बहन मेरे दोस्त और उसके बाप की रंडी

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम देव है और मेरी उम्र 23 साल है. मेरी दो बहनें है, सबसे छोटी का नाम मोना है जो होस्टल में पढ़ती है और वो यहाँ से करीब 200 किलोमीटर दूरी पर है और मेरी दूसरी बहन का नाम अदिति है और वो मुझसे दो साल छोटी है, वो कॉलेज के तीसरे साल में पढ़ती है. दोस्तों मेरी बहन अदिति दिखने में एकदम चिकनी, सेक्सी लड़की है जो हर किसी को एक बार देखने से ही पसंद आ जाए और उसकी गांड, बूब्स बड़े है और उसके फिगर का साईज 34-28-36 है.
मेरा दोस्त अमित जो एक बहुत बड़ा रांडबाज लड़का है वो मेरे पास में ही रहता है और उसके पापा पांडे जी जो मेरे पापा के बहुत अच्छे दोस्त है. मेरी माँ पापा दोनों नौकरी करते है इसलिए वो पूरा दिन बाहर ही रहते है. अमित और में एक बहुत अच्छे दोस्त है तो वो मेरे घर पर आता जाता रहता है और यह दोनों मेरी बहन को चोदते है. जब मुझे यह बात पता चली तब में बहुत चकित हुआ था.
एक दिन अमित की मम्मी, पापा दोनों बाहर गए हुए थे तो अमित हमारे घर पर तीन चार दिन के लिए रहने आया था. पहली मंजिल पर मेरा और अदिति का रूम है और नीचे मम्मी पापा सोते है. उस रात को अमित और में लॅपटॉप पर गेम खेल रहे थे और कुछ देर बाद अमित उसके मोबाइल पर किसी से चेट कर रहा था. मुझे लगा कि वो उसकी कोई गर्लफ्रेंड होगी और फिर हम सो गये. जब मेरी रात को दो बजे गर्मी की वजह से आँख खुली तो मैंने देखा कि पंखा बंद था और में पानी पीने के लिए उठा और मैंने देखा कि अमित रूम में नहीं था.
मैंने बाथरूम में जाकर चेक किया वो वहां पर भी नहीं था. अब मैंने अदिति के रूम में जाकर भी उसे देखा, लेकिन रूम अंदर से लॉक था और में अपने रूम में आ गया. मुझे लगा कि शायद गर्मी की वजह से अमित छत पर गया होगा. में वापस आकर बेड पर लेट गया और मैंने अमित को एक मैसेज किया कि नीचे आ जा लेकिन फोन की घंटी यहीं पर बजी अमित का मोबाइल मेरे बेड पर ही पड़ा हुआ था. मैंने देखा उसका मोबाइल देखा तो उसमें आखरी बार किसी लड़की से मैसेज से बात हुई थी. अमित ने उसका नंबर किसी गश्ती नाम से सेव किया था और अब मैंने वो उन दोनों की चेट पढ़ी. दोनों की कुछ सेक्सी चेट थी और वो बहुत ही गंदे शब्द में थी जिसको पढ़कर मेरा लंड भी अब खड़ा होने लगा और उसने बाद में लिखा हुआ था कि दरवाजा खुला हुआ है अंदर आ जाना. में कुछ हैरान हो गया.
फिर मैंने जो नंबर गश्ती नाम से सेव था तो उसकी डीटेल में देखा और अब में एकदम से चकित रह गया, क्योंकि वो मेरी बहन का नंबर था जिसका मतलब है कि मेरी सुंदर बहन अमित की रंडी. मुझे यह सब नामुमकिन लग रहा था और फिर में समझ गया कि अमित मेरी बहन के रूम में ही गया हुआ है. अब मैंने एक बार फिर से अदिति के रूम में देखा तो उसका दरवाजा अभी भी बंद था और में समझ गया कि मेरी बहन अंदर सुहागरात मना रही है और में उसका बड़ा भाई अभी तक वर्जिन था और अभी तक सिर्फ़ मुठ का सहारा ले रहा था, लेकिन मुझे अमित पर ज्यादा गुस्सा नहीं आया. में अपने रूम में आ गया और मुझे नींद आ गई. में सो गया और फिर सुबह 8 बजे आँख खुली तो मैंने देखा कि घर पर कोई नहीं था और अमित अपने घर पर चला गया और मेरी बहन भी कॉलेज जा चुकी थी और मम्मी पापा भी नौकरी पर जा चुके थे. मुझे वो रात वाली बात एक सपने की तरह लग रही थी.
में सबसे पहले अदिति के रूम पर गया और मैंने देखा कि वहां पर बेड के ऊपर कपड़े बिखरे पड़े थे और बेड को देखकर में सोचने लगा कि कल रात को यहाँ पर मेरी बहन चुद रही थी और फिर में मेरी बहन का रूम साफ करके नहाकर कॉलेज के लिए निकल गया और जब मुझे अमित मिला तो मैंने उससे पूछा कि तुम कल रात कहाँ थे यार? तो उसने कहा कि में गरमी की वजह से छत पर चला गया था, लेकिन अब मैंने उससे ज़्यादा कुछ पूछा नहीं और फिर शाम को में और अमित घर पर आए, लेकिन अदिति पहले से ही घर पर थी. हम तीनों बैठकर इधर उधर की बातें कर रहे थे. शायद पहली बार चुदाई होने की वजह से लड़की का चलने का तरीका बिल्कुल बदल सा जाता है, लेकिन मेरी बहन तो एकदम सही चल रही थी. शायद यह उसकी चुदाई का पहला समय नहीं था.
फिर मम्मी पापा आ गये और हम सबने खाना खाया और कुछ देर टीवी देखकर बातें करके सोने चले गये मुझे फिर से पता था कि आज फिर से अमित और अदिति सेक्स करेंगे. अदिति ने उस समय मेक्सी पहनी हुई थी जिसकी वजह से उसकी गांड बहुत बड़ी दिख रही थी और फिर से अमित शायद मेरी ही बहन से चेट कर रहा था. मैंने सोने का नाटक किया, लेकिन पता नहीं कब मुझे नींद आ गई और मेरी आँख खुली ही नहीं.
फिर में सुबह 7 बजे उठा और कॉलेज के लिए तैयार हुआ. अमित सो रहा था तो मैंने सोचा कि बैचारा रात भर थक गया होगा. फिर में अपने कॉलेज के लिए निकल रहा था तो उससे मैंने पहले अदिति को देखा तो वो अभी भी सो रही थी और मैंने उसको उठाया तो बोली वो कि आज उसकी तबीयत कुछ ठीक नहीं तो वो कॉलेज नहीं जा रही है और मैंने जब अमित से पूछा तो वो भी में बाद में आ जाऊंगा कहकर सो गया और अब मुझे पूरा विश्वास था कि वो दोनों बहाना बना रहे है.
फिर में कॉलेज चला गया, लेकिन वहां पर मेरा मन नहीं लग रहा था, क्योंकि अमित मेरे घर पर फ्री का माल चोद रहा था और में यहाँ पर कॉलेज में मक्खियाँ मार रहा था और फिर शाम को में जल्दी घर पर वापस आ गया. तो मैंने देखा कि अमित और अदिति टीवी देख रहे थे और अदिति ने वही रात वाली खुली खुली ढीली ढाली मेक्सी पहनी हुई थी. में फ्रेश होकर आ गया और अब हम ऐसे ही बातें कर रहे थे. अमित मुझे आज बहुत खुश लग रहा था और अदिति भी जैसे कि उनकी कोई लॉटरी लगी हो और उन दोनों को देखकर ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया.
उस दिन अमित के मम्मी पापा वापस आ गये और अमित अपने घर पर चला गया और फिर उस दिन रात को दस बजे के बाद मेरी और अदिति की कुछ बातें शुरू हुई.
में : में तेरे रूम में सोने के लिए आ रहा हूँ क्योंकि मेरे रूम का पंखा खराब है.
अदिति : लेकिन क्यों? ऐसा कभी नहीं हो सकता, क्योंकि मुझे किसी के साथ नींद नहीं आती.
दोस्तों इतना कहकर उसने बहुत गुस्से से दरवाजा बंद कर दिया, मैंने उससे बहुत बार कहा आग्रह किया, लेकिन वो नहीं मानी और फिर वो बोली कि आप मेरे रूम में आ जाओ और में आपके रूम में चली जाती हूँ फिर वो अपना सामान लेकर मेरे रूम में चली गई और फिर में उसी बेड पर सो गया जहाँ पर ना ज़ाने कितनी बार मेरी बहन चुदी होगी? में उसकी चुदाई की बातें सोचकर सो गया. फिर उस दिन भी में उठकर तैयार होकर कॉलेज चला गया, लेकिन उस दिन में जल्दी ही घर पर लौट आया और उस समय करीब तीन बजे थे और अमित भी उस दिन कॉलेज नहीं आया था.
अब में उसके घर पर चला गया जो हमारे बिल्कुल पास में ही था, लेकिन मैंने देखा कि उसके घर पर भी ताला लगा हुआ था. मुझे कुछ काम होने की वजह से मैंने अमित के पापा के ऑफिस जाने की सोचा, दोस्तों जैसा कि मैंने पहले आप सभी को बताया था कि पांडे जी यानी कि अमित के पापा एक बहुत अच्छे और इज्जतदार इंसान है. वो एक कम्पनी के मालिक थे और घर से आधे घंटे की दूरी पर उनका ऑफिस है. में वहां पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वहां मेरी बहन की स्कूटी खड़ी हुई थी. मुझे अमित पर शक हुआ कि कहीं अदिति उसके साथ यहाँ पर ना आई हो?
अब मैंने सोचा कि पहले पांडे अंकल से अपना काम निपटा लूँ और में उसके बाद में इन दोनों को देखूंगा. में उनके ऑफिस जो कि पांचवी मंजिल पर था वहां पर चला गया और अब मैंने उनके सेक्रेटरी मिस्टर समीर से पूछा कि क्या पांडे जी मेरे पड़ोसी है मुझे वो बहुत अच्छी तरह जानते है, लेकिन उन्होंने फिर भी ना जाने क्यों उन्होंने मुझे अंदर जाने नहीं दिया और बहाना बनाकर कहा कि सर कोई मीटिंग में व्यस्त है, लेकिन अब मुझे उस पर शक होने की वजह से में भी मानने वाला नहीं था. मैंने उन्हे बहुत बोला और धमकी भी दी कि में अंकल को बोलकर तुझे तेरी नौकरी से निकलवा दूँगा. हमारी बात कुछ यूँ हुई..
मिस्टर समीर (सेक्रेटरी) : अंदर सर की आईटम, गर्लफ्रेंड आई हुई है और सर उसमे अभी बहुत व्यस्त है. अगर मैंने तुम्हे वहां पर जाने दिया तो वो मेरी सैलेरी काट देंगे.
में : तुम यह क्या पागलों की तरह बोल रहे हो, तुम्हे पता है अंकल शादीशुदा है?
मिस्टर समीर : हाँ, लेकिन उनकी आइटम को देखकर किसी भी बुड्ढे का लंड खड़ा हो जाए.
फिर मुझे भी अब उसकी बातों में बहुत मज़ा आने लगा था और वो उस लड़की की बहुत तारीफ कर रहा था, तभी मुझे अचानक शक हुआ कि अदिति की स्कूटी भी यहीं पर बाहर खड़ी हुई है. कहीं अदिति और पांडे अंकल आज? फिर मैंने तुरंत अपने मोबाईल से अदिति की एक फोटो निकालकर मिस्टर समीर को दिखाई और उनसे पूछा कि कहीं यह तो नहीं? समीर की आँखे फटी की फटी रह गई और मेरा शक अब बिल्कुल सही निकला.
में बहुत हैरान था कि समीर मुझसे सच बोल रहा था. उसने पूछा कि क्या तुम इसे जानते हो? तुम्हारे पास इसकी फोटो कहाँ से आई. तभी वो मुझसे बोला कि प्लीज मेरी एक बार इससे सेटिंग करवा दो प्लीज और फिर मैंने आख़िरकार उसे बता ही दिया कि यह मेरी छोटी बहन है तो समीर मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम चुप हो गया और मैंने उससे कहा कि मुझे एक बार देखना है कि वो दोनों अंदर क्या कर रहे है? तो उसने कहा कि में तुम्हे दिखा सकता हूँ, लेकिन मेरी एक शर्त है? तो मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है. फिर भी वो बहुत चालाकी करने लगा और मेरी मजबूरी का फायदा उठाने लगा. मुझे अंदाज़ा नहीं था कि वो इतनी गंदी शर्त रखेगा.
समीर : में तुम्हे उन दोनों का सेक्स दिखाऊंगा तो उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा?
में : जो आप बोलो, लेकिन प्लीज़.
समीर : क्या तुम अपने हाथों से मेरी मुठ मारोगे?
में : तुम यह क्या बक रहे हो?
समीर : तो ठीक है, अब तुम बिल्कुल चुपचाप यहाँ से वापस चले जाओ.
