसे थोड़ी देर उसे वैसे ही पकड़कर रखा. भूषण वन्दना से बोला कि मम्मी अब आप अमर अंकल को एक किस करो. तो वन्दना बोली कि नहीं में ऐसा नहीं करूँगी, लेकिन सबने वन्दना से कहा तो उसे अमर को मजबूरी में किस करना ही पड़ा. अमर ने वन्दना के होंठो को चूमा और बाबूराव से पूछा कि क्या अब में वन्दना को वन्दना डार्लिंग बुला सकता हूँ? तो बाबूराव बोला कि मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है. बाबूराव के माँ, बाप यानी वन्दना के सास ससुर भी बोले कि हमारी तरफ से भी कोई मना नहीं है और भूषण तो बोला कि मेरी तरफ से रुकावट होने का सवाल ही नहीं आता, मुझे तो बहुत खुशी होगी. फिर वन्दना बोली कि ठीक है, लेकिन मुझे सोचने का थोड़ा वक्त चाहिए तो अमर बोला कि ठीक है डार्लिंग तुम्हे हमने टाईम दिया बेबी और उसने वन्दना के गालों पर एक और किस कर लिया और उसकी नाभि में भी उंगली की और वन्दना तो शरम से पानी पानी हो गयी.
फिर दूसरे दिन सुबह ही अमर, भूषण के घर पर आ गया. बाबूराव के पिता नारायण ने दरवाजा खोला तो अमर को देखकर नारायण ने कहा कि अरे अमर बेटा सुबह सुबह कैसे आना हुआ? तो अमर ने कहा कि अरे चाचाजी में यहीं से गुजर रहा था तो मैंने सोचा कि आपके दर्शन करता जाऊँ. फिर नारायण ने कहा कि ठीक है में समझ गया कि तुम किसके दर्शन करने आए हो? तुम तुम्हारी चिकनी चमेली वन्दना डार्लिंग के दर्शन करने आए हो ना. अमर शरमा गया और फिर नारायण ने कहा कि अरे बेटा शरमाना कैसे? आओ अंदर और अमर अंदर आ गया. तभी बाबूराव ने कहा कि वेलकम अमर जी लगता है आपको रातभर नींद नहीं आई है?
तो अमर ने कहा कि में क्या बताऊँ रातभर सपने में एक सेक्सी माल आता रहा और वो दोनों हंस पड़े और तभी वन्दना किचन से बाहर आ गई. उसने आज नीले कलर की टाईट जीन्स और काली कलर का बिना बाँह का टॉप पहना हुआ था और फिर वन्दना को देखते ही अमर वन्दना से लिपट गया और वन्दना भी उससे आज खुलकर लिपट गई और वो दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. तो अमर बोला कि क्या तुम मेरी डार्लिंग बनाने को तैयार हो?
वन्दना बोली कि अगर यहाँ पर किसी को ऐतराज़ नहीं है तो मुझे क्यों ऐतराज़ होगा, फिर अमर बोला कि तो क्या तुम मेरी बीवी बनोगी? तो वन्दना बोली कि लेकिन बाबूराव का क्या होगा? तो बाबूराव बोला कि कुछ नहीं तुम मेरी नाम के लिए बीवी रहोगी, असली बीवी तुम अमर की ही रहोगी, अमर कहेगा वो सब तुम करोगी, वो जब चाहे तुम्हे चोदेगा और जब चाहे तुम्हे नंगी करेगा. तो वन्दना बोली कि ठीक है चलेगा, भूषण बोला कि देख लो माँ अमर अंकल तुम्हे हमारे सामने भी चोद सकते है. तो वन्दना बोली कि ठीक है बेटा मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, भूषण बोला कि ठीक है अमर अंकल आपकी बीवी को आप अभी हमारे सामने चोद सकते है. तो अमर ने वन्दना को पूरी तरह से नंगा किया और अमर खुद नंगा हो गया. बाबूराव ने कमरे का दरवाजा जानबूझ कर खुला रखा था.
तो वन्दना बोली कि दरवाजा तो बंद कीजिए, भूषण बोला कि नहीं मम्मी आपकी चुदाई दरवाजा खुला रखकर ही होगी, ताकि अगली बार आपको शरम ना आए और जिस किसी को यह चुदाई देखनी है वो देख ले. तो वन्दना बोली कि ठीक है और अमर ने वन्दना को पहले अपना लंड चूसने को कहा. वन्दना भी बड़े शौक से लंड चूस रही थी, सब देखकर हंस रहे थे. तो अमर बोला कि वन्दना मेरी जान क्या मस्त लंड चूसती है तू. अमर ने बाबूराव से पूछा कि क्या इसने कभी आपका लंड चूसा था?
बाबूराव बोला कि नहीं इसने कभी मेरा लंड नहीं चूसा, वन्दना ने लंड मुहं से बाहर निकाला और बोली कि में सिर्फ़ असली मर्दों के लंड चूसती हूँ और सब हंस पड़े. तो बाबूराव के पिता नारायण ने कहा कि बेटा यह छिनाल तुम्हे नामार्द कह रही है. तो बाबूराव अमर को बोला कि अमर इस छिनाल, रंडी, कुतिया की आज गांड, चूत सब फाड़ दो. अमर बोला वो तो में आज वैसे भी फाड़ने वाला हूँ, वन्दना बोली कि में भी मेरी गांड आज फड़वाकर ही रहूंगी और अमर ने वन्दना के मुहं में पिचकारी मार दी.
वन्दना ने अमर का सारा वीर्य पी लिया और अब अमर ने वन्दना को सोफे पर पेट के बल लेटा दिया और ऊपर से उसकी चूत में अपना ताज़ा, मोटा, काला लंड डाल दिया. दोस्तों जैसे ही लंड अंदर गया वैसे वन्दना चिल्ला उठी आईईईईईइ में अह्ह्हह्ह्ह्ह मर गइईईईईई मेरी चूत फट गई और सब लोग हंसने लगे. तो वन्दना की सास बोली कि देख रंडी आज तेरा सामना असली मर्द से हुआ है तुझ जैसी छिनाल औरतों को तो ऐसा ही मर्द चाहिए. तो वन्दना बोली कि सासू माँ आज यह मर्द मुझे पूरी तरह से खाने वाला है और वन्दना भूषण से बोली कि धन्यवाद बेटा, मुझे असली मर्द देने के लिये और अमर अब तेज स्पीड में लंड वन्दना की चूत के अंदर बाहर कर रहा था और वन्दना नीचे तड़प रही थी.
दोस्तों वन्दना की चूत कितने दिनों से आग में जल रही थी और अमर का लंड भी कितना तड़प रहा था. अमर वन्दना को 20 मिनट तक चोद रहा था. फिर बाबूराव बोला कि अमर ठोक साली रंडी को और ज़ोर से ठोक इसकी चूत में आज अपना पूरा लंड दे और फिर अमर का दस इंच का लंबा लंड वन्दना के बच्चेदानी में घुसकर हल्ला मचा रहा था और अमर ने वन्दना की चूत में वीर्य गिरा दिया.
तो अब वन्दना भी शांत हो गयी और अमर भी शांत हो गया और थोड़ी देर दोनों उसी पोज़िशन में रहे. अमर ने लंड को बाहर निकाला और देखा कि वन्दना की चूत थोड़ी सी फट गयी थी और अब अमर ने वन्दना को डोगी स्टाईल में बैठाया और पीछे से उसकी गांड में लंड डालने को शुरुवात की अमर का सुपाड़ा गांड के होल में घुसते ही वन्दना दर्द से चिल्ला उठी.
वन्दना बोली कि अमर प्लीज़ बाहर निकालो, मेरी गांड फट जाएगी तो अमर बोला कि मेरी छम्मक छल्लो मैंने लंड क्या बाहर निकालने के लिए अंदर डाला है, अब में तुम्हारी गांड फाड़कर ही दम लूँगा. उसने और ज़ोर से लंड गांड के छेद में घुसा दिया. तो वन्दना की आँखे सफेद हो गई. उसकी आँखो के सामने तारे चमक रहे थे और चेहरा लाल हो गया था और दर्द से उसका बहुत बुरा हाल हो रहा था और फिर वन्दना बोली कि भगवान के लिए मेरी गांड से लंड बाहर निकालो वरना में मर जाउंगी. तो बाबूराव बोला कि अमर बिल्कुल मत निकालना फटने दो इसकी गांड और मरने दो इसे. फिर वन्दना की सास बोली कि हाँ अमर बेटे अब पीछे मत हटो फाड़ दो इसकी गांड, वन्दना बेटी थोड़ी हिम्मत रखो तुम सबसे बड़ी रंडी बनोगी.
तो अमर ने कहा कि में भी एसी टाईट गांड थोड़ी छोड़ने वाला हूँ और अमर वन्दना की गांड में अंदर बाहर लंड करने लगा, वन्दना चिल्ला रही थी उईईईईई माँ उह्ह्ह्हह्ह मर गई, भूषण बेटे यह हरामखोर तुम्हारी माँ की गांड ही फाड़ देगा उईईईईई माँ आआअ बड़ा जालिम है और बिना फ़िक्र के अमर वन्दना की गांड मार रहा था और उसने वन्दना को कहा कि मदारचोद साली कुतिया और उसने वन्दना की गांड पर एक ज़ोर का चांटा मार दिया. तो वन्दना बोली कि अबे साले हरामी मार मत. अमर बोला कि फिर क्या तेरी पूजा करूं, रंडी चल हिला अपनी गांड और एक ज़ोर का चांटा मार दिया सटाक और सब लोग ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे.
