मम्मी की फ्रेंड को चोदा उनके घर में


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आशीष है और मेरी उम्र 21 साल है. दोस्तों में आज आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. यह कहानी मेरी माँ की फ्रेंड सुनीता की है, जिसको मैंने चोदा और अपनी और उनके जिस्म की संतुष्टि को प्राप्त किया. मेरी माँ की फ्रेंड सुनीता की उम्र करीब 40 साल से ज्यादा ही होगी, लेकिन वो चेहरे से बिल्कुल भी नहीं लगती थी.
उनका जिस्म अभी भी किसी कुँवारी लड़की से कम नहीं था, जिसको देखने के बाद हर कोई उन्हे चोदने की सोचता. उनके बड़े बड़े बूब्स, बड़ी गांड, नशीली आखें हर किसी के लंड से पानी निकालने के लिए बहुत थी और उनके पति ऑफिस के काम से अक्सर बाहर जाया करते थे और उनके दो बच्चे थे, एक लड़का जो होस्टल में रहता था और वहीं पर पढ़ता था और एक लड़की जिसकी कुछ टाईम पहले शादी हुई थी.
वो मेरी मामी की कुछ टाईम पहले ही नई नई दोस्त बनी थी और फिर वो लगातार मेरे घर पर आने जाने लगी थी और सुनीता आंटी हमेशा साड़ी ही पहनती थी, लेकिन में उनके बारे में कभी भी मन में कुछ गलत नहीं सोचता था. एक दिन आंटी मेरे घर आई और मेरी मम्मी से कहने लगी कि मेरे घर पर कोई भी नहीं होता है, तो क्या में आशीष से कभी कभी अपने कुछ काम हो तो, उससे करा लूंगी? तो मेरी मम्मी ने कहा कि हाँ, ठीक है आपके कोई भी काम हो तो इसको बोल दिया करो, यह वो काम कर देगा.
फिर क्या था सुनीता आंटी मुझसे एक दो दिन में कुछ ना कुछ सामान मंगवाती रहती थी और में उनके घर पर जाता रहता, लेकिन में कभी भी उनके घर के अंदर नहीं जाता था, में बाहर से उनको सामान देकर चला आता था, तो एक दिन आंटी ने मुझे कॉल किया कि आशीष तुम आज मेरे साथ मार्केट चलो, मुझे कुछ सामान लेना है और उन दिनों बारिश हो रही थी. तो में आंटी के घर के बाहर आया और कॉल किया कि आंटी में आ गया हूँ, तो आंटी क्या मस्त साड़ी पहनकर आई उन्होंने लाल रंग की सिल्क की साड़ी पहनी हुई थी, लेकिन फिर मैंने इतना ध्यान नहीं दिया, क्योंकि में आंटी के बारे में कभी भी कोई गलत बात नहीं सोचता था.
तो में आंटी के घर पर पहुंचा और उन्हे अपनी बाईक पर बैठाकर ले जाने लगा और फिर में कुछ देर बाद आंटी को मार्केट ले आया, आंटी ने कुछ घर का जरूरी सामान लिया और फिर आंटी एक दुकान में चली गई, जहाँ पर पेंटी और ब्रा मिलती थी और में उस दुकान के बाहर ही रुक गया. तो आंटी बोली कि आशीष क्या हुआ बाहर क्यों रुक गए? तो मैंने कहा कि नहीं आंटी आप ही अंदर जाइए, आंटी मुझसे बोली कि तुम भी अंदर चलो ना मुझे कोई दिक्कत नहीं है और में आंटी के साथ अंदर चला गया. आंटी ने दुकानदार से कुछ पेंटी और ब्रा देने को कहे आंटी का साईज़ 42 था और फिर आंटी ने तीन पेंटी और ब्रा खरीद लिए और में आंटी को अपनी बाईक पर बैठाकर घर पर लाने लगा, लेकिन तभी बहुत ज़ोर से बारिश होने लगी तो आंटी ने अपने बूब्स को मेरी कमर से एकदम चिपका दिया जिसकी वजह से मुझे उनके जिस्म की गरमी महससू हो रही थी, एक तरफ बारिश का ठंडा ठंडा पानी और दूसरी तरफ उनके जिस्म की गरमी मेरे शरीर में एक अजीब सा अहसास पैदा कर रही थी और उनके बूब्स मेरी कमर से दब रहे थे, तो आंटी और में थोड़ा सा भीग गए और हम जैसे ही आंटी के घर पर पहुंचे तो बारिश और भी तेज हो गई तो आंटी मुझसे बोली कि आशीष जल्दी से अंदर चलो और में बाईक को एक साइड में लगाकर आंटी के घर चल दिया, आंटी ने अपने घर का दरवाजा खोला और हम दोनों अंदर चले गये. में आंटी के घर के अंदर पहली बार गया था, तो आंटी ने कहा कि आशीष यह लो टावल और जल्दी से अपनी ड्रेस को उतार लो नहीं तो तुम्हे ठंड लग जाएगी, तो मैंने कहा कि आंटी कोई बात नहीं, में बारिश के थोड़ा कम होते ही अपने घर पर चला जाऊंगा, तो आंटी ने कहा कि अरे आशीष तुम्हारी ड्रेस पूरी तरह भीग गई है और ऐसे तुम बीमार हो जाओगे, तुम अपने कपड़े बदल लो. मैंने आंटी के बहुत बार कहने पर उनकी बात मान ली और अपनी ड्रेस उतार दी और टावल पहन लिया और फिर आंटी भी अपनी ड्रेस को चेंज करने अपने रूम में चली गई, लेकिन जब आंटी वापस आई तो वो क्या मस्त लग रही थी. वो एक गुलाबी कलर की नाईटी पहनकर आई और ठीक मेरे सामने आकर बैठ गई, तो में उनके जिस्म को नजरे चुराकर देखने लगा और में उनके आधे बाहर की तरफ झांकते हुए बूब्स को देखने लगा, वो बहुत सुंदर दिख रहे थे.
फिर आंटी मुझसे बोली कि आशीष में चाय बनाकर लाती हूँ और जैसे ही वो उठकर जाने लगी तो उनकी एकदम टाईट नाईटी से उनकी गांड बहुत बड़ी और बाहर की तरफ दिख रही थी, जिसने मेरे लंड को अब गरम होने पर मजबूर कर दिया था, लेकिन में फिर भी शांत रहा.
कुछ देर बाद आंटी चाय लेकर आई और चाय रखने के लिए थोड़ा सा झुकी तो मुझे उनके बूब्स के पूरी तरह दर्शन हो गये और में बहुत खुश हुआ. फिर वो मेरे सामने बैठ गई और हम दोनों चाय पीने लगे और आंटी इधर उधर की बातें करने लगी कि आशीष तुम क्या करते हो? और क्या करना चाहते हो? फिर अचानक से आंटी मुझसे कहने लगी कि आशीष में वो ब्रा, पेंटी सब पहनकर देख लेती हूँ, कि वो साइज़ ठीक है या नहीं, अगर साइज़ सही नहीं होगा तो तुम उस दुकान पर जाकर उन्हें बदलवा कर ले आना.
फिर आंटी अंदर गई और थोड़ी देर बाद आंटी ने मुझे आवाज़ लगाई कि आशीष ज़रा अंदर आना, तो में टावल में ही अंदर चला गया और फिर अंदर जाते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गई क्योंकि जो सब कुछ मैंने अंदर देखा वो में कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था, अंदर आंटी पेंटी और ब्रा में थी और वो आइने के सामने ब्रा पहनने की कोशिश कर रही थी तो में वहीं रूक गया.
तो आंटी बोली कि अंदर आ जाओ, में थोड़ी हिम्मत करके अंदर चला गया और फिर आंटी बोली कि आशीष ज़रा इसको पहना दो, मुझसे इसका हुक नहीं लग रहा है, में बोला कि क्या आंटी में? तो आंटी बोली कि हाँ तू, क्या हुआ? तो में आंटी की ब्रा का हुक लगाने लगा और कांच में से चुपके चुपके उनके मोटे मोटे बूब्स देख रहा था.
आंटी मुझसे पूछने लगी कि आशीष क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो में उस टाईम एकदम चुप रहा और आंटी फिर से बोली कि बताओ ना, में यह बात किसी को नहीं कहूंगी. तो मैंने बोला कि आंटी ऐसी कोई बात नहीं है क्योंकि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है. तो आंटी बोली कि क्यों मुझसे झूठ बोल रहा है? तो मैंने कहा कि आंटी मुझे अब तक कोई मिली ही नहीं.
आंटी बोली कि क्यों तुम्हे किस तरह की लड़की चाहिए? फिर में बोला कि जो मुझे प्यार करे. आंटी बोली कि हाँ यह बात सही है और मैंने तब तक आंटी का ब्रा का हुक लगा दिया था और आंटी मेरे सामने सीधी होकर खड़ी हो गई, उनके मोटे मोटे बूब्स को देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और टावल से साफ साफ दिखने लगा और आंटी ने भी शायद यह सब देख लिया. फिर आंटी बोली कि आशीष ज़रा वो वाली ब्रा लाना जो उसके पास में है. तो में उस दूसरी ब्रा को लेने गया. तब तक आंटी ने अपनी ब्रा को उतार दिया और मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी. मेरा दिमाग़ काम ही नहीं कर रहा था कि में अब क्या करूं?
आंटी बोली कि लाओ ना, तो में ब्रा लेकर आंटी के पास चला गया. आंटी बोली कि क्या हुआ आशीष कभी किसी औरत को ऐसे नहीं देखा क्या? तो मैंने कहा कि नहीं, और फिर आंटी मेरे लंड की तरफ देखकर ज़ोर से हंसी और बोली कि यह क्या है? तो में बोला कि आंटी कुछ नहीं, आंटी मेरे पास आई और मेरे लंड को छूने लगी और बोली कि यह तो सब कुछ चाहता है. तो में आंटी की बातें सुनकर एकदम पागल सा हो रहा था, आंटी ने मेरा टावल निकाल दिया और में अब उनके सामने सिर्फ अपने अंडरवियर में खड़ा हुआ था.
आंटी बोली कि में पहले इसको शांत करती हूँ और आंटी मेरे लंड को अंडरवियर के बाहर से हिलाने लगी और अब मुझे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने आंटी को अपनी बाहों में भर लिया और उनको किस करने लगा. तो आंटी बोली कि आशीष बहुत टाईम से तेरे अंकल ने मुझको प्यार नहीं किया, इसलिए मैंने तेरे साथ यह सब किया और अगर में आगे होकर तुझसे यह सब करने के लिए बोलती तो तू मुझसे बात भी नहीं करता, क्योंकि तुमको अब मुझमें क्या मिलेगा?
तो मैंने कहा कि आंटी ऐसी कोई बात नहीं है. में आपको आज से बहुत प्यार करूंगा, आपकी हर एक इच्छा पूरी करूंगा, आप जो बात कहोगी वो में करूंगा. तो आंटी मुझको किस करने लगी. मैंने आंटी को अपनी गोद में उठा लिया और पलंग पर लेटा दिया और में आंटी की पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को मसलने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा. आंटी मस्त आवाज़ निकालती जा रही थी, वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी, तो मैंने आंटी की पेंटी को उतार दिया.
मैंने देखा कि आंटी की चूत पर एक भी बाल नहीं है, वो पूरी एकदम लाल गीली चूत थी. तो आंटी बोली कि मैंने आज ही अपनी चूत के बाल साफ किये है क्योंकि मुझे आज तुझसे जो मिलना था. तो मैंने कहा कि क्या बात है साली? तो वो हंसने लगी और मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी. में उसके बूब्स को चूसते चूसते उसकी नाभि को चूमने और चाटने लगा.
उसने कहा कि आशीष प्लीज अब अपनी आंटी को और मत तड़पाओ प्लीज़ अह्ह्ह्ह अपने लंड को मेरी चूत में डालो ना. तो मैंने कहा कि अच्छा और फिर मैंने आंटी के दोनों पैरों को फैलाया और उनकी चूत के मुहं पर अपना लंड रखा और धीरे से अंदर डालना शुरू किया और एक ही जोरदार धक्का दिया कि आंटी की चीख निकल गई और मैंने अपनी स्पीड बड़ा ली और आंटी की सिसकियों की आवाज़ मुझको पागल करने लगी.. हअह्ह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह और ज़ोर से हाँ अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हाँ ज़ोर से.
फिर में अपनी तेज स्पीड से अपने लंड को उनकी चूत के अंदर बाहर करता रहा और कुछ देर के बाद आंटी ने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन फिर भी मेरी स्पीड वही रही और करीब 15 मिनट के बाद मेरा भी वीर्य निकलने वाला था तो मैंने पूछा कि आंटी कहाँ निकालूँ? और फिर वो बोली कि बाहर ही निकाल दो, मैंने अपना लंड, चूत से बाहर निकाल लिया और आंटी के ऊपर ही अपना पूरा वीर्य निकाल दिया. तो आंटी बोली कि अरे तूने अपनी आंटी को पूरा गंदा कर दिया.
मैंने कहा कि आंटी लो इसे चूसो ना, तो आंटी बोली कि यह सब अच्छा नहीं होता. तो मैंने कहा कि आंटी प्लीज़ एक बार, लेकिन वो फिर भी मना करने लगी, तो मैंने अपने लंड को जबरदस्ती उसके मुहं के अंदर डाल दिया और उनसे कहा कि चूसो इसे. तो वो मना करने लगी, लेकिन मैंने कहा कि हाँ आप मुझसे प्यार नहीं करती? फिर आंटी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है चलो में तुम्हारा लंड चूसती हूँ और वो मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे लंड को उसने पूरी तरह चाट चाटकर साफ कर दिया और कहने लगी कि तुम सबको इसमें क्या मज़ा आता है?
