मेरी चूत में केले वाले का लंड


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सोनिया है और में चंडीगढ़ की रहने वाली हूँ. में शादीशुदा हूँ फिर भी दिखने में सेक्सी लगती हूँ और मेरा रंग गोरा, बाल एकदम काले और मेरी आखें एकदम भूरी है. मुझे देखकर कोई भी मुझे शादीशुदा नहीं कहता, क्योंकि में अपने शरीर पर बहुत ज्यादा ध्यान देती हूँ.
दोस्तों मेरे पति से मेरी शादी कुछ साल पहले ही हुई और मेरे पति एक प्राइवेट कम्पनी में काम करते है. वो सुबह 9 बजे अपनी नौकरी पर चले जाते है और फिर शाम के 7 बजे तक वापस आ जाते है, तो घर का सारा काम और अपने पति की देखभाल में ही करती हूँ और में दिखने के साथ साथ एक बहुत ही सेक्सी औरत हूँ.
मुझे सेक्स करना और sex kahaniya पढ़कर अपनी प्यासी चूत में उंगली करके झड़ना बहुत अच्छा लगता है. मैंने अब तक कुछ सालों में बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी और वो सभी मुझे बहुत अच्छी लगी. लेकिन दोस्तों मेरे पति 6-7 दिनों में केवल एक ही बार मेरी चुदाई करते है, जिसकी वजह से मेरी सेक्स करने की भूख कभी भी नहीं मिट पाती और में हमेशा प्यासी ही रह जाती हूँ, क्योंकि में बहुत जमकर चुदवाना चाहती हूँ और अपनी प्यासी चूत की खुजली मिटाना चाहती हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक चुदाई की सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ, जिसमे मैंने अपनी चूत को बहुत जमकर चुदवाया. यह कहानी अभी कुछ समय पहले की है जिसमे मैंने एक सब्जी वाले से अपनी चूत चुदवाई और अब में सीधी अपनी आज की sex kahani पर आती हूँ.
दोस्तों हमारे मोहल्ले में घूम घूमकर सब्जी और फल बेचने वाले आते रहते है और उनमें से एक फल बेचने वाले का नाम मोहन था. वो हमेशा मुझसे बहुत ही मुस्कुराकर बात किया करता और कभी कभी मज़ाक भी कर देता था और वो दिखने में भी एकदम ठीक ठाक था. उसका बदन एकदम गठीला था.
एक दिन मैंने उसे देखकर मन ही मन में सोचा कि क्यों ना में मोहन को थोड़ा सा अपनी तरफ आकर्षित कर दूँ तो हो सकता है कि शायद मेरी बात बन जाए और मुझे उसके लंड से चुदवाने का मौका मिल जाए और मेरे मोहल्ले के सभी लोग मेरे पति को बहुत अच्छी तरह से जानते पहचानते थे इसलिए मुझे इस बात का डर था कि अगर मैंने मोहल्ले में किसी के साथ चुदवाया तो मेरे पति को पता चल जाएगा. वैसे हमारे मोहल्ले में ज़्यादातर नौकरी करने वाले ही रहते थे और सुबह 10 बजे के बाद हमारे मोहल्ले में एकदम सन्नाटा हो जाता था. तो एक दिन में मोहन का बहुत इंतज़ार करने लगी और करीब 11 बजे मुझे मोहन की आवाज़ सुनाई पड़ी. केले ले लो केले.
तो वो जब मेरे घर के सामने आया तो मुझसे बोला कि क्यों मेडम केले चाहिए? आज मेरे पास बहुत ही लंबे और मोटे केले है. तो मैंने कहा कि लेकिन तुम पहले मुझे अपने केले तो दिखाओ और वो मेरे पास आया और उसने अपने सर से फल की टोकरी को उतारकर ज़मीन पर रख दिया और फिर उसने मुझे एक बहुत बड़ा केला दिखाते हुए कहा कि मेडम जी आप तो यह केला ले लो. यह बहुत ही लंबा, अच्छा है आज आपको मज़ा आ जाएगा.
मैंने मुस्कुराते हुए सेक्सी अंदाज़ में उससे कहा कि मोहन यह केला तो बहुत मुलायम है, मुझे तो एकदम टाईट और बहुत बड़ा और मोटा केला चाहिए. तो उसने मुझे दूसरा केला दिखाते हुए कहा कि तो फिर मेडम जी आप यह ले लो. फिर मैंने कहा कि मुझे कोई स्पेशल केला दिखाओ, जिसे एक बार देखकर मेरा मन उसे लेने को पागल हो जाए. में उसकी हर बात का बहुत मुस्कुराकर जवाब दे रही थी और अब वो मुझसे बहुत खुश था. तो उसने दूसरा केला निकाला और मुझे दिखाते हुए बोला कि तो फिर आप इसे ले लो.
दोस्तों उस समय मोहन ने निक्कर और बनियान पहनी हुई थी और मुझे उसके निक्कर के ऊपर से ही उसका लंड महसूस हो रहा था और वो ऊपर से देखने में ही मुझे लगा. उसका लंड करीब 9 इंच से कम लंबा नहीं होगा. फिर मैंने शरारती अंदाज में उसके लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा कि तुमने तो वहाँ पर एक स्पेशल केला छुपाकर रखा है, क्या उसे नहीं दिखाओगे?
