दोस्त की गर्लफ्रेंड को घोड़ी बनाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वसीम है. ये कहानी मेरे दोस्त फय्याज और उसकी गर्लफ्रेंड रेशमा की है. मेरे दोस्त फय्याज की स्टेशनरी की शॉप गर्ल्स कॉलेज के पास है, एक लड़की रेशमा उस गर्ल्स कॉलेज में पढ़ती थी और इस बीच फय्याज और रेशमा दोनों को प्यार हो गया और उन दोनों के बीच में सेक्स भी शुरू हो चुका था. रेशमा और फय्याज छुट्टियों में सेक्स एन्जॉय करते और मज़े लेते थे. रेशमा बहुत सुंदर और सेक्सी लड़की थी, गोरा गोरा रंग, गोल गोल और गोरी गोरी चूचियाँ, बड़ी और सेक्सी कमर और गोल सुडोल जांघे, कभी कभी वो स्कर्ट पहनती तो ग़ज़ब लगती थी. में जब भी फय्याज की दुकान पर जाता और रेशमा को देखता तो मेरे मुँह में पानी आ जाता और सोचता कि इसको कैसे चोदूं.
मज़े करने के लिए रेशमा को भी बुला लिया और उन दोनों ने जमकर चुदाई की. इस बीच फय्याज ने उसे एक ब्लू फिल्म दिखाई, जिसमें एक लड़की को दो लड़के चोदते है तो यह देखकर फय्याज और रेशमा दोनों ने थ्रीसम का प्लान बनाया और सोचने लगे कि किसको बुलाया जाये. फिर मेरी किस्मत चमकी और दोनों ने मुझे कॉल किया और कहा कि रेशमा की जवानी और सेक्स के मज़े लेने हो तो तुरंत आ जाओ. फिर मेरे मन की तो मुराद पूरी हुई और मानो में उड़ते हुए फय्याज के घर पहुंचा. जब में वहाँ पहुंचा तो में दंग रह गया कि रेशमा सिर्फ़ एक नाईट गाउन में सेक्सी अंदाज़ में लेटी हुई थी और फय्याज उसके लिए जूस बना रहा था.
मुझे देखकर रेशमा शरमाने की बजाये मुस्कुराने लगी और जब मैंने उससे फय्याज के बारे में पूछा तो कहने लगी कि उसे छोड़ो और मुझे चोदो. में उसकी यह बात सुनकर दंग रह गया. इतने में फय्याज जूस बनाकर ले आया और हम जूस पीने लगे.
फिर 15 मिनट के बाद फय्याज के घरवालों का फोन आया कि उसकी बहन का एक्सिडेंट हो गया है और वो तुरंत हॉस्पिटल पहुंचे. फिर फय्याज हमें छोड़कर तुरंत हॉस्पिटल चला गया और में और रेशमा अकेले रह गये. उसके जाते ही में रेशमा पर टूट पड़ा. मैंने उसे जमकर किस्सिंग और चूमना शुरू कर दिया, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और अपनी जुबान मेरे मुँह में डालकर किस्सिंग का मज़ा ले रही थी, वो किस्सिंग में एक्सपर्ट थी तो उस पर नशा चढ़ने लगा और उसके जिस्म से सेक्स की भूख झलक रही थी और वो बदमस्त हुई जा रही थी.
मैंने जब किस्सिंग करते-करते उसके बूब्स पर हाथ फेरा तो वो और भी मस्त हो गई और मेरे कपड़े उतारने लगी. फिर मैंने अपनी टी-शर्ट और जीन्स उतारी और उसकी गाउन के ऊपर से ही उसकी चूचियों को सहलाने लगा, में उसकी बड़ी-बड़ी और गोल-गोल गांड को जब सहलाने लगा तो मुझे लगा कि वो मखमली गांड है और मुझे बहुत मज़ा आया.
रेशमा भी अब धीरे-धीरे मेरी अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को सहला रही थी, जो कि पहले ही पूरी तरह खड़ा हो गया था, मेरा लंड 8 इंच लम्बा है और मोटा 3 इंच है. फिर अंडरवियर उतारते ही वो फनफनाते हुए बाहर आ गया और रेशमा उसे देखकर खुश हो गई और खुद ही झुककर उसे मुँह में लेकर चूसने लगी. मुझे तो इतना मज़ा आने लगा कि में बयान नहीं कर सकता. उसकी किस्सिंग की तरह लंड चूसना भी एक्सपर्ट था और में बेचैन हो गया.
मैंने इस बीच उसका गाउन उतारा और उसकी गदराई हुई जवानी को देख देखकर मस्त होने लगा. जब वो बैठकर लंड चूस रही थी तो उस वक़्त वो और भी सेक्सी और कामुक लग रही थी, क्योंकि उस पर सेक्स का भूत सवार हो गया था. फिर कुछ देर बाद में 69 की पोज़िशन में आ गया और उसकी खूबसूरत, गुलाबी और बिना बालों वाली चूत को चूमने लगा और वो मेरे 8 इंच लंबे लंड को चूसने लगी. दोस्तों में बता नहीं सकता कि वो कैसा मंज़र दिख रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, वो भी मेरी चूत की किस्सिंग से मदहोश हुई जा रही थी और उफ़फ्फ़ की आवाज़ें निकाल रही थी.
फिर 10 मिनट में ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे में झड़ने वाला हूँ तो मैंने उससे कहा कि में झड़ने वाला हूँ तो उसने और ज़ोर से और तेज़ी से लंड चूसना शुरू कर दिया और मैंने भी चूत पर किस्सिंग करने की स्पीड बढ़ा दी. फिर में तेज़ धार छोड़ते हुए उसके मुँह में ही झड़ गया और उसकी चूत ने भी पिचकारी जैसा पानी छोड़ दिया. हम दोनों इस सकिंग से बहुत थक गये थे और फिर बेड पर नंगे ही साँसे लेते हुए पड़ गये.
फिर 10 मिनट के बाद ही उसने फिर से मेरा सेक्स उभारना शुरू कर दिया और मेरे सारे जिस्म पर किस्सिंग शुरू कर दी, 2 मिनट में ही मेरा लड़ फिर खड़ा हो गया और वो राड जैसा सख़्त हो गया. फिर मैंने भी उसकी किस्सिंग और उसके प्यारे-प्यारे, गोल-गोल, गोरे-गोरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए, वो सेक्स की जज़्बात से लाल हो गयी और सिसकारियाँ भरने लगी, धीरे-धीरे से करो, प्लीज. में अब उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा, वो दीवानी हो गई और मेरी कमर पकड़कर खींचने लगी और कहने लगी कि प्लीज मुझे मत तड़पाओ और जल्दी से मुझे चोदो, प्लीज में और बर्दाश्त नहीं कर सकती, प्लीज.
मुझे उसकी तड़प और मज़ा देने लगी और में अपने फौलादी लंड को उसकी चूत में डालने लगा, उसकी चूत गीली थी और एक ही धक्के में मेरा लंड उसकी चूत में चला गया और वो कराह उठी और वो साथ साथ मुस्कुरा भी रही थी और कह रही थी कि आज इस फौलादी लंड से चुदवाने का मज़ा आयेगा. में पूरे जोश में उसे तेज़ी से धक्के मार रहा था और उसकी ठुकाई जारी थी, वो अचानक मुझे रोककर और मुझे बेड पर धकेलकर खुद मेरे ऊपर आ गई और पूरी तेज़ी और जोश से धक्के मारने लगी.
दोस्तों में बता नहीं सकता कि वो क्या सीन था, इतनी सुंदर, खूबसूरत और सेक्सी रेशमा मेरे लंड पर बैठकर खुद चुदाई कर रही थी. कुछ देर बाद मैंने उसे रोका और उसे घोड़ी बनने को कहा तो वो डर गई कि कहीं में उसकी गांड तो नहीं मार रहा हूँ. फिर मैंने कहा कि गांड बाद में मार लूँगा, पहले इस गुलाबी चूत को तो ठंडा कर दूँ तो वो घोड़ी बन गई और मैंने उसे लगातार धक्के मारते हुए और 10 मिनट तक उसको चोदा.
मैंने उसकी पूरी 30 मिनट तक चुदाई की और फिर अचानक मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ तो इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थी. फिर उसने मुझे उसकी गर्म चूत के अंदर ही झड़ने को कहा और में तीन चार धक्के मारते हुए झड़ गया और वो भी मेरे साथ 4 बार झड़ी और हम दोनों निढाल होकर गिर पड़े. फिर हम आधे घंटे तक ऐसे ही पड़े रहे और फिर बाथरूम जाकर साथ में बाथ किया और एक बार वहाँ भी चुदाई की.
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नौकरी के लिए सेक्स किया


हैल्लो दोस्तों मेरा नाम सेम है,  दोस्तों आज मेरी यह पहली सच्ची घटना है जिसे में आज आप सभी के सामने बताने जा रहा हूँ. में मुंबई का रहने वाला हूँ और में एक प्राइवेट कंपनी में हूँ. मैंने एक सोशल साईट में कुछ दिनों से चेटिंग स्टार्ट की तो वहां पर मुझे एक लड़की मिली जिसका नाम नेहा था तो हमारे बीच कुछ ऐसी बात हुई थी.
में : हैल्लो
नेहा : तुम कौन हो?
में : मेरा नाम सेम और में मस्त एकदम झकास और तुम कैसी हो?
नेहा : में अच्छी हूँ और तुम क्या करते हो?
में : में मॅनेजर हूँ.
में : तुम कहाँ की रहने वाली हो और क्या करती हो?
नेहा : में मुंबई की रहने वाली हूँ, लेकिन में अभी नागपुर में हूँ और मैंने अभी कुछ समय पहले B.A. किया है और अब में कोई नौकरी ढूंढ रही हूँ और तुम कहाँ रहते हो?
