लेडीस टेलर को चोदा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज शर्मा है और में असम का रहने वाला हूँ. में आज आप सभी के सामने अपने जीवन की एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. जिसमे मैंने एक लेडिस टेलर को चोदा और अपने लंड को शांत किया.
यह मेरी पहली कहानी है तो अगर मुझे कोई गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करें. तो अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. दोस्तों यह बात कुछ महीने पहले की है, मेरे घर के कुछ दूरी पर में एक नेपाली औरत रहती है और उसका अपना लेडीस टेलरिंग सेंटर है. वो वहां पर काम करने के साथ साथ सभी को कपड़े सिलना भी सिखाती है. में जब भी उसको देखता हूँ तो मेरे लंड और बदन में एकदम आग सी लग जाती है क्योंकि वो ऐसी ही है. एकदम हॉट सेक्सी उसकी हाईट करीब 5 होगी और उसके बूब्स का साईज करीब 36 होगा जो दिखने में बहुत सुंदर है. लेकिन उसके जिस्म पर सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है उसकी गांड, एकदम गोल और उसे देखकर लगता है कि दो बड़े साईज़ के तरबूज़ एक साथ चल रहे है और फिर में हमेशा उससे बात करने का मौका खोज़ता हूँ. लेकिन ऐसा मौका मुझे कभी हाथ नहीं लगा.
तो एक दिन में बजार से आ रहा था, तभी मैंने देखा कि वो भी अपनी स्कूटी लेकर आ रही थी. तब मैंने सोचा कि यही एकदम सही मौका है और फिर में अपनी बाइक उसके पास ले गया और उससे कहा कि हैल्लो मेडम आपका एक लेडिस टेलरिंग सेंटर है ना? तो उसने कहा कि हाँ है. लेकिन आपको कैसे पता? फिर उसने अपनी स्कूटी को एक साईड में रोक दिया और फिर मैंने भी अपनी बाईक को रोक दिया और मैंने कहा कि मुझसे किसी ने कहा था. तो उसने मुझसे पूछा कि क्यों आपको भी कोई कपड़े डिजानिंग कटवाना छटवाना है क्या? तो मैंने कहा कि हाँ मुझे अपनी भाभी के कुछ कपड़े डिजानिंग में करवाने है. तो उसने कहा कि ठीक है आप मेरा मोबाईल नंबर ले लीजिए और मुझसे फोन पर बात करके मेरे घर आ जाना. तो मैंने कहा कि ठीक है और मैंने उसका मोबाईल नंबर ले लिया और फिर हम वहां से चले आए.
तो उसके अगले दिन मैंने उसको उसके मोबाईल नंबर पर फोन किया और कहा कि मेडम मैंने कल आपसे आपका मोबाईल नंबर लिया था. लेकिन सॉरी मेडम मैंने तो आपसे आपका नाम ही नहीं पूछा, वैसे आपका नाम क्या है? तो उसने अपना नाम सुनीता बताया और फिर कुछ देर तक इधर उधर की बातें करने बाद उसने मुझसे मेरा भी नाम पूछा और मैंने उसे बता दिया तो मैंने उससे कहा कि क्या आप आज मिल सकती हो? तो उसने कहा कि ठीक है आप आ जाइए, फिर मैंने उससे उसके घर का पता लिया. वैसे में उसके घर को पहले से ही जानता था और में उसके घर पर चला गया. उसका घर एक बिल्डिंग के दूसरी मंजिल पर था और मैंने वहां पर पहुंच कर दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई. तो उसने दरवाजा खोल दिया, वो ठीक मेरे सामने खड़ी हुई थी और वो क्या मस्त सेक्सी लग रही थी, उसने एकदम टाईट टी-शर्ट और केफ्री पहनी हुई थी, जिसमें से उसके बूब्स बाहर की तरफ झांक रहे थे और वो बहुत सुंदर दिख रहे थे. बिल्कुल टाईट कपड़े होने की वजह से उसके शरीर का हर एक अंग बाहर से साफ साफ एकदम ठीक आकार का दिख रहा था. उसकी बड़ी सी गांड और झूलते हुए बूब्स मुझे बिल्कुल पागल बना रहे थे, मेरी आंखे उसके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी.
कुछ सेकिंड बाद उसने मुझे घर के अंदर बुलाया और अंदर बैठने को कहा और अब में होश में आकर सोफे पर जाकर बैठ गया और फिर वो किचन की तरफ चली गई और कुछ देर बाद मेरे लिए पानी लेकर आई और जैसे ही उसने झुककर मुझे पीने के लिए पानी दिया तो उसकी उस टी-शर्ट में से उसके बूब्स आधे से ज्यादा बाहर की तरफ झूलते हुए दिखाई देने लगे, जिन्हें देखकर में फिर से होश खो बैठा. उसने अंदर की तरफ एक गुलाबी कलर की ब्रा पहनी हुई थी और अब उसने भी मेरी इस बात पर ध्यान दिया कि में उसके बूब्स देख रहा हूँ.
लेकिन फिर भी उसने मुझसे कुछ भी नहीं कहा बस थोड़ा सा मुस्कुराकर चली गई और फिर वो अंदर दूसरे कमरे में जाकर एक एलबम लेकर आई और मुझे कपड़ो की डिज़ाइन दिखाने लगी. लेकिन मेरा तो बहुत बुरा हाल था क्योंकि वो ठीक मेरे पास बैठी हुई थी. मुझे उसका पूरा जिस्म एकदम नंगा नजर आ रहा था और अब मेरा लंड एकदम मेरी पेंट में तनकर खड़ा हुआ था और मेरी पेंट को फाड़ रहा था.
तो मैंने अपने पैरों से उसकी मोटी मोटी जांघो को और भी करीब लाकर एकदम सटाया हुआ था और जब वो मुझे कपड़ो के डिजाईनिंग फोटो दिखा रही थी तब में जानबूझ कर एक साइड से उसके बूब्स को छूने की कोशिश रहा था. में तो यह सब करते हुए एकदम पागल सा हुआ जा रहा था, लेकिन वो मेरा किसी भी तरह विरोध नहीं कर रही थी, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी. फिर हमने कुछ देर इधर उधर की बातें की लेकिन मेरा ध्यान उसकी बातों से ज्यादा उसके जिस्म पर था और फिर कुछ देर के बाद उसने मुझसे मुस्कुराते हुए कहा कि आप बैठिए, में आपके लिए चाय बनाकर लाती हूँ.
फिर वो एकदम से खड़ी हुई और वो मेरे सामने से अपनी गांड को मटकाकर चली गयी और में उसकी गांड को घूरकर देखता रहा. तो कुछ देर बाद उसने मुझे किचन से आवाज़ लगाई और में उठकर उसकी किचन में गया तो पता चला कि उसकी चाय पत्ती ख़त्म हो गई थी. उसने मुझे ऊपर से उतारने को कहा और में जब उसकी सेल्फ़ पर चड़ा तो वो नीचे से स्टूल पकड़कर खड़ी हुई थी और मैंने जब नीचे की तरफ देखा तो मुझे उसके बूब्स साफ साफ दिखाई दे रहे थे और शायद यह बात उसको भी पता चल गई थी कि में उसके बूब्स पर अपनी नजरे डाल रहा हूँ और फिर उसने मुझे एक शरारती सी स्माइल दी.
फिर में नीचे उतरते वक़्त जानबूझ कर उसके बूब्स को रगड़ते हुए बहुत धीरे से उतरा. लेकिन वो फिर भी वहां से हटी नहीं और फिर वो चाय बनाने लगी और में उसके पीछे खड़ा होकर उसकी मटकती हुई गांड को देखने लगा. तो उसने एकदम पीछे की तरफ पलट कर मुझे देखा, जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरी कोहनी पर छू गये. तो उसने मुझसे कहा कि क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि आप बहुत ही सुंदर हो और आपका फिगर भी एकदम कमाल का है.
तो उसने कहा कि नहीं आप मुझसे मजाक कर रहे हो, में तो बहुत मोटी हूँ, पता नहीं आपको में कहाँ से सुंदर दिखाई दे रही हूँ और तब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसके पीछे से उसकी कमर को हाथ लगा दिया और अपना लंड उसकी गांड में सटा दिया और फिर से कहा कि नहीं कसम से आप बहुत सुंदर हो और उसके पेट को सहलाने लगा. तो उसने मुझसे पूछा कि आपको मुझमें ऐसा क्या अच्छा लगता है? तब मैंने उसकी गांड पर हाथ रख दिया और कहा कि यह मुझे आपके शरीर में सबसे ज्यादा पसंद है और फिर एकदम अचानक से उसके बूब्स को पकड़ लिया तो मैंने उन्हे छूने के बाद महसूस किया कि उसके बूब्स एकदम कड़क थे और अब में उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने दबाने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी.
तभी वो एकदम से पलट गई और मेरे होंठो पर अपने होंठ रखकर किस करने लगी. तो में भी एक भूखे शेर की तरह उस पर झपट पड़ा. मेरा एक हाथ उसके सर के पीछे था तो दूसरा उसके एक बूब्स को मसल रहा था और उसका एक हाथ मेरी कमर पर था तो दूसरा हाथ मेरे तनकर खड़े हुए लंड पर था. वो मेरे लंड को सहला रही थी और फिर उसने स्टोव बंद किया. मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और कमरे में ले जाकर बेड पर लेटा दिया और फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को खोल दिया और केफ्री को भी उतार दिया. तो मैंने देखा कि उसने केफ्री के नीचे की तरफ पेंटी नहीं पहनी हुई थी और फिर मेरी नजरों के सामने उसकी कामुक चूत थी, जिस पर हल्के हल्के बाल थे. तो में उनसे खेलने लगा और उसकी चूत को सहलाने लगा. उंगली को अंदर तक डालकर उसके जोश का अंदाजा लगाने लगा. वो धीरे धीरे सिसकियाँ लेने लगी. अब मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया और एक एक बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा.
फिर कुछ देर बाद उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को चूसने लगी. तो मैंने भी उसकी चूत को चाटने के लिए अपनी जीभ उसकी गरम चूत में डालनी शुरू की. जैसे ही मेरी जीभ ने उसकी चूत को छुआ तो वो एकदम सिहर उठी और में उसकी गीली चूत के रस को चूसने चाटने लगा. वो मेरे सर को अपनी चूत के मुहं पर दबाने लगी और फिर करीब दस मिनट चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और में उसकी चूत से निकला हुआ नमकीन पानी पी गया और वो एकदम ठंडी होकर पड़ी रही. लेकिन उसके मुहं में मेरा लंड था, वो उसे लगातार चूस रही थी. तो उसके कुछ देर बाद मेरा भी वीर्य उसके मुहं में निकल गया और उसने सारा वीर्य अपने मुहं में ले लिया. वो उसे पूरा का पूरा नीचे गटक गई और उसने मेरे लंड को चाट चाटकर एकदम साफ कर दिया. तो में अब उसके निप्पल को चूसने लगा और वो अपने एक हाथ से मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से सहला रही थी, जिसकी वजह मेरा लंड कुछ ही देर में फिर से खड़ा होकर तैयार हो गया.
