दीदी की चुदाई का निमंत्रण

हैल्लो दोस्तों, मेरी बहन पदमा जब 22 साल की हुई तब में 21 साल का था. मेरा नाम आशु है और में एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता हूँ. मेरा कद 5 फुट 11 इंच है और में बहुत कसरती जिस्म का मालिक हूँ. जिस कम्पनी मे में काम करता हूँ उसकी मालकिन मिस कुकरेजा एक 40 साल की महिला है जिसका पति मर चुका है और उसके एक बेटा और एक बेटी है. उसका बेटा अनिल मेरा दोस्त है और वो बिल्कुल लड़की जैसा दिखता है.
अनिल की उम्र कोई 23 साल की है और उसकी बहन अनीला 20 साल की है. दोनों भाई बहन बहुत सुंदर दिखते है. मिस कुकरेजा भी काफ़ी प्रभावशाली औरत है. बेशक अनिल की उम्र 23 साल की हो चुकी है, लेकिन उसकी शादी अभी तक नहीं हुई क्योंकि में कुकरेजा फेमिली का दोस्त हूँ इसलिए मिस कुकरेजा मुझे अपना बेटा ही मानती है. अनिल स्लिम सा लड़का है, बहुत गोरा, गुलाबी होंठ, कद कोई 5 फुट 7 इंच, भूरे बाल और सबसे आकर्षित करने वाली चीज़ उसकी गांड है जो काफ़ी उभरी हुई है. मेरे दोस्त लोग आमतौर पर बातें करते है कि अनिल को लड़की होना चाहिए था क्योंकि उसकी गांड चुदने वाली है. में और अनिल एक साथ पढ़ते थे और पढ़ाई के बाद मुझे उसकी माँ ने नौकरी पर रख लिया था. में कुकरेजा परिवार का बहुत एहसानमंद हूँ.
मेरी माँ यशोदा एक स्कूल में टीचर है और पिता जी का देहांत हो चुका है. मेरी दीदी पदमा कॉलेज में पढ़ती है और बहुत सेक्सी है, पदमा 5 फुट 5 इंच की सेक्सी लड़की है और कई बार लड़के मेरी बहन के कारण एक दूसरे से लड़ाई कर चुके है, लेकिन मेरी बहन किसी को घास नहीं डालती. पदमा का जिस्म 36-24-36 है और गोरा रंग, कटीले नेन. वो अधिकतर टाईट जीन्स और टॉप पहनती है जिसमें से उसकी सेक्सी गांड और चूची का उभार देखने को बनता है. बेशक पदमा मेरी बहन है फिर भी मेरा ध्यान उसके हुस्न की तरफ चला ही जाता है.
एक बार वो अपने रूम मे कपड़े बदल रही थी और दरवाजा लॉक करना भूल गयी और में ग़लती से रूम मे घुस गया. पदमा बिल्कुल नंगी थी और उसका साँचे में ढला हुआ नंगा जिस्म देखकर मेरी साँस रुक गयी. मेरी बहन की लंबी टाँगें, कसरती जांघे और सपाट पेट देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया. उसने झट से अपने हाथों से अपनी बड़ी-बड़ी चूची को ढक लिया, लेकिन में उससे पहले ही पदमा दीदी के जिस्म को देख चुका था. फिर में मांफी मांगता हुआ वापस लौट गया, लेकिन दीदी के नंगे जिस्म की तस्वीर ना भुला सका.
अब 25 जून को मेरी बहन का जन्मदिन है और में कुकरेजा फेमेली को इन्वाईट करने चला गया. सबसे पहले मुझे अनीला मिली अनीला एक स्लिम सी सेक्सी लड़की है, जिसकी चूची कोई 34 करीब होगी और गांड भी बिल्कुल कसी हुई है और मुझे उसके जिस्म पर कोई भी कमी नहीं दिखती. भूरी आँखें और भूरे बालों वाली अनीला क़िसी का भी दिल जीत सकती है और में भी उसके हुस्न का आशिक था.
वो मुझे प्यार की नज़र से कभी-कभी देख लेती थी, लेकिन में उन लोगों के बराबर नहीं था इसलिए में हमेशा अनीला को बस इज़्ज़त की नज़र से देखता था. मिस कुकरेजा ने मेरे इन्विटेशन के बारे मे कहा कि बेटा में तो आ नहीं पाऊँगी, लेकिन अनिल और अनीला पदमा के बर्थ-डे पर ज़रूर आयेंगे. ख़ैर अब मेरी बहन के जन्मदिन पर अनिल पदमा पर फिदा हो गया और या यह कहो कि अनीला मेरी बहन को अपनी भाभी बनाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो गयी.
फिर उसने अपने भाई से ना जाने क्या कहा कि अनिल बोला कि आशु मुझे तेरी बहन बहुत पसंद है और में तुझे अपना साला बनाना चाहता हूँ क्या हुस्न है? तेरी बहन पदमा का, तू मुझे अपना जीजा बना ले. में सारी उम्र उसको हर खुशी दूँगा और अपनी रानी बनाकर रखूँगा. मुझे ये रिश्ता पसंद था अनिल एक ईमानदार लड़का था, सुंदर था, अमीर था. फिर मैंने माँ से बात कि तो वो तुरंत मान गयी, लेकिन अब मिस कुकरेजा पर निर्भर करता था कि ये रिश्ता होगा या नहीं.
फिर अनिल और अनीला ने अपनी माँ से बात चलाई तो मिस कुकरेजा ने मुझे ऑफिस मे बुलाया. मिस कुकरेजा उस वक्त सफेद साड़ी मे अपनी कुर्सी पर बैठी हुई थी. वो बोली कि आशु बेटा मुझे इस रिश्ते से कोई एतराज़ नहीं है अगर तुम अनिल को अच्छी तरह जानते हो, समझते हो और उसको अपनी बहन का सुहाग बनाना चाहते हो तो मुझे ये शादी मंज़ूर है, लेकिन फिर बाद में मुझे क़िसी बात पर दोषी मत ठहराना. फिर में बोल उठा आपको दोषी, नहीं आंटी, कभी नहीं ? आप तो हम लोगों को इतना प्यार करती है, तो ठीक है हम शादी की तैयारी शुरू करते है.
अब पदमा भी बहुत खुश थी, होती भी क्यों ना? उसको इतना पैसे वाला पति मिल रहा था. शादी की शॉपिंग मे में और अनीला भी बहुत काम कर रहे थे और अनीला भी मेरे नज़दीक आ रही थी, वो बात-बात पर हंस देती मुझे पीठ पर हाथ मारती और कई बार तो गले से लिपट जाती. फिर मुझे लगा कि वो मेरे साथ अपना चक्कर चलाने के मूड में है. ऐसी सेक्सी लड़की के साथ संबंध बनाने मे मुझे क्या एतराज़ हो सकता था? अब अनिल और पदमा की शादी हो गयी और कुछ दिन के बाद पदमा हमारे घर वापस आई, लेकिन उसके चेहरे पर कोई खास खुशी नहीं झलक रही थी. मेरा एक दोस्त पदमा की शक्ल देखकर मुझसे अकेले मे बोला आशु क्या बात है? पदमा दीदी खुश नज़र नहीं आती. में तो सोचता था कि शादी के बाद पदमा दीदी खिल उठेगी, लेकिन ये तो मामला ही कुछ और है.
सच कहूँ तो शादी के बाद जब औरत को खूब अच्छा लंड मिले और खूब ज़ोर से चुदाई हो तो पूरा बदन खिल उठता है. आशु कहीं अनिल जीजा जी के लंड मे तो कोई कमी नहीं है. साले अगर मुझे मौका मिलता तो चाहे में पदमा को दीदी पुकारता हूँ, लेकिन उसको चोद-चोदकर कली से फूल बना देता. मुझे मेरे दोस्त की बात पर बहुत गुस्सा आया और मैंने उसको बाहर जाने को कह दिया, लेकिन मेरे दोस्त के शब्द मेरे दिमाग मे टिक गये.
फिर अगले दिन दोपहर को में अनिल से बात करने गया तो पता चला कि वो गोदाम मे गया हुआ है. गोदाम के बाहर चौकीदार ने मुझे देखा तो बोला साहब अन्दर जाने की क़िसी को इजाजत नहीं है, लेकिन आप तो साहब के साले हो तो चले जाओ. फिर में अंदर गया तो सारा गोदाम खाली पड़ा था. में मुड़ने ही वाला था की एक कमरे से आवाज़ें आ रही थी, हह्ह्ह्ह ज़ोर से अकबर भाई, ज़ोर से चोदो अपनी रानी को बहुत दिनों के बाद मौका मिला है, आअहह चोदो मुझे अकबर, क्या मस्त लंड पाया है आपने? वाहह अकबर भाई.
ये आवाज़ तो अनिल की थी और अकबर हमारी कंपनी मे एक ड्राइवर था, दरवाजा कुछ खुला था और मुझे अनिल नग्न रूप मे घुटनों और हाथों के बल झुका हुआ नज़र आया. अनिल की गोरी गांड उठी हुई थी और अकबर का कम से कम 7 इंच लंबा और मोटा लंड अनिल की गांड में घुसा हुआ था. अकबर मेरे जीजा को बेरहमी से चोद रहा था और अनिल मज़े से लंड अपनी गांड मे ले रहा था. अकबर क़िसी कुत्ते की तरह हाँफ रहा था. फिर अकबर बोला हाँ मालिक जब से आप शादी मे व्यस्त थे, मुझे भी ऐसी गांड नहीं मिली.
