आशा चाची की चुदाई अँधेरे में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शंकर है और में अमृतसर पंजाब का रहने वाला हूँ. आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ जिसमे मैंने मेरी चाची आशा को चोदा जो कि मेरे अंकल (मेरे पापा के भाई) की पत्नी है. यह कहानी उनकी चुदाई के बारे में है. दोस्तों में एक ठीक ठाक दिखने वाला लड़का हूँ और मेरा लंड करीब 7.5 इंच का है जो किसी भी असंतुष्ट चूत को शांत करने के लिए बहुत एकदम ठीक है.
दोस्तों इस घटना से पहले मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था और ना ही मेरी कोई गर्लफ्रेंड थी और मैंने कभी भी चाची के बारे में भी ऐसा कुछ गलत नहीं सोचा था. यह आखरी महीने की बात है और उन दिनों गर्मी बहुत थी. मेरी चाची का घर हमारे घर के पास ही है और मेरे अंकल एक बहुत बड़े बिजनेसमेन है. उन दिनों वो बिजनेस के सिलसिले में तीन दिन के लिए मुंबई गए हुए थे और वो जाने से पहले मुझे उनके घर पर रात को रहने के लिए बोल गये थे क्योंकि घर पर चाची और उनकी 13 साल की बेटी दोनों ही अकेले थे.
दोस्तों अब में आप सभी को थोड़ा बहुत विस्तार से अपनी चाची के बारे में बता देता हूँ, उनकी उम्र करीब 40 साल की होगी और इस रात से पहले मैंने कभी भी चाची के फिगर और बूब्स की तरफ इतना ध्यान नहीं दिया था और उस रात में खाना खाने के बाद 9 बजे के करीब चाची के घर पहुंच गया. चाची की बेटी अपने रूम में पढ़ाई कर रही थी और उस समय चाची बेड पर बैठकर टीवी देख रही थी और फिर में भी उनके साथ बैठकर टीवी देखने लगा और हम टीवी देखने के साथ साथ कुछ इधर उधर की बातें भी करने लगे. तभी टीवी पर कुछ देर बाद अचानक से एक किस्सिंग सीन चलने लगा.
वो करीब दो मिनट का था और यह सब देखकर में चाची के सामने थोड़ा सा शरम महसूस करने लगा, लेकिन चाची मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी. फिर जैसे ही मुझे लगा कि चाची के ऊपर सेक्स का भूत चड़ने लगा है और अब वो मेरे हाथों को छूने लगी थी, लेकिन मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे साथ यह सब क्या हो रहा है? फिर कुछ देर बाद चाची बेड से उठकर जाने लगी और जाते जाते उन्होंने एक बार मेरे लंड को छूकर देखा, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद वो फिर से वापस आ गई और फिर से मेरे लंड को छूने लगी. दोस्तों अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, लेकिन में बहुत डर भी रहा था क्योंकि मेरी चाची की लड़की भी उस समय घर पर थी.
चाची ने फिर से मुझे छूना शुरू कर दिया और अब मैंने भी थोड़ी बहुत हिम्मत करके चाची का हाथ पकड़ कर मसल दिया और इसके बाद चाची को मेरी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया और चाची ने मेरे लंड को छुआ और अब धीरे धीरे मेरा लंड भी जाग गया था. वो अपना आकार बदलने लगा था जिसको चाची देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और अब में भी चाची को छूने लगा और में अपने एक हाथ को पीछे की तरफ ले जाकर चाची की पीठ को सहलाने लगा और फिर धीरे से चाची के बूब्स और चूत को सहलाने और मसलने लगा, लेकिन तभी इतने में हमे कुछ आवाज़ आई और हम सतर्क हो गये.
दोस्तों यह सब काम करते हुए ना तो चाची ने मुझसे कुछ कहा था और ना मैंने. हम दोनों एकदम चुप थे. हमारा पूरा ध्यान टीवी के साथ साथ एक दूसरे पर भी था. तभी मेरी चाची की लड़की रूम में आई और वो उनसे सोने के लिए कहने लगी क्योंकि उसे सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाना था और इतना कहकर वो दूसरे रूम में चली गयी. चाची मुझे कहने लगी कि तुम सोना मत, में 12 बजे के करीब आ जाउंगी और चाची सोने के लिए दूसरे रूम में चली गई जहाँ पर मेरी बहन सोई हुई थी और अब घर की पूरी लाईट बंद थी. में टीवी वाले रूम में बैठा हुआ कुछ देर टीवी देखने लगा और कुछ देर के बाद लेट गया, लेकिन मेरा लंड अभी तक तनकर खड़ा हुआ था और में बहुत हैरान था कि मेरे साथ यह सब क्या हो रहा है? और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मेरी आखों के सामने उनके बड़े बड़े बूब्स घूम रहे थे.
में अपने लंड को शांत करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन में नाकाम रहा और फिर थोड़ी देर के बाद में उठा और बाथरूम में जाकर उनके बारे में सोचकर मुठ मार आया और अब कमरे में आकर लेट गया और अब में चाची का इंतजार करने लगा, लेकिन मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी.
थोड़ी देर के बाद चाची आई और उन्होंने मुझे उठाया और वो भी मेरे पास ही लेट गई और मेरे लंड को सहलाने लगी. में भी धीरे धीरे जोश में आ गया और में चाची को किस करने लगा और एक हाथ से में उनके बूब्स को दबा रहा था और चाची भी मेरे लंड से खेल रही थी. में अब पूरे जोश में था और चाची के बूब्स उनकी कमीज़ के ऊपर से मसलने लगा.
फिर कुछ देर के बाद चाची ने अपनी सलवार को उतार दिया और में चाची की पेंटी के ऊपर से उनकी चूत को सहलाने लगा. चाची पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और अब मैंने चाची की पेंटी को भी उतार दिया, लेकिन कमरे में बहुत अंधेरे की वजह से मुझे चाची की चूत नहीं दिख रही थी, लेकिन हाथ लगाने से पता चल रहा था कि वो भी बहुत जोश में गरम थी और अब हम लिप किस करने लगे. मैंने अपने लोवर को उतार दिया और साथ में अपनी अंडरवियर भी. चाची मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करके महसूस करने लगी और फिर चाची ने मुझसे कहा कि वाह तुम्हारा लंड तो मेरे सोचने समझने से भी बहुत बड़ा, मोटा, लंबा है.
मुझे ऐसे ही किसी लंड की तलाश थी जो एक ही बार में मेरी प्यासी चूत को शांत कर दे और मेरी चूत को चोदकर उसका भोसड़ा बना दे. चल अब शरमाना छोड़ और मेरी जमकर चुदाई करके मुझे खुश कर दे. फिर चाची बेड से उठी और मोबाइल की रोशनी से अलमारी से एक कंडोम निकालकर लाई और मुझे दे दिया, लेकिन मुझे तब तक कंडोम लगाना भी नहीं आता था.
मैंने चाची से कहा कि चाची मुझे उसको चड़ाना नहीं आता और यह कैसे लगता है मुझे बिल्कुल भी पता नहीं है. चाची ने थोड़ा मुस्कुराकर मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़ा और फिर कंडोम को टोपे पर रखकर धीरे से नीचे की तरफ उतार दिया और इस तरह कंडोम लगा दिया.
अब में अब चाची के ऊपर आ गया और मैंने धीरे से चाची के दोनों पैरों को थोड़ा सा फैलाकर चूत का आकार बड़ा किया और लंड को चूत के मुहं पर रखकर हल्का सा लगातार दबाव बनाकर पूरा का पूरा अंदर घुसा दिया. चाची उहहऊऊ आह्ह्ह्हह्ह की आवाज़ निकलने लगी और अब मेरे भी मुहं से हल्की सी आवाज़ निकलने लगी, लेकिन में किसी भी बात को बिना देखे सुने ताबड़तोड़ धक्के देने लगा और वो अपने चूतड़ को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से हाँ अपना पूरा दम लगा दो मेरी चुदाई में और मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दो हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे.
अब में जोश में आकर लगातार धक्के देकर उन्हे करीब बीस मिनट तक चोदता रहा, लेकिन अब में झड़ने वाला था और फिर में उनकी चूत में झड़ गया, लेकिन मैंने अपने धक्के अभी खत्म नहीं किए. में उसे धीरे धीरे चोदता रहा और अपना वीर्य उनकी चूत में डालता रहा और थोड़ी देर के बाद में चाची के बूब्स और कमीज़ के ऊपर से चूसने लगा. फिर कुछ देर के बाद चाची ने अपनी कमीज़ को उतार दिया और मैंने उनकी ब्रा को उतार दिया. अब चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, लेकिन अँधेरे की वजह से मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन में चाची के बूब्स को चूस रहा था और उनकी चूत और पूरे जिस्म को छूकर महसूस कर रहा था और अब कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से तन गया था. चाची ने लंड को मुहं में ले लिया और चूसने लगी और थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड तन गया.
अब चाची पेट के बल लेट गयी और उन्होंने मेरे खड़े हुए लंड को अपनी गांड में डालने का इशारा किया. दोस्तों पहले तो में बहुत हैरान हुआ फिर में चाची के ऊपर आकर गांड में लंड डालने लगा. मैंने महसूस किया कि चाची की गांड चूत से थोड़ी टाईट थी. मेरा लंड जैसे पूरी तरह से छिल गया था और अब चाची मौनिंग करने लगी.