तो मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे से धक्का देकर अंदर डालने लगा. पहले उसे थोड़ा सा दर्द हुआ, जिसकी वजह से वो अपनी चूत को थोड़ा पीछे की तरफ खींचने लगी. लेकिन मेरी मजबूत पकड़ की वजह से वो बिल्कुल भी पीछे नहीं हट सकी और अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी अह्ह्ह्हह थोड़ा उह्ह्हह्ह धीरे आईईईई प्लीज थोड़ा धीरे करो अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह और में लगातार ताबड़तोड़ धक्के दिए जा रहा था.
लेकिन फिर कुछ देर की चुदाई के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो मुझसे कहने लगी हाँ और अंदर उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह तक डालो. हाँ डाल दो इसे पूरा अह्ह्ह्ह अंदर हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे तो कुछ देर के धक्कों के बाद वो एक बार फिर से झड़ गयी और फिर उसने मुझसे लंड को अपनी चूत के बाहर निकालने को कहा और जैसे ही मैंने लंड को बाहर निकाला तो वो डॉगी स्टाईल में आ गयी और मुझसे लंड को डालने की कहने लगी. दोस्तों में कसम से कहता हूँ कि उसकी नंगी गांड को देखकर एक 80 साल के बुड्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए क्योंकि वो एकदम चिकनी और बड़ी ही सुंदर थी. तो मैंने लंड को एक हाथ से पकड़ा और उसकी चूत पर रखा. लेकिन तभी उसने मुझसे कहा कि लंड को मेरी गांड में डालो, मुझे गांड मरवाना बहुत पसंद है. तो मैंने उसकी गांड पर अपने लंड का टोपा रखा और गांड पर ज़ोर से दबाव बनाते हुए लंड को अंदर की तरफ सरकाने लगा. जिसकी वजह से मेरे लंड और उसकी गांड की हालत बहुत खराब थी.
वो दर्द से छटपटाने लगी और मेरे लंड पर एक अजीब सी जलन महससू होने लगी, लेकिन फिर भी मैंने धक्कों पे धक्के देकर लगातार करीब बीस मिनट तक उसकी गांड मारी और फिर गांड में ही झड़कर एकदम शांत हो गया. कुछ देर के बाद में दोनों बूब्स को सहलाने, दबाने लगा तो मेरा लंड धीरे धीरे छोटा होने लगा और वीर्य मेरे लंड से बाहर निकलकर गांड से होता हुआ उसकी चूत तक बहने लगा.
फिर हम वैसे ही पड़े रहे, कुछ देर के बाद हम उठे फिर हम एक साथ में बाथरूम में गये और वहां पर भी मैंने उसको खड़ा करके एक बार और चोदा. लेकिन इस बार मैंने उसकी चूत को बहुत देर तक लगातार धक्कों के साथ चोदा. उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के बदन को साफ करके बाहर आ गए. मैंने अपने कपड़े पहने और अपने घर पर चला आया. लेकिन उसके बाद में मुझे जब भी मौका मिला में उसको चोदने जाता और अब उसने मुझे वहीं पर बहुत सी औरतों से मिलवाया जिनकी चूत को मेरे जैसे ताकतवर लंड की जरूरत है और फिर मैंने उनकी चूत को भी चोदकर ठंडा किया.
Share:

अंधी बहू की चुदाई


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वीरेन्द्र है और में शादीशुदा हूँ और मेरी उम्र 25 साल है और मेरी बीवी की उम्र 23 साल है. हमारे साथ मेरे पापा और मेरी माँ रहते है. ये उन दिनों की बात है जब मेरी बीवी का एक्सीडेंट हुआ था. मेरे पापा, मेरी माँ और मेरी बीवी वे तीनों बाहर मंदिर जा रहे थे तो रास्ते में एक गाड़ी ने मेरी माँ और मेरी बीवी को जोरदार टक्कर मारी, जिसमे मेरी बीवी और मेरी माँ को बहुत चोटे लगी थी और मेरे पापा को कुछ नहीं हुआ था. क्योंकि एक्सीडेंट ड्राइवर के सामने की साईड में हुआ था.
जब मुझे इस एक्सीडेंट का पता लगा, उस समय में ऑफिस में था. में तुरंत वहां से हॉस्पिटल पहुंचा तो पता चला कि पापा को कुछ नहीं हुआ था और मेरी माँ को हाथ व पैर में फ्रेक्चर और आखों में चोट की वजह से बहुत दर्द हो रहा था और मेरी बीवी को सिर के ऊपर और आँखो को बहुत चोट लगी हुई थी. मैंने डॉक्टर से बात की तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी बीवी यानी आशा को 2 महीने के लिए आँखों पर पट्टी बांधनी पड़ेगी और तुम्हारी माँ को भी 3 महीने के लिए आँखों पर पट्टी बांधनी पड़ेगी. तो मुझे चिंता होने लगी कि अब क्या होगा?
मेरी बीवी को उसी दिन हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया, लेकिन मेरी माँ को 10 दिन हॉस्पिटल में रुकने के लिय कह दिया. में मेरी बीवी को लेकर घर आ गया और पापा माँ के पास हॉस्पिटल में रुक गए. फिर मैंने घर पर आकर मेरी बीवी को समझाया कि तुम अपने पापा के घर चली जाओ.
वो बोली कि नहीं, में तुम्हें छोड़ कर कहीं नहीं जाउंगी और वह उसके पापा के घर पर नहीं गयी.
उसके 2 दिन के बाद मेरे ऑफिस में इनकम टेक्स वाले आये तो मुझे ऑफिस में एक रात रुकना पड़ा. मैंने पापा को फ़ोन कर दिया और कह दिया कि आज रात में घर पर नहीं जा सकता. तो पापा ने कहा कि ठीक है, तू चिंता मत कर, में हूँ ना. बस इस रात ने मेरी लाईफ को बर्बाद कर दिया और ये बात मुझे मेरे घर में लगे हुए कैमरे से पता चली.
मैंने मेरे घर में एक कैमरा हॉल में, एक कैमरा मेरे रूम में और एक कैमरा मेरे पापा के रूम में लगवा रखा था और हाँ उनको घर पर लगे कैमरे का पता भी नहीं था क्योंकि जब वो गावं गए हुए थे, तब मैंने यह कैमरे लगवाए थे और फिर हमारी बात भी नहीं हुई थी. हमारे घर में कैमरे बहुत छोटे थे तो दिखाई भी नहीं देते थे. हुआ ये कि मेरे पापा जब घर पहुंचे तो खाना बनाने वाली बाई खाना तैयार करके चली गई थी और मेरे पापा और आशा दोनों घर पर अकेले थे.
मैंने मेरे आज रात घर पर आने की सूचना मेरी बीवी को नहीं दी थी तो मेरी बीवी को पता नहीं था कि में रात में नहीं आऊंगा. फिर पापा खाना खाने के बाद, जब मेरे रूम में गये तो वहां मेरी बीवी नहाकर बाहर आई थी, उसकी आँखो पर पट्टी थी तो उसको लगा कि काम वाली अभी घर पर ही होगी और जब पापा मेरे बारे में बताने गये तो वो अचानक चौंक गये, क्योंकि मेरी बीवी के हाथ में उसकी ब्रा और पेंटी थी जिन्हें मेरे पापा की तरफ करके बोली कि सुन मीना (कामवाली) ये ज़रा धोकर सुखा देना. मेरे पापा कुछ नहीं बोले और उन्होंने कपड़े हाथ में ले लिए जैसे ही उन्होंने बोलने की कोशिश की, उनके पहले ही वो बोल पड़ी.
अब तुम बाहर जाओ. मुझे नाईट ड्रेस पहननी है. क्योंकि वो पुराने कपड़े ही पहनकर आई थी और मेरे पापा ने दरवाजा ऐसे ही बंद किया और वो अंदर ही थे. हाँ, मेरी और मेरे पापा की बॉडी का शेप एक ही था, इसलिए बेचारी आशा को पता नहीं चल पाया था. फिर मेरी बेचारी बीवी को क्या पता था कि अंदर कौन है? तो अब बस मेरी बीवी, उसके पुराने कपड़े उतारने लगी और वो अपने लंड को निकाल कर मुठ मारने लगे और उसकी पेंटी को वो अपने एक हाथ से उनके मुँह पर रख कर सूंघ रहे थे और मेरी बीवी को सामने से देख रहे थे.
फिर मेरे पापा मेरी बीवी के बूब्स देखकर हेरान से हो गये और अब उसने पेंटी को भी खोल दिया. अब वो पूरी नंगी हो चुकी थी. अब जहाँ पर उसके कपड़े थे, वहां पर मेरे पापा खड़े थे और वो मुठ मार रहे थे. अचानक वो कपड़े लेकर पल्टी तो उसके हाथ से उसका गाऊन छूट गया तो वो उसे लेने के लिए नीचे झुकी तो मेरे पापा भी साथ में झुके और मेरी बीवी की रसीली गुलाबी चूत के पास मुँह ले जाकर उसकी चूत सूंघ रहे थे. फिर उनके लंड ने वीर्य निकाल दिया और वीर्य इतना निकला कि साला पूरा हाथ भर गया और फिर मेरी बीवी ने दरवाजा खोला और उसके पीछे-पीछे पापा भी बाहर निकल गये. फिर आशा ने मीना को आवाज़ दी. लेकिन वो तो चली गई थी.
फिर उसने मुझे कॉल किया. लेकिन मेरा फोन स्विच ऑफ था तो वो बोली कि अब में क्या करूँ? सो जाउंगी तो पापा आयेंगे. तो फिर उसने पापा को कॉल किया तो पापा उनके रूम में चले गये और फोन उठाया और बोले तो आशा बोली पापा आप कब आओगे. तो पापा ने जवाब दिया कि बेटी में आज नहीं आऊंगा, मुझे हॉस्पिटल रुकना पड़ेगा.
वो बोली ठीक है और फिर फ़ोन रख दिया और बोली कि चलो अब चिंता नहीं है. क्योंकि एक चाबी वीरेन्द्र के पास है ना तो वो दरवाजा खोलकर आ जायेंगे और खाना भी तैयार ही है, खाना खाकर रूम में आकर सो जायेंगे. फिर वो रूम में चली गई और पापा का भी लंड अब वापस खड़ा हो गया था क्योंकि अब उन्होंने एक परी की चूत देख ली थी और चूत भी बहुत टाईट है. क्योंकि मेरा 7 इंच का लंड जब चूत के अंदर जाता है तो मुझे चूत बहुत टाईट लगती है और मेरे पापा का लंड मैंने कैमरे में देखा, तो मेरे होश उड़ गये. उनका लंड 9 इंच का था और अब उनको 1 घंटा बीत चुका था. फिर वो उनके बिस्तर से उठे और मेरे रूम की और गये. उन्होंने जैसे ही दरवाजा खोला तो मेरी बीवी सो रही थी और पापा बेड पर जाकर सो गये.