अब तो मेरी बीवी भी गांड मरवाने से मना करती है और मुझे गांड के बिना कुछ और अच्छा नहीं लगता. मालिक आप ही मेरी रानी बने रहो, मुझे कोई बीवी नहीं चाहिए. अब अनिल भी नीचे से बोला कि अकबर भाई मैंने भी पदमा से शादी करके यू ही मुसीबत मोल ले ली है, अगर मेरी बहन मुझे ना कहती तो में कभी ये शादी नहीं करता, लेकिन में अपनी बहन को क्या कहता कि मुझसे ठीक तरह से चुदाई नहीं होगी? या ये कहता कि में पदमा को क्या चोदूंगा? मुझे तो खुद को अपनी गांड के लिए अकबर भाई का लंड चाहिए. अब में उनकी और बातें सुन नहीं सका और गुस्से से भरा हुआ मिस कुकरेजा के रूम में गया.
फिर में बोला आंटी मेरी बहन शादी से खुश नहीं है, अनिल तो खुद कहता है कि वो ठीक से चोद नहीं सकता, वो तो खुद गांडू है और इस वक्त गोदाम मे अकबर से गांड मरवा रहा है. आंटी मेरी बहन की तो ज़िंदगी बर्बाद हो गयी ना. फिर मिस कुकरेजा अपनी सीट से उठी और मुझे अपनी बाहों में भरकर सीने से लगाते हुए बोली कि आशु बेटा मैंने तुझसे कहा था ना कि कल मुझे दोष मत देना. असल में अनिल के पिता भी लंड के मामले में कमज़ोर थे, लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि उसको ये गांड कि भी बीमारी है. बेटा निराश मत होना जो करना होगा में करूँगी.
में कभी पदमा के जज़्बातों का नुकसान नहीं होने दूँगी, आख़िर पदमा अब हमारे घर की बहू है. में अनिल से बात करूँगी और समस्या का हल ढूंढ ही लूँगी और फिर अनीला भी तो तुझसे शादी करना चाहती है, अब मेरी एक नहीं दो बेटियाँ है अनीला और पदमा और जल्द ही अनिल तुझसे बात करेगा. फिर में बोला अनिल साला मुझसे क्या बात करेगा? जो करना था वो ठीक से कर नहीं पाया, लेकिन उसी रात अनिल ने मुझे एक बार में बुलाया और दो पेग विस्की के पीने के बाद मुझसे बोला यार में जान चुका हूँ कि तुझे मेरे उस शौक के बारे मे पता चल गया है और तुम जानते हो कि मेरे लंड में इतनी ताक़त नहीं है, लेकिन मेरे पास एक बहुत अच्छा सुझाव है अगर कहो तो बोलूं?
फिर मैंने कहा अब क्या सुझाव बचा है मेरी बहन की ज़िंदगी बर्बाद करके? देख आशु पदमा की चुदाई तो होगी अगर में नहीं करता तो कोई और करेगा. अब किसी बाहर के आदमी से हो तो घर की इज़्ज़त का क्या होगा? मेरी बात मान लो तुम खुद पदमा की चुदाई जी भरकर कर लो.
तुम दोनों भाई बहन पर क़िसी को शक भी नहीं होगा और में तुझे अपनी मनाली वाली कोठी की चाबी भी दूँगा जहाँ तुम दोनों अपना हनीमून मना लेना. तुझे भी अपनी बहन के जिस्म का मज़ा मिल जायेगा और अगर भगवान की मर्ज़ी हुई तो पदमा माँ भी बन जायेंगी और सारे समाज मे में भी बाप कहलाऊंगा. फिर कल को तुझे ही तो अनीला का पति बनाना है. फिर तुम हमारे घर मे रहकर दोनों को चोद सकते हो बोलो मंज़ूर है? लेकिन में पदमा को कैसे? वो मेरी बहन है, ये कैसे हो सकता है? फिर अनिल पेग पीकर फिर से बोला तो हम क्या पदमा को क़िसी और गैर से चुदने के लिए छोड़ दें ? इससे बेहतर होगा कि तुम ही उसकी जवानी के मज़े लूट लो और घर की इज़्ज़त भी बची रहेगी. फिर में बोला लेकिन अगर मैंने अपनी बहन को स्पर्श भी किया तो वो मुझे जान से मार डालेगी, चोदना तो दूर की बात है.
फिर अनिल बोला तू उसकी चिंता मत कर कल ही हम तीनों मनाली जायेंगे और में पदमा को चोदने की कोशिश करूँगा और जब मुझसे चोदा नहीं जायेगा तो वो मुझे गाली देगी और तब तुम आ जाना. जब चूत जल रही होती है तो रिश्ते नहीं देखती और फिर अपनी बहन की चूत अपने लंड से भर देना, एक बार वो चुद गयी तो सदा के लिए तेरी हो जायेगी.
जीजा की बात सुनकर अचानक मेरा लंड खड़ा होने लगा और अपनी बहन को चोदने की इच्छा सच होती नज़र आने लगी. फिर अगले दिन हम तीनों मनाली की तरफ चल पड़े. पदमा को उत्तेजित करने के लिए अनिल बार-बार उसके जिस्म पर हाथ फेरने लगा. फिर हम दोपहर को शराब पीने लगे, अनिल जानबूझ कर मेरे सामने ही पदमा के साथ सेक्सी बातें करने लगा, जिनको सुनकर पदमा का रंग लाल होने लगा.
फिर मनाली पहुँचकर अनिल बोला आशु तुम पास वाले कमरे मे सो जाओ और में अभी अपनी बीवी के साथ चुदाई के मज़े लेता हूँ. उसकी बात सुनकर पदमा शर्म से लाल हो उठी थी. शराब पी होने की वजह से अनिल का लंड जो थोड़ा बहुत खड़ा होता था वो भी नहीं हुआ था. फिर पदमा गुस्से में चिल्लाने लगी कि अनिल बहनचोद अगर लंड में कमज़ोरी थी तो मुझसे शादी क्यों की? साले अब इस जलती हुई चूत को में कहाँ लेकर जाऊं? मादरचोद की औलाद, साले नपुंसक कहीं के.
फिर अनिल शर्मिंदा हुआ बाहर निकला और बोला आशु तू अब बस 5 मिनट इंतज़ार करना, फिर अंदर चले जाना तेरा मामला फिट हो जायेगा. फिर ठीक 5 मिनट के बाद जब मे पदमा दीदी के रूम मे गया तो मैंने देखा कि पदमा नंगी पलंग पर लेटी हुई है और जांघे फैलाकर अपनी चूत मे उंगली कर रही थी. सच मानो तो उस समय मेरी बहन कोई कामदेवी लग रही थी. उसकी शेव की हुई चूत से पानी टपक रहा था और वो आँखें बंद किए हुई थी और चूत रगड़ रही थी.
फिर मैंने हिम्मत की और पलंग के पास जाकर उसके नंगे जिस्म पर हाथ फेरने लगा तो उसने झट से अपनी आँखें खोल दी और बोली भैया तुम यहाँ क्या कर रहे हो? जाओं यहाँ से, लेकिन फिर मैंने अपने हाथ उसकी चूची पर रख दिए और रगड़कर बोला दीदी में तुझे ऐसे प्यासी कैसे छोड़ दूँ? आख़िर भाई का भी कोई फ़र्ज़ होता है या नहीं? अगर जीजा नपुंसक हो तो क्या भाई का फ़र्ज़ नहीं बनता कि अपनी बहन की चूत की आग ठंडी करे, ऐसा मदमस्त जिस्म क्या भगवान हर क़िसी को देता है? दीदी अपनी भारी-भारी चूची, आपकी मस्त चूत जो बेचारी मस्त लंड के लिए तरस रही है और आपकी गांड सब मुझे पागल बना रही है. दीदी अब मुझे चुदाई से मत रोकना, में अपनी पदमा दीदी की चूत चोदे बिना आज यहाँ से जाने वाला नहीं हूँ, अगर मुझ पर विश्वास नहीं होता तो अपने भाई का लंड देख लो.
फिर मैंने ये कहते ही अपनी पेंट उतार दी और अपना 9 इंच वाला मोटा लंड पदमा को दिखाते हुए उसके हाथ मे दे दिया. मेरा मोटा लंड मेरी काली झांटो के बीच में से क़िसी काले नाग की तरह फूंकार रहा था. दीदी अब बताओ कि आपके भाई का लंड मस्त है या नहीं? आपकी मस्त चूत इसको अंदर लेने के लिए मचल रही है या नहीं? अब पदमा के भाव बता रहे थे कि वो एक पल के लिए झिझकी, लेकिन फिर वासना ने उस पर काबू पा लिया.
फिर मैंने कमीज़ भी उतार दी और कमरे का दरवाजा बंद करने के लिए बढ़ा तो पदमा बोली कि नहीं मेरे प्यारे भैया दरवाज़ा खुला ही रहने दो, अगर मेरा नपुंसक पति देखना चाहे तो देख ले कि मर्द का लंड कैसा होता है? और जवान औरत की प्यास कैसे बुझाई जाती है? आ जाओ भैया और तोड़ दो मेरी सील, जो शायद आज तक मेरे भैया के लिए ही बची हुई थी. मेरे भाई आज मुझे अपना बना लो, मुझे इस मस्त लंड से चोदकर पूरी औरत बना लो, आपकी बहन आज से सिर्फ़ आपकी है.
फिर में भी पदमा दीदी की बात सुनकर पूरा जोश में आ गया और अपनी दीदी के होंठों को चूमने लगा. उसके होंठों पर जीभ फेरते हुए उसके नंगे जिस्म से लिपटने लगा. हमारे जिस्म जल रहे थे और दीदी अभी भी मेरे लंड को पकड़े हुई थी और में उसको चूम रहा था. फिर मैंने बोला कि दीदी तुमने कभी लंड चूसा है? तो दीदी मचलकर बोली कि अभी तक तो नहीं, लेकिन आज अपने भैया का लंड चूसने की इच्छा ज़रूर है. अगर इजाज़त हो तो चूस लूँ? अगर चूस लेती हूँ तो मेरे भैया मेरे सईयां बन जायेंगे.