वन्दना बोली कि मेरी यहाँ पर गांड फट रही है और तुम सब हंस रहे हो. भूषण आगे आकर वन्दना के बूब्स दबाते हुए बोला तो मम्मी आप अपनी गांड क्यों नहीं हिलाती? वन्दना बोली कि यह लो हिलाती हूँ और उसने गांड हिलाना शुरू किया और अब सभी और ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. तो अमर बोला कि देखो भूषण बेटे तुम्हारी माँ कैसे रंडी जैसे गांड हिलाती है. हिला मेरी बेबी वन्दना और ज़ोर से हिला. तो भूषण बोला कि अंकल अब वन्दना आपकी रंडी है, अमर बोला कि नहीं बेटा इस हरामजादी को में सच की रंडी बनाऊंगा. बाबूराव तूने अब तक यह सेक्सी माल अकेले ने खाया है. अब सारे शहर को इसे चोदने दो.
बाबूराव ने कहा कि अमर मेरी बीवी वन्दना अब तुम्हारी गुलाम हो चुकी है तुम इसे जिसे चाहे और जहाँ चाहे चुदवा सकते हो. फाड़ दो साली की गांड और अमर ने वन्दना की गांड पर ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ जड़ दिए. तो वन्दना बोली कि आप मुझे इतना मार क्यों रहे हो? अमर बोला कि तो क्या तेरी पूजा करूं? छिनाल कहीं की चल हिला साली तेरी गांड, नहीं तो आज फाड़ दूँगा और अमर अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था. वन्दना दर्द से चिल्ला रही थी और सभी हंस रहे थे. दोस्तों यही वो सपना था जो भूषण ने देखा था और आज वो पूरा हो गया था. त
भी वन्दना की गांड से खून आने लगा. अमर ने फिर भी गांड में धक्के दिए शायद वन्दना की सील टूट गयी थी और सब लोग तालियां बजा रहे थे. तो अमर ने लंड बाहर निकाला तो वन्दना पेट के बल लेट गई, अमर उसके ऊपर लेट गया. वो दोनों बहुत थक गये थे और आधे घंटे के बाद दोनों की नींद खुली. तो वन्दना बहुत फ्रेश महसूस कर रही थी और आज वो सुहागन बन गयी थी. अमर का काम होते ही उसका बेटा अनिल खड़ा हो गया और उसने भी वन्दना की जमकर चुदाई की और फिर अमर और अनिल बाप बेटे ने मिलकर वन्दना की चुदाई की, अमर ने सबको वन्दना की गांड दिखाई जो की थोड़ी सी फट गयी थी.
फिर वन्दना ने नहाकर साड़ी पहन ली और सब लोग मंदिर चले गये. वहाँ पर अमर ने वन्दना से शादी की, अब वन्दना बाबूराव के साथ अमर की भी बीवी बन गयी थी. अमर ने वन्दना के सामने एक एग्रीमेंट रखा, जिसमे लिखा था कि वन्दना अमर की बीवी है और अमर जिसे कहेगा उससे वो चुदाई के लिए तैयार है. तो वन्दना बोली कि यानी मुझे पूरी रंडी ही बनाना चाहते हो तुम लोग. ठीक है जैसी आप सबकी मर्ज़ी और वन्दना ने एग्रीमेंट पर साइन कर दिया और वन्दना अब पूरी तरह से अमर की हो चुकी थी.
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माँ को चोदकर खुशी दी


हैल्लो फ्रेंड्स, में इस साईट का रेग्युलर रीडर हूँ. मुझे सेक्स स्टोरी पढ़ना बहुत अच्छा लगता है. में मुरादाबाद (यू.पी) से हूँ मेरे घर में, में, माँ, पापा और मेरी एक छोटी बहन रहती है. पापा चंडीगढ़ में एक कंपनी में मैंनेजर की पोस्ट पर जॉब करते है. मेरी छोटी बहन जो 21 साल की है उसका फिगर 34-26-34 है और मेरी माँ एक हाऊस वाईफ है. यह बात पिछले 7 दिन पहले कि है यह एक सच्ची घटना है, प्लीज इसको पढना और लड़के अपने लंड को रगड़े और लड़की अपनी चूत में उंगली डाले. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधे स्टोरी पर आता हूँ.
मेरा नाम राहुल है और में 24 साल का हूँ और मेरा लंड 8 इंच का लंबा और 3 इंच मोटा है. मेरी माँ की उम्र 42 साल है उसका फिगर 36-28-36 है, वो दिखने में एकदम गोरी है और वो अभी भी 32 या 34 साल की लगती है और वो अब भी जवान लगती है. में हमेशा से अपनी माँ का दीवाना हूँ, क्योंकि पापा 2-3 महीने में एक बार घर आते थे और शायद एक ही बार वो मेरी माँ को चोदते थे इसलिए माँ हमेशा चुपचाप रहती थी. में ये सब बहुत दिनों से देख रहा था, लेकिन कभी पूछा नहीं था. जब पापा आते थे और मेरी माँ के साथ सेक्स करते थे, तो में चुपके से वो सब देखता था और दुख करता था, क्योंकि पापा सिर्फ़ 5 मिनिट के अंदर ही सेक्स ख़त्म कर देते थे और फिर सो जाते थे.
हम अलग-अलग रूम में सोते थे और में हमेशा माँ के बूब्स और गांड को देखा करता था तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था. घर में जब माँ और बहन जब काम करती थी तो उन्हें देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता और में उनके नाम कि मूठ मारता था. एक दिन में रात को पानी पीने के लिए उठा, तो मैंने देखा कि माँ के रूम की लाईट जल रही थी मुझे शक हुआ, तो मैंने विंडो से देखा, तो माँ नंगी थी और अपनी शेव चूत में उंगली कर रही थी और सेक्सी आवाजें निकाल रही थी, आह आह. तभी से में माँ को चोदने की प्लानिंग करने लगा. में माँ के सामने कपड़ो के अंदर अपना लंड टाईट करके माँ के सामने जाने लगा और वो उसे देखा करती थी. फिर मैंने माँ को लंड दिखाने का प्लान बनाया और सुबह के समय अपना लंड बाहर निकालकर और टाईट करके नंगा हो कर सो गया. फिर माँ मेरे रूम में सफाई करने आई और मेरे लंड को देखने लगी, मैंने तभी सोच लिया था कि में माँ को जरूर चोदूंगा और इंतज़ार करने लगा और फिर किस्मत ने मेरा साथ दिया और मेरी बहन 15 दिनों के लिए कॉलेज टूर पर जाने वाली थी और हम दोनों ही घर में अकेले रहने वाले थे. फिर जब मेरी बहन चली गई तो मैंने माँ को चोदने की ठान ली.
एक दिन माँ अपने रूम में सो रही थी और रूम का दरवाजा खुला था. में रूम गया और माँ के पास जाकर सो गया. मैंने एक ढीला पजामा पहना था, जिसके अन्दर मेरा लंड आराम से खड़ा हो सकता था. फिर सुबह जब माँ उठी तो मेरा लंड देखकर मुस्कुराने लगी और नहाने चली गई और बाहर निकलते वक़्त उसके शरीर पर एक टावल बंधा था, जिसमें से उसके आधे बूब्स और गांड बाहर निकली हुई थी, वो रूम में आकर चेंज करने लगी और टावल हटाकर ब्रा और पेंटी पहनने लगी. मेरा हाल बुरा हो रहा था उसे लग रहा था कि में सो रहा हूँ. फिर उस रात हम सो गये. उस दिन माँ ने पारदर्शी नाइटी पहनी हुई थी. उसके नीचे बस ब्रा थी और फिर वो सो गई. फिर कुछ देर के बाद में भी उसके पीछे जाकर उससे चिपककर सो गया, उसे ऐसा लगा कि में नींद में उससे चिपका हूँ, वो ऐसे ही लेटी रही और मेरा लंड टाईट होने लगा और उसकी गांड पर टच होने लगा क्या मुलायम गांड थी उसकी, में बता नहीं सकता.
फिर वो ऐसे ही लेटी रही. ऐसा कई दिन तक चलता रहा. फिर मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा, तो उसने मेरा हाथ हटा दिया, फिर अगले दिन भी ऐसा ही हुआ. एक दिन मैंने फिर से मैंने हाथ रखा तो वो मुझसे दूर होकर लेट गई में उसके पास और कहा कि क्या हुआ? तो वो बोली में तेरी माँ हूँ और ये क्या पाप कर रहा है.