फिर पापा ने मेरी बीवी के होठों को सूँघा, फिर वापस चूत तक नाक ले जाकर सूँघा तो मेरी बीवी पल्टी, तो वो डर गयी और फिर हंस कर बोली हे राम, वीरेन्द्र में तो डर गयी थी. तुम थक चुके होंगे तो अब सो जाओं, चलो में आज तुम्हारे हाथ और पैरो को दबा देती हूँ. तो पापा ने हाँ बोल कर जवाब दिया. क्योंकि मेरी आवाज़ और पापा की आवाज़ एक जैसी ही लग रही थी. पापा बिस्तर पर सो गये.
मेरी बीवी हाथ दबा रही थी लेकिन उसको पता ही नहीं चल पाया कि ये कौन है. फिर थोड़ी देर के बाद जब उसने पैर दबाने के लिए हाथ नीचे सरकाया तो लंड के ऊपर हाथ गया और पापा का लंड उठ गया. अब आज मेरी बीवी की चुदाई पक्की थी और पापा उसकी चूत को भी चोद-चोद कर अंधी करने वाले थे.
फिर थोड़ी देर के बाद उसने दूसरी साईड के पैर को दबाना चालू किया, लेकिन उनको तकलीफ़ हो रही थी तो उसने एक पैर ऊँचा करके वो पापा के पैर के ऊपर आ गई थी और हाँ उसने नीचे काले कलर की पेंटी पहनी थी. क्या मस्त माल लग रही थी और आज लंगूर के हाथ अंगूर आ गया था. फिर वो थोड़ी देर के बाद वापस बोली कि अभी आपका दूसरा हाथ भी बाकी है, ऐसा बोलकर अब वो पापा के पैर से उठकर पापा के लंड तक ऊपर आकर बैठ गयी, जिससे उनका लंड तुरंत ही ऊपर हो गया.
वो बोली कि ये क्या? इतनी गर्म क्या चीज़ है और पापा का पसीना छूट रहा था. फिर वो हंसने लगी और पापा के गाल पर चुटकी भरी, फिर वो बोली कि आज में आपको कुछ नहीं करने देने वाली हूँ बस. वो बोल कर पापा के हाथ दबाने लगी और पापा के लंड पर ऊपर नीचे होने से पापा का लंड एकदम खड़ा हो गया. फिर पापा ने एक हाथ से उनके पजामे का नाडा खोलकर पैर से खींचकर निकाल दिया, अब पापा के हाथ मेरी बीवी की जाँघ पर सहला रहे थे, फिर उसके ऊपर नीचे होने की वजह से लंड पर बहुत गर्मी चढ़ रही थी.
फिर जब मेरी बीवी को पता चला कि उनका लंड बाहर निकल आया है तो वो रुक गयी और बैठ गई. तो उन्होंने चड्डी को भी धक्का लगाकर खोल दिया, जिससे लंड का सुपाड़ा अन्दर चला गया और फिर झटके के साथ ही वो खड़ी हो गई और बोली कि आज तो नहीं. आज में एम.सी में होने वाली हूँ. लेकिन वो नखरे कर रही थी. अब वो साईड में जाकर सो गई.
फिर पापा उसके ऊपर आ गये और उसके होठों पर जोरदार किस करने लगे, फिर एक हाथ उसके गाऊन के अंदर चला गया और एक हाथ उसकी चड्डी के ऊपर लगा दिया, फिर वो अपने हाथों से ज़ोर-ज़ोर से सहलाने लगे और मेरी बीवी भी उनका साथ देने लगी. वो बेचारी एक औरत होने से अपने आप को रोक नहीं पाई और बोली कि आज में तुम्हारा लंड मुँह में लूँ, ऐसा बोलकर उसने लंड को हाथ में लिया तो वो सोचने लगी कि ये क्या इतना बड़ा और इतना मोटा? तो फिर वो कुछ नहीं कर पाई, तब पापा ने लंड को हाथ में लिया और लंड उसके मुँह के अंदर डाल दिया.
फिर मेरी बीवी को पता चल गया था कि ये वीरेन्द्र नहीं है, बल्कि कोई और ही है. फिर वो उनसे डर रही थी कि अब मुझे चुप ही रहना पड़ेगा क्योंकि उनको भी मेरा डर था और उसने उनका साथ देना धीरे- धीरे बंद कर दिया और कंबल को लेकर लेट गई और बोली कि मुझे नींद आ रही है, अब हम कल करेंगे और फिर पापा तो उसके ऊपर वापस आ गये और ज़ोर-ज़ोर से ज़बरदस्ती किस और बूब्स चूसने लगे.
फिर उन्होंने आशा की चड्डी ज़ोर से ऊतार दी और मेरी बीवी ऐसे ही डर की वजह से चुपचाप लेटी हुई थी. फिर वापस लंड आशा के मुँह में डाल दिया तो आशा के मुँह से आह्ह्ह्ह की आवाजे निकलने लगी और ज़ोर-ज़ोर से चुसवाने लगे. फिर कुछ देर के बाद उनका लंड चूत पर रगड़ने लगे. ना चाहते हुए भी आशा की चूत से पानी निकल गया.
फिर पापा ने उसकी चूत पर मुँह लगाया और गीली चूत को चूस-चूस कर सूखा कर दिया और मेरी बीवी ने ठान ली कि में अब नहीं झड़ूगी. लेकिन पापा ने इतनी ज़ोर-ज़ोर से बूब्स दबायें और चूत को इतना चूसा कि मेरी बीवी को रोकना मुश्किल हो गया और पापा उठ गये तो मेरी बीवी शांत हो गई और वो अभी पानी निकालने से बच गये थे. तो फिर पापा ऊपर आए और उसके होठों को ज़बरदस्ती चूसने लगे और दोनों हाथ बूब्स के ऊपर रखकर उनको ज़ोर-ज़ोर से दबाना और चूसना चालू कर दिया, जिससे उसकी चूत कंट्रोल से बाहर हो चुकी थी और वो इतनी ज़ोर से ऊँची हुई कि पापा का लंड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चूत पानी से गीली हो गई थी और फिर वापस सो गये और लंड निकल गया. फिर पापा वापस नीचे गये और पूरा पानी चूस लिया और चूत को साफ करके सुखा दी.
फिर किस करते रहे और बूब्स दबाते रहे और अचानक लंड का सुपाड़ा अंदर चला गया. उनका लंड इतना मोटा लंड था कि चूत पूरी लंड से चिपक गयी थी. जैसे ही लंड बाहर निकला तो चूत भी उसके साथ ऊपर हुई. क्योंकि उसकी चूत छोटी थी और लंड बड़ा था, फिर वापस अंदर डाला और फिर थोड़ा धक्का मारा और आधा अंदर चला गया. मेरी बीवी वापस गर्म हो गई थी और हाँ, वो भी पहली बार में 3 बार झड़ चुकी थी और चूत में से पानी बाहर आ ही नहीं पा रहा था, क्योंकि पानी निकलने की जगह ही नहीं थी. लेकिन चूत में पानी भरा होने से फच-फच की आवाज़ आ रही थी.
फिर वो ना चाहते हुए भी उसके हाथ उनके सिर पर और पैर पलंग पर फेर रही थी और अचानक उन्होंने इतना ज़ोर से धक्का लगाया कि लंड चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया और वो भी थोड़ी देर में वापस पैर लपेट कर चिपक गयी और कम से कम 1 घंटा चुदाई की और पानी निकलने का नाम ही नहीं ले पा रहा था. साला लंड भी गधे से बड़ा था.
फिर वो थक गये और पानी निकल गया और शांत हो कर सो गये. जब में सुबह घर आया तो मेरी बीवी जल्दी नहा धोकर फ्रेश हो गई थी और पापा उनके रूम में सो रहे थे. फिर मैंने बेड के पास जाकर देखा तो पता चला कि इतना ज़्यादा खून कैसे तो में कुछ नहीं बोला और मैंने सीधे कैमरे से कॉपी वीडियो देखी तो होश उड़ गये और मैंने मेरी बीवी को पता नहीं चलने दिया कि मुझे मालूम है और मेरी बीवी ने भी मुझे नहीं बताया कि रात में कौन आया था. अब में मेरी बीवी को कभी भी अकेली नहीं छोड़ता हूँ.
Share:

मेरी बीवी के दिल की बात


हैल्लो दोस्तों, में आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, जो दो महीने पहले हुई एक सच्ची घटना है, जिसमे मेरी पत्नी अपने बॉस से चुदी. दोस्तों मेरी पत्नी जिसका नाम मोनिका है. वो दिखने में बहुत ही सुंदर और एकदम मस्त है. उसके फिगर का साईज 36-38-40 है. वो थोड़ी सी मोटी जरुर है लेकिन वो बहुत हॉट सेक्सी और बिल्कुल दूध जैसी गोरी है. अभी हमारी शादी को एक साल हुआ है.
उसकी उम्र करीब 24 साल है और हमने अपने घरवालों की मर्जी के बिना घर से दूर भागकर शादी की है और अब में अपनी आज की स्टोरी पर आता हूँ. मेरी पत्नी मोनिका एक बहुत ही हॉट सेक्सी दिखने वाली लड़की है, मेरा मतलब है कि उसे सेक्स चेट करना बहुत पसंद है और हमारी शादी से पहले भी वो इन्टरनेट पर बहुत सेक्स चेट किया करती थी और हमारी सेक्स लाईफ तब तक बहुत अच्छी तरह से चल रही थी कि तभी अचानक एक दिन मेरी वाईफ रात को चुदाई करवाते हुए मुझसे बोली कि काश तुम्हारा लंड थोड़ा बड़ा और मोटा होता. दोस्तों मेरे लंड का साईज 5 इंच है और फिर मैंने मोनिका से पूछा कि तुम यह क्या कह रही हो, क्या तुम्हे इससे चुदकर संतुष्टि नहीं मिलती जो तुम ऐसी बातें कर रही हो? तो वो बोली कि मैंने तो बस ऐसे ही बोल दिया. लेकिन मेरे दिल में उसकी वो बात अटक सी गई. में पूरी रात उसके वो कहे शब्द सोचता रहा कि उसको शायद मेरे लंड से बड़ा लंड चाहिए, जो उसकी चूत की प्यास बुझा सके और यही सब सोचकर ना जाने कब में सो गया और उसके अगली सुबह सब कुछ पहले की तरह था.
तो मैंने सोचा कि क्यों ना फिर से अपनी वाइफ के दिल की बात पता की जाए कि उसके दिल में क्या चल रहा था. पिछली रात तो उसने मुझे बस ऐसे ही कहकर टाल दिया था, लेकिन अब उससे उसके मन की पूरी बात मालूम होनी ही चाहिए. तो मैंने बहुत सोच विचार करके एक झूटी मैल आई डी बनाई और मोनिका से चेट करने लगा.