वो बोला कि आप मज़ाक कर रही है. तो मैंने कहा कि में मज़ाक नहीं कर रही हूँ और फिर वो शरमाते हुए बोला कि में यह केला यहाँ पर कैसे दिखा सकता हूँ? तो मैंने इधर उधर देखा तो आस पास कोई नहीं था और फिर मैंने एकदम मोहन से कहा कि तुम अंदर आ जाओ और मुझे अपना केला दिखाओ. तो वो मेरे पीछे पीछे मेरे घर के अंदर आ गया और मैंने दरवाज़ा बंद कर लिया और फिर मैंने उससे कहा कि हाँ अब तुम मुझे अपना वो केला दिखाओ. तो वो बोला कि मेडम जी यह केला बिल्कुल भी आपके लायक नहीं है क्योंकि यह बहुत ही बड़ा और मोटा है और फिर मैंने कहा कि हाँ यह तो और भी अच्छी बात है क्योंकि मुझे बड़ा केला ही चाहिए.
तो उसने शरमाते हुए अपना लंड अपने निक्कर से बाहर निकाला और बोला कि लो मेडम जी देख लो. तो मैंने उसे देखकर कहा कि वाह यह तो बहुत ही अच्छा केला है. मुझे तुम्हारा यह केला बहुत पसंद है और अब मुझे यही केला चाहिए. तो वो बोला कि नहीं मेडम जी आपको बहुत दर्द होगा. मैंने कहा कि लेकिन बाद में मज़ा भी तो आएगा.
वो बोला कि हाँ मज़ा तो बहुत आएगा, लेकिन यह केला खाने से आपकी चूत फट सकती है? क्योंकि मैंने जब सुहागरात को अपनी बीवी को यह केला खिलाया था तो वो दूसरे ही दिन मायके चली गयी और फिर आज तक लौट कर नहीं आई, उसकी चूत कई जगह से फट गयी थी.
मैंने कहा कि हाँ में तो बहुत दिनों से ऐसा ही केला खोज रही थी, जो एक ही बार में मेरी चूत को शांत कर सके और उसे फाड़कर भोसड़ा बना दे, तो वो बोला कि आप एक बार और सोच लो, क्योंकि में आपको इस केले का मज़ा देने के लिए तैयार हूँ, लेकिन उसके आगे आपकी मर्ज़ी. फिर में मोहन के नज़दीक गई तो उसके बदन से बदबू आ रही थी. मैंने कहा कि तुम्हारे बदन से तो बदबू आ रही है पहले तुम नहा लो, उसके बाद में तुम्हारे इस केले का स्वाद चखूँगी. तो वो बोला कि ठीक है आप मुझे कोई अच्छी सी खुश्बू वाला साबुन दे दो. तो मैंने उसे एक बहुत अच्छा खुश्बूदार साबुन दे दिया और वो उठकर बाथरूम में नहाने चला गया.
तो में भी उसके पीछे पीछे बाथरूम तक चली गयी और उसने अपनी बनियान और निक्कर उतार दी और नहाने लगा. में उसे देखती रही, उसने जब अपने लंड पर साबुन लगाकर उसे बहुत रगड़ा तो उसका लंड एकदम टाईट हो गया. में उसके 9 इंच लंबे और बहुत ही मोटे लंड को देखती ही रह गई और मेरे बदन में उसके लंड को देखकर एकदम आग सी लगने लगी और फिर मैंने बाथरूम में अंदर जाकर उससे कहा कि लाओ में तुम्हारे इस केले पर साबुन लगा देती हूँ. तो उसने मुझे वो साबुन देते हुए कहा कि हाँ लो आप ही लगा दो और फिर मैंने उसके लंड पर साबुन लगाना शुरू कर दिया. में उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे करके साबुन लगाने के बहाने मुठ मार रही थी और थोड़ी ही देर में उसके लंड का जूस निकलने लगा.
मैंने उससे कहा कि क्यों तुम्हारे लंड का जूस तो बहुत ही जल्दी निकल गया? तो वो बोला कि मेरे लंड पर किसी औरत ने अपना हाथ लगभग एक साल बाद लगाया है और इसलिए में बहुत जोश में आ गया था, लेकिन अब इसका जूस जल्दी नहीं निकलेगा.
फिर मैंने पूछा कि अब तुम्हारे लंड का जूस कितनी देर में निकलेगा? वो बोला कि अब तो इसे लगभग एक घंटा लगेगा. तभी मैंने उससे कहा कि अब तुम जल्दी से नहाकर बाहर आ जाओ और मुझे अपने केले का स्वाद चखने का मौका दो. तो वो बोला कि मेडम बस में अभी बाहर आता हूँ और 5 मिनट में ही वो नहाकर एकदम नंगा मेरे बेडरूम में आ गया और अब उसका बदन पानी से गीला और खुशबू से महक रहा था.
मैंने उसका लंड अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद मैंने उसका लंड अपने मुहं में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगी. तो वो कुछ देर के बाद मुझसे बोला कि मेडम जी अगर आप कहें तो में एक बार आपकी चूत को अपनी जीभ से चाट लूँ? मैंने कहा कि तब तो और भी ज्यादा मज़ा आएगा, रुको में लेट जाती हूँ और तुम मेरे ऊपर आ जाओ. तो में एकदम चित्त होकर लेट गयी और वो मेरे ऊपर 69 की पोज़िशन में आ गया. मैंने उसका लंड मुहं में लेकर चूसना शुरू कर दिया और वो मेरी चूत को चाटने लगा. लेकिन जैसे ही उसने अपनी जीभ को मेरी चूत पर लगाई तो मेरे बदन में सनसनी सी होने लगी और में सिसकियाँ भरते हुए उसके लंड को तेज़ी के साथ चूसने लगी.
