बुआ के पति के साथ आंगन में चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संजना है और में सबसे पहले आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ क्योंकि आप लोगों की वजह से ही हम जैसे लोगों को अपनी बात कहने का मौका मिलता है और अब में अपनी घटना को विस्तार से सुनाने जा रही हूँ जिसमें मैंने मेरी बुआ के पति के साथ अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए.
दोस्तों उस समय मेरी दीवाली की छुट्टियाँ चल रही थी और मुझे कुछ दिन घूमने, आराम करने के लिए गाँव जाना था, लेकिन मेरे साथ घर वाले नहीं जा सकते थे क्योंकि माँ और पापा को अपने ऑफिस जाना था और भाई की कोचिंग क्लास अभी तक शुरू थी, लेकिन मेरी बुआ का परिवार भी गाँव जाने वाला था. हर साल एक परिवार को वहां पर जाकर दीवाली से पहले का सब काम करना रहता है, लेकिन इस साल मेरे सभी चाचा भी बहुत व्यस्त थे. मेरी बुआ ने कहा कि वो लोग वहां का सब काम कर लेंगे और मेरी बुआ को हमारा गाँव उनके ससुराल के गाँव से कुछ ज़्यादा पसंद था क्योंकि हमारा गाँव एक टापू के पास में है.
तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे पापा ने मुझसे कहा कि में भी उन लोगो के साथ गाँव जा सकती हूँ. मेरी बुआ का बेटा निखिल मेरे बराबर ही है और मेरी उसके साथ अच्छी जमती है तो में भी अब उनकी यह बात सुनकर राज़ी हो गई और फिर हमने दस दिन का प्लान बनाया.
उसमे से कुछ दिनों के लिए बुआ के ससुराल जाने का प्लान भी था क्योंकि वहां पर उनकी देवरानी गर्भवती थी तो उन्हे गोद भराई की मदद करने के लिए जाना था. दोस्तों मेरी बुआ की उम्र करीब 40-42 साल होगी और उनके पति की उम्र भी करीब 43-44 साल होगी, उनके पति जहाज पर काम करते थे और वो दिखने में बहुत स्मार्ट भी थे. वो साल के आठ महीने जहाज पर बिताते थे और बाकी चार महीने अपने घर पर. फ्रेंच कट वाली दाड़ी, पूरी तरह से साफ चेहरा, 6 फुट हाईट, उनका अच्छा दिखने वाला शरीर था.
दोस्तों मेरी उनके पति के साथ भी बहुत अच्छी जमती थी और वो हमेशा मेरे साथ एक दोस्त की तरह बात करते थे और बहुत मस्ती मजाक़ भी करते थे, लेकिन मेरी बुआ थोड़ी खराब है, लेकिन वो मुझसे बहुत प्यार करती है और बुआ बहुत झगड़ालू भी है. पता नहीं उनका परिवार उनको रोज़ कैसे सहता है?
अब हम गाँव में पहुंच गये और हमारे गाँव के घर में हमारा जो नौकर है सोनू, उसकी कुछ ही महीनो पहले शादी हुई थी और अब हम पहली बार उसकी नयी नवेली दुल्हन से मिल रहे थे. वो बहुत सुंदर थी और वो करीब 22-23 साल की थी. वो दोनों अपने क्वॉर्टर में रहते थे और उनका क्वॉर्टर हमारे घर के पीछे की तरफ था. उसके लिए एक दरवाजा घर के अंदर से यानी हमारी किचन से था और दूसरा दरवाजा बाहर से था.
दोस्तों हमारा घर भले ही बहुत बड़ा था, लेकिन उसकी बनावट पुरानी स्टाइल में थी यानी कि दरवाज़े पर नये तरह के ताले नहीं थे पुरानी टाईप की कुण्डी थी और दरवाज़े भी पुराने टाईप के लकड़ी वाले थे. पहले दिन हम बहुत अच्छी तरह से सेट हुए और सोनू की बीवी सुप्रिया बहुत सुंदर थी, भले ही वो ज़्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी और वो हमारी भाषा इतनी अच्छी तरह से नहीं समझ पाती थी, लेकिन वो बहुत ही कम समय में हमारे घर का सब काम अच्छी तरह से सीख गयी थी और वो खाना भी अच्छा ख़ासा बना लेती थी और बुआ के पति उसके साथ भी बहुत मस्ती मजाक़ किया करते थे.
एक दिन हुआ यह कि हम घर में सेट हो ही गये थे कि दो दिन में ही सोनू को अपने गाँव से कॉल आ गया और उसके पिताजी ने उसे बुलाया था क्योंकि उसके पिताजी की एक छोटी सी दुकान थी जिसमे चोरी हुई थी और अब सोनू को उन्होंने जल्दी से बुलाया था और सुप्रिया भी उसके साथ जाना चाहती थी, लेकिन सोनू ने उससे यहीं पर रहने को कहा क्योंकि घर का और हमारा ख्याल कौन रखता. वो उससे बोला कि वो जल्द से जल्द लौटने की कोशिश करेगा.
फिर अंकल ने सोनू को कुछ पैसे दिए और सोनू शाम को ही अपने घर पर चला गया और अब समस्या यह हुई थी कि दो दिन बाद बुआ, अंकल और निखिल को बुआ के गाँव जाना था. उनकी देवरानी की गोद भराई के लिए उनका प्लान यह था कि में सोनू और सुप्रिया के साथ घर पर ही रुकने वाली थी, लेकिन अब सोनू वहां पर नहीं था इसलिए सिर्फ़ वो हम दोनों पर पूरा घर छोड़कर नहीं जा सकते थे. तो फैसला यह हुआ कि बुआ और निखिल जाएँगे.
में और अंकल घर पर ही रुकेंगे क्योंकि गोद भराई में अंकल क्या करेंगे? और वो बुआ को अकेले भी नहीं भेज सकते और में तो उन लोगो को पहचानती भी नहीं थी इसलिए में उनके साथ नहीं जा सकती थी और सब सुप्रिया के साथ भी नहीं जा सकते थे क्योंकि घर का काम, पेड़, पौधो को पानी वग़ैरह देना होता है इसलिए हमारे साथ एक मर्द रुके इसलिए अंकल वहीं पर रुक गये. वो लोग वैसे भी सिर्फ़ दो रातो के लिए गये थे.
तो हमारा पहला दिन बहुत अच्छा गया, लेकिन में गौर कर रही थी कि अंकल सुप्रिया के साथ कुछ ज़्यादा ही मस्ती मजाक़ कर रहे थे और सुप्रिया भी उनसे बात करते वक़्त बहुत शरमाती. अब रात हुई और हमने खाना खा लिया और दस बजे सुप्रिया अपना सारा काम खत्म करके सोने चली गई. हमेशा अंकल और निखिल हॉल में सोते थे और बुआ और में अंदर.
आज भी हम वैसे ही सोए थे और में अकेली अंदर और अंकल अकेले हॉल में और सुप्रिया अपने क्वॉर्टर में सो गई. मुझे उस रात जल्दी नींद नहीं आ रही थी और में बस बिस्तर पर करवटे बदल रही थी. रात को करीब 11:30 बजे मुझे प्यास लगी तो में अपने कमरे से बाहर गई.
मैंने देखा कि अंकल अपने बिस्तर पर नहीं है. में जब किचन में गई तो मुझे किचन के अंधेरे में पास के क्वॉर्टर्स के बंद दरवाज़े के अंदर की लाईट चालू दिखी और अंदर से हल्की सी बातों की आवाज़ भी आ रही थी. मैंने किचन की लाईट को चालू किया और पानी पीने लगी और अब अचानक अंदर से आने वाली आवाज़ें बंद हो गई. मैंने लाईट को बंद किया और बाथरूम में चली गई और मैंने बाथरूम से बाहर आने के बाद देखा तो अंकल हॉल में अपने बिस्तर पर लेटे हुए थे.
अब उन्होंने भी मुझे देख लिया तो मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ गये थे? उन्होंने कहा कि में सिगरेट पीने बाहर गया था, क्यों तुम अभी तक सोई नहीं? तो मैंने कहा कि मुझे अंदर नींद नहीं आ रही है तो उन्होंने कहा कि अरे तुम भी बाहर आकर सो जाओ. फिर मैंने अपनी चादर उठाई और बाहर आकर अंकल के पास में सो गई और अंकल के साथ कुछ देर बातें करने के बाद मुझे नींद आ गई.
उस रात में फिर से नहीं जागी. दूसरे दिन सब कुछ ठीक ठाक था और पूरा दिन कुछ ख़ास नहीं था, लेकिन अंकल और सुप्रिया की मस्ती आज बहुत ज़ोरो में चल रही थी. फिर रात को हमेशा की तरह सुप्रिया ने दस बजे अपना पूरा काम खत्म किया और सोने चली गई और में आज भी अंकल के पास लेट गई, लेकिन में अंकल के साथ कुछ देर बातें करने के बाद सो गई. फिर रात को अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि अंकल मेरे पास नहीं थे और वो आस पास भी कहीं नहीं थे. मैंने जब घड़ी में देखा तो एक बज रहे थे और दरवाज़े की कुण्डी भी अंदर से लगी हुई थी और अब मेरी नींद पूरी तरह से भाग गई थी. में किचन की तरफ गई तो मैंने देखा कि आज भी उस क्वॉर्टर की लाईट अंदर से चालू थी और अंदर ज़ीरो बल्ब भी था. में दरवाज़े के पास गई और अब मैंने उसे धक्का देना चाहा तो दरवाज़े की अंदर से कुण्डी लगी हुई थी.
फिर मैंने दरवाज़े पर अपना एक कान लगाया तो अंदर से कुछ आवाज़ भी नहीं आ रही थी बस पंखे की आवाज़ आ रही थी. फिर में खिड़की की तरफ गई और खिड़की को धक्का दिया तो वो थोड़ी सी खुल गई और मैंने अंदर देखा कि सुप्रिया चटाई पर पीठ के बल लेटी हुई थी उसके बाल खुले हुए थे और उसने उसका गाऊन नीचे से ऊपर किया हुआ था और उसकी दोनों आखें बंद थी और दोनों पैर फैले हुए थे. पैरों के बीच में अंकल पूरे नंगे होकर उस पर चढ़कर उसे धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहे थे. अब में वैसे ही खड़ी रही और देखने लगी. अंकल जैसे ही ज़ोर का धक्का देते तो सुप्रिया ऊपर हो जाती. वो लोग पूरे रूम में अपनी चुदाई की ठप ठप आवाज को फैला रहे थे.
फिर कुछ देर बाद सुप्रिया उनको बस और नहीं बस करो कहने लगी तो अंकल ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे और उसे लंड के जल्दी जल्दी आने जाने के दर्द से तकलीफ़ होने लगी और अब वो ज़ोर से हिलने लगी और अब वो लोग खड़े हो गये, लेकिन अंकल ने चोदना नहीं रोका और अंकल बीच बीच में स्पीड एकदम कम करके ज़ोर से लंड को अंदर घुसाकर उस पर चढ़ते और वो अपनी पूरी कमर उठाती. दोस्तों उसे देखकर लग रहा था कि उसे ऐसे अलग अलग स्टाइल में सेक्स की आदत नहीं थी और वो बहुत दर्द महसूस कर रही थी. उसका सर अब दीवार पर लग रहा था और अंकल उसे ज़ोर से चोद रहे रहे थे.
तभी अंकल ने एकदम से अपने धक्के रोक दिए और मैंने उनके चेहरे की तरफ देखा तो वो मुझे देख रहे थे. में जल्दी से नीचे झुक गयी और छुप गई. अब मैंने जल्दी से पीछे का दरवाज़ा धीरे से बंद किया और अपने बिस्तर पर दौड़कर लेट गई और सोने का नाटक करने लगी.
फिर अंकल मेरे अंदर आने के बहुत देर बाद आए, लेकिन अभी भी मुझे नींद नहीं आई थी. मेरी छाती अभी भी ज़ोर ज़ोर से धड़क रही थी. फिर अंकल ने मुझे आवाज़ दी, लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि में सोने का नाटक करने लगी थी. फिर वो लेट गये और मेरे पास में आकर मेरी तरफ बहुत ध्यान से देखने लगे क्योंकि उन्हे पता चल गया था कि में सोने का नाटक कर रही हूँ.