पहले तो कुछ दिनों तक सब कुछ एकदम ठीक-ठाक चल रहा था लेकिन अब हम धीरे धीरे एक अच्छे दोस्त बन गये और तब मैंने उससे उसकी शादीशुदा जिन्दगी के बारे में पूछा तो उसने मेरे बहुत बार पूछने पर बताया और तब में यह बात जानकार बड़ा दुखी हुआ कि वो तो एक लंबा, मोटा लंड लेना चाहती है और उसका पति उसे कभी भी खुश नहीं कर पाता और वो अब तक प्यासी है. तो यह सिलसिला रोज़ चलता रहा और में हर रोज़ उसकी चुदाई करता और वो रोज़ मुझे चेट पर उसके पति की चुदाई के बारे में बताया करती. लेकिन में अब बहुत हैरान था कि वो कैसे किसी अंजान को अपनी चुदाई के बारे में सब कुछ बता रही है? और अब में धीरे धीरे उससे सेक्स चेटिंग भी करने लगा और आज जब मोनिका घर पर आई तो मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया. अपनी बाहों में लिया और किस करने लगा वो गरम हो गयी और में उसकी चूत चाटने लगा.
दोस्तों मुझे चूत चाटना बहुत अच्छा लगता है. वो अब तड़प रही थी और फिर मैंने मोनिका के बचे हुए कपड़े भी उतार दिए और अब वो बिल्कुल नंगी थी. फिर हमने एक बार जमकर चुदाई की और सो गये. लेकिन तभी मुझे महसूस हुआ कि वो मुझसे और भी चुदाई करवाना चाहती है लेकिन अब मुझमें चुदाई करने की बिल्कुल हिम्मत नहीं थी और फिर उसके अगले दिन वो ऑफिस चली गयी और में एक अंजान बनकर उससे सेक्स चेट करने लगा. चेट करते करते उसने अपना वेब केमरा शुरू कर लिया और मुझे अपने बूब्स दिखाने लगी. वो बड़े ज़ोर ज़ोर से उनको मसल रही थी, दबा रही थी और उनको निचोड़ रही थी.
वो एकदम जोश से भरी हुई थी तभी मेरी नज़र उसके पीछे पड़ी. वहां पर उसका बॉस खड़ा हुआ था जो कि एक 40 साल का लंबा छड़ा आदमी था और मोनिका मुझसे चेट करते हुए, अपने केबिन का दरवाजा अंदर से बंद करना भूल गयी थी और अब उसने अपना टॉप उतार दिया था और वो इतनी गरम हो चुकी थी कि अब वो अपनी चूत में उंगली करने लगी. वो हर बात से एकदम अनजान थी. उसे नहीं पता था कि उसके पीछे उसका बॉस उसका यह सब काम देख रहा था. तभी बॉस ने उससे बोला कि तुम यह क्या कर रही हो? तो मोनिका एकदम से डर गई और रोने लगी और वो अपना टॉप पहनने लगी लेकिन तभी बॉस ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे अपनी बाहों में भरकर किस करने लगा. मोनिका की तो जैसे लाटरी ही लग गई.
बॉस ने मोनिका के सभी कपड़े एक एक करके झट से उतार दिए और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. दोस्तों में आपको क्या बताऊँ? वो क्या मस्त लग रही थी. उसे देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया और अब बॉस मोनिका को दीवार के सहारे खड़ा करके उसके बूब्स को मसलने लगा, जिसकी वजह से मोनिका के मुहं से सेक्स की मधुर आवाज बाहर निकल रही थी. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी और चुदाई के लिए तड़पने लगी.
मोनिका : अहह उह्ह्ह्हह्ह प्लीज ऐसा मत करो सर यह सब अच्छा नहीं है.
बॉस : ठीक है, अगर तुम यही चाहती हो तो में बाहर चला जाता हूँ.
मोनिका : क्या अब आप मुझे प्यासी छोड़कर जाओगे सर, आज आप मुझे अच्छी तरह से चोदो.
फिर मोनिका ने बॉस के सभी कपडे उतार दिए.
मोनिका : सर यह आपका लंड है या किसी गधे का लगा रखा है (दोस्तों बॉस का लंड करीब 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा था और वो दिखने में बिल्कुल किसी जानवर के लंड की तरह दिख रहा था).
फिर मोनिका ने अब बिना देरी किए लंड को अपने मुहं में ले लिया. बॉस के मुहं से आवाज़े निकलने लगी और करीब दस मिनट के बाद बॉस के लंड से वीर्य निकल गया, जिसे मोनिका ने बड़े ही प्यार से चाट चाटकर साफ किया और अब बॉस ने मोनिका की चूत को चाटना शुरू किया तो मोनिका बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी. सुरेन्द्र (बॉस का नाम) में अब पागल हो रही हूँ, मुझे ऐसे मत तड़पाओ आआहह उह्ह्ह्ह चोद डालो मुझे, आईईई प्लीज अब फाड़ डालो मेरी चूत को और फिर सुरेन्द्र ने मोनिका की 15 मिनट तक चूत चाटी, इस बीच मोनिका दो बार झड़ चुकी थी और अब सुरेन्द्र का लंड दोबारा से लोहे जैसा कड़क हो गया. तो उसने मोनिका को अब टेबल पर लेटा दिया और अपना मोटा लंड उसकी चूत पर रखा.
मोनिका : सुरेन्द्र प्लीज थोड़ा आराम से करना, अब यह चूत तुम्हारी है, इसका ख्याल तुम्हे ही रखना है.
सुरेन्द्र : रांड़ तुझे तो में आज ऐसे चोदूंगा कि तू आज के बाद सिर्फ़ मुझसे ही चुदना चाहेगी.
फिर यह बात बोलते बोलते सुरेन्द्र ने मोनिका की चूत में एक जोरदार झटका मारा और उसका आधा लंड, चूत की दीवार को चीरता हुआ अंदर चला गया. लेकिन मोनिका ज़ोर से चिल्ला उठी रोक ऊईईईई में अह्ह्ह्हह्ह नहीं ले सकती, प्लीज इसे बाहर निकालो उफ्फ्फ्फफ्फफ में मर जाउंगी. तो सुरेन्द्र ने एक बार लंड बाहर निकालने का नाटक किया और फिर एक और ज़ोरदार झटका मार दिया और अब मोनिका चिल्ला ना सकी क्योंकि सुरेन्द्र ने अपने होंठो से उसके होंठ बंद कर लिए थे.
मोनिका की आँखो से आँसू और चूत से खून बाहर निकलने लगा. सुरेन्द्र दस मिनट ऐसे ही लेटा रहा और अब मोनिका कुछ शांत हुई और फिर सुरेन्द्र ने धीरे धीरे झटके लगना शुरू किया, लेकिन धीरे धीरे मोनिका ने भी सुरेन्द्र का साथ देना चालू कर दिया. दोस्तों मुझे उस माइक्रो फोन पर चूत और लंड की मधुर आवाज़ और वो भी मेरी पत्नी की, मुझे सुनकर मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. उनके साथ साथ अब में भी जोश से भर गया और अपने लंड को हिलाने लगा. अब मोनिका भी उछल उछल कर सुरेन्द्र का साथ देने लगी और अब उनकी चुदाई को बीस मिनट से भी ज्यादा हो चुके थे और इस बीच मोनिका 4 बार झड़ चुकी थी लेकिन सुरेन्द्र अभी तक नहीं झड़ा था. उसके लंड में अभी भी जोश बाकी था और अब अचानक से सुरेन्द्र के झटको की स्पीड तेज़ हो गयी और मोनिका भी पागलों की तरह बोलने लगी. अह्ह्ह्हह जान और बहुत तेज़ चोदो मुझे अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह ओए ज़ोर से धक्के दो मेरी चूत पर, में अब आज से तुम्हारी रंडी हूँ अह्ह्ह चोदो उह्ह्ह्हह्ह मुझे और चोदो फाड़ दो मेरी चूत.
तो सुरेन्द्र अब झड़ने वाला था और मोनिका भी. सुरेन्द्र ने मोनिका से पूछा कि अब में क्या करूं, इसे कहाँ निकालूं? तो मोनिका बोली कि प्लीज इसे मेरी चूत के अंदर ही निकाल दो, मेरी चूत तुम्हारा रस पीना चाहती है और दो मिनट बाद सुरेन्द्र ने अपना रस मोनिका की चूत में छोड़ दिया और फिर थककर मोनिका के ऊपर लेट गया.
15 मिनट के बाद दोनों उठे और अपने अपने जिस्म को साफ किया. मोनिका ने कपड़े पहने और सुरेन्द्र को एक लंबा किस दिया. आज मोनिका सुरेन्द्र के साथ उसकी गाड़ी में घर पर आई और वो आज मुझे बहुत खुश नजर आ रही थी. तो मैंने उससे उसकी खुशी का कारण पूछा तो वो मुझसे बोली कि आज उसकी एक बहुत पुरानी इच्छा पूरी हो गयी. तो मैंने उससे पूछा कि वो क्या? तो वो बोली कि अपनी इच्छा ऐसे कभी किसी को नहीं बताते और ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और अब वो रोज़ सुरेन्द्र की गाड़ी में घर पर आने लगी. वो उसकी चुदाई से बहुत खुश रहने लगी और अब में कभी कभी उसे चोदता हूँ. लेकिन वो मेरी चुदाई में ज्यादा रूचि नहीं दिखाती क्योंकि वो मेरे लंड से बड़ा लंड हर रोज लेकर आती है. उसे अब मनचाहा लंड मिल गया है, जिससे वो बहुत खुश है.
Share:

बड़ी औरत के साथ चुदाई का मजा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सतीश है, मेरी उम्र 21 साल है और मेरा लंड 7 इंच लंबा है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपनी उम्र से ज्यादा उम्र की औरत को चोदकर संतुष्ट किया.
दोस्तों मुझे शुरू से ही अपनी उम्र से बड़ी उम्र की औरत को देखना और चोदना बहुत पसंद है और यह मेरी पहली कहानी है और में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को यह जरुर अच्छी लगेगी, यह कहानी मेरी एक स्कूल टीचर की है जिसको मैंने बहुत जमकर चोदा. मेरी टीचर का नाम जया श्रीवास्तव है, उनके बहुत बड़े बड़े बूब्स और उनकी गांड के बारे में आपको क्या बताऊँ? एकदम सेक्सी है और उनकी उम्र करीब 40 साल है वो हमेशा ही सिल्क की साड़ी पहनती है और स्कूल के सभी लड़के उनके बूब्स, गांड को देखते रहते है और में उस समय मेरी टीचर का सबसे पसंदीदा छात्र था, मेरी वो टीचर तलाकशुदा थी और उनके एक भी बच्चा नहीं था, लेकिन फिर भी वो हमेशा हंसती मुस्कुराती रहती थी और अपने मन की बात को हमेशा सबसे छुपाती थी.