मैंने कहा कि आंटी इसमें बहुत शांति मिलती है और थोड़ी ही देर बाद मेरा लंड फिर से तैयार होने लगा और आंटी अपने आपको साफ करने बाथरूम में चली गई. फिर आंटी कुछ देर बाद साफ होकर बाहर आई. मेरा मन और भी चुदाई करने का हो रहा था. मैंने आंटी को अपने हाथों से उठाकर बेड पर लेटा दिया. तो आंटी बोली कि क्यों अब क्या करना है? मैंने कहा कि आंटी मुझे अभी और भी सेक्स करना है. तो आंटी बोली कि क्यों, अब नहीं? तो में आंटी को किस करने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा.
मैंने आंटी की चूत में फिर से अपने लंड को रखा और फिर से एक धक्का मारा और अपना लंड पूरा का पूरा अंदर डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा और आंटी अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी और में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारता रहा. फिर थोड़ी देर बाद मैंने आंटी को अपने ऊपर बैठाया और वो मेरे ऊपर लंड को पकड़कर ऊपर नीचे होने लगी. में ऐसा करीब 15 मिनट तक करता रहा. फिर मैंने आंटी को एक टेबल के ऊपर बैठाया और उनकी चूत में अपना लंड डालकर धक्के मारने लगा. फिर मैंने उनको बेड पर लेटा दिया और चोदने लगा. लगभग 30 मिनट बाद मेरा वीर्य निकलने को तैयार था और मैंने अपना वीर्य आंटी के अंदर ही डाल दिया.
तो आंटी बोली कि आशीष तुमने यह क्या किया? तो मैंने कहा कि आंटी इसका असली मज़ा अंदर ही है और वो बोली कि तू बड़ा बदमाश है चल अब हट मेरे ऊपर से. तो में आंटी के ऊपर ही लेट गया और बोला कि आंटी रूको ना ज़रा आपको किस करने दो. में आंटी के बूब्स को चूसता रहा और आंटी के साथ थोड़ी देर लेटा रहा. तब तक शाम के 5 बज गये थे, लेकिन मेरा मन अभी भी घर पर जाने को नहीं कर रहा था. तो आंटी बोली कि क्यों घर नहीं जाना? मैंने कहा कि आंटी आपको छोड़कर जाने का मन नहीं कर रहा.
आंटी बोली कि तो क्या हुआ? तू आज पूरी रात रुक जा अपनी आंटी के पास और मुझे प्यार कर. तो में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और सोचा कि आज सही टाईम है और फिर मैंने घर पर कॉल करके बोल दिया कि आज मुझे कुछ काम है इसलिए में अपने दोस्त के यहाँ पर रुक गया हूँ. फिर में आंटी को अपनी बाहों में लेकर किस करने लगा. आंटी बोली कि थोड़ी देर रुक जा, आज पूरी रात ही तेरी है, तू मुझे आज अच्छी तरह प्यार करना. तो मैंने ख़ुशी से आंटी को कसकर बाहों में जकड़ लिया और किस करता रहा और वो भी मेरा साथ देने लगी और थोड़ी दर हम एक दूसरे को किस करते रहे और फिर उसने कहा कि अभी तुम थोड़ा आराम कर लो, हम कुछ देर बाद में प्यार करेंगे.
फिर वो अपनी नाईटी पहनकर किचन में चली गई और थोड़ा खाने के लिए चिप्स लाई और बोली कि चलो खाते है, मैंने कहा कि लेकिन पहले आंटी आप मेरी गोद में बैठ जाइए और आप मुझ को अपने हाथों से खिलाओ. तो आंटी बोली कि यह सही है, चलो तुम अब टावल पहन लो. तो मैंने बोला कि आंटी कुछ नहीं होता में ऐसे ही आपको गोद में बैठाऊंगा और फिर आंटी मेरी गोद में आकर बैठ गई और मुझे अपने हाथों से चिप्स खिलाने लगी और हम आपस में बातें करने लगे. तो मैंने आंटी से पूछा कि आंटी आपने कितने टाइम से सेक्स नहीं किया? आंटी बोली कि मैंने पिछले दो सालो से सेक्स नहीं किया.
मैंने बोला कि आंटी आप कैसे इतने समय से अपने आपको सम्भाल रही थी? वो बोली कि में अपनी चूत को अपनी उँगलियों से ही खुश कर रही थी. तो मैंने बोला कि आंटी आपके साथ सेक्स करके मुझे बहुत मज़ा आया और मुझे लगता ही नहीं कि आपकी उम्र 40 साल है. तो आंटी बोली कि में आज तुमको और भी मज़ा दूंगी. में बहुत खुश हुआ और आंटी को किस करने लगा और उनके बूब्स दबाने लगा मैंने कहा कि आंटी मुझे अब आपकी गांड का मज़ा चाहिए. आंटी ने कहा कि नहीं बहुत दर्द होगा.
मैंने कहा कि आंटी एक बार करने दो ना. आंटी ने कहा कि चलो ठीक है कर लो और फिर आंटी उठकर फ्रिज से मख्खन लेकर आई और मेरे लंड पर लगाने लगी और अपनी गांड पर भी लगा लिया. तो मैंने आंटी को बेड पर ले जाकर घोड़ी बना लिया और उनकी गांड में अपना लंड डालने लगा. मख्खन होने के कारण लंड उनकी गांड में फिसलता हुआ जाने लगा और आंटी के मुहं से सिसकियों की आवाज़ आने लगी आह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह माँ बचाओ अह्ह्ह्ह थोड़ा धीरे अह्ह्ह्हह और आंटी को दर्द होने लगा और फिर आंटी बोली कि आशीष लंड को बाहर निकाल ले.
तो मैंने कहा कि आंटी रूको अभी दर्द कम हो जाएगा और मैंने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी. मेरा लंड आंटी की गांड में पूरा चला गया और आंटी दर्द से तड़पती रही, लेकिन मैंने उनकी एक बात नहीं सुनी और में अपने लंड को आंटी की गांड के अंदर बाहर करता हुआ धक्के मारता रहा और अब आंटी की आवाज़ भी कम होती जा रही और उनको भी मज़ा आने लगा.
मैंने करीब 15 मिनट तक लगातर आंटी की गांड मारी. मेरा लंड पूरे जोश में था तो मैंने आंटी को सीधा किया और अपना लंड उनकी चूत के मुहं पर रखा और धक्के मारने शुरू किये. में आंटी को किस करने लगा और धक्के मारता रहा, मेरा वीर्य अब निकलने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड को तेज किया और मैंने आंटी की चूत में ही अपना पूरा गरम गरम वीर्य निकाल दिया और मेरा लंड अब शांत हो गया था. तो मैंने टाईम देखा 10 बज गये थे. फिर हम थककर नंगे ही सो गये और सुबह उठकर में अपने घर चला आया.
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मिनी सिल्की का मोटा भोसड़ा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हर्षित है और मेरी उम्र 19 साल है. ये मेरी इस साईट पर पहली कहानी है. मेरी इस स्टोरी में 2 लड़कियाँ है और वो दोनों बहनें है और पंजाबन है. बड़ी वाली का नाम मिनी है और वो थोड़ी सी मोटी है और स्मार्ट भी है, वो दोनों हमेशा जीन्स ही पहनती है और जब चलती है तो उनके चूतड़ो की शेप साफ दिखाई देती है. अगर कोई उन्हें देख ले तो बिना मुठ मारे नहीं रह पायेगा.
में आपको इनके फिगर के बारे में तो बताना ही भूल गया, मिनी सिल्की से बड़ी है और उसका फिगर 34-30-38 होगा और सिल्की का 32-28-36 होगा. उन दोनों को भगवान ने बड़ी फुर्सत से बनाया होगा. अब में अपनी कहानी पर आता हूँ. में एक इलेक्ट्रॉनिक शॉप पर सेल्समेन हूँ और मेरा घर इनके घर के ठीक सामने है और मेरा इनके घर काफ़ी अच्छा आना-जाना था.
फिर एक दिन उन लड़कीयों की माँ मेरे पास आई और कहने लगी कि में दो दिन के लिए पंजाब जा रही हूँ और मेरा म्यूज़िक सिस्टम खराब हो गया है तो उसे घर जाकर देख लेना, मेरी लड़कियाँ घर पर ही है, वो बता देंगी. ये कहकर वो चली गयी. फिर शाम को में उनके घर गया. वहां पर मिनी और सिल्की दोनों पढ़ाई कर रही थी, वो दोनों अपनी बुक टेबल पर रख कर खड़ी होकर पढ़ रही थी, जैसा कि मैंने आपको बताया कि दोनों हमेशा टाईट जीन्स पहनती है तो उनके खड़े होने की वजह से दोनों की गांड बहुत बड़ी लग रही थी.
जब में उनकी गांड देख रहा था तो तभी अचानक उसका भाई आ गया और अपनी बहनों से कह गया कि वो कुछ देर से आयेगा और चला गया. तभी मैंने पूछा कि म्यूज़िक सिस्टम कहा है तो मिनी उठी और मुझे अपने बेडरूम में ले गयी, में जब तक म्यूज़िक सिस्टम ठीक कर रहा था तब तक मिनी वहीं खड़ी थी.
उस टाईम मेरा ध्यान म्यूज़िक सिस्टम ठीक करने पर कम और उसके चूतड़ देखने पर ज़्यादा था और चूतड़ देखते-देखते मेरा लंड खड़ा हो गया, जो कि 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है और एकदम लंबा तन गया और पजामे के ऊपरे से दिखने लगा, मेरा खड़ा लंड मिनी ने देख लिया और वो हंसने लगी. जब मैंने पूछा कि तुम क्यों हंस रही हो तो वो कहने लगी कि तुम्हारे पजामे से कुछ बाहर आ रहा है. मैंने कहा ये तुम्हारी वजह से ही बाहर आ रहा है, तो वो कहने लगी मैंने क्या किया है? इसमें मेरी क्या ग़लती है?
मैंने कहा ये तुम्हारी वजह से तन गया है. तुम हो ही ऐसी कि किसी का भी लंड खड़ा हो जाये. तब उसने कहा कि तुम सच बोल रहे हो? तो मैंने कहा हाँ और कहा कि में तुम्हें देख के दिन में 5-6 बार मुठ मारता हूँ, लेकिन इसके बाद भी मेरे लंड की प्यास नहीं बुझती. तभी वो बोली कि आज बुझा लो अपनी प्यास और मेरी प्यास भी बुझा दो.
ये बात सुनकर मैंने उसे चूमना चालू कर दिया, वो गर्म होने लगी और में उसकी टॉप के ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा, वो और गर्म हो गई और मेरे पजामे के अंदर हाथ डालकर मेरे लंड को सहलाने लगी. मैंने भी उसके टॉप में हाथ डालकर उसकी चूचीयाँ दबानी चालू कर दी, अब में उसका टॉप उतार चुका था और उसके बूब्स चूस रहा था.
तभी अचानक से सिल्की आ गई और हमें सेक्स करते हुए देख लिया, तभी मिनी उसे साईड में ले गई और समझाने लगी, लेकिन वो नहीं मानी. तब मैंने उसे जाकर समझाया और कहा कि तुम क्यों काम ख़राब कर रही हो, तुम भी सेक्स कर लो. ये बात सुनकर, वो भी तैयार हो गयी और अंदर कमरे में आ गयी और अब हम सब अपने-अपने कपड़े उतारने लगे. जब वो दोनों अपनी जीन्स ऊतार रही थी तो मैंने उनसे पूछा कि तुम पहले कई बार चुदवा चुकी हो क्या? तब उन्होंने बताया कि वो पहली बार चुदवा रही है.
तो मैंने पूछा कि इतनी मोटी गांड कैसे हो गई? तो वो कहने लगी कि ये हमने छेद में उंगली करके की है और जीन्स उतारने के बाद उनकी गांड और भी बड़ी लग रही थी. अब हम एकदम नंगे हो चुके थे और वो दोनों मेरे लंड को मुँह में ले रही थी और इतना मज़ा आ रहा था कि पूछो मत. फिर 10 मिनट मुँह में देने के बाद में झड़ गया और मैंने सारा वीर्य उनके मुँह में ही छोड़ दिया, वो सारा का सारा वीर्य पी गई और उसके बाद मिनी खड़ी हो गई और कहने लगी कि पहले मुझे चोद दो.
मेरा लंड झड़ चुका था, तो मैंने सिल्की के मुँह में लंड डाल दे दिया और उसने मेरे लंड को फिर से खड़ा कर दिया और फिर मैंने भी मिनी की चुदाई चालू कर दी, उसको इतना दर्द नहीं हुआ और मेरा लंड भी आसानी से अंदर चला गया, क्योंकि दोनों की चूत पहले से काफ़ी खुल चुकी थी. फिर 15 मिनट तक चूत मारने के बाद में मिनी की गांड में लंड डालने लगा, लेकिन लंड गांड में थोड़ा टाईट जा रहा रहा था, तभी सिल्की ने उसे जल्दी से चाटकर गीला कर दिया.
फिर लंड गीला होने के बाद आसानी से अंदर जा रहा था, तभी मिनी के मुँह से आवाज़े आने लग गई, आआआआआआहह उसकी आवाज़ों को बंद करने के लिए सिल्की मिनी के आगे चली गई और उससे अपनी चूत चटवाने लगी. फिर थोड़ी देर के बाद में फिर झड़ गया और अपना सारा वीर्य उसकी गांड में ही डाल दिया और अब दोबारा लंड खड़ा करने के लिए मिनी मेरे लंड को मुँह में लेने लगी.