फिर 10 मिनट के बाद में डिसचार्ज हो गया और मैंने अपना गरम गरम लावा उनकी गांड में डाल दिया और थोड़ी देर के लिए हम ऐसे ही लेटे रहे. लगभग दो बजे के करीब चाची ने मोबाइल की लाईट से अपने कपड़े ढूंढे और फिर पहनकर अपने कमरे में चली गयी. दोस्तों इस तरह मैंने चाची को चोदा, लेकिन इस चुदाई में ना तो में चाची के शरीर का कोई अंग देखा सका (अंधेरे की वजह से) और ना ही हम दोनों चुदाई करते समय कुछ मुहं से बोले और उसके बाद अगली दो रातों को भी मैंने चाची को ऐसे ही जमकर चोदा और अपनी चुदाई से उनकी चूत को संतुष्ट किया.
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बीवी को शिमला में चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. उम्र 32 साल, हाईट 5 फुट 9 इंच, लंड 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा और जिम बॉडी है. ये स्टोरी जून 2013 की है, में और मेरी पत्नी शिमला घूमने गये थे. हमारी शादी को करीब 8 साल हो चुके थे. अब में आपको अपनी पत्नी के बारे में बता दूँ, उसका नाम पूजा है. उम्र 30 साल, हाईट 5 फुट 6 इंच, साईज़ 34-28-36, एकदम गोरी, ठीक ठाक भरी हुई है, उसके बूब्स और गांड पर तो मैंने कितने लोगों को घूरते देखा है और मुझे इससे जलन नहीं होती बल्कि मज़ा आता है. पूजा काफ़ी सुंदर है, में और मेरी पत्नी सेक्स का भरपूर मज़ा लेते है. मुझे उसकी ब्रा-पेंटी उतारने से लेकर उसकी चूत चाटने तो कभी-कभी उसकी गांड चाटने में बहुत ही मज़ा आता है, ख़ास कर जब में उसकी गांड चाटता हूँ तो उसे सिग्नल मिल जाता है कि आज तो में उसकी गांड मार कर ही रहूँगा.
पूजा भी कभी-कभी अपने आप ही मेरा लंड पकड़कर अपनी गांड में घुसवा लेती है. सच में मेरी पत्नी की गांड मारने का मन हर देखने वाले का करता होगा. पूजा को भी मेरा लंड चूसने में काफ़ी मज़ा आता है. कई बार वो अपनी मर्ज़ी से एकदम नंगी हो कर बिस्तर पर आ जाती है और मेरा लंड चूसने लग जाती है. हम सेक्स में हर तरीका अपनाते है. हमें इसमें काफ़ी मज़ा आता है. हम नेट पर पॉर्न भी देखते तो कभी-कभी सेक्स करते वक़्त में अपने दोस्तों की बीवीयों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो उसे कोई परेशानी नहीं होती थी, लेकिन जब में उसको मेरे दोस्तों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो वो मना कर देती, लेकिन उसे और मुझे सेक्स में इन बातों से बहुत मज़ा आता था.
अब गर्मियों की छुट्टियों में हम अपने दोस्तों और बच्चो के साथ घूमने गये थे, लेकिन वहाँ भी कोई चान्स नहीं लगा. शायद वो इसके लिए राज़ी भी नहीं होती, क्योंकि वो मेरे सभी दोस्तों की बहुत इज़्ज़त करती थी, लेकिन सेक्स में उसका स्टाईल ही ऐसा था कि इस दौरान मेरी इच्छा होने लगी कि कोई मेरे सामने पूजा को चोदे. ऐसा काफ़ी टाईम तक चलता रहा. फिर एक दिन में मार्केट से वाइब्रेटर लेकर आया और रात को पूजा को सरप्राइज दिया. फिर जब में उसकी गांड मार रहा था तो मैंने वाइब्रेटर उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा तो पूजा आअहह आआआआआआअहह की आवाज़े निकालने लगी और एड्जस्ट करके अपने हाथ से पूरा का पूरा अंदर ले लिया. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था, तभी में बोला.
में : पूजा दूसरा लंड कैसा है?
पूजा : बहुत अच्छा डार्लिंग.
में : तुम्हें दो लंड एक साथ अच्छे लग रहे है?
पूजा : हाँ बहुत.
में : -सोचो, अगर इस रबड़ के लंड में इतना मज़ा आ रहा है तो असली लंड में कितना मज़ा आयेगा?
पूजा : हटो, मुझे सिर्फ़ तुम्हारा ही चाहिए, ये ही काफ़ी है.
में : मेरा क्या?
पूजा : लंड आआआआआआअहह पूरा घुसाओ ना प्लीज और उसकी चूत से पानी गिरने लगा.
फिर करीब 1 घंटा सेक्स करने के बाद हम सो गये. फिर कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. फिर मेरे दिमाग़ में एक प्लान आया कि क्यों ना में पूजा को कहीं उसकी पसंद की जगह पर घूमाने ले जाऊं? शायद कोई बात बन जाए. इसी दौरान एक मॉल में मुझे एक लकी ड्रॉ में एक फ्री ट्रिप शिमला जाने का कूपन मिला तो मैंने पूजा को इस बारे में बताया तो वो बहुत ही खुश हुई. पूजा को शिमला देखना था तो कुछ दिनों के बाद हमने शिमला जाने का प्लान बनाया और मैंने बुकिंग कर दी.
अब हम अपने तय दिन पर सुबह 4 बजे दिल्ली से अपनी गाड़ी में निकले और सफ़र का मज़ा लेते हुए करीब 1 बजे शिमला रिसोर्ट पहुँच गये. शिमला रिसोर्ट काफ़ी बड़ा और शानदार था. रिशेप्शन पर हमें एक जवान सुंदर लड़का मिला, उसने अपना नाम संदीप बताया और हमें वेलकम कहा. फिर सारी बातें बताने के बाद वो हमें अपने रिसोर्ट के बारे में बताता हुआ हमें हमारे रूम तक ले गया.
फिर उसने रूम का दरवाजा खोला, रूम अन्दर से काफ़ी अच्छा था. फिर वो हमें रूम की सुविधाओं के बारे में बता कर जाने लगा और जाने से पहले उसने अपना पर्सनेल मोबाईल नम्बर मुझे दिया और कहा कि कभी भी किसी चीज की ज़रूरत हो तो हम उसे कॉल कर सकते है. फिर उसने जाने से पहले एक मेंबरशिप पॉलिसी का भी ज़िक्र किया और बोला पहले आप आराम कर लीजिए फिर में आपको शाम को मिलता हूँ. संदीप काफ़ी स्मार्ट था, हाईट 6 फुट होगी वो काफ़ी गठीले शरीर का था.
पूजा को भी उसका स्वभाव काफ़ी पसंद आया. अब हम दोनों रूम में अकेले थे. अब मुझसे रहा नहीं गया और हमने फटाफट सेक्स करना चालू कर दिया और थोड़ी देर के लिए सो गये. फिर शाम को हमें संदीप ने पूरा रिसोर्ट घुमाया. अब वो हमारे साथ काफ़ी फ्रेंड्ली हो गया था. में देख रहा था कि उसकी नज़र पूजा पर थी और मुझे ये सब अच्छा लग रहा था, जब बारिश का मौसम था इसलिए हमें काफ़ी सर्दी लग रही थी. फिर हम मॉल रोड़ गये और वहाँ से मैंने पूजा के लिए एक सेक्सी शॉर्ट नाईटी ली.
अब में मार्केट में पूजा की गांड पर तो कभी बूब्स पर, टच किए जा रहा था. पूजा को ये अच्छा लग रहा था, लेकिन वो मुझे मना कर रही थी कि कोई देख ना ले. अब पूजा काफ़ी खुश थी तो मैंने एक छोटी बोतल विस्की की ले ली तो पूजा ने मना किया, लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर वो मान गयी. अब हम रिसोर्ट वापस आ गये. फिर करीब 8 बजे हमने लाईट डिनर भी लिया और अपने रूम में आ गये. अब रूम में आते ही मैंने पूजा को अपनी बाहों में भर लिया तो पूजा मचलने लगी और मेरे से छूटकर उसने अपनी नई नाइटी ली और बाथरूम में जाने लगी. अब मैंने रूम का हीटर चालू कर दिया और संदीप को फोन मिलाया.
संदीप : हैल्लो.
में : हैल्लो संदीप, में विशाल बोल रहा हूँ रूम नम्बर ***
संदीप : ओह, हैल्लो सर कहिए में आपके लिए क्या कर सकता हूँ?
में : यार आप अपनी पॉलिसी के बारे में बता रहे थे तो क्या आप अभी हमारे रूम में आ सकते हो?
संदीप : लेकिन, सर अभी तो में व्यस्त हूँ, क्या कुछ देर के बाद आ जाऊं?
में : कितनी देर में?
संदीप : मेरी ड्यूटी 9 बजे ख़त्म हो जायेगी, उसके बाद में बिल्कुल फ्री हूँ.
में : ओके, तुम आ जाना मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है, में तुम्हारा इंतज़ार करूँगा, ओके बाय.