तो एक बार मुझे इंग्लिश में कुछ समझ में नहीं आ रहा था और इसलिए में उनसे अपनी समस्या का हल पूछने उनके घर पर गया. वो एक बंगले में रहती थी और फिर मैंने वहां पर पहुंचकर बहुत बार दरवाजे पर लगी हुई घंटी बजाई, लेकिन वो दरवाज़ा नहीं खोल रही थी. तो वहां पर पास में एक खिड़की थी और वो उनके बेडरूम की खिड़की थी और फिर में उसमे अंदर की तरफ देखने लगा, लेकिन में अंदर की तरफ झांककर एकदम से चकित रह गया क्योंकि वहां पर उस समय हमारे स्कूल के एक सर भी मौजूद थे और वो बेड पर पड़े हुए थे और उनका लंड मेडम के हाथों में था. मेडम उनका लंबा, मोटा लंड अपने मुहं में डालकर बहुत मज़े से चूस रही थी और वो सब कुछ देखकर मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और अब उनके बड़े बड़े बूब्स को देखने का मेरा एक सपना जो था वो आज साकार हुआ.
मैंने मेरी पेंट में से लंड को बाहर निकाला और वहीं पर खड़े खड़े उनको देखकर मुठ मारने लगा. फिर कुछ देर चूसने के बाद टीचर ने उसका लंड अपने मुहं से बाहर निकाला और लंड को अपनी चूत के मुहं पर रखा और धीरे धीरे उस पर बैठती चली गई जिससे लंड चूत में घुसता चला गया और अब वो उछल उछलकर अपनी चूत को खुद ही चोदने लगी और उसके बूब्स उछल कूद कर रहे था. इतना सब देखकर मेरा तो पूरा माल बाहर निकल आया. तो कुछ देर बाद मैंने अपना मोबाईल जेब से बाहर निकाला और उनकी पूरी चुदाई को केद कर लिया और फिर में वहां से अपने घर पर निकल गया.
तो दूसरे दिन टीचर ने स्कूल मिलकर मुझे स्माइल दी और बोला कि तुम आज शाम को मेरे घर पर आ जाना क्योंकि मेरा कंप्यूटर ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है शायद उसमे कुछ समस्या है तुम आकर देख लेना. तो में उनके घर पर गया और अब उन्होंने मेरे एक बार ही घंटी बजाने पर दरवाजा खोल दिया और मुझे वेलकम किया और अंदर आने को कहा, में सोफे पर बैठ गया. तो वो किचन में जाकर मेरे लिए ठंडा लेकर आ गई. मैंने ठंडा पिया और फिर उनके बेडरूम में गया जहाँ पर उनका कंप्यूटर रखा हुआ था. तो कंप्यूटर को चालू किया और मैंने कंप्यूटर की हिस्टरी में देखा कि उसमे बहुत सारी पॉर्न साइट्स थी, टीचर ने उस समय एक गाउन पहना हुआ था जिसमे उसके बूब्स थोड़ा सा भी झुकने से साफ साफ दिख रहे थे और शायद उस समय उन्होंने ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी.
फिर मैंने करीब आधे घंटे के बाद उनका कंप्यूटर एकदम ठीक किया और वो उस समय किचन में अपना कुछ काम कर रही थी. तो मैंने किचन में जाकर उनको पीछे से पकड़कर अपने लंड को उनकी गांड पर सटा दिया और धीरे धीरे रगड़ने लगा और उसके बूब्स को उस ढीले-ढाले गाउन के ऊपर से ही धीरे से दबाने, मसलने लगा. तो वो मुझसे बोली कि तुम यह क्या कर रहे हो? प्लीज छोड़ दो मुझे, यह सब बिल्कुल गलत है. तो मैंने बोला कि रंडी तू किसी और से चुदवा सकती है तो मुझसे क्यों नहीं. मुझे भी आज तेरी चूत को फाड़ना है और चुदाई के मज़े लेने है. तो उन्होंने एकदम से मुझे एक ज़ोर से धक्का मारा और खुद को मुझसे अलग किया और मुझे घूर घूरकर देखने लगी. तो मैंने अपना मोबाइल खोलकर उन्हे वो रिकॉर्डिंग दिखाई, वो एकदम मेरे पैरों पर गिर गई और पैर पड़ककर मुझसे बोली कि प्लीज़ तुम यह रिकॉर्डिंग किसी को मत बताना वरना में मर जाउंगी.
तो मैंने यह एक अच्छा मौका देककर उनके बूब्स को दबाते हुए उसको खड़ा किया और बोला कि अगर आज तुमने मेरी बात नहीं मानी तो में यह विडियो नेट पर डाल दूँगा और जिसको सारी दुनिया बहुत मज़े लेकर देखेगी और फिर में वहां से चला गया. तो उसके अगले दिन स्कूल में वो मुझे अपनी झुकी हुई नज़र से देख रही थी और में लगातार उसके बूब्स को देख रहा था. तो उन्होंने सभी स्टूडेंट्स को अपना सर नीचे करने को बोला और सब स्टूडेंट्स अपना अपना सर नीचे की तरफ झुकाकर अपनी पढ़ाई में ध्यान दे रहे थे और में बिल्कुल आखरी वाली बेंच पर बैठा हुआ था.
फिर वो मेरी बेंच पर आकर बैठ गई और में अपने सर को नीचे करके उसके बूब्स को दबा रहा था और उसकी गांड को भी दबा रहा था. दोस्तों में आप सभी को क्या बताऊँ मुझे उस समय बहुत मज़ा आया और फिर मैंने उनसे स्कूल की छुट्टी होने के बाद वहीं पर रुके रहने को कहा और जब मेरा पूरा स्कूल खाली हो गया तो मैंने अपनी टीचर को बाथरूम में आने को बोला. फिर वो आई और उसने मुझसे बोला कि प्लीज मुझे छूना नहीं. तो मैंने कहा कि में अब रुकने वाला नहीं हूँ, मैंने उन्हे अपनी बाहों में जकड़ा और एक जोरदार लिप किस किया और फिर कुछ देर के बाद में वो भी एंजाय करने लगी.
तो मैंने मौका देखकर उसकी साड़ी को उतारा और दोनों बूब्स को बारी बारी से दबाने, मसलने लगा और कुछ देर के बाद मैंने जल्दी से ब्लाउज को भी उतार दिया और उसकी निप्पल को चूसने लगा और फिर उनका पेटिकोट भी उतार दिया. वो अब मेरे सामने नंगी थी और वो साड़ी के नीचे पेंटी नहीं पहनती. फिर में टॉयलेट की सीट पर बैठ गया और अपनी पेंट को भी खोल दिया और लंड को बाहर निकालकर उनसे चूसने को कहा. तो उन्होंने बहुत मज़े लेकर मेरा लंड चूसा और फिर कुछ देर चूसने के बाद वो मेरे लंड पर बैठ गई और फिर मैंने उसकी जमकर चुदाई की. वो मेरे लंड पर ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी और मेरे लंड पर सवारी करने लगी. अपनी चुदाई के बहुत मज़े ले रही थी.
दोस्तों उनकी चूत में मेरा लंड एक ही बार में पूरा अंदर चला गया, उनको थोड़ा सा भी दर्द नहीं हुआ. इस बात से यह पता चलता है कि वो हर दिन अपनी चुदाई करवाती है और जिसकी वजह से उनकी चूत अब भोसड़ा बन चुकी है. तो करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद मेरा वीर्य बाहर निकल आया और उसे मैंने उनकी चूत में डाल दिया, लेकिन फिर भी वो उनकी चूत से बाहर निकलकर मेरी जांघो पर बहने लगा. तो कुछ देर बाद वो मेरे लंड पर से उठकर खड़ी हुई और फिर हम अपने अपने कपड़े ठीक करके बाहर आ गया और मैंने उनसे बोला कि कल में तेरे घर पर आ रहा हूँ और तेरी चुदाई करने वाला हूँ.
में उनके घर पर गया और अंदर घुसते ही उनको अपनी बाहों में कसकर पकड़ा और लिप किस करने लगा. उनके कूल्हों को पकड़ा और लंड को उनकी चूत पर लगा दिया और धीरे धीरे रगड़ने लगा. फिर उनको अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया और फिर उन पर टूट पड़ा. उनकी साड़ी को उतार दिया और उनके ब्लाउज को खींचकर फाड़ डाला और बूब्स को चूसने लगा. तो उन्होंने मुझसे कहा कि भोसड़ी के, मादरचोद, मेरी चूत बहुत प्यासी है. तेरा लंड अब मेरी प्यासी तड़पती हुई चूत में डाल और मेरी प्यास बुझा दे. तो उनकी यह बात सुनकर में जोश में आ गया और 7 इंच का लंड उनकी चूत में डाला और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. तो उनके मुहं से सिसकियों के साथ साथ आहआआआ उह्ह्हह्ह आईईई आवाज़ निकल रही थी.
फिर मैंने कुछ देर के बाद उन्हे डॉगी स्टाइल में चोदा और फिर मैंने मेरा पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और हम दोनों उस समय 69 पोज़िशन में थे. तो मैंने उसकी चूत चाटी और उन्होंने मेरा लंड चूसा और जब तक मेरा वीर्य फिर से बाहर निकला और उन्होंने पूरा माल चूस लिया और थोड़ी ही देर के बाद उनका भी पानी निकल गया.
मैंने कहा कि एकदम सीधी हो जाओ में अब तुम्हारी गांड मारूँगा, लेकिन उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और मैंने एक भी सुने बिना लंड को गांड पर टिकाकर धीरे धीरे अंदर की तरफ धकेलने लगा, लेकिन उनकी गांड का छेद बहुत टाईट था जिसकी वजह से वो सिसकियाँ लेने लगी और कहने लगी आईईईईई प्लीज छोड़ दो मुझे, मेरी गांड में अपना मोटा अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह लंड मत डालो, मेरी गांड फट उह्ह्हह्ह जाएगी, प्लीज ऐसा मत करो. तुम चाहो तो मेरी चूत में और चाहो तो मेरे मुहं में अपना लंड डाल दो, में तुमसे कुछ भी नहीं कहूंगी, लेकिन मेरी गांड को छोड़ दो प्लीज. तो मैंने उनकी बात को अनसुनी करके एक ज़ोर का धक्का मारा और फिर पूरा लंड अंदर चला गया और वो एकदम से चीख उठी आहह्ह्ह्ह मार डाला बाहर निकालो इसे. में मर जाउंगी प्लीज बाहर निकालो.
में एकदम रुककर उनकी कमर को पकड़कर खड़ा रहा, उनके बूब्स को सहलाता रहा और फिर थोड़ी देर बाद जब वो शांत हो गई तो में धीरे धीरे अपनी स्पीड बड़ाता गया और अब वो भी मेरे साथ चुदाई के मजे लेने लगी. तो करीब दस मिनट के बाद में उनकी गांड में झड़ गया और मेरा काम खत्म हो गया. थोड़ी देर तक हम दोनों नंगे ही एक दूसरे को अपनी बाहों में लेकर लेटे रहे. में उनके बूब्स को मसल रहा था और वो मेरे लंड को सहला रही थी और फिर कुछ देर के बाद मेरा लंड फिर से जोश में आ गया और तनकर खड़ा हो गया. में उनको बाथरूम में ले गया और उनके साथ नहाते हुए उन्हे चोदा. हमने बहुत देर तक चुदाई की और फिर में वहां से अपनी चुदाई खत्म करके अपने घर पर आ गया, लेकिन उसके बाद में जब भी मेरा मन चुदाई करने का होता तो में उसके घर उसकी चूत को चोदने पहुंच जाता.
