हेमा भाभी को बस में चोदा


हैल्लो दोस्तों, में आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ, यह मेरा सच्चा और हॉट अनुभव था. में आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरी यह स्टोरी भी पसंद आयेगी. अब मेरी कहानी शुरू होती है. मेरा नाम शिफान है, में इतना भी स्मार्ट नहीं हूँ कि लड़की को ऐसे ही पटा लूँ, लेकिन में जिस लड़की से भी फ्लर्ट करता हूँ वो मेरे पीछे पागल हो जाती है, क्योंकि मेरी बातें ही ऐसी है. मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है.
मेरे मामा का प्रॉपर्टी बिजनेस है तो उसी सिलसिले में कुछ ज़रूरी काम से मुंबई से राजस्थान जा रहा था. मामा ने मेरी टिकट एक लग्जरी बस में करवा दी थी, क्योंकि में ट्रेन से जाने के मूड में नहीं था. मैंने अंधेरी से दोपहर 2 बजे बस पकड़ी, बस में ज़्यादा लोग नहीं बैठे थे, क्योंकि वो बहुत महँगी बस थी, उसमे आगे कुछ कपल बैठे थे और उनके पेरेंट्स थे और बीच में मैं और आख़री सीट में एक छोटी सी फेमिली थी. फिर रात में सूरत आया तो कुछ लोग चढ़ने लगे और एक कपल जिसमें एक आदमी, उसकी पत्नी और 2 बच्चे थे, एक लड़का जो 4 साल का था और बहुत ही खूबसूरत था और उसकी एक 3 साल की लड़की थी. उन लोगों की सीट मेरे बाज़ू में थी.
फिर बस स्टार्ट हुई और वो औरत झुककर अपने बैग को सीट के नीचे रख रही थी. उसका आदमी आराम से बैठ गया था और उसके दोनों बच्चे पीछे की सीट पर बैठे थे. फिर अचानक से मेरी नज़र उस पर पड़ी, उसका पल्लू नीचे गिरा था और उसके बूब्स मेरी आँखों में समा गये थे. मैंने एक पल के लिए भी उनसे अपनी निगाह नहीं हटाई, उसने मुझे नोटीस किया और एडजस्ट करते ही बैठ गयी.
उसने काले कलर की साड़ी पहनी थी और क़यामत ढा रही थी, उसका फिगर 36-28-36 होगा, स्लिम बॉडी और बहुत गोरी थी और साड़ी भी उसने नाभी के नीचे बांध रखी थी. फिर हम सब बैठे हुए थे और में अपना मोबाईल निकाल कर गाने सुन रहा था. फिर धीरे-धीरे रात होने लगी और फिर रात के 10 बजे बस एक मस्त से ढाबे पर रुकी, में उतरकर वॉशरूम गया और फिर मैंने टाईम पास के लिए कुछ स्नेक्स और कोल्ड ड्रिंक्स ले ली और वो औरत भी अपने बच्चो को लेकर वॉशरूम गयी और उसने कुछ स्नेक्स नहीं लिया, क्योंकि उसका पति बहुत गहरी नींद में सोया हुआ था तो वो ढाबे पर नहीं उतरा था.
फिर बस चलने के लिए तैयार थी और फिर सब आकर बैठ गये, उसका पति ग्लास वाली सीट पर था और वो उसके बाज़ू में और उसके बच्चे पीछे वाली सीट पर थे. फिर अचानक उसकी बच्ची रोने लगी कि उसको विंडो सीट पर बैठना है, लेकिन वो बच्चा नहीं मान रहा था और उसका पति विंडो सीट पर सो गया था, तो मैंने उन्हें कहा कि आप अपनी बच्ची को मेरी विंडो सीट पर बैठा दो, तो उसने पहले मना किया कि आप क्यों हट रहे हो.
फिर मैंने उसे समझाया कि बच्चो का दिल नहीं तोड़ते है और में बाज़ू की सीट पर बैठ गया और उसकी बच्ची को विंडो सीट पर बैठा दिया. फिर मैंने उसकी बच्ची को बहुत खुश किया मेरा मतलब स्नेक्स खिलाया, मोबाईल दिया और मुझसे उसकी माँ भी खुश हो गयी. फिर उसने मुझसे पूछा कि आप कहाँ जा रहे हो, तो मैंने कहा जयपुर तो उसने भी कहा कि वो लोग भी वहीं जा रहे है. फिर मैंने उससे फ्लर्ट करने की सोची और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने उसका नाम हेमा बताया फिर हमारी बातें शुरू हुई.
हेमा : जयपुर में कहाँ जा रहे हो?
में : मामा के कुछ प्रॉपर्टी का काम रुका हुआ है, उसी सिलसिले में जा रहा हूँ.
हेमा : ओह्ह्ह, तो आप क्या करते हो?
में : (मज़ाक से कहा की) खुश करता हूँ.
हेमा : उसने मुझे देखते हुए कहा कि कैसे खुश करते हो.
में : अरे, वो तो मैंने आपसे ऐसे ही कहा, मेरी शॉप मुंबई में है, में वो चलाता हूँ.
हेमा : अच्छा हुआ कि आपकी कंपनी मिल गयी वरना में तो अकेले बैठे-बैठे बोर हो रही थी, मेरे पति भी सो गये है.
में : हाँ इतना काम, मेहनत जो करते होगे बेचारे.
फिर उसने सेक्सी सी स्माइल दी, शायद वो मेरी बात समझ गयी हो. उतने में उसकी बेटी भी सो गयी थी. फिर मैंने उससे कहा कि आपकी बेटी भी सो चुकी है तो उसने देखा और कहा कि लाओं में उसे पीछे वाली सीट पर सुला देती हूँ. जब में उसे उसकी बेटी दे रहा था, तब मेरा हाथ उसके बूब्स से चिपक गया और मुझे बहुत गर्म-गर्म महसूस हुआ, जैसे वो एकदम गर्म हो चुकी है. फिर उसने भी मेरा हाथ नोटिस किया और बच्ची को लेकर पीछे वाली सीट पर सुला दिया. अब रात बहुत हो चुकी थी और बस की लाईट भी बंद थी और सब सोए हुए थे, तो में अपने मोबाईल में गाने सुनने लगा तो उसने रिक्वेस्ट की कि वो भी गाने सुनना चाहती है, क्योंकि उसे नींद नहीं आ रही थी.
फिर मैंने उसे लेफ्ट साईड का इयरफोन उसको दे दिया, हम लोग थोड़ा दूर-दूर बैठे हुए थे तो इयरफोन बार बार उसके कान से निकल रहा था, तो मैंने उसे अपने बाज़ू वाली सीट पर बैठने को बोला तो उसने हाँ कहा और अपने पति को चेक किया कि वो सो रहा है या नहीं? फिर मेरे बाज़ू में आकर बैठ गयी में बहुत रोमांटिक गाने प्ले कर रहा था, जिससे वो और मस्त हो रही थी.
फिर मैंने आहिस्ते-आहिस्ते हाथ उसके हाथ पर टच किया, उसने कुछ रिएक्ट नहीं किया, तो मैंने और फ्री होना स्टार्ट किया, मैंने झटके से उसकी जांघ पर हाथ रख दिया, जिससे उसने एतराज़ जताया और एक स्माइल देकर बैठ गयी. फिर थोड़ी देर के बाद वो उठ रही थी तो वैसे ही मैंने उसे पकड़ लिया और प्यार से उसके बूब्स दबाने लगा. उसने मना किया कि प्लीज यहाँ मत करो कोई देख लेगा, प्रोब्लम हो जायेगी. तो मैंने कहा कि यहाँ कोई नहीं देखेगा अंधेरा है और सब सो रहे है तो वो मान गयी.
फिर मैंने उसकी साड़ी का पल्लू हटाया और ब्लाउज के ऊपर से ही बूब्स दबाने लगा, तो वो मौन करने लगी. फिर मैंने उसको लिप किस किया. फिर वो भी मेरा साथ देने लगी. तो उसने कहा कि जो करना है जल्दी-जल्दी करो वरना उसका पति उठ जायेगा. फिर मैंने उसे सीट पर बैठाया और उसकी साड़ी ऊपर की और पेंटी को नीचे किया तो देखा कि उसकी चूत तो बिल्कुल गीली हो चुकी थी और चूत पर थोड़े-थोड़े बाल भी थे, तो मैंने सकिंग करना स्टार्ट किया. तो वो मेरे बाल नोचने लगी और मेरा मुँह दबाने लगी, जैसे वो चाह रही हो कि में उसकी चूत को पूरा खा जाऊं, उसने फिर से पानी छोड़ा और मैंने पूरा चाट लिया.
फिर मैंने उससे लंड चूसने को कहा तो उसने मना कर दिया और कहा कि उसको उल्टी आ जायेगी, इसलिए मैंने उसे ज्यादा फोर्स नहीं किया, क्योंकि फोर्स करने से सेक्स करने का मज़ा नहीं आता और कपल उसे इन्जॉय नहीं कर पाता और सेक्स तो नेचुरल ही इन्जॉय करो और फील करो. फिर मैंने उसे नीचे लेटाया और मेरा लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, जिससे वो पागल सी हो गयी और उसने मुझसे कहा कि प्लीज शिफान अब मत तड़पाओ.
फिर मैंने चूत के दरवाजे पर अपना लंड रखा और एक झटका मारा तो चूत गीली होने की वजह से आधा लंड आसानी से अन्दर चला गया और में धक्के लगाने लगा. उसे बहुत मज़ा आ रहा था और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. फिर बिना रुके 15 मिनट चुदाई करने के बाद मैंने उसकी चूत में ही पानी छोड़ दिया और वो तब तक 2 बार झड़ चुकी थी. फिर उसने मुझे स्मूच किया और अपने कपड़े ठीक करके अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी और फिर हमने अपने मोबाईल नंबर एक्सचेंज किए. वो बहुत खुश हुई, उसने मुझसे वादा किया है कि हम फिर से मिलेंगे, वैसे तो में उससे अब भी फोन सेक्स करता हूँ.
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दोस्त के घर पर अजीब मज़ा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम हारून है और में जम्मू का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है, लेकिन में आपकी तरह बहुत समय से इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को मेरी यह कहानी बहुत अच्छी लगेगी, क्योंकि यह कोई कहानी नहीं बल्कि यह मेरी एक सच्ची घटना है और जो कुछ समय पहले मेरे साथ घटित हुई.
दोस्तों में एक अच्छे परिवार से हूँ और में जम्मू शहर में रहता हूँ. मेरे पापा एक बिजनसमेन है और मेरी माँ यहीं के एक सरकारी स्कूल में लेक्चरार है, मेरे एक छोटी बहन है जो अभी स्कूल में अपनी पढ़ाई कर रही है और एक छोटा भाई है और वो भी उसके साथ स्कूल जाता है और में अपनी पढ़ाई एक सरकारी कॉलेज में कर रहा हूँ, जिसमे में अभी बी.कॉम के 3rd साल में हूँ और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ और आप सभी को पूरे विस्तार से उस घटना को बताता हूँ.
दोस्तों में जब कॉलेज के 2nd साल में अपनी पढ़ाई कर रहा था तो उसी समय मेरी एक लड़के से दोस्ती हुई, जो धीरे धीरे बहुत हद तक बढ़ गई, उसका नाम फरहान था. हम दोनों बहुत ही कम समय में एक बहुत अच्छे दोस्त बन गये और फिर हम दोनों कॉलेज में एक साथ रहते थे. फिर एक दिन ऐसा हुआ कि फरहान का फोन गुम हो गया और वो बहुत उदास था. फिर मैंने उससे कहा कि चलो यार अब ज्यादा उदास मत हो, यह सब तो होता रहता है और फिर मैंने उसको दूसरे दिन अपने घर से लाकर एक सेल फोन उसे दे दिया, क्योंकि उस समय मेरे पास एक एक्सट्रा फोन था और इस तरह उसको मुझ पर और भी ज़्यादा भरोसा होने लगा और ऐसे ही दिन गुज़रते चले गये.
फिर सर्दियो में फरहान की बड़ी बहन की शादी थी तो उसने मुझे भी शादी में अपने घर पर बुलाया और जब में उनके घर पर गया. फिर मैंने भी फरहान की बहन की शादी के कामों में उसकी बहुत मदद करवाई और खाना खाकर मुझसे फरहान ने उसके रूम में जाने के लिए बोला. उसने मुझसे कहा कि तुम अब थोड़ा आराम कर लो, क्योंकि हम दोनों काम करके बहुत थक चुके थे.
फिर में उसके कमरे में गया और में जब उसके बेड पर लेटा हुआ था और मोबाइल के साथ खेलने लगा तो थोड़ी देर बाद एक लड़की अंदर आई और उसको वहां से कोई चीज लेनी थी और फिर वो लेकर चली गयी, लेकिन मैंने उस लड़की की तरफ ज़्यादा रूचि नहीं दिखाई और अपने मोबाइल के साथ खेलता रहा और करीब 10-15 मिनट के बाद में सो गया, लेकिन में अभी भी गहरी नींद में नहीं था और उस समय कमरे की लाईट बंद थी, लेकिन मुझे अभी नींद नहीं आई थी.
फरहान ने दरवाज़ा खोला और मुझसे कहा कि हारून क्या अभी से सो गये? फिर मैंने कहा कि हाँ यार में सो गया हूँ. फिर उसने कहा कि ठीक है, में कल सुबह तुमको जगा दूंगा और अब में बाहर के कुछ काम देखने जा रहा हूँ. फिर मैंने कहा कि ठीक है यार और फिर वो चला गया. फिर कुछ ही देर बाद किसी ने फिर से दरवाज़ा खोलकर कमरे की लाईट चालू की और जब मैंने देखा तो यह वही लड़की थी. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ और आपको क्या चाहिए? और आप कौन हो?
वो बोली कि में तुम्हारे दोस्त की बहन हूँ. दोस्तों वो फरहान की छोटी बहन थी, लेकिन वो क्या माल थी? में तो उसे बातों ही बातों में नीचे से ऊपर तक घूरता रहा और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा तो उसने कहा कि मेरा नाम सबिया है. वो एकदम टाईट जीन्स और लाल कलर का टॉप पहने हुई थी और उन कपड़ो में वो बहुत सेक्सी दिख रही थी, वैसे वो दिखने में बहुत खुबसूरत थी, मेरी नजरे उसके ऊपर से हटने को तैयार नहीं थी और में उसको घूरता रहा.
उसने मुझसे कहा कि क्या आप डांस नहीं करोगे? मैंने झट से कहा कि नहीं, मुझे डांस करना नहीं आता. फिर वो बोली कि चलो उठो में आपको सिखाती हूँ और फिर मैंने एकदम सही मौके को पाकर कहा कि नहीं पहले तुम मुझे यहाँ पर इस कमरे में सिखाओ और फिर उसके बाद में पार्टी में जाऊंगा तो वो नहीं मानी और उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे खींच लिया और में जानबूझ कर खुद उसकी तरफ गया, जैसे कि उसी ने ही मुझे खींचा हो और उसकी छाती से लिपट गया.
वो हँसने लगी और कहा कि चलो अब बाहर डांस पार्टी में. फिर मैंने कहा कि नहीं पहले हम यहाँ पर करेंगे. फिर बाहर में पार्टी में जाएगें और अब वो मान गई. फिर उसने मुझसे आँखों में आंखे डालकर कहा कि चलो अब डांस करने के लिए तैयार हो जाओ. फिर मैंने कहा कि नहीं पहले दरवाजा तो बंद करो. फिर वो बोली कि लो बाबा चलो अब मैंने दरवाजा भी बंद किया, क्या अब शुरू करें? तो मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन मुझे अपने हाथों से पकड़कर डांस सिखाना, क्योंकि में कुछ भी नहीं जानता हूँ.
फिर उसने अपना एक हाथ मेरी कमर पर सटा दिया और दूसरा हाथ मेरे हाथ में रखकर मुझे गोल गोल घूमाने लगी, में गरम हो गया और मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया और फिर मैंने कुछ सोचकर उस मौके का फायदा उठाते हुए उसकी कमर को पकड़कर उसको अपनी छाती से लगा लिया और अब में उसको छूने लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली बस मेरी आखों में लगातार देखकर शरारती हंसी हंसती रही. फिर मेरी हिम्मत और भी बढ़ गई और में उसका चेहरा पकड़कर उसके गालों पर किस करने लगा और अपने एक हाथ से उसके चूतड़ दबाने लगा.
उसकी साँसे तेज़ हो गयी और में अपना काम करता रहा और अब मैंने उसको अपने हाथ से इशारा करके साईड में बुलाया और फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया. फिर उसने मुझे बिना कुछ कहे मेरी शर्ट को उतार दिया और मेरी पेंट को भी खोलकर उतार दिया. फिर में भी उसके कपड़े उतारकर उसको लिप किस करने लगा और अब में उसके बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा और वो इतनी हॉट हो गई कि उसने कहा कि जानू मुझे जल्दी से चोद डालो ना प्लीज जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो.
फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ को डालकर चूसना शुरू किया और फिर मैंने कुछ ही देर उसकी चूत को चूसा. फिर मैंने अपने लंड को थूक से गीला कर दिया और उसकी चूत में डालना शुरू किया. मेरे लंड से चूत पर ज़ोर लगने से वो एकदम चीखने चिल्लाने लगी उूईईईईईइई माँ मर गई आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह प्लीज, अब इसे बाहर निकाल दो, यह तो बहुत बड़ा है उह्ह्ह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में नहीं माना और उसकी छटपटाती चूत पर लगातार झटके मारता रहा जब तक कि पूरा लंड उसकी चूत में नहीं भर दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई तो मैंने उसके होंठ अपने हाथों से दबाकर उसको ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर लगातार चोदता रहा, उसकी चूत अब थक सी गई थी, क्योंकि में कब से अपना तना हुआ लंड उसकी चूत में धक्के देकर ठोक रहा था और अब उसकी चूत से सफेद कलर के झाग आना शुरू हो गए थे और अब करीब बीस मिनट के बाद उसने कहा कि चल जानू अपना माल मेरी चूत में ही डाल दो और में कुछ धक्के मारकर उसकी चूत में ही झड़ गया, उसने तभी अपनी चूत को और टाईट किया और मेरा पूरा माल अपनी चूत के अंदर भर लिया और में पूरा नंगा ही उसके ऊपर लेटा रह.
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आंटियों की प्यास बुझाई


हैल्लो दोस्तों मेरा नाम रवि है और में 27 साल का हूँ, मेरी हाईट 5.6 है और मेरी आँखे सेक्स से भरी हुई है, क्योंकि अब मुझे सेक्स की लत पड़ गयी है और मैं जितना भी सेक्स करूं मुझे कम ही लगता है. दोस्तों में शुरू से ही सोचता था कि मुझमें कोई कमी है, लेकिन जब मुझे जैसे ही एक औरत मिली तब में समझ गया कि में कितना लक्की हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी पहली सेक्स पर आधारित घटना सुनाने जा रहा हूँ.
दोस्तों में कुछ बच्चों को अपने घर पर ट्यूशन देता हूँ और उन स्टूडेंट्स में से एक की माँ (रोशनी) मुझे एक दिन मेरी फीस देने मेरे घर पर आई और उसने मेरे साथ मन ही मन में सेक्स का प्लान बना लिया, जो मुझे बाद में पता चला. वो बार-बार फोन करके अपनी बेटी की रिपोर्ट का पता करना (एक सप्ताह में 4 बार मुझे फोन करती) और फिर कुछ देर के बाद अपनी इधर उधर की बातें लेकर बैठ जाना और उसने मुझे कई बार अपने घर पर बुलाया, लेकिन में नहीं गया.
फिर आख़िर में उनसे तंग आकर एक दिन में उनके घर पर चला ही गया, तब में सिर्फ़ 23 का था और मैंने कभी भी किसी को नहीं चोदा था. उन्होंने मेरा बहुत अच्छी तरह से स्वागत किया, मेरे लिए चाय बनाकर लाई और फिर बातें करती रही और फिर थोड़ी ही देर के बाद वो अपने पति की बातें मुझे बताने लगी और बहुत दु:खी सी लगने लगी और जब उसको लगा कि में उनकी बातें ध्यान से सुन रहा हूँ तभी उन्होंने एकदम उदास होकर रोने का नाटक किया. तो इस पर मैंने उनको चुप कराया तो वो मुझसे चिपक गयी और मुझसे कहने लगी कि मुझे प्यार चाहिए ना कि जैल.
मैंने कहा कि ठीक है में अंकल से बात करता हूँ सब ठीक हो जाएगा, लेकिन तभी वो कहने लगी वो मुझसे प्यार करती है. में उनकी यह बात सुनकर एकदम चकित रह गया और फिर करीब दो मिनट में उन्होंने अपने बूब्स को अपने कपड़ो से मेरे सामने बाहर निकाल दिया और मुझसे कहा कि में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ, यह बूब्स अब तुम्हारे है तुम जो भी चाहो इसके साथ कर सकते हो. तो मैंने बहुत देर कंट्रोल किया फिर कहा कि आप अपना ब्लाउज बंद कर लीजिए, वो कहने लगी कि वो तभी बंद करेगी जब में उसका प्यार कबूल करूँगा. फिर मुझे अब हाँ कहना पड़ा और इसके बाद उसने कहा कि हल्का करो इसे, तो मैंने पूछा कि वो कैसे? तो उसने कहा कि मेरे निप्पल को चूसकर और यह बात कहकर वो मेरे बिल्कुल पास आकर खड़ी हो गई.
तभी में ज़ोर से उसके बड़े बड़े बूब्स पर लपका, निप्पल को मुहं में लेकर चूमने, चूसने लगा तो उनके मुहं से सिसकियाँ निकल पड़ी और फिर बोली कि तुम आज मुझे चोद भी दो, में पिछले 4 महीने से चुदी नहीं हूँ. तो मैंने कहा कि नहीं यह ज़्यादा हो जाएगा, लेकिन वो मेरी बात नहीं मानी फिर मैंने उनको एक बार चोद ही डाला और फिर अपने घर पर चला गया.
उस रात में ठीक तरह से सो नहीं सका, क्योंकि मैंने आज पहली बार सेक्स किया था और फिर दूसरी बार में उनसे मिलने उनके घर पर गया. तो वहां पर सब कुछ ठीक था अंकल आउट ऑफ स्टेशन गये हुए थे बच्चे अपने स्कूल गये हुए थे और 8 बजे से 3 बजे तक में भी बिल्कुल फ्री था इसलिए में उनके घर पर पहुँच गया और मैंने सोचा कि आज भी मुझे उनको चोदने का मौका मिलेगा, लेकिन आज सीन कुछ और था. जैसे ही मैंने चाय पीना शुरू किया तो उनके दरवाजे की बेल बजी तो मेरे मुहं से निकला कि आज कुछ भी नहीं हो सकता और फिर तीन आंटियां उनकी पड़ोसन आ गयी. फिर उन सबने मेरे पास बैठकर चाय पी और फिर बातें करने लगी, वो कपड़ो की बातें कर रही थी.
आंटी ने मुझसे पूछा कि कपड़ो की बातें तुम्हे अच्छी नहीं लगती होगी? तो मैंने कहा कि हाँ जी बिल्कुल, लेकिन तभी दूसरी आंटी ने कहा कि ठीक है हम अब कुछ और काम करते है. तो उन्होंने मुझे टेप से सभी के साईज़ नापने को कहा, दोस्तों में बहुत चकित था, लेकिन इतने में मेरे हाथ में एक टेप थी और में उनकी छाती का नाप लेने लगा और मैंने पहले कभी भी किसी का नाप नहीं लिया था. फिर आंटी (रोशनी) ने कहा कि बूब्स के ऊपर से लो और सभी हँसने लगे और उधर मेरा लंड धीरे धीरे टाईट होता जा रहा था.
फिर शिल्पा आंटी ने मेरे हाथ पकड़कर अपने बूब्स पर रख लिए और कहा कि दबाओ इसको. तो मैंने हाथ हटा लिए, लेकिन तभी रोशनी ने कहा कि कोई बात नहीं यार सब चलता है और यह कौन सा सेक्स के लिए कह रहे है. तो मैंने फिर हल्के से उनके बूब्स दबाए और फिर उनकी मांग बढ़ गई और वो बोली कि ब्लाउज के अंदर से दबाओ फिर मैंने मुलायम बूब्स को ब्लाउज के अंदर से दबाया. मेरी आँखे धीरे धीरे बंद हो रही थी और इतने में मैंने देखा कि वो सभी नंगी हो रही है तो मुझे थोडा डर लगने लगा था, लेकिन मुझे थोड़ी हिम्म्त थी, क्योंकि उनके साथ साथ रोशनी भी नंगी हो रही थी.
अब में समझ गया था कि कुछ होने को है तो उन्होंने मुझे सोफे पर बैठाया और फिर सभी बारी बारी से मेरे लंड को चूसने लगी. सबसे पहले शिल्पा आई, फिर रूशी, फिर शीला और सबके बाद में रेखा ने मेरा लंड चूसा और तब तक मेरे लंड का पानी निकल गया और वो सीधा रेखा के मुहं में गया जो उसने झट से पी लिया.
इस पर बाकी के तीन लोगों ने रेखा की निप्पल को चूस लिया और उसको बहुत गालियाँ दी कि कुतिया, रंडी हमको भी तो लंड चूसना था तूने तो खेल पहले से ही पूरा ख़तम कर दिया. फिर रेखा को दोबारा लंड खड़ा करने को कहा गया उसने फिर से मेरे लंड को चूसना शुरू किया. वह लंड को लगातार चूसती व चाटती ही जा रही थी.
तभी आंटी ने मेरे लंड पर थोड़ा सा शहद लगा दिया और अब रेखा ने और भी प्यार से मेरे लंड को चाटना, चूसना शुरू कर दिया और उन सबने अपने अपने बूब्स पर शहद लगाया और वो सभी एक एक करके मुझसे अपने निप्पल चुसवा रही थी. में उस समय सोफे पर एकदम सीधा बैठा था और मेरा लंड रेखा चूस रही थी और में उन तीनों के बूब्स चूस रहा था. वो सब मुझसे अपने बूब्स चुसवाना चाहती थी तो वे एक दूसरे के बूब्स को हटा रही थी.
फिर रोशनी ने कहा कि यह मेरा दोस्त है में इससे जैसा कहूँगी यह सब वैसे ही करेगे और फिर उसने मुझे लेटने को कहा और रेखा अब तक मेरा लंड खड़ा करने की अपनी सजा पूरी कर ली थी. फिर उन सबने अपनी अपनी चूत में एक छोटा चम्मच शहद डाल लिया और सबसे पहले शीला मेरे मुहं पर बैठ गयी और कहने लगी कि चाट मेरे राजा और फिर मैंने चाटना शुरू ही किया था कि रोशनी और शिल्पा आई और शीला को मेरे ऊपर से हटा दिया. फिर वो बारी बारी से बैठ गई और मुझे उनकी चूत चाटनी पड़ी, जिसकी वजह से मेरा मुहं पूरा मीठा हो गया था, लेकिन फिर मुझे चूत का नशा हो गया था और मैंने चूत का स्वाद लेकर चाटना शुरू किया और रेखा अब तक लगातार मेरा लंड चूस रही थी और वो कामुक भी होने लगी थी और हमे करीब ऐसा करते हुए 1/2 घंटा होने को था.
फिर शिल्पा ने मुझसे कहा कि प्लीज अब मेरी चूत को भी थोड़ा सा हल्का कर दो. मैंने कहा कि ठीक है और वो मेरे मुहं पर बैठ गयी फिर अपनी चूत का रस मेरे मुहं में डालने लगी. तो में भी चूसता जा रहा था और अब उसकी स्पीड बढ़ती जा रही थी और वो मेरे सर को पकड़कर खींच रही थी. तभी अचानक से उसकी चूत फट पड़ी और चूत रस मेरे मुहं में गिर पड़ा जो मैंने चाट लिए और फिर उसने मेरे मुहं में सू सू भी किया जो मैंने बहुत स्वाद लेकर पी लिया. फिर क्या था सबने मुझसे बारी बारी से अपनी चूत चटवाई और मुझे अपनी अपनी चूत का रस पिलाया. में तो बिल्कुल निढाल हो गया था, रेखा ने मेरा लंड खड़ा कर दिया और वो सब उस पर टूट पड़ी और मुझसे कहने लगी कि पहले मुझे चोदो पहले मुझे, लेकिन में अकेला किस किस को चोदता? और फिर वो सब डॉगी स्टाइल में बन गयी, क्योंकि लंड एक बार खाली हो चुका था और अब मेरा जोश भी बढ़ गया था.
फिर मैंने 5 मिनट तक हर एक की चूत को तृप्त किया और में उसके बाद में जैसे ही झड़ने को हुआ तो उन सबने मेरे लंड के आगे अपना अपना मुहं खोलकर लगा दिया और चाटने लगी. तो मेरे समझ में नहीं आ रहा था कि में यह कहाँ पर हूँ और यह सब क्या हो रहा है? मेरे लंड की यह सब इतनी प्यासी क्यों है? तभी मेरे लंड से वीर्य निकल गया और उन सबने उसको चाट लिया और रेखा के मुहं में सबसे ज़्यादा वीर्य की बूंदे गिरी थी और वो बहुत खुश भी थी, लेकिन अब तक उसको अपनी चूत चटवाने का सुख नहीं मिल पाया था जो कि मैंने दस मिनट बाद उसकी चूत को चाटकर दिया और हमे ऐसा करते हुए पूरे दो घंटे बीत चुके थे और अब हम सभी साथ-साथ नहा रहे थे और अब में उन सबके बूब्स को धो रहा था और चूत को चाट रहा था.
तो वो भी एक एक करके मेरे लंड को चूस रही थी. अब में जब भी उनसे मिलता हूँ सेक्स तो करता ही हूँ, लेकिन उनके परिवार के सुख दुख को भी समझता हूँ. हमारी टीम में अब तक 11 औरतें हो चुकी है और सभी वो है जो सेक्स को सेक्स समझती है ना कि व्यापार.
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जीजू के दोस्त के साथ होली


हैल्लो दोस्तों, यह कहानी मेरी और मेरे जीजू के एक दोस्त मतलब कि मेरे बॉयफ्रेंड रोहन की है और यह स्टोरी होली के दिन हुई एक सेक्स की सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ बहुत जमकर होली के मज़े लिये और अपनी चुदाई करवाई. दोस्तों मेरा नाम निहारिका है और मेरी उम्र 21 साल और मेरे फिगर का साईज 34-28-32 है. दोस्तों में दिखने में बहुत खूबसूरत और सेक्सी हूँ, ऐसा में नहीं कहती हूँ, लेकिन मुझे भी मेरे बॉयफ्रेंड रोहन ने मेरी पहली चुदाई करते समय बताया और उसने जब मुझे देखा तो देखता ही रह गया और मुझे पाने और मेरी चुदाई करने के सपने देखने लगा और उसने बहुत जल्दी अपने सपने को मेरी बहन की शादी के समय पूरा भी कर लिया.
वैसे हम लोग मेरी बहन की शादी में मिले थे और उसने बहुत कम समय में मेरे ऊपर अपना ऐसा जादू किया और उसके बाद हम लोग सभी से छुप-छुपकर मिलने लगे और शादी के समय हमने सही मौका पाकर एक बार चुदाई का मज़ा भी लिया और वैसे वो मेरे जीजू के परिवार के एक सदस्य जैसे ही है जिसकी वजह से हम दोनों पर किसी को शक भी नहीं और वो जीजू के बहुत ही करीबी दोस्त होने के कारण जीजू के घर पर भी बहुत ज़्यादा आया करते है. दोस्तों जब होली नज़दीक आ रही थी तो दीदी ने कुछ दिन पहले मेरे घर पर फ़ोन करके कहा कि मम्मी प्लीज आप इस बार निक्की को हमारे घर पर भेज दो ना, में चाहती हूँ कि वो इस बार की होली हमारे साथ ही मनाये.
सॉरी दोस्तों में आप सभी को बताना ही भूल गई कि मेरे घर पर सभी लोग मुझे निक्की कहकर ही बुलाते है और वैसे भी एक दो दिन के बाद मेरे कॉलेज में होली की छुट्टियाँ लगने के कारण मेरी मम्मी ने भी मुझसे पूछकर हाँ बोल दिया और फिर में जाने के लिए मान गई और तब जीजू ने मुझे अपने घर पर लाने के लिए अपनी कार भेज दी और में अपना कुछ सामन पेक करके दीदी के घर पर चली गई. तो जब में वहां पर पहुंची तो मैंने देखा कि जीजू उस समय वहां पर नहीं है, सिर्फ़ दीदी और दीदी के सास, ससुर ही घर पर मौजूद थे तो मैंने उनका आशीर्वाद लिया और फिर दीदी से बातें करने लगी.
कुछ देर के बाद जीजू भी आ गये और जीजू ने मुझे अपने घर पर आया हुआ देखकर वो बहुत खुश हुए और उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया और कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे एक अच्छी खबर भी बताई कि अभी कुछ दिनों के बाद होली के दिन उनका एक बहुत अच्छा दोस्त रोहन भी यहाँ पर आने वाला है और वो भी हमारे साथ ही होली मनाएगा. जब मुझे यह बात पता चली तो में मन ही मन बहुत खुश हो गई और में ख़ुशी की वजह से उछल पड़ी, लेकिन तब तक मैंने रोहन को यह नहीं बताया था कि में भी जीजू के घर पर आई हुई हूँ और वो बात मैंने उससे छुपाकर रखी थी.
में पूरी रात उसके आने की बातें सोच सोचकर जागती रही और मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई और अब वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बहुत बेसब्री से इंतजार था, वो होली का दिन था. उस दिन में सुबह जल्दी उठ गई और मैंने अपने कमरे से बाहर आकर देखा कि रोहन हमारे घर पर आया हुआ है और वो जीजू के साथ बैठकर बाहर गार्डन में सुबह की चाय पी रहा था और जीजू से हंस-हंसकर बातें भी कर रहा था. फिर में उसे एक नजर देखकर खुश होकर दीदी के साथ सीधी किचन में चली गई, तो दीदी ने मुझसे बोला कि तुम अपनी यह नाईट ड्रेस चेंज कर लो, नहीं तो कोई भी तुम्हे इन्ही कपड़ो में रंग लगा देगा.
फिर में उनकी यह बात सुनकर कमरे में कपड़े चेंज करने चली गई और कुछ देर के बाद बाहर आ गई. फिर में एकदम फ्रेश होकर जीजू और रोहन को नाश्ता देने बाहर गार्डन में चली गई. तभी रोहन अचानक मुझे देखकर एकदम दंग रह गया और फिर रोहन मुझसे बोला कि क्यों आप यहाँ पर कब आई? तो मैंने कहा कि में तो पिछले दो दिन से यहीं पर हूँ. फिर उसने कहा कि अब तो होली खेलने में बहुत मज़ा आएगा और यह बात कहते हुए उसने सभी से छुपकर मेरी तरफ आंख भी मारी, जिसका मतलब में समझ चुकी थी और में एकदम से शरमाई और अपनी आंखे झुकाए वहीं पर खड़ी रही. में मन ही मन बहुत खुश थी.
दोस्तों मेरे जीजू को पहले से ही पता था कि मेरी और रोहन की बहुत अच्छी बनती थी, लेकिन उन्हे यह नहीं पता था कि मेरा रोहन के साथ कुछ चक्कर भी चल रहा है या हम दोनों एक बार चुदाई का मज़ा भी ले चुके है. फिर हम लोग होली खेलने के लिए एकदम तैयार हो गये और दीदी भी नाश्ता करके होली खेलने के लिए तैयार हो गई. हम लोग अपने अपने हाथों में रंग लेकर तैयार हो गये तो मैंने सबसे पहले अपने जीजू को थोड़ा चेहरे पर रंग लगाया और तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और उसने मेरे चेहरे पर रंग लगाया और धीरे से सबकी नजरों से छुपकर मेरी गांड पर अपना एक हाथ रखकर दबा दिया. फिर रोहन ने दीदी को थोड़ा सा रंग लगाया और फिर जीजू, दीदी को पकड़कर एक बड़े से पेड़ के पीछे लेकर चले गये.
तभी रोहन ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और वो मुझसे बोला कि मुझे पहले से पता होता तो में कब का तुम्हे चोद देता और उन्होंने मुझे फिर से पकड़कर मेरी गर्दन पर रंग लगा दिया. उस दिन मैंने सफेद कलर की एकदम ढीली ढाली टी-शर्ट और नीले कलर की जीन्स पहनी हुई थी. फिर उसने मेरी टी-शर्ट में अपना एक हाथ डालकर मेरे बूब्स पर रंग लगा दिया और धीरे-धीरे मेरे बूब्स को मसाज किया, लेकिन तभी जीजू और दीदी आ गई और हम पहले जैसे एक दूसरे से अलग हो गये. फिर दीदी ने मुझे पकड़ लिया और जीजू ने मुझ पर सूखा रंग डाल दिया और बाद में पानी की एक बाल्टी लेकर मेरे सर पर पानी डाल दिया.
में पूरी तरह से रंगो से रंग गई और मेरी गीली टी-शर्ट मेरे बूब्स से एकदम चिपक गई, जिसकी वजह से मेरे बूब्स का आकार साफ साफ दिखने लगा और में रंगो में रंगी हुई बहुत हॉट, सेक्सी लग रही थी. फिर रोहन ने दीदी और जीजू से बोला कि क्या में निहारिका को अपने साथ होली खेलने के लिए ले जा सकता हूँ? तब दीदी ने कहा कि अगर निहारिका तुम्हारे साथ जाना चाहती हो तो हमे उसमे किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है.
मैंने झट से उन्हे हाँ बोल दिया और फिर में और रोहन दोनों उनकी कार में बैठकर वहां से चले गये और कुछ दूर आगे जाकर एक सुनसान जगह देखकर रोहन ने कार को रोक दिया और वो मुझे पकड़कर किस करने लगा. उसके ऐसा करने से मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और उसके साथ साथ मेरा जोश भी अब बड़ने लगा था और अब में भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी. कुछ देर के बाद उसने मेरे बूब्स दबाए और बूब्स दबाने के कुछ समय बाद हम लोग उसके दोस्तों के पास गये. वहां पर रोहन के चार लड़के और तीन लड़कियाँ दोस्त हमें वहाँ पर मिले.
हम लोगों ने उनके साथ कुछ देर तक होली खेली, बहुत मज़े किए और फिर रोहन मुझे वहां से लेकर चले गये और हम एक घर पर पहुंच गये. फिर मुझे पता चला कि यह घर रोहन का ही है, उसके घर पर कोई भी नहीं था इसलिए वो मुझे वहां पर लेकर गया था. फिर अंदर जाते ही रोहन ने दरवाजा बंद करके मुझे पकड़ लिया और किस करने लगा और फिर मुझे बहुत ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और फिर उसने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरी ब्रा को फाड़ दिया और मेरे बूब्स दबाने लगा. मेरे बूब्स रंगो से बिल्कुल लाल हो गए थे. तो रोहन अब मेरे बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा और थोड़ी देर बाद उनका मुहं अंदर से पूरा लाल हो गया था.
फिर मैंने उससे कहा कि क्या तुम्हे पता है कि तुम्हारा मुहं अंदर से एकदम लाल हो गया है? तो रोहन ने कहा कि तुम्हारे बूब्स है ही ऐसे कि में क्या कोई भी इन्हें बिना चूसे रह नहीं सकता, मुझे इनको चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है. फिर उसने मेरी जीन्स को उतार दिया और मेरी पेंटी को भी उतार दिया और अब वो मेरी चूत को चाटने लगा और थोड़ी ही देर के बाद मेरी चूत भी जोश में आकर पूरी गीली हो गई थी और अब में पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. फिर मैंने रोहन की टी-शर्ट को उतार दिया और थोड़ी देर किस करने लगी.
फिर रोहन ने अपनी जीन्स को भी उतार दिया और अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया और अब उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा. फिर मैंने कहा कि यह तो पूरा रंगो से लाल हो गया है में इसे कैसे चूस सकती हूँ. तो उसने कहा कि जब मैंने तुम्हारे बूब्स को चूस चूसकर अपना मुहं लाल कर लिया है तो क्या तुम मेरे लिए अपना मुहं लाल नहीं कर सकती? फिर मैंने उसका लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने बाहर थूका तो मेरे मुहं से लाल कलर का थूक बाहर आया.
फिर रोहन ने मुझे ज़मीन पर लेटा दिया और मेरे दोनों पैरों को फैलाकर लंड को चूत के ऊपर रखकर एक धक्का देकर अंदर डाल दिया आहहहहहहह थोड़ा धीरे प्लीज अह्ह्हह्ह्ह्ह आईईईई धीरे करो. दोस्तों मुझे क्या दर्द हुआ में शब्दों में नहीं बता सकती और फिर रोहन ने धीरे धीरे झटके लगाने चालू कर दिए और में जोश से आआआअहह आआहहहह कर रही थी और थोड़ी देर बाद मुझे बहुत मज़ा आने लगा तो में अपनी गांड उछाल उछालकर चूत में लंड लेने लगी.
फिर उसका लंड जब झड़ने वाला था तो उसने मेरी चूत से लंड बाहर निकालकर मेरे मुहं में लंड डाल दिया और में उसे बहुत प्यार से चूसने लगी, तभी थोड़ी देर बाद उसने मेरे मुहं में अपना गरम गरम वीर्य भर दिया और उसके स्पर्म से मेरा पूरा मुहं भर गया और में उसे पूरा गटक गई. फिर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे और फिर कुछ देर के बाद रोहन ने उठकर मुझे किस करना शुरु किया तो मैंने भी फिर से उसका पूरा पूरा साथ दिया और फिर में इसी बीच उनके लंड को पकड़कर धीरे धीरे हिलाने, सहलाने लगी. फिर उसने मुझसे अपने लंड को चूसने को कहा तो में उठकर उसके लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद वो पूरा लंबा और मोटा हो गया.
फिर रोहन ने मुझे घोड़ी बनने को कहा तो में झट से घोड़ी बन गई. अब रोहन ने मेरी गांड चाटना शुरू किया और मेरी गांड पर थोड़ा थूक लगाया और फिर उसने लंड को धीरे धीरे धक्के लगाते हुए मेरी गांड में डाल दिया, लेकिन जब उसका सुपाड़ा मेरी गांड में गया तो मुझे बहुत दर्द हुआ और में चीखने चिल्लाने लगी आहहहहहह प्लीज रोहन बाहर निकालो अपना लंड आईईईई बाहर निकालो प्लीज, मुझे बहुत दर्द हो रहा है आऊऊऊऊ तुम चाहो तो मेरी चूत में अपना लंड डाल दो, लेकिन प्लीज मेरी गांड को छोड़ दो.
फिर रोहन ने मेरी बात बिना सुने दूसरा झटका लगाया और लंड मेरी गांड को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया और में दर्द के मारे ज़ोर ज़ोर से रोने, चीखने, चिल्लाने लगी. तब जाकर रोहन थोड़ी देर रुका और अब जब मुझे दर्द थोड़ा कम हुआ तो में अपनी गांड को हिलाने लगी. रोहन को अपना काम पूरा करने का इशारा मिल गया और अब वो मेरी गांड में पूरे जोश से झटके लगाने लगा और में भी प्यार से जोश में आकर आहहह्ह्ह्ह कर उह्ह्ह्हह्हह्ह हाँ मज़ा आ गया रोहन, हाँ और अंदर तक डालो, हाँ पूरा अंदर तक घुसा दो अपना लंड, कह रही थी.
फिर रोहन ने करीब 20 मिनट अलग अलग पोज में मेरी गांड जमकर मारी और अब उसने झड़ते समय मेरी गांड में ही अपना सारा वीर्य डाल दिया और कुछ देर के बाद अपना लंड मेरी गांड से बाहर निकाल लिया, लेकिन उसकी गांड मारने की कला को देखकर मुझे भी बहुत मज़ा आया. फिर उसने अब मेरे ऊपर एक बाल्टी पक्का रंग लेकर डाल दिया और अब में पूरी तरह से गुलाबी हो गई. फिर मैंने भी लाल रंग उसके ऊपर डाल दिया जिसकी वजह से में गुलाबी और वो लाल रंग से बिल्कुल रंगे हुए थे.
फिर हम लोगों ने कपड़े पहने और थोड़ी देर किस किया और उसने मेरे कपड़ो के ऊपर से ही मेरे बूब्स को दबाया और मैंने भी थोड़ी देर करीब दस मिनट तक उसके लंड को पकड़कर हिलाया और फिर जब उसका वीर्य गिरने वाला था तो उसने मुझे नीचे बैठने का इशारा किया और मेरे मुहं में निकाल दिया मैंने उसे पी लिया और लंड को चाट चाटकर साफ किया. फिर मैंने अपना चेहरा कपड़े से साफ किया. फिर में और रोहन दोनों उसकी कार में बैठकर मेरी दीदी के घर पर चले गये और होली के बाद में तीन दिन तक दीदी के घर पर ही रही और में उन तीन दिनों में रोहन से आठ बार चुदी. हम किसी भी बहाने को ढूंढकर अपने चुदाई के कार्यक्रम में व्यस्त हो जाते और हमने बहुत जमकर चुदाई की.
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ससुराल में हुई सेक्स परीक्षा


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और में 26 साल का हूँ. मेरी हाईट 6 फुट है और मेरे लंड का साईज 7 इंच है. मेरी शादी प्रिया के साथ तय हुई है, जो बिल्कुल गोरी है और 36-30-36 का फिगर वाली है. मुझे प्रिया ने बताया था कि शादी से पहले मुझे उसके घर पर एक परीक्षा पास करनी पड़ेगी. हालाकिं मैंने शादी से पहले भी प्रिया को कई बार चोदा था, अपनी सारी इच्छाओं को पूरा करते हुए ब्लू फिल्म देखकर, दारू पीकर, अपने 4-5 दोस्तों के साथ मिलकर आदि, उसको भी इन सब तरीक़ो से चुदने में बहुत मज़ा आता था, लेकिन शादी से पहले मुझे एक परीक्षा उसके घर पर पास करनी पड़ेगी, यह सुनकर मुझे बड़ा अजीब लगा.
फिर कुछ दिनों पहले प्रिया के घरवालों ने मुझे बुलाया था कुछ प्रोग्राम था, जिसमें सिर्फ़ घर की औरतें ही रहती है. उस प्रोग्राम में उस दिन प्रिया, उसकी बहन शिवानी और स्वाती और उसकी माँ थी. फिर में वहां पहुंचा तब शाम के 7 बज रहे थे, मुझे बैठाया गया और फिर नाश्ता ले कर आए, फिर इधर उधर की बातें करने के बाद मुझे बताया गया कि उनके खानदान की एक परंपरा है जो लड़की शादी करके उनके परिवार में आती है, उसको पहले घर के सारे मर्दो से चुदवाना होता है, उसके बाद ही वो अपने पति से चुदवा सकती है और जो लड़का घर की बेटी से शादी करने वाला होता है, उसको भी पहले घर की सारी औरतों की भूख मिटानी होती है अगर वो ऐसा कर सका, तभी उसको लड़की की चूत मिलती है. जैसे ही मैंने यह सुना तो मेरा दिमाग़ काम करना बंद हो गया और में कुछ सोच समझ ही नहीं पाया.
फिर 2 मिनिट के बाद जब दिमाग़ काम करना शुरू हुआ, तो मेरी आँखों के सामने स्वाती, शिवानी, प्रिया की माँ सबका नंगा शरीर घूम रहा था. अब इन सबके बारे में जल्दी से बता दूँ कि स्वाती की उम्र 22 साल है, फिगर 34-28-34, शिवानी 24 साल की है, फिगर 34-38-36, माँ 49 साल की है, फिगर 38-34-40 है. फिर मुझे चुप देखकर माँ ने पूछा कि क्या हुआ? शक़ हो रहा है क्या इतनी स्त्रियों को देखकर? चलो कोई बात नहीं, में सिर्फ़ देखूँगी कि तुम हमारी बेटी को खुश रख पाओंगे कि नहीं, लेकिन तुम्हें बाकी दोनों को (स्वाती और शिवानी) को तो चोदना पड़ेगा.
फिर मैंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है, में बस यह शर्त रखना चाहता हूँ कि में चोदूंगा सबको, लेकिन अपने तरीके से, फिर मुझे बीच में कोई रोक टोक नहीं चाहिए, मेरी बात सुनकर सब लोग एक दूसरे की शक्ल देखने लगे. फिर माँ बोली कि ठीक है, जैसा तुम चाहो वैसे चोदो, बस इतना ध्यान रखना की स्वाती और शिवानी, दोनों वर्जिन है और तब मैंने कहा कि पहले आप सब लोग बिल्कुल नंगे हो जाओ.
फिर सबने तुरंत अपने कपड़े ऊतार दिए, अपने सामने इतनी नंगी औरतों को देखकर मेरा दिमाग़ खराब हो गया. सबकी चूत पर झाटें थी. वो में देखकर और पागल हो रहा था, मेरा अंदर का जानवर जाग रहा था और मेरा लंड आधा खड़ा हो चुका था. फिर मैंने तुरंत सबसे छोटी स्वाती को अपने पास बुलाया और अपने कपड़े ऊतार कर उसको घुटनों पर बैठाकर अपना लंड उसके मुँह में दे दिया, उसने लंड मुँह में लेने से इनकार किया तो मैंने ज़ोर से थप्पड़ मार दिया. इस पर माँ ने कहा कि यह क्या कर रहे हो?
मैंने कहा कि मेरा चुदाई करने का यही तरीका है, आप लोग सिर्फ़ देखिये और अपनी चूत में उंगली डालते रहिए. मेरा 7 इंच मोटा लंड मुँह में लेकर स्वाती की गांड फट गयी, वो लगभग रोने लगी थी, लेकिन मैंने अपना लंड उसके मुँह से नहीं निकाला, जब उससे नहीं रहा गया तो उसने मुझे पीछे धक्का मार दिया.
उसी समय मैंने उसके खुले हुए मुँह में किस कर दिया. फिर उसको धक्का मारकर पलट दिया और उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और इसके पहले कि वो कुछ समझ पाती, मैंने एक ही झटके में अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया. साली सही में वर्जिन थी, लंड घुसते ही ज़ोर से चिल्लाई मादरचोद, तेरी माँ की चूत, कुत्ता साला, माँ चोद दी तूने भोसड़ी के, ऐसी गालियां सुनकर मुझे और मज़ा आने लगा और तेज़ी से उसके बाल पकड़कर उसको थप्पड़ मारते हुए चोदने लगा.
फिर 3-4 मिनट ही चुदाई हुई होगी कि उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो ढेर हो गयी. मेरा लंड तो अब गर्म होना शुरू हुआ था, उसकी चूत के पानी से, वो भीगा हुआ था. मैंने फिर देखा तो बिना बुलाए शिवानी आगे आ गई और खुद कुत्तिया की स्टाइल में तैयार होकर बोली मेरी गांड मार, में अपनी चूत कई बार चुदवा चुकी हूँ, उसकी चूत देखकर पता चल गया था कि वो सच कह रही है.
फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर थूक डालकर अपना अंगूठा उसमें घुसाया तो वो चिल्ला पड़ी, ओह बहनचोद. फिर मैंने तुरंत अपना लंड उसके मुँह में देना चाहा तो वो लेने से इनक़ार करने लगी कि उस पर स्वाती की चूत का पानी है, लेकिन मैंने ज़बरदस्ती उसके मुँह में लंड घुसा दिया. काफ़ी देर तक चूसने के बाद मैंने उसकी गांड पर अपना लंड लगाया और इसके पहले कि वो कुछ कहे या समझे मैंने धक्का मार दिया, तो मेरा लंड वो संभाल ना सकी और नीचे गिर पड़ी, लेकिन में जानवर कहाँ रुकने वाला था? मैंने बेरहमी से उसकी चुदाई शुरू कर दी, वो ज़ोर-ज़ोर से रोने चिल्लाने लगी.
फिर कुछ 4-5 मिनट चुदवाने के बाद शिवानी की चूत ने भी पानी छोड़ दिया और वो बेहोश हो कर गिर पड़ी. इस समय मेरा माँ की शक्ल देखने का मन हुआ, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर डर की बजाए चुदासपन दिख रहा था. में समझ गया कि यह रंडियो का खानदान है जहाँ फ्री सेक्स का माहौल है, में भी खुश हो गया.
अब माँ उठ कर आ गयी और बोली तेरे जैसा जानवर तो मैंने कभी नहीं देखा है, तेरे लंड से इतनी चूत चुदवाने के बावजूद तू लंड से भी जानवर है और फ़ितरत से भी. आ देखते है तू मेरा क्या हाल बनाता है? इस पर मैंने कहा कि आपके लिए तो ख़ास चुदाई है, जैसे आपने कभी भी नहीं की होगी.
यह कहकर में लेट गया और उनको अपने मुँह पर बैठा लिया और चूत से निकले पानी और झांटो की मिली जुली गंध से में पागल हो गया था. मुझ पर शैतान सवार हो गया था यह सोचकर कि इतनी उम्र की गोरी गदराई औरत नंगी मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ रही है और मुझसे चुदने के लिए बेकरार है, में उनकी चूत चाट रहा था और वो आआअहह मादरचोद, तेरी माँ की चूत, रंडी की औलाद, साला भोसड़ी का, बहनचोद, ऊहह ऊहह में मर गयी, मेरी चूत से पानी निकल जायेगा कहकर चिल्लाती रही, आख़री में उनसे कंट्रोल नहीं हुआ और वो मेरे मुँह पर झड़ गयी और उसी के साथ मेरे मुँह में मूत दिया.
अब वो उठी तो तुरंत मैंने धक्का मारकर उनको लेटा दिया और अपना लंड उनके मुँह में देकर उनका मुँह चोदने लगा. पहले तो वो मजे से अपने सारे अनुभव का फायदा उठाकर चूसती रही, लेकिन जब मैंने अपनी स्पीड तेज़ कर दी और लगातार चोदने लगा, तो वो तड़पने लगी और मुँह से लंड निकालने की कोशिश करने लगी, लेकिन ना निकाल पाई. आख़िर बहुत देर तक चोदने के बाद में उनके मुँह में झड़ गया और उस समय मेरा जितना वीर्य निकला था, वो देखकर में भी पागल हो गया था.
फिर 5 मिनट का ब्रेक हुआ, उसके बाद फिर मेरा लंड अपने आप खड़ा होने लगा. मैंने माँ को लेटाया और उनकी चूत और गांड दोनों चाटने लगा, उनकी गांड सूंघकर मेरा लंड बहुत तेज़ी से साँप की तरह फनफना कर खड़ा हो गया और काफ़ी देर चाटने के बाद में खुद लेट गया और उनसे अपनी गांड चटवाई. वो भी रंडी की तरह बड़े शौक से मेरी गांड के छेद में अपनी जीभ घुसाकर चाट रही थी. फिर मैंने उनके बूब्स को दबाया और उसको बहुत देर तक चूसा और वो मेरा लंड सहलाती रही.
जब दोनों बिल्कुल तैयार हो गये तो मैंने उनको पीठ के बल लेटाया और उनके ऊपर चढ़ गया. एक झटके में सरसराते हुए पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया. फिर बहुत देर तक धक्के लगाने लगा और बहुत तेज़ी से लगाता रहा. इतनी तेज़ी से मैंने स्वाती या शिवानी दोनों में से किसी को नहीं चोदा था जितनी तेज़ी से माँ चुद रही थी.
फिर करीब 12-15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उनको उठाया और कहा कि कुत्तिया वाली पोज़िशन में तैयार हो जाओ, वो उत्तेजित होकर तैयार हो गयी. फिर मैंने बिना थूक के उनकी गांड की छेद पर अपने लंड को लगाया और धक्के मारना शुरू हो गया. फिर एक हाथ से बाल और दूसरे से बूब्स पकड़कर, मैंने माँ को बिल्कुल सड़क की रंडी बना कर चोदा. वो भी बिल्कुल रंडी के रोल में आ चुकी थी और गंदी गंदी गालीयां दे रही थी, ओह मादरचोद, ऊऊऊऊओह, आराम से कुत्ते, ऐसा तो मेरे पति ने, ससुर ने, बेटे ने, जीजा ने, पड़ोसी ने, किसी माँ के लोड़े ने कभी नहीं चोदा.
किसी का लंड ऐसा ताक़त वाला नहीं था, तू साला पक्का बचपन से ही अपनी माँ चोदता होगा, तेरी हवस से तेरी कोई बहन बच नहीं पाई होगी, तू बहनचोद बहुत बहुत रंडीबाज है, माँ चोद देता है तू चुदाई करने में, आआआअहह, आआररराम से चोद भोसड़ी के रांड की पैदाइश, जितना वो गाली दे रही थी, उतना में और भड़क रहा था और चोद रहा था.