फिर मैंने दीदी की चूची को चूम लिया और बोला कि देर किस बात की, बना लो मुझे अपना सईयां. फिर दीदी ने झुककर मेरे लंड का टोपा चूम लिया और मेरे अंडकोष थामकर लंड को मुँह में ले लिया. फिर मैंने दीदी के बाल पकड़कर उसका मुँह अपने लंड पर टिका दिया और कमर आगे पीछे करने लगा.
फिर मैंने दीदी को पलंग पर सीधा लेटाकर उसके ऊपर चढ़ गया और अब मेरा मुँह दीदी की लाल चूत पर था और मेरा लंड उसके मुँह में था. हम 69 पोजिशन में एक दूसरे को चाटने लगे. अब दीदी की चूत का रस मुझे बहुत उत्तेजित करने लगा और उसकी चूत फड़फडाने लगी. अब देरी करना फ़िज़ूल था क्योंकि दीदी अब बहुत गर्म हो चुकी थी. मैंने दीदी से पूछा कि अब चुदाई शुरू करें? तो दीदी बोली हाँ भैया, अब इंतज़ार नहीं होता पेल डालो अपना लंड मेरी चूत में भैया और इस रात को यादगार बना दो. अब दीदी ने शर्म छोड़कर मुझे चोदने का निमंत्रण दिया. अब मैंने चूत की भीगी हुई फांकों को फैलाकर लंड चूत के मुँह पर टिका दिया और धड़कते दिल से मैंने लंड को एक धक्का मारा और मेरा पूरा टोपा चूत में घुस गया, ओह भैया धीरे से आहह में मर गयी, अहह भैया धीरे से उई माँआआ धीरे से भैया. फिर मेरे लंड को चूत के अंदर गर्माहट महसूस हुई और मैंने धीरे से लंड और आगे बढ़ा दिया.
फिर में दीदी की गांड को थाम कर धीरे-धीरे लंड अंदर पेलने लगा, सच मानों दोस्तों ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं मिला था. दीदी की चूत जन्नत का दरवाजा थी. मेरे लंड पर कसी हुई दीदी की चूत की दीवारें मेरे लंड को सहला रही थी. जब आधे से ज्यादा लंड चूत में घुस गया तो दीदी अपने चूतड़ उठाकर और लंड लेने लगी. में दीदी के ऊपर सवार था और जन्नत का मज़ा लेते हुए चुदाई करने लगा और चूत की चिकनाहट के कारण अब लंड आसानी से चूत में घुस रहा था.
फिर कोई 5 मिनट में लंड पूरा चूत में समा गया. मेरी रानी बहन मेरा लंड पूरा अपनी चूत में ले चुकी थी. मेरी रानी तेरी क्या मस्त चूत है? अहहहह क्या मस्त है मेरी बहना? अब तो दर्द नहीं हो रहा पदमा रानी? तो दीदी मज़े से आँखें बंद किए हुए बोली नहीं मेरे राजा भैया, अब तो मज़ा आ रहा है, चोद डालो अपनी लाडली बहना को, शाबाश राजा भैया, पेलो अपना लंड अपनी सजनी की चूत में, अब तो हम भाई बहन सिर्फ़ दुनिया के लिए ही है असल मे तो मेरा भाई मेरा पति है, ऑह्ह्ह्ह मेरे भैया का कितना मस्त लंड है.
अब दीदी अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी थी और में बहुत जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. अब पूरा कमरा फ़च फ़च की आवाज़ों से गूँज रहा था और चुदाई का संगीत चारों तरफ था और चुदाई की सिसकियाँ हम दोनों भाई बहन के मुँह से निकल रही थी. मेरा लंड क़िसी पिस्टन की तरह अपनी सग़ी बहन की चूत चोद रहा था. अब हमारे जिस्म पसीना-पसीना हो चुके थे और में आगे झुक कर दीदी के बूब्स चूसने लगा. दीदी मदहोश हो गई और बोली ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भैया और चूसो आआआआआ म्‍म्म्मममममम चोदो मेरे राजा चोदो मुझे, मुझे हर रोज ऐसे चोदना भैया. फिर में दीदी को चोदने लगा और दीदी बेकाबू होने लगी, भैया मुझमे समा जाओ, रोज़ चोदना मुझे, भर दो मेरी चूत अपने लंड से, बना दो मुझे अपनी पत्नी, मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो भैया. फिर लगातार चुदाई के बाद दीदी झड़ गई और वो पूरी तरह से संतुष्ट हो गई थी. अब हम बहुत चुदाई करते है और खूब मजे लेते है.
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कविता भाभी की चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और ये मेरा पहला सेक्स अनुभव कविता भाभी के साथ हुआ. अब में कहानी शुरू करता हूँ, में दिल्ली का रहने वाला हूँ और कॉलेज में पढ़ रहा हूँ. ये बात 2 साल पहले की है, जब मेरे 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम ख़त्म हुए थे तो में बिल्कुल फ्री था. मेरे पड़ोस में एक फेमिली रहती है, उनसे हमारा अच्छा रिश्ता है. उनके 2 बेटे है एक की शादी हो चुकी थी और एक बेटा है, उनकी पत्नी का नाम कविता है. जब मैंने उन्हें पहली बार देखा था तो में उन्हें देखकर पागल हो गया था और हमेशा उसे चोदने के बारे में सोचा करता था.
हमारे घर पास पास थे, तो वो रोज सुबह बालकनी पर कपड़े सुखाने आती थी तो में भी बालकनी पर पहुँच जाता और बातें भी करता रहता था और में उनकी बालकनी से उनकी पेंटी चुरा लेता और उनकी पेंटी को चाटता और मुठ मारता. एक दिन उनके परिवार वाले गावं जाने वाले थे और सिर्फ़ मेरा कज़िन और भाभी ही घर पर थे तो भैया ने मुझसे कहा कि वो आज उनके घर रुक जाए और भैया ऑफिस चले गये. भाई के जाने के बाद में उनके घर गया तो भाभी ने गेट खोला उन्होंने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी. वो क्या मस्त लग रही थी? और हम अंदर आ गये. फिर, वो मेरे लिए नाश्ता लेने गई और फिर हम दोनों ने नाश्ता किया. फिर उन्होंने कहा कि में कपड़े धोने जा रही हूँ तुम बैठो, तो में उनके बेटे के साथ खेलने लगा, फिर थोड़ी देर बाद वो सो गया तो मैंने उसे बेड पर लेटा दिया.
फिर मैंने सोचा भाभी के साथ बात कर लेता हूँ, वो बाथरूम में कपड़े धो रही थी. फिर में बाथरूम के पास गया तो गेट खुला था और जैसे ही मैंने देखा तो वो टायलेट कर रही थी और मुझे देखकर अचानक से उठी जिससे उनकी साड़ी गंदी हो गयी और कहा कि जाओ यहाँ से और में पीछे हट गया और फिर वो गुस्से से बाहर आई और मुझे गुस्से से देख रही थी. फिर मैंने भाभी से कहा मुझे पता नहीं था. फिर उन्होंने पूछा तुम यहाँ क्यों आए थे? फिर मैंने कहा भाभी मुन्ना सो गया था इसीलिए मैंने सोचा आपके साथ बात कर लेते है.
फिर उन्होंने कहा ठीक है, लेकिन फिर ऐसा मत करना और फिर वो कपड़े धोने लगी और में उनके कमरे में कंप्यूटर पर बैठा था और इंटरनेट पर पोर्न साईट खोलकर वीडियो देखने लगा. फिर भाभी छत पर कपड़े सुखाकर आई और मुझे आवाज़ दी उनकी आवाज़ सुनते ही मैंने नेट बंद कर दिया. फिर उन्होंने कहा तुमने मेरे सारे कपड़े गंदे कर दिए में नहाने जा रही हूँ और में फिर से वीडियो देखने लगा और भाभी के बारे में सोचने लगा.
फिर में बाथरूम के होल में से भाभी को देखने लगा, वाह्ह्ह क्या गोरा बदन था? और उन्हें देखकर मुठ मारने लगा तो अचानक से मेरा बैलेन्स बिगड़ गया और में गेट से टकरा गया, शायद उन्होंने गेट लॉक नहीं किया था और में अन्दर गिर पड़ा. मुझे देखकर वो ज़ोर से चिल्लाई और कहा कि तुम यहाँ क्या कर रहे हो? और जल्दी से टावल से खुद को ढक लिया. में तो फटी आँखो से उन्हें देखता ही रह गया और वो कहने लगी ये क्या बतमीजी है? फिर मैंने उनको पकड़ लिया और भाभी से कहने लगा मुझे माफ़ कर दो.
फिर मैंने उनको बताया कि में उन्हें बहुत पसंद करता हूँ और मैंने भाभी से कहा कि भाभी प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो, आप जो कहोगे में करूँगा, लेकिन मुझे माफ़ कर दो. तो उन्होंने कहा में जो कहूँगी करोंगे, तो मैंने कहा हाँ करूँगा, फिर उन्होंने दुबारा पूछा सच जो कहूँगी करोंगे, तो मैंने कहा हाँ करूँगा और मेरे हाँ कहते ही उन्होंने अपना टावल फेंक दिया और मुझे अपनी और खींचा और कहा कि चोदो मुझे, ऐसा कहते ही में तो हैरान रह गया.
फिर मैंने कहा क्या? तो उन्होंने कहा में जानती हूँ कि तुम मेरी पेंटी चुरा लेते हो और अभी भी कंप्यूटर पर सेक्स वीडियो देख रहे थे. में भी काफ़ी समय से तुमसे चुदवाना चाहती हूँ और उनके ये कहते ही में उन पर टूट पड़ा और किस करने लगा. हम बाथरूम में थे इसीलिए मैंने अपने कपड़े उतार दिए और पेंट भी ऊतार दी थी. फिर भाभी ने कहा, वाह्ह्ह रोहन तुम्हारा क्या लंड है? इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं है और हम किस करने लगे और ऊपर शॉवर चल रहा था.