उन्होंने वापस मुझे आवाज़ दी, लेकिन अब भी मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो उन्होंने सोते हुए मुझ पर अपना एक हाथ रख दिया. फिर मैंने उनका हाथ अपने ऊपर से हटाया और वहां से हटकर दूर सो गई. उन्होंने मुझे ऐसे ही रहने दिया और वापस हाथ नहीं लगाया और अब मुझे कुछ देर बाद नींद आ गई. सुबह अंकल बिल्कुल अजीब सा व्यहवार कर रहे थे. वो मुझे हर बात पर घूरते यह देखने के लिए कि क्या मेरा उनकी तरफ अपना व्यहवार बदला है? में उनको अनदेखा करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जब भी वो मिलते तो में उनसे अच्छी तरह बात करती थी, जैसे कि मैंने कुछ नहीं देखा हो, लेकिन सुप्रिया मेरे साथ बिल्कुल पहले जैसी थी, शायद वो यह सब नहीं जानती थी कि मैंने उन दोनों को देखा है. वो बस अंकल के आस पास थोड़ी शांत रहती.
उस दिन शाम को बुआ और निखिल लौट आए, सब कुछ ठीक ठाक था क्योंकि मैंने अब तक बुआ को कुछ नहीं बताया था. अंकल मुझे बार बार देख रहे थे और जैसे ही में बुआ के साथ अकेली रहती तो वो बीच में आ जाते ताकि में उनको कुछ बता ना सकूं और उस रात अंकल ने एक चाल चली ताकि में बुआ के साथ ना सो सकूं. उन्होंने कहा कि आज हम बरामडे में सोते है ताज़ा खुली हवा में, लेकिन बुआ ने साफ माना किया, लेकिन में और निखिल राज़ी हो गये और हम तीनों रात को बाहर सो गये. निखिल मेरे और अंकल के बीच में सोया हुआ था. अंकल बार बार उठकर मुझे देखते और में सोए होने का नाटक करती और फिर आख़िर में मुझे नींद आ ही गयी, उसके बाद अंकल सोए या सुप्रिया के पास गये यह में नहीं जानती. दूसरे दिन अंकल मेरे साथ जब भी अकेले बैठने आते तो में कोई ना कोई बहाना बनाकर वहां से चली जाती. उन्होंने शायद इस बात पर गौर किया और उस रात भी हम बाहर ही सोने वाले थे.
निखिल जल्दी सो गया और में कुछ देर बुआ के साथ बात कर रही थी. अंकल बार बार रूम के आस पास घूमते रहते निखिल कल की तरह बीच में सोया हुआ था तो में एक किनारे में सोई थी और अब अंकल बैठकर सिगरेट पी रहे थे. कुछ देर बाद वो उठकर कही पर चले गये और वो जब कुछ देर तक नहीं आए तब में समझ गई कि वो सुप्रिया के रूम के अंदर होंगे. में उठी और चुपचाप पीछे की साईड के दरवाज़े से अंदर चली गई, लेकिन उस क्वॉर्टर का दरवाज़ा बंद था और अंदर की लाईट भी बंद थी. में जल्दी से खिड़की की तरफ गई और मैंने जब खिड़की खोलनी चाही तो वो एकदम टाईट बंद थी और में उसे ज़ोर से धक्का देने लगी.
तभी पीछे अंकल की आवज़ आई तुम यह क्या कर रही हो? मेरी जान निकल गई और में एकदम से डर गई क्योंकि अब अंकल ठीक मेरे पीछे खड़े हुए थे, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और वहां से झट से चली गई. में समझ गई कि वो अब यह बात समझ गये है कि में वहां पर क्यों आई हूँ.
फिर में जाकर चुपचाप सो गई और में अभी कुछ देर पहले रंगे हाथ पकड़ी गई थी तो अंकल भी कुछ देर बाद अंदर आ गए और उन्होंने निखिल को किनारे पर धकेल दिया और खुद बीच में सो गये बिल्कुल मेरे पास में. फिर मैंने देखा कि निखिल गहरी नींद में था इसलिए ना उसे कुछ समझ आया और ना ही वो हिला था, लेकिन में अब बिल्कुल सतर्क हो गई थी. उन्होंने मुझसे धीरे से पूछा कि तुम वहां पर क्या कर रही थी? में अब नींद में होने का नाटक करने लगी, लेकिन उन्होंने फिर से मुझे हिलाकर पूछा और मैंने नींद में धीरे से कहा कि हाँ. उन्होंने कहा कि मुझे पता है तुम जाग रही हो और सोने का नाटक मत करो और मुझे सच सच बताओ कि तुम वहां पर क्या कर रही थी? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, उन्होंने कहा कि अब झूठ मत बोलो, लेकिन में अब भी एकदम चुप रही.
फिर से बोले क्यों तुम वहां पर क्या देख रही थी? में फिर चुप रही. अब वो मेरे एकदम करीब आए और बोले कि क्या देखना था तुम्हे? तो मैंने बहुत डरते हुए कहा कि कुछ नहीं, वो बोले कि अच्छा तो फिर तुम उस दिन क्या देख रही थी? में बिल्कुल चुप रही, लेकिन तभी उन्होंने मुझसे गुस्से से कहा कि बोलो.
मैंने नींद में कहा कि आपको वो सब पता है ना और में अपनी बाई तरफ मुड़कर सो गयी. उन्होंने मुझे पकड़कर घुमाया और बिल्कुल सीधा कर दिया और कहा कि जवाब दो. मुझे वो उस समय बहुत गुस्से में थे और में बहुत डर रही थी. मैंने भी घबराहट में कहा कि प्लीज अब आप मुझे सोने दीजिए वरना में बुआ को बताउंगी, तो वो बोले कि बोल क्या बताएगी? लेकिन में चुप रही और वो बार बार पूछते गए, बता तू क्या बताएगी? उनके बहुत बार पूछने के बाद में बोली कि वही, तो वो बोले कि वही क्या? में बोली कि कुछ नहीं.
वो अब बहुत प्यार से पूछने लगे बताओ ना बताओ में बिल्कुल भी गुस्सा नहीं करूँगा, संजना मुझसे बात करो, में तुम पर गुस्सा नहीं करूँगा. तो मैंने कहा कि मुझे नींद आ रही है प्लीज अब आप मुझे सोने दीजिए. उस समय मैंने अपनी दोनों आखें बंद कर रखी थी. फिर वो बोले कि क्यों तुम मुझ पर गुस्सा हो? में चुप रही. वो बोले कि क्या तुम अपने अंकल से ऐसे बात करोगी?
यह बात कहकर वो मेरे एकदम करीब आए और मेरे मुहं को हिलाने लगे ताकि में आँख खोल दूँ और बोले कि आखें खोलो संजू, लेकिन मैंने आंख बंद रखी और अब वो अपना चेहरा मेरे चेहरे के एकदम करीब लाए और वो अपनी नाक को मेरी नाक से रगड़ने लगे. हमारी बातें एकदम धीमी आवाज़ में हो रही थी. निखिल नींद में बहुत मस्त में था और उसे हमारी बातों का कुछ भी पता नहीं था. फिर वो बोले कि तुम क्या मुझ पर गुस्सा हो संजू? प्लीज आखें खोलो और मुझसे बात करो, तुम्हारे प्यारे अंकल से बात करो.
अब वो कुछ देर तक मेरे जवाब के लिए रुके रहे, लेकिन में जब कुछ नहीं बोली तो वो मुझे होंठो पर हल्के से किस करने लगे. में चुप रही और उन्होंने फिर से किस करना शुरू किया, क्यों तुम्हे अच्छा लग रहा है? में अपने बाई तरफ मुड़ने लगी तो वो मुझ पर पूरी तरह से चढ़ गये. मैंने नींद में कहा कि प्लीज अंकल ऐसा मत करो. वो बोले कि क्या हुआ? क्या तुम्हे पसंद नहीं क्यों बेटा? में तो बस तुमसे प्यार कर रहा हूँ. फिर अचानक से मेरे मुहं से निकल गया कि बुआ को पता चल जाएगा.
फिर वो मुझसे पूछने लगे कि क्या पता चल जाएगा संजू? लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और बिल्कुल चुप रही और वो फिर से पूछने लगे कि बोलो क्या पता चल जाएगा? तो मैंने कहा कि आप क्या करते हो, झट से वो बोले हाँ बोला ना में क्या करता हूँ? में तो बस तुमसे बहुत प्यार कर रहा हूँ.
दोस्तों में अब कसमसाने लगी और वो अरे बेटा कहकर मुझे फिर से किस करने लगे और मुझ पर अपने आपको रगड़ने लगे. उतने में निखिल ज़ोर से चीखने लगा. अंकल जल्दी से मुझ पर से उतर गये और अंकल ने उससे कहा कि अंदर जाकर सोना वो बाहर ठंड में ना सोए. तो उन्होंने उसको उसका बिस्तर उठाने में मदद की और अंदर कमरे में रखकर आए और उन्होंने बाहर से दरवाज़ा बंद कर दिया और अब उनके लिए पूरी जगह खुली थी.
मैंने जल्दी से अपने आपको सर से नीचे तक एक चादर से ढक लिया और अपने बाई और मुड़कर सोने का नाटक करने लगी. अंकल कुछ देर तक वहीं पर खड़े रहे और फिर मेरे पास में आकर लेट गये. फिर कुछ देर बाद वो मेरी चादर को खींचने लगे. मैंने चादर को कसकर पकड़ा हुआ था. उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा कि अरे मेरी जानू बेटा क्या हुआ? अब कितना गुस्सा करोगी? चलो में कुछ नहीं करूँगा.
अब भी में वैसे ही रही और फिर वो मुझे गुदगुदी करने लगे, तो मैंने कहा कि सोने दीजिए ना अंकल वरना बुआ को बताउंगी. वो बोले अरे तुम कब से धमकी दिए जा रही हो चलो बताओ क्या बताओगी बुआ को? फिर उन्होंने ज़ोर से मेरी चादर खींची और अपने पास रख ली. में एक हाथ से चादर ढूंड रही थी तभी उन्होंने मुझे फिर से झपट लिया और मेरा मुहं ज़बरदस्ती उनकी तरफ करके किस किया.
मेरा हाथ उनके लंड की तरफ लगा तो मैंने महसूस किया कि वो सिर्फ़ अंडरवियर में थे. में जल्दी से धक्का देकर अपनी बाई तरफ सरकी और ज़मीन पर आ गयी. तो वो ज़ोर से हंसने लगे और मुझे ज़िद्दी कहने लगे. में अभी भी अपने पेट के बल ज़मीन पर लेटी हुई थी और अब उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचना चाहा, लेकिन में नहीं हिली. फिर वो पीछे से मेरे ऊपर चढ़ गये और अब उन्होंने मेरी गर्दन पर एक किस कर दिया और बोले अब क्या करोगी?
मैंने नींद में होने का नाटक करके कहा कि मुझे सोना है तो वो कहने लगे कि ठीक है तुम सो जाओ में भी अब तुम्हे तंग नहीं करूँगा और वो मुझ पर वैसे ही लेटे रहे. फिर जब हम ऐसे ही लेटे रहे तो मेरी आँख लगने ही वाली थी कि वो मुझ पर धीरे से अपना लंड रगड़ने लगे. में नींद में होने जैसे पड़ी रही और अब कुछ देर बाद वो थोड़ी ज़ोर ज़ोर से लंड को रगड़ने लगे. अब वो मेरी गर्दन पर धीरे से किस करने लगे और उन्होंने अपनी अंडरवियर को भी नीचे कर दिया था और अपना कड़क और खुला लंड मेरी साईड से मेरी गांड पर रगड़ने लगे और वो मेरा पजामा नीचे करने लगे. मैंने उन्हे बहुत रोकना चाहा.
फिर वो मेरे कान के पास आए और बोले कि शीईईईइ तुम सो जाओ, में कुछ नहीं करूँगा. फिर उन्होंने मुझे गाल पर किस किया और वापस मुझ पर लेट गये और धीरे धीरे लंड रगड़ते रहे. मेरे थोड़ा शांत हो जाने के बाद वो धीरे धीरे मेरा पजामा नीचे सरकाने लगे, लेकिन अब मैंने कुछ नहीं कहा और उन्होंने पूरा उसे पूरा नीचे सरकाया और हल्के से मेरी गांड को चूमा. उन्होंने लगातार मेरी गांड पर बहुत सारे किस दिए और ऐसे करते करते मेरी पेंटी को भी उतार दिया.
में उनसे एक बार फिर से मना करने लगी तो वो बोले कि अरे कुछ नहीं बस थोड़ा खुलकर सो जाओ. फिर उन्होंने मेरी पेंटी, पजामा मेरे पैरों से पूरी बाहर निकाल दी और अपनी भी अंडरवियर को उतार दिया. वापस मुझ पर सोते वक़्त उन्होंने मेरी चूत पर एक किस कर दिया और वो मुझ पर सो गये और बोले कि देखा कुछ नहीं हुआ ना? तुम सो जाओ. वो मुझ पर लेटे रहे और उन्होंने अपना कड़क और लंबा लंड मेरी गांड की गली में दबा दिया था.