फिर मैंने सिल्की को बेड पर लेटने को कहा और उसकी चुदाई चालू कर दी और अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा. जैसे ही मेरा लंड बाहर आता मिनी उसे चाट लेती. फिर 20 मिनट चूत मारने के बाद में झड़ गया और मैंने अपना वीर्य सिल्की के मुँह में ही छोड़ दिया, उन दोनों की चुदाई के टाईम वो दोनों बहनें 3-3 बार झड़ चुकी थी और ज़्यादा चुदना चाहती थी. फिर हम सब नंगे ही एक बेड पर लेट गये. में बीच, में लेटा था और अपने दोनों हाथों को उनकी चूत में डाल रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद हमने फिर चुदाई चालू कर दी और हमने बहुत इन्जॉय किया.
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दोस्त ने गांड चोदकर मजा दिया


हैल्लो दोस्तों, मेरे एक दोस्त का नाम अदनान है, वो मुझसे क़रीब 8 साल बड़ा है. यानी उसकी उम्र 26 साल है और उसका कद 6 फुट 4 इंच है, वो हमेशा दिलचस्प बातें सुनाता है इसलिए हमारे ग्रुप में काफी लड़के उसे पसंद करते है. उसके घरवाले हमारे घर पर आते रहते थे. मेरे माता पिता भी उसे काफ़ी पसंद करते थे, इसलिए उसका अक्सर मेरे पास आना क़िसी को बुरा नहीं लगता था. में तो आपको अपना नाम ही बताना भूल गया.
मेरा नाम मुसावीर है और प्यार से सब मुझे गुल्लू कहकर पुकारते थे, इसलिए में पूरे मोहल्ले में गुल्लू से ही याद किया जाता हूँ, मेरी उम्र इस वक़्त 18 साल है और मेरा क़द 5 फुट 6 इंच है. मुझे खेल में भी काफ़ी शौक़ है, इसी वजह से में अदनान से काफ़ी करीब आने लगा और सेक्स के मामले में तो में बिल्कुल ज़ीरो हूँ यानी आगे और पीछे से बिल्कुल वर्जिन हूँ सिर्फ़ पढाई और फिर स्पोर्ट्स इसके अलावा और कुछ नहीं. में पढाई में कुछ कमजोर हूँ, लेकिन जब से अदनान मिला तो वो मुझे हेल्प करता था, जिससे मेरे पेरेंट्स उसे काफ़ी खुश थे कि चलो गुल्लू की हेल्प हो जायेगी.
एक दिन मैंने अदनान से कहा मेरे एग्जाम आ रहे है क्या तुम मेरी हेल्प करोंगे? अदनान ने कहा मेरे भी फाइनल एग्जाम है, ठीक है ऐसा करो तुम मेरे घर आ जाओ और फिर में भी तुम्हारे घर पर आ जाता हूँ, इस तरह से में भी तैयारी करता रहूँगा और साथ में तुम्हें भी हेल्प करूँगा, कैसा रहा? गुल्लू ने कहा में अपने माता पिता से पूछ लेता हूँ और तुम भी पूछ लेना. फिर हम दोनों दूसरे दिन मिले तो अदनान ने पूछा तुमने पूछ लिया, तो में बोला हाँ मैंने तो अपने पेरेंट्स से तो पूछ लिया और उन्होंने इजाज़त भी दे दी, अब तुम बताओ. तो गुल्लू ने कहा अदनान भाई मुझे भी इजाज़त तो मिल गयी, अब हम एक दूसरे की हेल्प कर सकते है.
फिर हमने एग्जाम की तैयारी के लिए आज से ही प्रोग्राम बना लिया, वो मेरे ही बिस्तर पर बैठकर पढने लगा और मुझे साथ में बैठा लिया और मुझसे कहा कि गुल्लू दरवाज़ा लॉक कर लो अगर कोई आ जायेगा तो हमारी पढाई में डिस्टर्ब होगा. गुल्लू बोला अदनान भाई इधर कोई नहीं आता. सब लोग नीचे है, वो कभी भी मुझे देखने नहीं आते, लेकिन अगर आप कहते है तो में दरवाज़ा लॉक कर देता हूँ. फिर हम साथ में पढ़ते रहे और उसके बाद नींद आने पर सो गये. आधी रात में मुझे अपने जिस्म पर एक हाथ सहलाता हुआ मिला, वो हाथ मेरे दोस्त अदनान भाई का था. मैंने थोड़ा इग्नोर किया कि ऐसे ही नींद में हो गया होगा, लेकिन वो मेरी छाती पर हाथ चलाने लगा, वास्तव में बहुत गोरा और चिकना हूँ, मज़ा तो मुझे भी आने लगा था.
फिर उसने मेरा लंड पकड़ लिया, मैंने भी उसे मना नहीं किया और में चुपचाप लेटा रहा और मज़ा लेता रहा. मेरे साथ ऐसा पहली बार हो रहा था इसलिए में काफ़ी उत्तेजित हो गया और उसके बाद वो मेरे होठों को चूमने लगा और मेरी बनियान को ऊपर करके मेरी पीठ चूमने लगा. फिर में अपने होश खोने लगा और फिर उसने मुझे पीठ के बल लेटाकर आगे से भी मेरी बनियान को ऊपर उठाकर मेरे सीने को और निप्पल को दबाने लगा. मुझे एक पल ऐसा लगा कि में एक लड़की हूँ, जिसे मेरा फ्रेंड चोद रहा है.
सच में वो मुझे एक लड़की की तरह ही चोद रहा था, में आँख बंद किए हुए चुपचाप लेटा हुआ था. फिर उसने मेरे निपल्स को अपने होठों और दातों के बीच में ले लिया और चूसने लगा, जिससे मेरे सारे रोम-रोम खड़े हो गए. तब मैंने बिल्कुल ज़रा सा रेस्पॉन्स करते हुए उसके मुहं को अपने सीने से और ज़ोर से लगा दिया और वो मेरे निपल्स को ज़्यादा से ज़्यादा अंदर ले सका. उसने मेरे पेट पर, मेरे गले पर, गाल पर और यहाँ तक की मेरे अंडर आर्म्स में पागलों की तरह बहुत किस किए, उसके बाद उसने मेरी चड्डी में हाथ डालकर मेरे चूतड़ को दबाना शुरू कर दिया.
फिर उसने मुझे पेट के बल लेटा दिया. में चुपचाप लेट गया और उसके बाद उसने जो किया तो मुझे कुछ होश नहीं रहा. फिर उसने मेरी चड्डी उतार दी और मेरे चूतड़ो पर पागलों की तरह किस करने लगा और चाटने लगा और दबाने लगा. फिर उसने अपना थूक मेरी गांड के छेद में लगाया और मेरी एक टाँग ऊपर उठाई और अपना लंड मेरे गीले और गर्म गांड के छेद में लगा दिया और फिर मेरे निप्पल दबाने लगा.
फिर कुछ दो चार बार कोशिश करने के बाद फिर एकदम से उसने अपना 8 इंच का लंड मेरी गांड में डाल दिया, मुझे दर्द बहुत हुआ तो में उसके बाल पकड़कर खींचने लगा. लेकिन वो तो बस अपने काम में खोया हुआ था. मेरे मुहं से आवाज़ें निकल रही थी, अहहह्ह्ह्हह में मर गया, अब छोड़ो, बहुत दर्द हो रहा है, उईईईईइ ऊऊओ में मर गया, यह आवाज़ें सुनकर भी अदनान पर कुछ असर नहीं हुआ. उस पर तो जवानी का भूत सवार था फिर मुझे भी अब मज़ा आने लगा.
फिर मैंने उससे कुछ नहीं कहा और सीधे अलग होना चाहा, लेकिन उसने मुझे नहीं छोड़ा तो मैंने कहा कि दर्द हो रहा है. तो उसने अपना लंड निकाला, लेकिन वो निकालते वक़्त अपना जूस मेरे अंदर डाल चुका था. उसने कहा अब से यह तुम्हारी गांड मेरे लिए है. में जिस वक़्त चाहूं तुम्हारी गांड मार सकता हूँ अब ये तुम्हारी गांड चुदाई के लिए हमेशा के लिए तैयार हो गयी. फिर मैंने कुछ नहीं कहा इस तरह से मेरे एक खास दोस्त ने मेरी गांड मार ली थी, में उसे शर्म से मना भी नहीं कर पाया और उसने मेरी गांड की चुदाई कर डाली. फिर ऐसा एग्जाम की तैयारी के दौरान 12-15 बार हुआ, कभी उसके घर पर या फिर मेरे घर पर, वो मुझे बिल्कुल एक लड़की की तरह चोदा करता था. मुझे उसके साथ बहुत ज़्यादा मज़ा आने लगा था.
में नींद का बहाना करता रहता था और वो मुझे चोदता रहता था, लेकिन अब में कभी-कभी उसका लंड पकड़ लेता था और उसका हाथ अपने सीने में रख लेता था, ताकि वो मेरे निपल्स दबायें और चूसे. उसने मेरे निपल्स बहुत चूसे है और कभी ज्यादा खुजली हो जाने पर अपने कुल्हे उठाकर या अपने चूतड़ उसके लंड पर रख देता था, इतना सब कुछ होने के बाद हम सुबह एक दूसरे से नज़रे भी मिलाने में थोड़ा हिचकिचाते थे. फिर कुछ देर के बाद में सब सही हो जाता था. मैंने और मेरे दोस्त अदनान ने कभी आपस में इस बारे में बात नहीं की और जैसे रहते थे बस वैसे ऐसे ही रहने लगे.
अब एग्जाम भी ख़त्म हो गये थे, फिर हम दोनों कोई प्रोग्राम बना कर होटल में दो चार दिन के लिए चले जाते थे. में अक्सर उसे अब अपने घर में ज़्यादा रोकने लगा था ताकि उसने जो अपने लंड की जगह मेरी गांड में बना दी है, वो पूरी होती रहे. उसने मुझे बहुत चोदा, मेरी गांड को तो हमेशा उसके लंड का इंतज़ार रहता था, उसने मुझे हमेशा कई नये-नये तरीख़े और स्टाईल में चोदा. फिर कभी मौका मिलते ही मेरी गांड मारी, लेकिन आज तक हमने कभी आपस में इस बारे में बात नहीं की, अब वो बहुत जल्दी झड़ जाता था और ज़्यादा से ज़्यादा 2-3 मिनट तक ही मेरी गांड के अंदर चल पाता था.
अब तो उसने मुझे भी गांड मारना सिखा दिया था. पहली बार मैंने उसकी गांड मारी, मुझे बड़ा मज़ा आया. फिर में अपने स्कूल के लड़को की गांड मारता रहा, कभी-कभी में अदनान के लिए भी क्यूट लड़के ले आता था और ऐसा 4 साल तक चला. इस दौरान उसने मेरी गांड कम से कम 200 बार मारी होगी और मैंने भी इसी दौरान उसकी गांड को 20-25 बार मारी होगी और में उसका लंड तो हमेशा से ही चूसता था. फिर में पढ़ाई करने लन्दन चला आया. अब में इधर के गोरे लड़को की खूब गांड मार रहा हूँ.
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मेरी नयी नवेली भाभी


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है, यह मेरा पहला सेक्स अनुभव है. मेरा नाम तो आप सभी जानते है और में अभी अहमदाबाद रहता हूँ और मैंने अभी कुछ समय पहले ही अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की है और अब में एक इंजिनियर हूँ और में अच्छा ख़ासा पैसा कमाता हूँ और बहुत ही शरीफ़ लड़का हूँ. मेरी उम्र 25 साल है और में दिखने में बहुत अच्छा हूँ. मेरी हाईट 5 फिट 8 इंच है और में उत्तरप्रदेश का रहने वाला हूँ और मेरी फेमिली मुझसे हमेशा बहुत ही खुश रहती है और में अपनी फेमिली का सबसे दुलारा बेटा हूँ और अब में अपनी आज की स्टोरी पर आता हूँ.
दोस्तों यह कहानी उस समय की है जब में अपने भैया की शादी में अपने घर पर गया हुआ था और अभी मेरी भाभी को आए हुआ 4 दिन हुए थे और उनके घरवाले उन्हे ले जाने के लिए आए थे. वो सभी शाम को आए थे और दूसरे दिन सुबह जल्दी ही उन्हे ले जाने वाले थे, तो में उसी रात को छत पर अकेला बैठा हुआ था. तभी मुझे किसी के आने की आहट सुनाई दी तो मैंने पीछे मुड़कर देखा तो मेरी नई भाभी ऊपर आ रही है.
में : अरे भाभी आप यहाँ पर?
भाभी : हाँ लेकिन आप अकेले छत पर क्या कर रहे है?
में : बस भाभी में अकेले बैठकर यही सोच रहा था कि मुझे पता ही नहीं लगा कि कब मेरी छुट्टियाँ भी खत्म हो गई और अब आप भी कल सुबह अपने घर पर चले जाओगे?
तो दोस्तों में उस समय बहुत उदास होकर बैठा हुआ था और मुझे रात में छत पर बैठना बहुत अच्छा लगता है.
भाभी : (थोड़ा दूर बैठकर) हाँ मुझे आपकी बहुत याद आएगी.
में : ऐसा क्यों?
भाभी : आप मेरे साथ हर रोज बात करते थे और मुझे बहुत हँसाते थे.
में : तो क्या हुआ भाभी में आपके फोन पर बात करूँगा ना.
भाभी : आपको अकेला देखकर मुझे बहुत दुख होता है.
में : लेकिन वो क्यों?
भाभी : वो आप बहुत अच्छे होना इसलिए.
में : क्या भाभी आप भी, प्लीज मज़ाक मत करो.
भाभी : चलो नीचे सबके साथ बैठो, तुम्हारा भी उनके साथ मन लगेगा.