फिर में उनके बूब्स चूसने लगा और वो, आह्ह्हह्ह कर रही थी. कई बार में उनके बूब्स को काट लेता और वो चिल्लाती रही. फिर हम दोनों ने खुद को पोछा और फिर मैंने उन्हें गोद में उठाया और बेडरूम में लेकर आया, मुन्ना अभी भी सो रहा था तो मैंने उसे उठा कर अलग सोफे पर लेटा दिया और भाभी को सोफे पर लेटाकर उनके पैरों के पास बैठ गया. मैंने एक वीडियो में बॉडी को चाटना देखा था, तो मैंने सोचा कि वैसा ही करता हूँ और उनके पैरो की उंगलियों को चाटने लगा.
फिर उनके दोनों पैरो को चाटने के बाद मैंने उसके पूरे पैर को उनकी जांघ तक चाटा और उनकी गोरी चूत तक जा पहुंचा, उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. फिर मैंने उनकी चूत चाटनी शुरू की और फिर मैंने उनकी चूत पर जीभ लगाते ही, वो ज़ोर से उछली और सिसकारियां लेने लगी. उनकी चूत को चाटने में मुझे जन्नत का मज़ा आया और फिर में कुत्तो की तरह चूत चाटने लगा.
करीब 15 मिनट तक चूत चाटने के बाद उनकी चूत में से पानी निकला और मैंने सारा पानी पी लिया. क्या मस्त पानी था? फिर मैंने उन्हें उल्टा करके उनकी गांड पर 6-7 थप्पड़ मारे और उनकी गांड को भी चाटने लगा. फिर मैंने उनको मेरा लंड चूसने को कहा और वो मेरा लंड चूसने लगी, वाह्ह्ह्ह क्या मज़ा आ रहा था? और फिर 10 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद मेरा लंड पूरा रोड की तरह सख्त हो गया.
फिर मैंने उनकी टाँगे खोलकर अपना लंड उनकी चूत से लगाते ही वो सिसकी और मैंने एक झटका मारा और मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया और वो ज़ोर से चिल्लाई. फिर में उन्हें किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा, फिर मैंने अचानक से एक और तगड़ा झटका मारा और इस बार मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया था, वो चिल्लाना चाहती थी, लेकिन उनकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई. मैंने फिर से लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और वो आआआहह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हह्ह की सेक्सी आवाज करने लगी और जिससे मेरी स्पीड और तेज हो गयी. वो कहने लगी हाँ चोदो मुझे, हहहाहा और तेज और तेज और में बहुत तेज-तेज चोद रहा था और करीब आधे घंटे के बाद में झड़ने वाला था तो उन्होंने कहा कि मेरी चूत में ही झाड़ दो और मैंने सारा वीर्य अंदर झाड़ दिया और उनके ऊपर लेट गया और धीरे धीरे किस करता रहा.
फिर मैंने अचानक देखा कि मुन्ना जाग गया है और हम दोनों को देख रहा था. फिर में अचानक दूर हुआ तो भाभी ने कहा क्या हुआ? अरे ये तो अभी एक साल का ही है क्यों डर रहे हो? फिर में दुबारा बेड पर आया और उन्हें क़िस करने लगा.
फिर मैंने भाभी से उनकी गांड मारने को कहा तो उन्होंने कहा रुके क्यों हो? तो मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में करके उनकी गांड पर लंड रखा, लेकिन उनकी गांड बहुत टाईट थी. तो फिर में ऑयल लेकर आया और भाभी की गांड की मालिश करने लगा और अपने लंड पर भी ऑयल लगाया और एक ज़ोर के झटके में लंड अंदर डाला, लेकिन उनकी गांड बहुत टाईट थी. मेरा लंड थोड़ा ही गांड में गया था, शायद उन्होंने कभी गांड नहीं मरवाई थी.
फिर मैंने एक और ज़ोर का झटका मारा और पूरा लंड अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई थी, फिर में घपाघप उनकी गांड मारता रहा और थोड़ी देर के बाद में झड़ गया. फिर उस दिन हमने कई बार सेक्स किया और जब तक उनके घरवाले गावं से नहीं आए हम रोज पूरा दिन सेक्स करते थे.
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माँ का मसाज सेंटर

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वीरेन है और में 28 साल का लड़का हूँ. जब में कॉलेज में था तो एक घटना हुई थी. मेरे पापा का एक्सिडेंट हुआ था. हमारे घर में मेरी बहन, माँ और पापा है. मेरी बहन शादीशुदा थी और पापा के एक्सिडेंट की वजह से वो भी हमारे घर थोड़े दिनों के लिए आई है. पापा को उसी दौरान अटेक भी आया था. मेरी माँ पढ़ी लिखी थी और उसने ब्यूटी और मसाज़ पार्लर भी खोला था, लेकिन वो भी कुछ दिनों के लिए बंद था. अब धीरे-धीरे पापा थोड़े ठीक हो गये थे. फिर पापा और बहन ने माँ से कहा कि तुम पार्लर क्यों बंद कर रही हो? कम से कम तुम्हारा दिन तो निकल जायेगा और तुम पार्लर में जाना चालू करो.
फिर पापा ने कहा कि में थोड़ा-थोड़ा मेरा काम कर सकता हूँ और तुम्हें मेरे लिए पूरा दिन घर बैठने की ज़रूरत नहीं है और वैसे भी छोटू तो है ना. छोटू हमारा घर का नौकर है और वो एक बच्चा है. हम उसे स्कूल में भी भेजते है. फिर सब के समझाने के बाद माँ ने हाँ कह दिया और फिर थोड़े ही दिनों के बाद मेरी बहन भी अपने घर चली गई. अब घर में पापा, छोटू और माँ हम ही थे. में सुबह हमेशा जिम जाता था और जिम के सर मेरी मसाज करते थे. में एक हट्टा-कट्टा बॉडी वाला हूँ. मेरी माँ भी जल्दी उठती थी. माँ का नाम माला है और उसकी उम्र 50 साल है. वो थोड़ी मोटी, सुंदर और कामुक है. उसके बड़े-बड़े बूब्स और कूल्हों को देखकर तो कोई भी पागल हो जायेगा. मैंने नोटिस किया है कि जब पापा के दोस्त घर आते है तो वो भी माँ की गांड को बड़ी ही वासना की नज़र से देखते थे. वो उसकी हर हरकत को वासना की नज़र से देखते थे. शायद ये माँ को मालूम था, लेकिन माँ ने उनकी तरफ कभी ध्यान नहीं दिया था.
एक दिन में कपड़े बदल रहा था तो तभी मेरी माँ ने मुझे देख लिया, लेकिन मैंने उन्हें ऐसे दिखाया कि मुझे कुछ मालूम नहीं है. फिर थोड़े ही दिनों के बाद मैंने माँ में अजीब सा परिवर्तन देखा, वो हमेशा मेरे नज़दीक आने लगी और मुझे किसी ना किसी बहाने से टच करने लगी. तभी वो बोली कि अरे तुझे तो मसाज़ की ज़रूरत है. तू दोपहर को मेरे पार्लर पर आ जा, अगर तू आ रहा है तो में पार्लर आज दोपहर को खुला रखती हूँ. फिर मैंने कुछ जवाब नहीं दिया और में कॉलेज चला गया. उन दिनों परीक्षा के दिन थे तो में कभी-कभी लेट या जल्दी आता था. फिर में रात को देर से घर आया और पापा ने कहा कि तू आज दोपहर को माँ के पार्लर पर क्यों नहीं गया? माँ तेरा इंतजार कर रही थी.
मैंने कहा कि मुझे कुछ काम था. फिर पापा ने कहा कि माँ बोल रही थी कि तेरी बॉडी की मसाज़ करनी ज़रूरी है तो मैंने कहा कि मेरी मसाज़ जिम के सर करते है तो पापा ने कहा कि कोई बात नहीं इस बार तेरी माँ करेगी. तभी माँ आई और उसने कहा चल अब खाना खा ले और कल आ ही जाना, तो मैंने हाँ कहा.
फिर दूसरे दिन में 3 बजे माँ के पार्लर में गया. माँ ने कहा था कि शुक्रवार को आना क्योंकि लाईट कटौती की वजह से लाईट नहीं होती है इसलिए माँ कभी-कभी पार्लर शुक्रवार को शाम 7 बजे के बाद खोलती है. फिर में पार्लर में गया. पार्लर आगे से बंद था में जानता था कि पिछला दरवाजा खुला है. फिर में अंदर गया और माँ मेरा अंदर ही इंतजार कर रही थी. फिर माँ बोली चल अब अपने कपड़े उतार, फिर मैंने मेरा शर्ट निकाला, फिर बनियान निकाल दिया और मसाज़ बेंच पर बैठ गया. अब माँ भी उठी और बोली कि इतना क्या शरमा रहा है? अपनी पेंट तो उतार दे. फिर मैंने अपनी जीन्स उतारी और अब में अपनी चड्डी में था तो माँ फिर बोली कि अरे ये चड्डी तो उतार, क्या कर रहा है? मसाज के वक़्त ओपन और फ्री होना चाहिए. फिर मैंने मेरी चड्डी भी निकाली. अब माँ उठी और उसने काली फूलों की साड़ी पहनी थी. वो साड़ी पारदर्शी नहीं थी, फिर उसने अपनी साड़ी उतारी और अब वो मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में आ गई.
