गुलाबी गांड वाली कॉलेज की चालू लड़की

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और मेरी उम्र 21 साल है. इस कहानी में आपको मेरी लाईफ का पूजा के साथ का सबसे हसीन पल बताने जा रहा हूँ. में एक सामान्य लड़का हूँ, लेकिन मेरा लंड किसी को निराश नहीं करता है. ये कहानी मुंबई के एक बहुत फेमस फैशन इन्स्टिट्यूट से शुरू होती है, मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने उसके कॉलेज गया तो में भी साथ में चला गया, क्योंकि मैंने उस कॉलेज की सुन्दरता के बारे में बहुत सुना था. अब जब मेरा दोस्त अपनी आईटम के साथ व्यस्त था तो मैंने नोटीस किया कि कुछ लड़कियां मुझे देखकर हंस रही थी. में बचपन से ही बहुत बेशर्म हूँ तो में उनके पास चला गया और पूछा कि आप लोग मेरे बारे में बात कर रहे है? वो तीनो लड़कियां काफ़ी हॉट थी, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और वहाँ से चल दी, लेकिन उनमें से एक लड़की ने पीछे मुड़कर स्माइल दी और चली गयी.
फिर मैंने अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड से कहा कि वो बीच वाली लड़की से सेटिंग करा दे यार तो उसने रिप्लाई दिया कि वो इस कॉलेज की सबसे चालू लड़की है उससे बचकर रहना. फिर मैंने कहा कि में क्या कम चालू हूँ? तू बस एक बार बात करवा दे तो उसने कहा कि वो कोशिश करेगी. फिर कुछ दिन के बाद मेरे मोबाईल पर एक अंजान नंबर से मैसेज आया “हाय” तो मैंने पूछा कि आप कौन? तो उसका रिप्लाई आया पूजा और उसने अपने कॉलेज का नाम बताया. अब मेरा तो उसका नाम सुनकर ही खड़ा हो गया था. फिर मैंने तुरंत उसका नंबर डायल किया और हमने आधे घंटे बात की और बातों में पता चला कि वो सच में बहुत चालू थी.
फिर कुछ दिनों में हमने गंदी बातें करनी शुरू कर दी और फिर मैंने उससे पूछा कि क्या तुम वर्जिन हो? तो वो हंसी और बोली कि तुम्हें क्या लगता है? तो मैंने बोला कि ओह तेरी इतनी डायरेक्ट. फिर उसने बोला कि अभी तो शुरुवात है, फिर मैंने बोला कि आज मेरा घर खाली है, तो वो बोली कि उसका घर तो हमेशा खाली रहता है . फिर मैंने बोला कि कुछ करने का इरादा है? तो उसने बोला कर पाओगे? तो मैंने कहा कि में कोशिश करूँगा. फिर मैंने बाइक निकाली और सीधा उसके घर चला गया, अब वो एक ब्लेक शॉर्ट्स और टाईट टॉप पहने थी और उसकी हाईट 5 फुट 10 इंच थी. वो बहुत गोरी और उसका फिगर 34-30-36 था. फिर दरवाजा बंद करते ही मैंने उसको टाईट हग दिया और अब उसके टाईट निप्पल उसके पतले टॉप में से साफ दिख रहे थे.
अब मेरा खड़ा लंड मेरे शॉर्ट्स में एक टेंट बना रहा था और फिर उसने मेरे शॉर्ट्स में हाथ डाला और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर कहा कि तुम्हारा बहुत अच्छा है. फिर मैंने उसके निप्पल को पिंच किया और कहा कि ये भी बहुत अच्छे है तो वो हंसने लगी और मुझे अपने कमरे में ले गयी. अब हम दोनों उसके बेड पर बैठे थे और उसका ऊपर का होंठ थोड़ा मोटा था और बिल्कुल पिंक था. फिर मैंने उसकी गर्दन को पकड़कर अपनी तरफ खींचा और उसको किस करने लगा.
अब उसका हाथ मेरे लंड को सहला रहा था और में उसके चेहरे को दोनों हाथ से पकड़कर उसके होंठो को चूसे जा रहा था. अब उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसा दी और अब में उसको पागलों जैसे चूसने लगा, फिर मैंने उसको बेड पर लेटने को कहा और उसके ऊपर चढ़ गया. अब में मेरा खड़ा लंड उसके शॉर्ट्स के ऊपर से ही उसकी चूत पर रगड़ने लगा और उसके बूब्स को उसके टॉप के ऊपर से ही चूस रहा था. अब वो मेरा सिर अपने बूब्स पर दबा रही थी और साथ ही साथ धीरे-धीरे मौन कर रही थी.