में : में मुंबई का ही रहने वाला हूँ और तुम एक काम करो में तुम्हारी नौकरी के लिए तुम्हारी मदद कर सकता हूँ क्योंकि मेरी कंपनी में नौकरी के लिए जगह खाली है.
नेहा : हाँ ठीक है, लेकिन उसके लिए मुझे क्या करना होगा?
में : ठीक है तो फिर तुम एक काम करो मुझे मेरी मेल आई डी पर अपना रीज़्यूम भेज दो.
में : चलो बाय अब बाद में मिलते है.
मैंने उससे उसका रीज़्यूम इसलिए मँगवाया क्योंकि उसमे उसका नंबर और पर्सनल मैल आई डी होगा और वो मुझे बहुत आसानी से मिल जाएगा मुझे उसे ढूंढने में ज्यादा झंझट नहीं होगी और उसने मुझे तभी 5 मिनट में अपना रीज़्यूम भेज दिया तो मैंने उसका रीज़्यूम देखा, तो मुझे कुछ देर के बाद मालूम पड़ा कि वो एक शादीशुदा है और उसकी उम्र 25 साल की है और फिर मैंने उसका मोबाईल नंबर देखकर झट से उसे फोन लगाया. तो मैंने उससे पूछा कि क्या तुम शादीशुदा हो?
वो बोली कि हाँ और फिर वो एकदम चुप हो गयी, मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा पति क्या काम करता है? तो वो बोली कि प्लीज़ कुछ और बात करो और तुमने मेरा रीज़्यूम देखा है क्या उसका कुछ होगा? तो में समझ गया कि कुछ गड़बड़ है और मैंने उससे बोला कि प्लीज़ मुझे तुम्हारी लाईफ के बारे में कुछ तो बताओ तभी तो में तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूँ. तो वो मना करने लगी और मैंने उससे बहुत बार कहा तो तब जाकर उसने बोला कि मेरी शादी जरुर हुई है, लेकिन अब वो उसके पति के साथ नहीं रहती और वो लोग बहुत जल्द तलाक लेने वाले है. तो मैंने उससे उसका कारण पूछा तो उसने कहा कि वो सभी बातें पर्सनल है और वो मुझे नहीं बता सकती. तो में भी उसकी यह बात सुनकर एकदम चुप हो गया क्योंकि में मन ही मन में सोच रहा था कि पहले दिन ही सब कुछ नहीं पूछना चाहिए.
तो दूसरे दिन उसने मुझे खुद ही एक मस्त मैसेज भेजा, तो मैंने भी मैसेज कर दिया और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या कर रहे हो? तो मैंने बोला कि में ऑफिस में हूँ. तो उसने बोला कि ठीक और फिर पूछा कि क्या मेरे रीज़्यूम का कुछ हुआ? तो मैंने भी झूठ बोल दिया कि हाँ मैंने आगे भेज दिया है अभी उनकी तरफ से जवाब आने के बाद बताऊंगा और में उसके बारें में पूछने लगा तो उसने बताया कि वो नागपुर की रहने वाली है और उसकी शादी मुंबई में हुई थी. वो और उसका पति दोनों ही नौकरी किया करते थे. फिर मैंने उससे पूछा कि फिर यह तलाक क्यों? तो वो रोने लगी और बोली कि उसके पति का किसी और लकड़ी के साथ अफेयर है और अभी तक उसका उसके पति के साथ एक भी बार कुछ नहीं हुआ. तो में समझा गया कि वो अभी तक सेक्स के लिए तड़प रही है और फिर मैंने एक प्लान बनाया और मैंने उससे कहा कि तुम्हे नौकरी की क्या ज़रूरत है? तो वो बोली कि मुझे अपने पति से तलाक लेने के लिए वकील को पैसे देने है और अगर वो नहीं दे पाई तो उसके ससुराल वाले उसे छोड़ेगे नहीं और मारते रहेंगे.
तो मैंने उससे बोला कि फिर तुम्हे यहाँ पर नौकरी लगाने में थोड़ा टाइम लगेगा, इसलिये तुम कहीं और ट्राई करो तो उसने बोला कि मुझे कहीं भी नौकरी नहीं मिल रही है और मुझे बहुत ज़रूरत है और वो रोने लगी.
मैंने बोला कि ठीक है में दोबारा ट्राई करता हूँ, लेकिन उसमे मुझे क्या मिलेगा? तो वो बोली कि जो तुम बोलोगे में वो सब करने को तैयार हूँ, लेकिन पहले मुझे एक नौकरी दिलवा दो. तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और फिर दूसरे दिन मैंने अपने एक फर्जी दोस्त से उसे कॉल करवाया कि आपका इस दिन इंटरव्यू है इस पोस्ट के लिए. तो तुरंत उसने मुझे कॉल किया कि उसे इंटरव्यू के लिए कॉल आया है.
मैंने बोला कि ठीक है आप वहां पर इंटरव्यू के लिए चली जाओ. तो वो बोली कि क्या बिना इंटरव्यू के मेरी नौकरी मंजूर नहीं हो सकती? तो मैंने बोला कि पागल यह सब बिना इंटरव्यू के नहीं होगा, तो वो बोली कि मैंने बहुत दिनों से कुछ पढ़ाई नहीं की है तो हो सकता है कि में शायद फैल हो जाउंगी और वो रोने लगी और बोली कि मेरे लिए यह नौकरी बहुत ज़रूरी है.
तभी मैंने उसको बोला कि तो ठीक है में अपनी तरफ से कुछ कोशिश करता हूँ, लेकिन फिर मेरी मांग बड़ी होगी. तो वो बोली कि ठीक है तुम्हे जो कुछ मुझसे चाहिए में तुम्हे दूंगी, लेकिन पहले मेरा यह काम करवा दो प्लीज.
फिर मैंने अपने दोस्त को फिर से कॉल करके उसे इंटरव्यू के लिए कल ही आने को बोला. तो वो बोली कि वो नागपुर से मुंबई एक दिन में कल नहीं आ सकती और उसने मुझे कॉल किया और यह सब बातें बताई. तो मैंने बोला कि ठीक है और अब चलो हम कुछ करते है और फिर मैंने उसे बाद में दूसरे दिन फोन लगाकर बोला कि तुम्हारा इंटरव्यू के बिना भी यह सब काम हो सकता है, लेकिन तुम्हे मेरे साथ एक बार फिल्म देखने जाना पड़ेगा और मेरे साथ खाना भी खाना पड़ेगा और दारू भी पीनी पड़ेगी.
वो मेरी बात को सुनकर कुछ देर तक सोचने लगी और फिर बोली कि नहीं में ऐसा कुछ नहीं कर सकती और दारू तो बिल्कुल भी नहीं पी सकती. तो मैंने बोला कि ठीक है बाय. तो उसने भी मुझसे गुस्से में बाय बोल दिया और वो बोली कि में एक शरीफ लड़की हूँ और में यह सब कभी भी नहीं कर सकती और तुम मुझे आज के बाद मैसेज और कॉल मत करना.
में उसकी यह बात सुनकर एकदम सोच में पड़ गया कि यह लड़की तो मेरे हाथ से निकल गई और मैंने फिर से अपने दोस्त को फोन करके उससे यह बात कहने के लिए बोला कि अगर आप नहीं आ सकते हो तो इसलिए आपका रीज़्यूम हम हटा रहे है और फिर मेरे दोस्त ने अपना काम किया.
तो उसने मुझे अपने आप कॉल किया और वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और उसने मुझसे बोला की मैंने ऐसा क्यों किया? तो मैंने उससे कहा कि तुमने ही मुझसे बोला था कि तुम्हे ही यह सब नहीं चाहिए और तुम तो बहुत शरीफ और वैसे भी मैंने तो सिर्फ़ दारू ही बोला था मैंने सेक्स तो नहीं बोला. तो वो बोली कि ठीक है में तैयार हूँ तुम बताओ मुझे कब और कहाँ पर आना है?
मैंने बोला कि तुम आज रात को ही फ्लाइट से आ जाओ में तुम्हारा टिकट बुक कर देता हूँ और फिर मैंने उसे उसी शाम की फ्लाइट का एक टिकट भेजा और वो आ गयी. फिर मैंने मेरे ड्राइवर को उसे अपने रूम में लाने के लिए बोला और जैसे ही मैंने उसे देखा में एकदम पागल हो गया, गोरा रंग, मस्त शरीर, पंजाबी लड़कियों जैसा फिगर करीब 36-24-36 का साईज होगा, लेकिन उसका साईज 36-26-34 था.
फिर मैंने उसे अंदर बुलाया तो वो मेरा रूम देखकर एकदम चौंक गयी क्योंकि मेरे रूम में हर वो सामान था जो किसी अमीर आदमी की एक जरूरत होती है और वो बोली कि तुम तो बहुत अमीर लगते हो. तो मैंने बोला कि नहीं बस सामान मेरी अपनी मेहनत की कमाई का है.
फिर मैंने बोला कि अंदर जाओ और अपने कपड़े बदल लो, तो वो बोली कि ठीक है और वो बाथरूम में चली गई और मैंने उसके लिए एक ड्रिंक बनाया और वो नाहकर मेरे सामने मस्त टाईट लेगी और कुर्ता पहनकर बिल्कुल एक शरीफ़ लड़कियों की तरह आई और बोली कि चलो अब. तो मैंने पूछा कि कहाँ?
वो बोली कि क्यों हमे फिल्म जाना है ना? तो मैंने बोला कि नहीं मैंने इधर ही मेरे रूम पर सब इंतजाम किया हुआ है फिर मैंने डीवीडी पर नयी एक नई फिल्म लगाई और हम दोनों सोफे के दोनों अलग कोने पर बैठ गये. तो मैंने उसे विस्की का ग्लास दिया और बोला कि लो, तो पहले वो साफ मना करने लगी. फिर मेरे बहुत कहने पर उसने वो ले लिया, मैंने उसके लिए थोड़ा भारी विस्की का पेग बनाया था.