फिर मैंने कहा आज तुम्हारा मसाज गाउन कहाँ है? तो माँ ने कहा गाउन तो और के लिए होता है. मुझे तेरे सामने क्या शर्माना? फिर ऐसा कहकर उन्होंने अपनी साड़ी निकाल कर बाजू में फेंक दी. अब वो मेरे सामने पेटीकोट और ब्लाउज पहने थी. उसके बड़े-बड़े बूब्स देखकर मेरा लंड चड्डी में ही मुझे परेशान करने लगा. फिर उसने मसाज का तेल अपने हाथों पर लगाया और मेरे हाथों की मसाज़ करने लगी. फिर उसने मेरा हाथ अपने कधों पर रखा, लेकिन मेरा ध्यान बीच-बीच में उसके बूब्स पर जा रहा था. वो उसे मालूम था. फिर बाद में उसने मुझे मसाज़ बेड पर लेटने को कहा. मसाज़ बेड थोड़ा ऊँचा था. फिर में लेट गया और वो मेरे सिर के पास खड़ी रही और तेल लेकर मेरी छाती पर लगाने लगी. अब तो उसके बूब्स मेरे सर के ऊपर ही थे, मेरा मुँह बार-बार उसके बूब्स पर लग रहा था. अब मेरा लंड पूरा खड़ा हुआ था और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था.
अब में माँ का मुँह देख नहीं पा रहा था, क्योंकि वो बिल्कुल ही मेरे सिर के पीछे खड़ी थी. उसके बड़े-बड़े बूब्स की वजह से में माँ का मुँह देख नहीं पा रहा था, लेकिन अब मेरा लंड 180 डिग्री में खड़ा हुआ था और उसकी वजह से मेरी चड्डी का शेप भी अजीब सा हो रहा था. अब मेरा लंड चड्डी से बाहर आने की कोशिश कर रहा था. शायद माँ को ये मालूम था तो माँ बोली कि चल अब अपनी छाती के बल सो जा और अपने हाथ बेड पर रख. वो अब भी वहीं खड़ी थी और मेरी पीठ की मसाज़ कर रही थी. अब तो मेरा मुँह माँ के बूब्स के बिल्कुल ही सामने ही था. माँ के बूब्स इतने बड़े थे कि वो भी ब्लाउज के बाहर आ रहे थे उनकी हर हरकत की वजह से ऐसा लग रहा था कि वो अभी ब्लाउज फाड़कर बाहर आ जायेंगे. अब मेरा मुँह भी माँ के बूब्स को टच कर रहा था.
फिर माँ ने कहा कि चल अब बैठ जा मुझे तेरे पैरों की मसाज़ करनी है, लेकिन आपको क्या बताऊँ? मेरा लंड चड्डी से बाहर आ गया था और माँ भी मेरे सामने ही थी. फिर वो बोली कि चल बैठ और अब वो मेरे सामने आकर खड़ी हुई और फाईनली मुझे उठकर बैठना ही पड़ा. अब में मसाज़ बेड पर बैठा था और माँ मेरे सामने खड़ी थी और मेरा लंड चड्डी के बाहर था और वो माँ ने भी देख लिया था और फिर उसने मेरी तरफ देखा तो उसकी नज़र एक वासना की थी. अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैंने मेरा हाथ सीधा माँ के बूब्स पर रखा और उसका एक बूब्स हल्का सा दबाया. माँ के मुँह से आआआआआअ की आवाज़ निकली. फिर उसने भी मेरा लंड हल्के से पकड़ा, फिर क्या था? मैंने मेरा हाथ माँ के दोनों बूब्स पर रखा और उन्हें दबाना चालू कर दिया. फिर मैंने उनका ब्लाउज खोला और उसके एक बूब्स को मुँह में लेकर चाटना-चूसना चालू कर दिया और दूसरे हाथ से माँ के दूसरे बूब्स को दबाने लगा, अब मैंने अपना एक हाथ सीधा माँ के पेटीकोट में डाला और पेटीकोट खोल दिया.
अब मैंने सीधे माँ की पेंटी भी खोल दी और एक उंगली ज़ोर से माँ की चूत में डाल दी और बोला माला तू तो सचमुच की ही माल है. में तुझे माँ नहीं माला कहूँगा. अब मेरी उंगली ज़ोर-जोर से उसकी चूत में जाने के कारण अचानक से माँ के मुँह से भी आवाज़ आई औचह आआआआ म्‍म्म्म आअहह, तेरा ये जिम का शरीर और ये बड़ा लंड मेरी चूत में घुसा दे. जब से मैंने तुझे बिना कपड़ो के देखा है तब से मैंने तुझे मेरा बेटा मानना छोड़ दिया है. तू तो अब मेरा पति है आआआआआ जो अब से रोज मेरी चूत और गांड को मारेगा, आआआअ म्‍म्म्ममममममममम सालों से मैंने सेक्स नहीं किया है और अब तो वो हो भी नहीं सकता क्योंकि तेरे पापा अब सेक्स नहीं कर सकते है आआआआअ. फिर से मैंने मेरी उंगली ज़ोर से माँ की चूत में डाली औचह आआआआआ म्‍म्म्मम मसाज़ तो एक बहाना है, मैंने तुझे इसलिए ही तो यहाँ बुलाया है.
फिर में माँ से बोला कि माला में आज पहले तेरी गांड मारना चाहता हूँ तो माँ बोली और चूत का क्या? तो में बोला वो भी मारूँगा, लेकिन बाद में मारूँगा. तो माँ बोली ठीक है तू तो अब मेरा पति है जैसा आप बोलोगे में वैसा ही करुँगी और माँ मुझे अपने आप इज्जत देकर बोलने लगी और में माँ को माला बोलने लगा. अब वो मेरा बड़ा मोटा लंड देखकर बोली कि आपका तो ये लंड मेरी गांड से खून निकाल देगा, तो मैंने बोला चल अब उल्टी खड़ी हो जा. अब माँ की पीठ मेरी तरफ थी. फिर मैंने माँ की पीठ को चूमना चालू किया. फिर माँ बोली कि आआआआ म्‍म्म्मम अब शुरू हो जाओ और लंड डालो मेरी गांड में. फिर भी में उसे चूम रहा था. तभी मैंने देखा कि वहां मसाज़ तेल रखा था, लेकिन माँ को मालूम नहीं था. अब में माँ की पीठ को एक तरफ चूम रहा था और एक हाथ से उनके बूब्स दबा रहा था और और दूसरे हाथ से मैंने मसाज़ तेल मेरे लंड पर लगा लिया था.
अब मेरा लंड पूरा तेल से भर गया था. फिर माँ बोली कि डालो ना. मैंने देखा कि माँ का इतना ध्यान नहीं था और मैंने एक हाथ से माँ की गांड को फैलाया तो माँ ने भी अपनी गांड थोड़ी फैलाई. तभी मैंने मेरा लंड माँ की गांड पर रखा और एक ज़ोर का झटका दिया तो माँ जोर से चिल्लाई औचह आआाऊऊ आईइईईईईईई आप तो मेरी गांड फाड़ रहे हो आआआआ आआआअ और में ज़ोर-जोर से झटके देने लगा और ज़ोर से झटके देने से में पूरी तरह से गर्म हो गया था. में बोला कि माला आज तो में तेरी गांड में पूरा पानी डाल दूँगा. में मेरी पूरी ताकत तेरी गांड में डाल दूंगा और में जोर-जोर से झटके देने लगा और लाईट भी गई थी और गर्मी भी बहुत थी और ऊपर से सेक्स करने से हम दोनों का बदन पसीने से भर गया था. अब में मेरे लंड को माँ की गांड में जोर-जोर से अंदर बाहर कर रहा था. तेल और पसीने से पच पच की आवाजें आ रही थी. अब माँ चिल्ला रही थी और वो भी अपनी कमर जोर-जोर से हिला रही थी. अब माँ के मुँह से ऐसी आवाज़े आ रही थी, आआआहा म्‍म्म्मममम ऊऊऊऊहह, उसी वजह से मुझमें भी और जोश आ रहा था और में गर्म हो गया था.
अब एक तरफ में माँ की गांड मार रहा था और दूसरी तरफ माँ के बूब्स को जोर-जोर से दबा रहा था. माँ बोलने लगी कि आआ आआआहा थोड़ा धीरे आआआहा आआआहा थोड़ा धीरे. अब तेरे लंड का पानी डाल दे आआआहा आआआहा अब रहा नहीं जाता, दर्द हो रहा है, आआआहा आआआहा, थोड़ा धीरे. फिर में बोला बस अब थोड़ी ही देर में पानी निकल जायेगा. फिर मैंने झटके और जोर से मारे तो माँ बोली कि आआआहा आआआहा थोड़ा धीरे आआआहा आआआहा थोड़ा धीरे और मैंने आखरी झटका मारा और मेरे लंड का पानी माँ की गांड में गिर गया. तभी माँ बोली आआआआ क्या पानी है? हाईईईई में मर गई हाय ये गर्म पानी और कितना सारा है. ऐसा लगता है तूने पूरा का पूरा जिम का पानी मेरी गांड में डाला है हाईईईईई आआआआमम्म्म, अब समझा तुझे मैंने यहाँ क्यों बुलाया? सेक्स की वजह से कल तू और भी जोश से कसरत करेगा और हाँ मसाज की तुझे नहीं बल्कि मुझे ज़रूरत थी, जो तूने मेरी आज की है. उसके बाद अगली बार मैंने माँ को मसाज़ पार्लर में चोदा और उसकी जमकर गांड भी मारी और चूत भी मारी.
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आशा चाची की चुदाई अँधेरे में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम शंकर है और में अमृतसर पंजाब का रहने वाला हूँ. आज में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ जिसमे मैंने मेरी चाची आशा को चोदा जो कि मेरे अंकल (मेरे पापा के भाई) की पत्नी है. यह कहानी उनकी चुदाई के बारे में है. दोस्तों में एक ठीक ठाक दिखने वाला लड़का हूँ और मेरा लंड करीब 7.5 इंच का है जो किसी भी असंतुष्ट चूत को शांत करने के लिए बहुत एकदम ठीक है.