फिर दो मिनट के बाद ही मेरी चूत एकदम गीली हो गई. में बड़े प्यार से मोहन का लंड चूस रही थी. वो बोला कि मेडम जी अब आपकी चूत गीली हो चुकी है और अब अगर आप कहें तो में आपकी चुदाई शुरू कर दूँ? तो मैंने कहा कि नहीं अभी और थोड़ी देर तक मेरी चूत को चाटो, फिर उसके बाद मेरी चुदाई करना और वो फिर से मेरी चूत को चाटने लगा.
करीब 5 मिनट के बाद में झड़ गई और फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम मेरी चुदाई करो. तो वो मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गया और उसने मेरे चूतड़ के नीचे दो तकिये रख दिए जिसकी वजह से मेरी चूत एकदम ऊपर उठ गयी और उसके बाद उसने एक पका हुआ केला लेकर मसल डाला और केले का थोड़ा सा गूदा मेरी चूत पर लगा दिया. तो मैंने उससे कहा कि तुम यह क्या कर रहे हो? वो बोला कि बस आप चुपचाप देखती जाओ, में आज क्या क्या करता हूँ? और फिर उसने थोड़ा सा केले का गुदा अपने पूरे लंड पर लगा लिया और उसके बाद उसने अपने लंड का सुपड़ा मेरी चूत के होंठो को फैलाकर बिल्कुल बीच में रख दिया और बोला कि अब केले के गुदे की वजह से मेरा यह लंबा और मोटा लंड पूरा का पूरा आपकी चूत में बहुत आसानी से घुस जाएगा.
तो उसने अपना लंड धीरे धीरे मेरी चूत के अंदर दबाना शुरू कर दिया और उसका लंड बहुत आराम से फिसलते हुए मेरी चूत में घुसने लगा. लेकिन मुझे हल्का हल्का दर्द होने लगा और जैसे ही उसका लंड मेरी चूत में लगभग 5 इंच तक घुसा तो मुझे बहुत ज़्यादा दर्द महसूस होने लगा और मेरे मुहं से चीख निकलने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मोहन अऊह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ थोड़ा धीरे प्लीज बहुत दर्द हो रहा है. तो वो बोला कि मेडम जी बस थोड़ा और सब्र करो, अब यह आपकी चूत में पूरा का पूरा बड़ी आसानी से घुस जाएगा और उसने अपने लंड को मेरी चूत पर दबाना लगातार जारी रखा. लेकिन अब दर्द के मारे मेरा बहुत बुरा हाल था, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुसता जा रहा हो.
मेरा सारा बदन थर-थर काँपने लगा और मेरी टाँगें जवाब देने लगी और जब उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर घुस गया तो मैंने मोहन से रुक जाने को कहा और फिर वो रुक गया. अब वो मेरे बूब्स को मसलते हुए मुझे चूमने लगा और थोड़ी ही देर बाद जब मेरा दर्द कुछ कम हो गया तो मैंने कहा कि अब तुम बहुत ही धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर करो वर्ना मेरी चूत फट जाएगी और फिर वो अपना लंड मेरी चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, लेकिन मुझे फिर से दर्द होने लगा और में दर्द के मारे चीखने चिल्लाने लगी अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मोहन प्लीज थोड़ा धीरे करो आईईईइ माँ बचाओ मुझे उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ और मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था और वो 5 मिनट तक बहुत ही धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर करता रहा और अब मेरा दर्द कुछ कम हो चुका था और मुझे मज़ा आने लगा था.
फिर दो मिनट के बाद ही में झड़ गई, तो मैंने मोहन से कहा कि अब तुम जिस तरह से चाहो मेरी चुदाई करो, में तुमसे कुछ भी नहीं कहूंगी और फिर उसने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने लगा. अब मुझे और ज़्यादा मज़ा आने लगा और में अपना चूतड़ उठा उठाकर मोहन का साथ देने लगी. मुझे एकदम ज़न्नत का मज़ा मिल रहा था जो कि मुझे आज तक कभी नहीं मिला. वो मेरे बूब्स को मसलते हुए मेरी चुदाई कर रहा था.
दस मिनट और चुदवाने के बाद जब में फिर से झड़ गयी तो उसने अपने लंड को मेरी चूत के बाहर निकाल लिया. तो मैंने उससे पूछा कि अब क्या हुआ? तो वो बोला कि अब में अपना लंड और आपकी चूत को साफ कर देता हूँ और फिर से आपकी चुदाई करूँगा और अब इस केले के गुदे का कोई काम नहीं है. वो तो मैंने अपना यह लंबा और मोटा लंड आपकी चूत में आसानी से घुसाने के लिए लगाया था. तो उसने बेड की चादर से मेरी चूत को साफ कर दिया और फिर अपने लंड को साफ करने लगा. उसके बाद उसने अपने लंड को फिर से मेरी चूत में धीरे धीरे घुसना शुरू कर दिया. मुझे फिर से दर्द होने लगा, लेकिन मैंने उसे नहीं रोका और धीरे धीरे उसने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मुझे धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा और दस मिनट तक चुदवाने के बाद में फिर से झड़ गयी तो उसने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया.
फिर उसके बाद उसने अपना पूरा का पूरा लंड एक ही झटके से मेरी चूत में डाल दिया. मेरे मुहं से ज़ोर की चीख निकली लेकिन वो फिर भी नहीं रुका. वो मुझे एकदम आँधी की तरह से चोदने लगा और सारा बेड ज़ोर ज़ोर से हिलने लगा. रूम में छप-छप और धप-धप की आवाज़ गूँज रही थी, में जोश से पागल सी हुई जा रही थी और मैंने और तेज, और तेज कहना शुरू कर दिया था और मोहन ने भी मेरी आवाज़ सुनकर बहुत ही जोरदार धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी और अब उसके हर धक्के से मेरे बदन का सारा का सारा जोड़ हिल रहा था.