फिर 10-12 मिनट की ऐसी चुदाई के बाद जब मुझे लगा कि वो आधे होश में ही रह गयी है, इसके साथ ही मैंने अपनी स्पीड बहुत तेज़ कर दी और फ़च फ़च की आवाज़ से उनकी चूत चोदने लगा, जिसके साथ ही अगले 2-3 मिनट बाद में भी माँ की चूत में ही झड़ गया. उसके बाद हम लोग उठे और माँ ने मेरा लंड चूसकर साफ किया और इस पूरी सेक्स सेशन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हो रही थी. फिर इस सेक्स परीक्षा के बाद मुझे प्रिया से शादी करने की इजाजत मिल गई और में इस हवस के भूखे परिवार का एक हिस्सा बन गया.
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एक सफ़र में आंटी के साथ मस्ती


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेनेश है और कुछ 8-10 महीने पहले की बात है. में एक दिन भिंड से ग्वालियर बस से आ रहा था. बस में बहुत भीड़-भाड़ थी और सीट भी खाली नहीं थी तो में अपना बैग लेकर सबसे पीछे की सीट पर जाकर बैठ गया और वाह री मेरी किस्मत मेरे बगल में ही कोई 30 साल की एक लेडी बैठी हुई थी जो दिखने में कुछ ख़ास नहीं थी, लेकिन भरे पूरे बदन की मालकिन थी और एक नज़र में देखकर लगता भी नहीं था कि उसकी उम्र 30 साल के आस-पास होगी. वो खिड़की के बिल्कुल बगल में बैठी थी और फिर उसके बगल में और फिर मेरी बगल में एक बुजुर्ग औरत और फिर उसके 2-3 नाती पोते बैठे थे और ये देखकर मैंने मन ही मन में सोचा की कुछ बात बन सकती है.
फिर क्या था? बस ने चलना शुरू किया, सर्दियों का टाईम था और बहुत ही ज्यादा ठंड लग रही थी और हाथ पैर काँप रहे थे. अचानक ही एक तेज झटका लगा और मुझे ऐसा एहसास हुआ कि किसी ने मेरा हाथ कसकर पकड़ लिया हो, मैंने चोर नज़र से देखा कि उस औरत ने मेरा हाथ कसकर पकड़ लिया था. मैंने धीरे से बस की भीड़-भाड़ और डर की वजह से अपना हाथ छुड़ा लिया और फिर कुछ देर बाद फिर से झटका लगा और फिर उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. इस बार मेरी हिम्मत कुछ बढ़ी, उसने शॉल ओड़ रखी थी और फिर मैंने अपने एक हाथ को उसकी शॉल के अंदर कर लिया, उसके कोमल हाथों का स्पर्श मुझे भी अच्छा लग रहा था और मुझे भी मज़ा आ रहा था. अब तो धीरे-धीरे मेरे लंड देव भी फनफनाने लगे थे.
अभी कुछ आधा घंटा ही निकला था कि एक और झटका लगा और मुझे उसका पेट छूने का अवसर भी प्राप्त हुआ और मैंने हिम्मत करके अपने हाथ को उसके पेट से नहीं हटाकर मैंने उसके पेट पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और मुझे ऐसा महसूस हुआ कि उसे भी अब मज़ा आ रहा था. फिर मैंने हाथों को फेरना चालू रखा, अब में सोच रहा था कि आगे का काम कैसे पूरा होगा?
तभी उसने अपनी शॉल को खोला और कुछ ऐसे लपेटा कि में भी उसके साथ ढक गया, अब क्या था? मुझे पता था कि जैसे ही अंधेरा होगा बस की भी लाईट ऑफ हो जायेगी और कुछ ही देर बाद बस के अंदर की भी लाईट ऑफ हो गयी और बस अब अपनी फुल स्पीड में चल रही थी. कुछ ही देर में एक शहर आने वाला था जहां कुछ सवारियां और चढ़ती है और बस पूरी तरह से फुल हो जाती है.
तो तब तक में उसके बूब्स को ऊपर से ही दबाता रहा और पेट से अंदर उसकी साड़ी में हाथ डाल कर उसकी चूत का मुआयना भी किया, उसकी चूत पर बहुत ही बड़े-बड़े बाल थे, ऐसा लग रहा था जैसे कई सालो से साफ नहीं किए हो. फिर उसने भी मेरी पैंट की जिप खोलकर मेरे लंड देव को खूब मस्ती दी.
बस थोड़ी देर के लिए रूकी तो में समझ गया कि शहर आ गया है फिर में थोड़ा सा संभलकर बैठ गया और पीछे वाली सीट पर एक और लेडी आकर बैठ गयी तो हमारी दिक्कत कुछ और बड़ गयी. फिर बस ने चलना शुरू किया. इस पूरी यात्रा के दौरान हम दोनों के बीच में किसी भी प्रकार की कोई भी बात-चीत नहीं हुई थी और बस फिर से चल पड़ी और हम दोनों फिर से अपने-अपने काम में लग गये.
फिर एक जगह बस ने ज़ोर से जम्प किया तो वो उछलकर मेरे पैरो पर बैठ गयी तो में समझ गया था. फिर क्या था? मैंने भी अपनी पैंट की जीप को खोला और उसने भी अपनी साड़ी को नीचे से उठा दिया, सबसे अच्छा तो यह था कि उसने अन्दर पेंटी नहीं पहनी हुई थी और फिर वो मेरे लंड पर बैठ गयी और धीरे- धीरे अपने वजन को मेरे ऊपर बड़ाने लगी और मेरा लंड तो जैसे इसी तलाश में था और एक चाकू की तरह उस केक को काटता हुआ उसके अंदर घुसने लगा था.
फिर मैंने धीरे से उसके मुँह पर हाथ रखा तो उसने मेरी उंगली को काट लिया तो में समझ गया कि वो बिल्कुल गर्म हो चुकी है. अब तो वो हर बस के झटके के साथ और ज़ोर से उछलती और मेरा लंड पूरा उसके अंदर समाता चला जाता. रात होने की वजह से अधिकतर यात्री सो रहे थे या फिर आँखे बंद किए हुए थे, लेकिन मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं थी. मुझे तो जैसे स्वर्ग ही मिल गया था.
में अपने दोनों हाथों से उसके निप्पल को दबा रहा था और मुझे महसूस भी हो रहा थी कि उसके बूब्स से दूध टपक रहा था, लेकिन मुझ पर तो जैसे कोई नशा सा छा गया था, मुझे तो अब कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था. वो उछल-उछल कर चुद रही थी और में इस अनोखी चुदाई यात्रा का मज़ा ले रहा था, उसके नीचे के बाल जो बहुत ही बड़े थे वो मुझे एक अलग ही सुख प्रदान कर रहे थे. में अपने एक हाथ से उसकी झांटो की लम्बाई नापने की नाकाम कोशिश कर रहा था.
फिर अचानक ही मुझे ऐसा लगा कि उसका जोश कुछ ज़्यादा ही बड़ गया था और उसने अपने उछलने की स्पीड को और बड़ा दिया, उसकी चूत एकदम से गीली हो गयी और मेरा लंड बड़े ही आराम से उसकी चूत को फाड़ रहा था. में तो जैसे सातवें आसमान पर था और उसने झटको को और तेज कर दिया, उसकी चूत से पानी ही पानी निकल रहा था. उसने एकदम से कसकर मेरे कंधो को पकड़ लिया तो में समझ गया कि इसका काम तो हो गया, लेकिन मेरा नहीं हुआ था और उसे भी ये पता था. उसको तो जैसे हर चीज़ का अनुभव था, उसने झट से मेरे गीले लंड को अपनी मुट्ठी में बंद किया और झुककर मेरी मुठ मारने लगी.
फिर उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भी ले लिया और मुझे भी लगने लगा कि में भी झड़ने वाला हूँ तो मैंने उसके सिर को ज़ोर से अपने लंड पर दबा दिया तो मेरा लंड उसके गले तक चला गया. अब उसके गले से आवाज़ निकल रही थी और मेरे लंड से वीर्य निकल रहा था, जब उसने मेरा पूरा वीर्य पी लिया तो मैंने अपना दवाब कुछ कम कर दिया.
फिर उसने अपनी शॉल से मेरे लंड को साफ किया और लगभग आधे घंटे के बाद वो बस से उतर गयी, लेकिन मुझे ये अनोखी यात्रा ऐसी लगती है जैसे ये कल की बात हो और एक एक लम्हा अच्छी तरह से वीडियो की तरह मेरे दिमाग़ में है.
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