इतने में पूजा भी फ्रेश होकर बाथरूम से नाइटी पहनकर निकली, वाउ क्या ग़ज़ब लग रही थी वो? उस नाइटी में उसकी भरी हुई सफेद जांघे काफ़ी सेक्सी लग रही थी. उस नाइटी के अन्दर साफ दिख रहा था कि उसने काले कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई है. फिर मैंने भी फटाफट अपने कपड़े उतारे और एक अपनी चड्डी और बनियान में बेड पर उसके साथ आ गया. फिर मैंने पूजा को अपनी बाहों में भर कर इधर उधर किस करना शुरू कर दिया तो वो गर्म होने लगी. अब वो इस ट्रिप पर बहुत खुश थी, क्योंकि सिर्फ़ वहां हम दोनों ही थे और किसी की टेन्शन भी नहीं थी. फिर मैंने विस्की का एक पेग बनाया और पीने ही वाला था कि पूजा ने मुझे रोक लिया और कहा कि तुम ये मत पियो. (में शराब नहीं पीता ये तो ट्रिप पर सेक्स का मज़ा लेने के लिए ली थी) फिर मैंने पूजा को पीने के लिए मना लिया और एक पेग पूजा को पिला दिया. फिर थोड़ी देर में हम एक दूसरे पर टूट पड़े. अब मेरा हाथ उसके बूब्स दबा रहा था और वो मेरे शरीर पर हाथ फैर रही थी.
अब में उसकी नाइटी के अंदर हाथ डालकर कभी उसकी चूचीयाँ दबाता तो कभी उसकी चूत को सहलाता. अब वो सिसकियां भरने लगी थी, अब उसे थोड़ा विस्की का और थोड़ा सेक्स का नशा चढ़ रहा था. तभी मैंने एक और पेग उसे दे दिया और वो पी गयी, अब उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी. अब में उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत चाट रहा था और अब वो आआआहह की आवाज़े निकाल रही थी. इतने में उसने मेरी चड्डी में हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ा और सहलाने लगी. अब हम 69 पोजिशन में थे और में उसकी पेंटी को बिना उतारे एक तरफ करके उसकी चूत चाटने लगा. अब वो भी मेरा लंड निकाल कर चाटने लगी तो उसके मुँह से ऊऊम्म्म्म हह ऊमम हह की आवाज आ रही थी. अब में एक उंगली पूजा की चूत में और दूसरी उंगली उसकी गांड में अंदर बाहर कर रहा था. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था. तभी पूजा अपने मुँह में से लंड निकाल कर बोली.
पूजा : क्या आप वाइब्रेटर लाए हो?
में : नहीं, क्यों तुम्हें चाहिए?
पूजा : नहीं बस, बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए.
तभी डोर बेल बजी, मैंने देखा तो 9 बज चुके थे. शायद संदीप ही होगा, पूजा को अजीब लगा की कौन है? ऐसे माहौल में सारा मज़ा खराब हो गया था. उसे ये नहीं पता था कि मैंने उसके लिए क्या इंतज़ाम किया है? फिर मैंने पूजा से बोला कि तुम कंबल में ही रहो और में अभी आता हूँ और उसने कंबल से अपने आपको ढक लिया. फिर मैंने डोर ओपन किया तो देखा कि संदीप है. फिर मैंने उसे रूम में अंदर आने को कहा तो वो अंदर आ गया. फिर संदीप ने पूजा को भी हाय बोला और कहा कि मैंने आप लोगों को परेशान तो नहीं किया. फिर मैंने उसे बैठने के लिए कहा और वो उसी साईड में बैठ गया जिस साईड में बेड पर पूजा थी. अब पूजा को नशा चढ़ गया था तो उसने हमारी बातें 2-3 मिनट तक सुनी फिर वो अपना उदास चेहरा दूसरी तरफ करके लेट गई.
अब में भी कंबल में था और अंदर से पूजा की गांड को सहला रहा था. अब संदीप ने मुझे फटाफट रिसोर्ट की मेंबरशिप के बारे में बताया और में बोला कि ये मेंबरशिप में लेने के लिए तैयार हूँ, लेकिन में इस ट्रिप को यादगार बनाना चाहता हूँ तो संदीप बोला थैंक यू सर, में आपकी हर मदद करने के लिए हाज़िर हूँज अब में अपनी पत्नी के बूब्स भी सहलाने लगा. ये सब संदीप महसूस कर रहा था कि कंबल के अंदर क्या हो रहा है? कंबल में हलचल हो रही थी और पूजा भी चुपके से मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी, लेकिन उसका मुँह दूसरी तरफ था. तभी में कंबल से उठा और जानबूझ कर संदीप के सामने ही पूजा के ऊपर से कंबल हटा दिया.
अब मेरी पत्नी की गोरी-गोरी नंगी टांगे संदीप के सामने थी तो संदीप की आँखे खुली की खुली रह गयी. अब में उसके सामने ही अपने हाथ से उसकी गांड और कमर सहला रहा था. फिर मैंने संदीप का हाथ पकड़कर पूजा की गांड पर रख दिया, अब पूजा नशे में थी. फिर जब में 2 मिनट में बाथरूम से आया तब तक संदीप पूजा की गीली चूत पर भी हाथ फैर रहा था, कभी पेंटी के अंदर तो कभी पेंटी के बाहर हाथ फेर रहा था. फिर मैंने बेड पर आकर पूजा के मुँह के पास अपना लंड रख दिया और उसके मुँह पर अपना लंड रगड़ने लगा. अब पूजा ने अपनी आँखे बंद कर रखी थी और मुँह खोलकर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया, वाह्ह अब की बार तो फीलिंग ही कुछ और थी. फिर मैंने पूजा को डॉगी स्टाइल में होने को बोला तो वो हो गयी. फिर संदीप ने भी अब पूजा की पेंटी एक तरफ करके उसकी हल्के बालों वाली चूत के दर्शन किए और उसे चाटने लगा. अब पूजा को भी बहुत मज़ा आने लगा था.
अब मैंने संदीप को अपने कपड़े उतारने का इशारा किया तो उसने एक बार में ही सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया. अब उसका लंड देखकर में भी खुश हुआ. वो लगभग 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा होगा, वाह क्या लंड था उसका? अब पूजा ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे इशारे में रिक्वेस्ट की वो जान गयी थी कि अब तो मना करने में कोई फ़ायदा नहीं है, बस अब तो चुदवाने में ही फ़ायदा है. फिर संदीप ने उसकी पेंटी उतार दी, क्या बात थी पूजा एक अजनबी मर्द के सामने बिल्कुल नंगी क्या लग रही थी? फिर मैंने भी उसकी ब्रा और अपनी चड्डी निकाल दी थी. अब हम तीनों रूम में बिल्कुल नंगे थे और अब रूम कुछ हमारी सिसकियों से तो कुछ हीटर से गर्म हो चुका था. अब संदीप अपना लंड पूजा की चूत पर रगड़ रहा था और साथ ही वो अपने लंड से मेरी पत्नी की चूत पर थप्पड़ भी लगा रहा था.
अब वो पूजा की चूत पर अपना लंड रखता और हटा लेता. फिर पूजा ने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और आगे पीछे होकर संदीप के लंड को चूत में घुसवाने की कोशिश करने लगी. तभी पूजा ने उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत में घुसा लिया तो पीछे से संदीप ने भी जोरदार धक्का लगाया तो उसकी आआआहह की चीख निकल गयी. अब उसका लंड एक बार में ही पूरा अंदर चला गया था, चोद दो और चोदो, पूरा लंड घुसाना प्लीज़ संदीप प्लीज, पहली बार पूजा ने संदीप का नाम लिया था. अब वो पूरी तरह से दो-दो लंड का मज़ा लेना चाहती थी. इस तरह 10 मिनट तक चोदने के बाद मैंने उसे मिशनरी पोजिशन में लेटाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब पूजा संदीप का लंड बड़े मज़े से चूस रही थी और में उसे चोद रहा था. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी गांड चाटने लगा तो पूजा समझ गयी कि अब उसकी गांड की बारी है. उसकी गांड पर मेरी जीभ लगते ही वो काँप उठी.
फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसाया, अभी आधा ही लंड उसकी गांड में गया होगा कि वो दर्द महसूस करने लगी. वो बोली डार्लिंग धीरे से घुसाओ, में मर जाऊंगी, फिर में बोला कि मेरी रानी अभी तो मेरा आधा ही गया है जब संदीप का पूरा जायेगा तो क्या होगा? और वो स्माइल देने लगी. अब धीरे-धीरे मैंने पूरा लंड अन्दर घुसा दिया और अपनी स्पीड तेज़ कर दी. वो आआआआआआआआआअहह डार्लिंग और तेज़ और तेज़ बोलने लगी. फिर करीब 15 मिनट तक धक्के लगाने के बाद में रुका और संदीप को नीचे से पूजा की चूत में लंड घुसाने के लिए बोला. अब संदीप लेट गया और पूजा उसके ऊपर बैठकर लंड अपनी चूत में लेने लगी और मैंने ऊपर से उसकी गांड में लंड घुसा दिया. अब पूजा को थोड़ी परेशानी होने लगी थी, लेकिन मैंने पूरा लंड अन्दर घुसा दिया, आआआह्ह्ह्ह्ह प्लीज आज मेरी गांड और चूत दोनों फाड़ दो. मारो मेरी और मारो, मुझे जी भरकर चोदो, प्लीज फुक मी, आप तो चाहते ही थे ना कि में दो लंड एक साथ लूँ, अब तो खुश हो आप और चोदो मुझे. अब पूजा की गांड और चूत में से काफ़ी सारा पानी निकल रहा था.
अब वो एकदम पागल सी हो गयी थी और झड़ने वाली थी तो वो बोली कि संदीप चोदो मुझे, में झड़ने वाली हूँ. इतने में ही उसकी चूत में से बहुत सारा पानी निकलने लगा, आआआआआआहह में गयीईईई और वो ढीली पड़ गयी. तभी हम भी झड़ने वाले थे. फिर मैंने संदीप की तरफ इशारा किया कि अंदर मत निकालना, पूजा के मुँह में निकालना. (पूजा को वीर्य का स्वाद काफ़ी अच्छा लगता है) फिर हम उठकर अपना लंड पूजा के मुँह के पास हिलाने लगे तो पहले में झड़ गया आआआआआआआअहह मेरा वीर्य पूजा के मुँह के अंदर और बाहर दोनों जगह फैल गया था. फिर संदीप का भी निकल गया. फिर पूजा हम दोनों का वीर्य पी गयी और पूजा ने हमारे लंड भी अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ कर दिए. अब हम तीनों के चेहरो पर खुशी थी और थोड़ी देर तक हम पूजा को अपने बीच में लेटाकर पड़े रहे. दोस्तों उस रात हमने 3 बार सेक्स किया था.
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मजबूत लंड से सील तुड़वाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम चारू मेहता है और मेरी उम्र 22 साल और में अपनी बीकॉम की पढ़ाई गुजरात से कर रही हूँ, मेरे पापा एक सरकारी में टीचर है और मेरी माँ एक हाउस वाईफ है और मेरा एक छोटा भाई भी है. उसका नाम योगेश है और वो अभी अपनी 12th की पढ़ाई कर रहा है. मेरी हाईट 5.6 इंच मेरे फिगर का साईज 34-30-36 है और अभी तक मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं था, लेकिन इस घटना के बाद वो भी मुझे मिल ही गया. उसने पहली बार में ही मुझे अपने लंड का स्वाद चखा दिया. दोस्तों इस घटना के बाद मेरा जीवन बिल्कुल बदल गया और अब ज्यादा टाईम बर्बाद ना करते हुए में अपनी कहानी बताती हूँ.
दोस्तों में जब कॉलेज में थी और अपने घर से दूर रहकर अपनी बीकॉम की पढ़ाई पूरी कर रही थी, तब मेरे साथ मेरी बस में एक लड़का आता था, उसका नाम विशाल था और वो मुझसे दो साल बड़ा था. दोस्तों वैसे तो में कभी भी किसी से बात नहीं करती थी, लेकिन में उसे जानती थी क्योंकि रोज हम दोनों साथ में एक ही बस में सफ़र करते थे.
एक दिन ऐसा हुआ कि में अपना पर्स अपने घर पर भूल गई और फिर जब बस में टिकट लेने के लिए मैंने बेग में देखा तो मुझे पता चला कि में पैसे साथ में नहीं लाई हूँ, विशाल यह सब देख रहा था और उसने दिन मेरे भी टिकट के पैसे दे दिए और फिर उस दिन से हम एक दूसरे से बातें करने लगे और जब में अपने कॉलेज के दोस्त के साथ कहीं बाहर घूमने जाती थी तो उसे भी अपने साथ बुला लिया करती थी, क्योंकि बातचीत करने के बाद से हमने अपना अपना मोबाईल नंबर भी एक दूसरे को दे दिया था. एक बार हम साथ में फिल्म देखने के लिए चले गये और मेरी पास वाली सीट पर विशाल बैठा हुआ था और दूसरी वाली सीट पर में और उसके पास वाली सीट पर मेरी दोस्त कोमल और उसका बॉयफ्रेंड बैठे हुए थे. फिर जब फिल्म शुरू हुई तो वो दोनों तो अपने में व्यस्त थे, आधे घंटे के बाद विशाल ने अचानक से मेरे हाथ पर हाथ रख दिया. मुझे भी अब अच्छा लगने लगा.
फिर उसके बाद वो मेरे हाथ पर अपना हाथ फेरने लगा, लेकिन पता नहीं क्यों में उसे मना नहीं कर सकी? और फिर उसने मुझे अपनी और खींचा और एक लिप किस किया. दोस्तों मेरा वो पहला लिप किस था. मुझे भी अब बहुत अच्छा लगने लगा और में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर क्या था? यह सिलसिला कुछ देर तक चलता रहा और हम ऐसे ही एक दूसरे के बहुत नज़दीक आ गये. उसके बाद में हमारा हर रोज का घूमना फिरना और फिर किस करना लगातार हो गया. फिर एक दिन उसने मुझे अपने एक दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में बुलाया और मैंने भी उसे वहां पर आने के लिए हाँ कह दिया, तो वो मुझे उसके एक दोस्त के फ्लेट पर ले गया.
मुझे लगा कि यहीं पर जन्मदिन की पार्टी होगी इसलिए विशाल मुझे यहाँ पर लाया है, लेकिन जब विशाल ने अपनी जेब से फ्लेट की चाबी निकालकर फ्लेट का ताला खोला तो मैंने देखा कि अंदर कोई नहीं था, तो में झट से समझ गई कि विशाल ने मुझसे झूठ बोला था कि उसके किसी दोस्त की जन्मदिन की पार्टी है और फिर मैंने तुरंत ही विशाल से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि यहाँ पर कोई नहीं है इसलिए में तुम्हे यहाँ पर लाया हूँ ताकि हम यहाँ पर शांति से बैठकर बात सकते है. फिर मैंने उससे मुस्कुराते हुए कहा कि चलो ठीक है और अब हम रूम के अंदर बैठे हुए थे और विशाल ने मेरा एक हाथ पकड़ा हुआ था.
फिर विशाल ने कहा कि कितनी गर्मी है और यह बात कहकर उसने मेरा दुपट्टा खींच लिया. वैसे मैंने तो जींस और टी-शर्ट पहनी थी, लेकिन बाहर से यहाँ आने तक आते समय चेहरे को छुपाने के लिए वो दुपट्टा में साथ में लाई थी. तभी उसने एकदम से अपना एक हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे दबा, सहला रहा था और अब में कुछ बोलूं उससे पहले उसने अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और में तो उसके किस में लीन थी और वो मेरे बूब्स और निप्पल को ज़ोर देकर दबा रहा था और अब उसने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया, मैंने अंदर हरे रंग की ब्रा पहनी हुई थी और अब मुझे बहुत शरम आ रही थी, क्योंकि आज पहली बार में किसी लड़के के सामने ऐसे बैठी हुई थी और जब वो मेरी ब्रा को भी उतारने वाला था तो मैंने उससे कहा कि विशाल प्लीज ऐसा मत करो, हमको यह सब नहीं करना चाहिए.
विशाल ने कहा कि में तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ. मैंने कहा कि हाँ में भी तुम्हे बहुत पसंद करती हूँ, लेकिन यह सब बिल्कुल गलत है, हमें यह सब अभी नहीं करना चाहिए, लेकिन वो तो अभी भी मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था और में उससे अब कुछ भी बोल ना सकी और मैंने उसको वो सब करने दिया जो वो मेरे साथ करना चाहता था और अब उसने मेरी ब्रा और जींस दोनों को उतार दिया और अब उसने जल्दी से अपने कपड़े भी उतार दिए. अब वो मेरे सामने अंडरवियर और में उसके सामने अपनी पेंटी में थी. मेरी पेंटी अब अंदर से बिल्कुल गीली हो गई थी.
फिर विशाल ने मुझे बेड पर लेटा दिया और वो मुझे लगातार किस कर रहा था और फिर उसने अपना एक हाथ मेरी पेंटी में डाल दिया. मुझे बहुत रोमांच महसूस हुआ, क्योंकि यह सब मेरा पहली बार था और अब वो मेरी चूत पर अपना हाथ फेर रहा था. दोस्तों मेरी चूत पर हल्के हल्के से बाल थे और वो उसपर हाथ रगड़ रहा था और में उस अनुभव से छटपटा रही थी. फिर उसने मेरे एक हाथ को लेकर अपनी अंडरवियर में डाल दिया, जिसकी वजह से उसका तनकर खड़ा हुआ लंड मेरे हाथ में आ गया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि इसके आगे मुझे क्या करना चाहिए?
फिर उसने मुझसे कहा कि तुम इसे ऊपर नीचे करो, तो में जैसा वो कहता वो सब करने लगी और अब उसने मेरी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत दर्द हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था, क्योंकि वो अपनी उंगली को मेरी चूत में पूरी तरह अंदर घुसाता और फिर एकदम से पूरा बाहर की तरफ खींचता, उसके ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने से मेरी छोटी सी चूत अब धीरे धीरे फैलने लगी थी. फिर में भी पूरे जोश से उसके लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और थोड़ी देर के बाद मेरी चूत में से पानी निकल गया, लेकिन उसका अभी भी बाकी था.