वो बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई कर रहा था. में भी पूरे जोश के साथ मोहन से चुदवा रही थी और करीब 10-15 मिनट की चुदाई के बाद में फिर से झड़ गई तो उसने फिर से अपना लंड मेरी चूत के बाहर निकाल लिया और मुझे बेड के किनारे पर लेटा दिया और उसके बाद वो मेरी टाँगों के बीच में आकर ज़मीन पर खड़ा हो गया और मेरी चुदाई करने लगा और अब वो मेरे दोनों बूब्स को मसलते, दबाते हुए मुझे बहुत ही तेज़ी के साथ धक्के देकर चोद रहा था और मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और मेरे मुहं से ऊहहआअहह और तेज, हाँ और तेज, हाँ आज फाड़ दो मेरी चूत को की आवाज़ निकलने लगी.
तो वो भी पूरा जोश और दम लगाकर मेरी चुदाई कर रहा था. इसी तरह से उसने मुझे लगभग 45 मिनट तक चोदा और फिर मेरी चूत में ही झड़ गया और उसके साथ ही साथ में भी झड़ गई. वो मेरे ऊपर लेट गया और मुझे चूमने लगा, लेकिन अब हम दोनों की साँसें बहुत तेज चल रही थी और में इस चुदाई के दौरान 5 बार झड़ चुकी थी और आज मुझे पहली बार चुदवाने का वो मज़ा मिला जिसका में बरसों से इंतज़ार कर रही थी और थोड़ी ही देर के बाद जब उसका लंड मेरी चूत में एकदम ढीला पड़ गया तो उसने अपना लंड झट से बाहर निकाल लिया और एकदम मेरे ऊपर से हट गया. उसने अपने कपड़े पहन लिए और बोला कि अब में अपने धंधे पर जा रहा हूँ.
फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम हर रोज आकर मेरी चुदाई ज़रूर करना, मुझे तुम्हारा चुदाई करने का तरीका बहुत अच्छा लगा तो वो बोला कि मुझे भी आज आपकी चुदाई करने में वो मज़ा आया है कि उसे शब्दों में नहीं बता सकता और अब में रोज ही आपकी चुदाई करूँगा. उसने मुझे कुछ फल दिए और कहा कि आप इसको खा लेना बदन में ताक़त आ जाएगी और आपकी यह सारी थकान मिट जाएगी. में आपका साबुन अपने घर ले जाता हूँ, कल से में घर से ही नहाकर आऊंगा और फिर से आपकी चुदाई करूँगा. तो उसके बाद वो चला गया, लेकिन उसके दूसरे दिन से ही में उससे लगातार एक महीने तक रोज चुदवाती रही और बहुत मज़े लेती रही.
फिर एक दिन चूत मरवाने के बाद मैंने मोहन से कहा कि अब में तुमसे अपनी गांड भी मरवाना चाहती हूँ तो वो मेरी यह बात सुनकर बहुत ही खुश हो गया और मोहन से पहली बार गांड मरवाने के बाद में तीन चार दिनों तक ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. लेकिन उसके बाद में मोहन से आराम से गांड भी मरवाने लगी और अब मुझे उससे गांड मरवाने में भी बहुत मज़ा आता है. वो हर रोज ही मेरे पास आता और तरह तरह की स्टाइल में मेरी बहुत ही बुरी तरह से चुदाई करता था और अब वो लगभग एक घंटे के बाद ही झड़ता था और वो मेरी गांड भी बहुत ही बुरी तरह से मारता था. लगभग एक महीने तक मैंने मोहन से चूत और गांड दोनों ही मरवाई, लेकिन उसके बाद वो अपने गावं वापस चला गया और मुझे मोहन के लंड से चुदवाने में जो मज़ा आया, वो मज़ा मुझे अब तक नहीं मिला और ना ही मोहन के जैसा लंबा और मोटा लंड मिला.
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बस में बोबे दबवाकर मजा लिया


हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली Hindi sex story है तो दोस्तों अगर मुझसे इसमें कुछ ग़लती हो गई हो तो प्लीज मुझे माफ कर देना. दोस्तों मेरी उम्र 20 साल है और में दिखने में एकदम सेक्सी लड़की हूँ. मेरे बूब्स और गांड मुझे देखने वालों के लंड को खड़ा कर देते है. मेरी पतली कमर, बड़ी सी गांड, गोल गोल आकार के बूब्स मेरे टाईट कपड़ो से हमेशा बाहर की तरफ दिखते है. मेरे फिगर का साईज 34-26-36 है और देखा जाए तो दोस्तों वैसे मेरे बूब्स कुछ ज़्यादा ही बड़े है और सुंदर भी है जिसे कोई भी मर्द देखते ही दबा देगा और मेरा बॉयफ्रेंड भी उन्हे बहुत दबाता है, लेकिन फिर भी मेरी भूख मिटती ही नहीं है. तो बस में आते जाते कोई भी दबा देता है और में मज़े ले लेती हूँ, लेकिन इस बार बात कुछ अलग थी.