दोस्तों इस घटना से पहले मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया था और ना ही मेरी कोई गर्लफ्रेंड थी और मैंने कभी भी चाची के बारे में भी ऐसा कुछ गलत नहीं सोचा था. यह आखरी महीने की बात है और उन दिनों गर्मी बहुत थी. मेरी चाची का घर हमारे घर के पास ही है और मेरे अंकल एक बहुत बड़े बिजनेसमेन है. उन दिनों वो बिजनेस के सिलसिले में तीन दिन के लिए मुंबई गए हुए थे और वो जाने से पहले मुझे उनके घर पर रात को रहने के लिए बोल गये थे क्योंकि घर पर चाची और उनकी 13 साल की बेटी दोनों ही अकेले थे.
दोस्तों अब में आप सभी को थोड़ा बहुत विस्तार से अपनी चाची के बारे में बता देता हूँ, उनकी उम्र करीब 40 साल की होगी और इस रात से पहले मैंने कभी भी चाची के फिगर और बूब्स की तरफ इतना ध्यान नहीं दिया था और उस रात में खाना खाने के बाद 9 बजे के करीब चाची के घर पहुंच गया. चाची की बेटी अपने रूम में पढ़ाई कर रही थी और उस समय चाची बेड पर बैठकर टीवी देख रही थी और फिर में भी उनके साथ बैठकर टीवी देखने लगा और हम टीवी देखने के साथ साथ कुछ इधर उधर की बातें भी करने लगे. तभी टीवी पर कुछ देर बाद अचानक से एक किस्सिंग सीन चलने लगा.
वो करीब दो मिनट का था और यह सब देखकर में चाची के सामने थोड़ा सा शरम महसूस करने लगा, लेकिन चाची मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी. फिर जैसे ही मुझे लगा कि चाची के ऊपर सेक्स का भूत चड़ने लगा है और अब वो मेरे हाथों को छूने लगी थी, लेकिन मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह मेरे साथ यह सब क्या हो रहा है? फिर कुछ देर बाद चाची बेड से उठकर जाने लगी और जाते जाते उन्होंने एक बार मेरे लंड को छूकर देखा, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद वो फिर से वापस आ गई और फिर से मेरे लंड को छूने लगी. दोस्तों अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था, लेकिन में बहुत डर भी रहा था क्योंकि मेरी चाची की लड़की भी उस समय घर पर थी.
चाची ने फिर से मुझे छूना शुरू कर दिया और अब मैंने भी थोड़ी बहुत हिम्मत करके चाची का हाथ पकड़ कर मसल दिया और इसके बाद चाची को मेरी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया और चाची ने मेरे लंड को छुआ और अब धीरे धीरे मेरा लंड भी जाग गया था. वो अपना आकार बदलने लगा था जिसको चाची देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और अब में भी चाची को छूने लगा और में अपने एक हाथ को पीछे की तरफ ले जाकर चाची की पीठ को सहलाने लगा और फिर धीरे से चाची के बूब्स और चूत को सहलाने और मसलने लगा, लेकिन तभी इतने में हमे कुछ आवाज़ आई और हम सतर्क हो गये.
दोस्तों यह सब काम करते हुए ना तो चाची ने मुझसे कुछ कहा था और ना मैंने. हम दोनों एकदम चुप थे. हमारा पूरा ध्यान टीवी के साथ साथ एक दूसरे पर भी था. तभी मेरी चाची की लड़की रूम में आई और वो उनसे सोने के लिए कहने लगी क्योंकि उसे सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाना था और इतना कहकर वो दूसरे रूम में चली गयी. चाची मुझे कहने लगी कि तुम सोना मत, में 12 बजे के करीब आ जाउंगी और चाची सोने के लिए दूसरे रूम में चली गई जहाँ पर मेरी बहन सोई हुई थी और अब घर की पूरी लाईट बंद थी. में टीवी वाले रूम में बैठा हुआ कुछ देर टीवी देखने लगा और कुछ देर के बाद लेट गया, लेकिन मेरा लंड अभी तक तनकर खड़ा हुआ था और में बहुत हैरान था कि मेरे साथ यह सब क्या हो रहा है? और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मेरी आखों के सामने उनके बड़े बड़े बूब्स घूम रहे थे.
में अपने लंड को शांत करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन में नाकाम रहा और फिर थोड़ी देर के बाद में उठा और बाथरूम में जाकर उनके बारे में सोचकर मुठ मार आया और अब कमरे में आकर लेट गया और अब में चाची का इंतजार करने लगा, लेकिन मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी.
थोड़ी देर के बाद चाची आई और उन्होंने मुझे उठाया और वो भी मेरे पास ही लेट गई और मेरे लंड को सहलाने लगी. में भी धीरे धीरे जोश में आ गया और में चाची को किस करने लगा और एक हाथ से में उनके बूब्स को दबा रहा था और चाची भी मेरे लंड से खेल रही थी. में अब पूरे जोश में था और चाची के बूब्स उनकी कमीज़ के ऊपर से मसलने लगा.
फिर कुछ देर के बाद चाची ने अपनी सलवार को उतार दिया और में चाची की पेंटी के ऊपर से उनकी चूत को सहलाने लगा. चाची पूरी तरह से गरम हो चुकी थी और अब मैंने चाची की पेंटी को भी उतार दिया, लेकिन कमरे में बहुत अंधेरे की वजह से मुझे चाची की चूत नहीं दिख रही थी, लेकिन हाथ लगाने से पता चल रहा था कि वो भी बहुत जोश में गरम थी और अब हम लिप किस करने लगे. मैंने अपने लोवर को उतार दिया और साथ में अपनी अंडरवियर भी. चाची मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करके महसूस करने लगी और फिर चाची ने मुझसे कहा कि वाह तुम्हारा लंड तो मेरे सोचने समझने से भी बहुत बड़ा, मोटा, लंबा है.
मुझे ऐसे ही किसी लंड की तलाश थी जो एक ही बार में मेरी प्यासी चूत को शांत कर दे और मेरी चूत को चोदकर उसका भोसड़ा बना दे. चल अब शरमाना छोड़ और मेरी जमकर चुदाई करके मुझे खुश कर दे. फिर चाची बेड से उठी और मोबाइल की रोशनी से अलमारी से एक कंडोम निकालकर लाई और मुझे दे दिया, लेकिन मुझे तब तक कंडोम लगाना भी नहीं आता था.
मैंने चाची से कहा कि चाची मुझे उसको चड़ाना नहीं आता और यह कैसे लगता है मुझे बिल्कुल भी पता नहीं है. चाची ने थोड़ा मुस्कुराकर मेरे लंड को अपने एक हाथ से पकड़ा और फिर कंडोम को टोपे पर रखकर धीरे से नीचे की तरफ उतार दिया और इस तरह कंडोम लगा दिया.
अब में अब चाची के ऊपर आ गया और मैंने धीरे से चाची के दोनों पैरों को थोड़ा सा फैलाकर चूत का आकार बड़ा किया और लंड को चूत के मुहं पर रखकर हल्का सा लगातार दबाव बनाकर पूरा का पूरा अंदर घुसा दिया. चाची उहहऊऊ आह्ह्ह्हह्ह की आवाज़ निकलने लगी और अब मेरे भी मुहं से हल्की सी आवाज़ निकलने लगी, लेकिन में किसी भी बात को बिना देखे सुने ताबड़तोड़ धक्के देने लगा और वो अपने चूतड़ को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि हाँ और ज़ोर से हाँ अपना पूरा दम लगा दो मेरी चुदाई में और मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दो हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे.
अब में जोश में आकर लगातार धक्के देकर उन्हे करीब बीस मिनट तक चोदता रहा, लेकिन अब में झड़ने वाला था और फिर में उनकी चूत में झड़ गया, लेकिन मैंने अपने धक्के अभी खत्म नहीं किए. में उसे धीरे धीरे चोदता रहा और अपना वीर्य उनकी चूत में डालता रहा और थोड़ी देर के बाद में चाची के बूब्स और कमीज़ के ऊपर से चूसने लगा. फिर कुछ देर के बाद चाची ने अपनी कमीज़ को उतार दिया और मैंने उनकी ब्रा को उतार दिया. अब चाची मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी, लेकिन अँधेरे की वजह से मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन में चाची के बूब्स को चूस रहा था और उनकी चूत और पूरे जिस्म को छूकर महसूस कर रहा था और अब कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से तन गया था. चाची ने लंड को मुहं में ले लिया और चूसने लगी और थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड तन गया.
अब चाची पेट के बल लेट गयी और उन्होंने मेरे खड़े हुए लंड को अपनी गांड में डालने का इशारा किया. दोस्तों पहले तो में बहुत हैरान हुआ फिर में चाची के ऊपर आकर गांड में लंड डालने लगा. मैंने महसूस किया कि चाची की गांड चूत से थोड़ी टाईट थी. मेरा लंड जैसे पूरी तरह से छिल गया था और अब चाची मौनिंग करने लगी.
फिर 10 मिनट के बाद में डिसचार्ज हो गया और मैंने अपना गरम गरम लावा उनकी गांड में डाल दिया और थोड़ी देर के लिए हम ऐसे ही लेटे रहे. लगभग दो बजे के करीब चाची ने मोबाइल की लाईट से अपने कपड़े ढूंढे और फिर पहनकर अपने कमरे में चली गयी. दोस्तों इस तरह मैंने चाची को चोदा, लेकिन इस चुदाई में ना तो में चाची के शरीर का कोई अंग देखा सका (अंधेरे की वजह से) और ना ही हम दोनों चुदाई करते समय कुछ मुहं से बोले और उसके बाद अगली दो रातों को भी मैंने चाची को ऐसे ही जमकर चोदा और अपनी चुदाई से उनकी चूत को संतुष्ट किया.