फिर मैंने फिल्म शुरू की, वो थोड़ी हिन्दी फिल्म थी और में उससे बातें करने लगा और उससे पूछने लगा कि शराब पहली बार पिया वग़ैराह वग़ैराह. तो वो बोलने लगी कि हाँ में पहली बार इसे पी रही हूँ और अब कुछ देर के बाद धीरे धीरे उसकी आवाज़ लड़खड़ाने लगी और एक ग्लास में वो थोड़ी सी बैचेन हो गई और फिर मैंने सोचा कि इतना काफ़ी नहीं है तो मैंने एक और पेग बनाया और उसके सामने रख दिया, लेकिन इस बार वो खुद ही पीने लगी और मैंने वो फिल्म चेंज करके दूसरी फिल्म लगा दी, तो कुछ देर के बाद एक तो दारू का नशा और उसमें उसकी सालों की तड़प वो दोनों मिलकर असर कर गयी उसने अपनी दोनों पैर टाईट बंद कर लिए और अब वो फिल्म को बहुत ध्यान से देखने लगी.
मैंने धीरे से उसके पास जाकर उसके गालो को किस किया तो उसने कुछ नहीं बोला तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी और में उसकी कमर पर हाथ डालकर उसके बूब्स को धीरे धीरे दबाने, सहलाने लगा तो वो थोड़ा छटपटाई और फिर कुछ नहीं बोलते हुए मुहं से आवाज़े निकालने लगी आहहह हाँ और ज़ोर से आहह्ह्ह प्लीज़ ओह्ह्ह्हह करके उफफ्फ्फ्फ़ करने लगी. तो मैंने उसे वहीं पर नंगा कर दिया और उसने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया फिर मैंने अपने भी कपड़े उतार दिए और मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं है जैसे उसने अभी ही बाथरूम में जाकर साफ किए हो और मैंने उसे पैर फ़ैलाने को बोला तो उसने अपने पैर ढीले छोड़ दिए, में उसकी चूत पर मसाज करने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स और निप्पल को मसलने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा.
मैंने यह सोचकर कि यह अब होश में नहीं आनी चाहिए में उसके होंठो को चूसने लगा और फिर मैंने देखा कि उसकी चूत गीली हो चुकी है और मेरी उंगली धीरे धीरे चूत के अंदर जाने लगी, मैंने पहले एक उंगली डाली तो पता चल कि वो अभी तक वर्जिन है. तो उसे बहुत दर्द होने लगा और वो दर्द की वजह से तड़पने लगी, फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी चूत में डाली और धीरे धीरे उंगली से अंदर बाहर करने लगा और ऊपर की तरफ में उसके निप्पल को अपने मुहं से काटने लगा और उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और वो उसे जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी. तो मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा हाथ उसकी चूत में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा.
फिर मैंने उसे सोफे पर ही लेटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे दबाने लगा और वो पहली ही बार में पूरा का पूरा अंदर घुस गया और में मस्त मज़े लेने लगा. तभी उसने मुझसे बोला कि प्लीज़ मुझे नीचे से चाटो ना तो मैंने देखा कि वो पूरी तरह से अब सेक्स के नशे में थी.
में उसकी गीली चूत को चाटने लगा और मुझे उसकी चूत चाटना अच्छा नहीं लग रहा था फिर भी मैंने ऐसा किया और यह पहली बार और मुझे ऐसा करना बहुत अजीब लगा, लेकिन फिर में अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालने लगा और मैंने देखा कि अचानक से वो तड़पने लगी तभी मुझे समझ आ गया कि लड़कियों को उनकी चूत चटवाना बहुत अच्छा लगता है.
मैंने ज़ोर ज़ोर उसे चाटना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर में वो बिल्कुल शांत हो गयी और में समझ गया कि उसकी चूत का पानी निकल गया और मैंने पूरा उसे पी लिया, लेकिन में अभी तक शांत नहीं हुआ तो मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.
थोड़ी ही देर बाद में भी शांत हो गया और मैंने अपना लंड बाहर निकालकर पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया तो उसने उसे चाट चाटकर साफ कर दिया और फिर हम दोनों वहीं बेड पर एक दूसरे के ऊपर लेट गए और सुबह जब हुई तो वो रोने लगी और मुझसे कहने लगी कि मैंने उसके साथ ऐसा क्यों किया? तो जब मैंने उसे अपनी कंपनी का ऑफर लेटर दिखाया तो उसने रोना बंद कर दिया और वो सब कुछ भूलकर बहुत खुश हो गई और अभी भी वो मेरी ही कंपनी में नौकरी करती है और जब भी हमारी इच्छा होती हम सेक्स करते है, लेकिन अब बिना दारू के. तो दोस्तों यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव.
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भांजे के साथ सेक्स किया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीना है और मेरी उम्र 36 साल है. में इस साईट की बहुत बड़ी फैन हूँ. में कॉलेज के टाईम से ही बहुत हॉट और खूबसुरत रही हूँ और में कॉलेज टाईम में मिस यूनिवर्सिटी और बहुत सारे दूसरे ब्यूटी प्रतियोगिता जीत चुकी हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और मेरी टाँगें बहुत लंबी हैं और मेरी शादी 21 साल की उम्र में ही हो गई थी, लेकिन 6 महीने बाद ही मेरा तलाक हो गया और तब से लेकर अब तक मैंने कभी शादी नहीं की. में अभी तक अपनी सेक्स की प्यास बुझाने के लिए अलग-अलग आदमियों का सहारा लेती आई हूँ, मगर मुश्किल से और बहुत कम की मदद ली है. मेरी बॉडी फिगर 38-26-37 है और मेरी पूरी बॉडी क्लीन शेव और एकदम चिकनी है.
में बहुत मॉडर्न औरत हूँ और मुझे सिर्फ शॉर्ट्स में रहना ही पसंद है. ये बात पिछले साल की है, जब मेरी बड़ी बहिन के बेटे का एड्मिशन मेरी सिटी के मेडिकल कॉलेज में हुआ, क्योंकि में अपने घर में अकेली रहती हूँ, इसलिए मेरा भांजा मेरे यहाँ ही रुकने आ रहा था. मेरे भांजे की उम्र 19 साल है और में उससे आखरी बार 4 साल पहले मिली थी, तब वो बहुत छोटा था. फिर रविवार के दिन मेरे घर की घंटी बजी तो में गेट खोलने गयी. फिर मैंने देखा कि मेरा भांजा जिसका नाम शाहज़ैब है, वो खड़ा हुआ था. उसने एक टी-शर्ट और जीन्स पहन रखी थी तो मे उसे देखकर दंग ही रह गई, वो एकदम पूरा का पूरा बदल चुका था. उसकी हाईट और बॉडी दोनों ही बहुत बड़ी हो गयी थी. उसकी हाईट 6 फुट से भी ज़्यादा थी.
फिर मैंने उसको अंदर बुलाया और उसका रूम उसको दिखाया और कहा कि चेंज कर लो और फ्रेश हो जाओ और में तब तक खाना लगाती हूँ, वो फ्रेश होने चला गया. फिर हम लोगों के 2 दिन तो नॉर्मल तरीके से बहुत अच्छे से निकल गये और तीसरे दिन जब में बाथरूम में नहा रही थी, क्योंकि में घर में अकेली ही रहती हूँ तो में बाथरूम की कुण्डी नहीं लगाती और सिर्फ़ दरवाज़े को फेर देती हूँ. उस दिन भी दरवाज़ा बंद नहीं था और फिर एकदम से मेरा भांजा जो कि सिर्फ़ अपने शॉर्ट्स में था और गलती से बाथरूम में आ गया. में पूरी नंगी गीले बदन के साथ वहाँ खड़ी हुई थी और वो भी सिर्फ़ शॉर्ट्स में था, में एकदम से डर गयी और वो भी डर गया, लेकिन उसने मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक देखा और फिर वो जल्दी से बाहर चला गया. फिर में नहाकर बाहर आई तो वो मुझसे नज़रे चुरा रहा था और में भी उससे नज़रे नहीं मिला रही थी. फिर उस रात को में उसके कमरे के बाहर से जा रही थी तो मुझे कुछ आवाज़ आई. फिर मैंने उसके कमरे में देखा तो वो मुठ मार रहा था और उसके हाथ में मेरी पेंटी थी.
में तो ये देखकर एकदम पागल ही हो गयी कि उसकी पूरी बॉडी शानदार थी और उसका लंड भी बहुत बड़ा था. मुझे उसके साथ तुरंत सेक्स करने की चाहत होने लगी, लेकिन में अपने कमरे में जाकर सो गयी और अपनी उंगली डालकर ही काम चलाया. फिर अगले दिन जब वो नाश्ता करने आया तो में बहुत टाईट और छोटे वाले शॉर्ट्स पहने हुई थी और ऊपर से एक बड़े गले वाली टी-शर्ट बिना ब्रा के जिसमे से मेरे बूब्स एकदम सॉफ दिख रहे थे.
वो तिरछी नज़र से मुझे देख रहा था और में भी उसको बार-बार टच कर रही थी और अपने बूब्स की झलक दिखा रही थी. फिर में उसको नाश्ते देने के बहाने उसके सामने झुककर खड़ी हो गयी और अपने बूब्स को एकदम उसके मुँह से लगा दिया. उसके बाद वो कॉलेज चला गया.
उस दिन रात में जब वो अपने कमरे में गया तो उसके कमरे का ए.सी. खराब हो गया था और उसने मुझे बताया. फिर मैंने उससे कहा कि आज रात मेरे रूम में ही सो जाओ, कल सुबह ए.सी. ठीक करवा दूँगी. फिर वो मेरे कमरे में सोने आ गया, उसने सिर्फ़ अपना पजामा (शॉर्ट्स) पहन रखा था और ऊपर कुछ भी नहीं था, वो बहुत हॉट दिख रहा था.