वो कुछ देर शांत रहने के बाद फिर से धीरे धीरे अपना लंड रगड़ने लगे और फिर धीरे से लंड मेरी चूत पर लगाकर उस पर धीरे से रगड़ने लगे और मेरी गर्दन पर किस करने लगे. उनकी अब स्पीड भी बढ़ गई थी और उनकी सासें भी तेज हो गई थी. उन्होंने कुछ देर बाद धीरे से अपना लंड रगड़ते रगड़ते चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया. में नहीं नहीं करने लगी तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ा और अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया.
उन्होंने मुझे कंधे से पकड़ रखा और अब धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे. वो अब मेरी गर्दन को काटने लगे और ज़ोर से धक्के देने लगे. वो अपना बदन मेरे बदन पर ज़ोर ज़ोर से पटकने लगे क्योंकि उन्हे डर नहीं था कि कोई आएगा. हम बाहर थे और दरवाज़ा बाहर से बंद था और हमें आस पास देखने वाला कोई नहीं था. वो अब एकदम जोश में आ गये. फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर फैलाए और चोदने लगे.
फिर वो उठे और मुझे ज़ोर से उठाया और बिस्तर पर पीठ के बल डाल दिया और मुझ पर चढ़ गये. मेरी आखें अभी भी बंद थी. अब उन्होंने मेरे पैरों को फैला दिया और दोनों हाथों से उन्हे नीचे दबाए रखा और चोदने लगे. उन्होंने थोड़ा झुककर मेरे होंठो को काटा और ज़ोर के धक्के देने लगे, लेकिन एकदम ज़ोर से धक्का देते जिससे उनका लंड पूरा अंदर जाता और लंड वाला पूरा एरिया ज़ोर से मेरी चूत को लगता जिसकी वजह से मेरा लंड गहराईयों तक जाता जिससे मुझे दर्द होने लगा और में ऊपर नीचे होने लगी.
मैंने अपने पैर उठाए और उनके कंधे पर रख दिए. अब वो मुझे उसी स्टाइल में कुछ देर और चोदते रहे और कुछ देर बाद मेरे पेट पर अपना वीर्य गिरा दिया. वो मुझ पर लेट गये और मुझे किस करते हुए मेरे नीचे वाले होंठ को चबाने लगे. वो बहुत थके हुए धीरे से हंसने लगे. मेरी आखें अभी भी बंद थी और अब बोले कि बुआ को क्या बताएगी संजू? अंकल ने क्या किया? उन्होंने मुझे फिर से एक लंबा किस किया और वो मेरी शर्ट के बटन खोलने लगे तो में उनको रोकने लगी. फिर उन्होंने कहा कि में बस देख रहा हूँ संजू और उन्होंने बटन खोल दिए. मैंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि रात को में बिना ब्रा के सोती हूँ और अब वाह संजू कहकर उन्होंने मेरे बूब्स को ज़ोर से मसला और उनको चूसा.
फिर मेरी चादर को ज़ोर से दूर फेंक दिया और मेरे बदन पर से वीर्य को साफ किया और अपने लंड पर से भी और फिर मुझे मेरी पेंटी और पजामा पहनाया. में अब अपनी बाई और मुड़ गई और उन्होंने अपने कपड़े पहन लिए. हम दोनों ने अपने ऊपर एक ही चादर डाल ली और कहने लगे कि क्यों तुम्हे तो में बच्ची समझता था. तुम तो बहुत बड़ी हो गई हो, क्यों में सच कह रहा हूँ ना? में बिल्कुल चुप रही और अरे मेरी बेटी कहकर उन्होंने मेरा मुहं पकड़कर एक फ्रेंच किस किया और कहा कि सो जाओ और वो मुझसे लिपटकर सो गये.
दोस्तों अब में बहुत थक गई थी और अब क्या होना था? में भी सो गई. वो रात भर बीच बीच में मेरे बदन पर हाथ घुमाते रहे और मेरे बूब्स दबाते रहे, मेरी गर्दन को किस करते रहे, गाल को किस करते रहे और मेरी चूत पर उंगली घुमाते रहे. फिर दूसरे दिन से अंकल बिंदास हो गये क्योंकि वो घर में एक कुंवारी लड़की और एक शादीशुदा औरत को चोद चुके थे और कोई किसी को यह बात बताएगा भी नहीं इसलिए वो एकदम बिंदास हो गये, लेकिन अब उन्होंने सुप्रिया पर से अपना पूरा ध्यान हटा दिया था और वैसे भी बुआ वहां पर थी तो वो ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते क्योंकि सुप्रिया भी बुआ से बहुत डरती थी, लेकिन वो लोग बीच बीच में बात करते हुए जरुर दिखते और अब अंकल जब भी मेरे साथ होते तो मुझे बहुत ज़्यादा छूने की कोशिश किया करते थे. कभी मेरा कान चबाते, कभी गर्दन पर काटते, लेकिन किसी को कोई शक़ नहीं होता था क्योंकि सबको में बच्ची लगती थी.
फिर उस रात के बाद वाली रात को बहुत ज़ोर से बारिश हुई इसलिए हम बाहर नहीं सोए और में अंदर कमरे में बुआ के साथ सोई और उस रात भी अंकल चुपचाप सोए या सुप्रिया के पास गये मुझे कुछ भी पता नहीं था. दूसरे दिन घर पर पूजा थी और उस दिन सोनू भी लौट आया था. उसके दुकान में चोरी का मामला अब पुलिस के हाथों में था. अब उसे अंकल और सुप्रिया के बारे में पता चला या नहीं मुझे वो पता नहीं, लेकिन देखने से तो नहीं लगता था.
दोस्तों पूजा वाली रात को हम बाहर सोए और निखिल भी हमारे साथ सोया. उस रात भी निखिल बीच में सोया था जब में गहरी नींद में थी तो मुझे अंकल का हाथ मेरी चूत पर महसूस हुआ और उस दिन की गड़बड़ के बाद में बहुत थक गई थी और अंकल के मेरे जिस्म पर हाथ घुमाने पर भी में जल्दी नहीं जागी. उन्होंने मेरा नाईटसूट और पेंटी को नीचे से सरका दिया और फिर मेरी चूत चाटने लगे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन मेरी आखों में बहुत गहरी नींद थी और उन्होंने अपने सर पर एक चादर ओढ़ ली थी ताकि निखिल अगर जागे तो उसे कुछ ना दिखे.
अंकल सब कुछ चुपचाप कर रहे थे और हम दोनों बिल्कुल भी आवाज़ नहीं कर रहे थे और अब मुझे निखिल का डर था इसलिए मैंने आखें खोल दी. अंकल फिर मेरे ऊपर आए और मेरे मुहं में अपना लंड घुसाया और चुसवाया. वो चादर के अंदर रहते हुए मेरे पैरों के बीच आकर चोद रहे थे. में भी धीरे धीरे उनके साथ सेक्स में खुल रही थी और वो जब मुझे चोद रहे थे तब निखिल हमारी तरफ मुहं करके सोया हुआ था. अंकल उठे और मेरे पास में लेट गये और चादर से ढकते हुए मेरे कंधो को पकड़े हुए मुझे ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे और वीर्य गिरने के बाद हम बहुत देर तक किस कर रहे थे. दोस्तों उस दिन में भी उन्हें किस कर रही थी और वो मेरे बूब्स को भी बहुत देर तक चूस रहे थे.
बचे हुए तीन दिनों में से हमने अगले दो दिन कुछ नहीं किया और उसके बाद हमने एक रात पहले सब कुछ किया. इस बार मैंने घुटनो के बल होकर डॉगी पोज़िशन में भी सेक्स किया. निखिल हमारे पास में ही सोया हुआ था और एक बार सेक्स करके सो जाने के बाद रात को तीन बजे अंकल ने फिर से मुझे जगाया और हमने इस बार खड़े होकर सेक्स किया और आखरी रात होने के कारण हमने चुदाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. घर पर लौटने के बाद हमने फिर कभी सेक्स नहीं किया.
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प्रिया भाभी की मुराद पूरी की

हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम केशव है और में दिल्ली का रहने वाल हूँ. मेरी हाईट 5.9 इंच, रंग गोरा और में दिखने में एकदम अच्छा हूँ, मेरी उम्र 21 साल है और मेरे लंड का साईज 7 इंच और 3 इंच मोटा है दोस्तों यह तो रहा मेरा पूरा परिचय.
दोस्तों अब में सीधा अपनी एक आप बीती घटना पर आता हूँ जिसे में आप सभी को पूरे विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ और यह घटना आज से 6 महीने पहले की है. दोस्तों में दिल्ली के एक कॉलेज का छात्र हूँ और में दिखने में बहुत हेंडसम हूँ और मेरे माता पिता मेरे गाँव में रहते है और में दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई करता हूँ. में अपने कज़िन के यहाँ पर रहता हूँ जो कि मुझसे उम्र में 5 साल बड़े है और वो एक कोचिंग चलाते है वो रोजाना सुबह 6 बजे अपने घर से निकल जाते और रात को 11 बजे तक घर पर आते है. उनके पास हमेशा बिल्कुल भी समय नहीं रहता है.
फिर कुछ दिनों बाद मेरे भैया की बहुत धूमधाम से शादी हुई और घर पर बहुत सारे महमानों का आना हुआ और फिर एक दिन उस घर में एक चूत की मालकिन का प्रवेश हुआ वो ऊपर से नीचे तक बहुत ही सुंदर नई नई दुल्हन थी जिसे पहली बार देखते ही मेरा उस पर दिल आ गया और अब में सोते जागते सिर्फ उसी के सपने देखने लगा था.
मेरी भाभी का नाम प्रिया है और वो दिखने में माशाअल्लाह उन्हे देखकर एक बार चाँद भी शरमा जाए और उनको देखते ही मुझे उनको चोदने का मन करने लगा, लेकिन में इतनी हिम्मत नहीं कर पाता था और फिर सिर्फ में मुठ मारकर ही काम चला लेता था. दोस्तों में बचपन से ही एक हंसमुख इंसान हूँ इसलिए भाभी मुझसे हमेशा ही बहुत ही खुश रहती थी, क्योंकि एक में अकेला ही था जो उनके साथ घर पर दिन भर समय बिताता था, क्योंकि भैया तो हमेशा रात को देरी से आते थे.
फिर इस तरह भाभी से मेरी बहुत गहरी दोस्ती सी हो गई और सबसे पहले में आप सभी से थोड़ा सा परिचय अपनी भाभी का करवा देता हूँ, उनके फिगर का साईज करीब 36-28-36 का होगा और उनकी मोटी गांड, मोटे मोटे बूब्स देखकर मेरा मन यह करता था कि जाकर मसल दूँ उस कुतिया को, लेकिन अफ़सोस वो मेरी भाभी थी. इसलिए मुझे अपनी हद में रहना पड़ता था. कहीं भाभी ने भैया से कभी कुछ कह दिया तो में कहीं का नहीं रहता, इसलिए में मुठ ही मारा करता था और फिर जैसे जैसे दिन गुज़रते गए मैंने गौर किया कि भाभी बड़ी उदास उदास सी रहने लगी और मैंने कई बार उनसे पूछा, लेकिन वो हमेशा मुझे कुछ नहीं कहकर टाल देती, लेकिन में भी बहुत हरामी किस्म का हूँ.
मुझे पता था कि भाभी कहीं ना कहीं अपनी सेक्स लाईफ से खुश नहीं है, क्योंकि भैया देर रात से घर आते और फिर थके होने के कारण सो जाते थे. एक दिन दोपहर के वक़्त भाभी मुझसे बात करते वक़्त मुझसे पूछ बैठी कि देवर जी आपकी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो में शरमाते हुए ना कहने लगा तो भाभी सब कुछ समझ गई और वो मुझसे कहने लगी कि अरे देवर जी भाभी से कैसा शरमाना बताइए ना आपकी गर्लफ्रेंड का क्या नाम है? फिर मैंने बड़ी हिम्मत करके भाभी से कहा कि भाभी वैसे तो मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, लेकिन क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?
लेकिन अब भाभी ने तो मेरी बात को हंसते हुए टाल दिया और फिर उसके कुछ दिन बाद भाभी मुझसे बोली कि बॉयफ्रेंड जी आज हम फिल्म चले क्या? दोस्तों में तो खुशी के मारे अब बिल्कुल पागल सा हो रहा था और मैंने भाभी के पास जाकर उनके गालों को पकड़ा और फिर मैंने भाभी के गालों पर एक किस कर दिया और फिर बोला कि क्यों नहीं गर्लफ्रेंड जी जैसा आप कहो वैसा.