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बीवी को शिमला में चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ. उम्र 32 साल, हाईट 5 फुट 9 इंच, लंड 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा और जिम बॉडी है. ये स्टोरी जून 2013 की है, में और मेरी पत्नी शिमला घूमने गये थे. हमारी शादी को करीब 8 साल हो चुके थे. अब में आपको अपनी पत्नी के बारे में बता दूँ, उसका नाम पूजा है. उम्र 30 साल, हाईट 5 फुट 6 इंच, साईज़ 34-28-36, एकदम गोरी, ठीक ठाक भरी हुई है, उसके बूब्स और गांड पर तो मैंने कितने लोगों को घूरते देखा है और मुझे इससे जलन नहीं होती बल्कि मज़ा आता है. पूजा काफ़ी सुंदर है, में और मेरी पत्नी सेक्स का भरपूर मज़ा लेते है. मुझे उसकी ब्रा-पेंटी उतारने से लेकर उसकी चूत चाटने तो कभी-कभी उसकी गांड चाटने में बहुत ही मज़ा आता है, ख़ास कर जब में उसकी गांड चाटता हूँ तो उसे सिग्नल मिल जाता है कि आज तो में उसकी गांड मार कर ही रहूँगा.
पूजा भी कभी-कभी अपने आप ही मेरा लंड पकड़कर अपनी गांड में घुसवा लेती है. सच में मेरी पत्नी की गांड मारने का मन हर देखने वाले का करता होगा. पूजा को भी मेरा लंड चूसने में काफ़ी मज़ा आता है. कई बार वो अपनी मर्ज़ी से एकदम नंगी हो कर बिस्तर पर आ जाती है और मेरा लंड चूसने लग जाती है. हम सेक्स में हर तरीका अपनाते है. हमें इसमें काफ़ी मज़ा आता है. हम नेट पर पॉर्न भी देखते तो कभी-कभी सेक्स करते वक़्त में अपने दोस्तों की बीवीयों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो उसे कोई परेशानी नहीं होती थी, लेकिन जब में उसको मेरे दोस्तों के साथ सेक्स करने के लिए कहता तो वो मना कर देती, लेकिन उसे और मुझे सेक्स में इन बातों से बहुत मज़ा आता था.
अब गर्मियों की छुट्टियों में हम अपने दोस्तों और बच्चो के साथ घूमने गये थे, लेकिन वहाँ भी कोई चान्स नहीं लगा. शायद वो इसके लिए राज़ी भी नहीं होती, क्योंकि वो मेरे सभी दोस्तों की बहुत इज़्ज़त करती थी, लेकिन सेक्स में उसका स्टाईल ही ऐसा था कि इस दौरान मेरी इच्छा होने लगी कि कोई मेरे सामने पूजा को चोदे. ऐसा काफ़ी टाईम तक चलता रहा. फिर एक दिन में मार्केट से वाइब्रेटर लेकर आया और रात को पूजा को सरप्राइज दिया. फिर जब में उसकी गांड मार रहा था तो मैंने वाइब्रेटर उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा तो पूजा आअहह आआआआआआअहह की आवाज़े निकालने लगी और एड्जस्ट करके अपने हाथ से पूरा का पूरा अंदर ले लिया. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था, तभी में बोला.
में : पूजा दूसरा लंड कैसा है?
पूजा : बहुत अच्छा डार्लिंग.
में : तुम्हें दो लंड एक साथ अच्छे लग रहे है?
पूजा : हाँ बहुत.
में : -सोचो, अगर इस रबड़ के लंड में इतना मज़ा आ रहा है तो असली लंड में कितना मज़ा आयेगा?
पूजा : हटो, मुझे सिर्फ़ तुम्हारा ही चाहिए, ये ही काफ़ी है.
में : मेरा क्या?
पूजा : लंड आआआआआआअहह पूरा घुसाओ ना प्लीज और उसकी चूत से पानी गिरने लगा.
फिर करीब 1 घंटा सेक्स करने के बाद हम सो गये. फिर कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. फिर मेरे दिमाग़ में एक प्लान आया कि क्यों ना में पूजा को कहीं उसकी पसंद की जगह पर घूमाने ले जाऊं? शायद कोई बात बन जाए. इसी दौरान एक मॉल में मुझे एक लकी ड्रॉ में एक फ्री ट्रिप शिमला जाने का कूपन मिला तो मैंने पूजा को इस बारे में बताया तो वो बहुत ही खुश हुई. पूजा को शिमला देखना था तो कुछ दिनों के बाद हमने शिमला जाने का प्लान बनाया और मैंने बुकिंग कर दी.
अब हम अपने तय दिन पर सुबह 4 बजे दिल्ली से अपनी गाड़ी में निकले और सफ़र का मज़ा लेते हुए करीब 1 बजे शिमला रिसोर्ट पहुँच गये. शिमला रिसोर्ट काफ़ी बड़ा और शानदार था. रिशेप्शन पर हमें एक जवान सुंदर लड़का मिला, उसने अपना नाम संदीप बताया और हमें वेलकम कहा. फिर सारी बातें बताने के बाद वो हमें अपने रिसोर्ट के बारे में बताता हुआ हमें हमारे रूम तक ले गया.
फिर उसने रूम का दरवाजा खोला, रूम अन्दर से काफ़ी अच्छा था. फिर वो हमें रूम की सुविधाओं के बारे में बता कर जाने लगा और जाने से पहले उसने अपना पर्सनेल मोबाईल नम्बर मुझे दिया और कहा कि कभी भी किसी चीज की ज़रूरत हो तो हम उसे कॉल कर सकते है. फिर उसने जाने से पहले एक मेंबरशिप पॉलिसी का भी ज़िक्र किया और बोला पहले आप आराम कर लीजिए फिर में आपको शाम को मिलता हूँ. संदीप काफ़ी स्मार्ट था, हाईट 6 फुट होगी वो काफ़ी गठीले शरीर का था.
पूजा को भी उसका स्वभाव काफ़ी पसंद आया. अब हम दोनों रूम में अकेले थे. अब मुझसे रहा नहीं गया और हमने फटाफट सेक्स करना चालू कर दिया और थोड़ी देर के लिए सो गये. फिर शाम को हमें संदीप ने पूरा रिसोर्ट घुमाया. अब वो हमारे साथ काफ़ी फ्रेंड्ली हो गया था. में देख रहा था कि उसकी नज़र पूजा पर थी और मुझे ये सब अच्छा लग रहा था, जब बारिश का मौसम था इसलिए हमें काफ़ी सर्दी लग रही थी. फिर हम मॉल रोड़ गये और वहाँ से मैंने पूजा के लिए एक सेक्सी शॉर्ट नाईटी ली.
अब में मार्केट में पूजा की गांड पर तो कभी बूब्स पर, टच किए जा रहा था. पूजा को ये अच्छा लग रहा था, लेकिन वो मुझे मना कर रही थी कि कोई देख ना ले. अब पूजा काफ़ी खुश थी तो मैंने एक छोटी बोतल विस्की की ले ली तो पूजा ने मना किया, लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर वो मान गयी. अब हम रिसोर्ट वापस आ गये. फिर करीब 8 बजे हमने लाईट डिनर भी लिया और अपने रूम में आ गये. अब रूम में आते ही मैंने पूजा को अपनी बाहों में भर लिया तो पूजा मचलने लगी और मेरे से छूटकर उसने अपनी नई नाइटी ली और बाथरूम में जाने लगी. अब मैंने रूम का हीटर चालू कर दिया और संदीप को फोन मिलाया.
संदीप : हैल्लो.
में : हैल्लो संदीप, में विशाल बोल रहा हूँ रूम नम्बर ***
संदीप : ओह, हैल्लो सर कहिए में आपके लिए क्या कर सकता हूँ?
में : यार आप अपनी पॉलिसी के बारे में बता रहे थे तो क्या आप अभी हमारे रूम में आ सकते हो?
संदीप : लेकिन, सर अभी तो में व्यस्त हूँ, क्या कुछ देर के बाद आ जाऊं?
में : कितनी देर में?
संदीप : मेरी ड्यूटी 9 बजे ख़त्म हो जायेगी, उसके बाद में बिल्कुल फ्री हूँ.
में : ओके, तुम आ जाना मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है, में तुम्हारा इंतज़ार करूँगा, ओके बाय.
इतने में पूजा भी फ्रेश होकर बाथरूम से नाइटी पहनकर निकली, वाउ क्या ग़ज़ब लग रही थी वो? उस नाइटी में उसकी भरी हुई सफेद जांघे काफ़ी सेक्सी लग रही थी. उस नाइटी के अन्दर साफ दिख रहा था कि उसने काले कलर की ब्रा और पेंटी पहनी हुई है. फिर मैंने भी फटाफट अपने कपड़े उतारे और एक अपनी चड्डी और बनियान में बेड पर उसके साथ आ गया. फिर मैंने पूजा को अपनी बाहों में भर कर इधर उधर किस करना शुरू कर दिया तो वो गर्म होने लगी. अब वो इस ट्रिप पर बहुत खुश थी, क्योंकि सिर्फ़ वहां हम दोनों ही थे और किसी की टेन्शन भी नहीं थी. फिर मैंने विस्की का एक पेग बनाया और पीने ही वाला था कि पूजा ने मुझे रोक लिया और कहा कि तुम ये मत पियो. (में शराब नहीं पीता ये तो ट्रिप पर सेक्स का मज़ा लेने के लिए ली थी) फिर मैंने पूजा को पीने के लिए मना लिया और एक पेग पूजा को पिला दिया. फिर थोड़ी देर में हम एक दूसरे पर टूट पड़े. अब मेरा हाथ उसके बूब्स दबा रहा था और वो मेरे शरीर पर हाथ फैर रही थी.
अब में उसकी नाइटी के अंदर हाथ डालकर कभी उसकी चूचीयाँ दबाता तो कभी उसकी चूत को सहलाता. अब वो सिसकियां भरने लगी थी, अब उसे थोड़ा विस्की का और थोड़ा सेक्स का नशा चढ़ रहा था. तभी मैंने एक और पेग उसे दे दिया और वो पी गयी, अब उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी. अब में उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत चाट रहा था और अब वो आआआहह की आवाज़े निकाल रही थी. इतने में उसने मेरी चड्डी में हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ा और सहलाने लगी. अब हम 69 पोजिशन में थे और में उसकी पेंटी को बिना उतारे एक तरफ करके उसकी चूत चाटने लगा. अब वो भी मेरा लंड निकाल कर चाटने लगी तो उसके मुँह से ऊऊम्म्म्म हह ऊमम हह की आवाज आ रही थी. अब में एक उंगली पूजा की चूत में और दूसरी उंगली उसकी गांड में अंदर बाहर कर रहा था. अब उसे बहुत मज़ा आ रहा था. तभी पूजा अपने मुँह में से लंड निकाल कर बोली.
पूजा : क्या आप वाइब्रेटर लाए हो?
में : नहीं, क्यों तुम्हें चाहिए?
पूजा : नहीं बस, बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए.
तभी डोर बेल बजी, मैंने देखा तो 9 बज चुके थे. शायद संदीप ही होगा, पूजा को अजीब लगा की कौन है? ऐसे माहौल में सारा मज़ा खराब हो गया था. उसे ये नहीं पता था कि मैंने उसके लिए क्या इंतज़ाम किया है? फिर मैंने पूजा से बोला कि तुम कंबल में ही रहो और में अभी आता हूँ और उसने कंबल से अपने आपको ढक लिया. फिर मैंने डोर ओपन किया तो देखा कि संदीप है. फिर मैंने उसे रूम में अंदर आने को कहा तो वो अंदर आ गया. फिर संदीप ने पूजा को भी हाय बोला और कहा कि मैंने आप लोगों को परेशान तो नहीं किया. फिर मैंने उसे बैठने के लिए कहा और वो उसी साईड में बैठ गया जिस साईड में बेड पर पूजा थी. अब पूजा को नशा चढ़ गया था तो उसने हमारी बातें 2-3 मिनट तक सुनी फिर वो अपना उदास चेहरा दूसरी तरफ करके लेट गई.
अब में भी कंबल में था और अंदर से पूजा की गांड को सहला रहा था. अब संदीप ने मुझे फटाफट रिसोर्ट की मेंबरशिप के बारे में बताया और में बोला कि ये मेंबरशिप में लेने के लिए तैयार हूँ, लेकिन में इस ट्रिप को यादगार बनाना चाहता हूँ तो संदीप बोला थैंक यू सर, में आपकी हर मदद करने के लिए हाज़िर हूँज अब में अपनी पत्नी के बूब्स भी सहलाने लगा. ये सब संदीप महसूस कर रहा था कि कंबल के अंदर क्या हो रहा है? कंबल में हलचल हो रही थी और पूजा भी चुपके से मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी, लेकिन उसका मुँह दूसरी तरफ था. तभी में कंबल से उठा और जानबूझ कर संदीप के सामने ही पूजा के ऊपर से कंबल हटा दिया.
अब मेरी पत्नी की गोरी-गोरी नंगी टांगे संदीप के सामने थी तो संदीप की आँखे खुली की खुली रह गयी. अब में उसके सामने ही अपने हाथ से उसकी गांड और कमर सहला रहा था. फिर मैंने संदीप का हाथ पकड़कर पूजा की गांड पर रख दिया, अब पूजा नशे में थी. फिर जब में 2 मिनट में बाथरूम से आया तब तक संदीप पूजा की गीली चूत पर भी हाथ फैर रहा था, कभी पेंटी के अंदर तो कभी पेंटी के बाहर हाथ फेर रहा था. फिर मैंने बेड पर आकर पूजा के मुँह के पास अपना लंड रख दिया और उसके मुँह पर अपना लंड रगड़ने लगा. अब पूजा ने अपनी आँखे बंद कर रखी थी और मुँह खोलकर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया, वाह्ह अब की बार तो फीलिंग ही कुछ और थी. फिर मैंने पूजा को डॉगी स्टाइल में होने को बोला तो वो हो गयी. फिर संदीप ने भी अब पूजा की पेंटी एक तरफ करके उसकी हल्के बालों वाली चूत के दर्शन किए और उसे चाटने लगा. अब पूजा को भी बहुत मज़ा आने लगा था.
अब मैंने संदीप को अपने कपड़े उतारने का इशारा किया तो उसने एक बार में ही सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया. अब उसका लंड देखकर में भी खुश हुआ. वो लगभग 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा होगा, वाह क्या लंड था उसका? अब पूजा ने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे इशारे में रिक्वेस्ट की वो जान गयी थी कि अब तो मना करने में कोई फ़ायदा नहीं है, बस अब तो चुदवाने में ही फ़ायदा है. फिर संदीप ने उसकी पेंटी उतार दी, क्या बात थी पूजा एक अजनबी मर्द के सामने बिल्कुल नंगी क्या लग रही थी? फिर मैंने भी उसकी ब्रा और अपनी चड्डी निकाल दी थी. अब हम तीनों रूम में बिल्कुल नंगे थे और अब रूम कुछ हमारी सिसकियों से तो कुछ हीटर से गर्म हो चुका था. अब संदीप अपना लंड पूजा की चूत पर रगड़ रहा था और साथ ही वो अपने लंड से मेरी पत्नी की चूत पर थप्पड़ भी लगा रहा था.
अब वो पूजा की चूत पर अपना लंड रखता और हटा लेता. फिर पूजा ने मेरा लंड अपने मुँह से निकाला और आगे पीछे होकर संदीप के लंड को चूत में घुसवाने की कोशिश करने लगी. तभी पूजा ने उसका लंड पकड़ा और अपनी चूत में घुसा लिया तो पीछे से संदीप ने भी जोरदार धक्का लगाया तो उसकी आआआहह की चीख निकल गयी. अब उसका लंड एक बार में ही पूरा अंदर चला गया था, चोद दो और चोदो, पूरा लंड घुसाना प्लीज़ संदीप प्लीज, पहली बार पूजा ने संदीप का नाम लिया था. अब वो पूरी तरह से दो-दो लंड का मज़ा लेना चाहती थी. इस तरह 10 मिनट तक चोदने के बाद मैंने उसे मिशनरी पोजिशन में लेटाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब पूजा संदीप का लंड बड़े मज़े से चूस रही थी और में उसे चोद रहा था. फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी गांड चाटने लगा तो पूजा समझ गयी कि अब उसकी गांड की बारी है. उसकी गांड पर मेरी जीभ लगते ही वो काँप उठी.
फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसाया, अभी आधा ही लंड उसकी गांड में गया होगा कि वो दर्द महसूस करने लगी. वो बोली डार्लिंग धीरे से घुसाओ, में मर जाऊंगी, फिर में बोला कि मेरी रानी अभी तो मेरा आधा ही गया है जब संदीप का पूरा जायेगा तो क्या होगा? और वो स्माइल देने लगी. अब धीरे-धीरे मैंने पूरा लंड अन्दर घुसा दिया और अपनी स्पीड तेज़ कर दी. वो आआआआआआआआआअहह डार्लिंग और तेज़ और तेज़ बोलने लगी. फिर करीब 15 मिनट तक धक्के लगाने के बाद में रुका और संदीप को नीचे से पूजा की चूत में लंड घुसाने के लिए बोला. अब संदीप लेट गया और पूजा उसके ऊपर बैठकर लंड अपनी चूत में लेने लगी और मैंने ऊपर से उसकी गांड में लंड घुसा दिया. अब पूजा को थोड़ी परेशानी होने लगी थी, लेकिन मैंने पूरा लंड अन्दर घुसा दिया, आआआह्ह्ह्ह्ह प्लीज आज मेरी गांड और चूत दोनों फाड़ दो. मारो मेरी और मारो, मुझे जी भरकर चोदो, प्लीज फुक मी, आप तो चाहते ही थे ना कि में दो लंड एक साथ लूँ, अब तो खुश हो आप और चोदो मुझे. अब पूजा की गांड और चूत में से काफ़ी सारा पानी निकल रहा था.
अब वो एकदम पागल सी हो गयी थी और झड़ने वाली थी तो वो बोली कि संदीप चोदो मुझे, में झड़ने वाली हूँ. इतने में ही उसकी चूत में से बहुत सारा पानी निकलने लगा, आआआआआआहह में गयीईईई और वो ढीली पड़ गयी. तभी हम भी झड़ने वाले थे. फिर मैंने संदीप की तरफ इशारा किया कि अंदर मत निकालना, पूजा के मुँह में निकालना. (पूजा को वीर्य का स्वाद काफ़ी अच्छा लगता है) फिर हम उठकर अपना लंड पूजा के मुँह के पास हिलाने लगे तो पहले में झड़ गया आआआआआआआअहह मेरा वीर्य पूजा के मुँह के अंदर और बाहर दोनों जगह फैल गया था. फिर संदीप का भी निकल गया. फिर पूजा हम दोनों का वीर्य पी गयी और पूजा ने हमारे लंड भी अपनी जीभ से चाट-चाट कर साफ कर दिए. अब हम तीनों के चेहरो पर खुशी थी और थोड़ी देर तक हम पूजा को अपने बीच में लेटाकर पड़े रहे. दोस्तों उस रात हमने 3 बार सेक्स किया था.
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