फिर मैंने भी जल्दी से कपड़े चेंज कर लिए थे और मैंने सिर्फ़ एक छोटी सी निकर और ऊपर से स्लीव टी-शर्ट पहन ली थी और फिर में लेट गयी. वो भी मेरे बराबर में आकर लेट गया और हम दोनों सो गये और मैंने उसकी तरफ करवट ले रखी थी, मतलब मेरी पीठ उसकी साईड थी और वो मेरी पीठ की तरफ मुँह करके लेटा था.
फिर रात को मुझे अपनी पीठ पर उसका हाथ महसूस हुआ, लेकिन में चुपचाप लेटी रही और कुछ रिएक्ट नहीं किया. फिर थोड़ी देर बाद उसका हाथ मेरी टी-शर्ट के अंदर जाने लगा और उसने अपना पैर मेरी गांड पर रख दिया और में अभी भी चुपचाप लेटी थी. फिर थोड़ी देर में उसका हाथ मेरे बूब्स तक आ गया और अब वो उनके साथ खेल रहा था. मैंने अब सिसकारियाँ भरनी शुरू कर दी थी और वो भी समझ गया था कि मुझे मज़ा आ रहा है.
फिर मैंने अब उसकी तरफ मुँह कर लिया और उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी. अब वो पागलों की तरह मेरे बूब्स को चूसने लगा और में मज़े ले रही थी, उसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया और हम एक दूसरे को बहुत टाईट से पकड़े हुए थे और लगभग आधे घंटे तक हम किस करते रहे. अब उसने अपना बड़ा सा लंड मुझे दिया और चूसने को कहा.
मैंने कभी भी इतना बड़ा लंड नहीं देखा था तो में थोड़ा घबरा रही थी. उसका लंड 9 इंच लंबा और 4 इंच मोटा था. फिर मैंने उसके लंड को चूसना शुरू किया और जब तक उसका पानी नहीं निकल गया, तब तक चूसती रही. उसके बाद उसने मेरी दोनों टाँगें खोल दी और अपनी ज़बान डालकर मेरी चूत को चाटने लगा, श्श्शश्श्श में बता नहीं सकती, कितने दिनों के बाद मुझे इतना शानदार एहसास हो रहा था, वो मेरी चूत को चाटता रहा और फिर में थोड़ी देर बाद झड़ गयी.
फिर इस बार उसने मेरे दोनों बूब्स को एक साथ पकड़ा और उनके बीच में अपना बड़ा लंड डालकर रगड़ने लगा. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था, मगर मेरी उसके लंड से चुदने की प्यास अब बहुत बड़ गयी थी. अब उसने मुझे पकड़ा और मेरी चूत के छेद पर अपना लंड रख दिया और उसको धीरे-धीरे सहलाने लगा, मेरी तो मानो जान ही निकल गयी.
फिर मैंने उससे बोला कि शाहज़ैब मुझे अब और मत तड़पाओं और मुझे चोद डालो. आज से में तुम्हारी हुई और मेरे साथ जो चाहो वो करो. फिर इतना सुनते ही उसके हौसले बुलंद हो गये और उसने मुझसे कहा कि समीना मौसी आप फ़िक्र ना करे, आपकी सालो की प्यास को अब में बुझाऊंगा, आपका भांजा अब आपकी चूत को शांत करेगा और आपको खुश रखेगा.
फिर उसने धक्के से अपना लंड एक बार में ही चूत के अंदर डाल दिया, मेरी तो जैसे चीख ही निकल गयी. मैंने इतना बड़ा लंड कभी अंदर नहीं लिया था. अब में बिस्तर पर लेट गयी थी और वो मेरे ऊपर था और बहुत तेज़ मेरी चूत में लंड अंदर बाहर कर रहा था, मेरे मुँह से आआअहह ऊऊहह आअहह आअहह हाअआआआ ऊओह की आवाज़ें निकल रही थी.
फिर थोड़ी देर के बाद उसने कहा कि उसका पानी निकलने वाला है. फिर मैंने कहा कि इसे अंदर ही छोड़ दो. अब हम लोग थोड़ी देर तक लेटे रहे और एक दूसरे के बदन को सहलाते रहे. फिर उसने मुझे खड़ा होने को कहा और वो खुद भी खड़ा होकर उठ गया. फिर उसने मुझे अब गोद में उठा लिया और अपने हाथों से मुझे ऊपर हवा में उठा लिया. फिर उसने मुझसे कहा कि अब वो मेरी गांड मारना चाहता है तो मैंने कहा ठीक है जान, आज जो करना है वो करो.
फिर उसने मुझे ऊपर उठाये हुए ही मेरी गांड में अपना लंड घुसा दिया और में इतनी ज़ोर से चीखी कि मेरी आवाज़ बाहर पड़ोसियो तक पहुँच गई होगी. फिर उसने मुझे हवा में ही उठाये रखा और गोद में उठाकर ही मुझको चोदने लगा. में बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां भर रही थी और चीख रही थी.
ये मेरी ज़िंदगी में पहली बार था, जब किसी ने मेरी गांड में लंड डाला हो और लगभग आधे घंटे तक चोदने के बाद हम दोनों साथ में ही झड़ गये और फिर उसने मुझे नीचे उतार दिया. अब हम दोनों फिर से लेट गये. फिर उसने मुझसे कहा कि समीना मैंने तुम जैसी लड़की आज तक नहीं देखी तो उसने मुझे बताया कि उसने बहुत सारी लड़कियों को चोदा है, लेकिन मेरी जैसी कोई नहीं थी. ऐसे उसने मुझे उस रात 5 बार चोदा और ये मेरी जिंदगी की सबसे शानदार रात थी.
फिर हम दोनों बार-बार एक दूसरे को किस करते और फिर चुदाई करते और पूरी रात में चिल्लाती रही और सिसकारियां भरती रही और उसके बाद से आज तक हमें पूरा एक साल हो गया है और हम दोनों अब बहुत सेक्स करते हैं, लगभग हर रोज़ और बिल्कुल मिया-बीवी की तरह रहते है, वो तो मुझको कपड़े भी नहीं पहनने देता है और अब हम खूब मजे करते है.
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कामवाली की चूत का नशा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 26 साल है और हाईट 5.11 इंच है और मेरे लंड का साईज़ 8 इंच है और में दिखने में एकदम ठीक ठाक लगता हूँ और अब में आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए अपनी आज की कहानी की तरफ ले चलता हूँ.
दोस्तों यह मेरी आज की कहानी मेरी काम वाली बाई की है. उसकी उम्र कोई 28 साल के करीब है और वो शादीशुदा है, उसका नाम सुनीता है और दिखने में बहुत ज्यादा सेक्सी है, उसका सावला रंग और उसके बूब्स का साईज़ 36-20-36 है, लेकिन वो बिल्कुल कामुक दिखती थी.
सुनीता हमारे घर पर दो टाईम काम करने आती थी, एक सुबह और दूसरा शाम को और में हमेशा सुनीता के जिस्म को देखकर उसे चोदने के बारे में सोचता रहता था, लेकिन मुझे कभी भी मौका ही नहीं मिलता था और वैसे सुनीता बहुत कम बोलती थी, वो बस अपने कामो में लगी रहती और काम खत्म करके अपने घर पर चली जाती थी. फिर एक दिन हमारे रिश्तेदार के घर पर एक समारोह था, लेकिन वो हमारे पास वाला घर ही था और सुनीता वहां पर भी काम किया करती थी. फिर एक दिन सुनीता को वहां पर काम करते करते थोड़ी रात हो गई और मुझे उसे उसके घर पर छोड़कर आना पड़ा. मेरी कार घर के बाहर ही खड़ी हुई थी, लेकिन उसके बजाए फिर भी मैंने अंदर से अपनी बाईक को बाहर निकाल लिया और में उसे छोड़ने के लिए चला गया.
फिर जब सुनीता मेरे कंधे पर हाथ रखकर बाईक पर चड़ी तो उसके बड़े बड़े बूब्स मेरी पीठ पर छूने लगे और में बाईक को धीरे धीरे ब्रेक मारता हुआ चला रहा था, लेकिन उसका घर पास में ही था तो मुझे थोड़ा ही मज़ा लेने का मौका मिला और उस रात के बाद से मेरी सुनीता से थोड़ी थोड़ी बात होनी शुरू हो गई और में अपनी बाईक पर बिठाकर लगातार 3-4 दिन तक उसे घर पर छोड़ने गया और उसके मज़े लेने लगा और उसके बाद से मैंने भी ध्यान दिया था कि जब भी में नहाकर बाथरूम से आता तो सुनीता मुझे चुप चुपकर देख रही होती थी और में भी जब वो सफाई करती थी तो उसके मोटे मोटे बूब्स को देखा करता था और जब वो देखती कि में उसके बूब्स देख रहा हूँ तो वो और झुक झुककर सफाई किया करती थी, जिसकी वजह से मुझे उसके बूब्स और भी ज्यादा गहराई तक नजर आते और में मन ही मन बहुत खुश हुआ करता था और अब में सिर्फ़ उस दिन का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था कि घर पर जब कोई नहीं होगा तो में अपना शिकार पकड़ लूँगा, क्योंकि वो भी शायद अब मुझसे यही चाहती थी, वो हमेशा किसी ना किसी बहाने से मुझे अपने बूब्स के दर्शन कराया करती थी. फिर आखिरकार बहुत इंतजार करने के बाद वो दिन आ ही गया, जब उस दिन घर पर सुबह सुबह कोई भी नहीं था, मम्मी पापा किसी काम से बाहर गये थे और वो सुबह सुबह ही चले गये और उनको शाम को वापस आना था.