मैंने उसे बताया कि कैसे वो सेक्स कि प्यासी है और मैंने छुपकर देखा है कि पापा आपको पूरी तरह नहीं चोद पाते है, तो वो कुछ नॉर्मल हुई और बोली तेरे पापा अब मुझे नहीं चोदते है तो में उंगली से काम चलाती हूँ. मैंने मौके का फायदा उठाया और उसे लिप किस कर दिया और गाल पर किस करने लगा और माँ के कुछ देर मना करने के बाद मेरा साथ देने लगी. मैंने उसके बूब्स पर हाथ रखा, तो वो सहम गई क्या बूब्स थे उसके इतने सॉफ्ट जैसे कॉटन हो, लेकिन इतनी उम्र में भी ढीले नहीं हुए थे. में एक हाथ से उसके बूब्स को नाइटी के ऊपर से ही सहलाने लगा और लिप किस भी कर रहा था.
फिर 15 मिनट तक लिप किस करने के बाद जब मैंने उसकी नाइटी ऊपर करनी चाही, तो उसने मना कर दिया और बोली कि बेटा ये सब सही नहीं है, इतना ही रहने दे, ये पाप है और किसी को पता चल गया तो और तेरे पापा हम दोनों को मार देंगे. मैंने कहा माँ किसी को पता नहीं चलेगा और उसका बूब्स दबाने लगा.
फिर कुछ देर तक तो वो मना करती रही, लेकिन बाद में उसे भी मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. उसके मुँह से सेक्सी आवाजें निकलने लगी थी और वो, आहहह्ह्ह्हह उहहह्ह्ह्हह करने लगी. तो मैंने उसके होठों पर अपने होठों को रख दिया और एक हाथ उसकी चूत पर लगा दिया. उसका शरीर अकड़ गया था. फिर 10 मिनट तक ऐसा करने के बाद मैंने उसकी नाइटी ऊतार दी क्या लग रही थी वो यार, मत पूछो. पता नहीं पापा उसे क्यों नहीं चोद पाते थे.
फिर उसे नंगी करके मैंने उसे दूर से देखा, तो वो कयामत लग रही थी और मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी तो उसने अपने बूब्स और चूत को अपने शरीर में छुपाना चाहा. फिर मैंने उसके बूब्स चूसने स्टार्ट कर दिए थे और एक बूब्स को दबाने लगा तो वो सिसकियां भरने लगी और आअहहह्ह्ह अहह आआहह की आवाजें निकलाने लगी. अब वो गर्म हो गई थी तो मैंने अपना लंड उसे बाहर निकाल कर दिखाया तो चौंक गई और बोली कि ये तो तेरे पापा से भी बड़ा है, उनका तो 4 इंच का ही है.
फिर हम दोनों नंगे बेड पर लेटे हुए थे और में उसकी बूब्स दबा रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी. तभी मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी, वो जोर से करहा उठी और ज़ोर से आआआहह बोली बेटा अब मत तड़पा, डाल दे अंदर. में बोला माँ पहले मुँह में लो तो उसने मना कर दिया, लेकिन मेरे बार बार कहने पर वो मान गई और मुँह में लेकर चूसने लगी. कितना मजा आ रहा था कि मत पूछो.
फिर मैंने उसके मुँह से लंड बाहर निकाला और उसे घोड़ी बनने को कहा, तो वो बन गई और में उसके पीछे आकर लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, वो आहहाह्ह्ह आआहह उुउऊहह करने लगी और बोली डाल दे बेटा अब नहीं रहा जा रहा है. मैंने लंड उसकी चूत पर टिकाया और धक्का मारा तो टोपा कुछ अंदर गया. उसके मुँह से आह निकल गई और बोली कि बेटा बाहर निकाल ले दर्द हो रहा है.
फिर में उसके बूब्स दबाने लगा और एक और धक्का मारा तो वो चिल्ला उठी, आआआआहह मर गईईईईईईईई उउउइईईईईईई माँ निकाल ले बेटा उसने आगे होने की कोशिश की, लेकिन मैंने मजबूती से पकड़ा था वरना निकल जाती. कुछ देर में वैसे ही रहा और कुछ नहीं किया और उसके बूब्स दबाता रहा और कमर पर किस करता रहा.
फिर कुछ देर के बाद वो नॉर्मल हुई तब मैंने धीरे धीरे धक्के लगाना स्टार्ट किया, वो आआआहह आआअहह करने लगी और कमर हिलाने लगी. तभी मैंने थोड़ा लंड बाहर करके एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया. उसकी चीख निकल गई, आहह मरररर गईईईईईई माँ वो चिल्लाने लगी और आगे की तरफ़ गिर गई. अब उसका मुँह बेड पर टिका हुआ था और उसकी चूत से खून निकल रहा था, क्योंकि उसकी चूत मेरे लंड के लिए छोटी थी, वो रोने लगी और मुझसे लंड बाहर निकालने के लिए कहने लगी.
फिर कुछ टाईम सहलाने के बाद वो नॉर्मल हुई, तो मैंने धक्के लगाने स्टार्ट किए. तो फिर वो कमर हिलाकर मेरा साथ देने लगी और ज़ोर जोर से कहने लगी कि चोद बेटा अपनी माँ को और ज़ोर से चोद. पूरा कमरा हमारी आवाज़ो से गूंज रहा था.
में धक्के लगा रहा था और लगभग 20 मिनट में वो 2 बार झड़ चुकी थी और लंड बाहर निकालने की मन्नते कर रही थी. लेकिन में नहीं झड़ा था तो वो कहने लगी कि वो लंड मुँह में ले कर झाड़ देगी. फिर मैंने लंड बाहर निकाला और उसे छोड़ दिया. मेरा लंड अब भी खड़ा था और में उसकी गांड को सहलाने लगा. वो चौंक गई और बोली बेटा यह नहीं.
मैंने आज तक गांड नहीं चुदवाई है और तेरा लंड तो इतना मोटा है कि में नहीं सह पाऊँगी. फिर मैंने उसे मना किया कि में गांड नहीं माँरूँगा, तो वो मान गई. लेकिन में कहाँ मानने वाला था. में तो उसकी चूत से ज़्यादा उसकी गांड का दिवाना था, इसलिए मैंने उसे ताक़त से पकड़ा और गांड पर लंड टिकाकर धक्का मारा, तो मेरा टोपा भी अंदर नहीं गया था कि वो चिल्ला उठी और आगे भाग गई, लेकिन मेरी पकड़ से पूरी तरह नहीं छूट पाई थी.
मैंने फिर से माँ को पकड़ा और एक धक्का मारा इस बार टोपा अन्दर चला गया. वो दर्द से कराह उठी और रोने लगी. मैंने फिर एक धक्का मारा और आधा लंड अंदर घुस गया और माँ की गांड से थोड़ा खून भी निकला और वो बेहोश हो गई. फिर मैंने उसके बूब्स दबाने स्टार्ट किए तो वो कुछ देर के बाद होश में आई. फिर मैंने लंड को आगे पीछे हिलाना स्टार्ट किया. वो कुछ नॉर्मल हुई, तो मैंने एक धक्का और मारा और मेरा पूरा लंड अंदर डाल दिया माँ दर्द की वजह से कराह रही थी और में धक्के लगाता जा रहा था, क्योंकि में झड़ने वाला था और कुछ ही देर में माँ की गांड में झड़ गया और उसकी कमर पर ही लेट गया.
उसकी आँखों में अभी भी आंसू थे. मैंने उससे कहा तो वो बोली कि बेटा ये तो ख़ुशी के आंसू है, क्योंकि आज मेरी प्यास पूरी तरह से शांत हुई है, आई लव यू बेटा, मैंने भी माँ को आई लव यू टू कहा और फिर हम सो गये. फिर उस रात हमने 4 बार चुदाई की और सुबह उठने तक तो 10 बज चुके थे. फिर माँ नहाकर आई और कपड़े पहनने लगी, तो मैंने मना कर दिया, क्योंकि हमारा घर चारों तरफ से पूरा कवर था और घर पर भी हमारे अलावा कोई नहीं था तो हम 15 दिनों तक नंगे ही रहे और जब दिल करता तब सेक्स कर लेते थे.
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दोस्त की बीवी ने होटल में चुदवाया


हैल्लो दोस्तों, में आपको अपना परिचय करवा देता हूँ. मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 24 साल है, लम्बाई 5.11 इंच और मेरे लंड की लम्बाई 8.5 इंच, मेरा कलर साफ है और मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों अब में अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों जब मेरी पड़ोसन शिखा शादी के बाद वापस चली गयी तो मेरा सेक्स गेम जैसे बंद ही हो गया और फिर एक दिन मैंने सोचा कि ऐसे तो काम नहीं चलेगा और मैंने सोचा कि क्यों ना कोई लड़की पटाए और फिर किस्मत से बहुत जल्द ही एक लड़की फंस गयी, वो ठीक ठाक थी, लेकिन मुझे इतनी पसंद नहीं थी और वो धीरे धीरे मुझसे प्यार करने लगी थी और कभी भी सेक्स के लिए नाटक भी नहीं करती और मेरा भी काम चल रहा था.