फिर मैंने उस समय जल्दी से हाँ कर दिया और फिर वो मुझे एक स्टोर रूम में ले गया और ऑफिस रूम में जहाँ पर एसी लगा हुआ था वहां पर उसके पास तीन इंच जितना एक छेद था. सीड़ीयों की वजह से हम वहां पर खड़े हो गये और अब अंदर का नज़ारा मेरे लिए बहुत ही चौका देने वाला था, क्योंकि अंदर पांडे अंकल सिर्फ़ शर्ट में थे और वो नीचे से पूरे नंगे थे और मेरी बहन बिल्कुल नंगी थी और वो दोनों स्मूच कर रहे थे.
दोस्तों उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे एक हसीन माल किसी बुड्ढे के साथ स्मूच कर रहा था और आज मैंने पहली बार मेरी बहन को पूरा नंगा देखा था. अब उन दोनों को देखकर मुझ लग रहा था कि जैसे उनकी पहली चुदाई पूरी हो गई थी और अब दूसरी चुदाई चालू करने वाले थे.
दोस्तों पांडे अंकल दिखने में बहुत गोरे है, लेकिन उनका लंड बहुत काला था. मेरी बहन उनके शरीर को इस तरह चूस रही थी जैसे वो एक भूखी शैरनी हो और अब अदिति धीरे धीरे नीचे की तरफ आ रही थी अब वो अंकल की छाती चाट रही थी. दोस्तों आपको क्या बताऊँ? फिर अंकल ने एक पैर कुर्सी पर रख दिया और अदिति के बाल पकड़कर अपने दोनों पैरों के बीच अदिति का मुहं कर दिया. मेरी बहन मेरे सामने अंकल के काले काले हिस्से को चाट चाटकर साफ कर रही थी. वो अपनी नाक और जीभ को बहुत ही गंदी तरह से लंड पर रगड़ रही थी और उसने उसकी गांड को भी नहीं छोड़ा.
मेरी बहन किसी की गांड चाटे, चूसे और वो भी अदिति जो कभी मेरा झूठा पानी भी नहीं पीती वो अपने इतने सुंदर होंठो से अंकल की गांड को चूम रही थी और जीभ से चाट रही थी. मुझे इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मुझसे ज़्यादा नसीब वाला तो अंकल की गांड का छेद है. में अब यही सब सोच रहा था. इतने में समीर ने मुझसे कहा कि क्यों शर्त याद है और फिर उसने अपना लंड पेंट से बाहर निकाल दिया और अब मुझसे हिलाने को बोला. में एकदम चुपचाप उसका लंड हाथ में लेकर उसकी मुठ मार रहा था.
अब समीर बीच बीच में बोल रहा था कि रंडी नहीं तो रंडी का भाई ही सही. वो मेरी बहन को मेरे सामने ही रंडी बोल रहा था और हम दोनों अंदर देख रहे थे और अब पांडे अंकल ने एक टेबल पर अदिति को लेटा दिया और उसे चोदने लगे. मेरी बहन ठीक मेरे सामने चुद रही थी. में और समीर यह सब देख रहे थे. मेरा एक हाथ समीर के लंड पर था और फिर कुछ देर बाद समीर झड़ गया और उसके वीर्य की कुछ बूंदे मेरे हाथ पर लगी. में लगातार उनकी चुदाई को देखता रहा, लेकिन करीब दस मिनट के बाद अंकल और अदिति दोनों ही अचानक से रुक हो गये.
फिर समीर मुझसे बोला कि बाहर चल अब इनकी फिल्म खत्म हो गई है और अब तेरी बहन बाहर आए उससे पहले तुम यहाँ से चले जाओ. फिर में वहां से भागा और जल्दी में मैंने अपने हाथ भी नहीं धोए और घर पर आकर में फ्रेश होने चला गया और मैंने मुठ मार ली. शाम को 6 बजे अदिति घर पर आई तो मैंने उससे पूछा कि तुमने आज घर पर आने में इतनी देर क्यों लगा दी? तो वो बोली कि ट्रेफिक बहुत ज़्यादा था और फिर वो भी फ्रेश होकर आई और हम बैठकर बातें करने लगे. में बार बार उसके होंठो को देख रहा था कि कैसे अभी कुछ देर पहले यह होंठ किसी का लंड चूस रहे थे.
अब मेरी समझ में पूरी तरह से आ चुका था कि मेरी छोटी बहन उन दोनों बाप बेटे की रंडी थी. फिर रात को मम्मी पापा आए तो हमने बातें की और फिर उस दिन के बाद मुझे अदिति की सभी हरकते रंडी जैसी लगने लगी. जैसे कोई घर पर आए तो दरवाज़ा खोलकर उसे देखते रहना या किसी भी मेहमान के साथ खुद अकेले रहना बिल्कुल टाईट नाईटी, मेक्सी, टी-शर्ट में ही रहना अपने जिस्म को दिखाकर दूसरों को अपनी तरफ आकर्षित करना और बहुत कुछ ऐसा था जो वो अब करने लगी थी. फिर उसके बाद बहुत बार अमित मुझसे मिलने घर पर आता था, लेकिन मुझसे मिलना तो सिर्फ उसका एक बहाना था. वो तो मेरी रंडी बहन से मिलने के मौके ढूंढता और सही मौका मिलने पर बहुत जमकर उसे चोदता था.
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जोशी की बीवी चोदी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और आज में आप लोगों को अपनी एक मेरे साथ हुई कहानी सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों में पूना में मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त के साथ एक फ्लेट में किराए से रहता हूँ, हमारे सामने वाली मंजिल में एक कपल रहता है मिस्टर और मिस जोशी वो दोनों पिछले सात सालों से शादीशुदा है, लेकिन उन्हे अब तक कोई बच्चे का सुख नहीं मिल सका.
दोस्तों मेरी और मिस्टर जोशी की बहुत अच्छी जान पहचान है इसलिए वो मुझे कभी कभी अपने घर पर चाय नाश्ते के लिए बुला लेते है. वैसे व्यहवार में मिस जोशी भी बहुत अच्छी है, वो हमेशा हमे बहुत सारे कामों में मदद किया करती है और वो दिखने में भी बहुत सुंदर है. उनके फिगर का साईज करीब 36-30-36 है.
दोस्तों में तो उन्हे हमेशा से ही बहुत चाहता था. मैंने जब पहली बार उन्हे देखा तो में तब से उन्हे मन ही मन चाहने लगा था. वो मुझे बहुत अच्छी लगी थी और फिर एक दिन मिस्टर जोशी अपने किसी जरुर काम के लिए दस दिन शहर से बाहर चले गये और ठीक उसी दिन मिस जोशी को अपने घर के किसी काम के लिए बाहर जाना था.
उन्होंने मुझसे मदद के लिए पूछा तो मैंने झट से उन्हे हाँ कर दिया और फिर में उन्हे अपनी बाईक पर अपने साथ बैठकर ले गया और कुछ घंटो में काम खत्म होने के बाद मैंने उन्हे उनके घर पर छोड़ दिया और में वहां से जाने लगा, लेकिन तभी उन्होंने मुझे अपने घर के अंदर बुलाया. में उनके कहने पर अंदर चला गया. उन्होंने मुझसे कहा कि तुम थोड़ी देर बैठो में अभी अपने कपड़े बदलकर आती हूँ और फिर कपड़े बदलने दूसरे कमरे में चली गयी, लेकिन वो बहुत देर तक नहीं आई तो मैंने सोचा कि में जाकर देखता हूँ.
फिर जब मैंने बेडरूम के दरवाजे को धीरे से छुआ तो वो पहले से ही खुला हुआ था और मेरे हाथ लगाते ही आगे की तरफ सरकने लगा और जब मैंने अंदर की तरफ झांककर देखा तो में वो सब देखकर एकदम चकित रह गया. मैंने देखा कि मिस जोशी पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी और वो अपनी चूत को सहला रही थी. में यह सब कुछ देखकर बिल्कुल हैरान होकर वहीं पर मूर्ति बनकर खड़ा रहा. तभी मिस जोशी ने मेरी तरफ देखा और फिर बहुत प्यार से मुझसे कहा कि आओ ना अमित अंदर आ जाओ, तुम ऐसे बाहर क्यों खड़े हो? तो में बिना कुछ सोचे समझे अंदर चला गया और जाकर बेड पर बैठ गया, लेकिन अब में अपनी आखें उनके हॉट, सेक्सी बदन से हटा नहीं पा रहा था.
तभी वो खुद उठकर मेरे पास आई और फिर मुझसे पूछा कि क्या तुमने इससे पहले कभी किसी औरत को नंगा नहीं देखा? तो मैंने धीरे से गर्दन को हिलाकर कहा कि नहीं और फिर वो तो मेरे मुहं से यह बात सुनकर ज़ोर से हंस पड़ी और उन्होंने एकदम से आगे बढकर मेरी पेंट के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ लिया और तब तक मेरा लंड भी पूरा खड़ा हो गया था. वो मेरे लंड को छूकर महसूस करके मुझसे कहने लगी कि वाह तुम्हारा तो बहुत बड़ा है.
मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे कहा कि में इस दिन का बहुत दिनों से इंतजार कर रहा हूँ, लेकिन मुझे बहुत डर लगता था और मुझे पता भी नहीं था कि आप भी मुझसे यह सब चाहती है. वो बोली कि फिर अब देर किस बात की? उसने मेरे सारे कपड़े एक एक करके उतार दिए और जल्दी से मुझे पूरा नंगा कर दिया. फिर वो मेरे लंड को हाथ में लेकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी. में तो उनके यह सब काम देखकर बहुत हैरान था. मुझे नहीं पता था कि वो मेरे साथ अब यह सब करने वाली है. वो एक रांड की तरह मेरे साथ व्यहवार कर रही थी.
में उनका पहली बार ऐसा रूप देखकर बहुत हैरान था, लेकिन वो अब कुछ भी मेरे साथ करें मुझे उससे क्या मतलब था? मुझे तो बस बिना कुछ कहे वो सब कुछ मिल रहा था जो में उनसे चाहता था. तभी उसने मेरा लंड मुहं में ले लिया और अब ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी में सिसकियाँ लेने लगा आहहह मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और दस मिनट के बाद में उनके मुहं में झड़ गया. मैंने मेरा सारा गरम गरम पानी उन्हें पिला दिया. फिर में उन्हे किस करने लगा और वो भी अब मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और में उनके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा तो वो बोली कि हाँ और ज़ोर से चूसो इन्हे उह्ह्हह्ह अहह्ह्ह्ह हाँ थोड़ा और ज़ोर से. में अब बच्चों की तरह उनके बूब्स को चूसने, दबाने लगा.
वो ज़ोर से सिसकियाँ लेकर बोली कि हाँ उह्ह्हह्ह्ह्ह थोड़ा और उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ ज़ोर से चूसो और उन्होंने मेरा सर उनके बूब्स पर दबा दिया और फिर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी आह्ह्ह्हहहह हाँ अमित जानू हाँ ऐसे ही करो मुझे बहुत मज़ा आ रहा है और फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझे बिल्कुल नीचे आकर उनकी चूत चाटने को कहा तो मैंने नीचे सरककर उनकी चूत को देखा वो बिल्कुल साफ थी और थोड़ी उभरी हुई थी.
अब में उसकी कामुक चूत को चूसने लगा और में अपनी एक उंगली उनकी चूत में डालकर भी उसे चूसने लगा. तभी उन्होंने मेरा सर उनकी चूत पर दबा दिया और फिर कुछ ही सेकिंड बाद उन्होंने अपनी चूत का पानी मेरे मुहं पर छोड़ दिया. में वो सारा पानी पी गया और तब तक मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया था. मैंने उनसे पूछा कि कंडोम कहाँ है? तो वो बोली कि नहीं, तुम आज मुझे बिना कंडोम के चोदो क्योंकि मेरे पति मुझे अपने बच्चे कभी भी नहीं दे सकते और आज के बाद वो सब बच्चे मुझे तुमसे चाहिए और इसलिए मेरे पति और मैंने यह सब प्लान किया था.
में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम चकित रह गया और उनसे पूछने लगा कि यह सब काम मिस्टर जोशी को पहले से ही पता है? तो वो बोली कि हाँ यह हमारा एक सोचा समझा प्लान था, जिसमे तुम्हे मेरे साथ यह सब करना था और अब आगे भी करना पड़ेगा. में उनके मुहं से पूरी बात सुनकर मन ही मन और भी खुश हो गया, क्योंकि मुझे अब किसी के पकड़े जाने की टेंशन नहीं थी.
फिर मैंने एक ही झटके में मेरा पूरा का पूरा 7 इंच का लंबा और 3 इंच मोटा लंड उनकी चूत में घुसा दिया जिसकी वजह से वो बहुत ज़ोर से चीख पड़ी अमित अहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह तुमने तो मुझे आज मार ही डाला आहहहहह प्लीज थोड़ा धीरे करो हाँ उईईईईईई.
में उन्हे अब बहुत धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा और अब उन्हे बड़ा मज़ा आ रहा था वो भी अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और फिर मैंने कुछ देर बाद अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अब में उन्हे ज़ोर ज़ोर से ताबड़तोड़ धक्कों के साथ चोदने लगा. तो वो बोली कि वाह मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है, हाँ जानू ऐसे ही चोदो मुझे, आज तुम मेरी प्यास को बुझा दो आहहहह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह्ह्ह और इतना कहते कहते वो झड़ गई, लेकिन में अब तक चोदता रहा और वो इस चुदाई के बीच करीब दो बार झड़ गई थी.