अब मैंने उसका टॉप उतार दिया और अब में उसके बूब्स को थोड़ी देर तक देखता रहा और धीरे-धीरे उसके बूब्स पर हर जगह किस किया और अपनी जीभ लगा कर गीला कर दिया. फिर उसने मेरा सिर ऊपर लेकर मुझे फिर से एक भूखी शेरनी की तरह किस करना चालू किया. फिर उसने मेरे दोनों होंठ अपने होंठो के अंदर ले लिए और चूसने लगी. अब में उसके निप्पल से खेल रहा था और उन्हें बार-बार पिंच कर रहा था, उस चिकनी के शरीर पर बिल्कुल बाल नहीं थे.
फिर मैंने अपनी टी-शर्ट और शॉर्ट निकाल दिया और उसका शॉर्ट भी निकाल दिया. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी. फिर मैंने उसकी चिकनी चूत पर अपना हाथ घुमाया तो उसके मुँह से, आह्ह्ह निकल गयी और अब उसकी गीली चूत बिल्कुल पिंक थी. फिर मैंने उसकी जांघ पर किस किया और जीभ फैरते हुए आगे बढ़ा और मैंने अपनी जुबान उसकी गीली चूत पर लगा दी. उसने तेज आहें भरी और फिर मैंने उसकी चूत में उंगली डालने की सोची, लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी.
फिर मैंने उससे कहा कि क्या तुम वर्जिन हो? तो उसने बोला कि वहाँ उंगली मत डाल बस जीभ लगा ले. फिर मैंने उसे चाटना स्टार्ट किया, अब वो और तेज हम्म्म्म आहह्ह्ह्ह की आवाज़े निकालती रही. फिर अचानक से उसने अपनी गांड को हिलाना चालू किया और मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगी और थोड़ी देर में ही उसकी आवाज़े बढ़ने लगी और उसके चूत से बहुत माल भी निकला और वो झड़ गयी. फिर वो थोड़ी देर तक लेटी रही. अब में उसके बाजू में लेट गया और मेरा लंड एक केले के जैसा है और 6 इंच का होगा और काफ़ी मोटा भी है. अब वो मेरे खड़े लंड पर हाथ फेरने लगी और कहा कि अब मेरी बारी है. फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे बाहर निकालकर उस पर जीभ फेरने लगी, अब में तो सातवें आसमान पर पहुँच गया था.
फिर उसने अपने दांत धीरे से मेरे टोपे पर फैरे और फिर से मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया. अब वो एक रांड के जैसे चूस रही थी. अब में 10 मिनट में उसके मुँह में झड़ गया तो उसने मेरे लंड का पानी थोड़ा सा अंदर लिया और बाकी थूक दिया. अब हम दोनों थक कर लेटे हुए थे. फिर उसने बताया कि वो वर्जिन है, लेकिन बस आगे से और वो अपने भविष्य में कोई शिकायत नहीं चाहती है.
मैंने उसको बताया कि मेरी भी यही इच्छा है. फिर वो हवा में अपनी गांड लेकर उल्टी लेट गयी और अब में एक कुत्ते की तरह उसकी गांड पर टूट पड़ा. फिर मैंने उसके दोनों कूल्हों पर किस किया और उन्हें काटा भी, फिर मैंने उसकी गांड को फैलाकर देखा तो उसकी गांड का छेद भी पूरा गुलाबी था. फिर मैंने उस पर जीभ फैरना चालू किया तो वो मौन करने लगी थी.
फिर मैंने अपनी जीभ अंदर तक डाली और उसकी गांड को अपनी जीभ से चोदने लगा. फिर में अपनी एक उंगली अंदर डालने लगा और उसकी गांड थोड़ी टाईट थी, लेकिन मेरी उंगली उसकी गांड में अंदर चली गयी. फिर मैंने उसकी गांड के छेद पर उसका पानी लगाया और अपना लंड उसकी गांड में घुसाया. अब वो थोड़ा चीखी, लेकिन फिर शांत हो गयी. अब वो अपनी गोल और चिकनी गांड गोल-गोल घुमाने लगी. फिर मैंने उसकी गांड को पकड़ा और जितना तेज हो सकता था उतनी तेज उसे चोदने लगा.
अब वो चिल्लाती रही और तेज अहह ह्म्‍म्म्ममम और साथ ही साथ अपनी चूत मसलती रही. फिर मैंने उसे 15 मिनट तक चोदा और फिर में उसकी गांड में ही झड़ गया और वो भी 2 मिनट के बाद झड़ गयी. फिर मैंने उसके ऊपर आकर किस लिया और लेट गया. मैंने उस दिन 2 बार और उसकी गांड मारी.