फिर में भी इस रिश्ते को नहीं तोड़ रहा था, लेकिन अब तो उसके बाप को भी मेरे बारे में पता चल गया और मेरा उससे मिलना भी कम ही होता. फिर एक दिन हमको मौका मिल गया, लेकिन जिस जगह पर में उसके साथ सेक्स करता तो वहां पर कुछ लफड़ा था और मेरा दिमाग़ खराब हो गया, क्योंकि पहले ही मुझे इतने दिनों में मौका मिला और फिर यह सब. फिर में जुगाड़ में लगा रहा, तभी मुझे याद आया कि मेरे दोस्त के मम्मी, पापा बाहर गये है और घर पर केवल भाभी मेरे फ्रेंड की वाईफ ही है.
फिर मैंने मेरे दोस्त अनुज को फोन किया और बोला कि यार मुझे मेरी गर्लफ्रेंड से मिलना है, क्या में तेरे घर पर मिल सकता हूँ? तो अनुज बोला कि यार अभी तो में नौकरी पर हूँ और तेरी भाभी घर पर होगी. फिर मैंने बोला कि यार तू भाभी से पूछ ले, अगर कोई दिक्कत ना हो तो अनुज बोला कि यार क्या बोलता है, त्रप्ति को क्या दिक्कत होगी? लेकिन फिर भी में उसको बता देता हूँ कि तू अपनी एक गर्लफ्रेंड के साथ घर पर आ रहा है. दोस्तों में बड़ा खुश हुआ कि अब कोई दिक्कत नहीं और मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को कॉल करके बता दिया कि तीन बजे अनुज के घर आ जाना.
सॉरी दोस्तों में बताना ही भूल गया कि मेरी गर्लफ्रेंड का नाम माधुरी है और जब हम दोनों अनुज के घर गये तो भाभी ने दरवाजा खोला. हम दोनों को अंदर बुलाकर पानी पिलाया और माधुरी से थोड़ी देर बात की और बोली कि राहुल भैया आप मेरे रूम में चले जाओ और हल्की से स्माईल दी. फिर माधुरी और हम दोनों चल पड़े और रूम में जाते ही दोनों एक दूसरे से चिपक गये और अपने काम पर लग गए और हम दोनों ने तीन बार सेक्स किया, हम पूरे मज़े से सेक्स कर रहे थे और एक बार फिर से मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसाया और तभी माधुरी का फोन बजा, वो उसके बाप का था और उसने उसे जल्दी से घर पर बुला लिया.
अब मेरे मूड की तो माँ चुद गई और माधुरी भी सॉरी बोलकर निकल गयी. फिर में बेड पर बैठा बैठा सोच रहा था, साला यह दिन कितना खराब है और ऊपर से काम भी पूरा नहीं हो सका और अब में तैयार होकर नीचे आया और भाभी से बोला कि में जा रहा हूँ तो भाभी बोली कि रूको में चाय बना रही हूँ पीकर जाना. मेरा तो वैसे भी दिमाग़ खराब था और मेरी जगह कोई भी होता तो उसका भी मेरे जैसा ही हाल होता. मेरा लंड अभी तक खड़ा हुआ था और में जाकर सोफे पर बैठ गया.
तभी भाभी चाय के साथ अंदर आई और जब मैंने भाभी को देखा, वो क्या मस्त लग रही थी और उसने अपनी साड़ी चेंज कर ली थी, वो पूरी हल्के लाल कलर की थी और उस पर बड़े बड़े काले गुलाब और एक काले कलर का बड़ा सा ब्लाउज जो उनके बूब्स में नहीं आ रहा था और ऊपर से नाभि के नीचे साड़ी पहनी हुई थी, थोड़ा सा पेट निकला हुआ था. दोस्तों में सच बोलूं तो वो क्या माल लग रही थी. उसे कोई भी पकड़ ले और ऊपर से मेरे साथ जो हुआ था, उसके बाद तो भाभी को देखकर बलात्कार कर दे. भाभी साफ कलर की लंबे बाल अच्छा सा फिगर और सबसे हॉट उनके होंठ है, जो किसी को भी पागल कर दे तो में उनको बस घूर रहा था, तभी भाभी बोली कि लो ना चाय, वो शायद दो तीन बार पहले भी बोली होगी, लेकिन मुझे नहीं सुनाई दिया. फिर मैंने चाय उठा ली, तभी भाभी बोली कि राहुल भैया माधुरी इतनी जल्दी से क्यों चली गयी? क्या आपकी कोई लड़ाई हो गयी? तो मैंने कहा कि नहीं भाभी वो उसके पापा का कॉल आ गया था.
फिर भाभी बोली कि ओह. फिर तो आपका मूड ऑफ हो गया होगा? तो में बोला कि हाँ भाभी, लेकिन क्या कर सकते है? वैसे आप कहीं जा रही हो? तो बोली कि हाँ वो इनके कज़िन को कुछ शॉपिंग करनी है, लेकिन अभी देर है और इतने में चाय खत्म हो गई और में बोला कि भाभी में अब चलता हूँ तो त्रप्ति बोली कि अरे राहुल भैया रुको ना क्या में इतनी बोर हूँ.
फिर मैंने कहा कि ऐसा नहीं है भाभी तो वो बोली कि में दिन भर बोर होती हूँ, थोड़ी देर आपसे बात हो जाएगी और इतने में रिंकी भी आ जाएगी, तब में क्या करता और वैसे भी में रुकना इसलिए नहीं चाहता था, क्योंकि त्रप्ति भाभी को देखकर मेरा मन और डोल रहा था, लेकिन में रुक गया और मेरी नज़र बार बार बात करते वक्त उनके पेट पर जा रही थी, जिसको भाभी ने भी गौर किया और अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था. फिर मैंने भी कुछ करने की सोची और भाभी से बोला कि भाभी आप इस साड़ी में बहुत अच्छी दिख रही हो.
फिर भाभी ने धन्यवाद बोला और बोला कि राहुल भैया एक बात पूंछू बुरा मत मानना. फिर में बोला कि भाभी आप तो बस बोलो, तो वो बोली कि आपकी पसंद कुछ अच्छी नहीं लगती. फिर में बोला कि किस बारे में? तो वो बोली कि आपकी गर्लफ्रेंड तो में बोला कि अच्छा तो आप माधुरी की बात कर रहे हो, क्यों ऐसा क्या हुआ? तो वो बोली कि आप इतने फिट और स्मार्ट हो, आप दोनों की जोड़ी मुझे कुछ जमी नहीं.
फिर में बोला कि भाभी वैसे हमारे बीच कुछ ऐसा वैसा नहीं है, में बस ऐसे ही टाईम पास कर रहा हूँ. फिर भाभी बोली तो फिर आपको कैसी लड़की पसंद है? तो मैंने थोड़ा उन्हे छेड़ने की सोची और बोला कि छोड़ो भाभी आप बुरा मान जाओगे. फिर वो बोली कि में क्यों मानूं भला, तो वो मुझे चिड़ाकर बोली कि बताते हो या नहीं.
में बोला कि आपकी जैसी तो भाभी शरमा गई और थोड़ी देर चुप होकर बोली कि मुझमें ऐसा क्या है? तब में समझ गया कि भाभी भी थोड़ा मज़ा ले रही है और अब में भाभी से बोला कि यह तो आप अपने साथ ग़लत कर रही हो, भाभी आप जैसी गर्लफ्रेंड तो हर कोई चाहता है और में थोड़ा अपना मुहं बिगाड़कर बोला कि मेरी ऐसी किस्मत कहाँ? अनुज तो बहुत किस्मत वाला है और मेरी यह बातें सुनकर वो लाल हो गयी.
फिर भाभी बोली कि राहुल भैया इतना भी मत चड़ा दो. फिर में फट से उनके पास जाकर बैठकर बोला कि भाभी यह सब सच है और में झूठ नहीं बोल रहा. तब भाभी बोली कि यह तो आप है वरना उनको तो अपने काम से फ़ुर्सत ही नहीं जो कभी मुझसे बात करें और अभी तो हमारी शादी को एक साल हुआ है. फिर में बोला कि अनुज तो पागल है, भाभी अगर आप मेरी वाईफ होती तो में बस पूछो मत.
भाभी समझ गई और शरमाते हुए बोली कि एक बात तो है, आपकी पत्नी आपसे बहुत खुश रहेगी और हमारी ऐसी किस्मत कहाँ तो अब वो मेरे ही बोल बोल रही थी और में समझ गया था कि अब मेरा काम बन सकता है तो में बोला कि क्यों भाभी यार अनुज भी तो मेरे जैसा ही है. फिर वो बोली कि कहाँ है, मेरे लिए तो उनको टाईम ही नहीं है. फिर मैंने सोचा कि यार यह मौका ठीक है और मैंने भाभी से बोला कि अगर आप नाराज़ ना हो तो मुझे एक बात बोलना है? तो वो बोली कि बोलो? तो मैंने फटाफट कहा कि में आपसे प्यार करता हूँ और फिर भाभी के मुहं से तोते उड़ गये और वो मुझे घूरने लगी.