फिर उसने मुझसे कहा कि थोड़ा और ज्यादा स्पीड से करो तो मैंने उसकी अंडरवियर को उतार दिया और में अब और भी स्पीड से उसका लंड हिलाने लगी. उसका लंड शायद 7 इंच का था और अब कुछ ही देर बार उसका भी पानी निकल गया और थोड़ा सा मेरे हाथ पर गिरा तो मैंने देखा कि वो बहुत बदबूदार था. फिर मैंने अपनी जींस से उसको साफ कर दिया और अब हम दोनों बेड पर ऐसे ही पड़े रहे, थोड़ी देर बाद वापस विशाल मुझे छू रहा था, लेकिन मुझे भी अच्छा लग रहा था. में भी फिर से उसके लंड पर हाथ फेरने लगी और फिर विशाल मेरे ऊपर आ गया और अब उसने मेरी पेंटी को निकाल दिया.
में उसके सामने बेड पर बिल्कुल नंगी पड़ी हुई थी. अब विशाल मेरे पूरे जिस्म पर हाथ फेरने लगा और मेरी चूत में उगली डालने लगा. सबसे पहले उसने अपनी एक उंगली डाली और बाद में दो और बाद में तीन, मुझे बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर रोक दिया, वो मेरे ऊपर आ गया और अपने लंड को मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगा.
मेरी यह चुदाई पहली बार थी और शायद उसकी भी इसलिए उसका लंड आसानी से अंदर जा नहीं रहा था. बहुत मेहनत के बाद उसका थोड़ा सा लंड चूत में चला गया, लेकिन मेरी तो एकदम बहुत ज़ोर से चीख निकल गई और मुझे लग रहा था कि मेरी चूत से खून भी बहुत निकलेगा और अब में बहुत कोशिश कर रही थी कि विशाल अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल ले, लेकिन वो तो वैसे ही मेरे ऊपर लेटा रहा और धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.
फिर कुछ देर बाद मुझे थोड़ा सा दर्द कम हुआ और अब तक लंड आधा अंदर चला गया था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और में भी उसका पूरा पूरा साथ दे रही थी और करीब दस मिनट में ही मेरी चूत से पानी निकल गया और अब में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती थी. फिर मैंने विशाल को बोला कि प्लीज तुम अब अपना लंड बाहर निकालो, लेकिन वो मना कर रहा था कि मेरा अभी निकला नहीं है. फिर मैंने उसे समझाया कि हम यह सब बिना कॉंडम के नहीं कर सकते, इस तरह करने से समस्या बहुत ज्यादा होती है. में तुम्हारा अपने हाथ से हिलाकर निकाल दूंगी.
फिर वो मेरी बात मान गया और फिर उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल दिया, तब मैंने देखा कि उसका लंड बहुत ही मोटा था और आगे से थोड़ा सा खून से भी गीला था जो मेरी चूत का था और फिर हम बाथरूम में गये और में विशाल के लंड को हाथ से हिलाने लगी और वो मुझे किस कर रहा था और अपने एक हाथ से मेरे बूब्स को दबा रहा था. फिर थोड़ी ही देर में विशाल का वीर्य निकल गया और वो एकदम शांत हो गया. फिर हम दोनों ने हाथ पैर धोए और फ्रेश होकर अपने अपने कपड़े पहन लिए. विशाल ने मुझे एक गिफ्ट भी दिया जिसमे एक नई टी-शर्ट थी. मैंने उसको हग कर लिया और एक लंबी सी किस दी और उसके बाद हम वहां से निकल गये और वो मुझे मेरे घर तक छोड़ गया. तो दोस्तों यह थी मेरी पहली चुदाई अपने बॉयफ्रेंड के साथ.
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दोनों बहनों की कामुक दास्तान

हैल्लो दोस्तों, आज में आप लोगों से जो स्टोरी शेयर करने जा रही हूँ वो मेरी खुद की रियल स्टोरी है, जिसे में आप लोगों के साथ शेयर करना चाहती हूँ और ये मेरी पहली कहानी है. मेरा नाम स्मिता है और मेरी उम्र 22 साल, फिगर 34-28-34, रंग गोरा, हाईट 5 फर 4 इंच और में हैदराबाद में रहती हूँ. मेरी फेमिली में हम 5 लोग रहते है पापा, मम्मी, भाई, बहन और में. मेरे पापा बैंक में काम करते है और मम्मी एक प्राइमरी स्कूल में टीचर है. भाई मुझसे 3 साल बड़ा है और मेरी बहन मुझसे 5 साल बड़ी हैज मेरी दीदी दिखने में अच्छी खूबसूरत है और उसकी फिगर साईज 36-30-34 है. रंग गोरा और हाईट 5 फुट 5 इंच है.
दोस्तों कहानी 3 साल पहले की है जब में 12वीं क्लास में पढ़ती थी, तब मेरी उम्र 19 साल की थी और मेरी दीदी 24 साल की थी. दीदी ने डॉक्टर का कोर्स किया है और वो अभी गावं में ही सरकारी हॉस्पिटल में काम करती है. वो पिछले 5 सालों से कॉलेज हॉस्टल में ही रहती थी इसलिए उसका और मेरा ज्यादा रिलेशन नहीं था और मेरा भाई भी 2 साल से पूना के मिलेक्ट्री कॉलेज में डॉक्टर का कोर्स कर रहा है. मैंने अभी-अभी 11वीं की परीक्षा देकर 12वीं क्लास में पढना शुरू किया था. मुझे सभी विषय सरल लगते थे, लेकिन साइन्स थोड़ा कठिन लगता था, मैंने साइन्स के लिए एक्सट्रा क्लास भी लगाई है. में रोज अच्छी पढाई करती हूँ, क्योंकि मुझे भी अपने भाई-बहन की तरह डॉक्टर बनना था. मेरा एक छोटा रूम है जिसमें में अकेली पढाई करती थी, लेकिन अब दीदी का कोर्स पूरा होने के कारण दीदी ने भी मेरा रूम शेयर कर लिया है. अब हम दोनों बहनें अच्छी तरह घुल मिल गये थे, अब दीदी मेरी अच्छी सहेली बन गयी है और अब वो मुझे मेरी पढाई में भी मदद करती थी. अब रोज का एक काम फिक्स हो गया था, वो हॉस्पिटल जाती और में कॉलेज जाती और जल्दी घर आकर पढाई करती थी.
एक दिन जब में घर आई तो मेरे कमरे का दरवाजा खुला था. में जब कमरे में गई तो बाथरूम में शॉवर की आवाज़ आ रही थी शायद दीदी आज हॉस्पिटल नहीं गई थी. तब में वहां पर ही अपने कपड़े चेंज कर रही थी कि वहाँ मुझे दीदी का लेपटॉप दिखा. मैंने लेपटॉप चालू किया तो उसमें एक वीडियो चालू था, उसमें दो लड़कियां एक दूसरे को किसिंग कर रही थी और एक दूसरे के बूब्स को सहला रही थी और एक गर्ल दूसरी गर्ल की चूत को सहला रही थी. ये देखकर मुझे कुछ अजीब लगा और में वो वीडियो देखने लगी. उसमें अब वो गर्ल्स एक दूसरे की चूत चाट रही थी, ये सब देखकर में भी थोड़ी गर्म हो रही थी और अब मेरे बूब्स और निप्पल कड़क हो गये थे, मैंने पहली बार ऐसा कुछ देखा था और पहली बार मेरी चूत में गुदगुदी हो रही थी.
फिर मैंने चूत पर हाथ रखा तो मुझे चूत पर कुछ गीलापन महसूस हुआ, ये मेरा फर्स्ट टाईम था. फिर मैंने लेपटॉप बंद कर दिया और कपड़े चेंज करने लगी, तभी बाथरूम से मुझे कुछ आवाज़ आने लगी. फिर में बाथरूम में देखने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कुछ अच्छे से दिखाई नहीं दे रहा था. फिर मैंने देखा कि दीदी पूरी नंगी थी तब मैंने उनके 36 साईज के बड़े बूब्स और उनकी चूत पहली बार देखी थी. वो अपने हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी और उसकी चूत एकदम क्लीन शेव थी, जबकी मेरी चूत पर छोटे- छोटे बाल थे. वो अपनी एक उंगली चूत में डाल रही थी और मुँह से आवाज़ निकाल रही थी. ऐसा मैंने पहले कभी नहीं देखा था. अब मेरी चूत में भी कुछ हो रहा था. मेरे हाथ मेरी चूत पर थे और में उसे सहला रही थी, में पूरी तरह से गर्म हो गयी थी और अब मेरा एक हाथ बूब्स पर और दूसरा हाथ मेरी चूत पर था. ये सब मुझे कुछ अलग लग रहा था.
फिर दीदी ने अब शॉवर बंद किया तब में अपने कपड़े पहनकर रूम से बाहर निकल गई और जब में रात को खाना खाकर पढाई करने बैठी थी और दीदी अपने लेपटॉप पर कुछ कर रही थी. फिर मैंने दीदी से जानबूझ कर साइन्स का टॉपिक फीमेल योनि के सिस्टम के बारे में पूछा और बोली कि मुझे ये कुछ समझ में नहीं आ रहा है, प्लीज मुझे समझा दो, आप तो डॉक्टर हो आप अच्छे से समझा सकती हो. तब दीदी मुझे फीमेल योनि के बारे में बताने लगी और लेपटॉप पर एक वीडियो प्ले करके मुझे समझाने लगी. उस वीडियो में एक गर्ल दूसरी गर्ल को नंगी करके चूत को दिखाकर योनि के बारे में बता रही थी और वो एक दूसरे को किस कर रही थी.
