बुआ के साथ बिताई हसीन रात


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम इस अजय है और मेरी उम्र 27 साल है, मेरी लम्बाई 6 फीट और में दिखने में बहुत अच्छा हूँ, मुझे सेक्स करना और सेक्सी कहानियाँ पड़ना और उसके बाद मुठ मारकर लंड शांत करना बहुत अच्छा लगता है और अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए, सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों में कानपुर का रहने वाला हूँ और यह कुछ साल पहले की बात है जब में अपनी बुआ के बेटे की शादी में कानपुर गया हुआ था और वहाँ पर में शादी से कुछ दिन पहले ही चला गया था, क्योंकि मुझे मेरे कज़िन ने बुलाया था कि में उसके साथ उसकी शॉपिंग करवाऊंगा. तो में वहां पर 20 22 दिन पहले ही चला गया था और हमने वहाँ पर बहुत मज़े किए और शादी की बहुत शॉपिंग की और कुछ दिन बाद बुआ जी ने मुझे और मेरे कज़िन को शादी के कार्ड्स देने हमारी एक और बुआ के घर भेज दिया, जहाँ पर में उनसे पहली बार मिला था.
दोस्तों वो क्या ग़ज़ब की औरत थी. उनकी उम्र करीब 36 साल और फिगर का 34-28-34 साईज़ और हाईट कुछ 5.7 इंच के करीब होगी और एकदम गोरी चिट्टी. में तो उन्हे देखते ही पागल सा हो गया, लेकिन मैंने अपने आप को बहुत कंट्रोल किया और हम उन्होंने ड्रॉयिंग रूम में बैठा दिया और हमने उन्हे कार्ड वग़ैरा दिया और बातें करने लगे, क्योंकि हम पहली बार मिल रहे थे तो वो मुझसे कुछ ज़्यादा ही प्यार से मिली और मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही ध्यान दे रही थी. उस बात पर मेरे कज़िन ने भी बहुत गौर किया.
फिर हम वहाँ से अपने घर की तरफ निकल गये तो रास्ते में कज़िन ने मुझसे उन सब बातों के बारे में पूछा तो मैंने उनसे कह दिया कि मुझे क्या पता है कि वो मेरे साथ ऐसा व्यहवार क्यों कर रही थी? लेकिन मेरे दिमाग़ में भी यही हलचल थी और में उसी के बारे में सोच रहा था कि पता ही नहीं चला कि कब हम घर पहुंच गये. तो कुछ दिन बाद मैंने देखा कि वो आंटी खुद बुआ के घर मिलने आई और मैंने उस दिन भी गौर किया कि उनका ध्यान मेरी तरफ कुछ ज़्यादा ही है और यह बात मैंने अपने कज़िन को भी बताई तो उसने बताया कि उसकी अभी तक शादी नहीं हुई है और वो अपने जीजा जी के साथ बिना शादी के रहती है, क्योंकि उनकी बड़ी बहन की म्रत्यु हो गई थी और तब मुझे कुछ कुछ समझ आने लगा तो में भी उनसे खुलकर बात करने लगा और फिर मैंने उनका फोन नंबर भी लिया और उन्हे अपना मोबाईल नंबर भी दे दिया और फिर हम लोग शादी में व्यस्त हो गये. तो इस बीच शादी के कामों में व्यस्त रहने की वजह से मेरी उनसे कोई बात नहीं हो पाई और फिर हम लोग सिर्फ़ शादी पर ही एक दूसरे से मिल पाए, लेकिन वो भी थोड़े टाईम के लिए और शादी के दो दिन बाद वो अपने घर पर चली गई और में भी अपने ऑफिस के कामों में व्यस्त हो गया.
उसके कुछ दिन बाद मेरे मोबाईल नंबर पर उनका कॉल आया और वो पूछने लगी कि क्या में उन्हे बिल्कुल ही भूल गया जो मैंने उन्हे एक बार भी कॉल नहीं किया? तो मैंने अपनी गलती महसूस की और उनसे कहा कि में अपने ऑफिस के कुछ काम में व्यस्त था, लेकिन मैंने वादा किया कि में अब हर रोज आपको फोन किया करूंगा और इस तरह हम लगातार बातें करने लगे. तो कुछ दिन तक हमारी ऐसे ही नॉर्मल बातें होती रही और एक दिन अचानक उनके मुहं से एक बात सुनकर में एकदम चकित हो गया.
उन्हे अपनी छाती में थोड़ा दर्द रहता था जिसके बारे में उन्होंने मुझे बिल्कुल खुलकर बताया जैसे कि में उनका पति हूँ या कोई बॉयफ्रेंड हूँ, तब में भी मज़े लेने लगा और थोड़ा सेक्सी बातें करने लगा और ऐसे ही चलता रहा. तो एक दिन वो किसी काम से अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ पर हमारे शहर में आई और उन्होंने मुझे कॉल किया. तो में उनसे मिलने गया और मैंने देखा कि वो बिल्कुल अकेली थी, लेकिन बहुत सेक्सी दिख रही थी. में तो उनको देखता ही रह गया और मेरी नजर उनके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी और वो दूर खड़ी हुई मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी.
तो में उन्हे अपने घर ले आया, जहाँ पर हम रात रात भर बातें करते थे और तब में मज़ाक ही मज़ाक़ में उनके शरीर को छू रहा था, लेकिन वो मेरा कोई भी विरोध नहीं कर रही थी. वो मेरी तरफ बस थोड़ा मुस्कुरा देती तो मेरी और भी हिम्मत बड़ गई और मैंने उन्हे अकेले में अपनी बाहों में भर लिया और उन्हे एक लंबा लिप किस कर दिया और वो भी मेरा साथ दे रही थी तो धीरे धीरे हिम्मत करके में थोड़ा और आगे बड़ा गया और उसके बूब्स दबाने लगा और अब उन्हे भी मज़ा आ रहा था, लेकिन तभी हमे किसी के अंदर आने ही आवाज़ सुनाई दी और हम अलग हो गये और हम दोनों एक दूसरे को प्यासी नजरों से देखने लगे, लेकिन उस दिन रात का खाना खाते समय उन्होंने मुझे बताया कि अगले दिन शाम को उनकी फ्लाईट है और वो कल जल्दी सुबह ही निकल जाएँगी.
यह बात सुनकर में बहुत उदास हो गया और उस बात को शायद वो भी समझ गई थी और खाना खाने के बाद वो मुझे अकेले में मिलने आई और बोली कि उसका भी मन नहीं कर रहा है जाने का, लेकिन वो क्या कर सकती थी? तो में थोड़ा उदास सा व्यहवार करते हुए बोला कि आज के बाद में कभी आपसे नहीं बोलूँगा. तो वो एकदम से घबरा गई और मुझसे लिपट गई.
फिर कुछ देर कुछ बात सोचकर कहने लगी कि क्या में अपनी कल की टिकट रद करवा दूँ? और में उसे एक दिन आगे करवा दूँ? तो में उनकी यह बात सुनकर थोड़ा खुश हो गया और अपने कमरे में चली गई, लेकिन रात को जब घर के सभी लोग सो गये तो वो इधर उधर देखकर मेरे रूम में आई और मुझे अपने प्लान के बारे में बताया और कहा कि वो कल सुबह ही अपने घर से निकल जाएगी और में बाद में उनसे मार्केट में मिलूं और फिर मैंने वैसा ही किया और तब हम एक साथ ट्रॅवेल एजेंट के पास गये, जहाँ पर हमने उनकी टिकट रद करवाई और फिर हमने एक अच्छे से होटल में रूम बुक किया और रूम में चले गये, जहाँ मैंने अंदर जाते ही उसे खुशी के मारे जबरदस्त किस किया और 5 मिनट किस करने के बाद वो बोली कि रूको पहले हम लंच कर लेते है और तुम घर पर बोल दो कि आज रात को घर नहीं आओगे.
मैंने जल्दी से घर पर कॉल करके बोल दिया और हमने लंच का ऑर्डर किया हमारे ऑर्डर आने में 15 मिनट थे. तो मेरा फिर से उन्हे किस करना शुरू हो गया और उसकी पूरी बॉडी पर हाथ फेर रहा था. तो वो भी मज़े करने लगी और मेरे शरीर पर हाथ घुमाने लगी और मेरा लंड तो मेरी जीन्स के ऊपर से ही खड़ा हुआ नजर आ रहा था.
तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया और जब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो बाहर वेटर खड़ा हुआ था. वो लंच लेकर आ गया था और फिर हमने लंच किया. फिर लंच करने के थोड़ी देर बाद मैंने टीवी चालू की जिसमे हम मर्डर फिल्म देख रहे थे तो उसमें “भीगे होंठ तेरे” वाला गाना शुरू हुआ तो में भी जोश में आकर शुरू हो गया और मैंने उसे एक गहरी किस की और उसके कपड़े उतारने लगा और फिर मैंने एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए, वो क्या ग़ज़ब लग रही थी यार, में क्या बताऊँ एकदम गोरी, पतली जैसे हेमा मालिनी, हाए में तो उस पर टूट पड़ा और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा
करीब 15 मिनट बूब्स चूसने के बाद उसने मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए और मुझे भी नंगा कर दिया, जैसे ही मेरा 6 इंच का लंड अंडरवियर के बाहर आया तो उसकी आँखें वासना से भर गई और इससे पहले कि में कुछ करता वो मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और मुहं में भर लिया ओह भगवान वाह क्या मस्त नज़ारा था. में उसे शब्दों में भी नहीं बता सकता, वो एकदम प्रोफेशनल रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी और 30 मिनट तक लगातार लंड चूसने के बाद में अब झड़ने वाला था.
तो मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ तो वो कुछ नहीं बोली और चूसती रही और फिर में उनके मुहं में झड़ गया और उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया और जीभ से मेरे लंड को चाटकर अच्छी तरह से साफ कर दिया. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और किस करते करते उसके बूब्स को अच्छे से दबा रहा था. वो मोन करने लगी आआअहह ज़ोर से दबाओ उउम्म्म्म और अब में उसके पूरे शरीर को किस कर रहा था और उसकी जाँघो पर हल्के से काटने लगा. जिससे वो और गरम हो रही थी.
तभी उसने जोश में आकर मेरा सर पकड़कर अपनी चूत पर लगा दिया और मुझसे अपनी चूत को चाटने को कहा, लेकिन दोस्तों मैंने इससे पहले कभी किसी की चूत नहीं चाटी थी तो मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था, लेकिन उसके कहने पर जैसे ही मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत पर लगाई तो वो मेरी जीभ के स्पर्श एकदम तड़प उठी आआअहह आओउम्म्म्म ऐईईईईईईइ और चूत को उठाते हुए मेरे मुहं को चूत पर ऐसे दबाने लगी कि जैसे वो किसी रंडी की चूत हो और करीब में 40-45 मिनट तक उसकी चूत को लगातार चाटता रहा और इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी.
फिर में उठा और मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखकर अपना लंड उसकी चूत पर जैसे ही रखा और एक धक्का देकर मैंने मेरा लंड पूरा उसकी चूत के अंदर कर दिया तो वो दर्द से एकदम तड़प उठी और सिसकियाँ भरती हुई बोली आहईईईइईईरररे अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह यह तेरे लंड ने क्या कर दिया, मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है, प्लीज थोड़ा धीरे धीरे कर अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह वरना में मर जाउंगी प्लीज थोड़ा धीरे हऐह्ह्ह्हह. तो में कुछ देर रुक गया और उनके बूब्स को चूसने दबाने लगा और जब वो मुझे थोड़ी शांत लगी तो में फिर से ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा.
वो अब कहने लगी कि हाँ थोड़ा और धीरे दो अहह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह शायद अब उसे भी मज़ा आने लगा था और करीब 35 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और अपने जिस्म को पूरी तरह टाईट कर लिया. तो में समझ गया कि वो झड़ने वाली है तो में अब और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. वो चिल्लाने लगी आअहहआआहह ईसस्सईईसस अहहह्ह्ह्हह चोदो मुझे और ज़ोर से उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह चोदो मुझे और वो झड़ गई और शांत हो गई और अब मेरी बारी थी तो मैंने उससे पूछा कि जान अपना पानी कहाँ निकालूँ? तो वो बोली कि अंदर ही छोड़ दे मेरी जान, में आज तेरे पानी का आनंद लेना चाहती हूँ और 5-7 जोरदार धक्को देने के बाद में भी झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया और दस मिनट लेटे रहने के बाद जब हम नॉर्मल हुए तो हमने दोबारा एक गहरा किस किया और एक दूसरे को अपनी बाहों में भर लिया.
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सेक्सी साड़ी वाली मस्त आंटी


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मुझे इस साईट की Hindi sex kahaniya बहुत पसंद है, में बहुत स्मार्ट हूँ और मैंने MBA किया हूँ. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा कहानी पर आता हूँ. आज में आपको अपनी सच्ची स्टोरी बताता हूँ. में एक कॉंट्रेक्टर हूँ इसलिए अक्सर यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन इस ट्रेवलिंग में अगर आपकी किस्मत अच्छी हो तो कभी कभी आपको बहुत फायदा भी होता है. अब में आपको अपनी स्टोरी बताता हूँ.
एक बार में यात्रा कर रहा था, सुबह का समय था और सर्दिया चल रही थी तो ठंड भी काफ़ी थी. में बस स्टॉप पर बस का इंतज़ार कर रहा था. मेरी नज़र एक औरत पर गई, वो बार बार मुझे देख रही थी. उसकी उम्र करीब 35 साल के आस पास होगी. उसने साड़ी पहनी हुई थी और उसका फिगर भी अच्छा था. में आपको बता दूँ कि में बूब्स का बहुत दीवाना हूँ. मुझे बूब्स दबाना बहुत पसंद है उसे मसलना, चूसना मुझे बहुत पसंद है और बड़े बूब्स वाली औरतें मुझे बहुत पसंद है. उसके भी बूब्स बहुत बड़े थे, करीब 36 साईज़ के थे.
में मन ही मन में सोच रहा था कि काश वो मेरी बगल वाली सीट पर बैठ जाये. तो अचानक मेरी बस आ गयी, वो भी उसी बस में आने के लिए उठी और में उसके पीछे पीछे ही बस में चढ़ने लगा. बस में बहुत भीड़ थी इसलिए में उसे चढ़ते वक़्त थोड़ा बहुत टच कर रहा था और बार बार उसके बूब्स को साईड से टच करने की कोशिश कर रहा था. वो सीट पर बैठ गयी.
फिर में भी उसके पास में ही बैठ गया, अब असली मज़ा शुरू होने वाला था. बस स्टार्ट हो गयी और अपने सफ़र पर निकल पड़ी. थोड़ी देर के बाद वो थोड़ी मेरी तरफ आ गयी और सोने का नाटक करने लगी, मुझे भी लगा कि वो लाईन दे रही है तो में भी सोने का नाटक करने लगा. ठंड काफ़ी थी और खिड़की भी ठीक से बंद नहीं हो रही थी. उसकी वजह से ठंडी हवा अंदर आ रही थी और उसे ठंड लग रही थी, वो थोड़ी थोड़ी देर के बाद मुझे अपनी कोहनी मार रही थी. में अपनी उंगलियां उसके बगल में डालने की कोशिश कर रहा था, में जैसे ही उसे टच करता तो वो और नज़दीक आने की कोशिश करती और अपने हाथ की जगह खोल देती, जैसे वो मुझसे कह रही हो कि अपना हाथ अंदर डालकर उसके बड़े बड़े बूब्स दबोच लो. फिर थोड़ी देर के बाद उसे लगा कि अगर में खिड़की के पास बैठ जाऊं तो अच्छे से उसके बूब्स दबा सकता हूँ और पास की सीट वाला भी हमें ऐसा करते नहीं देख सकता था, तो उसने मुझसे खिड़की के पास वाली सीट पर बैठने को कहा और बहाना किया कि उसे ठंड लग रही है. तो मैंने भी कहा ठीक है और हमने जगह बदल दी.