फिर रोज की तरह सुनीता घर पर अपना काम करने के लिए आई और फिर वो सफाई कर रही थी. फिर में बेडरूम में जाकर बेड पर बैठ गया और में उसके बूब्स देख रहा था और वो मुझे धीरे धीरे मदहोश करने लगे थे. तभी उसने भी मुझे देख लिया, लेकिन फिर भी इस बार में उसके बूब्स पर नजरे टिकाए हुए था, मुझे उसके बूब्स देखने में बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि हमे किसी का डर नहीं था और वो मुझे तिरछी नजरों से देखकर मुस्कुरा रही थी और मुझे अपनी और आकर्षित कर रही थी और फिर वो भी धीरे धीरे अपना काम करते हुए बेडरूम से बाहर चली गयी और अब वो पूरी सफाई कर चुकी थी और अपने घर पर जाने वाली थी.
फिर उसने मुझसे कहा कि में अब जा रही हूँ और शाम को आ जाउंगी. मैंने तभी उसको बोला कि सुनीता एक मिनट अंदर आओ. वो चुपचाप अंदर आ गई, लेकिन वो बहुत शरमा रही थी और फिर वो बोली कि हाँ जी कहिए क्या काम है? तो मैंने उससे बोला कि तुम पहले यहाँ पर बैठो और वो चुपचाप बैठ गयी.
मैंने उससे कहा कि क्या तुम्हे पता है कि तुम कितनी सुंदर हो? तो वो शरमाने लगी और उसने अपनी नजरे एकदम झुका ली और फिर मैंने एकदम सही मौका देखकर उसका एक हाथ पकड़ लिया तो वो नर्वस होने लगी और बोली कि आप यह क्या कर रहे हो? तो मैंने बोला कि में तुम्हे हाथ लगाकर तुम्हे छूकर देख रहा हूँ और फिर में अपना हाथ उसकी कमर पर लगाने लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और बीच में अपनी दोनों आखें बंद करके मुहं घुमाकर मुझसे बोल रही थी कि बस करो रहने दो, कोई आ जाएगा, छोड़ दो मुझे कोई आ जाएगा तो हमे देख लेगा. फिर मैंने जैसे ही उसकी नाभि पर हाथ रखा तो उसने सिसकियाँ लेनी शुरू कर दी और उसने आखें बंद करके मुहं ऊपर की तरफ कर लिया.
फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया और उसने भी मेरा साथ देते हुए मुझे हग करना शुरू किया, जिससे मुझे उसको बेड पर लेटाने में थोड़ी आसानी हो गयी और मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसके होंठो पर किस किया और फिर जैसे ही उसने भी जमकर मेरा साथ दिया तो वैसे ही मैंने उसके मोटे मोटे बूब्स को दबाने शुरू कर दिया और सुनीता भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगी. फिर उसने मुझे इस तरह ज़ोर से चूमा कि वो मेरी पूरी जीभ अपने मुहं में ले गयी और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.
फिर मैंने चूसते चूसते सुनीता को पूरा नंगा कर दिया था और वो भी मेरे कपड़े उतार रही थी. फिर सुनीता ने मेरी अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को देखकर उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान आ गयी और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी. वो समय मेरे लिए किसी जन्नत से कम नहीं था और वो मेरे लंड को 15 मिनट तक लगातार चूसती रही और अब मैंने उसे 69 की पोज़िशन में कर दिया.
फिर मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और में भी उसकी चूत को पागलों की तरह ज़ोर ज़ोर से चाटने चूसने लगा तो वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और अपनी गांड को उठा उठाकर मुझे अपनी चूत में घुसाकर चटवाने लगी और कहने लगी कि औऊऊऊउ हाँ और ज़ोर से अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से. करीब दस मिनट तक लगतार उसकी चूत चूसने के बाद वो और भी तड़पने और कहने लगी, प्लीज और ज़ोर से चूसो.
फिर में समझ गया कि अब यह झड़ने वाली है, में उसे और भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और करीब दो मिनट के बाद में वो झड़ गयी और उसने मुझे ज़ोर से गले से लगा लिया. अब मैंने उसे डोगी स्टाईल में बिठा दिया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखा और हल्का सा धक्का देकर अंदर किया और फिर दम लगाने लगा. फिर वो सिसकियाँ भरने लगी और अब मैंने एक जोरदार झटका मारा तो एकदम उसकी बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और वो बोली कि प्लीज थोड़ा आईईईईईईइ धीरे करो, अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह.
फिर मैंने एक और झटका मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया और उसके मुहं से अह्ह्हहमम्म आईईईईईई जैसी उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आवाज़े निकलने लगी और अब में उसकी कमर को पकड़कर अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर अंदर बाहर करने लगा और अब कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आ रहा था. फिर 30 मिनट तक लगातार चोदने के बाद हम दोनों झड़ गए और उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर भर लिया. फिर कुछ देर बाद हम उठे और फिर सुनीता को दूसरी जगह काम पर जाना था तो वो चली गई, लेकिन जब वो शाम को वापस आई तो किचन में बर्तन साफ कर रही थी.
फिर में उसे पीछे से पकड़कर उसके कान को चूसने लगा और उसकी गांड पर अपना लंड घुमाने लगा, वो फिर से मदहोश होने लगी. फिर में उसे हमारे ड्राइंगरूम में ले गया और मैंने उसके कपड़ो को उतारकर बूब्स को चूसना शुरू कर दिए और मैंने उसके बूब्स चूसते चूसते उसके बाकी के कपड़े भी खोलकर उसे पूरा नंगा कर दिया और उसे सोफे पर लेटा दिया और फिर कुछ देर तक चूत चाटने लगा, वो मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी, लेकिन कुछ देर बाद वो झड़ गई और में उसका पूरा रस पी गया.
फिर कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर कर रखकर लंड को चूत पर रखकर धक्का दिया और उसकी चुदाई करने लगा, वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह धीरे करो, प्लीज थोड़ा धीरे करो अह्ह्ह्हह, लेकिन में उसकी सुने बिना धक्के देता रहा. करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में झड़ गया और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया. फिर वो एकदम निढाल होकर पड़ी रही. दोस्तों उस टाईम हमने दो बार चुदाई का मज़ा लिया और मैंने उसको खुश कर दिया, लेकिन उसके बाद जब भी मौका मिलता तो मैंने उसे कई बार चोदा और अब वो भी मेरे लंड को हर कभी मौका देखकर पकड़कर चूसने लगती है और में कई बार उसके मुहं में झड़ चुका हूँ.
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नौकर से चुदी नये शहर में


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मोना है. मैंने इस साईट पर कई कहानियां पढ़ी है, अब में आपको एक अपनी सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ, जो मेरे साथ हुई. मेरी शादी हुए 3 साल हो गये थे और में अपने पति के साथ नये शहर में आ गयी थी, हमें उधर सब व्यवस्था करने में काफ़ी टाईम निकल गया.
मैंने अपने पति राज से बोला कि घर पर एक नौकर रख लो तो वो मान गये और अपने पड़ोस में ढूँढने लगे, लेकिन फिर एक मिल गया. उसकी उम्र कुछ 28 साल की होगी, मजबूत कद का और लंबे कद का था और उसका नाम मोहन था. वो शाम को घर आया, मेरे पति कहीं गये हुए थे और उन्होंने मुझे बोला था कि मोहन शाम को घर आयेगा तो में बात कर लूँ.
मैंने अपने 36-30-34 फिगर पर साड़ी डाली हुई थी और मेरा ब्लाउज गले से बहुत छोटा था. तभी डोर बेल बजी और मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि मोहन बाहर खड़ा हुआ था और फिर बोला मेडम में मोहन तो में उसे अंदर ले आई और उसकी नज़र मेरी चूचियों पर ही थी. फिर मैंने देखा कि वो थोड़ा झिझक रहा था और में उसे सभी काम समझा रही थी, तभी में किसी काम से नीचे झुकी और मेरा पल्लू नीचे गिर गया और मेरे 36 साईज के बूब्स आधे बाहर नज़र आने लगे, वो उन्हें घूर के देख रहा था.
फिर वो चला गया और अब जब राज ऑफिस में होते थे, तभी वो आता था और मेरी बॉडी को देखते-देखते काम किया करता था. मुझे शुरू से ही पॉर्न देखने की आदत थी तो कभी-कभी में राज के साथ भी देखती थी.
एक बार मैंने स्कर्ट पहनी थी और उसके ऊपर शॉर्ट टॉप था और में रूम में पॉर्न देख रही थी और स्कर्ट ऊपर करके अपनी चूत को मसल रही थी, तभी वो अन्दर आ गया और एकदम से मेरा पानी निकल आया, लेकिन मैंने स्कर्ट तुरंत नीचे कर दी और कुछ बूंदे स्कर्ट पर गिर गई, उसने देखा और चला गया. फिर एक दिन में लॉन में घूम रही थी और मैंने साड़ी पहनी थी और में हमेशा से छोटे गले का ब्लाउज ही पहनती हूँ.
मैंने देखा कि मोहन बाथरूम में पेशाब कर रहा था और मैंने उसका 8 इंच का लंड देख लिया और मन ही मन बहुत खुश हो गई, क्योंकि मेरे पति का मुश्किल से 6 इंच का था. फिर में अचानक से बाथरुम की तरफ गई और दरवाजा खोला तो वो घबराकर उसे छुपाने लगा. फिर में उसे अपने साथ रूम में ले गई और बोली कि तुमने जानबूझ कर दरवाजा खुला छोड़ा था कि में देख लूँ तो वो बोलने लगा कि नहीं मेडम. मैंने सोचा कि आप अंदर होगी, खैर फिर मैंने धोखे से अपना पल्लू गिरा दिया और बोली कि अपने कपड़े उतारो तो वो मुस्कुरा दिया और नंगा हो गया. फिर में उसके लंड को सहलाने लगी, उसका लंड मोटा और काला था. फिर उसने मेरी साड़ी और ब्लाउज को उतार दिया और मुझे बेड पर लेटाकर चूमने लगा और एक हाथ से पेटिकोट भी उतार दिया.
मैंने पेंटी नहीं पहनी थी और एक उंगली मेरी चूत में अंदर डालकर चूत में घुमाने लगा, में धीरे-धीरे आवाजे करने लगी. फिर वो बोला कि मेडम आपकी तो अभी भी टाईट चूत है. फिर में बोली कि मोहन तुम ढीली कर दो. फिर उसने ब्रा के हुक खोल दिए और अब में उसके सामने एकदम नंगी थी, वो मेरी चूचियों को चूसने लगा और काट भी लेता था. फिर मैंने बोला कि मोहन आराम से करो, अपने पास पूरा दिन है.
फिर में उसका लंड मुँह में लेकर चूसने लगी और 10 मिनट तक चूसने के बाद सारा पानी मेरे मुँह में ले लिया और पी गई. फिर हम थोड़ी देर चिपक कर लेटे रहे और फिर थोड़ी देर के बाद फिर उसका लंड टाईट हो गया था. इस बार उसने मुझे लेटाया और मेरी टांग फैलाकर अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया और धक्के मारने लगा तो में चिल्ला पड़ी, आआहह आह्ह्हह्ह मोहन आराम से डालो. फिर वो बोला कि मेडम कुछ नहीं होगा, सब ठीक हो जायेगा और एक ज़ोर का धक्का मारा और पूरा लंड चूत में अंदर चला गया, में दर्द से तड़प उठी. फिर उसने धक्के लगाने चालू किए और बोला कि मोना मेडम आप बड़ी मस्त हो और 20 मिनट तक हमने चुदाई की और उसने अपने लंड का सारा पानी मेरी चूत के अंदर ही डाल दिया. फिर हमने कपड़े पहने और वो चला गया. अब में घर पर नंगी भी होती हूँ तो वो सारा काम करता है और हम चुदाई भी करते है और जब पति रात में शिफ्ट पर होते है तो वो आता है और हम एक साथ सोते है.
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नई मामी की सिसकियाँ


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और मेरी उम्र 24 साल है. में आज जो ये स्टोरी लिख रहा हूँ वो मेरी और मेरी एक मामी ज़ी के साथ हुए अनुभव के बारे में है. मेरे मामा की शादी 2005 में हुई थी. मामी अच्छी है और दिखने में सुंदर है. उनका साइज़ 36-25-34 है और उनकी उम्र 28 साल है. मामा की शादी के वक़्त जब वो पहली बार ससुराल आई तभी से मैंने उनसे दोस्ती बना ली थी, वैसे भी आप जानते है कि जब नई दुल्हन आती है तो उसका ख़ास ध्यान रखा जाता है. यहाँ भी वही होना लाज़मी था. में भी इस काम में मदद करता था, क्योंकि मुझे मामी के साथ वक़्त बिताने का मौका मिलता था और मामी भी मुझसे बातें करके टाइम पास कर लेती थी. ऐसे ही हमारी दोस्ती हो गयी और हम लोग खाना भी साथ खाने लगे, क्योंकि बाद में मेरे कॉलेज की पढाई की बात थी तो मुझे 1 हफ्ते के बाद वहाँ से दिल्ली वापस आना पड़ा.
मेरी फेमिली यहीं दिल्ली में ही है और मामा जी का घर कानपुर में है यहाँ से में मामी ज़ी से अक्सर फोन पर बातें किया करता था और धीरे-धीरे मैंने उनसे गहरी दोस्ती का रिश्ता बना लिया. उनकी शादी में मुझे उनकी एक फ्रेंड भी काफ़ी पसंद आई थी और में अक्सर मामी से कहता कि मेरी उससे शादी करावा दो तो वो भी कहती कि हाँ हाँ करवा देंगे जब सही समय आयेगा. तो इन सब बातों को करते हुए हम काफ़ी फ्रेंड्ली हो गये थे, में अक्सर उनसे उनकी शादीशुदा लाईफ के बारे में, फेमिली प्लानिंग के बारे में भी बातें कर लिया करता था, जिस पर कभी वो शरमाती तो कभी तुरंत जवाब देती और मजाक़ में कहती कि तुम्हारी शादी होने दो, फिर देखेंगे तुम क्या-क्या प्लानिंग करते हो.
ऐसे ही वक़्त गुज़रता चला गया और फिर करीब 8-10 महीने के बाद मैंने छुट्टियों का प्लान किया और मामा जी के घर पहुँच गया और इस बार वहां रहने के लिए मेरे पास काफ़ी टाईम था और घर पहुँच कर सभी से मिला नानी, मामा, कज़िन, सभी काफ़ी खुश हुये और में भी बहुत खुश हुआ, लेकिन मुझे ज़्यादा खुशी मामी जी से मिलने की थी और उनके साथ वक़्त बिताने की थी.
मामा स्कूल टीचर है तो वो सुबह जाते और शाम को घर आते. मामा, मामी की शादीशुदा लाईफ काफ़ी अच्छी चल रही थी और वो दोनों एक दूसरे के साथ खुश थे और आज भी है और नानी, मौसी और अन्य फेमिली मेंबर वही रोज के घर के काम में लगे रहते थे. गावों में, वैसे भी कोई ना कोई काम लगा ही रहता है. मामी भी घर के काम करती है, लेकिन ज़्यादा नहीं और नॉर्मल काम करके फिर वो अक्सर अपने रूम में ही समय बिताती है. में भी ऐसे ही समय का इंतज़ार करता था.
फिर जब वो खाना बना रही होती तो कभी किचन में उनके साथ समय बिताता या फिर बाद में उनके रूम के आस-पास मंडराता रहता और इसी बीच वो मुझसे बातें करने के लिए रूम में बुला लेती. लंच तो हम साथ में ही करते थे, वो भी अच्छी है और में भी ठीक ठाक हूँ. तो अन्य लोगों की तुलना में हमारी आपस में अच्छी बनती थी. हम नॉर्मली उनके बेड पर बैठकर ही लंच करते थे. कई बार उन्होंने मुझे अपने हाथों से खाना खिलाया है. मुझे बहुत मज़ा आता था. ऐसे ही एक दिन लंच टाइम में मामी नहाने के बाद तैयार हुई. उन्होंने ग्रीन कलर की साड़ी पहनी, बाल खुले हुए जिनसे से हल्की-हल्की पानी की बूंदे टपक रही थी, ब्लाउज जो सामान्य ही था, लेकिन उनकी हेल्थ अच्छी होने की वजह से और भी चार चाँद लगा रहा था.
उनका गोरा और चिकना पेट देखकर मेरे मन में हलचल मच गयी थी. में भी नहाकर आया और मामी के कमरे में ही ड्रेसिंग टेबल के सामने तैयार हो रहा था, उस समय मामी किचन में थी. में तैयार होते समय अकेला रहना पसंद करता हूँ ये बात मामी जानती है, लेकिन उसी समय वो रूम में आ गयी और मुझे अपनी ब्यूटी प्रोडक्ट्स की किट में से क्रीम और कोई भी सामान जो मुझे चाहिए हो, वो ऑफर किया. मैंने कहा मामी में तो सांवला हूँ मुझ पर इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का कोई असर नहीं होता ये तो आप जैसे गोरे और सुंदर लोगों लिए अच्छे है. तभी वो बोली तुम कहाँ से बुरे हो, गोरा रंग ही सब कुछ नहीं होता व्यवहार का भी तो असर होता है और तुम्हारा व्यवहार काफ़ी अच्छा है. मैंने उन्हें मुस्कुराते हुए थैंक्स कहा तो उन्होंने कहा तुम तैयार हो जाओ फिर हम साथ में लंच करेंगे.
फिर लंच करते समय वो मेरे सामने ही बेड पर बैठी थी, उनकी साड़ी, लिपस्टिक, ब्लाउज के अंदर बूब्स, और चिकना पेट देखकर मेरी भूख तो वैसे ही ख़त्म हो गई थी, मेरा तो दिल कर रहा था कि इन्हें ही खा जाऊं. फिर मुझे ठीक से खाना ना खाते देख उन्होंने पूछा क्या बात है खाना क्यों नहीं खा रहे हो? तो मैंने कहा मन नहीं है.
फिर उन्होंने मुझसे काफ़ी बार पूछा, लेकिन में उन्हें क्या बता सकता था. फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे अपने हाथ से खाना खिलाना शुरू किया. उनके मुलायम हाथों से खाना खाने में अच्छा लग रहा था. कई बार तो मैंने उनकी उंगलियों को भी होठों के बीच में दबा लिया और वो मुस्कुराती हुई कहती कि ऑश, बदमाश खाना खाओ, मेरी उंगलियाँ मत खाओ.
में : मुझे खाना तो खाना नहीं है में तो बस आपकी उंगलियों की वजह से ही में इतना खाना खाने की इच्छा जता रहा हूँ.
मामी : अच्छा जी तो खाना खाने में नहीं मेरी उंगलियों में रूचि है?
में : मुझे तो आपकी हर बात में रूचि है. आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो, में आपको तो खा सकता हूँ, लेकिन खाना नहीं खा सकता.
मामी : ओह हो तो ये बात है. इतनी हिम्मत है, लगता है कि अब तो तुम्हारी शादी करवानी ही पड़ेगी.
में : में तो कब से कह रहा हूँ, लेकिन आप ही बात आगे नहीं बढ़ाती हो तो इस पर मामी मुस्कुराई और खाना ख़त्म किया. मुझे पानी पीना था तो मैंने मामी के बालों से टपकते पानी को देखा जो कि उनके ब्लाउज के ऊपर गिर रहा था. मैंने कहा मामी पानी देना तो वो ग्लास देने लगी मैंने ब्लाउज की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ग्लास से नहीं वहाँ से पीना है.