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अंकल ने मुझे अपने दोस्त से चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, कैसे हो आप? में उम्मीद करती हूँ कि आप सभी बिल्कुल ठीक हो. दोस्तों मेरा नाम प्रियंका है और मेरी उम्र 23 साल है और में दिखने में एकदम सेक्सी लगती हूँ. हर कोई मुझे देखकर मेरे जिस्म का दीवाना हो जाता है, क्योंकि मेरे बड़े बड़े बूब्स, पतली कमर, गोरा बदन, सेक्सी आखें उभरी हुई गांड उसे मेरी तरफ आकर्षित होने पर मजबूर कर देती है और वो मेरे जिस्म का गुलाम हो जाता है और मेरी चूत को चाटने, चूसने और चोदने लगता है और उसका मेरे साथ यह सब करना मुझे मन की संतुष्टि देता है. अब में आपको मेरी चुदाई की सच्ची घटना के आगे का हाल सुनाती हूँ, जिसमें में एक बार फिर से जमकर चुदी और मैंने अपनी चुदाई के बहुत मज़े लिए और अब में उस घटना की तरफ आगे बढ़ती हूँ.
दोस्तों उस दिन चुदाई के बाद में और अंकल बेड पर बिल्कुल नंगे लेटे हुए थे और टी.वी. देख रहे थे. अंकल मेरे बूब्स को दबा रहे थे और में धीरे धीरे उनके लंड को सहला रही थी, तभी अंकल ने मुझसे पूछा.
अंकल : जानू जब तुम्हे मेरे इरादे के बारे में पता चला तो तुम्हे कैसा लगा?
में : मुझे पहले थोड़ा अजीब सा लगा कि आप मेरे बारे में ऐसा कैसे सोच सकते हो? लेकिन बाद में जब मैंने आपके बारे में सोचा तो मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ और उस दिन जब आप मेरी गांड को चाट रहे थे तो उस दिन से में आपकी दीवानी हो गयी और फिर में मन ही मन सोचने लगी कि आप कब मुझे चोदोगे?
अंकल : अच्छा तो मेरी रानी का भी मन था मुझसे चुदने का और इसलिए मेरे सामने जानबूझ कर वो सब सेक्सी ड्रेस पहनती थी, जिन्हें देखकर में उनकी तरफ और भी ज्यादा आकर्षित हो जाऊँ?
में : हाँ डार्लिंग मुझे जब भी पता चलता कि आप आ रहे हो तो खुद जानबूझ कर वो सभी सेक्सी ड्रेस पहनती थी.
फिर अंकल मेरे होंठ को किस करने लगे और अपने हाथ को मेरे बूब्स के ऊपर धीरे धीरे घिसने लगे. फिर मैंने कहा कि में अब बहुत थक गयी हूँ, अब हम थोड़ी सी देर आराम करते हैं और फिर से रात को चुदाई करते है. फिर अंकल बोले कि ठीक है हम आज शाम को मार्केट चलेंगे, कुछ शॉपिंग करेंगे और अब हम थोड़ी देर वैसे ही नंगे लेटे रहे और फिर उठकर शॉपिंग करने के लिए मार्केट चले गये, वहाँ से मैंने कुछ सेक्सी मेक्सी और पेंटी, ब्रा खरीद ली और अंकल ने मेरे लिए कुछ सेक्सी ड्रेस भी खरीदी. फिर हम वापस आ गए और शाम 7 बजे अंकल से उनका एक दोस्त प्रदीप अंकल मिलने आने वाले थे. फिर अंकल मुझसे बोले कि जानू तुम आज वो सेक्सी ड्रेस पहनना जो तुमने पिछली बार पहनी थी, उसमें तुम और भी हॉट लगती हो, क्योंकि आज मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त हमसे मिलने यहाँ पर आ रहा है. दोस्तों मुझे उनका मुझसे यह सब कहना थोड़ा अजीब लगा, लेकिन फिर मैंने इस बात पर ज़्यादा कुछ ध्यान नहीं दिया और करीब शाम को 6 बजे अंकल मुझसे पूछने लगे.
अंकल : मेरी रानी मेरा फ्रेंड आ रहा है, तुम आज बिल्कुल तैयार रहना.
में : आपने उसे यहाँ पर क्यों बुलाया है? उसे मेरे बारे में क्या बोलोगे कि में कौन हूँ?
अंकल : मेरी जान तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि मैंने उसे पहले ही कह दिया है कि तुम मेरी नई बीवी हो और वैसे हम दोनों में सब कुछ चलता है, वो जब तुम्हे देखेगा तो एकदम पागल हो जाएगा.