अब में खिड़की वाली सीट पर था. उसने अपनी साड़ी से मेरी तरफ वाले बूब्स को ढक दिया ताकि पास वाला कोई देख ना सके और वो शाल डालकर बैठ गई और सोने का नाटक करने लगी. आज मेरी तो निकल पड़ी थी, में भी थोड़ी देर बाद सोने का नाटक करके शाल डालकर सोने का नाटक करने लगा और धीरे से अपने हाथ की उंगलीयां उसके हाथ पर फेरने लगा. वो भी धीरे धीरे कामुक होने लगी और मुझसे चिपककर बैठ गयी और अपने हाथ वाली बगल को थोड़ा और खोलकर बैठ गयी, जिससे मेरा हाथ उसके बड़े-बड़े बूब्स तक आसानी से पहुँच सके. में भी धीरे धीरे अपना हाथ उसके बूब्स तक पहुँचाने लगा. मेरे ऐसा करते ही, वो काफ़ी कामुक हो चुकी थी. उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बड़े बड़े बूब्स पर रख दिया. में तो काफ़ी उत्तेजित हो चुका था.
अब में अपना हाथ उसके बड़े बड़े बूब्स पर धीरे धीरे फेरने लगा. क्या बूब्स थे? काफ़ी बड़े और टाईट थे. अब में उसके बूब्स को दबाने लगा, बहुत मज़ा आ रहा था. में ऐसा सोच रहा था, जैसे कि ये सफ़र ख़त्म ही ना हो, मेरा लंड काफ़ी टाईट हो चुका था और वो भी बार बार उसे छूने की कोशिश कर रही थी, तो मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. ऐसा करते ही वो बहुत कामुक हो चुकी थी.
फिर अचानक से उसने अपनी शाल अच्छे से ओढ़ ली और थोड़ी मेरी तरफ शाल दे दी, ताकि मेरा लंड उस शाल में ढक जाये, वो चाहती थी कि में अपना लंड बाहर निकालूँ. मैंने भी ऐसा ही किया और अपनी चैन खोली और अंडरवियर में से अपना लंड बाहर निकाला. वो उसे टच करते ही बहुत खुश हो गयी और उसने अपने ब्लाउज के बटन भी खोल दिए. ताकि में भी उसके खुले बूब्स का लुप्त उठा सकूँ. क्या निप्पल थी उसकी? बड़ी बड़ी और एकदम टाईट थी. मन तो कर रहा था कि उसे अपने मुँह में लेकर मसल डालूँ, लेकिन में बस में होने के कारण ऐसा नहीं कर सकता था.
में उसके बूब्स को खूब ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और वो मेरे लंड को मसल रही थी, हम दोनों बहुत उत्तेजित थे और उसने अपनी साड़ी नीचे से थोड़ी ढीली कर दी, ताकि में उसकी चूत में अपना हाथ डाल सकूँ. में धीरे धीरे अपना हाथ उसके नीचे पेट पर ले जाने लगा और हाथ फेरने लगा, मुझे धीरे धीरे सब करना बहुत पसंद है. में उसके पेट पर हाथ फेर रहा था और उसकी चूची को भी सहला रहा था.
फिर मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी में डाल दिया और में पेंटी के ऊपर से हाथ फेर रहा था. उसकी पेंटी भी काफ़ी गीली हो चुकी थी. उसकी चूत में से काफ़ी पानी निकल चुका था और अब भी निकल रहा था. वो सिसकियाँ ले रही थी, आअहह उहाआअ. अब मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया और अपनी उंगली को उसकी चूत में डाल दिया, वो एकदम कराह उठी. अब में उसकी चूत में अपनी उंगली डाल कर उसे चोद रहा था और वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहला रही थी.
अब हम लोग इतने एग्ज़ाइटेड हो चुके थे कि दोनों अब झड़ने वाले थे. वो अब झड़ चुकी थी और मेरे हाथ पर उसका पानी लग चुका था और मेरे लंड में से भी अब पानी निकल गया और पूरा पानी उसके हाथ में निकल गया. फिर उसने धीरे से नीचे आकर एक कागज उठा लिया और अपने हाथ साफ कर लिए और फिर एक टुकड़ा मैंने भी लिया और अपने लंड और हाथ को साफ कर दिया और मैंने दोनों कागज के टुकड़े खिड़की से बाहर फेंक दिए. अब हम दोनों अच्छे से शांत हो चुके थे.
फिर हमने एक दूसरे को अपना परिचय दिया और फोन नंबर दिया. फिर हम अपने स्थान पर पहुँच गये और अपनी अपनी गली निकल गये, लेकिन एक दिन मैंने उसे कॉल किया और बोला कि में उसके बिना नहीं रह पा हूँ और उसके साथ कहीं सेक्स करना चाहता हूँ. हम दोनों ने प्रोग्राम बनाया और हम एक दिन एक रिसोर्ट में मिले और एक दिन वही रहने का प्रोग्राम बना लिया था. उस दिन वो इतनी हॉट साड़ी पहनकर आई थी कि में तो देखकर पागल हो गया और में उसे सीधा रिसोर्ट में ले गया और हम अपने रूम में चले गये, जो मैंने पहले ही बुक कर रखा था, जैसे ही हम रूम में पहुंचे तो मैंने रूम को अन्दर से बंद कर लिया और सीधा उसके पास गया और उसे टाईट से हग किया.
मुझे लड़कियां साड़ी में बहुत अच्छी लगती है और उसने उस दिन बहुत अच्छे से साड़ी पहन रखी थी, जैसे हिन्दी फिल्म में या धारावाहिक में लड़कियां पहनती है, तो में उसे हग करते करते उसे स्मूच करने लगा और उसके होठों को 15 मिनट तक चूसा और वो भी मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने अपना एक हाथ साड़ी के ऊपर से ही उसके बूब्स पर रखा और दबाने लगा, वो भी मस्त होने लगी थी. में उसे इतनी जल्दी नंगा नहीं करना चाहता था, क्योंकि मुझे धीरे धीरे सेक्स बहुत पसंद है तो में साड़ी के ऊपर से ही उसके बूब्स से खेलने लगा. उसने पिंक ओरेंज मिक्स कलर की साड़ी पहनी हुई थी.
फिर उसके बूब्स से खेलते खेलते मैंने धीरे से उसके पल्लू को हटाया और उसके ब्लाउज के हुक को खोल दिया. अब वो ब्रा में थी. में बहुत देर तक ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाता रहा, अब वो गर्म हो गई थी और अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और बोली कि प्लीज मुझे चोदो, में अब नहीं रुक सकती. ये सुनते ही मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसकी ब्रा खोल दी और उसकी साड़ी खोलने लगा.
फिर में अपना मुँह उसके पेटीकोट के अन्दर ले गया और उसकी पेंटी खोलकर पेटीकोट के अंदर ही उसकी चूत को किस करने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसका पेटीकोट खोल दिया और वो पूरी नंगी हो गई, उसने पहले ही मेरे लंड को हाथ से हिला हिलाकर इतना टाईट कर दिया था कि वो उसकी चूत के अंदर जाने के लिए बिल्कुल तैयार था.
फिर मैंने उसको उठने के लिये कहा और डॉगी स्टाइल में हो जाने के लिए कहा, फिर वो वैसे हो गई ताकि में चोदने के साथ साथ उसके बूब्स को भी दबा सकूँ, इसलिए मुझे ये स्टाइल बहुत पसंद है. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के अंदर डाला और थोड़ी कोशिश करने के बाद वो पूरा अंदर चला गया. अब मेरा 7 इंच का लंड उसकी चूत के अंदर था.
फिर मैंने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू किया और वो मस्त होकर सिसकियां लेने लगी, डार्लिंग आह्ह्हह्ह ज़ोर से और ज़ोर से स्पीड बढाओ आह्ह्हह्ह चोदो ज़ोर ज़ोर से चोदो. फिर मैंने अपनी स्पीड तेज की और चोदने लगा, उसके साथ ही मैंने उसके बूब्स भी दबाने शुरू किए, उसे मज़ा आ रहा था और मुझे तो बहुत ही मज़ा आने लगा था.
फिर 10 मिनिट तक लंड को अंदर बाहर करने के बाद वो झड़ गई और आई लव यू, आई लव यू डार्लिंग आअहह मज़ा आ गया मज़ा आ गया, ऐसे बहुत धीमी आवाज़ में बोलने लगी. में बहुत खुश हुआ कि मैंने उसे पूरा संतुष्ट कर दिया था और थोड़ी देर के बाद मैंने उससे कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो उसने कहा कि प्लीज ये सारा वीर्य मेरी चूत के अंदर ही छोड़ो ताकि तुम्हारा प्यार हमेशा मेरे अंदर रहे.
ऐसा कहते ही मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत के अंदर छोड़ दिया और उसने मुझसे धन्यवाद कहा. हमने उस दिन करीब 5 बार सेक्स किया और जाने से पहले मैंने उसको एक बार और चोदा और फिर हम वहां से निकल गये. हम दोनों ने बहुत अलग अलग स्टाइल में सेक्स किया और खूब मज़े किए और अभी भी हम बाहर होटल या रिसोर्ट में जाकर सेक्स करते है.
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19 साल की बहन को चोदा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रजनीकांत है और आज में आप सभी को अपनी bahan ki chudai ki सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसको पढ़ने के बाद शायद आप सभी को बहुत मज़ा आएगा. दोस्तों में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ और यह कहानी कुछ समय पहले की है.
यह मेरी और मेरी कज़िन बहन की है और उसकी उम्र लगभग 19 साल की होगी, लेकिन उस समय उसके बूब्स इतने बड़े थे कि एक हाथ में उसका एक बूब्स पकड़ना बहुत मुश्किल था और उसकी गांड और में उसके जिस्म की पूरी तारीफ शब्दों में नहीं कर सकता, लेकिन में उस समय में हमेशा उसको घूरता रहता था, क्योंकि में उस समय उनके घर पर ही रहता था और जब भी घर का कोई काम करती झाड़ू लगाती तो उसके बड़े बड़े बूब्स के मुझे दर्शन हो जाते या फिर जब वो खाना बनाती तो उसके आधे आधे बूब्स उसके आधी बाहं के कपड़ो से नजर आते या फिर जब वो पोछा लगाती तो मुझे उसके बूब्स की हल्की सी झलक दिखती जिसे देखकर में बहुत खुश हुआ करता था और वैसे भी दोस्तों उसके क्या टाईट और बड़े गोल गोल बूब्स थे.
तो में हमेशा बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ ज़रूर मारा करता था और फिर जब एक दिन आंटी घर पर नहीं थी तो में बिना चिंता किये अपने मोबाईल पर ब्लूफिल्म देख रहा था और तभी वो भी मेरे पीछे से आकर फिल्म देखने लगी और जब मैंने पीछे की तरफ मुड़कर देखा तो उसकी एक उंगली उसकी चूत के ऊपर थी, शायद वो अपनी चूत को सहला रही थी और वो ठीक मेरे पीछे की तरफ खड़ी हुई थी और में उसे देखकर एकदम हैरान हो गया और फिर वो बिना कुछ कहे अपने रूम में चली गयी और में जब उसके पीछे तो मैंने देखा कि उसके कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद पाकर में बाहर चला गया. तो बाहर आकर मैंने देखा कि सड़क की साईड में कुछ लड़के क्रिकेट खेल रहे थे और में दूर खड़ा हुआ अपना मुरझाया हुआ लंड लेकर उन्हे देख रहा था. तो इतने में बॉल आकर मेरी बालकनी में आ गिरी और उसी बालकनी में मेरी बहन का रूम था और फिर में बालकनी में गया और मैंने वो बॉल उन्हे दे दी, लेकिन जब में वहां से नीचे आ रहा था तब मैंने रूम के अंदर से कुछ अजीब अजीब आवाजें सुनी और तब मैंने दरवाजे के होल से अंदर की तरफ देखा तो वो अपने कपड़े उतार कर अपनी चूत में एक उंगली को अंदर बाहर कर रही थी.
यह सब देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने अपने मोबाइल में उसकी एक फोटो खींच ली और में कुछ देर के बाद बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा और करीब एक घंटे बाद वो रूम में से बाहर आई और उस समय तक आंटी भी आ गई थी और उसके बाद में क्या था? में हमेशा उसका वो फोटो देखकर मुठ मारता रहा. तो एक दिन की बात है. जब मेरी आंटी और अंकल कुछ दिनों के लिए अपने शहर से बाहर चले गये. तो उस दिन में और बहन हम दोनों ही घर पर थे, में उसके पास गया और उसे वो फोटो दिखाकर डराने लगा और उससे कहने लगा कि में अब यह फोटो आंटी को दिखा दूँगा.
वो मेरी यह बात सुनकर बहुत डर गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज भैया आप ऐसा मत करना, वर्ना पापा तो मुझे मार ही डालेंगे. तो मैंने उससे कहा कि ठीक है में नहीं कहता, लेकिन उसके लिए तुम्हे मेरी एक शर्त माननी पड़ेगी और फिर उसने जल्दी से कह दिया कि आप जो कहोगे में सब कुछ वो करूँगी, लेकिन प्लीज आप मेरी यह बात किसी को मत कहना.
तो झट से मैंने उसको अपना फोन उसे दिया और उसमे ब्लूफिल्म चालू करके उससे बोला कि आज हम यह सब करेंगे. तो उसने तुरंत मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में भर लिया और कहा कि इन सब के लिए तो में कब से तैयार हूँ और में आपको मेरे बूब्स दिखाना और अपनी तरफ आकर्षित करना इसी के लिए तो कर रही थी, लेकिन आप ही इतने दिनों से समझ नहीं पाए.
दोस्तों उसके मुहं से यह सब बातें सुनकर मुझे मेरे कानो पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था, क्योंकि अब तक में जिसका नाम लेकर हमेशा मुठ मारता था. में आज उसे चोदने वाला हूँ. फिर उसने कहा कि आप रूम में तैयारी करो, में आधे घंटे में नहाकर आती हूँ और फिर वो बाथरूम में चली गई और में रूम जाकर बैठा हुआ था और बड़ी बेसब्री से उसका इंतजार कर रहा था. तो वो कुछ देर बाद नहाकर बाथरूम से सिर्फ़ टावल में मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी, में तो उसको देखकर एकदम पागल सा हो गया और मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठो पर किस करने लगा और वो किस करीब 15 मिनट तक चला.
फिर कुछ देर बाद मैंने उसको अपनी बाहों में लेकर बेड पर लेटाया और टावल खोल दिया और तभी मेरे मुहं से वाह सेक्सी शब्द निकल गया. उसके गोल गोल बूब्स देखकर मेरा लंड तो मानो लोहे के सरिए के जैसा हो गया और मैंने देखा कि उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे. तो मैंने अपने कपड़े झट से उतार दिए और उसके ऊपर लेट गया और उसे किस करने लगा, थोड़ा नीचे आकर उसकी चूत खोली और चूत के गुलाबी हिस्से को चाटने लगा. में उसकी चूत को ऐसे चाट रहा था, जैसे कोई बच्चा आईसक्रीम चाट रहा हो और वो मचल रही थी और अब धीरे धीरे उसकी आखें बंद हो रही थी.
फिर में उसकी गांड में उंगली डालकर हिलाने लगा और वो दर्द की वजह से मचल रही थी और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी. फिर में उसको बेड के आखरी में लाया और मैंने अपना लंड उसके मुहं में दे दिया और वो मानो लोलीपोप की तरह मेरे लंड को चूस रही थी और आआहह आहह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह सिसकियाँ लेने लगी और अब वो धीरे धीरे अपनी स्पीड को बड़ाती गई.
फिर हम 69 पोज़िशन में आ गये और एक दूसरे का चूसने चाटने लगे. करीब 15 मिनट के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गये और 10 मिनट तक हम एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही लेटे रहे. फिर मैंने उसको किस करना शुरू किया और वो मेरे लंड को सहलाने चाटने लगी तो मेरा लंड अब फिर से धीरे धीरे खड़ा होने लगा था तो में उसको मिशनरी पोज़िशन में लाया और उसकी चूत पर लंड को रखकर उसको सहलाने लगा, वो चिल्ला रही थी और कह रही थी प्लीज डालो ना क्या कर रहे हो? में उसको और तड़पा रहा था.
फिर मैंने एक झटका मारा और मैंने लंड को चूत के अंदर घुसा दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा. तो वो चिल्ला रही थी कि प्लीज धीरे करो मेरा यह पहली बार है अहहअहहअह उह्ह्ह्ह प्लीज थोड़ा धीरे करो अईईईईईईइ. तो में धीरे धीरे झटके मारकर लंड को अंदर बाहर करने लगा और अब उसका दर्द थोड़ा कम होने के बाद में लगातार 20-30 झटके मार रहा था, लेकिन इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी आने वाला था.
फिर मैंने उसको उठाया और मुहं में लंड देकर चूसने लगा और फिर 5 मिनट बाद में भी झड़ गया ऊऊफफफफ्फ़. यह मेरा पहला सेक्स अनुभव था इसलिए में उसे आज भी सोचकर गर्म हो जाता हूँ. फिर हम दोनों बाथरूम में जाकर नहाने लगे और वो मेरा लंड फिर से सहलाने लगी और में उसकी चूत चाट रहा था और उसकी गांड पर मैंने साबुन लगाया तो उसने पूछा कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा कि अब तेरी गांड की बारी है और वो डर गयी और कहने लगी कि इतना लंबा लंड कैसे जाएगा? फिर उसको बहुत समझाकर मैंने धीरे धीरे उसकी गांड मारनी शुरू कर दी. दोस्तों कितना भी चूत में लंड डालो, लेकिन असली मज़ा तो गांड में ही है और मैंने करीब 20 मिनट तक जोरदार धक्के देकर उसकी गांड मारी और वो दर्द से बेहाल होकर मुझसे लंड को बाहर करने को कहती रही, लेकिन में बिना कुछ सुने उसे चोदता रहा.
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दोस्त की बीवी के साथ सुहागरात मनाई


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शेखर आनंद है और में मुंबई से हूँ. मेरी उम्र 27 साल है, मेरी हाईट 6 फुट है और दिखने में सुंदर हूँ और में एक कंपनी में जॉब करता हूँ.
ये बात आज से 2 साल पहले की है जब में एक कंपनी में जॉब करता था. वहां पर बहुत से लड़की और लड़के मेरे दोस्त थे, मेरे दो दोस्तों की शादी होने वाली थी और दोनों मेरे अच्छे दोस्त थे. एक लड़की जिसका नाम कुसुम था और लड़के का नाम राकेश था. कुसुम से मेरी अच्छी दोस्ती थी. कुछ दिन पहले हम बहुत अच्छे दोस्त थे और हमारे बीच किसिंग तक बात पहुँच गई थी, लेकिन तभी मैंने कंपनी चेंज कर ली थी. उसके बाद से मेरी और कुसुम की मुलाकात कम हो गई, बस कभी-कभी फोन पर बात होती थी.
कुछ दिन बाद उसका कॉल आया कि वो और राकेश शादी कर रहे है और उसने मुझे शादी में बुलाया था. दूसरी तरफ राकेश ने भी मुझे अपनी शादी के बारे में बताया और अपनी शादी में इन्वाइट किया. शादी के दिन कुसुम ने लाल कलर की साड़ी का जोड़ा पहना था. कुसुम की हाईट 5 फुट 4 इंच थी, रंग गोरा, गाल फूले हुए और आँखे बड़ी-बड़ी थी. होंठ पतले और बाल लंबे, बूब्स 36 और कमर 26, कूल्हे 36 थे. मुझे ये सारी बात तब पता चली थी जब हमारे बीच में अच्छे रिश्ते थे. वो बहुत सेक्सी थी.
में उसको तभी चोदना चाहता था, लेकिन तब किसी कारण से ऐसा कर नहीं पाया था और अब जब उसकी शादी हो रही थी तो मुझे अफ़सोस हो रहा था कि आज तो उसे राकेश जमकर उसके इस खूबसूरत जिस्म का मज़ा लेगा और जमकर उसकी चूत को चोदेगा. उसने जो ब्लाउज पहना था, उसका गला भी बहुत गहरा था, जिससे उसके बूब्स के ऊभार के साथ दोनों बूब्स के बीच की लाईन साफ दिख रही थी.
फिर दोनों की शादी हुई, हम कुछ दोस्त उन दोनों के पास गये और उन्हें शादी की बधाई दी. फिर अपने-अपने घर जाने के लिए तैयार हुए, तब राकेश ने कहा कि अरे अभी तुम लोग घर नहीं जाओगे, आज तो मेरे पास पार्टी करने का आख़िरी मौका है. हम 5 दोस्त थे, फिर हम राकेश के घर गये. आज राकेश की सुहागरात थी और उसका घर छोटा था.
इस वजह से उसके सारे रिश्तेदार उसके दूसरे घर पर रुके थे, जहाँ उसके पापा-मम्मी और उसकी बहन रचना जिसकी उम्र 19 साल थी और वो 12 वीं क्लास में पढ़ती थी, उसका एक छोटा भाई भी था जो उनके साथ रहता था. फिर हम सब राकेश के घर पर पहुँच गये थे, राकेश और उसकी पत्नी कुसुम ऊपर चले गये और हम 5 दोस्त नीचे बैठ के गप्पे मारने लगे और वाईन की एक बोतल जो राकेश हमें ऊपर जाने से पहले देकर गया था, हमने वो बोतल खोलकर एक एक पेग लगाया. तब तक राकेश भी ऊपर से कपड़े चेंज करके आ गया और बोलने लगा तुम सब ने मेरे बिना ही पार्टी शुरू कर दी.
मैंने मज़ाक किया कि हमें तो लगा कि तू तो अब सुबह ही हमसे मिलेगा, इतनी जल्दी तेरा काम हो गया? ये बात बोलकर हम सब दोस्त हंसने लगे. राकेश भी हमारे साथ बैठते हुए बोला कि अबे सालो अभी तो मैंने सिर्फ़ चाय पी है, डिनर तो अभी बाकी है और उसके लिए थोड़ा मूड बनाना पड़ेगा. फिर हम सबने मस्ती मज़ाक के साथ पूरी बोतल जल्द ही खाली कर दी. तभी अनिल जो कि हमारे एक दोस्त का नाम था. उसने कहा कि क्या राकेश हम 6 लोग और बोतल सिर्फ़ एक, ये ग़लत बात है.
हम सबको थोड़ी थोड़ी वाईन चढ़ने लगी थी, लेकिन शायद राकेश को ज्यादा ही चढ़ गई थी. वो जोश में आकर तुरंत एक और बोतल निकाल लाया और हमें देते हुए कहा कि सालो आज जमकर पियो, मेरे पास और स्टॉक में पड़ी है, जितनी चाहो उतनी पियो. तब अनिल ने कहा कि तुझे भी हमारा साथ देना पड़ेगा तो राकेश मान गया और कहा कि में बस 2 और पेग लूँगा. फिर चला जाऊंगा. फिर सबका नया पेग बना, सबने अपना पेग ख़त्म किया, इतने में हमारे साथ के 3 दोस्तों ने कहा कि यारों अब हम चलते है, हमें बहुत दूर जाना है और तुम लोग पार्टी चालू रखो. फिर वो निकल गये, अब वहां में, अनिल और राकेश थे. मेरा और अनिल का फ्लेट पास में ही था, इसलिए हमें कोई जल्दी नहीं थी, रात के अभी 12 बज रहे थे. हमें पार्टी करते हुए 45 मिनट हो गये थे.
फिर अनिल ने एक-एक और पेग बनाया. इस बार का पेग पहले से डबल साईज़ का था. राकेश को बहुत चढ़ गई थी, वो ये पेग लेने से मना कर रहा था, लेकिन हमने उसे ज़बरदस्ती वो पेग लेने को मना लिया और कहा कि ये पेग ख़त्म कर और जाकर नया पेग खोलकर देख और मज़े ले.
उसने भी हँसते हुए कहा हाँ यारों मेरी डार्लिंग मेरा इंतजार कर रही होगी, में कितने दिनों से उसे बोल रहा था कि जो काम शादी के बाद करना है वो हम अभी ही कर लेते है, लेकिन वो हमेशा मना करती रही कि नहीं शादी के बाद इसका अलग ही मज़ा होता है इसलिए सेक्स शादी के बाद ही करना चाहिये. आज तो में उसकी सारी अकड़ निकाल दूँगा, वैसे भी शराब पीने के बाद अच्छे अच्छे बहक जाते है, उन्हें पता भी नहीं होता कि वो क्या बोल रहे है और क्या कर रहे है. हम सबने अपना पेग ख़त्म किया और सिगरेट जलाई और थोड़ी देर तक वहीं बैठकर बातें करते रहे.
थोड़ी देर के बाद में बाथरूम गया और 10 मिनट के बाद बाहर निकला. तब तक अनिल अपने घर जा चुका था और राकेश वहीं सो गया था. वो जोश में शायद ज्यादा ही पी गया था, चढ़ तो मुझे भी गई थी, लेकिन में अब भी होश में था. मैंने राकेश को जगाने कि कोशिश भी की लेकिन वो जागा नहीं. मैंने सोचा कि ऊपर जाकर कुसुम को बता देता हूँ कि राकेश नीचे सो गया है और में अब घर जा रहा हूँ, वो नीचे आकर दरवाजा बंद कर ले. ये सोचकर में ऊपर गया और उसके बेडरूम का दरवाजा लॉक नहीं था, बल्की ऐसे ही सटा हुआ था.
मैंने हल्का सा धक्का देकर दरवाजा खोला और देखा अंदर बेड पर गुलाब के फूल बिखरे पड़े थे, कमरा फूलों से सज़ा था और कुसुम ने सफ़ेद गुलाबी कलर की नाइटी पहनी हुई थी. में उसके बेड के पास गया तो देखा कि उसकी नाइटी उसके घुटनों से ऊपर उठी हुई थी. उसके गोरे गोरे पैर चमक रहे थे, उसकी मोटी मोटी जांघे दिख रही थी. उसकी नाइटी भी बहुत पतली और पारदर्शी थी, जिससे उसका गोरा बदन साफ दिख रहा था. मेरी नज़र उसके बूब्स पर गई जो कि दूध की तरह एकदम सफ़ेद आधे बाहर थे. अब मेरे मन का शैतान जाग गया था और मैंने राकेश की जगह खुद ही सुहागरात मनाने का प्लान कर लिया.
में वहीं बेड पर उसके पास बैठ गया और उसकी नाइटी को और ऊपर सरकाकर उसकी कमर तक कर दिया. अब उसकी मोटी मोटी जाँघ और गुलाबी पेंटी साफ दिख रही थी. पेंटी में उसकी चूत का उभार और चूत के बीच की लाईन भी साफ दिख रही थी. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था. मैंने उसकी जाँघो को सहलाना शुरू किया और जैसे ही उसकी चूत पर मेरा हाथ गया तो वो जाग गई.
पहले तो उसे लगा कि राकेश है तो उसने कुछ नहीं कहा. फिर उसे अहसास हुआ कि ये राकेश नहीं है तो वो झठ से उठकर बैठी और अपने कपड़े ठीक करते हुए बोली तुम यहाँ क्या कर रहे हो? राकेश कहाँ है? तो मैंने उससे कहा कि राकेश नीचे पीकर सो गया है. में तो घर जा रहा था और राकेश जाग नहीं रहा था इसलिए तुम्हें बताने ऊपर आया, तो तुम्हारे खूबसूरत जिस्म को देखकर रुक गया.
फिर मैंने उसे अपनी बाहों में कसकर पकड़ लिया और उससे बोलने लगा कुसुम डार्लिंग आई लव यू वेरी मच, मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी सेक्सी हो, तुम्हारा पहला प्यार तो में हूँ इसलिए तुम्हारे इस जिस्म पर पहला हक तो मेरा बनता है और में उसे किस करने लगा. वो मुझसे से छूटने की कोशिश करने लगी, लेकिन वो अपने आपको छुड़ा नहीं पा रही थी.
उसने कहा शेखर तुम होश में नहीं हो, ये सब ग़लत है. में अब राकेश की पत्नी हूँ और राकेश तुम्हारा दोस्त है. तुम उसके साथ धोखा नहीं कर सकते. मैंने कहा में कौनसा तुमसे शादी कर रहा हूँ और ना ही अपने दोस्त राकेश से उसकी पत्नी को चुरा रहा हूँ, में तो बस तुमसे प्यार करना चाह रहा हूँ. कल से तो राकेश तुम्हें प्यार करेगा ही कुसुम ने मुझे बहुत समझाने की कोशिश की और खुद को छुड़ाने की भी भरपूर कोशिश की, लेकिन ना तो वो मुझे समझा पाई और ना खुद को मेरी पकड़ से छुड़ा पाई.
फिर उसने कहा शेखर तुम पागल हो गये हो, तुम मुझे छोड़ो नहीं तो में चिल्लाने लगूंगी. तब मैंने उसे बताया कि अरे मेरी जान क्यों अपनी शादीशुदा लाईफ बर्बाद करने पर लगी हो, जो अभी शुरू भी नहीं हुई है. अगर राकेश ऊपर आयेगा तो में उसे तुम्हारे और मेरे बीच पहले क्या था, वो सारी बात बता दूँगा और उस समय की हमारी कुछ फोटो भी मेरे पास है, जो में उसे दिखा दूँगा. फिर क्या होगा डार्लिंग? तुम्हारी लाईफ तो बर्बाद हो जायेगी. अब वो रोने जैसा चेहरा बनाकर बोली कि प्लीज शेखर ऐसा मत करो. मैंने उसकी एक ना सुनी और उसे बेड पर लेटा दिया और उसके होंठो को चूसने लगा और अपने हाथों से उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा.
वो अब भी नहीं नहीं बोल रही थी तो मैंने उसे डांटते हुए कहा कि जो में कर रहा हूँ वो मुझे करने दो, नहीं तो में अभी राकेश को सारी बातें जाकर बता दूँगा. अब कुसुम के पास कोई और रास्ता नहीं था सिवाय कि वो मुझे मेरी मनमानी करने दे, वो अब शांत हो गई थी. मैंने कहा देख राकेश तो वैसे भी आज तुझे चोदने से रहा नहीं, तो समझ ले कि में ही राकेश हूँ और तू अपनी सुहागरात मना, क्या हुआ अगर उसकी जगह में हूँ तो. थोड़ी देर बाद में चला जाऊंगा तो तू कल राकेश के साथ फिर से सुहागरात मना लेना, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.
अब वो राज़ी हो गई थी मज़बूरी में ही सही, मुझे क्या फर्क पड़ता है, मुझे तो बस उसे चोदने से मतलब था. में भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा. उसकी मेहंदी से रचे हाथों में लाल रंग की चूड़ियाँ भरी हुई थी और उसके बूब्स बेरहमी से मसले जा रहा था और उसके होंठो और गालों को चूमने के साथ साथ अपने दांत भी चुभा रहा था और वो बस कसमसा रही थी.
फिर मैंने उसकी नाइटी को निकाल कर उसके ज़िस्म से अलग कर दिया और उसकी ब्रा को भी खोलकर फेंक दिया. अब उसके दूध जैसे सफेद और बड़े बड़े बूब्स मेरी आँखों के सामने थे, मैंने एक बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को हाथों से मसल रहा था और उसके निप्पल को अपनी उँगलियों से बीच बीच में ज़ोर से मसल भी रहा था. फिर 15 मिनट तक में उसके बूब्स के साथ खेला फिर नीचे की तरफ आया. उसके सपाट पेट और गहरी सी नाभि में अपनी जीभ फेरने लगा.
अब वो भी गर्म हो रही थी और मज़े ले रही थी. उसके मुँह से सिसकियां निकल रही थी और वो अपने हाथ से मेरे बालों को सहला रही थी. में थोड़ी देर के लिए उठा और झठ से अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा होकर उसके ऊपर सवार हो गया. उसके ज़िस्म पर सिर्फ़ एक पिंक कलर की पेंटी थी, जिसके नीचे उसकी फूली हुई चूत छिपी हुई थी. मैंने झठसे उसकी पेंटी को निकाल कर फेंक दिया. अब उसकी नंगी चूत मेरी आँखों के सामने थी. उसने अपनी चूत के बाल आज ही साफ किए होंगे, क्योंकि उसकी चूत एकदम चिकनी थी, बालों का कही कोई निशान नहीं था, उसे पता था कि आज उसकी चूत चुदेगी इसलिए उसने इसे पहले ही साफ कर लिया था. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था.
फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर चिपका दिया और में उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाट रहा था और वो ज़ोर जोर से सिसक रही थी और मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा दिया था. मेरे हाथ उसकी मांसल जांघों पर फिसल रहे थे और मेरी जीभ उसकी चूत में सुराख खोज रही थी. फिर 10 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद वो झड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसका शरीर कांपने लगा.
उसने मेरे सिर को अपनी चूत से अलग किया. में उसकी चूत को छोड़कर उसकी जांघों को चूमने लगा. उसके पैर भी एकदम सफ़ेद थे और एकदम चिकने थे, मेरे लगातार चूमने से उसे बहुत मज़ा आ रहा था और वो ज़ोर जोर से सिसक रही थी और बार बार कह रही थी कि फक मी ओह आहह यू आर ग्रेट शेखर, तुमने मुझे पागल कर दिया, ओह बहुत मज़ा आ रहा है, आआअई हह. अगर मुझे पहले पता होता कि सेक्स में इतना मज़ा आता है और तुम मुझे इतना मज़ा दोगे तो में तुमसे पहले ही ये सब करवा चुकी होती, वो बड़बडाये जा रही थी.
फिर मैंने उसे पेट के बल लेटा दिया और अब में उसकी पीठ और कमर को चूमे जा रहा था और वो मादक अदा से बेड पर मछली की तरह तड़प रही थी. अब में उसकी गांड तक पहुँच गया था. उसकी गांड बहुत कोमल और चिकनी और बड़ी थी. फिर मैंने उसकी गांड पर भी किस करना शुरू कर दिया और उसके कूल्हों को अपने दातों से काट भी रहा था और अपने हाथ से उसके कूल्हों को मसल भी रहा था और वो बेड पर उछल रही थी. मैंने उसे फिर से सीधा किया और अपने लंड को उसके दोनों बूब्स के बीच में रखकर उसके दोनों बूब्स को अपने लंड पर दबा दिया और अपने लंड को आगे पीछे करने लगा तो उसने खुद ही अपने बूब्स को पकड़कर ज़ोर से मेरे लंड पर दबा दिया. मैंने उसके मुँह को नज़दीक किया और अब मेरे लंड का सुपाड़ा उसके बूब्स को चोदता हुआ उसके मुँह में घुस रहा था, जिसे वो बड़े मज़े से अपने मुँह में ले रही थी और चूस रही थी.
फिर 5-7 मिनट के बाद मैंने अपने लंड को उसके बूब्स से बाहर निकाला और उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा. में नशे में था इसलिए कुछ ज्यादा ही अपने लंड को उसके मुँह में अंदर तक डाल रहा था, जिससे मेरा लंड उसके गले तक पहुँच रहा था और वो बेचैन हुए जा रही थी. उसकी आँख से आसूं निकल रहे थे और वो मुझे दूर हटाने की भी कोशिश कर रही थी, लेकिन में तो वही कर रहा था जो मुझे करना था.
फिर 5 मिनट तक उसके मुँह की चुदाई करने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला, तब जाकर कुसुम के अन्दर जान में जान आई और ज़ोर जोर से साँसे लेने लगी और बोली कि तुम पागल हो गये हो, एक तो तुम्हारा लंड इतना मोटा और लंबा है और मुझसे सांस भी नहीं लिया जा रहा था और तुम्हारा लंड मेरे गले में पहुँच रहा था.
फिर मैंने उसके चेहरे को सहलाते हुए कहा कि कुसुम डार्लिंग इसे जंगली चुदाई कहते है और फिर मैंने उसकी टांगो को फैला दिया और उसके बीच में बैठ गया और उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया. अब कुसुम ने कहा कि प्लीज शेखर ज़रा आहिस्ता आहिस्ता चोदना, तुम्हारा लंड बहुत ख़तरनाक है, मेरी जान निकल जायेगी, प्लीज. मैंने उसके बूब्स को दबाते हुए कहा कि तुम टेन्शन मत लो जान, में आराम से ही करूँगा.
तभी उसने बेड के किनारे से एक जेल का डब्बा दिया और कहा ये राकेश ले कर आया था. इसे अपने लंड पर और मेरी चूत पर ठीक से लगा दो इससे तुम्हारा लंड आसानी से मेरी चूत में घुस जायेगा और मुझे थोड़ा कम दर्द होगा. मैंने उसके हाथ से जेल का डब्बा लिया और अपने लंड पर ढेर सारा जेल लगा लिया और उसकी चूत को भी जेल से भर दिया. उसकी चूत का मुँह एकदम चिपका हुआ था, मैंने अपने दोनों हाथ से उसकी फांको को अलग किया और उसके छेद को देखा, जो कि बहुत ही पतला था. मैंने अपनी उंगली उसके छेद में डाली तो वो उछल गई और बोली कि धीरे करो, दर्द हो रहा है.
मैंने कहा ये तो मेरी उंगली है जान और जेल तुम्हारे छेद में लगा रहा हूँ डरो नहीं. फिर मैंने उंगली को अंदर बाहर करना शुरू किया. फिर 2 मिनट के बाद मैंने उंगली निकाली और अपने लंड को उसके छेद पर टिका दिया और उसके पैरों को उसके पेट की तरफ मोड़ते हुए में उसके ऊपर लेट गया और उसकी पीठ के पीछे से उसके दोनों कंधो को ज़ोर से पकड़ लिया, ताकि जब मेरा लंड उसकी चूत में घुसे तो वो दर्द की वजह से वो हिले नहीं.
फिर मैंने अपने लंड पर जोर लगाया तो लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसके अंदर घुसने लगा और उसके मुँह से कराहने की आवाज़ निकलने लगी, आई ह ऊईईईई रुको में मर गई, बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके गालों, होंठो, कान और गले को चूमता रहा और अपने लंड को उसकी चूत में पेलता रहा. जेल लगी होने की वजह से लंड बड़े मज़े से उसकी चूत में फिसलता हुआ जा रहा था, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. अब तक 6 इंच लंड उसकी चूत के अंदर घुस चुका था और वो दर्द से कराह रही थी और छटपटा रही थी.
में थोड़ी देर रुका और उसके बूब्स को दबाने और सहलाने लगा. फिर 5 मिनट के बाद में उसके ऊपर से उठा और उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़कर अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा. फिर 3-4 मिनट के बाद उसका दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लंड को पूरा बाहर खींचा और एक जोरदार झटका मारा. जिससे मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और उसकी चूत की दीवार से जा टकराया, जिससे घप की आवाज़ आई और उसके मुँह से ज़ोर की चीख निकली, आई माँ उई मार डाला साले, तेरी माँ का, साले धीरे धीरे नहीं पेल सकता, तेरी गांड में अगर में डंडा डालूंगी तब पता चलेगा कि दर्द कैसा होता है, वो कराह भी रही थी और मुझे गालीयां भी दे रही थी. फिर मैंने कहा कि बस जान, अब पूरा लंड तेरी चूत में घुस चुका है अब और दर्द नहीं होगा, उसकी आँखों से आंसू निकल रहे थे. थोड़ी देर तक में भी रुका रहा और उसकी चूत को सहलाता रहा.
फिर मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया तो उसे भी अच्छा लगने लगा. फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसकी चूत से खून निकल रहा था और तकिये पर गिर रहा था. तकिया भी उसकी चूत के खून से लाल हो गया था. फिर मैंने पास में रखे पानी से उसकी चूत पर लगा खून और मेरे लंड पर लगा खून साफ किया और थोड़ा और जेल अपने लंड पर और उसकी चूत में लगाकर फिर से उसकी चूत में घुसा दिया और झटके देने लगा. उसे अब भी हल्का हल्का दर्द हो रहा था, लेकिन मेरे लंड के घर्षण से उसे मज़ा भी आने लगा था.
फिर 10 मिनट के बाद अब वो भी अपनी गांड को हिला हिलाकर मेरा साथ देने लगी और मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब वो एक बार फिर से गर्म हो गई थी और सिसकियां लेने लगी थी और बड़बडाना भी शुरू कर दिया था और चोद साले शेखर दम लगाकर चोद, आज तूने मेरी चूत फाड़ ही है, साले हरामी जितनी जान है उतनी जान से मेरी चुदाई कर. मुझे भी उसकी बातें सुनकर जोश आ रहा था और में भी जोरदार झटके दे रहा था.
जब मेरा लंड उसकी चूत की दीवार से टकराता तो वो थोड़ी उछल जाती और मुझे गाली देने लगती. चोद साले लंड के साथ तू भी घुस जा मेरी चूत में, में भी उसे गालीयां दे रहा था. साली तुझे तो में बहुत पहले ही चोदना चाहता था, लेकिन कोई बात नहीं, आज तुझे तेरी सुहागरात पर तेरे पति के घर में, उसके ही बेड पर तुझे चोदने का मज़ा ही कुछ और है, रंडी साली पहले तो बहुत नखरे कर रही थी, अब मज़ा ले मेरे लंड का. मेरे लंड से चुदवाने के बाद मेरा दावा है कि साले राकेश के लंड से तेरा मन नहीं भरेगा.
पूरे रूम में गालियां गूँज रही थी और साथ में उसकी चूत से फक फक सट फक की मधुर आवाज़ आ रही थी. लगभग 20 मिनट तक और ऐसा चला. इस बीच वो एक बार और झड़ गई और वो मुझे रोकने लगी. वो बुरी तरह कांप रही थी और अपने हाथ से मुझे दूर धकेल रही थी, लेकिन में रुका नहीं और उसके हाथ को पेट पर दबा दिया और उसके ऊपर चढ़कर में और ज़ोर ज़ोर से उसे चोदे जा रहा था और वो बुरी तरह कांप रही थी. उसके मुँह से आवाज़ तक नहीं निकल रही थी और उसने पेशाब करना शुरू कर दिया, उसके गर्म गर्म पेशाब की धार मेरे लंड पर बरसने लगी. उसकी चूत मेरे लंड पर झटके मार रही थी.
फिर 5 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा, वो रुक रुककर पेशाब करती रही, उसका शरीर कांपता रहा और चूत झटके मार मारकर पेशाब के साथ पानी भी छोड़ रही थी. पूरा तकिया और बेड गीला हो गया था. लेकिन मेरा लंड था कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. अब वो पूरी तरह बेजान सी बेड पर पड़ी थी. ऐसा लग रहा था कि जैसे उसके शरीर में कोई जान ही नहीं है.
मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला और उसे बेड से नीचे उतरने को कहा, लेकिन वो हिल ही नहीं रही थी. मैंने उसे उठाकर बेड के किनारे पर किया और उसे पेट के बल बेड पर लेटाया और उसके पैरों को नीचे ज़मीन पर कर दिया और उसकी टाँगे फैलाकर मैंने उसे घोड़ी बनाया और फिर से उसकी चुदाई करने लगा. मेरे झटके से उसके बड़े बड़े कूल्हे हिल रहे थे.
लेकिन वो अब भी बेजान सी पड़ी हुई थी, लेकिन मैंने उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उसे चोदता रहा. फिर 10 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ गया और मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया और उसकी पीठ पर ही लेट गया. फिर 5 मिनट तक में उसके उपर ही लेटा रहा, फिर उठकर अलग हुआ और अपने कपड़े पहनने लगा. तब तक कुसुम भी उठकर बेड पर बैठ गई थी. मैंने उसकी तरफ देखा और स्माइल की तो उसने भी रिप्लाई में स्माइल की.
मैंने कहा कि अब में जा रहा हूँ, अब तक हम लोगों को ये सब करते हुए 3 घंटे हो गये थे और रात के 3 बज रहे थे. तब कुसुम ने बेड कि हालत देखी और बोली देखो तुमने बेड की और मेरी क्या हालत कर दी है. आधी रात तो चुदने में निकल गई और बाकी की रात ये सब साफ करने में निकल जायेगी. वो बेड से उतरने लगी, जैसे ही वो खड़ी हुई तो थोड़ी लड़खडाई तो मैंने उसे थाम लिया. फिर वो बोली कि तुम्हारे लंड की चुदाई की वजह से मुझसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा है. अब ये सब साफ कैसे होगा? तो मैंने कहा में तेरी मदद कर देता हूँ.
फिर मैंने उसके बेड के गद्दे को पलटकर बिछा दिया और कुसुम लंगड़ाती हुई दूसरा चादर ले आई और हम दोनों ने चादर बिछा दी और तकिये और चादर को कुसुम ने वॉशिंग मशीन में डाल दिया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम नहा लो तो तुम्हें कुछ आराम मिलेगा. वो नहाने बाथरूम में चली गई और में भी नीचे आया और देखा कि राकेश तो अब भी बेहोश लेटा हुआ है. उसे तो पता भी नहीं कि उसके कुछ किये बिना ही उसकी नई नवेली पत्नी की सुहागरात मन चुकी है.
मैंने वहां पड़ी सिगरेट उठाई और जलाते हुए ऊपर कुसुम के कमरे में आ गया, कुसुम अन्दर बाथरूम में नहा रही थी और दरवाजा खुला ही था. में दरवाज़े पर जाकर खड़ा हो गया और देखा तो कुसुम खड़ी हो कर शॉवर ले रही है और नीचे फर्श पर पानी लाल होकर पड़ा है. फिर 2 मिनट के बाद कुसुम बाहर आई और अपनी ब्रा और पेंटी पहनी और नाईटी पहनते हुए बोली कि अब तुम जाओ, में ठीक हूँ. हांलाकि वो अब भी थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी.
फिर मैंने उसे एक बार और किस किया और उसके बूब्स को दबाते हुए कहा कि जब कभी भी मेरे साथ चुदवाने का मन करे तो बोल देना. फिर उसने कहा कि नहीं, आज के बाद कभी नहीं, तुमने तो मेरी जान ही निकाल दी है, तुम जानवर हो. मेरी चूत भी बुरी तरह जल रही है. मैंने उसके कूल्हों पर थपकी मारते हुए कहा कोई बात नहीं जान, कल सुबह तक तुम ठीक हो जाओगी. में ये कहकर नीचे आ गया और पीछे पीछे कुसुम भी आई. मैंने कुसुम को बाय किया और उसने दरवाजा बंद कर दिया. मैंने अपनी बाइक स्टार्ट की और अपने फ्लेट पर चला गया.
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सविता भाभी को कार चलाना सिखाया


हैल्लो दोस्तों, आप सभी को मेरी तरफ से धन्यवाद. दोस्तों मेरा नाम ऋषि गुप्ता है और आज में आप सभी को अपनी Chudai ki kahani सुनाना चाहता हूँ और यह बात एक साल पहले की है, दोस्तों मैंने अपना कॉलेज ख़त्म किया और में नौकरी की तलाश में दिल्ली गया हुआ था और फिर कुछ दिन ढूंढने के बाद मेरी नौकरी दिल्ली की एक प्राइवेट कम्पनी में लगी.
में दिल्ली में एक फेमिली के यहाँ पर किराए से रूम लेकर रह रहा था और में हर रोज ऑफिस से शाम को 6-7 बजे तक आता था और यहाँ पर आए हुए मुझे कुछ दिन ही हुए थे, लेकिन दिल्ली के कुछ मस्त, सेक्सी, माल देखकर मेरा हाल बहाल था. में जिधर भी देखता मुझे उधर ही मस्त मस्त लड़कियाँ दिखती. कभी किसी के छाती दिखती, तो कभी किसी की चूत, कभी किसी बड़ी बड़ी गांड और यह सब देखकर तो मेरी जान ही निकल जाती. में तो यह सोचता कि बस अभी पकडूं और चोदना शुरू कर दूँ, लेकिन क्या करें? इतनी आसानी से चीज़े नहीं मिलती, इस सबको पाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है. यह सब देखकर मेरा दिमाग़ घूमने लगता और में सोचता कोई मुझे भी ऐसा माल मिल जाए में रोज सुबह शाम उसे चोदूँ और उसे बहुत मज़े दूँ. तो ऑफिस से सीधा घर पर आते ही में पॉर्न फिल्म देखने बैठ जाता था और अपना लंड बहुत ज़ोर ज़ोर से हिलाता था, लेकिन अब मेरी प्यास दिनों दिन और बड़ती ही जा रही थी.
तो अचानक से एक दिन ऑफीस जाते समय मेरी नज़र सामने वाले घर पर पड़ी, वहां पर एक भाभी रहती थी. उनका नाम सविता था, उनकी कुछ समय पहले तलाक हो चुका था और वो दो साल से यहाँ पर रह रही है और नौकरी कर रही है, लेकिन अकेले ही रह रही थी, क्योंकि उनके दोनों बच्चे उनके पति के साथ रहते थे और उनके बच्चे उनको हर शुक्रवार को मिलने आते और शनिवार को वापस चले जाते.
दोस्तों कुछ भी कहो, लेकिन जब मैंने सविता भाभी को पहली बार देखा तो में तो दंग रह गया, वो क्या एकदम सेक्सी माल थी उन्हे देखकर ऐसा लगा कि जैसे वो जन्नत से उतरकर आई है और उन्हे कोई भी एक बार देख ले तो एक बार क्या हजार बार उन्हे चोदने की सोचे. दोस्तों में उस दिन तो भूल गया था कि मुझे ऑफिस जाना था बस उन्हे ही देखता रहा, जब तक वो ऑफिस के लिए नहीं निकल गयी. दोस्तों में तुम लोगों को सविता भाभी का फिगर के बारे में क्या बताऊँ? ऐसी कायनात मैंने कभी कहीं नहीं देखी और वो बड़ी मुश्किल से देखने को मिलती है, लेकिन वो भी किस्मत वालों को. उनका फिगर का साईज़ 38-26-40 और उनका वजन 53-56 किलो होगा.
फिर उस दिन से तो में रोज ऑफिस 15 मिनट लेट पहुंचता था, वो हर रोज ऑफिस मेट्रो ट्रेन से जाती थी. तो एक दिन ऑफिस से वापस आते समय मैंने उन्हे देखा वो शायद ऑफिस से मार्केट गई और वहां से आ रही थी और उनके पास बहुत सारा सामान था और वो उसे बहुत मुश्किल से उठा पा रही थी. तो में उनके पास गया और उनको पूछ कि क्या में आपकी कुछ मदद करूं? पहले तो उन्होंने कहा कि नहीं सब ठीक है में खुद कर लूंगी. तो मैंने उनको कहा कि आपके पास बहुत सामान है में आपकी थोड़ी मदद कर देता हूँ और इतना सारा समान आप अकेले नहीं उठा पाओगे और ऐसा करने से आपको हो सकता है कि कमर दर्द हो जाए, लेकिन वो आनाकानी करने लगी. मैंने कहा कि प्लीज आप मुझे ग़लत मत समझो, में आपका समान लेकर कहीं भाग नहीं जाऊंगा.
मैंने उन्हे अपना पूरा परिचय दिया, मेरा नाम ऋषि है और में यहाँ पर दिल्ली में नौकरी करता हूँ और आपके घर के सामने वाले घर में किराए से रहता हूँ और तब जाकर वो मानी और उन्होंने कहा कि में सविता हूँ, में भी नौकरी करती हूँ और फिर में उनका सामान लेकर उनके साथ चल दिया. तो हमने पूरे रास्ते बहुत बातें की और फिर में उनके घर पहुंचा. मैंने वो सारा सामान उनके दरवाजे पर रख दिया और उन्हे बाय कहकर जाने लगा, तभी उन्होंने कहा कि रुको ऐसे कहाँ जा रहे हो? चलो अंदर आ जाओ और ठंडा पानी पी लो.
मैंने कहा कि नहीं बस में अब चलता हूँ, लेकिन में मन ही मन कह रहा था कि पिलाना है तो जानेमन एक बार अपने बूब्स में भरा हुआ अमृत पिला दे. फिर भाभी बोली कि धन्यवाद इतनी मदद करने के लिए. मैंने कहा कि कोई बात नहीं, आपको जब भी मेरी मदद चाहिए हो आप मुझे याद कर लें. फिर उन्होंने एक स्माइल दी और बोला कि ठीक है और भाभी के पास एक कार भी थी. मैंने उनसे पूछा कि आपको मैंने कभी कार चलाते हुए नहीं देखा, ऐसा क्यों? तो सविता जी बोली कि वो मुझे कार चलानी ठीक से नहीं आती है बीच बीच में बंद हो जाती है.
तो मैंने कहा कि आप सीख क्यों नहीं लेते? तो वो बोली कि मुझे कोई सीखने वाला नहीं है और बाहर जो सिखाते है वो बहुत पैसे माँगते है. तो मैंने झट से कहा कि आप क्यों इतना परेशना हो रहे हो? में आपको कार चलाना सिखा दूँगा. मुझे बहुत अच्छे से आती है. तो भाभी एकदम खुश होकर बोली कि क्या सच तुम सिख़ाओगे मुझे? तो मैंने कहा कि हाँ फ्री और कोई चार्ज भी नहीं, तो वो बोली कि फिर कब से शुरू करना है? मैंने कहा कि शनिवार से शुरू करते है और फिर में वहां से जाने लगा.
उन्होंने पूछा कि जाने की इतनी जल्दी भी क्या है? तो मैंने कहा कि जल्दी तो नहीं है, लेकिन कोई मुझे लगा कि देर हो रही होगी और आपको भी सोना होगा और वैसे भी अब रात के 9:00 बज गये है. तो वो बोली कि तुम्हे कहाँ दूर जाना है? सामने ही तो जाना है. तो मैंने कहा लेकिन में अभी तक आपके लिए एक अजनबी हूँ और ऐसे भी अच्छा नहीं लगता कि में आपके यहाँ पर इतनी रात तक रुकूँ और कोई भी मुझे देखेगा तो कुछ भी गलत समझ लेगा. तो वो बोली कि हाँ यह बात तो ठीक है. अब तुम जाओ, हम अगले दिन मिलते है और फिर मैंने कहा कि ठीक है और में वहां से चला आया.
तो अगले दिन में सुबह 7:00 बजे ही उन्हे गुड मोर्निंग बोलने के लिए उनके घर पर पहुंच गया और मैंने दरवाजे पर लगी हुई बेल बजाई और फिर जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो में उन्हे देखता ही रह गया. वो क्या मस्त माल लग रही थी? उन्होंने गोल्डन कलर का एक गाऊन पहना हुआ था. उसके अंदर ब्रा नहीं थी, जिसकी वजह से उनके बूब्स उसमें से उभरे हुए दिख रहे थे, लेकिन उन्होंने एक जालीदार चुन्नी से अपनी छाती को छुपा रखा था, लेकिन फिर भी जालीदार चुन्नी होने की वजह से मुझे वो सब दिख रहा था और उनकी गाऊन सिर्फ़ घुटनों से ज़रा सा नीचे तक ही थी और उसके नीचे कुछ भी नहीं था, जिसकी वजह से उनकी गोरी गोरी जांघे देखकर मेरा तो मन मचल रहा था और लंड एकदम तन गया था.
तभी उन्होंने मुझे गुड मोर्निंग कहा और बोला कि ऐसे क्या देख रहे हो? क्या कभी कोई लड़की नहीं देखी? तो मैंने कहा कि मैंने लड़की तो बहुत देखी, लेकिन आप जैसी कभी नहीं देखी. इतनी सुंदर, सेक्सी और हॉट नहीं देखी. तो वो बोली कि क्या? मैंने कहा कि सॉरी में कंट्रोल नहीं कर पाया, इसलिए सब बोल दिया, मेरा मतलब था कि मैंने आपसे ज्यादा सुंदर लड़की इस दुनिया में नहीं देखी. आप तो एकदम परी हो. तो वो यह बात सुनकर थोड़ी शरमा गयी और कुछ नहीं बोली. मैंने पूछा कि क्या हुआ?
वो बोली कि कुछ नहीं बहुत दिनों के बाद मुझसे ऐसा किसी ने बोला है तो मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा है और फिर में उनके करीब गया और अपने हाथ से उनका मुहं ऊपर किया और उनकी आँखो में आंखे डालकर मैंने उनसे कहा कि आप बहुत सुंदर हो और आपसे ज्यादा सुंदर लड़की इस पूरे जहाँ में नहीं है. में यह सब कुछ अपने दिल से कह रहा हूँ और फिर एक मीठी सी हवा हमारे पास गुज़री जिससे उनके मुहं पर हंसी आ गई और उन्होंने कहा कि धन्यवाद और बोली कि क्यों आज तुम्हे ऑफिस नहीं जाना? और अब मुझे भी जाने दो.
मैंने उनको कहा कि मेरा आज ऑफिस जाने का मन नहीं है और में सोच रहा हूँ कि आज ऑफिस से छुट्टी ले लूँ और आपको आज से ही कार चलाना सिखा दूं. तो वो बोली कि मन तो मेरा भी जाने का नहीं कर रहा है, तभी मैंने कहा कि तो फिर क्या? ले लो छुट्टी, में आज कार चलाना भी सीखा दूँगा, सोचना क्या है? तो बोली कि ठीक है और मैंने कहा कि हम फ्रेश होकर एक घंटे में मिलते है.
वो बोली कि ठीक है और एक घंटे बाद में उनके घर पर पहुंचा और डोर बेल दबाई तो उन्होंने दरवाजा खोला, मेरी तो आँखे और मुहं खुला का खुला रह गया, वो क्या कमाल लग रही थी? वो लाल कलर की गहरे गले वाली ड्रेस में थी. उसमे उनके बूब्स और भी बड़े मस्त लग रहे थे और वो ड्रेस उसके शरीर से एकदम चिपकी हुई और पीछे का हिस्सा उभरा हुआ लग रहा था, उसकी चूत और उसके बूब्स तो मुझे पागल ही कर रहे थे. मेरा लंड उन्हे देखकर एकदम तन गया था.
तो में एकदम उल्टा घूमा और एक हाथ से लंड को ठीक किया और उनसे बोला कि चलो शुरू करते है आपकी सवारी, मेरा मतलब है कि कार चलाना. तो उन्होंने मुझे तिरछी नज़रों से देखा और स्माइल दी, मैंने उन्हे छेड़ने के लिए कहा कि आप तो सुपरहॉट माल लग रही हो. तो वो बोली कि तुम भी यार अच्छा मज़ाक करते हो और शरमा गयी और में उन्हे थोड़ा शहर से बाहर एक खाली जगह पर ले गया वहां पर लोग अक्सर कार सीखने आते है. तो मैंने उनको कहा कि अब आप ड्राइव करोगे और में आपको बताऊंगा, वो ड्राइवर सीट पर आकर बैठी और गाड़ी को चलाना शुरू किया. उन्होंने पहले तो कुछ झटके दिए और उस टाईम में उन्हे कुछ नहीं बता रहा था. बस उनके बूब्स और उनकी स्माइल उनके होंठो पर ध्यान दे रहा था और में तो बस इन ख्यालों में खोया हुआ था कि कब इनकी मस्त जवानी का दीदार करूँगा? और यह सोचकर मेरा लंड खड़ा था और जींस फाड़कर बाहर आने को तैयार था. तो वो एकदम ज़ोर से बोली कि क्या सोच रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं बस थोड़ा तुम्हारे बारे में सोच रहा था और फिर उसने यह बात सुनते ही एकदम से कार रोकी और वो एकदम झटके से आगे की तरफ जाने लगी. तो मैंने उनको एकदम से रोका और मेरा एक हाथ उनके दोनों बूब्स के बीच में था. उस झटके की वजह से उनके बूब्स मेरे हाथ से एकदम दबे हुए थे.
तो मैंने कहा कि क्या कर रहे हो? वो बोली कि में कहाँ कुछ कर रही हूँ तुम ही तो सब कुछ कर रहे हो? और उन्होंने नज़र मेरे हाथ की तरफ की और मैंने एकदम से हाथ हटाया. फिर मैंने उनसे कहा कि सॉरी, तभी मुझे एक विचार आया और मैंने उनको कहा कि आप कार तो एकदम ठीक तरह से चला लेते हो, लेकिन आपको कुछ चीज़ सीखनी है. अगर आप बुरा नहीं मानो तो मेरे पास एक उपाय है. वो बोली कि क्या? तो मैंने कहा कि वो थोड़ा अजीब है, लेकिन आप उससे बहुत अच्छी तरह से सीख पाओगे और मैंने कहा कि आपको मेरे साथ ड्राइवर सीट पर बैठना है आपको मेरी गौद में जैसे एक छोटे बच्चे को सिखाते है वैसे बैठना है.
वो बोली कि नहीं ऐसा नहीं हो सकता, तो मैंने बोला कि कुछ नहीं होगा, मुझे आपको यह सिखना है कि आपको कब रेस को छोड़ना है और कब क्लच दबाना है, वो आप ऐसे नहीं समझ सकती. आप मेरी गोद में बैठोगे पैर पे पैर रखोगे तभी तो अच्छी तरह समझ में आएगा. तो वो फिर थोड़ी देर गहन सोच में थी, लेकिन वो मेरे बहुत देर तक समझाने के बाद मान गयी और अब मैंने गाड़ी शुरू की वो मेरे ऊपर थी और उसकी चूत बहुत मुलायम थी. वो बिल्कुल सही जगह पर बैठी हुई थी. मेरा लंड एकदम तना हुआ था और उसकी चूत के बिल्कुल बीच में था, लेकिन में अपने लंड को उनकी चूत पर छूने नहीं दे रहा था और उनकी रेशमी जुल्फें बार मेरे चेहरे पर उड़ उड़कर आ रही थी, उनके जिस्म की खुश्बू मुझे मदहोश कर रही थी.
एक बार फिर से उन्होंने ब्रेक वैसे ही ज़ोर से दबाए और मैंने फिर से उन्हे रोका, लेकिन इस बार उनके दोनों बूब्स सीधे मेरे दोनों हाथ में थे और मेरा लंड भी उनकी चूत को छू रहा था. तो मैंने इस बार का अच्छा मौका नहीं गँवाया और धीरे धीरे उनके बूब्स को अपने हाथों से सहलाने लगा, मसलने लगा और लंड को धीरे धीरे करके आगे पीछे करने लगा. तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? लेकिन मेरे ऐसा करने से उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन पता नहीं फिर भी क्यों वो मुझसे यह सवाल पूछ रही थी.
फिर मैंने कहा कि में प्यार कर रहा हूँ और मैंने धीरे से उनकी गर्दन पर चूमा और वो सिसकियाँ भरने लगी उम्म्म आहह उऊहह और फिर बोली कि यह सब ग़लत है.
मैंने कहा कि कुछ ग़लत नहीं है तुम भी प्यासी हो और में भी प्यासा हूँ. चलो आज हम एक दूसरे की प्यास बुझाते हैं और फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी ड्रेस का एक बटन खोलकर अंदर घुसा दिया, तो वो बोली कि आह उह्ह्हह्ह प्लीज ऐसा मत करो उहह अहह और अब तो जैसे वो आपे के बाहर ही होने लगी और उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और अपने हिसाब से बूब्स पर मसलने लगी और बूब्स को दबाने लगी और अब उसके आधे आधे बूब्स मेरे हाथ में थे और वो आआहह उऊहह यअहह एआहह और अब वो पूरी मेरी तरफ घूम गयी थी और अब हम दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे और चाट रहे थे और एक दूसरे को स्मूच कर रहे थे. हमने करीब 25 मिनट तक स्मूच किया होगा और उसके बाद वो बोली कि आज तुमने मेरी सोई हुई चूत को जगा दिया है और अब तुम ही उसकी प्यास बुझाओगे, उसे शांत करोगे.
तो मैंने कहा कि हाँ मेरी रानी तुझे भी तो मेरे इस भूखे प्यासे शेर के लंड की प्यास शांत करनी है, यह तो तभी शांत होगा जब यह लंड तेरी गोरी गोरी चूत में घुस जाएगा. तो वो बोली कि अब किस बात का इंतज़ार है घुसा दे अपने लंड को मेरी चूत में और फिर मैंने कहा कि इतनी जल्दी भी क्या है? हम पहले थोड़ी देर और प्यार कर ले थोड़ी और तड़प बड़ा लें, फिर हम दोनों को और भी मज़ा आएगा.
वो तो सिसकियाँ ही भरे जा रही थी आआआहह उूउऊहह चोदो मुझे प्लीज चोदो मुझे चोदो बुझाओ मेरी प्यास उहहअहह चोदो मुझे, चोदो राजा मेरी प्यासी चूत को अह्ह्ह्हह और अब हमने एक दूसरे के कपड़े उतारने शुरू किए और जैसे में उसके कपड़े उतार रहा था. मेरी तो नियत उसका फिगर देखकर खराब ही होती जा रही थी और मुझे तो इतनी ख़ुशी थी कि ऐसा माल मुझे ही मिला है, में तो भगवान का शुक्रिया करने लगा. तो वो मेरे सामने पेंटी और ब्रा में थी, उसने मेरी शर्ट फाड़ दी थी और मेरी पेंट को उतार रही थी. मैंने पेंट के नीचे कुछ नहीं पहना हुआ था. तो उसने मुझे पूरा नंगा किया और मेरा लंड देखकर बोली कि इतना बड़ा है और यह कितना लंबा है यह मेरी चूत के अंदर कैसे जाएगा? तो मैंने कहा कि 7 इंच का है और यह तुम्हारी चूत के अंदर बड़े प्यार से जाएगा.
मैंने भी अब उनकी पेंटी को उतारा और फिर उसकी ब्रा अब हम दोनों एक दूसरे को ऊपर से नीचे तक चूम रहे थे. कभी तो गर्दन तो कभी जांघे को चाट रहे थे और हमने कार में ही अपनी सीट को लेटा लिया था तो भी हमे थोड़ी परेशानी हो रही थी. तो मैंने कहा कि हम यहाँ पर एक दूसरे को चूमकर प्यार कर सकते है, लेकिन एक दूसरे की प्यास नहीं मिटा पाएँगे. तो वो बोली कि नहीं मुझे कार में ही चुदना है. तो मैंने कहा कि जानेमन में तुम्हे कार में भी चोदूंगा, लेकिन एक काम करो तुम धीरे धीरे कार चलाओ बाकी में तुम्हे चोदूंगा और भी मज़ा आएगा.
उसने कार शुरू की और हम दोनों एकदम नंगे ही थे और हमने कार के साईड के शीशों को अपने कपड़ो से ढक दिया था और में ड्राइवर सीट के सामने नीचे की तरफ बैठा हुआ था. तो मैंने उसके पैरों को थोड़ा सा फैलाया और उसकी चूत चाटने लगा. क्या मुलायम, मखमली चूत थी और क्या मीठी मीठी सी स्मेल थी उसकी? मुझे तो उसका नशा होने लगा और में बड़े प्यार से और धीरे धीरे चूत को चूस रहा था और चूम रहा था, मैंने उसकी चूत करीब आधे घंटे ऐसे ही चाटा और उसकी प्यासी चूत की प्यास अपने मुहं से बुझाई.
फिर उसके बूब्स दबाए वो सिसकियाँ ले रही थी आअहह उम्म्म्म और ज़ोर से और चूसो फाड़ दो इसे आहहहह और ज़ोर से ज़ोर ज़ोर से चूसो आआहह हम घर से करीब आधे घंटे दूर थे हमने बीच में कार रोकी और सीट नीचे की. फिर घर की तरफ चल दिए. इस बार वो नीचे बैठ थी और मेरा लंड चूस रही थी और उसे प्यार कर रही थी और बीच बीच में सहला रही थी और वो उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी और फिर मुझे स्मूच देती.
करीब ऐसा उसने 20 मिनट तक किया और फिर नंगी ही मेरी गोद में आकर बैठ गयी और प्यार करने लगी. धीरे धीरे लंड भी सहला रही थी. तो हम घर पहुंचे, मैंने अंदर ही पेंट पहनी और कार उसके घर के अंदर पार्किंग में खड़ी की तो मैंने उसको कार से एकदम नंगा अपनी गोद में उठाकर घर के अंदर चूमते हुए ले गया और उसको उसके बेडरूम में ले गया और उसको बेड पर लेटा दिया.
फिर मैंने उसे नीचे से चूमना शुरू किया और धीरे धीरे ऊपर तक गया और उसमे वापस गर्मी जगाई, उसकी सिसकियों में भी ऐसा जादू है कि कितना भी सोया हुआ लंड जाग जाए और जो कोई उसे नंगा देखे, वो कभी रह ही नहीं पाए ओहआअहह अह्ह्ह्ह और ज़ोर से करो मिटा दो मेरी पूरी प्यास जानेमन. मैंने अब उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और धीरे से उसकी चूत पर टिकाया और धीरे धीरे अंदर घुसाने लगा, लेकिन दोस्तों उसकी चूत इतनी टाईट थी कि जैसे कोई कुंवारी चूत हो.
फिर मैंने लंड को चूत के थोड़ा अंदर घुसाने के बाद एक हल्का, लेकिन तेज झटका दिया और उसको दबोच लिया, वो थोड़ा सा चिल्लाई और फिर उसने मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए और धीरे धीरे आगे पीछे होने लगी और अब वो धीरे धीरे गरम हो रही थी, लेकिन वो चूत को हर तरफ घुमा रही थी और अब उसने तेज झटके भी लेने शुरू कर दिए और अब उसने मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर ले लिया और ऐसे ही मेरे ऊपर आ गयी और पूरे जोश से ऊपर नीचे होने लगी और झटके मारने लगी.
वो सिसकियाँ भर रही थी ओहआअहह आआअहह और ज़ोर से चोदो मुझे अह्ह्ह, मिटा दो मेरी पूरी प्यास आहहउउहह, जानेमन क्या मज़ा आ रह है. आज सालों बाद तूने इसकी प्यास बुझाकर एकदम सही काम किया और अब मुझे कितनी सालों बाद ऐसी शांति मिलेगी और वो चूमने लगी. तो ऐसे करते करते हम धीरे धीरे हर एक पोज़िशन में एक दूसरे से मज़े ले रहे थे. कभी कुर्सी पर, तो कभी बेड पर, तो कभी डाइनिंग टेबल पर, तो कभी किचन में और कभी स्टोर रूम में.
फिर उसके बाद हम बाहर भी गये और मैंने उसकी कार में चुदने वाली भी इच्छा पूरी की. फिर मैंने उसे कार के बोनट पर लेटाकर बहुत देर तक चोदा, घर के लॉन में और वो ज़ोर ज़ोर से ओहआअहह और ज़ोर से चोदो और फच फच की आवाज़ होने लगी. फिर हम छत पर भी गये और उस चाँदनी रात में भी एक दूसरे को बहुत प्यार किया.
फिर हम रूम में आए और मैंने उसको बेड पर लेटाकर फिर थोड़ा और चोदा. इस बार आहाहहऔहह उम्म्म्मम हम दोनों ही कर रहे थे. तो वो कहने लगी कि मेरे अंदर ही निकल दो अपना वीर्य मेरे राजा. में भी बोला आआअहह उहहऔहह हाँ मेरी रानी में तेरे अंदर ही निकालूँगा और हम धीरे धीरे करके झड़ने लगे.
फिर पहले वो ज़ोर ज़ोर से आआआआआअहह ऊऊऊहह करते हुए झड़ी और फिर मैंने कहा कि में भी झड़ रहा हूँ हउहहअहह ले मेरी जानेमन, करते हुए उसकी चूत में ही झड़ गया और फिर हमने एक दूसरे को बहुत चूमा करीब आधे घंटे तक और फिर हम बाथरूम में अपने आपको साफ करने चले गये और हमने एक दूसरे को साफ किया और फिर साफ करते करते हमारी प्यास जाग उठी और हमने एक बार और बाथरूम में चुदाई की और आखरी में एक दूसरे को साफ करके बाहर आ गये और एक ही रज़ाई में एक दूसरे को चूमते हुए, छेड़ते हुए सो गये और जब सुबह उठे तो फिर से हमारा चुदाई का काम शुरू हो गया.
दोस्तों में आपको क्या बताऊँ? अब तो हर सप्ताह के आखरी में हमारी चुदाई चलती है और अब तो हमे जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई करते है और बहुत खुश होते. वो मुझसे कहती है कि जानेमन मुझे तुम्हारा साथ चाहिए और में भी उनको यह बात कहता हूँ और अब तो हम साथ ही रहते है और नयी नयी जगह जाकर चुदाई करते है और बहुत मज़े करते है.
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वर्जिन कजिन की चूत खोली


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम दीपक है और में चंडीगढ़ का रहने वाला हूँ. में इस साईट का बहुत बड़ा फेन हूँ और मैंने इस साईट की लगभग सारी स्टोरी पढ़ी है, इसलिए मेरा भी मन हुआ कि में भी अपना अनुभव आप लोगों के साथ बाटूँ. ये Hindi sex kahani मेरी और मेरी कज़िन के बारे में है. में अपनी कज़िन के बारे में बता दूँ, उसका नाम शिवानी है और वो थोड़ी साँवली है, लेकिन उसका फिगर तो किसी को भी मस्त कर देने वाला है. अब में सीधे कहानी पर आता हूँ.
ये आज से 2 साल पहले की बात है, में चंडीगढ़ में जॉब करता हूँ और मेरी कज़िन भी चंडीगढ़ में ही जॉब करती है, हमारे ऑफीस आस-पास ही थे और हम एक ही सोसाइटी में रहते थे, इसलिए सुबह जब में ऑफिस जाता हूँ तो वो भी मेरे साथ ही जाती है, क्योंकि में अपनी कार से जाता था. फिर इसी तरह साथ जाते और आते पता नहीं कब में उसे प्यार करने लगा, लेकिन में शादीशुदा हूँ और वो मेरी बहन थी, इसलिए कभी उससे कह नहीं सका. लेकिन एक दिन मेरी पत्नी अपने घर गयी हुई थी, तो मेरी कज़िन मेरे लिए डिनर लेकर आई, क्योंकि हमारा घर आस-पास ही था. में उस समय में अपने लेपटॉप पर ब्लू फिल्म देख रहा था और जैसे ही मैंने उसकी आवाज़ सुनी, मैंने झटसे अपना लेपटॉप बंद कर दिया और वॉशरूम में चला गया और जब में हाथ धो कर बाहर आया तो मेरा लेपटॉप शिवानी के पास था और उसमे वही ब्लू फिल्म चल रही थी और शिवानी उसे देख रही थी. में उसके पीछे खड़ा था, लेकिन शिवानी को ये नहीं पता था.
मैंने सोचा कि आज ही सही मौका है अपने दिल की बात उसे बताने का, लेकिन कैसे कहूँ? ये समझ नहीं आ रहा था. फिर अचानक मेरे दिमाग में एक आइडिया आया, जब तक मूवी चलती रही में चुपचाप खड़ा रहा और जब मूवी ख़त्म हुई तो मैंने शिवानी से पूछ लिया कि मूवी कैसी लगी? वो एकदम डर सी गयी और कुछ भी नहीं बोली. मैंने आराम से उसका हाथ पकड़ा और फिर से पूछा कि बताओ ना मूवी कैसी लगी? तो उसने बस इतना ही कहा कि आप ख़ाना खा लेना में बर्तन बाद में ले जाउंगी. मैंने उससे कहा कि बाद में क्यों? मेरे पास थोड़ी देर बैठो ना और बर्तन साथ में ही ले कर जाना, तो वो मान गयी. मैंने खाना शुरू किया और साथ ही मैंने दोबारा शिवानी से पूछा कि बताओ ना मूवी कैसी लगी? तो उसने कोई जवाब नहीं दिया और जाने लगी. मैंने उसका हाथ पकड़कर उसे रोका और एकदम से कह दिया कि शिवानी में नहीं जानता जो में कह रहा हूँ वो ठीक है या ग़लत, लेकिन में तुमसे प्यार करने लगा हूँ. वो अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी.
तो मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और ज़बरदस्ती उसे किस करने की कोशिश करने लगा, लेकिन वो नहीं मान रही थी और कह रही थी कि भैया ये ग़लत है, आप मेरे भाई है और हमारे बीच में ऐसा रिश्ता ग़लत है, प्लीज़ मुझे छोड़ दो. लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा और उससे पूछा कि एक बात बताओ क्या में तुम्हें अच्छा नहीं लगता, तो वो बोली कि भैया ऐसी कोई बात नहीं है, लेकिन भाई बहन के बीच में ये सब ग़लत होता है. मैंने उसे अपनी बाहों में भर रखा था और फिर मैंने उसकी चूची दबानी शुरू कर दी और वो कहने लगी कि भैया प्लीज़ मत करो, दर्द होता है.
में : देख तू मान जायेगी, तो इतना दर्द नहीं होगा, प्लीज़ मान जाओ ना.
शिवानी : प्लीज़ भैया, प्लीज़ मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो. इतने में मैंने उसकी टी-शर्ट में हाथ डाल दिया था और उसकी चूचीयों को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा.
में : शिवानी तेरे बूब्स तो बहुत अच्छे है. प्लीज एक बार मान जा, में तुझे आज सितारों की सैर करवाऊंगा और फिर में उसकी टी-शर्ट ऊपर करने लगा, वो मना कर रही थी, लेकिन अब उसका विरोध कुछ कम हो गया था. शायद उसके भी अरमान जागने लगे थे और फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को और ब्रा को ऊपर कर दिया और उसकी चूची चूसने लगा, थोड़ी देर में शिवानी के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी.
शिवानी : आआआह्ह्ह्ह भैया बहुत दर्द हो रहा आराम से करो.
में : जानू आराम से ही करूँगा, बस अब तू मान गयी है तो अब दर्द कम होगा और मैंने उसे अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया और बेड पर लेटा दिया और खुद उसके ऊपर आकर उसकी चूचीयाँ चूसने लगा. अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी और मेरे बालों में अपना हाथ फेर रही थी और कह रही थी.
शिवानी : भैया में भी आपको बहुत प्यार करती हूँ, लेकिन कभी कह नहीं पाई, क्योंकि हमेशा बस इतना ही सोचती रही कि उसके बाद में भाभी से कैसे नज़र मिला पाऊँगी. लेकिन आज आपने ऐसा करके मेरे सोये हुए अरमान जगा दिए, आआआह्ह्ह्ह्हह भैया प्लीज़ थोड़ा आराम से चूसो, ये मेरा फर्स्ट टाइम है और में भी तो आपकी ही हूँ, आराम से करो ना, प्लीज.
में : जानू में, तो कब से जानता था कि तू मुझे चाहती है और में भी तुझे बहुत चाहता हूँ, लेकिन बस कभी कह नहीं पाया, आज मौका मिला है. में एक हाथ धीरे-धीरे नीचे लेकर जाने लगा और उसकी नाभि में घुमाने लगा.
फिर धीरे-धीरे वो मस्त होती गयी, लेकिन इतने में डोर बेल बज गयी और हमें अलग होना पड़ा. मैंने बाहर आ कर देखा तो आकाश शिवानी का भाई खड़ा था और वो पूछने आया था, क्योंकि शिवानी को बहुत देर हो गयी थी, तो मैंने उससे कहा कि बस में खाना खा रहा हूँ और शिवानी अभी बर्तन लेकर आ जायेगी और मैंने उसे वापस भेज दिया. लेकिन अब शिवानी को भी जाना था, क्योंकि अब इतनी देर रुकना ठीक नहीं था, नहीं तो और किसी के आने का डर था, लेकिन फिर मैंने रूम में आकर देखा तो शिवानी अपने कपड़े पहन चुकी थी और वो अब जाने लगी थी, लेकिन उसके चेहरे पर भी एक उदासी साफ नज़र आ रही थी. मैंने शिवानी को गले लगाया और उससे कहा कि प्लीज़ जैसे भी हो सके आज रात को आ जाना, में अब तुमसे अलग नहीं रह पाऊँगा.
शिवानी : भैया, में भी कहाँ आपसे अलग रह पाऊँगी, लेकिन अगर मम्मी आने देगी तभी आ पाऊँगी और फिर वो चली गयी.
मुझे बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि शिवानी रात को वापस आ पायेगी. रात के 11 बजे थे और डोर बेल बजी और जब मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि सामने शिवानी खड़ी थी. मैंने उससे पूछा कि कैसे आई हो तो उसने बताया ककी उसने मम्मी को यानी मेरी मौसी से बोला कि भैया और में मूवी देखने वाले है और में मूवी देखकर वापस आ जाऊँगी. लेकिन पहले तो मम्मी ने बोला कि रहने दो रात को अच्छा नहीं लगता, लेकिन फिर मैंने कहा कि मेरे पास दिन में टाईम ही कहाँ होता है? तो मम्मी मान गयी. मैंने जल्दी से शिवानी को घर के अंदर लिया और दरवाजा बंद कर दिया.
में : जानू मुझे नहीं पता था कि तुम मुझसे इतना प्यार करती हो.
शिवानी : आपको क्या पता? में आपसे कितना प्यार करती हूँ, में तो खुद अब आपसे मिलने के लिए मरी जा रही थी.
में : तो जान आओ ना मेरे साथ, अब हम साथ में मिलकर मूवी देखते है और हम अपने बेडरूम में आ गये और मैंने अपने लेपटॉप पर एक और ब्लू फिल्म चालू कर दी.
शिवानी : भैया, ये लड़कियाँ वो अपने मुँह में कैसे ले लेती है.
में : जानू एक बार तुम भी लेकर देखो, इसमें बहुत मज़ा आता है और बातें करते हुए, मैंने शिवानी की टी-शर्ट में हाथ डाल दिया और उसकी चूचीयाँ दबाने लगा और एक हाथ से उसकी चूत को कपड़ो के ऊपर से सहलाने लगा. अब वो धीरे-धीरे गर्म होने लगी थी.
फिर शिवानी ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और इसी तरह हम करीब 10 मिनट तक किस करते रहे और में उसकी चूचीयाँ और चूत को सहलाता रहा और फिर मैंने शिवानी की टी-शर्ट और पजामा ऊतार दिया, उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी हुई थी. अब वो मेरे सामने एकदम नंगी लेटी हुई थी और फिर मैंने उसके पूरे शरीर पर किस करना शुरू किया और किस करते-करते में नीचे आ गया और उसकी चूत पर मैंने जैसे ही किस किया तो उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी.
शिवानी : आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह भैया ये क्या कर रहे हो आपप्पप्पप्प बहुत मज़ा आआआआआ रहा है.
में : अभी, तो और भी मज़ा आयेगा जानेमन, बस तुम देखती जाओ और मैंने शिवानी की चूत को चाटना शुरू कर दिया और वो ऐसे तड़पने लगी कि जैसे बिना पानी की मछली हो.
शिवानी : ऊऊऊऊऊऊऊहह भैया, आई लव यू, आज मुझे पूरी तरह से अपनी बना लो, भैया मुझे चोद कर कली से फूल बना दो, मैंने ये चूत आपके लिए ही संभाल कर रखी हुई थी.
में : ज़रूर जानेमन आज में तुम्हें इतना प्यार दूँगा कि तुम मुझसे दूर कभी नहीं जा पाओगी.
शिवानी : ऊऊऊऊऊऊऊहह भैया थैंक यू, में अब आपसे दूर कभी नहीं जाऊँगी. इस तरह में शिवानी की चूत को करीब 15 मिनट तक चूसता रहा और इतने में वो झड़ गयी, ऊऊऊऊऊऊहह भैया मुझे पता नहीं क्या हो रहा है, आईईईईईई म्‍म्म्मम भैया आआअहह.
में : जानू कैसा मज़ा आया?
शिवानी : भैया आज मुझे पता चला है कि सेक्स में कितना मज़ा आता है.
में : डार्लिंग, ये तो अभी शुरुआत थी. आगे आगे देखो कितना मज़ा आता है, जैसे मैंने तुम्हारी चूत चूसी है वैसे ही अब तुम भी मेरा लंड चूसो और देखो कितना मज़ा है.
शिवानी : प्लीज़ भैया नहीं, मुझसे ये नहीं होगा.
में : जानू एक बार लेकर तो देखो, अगर नहीं होगा तो रहने देना, लेकिन प्लीज़ एक बार मुँह में डालकर एक मिनट चूसो तो सही और शिवानी ने मेरे कपड़े ऊतार दिए और मेरे 6 इंच के लंड को मुँह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी.
फिर धीरे-धीरे उसे मज़ा आने लगा और वो 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसती रही. अब मेरा लंड एक हार्ड स्टील रोड के जैसा हो चुका था, मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल लिया और उसे बेड पर लेटा दिया और में वॉशरूम में जाकर तेल की बोतल ले आया.
शिवानी : भैया आप ये तेल किस लिए लाये हो?
में : डार्लिंग तुम्हें दर्द ना हो इसलिए लाया हूँ, तुम्हारा फर्स्ट टाईम है ना.
शिवानी : हाँ भैया थैंक यू, आप मेरा कितना ख्याल रखते हो.
में : आख़िर तुम मेरी जान हो, में तुम्हारा ख्याल नहीं रखूँगा, तो कौन रखेगा?
फिर मैंने शिवानी की चूत पर थोड़ा सा तेल डाला और उसकी चूत के अंदर तक 5 मिनट तक मालिश करता रहा, ताकि चूत अंदर से नरम हो जाये और उसे ज्यादा दर्द ना हो और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और अपने होंठो से शिवानी के होंठो से मिला दिया, ताकि वो आवाज़ ना कर सके.
में : जान अब में अंदर डालने जा रहा हूँ तुम्हें थोड़ा सा दर्द तो होगा, लेकिन प्लीज़ सहन कर लेना.
शिवानी : ठीक है भैया, लेकिन प्लीज़ आराम से करना और फिर मैंने एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा लंड 2 इंच तक शिवानी की चूत में घुस गया और वो दर्द के मारे चिल्ला उठी, उउउइईईईई म्‍म्म्ममाआआ मर गयी, प्लीज़ भैया आराम से करो बहुत दर्द हो रहा है.
में : में कुछ देर के लिए रुक गया और जब शिवानी का दर्द कुछ शांत हुआ तो मैंने एक और ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिससे मेरा करीब 4 इंच लंड अंदर जा चुका था और शिवानी फिर से चिल्लाना चाहती थी, लेकिन इस बार मैंने उसके होठों को अपने होठों से मिला रखा था तो उसकी आवाज़ अंदर ही दब कर रह गयी और में फिर से कुछ देर के लिए रुक गया. फिर एक आखरी झटके के साथ मैंने अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया. इस बार शिवानी को दर्द तो हुआ लेकिन वो उसे सहन कर गयी. फिर मैंने धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया, तो थोड़ी देर तो शिवानी को दर्द हुआ, लेकिन बाद में उसे मज़ा आने लगा और वो बड़बड़ाने लग गयी.
शिवानी : ऊऊऊऊऊऊहह भैया, आज आपने मुझे कली से फूल बना दिया, आज से में आपकी रंडी बन कर रहूंगी, आप जैसे चाहो मुझे चोदना, आआऊऊऊहह.
में : जानेमन आज के बाद, तो में तुम्हें हर जगह चोदूंगा और तेरी चूत को चोद चोदकर भोसड़ा बना दूंगा.
शिवानी : जो चाहो बना दो भैया, अब ये चूत भी तुम्हारी है और में भी तुम्हारी हूँ.
फिर में उसे करीब 25 मिनट तक चोदता रहा, इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और वो दूसरी बार झड़ने वाली थी.
शिवानी : भैया, प्लीज़ और तेज करो में फिर से झड़ने वाली हूँ.
फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड बड़ा दी और 5 मिनट के बाद हम दोनों साथ में झड़ गये मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया था. फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे और थोड़ी देर के बाद जब शिवानी उठी तो उसने देखा कि नीचे बिछी चादर खून ही खून में हो गई थी. उसने मुझसे पूछा कि भैया ये क्या हुआ? तो मैंने उसे बड़े प्यार से समझाया कि पहली बार अक्सर ऐसा हो जाता है. फिर हमने साथ में शॉवर लिया और फिर शिवानी जाने के लिए तैयार हो रही थी तो मैंने उससे कहा कि में घर पर बात कर लेता हूँ, तुम यहीं पर रुक जाओ और मैंने अपनी मौसी को फोन करके बोल दिया कि शिवानी मूवी देखते देखते सो गयी है, वो सुबह आ जायेगी.
मौसी ने कुछ नहीं कहा और शिवानी उस रात मेरे साथ ही रुक गयी, हम लोग एक ही कंबल में पूरे नंगे होकर एक साथ सोते रहे. फिर कुछ देर के बाद हमारा फिर से मन हुआ और हमने फिर से चुदाई की. उस रात मैंने शिवानी को 3 बार चोदा, जिससे उसकी चूत फूलकर मोटी हो गयी थी. मैंने रात में उसे दर्द की गोली दे दी, जब सुबह वो उठी तो उसके दर्द में बहुत आराम था और वो अपने घर चली गयी और उसके बाद से हमे जब भी मौका मिलता है हम लोग चुदाई करते है.
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दोस्त की बहन प्रिया की चुदाई


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम पृथ्वी है और मेरे परिवार में हम तीन लोग है (में, मेरे पापा और माँ) में 22 साल का हूँ और फिलहाल बी.ए IInd ईयर में हूँ और में दिखने में ठीक-ठाक हूँ. मेरे एक खास दोस्त है जिसके घर मेरा काफ़ी आना जाना रहता है. उस दोस्त की दूसरे शहर में नौकरी लग गई है, तो अब वो बाहर ही रहता है. उस दोस्त की एक छोटी बहन प्रिया भी है, जो वैसे तो मुझे भैया ही कहती है, लेकिन उसकी ख़राब नियत हमेशा ही मुझ पर लगी रहती है. वो मेरे कॉलेज में ही पढ़ती है, वो अक्सर मुझे दूसरी लड़कीयों के साथ देखकर मुझसे नाराज़ हो जाती थी और कहती थी कि वो लड़की ठीक नहीं है, ये लड़की ऐसी है, वो लड़की वैसी है, मुझे उसका बर्ताव कई बार ठीक नहीं लगता था.
मैंने एक बार उससे साफ साफ कह दिया कि में इन लड़कीयों से दोस्ती कोई शादी करने के लिए थोड़ी ना करता हूँ, में तो बस मस्ती करना चाहता हूँ इसलिए काफ़ी लड़कीयों से दोस्ती कर लेता हूँ कि किसी ना किसी के साथ तो सेक्स करने का मौका मिल ही जायेगा. तो उसने नीचे निगाहें करते हुए कहा कि क्या आप सिर्फ़ सेक्स ही करना चाहते है, तो मैंने कहा कि हाँ. अभी हमारी उम्र शादी की जिम्मेदारीयों को लेने की नहीं है, लेकिन शरीर की ज़रूरत को भी तो पूरा करने का मन होता है.
उसने कहा कि तो उन लड़कीयों में ऐसा क्या है जो मुझमें नहीं है, में सुनकर हैरान हो गया कि ये तो पागल हो रही है. मैंने कहा कि तुम मेरे दोस्त की बहन हो, में तुम्हारे साथ ये सब नहीं करना चाहता तो उसने कहा कि मुझे भी अपनी ज़रूरत को पूरा करने के लिए किसी ना किसी से दोस्ती तो करनी ही पड़ेगी और ना जाने कहीं वो मुझे बदनाम ना कर दे या बाद में मेरे भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करे, इसलिए में आपकी प्रिया बनकर आपकी और अपनी सेक्स की ज़रूरत को पूरा करना चाहती हूँ और में जानती हूँ कि आप मेरा बुरा कभी नहीं चाहोगे और आप मेरा पूरा ख्याल भी रखोगे.
उस दिन के बाद से हम कॉलेज में बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह रहने लगे और जब भी मौका मिलता तो हम उसका पूरा फ़ायदा उठाने की कोशिश करते थे. फिर 2 घंटे के बाद अक्सर कई क्लास रूम खाली हो जाते है जिसमें में अपनी प्रिया को ले जाता हूँ और फ्रेंच किस करते हुए बूब्स दबा दबा कर मज़े करता हूँ, कई बार तो उसकी पेंटी में भी हाथ घुसकर फिंगरिंग का मज़ा लेता रहता हूँ.
उस समय उसकी चूत पूरी गीली हो जाती है और मेरा लंड तो उसमें घुसने को तड़प जाता है, लेकिन मजबूरी है कि वहां में उसको चोद नहीं पाता हूँ और उसके घर जाकर उसको चोदना भी मुमकिन नहीं होता है और कॉलेज के आस-पास होटल या कही और जाने में भी ख़तरा होने के कारण बस तड़प तड़प कर ऊपर की ही मस्ती से काम चलाना पड़ रहा था.
फिर एक दिन कॉलेज में मैंने उसे मिलने बुला लिया, वहां पहुँच कर पता चला कि उस दिन किसी बात की छुट्टी थी जो मुझे पता नहीं था तो मौके का फायदा उठाते हुए उसे में कॉलेज के पीछे ले गया और उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया, वो भी पूरा मेरा सहयोग कर रही थी. फिर मैंने उसकी कमीज़ को ऊपर करके उसकी ब्रा के हुक खोलकर उसके बूब्स को पहली बार मुँह में भरकर चूसना शुरू किया. उसके बूब्स इतने मुलायम थे और चूसते हुए उसके निप्पल खड़े हुए थे और सच में एक हाथ से उसके बूब्स दबाने में और एक बूब्स को चूसने में जो मज़ा आ रहा था वो बताना बहुत मुश्किल है.
इस बीच उसका हाथ मेरे सिर से होता हुआ मेरे लंड पर आ चुका था, जिससे मुझे लंड को पेंट के अंदर रख पाना मुश्किल हो रहा था, क्योंकि लंड कुछ ज़्यादा ही टाईट हो गया था. फिर मैंने चैन खोलकर उसके हाथ में अपना लंड दे दिया, जिसे वो कुछ देर तो अपने हाथ से रगड़ती रही फिर नीचे घुटनों के बल बैठकर मेरे लंड को अपने मुँह में भरकर चूसने लगी. मैंने सिर्फ लंड चुसवाने के बारे में सुना था, लेकिन सच में इसका मज़ा जन्नत से बढ़ कर था, मेरे लिए सहन करना मुश्किल हो रहा था तो मैंने उससे चोदने की बात कही, लेकिन वो दिन में इस खुली जगह में चुदने का रिस्क लेना नहीं चाहती थी.
फिर उसने मेरे लंड को चूस चूस कर ही सारा पानी निकाल दिया, ये एहसास मेरे लिए अद्भुत था, फिर भी उसको नहीं चोद पाने का थोड़ा मलाल रह गया. फिर 2 दिन हमारे ऐसे ही घर में रहकर बीत गये, क्योंकि कॉलेज की 15 दिनों की छुट्टीयां लग गई थी. हमसे सहन करना मुश्किल हो रहा था तो मैंने उसे उसकी एक सहेली के घर जाने को कहा, क्योंकि उसकी सहेली के घर में दिन में मम्मी पापा नहीं रहते है, क्योंकि वो जॉब करते है तो मैंने वहीं उसको मिलने का प्लान बनाया और उसकी सहली को भी बता दिया था कि हम आयेगें. तो उसने हँसते हुए अपना टेक्स माँगा, वो खुद भी चुदना चाहती थी तो मैंने उससे कह दिया कि पहले सर्विस तो लेने दो, बाद में टेक्स भी मिल जायेगा.
फिर दोपहर के 1 बजे के लगभग में उसके घर गया और उसकी सहेली को आँख मारते हुए बेडरूम में चलने को कहा, अब हम तीनों ही बेडरूम में थे. वहां हम तीनों ही एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे. फिर मैंने उसकी सहेली को इशारा करके थोड़ी देर के लिए बाहर जाने को कहा और उसके जाने के बाद में प्रिया को लेकर बिस्तर पर गया और उसके कपड़े उतारने लगा. उसने शर्माते हुए कहा कि थोड़ा तो सब्र करो और पहले दरवाजा लॉक कर दो.
फिर में जल्दी से दरवाजा लॉक करके उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए चूसने लगा. उसके मुँह से काफ़ी तेज सिसकारी निकल रही थी. लेकिन मुझे अब कोई फ़र्क नहीं पड़ता था. में उसे जल्दी से जल्दी चोदना चाहता था. मैंने जल्द ही उसके सारे कपड़े उतार दिए, आज में पहली बार उसे पूरी नंगी देख रहा था. उसने भी मस्ती को बढ़ाने के लिए अपनी चूत को पूरा साफ किया हुआ था. में चूत चाटने और चूसने के बारे में पहले से ही जानता था तो झुककर उसकी चूत को चूसने लगा और अपनी जीभ को उसकी चूत में घुसाने लगा..
उसके मुँह से सिसकारी तेज तेज होती जा रही थी और उसका शरीर कांप सा रहा था. वो बहुत छटपटा रही थी और अपने हाथ से मेरे सिर को और अपनी चूत में दबा रही थी. मेरा लंड अब मुझे धक्के देने की मुद्रा में पूरा लाल मुँह करके खड़ा था, तो मैंने जल्दी से अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर लगाया और घुसाने लगा, लेकिन वो घुस ही नहीं रहा था. उसकी चूत का मुँह काफ़ी छोटा दिख रहा था मुझे मालूम था कि इस छेद में ये लंड घुसेगा, लेकिन छेद का आकार और लंड की मोटाई का कोई मुकाबला ही नहीं था, वो भी पागल सी होती हुई मुझे लंड को घुसाने को कह रही थी और फिर मैंने भी उसकी चूत के छेद पर लंड को एक हाथ से टिकाये रखा और उसके शरीर पर झुकते हुए दूसरे हाथ से उसकी एक चूची को दबाने लगा और अपने होंठो से उसके होंठो को चूमते हुए लंड के दबाव को बड़ाने लगा, वो बुरी तरह से छटपटाने लगी और अपने हाथों से मुझे ऊपर धकलने लगी, लेकिन अब मुझे रोक पाना उसके लिए मुश्किल था.
में उसी तरह उसके होंठो को अपने होंठो में दबाये हुए था और जब लंड थोड़ा अन्दर घुस गया तो एक ऐसा जोरदार धक्का मारा कि एक ही पल में उसके हाथों के नाख़ून मेरी पीठ में घुस गये और वो बुरी तरह से मुझे धकलते हुए छटपटाने लगी. लेकिन अब मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ उसकी चूत में पूरी तरह से घुस चुका था मुझे भी दर्द हो रहा था, लेकिन पहली बार चोदने के सुख के आगे ये दर्द कुछ भी नहीं था.
में थोड़ी देर तक उसे किस करते हुए दोनों हाथों से उसके बूब्स को सहलाता रहा और जब उसकी हालत थोड़ी ठीक लगी तो में फिर से उसकी चूत की चुदाई में लग गया. अब मैंने उसके होंठो को आज़ाद कर दिया था, तो हर शॉट में उसके मुँह से, आहहह्ह्ह्ह सस्स्स्स्स्सस्स उउउहह की आवाजें आ रही थी, जिससे मेरा जोश और बड़ता जा रहा था और में चुदाई की स्पीड धीरे धीरे तेज कर रहा था. उसकी चूत से काफ़ी पानी भी निकल रहा था तो अब कमरे में फक फक की आवाज़ आ रही थी.
मैंने जब उसकी चूत की तरफ देखा तो यकीन ही नहीं हुआ कि ये वही चूत है जो थोड़ी देर पहले कितनी छोटी थी और अब ये इतने मोटे लंड से चौड़ी हो चुकी है. उसकी चूत की लगातार चुदाई करते हुए हम दोनों ही काफ़ी थकते जा रहा थे, फिर हमने अपनी पोज़िशन को चेंज किया और फिर से चुदाई जारी रखी.
करीब 35 मिनिट के बाद दरवाजे के बाहर से उसकी सहेली की आवाज़ आई कि अब तो ख़त्म करो और खाना खा लो, ये सुन कर प्रिया मुस्कुराई और मुझे देखने लगी. लेकिन में रुकने के मूड में बिल्कुल नहीं था और चुदाई जारी रखी. उसके मुँह से हर शॉट पर सिसकारियों का सिलसिला जारी था. अब हम पूरे पसीने पसीने हो चुके थे. फिर मुझे लगा कि अब मेरा लंड अपना पानी निकालने को तैयार है तो मैंने उससे कहा तो उसने कहा की ये मेरी पहली चुदाई है तो में तुम्हारे वीर्य को तो अपनी चूत में ही लेना चाहूँगी.
फिर कुछ शॉट और उसकी चूत में मारते हुए मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही भर दिया और में निढाल होकर उसके उपर ही पड़ा रह गया. हमारी साँसे अब भी तेज थी और हम पूरे पसीने से भीगे हुए थे और बाहर से दरवाजा बार बार खटखटाया जा रहा था. फिर में उठकर बाथरूम गया और लंड को साफ करके, टावल में बेडरूम से बाहर आकर उसकी सहेली से बातें करने लगा, प्रिया अब भी उठने की स्थिती में नहीं थी.
फिर उसकी सहेली ने कहा कि अब जल्दी से ख़ाना खाकर इसे घर छोड़ कर वापस आओ और मेरा भी टेक्स दो तो मैंने उसकी चूचीयों को दबाते हुए कहा कि तुम तो रोज ही दिन में अकेली रहती हो, कल तुम्हारा ही नंबर रहेगा. तो उससे कल आने का वादा किया और फिर हम खाना खाकर अपने घर चले गये.
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किराये वाली सेक्सी पंजाबन आंटी


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आर्यन है और मेरी उम्र 19 साल है और में दिल्ली में रहता हूँ. मेरी फेमिली में 4 लोग है में, माँ, पापा, और मेरा छोटा भाई और हमारी फेमिली सामान्य है, तो अब में आपका समय ख़राब नहीं करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ.
ये स्टोरी है मेरी और हमारे घर किराये पर रहने वाली आंटी की, जो कि पंजाबन है. आंटी पहले मेरे सामने वाले घर में रहती थी, लेकिन उनकी उनके ऊपर वाले फ्लोर पर रहने वाली फेमिली से कुछ प्रोब्लम हो गई, तो उन्होंने हमारा नीचे वाला फ्लोर किराये पर ले लिया. आंटी के घर में 3 लोग है अंकल, आंटी और उनकी बेटी जो कि 10 साल की है.
आंटी दिखने में बहुत ही ज़्यादा सेक्सी है, उनकी उम्र 35 साल होगी, जैसा कि मैंने आपको बताया कि वो पंजाबन है और आप तो जानते है कि पंजाबन क्या चीज़ होती है. अंकल एक बिजनस मेन है और उन्होंने अपना ऑपरेटिंग ऑफिस हमारी गली में खोला हुआ है. अंकल आंटी को खूब चोदते थे, अंकल दिन में लंच करने आते थे, तब भी आंटी को चोदते थे. ये बात मुझे मेरे सामने वाले भैया ने बताई थी जहाँ आंटी पहले रहती थी, भैया ने बताया कि आंटी बहुत चुदासू औरत है और अंकल भी उन्हें खूब चोदते है.
फिर जब आंटी हमारे नीचे वाले फ्लोर पर किराये पर रहने आई, तो मेरी उनसे बात शुरू नहीं हुई थी. में सिर्फ़ अंकल से नमस्ते किया करता था, आंटी से नहीं. क्योंकि में बहुत सीधा साधा लड़का हूँ. आंटी को खाना खाने का बहुत शौक था और मेरी माँ को खाना बनाने का शौक था, तो बस फिर क्या था? माँ जब भी कुछ टेस्टी खाना बनाती तो आंटी नीचे से ऊपर आ जाती और आंटी के ऊपर आते ही में बाहर चला जाता, क्योंकि मुझे बहुत शर्म आती थी.
इसी तरह आंटी और माँ एक अच्छे दोस्त बन गये और आंटी को हमारे यहाँ किराये पर रहते हुए 2 महीने हो गये थे, लेकिन मेरी उनसे बात नहीं हुई थी. मेरा मन बात करने को तो करता था, लेकिन कर नहीं पाता था. में उन्हें चोदना तो शुरू से चाहता था, लेकिन बात तो होती ही नहीं थी, चोदना तो बहुत दूर की बात थी. फिर एक दिन में शाम को जिम जा रहा था, तो अंकल कहीं जा रहे थे और आंटी भी साथ में थी, मैंने अंकल को नमस्ते किया और जिम चला गया. फिर जब में वापस आया, तो आंटी अपने फ्लोर के बाहर खड़ी थी. उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और पूछा.
आंटी – आर्यन क्या मेरी तुमसे कोई दुश्मनी है क्या?
में – नहीं आंटी ऐसी तो कोई बात नहीं है.
आंटी – तो फिर तुम अपने अंकल से नमस्ते करते हो और मुझसे तो नहीं करते, ऐसा क्यों?
में – मैंने कहा नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है, बस ऐसे ही.
फिर मैंने सोचा जब बात शुरू हो ही गई है तो क्यों ना अब हो ही जाये. मैंने आंटी से कहा कि आंटी में अंकल से नमस्ते करता हूँ, क्योंकि वो मुझे बड़े लगते है और आप तो मुझे बहुत जवान लगती हो, बिल्कुल एक कॉलेज गर्ल की तरह लगती हो, आप से तो हाय करने का मन करता है, लेकिन डर लगता था कि कहीं आपको बुरा ना लग जाये, इसलिये नहीं करता था.
आंटी ने स्माइल दी और कहा अच्छा जी चलो फिर ठीक है आज से तुम मुझे नमस्ते की जगह हाय विश करना और हमने हाथ मिलाया और में चला गया. फिर तो मेरी आंटी से बात शुरू हो गई थी और में उनसे काफ़ी बात करता था. फिर मैंने थोड़े दिन के बाद आंटी से पूछा कि अंकल कहाँ है, तो वो बोली कि वो 1 महीने के लिए बाहर गये है. अंकल वैसे कहीं जाते नहीं थे, लेकिन इस बार वो चले गये थे.
फिर एक दिन में घूमने जा रहा था, तो आंटी कुर्सी पर खड़े होकर कुछ साफ कर रही, तो वो साफ़ करने के लिए थोड़ा ऊपर हुई और अचानक उनका संतुलन बिगड़ गया और वो गिरने वाली थी, लेकिन में गेट पर ही था, तो मैंने जाकर उन्हें पकड़ लिया और गोद में ले लिया. फिर मेरे हाथ आंटी के बूब्स पर आ गये और मेरा लंड खड़ा होना शुरू हो गया और आंटी को अपनी कमर पर मेरा लंड फील हो रहा था.
उन्होंने एक नॉटी स्माइल देते हुए कहा कि तुम तो बड़े काम की चीज़ हो यार, में समझा नहीं और उनको बेड पर लेटाकर जाने लगा, तो आंटी ने मेरा लंड देख लिया जो कि पेंट के ऊपर टेंट बना रहा था. फिर आंटी ने कहा कि बैठो में तुम्हारे लिए कुछ लाती हूँ, मैंने कहा ओके और आंटी किचन में चली गई, उनके जाते ही मैंने पेंट नीचे करके लंड को ठीक किया, लेकिन खड़ा लंड दर्द कर रहा था. में ठीक कर ही रहा था कि आंटी जूस का फ्लेवर का पूछते हुए रूम में आ गई और उन्होंने मेरा लंड देख लिया.
फिर आंटी ने मेरे पास आकर मेरे लंड को ध्यान से देखा. मेरा लंड 7 इंच का है और कहा कि इसका कुछ उपयोग भी करते हो या नहीं, मैंने कहा में समझा नहीं, तो उन्होंने कहा में समझाती हूँ और नीचे बैठ कर मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. मैंने आंटी को रोका और कहा कि ये आप क्या कर रहे हो. आंटी रुकी और कहा कि में तुम्हें इसका उपयोग करना बता रही हूँ.
फिर आंटी जोर-जोर से उसे चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. में आंटी के बालों में हाथ फेर रहा था. फिर 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद में उनके मुँह में झड़ गया, वो बाहर उसे थूक कर आई और आंटी ने अन्दर आते ही मुझे स्मूच करने लगी. में भी उन्हें स्मूच करने लगा और वो मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगी और मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर ले गई और में उन्हें दबाने लगा. मुझे तो बहुत मजा आ रहा था, आंटी ने मुझे पूरा नंगा कर दिया और में आंटी को देखने लगा तो उन्होंने कहा देख क्या रहे हो, मुझे भी नंगा कर दो यार.
फिर मैंने उन्हे नंगा कर दिया और उनकी ब्रा हटाते ही में तो उनके बूब्स देखकर पागल हो गया और उनके बूब्स पर टूट पड़ा और ज़ोर से दबाने और चूसने लगा. फिर 5 मिनट तक चूसने के बाद आंटी ने मुझे हटाया और कहा कि मुझे बेड पर लेटने दो, फिर तुम्हारी जो मर्ज़ी हो कर लेना. में कहीं नहीं जाउंगी और वो लेट गई. फिर में उनके ऊपर आ गया और उनकी बॉडी पर किस करने लगा. आंटी तो बस आँखे बंद करके मज़े ले रही थी और बस मममममम जैसी आवाजें निकाल रही थी. जिससे में और पागल हो रहा था. फिर में आंटी के पेट को किस करने लगा और नाभि में ज़ोर-ज़ोर से जबान फेरने लगा.
आंटी तो पागल हो रही थी और मेरे बालों को खींच कर मोन कर जा रही थी. फिर आंटी ने उठ कर कहा कि प्लीज एक बार मेरी चूत चाट दो में तुम्हारी जिंदगी भर गुलाम बन कर रहूंगी, प्लीज चाट दो. तुम्हारे अंकल ने आज तक मेरी चूत नहीं चाटी है और मैंने ब्लू फिल्म में चूत चटवाते हुए देखा है और में भी इसका मजा लेना चाहती हूँ..
फिर में उनकी चूत के पास गया, तो मुझे स्मेल आ रही थी और बाल भी बहुत थे, लेकिन फिर मैंने सोचा यार फ्री की चूत मिल रही है तो थोड़ी सी स्मेल तो झेलनी पड़ेगी. लेकिन मैंने आंटी से फिर भी बोल दिया कि इसमे से स्मेल आ रही है और बाल भी बहुत है, तो आंटी ने कहा कि मेरे जानू आज चाट दो, में अगली बार से बिल्कुल क्लीन कर लूँगी और स्मेल भी नहीं आयेंगी.
मैंने जैसे ही आंटी की चूत पर अपनी जुबान लगाई तो आंटी बेड पर गिर गई और बेडशीट को बहुत टाईट पकड़ लिया और अपने लिप्स को दातों में दबाने लगी और वो मछली की तरह तड़प रही थी. फिर 10 मिनट तक चूसने के बाद में उठा और मेरे उठते ही आंटी मेरे लंड पर बहुत बुरी तरह टूट पड़ी और बहुत बुरी तरह चूसने लगी. शायद वो पूरे मूड में आ गई थी. फिर 5 मिनट के बाद मैंने उन्हें रोका और कहा कि अब में आपकी चूत में लंड डाल सकता हूँ. तो वो हंसने लगी और मेरे गाल खींचकर बोली कि ज़रूर मेरे जानू, आ जाओ.
फिर आंटी सीधा लेट गई और लंड को पकड़कर अपनी चूत पर लगाया और अपने पैरों को मेरी कमर के पीछे ले जाकर लंड चूत के अंदर डलवाने लगी. में भी ज़ोर लगा रहा था और उनकी चूत में लंड चला गया और चूत में लंड जाते ही आंटी ने मेरा चेहरा पकड़कर अपने बूब्स पर दबा दिया. में भी उनके बूब्स को चूसने और काटने लगा.
हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था. फिर 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने आंटी से बोला कि अब में झड़ने वाला हूँ, तो उन्होंने कहा कि मेरे मुँह में निकाल दो. मैंने लंड बाहर निकाला तो आंटी फिर से मेरे लंड पर टूट पड़ी और उसे चूसने लगी. फिर हम 69 पोजीशन में आ गये और 5 मिनट के बाद में झड़ गया और फिर 1 मिनट के बाद ही आंटी की बॉडी टाईट हो गई और फिर एकदम ढीली पड़ गई. फिर हम बेड पर लेट गये और हम बातें करने लगे.
में – आंटी थैंक यू वेरी मच.
आंटी – अरे थैंक यू, तो मुझे बोलना चाहियें तुम्हें, जो तुमने मेरी ख्वाइश पूरी की.
में – में कुछ समझा नहीं आंटी?
आंटी – अरे तुम्हारे अंकल मेरी चूत नहीं चाटते थे और न ही मेरे मुँह में झड़ते थे, उनको ये सब गंदा लगता था, लेकिन तुमने किया. थैंक यू.
में – आंटी क्या आप अंकल से संतुष्ट हो क्या?
आंटी – तुम्हारे अंकल से में पहले संतुष्ट थी और तुम्हारे अंकल मुझे खूब चोदते थे और उन्होंने मुझे चुदने की तो जैसे आदत सी डाल दी थी. लेकिन फिर उन्होंने एक और बिज़नस खोला फिर उन्होंने मुझे टाईम देना कम कर दिया और बिजनस को सेट करने में लग गये और मेरी आग बड़ती रही और फिर जब तुम्हारे लंड को मैंने अपनी कमर पर महसूस किया, तो मेरा सब्र टूट गया और में अपने आप को रोक नहीं पाई. फिर हमने 5 मिनट तक स्मूच किया और फिर में कपड़े पहनकर आ गया. उसके बाद हमने काफ़ी बार चुदाई की.
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