में : नहीं भाभी, आज मेरा मूड नहीं, आप जाओ.
भाभी : अच्छा चलो यह बताओ कि आपकी क्या कोई गर्लफ्रेंड है?
दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम चकित हो गया और कुछ देर सोचने के बाद बोला कि नहीं भाभी मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है सिर्फ़ दो अच्छी दोस्त है, तो वो झट से बोली कि सिर्फ़ दोस्त या और भी कुछ? तो मैंने कहा नहीं बस दोस्त और में थोड़ा मुस्कुराया और कहा कि भाभी मज़ाक बंद करो. दोस्तों में थोड़ा अपनी भाभी के बारे में भी बता दूँ, वो नई दुल्हन बहुत ही सुंदर और उनके मस्त फिगर का साईज 32-28-32 होगा वो मस्त सेक्सी लगती थी, लेकिन मैंने कभी भी उनके बारे में ऐसा कुछ नहीं सोचा था. फिर हमने बहुत देर तक बातें की और फिर खाना खाने के लिए नीचे आ गए, तो में अपने रूम में जाकर लेट गया और आज भैया किसी रिश्तेदार के यहाँ पर शादी का काम था तो वो रात को नहीं आने वाले थे और थोड़ी ही देर में मेरी आँख लग गयी और कुछ देर में मुझे महसूस हुआ कि मेरे सर पर कोई हाथ फेर रहा है, तो मैंने तुरंत आँख खोली और देखा तो मेरी भाभी मेरे पास बैठी हुई थी, तो मैंने उनसे कहा कि भाभी आप यहाँ और वो भी इतनी रात में कोई अगर आपको मेरे पास देखेगा तो बहुत बड़ा बवाल हो जाएगा. दोस्तों उनकी उम्र 23 साल की होगी, तो भाभी बोली कि मुझे तुम्हारी छत पर की हुई बातें याद आ रही थी, तो मैंने सोचा कि में तुमसे थोड़ी और बात करती हूँ, लेकिन मैंने यहाँ पर आकर देखा कि तुम तो सो चुके थे.
फिर भाभी ने मेरा सर सहलाते हुए अपना एक हाथ मेरे होंठ पर रख दिया और मैंने झट से काट लिया वो चिल्लाई और वो बोली कि आप बहुत शैतान हो और अब जब में भी तुमसे शैतानी करूँगी तो रोना मत, तो मैंने बोला कि हाँ करिए ना आपको किसने मना किया है और फिर भाभी बोली कि मुझे भी आज यहीं पर सोना है, तो में आज एक बार फिर से उनकी यह बात सुनकर बहुत हैरान हो गया और मैंने बोला कि नहीं भाभी आप मेरे पास मत सोना, में रात को नींद में बहुत हाथ पैर फेंककर सोता हूँ, लेकिन वो तो बोली कि कोई बात नहीं, में भी ऐसे ही सोती हूँ और फिर वो बोली कि आप लेटे रहो में अभी कुछ देर में अपने कपड़े बदलकर आती हूँ और थोड़ी ही देर में वो एक गुलाबी कलर की मेक्सी पहनकर आई और वो उस मेक्सी में क्या कयामत लग रही थी?
दोस्तों में तो उसे देखकर पहली बार पागल हुआ और उनको बस घूर घूरकर देखता ही रहा. उनके गोल गोल बड़े बूब्स उस मेक्सी के अंदर होने के बाद भी एकदम बड़े आकार के दिख रहे थे, क्योंकि उनकी वो मेक्सी बहुत टाईट थी जो उनके जिस्म के हर एक हिस्से का आकार बाहर से ही बता रही थी और उनकी वो बड़ी गांड जो अच्छे अच्छो के लंड को ठंडा करने को तैयार थी, तो वो मेरे पास आई और मुझसे थोड़ा सा दूर होकर लेट गई. उन्होंने मेरी तरफ अपना मुहं किया हुआ था, जिसकी वजह से उनके बूब्स उस मेक्सी से बाहर की तरफ झांक रहे थे और बहुत ही सुंदर दिख रहे थे जैसी वो खुद थी, तो मैंने उनसे कहा कि भाभी अगर आप बुरा ना मानो तो में एक बात बोलूं?
वो थोड़ा मुस्कुराकर बोली कि हाँ कहो, तो मैंने थोड़ी हिम्मत करके कहा कि भाभी आप बहुत सुंदर दिख रही हो, तो वो मुस्कारकर बोली कि क्यों इसके पहले नहीं देखा था क्या? तो मैंने कहा कि वो इसलिए क्योंकि मैंने आज आपको पहली बार बहुत करीब से देखकर यह सब बोला. फिर भाभी मेरे पास थोड़ा सट गई उनकी सांसे मेरी सांसो से टकराने लगी और अब धीरे धीरे मेरा पारा बहुत बड़ गया, लेकिन में उनके चेहरे को देखकर थोड़ा सोच में पड़ गया कि शायद आज मेरा बलात्कार होने वाला तो नहीं? फिर भाभी बोली कि आप बहुत भोले हो. मैंने उनके हाथ पर अपना हाथ रगड़कर बोला नहीं तो? तो भाभी ने मुझसे पूछा कि जब आपकी बीवी आएगी तो उसके साथ आप पहली रात में क्या करोगे? दोस्तों में उनके मुहं से यह सब बातें सुनकर एकदम पागल सा हो गया, तभी वो बोली कि चलो में आपको वो सब सिखाती हूँ और मुझे सुनकर अहसास हुआ कि आज तो पक्का कुछ होने वाला है. फिर उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और उसे अपने बूब्स के ऊपर रख दिया और बोली कि देखो सबसे पहले इसको दबाना, सहलाना. दोस्तों जैसे ही उसने मेरा हाथ उसके बूब्स पर रखा तो मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हुआ और में कुछ सेकण्ड तक उनके बूब्स की गरमाहट को अपने हाथों से महसूस करने लगा और जब मुझे होश आया तो मैंने उनकी आखों में वो सब कुछ देख लिया जो वो मुझसे अब करवाना चाहती थी, तो मैंने वो एकदम सही मौका देखकर बूब्स को धीरे से दबाया तो उनके मुहं से अह्ह्ह की आवाज़ आई.
तो मैंने पूछा कि क्या हुआ भाभी? तो वो बोली कि कुछ नहीं, फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी क्या में ऐसे ही उस रात को कपड़ो के ऊपर से दबाऊंगा? वो बोली कि नहीं मेरे प्यारे देवर जी आपकी तो वो अमानत होगी, आप जैसे चाहो वैसे दबाना, वो आपको कभी भी मना नहीं कर सकती, तो मैंने थोड़ा डरते हुए कहा कि क्या में आपके दबाऊँ?
वो फटाक से बोली कि हाँ अब में आपको सिखा रही हूँ तो पूरी ही तरह से सिखाउंगी ना और वो मुझसे बोली कि मेरी मेक्सी को उतार दो, तो मैंने कहा कि नहीं भाभी आप यह क्या बोल रही हो? तो वो बोली कि सीखना है ना सब कुछ तो अब जल्दी से उतारो. फिर मैंने उसकी मेक्सी को उतार दिया और उन्हे बिल्कुल पागलों की तरह देखता रहा और बोला कि आप तो एकदम दूध की तरह सफेद हो भाभी और आपकी नाभि देखकर, तो मेरे कुछ कहने से पहले ही वो बोल पड़ी कि क्या? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं और वो मुझसे बोली कि अब मेरे पेट पर किस करो, तो मैंने अपने होंठ उनके पेट रखे तो वो एकदम सिसक उठी और मेरे सर पर हाथ रखकर दबाने लगी.
फिर मैंने अपनी जीभ को उनकी नाभि में डाल दिया, वाह मुझे क्या मज़ा आ रहा था. फिर मैंने कहा कि भाभी जब आप इतनी गोरी हो तो आपके बूब्स कितने सफेद होगें और मेरे मुहं से इतना सुनते ही उन्होंने झट से अपनी ब्रा को खोल दिया और मुझसे बोली कि लो देख लो, तो में उनके बड़े बड़े, गोल गोल, एकदम गोरे बूब्स को देखकर पागल सा हो गया और मैंने अपना एक हाथ उन पर रख दिया, तो वो भी पागल की तरह अपनी दोनों आखें बंद करके मज़े लेने लगी और उनके मुहं से अह्ह्ह्हह आऊऊऊ आईईईईईइ निकलने लगा.
मैंने सही मौका देखकर अपने होंठ हल्के भूरे निप्पल पर रख दिया और दोनों हाथों से बूब्स को दबा दबा कर पीने लगा, लेकिन दोस्तों में आपको क्या बताऊँ? मुझे सच में ऐसा करने से बहुत मज़ा आ रहा था और ऐसी मुलायम चीज़ तो पूरी दुनिया में होती ही नहीं और फिर मैंने कुछ ही देर में उनके निप्पल को चाट चाटकर लाल कर दिए और वो मेरा सर अपनी छाती से दबा रही थी और वो बोली कि पियो मेरे देवर जी, आज मेरा सारा दूध पी लो, अभी तक तुम्हारे भैया ने नहीं पिया था, तो में यह सुनते ही और ज़ोर से टूट पड़ा और फिर मैंने उनके होंठ पर अपने होंठ रख दिए. भाभी बहुत ज़ोर ज़ोर से मेरे होंठ को काट रही थी.
मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बहुत प्यासी थी और दोनों बहुत जोश से सब कुछ कर रहे थे. तभी मुझे मेरे लंड पर कुछ महसूस हुआ और जब मैंने नीचे की तरफ देखा तो वो भाभी का हाथ था जो कि मेरी छोटी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को पकड़कर सहला रहा था. दोस्तों मेरा लंड 6 इंच का और भाभी के हाथ की गर्मी पाते ही वो अब पूरी तरह से जाग गया और मुझे ऐसा लगा कि आज वो मेरी अंडरवियर को फाड़कर बाहर आ जाएगा.
भाभी बोली कि तेरा लंड तो तेरे भैया से भी बड़ा और मोटा भी है और फिर मैंने अपनी पेंट और अंडरवियर दोनों को उतार दिए और भाभी मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी, तो मेरे मुहं से अह्ह्ह की आवाज़ बाहर आ गई, तो भाभी बोली कि तुम्हारा लंड बहुत कड़क है. में 5 मिनट में ही भाभी के हाथ में झड़ गया और फिर वो बोली कि देवर जी यह तो गया.
मैंने कहा कि आज पहली बार किसी लड़की ने इसे छुआ है इसलिए इसने अपने हथियार जल्दी ही डाल दिए, लेकिन अब आप से कैसे भी फिर से खड़ा कर दो, फिर देखना यह आपको कितना मज़ा देता है, तो भाभी जल्दी से नीचे आई और अपना मुहं मेरे लंड पर रख दिया. में उनके होंठो के स्पर्श से एकदम पागल हो गया क्योंकि भाभी के होंठ बहुत मुलायम थे.
भाभी ने कुछ ही देर में मेरा लंड चाट चाटकर साफ कर दिया और उसे फिर से खड़ा कर दिया और बोली कि यह तो बहुत जल्दी से तैयार हो गया, तो मैंने पूछा कि किसके लिए तैयार हो गया? तो उसने कुछ नहीं कहा बस वो मुस्कुराई और कुछ सोचकर बोली कि मेरे देवर जी प्लीज, आज अपनी भाभी को खुश कर दो.
फिर मैंने भाभी की पेंटी को निकाल दिया और अपना एक हाथ उनकी चूत पर घुमा रहा था और भाभी के मुहं से आआअहह आईईईईइ निकला और वो बोली कि बहुत मज़ा आ रहा है, तो मैंने अपनी एक उंगली को चूत के अंदर डाल दिया और वो मेरी अंगुली से अपनी गांड को उठा उठाकर मुझसे चुद रही थी. उनकी चूत बहुत ही हॉट थी.
फिर बोली कि देवर जी क्यों रसपान नहीं करोगे? और मैंने तुरंत ही चूत पर अपना मुहं रखा और पूरी चूत को मुहं में भर लिया और भाभी ने मेरा सर पकड़कर ज़ोर से अपनी चूत पर दबाया और बोला कि हाँ पूरा आईईईईई खा लो प्लीज अहह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह, तो मैंने अपनी जीभ से चूत को चोद चोदकर भाभी का पानी निकाल दिया.
भाभी बोली कि प्लीज मुझे आज शांत कर दो ना. में भाभी के ऊपर आया और दोनों पैर फैलाकर उनके ऊपर लेट गया और भाभी ने मेरा लंड अपने एक हाथ से पकड़कर अपनी गीली, कामुक चूत पर सेट किया, तो मैंने लंड को चूत पर थोड़ा दबाया तो लंड अंदर नहीं गया, तो मैंने और ज़ोर लगाया तो थोड़ा सा लंड अंदर गया, लेकिन भाभी ज़ोर से चिल्ला उठी. तभी मैंने अपना मुहं उनके मुहं पर रख दिया और थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा और थोड़ी देर बाद भाभी बोली कि आपके भैया ने इसको अच्छे से नहीं चोदा है, प्लीज आज आप मुझे एक औरत का सुख दे दो अहहउहह.
वो शब्द सुनते ही में और जोश में आ गया और मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया और भाभी जैसे बैहोश सी हो गई और उनकी आँख से आँसू बाहर आ गए और में थोड़ी देर उनके ऊपर लेटा रहा. फिर थोड़ी देर में मुझे थोड़ी हलचल महससू हुई तो मैंने एक बार फिर से पूरा लंड बाहर निकाला और ज़ोर से धक्का देकर फिर से पूरा अंदर डाल दिया आसस्स्स्सस्स माँ मर गई और भाभी फिर से चहक उठी, लेकिन इस बार वो बोली कि मारो देवर जी और ज़ोर से धक्के मारो, लेकिन प्लीज आज मेरी चूत को शांति दे दो आआहहााअ आआआअहह में कितने दिन से तड़प रही थी और दो आज मेरी चूत को, साली मुझे यह बहुत परेशान करती है. साली कितने दिनों से भूखी थी, तो में ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्का मार रहा था और पूरे रूम में भाभी की सिसकियां भर रही थी अहहहहआहहअहह माँ, भाभी मुझे कसकर पकड़कर बोली और ज़ोर से चोद.