में : तो ठीक है में सलवार कमीज पहन लेती हूँ.
अंकल : सलवार क्यों? तुम वो टाईट सेक्सी ड्रेस पहनो जो तुमने एक बार पहले भी पहनी थी.
में : हाँ ठीक है में उसे पहन लूंगी, लेकिन उसमें से तो मेरा सारा बदन बिल्कुल साफ दिखेगा.
अंकल : हाँ में भी यही चाहता हूँ कि वो तुम्हे देखे और वो मुझसे तुम्हे चोदने की बात कहे.
में : क्या? आप यह क्या कह रहे है?
अंकल : मेरी रानी मुझे पता है कि तुम्हे उससे चुदने से कोई आपत्ति नहीं होगी और तुम्हे यह सब करना अच्छा भी लगेगा कि आज तुम्हारे दो दो पति तुम्हारे पास है.
फिर में उनकी यह बात सुनकर ज़ोर से हंसी और बाथरूम की तरफ जाने लगी, तभी अंकल ने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया और फिर मुझे किस करने लगे और बोले कि मेरी जान आज तुम्हे अपने दो पतियों के साथ बहुत मज़ा आएगा, अब जाओ जल्दी से फ्रेश हो जाओ और में अंदर चली गई. शाम को ठीक 7 बजे अंकल के एक दोस्त आए. फिर अंकल ने जाकर दरवाज़ा खोला तो में उस समय अपने कमरे में थी, वो उन्हे अंदर लेकर आ गए और सोफे पर बैठाया, उन्होंने मुझे आवाज देकर कहा कि आओ जान अंदर आओ, देखो आज तुमसे मिलने कोई आया है.
फिर जब में अंदर आई तो प्रदीप अंकल मुझे देखते ही रह गए, क्योंकि वो ड्रेस जो मैंने पहनी हुई थी, वह बहुत टाईट थी, जिसमें से मेरे बूब्स का उभरा हुआ आकार करीब करीब उन्हें पूरा दिख रहा था और वो मेरी चूत के ठीक ऊपर ही खत्म हो रही थी और मुझे ऐसे हाल में देखकर उनकी ज़बान बाहर निकल गई और अब वो मुझे घूर घूरकर देखने लगे. फिर अंकल ने उनसे मेरा परिचय करवाया और अब हम इधर उधर की बातें करने लगे, लेकिन मैंने ध्यान दिया कि वो बातें कम और मुझे ज़्यादा घूर रहे थे, में भी उनके ऐसे देखने से अब धीरे धीरे गरम हो रही थी. तभी अंकल ने उनसे पूछा कि क्या हुआ? ऐसे मेरी बीवी को घूर क्या रहा है?
प्रदीप : अरे यार में क्या करूं तेरी बीवी है ही ऐसी, मेरी नजर बार बार ना चाहते हुए भी उस पर जा रही है?
अंकल : तो तू क्या इसे लगातार ऐसे देखेगा? मुझे तो लगता है कि तू अब उसे खा ही जाएगा?
प्रदीप : हाँ यार, लेकिन पहले तू अगर मुझे अनुमति देगा तो आज में इसे खा जाऊँ?
अंकल : हाँ मुझे पता था, इसलिए मैंने तुम्हे यहाँ बुलाया है चलो ठीक है आज की रात यह तेरी भाभी कम बीवी ज्यादा है, लेकिन इसके साथ तू जो भी करे थोड़ा ध्यान से आराम से अपना समझकर करना, इसे तू अपनी रंडी मत समझना नहीं तो यह तुझसे नाराज हो जाएगी.
दोस्तों अंकल के मुहं से यह बात सुनकर में एकदम चकित हो गई. फिर उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और मुझे दोनों के बीच में बैठने को कहा और फिर में उनके बीच में बैठ गई, तभी प्रदीप अंकल ने मेरे कंधे पर अपना एक हाथ रख दिया और बोले कि अरे वाह प्रिया वाह तुम क्या हॉट हो और क्या आज तुम मेरी पत्नी बनोगी? फिर मैंने कुछ नहीं कहा, सिर्फ़ गर्दन हिलाकर हाँ का इशारा किया. तभी समीर ने कहा कि तुम दोनों बात करो, में थोड़ी देर में बाहर से आता हूँ और फिर वो वहाँ से उठकर चले गए और उन्होंने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया, अब रूम में हम दोनों थे.
