घूमने के बहाने मेघा की चूत मारी


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम आलोक है और में अपनी आज की कहानी शुरू करने से पहले आप लोगों को अपने बारे में बता दूँ.. वैसे तो में आगरा का रहने वाला हूँ.. लेकिन आजकल में पुणे में नौकरी कर रहा हूँ. मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है और अब में आपको ज़्यादा इंतजार नहीं करवाऊंगा और सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है.. तो अगर मुझसे कोई भी ग़लती हो तो माफ़ करना.. यह कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड मेघा की है. मेघा 27 साल की लड़की है और वो दिखने में बहुत सुंदर तो नहीं है.. लेकिन एक पंजाबन होने के कारण उसने अपना फिगर बहुत अच्छी तरह से संभालकर रखा है और उसके फिगर का साईज करीब 36-26-36 होगा. उसके बहुत बड़े बड़े बूब्स है और बिल्कुल गोल है और वो जब चलती है.. तो गांड दोनों तरफ मटकती है और मैंने कॉलेज में बहुत बार उसको देखकर मुठ मारी है.
अब में अपनी आज की कहानी शुरू करता हूँ. दोस्तों मेघा मुझे पहली बार मेरे कॉलेज में मिली और जब उसने मुझे पहली बार देखा.. तो उसके देखने के तरीके से मुझे लगा कि इस लड़की को में पसंद आ गया हूँ और मैंने सोचा कि कॉलेज से जाने से पहले इसकी चूत एक बार तो ज़रूर मारूँगा.
फिर शुरुआत में उससे नॉर्मल ही व्यहवार रखा और फिर में दूसरे सेमेस्टर में ऑस्ट्रेलिया चला गया.. लेकिन मैंने लगातार उससे सम्पर्क बनाए रखा और जैसा में चाहता था.. वैसा ही हुआ और अब धीरे धीरे उसको मेरी आदत पढ़ गयी. फिर में समझ गया कि अब मेरा काम हो गया और वापस जाकर इसकी चूत मिलने में मुझे ज़्यादा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. फिर जब में वापस आया.. तो हम लोग और भी ज़्यादा समय एक दूसरे के साथ बिताने लगे और धीरे धीरे अपनी ऐसी बातें जो कि किसी को नहीं बतानी चाहिए.. वो भी शेयर करने लगे.
एक दिन अच्छा मौका देखकर मैंने उसको प्रपोज़ कर दिया और उसने स्वीकार कर लिया और मैंने उसको कह दिया कि में उससे शादी भी कर लूँगा.. जबकि वो मुझसे तीन साल बड़ी थी.. दरअसल मेरे बड़े भैया की भी लव मैरिज हुई थी और उनकी पत्नी भी उनसे बड़ी थी.. तो वो मान गयी. अब हम हर रोज़ ही अकेले घूमने जाने लगे और कभी कभी हम कॉलेज के बाहर भी जाने लगे और फिर मैंने एक दिन उसको चोदने का प्रोग्राम बनाया.. वो शुक्रवार की शाम थी और हम बाहर घूम रहे थे और फिर अच्छा मौका देखकर उससे बोला.
में : यार यहाँ तो हमे रोज़ कोई ना कोई देख लेता है और हम दोनों एक साथ ज़्यादा समय नहीं बिता पाते. ( दोस्तों मैंने यह बहुत उदास सी आवाज में कहा )
मेघा : हाँ.. लेकिन अब क्या चाहिए तुम्हे (और उसने एक शरारती स्माईल दी)
में : मतलब कुछ टाईम सिर्फ़ हम दोनों और कोई ना हो.. तुम में केंडल लाईट डिनर और थोड़ी सी शेम्पियन वगेरा.
मेघा : इसमे क्या है? हम किसी दिन बाहर चलते है.
में : क्या सच्ची?
मेघा : हाँ मुच्ची.
में : तो क्या कल ही चले?
मेघा : क्या कल.. हम इतनी जल्दी कहाँ का प्रोग्राम बनाएँगे?
में : में हूँ ना तुम मुझ पर छोड़ दो.. तुम बस कल सुबह तैयार रहना.. हम कल कॉलेज बस से सुबह सिटी चलेंगे और में दो टिकट ले लूँगा.
मेघा : ठीक है.. लेकिन अभी तो मुझे होस्टल छोड़ आओ.
में : हाँ क्यों नहीं.. मेरी जान.
फिर अगले दिन सुबह हम कॉलेज बस से सिटी चले गये और एक मॉल के आगे उतर गये और फिर उसने कहा कि अब क्या प्लान है? तो मैंने उससे कहा कि यहाँ पीछे एक होटल है. मैंने उसमे एक रूम बुक किया हुआ है और हम दिनभर बहुत मज़े मस्ती करेंगे. उसने मुझे अजीब सी नज़रों से देखा.. लेकिन कुछ भी नहीं बोला और मैंने सोचा कि आज तो मेरा काम हो जाएगा. दरअसल मैंने रूम दो दिन के लिए बुक करवाया था. दोस्तों फिर हम होटल चले गये और वहाँ पर जाकर हमने अपने बेग साईड में फेंक दिए और बातें करने लगे.. हमने क़रीब एक घंटे तक बातें की.
फिर मैंने बातों को एकदम प्यार की तरफ घुमा दिया और बात करते करते में उसके बहुत करीब आ गया और फिर अचानक में उसके होंठो पर एक किस करके पीछे हट गया. उसने मुझे बहुत घूरा.. लेकिन कुछ नहीं कहा और मैंने हिम्मत करके फिर अपने होंठ उसके होंठ पर लगा दिए और उसको एक लंबा सा स्मूच दिया. इस बार उसने भी मेरा साथ दिया और हमारा वो स्मूच क़रीब दस मिनट तक चला. फिर जब यह खत्म हुआ.. तो मैंने उससे बोला कि मेघा में तुम्हे प्यार करना चाहता हूँ.. बहुत सारा प्यार.
फिर वो बोली कि नहीं आलोक यह सब बहुत ग़लत है.. हमे शादी से पहले कुछ नहीं करना चाहिए. फिर मैंने फिर से बिगड़ा हुआ मुहं बना लिया और बोला कि कर तो रहा हूँ तुमसे शादी और क्या सिर्फ़ शादी करने से ही पति, पत्नी बनते है? मेघा यह रिश्ता तो मन का होता है.. साथ फेरों से कुछ नहीं होता और तुम जानती हो मुझे यह सब पसंद नहीं. फिर बहुत देर मनाने के बाद वो ओरल सेक्स के लिए तैयार हो गयी और मैंने मन ही मन सोचा कि पहले यह कर लूँ.. बाद में थोड़ा बहुत गरम होकर यह अपने आप हाँ करेगी.
फिर मैंने उसको अपनी बाहों में एकदम टाईट पकड़ लिया और एक ज़ोरदार वाली किस दी और किस करते हुए में बीच बीच में उसके होंठ भी काटता.. कभी ऊपर वाला होंठ.. तो कभी नीचे वाला और अपनी जीभ को उसके मुहं में डालने लगा और अब धीरे धीरे वो भी ऐसा ही करने लगी. फिर किस करते हुए ही मैंने अपना एक हाथ पीछे से उसकी टी-शर्ट के अंदर डाल दिया और उसके नंगे जिस्म पर फेरने लगा. फिर धीरे धीरे वो गरम होने लगी और उसकी साँसें तेज़ होने लगी. इसी दौरान मैंने उसकी बेल्ट का बक्कल खोल दिया और उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और मैंने अपने हाथ पीछे से उसकी जीन्स में डाल दिए और पेंटी के ऊपर से ही उसकी गांड और फेरने लगा और मुझे ऐसा करते करते करीब आधा घंटा निकल गया.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके बूब्स को निहारने लगा.. उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी गुलाबी कलर की ब्रा में क्या एकदम मस्त लग रहे थे? में तो उनको देखकर एकदम पागल ही हो गया और ब्रा के ऊपर से उन्हे चूसने लगा.. में अपने मुहं से उसके एक बूब्स को चूस रहा था और दूसरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था.
फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी जीन्स में आगे की तरफ डाल दिया और पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा और फिर मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी पहले से ही एकदम गीली थी.. इसका मतलब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. फिर मैंने थोड़ी देर और उसके बूब्स को चूसना जारी रखा और फिर मैंने उसकी जीन्स उतार दी और अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी और इसी दौरान मैंने अपने भी कपड़े उतार दिए और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में उसके सामने खड़ा था. अब मैंने धीरे से उसको बेड पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैला दिया और पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सूंघने लगा.
दोस्तों उसकी चूत के पानी में भीगी पेंटी ने मुझे पागल सा कर दिया और मैंने उसकी पेंटी को चाटना और उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.. लेकिन अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था और मैंने उसकी ब्रा को निकाल दिया और उसके दोनों बूब्स अपने हाथों में ले लिए और एक बार फिर में उसके बूब्स पर टूट पढ़ा और उन्हे ऐसे चूसने लगा.. जैसे कि दो साल का बच्चा अपनी माँ का दूध पीता है.
फिर में कभी उसके एक बूब्स को चूसता और कभी दूसरे बूब्स को अपने हाथ से दबाता और में बूब्स चूसते चूसते बीच बीच में उसके निप्पल के चारों तरफ अपनी जीभ घुमाता और मेरे ऐसा करने से वो एकदम पागल हो जाती. फिर मैंने बहुत देर तक उसके बूब्स चूसे.. लेकिन में उसके बूब्स चूसते वक़्त एक बार झड़ गया और मेरा अंडरवियर गीला हो गया. फिर मुझे गीले अंडरवियर से बहुत परेशानी होने लगी.. तो मैंने सोचा कि यही एकदम अच्छा मौका है और मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया.
फिर मेरे लंड को देखकर वो एकदम घबरा गयी और बोली कि यह क्या है? मैंने तो सोचा था कि सिर्फ़ ब्लू फिल्म के हीरो का ही बहुत बड़ा होता है और अच्छा हुआ मैंने सिर्फ ओरल सेक्स के लिए ही हाँ की है. फिर मैंने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाई.. लेकिन मन ही मन सोचा कि बेटा रुक जा.. आज इसी लंड से तेरी चूत और गांड दोनों मारूँगा और ऐसे मारूँगा कि तुझे इसका नशा सा हो जाएगा और फिर तू ही मेरे आगे हाथ जोड़ेगी और कहेगी कि चोद दो मुझे.
फिर में दोबारा उसको किस करने लगा और साथ में उसके बूब्स भी दबा रहा था और उसके जिस्म को चूम रहा था और फिर इसी बीच मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया और मैंने जानबूझ कर अपने लंड को पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.. इससे शायद उसको मज़ा आने लगा और उसने अपनी दोनों आखें बंद करके.. मोनिंग की आवाज बड़ा दी थी.. वो बेसुध होकर यह सब कर रही थी.
फिर मैंने सोचा कि यही सबसे बड़िया मौका है और मैंने नीचे जाकर अचानक से एक ही झटके में उसकी पेंटी निकाल दी. फिर वो एकदम घबरा गई और उसने अपने दोनों पैर एक दूसरे में फंसा लिए और अपनी चूत को अपने हाथ से ढक लिया और मुझ पर चिल्लाई.
मेघा : आलोक मैंने बोला ना.. यह सब अभी नहीं.
में : हाँ जान याद है.. में वो सब नहीं कर रहा और अब अपने हाथ हटाओ और प्लीज एक बार अपनी सुंदर चिकनी चूत तो दिखाओ.
मेघा : क्या.. यह कैसे शब्द बोल रहे हो?
में : अरे यार अब जो बोला जाता है.. वही बोलूँगा ना. अब चलो तुम भी क्या याद रखोगी.. प्लीज़ मुझे तुम्हारी प्यारी वो दिखाओ.
मेघा : हाँ.. लेकिन उससे पहले तुम मुझसे वादा करो कि तुम वो कुछ नहीं करोगे.
में : हाँ जानू.. में वादा करता हूँ.
मेघा : तो ठीक है मेरी जान और यह लो देखो.
फिर यह बोलते ही मुझे उसकी चूत के दर्शन हुए.. वाह क्या चूत थी. नरम नरम गुलाबी गुलाबी हल्की सी उभरी हुई और बिल्कुल साफ उस पर एक भी बाल नहीं था और मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो हर दिन शेव करती है. फिर मैंने सबसे पहले उसकी चूत पर प्यारी सी एक किस दी और मुझे ऐसा लगा कि मानो उसके जिस्म को करंट लग गया हो. फिर मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया? उसने बस हुन्न्न्न किया और कुछ नहीं बोला.
फिर मैंने बोला कि फिर अब देखो कि तुम्हे कितना मज़ा आएगा और यह बोलते ही मैंने उसकी चूत को ऐसे चाटना शुरू कर दिया.. जैसे कि वो शहद का भंडार हो और मेरे ऐसा करते ही उसने मेरा सर अपने दोनों पैरों के बीच में दबा लिया.. लेकिन मैंने उसकी चूत को चूसना बंद नहीं किया. दोस्तों उसकी क्या नरम मुलायम चूत थी और उसकी चूत के पानी ने मुझे दीवाना सा कर दिया और में अपनी पूरी ताक़त लगाकर चूसने लगा.