मैंने दीदी से पूछा कि सभी गर्ल की एक समान ही योनि होती है क्या? आपकी कैसी है प्लीज मुझे दिखाओ. मुझे लग रहा था कि ये सब दीदी को भी पसंद है तो दीदी ने हाँ कर दी और उन्होंने मुझे अपने कपड़े निकालने को कहा और वो भी झट अपने कपड़े निकालकर नंगी हो गयी थी. में पहली बार दीदी को सामने से नंगी देख रही थी, उसकी चूत एकदम क्लीन थी और अपने बड़े-बड़े बूब्स को ब्रा से अलग कर दिया.
अब में ब्रा और पेंटी में थी तो दीदी ने मुझे पूरा नंगी होने को कहा. मुझे शर्म आ रही थी तो फिर दीदी ने ही मेरी ब्रा को खोला और पेंटी भी निकाली और मुझे अपनी चूत दिखाकर योनि के बारे में बताने लगी और वो मेरी चूत को भी देखने लगी थी. फिर दीदी ने मेरा हाथ अपनी चूत पर रखकर देखने को बोला और वो मेरी चूत को देखने लगी, वो मेरी चूत को सहला रही थी और अब वो मेरे बूब्स को भी प्रेस कर रही थी. में अब थोड़ी गर्म हो रही थी और अचनाक दीदी ने अपने लिप्स मेरे लिप्स पर रखकर किस करने लगी. अब हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से किस कर रहे थे और वो मेरी उंगली अपनी चूत में डलवा रही थी और मेरी चूत को भी अब ज़ोर से रगड़ रही थी. फिर दीदी ने मुझे झट से बेड पर लेटा दिया और मेरी चूत के पास आकर मेरी चूत चाटने लगी. अब मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था. वो एक हाथ से मेरे बूब्स को दबा कर रही थी और चूत को चाट रही थी.
अब में भी दीदी की तरह आवाज़ निकाल रही थी आअहह ययसस्सस्स. अब वो अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल रही थी. मुझे एक अजीब सी फिलिंग हो रही थी और मेरी चूत बहुत गर्म हो गई थी और मेरी चूत थोड़ी गीली भी थी. अब दीदी अपनी चूत मेरे मुँह के पास लेकर आई और मेरे मुँह पर रब करने लगी. में भी उनकी तरह अपनी जीभ दीदी की चूत में डालकर चाटने लगी. दीदी की चूत बहुत गर्म थी और दीदी अपनी चूत को मेरे मुँह पर अच्छे से रगड़ने लगी और वो मेरी चूत को भी अच्छे से चाट रही थी. मेरे मुँह से अजीब सी आवाज़ निकल रही थी, लेकिन दीदी की चूत मेरे मुँह पर होने की वजह से ज्यादा आवाज नहीं निकल रही थी, दीदी अब अच्छे से मेरी चूत चाट रही थी और मुझे कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था.
अब मेरी चूत से कुछ निकलने वाला था और मेरी बॉडी कुछ अकड़ रही थी. अब दीदी ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थी कि तभी मेरी चूत में से कुछ निकल गया और में एकदम उछल पड़ी और कमर को ज़ोरदार झटका दिया, मुझे पता नहीं था कि ये में क्या कर रही हूँ? फिर मैंने ऐसे ही कमर को 2-3 झटके दिए और में एकदम से हल्का महसूस करने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैंने एकदम से सब कुछ पा लिया है. फिर दीदी ने अपनी चूत मेरे मुँह रख दी और अब में दीदी की चूत चाट रही थी और अब दीदी भी अपनी कमर हिला रही थी और मेरी जीभ अपनी चूत के अंदर ले रही थी और एक ही झटके में उनकी चूत के अंदर से पानी मेरे मुँह पर गिरने लगा. अब वो अपनी एक उंगली चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी और उनकी चूत का पानी मेरे मुँह पर डाल रही थी और ऐसे ही हम दोनों बहनों ने खूब मजा किया.
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मुंबई में मिली अमीर घर की औरत

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित पटेल है और में मुंबई का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह मेरी दूसरी कहानी है और में उम्मीद करता हूँ कि यह मेरी आज की कहानी भी आप सभी को बहुत पसंद आएगी और अब में आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए सीधे अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों मेरी लम्बाई 6.3 इंच है और में दिखने में बहुत अच्छा हूँ. दोस्तों यह दो महीने पहले की है, में मॉडलिंग करता हूँ एक दिन मेरा एक इवेंट था. वहां पर बहुत सारे लोग आए हुए थे वो सभी बड़े बड़े घर के लोग थे. उनमे से बहुत सारी लड़कियाँ और भाभियाँ भी थी और जब में रेम्प पर चल रहा था तब एक भाभी ने मुझे देखा और रेम्प पर चलने के बाद वो मुझे स्टेज के पीछे मिलने आई. मैंने देखा कि उसने नीले कलर की टी-शर्ट और काली कलर की जींस पहनी हुई थी. वो दिखने में बहुत अच्छी और हॉट सेक्सी थी. वो मेरे पास आई और फिर उसने मुझसे बोला कि तुम जब रेम्प पर चल रहे थे तो बहुत अच्छे लग रहे थे, मुझे तुम्हारा इस तरह से चलाना बहुत अच्छा लगा, तुमने तो वो सब बहुत कमाल का किया. मैंने उससे मुस्कुराते हुए धन्यवाद कहा और उसके बाद में हमारी इधर उधर की बातें शुरू हो गई और हमने करीब आधे एक घंटे तक वहीं पर बातें की.
दोस्तों तभी मैंने उससे बातों ही बातों में जाना कि वो एक हॉउसवाईफ है और अभी इस समय बांद्रा में रहती है. उसकी एक बेटी है जिसकी उम्र अभी पांच साल है और उसके पति एक बहुत बड़े बिजनसमैन है और वो अपने बिजनस की वजह से ज़्यादातर आउट ऑफ सिटी रहते है. दोस्तों उनका नाम प्रिया था और जैसा उनका नाम वैसी ही वो खुद थी. बिल्कुल एक गुड़िया की तरह एकदम सुंदर, पतली कमर बड़े बड़े बूब्स, उभरी हुई गांड दिखने में एकदम सेक्सी जिसको देखने के बाद हर कोई उसे चोदने के सपने देखने लगे क्योंकि वो दिखने में थी ही ऐसी.
फिर हमने अब आधे एक घंटे में अपना अपना मोबाईल नम्बर एक दूसरे को दे दिया. फिर दो दिनों के बाद प्रिया का मेरे मोबाईल नंबर पर एक मैसेज आया और फिर हमारी बातें भी शुरू हो गई और वैसे ही हर रोज हमारी बातें होने लगी. तब मैंने उसकी बातों से जाना कि वो बहुत उदास रहती थी. फिर प्रिया ने एक दिन मुझसे मिलने का प्लान बनाया और हम दोनों पास ही के एक गार्डन में मिले. मैंने देखा कि वो उस समय भी थोड़ी सी मायूस थी. तो हमने इधर उधर की बातें शुरू की तो मेरे पूछने पर उसने मुझे बताया कि मेरे पति बहुत दिनों से बाहर है और में उनको हर रात में बड़ा याद करती हूँ.
अब में सब कुछ समझ गया और बस में उस वक्त का इंतजार कर रहा था कि मुझे कब वो मौका मिले जिसका में बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था. फिर हमने उस दिन इधर उधर की बातों के साथ अपनी सेक्स लाईफ की सभी बातें एक दूसरे से की और फिर उसने मुझे अपनी सभी समस्या बताते हुए मुझे अपने साथ सेक्स करने का आग्रह किया. मैंने तुरंत ही उसको हाँ बोल दिया और फिर हम अपने अपने घर पर चले गये. फिर उसके बाद उसने मुझे दो दिन के बाद कॉल किया और मुझसे कहा कि तुम जल्दी से मेरे घर पर आ जाओ और फिर में भी तुरंत ही उसके दिए हुए पते पर चला गया, तब मैंने देखा कि वो बहुत ही बड़ा अपार्टमेंट था, जिसमे वो रहती थी और वो मुझे लेने नीचे आई हुई थी और फिर हम दोनों एक दूसरे से बातें करते हुए ऊपर चले गये.
मैंने देखा कि वो एक बहुत बड़िया हाउस था जिसमे कोई भी चीज़ की कमी नहीं थी. वो एक बहुत बड़ा आलीशान घर था. तो मेरे पूछने पर उसने मुझे मुस्कुराते हुए बताया कि इस समय घर पर कोई भी नहीं है. मैंने टीवी को चालू किया और अब वो हमारे लिए कॉफ़ी बनाने के लिए किचन में चली गई. जाते समय मैंने उसको पीछे से बहुत ध्यान से देखा था, वो क्या कयामत ढा रही थी? हॉट बहुत हॉट और बहुत सेक्सी जिसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था.