एक बार में अपने मामा के घर से बस में बैठकर अपने घर पर वापस आ रही थी और मेरा पूरा सफर रात का था तो मामा जी मुझे बस स्टॉप पर छोड़ने आए थे और बस में चड़ते ही मुझे एक खिड़की वाली सीट मिल गई और में वहां पर बैठ गई. वहां एक कम उम्र का आदमी मेरी पास वाली सीट पर बैठा हुआ था, वो दिखने में एकदम सीधा-साधा लग रहा था और फिर बस रात के करीब 8 बजे वहां से रवाना हुई. मैंने उस समय एक काली कलर की शर्ट और गुलाबी कलर की स्कर्ट पहनी हुई थी जिसमे से मेरी काली कलर की ब्रा साफ नज़र आ रही थी और मैंने पेंटी हरे कलर की पहनी हुई थी.
दोस्तों वैसे तो में अभी तक वर्जिन ही थी, लेकिन में बहुत फिंगरिंग करती थी और कभी कभी मेरा बॉयफ्रेंड भी करता था. तो बस में बैठते ही मुझे वो दिन याद आ गया जब मेरा एक गणित का टीचर मुझे अलग से क्लास देने के बहाने मेरे बूब्स को दबाता था और अब उस बात को सोचकर मेरा थोड़ा उंगली करने का मन कर रहा था, लेकिन में अभी बस में हूँ यह बात सोचकर मैंने अपनी भूख को दबा लिया, लेकिन मुझे मेरी गीली पेंटी मुझे वो अहसास दे रही थी. तो में कुछ देर के बाद मामी के दिए हुए पराठे, सब्जी खाकर सोने चली. इतने में मेरे पास वाले अंकल ने मुझसे कहा कि बेटा प्लीज थोड़ा खिड़की को बंद करना. मैंने कहा कि हाँ जी अंकल और मेरे बहुत कोशिश करने के बाद भी जब खिड़की बंद नहीं हो रही थी. तो मैंने उन अंकल से फिर से कहा कि अंकल आप ही कोशिश करो ना, यह मुझसे बंद नहीं हो रही है.
तो यह बात सुनकर वो मेरी तरफ झुककर खिड़की को बंद करने लगे और अब उनकी कोहनी ठीक मेरे बूब्स के ऊपर थी और वो जैसे जैसे कोशिश करते मेरे बूब्स दबते जाते, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे वो ऐसा अपनी मर्जी से नहीं कर रहे थे और मैंने उनसे कुछ नहीं कहा. फिर हम सो गये और कुछ देर के बाद अचानक से मुझे मेरी छाती पर कुछ भारी सा वजन महसूस हुआ जिसकी वजह से में बहुत डर गई और मेरी नींद खुल गई.
जब मैंने अपनी आंख खोलकर देखा तो वो अंकल का एक हाथ था जो मेरी छाती के ऊपर रखा हुआ था और कुछ देर के बाद वो हाथ मेरे बूब्स को कपड़ो के ऊपर से धीरे धीरे सहलाने और दबाने लगा, लेकिन मैंने ऐसा नाटक किया कि जैसे में बहुत गहरी नींद में हूँ. मैंने उनका किसी भी तरह का विरोध नहीं किया बस में तो चुपचाप मज़े लेने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मुझे बहुत अच्छा लगने लगा, क्योंकि वो मेरे बूब्स को बहुत अच्छी तरह धीरे धीरे दबा रहे थे और मेरे बूब्स की मसाज कर रहे थे.
फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि उनका दबाव अब धीरे धीरे मेरे बूब्स पर बढ़ने लगा था, वो अपनी स्पीड को बढ़ाने लगे और में तो उस रात के लिए उसी की हो गयी थी और क्यों ना होऊँ, पिछले 15 दिन से में अपने बॉयफ्रेंड से दूर जो थी और इतने में मैंने मोन करना शुरू कर दिया था और वो जितना ज़ोर से दबाए में उतना ही ज़ोर से मोन करने लगी और वो और ज़ोर से दबाने लगा. फिर इतने में तो वो समझ गया था कि में जागी हुई थी तो उसने धीमी आवाज़ में मुझसे कहा कि आवाज़ मत कर कुतिया वरना तेरे यह बूब्स काटकर रख दूँगा और लोग जाग जाएँगे तो सभी लोग तुझे एक रंडी मानेंगे.
उसके मुहं से यह बात सुनकर मुझे बहुत डर लगने लगा और में बहुत धीमी आवाज़ में मोन करने लगी. दोस्तों मज़ा तो मुझे भी बहुत आ रहा था और फिर कुछ देर के बाद उसने आगे की तरफ बड़ते हुए मेरी शर्ट का पहला बटन खोला और काली कलर की ब्रा में ज़बरदस्ती घुसाए हुए मेरे बूब्स को देखते ही वो एकदम पागल जैसे हो गया और वो ज़ोर से दबाने लगा और बूब्स को चूसने लगा और बूब्स को ऊपर नीचे हिलाने लगा और अब मुझे दर्द होने लगा था. आज तक किसी ने भी इतना ज़ोर से मेरे बोबे को नहीं दबाया था और दर्द के कारण मेरी आंख से आंसू आने लगे, लेकिन में कुछ भी करने लायक हिम्मत में नहीं थी.
तो इतने मे उसने मेरी शर्ट के सारे बटन खोल दिए थे और अब पीठ के पीछे से हाथ डालकर ब्रा के भी हुक खोल दिए और अब मेरे शरीर का उपरी हिस्सा पूरा नंगा हो चुका था और में एक अजीब तरह का महसूस कर रही थी और उस समय बस में सारे लोग सो रहे थे, सिवाए हम दोनों और ड्राइवर के. दोस्तों आज तक में सिर्फ़ अपने बॉयफ्रेंड के सामने ही नंगी हुई हूँ और सिर्फ़ उसी ने ही मेरे बूब्स को देखा है और मेरे निप्पल को चूसा है और आज मुझे एक अंजाने आदमी के सामने आधा नंगा होकर शरम आ रही थी.