फिर प्रदीप ने सबसे पहले मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया और अब उनके दोनों हाथ मेरे बूब्स को दबाने लगे, मसलने लगे और अब में भी उनका पूरा पूरा साथ देने लगी. फिर वो मुझे उल्टा करके मेरी पीठ को किस करने लगे और एक हाथ से मेरी गांड को दबाने लगे. मुझे उनकी यह स्टाईल कुछ ज़्यादा पसंद आई और में सिसकियाँ भरने लगी और वो मुझसे बोले कि रानी तुम तो सेक्स की देवी हो और तुम्हे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था और मेरा तो जी करता है कि में सारी जिंदगी तुम्हे चोदता रहूं.
फिर में उनकी बात सुनकर हंसी और मैंने उनके होंठ को किस किया, इतनी देर में उन्होंने मेरी उस ड्रेस को उतार दिया और मुझे एकदम नंगा कर दिया और फ़्रीज़ से चॉकलेट का एक डब्बा निकाला और मेरे बूब्स पर लगा दिया और धीरे धीरे चूसने लगे, उनकी वाह क्या स्टाईल थी, में तो पागल हो रही थी. फिर उन्होंने वो चॉकलेट को अपने लंड पर भी लगाया और मुझे अपना लंड चूसने को कहा. फिर में भी झट से उनका लंड चॉकलेट के साथ चूस रही थी और वो मुझसे बोल रहे थे हाँ और ज़ोर से चूस मेरी रानी चूस और अंदर ले ओहहह रानी तू क्या मस्त चूसती है, मेरे करीब 15 मिनट चूसने के बाद वो झड़ गये और मैंने उनका सारा गरम गरम वीर्य अपने मुहं से बाहर निकाल दिया, वो एक बार मेरे मुहं में झड़ चुके थे, लेकिन में अभी भी बहुत गरम थी और उन्होंने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और फिर से मेरे बूब्स को दबाने, चूसने, चाटने लगे और मेरी चूत में उंगली करने लगे.
उनकी इस हरकत की वजह से मेरी चूत बिल्कुल गीली हो गयी थी. अब उन्होंने मुझे बेड पर लेटाया और मेरी चूत में चॉकलेट लगाई और फिर चाटने लगे. में तो जैसे पागल हो रही थी और उनके इस तरह से मेरी चूत चाटने की वजह से में आहहह्ह्ह उह्ह्हह्ह प्रदीप ऑश हाँ और ज़ोर से सक करो उईईईईई माँ हाँ और आगे आवाज़े निकाल रही थी.
दोस्तों फिर कुछ मिनट चाटने, चूसने के बाद उन्होंने मेरे दोनों पैरों को फैलाया और अपने लंड को मेरी चूत पर रखकर घिसने लगे और में उनका लंड लेने के लिए मरी जा रही थी. फिर मैंने उनसे बोला कि प्लीज प्रदीप अब और मुझे मत तड़पाओ, प्लीज घुसा दो अपना लंड मेरी चूत में और आज मेरी चूत को खुश कर दो, फाड़ दो मेरी चूत को. फिर वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर मेरी इसी हालत पर ज़ोर ज़ोर से हंस रहे थे और फिर बोले कि रानी इतनी जल्दी नहीं थोड़ा रुको, में वो सब दूंगा जो तुम्हे चाहिए. फिर में उनसे लगातार आग्रह कर रही थी और जब वो नहीं माने तो मैंने उन्हे ज़ोर से धक्का दे दिया और लेटा दिया, में उनके ऊपर बैठ गई.
अब मैंने उनका लंड एक हाथ से पकड़कर अपनी चूत सेट किया और धीरे धीरे उस पर बैठती गई. उनका लंड मेरी चूत गीली और पूरी खुली हुई होने की वजह से एकदम फिसलता हुआ पूरा का पूरा मेरी चूत में घुस गया और में उनके लंड के ऊपर बैठकर अपनी गांड को ऊपर नीचे कर रही थी और वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे और चूस रहे थे, में आहह उह्ह्हह्ह वाह प्रदीप आपका लंड तो बहुत मज़बूत है और बड़ा भी है ओहह्ह्ह्ह आहह मुझे तुम्हारा लंड बहुत अच्छा लगा, मुझे आज सच में तुम्हारे लंड से चुदने में बहुत मज़ा आ रहा है और अब वो भी मुझे नीचे से अपनी गांड उठाकर ज़ोर के झटके से चोद रहे थे और कह रहे थे कि रानी अब जब भी मेरा मन होगा, में तुम्हारे पास आ जाऊंगा और तुम्हे चोदूंगा, क्यों तुम आओगी ना मेरे पास?
