भाई से चुदवाया बहाना बनाकर

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शिखा है. में आज पहली बार इस साईट पर स्टोरी लिख रही हूँ और आज में बहुत हिम्मत करके अपने जीवन का सच लिखने जा रही हूँ. में शिखा 18 साल की हूँ और एकदम भरपूर हुस्न की मालकिन हूँ. मेरा रंग हल्का सांवला है. हमारे मोहल्ले के लड़के मुझे देखकर अपने लंड पर हाथ फेरने लगते है, मेरा फिगर 36-27-38 है. मैंने पहले अपने बॉयफ्रेंड के साथ सेक्स के खूब मज़े लिए है, लेकिन फिर वो पढाई करने के लिए बाहर चला गया और अब में यहाँ अकेली रह गयी हूँ. खेर ये तो मेरा परिचय था. मेरी फेमिली में हम 4 लोग है पापा, माँ, बड़ा भाई (पंकज) और में.
ये स्टोरी मेरी और मेरे भाई के बीच की है. में कॉलेज में Ist ईयर में पढ़ती हूँ और मेरा बड़ा भाई उम्र 21 साल है और वो IIIrd ईयर का स्टूडेंट है, वो दिखने में एकदम मस्त है और अच्छी बॉडी है. उसकी हाईट 5 फुट 6 इंच है. हम दोनों का कॉमन रूम है. हम आपस में बहुत लड़ाई करते रहते है और एक दूसरे को चिढाते रहते है माँ भी हमे डांटती रहती है.
फिर एक दिन में कॉलेज से लेट हो गयी और जब घर आई तो भाई पूछने लगा कि कहाँ गई थी? तो मैंने कहा कि फ्रेंड्स के साथ थी. फिर वो लड़ने लगा तो में भी चिल्ला पड़ी तो उसने मुझ पर हमला कर दिया और मुझको पकड़कर नीचे गिरा दिया. फिर मैंने भी उल्टा जवाब दिया और उसे गिरा दिया और उसके पेट के ऊपर बैठ गई, उस टाईम शायद उसका लंड खड़ा हो गया था और मेरी गांड की दरार में चुभने लगा था तो में समझ गयी थी, लेकिन मेरा हटने का मन नहीं कर रहा था और ये बात शायद भाई भी समझ गया था.
फिर उसने मुझे धक्का दिया तो में नीचे गिर गई और वो मेरे ऊपर आ गया, मेरे पैर खुले होने की वजह से उसका लंड मुझे सीधा चूत पर महसूस होने लगा, तो में झट से उसे धकेलकर वहाँ से जाने लगी. जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो भाई की पेंट में बहुत मोटा सा हिस्सा उभरा हुआ था, में सोच में पड़ गयी कि भाई का लंड कितना बड़ा होगा? उस दिन मैंने बाथरूम में जाकर अपनी पेंटी उतारी तो उसमें से ढेर सारा पानी निकाला, में सोच में पड़ गयी कि अपने सगे भाई को टच करते ही मुझे आज क्या हो गया है? और मुझे खुद पर शर्म भी आ रही थी और वो पल याद करके मज़ा भी आ रहा था. उस दिन मुझे बहुत खुजली हुई, लेकिन मैंने उस खुजली को अपनी चूत में उंगली से शांत कर लिया. फिर मैंने सोच लिया कि में भाई को गर्म करके देखूँगी अगर हो गया तो घर की बात घर में रहेगी और खुजली भी मिट जायेगी.
अब में भाई के सामने छोटे-छोटे कपड़े पहनने लगी और उसे अपने 36 साईज़ के बूब्स भी दिखाने लग गयी. वो भी मुझे गोर से देखता था, लेकिन ऐसे बर्ताव करता था जैसे उसने कुछ ना देखा हो. में अपनी मोटी गांड मटकाती थी और उसके सामने जानबूझ कर ऐसे चलती थी. एक दिन माँ पापा एक हफ्ते के लिए छुट्टी मनाने शिमला चले गये और हम दोनों परीक्षा की वजह से दिल्ली में ही रह गये. ये मेरे लिए एक गोल्डन चान्स था, मैंने इसके लिए एक प्लान बनाया और उसी के मुताबिक रात को छत से आते वक्त में सीढ़ियों से फिसल गयी और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाकर रोने लगी.
फिर पंकज दौड़ता हुआ आया और मुझे उठाकर पूछने लगा कि कही चोट तो नहीं लगी. तो मैंने बताया कि घुटने और कमर में मोच आ गई है, तो वो डॉक्टर के पास जाने के लिए कहने लगा, लेकिन मुझसे उठा नहीं गया तो मैंने कहा कि ऐसे ही ठीक हो जायेगा. फिर उसने मुझे दर्द की गोली दी और मुझे सुला दिया, लेकिन रात को 10 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने भाई को बुलाया और उसे मालिश करने के लिए कहा तो उसने हाँ कर दिया और किचन में तेल लेने चला गया.
मैंने उस दिन सूट और खुली वाली सलवार पहन रखी थी. फिर मैंने कहा कि मेरे घुटने और कमर की मालिश कर दे तो वो आकर मेरे पास बैठ गया. फिर मैंने अपनी सलवार को घुटने के ऊपर तक उठा लिया और भाई मालिश करने लगा तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा. फिर मैंने कहा भाई थोड़ा और ऊपर तक कर. फिर वो अपना हाथ मेरी जाँघ तक लाकर मालिश करने लगा, मैंने जब तिरछी नज़रो से देखा तो वो मेरी गांड को घूर रहा था और उसके पजामे में बहुत मोटा टेंट बना हुआ था. मेरी तो चूत टपकने लगी थी.
फिर में ऊपर कमर करके लेट गयी और उसे कमर की मसाज करने के लिए कहा तो वो तुरंत बोल पड़ा कि उसके कपड़े गंदे हो जायेंगे. तो मैंने कहा कि भाई पजामे को उतार दे और फिर मालिश कर. तो उसने सुनते ही अपना पजामा हटा दिया और मेरे पास आ गया. फिर मैंने अपना सूट और ब्रा स्ट्रिप्स तक हटा लिया और उसे इशारा किया. वो तो जैसे इस पल के लिए तड़प रहा था. फिर अपने हाथ में तेल लेकर मेरी कमर पर मलने लगा तो मेरे मुँह से आह्ह्ह निकल गई. तो उसने पूछा कि क्या हुआ? फिर मैंने कहा कि आराम मिल रहा है, भाई ऐसे ही कर. फिर वो अपना हाथ मेरी ब्रा तक लाने लगा और कहने लगा कि शिखा तेरी ये अटक रही है.
में : क्या भाई?
पंकज : ये बनियान.
में : इसे बनियान नहीं कहते है.
पंकज : तो क्या कहते है?
में : भाई इसे ब्रा कहते है.
पंकज : तो ये मालिश करने में अटक रही है.
फिर मैने उसे हटा दिया और उसे लगातार मालिश करने का इशारा किया. फिर वो मेरे कूल्हों को टच करने लग गया और ऊपर मेरे बूब्स पर उंगलियां लगाने लगा.
में : भाई थोड़ा बीच में कमर पर करो, आराम मिल रहा है.
पंकज : मुझसे ऐसे नहीं हो रहा, उसके लिए तेरी कमर के दोनों तरफ पैर रखने पड़ेंगे.
में : (कुछ सोचते हुए) तो रख लो.
