माँ की गांड पर लंड रगड़ा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संजय है और में 22 साल का हूँ और इलाहाबाद में रहता हूँ, मेरे साथ मेरे घर में मेरे पापा और मम्मी रहते है. मेरे पापा की उम्र 47 साल है और मम्मी की उम्र 45 साल है. अब में आपको माँ के बारे में थोड़ा विस्तार में बता दूँ. उनका नाम रेणु है, हाईट 6 फुट, बदन गदराया और भरा हुआ, चूची 42 साईज़ की और पेंटी 120 सेमी की पहनती है, रंग सांवला है इसलिए वो सेक्सी औरत नज़र आती है. जबसे मैंने होश सम्भाला है तब से में उसे चुदवाते हुए ही देखता आया हूँ, उसे चुदवाने का बड़ा शौक था.
जब वो और भी जवान थी और में बच्चा था, उस टाईम उसने 5-6 मर्दो को पटा रखा था. जब भी पापा शहर से बाहर जाते थे, तो वो उन मर्दो को बारी-बारी से घर बुलाकर अपनी चूत और गांड की खुजली शांत करवाती थी. यह सिलसिला सुबह 11 बजे से शुरू होता था और रात भर चलता था. कई बार तो वो पूरी रात 2 मर्दो के साथ बिताया करती थी. खैर उस टाईम पर में बच्चा था इसलिए कुछ समझ नहीं पाता था, लेकिन जैसे-जैसे में बड़ा होता गया तो मर्दो का आना कम होता गया और फिर धीरे धीरे पूरा ही आना बंद हो गया, शायद डर से वो सुधर गयी. खैर बड़ा होने के बाद मुझे वो पुरानी बातें तो याद थी, लेकिन में उसके बारे में सोचता नहीं था, मेरे और माँ के बीच नॉर्मल माँ-बेटे का रिश्ता था, लेकिन साल भर पहले सब कुछ बदल गया.
एक रात की बात है, पापा, माँ और में खाना खाकर सोने के लिए अपने-अपने रूम में आ गये, रूम में आने के 30 मिनट के बाद मेरा मोबाईल बजा तो मैंने कॉल रिसीव किया तो वो पापा के ऑफिस के स्टाफ का फोन था. उन्होंने कहा कि उन्हें मेरे पापा से ज़रूरी बातें करनी है, लेकिन पापा कॉल रिसीव नहीं कर रहे है, उन्होंने कहा कि में पापा से जाकर बोल दूँ कि वो उनसे बात कर ले. फिर में यह बात बताने पापा-माँ के रूम की तरफ गया, रूम में लाईट जल रही थी, मैंने नॉक किया, कई आवाज़ लगाई, लेकिन कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला.
फिर मुझे बड़ा अजीब लगा कि जब यह लोग जाग रहे है तो रेस्पॉन्स क्यों नहीं दे रहे है? उस रूम में एक खिड़की थी, जो खुली हुई थी, लेकिन अंदर से पर्दे लगे हुए थे. फिर मैंने बिना कुछ सोचे समझे हाथ बढ़ा कर पर्दे को थोड़ा साईड में किया, अब अंदर का जो नज़ारा था, वो में देखता रह गया. सबसे पहले तो मुझे दुनिया की सबसे बड़ी गांड नज़र आई. असल में उस टाईम वो दोनों बिल्कुल नंगे थे. वो अपने पति की टाँगो के बीच घुटनो के बल बैठकर लंड चूस रही थी. इस वजह से उसकी गांड खिड़की की तरफ थी.
में इंटरनेट पर बहुत सारी लड़कियों की गांड देख चुका था, लेकिन इतनी बड़ी और फैली हुई गांड पहली बार देख रहा था. फिर लंड चूसते-चूसते उसने अपनी चिकनी और चौड़ी जाँघ को फैला दिया, इससे मुझे उसकी हसीन और रसीली चूत भी दिखने लगी. उसकी चूत काली, बड़ी और फुली हुई थी, उसके चारों तरफ बहुत सारे बाल थे. काफ़ी देर तक लंड चूसने के बाद वो घोड़ी बन गयी और फिर मेरे बाप ने उसकी गांड में लंड पेल दिया और उसकी गांड मारने लगा. खैर में भी अपने रूम में आ गया, लेकिन मेरी आँखो के सामने, वो ही सीन आ रहा था, जब सुबह मेरी नींद खुली तो मुझे वो सपना याद आया जो मैंने रात में देखा था.
मैंने यही सपना देखा था कि में अपनी माँ की गांड मार रहा हूँ और वो भी बड़े प्यार से मुझसे गांड मरवा रही है. फिर कुछ देर के बाद वो चाय लेकर मेरे रूम में आई, तो उसे देखते ही मुझे उसका नंगा बदन याद आने लगा, वो उस वक़्त नाइटी पहने थी और शायद रात की चुदाई के बाद उसने ब्रा नहीं पहनी थी, इसलिए उसकी पहाड़ जैसी चूची का कुछ भाग नाइटी से बाहर दिख रहा था.
फिर उसने चाय टेबल पर रखी और अपनी बड़ी-बड़ी गांड हिलाते हुए वापस चली गयी. यह सब देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया, फिर में तुरंत बाथरूम में गया और पहली बार अपनी माँ के नाम पर मुठ मारी. मुझे पहले कभी मुठ मारने में इतना मज़ा नहीं आया था जितना उस दिन आया. पहली बार मेरे लंड से इतना ज़्यादा माल निकला था, फिर क्या था? मेरी माँ मुझे सेक्सी माल नज़र आने लगी और में हर रोज़ उसके नाम की मुठ मारने लगा. इससे ज़्यादा मैंने कभी नहीं सोचा था.
में जानता था कि भले वो बहुत सारे लंड खा चुकी है, लेकिन वो अपने बेटे का लंड कभी नहीं लेगी, इसलिए मैंने कभी कोशिश भी नहीं की, लेकिन मेरी सोच ग़लत थी. में यह नहीं जानता था कि आज भी वो इतनी गर्म औरत है कि मिलने पर तो वो अपने बेटे का लंड भी ले सकती है. फिर 5-6 महीने तक मुठ मारने के बाद, आख़िर में वो दिन आ ही गया जब मेरी गर्म माँ मुझसे चुद गयी.
एक बार की बात है. मेरे घर में कुछ मेहमान आए हुए थे और रात को मेरा रूम उन लोगों को दे दिया गया था इसलिए माँ और मुझे एक ही रूम में सोना था. फिर रात में खाने के बाद में रूम में आया और मेरे आने के कुछ देर बाद, वो भी सोने के लिए आ गई. फिर सोने से पहले वो नाइटी लेकर बाथरूम में गयी और फिर नाइटी पहनकर बाहर आई और मेरे बगल में सो गयी, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी. पिछले 5-6 महीने से जिस औरत के बारे में सोचकर में हर रोज़ मुठ मारता था, वो मेरे बगल में सोई थी. फिर करीब 1 घंटे तक में चुपचाप बेड पर पड़ा रहा, फिर मेरी नज़र माँ की तरफ गयी. रूम में नाईट बल्ब जल रहा था और वो गहरी नींद मे सो रही थी और सांस के साथ उसकी पहाड़ जैसी चूचीयाँ ऊपर नीचे हो रही थी.
अब यह सीन देखकर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने धीरे से उसकी चूची के ऊपर अपना हाथ रख दिया और हल्के हाथ से दबाने लगा, उसकी चूची गजब की बड़ी थी. फिर कुछ देर तक इसी तरह से दबाता रहा, फिर अचानक से माँ हिली तो में डर गया और हाथ हटाकर सोने का नाटक करने लगा. फिर वो दूसरी तरफ करवट लेकर सो गयी, अब उसकी गांड मेरी तरफ थी में कुछ देर तक चुपचाप पड़ा रहा. फिर मुझे लगा कि वो गहरी नींद में सो रही है, तो फिर में धीरे-धीरे उसकी नाइटी को ऊपर करने लगा और कमर तक ले आया, वो पेंटी नहीं पहने थी इसलिए उसकी बड़ी सी गांड मेरे सामने आ गई.
फिर मैंने अपने शॉर्ट्स को नीचे किया और अपना लंड बाहर निकाला जो कि पूरी तरह से खड़ा था. फिर में लंड को उसकी बड़ी सी गांड के बीच में लगाकर रगड़ने लगा. फिर कुछ देर तक ऐसा करने के बाद वो हुआ जो मैंने सोचा भी नहीं था, वो बोली-शशश, आह्ह्ह्ह, सिर्फ़ रगड़ता रहेगा या डालेगा भी. में यह सुनकर हैरान हो गया, इससे पहले कि में कुछ करता या बोलता, वो सीधी हुई और मुझे अपनी बाहों में खींचकर मेरे होठों को चूसने लगी. करीब 2 मिनट तक होंठ चूसने के बाद वो मुझसे अलग हुई और बोली की लाईट जला दे, फिर मैंने ऐसा ही किया जब में लाईट जलाकर वापस आया, तो वो हँसते हुए बोली.
माँ – तू तो बड़ा बदमाश हो गया है.
में – बदमाश नहीं हुआ, लेकिन जवान हो गया हूँ.
माँ – जवान होने पर क्या कोई लड़का अपनी माँ की गांड पर लंड रगड़ता है?
में – नहीं.
माँ – फिर तूने ऐसा क्यों किया?
में – क्योंकि, दूसरे लड़को में और मुझमें फ़र्क है.
माँ – क्या फ़र्क है?
में – सबके पास तुम्हारी जैसी सेक्सी माँ नहीं होती है.
माँ – हट बदमाश, अपनी माँ को सेक्सी बोलता है.
में – तुम बहुत सेक्सी हो माँ, इसलिए अपने आप पर काबू नहीं रख सका, फिर माँ मुझे बाहों में लेती हुई बोली.
माँ – में तुझे बहुत सेक्सी लगती हूँ.
में – हाँ.
माँ – तुझे मुझमें क्या अच्छा लगता है?
में – तुम तो ऊपर से ले कर नीचे तक अच्छी हो, लेकिन मुझे तुम्हारी बड़ी सी चूची और तुम्हारी बड़ी गांड बहुत ज़्यादा पसंद है.
माँ – मेरा दूध पियेगा.
में – हाँ, इतना कहकर माँ ने अपनी नाइटी को उतार दिया. अब वो पूरी तरह से नंगी थी.
माँ – आ जा मेरा राजा बेटा, दूध पी ले, अब में उसकी एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और एक को दबाने लगा, उसके मुँह से मादक सिसकियाँ निकलने लगी थी. फिर काफ़ी देर तक में उसकी चूची को चूसता रहा और दबाता रहा, फिर वो बोली.
माँ – सिर्फ़ मेरा ही चूसता रहेगा या मुझे भी कुछ चूसने के लिए देगा, में समझ गया कि, वो मेरा लंड चूसना चाहती है. फिर में बेड पर लेट गया और वो मेरी टाँगो के बीच में आ गई और बड़े प्यार से पहले मेरा लंड सहलाने लगी, फिर मुँह में लेकर मेरा लंड चूसने लगी में तो जन्नत में सैर कर रहा था. फिर कुछ देर के बाद मुझे लगा कि में झड़ने वाला हूँ तो मैंने बोला कि..
में – माँ में झड़ने वाला हूँ.
माँ – मेरे मुँह में ही झड़ जा मुझे इसका स्वाद बहुत पसंद है.
फिर में उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गयी. फिर वो उठकर बाथरूम गयी और अपना चेहरा धोकर आई और मुझे बाहों में लेकर बोली.
माँ – कैसा लग रहा है?
में – बहुत अच्छा माँ.
माँ – लेकिन, मेरा तो कुछ हुआ ही नहीं, मुझे भी तो थोड़ी शांति दे, बड़ी गर्मी छा हुई है.
फिर में उसे बाहों में लेकर उसके रसीले होंठ चूसने लगा और उसकी चूची दबाने लगा. फिर धीरे-धीरे नीचे की तरफ़ बढ़ने लगा, फिर उसके पूरे बदन को चूमते चाटते हुए में उसकी चूत तक पहुँचा. फिर पहले उसकी चूत में उंगली डालकर चोदने लगा, फिर उसके बाद उसकी चूत को जीभ से चूसने लगा, फिर काफ़ी देर तक ऐसा करने के बाद वो बोली.
माँ – अब रहा नहीं जाता, चोद डाल मुझे.
में – माँ में तेरी गांड का दिवाना हूँ, में सबसे पहले तेरी गांड मारना चाहता हूँ.
माँ – मार लेना में हर रोज़ तुझसे गांड मरवाऊंगी, लेकिन अभी तू मेरी चूत चोद, इसमें गजब की खुजली मची है.
फिर मैंने माँ की बात मानते हुए उसकी चूत पर अपना लंड लगाया और एक ज़ोर का धक्का मारा. मेरी रांड माँ इतने लंड ले चुकी थी कि एक बार में ही मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया.
माँ – आह्ह्ह्ह मेरे राजा, चोद डाल मुझे, ज़ोर से चोद, मेरी बहुत प्यासी चूत है, आह्ह्ह्ह मेरे मादरचोद बेटे, चोद दे अपनी माँ की चूत को, उसकी बातें सुनकर मुझे जोश आ गया और मैंने अपनी रफ़्तार बड़ा दी और उसे तेज़ी से चोदने लगा.
माँ – बहुत मज़ा आ रहा है, गजब का लंड है तेरा, मुझे पता होता कि तेरा लंड इतना मजबूत है तो में अब तक बहुत बार तुझसे चुदवा लेती, ज़ोर से चोद मादरचोद, फाड़ दे अपनी रंडी माँ की चूत को.
वो इसी तरह जोश में आकर बोले जा रही थी और में उसे चोदे जा रहा था, फिर 15 मिनट के बाद, वो बोली.
माँ – अबे मादरचोद तू इंसान है या सांड, इतनी देर से चोदे जा रहा है में 3 बार झड़ चुकी हूँ, लेकिन तू एक बार भी नहीं झड़ा, साले रंडी की औलाद जल्दी से झाड़ दे मेरी चूत में, बहुत दर्द हो रहा है.
में – साली कुत्तिया तू माल ही ऐसी है कि तुझे पूरी रात कोई भी चोद सकता है और जब चूत में इतनी खुजली है तो धंधा क्यों नहीं कर लेती? अच्छे पैसे कमा लेगी साली.
माँ – मुझे धंधे पर बैठा देगा, तो खुद क्या करेगा? मुठ मार कर गुजारा करेगा क्या?
में – सबसे पहले तो में तुझे चोदूंगा, फिर कोई और इतनी देर में मुझे लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ, तो में माँ से बोला कि झड़ने वाला हूँ, बोल मेरी कुत्तिया, रंडी, चुदक्कड माँ, में कहाँ डालूं?
माँ – झड़ जा मादरचोद मेरी चूत में, कोई प्रोब्लम नहीं है, तेरे पैदा होने के बाद ही मैंने अपनी चूत का ऑपरेशन करवा लिया था. फिर कुछ देर में में झड़ गया. फिर कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे, फिर रात में मैंने अपनी माँ की गांड भी मारी.
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प्यासी औरत की कहानी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम धीरज है और में एक इंश्योरेंस कंपनी में जॉब करता हूँ. मुझे इंश्योरेंस के काम से मुंबई में एक बड़े ऑफिस में जाना पड़ा, जहाँ बहुत सारी खूबसूरत लड़कियां और औरतें जॉब कर रही थी‌‍. मुझे वहीं एक रूम लेना ज़रूरी था, तो मैंने मेरे एक दोंस्त से बात कि तो उसने एक जगह बताई में वहाँ गया और वहाँ की मालकिन से बात कि तो उसने 2100 रुपये के किराए पर उसके फ्लेट का एक रूम मुझे किराए पर दिया. मकान मालकिन एकदम मस्त 30 साल की माल थी. वो एकदम सेक्सी दिख रही थी, उसका फिगर 36-28-38 था और उसकी हाईट 5 फुट 1 इंच थी. रंग गोरा था और वो दिखने में हिन्दी फिल्म की हिरोईन जैसी औरत थी. मैंने उससे खाने के बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि वो खुद रात के खाने का इंतज़ाम कर सकती है.
फिर भी मैंने उसे देखकर रूम बुक कर लिया और में वहाँ जल्दी से शिफ्ट हो गया. फिर बातचीत के दौरान मुझे समझ आया कि वो वहाँ अकेली ही रहती है और उसका कोई बच्चा नहीं है. उसका पति जो कि एक कंपनी में जॉब कर रहा था वो उसे 12 साल पहले तलाक़ दे चुका है और वो एक महिला गृह उधोग में काम कर रही है. अब मेरा रोज का काम ठीक चल रहा था, में मेरे रूम में बहुत टाईप की ड्रिंक्स का पूरा मज़ा लेता था और पॉर्न मूवी भी देखता था. फिर मेरे पास के ऑफिस में चंदा नाम की एक आईटम औरत काम करती थी. मेरा सम्पर्क हमेशा उससे होता रहता था और रात को में उसके नाम से मुठ मारा करता था.
एक दिन में काम से 4 दिनों के लिए दिल्ली चला गया. उन दिनों मेरी मकान मालकिन पूनम ने मेरा रूम सॉफ करते वक़्त वो सभी ब्लू फिल्म की सीडी देख ली और वो उनको देखकर गर्म हो गई थी. जब में वापस लौटा तो मैंने उसके व्यवहार में चेंज देखा. वो अब मेरे रात के खाने का पूरा ख्याल रख रही थी. फिर एक हफ्ते के बाद उसने मुझे डोर के होल में से मुठ मारते देख लिया और दूसरे दिन मुझसे बहुत फ्रेंकली होकर बातें करने लगी. फिर उसने मुझे सीधे से उसके शरीर की प्यास की प्रोब्लम बताई.
वो जहाँ काम करती थी वहाँ उसे सभी औरतें ताई बुलाती थी और उनका बूढा बॉस सभी खूबसूरत औरतों को अपने कैबिन में बुलाकर उनकी जवानी का मज़ा लेता था. एक दिन पूनम मेरे रूम में आई और पूनम ने कहा में एक औरत हूँ और मेरी ज़िंदगी सूनी है. मेरा पति तो मेरे साथ नहीं है, में कब तक अकेली रात गुजारुँगी, मुझे एक साथी चाहिए जिससे में अपनी हर बात कह संकू, मेरे भी कुछ अरमान है. में जाने कितने दिनों से तड़प रही हूँ, प्लीज़ आज की रात मुझे अपना बना लो, इतना कहकर वो मुझसे लिपट गयी.
फिर हम किस करने लगे और मैंने पूनम का कुर्ता उतारा, ओह्ह्ह माई गॉड क्या बूब्स थे? में पहली बार उसके बूब्स देख रहा था. उसने रेड कलर की ब्रा पहन रखी थी और फिर मैंने बूब्स को दबाना शुरू किया और किस किया और फिर उसकी ब्रा उतारी और बूब्स को चूसने लगा. इतने में पूनम ने मुझे पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड को मुँह में डालकर चूसने देने लगी. मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको पूरा नंगा किया और उसकी पेंटी भी उतार दी. पूनम की चूत एकदम क्लीन शेव थी. फिर मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया और फिंगरिंग भी की तो थोड़े समय बाद पूनम ने झड़ना शुरू कर दिया और पूनम बोली कि धीरज आई लव यू. आज से तुम मेरे मर्द हो और जब तुम चाहों मुझे आकर चोद सकते हो.
फिर मैंने पूनम को बेड पर लेटा दिया और उसके शरीर को ऊपर से नीचे तक चाटने लगा. उसकी चूत के छेद में उंगली डालकर उसे चोदता रहा. पूनम बोली अब और मत तड़पाओ मुझे, अब मुझे चोद दो में बहुत प्यासी हूँ. फिर में अपना लंड पूनम की चूत में डालने लगा और पहले ही झटके में लंड अंदर नहीं गया. अब पूनम मौन करने लगी, अहह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्ह धीरज देखो बेचारी मेरी चूत कैसे तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है? आओ ना उसकी प्यास बुझाओ मेरे राजा, अब नहीं सहा जा रहा. आओ ना चोदो मुझे और मैंने तुरंत उसके होठों पर मेरे होंठ रख दिए. फिर पूनम ने मेरे लंड को पकड़ा और चूत पर रखा और कहा हाँ अब डालो अंदर जल्दी से मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
फिर मैंने भी कुछ नहीं सोचा और ज़ोर का झटका मारा और आधा लंड उसकी चूत को चीरते हुए घुसेड दिया, फिर में उसे धीरे-धीरे चोदता रहा. फिर पूनम बोली कि धीरज धीरे करो, तो मैंने एक और झटका मारा तो पूनम ज़ोर से चिल्ला उठी अहह धीरज दर्द हो रहा है.
फिर मैंने उसे धीरे-धीरे चोदना शुरू किया और पूनम और ज़्यादा मौन कर रही थी. ओह्ह्ह में मर गई और फिर पूनम बोली कि बहनचोद धीरे चोद ना, में कहीं भागी जा रही हूँ क्या? में और जोश में आ गया और बोला कि पूनम अब तो तू मेरी रंडी है मेरी 24 घंटे की रखेल है, मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है. फिर में ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत में धक्के लगाता रहा, अब पूनम भी बड़बड़ा रही थी. आआहह धीरे मेरी चूत फट जायेगी, आआअहह आअहह और चोदो मेरी चूत को, इसको भोसड़ा बना दो और चोदो मुझे अपनी बीवी बना लो आअहह ऊऊहह माँ ज़ोर से चोदो मुझे, हाइईइ क्या लंड है तुम्हारा? धीरज रूको मत, पेलते जाओ अपना लंड मेरी चूत के अंदर, बहुत मज़ा आ रहा है, मत रूको मेरे राजा, हाइईईई आहहहहहह आआहह. अब में उसे एक स्पीड में चोदने लगा तो वो बोली कि अब और इंतज़ार मत करवा मेरे राजा, चोद दे मुझे, चोद दे इस पूनम रानी को, मेरी चूत कब से लंड की प्यासी है, इसकी तड़प मिटा दे और अब और देर ना कर.
अब पूनम दर्द और मस्ती में गांड उछाल उछालकर चुदवाने लगी थी. पूरा डाल दे और चोद दे अपनी रंडी को आज, मेरी और अपनी प्यास बुझा दे आआ अयाया ह्ह्ह्हम्म्म्म. फिर मैंने उसका दर्द जानते हुए अपनी स्पीड कम कर दी, तो वो बोल पड़ी नहीं मेरे राजा तू रुक मत, दर्द में ही तो मज़ा है. ये मेरी चुदक्कड़ चूत बहुत दिनों से चुदी नहीं है इसलिए फड़फडा रही है. तू चोदना चालू रख और पानी मेरी चूत में ही डाल दे और मेरी आग शांत कर दे हाईईईईईई मर जाऊं में तेरे लंड पर. मुझे आज तक जिंदगी में ऐसा मज़ा कभी नहीं आया था. हाईईइ तेरे लंड ने मुझे मस्त कर दिया है, क्या फौलादी लंड है? आआहहह हाइईईई, में आज से सिर्फ़ और सिर्फ़ तेरी पूनम रानी हूँ. में आज से तेरे लंड की गुलाम हूँ आआहह और ज़ोर से आअहहू. फिर 20 मिनिट के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी अब छूटने वाला है. तभी पूनम का शरीर अकड़ गया और वो झड़ गयी. फिर में धक्का लगता रहा और फिर मेरा भी छूटने वाला था तो मैंने पूनम की चूत में ही अपना माल निकाल दिया.
फिर मैंने कहा कि पूनम आज से में जैसे चाहूँ तुझे चोदूंगा. फिर पूनम जोश में आकर मेरे सीने से लिपट गई तो मैंने कहा हाँ पूनम रानी मुझे ऐसे चोदने दे. में तुझे इतना प्यार दूँगा कि तेरे पति ने भी तुझे ना दिया होगा, में तुझे आज से जमकर चोदा करूँगा और बोला कि पूनम रानी आज तो तेरा भोसड़ा बनाकर रख दूँगा और करीब 20 मिनट के बाद मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और उसे अपनी उंगली का जादू दिखा दिया और उसका सारा रस निकाल दिया और फिर पूनम भी झड़ गयी और फिर में बेड पर आराम से लेट गया, तो पूनम ने कहा कि ऐसी चुदाई मेरी आज तक नहीं हुई. मुझे आज के जितना मज़ा कभी नहीं आया, लव यू धीरज. मैंने भी कहा कि मुझे भी बड़ा मज़ा आया मेरी पूनम रानी, लव यू टू पूनम.
फिर थोड़ी देर के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा तो मैंने पूछा तुमने गांड मरवाई है. तो पूनम बोली हाँ चाचा अक्सर गांड चोदते है. ये वही चाचा है जो फैक्ट्री के ऑफिस में औरतों को हमेशा चोदा करते है. तो में बोला तब तो मजा आ जायेगा, में भी तेरी गांड मारूँगा. फिर पूनम ने कहा कि अभी तो मेरी चूत की बारी है उसे और एक बार शांत करो, तो मैंने कहा रानी तेरी चूत इतना मज़ा देती है तो तेरी गांड में लंड घुसेड़कर क्यों ना तेरी इतने दिनों की भूख को को मिटा दिया जाये? इस पर पूनम ने मुस्कुराकर कहा कि मेरे बलम में तो तुम्हारी ही हूँ, जब जी चाहे जैसे चाहे चोद दो मुझे और वो डॉगी स्टाईल में बेड पर झुककर बैठ गई. फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर अपना लंड रखकर एक धक्का लगाया. पूनम की गांड काफ़ी टाईट थी. फिर मैंने लंड उसकी चूत में डालकर गीला कर लिया और फिर से उसकी गांड में डालने लगा.
फिर लंड करीब 2 इंच अन्दर गया ही था तो पूनम बोली कि बहुत दर्द हो रहा है, तुम्हारा बहुत बड़ा लंड है. मेरी गांड में धीरे धीरे डालना और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी उई माआआअ मेरी तो गांड फटटटट गइईईईईईईईईईईईईईई अहह आज तक कभीईईईईईईईईईईईई मेरे पतिईईईईईईईई ने भी मेरीइईईईईईई गांड नहीं मारी थीईईईईई अह्ह्ह्हहहह आअहह ज़ोर ज़ोर से और ज़ोर से मेरी जान, आआहह मिटा दे मेरी प्यास, तू मुझे अपनी जान बना ले, मुझे ऐसे रोज चोदा कर, अब तक कहाँ था तू मेरे राजा, मेरी प्यास तो आज तूने बुझाई है. फिर में उसकी गांड में लंड पेलता रहा और फिर करीब 15 मिनट के बाद में में उसकी गांड में ही झड़ गया. उस रात मैंने पूनम को 4 बार चोदा और हम सो गये.
दूसरे दिन रविवार था इसलिए वो भी सुबह देर तक मेरे साथ ही सोई रही और फिर रविवार के दिन हमने बहुत मजा किया. फिर बातोँ-बातों में मुझे पता चला कि पूनम मेरे एक पहचान के आदमी की पहली बीवी है और उन दोनों का तलाक़ हो चुका है, उसे प्रेग्नेन्सी की प्रोब्लम थी इसलिए पूनम ने उसे बिना बतायें झगड़ा करके उससे तलाक़ लिया था. इसका मतलब में सुरक्षित था और में उसके साथ और भी ज़्यादा संबंध बना सकता था. मैंने पूनम को नहीं बताया कि में उसके पति को जानता हूँ.
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माँ ने नया बाप दिया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आदित्य है और मेरी उम्र 18 है. में लखनऊ का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपने घर की एक सच्ची दास्तान सुनाने जा रहा हूँ जो एकदम सच्ची है और वो मेरी माँ की कहानी है जिसने एक ही बार में सब कुछ बदलकर रख दिया. दोस्तों एक दिन मेरे घर में भी कुछ ऐसा घटित हुआ जिसको में आज आपको बताऊंगा, लेकिन पहले में बहुत डरता था, लेकिन अब में बिल्कुल निडर होकर आप सभी को यह सच्चाई बता रहा हूँ यह कोई झूटी कहानी नहीं है और अब में अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह दास्तान दो साल पहले घटित हुई थी. मेरी माँ का नाम सरिता है और उनकी उम्र 33 साल, रंग गोरा और मेरे परिवार में हम 4 लोग रहते है. माँ, पिताजी में और मेरी दादी. दोस्तों उस समय मेरे पिताजी कपड़ो के एक बहुत बड़े शोरुम में काम किया करते थे और उन्ही की कमाई से हम लोगों का गुज़ारा हुआ करता था और हमारे दिन बहुत अच्छे कट रहे थे और में उस समय 12th क्लास में पढ़ता था. (दोस्तों यह बात दीवाली की उस रात से शुरू हुई जिसने हमारा जीवन बदल दिया) तो दीवाली वाले दिन मेरे पिताजी अपने बॉस को रात में हमारे घर पर लेकर आ गये जो शोरुम का मलिक था और मेरे पिताजी उनके पास नौकरी किया करते थे.
तो पिता ने घर में घुसते ही मेरी माँ से बहुत प्यार भरी आवाज से कहा कि सरिता खाने पीने का सामान लगाओ और फिर मेरी माँ ने जल्दी से एक ट्रे में खाने का सामान लगा दिया और उनके सामने एक टेबल पर रख दिया और वो खुद दूर खड़ी हो गई. मेरे पिताजी के बॉस का नाम राकेश है और फिर खाने पीने के बाद राकेश ने मेरी माँ से उनके बनाए हुए खाने की तारीफ की और उसने कहा कि भाभी आप जैसी बीवी सबको मिले और यह बात कहकर पिताजी और राकेश दोनों हंसने लगे और फिर राकेश वहां से चले गए.
दूसरे दिन दोपहर को जब में अपने स्कूल से घर आया तो वैसे ही राकेश अंकल भी अपनी बाईक से मेरे घर पर आ गए, लेकिन में उनसे पहले घर के अंदर चला गया और मैंने देखा कि वो मेरी माँ के लिए दीवाली के अवसर पर कुछ मिठाई और तोहफा लेकर आए थे. तो माँ ने उनसे मना किया, लेकिन उनके बहुत देर तक कहने के बाद रख लिया. फिर माँ और राकेश के बीच में कुछ देर बातें हुई और फिर वो चला गया. तो दूसरे दिन में सुबह उठा और मेरा उस दिन स्कूल जाने का बिल्कुल भी मन नहीं था, लेकिन मुझे पिताजी ने जबरदस्ती भेज दिया.
फिर में स्कूल गया तो मुझे वहां पर पहुंचकर पता चला कि मेरे एक टीचर की म्रत्यु हो गई है और इस वजह से प्रार्थना करवाकर एक घंटे बाद सब बच्चो को छुट्टी दे दी गई. जब में अपने घर पर आया तो तब मैंने देखा कि राकेश अंकल की बाईक बाहर खड़ी हुई है और में समझ गया कि जरुर आज भी अंकल मेरे घर पर आए होंगे, लेकिन जब में अंदर गया तो मैंने उन्हे देखा मुझे वहां पर कोई भी नहीं दिखाई दिया और में माँ के रूम के पास चला गया. मैंने धीरे से बिना आहट के धक्का दिया, लेकिन रूम अंदर से लॉक था तो में दूसरी तरफ से खिड़की की तरफ चला गया और जब मैंने अंदर की तरफ झांककर देखा तो मेरी माँ और राकेश दोनों ही अंदर मोज़ूद थे और अब मैंने देखा कि राकेश मेरी माँ के बूब्स दबा रहा था. में यह सब देखकर बहुत डर गया और में बहुत चकित था.
मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ कि अंदर यह सब क्या चल रहा है. में यह सब क्या देख रहा हूँ. मैंने कभी भी अपनी माँ से इन सब कामों की उम्मीद नहीं की थी. फिर मैंने देखा कि माँ उसका विरोध कर रही थी, लेकिन फिर भी राकेश रुक नहीं रहा था और अब राकेश ने माँ को एक ज़ोरदार स्मूच लिया तो माँ एकदम हिल गई. फिर राकेश ने एक एक करके माँ की साड़ी और उसके कपड़े उतार दिए. माँ अब उसके सामने ब्रा, पेंटी में लेटी हुई थी.
दोस्तों मैंने पहली बार माँ को इस अजीब हालत में देखा था. जिसकी वजह से मेरे पैर एक जगह जम गए थे और फिर राकेश अंकल ने माँ की ब्रा को भी उतार दिया तो मैंने देखा कि उनके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे जो अब ब्रा से बाहर आने के बाद बहुत सुंदर दिखाई दे रहे थे. फिर वो बूब्स को एक एक करके चूसने लगा और बुरी तरह से मसलने लगा. माँ शरम के मारे अपने दोनों हाथ अपनी आखों पर रखकर लेटी हुई थी और अब राकेश ने माँ के दोनों बूब्स को दबा दबाकर बिल्कुल लाल कर दिया था.
फिर राकेश अंकल अब उन्हे ऐसे ही छोड़कर जल्दी से बाथरूम में चले गये और करीब दो मिनट के बाद सिर्फ़ अंडरवियर में वापस आए और उन्होंने बेड पर चड़कर एक ही झटके में माँ की पेंटी को उतार दिया. माँ शरम से अपनी चूत को एक हाथ से ढकने लगी, लेकिन अंकल ने माँ के हाथ को धीरे से हटाया और चूत को चाटना शुरू कर दिया. माँ तड़पने लगी और फिर राकेश अंकल ने अपनी अंडरवियर को उतारा तो अंडरवियर के अंदर से कम से कम 8 इंच लंबा लंड निकला और माँ उसे देखकर एकदम से डर गई और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. अंकल ने माँ के होंठ पर किस करके उनसे पूछा कि क्यों तुम्हारे पति का कितना बड़ा है? माँ ने कहा कि उनका तो इससे बहुत छोटा है और वो फिर से रोने लगी और कहने लगी कि मुझे छोड़ दो, मुझे जाने दो, में यह सब नहीं कर सकती, यह बहुत गलत है.
फिर अंकल उठे और उन्होंने माँ की एक भी बात नहीं सुनी और उन्होंने उनके दोनों पैर फैलाए और अपना लंड चूत के गुलाबी होंठो पर रगड़कर लंड को गीला कर लिया. में यह सब देखकर जल्दी ही समझ गया कि अब माँ की बेंड बजने वाली है. फिर अंकल ने एक ज़ोर का झटका मारा और उनका आधा लंड अंदर घुस गया, लेकिन माँ इतने ज़ोर से चीखी कि में एकदम से डर गया और मुझे भी रोना आ गया और अब माँ को इतने दुःख दर्द में देखकर मुझे बहुत अजीब लग रहा था, लेकिन राकेश अंकल ने माँ के दोनों हाथ पकड़ रखे थे और पैरों को फंसा रखा था, जिसकी वजह से माँ बिल्कुल भी हिल नहीं पा रही थी.
फिर अंकल ने एक और ज़ोर का झटका मारा तो अब की बार माँ का पेशाब ही बाहर निकल गया और माँ ने कोई विरोध नहीं किया और माँ एकदम बेहोश हो गयी थी, लेकिन फिर भी वो ज़ालिम नहीं रुका और आने वाले बीस मिनट तक उसने माँ की चूत को बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदा और फिर अपना सारा वीर्य माँ की चूत में भर दिया और अपना लंड चूत से बाहर निकालकर चूत के छेद में रुई को घुसा दिया, जिससे वीर्य वापस बाहर ना आए. फिर वो माँ को लेटाकर उनके पास सो गया और एक घंटे तक में भी वहीं पर बैठा रहा. फिर जब माँ को होश आया तो माँ हड़बड़ाकर उठी, वो रोने लगी और फिर राकेश अंकल भी उठ गये. माँ उनसे कहने लगी कि यह आपने क्या कर दिया?
मैंने अपने पति को धोखा दे दिया, कहीं में गर्भवती हो गयी तो मेरे पति मुझे मार ही डालेगें और जब माँ की नज़र नीचे अपनी चूत पर गयी तो माँ ने जल्दी से उस कॉटन को बाहर निकाल दिया, लेकिन अब तक वो सारा वीर्य चूत के अंदर जा चुका था. फिर राकेश ने माँ को बहुत देर तक समझाया और कहा कि सरिता में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, क्योंकि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो और में तुमसे शादी भी करूंगा और तुम्हारे होने वाले बच्चे को अपना नाम भी दूंगा, लेकिन तुम सबसे पहले अपने पति को तलाक़ दे दो. में तुम्हे बहुत खुश रखूंगा और तुम्हे वो सब कुछ दूँगा जो तुम्हारे पति की तुम्हे देने की औकात नहीं है.
फिर माँ ने कुछ देर सोचा और फिर माँ मान गई और अब माँ ने उनसे कहा कि लेकिन यह सब होगा कैसे? तो अंकल ने कहा कि तुम वो सब मुझ पर छोड़ दो. फिर वो दोनों एक दूसरे के गले लगे और फिर राकेश अंकल वहां से चले गये और ऐसे ही दिन बीतते चले गये, लेकिन इस दौरान माँ को राकेश अंकल ने बहुत बार चोदा और फिर माँ गर्भवती हो गयी. फिर माँ ने राकेश अंकल को फोन करके बताया कि वो उनके बच्चे की माँ बनने वाली है. तो एक दिन वो घर पर आकर माँ को अपने साथ ले गए और माँ साथ में मुझे भी ले गई और फिर माँ ने राकेश अंकल के घर पर पहुंचकर मुझसे कहा कि देखो बेटा अब में राकेश अंकल से शादी कर रही हूँ, क्योंकि तुम्हारे पापा बहुत बुरे है, उन्होंने तुम्हे कभी कुछ नहीं दिया, लेकिन अब राकेश तुम्हे वो सब कुछ देंगे.
फिर उसी शाम को जब मेरे पिताजी घर पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि घर पर ना में हूँ और ना माँ है, सिर्फ़ दादी ही अकेली थी तो दादी ने पिताजी को सब कुछ बता दिया कि तुम्हारा बॉस आदित्य और सरिता को अपने साथ ले गया है. फिर पिताजी राकेश अंकल के घर पर आए और उन्होंने घंटी बजाई राकेश अंकल ने दरवाज़ा खोला, पिता ने कहा कि मेरी बीवी कहाँ है? अंकल ने कहा कि यहीं है और माँ को आवाज देकर बाहर बुलाया माँ एकदम डर गई तो अंकल ने कहा कि देखो यह अब मुझसे शादी करने जा रही है और मेरे बच्चे की माँ भी बनने वाली है. तो पिताजी को उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से झटका लगा और फिर वो रोते हुए वहां से अपने घर पर चले गये. फिर दो दिन में राकेश अंकल ने माँ का पिताजी से तलाक करवा दिया और माँ से शादी कर ली और अब में भी अपने नये पापा के साथ रहता हूँ और अब यहाँ पर माँ और में बहुत खुश रहते है. कुछ दिनों के बाद माँ ने मेरे एक छोटे से भाई को जन्म दिया.
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लखनऊ का राज

हैल्लो फ्रेंड्स, में आज एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और नयी सेक्स घटना लेकर आया हूँ जो कि बात है आज से तीन साल पहले की जब में लखनऊ में दो साल के लिए अपनी कंपनी के काम से गया हुआ था. जैसा कि आप सभी लोग जानते है कि लखनऊ नवाबो का शहर माना जाता है और वो बड़ा ही सुंदर शहर है, फिर में जब वहां पर पहुँचा तो मेरे पास रहने का कोई साधन नहीं था और मुझे कंपनी की तरफ से मिलने वाला रूम एक हफ्ते बाद मिलने वाला था, क्योंकि वहां का पुराना आर्किटेक्ट सात दिन में उसे खाली करने वाला था.
में अब बहुत बड़ी असमंजस में फंस चुका था और फिर में अपने ऑफिस की टेबल पर सर रखकर सोच रहा था कि सात दिन में कहाँ पर रहूँगा. कोई होटल ले लूँ तो वो मेरे ऑफिस से कम से कम 25 से 30 किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन के पास था. में अब सोच रहा था कि अब क्या किया जाए? तभी मुझे एक आवाज़ सुनाई दी कि सर किस सोच में हो आप? तो मैंने जब सर उठाकर देखा तो वो हमारी कंपनी में काम करने वाला हमारा वेंडर (ठेकेदार) अब्दुल रहमान था. उन्होंने मुझसे पूछा कि जनाब 8 बज चुके है क्या घर जाना नहीं है? तो मैंने उन्हे कहा अभी मुझे घर मिला नहीं है और रात भी हो गई है क्यों ना में आज रात ऑफिस में ही रुक जाता हूँ कल सुबह कोई इंतज़ाम देख लूँगा?
तभी उन्होंने मुझे बताया कि रात को ऑफिस में रुकना सही नहीं रहेगा, क्योंकि हमारा ऑफिस थोड़ा शहर से बाहर था तो वहां पर चोरों का ख़तरा बहुत था, तो अब्दुल मियाँ ने कहा कि आज रात आप मेरे घर पर चलो कल सुबह की कल सुबह देख लीजिएगा और मैंने उन्हे बहुत मना किया, लेकिन वो माने ही नहीं और वो मुझे जबरन अपने घर पर ले गए. उनका घर पास में ही था और उनका बहुत बड़ा कई सारे कमरों का घर था. हमारे घर पर पहुँचते ही उनकी बेगम ने हमारा सत्कार किया और फिर अब्दुल मियाँ ने मेरा परिचय उनको दिया.
अब्दुल मियाँ ने अपने परिवार से मेरा परिचय करवा दिया. उनके परिवार में बहुत सारे लोग थे उनकी माता जी, उनकी बेगम, उनके 6 बच्चे और 4 भाई भी थे और उनकी बीवी और बच्चे अब्दुल मियाँ अपने भाइयों में दूसरे नंबर के भाई थे. उनके बड़े भाई की बीवी की कुछ सालों पहले मौत हो चुकी थी और वो अपने 3 बच्चों के साथ यहीं पर रहती थी. उनकी जॉइंट फॅमिली थी और पिछले इतिहास से वो लोग नवाबो के खानदान से थे और सारे भाई अलग अलग व्यपार करते थे. मेरे वहां पर आने की खुशी में अब्दुल मियाँ ने गोश्त बनवाया और हम सबने मिलकर मज़े लेकर खाया और फिर सोने चले गये और अब्दुल मियाँ ने मुझे मेरा कमरा दिखाया और में सोने जा ही रहा था कि मैंने देखा कि मेरा कमरा पहली मंजिल पर थोड़ा गली में था कि तभी अचानक से मुझे किसी की पायल की आवाज़ सुनाई दी.
फिर मैंने उठकर देखा तो मुझे किसी के हंसने की आवाज़ भी सुनाई दी और अब जैसे ही में बिस्तर से उठकर खड़ा हुआ तो किसी के भागने की आवाज़ आई और मुझे कुछ बच्चे भागते हुए नज़र भी आए तो में भी जाकर सो गया. फिर में सुबह जैसे ही उठा तो मेरा सारे सफ़र की थकावट उतर गई थी. मैंने दरवाज़ा खोला तो पूरा परिवार नीचे बरामदे में जो कि मुझे अपने कमरे से बाहर निकलते ही दिखता है और यह देखकर जैसे ही में पलटा तो मुझे कुछ ऐसा नज़र आया जिसे देखकर में बिल्कुल दंग ही रह गया.
दोस्तों वो थी शबीना, मैंने उसे देखा और बस एक टक नजर से देखता ही रह गया और अचानक से सोचने लगा कि यह लड़की कौन है? कल रात को जब पूरे परिवार से मुलाक़ात हुई थी तब यह तो वहां पर नहीं थी? में बहुत देर तक उसके बारे में सोचता रहा और शबीना की खूबसूरती को निहारता निहारता नीचे उतर आया और बस मेरी नज़र शबीना से हटने को ही तैयार नहीं थी. मेरे सामने एक बला की खूबसूरत लड़की थी. उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि कोई अप्सरा नीचे जमीन पर आ गई हो. उसने हल्के नीले कलर का सूट पहना हुआ था और सर को एक सफेद रंग की चुन्नी से ढका हुआ था में तो बस उसे देखता ही रह गया. जैसे ही में नीचे पहुंचा तो अब्दुल मियाँ मेरे पास आए और मुझसे आदाब कहा पूछा कि जनाब रात की नींद कैसी रही? तो मैंने भी उनको नमस्ते कहा और कहा कि मेरी रात बहुत अच्छी निकली. फिर अब हम बातें करने लगे, तभी अब्दुल मियाँ ने शबीना को बुलाया और उसका मुझसे परिचय करवाया और बोला कि कल रात को वो आपसे मिल ना सकी क्योंकि यह पड़ाई करते करते सो गयी थी, वो उनके बड़े भाई की सबसे बड़ी लड़की थी.
दोस्तों वो बहुत शर्मीली लड़की थी. उसे देखते ही दिल उसके कदमों पर रखने को किया. उसकी हाईट 5.7 के करीब होगी. उसकी काली, काली बड़ी, बड़ी आँखें कमर से भी नीचे तक काले, लंबे बाल और फिगर तो पूछो ही मत 34-26-34 के करीब होगा और उसकी उम्र भी कुछ 20-21 साल की होगी. वो कॉलेज में पड़ती थी और आज कल उसकी शादी के लिए कोई अच्छा सा लड़का ढूंढा जा रहा था.
फिर उसने मुझसे सलाम किया और सर झुकाकर चली गयी. अब में और अब्दुल मियाँ भी नहा धोकर तैयार होकर नाश्ता करके वहां से ऑफिस के लिए निकल गये और फिर उसी शाम को अब्दुल मियाँ ने मुझसे कहा कि जब तक आपको कंपनी की तरफ से कोई फ्लेट नहीं मिलता तब तक आप हमारे साथ ही रह जाये और उनके बच्चो की भी परीक्षा का समय चल रहा है अगर उन्हे कोई समस्या होगी तो वो मुझसे पूछ भी लेंगे और फिर मैंने उनकी हाँ कर दिया. दोस्तों सिलसिला अब शुरू हो गया और अब्दुल मियाँ ने अपने बच्चो को बोल दिया कि उन्हे पढ़ाई में कोई भी समस्या हो तो वो मुझसे पूछ लिया करे. फिर उस शाम को जैसे ही हम घर पर पहुँचे और पहली मंजिल पर अपने कमरे की तरफ जा रहा था तो मैंने देखा कि बच्चो के कमरे की खिड़की खुली हुई थी और शबीना टेबल पर बैठकर अपनी पढ़ाई कर रही थी और में बस वहीं पर एकदम रुक सा गया और अब में सोचने लगा कि काश वक़्त यहीं थम जाए और में ऐसे ही शबीना की सुंदरता को निहारता रहूँगा.
फिर में कुछ देर बाद अपने कमरे में चला गया और अपने प्रॉजेक्ट पर काम करने लग गया. तभी पीछे से अब्दुल मियाँ के बच्चे मेरे पास आए और उनके पीछे शबीना सर झुकाए हुई बहुत सहमी हुई सी खड़ी हुई थी. अशरफ जो कि अब्दुल मियाँ का तीसरे नंबर का बेटा है बोला कि शब्बो दीदी को कुछ समस्या है और अब्बा ने बोला है कि आप उसकी समस्या को हल कर दो और शब्बो दीदी को समझा भी दो कि यह कैसे करना है? इतने में अब्दुल मियाँ की बेगम मेरे लिए चाय लेकर आई और बोली कि इसको एकाउंट्स में बड़ी दिक्कत है और अब इसके पेपर भी सर पर है. जब तक कि में यहाँ पर हूँ इसकी थोड़ी मदद कर दूँ. तो मैंने जवाब दिया कि भाभी जी आप चिंता ना करे, जब तक में यहाँ पर हूँ रोज़ शाम को एक घंटा में इन्हे ट्यूशन दे दूँगा, इसके अलाव की और को भी कोई दिक्कत हो तो वो भी मेरे पास देर रात को भी आकर पूछ सकते है, इन्हें हिचकिचाने की किसी को कोई ज़रूरत नहीं है.
फिर वो बहुत खुश हुई और अब धीरे धीरे में उनके परिवार में एक सदस्य की तरह हो गया सब लोग मुझे पसंद करने लगे थे बच्चों से लेकर बड़े तक, लेकिन शबीना हमेशा मेरे सामने बहुत घबराई हुई सहमी सहमी अपने सर को झुकाए हुए रहती. दोस्तों मेरा एक हफ़्ता वहां पर कैसे बीत गया मुझे पता भी नहीं चला और अब मेरा वहां से जाने का वक़्त आ गया था. घर के सब लोग मेरे जाने से बड़े दुखी थे. सभी लोग मुझसे कहने लगे कि आप यहीं पर रह जाओ. मैंने उनसे कहा कि में यहाँ पर आता जाता रहूँगा और मेरा भी वहां से शबीना को छोड़कर जाने का बिल्कुल भी दिल नहीं था. अब में शहर में रहने चला गया और फिर एक दिन में ऑफिस से घर पर जा रहा था और जैसे ही शहर में बस स्टॉप पर मेरी नज़र पड़ी तो वहां पर शबीना खड़ी हुई बस का इंतज़ार कर रही थी.
मैंने अपनी बाईक रोकी और उल्टा चक्कर मारकर बस स्टॉप पर शबीना के पास आ गया और पूछा कि शबीना तुम यहाँ पर कैसे? तो वो एकदम से घबरा गयी और फिर उसने इधर उधर देखा और बोली कि में घर पर जा रही हूँ और बस का इंतज़ार कर रही हूँ. तो मैंने उससे कहा कि में भी ऑफिस जा रहा हूँ ( दोस्तों मैंने वो उससे एक बहाना मारा था ) चलो रास्ते में तुम्हे घर पर छोड़ देता हूँ, वो पहले तो नहीं मानी फिर मेरे बहुत ज़िद करने पर चलने को तैयार हो गई. मैंने उसे बाईक पर पीछे बैठाया और फिर चल पड़ा. उसका पहली बार छूना ऐसा था कि मेरे तन बदन में आग लगा दी और जैसे ही में ब्रेक लगाऊँ तो उसके बड़े बड़े स्तन जैसे ही टकराते नीचे से पेंट के अंदर ही टेंट खड़ा हो जाता और में मन ही मन बहुत खुश होता.
अब रोज़ शाम को में शबीना को स्टॉप से लेकर घर पर छोड़ता और धीरे धीरे वो भी मुझसे खुलने लगी. कुछ दिनों के बाद में ऑफिस में था. सुबह के 11 बजे थे और मेरे फोन पर एक कॉल आया तो मैंने उस बहुत सुरीली सी आवाज़ में हैल्लो सुना तो मैंने पूछा कि आप कौन हो? तो वो शबीना थी और वो कहने लगी कि आज मेरे कॉलेज में कोई प्रोग्राम है उसका जाने का दिल नहीं है क्या में उसे लेने आ सकता हूँ? तो मैंने उसे झट से हाँ कह दिया और में ऑफिस में बोलकर निकल गया और अब शबीना वहां पर रोज़ की तरह बस स्टेंड पर मेरा इंतजार कर रही थी. में वहां पर पहुँचा और पूछा कि क्या हुआ? तो वो मुझसे बोली कि कुछ नहीं चलो कहीं बाहर घूमने चलते है.
मैंने कहा कि ठीक है हम सबसे पहले फिल्म देखने चले गये. उस दिन वो बड़ी सजधज कर आई थी, मैंने पूछा तो बोली कि कॉलेज में आज उसकी पार्टी थी और अब उसने उदास होकर मेरे कंधे पर सर रख दिया और उसकी आँखे बिल्कुल नम पढ़ गयी और फिल्म खत्म होते ही शबीना मुझसे बोली कि चलो अब तुम्हारे घर पर चलते है तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया और फिर हम दोनों मेरे रूम पर आ गए और जैसे ही मैंने दरवाज़ा बंद किया तो पीछे से शबीना ने मुझे पकड़ लिया और रोने लगी बोली कि अब्बा ने मेरे लिए एक लड़का ढूंड लिया है और अब मेरा कॉलेज भी आज ख़त्म हो गया है. अब कल से में तुम्हारे साथ नहीं आ सकती में तुम्हारी होना चाहती हूँ और में तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ.
उसके मुहं से यह बात सुनकर में चकित हो गया और मैंने उसे अपनी आगोश में ले लिया और चूमने लगा. वो भी अब धीरे धीरे मदहोश होकर मेरा साथ देने लगी तो में शबीना को गोद में उठाकर बेडरूम की तरफ ले गया और उसे बेड पर लेटा दिया और फिर उसे लगातार किस करता रहा. वो कहने लगी कि में सिर्फ़ तुम्हारी होना चाहती हूँ मैंने कई बार सपनो में तुम्हारे साथ सेक्स किया और अपना पानी छोड़ा है, प्लीज आज मेरे सारे सपने पूरे कर दो आज मेरी जवानी का फल मुझे दे दो में तुम्हारे लिए आई हूँ. में जोश में आ गया और अचानक से शबीना ने मुझे धक्का मारा और अब वो मेरे ऊपर आ गई.
फिर मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी और मेरी छाती को चाटने लगी. वो मेरे निप्पल को चाट रह थी. फिर कुछ देर बाद उसने खुद अपनी कमीज़ उतारी और जैसे ही उसने अपनी कमीज़ उतारी तो नीचे उसका दूध के जैसा गोरा बदन मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था. उसने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी और ऐसा लग रहा था कि उसके बड़े बड़े बूब्स उनमे से निकलकर बाहर आने को बेकरार हो रहे है फिर वो वापस मेरे ऊपर लेट गयी और अब वो अपने स्तन मेरे चेस्ट पर रगड़ने लगी. जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसके स्तन बिल्कुल मुलायम मुलायम एकदम गोल बड़े आकार के थे और अब मैंने उसे नीचे गिराया और उसके ऊपर आ गया.
में उसकी नाभि को अपनी जीभ से चाटने लगा वो और भी पागल सी हो गई. फिर मैंने अपने दांतो से उसकी सलवार का नाड़ा खींच दिया और अपने दांतो की मदद से उसकी सलवार को उतारने की कोशिश करने लगा और वो बैचेन सी हो गयी और अब उसने खुद ही अपनी सलवार को पूरी तरह से उतारकर एक साईड कर दिया और उसकी मोटी मोटी जांघे अब धीरे धीरे मुझे अपनी तरफ ललचा रही थी. उसने लाल रंग की पेंटी पहनी हुई थी तो में उसे देखकर पागल सा हो गया और मैंने उसका पैर ऊपर उठाकर अपने कंधे पर रख लिया और उसके तलवों को चाटने लगा और उसकी पैर की उंगलियों को चूसना शुरू किया.
अब मेरे ऐसा करने से शबीना भी पागल सी हो गयी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी. मैंने उसे उल्टा कर दिया और उसके कूल्हों को चाटने लगा और ऊपर की तरफ उसकी पीठ पर चढ़ गया. फिर मैंने अपने दांतो से उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और उसे जैसे ही सीधा किया तो उसके बड़े बड़े बूब्स मेरे सामने थे और उसके निप्पल एकदम गुलाबी कलर के थे. मैंने उन्हे धीरे धीरे अपने दोनों हाथों से सहलाना शुरू किया और शबीना सिसकियाँ भरने लगी और एकदम से सिहर उठी.
फिर मैंने उसके निप्पल को अपने दांतो से काटा तो वो चीख पड़ी अफ उह्ह्ह्ह माँ में तो मर ही जाउंगी ऊईईईईईइ प्लीज थोड़ा जल्दी करो, अब मुझसे ज्यादा बर्दाश्त नहीं होता, प्लीज अब कुछ करो. तो मैंने उससे कहा कि मेरी रानी वैसे मुझे तो इतने दिनों के बाद तुम्हे चोदने का मौका मिला है और आज तो पूरी की पूरी कामसूत्र की किताब तुझे पढ़नी है, देख आज कितना मज़ा आएगा. फिर में धीरे धीरे उसके बूब्स को चूसते चूसते नीचे की तरफ आ गया और उसकी पेंटी के ऊपर से ही में उसकी चूत को चाटने लगा और उसकी पूरी चूत को अपने मुहं में ले लिया. उस समय शबीना मेरा सर पकड़कर अपनी चूत में दबाने लगी और एक ही झटके में मुझे हटाकर अपनी पेंटी को भी उतार फेंका और अपने दोनों पैरों को खोलकर मुझे अपनी चूत को चूसने का इशारा करते हुए नीचे बैठ गयी.
मैंने भी उसकी जांघो को चाटना शुरू किया और उसकी दोनों जांघे अपने कंधे पर रखी और अब में उसके दोनों पैरों के बीच में लेट गया और उसकी चूत को चाटने लगा और उसे अपनी जीभ से चोदता रहा और अपने दोनों हाथों से उसके बूब्स भी दबाता रहा. शबीना भी अपनी कमर को उछालती हुई मज़े ले रही थी और सिसकियाँ ले रही थी उफफफ्फ़ आअहहह्ह्ह हमम्म्ममममोह चोदो मुझे क्यों तड़पा रहे हो, में अब पूरी तरह से गरम हो चुकी हूँ और फिर उसने मुझे धकेलकर मुझे अपने से अलग कर दिया और मेरी पेंट उतारने की कोशिश करने लगी और मेरी पेंट उतारने बाद मेरी अंडरवियर को नीचे किया तो मेरा काला 6 इंच का मोटा लंड देखकर उसकी आँखो में एक अजीब सी ख़ुशी की चमक सी आ गई और ज़ोर से हंसते हुए उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और वो ज़ोर ज़ोर से एक अनुभवी की तरह मेरा लंड चूसने लगी.
अब तक हम दोनों पूरे गरम हो रहे थे और मैंने उससे 69 पोज़िशन में आने को कहा और मैंने उससे पूछा कि तुम इतना अच्छा कैसे कर लेती हो? तो वो बोली कि में आपका ख्याल रखते हुए मैंने कई सारी पॉर्न फिल्म नेट पर देखी है और में बस अब वैसा ही करने की कोशिश कर रही हूँ. फिर मैंने कहा कि वाह तुम बहुत अच्छा कर रही हो और हम 69 पोज़िशन में आ गये और में उसकी रसीली चूत को चाट रहा था और वो मेरे लंड पूरा का पूरा अंदर ले जाकर चूसती और फिर एक लंबी सी साँस लेती और लंड मुहं से बाहर निकालती.
अब शबीना एकदम सीधी हुई और मेरे खड़े लंड पर बैठने की कोशिश करने लगी और कहती कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन में इस दर्द के पीछे छुपे हुए मज़े को खुद महसूस करना चाहती हूँ और बहुत देर तक लगातार कोशिश के बाद भी बस मेरे लंड का टोपा ही उसकी चूत के अंदर गया था, क्योंकि उसकी चूत बहुत छोटी थी और अब तक सील पेक भी थी इसलिए मेरा 6 इंच मोटा लंड अंदर जा नहीं पा रहा था और थोड़ा ज्यादा अंदर लेते ही शबीना एकदम से उछल पड़ती और लंड को वापस बाहर कर देती.
फिर मैंने शबीना को नीचे लेटाया और उसके दोनों पैरों को खोलकर अपने लंड का टोपा उसकी बैचेन कामुक चूत की लकीर पर रखा और उसकी चूत के छोटे छोटे बालों में अपना लंड रगड़ने लगा. फिर मैंने मौका देखकर जोरदार धक्का देकर अपने लंड का टोपा उसकी चूत में सरका दिया. वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी और बोली कि थोड़ा आराम से मुझे बहुत दर्द हो रहा है आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ माँ में आईईईइ मर गई. फिर में दो मिनट रुक गया और दो मिनट के बाद में धीरे धीरे हल्के हल्के झटके मारने लगा और वो दर्द के मारे करहाने लगी ऊईईईइ प्लीज अह्ह्हह्ह्ह्हह् थोड़ा धीरे करो.
मुझे लगा कि यह सही टाईम है और में उसके ऊपर लेट गया और मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रखकर एक ज़ोर का झटका मारा और जैसे ही उसकी चीख निकलती तो मैंने उसकी आवाज़ को दबा दिया और अपना पूरा का पूरा 6 इंच का लंड उसकी चूत के अंदर उतार दिया और ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा और शबीना दर्द में करहा रही थी और रो रही थी प्लीज बस अहहह्ह्ह अब छोड़ दो मुझे आईईई बहुत दर्द हो रहा स्ईईईई है प्लीज छोड़ दो मुझे में मर जाउंगी.
फिर में लंड को चूत के अंदर ही डालकर करीब दो मिनट तक वैसे ही रुक गया और शबीना को उसी पोज़ में चूमता रहा और उसके बूब्स को सहलाता रहा और तभी थोड़ी देर बाद जब शबीना का दर्द कम हुआ तो मैंने फिर से झटके देने शुरू कर दिए और अब शबीना भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और अब हम दोनों बहुत जोश में आ गये और ज़ोर ज़ोर के झटके मारने लगे. तभी अचानक से शबीना बोली कि शायद अब मेरा पानी निकलने वाला है और में एकदम तैयार हूँ. तुम मुझे और ज़ोर ज़ोर से चोदो, हाँ बस ऐसे ही चोदते रहो और फिर शबीना की चूत का पानी निकल गया और वो झड़ गई, लेकिन अब मेरी बारी थी.
उसके झड़ने के करीब पांच सात मिनट के बाद मैंने शबीना से कहा कि अब में भी झड़ने वाला हूँ और जैसे ही मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला था तो में एकदम से उठकर खड़ा हो गया और शबीना को घुटने के बल बैठाकर मैंने अपना सारा का सारा वीर्य उसके मुहं और छाती पर डाल दिया और वो उसे चाटने लगी. फिर मैंने उसे गोद में उठाया और बाथरूम में ले जाकर उसके दोनों बूब्स को अपने हाथों से साफ किया और बेड पर जाकर सो गये, लेकिन अब भी शबीना मेरा लंड पकड़कर ही लेटी रही और थोड़ी देर बाद मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया और मैंने देखा कि शबीना मेरा लंड मुहं में लेने के लिए बहुत बैचेन थी और कुछ देर बाद वो उठी और लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी.
फिर करीब 15 मिनट तक चूसते हुये मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुहं में ही छोड़ दिया और वो सारा रस पी गई. उस दिन हमने पूरे दिन में 7 बार सेक्स किया, लेकिन फिर कुछ ही महीनों के बाद शबीना की शादी हो गयी और फिर बीच में वापस वो एक बार अपने घर आई तो उसने मुझे फोन करके बुला लिया और हमने उस दिन भी सेक्स किया और इस बार उसने मेरा सारा वीर्य अपनी चूत के अंदर ही डलवाया जिससे कि वो मेरे होने वाले बच्चे की माँ बन गई और यह बात उसने मुझे आखरी बार फोन पर बताई कि यह तोहफा मैंने उसे दिया है उसके पति ने नहीं और यह बात आज तक राज़ है.
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मम्मी का ट्रेन में गैंगरेप

हैल्लो दोस्तों, यह बात पिछले साल में मई महीने की बात है. मेरी फेमिली में मेरी माँ, पापा और में हूँ. मेरे पापा अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते है और घर 3 महीनों के बाद ही आते है. मेरी माँ और में घर पर अकेले रहते है. अब में आपको अपनी माँ के बारे में बता दूँ, मेरी माँ दिखने में बहुत सुंदर है और माँ का फिगर 36-28-38 है. माँ का रंग बहुत गोरा है और माँ के बूब्स बहुत बड़े है और माँ के चूतड़ बहुत गोल और बड़े है. जब भी माँ चलती है तो माँ के कूल्हे हिलते है. में जब भी माँ के साथ कहीं जाता हूँ तो सभी माँ के कूल्हों को घूर घूरकर देखते है और माँ ज़्यादातर सूट ही पहनती है, जिनमें उसके बूब्स और गांड दबी रहती है.
अब में सीधा कहानी पर आता हूँ. हमें हमारे किसी रिलेटिव की मौत की वजह से मुंबई जाना था और हमारी रिज़र्वेशन भी नहीं हुई थी, लेकिन जाना ज़रूरी था इसलिए हमने जनरल डब्बे में जाने का फ़ैसला किया. में और मम्मी ट्रेन के आने से 30 मिनट पहले ही स्टेशन पर पहुँच गये थे. माँ ने टाईट सफ़ेद सलवार सूट पहना था जो कि बहुत पारदर्शी था और उसमें से माँ की काली ब्रा और पेंटी साफ दिख रही थी. स्टेशन पर सब लोग माँ की गांड की तरफ देख रहे थे. फिर थोड़ी ही देर में ट्रेन आई और ट्रेन के सारे जनरल डब्बे बाहर तक भरे हुए थे और चढ़ना बहुत मुश्किल था. तभी माँ बोली कि आगे एक आर्मी डब्बा लगा हुआ है और हम उसमें चढ़ने की कोशिश करते है. उस डब्बे में लगभग 100 फ़ौजी थे.
फिर माँ ने खिड़की पर जाकर एक फ़ौजी को दरवाजा खोलने के लिए कहा, वो माँ को देखकर बहुत खुश हुआ और उसने जल्दी से दरवाजा खोलकर हम दोनों को ऊपर चढ़ा लिया. अब सारे फ़ौजी माँ की गांड की तरफ देख रहे थे, उन्होंने माँ को डब्बे के बीचों बीच एक सीट पर बैठा दिया और मुझे ऊपर वाली सीट पर चढ़ा दिया.
अब सभी फ़ौजी विस्की पी रहे थे, उन्होंने माँ को भी विस्की ऑफर की, लेकिन माँ ने मना कर दिया तो वो बोले की पी लीजिए इससे सफ़र में थकावट नहीं होगी. फिर बहुत कहने पर माँ ने एक ग्लास विस्की का पी लिया. अब उन्होंने देखा कि अब यह पीने लग पड़ी है तो उन्होंने माँ को 3 ग्लास विस्की के बिना पानी के ही पिला दिए. उसके बाद वो बातें करने लग पड़े. पहले तो वो नॉर्मल बातें कर रहे थे, लेकिन बाद में जब उन्होंने देखा कि माँ को पूरी तरह चढ़ चुकी है तो वो माँ के साथ सेक्सी बातें करने लग गये.
फ़ौजी – आप बहुत सुंदर हो, मैंने आपके जैसी औरत आज तक नहीं देखी है.
माँ – (शरमाते हुए) अच्छा थैंक यू.
फ़ौजी – आपके मस्त बदन को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे आपका पति आपके साथ कुछ करता नहीं है.
माँ – करने से क्या मतलब है आपका? चोदता बोलिए ना, हाँ वो साला काम के सिलसिले में बाहर ही रहता है और मेरे जिस्म की आग को कोई बुझाता ही नहीं है .
फ़ौजी – आप किस तरह से अपनी आग बुझाना चाहती है.
माँ – में तो चाहती हूँ कि मेरे चारों तरफ बड़े-बड़े लंड हो और मुझे पूरा दिन बेरहमी से चोदते ही रहो.
बस इतना कहने की देर थी कि फ़ौजी ने माँ के बूब्स दबाना शुरू कर दिया. अब माँ भी मस्ती में आहें भरने लगी. तभी बाकी फ़ौजी भी माँ पर टूट पड़े. माँ के जिस्म पर लगभग 30-40 हाथ चल रहे थे और कोई माँ के साथ लिप किस कर रहा था तो कोई माँ के बूब्स दबा रहा था. कोई माँ के पेट पर हाथ फेर रहा था तो कोई माँ की गोरी जाँघो पर हाथ फेर रहा था. कोई सलवार के बाहर से ही माँ की चूत पर हाथ रगड़ रहा था तो कोई माँ की गांड दबा रहा था तो कोई माँ के कोमल पैरों पर हाथ फेर रहा था.
तभी एक फ़ौजी ने माँ की सलवार और कमीज़ खींच कर फाड़ दी. अब माँ सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही थी. यह देखकर सबको जोश चढ़ गया और वो बहुत तेज तेज माँ के शरीर पर हाथ फेरने लगे. माँ की चूत बहुत साफ थी और उस पर एक भी बाल नहीं था. तभी एक फ़ौजी ने माँ की चूत पर जीभ रखी और ज़ोर-ज़ोर से उसे चाटने लगा. अब माँ ज़ोर-ज़ोर से चीखने लगी और अपनी मस्त चूत को उसके सिर की तरफ दबाने लगी. उसने 25 मिनट तक माँ की चूत चाटी और फिर दूसरा फ़ौजी माँ की चूत चाटने लगा.
अब एक फ़ौजी माँ की गांड के छेद को ज़ोर-ज़ोर से चाट रहा था और दो फ़ौजी माँ के बूब्स को बहुत ज़ोर ज़ोर से दबा रहे थे और चूस रहे थे. फिर उन्होंने माँ की ब्रा और पेंटी ऊतार दी. अब माँ बिल्कुल नंगी थी और माँ के बूब्स पूरे तन चुके थे और गांड गोल हो गई थी. माँ की चूत बहुत गीली हो गई थी. तभी उस फ़ौजी ने माँ की चूत में उंगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा और दूसरा फ़ौजी माँ की गांड में 3 उंगलियाँ डालकर अंदर बाहर करने लगा. फिर बाकी सभी ने अपने लंड पेंट से बाहर निकाल लिए. सबके लंड बहुत बड़े थे. कोई 8 इंच का था तो कोई 7 इंच का था. सबसे बड़ा लंड 9 इंच का था, और सबसे छोटा लंड 5 इंच का था.
अब दो फ़ौजीयों ने माँ के हाथों में अपने लंड दे दिए और दो ने माँ के मुँह में अपने लंड डाल दिए. अब माँ के मुँह में एक 9 इंच और एक 6 इंच का लंड था और माँ के मुँह में लंड बड़ी मुश्किल से आ रहे थे. वो दोनों ज़ोर से लंड माँ के मुँह में घुसा रहे थे और उनके लंड माँ के तालू से टकराने लगे.
अब माँ के मुँह से आवाज़ नहीं निकल रही थी और वो 20 मिनट तक माँ के मुँह को चोदते रहे और फिर उन्होंने अपना माल माँ के मुँह में ही छोड़ दिया. उन्होंने इतना माल छोड़ा कि वो मुँह से बाहर आने लगा, लेकिन माँ पूरा माल पी गई. फिर दूसरे फ़ौजी भी झड़ने लगे और उन्होंने अपना माल माँ के चेहरे पर छोड़ दिया, अब माँ का मुँह पूरा भर चुका था.
सभी फ़ौजी माँ के मुँह को चोदकर अपना माल माँ के मुँह के अंदर और चेहरे पर छोड़ रहे थे, माँ का मुँह और जिस्म पूरा माल से भरा हुआ था. तभी एक बोला कि अब इस रंडी को बेरहमी से चोदते है, तो माँ भी बोल रही थी कि चोद डालो मुझे, आज मेरी प्यास बुझा दो, आज मेरी चूत और गांड फाड़ दो. फिर सभी ने अपने लंड निकाल लिए और मुठ मारने लगे, जो झड़ने वाला होता वो अपना माल माँ के ऊपर ही छोड़ देता.
अब एक फ़ौजी ने अपना 8 इंच का लंड निकाला और माँ को अपने ऊपर लेटा दिया. उसका लंड खीरे जितना मोटा था. अब वो अपना लंड माँ की चूत के ऊपर रखकर धक्का मारने लगा, लेकिन उसका लंड अंदर नहीं जा रहा था. माँ की चूत बहुत टाईट थी, यह देखकर बाकी सभी फ़ौजी माँ की चूत के ऊपर थूकने लगे और उसने सारा थूक माँ की चूत के ऊपर फैला दिया.
अब वो फिर से धक्का मारने लगा और उसने अपना पूरा ज़ोर लगा दिया. अब उसका लंड माँ की चूत के अंदर आधा घुस गया था, लेकिन माँ बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी. अब उसने और ज़ोर लगाया और अपना लंड पूरा माँ के अंदर घुसा दिया, माँ की आँखों से आंसू और चूत से खून निकलने लगा था. अब वो ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा और माँ को भी मज़ा आने लगा. तभी दूसरा फ़ौजी आया और उसने अपना लंड माँ के चूतड़ पर रखा और बहुत ज़ोर से धक्का मारा, लेकिन सिर्फ़ टोपा ही अंदर घुसा और माँ काँप उठी.
फिर उसने अपने बैग से सरसों का तेल निकाला और ढेर सारा तेल माँ की गांड में डाल दिया. अब उसने और ज़ोर से धक्का लगाया तो पूरा लंड अंदर चला गया. अब माँ की गांड से खून निकलने लगा था और वो दोनों माँ को 30 मिनट तक ज़ोर-ज़ोर से चोदते रहे और अपना सारा माल अंदर ही छोड़ दिया. अब माँ बोल रही थी कि मुझे और बुरी तरह चोदो. यह सुनकर उन्होंने फ़ैसला किया कि ज़्यादा से ज़्यादा लंड इसकी गांड और चूत में डालते है. फिर उन्होंने 2 लंड माँ की चूत में डाले और 2 लंड माँ की गांड में डाले और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगे.
अब माँ की गांड और चूत से बहुत खून निकल रहा था, लेकिन वो फिर भी चोदते जा रहे थे. वो माँ को 20 मिनट तक चोदते रहे और फिर अपना सारा वीर्य अंदर ही छोड़ दिया. जैसे ही वो हटते तो दूसरे फ़ौजी माँ के ऊपर सांड की तरह चढ़ जाते. वो 3 घंटे तक माँ को लगातार चोदते रहे और तकरीबन 50 फ़ौजीयों ने माँ को चोदा और अपना माल अंदर छोड़ा. माँ की चूत फूल गई थी और लाल हो गई थी, उससे वीर्य टपक रहा था. अब माँ की गांड से भी वीर्य और खून निकल रहा थाज अब उन्होंने माँ को नहाकर आराम करने के लिए कहा.
माँ की चूत फट गई थी और पूरी तरह खुल गई थी. माँ की गांड का छेद भी बहुत खुल चुका था और अब उसमें तीन लंड आराम से चले जाते थे. जब हम मुंबई पहुँचे तो माँ से चला भी नहीं जा रहा था, वो बहुत मुश्किल से चल रही थी. इस हादसे के बाद मैंने अपनी माँ को बहुत बार चोदा और अपने दोस्तों से भी चुदवाया. अब मेरी माँ को गैंगरेप करवाने का चस्का लग गया था.
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