में बोली कि हाँ मेरे राजा में जरुर आउंगी और आपसे जरुर चुदूंगी, अह्ह्ह्ह डार्लिंग में जरुर आउंगी. दोस्तों मेरे मुहं से यह बात सुनकर प्रदीप मुझे और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे और में भी लगातार ऊपर नीचे होने लगी और जब उनका वीर्य बाहर निकलने वाला था तो वो बोले की रानी मुहं में लोगी या बूब्स पर? दोस्तों पता नहीं किस जोश में मैंने उसको मेरे मुहं के लिए हाँ कर दिया और उसने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिए और फिर उनके पानी से मेरा मुहं भर गया और मैंने उसमें से कुछ पी लिया और कुछ अपने बूब्स पर लगा दिया. फिर हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे. फिर मैंने मेक्सी निकाली और उसे पहन लिया. फिर मैंने देखा कि प्रदीप जी ने एक टावल पहन लिया, लेकिन थोड़ी देर बाद एक बार फिर से उनका लंड खड़ा हो गया और में उस समय बालकनी में खड़ी हुई थी तो वो वहाँ पर पीछे से आकर मुझे किस करने लगे.
तभी अंकल दरवाजा खोलकर अंदर आ गए, उन्होंने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए पूछा क्यों तुम्हारा काम हो गया? फिर मैंने भी मुस्कुराते हुए गर्दन हिलाकर हाँ में जवाब दिया.
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बीवी की मौसी का कामरस

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मुकेश है और मेरी 37 साल है. हाईट 5 फुट 7 इंच, अच्छी बॉडी और लंड 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. में एक कंपनी में इलेक्ट्रॉनिक सिक्यूरिटी इंजिनियर हूँ और में दिल्ली में जॉब करता हूँ. में आज आपको अपनी पहली और रियल स्टोरी बताने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि ये कहानी आप सबको पसंद आयेगी.
मेरी शादी अक्टूबर 2004 में हुई थी और मेरी पत्नी रेखा उस टाईम पढ़ रही थी तो में उसे सेक्स के लिए ज़्यादा फोर्स नहीं करता था, लेकिन उसको भी सेक्स में ज़्यादा इंटरेस्ट नहीं था तो वो ज़्यादा मेरे पास नहीं आती थी. खैर इन सबके चलते वो प्रेग्नेंट हो गई और हमें एक बेटा हुआ. फिर कुछ टाईम के बाद हम मेरे ससुराल के सब रिश्तेदारो के यहाँ घूमने जा रहे थे. फिर एक रविवार को हम मेरी मौसी सास के यहाँ गये, वो दिल्ली में ही एक सोसाइटी में तीसरे फ्लोर पर रहती है. (मेरी पत्नी की मौसी बहुत ही सेक्सी औरत है, अभी पिछले साल 2012 में उनकी बेटी की भी शादी हुई है, मौसी का फिगर बड़ा मस्त है और उनका फिगर साईज 35-32-36, हाईट 5 फुट 2 इंच और वो दिखने में बिल्कुल जवान लगती है और सरकारी नौकरी करती है) ख़ैर अब में वापस कहानी पर आता हूँ.
फिर हम लोग उनके घर लंच पर गए थे और उस दिन घर पर मौसी और उनकी बेटी ही थे. फिर हमने लंच करने के बाद खूब बातें की. इस बीच हमें वहाँ के मार्केट का भी पता चला तो मेरी पत्नी और उनकी बेटी ने मार्केट जाने का प्रोग्राम बना लिया. फिर हम लोग आराम करने के लिए दूसरे रूम में चले गये, उस रूम में अंधेरा था. फिर मेरी पत्नी ने बच्चे को सुलाया और मार्केट जाने की तैयारी करने लगी, उसने बच्चे को दीवार की तरफ सुलाया था और में बेड के दूसरी तरफ लेटा हुआ सोने का नाटक कर रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद मेरी पत्नी अपनी मौसी को बच्चे का ध्यान रखने की कहकर साली जी के साथ मार्केट निकल गई और प्यारी सेक्सी मौसी जी बच्चा ना जागे इसलिए मेरे साथ आकर लेट गई, उनको लगा कि में सोया हुआ हूँ और वो कुछ देर तक लेटी हुई बच्चे को सहलाती रही.
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने पलटी ली और मौसी के ऊपर टांगे रखकर लेट गया और उन्हें पीछे से पकड़कर किस करने लगा तो वो कुछ बोलने लगी. फिर मैंने उनका मुँह बंद करके उन्हें चुप रहने को कहा और कहा कि आवाज़ सुनकर मौसी जी आ जायेगी, चुप रहो. फिर ये कहते हुए मैंने अपने होंठ उनके होंठो पर रख दिए और अपने हाथ उनकी कमीज़ में डालकर उनके बूब्स दबाने लगा और फिर उनकी सलवार का नाडा खोलकर उनकी चूत सहलाने लगा.