फिर मैंने अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया और उसके कुछ ही देर बाद वो झड़ गई और मुझसे चिपककर रोने लगी और चूमने चाटने लगी और बोली कि राज तुम कितने अच्छे हो, में तुमसे प्यार करती हूँ राज, वो यह बोलकर गांड ऊपर उठाकर फिर से मेरा साथ देने लगी और भाभी तीन बार झड़ी और मैंने एक जोरदार धक्का मारा और बोला कि भाभी में भी झड़ने वाला हूँ और यह बोलते ही भाभी ने कहा कि मेरी चूत में डाल दो राजा तभी तो मेरी चूत को ठंडक मिलेगी और फिर मेरा पानी चूत में निकलने लगा. तभी भाभी फिर से झड़ गयी और में भाभी के ऊपर ही लेट गया और भाभी ने मुझे बहुत देर तक चूमा चाटा और वो बोली कि अब तुम्ही मेरे राजा हो, यह सब कुछ तुम्हारा है, तुम जैसे चाहो वैसे करो.
फिर थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से अपनी नींद से जाग गया और भाभी की चूत को फाड़ने को तैयार हो गया, तो मैंने फिर से भाभी की चूत पर होंठ को रखा, क्या मस्त खुश्बू आ रही थी? मैंने पूरी चूत को चाट चाटकर फिर से गीली कर दिया और भाभी फिर से गरम हो गयी और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी और मैंने उन्हे उल्टा लेटा दिया और पीछे से चूत में लंड डाल दिया. उसने थोड़ी आवाज़ निकाली अहह आईईईइ बहुत दर्द हो रहा है, पर मैंने उनकी एक ना सुनी और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो कुछ देर बाद गांड हिला हिलाकर पूरे जोश में अहहहह मार दो और ज़ोर से मेरे राजा आज मुझे चोदकर फाड़ दो अहहह्ह्ह और में ताबड़तोड़ धक्के मार रहा था और फिर भाभी बिना लंड निकाले मेरे ऊपर बैठ गयी और लंड पर कूद कूद कर मज़े लेने लगी और अब मेरे लंड में भी दर्द होने लगा, क्योंकि यह मेरा फर्स्ट टाईम सेक्स था और वो भी कातिल जवान सेक्स की बला से.
मैंने नीचे से दो चार जोरदार झटके मारने लगा और बोला कि भाभी मेरा लंड अब झड़ने वाला है, तो वो बोली कि राजा मेरे मुहं में डाल दो और वो चूत से बाहर निकालकर मेरा लंड मुहं में लेकर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और मैंने अपना पूरा पानी उनके मुहं में छोड़ दिया.
फिर वो पूरा पी गयी और बोली कि राजा तेरा पानी तो बहुत मीठा है और फिर मेरा लंड चूसती रही. में बैहोश सा पड़ा रहा और फिर वो मेरे पास में आकर लेट गयी और हम दोनों बिल्कुल नंगे चिपके हुए थे.
फिर मैंने रात भर भाभी को तीन बार चोदा और अब भाभी की चूत सूज गई और सुबह उठकर उनसे चला भी नहीं जा रहा था, तो मैंने खाना खाने के बाद भाभी से नज़र मिलाई तो उसने मुझे एक सेक्सी सी स्माइल दी और कहा कि राज बहुत दर्द है, लेकिन अब मेरे पूरे शरीर को ठंडक मिल गयी है और फिर वो मेरे होंठ पर अपने होंठ रखकर चूसने लगी और बोली कि मेरे घर पर कब आओगे? तो मैंने कहा कि भाभी अभी तो में अहमदाबाद जाऊंगा, लेकिन फिर कभी ज़रूर आऊंगा और सुबह खाना ख़ाकर वो चली गयी और में अपनी नौकरी पर अहमदाबाद.
अब में भी उनकी चूत की भूख में हर रोज मुठ मार रहा था और फिर मुझे कंपनी के काम से एक दिन घर की तरफ जाना पड़ा और में ऑफिस का काम ख़त्म करके भाभी के घर कानपुर में चला गया.
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पति को उत्तेजित किया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रीमा है और में चंडीगढ़ से हूँ, में शादीशुदा हूँ. मेरी उम्र 24 साल है और मुझे मेरे पति को कामुक करना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए अक्सर में कुछ ऐसी चीज़ें करती हूँ कि वो बस मुझे देखकर इतने ज़्यादा कामुक हो जायें कि बस मुझे टच करते ही उनका खड़ा हो जाये. वैसे मेरे पति का लंड 7 इंच का है और काफ़ी मोटा है, जिसकी वजह से मुझे बहुत अंदर लेने में बहुत दर्द भी होता है.
एक दिन जब हम मूवी देखने गये तो उसमें हिरोइन ने सफ़ेद कलर की साड़ी पहनी थी और वो पानी से पूरी भीग गयी थी. तो इनके मुँह से आहह निकल गया और में बस जलकर खाख हो गयी. वैसे में बहुत सेक्सी हूँ. मेरे पति मुझे एक मिनट के लिए भी छोड़ नहीं सकते. अगर में सामने हूँ तो बस मुझे चाटते ही रहेंगे और हमेशा बोलते है कि मेरे नंगे शरीर को देखकर कि ओह माई गॉड कोई इतना सेक्सी कैसे हो सकता है, वो मेरी बॉडी वो घंटो तक मुझे नंगा करके देखते ही रहते है.
तो अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधी स्टोरी पर आती हूँ. जब में उस हिरोइन से जल रही थी तो मैंने भी मन में ठान लिया कि अगर इस आहह को, आआआहह में ना बदला तो मेरा नाम भी रीमा नहीं. फिर हम घर वापस आये, रात काफ़ी हो चुकी थी तो हमने खाना खाया, फिर हम सोने के लिए बेडरूम में चले गए. फिर हमने कपड़े चेंज किए और सोने की तैयारी करने लगे, उस दिन मैंने जानबूझ कर सफ़ेद कलर की पारदर्शी नाइटी पहनी थी और अंदर लाल कलर की ब्रा पेंटी जो मुझे साफ नज़र आ रही थी. फिर मैंने पूरी नाइटी गीली कर ली ताकि नाइटी मेरे बदन से पूरी चिपक जायें और उससे पानी की बूंदे टपक रही थी.
में जब बाथरूम से बाहर आई तो मेरे पति मुझे देखते ही रह गये और उनका मुँह खुला का खुला रह गया और बोले “ओह फुक मी हाउ सेक्सी यू आर लुकिंग” और उन्होंने मेरी खूब तारीफ की तो में मुस्कुराई और वापस बाथरूम में जाने लगी और वो मुझे पकड़ने के लिए मेरे पीछे भागे, मैंने अंदर से बाथरूम लॉक कर लिया तो वो बाहर से चिल्लाते रहे कि रीमा प्लीज दरवाजा खोलो, प्लीज मेरे सामने आ जाओ वरना में पागल हो जाऊंगा.
मैंने दरवाजा खोल दिया और बाहर आई तो उनकी आँखें मानो बाहर ही आ गयी थी, क्योंकि इस बार मैंने सिर्फ़ नाइटी पहनी थी अंदर ब्रा और पेंटी कुछ भी नहीं था और नाइटी गीली और पारदर्शी थी तो अब अंदर से मेरे बूब्स के निप्पल साफ नज़र आ रहे थे. दोनों खड़े हुए थे और आगे-पीछे से नाइटी मुझसे एकदम चिपकी हुई थी. मेरे पति तो जैसे देखते ही पागल हो गये थे, उन्होंने मेरे दोनों हाथ दीवार से लगाये और मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरे होठों को बुरी तरह चूसने लगे.
मुझे तो ऐसा लगा कि आज तो वो मुझे खा ही जायेंगे और मेरे सीने को अपने सीने से लगाकर महसूस करने लगे और मुझे बस बेड पर ज़ोर से पटक दिया, वो इस हद तक उत्तेजित हो चुके थे कि मेरी नाइटी भी ऊतार नहीं पा रहे थे, इसलिए उन्होंने मेरी नाइटी फाड़ डाली और मुझे घूर-घूर कर देखने लगे, मानो कोई शेर अपने शिकार को देख रहा हो. में नीचे और वो मेरे ऊपर थे.
अब मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा और उनको अपने नीचे कर दिया और उनके ऊपर बैठ गयी और उन्हें जानवरों की तरह किस करने लगी और धीरे-धीरे उनके कपड़े उतारने लगी. फिर नीचे आकर मैंने उनका लंड अपने मुँह में ले लिया. मैंने पहले तो सिर्फ़ टोपी पर ज़ुबान फेरी और फिर उसकी दरार में अपनी जुबान अंदर डाल दी और अंदर बाहर करने लगी, फिर उनकी दोनों बॉल्स को मुँह में बारी-बारी चूसने लगी. वो इतने ज़्यादा उत्तेजित हो चुके थे कि वो अपने हाथ बढ़ाकर बार-बार मेरे बूब्स को पकड़कर उसे मसलने की कोशिश कर रहे थे और मेरे निपल्स को दबाने की कोशिश कर रहे थे ताकि मुझे दर्द हो और में चीखूँ, लेकिन में बिल्कुल ऐसा ही कर रही थी और साथ में बॉल्स चाटते हुए में उनका लंड भी चूस रही थी.
मैंने उनका लंड पूरा मुँह के अंदर ले लिया और ज़ोर से मुँह अंदर बाहर करके हिलाने लगी मेरे मुँह के गर्म थूक से जैसे, वो पिघलते ही जा रहे हो. फिर 15-20 मिनट तक जब में नहीं रुकी तो उन्होंने मुझे उठाकर अपने नीचे कर लिया और मुझे किस करने लगे और दोनों हाथों से मेरे बूब्स निचोड़ते रहे. फिर मेरे बूब्स पीने लगे, मुझे ऐसा लगा कि जैसे वो मेरे निपल्स को पूरा खा ही जायेंगे, कभी अपनी उंगलियों से मसलते तो कभी जुबान से सहलाते और चूस-चूस कर मेरे बूब्स को पूरा लाल कर दिया.
मेरे दोनों बूब्स बुरी तरह लाल हो चुके थे, क्योंकि उन्होंने इतना ज़्यादा चूसा था कि ऐसा लगा की बूब्स बाहर ही निकल आयेगें, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. में खूब इन्जॉय कर रही थी. अब वो मेरी चूत के पास नीचे गये जो पहले ही बहुत गीली हो चुकी थी. अब मेरी चूत को और भी मज़ा आने वाला था. फिर मेरे पति ने शेर की तरह उस पर वार किया और मेरी चूत को चाटने लगे और चूत के दोनों होठों को चाट-चाट कर अलग कर दिया.
फिर छेद पर जुबान लगाई और पूरी की पूरी जुबान अंदर डाल दी जिससे मेरी, आआआआअहह निकल गयी, फिर एक उंगली अंदर घुसेड़ दी और मेरे ऊपर आकर मेरे बूब्स चूसने लगे और मुझसे बोले अब रहा नहीं जा रहा है रीमा, अब में डाल रहा हूँ तुम दोनों टांगे ऊपर कर लो. फिर मैंने अपनी टांगे उठाकर उनके कंधो पर रख दी, उन्होंने मेरी चूत को फाड़कर छेद देखा और दोनों हाथों से चूत को फैला दिया और अपना घोड़े जैसा लंड एक बार में ही अंदर घुसेड़ दिया.
में दर्द के मारे चीख पड़ी तो उन्होंने अपना हाथ मेरे मुँह में डाल दिया तो दर्द होने की वजह से मैंने उनके हाथ पर जोर से काटा, लेकिन वो अब रुकने वाले नहीं थे, अब तो शेर को शिकार मिल चुका था. अब तो वो उसे खाकर ही मानेगें और पूरे रूम में फच- फच की आवाज़ें गूंज रही थी और वो तो बस मेरी चूत मारे ही जा रहे थे. फिर आधे घंटे तक मेरी चुदाई करने के बाद वो झड़ गयें और हम दोनों ही थककर चिपक कर सो गये और हमने उस रात बहुत चुदाई की और खूब मजा लिया.
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ट्यूशन के साथ सेक्स का काम


हैल्लो दोस्तों, आज में पहली बार अपनी एक सच्ची कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों मेरा नाम राज है और में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ. मेरी हाईट 5.10 है और में गोरा अच्छी बॉडी का मालिक हूँ और यह बात है मेरी और मेरी क्लासमेट की और कैसे मैंने उसे चोदा. दोस्तों आज से दो साल पहले जब में अपनी ट्यूशन ले रहा था, तब मेरी केमिस्ट्री की ट्यूशन पर मेरी मुलाकात इस स्टोरी की हिरोइन से हुई.
उसका नाम रिया है और उसकी हाईट करीब 5.5 होगी, रंग गोरा एकदम सच कहूँ तो वो एकदम कामुक रसीली थी, बिल्कुल पतली दुबली, लंबे बाल, बड़े ही सुडोल बूब्स और वो बहुत ही मॉडर्न थी और जब हमारी ट्यूशन का पहला दिन था. फिर मैंने उसको देखा कि वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी, उसके हरे कलर के जालीदार टॉप में से उसके बूब्स का आकार एकदम साफ साफ नजर आ रहा था और उसके बड़े आकार के गले से बूब्स बाहर की तरफ झांक रहे थे और वो शायद बाहर आने को बैचेन थे और मेरा लंड भी उन्हे देखते ही खड़ा हो गया.
वो बिल्कुल मेरे आगे वाली सीट पर आकर बैठी गई तो मुझे पीछे से उसकी ब्रा की डोरी नजर आ रही थी, मेरा तो दिल कर रहा था कि इसे अभी इसी वक्त पीछे से पकड़कर इसके बूब्स का ज़ोर ज़ोर से दबाकर सारा दूध निकाल दूँ और उसकी वो गांड मुझे गरम कर रही थी, उसकी गांड का क्या आकार था.
फिर मैंने सारा लेक्चर उसे देखते ही देखते निकाल दिया और इतने में हमारी क्लास ख़त्म हो गयी और हम सब चले गये. फिर मैंने घर पर जाकर उसको सोच सोचकर दो बार मुठ मारी और फिर भी मेरा दिमाग़ सिर्फ़ उसको चोदने का कर रहा था और अब में उसकी चूत को चाटना और जमकर मारना चाहता था. फिर उसके अगले दिन वो आने में थोड़ा लेट हो गई और फिर वो एकदम जल्दी में मेरी साईड वाली सीट पर आकर बैठ गयी. आज उसने गुलाबी कलर का टॉप पहना हुआ था और उसमें से उसकी काली कलर की ब्रा एकदम साफ साफ दिख रही थी, मानो वो जैसे मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ही ऐसे कपड़े पहनकर आई हो. फिर मेरा ध्यान उसके बूब्स की तरफ ज़्यादा था, वो गोल गोल क्या मस्त लग रहे थे.
मैंने सही मौका देखकर उसको एक चिट दिया, जिसमे लिखा हुआ था कि तुम्हारा नाम क्या है? तो उसने उसे पढ़कर मुझे भी एक जवाब में एक पेपर पर कुछ लिखकर दिया, जिसमे लिखा हुआ था कि मेरा नाम रिया है और तुम्हारा क्या नाम है? तो मैंने फिर से एक और चिट उसे लिखकर दे दी, जिसमे लिखा हुआ था कि मेरा नाम राज है और यह मेरा मोबाईल नंबर है और उसे भेज दिया. फिर कुछ देर के बाद क्लास खत्म हो गई और हम चले गये, लेकिन उसने जाते हुए मुझे एक स्माईल दी और मैंने अपने घर पर पहुंचकर एक बार फिर से उसके नाम की मुठ मारी और अपने लंड को कुछ देर के लिए शांत किया और उसी रात को करीब 11 बजे मुझे उसका एक मैसेज आ गया, जिसमे लिखा हुआ था कि में रिया और यह मेरा मोबाईल नंबर है.
फिर मैंने उसके मैसेज का जवाब दिया और ऐसे ही हमने रात के एक बजे तक चेट किया, जिसमे हमने ऐसे ही अपनी लाईफ की बातें की और यह सब बातें करते करते में उसको चोदने का विचार अपने मन में लेकर मुठ भी मार रहा था. फिर अगले दिन मैंने उसे मेरे साथ बाहर चलने को कहा और फिर वो मान गयी और हम बाहर चले गये. वहाँ पर हम एक दूसरे के सामने बैठे हुए थे और में बस उसके बड़े बड़े बूब्स गोरे बदन, पतली गर्दन और सुंदर जिस्म ही देख रहा था. फिर उसने आज एक बड़े गले का सूट पहना था और वो आज क्या सेक्सी लग रही थी और में तो सिर्फ उसकी सुंदर छाती को ही देख रहा था, जिसकी वजह से मेरा ध्यान बार बार उसके बूब्स पर जा रहा था और वो शायद समझ गई और आखें नीचे करके बैठ गयी.
फिर मैंने उससे पूछा कि क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो उसने कहा कि हाँ है और इसलिए में तुम्हारे साथ यहाँ पर बैठी हुई हूँ तो में समझ गया था कि वो भी शायद मेरी तरह ही कुछ सोच रही है और मैंने अपना हाथ उसके हाथ के ऊपर रख दिया और उसे सहलाने लगा तो वो मेरी तरफ देखकर एक शरारती स्माईल करने लगी. फिर हमने कॉफी पी और कुछ देर के बाद मैंने उसको उसके घर पर छोड़ दिया, लेकिन जाते समय उसने मुझे गाल पर एक किस किया. दोस्तों उसकी क्या बात थी, मुझे तो मज़ा ही आ गया और वो मुझे बाय बोलकर भाग गयी.
फिर जब में अपने घर पर पहुँचा तो मुझे उसका एक मैसेज आ गया कि उसको मुझसे वीडियो चेटिंग पर कुछ बात करनी है. फिर मैंने उससे कहा कि मम्मी, पापा सो जाए. फिर हम बात करेंगे तो रात के करीब 11 बजे मैंने उसको एक मैसेज किया और छत पर आने को कहा और जैसे ही हमने वीडियो शुरू किया, वाह क्या नज़ारा था? उसने एक बहुत सेक्सी वाली नाईट ड्रेस पहनी हुई थी, जिसमे से उसकी ब्रा साफ साफ दिख रही थी और नीचे उसने एकदम छोटी सी शॉर्ट्स पहनी हुई थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि क्या बात है और आज बहुत मस्त कपड़े पहने हुए है? तो उसने कहा कि कुछ नहीं मुझे कुछ ज्यादा गर्मी लग रही थी, इसलिए मैंने ऐसे कपड़े पहने है. फिर मैंने कहा कि मुझे लगा कि तुमने मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ऐसा किया है, कहीं तुम ऐसा तो नहीं कर रही हो ना? फिर वो हंसने लगी और ऐसे ही हमने तीन बजे तक छत पर चेटिंग की.
फिर में कुछ देर बाद उसे देखते देखते मुठ मार रहा था और सोच रहा था कि में कैसे उसके साथ सेक्स करूँ और मुझे पता था कि वो इतनी मॉडर्न है कि सेक्स के लिए कभी भी मना नहीं करेगी और उसके बूब्स को देखकर मेरे लंड से निकला हुआ गरम गरम वीर्य मेरे हाथ में ही आ गया.
फिर मैंने उससे अचानक बीच में ही बोला कि रूको में अभी वॉशरूम जाकर आता हूँ और जब में लौटकर वापस आया तो उसने मुझसे पूछा कि क्यों क्या हुआ इतनी जल्दी झड़ गए क्या? तो उसके मुहं से यह बात सुनकर में एकदम सुन रह गया, में कुछ देर बिना हिले डुले उसकी तरफ देखता रहा और उसने इतने में अपने ऊपर वाले सभी कपड़े एक एक करके उतार दिए और वो अपने बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी और में भी फिर से उसके सामने ही मुठ मारने लगा और उसने मुझे सीधा बोला कि उसको सेक्स करना है.
फिर मैंने यह बात सुनी और झट से हाँ बोल दिया और उसके अगले दिन मैंने पापा से आग्रह किया कि में ट्यूशन कार से जाऊंगा, उन्होंने भी मना नहीं किया और फिर ट्यूशन के बाद में और रिया बाहर एक सुनसान वाले रास्ते पर चले गये और जैसे ही मैंने कार साईड में रोकी और मैंने उसको पकड़ा और उसे किस करने लगा, वो भी मुझको पागलों के जैसे किस करने लगी. फिर मैंने उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया और उसका भी एक हाथ मेरे लंड की तरफ चला गया और वो पेंट के ऊपर से ही उसको मसलने, सहलाने लगी.
फिर मैंने भी अपना हाथ उसकी स्कर्ट के नीचे से डाला और उसकी पेंटी को मसला और मैंने महसूस किया कि वो एकदम गीली थी. फिर मैंने एक साईड से पेंटी में हाथ डाला और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी और वो एकदम चिल्ला उठी, उतने में एकदम से पुलिस वहाँ से निकली और हम डर गये. फिर मैंने जल्दी से कार स्टार्ट कर ली और वापस घर आ गए. रात को वैसे ही हमने 11 बजे के बाद चेट करना शुरू किया और रूम लॉक करके हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के सामने नंगे हो गए, वो क्या लग रही थी.
मैंने पहली बार ऐसे किसी लड़की को नंगी देखा था सिर्फ ब्लूफिल्म को छोड़कर, उसकी चूत एकदम शेव की हुई हल्की गुलाबी कलर की थी. फिर उसने मेरे सामने डांस किया और अपनी चूत को प्यार करती रही और में भी मुठ मारता रहा. उसने इतने में कहा कि अब उससे कंट्रोल नहीं होता, उसको सेक्स करना है.
फिर मैंने उसे बताया कि एक रात के लिए मेरे माता, पिता किसी की शादी के लिए हरियाणा जा रहे हैं और में ट्यूशन की वजह से नहीं जा रहा हूँ तो तुम भी अपने माता, पिता को बोल दो कि एक रात के लिए असाइनमेंट करनी है, इसलिए तुम भी अपनी एक किसी फ्रेंड के घर पर जा रही हो तो वो मान गयी और उसके बाद हम दोनों सो गये. मुझे बैचेनी से आने वाले कल का इंतज़ार था और आख़िरकार वो दिन आ ही गया और शनिवार को दोपहर तक मेरे माता, पिता शादी में चले गये और में घर पर एकदम अकेला था और हमारे घर पर कोई नौकर भी नहीं है.
फिर मैंने रिया को एक मैसेज किया कि वो घर पर जल्दी से आ जाए और एक घंटे क बाद दरवाजे पर लगी बेल बजी और मैंने दरवाजा खोलकर देखा कि वो रिया थी, वाह आज उसमें क्या बात थी. उसने एक लाल कलर का टाईट टॉप पहना हुआ था और उसके नीचे सफेद कलर की लोंग फ्रॉक पहनी हुई थी और फिर मैंने उसे जल्दी से अंदर बुलाया और दरवाजा अंदर से लॉक करते ही उसको पकड़ा और किस करने लगा, हमने दस मिनट तक किस किया और जिसके साथ साथ मैंने उसके बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाया, जिसकी वजह से उसके मुहं से अयायाअयाया औऊऊउ आईईईई वाली भी आवाज़ निकल रही थी.
फिर मैंने जल्दी से पकड़कर उसकी स्कर्ट को उतार दिया, उसने नीचे लाल ही कलर की डोरी वाली पेंटी पहनी हुई थी. फिर मैंने उसको सोफे पर लेटाया और उसकी चूत को चाटने लगा, वो पागलों की तरह मेरे बालों में अपना हाथ घुमा रही थी और साथ साथ अपने बूब्स भी दबा रही थी. फिर मैंने अपने कपड़े उतारे और उसके भी और अब मेरी दिल की इच्छा एक लड़की को अपने सामने पूरी नंगी देखने की पूरी हो गयी और हम एक दूसरे से पागलों की तरह लिपट गये, उसके बूब्स मेरी छाती को छू रहे थे.
फिर मैंने उसकी गांड पर एक थप्पड़ मारा और उसके जिस्म में जैसे एक करंट सा दौड़ गया और फिर मैंने उसको अपने डाइनिंग टेबल पर ही लेटाया और जल्दी से फ्रिज के पास जाकर बर्फ लेकर आया और उसके जिस्म पर रख दिया, वो अपने दोनों पैरों को ऐसे मसलने लगी. फिर मैंने उसके सारे जिस्म को चूमा और फिर धीरे धीरे किसी भूखे शेर की तरह उसे चाटने लगा, वाह क्या मज़ा आ रहा था. मेरा लंड एकदम से 90 डिग्री पर खड़ा था.
फिर उसने फिर से मुझे कुर्सी पर बिठा दिया और मेरे लंड को चूसने लगी और वो ऐसे चूस रही थी जैसे पता नहीं कि वो कितनी बड़ी रंडी हो. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और एकदम मेरा सारा माल उसके मुहं में निकल गया. उसने फिर से मुझे बेडरूम में चलने के लिए कहा और हम बेडरूम की तरफ गये. मैंने वहाँ पर पहले से ही सारी तैयारी की हुई थी, कंडोम, चोकलेट सब कुछ था. फिर मैंने उसको बेड पर बिठाया और उसके ऊपर चोकलेट को डाल दिया और उसके बूब्स को चूसने लगा और फिर उसकी चूत पर डाला और जीभ से उसकी चूत को चाटा.
फिर उसने मेरे लंड पर डाला और उसे चूसने लगी, एकदम से उसने मेरे लंड को ज़ोर से चूसा और में चिल्लाया और अब वो बहुत गरम हो चुकी थी और उसने मुझसे कहा कि में उसको जल्दी से चोद दूँ, उसकी चूत बहुत प्यासी है और में जल्दी से उसकी चूत को शांत करूँ. फिर मैंने जल्दी से कंडोम पहना और लंड उसकी चूत में डालने लगा, लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी, क्योंकि वो वर्जिन थी तो मैंने थोड़ा सा लंड अंदर डाला तो उसके मुहं से आवाज़ निकली, आहहाआहह अयाआह यह सुनकर में और भी गरम हो गया और मैंने ज़ोर से एक धक्का देकर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और वो एकदम ज़ोर से चिल्ला गई, शायद उसको बहुत दर्द हुआ था.
फिर उसने मेरे हाथों को अपने नाख़ून से नोच दिया और मुझसे लंड को बाहर निकालने का आग्रह करने लगी, लेकिन मैंने उसकी एक भी नहीं सुनी और में लंड को चूत में डालकर एकदम शांत हो गया और जब मैंने कुछ देर बाद लंड को बाहर निकाला तो वो खून से भरा हुआ था.