फिर 30 मिनट की उठा पटक के बाद में भी उनकी चूत में झड़ गया और पूरी तरह से थककर उनके ऊपर लेटा रहा. उसके अगले दस दिन तक हम दोनों ने दिन रात अलग अलग तरह से चुदाई की और अब तो मिस्टर जोशी के होते हुए भी हम उनके घर पर सेक्स का बहुत एंजाय करते है. मिस्टर जोशी भी कभी कभी हमारी चुदाई के मज़े लेते है. दोस्तों उनकी चुदाई में मुझे भी बड़ा मज़ा आता था. मैंने उनको बहुत दिनों तक चोदा और बहुत मज़े किए.
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रंडी माँ की चुदाई का सीन

हैल्लो दोस्तों, में आज आपको बताने जा रहा हूँ कि कैसे मेरी माँ रंडी बनी? मेरा नाम जेकी है. उम्र 19 साल और मेरी माँ की उम्र 35 साल है और उनकी बॉडी देखने में रसदार लगती है और उन्हें हॉलीवुड फिल्म और छोटी छोटी ड्रेस पहनना बहुत पसंद है. जब में हॉस्टल से घर आता तो मुझे उनके रूम में पॉर्न फिल्म की डी.वी.डी मिलती थी, जो मेरी माँ छुपा कर रखती थी.
ये बात उन दिनों की है जब में अपने 12वीं की पढाई ख़त्म करके घर आया था. मेरे पापा काम की वजह से अक्सर बाहर जाते रहते थे. इस बार वो 10 दिनों के लिए घर से बाहर गये थे. उस दिन मेरी माँ शाम को किसी के साथ फोन पर बहुत हंस हंसकर बात कर रही थी और बहुत देर तक बात की. फिर रात में जब में खाना खाने लगा तो वो एक पारदर्शी नाइटी ड्रेस में आई मेरी आँखे खुली की खुली रह गई. मुझे उनका बूब्स पूरी तरह से साफ साफ दिख रहा था और पीछे से उनकी गांड ने मेरे सोए हुए लंड को खड़ा कर दिया.
फिर उस वक़्त कोई दरवाजे पर आया और मेरी माँ तुरंत हंसती हुई गई और फिर मैंने देखा कि वो तो मेरे पापा के साथ काम करने वाला आदमी (सोहन) है. में थोड़ा सोचने लगा कि वो अभी यहाँ क्या कर रहा है? फिर मेरे पूछने के बाद माँ बोली कि इन्हें कुछ काम है इसलिए आए है. फिर मैंने सोचा कि हो सकता है और अब सोहन देर होने के कारण मेरे घर में रुकने वाला था तो सब लोग खाना खाने के बाद अपने रूम में जाकर सो गये और सोहन गेस्ट रूम में सो गया और माँ अपने रूम में सो गई. अब मुझे हॉस्टल में देर रात जागने के कारण नींद नहीं आ रही थी. फिर कुछ देर के बाद मुझे कोई आवाज़ सुनाई दी.
फिर में धीरे से बाहर गया तो मुझे लगा कि कोई बात कर रहा है. में और पास गया तो देखा कि मेरी माँ और सोहन बात कर रहे है, लेकिन चौका देने वाली बात यह थी कि सोहन सोया हुआ था और मेरी माँ उसकी कमर पर अपनी सुंदर गांड को रखे हुए थी. ये देखकर में अपनी आँखों पर विश्वास नहीं कर रहा था. फिर सोहन मेरी माँ के बूब्स को पूरे ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था और मेरी माँ आआ आआ ऊऊओ कर रही थी.
कुछ देर के बाद वो दोनों नंगे हो गये और मेरी माँ इतनी सुंदर लग रही थी कि में आपको बता नहीं सकता हूँ. उनके बड़े-बड़े सुंदर बूब्स चार चाँद लगा रहे थे. फिर मेरी माँ ने अपने हाथ में थोड़ा तेल लिया और सोहन के लंड को सहलाने लगी. अब मेरा लंड भी ये सब देखकर पूरा खड़ा को गया. सोहन का लंड 10 इंच था. फिर कुछ देर तक सहलाने के बाद माँ लंड को चूसने लगी और में ये देखकर जान गया कि मेरी माँ पॉर्न फिल्म देख-देखकर सब सीख गई है, अब सोहन पूरे मज़े में था.
अब मेरी माँ बड़ा सा लंड पूरा अंदर तक चूस रही थी, अब सोहन अयाया हहह्ह्ह्हह वाऊ कर रहा था. फिर वो दोनों एक दूसरे को किस करने लगे और सोहन मेरी माँ के बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और अब मेरी माँ पूरा मज़ा ले रही थी, आआहह ऊओह. अब सोहन धीरे-धीरे कमर के नीचे गया और माँ की टांगों से चाटना शुरू किया, मानो मेरी माँ जन्नत में हो.
फिर कुछ देर के बाद मेरी माँ पागल सी हो गई और सोहन से बोलने लगी कि डालो जल्दी डालो, आआह्ह्ह्ह. फिर सोहन ने पूरा लंड एक ही बार में अंदर कर दिया और माँ ने ज़ोर से आवाज़ निकाली, आह्ह्ह्ह में मर गई, हे राम आ ऊओ, अब सोहन पूरे ज़ोर-ज़ोर से डाल रहा था और मेरी माँ को कुछ देर के बाद पूरा मज़ा आने लगा और वो बोलने लगी कि और चोदो सोहन चोदो और ज़ोर से चोदो, आआहह. में पूरी रात अपनी माँ को चोदते देखता रहा और अपने लंड को हिला-हिला कर कंट्रोल किया.
फिर सुबह जब में जागा तो माँ जाग गई थी और सोहन भी जाने के लिए तैयार हो गया और कुछ देर के बाद चला गया. अब मेरी माँ बहुत खुश दिख रही थी और शरीर से भी मस्त लग रही थी जो पूरा सेक्सी था और जिसमें पीठ और नाभि पूरी दिख रही थी. अब में अपना लेपटॉप चला रहा था और मेरी माँ टी.वी देख रही थी. मेरे अंकल उम्र 27 साल और वो भी मेरी माँ के साथ टी.वी देखने लगे और बोले क्या बात है भाभी? आज बड़ी मस्त लग रही हो, कोई बात है क्या?
फिर मेरी माँ भी अपने बूब्स दिखाते हुए बोली कि नहीं बस थोड़ी गर्मी लग रही है. में तो चौक गया कि ए.सी रूम में गर्मी, में बाहर दरवाजे के बगल से सब सुन रहा था. फिर मेरी माँ के बोलने के बाद मेरी माँ अंकल को देखकर कुछ इशारे करने लगी तो अंकल ने कहा कि लगता है कि भाभी को अंदर की गर्मी लग रही है. फिर मेरी माँ ने जवाब दिया कि हाँ बाहर की गर्मी को तो ख़त्म कर सकते है, लेकिन अंदर की गर्मी को कैसे करे? फिर अंकल बोले कि कुछ दिन पहले ही तो में अंदर की गर्मी को ठंडा करके गया था. अब तो में पागल ही हो गया कि ये हो क्या रहा है? मेरी माँ तो रंडी बन गई है.
फिर अंकल बोले कि आप बोलो तो हम अभी आपके अंदर की गर्मी को ख़त्म कर दे, लेकिन जेकी घर में है. फिर माँ बोली कि ऐसा करो उसे कोई काम से बाहर भेज दो. इससे पहले की अंकल मुझे बाहर भेजते में बोला कि में कुछ काम से बाहर जा रहा हूँ तो अंकल और मेरी माँ खुश हो गये. फिर मैंने पीछे की साईड का दरवाजा खोला और सामने वाले दरवाजे से बाहर चला गया.
फिर कुछ देर के बाद में पीछे वाले दरवाजे से धीरे-धीरे अंदर आ गया और देखा कि हॉल में अंकल और मेरी माँ एक दूसरे से गले लगे हुए है और अंकल मेरी माँ की गांड को ज़ोर-ज़ोर से सहला रहे है और ज़ोर-ज़ोर से मार रहे थे. फिर मेरी माँ ने अपनी साड़ी खोलकर अंकल को चूसने को बोला, फिर अंकल मेरी माँ के निप्पल को काटने लगे और चूस रहे थे. फिर माँ ने बोला एक मिनट रूको तो अंकल ने कहा क्या हुआ? फिर माँ अंदर अपने रूम में गई और एक सी.डी ले कर आई और डी.वी.डी चालू कर दिया.
फिर मैंने देखा कि वहां तो पॉर्न वीडियो चल रहा है और मेरी माँ बोली चलो इस वीडियो में जैसे करते है वैस ही हम करेंगे तो अंकल बोले ठीक है और दोनों ने वीडियो को देख-देखकर चुदाई करना शुरू कर दिया.
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शालू दीदी ने चोदना सिखाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अन्नू है और में इस साईट पर अपनी पहली स्टोरी बता रहा हूँ। में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ और दिल्ली में रहता हूँ। मैंने यह स्टोरी बताने में काफ़ी देर कर दी, मुझे लगता है शायद मुझे आपको यह स्टोरी अब तक बता देनी चाहिए थी। मेरी यह स्टोरी बिल्कुल सच्ची है और आप भी जानते है कि स्टोरी पढ़कर समझ आ जाता है कि यह सही है या झूठ है.
यह उन दिनों की बात है जब मैंने 10वीं क्लास के एग्जाम दिए थे और में अब फ्री बैठा था, सुबह क्रिकेट खेलकर आता था और दोपहर में टी.वी देख लेता था और सो जाता था और पतंग उड़ाता था और कॉमिक्स पढ़ता था. ऐसे ही मेरे दिन कट रहे थे. मैंने कभी सोचा नहीं था कि सेक्स का मज़ा कितना अच्छा होता है और कितना प्यारा होता है. एक बार यह आपको लग जाए तो बस क्या कहने? एक बार में छत पर पतंग उड़ा रहा था, तो एक पतंग कट कर मेरे पास वाले घर में जा रही थी, वहाँ एक अंकल आंटी रहते थे और उनकी एक लड़की थी, जिसका नाम शालू था. में उनको दीदी बुलाता था, क्योंकि वो मुझसे 3-4 साल बड़ी थी और वो मुझे राखी भी बाँधती थी तो अब में स्टोरी पर आता हूँ.
फिर पतंग कट कर उनकी छत पर चली गयी और में भी अपनी छत से कूदकर उनकी छत पर आ गया, ऊपर वाला कमरा शालू दीदी का ही था. पतंग उनके कमरे के ऊपर थी, में वहाँ चढ़कर पतंग निकाल रहा था तो शालू दीदी भागकर बाहर आई, क्योंकि उन्हें खटपट की आवाज़ आई थी. फिर उन्होंने कहा कि कौन है वहाँ? तो मैंने बोला दीदी में हूँ पतंग लेने आया था, तो वो बोली ठीक है. फिर मैंने कहा दीदी पानी पीना है तो वो पानी देने लगी और फिर में पानी पीकर वहीं रुक गया और इंतज़ार करने लगा कि शायद कोई पतंग और कटकर आ जाए और फिर घर जाऊंगा.
दीदी को लगा शायद में चला गया हूँ तो वो चेंज कर रही थी, में उनके रूम पर फिर से पानी की बोतल लेने गया तो देखा कि दीदी अपनी ब्रा चेंज कर रही थी और मैंने उनके छोटे-छोटे बूब्स देख लिए, वो ब्रा उतार कर अपनी बॉडी पर क्रीम लगा रही थी. यह देखकर मेरा लंड अपनी जीन्स में खड़ा हो गया और फिर उन्होंने ब्रा और टॉप पहन लिया और में भी चुपके से वहाँ से निकल गया.
फिर जब रात हुई तो मेरा दिमाग़ और खराब हो गया. मुझे तो बस शालू दीदी के बूब्स नज़र आ रहे थे, मेरा मन कर रहा था कि उनके बूब्स को हाथ में लेकर उनको मसल दूँ. अब यही प्लान बनाने लगा कि भाड़ में जाए पतंगबाज़ी, अब तो बस एक बार शालू दीदी की चूत मिल जाए, पर कैसे? एक तो वो मुझे राखी बाँधती थी और उनको सेट करूँ तो कैसे? फिर 4-5 दिन तो मैंने मुठ मार कर काट लिए, लेकिन अब दिन नहीं कट रहे थे.
एक बार दोपहर को मैंने उनके रूम पर जाने का प्लान बनाया और फिर उनके रूम पर जाकर मैंने उनसे कहा कि दीदी पढ़ने के लिए कुछ कॉमिक्स है क्या? में बोर हो रहा हूँ. फिर उन्होंने मुझे पढ़ने के लिए कॉमिक्स दी और फिर में वही कॉमिक्स पढ़ने लगा, वहाँ रूम में दीदी का एक सिंगल बेड ही था. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने कहा दीदी नींद आ रही है, तो वो बोली इधर ही सो जा, में भी यही प्लान बनाकर आया था, क्योंकि सिंगल बेड था. फिर थोड़ी देर के बाद दीदी भी सोने के लिए आ गई, वो एक कट आर्म्स वाला पिंक टॉप और वाइट शॉर्ट्स पहने थी. उनको लगा कि में सो रहा होगा, लेकिन में तो मौके कि तलाश में लेटा था.
फिर 10 मिनट होने के बाद मुझे लगा कि दीदी सो गयी है तो मैंने करवट बदलकर एक हाथ उनके ऊपर रख लिया. फिर थोड़ी देर के बाद दीदी मुझसे और चिपक गयी और उनकी बॉडी मेरे से टच होने लगी, उनकी खुशबू मेरा दिमाग़ ख़राब कर रही थी मेरा मन कर रहा था कि बस अभी सब कुछ कर दूँ. फिर मैंने अपना मुँह उनके पास लिया और महसूस किया, तो उनके मुँह से गर्म-गर्म साँसे निकल रही थी, फिर मैंने अपनी जीभ उनके लिप्स पर लगाई, उनके बड़े सॉफ्ट लिप्स थे.
फिर मैंने उनके लिप्स पर एक किस किया और फिर अपनी एक उंगली उनके टॉप में डाली जहाँ से बूब्स स्टार्ट होता है और ऊपर से धारी दिखती है, साला वहां बड़ा ही सॉफ्ट पार्ट था. फिर मैंने उसमें अपनी पूरी उंगली डाल दी, लेकिन साली ब्रा बीच में आने लगी, तो में उनके बूब्स को ऊपर से पकड़कर दबाने लगा.
फिर थोड़ी देर के बाद जब दीदी हिली तो मैंने अपना हाथ हटा लिया और उनसे चिपककर सो गया. फिर जब में उठा तो मैंने देखा कि दीदी भी उठने वाली थी और फिर उन्होंने मेरे माथे पर किस किया तो मुझे अच्छा लगा और मैंने उनको गले से लगा लिया और मेरा मुँह उनके बूब्स पर था. फिर मैंने उनसे कहा दीदी मुझे भी किस करने दो, तो वो बोली कर ले तो मैंने उनके गालों पर किस किया. फिर मैंने कहा कि दीदी और करूँ तो वो बोली करो ना. फिर मैंने कहा कि दीदी आपके लिप्स पर कर लूँ? तो वो थोड़ा सोचने लगी और फिर बोली कि चलो कर लो.
फिर मैंने उनके लिप्स पर किस किया तो उन्होंने कुछ प्रतिक्रिया नहीं दी. फिर मैंने कहा दीदी मैंने आपको इतने किस किए, लेकिन आप नहीं करती तो वो बोली कि अच्छा करती हूँ, तो मैंने कहा लिप्स पर ही करना. फिर तब उन्होंने लिप्स पर किस किया और फिर मैंने भी उनका पूरा साथ दिया. फिर वो नहाने जाने लगी तो में वहीं पर लेटा था.
फिर वो नहाकर बाहर आई और उनके गीले-गीले बाल मस्त लग रहे थे. फिर मैंने उनसे कहा कि दीदी एक प्रोब्लम है, तो वो बोली क्या? मैंने कहा शर्म आती है तो उन्होंने कहा कि बता ना क्या बात है? तो मैंने अपने लंड की तरह उंगली करके कहा कि दीदी मुझे दर्द होता है और खुजली भी होती है. तो वो बोली क्या बात कर रहा है? फिर मैंने कहा आप प्लीज देख सकती हो, तो फिर वो बोली मुझे ऐसे नहीं पता क्या प्रोब्लम है?
फिर मैंने कहा कि घर पर बताने में शर्म आ रही है इसलिए आपको बताया है. फिर वो मुझे बाथरूम में ले गयी और फिर उन्होंने कहा कि दिखाओ, तब मैंने जीन्स और अंडरवियर उतारकर अपना लंड दिखाया और कहा कि दीदी यहाँ दर्द होता है पता नहीं क्यों? फिर दीदी ने उसको अपने हाथ में लिया तो वो खड़ा होने लगा. तो मैंने कहा कि दीदी इसमें खुजली भी होती है, फिर उन्होंने कहा यह तो होता रहता है. फिर मैंने कहा कि दीदी मुझे आपका नीचे का देखना है, तो वो कहने लगी पागल है क्या? तो मैंने कहा दीदी प्लीज दिखाओ कैसी होती है?
मैंने आज तक किसी का नहीं देखा, तो वो मान गयी और अपना शॉर्ट्स और पेंटी उतार दिया. फिर मैंने कहा दीदी रूम में चलो यहाँ अंधेरा है तो फिर हम रूम में गए और अब में उनकी चूत पर हाथ फेर रहा था. अब उनको सेक्स चढ़ने लगा था तो मैंने कहा कि दीदी मेरे लंड में खुजली हो रही है, तो वो बोली दिखा ज़रा और उसको मुँह में लेकर चूसने लगी. फिर 5 मिनट के बाद मेरा पूरा पानी उनके मुँह में ही चला गया और वो लेट गयी और फिर वो बोली रात को आना और मज़े करेंगे.
फिर में रात को उनके रूम में पढ़ने के बहाने गया तो वो वहाँ बैठी हुई थी. फिर मैंने रूम का लॉक लगाया और कहा कि दीदी मुझे आपको पूरा नंगा देखना है तो उन्होंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और उनके बूब्स से खेलने लगा. अब वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी थी. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अपना लंड मेरी चूत में डालो तो मैंने कहा कि दीदी कैसे करना है?
वो बोली इसमें डालो और झटके दो, लेकिन में डालने से पहले ही झड़ गया था और फिर दो तीन दिन ऐसे ही चलता रहा. फिर मैंने उनसे कहा कि आज पूरा करेंगे, तो वो खुश हो गयी और फिर मैंने उनको पूरा नंगा किया और अपना लंड उनके मुँह में चूसने को कहा. अब उनको भी मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने देर ना करते हुए उनकी चूत में अपना लंड डाला, लेकिन लंड चूत में नहीं घुस रहा था, तो दीदी ने कहा कि जोर-जोर से झटका दो तो ये अन्दर जायेगा. फिर मैंने दम लगाकर एक झटका दिया तो वो उनकी चूत के छेद में चला गया और फिर मैंने झटके देने चालू किए.
अब उन्हें भी बड़ा मज़ा आ रहा था, पहले तो वो चिल्लाई फिर मेरा अच्छा साथ देने लगी. जब में झटके दे रहा था तो मुझे लग ही नहीं रहा था कि में फर्स्ट टाईम सेक्स कर रहा हूँ. उनकी चूत में मेरा लंड ऐसा लग रहा था कि जैसे लंड आग की भट्टी के अंदर हो. साला वहां बहुत गर्म था. फिर यही सिलसिला में 12वी क्लास तक करता रहा और फिर उनकी शादी हो गयी. अब जब भी वो घर आती है तो मुझे मौका मिलता है और में उनकी चूत लेने से नहीं चूकता, क्योंकि यार वो माल बहुत मस्त था. अब तो उनके बूब्स बड़े हो गये है और उनके एक लड़की भी हो गयी. अब रक्षाबन्धन पर वो नहीं आती तो में उनके पास राखी बंधवाने चला जाता हूँ और अपना काम करके आ जाता हूँ. तो दोस्तों यह मेरी पहली कहानी थी.
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बुआ के पति के साथ आंगन में चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संजना है और में सबसे पहले आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ क्योंकि आप लोगों की वजह से ही हम जैसे लोगों को अपनी बात कहने का मौका मिलता है और अब में अपनी घटना को विस्तार से सुनाने जा रही हूँ जिसमें मैंने मेरी बुआ के पति के साथ अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए.
दोस्तों उस समय मेरी दीवाली की छुट्टियाँ चल रही थी और मुझे कुछ दिन घूमने, आराम करने के लिए गाँव जाना था, लेकिन मेरे साथ घर वाले नहीं जा सकते थे क्योंकि माँ और पापा को अपने ऑफिस जाना था और भाई की कोचिंग क्लास अभी तक शुरू थी, लेकिन मेरी बुआ का परिवार भी गाँव जाने वाला था. हर साल एक परिवार को वहां पर जाकर दीवाली से पहले का सब काम करना रहता है, लेकिन इस साल मेरे सभी चाचा भी बहुत व्यस्त थे. मेरी बुआ ने कहा कि वो लोग वहां का सब काम कर लेंगे और मेरी बुआ को हमारा गाँव उनके ससुराल के गाँव से कुछ ज़्यादा पसंद था क्योंकि हमारा गाँव एक टापू के पास में है.
तो दोस्तों हुआ यह कि मेरे पापा ने मुझसे कहा कि में भी उन लोगो के साथ गाँव जा सकती हूँ. मेरी बुआ का बेटा निखिल मेरे बराबर ही है और मेरी उसके साथ अच्छी जमती है तो में भी अब उनकी यह बात सुनकर राज़ी हो गई और फिर हमने दस दिन का प्लान बनाया.
उसमे से कुछ दिनों के लिए बुआ के ससुराल जाने का प्लान भी था क्योंकि वहां पर उनकी देवरानी गर्भवती थी तो उन्हे गोद भराई की मदद करने के लिए जाना था. दोस्तों मेरी बुआ की उम्र करीब 40-42 साल होगी और उनके पति की उम्र भी करीब 43-44 साल होगी, उनके पति जहाज पर काम करते थे और वो दिखने में बहुत स्मार्ट भी थे. वो साल के आठ महीने जहाज पर बिताते थे और बाकी चार महीने अपने घर पर. फ्रेंच कट वाली दाड़ी, पूरी तरह से साफ चेहरा, 6 फुट हाईट, उनका अच्छा दिखने वाला शरीर था.
दोस्तों मेरी उनके पति के साथ भी बहुत अच्छी जमती थी और वो हमेशा मेरे साथ एक दोस्त की तरह बात करते थे और बहुत मस्ती मजाक़ भी करते थे, लेकिन मेरी बुआ थोड़ी खराब है, लेकिन वो मुझसे बहुत प्यार करती है और बुआ बहुत झगड़ालू भी है. पता नहीं उनका परिवार उनको रोज़ कैसे सहता है?
अब हम गाँव में पहुंच गये और हमारे गाँव के घर में हमारा जो नौकर है सोनू, उसकी कुछ ही महीनो पहले शादी हुई थी और अब हम पहली बार उसकी नयी नवेली दुल्हन से मिल रहे थे. वो बहुत सुंदर थी और वो करीब 22-23 साल की थी. वो दोनों अपने क्वॉर्टर में रहते थे और उनका क्वॉर्टर हमारे घर के पीछे की तरफ था. उसके लिए एक दरवाजा घर के अंदर से यानी हमारी किचन से था और दूसरा दरवाजा बाहर से था.
दोस्तों हमारा घर भले ही बहुत बड़ा था, लेकिन उसकी बनावट पुरानी स्टाइल में थी यानी कि दरवाज़े पर नये तरह के ताले नहीं थे पुरानी टाईप की कुण्डी थी और दरवाज़े भी पुराने टाईप के लकड़ी वाले थे. पहले दिन हम बहुत अच्छी तरह से सेट हुए और सोनू की बीवी सुप्रिया बहुत सुंदर थी, भले ही वो ज़्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी और वो हमारी भाषा इतनी अच्छी तरह से नहीं समझ पाती थी, लेकिन वो बहुत ही कम समय में हमारे घर का सब काम अच्छी तरह से सीख गयी थी और वो खाना भी अच्छा ख़ासा बना लेती थी और बुआ के पति उसके साथ भी बहुत मस्ती मजाक़ किया करते थे.
एक दिन हुआ यह कि हम घर में सेट हो ही गये थे कि दो दिन में ही सोनू को अपने गाँव से कॉल आ गया और उसके पिताजी ने उसे बुलाया था क्योंकि उसके पिताजी की एक छोटी सी दुकान थी जिसमे चोरी हुई थी और अब सोनू को उन्होंने जल्दी से बुलाया था और सुप्रिया भी उसके साथ जाना चाहती थी, लेकिन सोनू ने उससे यहीं पर रहने को कहा क्योंकि घर का और हमारा ख्याल कौन रखता. वो उससे बोला कि वो जल्द से जल्द लौटने की कोशिश करेगा.
फिर अंकल ने सोनू को कुछ पैसे दिए और सोनू शाम को ही अपने घर पर चला गया और अब समस्या यह हुई थी कि दो दिन बाद बुआ, अंकल और निखिल को बुआ के गाँव जाना था. उनकी देवरानी की गोद भराई के लिए उनका प्लान यह था कि में सोनू और सुप्रिया के साथ घर पर ही रुकने वाली थी, लेकिन अब सोनू वहां पर नहीं था इसलिए सिर्फ़ वो हम दोनों पर पूरा घर छोड़कर नहीं जा सकते थे. तो फैसला यह हुआ कि बुआ और निखिल जाएँगे.
में और अंकल घर पर ही रुकेंगे क्योंकि गोद भराई में अंकल क्या करेंगे? और वो बुआ को अकेले भी नहीं भेज सकते और में तो उन लोगो को पहचानती भी नहीं थी इसलिए में उनके साथ नहीं जा सकती थी और सब सुप्रिया के साथ भी नहीं जा सकते थे क्योंकि घर का काम, पेड़, पौधो को पानी वग़ैरह देना होता है इसलिए हमारे साथ एक मर्द रुके इसलिए अंकल वहीं पर रुक गये. वो लोग वैसे भी सिर्फ़ दो रातो के लिए गये थे.
तो हमारा पहला दिन बहुत अच्छा गया, लेकिन में गौर कर रही थी कि अंकल सुप्रिया के साथ कुछ ज़्यादा ही मस्ती मजाक़ कर रहे थे और सुप्रिया भी उनसे बात करते वक़्त बहुत शरमाती. अब रात हुई और हमने खाना खा लिया और दस बजे सुप्रिया अपना सारा काम खत्म करके सोने चली गई. हमेशा अंकल और निखिल हॉल में सोते थे और बुआ और में अंदर.
आज भी हम वैसे ही सोए थे और में अकेली अंदर और अंकल अकेले हॉल में और सुप्रिया अपने क्वॉर्टर में सो गई. मुझे उस रात जल्दी नींद नहीं आ रही थी और में बस बिस्तर पर करवटे बदल रही थी. रात को करीब 11:30 बजे मुझे प्यास लगी तो में अपने कमरे से बाहर गई.
मैंने देखा कि अंकल अपने बिस्तर पर नहीं है. में जब किचन में गई तो मुझे किचन के अंधेरे में पास के क्वॉर्टर्स के बंद दरवाज़े के अंदर की लाईट चालू दिखी और अंदर से हल्की सी बातों की आवाज़ भी आ रही थी. मैंने किचन की लाईट को चालू किया और पानी पीने लगी और अब अचानक अंदर से आने वाली आवाज़ें बंद हो गई. मैंने लाईट को बंद किया और बाथरूम में चली गई और मैंने बाथरूम से बाहर आने के बाद देखा तो अंकल हॉल में अपने बिस्तर पर लेटे हुए थे.
अब उन्होंने भी मुझे देख लिया तो मैंने उनसे पूछा कि आप कहाँ गये थे? उन्होंने कहा कि में सिगरेट पीने बाहर गया था, क्यों तुम अभी तक सोई नहीं? तो मैंने कहा कि मुझे अंदर नींद नहीं आ रही है तो उन्होंने कहा कि अरे तुम भी बाहर आकर सो जाओ. फिर मैंने अपनी चादर उठाई और बाहर आकर अंकल के पास में सो गई और अंकल के साथ कुछ देर बातें करने के बाद मुझे नींद आ गई.
उस रात में फिर से नहीं जागी. दूसरे दिन सब कुछ ठीक ठाक था और पूरा दिन कुछ ख़ास नहीं था, लेकिन अंकल और सुप्रिया की मस्ती आज बहुत ज़ोरो में चल रही थी. फिर रात को हमेशा की तरह सुप्रिया ने दस बजे अपना पूरा काम खत्म किया और सोने चली गई और में आज भी अंकल के पास लेट गई, लेकिन में अंकल के साथ कुछ देर बातें करने के बाद सो गई. फिर रात को अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि अंकल मेरे पास नहीं थे और वो आस पास भी कहीं नहीं थे. मैंने जब घड़ी में देखा तो एक बज रहे थे और दरवाज़े की कुण्डी भी अंदर से लगी हुई थी और अब मेरी नींद पूरी तरह से भाग गई थी. में किचन की तरफ गई तो मैंने देखा कि आज भी उस क्वॉर्टर की लाईट अंदर से चालू थी और अंदर ज़ीरो बल्ब भी था. में दरवाज़े के पास गई और अब मैंने उसे धक्का देना चाहा तो दरवाज़े की अंदर से कुण्डी लगी हुई थी.
फिर मैंने दरवाज़े पर अपना एक कान लगाया तो अंदर से कुछ आवाज़ भी नहीं आ रही थी बस पंखे की आवाज़ आ रही थी. फिर में खिड़की की तरफ गई और खिड़की को धक्का दिया तो वो थोड़ी सी खुल गई और मैंने अंदर देखा कि सुप्रिया चटाई पर पीठ के बल लेटी हुई थी उसके बाल खुले हुए थे और उसने उसका गाऊन नीचे से ऊपर किया हुआ था और उसकी दोनों आखें बंद थी और दोनों पैर फैले हुए थे. पैरों के बीच में अंकल पूरे नंगे होकर उस पर चढ़कर उसे धीरे धीरे धक्के देकर चोद रहे थे. अब में वैसे ही खड़ी रही और देखने लगी. अंकल जैसे ही ज़ोर का धक्का देते तो सुप्रिया ऊपर हो जाती. वो लोग पूरे रूम में अपनी चुदाई की ठप ठप आवाज को फैला रहे थे.
फिर कुछ देर बाद सुप्रिया उनको बस और नहीं बस करो कहने लगी तो अंकल ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे और उसे लंड के जल्दी जल्दी आने जाने के दर्द से तकलीफ़ होने लगी और अब वो ज़ोर से हिलने लगी और अब वो लोग खड़े हो गये, लेकिन अंकल ने चोदना नहीं रोका और अंकल बीच बीच में स्पीड एकदम कम करके ज़ोर से लंड को अंदर घुसाकर उस पर चढ़ते और वो अपनी पूरी कमर उठाती. दोस्तों उसे देखकर लग रहा था कि उसे ऐसे अलग अलग स्टाइल में सेक्स की आदत नहीं थी और वो बहुत दर्द महसूस कर रही थी. उसका सर अब दीवार पर लग रहा था और अंकल उसे ज़ोर से चोद रहे रहे थे.
तभी अंकल ने एकदम से अपने धक्के रोक दिए और मैंने उनके चेहरे की तरफ देखा तो वो मुझे देख रहे थे. में जल्दी से नीचे झुक गयी और छुप गई. अब मैंने जल्दी से पीछे का दरवाज़ा धीरे से बंद किया और अपने बिस्तर पर दौड़कर लेट गई और सोने का नाटक करने लगी.
फिर अंकल मेरे अंदर आने के बहुत देर बाद आए, लेकिन अभी भी मुझे नींद नहीं आई थी. मेरी छाती अभी भी ज़ोर ज़ोर से धड़क रही थी. फिर अंकल ने मुझे आवाज़ दी, लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि में सोने का नाटक करने लगी थी. फिर वो लेट गये और मेरे पास में आकर मेरी तरफ बहुत ध्यान से देखने लगे क्योंकि उन्हे पता चल गया था कि में सोने का नाटक कर रही हूँ.
उन्होंने वापस मुझे आवाज़ दी, लेकिन अब भी मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो उन्होंने सोते हुए मुझ पर अपना एक हाथ रख दिया. फिर मैंने उनका हाथ अपने ऊपर से हटाया और वहां से हटकर दूर सो गई. उन्होंने मुझे ऐसे ही रहने दिया और वापस हाथ नहीं लगाया और अब मुझे कुछ देर बाद नींद आ गई. सुबह अंकल बिल्कुल अजीब सा व्यहवार कर रहे थे. वो मुझे हर बात पर घूरते यह देखने के लिए कि क्या मेरा उनकी तरफ अपना व्यहवार बदला है? में उनको अनदेखा करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन जब भी वो मिलते तो में उनसे अच्छी तरह बात करती थी, जैसे कि मैंने कुछ नहीं देखा हो, लेकिन सुप्रिया मेरे साथ बिल्कुल पहले जैसी थी, शायद वो यह सब नहीं जानती थी कि मैंने उन दोनों को देखा है. वो बस अंकल के आस पास थोड़ी शांत रहती.
उस दिन शाम को बुआ और निखिल लौट आए, सब कुछ ठीक ठाक था क्योंकि मैंने अब तक बुआ को कुछ नहीं बताया था. अंकल मुझे बार बार देख रहे थे और जैसे ही में बुआ के साथ अकेली रहती तो वो बीच में आ जाते ताकि में उनको कुछ बता ना सकूं और उस रात अंकल ने एक चाल चली ताकि में बुआ के साथ ना सो सकूं. उन्होंने कहा कि आज हम बरामडे में सोते है ताज़ा खुली हवा में, लेकिन बुआ ने साफ माना किया, लेकिन में और निखिल राज़ी हो गये और हम तीनों रात को बाहर सो गये. निखिल मेरे और अंकल के बीच में सोया हुआ था. अंकल बार बार उठकर मुझे देखते और में सोए होने का नाटक करती और फिर आख़िर में मुझे नींद आ ही गयी, उसके बाद अंकल सोए या सुप्रिया के पास गये यह में नहीं जानती. दूसरे दिन अंकल मेरे साथ जब भी अकेले बैठने आते तो में कोई ना कोई बहाना बनाकर वहां से चली जाती. उन्होंने शायद इस बात पर गौर किया और उस रात भी हम बाहर ही सोने वाले थे.
निखिल जल्दी सो गया और में कुछ देर बुआ के साथ बात कर रही थी. अंकल बार बार रूम के आस पास घूमते रहते निखिल कल की तरह बीच में सोया हुआ था तो में एक किनारे में सोई थी और अब अंकल बैठकर सिगरेट पी रहे थे. कुछ देर बाद वो उठकर कही पर चले गये और वो जब कुछ देर तक नहीं आए तब में समझ गई कि वो सुप्रिया के रूम के अंदर होंगे. में उठी और चुपचाप पीछे की साईड के दरवाज़े से अंदर चली गई, लेकिन उस क्वॉर्टर का दरवाज़ा बंद था और अंदर की लाईट भी बंद थी. में जल्दी से खिड़की की तरफ गई और मैंने जब खिड़की खोलनी चाही तो वो एकदम टाईट बंद थी और में उसे ज़ोर से धक्का देने लगी.
तभी पीछे अंकल की आवज़ आई तुम यह क्या कर रही हो? मेरी जान निकल गई और में एकदम से डर गई क्योंकि अब अंकल ठीक मेरे पीछे खड़े हुए थे, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और वहां से झट से चली गई. में समझ गई कि वो अब यह बात समझ गये है कि में वहां पर क्यों आई हूँ.
फिर में जाकर चुपचाप सो गई और में अभी कुछ देर पहले रंगे हाथ पकड़ी गई थी तो अंकल भी कुछ देर बाद अंदर आ गए और उन्होंने निखिल को किनारे पर धकेल दिया और खुद बीच में सो गये बिल्कुल मेरे पास में. फिर मैंने देखा कि निखिल गहरी नींद में था इसलिए ना उसे कुछ समझ आया और ना ही वो हिला था, लेकिन में अब बिल्कुल सतर्क हो गई थी. उन्होंने मुझसे धीरे से पूछा कि तुम वहां पर क्या कर रही थी? में अब नींद में होने का नाटक करने लगी, लेकिन उन्होंने फिर से मुझे हिलाकर पूछा और मैंने नींद में धीरे से कहा कि हाँ. उन्होंने कहा कि मुझे पता है तुम जाग रही हो और सोने का नाटक मत करो और मुझे सच सच बताओ कि तुम वहां पर क्या कर रही थी? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं, उन्होंने कहा कि अब झूठ मत बोलो, लेकिन में अब भी एकदम चुप रही.
फिर से बोले क्यों तुम वहां पर क्या देख रही थी? में फिर चुप रही. अब वो मेरे एकदम करीब आए और बोले कि क्या देखना था तुम्हे? तो मैंने बहुत डरते हुए कहा कि कुछ नहीं, वो बोले कि अच्छा तो फिर तुम उस दिन क्या देख रही थी? में बिल्कुल चुप रही, लेकिन तभी उन्होंने मुझसे गुस्से से कहा कि बोलो.
मैंने नींद में कहा कि आपको वो सब पता है ना और में अपनी बाई तरफ मुड़कर सो गयी. उन्होंने मुझे पकड़कर घुमाया और बिल्कुल सीधा कर दिया और कहा कि जवाब दो. मुझे वो उस समय बहुत गुस्से में थे और में बहुत डर रही थी. मैंने भी घबराहट में कहा कि प्लीज अब आप मुझे सोने दीजिए वरना में बुआ को बताउंगी, तो वो बोले कि बोल क्या बताएगी? लेकिन में चुप रही और वो बार बार पूछते गए, बता तू क्या बताएगी? उनके बहुत बार पूछने के बाद में बोली कि वही, तो वो बोले कि वही क्या? में बोली कि कुछ नहीं.
वो अब बहुत प्यार से पूछने लगे बताओ ना बताओ में बिल्कुल भी गुस्सा नहीं करूँगा, संजना मुझसे बात करो, में तुम पर गुस्सा नहीं करूँगा. तो मैंने कहा कि मुझे नींद आ रही है प्लीज अब आप मुझे सोने दीजिए. उस समय मैंने अपनी दोनों आखें बंद कर रखी थी. फिर वो बोले कि क्यों तुम मुझ पर गुस्सा हो? में चुप रही. वो बोले कि क्या तुम अपने अंकल से ऐसे बात करोगी?
यह बात कहकर वो मेरे एकदम करीब आए और मेरे मुहं को हिलाने लगे ताकि में आँख खोल दूँ और बोले कि आखें खोलो संजू, लेकिन मैंने आंख बंद रखी और अब वो अपना चेहरा मेरे चेहरे के एकदम करीब लाए और वो अपनी नाक को मेरी नाक से रगड़ने लगे. हमारी बातें एकदम धीमी आवाज़ में हो रही थी. निखिल नींद में बहुत मस्त में था और उसे हमारी बातों का कुछ भी पता नहीं था. फिर वो बोले कि तुम क्या मुझ पर गुस्सा हो संजू? प्लीज आखें खोलो और मुझसे बात करो, तुम्हारे प्यारे अंकल से बात करो.
अब वो कुछ देर तक मेरे जवाब के लिए रुके रहे, लेकिन में जब कुछ नहीं बोली तो वो मुझे होंठो पर हल्के से किस करने लगे. में चुप रही और उन्होंने फिर से किस करना शुरू किया, क्यों तुम्हे अच्छा लग रहा है? में अपने बाई तरफ मुड़ने लगी तो वो मुझ पर पूरी तरह से चढ़ गये. मैंने नींद में कहा कि प्लीज अंकल ऐसा मत करो. वो बोले कि क्या हुआ? क्या तुम्हे पसंद नहीं क्यों बेटा? में तो बस तुमसे प्यार कर रहा हूँ. फिर अचानक से मेरे मुहं से निकल गया कि बुआ को पता चल जाएगा.
फिर वो मुझसे पूछने लगे कि क्या पता चल जाएगा संजू? लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और बिल्कुल चुप रही और वो फिर से पूछने लगे कि बोलो क्या पता चल जाएगा? तो मैंने कहा कि आप क्या करते हो, झट से वो बोले हाँ बोला ना में क्या करता हूँ? में तो बस तुमसे बहुत प्यार कर रहा हूँ.
दोस्तों में अब कसमसाने लगी और वो अरे बेटा कहकर मुझे फिर से किस करने लगे और मुझ पर अपने आपको रगड़ने लगे. उतने में निखिल ज़ोर से चीखने लगा. अंकल जल्दी से मुझ पर से उतर गये और अंकल ने उससे कहा कि अंदर जाकर सोना वो बाहर ठंड में ना सोए. तो उन्होंने उसको उसका बिस्तर उठाने में मदद की और अंदर कमरे में रखकर आए और उन्होंने बाहर से दरवाज़ा बंद कर दिया और अब उनके लिए पूरी जगह खुली थी.
मैंने जल्दी से अपने आपको सर से नीचे तक एक चादर से ढक लिया और अपने बाई और मुड़कर सोने का नाटक करने लगी. अंकल कुछ देर तक वहीं पर खड़े रहे और फिर मेरे पास में आकर लेट गये. फिर कुछ देर बाद वो मेरी चादर को खींचने लगे. मैंने चादर को कसकर पकड़ा हुआ था. उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा कि अरे मेरी जानू बेटा क्या हुआ? अब कितना गुस्सा करोगी? चलो में कुछ नहीं करूँगा.
अब भी में वैसे ही रही और फिर वो मुझे गुदगुदी करने लगे, तो मैंने कहा कि सोने दीजिए ना अंकल वरना बुआ को बताउंगी. वो बोले अरे तुम कब से धमकी दिए जा रही हो चलो बताओ क्या बताओगी बुआ को? फिर उन्होंने ज़ोर से मेरी चादर खींची और अपने पास रख ली. में एक हाथ से चादर ढूंड रही थी तभी उन्होंने मुझे फिर से झपट लिया और मेरा मुहं ज़बरदस्ती उनकी तरफ करके किस किया.
मेरा हाथ उनके लंड की तरफ लगा तो मैंने महसूस किया कि वो सिर्फ़ अंडरवियर में थे. में जल्दी से धक्का देकर अपनी बाई तरफ सरकी और ज़मीन पर आ गयी. तो वो ज़ोर से हंसने लगे और मुझे ज़िद्दी कहने लगे. में अभी भी अपने पेट के बल ज़मीन पर लेटी हुई थी और अब उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचना चाहा, लेकिन में नहीं हिली. फिर वो पीछे से मेरे ऊपर चढ़ गये और अब उन्होंने मेरी गर्दन पर एक किस कर दिया और बोले अब क्या करोगी?
मैंने नींद में होने का नाटक करके कहा कि मुझे सोना है तो वो कहने लगे कि ठीक है तुम सो जाओ में भी अब तुम्हे तंग नहीं करूँगा और वो मुझ पर वैसे ही लेटे रहे. फिर जब हम ऐसे ही लेटे रहे तो मेरी आँख लगने ही वाली थी कि वो मुझ पर धीरे से अपना लंड रगड़ने लगे. में नींद में होने जैसे पड़ी रही और अब कुछ देर बाद वो थोड़ी ज़ोर ज़ोर से लंड को रगड़ने लगे. अब वो मेरी गर्दन पर धीरे से किस करने लगे और उन्होंने अपनी अंडरवियर को भी नीचे कर दिया था और अपना कड़क और खुला लंड मेरी साईड से मेरी गांड पर रगड़ने लगे और वो मेरा पजामा नीचे करने लगे. मैंने उन्हे बहुत रोकना चाहा.
फिर वो मेरे कान के पास आए और बोले कि शीईईईइ तुम सो जाओ, में कुछ नहीं करूँगा. फिर उन्होंने मुझे गाल पर किस किया और वापस मुझ पर लेट गये और धीरे धीरे लंड रगड़ते रहे. मेरे थोड़ा शांत हो जाने के बाद वो धीरे धीरे मेरा पजामा नीचे सरकाने लगे, लेकिन अब मैंने कुछ नहीं कहा और उन्होंने पूरा उसे पूरा नीचे सरकाया और हल्के से मेरी गांड को चूमा. उन्होंने लगातार मेरी गांड पर बहुत सारे किस दिए और ऐसे करते करते मेरी पेंटी को भी उतार दिया.
में उनसे एक बार फिर से मना करने लगी तो वो बोले कि अरे कुछ नहीं बस थोड़ा खुलकर सो जाओ. फिर उन्होंने मेरी पेंटी, पजामा मेरे पैरों से पूरी बाहर निकाल दी और अपनी भी अंडरवियर को उतार दिया. वापस मुझ पर सोते वक़्त उन्होंने मेरी चूत पर एक किस कर दिया और वो मुझ पर सो गये और बोले कि देखा कुछ नहीं हुआ ना? तुम सो जाओ. वो मुझ पर लेटे रहे और उन्होंने अपना कड़क और लंबा लंड मेरी गांड की गली में दबा दिया था.
वो कुछ देर शांत रहने के बाद फिर से धीरे धीरे अपना लंड रगड़ने लगे और फिर धीरे से लंड मेरी चूत पर लगाकर उस पर धीरे से रगड़ने लगे और मेरी गर्दन पर किस करने लगे. उनकी अब स्पीड भी बढ़ गई थी और उनकी सासें भी तेज हो गई थी. उन्होंने कुछ देर बाद धीरे से अपना लंड रगड़ते रगड़ते चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया. में नहीं नहीं करने लगी तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ा और अपना पूरा लंड अंदर डाल दिया.
उन्होंने मुझे कंधे से पकड़ रखा और अब धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे. वो अब मेरी गर्दन को काटने लगे और ज़ोर से धक्के देने लगे. वो अपना बदन मेरे बदन पर ज़ोर ज़ोर से पटकने लगे क्योंकि उन्हे डर नहीं था कि कोई आएगा. हम बाहर थे और दरवाज़ा बाहर से बंद था और हमें आस पास देखने वाला कोई नहीं था. वो अब एकदम जोश में आ गये. फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर फैलाए और चोदने लगे.
फिर वो उठे और मुझे ज़ोर से उठाया और बिस्तर पर पीठ के बल डाल दिया और मुझ पर चढ़ गये. मेरी आखें अभी भी बंद थी. अब उन्होंने मेरे पैरों को फैला दिया और दोनों हाथों से उन्हे नीचे दबाए रखा और चोदने लगे. उन्होंने थोड़ा झुककर मेरे होंठो को काटा और ज़ोर के धक्के देने लगे, लेकिन एकदम ज़ोर से धक्का देते जिससे उनका लंड पूरा अंदर जाता और लंड वाला पूरा एरिया ज़ोर से मेरी चूत को लगता जिसकी वजह से मेरा लंड गहराईयों तक जाता जिससे मुझे दर्द होने लगा और में ऊपर नीचे होने लगी.
मैंने अपने पैर उठाए और उनके कंधे पर रख दिए. अब वो मुझे उसी स्टाइल में कुछ देर और चोदते रहे और कुछ देर बाद मेरे पेट पर अपना वीर्य गिरा दिया. वो मुझ पर लेट गये और मुझे किस करते हुए मेरे नीचे वाले होंठ को चबाने लगे. वो बहुत थके हुए धीरे से हंसने लगे. मेरी आखें अभी भी बंद थी और अब बोले कि बुआ को क्या बताएगी संजू? अंकल ने क्या किया? उन्होंने मुझे फिर से एक लंबा किस किया और वो मेरी शर्ट के बटन खोलने लगे तो में उनको रोकने लगी. फिर उन्होंने कहा कि में बस देख रहा हूँ संजू और उन्होंने बटन खोल दिए. मैंने ब्रा नहीं पहनी हुई थी क्योंकि रात को में बिना ब्रा के सोती हूँ और अब वाह संजू कहकर उन्होंने मेरे बूब्स को ज़ोर से मसला और उनको चूसा.
फिर मेरी चादर को ज़ोर से दूर फेंक दिया और मेरे बदन पर से वीर्य को साफ किया और अपने लंड पर से भी और फिर मुझे मेरी पेंटी और पजामा पहनाया. में अब अपनी बाई और मुड़ गई और उन्होंने अपने कपड़े पहन लिए. हम दोनों ने अपने ऊपर एक ही चादर डाल ली और कहने लगे कि क्यों तुम्हे तो में बच्ची समझता था. तुम तो बहुत बड़ी हो गई हो, क्यों में सच कह रहा हूँ ना? में बिल्कुल चुप रही और अरे मेरी बेटी कहकर उन्होंने मेरा मुहं पकड़कर एक फ्रेंच किस किया और कहा कि सो जाओ और वो मुझसे लिपटकर सो गये.
दोस्तों अब में बहुत थक गई थी और अब क्या होना था? में भी सो गई. वो रात भर बीच बीच में मेरे बदन पर हाथ घुमाते रहे और मेरे बूब्स दबाते रहे, मेरी गर्दन को किस करते रहे, गाल को किस करते रहे और मेरी चूत पर उंगली घुमाते रहे. फिर दूसरे दिन से अंकल बिंदास हो गये क्योंकि वो घर में एक कुंवारी लड़की और एक शादीशुदा औरत को चोद चुके थे और कोई किसी को यह बात बताएगा भी नहीं इसलिए वो एकदम बिंदास हो गये, लेकिन अब उन्होंने सुप्रिया पर से अपना पूरा ध्यान हटा दिया था और वैसे भी बुआ वहां पर थी तो वो ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते क्योंकि सुप्रिया भी बुआ से बहुत डरती थी, लेकिन वो लोग बीच बीच में बात करते हुए जरुर दिखते और अब अंकल जब भी मेरे साथ होते तो मुझे बहुत ज़्यादा छूने की कोशिश किया करते थे. कभी मेरा कान चबाते, कभी गर्दन पर काटते, लेकिन किसी को कोई शक़ नहीं होता था क्योंकि सबको में बच्ची लगती थी.
फिर उस रात के बाद वाली रात को बहुत ज़ोर से बारिश हुई इसलिए हम बाहर नहीं सोए और में अंदर कमरे में बुआ के साथ सोई और उस रात भी अंकल चुपचाप सोए या सुप्रिया के पास गये मुझे कुछ भी पता नहीं था. दूसरे दिन घर पर पूजा थी और उस दिन सोनू भी लौट आया था. उसके दुकान में चोरी का मामला अब पुलिस के हाथों में था. अब उसे अंकल और सुप्रिया के बारे में पता चला या नहीं मुझे वो पता नहीं, लेकिन देखने से तो नहीं लगता था.
दोस्तों पूजा वाली रात को हम बाहर सोए और निखिल भी हमारे साथ सोया. उस रात भी निखिल बीच में सोया था जब में गहरी नींद में थी तो मुझे अंकल का हाथ मेरी चूत पर महसूस हुआ और उस दिन की गड़बड़ के बाद में बहुत थक गई थी और अंकल के मेरे जिस्म पर हाथ घुमाने पर भी में जल्दी नहीं जागी. उन्होंने मेरा नाईटसूट और पेंटी को नीचे से सरका दिया और फिर मेरी चूत चाटने लगे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन मेरी आखों में बहुत गहरी नींद थी और उन्होंने अपने सर पर एक चादर ओढ़ ली थी ताकि निखिल अगर जागे तो उसे कुछ ना दिखे.
अंकल सब कुछ चुपचाप कर रहे थे और हम दोनों बिल्कुल भी आवाज़ नहीं कर रहे थे और अब मुझे निखिल का डर था इसलिए मैंने आखें खोल दी. अंकल फिर मेरे ऊपर आए और मेरे मुहं में अपना लंड घुसाया और चुसवाया. वो चादर के अंदर रहते हुए मेरे पैरों के बीच आकर चोद रहे थे. में भी धीरे धीरे उनके साथ सेक्स में खुल रही थी और वो जब मुझे चोद रहे थे तब निखिल हमारी तरफ मुहं करके सोया हुआ था. अंकल उठे और मेरे पास में लेट गये और चादर से ढकते हुए मेरे कंधो को पकड़े हुए मुझे ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगे और वीर्य गिरने के बाद हम बहुत देर तक किस कर रहे थे. दोस्तों उस दिन में भी उन्हें किस कर रही थी और वो मेरे बूब्स को भी बहुत देर तक चूस रहे थे.
बचे हुए तीन दिनों में से हमने अगले दो दिन कुछ नहीं किया और उसके बाद हमने एक रात पहले सब कुछ किया. इस बार मैंने घुटनो के बल होकर डॉगी पोज़िशन में भी सेक्स किया. निखिल हमारे पास में ही सोया हुआ था और एक बार सेक्स करके सो जाने के बाद रात को तीन बजे अंकल ने फिर से मुझे जगाया और हमने इस बार खड़े होकर सेक्स किया और आखरी रात होने के कारण हमने चुदाई में कोई कसर नहीं छोड़ी. घर पर लौटने के बाद हमने फिर कभी सेक्स नहीं किया.
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प्रिया भाभी की मुराद पूरी की

हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम केशव है और में दिल्ली का रहने वाल हूँ. मेरी हाईट 5.9 इंच, रंग गोरा और में दिखने में एकदम अच्छा हूँ, मेरी उम्र 21 साल है और मेरे लंड का साईज 7 इंच और 3 इंच मोटा है दोस्तों यह तो रहा मेरा पूरा परिचय.
दोस्तों अब में सीधा अपनी एक आप बीती घटना पर आता हूँ जिसे में आप सभी को पूरे विस्तार से सुनाने जा रहा हूँ और यह घटना आज से 6 महीने पहले की है. दोस्तों में दिल्ली के एक कॉलेज का छात्र हूँ और में दिखने में बहुत हेंडसम हूँ और मेरे माता पिता मेरे गाँव में रहते है और में दिल्ली में रहकर अपनी पढ़ाई करता हूँ. में अपने कज़िन के यहाँ पर रहता हूँ जो कि मुझसे उम्र में 5 साल बड़े है और वो एक कोचिंग चलाते है वो रोजाना सुबह 6 बजे अपने घर से निकल जाते और रात को 11 बजे तक घर पर आते है. उनके पास हमेशा बिल्कुल भी समय नहीं रहता है.
फिर कुछ दिनों बाद मेरे भैया की बहुत धूमधाम से शादी हुई और घर पर बहुत सारे महमानों का आना हुआ और फिर एक दिन उस घर में एक चूत की मालकिन का प्रवेश हुआ वो ऊपर से नीचे तक बहुत ही सुंदर नई नई दुल्हन थी जिसे पहली बार देखते ही मेरा उस पर दिल आ गया और अब में सोते जागते सिर्फ उसी के सपने देखने लगा था.
मेरी भाभी का नाम प्रिया है और वो दिखने में माशाअल्लाह उन्हे देखकर एक बार चाँद भी शरमा जाए और उनको देखते ही मुझे उनको चोदने का मन करने लगा, लेकिन में इतनी हिम्मत नहीं कर पाता था और फिर सिर्फ में मुठ मारकर ही काम चला लेता था. दोस्तों में बचपन से ही एक हंसमुख इंसान हूँ इसलिए भाभी मुझसे हमेशा ही बहुत ही खुश रहती थी, क्योंकि एक में अकेला ही था जो उनके साथ घर पर दिन भर समय बिताता था, क्योंकि भैया तो हमेशा रात को देरी से आते थे.
फिर इस तरह भाभी से मेरी बहुत गहरी दोस्ती सी हो गई और सबसे पहले में आप सभी से थोड़ा सा परिचय अपनी भाभी का करवा देता हूँ, उनके फिगर का साईज करीब 36-28-36 का होगा और उनकी मोटी गांड, मोटे मोटे बूब्स देखकर मेरा मन यह करता था कि जाकर मसल दूँ उस कुतिया को, लेकिन अफ़सोस वो मेरी भाभी थी. इसलिए मुझे अपनी हद में रहना पड़ता था. कहीं भाभी ने भैया से कभी कुछ कह दिया तो में कहीं का नहीं रहता, इसलिए में मुठ ही मारा करता था और फिर जैसे जैसे दिन गुज़रते गए मैंने गौर किया कि भाभी बड़ी उदास उदास सी रहने लगी और मैंने कई बार उनसे पूछा, लेकिन वो हमेशा मुझे कुछ नहीं कहकर टाल देती, लेकिन में भी बहुत हरामी किस्म का हूँ.
मुझे पता था कि भाभी कहीं ना कहीं अपनी सेक्स लाईफ से खुश नहीं है, क्योंकि भैया देर रात से घर आते और फिर थके होने के कारण सो जाते थे. एक दिन दोपहर के वक़्त भाभी मुझसे बात करते वक़्त मुझसे पूछ बैठी कि देवर जी आपकी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो में शरमाते हुए ना कहने लगा तो भाभी सब कुछ समझ गई और वो मुझसे कहने लगी कि अरे देवर जी भाभी से कैसा शरमाना बताइए ना आपकी गर्लफ्रेंड का क्या नाम है? फिर मैंने बड़ी हिम्मत करके भाभी से कहा कि भाभी वैसे तो मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, लेकिन क्या आप मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?
लेकिन अब भाभी ने तो मेरी बात को हंसते हुए टाल दिया और फिर उसके कुछ दिन बाद भाभी मुझसे बोली कि बॉयफ्रेंड जी आज हम फिल्म चले क्या? दोस्तों में तो खुशी के मारे अब बिल्कुल पागल सा हो रहा था और मैंने भाभी के पास जाकर उनके गालों को पकड़ा और फिर मैंने भाभी के गालों पर एक किस कर दिया और फिर बोला कि क्यों नहीं गर्लफ्रेंड जी जैसा आप कहो वैसा.
फिर भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा कि आज से में तुम्हारी प्रिया हूँ भाभी नहीं, तो मैंने कहा कि ठीक है प्रिया और अब हम दोनों फिल्म देखने चले गए. में उस दिन बहुत खुश था तभी फिल्म देखते टाईम एक हॉट सीन आ आया और अब भाभी धीरे धीरे गरम होने लगी और हमारी साईड कॉर्नर सीट थी तो भाभी अपने कंधे मेरे कंधे से छूने लगी भाभी उस समय बिना बाह का ब्लाउज और साड़ी पहने हुई थी. तो उनके मलाई जैसे कोमल हाथ छूते होते ही मेरे रोंगटे खड़े हो गये और फिर हम फिल्म खत्म करके घर पर आ गये.
फिर उसके अगले दिन भाभी ने मुझे कॉलेज बंक करने को कहा तो में झट से समझ गया कि आज मुझे उनकी चूत के दर्शन होंगे और में भी अब बिल्कुल तैयार हो गया और कॉलेज नहीं गया. फिर भैया के जाने के बाद प्रिया मेरे बेड पर आई और मुझसे कान में धीरे से कहने लगी कि उठिए ना. अब में उन्हे देखकर बहुत हैरान हो गया, क्योंकि भाभी उस समय सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने झट से प्रिया को पकड़कर अपनी बाहों में लेकर उसको किस पे किस करने लगा और अब मैंने किसिंग शुरू कर दी, जिसकी वजह से भाभी भी बिल्कुल मदहोश हो गई और अब वो मेरे ऊपर हावी हो गई जैसे कि कोई व्यक्ति कई दिन से भूखा हो और खाना मिलते ही उस पर टूट पड़ा हो. भाभी की वही हालत थी. फिर मैंने उनसे कहा कि मेरी जान मुझे तुम्हारी चूत के दर्शन का तब से ही इंतज़ार था जब तुम शादी करके इस घर में आई थी और आज में तुम्हे हर वो खुशी दूँगा जो भाई नहीं दे पाया और भाभी हंसते हुए मेरे ऊपर लेटकर मेरे होंठो को चूसने लगी तो में अपने दोनों हाथों से भाभी के चूतड़ो को दबाने लगा और फिर हम उठे और मैंने भाभी के बूब्स दबाते हुए उनके होंठो को चूसना चालू रखा.
दोस्तों में उस समय सिर्फ़ हाफ नेकर में था और ऊपर कुछ नहीं पहने हुए था तो भाभी बेकाबू होकर मेरे लंड को दबाने लगी और अपने दोनों हाथ में लेकर मेरे लंड को मसलने लगी और अब उन्होंने एक ही झटके में मेरी नेकर को खींचकर उतार दिया, जैसे वो सदियो की लंड के लिए भूखी हो और वैसे तो में भी उनकी चूत के लिए भूखा था और मैंने भाभी के सारे कपड़े उतारकर नंगा करके और खुद भी नंगा होकर भाभी के ऊपर लेट गया, अब कभी वो मेरे ऊपर तो कभी में उनके ऊपर. इस तरह हम दोनों बुरी तरह गरम हो गये और फिर में एकदम बेड से खड़ा हो गया और भाभी के मुहं के पास अपना लंड ले गया और भाभी से उसे चूसने को कहा और इतना कहते ही मानो मैंने किसी के मन की मुराद सुन ली हो और आज उसे पूरा भी कर दिया हो.
भाभी ने झट से मेरा लंड अपने दोनों हाथों में लेकर चूसना शुरू कर दिया. वो मेरे 7 इंच के लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे किसी बच्चे को कोई लोलीपॉप मिल गया हो और फिर करीब में दस मिनट बाद उनके मुहं में ही झड़ गया और फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने मेरे लंड को दोबारा चूस चूसकर खड़ा करके लोहे के जैसा सख्त कर दिया और अब मेरी बारी थी. मैंने भाभी को बेड के एक कोने पर लेटाया और अब अपना मुहं उनकी चूत के पास ले गया और अपनी जीभ से उनकी गीली कामुक चूत को चाटने और चूसने लगा. मेरे ऐसा करने से भाभी एकदम पागल सी होकर आह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हहह माँ आईईईईइ की आवाजें निकालने लगी और में उनकी चूत को गहराई तक अपनी जीभ से चोदने में व्यस्त था.
फिर कुछ देर तक उनकी गरम तड़पती हुई चूत को चूसने के बाद मेरे शरीर में मानो अब दोगुनी जान आ गई हो और फिर मैंने एकदम से सीधा खड़ा होकर भाभी के दोनों पैरों को मैंने अपने कंधे पर रख लिया और भाभी को कहने लगा कि आज तुझे असली चुदाई का मतलब समझ में आ जाएगा, आज चोदकर में तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा और मेरे मुहं से यह बात सुनते ही भाभी मानो और भी ज्यादा गरम हो गई, वो पूरे होश में आ गई.
अब वो मुझसे कहने लगी कि हाँ फाड़ दे अपनी जानेमन की चूत को, खा जा बहनचोद. तू आज इसे फाड़ दे और फाड़कर भोसड़ा बना दे. मेरी तड़पती हुई चूत को शांत कर दे, आज तू बुझा दे इसकी प्यास. फिर मैंने भी जोश में आकर सीधे अपने लंड का सुपाड़ा भाभी की चूत के मुहं पर रखा और एक जोरदार धक्का मारा तो लंड उनकी सकड़ी चूत में अपना रास्ता बनाते हुए आधा अंदर घुस गया और भाभी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाते हुए कहने लगी अह्ह्ह्हह्ह उईईईईई माँ उह्ह्हह्ह्ह्ह फाड़ डाला बहनचोद निकाल इसे बाहर, नहीं तो में मर जाउंगी और अब मैंने उनकी एक भी ना सुनते हुए सीधे एक और जोरदार धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत की गहराईयों में घुसा दिया और अब भाभी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.
फिर में दो मिनट रुका और भाभी के नॉर्मल होते ही मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया और दोनों हाथों से भाभी के बूब्स को दबाने लगा और अब भाभी भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और अपने चूतड़ को उछाल उछालकर लंड को अंदर तक लेने लगी.
फिर मैंने भाभी को कुतिया की स्टाइल बैठाकर उनकी चूत में लंड को एक जोरदार धक्का दिया और चोदने लगा और करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकालकर उनके मुहं में डाल दिया और अपना सारा गरम गरम वीर्य भाभी के मुहं में डाल दिया और भाभी उसे लस्सी समझ कर पी गई. दोस्तों इस तरह मैंने भाभी के दिल की मुराद को पूरा किया और इस तरह अब हम रोज शाम के समय कॉलेज के बाद रोज चुदाई का आनंद उठाते और में भाभी को चोद चोदकर उनका जूस पीता हूँ और अपना उन्हे पिलाता हूँ. वो मेरी चुदाई से बहुत खुश रहती है हमें अगर जब कभी दिन में चुदाई का मौका मिलता है तो हम भरपूर चुदाई करते है. अब हम एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह रखते है, लेकिन अब तक भैया को हमारे रिश्ते के बारे में पता नहीं चला है और ना ही उन्हे हम दोनों पर कोई शक है.
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मम्मी को नौकर और उसके दोस्त ने चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रवि है और में पंजाब का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 19 साल है और मेरे घर में मेरी माँ, मेरा छोटा भाई और में रहता हूँ. मेरे पापा ज्यादातर बाहर रहते है इसलिए घर में हम तीनों ही होते है. मेरा छोटा भाई 5वीं क्लास में और में कॉलेज में पढ़ता हूँ. अब में आपको अपनी माँ के बारे बताता हूँ. मेरी माँ का नाम मधु है और उनकी उम्र 38 साल है. उनका रंग गोरा है और उनका फिगर साईज़ 35 है और उनकी हाईट 5 फुट 5 इंच है.
अब में आपको अपनी जो स्टोरी बताने जा रहा हूँ वो बिल्कुल सच्ची है. ये बात 2011 सितम्बर महीने की है. मेरा छोटा भाई स्कूल गया हुआ था और मेरे पापा हमेशा की तरह काम से बाहर दूसरे शहर में थे. उस दिन मेरी तबीयत खराब थी और में कॉलेज नहीं गया था. हमारे घर हमारा नौकर जोगिंदर रोज़ काम करने आता था. उसकी उम्र 25 साल थी और रंग काला था और वो पंजाबी था. मेरा रूम फर्स्ट फ्लोर पर था और मेरी माँ उस दिन नीचे जोगिंदर से काम करवा रही थी. मेरी माँ ने उस दिन सलवार कमीज़ पहनी थी. हमेशा की तरह सुबह 10 बजे जोगिंदर काम करने आया था. जोगिंदर पहले भी रोज़ मेरी माँ को गंदी नज़र से देखता था. उस दिन में ऊपर अपने रूम के बाहर बालकनी में खड़ा था और मैंने देखा कि घर में एक और आदमी अंदर आया और उसने दरवाज़ा बंद कर दिया और लॉक लगा दिया.
फिर मैंने सोचा ये कर क्या रहा है? मैंने सोचा कोई गड़बड़ है. इतनी देर में मैंने देखा कि मेरी माँ को जोगिंदर ने बेहोश कर दिया और नीचे रूम में ले गया. उसे लगा था कि में घर में नहीं हूँ. फिर मैंने सोचा कि में क्या करूँ? इतनी देर में जोगिंदर का दोस्त भी आ गया. उसका नाम अमन था और में यह सब ऊपर से देख रहा था. अब वो दोनों मेरी माँ को उठाकर रूम में ले गये और फिर में धीरे- धीरे सीढ़ियों से नीचे आया और उन्होंने रूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर दिया था, लेकिन मुझे खिड़की से सब कुछ दिख रहा था.
उस खिड़की में से बाहर नहीं दिखता था. लेकिन अंदर सब दिखता था, अब में बाहर खड़ा होकर उनकी बातें भी सुन रहा था. जोगिंदर ने अमन से कहा कि गोली का असर 3 घंटे तक रहेगा और आज तो हम इसको खूब चोदेगें. मेरी माँ ने हरा सूट पहना था. अब जोगिंदर सबसे पहले मेरी माँ के ऊपर लेट गया और ज़ोर-ज़ोर से माँ को स्मूच करने लग गया. अमन पास में ही खड़ा था और में कुछ कर भी नहीं सकता था. इसमें माँ की और सबकी बदनामी थी. फिर मैंने देखा कि जोगिंदर ने माँ की चुन्नी उठाकर साईड में फेंक दी और फिर अमन भी मेरी माँ के बूब्स दबाने लग गया. अब वो दोनों बोल रहे थे कि कितने सॉफ्ट बूब्स है.
फिर अमन और जोगिंदर ने माँ के सूट को ऊपर से ऊतार दिया. माँ ने काले कलर की ब्रा पहने थी और सबसे पहले जोगिंदर ने कहा कि में पहले सेक्स करूँगा, तू इतंजार कर. फिर जोगिंदर ने माँ की सलवार भी उतार दी. अब माँ सिर्फ़ पेंटी और ब्रा में थी. अब जोगिंदर माँ को स्मूच कर रहा था. अब मुझे ये देखकर बहुत मज़ा आ रहा था और में अपना लंड दबा रहा था. अमन भी देखकर मज़े ले रहा था. फिर जोगिंदर ने माँ की ब्रा भी उतार दी और माँ के निपल्स चूसने लग गया. माँ के निप्पल ब्राउन और बड़े थे.
फिर वो माँ को हर जगह किस कर रहा था और माँ को हर जगह चूस रहा था. फिर उसने माँ की पेंटी ऊतार दी और वो माँ की चूत को स्मेल करने लग गया और अमन से बोला कितनी खुशबू आ रही है दिल करता है खा ही जाऊं. फिर वो माँ की चूत चूसने लग गया और में बाहर खिड़की से खड़ा मज़े ले रहा था.
फिर जोगिंदर ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसका लंड काफ़ी बड़ा और काला था. अब वो मेरी माँ के ऊपर चढ़ गया और मेरी माँ के बूब्स के बीच में अपना लंड रगड़ने लग गया. वो बार-बार कह रहा था कि आज तो जन्नत नसीब हो गयी. फिर उसने कहा कि अब में इसको चोदूंगा तो उसने अपना लंड माँ की चूत में डाला और अन्दर बाहर करने लग गया. अब मेरी माँ थोड़ा-थोड़ा हिल रही थी, लेकिन उन्हें बिल्कुल होश नहीं था, मेरी माँ की चूत पर थोड़े से बाल थे और वो नंगी बहुत सेक्सी लग रही थी और जोगिंदर ज़ोर-ज़ोर से मेरी माँ की चुदाई कर रहा था और उसने अपना वीर्य माँ की चूत के अंदर ही छोड़ दिया.
फिर वो अमन से बोला कि चल अब तेरी बारी है फिर अमन ने अपना लंड बाहर निकाला तो वो बहुत काला और कम से कम 8 इंच का था. वो सबसे पहले अपना लंड माँ के मुँह के पास लेकर आया और माँ के मुँह में डाल दिया और आगे पीछे करने लग गया और साथ में वो मेरी माँ के निप्पल दबा रहा था. फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और माँ के निप्पल पर रगड़ने लग गया.
फिर अमन मेरी माँ के ऊपर लेट गया और माँ को स्मूच करने लग गया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब मैंने बाहर मुठ मारनी शुरू कर दी. फिर वो माँ की नाभि और पेट पर जीभ फेरने लग गया और फिर वो धीरे-धीरे नीचे आया और बोला कि इसकी चूत कितनी मीठी और मस्त है. आज तो में इसे खा ही जाऊंगा और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी जीभ को माँ की चूत के अन्दर बाहर करने लग गया. फिर उसने अपना लंड माँ की चूत में डाल दिया और वो मेरी माँ को चोदने लग गया.
फिर 10 मिनट के बाद उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसने मेरी माँ को उल्टा कर दिया और मुझे मेरी माँ की गांड साफ़ नज़र आ रही थी. वाहह क्या मस्त गांड थी? फिर उसने कहा कि आज में इसकी गांड मारूँगा.
फिर उसने अपनी जेब से ऑयल निकाला और मेरी माँ के कूल्हों और गांड पर लगाया और उसने अपना 8 इंच का लंड माँ की गांड में डाल दिया. अब वो ज़ोर-ज़ोर से माँ की गांड मार रहा था.
फिर उसने कहा कि में अपना माल अंदर ही छोडूंगा और उसने अपना वीर्य अन्दर ही छोड़ दिया. फिर जोगिंदर ने और अमन ने माँ को कपड़े पहना दिए ताकि बाद में शक ना हो और खुद ने भी अपने कपड़े पहन लिए. फिर वो बाहर आने लगे तो में फटाफट ऊपर चला गया और वो दोनों अपने घर चले गये. फिर शाम को माँ उठी तो वो बिल्कुल नॉर्मल थी, जैसे कुछ हुआ ही ना हो.
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शिप्रा भाभी के मज़े लूटे

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जैकी है और ये कहानी मेरी और मेरी किरायेदार शिप्रा भाभी की है. मेरी उम्र 23 साल है और में स्टूडेंट हूँ. अब में आपको शिप्रा भाभी के बारे में बताता हूँ, उनकी बॉडी में सबसे बेस्ट पार्ट उनके बूब्स है. लगता है कि बस उनको दबाता जाऊं और चूसता जाऊं. उनका फिगर 38-26-38 है. में उनको बहुत दिनों से चोदना चाहता था और उन्हें देख देखकर मुठ मारा करता था.
ये उनको भी पता चल गया था कि में उनको देखा करता हूँ और जब भी वो बाहर निकलती तो में भी बाहर आ जाता था. ये तब हुआ जब मेरे घरवाले किसी प्रोग्राम में गए हुए थे और में घर में अकेला था और में अपने रूम में बैठकर अपने लेपटॉप पर ब्लू फिल्म देख रहा था और जब मेरे घरवाले बाहर जाते है तो मेरे लिए खाना भाभी ही बनाकर देती है तो मुझे खाना बनाना नहीं पड़ता था.
अब में मस्ती से बैठकर बी.एफ देख रहा था, उतने में ही भाभी ने गेट खटखटाया और मैंने स्क्रीन बंद कर दी और दरवाजा खोला तो भाभी खाना लेकर आई थी. फिर मैंने खाना लिया और वो पूछने लगी कि क्या कर रहे थे?
मैंने कहा मूवी देख रहा था तो वो कहने लगी कौन सी? तो मैंने कहा ऐसे ही हॉलीवुड मूवी है तो वो कहने लगी कि में भी फ्री हूँ, में भी देखूँगी. अब मुझे डर लगने लगा कि वो ये देखेगी तो क्या कहेगी? अब में कुछ कर भी नहीं सकता था. अब मुझे मजबूरी में लेपटॉप का स्क्रीन उठना पड़ा और वो देखकर चौंक गई कि उसमें सेक्स मूवी चल रही थी.
फिर वो मुझसे कहने लगी कि तुम ये सब देखा करते हो, आने दो तुम्हारे घरवालों को में उन्हें सब बताउंगी. फिर मैंने कहा सॉरी भाभी, तो वो कहने लगी नहीं. मैंने कहा प्लीज किसी को मत बताना तो वो नीचे जाने लगी तो मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया और मेरा खड़ा लंड उनकी गांड में लगने लगा. अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम ये क्या कर रहे हो? तो मैंने कहा भाभी आई लव यू में आपको बहुत प्यार करता हूँ.
अब वो थोड़ा नोर्मल हो गई और कहने लगी हाँ मुझे पता है तभी तुम मुझे हर समय देखा करते हो. इतने में मैंने उनके लिप पर अपने लिप रख दिए और उन्हें किस करने लगा. अब उन्होंने भी कुछ नहीं कहा और एक मिनट तक किस करने के बाद में अपने हाथ उनके बूब्स पर ले गया और क्या बताऊँ यार क्या मस्त बूब्स थे? एकदम मुलायम बड़े-बड़े लग रहे थे. बस ब्लाउज फाड़कर उन्हें चूसना शुरू कर दूँ. वो उस दिन मेक्सी पहन कर आई थी और फिर मैंने उनकी मेक्सी उतार दी, क्या सीन था यार? जिन्हें में रोज़ सोचकर मुठ मारा करता था, वो आज मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी थी.
फिर मैंने उनको उठाया और अपने बेड पर ले जाकर लेटा दिया, फिर मैंने अपनी टी-शर्ट और पजामा भी उतार दिया. अब वो मेरा लंड देखकर खुश हो रही थी. फिर मैंने उनकी ब्रा उतार दी. वाहह यार उनके निप्पल पिंक कलर के और फूले हुये थे. फिर में लेफ्ट बूब्स का निप्पल मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरे बूब्स को दबाने लगा. वो भी आह आह की आवाजें निकालने लगी थी.
फिर मैंने अपना एक हाथ ले जाकर उनकी चूत पर रख दिया और अब उनकी पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी. फिर मैंने उनकी पेंटी उतार दी और उनसे अपनी अंडरवियर उतारने को कहा तो उन्होंने उतार दी और मेरे लंड को पकड़कर ऊपर नीचे करने लगी. फिर मैंने उनसे अपने लंड को चूसने को कहा और वो चूसने लगी. क्या टाईम था यार? मज़ा आ रहा था. में सातवें आसमान में था.
फिर हम 69 पोज़िशन में आ गए. फिर में 10 मिनट के बाद उठा और अपने लंड को उनकी चूत पर रख दिया और धक्के मारने लगा. मेरा लंड थोड़ा ही अंदर गया था और भाभी मस्त मस्त आवाज़े निकालने लगी थी. फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा और मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और वो कहने लगी कि धीरे करो मुझे दर्द हो रहा है. अब में उन्हें किस करता जा रहा था और उनके बूब्स दबाता जा रहा था और चूसता भी जा रहा था. मुझे पहली बार किसी को चोदने का मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने उनसे कहा कि आप मेरे ऊपर आ जाओ तो वो मेरे ऊपर आकर अपनी गांड उठा उठाकर चुदवा रही थी. फिर 15 मिनट तक चोदने के बाद मेरा निकलने वाला था तो भाभी ने कहा कि अंदर ही डाल दो. मैंने अंदर ही अपना सारा माल निकाल दिया और भाभी के ऊपर लेट गया.
फिर हम साथ में नहाये और नहाते हुए भी हमने खूब मस्ती की. फिर मैंने उन्हें अपने हाथों से नहलाया और उनके खूब बूब्स दबाये. अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और फिर मैंने भाभी से कहा कि मुझे आपको फिर से चोदना है तो भाभी कहने लगी कि कितना चोदोगे, आज ही मेरी चूत का भोसड़ा बना दोगे क्या? फिर मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में चोदा और अब मैंने शॉवर चालू कर दिया था और हम नहा भी रहे थे और चुदाई भी कर रहे थे. में उनके बूब्स बड़ी तेज़-तेज़ दबा रहा था. फिर हम चुदाई करके अच्छी तरह नहा लिए और फिर भाभी अपने कपड़े पहनकर नीचे चली गई. अब जब भी हमें टाईम मिलता है तो हम खूब चुदाई करते है.
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