में बोला कि यह बात आपसे कब से बोलनी थी, लेकिन आज बोल रहा हूँ प्लीज बुरा मत मानना दिल में था जो बोल दिया तो त्रप्ति कुछ नहीं बोली और फिर मैंने उनका हाथ अपने हाथों में ले लिया और बोला कि जवाब का इंतजार है. फिर वो रुकी रही और कुछ नहीं बोली, लेकिन थोड़ी देर बाद उसने अपना दूसरा हाथ भी मेरे हाथों में रख दिया तो में समझ गया कि अब मेरा काम बन गया. अब में स्माईल देता हुआ बोला धन्यवाद तो उसने स्माईल देते हुए मुहं फेर लिया.
फिर में बोला कि जानू अब क्यों उधर देख रही हो और मैंने त्रप्ति से बिल्कुल चिपककर उसके गालों को किस किया तो वो मुझे घूरने लगी. फिर में बोला कि ऐसे मत देखो यार तो वो बोली कि तुम भी ना वो इतना ही बोल पाई और मैंने उसके सेक्सी से होंठो पर होंठ रख दिए. त्रप्ति इस अचानक हुए काम को समझ ना सकी, लेकिन एक ही मिनट में समझकर मेरा साथ देने लगी और में किस करते वक़्त सोच रहा था कि भगवान जो करता है अच्छे के लिए करता है और दोनों मस्त होकर किस कर रहे थे. तभी डोर बेल बज गयी और हम दोनों फट से अलग हुए और त्रप्ति अपने को ठीक करते हुए दरवाजा खोलने गई और वापस आते समय उसके साथ अनुज की कज़िन थी, तब मेरा मूड फिर से ऑफ हो गया. साली को भी अभी आना था और में वहां से निकल गया और मन में सोचा कि साला आज दिन ही खराब है. फिर रात को जब में सोने जा रहा था, तब किसी के नंबर से मैसेज आया तो में समझ गया कि वो त्रप्ति का नंबर ही होगा. फिर मैंने भी मैसेज किया कि यार अभी से गुड नाईट तो जवाब आया कि हाँ यह टी.वी. देख रहे है. फिर मैंने कहा कि ठीक है फोन करो तो जवाब आया कि में कल करती हूँ.
फिर अगले दिन 10 बजे मैसेज आया तो मैंने भी जवाब दिया और बोला कि क्या में घर पर आ सकता हूँ? तो वो बोली कि नहीं बाबा, आज मम्मी पापा आ रहे है तो उसकी यह बात सुनकर मेरा मूड ऑफ हो गया. मेरी किस्मत ही साली खराब है कि वो दोनों भी दो दिन पहले ही आ गये और फिर उनको मैंने कोई मैसेज नहीं किया. फिर कुछ देर में उसका फोन आ गया और त्रप्ति बोली कि क्या हुआ इतनी देर हो गई, तुमने कोई मैसेज नहीं किया?
मैंने झूठ बोला कि मुझे कोई जरूरी काम था और मैंने उससे इधर उधर की बातें की, लेकिन मेरा मन उसको चोदने का था, लेकिन में क्या करता? मुझे वो मौका मिल भी नहीं रहा था, लेकिन मेरे सेक्स की इच्छा तो माधुरी पूरी कर दे, लेकिन उस वक़्त भी में माधुरी को भी त्रप्ति समझकर ही चोद रहा था. मुझे उसका तो जैसे नशा हो गया था, लेकिन हम दोनों का अफेयर चलता रहा और बस हुआ कुछ नहीं था. उस किस के अलावा यह सब 7 महीने तक चलता रहा.
फिर एक दिन मुझे अपनी पार्टी से मिलने बाहर जाना पड़ा. मैंने ऐसे ही त्रप्ति से पूछा कि यार तू चल रही है क्या तो उसने मना कर दिया. वैसे यह बात में भी जानता था कि वो मना ही करेगी, लेकिन जिस दिन मुझे निकलना था, उस दिन अनुज का कॉल आया कि मेरे साथ बाहर कौन चल रहा है? तो मैंने कहा कि में अकेला कार से जा रहा हूँ और फिर मैंने पूछा कि क्यों क्या हुआ कोई काम है क्या? (हम दोस्त लोग रोज रात को मिलते है तो उसे भी पता था कि में बाहर जा रहा हूँ) तो अनुज बोला कि हाँ तेरी भाभी को भी उसके कज़िन के घर जाना है.
में एकदम बहुत खुश भी हुआ और मन ही मन सोचने भी लगा कि यार उसने मुझे तो बताया ही नहीं और मैंने अनुज से बोला कि ठीक है, में 30 मिनट के बाद निकलने वाला हूँ तू भाभी को लेकर मेरे घर पर आ जा और जब अनुज त्रप्ति को लेकर आया तो में क्या बोलूं? मेरी तो जान अटक गई. वो क्या हॉट लग रही थी? अब हम कार से निकल गये और थोड़ी दूर जाकर मैंने गाड़ी रोकी और बोला कि जान यह सब क्या है? तो वो हंसते हुए बोली कि अब में भी तेरे साथ ही घूम लूंगी, में बड़ा खुश हुआ और बोला कि सच?
वो बोली कि हाँ और मैंने उसे हग किया और पूछा कि यह कैसे किया तो वो बोली कि वो मेरे फ्रेंड से उनकी बात करवा दी और सारा प्लान सेट कर दिया और अब मैंने उसको कुछ बोलने नहीं दिया और किस करने लगा तो उसने मुझे हटा दिया और बोली कि अब में तेरे साथ ही हूँ, पहले हम वहां पर चलते है. फिर में भी खुश था और ऐसे कार चली कि हम जल्दी ही अपनी मंजिल पर पहुंच गये, लेकिन मुझे अभी भी इंतजार करना पड़ा, क्योंकि जैसे ही हमने होटल में चेक इन किया तो मेरे बॉस रोहन कपल थे और वो आ गये.
फिर मैंने त्रप्ति को उनकी वाईफ से मिलवाया. फिर रोहन बोला कि क्या हम अभी काम निपटा ले, खाने के साथ यह दोनों शॉपिंग कर लेगी और फिर हम लोग भी फ्री हो जाएगें और हम अपनी सारी काम की बातें कर रहे थे और तब तक हम दोनों को 12 बज चुके थे और हम दोनों को वाईफ के कॉल आने लगे थे, लेकिन वो तो मेरी गर्लफ्रेंड थी. तभी रोहन बोला कि आपकी शादी को कितना टाईम हुआ है? तो मैंने 1 साल कहा. फिर वो बोला कि तब तो ठीक है यार. मेरी शादी को तो 4 महीने ही हुए है.
फिर मैंने पूछा कि आपने शादी बहुत लेट की? तो वो बोले कि हाँ यार वो बस कुछ ऐसे ही, चलो बाकी बात कल करते है, नहीं तो मेरी वाईफ नाराज़ हो जाएगी. अब में रूम की और चल दिया और जब त्रप्ति ने दरवाजा खोला तो वो बस छोटी सी मेक्सी में थी, मेरा तो मूड वहीं फ्रेश हो गया और में सोचने लगा कि लगता है कि यह चुदने ही आई है और अब मैंने अंदर जाते ही त्रप्ति को उठा लिया और बेड पर गिराकर उसके ऊपर आ गया और किस चालू कर दिए, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर धीरे धीरे उसकी मेक्सी को ऊपर करके उसकी कोमल जांघो को सहला रहा था और हमारा किस तो ऐसा चल रहा था कि बस हम एक दूसरे में खा जाएगें, उसके किस करने से मुझे लगा कि उसने भी मेरी तरह बहुत टाईम से सेक्स नहीं किया है.
अब में थोड़ा नीचे आया और उसकी जांघ पर किस करने लगा और मेरा एक हाथ त्रप्ति की चूत को पेंटी के ऊपर से घिस रहा था. वो आखें बंद करके मेरी हर एक हरकतो का मज़ा ले रही थी. फिर में उसके ऊपर से हटा और उठ गया और में केवल अंडरवियर में आ गया. मेरा लंड इस हाल में था कि बस अब माल बाहर निकाल ही देगा तो त्रप्ति ने मुझे अंडरवियर में ऊपर से नीचे तक देखा और उसने भी खड़ी होकर अपनी मेक्सी को निकाल दिया. वाह क्या मस्त बूब्स थे और उसके खड़े हुए निप्पल आआआआअहह मेरी तो बस जान निकल रही थी और वो केवल पेंटी में थी और त्रप्ति पास आकर मुझसे चिपक गयी, तब मैंने उसके बाल खोल दिए और जो हम दोनों के अंदर गर्मी थी, उसके कारण हम दोनों ज़्यादा देर चिपक ना सके, अब वो मुझसे बोलती है कि राहुल क्या बॉडी है तेरी? तो में बोला कि तुम भी कोई कम नहीं हो, यह देखो मेरे इसकी हालत को, अब इसको सम्भालो.