Share:

पहलवान से चुदाई अँधेरे में


हैल्लो दोस्तों, ये कहानी एक ग़रीब लड़की की है. पुष्पा एक ग़रीब घर की लड़की थी, जिसके माँ बाप काम करने वाले थे. पुष्पा के दो बहनें थी. एक का नाम नंदा और दूसरी का नाम ममता था, वो दोनों बहनें दिखने में सुंदर दिखती थी और काफ़ी स्मार्ट भी थी, परंतु पुष्पा दिखने में ज्यादा सुंदर नहीं थी और गली के लड़के भी पुष्पा की तरफ ज्यादा नहीं देखते थे, पुष्पा सबसे छोटी थी. पुष्पा बहुत ही छोटे कद की और दुबली पतली लड़की थी. बेचारी 25 साल की होकर भी 20 साल की लगती थी. उसकी दोनों बहनें स्मार्ट होने के कारण लड़के भी उन्ही की तरफ ज्यादा देखते थे. पुष्पा मन ही मन में अपने आपको कोसती रहती थी.
उनके पड़ोस में एक पहलवान रहता था, जिसका नाम बलदेव था, पुष्पा की दोनों बहनें उससे चुदाई करवाती थी. एक दिन रात के 12 बजे पुष्पा की नींद खुल गई, पुष्पा पेशाब करने के लिए बाहर जाने लगी तो पुष्पा ने देखा कि नंदा और ममता दोनों घर में नहीं थी और इधर उधर देखा तो वो कहीं नज़र नहीं आई. तो पुष्पा को शक हो गया कि दोनों कहीं पास वाले बलदेव से तो नहीं, पुष्पा का शक सही निकला. जैसे ही पुष्पा धीरे-धीरे से अखाड़े की तरफ चलने लगी तो बलदेव पहलवान की और उसकी दोनों बहनों की आवाज तेज़ी से सुनाई दे रही थी, मगर कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. ममता की चीखने की आवाज़, आआआआअहहाअ उूऊऊऊउउउ उसके बाद में नंदा की आवाज आई ओही ओहो आआहाआ बहुत अच्छा लग रहा है, मुझे बलदेव और ज़ोर से चोदो मुझे, तुम्हारा बहुत बड़ा लंड है. तो नंदा बोली अरे धीरे से बोलो वरना पुष्पा जाग जायेगी, तो बलदेव बोला आने दो ना उसे भी, में उसे भी चोद डालूँगा. एक ना एक दिन उसे भी चोदना ही है ना.
ये सुनकर पुष्पा एकदम गर्म हो गयी, आज के पहले पुष्पा ने अपने बारे में किसी से इस तरह की ऐसी बात नहीं सुनी थी और वो सीधी घर में चली गयी और सोने लगी, लेकिन पुष्पा को नींद नहीं आ रही थी. उसको बार-बार उसी बलदेव की बात याद आ रही थी कि कैसा होगा उसका लंड, कैसा दिखता होगा, कैसे लेती होगी दोनों बहनें उसको, वैसे पुष्पा ने लंड के बारे में सुना ज़रूर था और पेशाब करते लड़को का देखा भी था, लेकिन किसी का स्पर्श नहीं किया था. फिर उसने अपने सलवार का नाडा खोला और अपना हाथ वहां ले गयी जहां हर लड़की सेक्स में आकर पहुँच जाती है. पुष्पा ने देखा तो उसकी चूत से इतना पानी निकल चुका था कि आज के पहले कभी नहीं हुआ था, उसकी नींद बिल्कुल गायब हो गयी थी.
फिर उसने अपनी उंगली चूत में डाल दी और आगे पीछे करने लगी और अब उसे मज़ा आने लगा था. वो बार-बार उंगली को आगे पीछे करने से वो झड़ गयी और उसका पानी निकल गया. फिर थोड़ी देर के बाद दोनों बहनें वापस आकर सो गयी तो पुष्पा भी सो गयी थी. दूसरे दिन जब पुष्पा नींद से जागी तो उसे रात के बारे में ख्याल आया तो नहाते समय उसने और एक बार उंगली से नहाते समय पानी निकाल लिया और दोनों बहनों को इस बात का पता तक नहीं लगने दिया और कॉलेज चली गयी, मगर उसे बार-बार बलदेव का ही ख्याल आ रहा था. पुष्पा दुबली पतली और छोटे कद की होने के कारण उसके मन में हमेशा डर सा लगा रहता था तो वो डर भी निकल चुका था, क्योंकि उसे एक चाहने वाला मिल गया था. फिर दिनभर उसे एक ही ख्याल आ रहा था आख़िर उसकी मुलाकात बलदेव से हो ही गयी, बलदेव उसे रास्ते में कॉलेज से वापस आते वक्त मिला तो उसकी धड़कन तेज़ी से दौड़ने लगी. बलदेव ने उससे हाल-चाल पूछा और चला गया. पुष्पा के दिल में बलदेव के बारे में प्यार हो गया था.
फिर कुछ दिन ऐसा ही सिलसिला चलता रहा, पुष्पा रात को चुपचाप अपनी दोनों बहनों की रासलीला सुनती थी और सोते समय अपनी ही उंगली से मुठ मारती थी. एक दिन उसके मामा की शादी के लिए सबको 8 दिन के लिए जाना पड़ा, लेकिन उसी टाईम में पुष्पा की परीक्षा चल रही थी तो पुष्पा नहीं जा रही थी तो उसकी देखभाल के लिए उसकी दादी को रुकना पड़ा.
सब लोग चले जाने के बाद पुष्पा और उसकी दादी ही घर में थी. दादी की उम्र ज्यादा होने के कारण दादी रात भर ज्यादा सोती नहीं थी और थोड़ी सी बात पर ही जाग जाती थी, पुष्पा की परीक्षा होने के कारण वो इधर उधर का ख्याल मन में लाना नहीं चाहती थी. रात के 12 बज चुके थे, मगर उसका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था तो वो उठकर पास वाले बलदेव के अखाड़े की तरफ जाने लगी तो दादी जाग गयी और दादी ने सो जाने के लिए बोला.
दूसरे दिन पुष्पा परीक्षा देकर वापस आ रही थी तो उसके घर के पास ही उसकी मुलाकात बलदेव से हुई, उसने पूछा पेपर कैसा हुआ है तो पुष्पा बोली ठीक हुआ है, वह बोला कि कल कौन सा पेपर है? तो पुष्पा बोली कल अकाउंट का पेपर है. तो इस बात पर बलदेव उसे बोला मेरे अखाड़े में कोई लड़का अकाउंट के फाईनल ईयर के कुछ नोट्स छोड़ गया है तो अगर तुम्हारे किसी काम में आयें तो रात को आकर ले जाना.
उस पर पुष्पा कुछ नहीं बोली और ठीक है कहकर सीधी अपने घर को निकल गयी, लेकिन जैसे-जैसे रात होने लगी और पुष्पा की धड़कने तेज हो रही थी, लेकिन दादी का भी ख्याल आ रहा था तो अचानक उसकी नज़र दादी की दवाई पर गयी, उसमें नींद की गोलीयां थी. पुष्पा ने दादी को दवाई देते समय नींद की दो गोलीयां पानी में ही मिला दी थी, उसके कारण दादी चुपचाप सो गयी. रात को पुष्पा अगले पेपर की तैयारी कर रही थी तो रात के 12 बज चुके थे तो उसके मन में बलदेव का ख्याल आ गया.
फिर उसे नोट्स के बारे में दिन की बातें भी याद आई, लेकिन बलदेव तो ज़्यादा पढ़ा लिखा नहीं था तो उसको नोट्स के बारे में कैसे पता हो सकता है ये जानते हुए भी पुष्पा अपने आपको संभाल नहीं पा रही थी और आख़िर उसके कदम अखाड़े की तरफ बढ़ने लगे. फिर रात के 12:30 बज चुके थे और सभी मोहल्ले वाले सो चुके थे. बलदेव भी सो रहा होगा ये सोचकर पुष्पा दरवाजे पर खड़ी रही, उसकी हालत बहुत खराब हो रही थी और पूरी तरह से दिल की धड़कने तेज होती जा रही थी. आख़िर उसने दरवाजे पर जा कर कुण्डी बजा ही दी.
बलदेव एक मंजा हुआ खिलाड़ी था उसने कई ऐसी लड़कीयों की चुदाई की थी और दरवाजे की दस्तक सुनते ही उसे समझने को देर नहीं लगी, उसने दरवाजा खोला तो पुष्पा बाहर खड़ी थी. बलदेव ने उसका मन ही मन में खुशी से स्वागत किया.
बलदेव एक हठा कठा 6 फुट का पहलवान था और पुष्पा बेचारी छोटे कद की लड़की थी. तो बलदेव बोला आ गई पुष्पा तुम, तो पुष्पा ने गर्दन हिला कर हाँ बोली, तो तुम्हें नोट्स चाहिए आओ मेरे साथ और दरवाजा लगा लिया और पुष्पा का हाथ पकड़कर बलदेव उसे ले जाने लगा. सब तरफ अखाड़े का सामान पड़ा था और लाईट की रोशनी भी कम थी, ऐसे में पुष्पा को चलने में दिक्कत हो रही थी.
बलदेव उसे बोला पुष्पा क्या में तुम्हें अपनी गोद में उठा कर ले जाऊं? तो पुष्पा कुछ नहीं बोली तो वो समझ गया और उसने पुष्पा को गोद में उठा लिया और पुष्पा ने अपनी आँखे बंद कर ली. बलदेव उसे सीधे पीछे वाले खाली रूम में ले गया, वहां पूरी तरह से तैयारी थी. उसने पुष्पा को वहां जाकर खड़ा कर दिया. कमरे में रोशनी बिल्कुल नहीं थी तो पुष्पा बोली ये तुम मुझे कहाँ ले आये हो तो बलदेव बोला यही तो रखे है नोट्स ज़रा ढूँढना होगा और वो दोनों ढूंढने लगे और अंधेरे का फायदा उठाकर बलदेव ने अपने सारे कपड़े उतार दिए. फिर पुष्पा नोट्स ढूंढते-ढूंढते आख़िरकार बलदेव से टकरा ही गयी जैसे ही वो बलदेव से टकराई वैसे ही बलदेव ने उसका हाथ अपने लंड पर रख दिया, जीवन में पहली बार किसी मर्द का लंड पुष्पा के हाथ में आया था. अब पुष्पा जान गयी थी कि बलदेव के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं है.