फिर भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा कि आज से में तुम्हारी प्रिया हूँ भाभी नहीं, तो मैंने कहा कि ठीक है प्रिया और अब हम दोनों फिल्म देखने चले गए. में उस दिन बहुत खुश था तभी फिल्म देखते टाईम एक हॉट सीन आ आया और अब भाभी धीरे धीरे गरम होने लगी और हमारी साईड कॉर्नर सीट थी तो भाभी अपने कंधे मेरे कंधे से छूने लगी भाभी उस समय बिना बाह का ब्लाउज और साड़ी पहने हुई थी. तो उनके मलाई जैसे कोमल हाथ छूते होते ही मेरे रोंगटे खड़े हो गये और फिर हम फिल्म खत्म करके घर पर आ गये.
फिर उसके अगले दिन भाभी ने मुझे कॉलेज बंक करने को कहा तो में झट से समझ गया कि आज मुझे उनकी चूत के दर्शन होंगे और में भी अब बिल्कुल तैयार हो गया और कॉलेज नहीं गया. फिर भैया के जाने के बाद प्रिया मेरे बेड पर आई और मुझसे कान में धीरे से कहने लगी कि उठिए ना. अब में उन्हे देखकर बहुत हैरान हो गया, क्योंकि भाभी उस समय सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने झट से प्रिया को पकड़कर अपनी बाहों में लेकर उसको किस पे किस करने लगा और अब मैंने किसिंग शुरू कर दी, जिसकी वजह से भाभी भी बिल्कुल मदहोश हो गई और अब वो मेरे ऊपर हावी हो गई जैसे कि कोई व्यक्ति कई दिन से भूखा हो और खाना मिलते ही उस पर टूट पड़ा हो. भाभी की वही हालत थी. फिर मैंने उनसे कहा कि मेरी जान मुझे तुम्हारी चूत के दर्शन का तब से ही इंतज़ार था जब तुम शादी करके इस घर में आई थी और आज में तुम्हे हर वो खुशी दूँगा जो भाई नहीं दे पाया और भाभी हंसते हुए मेरे ऊपर लेटकर मेरे होंठो को चूसने लगी तो में अपने दोनों हाथों से भाभी के चूतड़ो को दबाने लगा और फिर हम उठे और मैंने भाभी के बूब्स दबाते हुए उनके होंठो को चूसना चालू रखा.
दोस्तों में उस समय सिर्फ़ हाफ नेकर में था और ऊपर कुछ नहीं पहने हुए था तो भाभी बेकाबू होकर मेरे लंड को दबाने लगी और अपने दोनों हाथ में लेकर मेरे लंड को मसलने लगी और अब उन्होंने एक ही झटके में मेरी नेकर को खींचकर उतार दिया, जैसे वो सदियो की लंड के लिए भूखी हो और वैसे तो में भी उनकी चूत के लिए भूखा था और मैंने भाभी के सारे कपड़े उतारकर नंगा करके और खुद भी नंगा होकर भाभी के ऊपर लेट गया, अब कभी वो मेरे ऊपर तो कभी में उनके ऊपर. इस तरह हम दोनों बुरी तरह गरम हो गये और फिर में एकदम बेड से खड़ा हो गया और भाभी के मुहं के पास अपना लंड ले गया और भाभी से उसे चूसने को कहा और इतना कहते ही मानो मैंने किसी के मन की मुराद सुन ली हो और आज उसे पूरा भी कर दिया हो.
भाभी ने झट से मेरा लंड अपने दोनों हाथों में लेकर चूसना शुरू कर दिया. वो मेरे 7 इंच के लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे किसी बच्चे को कोई लोलीपॉप मिल गया हो और फिर करीब में दस मिनट बाद उनके मुहं में ही झड़ गया और फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने मेरे लंड को दोबारा चूस चूसकर खड़ा करके लोहे के जैसा सख्त कर दिया और अब मेरी बारी थी. मैंने भाभी को बेड के एक कोने पर लेटाया और अब अपना मुहं उनकी चूत के पास ले गया और अपनी जीभ से उनकी गीली कामुक चूत को चाटने और चूसने लगा. मेरे ऐसा करने से भाभी एकदम पागल सी होकर आह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हहह माँ आईईईईइ की आवाजें निकालने लगी और में उनकी चूत को गहराई तक अपनी जीभ से चोदने में व्यस्त था.
फिर कुछ देर तक उनकी गरम तड़पती हुई चूत को चूसने के बाद मेरे शरीर में मानो अब दोगुनी जान आ गई हो और फिर मैंने एकदम से सीधा खड़ा होकर भाभी के दोनों पैरों को मैंने अपने कंधे पर रख लिया और भाभी को कहने लगा कि आज तुझे असली चुदाई का मतलब समझ में आ जाएगा, आज चोदकर में तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा और मेरे मुहं से यह बात सुनते ही भाभी मानो और भी ज्यादा गरम हो गई, वो पूरे होश में आ गई.
अब वो मुझसे कहने लगी कि हाँ फाड़ दे अपनी जानेमन की चूत को, खा जा बहनचोद. तू आज इसे फाड़ दे और फाड़कर भोसड़ा बना दे. मेरी तड़पती हुई चूत को शांत कर दे, आज तू बुझा दे इसकी प्यास. फिर मैंने भी जोश में आकर सीधे अपने लंड का सुपाड़ा भाभी की चूत के मुहं पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा तो लंड उनकी सकड़ी चूत में अपना रास्ता बनाते हुए आधा अंदर घुस गया और भाभी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुए कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह उईईईईई माँ उह्ह्हह्ह्ह्ह फाड़ डाला बहनचोद निकाल इसे बाहर, नहीं तो में मर जाउंगी और अब मैंने उनकी एक भी ना सुनते हुए सीधे एक और जोरदार धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत की गहराईयों में घुसा दिया और अब भाभी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.
फिर में दो मिनट रुका और भाभी के नॉर्मल होते ही मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया और दोनों हाथों से भाभी के बूब्स को दबाने लगा और अब भाभी भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और अपने चूतड़ को उछाल उछालकर लंड को अंदर तक लेने लगी.
फिर मैंने भाभी को कुतिया की स्टाइल बैठाकर उनकी चूत में लंड को एक जोरदार धक्का दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाल दिया और अपना सारा गरम गरम वीर्य भाभी के मुहं में डाल दिया और भाभी उसे लस्सी समझ कर पी गई. दोस्तों इस तरह मैंने भाभी के दिल की मुराद को पूरा किया और इस तरह अब हम रोज शाम के समय कॉलेज के बाद रोज चुदाई का आनंद उठाते और में भाभी को चोद चोदकर उनका जूस पीता हूँ और अपना उन्हे पिलाता हूँ. वो मेरी चुदाई से बहुत खुश रहती है हमें अगर जब कभी दिन में चुदाई का मौका मिलता है तो हम भरपूर चुदाई करते है. अब हम एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह रखते है, लेकिन अब तक भैया को हमारे रिश्ते के बारे में पता नहीं चला है और ना ही उन्हे हम दोनों पर कोई शक है.
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मम्मी को नौकर और उसके दोस्त ने चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और में पंजाब का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 19 साल है और मेरे घर में मेरी माँ, मेरा छोटा भाई और में रहता हूँ. मेरे पापा ज्यादातर बाहर रहते है इसलिए घर में हम तीनों ही होते है. मेरा छोटा भाई 5वीं क्लास में और में कॉलेज में पढ़ता हूँ. अब में आपको अपनी माँ के बारे बताता हूँ. मेरी माँ का नाम मधु है और उनकी उम्र 38 साल है. उनका रंग गोरा है और उनका फिगर साईज़ 35 है और उनकी हाईट 5 फुट 5 इंच है.
अब में आपको अपनी जो स्टोरी बताने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची है. ये बात 2011 सितम्बर महीने की है. मेरा छोटा भाई स्कूल गया हुआ था और मेरे पापा हमेशा की तरह काम से बाहर दूसरे शहर में थे. उस दिन मेरी तबीयत खराब थी और में कॉलेज नहीं गया था. हमारे घर हमारा नौकर जोगिंदर रोज़ काम करने आता था. उसकी उम्र 25 साल थी और रंग काला था और वो पंजाबी था. मेरा रूम फर्स्ट फ्लोर पर था और मेरी माँ उस दिन नीचे जोगिंदर से काम करवा रही थी. मेरी माँ ने उस दिन सलवार कमीज़ पहनी थी. हमेशा की तरह सुबह 10 बजे जोगिंदर काम करने आया था. जोगिंदर पहले भी रोज़ मेरी माँ को गंदी नज़र से देखता था. उस दिन में ऊपर अपने रूम के बाहर बालकनी में खड़ा था और मैंने देखा कि घर में एक और आदमी अंदर आया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया और लॉक लगा दिया.
फिर मैंने सोचा ये कर क्या रहा है? मैंने सोचा कोई गड़बड़ है. इतनी देर में मैंने देखा कि मेरी माँ को जोगिंदर ने बेहोश कर दिया और नीचे रूम में ले गया. उसे लगा था कि में घर में नहीं हूँ. फिर मैंने सोचा कि में क्या करूँ? इतनी देर में जोगिंदर का दोस्त भी आ गया. उसका नाम अमन था और में यह सब ऊपर से देख रहा था. अब वो दोनों मेरी माँ को उठाकर रूम में ले गये और फिर में धीरे- धीरे सीढ़ियों से नीचे आया और उन्होंने रूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया था, लेकिन मुझे खिड़की से सब कुछ दिख रहा था.
उस खिड़की में से बाहर नहीं दिखता था. लेकिन अंदर सब दिखता था, अब में बाहर खड़ा होकर उनकी बातें भी सुन रहा था. जोगिंदर ने अमन से कहा कि गोली का असर 3 घंटे तक रहेगा और आज तो हम इसको खूब चोदेगें. मेरी माँ ने हरा सूट पहना था. अब जोगिंदर सबसे पहले मेरी माँ के ऊपर लेट गया और ज़ोर-ज़ोर से माँ को स्मूच करने लग गया. अमन पास में ही खड़ा था और में कुछ कर भी नहीं सकता था. इसमें माँ की और सबकी बदनामी थी. फिर मैंने देखा कि जोगिंदर ने माँ की चुन्नी उठाकर साईड में फेंक दी और फिर अमन भी मेरी माँ के बूब्स दबाने लग गया. अब वो दोनों बोल रहे थे कि कितने सॉफ्ट बूब्स है.
फिर अमन और जोगिंदर ने माँ के सूट को ऊपर से ऊतार दिया. माँ ने काले कलर की ब्रा पहने थी और सबसे पहले जोगिंदर ने कहा कि में पहले सेक्स करूँगा, तू इतंजार कर. फिर जोगिंदर ने माँ की सलवार भी उतार दी. अब माँ सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में थी. अब जोगिंदर माँ को स्मूच कर रहा था. अब मुझे ये देखकर बहुत मज़ा आ रहा था और में अपना लंड दबा रहा था. अमन भी देखकर मज़े ले रहा था. फिर जोगिंदर ने माँ की ब्रा भी उतार दी और माँ के निपल्स चूसने लग गया. माँ के निप्पल ब्राउन और बड़े थे.
फिर वो माँ को हर जगह किस कर रहा था और माँ को हर जगह चूस रहा था. फिर उसने माँ की पेंटी ऊतार दी और वो माँ की चूत को स्मेल करने लग गया और अमन से बोला कितनी खुशबू आ रही है दिल करता है खा ही जाऊं. फिर वो माँ की चूत चूसने लग गया और में बाहर खिड़की से खड़ा मज़े ले रहा था.
फिर जोगिंदर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसका लंड काफ़ी बड़ा और काला था. अब वो मेरी माँ के ऊपर चढ़ गया और मेरी माँ के बूब्स के बीच में अपना लंड रगड़ने लग गया. वो बार-बार कह रहा था कि आज तो जन्नत नसीब हो गयी. फिर उसने कहा कि अब में इसको चोदूंगा तो उसने अपना लंड माँ की चूत में डाला और अन्दर बाहर करने लग गया. अब मेरी माँ थोड़ा-थोड़ा हिल रही थी, लेकिन उन्हें बिल्कुल होश नहीं था, मेरी माँ की चूत पर थोड़े से बाल थे और वो नंगी बहुत सेक्सी लग रही थी और जोगिंदर ज़ोर-ज़ोर से मेरी माँ की चुदाई कर रहा था और उसने अपना वीर्य माँ की चूत के अंदर ही छोड़ दिया.
फिर वो अमन से बोला कि चल अब तेरी बारी है फिर अमन ने अपना लंड बाहर निकाला तो वो बहुत काला और कम से कम 8 इंच का था. वो सबसे पहले अपना लंड माँ के मुँह के पास लेकर आया और माँ के मुँह में डाल दिया और आगे पीछे करने लग गया और साथ में वो मेरी माँ के निप्पल दबा रहा था. फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और माँ के निप्पल पर रगड़ने लग गया.
फिर अमन मेरी माँ के ऊपर लेट गया और माँ को स्मूच करने लग गया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मैंने बाहर मुठ मारनी शुरू कर दी. फिर वो माँ की नाभि और पेट पर जीभ फेरने लग गया और फिर वो धीरे-धीरे नीचे आया और बोला कि इसकी चूत कितनी मीठी और मस्त है. आज तो में इसे खा ही जाऊंगा और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी जीभ को माँ की चूत के अन्दर बाहर करने लग गया. फिर उसने अपना लंड माँ की चूत में डाल दिया और वो मेरी माँ को चोदने लग गया.
फिर 10 मिनट के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसने मेरी माँ को उल्टा कर दिया और मुझे मेरी माँ की गांड साफ़ नज़र आ रही थी. वाहह क्या मस्त गांड थी? फिर उसने कहा कि आज में इसकी गांड मारूँगा.
फिर उसने अपनी जेब से ऑयल निकाला और मेरी माँ के कूल्हों और गांड पर लगाया और उसने अपना 8 इंच का लंड माँ की गांड में डाल दिया. अब वो ज़ोर-ज़ोर से माँ की गांड मार रहा था.
फिर उसने कहा कि में अपना माल अंदर ही छोडूंगा और उसने अपना वीर्य अन्दर ही छोड़ दिया. फिर जोगिंदर ने और अमन ने माँ को कपड़े पहना दिए ताकि बाद में शक ना हो और खुद ने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर वो बाहर आने लगे तो में फटाफट ऊपर चला गया और वो दोनों अपने घर चले गये. फिर शाम को माँ उठी तो वो बिल्कुल नॉर्मल थी, जैसे कुछ हुआ ही ना हो.
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शिप्रा भाभी के मज़े लूटे

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जैकी है और ये कहानी मेरी और मेरी किरायेदार शिप्रा भाभी की है. मेरी उम्र 23 साल है और में स्टूडेंट हूँ. अब में आपको शिप्रा भाभी के बारे में बताता हूँ, उनकी बॉडी में सबसे बेस्ट पार्ट उनके बूब्स है. लगता है कि बस उनको दबाता जाऊं और चूसता जाऊं. उनका फिगर 38-26-38 है. में उनको बहुत दिनों से चोदना चाहता था और उन्हें देख देखकर मुठ मारा करता था.
ये उनको भी पता चल गया था कि में उनको देखा करता हूँ और जब भी वो बाहर निकलती तो में भी बाहर आ जाता था. ये तब हुआ जब मेरे घरवाले किसी प्रोग्राम में गए हुए थे और में घर में अकेला था और में अपने रूम में बैठकर अपने लेपटॉप पर ब्लू फिल्म देख रहा था और जब मेरे घरवाले बाहर जाते है तो मेरे लिए खाना भाभी ही बनाकर देती है तो मुझे खाना बनाना नहीं पड़ता था.
अब में मस्ती से बैठकर बी.एफ देख रहा था, उतने में ही भाभी ने गेट खटखटाया और मैंने स्क्रीन बंद कर दी और दरवाजा खोला तो भाभी खाना लेकर आई थी. फिर मैंने खाना लिया और वो पूछने लगी कि क्या कर रहे थे?
मैंने कहा मूवी देख रहा था तो वो कहने लगी कौन सी? तो मैंने कहा ऐसे ही हॉलीवुड मूवी है तो वो कहने लगी कि में भी फ्री हूँ, में भी देखूँगी. अब मुझे डर लगने लगा कि वो ये देखेगी तो क्या कहेगी? अब में कुछ कर भी नहीं सकता था. अब मुझे मजबूरी में लेपटॉप का स्क्रीन उठना पड़ा और वो देखकर चौंक गई कि उसमें सेक्स मूवी चल रही थी.
फिर वो मुझसे कहने लगी कि तुम ये सब देखा करते हो, आने दो तुम्हारे घरवालों को में उन्हें सब बताउंगी. फिर मैंने कहा सॉरी भाभी, तो वो कहने लगी नहीं. मैंने कहा प्लीज किसी को मत बताना तो वो नीचे जाने लगी तो मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया और मेरा खड़ा लंड उनकी गांड में लगने लगा. अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम ये क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा भाभी आई लव यू में आपको बहुत प्यार करता हूँ.
अब वो थोड़ा नोर्मल हो गई और कहने लगी हाँ मुझे पता है तभी तुम मुझे हर समय देखा करते हो. इतने में मैंने उनके लिप पर अपने लिप रख दिए और उन्हें किस करने लगा. अब उन्होंने भी कुछ नहीं कहा और एक मिनट तक किस करने के बाद में अपने हाथ उनके बूब्स पर ले गया और क्या बताऊँ यार क्या मस्त बूब्स थे? एकदम मुलायम बड़े-बड़े लग रहे थे. बस ब्लाउज फाड़कर उन्हें चूसना शुरू कर दूँ. वो उस दिन मेक्सी पहन कर आई थी और फिर मैंने उनकी मेक्सी उतार दी, क्या सीन था यार? जिन्हें में रोज़ सोचकर मुठ मारा करता था, वो आज मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी.
फिर मैंने उनको उठाया और अपने बेड पर ले जाकर लेटा दिया, फिर मैंने अपनी टी-शर्ट और पजामा भी उतार दिया. अब वो मेरा लंड देखकर खुश हो रही थी. फिर मैंने उनकी ब्रा उतार दी. वाहह यार उनके निप्पल पिंक कलर के और फूले हुये थे. फिर में लेफ्ट बूब्स का निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को दबाने लगा. वो भी आह आह की आवाजें निकालने लगी थी.
फिर मैंने अपना एक हाथ ले जाकर उनकी चूत पर रख दिया और अब उनकी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उनकी पेंटी उतार दी और उनसे अपनी अंडरवियर उतारने को कहा तो उन्होंने उतार दी और मेरे लंड को पकड़कर ऊपर नीचे करने लगी. फिर मैंने उनसे अपने लंड को चूसने को कहा और वो चूसने लगी. क्या टाईम था यार? मज़ा आ रहा था. में सातवें आसमान में था.
फिर हम 69 पोज़िशन में आ गए. फिर में 10 मिनट के बाद उठा और अपने लंड को उनकी चूत पर रख दिया और धक्के मारने लगा. मेरा लंड थोड़ा ही अंदर गया था और भाभी मस्त मस्त आवाज़े निकालने लगी थी. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और वो कहने लगी कि धीरे करो मुझे दर्द हो रहा है. अब में उन्हें किस करता जा रहा था और उनके बूब्स दबाता जा रहा था और चूसता भी जा रहा था. मुझे पहली बार किसी को चोदने का मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने उनसे कहा कि आप मेरे ऊपर आ जाओ तो वो मेरे ऊपर आकर अपनी गांड उठा उठाकर चुदवा रही थी. फिर 15 मिनट तक चोदने के बाद मेरा निकलने वाला था तो भाभी ने कहा कि अंदर ही डाल दो. मैंने अंदर ही अपना सारा माल निकाल दिया और भाभी के ऊपर लेट गया.
फिर हम साथ में नहाये और नहाते हुए भी हमने खूब मस्ती की. फिर मैंने उन्हें अपने हाथों से नहलाया और उनके खूब बूब्स दबाये. अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और फिर मैंने भाभी से कहा कि मुझे आपको फिर से चोदना है तो भाभी कहने लगी कि कितना चोदोगे, आज ही मेरी चूत का भोसड़ा बना दोगे क्या? फिर मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में चोदा और अब मैंने शॉवर चालू कर दिया था और हम नहा भी रहे थे और चुदाई भी कर रहे थे. में उनके बूब्स बड़ी तेज़-तेज़ दबा रहा था. फिर हम चुदाई करके अच्छी तरह नहा लिए और फिर भाभी अपने कपड़े पहनकर नीचे चली गई. अब जब भी हमें टाईम मिलता है तो हम खूब चुदाई करते है.
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मुसीबत में चूत का सहारा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संध्या है और मेरी उम्र 24 साल है और में एक शादीशुदा औरत हूँ. मेरे पति ठेकेदार है और में एक बहुत पैसे वाले आमिर घर से हूँ. मेरे पति का नाम राहुल है और में उनके साथ अपनी प्यार भरी जिन्दगी में बहुत खुश हूँ. वैसे मैंने अपनी वर्जिनिटी को तो कॉलेज में ही गवां दिया था और राहुल भी मुझे सेक्स में हमेशा संतुष्ट करते है. उसका लंड करीब 6 इंच का है. में भी उनकी तरह सेक्स की बहुत भूखी हूँ और हम दोनों जहाँ पर जाते है लोग मुझे लगातार घूरते रहते है.
मेरे बूब्स भी बहुत बड़े 34 साईज़ के है और लोगों की निगाहे अक्सर उन पर टिकी रहती है. में भी जींस, टी-शर्ट पहनना ज़्यादा पसंद करती हूँ और राहुल को भी यह सब बहुत पसंद है. दोस्तों यह मेरी शादी के करीब एक साल बाद की बात है तब रोड बनाने के एक सरकारी ठेके की बात हमारे सामने आई. राहुल अब वो ठेका किसी भी किमत पर पाना चाहता था क्योंकि हमने शेयर बाज़ार में पहले से ही बहुत सारा पैसे लगाया हुआ था और उस समय शेयर के भाव बहुत ज्यादा गिर चुके थे इसलिए घर पर भी थोड़ी सी टेंशन चल रही थी. अब जब तक उस शेर के भाव फिर से ना बढ़े तब तक हमारे पैसे वहां पर फंस चुके थे इसलिए इस ठेका का हमे मिलना बहुत आवश्यक था और अब उस ठेके के लिए मुझे किसी सरकारी आदमी का साथ होना ज़रूरी था क्योंकि सब उनके ही हाथ में होता है. राहुल ने बहुत कोशिश की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ.
तभी मैंने उसे बताया कि मेरे कॉलेज का एक दोस्त है राज और उसकी पहुंच बहुत ऊपर तक थी और अगर उसकी मदद ली जाए तो कैसा रहेगा? तो राहुल ने कहा कि यह बात तो बहुत अच्छी है तुम उसको जल्दी से फोन करो. तो मैंने कहा कि में हमारे एक दोस्त से उसके फोन नंबर ले लेती हूँ और फिर राहुल अपने काम पर चला गया. दोस्तों राज अपने कॉलेज के समय में कई लड़कियो को चोद चुका था क्योंकि उसका स्टाईल ही कुछ ऐसा था कि हर लड़की उस पर मरती थी और वो मेरे कॉलेज के ग्रुप का जो बॉस है उसका खास दोस्त था जिसका मोबाईल नंबर मेरे पास पहले से ही था तो मैंने उसको फोन करके राज का नंबर लेकर राज को कॉल किया.
में : हैल्लो राज में संध्या बोल रही हूँ.
राज : हाए आज तुमने अचानक से राज को कैसे याद कर लिया?
में : हाँ यार दोस्त ही तो कभी ना कभी काम आते है मुझे तुमसे कुछ काम था.
राज : हाँ कहो ना ऐसा क्या काम है और वैसे भी राज सुंदर लड़कियों के काम के लिए हर वक़्त तैयार रहता है.
में: राज क्या हम कहीं मिल सकते है क्योंकि में तुम्हे वहां पर अपनी पूरी बात विस्तार में थोड़ा आराम से बता सकती हूँ?
राज : चलो ठीक है फिर कल दोपहर को तुम मेरे घर पर आ जाओ, में घर पर बिल्कुल अकेला ही रहता हूँ.
में : हाँ तो फिर एकदम ठीक है, में कल दोपहर को तुम्हारे घर पर आ जाती हूँ हम वहीं पर बैठकर अपनी बात कर सकते है.
फिर अगले दिन दोपहर को मैंने काली कलर की जींस और गुलाबी रंग का टॉप पहना हुआ था उसमे से मेरे बूब्स थोड़े से बाहर दिख रहे थे जिसे देखकर कोई भी मर्द उसे पाने को बैताब हो जाए, मैंने अपने घर से बाहर निकलने से पहले उसे कॉल किया और कहा कि में वहां पर आ रही हूँ और में करीब आधे घंटे में वहां पर पहुंच गई. वो भी मेरा बहुत इंतजार कर रहा था.
मैंने वहां पर पहुंच कर देखा कि उसका घर बहुत शानदार था उस समय उसकी मम्मी घर पर नहीं थी और पापा बिजनेस के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बाहर गये हुए थे. अब में वहां पर पहुंचकर अंदर सोफे पर जाकर बैठ गई. उसने मुझसे पूछा कि चाय या कॉफी क्या चलेगा? मैंने कहा कि चाय चलेगी और अब हम थोड़ी देर इधर उधर की बातें करते रहे और फिर चाय बनकर आई. हमने वो कुछ ऐसे ही बातें करते करते पी ली. फिर उसने अपने नौकर से कहा कि तुम आज अपने घर पर चले जाओ. हमें कुछ जरूरी काम है और अब में उसकी यह बात सुनकर उसकी तरफ देखने लगी.
फिर उसने नौकर के बाहर जाते ही दरवाजे को अंदर से अच्छी तरह से बंद कर दिया और बिल्कुल मेरे पास सोफे पर आकर बैठ गया और फिर मुझसे बातों ही बातों में हंसी मजाक करते हुए कहने लगा कि तुमने अपना फिगर शादी के बाद भी बहुत अच्छी तरह सम्भालकर रखा है. तुम दिखने में आज भी बहुत हॉट सेक्सी और सुंदर भी हो. तो मैंने उसे मुस्कुराते हुए धन्यवाद कहा और फिर उसने मुझसे मेरे काम के बारे में पूछा.
मैंने उससे कहा कि मुझे वो रोड बनाने वाला ठेका चाहिए इसके लिए सरकारी आदमी की मदद की ज़रूर पड़ेगी और उसके बदले में हम उसे कुछ पैसों का भी हिस्सेदार बना सकते है, लेकिन वहां तक मेरे पति की पहुंच नहीं है इसलिए मुझे इस काम को करने के लिए तुम्हारी मदद चाहिए. तुम मिस्टर गिरीश सक्सेना जो यहाँ के बहुत अच्छे सरकारी पद पर है उसे जानते हो इसलिए तुम अगर मेरी कुछ मदद कर सको तो मेरे लिए बहुत अच्छा रहेगा. फिर वो मुझे अब पूरी तरह ऊपर से नीचे तक देखने लगा और उसकी नज़रें मेरे बूब्स पर जैसे ठहर सी गई थी और फिर उसने कहा कि हाँ में तुम्हारी मदद जरुर कर सकता हूँ, लेकिन मुझे इसके बदले में क्या मिलेगा? तो मैंने झट से कहा कि तुम चाहो तो इस काम के बदले में मुझसे कुछ पैसे ले सकते हो.
वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और फिर कहने लगा कि पैसे किसे चाहिए? और अब वो मेरे बहुत करीब आ गया और उसने अपना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया. में उसकी इस अचानक हुई हरकत से थोड़ी सी हिचकिचाई और बहुत धीरे से बोली कि फिर तुम्हे क्या चाहिए? वो अपने एक हाथ को मेरे पीछे मेरी पीठ पर ले जाकर धीरे धीरे सहलाने लगा. अब मैंने उससे एक बार फिर से पूछा कि प्लीज राज बताओ ना तुम्हे क्या चाहिए? तभी उसने कहा कि तुम.
दोस्तों में तो उसके मुहं से यह शब्द सुनकर बिल्कुल स्तब्ध ही रह गई क्योंकि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो मुझसे ऐसा कुछ कहने वाला है या वो मेरे लिए अपने मन में एसी कोई बात छुपाकर रखे हुआ था. में उसके उस शब्द को बहुत देर तक सोचती रही कि में अब इसकी बात का क्या जवाब दूँ? तभी मैंने कुछ देर सोचकर उससे कहा कि में अब एक शादीशुदा औरत हूँ और यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है में ऐसा कभी नहीं कर सकती. तुम अगर चाहो तो मुझसे कुछ और ले सकते हो.
तभी उसने मेरा यह जवाब सुनकर वो अपना हाथ धीरे धीरे मेरे कंधे से नीचे उतारने लगा तो मैंने उससे कहा कि राज यह सब ठीक नहीं है. फिर वो झट से बोला कि तुम क्या समझती हो कोई शादीशुदा औरत अपनी शादी के बाद भी मज़े नहीं करती? और उस बीच वो मेरे बूब्स के ऊपर से खुले हुए हिस्से पर अपनी एक उंगली को घुमाने लगा और में उससे कहने लगी कि नहीं यह ठीक नहीं है प्लीज अब बंद करो. तभी उसने मुझसे कहा कि अगर कॉलेज में तुम मेरे अच्छे दोस्त की गर्लफ्रेंड ना होती तो में उसी वक़्त तुम्हे चोद सकता था और तुम्हारे कॉलेज का बॉस भी मुझे हमेशा तुम दोनों की सारी बातें बता दिया करता था और उसने तुम्हे किस किस जगह पर ले जाकर चोदा है, वो सब मुझे भी पता है. दोस्तों अब में उसकी यह सारी बातें सुनकर बिल्कुल हैरान रह गई और में सोचने लगी कि यह मेरी पिछली सारी सच्चाई जानता है और अब अगर इसने मेरे पति को इनमे से कुछ भी बता दिया तो में फंस सकती हूँ.
में उससे बहुत डरने लगी और फिर थोड़ी हिम्मत करके मैंने उससे कहा कि वो बात अलग है क्योंकि राज तब मेरी शादी भी नहीं हुई थी. तभी उसने बहुत प्यार से आग्रह करते हुए मुझसे कहा कि में इतने बड़े ठेके में तुम्हारी मदद भी तो कर रहा हूँ. मैंने उसके बदले में सिर्फ़ तुमसे थोड़ा सा प्यार ही तो माँगा है और तुम भी बहुत अच्छी तरह उस ठेकेदार की पहुंच को जानती हो और अब उसने बातों ही बातों में मौके का फायदा उठाते हुए मेरे टॉप के ऊपर से मेरे सीधे बूब्स को पकड़ लिया और उसे धीरे से दबाने लगा.
में : नहीं प्लीज राज अब छोड़ दो, में यह सब तुम्हारे साथ नहीं कर सकती.
तभी उसने मेरे मुहं को पकड़ा और उसने मुझे होंठो पर एक बहुत हल्का सा किस किया, लेकिन फिर भी मैंने उसका कोई साथ नहीं दिया. में तेज तेज सांसो को लेकर उसे घूरकर देखने लगी. उसने एक बार फिर से एक धीरे से किस किया, लेकिन मैंने फिर भी उसका साथ नहीं दिया. उसने मुझे देखा तो उस समय मेरी दोनों आखें बंद थी और अब में उससे एक और किस की आशा कर रही थी, लेकिन थोड़ी देर बाद किस ना करने पर मैंने आखें खोली तो वो मेरी तरफ मुस्कुरा रहा था.
फिर उसने तुरंत ही मुझे एक बहुत लंबा किस किया और अब में भी उसका साथ देने लगी थी. उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं में अंदर तक डालकर मुझे कई मिनट तक किस किया. हमारे होंठ बहुत देर तक चूसने की वजह से बिल्कुल लाल हो चुके थे. अब उसने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और मेरे टॉप को भी निकालने लगा और कुछ ही पल में उसने मेरी ब्रा को भी उतार दिया अब में उसके सामने सिर्फ़ अपनी जींस में थी और वो भी अब अपनी जींस में था. तभी उसने मेरा एक हाथ उसकी ज़िप पर रख दिया. मैंने भी उसका इशारा समझकर उसकी पेंट को उतार दिया और अंडरवियर को भी उतारकर फेंक दिया. तब मैंने देखा कि उसका लंड करीब 8 इंच का था और एकदम तना हुआ.
फिर उसने मुझे बालों से पकड़कर अपना मोटा लंबा लंड मेरे मुहं में डाल दिया और कहने लगा कि मुझे पहले से पता है कि तुम्हे लंड सूचना बहुत पसंद है, मुझे तुम्हारे बॉस ने बताया था. अब में उसके लंड को बहुत देर तक चूसती रही और वो आअहह उहहह्ह्ह करता रहा. फिर वो मुझे अपनी बाहों में उठाकर अपने बेडरूम में ले गया उसने वहां पर जाते ही मेरी जींस और पेंटी को भी उतार दिया और अब मेरी चूत को चाटने लगा. दोस्तों मैंने आज तक ऐसा सेक्स कभी नहीं किया था. वो मेरी चूत को फैल फैलाकर लगातार कुत्ते की तरह चाट रहा था और में ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी उह्ह्ह्हह्ह आईईईईइ राज प्लीज अब मुझे छोड़ दो, प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो ऊईईईईईई माँ छोड़ दो मुझे, लेकिन उसने मेरी एक बात भी नहीं सुनी.
में इस बीच एक बार उसके मुहं में झड़ चुकी थी और वो मेरा पूरा का पूरा चूत रस चाट गया और फिर कुछ देर बाद उसने अपने लंड को चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का झटका दे दिया आअहह उह्ह्ह्हह्ह और अब उसका आधा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था और अगले ही झटके में उसने पूरा का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से में बहुत ज़ोर से चीख उठी उउऊह्ह्हह्ह्ह्हहह आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह वो मेरे ऊपर था और स्पीड बड़ाकर मुझे बहुत अच्छे तरीके से चोद रहा था और फिर कुछ देर बाद उसने मुझे गोद में उठाकर पलंग के कॉर्नर पर बैठ गया और मुझे नीचे जमीन पर लटका दिया. मेरी पीठ और सर का कुछ भाग जमीन को अटका हुआ था मेरे दोनों पैर उसकी कमर के दोनों और से पलंग पर थे और उसने मुझे कमर से पकड़ा था और चोद रहा था.
मैंने आज तक ऐसी पोज़िशन में कभी भी अपनी चुदाई नहीं करवाई थी. कुछ देर बाद उसने मुझे वापस पलंग पर ले जाकर मुझे लेटा दिया और मेरे दोनों पैर को बंद करके मेरे हाथ के पास ले गया और अपने लंड को मेरी चूत में डालकर चोदने लगा. तभी मेरे मोबाइल में रिंग बजी उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया. मैंने कॉल रिसीव किया, वो मेरे पति राहुल थे. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या कुछ काम हुआ? तो मैंने उनसे कहा कि हाँ राज हमारी मदद करने को मान गया है और इस वक़्त राज मेरे बूब्स को दबाने में लगा हुआ है. तो राहुल ने कहा कि अच्छा ज़रा राज को दो फोन और फिर मैंने उसे फोन दे दिया और अब में उसके लंड को चूसने, चाटने लगी.
राहुल : तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद राज कि तुम हमारी मदद करने के लिए तैयार हो गए.
राज : ओह कोई बात नहीं सब ठीक है ( वो मेरी और देखकर बोला ) आख़िर संध्या आपके लिए इतना कुछ कर रही है, मुझे भी तो तुम्हारी थोड़ी बहुत मदद करनी ही पड़ेगी और फिर वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगा.
राहुल : तुम तो पहले से ही जानते होंगे कि वो उसके दोस्तों से शुरू से ही कितनी खुश रहती है. वैसे में उन सभी में सबसे ज्यादा किस्मत वाला हूँ जो अब संध्या मुझे चाहती है.
राज : जी हाँ में उसे जानता हूँ कि संध्या आपकी पत्नी पहले कभी एक बहुत अच्छी लड़की भी रह चुकी है.
मैंने उसके मुहं से यह बात सुनकर उसकी तरफ मुस्कुरा दिया और फिर कुछ देर बाद उसने मुझे मोबाइल दे दिया और मुझे लेटाकर मेरे सारे बदन पर किस करने लगा.
राहुल : संध्या अगर इसके बदले में उसे कुछ चाहिए तो तुम उससे पूछ लेना.
में : हाँ मैंने उसे सबसे पहले यह सब पूछ लिया, लेकिन उसे अपने दोस्त की मदद करने पर पैसे नहीं चाहिए और इसलिए उसे में कुछ अच्छा सा गिफ्ट दे दूँगी जिसे पाकर वो खुश हो जाएगा.
राहुल : हाँ तुम्हारा ऐसा करना बिल्कुल ठीक रहेगा, लेकिन उसे कुछ अच्छा सा गिफ्ट देना जिसे लेने के बाद उसके मन में कुछ कमी जैसी बात ना रहे.
में : हाँ जान तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो. में आज उसे ऐसा गिफ्ट देने वाली हूँ जैसा उसे इससे पहले कभी किसी ने नहीं दिया होगा.
राहुल : चलो अच्छा अब यह बताओ कि तुम घर पर कब तक आ रही हो?
में : हाँ मुझे थोड़ी देर और लगेगी क्योंकि हम बहुत दिनों के बाद मिले है तो हम बैठकर कॉलेज की पुरानी बातें कर रहे है इसलिए में थोड़ी सी लेट हो जाउंगी.
राहुल : ठीक है, वैसे भी कोई जल्दी नहीं है में भी थोड़ा देरी से ही आऊंगा और तब तक तुम मज़े करो.
में : हाँ मज़े तो में बहुत देर से कर ही रही हूँ.
राहुल : ठीक है बाय.
में : बाय.
फिर उसने मुझे जानवर की स्टाईल में लेकर पीछे से मेरी चूत को अपने लंड से भर दिया और बहुत तेज़ी से धक्के देकर चोदने लगा और में आआहह उहह ऑश और ज़ोर से चोदो मुझे हाँ चोदो राज बोले जा रही थी. उसने मुझे बहुत देर तक इस तरह चोदा और अब में बहुत थक गई थी और पसीने से एकदम ऊपर से नीचे तक गीली थी. तो वो बोला कि साली कब से में तुझे चोदना चाहता था और तूने कॉलेज में बॉस के अलावा भी कितनो के बिस्तर गरम किए है में वो सब कुछ जानता हूँ, लेकिन तब मुझे ऐसा मौका नहीं मिला. कोई बात नहीं आज में तेरी चुदाई का पूरा मज़ा ले लूँगा और फिर उसने अपने लंड को अचानक से मेरी चूत से बाहर निकालकर अपना सारा गरम गरम वीर्य मेरे चेहरे पर और बूब्स पर डाल दिया और अब में किसी रंडी की तरह दिखाई दे रही थी. में उसके वीर्य को चाट रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने उसका लंड अपने मुहं में लिया और चाट चाटकर साफ कर दिया और उसके बाद हम दोनों बाथरूम में जाकर एक साथ नहाए और वहीं पर एक बार और चुदाई का मज़ा लिया. इस बार उसने मुझे करीब बीस मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदा और ऐसा करते हुए हमे करीब तीन घंटे बीत चुके थे.
अब मैंने बाथरूम से बाहर निकलकर अपने एक एक कपड़े यहाँ वहां से लेकर पहन लिए थे और फिर उसने मुझसे कहा कि में कुछ ही देर में तुम्हारी मीटिंग मिस्टर गिरीश सक्सेना से फिक्स करवा दूँगा और अब उसने हमारे कॉलेज के बॉस को कॉल किया और कहा कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड आज मेरे पास आई हुई है उसका फिगर अभी भी वैसा ही है बल्कि और भी ज्यादा शानदार हो गया है, आज उसे मेरी ज़रूरत पड़ गयी थी और मैंने भी यार तेरी गर्लफ्रेंड को आज जमकर चोदा और मुझे उसे चोदने में बड़ा मज़ा आया.
फिर उसने मेरे हाथ में फोन दे दिया, बॉस ने मुझसे कहा कि वो तुम्हे कॉलेज समय से ही चोदना चाहता था, लेकिन में तुम्हे तब यह सब नहीं बता पाया था. दोस्तों में उसके मुहं से यह बात सुनकर उससे कुछ कह नहीं सकी. फिर उसने कहा कि संध्या तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, मैंने कहा कि मुझे माफ़ करना उस ठेके के लिए मुझे उसकी मदद चाहिए थी इसलिए मैंने यह सब कुछ किया है.
वो बोला कि तुम बिल्कुल भी घबराओ मत, में जब भी वहां पर आऊंगा तो हम साथ में मज़े करेंगे और मुझे तो तेरे बाकी सारे चक्कर के बारे में भी राज ने बाद में बताया था कि किस तरह तूने कितनों के साथ रातें बिताई थी और किस किसने तुझे चोदा है, मुझे सब कुछ पता है संध्या. उनसे बात करके में थोड़ी नर्वस हो गयी क्योंकि वो मेरा सबसे पहला बॉयफ्रेंड था जिसने मेरी सील तोड़ी थी और फिर में वहां से कुछ देर बाद अपने घर पर वापस आ गयी.
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कुंवारी कन्या के साथ सेक्स

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वैभव है और में गाज़ियाबाद से हूँ. में 23 साल का लड़का हूँ और मेरी हाईट 5 फुट 9 इंच है और में एक एम.एन.सी कंपनी में सेल्स ऑफिसर की जॉब करता हूँ. तो अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. ये स्टोरी मेरी फ़ेसबुक फ्रेंड की है. उसका नाम कनिष्का है और वो सहारनपुर से है. उसकी उम्र 19 साल, हाईट 5 फुट 5 इंच, वो थोड़ी मोटी, लेकिन दिखने में सुंदर है और उसके बूब्स का साईज लगभग 40 है. वो पिछले 6 महीने से मेरी दोस्त है और हम चेटिंग से बहुत बात करते है और मैंने उसके बारे में कभी कुछ गलत नहीं सोचा था, लेकिन वो अभी-अभी जवान हुई थी तो उस पर जवानी का नशा चढ़ा था और हम सिर्फ फ़ेसबुक फ्रेंड है.
एक बार में किसी काम की वजह से उससे कुछ दिनों तक चैट नहीं कर पाया तो वो गुस्सा करने लगी. फिर मैंने उसे समझाया कि में व्यस्त था इसलिए बात नहीं कर सका तो उसने मुझसे मेरा फोन नम्बर मांगा. मैंने उसको नंबर दे दिया. उसके बाद वो मुझे फ़ोन करने लगी और हमारी फोन पर भी बातें होने लगी, फिर कुछ टाईम नॉर्मल बात होने के बाद उसने मुझे प्रपोज कर दिया. मैंने भी स्वीकार कर लिया. फिर हम फोन पर घंटो बातें करते थे. फिर कुछ टाईम के बाद वो मुझे डबल मीनिंग मैसेज भेजने लगी और इस तरह हम फोन पर सेक्स की बातें करने लगे.
फिर एक बार मैंने उससे मिलने को कहा तो में सहारनपुर चला गया, फिर हम मिले और हमने मूवी देखने का प्लान बनाया. फिर मूवी में जैसे ही रोमांटिक सीन आया तो मैंने धीरे से उसका हाथ पकड़ा और सहलाने लगा, जब उसने कुछ नहीं कहा तो मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, क्या फीलिंग थी यार? उसके मस्त मोटे-मोटे बूब्स थे.
फिर मैंने धीरे-धीरे उसके बूब्स दबाना शुरू कर दिया, जिससे वो गर्म होने लगी और सिसकियां लेने लगी उम्म्म्म हहह्ह्ह्ह. फिर में अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डालकर उसके बूब्स दबा रहा था. फिर मैंने अपने होंठ उसके कांपते हुए होंठो पर रख दिए, उसके क्या रसीले होंठ थे? फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया. अब मेरा लंड पेंट को फाड़कर बाहर निकालने की कोशिश कर रहा था. फिर मूवी ख़त्म होने के बाद मैंने उसे एक किस किया और वापस आ गया, लेकिन उसकी प्यास भड़क चुकी थी और वो उसे शांत करना चाहती थी.
फिर से हमारा फोन सेक्स शुरू हो गया. अब में उसे चोदने के लिए मनाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे चोदने की कहीं पर भी जगह नहीं थी, क्योंकि वो यहाँ नहीं आ सकती थी और उसकी फेमिली वालों की वजह से में उसके घर नहीं जा सकता था.
फिर एक दिन मेरी ऊपर वाले ने सुन ली और उसके घरवालों को एक शादी में जाना पड़ा. वो अपनी परीक्षा की वजह से नहीं जा सकी थी. जैसे ही उसने मुझे बताया तो मैंने उसके घर जाने का प्लान बना लिया. उसने भी हाँ कह दिया क्योंकि वो भी मुझसे चुदना चाहती थी.
फिर में शाम को 7 बजे उसके घर पहुँच गया और रास्ते से मैंने आते हुए एक वोड्का की बोतल ले ली. फिर में जैसे ही उसके घर में अन्दर गया तो मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया और किस करने लगा. फिर 10 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसे छोड़ा तो वो हांफ रही थी. फिर हम अलग हुए और फिर मैंने उसे ग्लास और पानी लाने को कहा तो वो लेकर आ गयी. अब मैंने जैसे ही बोतल खोली तो वो कहने लगी कि मैंने कभी नहीं पी है में नहीं पीउंगी. मैंने उसे बड़ी मुश्किल से समझाया तो वो मान गयी.
अब हमने पेग पीना शुरू कर दिया और 2 पेग लेने के बाद उसे काफ़ी नशा हो गया था. मैंने अपना एक पेग और लेकर बोतल बंद कर दी. अब वो पूरे नशे में थी. मैंने म्यूज़िक चला दिया और उसे मेरे साथ डांस करने के लिए बोला तो नशे में उससे डांस भी नहीं हो रहा था. वो मेरी बाहों में झूलने लगी.
अब में भी उसकी कमर से हाथ फैरता हुआ उसकी मस्त गोल-गोल गांड पर हाथ रखकर धीरे-धीरे दबा रहा था. अब उसे नशे के साथ साथ मस्ती भी चढ़ने लगी थी. फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और रज़ाई ओढ़ ली. अब मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया, कभी कान पर, गर्दन पर, और फिर धीरे से स्मूच करने लगा. फिर में अपने हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और फिर में धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में अंदर डालकर उसके बूब्स दबाने लगा. अब वो मस्त हो कर अपनी आँखे बंद करके, ह्म्‍म्म्मम आआआ कर रही थी.
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट को निकाल दिया ओह्ह्ह माई गॉड क्या बूब्स थे उसके मोटे राउंड शेप में? और बीच में पिंक निपल थे. में उन्हें देखकर पागल हो गया और अपने मुँह में भरकर चूसने लगा. अब वो मस्त हुए जा रही थी और अब में एक हाथ से उसके एक बूब्स को दबा रहा था और दूसरे बूब्स को मुँह में लेकर चूस रहा था. फिर मैंने अपना हाथ उसके पजामे में डाल दिया और उसकी चूत पर रख दिया. उसकी चूत पूरी भीग चुकी थी और पजामा टाईट होने की वजह से मेरा हाथ उसकी चूत पर सही से नहीं था. मैंने उससे पजामा उतारने को कहा तो उसने पजामा और पेंटी एक साथ उतार दिए. अब उसकी चूत मेरे सामने थी, क्या मस्त चूत थी? फूली हुई और उसके दोनों किनारे आपस में ऐसे चिपके हुए थे जैसे कभी अलग नहीं होंगे.
अब में उसकी चूत को धीरे-धीरे सहलाने लगा तो वो मचल उठी. फिर मैंने चूत के होंठ खोलकर देखा तो में हैरान हो गया, वो एकदम टाईट और लाल रंग की थी. फिर मैंने उससे पूछा कि तुमने इससे पहले सेक्स किया है? तो उसने मना कर दिया, दोस्तों वो बिल्कुल वर्जिन थी. ये सुनकर में बड़ा खुश हुआ कि बड़े दिनों के बाद सील तोड़ने को मिल रही है. अब मुझसे और नहीं रहा जा रहा था.
फिर मैंने अपने कपड़े निकाल दिए और उसका हाथ अपने खड़े लंड पर रख दिया और झुककर उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ लगाई, तो वो तड़प उठी और मेरा लंड कसकर पकड़कर हिलाने लगी. अब में उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरे लंड को सहला रही थी. करीब 5 मिनट तक उसकी चूत चाटने के बाद वो कहने लगी कि वैभव और तेज और तेज और मेरे सर को अपने हाथों से पकड़कर चूत में दबाते हुई जोर से चिल्लाई, आआआआआआअहह बस बस, अब, वो झड़ चुकी थी और में उसका सारा नमकीन पानी पी गया.
अब मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा तो वो मना करने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि मैंने भी तो किया है और सब ऐसे ही सेक्स करते है तो वो मान गयी. फिर उसने धीरे से मेरे लंड पर जीभ फेरी तो में सातवें आसमान में उड़ने लगा. अब मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर वो मेरे लंड को मुँह में डालकर चूसने लगी और अब मेरे मुँह से सिसकारी निकलने लगी आआआ हुउऊम्म्म्म ओह, फिर जब में झड़ने वाला था तो में उसके सिर को पकड़कर धक्के लगाने लगा और उसके मुँह में ही झड़ गया. अब में फिर से उसे गर्म करने लगा. उसके बूब्स दबाने और चूसने लगा. अब में एक हाथ से उसकी चूत सहला रहा था और अब में अपनी एक उंगली उसकी चूत में डालने लगा तो उसे दर्द होने लगा और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया. फिर में जबरदस्ती अपनी उंगली अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगा तो वो बहुत गर्म हो गयी थी और मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो गया था.
अब में उसकी टांगो के बीच में आ गया और उसकी टांगे ऊपर करके जैसे ही लंड चूत पर रखा तो वो मना करने लगी और कहने लगी कि जब उंगली से उसे इतना दर्द हुआ है फिर ये तो इतना मोटा है, बहुत दर्द होगा. फिर मैंने उसे समझाया कि शुरू-शुरू में थोड़ा सा दर्द होगा फिर मज़ा ही मज़ा है मेरी जान, तो वो मान गयी, लेकिन वो फिर भी डर रही थी. अब मैंने पोज़िशन बनाकर लंड को चूत पर रखकर जैसे ही धक्का मारा तो मेरा लंड फिसल गया.
फिर मैंने उसके नीचे एक तकिया लगाया और फिर से लंड को चूत पर रखकर धक्का मारा तो लंड उसकी चूत में घुस गया. अब तो वो चिल्लाने लगी, लेकिन उसकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था. अब वो मुझे धक्का देकर हटाने लगी और कहने लगी कि निकालो इसे, तुमने मेरी चूत फाड़ दी. अब में उसे किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा, तब वो नॉर्मल हुई.
इसके बाद मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रखे और एक जोरदार शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी सील तोड़ता हुआ उसकी चूत में अंदर तक घुस गया और वो इतना ज़ोर से चिल्लाई कि पड़ोसी भी उसकी आवाज सुन लेते, लेकिन मेरे मुँह से उसका मुँह बंद होने के बाद भी उसकी बड़ी तेज आवाज़ निकली और उसकी आँखो में आंसू आने लगे और वो रोने लगी और मुझे मारने लगी. अब मैंने उसके हाथ पकड़ लिए तो उसका मुँह आज़ाद हो गया और वो ज़ोर से चिल्लाई कि छोड़ दो मुझे. निकालो इसे मुझे नहीं करना है प्लीज मुझे बड़ा दर्द हो रहा है आई मम्मी और रोने लगी. में उसे किस करने लगा और कहा कि 2 मिनट रुक जाओ हिलना मत नहीं तो दर्द होगा.
फिर में 2 मिनट तक ऐसे ही उसके बूब्स दबाता रहा और उसे किस करता रहा. फिर वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने धक्के लगाने शुरू किए तो अब उसे भी दर्द हो रहा था. फिर मैंने धीरे-धीरे करना स्टार्ट कर दिया, लेकिन मेरा लंड बुरी तरह से उसकी चूत में जकड़ रखा था तो धीरे-धीरे धक्के लगाने मुश्किल हो रहे थे. अब वो थोड़ी नॉर्मल हो गयी तो मैंने अपने धक्को की स्पीड तेज कर दी अब उसे भी मज़े आने लगे और वो अपने मुँह से आआहहह हूम्म्म ओह आईईसस्स्स ह्म्‍म्ममममम्म करने लगी.
फिर 10 मिनट तक धक्के लगाने के बाद अचानक उसने मुझे अपनी बाहों में कस लिया और वो झड़ गयी. फिर में नीचे लेट गया और उसे अपने ऊपर करके चूत में लंड डालकर उसे चोदने लगा. दोस्तों इस पोज़िशन में मेरी स्पीड काफ़ी तेज होती है और ये मेरी सबसे पसंदीदा पोज़िशन है. फिर 10 मिनट तक पूरी स्पीड से चोदने के बाद वो झड़ गयी और मेरे ऊपर गिर गयी. अब वो मुझसे बस बस कहने लगी. तो मैंने कहा कि मेरा नहीं हुआ तो वो बोली कि मेरी जान लोगे क्या? फिर मैंने उसे घोड़ी बनाया और फिर पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर चोदने लगा. अब वो अया आह करने लगी. फिर थोड़ी देर में मेरा निकलने वाला था तो मैंने पूछा कि कहा निकालूं तो उसने कहा कि अन्दर ही निकाल दो. मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये और में अपना सारा माल उसकी चूत में डालकर उसके ऊपर ही लेट गया और फिर हम सो गये.
मुझे सुबह उसके घर से निकलना था. फिर सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि वो अपनी गांड मेरी तरफ करके सोई थी. ये देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और में उसकी गांड सहलाने लगा तो उसकी आँख खुल गयी तो मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया. फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ तो वो मना करने लगी.
फिर मेरे काफ़ी मनाने के बाद भी वो नहीं मानी तो मैंने कहा कि अब इस खड़े हुए लंड का तो कुछ करो. तो उसने कहा ठीक है और उसने मुझे लेटाकर खुद मेरे ऊपर आ गयी और चूत मेरे लंड पर रखकर कूदने लगी. फिर इस राउंड के बाद में नहाया और वापस गाज़ियाबाद आ गया. इसके बाद उसकी शादी हो गयी और उसने मुझसे कहा कि तुम मुझे भूल जाओ. अब हम कभी नहीं मिल सकते, लेकिन वो हसीन रात मुझे आज भी याद है.
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अजनबी ने पूरी रात मुझे ठोका

हैल्लो मेरा नाम आशिका है और मेरी फेमिली में, में और मेरे पापा है इसलिए में पापा की लाडली हूँ. मेरी उम्र 19 साल है और में दिखने में सुंदर और सेक्सी हूँ. मेरा फिगर 34-24-36 है और मेरा कलर गौरा, हाईट 5 फुट 5 इंच, वजन 47 किलोग्राम, स्लिम बॉडी है.
मेरे एक अंकल की लड़की की शादी थी तो मेरा और पापा का जाना जरुरी था, लेकिन पापा की तबीयत अचानक ख़राब हो गई तो मुझे ही जाना पड़ा. प्रोग्राम एक होटल में था और प्रोग्राम घर से ज्यादा दूर नहीं था तो में अपनी स्कूटी लेकर चली गई और में बहुत ही शरीफ लड़की थी किसी लड़के की तरफ देखती ही नहीं थी. मुझे क्या पता था? कि आज मेरी शराफ़त की माँ बहन होने वाली है.
में पार्टी में पहुँच गई और कन्यादान किया, फिर स्टेज पर जाकर दीदी को गिफ्ट दिया और फिर खाना खाया और घर की और चल दी. तभी मुझे याद आया कि पापा ने कहा था कि एक बार अंकल को हैल्लो बोलकर जरूर आना तो में उन्हे ढूँढने लगी. बहुत देर हो गई लेकिन अंकल नहीं मिले. वहां सब लड़के मुझे घूर रहे थे क्योंकि में बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैंने मिनी स्कर्ट और फिटिंग का टॉप पहना था, वो भी साईज़ में छोटा था और मेरी जांघे और नाभि और क्लीवेज साफ दिखाई दे रहे थे. ये मेरी नॉर्मल ड्रेस है.
फिर मुझे आंटी दिखी तो मैंने उनसे पूछा कि अंकल कहाँ है? तो उन्होंने बाहर की तरफ इशारा कर दिया. में वहां नहीं जाना चाहती थी, लेकिन पापा ने बोला था इसलिए जाना जरूरी था. फिर में वहां गई और अंकल को हैल्लो बोला, अंकल फुल नशे में थे उन्होंने मुझे नॉर्मली हग किया और वाइन का ग्लास दे दिया. मैंने मना किया लेकिन वो नहीं माने और मुझे पिला दिया. जिससे वहीं पर मेरा सिर घूमने लगा. फिर मैंने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और जैसे ही स्टार्ट करके रेस तेज की तो में गिर गई और बेहोश हो गई.
फिर जब मेरी आँख खुली तो एक लड़का मेरे साथ बैठा था. फिर मैंने पूछा कि में कहाँ हूँ? तो उसने बताया कि में उसके रूम में हूँ और उसे में पार्टी के बाहर पार्किंग में बेहोश मिली थी. फिर मैंने उसे थैंक्स बोला और उठकर जाने लगी, तो उसने मुझे रोका और कहा कि रात के 1 बज गए है, अब तुम कहाँ जाओगी और कल सुबह चली जाना तो में भी मान गई.
फिर मैंने पापा को फोन किया और बोल दिया कि में मेरी दोंस्त के घर पर हूँ कल सुबह आ जाउंगी तो पापा भी मान गए. फिर वो बोला चलो सोते है और मेरे साथ आकर बेड पर लेट गया. फिर मैंने कहा कि तुम कहीं और सो जाओ प्लीज. तो उसने बताया कि उसके पास एक ही बेड है तो मैंने कहा चलो एड्जस्ट कर लेते है फिर हम सो गए. सॉरी दोस्तों मैंने आपको उस लड़के के बारे में तो बताया ही नहीं, उसका नाम विक्की था और उसकी उम्र 20 साल थी. हाईट 5 फुट 7 इंच और लंड का साईज़ 8 इंच था वो बहुत ज्यादा स्मार्ट नहीं था, लेकिन एवरेज था.
फिर रात को अचानक मुझे अपनी जांघो पर कुछ महसूस हुआ तो मैंने आँख खोली तो विक्की मेरी जांघो पर हाथ घुमा रहा था. फिर में उसे रोकने लगी तो मैंने देखा कि मेरे हाथ बंधे हुए थे और उसने पैरो को भी बांध रखा था और मेरे मुँह पर टेप थी. में डर गई और रोने लगी तो वो बोला कि चिंता मत करो आज तुझे बहुत मजा आने वाला है तो उसने मेरे ऊपर से चादर हटाकर फेंक दी तो में देखकर और ज्यादा डर गई कि में पहले से ही नंगी थी और वो भी नंगा था. में उसे मना करती रही, लेकिन वो नहीं रुका और कभी मेरी नाभि को किस करता तो कभी जांघो को किस करता, कभी बूब्स चूसता और बूब्स दबाता रहा.
फिर वो मेरी चूत चाटने लगा, जिस पर बहुत बाल थे. फिर वो उठा और रेजर से मेरी चूत के बाल साफ़ कर दिए. में रो रही थी, लेकिन वो मेरी तरफ देख ही नहीं रहा था. फिर वो मेरी चूत लिक करने लगा तो मुझे नशा सा होने लगा. फिर में भी उसका साथ देने लगी और अपनी चूत उसके मुँह में धकेलने लगी. वो समझ गया था कि अब में तैयार हूँ और फिर उसने मुझे खोल दिया और किस करने लगा. में उससे लिपट गई और किस करती रही. फिर वो मेरे बूब्स मसलने लगा और दबा भी रहा था. में सातवें आसमान में थी.
फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह पर रख दिया तो मैंने लंड चूसने से मना कर दिया, लेकिन वो नहीं माना. फिर में तैयार हो गई और उसका लंड देखते ही डर गई, बाप रे कितना बड़ा था, लंड मेरे मुँह में आधा ही गया था. में मस्त होकर चूसती रही और उसने मेरे मुँह में ही झाड़ दिया और पीने को बोला तो में उसके लंड का पूरा पानी पी गई.
फिर उसने मुझे लेटा दिया और मेरी चूत चूसने लगा और में सिसकियाँ लेने लगी आईईई उम्म्म्मम और तेजज़्ज़्ज अह्ह्ह्ह उम्म्म्मम और 10 मिनट के बाद में फिर झड़ गई. वो मेरा सारा पानी पी गया. फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे और उसका लंड फिर से खड़ा हो गया और वो मेरी गर्म और गीली चूत पर लंड रगड़ने लगा. में अब रुक नहीं पा रही थी और फिर मैंने उससे बोला जो करना है जल्दी से कर लो ना प्लीज, तो उसने टाईम वेस्ट ना करते हुए एक ज़ोरदार झटका मारा और उसका पूरा लंड मेरी चूत में अन्दर चला गया. क्योंकि मेरी चूत पहले से ही गीली थी और अन्दर से कुछ टूटने की आवाज़ आई और खून निकलने लगा.
फिर मेरे मुँह से आवाज़ निकलने लगी आईईईइ माँ मरररर गईई पापा बचाओं आइईईई इतने में उसने अपने होठों से मेरे मुँह को लॉक कर दिया और थोड़ी देर वैसे ही रहा और किस करता रहा. फिर जब मेरा दर्द कम हो गया तो वो फिर से धीरे धीरे स्टार्ट हो गया, लेकिन उसने मेरे होठों को नहीं छोड़ा. फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया और में भी झड़ गई.
फिर वो मेरी गांड मारने लगा तो उसने मेरी गांड में लंड डाल दिया और चोदने लगा, लेकिन उसने मेरे होठों को नहीं छोड़ा और फिर उसने थोड़ी देर के बाद मुझे छोटे बच्चे की तरह गोद में उठा लिया और वो पूरी छत पर मुझे लेकर घूम रहा था और साथ में चोद भी रहा था. फिर मैंने कहा अभी के लिए बहुत है तो वो मेरी गांड में अन्दर ही छूट गया. फिर हम बेड पर आकर नंगे ही सो गए.
फिर जब मेरी आँख खुली तो सुबह के 11 बज रहे थे और हम अब भी बेड पर नंगे पड़े थे. फिर मैंने विक्की को उठाया तो उसने मुझे किस किया और फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और फिर वो मेरे लिए कॉफी ले आया.
फिर हमने कॉफी पी और उसने कहा कि चलो तुम्हें घर छोड़ दूँ. फिर मैंने सोचा क्यों ना आज भी मजा लिया जाए? फिर मैंने उससे कहा कि यार पापा तो ऑफिस गए होंगे. क्यों ना हम आज शाम तक साथ में टाईम बिताये? वो समझ गया था कि मुझे क्या चाहिए? तो उसने कहा कि ठीक है नहा लेते है. फिर उसने मेरे लिए अपनी बहन के कपड़े ला दिए और हम नहाने चले गए. फिर उसने मुझे बाथरूम में दो बार चोदा.
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