फिर मैंने उसको धीरे से अंदर डाला और धीरे धीरे से अंदर बाहर डालने लगा और अब उसको अच्छा लग रहा था तो उसने फिर से कहा कि ज़ोर से चोद बहनचोद, यह सुनकर मैंने पूरी ज़ोर से अपना लंड डाला और उसकी चूत की भूख बुझा दी और फिर मैंने उससे कहा कि पोज़िशन चेंज करो. फिर हमने डॉगी स्टाईल में भी सेक्स किया, दो घंटे तक लगातार सेक्स करने के बाद हम एक साथ में नहाए. फिर मैंने उसके बूब्स को बहुत देर तक चूसा और ऐसे ही हमने उस रात 4-5 बार सेक्स किया और अगली सुबह वो अपने घर पर चली गयी.
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गर्लफ्रेंड की फ्रेंड को पकड़ लिया


हैल्लो दोस्तों, में हार्दिक आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ. मेरी गर्लफ्रेंड की एक फ्रेंड थी प्रीति, उसको टू-व्हीलर सीखनी थी. एक दिन में मेरी गर्लफ्रेंड से मिलने हॉस्टल गया तो पता चला कि वो ऑफिस गयी है.
में वापस आने लगा तो बीच में मुझे मेरी गर्लफ्रेंड की फ्रेंड मिली, उसने पूछा कैसे हो. में बोला ठीक हूँ, फिर इधर उधर की बातें हुई, फिर वो पूछती है कि अब कहाँ जा रहे हो तो में बोला अभी थोड़ा काम से जा रहा हूँ तो वो बोली की गाड़ी लाये हो तो मैंने कहा हाँ, फिर वो बोली मुझे ड्राइविंग सिख़ाओ ना तो में बोला चलो मेरे साथ अभी सिखाता हूँ तो वो बोली सच, तो में बोला हाँ सच.
अब में आपको उसके बारे में बताता हूँ, उसका नाम प्रीति है और उसकी हाईट 5 फुट 6 इंच है. रंग गोरा और भूरी आँखे थी. उसकी सबसे खूबसूरत बात उसके बड़े बड़े बूब्स आम जैसे रसीले थे. फिर वो मेरे साथ टू व्हीलर पर बैठी और हम निकल गये. मैंने मेरा जो काम था, वो किया और उसको सिटी के बाहर ग्राउंड पर ले गया.
अब मैंने स्कूटर रोकी और उसको चलाने के लिए दिया. फिर उसने स्कूटर चालू की और में उसके हाथ पकड़कर पीछे बैठा और उसको सिखाने लगा. वो धीरे-धीरे चला रही थी और में उसके चिपक कर बैठा था कि कही स्कूटर गिरा ना दे, अब उसके टच से में गर्म हो गया था. फिर में उसके ज्यादा चिपक गया. फिर मैंने स्कूटर रोकने के लिए कहा तो उसने स्कूटर रोक दी. फिर मैंने उसे किक मारकर स्कूटर चालू करने के लिए कहा तो वो किक मारने के लिए थोड़ी उचक गयी, इसी दौरान मैंने अपना खड़ा लंड एड्जस्ट किया और फिर वो किक मार कर मेरे लंड पर बैठ गयी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, अब वो ठीक से स्कूटर चला रही थी और खुश हो रही थी.
प्रीति : अब मुझे चलाना आ रहा है.
में : हाँ अब तुम चला सकती हो, ये सुनकर उसने अचानक स्पीड बढ़ा दी.
में : अरे ये क्या कर रही हो? इतनी स्पीड क्यो बढ़ा दी.
प्रीति : डर गये क्या?
में : हाँ, और मैंने उसको कस कर पकड़ लिया.
में : अरे यार डर लग रहा है.
वो खुश हो कर हंस रही थी और स्कूटर तेज चला रही थी, में उसकी कमर को कस के पकड़कर बैठा था और ग्राउंड के 3-4 राउंड मारने के बाद मैने धीरे से एक हाथ को उसके बूब्स पर रखा तो वो बोली ये क्या कर रहे हो?
में : अरे यार हॉर्न पकड़ रहा हूँ, टाईम आने पर बजाना पड़ेगा, वो गुस्से से बोली मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता (ये लड़कीयों का डायलॉग है) फिर मैंने डर कर हाथ हटा दिया. फिर कुछ समय बाद वो बोली अब बस हो गया अब वापस चलते है. फिर हम हॉस्टल वापस आ गये. फिर 2-3 दिन बाद फिर उसका फोन आया कि स्कूटर सीखा दो.
में : कब सीखनी है.
प्रीति : आज मेरी छुट्टी है आज सिखा दो.
में : ठीक है, में फ्री होकर तुमको फोन करता हूँ फिर मेरे दिमाग़ में शैतान जाग गया और मैंने उसे चोदने की ठान ली और एक फ्रेंड को फोन करके उसके फ्लेट की चाबी माँगी. फिर हॉस्टल जाकर उसको लिया और 1 घंटे तक उसको स्कूटर सिखाया, इस बीच में मैंने 2-3 बार धीरे से उसके बूब्स दबाए तो वो कुछ नहीं बोली. अब मेरी हिम्मत बढ़ गयी, मैंने उससे कहा कि धूप बहुत है तो वो बोली हाँ, यार बहुत तेज है.
में : चल थोड़ा ठंडा होते है.
प्रीति : कहाँ जायेंगे.
में : मेरे फ्रेंड के फ्लेट पर चलते है वहां ए.सी है थोड़ा आराम करेंगे और ए.सी में ठंडा भी हो जायेंगे. फिर हम मेरे फ्रेंड के फ्लेट पर आ गये, मैंने ए.सी चालू किया और बेड पर लेट गया, वो मेरे बगल में सोफे पर बैठी थी. फिर कुछ देर इधर उधर की बातें की तो वो अचानक बोली.
प्रीति : अब हो गये ठंडे, स्कूटर सिखाते वक़्त तो बहुत गर्म थे.
में : ये सुनकर में हैरान हो गया.
में : गर्म तो अब भी हूँ शायद अब ज्यादा गर्म हो गया हूँ ए.सी भी ठंडा नहीं करेगा.
प्रीति : लगता नहीं, अगर गर्म होते तो.. इतना बोल कर वो रुक गयी. में उसका इशारा समझ गया और बेड से उठकर उसको पकड़ लिया और उसके बूब्स को दबा दिया.
प्रीति : छोड़ो, मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता.
में : अभी किया ही क्या है जो तुझे अच्छा नहीं लगता, एक बार कर तो ले, फिर बताना अच्छा लगा की नहीं.
वो हंस पड़ी और में उसको चूमने लगा, बूब्स दबाने लगा. फिर कुछ टाईम के बाद वो भी मेरे साथ देने लगी उसने मेरी शर्ट उतार दी, फिर मैंने भी उसका कुर्ता उतार दिया. अब मुझे जो अच्छे लगते थे, वो प्यारे आम सफ़ेद ब्रा मेरे सामने थे और बाहर आने को मचल रहे थे. फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और निप्पल चूसने लगा और एक हाथ से दूसरा बूब्स दबाने लगा.
थोड़ी देर चूसने के बाद मैंने उसकी सलवार खोल दी, अब वो सिर्फ़ चॉकलेट कलर की पेंटी में मेरे सामने खड़ी थी, बिल्कुल अप्सरा जैसे. फिर वो शर्म के मारे मेरी बाहों मे आ गई और बोली मुझे तो पूरा नंगा कर दिया और खुद को कपड़ो में छुपा रखा है. तो में बोला तो मेरे कपड़े भी निकाल दो ना जान, ये सुनते ही उसने मेरी पैंट खोल दी, अब में भी सिर्फ़ अंडरवेयर में था. उसमे मेरा 8 इंच का लंड तंबू बनाये बैठा था.
फिर में उसको बेड पर लेकर गया तो वो मेरे ऊपर थी और मेरी छाती को किस कर रही थी. फिर धीरे धीरे वो नीचे सरक गयी और मेरा अंडरवेयर निकाल दिया. मेरा खड़ा लंड अब फ्री हो गया और अब आसमान में उड़ने लगा था. फिर उसने लंड को हाथ में पकड़ लिया और बोली कि कितना बड़ा है ये, एकदम मूसल के जैसा.
में : में बोला तुझे पसंद है?
प्रीति : हाँ बहुत पसंद है ये खूब मज़ा देगा.
में : तूने कभी किसी का लंड लिया है.
प्रीति : हाँ, एक बार लिया है मेरे जीजा का.
में : कैसा था वो?
प्रीति : वो लंबा तो था, लेकिन पतला था. अब में खुश हो गया कि ये तो अनुभव वाली है. इसे चोदने में ज्यादा मज़ा आयेगा फिर हम एक दूसरे को फिर से किस करने लगे और चिपकने लगे.
फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी और उसके ऊपर लेट गया और बूब्स चूसने करने लगा, वो भी नीचे से थोड़े धक्के मारने लगी थी में उसका इशारा समझ गया कि ये चुदने के लिए बिल्कुल तैयार है, लेकिन मैंने उसको थोड़ा तड़पाने की सोचा और बूब्स को चूसने लगा, वो मोन करने लगी, आआहहाआआ म्‍म्म्मम सस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.
प्रीति : अब डाल भी दे ना.
में : क्या डालूँ?
प्रीति : तेरा ये मूसल डाल दे और चटनी बना दे.
में : तो सेट करना अपनी चूत पर.
फिर उसने लंड को पकड़कर अपने छेद पर लगाया और मैंने ज़ोर से एक धक्का मारा तो लंड का सुपाड़ा पूरा अंदर चला गया, वो एकदम चिल्लाई, आह्ह माँ धीरे डाल ना, बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने लंड को धीरे-धीरे पूरा 8 इंच अंदर डाल दिया और उसके लिप को किस करने लगा और वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने उसकी जुबान मेरे मुँह में डाल दी और में उसको सक करने लगा और धीरे धीरे धक्के मारने लगा. उसको बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर वो बोली अब मुझे ज़ोर से चोद, मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और करीब करीब 20 मिनट तक उसको चोदा. इस बीच वो मोन कर रही थी, आआाआ मेरे राजा और ज़ोर से, म्‍म्म्ममममममम ठोक दे पूरा लंड अंदर आआआअहहाआआआआ. उसने करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मुझे कसकर पकड़ लिया और अपने नाख़ून मेरी पीठ में चुबा दिए. में समझ गया कि उसका पानी निकल गया है और उसको ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. फिर 10 मिनट और चोदने के बाद, मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल दिया तो वो बोली क्या हुआ? क्यों निकाला? बहुत मज़ा आ रहा है चोदो ना मुझे, तो मैंने कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है.
प्रीति : अंदर ही निकालो अपना गर्म पानी.
में : कुछ हो गया तो.
प्रीति : नहीं होगा में सेफ हूँ, तो मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और चोदने लगा. फिर मेरा पानी निकल गया तो उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और फिर 10 मिनट तक हम एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसके साईड में लेट गया तो वो मुझ से चिपक गयी.
में : मज़ा आया डार्लिंग.
प्रीति : बहुत मज़ा आया.
में : अच्छा लगा या नहीं.
प्रीति : बहुत अच्छा लगा, सोनू सच कहती है कि तेरा लंड बड़ा मजेदार है, वो तो तेरे लंड की बहुत तारीफ करती थी. अब यकीन आया और फिर अब जब भी मौका मिलता है तो हम खूब चुदाई करते है.
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प्रिया की चूत का बाजा बजाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है और में दिल्ली में रहता हूँ, मेरी लम्बाई 5.8 और मेरे लंड की लम्बाई 8 इंच है और मेरा खुद कंप्यूटर हार्डवेयर का काम है. दोस्तों में आज अपनी एक सच्ची घटना आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ जिसमें मैंने प्रिया नाम की एक लड़की को अपने जाल में फंसाया और बहुत जमकर चोदा और आज में आप सभी को वही सच्ची घटना विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ.
दोस्तों उस समय प्रिया सिर्फ 19 साल की थी, लेकिन वो दिखने में वो किसी 25-26 साल की उम्र की लड़की से कम नहीं लगती थी. तो एक दिन की बात है. प्रिया अपने कमरे में थी और जब मैंने उसे आवाज़ लगाई तो उसने मेरी किसी भी आवाज़ का जबाब नहीं दिया. तो में उसके कमरे में चला गया तो मैंने देखा कि उसका कमरा अंदर से बंद था और फिर मैंने एक छोटे से होल से अंदर की तरफ झाँककर देखा और में उसे देखता ही रह गया. वो एकदम नंगी थी, शायद वो अपने कपड़े चेंज कर रही थी और में उसे बिल्कुल नंगा देखाकर एकदम पागल सा हो गया, क्योंकि मैंने अपनी लाईफ में पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा था.
तो उसके बूब्स एकदम बड़े बड़े थे और वो एकदम दूध की तरह सफेद थे और बहुत ही गोलमटोल और उसकी चूत एकदम साफ, चिकनी दिख रही थी में तो यह सब देखकर एकदम पागल ही हो गया और फिर में जल्दी से बाथरूम की तरफ भागा और जल्दी से मुठ मारने लगा और उसके बाद तो में हमेशा ही मन ही मन उसे चोदने की सोचता रहता और में हमेशा ही उससे मस्ती मज़ाक करता रहता था, लेकिन मैंने कभी भी उसके शरीर को छुआ नहीं था. तो एक दिन की बात है में उसके रूम में गया तो वो अपनी पढ़ाई कर रही थी और वो शायद अपने काम में बहुत व्यस्त थी जिससे उसे मेरे आने का भी अहसास नहीं था.
में उसके जिस्म को घूर घूरकर देखने लगा और फिर मैंने उससे कहा कि क्या तुम मेरा सर दबा सकती हो, बहुत दर्द कर रहा है तो उसने पहले थोड़ी देर सोचा और फिर कहा कि ठीक है. फिर में बेड पर लेट गया और वो मेरा सर दबाने लगी तो मुझे उसके नरम नरम हाथों का स्पर्श अपने सर पर बहुत अच्छा लगा रहा था. तभी कुछ देर के बाद मैंने सही मौका देखकर उससे बोला कि में तुमसे एक बात कहना चाहता हूँ. तो उसने कहा कि ठीक है क्या बात है बताओ? तो मैंने कहा कि कहीं तुम मेरी बात को सुनकर गुस्सा तो नहीं होगी ना? तो उसने कहा कि नहीं और फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़कर बोला कि में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, तो वो एकदम चुप हो गई और उसने अपनी नजरे नीचे की तरफ झुका रखी थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो उसने बोला कि प्यार तो में भी आपसे करती हूँ, लेकिन मुझे बहुत डर लगता है कि अगर घर पर किसी को पता चल गया तो मुझे बहुत मार पड़ेगी. तो मैंने कहा कि हम किसी को कुछ भी नहीं बताएँगे और ऐसी कोई हरकत नहीं करेंगे जिससे किसी को पता चलेगा. तो उसने कहा कि फिर तो ठीक है और उसके बाद ऐसे हमारे प्यार का सिलसिला चलता रहा, लेकिन इससे ज़्यादा कुछ नहीं हुआ और उसी बीच हमारे एग्जाम नज़दीक आ गए. तो हम दोनों ने तय किया कि क्यों ना हम एक साथ में ही पढ़ाई किया करें और फिर उसने भी कहा कि ठीक है और इस बात को मैंने अपनी दीदी को बताया कि हम लोग देर रात एक साथ अपने कमरे में पढ़ाई किया करेंगे. तो मुझसे दीदी ने कहा कि ठीक है हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन तुम रात को सोने के टाईम अपने अपने कमरे में चले जाओगे.
मैंने कहा कि ठीक है और अगली रात से हम दोनों ने एक साथ में अपनी पढ़ाई शुरू कर दी और हम घर पर बाकी के लोगों का सोने का इंतजार करने लगे और जैसे ही सभी लोग सो गए तो हमने अपनी पढ़ाई को बंद किया और हम बातें करने लगे. वो बहुत खुश थी और मैंने उस मौके का फायदा उठाया और फिर मैंने बात करते करते उसे किस कर लिया, तो उसने मुहं घुमा लिया और मना करने लगी.
मैंने कहा कि क्या में तुम्हे किस भी नहीं कर सकता? तो उसने कहा कि क्यों क्या यह ज़रूरी है? तो मैंने कहा कि हाँ नहीं तो मुझे कैसे विश्वास होगा कि तुम भी मुझसे प्यार करती हो? तो उसने कहा कि ठीक है और इसी तरह हर रोज का सिलसिला चलता रहा, लेकिन मेरी इससे ज्यादा करने की हिम्मत नहीं हुई और एक रात वो पढ़ाई करते करते सो गई और में जगा हुआ था और मैंने भी धीरे से उसके पास में लेट गया और कुछ देर के बाद मैंने उसके गालो को सहलाना शुरू कर दिया, लेकिन वो थोड़ा सा हिली और फिर सो गई.
तो इसी तरह फिर मैंने उसको किस किया और उसे अपनी बाहों में भर लिया. फिर धीरे से मैंने एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे दबाने सहलाने लगा. वो बहुत गहरी नींद में थी तो मैंने थोड़ा और कसकर दबाया तो वो जाग गई और उठकर बैठ गई और बोली आप यह क्या कर रहे? तो मैंने कहा कि में प्यार कर रहा हूँ और फिर वो मुझसे बहुत गुस्सा हो गई और बोली कि यह बिल्कुल ग़लत बात है और अब में आपसे बात नहीं करूँगी. तो मैंने कहा कि प्लीज गुस्सा मत होना, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ तो उसने कहा कि प्यार में यह सब तो ठीक नहीं है, मैंने कहा कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो तो प्लीज़ एक बार मुझे करने दो.
उसने साफ मना कर दिया और दूसरी तरफ मुहं घुमाकर बैठ गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. तो मैंने उससे सॉरी बोला और जाकर अपने कमरे में सो गया और उसके बाद मैंने उससे बिल्कुल बात करना बंद कर दिया और उसने भी मुझसे दो दिन तक बात नहीं की, लेकिन उसके बाद वो एक दिन मेरे रूम पर आई और बोली कि क्या आप मुझसे गुस्सा हो? तो मैंने कुछ नहीं बोला तो वो मेरे पास आई और उसने मेरे माथे पर किस कर लिया. तो मैंने अपना मुहं दूसरी तरफ घुमा लिया, वो बोली कि क्या बात है?
फिर उसने कहा कि में भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन मुझे यह सब शादी से पहले बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता. तो मैंने उससे पूछा कि क्या तुम मुझे एक बार भी करने नहीं दे सकती? तो वो एकदम चुप हो गई और फिर कुछ देर के बाद वो बोली कि ठीक है, लेकिन आप मुझे सिर्फ़ छुओगे और इसके अलावा कुछ और नहीं करोगे. तो मैंने कहा कि ठीक है में तुम्हारी इस बात से सहमत हूँ और में बहुत खुश हो गया और में उसे किस करने लगा.
फिर वो मुझसे थोड़ा दूर हो गई और बोली कि यह सब अभी से नहीं, रात में जब सब लोग सो जाएँगे तब. तो मैंने कहा कि ठीक है और में रात होने का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार करने लगा और फिर रात को वो मेरे रूम पर पढ़ाई करने आई और बैठकर चुपचाप पढ़ाई करने लगी. में भी उसके ठीक सामने बैठकर उसके सुंदर बूब्स को देख रहा था, लेकिन उसे यह सब मालूम नहीं था कि में आज उसके साथ क्या क्या करने वाला था. में तो बस उसे देखकर मन ही मन चोदने के बारे में सोचने लगा. मेरा अब पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था.
कुछ घंटो के बाद जब घर में सब लोग सो गए तो मैंने ठीक मौका देखकर अपनी पढ़ाई को वहीं पर बंद कर दिया और मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया और में पागलों की तरह उसे किस करने लगा और उसके होंठो को चूसने लगा और धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और उसे दबाने सहलाने लगा. यह सब करने से मेरा लंड तो एकदम तनकर खड़ा हो गया और में बहुत ज्यादा ही गरम हो गया और फिर में ज़ोर ज़ोर से उसके बूब्स को दबाने लगा तो वो कहने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक भी नहीं सुनी में और ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा और किस करता रहा.
वो भी अब धीरे धीरे हॉट हो गई और मेरा साथ देने लगी फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया, उसके बाद तो में बिल्कुल ही पागल हो गया क्योंकि अब मेरी नजरों के सामने दुनिया के सबसे सुंदर, सुडोल बूब्स थे और वो क्या मस्त थे? उसने गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी और में ऊपर से ही उसे कस कसकर दबाने लगा और चूसने लगा. फिर मैंने उसकी ब्रा को एक झटके से पकड़कर खींचा और ब्रा का हुक तोड़ दिया.
तो उसके बाद तो में बिल्कुल ही पागल ही हो गया. क्या मस्त बूब्स थे उसके एकदम गोरे गोरे और हल्की गुलाबी कलर की निप्पल, में तो पागल की तरह उसके बूब्स पर टूट पड़ा और चूमने, चूसने लगा तो वो भी धीरे धीरे पूरी तरह गरम हो चुकी थी और आहे भर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह प्लीज आईईई थोड़ा धीरे करो. तो मैंने करीब दस मिनट तक उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा दबाकर चूसा और फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी गरम चूत पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने, रगड़ने लगा वो भी पागलों की तरह आहें भर रही थी और अब वो पूरी तरह हॉट हो चुकी थी.
फिर मैंने उसकी स्कर्ट को खोलकर उससे अलग कर दिया तो मैंने देखा कि उसने काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी और जैसे ही मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो मुझे उसमे बहुत गीलापन महसूस हुआ उसकी पेंटी पूरी तरह भीगी हुई थी और वो जोश में पागलों की तरह मोन कर रही थी और फिर मैंने एक ही झटके में उसकी पेंटी को उसकी गीली गरम जोश से भरी हुई चूत से अलग कर दिया और अब में बिल्कुल पागल हो गया. उसकी क्या चूत थी पूरी तरह साफ शेव की हुई फूली हुई एकदम लाल. में तो उसे देखकर पागल ही हो गया और फिर में उसकी चूत को सहलाने लगा, वो आहे भर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी.
फिर मैंने उसकी गीली चूत को चाटना शुरू किया तो उसने कहा कि यह आप क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि मस्ती कर रहा हूँ और कुछ देर बाद तुम्हे भी मज़ा आएगा और फिर मैंने 5 मिनट तक उसकी चूत को चाटा. उसकी क्या मस्त चूत थी? फिर में खड़ा हो गया और मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए. वो मेरा लंड देखकर डर गई और बोली कि इतना बड़ा?
मैंने उससे कहा कि इसे अपने हाथ में लो तो उसने साफ मना कर दिया. फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो वो एकदम टाईट थी, लेकिन बहुत गीली और गरम थी और फिर जैसे ही मैंने अपनी एक उंगली डाली तो वो एकदम उछल पड़ी और बोली कि आईईईइ उह्ह्हह्ह प्लीज धीरे मुझे दर्द हो रहा है. तो मैंने बोला कि चुप रहो, तुम्हे कुछ नहीं होगा और में धीरे धीरे उंगली को अंदर बाहर करने लगा और कुछ देर बाद उसे मज़ा आने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से आईईईईई अह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माँ करके सिसकियाँ लेने लगी. उसने अपनी दोनों आखों को बंद किया हुआ था और वो अपने दोनों पैरों को पूरी तरह फैलाकर पड़ी हुई थी.
मैंने एकदम सही मौका देखकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर लगाया और सहलाते सहलाते धीरे से चूत के मुहं पर दबाने लगा, लेकिन वो उसमे घुस ही नहीं रहा था. फिर मैंने उठकर थोड़ा सा क्रीम लिया और थोड़ा अपने लंड पर और फिर उसकी चूत पर भी लगाया और फिर मैंने अपने लंड को चूत के मुहं पर रखकर हल्का सा धक्का दिया तो वो एकदम ज़ोर से चिल्ला उठी और रोने लगी और बोली कि प्लीज इसे बाहर निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज मुझे छोड़ दो अह्ह्हह्ह्ह्हह् आईईईईइ माँ बचाओ.
मैंने बोला कि तुम्हे कुछ नहीं होगा जानेमन. अभी तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा और फिर में उसे किस करने लगा और कुछ देर के बाद मैंने उसे एक कसकर धक्का लगाया और मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया और अब उसकी चूत से खून निकलने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी कि प्लीज अह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह छोड़ दो मुझे में मर जाउंगी.
मैंने उसके मुहं पर अपने होंठो को लगाया और उसे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा ताकि उसके मुहं से आवाज़ बाहर नहीं निकले और फिर मैंने एक और जोरदार धक्का दिया और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में समा गया, लेकिन वो दर्द से छटपटा रही थी. तो में कुछ देर के लिए उसी तरह एकदम शांत रहा और उसे किस करता रहा और जब वो शांत हुई तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिया और उसके बूब्स को दबाता रहा.
उसे अब भी थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था, लेकिन उसे अब मज़ा भी आ रहा था और कुछ देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. मैंने फिर अपनी चुदाई की स्पीड बड़ा दी और वो भी अपनी चूतड़ को हिलाने लगी और आह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईईई की आवाज़ निकालने लगी. फिर मैंने पूछा कि क्यों अब मज़ा आ रहा है?
उसने कहा कि हाँ और उसके बाद करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और बोली कि हाँ और ज़ोर से करो ना अह्ह्ह्ह दो और ज़ोर से अऊऊऊउऊ धक्के दो हाँ और ज़ोर से. मैंने फिर से अपनी रफ़्तार बड़ा दी और करीब 5 मिनट के बाद में झड़ने वाला था तो मैंने उससे कहा कि में झड़ने वाला हूँ, तो उसने बोला कि में भी शायद अब होने ही वाली वाली हूँ और कुछ देर के बाद वो बिल्कुल शांत हो गई और वो झड़ चुकी थी. तो मैंने अपने लंड को चूत से बाहर निकाला और बेड पर सारा वीर्य गिरा दिया, वो बहुत खुश दिख रही थी, तो मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा तो आया ना? तो उसने बोला कि हाँ बहुत मज़ा आया, लेकिन जैसे ही वो बेड से उठी तो उसने बेड पर ढेर सारा खून देखा और डर गई और बोली कि अब क्या होगा? और वो ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी.
मैंने कहा कि में तुम्हे तुम्हारे रूम तक छोड़ देता हूँ और अगर तुम्हारा दर्द ठीक नहीं हुआ तो तुम कल सुबह देर तक सोती रहना और तुमसे कोई पूछे तो तुम उसे बता देना कि तुम्हारी तबीयत खराब है. फिर में तुम्हे कल सुबह दर्द की दवा लाकर दे दूँगा और फिर तुम एकदम ठीक हो जाओगी. तो मैंने उसे अपनी बाहों का सहारा देकर उसे उसके कमरे में ले गया क्योंकि वो उसकी पहली चुदाई थी. जिसकी वजह से वो ठीक तरह से चल भी नहीं पा रही थी और मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके माथे पर एक बार चूमा और उससे गुड नाईट बोलकर अपने कमरे में आकर सो गया.
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