में पहले अपने आपको छुपाने की नाकाम कोशिश करती रही, लेकिन मेरी हर एक कोशिश बेकार रही. तो वो मेरे बूब्स के साथ फिर से खेलने लगा और इस बार उसने एक हाथ से मेरे बूब्स को दबाया तो दूसरे हाथ से मेरी पेंटी को सरकाकर कमर से नीचे घुटनों तक ला दिया और मेरी चूत के मुहं पर हाथ घुमाने लगा और मेरी चूत को खोलने की कोशिश करने लगा.
उसके ऐसा करने से मेरे पूरे शरीर में जोश से भरे झटके लगने लगे और में धीरे धीरे पूरी तरह से गरम होने लगी और फिर उसने अपनी एक उंगली को धीरे से चूत के अंदर किया और मुझे चोदने लगा. फिर मुझे फिर से पूरा मज़ा आ रहा था और वो अब मुझे धीरे धीरे अपनी तीन उँगलियों से चोदने लगा और में तो मज़े से बिल्कुल पागल होने वाली थी कि इतने में उसने मेरा एक बूब्स अपने मुहं में ले लिया.
दोस्तों वाह क्या सक किया उसने? मेरा बॉयफ्रेंड तो कभी भी कर ही नहीं पाएगा. वो मुझे ऐसे सक कर रहा था जैसे मानो दूध पीता हुआ बच्चा कर रहा हो और नीचे तीन उंगलीयों से मेरी चूत को फाड़ रहा था. दोस्तों में तो खुशी के मारे पागल होने लगी और ऐसे करते करते करीब दो घंटे हो गए थे और में बहुत थक गयी थी, लेकिन उसके हाथ तो बिल्कुल भी नहीं थके थे, लेकिन तभी मैंने देखा कि वो मुझे छोड़कर एक मिनट के लिए अपनी ज़िप को लेकर व्यस्त हो गया. तो मेरे समझ में आया कि वो अब अपने लंड को बाहर निकालने जा रहा था और फिर उसके लंड को देखते ही में तो एकदम से डर गई, क्योंकि मेरे बॉयफ्रेंड का लंड तो इसका आधा भी नहीं था.
उसने मेरा मुहं अपने लंड के पास लाकर मुझसे कहा कि डर मत, चोदूंगा नहीं सिर्फ़ तू ऐसे ही मेरे लंड को चूस दे. में उसके कहने के हिसाब से चूसने लगी और कुछ देर बाद उसने मेरे मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर अपना पूरा वीर्य निकाल दिया. मुझे बहुत घिन हो रही थी. मैंने वहीं पर थूक दिया और अब उसका बड़ा सा लंड थोड़ा मुरझा गया था और इस बार वो थोड़ा थक भी गया था. कुछ देर आराम लेने के बाद उसने अपना लंड मेरे दोनों बूब्स के बीच में रखकर मेरे बूब्स को चोदने लगा.
दोस्तों यह मेरी सबसे अच्छी पोज़िशन है क्योंकि में अक्सर यह वाली पोज़िशन अपने बॉयफ्रेंड के साथ करती हूँ तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा और ऐसे ही मेरे बूब्स की चुदाई करते हुए उसने कहा कि तू अभी बच्ची है इसलिए तेरी चूत को लंड से नहीं चोदा, वर्ना आज तेरी चूत का स्वाद मेरा लंड लेकर ही रहता, तेरे जैसा माल मुझे आज तक कभी भी नहीं मिला, तू मेरे साथ रहती तो में तेरे बूब्स को दबा दबाकर एक महीने में दुगना बड़ा कर देता, लेकिन इसके बाद तू अपने रास्ते में अपने रास्ते. तो उसकी बातों से में थोड़ी सी शरमाई और हंसकर बोली कि तूने मुझे आज एक लड़की से औरत बना दिया, में यह अहसान कभी नहीं भूल सकती, यह बोलते ही वो मुझे वैसे ही हालात में छोड़कर अपना लंड पेट के अंदर डालकर बस से उतर गया.
फिर में कुछ देर तक बिल्कुल चुपचाप बैठी रही. मेरे बूब्स पर बहुत दर्द हो रहा था और उस दर्द के मारे मुझे रोना भी आ रहा था और फिर धीरे धीरे मैंने अपनी ब्रा पहनी शर्ट पहनी और अपनी पेंटी को चेंज कर लिया क्योंकि वो वाली पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और सुबह होने से पहले में एकदम ठीक भोली भाली सी लड़की बन गई थी, लेकिन उस दिन की तरह चुदाई की खुशी मुझे आज तक कोई भी नहीं दे सका और में उस सफर को आज भी बहुत याद करती हूँ. में उसे अब तक नहीं भुला सकी हूँ.
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पहली चुदाई प्रियंका के साथ


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शुभम है और में अभी एक कॉलेज में बीटेक का स्टूडेंट हूँ. दोस्तों में आज आप सभी लोगों को अपनी एक असली कहानी सुनाना चाहता हूँ और यह मेरी पहली कहानी है. दोस्तों में एक अच्छा दिखने वाला लड़का हूँ, मेरी हाईट 5.10 इंच है और में अभी 21 साल का हूँ. अब हम लोग और टाईम खराब ना करते हुए अपनी कहानी पर आते है.
यह बात उन दिनों की है जब में अपना 12th के पेपर दे चुका था और मैंने साथ ही साथ इंजिनियरिंग की तैयारी भी की थी तो मैंने अपना सेंटर भुवनेश्वर ही डाला था और में वहीं से अपनी पड़ाई कर रहा था और में वहां पर एक हॉस्टल में रहता था. लेकिन पढ़ाई ख़त्म होने के बाद मेरे कॉलेज वालों ने मुझसे मेरा रूम खाली करने के लिए बोला तो मैंने अपने लिए एक घर खोजना शुरू कर दिया और आप लोगों को पता ही होगा कि किसी भी अंजान लड़के को एक महीने के लिए घर मिलना बहुत ही मुश्किल है.
फिर मेरी परेशानी को देखते हुए मेरे कॉलेज के एक सर ने मुझसे कहा कि उनके अपार्टमेंट में एक फ्लैट खाली पड़ा हुआ है लेकिन वो सिर्फ एक ही रूम का है. तो मैंने उनसे झट से हाँ कह दिया और फिर सर ने मकान मालिक से वो फ्लैट मुझे देने की बात की. लेकिन मकान मालिक साफ साफ मना कर रहा था और फिर मैंने सर से मकान मालिक का मोबाईल नंबर ले लिया.
मैंने उनसे अपने पापा की आवाज में बात की और मैंने उनको अपनी बातों से अपनी तरफ झुका लिया और फिर में वहाँ पर अगले दिन ही अपना सामान लेकर चला गया. लेकिन मेरा रूम सबसे ऊपर वाली मंजिल पर था जिसमे मुझे अपना सामान ले जाने में बहुत दिक्कत हुई, लेकिन मैंने सब काम खत्म कर दिया और मैंने वहां पर जाते ही आंटी को 5000 रूपये रूम के किराए के हिसाब से दे दिए.
आंटी ने मुझसे बोला कि अभी इसकी क्या ज़रूरत थी? मैंने बोला कि पैसे की ज़रूरत इस पूरी दुनिया में सिर्फ दो ही लोगों को नहीं है उनमे से एक है कुबेर महाराज और दूसरी लक्ष्मी जी. तो उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुरा दिया और में अपने रूम में चला गया और मैंने देखा कि मेरा रूम बहुत अच्छा था. उसमे एक बालकनी, एक किचन और एक बाथरूम था और बालकनी को देखकर लग रहा था कि जैसे वो रूम अभी अभी किसी ने साफ किया था.
तो में रूम में अंदर गया और दरवाजा बंद कर लिया फिर दस मिनट के बाद मुझे मेरे दरवाजे पर एक नॉक सुनाई दी और जब मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि एक बहुत ही सुंदर लड़की वो लगभग मेरी उम्र की थी. मैं तो उसे देखता ही रह गया, उसके भूरे भूरे बाल थे जो कि हवा के चलने से लहरा रहे थे, उसकी आँखें नीली थी, उसका रंग दूध की तरह सफेद था.
उसने मुझसे कहा कि यह लो अपने कमरे की चाबी और रूम को कभी भी खुला छोड़कर जाने के लिए मना किया. तो मैं तभी समझ गया कि वो मकान मालिक की कुछ लगती है और तब मेरे दिल में उसके लिए कोई भी गलत बात नहीं थी और इसके बाद धीरे धीरे ऐसे ही दिन गुज़रते गये और में अपनी पढ़ाई करता रहा. लेकिन मुझे नहीं पता था कि आंटी मुझ पर अपनी नजरें रखती है और में हमेशा अपनी बालकनी में ही पड़ता था और वो मुझे छत के ऊपर से पड़ते हुए देखती थी. तो एक दिन वो मुझसे आकर बोली कि क्यों ना में उनकी बेटी को भी पढ़ा दिया करूं क्योंकि उसका भी उसी समय एग्जाम था और फिर मैंने हाँ कर दिया.
दोस्तों उसका नाम प्रियंका था और वो दिखने में बहुत सुंदर थी, उसके जिस्म को देखकर हर किसी का लंड पानी छोड़ दे, उसके बड़े बड़े बूब्स, बड़ी सी गांड मुझे अब अपनी तरफ आकर्षित करने लगी थी. में मन ही मन उसको चोदने के बारे में सोचने लगा था और अब मेरी आंटी से भी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी और वो मुझे एक बहुत अच्छा लड़का मानती थी (में एक अच्छा बच्चा दिखता भी था. लेकिन किसी के अंदर से किसने देखा है) आंटी ने मुझे कई बार अपने घर पर खाने पर भी बुलाया और अब धीरे धीरे प्रियंका से मेरी बातचीत बढ़ने लगी.
में उससे कई बार हंसी मजाक किया करता और वो मुस्कुराया करती और वो मेरी एक बहुत अच्छी दोस्त बन गई थी और में उसे किसी भी बहाने से छेड़ता था और वो भी मुझे उसका जवाब देती थी. फिर वो धीरे धीरे मुझे रात रात भर अपनी पढ़ाई की समस्या के बहाने फोन करके मुझसे बात किया करती थी और मैंने लगभग एक हफ्ते में उसे 90% तक पटा लिया था. तो एक दिन मैंने सुना कि अंकल 15 दिनों के लिए कहीं बाहर जा रहे थे और उस समय में प्रियंका रातभर एक दूसरे से फोन पर बात किया करते थे, मैंने और उसने अपने अपने दिल की सभी बातें एक दूसरे से कह दी थी.
फिर एक दिन आंटी को एक पार्टी में जाना था और वहां पर उनका जाना भी बहुत जरूरी था और उस समय घर पर अंकल भी नहीं थे और प्रियंका ने भी वहां पर जाने से साफ साफ मना कर दिया, क्योंकि उसके सर में बहुत दर्द था और उसकी वजह से आंटी को अब अकेले ही जाना पड़ा और फिर उनके जाने के कुछ देर बाद ही प्रियंका ने मुझे कॉल किया और वो मुझसे बोलने लगी कि उसे केमिस्ट्री में कुछ समझ में नहीं आ है, तो मैंने उससे कहा कि तुम ऊपर ही आ जाओ और जैसे ही वो ऊपर आई उसने दरवाजा बजाया और मैंने अपना दरवाजा खोला तो में उसे देखकर बहुत खुश हुआ, क्योंकि वो उस दिन बहुत ही सुंदर लग रही थी. उसने लाल कलर की टॉप, काली कलर की केफ्री जीन्स पहनी हुई थी और वो भी एकदम टाईट जिसकी वजह से उसके बड़े गोल गोल बूब्स और बड़ी सी गांड का पूरा आकार दिख रहा था और उसने अंदर की तरफ ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी जिसकी वजह से उस दिन उसके बूब्स की निप्पल एकदम साफ साफ दिख रही थी.
दोस्तों उसके फिगर का साईज़ 36-32-36 था तो मैंने उसे अंदर आने के लिए बोला और वो अंदर आ गई और पलंग पर बैठ गई. लेकिन उसका ध्यान भी अब पूरा मेरी तरफ था. तो मैंने कुछ देर बाद उसकी केमिस्ट्री की समस्या को खत्म कर दिया तभी अचानक वो मुझसे आकर लिपट गयी और पागलों की तरह मुझे किस करने लगी और में तो कोमा में चला गया था, दो मिनट तक में समझ ही नहीं पाया कि मेरे साथ यह हो क्या रहा है?
फिर कुछ देर बाद मैंने भी उसका साथ दिया और में भी उसे ज़ोर ज़ोर से किस करने लगा. तो कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि हमे कोई इस तरह से देख लेगा तो बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी. फिर उसने कहा कि अपार्टमेंट में कोई भी नहीं है सब लोग पार्टी में गए हुए है. फिर मैंने उसकी गर्दन को चूमा वो तो एकदम पागल सी हो गई. फिर मैंने उसके होंठो को धीरे धीरे अपने होंठो से दबाया और उसके बाद मैंने उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया और उसने मेरी पेंट में हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया जो कि एकदम लोहे के सरिय की तरह सीधा और टाईट हो गया था.
फिर मैंने उससे कहा कि क्यों तुम तो इस काम में बहुत अनुभवी लगती हो? तो उसने मुस्कुराकर कहा कि उसका यह पहला मौका है. फिर मैंने कहा कि में भी अभी तक वर्जिन हूँ. लेकिन आज रात के बाद नहीं रहूँगा तो वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और इतना कहने के बाद मैंने अपने एक हाथ को उसकी टी-शर्ट के अंदर डाल दिया और उसके बूब्स दबाने मसलने लगा और टी-शर्ट के ऊपर से ही बूब्स को चूमने लगा. तो वो अब धीरे धीरे अहहउफफफफफ्फ़ आउुऊुकुऊउक्ककचह आईईईइईईइ की आवाजें निकालने लगी और उसके बाद मैंने उसकी टी-शर्ट को उतार दिया और उसके निप्पल को चूमने चूसने लगा और निप्पल के चारों तरफ मैंने अपनी जीभ को घुमाना शुरू कर दिया वो अब बिल्कुल गरम हो चुकी थी.
फिर मैंने अपने और उसके बाकी के सारे कपड़े उतार दिए और अब हम दोनों एकदम नंगे हो गये और में अपना मुहं उसकी चूत के पास ले जाकर उसकी चूत का दाना चूसने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को भी दबा रहा था और एक हाथ से उसकी चूत में उंगली कर रहा था. वो तो एकदम अपने होश खो बैठी और मैंने अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और वो इतनी अच्छी तरह से मेरे लंड को चूस रही थी कि में आप सभी को शब्दों में क्या बताऊँ कि में उस समय जन्नत की सैर कर रहा था और उसके कुछ देर बाद मैंने उसे ज़मीन पर लेटा दिया.
फिर उसकी दोनों जांघो को थोड़ा फैलाकर में वहाँ पर ठीक उनके बीच में बैठ गया और अब में उसकी गरम चूत पर अपना लंड रगड़ रहा था और उसके बाद में उसके ऊपर चड गया और अपना पहला धक्का अपने पूरे दम और जोश के साथ लगाया तो वो एकदम ज़ोर से चिल्ला उठी. तो मैंने अपना मुहं उसके मुहं से सटा दिया और अगले धक्के पे धक्के मारे जिसकी वजह से मेरा लंड और थोड़ा चूत के अंदर गया और अब मुझे भी बहुत दर्द हो रहा था और अब उसकी चूत से खून निकलने लगा था.
फिर भी मैंने उसे लगातार करीब बीस मिनट तक चोदा और फिर में उसकी चूत में झड़ गया, लेकिन उस रात मैंने उसे पूरे तीन घंटे तक चोदा, उस दौरान में 2 बार झड़ चुका था और में अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ता गया और वो इस दौरान तीन बार झड़ गयी थी. फिर मैंने कुछ घंटो के बाद उसे उसके घर पर चोदा, वो मुझसे बहुत ज्यादा संतुष्ट थी, क्योंकि मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था और उसकी चूत में पूरा फिट आ गया. वो मुझसे उस दिन के बाद रोजाना चुदवाया करती थी.
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