उन्होंने मुझे चिढाते हुए मेरे गाल पर हल्का सा थप्पड़ दिया और कहा सुधर जाओ, वरना मार पड़ेगी. फिर बाद में हम लोग वहीं बेड पर ही लेट गये और दोपहर का टाईम था तो हल्की नींद लेने का प्लान था. लेकिन हम अभी बातों में ही व्यस्त थे. बातें करते-करते में उनका पेट देख रहा था और पेट पर उनकी गहरी नाभि क्या कमाल लग रही थी. मुझे गहरी नाभि बहुत पसंद है और बातें करने के समय ही में उनके और करीब चला गया और उनके भीगे बालों को छूने लगा.
मामी के लाल होंठ मुझे आमंत्रित कर रहे थे और जब वो हँसती तो मन करता कि उनके होठों को चूम लूँ. इसके बाद मैंने अपना हाथ मामी के हाथ पर रखा और हल्का सा सहलाया, मामी ने मेरी तरफ देखा और मैंने उनकी तरफ देखा, मेरी साँसे भारी हो रही थी.
इतने में मैंने हिम्मत करके मैंने उनके पेट पर हाथ रख दिया और उसे सहलाया तो मामी मना करने लगी. तो उन्होंने कहा हम दोस्त है, लेकिन ऐसा मत करो, ये सब ठीक नहीं. लेकिन फिर में दुखी हो गया और उन्होंने मुझे सीने से लगा लिया. उनके बदन की खुशबू और स्पर्श ने मेरे पहले से तने हुए लंड को और खड़ा कर दिया. फिर मैंने उन्हें बाहों में भर लिया और एक दूसरे से लिपटे हुए ही बेड के एक कोने से दूसरे कोने पर रोल होने लगे. मामी मुझे प्यार से सहला रही थी, तभी में उठा और मामी को सीधा करते हुए उनके होठों पर अपने होंठ रख दिए.
फिर मैंने उन्हें तब तक चूसा जब तक कि उनकी लिपस्टिक साफ नहीं हो गयी. फिर मामी मुस्कुराते हुए बोली बदमाश, किस्सर तो ज़बरदस्त हो, पहले कितनों को कर चुके हो? में मुस्कुराया और कहा आगे-आगे देखो में क्या-क्या करता हूँ. फिर मैंने उन्हें लेटाया और उनका ब्लाउज अपने होठों से खोला और ब्रा खोलने से पहले मैंने उनकी चिकनी पीठ को खूब चाटा.
फिर ब्रा खुलने के बाद उनकी बॉडी का ऊपर का शरीर देखकर में सिहर उठा और सारे बदन में कंपकपी छूट गई और उनके निपल्स को खूब चूसा और चाटा. तो मामी उत्तेजना की वजह से बड़बडा रही थी, ओह्ह्ह्ह रोहन तुम कितने अच्छे हो मजा आ गया और करो. फिर इसके बाद में पेट की तरफ बढ़ा, चिकने पेट पर मेरी नियत कब से खराब थी. उस पर पहले तो जी भरकर हाथ फेरा और फिर उसे चूमा, मैंने अपनी जीभ से उसे चाट-चाट कर लाल कर दिया और साथ ही साथ मैंने उनका पेटिकोट भी खोल दिया.
फिर अब बारी थी गहरी नाभि की, क्या गजब चीज़ थी. मैंने वहीं ग्लास में रखा पानी नाभि में भरा और उसे पिया. मामी सिसकारियाँ भर रही थी, उन्हें जैसे जन्नत के दर्शन हो गये हो और कहने लगी कि ओह्ह्ह रोहन तुमने कैसा नशा घोल दिया है, मुझे गुदगुदी हो रही है, ऑफ उहह वो मेरे बालों में उंगलियाँ घुमा रही थी और मुझे अपने पेट पर कसकर जकड़े हुए थी.
फिर मैंने अपनी पेंट खोल दी और लोवर अलग फेंक दिया, इतने में मामी बोली, ओह रोहन प्लीज़ अंडरवेयर मुझे उतारने दो और मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे अंडरवेयर को धीरे-धीरे उतारने लगी. फिर जैसे ही मेरे लंड के दर्शन हुए तो उन्होंने एकदम से अंडरवेयर ऊतार फेंका और लंड हाथ में लेकर उसे किस करने लगी, में सातवें आसमान पर था. मैंने उनकी गीली चूत में साईड से हाथ डालते हुए उसे टाँगों से अलग कर दिया. उनकी एकदम शेव चूत थी उनके पेट और चूत का रंग एक जैसा था. एकदम गोरा और मेरा लंड मेरी तरह सांवला है और 6 इंच लम्बा है.
फिर में उनकी चूत में उँगलियाँ कर रहा था और वो मेरे लंड को किस कर रही थी. फिर हम दोनों ने एक दूसरे कि तरफ देखा और फिर आँखों में ही इशारा करते हुए सीधा लेट गया. मामी की चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी. मैंने अपना लंड चूत के मुँह पर रखा और एक झटके में ही आधा लंड पेल दिया, मामी चहक उठी, ओह्ह्ह्हह डियर मज़ा आ गया. फिर मैंने इसके बाद दूसरे झटके में पूरा लंड चूत में पेल दिया और थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा और साथ ही साथ मामी के होठों को चूसता रहा. फिर जब मामी ने नीचे से झटके देना शुरू किया तो मैंने अपनी स्पीड तेज की और फिर ताबड़तोड़ झटके अंदर-बाहर करने लगा.
मामी : ओह्ह्ह जानू, आई लव यू, लगे रहो और अंदर घुस जाओ अपनी मामी को खा जाओ, उई उम्म अहह.
में बीच-बीच में कभी नाभि को चाटता तो कभी बूब्स चाटता तो कभी होंठ को चाटता. ऐसा करते-करते 10-15 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और उसी पोज़िशन में काफ़ी देर तक पड़े रहे. उसके बाद मामी ने मुझे खूब किस किया और प्यार किया.
फिर बाद में मैंने ही मामी को सारे कपड़े पहनाये और ऐसा करते हुए उन्हें काफ़ी चोदा और और में उनकी नाभि में कभी शहद भरकर चाटता हूँ तो कभी दूध और आइसक्रीम भरकर चाटता हूँ और ऐसा करने में मुझे बहुत मजा आता है. मामी और मेरा प्यार आज भी वही है और वो मामा से भी अपना रिश्ता बखूबी निभा रही है. कहीं कोई प्रोब्लम नहीं है, सब जगह प्यार ही प्यार है.
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बीमा कम्पनी की एजेंट को चोदा


हैल्लो दोस्तों,  मेरा नाम समीर है और मेरी उम्र 24 साल है और में मुंबई शहर के थाने नाम के इलाके में रहता हूँ और मैंने अभी कुछ समय पहले ही अपनी पढ़ाई पूरी की है और अब में एक सरकारी नौकरी कर रहा हूँ, लेकिन मेरी पहली कहानी मेरे साथ काम करने वाली लड़की ममता के साथ थी जिसमे मैंने उसे फंसाकर बहुत चोदा.
दोस्तों में आज इस कहानी में आप सभी को बताऊंगा कि कैसे मैंने एक एजेंट को पटाया और उसे किस तरह से चोदा और में आप सभी से वादा करता हूँ कि यह मेरा सेक्स अनुभव आप लोगों को बहुत पसंद आएगा. दोस्तों में अपनी कॉलेज लाईफ तक बहुत शर्मीले स्वभाव का था, लेकिन मेरी नौकरी पर लगने के बाद में बहुत खुल गया खास करके लड़कियों के मामलो में. मेरी बॉडी दिखने में ठीक ठाक है और मेरा कलर साफ है. मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. दोस्तों यह घटना अभी कुछ ही दिनों पहले घटी है और इस वक़्त मैंने एक आंटी को चोदा है. मेरा पहला सेक्स अनुभव ममता से हुआ, वो करीब करीब मेरी ही उम्र की थी. तो एक दिन मुझे एक आंटी का कॉल आया जो कि एक जीवन बीमा कम्पनी की एजेंट थी और उसने मुझे फोन पर जीवन बीमा के बारे में बहुत कुछ बताया, लेकिन मुझे जीवन बीमा के बारे में सब कुछ पता था फिर भी मैंने उससे बहुत सारी जानकारी ली.
तो कुछ देर के बाद उसने मुझसे मेरी जन्मदिन की तारीख माँगी और फिर मैंने उसे अपनी जन्मदिन की तारीख बताई और फिर उसने कहा वो मुझे शाम को वापस कॉल करेंगी और मुझे मेरी उम्र के हिसाब से कोई अच्छी ठीक ठाक पॉलिसी बताएगी. तो मैंने उसका नाम पूछा, उसने अपना नाम निशा बताया और फिर मैंने कहा कि में आपके फोन का इंतजार करूंगा और में मन ही मन सोचने लगा कि में कैसे इसे अपनी और आकर्षित करूं और मैंने सोच लिया कि जब वो मुझे आज शाम को कॉल करेगी तो में उससे उसकी पर्सनल लाईफ के बारे में पूछूँगा. तो उसने मुझे शाम को कॉल किया और उसने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारे लिए एक प्लान बनाया है जिसमे जीवन बीमा का प्रीमियम और कुछ उससे सम्बन्धित जानकारियां है. तो मैंने कहा कि सबसे पहले यह बताओ कि तुम रहती कहाँ हो? तो उसने कहा कि में डोम्बीवली में रहती हूँ. तो उसने कहा कि क्या तुम मुझे कल मिल सकते हो डोम्बीवली स्टेशन पर ताकि में तुम्हे प्रीमियम और कुछ उससे सम्बन्धित जानकारियां बता सकूं? में तो यही चाहता था और फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हारी बातें पर कैसे विश्वास करूं? तो उसने कहा कि में एक बहुत बड़ी और जानीमानी कम्पनी की एजेंट हूँ और उसने कहा कि तुम मुझसे जो भी पूछना चाहते हो वो पूछ सकते हो.