अब वो बहुत ही धीरे धीरे विरोध कर रही थी, जिससे उनके मन की इच्छा भी पता चल रही थी कि वो भी क्या चाहती है. फिर मैंने अपना लंड भी बाहर निकाल लिया और उनके हाथ से रगड़ने लगा. फिर उन्होंने थोड़ा डरते हुए मेरा लंड पकड़ लिया और धीरे-धीरे से मेरे लंड को सहलाने लगी. फिर अब मेरी हिम्मत भी थोड़ी और बड़ गई और मैंने उनकी सलवार पूरी अपने पैरों से उतार दी और अपनी पेंट और अंडरवियर भी उतार फेंका और अपने लंड को उनकी चूत के मुँह पर रखकर हल्के से रगड़ने लगा.
फिर अब उनकी साँसे भी तेज हो चुकी थी और वो कुछ बोले बिना ही धीरे-धीरे से मेरा साथ दिए जा रही थी. फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत के अन्दर डालना शुरू कर दिया और वो जल्दी से मेरी टी-शर्ट उतारने लगी. फिर मैंने लंड को वापस बाहर निकाला और अपनी टी-शर्ट उतार कर पूरा नंगा हो गया और उनको सीधा बैठाकर उनकी कमीज़ भी उतार दी और ब्रा खोलकर फेंक दी.
अब हम दोनों उस अंधेरे रूम में एकदम नंगे एक दूसरे की बाहों में झूल रहे थे और एक दूसरे के होंठो का रसपान कर रहे थे कि तभी मौसी जी बोली कि मेरा स्वाद ज्यादा अच्छा लग रहा है क्या? ये सुनकर मैंने एकदम से छिपने का नाटक किया और थोड़ा पीछे होकर बोला “अरे मौसी जी आप” ये कहते हुए में उठा और लाईट चालू कर दी. उस टाईम में और मौसी जी एक दूसरे के सामने एकदम नंगे थे और मेरा लंड बुरी तरह से तना हुआ था. उस टाईम मौसी जी सच में बहुत ही सुंदर और सेक्सी लग रही थी.
फिर मैंने मौसी जी का हाथ पकड़ते हुए बोला कि मौसी जी सच में मैंने समझा कि रेखा मेरे साथ लेटी हुई है और में ये सब उसके साथ कर रहा हूँ. अब उनके चेहरे पर एक अजीब सी स्माईल आ गई और वो मेरे हाथ को अपने बूब्स पर रखते हुए बोली कि चलो छोड़ो अभी ये सब बातें करने का टाईम नहीं है और मुझे लेकर बेड पर लेट गई.
फिर मैंने भी उनकी आँखों में देखते हुए उनको फिर से किस करना शुरू कर दिया और कहा कि सच में आपका स्वाद रेखा से ज़्यादा अच्छा है और उनको किस करते हुए उनका पूरा बदन चाट डाला. फिर मौसी ने मेरा मुँह पकड़कर अपनी चूत पर रखा और चूत पर किस करने को कहा तो मैंने उनकी चूत को ज़ोर-ज़ोर से किस करना शुरू कर दिया. अब वो सिसकारियां लेने लगी और फिर थोड़ा मुड़कर मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों में लेकर सहलाने लगी और बोली कि तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है, कहीं ये मेरा सत्यानाश ही ना कर दे.
फिर मैंने कहा कि नहीं मौसी जी इससे कोई सत्यानाश नहीं होता, ये जितना ज्यादा बड़ा होगा उतना ज़्यादा आपको मजा आयेगा. ये सुनते हुए उन्होंने मेरे लंड को चूमा और फिर धीरे से चूसना शुरू कर दिया. पहली बार कोई मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूस रही थी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा और अब में अपना लंड उनके मुँह में और अन्दर डालने लगा जो उनके गले में जाकर लगा और उनको खाँसी आने लगी.
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और सीधा लेटकर उनके होंठ चूसने लगा और उनकी चूत को ज़ोर- ज़ोर से सहलाने लगा. फिर थोड़ी ही देर में मौसी जी इतनी गर्म हो गई कि उनके बदन की गर्मी मुझे अपने बदन में महसूस होने लगी. अब में उनसे पूरी तरह से चिपक गया और उंगली को और तेज़ी से हिलाने लगा तो वो भी मेरे साथ और ज़्यादा कसकर चिपक गई.
