मनीषा भाभी की चूत को लंड खिलाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गौरव है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 20 साल है. मुझे सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है. दोस्तों यह मेरे सेक्स अनुभव की पहली सच्ची कहानी है. जिसमे मैंने मेरी पड़ोस वाली भाभी जी के साथ जमकर सेक्स किया और अपनी और उनकी जिस्म की आग को ठंडा किया. मेरा लंड 7 इंच बड़ा है और यह दो साल पहले की बात है जब में 12th क्लास में था. दोस्तों मेरे पास के मकान में एक भाभी रहती है, उसका नाम मनीषा है. उनकी उम्र 30 साल है और वो बहुत सेक्सी है और उसका फिगर 34-28-36 है. जिसको देखकर में हमेशा उसको चोदने के बारे में सोचता था.
उसके घर में उसके पति और एक उसका लड़का रहता है, उसका लड़का अभी दो साल का है. में उसके घर पर रोज आया जाया करता था. मनीषा के बूब्स बहुत मस्त और बड़े सेक्सी थे. जब वो चलती थी, तो उसके बूब्स झूलते रहते थे. यह देखकर कोई भी मचल जाए और वो हमेशा आधी बांह का ब्लाउज पहनती थी. उसमें से उसके बूब्स पूरे बाहर की तरफ दिखते थे तो उन्हे देखकर मेरा दिमाग़ खराब हो जाता और फिर एक दिन वो मेरे घर पर मेरी माँ को मिलने आई और तब में भी घर पर ही था, तभी उसका साड़ी का पल्लू फिसलता हुआ नीचे गिर गया, तो वो एकदम साड़ी के पल्लू को उठाने के लिए थोड़ा नीचे झुकी तो ऐसा लग रहा था कि उससे बूब्स बाहर आने के लिए तड़प रहे है.
उसने पल्लू उठाते हुए मुझे देख लिया और में तो बस उनके बड़े बड़े बूब्स को देखकर एकदम पागल सा होने लगा था, तो उसने मुझे एक हल्की सी स्माइल दी और उस दिन से उसे महससू होने लगा कि में उसको छुपकर देखता हूँ, तो वो भी जानबूझ कर अपना पल्लू गिरा देती थी. में जब भी उसके घर पर जाता तो उसको देखता ही रहता और सोचता कि काश में इसको चोद सकता और फिर में ऐसा सोचकर अपने घर पर आकर उनके नाम की मुठ मारता था और में उसके बड़े बड़े बूब्स और गांड के बारे में सोच सोचकर मुठ मारा करता था.
तो एक दिन की बात है, में उसके घर पर गया वो घर पर एकदम अकेली थी और शायद बाथरूम से नहाकर अपने रूम में आकर कपड़े पहन रही थी. उस वक़्त उसने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी ही पहनी हुई थी. तो में उसे घूरकर देखता ही रह गया और शायद उसने भी मुझे देख लिया था, लेकिन फिर कुछ देर बाद में वहां से चला गया और फिर में कुछ दिन तक उसके घर पर नहीं गया. तो एक दिन उसने मुझे बुलाया और मुझसे पूछा कि तुम घर पर क्यों नहीं आते हो? लेकिन में बहुत देर तक चुप रहा और उसके बार-बार पूछने के बाद मैंने उससे कहा कि उस दिन जो कुछ हुआ उसकी वजह से में आने से डरता था.
उसने मुझसे बोला कि तुम वो बात किसी को मत बताना और फिर उस दिन से वो मुझसे बहुत करीब हो गयी. में जब भी उसके घर पर जाता तो वो जानबूझ कर सेक्सी स्माइल देती और अब वो भी मुझसे चुदना चाहती थी, वो सब मुझे उसकी हरकतों से महसूस होने लगा था. वो अधिकतर समय मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश किया करती, मुझे अपने बूब्स दिखाने की कोशिश किया करती थी. तो एक दिन जब में माँ के किसी काम से उसके घर पर गया तो मैंने देखा कि उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था, तो मैंने भी जानबूझ कर दरवाजे पर लगी हुई घंटी नहीं बजाई और उसके घर के अंदर चला गया.
मैंने देखा कि घर पर कोई भी नहीं है और शायद वो उस समय बाथरूम में थी तो में चुपचाप सोफे पर जाकर बैठ गया और मैंने देखा कि वहां पर टेबल के नीचे एक किताब रखी हुई थी और जब मैंने उसको उठाकर देखा तो उसमे सेक्सी फोटो थे, सभी फोटो सेक्सी एक्शन में थे और अधिकतर नंगे आदमी के फोटो थे और उसमे आदमी के बड़े बड़े लंड थे, उन्हे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि भाभी को बड़े बड़े लंड ज्यादा पसंद है और मैंने सोचा कि शायद मेरा नंबर लग जाएगा, क्योंकि मेरा लंड भी बहुत बड़ा था. फिर मैंने उस किताब को वहीं पर रख दिया. भाभी बाथरूम में थी तो में उसकी तरफ चल पड़ा और सोचा कि बाथरूम में उसे नहाते हुए देखा जाए और में उसे देखने लगा और जब मैंने बाथरूम में चुपके से देखा तो भाभी पूरी नंगी होकर नहा रही थी. तब तो वो और भी हॉट, सेक्सी दिख रही थी और वो अपने सारे बदन पर साबुन लगा लगाकर अपने बूब्स और चूत को ज़ोर ज़ोर से मसल रही थी.
तो यह सब देखकर मेरा लंड टाइट होकर खम्बे जैसा पूरी तरह खड़ा हो गया और वहां पर भाभी अपनी चूत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी और हल्की हल्की मोन कर रही थी और फिर वो उंगली को ज़ोर ज़ोर से चलाने लगी, तो में समझ गया कि यह अब झड़ने वाली है और तब में वहां से हट गया और यह देखकर में तुरंत मेरे घर पर आ गया और बाथरूम में जाकर लंड को बाहर निकाला और मुठ मारने लगा और अब में समझ चुका था कि भाभी को क्या चाहिए और में यह बात सोचने लगा कि भाभी को कैसे चोद सकूँ और एक दिन वो फिर से दोबारा बाथरूम में जाकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी, तो में फिर से बाथरूम की तरफ चला गया और एकदम से दरवाजा खोला तो वो मुझे देखकर एकदम से चकित रह गयी. लेकिन मनीषा को सेक्स की भूख थी इसलिए उसने मुझे झट से अंदर खींच लिया और मुझे किस करने लगी और कहने लगी कि गौरव में तुमसे चुदना चाहती हूँ और फिर वो मुझे किस करने लगी. तो मुझसे भी रहा नहीं गया और अब में भी उसको किस करने लगा और उसकी गरम जोश से भरी हुई चूत में उंगली करने लगा.
मेरे ऐसा करने से उसको बहुत मज़ा आ रहा था और वो सिसकियाँ लेने लगी व मोन करने लगी. में उसको कुछ देर तक चूमता चाटता रहा और फिर मेंने उसको अपनी बाहों में उठाकर बेडरूम में ले गया और उसको बेड पर लेटा दिया और अपने पूरे कपड़े उतार दिए. वो मुझे देखकर बहुत खुश हो गई. तो मैंने फिर धीरे से उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसके बूब्स पर अपनी पकड़ मजबूत करके उसको अपने दोनों हाथों में लेकर ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा और तभी भाभी ज़ोर से चिल्ला उठी और बोली कि प्लीज थोड़ा ज़ोर कम लगाओ. तो मैंने भाभी को अपनी बाहों में भरकर कसकर जकड़ लिया और भाभी भी मुझे अपने दोनों हाथों से पकड़े हुई थी.
मैंने उनके दोनों होंठो को अपने होंठो के बीच में लेकर चूसने लगा. भाभी भी मेरी बाहों में अधनंगी खड़ी खड़ी मुझे दोनों हाथों से पकड़कर अपने होंठ चुसवा रही थी और अपनी बूब्स को मेरी छाती से दबा रही थी और फिर मुझे नंगा देखकर मनीषा भाभी हंसकर बोली कि तुम नंगे बहुत अच्छे दिखते हो और तुम्हारा खड़ा हुआ लम्बा लंड देखने में बहुत ही सुंदर लगता है और कोई भी लड़की या औरत इसको एक बार अपनी चूत में लेकर चुदवाना जरुर चाहेगी. तो में अब भाभी के पास गया और उनको अपनी बाहों में लेकर उनसे कहा कि मुझे कोई और लड़की या औरत से मतलब नहीं है, क्या आप मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हो या नहीं? तब भाभी बोली कि अरे तुम अभी भी नहीं समझे, में तो तभी से तुम्हारे लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाना चाहती हूँ जब से तुमने मुझे ब्रा पेंटी में देखा था और अब जल्दी से तुम मुझे चोद दो, मेरी चूत में आग लगी हुई है और वो मेरे पास आई और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर प्यार करने लगी.
