ट्रेन में लिया जीजा का मोटा लंड

हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोशनी है और में हरयाणा की रहने वाली हूँ. दोस्तों में सेक्सी की बहुत भूखी हूँ, लेकिन एक रंडी नहीं और मेरी यह आज की कहानी मेरी पराए मर्द से पहली चुदाई की एक घटना है. दोस्तों में अब 42 साल की हूँ और कमल जीजाजी 58 साल के है और मेरे फिगर का साईज 44-40-48 है. मेरी लम्बाई 5 फीट 7 इंच है और कमल 6 फीट 1 इंच लंबे चौड़ी छाती और थोड़ी मोटे है, लेकिन बहुत अच्छे स्वभाव के है.
दोस्तों अब में आप सभी को मेरा पहला सेक्स अनुभव बताती हूँ. यह मेरा सेक्स कमल से कैसे शुरू हुआ? दोस्तों बात 1996 की है तब में 25 साल की थी. उन दिनों मेरे पति भी आर्मी में थे तभी उनको कुछ बीमारी लग गई और वो बहुत ज्यादा बीमार हो गये और तब ज्यादा मोबाइल नहीं होते थे. तभी मुझे टेलिग्राम से यह मैसेज मिला और में बहुत घबरा गई और मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था. में बस रो रही थी और सोच रही थी कि कैसे अपने पति के पास उनसे मिलने जाऊँ? क्योंकि सफ़र बहुत लंबा था और अंजान था. उसी टाईम मेरे घर पर अपनी पत्नी के साथ कमल मतलब मेरे जीजाजी आ गये मुझसे मिलने ( यानी मेरी मुहं बोली बहन के साथ ) तो मुझे रोते देखकर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या बात है तुम रो क्यों रही हो? तो मैंने उनको सब बता दिया.
उस समय कमल भी आर्मी में थे और वो मुझसे बोले कि इसमें रोने की क्या बात है अगर तुम्हे उससे मिलना है तो चल में तुम्हे वहां पर लेकर चलता हूँ. फिर दीदी ने ही मुझे कुछ सात्वना दी और उन्होंने मेरे घर पर बात करके मेरे भाई को बुला लिया और मेरे भाई ने मेरे साथ जाने के बजाए कमल को मेरे साथ ले जाने के लिए बोला और मेरे दोनों बच्चों को वो अपने साथ गावं ले गया.
फिर उसी रात को कमल मेरे पास रहे और सुबह हम लोग एक प्राइवेट बस से दिल्ली आ गये और फिर वहाँ हमने ट्रेन में फर्स्ट क्लास में सीट बुक करवा ली और रात को दस बजे हमारी ट्रेन चली और टिकिट चेक होने के बाद कमल ने दरवाजा बंद करके मुझे ऊपर सुला दिया और खुद नीचे सो गये और बस यही सफर मेरे लिए पहली पराए मर्द से सेक्स की वजह बन गया. रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी और कमल सो गये थे. शायद वो सोने का नाटक कर रहे थे.
तभी में बाथरूम जाने के लिए नीचे उतरी तो मैंने देख कि कमल का लंड एकदम तना हुआ है और खंबे की तरह खड़ा है. में उनका लंड देखकर एकदम हैरान हो गई और मन ही मन सोचने लगी कि इतना बड़ा लंड आदमी का कैसे हो सकता है? मैंने बहुत बार चाहा लेकिन मेरी नज़र कमल के लंड पर से हट ही नहीं रही थी. उनके लंड को बेड शीट के नीचे से देखकर ही मेरी चूत गीली हो रही थी, लेकिन अब तक में किसी पराए मर्द से चुदी नहीं थी तो इसलिए में आगे नहीं बड़ पा रही थी और फिर जैसे तैसे करके में बाथरूम में चली गई और जब में वहां से वापस आई तो मैंने देखा कि उनका लंड अब भी वैसे ही तना हुआ है और अब में बहुत डरते डरते हुए उनकी सीट पर बैठ गई और बहुत हिम्मत करके उनकी आँखों में आंखे डालकर देखने लगी कि तभी वो मुझसे बोले..
कमल : क्यों रोशनी नींद नहीं आ रही क्या? वो मेरे उनके पास बैठते ही बोले.
में : जी हाँ, मुझे नींद नहीं आ रही, थोड़ा डर लग रहा है, लेकिन दोस्तों पता नहीं उनकी क्या हालत होगी?
फिर कमल मेरा हाथ पकड़ते हुए बोले कि डर लग रहा है तो एक काम करो थोड़ा पानी पी लो, मैंने थोड़ा पानी पिया और उसी बीच मैंने महसूस किया कि वो मुझसे थोड़ा और सटकर बैठ गए और फिर हम कुछ इधर उधर की बातें करने लगे. दोस्तों तब मैंने महसूस किया कि कमल ने अपना लंड मेरी गांड से बिल्कुल सटा रखा था और मुझे अच्छा भी लग रहा था, लेकिन में उनसे कुछ कह नहीं पा रही थी. तभी इतने में एक स्टेशन आ गया. वहाँ पर कमल ने दो कप चाय ली और फिर हमने चाय पी और उस समय रात के करीब दो बज रहे थे. फिर चाय पीने के बाद कमल ने मुझसे कसम देकर पूछा कि रोशनी क्या तू मुझे एक बात सच सच बताएगी?
में : हाँ अगर मुझे पता है तो में आपको जरुर बताउंगी.
कमल : तू अभी कुछ देर पहले क्या देख रही थी? क्यों तुझे अच्छा लगा क्या? सच बोलना प्लीज़ अगर तुझे अच्छा लगा तो में तुझे और भी मज़ा दूँगा और अगर नहीं लगा तो में कुछ नहीं कहूँगा?
दोस्तों यह बात कहकर कमल ने मेरा एक हाथ अपने हाथों में लेकर ज़ोर से दबा दिया और थोड़ा मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखने लगे. फिर जैसे तैसे करके मैंने कहा कि हाँ मुझे अच्छा लगा तो बस फिर क्या था कमल मेरे ऊपर लट्टू हो गये? और अब उन्होंने मुझे अपनी गोदी में कैच कर लिया. फिर में एकदम से उनके ऐसा करने से बहुत आश्चर्यचकित हो गई क्योंकि वो मुझे अपनी छाती पर ज़ोर से दबाने लगे और जिसकी वजह से मेरी छाती उनकी छाती से दब रही थी और मुझमें एक अजीब सा अहसास ला रही थी और मेरे बदन पर उनकी पकड़ बहुत मजबूत थी और अब कमल मेरे बूब्स को दबाने लगे और मेरी चूत को मसलने लगे और मेरे कपड़े उतारने लगे और फिर वो खुद भी नंगे हो गये और अब उनका लंबा, मोटा, तना हुआ लंड मेरी आँखों के सामने उछल रहा था.
फिर उन्होंने मुझे अपनी बाहों में लेकर अब सीट पर लेटा दिया और फिर मेरी चूत को चाटने लगे. दोस्तों वैसे तो मेरे पति ने भी मेरी चूत बहुत बार चाटी थी, लेकिन आज मुझे चूत चटवाने का असली मज़ा कमल से आया. मैंने उनके कुछ देर चाटने के बाद पानी छोड़ दिया और तब कमल ने मुझसे अपना लंड चुसवाया और में उनके लंड का टोपा अंदर बाहर करके उनका लंड चूस रही थी. मुझे उनका लंड पूरा मुहं में लेने में दिक्कत हो रही थी क्योंकि उनका लंड बहुत मोटा था. वो बहुत मुश्किल से मेरे मुहं के अंदर जा रहा था, लेकिन उतनी ही आसानी से मेरे हलक में पहुंच रहा था और ज्यादा लंबा होने की वजह से मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और मेरी आँखों से आंसू बाहर आने लगे थे.
फिर करीब कोई दो पांच मिनट लंड को चूसने के बाद कमल ने मुझको खिड़की के सहारे घोड़ी बना दिया और अब एक बार मेरी चूत चाटकर एक ही ज़ोर के धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में डाल दिया और अब में दर्द होने की वजह से बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी थी और अपनी चूत को आगे की तरफ करके लंड को बाहर निकालने की नाकाम कोशिश करने लगी, लेकिन कमल की मजबूत पकड़ और मेरी चूत में फंसे हुए लंड से में थोड़ा भी आगे नहीं बढ़ सकी और अब वो मोटा और सख्त लंड मेरी चूत में लगातार आगे पीछे होने लगा था, लेकिन अब जल्दी ही मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा और में सिसकियाँ लेने लगी उफफफफ्फ़ अहाह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोदो जीजू उुईईईईईईइ माँ मेरी चूत को और ज़ोर से मारो अहह्ह्हह्ह्ह्ह कमल में गई.
कुछ देर की चुदाई के बाद कमल ने मेरी चूत में अपना वीर्य डाल दिया और फिर वो कुछ देर वैसे ही मेरी चूत में अपना लंड रखकर रुक गया और उसके कुछ देर बाद कमल ने मेरी चूत से अपना लंड बाहर निकाला और मेरी चूत को साफ किया और अपना लंड भी साफ किया. फिर हम दोनों एक ही सीट पर पूरे नंगे बैठकर एक दूसरे की बाहों में आकर प्यार करने लगे और चूमने चाटने लगे. फिर उस पूरी रात को दूसरी सुबह तक हमने करीब तीन बार जमकर सेक्स किया. मुझे उसकी चुदाई में बहुत मज़ा आया और फिर में अपने कपड़े पहनकर बहुत थककर गहरी नींद में सो गई, लेकिन कमल नहीं सोए और दोपहर को जब में नींद से उठी तो मैंने देखा कि ट्रेन एक स्टेशन पर खड़ी हुई थी और कमल ने खाना मँगवाया और ख़ाना खाकर हम दोनों फिर से सो गये.
उस रात को फिर से एक बार मेरी उस ट्रेन में बहुत जमकर चुदाई हुई और इस तरह से में कमल से चुदते हुए अपने पति के पास पहुँच गई और वहां से वापसी में भी हमने दो बार बहुत मस्त चुदाई की और उसके बाद जब तक मेरे पति जॉब पर रहे में कभी उनके साथ नहीं गई, में बस छुट्टियों में ही उनसे चुदवाती और बच्चों की पढ़ाई का बहान करके में उनकी गैरमोजूदगी में कमल से बहुत मस्त चुदवाती रही और बहुत बार कमल ने मुझे अपने फार्म हाउस में भी अपने साथ ले जाकर वहां पर चोदा है और मैंने उसकी चुदाई के बहुत मज़े लिए और हर कभी कोई अच्छा मौका देखकर उससे चुदवाती रही और एक बार बरसात में भीगते हुए भी कमल से मेरी चुदाई हुई. उसने मेरी चूत को अब चोद चोदकर पूरी तरह से भोसड़ा बना दिया. दोस्तों ये थी मेरी चुदाई की सच्ची घटना.
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ससुर ने अपनी बहु को बदलकर चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, आप तो मेरे बारे में जानते ही हो. में अपनी पिछली स्टोरी “ससुर ने अपनी बहु और लता को चोदा” का आगे का भाग ले कर आया हूँ और जैसा कि आप पहले ही पढ़ चुके है कि ससुर और बहुओ की चुदाई कैसे हो रही थी? दोनों बहु अपनी चूत की गर्मी शांत करने में लगी हुई थी और ससुर अपने लंड को शांत करने में लगे हुए थे. अब तो दोनों बहु और दोनों ससुर एक ही घर में चुदाई का खेल खेलना चाहते थे, जिसकी शुरुवात हो चुकी थी और सारी प्लानिंग हो गयी थी. अब तो बस कपड़े ही उतारने बाकी थे. पिछली बार बाबूलाल ने अपनी बहु निमो को चुदाई के लिए राज़ी किया और फिर हरिलाल ने लता को चोदा.
तभी बाबूलाल बोला मेरी जान क्या करूँ? दो दिनों से इसे आराम ही कहाँ मिला है, तभी भाभी बोली आराम क्यों नहीं मिला? तब बहु के बार-बार पूछने पर उन्होंने बताया कि वो और उनका दोस्त हरिलाल उनकी नई नवेली बहु की चुदाई में लगे हुए थे. उसे भी मेरा लंड तेरी तरह बहुत पसंद आ गया है. बहु तुम मेरी एक मदद कर सकती हो तो निमो बोली क्या मदद करनी है? तो ससुर जी बोले अगर तुम हरिलाल से चुदवा लो तो में दुबारा से उसकी बहु को चोद सकता हूँ. मेरी जान उसकी शादी को अभी तीन महीने ही हुए है, सच में उसकी बड़ी कसी हुई चूत है, बिल्कुल वैसी ही कसी हुई है जैसी तेरी शादी के बाद थी. फिर भाभी ने कुछ देर सोचा और कहा कि ठीक है मुझे मंजूर है, लेकिन अगर मुझे तुम्हारे दोस्त का लंड पसंद आ गया तो तुम भी मुझे चुदाई करने से मना मत करना, कोई चिंता नहीं मेरी जान, तुम भी अपनी चूत का पूरा मजा दो. फिर ससुर जी बोले निमो वो कल हमारे घर आ रही है.
में भी बहुत खुश था कि घर में दो चूत और तीन लंड थे. जिसमें से में एक चूत का मजा ले चुका था और भाभी भी खुश थी कि अब एक नये लंड से उसकी चुदाई होगी. फिर अगले दिन हरिलाल और उसकी बहु (लता) बाबूलाल के घर आ गये, जैसा सुना था ठीक वैसे ही लता और उसका ससुर था, दोनों कसे हुए बदन के मालिक थे और लता सेक्स की मूर्ति थी.
फिर सुबह करीब 12 बजे दरवाजा बजने की आवाज़ आई और बाबूलाल ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि सामने दोनों ससुर बहु खड़े थे, बाबूलाल दोनों को हॉल में ले आया और आवाज़ लगाई, बहु मेहमान आए है ठंडा लेकर आना.
इस समय लता ने हल्के पिंक रंग की साड़ी और गहरे गले वाला ब्लाउज पहन रखा था. वो गजब की सुंदर लग रही थी. बाबूलाल तो हरी से बात करता-करता लता को कपड़ो के ऊपर से ही चोद लेना चाह रहा था, तभी बाबूलाल की बहु निमो उनके लिए ठंडा ले आई. निमो ने भी हल्की पीली साड़ी और गहरे गले वाला ब्लाऊज पहन रखा था, ताकि पूरी चूचीयों के दर्शन आराम से हो जाए. फिर लता अपनी जगह से उठी और निमो के गले लग गयी. उन दोनों का बदन ऐसा हो गया था कि जैसे उनमें से जल्दी कोई नहीं झड़ने वाला है और बैठ गयी. फिर निमो ने ठंडा उठाकर लता और हरिलाल को दिया, जिसको निमो पहले भी कई बार मिल चुकी थी, लेकिन अब देखने का नज़रिया बदल गया था. अब हरिलाल ठंडा लेते हुए निमो की रसीली चूचीयों को देख रहा था कि कितनी देर के बाद वो उनको चूस पायेगा. फिर बाबूलाल ने निमो से कहा कि बहु जाओ ज़रा लता बेटी को घर तो दिखा दो (घर क्या दिखाना था? बस चुदाई के लिए तैयार करना था) फिर लता उठी और बाबूलाल को तिरछी नज़र से देखा और निमो के साथ चल दी.
फिर निमो उसे रसोई में ले आई और अपनी बाहों में भरकर बोली, क्यों रहा नहीं जा रहा क्या? जो पिताजी को देखती आ रही थी. तो लता बोली क्या करूँ दीदी? मुझे पिताजी ने दो दिन से नहीं चोदा है, ओह तो ये बात है मेरी रानी को खुजली हो रही है. अभी आराम से बैठो कुछ खा पी लो, तो लता बोली दीदी खाने और पीने ही तो आई हूँ पता नहीं कितनी देर बाद मिलेगा. ये तो बता मेरी लता रानी मेरे ससुर (बाबूलाल) का केला खाने में कैसा लगा? अरे दीदी क्या बताऊँ? उनका केला खाने ही तो यहाँ तक आई हूँ. मेरी रानी अब एक बात ध्यान रख, अगर मज़े लेने है तो मेरे ससुर का नाम लेकर ही असली मजा ले पाओगी, वो तुम्हें इतना चोदेंगे की तुम्हारी चूत का तो भोसड़ा बन जायेगा. हाँ दीदी तुम सच कहती हो इन दो दिनों में बाबू ने मेरी इतनी कस कर चुदाई की थी कि मैंने अपने हरी को भी चुदाई के लिए मना कर दिया था, सच दीदी तुम जल्दी से कुछ करो ना.
एक बात तो बताओ दीदी जब बाबूलाल यहाँ नहीं थे, तो तुम्हें भी तो खुजली लगी होगी? लता ने निमो से उसको देखते हुए पूछा, तो निमो कुछ नहीं बोली वो चुप हो गयी, तभी लता बोल पड़ी कि इसका मतलब दीदी तुम किसी और से भी चुदी हो. तब निमो बोली क्या करती प्यास तो बुझानी है मेरी रानी? तुमने भी तो बाबू का लंड लिया ना, चलो अब बाहर चलो, दोनों के लंड हमारी चूत के लिए तड़प रहे होंगे. दीदी तुम बाबू का लंड लोगी या हरी का, तुम बताओ मेरी लता रानी तुम किसका लंड लोगी, दीदी मेरा मन तो बाबू का लेने का है तो फिर तू बाबू का ले ले और में हरी का ले लूँगी. ज़रा पता तो चले कि उसका कैसा है? फिर वो दोनों वहीं रसोई में नीचे बैठ गयी और अपनी-अपनी चूत को अच्छे से धोया, ताकि उसमें से बदबू ना आए. उन दोनों ने अपनी अपनी चूत को क्लीन कर रखा था.
फिर निमो बोली कि लता ये मीठा लेकर चलो, नये काम की शुरुवात जो करनी है, वहीं दूसरी और दोनों दोस्तों ने मिलकर पूरा प्लान बना रखा था कि उन दोनों के रसोई में से आने के बाद उनको प्यार करना शुरू करना है, ताकि जल्दी से दोनों को गर्म करके उनकी चूतो का मज़ा ले सके. उधर वो दोनों भी चुदने को बेताब हो रही थी.
फिर वो दोनों मीठा लेकर कमरे में गई और मीठा टेबल पर रख दिया. उन दोनों की बहुओं के बदन से साफ नज़र आ रहा था कि दोनों ने क्या पहन रखा है? फिर वो दोनों अपने-अपने ससुर के साथ बैठ गयी. तभी हरीलाल बोला बेटी ज़रा निमो बहु को भी तो मेरे पास बैठने दो तुम तो रोज ही बैठती हो. तभी लता बोली क्यों नहीं पिताजी? आप निमो दीदी को बैठा लो और वो उठकर बाबूलाल की गोद में जाकर बैठ गयी और निमो ने भी वही किया. निमो भी हरिलाल की गोदी में बैठ गयी और लता ज़रा मीठा तो ले आ. लता उठी और निमो के हाथ में मीठा दिया और खुद ने भी ले लिया. पिताजी ज़रा हरिलाल जी का मुँह तो मीठा करा दो, पहली बार लता को ले कर आए है.
फिर निमो उठी और लता के होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगी. इधर लता भी निमो का साथ देने लगी और उसकी कमर और चूतड़ पर हाथ फेरने लगी. फिर वो दोनों अपने ससुर को गर्म करने लग गयी. फिर वो दोनों अपनी जगह से उठे और एक दूसरे की बहु को पीछे से पकड़ लिया.
फिर बाबूलाल बोला क्यों तरसा रही है मेरी रानी? मेरा भी तो मुँह मीठा करा दे तो लता बोली मैंने कब मना किया है मेरे राजा, अभी लो. फिर वो हाथीजाम और एक रसगुल्ला अपनी चूचीयों के बीच में रखकर बाबूलाल के मुँह तक ले गयी, लो पिताजी मीठा खा लो. तो बाबूलाल ने बिना देर किए लता को अपनी बाहों में लेकर उसकी चूचीयों पर रखा रसगुल्ला खा लिया और बोला कि बहु तेरा तो ब्लाउज इसके रस से गीला हो गया है, तो क्या हुआ? में अभी इसे उतार देती हूँ. इतना कहकर उसने अपनी पिंक साड़ी का पल्लू नीचे गिरा दिया और ब्लाउज के हुक को पीछे से खोलने की कोशिश करने लगी, क्यों तुम मेरे हुक नहीं खोल सकते क्या? अगर कहीं मीठा लगा रह गया हो तो पूरा चाटकर मेरा पूरा रस पी जाना.
इधर हरिलाल का भी हाल बुरा था, निमो ने भी रसगुल्ला अपने होठों में दबाकर हरिलाल को खिलाया और रस दोनों के कपड़ो पर गिर गया. ये क्या? आपने तो मेरे कपड़े ही खराब कर दिए? तो क्या हुआ निमो इनको बदल लो? फिर निमो भी अपनी पीली साड़ी उतारने लगी और ब्लाउज के हुक पीछे होने के कारण निमो भी वही बोली कि क्यों तुम मेरे हुक नहीं खोल सकते क्या?
फिर उन दोनों ने ब्लाउज के हुक खोलने के साथ ही उन दोनों के उभरती कसी हुई चूचीयों को दबा लिया और मसलने लगे. अब उन दोनों के मुँह से सिसकारियां निकल रही थी आआआआआआअहह आआआआा ऊऊऊऊऊओ आराम से करो. फिर वो बोली कि आप ये क्या कर रहे है? आपको शर्म नहीं आती? आप किसी दूसरे की बहु के साथ ऐसा नहीं कर सकते. दूसरे की कहाँ मेरी रानी, वो भी तो मेरी बहु के बोबे दबा रहा है.
तभी लता बोली कि बाबू मीठा कैसा लगा. अब हॉल में दो लंड और दो जवान और कमसिन चूत थी. कमसिन इसलिए कि अभी उन दोनों बहु की शादी हुए कुछ ही महीने हुई थे. उन दोनों बहुओं के ब्लाउज उतर चुके थे. अब उन दोनों के कबूतर मसलने और चूसने के लिए आज़ाद थे.
फिर बाबूलाल ने लता की और हरी ने निमो की साड़ी और पेटीकोट दोनों को ही जल्दी से उतार दिया ताकि वो उनकी नंगी जवानी का मज़ा ले सके. अब लता बाबूलाल के आगे ऐसी लग रही थी कि मानो किसी आदमी की गोद में कोई बच्चा दे दिया हो, क्योंकि बाबूलाल 6 फुट का और लता 5 फुट 2 इंच की थी. अब बाबूलाल ने तो उसे अपनी बाहों में भरकर उठा लिया, अब उसकी दोनों चूचीयों को बाबूलाल के होंठ चूस रहे थे. अब लता ने भी अपनी दोनों गोरी नंगी टाँगे बाबू के दोनों और लपेट दी थी.
इधर हरी ने भी निमो को पूरा नंगा कर दिया था. अब वो दोनों हाथों से उसकी चूचीयों को मसल रहा था. अब उन दोनों बहुओं के मुँह से आअहह अहहह आहाहहहाः की आवाज़ आ रही थी. अब हरी ने निमो को दीवार के साथ लगा दिया और अपनी बाहों कस लिया. फिर काफ़ी देर तक बाबूलाल लता को और हरी निमो को चाटता रहा. अब निमो ने बिना किसी शर्म के हरी के कपड़े उतारने शुरू कर दिए. अब उसको देखकर लता ने भी बाबूलाल के कपड़े उतार दिए. जब दोनों केवल अंडरवेयर में थे तो उनका 7 इंच और 8 इंच के लंड खड़े हो चुके थे.
अब उन दोनों ने एक दूसरे के ससुर के अंडरवेयर के ऊपर से ही लंड सहलाना शुरू कर दिया था. फिर उन दोनों ने लंड को ऊपर से चूमना शुरू कर दिया. तभी अचानक से निमो ने लता को इशारा किया और ये क्या एक ही झटके में वो दोनों नंगे खड़े थे? अब कमरे में दो नंगी और दो नंगे. वो भी तने हुए लंड के साथ, तभी उन दोनों ने अपने-अपने लंड मुँह में भर लिए और चूसने लगी. अब अंदर का नज़ारा अच्छा लग रहा था. अब लंड मुँह के अन्दर आगे पीछे हो रहे थे और पच पच की आवाज़ से पूरे हॉल में आवाज़ आ रही थी.
तभी निमो ने लंड बाहर निकाला और बोली पिताजी हम आपके और मेरे कमरे में चलते है, अगर कोई आ गया तो भी हमें कोई ख़तरा नहीं होगा. तुम ठीक कहती हो बहु ये कहकर बाबूलाल ने भी अपना लंड बाहर निकाला और टावल लपेट कर मेन गेट लॉक करने चल गया और वो तीनों निमो के कमरे में चले गये. तभी मौके का फ़ायदा हरी ने उठाया और दोनों बहुओं की नंगी जवानी को अपनी बाहों में भर लिया.
फिर लता बोली पिताजी अब तो ठीक है निमो दीदी तुम्हारी बाहों में है अच्छे से चोदना. चिंता मत कर मेरी रानी इसको भी तेरी तरह अपना लंड पूरा खिलाऊंगा, ये कहकर निमो को आगे से पकड़ लिया. हरी का लंड अब निमो के पेट में धंस रहा था. मेरी रानी अब तो ये लंड तेरे लिए है ज़रा इसको प्यार तो कर ले, इतनी जल्दी क्या है? अभी पिताजी को आने दो, वो भी देखे कि उनकी बहु दूसरे लंड को कैसे चूसती और चुदवाती है? में तुम्हें खुश कर दूँगी मेरे राजा. तभी बाबूलाल भी आ गया. कमरे में नीचे बिस्तर लगा था और पलंग भी तैयार था, दो कुर्सी, दो टेबल और तेल का पूरा इंतज़ाम था.
अब बाबूलाल ने टावल हटाया और अन्दर कमरे में आते ही लता को अपनी गोद में उठा लिया और इधर हरीलाल ने भी निमो को कुर्सी पर बैठाकर अपनी गोद में बैठा लिया. अब लता ऐसी लग रही थी कि जैसे किसी हाथी की गोदी में कोई बच्चा बैठा हो. उन दोनों के लंड चूसने के कारण गीले थे, अब लता अपनी दोनों टाँगे चौड़ी करके बाबूलाल की गोद में थी, तो बाबू बोला कि मेरी लता रानी में तेरी चूत में लंड डाल रहा हूँ, अपने एक हाथ से अपना लंड पकड़. फिर 8.3 इंच का सुपाड़ा लता की रसीली और गीली चूत पर रखकर एक जोरदार झटका दिया और लंड का आधा भाग चूत के अंदर घुस गया, तो लता चिल्ला पड़ी, आआआहमम्म्मममआआआआआ औरररर हह्ह्ह्ह में गयी. साले फाड़ दी, मार डाला, आराम से नहीं चोद सकता. फिर हरी ने भी लता की हालत को देखकर निमो को अपने 7.3 इंच के लंड पर बैठाकर उसने भी एक ही झटके से निमो को नीचे खींच लिया. निमो भी चिल्ला पड़ी, हाआआआआआईईईईईईई में मर गयी, कुत्ते तूने भी बदला ले लिया.
तभी बाबूलाल ने मेरे बारे में पूछ लिया तो निमो बोली पिताजी, वो शाम तक आने को कहा गया है. फिर क्या था? बाबू को जोश आ गया, लता रानी अब में तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा, तेरा पति भी बोलेगा कि ये मेरी बीबी की चूत है या कमरा है. अब हरी मेरी बहु की चूत फाड़ेगा, तो क्या में निमो की चूत छोड़ दूँगा? कई दिनों से साली की चूत के लिए तरस रहा था, अब मिली है और निमो को ऊपर नीचे करने लगे. अब कमरे में चारों तरफ आवाज़ गूंज रही थी, आअहह आहह हाइईइ में मररर गयी, आराम से थोड़ा तेल लगा लो, ह्ह्ह्हह मेरी रानी, तेरी चूत में कितना पानी है, मेरे राजा बजा मेरी चूत का बाजा, में भी आराम से अपने कमरे में ये से सब देख रहा था. मेरा कमरा बंद था.
अब बाबू अपने हाथों से लता की चूत को ऊपर नीचे कर रहा था. फिर धीरे-धीरे लंड पूरा लता की चूत में समा गया. निमो भी पूरा लंड अंदर ले चुकी थी. अब बाबू पास में आया और देखा कि तेरी बहु मेरा पूरा 8 इंच लंड खा चुकी है, अभी इसकी गांड भी मारनी है, तू चिंता क्यों करता है? तब ही देखा तो निमो भी मेरा पूरा लंड खा चुकी है.
फिर निमो बोली पिताजी आपको मेरे चुदवाने में कोई ऐतराज नहीं है ना, कोई बात नहीं मेरी रानी मजे से चुदवा. फिर थोड़ी देर के बाद दोनों ने निमो और लता को बिस्तर पर लेटाया और टाँगे चौड़ी कर दी. सच में वो क्या नज़ारा था? दोनों की टाँगे ऊपर की तरफ उठी हुई थी. गोरी चूत, चिकनी सुडोल टाँगे, साफ नज़र आ रही थी. अब दोनों ने अपना-अपना लंड बहुओं के मुँह में दिया और लंड चूसते हुए उनकी चूत को चूसा, उसके बाद दोनों ने लंड को सीधा चूत के अंदर बिना किसी रहम के घुसा दिया तो वो दोनों ही चिल्ला पड़ी और बोली कि हाय मार डाला. फिर उन दोनों को एक और जोर का झटका मारा और दोनों बहु, आआहह उहह इहह करके सिसकियाँ लेने लगी, वो जितनी सिसकियाँ लेती उतने ही तेज़ झटके से उनकी चुदाई हो रही थी और पूरे कमरे में छप छप की आवाज़ भी हो रही थी.
अब लता और निमो दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रही थी कैसा लगा दीदी? तुम बताओं लता, मुझे तो मजा आ रहा है और मुझे भी मजा आ रहा है. अब उन दोनों की चूत लंड के गाड़े पानी से भर गयी थी और अब उन दोनों ने अपने लंड बाहर निकाले और अब वो चूत के पानी को चाट रहे थे.
फिर वो दोनों खड़ी हुई और फिर से लंड चूसने लगी. अब गर्म-गर्म पानी दोनों की चूत से बह कर नंगी जांघो पर आ गया था और नज़ारा और भी सेक्सी हो गया. फिर लता बोली दीदी क्यों ना कुत्तिया या घोड़ी बना जाए? अब वो दोनों अपने घुटनों के बल बैठ गई और उन दोनों ने पीछे से आकर एक बार फिर से चूत की चुदाई करनी शुरू कर दी. हरी ने चुदाई के साथ ही बाबूलाल के हाथ में मक्खन दिया और कहा कि लता की गांड में डाल दे, ये कहकर निमो की गांड में मक्खन घुसा दिया और आराम-आराम से अपनी उंगलियों से गांड की मालिश करनी शुरू कर दी. फिर थोड़ी देर के बाद हरी ने चूत से लंड निकालकर उसकी गांड के मुँह पर अपना सुपाड़ा रखा.
इधर बाबूलाल ने भी वही किया और एक साथ धीरे-धीरे लंड अंदर करना शुरू कर दिया. फिर थोड़ी देर में दोनों के लंड उनकी गांड में आधे घुस चुके थे. अब गांड मारी जा रही थी. में इधर सिर्फ देख सकता था और कुछ नहीं, उधर कमरे में मादक सिसकियां, आवाजें, चूचीयों का दबाना, लंड गांड में आना जाना, वो दोनों पूरे जोश से अपनी बहुओं की गांड मारे जा रहे थे. ले मेरी कुत्तिया मजे से ले, तेरा पति भी क्या तुझे चोदेगा? आज में तेरी चूत फाड़ दूंगा. फिर थोड़ी देर के बाद वो दोनों गांड में आह आह आहह मेरी रानी में आ रहा हूँ आअहह आहाहह कहते हुए अंदर ही झड़ गये और वही लेट गये.
अब निमो और लता दोनों की चूत और गांड वीर्य से भर गयी थी और वो चारों बहुत खुश थे और वो वहीं लेट गये, चुदाई अब रुक गयी थी. अब दोनों बूढ़े सो गये. फिर निमो ने लता को उठाया और उसको बाहर ले आई, जहाँ दोनों ने एक दूसरे की चूत और गांड को अच्छे से धोया. तब निमो बोली सच बाबूजी सही कह रहे थे कि लता की चूत मेरी जवानी की चूत जैसी ही है, सच तुमको तो बड़ा मज़ा आया होगा. तुम बताओ दीदी तुम्हें हरी का कैसा लगा? सच मेरी जान में मेरे ससुर के कारण हरी से चुदवा रही थी, ताकि वो तुम्हें अच्छे से चोद सके में तुमको दो तीन दिन यहीं पर रखूंगी ताकि बाबूजी दिन रात तुम्हारी चुदाई कर सके, हाँ दीदी तुमने तो मेरी दिल की बात कह दी. में आपसे यही कहना चाहती थी. चिंता मत कर रानी तेरी चूत में मेरे ससुर के लंड का पानी जायेगा. फिर दोपहर को वो दोनों हरीलाल और बाबूलाल उठे और फ्रेश हो कर बाहर चले गये.
फिर शाम को दोनों के ससुर नई साड़ी ले कर आए. उन्होने दोनों को नये कपड़े दिए और कमरे में चले गये. फिर रात को जल्दी खाना खाकर पूछा कि अमित कहाँ है, तो निमो बोली कि वो रात को नहीं आयेगा. तभी बाबूलाल ने कहा कि निमो तुम दोनों आज हमारी दुल्हन बनोगी और हम दोनों तुम्हारे पति बनेंगे. फिर रात को दोनों ने एक दूसरे की बहुओं की माँग में सिंदूर भरा और अपनी पत्नी बनाकर खूब चुदाई की. फिर करीब रात 1 बजे दोनों ढेर हो गये, तभी में कमरे में आ गया और फिर में बोला अंकल आप दोनों ने तो अपने-अपने लंड की भूख मिटा ली, अगर बुरा ना मानों तो में भी तुम्हारी इन बहुओं की चूत और गांड मारकर अपने लंड की भूख मिटा लूँ. तो वो कुछ नहीं बोले और बिना टाईम खराब किए मैंने पहले लता की और बाद में निमो की चूत और गांड मारी.
फिर मैंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. में तो कई दिनों से ये चुदाई का खेल देख रहा था और मुझे तो मौके की तलाश थी. फिर वो दोनों कुछ नहीं बोले. फिर अगले दिन हम सुबह-सबह सो कर उठे तो कमरे में सब नंगे ही थे. लता रानी बाबूलाल से और निमो हरिलाल के लंड पर लेटी हुई थी कि तभी फोन की घंटी बजी हैल्लो में रमेश बोल रहा हूँ पिताजी में कल शाम को घर आ जाऊंगा, ये कह कर फोन रख दिया. तभी में बोल पड़ा जितना इन दोनों की चूत का मजा लेना है, कल सुबह तक ले लो, क्योंकि रमेश के आने के बाद बहुत मुश्किल हो जायेगा. फिर हम तीनों मर्दो ने मिलकर कभी लता को तो कभी निमो की हर स्टाईल में हर छेद की चुदाई कर डाली.
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40 साल की नौकरानी को चोदा

हैल्लो दोस्तों,  मुझे शादीशुदा समझदार औरते बहुत पसंद है, खास करके उनकी उम्र 35-40 साल के आसपास होनी चाहिए. दोस्तों मेरी जिस घटना को में आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ वो करीब एक साल पहले हुई थी जब में अपने कॉलेज की क्लास में जाया करता था, लेकिन वो हमारे कॉलेज से थोड़ा दूरी पर थी और वो क्लास बहुत ही छोटी सी थी. उसमे करीब अलग अलग शिफ्ट में 100 बच्चे ही आते थे और वहां पर एक नौकरानी झाड़ू मारने के लिए आया करती थी, लेकिन वो दिखने में इतनी अच्छी नहीं थी, लेकिन उसकी नज़र बहुत कातिल थी और उसका नाम चंद्रिका था. वो थोड़ी सी मोटी थी, बड़ी गांड और एक हाथ में भी ना आए इस आकार के बूब्स और वो जब झाड़ू मारती थी तो उसकी छाती बहुत आराम से दिख जाती थी और जब में उसके सामने देखता था तो वो मुझे कुछ अजीब तरीके से देखती थी. उसके चेहरे पर साफ लिखा था कि उसे कुछ चाहिए जो उसे मज़े दे सके?
तो एक दिन मुझे एक ऑनलाइन टेस्ट देना था और में सबसे पहले पहुंच गया, लेकिन हमारी क्लास के सर को उसी दिन कहीं किसी जरूरी काम से अचानक बाहर जाना था और मेरी उनसे बहुत अच्छी बनती थी. उन्होंने मुझे क्लास की चाबी दे दी क्योंकि उस दिन सिर्फ मुझे ही वहां पर सबसे पहले पहुंचना था और अपनी तैयारी करनी थी और फिर उन्होंने मुझसे बोला कि तुम टेस्ट देने के बाद लॉक कर देना और चाबी पास वाले ऑफिस में दे देना. में तो कंप्यूटर चालू करके सब कुछ देखने लगा और तभी चंद्रिका आई और हाथ में अपना झाड़ू लिए उसने मुझसे पूछा कि क्यों आज साहब नहीं आए? मैंने बोला कि हाँ आज वो किसी काम से बाहर गये हुए है इसलिए वो आज नहीं आ सकते.
फिर उसने अपना काम मतलब कि झाड़ू मारना शुरू कर दिया, लेकिन अब मेरा ध्यान कंप्यूटर पर लगता ही नहीं था. में बीच बीच में उसकी तरफ देखने लगता था और अब सबसे मज़े की बात यह थी कि वो भी मुझे झाड़ू मारते मारते स्माईल देती जा रही थी. फिर कुछ देर बाद जब वो झाड़ू मारकर जा रही थी तो मैंने थोड़ी बहुत हिम्मत करके उससे पूछा कि आपका नाम क्या है?
उसने मुस्कुराकर बोला कि मेरा नाम चंद्रिका है और अब उसकी आवाज़ सुनकर मेरे पूरे बदन में कुछ हो रहा था तो मैंने थोड़ी और हिम्मत करके उससे कहा कि हाँ में कब से आपका ही इंतज़ार कर रहा था? मेरे मुहं से यह बात सुनते ही उसके चेहरे पर एक अजीब सी स्माईल आ गई और वो थोड़ा थोड़ा शरमाने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि अगर आपको देर ना हो रही हो तो क्या आप मुझसे थोड़ी देर बात कर सकती है? तो वो बोली कि हाँ क्यों नहीं और अब वो मेरे पास में पड़ी हुई एक बेंच पर बैठ गयी और फिर मेरे कुछ बोलने का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करने लगी.
फिर मैंने उसके बारे में सब जानकारी पूछना शुरू की और तब मुझे पता चला कि उसके पति की पिछले कुछ सालों पहले म्रत्यु हो चुकी है और वो अब अपने इकलोते बेटे के साथ रहती है और उसका बेटा करीब अब मेरी उम्र का है. दोस्तों वो जब बोलती थी तो मेरे बदन में एक आग सी लग जाती थी. मेरा मन करता था कि में इसे अभी पकड़कर चोद डालूं, लेकिन मैंने अपने आप पर बहुत काबू रखा. फिर मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी तरफ एक और तीर मारा और मैंने उससे पूछा कि क्यों आपको आपके पति की कभी कमी महसूस नहीं होती?
उसने झट से कहा कि हाँ होती तो है, लेकिन अब में क्या कर सकती हूँ? तो मैंने जल्दी से उसकी बात खत्म होते ही बोला कि में हूँ ना, में आपकी मदद करूँगा. तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर वो मुझे बहुत ही अजीब तरीके से देखने लगी और बहुत देर तक इधर उधर की बातें करने के बाद वो बोली कि ठीक है अब में घर जाती हूँ और बाकी की बातें हम लोग कल करेंगे, लेकिन दोस्तों अब मेरा लंड मानने को तैयार ही नहीं था. उसे तो बस अब चंद्रिका की चूत का रस चूसना था और अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उससे बोला दिया कि प्लीज थोड़ा और रुक जाओ ना, आपसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
फिर उसने कहा कि वैसे भी हमने इतनी देर इतनी सारी बातें तो कर ली और अब क्या करें? मैंने बोला कि हाँ फिर भी मेरा मन नहीं मान रहा, आओ हम अंदर वाली क्लास में चलते है और फिर में उसे अंदर वाली क्लास में लेकर चला गया और फिर मैंने क्लास का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. मुझे वैसे तो बहुत डर लग रहा था कि कहीं मेरे सर आ गये तो मेरी तो आज शामत ही आ जाएगी, लेकिन मेरा चंद्रिका को छोड़ने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था और जैसा कि मैंने सबसे पहले आप सभी को बताया है कि मुझे आंटी बहुत पसंद है और उनको देखकर मुझे कुछ कुछ होने लगता है.
खेर फिर हम दोनों अंदर वाली क्लास में गये में तो उसे अचानक से पकड़कर अब जबरदस्ती चूमने लगा और उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन उसने मेरा कोई भी किसी भी तरह का विरोध नहीं किया और अब वो धीरे धीरे गरम हो रही थी. मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रखे और चूमने लगा चूसने लगा. दोस्तों में आप सभी को अपने शब्दों में नहीं बता सकता कि चंद्रिका के क्या रसीले होंठ थे, बहुत मजेदार, यम्मी. फिर में उसे बेंच के ऊपर बैठाकर उसके ब्लाउज पर हाथ घुमाने लगा और उसके बूब्स को दबाने मसलने लगा. तो वो बस अब अपना मुहं खोलकर आहें भर रही थी और अब यह सब देखकर तो कोई भी लंड खड़ा होकर नाचने लगे.
फिर धीरे धीरे मैंने उसके ब्लाउज के एक एक बटन को खोलना शुरू किया तो मैंने देखा कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी और मेरे सामने अब दो बड़े बड़े बूब्स लटक रहे थे. वाह दोस्तों क्या मस्त नज़ारा था वो में आप सभी को नहीं बता सकता में तो उसके बूब्स को मुहं में लेकर एक छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा. फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोलकर उसे भी उतार दिया तो मैंने देखा कि उसने अंदर पेंटी भी नहीं पहनी हुई थी और में तो उसकी चूत देखकर अब बिल्कुल हैरान रह गया, क्योंकि मैंने देखा कि उसकी चूत एकदम साफ चिकनी थी जिसे देखकर लग रहा था कि वो अपनी चूत के बालों को लगातर साफ करती है और में तो उसकी चूत को अब बिल्कुल पागल की तरह चूमने, चाटने लगा और जोश में आकर वो ज़ोर ज़ोर से आहे भर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्ह्हह्ह आईईईईईईइ हाँ और ज़ोर से उह्ह्हह्ह्ह्ह माँ हाँ और चूसो.
फिर में उसे घुमाकर उसकी बड़ी सी गांड को देखने लगा और अब उसके दो बड़े बड़े कूल्हे ठीक मेरी आँखो के सामने थे. में तो ज़ोर ज़ोर से उसके कूल्हों को दबाने लग गया. फिर उसे नीचे लेटाकर जब में पहली बार अपना लंड उसकी प्यासी चूत में डाल रहा था तो मैंने उससे पूछा कि क्यों यह सब ऐसे क्या सुरक्षित होगा? मेरा मतलब कि ऐसे ही बिना कंडोम के कैसे कर सकते है? तो उसने कहा कि तुम बिल्कुल सही कह रहे हो और फिर में उठकर भागकर नीचे दवाई की दुकान से एक चोकलेट फ्लेवर वाला कंडोम ले आया और मैंने उसे कंडोम दिया और कहा कि इसे मेरे लंड पर लगा दो, लेकिन वो तो मेरे लंड पर कंडोम लगाने से पहले ही मेरे लंड को पागलों की तरह चूसने लगी और फिर कुछ देर चूसने के बाद उसके लंड को छोड़ा और उस पर कंडोम लगाया. मैंने उसे ज़मीन पर लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रख दिए. उसकी चूत अब इतनी गीली हो चुकी थी कि बड़ी ही आसानी से मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा अंदर चला गया. अब वो ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और बोल रही थी कि में दस साल से राह देख रही थी कि कोई आए और मेरी चूत को फाड़ दे हाँ उह्ह्हह्ह और ज़ोर से चोदो मुझे, आज तुम अह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी चूत को अपनी आईईईई समझकर चोदो, यह मेरी चूत आज से बस तुम्हारी है उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह माँ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे उईईईईइ माँ में बहुत सालों से में प्यासी हूँ.
दोस्तों में बता नहीं सकता कि मुझे उस चुदाई में कितना मज़ा आया. फिर हमने करीब एक घंटे तक लगातार जमकर सेक्स किया और इस बीच मैंने उसकी गांड में भी लंड डाला और उसको अपनी भरपूर चुदाई के मज़े लिये और उसकी प्यास को बुझा दिया और अपने लंड से उसको पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया. उसकी चूत को चोदकर अपने लंड का उसे पूरा पूरा मज़ा दिया. उस चुदाई के बाद हमारी कभी भी मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन आज भी में उसके नंगे गदराए हुए बदन को याद करता हूँ तो मेरा लंड तनकर खड़ा हो जाता है.
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दोस्त की बीवी को रंडी बनाकर चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शिवम् है और में जालंधर से हूँ. आज में आपको एक रियल स्टोरी बता रहा हूँ. मेरा एक दोस्त है और उसकी बीवी जो कि वो जालंधर की ही रहने वाली है. में अक्सर अपने दोस्त के घर जाया करता था और उसकी बीवी बड़ी ही सुंदर है. उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं है, लेकिन फिर भी ठीक ही है और उसकी स्माईल बड़ी ही स्वीट है.
उनका एक बेटा है जो कि अभी 6-7 साल का ही है. मेरे दोस्त के बहुत ज़िद करने पर में उनके बेटे को कोंचिग पढ़ाने को तैयार हो गया. अब में दोपहर को उसके घर पर उसे पढ़ाने जाया करता था और उस समय मेरा दोस्त अपने काम पर होता था और भाभी जिनका नाम सुमन है, एक दिन में दोपहर को जब उसके घर पहुंचा तो घर पर कोई नहीं था, सिर्फ़ अकेली सुमन थी. आज उनका बेटा अपनी मौसी के घर पर गया हुआ था.
मैंने बेल बजाई तो दरवाज़ा खुला तो दरवाजे पर सुमन थी. उसने एक स्वीट सी मुस्कान दी और अंदर आने को कहा. में अंदर चल गया और उस समय उसने नाईटी पहन रखी थी और उसके बाल खुले थे. फिर उसने मुझे बैठने को कहा और वो अंदर चली गई, काफ़ी देर होने के बाद भी जब वो नहीं आई तो में अंदर गया और इधर उधर देखा तो वो बाथरूम में थी और बाथरूम का दरवाज़ा लॉक नहीं था.
मैंने धीरे से अंदर देखा तो वो एकदम नंगी थी और नहा रही थी. उसके मुँह पर साबुन था तो इस कारण वो मुझको शायद देख नहीं सकी. फिर में वापस आया और मैंने डोर लॉक कर दिया और वापस बाथरूम की तरफ गया. अब मेरा लंड खड़ा हो गया था और अब में वहीं पर खड़ा रहा और उसको देखता रहा. फिर मैंने अपने मोबाईल कैमरे से उसकी क्लिप भी बना ली थी और वो बहुत ही सेक्सी थी और बार-बार अपने बूब्स को दबा रही थी और अपनी चूत को रगड़ रही थी. में समझ गया कि उसको मेरा दोस्त पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं कर पाता है और जब वो नहाकर निकल रही थी तो में वापस आकर उसी जगह बैठ गया.
फिर कुछ देर के बाद वो मेरे लिए चाय बना कर लाई और मेरे पास बैठ गई. मेरा लंड अभी भी टाईट था. फिर मैंने डरते-डरते उससे कहा कि भाभी में आपसे कुछ पूछ सकता हूँ तो वो मुस्कुरा कर बोली कि पूछो. फिर मैंने कहा कि पूछना तो नहीं चाहिए है लेकिन पर्सनल है, लेकिन पूछ रहा हूँ, क्या विक्की और आप की शादीशुदा लाईफ सुखी है?
वो बोली हाँ हम खुश है. फिर मैंने कहा कि नहीं आपकी सेक्स लाईफ तो.. उसने मेरी तरफ देखा और कुछ देर खामोश रही और फिर बोली कि तुम्हारे दोस्त मुझको संतुष्ट नहीं कर पाते है. अब मेरी भी हिम्मत बढ़ी और मैंने पूछा कि आप तो इतनी खूबसूरत हो, सेक्सी हो, आप पर तो कोई भी फिदा हो जायेगा, आप कोई दूसरा रास्ता क्यों नहीं अपना लेती हो? तो वो बोली कैसा रास्ता?
फिर मैंने कहा कि किसी दूसरे से संपर्क करो तो वो बोली कि क्या तुम मुझको संतुष्ट करोंगे? यह सुनते ही मेरी तो जैसे खुशी का ठीकाना ही नहीं रहा. में तुरंत उठा और सुमन को अपनी बाहों में भर लिया और उसके लिप पर एक किस किया और हम दोनों करीब 5 मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे और वो मुझसे बोली कि पहले दरवाज़ा तो बंद कर दो. फिर में बोला कि वो तो मैंने पहले ही बंद कर दिया है.
उसके बाद हम बेडरूम में गये और उसने बिना देर लगाए मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को अपने होठों में लेकर दबाया और चूसने लगी. अब में भी अपने होश खोता जा रहा था. फिर मैंने भी उसका गाउन खोल दिया. उसने अंदर कुछ भी नहीं पहन रखा था, अब वो बिल्कुल नंगी थी. अब हम दोनों बेड पर लेट गये और वो मेरे ऊपर चढ़ गयी और बोली कि कब से मेरे मन में एक प्लान था कि में तुमसे चुदवाऊँ और आज मेरी इच्छा पूरी हो गई है. फिर में भी बोला कि भाभी में भी आपको चोदना चाहता था, यह सुनकर वो बोली कि मेरे राजा देर किस बात की है और आज में तुम्हारे पास हूँ जिस तरह से चाहो मुझको चोदो, यह चूत बड़ी प्यासी है.
फिर मैंने उसके टाईट बूब्स को धीरे-धीरे दबाना चालू किया और अब वो धीरे-धीरे गर्म हो रही थी. फिर उसने पीछे हटकर मेरे लंड को मुँह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगी. अब में भी उसकी चूत लेने के लिए तड़प रहा था. करीब 15 मिनट के इस खेल के बाद मैंने उसे लेटा दिया और उसके बूब्स दबाने लगा. फिर वो बोली कि मेरे राजा अब देर मत करो, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
फिर में उठा और अपना 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड उसकी चूत के ऊपर रखा, लेकिन उसकी चूत काफ़ी टाईट और सूखी थी. फिर मैंने चूत को हाथ से धीरे-धीरे रगड़ा और करीब 3 मिनट के बाद उसकी चूत गीली हो गई. फिर मैंने अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में था. फिर वो बोली कि जल्दी से पूरा अंदर करो तो मैंने एक जोर का धक्का दिया तो वो चिला उठी, मार डाला ज़ालिम तूने, शायद उसके पति का इतना लंबा और मोटा नहीं था.
फिर कुछ देर के बाद मेरे झटको का वो भी साथ दे रही थी और कह रही थी कि आज मेरी जमकर चूत मारो. मैंने कितनी बार सोचकर तुम्हारे दोस्त से चुदवाया है आज तुम मुझको रियल में चोद दो, मेरी जान. अब में भी जोर-जोर से झटके मार रहा था और करीब 25 मिनट के इस खेल में वो 3 बार झड़ चुकी थी. अब में भी झड़ने वाला था.
फिर मैंने कहा कि सुमन में झड़ने वाला हूँ तो उसने कहा कि मेरे अंदर ही निकाल दो तो मैंने कहा कि अगर कुछ हो गया तो उसने कहा कि कुछ नहीं होगा, में गोली खा लूँगी, लेकिन तुम अन्दर ही झड़ना. फिर में जोर-जोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा और कुछ ही देर के बाद में उसके अंदर ही झड़ गया और अब हम बिल्कुल शांत थे, ये किसी तूफान के बाद की शांति थी. अब हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे और फिर में उठा और उसको एक लिप किस किया.
अब 5 बज चुके थे तो वो बोली कि अब तुमको चलना चाहिए, लेकिन हाँ एक बात ध्यान रहे यह बात बस मेरे और तुम्हारे बीच ही रहे. तुम्हारे दोस्त को कुछ पता नहीं चलना चाहिए. फिर मैंने उससे वादा किया और हम दोनों एक दूसरे से लिपट गये. फिर में उठा और अपने कपड़े पहने. फिर वो भी बाथरूम में गई और उसके बाथरूम से निकलने के बाद में वहाँ से चला आया, लेकिन अब जब भी हमको मौका मिलता है तो वो मुझको फोन करके बुला लेती है और हम भरपूर सेक्स का मज़ा लेते है.
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चाची को चोदकर पानी पिलाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. में आज आप सभी को अपनी एक मजेदार सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ यह मेरे और मेरी चाची के बीच की सेक्स की कहानी है. में दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई करता हूँ और में वहां पर अपने परिवार वालों के साथ रहता हूँ. में एक बार अपनी चाची के साथ जो कि राँची में रहती है उनके साथ बस में पटना जा रहा था. में और वो बस में एक स्लीपर ही में थे और उस समय ठंड के दिन थे इसलिए खिड़कियाँ भी बंद थी और वो रात का सफ़र था और ठंड अधिक होने के कारण में तो अपने पैरों को मोड़कर लेटा हुआ था और जैसा आप सभी लोगों को पता है कि बिहार झारखंड के रोड के बारे में वहां की सभी बसे रोड बहुत ज्यादा खराब होने की वजह से बहुत हिलती है.
फिर उस क्रम में मेरा हाथ एक बार उनके बूब्स के पास चला गया, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली और मुझे भी उनके बूब्स को दबाकर बहुत मज़ा आ रहा था और थोड़ी देर के बाद जब बस बिना उछलकूद किए चल रही थी, तब में धीरे से उनके बूब्स से सट गया और अपने हाथ उनपर लगाए. पहले एक ही हाथ लगाया, लेकिन जब मुझसे सहा नहीं गया तो दूसरा हाथ भी लगा दिया और फिर उसी समय बस ने एक ज़ोर का झटका खाया और मैंने उनके बूब्स को ज़ोर से दबा दिया. तो उन्होंने एकदम झटके से मेरा हाथ हटा दिया और उन्हे लग रहा था कि में गहरी नींद में सोया हुआ था, लेकिन यह मेरा प्लान था में सोने का सिर्फ नाटक कर रहा था.
फिर उस समय मैंने अपनी चादर को धीरे से अपने दोनों पैरों में बिल्कुल लपेट लिया और अपने हाथ पैर को जोड़कर सो गया. उन्हे लगा कि मुझे ठंड लग रही है और इसलिए उन्होंने मुझे अपनी चादर में घुसा लिया. फिर क्या था? सोने पर सुहागा और फिर जैसे ही वो गहरी नींद में सो गई तो में उनके पैर को अपने पैरों से मसाज देने लगा और अब मेरे हाथ उनकी मस्त जगह पर लग गया, मतलब कि चाची की चूत पर. फिर में उनसे धीरे धीरे सट गया वो अपनी गांड मेरे लंड की तरफ करके सो गई, मेरा लंड थोड़ा तो चूत का प्यासा था वो तुरंत उठकर खड़ा हो गया और अब में उसे धीरे धीरे उनकी गांड पर रगड़ने लगा.
तभी मुझे थोरी देर में अहसास हुआ कि वो जागी हुई है और मेरे सब काम को एंजाय कर रही है. फिर मैंने उनके बूब्स को अब ज़ोर से दबा दिया तो उन्होंने मेरे हाथों को दूर हटाकर चादर से बाहर निकाल दिया, लेकिन में अब उसे नहीं छोड़ना चाहता था, लेकिन मैंने भी वो चादर फेंक दी और फिर से जैसे ही बस आगे की तरफ हिली तो मैंने उनके बूब्स पर एक बार फिर से हमला बोल दिया और इस बार मैंने सोच रखा था कि मुझे उनके निप्पल को सहलाना है और फिर मैंने ऐसा ही किया. मेरे ऐसा करने से वो पूरी तरह तड़पती रही और नींद में ही उन्होंने अपने पैर को फैला दिया. मुझे अब इससे अच्छा मौका कब मिलता?
अब वो धीरे धीरे जोश में आ रही थी और अब उनकी चूत भी गीली हो रही थी. फिर मैंने इस बात का फ़ायदा उठाया और मैंने पहले तो अपने पैर की उंगलियों को चूत के बीच सलवार के ऊपर से ही डाला और फिर पानी पीने के बहाने से उठा और उसकी सलवार के नाड़े को थोड़ा ढीला कर दिया और अब दोनों कामुक जिस्म उस एक छोटी सी चादर के अंदर हो गये और मेरा लंड भी अब अंडरवियर के अंदर नहीं रहने वाला था इसलिए मैंने उसे अब बिल्कुल आज़ाद कर दिया और सीधा उनके जिस्म पर सटाकर हिलाने लगा और में थोड़ी ही देर में झड़ गया. मैंने अपना सारा माल उसके स्वेटर और शमीज के ऊपर निकाल दिया.
फिर में उसे ज़ोर से अपनी बाहों में लेकर नीचे से पूरा नंगी हालत में ही सो गया, लेकिन जब में सुबह जब उठा तो मैंने देखा कि में पेंट पहने हुए था और सब कुछ साफ है और हम जब पटना उतरे तो वहां से सीधे एक ऑटो पकड़कर अपने घर पर पहुंचे मतलब कि चाची के मायके और उस समय उनके पापा की तबीयत बहुत खराब थी इसलिए हम वहां पर गये थे, लेकीन उस समय घर पर कोई नहीं था सिवाए एक नौकर के. घर पहुंचने के बाद में बाहर जाकर एक रेज़र लाया, क्योंकि मेरे लंड पर एक बहुत बड़ा जंगल उग गया था और में उसे लेकर बाथरूम में नहाने चला गया.
वहां पर में और चाची एक ही रूम में ठहरे हुए थे, लेकिन अब मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई मुझे बाथरूम में बाहर दरवाजे से देख रहा है और कुछ देर के बाद मुझे ऐसा लगा कि वो शायद चाची ही है, लेकिन फिर भी मैंने अपने लंड की सफाई को लगातार जारी रखा और लंड की पूरी तरह से साफ सफाई होने के बाद मैंने सरसों का तेल लगाकर अपने लंड की मालिश कि और उसे 8 इंच लंबा और 2.5 इंच के आकार में ले आया और तनकर खड़ा कर दिया.
यह सब कुछ मेरी चाची छुपकर देख रही थी और मेरे लंड का साईज़ देखकर मानो वो अब मेरे साथ सेक्स करने के लिए तड़प गई और अब वो खुद ही अपनी चूत में उंगली करने लगी और धीरे धीरे मोनिंग करने लगी. इसका आभास मुझे तब हुआ जब मैंने पानी को बंद कर दिया और उस आवाज़ को ध्यान से सुनने लगा. धीरे धीरे वो आवाज़ और भी बड़ गयी और अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.
तभी अचानक से मैंने बाथरूम का दरवाजा एक ही झटके से पूरा खोला दिया. उस समय में पूरा नंगा था और फिर में बाहर खड़ी हुई चाची को देखकर एकदम हैरान रह गया, क्योंकि वो अपने एक हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत में उंगली कर रही थी. मुझे देखकर वो कहने लगी कि बस अब मुझे और मत तड़पाओ अंदर तो बहुत तेज़ी दिखा रहा है फिर यहाँ पर इतना चुप क्यों हो? अब मेरी चूत की प्यास बुझा दो ना. आपके लंड को देखकर में बस में ही आपसे चुदवाने के सपने देखने लगी थी.
फिर उनके मुहं से यह बात सुनकर में कूदकर बेड पर आ गया और उसकी चूत को चाटने लगा और दोस्तों में उसकी चूत का स्वाद आज भी नहीं भूल सकता हूँ. वो फिर मेरे लिए कुछ तेल जैसा लेकर आई जो कि शायद अंकल काम में लिया करते थे, जिससे में बहुत देर तक नहीं झड़ने वाला था. उन्होंने उसे मेरे लंड पर लगाकर मालिश की और अब में उनकी चूत को चाटने लगा. फिर क्या था? वो थोड़ी ही देर में झड़ गई तो मैंने उनसे पूछा कि क्यों औरत तो इतनी जल्दी नहीं झड़ती है? तब उन्होंने कहा कि अगर आपके जैसा कोई चूत चाटने वाला मिले तो हम क्या कर सकती है.
फिर मैंने उनकी चूत पर लंड को रखकर एक ही धक्के में पूरा का पूरा लंड डालकर उन्हे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो मोन करने लगी और मुझसे कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से, में आज तुम्हारे लंड आह्ह्हह्ह को अपने अंदर लेकर बहुत खुश हूँ. हाँ आईईईईईइ और ज़ोर से चोदो मुझे उह्ह्हह्ह माँ हाँ और थोड़ा और अंदर डालो. फिर में भी बहुत जोश में आकर जोरदार धक्के दे देकर उनकी चूत की चुदाई किए जा रहा था और फिर करीब आघे घंटे की जबरदस्त चुदाई के बाद अब में झड़ने वाला था.
फिर मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ अपना वीर्य कहाँ पर निकालूं? तो उन्होंने झट से कहा कि में तुम्हारा वीर्य एक बार चखना चाहती हूँ और फिर मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाल दिया और अब वो मेरे लंड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगी. उसने मेरे लंड को बहुत देर तक मज़े लेकर चूसा और जब में झड़ा तो वो मेरा सारा वीर्य भी पी गयी और बोली कि आख़िरकार आपने आज मेरी प्यास बुजा दी. में कितने दिनों से इस दिन के लिए तरस रही थी. तुमने मुझे आज चोदकर मुझे बहुत मज़ा दिया और मुझे खुश कर दिया. में तुम्हारी चुदाई से बहुत खुश हूँ. आज से तुम मुझे कभी भी चोद सकते हो क्योंकि आज में तुम्हारी हूँ. दोस्तों यह थी मेरी चाची की एक सच्ची चुदाई की कहानी इसके बाद मैंने उनको जब तक में उनके घर पर रहा बहुत बार चोदा और उनको अपनी चुदाई से संतुष्ट किया और उसके बाद मैंने उनको कई बार अपने घर पर भी चोदा और बहुत मज़े किए.
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बीवी का ग्रुप सेक्स उसके बर्थ-डे पर

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम साहिल है, में आप लोगों को मेरी पत्नी का पहले ग्रुप सेक्स की कहानी बताने जा रहा हूँ. मेरी उम्र 28 साल और मेरी पत्नी टीना की उम्र 22 साल है. उसका फिगर 36-34-38 है और हाईट 5 फुट, रंग गोरा, और दिखने में बहुत सुंदर है. हमारी शादी को बस 2 साल हुए है.
यह बात तब की है जब हम दोनों रोजाना सेक्स करते थे. एक दिन हमने नेट पर वाईफ स्वैपिंग की बात पढ़ी और हमें भी इच्छा होने लगी कि ऐसा ही कुछ हम भी करे. फिर हम रोजाना सेक्सी मूवी और कहानियां पढ़ने लगे. तभी हमें एक और चीज़ पता चली पत्नी ग्रुप सेक्स करने की. मेरे दिल में भी ये ख्याल आया तो मैंने टीना से कहा कि हम ग्रुप सेक्स करे तो पहले तो वो नहीं मानी.
फिर मैंने उसे ग्रुप सेक्स की बहुत सारी मूवी दिखाई. ऐसे ही करते-करते नेट पर मेरा एक दोस्त बना, उसका नाम विश था. फिर मैंने उससे ये बात की तो उसने मुझसे कहा कि वो सब तैयारी कर देगा. ऐसे ही उसने फिर बताया कि टीना को चोदने के लिए 5 लड़के तैयार है. फिर मैंने ये बात टीना को बताई तो उससे कहा कि अगर तुम्हें पसंद ना आए तो कह दो हम नहीं करेंगे. फिर बहुत सोचने के बाद उसने हाँ कह दिया.
फिर हमने टीना के बर्थ-डे की तारीख फिक्स की और फिर उन्होंने हमें एक फार्म हाउस पर बुलाया. जब हम वहां पहुंचे तो हमने देखा कि वहाँ पहले से 5 लोग हमारा इंतजार कर रहे थे. उसमें मेरा नेट फ्रेंड उम्र 30 साल था, दूसरा उसी का एक फ्रेंड था उम्र 35 साल, तीसरा उसका बिजनस पार्ट्नर था उम्र 45 साल और 2 नाइजेरियन बंदे और थे, वो दोनों थोड़े जवान थे और उनकी उम्र 30-35 साल थी. फिर सबने अपना परिचय दिया, उसके बाद खाना और हल्की सी ड्रिंक की, क्योंकि कोई नहीं चाहता था कि वो हार्ड ड्रिंक करके आउट ऑफ कंट्रोल हो जाये.
फिर सबने हल्का सा ड्रिंक किया और उसके बाद वो जो मेरा दोस्त था, उसने टीना को अपनी तरफ खींचकर उसको स्मूच करना शुरू किया. उसके बाद सभी टीना को बीच में लेकर चूमने लगे, वो बहुत ही सेक्सी नज़ारा था. में अपना ग्लास हाथ में लेकर वो नज़ारा देख रहा था. फिर वहाँ पर एक केक मंगवाया और फिर वो सब लोग नंगे हो गये. में कुछ समझ ही नहीं पाया था कि ये कर क्या रहे है? उसी वक़्त टीना की नज़र उन 2 नाइजेरियन पर पड़ी उसे विश्वास ही नहीं हुआ और में भी बस देखता ही रह गया. उसमें से एक का लंड 8 इंच और दूसरे का लंड 9 इंच का था. फिर उन्होंने टीना को केक काटने को कहा, क्योंकि उस दिन उसका बर्थ डे था.
फिर केक काटने के बाद सबने अपने अपने लंड पर क्रीम लगाई और टीना के मुँह में उसे भर दिया. सबसे पहले उस बूढ़े ने ही उसका मुँह चोदना शुरू किया और फिर तो एक साथ 2-2 या 3-3 लंड उसके मुँह में घुस रहे थे. उन दोनों जवानों ने भी एक साथ मुँह में लंड घुसा दिया था, हांलाकि उन दोनों के सिर्फ़ लंड के सुपाड़े ही मुँह में घुस रहे थे. फिर उतने से ही टीना का मुँह फूल गया था.
फिर उन दोनों में से एक ने दूसरे को आँख मारी तो वो हट गया और दूसरे बंदे ने टीना के बाल पकड़कर अपना पूरा लंड उसके गले तक आगे धकेल दिया. अब वो छटपटाने लगी, लेकिन वो बस उसके मुँह को चोदे जा रहा था. फिर दूसरे ने भी उसकी जगह लेकर उसका मुँह चोदा और फिर टीना को सबने उठाया और उसे पूरी नंगी कर दिया और उसकी चूत पर क्रीम लगाई और सब बारी-बारी उसकी चूत से केक खाने लगे. उसके बाद सब लोग वॉश रूम गये, वहाँ टीना को सबने नीचे बैठाया और सब उसके आजू बाजू खड़े हो गये और सबने उसके ऊपर पेशाब की धांर लगा दी, में ये सब देखता ही रह गया.
अब सब उस पर जी जान से पेशाब कर रहे थे. जो मेरा फ्रेंड का दोस्त था, उसने मुँह खोलने को कहा और मुँह में ही पेशाब करना शुरू कर दिया. फिर उसे देखकर बाकी लोगों ने भी मुँह को टारगेट बना दिया. जब सब के लंड हल्के हो गये, तब उस बूढ़े ने टीना के पैर गले तक लेकर उसे कंधे पर बैठाया और पेशाब करने को कहा. तो टीना ने भी उसके मुँह में पेशाब कर दिया.
में मेरी बीवी का रंडीपन अपनी आँखो से देखकर दंग रह गया. बाकी सब ने फिर एक बार उसके मुँह में लंड डाल दिए. फिर सब लोग वही शॉवर करके फ्रेश हुए और सब टीना को उठाकर बड़े साईज़ के बेड पर ले गये. फिर शुरू हुआ चुदाई का असली मज़ा. फिर करीब 4 घंटे की जबरदस्त चुदाई के बाद सब थक चुके थे और फिर चुदाई करके सब सो गये. दूसरे दिन सुबह हम अपने घर आ गये थे. घर आकर मेरी बीवी ने मुझसे कहा कि जानू बहुत मजा आया. अब तो हम दोनों ग्रुप सेक्स करते है और मजे लेते है.
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देवर और उसके दोस्त के साथ हनीमून

हैल्लो दोस्तों, में आप सभी लोगों की प्यारी रंडी मानसी आपके सामने हाज़िर हूँ अपनी एक नई चुदाई की कहानी लेकर और में आशा करती हूँ कि आप लोगों को जरुर पसंद आएगी और हाँ मुठ मारना ना भूलना. अब में ज्यादा समय ख़राब ना करते हुए अपनी दास्तान बता रही हूँ.
दोस्तों यह हसीन घटना मेरे साथ पिछले 15 दिन पहले घटित हुई और जिसमें मैंने अपने एक मुहं बोले देवर के साथ अपनी दूसरी सुहागरात मनाई. पहले तो में अपने पति सुनील के साथ गई और यह दूसरा टाईम है, लेकिन इस बार मैंने अपनी चुदाई के बहुत मज़े किए जो में अब आप सभी को बताने जा रही हूँ. दोस्तों सुनील और गीता हम तीनों साथ में रहते है और हमारे घर के पास एक परिवार रहता है जो कि गुजरात का रहने वाला है. उनके घर में एक बुजुर्ग कपल और उनके 30 साल का बेटा दीपक रहते है.
दीपक एक इंजिनियर है जो नौकरी करता है और वो दिखने में बहुत अच्छा है और अभी तक कुंवारा है. दोस्तों हम दोनों परिवार अब आपस में पूरी तरह से घुलमिल गये है. दीपक मेरे और गीता के साथ पूरी तरह खुलकर बात करता है और वैसे मेरे साथ वो थोड़ा ज्यादा खुला हुआ है. एक दिन में नहाकर बाथरूम से आई थी तो मुझे दीपक ने देख लिया और बातों ही बातों में उसने मुझे कह दिया कि भाभी आज आप बहुत सुंदर दिख रहे हो? तो में बोली कि अच्छा ऐसा क्या है मुझमे? और क्या में सच में सुंदर हूँ? तो वो बोला कि हाँ भाभी अगर आपने शादी नहीं की होती तो में आपसे ज़रूर शादी कर लेता.
दोस्तों वैसे में भी दीपक को बहुत पसंद करती थी, लेकिन में यह भी देखना चाहती थी कि वो मुझे कितना पसंद करता है और ऐसे ही थोड़ी थोड़ी हंसी मजाक की बातें करते करते अब हम दोनों बहुत नज़दीक आ गए. दोस्तों आप लोग तो जानते हो कि में तो हमेशा लंड की प्यासी हूँ और जब भी मुझे लंड मिलता है तो में उस पर लपक जाती हूँ. फिर एक दिन शाम को में अकेली मार्केट गई हुई थी और मेरे वापस आने के टाईम पर बहुत बारिश शुरू हो गई. फिर मैंने सुनील को फोन किया तो सुनील बोला कि यार अभी में ऑफिस में हूँ और वहां पर आते हुए लेट हो जाऊंगा तो तुम घर पर किसी ऑटो में आ जाओ.
में वहाँ से ऑटो पकड़ने जा रही थी कि तभी वहाँ से दीपक अपनी बाईक से ऑफिस से वापस आ रहा था और जब उसने मुझे देखा तो वो बोला कि भाभी आप यहाँ पर क्या कर रहे हो? तो में बोली कि में मार्केट आई थी और अब घर पर वापस जा रही हूँ. मेरी यह बात सुनकर दीपक मुझसे बोला कि आ जाइये, हम बाईक से घर चलते है. फिर मैंने कहा कि यार लेकिन बारिश हो रही है ना कैसे जाएँगे. फिर दीपक ने बोला कि अरे यार आप आइए ना बारिश में गीले होकर जाने में जो मज़ा है वो ऑटो में कहाँ? तो में उनके साथ बाईक पर बैठ गई और फिर हम चले और जैसे जैसे बारिश की बूंदे मेरे ऊपर गिर रही थी, मेरे शरीर में उतनी ही आग लग रही थी, क्योंकि में एक हेंडसम कुंवारे लड़के की बाईक के पीछे बैठी हुई थी और रास्ते में जब भी वो ब्रेक मारता था तो में उसके ऊपर झुक जाती.
वो बोला कि भाभी आप थोड़ा और पास आकर मुझे पकड़ लो नहीं तो नीचे गिर जाओगे. फिर मैंने पास आकर उसके एक कंधे को पकड़ लिया, लेकिन में ठंड के कारण मेरे बूब्स को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी तो वो एकदम से गरम हो गया और अब हम दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे, लेकिन फिर भी चल रहे थे. तभी अचानक उसने एक ब्रेक मारा और फिर मेरा हाथ फिसलकर उसके लंड पर छू गया. फिर मैंने महसूस किया कि उसका लंड पूरा तनकर खड़ा हुआ है और क्यों ना हो? जिसकी बाईक पर पीछे एक लड़की बैठी हो और जो रिश्ते में उसकी भाभी हो तो यह तो आम बात है. दोस्तों उसका लंड करीब 8 इंच का होगा.
जैसे ही उसके लंड को मैंने महसूस किया तो मेरी भी चूत गीली हो गई और मैंने उसके ऊपर डोरे डालने शुरू कर दिए और फिर में उससे और भी चिपककर बैठ गई और में बीच बीच में उसकी जाँघो को छू रही थी और फिर ऐसे ही हम घर पर पहुंच गये. फिर वो अपने घर पर चला गया और में अपने घर पर आकर अपने गीले कपड़े बदलने लगी और मैंने एक मेक्सी पहन ली, लेकिन मैंने नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी और में आंटी के पास चली गई तो आंटी ने मुझे पीने के लिए चाय दी और वो मुझसे बोली कि तू बैठ में जाकर दीपक को भी चाय देकर आती हूँ.
मैंने कहा कि आंटी आप क्यों जाएगी मुझे दे दीजिए में जाकर उसे देकर अभी आती हूँ और वैसे भी मुझे दीपक से कुछ सी.डी. लेनी है और फिर में एक बहाना बनाकर दीपक के रूम में चली गई. फिर में जब दरवाजा खोलकर अंदर गई तो उस समय दीपक बाथरूम में था और वहाँ से आहहाहहहह भाभी आअसस्स्स ऐसी अजीब अजीब आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने पास में जाकर जैसे ही दीपक को बुलाया तो वो घबराकर बाथरूम से टावल में ही बाहर आ गया और अब भी उसका लंड तना हुआ था जो कि साफ साफ दिखाई दे रहा था.
फिर मैंने पूछा कि तुम मुझे बाथरूम से क्यों आवाज़ दे रहे थे और ज़ोर ज़ोर से भाभी भाभी चिल्ला रहे थे? तो वो बोला कि आपने आज मेरे शरीर में जो आग लगाई है, इसलिए मेरे साथ ऐसा हुआ. फिर में बोली कि क्यों आग ठंडी हुई क्या? वो बोला कि कहाँ हुई बीच में तो आप आ गई हो. फिर में बोली कि तुम जो सोचकर कर रहे थे चाहो तो वो हक़ीकत में कर लो. फिर वो किसी भूखे शेर की तरह मेरे ऊपर कूद पड़ा, क्योंकि में भी तो बहुत गरम थी और सुनील के आने तक इंतजार नहीं कर सकती थी और अपनी चूत में उंगली कर सकती थी, लेकिन जो मज़ा लंड में है, वो उंगली में कहाँ? फिर वो मुझे अपनी बाहों में पकड़कर पागलों की तरह किस करने लगा और में भी भूखी शेरनी की तरह उसका साथ देने लगी.
वो मेरी मेक्सी के अंदर हाथ डालकर मेरे बूब्स को दबाने लगा तो मैंने उसके टावल को खींचकर उसको नंगा कर दिया और उसके लंड को मुठ्ठी में लेकर ज़ोर से हिलाने लगी और फिर उसने मेरी मेक्सी को पूरा उतार दिया और मुझे बाहों में उठाकर बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत में अपनी जीभ को डालकर चाटने लगा, जिसकी वजह से मेरी तो चूत से जैसे नदी बहने लगी और फिर हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गये और में उसके लंड को चूसने लगी और उस समय में पूरी तरह से आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और बोलने लगी कि हाँ दीपक चोदो मुझे और ज़ोर से, मुझसे अब रहा नहीं जा रहा है प्लीज और चोदो ना आह्ह्ह्हहहह.
फिर वो मुझे कुतिया की तरह बैठाकर मेरी गांड को चाटने लगा और मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा, आहहह हाँ और अंदर अब डालो ना अपना लंड. वो पूरे जोश में आकर गालियाँ देने लगा, साली रंडी कुतिया चुदने के लिए इतनी उतावली क्यों हो रही है? तो में भी अब पूरे जोश में आ गई और बोलने लगी कि मादरचोद में मर रही हूँ, तू मुझे रंडी की तरह चोद और फिर वो बोलने लगा कि आज से तू मेरी रखेल बनेगी और मुझे अभी से हर रोज़ तेरी चूत चोदनी होगी.
में बोली कि हाँ मेरे मालिक में तेरी रखेल हूँ, तेरी नौकरानी हूँ, तेरी कुतिया हूँ, तू जो बोलेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद अभी मुझे. फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया और चोदने लगा, लेकिन तीन मिनट भी नहीं हुए थे कि उसका माल निकल गया और मेरा अब तक एक बार भी नहीं निकला था. में गुस्से से बोलने लगी कि साले हिजड़े दो मिनट में तू ठंडा पड़ गया, साले चूतिए मेरा तो एक बार भी नहीं निकला. फिर वो बोला कि मैंने जानबूझकर निकाला है ताकि तुझे और तरसाऊँ? फिर में बोली कि चोद ना मुझे प्लीज में मर रही हूँ, तड़प रही हूँ. फिर वो बोला कि तू अब मेरी रांड बनेगी तब में तुझे चोदूंगा. फिर मैंने कहा कि तू जो कहेगा में वो सब करूँगी, लेकिन प्लीज चोद मुझे.
फिर वो मेरे बालों को पकड़कर बाथरूम में ले गया और मेरे मुहं मे मूतने लगा और बोला कि एक भी बूँद नीचे नहीं गिरनी चाहिए नहीं तो नहीं चोदूंगा. फिर में मज़बूरन उसके मूत को पीने लगी और वो मूतने के बाद उसके लंड को चूस चूसकर खड़ा करने लगी. जैसे ही उसका लंड खड़ा हो गया तो मैंने उसको धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और उसके लंड के ऊपर बैठकर चुदने लगी. 5 मिनट चुदने के बाद मेरा माल निकल गया. फिर उसने मुझे उल्टा किया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट चोदने के बाद उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं में डाल दिया और में भी उसे चाटने लगी, क्योंकि मुझे रस को खाने की बहुत भूख थी और चुदाई होने के बाद मैंने उससे कहा कि जब तक हम यहाँ पर है, में तुम्हारी रखेल बनकर रहूंगी और फिर में वहाँ से रूम में आ गई.
फिर उस दिन के बाद जब भी हम लोगों को टाईम मिलता तो हम लोग चुदाई करने में लग जाते थे और अब में उसकी असल में रखेल बन गई थी, लेकिन हम लोग अब तक कभी भी बेख़बर होकर सेक्स नहीं कर पाए थे और अब हम लोग सही मौका ढूंड रहे थे. फिर एक दिन भगवान ने हम लोगों की बात सुन ली और एक ऐसा मौका हमको मिल गया, जिसमें हम लोगों ने एक सप्ताह तक जिंदगी के मज़े लूटे. फिर एक दिन शाम में गीता को उसकी सहेली का फोन आया, जो कि शादी करने वाली थी और वो भी देहरादून में. उसकी शादी तीन जुलाई को थी तो उसने गीता को शादी में आने के लिए दबाव दिया और फिर गीता बोली कि ठीक है, में आ जाउंगी.
फिर फोन काटने के बाद में गीता से बोली कि क्या में भी तुम्हारे साथ आ जाऊँ? तो गीता बोली कि अरे इसमें पूछने की क्या बात है, आप आओगी तो बहुत मज़ा आएगा. फिर हम लोगों ने एक सप्ताह का प्लान बनाया, लेकिन सुनील को तो टाईम नहीं था, तो उसने हम दोनों को जाने के लिए कह दिया और हमारे लिए उसने ट्रेन की दो टिकट बनवाई. फिर जब अगले दिन सुबह दीपक के साथ मेरी मुलाकात हुई तो मैंने दीपक को सारी बात बताई तो वो बोला कि ठीक है, में भी ऑफिस से एक सप्ताह की छुट्टियाँ ले लेता हूँ और देहरादून चला जाता हूँ और फिर तुम वहाँ पर मुझे मिलना. फिर हम अपना अगला प्लान बनाएँगे.
फिर में बोली कि ठीक है और फिर 30 जून को हम दोनों देहरादून के लिए निकल गये. फिर रास्ते में मैंने गीता को सारी बात बताई तो वो भी बोलने लगी कि में भी आप लोगों के साथ शामिल हो जाउंगी. फिर में बोली कि ठीक है तुम 4 तारीख को शादी ख़त्म होने के बाद हमारे पास आ जाना, लेकिन जब भी सुनील तुझे या मुझे फोन करेगा तो तुम बोलना कि में शादी में ही हूँ और में भी वहीं बोलूँगी और जब तक हम दोनों एक साथ नहीं होते. फिर वो बोली कि ठीक है. हम देहरादून पहुंचे, लेकिन हमसे पहले दीपक वहाँ पर फ्लाईट से पहुंच गया और वहाँ पर पहुंचकर मुझे फोन किया कि में तुम्हारा स्टेशन पर इंतजार कर रहा हूँ.
मैंने कहा कि पहले हम गीता की सहेली के घर पर जाने के बाद हम लोग आ जाएँगे. फिर वो बोला कि ठीक है और में फूड प्लाज़ा में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ और जैसे हम देहरादून पहुंचे तो गीता की सहेली उसको लेने के लिए वहाँ आई और फिर गीता उसकी सहेली के साथ उसके घर पर चली गई और में वहाँ से फूड प्लाज़ा चली गई, जहाँ पर दीपक मेरा इंतजार कर रहा था और वहाँ से हम दोनों होटल में चले गये, जो कि दीपक ने पहले बुक किया हुआ था. वहाँ पर हम दोनों अकेले थे और हमे कोई डर नहीं था और अब जो मन चाहे कर सकते थे.
मैंने जो सोचा था वो सब भी, लेकिन वहाँ पर कुछ और ही निकला. वहाँ पर दीपक का एक दोस्त एक रूम लेकर रुका हुआ था और जो दीपक के साथ आया था, लेकिन मुझे पता नहीं था. रात को दीपक ने मुझे बोला कि यार कुछ ड्रिंक्स वगेरा हो ज़ाये. फिर मैंने कहा कि ठीक है वैसे भी बहुत दिन से मैंने पी नहीं थी तो में बोली कि मंगवा लो.
उसने एक बोतल और स्नेक्स मंगवा लिए. जब मैंने वो बोतल देखी तो में बोली कि क्या यार हम यहाँ पर मज़े करने आए है या दारू पीकर सोने? तो वो बोला कि तुम चिंता मत करो रानी देखती जाओ में आज तुम्हे कैसे मज़ा देता हूँ और फिर वो फोन पर बात करने लगा. करीब 15 मिनट के बाद एक लंबा आदमी आया, वो दिखने में दीपक से भी ज्यादा अच्छा था. जैसे ही मैंने उसको देखा तो मैंने पूछा कि दीपक यह कौन है? तो दीपक ने कहा कि यह मेरा दोस्त निहाल है.
फिर मैंने बोला कि तो यह यहाँ पर क्या कर रहा है? तो दीपक ने बोला कि हम दोनों मिलकर यहाँ पर आए थे, लेकिन तुम चिंता मत करो तुम सिर्फ़ और सिर्फ़ मज़े करोगी, में कुछ देर चुप रही. फिर दीपक ने हम दोनों का परिचय करवाया और निहाल ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोला कि यार मानसी तुम क्या मस्त माल हो? और दीपक ने मुझे तुम्हारे बारे में जितना बताया था तुम उससे कई गुना ज्यादा सेक्सी हो. फिर में बोली कि धन्यवाद और फिर हम लोग दारू पीने लगे. पीने के साथ साथ दीपक मेरे बूब्स को दबाने लगा और फिर निहाल से बोला कि यार निहाल दारू के साथ और कुछ ना हो तो दारू का मज़ा नहीं आता.
फिर निहाल बोला कि यार मानसी एक काम करो ना तुम डांस करो हम देखते है. में भी पूरी तरह से नशे में थी और मैंने कहा कि अरे यार मुझे डांस नहीं आता तो निहाल बोला कि नहीं आता तो थोड़ा मुज़रा कर दो. में भी एकदम मदमस्त थी तो मैंने मुज़रा करना शुरू कर दिया. फिर निहाल बोला कि यार मुज़रे के कपड़े पहन लो ना, तो मैंने बोला कि वो में अभी कहाँ से लाऊँ? तो दीपक आया और उसने मेरे नाईट गाऊन को उतार दिया. तो में अब सिर्फ़ गुलाबी ब्रा और गुलाबी कलर की पेंटी में थी.
फिर जैसे ही निहाल ने मेरा यह रूप देखा तो वो जल्दी से अपनी ड्रेस उतारने लगा और अब सिर्फ़ अंडरवियर में बैठा हुआ था. मैंने दीपक से बोला कि जब हम दोनों नंगे हो गए है फिर तुम क्यों दूल्हे की तरह बैठे हुए हो तुम भी नंगे हो जाओ? तो वो बोला कि तुम मुझे नंगा कर दो और मैंने तुरंत जाकर दीपक को भी अंडरवियर में कर दिया. अब वो दोनों सिर्फ़ अपनी अपनी अंडरवियर में बैठे हुए थे और फिर मैंने मुजरा करना शुरू कर दिया और दोनों को दारू पिलाती रही और वो मुझे एक एक घूँट अपनी दारू से पिलाने लगे और फिर जैसे ही दारू खत्म हुई तो निहाल ने अपना आख़िरी ग्लास मेरे शरीर पर डाल दिया और फिर मेरा जिस्म चाटने लगा.
दीपक ने मेरे पास आकर मेरे पैरों को फैलाकर मेरी चूत को चाटने लगा और चूत में जीभ डालकर चुदाई करने लगा. फिर मैंने निहाल के लंड को अंडरवियर से बाहर निकाला और चूसने लगी. फिर हम तीनो नंगे हो गए और में निहाल और दीपक के लंड को बारी बारी से चूसने लगी और दीपक मेरी चूत चाटने लगा और निहाल मेरे बूब्स को चूसने लगा. मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मानो में तो जैसे जन्नत में थी और में उस समय इतनी गरम हो गई थी कि वो दोनों मदारचोद मुझे सिर्फ़ तरसा रहे थे. फिर में बोली कि यारो अब मुझे चोदो प्लीज, मुझसे और सहन नहीं होता और फिर निहाल ने मुझे कुतिया की तरह बैठा दिया और वो मेरी गांड को चाटने लगा.
अब वो दोनों मेरी चूत और गांड को चाटने लगे. तो में झड़ गई और मेरी चूत का रस दीपक के मुहं में चला गया और वो दोनों उसे चाटने लगे और मेरे शरीर पर दोनों मूतने लगे. फिर हम तीनों बाथटब में नहाए और बेड के ऊपर आ गये और बेड पर आने के बाद दीपक नीचे लेट गया और मेरी चूत को उसके लंड के ऊपर सेट कर दिया और नीचे से चोदने लगा और में निहाल के लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी तो निहाल मेरे मुहं को ही चोदने लगा. फिर निहाल नीचे आ गया और दीपक मेरे मुहं को चोदने लगा. करीब 40 मिनट के बाद दोनों का वीर्य निकलने वाला था तो वो दोनों मेरे मुहं के पास खड़े हो गए और में उन दोनों का लंड चूसने लगी.
फिर दोनों का रस मेरी मुहं पर ही गिरा और गिरकर मेरी गर्दन से होते हुए बूब्स पर आने लगा तो दीपक उस रस को मेरे बूब्स पर मालिश करने लगा और जो मेरे मुहं के अंदर था उसे तो में चाट गई. उस रात हमने बहुत बार चुदाई की और सुबह तक मेरी चूत पूरी तरह से सूजी हुई थी तो दीपक ने मेरे लिए दर्द की गोली लाकर दी जिसे खाकर मुझे थोड़ी राहत मिली. फिर रात में हम तीनों फिर से लग गए और उन दोनों ने बारी बारी से मेरी चूत और गांड का भरता बना दिया और ऐसे ही हमारे दो दिन गुजर गए और उधर गीता की फ्रेंड की भी शादी ख़त्म हो गई थी तो गीता ने मुझे फोन किया.
गीता : हैल्लो, भाभी.
में : हाँ गीता बोलो?
गीता : अभी आप कहाँ पर हो?
में : अरे में तो देहरादून में ही हूँ.
गीता : और क्या हो रहा है, पूरे मज़ा ले रहे है दीपक भैया से.
में : हाँ यार मेरी चूत और गांड तो फट गयी है वैसे तुम्हारी शादी ख़त्म हो गई तो तुम कब आ रही हो?
गीता : में आज शाम को आ रही हूँ.
में : तो ठीक है हम लोग होटल में है रूम नंबर 603 तुम वहीं पर आ जाना, ठीक है?
गीता : हाँ ठीक है बाय.
तो मैंने दीपक को कहा कि गीता आज शाम को होटल में आ रही है तो दीपक ने बोला कि यार फिर तो आज रात मज़ा आ जाएगा. में बोली कि हाँ दो लंड और दो चूत बराबर हो ज़ाएगी और शाम को गीता होटल में पहुंच गई और वो बोली कि भाभी आपने तो दो दिन से भरपूर मज़ा लिया, लेकिन अब मेरी बारी है. तो मैंने कहा कि मेरी रानी तुम चिंता मत करो, हम दोनों की आग बुझाने के लिए यहाँ दो लंड है और कल तक में दो लंड को संभाल रही थी. आज तू एक ले लेना, क्यों ठीक है? तो गीता बोली कि यहाँ पर और कौन है? तो में बोली कि दीपक का दोस्त निहाल भी उसके साथ हमे चोदने के लिए आया है सालो को फ्री की चूत जो मिली है. फिर गीता बोली कि कहाँ है? तो में बोली कि कहीं बाहर घूमने गया होगा और अभी आता ही होगा और करीब 30 मिनट के बाद दीपक और निहाल रूम में आ गये और हमे देखकर बहुत खुश होकर बोले कि आज तो मज़े ही मज़े है साली दो रंडियां मिली है रात गुज़ारने को.
फिर मैंने कहा कि हाँ साले मदारचोद हम दोनों तुम दोनों को आज निचोड़ देंगे. देखेंगे कितनी मर्दानगी है तुम दोनों में? तो दीपक बोला कि थोड़ा इंतजार कर रंडी, हम अभी दिखा देंगे तुमको और फिर में बोली कि हाँ देखते है. फिर रात होते ही दीपक ने वाइन ऑर्डर किया और साथ में खाना भी और वेटर को 500 रूपये दिए और बोला कि बाहर बोर्ड लगा दो कि कोई हमें परेशान ना करे तो वेटर खुश होकर हाँ सर बोलकर चला गया और फिर हम लोगों की ड्रिंक शुरू हो गई. निहाल बोला चलो एक गेम खेलते है, लेकिन गेम का नियम है कि जो बाज़ी जीतेगा वो जो बोलेगा बाकी तीनों को करना पड़ेगा. सब लोग राज़ी हो गए और हम चारों बेड के ऊपर बैठ गये और निहाल अपने मोबाइल से छोटे छोटे ऑडियो म्यूज़िक प्ले करने लगा और हम लोग एक छोटे तकिया को लेकर गेम खेलना शुरू किया. गाना ख़त्म होने के टाइम जिसके हाथ में वो तकिया रहेगा वो जीत जाएगा और हम साथ में दारू भी पी रहे थे.
फिर सबसे पहले राउंड में गीता जीत गई तो वो बोली कि भाभी आप एक हाथ से दीपक भैया को नंगा करो तो रूल के हिसाब से मैंने दीपक को नंगा कर दिया और दूसरे राउंड में निहाल जीत गया. फिर वो गीता से बोला कि तुम मानसी को नंगा करो और फिर गीता ने मेरी मेक्सी और ब्रा और पेंटी को उतारकर मुझे नंगा कर दिया और अब गीता जीत गई तो गीता बोली कि निहाल भैया आप दीपक भैया के लंड को पकड़कर चूमो तो पहले निहाल ने मना किया और जब हम लोगों ने दबाव दिया कि नियम से पूरा काम करो. तो निहाल ने दीपक के लंड को पकड़कर चूम दिया. अब में अगले राउंड में जीत गई तो मैंने निहाल से कहा कि निहाल तुम गीता को नंगा करके उसकी गांड चाटो.
फिर निहाल ने वैसा ही किया और ऐसे खेलते खेलते हमारी दारू भी खत्म हो गई और फिर बेड पर हम दोनों नंगे लेट गए और वो दोनों हमको उल्टा करके चोदने लगे. कभी मुझे दीपक तो कभी निहाल और कभी गीता को दीपक तो कभी निहाल और फिर उन्होंने चूत चुदाई के बाद हम दोनों की गांड भी मारी. उन दोनों ने रात भर हमारी चुदाई की और उसके बाद हम चारो नंगे ही एक दूसरे के ऊपर सो गये. फिर दूसरे दिन हम लोगों ने सुबह चाय पी और घर आने का प्लान बनाया.
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