फिर मैंने कहा कि तुम्हारी उम्र क्या है? तो उसने कहा कि मेरी उम्र 33 साल है और फिर मैंने कहा कि क्या तुम्हारी शादी हो चुकी है या फिर तुम कुवारीं हो? तो उसने कहा कि वो एक शादीशुदा औरत है और उसकी शादी को 8 साल हो चुके है और मैंने 15-20 मिनट उस दिन उसके साथ ऐसे ही टाईम पास किया. फिर उसने कहा कि तुम कल 11 बजे मुझे डोम्बीवली स्टेशन पर मिलो, लेकिन में तो सिर्फ यही सोच रहा था कि वो दिखती कैसी होगी और में उसे कैसे पटाऊंगा? और उसके अगले दिन में उसे बाईक पर थाने से डोम्बीवली स्टेशन पर मिलने गया, मैंने उसे कॉल किया और अपनी शर्ट और पेंट का कलर बताया ताकि वो मुझे आसानी से पहचान सके और थोड़ी ही देर में उसने पीछे से आकर मुझे ही कहा क्यों इतनी देर से मेरा ही इंतजार था ना तुम्हे? तो में उसे देखकर एकदम दंग रह गया और में उसकी नजरों में खो सा गया. मैंने उसकी बात का कोई भी जवाब नहीं दिया, लेकिन कुछ देर बाद उसने अपनी नजर मुझसे चुरा ली, वो एकदम हॉट, सेक्सी दिखती थी. उसके बूब्स बहुत बड़े थे और वो सलवार कमीज़ में थी.
तो मैंने उससे कहा कि चलो हम अब स्टेशन के बाहर चलते है ताकि तुम मुझे अच्छे से पॉलिसी समझा सको और फिर उसने बाहर आकर मुझे अपना पॉलिसी प्लान बताया. मेरा ध्यान तो अभी भी कहीं और ही था. तो वो 10-15 मिनट के बाद मुझसे पॉलिसी के बारे में बात करती है. तो मैंने कहा कि तुम और क्या काम करती हो? उसने कहा कि में एक कंपनी में अकाउंटेंट भी हूँ और में यह काम पार्ट टाईम करती हूँ. तो मैंने उससे पूछा कि तुम काम तो बहुत अच्छा करती हो और तुम इतना कमा रही हो और तुम्हारा पति भी अच्छा कमाता होगा.
मेरी यह बात सुनकर वो एकदम गुस्से में आ गयी और उसने कहा कि मेरा पति कुछ काम नहीं करता है वो तो सारा दिन शराब पीता है. तो मैंने उससे सॉरी कहा, फिर मैंने उससे सीधे बोल दिया कि मेरी तुम्हारी इस पॉलिसी में कोई रूचि नहीं है, मुझे सिर्फ तुमसे दोस्ती करने में रूचि है. तो वो यह सब बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गयी और उसने कहा कि उसे यह सब काम अच्छा नहीं लगता है और वो वहां से जाने लगी. तो मैंने उसके पीछे जाकर उससे कहा कि में तुम्हारा एक बहुत अच्छा दोस्त बन सकता हूँ. तो उसने बोला कि नहीं यह सब ठीक नहीं है और अगर मेरे पति को पता चलेगा तो मुझे सबके सामने मरेगा.
तो मैंने कहा कि तुम डरो मत, ऐसा कुछ नहीं होगा. तुम खुद मेहनत करके कमाती हो और यह एक तुम्हारा हक है. यह सुनकर वो थोड़ा बे चिंता हुई और फिर मैंने कहा कि चलो हम कहीं चलते है और में उसे अपनी बाइक पर बैठाकर कुछ दूर ले गया और वहां पर हम एक गार्डन में बैठ गये. फिर मैंने उसे अपने बारे में बताया और उससे बात करके मुझे पता चला कि वो बहुत परेशान औरत है और उसकी शादीशुदा लाईफ बहुत बुरी चल रही थी. तो मैंने सोचा कि यह वक़्त सही नहीं है उससे इस बारे में बात करने का और इस तरह हम दो महीने तक हर रविवार को मिलने लगे और बहुत बहुत ही कम समय में एक अच्छे दोस्त बन गये और बाकी के दिन हम फोन पर ही बात करते थे.
फिर मैंने एक दिन फोन पर हिम्मत करके उससे कह दिया कि सेक्स लाइफ कैसी है? वो पहले यह बात सुनकर कुछ वक़्त के लिए एकदम चुप हो गयी और फिर उसने कहा कि प्लीज मुझसे यह सब मत पूछो? तो मैंने कहा कि मुझे लगता है तुम अपनी सेक्स लाईफ को लेकर बहुत परेशान हो और उसका कारण तुम्हारी यह शादीशुदा लाईफ है.
उसने कहा कि उसका पति सिर्फ़ शराब पीता है और उसे ज़रा भी टाइम नहीं देता है और मुझे अभी तक कोई भी औलाद नहीं हुई है और फिर झट से उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया और उसकी नजरों में नजरें डालकर मैंने उससे कहा कि अगर तुम बुरा ना मानो तो में कुछ टाईम के लिए तुम्हारा पति बन सकता हूँ और तुम्हे खुश कर सकता हूँ. तो उसने कहा कि लेकिन यह सब बहुत ग़लत होगा और अब तो मुझे यह सब सोचने में भी डर लगता है और फिर मैंने उसे समझाया कि हम दोनों एकदम सुरक्षित रहकर यह सब करेंगे.
वो मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर मान गयी, मैंने उससे कहा कि में इस सप्ताह के आखरी में कोई रूम का इंतजाम करता हूँ और उसी सप्ताह में शनिवार को मैंने एक रूम का इंतजाम किया और यह रूम मेरे एक दोस्त का था, जो मुंबई के पास में रहता है और यह उसका गेस्ट हाऊस टाईप रूम था और बहुत शांत जगह पर था. तो मैंने निशा को फोन पर सब बता दिया और उसे शनिवार को 12 बजे मुंबई आने को कहा और फिर उसने भी हाँ कहा और शनिवार को वो कुछ दूरी तक बस से आई और फिर में उसके बाद में उसे फ्लेट तक अपनी बाईक पर लेने गया और जैसे ही में उससे मिला तो उस दिन मैंने उससे कहा कि क्या तुम यह सब करने के लिए तैयार हो? तुम्हे अगर कुछ समस्या हो तो अभी बोल दो. तो उसने कहा कि वो तैयार है और उसने यह निर्णय बहुत सोच समझकर लिया है.
फिर क्या था? में उसे बाईक पर बैठाकर फ्लेट तक ले आया और जैसे ही वो अंदर घुसी तो मैंने सभी खिड़की और दरवाजे अच्छी तरह से बंद कर दिया और एसी चालू कर दिया और में एक भूखे शेर की तरह उसके बूब्स दबाने लगा. तो उसने कहा कि प्लीज़ थोड़ा आराम से करो. उस वक़्त करीब 12.30 बजे थे और में करीब 10-15 मिनट तक सिर्फ उसके बूब्स दबाता रहा और फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज मेरा लंड चूसो. तो उसने पहले मना कर दिया और कहा कि यह सब काम मुझे बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते और मैंने अपने पति के साथ भी यह सब कभी नहीं किया.
मैंने कहा कि इसमें बहुत मज़ा आता है और मेरे कुछ देर समझाने पर वो मान गयी और पहले मैंने उससे कहा कि तुम मेरा लंड पेंट के ऊपर से हाथ से सहलाती रहो और फिर उसने ऐसा ही किया. फिर मैंने अपनी पेंट और अंडरवियर उतार दी और मेरा 7 इंच का लंड एकदम से आज़ाद हुआ, लेकिन निशा उसे देखकर एकदम चकित हो गयी. मैंने कहा कि अब इसे मुहं में लेकर आराम से चूसो और मैंने उसे 30-40 मिनट तक हर तरह से अपना लंड चुसवाया चटवाया. तो कुछ देर बाद वो खुद लेट गयी और मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी.
फिर मैंने फिर निशा का कुर्ता उतार दिया, उसने सफेद कलर का गोल आकार की ब्रा पहनी हुई थी और मैंने कुछ ही सेकेंड में उसके सारे हुक खोल दिए और मैंने देखा कि उसके बूब्स मस्त थे. फिर में दोनों हाथों से उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा और कुछ देर के बाद मैंने बूब्स को चूसना शुरू किया और करीब 20 मिनट तक उनसे खेलता रहा. सिर्फ़ इतना ही सब करने पर हमें करीब दो घंटे लग गये. तो उसके बाद मैंने उसके बूब्स को दबाना सहलाना शुरू कर दिया और अब वो सिसकियाँ लेने लगी शायद वो अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी उसकी सिसकियों की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी और फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसको सीधा लेटा दिया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा. तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब और मत तड़पाओ, प्लीज मेरी इस चूत को आज ठंडा कर दो.
में उसकी यह बात सुनकर जोश में आ गया और एक ही धक्के में लंड को चूत की गहराईयों में पहुंचाकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा, लेकिन मेरी इस चुदाई के दर्द की वजह से उसकी हालत बहुत खराब थी. क्योंकि उसकी चूत एक तो बहुत समय के बाद लंड का स्वाद ले रही थी और दूसरा मेरा लंड उसके पति के लंड से ज्यादा मोटा था और में उसे बिना देखे चोदता रहा, लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद उसकी चूत ने मेरे लंड को अपना बना लिया था और अब वो अपनी गांड को उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत के आखरी छोर तक लेने की कोशिश कर रही थी और इसी कोशिश में वो कब झड़ गई, उसे खुद को भी मालूम नहीं पड़ा और उसके कुछ देर बाद ही में भी उसकी चूत की गहराईयों में झड़ गया. फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और उसे उसके घर के पास छोड़कर अपने घर आ गया.
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