फिर उसने अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ लिया और हल्के से हिलाने लगी और मेरी छाती को किस कर रही थी, क्या लग रहा था? अब वो धीरे से नीचे बैठी और मेरे अंडरवियर को निकाल दिया और मेरे लंड को देखकर बोली कि मुझे एकदम सही अंदाज था कि यह ऐसा ही निकलेगा एकदम मोटा, लंबा और उसने मेरे लंड को किस किया तो मेरे लंड ने भी झटका देकर उसकी चूत को सलामी दे दी, लेकिन अब त्रप्ति रुकी नहीं और उसको अपने होंठो से बहुत प्यार किया. गजब की तड़प थी यार उसमे, वो उसे कभी धीरे तो कभी तेज़ी से चूसने लगी. मेरी तो बस जान ही नहीं निकली और अब मुझसे तो नहीं रुका गया और मैंने त्रप्ति को बिस्तर पर लेटा दिया और उसके पैर चूमते हुए चूत तक पहुंच गया और उसकी पेंटी को निकाल दिया. उसकी छोटी सी कम चुदी हुई चूत थी, बिल्कुल गुलाबी सी.
फिर मैंने अपना मुहं चूत पर रखा और चूसने लगा. वो सिसकियाँ लेने लगी और अपनी चूत को उठा उठाकर मुझसे चुसवाने लगी, लेकिन मैंने कुछ ही देर तक चूसा और इतने में वो झड़ गई और अब में ऊपर आया और उसके बूब्स को दबाने सहलाने लगा. फिर वो बोली कि जान और दबाओ हाँ और ज़ोर से, इनका सारा रस पी लो और फिर मैंने वैसा ही किया और फिर से त्रप्ति को तैयार किया, त्रप्ति के बूब्स ऐसे थे कि किसी को भी जोश में ला दे. फिर मैंने त्रप्ति की कमर के नीचे एक तकिया लगाया और लंड को चूत पर रखा और एक हल्का सा धक्का दिया तो त्रप्ति बोली कि थोड़ा प्यार से जान, लंड मेरी चूत में बहुत कम अंदर गया है.
फिर मैंने एक झटका दिया और 4 इंच तक लंड को अंदर घुसा दिया, त्रप्ति उईईईईइ माँ अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ धीरे बोला ना, लेकिन में नहीं रुका और एक तेज झटका दिया और पूरा लंड फिट हो गया. फिर वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी, आउुुुऊकचह माँ मर गई राहुल आह्ह्ह्हहहह उसके थोड़े आंसू भी निकल आए, लेकिन वो कुछ देर में ठीक हुई और मैंने नीचे से तकिया निकाल दिया और उसके ऊपर आकर किस करते हुए चुदाई करने लगा, वो भी मज़े से मेरे लंड को अंदर ले रही थी.
दोस्तों वाकई में उसकी चूत बहुत टाईट थी और अब में पूरे ज़ोर से, तेज तो कभी धीरे धीरे चुदाई करता रहा और अब वो झड़ने वाली थी तो उसने मेरी कमर पर अपने दोनों पैरों से कैंची मारी और बोली कि जान और तेज करो. फिर मैंने अपनी स्पीड बड़ाई और तेज धक्के मारने लगा और कुछ ही पल में वो बोली कि अब बस में जाने वाली हूँ तो में रुका और लंड को बाहर खींचकर तेज झटका दिया और उसका आआहहहहहह के साथ गरम पानी मेरे लंड को महसूस हुआ और जब मैंने त्रप्ति के चेहरे को देखा तो वो बहुत ठीक लग रही थी, लेकिन में झड़ा नहीं था. फिर मैंने त्रप्ति को किस करना चालू किया और धीरे धीरे धक्के मारकर फिर से गरम किया. अब हमारी चुदाई बहुत धीरे चल रही थी और मज़ा ज़्यादा आ रहा था.
फिर वो बस उसी में मुझे किस करने लगी और त्रप्ति मेरे ऊपर आ गयी, अब वो स्माईल देती हुई मेरे लंड पर कूदने लगी. आआहह क्या पूरा लंड जड़ तक घुस रहा था और थोड़ी देर कूदने के बाद वो रुककर मुझे किस करने लगी, लेकिन में नहीं रुका नीचे से झटके देने लगा, बस अब मेरा भी झड़ने का टाईम था. फिर मैंने त्रप्ति से बोला कि जान में झड़ने वाला हूँ तो वो बोली कि मेरे ऊपर आ जाओ और पूरा वीर्य चूत के अंदर ही डालना और अब मैंने फिर ऊपर होकर एक साथ ही लंड अंदर उतारकर ताबड़तोड़ धक्कों के साथ चोदने लगा, मुझे उस वक़्त ना जाने क्या हो गया था? कुछ नहीं पता, लेकिन उस आखरी चुदाई के टाईम मुझे त्रप्ति की हल्की हल्की चीख सुनाई दे रही थी और में उसकी चूत में लगातार 40 मिनट की चुदाई का माल छोड़कर गिरा रहा और अब हम ऐसे ही रहे और लेटे रहे.
थोड़ी देर बाद त्रप्ति बोली कि राहुल तुमको क्या हो गया था? मुझे बाद में कितना दर्द हुआ? तो मैंने बोला कि यार सॉरी, तो वो बोली सॉरी किस लिए? मुझे उसमे भी मज़ा आ रहा था और तुमने तो आज मेरी ऐसी प्यास बुझाई है कि में कभी भी नहीं भूल सकती. फिर में बोला कि जानेमन अभी तो और भी बाकी है. फिर हम एक बार और चुदाई में लग गये.
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सेक्सी शादीशुदा औरत के साथ मजे


हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम सेम है और मेरी उम्र 30 साल है में चंडीगढ़ में रहता हूँ . में रोजाना अपनी बाइक लेकर ऑफिस जाता था तो मुझे रास्ते में एक मेरीड लेडी मिलती थी उसका नाम मंजू है और उसकी उम्र 28 साल है और वो देहरादून की रहने वाली है, वो यहाँ पर अपने पति के साथ रहती है. उसका शरीर बिल्कुल पतला था और वो काफी सुंदर थी और कई लोग उसके पीछे पड़े हुए थे. मुझे वो बहुत अच्छी लगती थी तो मैंने अपने दोस्त से उसके बारे में पता करवाया और मेरे दोस्त ने उसके बारे में सब कुछ पता कर लिया कि वो कहाँ से है, कहाँ रहती है, उसका फोन नम्बर तक पता कर लिया, लेकिन मैंने कभी उसको फोन नहीं किया, क्योंकि में उससे प्यार करता था.
फिर एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली, में ऑफिस के लिए लेट हो गया था और मैंने देखा कि वो ऑफिस पैदल जा रही थी. मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने हल्की सी स्माइल दी और मैंने बाइक रोक दी और उसको बाइक पर बैठने को बोला तो वो बैठ गई. फिर मैंने उसको गुड मोर्निंग बोला और उसने भी गुड मोर्निंग बोला, में मन ही मन बहुत खुश था कि आज तो मेरी लॉटरी लग गई है. फिर मैंने उसको उसके ऑफिस में छोड़ने के लिए बोला तो उसने मना कर दिया और बोली कि वहाँ सब देखेंगे और मुझे कमेंट करेंगे. तो में बोला कि आप ठीक बोल रही हो तो मैंने उसको बस स्टॉप पर उतार दिया और फिर में अपने ऑफिस चला गया.
फिर अगले दिन मैंने देखा कि उसको 4-5 लड़के छेड़ रहे थे, क्योंकि वो अकेली ही जाती थी. उनमे से 2 लड़के मुझे जानते थे, में शाम को जल्दी से ऑफिस का काम ख़त्म करके आ गया और उन लड़को जिनको में जानता था उनसे बात की और सच बताया कि में मंजू से प्यार करता हूँ और आप लोग मंजू को तंग ना करे, वो मुझे काफ़ी अच्छे से जानते थे तो उन्होंने बोला कि भैया अब भाभी (मंजू को) को कोई कुछ नहीं बोलेगा और ना किसी को कुछ बोलने देंगे.
मैंने उनको थैंक्स कहा तो इतने में मंजू आ गई तो में एक दोस्त की हेसियत से बाइक पर बैठने के लिए बोला तो वो मना करने लगी, फिर मेरे ज्यादा कहने करने पर बैठ गई. फिर मैंने उसको पूछा कि ये लड़के आपको कुछ बोल रहे थे तो उसकी आँखो में आँसू आ गये और कहने लगी कि ये मुझे रोज तंग करते हैं और गंदे गंदे कमेंट करते है तो मैंने कहा अब ये आपको कभी कुछ नहीं कहेंगे.
फिर ऐसा ही हुआ अब उसको कोई नहीं छेड़ता था, वो बहुत खुश हुई और रोज मेरे साथ आने लगी. फिर मैंने उससे उसका फोन नम्बर माँगा और फिर हम रोज बातें करते थे. ऐसा करते-करते 20-25 दिन हो गये. एक दिन मैंने उसको बोला कि जानू में आपसे अकेले में मिलना चाहता हूँ तो वो अंजान बनते हुए बोली कि हम रोज तो मिलते है. तो मैंने बोला कि में अकेले में मिलना चाहता हूँ और आपको प्यार करना चाहता हूँ तो उसने मना कर दिया.
में मायूस हो गया और फिर अगले दिन जब वो मेरे साथ गई तो मैंने उसको विश किया और कोई बात नहीं की तो वो समझ गई थी कि में उससे नारज़ हूँ तो उसने मुझे शाम को फोन किया और कहा कि एक खुशख़बरी है. तो मैंने पूछा क्या बात है? तो वो बोली कि आज मेरे पति गावं जा रहे है और हम रविवार को मिल सकते हैं तो में बहुत खुश हुआ और मुझे 2 दिन निकालना बहुत मुश्किल हो गया. मेरा उसके बिना टाइम पास ही नहीं हो रहा था और जैसे ही रविवार आया तो मैंने उसको फोन किया तो वो नाटक करने लगी कि मेरे सिर में दर्द हो रहा है तो में कैसे आऊं? तो मैंने बोला कि आपको आना ही होगा तो फिर उसने हाँ कर दी.
फिर उसने मुझे एक जगह बताई और वहाँ पर बाइक लेकर आने को बोला. फिर में वहाँ से उसको ले कर आया और रूम में आते ही मैंने उसको कोल्ड ड्रिंक पिलाई और पीने के बाद वो बेड पर लेट गई उसने काले कलर का सूट पहना हुआ था और काले सूट में वो बहुत मस्त लग रही थी में बता नहीं सकता कि, वो कितनी खूबसूरत लग रही थी.
फिर हम दोनों बातें करने लगे और बातें करते करते मैंने उसके बूब्स पर हाथ रख दिया तो वो हंस पड़ी. फिर उसके बाद में उसके ऊपर लेट गया और उसको किस करने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी और जब वो मुझे किस कर रही थी तो में पागल सा हो रहा था. उसके बाद मैंने उसकी कमीज निकाल दी, उसने सफ़ेद कलर की ब्रा पहनी हुई थी. गोरे बदन और सफ़ेद ब्रा में वो बहुत सुंदर लग रही थी. फिर में उसकी ब्रा के हुक खोलकर पागलों की तरह उसे चाटने लगा और वो भी मेरा साथ दे रही थी और वो एकदम गर्म हो गई थी और उसने मेरा लोवर निकाल दिया और मेरे अंडरवेयर में हाथ डाल दिया और लंड के साथ खेलने लगी. में तो पागल हो गया था.
फिर उसने मेरी अंडरवेयर ऊतार दी और अपनी सलवार भी ऊतार दी. फिर मैंने उसकी पेंटी निकाल दी. मैंने जैसे ही उसकी पेंटी निकाली तो उसकी चूत बिल्कुल साफ दिख रही थी, क्योंकि उसने उसी दिन चूत को शेव की थी. उसकी चूत बिल्कुल लाल कलर की थी. फिर वो मेरे लंड के साथ खेलते-खेलते उसको चूसने लगी. मेरा फर्स्ट टाइम था कि कोई औरत मेरा लंड चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर वो मुझे अपनी चूत को चूसने के लिए बोलने लगी तो में उसकी चूत चाटने लगा और वो अजीब सी आवाज़े निकाल रही थी. वो बार बार मुझे अपना लंड अंदर डालने को बोल रही थी.
लेकिन में उसकी चूत से खेल रहा था और फिर मौका मिलते ही उसने मुझे धक्का दिया और बेड पर गिरा दिया और मेरा लंड पकड़कर चूत में डालकर आगे पीछे करने लगी, मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने कभी ऐसा मज़ा नहीं लिया था. फिर मैंने उसको डॉगी स्टाइल में करके चोदा. वो मुझे बोल रही थी कि आपका लंड बहुत मोटा है और मुझे दर्द हो रहा है, लेकिन में उसकी बात को अनसुना करते हुए उसको चोदता रहा.
वो दो बार झड़ चुकी थी और में झड़ने वाला था तो मैंने उसको पूछा कि अंदर डाल दूँ तो उसने मना कर दिया और बोली कि मेरे बूब्स पर डाल दो तो मैंने वैसा ही किया. फिर वो मुझे बड़े प्यार से किस करने लगी और वो बहुत खुश थी. फिर थोड़ी देर किस करने बाद फिर मेरे लंड को चूसने लगी और फिर 30 मिनट के बाद वो फिर दुबारा चुदवाने लगी. उस दिन हमने 3 बार चुदाई की उसके बाद जब भी मौका मिलता है तो हम चुदाई कर लेते थे, लेकिन अब एक साल हो गया है उसने वो जॉब छोड़ दी है और वो गावं चली गई है.
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भाभी ने इच्छा पूरी की


हैल्लो दोस्तों, में आज आप सभी को मेरी और मेरी भाभी की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, जो मेरे जीवन में कुछ समय पहली घटित हुई एक एकदम सच्ची घटना है.  दोस्तों में जम्मू में रहता हूँ और जब मेरे कज़िन भाई की शादी हुई तब में 23 साल का था. मेरा भाई और में बहुत नजदीक थे, मेरे भाई का नाम श्याम है और मेरा नाम सुभाष है. मेरा श्याम के घर पर बहुत आना जाना रहता था और श्याम की शादी एक लव मैरिज थी तो उसकी बीवी (मेरी भाभी) श्याम से साल बड़ी थी और वो मुझसे 8 साल बड़ी थी और फिर उनकी शादी के कुछ साल बाद यानी एक या दो साल के बाद में और भाभी एक दूसरे से बहुत बातें हंसी मजाक करने लगे और तब भाभी उस समय 32 साल की थी, लेकिन वो दिखने में इतनी बड़ी लगती नहीं थी.
हम दोनों में बहुत हँसी मज़ाक होता था. मेरा ऑफिस पार्ट टाईम था और में दोपहर को ऑफिस से दो बजे अपने घर पर आ जाता था और में सीधा भाभी के घर जाता था, लेकिन में जब भी उनके घर पर जाता था तो भाभी हमेशा टाईट टी-शर्ट और एक छोटी सी स्कर्ट में रहती थी और वो कपड़े उनके जिस्म के कुछ हिस्से को ढक तो लेते थे, लेकिन उनके जिस्म को बाहर से पूरी तरह प्रदर्शित करते थे, जिसमें से उनके बूब्स का साईज पूरी तरह साफ साफ दिखता था.
दोस्तों उनके बूब्स बहुत बड़े थे और गांड भी, जिन्हें देखकर किसी का भी लंड झटके मारने लगता और वैसे मैंने बहुत दिनों से मुठ नहीं मारी थी. मेरा ध्यान उस दिन भी भाभी के बूब्स की तरफ जा रहा था और में उनके जिस्म को देखकर बहुत ज्यादा गरम हो गया था. तो मैंने भाभी से कहा कि भाभी तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ और में ऐसा कहने के बाद बहुत डर गया था, लेकिन मेरी भाभी ने बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसने कहा कि हाँ में भी तुमसे प्यार करती हूँ.
दोस्तों हम भाभी देवर और एक बहुत अच्छे दोस्त भी है, तो दोस्ती में कभी कभी प्यार भी होता है और भाभी ने अलग तरीके से वो लिया और मैंने मन में कहा कि चलो इतना तो वो जान गयी और कुछ महीनों के बाद मैंने भाभी को फोन किया और कहा कि भाभी आज हम बाहर कहीं मिलेंगे. तो भाभी ने कहा कि ठीक है हम मिलेंगे और भाभी हर शाम को कोचिंग जाती थी इसलिए वो बोली कि ठीक है में घर पर फोन करके कह दूंगी कि आज मुझे घर पर आने में थोड़ी देर होने वाली है.
मैंने कहा ठीक है फिर तो हम शाम को 7.00 बजे गार्डेन में मिलेंगे और में 7 बजे गार्डेन में पहुंच गया और मेरे वहां पर पहुंचने के दस मिनट के बाद भाभी आ गई और भाभी ने एक बहुत मस्त साड़ी पहनी हुई थी और उस साड़ी में वो एकदम सेक्सी पटाखा लग रही थी. उनका एकदम गोल फिगर, पतली कमर, गहरी सी नाभि और गांड बहुत जबरदस्त लग रही थी और फिर हम दोनों गार्डेन में एक टेबल पर बैठ गए और एक दूसरे से इधर उधर की बातें करने लगे और अब मेरा ध्यान उनके बूब्स पर था और तभी बातें करते करते मैंने जोश में आकर भाभी का हाथ मेरे हाथ में ले लिया और भाभी एकदम चुपचाप हो गई और फिर मैंने कहा कि क्यों भाभी बुरा तो नहीं लगा? लेकिन वो कुछ नहीं बोली और हम रोमेंटिक बातें करने लगे थे और मैंने जानबूझ कर यह टॉपिक शुरू किया था.
मैंने भाभी से पूछा कि भाभी आप 20-22 साल की उम्र में तो बहुत सुंदर रही होगी? तो वो बोली कि हाँ तब मेरे कॉलेज में सब मेरे फिगर को घूर घूरकर देखते थे और में दिखने में बहुत अच्छी लगती थी. तो मैंने कहा कि भाभी में एक बात कहूँ कहीं आप बुरा तो नहीं मानोगे?
भाभी बोली कि हाँ बिना किसी झिझक के बोलो. तो मैंने कहा कि आज भी तुम्हारा फिगर एकदम मस्त है और वो मेरी तरफ मुस्कुराकर देखने लगी और फिर हम दोनों बिल्कुल शांत बैठे और मैंने उसी वक्त मन में ठान ली कि आज में कुछ ना कुछ जरुर करूंगा और तभी मैंने उनसे कहा कि भाभी मेरे दिल की एक इच्छा है, क्या तुम वो पूरी करोगी? तो झट से वो बोली कि हाँ क्यों नहीं, बताओ क्या इच्छा है? तो मैंने कहा कि मुझे एक बार तुम्हारे बूब्स को हाथ लगाना है.