फिर उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर के दोनों तरफ रख लिए और मालिश करने लगा. आआहह बहुत आराम मिल रहा है भाई, ऐसे ही करो. फिर वो मेरे कूल्हों पर बैठ गया और उसका लंड मेरी मोटी गांड में अटकने लगा, में तो जैसे मर रही थी. मेरा मन कर रहा था कि वो अभी अपना लंड मेरी चूत में पेल दे और खूब चोदे, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था. वो अपना हाथ ऊपर से लेकर नीचे मेरी गांड तक लाता था और जब हाथ ऊपर जाता तो उसका लंड मेरी सलवार में से अंदर घुसा जा रहा था.
उसने अपने लंड को शायद मेरी गांड के छेद पर सेट कर दिया था और हल्का-हल्का पुश करने लगा था. फिर मैंने अपनी गांड को थोड़ा और ऊपर उठा लिया तो भाई का लंड मेरी सलवार के ऊपर से चूत को टच होने लगा और आआहह के साथ में झड़ गयी, मेरी चूत फड़कने लगी थी और पंकज के लंड को भी गीलेपन का एहसास होने लगा था. फिर मेरी आँखे थोड़ी देर के लिए बंद हो गयी और में सो गयी, फिर मुझे सोती देख भाई भी चला गया. फिर अगले दिन भाई मेरे लिए चाय लेकर आया और मुझे देखकर मुस्कुराने लगा. फिर वो चाय देकर कॉलेज चला गया और शाम को घर आया तो वो होटल से खाना लाया था, उसने मुझे उठाकर खाना खिलाया और पूछा कि अब दर्द कैसा है? तो मैंने कहा कि कल की मालिश से बहुत आराम मिला है.
पंकज : ठीक है, में आज भी मालिश कर दूँगा और सारा दर्द ठीक हो जायेगा.
में : ठीक है भाई.
फिर रात हुई और मैंने जानबूझ कर आज घुटनों तक की लम्बाई की स्कर्ट पहनी और ऊपर टॉप पहना और अंदर मैंने ब्रा और पेंटी नहीं पहने. फिर वो रात को 10:30 बजे रूम में आया, तो मैंने दर्द का नाटक किया और उसे मालिश करने के लिए कहा तो वो तुरंत कटोरी में तेल ले आया.
आज उसने शॉर्ट और ऊपर बनियान पहन रखी थी, उसका लंड आज अलग ही शेप में दिख रहा था, शायद उसने भी आज अन्दर अंडरवियर नहीं पहना था. फिर वो मेरे घुटने की मालिश करने लगा और में पेट के बल लेट गई और फिर वो मेरी स्कर्ट को धीरे-धीरे ऊपर करने लगा और मालिश करने लगा. में फिर से तड़पने लगी. अब मेरी मोटी गांड का ऊभार दिखना शुरू हो गया था. फिर मैंने जब उसकी तरफ देखा तो वो मेरी गांड को ललचाई नज़रो से देख रहा था.
फिर मैंने अपनी आँखे बंद कर ली और हल्के-हल्के से कराहने लगी, अब उसकी उंगलियां मेरे कूल्हों की लाईन को छूने लगी थी. उसे पता चल गया था कि मैंने पेंटी नहीं पहनी है. अब फिर मैंने उसे अपनी कमर की मालिश करने को कहा तो उसने मेरा टॉप ऊपर कर दिया, वो भी मेरी गर्दन तक और अब टॉप सिर्फ़ मेरे बूब्स में अटका हुआ था. फिर भाई पूरी कमर पर हाथ फेरने लगा और नीचे मेरी स्कर्ट को भी नीचे सरकाकर गांड को छूने लगा, अचानक से लाईट चली गयी और पूरे कमरे में अंधेरा हो गया.
पंकज : मोमबत्ती जला दूँ क्या?
में : नहीं रहने दो भाई, वैसे भी मालिश ही तो करनी है तो ऐसे ही कर दो.
अब वो मेरी कमर के दोनों तरफ पैर रखकर बैठ गया और पूरी कमर को अपने हाथों से मालिश करने लगा. वो आज मेरे कूल्हों के थोड़ा नीचे बैठ गया और धीरे-धीरे ऊपर होने लगा, उसका लंड अब मेरी स्कर्ट के ऊपर से सीधा मेरी चूत को खटखटाने लगा. फिर मैंने अपने कूल्हों को थोड़ा ऊपर की तरफ उछाल दिया और मज़े लेने लगी, भाई के बार-बार ऊपर नीचे होने से मेरी स्कर्ट ऊपर होने लगी और मेरी पूरी गांड नंगी हो गयी. अब तो मुझसे सहन करना मुश्किल हो रहा था और शायद भाई से भी सहन करना मुश्किल हो गया था, फिर उसके मुँह से भी एक हल्की सी आहह निकली.
फिर मैंने महसूस किया कि अब वो सिर्फ़ एक हाथ से मेरी गांड और चूचीयों को छू रहा है. में सोच में पड़ गयी की इसका दूसरा हाथ कहा है, अचानक ही मुझे कुछ गर्म हार्ड और मोटा सा अपनी गांड पर महसूस हुआ मेरे तो तोते उड़ गये थे. मुझे समझने में देर नहीं लगी कि पंकज का दूसरा हाथ कहाँ था और मेरी गांड पर क्या टच हो रहा है? फिर उसने अपना लंड शायद बाहर निकाल लिया था, मेरी तो कंपकपी छूट गई थी, लेकिन बहुत ज्यादा आनंद भी आ रहा था. अंधेरे में कुछ दिख तो नहीं रहा था, लेकिन टच होने से ये पता चल रहा था कि उसका लंड बहुत ताकतवर और लंबा मोटा है. खेर में ऐसे ही लेटी रही और उसका लंड अब मेरी गांड के छेद को टच कर रहा था और ऐसा लग रहा था जैसे अभी अंदर घुस के मेरी गांड ही फाड़ देगा.
फिर मैंने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर किया तो उसका लंड चूत के छेद पर टच होने लगा और हम दोनों के अंग आपस में मिल गये. आआआअहह वो क्या अहसास था? जैसे ही उसका लंड मेरी चूत पर टच हुआ, उसने वही सेट कर दिया और अब सिर्फ़ उसका ऊपर का हिस्सा उड़ रहा था और नीचे का एक जगह ही था. फिर मैंने कहा कि भाई थोड़ा ऊपर कंधो तक मालिश करो तो अब जब वो अपने हाथों को ऊपर तक लाया तो उसके लंड का प्रेशर मेरी चूत पर बढ़ने लगा और हल्का सा पुश होने लगा, जैसे ही उसने दोबारा ऊपर की तरफ हाथ किए तो उसका लंड फिर आगे की तरफ हुआ और तभी मैंने भी अपनी गांड को नीचे की तरफ धक्का दिया. आहमम्म मुझे हल्की-हल्की मौन आने लगी थी, उसका मोटा सुपड़ा आधा मेरे अंदर जा चुका था.
अब हम दोनों ही ऐसे बर्ताव कर रहे थे जैसे किसी को कुछ नहीं पता हो. तीसरी बार फिर ऐसा ही हुआ और मुझसे रुका नहीं गया और इस बार थोड़ा ज़ोर से गांड को उसके लंड पर पटक दिया और एकदम से उसका लंड चिकनाई की वजह से 3 इंच अन्दर चला गया.
अब भी हम दोनों हल्की-हल्की मौन कर रहे थे ऐसे ही धीरे-धीरे उसका 7 इंच का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया. फिर मैंने अपनी गांड को हवा में उठा लिया और फिर वो अब धीरे-धीरे अन्दर बाहर करने लग गया. आआहह ऊऊओ माआआअ म्‍म्म्ममममम आआअहह ओ ह्म्‍म्म्मम म्‍म्मह. फिर मेरे मुँह से आवाज़े आने लगी तो भाई समझ गया कि मुझे मज़ा आने लग़ा है. अब उसने धक्को की स्पीड तेज़ कर दी और मेरी गांड पर ठप ठप ठप की आवाज़ आने लगी और अंधेरे में रूम में गूंजने लगी. में अब तेज़-तेज़ मौन करने लगी थी, आअहअहह एम्म्म ऊओ और तेज़्ज़्ज़्ज़ यययई यआआ. फिर मैंने अपने हाथ पीछे ले जाकर भाई के कूल्हों पर रख दिए और अपनी तरफ पुश करने लगी म्‍म्म्ममम. वो भी ताबडतोड़ धक्के लगाने लगा म्‍म्म्मआआहह और फिर हम दोनों ने पानी छोड़ दिया, इतना मज़ा मुझे आज तक नहीं आया. अब हम रोजाना सेक्स करके मजे लेते है.
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दोस्त की मर्ज़ी से उसकी बहन को चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मोहित है और में मुंबई से हूँ. दोस्तों आज में अपनी लाईफ की पहली सच्ची कहानी लिख रहा हूँ और यह कहानी मेरे दोस्त की बहन की चुदाई के बारे में है, मेरे दोस्त का नाम दीपक है और हम दोनों एक साथ बचपन से पढ़े है दीपक की एक छोटी बहन है और उसका नाम नम्रता है. वो 20 साल की है और 12th क्लास में है. दोस्तों वो दिखने में बहुत ही मस्त है. उसका रंग एकदम गोरा है और उसके फिगर का साईज 34-28-36 है. मेरी कोई बहन नहीं है इसलिए में उसकी बहन को अपनी बहन की तरह मानता हूँ.
में और दीपक बचपन के बहुत अच्छे दोस्त है और मेरा हमेशा उसके घर पर आना जाना लगा रहता है और वो भी अक्सर मेरे घर पर आता जाता रहता है. दोस्तों पहले मेरे मन में नम्रता के लिए कोई ग़लत बात नहीं थी क्योंकि वो मेरे एक अच्छे दोस्त की छोटी बहन है इसलिए में भी उसे अपनी बहन की तरह ही मानता हूँ, लेकिन जब नम्रता 18 साल की हुई और उस पर जवानी चड़ने लगी तो अब वो मस्त माल बन चुकी थी? उसके बूब्स का उभार और उसकी मोटी गांड को देखकर किसी का भी मन उसको चोदने के लिए तैयार हो जाए और अब मेरी नम्रता के लिए थोड़ी सी भावनाए बदल गयी थी और अब में नम्रता को एक सेक्सी लड़की के रूप में देखने लगा था.
तो एक दिन में अपने दोस्त से मिलने उसके घर पर गया हुआ था वो अपने रूम में बैठकर कम्प्यूटर पर फिल्म देख रहा था, तो में भी उसके पास बैठकर फिल्म देखने लगा.
तभी दीपक ने नम्रता को पानी लाने के लिए आवाज़ लगाई और जब नम्रता रूम में आई तो में उसे खा जाने वाली नजर से देखता रहा क्योंकि वो उस समय क्या मस्त माल लग रही थी? उसने काले कलर का टॉप और लोवर पहना हुआ था और फिर मैंने ध्यान दिया कि शायद नम्रता ने टॉप के अंदर ब्रा नहीं पहनी थी इसलिए मुझे उसके मोटे मोटे बूब्स का आकार और उभरी हुई निप्पल बाहर से साफ साफ दिखाई दे रही थी और अब में तो उसके बूब्स को ही घूर रहा था और फिर जब नम्रता मुझे गिलास में पानी देने के लिए थोड़ा झुकी तो अंदर ब्रा ना होने की वजह से मुझे उसके टॉप के अंदर उसके बड़े बड़े बूब्स दिखाई देने लगे और शायद उसने मुझे ऐसा करते हुए देख लिया था. उसने मुझे हल्की सी स्माइल दी और फिर वो वहां से चली गई, लेकिन जब नम्रता वापस जा रही थी तो उसकी मोटी मोटी मटकती हुई गांड को देखकर मेरी तो हालत ही बहुत खराब हो गयी.
फिर मैंने अपने घर पर जाकर नम्रता के नाम की मुठ मारी और अब तो में अक्सर नम्रता को देखने के लिए अपने दोस्त के घर किसी ना किसी बहाने से जाने लगा. में और मेरा दोस्त आपस में एक दूसरे से सब तरह की बातें करते थे. हम लोग एक दूसरे से कुछ भी नहीं छुपाते थे. एक दिन मैंने उससे कहा कि यार क्यों ना अब हम भी किसी के साथ चुदाई का मज़ा ले? यार तू तो कई बार बहुत सी रंडियों को चोद चुका है, मेरे लिए भी कोई ऐसा जुगाड़ करवा दे मेरा भी बहुत मन करता है, प्लीज कुछ कर यार दीपक और अब में कब तक ऐसे ही अपना लंड हिलाता रहूँगा? तो दीपक बोला कि मोहित तू एक अच्छा लड़का है, तू क्यों इन रंडियों के चक्कर में पड़ता है. यह सब तेरे लिए नहीं है तू तो मेरी एक बात मान और कोई अच्छी सी लड़की को पटा ले और फिर उसे चोद ले.
मैंने कहा कि मेरे साथ यही तो समस्या है कि मुझसे कोई लड़की नहीं पटती तो में किसे चोदूंगा? तभी दीपक मुझसे बोला कि यार मोहित तू दिखने में इतना अच्छा है, तू अपने आप देख कोई ना कोई तो ज़रूर फंस जाएगी और में भी यही चाहता हूँ कि मेरे दोस्त को कोई अच्छी सी चूत मिल जाए और उसका लंड शांत हो जाए और मुझसे यह बात बोलकर वो हंसने लगा. फिर मैंने कहा कि क्या यार दीपक तू तो मेरा मज़ाक बना रहा है? तो वो बोला कि नहीं मोहित अच्छा तू एक काम कर, तू किसी लड़की को पटा ले और उसे चोद ले, तू कोशिश कर, मुझे उम्मीद है कि तू ज़रूर कोई लड़की पटा सकता है, मुझे तुझ पर पक्का यकीन है.
मैंने कहा कि यार मेरे पास एक प्लान है, लेकिन उसे सुनकर अगर तू बुरा ना माने तो में तुझे वो बता सकता हूँ? तो उसने कहा कि हाँ बोल ना क्या प्लान है? मैंने थोड़ी हिम्मत करते हूँ कहा कि क्यों ना तुम्हारी बहन को पटाया जाए? तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम चुप हो गया जैसे उसे कोई करंट का झटका लग गया हो और फिर मैंने कहा कि दीपक तू बिल्कुल भी बुरा ना मान मुझे नम्रता बहुत अच्छी लगती है और अब में उसे चोदना चाहता हूँ और यार अगर मेरी कोई बहन होती और तू मुझसे बोलता तो में अपनी दोस्ती के लिए उसे तुझसे जरुर चुदवा देता.
तभी दीपक ने कहा कि यार वो सब तो ठीक है, लेकिन नम्रता मेरी सग़ी बहन है और में उसके साथ ऐसा नहीं होने दे सकता. तो मैंने उससे कहा कि हाँ नम्रता तेरी बहन है इसलिए तो में तुझसे यह सब पूछ रहा हूँ और तू खुद मुझे बता क्या में नम्रता के लिए कोई बुरा लड़का हूँ? और दीपक तू थोड़ा अच्छी तरह सोच कि नम्रता भी एक जवान लड़की है और अब उसकी भी चूत में खुजली मचती होगी, कभी ना कभी तो वो किसी से चुदेगी ही और कोई ऐरा ग़ैरा लड़का उसका फ़ायदा उठाएगा. इससे तो यही अच्छा है कि में उसे चोद दूँ और तुझे तो खुश होना चाहिए कि तेरी बहन तेरे बेस्ट फ्रेंड से चुद रही है, जिसे तू बहुत अच्छे से जानता है.
दीपक बोला कि हाँ वो तो सब ठीक है, लेकिन तू नम्रता को इन सब कामों के लिए मनाएगा कैसे? तो मैंने कहा कि मेरे पास एक प्लान है. सबसे पहले में तेरी बहन को पटाऊंगा और फिर उसके बाद उसे किसी भी दिन कोई अच्छा सा मौका देखकर चोद दूंगा, तो उसने कहा कि लेकिन वो तो तुझे अपना भाई मानती है? तो मैंने कहा कि तू उसकी बिल्कुल भी चिंता मत कर में उसे पटा लूँगा. फिर वो कुछ देर सोचकर बोला कि ठीक है तू इस काम में कोशिश कर. तो मैंने दीपक से कहा कि यार अगर में नम्रता को पटा लूँ और वो खुद ही अपनी मर्ज़ी से मुझसे चुदवाने को तैयार हो जाए तो तुझे इसमें कोई आपत्ती नहीं होगी ना?
फिर वो बोला कि नहीं, अगर नम्रता तुझसे अपनी मर्ज़ी से चुदवाती है तो तू उसे अच्छी तरह चोद डाल, मुझे इसमें कोई आपत्ती नहीं है, क्योंकि हर हाल में मेरा दोस्त खुश रहना चाहिए, मैंने कहा कि धन्यवाद यार और उस दिन से में नम्रता से दोस्तों की तरह बिल्कुल खुलकर बात करता था और वो भी अब मुझसे खुल चुकी थी, लेकिन वो मुझसे कम बात करती थी और अब में कभी कभी उसके गालो को चूम लेता था और वो मुझसे कभी कुछ नहीं कहती थी.
मैंने सोचा कि अब थोड़ा और भी आगे बढ़ना चाहिए और धीरे धीरे में उसके साथ बहुत खुलने लगा. मुझे अब उसकी बातें से पता चला कि वो भी मुझे पसंद करती है, क्योंकि वो मुझसे अब अपनी सारी बातें करने लगी और वैसे मुझे पूरा विश्वास था कि उसका अब तक कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं था. फिर एक दिन नम्रता ने बातों ही बातों में मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ है, वो मुझसे अजीब तरीके से बोली कि वो कौन है?
मैंने कहा कि तुम हो ना तो मुझे किसी और की क्या ज़रूरत है? तो वो बोली कि आजकल तुम कुछ ज्यादा ही बिगड़ रहे हो. मैंने कहा कि क्यों क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हो? लेकिन अब उसने कुछ नहीं कहा, वो बिल्कुल चुप रहकर मेरी तरफ देख रही थी.
मैंने मन ही मन इसे एक अच्छा मौका समझकर उससे कहा कि में सच कहूँ तो तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुम्हे दिल से चाहने लगा हूँ. वो मेरी यह बात सुनकर एकदम से शरमा गयी और फिर वो जाने लगी तो मैंने झट से उसका एक हाथ पकड़ा और कहा कि कहाँ जा रही हो? क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड नहीं हो? वो बोली कि में थोड़ा सोचकर तुम्हे बताउंगी. फिर मैंने कहा कि इसमे सोचना क्या है? वो बोली कि अगर मेरे भाई को यह सब पता चला तो तुम्हारी इतनी पुरानी दोस्ती टूट जाएगी? तो मैंने कहा कि उसे यह सब कौन बताएगा? लेकिन अब वो कुछ नहीं बोली और चुपचाप चली गयी, तभी मैंने सोचा कि लगता है मेरा काम अब बन जाएगा और फिर मैंने यह बात अपने दोस्त को बताई तो उसे यह सब बातें सुनकर थोड़ा धक्का तो लगा, लेकिन वो अब मेरे लिए बहुत खुश था.
फिर मैंने उसे उसी रात को कॉल किया और बोला कि क्यों तुमने मुझे अपना जवाब नहीं दिया बोलो ना तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो ना? तो वो बोली कि हाँ में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा और फिर मैंने उससे कहा कि नम्रता में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ. तो उसने भी कहा कि हाँ में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. फिर हम बाहर मिलने लगे और धीरे धीरे हम किस्सिंग भी करने लगे, एक दिन मेरे घर पर में अकेला था तो मैंने अपने दोस्त दीपक को फोन लगाया और उससे कहा कि यार दीपक आज में घर पर अकेला हूँ, तू एक काम कर नम्रता को मेरे घर पर भेज दे, में आज ही उसके साथ सेक्स करूंगा.
मैंने नम्रता को फोन लगाया और उससे कहा कि तुम अभी मेरे घर पर आ जाओ, क्योंकि मेरे घर पर कोई नहीं है, तो उसने कहा कि ठीक है और वो पहली बार बिल्कुल अकेली मेरे घर पर आ रही थी, वो इससे पहले भी आ चुकी थी, लेकिन हमेशा अपने भाई के साथ आई थी. तभी थोड़ी देर बाद दीपक का फोन आया तो वो मुझसे बोला कि नम्रता अभी अभी मुझसे कोचिंग क्लास जाने की बोलकर घर से निकल गयी है ज़रूर वो तेरे घर पर ही आएगी और वो आगे बोला कि अब तू आज अपने मन की इच्छा पूरी कर लेना और अब में फोन रखता हूँ तू मेरी बहन के साथ बहुत मज़े कर.
फिर यह बोलकर दीपक ने फोन रख दिया और फिर थोड़ी देर में दरवाजे पर आवाज हुई, मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि ठीक मेरे सामने नम्रता खड़ी हुई थी. मैंने उसे अंदर बुलाया और कहा कि चलो कोई रोमॅंटिक फिल्म देखते है उसने कहा कि हाँ ठीक है और फिर मैंने पीसी पर एक सेक्सी फिल्म की डीवीडी को लगा दिया और उसे चला दिया. उसमे शुरू में बस किसिंग था और फिर सेक्स सीन चलने लगा. वो यह सब देखकर बहुत शरमा गई और फिर मुझसे बोली कि में यह सब नहीं देखूँगी.
मैंने कहा कि तुम्हे भी तो यह सब आगे चलकर करना ही पड़ेगा और फिर वो मेरे बहुत समझाने पर देखने लगी और में उसे किस करने लगा और फिर वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी तो में एक हाथ से उसके चूतड़ सहलाने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स को कपड़ो के ऊपर से दबाने लगा, वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और अब वो लाल कलर की ब्रा में थी, में तो उसे देखकर बिल्कुल पागल हो गया और मैंने उसकी ब्रा को भी खोल दिया. तभी वो अपने दोनों हाथों से अपने बूब्स को छुपाने लगी. में उसके हाथों को हटाते हुए उसके बूब्स को मसलने लगा और फिर उसकी गर्दन पर किस करने लगा, वो मदहोश होने लगी और मचलने लगी. मैंने धीरे से उसकी जींस को खोल दिया और उसे नीचे सरका दिया और अब उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से सहलाने लगा. वो एकदम से सिहर गयी और फिर वो मुझसे बोली कि मुझे कुछ कुछ हो रहा है उहहह्ह्ह्ह आहहह्ह्ह प्लीज अब तुम ही कुछ करो.
मैंने झट से अपने भी कपड़े उतार दिए और में बस अंडरवियर में था और वो सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी, में उसके सुंदर बदन को देखता रह गया, क्योंकि में पहली बार किसी लड़की को इतने नज़दीक से पूरा नंगा देख रहा था. तभी उसने मुझसे पूछा कि ऐसा क्या देख रहे हो? तो मैंने कहा कि तुम्हारा बदन और अब मेरा लंड पूरी तरह से लोहे की तरह तन गया और मेरी अंडरवियर में तंबू बन गया है.
अब में पागलों की तरह उसके बदन को चूमने, चाटने लगा. वो भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और सिसकियाँ ले रही थी, तो मैंने अब उसकी ब्रा को उतार दिया और उसके बूब्स को मुहं में लेकर चूसने लगा और अब मेरे ऐसा करने से वो बिल्कुल पागल होने लगी और बोल रही थी आअहह हाँ और ज़ोर से चूसो ऊह्ह्हहह. फिर मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया. दोस्तों क्या मस्त चूत है उसकी? बिल्कुल ब्रेड की तरह फूली हुई और उस पर एक भी बाल नहीं था. एकदम पूरी चिकनी में तो उसे देखते ही बिल्कुल पागल हो गया और मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर उसके सामने आ गया.
फिर वो मेरा इतना मोटा लंड देखकर हैरान होकर बोली कि इतना बड़ा है? यह तो आज मेरी फाड़ ही देगा. मैंने कहा कि तुम चिंता मत करो में तुम्हे बहुत आराम से चोदूंगा और फिर में उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत अब बिल्कुल गीली हो चुकी थी और में उसकी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा. वो बिल्कुल पागल हो गई और तड़पने लगी और अब उसका पूरा शरीर अकड़ने लगा और वो मेरे सर को पकड़कर अपनी चूत से चिपकाकर झड़ गयी और फिर एकदम शांत हो गयी और वो अब बहुत खुश दिख रही थी. मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आया डार्लिंग?
वो बोली कि हाँ और फिर मैंने कहा कि अब तुम्हारी बारी है, अब तुम मेरा लंड चूसो, लेकिन वो मना करने लगी तो मैंने उससे कहा कि देखो फिल्म में वो लड़की कैसे लोलीपोप की तरह चूस रही है, तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा, प्लीज अब एक बार चूसो ना. फिर उसने थोड़ा शरमाते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे चाटने लगी. दोस्तों में आपको क्या बताऊँ? मुझे तो ऐसा लग रहा था कि जैसे में अब जन्न्त में हूँ और फिर वो पूरा लंड मुहं में लेकर अंदर बाहर करने लगी. में तो जैसे सातवें आसमान पर था.
फिर कुछ देर लंड चूसने के बाद मैंने नम्रता को सीधा लेटाया और उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपने घुटनों के बल उसकी जांघो के बीच में बैठ गया और फिर मैंने अपने लंड का टोपा नम्रता की चूत के छेद पर रखा तो वो चूतड़ उठाने लगी. फिर में उससे बोला कि अब तुम तैयार हो जाओ में तुम्हे आज जन्नत की सैर करवाता हूँ? तो वो बोली कि प्लीज थोड़ा जल्दी करो मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. फिर मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया, लेकिन लंड अंदर नहीं गया, क्योंकि उसकी चूत अभी तक कुवारी थी मैंने उसकी चूत पर थोड़ा सा तेल लगाया और अपने लंड पर भी बहुत सारा तेल लगा लिया.
लंड को चूत के मुहं पर रखकर एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरा लंड दो इंच अंदर चला गया, लेकिन वो ज़ोर से चीख उठी और बोलने लगी कि प्लीज इसे बाहर निकालो, नहीं तो में मर जाउंगी, प्लीज बाहर निकालो और फिर वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. मैंने उससे कहा कि थोड़ी सी देर और सह लो जानू, उसके बाद तुम्हे बहुत मज़ा आएगा और फिर में वैसा ही पड़ा रहा और उसके बूब्स चूसने लगा तो उसका दर्द कुछ कम हुआ तो वो नीचे से झटके देने लगी और में धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा और वो आवाज़े निकालने लगी. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और लंड उसकी सील तोड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया और वो रोने लगी.
में उसे किस करने लगा और हल्का हल्का धक्का मारता रहा. उसकी चूत से खून निकल रहा था और जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने एक और ज़ोर का झटका मारा तो लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर घुस गया. वो फिर से चीखने, चिल्लाने लगी, लेकिन में इस बार नहीं रुका और ज़ोर ज़ोर से झटके मारता रहा और वो चिल्लाती रही. में धक्के मारता रहा और अब कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और बोल रही थी कि हाँ चोदो मुझे और ज़ोर से आआहह अहहहहह फाड़ दो आज मेरी चूत को, बहुत दिनों से इसमे ज्यादा खुजली हो रही थी ऊउईईईइ माँ हाँ तुम आज इसकी खुजली को मिटा दो आहह उूऊहह हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे.
उसके मुहं से यह बात सुनकर मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज़ कर दिया और भी तेज़ नम्रता को चोदने लगा और अब मेरा 8 इंच का पूरा लंड बहुत तेज़ी से नम्रता की चूत के अंदर बाहर हो रहा था. पूरा कमरा फ़च फ़च और नम्रता की चीखने चिल्लाने की आवाजो से गूँज रहा था, लेकिन अब मुझे तो जन्नत का मज़ा आ रहा था. में अब उसे डोगी स्टाइल में चोदने लगा और 15 मिनट तक बिना रुके तेज़ तेज़ धक्के मारने के बाद में नम्रता की चूत के अंदर ही झड़ गया और उसकी चूत को अपने वीर्य से पूरा भर दिया. नम्रता की चूत ने भी अपना पानी छोड़ दिया था और अब हम दोनों हाफ रहे थे. में उसको किस करते हुए उसके ऊपर लेटा रहा. दोस्तों उस दिन के बाद हमने कई बार चुदाई की और मजे लिये.
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चुदक्कड़ आंटी के साथ चोदा चोदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अरमान है और मेरा रंग गोरा और अच्छी बॉडी रखने वाला स्मार्ट लड़का हूँ, मेरे लंड की साईज़ 7 इंच है और में एक कॉल बॉय हूँ, अब में आपको बोर ना करते हुए सीधे स्टोरी पर आता हूँ.
दो दिन पहले मेरे पास एक मेल आया जो एक आंटी का था. में आपको उनका नाम नहीं बता सकता हूँ, मैंने उन्हें मेरे नम्बर भेजे और उनका मेरे पास फोन आया और 2 मिनट बात करने के बाद उन्होंने मुझे अपने घर का पता दिया और वहां बुलाया. फिर में उनके घर जाकर उनसे मिला. उन्हें देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया, वो क्या माल थी? उनकी उम्र 37 साल है जो मैंने बाद में पूछा था और उनका 36-30-38 साईज का क्या फिगर था? ये भी उन्होंने मुझे बाद में बताया था और उन्होंने मुझे ये भी बताया कि उनके पति ऑफिस गये हुए है और उसका पति उससे सेक्स करता ही नहीं है. फिर उन्होंने चाय बनाई और मेरे पास आकर सोफे पर बैठ गयी और इधर उधर की बातें करने लगी.
फिर मैंने उनसे पूछा कि उन्हें किस टाईप का सेक्स पसंद है, हाँ दोस्तों सेक्स भी कई प्रकार का होता है और में हमेशा सामने वाली के हिसाब से सेक्स करता हूँ ताकि उनको पूरा मज़ा आ सके, जैसे की वाइल्ड सेक्स, एक्सोटिक्स सेक्स, एरोटिक सेक्स, रोमांटिक सेक्स आदि.
फिर उन्होंने कहा कि उन्हें रोमांटिक सेक्स पसंद है, उसके बाद मैंने धीरे से एक हाथ उनकी कमर में डाला और उनको अपनी तरफ खींचा और उनके होंठो को अपने होंठो से चूसने लगा और आंटी भी पूरी तरह से मदहोश हो रही थी और में भी हो रहा था और हम दोनों को ऐसा लग रहा था कि हम दोनों जन्नत में है. फिर 20 मिनट तक में उनके हाथ और गाल को किस करता रहा, फिर उन्होंने कहा कि बेड पर चलते है मेरे राजा और हम दोनों उनके रूम में चले गये और रूम में जाते ही मैंने उन्हें अपनी बाहों में ले लिया और उन्हें पागलों की तरह किस करने लगा. फिर उन्होंने मेरा शर्ट खोल दिया और वो मेरे सीने पर किस करने लगी और उसे अपनी गुलाबी जीभ से चाटने लगी.
फिर मुझे बेड पर धक्का दे दिया और मेरे ऊपर आ गई और मेरे होंठो को चूमने लगी और फिर धीरे- धीरे नीचे आती गयी और पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी और एक झटके से मेरी पेंट खोल दी. अब में सिर्फ़ चड्डी में था. अब मैंने उन्हें नीचे किया और फिर में उनके ऊपर आ गया और उनकी ग्रीन साड़ी को खोलकर उनके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा और उनके होंठो को, गले को और गर्दन पर किस करता रहा.
अब मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया था और उनके मोटे-मोटे बूब्स को देखकर में पागल सा हो गया था. फिर में उनको पेट के बल लेटाकर उनकी पीठ की मालिश करने लगा और किस करने लगा. आंटी मदहोश हो गयी थी और आआअहहहहहहहाहा मेरे राजजजजजज्जा जैसी आवाज़े निकाल रही थी. फिर मैंने उनकी ब्रा, पेटीकोट, पेंटी सब ऊतार दिए और उनकी चूत को चाटने लगा और आंटी कि तो पूछो मत. अब आंटी ने कहा कि जल्दी से मेरी चूत में अपना हथियार डाल दो, अब मुझसे रहा नहीं जाता.
फिर मैंने मेरी चड्डी ऊतार दी और कंडोम पहन लिया फिर में उनकी चूत में अपना लंड डालने लगा, इस उम्र में भी आंटी की चूत टाईट थी तो वो चिल्लाने लगी. आआआआअहह धीरे से धीरे से तो मैंने मेरी स्पीड कम कर दी और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा. फिर कुछ देर के बाद उनका दर्द कम हुआ, तो फिर से में अपनी स्पीड में आ गया. फिर 20 मिनट तक लगातार चूत की ठुकाई करते-करते मैंने आंटी को अपने ऊपर आने को कहा और फिर से हमारा प्रोग्राम शुरू किया.
फिर 45 मिनट के बाद आंटी 3 बार झड़ चुकी थी और में भी झड़ने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और फिर में झड़ गया और उसके बाद हम 15 मिनट तक नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे और किस करते रहे. फिर 15 मिनट के बाद फिर शुरू हो गये और कल मैंने उस आंटी को 4 बार जन्नत का सफर कराया. फिर आंटी ने कहा कि उनके बच्चे आने वाले है अब तुम जाओ और मुझे मेरी फीस दी और एक किस दी और फिर बुलाने का वादा भी किया, तो ये थी मेरी स्टोरी जो मैंने आपके साथ शेयर की है.
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साले की बीवी के साथ नंगा खेल


हैल्लो दोस्तों, यह आज से 2 महीने पहले की बात है. में छुट्टियों में मेरी बीवी को उसके मायके छोड़ने के लिए में मेरे ससुराल गया था और वहाँ मेरे सास, ससुर, बड़ा साला और उसकी पत्नी एकता (जो इस कहानी की हिरोईन है) और उसकी बेटी रहते है. में मेरी बीवी को वहाँ छोड़कर दूसरे दिन वापस आने वाला था और एकता का मायका भी मेरे शहर में ही था.
मेरे बड़े साले ने कहा कि जीजा जी अगर आपको कोई प्रोब्लम ना हो तो एकता को भी अपने साथ ले जाओ तो मुझे वहां तक उसे छोड़ने नहीं आना पड़ेगा. तो मैंने हाँ कर दी और दूसरे दिन हमारी रात की बस थी और हमे स्लीपर कोच में सीट मिली थी. हम लोग ट्रेवल्स के ऑफिस पर आ गये और बस रात को एक बजे की थी तो हम लोग बस में चढ़ गये. पहले मैंने एकता से कहा कि तुम पहले चढ़ जाओ और उस टाईम उसने फिटिंग वाला पंजाबी सूट पहना था और वो मुझसे छोटी है इसलिए में उसे तुम कहता हूँ, तो मैंने उसे बर्थ पर चढ़ने में मदद की.
अब तक मेरे मन में कोई ख्याल नहीं था, लेकिन जैसे ही मैंने उसे बर्थ पर चढ़ने में मदद की तो मेरा हाथ उसके कूल्हों को टच हुआ और मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ गया. मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने कोई मक्खन पकड़ा हो और फिर में भी बर्थ में चढ़ गया और बस हाइवे पर आते ही उसकी लाईट ऑफ हो गई.
एकता ने मुझे कहा कि जीजू आपको सोना है तो सो जाओ, मुझे नींद नहीं आती है, में बैठी हूँ. तो में सो गया और फिर आधे घंटे के बाद जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि एकता भी सीधी होकर सो गई है. फिर मैंने आँख खोलकर देखा तो उसका दुपट्टा साईड में पड़ा था और उसके दोनों बूब्स उसकी सांस के साथ ऊपर उठते थे और फिर अचानक से मुझे छींक आई और एकता उठी तो वो मेरी तरफ पीठ करके सो गई, में तो उसे ही देखता रह गया, लेकिन कुछ कर नहीं पाया.
फिर थोड़ी देर के बाद में भी एकता की पीठ की तरफ मुँह करके सो गया. फिर बस जैसे ही ब्रेक मारती या गढ्ढे में जाती तो मेरा शरीर एकता को टच हो जाता और में पागल सा हो जाता. फिर मैंने मौके का फायदा उठाया और उसके ज़्यादा करीब सो गया और मेरा लंड तनकर पूरा 9 इंच का हो गया था और वो एकता की गांड को टच कर रहा था.
मेरी नींद उड़ चुकी थी और में तो आँख बंद करके मज़े ले रहा था और फिर अचानक मुझे नींद आ गई और थोड़ी देर के बाद जब आँख खुली तो एकता का दबाव मेरी तरफ बढ़ गया था और उसकी गांड मेरे लंड से एकदम चिपक गई थी और मेरे लंड के पानी से टोपा भी गीला हो गया था. फिर मैंने सोचा कि एकता तो नींद में है, तो में सीधा लेट गया और मेरी ट्राउज़र पेंट में तंबू बना हुआ था. फिर उतने में एकता भी मेरी तरफ मुँह करके सो गई और में भी लेटा हुआ था और मेरी आँख फिर लग गई.
फिर थोड़ी देर के बाद मेरा हाथ उसके 36 साईज के बूब्स को टच हुए और उसका कोई जवाब नहीं आया, तो में जैसे तैसे उसे दबा देता था और उतने में होटल आया तो में ऐसे ही सीधा होकर सोने का नाटक करने लगा और भूल गया कि मेरा तंबू बहुत बड़ा है. फिर एकता उठी और वो तंबू देखकर देखती ही रह गई और उसने मुझे उठाया लेकिन में जानबूझ कर सोने की एक्टिंग करने लगा तो वो मेरा तंबू देखती रह गई और उतने में, में उठा और उससे पूछा कि क्या हुआ? क्या देख रही हो?
वो मुस्कुराई और शरमा गई और कहा कि कुछ नहीं नीचे उतरो होटल आ गई है. फिर हम लोग नीचे ऊतरे और वापस चढ़ते वक़्त उसने मुझसे कहा कि जीजू में आपको मिस कॉल दूँ, तभी आप ऊपर आना. में सोच में पड़ गया और ओके कहकर नीचे ही खड़ा रह गया. फिर 7-8 मिनट के बाद एकता का मिस कॉल आया और में बस में चढ़ गया और मैंने उससे कुछ पूछा नहीं और कहा कि अब सीधा 2 घंटे के बाद अपने शहर पहुचेंगे तो तुम सो जाओ.
फिर बस चालू हुई और लाईट बंद हुई और अब में एकता को चोदने की सोच रहा था, जो कि मुमकिन नहीं था और में सो गया. फिर अचानक 15 मिनट के बाद मुझे मेरे लंड पर कुछ महसूस हुआ, तो मैंने देखा वो तो एकता का हाथ था और उसकी तरफ देखा तो वो सोई हुई थी. फिर वो मेरी तरफ पीठ करके सो गई, लेकिन इस बार वो मुझसे ज़्यादा नज़दीक सो गयी थी और मेरा लंड उसकी गांड को टच हो रहा था.
तब मुझे लगा कि उसने पेंटी निकाल दी है और इसलिए मुझे थोड़ी देर बाद बस में आने को कहा, फिर में दूसरी तरफ मुँह करके सो गया. फिर हमारा शहर आया, तब रात के 4 बजे थे. फिर हम लोग बस से उतरे और मेरे घर आये और फिर मैंने घर से बाइक की चाबी ली और उसे उसके घर छोड़ने के लिए बाइक के पास गया, तो बाइक में पंक्चर था तो एकता बोली कोई बात नहीं सुबह छोड़ देना.
फिर हम लोग घर में आए और कपड़े बदले और मैंने एकता से कहा कि तुम बेड पर सो जाओ, में नीचे सो जाता हूँ. तभी उसने हंसकर मेरी तरफ देखा और कहा कि क्यों बस में तो बड़े मज़े ले रहे थे जीजू? फिर में कुछ नहीं बोल पाया और वो मेरे पास आई, उसने गाउन पहन लिया था और बोली क्यों मैंने कुछ ग़लत कहा क्या?
फिर मैंने उससे सॉरी कहा और बोला कि तुम्हारा शरीर मुझसे टच हुआ इसलिए में कंट्रोल नहीं कर पाया था. तब उसने कहा कि सॉरी क्यों? में भी तुम्हारा तंबू देखकर उसकी दीवानी हो गई हूँ. इतना कहते ही मैंने उसे एक लिप किस कर दिया और बेड पर लेटा दिया और उसे चूमने लगा और चूमते-चूमते कब हम दोनों नंगे हो गये पता ही नहीं चला.
उसने मेरा लंड हाथ में पकड़ा और बोली कि तुम्हारे साले साहब का तो सिर्फ़ 4 इंच का है और 5 मिनट में ही झड़ जाते है, मैंने बस में जब से तुम्हारा लंड देखा है तब से ही में सोच में थी कि जीजू के साथ ज़रूर नंगा खेल खेलूँगी.
फिर मैंने उसके बूब्स चूसे तो उसके मुँह से.. आआआआआआहह निकल गई. फिर में धीरे-धीरे उसकी चूत के पास आया और देखा तो उसकी एकदम कुंवारी चूत लग रही थी, बाल कम थे और वो गुलाबी थी. तो मैंने उस पर अपना मुँह रखते ही वो.. उईईईईईईईआआआआ करके चीख पड़ी और गांड उठाकर चूत चटवाने लगी.
5 मिनट के बाद बोली कि जीजू जान अब मत तड़पाओ आ जाओ बना लो मुझे अपनी और में उसके ऊपर आ गया और मेरा लंड उसकी चूत पर रखा और धीरे से धक्का मारा तो वीर्य की वजह से मेरा टोपा घुसा और वो चिल्ला उठी.. हाईईईइ मार डालल्ल्ल्ल्ल्ल्ला आआईई. फिर मैंने एक और झटका मारा और मेरा 9 इंच का लंड सीधा उसकी चूत में चला गया.
फिर थोड़ी देर रुकने के बाद वो खुद ही अपने कूल्हें उठा-उठाकर चुदवाने लगी और पूरा रूम फ़च फ़च और आाआह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह की आवाज़ से गूंजने लगा. फिर 30 मिनट के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने उठने की कोशिश की तो उसने कहा कि नहीं अंदर ही डाल दो, आज ही मेरी सच्ची सुहागरात हुई है और में उसके अंदर ही झड़ गया.
हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गये. सुबह 8 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि एकता मेरे लंड पकड़े हुए सोई हुई है और फिर से मेरा हथियार तैयार था तो वो उठी और मुझे एक किस किया. फिर मैंने उससे कहा कि चलो में तुम्हें घर छोड़ दूँ तो बोली पहले नहा लेते है तो मैंने पूछा क्या मतलब? तो वो बोली कि हम दोनों साथ में नहाते है और साथ में नहाकर हम तैयार हुआ और उसे उसके घर छोड़ आया.
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डांस वाली भाभी की चुदाई


हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम प्रज्नेश है और में गुजरात से हूँ, यह स्टोरी 2 महीने पहले की है. में 21 साल का गुड लुकिंग बॉय हूँ, मेरी हाईट 5 फीट 9 इंच है, रंग गोरा है, मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है. अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ, हमारे घर के पास में एक डांस क्लासेज चलता था. एक दिन में वहाँ गया तो वहां पर एक बहुत अच्छी भाभी थी, उसका नाम पायल है. डांस करते समय वो बहुत सेक्सी लग रही थी. में उसे देखकर उसके विचारों में खो गया, उसकी साईज़ 36-30-32 होगी, में उसे रोज लगातार देखता रहा और वो जब मेरी तरफ देखती तब में हल्की सी स्माइल दे देता था और उसने 3-4 बार कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया, लेकिन बाद में वो भी स्माइल देने लगी.
मैंने पहले जब भाभी को देखा तो मुझे एक कुँवारी लड़की लगी थी. फिर मैंने उसे इशारा किया कि आप नीचे आओ मुझे आपको नंबर देना है, फिर वो मेरे कहने पर नीचे आई और मैंने उसको मेरा नंबर दिया. फिर शाम को उसका कॉल आया और हमने बातें की, तब उसने बताया कि मेरी शादी हो गयी है और पति बिज़नेस के काम से ज़्यादातर बाहर रहते है.
मैंने उससे कहा कि आप तो कुँवारी लग रही हो, जब पहली बार कॉल आया था तो हमने लगभग 5 मिनट ही बात की होगी. उसके बाद हम रोज बातें करने लगे. पहले हम इधर उधर की बातें करते थे.
फिर एक दिन बाद मैंने उसे आई लव यू कहा तो उसने मुझे डांटा और कहा कि हम सिर्फ़ दोस्त है. मैंने उसे खूब मनाया और कहा कि में आपसे प्यार करने लगा हूँ, तो वो बोली कि में सोचकर बताती हूँ. फिर 2 दिन के बाद हम जब बात कर रहे थे तब मैंने उसे दोबारा पूछा तो उसने हाँ कर दी. फिर हम पहले से ज़्यादा बातें करने लगे और सेक्स की भी बातें करने लगे.
एक दिन मैंने भाभी से बोला कि हम कहीं घूमने चले, तो वो बोली कि मेरी सास से बोले बिना में कहीं पर भी नहीं जा सकती हूँ. तब मैंने उसे एक आइडिया बताया कि जब तुम्हारी क्लास का टाईम हो तब हम घूमने जा सकते है ना, तो उसने कहा कि ठीक है. में आपको बता दूँ कि उसकी क्लास का टाईम 2 से 5 बजे तक है. वो हमेशा टॉप और जीन्स पहनती थी, टी-शर्ट में वो बहुत ही खूबसूरत लगती थी.
एक दिन भाभी का सुबह के समय 10 बजे कॉल आया और वो बोली कि आज हम कहीं घूमने चलते है. मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और में दोपहर के 12 बजे उसके कॉल का इंतजार करने लगा. फिर दोपहर के 1 बजे उसका कॉल आया और उसने कहा कि तुम मुझे मेरी क्लास के पास जो गली है वहाँ पर लेने आ जाओ, में 2 बजे तुम्हारा इंतज़ार करूँगी.
फिर में ठीक 2 बजे वहां पहुँच गया, तो वो अभी तक नहीं आई थी. फिर 5 मिनट के बाद वो आई और आज उसने साड़ी पहनी थी, जिसमें वो बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी, मन तो कर रहा था कि जाकर उसे अभी ही चूम लूँ, लेकिन में क्या करता? अगर वहाँ पर कोई आ जाता तो हम मुश्किल में पड़ जाते इसलिए मैंने कुछ नहीं किया. फिर वो आकर मेरी बाइक पर बैठ गई और हम शहर की तरफ घूमने चले गये और फिर एक रेस्टोरेंट में गये, वहाँ पर हमने खाना खाया और भाभी मुझे बड़े प्यार से खाना खिला रही थी.
फिर खाना खाते-खाते मैंने भाभी से पूछा कि मुझे आपको किस करना है, तो उसने बोला कि कहीं अकले में करते है यहाँ सब देख रहे है. फिर मैंने उससे कहा कि होटल के रूम में चलते है और उसके हाँ कहने के बाद मैंने एक होटल में जाकर रूम बुक करवाया और हम अब अकले थे और जैसे ही हम रूम के अंदर गये तो मैंने तुरंत भाभी को पकड़ लिया और उनके गाल पर किस करने लगा. तभी भाभी बोली कि मेरी जान थोड़ा सब्र करो, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. में हमेशा के लिए तुम्हारी ही हूँ.
फिर मैंने कहा कि मेरी जानू तेरी बात सही है, लेकिन अभी 2 घंटे के बाद हमें अलग होना ही है. तो वो हंसने लगी और आई लव यू किस मी कहने लगी. फिर हमने 15 मिनट तक एक दूसरे को किस किया, मुझे किस करना बहुत पसंद है और किस करते समय भाभी की सास गर्म-गर्म बहुत तेज चल रही थी, जो मुझे बहुत ही तड़पा रही थी.
फिर 15 मिनट तक होंठ पर किस करने के बाद में धीरे-धीरे भाभी के गले को चूमते हुए उसके ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स को किस करने लगा और बूब्स को ज़ोर-जोर से दबाने लगा. फिर 5 मिनट के बाद मैंने उसका ब्लाउज और ब्रा दोनों को उतार दिया और पागलों की तरह में उस पर टूट पड़ा और वो बहुत ही गर्म हो गयी थी. अब उसकी बारी थी, फिर उसने मेरी शर्ट उतार दी और मेरे शरीर को किस करने लगी और मुझे दातों से काटने लगी, मुझे भाभी का ऐसा करना कुछ समझ नहीं आ रहा था.
फिर बाद में भाभी ने मेरी पेंट ऊतार दी और बाहर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी, मेरा 6 इंच का लंड सेक्स करने को बहुत ही उत्तेजित था. फिर 2 मिनट तक भाभी ने ऐसा किया और फिर बाद में उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरा लंड देखकर वो पागल सी हो गई और कहने लगी कि आपका लंड तो बहुत बड़ा है. फिर मेरा हथियार बाहर निकालने के बाद वो लंड पर किस करने लगी और बाद में उसे चूसने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था और भाभी भी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी. फिर 7-8 मिनट तक वो मेरे लंड को चूसती रही और फिर उसके बाद में झड़ गया और भाभी मेरा सारा रस पी गई. उसके बाद मेरी बारी थी. फिर में उसके बूब्स पर किस कर रहा था, तो भाभी बोली कि अब नहीं और मत तड़पाओ मुझे, मेरी जान प्लीज फाड़ डालो मेरी चूत और मेरी प्यास बुझा दो. फिर मैंने भाभी से कहा कि जैसी तुम्हारी मर्जी, इसके बाद भाभी बेड पर सो गई.
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और में लंड चूत में अंदर डाल रहा था, लेकिन भाभी की चूत थोड़ी टाईट थी, क्योंकि 2-3 महीनों के बाद भाभी ये सब कर रही थी इसलिए फिर मैंने 3 धक्के लगाये तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और भाभी चिल्लाने लगी. उसके बाद में धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ा रहा था और भाभी के मुँह से भी अलग-अलग तरह की आवाजें आ रही थी.
फिर मैंने भाभी को 15 मिनट तक चोदा, उसके बाद में झड़ गया और उसी दौरान भाभी 2 बार झड़ गई थी. उसके बाद हम बेड पर लेटे रहे और एक दूसरे को लिप पर किस करने लगे. अब हमें जब भी टाईम मिलता है तो कहीं घूमने जाते है और हम बहुत मजे करते है और सारा खर्चा भाभी ही देती है और वो मुझे मेरे खर्चे के लिए भी कभी-कभी पैसे देती है.
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