फिर बलदेव ने पुष्पा के सलवार का नाडा हल्के हाथों से खोल दिया तो पुष्पा कुछ नहीं बोली और उसका टॉप भी निकाल दिया. जैसे ही पुष्पा नंगी हो गयी तो बलदेव ने उसे गोद में उठा लिया और पुष्पा की चूत में से नदीयाँ बह रही थी, जैसे ही बलदेव ने देखा तो वो बोला अच्छा तो पहले से ही तैयार थी. पुष्पा बेचारी क्या बोलती? चुपचाप खड़ी रही और छोटे कद की होने के कारण उसे नीचे सुला दिया. बलदेव का लंड बहुत ही बड़ा था और पूरी तरह से टाईट हो गया था. फिर उसने लंड पुष्पा के हाथ में थमा दिया तो पुष्पा बोली ये तो बहुत बड़ा है. तो वो बोला जानेमन तुम उसकी फ़िक्र मत करो, इतनी गीली चूत में तुम्हें ज्यादा तकलीफ नहीं होगी. उसने पुष्पा को समझाकर उसके दोनों पैर ऊपर उठा लिए और उसके ऊपर झुक गया. पुष्पा अब पूरी तरह से बलदेव के आगोश में थी.
फिर उसने अपने लंड का सुपाड़ा पुष्पा की चूत पर रखा और एक हाथ उसके मुँह पर रखा और लंड को सीधे पुष्पा की चूत में डाल दिया. पुष्पा की अंदर की सांसे अंदर और बाहर की सांसे बाहर रह गई, आहहा मर गयी में, निकाल लो में मर जाउंगी, लेकिन बलदेव ने उसकी एक ना सुनी और धक्के तेज करता गया. अब पुष्पा भी नॉर्मल हो गयी और बलदेव का साथ देने लगी. करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद ही बलदेव शांत हो गया और उस रात खूब चुदाई की और बहुत मजे किए और अब जब भी बलदेव को मौका मिलता है तो वो पुष्पा की खूब चुदाई करता है और मजे देता है.
Share:

दिवाली का मजा आंटी ने दिया


हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में मुंबई में रहता हूँ. मेरी उम्र 23 साल है और मुझे सेक्स कहानी पढ़ने का बहुत शौक है. ये कहानी मेरे जीवन की घटी हुई है और दीवाली नजदीक आ रही थी उसी वक़्त मेरे रिश्तेदार की आंटी उनके बेटे के साथ आई थी, उनका बेटा मुझसे दो साल छोटा था इसलिए हम दोनों काफ़ी अच्छे से खेलते थे.
मेरी आंटी स्कूल में टीचर है, वो बहुत साधारण लगती थी, लेकिन उनकी गांड भरी हुई थी और चूचीयाँ भी बड़ी-बड़ी और भरी हुई थी. में छोटा होने के कारण उन्हें बहुत बार बाहों में भर लेता था और वो भी मुझे अपनी बाहों में ले लेती थी. ऐसे ही दो तीन दिन बीत गये. अब वो घर वापस जाने वाली थी, लेकिन उनका बेटा घर वापस जाने के लिए मना कर रहा था, मेरी आंटी के पति दिल्ली में जॉब करने के कारण कई साल घर से दूर ही रहते थे. अब तो मेरी आंटी अपने बेटे की वजह से वापस नहीं जा पा रही थी इसलिए उन्होंने मुझे उनके साथ घर चलने को कहा और दीवाली की छुट्टियां होने की वजह से मैंने भी हाँ कर दिया, वो ब्लॉक में रहती थी.
अब हम तीनों आंटी, में और उनका बेटा उनके घर वापस आ गये थे और बहुत दिन से घर बंद होने की वजह घर में बहुत कचरा जमा हो गया था. तो आंटी ने कहा कि राहुल तुम दोनों बेड पर ही बैठो. में थोड़ी देर में ही सफाई कर लेती हूँ, तो मैंने उनकी बातों में हाँ मिला दी. उनका घर काफ़ी बड़ा था. यात्रा की थकान की वजह से उनका बेटा घर पर आते ही बेड पर सो गया. अब आंटी साड़ी में थी और वो कपड़े चेंज करने के लिए उनके बेडरूम में गाउन लेकर जा रही थी.
फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने ज़ोर से मुझे आवाज़ दी, में भाग कर उनके कमरे में चला गया और देखा तो आंटी टावल लपेटकर खड़ी थी और ज़ोर से चिल्लाई कि राहुल वो देख चूहा है. वो आधी नंगी खड़ी थी और भाग कर मेरे पीछे आकर खड़ी हो गयी, मेरा तो लंड खड़ा हो गया था और भागते वक़्त उनका टावल भी गिर गया था और मैंने उसे पूरा नंगा देख लिया था.
अब वो चूहे के डर से मेरे पीछे खड़ी थी, मैंने रूम की खिड़की खोल कर चूहे को भगा दिया. अब आंटी काफ़ी रिलेक्स हो गयी और फिर मैंने आंटी को देखा तो वो पूरी पसीने से भीगी हुई थी, उनका टावल शॉर्ट होने की वजह से वो अपनी गांड और चूचीयों को ठीक से छुपा नहीं सकी तो 5मैंने उन्हें एक बार देख लिया था और फिर में हॉल में आकर बैठ गया. फिर कुछ ही वक़्त में आंटी गाउन पहनकर आ गयी. अब वो मुझसे नज़रे नहीं मिला रही थी. फिर उन्होंने सफाई करना शुरू कर दिया था और जैसे ही वो सफाई करने नीचे झुकती तो मुझे आंटी की चूचीयां नज़र आ रही थी उनकी चूचीयों को देखकर में समझ गया कि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी और मेरा लंड बहुत उत्तेजित हो गया था.
अब वो पीछे मूड जाती तो उनकी गांड का छेद भी मुझे दिख जाता था मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो में तुरंत बाथरूम में जाकर मुठ मार रहा था. मेरे लंड को सहलाते सहलाते मैंने जब ऊपर देखा तो वहां आंटी की अंडरवेयर और ब्रा थी. फिर में एक हाथ में आंटी की ब्रा लेकर मेरे लंड पर रगड़ रहा था और दूसरे हाथ में उनकी अंडरवेयर को पकड़कर खुशबु ले रहा था और मैंने काफ़ी वक़्त मूठ मार ली थी तो फिर मैंने उनकी अंडरवियर और ब्रा पहले जैसे ही रखकर बाहर आ गया और देखा तो आंटी अब नीचे बैठकर झाड़ू पोछा कर रही थी.
फिर में बेड पर जाकर उनके बेटे के साथ सो गया, थोड़ी देर के बाद हम सो कर उठ गये तो घर पूरा साफ हो गया था और अब घर काफ़ी अच्छा लग रहा था. फिर हम दोनों यानि में और आंटी का बेटा जैसे ही उठ गये तो आंटी हमारे पास आई और हम दोनों को बाहों में लेकर कहा कि नाश्ता तैयार हो गया है, पहले खा लेना और बाद में तुम्हें जो खेलना है खेल लेना. फिर हम दोनों ने तुरंत नाश्ता कर लिया और क्रिकेट खेलने लगे.
अब रात हो चुकी थी और बहुत नींद आ रही थी तो फिर हम खाना ख़ाकर सो गये और आंटी हॉल के सोफे पर सो गयी और में और आंटी का बेटा बेडरूम में सो गये. में गहरी नींद में था और रात के करीब 2 बजे होगे तो मुझे नींद में कुछ अजीब ही महसूस हो रहा था, मुझे मेरा लंड खड़ा हुआ सा लग रहा था और किसी ने मेरे लंड को पकड़ा हुआ सा लग रहा था. तो फिर मेरी नींद खुल गयी और मैंने धीरे से ही आँख खोलकर देखा तो आंटी मेरा लंड मुँह में लेकर हल्के-हल्के से चूस रही थी. में तो जन्नत में जा रहा था.
फिर अब आंटी ज़ोर-जोर से मेरे लंड को चूस कर आगे-पीछे कर रही थी तो में बहुत उत्तेजित हो रहा था, लेकिन मैंने आँखे नहीं खोली तो आंटी को लग रहा था कि में नींद में हूँ, लेकिन में तो जन्नत में जा रहा था. फिर मैंने धीरे से ही देखा तो आंटी पूरी नंगी थी, लेकिन में उनको पूरा नहीं देख पा रहा था. अब तो आंटी को नंगा देखते ही मेरा कंट्रोल छूट गया और आंटी ने ज़ोर-ज़ोर से लंड को चूसना शुरू कर दिया था और फिर में आंटी के मुँह में ही झड़ गया. मैंने धीरे से देखा तो आंटी ने मेरा पूरा वीर्य पी लिया था. अब वो मेरे लंड को किस करते हुए उठ गयी और पीछे मुड़कर चली गई.
Share:

सेठ जी की रखैल बन गई


हैल्लो दोस्तों, में एक घरेलू औरत हूँ और मेरी उम्र 26 साल है, मेरी शादी को दो साल हो गये है और मेरे पति एक फेक्ट्री में नौकरी करते है और उनकी नौकरी शिफ्ट में होती है, वो शराब के आदी भी है और शाम को कभी कभी तो पीकर भी नौकरी पर जाते है और वहां पर वो मशीन ऑपरेटर का काम करते है. उनकी पहचान के एक सेठ जी है जो कभी कभी हमारे घर पर आते है और वो दोनों एक साथ में बैठकर दारू पीते है. सेठ जी हमेशा मेरे जिस्म जो देखते है और जब भी में उनके सामने आती हूँ तो में हल्की सी स्माईल दे देती हूँ तो वो खुशी से फूले नहीं समाते. दोस्तों मेरी पढ़ाई B.A. तक हुई है, लेकिन फिर भी में कोई नौकरी नहीं करती और सेठ जी हमेशा मुझसे कहते है कि अगर तुम कहोगी तो में तुम्हे कहीं नौकरी पर लगवा दूँगा, लेकिन मेरे पति राकेश नहीं चाहते थे कि में नौकरी करूँ, इसलिए में अब तक किसी भी नौकरी पर नहीं जा पाई.
दोस्तों मेरे जिस्म का कलर बहुत गोरा है, मेरे बूब्स और गांड का साईज़ भी बड़ा है और चेहरा भी दिखने में बहुत ही अच्छा एकदम मासूम सा है, होंठ बिल्कुल गुलाबी छोटे छोटे से है, मेरे फिगर का साईज 36-30-36 है और जब भी में किचन से चाय लेकर आती हूँ और उन्हे चाय देते समय सेठ जी हमेशा मेरे बूब्स पर नज़र रखते है और जब भी वापस किचन की तरफ जाती हूँ तो वो मेरी गांड को ताकते है, लेकिन मेरे पति उनसे कुछ भी नहीं कहते क्योंकि वो जानते है कि उन्होंने सेठ जी को कुछ भी कहा तो वो उन्हे नौकरी से हटवा देंगे. तो एक दिन की बात है जब मेरे पति दारू पीकर नौकरी पर गये और फिर बीच रास्ते में उनका किसी से झगड़ा हो गया और फिर उन्होंने जिससे ज्यादा झगड़ा होने पर उसकी कार के शीशे तोड़ दिए और घर पर वापस आकर छुप गये, में भी उनकी यह हालत देखकर बहुत डर सी गई और मैंने तुरंत कॉल करके सेठ जी को बुला लिया. तो सेठ जी ने मेरे पति से कहा कि तुम कुछ दिनों के लिए बाहर चले जाओ में उन लोगो को संभलता हूँ और उसी समय उन्होंने अपने फार्म हाउस पर मेरे पति को कुछ पैसे देकर आउट ऑफ स्टेशन भेज दिया.