तो भाभी मेरी तरफ एकदम चुपचाप होकर देखने लगी, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली और हम थोड़ी देर बाद वहां से जाने लगे और फिर भाभी मुझसे बोली कि तुम्हारी इच्छा तुम चाहो तो आज पूरी कर सकते हो और फिर में एकदम पागल हो गया, में वहीं कोने में पेड़ के नीचे भाभी के पीछे खड़ा हो गया और पीछे से मैंने भाभी के साड़ी के पल्लू के नीचे से हाथ डालकर बूब्स को हाथ लगाया और अब में पागल हो गया था क्योंकि में आज मेरी भाभी के बूब्स को हाथ लगा रहा था, जिस काम को में बहुत समय से करने की सोच रहा था.
भाभी के बड़े बड़े बूब्स ब्लाउज में समा नहीं रहे थे, लेकिन मैंने ब्लाउज के ऊपर से ही बहुत ज़ोर ज़ोर से दोनों बूब्स को दबाया. तो भाभी को थोड़ा दर्द हुआ और करीब 2 मिनट तक में बूब्स को दबाता रहा और मैंने पीछे से उनकी गांड पर अपने लंड को चिपकाया हुआ था. दोस्तों में पहली बार किसी औरत के बूब्स दबा रहा था और वो भी मेरी भाभी के, जिसको में हमेशा चोदने और उनके बूब्स को दबाने के सपने देखा करता था और कुछ देर बाद मेरे लंड से पानी निकलने लगा.
फिर कुछ देर बाद हम अपने अपने घर चले गये, लेकिन दो दिन बाद मैंने शाम को 7 बजे भाभी को मोबाइल किया और उनसे पूछा कि क्या आज आप मिलोगी? वो बोली कि आज मुझे कोचिंग में काम है, तुम ऐसा करो कि शाम को 7.30 बजे मेरी कोचिंग आ जाओ. तो मैंने कहा कि ठीक है और में 7.30 बजे भाभी के कोचिंग चला गया. भाभी उस समय कोचिंग में बिल्कुल अकेली थी तो वो मुझसे बोली कि आओ बैठो ना और फिर में भाभी के पास बैठ गया उस समय वो कुछ लिख रही थी और हाथ के नीचे से एक साईड से भाभी के ब्लाउज में से उनका एक बूब्स बहुत जबरदस्त दिख रहा था और मेरा लंड उसे देखकर एकदम खड़ा हो गया था.
मैंने अपनी दोनों जाँघो में अपने लंड को दबाकर रखा था, भाभी का काम होते ही उन्होंने मुझसे पूछा कि और बताओ कैसे हो? तो मैंने कहा कि आप बोलो कैसी हो? वो बोली कि में बिल्कुल ठीक हूँ. उनका जवाब देने का तरीका आज बिल्कुल अलग था. वो मुझे उनके चहरे से नजर आ रहा था और वो मुझसे हंस हंसकर बातें कर रही थी और फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा कि भाभी उस दिन मैंने आपके बूब्स सिर्फ़ दबाए थे, लेकिन मुझे आज में आपके बूब्स को देखना भी चाहता हूँ. तो भाभी बोली कि तुम पागल हो क्या सुभाष? मैंने कहा कि प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ और फिर वो बोली ठीक है, लेकिन एकदम दूर से देखना उन्हे छूना मना है. तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है भाभी जैसा आप कहोगी में वैसा ही करूंगा.
फिर भाभी रूम के दरवाजे के पास गयी और दरवाजे को अंदर से बंद किया, मेरी तरफ मुड़ गई में थोड़ा दूर रुका हुआ था तो भाभी ने धीरे धीरे अपनी साड़ी का पल्लू हटाया, मेरे दिल की धड़कन तेज़ होने लगी थी, मेरी नजरे उनके बूब्स पर एकदम टिकी हुई थी. मेरा लंड भी अब धीरे धीरे अपने आप हल्के हल्के झटके देने लगा था. फिर भाभी ने अपना लाल कलर का ब्लाउज और ब्रा को थोड़ा ऊपर किया और तभी उनके बड़े बड़े बूब्स एकदम लटकते हुए बाहर आ गए जैसे कोई आम लटके हुए हो वैसे वो झूल रहे थे.
दोस्तों मुझे तो मज़ा ही आ गया, क्योंकि आज मेरी नजरों के सामने मेरी भाभी खुद अपना ब्लाउज और ब्रा ऊपर करके मुझे अपने बूब्स दिखा रही थी और में धीरे धीरे से मौका देखकर उन्हे छूने, महसूस करने, दबाने की इच्छा मन में लेकर नज़दीक आने लगा. तो भाभी ने एकदम झटके से अपने ब्लाउज को नीचे कर दिया, लेकिन में अब एकदम पागल हो गया था. तो भाभी ने मुझसे पूछा कि क्यों अच्छे लगे मेरे बूब्स? मैंने कहा कि भाभी आप बहुत सेक्सी हो. में तब तक भाभी के बहुत करीब आ चुका था और फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हे खींच लिया, लेकिन मैंने पहली बार अपनी भाभी को अपनी तरफ खींचकर गले लगाया.
उनके बड़े बड़े बूब्स मेरी छाती पर डब रहे थे. वो मेरे जीवन का एकदम अलग अहसास था और फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए भाभी की गांड की दरार में अपनी 4 उंगली डाली और उंगली को ज़ोर से दबाई तो वो मेरे उंगली करने और गांड पर हाथ घुमाने से अब मदहोश होने लगी. तो मैंने कहा कि भाभी आज में आपको मेरा खड़ा हुआ लंड दिखाना चाहता हूँ, क्या में आपको दिखाऊँ?
भाभी बोली कि नहीं, अभी नहीं. यहाँ हमे कोई भी देख सकता है, ऐसा फिर कभी करना. अभी यहाँ से चलो और फिर मैंने भाभी के पूरे बदन पर हाथ घुमाया और हम वहां से बाहर निकले. फिर दो दिन बाद मैंने अपने घर से थोड़ी सी दूरी पर एक छोटी सी पार्टी रखी, लेकिन मैंने सिर्फ़ उसमे भाभी और भाई को ही बुलाया था और हम तीनों एक बड़े गार्डेन रेस्टोरेंट में गए. मैंने और भैया ने रूम का ऑर्डर दिया, भैया ने भाभी से कहा कि क्यों तुम भी कुछ लो? तो वो बोली कि तुम मंगवाओ ना कुछ और फिर उन्होंने भाभी के लिए वोड्का मँगवाई और मैंने जानबूझ कर बहुत कम पिया, लेकिन भैया ने पूरा खत्म किया और वो बियर पीने लगे और भाभी दूसरा पेग पी रही थी और अब भाभी भी मूड में आ चुकी थी.
तो भाभी तब बहुत सजधज कर आई थी और उन्होंने गुलाबी कलर की साड़ी और गुलाबी कलर का ब्लाउज पहना हुआ था. में टेबल के नीचे से भाभी के पैरों को अपने पैर से स्पर्श कर रहा था और उस समय रात के 12 बज चुके थे और हम तीनों बातें कर रहे थे और हंसी मज़ाक कर रहे थे और टेबल के नीचे से मेरा काम चालू था. तो भाई उठकर टॉयलेट के लिए चला गया और मैंने तुरंत मेरा पैर भाभी की साड़ी के अंदर डाला तो भाभी ने भी अपने दोनों पैर एक दूसरे से थोड़े अलग किए जिसकी वजह से मेरा पैर भाभी के जाँघो तक गया और मैंने ज़ोर से पैर को अंदर डाला. मेरे पैर को भाभी की पेंटी महसूस हुई जो चूत रस से बिल्कुल गीली थी.
मैंने भाभी को पूछा कि अंदर कौन से रंग की पेंटी पहने हुई हो? तो भाभी मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ा शरमाई, मैंने कहा कि क्यों बताओ ना भाभी? तो वो बोली कि हल्के भूरे रंग की है और उस पर हल्के पीले रंग के फूल बने हुए है. तो मैंने पैर की उंगलियों से भाभी की चूत को रगड़ना चालू किया और अब भाभी भी बहुत जोश में थी. वो मेरे पैर को आगे तक जाने दे रही थी, लेकिन कुछ देर बाद भाई को वापस आते देखकर मैंने अपने पैर को हटाया और भाभी को इशारा किया और फिर वो भी अपने कपड़ो को ठीक करने लगी.
फिर हम कुछ देर बाद अपने अपने घर पर चले गये और उसके बाद मैंने अपने घर पर पहुंचकर भाभी के नाम की मुठ मारी और सो गया, लेकिन अब में उन्हे चोदने के नये नये तरीके ढूंढने लगा और फिर एक दिन मैंने अपनी वो सभी इच्छा पूरी की और मैंने उन्हे जमकर चोदा.
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