दोस्तों वो तो मानो पागल ही हो गई और उसकी साँसों की रफ्तार करीब करीब दोगुनी हो गई और साथ साथ उसने मोन करना भी शुरू कर दिया.. ओहह्ह् आलोक ओहह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ आलोक. फिर उसके ऐसा करने से में और भी जोश में आ गया और मैंने पागलों की तरह उसकी चूत का पानी पीना शुरू कर दिया. में कभी उसकी चूत के दाने को चूसता.. तो कभी उसकी पूरी चूत में अपनी जीभ घुमाता और कभी कभी उसके चूत के दाने को हल्का सा काट भी लेता.. जिसकी वजह से वो एकदम सिहर जाती.. तो इस बीच मैंने सोचा कि में उंगली से चुदाई शुरू कर देता हूँ.. लेकिन मैंने देखा कि इसकी चूत की सील अभी तक नहीं टूटी है.. तो मैंने सोचा कि क्यों उंगली को तक़लीफ़ देनी.. यह काम तो मेरा लंड ही करेगा.
फिर मैंने अपना काम लगातार जारी रखा और उसको अपनी जीभ से चोदने लगा और अचानक मैंने महसूस किया कि उसका शरीर एकदम अकड़ने लगा है और अब में समझ गया कि यह झड़ने वाली है और मैंने अपनी जीभ की स्पीड बड़ा दी और करीब एक मिनट के बाद वो झड़ गयी और उसका सारा शरीर एकदम ढीला पड़ गया और में उसकी चूत से निकला सारा रस पी गया. दोस्तों वैसे मुझे बोलना तो नहीं चाहिए.. लेकिन इस दौरान में भी दो बार झड़ चुका था.. क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स था और दो बार झड़ने के कारण मेरा लंड मुरझा सा गया था और इसके बाद में मेघा की साईड में आकर लेट गया.
फिर वो बोली कि मज़ा आ गया और ऐसा अहसास उसको आज तक कभी नहीं आया. उसने बताया कि वो अपनी चूत में कभी उंगलियाँ भी नहीं करती और यह उसका पहली बार था. फिर मैंने कहा कि अभी तो शुरुआत है.. आगे आगे देखो होता है क्या और अब मुझे उसकी आँखों में जोश दिख रहा था.
में : चलो अब तुम्हारी बारी.
मेघा : बारी.. क्या मतलब मेरी बारी?
में : बारी का मतलब अब तुम वही करो.. जो मैंने तुम्हारे साथ किया.
मेघा : क्या में इसे अपने मुहं में? नहीं में नहीं ले सकती.
में : ऐसा क्यों?
मेघा : यह कितना गंदा है.. ना बाबा ना.
में : अरे क्या.. अभी मैंने नहीं किया क्या?
मेघा : अरे हाँ.. लेकिन तुम्हारी बात और है.
में : मेरी बात क्यों और है? देखो ना कैसा मुर्झा गया है.. प्लीज इसमें जान डाल दो.
मेघा : नहीं नहीं यह सब मुझसे नहीं होगा.
में : प्लीज डार्लिंग ऐसे ना करो.. एक बार ट्राई तो करो.. क्यों हनीमून खराब कर रही हो?
मेघा : हनीमून.. क्या मतलब?
में : हाँ यह हमारा शादी से पहले का हनीमून है.. देखो अब मेरी नौकरी लग गयी है और एक बार तुम्हारी लग जाए. फिर कॉलेज ख़तम होते ही में तुम्हारे घरवालों से तुम्हारा हाथ माँग लूँगा.
मेघा : क्या सच्ची
में : हाँ एकदम मुच्ची.
मेघा : ओह अंकित.. तुम कितने अच्छे हो.
में : मेघा में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.. क्या अब अपना अधूरा काम करें?
मेघा : हाँ.. लेकिन सिर्फ़ एक बार.
में : हाँ बाबा.. सिर्फ़ एक बार.
मेघा : ठीक है लाओ.
फिर इसके बाद उसने मेरा लंड अपने मुहं में लिया और लोलीपोप की तरह चूसना शुरू कर दिया और धीरे धीरे मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा.. पहले तो वो बहुत नाक सिकोड़कर मेरा लंड अपने मुहं में ले रही थी.. लेकिन बाद में शायद उसे मज़ा आने लगा और वो पूरा मज़ा लेकर मेरा लंड चूसने लगी और बहुत देर चूसने के बाद उसने पूछा कि क्यों कब तक चूसना है?
मैंने कहा कि जब तक तुम्हारी तरह मेरा पानी नहीं निकल जाता और यह बात सुनकर वो फिर से अपने काम पर लग गयी.. लेकिन इस बार वो मेरा लंड और अंदर तक ले रही थी और करीब आधे घंटे तक चूसने के बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ. फिर मैंने कहा कि मेरा वीर्य निकलने वाला है.. क्या करूँ?
उसने कहा कि मेरे मुहं में ही छोड़ दो. फिर यह बात सुनकर तो जैसे में एकदम चकित हो गया और मैंने पूरे जोश में आकर उसके मुहं को चोदना शुरू कर दिया. करीब 10-15 झटको के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा सारा माल पी गयी और थककर बिस्तर पर गिर गयी.. उसके बिस्तर पर गिरते ही मुझे उसकी चूत दिख गयी और में फिर से उस पर टूट पड़ा. फिर वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? मैंने कहा कि यह मेरी बात मानने का तोहफा.. वो बस मुस्कुराई और मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
फिर कुछ देर के बाद उसने फिर से मोन करना शुरू कर दिया और क़रीब 15 मिनट के बाद वो आहह उह्ह्हह्ह आईईईईईइ के साथ झड़ गयी और मैंने एक बार फिर से उसकी चूत का रस पी लिया और उसके साथ बिस्तर पर आकर लेट गया.
मेघा : आलोक तुम बहुत अच्छे हो.. धन्यवाद. तुमने मुझे आज पहली बार ऐसा अहसास दिलाया.
में : क्यों अच्छा लगा ना?
मेघा : हाँ बहुत.. मुझे इससे अच्छा कभी नहीं लगा.
में : तुम्हे इससे भी अच्छा लग सकता है.. अगर तुम मेरी बात मानो तो.
मेघा : क्यों अब क्या बचा है?
में : वही जो तुमने शुरू में मना किया था.
मेघा : नहीं आलोक.. वो सब नहीं.
में : प्लीज़ मेघा हमारा हनीमून है यार और ना जाने ऐसा मौका फिर कब मिलेगा?
मेघा : मिलेगा ना.. हमारी शादी के बाद.
में : हाँ यार.. लेकिन उसमे अभी बहुत टाईम है और अब मुझसे इतना इंतजार नहीं होगा.. प्लीज़ में वादा करता हूँ कि तुम्हे बहुत मज़ा आएगा.
मेघा : क्या मज़ा? मैंने तो सुना है.. इसमें बहुत दर्द होता है.
में : वो सिर्फ 5 मिनट रहता है और उसके बाद जो मज़ा आता है.. उसके आगे यह मज़ा कुछ भी नहीं.
मेघा : ऐसा क्या ( एक शरारती हंसी के साथ ).. लेकिन तुम्हारे पास तो कंडोम भी नहीं है?
में : अरे यार एक पति पत्नी को कंडोम की क्या जरुरत है? और वैसे भी मुझे एड्स नहीं है.
मेघा : नहीं वो बात नहीं है.. यह सिर्फ एक सुरक्षा के लिए.
में : यार तुम एक कंडोम के पीछे इतना रोमेंटिक मौका खराब करोगी और सुरक्षा का क्या है? सुरक्षित रहने के लिए सुबह एक आईपिल खा लेना.. क्या में अब कुछ करूं?
मेघा : हाँ ठीक है ( शरमाते हुए )
फिर में फ़ौरन उठकर गया और टेबल पर रखी हुई तेल की बोटल उठा लाया और बहुत सारा उसकी चूत पर लगाया और फिर अपने लंड पर लगाया.. उसके बाद मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखा.. उसकी चूत इतनी गरम थी.. मानो उससे आग निकल रही हो.
फिर मैंने थोड़ी देर लंड को उसकी चूत पर रगड़ा.. शायद मेरे ऐसा करने से वो बैचेन होने लगी और छटपटाने लगी और कहने लगी कि प्लीज जल्दी करो. फिर मैंने सोचा कि यही मौका है और मैंने उससे बोला कि थोड़ा दर्द होगा.. तुम सहन करना और उसने कहा कि ठीक है.. लेकिन मुझे पता था कि मेरा लंड जब भी उसकी सील तोड़ेगा.. तो वो ज़रूर चिल्लाएगी और इसलिए मैंने उसको किस करना शुरू कर दिया और जब उसका उस तरफ ध्यान नहीं था.
मैंने पहला धक्का लगाया.. उसने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून मारने शुरू कर दिए और मुझे चोदने को कहने लगी.. लेकिन मैंने उसको किस करना लगातार जारी रखा और एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया और सील टूटते ही मानो उसकी जान गले तक आ गयी और उसने अपने आपको मुझसे छुड़ाने की बहुत कोशिश की.. लेकिन मैंने उसको किस करना जारी रखा.
फिर थोड़ी देर बाद वो शांत हुई और उसने अपनी गांड को हिलाना शुरू कर दिया और में समझ गया कि यह चुदवाने के लिए तैयार है और मैंने अपने होंठ उसके होंठ से हटा लिए और धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किए. पहले तो मैंने हल्के हल्के धक्के लगाए और फिर धीरे धीरे मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी. फिर वो भी अब अपनी गांड हिला हिलाकर मेरा साथ दे रही थी और साथ ही साथ बोल रही थी.. ओहह्ह्ह उह्ह्ह्ह चोदो अह्ह्ह चोदो मुझे और ज़ोर से अह्ह्ह. फिर यह सुनकर मेरी स्पीड और बढ़ गई और करीब आधे घंटे बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ और इस दौरान वो 4 बार झड़ चुकी थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि कहाँ पर झड़ना है? तो उसने कहा कि अंदर नहीं. फिर मैंने कहा कि क्या हुआ.. तुम आईपिल तो ले रही हो. फिर क्या टेन्शन है? उस टाईम वो बहस करने की हालत में नहीं थी.. वो बस आहहउहह ओह अह्ह्ह्हह कर रही थी. फिर करीब 5 मिनट के बाद मेरा बदन अकड़ गया और मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया और हम दोनों इसी हालत में करीब आधा घंटा पढ़े रहे. फिर उसके बाद में उठा और बाथरूम में जाकर अपना लंड साफ किया और जब में वापस आया.. तो मैंने देखा कि बिस्तर पर खून ही खून है और मेघा करीब बेहोशी की हालत में पड़ी.. कराह रही है और अब उसकी चूत शायद फट गयी थी.. लेकिन मेरे अंदर की भूख अभी भी शांत नहीं हुई थी. फिर में उसके पास गया और उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया? तो उसने हाँ में अपना सर हिलाया.
फिर मैंने पूछा कि क्यों और मज़ा करना है? तो उसने बस हल्की सी स्माईल दी.. शायद वो सच में मुझे अपना पति मान चुकी थी. फिर मैंने उसको उल्टा किया और घोड़ी बनाया और वो बैचारी बार बार गिर रही थी. फिर मैंने उसको कसकर पकड़ लिया और थोड़ी देर बाद उसमे थोड़ी जान आई.. तो वो सीधी हुई. फिर मैंने बहुत सारा तेल इसकी गांड के छेद पर लगाया और बहुत सारा अपने लंड पर लगाया.. वो कुछ भी कहने की हालत में नहीं थी.
फिर मैंने अपने हाथ से उसके मुहं को ढक लिया और एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया और लंड डलते ही मानो उसमे नयी जान आ गयी और उसने मेरा हाथ हटाना शुरू कर दिया.. लेकिन मैंने भी अपना हाथ नहीं हटाया और तसल्ली से उसकी गांड मारता रहा और थोड़ी देर बाद वो शांत हुई और उसने भी मेरा साथ देना शुरू किया और करीब 15 मिनट उसकी गांड मारने के बाद में उसकी गांड में झड़ गया और अब में इतना थक चुका था कि मुझसे कुछ भी नहीं हो रहा था.. इसलिए मैंने मेघा को सीधा किया और उसकी चूत में अपना लंड डालकर उसके ऊपर ही लेट गया और हम दोनों करीब 3-4 घंटे ऐसे सोते रहे.
फिर जब में उठा तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था और मैंने सोते हुए ही मेघा को चोदना शुरू कर दिया.. वो जाग गयी और उसने भी मेरा पूरा साथ दिया और में फिर से उसकी चूत में झड़ गया और इसके बाद मैंने मेघा को गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया.. क्योंकि उससे खुद चला भी नहीं जा रहा था.. वहाँ पर जाकर मैंने उसकी चूत साफ की और उसको अपने हाथ से नहलाया और उसके बाद हमने बाथरूम में भी सेक्स किया.
फिर मैंने अगले पूरे दिन कई बार मेघा की चूत और गांड मारी और मार मारकर उसकी गांड और चूत का भोसड़ा बना दिया और शाम को उसे एक आईपिल लाकर दे दी और आने वाले 4 महीने मैंने जी भरकर उसकी गांड और चूत मारी और अब वो मेरी पर्सनल रंडी बन चुकी थी. जब मेरा मन करता था.. में उसे ले जाकर जी भरकर चोदता था और वो भी बिना कंडोम के और ऐसे जमकर 4 महीने उसकी चुदाई करने के बाद मैंने उससे शादी करने से मना कर दिया. यह बोलकर कि मेरे घर वाले नहीं मान रहे और उसने कुछ भी नहीं किया.. सिर्फ़ मुझसे शादी करने के लिए मेरे आगे हाथ जोड़ती रही. आज भी वो मेरे प्यार में पागल है.. लेकिन दोस्तों अब उसकी चूत में वो बात नहीं रही और अब उसकी चूत एक चुदी हुई रंडी जैसी हो गयी है.
Share:

ट्यूशन में कुवांरी स्टूडेंट को चोदा


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम अनिल है और मेरी उम्र 24 साल है. में एक टीचर हूँ और बच्चो के घर पर जाकर उन्हे ट्यूशन पढ़ता हूँ.. क्योंकि किसी के घर पर जाकर पढ़ाने से ठीक ठाक कमाई हो जाती है और दूसरा कभी कभी स्टूडेंट की मम्मी, बुआ, आंटी से भी रिश्ते बन जाते है. खैर अब में आपको एक मजेदार कहानी सुनाऊंगा जो मेरे और मेरी एक स्टूडेंट के साथ हुई एक सेक्सी कहानी है.

यह करीब 15 महीने पहले की बात है.. मुझे उस वक्त एक एक ट्यूशन पढ़ाने का ऑफर मिला.. मुझे लड़की को पढ़ना था और वो 12वीं में इंग्लीश की स्टूडेंट थी और मेरी 1200 रूपये महीने में बात हुई.. तो में उसे पढ़ाने जाने लगा. वो लड़की सोम्या 18 साल की थी और वो बहुत गोरी थी. उसकी स्माइल गजब की थी.. उसके छोटे छोटे बूब्स, छोटी सी ही गांड.. लेकिन उसके लंबे बाल कमर तक आते थे. वो अब धीरे धीरे जवान हो रही थी और मैंने उसको सिर्फ़ 4 महीने पढ़ाया. फिर उसके बाद मेरी किसी पर्सनल प्राब्लम के कारण मैंने उसे पढ़ाना छोड़ दिया.. लेकिन फिर भी उसके पेपर में बहुत अच्छे नंबर आए.
तो इस साल भी मुझे उसको पढ़ाने के लिए बुलाया गया.. वो गर्मियो की छुट्टियों के बाद जुलाई में करीब 5 महीने पहले जब मैंने उसको देखा तो में एकदम दंग रह गया.. क्योंकि जिस लड़की को मैंने पढ़ाना छोड़ा था.. उसमें और इस वक़्त जो लड़की मैंने देखी थी.. कुछ ही महीनो में उसमे बहुत बदलाव आ गए. उसके बूब्स एकदम बहर निकल आए थे, उसकी गांड भारी हो गई, चेहरा जवानी से खिल गया था और अब वो बिल्कुल जवान हो गई थी. उसका ऐसा भरा पूरा बदन था कि वो किसी के भी सपने में आ जाए तो लंड का पानी निकल जाए. उसके एकदम टमाटर से गाल और कोई भी उसके इस रूप को देखकर मचल उठता.
फिर मैंने उसको पढ़ाना शुरू कर दिया.. इस साल में उसको पढ़ाने की जगह खुद उससे पढ़ने लगा था और में हर वक़्त उसके बूब्स, बदन को घूरने में लगा रहता और में कोशिश करता कि कैसे भी उसको छू सकूँ.. लेकिन में इसी कोशिश में कई बार उसके गाल को सहलाता या पीठ पर हाथ फेर देता. तो एक दिन सोम्या लोवर पहन कर पढ़ने आई और कुछ देर बाद मेरी नज़र साईड से उसके लोवर पर गई.. लोवर थोड़ा नीचे था. लेकिन उसने पेंटी नहीं पहनी हुई थी और मैंने भी एकदम सही मौका देखकर उसके लोवर में 4 उंगलियाँ डालकर पकड़ लिया.. जिसकी वजह से में उसकी कमर या जाँघ छू सकूं और नीचे कर दिया और वो बोली कि सॉरी सर.
मैंने कहा कि क्या अंदर कुछ नहीं पहना.. जिसकी वजह से यह नीचे सरक गया. तो वो शरम से सर झुकाकर मुहं फेरकर शायद मुस्कुरा गई.. मैंने तभी कहा कि इसमे किसी की ग़लती नहीं है. तुम्हारी चमड़ी ही इतनी मुलायम, चिकनी है कि उस पर से कपड़े सरक जाते है.. जैसा नाम वैसा ही शरीर और वो मुझे देखने लगी. तो मैंने उसके चेहरे पर हाथ फेरकर कहा कि चलो अब अपना सवाल करो.. लेकिन दोस्तों उस दिन उसने बिना मन ढंग से पढ़ा और उसके अगले दिन से ही मुझे उसके व्यहवार में बदलाव दिखने लगा. अब वो मुझसे सटकर बैठने लगी और जब कोई आता तो वो एकदम सरककर दूर बैठ जाती और इन तीन चार दिनों में मुझे अहसास हो गया कि अगर इसको ढंग से हेंडल कर लिया जाए तो यह फंस जाएगी.
फिर मैंने बहुत सोचा कि क्या करूं? फिर मेरे दिमाग़ में एक विचार आ गया और जब में अगले दिन उसे पढ़ाने गया तो मैंने उसकी संस्कृत की किताब में चुपके से लड़के, लड़की की सेक्सी सीन वाली पतली सी एक किताब रख दी.. क्योंकि में अच्छी तरह से जानता था कि इसको संस्कृत समझ में नहीं आती है.. तो वो इस किताब कम पढ़ती है. फिर अगले दिन मैंने उसको पढ़ाना शुरू किया और करीब 20 मिनट पढ़ाने के बाद मैंने उससे कहा कि सोम्या आज हम संस्कृत पढ़ेगे.. तुम अपनी किताब निकालो.
उसने अपनी संस्कृत की किताब निकाली और फिर मैंने कहा कि 7वां पेज खोलो और उसने ज्यो ही किताब खोली तो उसमे से वो छोटी सी किताब निकल आई.. वो एकदम चकित हो गई और हड़बड़ाकर उसे मुझसे छुपाने लगी. तो मैंने कहा कि क्या छुपा रही हो.. क्या अपनी मार्कशीट छुपा रही हो? दिखाओ.. इधर लाओ वो कुछ भी नहीं बोली.. लेकिन इसके पहले वो कुछ कर पाती मैंने दोनों किताब उसके हाथ से छीन ली और एकदम उससे अंजान बनकर खोलकर देखने लगा और मैंने जैसे ही वो किताब देखी तो कहा कि ओह भगवान सोम्या तुम अभी से यह किताब देखने लगी हो? तो वो एकदम सहम सी गई और बोली कि नहीं नहीं सर वो सर मुझे पता नहीं यह कहाँ से आई? तो मैंने कहा कि सच सच बताओ यह कहाँ से लाई हो वरना अभी तो मैंने देखी है.. लेकिन अब तुम्हारे पापा, मम्मी को दिखाऊंगा.. लेकिन वो अब क्या बोलती?
फिर वो अब एकदम उदास होकर बोली कि सच में नहीं जानती कि यह कहाँ से मेरे बेग में आई? तो मैंने अपना हाथ आगे बढ़ाकर उससे कहा कि यह लो रख लो इसे और जिससे लाई हो उसी को लौटा देना और में खुद उसे थोड़ा बहुत पढ़ाकर चला आया. फिर अगले दिन वो एकदम डरी डरी मेरे पास पढ़ने आई और मैंने उसे थोड़ी देर पढ़ाने का नाटक किया और फिर उससे पूछा कि वो किताब वापस की या नहीं.. तो वो बोली कि सर में खुद नहीं जानती कि वो किताब मेरे पास कहाँ से आई? तो में बोला कि कहाँ गई वो किताब लाओ मुझे दो.. में उसे कहीं दूर फेंक दूंगा.
वो बोली कि सर वो तो मैंने अंदर छुपा दी.. में उसे डांटने लगा और कहा कि नालयक जहाँ ना फंसना हो वहां पर फंसोगी.. जाओ लेकर आओ और वो जल्दी से गई और खाली हाथ वापस आई. तो मैंने कहा कि कहाँ गई किताब तो उसने सूट में हाथ डाला और सलवार में फसी हुई किताब बाहर निकालकर मुझे दी. तो मैंने कहा कि बहुत अच्छे.. अब तुम छुपाने के तरीके भी सीख गई.. लेकिन वो बहुत उदास सी दिख रही थी.
फिर मैंने उस किताब को अपनी जेब में रख लिया और उससे पूछा कि कल से अब तक तुमने इस किताब का क्या किया? तो वो एकदम चुप थी.. मैंने कहा कि तुमने कल यह देखी है या नहीं.. सच सच बताओ? तो वो बोली कि हाँ एक बार देखी थी. तो मैंने पूछा कि क्या देखा था? तो वो बोली कि उसमे बहुत गंदी गंदी फोटो थी. तो मैंने कहा कि क्या तुमने वो सारी फोटो देखी? तो वो बोली कि हाँ और मैंने कहा कि तुम्हे कैसे पता कि यह गंदी है और अब में उसका जवाब सुनकर बहुत खुश हो गया..
वो बोली कि वो सब पापा, मम्मी छुपकर रात में करते है. अब मेरा दांव सही बैठ गया और मैंने कहा कि ओह तो तुम अब रात में भी जागने भी लगी हो? तो वो मुझे देखने लगी और वो बोली कि नहीं सर वो एक बार ग़लती से देखा था. तो मैंने कहा कि बहुत बढ़िया.. क्या कुछ अच्छा लगा या यूँ ही टाईम पास किया? तो वो एकदम शरमा गई और मैंने आइडिया लगा लिया कि यह अब वो सब देखकर एकदम मस्त हो चुकी है और मैंने दोबारा से कहा कि क्या क्या देखा? तो वो बोली कि वो सब कुछ जो उस किताब में था.
फिर मैंने ठीक है कहा और बोला कि क्या कभी किया तो नहीं यह सब? वो बोली कि नहीं सर नहीं किया. मैंने उसके कंधो पर हाथ रखकर कहा कि देखो सोम्या तुम मुझे बताओ में सब कुछ एकदम सही कर दूंगा और घर में किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा. तो वो बोली कि सर मैंने कुछ नहीं किया और फिर मैंने कहा कि ठीक है और वो दिन निकल गया. उसके अगले दो दिन तक में उसको पढ़ाने नहीं जा पाया और तीसरे दिन में वहां पर गया.. वो जब आई तो एकदम चुप थी और उसने मुझसे पूछा कि आप दो दिन क्यों नहीं आए? तो मैंने कहा कि तुम बहुत झूठ बोलती हो इसलिए में नहीं आया.
वो बोली कि सच में सर मैंने आप से कोई झूठ नहीं बोला बस एक बात छुपाई थी. तो मैंने कहा कि वो क्या? और वो बोली कि सर इस साल गर्मियों के समय में अपनी मौसी के यहाँ पर गई थी. वहां पर दीदी ने मुझसे गंदी गंदी बातें की थी.. यह सब बताया था और कहा था कि अगर तुम रात में जागकर मम्मी, पापा को देखोगी तो ज़्यादा मज़ा आएगा.. इसलिए मैंने एक बार वो देखा था. फिर मैंने कहा कि और क्या क्या हुआ था वहां पर.. सच सच बताना. तो वो बोली कि दीदी ने एक लकड़ी का डंडा मुझसे अपनी उसमें डलवाया था.. तो मैंने कहा ओह भगवान आप मुझसे क्या करवा रही हो? और दीदी ने एक बार मेरी इसमे भी डाला था.
तो मैंने कहा कि कैसे क्या हुआ था? तो वो बोली कि मुझे बहुत ज़्यादा जलन हुई थी और खून भी निकला था.. लेकिन मुझे कुछ देर के बाद में बहुत अच्छा लगा था. तो मैंने कहा कि सच सच बताओ यह सब कितनी बार किया? और यह काम कब करती थी? तो वो अब एकदम खुलकर जवाब देने लगी और बोली कि रात में हम दोनों एक साथ में सोते थे. हम उस समय यह करते थे और बस 4 बार किया.
मैंने कहा कि ठीक है चलो जो हुआ सो हुआ.. लेकिन तुम्हे मज़ा आया कि नहीं? तो वो थोड़ा सा हंसी और हाँ बोली. तो मैंने अपनी पेंट में तन चुके लंड की तरफ इशारा करके उससे कहा कि तुम अगर लकड़ी की जगह इसको वहां पर डालती तो कुछ ज़्यादा मज़ा आता और वो बहुत गौर से पेंट का उठा हुआ हिस्सा देखने लगी.
फिर मैंने कहा कि जल्दी से इसे पकड़कर देखो.. क्या वो लकड़ी इससे मोटी थी और उसने अपना एक हाथ थोड़ा आगे की तरफ किया. तो मैंने खुद ही उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और कहा कि अब बताओ? तो वो बोली कि इससे पतला था और मैंने उसके हाथ में ही लंड को पकड़े हुए दो तीन बार ऊपर नीचे किया और फिर उसका हाथ हटा दिया और मैंने कहा कि क्या देखोगी इसको? तो वो बोली कि अगर कोई आ जाएगा तो? फिर मैंने कहा कि बाहर निकाल लूँ.. अगर कोई आ गया तो ऊपर से किताब रख लूँगा.. तो तुम देख लेना.
उसने हाँ में सर हिलाया और मैंने बिना वक़्त बर्बाद किये जिप खोल ली और ऊपर किताब रख ली और उससे कहा कि लो देखो. तो वो नीचे झुककर देखकर बोली कि यहाँ तो कुछ भी नहीं है. तो मैंने कहा कि पगली हाथ लगाकर देखो.. उसने हाथ लगाया और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया और फिर मैंने कहा कि अब जल्दी से निकाल कर देख लो. तो उसने मेरी अंडरवियर में हाथ डाला.. तो मेरी झांटो में फंसता हुआ नर्म उँगलियों वाला हाथ मेरे लंड पर पहुंच गया.
फिर उसने लंड को बाहर निकाला और देखकर शरमाते हुए कहा कि यह तो बहुत मोटा और लंबा है.. मैंने कहा कि क्यों अच्छा है? वो बोली कि हाँ और फिर मैंने कहा कि अब इसे अंदर कर दो बाकी का कल देखना. दोस्तों मुझे डर था.. क्योंकि उसकी मम्मी कभी भी चाय लेकर आ जाती थी और मेरा प्लान सही जा रहा था. फिर अगले दिन मैंने कहा कि सोम्या कल कैसा लगा था? वो मुहं मोड़कर बोली कि अच्छा लगा था और मैंने कहा कि मुझे भी अच्छा लगा था. तुम्हारे हाथ बड़े नरम है क्या और पकड़ोगी? तो उनसे अपना सर हाँ में हिलाकर जवाब दिया और मैंने उसी तरह एक किताब रखकर उससे लंड को बहर निकलवाया और सहलाने को कहा.. वो किसी अनुभवी की तरह मेरे लंड की मुठ मारने लगी.. फिर कुछ देर के बाद मैंने उससे कहा कि बस अब रहने दो और जिप लगाकर जैसे तैसे पढ़ाई ख़त्म की.. लेकिन अब तो लगभग में हर रोज उससे मुठ मरवाता, उसकी जांघे सहलाता, एकदम कड़क बूब्स को भी दबाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आता था. फिर एक दिन बूब्स दबाते वक़्त जब वो मस्ती में अपनी दोनों आखें बंद किए हुई थी.. तो मैंने उससे पूछ लिया कि सोम्या कितना अच्छा होता अगर में यह तुम्हारी इसमे डालकर मज़ा देता.
वो एकदम से बोली कि हाँ सर मुझे बहुत मज़ा आता और फिर मैंने कहा कि क्या करवाएगी?
वो बोली कि हाँ.. लेकिन तभी किसी के आने की आहट से हम नॉर्मल हो गए और अब मैंने दिमाग़ लगाया कि यह तो लगभग फंस गई है.. लेकिन अब इसको चोदूँगा कहाँ और कैसे? और में उसी उधेड़ बुन में लगा रहता.
तभी अचानक से एक दिन में जब उसको पढ़ाने के लिए गया तो करीब दस मिनट बाद उसकी मम्मी आई बोली कि सोम्या में बाजार जा रही हूँ और सर के जाने के बाद दरवाजा अंदर से ढंग से लगा लेना और में जल्दी आ जाउंगी.
फिर वो चली गई.. तो सोम्या उठकर गई और दरवाजा लगाकर आई.. तो मैंने उसका एक हाथ पकड़कर खींचा और उसे अपने ऊपर बैठा लिया और उसके दोनों बूब्स दबाने लगा, उसे चूमने लगा, तुम बहुत अच्छी हो सोम्या कहने लगा और वो भी मुझसे कहने लगी और उसकी साँसे तेज हो गई. तो मैंने जल्दी से उसको अलग किया अपना लंड बाहर निकालकर उसे पकड़ा दिया और कहा कि लो आज देख लो इसे और वो मेरे लंड को पकड़कर देखने लगी. तो मैंने उससे कहा कि किस कर लो इसको और उसने किस किया.. मैंने सोचा कि आज एक बार इसे चोद लूँ वरना ना जाने कब किसी कुवांरी लड़की को चोदने का मौका मिलेगा? तो मैंने उसको सोफे पर लेटाया उसकी लेगी और पेंटी को नीचे किया और उसकी कुवांरी चिकनी चूत देखकर में किस किए बिना नहीं रह पाया.
मैंने जब किस किया तो वो सईईइ अह्ह्ह्हह करके सिसक उठी और सिसकियाँ लेने लगी. तो मैंने उसकी चूत पर थूक लगाया और अपनी एक उंगली अंदर डाल दी और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी.. अह्ह्ह्ह उह्ह्ह माँ सर नहीं सर अह्ह्ह. तो मैंने जल्दी जल्दी उंगली चूत में चलाई और में उसके बूब्स भी दबा रहा था. वो अहह सस्स सीसिसीसिस ससीसी सररररररर नहीं अह्ह्ह कहती रही और बहुत ज़ोर से मेरे हाथ को पकड़े हुए थी.
तो मैंने देखा कि वो अब मज़े करने लगी है.. तो मैंने लंड पर बहुत सारा थूक लगाया और लंड को चूत से सटा दिया. उसकी चूत बहुत गरम थी और में अच्छी तरह से जानता था कि यह मेरे लंड का दर्द ना सह पाएगी.. तो मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथों से कसकर पकड़ लिया और उसके होंठो को मुहं में भर लिया और फिर पूरी ताक़त से एक धक्का देकर लंड को अंदर डाल दिया.. वो मेरी पकड़ से छूट ना पाई.. लेकिन मेरे मुहं से उसके होंठ बाहर निकल गए और वो ज़ोर ज़ोर से आह्ह्ह्ह अईईईईईईइ चीखी.. नहीं प्लीज इसे बाहर निकालो सर मुझे नहीं करवाना.. आह्ह्ह्हह प्लीज छोड़ दो अह्ह्ह मुझे सर प्लीज़ और रोने लगी.
मैंने फिर से एक धक्का मारकर पूरा का पूरा लंड अंदर कर दिया और वो लगातार चीख रही थी. तो मैंने कहा कि बस डार्लिंग हो गया अब दर्द नहीं होगा. तो वो रोते हुए बोली कि नहीं अआह्ह्ह्हह्ह नहीं सर प्लीज अह्ह्ह्ह प्लीज बाहर निकाल दो और वो अपनी कमर उठाने लगी, हिलाने लगी. तो मैंने भी अपना दबाव लगाया और चोदना शुरू कर दिया 20-25 धक्को के बाद वो शांत होने लगी.
मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिये.. उसके बूब्स दबाकर उसको चूमते हुए चोदने लगा वो आह्ह्ह उह्ह्हह्ह माँ सर आह्ह्ह कहते हुए अचानक और करो हाँ और ज़ोर से करो आह्ह्ह्ह सर आह्ह्ह्ह कहने लगी. तो में भी अपनी पर आ गया और लगातार धक्के देकर चोदने लगा. वो मुझसे लिपटने लगी, मुझे चूमने लगी.. वो अब पूरे जोश में थी और मुझे उस कुवांरी लड़की को चोदने में जो मज़ा आ रहा था.. पूछो मत और उसकी आह्ह्ह उह्ह्ह्ह.. सिसकियाँ सुनकर मेरा जोश बढ़ गया था. में और जल्दी जल्दी धक्के देकर चोदने लगा और मैंने चोदना जारी रखा और 15 मिनट तक लगातार चोदने के बाद मेरा वीर्य बाहर आने वाला था..
मैंने तेज़ी से लंड को बहर निकालकर एक बार में पूरा के पूरा अंदर किया. तो उसको एकदम हिचकी आ गई.. मैंने लंड निकाला उसके हाथ में पकड़ाकर मुठ मरवाई.. 4-6 बार हिलाते ही लंड ने पिचकारी छोड़ दी और मेरा गरम गरम लावा उसके हाथ में भी लग गया. तो मैंने रुमाल से उसका हाथ साफ किया और उसने मेरा हाथ पकड़कर चूम लिया.. फिर में उसके ऊपर लेट गया और कहा कि तुम बहुत अच्छी हो सोम्या और उसने भी जवाब में कहा कि आप भी बहुत अच्छे. फिर हम दोनों कुछ देर बाद अलग हुए और कपड़े पहने.. उसको थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा था. फिर मैंने उसको गोद में बैठाया उसके जिस्म को सहलाया, चूमा उसका थोड़ा दर्द कम किया. फिर में कुछ देर के बाद उसके घर से निकल आया.. अब उसके बाद हम लोगों को जब भी मौका मिलता है.. तो हम चुदाई कर लेते है.
Share:

आंटी ने दिया चुदाई का न्योता


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राहुल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 24 साल है.. में दिखने में बहुत अच्छा लगता हूँ और यहीं दिल्ली में रहकर एक बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी करता हूँ. दोस्तों अब आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह कहानी आज से तीन महीने पहले की है और यह एक सच्ची घटना है जो कि मेरे साथ हुई है. दोस्तों आज में इसे आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ और में जब भी टाईम मिलता है.. इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ क्योंकि मुझे बहुत अच्छा लगता है और मेरे मन को बहुत सन्तुष्टि मिलती है.. क्योंकि में एक दो दिन में स्टोरी को पढकर मुठ जरुर मार लेता हूँ.
दोस्तों एक दिन में अपने दोस्त के यहाँ से कटरा की बस में से वापस आ रहा था और रविवार का दिन होने के कारण बस में कुछ ज़्यादा भीड़ नहीं थी. में लेडीस सीट के बिल्कुल पीछे वाली सीट पर बैठ गया और कुछ देर के बाद मेरे पास वाली सीट पर एक आंटी आकर बैठ गई जो कि उम्र में करीब 32 या 34 की होगी.. वो बहुत ही सुंदर और हॉट दिख रही थी. में उसे पीछे मुड़कर देख रहा था और वो समझ गयी कि में उसे देख रहा हूँ. तो थोड़ी देर के बाद वो भी मुझे देखकर स्माईल देने लगी और में बहुत खुश हुआ.. लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि में उससे बात करूं.
उसने मुझसे पूछा कि आपको कहाँ जाना है? और मैंने उसे बता दिया.. धीरे धीरे वो मुझसे और बातें करने लगी और कुछ देर बाद वो मेरे पास वाली सीट पर आकर बैठ गई. फिर जब भी बस के ब्रेक लगते तो वो एकदम मुझसे और भी चिपक जाती और में भी मौके का फायदा उठाकर उसके बड़े बड़े बूब्स को छू लेता.. लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती.. वो सिर्फ मुस्कुरा देती और में उस मौके का पूरा पूरा फायदा उठाता गया.
कुछ देर के बाद उसने मुझे बताया कि उसके पति की दिल्ली में सॉफ्टवेयर की दुकान है और उसका एक 7 साल का लड़का भी है और मुझे उसकी बातों से लग रहा था कि वो मुझमें रूचि ले रही है.
फिर थोड़ी देर के बाद मेरा स्टॉप आने वाला था तो मैंने हिम्मत करके अपने बेग से एक पेपर निकाला और उसमे अपना मोबाईल नंबर लिखकर वहीं अपनी सीट पर गिरा दिया और उतर गया. तो अगले दिन में जब ऑफिस से आ रहा था तो मुझे उस आंटी का कॉल आया और उसने बताया कि वो पेपर उसने उठा लिए था जो मैंने वहाँ पर फेंक दिया था और उस दिन से हर रोज मेरी उससे बात होने लगी और जब भी मेरी उससे बात होती थी.. तो में केवल उसे चोदने के बारे में सोचता था और फोन पर बात करते करते में उससे धीरे धीरे पूरी तरह खुल गया और हम लोग अब सेक्स की बातें करते थे.
एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया.. में बहुत खुश हुआ और उस दिन में ऑफिस से छुट्टी लेकर सीधा उसके घर पर चला गया. वो कानपुर की रहने वाली थी और उसने किराए पर एक कमरा ले रखा था और में जब उसके घर गया तो उसने एकदम सेक्सी कपड़े पहने हुए थे जिसमे से उसके बूब्स बाहर आने को बैचेन थे और में उसके जिस्म को देखकर पागल होने लगा और मेरा लंड धीरे धीरे अपने आकार को बदलने लगा था. तभी उसने मेरी लंड की इस हरकत को समझ लिया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
फिर कुछ देर बाद उसने मुझे बताया कि उसका पति दुकान पर गया हुआ है और उसका लड़का स्कूल गया हुआ है. तो में समझ गया कि वो मुझे अपनी चुदाई का न्योता दे रही है और शायद वो आज मुझसे अपनी चूत की खुजली मिटाना चाहती है क्योंकि वो मुझे अपनी और आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ कर रही थी. फिर उसने मुझे पानी लाकर दिया और में सोफे पर बैठकर पानी पीने लगा.. लेकिन अब भी मेरी तिरछी नजर उसके बूब्स पर ही टिकी हुई थी और उसकी नजर मेरे ऊपर थी.
हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे. तो कुछ देर बैठकर बात करने के बाद उसने बोला कि तुम बैठो में अभी दो मिनट में नहाकर आती हूँ और वो बाथरूम में चली गयी और जब वो वापस आई तो उसने एक काली कलर की मेक्सी पहन रखी थी. दोस्तों में क्या बताऊँ वो उस मेक्सी में क्या लग रही थी? वो एकदम सेक्स की देवी लग रही थी और उसके बहुत बड़े बड़े बूब्स, उभरी हुई गांड, पतली कमर, गदराया हुआ बदन, सुराही जैसी पतली गर्दन, एकदम नशीली आखें और पानी में भीगा हुआ बदन जो कि उसके कपड़ो के अंदर से भी उसके गुप्तअंगो को दिखा रहा था.. जिससे उसका पूरा साईज मालूम हो रहा था. में तो उसे देखकर एकदम पागल हो गया और फिर वो कुछ लेने के लिए पीछे की तरफ मुड़ी और मैंने झट से सोफे से उठकर सीधा उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और किस करने लगा और मुझसे छुटने का नाटक करने लगी.. लेकिन कुछ देर बाद उसने मेरा विरोध करना बंद किया और साथ भी वो मुझे किस करने लगी.
फिर थोड़ी देर किस करने के बाद में उसे अपनी गोद में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया और मैंने उसे बेड पर लेटाकर उसके जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया और फिर कुछ देर के बाद मैंने एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए और मैंने अपने भी सारे कपड़े खोलकर उस पर टूट पड़ा.. हम दोनों उस समय पूरे नंगे थे और एक दूसरे को किस कर रहे थे और थोड़ी देर किस करने के बाद में उसके बूब्स को चूसने लगा और वो आहे भरने लगी और सिसकियाँ लेने लगी. में आधे घंटे तक उसके बूब्स को चूसता रहा.. उसके बाद हम लोग 69 की पोज़िशन में आ गये..
वो मेरा लंड चूस रही थी और में उसकी चूत चाट रहा था और इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और में उसका सारा पानी पी गया और फिर कुछ देर बाद मैंने बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ तो उसने बोला कि कोई बात नहीं मेरे मुहं में ही झाड़ दो और उसने भी मेरा सारा माल पी लिया और में सीधा होकर लेट गया. फिर 5 मिनट के बाद फिर से उसने मेरा लंड चूसकर खड़ा कर दिया और बोली कि मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है प्लीज़ मुझे चोदो. तो मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
वो बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी और बोली कि प्लीज इसे पूरा अंदर डालो और मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया.. तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.. वो चिल्ला उठी और बोली कि प्लीज़ थोड़ी देर रुक कर पूरा डालना. दोस्तों उसकी चूत बहुत टाईट थी और चुदाई के बीच में उसने मुझे बताया था कि उसके पति का लंड बहुत छोटा है और वो उसे संतुष्ट नहीं कर पाता है.
थोड़ी देर के बाद फिर से मैंने एक और ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर तक चला गया और उस समय मुझे लगा कि में किसी दूसरी दुनिया में हूँ और में उसे ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा. तो वो भी अपनी गांड उठाकर मेरे साथ अपनी चुदाई में मज़े ले रही थी और मुझसे चुदवा रही थी.. वो मुझे किस भी किए जा रही थी और फिर कुछ देर बाद वो बोली कि मुझे इतनी ख़ुशी आज तक नहीं मिली थी. थोड़ी देर के बाद में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेटा रहा और करीब 12 बजने वाले थे.
उसने मुझसे बोला कि एक घंटे के बाद उसे अपने लड़के को लेने स्कूल जाना है.. तो मैंने बोला कि में एक बार तुम्हारी गांड भी मारना चाहता हूँ तो उसने बोला कि आज तक उसके पति ने कभी उसकी गांड नहीं मारी है और वो साफ मना करने लगी और मेरे बहुत मनाने के बाद वो तैयार हुई.. लेकिन वो बोली कि अगर ज़्यादा दर्द हुआ तो वो नहीं करवाएगी. तो मैंने उससे तेल लाने को बोला और वो उठकर चली गई और तेल लेकर आई.. पहले तो मैंने 10 मिनट तक उसकी गांड को चाटा और उसके बाद में अपनी एक उंगली में तेल लगाकर उसकी गांड में डालने लगा. उसकी गांड में मेरी एक उंगली भी नहीं जा रही थी क्योंकि वो बहुत टाईट थी.. लेकिन मैंने किसी भी तरह अपनी पूरी कोशिश करके अपनी एक उंगली उसकी गांड डाली. तो वो दर्द से तड़पने लगी और बाहर निकालने को बोलने लगी.. लेकिन मैंने उसे बाहर नहीं निकाला और थोड़ी देर उंगली को अंदर बाहर करने के बाद उसकी गांड का छेद थोड़ा खुला हुआ था. फिर में कंडोम पर थोड़ा तेल लगाकर अपने लंड को उसकी गांड में डालने की कोशिश करने लगा.. लेकिन वो जा नहीं रहा था. वो हर बार फिसलकर बाहर निकल रहा था.
मैंने उससे बोला कि अपने मुहं पर एक कपड़ा डालो और मैंने उसकी गांड पर अपने लंड को रखकर एक ज़ोर का झटका दिया.. जिससे मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में चला गया.. लेकिन वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और दर्द से छटपटाने लगी और उसकी आँख से आंसू निकल रहे थे और वो लंड को बाहर निकालने को बोल रही थी.. लेकिन में थोड़ी देर तक वैसे ही रहा और उसके शांत होने का इंतजार करने लगा.
फिर जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने फिर से एक झटका लगाया और इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया और वो बोलने लगी कि प्लीज इसे बाहर निकालो नहीं तो मेरी गांड फट जाएगी.. लेकिन में बिना कुछ सुनते हुए उसे चोदने लगा और पहले तो वो मना करती रही.. लेकिन थोड़ी देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो वो मज़े से चुदवाने लगी. तो करीब 20 मिनट तक चोदने के बाद में उसकी गांड में झड़ गया और थोड़ी देर के बाद हम लोग उठे और फ्रेश होने एक साथ बाथरूम में चले गये और फ्रेश होने के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और वो अपने लड़के को लेने चली गयी और में भी उसे किस करके अपने रूम के लिए निकल पड़ा.
Share:

मौसा जी को चूत का दीवाना बनाया


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम पूजा है और मेरी उम्र 29 साल है और में जॉब करती हूँ. में आपको अपने साथ हुई एक सच्ची कहानी बताने जा रही हूँ. मेरी हाईट 5 फीट 3 इंच है और मेरा साईज 34-28-40 है. ये बात तब की है जब में 19 साल की थी.. मेरे घर में मेरे मौसा जी और मौसी हमारे साथ में ही रहते थे. मौसा जी की उम्र उस वक्त 35 साल की होगी.. वो दिखने में बहुत सीधे लगते थे.. लेकिन उनकी असलियत मेरे ही सामने खुली. में उस समय जवानी की दहलीज पर थी.. मेरे बूब्स धीरे-धीरे बड़े हुए जा रहे थे और मेरे कपड़े छोटे होते जा रहे थे.
हमारी स्कूल की ड्रेस एक नीली स्कर्ट और सफ़ेद शर्ट थी. शर्ट के अंदर ब्रा पहनने की मेरी आदत नहीं थी.. तो मेरे बूब्स का उभार साफ़ नजर आता था. कई बार मम्मी ने मुझे टोका भी था कि अंदर कुछ पहना कर लेकिन मैंने कुछ ध्यान नहीं दिया.
मेरी बॉडी बड़ी मस्त थी.. लेकिन मेरे चेहरे में ऐसा कुछ खास नहीं था और में सामान्य दिखती थी. में अपने सामने दूसरी लड़कियों को बॉयफ्रेंड बनाते देखती और मन मारकर रह जाती थी कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है और किसी ने मुझे कभी प्रपोज़ ही नहीं किया था.. तो जब में घर पर होती तो में नोटीस करती कि मौसा जी मुझे बड़े ध्यान से देखा करते है.
एक बार में स्कूल से वापस आई.. मैंने शर्ट के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे बूब्स काफ़ी बड़े लग रहे थे. हल्की- हल्की ठंड होने के कारण मेरे निप्पल भी टाईट हो गये थे और शर्ट के अंदर से दिख रहे थे. मैंने मौसा जी को मेरे बूब्स को घूरते हुए देखा.. पता नहीं मुझे क्या हुआ? में अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पाई और उन्ही के सामने उचक-उचक के चलने लगी.. जिससे कि मेरे बूब्स चलते हुए और उछले.. तो मेरे मौसा जी की तो नज़रे जैसे मेरे बूब्स से चिपकी ही जा रही थी. में ऐसा 5-10 मिनिट तक करती रही और मौसा जी बराबर मुझे घूरते रहे.
फिर मैंने देखा कि मौसा जी अपने होंठो पर अपनी जीभ फेर रहे थे.. जैसे उन्हें प्यास लगी हो. अपने बूब्स उछालते हुए में उनके पास गई.. वो अभी भी मेरे बूब्स को ही देख रहे थे. मैंने उनसे पूछा कि मौसा जी क्या हुआ? प्यास लगी है तो पानी लाऊँ क्या? मौसा जी अभी भी मेरे बूब्स को ही देख रहे थे और वही देखते हुए फिर अपने होठों पर जीभ फेरते हुए बोले हाँ पानी पिला दो.. बहुत प्यास लगी है. में समझ गई कि मौसा जी मेरे बूब्स के दीवाने हो चुके है. फिर हमारे इस तरह का सिलसिला शुरू हो गया.. में जब भी मौका मिलता मौसा जी के सामने छोटे कपड़े पहन के चली जाती.
कभी टाईट कुर्ती पहनती जिससे मेरे बूब्स बड़े-बड़े और गोल-गोल लगते और कभी छोटी स्कर्ट पहनकर मौसा जी के सामने नीचे झुक कर कुछ उठाने की कोशिश करती.. तो मौसा जी बड़े ही प्यार से मुझे निहारते रहते. यह सिलसिला बहुत दिनों तक चलता रहा. मुझे इसमे मज़ा आने लगा कि मौसा जी किस तरह मुझे देख कर जीभ से पानी टपकाते है.. लेकिन बेचारे कुछ कर नहीं पाते. मैंने डिसाइड किया कि इसे दूसरे लेवल तक पहुँचाने की स्टेज आ गई है. एक दिन मौसा जी और में टी.वी रूम में अकेले ही थे और में सोफे पर लेटी हुई थी और मैंने रज़ाई ओढ़ रखी थी.. मौसा जी भी उसी सोफे पर मेरे पैरो के पास बैठ कर टी.वी देख रहे थे. मैंने सोचा मौका सही है.
मैंने एक बड़े गले की पतली टी-शर्ट पहन रखी थी.. जो आसानी से मेरे कंधों से नीचे ऊतर जाती थी. मैंने धीरे से टी-शर्ट का गला नीचे खींचा और अपने बूब्स बाहर इतने निकाले कि इसमें मेरी बस निपल ही छुपी हुई थी बाकी सारा ऊभार बाहर था.
फिर मैंने मौसा जी को पीछे से हिलाते हुए कहा कि मौसा जी क्या देख रहे हो? मौसा जी ने टी.वी से अपना चेहरा हटा कर.. जैसे ही मेरी तरफ देखा.. तो देखते ही रह गये. मेरे बूब्स के ऊभार इतने मस्त लग रहे थे कि क्या बताऊँ? मेरा चेहरा भी उनके पीछे से नहीं दिख रहा था. मौसा जी की तो बस निगाहें ही पागल हो गई.. वो मेरे बूब्स को देखते हुए अपने हाथ को मेरे चेहरे की तरफ लाये और मेरे गालों पर अपना हाथ रखकर कहा कि प्यास लग रही है. फिर धीरे-धीरे उन्होंने अपना एक हाथ नीचे मेरे बूब्स के ऊभारो पर रख दिया.
में थोड़ी सी डरी.. क्योंकि मेरा यह पहली बार था कि मौसा जी ने मुझे इस तरह छुआ था. लेकिन उनके हाथ अपने बूब्स पर मुझे बहुत मस्त एहसास दिलवा रहे थे. में कुछ देर वैसे ही पड़ी रही और मौसा जी अपना हाथ मेरे बूब्स पर रखे हुये थे.
फिर उन्होंने अचानक से एक उंगली से मेरी टी-शर्ट का गला नीचे खींचा और मेरे निप्पल को बाहर निकाल दिया. मेरे निपल बहुत बड़े-बड़े और काले-काले है. मौसा जी मेरे निप्पल को देखे जा रहे थे.. इतने में मुझे रज़ाई के नीचे एक सरसराहट महसूस हुई. मैंने देखा कि रज़ाई के अंदर मौसा जी का दूसरा हाथ था और वो धीरे-धीरे मेरी स्कर्ट की तरफ बढ़ रहा था. फिर मैंने अपनी दोनों जांघे खोल दी और मौसा जी ने अपने हाथ सरकाते हुए मेरी स्कर्ट के अंदर हाथ डाला. फिर धीरे-धीरे मेरी चड्डी तक पहुँच गये. में बहुत छोटी चड्डी पहनती हूँ.. सिर्फ़ एक पतली स्ट्रीप ही मेरी चूत को कवर करती है. मेरी चूत एकदम चिकनी है और उस पर कोई बाल नहीं है. एकदम मखमली फूली फूली मुलायम सी चूत है.
फिर मौसा जी ने अपना हाथ मेरी चड्डी के अंदर डाल दिया और मेरी चूत को सहलाने लगे. यह मेरे लिए सेक्स का पहला स्पर्श था.. मैंने आँखें बंद कर ली और मौसा जी ने अपने हाथ को मेरी चूत के ऊपर फेरा.
फिर अपनी बीच की उंगली मेरी चूत की बीच की जगह में घुसा दी और मेरे दाने को सहलाने लगे.. मेरी चूत अपने आप गीली हो गई.. जिससे में मस्त हो रही थी. फिर मैंने अपनी जांघे और खोल दी.. मौसा जी का इस तरह मेरे चूत के दाने को रगड़ना मुझे पागल कर रहा था.. इसका सबूत था मेरी चूत.. जो नल की तरह पानी छोड़ रही थी.
मौसा जी मेरी चूत को अपनी बीच की उंगली से रगड़ रहे थे और मेरी लाईफ का एक नया अध्याय शुरू हो रहा था. वो अध्याय जिसने मेरी ज़िंदगी बदल दी.. मुझे एक औरत होने का एहसास दिलाया. उसके बाद में मौसा जी से खूब चुदी और उन पर अपनी पूरी जवानी कुर्बान कर दी. आज मेरी शादी हो चुकी है.. मेरे पति भी मुझे मस्त चोदते है. मुझे सेक्स की कभी भी कमी महसूस नहीं होती.. क्योंकि मुझे बहुत चुदक्कड़ पति मिला है. लेकिन आज जब भी में अपने घर जाती हूँ तो मौसा जी से जरूर चुदवाती हूँ.. क्योंकि अलग अलग लंड से चुदवाने का मजा ही अलग है.
Share:

अमीर औरत के साथ सेक्स


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम सूरज है और में नागपुर में रहता हूँ. मेरी लम्बाई 5.7 है.. में नागपुर में कॉलेज का स्टूडेंट हूँ. दोस्तों में आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहा हूँ.. जो कि पूरी सच्ची है. हम 4 स्टूडेंट थे और हमारे कॉलेज की छुट्टियां लगी हुई थी.. तो हमने डिसाईड किया कि हम घर नहीं जायेंगे.. हम यही नागपुर में रहेंगे और एन्जॉय करेंगे. तो दोस्तों हम नागपुर में ही रुक गये. हमें कुल 15 दिन की छुट्टी थी.. ये दिन हमे पूरी तरह से एन्जॉय करना था.
तो दोस्तों हम सब एक दिन घूमने गये और हम थोड़ा बहुत घूमने के बाद एक बीयर बार में बैठ गये और हमने बियर पी. में वैसे ज्यादा बियर नहीं पीता.. लेकिन पार्टी में पी लेता हूँ. हम सब बार में ड्रिंक करने के बाद बाहर आये.. तो हम मेन रोड़ के साईड में थे.. तो मेरे एक दोस्त की लॉटरी की शॉप दिख गई.. जो कि ऑन-लाईन गोल्डन लॉटरी थी और हम पैसे कमाने लॉटरी शॉप में चले गये. वहां टाईम कैसे निकल जाता था.. पता ही नहीं चलता था.
उसके पास में सिनेमा घर था.. तो बीच में हम वहां भी चले जाते थे. जब में लॉटरी की शॉप के बाहर खड़ा था.. तो वहां एक पुलिस वाला कार को लॉक लगा रहा था.. क्योंकि वो गाड़ी नो-पार्किंग एरिया में खड़ी हुई थी और में उस गाड़ी के पास ही खड़ा था.
थोड़ी देर बाद वहां एक औरत आई.. उसके साथ एक 6 साल का लड़का भी था.. क्या औरत थी यार कमाल की. उसने जींस पेंट और सलवार टॉप पहना था और उसकी स्किन टाईट थी.. जिससे उसकी गांड बाहर निकलकर दिख रही थी और बूब्स इतने बड़े थे कि मन कर रहा था कि बस अब जाकर पूरी तरह से मसल दूँ. वो बहुत गोरी थी और ऐसा लग रहा था कि वो किसी हाई प्रोफाईल अमीर फैमिली की मेंबर हो.
फिर जैसे ही वो गाड़ी के पास आई.. तो उसने देखा कि उसकी गाड़ी को लॉक लगा हुआ है. हैल्लो.. ये लॉक किसने लगाया.. उस औरत ने मुझसे पूछा.. में खुद को लकी महसूस कर रहा था कि उसने मुझसे पूछा. फिर मैंने उनसे बोला कि मेडम वो पुलिस वाले आये थे.. आपकी गाड़ी नो पार्किंग एरिया में थी तो वे इसे लॉक लगा गये.. वो घबरा गई और उसके चेहरे पर घबराहट साफ नज़र आ रही थी.. तो मैंने उनसे कहा कि घबराओ मत वहां एक पुलिस वाला है उनसे पूछो.. वो अपने लड़के के साथ उस पुलिस से पूछने चली गई.
जब मेरी पुलिस की गाड़ी पर नज़र गई.. तो मैंने मेडम को आवाज़ लगाई और उनके पीछे चला गया और मेडम से बोला कि वो पुलिस की गाड़ी वहां है.. वो गाड़ी निकलने ही वाली थी कि में तुरंत उसके पीछे भागा और उस गाड़ी को रुकवाया और पुलिस से बोला कि उस गाड़ी को लॉक लगा हुआ है प्लीज.. उसे खोलो.
जब तक वो मेडम अपने बच्चे को लेकर उस गाड़ी के पास आ गई थी. फिर पुलिस वाले ने उस मेडम को गाड़ी में बैठने को कहा.. मेडम बैठ गई और फिर उसने मुझे भी बैठने को कहा.. क्योंकि में भागकर बहुत थक गया था.. हम गाड़ी में बैठ गये. में मेडम के बगल में बैठ गया.. उसकी बॉडी मुझसे टच हो रही थी. मुझे उसकी बॉडी का एहसास हो रहा था और जगह कम होने की वजह से उसकी जींस पेंट में से उसकी गांड बाहर आ रही थी और एक साईड से जी स्ट्रिंग पेंटी पहने हुए साफ दिख रही थी.. वाह क्या नजारा था.
हम फिर उस मेडम की गाड़ी के पास आ गये.. पुलिस वाले ने वो लॉक खोल दिया और पुलिस ने उससे 1000 रुपये जुर्माना माँगा.. तो मेडम ने मुझसे बोला कि बहुत ज्यादा है.. प्लीज कुछ कम करवाओ. फिर मैंने बोला कि मेडम दवाई लेने गई थी.. उनके पति बीमार है. फिर मैंने झूठ बोल दिया और मेडम ने भी पुलिस को हाँ बोल दिया.. तो पुलिस भी मान गई और उसने छोड़ दिया.
अब मेडम रिलेक्स तो हो गई थी.. थैंक्स आप नहीं होते तो शायद मुझे यहाँ बहुत इंतजार करना पड़ता.. अरे ईट्स ओके थैंक्स किस बात की.. ये तो मेरा फ़र्ज़ था और आपकी जगह कोई भी होता.. तो में यही करता. फिर मैंने उनसे ऐसा कहा कि वो खुश हो गई.. उसने पार्किंग एरिया में गाड़ी लगाई और वो मॉल में शॉपिंग के लिए जा रही थी. तभी उसने मुझे आवाज़ दी.. ‍‌हैल्लो.. में पलटा और देखा कि वो मेडम मुझे आवाज़ लगा रही है. में उनके पास गया और बोला हाँ मेडम अब क्या काम है? तो उसने बोला कि क्या हर बार काम ही रहेगा क्या? में कुछ समझा नहीं था कि वो क्या बोलने जा रही है.
फिर उसने बोला क्या तुम मेरे साथ शॉपिंग करने चलोगे.. तो मेरे मन में लड्डू फूटने लग गये और मैंने हाँ कर दिया. उसके साथ उसका लड़का था.. तो वो मुझसे खुलकर बातें नहीं कर सकती थी. उसने मुझसे मेरा नाम पूछा. फिर मैंने मेरा नाम बताया और उसने उसका नाम सरिता बताया. हम एक शोरुम में गये.. उसको वहा से जींस लेनी थी.
फिर हम जींस देखने लग गये.. वहां शॉप का एक वर्कर आया और उसने हमसे कहा कि कोई हेल्प चाहिये.. तो मेडम ने उससे कहा नहीं.. हम जींस पेंट लेने आये है.. हम ही पसंद कर लेंगे और वो चला गया और हम जींस पेंट देखने लगे. मेडम ने कुछ पेंट देखी. उसने मुझसे कहा कि सूरज ये जींस कैसी है.. तो मैंने कहा अच्छी है.. आपको आ जायेगी.
फिर मैंने उनसे कहा कि आपकी साईज़ क्या है? उसने मुझसे कहा 38 है.. तो मैंने कहा वाह क्या साईज है.. हाँ फिर तो आ जायेगी. फिर हम जींस पेंट लेकर बाहर आ गये.. हमने कुछ आईसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक पी और बिल उसने ही दिया था.
फिर हम पार्किंग में चले गये.. उसने मुझे थैंक्स कहा और मैंने उनसे पूछा कि मेडम क्या हम दोस्त बन सकते है? उसने मुझसे कहा ये भी कोई पूछने की बात है.. हम पहले से ही दोस्त है. हमने हमारा नम्बर एक्सचेंज किया और उसने बोला कि में आपको कॉल करूँगी. फिर उस रात को उसका मुझे कॉल आया. उसने मुझसे बोला हैल्लो.. हाँ सरिता मेडम बोलो.. उसने बोला कॉल में सिर्फ सरिता नोट मेडम. फिर मैंने कहा ओके सरिता.. उसने कहा कि मुझे शॉपिंग करनी है.. मेरे साथ चलोगे?
मैंने कहा कि हाँ जरुर.. में तो तैयार हूँ आपकी सेवा में और वो हंसने लग गई और नॉटी कहकर मुझसे बोली कि ठीक है में 3 बजे दोपहर में आपको लेने आउंगी. फिर मैंने भी उनसे बोला सरिता तुम मुझे भी तो नाम से पुकार सकती हो.. तो उसने कहा कि ओके बाबा सूरज और दूसरे दिन वो अपनी होंडा सिटी कार में मुझे लेने आई.. वो उस समय अकेले ही थी. मैंने उनसे कहा आपका लड़का नहीं आया.. तो उसने कहा कि तुम्हे मेरे साथ आना है या मेरे बेटे के साथ और हम हंसने लग गये और मैंने बोला आज का क्या प्रोग्राम है.. क्या शॉपिंग करनी है? उसने बोला मुझे बिकनी लेनी है.. अच्छी और महंगी. में मन ही मन में खुश होने लगा.
फिर हम एक अच्छी शॉप में गये.. सरिता उस शॉप की रेग्युलर ग्राहक थी और वो उसके दोस्त की ही थी.. जिसका नाम राधा है. हम शॉप में गये और राधा को उसने गले से लगाया और फिर सरिता ने बोला मुझे बिकनी चाहिये.. तो उसने एक रूम का ईशारा किया और सरिता वहां जाने लगी.. में बाहर ही रुका हुआ था.. तो सरिता ने कहा चलो ना सूरज क्या हुआ और में भी उसके पीछे चला गया. मैंने अंदर जाकर देखा कि उस रूम में अलग अलग डिज़ाईन वाली बिकनी लगी हुई थी और चारो तरफ कांच लगे हुये थे. हम जैसे ही अंदर गये.. तो सरिता ने दरवाजा बंद कर दिया और बोला कि अब में आराम से बिकनी चेक कर सकती हूँ.. कोई मुझे देख नहीं सकता. फिर मैंने कहाँ में तो हूँ यहाँ.. तो उसने कहा तुम तो मेरे अच्छे दोस्त हो ना. फिर उसने एक नॉर्मल बिकनी ली और उसे ट्राई करने लगी.. उसने पहले अपनी जींस पेंट उतारी.. जो हमने कल खरीदी थी.
फिर उसने अपना टॉप निकाला.. में तो देखते ही परेशान हो गया था.. क्या बूब्स थे और क्या गांड थी उसकी.. क्या बताऊँ? दोस्तों मज़ा आ गया. फिर उसने एक टॉवल लिया और टॉवल लपेटकर वो चेंज करने लगी. फिर उसने कहा कि कैसी है ये बिकनी.. मैंने उससे कहा कि में पसंद करके दूँ.. तो उसने हाँ बोला. फिर मैंने उससे कहा कि पहले मुझे आपकी बॉडी का परफेक्ट शेप लेना होगा.. उसने कहा ओके. मैंने एक मेजरमेंट टेप ली और उससे बोला कि मुझे परफेक्ट साईज लेने के लिये आपकी ये बिकनी निकालनी होगी. फिर उसने थोड़ा सोचने के बाद बिकनी उतार दी.. मैंने उसको कहा कि आपका फिगर तो लाजवाब है.. उसने कहा मेनटेन करना पड़ता है. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.. मैंने उसकी फिगर साईज़ ली और में टेप लगाते वक़्त उसके बूब्स को थोड़ा ज्यादा ही प्रेस कर रहा था. फिर मैंने उसे एक टिनी बिकनी दी और बोला कि ये ट्राई करो.. उसने वो ट्राई की. दोस्तों आपको तो पता ही है कि टिनी बिकनी कैसी होती है.
उसके सिर्फ़ बूब्स और चूत ही ढके हुये थे और उसको वो बिकनी अच्छी लगी और उसने कहा क्या पसंद है औरतो की.. कहाँ से सीखा. फिर मैंने बोला कि ये मेरा फर्स्ट टाईम था.. ओह उसने कहा. फिर तो तुम सेक्स करना भी अच्छे से जानते होंगे. अब वो फुल मूड में आ चुकी थी.. तो मैंने कहा कि कभी ट्राई नहीं किया. फिर उसने कहा कि चलो मेरे फार्महाउस पर चलते है. फिर मैंने कहा आपके घर के लोग इंतज़ार करेंगे.. ]
वो बोली कि में उनको फोन कर दूँगी. फिर हम शॉप से निकलने के बाद फार्महाउस चले गये.. वहां कोई नहीं रहता था. उसने दरवाजा खोला और हम अंदर आ गये. उसने पूछा क्या लोगे? मैंने कहा कि पानी वो भी चूत का.. वो मुस्कुराई और बोली चल स्टुपिड. फिर वो पानी लेने किचन में चली गई. पानी पीने के बाद उसने बोला कि मेरी चूत का पानी पीना चाहता है. फिर मैंने कहा हाँ तो उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिये और बोला कि ये लो पी लो.
मैंने उसे मेरी तरफ खींचा और बोला आज में तुझे बताऊंगा कि सेक्स क्या होता है. उसने बोला करो जो करना है और बना दो मुझे रांड.. में उसे क़िस करने लगा. फिर 15 मिनट किस करने के बाद उसने मेरे कपड़े निकाल दिये और उसने मेरा लंड देखा और बोली तेरा तो लंड स्टील रोड जैसा टाईट हो गया है जान.. जब ये तेरी चूत में जायेगा.. तो पता चलेगा.
फिर में उसकी चूत में मेरा लंड डालने लगा.. 2-4 झटको के बाद मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. वो चिल्लाने लगी.. जल्दी निकालो इसे.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है. फिर मैंने बोला ले तुझे रांड़ बनने का शौक है ना.. अब ले और उसे में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लग गया.. वो चिल्लाने लगी. फिर 20 मिनट के बाद में झड़ गया.. वो 2 बार झड़ गई थी.
फिर मैंने मेरा माल उसकी चूत में डाल दिया और फिर उसको मैंने मेरी स्पेशल 8 तरह की स्टाईल में चोदा. फिर हम स्विमिंग पूल में नहाने गये.. स्विमिंग पूल में मैंने उसकी गांड मारी.. वो पहले मना करने लग गई.. लेकिन फिर मैंने उसे मना लिया. मैंने लंड जैसे ही उसकी गांड में डाला.. तो वो चिल्लाने लगी.. आआहह्ह्ह्ह और मेरा साथ देने लगी और वो बोल रही थी और ज़ोर से और ज़ोर से. फिर मैंने मेरी स्पीड तेज कर दी. अब मेरा पानी निकलने वाला था और मैंने मेरा पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसने बोला ऐसा सेक्स मैंने कभी नहीं किया.. थैंक्स सूरज.. तुम बहुत अच्छे बॉय हो. फिर हम स्विमिंग पूल से बाहर आ गये और फिर हम अंदर हॉल में चले गये.. हम नंगे ही थे और हमने कपड़े नहीं पहने थे. उसने बोला कि ऐसे ही बैठो.. तो फिर वो सोफे पर मेरे बगल में बैठ गई और मेरे लंड से बोल रही थी कि छोटे सूरज मुझे छोड़कर कभी नहीं जाना.. मेरे पास ही रहना. में उसके बूब्स दबा रहा था और फिर हमे कब नींद लग गई.. पता ही नहीं चला.
फिर सुबह मेरी नींद खुली.. तो सरिता ने बोला कि चलो अब हमे जाना चाहिये.. घरवाले मेरा इंतजार कर रहे होंगे. फिर उसने मुझे मेरे घर के पास छोड़ा और उसने मुझे 2000 रूपये दिये और बोली कि अगले रविवार को तैयार रहना और वो चली गई.
Share:

सामने वाली भाभी ने चूत चुदवाई


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम अमित है और मेरी उम्र 22 साल है.. में पटना का रहने वाला हूँ और मेरा लंड 7.5 इंच लंबा है.
दोस्तों हमारे घर के सामने ही मेरी भाभी रहती थी.. उनका नाम नीतू था और उनकी उम्र 32 साल थी.. लेकिन वो दिखने में 25-26 साल की लगती थी.. वो बहुत ही सुंदर और उनके फिगर का साईज 34-30-36 था.. उनके बूब्स और गांड को देखकर मेरा लंड एकदम खड़ा हो जाता था और वो हमेशा एकदम ढीले ढाले कपड़े पहनती थी.. जिसकी वजह से उनके बूब्स एकदम साफ नजर आते और पूरा उनका आकार दिखाई देता और में हमेशा उन पर नजर रखता और उनके नाम की मुठ मारा करता था. उनके पति अपनी नौकरी की वजह से अधिकतर समय बाहर ही रहते थे और वो 6 महीने में एक सप्ताह के लिए आते और फिर वापस चले जाते थे.
तो भाभी को कुछ काम हो या कहीं जाना हो तो वो मुझसे ही कहती थी और एक बार भैया के नौकरी पर जाने के बाद भाभी घर पर आई और मम्मी से बोली कि मुझे रात को घर पर अकेले सोने से बहुत डर लगता है.. क्या आप अमित को मेरे घर पर सोने के लिए भजे सकती हो? तो मम्मी ने उनसे कहा कि ठीक है और मम्मी ने मुझसे कहा कि में रात को उनके घर पर सोने चला जाऊँ. तो में एकदम बहुत खुश हुआ.. क्योंकि आज मेरे वो सारे सपने पूरे होने वाले थे.. जिन्हें में बहुत दिनों से देख रहा था और में एकदम से हाँ कहकर तैयार हो गया और रात को खाना खाने बाद में उनके घर पर चला गया. मैंने उनके घर पर पहुंचकर दरवाजा खटखटाया और उन्होंने आकर दरवाजा खोला.. में उन्हे देखकर एकदम होश खो बैठा.. वो एकदम सेक्सी लग रही थी. उनके बूब्स कपड़ो से बाहर आने को तड़प रहे थे.
तभी उन्होंने एकदम मुझे छुआ और कहा कि किस दुनिया में पहुंच गए? चलो अंदर चलकर सब कुछ देख लेना. तो में उनके आगे आगे अंदर आ गया.. लेकिन उनकी बातों को सोचकर मन ही मन बहुत खुश होने लगा.
फिर कुछ देर बाद हमने साथ में बैठकर टीवी देखी.. उन्हे सीरियल बहुत पसंद है.. तो उन्होंने मुझसे बोला कि तुझे जो देखना है वो लगा ले में तो सीरियल्स ही देखती हूँ वरना तू बोर हो जाएगा.. यह ले रिमोट और अपनी पसंद का चेनल लगा दे. तो मैंने उनके हाथ से रिमोट लिया और मेरा हाथ उनके कोमल हाथ से छू गया और मुझे मन में एक अजीब सा अहसास आने लगा. फिर जब में चेनल चेंज कर रहा था कि एक चेनल पर किस वाला सीन आ रहा था और फिर मेरे हाथ से रिमोट नीचे गिर गया. तो भाभी मेरी तरफ देखकर मुझसे बोली कि क्या हुआ और उन्होंने मेरी तरफ एक सेक्सी स्माईल की और अब मुझे समझ में आ रहा था कि भाभी मुझसे कुछ चाहती है.. लेकिन में कुछ नहीं बोला.
में भाभी से बोला कि आप सीरियल देखो में मेरे मोबाईल पर गाने सुनता हूँ.. तो वो बोली कि यहाँ पर बैठकर ही सुनो और उस समय करीब 11.30 बज गये थे. तभी उन्होंने मुझसे कहा कि तुझे देखना है तो यह ले रिमोट.. वरना बंद करके सो जाते है. तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर वो उठकर सीधी बाथरूम में चली गई और वो कुछ देर बाद बाहर आई.. वो क्या लग रही थी? काले कलर की नाईटी में उनका दूध जैसा सफेद बदन.. मेरा तो मन कर रहा था कि उन्हे पकड़कर खा जाऊँ.
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुझे भी फ्रेश होना हो तो हो जा.. मैंने कहा कि में फ्रेश ही हूँ और उसने यह बात सुनते ही मुझे एक और स्माईल दी और कहा कि चलो अब सो जाते है. फिर हम लोग एक ही बिस्तर पर लेट गए.. लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी और में चुपके से उन्हे देख रहा था. मैंने महसूस किया कि उन्हे भी नींद नहीं आ रही थी.. वो बस आंखे बंद करके लेटी हुई थी. तो मैंने पूछा कि भाभी क्यों जाग रही हो?
वो बोली कि तू क्यों जाग रहा है और मेरी तरफ मुहं करके एकदम मुझसे चिपककर लेट गई.. जिसकी वजह से मुझे उनकी गरम गरम सांसे महसूस हो रही थी. तो वो बोली कि मुझे बहुत डर लग रहा है और मैंने सही मौका देखकर उनको अपनी बाहों में ले लिया और बोला कि में हूँ ना.. में आपको कुछ नहीं होने दूँगा और यह बात सुनते ही भाभी ने मुझे गाल पर किस किया और बोली कि तू मेरा कितना ख्याल रखता और मेरे पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ रहा था और मेरे लंड ने भी अपना आकार बदलना शुरू कर दिया.
तो मैंने उन्हे भी माथे पर किस किया और बोला कि अब सो जाओ.. तो वो बोली कि नहीं हम थोड़ी देर बात करते है और वो मुझसे पूछने लगी कि तुम्हारी कितनी गर्लफ्रेंड है और क्या तुमने कभी कुछ किया है? तो मैंने कहा कि नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और मैंने कभी कुछ नहीं किया है तो और ज़ोर से चिपक गयी और बोली कि में तुम्हे बहुत प्यार करना चाहती हूँ. क्या तुम भी मुझे प्यार करोगे? और उन्होंने मेरे लंड पर हाथ रख दिया.. लेकिन में कुछ बोल नहीं पाया. मैंने उनको होंठो पर किस किया और भाभी ने मेरे मुहं को पकड़कर एक फ्रेंच किस किया.
यह सब 30 मिनट तक चला और मैंने कहा कि भाभी तुम बहुत हॉट हो और अब वो मेरे सारे बदन को किस कर रही थी और मेरे कपड़े खोल रही थी और मैंने उन्हे जल्दी से 69 पोज़िशन में लिया और उनकी चूत एकदम शेव थी.. लगता था कि उन्होंने आज ही पूरा प्लान ही किया था. तो मैंने उनकी चूत को बहुत किस किए और अब में अपनी जीभ उनकी चूत के अंदर बाहर करता रहा और वो मेरे लंड को जो कि 7 इंच लंबा और 3 मोटा है उसे वो लोलीपोप की तरह चूसे जा रही थी. यह काम करीब 25 मिनट तक चला. फिर भाभी बोली कि चूस और ज़ोर से चूस इसे.. पी जा मेरा सारा पानी और वो झड़ गई और फिर भी उनका जोश खत्म नहीं हुआ.. वो फिर भी मेरे लंड को चूसे जा रही थी और में उनकी चूत को.
तो अब मेरी बारी थी.. दस मिनट के बाद मैंने कहा कि में झड़ने वाला हूँ.. तो भाभी और ज़्यादा जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी और मेरे सारे वीर्य को निगल गई और फिर बोली कि मुझे बहुत मज़ा आया और फिर से मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और करीब दस मिनट के बाद मेरा लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया और अब में उनकी मेक्सी को हटाकर उन्हे पूरे बदन पर चूम रहा था और में उनकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. तो वो बोली कि अब क्यों तड़पा रहा है अपनी भाभी को.. तूने आज पहली बार मुझे संतुष्ट किया है.. वरना में इतने सालों से बहुत बैचेन थी और चल अब इसे मेरी चूत के अंदर डाल दे.. लेकिन थोड़ा धीरे डालना.. वरना मुझे दर्द होगा.
फिर मैंने लंड को चूत पर रखा और एक ज़ोर का धक्का मार दिया.. तो दो इंच लंड अंदर चला गया और वो एकदम चिल्ला उठी और मुझे खींचकर अपने होंठ मेरे होंठो पर लगा दिए. तो मैंने सही मौका देखकर एक और जोरदार झटका लगाया और अब इस बार मेरा 7.5 इंच का लंड उसकी चूत में था और वो दर्द से एकदम कराह उठी और मेरे होंठो पर चूमना और चूसना शुरू किया. तो में उनके बूब्स को दबाए जा रहा था और स्मूच भी किए जा रहा था और थोड़ी देर बाद उनका दर्द थोड़ा कम हुआ और अब वो भी उसकी गांड को उछाल उछालकर मेरा साथ दे रही थी और 15 मिनट ऐसे ही चला.
फिर वो मेरे ऊपर बैठी और अपनी चूत पर लंड को सेट किया और फिर मेरा लंड फिसलता हुआ उसकी चूत में चला गया और अब वो मेरे लंड के ऊपर नीचे होने लगी. तो में भी नीचे से ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा.. जिसके कारण हम दोनों बहुत थक गए थे और हाफ़ रहे थे. तो कुछ देर बाद वो बोली कि में अब झड़ रही हूँ ओहह्ह्ह्ह माँ अह्ह्ह्हह भगवान तुम बहुत अच्छे हो. तो में बोला कि में तुम्हे बहुत चाहता हूँ डार्लिंग.. तो वो बोली कि में भी.. चोदो मुझे और चोदो अह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ और ज़ोर से चोदो ऊओह तू आज फाड़ दे अपनी भाभी की चूत को और वो झड़ गई. तो मैंने उन्हे नीचे लेटाया और में उनके ऊपर आ गया और ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा. करीब 20 मिनट के बाद मैंने कहा कि में भी झड़ने वाला हूँ.
तो उसने कहा कि मेरे मुहं में ही छोड़ दे और में उनके मुहं में ही अपना वीर्य डालने लगा और हम लोग ऐसे 30 मिनट तक लेटे रहे और फिर भाभी मेरे लंड को चूसने लगी और बोली कि इस बार मेरी गांड में डालना और मैंने उनकी गांड में बहुत सारा तेल लगाया और लंड को बहुत मेहनत से गांड में गांड में डाला.. दोस्तों उनकी गांड बहुत टाईट थी.. इसलिए लंड हर बार फिसलकर बाहर निकल रहा था. तो मैंने उसे बहुत मुश्किल से उनकी गांड में डाला और उनकी कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा.. यह चुदाई लगातार 15 मिनट तक चली और फिर में उनकी गांड में झड़ गया और उनके बूब्स पी रहा था.. मुझे बड़ा मज़ा आ गया और फिर दूसरे दिन भी हमने 4 बार चुदाई का मजा लिया.
Share:

टीचर को चोदा उसकी बेटी के बर्थ-डे पर


हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राज है मैंने सोचा कि में भी अपने साथ हुई घटना के बारे में आप लोगों को बताऊँ.. मेरी उम्र 22 साल है और में नागपुर का रहने वाला हूँ. मेरी बॉडी ठीक-ठाक है और लम्बाई 5 फीट 9 इंच है. तो आपको ज्यादा बोर ना करते हुए में सीधा स्टोरी पर आता हूँ. ये बात 2 साल पहले की है जब में एक स्कूल में पढ़ने जाया करता था. उस स्कूल में 6 लेडी टीचर और 2 मेल टीचर थे. वहां एक मेडम थी.. जिसका नाम रानी नाम था.. वो करीब 30 साल की थी और दिखने में माल थी. दोस्तों जो भी उसे एक बार देख ले.. तो बस देखता ही रह जाये वो 5 फुट 5 इंच की एक सुंदर औरत थी. उसके बूब्स क्या बताऊँ? क्या मस्त थे और गांड के बारे में.. तो कुछ बोल ही नहीं सकता. जब मैंने रानी को पहली बार देखा.. तो मुझे वो बहुत अच्छी लगी.. लेकिन में बहुत ही शर्मिला था.. तो कुछ बोल नहीं पाया.
जब मुझे स्कूल में 1-2 महीने हो गये.. तो सभी मुझसे खुल कर बातें करने लगे. रानी भी मुझसे सबसे ज्यादा खुलकर बातें करती थी.. वो मेरे पास आने की कोशिश करती रहती थी. एक दिन रानी ने मुझे बताया कि उसके पति नागपुर के बाहर जॉब करते है और महीने – दो महीने में एक बार ही घर आते है. रानी और उसकी एक लड़की दोनों ही नागपुर में रहते है. उसकी लड़की करीब 7 साल की है. रानी हमेशा मुझसे अपनी हर एक बात शेयर करती थी और मुझसे एकदम खुलकर बातें करती थी. एक दिन रानी ने मुझसे पूछा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? में थोड़ा सोच में पड़ गया कि ये क्या पूछ रही है. में थोड़ा शर्माया.. तो रानी बोलने लगी मुझसे क्यों शरमा रहे हो.. तो मैंने नहीं में अपनी गर्दन हिलाई.. तो वो हंसने लगी और बोली झूठ मत बोलो.. तो मैंने कहा सही में मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. तो रानी बोली तुम इतने अच्छे हो तुम्हे कोई मिली नहीं.. फिर मैंने कहा कि नहीं मुझे ये सब पसंद नहीं है.
एक दिन रानी ने मुझे घर बुलाया.. उसकी बेटी का बर्थ-डे था.. तो स्कूल में से सिर्फ़ मुझे ही बुलाया था. तो में शाम के समय रानी के घर गया. मैंने घर जा कर देखा तो वहां सिर्फ़ रानी और उसकी बेटी और रानी की बहन ही थे.. तब मुझे पता चला कि स्कूल में से सिर्फ़ मुझे ही बुलाया है. हम तीनो ने बर्थ-डे मनाया.. उस समय रात के 9 बज रहे थे. फिर रानी ने कहा कि खाना खाकर जाना.. मैंने पहले मना किया लेकिन बाद में रानी के ज्यादा ज़ोर देने पर में मान गया. रानी की बहन के घर में उसके बेटे की तबीयत खराब हो गई तो उसे फोन आया. तो वो करीब 10 बजे बिना खाना खाये ही चली गई.
अब घर में हम ही थे.. फिर करीब 10:45 बजे हमने खाना खाया और खाना खाने के पहले ही रानी की बेटी सो गई थी. हमें पता ही नहीं चला कि खाना खाते-खाते 11:45 हो गये थे. रात ज्यादा होने के कारण मुझे घर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिलने वाला था.. लेकिन में वहां रुक भी नहीं सकता था.. तो मैंने रानी से जाने के लिए कहा. तो रानी बोली इतनी रात को तुम्हें जाने के लिए कुछ नहीं मिलेगा.. तुम आज रात यहीं रुक जाओ.. मैंने मना किया लेकिन वो नहीं मानी तो मुझे रुकना पड़ा. फिर खाना होने के बाद में टी.वी देखने लग गया और रानी फ्रेश होने चली गई. में टी.वी देखता रहा.. तो मैंने देखा कि रानी एक नाइटी पहने मेरे पास आ कर बैठ गई.. क्या बताऊँ? दोस्तों में तो उसे देखता ही रह गया. रानी उस नाइटी में क्या लग रही थी.. तो टी.वी देखते देखते रानी ने मुझे बताया कि उसके पति करीब 4 महीने से घर नहीं आये है और फिर मुझे बोला तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है.. में तो बस उसकी तरफ देखता ही रह गया कि ये क्या पूछ रही है? तो में कुछ बोलता उसके पहले ही रानी ने मेरी पेंट पर अपना हाथ रख दिया.. मुझे थोड़ा डर लग रहा था.
मैंने कभी ऐसा किया नहीं था. वो मुझसे फिर से पूछने लगी.. तो मैंने नहीं कहा तो वो बोली कि मेरे साथ सेक्स करोगे क्या? में तो ये सुनकर पागल ही हो गया.. लेकिन मैंने रानी से बोला कि नहीं ये ग़लत है.. तो वो बोलने लगी कि मैंने करीब एक साल से सेक्स नहीं किया है. उसके पति जब भी आते है.. तो वो अपने ही काम में लगे रहते है.. वो मेरे साथ कुछ करते ही नहीं है. ऐसा बोल कर वो मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी. में बोलता रहा कि ये ग़लत है.. मत करो.. लेकिन वो नहीं मानी. फिर रानी मेरे पास आ कर मेरे होठों को किस करने लगी.. अब में भी उसका साथ देने लग गया. मुझे भी मजा आने लग गया. फिर में रानी के बूब्स को नाईटी के ऊपर से ही धीरे-धीरे दबाने लग गया. रानी धीरे-धीरे आवाज़े निकालने लग गई और सिसकियां देने लग गई.. हम्म ऊऊओ ससस्स और बोलने लगी और ज़ोर से दबाओ.. आज इसका सारा दूध पी जाओ.
फिर मैंने रानी की नाइटी ऊतार दी.. रानी ने नीचे कुछ नहीं पहना था. मैंने पूछा.. तो वो बोलने लगी तुम्हारे लिए ही कुछ नहीं पहना है. दोस्तों मैंने पहली बार किसी औरत को नंगा देखा था. फिर में रानी के बूब्स पर टूट पड़ा और एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा और एक बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा.. वो अब आवाजें निकालने लगी.. इसका सारा दूध पी लो आज. फिर में अपना एक हाथ रानी की चूत पर रखकर उसकी चूत को सहलाने लगा..
वो बोलने लगी आह्ह्ह्हह इसकी सारी खुजली मिटा दो.. ये आज से तेरी गुलाम है और ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी.. हह एम्म्म ऊऊऊ सस्स. फिर मैंने अपना मुँह रानी की चूत पर रखा और उसे चाटने लगा.. क्या मस्त लग रहा था. फिर रानी मुझे बोलने लगी कि राज अब और मत तड़पाओ.. अपना लंड मेरी चूत मे डाल दो.
फिर मैंने कहा पहले इसे अपने मुँह में लेकर चूसो.. तो वो मेरा 6.5 इंच लंबा लंड और 2.5 इंच मोटा लंड देखकर बोली.. ये तो मेरे पति से ज्यादा मोटा है और चूसने लगी.. क्या बताऊँ? दोस्तों कितना मज़ा आ रहा था. फिर मैंने अपना लंड रानी की चूत पर रखा और रगड़ने लगा.. रानी तड़प रही थी. फिर मैंने एक झटका मारा लेकिन लंड अंदर नहीं गया.. क्योंकि रानी की चूत टाईट थी और बहुत दिनों से रानी ने सेक्स नहीं किया था और उसके पति का इतना मोटा भी नहीं था. मैंने एक बार फिर से एक झटका मारा.. इस बार लंड का सुपाड़ा पूरा अंदर चला गया और रानी के मुँह से आवाज़े आने लगी.. वो चिल्ला उठी.. आआह्ह्ह्ह उसे दर्द हो रहा था. फिर मैंने एक और जोर का झटका दिया और मेरा 6.5 इंच लंबा लंड रानी की चूत में पूरा अंदर चला गया. वो ज़ोर से चिल्ला उठी.. करीब 40 मिनट बाद में झड़ने वाला था..
मैंने पूछा कहाँ निकालूं. तो रानी बोली अंदर ही छोड़ दो. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में भी चोदा. मैंने रानी से कहा अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.. तो वो मना करने लगी.. फिर मैंने भी उससे ज्यादा जिद नहीं की. उस रात हमने 4 बार सेक्स किया.. उसके बाद हम नंगे ही सोये गये.
Share:

गर्लफ्रेंड के साथ पीने का मजा


हैल्लो दोस्तों.. कैसे हो आप सभी? मुझे उम्मीद है कि आप सभी ठीक होंगे. दोस्तों मेरा नाम राहुल है और आप सभी को में अपना परिचय देता हूँ. मेरा नाम राहुल है और में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ.. मेरे लंड का साईज़ 8.5 इंच है और 2.5 इंच मोटा है और मुझे आंटी, भाभीयों, के साथ सेक्स करना बहुत पसंद है.
दोस्तों कहानी थोड़ी लंबी है.. लेकिन में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को पसंद आएगी. तो दोस्तों अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. दोस्तों यह कहानी तीन महीने पहले की है. मेरी एक गर्लफ्रेंड है.. उसका नाम नेहा है और उसका फिगर 34-28-34 है. दोस्तों उसके बूब्स मुझे सबसे सेक्सी लगते है.. एकदम गोल आकार के और बड़े बड़े. एक दिन हम रात को फ़ोन पर सेक्सी बातें कर रहे थे और फिर हमने किसी के फ्लैट पर एक रात के लिए मिलने का प्लान बनाया.
तो वो अपने घर से पड़ाई के सिलसिले में बाहर रहती थी और वो किराये से रहती थी.. लेकिन उसने मेरे साथ एक रात बिताने के लिए अपनी किसी फ़्रेंड के फ्लैट की चाबी ले ली थी और मैंने उससे पहले से ही बोल दिया था कि मुझे ड्रिंक करनी है और वो भी मेरे साथ ड्रिंक कर लेती थी. फिर वो दो बियर और एक वोड्का ले आई.
फिर में जब उसके फ्लैट पर पहुँचा.. तो दोस्तों वो बहुत सेक्सी लग रही थी. उसने लाल कलर की शर्ट और हरे कलर की जीन्स पहनी हुई थी.. पहले तो मैंने उसे एक ज़ोर से स्मूच किया. फिर में और वो बेड पर बैठ गये. फिर हमने बियर पी और वोड्का के 2-2 शॉट पिए और अब हम दोनों सुरूर में थे और मैंने उसे अपने पास मेरी जांघ पर बैठाया और मैंने उसकी जांघ को पकड़ लिया और धीरे धीरे सहलाने लगा और फिर मैंने उसे फ़ोन पर एक ब्लूफिल्म दिखाई.
फिर उसने मेरे हाथ से फ़ोन लेकर साईड में रखा और मुझे बेड पर लेटाया और मुझे धीरे धीरे स्मूच करना शुरू कर दिया.. दोस्तों क्या सेक्सी स्मूच था.. वो पागलों की तरह मुझे स्मूच कर रही थी. फिर में अपने दोनों हाथ उसकी कमर पर ले गया और में अपने एक हाथ से उसके कूल्हों को दबा रहा था और मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी शर्ट के अंदर डाल दिया और वो मेरे शरीर को सक करती रही.
तो में भी पूरा जोश में आ गया. फिर वो मेरी गर्दन पर सक करने लगी और ज़ोर ज़ोर से किस करती रही, काटती रही और उसने मेरे शरीर पर काटने के निशान कर दिए. फिर मैंने उसे साईड में धक्का दिया और उसके ऊपर आकर उसकी शर्ट के बटन खोलकर साईड में रख दी और फिर मैंने भी स्मूच करना शुरू कर दिया और उसके मुहं पर मुहं लगाकर, जीभ मुहं के अंदर डालकर उसे मुहं के अंदर घुमा रहा था और में उसके बूब्स और पूरे जिस्म को सक करता रहा और वो थोड़ी थोड़ी मोनिंग करती रही.. आह्ह्हम्म्म ऊफ़फ्फ़ ऑश. फिर मैंने उसकी गर्दन पर काट लिया और वो ज़ोर से चीख पड़ी.. आईईईईई नहीं क्या कर रहे हो आराम से करो और फिर में उसकी छाती पर किस करता रहा.
फिर मैंने उसकी पतली कमर पर हाथ डाला और उसकी सेक्सी लाल ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी ब्रा को उतारकर साईड में फेंक दिया और में उसके बूब्स को देखकर पागल हो गया.. मुझे वैसे भी उसके बूब्स बहुत अच्छे लगते है और मैंने एक बूब्स को हाथ में पकड़ा और उसे प्यार से दबाता रहा और मैंने दूसरे वाले के निप्पल को पहले तो प्यार से किस किया और फिर निप्पल को प्यार से चूस रहा था और वो मेरे बालों में बहुत प्यार से हाथ घुमा रही थी और मोनिंग कर रही थी.. आहह उह्ह्ह राहुल ओह और ज़ोर से करो अह्ह्ह.
फिर मैंने उसके पूरे बूब्स को मुहं में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से सक करने लगा और वो मेरे बालों को ज़ोर ज़ोर से खींचने लगी और अब उसकी आवाज़ें भी धीरे धीरे तेज हो गई.. ओहआअहह आईईईईई और मेरी चूसने की स्पीड भी और तेज होती गई. उसके बूब्स बहुत मुलायम बड़े बड़े थे.. मुझे उन्हे चूसने से ऐसा लगा जैसे कि में आम चूस रहा हूँ और फिर मैंने ऐसे ही दूसरे वाले को भी दबाया, खींचा और ज़ोर ज़ोर से चूसा और अब में उसके पेट पर आया और फिर मैंने अपने बेग से एक चॉकलेट निकाली और उसके बूब्स पर गिरा दी और धीरे धीरे उसके बूब्स को चूसना, चाटना शुरू किया. दोस्तों वो तो एकदम पागल ही हो गई और मेरे सर को ज़ोर से दबा रही थी और उसकी ज़ोर ज़ोर से आवाज़ें निकलती रही थी अम्म् आआअहह और ज़ोर अह्ह्ह.
फिर मैंने उसे उन्ही चॉक्लेट वाले होंठ से उसके होंठ पर किस किया.. तो मज़ा आ गया और उसके होंठ किस करने पर एकदम मीठे मीठे लगे. फिर उसने मुझे नीचे लेटाया.. मेरी शर्ट, बनियान उतारी और धीरे धीरे मेरी छाती पर हाथ फेरती रही.. वो क्या सेक्सी अहसास था और फिर उसने मेरी छाती पर चूमना और चाटना शुरु किया और ज़ोर ज़ोर से मेरी छाती को सक करती रही. फिर वो भी मेरे जिस्म को प्यार से चूमती रही और फिर ज़ोर ज़ोर से सक करने लगी. मुझे उस समय बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड तो जीन्स फाड़ने को तैयार था.
फिर वो धीरे धीरे नीचे आई.. मेरी बेल्ट और जीन्स के बटन खोले.. जीन्स उतारी और अंडरवियर के अंदर बने हुए टेंट को देखकर उसने सेक्सी सी स्माईल दी. फिर उसने मेरी जीन्स उतारी और मेरी जांघो पर पैरों पर प्यार से किस करती रही. फिर उसने मेरा अंडरवियर उतारा और मेरा लंड हाथ में पकड़ा और बोली कि मेरा कैला कितना बड़ा है ना और वो उसके साथ खेलने लगी और उसे ऊपर नीचे करती रही..
फिर पहले तो उसने मेरे लंड के टोपे पर एक प्यार से किस किया. फिर उसने उसको धीरे धीरे आईसक्रीम की तरह चूसना शुरू किया. दोस्तों में तो उस समय जन्नत में था और में उसके चूसने से एकदम पागल हो रहा था और में उसके बालों के साथ खेलता रहा और वो मेरे लंड को पकड़कर उसे बड़े मज़े से आईसक्रीम की तरह चूसती, चाटती रही. फिर उसने धीरे से नीचे मेरे आंड को चूसना शुरू किया.. वो दो मिनट उन्ही को चूसती रही और मैंने उससे कहा कि प्लीज मेरे लंड को चूसो ना.. तो उसने लंड को पूरा मुहं में डाल लिया और उसको ज़ोर ज़ोर से सक करने लगी. दोस्तों वो ज़ोर ज़ोर से चूसती जा रही थी.
फिर में एकदम झड़ गया और वो चूस चूसकर मेरा सारा वीर्य पी गई और मेरे पास आकर थककर लेट गई. फिर में उठा और उसकी जीन्स का बटन खोला और उसकी जीन्स को उतार दिया.. उसने लाल कलर की पेंटी पहनी हुई थी और पहले तो मैंने कपड़ो के ऊपर से एक किस किया. फिर उसकी जांघो और पैरों पर बहुत सारे किस करता रहा और वो मोनिंग करने लगी अम्म्म्ममम उहह्ह्ह. फिर मैंने उसकी पेंटी उतार दी और उसकी चूत पर प्यार से एक किस किया और उसकी चूत में से बहुत सेक्सी खुशबू आ रही थी. फिर मैंने उसकी चूत पर अपना मुहं रखा और मैंने धीरे धीरे उसकी गरम रसभरी चूत को चूसने लगा और वो एकदम पागल होकर मचल रही थी और कह रही थी.. ओह राहुल आअहह उफ्फ्फ्फ़ और ज़ोर से चाटो हाँ और ज़ोर से अह्ह्ह्ह.
फिर में जोश में आकर और तेज तेज चूसने चाटने लगा.. उसने मेरा सर पकड़ा और ज़ोर से अपनी चूत की तरफ दबाती रही. फिर मैंने अपनी एक ऊँगली उसकी चूत के छेद में डाल दी और उसको पूरा अंदर तक घुमाता रहा और वो आअहह जान और ज़ोर से उफफफफफ्फ़ आअहह हाँ बहुत मज़ा आ रहा है.. कह रही थी. फिर में भी और तेज उंगली करता रहा और उसने एकदम से अपनी चूत का पानी छोड़ दिया और में उसे उंगली करते करते सारा पानी पी गया.. दोस्तों वो बहुत स्वादिष्ट था. फिर में उसके साथ लेट गया और करीब 10 मिनट के बाद उसके बूब्स को दबाने लगा और वो भी मेरे लंड को पकड़कर ऊपर नीचे करने लगी. फिर कहने लगी कि जान मुझे तुम्हारा केला चाहिए.. प्लीज डाल दो ना. फिर मैंने उसके होंठ पर एक किस किया और नीचे हुआ.. पहले तो उसको उल्टा किया. फिर उसकी कमर पर किस किया और धीरे धीरे चूमता रहा और फिर में नीचे आ गया.
फिर मैंने उसके कूल्हे की एक साईड को दबाया और दूसरी साईड को सक करने लगा.. वो भी मज़े ले रही थी. फिर मैंने दूसरी साईड को सक किया और फिर में बेड से उठा.. उसको आगे की तरफ किया और उसके पैरों को हाथ में पकड़ा और धीरे से अपना लंड उसकी चूत में डाला और वो चीखने लगी कि प्लीज थोड़ा धीरे डालो. बहुत दर्द हो रहा है प्लीज और में धीरे धीरे लंड को धक्के देकर डालता रहा और अंदर बाहर करता रहा.
फिर कुछ देर बाद वो भी शांत हो गई और चुदाई के मज़े लेने लगी. फिर मैंने थोड़ी तेज स्पीड की और फिर वो ज़ोर ज़ोर से आवाज़ें निकालती रही.. अहहओह उफफफ्फ़ अहह और ज़ोर से जान आआहह और में भी अपनी चुदाई की स्पीड बड़ाता गया और वो अपनी सिसकियों की आवाज़. फिर कुछ देर बाद मैंने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और बेड पर आ गया और उसे अपने ऊपर आने को कहा.
फिर वो मेरी गोद में आ गई और मैंने लंड को एक हाथ से पकड़ा और उसकी चूत के मुहं पर रखा और मैंने लंड को धीरे से धक्का दिया और पूरा लंड अंदर डाल दिया.. तो वो मेरे लंड पर धीरे धीरे उछल कूद करती रही और मैंने उसके बूब्स पकड़ लिए और वो आवाज़ें निकालती रही.. कूदती रही आआहह उईईईईईई. फिर करीब दस मिनट के बाद हम दोनों एक के बाद एक झड़ गये और मैंने उसकी चूत में अपना पूरा गरम लावा छोड़ दिया. फिर में वाशरूम गया और गीजर चालू करके आया.. क्योंकि में उसके साथ नहाना चाहता था और में उसको हग करके लेट गया और 15 मिनट के बाद मैंने उसको गोद में उठाया. हम दोनों एकदम नंगे थे और बाथरूम में ले गया और हमने एक दूसरे के ऊपर पानी फेंका और फिर मैंने उसे स्मूच करना शुरू कर दिया.. लेकिन दोस्तों चुदाई के बाद होंठो पर किस करने का मज़ा ही एकदम अलग है और दोस्तों फिर उस रात हमने एक बार और जमकर चुदाई का मज़ा लिया.
Share:

टीचर ने मेरी बहन चोद डाली


हेल्लो दोस्तों.. यह मेरी पहली कहानी है और यह एकदम सच्ची घटना है. यह तब की बात है.. जब में 12वीं क्लास में पढ़ता था. में वेस्ट बंगाल का रहने वाला हूँ और मेरी एक कज़िन सिस्टर थी.. जिसका नाम रूपा था.. वो बहुत ही खूबसूरत है और वो मुझसे एक क्लास नीचे पढ़ती थी. हम दोनों दोस्त की तरह बहुत फ्रेंक थे.. वो मेरे घर से 5 मिनट कि दूरी पर रहती थी.
एक दिन उसने मुझे फोन किया तो वो रो रही थी.. कहने लगी कि भैया में बहुत प्रोब्लम में फंस गई हूँ.. प्लीज़ मेरी हेल्प करो. फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ? तो उसने मुझे घर पर आने को कहा. में तुरंत उसके घर गया.. तो घर में उसके अलावा कोई नहीं था. फिर में उसके रूम में गया और वो मुझे देखकर रोने लगी.
फिर मैंने पूछा कि क्या हुआ? लेकिन वो बता नहीं पा रही थी. फिर मेरे फोर्स करने पर बताने को राज़ी हुई और वो बोली कि उसकी चूत से बहुत खून निकल रहा है और बोली कि मुझे डॉक्टर के पास ले चलो.. पहले तो मुझे लगा कि पीरियड की प्रोब्लम है. फिर उसने मुझे अपनी एक सलवार दिखाई.. जो खून से पूरी लाल थी.
फिर में समझ गया कि सेक्स की वजह से हुआ है.. में जल्दी से पापा की बाइक लेकर आया और थोड़ी दूरी पर ही एक लेडी डॉक्टर के पास ले गया. पहले कुछ चेकअप किया और फिर डॉक्टर ने मुझे बहुत भला बुरा सुनाया और मैंने चुपचाप सुन लिया. फिर एक इंजेक्शन और कुछ दवाई लिखकर दी. हम दोनों वहां से निकले और मेडिसिन खरीदकर घर आ गये.. इंजेक्शन की वजह से उसका दर्द थोड़ा कम हो गया था और पता चला कि उसके मम्मी पापा बाहर गये हुये थे.. तो शाम को आयेंगे.
फिर मैंने पूछा कि यह सब कैसे हुआ? तो उसने पूरी तरह से बात बताई और हम दोनों बहुत ज्यादा फ्रेंक थे.. तो उसे बताने में तकलीफ़ नहीं हुई. उसने बताया कि मेरे फिज़िक्स टीचर की वजह से यह सब हुआ है.. हमारे एरिया में उससे अच्छा टीचर कोई नहीं है.. इसलिये पापा ने मेरी उसके पास कोचिंग लगा रखी है. कुछ दिन पहले से वो मुझे घर पर अलग से पढ़ाने के लिये बुलाता था. उसकी उम्र 45 साल के ऊपर होगी.. इसलिये मम्मी पापा बेफिक्र होकर भेज देते थे..
वो दोपहर 2 बजे के बाद मुझे बुलाते थे. उसकी बीवी सो जाती थी और वो मुझे ऊपर के कमरे मे ले जाकर पढ़ाते थे.. में भी बहुत खुश थी कि सर मुझे इतना टाईम देते थे.. लेकिन कुछ दिन बाद वो बार बार मेरी पीठ पर हाथ रखते तो मुझे थोड़ा बुरा लगता था.. लेकिन वो मुझसे इतने बड़े थे.. तो मैंने कुछ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
एक दिन उनके घर पर कोई नहीं था और जब में गई तो उसने मुझे कहा कि बहुत सर दर्द कर रहा है. फिर मैंने कहा कि फिर में आज चली जाती हूँ.. कल आ जाउंगी. उसने कहा कि नहीं.. मेरे पास थोड़ी देर बैठो और वो बिस्तर पर सोये हुये थे.. में उनके पास बैठ गई. फिर उन्होंने कहा कि थोड़ा सर दबा दो और में कुछ करती उससे पहले ही उन्होंने मेरी गोद पर अपना सर रख दिया और में चौक गई.. लेकिन में कुछ कह नहीं पाई. फिर मैंने सर दबाना शुरू किया.. तो वो बार बार मेरे बूब्स पर धक्का दे रहे थे.. मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था.. लेकिन में चुप रही.. क्योंकि में सर से बहुत डरती थी.
फिर अचानक उन्होंने मुझे उठकर पकड़ लिया और मुझे बिस्तर पर लेटा दिया.. में डर गई और वो मुझे किस करने लगे.. में कुछ कहती कि उससे पहले उन्होंने कहा कि चुपचाप लेटी रहो.. वरना बहुत बुरा होगा और वो मेरे होठों को चूसते रहे. कुछ देर किस करते करते मेरे होंठो को दाँत से दबाया और मेरे होंठ से खून निकल आया.
फिर वो खून भी चूस के पी गये. फिर उन्होंने मेरे बूब्स को दबाना शुरू किया और टी-शर्ट के ऊपर से ही इतना ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे कि मेरी जान निकले जा रही थी.. भूखे जानवर की तरह वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे और टी-शर्ट के ऊपर से दाँत से भी काट रहे थे. 20-25 मिनट तक उन्होंने मेरे बूब्स को पागलों की तरह दबाने के बाद मुझे ड्रेस उतारने को कहा.. तो में रोने लगी और कहा कि मुझे घर जाना है और बहुत तेज रोने लगी.
फिर उन्होंने मुझे छोड़ दिया और में घर आ गई. डर की वजह से माँ को कुछ नहीं बता पाई और अंदर जाकर टी-शर्ट उतारकर देखा.. तो में खुद डर गई थी और मेरी पूरी छाती लाल हो गई थी और इतना दर्द हो रहा था कि क्या बताऊँ? में टच भी नहीं कर पा रही थी.. ड्रेस पहनते वक़्त थोड़ा सा भी हाथ लग जाये.. तो जान निकले जा रही थी. फिर में दो दिन कोचिंग नहीं गई और माँ से बोला कि तबीयत ख़राब है.
फिर टीचर ने माँ को फोन किया और माँ को डाटा और कहा कि कल से कोचिंग भेज देना.. तो माँ ने मुझे अंदर आकर बहुत डाटा और कल से कोचिंग जाने के लिये कहा. फिर मैंने कहा कि मुझे सबके साथ पढ़ना है.. में अकेले में नहीं जाउंगी. माँ और भी गुस्सा हो गई और कहा कि सर तुम्हारा कितना ख्याल रखते है और तुम्हे कोई चिंता नहीं है.. तुम कल से अकेले ही जाओगी. फिर मुझे बहुत डर लगने लगा. अगले दिन माँ मुझे सर के घर छोड़कर आई.. उस दिन में सलवार पहने हुये थी. सर मुझे पढाते वक़्त बहुत बुरी तरह से देख रहे थे.. में कुर्सी पर बैठ के कुछ लिख रही थी कि अचानक वो मेरे पीछे से आकर मेरे बूब्स पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और मेरे बूब्स पर अभी भी दर्द था.
फिर मैंने कहा कि सर मुझे दर्द हो रहा है.. तो वो मुझे ऊपर के छोटे कमरे में ले गये.. वहां एक छोटा सा बेड था. मुझे बहुत डर लग रहा था. फिर उन्होंने दरवाजा बंद करके मेरे सलवार की चैन खोल ड़ी और सलवार खींचने लगे.. में मना करने लगी.. पर उन्होंने नहीं सुना और एक थप्पड़ लगाया.. तो में चुप हो गई और मेरा सलवार उतार दिया और फिर ब्रा भी.
फिर मुझे बेड पर लेटाया और वो मेरे ऊपर आ गये. फिर वो मेरे बूब्स को चूसने लगे.. जैसे तो मानो मेरे बूब्स को खींचकर उखाड़ देंगे.. इतने ज़ोर ज़ोर से चूस रहे थे और कभी कभी दाँत से भी दबा रहे थे. फिर 15 मिनट तक उन्होंने मेरे बूब्स को दबाया चूसा और चाटा. फिर उन्होंने अपना पज़ामा उतारा और उनका लंड ओह्ह गॉड में देखकर डर गई.. 8 इंच का होगा और बहुत मोटा था. फिर मैंने कहा कि में सेक्स नहीं कर सकती.. तो वो ज़बरदस्ती करने लगे. मैंने कहा कि में चिल्लाउंगी.
फिर उन्होंने कहा कि फिर तो मुँह में ले ले. मैंने मना किया.. लेकिन वो जबरदस्ती करने लगे. फिर थोड़ी देर बाद मैंने बहुत तकलीफ़ से मुँह मे लिया. मैंने सिर्फ़ अपने बॉयफ्रेंड का लंड 2 बार मुँह में लिया था.. लेकिन उसका लंड इससे बहुत छोटा था. फिर उन्होंने कहा कि ज़ोर ज़ोर से चूस मज़ा नहीं आ रहा है तो में जोर से चूसने लगी. फिर वो मेरे मुँह पर ही झटके मार रहे थे. मे साँस भी नहीं ले पा रही थी.. उन्होंने मुझे 8-10 मिनट चुसवाया और मुँह पर पूरा माल निकाल दिया. फिर मैंने उल्टी कर दी.. इतनी बुरी स्मेल और टेस्ट था.
फिर में मुँह धोकर घर चली गई.. ऐसे वो मेरे साथ रोज करने लगे. एक दिन उन्होंने मेरे कुछ नंगे फोटो लिये और कहा कि अगर सेक्स नहीं करने दिया तो वो सबको दिखा देगें और में मान गई. फिर आज घर पर कोई नहीं था.. तो वो मेरे घर आये थे और मेरे साथ सेक्स किया. में वर्जिन थी तो उन्होंने इतनी बुरी तरह से मुझे चोदा कि में बेहोश हो गई थी.
फिर होश आने के बाद उन्होंने मुझे फिर चोदा.. वो बस बार बार अपने लंड पर तेल लगा रहे थे और चोद रहे थे. आज सुबह से उन्होंने मुझे 7 बार चोदा है और लास्ट बार जब में चूत में और नहीं ले पा रही थी.. तो उन्होंने मेरी गांड पर तेल लगाकर.. गांड भी मारी. इतना दर्द हुआ कि में ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी. डॉक्टर को मैंने गांड के दर्द के बारे में नहीं बताया.. लेकिन इंजेक्शन देने के बाद अब दर्द थोड़ा कम है.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया