रंगीन रातों की दास्तान

हैल्लो दोस्तो, में आपको मेरी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ. ये बात उन दिनों की है, जब में कॉलेज में पढ़ा करता था और अब में कहानी पर आता हूँ. में जिस मकान में किराये से रहता था, उस मकान मालिक की फेमिली में 4 लोग थे. माँ, बाप, बेटा और एक बहू. ये कहानी मेरी और उनकी बहू की रंगीन रातों की दास्तान है. उनका नाम सीमा है और में उन्हें सीमा भाभी कहकर बुलाता था.
सीमा भाभी की दो साल पहले शादी हो गयी थी और उनके पति के एक कपड़े की दुकान थी, दोनों बाप बेटे सुबह से रात तक दुकान पर काम करते थे और सीमा भाभी की सास को स्लिप डिस्क की बीमारी थी, इसलिए वो अक्सर बिस्तर या सोफे पर लेटी रहती थी. में उस फेमिली से काफ़ी घुल मिल गया था. शुरू में मेरी नियत सीमा भाभी के लिए खराब नहीं थी, लेकिन एक दिन एक हादसा हुआ जिससे मेरी उनके प्रति सोच बदल गई.
एक बार टी.वी. पर मैच आ रहा था और में कॉलेज से आने के बाद फ्रेश होकर उनके घर मैच देख रहा था. उनकी सास सोफे पर लेटी थी और सीमा भाभी किचन में चाय बना रही थी, उनके पति और ससुर शॉप पर थे. हम तीनों चाय पी रहे थे, जैसे ही चाय ख़त्म हुई तो मैंने देखा कि उनकी सास को नींद आने लगी थी. फिर मैंने भाभी से पूछा कि इनकी तबीयत तो ठीक है. फिर भाभी ने कहा ये बुढ़िया मर जाए तो अच्छा है, सारा दिन खटपट करती है और मुझे ताने देती रहती है.
मैंने कहा ये क्या कह रही हो भाभी? फिर भाभी ने कहा प्रेम में क्या करूँ? इनकी खटपट से तंग आकर में इनकी चाय में नींद की गोलियाँ मिला देती हूँ और ये बुढ़िया शांत हो जाती है. तभी भाभी रोने लगी. फिर मैंने कहा कि भाभी क्या हुआ? फिर भाभी ने कहा कुछ नहीं और उनका रोना जारी रहा. फिर मैंने भाभी के पास जाकर उनके कंधो को पकड़कर पूछा कि भाभी क्या हुआ? कुछ तो है जो आप इतना रो रही हो.
तभी भाभी मेरे सीने से लग गयी, मेरे तो होश उड़ गये थे और लंड में अचानक तूफान आ गया. फिर अपने आपको कंट्रोल करके मैंने भाभी को बाहों में भरते हुए कहा कि मत रो भाभी जो तकलीफ़ है बता दे. बोल देने से दिल हल्का हो जायेगा, तब भाभी का रोना बंद हुआ और उसने खुद को मुझसे अलग किया. फिर मैंने दरवाजा बंद किया और वो मेरा हाथ पकड़कर अपने बेडरूम में ले जाने लगी और कहा आओ तुम्हें कुछ दिखाना है, मेरा दिमाग़ घूम रहा था और मुझे लग रहा था कि आज जरुर कुछ होकर रहेगा.
मैंने कहा जो होगा देखा जायेगा. फिर बेडरूम में पहुँचकर भाभी ने उसका भी दरवाजा बंद कर दिया और अपनी नाईटी को तेज़ी से खोल दिया. अब भाभी सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी और फिर में उसकी जवानी को देखता रह गया. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी आवाज़ गायब हो गयी है और पलक झपक नहीं रही थी. तब भाभी ने कहा प्रेम मेरे पति में मुझे संतुष्ट करने का दम नहीं है, वो नामर्द है और मेरी सास को पोता चाहिए, में जानती हूँ कि तुम मुझे छुप-छुपकर देखते हो. फिर वो आकर मेरे गले लग गयी और कहा प्रेम मुझे अपना प्रेम रस दे दो, मुझे एक बच्चा दे दो.
फिर मुझे कुछ कुछ होश आने लगा था. फिर मैंने उसका सिर दोनों हाथों से उठाकर उसके नरम मुलायम होंठो पर अपने होंठ रख दिए. करीब 5 मिनट तक हम एक दूसरे के होठों का रसपान करते रहे. उसके बाद भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिए, जैसे ही उसने मेरा अंडरवियर उतारा तो मेरा लंड उसकी सलामी में खड़ा हो गया और ऊपर नीचे होकर सल्यूट मारने लगा.
भाभी ने खुश होकर कहा कि कितना बड़ा और मस्त लंड है रे तेरा, मेरे पति का तो काफ़ी छोटा है, ये बोलकर भाभी ने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और मेरे ऊपर आकर अपने मुंह में मेरा लंड अन्दर बाहर करने लगी. भाभी इतनी मस्त माल थी कि कोई हिरोईन भी उसके सामने पानी कम चाय लगे. वो पागलों की तरह मेरे लंड को चूस रही थी. फिर काफ़ी देर तक चूसने के बाद में झड़ने के करीब आ गया, तब मैंने कहा कि भाभी में झड़ने वाला हूँ. तब भाभी ने कहा मेरे मुंह में ही झड़ जा और ज़ोर-ज़ोर से पूरा लंड गले की गहराईयों तक लेने लगी, में भी बहुत तेज़ी से झड़ा और भाभी ने मेरा सारा पानी पी लिया.
फिर भाभी ने कहा मजा आ गया रे तेरा पानी पीकर, कितना स्वादिष्ट है और मेरे ऊपर आकर लेट गयी. मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे ऊपर किसी ने फूलों का एक बड़ा गुलदस्ता रख दिया है. फिर मैंने भाभी की ब्रा और पेंटी को उनके शरीर से अलग कर दिया और अब चूसने की मेरी बारी थी. भाभी का क्या जबरदस्त शरीर था? कहाँ चूसूं, कहाँ चाटूं, कहाँ चूमूं, कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था. में उसके दोनों बड़े-बड़े बूब्स दोनों हाथों से दबाये जा रहा था और पेट के आस-पास चूमे और चाटे जा रहा था. भाभी मदहोश होकर बोले जा रही थी, आह्ह्ह ऊऊऊऊ प्रेम और करो, मुझे पूरा खा जाओ.
फिर में भाभी की चूत के पास अपना मुहं ले गया और जैसा आपने ब्लू फिल्म में अब तक देखा था, वैसे उसकी चूत को चाटने और चूसने लगा. फिर उसकी चूत के दाने पर जब मैंने अपनी जीभ को लगाया तो भाभी चीख उठी और उठकर बैठ गयी. फिर में अपने दोनों हाथों से उसके बड़े-बड़े बूब्स को मसलने लगा और मुंह और जीभ से चूत को खाने लगा. फिर मैंने उसकी गुलाबी पंखुड़ियों सी फांको को अलग करके अपने होठों को उसकी लाल लाल रसीली चूत में डाल दिया. फिर भाभी भी मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी और तरह-तरह की आवाज़ें निकालने लगी. फिर काफ़ी देर तक ऐसे चलने के बाद भाभी और में 69 की पोज़िशन में आ गये.
अब में भाभी की चूत और गांड के छेद की सफाई करने लगा और भाभी मेरे लंड और अंडो से खेलने लगी, में बता नहीं सकता कि दोस्तों वो क्या हसीन पल थे? फिर थोड़ी देर के बाद में भाभी के साईड में लेट गया और उनकी गांड से अपनी कमर को सटा दिया और उनके पैरो को मोड़ दिया. अब मैंने अपना लंड उनकी चूत में लगाया और एक हाथ से उनको जकड़कर उनकी पीठ को अपने सीने से सटा लिया और एक हाथ से बूब्स दबाने लगा और गले पर किस करने लगा.
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अचानक एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा आधा लंड भाभी की चूत में घुस गया और भाभी की चीख निकल गयी. फिर मैंने कहा सीमा क्या हुआ? बहुत दर्द हो रहा है क्या? तुम बोलो तो निकाल लूँ. फिर उसने कहा मेरे प्रेम आज से तुम ही मेरे स्वामी हो, तुम्हें मेरी कसम है मेरे स्वामी जो अपना हथियार बाहर निकाला मेरे प्राणनाथ, इस दर्द के लिए तो में दो साल से तड़प रही हूँ.
मैंने एक झटका और मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया और भाभी के मुँह से एक और बड़ी चीख निकली. फिर मैंने कहा सीमा तो उसने गर्दन मोड़कर मेरी आँखो में देखकर कहा हाँ स्वामी, मेरा लंड उसकी चूत के अंदर था और में उसकी आँखो में तड़प देख रहा था. फिर मुझे ऐसा लगा जैसे अगर में उसे ऐसा करने को कहूँ तो वो मेरे लिए जान भी दे देगी, वो बहुत भावनात्मक पल था.
फिर मैंने उसे अपनी बाहों में कसकर ज़कड़ लिया और उसके गालों को काटने लगा. वो एक असंतुष्ट औरत की वासना नहीं, उसका प्रेम और समर्पण था. में खुद को बहुत भाग्यशाली समझने लगा. फिर मैंने पूरे दिल से उसकी चुदाई करनी शुरू कर दी अब हम दो जिस्म एक जान हो गये थे. फिर मैंने आगे से पीछे से कई स्टाईल से उसकी चुदाई की और पूरे कमरे में फच-फ़च छप-छप की आवाज़ गूंज़ने लगी और अब हम दोनों पसीने से पूरे भीग चुके थे, ऐसा लग रहा था कि चूत और लंड की कोई जंग चल रही है और इसी बीच वो कई बार झड़ी और उसने ढेर सारा पानी छोड़ा. फिर करीब आधे घंटे की लगातार चुदाई के बाद में भी अकड़ने लगा और उसकी चूत में ही झड़ गया. फिर मेरा गर्म लावा उसकी गर्म भट्टी को और गर्म करने लगा.
फिर कई धार छोड़ने के बाद में उस पर ऐसे गिरा जैसे कोई डाली पेड़ से टूट कर गिरती है और काफ़ी देर तक में उसके ऊपर पड़ा रहा. फिर जब हम नॉर्मल हुए तो मैंने उसकी आँखो मे देखा तो उसकी आँखो से पानी निकल रहे थे. फिर मैंने कहा मेरी रानी रो क्यों रही है? तो उसने कहा कि मेरे स्वामी ये खुशी के आसूं है आप नहीं समझोगे. आज से आप ही मेरे पति परमेश्वर हो.
हम दोनों ने बाथरूम में जाकर एक दूसरे को नहलाया और अंगो को सहलाया. फिर वो नंगी ही किचन में गयी और मेरे लिए गर्म दूध में शहद मिलाकर ले आई. फिर मैंने ग्लास टेबल पर रखकर उसे अपनी गोद में बैठा लिया तो उसके नरम मुलायम चूतड़ मेरे कड़क लंड पर धसने लगे. फिर मैंने उसके दोनों बूब्स को कसकर दबाते हुए कहा कि आज तो गिलास में पी रहा हूँ एक दिन इनमें से पीऊंगा. फिर उसी पोज़िशन में बैठे-बैठे हम दोनों ने उस दूध को बारी-बारी पिया. फिर हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और फिर उसने कहा स्वामी थोड़ा रूको.
फिर उसने अलमारी खोली और वो एक सिंदूर का डिब्बा और मंगलसूत्र ले आई और कहा स्वामी आज आप मेरी माँग भर दो. फिर मैंने भी उसकी माँग में सिंदूर भर दिया और मंगलसूत्र पहना दिया. उसने झुककर मेरे पैरों को छूना चाहा तो मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया और कहा सीमा तुम मेरी बीवी हो और तुम रात में मेरे कमरे में आना, तुम्हारी जगह मेरे दिल में है.
रात में उसने अपने पति, ससुर और सास के खाने में नींद की गोलियाँ मिला दी और जब वो सब बेहोश हो गये तो वो मेरे पास आई और मुझसे बेल की तरह लिपट गयी. फिर मैंने उसके पूरे कपड़े उतारे और उसने भी मेरे पूरे कपड़े ऊतारे. फिर मैंने तेल की बोतल उठाई और खूब सारा तेल अपने लंड पर लगाया, वो ये सब बस देख रही थी. फिर मैंने कहा कि चल मेरी रानी उल्टी लेट जा, आज शुरू होगी तेरी गांड चुदाई, तो उसने कहा मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई और मैंने सुना है बहुत दर्द भी होता है. तो मैंने कहा दर्द में ही तो मज़ा है. फिर सीमा बोली कि हाँ स्वामी इसी दर्द की तो में प्यासी हूँ.
फिर वो पेट के बल लेट गयी, फिर मैंने दो तकिये उसके पेट के नीचे लगायें तो उसकी गांड ऊपर हो गयी और फिर उसके दोनों पैर फैलाये और फिर मैंने ढेर सारा तेल उसकी गांड के छेद में डाल दिया. फिर एक उंगली से तेल अन्दर बाहर करने लगा तो उसे दर्द के साथ मजा आने लगा. फिर दो उंगली अंदर बाहर करने लगा. फिर मैंने कहा कि चल तैयार हो जा मेरी रांड अब बजाता हूँ तेरी मस्त गांड. फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर रखा और थोड़ा अंदर दबाया तो वो आह्ह्ह्ह ऊऊऊ ऊफफफफ करने लगी. फिर जब लंड गांड के छेद पर सेट हो गया तो मैंने उसके दोनों कंधो को हाथों से दबाया और कमर ठीक उसकी गांड के ऊपर सेट कर ली. में जानता था कि एक बार लंड अंदर चला जाए तो कितना भी दर्द हो सीमा सहन कर लेगी, लेकिन जब तक लंड अंदर नहीं जाता तब तक उसकी बॉडी को ढीला नहीं छोड़ना है.
फिर मैंने पहले ही सीमा के मुहं में कपड़ा डाल दिया था ताकि वो ज़ोर की आवाज़ ना कर सके और एक झटके से अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया. जैसे ही उसकी गांड में मेरा लंड गया तो मैंने उसकी पीठ पर अपना सीना और बॉडी गिरा दिया और उसके दोनों हाथों को पकड़ लिया. तो वो छटपटाने लगी और पैर पटकने लगी, उसकी बॉडी मेरी बॉडी के नीचे दबी हुई थी और में धीरे-धीरे करके आवाज़े निकाल रहा था. फिर में थोड़ी देर उसी पोज़िशन में लेटा रहा और उसकी आँख से आसूं आ रहे थे, लेकिन मैंने कोई दया नहीं दिखाई. फिर थोड़ी देर के बाद वो नोर्मल हुई तो मैंने उसकी गांड की खुदाई शुरू कर दी.
उसे भी मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी, अब मैंने उस पर ढील छोड़ी और मुहं से कपड़ा निकाला. फिर मैंने कहा कि मेरी रांड मज़ा आ रहा है या नहीं, तो उसने कहा कि पहले तो ऐसा लगा जैसे किसी ने गांड में मोटा डंडा डाल दिया हो, लेकिन अब पता चला कि गांड चुदवाने में कितना मजा आता है. फिर उसने कहा कि मेरी गांड को फाड़ दो, आज की रात मेरी यादगार रात बना दो स्वामी. मैंने उस रात उसकी 2 बार गांड मारी और एक बार चूत भी मारी और अपने सारे रस से रात भर उसकी चूत सींचता रहा.
फिर हमें जब भी मौका मिलता है तो हम एक दूसरे में समा जाते है. में तीन साल वहाँ रहा और मैंने उसे तीन साल में कई बार चोदा और दो बार उसे माँ बनने का सुख दिया. हमारी दो प्यारी प्यारी बेटियाँ है जो उस पर गयी है. फिर एक बार वो अपने मायके गयी थी, तब मैंने वहाँ से शिफ्ट करने में भलाई समझी और वहाँ से उसे बिना बतायें दूसरी जगह शिफ्ट हो गया. अपने अनैतिक बच्चो और बीवी से दूर होना आसान नहीं था, लेकिन इसी में सबकी भलाई थी और फिर मुझे ये कठोर फ़ैसला लेना पड़ा. आज वो खुश तो नहीं है लेकिन दु:खी भी नहीं है. में उसे बेवफा नहीं मानता हूँ, हर इंसान को खुश रहने का अधिकार है. उसने अब शायद समझोता कर लिया है अब उसके घर में खुशीयाँ है, क्योंकि अब वो बाँझ नहीं कहलाती है. दोस्तों ये थी मेरे जीवन की एक यादगार घटना. में सही हूँ या ग़लत में नहीं जानता और सोचता भी नहीं, अगर में ये सोचूँगा तो जी नहीं पाउँगा.
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अजीब रात ताई जी के साथ

हैल्लो फ्रेंड्स, ये मेरी पहली सच्ची स्टोरी है और में अक्सर इस वेबसाईट पर कहानियाँ पढ़ता रहता हूँ. अब में स्टोरी पर आता हूँ, मेरा नाम राजीव ठाकुर है और में राजस्थान का रहने वाला हूँ, में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ और मेरी उम्र 27 साल है. मेरे घर में मेरे पापा, माँ, भाई-भाभी और मेरा छोटा सा भतीजा है. मेरी ताई जी हमारे घर के पीछे अपने घर में रहती है, मेरी ताई जी के पति काफ़ी साल पहले शांत हो चुके है और ताई जी के कोई औलाद भी नहीं है, तो उन्होंने दो लड़के गोद ले रखे हैं और दोनों की शादी हो चुकी है और वो सब साथ रहते हैं.
ये बात अगस्त 2013 की है. ताई जी शाम को घर पर आई हुई थी, में ऑफिस से घर पहुंचा तो वो वहीँ बैठी थी, उस वक़्त मेरे मन में ताई जी को लेकर कुछ नहीं था. ताई जी की उम्र 55 साल है और उनकी हाईट 6 फुट है. ताई जी मेरी माँ से बात कर रही थी कि आज उनके घर के सारे सदस्य शादी में बाहर जा रहे हैं और वे 2 दिन बाद आयेगें तो वो घर पर अकेली है इसलिए राजीव हमारे घर सो जायेगा, तो माँ ने कह दिया कि कोई बात नहीं सो जायेगा. फिर रात हुई तो 8 बजे में ताई जी के घर चला गया. ताई जी अपने रूम में बैठी टी.वी देख रही थी. फिर मुझे देखकर कहने लगी कि आ गया, खाना खायेगा या खाकर आया है, तो मैंने कहा कि में खाना खाकर आया हूँ और बता दो कि में कौन से रूम में सोऊँ, तो उन्होंने कहा यहीं सो जाना इस दूसरे बेड पर.
फिर मैंने कहा ठीक है, उस टाईम भी मेरे मन में कुछ नहीं था. मेरी ताई जी रात को एक नींद आने वाली गोली लेकर सोती है उनको नींद की समस्या है. फिर रात के 10 बज चुके थे, लाईट बंद हो गयी और वो भी सो गयी और में भी सो गया. फिर 12 बजे मेरी आँख खुली तो में टायलेट जाने के लिए खड़ा हुआ और लाईट चालू की तो देखा कि ताई जी बेसुध होकर सो रही है और उनकी सलवार उनके पैर से ऊपर उठी हुई है और उनका सूट उनके पेट से ऊपर उठा हुआ है, उनका पेट बिल्कुल गोरा था और उनकी नाभि बहुत गहरी थी, उनकी जांघे मोटी थी और बहुत गोरी थी. मेरा लंड अचानक से ये देखकर खड़ा हो गया और में वहीं खड़ा होकर पास से ये सब देखने लगा, मेरा मन किया कि उनके पेट पर हाथ फेर दूँ और फिर सोचा कहीं जाग ना जायें. फिर मैंने सोचा कि ताई जी तो नींद की गोली खाकर सोती है और मैंने हिम्मत करके उनके पेट पर हाथ रख दिया, उनका पेट बिल्कुल नरम था और मैंने हाथ रखे रखा और में उनकी चारपाई के पास फर्श पर बैठ गया.
फिर मेरा एक हाथ उनके पेट पर था और एक हाथ से में अपना लंड पकड़ कर मुठ मार रहा था, मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है और मोटा थोड़ा ज़्यादा है ताई जी को कुछ मालूम नहीं था. फिर में धीरे-धीरे से हाथ को उनके पेट पर फेरने लगा, उनकी नाभि के अंदर उंगली डालकर घुमाने लगा. ओह्ह गॉड मेरे लंड का सरिया बन गया था और रोड की तरह बहुत सख़्त हो गया था.
फिर धीरे-धीरे मैंने उनका सूट ऊपर उठा दिया और उनके बूब्स के पास हाथ पहुंचा दिया, उनके बूब्स लटके हुए थे और उनके निप्पल भी ढीले हो गए थे. मेरा मन किया कि में निप्प्पल को मुँह में डाल लूँ. फिर तभी ताई जी ने करवट ले ली और मेरा हाथ उनके बूब्स के नीचे दब गया. फिर धीरे से मैंने अपना हाथ निकाला और उनका सूट पूरा ऊपर उठा दिया. फिर मुझे उनके बूब्स बिल्कुल साफ नज़र आने लगे और में कंट्रोल से बाहर होने लगा.
फिर मैंने हिम्मत करके उनका एक बूब्स हाथ में ले लिया और दबाना शुरू कर दिया, ताई जी नींद में सिसकियां लेने लगी. फिर मेरा हौंसला बढ़ गया और में ताई जी के साथ चारपाई पर लेट गया और उनको पीछे से हग करके उनके पैरो में अपने पैर फंसाकर लेट गया और उनके बूब्स दबाने लगा, वो नींद से थोड़ा जागने लगी थी.
फिर मैंने अपने सारे कपड़े ऊतार दिए थे और ताई जी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. वो अभी जागी नहीं थी, लेकिन उनकी पकड़ मेरे लंड पर टाईट हो गयी थी और लंड को थोड़ा-थोड़ा हिलाने भी लगी थी, लेकिन जब मैंने उनकी सलवार में हाथ डाला और उनकी सलवार को खोलने लगा तो वो नींद से जाग गयी, लेकिन थोड़ा सा दवाई का असर था तो वो पूरी तरह नहीं जागी थी. उन्होंने देखा कि में उनके पास नंगा पड़ा हूँ और वो भी आधी नंगी हो गई थी और उनका हाथ मेरे लंड पर है.
फिर उन्होंने मुझे नीचे गिरा दिया और कहने लगी कि तुझे शर्म आनी चाहिए, तू कैसे गंदे काम कर रहा था, में उनके सामने नंगा खड़ा था और मेरा लंड भी बैठ गया था, लेकिन मैंने देखा कि वो बार-बार मेरे लंड की तरफ देखे जा रही है, में उनके पास जाकर खड़ा हो गया और उनको कहने लगा कि प्लीज़ घर पर मत कहना. फिर जब में उनके पास खड़ा था तो मेरा लंड उनकी बाजू से टच होकर फिर से खड़ा हो गया और उन्होंने कुछ नहीं कहा और मैंने हौसला करके उनका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया तो वो कुछ नहीं बोली और मेरा लंड पकड़ लिया.
फिर में उनके ऊपर लेट गया और उनको अपने नीचे लेटा लिया, उन्होंने अपने दोनों पैर खोलकर मुझे अपने बीच में ले लिया, लेकिन जब मैंने उनके होंठ चूसने चाहें तो वो मना करने लगी और बोली ये कौन करता है, उन्होंने कहा कि ऐसा उन्होंने कभी नहीं किया. फिर मैंने कहा करके देखो और मैंने अपनी जीभ उनकी जीभ में डाल दी, फिर वो भी मेरे होंठ चूसने लगी. फिर मैंने उनके निप्पल्स चूसे तो निप्पल्स सख़्त होकर खड़े हो गये और वो मेरे लंड को ज़ोर से पकड़कर हिलाने लगी और कहने लगी हम कुछ ग़लत तो नहीं कर रहे है ना.
फिर मैंने कहा कि वो बाद में देखेंगे, फिर ताई जी मेरे लंड से पूरा खेल रही थी और कहने लगी तेरा तो बहुत सख़्त हो रहा है और मोटा भी है. फिर उन्होंने कहा कि उन्होंने 15 साल से कोई सेक्स नहीं किया और लंड भी नहीं देखा, तेरे ताऊ जी का लंड इतना सख़्त कभी नहीं होता था. फिर मैंने उनकी सलवार खोल दी, वो नीचे कुछ नहीं पहनती थी.
फिर मैंने उनकी चूत पर हाथ रखा तो वो गीली हो रही थी. फिर मैंने देखा कि उनकी चूत बिल्कुल टाईट हो गयी है, जैसी कुँवारी लड़की की होती है. फिर मैंने कहा ताई जी आपकी चूत तो बहुत टाईट है और बहुत लंबी भी है, तो वो कहने लगी कि मेरी हाईट ज़्यादा है इसलिए ये लंबी है और 15 साल से कुछ किया नहीं इसलिए ये टाईट हो गयी है. फिर में चूत में उंगली डालने लगा तो उन्होंने मना कर दिया और क़हने लगी कि अपना लंड डाल इसमें, में बहुत तड़पती हूँ, आज मुझे फिर से सुहागन बना दे.
मैंने कहा — ठीक है.
फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा तो लंड अंदर नहीं जा रहा था.
ताई जी — थोड़ा तेल लगा ले.
में — नहीं थूक लगा दूँ.
ताई जी — ठीक है.
फिर में थूक लगाकर लंड को घुसाने लगा और लंड का ऊपरी हिस्सा जिसे टोपा कहते हैं वो अंदर चला गया और ताई जी जोर-जोर से चिल्लाने लगी, फिर मैंने आराम-आराम से पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
फिर ताई जी आहह आअहह करने लगी और कहने लगी कि तेरा लंड बहुत बड़ा है लेकिन बहुत अच्छा है. फिर मैंने मेरे झटको की स्पीड तेज कर दी थी, उन्होंने अपने पैर पूरे ऊपर उठा लिए थे और कमर उठा उठाकर मेरा साथ दे रही थी. फिर वो कहने लगी कि वो झड़ने वाली है तो मैंने मेरा लंड बाहर निकाल लिया तो वो गुस्सा हो गयी और बोली कि बाहर क्यों निकाला?
फिर मैंने कहा रुक जाओ और होंठ चूसने लगा. फिर मैंने कहा कि ताई जी अब घोड़ी बन जाओं, तो वो कहने लगी कि मुझे ऐसे नहीं करना है, तू पैरो के बीच में आकर कर ले. फिर मैंने कहा एक बार करके तो देखो अगर अच्छा नहीं लगे तो वैसे ही करेगें, तो वो मान गयी और घोड़ी बन गयी, उनकी हाईट की वजह से घोड़ी बनकर वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर मैंने भी बिना देर किए लंड को चूत में डाल दिया और वो चिल्लाई ओह्ह्ह माँ में मर गयी. फिर मैंने उनके चूतड़ पर हाथ रखकर अपनी स्पीड तेज कर दी और वो मेरा पूरा साथ देने लगी और बोली कि ऐसे तो बहुत मज़ा आता है.
फिर में लंड अंदर बाहर कर रह था और वो आअहह आआहह आआअहह करके मज़े ले रही थी. फिर मैंने पूरा आधा घंटा उनको चोदा और वो झड़ गयी और फिर मैंने कहा कि मेरा भी होने वाला है, तो वो बोली कि अंदर ही गिरा दे, ये सुनते ही में उनके अंदर ही झड़ गया. फिर हम लेटे रहे और ताई जी कहने लगी कि तू ये किसी को बतायेगा तो नहीं, फिर मैंने कहा ये बातें भी कोई बताने की होती है और वो धीरे-धीरे से मेरे लंड को छेड़ने लगी और मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.
फिर मैंने कहा कि अब कुत्तिया बन जाओ और फिर उन्होंने कहा कि तेरी मर्ज़ी है में तो तैयार हूँ. फिर मैंने कहा फिर घोड़ी बन जा, तो वो कहने लगी कि नहीं पैरों के बीच में आकर करने से पूरा लंड अन्दर जाता है. फिर उन्होंने अपने पैरों को खोल लिया और में बीच में जाकर लेट गया और बूब्स दबाने लगा, निपल चूसने लगा और फिर ताई जी कहने लगी कि बस कर अब तो वो डाल अंदर. फिर जैसे ही मैंने लंड अन्दर डाला ताई जी कहने लगी कि तेरे लंड का तो मजा ही अलग है बहुत सख़्त रहता है और अंदर तक जाकर लग रहा है.
ताई जी — ज़ोर-ज़ोर से कर और तेज-तेज कर. पहले क्यों नहीं मिला तू मुझको? आज पूरा चोद ले अपनी ताई को.
फिर मैंने कहा ताई जी तेरी चूत बहुत लंबी है, ऐसी चूत मैंने कभी नहीं देखी. फिर मैंने कहा ताई जी तेरी गांड मारने का मन कर रहा है और मैंने मेरा लंड बाहर निकाल लिया. फिर ताई जी ने मेरा लंड पकड़कर फिर से चूत में डाल लिया और बोली पहले इसकी तड़प मिटा दो. फिर मैंने ताई को फिर से बहुत देर तक चोदा और ताई जी बहुत जोर-जोर से चिल्ला रही थी और ज़ोर-ज़ोर से कह रही थी कि आज तो में मर गयी और मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ रखा था और अचानक से ताई जी झड़ गयी.
फिर कब सुबह के 5 बज गये पता ही नहीं लगा. फिर मैंने सुबह 6 बजे फिर से ताई जी की चूत मारी ली, लेकिन इस बार मैंने कहा ताई जी खड़ी होकर चूत दे, तो वो खड़ी हो गयी उसकी ज़्यादा लम्बाई होने के कारण मेरा लंड उनकी गांड के ऊपर लग रहा था. फिर मैंने ताई जी का एक पैर बेड पर रख लिया और एक फर्श पर रख दिया फिर लंड उसकी चूत में डाला और मैंने जैसे ही लंड चूत में डाला तो उसके मुँह से ज़ोर से चीख निकली. मैंने लगातार 15 मिनट तक खड़े खड़े किया, जब में कर रहा था तो उसके बूब्स मेरे हाथ में थे और वो कह रही थी, तू मेरी रोज चुदाई किया कर, अब मुझसे तेरे लंड के बिना नहीं रहा जायेगा. एक वो दिन था और एक आज का दिन है, ताई जी रोज 6 बजे शाम को मेरे पास फोन करती है और हम उनके दूसरे घर में जाकर पूरा 1 घंटा चुदाई करते हैं. अब तो वो मेरे लंड को चूसने भी लगी है.
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आंटी को चोदकर औरत बनाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम लक्की शर्मा है और में गुजरात का रहने वाला हूँ एक दिन सोचा कि क्यों ना में भी अपनी जिन्दगी की एक सच्ची घटना को अपने इसके चाहने वाले दोस्तों के साथ शेयर करूं? जिसमे मैंने एक मस्त, सेक्सी आंटी और उसकी छोटी बहन को चोदा और बहुत मज़े किये वो घटना में आज आप सभी को विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ, लेकिन यह मेरी पहली कहानी है और अगर मुझसे इसमें कोई गलती हो तो प्लीज मुझे माफ़ करें दोस्तों में एक प्राईवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ
दोस्तों अब आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए में अपनी कहानी शुरू करता हूँ दोस्तों यह दिसम्बर की बात है, जब उस समय मुझे अपने ऑफिस के किसी जरूरी काम से अहमदाबाद जाना था में बस पकड़ने के लिए शहर के बस स्टेंड पर गया, लेकिन वहां पर उस समय कोई भी बस अहमदाबाद जाने के लिए तैयार नहीं थी फिर मैंने पास ही के पूछताछ काउंटर से अहमदाबाद की बस के बारे में पूछा तो उस खिड़की पर बैठे हुए अंकल ने मुझे बताया कि करीब ½ घंटे के बाद बस आ जाएगी और फिर तब तक में बस का इंतजार करने लगा उस समय वहां पर बहुत भीड़ थी और वहाँ अधिकतर लोग भी अहमदाबाद की बस का इंतजार कर रहे थे
तभी कुछ देर खड़े रहने के बाद मेरी नज़र वहाँ पर एक मस्त आंटी पर गई, वो मुझे बार बार चोर नज़रो से देख रही थी वो दिखने में एकदम हॉट सेक्सी आंटी थी, उनकी उम्र करीब 38 साल के आस पास थी, लेकिन में उनको नज़रअंदाज करके अपनी बस का इंतजार करने लगा और करीब 35 मिनट के इंतजार के बाद एक बस अहमदाबाद जाने के लिए अपने प्लेटफार्म पर लगी और जैसा कि मैंने पहले आप सभी को बताया कि उस समय वहां पर बहुत भीड़ थी और वो सभी बस को पकड़ने के लिए बस की तरफ भागे, लेकिन वहाँ सबसे पहले औरतों को बस के अंदर जाने दिया जा रहा था वहां पर कुछ गिनती की ही औरतें थे और वो सब अंदर जा चुकी थी
फिर कुछ देर बाद मेरा नंबर आया और बहुत मुश्किल से में भी बस के अंदर चला गया, लेकिन तब तक सभी सीट फुल हो चुकी थी और तभी मैंने एक प्यारी सी आवाज़ सुनी और जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो आवाज़ उन्ही आंटी की थी, जो मुझे बार-बार बस स्टैंड पर देख रही थी और वो मुझे आवाज़ लगा रही थी, क्योंकि उन्होंने मेरी लिए एक सीट रोकी हुई थी फिर में उनके पास गया और उनकी बगल में बैठ गया और फिर मैंने उनको मेरे लिए सीट रोकने के लिए धन्यवाद कहा फिर उन्होंने मुझे वेलकम कहा और उसके कुछ समय बाद बस वहाँ से रवाना हो गई और फिर हमारी इधर उधर की बातें शुरू हो गई, जैसे कि में कहाँ पर जा रहा हूँ और मेरे पूछने पर उन्होंने मुझे बताया कि वो भी अहमदाबाद में अपने किसी रिश्तेदार के घर पर जा रही थी
फिर उन्होंने मुझसे मेरा नाम पूछा और फिर पूछा कि तुम क्या करते हो फिर मैंने भी उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने मुझे अपना नाम सुमन बताया और मैंने भी मजाकी अंदाज में कहा कि वाह बहुत मीठा नाम है फिर उन्होंने मुझे एक स्माईल दी और उसके बाद उन्होंने मुझसे मेरे परिवार और मेरे शादीशुदा के बारे पूछा और फिर मैंने उनको बताया कि में अभी तक कुंवारा हूँ और फिर उन्होंने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे पूछा मैंने कहा कि मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है फिर मेरे मुहं से मेरा जवाब सुनकर बहुत चकित होकर कहा कि ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि तुम्हारे जैसे अच्छे दिखने वाले लड़के की कोई गर्लफ्रेंड नहीं हो? फिर मैंने उनको बहुत देर तक समझाकर विश्वास दिलवाया कि हाँ मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है और फिर हमारे बीच में बहुत देर तक बातें होती रही फिर मैंने उनसे उनके पति के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे बताया कि उनके पति एक सरकारी विभाग में नौकरी करते है
फिर उसके बाद मैंने उनसे उनके बच्चों के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे बताया कि उनके अभी तक कोई भी बच्चा नहीं है और वो यह बात मुझको बताते समय बहुत उदास लग रही थी और उसके बाद मैंने उनके परिवार के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे बताया कि वो अपने घर पर सिर्फ अपने पति के साथ रहती है और उनके सास-ससुर गावं में रहते है
फिर कुछ देर के बाद बस एक स्टॉप पर रुकी तो वहां से मैंने कुछ पानी के पाउच और स्नेक्स लिए और मैंने आंटी से पानी के लिए पूछा तो उन्होंने मुझसे एक पानी का पाउच ले लिया और मुझे धन्यवाद कहा और उसके बाद बस फिर से रवाना हो गई और मैंने एक स्नेक्स का पाउच खोलकर उनकी तरफ बड़ाया तो उन्होंने उस पैकिट में से कुछ स्नेक्स ले लिए और फिर ऐसे ही एक स्नेक्स के पाउच में से हम दोनों स्नेक्स खा रहे थे तो उसी दौरान मेरा हाथ बार-बार उनको स्नेक्स देते समय उनके एकदम मुलायम बूब्स से छू रहा था, लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा और हर बार स्माईल दे रही थी और अब तो में भी कुछ कुछ गरम हो गया था
फिर में उनको आजमाने के लिए अपना एक हाथ उनकी कमर की तरफ़ ले जाकर मैंने उनकी कमर को छुआ तो उन्होंने मेरी तरफ देखकर एक स्माईल दी और अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और धीरे धीरे हाथ को आगे बड़ाकर मेरे लंड को सहलाने लगी, मुझे उनका यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था फिर में भी अपने हाथ से उनके बूब्स को छूने लगा और वो भी तेज़ी से मेरा लंड सहलाने लगी, लेकिन इस दौरान हमारी कोई बात नहीं हो रही थी, बस हम दोनों अपनी नज़रे झुकाकर यह सब कर रहे थे और कुछ टाईम बाद उन्होंने अपना हाथ मुझसे अलग कर लिया, क्योकि अब हमारी बस अहमदाबाद शहर के अंदर पहुंच गई थी और उसके बाद उन्होंने मुझसे मेरा मोबाईल नंबर माँगा फिर मैंने उनको अपना मोबाईल नंबर दे दिया और मैंने उनसे उनका मोबाईल नंबर ले लिया और कुछ ही मिनट में हमारी बस गीता मंदिर स्टेंड पहुँच गयी हम एक दूसरे को बाय कहकर अलग-अलग दिशा में चले गये फिर मैंने अहमदाबाद में पहुंचकर अपना सारा काम खत्म करके उसी शाम को में बस से अपने घर पर आ गया और जब अगले दिन मैंने उनके नंबर पर कॉल किया तो उनका मोबाईल नंबर स्विच ऑफ आ रहा था
फिर मैंने बहुत बार ट्राई किया, लेकिन वो नंबर हमेशा स्विच ऑफ ही रहा और फिर मैंने अगले दिन भी फिर से ट्राई किया, लेकिन फिर भी स्विच ऑफ और मुझे ऐसा करते करते 15 दिन निकल गये और इस दौरान में यह सब बातें बिल्कुल भूल चुका था फिर एक दिन अचानक उनके नंबर से मुझे कॉल आया और मैंने कॉल पिक किया तो उन्होंने मुझे बताया कि वो अहमदाबाद से कल ही आई है और उनका फोन वहां पर पानी में गिरकर खराब हो गया था और उस दिन ऐसे ही हमारे बीच में फोन पर नॉर्मल बातें होने लगी, लेकिन अब हम हर कभी एक दूसरे को फोन करने लगे और लगातार हमे ऐसा करते हुए करीब बीस दिन हो गए तभी एक दिन शाम को 8 बजे उनका फोन आया कि उनके पति दो दिनों के लिए मुंबई जा रहे है और फिर उन्होंने मुझे अपने घर पर 11 बजे बुलाया
फिर उसके बाद में अपनी बाईक़ लेकर 11 बजे उनके बताए हुए पते पर पहुंच गया और जैसे ही मैंने उनके घर की घंटी बजाई तो उन्होंने दरवाजा खोला और मेरी तरफ स्माईल देकर मुझे अंदर आने को कहा और फिर में तो आज बस आंटी को देखे ही जा रहा था, क्योंकि आज वो हल्के गुलाबी कलर के गाऊन में सेक्स की देवी लग रही थी फिर उन्होंने मुझसे बोला कि क्या तुम मुझे देखते ही रहोगे या बैठोगे भी? फिर मैंने कहा कि आंटी प्लीज आज आप मेरी बात का बिल्कुल भी बुरा मत मानना, क्योंकि आज आप इस ड्रेस में बहुत सेक्सी लग रही हो फिर उन्होंने मेरी तरफ स्माईल देकर मुझसे ब्रेकफास्ट के बारे में पूछा, लेकिन मैंने साफ मना कर दिया फिर वो बोली कि ऐसे थोड़ी चलता है और आज तुम मेरे घर पर पहली बार आए हो, तुम्हे कुछ तो लेना ही पड़ेगा
फिर मैंने उनसे एक कप चाय के लिए बोला और फिर वो चाय बनाने किचन में चली गई और दो कप चाय लेकर ड्रॉयिंग हॉल में आई और एक कप मुझे देकर मेरे पास में बैठ गयी हम दोनों चाय पीने लगे और फिर वो मुझसे मेरे घर के बारे में पूछने लगी और मैंने आंटी से कहा कि आंटी अगर आपकी शादी नहीं हुई होती तो आज ही में आपसे शादी कर लेता
फिर वो मेरी यह बात सुनकर हंसी और मेरा गाल पकड़कर कहने लगी कि फिर शादी के बाद क्या करता? फिर मैंने कहा कि में आपको दिन रात बस प्यार करता और आपका ख्याल रखता फिर वो मेरी यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी और कहने लगी कि तो क्या हुआ, अब कर ले? अब तक हम दोनों की चाय खत्म हो चुकी थी
फिर मैंने आंटी को पकड़ लिया और उनको स्मूच करने लगा फिर वो भी मुझे स्मूच कर रही थी और साथ में मेरा लंड पेंट के ऊपर से दबा रही थी और फिर मैंने उनको स्मूच करते करते उनका गाऊन ऊपर कर दिया और उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, उनका फिगर करीब 32-34-36 साईज का था फिर स्मूच करने के बाद मैंने उनके गाऊन को ऊपर से निकाल दिया और ब्रा के हुक खोल दिए और उनके बूब्स को सक करने लगा उनका एक हाथ मेरी कमर को सहला रहा था और दूसरा मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था और वो ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्हह्ह्ह्ह वाह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से सक करो, हाँ खा जाओ इन्हें उह्ह्ह्ह
फिर उनकी बात सुनकर में और भी उत्तेजित होकर उनको और तेज़ी से सक करने लगा और उनके बूब्स को काटने लगा और इसी दौरान उन्होंने मेरी पेंट की जीप खोलकर अपना हाथ मेरी अंडरवियर में डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया फिर उन्होंने मुझे अचानक अपने से अलग किया और मेरी पेंट और अंडरवियर को मेरे पैर से बाहर निकाल दिया और मेरे लंड को देखकर कहने लगी कि वाह क्या मस्त लंड है? फिर मैंने कहा कि क्या आंटी आपने कभी अंकल का लंड नहीं देखा?
फिर वो बोली कि यह तो बहुत मोटा और लंबा है, उनका लंड तो तुम्हारे लंड का 1/4 हिस्सा भी नहीं है और फिर वो रोने लगी और कहने लगी कि में आज तक ऐसे लंड के लिए प्यास की आग में जलती रही फिर मैंने उनको समझाया कि अब आज से यह लंड आपका ही है फिर वो कुछ देर चुप हुई और लंड को सहलाने लगी मेरा लंड तो पहले से कड़क था और उनके कोमल कोमल हाथों का स्पर्श पाकर और भी कड़क हो गया फिर आंटी ने मुहं में लेकर मेरे लंड को आईस्क्रीम की तरह चूसने लगी और वो मेरे लंड को ऐसे पागलों की तरह चूस रही थी कि जैसे उनको बहुत सालों के बाद आज भगवान मिल गया हो और में भी उनके बूब्स को सक कर रहा था और करीब 30 मिनट के बाद मैंने उनको अलग किया और उनकी पेंटी को उतार दिया
दोस्तों आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि उनकी चूत थी या गुलाब का फूल, एकदम साफ शेव की हुई और डबल रोटी की तरह फूली हुई, उनकी चूत को देखकर मेरे मुहं में पानी आ गया और फिर में उनकी चूत को सक करने लगा और अपनी जीभ को उनकी चूत के अंदर डालकर सक करने लगा (हाँ दोस्तों मुझे चूत सक करना बहुत ही अच्छा लगता है) और वो लंबी लंबी सांसो के साथ सिसकियाँ ले रही थी और अब वो बहुत अलग तरह की आवाजें निकाल रही थी, हाँ और ज़ोर से वाहूऊऊओ चूसो अह्ह्ह्हह्ह हाँ आज इसे खा जाओ मेरी उफ्फ्फफ्फ्फ़ इस प्यासी चूत को उईईईईई आज बुझा दो इसकी प्यास और मेरे मुहं को अपनी चूत के मुहं पर अपने दोनों हाथ से दबा रही थी और मैंने करीब 20 मिनट तक उनकी चूत को सक किया और उसके बाद वो मुझसे बोली कि लक्की अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज मुझे आज जमकर जबरदस्त चोदो और मेरी चूत को एकदम शांत कर दो, इसकी तुम आज भूख मिटा दो
फिर में उनको एकदम नंगा ही अपने दोनों हाथों में उठाकर उनके बेडरूम में ले गया और उनको डॉगी स्टाईल में खड़े होने को बोला, वो डॉगी स्टाईल में खड़ी हो गयी और में उनके पीछे जाकर अपने लंड को उनकी चूत पर सेट करने लगा, लेकिन उनकी चूत का छेद इतना टाईट था कि मुझे ऐसा लग रहा था कि वो शायद आज बहुत दिनों के बाद चुदवा रही हो और मैंने जैसे ही अपने लंड का ऊपरी भाग उनकी चूत में डाला तो वो दर्द से चीखने लगी, हाए में उह्ह्ह्हह्ह् प्लीज थोड़ा धीरे मर आईईईइ गयी, में इस लंड को उफफ्फ्फ्फ़ सहन नहीं कर सकती
फिर मैंने आंटी से बोला कि आंटी आज थोड़ा सा सब्र रखो, क्योंकि आज पहली बार आपकी चूत मेरे लंड से खुल रही है, आपको थोड़ा दर्द तो होगा ही, लेकिन उसके बाद आपको लाईफ का मज़ा आ जाएगा, जो आज तक आपने कभी भी नहीं लिया फिर मेरी यह बात सुनकर वो कुछ नरम पड़ी और उसके बाद मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और उनकी चूत पर भी तेल की मालिश की और धीरे धीरे अपने लंड को उनकी चूत में डालने लगा और वो दर्द से चीख रही थी और उनकी आँखों में से बड़े बड़े आँसू निकल रहे थे और में अपना आधे से ज़्यादा लंड उनकी चूत में डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था और फिर मैंने देखा कि उनकी चूत में से छोटी छोटी खून की बूंदे बाहर आ रही थी, लेकिन मैंने उनको बोला नहीं और लगातार उनको चोदता रहा
फिर धीरे धीरे धक्कों के साथ मैंने अपना पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और चुदाई करने लगा फिर कुछ देर बाद आंटी भी कुछ नरम हो गयी थी और अपनी गांड को पीछे की तरफ धकेल रही थी और मुझे उकसा रही थी फिर में भी अब धीरे धीरे अपनी स्पीड बड़ाने लगा और वो तेज सिसकियाँ लेने लगी आह्ह्हह्ह्ह्ह और ज़ोर से चोदो मुझे, ऐसा लंड मैंने पहली बार देखा और अपनी चूत में लिया है अह्ह्ह्हह थोड़ा और ज़ोर से हाँ और ज़ोर से धक्का देकर मेरी चूत को चोदो
दोस्तों उनका पूरा रूम उनकी सिसकियों की आवाज से गूँज रहा था और अब में भी अपनी फुल स्पीड से उनको धक्के देकर चोद रहा था और इसी बीच वो तीन बार झड़ चुकी थी, लेकिन अब में भी बहुत ही जल्द झड़ने वाला था फिर मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज कर दिया और एक ही झटके में अपना सारा वीर्य उनकी चूत में भर दिया और कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए और थकावट की वजह से हम दोनों नंगे ही बेड पर एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे, लेकिन एक घंटे के बाद आंटी मेरे लंड को फिर से सहलाने लगी और मेरा लंड फिर से कड़क होकर खड़ा होने लगा और आंटी कहने लगी कि आज तेरी वजह से मेरी पहली बार सील टूटी है (दोस्तों उन्होंने अपना चूत से निकला हुआ खून देख लिया था) और वो कहने लगी कि आज तेरी वजह से ही मुझे अपनी लाईफ में लाईफ जीने का मकसद मिला है, नहीं तो मैंने अपनी लाईफ को बेकार ही समझ लिया था और वो कहने लगी कि आज तेरी वजह से ही मुझे आज नया जीवन मिला है, जिसके लिए में पिछले कई सालों से तड़प रही थी, आज से तू ही मेरा सब कुछ है और आज से तू ही मेरी चूत का मालिक है और तू मुझे कभी भी आकर चोद सकता है, में तुझे मना नहीं कर सकती
फिर मैंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, आपने भी तो मुझे अपनी चूत से प्यास बुझाने का मौका दिया है और वो लगातार मेरे लंड को सहला रही थी और फिर कुछ देर के बाद चूस भी रही थी अब तक हम दोनों फिर से गरम हो चुके थे और उसके बाद वो मेरे ऊपर आकर अपने पैरों के सहारे मेरे पेट पर बैठकर मेरे लंड को अपनी चूत के मुहं पर सेट करके लंड के ऊपर नीचे होने लगी और में उसकी कमर को पकड़कर उसे सहारा देकर लंड को अंदर तक डालने लगा और ऐसा हमने 20 मिनट तक किया
उसके बाद में उसके ऊपर आकर वो मेरे नीचे लेटकर मैंने उसको 40 मिनट तक चोदा और उसके बाद मैंने अपना सारा स्पर्म उनकी चूत में डालकर हम अलग अलग हुए, लेकिन अब तक हम बहुत थक चुके थे और फिर उसके बाद हमने साथ में बाथ लिया और बाथरूम में मैंने उनकी चूत पर साबुन लगाकर उसको साफ किया और सुमन ने भी मेरे लंड पर शेम्पू लगाकर बहुत अच्छी तरह घिस घिसकर साफ किया और फिर हम दोनों बाथरूम में ही 69 पोज़िशन में एक दूसरे के अंगो को सक करने लगे दोस्तों उसने मेरे लंड को और मैंने उनकी चूत को करीब बीस मिनट तक अच्छी तरह साफ किया और एक बार फिर हम दोनों झड़ चुके थे और मैंने उनकी चूत का सारा पानी पिया, वाह क्या स्वाद था एकदम नमकीन, मज़ा आ गया और फिर हम बाहर आए
फिर मैंने उनसे घर जाने की अनुमति माँगी तो पहले उन्होंने मुझे साफ मना कर दिया और वो मुझसे कहने लगी कि तुम अपने घर पर जाकर क्या करोगे? लेकिन मैंने उनको एक बार फिर से आने का वादा किया और में वहां से से निकल गया फिर दूसरे दिन भी मैंने उनको जमकर चोदा और ऐसे ही हमने दो दिन तक लगातार बहुत मज़े किए और उन्होंने मुझसे कहा कि में आज से उन्हे आंटी कहकर नहीं बुलाऊंगा और उन्होंने मुझसे उन्हे सिर्फ सुमन कहने का वादा लिया, लेकिन दो दिन तक लगातार बहुत मज़े लेने के बाद तीसरे दिन उसके पति आ गये, लेकिन फिर भी हम उनकी गैरहाजरी में बहुत मज़े लेने लगे उनके पति जब भी घर से बाहर जाते तो वो मुझे फोन करके अपने घर पर बुला लेती और में उनको जमकर चोदता हूँ
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भाभी की चूत का दरवाजा खोला

हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम बबलू है मेरी यह स्टोरी बिल्कुल सच्ची है. ये स्टोरी मेरी और मेरी भाभी रेशमा की है जो कि मेरे दिल की रानी है. यह कहानी तब से शुरू हुई जब रेशमा दुल्हन बनकर मेरे घर आई थी. रेशमा की शादी को 6 साल हो चुके है और वो मेरे भाई की पत्नी है, रेशमा अभी 34 साल की है और ये हमारी चुदाई की घटना 3 महीने पहले की है. में जुलाई के महीने में अपने गावं गया था जो कि उत्तर प्रदेश में है. मेरे गावं में मेरे बड़े ताऊ जी, उनकी पत्नी, उनका बेटा और उनकी बहु रेशमा रहती है, रेशमा को 1 बेटा और 1 बेटी है. एक सुबह में लेट सोकर उठा, करीब दिन के 11 बज गये थे, क्योंकि मैंने पिछली रात जमकर शराब पी थी तो उसका खुमार छाया हुआ था.
फिर उठकर में पीछे आँगन की तरफ गया जहाँ पर हेण्डपम्प लगा था और नहाने और मुँह हाथ धोने की पूरी व्यवस्था थी. उस समय घर पर कोई नहीं था, क्योंकि ताऊ जी और भाई खेत पर गये थे और दोनों बच्चे स्कूल गये थे और ताई जी भी कहीं दिखाई नहीं दे रही थी, तो में मुँह हाथ धोने आँगन की तरफ़ गया और में जैसे ही वहाँ पहुँचा तो वहां का सीन देखकर में हिल गया, मेरी सारी खुमारी छू मंतर हो गयी.
मेरी रेशमा भाभी हेण्डपम्प के पास बैठकर नहा रही थी और उसके बदन पर सिर्फ़ एक लाल रंग का पेटीकोट था, जिससे उसने अपनी दोनों चूचीयाँ ढक रखी थी और पेटिकोट घुटने तक फैला हुआ था. गावं में औरतें ऐसी ही नहाती है. रेशमा की पीठ मेरी तरफ थी और वो ठंडे-ठंडे पानी से नहाने का लुफ्त उठा रही थी. रेशमा की पीठ दूध की तरह गोरी थी, मुझे पीछे से उसकी गोरी-गोरी नंगी पीठ उत्तेजित कर रही थी. वो लगभग कमर तक नंगी थी और मेरा लंड उसकी पूरी नंगी पीठ को देखकर तन गया था.
अब रेशमा ने साबुन लगाना स्टार्ट कर दिया, पहले उसने अपने पैरो पर साबुन लगाया और ढेर सारा झाग बनाया, फिर साबुन लगाते-लगाते उसका हाथ घुटनो तक पहुँच गया तभी अचानक उसने अपने पेटिकोट को ऊपर खींचा और लगभग कमर तक उठा लिया. अब मुझे उसकी गोरी-गोरी जांघें साईड से दिखने लगी. मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि रेशमा अंदर से इतनी गोरी और सुंदर होगी, उसकी जांघें मोटी-मोटी और लंबी थी. मुझे ऐसा लगा जैसे वो अपनी जांघों पर रोज़ बेसन का लेप लगाती है. अब वो पूरी जांघों पर साबुन रगड़ने लगी और ढेर सारा झाग बना लिया, उसकी जांघो पर झाग को देखकर मेरे लंड से भी झाग जैसा कुछ टपकने लगा तो जैसे पेशाब छूटने वाला हो रहा था. फिर अपनी जांघों पर साबुन रगड़ने के बाद वो अपने हाथ को जांघों के बीच ले गयी और वहाँ साबुन रगड़ने लगी. ये सब देखकर मेरा बुरा हाल हो गया और में आउट ऑफ कंट्रोल हो गया.
फिर रेशमा ने पेटिकोट अपनी कमर से भी ऊपर उठा लिया और अपनी गांड नंगी कर ली और अपने तरबूज जैसे गोल-गोल चूतड़ो पर बैठ गयी, हाय उसकी गांड की क्या बनावट थी? उसकी गांड बड़ी मोटी थी और उसकी गांड के बीच का छेद भी काफ़ी गहरा था, उसकी एक-एक साईड की गांड 10-10 किलो के तरबूज जैसी थी. फिर रेशमा ने अपनी गांड पर जमकर साबुन लगाया और खूब रगड़ा और फिर उसने अपनी गांड के छेद में साबुन लगाने के लिए छेद में उंगली घुसा दी. वो क्या नज़ारा था?
उसकी गांड का छेद चॉकलेट की तरह ब्राउन था और वो अपनी बीच वाली उंगली गांड के छेद में अंदर बाहर कर रही थी. तभी अचानक से मेरा माल मेरे पजामे में ही छूट गया, अब तक रेशमा ने पूरे बदन पर साबुन रगड़ लिया था, लेकिन उसकी चूचीयाँ अब भी पेटिकोट में छुपी थी, तो रेशमा ने अपना पेटिकोट नीचे किया और अपनी दोनों चूचीयाँ प्रदर्शित कर दी. में उसके पीछे खड़ा था और फिर उसकी भारी-भारी गोल चूचीयों को साईड से देख रहा था. मेरी भाभी की गजब की बड़ी-बड़ी चूचीयाँ थी, लगता है भैया सारी रात चूचीयों को मुँह में ही रखते थे.
अब भाभी चूचीयों को साबुन से रगड़ने लगी, उसने अपनी निप्पल को पकड़कर चारों तरफ चूची की गोलाई में खूब साबुन लगाया. अब मेरे मन में भाभी को सामने से देखने का विचार आया, तो में भाभी की तरफ बढ़ने लगा और भाभी के सामने जाकर खड़ा हो गया. अब भाभी की नंगी चूचीयाँ और मोटे मोटे निपल्स मेरी नज़रों के सामने थे और भाभी दबा-दबाकर चूचीयों पर साबुन लगा रही थी.
तभी मैंने भाभी की चूत को देखा, हाय भाभी की चूत क्या मालदार थी? बड़ी-बड़ी झाँटें और झाँटें साबुन के झाग से सनी हुई थी. भाभी की चूत बड़ी फूली हुई थी और चूत का दरवाजा काफ़ी बड़ा था, जैसे कि भैया ने अपने लंड से भाभी का प्रवेश द्वार फाड़ डाला हो, भाभी की चूत के लिप्स गुलाबी थे और बड़े खूबसूरत दिख रहे थे. तभी भाभी की नज़र अचानक से मुझ पर गयी और उनको जैसे साप सूंघ गया हो. वो अपने देवर के सामने लगभग पूरी नंगी थी और में उनको भूखे शेर की तरह देख रहा था.
भाभी शर्म से पानी-पानी हो गयी और अपनी चूचीयों को अपने हाथों से छुपाने लगी, लेकिन इतनी बड़ी चीज़ उनके छोटे-छोटे हाथों से कैसे छुप सकती थी. फिर मैंने भाभी से कहा कि शरमाने की कोई बात नहीं है, क्योंकि घर पर कोई भी नहीं है और वैसे भी मैंने उसे पूरा नंगा देख ही लिया है. तो मैंने रेशमा से बोला कि भाभी आपका क्या कमाल का ख़ज़ाना है? आज में आपके इस ख़ज़ाने के अच्छे से दर्शन करना चाहता हूँ और मैंने उनके पेटिकोट को पकड़कर उनके मुँह की तरफ से बाहर निकाल दिया.
फिर मैंने बोला कि भाभी आज मुझे तुमको नंगा नहाते हुए देखना है इसलिए शरमाओ नहीं, अब भाभी थोड़ी नॉर्मल हुई और मेरी तरफ देखा और बोली बबलू तुम यहाँ से चले जाओ और ये बात किसी को मत बताना कि तुमने मुझे नंगा देख लिया है.
फिर मैंने बोला सिर्फ़ एक शर्त पर, अगर तुम मेरे सामने बिना डरे ऐसे ही नंगी होकर नहाना होगा. तो थोड़ा सोचने के बाद भाभी मान गयी और फिर उसने अपना हाथ अपनी चूचीयों से हटाया और मग हाथ में लेकर पानी अपने बदन पर डालने लगी. तभी मेरा लंड दोबारा तन गया, तो मैंने अपना पजामा उतार दिया और भाभी के मुँह के सामने अपना लंड करके खड़ा हो गया, भाभी की नज़र मेरे लंड पर पड़ी तो वो हल्के से चीखी और बोली बबलू ये क्या बदतमीज़ी है? में तेरी भाभी हूँ और तू मेरे साथ ऐसी गंदी हरकतें कर रहा है, में तेरी शिकायत तेरे भैया से करूँगी. तभी अचानक मुझे गुस्सा आ गया और मैंने तुरंत अपनी बनियान उतार दी और पूरा नंगा हो गया. अब में और मेरी भाभी दोनों पूरे नंगे थे फिर में भाभी पर झपट पड़ा और अपने मुँह में सीधा उनकी चूचीयों को दबोच लिया.
फिर मैंने उनका निपल मुँह में लिया और दबा-दबाकर चूसने लगा और दूसरे हाथ से उनकी दूसरी चूची मसलने लगा, इस अचनाक हमले को भाभी तैयार नहीं थी और वो जमीन पर गिर पड़ी. तभी में अपना एक हाथ उनकी चूत पर ले गया और सहलाने लगा, मेरे इस तीन तरफ़ा हमले से भाभी अपना कंट्रोल खोने लगी. तीन तरफ़ा हमला मेरा मतलब भाभी की एक चूची मेरे मुँह में, भाभी की दूसरी चूची को में एक हाथ से मसल रहा था और भाभी की चूत पर मेरा दूसरा हाथ था.
में 5 मिनट तक ऐसे ही लगा रहा और फिर भाभी की मोनिंग स्टार्ट हो गयी. भाभी के बदन पर अब भी साबुन लगा था इसलिए मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और हमारे ऊपर मग से पानी डालने लगा. फिर थोड़ी ही देर में भाभी के बदन से सारा साबुन उतर गया और उनका गोरा बदन सोने की तरह चमकने लगा, भाभी मेरे सीने से चिपकी हुई थी और मेरा लंड उसकी चूत पर रगड़ खा रहा था. अब में भाभी को चोदना चाहता था, भाभी जमीन पर लेटी थी और में उनके ऊपर था.
फिर मैंने प्यार से भाभी की टाँगों को खोल दिया और उसके कानों के पास जाकर फुसफुसाया, भाभी में आपके अंदर प्रवेश करना चाहता हूँ और आपका अमृत चखना चाहता हूँ. ये सुनकर भाभी बोली क्या मतलब? तो मैंने बोला भाभी आज में आपको अपना बनाना चाहता हूँ और आपको चोदना चाहता हूँ. तो भाभी मना करने लगी और बोली नहीं ये पाप है, में सिर्फ़ अपने पति के साथ ही संभोग करती हूँ, मुझे अपवित्र मत करो.
फिर मैंने उनकी कोई बात नहीं मानी और अपने लंड का सुपाड़ा उनकी चूत के मुँह पर रगड़ने लगा, तो भाभी को मेरा लंड उनकी चूत पर फील होने लगा था और वो नहीं-नहीं बोल रही थी. तभी मैंने एक हल्का सा धक्का मारा और मेरे लंड का सुपाड़ा उनके जिस्म में प्रवेश हो गया, उसने ज़ोर से हवा में अपनी गांड उछाल दी और मुझे कसकर पकड़कर अपने सीने से चिपका लिया. उसके मुँह से आअहह निकल गयी और आँखों से आँसू निकल गये. उस टाईम वो बहुत परेशान दिख रही थी जिस कारण मैंने उसके होठों को चूसना स्टार्ट कर दिया.
अब मैंने दूसरा धक्का लगाया जो कि बड़ा जोरदार था, हम दोनों पूरे गीले होने की वजह से मुझे पता था कि बिना ज़्यादा दर्द के इस बार मेरे लंड का पूरा प्रवेश हो जायेगा. इस सुनामी वाले हमले से भाभी का जिस्म सिहर गया और उनकी दबी हुई वासना बाहर आने लगी. अब वो भी मेरा सहयोग देने लगी और मेरे होठों को चूमना शुरू कर दिया. फिर उसने अपनी जांघों को मेरी कमर पर लपेट लिया और वो मेरे हर झटके का जवाब अपनी गांड को उछाल-उछाल कर देने लगी, उसकी इस हरकत ने मेरी उत्तेजना और बढ़ा दी और में भी अपना हाथ उसकी गांड के नीचे ले गया और गांड का छेद ढूंढ कर उसमें उंगली घुसा दी.
अब मेरी भाभी जल बिन मछली होकर छटपटाने लगी और बोलने लगी कि देवर जी आज से मेरे दो पति है, मुझे अपनी बीवी समझकर जी भरकर चोदो और हमेशा के लिए चोदो. भाभी की गांड का छेद बिल्कुल मुलायम था और फिर मैंने उनकी गांड में बहुत अंदर तक उंगली घुसा दी. तो भाभी बोलने लगी कि ऐसी चुदाई तो आज तक तुम्हारे भैया ने भी नहीं की है, देवर जी आज तुम अपनी भाभी को अपना अमृत पिला दो, ये बोलकर भाभी ने मेरी गांड को अपनी चूत पर दबा दिया और भाभी झड़ गयी, लेकिन में अरबी घोड़े की तरह भाभी को पेलता रहा. फिर मेरा पानी निकलने वाला था तो में इतने जोश में था कि मेरे लंड का लावा भाभी के अंदर ही छोड़ दिया, फिर हम दोनों साथ में नहाये और हमें उसके बाद जब मौका मिला खूब चुदाई की और मजे लिए.
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बीवी का बदला

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम समीर है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची सेक्स घटना सुनाने जा रहा हूँ, जिसमे मैंने किसी और की बीवी से बदला लेने के लिए उसको चोद दिया, लेकिन वो सब काम उसकी मर्जी से हुआ, क्योंकि वो भी मुझसे यही चाहती थी कि में उसके पति के सामने उसे चोदकर उसका तड़पना, मचलना, मजबूरी उसके पति को दिखाऊँ, जिससे उसके पति को कुछ सिखने को मिले और वो सुधर जाए. दोस्तों एक दिन में अपनी पत्नी के साथ मार्केट में था, मेरी पत्नी का नाम अमृता है और वो दिखने में बहुत सुंदर है, लेकिन वो सेक्स की भूखी नहीं है, क्योंकि में उसको हर कभी चोदकर हमेशा संतुष्ट कर देता हूँ और वो मेरी चुदाई से हमेशा बहुत खुश रहती है. हमारी सेक्स लाईफ अब तक बहुत अच्छी तरह चल रही थी, लेकिन उस घटना ने हमारा जीवन पूरा का पूरा बदल कर रखा दिया और अब आप सभी को थोड़ा विस्तार से वो घटना बता देता हूँ.
एक दिन अमृता मार्केट में कुछ सामान खरीद रही थी तब में थोड़ा दूर खड़ा होकर एक स्टॉल पर चाय पी रहा था, अमृता उस भीड़ भरे मार्केट से गुजर रही थी और में उस पर पूरा पूरा ध्यान रख रहा था. उसने उस समय लाल कलर की साड़ी पहनी हुई थी और लाल कलर का ब्लाउज पहना हुआ था. फिर कुछ देर बाद एक आदमी आया, वो करीब 6 फीट लंबा था और वो अमृता के पीछे से जाने लगा और कुछ देर के बाद ज्यादा भीड़ होने का फ़ायदा उठाकर उसने अमृता की छाती पर हाथ रख दिया और अब अमृता के बूब्स उस आदमी के हाथ में थे और फिर धीरे से उसने मेरी बीवी के बूब्स से होते हुए अपने हाथों को कमर पर लिए, लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा होने की वजह से अमृता उसे ठीक तरह से देख ना सकी और फिर कमर और गांड को दबाकर उसने अमृता के नीचे चूत तक अपनी उंगली को डाल दिया.
में दूर खड़ा खड़ा सब कुछ देख रहा था, लेकिन मजबूर था और में कुछ भी नहीं कर सका. फिर उसने जाते हुए अमृता की तरफ पीछे मुड़कर देखा तो वो उसकी तरफ हंस रहा था, लेकिन अमृता कुछ नहीं बोली और इस बात को उसने मुझसे घर पर आकर भी नहीं कहा इसलिए मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया और मैंने अमृता को घर पर आते ही बहुत बुरी तरह से चोदा. मैंने उसको इतने जबरदस्त तरीके से कभी नहीं चोदा था और आज वो भी बहुत थक गई और फिर चोदने के बाद अमृता मुझसे बोली कि क्या बात है आज कुछ ज़्यादा ही जोश में हो?
दोस्तों में उस समय बहुत गुस्से में था, मैंने कहा कि क्या में तुम्हारे लिए कभी कम पड़ता हूँ जो तुम उस आदमी से अपने बूब्स दबवा लेती हो? तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर अमृता एकदम चकित हो गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और फिर वो बोली कि में उससे अपनी मर्जी से कभी कुछ नहीं करवाती हूँ वो खुद मुझे बहुत डराता, धमकाता है और जबरदस्ती मेरे साथ यह सब करता है. तो मैंने उससे पूछा कि क्या मतलब? तो अमृता बोली कि वो 4th कॉलोनी में रहने वाला रमेश है और मेरी तरफ ऐसे ही हमेशा घूरकर देखता है और उस दिन जब मेरी उससे पहली बार मुलाकात हुई तब वो हमारे घर पर आया था और फिर उसने मुझसे पानी माँगा तो मैंने किचन से लाकर उसे पानी दिया तब उसने अंदर आकर मुझे अचानक से पीछे से पकड़ लिया मेरे साथ ज़बरदस्ती करने लगा, उसने मुझे किस किया और मेरे बूब्स दबाने लगा और फिर वो मुझसे बोला कि देती है क्या? तो मैंने कहा कि नहीं और में ज़ोर ज़ोर से रोने लगी तो उसने जाते जाते मुझसे बोला कि मैंने अगर यह बात किसी को बताई तो में तुझे जान से मार डालूँगा.
दोस्तों मैंने बिल्कुल डरी और सहमी हुई सी अमृता को थोड़ा अपने करीब लिया और उसे अपनी बाहों में लेकर गले लगा किया और उसे चूमने लगा. मैंने उससे सॉरी कहा और उसने मुझे अपने गले लगाकर ठीक है कहा और अब में समझ गया कि मुझे अब क्या करना है? तो मैंने उस आदमी के बारे में सारी जानकारियां निकाली तो मैंने देखा कि उसके दो बच्चे है, लेकिन वो यहाँ पर नहीं रहते और वो यहाँ पर उसकी पत्नी खुश्बू के साथ रहता है और उसने अब तक अपनी कॉलोनी की कई औरतों को चोदा है. तो एक रात में उसके घर पर गया और दरवाजा खटखटाया, मैंने उस समय अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था और मेरे एक हाथ में क्लॉरोफॉर्म का कपड़ा था और फिर मैंने जैसा सोचा था वैसे ही हुआ रमेश कुमार ही उस समय दरवाजे पर था और फिर मैंने उसको झट से मुहं पर क्लॉरोफॉर्म का कपड़ा लगाकर बेहोश कर दिया और 5 मिनट के बाद अंदर से आवाज़ आई कि कहाँ गए आप क्या हुआ? दोस्तों यह उसकी बीवी की आवाज थी और फिर उसके आने के डर की वजह से मैंने रमेश कुमार को एक कुर्सी से बाँध दिया और घर का दरवाजा अंदर से लगा दिया.
फिर जब में कमरे के अंदर गया तो मैंने देखा कि खुश्बू ब्रा और पेंटी में ही सो रही थी और मैंने उसके पास में जाकर उसके मुहं पर अपना एक हाथ लगाया और फिर एकदम से उसके बदन पर गिरकर बोला कि ज्यादा ज़ोर से चिल्लाने, चिल्लाने की कोई ज़रूरी नहीं है, में यहाँ पर अपना हिसाब चुकता करने आया हूँ और फिर मैंने उसे बताया कि तुम्हारे पति ने एक बार मेरी पत्नी को ज़बरदस्ती से चोदा है और आज में उसे सबक सिखाना चाहता हूँ.
फिर कुछ देर डरने के बाद खुश्बू ने मेरी पूरी बात सुनी और वो भी मुझसे चुदने के लिए बिल्कुल तैयार हो गई, क्योंकि उसे भी पता था कि उसका पति वैसा ही है जैसा मैंने उसे सब कुछ बताया और अब उसने देखा कि मैंने उसके पति को पूरा नंगा करके कुर्सी को बांध दिया है तो वो मुझसे बोली कि में उसे ऐसा दिखाउंगी कि तुम मुझसे यह सब ज़बरदस्ती कर रहे हो उसने मेरा पूरा पूरा साथ देने का वादा किया.
फिर मैंने कहा कि ठीक है और अब में भी पूरा नंगा हुआ तो खुश्बू ने देखा कि मेरा लंड भी साईज में बड़ा, मोटा और अच्छा है. फिर मैंने थोड़ा पानी रमेश कुमार के मुहं पर डाला तो वो अब धीरे धीरे अपने होश में आने लगा, लेकिन मुहं पर पट्टी बंधी होने के कारण वो कुछ बोल ना सका और बस चुपचाप देखता ही रहा और अब मैंने उसकी बीवी को चाकू दिखाकर उसकी बीवी के जिस्म को मसलना शुरू किया और उसके बूब्स को दबाया और करीब 15 मिनट तक लगातार उसकी बीवी के जिस्म के हर एक अंग को अंग को चाटा और उसके बूब्स को तो चूस चूसकर लाल कर डाले और अब बारी थी खुश्बू की चूत की, लेकिन दोस्तों उसकी चूत बिल्कुल उसके नाम की तरह थी एकदम नाजुक गुलाब की तरह उससे कामुक कर देने वाली खुश्बू निकल रही थी और वो अंदर से बहुत खुली हुई थी, लेकिन देखने से पता चला कि उसकी चूत चोदने में बहुत ज़बरदस्त थी और मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर एकदम लाल कर दिया था.
वो सिर्फ़ ऑश ओहहहह आईईइ छोड़ दो मुझे प्लीज आह्ह्हह्ह मेरे साथ ऐसा मत करो कर रही थी. दोस्तों यह सब काम उसकी कुर्सी के ठीक सामने ही चल रहा था, लेकिन रमेश कुमार एकदम लाचार, मजबूर वो अपनी पत्नी को मुझसे चुदता हुआ देख सकता था, लेकिन उसकी कोई भी किसी भी तरह की मदद नहीं कर सकता था और हम दोनों भी यही चाहते थे और अब तक सब कुछ एकदम ठीक ठाक चल रहा था. फिर मैंने एकदम से उसकी बीवी के पैरों को पकड़कर एकदम से पूरी तरह से खोल दिया जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी और फिर मैंने चूत के मुहं पर लंड को रखकर एक ही जोरदार झटके से पूरा का पूरा लंड, चूत में उतार दिया.
उसके मुहं से बहुत ज़ोर की चीखने के साथ साथ बहुत बार अजीब सी आवाजे भी निकाली उह्ह अफफ्फ्फ माँ ऑश ओहहह्ह्ह प्लीज बाहर निकालो उह्ह्हह्ह्ह्ह वरना में मर जाउंगी, छोड़ दो मुझे, प्लीज अब बाहर करो, इसे मेरी चूत फट जाएगी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में उसके बदन पर पड़ा रहा और मैंने उसको 15 मिनट तक लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा, उसके मुहं को चाटते हुए, उसके कान को काटते हुए, उसके बूब्स को दबाते मसलते हुए मैंने उसे लगातार धक्के देकर चोदा, क्योंकि दोस्तों मेरा चुदाई के समय झड़ने का समय उसके पति से बहुत ज़्यादा था. में बहुत देर तक उसकी चूत पर टिका रहा और अब उसकी चूत तो ढीली हो गयी और उसकी गरम गरम सांसे मुझे और भी जोश दे रही थी और उसके जिस्म की खुश्बू तो जैसे में उस समय जन्नत में था.
दोस्तों अब उसको भी मेरे चुदाई करने से बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन वो अपने पति को दिखने के लिए मेरे हर एक धक्के पर चीखती चिल्लाती रही जिससे उसे लगे कि यह सब काम जबरदस्ती हो रहा है और में उसे चोदता रहा, लेकिन कुछ देर बाद में झड़ने लगा और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में ही डाल दिया और में 5 मिनट तक उसके ऊपर ही लंड को चूत में डालकर पड़ा रहा.
फिर खुश्बू मेरे कान में बोली कि वाह यार तुम तो बहुत अच्छा चोदते हो, लेकिन अब बस करो. तो मैंने कहा कि अभी तो एक बार और भी चुदाई होगी और फिर हम उठे और देखा तो रमेश कुमार का लंड भी उठा हुआ है और वो नज़ारा तो बहुत जबरदस्त था. मैंने फिर से मेरा लंड उसकी बीवी के मुहं पर रगड़ा उसके गुलाबी होंठो पर अपना पूरा लंड घुमा रहा था, लेकिन मैंने उसके मुहं में नहीं दिया कि कहीं वो काट ना ले और बीच में रखी हुई एक टेबल पर खुश्बू का एक पैर रख दिया और उसके ऊपर चढ़कर उसके पीछे से उसकी चूत में लंड को डाल रहा था.
तभी खुशबू उफफफ्फ़ उफ़फ्फ़ ऑशओह उह्ह्ह प्लीज अब छोड़ दो मुझे कर रही थी और वो हर बार रमेश कुमार की आखों में देख रही थी और उसकी चूत को तो में पीछे से धक्के देकर फाड़ रहा था और बहुत देर बाद मैंने उसकी चूत में ही एक बार और अपना वीर्य डाला और फिर उसको बहुत देर तक रगड़ा. उसकी टाईट गांड में लंड डाला और अब में उसकी गांड को फाड़ रहा था, लेकिन खुश्बू बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी. उसके बूब्स पर मेरे दोनों हाथ गोल गोल घूम रहे थे और रमेश अपना लंड खड़ा करके रो रहा था. तो दोस्तों मैंने इस बार झड़ने से पहले अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला और रमेश कुमार के मुहं पर झड़ गया और कपड़े पहनकर खुश्बू के कान में बोला कि अब तू उसे समझा देना कि मैंने आज तुझे क्यों चोदा?
दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की एक सच्ची घटना जिसमे मैंने चुदाई के साथ अपना बदला पूरा किया और बहुत मज़े किए.
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प्रिया भाभी की प्यारी चूत चोदी

हैल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम निर्मल है और में जालंधर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 19 साल है और में एक स्टूडेंट हूँ. दोस्तों आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी बताने वाला हूँ. दोस्तों मेरी यह स्टोरी हमारे पड़ोस में रहने वाली भाभी की है. दोस्तों यह बात कुछ 5-6 महीने पुरानी है. में अपनी पड़ोस वाली भाभी को बहुत चाहता था और में हमेशा उसकी गांड मारने की सोचता रहता और कभी कभी तो में अपनी भाभी को सोच सोचकर ही मुठ मार लिया करता था, क्योंकि मुझे उनको देखकर बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं होता था और वो दिखने में बहुत सेक्सी लगती थी, दोस्तों मेरी भाभी का नाम प्रिया है और भाभी का फिगर 30-28-34 है और उनका रंग गोरा है गांड थोड़ी सी बाहर और सभी लड़के उसको देखकर एकदम दंग रह जाते थे, लेकिन हमारे पड़ोस में रहने के कारण कभी कभी भाभी हमारे घर पर आ जाती और में भी उनके घर चला जाता.
भाभी की शादी को दो साल हो गये थे और उनका एक बेटा था वो हमेशा साड़ी में रहती थी, लेकिन कभी कभी वो सलवार सूट भी पहन लिया करती थी और जब प्रिया भाभी सलवार सूट पहनती तो क्या मस्त लगती? उनका गोरा गोरा बदन 32 साईज़ के बूब्स कोई भी लड़का उसको एक बार देखे बिना नहीं रह पाता था. उनके पति दुबई में रहते थे और वो साल में एक बार आते थे और जब भी वो आते तो भाभी का चेहरा एकदम खिल जाता और जब जाते तो वो बिल्कुल उदास सी रहने लगती.
फिर एक दिन उनके घर पर कोई नहीं था, बस भाभी ही थी, क्योंकि उनके घरवाले कहीं बाहर गये हुए थे और वो लोग दो-तीन दिन बाद आने वाले थे, लेकिन मुझे इस बात का पता नहीं था और में हर रोज की तरह ऊपर से जाता था, क्योंकि हमारे घर की दीवार बहुत छोटी थी और में हमेशा ऊपर से ही जाता था और जब में नीचे गया तो में यह क्या देख रहा हूँ कि भाभी कमरे का आधा दरवाजा बंद करके अपनी चूत में अपने एक हाथ से उंगली डाल रही थी? और उसको देखकर मेरा लंड एकदम टाईट हो गया और दोस्तों प्रिया की क्या मस्त चूत थी. बिल्कुल गुलाबी रंग की बिल्कुल साफ? में उसको देखकर एकदम दंग रह गया और मेरा मन करने लगा कि अभी इसे पकड़ कर चोद दूँ, लेकिन मैंने उस समय अपने आप पर कंट्रोल रखा और में छुपकर उनकी वीडियो बनाने लगा और करीब 15 मिनट तक भाभी अपनी चूत में उंगलियाँ डालती रही और मज़े लेती रही. फिर मैंने उसी वीडियो को देखकर घर पर आकर मुठ मारी और उसी शाम को में उनके घर गया. तो मैंने देखा कि भाभी किसी से फोन पर कह रही थी कि तुम अब जल्दी आ जाओ मेरा मन नहीं लगता और वो मुझे बाद में पता चला कि वो सब बातें अपने पति से कह रही है और फिर उन्होंने बहुत गुस्से में फोन काट दिया.
मैंने उनके पस जाकर पूछा कि भाभी क्या हुआ? तो भाभी ने मुझसे कहा कि कुछ नहीं, मैंने कहा कि मैंने आपको सब कुछ कहते हुए सुन लिया था, लेकिन आप यह सब किससे कह रही थी? तो उन्होंने कहा कि में वो सब अपने पति से कह रही थी. फिर मैंने कहा कि क्यों भाभी आपको कुछ समस्या है? तो भाभी ने खुद ही कह दिया कि मेरा अब घर पर बिल्कुल भी मन नहीं लगता. मैंने झट से कहा कि भाभी चलो में आपको कहीं बाहर ले चलता हूँ, लेकिन भाभी ने साफ मना कर दिया और अंदर चली गई और वो मुझसे कहने लगी कि तुम 15-20 मिनट यहीं पर बैठ जाओ अगर कोई आए तो उन्हे कह दो कि में घर में नहीं हूँ और अब में नहाने जा रही हूँ.
दोस्तों जब भाभी ने कहा कि में नहाने जा रही हूँ तो में मन ही मन बहुत खुश हो गया कि में आज भाभी को नहाते हुए देखूंगा, लेकिन भाभी ने जाते समय बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया, लेकिन उस दरवाजे के ऊपर जाली लगी हुई थी जिसमे से अंदर का सब कुछ दिखाई देता है और फिर जब में सीड़ियों के ऊपर चड़ा तो मैंने देखा कि भाभी बाथरूम में जाकर अपनी साड़ी उतार रही थी और फिर उन्होंने अपनी ब्रा को खोल दिया और देखते ही देखते भाभी मेरे सामने पूरी नंगी हो गई और में उसे घूर घूरकर देखता ही रहा और फिर भाभी अपनी चूत में कल की तरह फिर से उंगलियाँ करने लगी और कुछ देर बाद भाभी उंगली निकालकर अपनी चूत को धोने लगी. तो में यह सब देखकर पूरी तरह से गरम हो गया और उठकर दरवाजे के पास ही मुठ मारने लगा और अब मुझे बिल्कुल भी पता नहीं चला कि कब भाभी बाथरूम से निकलकर एकदम मेरे पास आकर खड़ी हो गई और जब मैंने देखा कि भाभी मेरे पास आ गई है तो में उसी समय झड़ गया और फिर में उन्हे देखकर बहुत डर भी गया कि अब भाभी क्या कहेगी? तो में जल्दी से अपनी पेंट को ऊपर करके सीधा खड़ा हो गया और फिर भाभी ने पूछा कि तुम यह सब यहाँ पर क्या कर रहे थे? तो में कुछ भी नहीं बोला बिल्कुल चुपचाप खड़ा रहा.
तभी भाभी ने बाथरूम के दरवाजे के पास पड़ी हुई उस बेंच को देख लिया जिस पर चढ़कर में भाभी को नहाते हुए देख रहा था और फिर भाभी ने कहा कि क्यों तुम मुझे नहाते समय देख रहे थे ना? तो मैंने कहा कि भाभी प्लीज मुझे माफ़ कर दो, प्लीज आप यह सब बात मेरे घर पर मत बताना. तो भाभी ने कहा कि चल ठीक है में किसी को कुछ नहीं बताउंगी, लेकिन उसके बदले तुम्हे भी मेरा एक काम करना होगा? मैंने कहा कि वो क्या भाभी?
भाभी ने कहा कि मेरा सारा जिस्म बहुत दुख रहा है तो क्या तुम इस पर तेल से मालिश कर सकते हो? तो दोस्तों मैंने तुरंत ही हाँ कर दिया, क्योंकि में भी उनके जिस्म को छूना चाहता था और महसूस करना चाहता था. फिर भाभी मुझे पकड़कर अपने साथ ले गई. दोस्तों भाभी ने सलवार सूट पहना हुआ था इसलिए भाभी ने अपनी सलवार को उतार दिया और अपने दोनों पैरों को मेरी तरफ करके उन पर तेल की मालिश करने को कहा. फिर में भाभी के पैरों को तेल लगाकर मालिश करने लगा और फिर धीरे धीरे में ऊपर तक मसलता गया और अब उनकी गांड तक पहुंच गया और में वहीं पर धीरे धीरे मालिश करता रहा और फिर कुछ देर बाद मैंने उनसे कहा कि भाभी आपकी निक्कर पर तेल लग रहा है में अब इसका क्या करूं?
फिर भाभी ने कहा कि थोड़ा ऊपर उठा दो, लेकिन मैंने अब तुरंत ही भाभी की निक्कर को उतार दिया और उनकी गांड पर बहुत सारा तेल लगा दिया और अब मैंने कुछ देर मालिश करने के बाद उनसे कहा कि भाभी पीछे से तो हो गया अब क्या आगे से कर दूँ? तो भाभी ने झट से हाँ कर दिया और वो बिल्कुल सीधी लेट गई और अब भाभी की चूत ठीक मेरे सामने थी और अब भाभी मेरे सामने सिर्फ़ कमीज़ में ही थी और अब मैंने उनकी चूत के ऊपर बहुत सारा तेल लगाया और मसाज के बहाने से मैंने चूत के अंदर अपनी एक उंगली को डाल दिया, लेकिन भाभी कुछ नहीं बोली और 5 मिनट बाद भाभी एकदम खड़ी होकर मुझसे कहने लगी कि क्या तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहोगे? तो मैंने एकदम से उनको हाँ कर दिया, दोस्तों में मन ही मन बहुत खुश था, क्योंकि जिस चूत को में चोदना चाहता था वो मेरे हाथों में थी और जिस भाभी को प्यार करने के में सपने देखता था वो आज खुद मुझसे चुदाना चाहती थी.
अब में बिल्कुल पागल होकर भाभी को किस करने लगा और किस करते हुए में ऊपर से ही भाभी के बूब्स को दबाने लगा, जिसकी वजह से भाभी अब थोड़ी गरम हो गई थी और अब भाभी ने नीचे बैठकर मेरी पेंट खोलकर मेरा 8 इंच का लंड बाहर निकाल लिया और कहने लगी कि तुम्हारा इतना बड़ा कैसे है? तो मैंने भाभी से पूछा कि क्यों भाभी आपको पसंद आया? तो भाभी हल्के से मुस्कुराने लगी और मेरे लंड को पूरा मुहं में डालकर चूसने लगी और ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करने लगी और मेरा लंड करीब बीस मिनट बाद ऐसे ही उसके मुहं में झड़ गया और भाभी ने सारा पानी पी लिया.
फिर मैंने भाभी के सारे कपड़े उतार दिए और अब मेरे सामने भाभी बिल्कुल नंगी थी, में उनके बूब्स पर एकदम टूट पड़ा और बच्चों की तरह बूब्स चूसता रहा और भाभी भी गरम होने के कारण तड़प रही थी और अब में बूब्स को छोड़कर उनकी चूत को चाटने लगा और अपनी उंगली भी भाभी की चूत में डालता गया और अब भाभी भी कह रही थी कि प्लीज अब बस करो, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि मुझे पता था कि जितना किसी को तड़पाओ सेक्स करने में उतना ही ज़्यादा मज़ा आता है और फिर 10-15 मिनट के बाद मैंने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाकर उनकी चूत पर रखा और ऊपर से ही घिसने लगा और फिर एकदम ज़ोर का अंदर झटका मारा और अब मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया और भाभी चीखने चिल्लाने लगी आह्ह्हह्ह्ह्हअहह आईईईईई ओहहहहह और तेज हाँ और तेज पूरा अंदर डाल दो और ज़ोर से धक्का दो, मेरी चूत को आज तुम फाड़ दो.
फिर मैंने अपनी स्पीड को और बड़ा दिया और में अब लगातार धक्के देता रहा और कुछ देर बाद मैंने भाभी को अपने ऊपर आने को कहा और मेरे लंड पर बैठने को कहा तो भाभी ने ऐसा ही किया और मैंने उनसे कहा कि भाभी अब आप धीरे धीरे अपनी गांड को ऊपर नीचे करो, लेकिन भाभी से यह सब नहीं हो रहा था, इसलिए में उनकी मदद करने लगा और फिर कुछ देर बाद मैंने भाभी को नीचे उतारकर लंड चूसने को कहा और फिर मैंने उन्हे डॉगी स्टाइल में होने को कहा और फिर में पीछे खड़ा हो गया और उनकी गांड में अपना लंड डालने लगा, लेकिन भाभी ने कहा कि मुझसे गांड में नहीं लिया जाएगा, प्लीज तुम ऐसा मत करो, लेकिन मैंने कहा कि भाभी कुछ नहीं होगा, में बहुत धीरे धीरे करूंगा और अब में अपना लंड उनकी गांड में डालने लगा, लेकिन थोड़ा सा ही अंदर गया.
फिर में अपना लंड थोड़ा सा बाहर निकालकर फिर से डालने लगा और धीरे धीरे मैंने अपना सारा लंड भाभी की गांड में घुसा दिया. भाभी अब और भी ज़्यादा ज़ोर से चीखने लगी आह्ह्ह्ह्ह ओहह्ह्ह आईईई प्लीज बाहर निकालो इसे नहीं तो मेरी गांड फट जाएगी, लेकिन मैंने अपना लंड बाहर नहीं निकाला और भाभी आआह्ह्हहह ओह आईईईइ माँ बचाओ मुझे प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो.
फिर 5-10 मिनट के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकालकर प्रिया भाभी की चूत में डाल दिया और अब भाभी थोड़ा सा शांत हो गई थी और फिर मुझे लगा कि अब में झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड प्रिया की चूत में ही रखा और फिर मैंने प्रिया की चूत में ही अपना लंड झाड़ दिया और मैंने भाभी को धन्यवाद कहा, लेकिन भाभी ने कहा कि में तुम्हारी वजह से ऐसे लंड का मज़ा ले पाई हूँ और फिर भाभी ने मुझसे कहा कि आज रात में घर पर बिल्कुल अकेली हूँ तो तुम यहीं पर रह जाओ.
मैंने कहा कि ठीक है और मैंने घर पर फोन कर दिया कि आज रात में अपने दोस्त में घर पर ही रहूँगा. मेरे घर वालों ने कहा कि ठीक है और फिर मैंने और भाभी ने रात को दो बार सेक्स किया. ऐसे ही हम लोग जब भी मौका मिलता सेक्स करते रहते और फिर जब भी उनके घर पर कोई नहीं होता था तो में वहां पर चला जाता और कभी कभी जब हमारे घर पर कोई नहीं होता था तो वो आ जाती और हम बहुत बार चुदाई के मज़े लेते.
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