में भाभी के एक बूब्स को अपने मुहं में लेकर किसी बच्चे की तरह दूध पीने लगा और दूसरे बूब्स को अपने एक हाथ में लेकर मसलने, दबाने लगा. तो भाभी भी अब तक पूरी तरह से गरम होकर जोश में आ गयी थी, उन्होंने मेरा लंड अपने हाथों में पकड़कर मुझको बेड पर धक्का देकर पटक दिया और मेरा लंड अपने हाथों में लेकर उसको बड़े ध्यान से देखने लगी.
तभी थोड़ी देर के बाद वो बोली कि वैसे तुम्हारा लंड बहुत ही सेक्सी है और आज मेरी चूत बहुत मज़े ले लेकर इस लंड से चुदेगी और अब तुम बिल्कुल चुपचाप पड़े रहो, क्योंकि अब मुझे तुम्हारे लंड का पानी चखना है. तो में बोला कि ठीक है भाभी, जब तक आप मेरा लंड का स्वाद चखोगी तब तक में भी आपकी चूत के स्वाद का आनंद उठाऊंगा, आइए हम दोनों 69 पोज़िशन पर पलंग पर लेटते और फिर हम दोनों पलंग पर एक दूसरे के पैर की तरफ मुहं करके लेट गये.
फिर मैंने भाभी को अपने ऊपर कर लिया और भाभी ने मेरे लंड के सुपाड़े को अपने होंठो से लगाकर एक जोरदार चुम्मा दिया और फिर उसे अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी. दोस्तों तब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो कभी कभी उसको अपनी जीभ से बहुत देर तक चाटने लगी. लेकिन मुझे अपने लंड को उनसे चुसाते हुए अब रहा नहीं गया और फिर मैंने उनके सर के बालों को पकड़कर अपने लंड को भाभी के मुहं में एक जोरदार धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया.
भाभी लंड को अपने मुहं से बाहर निकालते हुए एक रंडी की तरह बोली, कि वाह मेरे राजा अभी और ज़ोर से डालो अपने लंड को मेरे मुहं में, और बाद में इसको इसी तरह मेरी प्यासी, तड़पती हुई चूत में डालना है और अब मैंने भी भाभी को जो कि मेरे ऊपर लेटी हुई थी, उसके दोनों पैर को फैला दिए और अब मेरी आँखो के सामने उनकी झांटो वाली एकदम गुलाबी चूत पूरी तरह से खुली हुई थी और मेरे लंड को खाने के लिए एकदम तैयार थी.
में अपनी उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा. वो बहुत आसानी से अंदर तक जा रही थी और मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. लेकिन तभी भाभी ज़ोर से बोली कि अरे क्यों ऐसे टाईम बर्बाद कर रहे हो, मेरी चूत को तुम्हारी यह छोटी सी उंगली नहीं चाहिए, उंगली तो मेरे पास भी है, उसे तो तुम्हारा वो बड़ा सा मोटा लंड चाहिए और उससे पहले तुम इसको अपनी जीभ से चोदो, बाद में उसको अपना लंड खिलाना, वो अब तुम्हारा लंड खाने की लिए तरस रही है.
तो मैंने कहा कि क्यों इतनी चिंता कर रही हो भाभी, में अभी आपकी चूत से मेरे लंड का मिलन करवा देता हूँ. लेकिन उससे पहले में आपकी चूत का रस तो चखकर देखूं कि मेरी भाभी की गरम चूत का स्वाद कैसा है और वैसे मैंने सुना है कि सुंदर और सेक्सी औरत की चूत का रस बहुत मीठा होता है. तो भाभी बोली कि ठीक है जो मर्ज़ी में आए वो करो, यह चूत अब तुम्हारी ही है, तुम इसका जैसे चाहो वैसे मजा ले लो. लेकिन हाँ एक बात और जब हम एक दूसरे को चोदने के लिए तैयार है और एक दूसरे की चूत और लंड चाट रहे है, चूस रहे है तब यह आप आप का क्या राग लगा रखा है, तुम अब मुझको मेरा नाम लेकर पुकारो और यह आप आप की राग छोड़ो और फिर मैंने देखा कि उनकी चूत लंड लेने के लिए खुल और बंद हो रही है और अपनी लार बहा रही थी और उनकी चूत बाहर और अंदर से बिल्कुल रस से भीगी हुई थी.
फिर मैंने जैसे ही अपनी जीभ को भाभी की चूत में अंदर डाला तो वो चिल्लाने लगी अह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वाह क्या चीज़ बनाई है भगवान ने, चूसो इसे और ज़ोर से चूसो, और ज़ोर से चूसो मेरी चूत को और अंदर तक अपनी जीभ घुसा दो अह्ह्ह मेरी चूत के दाने को भी चाटो अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह बहुत मज़ा आ रहा है और में अब झड़ने वाली हूँ और इतना कहते ही भाभी की चूत ने गरम गरम मीठा रस छोड़ दिया, जिसको में अपने जीभ से चाट चाटकर पूरा का पूरा पी गया और उधर भाभी ने अपने मुहं में मेरा लंड लेकर उसको बहुत ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया था और फिर कुछ ही मिनट के बाद में भी भाभी के मुहं में झड़ गया और मेरे लंड का रस भाभी के मुहं के अंदर चला गया और वो उसे पूरा का पूरा पी गयी. अब भाभी का चेहरा कामुकता से चमक रहा था.
उनको अब अपनी चुदाई की बहुत जल्दी थी और फिर वो मुस्कुराती हुई बोली कि चूत चुसवाने में बहुत मज़ा आया. लेकिन में अब अपनी चूत कि चुदाई का मज़ा लेना चाहती हूँ. अब तुम जल्दी से अपना लंड चुदाई के लिए तैयार करो और मेरी चूत में डाल दो, अब मुझसे रहा नहीं जाता. तो मैंने भाभी को पलंग पर चित करके लेटा दिया और उनके दोनों पैरों को ऊपर उठाकर घुटने तक लाकर मोड़ दिया और फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा खोलकर उनकी चूत के ऊपर रख दिया और धीरे धीरे उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
मनीषा भाभी अब बिल्कुल ही पागल हो रही थी वो चीखने चिल्लाने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी थी और कह रही थी कि चोद दो मेरी चूत को औऊऊऊऊ आईईईईईईइ फाड़ डालो आज अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह मेरी इस चूत को, हाँ और ज़ोर से धक्का दो अह्ह्ह्हह्ह मेरी चूत को आज चोद चोदकर भोसड़ा बना दो, और ज़ोर से, हाँ और ज़ोर से धक्का दो.
फिर मैंने भी जोश में आकर एक ज़ोर का धक्का देकर अपना पूरा का पूरा लंड मनीषा भाभी के चूत में घुसा दिया और मेरा लंड बहुत आसानी से उनकी चूत में चला गया क्योंकि वो एक बच्चे की माँ थी और उस समय उनकी चूत बहुत गीली थी. मेरा लंड अंदर जाते ही वो पागलों की तरह चीखने, चिल्लाने लगी ऊऊऊओहआअहह और ज़ोर से चोदो आज इस चूत का सारा पानी निकाल दो ओहह्ह्ह्ह और ज़ोर से मेरी जान चोदो मुझे. उनकी यह बातें बार बार सुनकर मुझे और भी जोश आ गया और में जल्दी जल्दी ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और कुछ देर चोदने के बाद वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर बैठकर मेरे लंड की घुड़सवारी करने लगी और मनीषा भाभी बहुत मस्त घुड़सवारी कर रही थी. वो फिर से कहने लगी कि चोद दे आज इस रंडी को, बुझा दे प्यास इस चूत की, यह इस लंड की बहुत दिनों से प्यासी है.
मुझे यह बात सुनकर और जोश चढ़ रहा था. फिर मैंने ज़ोर ज़ोर से उसको चोदना शुरू कर दिया और वो आहह उफफफ्फ़ और ज़ोर से चोदो कह रही थी और फिर करीब 45 मिनट तक लगातार चोदने के बाद में उनकी चूत में ही झड़ गया और बहुत थककर मनीषा के ऊपर लेट गया. लेकिन मेरा लंड अब भी उसकी चूत में ही था. तो कुछ देर बाद में उठा और बाथरूम चला गया और साफ करके बाहर आ गया. लेकिन भाभी अब भी वहीं पर पड़ी हुई अपनी गीली चूत में उंगली कर रही थी. फिर कुछ देर बाद वो भी बाथरूम चली गई और उस दिन मैंने उनको दो बार और चोदा. लेकिन उस दिन से आज तक मुझे जब भी टाईम मिलता है तो में मनीषा भाभी को रोज चोदता हूँ.
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भाभी का आज्ञाकारी देवर


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जेरी है और मेरी उम्र 21 साल है. वैसे दोस्तों मेरा लंड बहुत बड़ा है, लेकिन यह पहले बड़ा नहीं था. इसके बड़े होने का कारण है मेरी किरायेदार भाभी शीला. जिनकी उम्र 28 साल है और उनका बदन इतना गठीला है कि उनको एक बार देखते ही हर किसी का लंड, मेरे लंड की तरह तनकर खड़ा हो जाता है और पेंट का तंबू बन जाता है और में अपनी भाभी का सबसे पसंदीदा देवर हूँ और वो हर काम के लिए, मुझे ही याद किया करती है और में उनका एक आज्ञाकारी देवर बनकर उनके सभी काम कर देता हूँ. दोस्तों अब चलो में आप सभी को अपनी कुछ समय पुरानी एक सच्ची घटना की तरफ ले जाता हूँ. जब में थोड़ा छोटा था और में भाभी की हरकतों के बारे में नहीं समझता था और ना ही में सेक्स के बारे में समझता था.
दोस्तों उस समय भाभी की उम्र 24 साल के करीब थी और धीरज भैया भी भाभी से बहुत प्यार करते थे क्योंकि भाभी थी ही कुछ ऐसी और में भाभी और भैया दोनों के साथ ही बहुत खुला हुआ था. में कभी भी उनके घर पर आता जाता रहता था और भैया-भाभी दोनों को ही में बहुत अच्छा लगता था.
लेकिन एक रात करीब 12 बजे में अपने दोस्त के पास जा रहा था क्योंकि पिछली रात को उसका एक्सीडेंट हुआ था. तो मैंने उनके कमरे की खुली खिड़की से अंदर की तरफ झांककर देखा कि भाभी अपने गठीले बदन के साथ पलंग पर बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी और भैया उनके ऊपर चड़कर उनकी चूत में अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से झटके दे रहे थे और वो साथ ही बीयर भी पी रहे थे. तो में यह सब खेल बड़े मज़े से देख रहा था. मुझे उनकी चूत में अंदर बाहर जाता हुआ लंड साफ साफ दिख रहा था और वो भी भैया को कसकर पकड़े हुई थी और सिसकियाँ ले रही थी.
फिर कुछ देर बाद अचानक से भाभी ने मुझे यह सब देखते हुए देख लिया और उन्होंने भैया की छाती पर हाथ रखकर कहा कि रूको. तो भैया ने पूछा कि क्या हुआ? भाभी बोली कि कुछ नहीं थोड़ा धीरे धीरे झटके मारो, मुझे दर्द हो रहा है. लेकिन भाभी ने भैया को नहीं बताया कि में भी बाहर खड़ा हुआ खिड़की से देख रहा हूँ और फिर भाभी चुदते हुए मुझे देख रही थी.
मुझे ऐसा लग रहा था कि मानो वो चुद भैया से रही हो, लेकिन महसूस मुझे कर रही हो. तो में थोड़ी ही देर बाद वहां से अपने दोस्त से मिलने चला गया. लेकिन बाईक चलाते हुए पूरे रास्ते में और वापस घर आकर भी में वो सब सोचता रहा और रात भर भी में सोया नहीं, मुझे भाभी की याद आती रही. कैसे उनकी पतली कमर हर एक झटके के साथ लचक रही थी और वो हर धक्के पर ज़ोर से अपनी गांड को उछालकर भैया के लंड का स्वागत कर रही थी. फिर मैंने रात को 4 बजे भाभी के नाम की मुठ मारी और सो गया. दोस्तों मेरा वीर्य पहली बार इतना ज़्यादा और गाड़ा निकला था.
फिर उसके अगले दिन भाभी, भैया के साथ मुंबई अपनी माँ के घर पर उनकी तबीयत पूछने जा रही थी और भैया को भी वहां पर कुछ काम था तो दोनों ही मुंबई के लिये निकल गए और यह बात सिर्फ़ में ही जानता हूँ कि मेरे वो दो दिन, मेरी प्यारी भाभी को देखे बिना कैसे कटे और मुझे यह भी पता था कि भाभी भी मेरे बिना बहुत बैचेन रही होगी.
भाभी दो दिन बाद ही मुंबई से वापस आ गई और भैया ऑफिस के काम से वहीं पर रुक गये थे और फिर मैंने जैसे ही भाभी के आने की खबर सुनी तो में भागा भागा गया और जाते ही उनके पास खड़ा हो गया और पता नहीं क्या हुआ? भाभी एकदम से मेरे गले लग गई और मैंने भी उन्हे कसकर पकड़ लिया और फिर भाभी ने मुझे एकदम झटके से छोड़ दिया और किचन में चली गई और मेरे लिए पानी लेकर आई तो उसकी आंखे झुकी हुई थी. तो कुछ देर बाद में वहां से चला आया और अपने कमरे में बस उन्हे ही सोचता रहा. लेकिन जब रात हुई तो भाभी का मुझे फोन आया कि सर्दी बहुत है और मुझे ठंड लग रही है, तुम एक बियर लेकर आओ देवर जी, हम थोड़ी थोड़ी पियेंगे तो सर्दी कम हो जाएगी. में भागा भागा गया और भाभी के लिए एक आज्ञाकारी देवर की तरह बियर ले आया और में सीधा उनके बेडरूम में घुस गया.
तभी भाभी नहाकार बाहर निकली तो एक गुलाबी टावल में उनके बूब्स आधे से ज्यादा बाहर नजर आ रहे थे और गोरी गोरी जांघे एक नाज़ुक फूल की तरह दिख रही थी. में तो बस उन्हे घूरकर देखता ही रह गया. मेरी नजर उनके कातिल जिस्म से हटने को तैयार ही नहीं थी. फिर भाभी मुझसे बोली कि देवर जी बहुत सर्दी हो गई है और नहाने के बाद तो मुझे और भी ज़्यादा लग रही है. तुम्हारे भैया तो मेरी सर्दी भागने के लिए मेरे पूरे जिस्म को गरम तेल से मसाज़ करते थे.
मैंने कहा कि भाभी क्या में भी कर दूँ. लेकिन वो कुछ नहीं बोली और सिर्फ मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी और मुझे उनके चेहरे से उनकी हाँ साफ साफ दिख रही थी. वो अब मुझसे यह सब करवाने के लिए बिल्कुल तैयार थी. फिर हमने बियर पी और में किचन में तेल गरम करने चला गया और जब मैंने वापस आकर देखा तो भाभी पलंग पर मुहं के बल लेटी हुई थी. उनकी गोल गोल गांड को देखकर तो मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया. तो भाभी बोली कि ऐसे दूर ही खड़े रहोगे तो तेल ठंडा हो जाएगा और फिर मैंने भी बिना देर किए भाभी की जांघो से मालिश करना शुरू किया. में जांघ से धीरे धीरे हाथ ऊपर लेता गया और उनकी गांड पर ही फेरता रहा और फिर भाभी भी आआआहह उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह की आवाज़ के साथ पूरे मज़े ले रही थी.
तो कुछ देर बाद भाभी एकदम से सीधी लेट गयी और फिर मैंने उनके गले से मसाज़ करनी शुरू की, भाभी का चेहरा देखने लायक था, क्योंकि वो और भी सुंदर दिख रही थी. उनके मुहं से सिसकियों की आवाजें आने लगी और फिर मेरा हाथ धीरे से उनके नरम मुलायम बड़े बड़े बूब्स पर चला गया. मैंने उनके बूब्स को मसाज करने के बहाने से बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाया और उनके निप्पल पर उंगली घुमाता रहा और अब वो धीरे धीरे गरम होती गई, तभी उन्होंने मेरा एक हाथ पकड़कर अपनी गरम, चिकनी चूत पर रख दिया.
मैंने उनकी चूत की पंखुड़ियों को बहुत देर तक हिलाया और साथ में उनके बूब्स के निप्पल पर भी उंगली घुमाता रहा. तो भाभी अपने एक हाथ से अपना दूसरा बूब्स पकड़कर दबाने लगी और दूसरे हाथ की छोटी उंगली चूसती रही और अब भाभी बहुत गरम हो चुकी थी. मानो वो दिन मेरे लिए जन्नत के बराबर था और मैंने पहले से ही सोच रखा था कि में भाभी के साथ एक दिन ज़न्नत की सैर करूंगा. फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और भाभी के गठीले बदन पर लेट गया और उनको चूमता रहा, उनके बूब्स को चूसता रहा. उनके बदन में अलग ही कशिश थी.
उन्होंने कहा कि बस करो देवर जी, अब मेरी चिकनी चूत को इतना मत तड़पाओ, अब इस लंड को अंदर डाल भी दो. तो मैंने एक बार फिर से अपनी भाभी की आज्ञा का पालन किया और लंड को धीरे धीरे से धक्का देकर अंदर घुसाया. लेकिन लंड के थोड़ा ही अंदर घुसते ही भाभी की एक जोरदार चीखने की आवाज़ आई और वो अपनी चूत को पीछे करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी आईईईईईइ उहह्ह्हह प्लीज थोड़ा धीरे करो उऊह्ह्ह्हह ऐसा इसलिए था, क्योंकि मेरा लंड भैया के लंड से मोटा था, जिसको वो अपनी चूत पर नहीं झेल सकी. तो में वो बात सुनते ही मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और भाभी आआहहउहहहह करके सिसकियाँ लेनी लगी. मुझे मेरी कमर से पकड़कर पीछे की तरफ धक्का देने लगी. लेकिन भाभी जितनी सिसकियाँ लेती चीखती, चिल्लाती में उतना ही तेज़ झटका देता.
फिर कुछ देर तक लगातार चुदाई करने के बाद मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और पलंग पर लेट गया, तब तक उनकी चूत का दर्द भी थोड़ा कम हो गया था और वो भी मेरे लंड से चुदाई के मज़े ले रही थी. तो भाभी मेरे ऊपर आकर बैठ गई और फिर लंड को एक हाथ से अपनी चूत पर रखा तो लंड फिसलता हुआ एक ही बार में सीधा अंदर चला गया और वो ऊपर नीचे ऊपर नीचे उछलने लगी और लंड अंदर बाहर अंदर बाहर होता रहा और भाभी का चेहरा ऐसा दिख रहा था, जैसे कि वो ज़न्नत की सवारी कर रही हो और फिर मेरा पहला धक्का लगा. मैंने दोबारा और भी जोरदार झटके देने शुरू किए, दूसरे धक्के के साथ ही भाभी का पानी भी निकल गया और फिर भाभी ने मुझसे कहा कि इतना मज़ा तो मुझे कभी तुम्हारे भैया भी नहीं दे पाए.
फिर में और भी जोश में झटके देता रहा और वो मेरे लंड पर उछलकूद करती रही और फिर कुछ ही झटको के बाद में झड़ गया और मैंने अपना वीर्य उनकी चूत में डाल दिया. तो वो मेरे लंड से नीचे उतरी और मेरे लंड को चाट चाटकर साफ करने लगी और मेरा पूरा वीर्य चाट गई. लेकिन उसके बाद भी उनकी चूत शांत नहीं हुई और उन्होंने मेरे लंड को फिर से चुदाई के लिए तैयार किया और चुदाई के मज़े लेने लगी.
मैंने उनको बहुत जमकर चोदा फिर कुछ देर की चुदाई के बाद हम दोनों एक एक करके झड़ गए और हम एक दूसरे की बाहों में पड़े रहे और सो गए. कुछ घंटो के बाद में उठा कपड़े पहने और उनके बूब्स को एक बार चूमकर अपने कमरे में चला गया. दोस्तों भाभी की लगातार चुदाई करते हुए मुझे दो साल हो गये है और मेरा लंड भी भाभी की चुदाई के कारण आज भी खड़ा ही रहता है.
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जीजू ने मुझे रंडी की तरह चुदवाया


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मीनू है और मेरी उम्र 21 साल है. में एकदम गोरी चिट्टी हूँ. मेरा उभरे हुए बूब्स, गोल गोल चूतड़ है. दोस्तों इस नादान उम्र में हम लड़कियों की चूत कुछ ज़्यादा ही मचलती है और सभी सेक्स की शौकीन भाभी, दीदी और आंटियों की एक बार चुदाई हो चुकी होती है तो वो या तो अपनी पति से पहली बार चुदती है या फिर अपने बॉयफ्रेंड से, लेकिन दोस्तों मेरी चूत की सील मेरे जीजा जी ने तोड़ी थी.
मेरे फिगर का साईज 30-26-32 है और में 12th में पड़ती हूँ. में और मेरी दीदी पिंकी भी कई बार मेरे जीजू के दोस्तों से चुद चुकी है इसलिए हम आपस में भी बहुत खुली हुई है.
तो एक बार जीजू और जीजी घर पर आये हुये थे. में, पिंकी दीदी, जीजी (आरती) और जीजू सभी बैठकर बातें कर रहें थे.
में : जीजू होली पर क्या प्रोग्राम है, क्यों कुछ चटकीला सा हो जाए?
आरती : इसकी चूत में ज़्यादा खुजली मची हुई है.
पिंकी : इस हरामजादी का बस चले तो यह अपनी चूत और गांड लंड से हमेशा भरी रखे.
में : तुम दोनों कुत्तियों को क्या तक़लीफ़ है? में तो शहर के हर लंड के नीचे आउंगी, क्यों जीजू?
जीजू : हाँ यह दोनों तेरे से जलती है, मेरी प्यारी साली तो रंडी की तरह चुदेगी.
में : हाँ, लेकिन मेरे प्यारे जीजू बोलो, आज होली पर में किसकी रांड बनूंगी?
आरती : इस हरामजादी को तो आज किसी घोड़े के लंड से चुदवा दो.
में : वाह ओहह्ह्ह दीदी, फिर तो कितना मज़ा आएगा? कि जब किसी घोड़े का बड़ा सा लंड मेरी प्यासी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुसेगा और इसे भोसड़ा बना देगा?
जीजू : आज विदेश से मेरी कंपनी के दो आदमी आ रहे है और अगर हमारी डील अच्छी रही तो हमे अच्छा मुनाफा होगा और आज की रात मीनू उनके लंड के नीचे आने वाली है. तो मीनू तुम कुछ अच्छा सा पहन लेना हम वहां पर शाम को चलेगें, क्यों ठीक है ना.
में : हाँ ठीक है, आप कहो तो में नंगी ही चल दूँ.
पिंकी : वाह जीजा जी, यह कहाँ का इंसाफ़ है? मीनू को तो दो दो लंड और हमको एक भी नहीं.
जीजू : मेरी जान में मीनू को उनके पास छोड़कर तुम दोनों को अपने दोस्त की एक पार्टी में ले जाऊंगा, क्यों अब तो ठीक है ना.
आरती : हाँ तो ठीक है हम तीनों तुम्हे एकदम तैयार मिलेगी.
फिर उसी शाम को मैंने मिनी स्कर्ट और बिना ब्रा के एक टॉप पहना हुआ था. लेकिन वो टॉप इतना उँचा था कि उसमे मेरे गोल मटोल बूब्स भी उसमे नहीं समा रहे थे, तो जीजू बोले कि मेरी जान तुम छोटी सी हो, क्या उनको सम्भाल भी लोगी? फिर में बोलती उससे पहले ही आरती बोल पड़ी, कि यह तो एकदम पक्की रंडी है, तुम इसकी बिल्कुल चिंता मत करो, यह सबको बहुत अच्छी तरह सम्भाल लेगी.
फिर जीजू मुझे लेकर एक होटल में आ गये, वो बहुत शानदार होटल थी और वहां पर दो आदमी पहले से ही हमारा इंतजार कर रहे थे, उनमे से एक बिल्कुल काला 7.5 इंच ऊँचा नाम माइकल दूसरा एकदम गोरा अंग्रेज जॉन और मैंने उनके बारे में सुना हुआ था कि इनके लंड घोड़े जैसे लंबे, मोटे होते है. तो मैंने मन में सोचा कि मीनू रानी आज तेरी बुरी तरह से चुदाई होने वाली है. फिर जीजू ने मुझे उनसे मिलवाया. पहले माइकल ने मुझे गले लगाकर गालों पर किस किया और फिर जॉन ने, उसके बाद हमने खाना खाया. में माइकल के पास में बैठी हुई थी और हम आपस में बातें कर रहे थे और होटल में भीड़ भी कम थी.
तभी माइकल ने एक हाथ मेरी जांग पर रखा और सहलाने लगा. में उसकी और देखकर मुस्कुराई और मैंने अपनी जांघे खोल दी तो उसका हाथ मेरी जांघो से होता हुआ मेरी पेंटी तक पहुँच गया. वो मुझे ऐसे ही छेड़ता रहा और फिर खाने के बाद जीजू के फोन की घंटी बजी तो जीजू ने बात करके मुझसे उनके सामने कहा कि मुझे कुछ जरूरी काम है आओ मीनू हम चले.
माइकल और जॉन के चेहरे एकदम से उतर गये. वो दोनों एकदम उदास हो गए, लेकिन तभी मैंने कहा कि जीजू तुम जाकर आ जाओ में यहाँ पर थोड़ा बहुत एंजाय करती हूँ और फिर यह दोनों मेरा ख्याल रखेंगे. तो जीजू बोले कि लेकिन में तो कल सुबह तक आ पाउँगा? तो माइकल बोला कि यार तुम जाओ, इसका ख्याल हम रखेंगे. वैसे मुझे तो पता था कि जीजू को मुझे उन दोनों से चुदवाना है और मुझे भी जीजू के जाने के बाद इन दोनों की रंडी बनना है और फिर जीजू मुझसे अपना ख्याल रखना कहकर चले गये और हम तीनों भी थोड़ा सा डांस करके रूम की तरफ चल पड़े.
तो में बोली कि हम थोड़ा और डांस करते है और उन दोनों ने अपना एक एक हाथ मेरे चूतड़ पर रखा और लगभग मुझे धकेलते हुए बोले कि बस अब तुझे बेड पर डांस करना है. तो में जानबूझ कर बोली कि बेड पर कैसे? तो माइकल बोला कि अब तुझे हम अपने लंड पर डांस करवाएगे और वो मेरे चूतड़ को दबाते हुए मुझे रूम में ले गये और फिर रूम में जाते ही वो दोनों भूखे कुत्तो की तरह मुझ पर टूट पड़े और रूम के अंदर जाते ही माइकल मेरे आगे की तरफ खड़ा था और जॉन मेरे पीछे खड़ा था.
में उन दोनों के बीच में एकदम बच्ची लग रही थी. माइकल ने मेरा टॉप उतारा तो जॉन ने पीछे से मेरी छोटी सी स्कर्ट नीचे खिसका दी, फिर माइकल अपने मोटे मोटे होंठो से मेरे होंठो को चूसने लगा और बीच बीच में वो मेरी जीभ भी चूसने लगता है.
में उसके चुंबन से बिल्कुल बेहाल हुई जा रही थी और एक तरफ जॉन ने पीछे से हाथ आगे की तरफ करके मेरे 32 इंच के बूब्स को पकड़कर बहुत बुरी तरह से मसलना शुरू कर दिया और तभी जॉन मेरे एक बूब्स पर से हाथ हटाकर मेरे चूतड़ो पर ले गया और मेरी चूत की फांको को मसलता रहा था. जैसे ही जॉन ने बूब्स पर से अपना हाथ हटाया माइकल ने बूब्स को अपने होंठो में भर लिया. मेरे मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी. ओह उफ्फ्फ्फ़ ऑश आईईईइ क्या कर रहे हो? प्लीज बूब्स मत चूसो ऐसा करने से मेरी चूत में आग लग जाती है, प्लीज अब छोड़ दो मेरे बूब्स को, मेरी चूत अब तड़पने लगी है.
जॉन बोला कि तू बिल्कुल भी घबरा मत और आज लगने दे आग, हम अभी तेरी चूत की आग भी बुझाएगें और अब में भी पूरी तरह से चुदाई के मूड में आ चुकी थी. तो में बोली कि मुझे तो कुछ दिखाई नहीं दे रहा, जिससे तुम मेरी चूत की आग बुझाओगे. यह मेरे गोल मटोल बूब्स देख रहे हो, जब तक इसे कोई चूस चूसकर लाल ना कर दे चैन नहीं पड़ता और फिर मैंने अपनी पेंटी को नीचे सरका कर अपनी चूत को उनको दिखाते हुए बोली, कि इस चूत की जब तक लंड से इतनी पिटाई ना हो कि यह रो पड़े, इसकी आग नहीं बुझती और यह मेरे गोल गोल चूतड़ लाल करने पड़ेगे.
तो मेरी बात सुनकर उन दोनों ने अपने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और फिर जॉन मेरे पीछे खड़ा हुआ था और जब मैंने माइकल का लंड देखा तो में अंदर तक कांप गयी. जैसे घोड़े का लंड काटकर उस पर लगा दिया हो 8 इंच लंबा 3 गोलाई लिए हुए एकदम काला और जॉन जब मेरे सामने आया तो उसका लंड भी माइकल के लंड जैसा ही था और अगर उनमे कोई फरक था तो सिर्फ रंग का, जहाँ माइकल का लंड एकदम काला था तो वहीं जॉन का एकदम लाल. उनके लंड देखते ही मेरी चूत ने रो रोकर अपना पानी छोड़ दिया.
में एकदम चकित होते हुई उनके लंड देख रही थी. तो जॉन ने झट से मेरे चूतड़ो पर चाटा मारा. साली कुतिया क्या बोल रही थी? चूतड़ लाल चाहिए, यह ले बूब्स नीले होने चाहिए. माइकल बूब्स पर टूट पड़ा, उसके दातों के होंठो के निशान मेरे बूब्स पर पड़ रहे थे. तभी माइकल मुझे नीचे की तरफ झुकता गया और में अपने घुटनों पर हो गयी तो उसका काला, मोटा लंड मेरे होंठो से छू रहा था.
माइकल बोला कि मीनू अपना मुहं खोल और ले मेरा लंड चूस. तो में बोली कि मेरा नाम मीनू नहीं है. तो जॉन बोला कि तो फिर क्या नाम है तेरा मेरी छम्मकछल्लो? तो में बोली कि आज की रात मेरा नाम है हरामजादी, कुतिया, रंडी, छिनाल, रांड, चूत की चोदी, बहन की लौड़ी, माँ की लौड़ी, मादर चोद, सड़ी कुतिया और तुम्हारी छमिया और जो भी गाली तुम्हे आती हो मुझे आज उस नाम से बुलाना और मुझे भी यह हक़ होगा कि में तुम्हे जो मर्ज़ी पड़े बोलूं.
माइकल बोला कि साली पहले लंड तो चूस, तेरी तो हम आज सारी रात हम माँ चोदेगें और फिर में अपनी जीभ निकाल कर लंड पर घुमाते हुए उसे अपने मुहं में ले गयी, तो जॉन माइकल से बोला कि देख हरामजादी के लाल लाल होंठो में तेरा काला लंड कैसा गजब कर रहा है. कितनी प्यारी लग रही है और माइकल मुहं में लंड को आगे पीछे करता बोला कि इस कुतिया के मुहं में काला ही नहीं लाल लंड भी प्यारा लगेगा. क्यों रंडी ठीक बात है ना? तो में बोली कि मुझे क्या पता तुम खुद अपनी रांड के मुहं में डालकर देख लो और फिर बताना कैसी लगती हूँ. फिर जॉन ने मुझे अपनी और घुमाकर अपना लंड मेरे मुहं में फंसा दिया.
तभी माइकल बोला कि वाह यह तो एकदम टॉप की रंडी लग रही है, चल अब तेरी माँ चुदने का वक़्त आ गया है और फिर मुझे अपनी बाहों में उठाकर उन दोनों ने बेड पर पटक दिया. तो माइकल ने मेरे एक पैर को उठाया और वो मेरी चूत पर अपना लंड घिसने लगा. जॉन मेरे बूब्स की माँ चोद रहा था.
फिर माइकल ने अच्छा मौका देखकर एक जोरदार धक्का मारा. लंड गीली चूत में फिसलता हुआ आधे से भी ज़्यादा अंदर घुस गया और में बहुत बुरी तरह से चीख पड़ी आआईईईईई माँ अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ बचाओ मुझे, मुझे तेज़ दर्द हुआ और में बोली कि कुत्ते फ्री की चूत देखकर चोदे जा रहा है, बाहर निकाल अपने मूसल को ऑह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह. लेकिन तभी एक और उससे भी दमदार धक्के ने मेरी चूत को फाड़ दिया और अब वो पूरा घोड़े जैसा लंड मेरी चूत में घुस चुका था. तो में बोली कि साले कुत्ते क्या ऐसे चोदते है एक छोटी सी बच्ची को और अगर कहीं में मर जाती तो?
लेकिन तभी जॉन मेरे मुहं को अपने लंड से बंद करता हुआ बोला कि हम कुत्ते तुम्हारे जैसी कुतिया को ऐसे ही चोदते है. फिर माइकल मेरी चूत में और जॉन मेरे मुहं में ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था और अब मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और 5-7 धक्को में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और अब लंड बहुत तेज रफ़्तार से चूत में अंदर बाहर हो रहा था. तभी माइकल ने अचानक से अपना लंड, चूत से बाहर खींच लिया और मुझे लगा जैसे कि मेरी चूत एकदम खाली हो गई. तो में बोली कि अब क्या हुआ और मेरी चूत बिल्कुल खाली हो गयी है?
तो जॉन ने अपना लंड मेरे मुहं से बाहर निकालकर मुझे अपने ऊपर खींच लिया. में उसकी छाती के ऊपर लेटी हुई उसका मुहं चूम रही थी और उसका मोटा लंड मेरी चूत को छू रहा था. तो मैंने जल्दी से उसका लंड पकड़कर अपनी प्यासी चूत पर लगाया और अपना सारा वजन लंड पर टिकाकर धीरे धीरे उस पर दबाव डालने लगी और फिर लंड मेरी चूत में धीरे धीरे फिसलता हुआ घुसता चला गया और अभी में सिर्फ तीन चार बार ही ऊपर नीचे हुई थी कि मुझे मेरे चूतड़ खुलते महसूस हुए.
मैंने पीछे मुड़कर देखना चाहा. लेकिन जॉन ने मुझे अपने से कसकर चिपका रखा था. तभी मैंने कहा कि नहीं मेरी गांड में कुछ नहीं जाएगा. यह चूत है ना, तुम इसे सारी रात जैसे जी करे वैसे चोद लो. लेकिन मेरी गांड को प्लीज छोड़ दो वरना वो फट जाएगी प्लीज. लेकिन माइकल ने बिना कुछ सुने अपनी दो मोटी मोटी उँगलियों को मेरी गांड में डाल दिया और उसे आगे पीछे करके मेरी गांड के छेद को ढीला करने लगा. तो में आईईईईई ऊउईईईई माँ प्लीज नहीं, प्लीज अब नहीं अह्ह्ह्हह्ह कर रही थी. जॉन बोला कि क्या माइकल इस रंडी के गांड में उंगलियां डाल रहा है सीधा एक झटके में पूरा लंड डाल ना.
तो में बोली कि नहीं माइकल प्लीज नहीं ऐसा मत करना. लेकिन अब वहां पर मेरी कौन सुनता, माइकल ने अपना 8 इंच का काला लंड मेरी छोटी सी गांड के छेद पर रखा और कसकर धक्का मारा. तो में किसी हलाल होती बकरी की तरह चिल्लाने लगी अह्ह्ह्हह्ह मार दिया ऊओह निकाल बाहर कुत्ते की औलाद अह्ह्ह्ह छोड़ दे मुझे आईईईई में मर जाउंगी, प्लीज छोड़ दे और अब मेरी आखों में से पानी भी गिरने लगा था. लेकिन उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसाकर ही दम लिया और उसका घोड़े जैसा लंड मेरे पेट में चुभ रहा था और अब मेरी गांड और चूत दोनों ही फट चुकी थी और अब उन दोनों ने मेरी बहुत बुरी तरह से चुदाई शुरू कर दी.
मेरी गांड और चूत उन दोनों के लंड से पनाह माँग रही थी और फिर थोड़ी ही देर में उनके लंड को मज़ा देने लगी. मेरी चूत उनके लंड की मार से बार बार पानी छोड़ रही थी और में बार बार चिल्ला रही थी अह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो इस कुतिया को ज़ोर से, ज़ोर से फाड़ डालो साली को और वो दोनों पूरी रफ़्तार से लगे हुए थे. तो जॉन बोला कि साली कोई और तमन्ना है तो बोल हम उसे भी आज पूरा कर देंगे? तो में बोली कि एक कुतिया की इच्छा क्या हो सकती है कि वो कुतिया की तरह चुदे.
माइकल ने अपने लंड को गांड में से बाहर निकाला और बोला कि चल फिर बन जा कुतिया और में झट से कुतिया की तरह झुक गयी और अपने चूतड़ हिलाने लगी. तो माइकल ने झट से पीछे आकर मेरी चूत को लंड से भर दिया और जॉन ने मेरे मुहं में जोरदार धक्के मारने शुरू किए. फिर दस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई करने के बाद माइकल बोला कि में कहाँ निकालूं?
में बोली कि तुम दोनों मेरा मुहं भर दो और उन दोनों ने बारी बारी से एक एक करके मेरे मुहं पर वीर्य की बौछार करना शुरू किया और मेरा मुहं पूरी तरह से उनके गरम गरम वीर्य से भर गया. तो मैंने उनके लंड को एक एक करके चूस चूसकर अच्छी तरह से साफ किए. लेकिन सुबह होने तक मेरी ऐसे ही रुक रुककर चुदाई चलती रही और में उनके लंड के मज़े लेती रही. उन्होंने मेरी चूत, गांड, मुहं को सुबह तक पूरी तरह से खोल दिया था और में बिना किसी विरोध के उनसे पूरी रात चुदती रही और जब सुबह जीजू मुझे लेने आए तो मेरे बूब्स उनके दातों के निशान थे और चूत उनके लंड को रात भर झेल झेलकर लाल पड़ चुकी थी और मेरे चूतड़ उनके थप्पड़ से लाल हो चुके थे. लेकिन जीजू का मेरी चुदाई का काम अब पूरा हो चुका था और में उनके सामने एकदम नंगी निढाल होकर पड़ी हुई थी और वो दोनों मेरी चुदाई से बहुत खुश नजर आ रहे थे. तो में जीजू को देखकर उठी और बाथरूम में चली गई. मैंने अपनी चूत और अपने पूरे जिस्म को पानी से ठंडा किया, जो पूरी रात उनके लंड के रगड़ने से गरम हो चुका था और फिर में बाहर चली आई और उनके पास बैठ गई. वो मुझे अभी भी अपनी भूखी नजरों से देख रहे थे. कुछ देर बाद में जीजू के साथ अपने घर पर चली आई.
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छोटी बहन की जबरदस्त चुदाई


हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है में एक अच्छी फेमेली से हूँ और मेरी लम्बाई 5.10 इंच है और मेरी उम्र 23 साल है. में बिल्कुल गोरे रंग का व दिखने में सुन्दर लड़का हूँ. मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मेरी फेमिली में मेरे पापा-मम्मी और एक छोटी बहिन है. अब में आपको अपनी छोटी बहिन के बारें में बताता हूँ.
मेरी छोटी बहिन का नाम कंचन है. वो 21 साल की है और 12th क्लास में पढ़ रही है. वो पढ़ाई में बहुत अच्छी और एकदम शरीफ़ लड़की है. कंचन की लम्बाई 5.2 इंच है. उसका रंग गोरा और आँखे हिरन जैसी लगती है और उसके फिगर का साईज 28-24-32 है. दोस्तों कंचन दिखने में इतनी सुंदर लगती है कि उसे एक बार देखकर किसी भी बूढ़े का लंड खड़ा होकर, उसे एक बार चोदने को तैयार हो जायेगा और गली के सारे लड़कों का उसे चोदने का सपना है.
तो में भी उस समय अपनी छोटी बहिन का आशिक़ था और एक बार उसे चोदना चाहता था, लेकिन ऐसा भी नहीं था कि में कंचन के बारे में शुरू से ही यह सब सोचता था. मेरे दिल में कंचन के बारे में कोई ग़लत भावनाएं नहीं थी, लेकिन मेरा मन सेक्स करने के लिए बहुत मचलता था. अब कंचन मुझे मेरी छोटी बहिन नहीं बल्कि एक हसीन परी लगने लगी थी और अब मुझे उसकी जवानी उसके बदन पर साफ साफ नज़र आने लगी थी और स्कूल ड्रेस में तो वो बहुत ही सेक्सी लगती थी. मेरा मन करता था कि उसके बूब्स का सारा रस पी जाऊँ.
दोस्तों कंचन अधिकतर घर पर फिटिंग की जिन्स, टॉप और सलवार-सूट पहनती थी और उसका सेक्सी गदराया बदन देखकर में लगभग रोज ही मुठ मारता था और उसे चोदने के बारे में सोचता रहता था. एक दिन मुझे वो मौका मिल ही गया, जब मेरी मम्मी को ऑफिस के किसी काम से 4 दिनों के लिए आउट ऑफ़ स्टेशन जाना पड़ा और पापा भी उस समय आउट ऑफ़ स्टेशन थे. उस समय कंचन के पेपर चल रहे थे. मम्मी सुबह 9 बजे घर से निकल गई. अब घर में कंचन और में दोनों अकेले थे.
उस दिन कंचन ने सफेद रंग की शर्ट और जिन्स पहनी थी, जिसमे उसके बूब्स बहुत ही सेक्सी लग रहे थे. हम दोनों नाश्ता करके एक साथ पढाई करने बैठ गए, लेकिन मेरा ध्यान तो कंचन के बूब्स पर था और आज मेरे पास कंचन को चोदने का बहुत अच्छा मौका भी था. लेकिन में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता था, क्योंकि कंचन बहुत ही शरीफ़ लड़की थी.
तभी कंचन का मोबाईल बजने लगा, तो कंचन ने कहा कि भैया देखना किसका फोन है और उसे कह दो कि में अभी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हूँ. मैंने कंचन का फोन उठाया तो कोई लड़का कंचन के बारे में पूछने लगा. लेकिन मेरी आवाज़ सुनकर उसने फोन काट दिया और फिर मैंने कंचन को शीशे में उतारने के लिए उससे कहा कि कंचन क्या में तुमसे एक बात पूछ सकता हूँ? लेकिन तुम मुझे सच सच बताना.
वो बोली कि हाँ, पूछो ना भैया में आपसे कुछ भी नहीं छुपा सकती, में सब कुछ सच ही कहूंगी. मैंने पूछा कि क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? कंचन ने एकदम चकित होते हुए पूछा कि क्यों भैया? आप अचानक ऐसा क्यों पूछ रहे हो? तो मैंने कहा कि कंचन अभी किसी लड़के का फोन आया था और वो तुम्हारे बारे में पूछ रहा था और मेरी आवाज़ सुनकर उसने जल्दी से फोन काट दिया. तो उसने कहा कि प्लीज भैया आप मम्मी को इस बारे में मत बताना. मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं है, लेकिन.. वह बोलती बोलती एकदम चुप हो गई.
मैंने कहा कि हाँ, हाँ बोलो ना, लेकिन क्या? तो कंचन कहने लगी कि रहने दो भैया. तो मैंने कहा कि क्या तुम्हे मुझ पर विश्वास नहीं है? तुम बोलो, में किसी से इसके बारे में कुछ भी नहीं कहूँगा. में तुमसे सिर्फ़ एक दोस्त के नाते पूछ रहा हूँ और अगर तुम्हे पसंद नहीं है, तो तुम छोड़ दो मुझे मत बताओ, लेकिन अगर मम्मी, पापा को पता चला तो बहुत बुरा होगा.
तो कंचन रोते हुए कहने लगी कि नहीं भैया ऐसा मत होने देना प्लीज, में आपको बताती हूँ. मुझे स्कूल में बहुत सारे लड़के छेड़ते रहते है और मेरी क्लास का एक लड़का मुझसे दोस्ती भी करना चाहता है. यह फोन उसी ने किया होगा. मैंने पूछा कि कंचन क्या तुम्हे कोई लड़का पसंद है? तो कंचन कहने लगी कि भैया यह सब आप क्यों पूछ रहे हो?
मैंने कहा कि कंचन तुम मुझे अपना दोस्त समझकर बताओ और तुम मुझसे अपनी बातें वैसे ही कर सकती हो, जैसे अपनी सहेलियों के साथ करती हो. तो कंचन शरमाते हुए कहने लगी कि ठीक है भैया, लेकिन जब लड़के मुझे छेड़ते है तो मुझे बड़ा अजीब सा महससू होता है और इस समय कंचन का चेहरा धीरे धीरे शरम से एकदम लाल हो रहा था.
फिर मैंने पूछा कि तुम्हे कैसा लगता है कंचन? वो बोली कि मुझे उस वक्त ऐसा लगता है कि जैसे मेरे सारे बदन में कोई आग लगी हो, मेरा सारा बदन कांपने लगता है और जब मैंने यह बात मेरी सहेलियों से पूछी तो उन्होंने मुझसे कहा कि इस उम्र में अक्सर यह सब होता है और इसका एक ही इलाज है कि तुम किसी को अपना बॉयफ्रेंड बनाकर उसके साथ बहुत मज़े करो, जैसे हम सब सहेलियां करती है.
दोस्तों कंचन के मुहं से ऐसी बातें सुनकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया. तो मैंने कंचन से कहा कि तुम एक बात मुझे सच सच बताओ क्या तुम किसी लड़के के साथ एंजॉय करना चाहती हो या नहीं? तो कंचन बहुत हैरानी से मुझे देखते हुए कहने लगी कि भैया यह आप क्या कह रहे है? तो मैंने कहा कि तू मुझे अपना दोस्त ही समझकर सच सच बता, में बस तेरी मदद कर रहा हूँ. तो कंचन ने कहा कि भैया करना तो चाहती हूँ, मगर मुझे बहुत डर लगता है. तो मैंने कहा कि अगर मगर कुछ नहीं, बोलो इसके लिए मेरे पास एक बहुत अच्छा उपाय है, अगर तुम्हे पसंद हो तो में तुम्हे वो बता सकता हूँ.
वो बहुत उत्सुकता भरे स्वर में बोलने लगी कि प्लीज भैया जल्दी से बोलिए ना वो आईडिया क्या है, बोलो ना प्लीज? तो में कहने लगा कि तुम्हे एक ऐसा लड़का चाहिए कि जिसके तुम्हारे घर में आने जाने से और तुम्हारे साथ घूमने से किसी को भी कुछ भी बुरा ना लगे और किसी को शक तक ना हो ऐसे लड़के के साथ तुम एंजाय कर सकती हो. तो वो पूछने लगी कि लेकिन ऐसा लड़का है कहाँ? तो मैंने कहा कि और कहाँ ठीक तुम्हारे सामने ही तो है वो लड़का? तो इस बात को सुनते ही वो एकदम चौंक गई और कहने लगी कि लेकिन भैया आप तो मेरे सगे भाई हो.
में कहने लगा कि देखो कंचन तुम मेरी छोटी बहिन हो और में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और सबसे पहले तुम एक लड़की हो और में एक लड़का, जो एक दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते है और ऐसा करने में कोई समस्या भी नहीं आयेगी, क्योंकि हम दोनों पर कभी कोई शक भी नहीं करेगा और में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम्हारे बिना जी नहीं सकता. फिर मेरी यह सभी बातें सुनकर कंचन कुछ देर बिल्कुल खामोश रही और फिर बोली कि भैया प्यार तो में भी आपसे बहुत करती हूँ. लेकिन में आपसे कहने से डरती थी कि कहीं आप बुरा ना मान जाओ.
में समझ गया कि यही एकदम सही मौका है अपनी इच्छा को पूरा करने का, मौका हाथ से जाए इससे पहले में उसकी कमर पर अपने हाथ डालकर सहलाने लगा और उसने अपनी दोनों आखें बंद कर ली, तो में भी अब समझ गया कि वो खुद भी राज़ी है. मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और उसके रस भरे गुलाबी होंठो को चूसने लगा, तो उसका चेहरा शरम से एकदम लाल होने लगा और उसकी साँसे धीरे धीरे तेज होने लगी और उसका बदन कांपने लगा. दोस्तों में पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स कर रहा था और अब मेरे शरीर में भी 240 वोल्ट्स का करंट दौड़ने लगा और यह सोचकर में बहुत चकित था कि में अपनी सग़ी छोटी बहिन के बदन को चूम रहा हूँ.
में कंचन को अपनी बाहों में उठाकर बेड पर ले गया और उसके होंठो को चूसते हुए उसके बूब्स को सहलाने व दबाने लगा और वो अह्ह्ह्हह ऊईईईईईइई भैया अह्ह्ह्हह्हह्ह्ह करने लगी और अब में धीरे धीरे से उसकी कमीज़ के अंदर हाथ डालकर उसके बूब्स को सहलाने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर में उसके होंठो को चूसते हुए उसकी कमीज़ को उतारने लगा.
लेकिन मेरे हाथ कांप रहे थे में थोड़ी ही देर में अपनी सग़ी छोटी बहिन के बूब्स को देखने और चूमने जा रहा था जो कि मेरे लिए कल तक यह एक कभी ना पूरा होने वाला सपना था, जो आज एक हक़ीकत में बदलने वाला था. वो बूब्स जिन्हें आज तक किसी और ने ना ही हाथ लगाया था और ना ही दबाए थे और मैंने कंचन की कमीज़ के सारे बटन खोल दिए. कंचन ने अंदर सफेद कलर की ब्रा पहनी हुई थी, तो वो अब मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा में थी और बहुत ही सुंदर लग रही थी.
उसको देखकर तो में पागल सा हो गया और उसके गले और कंधो पर पागलों की तरह किस करने लगा. वो अब एकदम बेकाबू होकर सिसकियाँ लेकर कहने लगी कि भैया में आपसे बहुत प्यार करती हूँ, आप बहुत अच्छे हो और प्लीज और करो आईईईईइइर्ररर भैया. मैंने झट से उसके मुहं पर हाथ डाला और दोनों हाथों से उसके बूब्स को दबाने लगा. लेकिन उसके बूब्स बहुत ही टाईट थे.
फिर में कंचन के दोनों बूब्स को नीबूं की तरह निचोड़ने लगा, लेकिन कंचन की तो जैसे जान ही निकल गयी. वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी और उसने अपना मुहं ऊपर कर लिया और फिर सेक्सी सेक्सी आवाजें निकालने लगी आह्ह्ह्हअहह भैया ऊफ्फ्फफफफफ्फ़ थोड़ा आराम से करो ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह यह सब आपके ही है और अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था तो में उठा और उठकर अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए. मैंने कंचन की ब्रा के निप्पल को छूते हुए बोला कि कंचन आज में इनका पूरा दूध पी जाऊंगा. तो यह बात सुनकर कंचन एकदम शरमा गई और उसने अपनी नजरों को नीचे झुका दिया. मैंने उसे फ्रेंच किस करनी शुरू कर दी और साथ में अपना एक हाथ उसकी ब्रा में डालकर, उसके बूब्स का मज़ा लेने लगा. वो बहुत गरम थी ऐसा लग रहा था कि जैसे वो किसी आग में जल रही हो, कंचन मेरा पूरा साथ दे रही थी और अब में उसकी ब्रा निकालने लगा और जब मैंने उसकी ब्रा उतारी तो वो अपने हाथों से बूब्स को छुपाने लगी.
उसका गोरा गोरा बदन और समोसे जैसे छोटे छोटे बूब्स मुझे मदहोश करने लगे. में उसके आगे बिल्कुल नंगा बैठा हुआ था और वो मेरा 8 इंच का लंड देखकर शरमा रही थी और धीरे धीरे से उसको सहला भी रही थी. तो मैंने कंचन को फ्रेंच किस करते हुए उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया और वो उसको सक कर रही थी और मेरा एक हाथ कंचन के निप्पल के साथ खेल रहा था. उसके बूब्स क्या कसे हुए थे? कंचन बुरी तरह से मचल रही थी और वो आहह्ह्ह ओहह्ह्ह आईईईइ भैया कर रही थी.
फिर में कंचन के निप्पल को मुहं में लेकर उनका रस चूसने लगा और फिर कंचन के मुहं से एकदम धीमी सी आवाज़ में सिसकियाँ निकलने लगी आहहह्ह्ह्हह अईईईई उफफ्फ्फ्फ़ भैया प्लीज थोड़ा धीरे कीजिए. तो में लगातार चूसता रहा और दस मिनट तक उसके बूब्स को चूसने के बाद, मैंने धीरे धीरे अपना एक हाथ उसके पेट पर से उसकी नाभि तक लेकर गया और उसकी नाभि को सहलाने लगा, तो वो एकदम गरम होने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और फिर मैंने उसकी स्कर्ट का हुक खोलकर उसकी स्कर्ट उतार दी. उसने हल्के नीले रंग की पेंटी पहनी हुई थी और में पहली बार किसी लड़की के साथ यह सब कर रहा था. फिर में उसकी चिकनी चिकनी जांघे चूमने लगा और में एकदम पागलों की तरह उसकी जांघो को अपने मुँह से सहला रहा था और चूम रहा था.
फिर मैंने धीरे से उसकी पेंटी को खींच दिया और अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी. वाह क्या मस्त छोटी सी गुलाबी चूत थी, मेरी प्यारी बहना की, में क्या बताऊँ? दोस्तों, कंचन कैसी अनछुई कली थी? और में उसकी बिना बालों वाली अधखिली, गोरी, गुलाबी चूत को देखता रह गया, क्योंकि उसकी चूत तो आग की तरह जल रही थी और कंचन की चूत एकदम कसी हुई थी, उसकी दोनों फांके चिपकी हुई थी. फिर मैंने हौले से उसकी चिपकी हुई दोनों फांको को उंगली से अलग अलग किया और उसकी चूत को उंगली से सहला दिया और वो अह्ह्ह्हह उईईईई भैया अहह्ह्ह्ह करते हुए मचलने लगी और बोलने लगी कि भैया आहह्ह्ह्हहहा माँ ऊईईईईई.
कंचन की नंगी चूत को देखकर मेरे तो होश ही उड़ गये और मुझे अभी तक विश्वास नहीं हो रहा था कि में अपनी सग़ी बहिन का नंगा जिस्म और उसकी नंगी चूत को देख रहा हूँ. फिर मैंने उसकी चूत की दोनों फांको पर होंठ रख दिए और कंचन की कसी हुई चूत के होठों को अपने होंठो से दबाकर चूसने लगा और कंचन तो बस आह्ह्ह्हहह आअहह भैया उईईईई आहह करते हुए ऐसे तड़पने लगी जैसे उसे करंट लग रहा हो, और कंचन मज़े से पागल हो रही थी भैया प्लीज, अब बस करो, बस भैया आह्ह्ह्ह में मर गई और फिर एकदम से कंचन की चूत ने पानी छोड़ दिया.
मैंने सब अनदेखा कर दिया और चूसकर कंचन की जवानी का रस पीता गया. बड़ी देर तक में कंचन की छोटी सी चूत से चिपका रहा, लेकिन इस बीच कंचन दो बार झड़ चकी थी और बुरी तरह तड़प रही थी. फिर में जल्दी जल्दी अपने सारे कपड़े उतारकर नंगा हो गया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया कंचन मेरे लंड को देखकर कहने लगी कि भैया यह तो बहुत बड़ा है और यह मेरी चूत में नहीं जाएगा. तो मैंने उसके चूतड़ के नीचे एक तकिया रख दिया, जिससे उसकी चूत थोड़ा ऊपर उठ जाए और मुझे उसकी चुदाई करने में आसानी भी हो और मज़ा भी आए. फिर मैंने अपने लंड का सुपड़ा उसकी गरम चूत के छोटे से छेद पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा आधा लंड, उसकी गरम और मासूम चूत के पतले होंठो को चीरता हुआ अंदर चला गया.
लेकिन उसकी मुहं से एक जोरदार चीख निकल गई आहह्ह्ह्हह आईईईईई में मर गई भैया, बाहर निकालो इसे अह्ह्ह्हह. तो में थोड़ी देर तक रुक गया और उसके बूब्स को चूस रहा था और वो थोड़ी ही देर में फिर से गरम होने लगी तो मैंने सही मौका देखकर फिर अपना पूरा लंड कंचन की तड़पती हुई चूत में घुसेड़ दिया. कंचन बुरी तरह से तड़प रही थी और अब उसकी चूत से खून भी बह रहा था.
फिर में धीरे धीरे आगे पीछे हिलने लगा और थोड़ी देर के बाद वो भी मज़े लेने लगी. लेकिन कंचन अभी भी धीरे धीरे चिल्ला रही थी और सिसकियाँ ले रही थी उऊऊमाँ उह्ह्ह्हह्ह ऑश भैया में मर गई और अपनी गर्दन को कभी इधर, कभी उधर कर रही थी और उसकी चूत से खून भी बह रहा था और अब मुझे मज़ा आने लगा था. में कंचन के एक निप्पल को चूसने लगा और धीरे धीरे अपना लंड बाहर खींचकर फिर से अंदर घुसा दिया और इस तरह बड़ी ही धीरे धीरे अपनी प्यारी छोटी बहिन को चोदने लगा और अब कंचन को भी मज़ा आने लगा था. वो अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह भैया आई आई रे आई भैया ऊह्ह्ह करते हुए मज़े ले लेकर चुदवाने लगी.
में भी कंचन की एकदम टाईट चूत को चोदने का आनंद लेने लगा और कंचन भी दर्द झेलते हुए धक्के दे देकर चुदाई के मज़े लेने लगी. तो कंचन मेरे साथ मिलकर बहुत उछल कूद करते हुए चुदवाने लगी और फिर तभी कंचन की चूत ने पानी छोड़ दिया और कंचन बस बस भैया अह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह माँ करते हुए तड़पने लगी और 15 मिनट के बाद में भी झड़ गया और मैंने कंचन की चूत में अपने लंड का रस छोड़ दिया और वो भी इस बीच दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने कंचन के बूब्स को सहलाते हुए पूछा कि क्यों कंचन कैसा लगा अपने भाई का प्यार?
तो कंचन यह बात सुनकर शरमा गई और फिर हम दोनों थोड़ी देर तक वैसे ही एक दूसरे के साथ लिपटे हुए लेटे रहे और फिर जब कंचन उठी तो उससे चला भी नहीं जा रहा था और उसकी चूत खून से भरी हुई थी. फिर में उठा और एक कपड़े से कंचन की चूत को साफ किया और इस तरह मैंने अपनी कमसिन छोटी बहिन को उस दिन करीब 4 बार चोदा और वो दिन था, जिसने मेरी जिंदगी बदल दी और अब मेरी छोटी बहिन ही मेरी गर्लफ्रेंड है.
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