फिर कुछ देर बाद वो कॉफ़ी लेकर आई और मेरे पास में आकर बैठ गई और मुझे देखने लगी, लेकिन तभी उसने अचानक से मेरे हाथ में से टीवी का रिमोट ले लिया और फिर मैंने देखा कि वो कुछ पेनड्राइव जैसा कुछ टीवी में लगाने लगी और टीवी चालू होने के बाद मुझे पता चला कि वो पॉर्न फिल्म से भरी हुई थी और उसने मुझसे बोल दिया कि अब जो करूँगी में खुद ही करूँगी तुम्हे कुछ नहीं करना है और तुम मुझे रोकना भी नहीं. तो मैंने बोला कि ठीक है और अब उसने वो पॉर्न फिल्म शुरू कि जिसे देखते देखते मेरा लंड पूरी तरह से तनकर खड़ा हो गया था. फिर उसने अचानक से मेरी और देखा और अब धीरे धीरे मेरी और बढ़ने लगी और अब वो मुझे लिप किस करने लगी, वो बहुत हॉट हो चुकी थी और में भी करीब 15 मिनट किस करने के बाद वो अपने दोनों हाथों से मेरे लंड को मसलने लगी.
फिर उसने मेरी पेंट को भी खोल दिया और फिर जैसे ही उसने मेरी उंडरवियर को उतारा तो मेरा लंड एकदम तनकर खड़ा हुआ था और उसकी चूत को सलामी दे रहा था. मेरे लंड को देखकर उसका मुहं खुला का खुला ही रह गया. वो एक ही जगह पर अटक सी गई. मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? वो बोली कि इतना बड़ा? मैंने तो आज तक सुना ही था कि किसी का लंड इतना बड़ा भी हो सकता है, लेकिन आज देख भी लिया. ऐसा लंड अब तक मेरी कल्पनाओ में ही था या फिर में उन्हे सिर्फ पॉर्न फिल्म में ही देखा करती थी, लेकिन आज में पहली बार इतने बड़े लंड को छू भी सकती हूँ और इससे अपनी बहुत दिनों की प्यास को बुझा भी सकती हूँ.
वो बोली कि वाह आज तो मुझे बहुत मज़ा आने वाला है. दोस्तों मेरा लंड 8.5 इंच का और इतना तगड़ा लंड देखकर वो एकदम से झूम उठी और अब वो उससे खेलने लगी और मेरे लंड को सहलाने लगी और अब उसने मेरा लंड चूसना भी शुरू कर दिया. वो ऐसे कर रही थी कि जैसे उसने आज तक ऐसा कुछ भी किया ही नहीं. वो बिल्कुल पागल हो गई थी और फिर करीब बीस मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद वो बोल उठी कि अब मुझसे और रहा नहीं जाता. प्लीज आज तुम मेरी प्यास को बुझा दो.
फिर मैंने तुरंत उसको एक लिप किस कर दिया और एक हाथ से उसके कपड़े उतारने लगा. माँ कसम उसका क्या मस्त फिगर था? में अब उसके दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था और बारी बारी से चूस भी रहा था वो सिसक रही थी और धीरे धीरे मोन भी कर रही थी. वो बिल्कुल गोरी चिट्टी और उसकी चूत भी एकदम साफ और उस पर एक भी बाल नहीं था. मुझे तो मज़ा ही आ गया और करीब 15 मिनट तक मैंने उसके बूब्स को दबाया किस किया और फिर उसने मुझसे कहा कि चलो अब हम बेडरूम में चलते है. तो वहां पर जाकर वो मुझसे बोली कि अब जैसा में तुमसे कहूँ तुम वैसा ही करो.
फिर मैंने बोला कि ठीक है और फिर उसने मुझे बेड पर लेटा दिया मेरा लंबा मोटा लंड एकदम तनकर खड़ा था. वो मेरे ऊपर आ गई और लंड को एक हाथ से पकड़कर उसने उस पर कंडोम लगा दिया और अब मेरे ऊपर आकर लंड को सीधा करके उसे धीरे धीरे अपनी चूत में डालने लगी. वो बहुत धीरे धीरे लंड पर बैठती चली गई और लंड घुसता चला गया, लेकिन दोस्तों जैसे ही पहली बार उसने लंड को चूत में डालने की कोशिश की तो वो बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी उईईईईई माँ फट गई अह्ह्ह्ह्ह्ह् मेरी और फिर दो तीन बार छेद ऊपर नीचे होने से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, लेकिन अब उसकी आखों में से आँसू निकल गये थे और वो बहुत उत्तेजित हो उठी और अब वो बहुत ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे हो रही थी.
दोस्तों में आप सभी को क्या बताऊँ मुझे कितना मज़ा आ रहा था क्योंकि में नीचे लेटा हुआ था और वो मेरे लंड पर उछल रही थी. उसके झूलते हुए बड़े बड़े बूब्स मुझमें और भी जोश भर रहे थे और करीब 15 मिनट तक चुदाई करने के बाद हम दोनों एक साथ में झड़ गए, लेकिन उसके बाद उसने मेरे साथ हर एक पोजीशन में सेक्स किया और कुछ देर बाद उसने मेरे लंड को चूस चूसकर फिर से चोदने के लिए तैयार कर दिया और इस बार वो मेरे सामने कुतिया बन गई और मुझसे कहने लगी कि चोदो मुझे.
मैंने भी ज्यादा देर ना करते हुये उसकी चूत में लंड डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और वो बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और मोन करने लगी. उसकी चीखने की आवाज मुझमें और भी जोश भर रही थी और करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में एक बार फिर से उसकी चूत में झड़ गया, लेकिन इस बार लंड पर कंडोम नहीं लगा हुआ था जिसकी वजह से मैंने अपना गरम गरम वीर्य भर दिया जो कुछ देर बाद उसकी चूत से बहकर बाहर आने लगा था. उसकी जांघो से बहकर नीचे बेड शीट पर गिरने लगा और उसे भिगोने लगा था और फिर में उस पूरी रात उसके घर पर साथ था.
फिर उसने मुझसे पूरी रात में चार बार सेक्स करवाया और हर बार वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसती और बोल उठती कि धन्यवाद तुमने आज मेरी प्यासी चूत को अपने लंड से बुझा दिया. में आज तुम्हारा लंड लेकर पूरी तरह संतुष्ट हो गई हूँ. दोस्त में सच बताऊँ तो उस दिन मैंने तो कुछ भी नहीं किया बल्कि उसने ही पूरा मज़ा लिया और मैंने दिया. फिर हम ऐसे ही एक दूसरे की बाहों में सो गए, लेकिन वो आज भी उस रात का ज़िक्र करके उस रात को बहुत याद करती है और में भी. फिर हम सुबह उठे और में अपने कपड़े पहनकर अपने घर के लिए निकल गया, जाते समय उसने मुझे लिप किस किया और अपनी रात भर चुदाई करने के लिए मुझसे धन्यवाद बोला और मुझे एक गिफ्ट दिया. फिर मैंने अपने घर पर जाकर देखा तो उस डब्बे में एक महंगा वाला मोबाईल फोन था. मैंने तुरंत उसको एक मैसेज करके धन्यवाद बोल दिया और उसने उस एक रात में आज तक की अपनी पूरी सेक्स लाईफ जी ली थी और अब में उसके बाद भी प्रिया के साथ एक सप्ताह में दो बार ऐसे ही कई बार सेक्स कर चुका हूँ.
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दीदी बनी मेरी रानी

हैल्लो दोस्तों, में आपको अपना पहला सेक्स अनुभव शेयर करने जा रहा हूँ और में आशा करता हूँ कि ये कहानी आपको बहुत पसंद आयेगी. मेरा नाम आशु है और मेरे लंड का साईज 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. यह घटना उज्जैन की है. में उज्जैन का रहने वाला हूँ और मेरी दीदी भी वहीं रहती है. उनका साईज 34-32-36 है और में तो सबसे ज़्यादा उनकी गांड का दीवाना हूँ. में उनको बचपन से मेरी बहन मानता था, मैंने उन्हें कभी ग़लत नज़रो से नहीं देखा, लेकिन जैसे ही मैंने अपनी जवानी कि उम्र में कदम रखा तो में बिगड़ना शुरू हो गया. अब में लड़कीयों को देखता और उनके बारे में सोचता था. अब में अपने दोस्तों में सबसे ज़्यादा बिगड़ा हुआ लड़का हूँ और में सेक्स के बारे में हर चीज़ जानता हूँ.
फिर मेरी एक उम्र आई जब में सेक्स के लिए तड़पने लगा और मुठ मारता था और सोचता था कि में कब किसी लड़की को चोद पाऊंगा? और फिर जब में 19 साल का हुआ तो मैंने मेरी दीदी को नहाते हुए देख लिया और तब से सोच लिया कि मेरी प्यास यही बुझायेगी. दीदी तलाकशुदा थी और उनके पति उनको मारते थे तो उन्होंने उसको तलाक दे दिया. मेरी दीदी मामा की लड़की थी और मामा के घर पर ही रहती थी और मेरे मामा का घर ठीक मेरे घर के पीछे है तो हमने पीछे की दिवार को तोड़कर वहां गेट लगवा लिया था. वो दिन मुझे अच्छे से याद है जब मैंने दीदी को नहाते हुए देखा था. दीदी को शाम को नहाने की आदत थी और उस दिन मामा और मामी घर पर नहीं थे. वो बाज़ार गये हुए थे और मेरी मम्मी ने बोला कि शायद मेरी किताब मामा के घर पर रह गई है तो तू लेकर आ जा. फिर मैंने बोला ठीक है मम्मी और में चला गया. में पीछे का दरवाज़ा खोलकर अंदर गया और फिर ड्रॉइग रूम से आवाज़ लगाई मामा, मामी? तो किसी ने जवाब नहीं दिया.