तो उसके कुछ ही घंटो के बाद जिनका मेरे पति से झगड़ा हुआ था वो लोग हमारे घर पर मेरे पति को मारने के लिए आए, लेकिन फिर सेठ जी ने उन्हे समझाया और उनके नुकसान की भरपाई के लिए उन्हे 20,000 रुपए दे दिए और में यह सब देखकर रो रही थी, लेकिन कैसे भी समझा बुझाकर सेठ जी ने उन्हे रुपए देकर वापस लौटा दिया और उन लोगों के जाने पर मेरी जान में जान आई. तो सेठ जी मेरे पास आए और कहने लगे कि कोई बात नहीं यह सब होता रहता है और तुम क्यों डरती हो? अभी में हूँ ना तुम्हारा ध्यान रखने के लिए, लेकिन मेरी आँख से आँसू रुक नहीं रहे थे. तो यह सब देखकर सेठ जी ने मेरे कंधे पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर मेरे आँसू पोंछने लगे, मेरा सर उन्होंने अपने सीने पर रख लिया और मेरी पीठ सहलाने लगे.
मुझे भी बहुत अच्छा महससू हो रहा था, लेकिन कुछ देर के बाद अब उनका हाथ मेरी पीठ पर से धीरे धीरे नीचे जा रहा था और अब उनका हाथ मेरी गांड पर था और वो बहुत प्यार से मेरी गांड को सहलाने लगे और अब उनका एक हाथ मेरी गांड को सहला रहा था और उनका तना हुआ लंड एकदम मेरी चूत के ऊपर था और में समझ गई कि सेठ जी मुझे चोदना चाहते है. फिर में मौका देखकर उनसे थोड़ सा अलग हो गयी और वो भी नॉर्मल हो गये और उन्होंने अपनी जेब से कुछ रुपय निकालकर मेरे हाथ में दे दिए और कहा कि यह तुम घर खर्च के लिए रखो और भी कोई चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझसे बे झिझक माँग लेना. तो में महसूस करने लगी कि यह आदमी मेरी इतनी मदद कर रहा है और बहुत पैसे वाला भी है और मुझे पर जान भी छिड़कता है और फिर मैंने सोचा कि क्यों ना में इसे एक बार अपनी चूत पर सवार होने दूँ और सेठ जी को मेरी चूत का इतना मज़ा दूँ कि वो मेरी चूत के बिल्कुल दीवाने हो जाए और फिर वो मेरे बिना रह ना सके और फिर हमारी पैसे की समस्या भी खत्म हो जायेगी और मेरे पति जो मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाते थे तो मेरी चुदाई की समस्या भी खत्म हो जायेगी.
फिर मैंने सेठ जी से कहा “सेठ जी आपने हमारी इतनी मदद की है कि में आपको बता नहीं सकती और अब में आपका यह एहसान कैसे उतारूंगी? तो सेठ जी बोले कि इसमें एहसान की क्या बात है? तुम्हारी मदद करना तो मेरा काम था और में तुम्हारी मदद नहीं करता तो फिर कौन करता? तो मैंने कहा कि सेठ जी आपने हमारे लिए बहुत कुछ किया है और अब मेरे पास आपको देने के लिए सिर्फ़ यह मेरा जिस्म ही बचा है.
फिर मैंने इतना कहकर अपनी सारी का पल्लू थोड़ा सा नीचे गिरा दिया और कहा कि आप अगर चाहे तो में आपको खुश कर सकती हूँ. तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर सेठ जी से रहा नहीं गया और वो बोले कि मुझे भी तुम बहुत पसंद हो इसलिए तो में तुम्हारी इतनी मदद कर रहा हूँ और ऐसे सिर्फ़ पल्लू हटाने से क्या होगा? दोस्तों में तो बिल्कुल बेशरम ही हो चुकी थी, मैंने सेठ जी से कहा कि सेठ जी मेरा पल्लू हटाना यह तो सिर्फ़ एक शुरुवात है. आप बेडरूम में चलिए तो सही, फिर देखिए में आपके लिए कैसे नंगी होती हूँ? और मेरे इतना कहते ही सेठ जी ने झट से मुझे अपने गोद में उठाया और बेडरूम में ले जाकर बेड पर पटक दिया और फिर मुझे नंगी करने का काम शुरू कर दिया.
उन्होंने जल्दी से मेरी साड़ी को खींचकर उतार दिया और एक कोने में फेक दिया और फिर ब्लाउज को एक जोरदार झटका देकर फाड़ दिया, पेटिकोट का नाड़ा खोलकर उसे नीचे खींच दिया और उसे भी दूसरे कोने में फेंक दिया, मेरी ब्रा और पेंटी को भी एक ही मिनट में खींचकर उतार दिया.
फिर सेठ जी ने कहा कि अरुणा तुम अब अपनी दोनों टाँगे खोल दो ज़रा आज हम भी तो देखे कि राकेश ने तुम्हारी चूत का ख्याल रखा है या फिर चोद चोदकर तुम्हारी चूत को बड़ा कर दिया है और अब में पूरी तरह से उनके सामने बिल्कुल नंगी थी, लेकिन में बहुत खुश थी कि आख़िरकार मैंने सेठ जी के लिए अपने दोनों पैरों को खोल दिया और वो मेरी चूत में उंगली डालकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगे और में बिन पानी की मछली की तरह मचलने लगी और मोन करने लगी. मुझे उनका मेरी चूत में इस तरह से उंगली को लगातार आगे पीछे करके ज़ोर ज़ोर से हिलाना बहुत अच्छा लग रहा था, जिसकी वजह से में अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी और सिसकियाँ लेने लगी. तो सेठ जी कहने लगे कि वाह वाह क्या मस्त बिल्कुल टाईट चूत है, लगता है कि तू अभी तक सही ढंग से चुदी ही नहीं है. तेरे पति तेरी चूत पर ज्यादा ध्यान नहीं देता और ना ही इसको अच्छी तरह से चोदता है, लेकिन में आज इसको बहुत अच्छी तरह से चोदूंगा और तुझे चुदाई के पूरे मज़े भी दूंगा.
फिर उन्होंने उनके कपड़े भी उतार दिए और अब उनका मोटा काला सा लंड ठीक मेरी आखों के सामने था, उनकी छाती बहुत मजबूत, चौड़ी और उस पर बहुत सारे काले बाल भी थे और फिर सेठ जी ने आव देखा ना ताव सीधे उनका लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और में इससे पहले कि ज़ोर से चीखती उन्होंने अपने होंठो को मेरे होंठ पर रख दिया, जिसकी वजह से मेरे मुहं से आवाज बाहर नहीं निकल सकती थी और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि सेठ जी ने अपना लोहे का काला, गरम सरिया मेरी चूत में डाल दिया हो और वो धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे और फिर जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो उन्होंने मेरे होंठो से अपना मुहं हटाकर मेरे बूब्स के निप्पल को चूसना शुरू कर दिया और वो मुझे नीचे से धक्के देकर चोद रहे थे और ऊपर से मेरे निप्पल को भी चूस रहे थे और में खुशी से रो रही थी और उनसे चुदवा रही थी.
मेरी आँखों में आँसू थे, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और इतना मज़ा मुझे अपनी दो साल की शादीशुदा जिन्दगी में कभी भी नहीं आया, वो धक्के पे धक्के मारे जा रहे थे और में सिसकियों के साथ साथ ओहय्ाआअ आआहह की आवाज़े किए जा रही थी और अपनी चुदाई के मज़े लिए जा रही थी. तो दस मिनट के बाद उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में आने को कहा और पीछे से जोरदार धक्के मारने लगे और अब में किसी ऑडियो कैसेट की तरह दोनों साईड से बजाई जा रही थी, पहले सामने से और अब पीछे से. दोस्तों वैसे डॉगी स्टाईल की पोजिशन बहुत सुखद थी और ताबड़तोड़ चुदाई के लिए बहुत अच्छी थी.
फिर वो बहुत ज़ोर ज़ोर से मुझे चोदे जा रहे थे और में सेठ जी प्लीज बस करो अह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह सेठ जी प्लीज़ थोड़ा धीरे करो आअहह ऊईईईईई दर्द से करहाकर चिल्ला रही थी, एक बूड़ा काला कुत्ते जैसे एक छोटी सी सफेद बिल्ली को चोद रहा है ऐसा नज़ारा हो गया था. फिर सेठ जी के ज़ोर ज़ोर के झटके अब मुझे बता रहे थे कि उनका झड़ने का टाईम करीब आ गया है और मैंने उनसे कहा कि अंदर ही डाल दो में तुमसे एक तुम्हारे जैसा बच्चा चाहती हूँ.
उन्होंने कुछ देर बाद जोरदार धक्के मारकर अपना सारा गरम गरम वीर्य मेरी चूत में डाल दिया और उसके मेरी चूत के अंदर गिरते ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरी चूत में गरम वीर्य का सुनामी आ गया हो, मेरी पूरी चूत उनके वीर्य से भर गयी और फिर वो बेड पर लेट गये और ज़ोर ज़ोर से हांफने लगे. अब मेरी सांसे भी थोड़ी ऊपर नीचे हो रही थी, सेठ जी ने कहा कि अरुणा में तुम्हे अपने पास रखना चाहता हूँ, क्या तुम मेरी रखैल बनोगी? तो मैंने कहा कि सेठ जी आपने जिस वक़्त मेरे घर खर्च के लिए मुझे पैसे दिए थे, मैंने तो उसी समय सोच लिया था कि में अब हमेशा आपकी रंडी बनकर रहूंगी और अब आप जब चाहे जैसे चाहे मुझे चोद सकते है, लेकिन बस आप मेरे पति को सम्भाल लेना और फिर हम दोनों हंस पड़े.
दोस्तों तब से लेकर मेरा और उनका अफेर शुरू हुआ. उस दिन से में मेरी चूत की गरम भूख और पैसों की मजबूरी के लिए उनकी रखैल बन गयी, मेरे पति चार दिन तक उनके फार्म हाउस पर छुपे रहे और सेठ जी मुझे दिन रात लगातार चोदते रहे. उन्होंने इन दिनों में मेरी चूत की चुदाई की तरफ से कोई भी कमी नहीं रखी और उन चार दिनों में उनके काले, मोटे लंड ने मेरी कोमल चूत को घिसकर रख दिया और में अपनी चूत को उनके लंड से चुदवाकर शांत करने की कोशिश करने लगी और अब इन दिनों हालत यह है कि जब भी मेरे पति अपनी नौकरी पर जाते है तो सेठ जी मेरे घर पर आते है और मेरी चुदाई करते है और मुझे पैसे भी देते है.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया