बहन ने चुकाए पैसे रंडी बनकर

हैल्लो फ्रेंड्स, कैसे हो आप सब? में आपकी सेवा में मेरी बहन की एक कहानी लेकर हाज़िर हुआ हूँ. ये कहानी पढ़कर सभी लंड में से पानी निकलेगा और सभी की चूत गीली हो जाएगी. में आपको मेरी बहन के बारे में बताता हूँ, मेरी बहन का नाम संजना है, उसकी उम्र 25 साल है, रंग गोरा और फिगर साईज 36-32-38 है, उसकी सबसे अच्छी बात उसकी गांड है, जब वो अपनी गांड मटका कर चलती है तो सभी के लंड खड़े हो जाते है, मेरा भी लंड उसकी गांड देखकर खड़ा हो जाता है. अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ.
मुझे जुआ खेलने का बहुत शौक था, में अक्सर क्लब में जुआ खेलने जाता था. एक दिन जब में क्लब में जुआ खेल रहा था, तब में बहुत पैसे जीत रहा था. फिर में जाने लगा तो एक आदमी मेरे पास आया और कहा कि चलो मेरे साथ एक गेम खेलो, मैंने उससे नहीं कहा तो वो बोला डर गया क्या? तो मैंने जोश में आकर उसको हाँ कह दिया.
मैंने कहा कि हम एक ही गेम खेलेंगे, तो उसने कहा ठीक है तो फिर उसने पत्ते बाटें. में फिर से जीत गया, में आज 50 हज़ार जीत चुका था, तो में पैसे लेकर जाने लगा तो उसने मुझसे कहा एक और गेम खेलते है. फिर उसने 2 लाख रूपयें निकाले और कहा कि एक ही गेम में सारे पैसे लगाते है, तो मैंने कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं है, तो उसने कहा कोई बात नहीं, अगर हार गया तो बाकी के पैसे बाद में दे देना.
मैंने कहा ठीक है फिर मैंने पत्ते बाटें, मुझे आज अपनी किस्मत पर पूरा भरोसा था, इसलिए मैंने खेलने के लिए हाँ कह दिया, लेकिन फिर में हार गया. अब वो मुझसे पैसे माँगने लगा, उसने अपना नाम शेज़ाद बताया, उसने कहा कल के कल मेरे पैसे मिलने चाहिए वरना देख तेरे साथ क्या क्या होता है? उसने मुझे धमकी दी तो में बहुत डर गया, में 2 लाख रूपयें कहाँ से लाऊंगा. फिर में घर वापस आया तो में पूरी रात सो नहीं पाया, अगली सुबह 10 बजे मेरी घर की बेल बजी, तो मैंने मेरी बहन से दरवाजा खोलने को बोला.
उसने दरवाजा खोला तो बहन ने कहा कि भैया आप से कोई मिलने आया है. में बाहर आया तो वहाँ शेज़ाद और उसके साथ दो और आदमी थे, फिर वो अंदर आ गये और सोफे पर बैठ गये. में उनको देखकर बहुत ही डर गया था, उस वक़्त घर में मेरी बहन और में ही था, मेरे मम्मी और पापा ऑफिस गये हुए थे. मैंने देखा कि शेज़ाद मेरी बहन को देखे जा रहा था. फिर मैंने मेरी बहन को अंदर जाने को बोला तो शेज़ाद बोला अरे यार पानी तो पिला दो, तो मैंने संजना को पानी लाने को कहा. फिर संजना जैसे ही पानी लेने किचन की तरफ गई तो मैंने देखा कि शेज़ाद मेरी बहन संजना की गांड को देखे जा रहा था.
फिर संजना पानी लेकर आई और मैंने उसको अंदर जाने को बोला, शेज़ाद मेरी बहन की गांड को देखे ही जा रहा था. फिर मेरी बहन के अंदर जाने के बाद मैंने शेज़ाद से कहा कि प्लीज बाहर चलकर बात करते है, तो उसने कहा कि ठीक है. फिर हम बाहर गये, तभी शेज़ाद ने मेरी शर्ट का कॉलर पकड़ा और कहा कि मेरे पैसे कहाँ है, तो मैंने कहा शेज़ाद भाई प्लीज़ और थोड़ा टाईम दे दो में आपके पूरे पैसे दे दूँगा.
उसने कहा और कितने दिन चाहिए और मुझे थप्पड़ मारने लग गया, फिर मैंने कहा प्लीज भाई थोड़ा टाईम दे दो में आपके पैसे दे दूँगा. में आपके लिए कुछ भी करूँगा. फिर शेज़ाद ने थोड़ा सोचा और कहा कुछ भी करेगा, तो मैंने कहा हाँ भाई कुछ भी करूँगा. तो शेज़ाद ने कहा कि वो लड़की तेरी बहन है ना, तो मैंने कहा हाँ, तो शेज़ाद बोला कि एक रात के लिए मुझे तेरी बहन चाहिए. तो मुझे गुस्सा आ गया और उसकी शर्ट का कॉलर पकड़कर उसको गालियाँ दी और कहा कि वो मेरी बहन है. फिर शेज़ाद के साथ जो लोग आए थे उन लोंगो ने मुझे पकड़ लिया और बहुत मारा, फिर शेज़ाद बोला देख साले आज रात तक का टाईम देता हूँ सोच ले, में बहुत डर गया था मुझे रातभर नींद नहीं आई और कैसे शेज़ाद के पैसे लौटाऊँ सोचने लग गया.
फिर करीब रात के 2 बजे शेज़ाद का फोन आया मैंने कॉल रिसीव किया, तो शेज़ाद बोला कि क्या सोचा? मैंने कहा शेज़ाद भाई प्लीज़ ऐसा मत करो वो मेरी बहन है. फिर शेज़ाद को गुस्सा आया और बोला देख बे अगर तुझे ऐसा नहीं करना है तो सुबह तक मेरे पैसे वापस मिलने चाहिए, वरना तेरा हाल बहुत बुरा होगा. देख एक रात के लिए तेरी बहन को भेज दे या सारे पैसे चुका दे, नहीं तो तेरी और तेरे घर की बदनामी होगी. में बहुत डर गया और कहा कि ठीक है भाई मुझे मंजूर है.
शेज़ाद बहुत खुश हुआ और कहा कि फिर कल मिलते है. तेरी बहन को कल 4 बजे लेकर आना, फिर मैंने कहा ठीक है भाई. फिर अगली सुबह उठकर में सोचने लगा कि संजना को कैसे बाहर लेकर जाऊं. फिर दोपहर को खाना खाकर मैंने संजना को कहा कि चल शाम को मॉल घूमने चलते है तो संजना बोली कि ठीक है.
फिर हम शाम 4 बजे मॉल जाने के लिए निकले. संजना ने उस दिन एक टाईट जीन्स और टॉप पहना था, हम जैसे ही रोड़ पर आए वैसे ही शेज़ाद कार लेकर हमारे सामने आ गया. फिर शेज़ाद कार से उतरा और मुझसे पूछा कि कहाँ जा रहा है, तो मैंने कहा हम मॉल घूमने जा रहे है तो वो बोला चल में तुम लोंगो को छोड़ देता हूँ. फिर मैंने मेरी बहन संजना की तरफ देखा तो संजना ने कहा हाँ चलो भैया चलते है. फिर मैंने कहा ओके तो जैसे ही हम कार की तरफ बड़े और अंदर बैठने लगे तो देखा कि कार में दो आदमी और है, मैंने शेज़ाद की तरफ देखा तो वो थोड़ा मुस्काराया में समझ गया कि आज मेरी बहन ग्रूप में चुदने वाली है. फिर में आगे बैठा शेज़ाद और संजना पीछे बैठ गये. मुझे बहुत डर लग रहा था और मेरी दिल की धड़कन बहुत तेज हो रही थी, आज मेरी बहन 3 लोगों के साथ चुदने वाली है, वो कैसे उसको चोदेंगे?
फिर कार चल पड़ी और में देख रहा था कि मेरी बहन को देखकर सब अपनी लाल टपका रहे थे, सबकी आँखो में हवस नज़र आ रही थी और में बहुत डर रहा था. फिर मैंने अचानक देखा तो बाहर रोड़ पर लडकियाँ मेकअप करके खड़ी थी. मैंने गौर से देखा कि कार कमाठीपुरा में जा रही थी, मैंने तुरंत शेज़ाद की और देखा तो उसने थोड़ा स्माइल किया.
मैंने कहा शेज़ाद भाई थोड़ी बात करनी है, तो शेज़ाद बोला कि बोल और फिर मैंने कहा कि अकेले में बात करनी है तो उन्होंने कार रोक दी. फिर में और शेज़ाद थोड़ी दूर पैदल चलकर गये. फिर मैंने शेज़ाद भाई से कहा भाई मेरी बहन के साथ ऐसा मत करो, तो शेज़ाद बोला क्या नहीं करूँ? मैंने कहा आपने तो कहा था आप ही मेरी बहन को चोदेगे, प्लीज उसको रंडी मत बनाओ. में शेज़ाद के पैरो में गिरकर माफी माँगने लगा, लेकिन शेज़ाद हंसने लगा और कहा साले भोसड़ी के ये सब तुझे जुआ खेलने से पहले सोचना था.
फिर मैंने कहा भाई प्लीज़ में आपके सारे पैसे लौटा दूँगा मेरी बहन को छोड़ दो, उसे रांड मत बनाओ. तो शेज़ाद बोला हरामी तू पैसे कैसे लौटायेगा? देख तेरी बहन क्या मस्त माल है? देख तो रंडी की गांड कैसी है? साले वो कमायेगी तो तेरा ही फायदा है साली इतना कमायेगी कि तुझे कुछ करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी. चल अब नाटक मत कर नहीं तो तेरी बहन को यही नंगा करूँगा और रास्ते पर ही चोद दूँगा. फिर तो तेरी बहन फ्री में चुदवायेगी. में चुपचाप उठा और फिर हम कार में बैठकर जाने लगे. थोड़ी दूर जाने के बाद कार एक बिल्डिंग के सामने आकर रुकी. फिर हम सब उतर गये, जब मेरी बहन कार से उतर गयी तब उसने पूछा कि ये तुम कहाँ लेकर आए हो, कार की खिड़की बंद थी इसलिए मेरी बहन को पता नहीं चला था कि हम कहाँ जा रहे थे. फिर मेरे आस पास देखा तो वो समझ गयी थी की हम कहाँ आ गये थे.
फिर वो वहाँ से भागने लगी तो शेज़ाद ने अपने दो साथियों से कहा पकड़ साली को तो उन्होंने मेरी बहन को पकड़ लिया और शेज़ाद मेरी बहन के पास गया. फिर उसने मेरी बहन की गांड पर हाथ फेरा और थोड़ी सी गांड दबाकर बोला कि कहाँ भाग रही हो जानेमन, क्या मस्त गांड है तेरी? तुझे आज जन्नत की सेर कराने लाया हूँ. मेरी बहन रोने लगी और उसने कहा कि भैया मुझे बचाओ, तो मैंने अपनी नज़रे नीचे कर दी, में मेरी बहन से नज़र नहीं मिला पा रहा था.
तब शेज़ाद हंसने लगा और बोला तुझे वो क्या बचायेगा? तुझे यहाँ मुझसे चुदवाने के लिए वही तो लेकर आया है, आज तू एक रांड बनने वाली है. ये सुनकर मेरी बहन और रोने लगी, तो शेज़ाद बोला कि मत रो मेरी रंडी, अपनी जवानी के मजे ले. आज तेरा भाई तेरा दलाल बन गया है. फिर हम मेरी बहन को लेकर ऊपर चले गये. वहाँ एक आंटी आई उसने शेज़ाद को बैठने को बोला और फिर शेज़ाद बोला देख आज तेरे लिए क्या माल लाया हूँ? साली आज तेरे कोठे की शान बन जायेगी, हम एक हॉल में बैठे हुए थे वहाँ एक पलंग था.
फिर उन लोगों ने मेरी बहन को पलंग पर पटक दिया. मेरी बहन पलंग पर बैठकर रोने लगी, प्लीज मुझे जाने दो, मेरे साथ ऐसा मत करो. फिर वहाँ सब लोग हंसने लगे.
फिर शेज़ाद मुझसे बोला कि चल अपनी बहन को नंगा कर देखूं तो तेरी छिनाल बहन नंगी कैसी लगती है. में चुपचाप बेड के पास गया और मेरी बहन का टॉप उतारने लगा तो मेरी बहन मेरा विरोध करने लगी. फिर में मेरी बहन का टॉप जबरदस्ती निकालने की कोशिश करने लगा, लेकिन निकाल नहीं पाया. तभी शेज़ाद को गुस्सा आया, उसने आवाज लगाई और 3 लोग वहाँ से आए, उसने उन लोगों से कहा कि साली को पकड़कर खड़ा करो. फिर उन लोगों ने मेरी बहन को पकड़ के खड़ा किया और फिर मुझसे बोला चल अपनी बहन को अब नंगा कर. में मेरी बहन की तरफ बढ़ा, मेरी बहन उन लोगों से अपने आपको उनके हाथों से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उन लोगों ने मेरी बहन को ज़ोर से पकड़ रखा था.
फिर में अपनी बहन के पास गया और मैंने अपनी बहन का टॉप ऊतार दिया. मेरी बहन ने लाल कलर की ब्रा पहनी हुई थी. मेरी बहन के बूब्स देखकर सब हवस से भरी नज़रों से उसे देखने लगे. तभी वहां एक दलाल बोला वाह साली के क्या बूब्स है? तो शेज़ाद बोला अरे यार तेरी बहन के बूब्स कितने बड़े है, इतने शानदार बूब्स क्यों छुपा के रखे थे? देख तो कैसे आज़ाद होने के लिए तड़प रहे. फिर शेज़ाद बोला इसकी ब्रा को जल्दी उतार और पूरे बूब्स को देखने दे.
मैंने उसकी ब्रा खींचकर निकाल दी, जैसे ही ब्रा नीचे ऊतर गयी तो मेरी बहन के बूब्स एक स्प्रिंग की तरह निकल आए, सब मेरी बहन के बूब्स को देख रहे थे. मेरी बहन को जिन लोगों ने पकड़ रखा था, वो मेरी बहन के बूब्स पर हाथ फेरने लगे और कहा शेज़ाद भाई साली के बूब्स कितने मुलायम है. फिर शेज़ाद बोला चल अब अपनी बहन की जीन्स उतार और इस रंडी की चूत के दर्शन करा दे.
फिर मैंने धीरे-धीरे मेरी बहन की जीन्स के बटन खोल दिए. जैसे ही में अपनी बहन की जीन्स की चैन नीचे करने लगा तो शेज़ाद बोला कि रुक हाथ से नहीं अपने मुँह से चैन खोल. फिर में नीचे अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपने मुँह से मेरी बहन की जीन्स की चैन पकड़ी और खोलने लग गया, जैसे ही मैंने मेरी बहन की चैन खोली तो उसकी चूत की स्मेल से में उत्तेजित हो गया. फिर मैंने थोड़ा मेरी बहन की चूत को किस किया तो मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
शेज़ाद बोला कि देख रंडी तेरा भाई भी तेरी चूत का दीवाना हो गया. ये सुनकर मुझे थोड़ी शर्म आई. फिर में उठा और मेरी बहन की जीन्स निकाल दी, मेरी बहन ने लाल कलर की पेंटी पहनी थी, मेरी बहन पेंटी में क्या कयामत लग रही थी? फिर धीरे- धीरे मुझे भी अपनी बहन को नंगा करने में मज़ा आने लगा और मेरी बहन को सिर्फ़ पेंटी में देख वहाँ के सारे मर्द अपने लंड पर हाथ फेरने लगे. तो मेरा भी लंड पेंट के बाहर आने के लिए तैयार था, शेज़ाद ने शायद ये देख लिया था तो उसने कहा कि सब लोग देखो तो कैसे अपनी बहन को नंगा देखकर इसका भी लंड खड़ा हो गया, तो वो सब लोग मेरे लंड की और देखने लगे.
फिर शेज़ाद बोला क्यों भडवे अपनी बहन को नंगा करने में कैसा लगा? तो में बोला बहुत मज़ा आया भाई. तो शेजाद बोला तेरी बहन है ही इतनी अच्छी माल कि बुड्डे का भी लंड खड़ा हो जायेगा. चल अब अपनी बहन की चूत दिखा. फिर मैंने अपनी बहन की पेंटी को नीचे घुटनो तक ऊतार दिया और कहा कि देखो मेरी बहन की चिकनी चूत कैसी लगी?
सब लोग बोले मस्त है यार तेरी बहन की चूत. फिर शेज़ाद उठा और मेरी बहन को उठाकर बेड पर फेंक दिया और उसको चूमने लगा, मेरी बहन उसका विरोध कर रही थी, लेकिन कुछ कर नहीं पाई. शेज़ाद मेरी बहन के बदन को किस कर रहा था और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था, उसके निपल्स को काट रहा था, फिर चूस रहा था, वो एक जानवर की तरह मेरी बहन के हर अंग के साथ खेल रहा था, मेरी बहन चिल्ला रही थी प्लीज छोड़ो जाने दो, आह्ह्ह आहह ऊहह आअहह.
फिर शेज़ाद ने एक उंगली मेरी बहन की चूत में डाल दी, और जैसे ही उंगली चूत में अंदर गयी तो मेरी बहन ज़ोर से चिल्ला उठी आआआआहह. फिर शेज़ाद मेरी बहन की चूत को चाटने लगा, मेरी बहन अब गर्म हो चुकी थी, उसका चिल्लाना बंद हो गया था. फिर वो सिसकारियां भरने लगी.. आह्ह्ह्हह ऊहह.
फिर थोड़ी देर तक मेरी बहन की चूत को चाटने के बाद शेज़ाद उठ गया और नंगा हो गया और मेरी बहन को बोला ले छिनाल चल चूस मेरा लंड, तो मेरी बहन चुपचाप शेज़ाद का लंड चूसने लगी. मेरी बहन मस्त होकर शेज़ाद का लंड चूस रही थी तो शेज़ाद बोला देख तेरी बहन क्या मस्त मेरा लंड चूस रही है? एकदम रंडी की तरह साली को लंड बहुत पसंद है.
फिर शेज़ाद ने मेरी बहन की दोनों टाँगे फैलाई और अपना लंड मेरी बहन की चूत पर रखा और ज़ोर से मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया, जैसे ही लंड अंदर गया मेरी बहन चिल्ला उठी आहाआहह. फिर शेज़ाद ने और ज़ोर से मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो शेज़ाद का पूरा लंड मेरी बहन की चूत में चला गया. मेरी बहन दर्द के कारण तड़प रही थी, लेकिन शेज़ाद को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, मेरी बहन की चिल्लाने की आवाज़ सुनकर में बहुत डर गया.
मैंने शेज़ाद भाई से कहा प्लीज धीरे-धीरे से चोदो भाई, उसकी चूत में दर्द हो रहा है, तो शेज़ाद गुस्से में बोला चुप बे साले भडवे, बहन के दलाल, ये मेरी रंडी है, में जैसे चाहूँगा वैसे करूँगा, तू बीच में बोलने वाला कौन होता है और वो मेरी बहन को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, मेरी बहन के आँखो से आसूं निकलने लगे थे. फिर में चुपचाप खड़ा होकर मेरी बहन को चुदते हुए देखने लगा. मेरी बहन दर्द के मारे चिल्ला रही थी प्लीज धीरे करो अया हाह्ह्ह्हह आआहह में मर गयी. लेकिन शेज़ाद कहाँ सुनने वाला था, वो मेरी बहन की चूत चोदे जा रहा था, फिर करीब एक घंटे तक चोदने के बाद उसने मेरी बहन की चूत में अपना पानी छोड़ दिया और मेरी बहन के बदन पर गिर गया.
फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरी बहन के बदन से उठा तो देखा कि मेरी बहन की चूत एकदम लाल हो गयी थी, उसकी चूत से खून निकल रहा था. फिर शेज़ाद बोला कि जाओ इसको साफ़ करके ले आओ, फिर वहां की दो रंडिया मेरी बहन को बाथरूम में ले गयी और उसकी चूत साफ करके वापस ही नंगी ले आई और बेड पर बैठा दिया.
शेज़ाद ने वहां की एक रंडी को अपना लंड चुसाया तो फिर से उसका लंड खड़ा हो गया. फिर उसने मुझसे कहा कि चल अपनी बहन को कुत्तिया की तरह बैठा और उसकी गांड चाटने लग जा, में अब इसकी गांड मारूँगा. मैंने कहा प्लीज़ शेज़ाद भाई आज मत करो मेरी बहन थक गयी है कल चोद लेना, तो शेज़ाद ने मुझे ज़ोर से थप्पड़ मारा और कहा साले हरामी रंडी की औलाद जो कह रहा हूँ वो कर. फिर उसने अपने आदमी से कहा साले का मुँह इसकी बहन की गांड में डालो तो दो आदमी उठे और मेरे मुँह को मेरी बहन की गांड में घुसा दिया और ना चाटते हुए मुझे मेरी बहन की गांड को चाटना पड़ा, मेरी बहन कराह रही थी. फिर करीब 10 मिनट तक गांड चाटने के बाद शेज़ाद बोला चल बाजू में हट, तो में हट गया.
फिर उसने कहा चल अपनी बहन की गांड फैला और मेरा लंड पकड़कर अपनी बहन की गांड में डाल दे. फिर मैंने मेरी बहन की गांड फैलाई और एक हाथ से शेज़ाद का लंड पकड़ा और मेरी बहन की गांड के होल पर रख दिया. फिर वैसे ही शेज़ाद ने ज़ोरदार धक्का मारा और पूरा लंड मेरी बहन की गांड में डाल दिया, मेरी बहन को इतना ज़ोर से दर्द हुआ कि वो बेड पर गिर गयी.
शेज़ाद ने मेरी बहन की कमर को पकड़ा और उसको कुतिया बनाकर उसकी गांड चोदने लगा. मेरी बहन ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी लेकिन शेज़ाद मेरी बहन की गांड मारे जा रहा था. फिर शेज़ाद अपने एक आदमी से बोला कि साली के मुँह में लंड डाल. तो बिना टाईम लगाये वो नंगा हो गया और मेरी बहन के मुँह में अपना लंड डाल दिया, अब वो दोनों मेरी बहन को चोद रहे थे.
फिर करीब 45 मिनट तक मेरी बहन की गांड मारने के बाद उसने अपना पानी मेरी बहन की गांड में डाल दिया, जो आदमी मेरी बहन का मुँह चोद रहा था, उसने अपना पानी मेरी बहन के मुँह में डाल दिया और ना चाहते हुए भी मेरी बहन को उसका पानी पीना पड़ा. फिर जैसे ही वो दोनों हट गये, मेरी बहन बेड पर गिर गयी, मेरी बहन इतनी ज़बरदस्ती चुदाई के बाद थक गयी थी. फिर शेज़ाद अपने बाकी 5 साथियों को बोला अब तुम मजे कर लो, फिर मेरी बहन रोने लगी कि प्लीज़ अभी नहीं, में बहुत थक गयी हूँ. लेकिन उन आदमीयों ने मेरी बहन की कुछ ना सुनी और जल्दी से नंगे हो गये और मेरी बहन पर जानवरों की तरह टूट पड़े. कोई उसकी चूत चाट रहा था, कोई उसके बूब्स, तो कोई उसकी गांड चाट रहा था, पांचो आदमी मेरी बहन के बदन से खेल रहे थे. फिर एक आदमी ने मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको चोदने लगा, दूसरे ने मेरी बहन के मुँह में अपना लंड डाल दिया और बाकी के लोगों ने मेरी बहन के हाथ में लंड दिए और मेरी बहन के बदन से खेलने लगे.
फिर पहले आदमी का होने के बाद दूसरा आदमी उसकी चूत चोदने लगा, फिर तीसरा, ऐसे करके पांचो ने मेरी बहन की चूत मारी. फिर थोड़ी देर रुकने के बाद सबके लंड फिर से खड़े हो गये, फिर मेरी बहन की चूत और गांड में एक साथ लंड डाल दिए और चोदने लग गये, मेरी बहन दर्द के मारे चिल्ला रही थी, वो सब मेरी बहन को और ज़ोर-जोर से चोद रहे थे. शाम के 5 बजे से 8 बजे तक मेरी बहन की लगातार चुदाई हुई. उसके बाद शेजाद ने हमें घर छोड़ दिया और मेरी बहन और में उसे एक हादसा समझकर भूल गये.
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भाभी की चूत का आनंद मिला

मेरे प्रिय दोस्तों, मेरा नाम अरमान सिंह है और में जयपुर राजस्थान में रहता हूँ. में 25 साल का हूँ और में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ, मेरी हाईट 5.8 है और में बिल्कुल गोरा चिट्टा सुंदर लड़का हूँ. मुझे बस सेक्स से प्यार है और सेक्स ही मेरी बहुत बड़ी कमज़ोरी है.
अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ. दोस्तों कुछ दिनों पहले मुझे एक लेडी का मैल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है, उनका नाम रानी था, तो मैंने उनसे उनके मोबाईल नंबर माँगे और उन्होंने मुझे अपने नंबर दे दिए. फिर मैंने उन्हे कॉल किया और मुझे बात करते समय उनकी आवाज़ बहुत मीठी, प्यारी लगी और फिर बहुत देर तक हमारी बातें हुई. दोस्तों उनके दिल में डर था कि कहीं में झूठा तो नहीं या कोई मज़ाक तो नहीं कर रहा था? फिर मैंने उन्हे समझाया कि में कोई झूठा नहीं हूँ और में उनकी किसी भी तरह मदद कर सकता हूँ, बस वो मुझे एक बार उनकी सेवा का मौका दे.
उन्होंने मुझे अपने घर का पता मैसेज कर दिया और मुझसे अगले दिन सुबह 11 बजे आने को कहा, क्योंकि जब तक उनके पति अपने ऑफिस चले जाते है. फिर में उनके दिए हुए पते पर अपने ठीक समय पर पहुंच गया और जब उन्होंने दरवाजा खोला तो दोस्तों में एकदम चकित होकर उन्हे देखता ही रह गया, क्योंकि दोस्तों वो भाभी क्या मस्त माल थी? वो गोरी चिट्टी एकदम सेक्स की देवी लग रही थी, उन्होंने नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी, उनका क्या मस्त फिगर था? उनके फिगर का साईज 38-32-40 था, जो मैंने उनसे बाद में पूछा था.
फिर उन्होंने मुझे अपने घर के अंदर बुलाया और मुझसे चाय, कॉफ़ी के लिए पूछा तो मैंने चाय लाने को कहा. फिर थोड़ी देर में वो चाय बनाकर लाई और हम दोनों सोफे पर आमने-सामने बैठ गये और इधर उधर की बातें करने लगे और तभी उन्होंने मुझे बताया कि उनकी शादी को 9 साल हो चुके है, लेकिन अब उनके पति उनके साथ सेक्स एंजाय नहीं करते और महीनो तक उनके साथ सेक्स करना तो बहुत दूर की बात है वो तो उन्हे अब छूते भी नहीं है. उनके दो बच्चे है जो कि हॉस्टल में पढ़ते है और फिर उन्होंने मेरा नाम और इधर उधर की बातें पूछी तो कुछ देर के बाद उन्होंने खुद ही आगे होकर मुझसे कहा कि चलो अब बेडरूम में चलते है और फिर मुझे मेरा हाथ पकड़कर अपने बेडरूम में ले गयी और मुझे किस करने लगी.
फिर मेरे होंठो को आइस्क्रीम की तरह चूसने लगी और अब में भी उनके होंठो को चूसने लगा और हम दोनों एक दूसरे में बिल्कुल मदहोश हो चुके थे और अब मेरा एक हाथ उनकी कमर को छूने लगा जिसका मुझे भी पता नहीं चला. फिर में उनके ब्लाउज के ऊपर से साड़ी को हटाने लगा तो उन्होंने एकदम से मुझे रोक दिया और उन्होंने मेरी शर्ट को खोल दिया और पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़कर मसलने और सहलाने लगी. फिर मैंने भी जोश में आकर उनकी साड़ी को पूरा खोल दिया और अब वो बस मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में थी. फिर मैंने उन्हे बेड पर पटक दिया और अब में उनके ऊपर आ गया.
फिर हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने, चाटने लगे. कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी छाती को चूमने लगी. फिर वो पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरी पेंट की जिप खोलकर मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी. फिर उन्होंने मेरी पेंट को खोलकर मेरी अंडरवीयर को भी उतार दिया अब में बिल्कुल नंगा था. तो वो मेरे लंड को चूमने, चाटने लगी और मेरा लंड जो उस वक़्त किसी सांप की तरह फुंकार मार रहा था उसे अपने मुहं में ले लिया और बहुत देर तक उसको चाटती, चूसती रही.
मेरा लंड अब किसी लोहे के सरिए की तरह कड़क हो गया था. तो उसने कहा कि मेरे राजा आओ मेरी प्यास बुझा दो और आज अपने लंड से मेरी चूत को रोशन कर दो, बहुत सालों से मेरी चूत किसी से चुदने के लिए तरस रही है आज तुम इसको बहुत जमकर चोदो और इसको अपने लंड की ताकत का अंदाजा करवा दो, इसको तुम आज अच्छी तरह चोद दो.
फिर दोस्तों उसके मुहं से एसी बातें सुनकर में जोश में और भी पागल हो गया और फिर उसके बाद उन्होंने मुझे हर जगह से चाटा चूमा, लेकिन अब मेरी बारी थी तो मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया. वाह दोस्तों क्या मस्त बूब्स थे? उनकी साईज़ 38 थी और बड़े ही मोटे मोटे बूब्स थे, जो मुझसे कह रहे थे कि प्लीज हमें आज़ाद कर दो और खा जाओ. उन्होंने लाल कलर की ब्रा और काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी. फिर में उनकी पेंटी के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा और वो सिसकियाँ भरने लगी थी आआह्ह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह की आवाजें निकालने लगी थी.
फिर मेरी जीभ अब उनकी चूत चाट रही थी और मेरा एक हाथ उनके दोनों बूब्स को एक एक करके दबा रहा था. फिर मैंने उन्हे गोद में लेकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उन्हे पूरा नंगा कर दिया. फिर उनको बाहों में लेकर प्यार करने लगा, में उन्हे प्यार कर रहा था कि तभी उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे लंड जैसा उन्होंने अभी तक किसी का लंड नहीं देखा है और उनके पति का लंड बहुत छोटा है.
फिर मैंने उन्हे सीधा किया और उनकी चूत पर अपना लंड रख दिया और धीरे-धीरे धक्के देकर उनकी चूत में अंदर डालने लगा तो वो दर्द की वजह से चीखने चिल्लाने लगी और जब कुछ देर बाद उनका दर्द कम हुआ, तो वो कहने लगी कि आज मेरी चूत की आग बुझा दो आईईईई मेरे राजा हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे. तुम आज मेरी चूत उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह को चोद-चोदकर बिल्कुल शांत ऊईईईईइ कर दो मेरे राजा और फिर उन्होंने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया. हम दोनों बहुत देर तक एक दूसरे को किस करते रहे. फिर उसने मुझे हर जगह किस किया जिसकी वजह से पूरे बदन में जैसे आग लग गयी और करीब 40 मिनट तक लगातार धक्के मारने और अलग-अलग स्टाइल से उन्हे चोदने के बाद वो झड़ गयी, लेकिन में अभी बाकी था तो में ज़ोर ज़ोर से उन्हे चोदने लगा और कुछ देर बाद में भी झड़ गया.
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे आज पहली बार सेक्स करके अपनी चूत को चुदवाकर मज़े आए है और तुमने मेरी चूत को वो सुख दिया है जिसके लिए में बहुत सालों से तड़प रही थी, तुमने मुझे आज चोदकर मेरी उम्मीद से बढ़कर खुशी दी है जिसे पाने के लिए मेरी चूत सदा के लिए तुम्हारी गुलाम बनकर भी रह सकती है.
दोस्तों कुछ देर हम ऐसे ही बिल्कुल नंगे एक दूसरे के चिपके रहे और उसके बाद हम बाथरूम में भी बहुत देर तक नंगे ही पानी में गीले होते रहे और एक दूसरे के बदन की गर्मी को महसूस करते रहे मज़े लेते रहे. फिर उन्होंने कहा कि अब उनके पति आने वाले है और अब तुम चले जाओ. फिर मैंने कपड़े पहने और अपने घर पर आने लगा तो उन्होंने फिर से मुझे किस किया और कहा कि वो मुझे फिर से कोई अच्छा-सा मौका मिलते ही जरुर बुलाएँगी और फिर में वहां से चला आया. लेकिन में अब भी कभी कभी उनको चोदता हूँ और उनके साथ चुदाई के मज़े करता हूँ.
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मामी और उनकी नौकरानी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है और मेरी उम्र 22 साल है और में बेंगलोर का रहने वाला हूँ. में बेंगलोर की एक अमीर पंजाबी परिवार से हूँ. हमारे घर में सेक्स बहुत रोचक है और बहुत लोग एक दूसरे की बीवियों के साथ सेक्स करते है. मेरे घर में 6 लोग है. मेरी मम्मी उनकी उम्र करीब 46 साल है और वो बहुत सुंदर और बिल्कुल सती सावित्री, मेरे पापा उनकी उम्र करीब 48 साल और उनकी हाईट 6 फीट, लंड 7 इंच लंबा है और उनसे बहुत औरतों के साथ सेक्स सम्बन्ध है. मेरी उम्र 22 साल 5.11 मेरी हाईट और मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और मैंने भी बहुत औरतों के साथ सेक्स किया है. जिसमे मेरी बुआ, मामी, चाची और तीन भाभियों को भी चोद चुका हूँ. अब मेरे चाचा उनकी उम्र 39 साल और उनकी हाईट 5.8 इंच नॉर्मल शरीर, मेरी चाची उनकी उम्र 36 साल और उनकी हाईट 5.6 इंच और एकदम सेक्सी जिस्म और एक उनका बेटा है, उसकी उम्र 10 और वो भी हमारे साथ रहने आ गये है, पहले यह लोग हमारे गाँव में रहते थे.
दोस्तों यह स्टोरी मेरे और मेरी मामी के सेक्स की है और मैंने कैसे उन्हे चोदा और अपने दोस्त कपिल से भी चुदवाया. दोस्तों कपिल मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है और हम दोनों बचपन से ही साथ में रहते है. वो भी 22 साल का है और 5.5 उसकी हाईट है. मैंने और उसने बहुत लड़कियों और आंटियों के साथ में चोदा है. मेरी मामी की उम्र 37 साल है और उनका फिगर 38-32-38 है और वो बहुत गोरी फिगर से तो आपको पता चल ही गया होगा कि थोड़ी मोटी है, लेकिन ज़्यादा नहीं और बिल्कुल सही जगह से मोटी है. दोस्तों हम लोग पंजाबी है, लेकिन मेरी मामी मारवाड़ी है और वो ज्यादातर साड़ी पहनती है, लेकिन नानीजी की म्रत्यु के बाद वो सलवार कमीज़ भी पहनने लगी है.
यह 2012 अक्टूबर की घटना है, जब मुझे और कपिल को चेन्नई जाना पड़ा था और एक कंपनी की ऑडिट के लिए वहाँ हम लोग मेरे मामा के घर पर रुके हुए थे और हम लोग वहाँ पर बुधवार सुबह पहुँच गये थे. मेरे मामाजी का एक बहुत बड़ा तीन मंजिल का बंगला है और उसमे सिर्फ 4 लोग ही रहते है, मामाजी, मामीज़ी, उनका बेटा और एक बाई है जिसका नाम रंजीता है और जो वहीं परमानेंट रहती है. पहले दिन बुधवार को तो हमने आराम किया और फिर दो (गुरुवार & शुक्रवार) दिन नॉर्मल गुज़रे, सुबह हम लोग 9 बजे ऑडिट के लिए जाते और शाम को 7 बजे तक वापस आ जाते और फिर आकर फ्रेश होकर नीचे आते और मामाजी से बात करते, खाना खाकर थोड़ी देर टी.वी. देखते और फिर सो जाते, तीसरे दिन जब हम लोग ऑडिट के बाद घर पर वापस आए तो मामा ने बताया कि वो कल बिजनेस के काम से हैदराबाद जा रहे है और बुधवार तक वापस आ जाएँगे.
में : क्यों मामा फिर तो आप हमसे मिल नहीं पाओगे?
मामा : ऐसा क्यों बेटा?
में : क्योंकि मामा हम लोग तो मंगलवार रात को ही अपने घर के लिए निकल जाएँगे.
मामा : अरे बेटा यह तो दिक्कत हो गयी.
दोस्तों मेरा चेहरा लटक गया, क्योंकि में मामा से बहुत प्यार करता हूँ और मामा भी मुझसे बहुत प्यार करते है.
मामा : अरे कोई बात नहीं बेटा, में जल्दी से जल्दी आने की कोशिश करूंगा, अगर मेरा काम जल्दी ख़त्म हो गया तो एक दिन पहले की रिज़र्वेशन करवा लूँगा नहीं तो में बस से आ जाऊंगा, लेकिन तुझे बिना मिले नहीं जाने दूँगा.
फिर हम सब बहुत खुश हो गये और मामी का सबसे ज़्यादा चेहरा चमक रहा था और मामा की यह बात सुनकर नहीं बल्कि यह सुनकर की मामा जा रहे है और अब मामी मुझसे चुदवा सकेगी और फिर अगले दिन में और कपिल मामा जी को स्टेशन छोड़कर आए तो वापिस आते वक़्त कपिल ने बोला.
कपिल : यार अब तो तेरे ऐश है.
में : तुमने ऐसा क्यों कहा?
कपिल : कमीने ज़्यादा शरीफ मत बन, मुझे सब पता है, क्योंकि अब शनिवार रविवार की छुट्टी है और तू मुझसे पूछता है क्यों?
में : बहुत ही शैतानो वाली स्माईल के साथ बोला कि हाँ अब घोड़ी को घोड़े के साथ अकेले छोड़ेंगे तो अस्तबल तो हिल ही जाएगा ना और हम दोनों हंसने लगे.
कपिल : भाई प्लीज मुझे मत भूल जाना.
में : पागल है क्या, वो मेरी मामी है यार?
कपिल : साले तू मेरी चाची को और सीमा भाभी और नेहा भाभी को चोदता है, तब तो कुछ नहीं बोला कमीने?
में : साले तुझे भूल सकता हूँ क्या? चल अब हम दोनों साथ में घोड़ी को दौड़ाएंगे, लेकिन आज रात तू रंजीता से काम चला ले.
कपिल : अरे हाँ यार रंजीता यहाँ पर रहेगी तो हम अपनी मामी को कैसे चोदेंगे?
में : अरे रंजीता को सब पता है मामी के बारे में और वैसे वो खुद भी बहुत बड़ी वाली है.
कपिल : क्या बात कर रहा है?
में : हाँ रे मुझे भी पता है, मैंने ही पिछली बार मामी को उसके सामने चोदा था और आज में मामी का पूरा पूरा ख़याल रखूँगा और तू रंजीता का, क्यों अब ठीक है?
कपिल : हाँ ठीक है.
फिर हम लोग घर पहुँच गये और उस वक़्त रात के करीब दस बजे होंगे, दरवाज़ा रंजीता ने खोला. फिर हम दोनों ने थोड़ी देर टी.वी. देखी और इतने में रंजीता हमारे लिए एक एक ग्लास ठंडी ठंडाई ले आई और फिर मैंने उससे पूछा कि मामी कहाँ है? तो उसने कहा कि ऊपर के कमरे में बाबा को पढ़ा रही है तो रात के 11 बजे तक अगले दिन का प्लान बनाकर और थोड़ा टी.वी. वगेरह देखकर में ऊपर जाने लगा तो कपिल ने रंजीता को गेस्ट रूम में बुलाया.
मैंने सीड़ी की तरफ जाते जाते रंजीता का सीधा बूब्स दबा दिया और एक स्माईल पास की तो वो भी समझ गई कि कपिल ने उसे गेस्ट रूम में क्यों बुलाया? फिर में ऊपर जाने लगा और इतने में मामी जल्दी से सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी तो मेरी और मामी की ज़बरदस्त टक्कर हो गयी और उनके बूब्स बहुत ज़ोर से मेरी छाती से टकरा गए.
मामी : अरे बाबू संभालकर ( दोस्तों मामी मुझे प्यार से हमेशा बाबू बुलाती है. )
दोस्तों मामी ने पर्पल कलर का नाईट गाउन पहना हुआ था और आँखों में काजल में तो बस मामी को एक टक नजर से देखता ही रह गया.
मामी : बाबू अब देखते ही रहोगे क्या?
में : अरे मामी आप इतनी जल्दी में नीचे कहाँ जा रहे हो?
मामी : में आप ही को ऊपर बुलाने आ रही थी.
में : क्यों छुटका सो गया?
मामी : अब वो पूरे दस साल का हो गया है और अब तो आप उसे छुटका मत बुलाया करो और वैसे छुटका सो गया.
फिर मैंने यह बात सुनते ही तुरंत मामी के चेहरे को थामा और ज़बरदस्त लिप किस किया और अब हम दोनों ही वहाँ सीढ़ियों पर ही एक दूसरे को चूमे जा रहे थे और मामी भी मुझे बहुत टाईट पकड़कर चूमे जा रही थी और हमारी जीभ जैसे आपस में लड़ पड़ी हो और हमारे मुहं से थूक ऐसे इधर से उधर हो रहा था, जैसे आसमान से बारिश हो रही हो. फिर करीब दो तीन मिनट बाद मामी ने किस छोड़ा और कहा कि कमरे में आओ. फिर हम लोग मामा मामी के कमरे में चले गये, में मामी के पीछे चल रहा था और उनकी गांड दबा रहा था और कमरे में जाते ही में मामी को चूमने लगा तो मामी ने मुझे दूर किया और कहा कि एक मिनट रुक जाओ, जल्दी क्या है? अब तो आने वाले तीन दिन अपने ही है और मामी पास वाले कमरे में चली गयी और दो मिनट बाद वापस आई.
में : क्यों कहाँ गये थे?
मामी : अपने बाल बाँधते हुए बोली कि में कुछ नहीं छुटकू को देखने गयी थी और फिर हंसने लगी और बोली कि सो गया?
फिर मामी मेरे पास आई और मुझे चूमने लगी और अब हम दोनों बेड पेर लॉटपोट हो रहे थे और एक दूसरे को चूमे जा रहे थे, चूमते चूमते मामी ने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और फिर मैंने खुद ही मेरा लोवर भी उतार दिया. इस दौरान भी हम 1 दूसरे क होठों को चूसे जा रहे थे और जीभ आपस मे लड़ रही थी. मामी ने फिर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.
मैंने मामी को पलटा और उनके ऊपर आ गया. मैंने मामी का गाउन उनके बूब्स तक सरकाया और दोनों बूब्स को दबाते हुये सीधे बूब्स के निप्पल को मुहं मे ले लिया, तो मामी आहें भरने लगी और में दस मिनट तक कभी सीधा बूब्स तो कभी उल्टे बूब्स को चूसता और दबाता रहा. फिर मैंने मामी का गाउन और भी नीचे करना चाहा तो मामी बोल पड़ी.
मामी : अरे बाबू आज इतने उतावले क्यों हो रहे हो और क्या मेरा गाउन फाड़ोगे?
में : नहीं मामी, में आज आपकी गांड फाड़ दूंगा और फिर हम दोनों हंसने लगे.
फिर मामी ने अपना गाउन उतारा और फिर मैंने देखा कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था, ना ब्रा ना पेंटी.
में : अरे मामी क्या बात है, अंदर तो कुछ भी नहीं है?
मामी : जब पता हो कि पिच पर मैच खेला जाना है तो उस पर कवर चढ़ाने का क्या फायदा?
फिर क्या था इतना सुनकर तो में इतना उत्तेजित हो गया कि में मामी पर टूट पड़ा और उनके पूरे बदन को मैंने चूमना शुरू कर दिया. फिर मैंने उनके सर से चूमते हुए गालों को चूमा, कान पर चूमते हुए कान के निचले हिस्से को चूसा और काटा भी, गर्दन पर जीभ घुमाते हुए में नीचे बूब्स की तरफ आया. दोस्तों मामी के बूब्स इतने अच्छे है एकदम गोल, बड़े बड़े, बिल्कुल भरे हुए और इतने गोरे कि कोई भी उनके निप्पल चूसे बिना नीचे जा ही नहीं सकता.
मैंने मामी के बूब्स दबाए और निप्पल को एक एक करके चूसा और फिर पेट को चूमता हुआ नाभि तक पहुँचा, मामी की नाभि बहुत बड़ी और गहरी है और मामी जब साड़ी में होती है तो उनकी नाभि एक आकर्षण का केन्द्र होती है. फिर मैंने उनकी नाभि में उंगली डालकर फेलाया और फिर उसे चूमने और चाटने लगा, करीब 5 मिनट तक चाटने के बाद वो मुझसे बोली.
मामी : बेटा यहाँ कहाँ अपना समय बर्बाद कर रहे हो, बेटा असली जन्नत तो इसके नीचे है.
दोस्तों जब मैंने मामी की तरफ देखा तो मामी ने मुझे बहुत ही शरारती सी स्माईल दी और में तुरंत मामी के पैरों के बीच में आ गया और मामी ने अपने दोनों पैर फैला लिए और मैंने देखा कि मामी की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
में : मामी आपने तो शेविंग कर रखा है, वाह मज़ा आ गया.
मामी : लास्ट टाईम तुमने ही तो कहा था कि तुम्हे खेलने का ज़्यादा मज़ा तब आएगा, जब अगर मैदान साफ हो तो इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना में अपना मैदान अच्छी तरह से साफ कर लूँ?
में : चलो अब मैदान पर थोड़ा पानी में डाल देता हूँ.
मामी : हाँ बिल्कुल ठीक है और वैसे भी यह मैदान हर बार तुम्हारे ही पानी से हरा भरा होता है.
फिर मैंने मौका देखकर अपनी एक उंगली को मामी की चूत में डाल दिया. फिर मैंने महसूस किया कि मामी की चूत अब तक पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैंने फिर दो चार बार लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर किया और फिर उंगली को बाहर निकालकर चाट लिया.
में : वाह मामी मज़ा आ गया, आपका चूत रस तो बहुत मीठा है?
मामी : उंगली में लेने से क्या पता चलेगा डाइरेक्ट मुहं लगाओ, तुम्हे पूरा मज़ा तो तब आएगा.
फिर मैंने मेरी जीभ को अब मामी की चूत पर लगाया और उनकी चूत को चाटने लगा, मामी को तो जैसे मेरी जीभ से करंट सा लग गया हो, वो एकदम पूरी तरह से हिल गई थी और फिर में जितना जीभ को गहराई में ले जाने की कोशिश करता तो मामी उतना ही अपनी गांड उठाकर मुझे अपनी चूत में घुसा लेती, मामी मेरे लंड पर हाथ फेर रही थी और बार बार अपनी गांड उठाकर मेरा मुहं अपनी चूत पर दबा रही थी, मामी ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी, उनकी सिसकियों की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी, आहहह आईईईइ उफफफफफ्फ़ हाँ बाबू और ज़ोर से ऐसे ही चाटो अहहहह उम्म्म्मम. तभी एकदम से पता नहीं मामी को क्या हुआ उन्होंने मुझे अपनी चूत पर से हटाया और एकदम से उठकर बैठ गयी और फिर मेरा सर दीवार से जाकर लगा.
मामी : नहीं, अब बस करो.
में : क्यों अब क्या हो गया मामी? में अपने सर को मसलते हुए बोला कि वैसे ज़्यादा ज़ोर से तो नहीं पर थोड़ी तो मुझे दीवार से लगी थी.
मामी : सॉरी सॉरी बेटा हम यह सब नहीं कर सकते.
में : क्यों इसमें अब ऐसा क्या हो गया इससे पहले तो हम बहुत कुछ कर चुके है?
मामी : नहीं बेटा, मेरा मतलब वो बात नहीं है. में तो उसके बारे में सोच रही थी नीचे जो वो तुम्हारा दोस्त है.
तो दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर में दो मिनट तक लगातार मामी को घूरता रहा.
में : तो उसमे अब क्या हुआ? दोस्तों और फिर में एकदम ज़ोर से हंसा हा हा हा हा.
मामी : क्या हुआ बेटा ऐसे हंस क्यों रहे हो?
में : हंसते हसते बोला कि हा हा कुछ कुछ नहीं मामी हा हा हा.
मामी : अरे अब बताओ ना क्या हुआ?
में मामी का चेहरा अपने हाथों में थामकर बोला, अरे मामी वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है और उसे भी यह सब पता है और क्या आप भूल गई मैंने आपको बताया था कि मैंने और इसने कितनी सारी लड़कियों, भाभियों, आंटियों, औरतों को साथ में चोदा है और यह कहकर मैंने मामी को होंठ पर एक जोरदार किस किया.
मामी : अरे हाँ में तो बिल्कुल ही भूल गई कि इसे तो मेरे और तुम्हारे बारे में भी सब कुछ पता है.
में : मामी वैसे हम दोनों एक दूसरे की पूरी पूरी खबर रखते है.
अब में फिर से मामी के ऊपर चढ़ गया, लेकिन मामी ने मुझे अब किस नहीं करने दिया और उन्होंने अपना मुहं दूसरी साईड घुमाते हुए मुझसे कहा कि..
मामी : लेकिन, फिर भी अगर वो ऊपर आ गया तो?
में : नहीं आएगा मामी क्योंकि वो तो खुद ही नीचे इस समय रंजीता का आनंद उठा रहा है.
मामी : क्यों तुमने आते ही बेचारी को काम पर लगा दिया?
में : हाँ वो भी तो काम करके बहुत खुश होती है. मामी समझ गई कि में क्या बोलना चाहता हूँ और अब हम दोनों ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे.
फिर मैंने मामी के होठों को चूमना शुरू कर दिया और करीब 5 मिनट ऐसे ही चूमने के बाद मामी के गालों को चूमने लगा और साथ ही साथ मैंने मामी की चूत में अपना लंड सेट किया और फिर मैंने मामी को बिना बताए सही मौका देखकर एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड एक ही बार में मामी की गीली चूत में चला गया.
मामी : आह्ह्ह्हहह उईईईईइइई माँ बेटा कम से कम मुझे एक बार अपने लंड को घुसाने से पहले बोलना तो चाहिए, एकदम से मेरी चूत की फाटक तोड़कर अंदर घुस गये उहहह्ह्ह माँ मर गई.
फिर में बिना कुछ बोले मामी के बूब्स दबाने लगा और आगे पीछे धक्के देने लगा में हल्के हल्के धक्के दे रहा था और मामी भी आहें भर रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी. तभी एकदम से मैंने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मामी को चोदने लगा, वो पूरा कमरा मामी की चीखों से, सिसकियों से और हमारे शरीर के टकराने की आवाज से गूंजने लगा.
मामी : आआआहह हाँ और ज़ोर से आआअहह उह्ह्ह्ह हाँ बेटा थोड़ा और ज़ोर से चोदो मुझे.
अब उनकी तरफ से मुझे ज़ोर से चोदने की अनुमति मिलते ही में और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा तो ठप-ठप और हमारे शरीर के टकराने की आवाज़ मुझ में और भी जोश भरने लगी.
मामी : आअहह उईईईई माँ आआअहह में मर गई उह्ह्ह्ह ठप ठप ठप.
फिर दस मिनट तक ऐसे ही लगातार चोदने के बाद में मामी के ऊपर से उठ गया तो मामी भी एकदम से उठकर बैठी और फिर थोड़ा नीचे झुककर मेरे लंड को चूसने लगी तो में दो मिनट के बाद मामी को लेकर पलंग से नीचे उतरा और मैंने उन्हे ड्रेसिंग टेबल के सहारे झुका दिया और नीचे झुककर उनकी गांड को दबाने लगा, क्योंकि मामी को भी गांड के साथ खेलना बहुत पसंद है और सेक्स में अगर गांड के साथ कुछ ना किया तो सेक्स का मज़ा ही क्या? मैंने मामी की गांड को दबाया उसे एक दो बार काटा भी और फिर उनकी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया, होठों को चूमना, गांड को मारना और गांड चाटना तो मेरा सबसे पसंदीदा काम है.
मैंने पीछे से अपना लंड उनकी चूत में डाला और लगातार धक्के देकर चोदने लगा. अब हम दोनों बहुत तेज़ी से सेक्स कर रहे थे. मेरी स्पीड इतनी तेज थी कि मुझे यह भी नहीं मालूम पड़ रहा था कि लंड कब अंदर और कब बाहर हो रहा था, लेकिन ऐसी ताबड़तोड़ चुदाई में मज़ा बहुत आता है में बीच बीच में मामी की पीठ को चाटता और उनके कान पर हल्का सा काटता, कभी मामी के बूब्स दबाता तो कभी पीछे से ही उनके गालों को चूमता.
दोस्तों मैंने मामी को मैंने उस पोज़िशन में करीब 10-15 मिनट तक चोदा और फिर मैंने अपनी स्पीड को बहुत तेज़ कर दिया, क्योंकि अब में झड़ने वाला था और आख़िरकार उनकी चूत में मेरा मतलब मैंने उनके मैदान पर अपना पानी डाल दिया. हम लोग वैसे ही 5 मिनट वहाँ पर खड़े रहे और में मामी के बूब्स को दोनों हाथों से पकड़े हुए थोड़ा थोड़ा हीले जा रहा था और में हल्के हल्के धक्कों के साथ अपना पूरा पानी उनके मैदान में डाल रहा था. फिर मामी धीरे से पलटी जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी चूत से बाहर आ गया. मामी ने मेरे होठों पर दो किस दिए और फिर अपने घुटनों पर बैठकर मेरा मेरे लंड को चूसकर साफ किया और बचा हुआ सारा वीर्य चाट लिया. फिर हम दोनों बेड पर जाकर एक दूसरे की बाहों में लेट गये.
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बीवी की एक कामुक दोस्त को चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और मेरी उम्र 35 साल है, में दिल्ली का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. तो दोस्तों अपनी आज की कहानी शुरू करने से पहले में आप सभी को रुची के बारे में बताना चाहूँगा, रुची एक 35 साल की शादीशुदा औरत है और वो मेरी पत्नी की स्कूल के टाइम से ही बहुत अच्छी दोस्त है.
रुची की हाईट 5.5 है और रंग थोड़ा सा गेहुँआ है, उसके फिगर का साईज 36-28-36 है रुची एक फिटनेस फ्रीक लेडी है और उसको फिट और शेप में रहना पसंद है वो हर रोज जिम जाती है और उसने अपने शरीर को बहुत सम्भाल कर रखा है वो हमेशा से स्वीमिंग और योगा भी करती रही है और लगातार पार्लर भी जाया करती है इसलिए वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी दिखती है.
रुची हमेशा उत्तेजक तरीके से कपड़े पहनती है वो टाईट फिटिंग के टॉप्स और शर्ट् पहनती है जिसका गला बहुत गहरा होता है और उसके 36 साईज़ के बूब्स मस्त नज़र आते है और वो अधिकतर छोटी स्कर्ट पहनती है, जिसमें उसकी सेक्सी मस्त जांघे बहुत अच्छी लगती है और जब वो साड़ी पहनती है तो उसे भी बहुत सेक्सी अंदाज़ में बिना बाँह का, गहरे गले का और पीछे खुले हुए ब्लाउज के साथ पहनती है और उसकी साड़ी भी ज्यादातर जालीदार होती है और वो उसे अपने पेट पर नाभि से बहुत नीचे बाँधती है.
दोस्तों रुची जितनी सेक्सी और सुंदर है उसका पति उतना ही मोटा काला और भद्दा सा है, लेकिन जहाँ तक मुझे पता है कि रुची और उसके पति का रिश्ता बहुत अच्छा है वो शायद इसलिए क्योंकि उसका पति उसको बहुत अच्छी तरह चोदता होगा और अपने लंड से संतुष्ट रखता होगा? दोस्तों में अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में ही रहता था और रुची अभी पिछले साल ही अपने पति के साथ दिल्ली आ गई थी. दोस्तों रुची से में पहली बार पिछले साल मिला था जब वो अपनी दोस्त से मिलने मेरे घर आई थी, उस दिन रविवार का दिन था और हमे ऑफिस नहीं जाना था और रुची अपनी पुरानी स्कूल टाईम की दोस्त से मिलने हमारे घर पर आई हुई थी.
वो सुबह से ही आ गई थी और सारा दिन मेरी पत्नी के साथ हमारे घर पर थी और अब धीरे धीरे हम दोनों परिवार में भी बहुत अच्छी दोस्ती और पिछले एक साल में बहुत मिलना जुलना हो गया था. दोस्तों रुची के लिए मेरे मन में पहले दिन से ही उसकी चुदाई का विचार था और जब भी में उसे देखता तो बस अपना लंड मसलकर रह जाता और उसको सोच सोचकर अपनी पत्नी को चोदता था, लेकिन वो मेरी पत्नी की एक बहुत अच्छी दोस्त थी और अब उसका पति भी मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया था इसलिए कोई भी रुची की तरफ मेरे झुकाव को ज्यादा मन में नहीं ले सकता था और फिर यह बात मुझे बाद में पता चली कि रुची के मन में भी मेरे लिए कुछ ऐसी ही सोच थी.
दोस्तो में आपको अपने बारे में भी थोड़ा बता दूँ कि में भी किसी से कम नहीं हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और मेरा शरीर एकदम फिट और में भी हर रोज एक्सर्साइज़ करके अपने आपको फिट रखता हूँ और मेरी उम्र 35 साल है. में आजकल के लड़कों की तरह नहीं दिखता बल्कि एक लंबा चौड़ा मर्द दिखता हूँ और मेरे अंदाज़ भी बहुत मर्दाना है. मेरा 9 इंच लंबा और मोटा लंड किसी भी चूत को अच्छी तरह संतुष्ट करने के लिए बहुत है. अब धीरे धीरे मेरे और रुची के बीच बहुत अच्छी बातचीत होने लगी थी और हम लोग अक्सर व्हाटसप पर ही हैल्लो करते थे. मैसेज और चुटकुले एक दूसरे को दिया करते थे और फिर धीरे धीरे हम नॉनवेज मैसेज भी देने लगे थे. हमारे बीच का रिश्ता बहुत ही अच्छा और दोस्तों जैसा हो गया था. दोस्तों मेरे ऑफिस में मेरी एक गर्लफ्रेंड है जिसे में अक्सर ऑफिस टाईम में बाहर घुमाने फिराने और चोदने के लिए बाहर ले जाता हूँ, उसे दिन शुक्रवार था और मेरी गर्लफ्रेंड को आधे दिन के बाद छुट्टी पर जाना था. तो हमने प्लान बनाया कि हम सेलेक्ट सिटी मॉल जाकर थोड़ी देर घूमेंगे फिर लंच करेंगे और फिर मेरी गर्लफ्रेंड वहाँ से अपने घर पर निकल जाएगी और में या तो ऑफिस वापस आ जाऊंगा, नहीं तो अपने घर पर चला जाऊंगा.
हम लोग ठीक 12 बजे मॉल पहुँचे और थोड़ी देर घूमने के बाद हमने एक बजे लंच किया. फिर मेरी गर्लफ्रेंड को कहीं जाना था इसलिए मैंने माल के बाहर उसे बाय कहा और जैसे ही में वापस मुड़ा तो मुझे किसी लड़की ने आवाज़ दी और जब मैंने आवाज़ की दिशा में मुड़कर देखा तो मेरे सामने रुची खड़ी हुई थी. मैंने उसको स्माइल दी और उसकी तरफ गया. दोस्तों उसने उस दिन एक हरे कलर की जालीदार साड़ी पहनी हुई थी और उसके साथ उसी कलर का बिना बाह का बड़ा गला और पीछे से बिल्कुल खुला हुआ ब्लाउज पहना हुआ था और फिर मैंने जब उसकी तरफ देखा तो बस में देखता ही रह गया.
रुची : हाय विशाल, कैसे हो तुम?
में : में बिल्कुल ठीक हूँ रुची आप कैसी हो? बहुत दिनों बाद मिली हो, तुमको देखकर अच्छा लगा.
रुची : में ठीक हूँ और मुझे भी बहुत अच्छा लगा तुमसे मिलकर.
में : तुम क्या यहाँ पर अकेली आई हो? और तुम्हारे पतिदेव कहाँ है?
रुची : नहीं, में अकेली आई हूँ. पतिदेव आज कल काम के सिलसिले में दो सप्ताह के लिए हैदराबाद गए हुए है, में अकेली घर पर अकेली बोर हो रही थी तो शॉपिंग करने यहाँ चली आई.
में : अच्छा ठीक है चलो ना कहीं बैठकर कॉफी पीते है और बातें करते है.
रुची : हाँ चलो ठीक है.
फिर हम लोग पास ही के एक रेस्टोरेंट में जाकर बैठ गए और फिर कॉफी पीते हुए इधर उधर की बातें करने लगे और फिर कुछ देर बाद उसने बातों ही बातों में मुझसे पूछा कि बताओ तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? और कौन थी वो हॉट लड़की जिसको तुम हाए हैल्लो कर रहे थे?
में : कौन सी लड़की?
रुची : अब ज्यादा बनो मत, में बहुत देर से तुम दोनों को देख रही थी, लेकिन तुम्हे बीच में परेशान नहीं किया. तुम बहुत ही चिपक चिपककर घूम रहे थे उसके साथ और उसे तुमने गले मिलकर बाय कहा, पक्का वो तुम्हारी गर्लफ्रेंड होगी. तुम अक्सर उसके साथ ऐसे ही घूमते हो क्या?
में : नहीं नहीं रुची, ऐसा कुछ भी नहीं है, वो तो बस ऐसे ही ऑफिस की एक लड़की थी और उसके आलावा कुछ नहीं है हमारे बीच.
रुची : मुझे मत बनाओ, में सब समझती हूँ, डरो मत और ज्यादा टेंशन मत लो और भी मज़े करो क्योंकि में कभी भी तुम्हारी पत्नी से इस बारे में कुछ भी नहीं कहूँगी.
में : क्या सच? तुम्हारा बहुत धन्यवाद रुची.
रुची : अच्छा हुआ तुम मिल गए, क्योंकि मेरे ड्राइवर के यहाँ किसी रिश्तेदार की शादी है तो वो भी मुझे यहाँ पर छोड़ने के बाद तीन दिन के छुट्टी पर चला गया और अब में कोई टेक्सी बुलाने की सोच रही थी, लेकिन अब तुम मिल गये हो तो मुझे घर तक तो छोड़ ही दोगे.
में : हाँ हाँ मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है और में तुमको तुम्हारे घर पर छोड़ दूँगा.
रुची : तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद.
में : तो तुम क्या खरीद रही थी और तुमने क्या क्या शॉपिंग की?
रुची : कुछ खास नहीं बस घर पर अगले महीने एक छोटा सा समारोह है तो मैंने उसके लिए कुछ ड्रेस, साड़ी और ब्लाउज लिए है.
में : वाउ, रुची तुम साड़ी में बहुत दी शानदार लगती हो तुम्हारा फिगर साड़ी के लिए एकदम ठीक है. तुम दूसरी ड्रेस में भी बहुत अच्छी लगती हो, लेकिन साड़ी में कुछ ज्यादा ही अच्छी लगती हो और तुम को याद है पिछली बार पार्टी में तुम्हे जब हम मिले थे तब तुमने काली और सिल्वर कलर की साड़ी पहनी हुई थी और तुम उसमे बहुत ही अच्छी लग रही थी और पार्टी में सब लोग तुम्हे ही देख रहे थे और तुम्हारे साथ रहना चाहते थे.
रुची : अच्छा, और तुम क्या चाहते थे?
में : में भी तुम्हारे साथ रहना चाहता था और तुम को सबसे दूर अकेले में ले जाना चाहता था.
रुची : हाहाहा ठीक है चलो अब यहाँ से चलते है.
फिर मैंने रुची के शॉपिंग बेग ले लिए और हम नीचे पार्किंग की तरफ चल दिए और गाड़ी के पास पहुँचकर मैंने उसका सामान पीछे की सीट पर फैंक दिया और कार का दरवाज़ा खोलकर उसे अंदर बैठाया फिर हम दोनों गाड़ी में उसके घर की तरफ चल पड़े.
रुची: तो तुम अभी कुछ देर पहले कह रहे थे कि में साड़ी में बहुत अच्छी लगती हूँ और उस दिन पार्टी में भी में बहुत अच्छी लग रही थी, लेकिन मैंने आज भी तो साड़ी पहनी हुई है, लेकिन आज के बारे में तुमने मुझसे कुछ नहीं कहा. क्यों आज में अच्छी नहीं लग रही क्या?
में : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, तुम आज भी बहुत अच्छी लग रही हो और आज तो तुम उस दिन से भी ज्यादा शानदार लग रही हो.
रुची : हाँ तभी तुम कॉफी टेबल पर मुझे ऊपर से नीचे तक भूखी नज़रों से घूरे जा रहे थे. वैसे तुम बहुत शरारती हो, बीवी और गर्लफ्रेंड से दिल नहीं भरता क्या तुम्हारा?
तभी मैंने रुची के घर के पास पहुँचकर गाड़ी को रोक दिया.
रुची : आ जाओ ऊपर आ जाओ, थोड़ी देर बैठो मेरे साथ, एक कॉफी और पीते है.
में : नहीं में अब घर पर चलता हूँ कॉफी पीने फिर कभी आऊंगा.
रुची : क्यों? अब ज्यादा नाटक मत करो, तुम्हे कहाँ जाना है और ऐसा क्या जरूरी काम है? थोड़ी देर रुककर चले जाना में भी घर पर बिल्कुल अकेली हूँ आजकल और बहुत बोर हो रही हूँ, तुम्हारे साथ मेरा भी थोड़ा टाईम पास हो जायेगा.
में : चलो ठीक है अगर तुम इतना कहती हो तो में अंदर चलता हूँ.
फिर घर पर पहुँचकर रुची ने अपने शॉपिंग बॅग्स मुझसे ले लिए और मुझे बैठने के लिए कहा में रूम में बैठ गया और वो किचन से पानी लेकर आई. हमने पानी पिया और वो सामने के सोफे पर बैठ गई, सोफे पर बैठकर रुची ने धीरे से अपनी साड़ी को अपनी छाती से ढलका दिया और फिर में उसके बदन को कामुक नज़रों से देखने लगा. एकदम टाईट और गहरे गले के ब्लाउस में से उसके बूब्स बाहर आने को बेताब थे. उसके सेक्सी पतली कमर और गहरी नाभि को देखकर किसी का भी लंड एकदम पूरा टाईट और पूरा लंबा खड़ा हो जाता और बिल्कुल यही मेरे साथ हुआ और मेरा लंड था भी 9 इंच का, मेरी पेंट के अंदर पूरा तनकर खड़ा था और खड़े हुए लंड का उभार छुपाना बिल्कुल मुश्किल था और अब में और रुची आमने सामने बैठे हुए थे. में उसकी कमर, नाभि और छाती को देख रहा था और वो मेरे लंड को. रुची भी इन सब बातों को सोचकर गरम हो रही थी और अब उसके निप्पल बहुत टाईट हो रहे थे.
वो धीरे धीरे गहरी गहरी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी, जिससे उसके बूब्स बड़े ही आराम से ऊपर नीचे हो रहे थे और मुझे उन्हे देखकर ऐसा लग रहा था कि उसके बूब्स कभी भी ब्लाउज को फाड़कर बाहर आ जाएगें और थोड़ी देर हम लोग ऐसे ही एक दूसरे को देखते हुए खोए हुए बिल्कुल शांत बैठे रहे फिर आख़िर में रुची ने अपनी चुप्पी तोड़ी.
रुची : में कॉफी बनाकर लाती हूँ.
में : छोड़ो ना, रहने दो कॉफी क्या करना है? अभी तो पी थी.
रुची : क्यों क्या हुआ? चलो कोई नहीं, में समझ गई?
में : क्या समझ गई?
रुची : यही कि तुम नहीं चाहते कि में तुम्हारे सामने से उठकर कहीं भी जाऊँ.
में : हाँ, तुमने बिल्कुल ठीक ही समझा.
रुची : तुमको ऐसे मज़ा मिल रहा है ना, क्या चाहते हो खुलकर बताओ? तुम्हारे दिमाग में क्या है और में तुम्हारी बीवी को कभी कुछ नहीं कहूँगी तुम मुझसे कुछ भी कह सकते हो और तुम मुझे पर पूरा विश्वास कर सकते हो.
में : (अपने लंड को मसलते हुए) क्या बोलूं? बस यही है कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो.
रुची : क्या और भी देखना चाहते हो? में जो ड्रेस लाई हूँ वो में अभी तुमको पहनकर दिखाती हूँ.
तो यह कहकर रुची ने शॉपिंग बेग का सामान टेबल पर रख दिया, उसमें दो ब्लाउज एक काला और एक लाल कलर का था, लेकिन एक काली बिकिनी टाईप थी.
रुची : चलो में तुम को यह काला ब्लाउज पहनकर दिखाती हूँ.
में : चलो ठीक है.
दोस्तों यह बात कहकर रुची ने वो काला वाला ब्लाउज उठाया और अंदर बेडरूम में चली गई और जब वो वापस आई तो उसके जिस्म पर साड़ी नहीं थी, उसने सिर्फ़ पहले वाला पेटीकोट पहना हुआ था और काले कलर का नया वाला ब्लाउज पहना हुआ था.
रुची : क्यों मुझ पर कैसा लग रहा है यह ब्लाउज?
में : (लंड मसलते हुए) बहुत ही हॉट, सेक्सी.
रुची : अब यह लाल वाला पहनकर आती हूँ.
में : ठीक है.
दोस्तों रुची जब लाल कलर का ब्लाउज पहन कर आई तो वो पीछे से पूरा खुला हुआ था और थोड़ा साईज़ की वजह से वो बंद नहीं हो रहा था.
रुची : देखो ना यह ग़लत आ गया है मुझसे तो यह बंद ही नहीं हो रहा.
में : चलो छोड़ो ना इसे, तुम दूसरा पहनकर देखो.
रुची : दूसरा क्या? यह बिकिनी है क्या तुम सही में चाहते हो कि में यह तुम्हारे सामने पहनकर दिखाऊँ? रूको में अभी यह पहन कर आती हूँ, तुम्हारे लिए तो में पूरी नंगी भी हो सकती हूँ.
दोस्तों सच कहूँ तो रुची जब वो बिकिनी पहनकर आई तो में सोफे से उठकर अपना लंड पकडकर खड़ा हो गया और फटी आँखों से उसके बदन को घूरने लगा और पेंट के ऊपर से अपना लंड सहलाने लगा.
में : वाह तुम बहुत सेक्सी लग रही हो और अब में तुमको घूरना कंट्रोल नहीं कर सकता.
रुची : हाँ वो तो मुझे दिख ही रहा है जिस तरह से तुम मुझे देख रहे हो.
में : हाँ और क्या?
रुची : वो क्या है? (रुची ने मेरे लंड की तरफ इशारा किया जिसे में सहला रहा था)
में : सॉरी और फिर मैंने लंड से अपना हाथ हटा लिया.
रुची : सॉरी बोलने की क्या ज़रूरत है करते रहो में कुछ नहीं कहूंगी.
में : क्या करता रहूं?
रुची : वही जो इतनी देर से मुझे देखकर कर रहे हो और मसलते रहो अपना लंड मुझे देखकर. मुझे पता है कि में बहुत सेक्सी हूँ और अब इस समय हम दोनों यहाँ पर बिल्कुल अकेले है तो फिर ले लो मज़े, किसने रोका है तुमको कुछ भी करने से.
में : तुम अभी बोलकर गई थी कि मेरे लिए नंगी हो सकती हो.
रुची : हाँ ठीक है, लेकिन में पहले से ही आधी नंगी हूँ, अब पहले तुम अपने कपड़े उतारो और अगर में अपने हाथों से तुम्हारे कपड़े उतार दूं तो? मुझे तुमको नंगा करने में बहुत मज़ा आएगा.
में : तुम मेरे साथ कुछ भी करो में कुछ नहीं कहूँगा.
रुची : चलो फिर बेडरूम में चलते है.
में : ठीक है.
फिर बेडरूम में जा कर रुची ने एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और में अब उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था और फिर रुची ने अपनी ब्रा को भी उतार दिया और एक तरफ उछाल दिया फिर वो मेरे पास आई और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ कर मसलने लगी. मैंने रुची को अपनी तरफ खींचा और अपने होंठो को उसके होंठ पर रख दिए और किस करने लगा और मैंने उसको एक लंबा किस दिया. मेरी पकड़ बहुत मजबूत थी मेरा और रुची का हग अब और भी टाईट होता जा रहा था मैंने रुची के होंठ, गाल, गर्दन और बूब्स के ऊपर किस करना शुरू कर दिया.
में : आ जाओ रुची, ले लो मेरा लंड, में तुम को हमेशा से चाहता था. मुझे कब से तुम्हारी लेनी थी, लेकिन आज मौका मिल ही गया. तुम्हारा बहुत धन्यवाद मुझे यह मज़ा देने के लिए, तुम बहुत अच्छी हो, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ रुची.
अब रुची ने अपने आप को पूरी तरह मुझे सोंप दिया. में उसके पूरे शरीर पर हाथ फेर रहा था और उसे जोश में आकर उसके पूरे शरीर पर किस कर रहा था मेरे मन की इच्छा आज सच हो रही थी और अब मुझे किसी बात की परवाह नहीं थी. तो मैंने अपना एक हाथ रुची के बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे दबाना करना शुरू किया और ब्लाउज के ऊपर से उसके निप्पल ढूंढने लगा. निप्पल मिलते ही मैंने उन्हे धीरे से प्यार के सहला दिया और अब रुची धीरे धीरे मोन करने लगी. फिर रुची ने भी मेरी जांघो पर हाथ फेरना शुरू किया और मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड के आकार को महसूस कर रही थी और फिर मैंने रूची की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को बूब्स के ऊपर से हटा दिया. उसके मुलायम बूब्स और गहरे गुलाबी निप्पल को देखकर मेरे मुहं से आह निकल गई.
में : रुची तुम्हारी बॉडी और फिगर मेरी सोच से कहीं ज्यादा मजेदार है. तुम्हारी त्वचा कितनी मुलायम और तुम्हारा जिस्म जो मुझे मज़ा दे रहा है, वो आज तक कभी किसी ने नहीं दिया.
फिर मैंने रुची को उठाया और बेड पर लेटा दिया और उसकी पेंटी को भी उतार दिया. फिर मैंने अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया. में भी बेड के ऊपर बैठ गया और आज हमारे नंगे बदन पहली बार मिल रहे थे. हम दोनों के बदन में एक अजीब सी झुरझुरी हो रही थी. मैंने रुची को अपने पास में लेटाया और उसे बाहों में लेकर फिर से होंठो किस करने लगा. अब रुची ने भी मेरा साथ दिया और मेरी जीभ को अपने मुहं में ले लिया. किस करते हुए मैंने फिर से उसके बूब्स को एक एक करके मसलने लगा और धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया. रुची धीरे धीरे अपने मुहं से मोनिंग की आवाज़ निकालने लगी. फिर में धीरे धीरे नीचे सरका और रुची के बूब्स सक करने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चूत रगड़ने लगा. अब पूरा कमरा मेरी और रुची की मोनिंग की आवाज़ से गूँज रहा था आहहहह आईईईईइ आहहहह उह्ह्ह्हह्ह.
रुची : में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ विशाल और में भी बहुत समय से तुम्हारे साथ यह सब करना चाहती थी. प्लीज़ ले लो अब मेरी विशाल. में अब और नहीं रुक सकती, प्लीज़ ले लो मेरी, प्लीज़ अब चोद दो मुझे.
में : हाँ रुची, में हमेशा से तुमको चोदना चाहता था. में आज तुम्हारी लूँगा रुची और अब ज़रूर लूँगा, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ रुची, में तुम्हारी चूत को भी बहुत प्यार करता हूँ, आज में खा जाऊंगा तुम्हारी चूत को.
दोस्तों में अभी भी उसके बूब्स चूस कर रहा था और चूत को घिस रहा था.
रुची : प्लीज़ विशाल अब लंड डालो ना मेरी चूत के अंदर, में अब नहीं रुक सकती आहहहह उह्ह्ह्हह्ह प्लीज़ अब आ जाओ, अब डाल दो मेरे अंदर.
मैंने अब सक कर करना और रब करना बंद किया और रुची को सीधा लेटाया और एक तकिया उसके कूल्हों के नीचे लगाया और फिर उसके पैरों को धीरे से फैलाकर अपने आप को उसके पैरों के बीच सेट किया. तो रुची ने अपने पैरों को उठाकर मुझे लपेटकर अपनी तरफ खींच लिया, मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा. में ऐसे थोड़ी देर अपना लंड उसकी चूत के होंठो पर रगड़ता रहा और वो मोन कर रही थी.
रुची : विशाल प्लीज़ अब अंदर डाल भी दो ना अब और मत तरसाओ प्लीज़ इसको अंदर डालो और मुझे चोद दो, चोदो मुझे विशाल, मुझे आज ज़ोर से चोदो मसल डालो.
फिर मैंने अपने लंड को धीरे से चूत पर दबा दिया और अब मेरा लंड थोड़ा सा रुची की चूत के अंदर चला गया, रुची के मुहं से एक आआहह आईईईई की आवाज निकल गई. तो मैंने थोड़ा सा और धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड रुची की चूत में चला गया और फिर मैंने धीरे धीरे अंदर बाहर करके रुची को चोदना शुरू किया. ऐसा करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब धीरे धीरे मेरा जोश बड़ता गया.
रुची : हाँ विशाल, हाँ बस ऐसे ही ले लो मेरी और ज़ोर से चोदो मुझे. चोद डालो अपनी बीवी की दोस्त को आहहहह हाँ आईईई विशाल तुम आज मेरी चूत को उह्ह्ह्हह्ह शांत कर दो और ज़ोर ज़ोर से करो ना विशाल, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, तुम बहुत अच्छे हो विशाल और तुम एक बहुत अच्छे लवर हो और तुम्हारा लंड कितना लंबा और मोटा है. मुझे इतना मज़ा पहले कभी भी चुदाई में नहीं आया अहहहह थोड़ा और ज़ोर से धक्का दो मेरी चूत को, थोड़ा तुम्हारे लंड का मज़ा भी लेने दो मुझे.
अब में रुची को अब बहुत ज़ोर ज़ोर से चोदता चला जा रहा था और में बिना रुके बस लंड को ठोके जा रहा था.
में : रुची में तुमको हमेशा से चोदना चाहता था और में तुम को जब भी देखता था तो मेरा लंड तनकर खड़ा हो जाता था. में हमेशा तुमको चोदना चाहता था. रुची मेरी डार्लिंग में अब तुमको हमेशा चोदूंगा, रुची तुम से अच्छी चूत मुझे कभी नहीं मिली. में तुमको सारी जिन्दगी चोदना चाहता हूँ.
फिर में बस रुची को लगातार धक्के देकर चोदता गया और हम दोनों मस्ती में मोन करते रहे और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देती रही, तो मैंने कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद रुची की चूत में ही वीर्य डाल दिया और अब हम दोनों इस चुदाई से बिल्कुल संतुष्ट हो चुके थे, लेकिन वो कई बार झड़ चुकी थी. दोस्तों उसके बाद भी में उसके पूरे जिस्म को चूमता, चाटता रहा में उसके बूब्स को मसलता रहा दबाता रहा और वो मोन करती रही और अब हम अक्सर कोई अच्छा मौका पाकर मिलने का प्लान करने लगे और चुदाई करने लगे. मैंने अब तक उसे बहुत बार चोदा है.
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