फिर में थोड़ा और दीदी के रूम के पास चला गया तो हल्का सा दरवाजा खुला हुआ था और नहाने की आवाज़ आ रही थी. फिर मैंने सोचा कि दीदी नहा रही होगी तो मेरे अंदर का शैतान जाग गया और मैंने सोचा कि अगर में उनको नहाते हुए देख लूँ. फिर मेरे दिमाग़ ने मना कर दिया कि वो मेरी दीदी है, पागल है क्या? फिर मैंने उनके रूम के बाहर से ही आवाज़ लगाई कि दीदी आप अंदर हो क्या? आशु तुम हो क्या? हाँ दीदी, 5 मिनट रुको में आ रही हूँ, तू अन्दर रूम में बैठ जा. फिर में जाकर वहां बेड पर बैठ गया और मैंने ध्यान से देखा तो बाथरूम के दरवाज़े में छेद थे, जैसे नॉर्मल पुराने दरवाज़ों में होते है.
अब मुझसे रहा नहीं गया और में दरवाज़े के छेद में से झाँकने लगा और जो मैंने देखा उससे मेरा लंड एक मिनट में टाईट हो गया. दीदी पूरी नंगी थी और क्या सेक्सी बॉडी थी उनकी? उनकी पूरी बॉडी पर पानी फ्लो कर रहा था, उनके चेहरे से, गर्दन से और क्या बूब्स थे? ब्राउन निप्पल वाले. फिर उनके पेट से होते हुए पानी उनकी क्लीन शेव चूत पर से नीचे जा रहा था. अब में देखकर वही खड़ा रहा और मेरा लंड तो ऐसा हो रहा था कि अभी मेरी जीन्स फाड़कर बाहर आ जायेगा.
मैंने उसको बाहर निकालकर मुठ मारना शुरू कर दिया और वहीं बाथरूम के दरवाज़े पर झड़ गया और जैसे ही दीदी बाहर आने वाली थी तो मैंने ज़िप बंद की और सब साफ करके बेड पर जा कर बैठ गया. फिर दीदी बाहर आई, बोली क्या हुआ? कुछ काम था क्या? हाँ वो मम्मी कोई किताब यहीं पर ही भूल गई थी, वो लेने भेजा है. ओह हाँ, रुक दो मिनट में लाती हूँ. उन्होने टॉप पहना हुआ था और केफ्री और उनका टॉप देखकर मुझे अलग ही पता चल रहा था कि उन्होंने अन्दर कुछ नहीं पहना है. फिर दीदी ने वो किताब दी और में लेकर वापस घर आ गया.
फिर हर रोज़ मेरा रुटीन हो गया. में हर रोज़ किसी बहाने से जाता और मौका मिलता तो दीदी की बॉडी देखकर मज़े लेता, नहीं तो मामा के साथ बाहर बैठकर बात करता और वापस घर आ जाता. फिर अब मैंने मन में सोच लिया था कि अब मुझे दीदी को चोदना है, लेकिन में सोच रहा था कैसे? फिर मुझे मौका मिला. जब हमारी फेमिली में किसी की मौत हो गई तो मम्मी-पापा और मामा-मामी 3 दिन के लिए बाहर गये हुए थे और जब सर्दी का मौसम चल रहा था और पापा-मम्मी मुझे दीदी के हवाले करके चले गये. तब मैंने सुबह दीदी को नहाते हुए देखा और मुठ मारी. उसके बाद हमने ब्रेकफास्ट किया और टी.वी देखने लगे. फिर हमने थोड़ी देर इधर उधर की बातें की और अब दीदी फ्रेंकली बात कर रही थी. फिर उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड्स के बारे में पूछा तो मैंने बोला अभी तो एक भी नहीं है, लेकिन भविष्य में बहुत बनाऊंगा, तो दीदी बोली तू बहुत बिगड़ रहा है.
फिर उसके बाद हमने लंच किया और हम मेरे घर पर कंप्यूटर गेम खेलने चले गये और उन्होंने पूछा कि तेरे पास अच्छी मूवी है क्या? तो मैंने बोला हाँ है आप सर्च कर लो. फिर में बाहर चला गया कोई मेहमान आए थे, तो मैंने उनसे बोला कि अभी घर पर कोई नहीं है और वो चले गये. फिर जैसे ही में वापस अंदर आया तो मैंने देखा कि दीदी ने मेरी पॉर्न मूवी का फोल्डर खोल रखा था और में पकड़ा गया था.
उन्होने बोला यह सब क्या है आशु? दीदी, वो तो, वो तो क्या? अभी यह सब डीलीट करो और फिर कभी ऐसी चीज़े मत देखना, नहीं तो में बुआ को सब बता दूँगी. में बोला नहीं दीदी आप कुछ मत बताना, में सब डिलीट करता हूँ और मैंने सबको रिसाइकल बिन में शिफ्ट कर दिया और बाद में मैंने फिर से रिस्टोर भी कर लिया था. फिर वापस हम उनके घर गये और वो उनके लेपटॉप पर फाइल्स कॉपी कर रही थी, जो वो मेरे कंप्यूटर से लाई थी.
फिर में बाहर जाकर टी.वी देखने लगा और फिर आधे घंटे के बाद दीदी ने मुझे आवाज़ लगाई और कहा कि आशु इधर आओ यह गेम इनस्टॉल नहीं हो रहा है. फिर में गया और उस गेम को इनस्टॉल करने लग गया और दीदी बाथरूम में चली गई. फिर में गेम इनस्टॉल करने के लिए ऐसे ही उनका लेपटॉप देख रहा था तो मैंने देखा कि मेरा पॉर्न मूवी का फोल्डर दीदी के लेपटॉप में कैसे आया? तब मुझे समझ में आया कि दीदी ने सारी पॉर्न मूवी कॉपी कर ली थी.
फिर रात हो गई और हम डिनर करके टी.वी देख रहे थे और रात के लगभग 11 बज रहे थे. फिर मैंने दीदी से पूछा कि वो मेरा पॉर्न मूवी का फोल्डर आपके लेपटॉप में क्या कर रहा है? तो दीदी घबरा गई और नाटक करके पूछने लगी कौन सा फोल्डर? ओह अच्छा तो वो वीडियो आपके लेपटॉप में क्या कर रहे है? अब दीदी पकड़ी गई थी. वो रोने लगी और फिर उन्होंने बताया कि वो सेक्स के लिए बहुत ज़्यादा परेशान है और उन्हें उनके पति ने भी कभी प्यार नहीं किया था.
फिर में धीरे से उनके पास सोफे पर बैठ गया और उन्हें हग किया. मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन दीदी ने रोना बंद नहीं किया. फिर मैंने धीरे से उनके लिप पर किस किया और दूर हट गया. फिर दीदी ने मेरा सिर उनकी तरफ खींचा और हम स्मूच करने लगे और फिर हम 15-20 मिनट तक स्मूच करते रहे और एक दूसरे में खो गये. फिर मैंने दीदी का टॉप उतार दिया और उन्होने मेरी टी-शर्ट उतार दी. फिर मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी और फिर में उन्हें उठाकर अंदर ले गया और बेड पर लेटा दिया और किस करने लगा. फिर मैंने उनके पूरे शरीर पर किस करना स्टार्ट कर दिया, गर्दन पर, नाभि पर और फिर में उनके बूब्स चूसने लगा. अब दीदी मौन कर रही थी और मैंने फिर दीदी का पजामा पेंटी के साथ उतार दिया और अब में भी नंगा हो गया. अब हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे और फिर दीदी मेरे लंड को मसलने लगी और ऊपर नीचे हिलाने लगी. अब मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था.
फिर दीदी ने मेरे लंड को पकड़कर मुँह में ले लिया और चूसने लगी. वाह्ह पहली बार कोई मेरे लंड को चूस रहा था और मुझे बहुत मजा आ रहा था. ओह दीदी और चूसो अपने भाई का लंड और चूसो यसस्स, फिर में उनके मुँह में ही झड़ गया और दीदी मेरा पूरा वीर्य पी गई. अब मैंने दीदी को नीचे लेटा दिया और उनकी चूत चाटने लगा. अब दीदी बहुत आवाज़ निकाल रही थी, ह्म्‍म्म्ममममममममममम ओह यसस्स्स म्‍म्म्ममममममम. फिर थोड़ी देर के बाद दीदी मेरे मुँह में ही झड़ गई और में भी उनका पूरा पानी पी गया. अब मेरा लंड अभी तक फुल टाईट हो चुका था और फिर मैंने दीदी की चूत पर अपना लंड सेट करके धक्का लगाया तो लंड थोड़ा अंदर गया और अब दीदी को बहुत दर्द हो रहा था. फिर भी वो बोली कि रुक मत मेरे भाई, आज मेरी प्यास बुझा दे. फिर मैंने एक और धक्का लगाया तो अब मेरा पूरा लंड अंदर था. फिर मैंने धीरे-धीरे शॉट मारने शुरू कर दिए.
अब दीदी को भी मजा आने लगा और अब वो मेरा साथ दे रही थी और फिर 20-25 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और में 10 मिनट तक ऐसे ही उनके ऊपर पड़ा रहा और हम दोनों रजाई ओढ़ कर नंगे ही सो गये. फिर सुबह दीदी ने मुझे किस करके उठाया और हम उसके बाद से जब भी मौका मिलता है तब सेक्स करते है.
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