फिर में उनके होंठो को चूसते हुए उनकी चूत को रगड़ता रहा. फिर थोड़ी ही देर में उनका नशीला बदन अकड़ने लगा तो में समझ गया कि अब मौसी जी झड़ने वाली है. फिर मैंने अपनी उंगली की स्पीड बढ़ाते हुए और तेज कर दी तो अब उनकी पकड़ टाईट होते-होते एकदम ढीली हो गई और वो झड़ गई. अब मेरा पूरा हाथ उनके रस से गीला हो गया था, अब वो मेरे सामने अपनी आँखे बंद किए हुए आराम से लेटी हुई थी. फिर मैंने उनके पूरे बदन को किस करते हुए अपना लंड उनकी चूत के पास ले जाकर सटा दिया तो अब उन्होंने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में डालना शुरू कर दिया.
अब मैंने पहले कोई ज़ोर नहीं लगाया तो वो खुद ही सारा काम कर रही थी, बस में तो उनकी टाईट चूत के मज़े ले रहा था. फिर जब मेरा लंड 2 इंच तक अंदर चला गया तो मौसी जी बोली कि तुम्हारा लंड तो सच में बड़ा ज़ोरदार है मुझे तो अंदर लेते ही मज़ा आ गया. फिर मैंने कहा कि मौसी जी अभी ये पूरा अंदर तक कहाँ गया है, अभी तो थोड़ा सा ही गया है, जब पूरा जायेगा तो जन्नत का मजा मिलेगा. फिर वो गहरी सांस लेते हुए बोली कि हाय जानू फिर तो इसे पूरा अंदर तक अभी ही डाल दो, में भी तो देखूं कि मेरी बिटिया रानी रोज़ कैसे लंड से खेलती है और उसे कितना मज़ा मिलता है? ये सुनते ही मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे उनकी चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया और उनको अपनी बाहों में कसकर उनके चेहरे को पूरा चूमना और चाटना शुरू कर दिया.
अब वो भी मुझे अपनी बाहों में जकड़े जा रही थी, अब जैसे-जैसे लंड अंदर जाता जा रहा था तो उनकी पकड़ और टाईट होती जा रही थी. अब मेरा लंड करीब पूरा अंदर घुस चुका था और मौसी जी अपनी आँखे बंद किए हुए अपने होंठो को दबाये हुए यू ही मेरे नीचे प्यार से लेटी हुई थी और मेरे लंड का मज़ा ले रही थी. अब उनका प्यार उनके चेहरे पर पूरी तरह से दिखाई दे रहा था. फिर मैंने अपने लंड को धीरे-धीरे से आगे पीछे करना शुरू किया और नीचे मुँह करके उनके बूब्स को चूसने लगा.
अब उनकी उंगलियाँ मेरे बालों में घूम रही थी और अब मुझे उनकी चूत सच में बहुत टाईट और हॉट महसूस हो रही थी और मौसी जी की चूत की दीवारों की रगड़ मेरे सुपाड़े को सहला रही थी. अब सच में मुझे बहुत मजा भी आ रहा था और आश्चर्य भी हो रहा था कि लगभग 40 साल में भी उनकी चूत इतनी टाईट और हॉट कैसे है? ख़ैर मुझे क्या में तो उनकी चूत मारने का पूरा मज़ा लूट रहा था. अब मैंने भी अपने लंड की स्पीड तेज कर दी थी और उनकी चूत भी गीली हो चुकी थी, जिसकी वजह से रूम में पच-पच की आवाज़ गूँजने लगी थी.
अब में उनके ऊपर लेटा हुआ, उनकी चूत में पूरा लंड डाले हुए उनको जोरदार चोद रहा था. अब मुझे उनको चोदते हुए करीब 20 मिनिट हो चुके थे, अब में भी अपनी फुल स्पीड से चोदने की वजह से थोड़ा थक चुका था. फिर मैंने उन्हें चोदना रोककर उन्हें किस करता हुआ उनको पलटकर अपने ऊपर ले आया और उन्हें सेक्स करने के लिये कहा तो अब वो मेरे ऊपर लेटकर आगे पीछे हिलने लगी. इस पोजिशन में उनको खूब मजा आ रहा था तो उनके मुँह से अहहा आआआअ हाईई में मर गइईईईई अहहा जैसी आवाज़े आने लगी.
फिर इसी पोज़िशन में सेक्स करने के बाद वो हिलती हुई धीरे-धीरे मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और हिलने लगी, जिससे उनके बड़े और टाईट बूब्स भी ऊपर नीचे उछलने लगे, जिन्हें देखकर मुझे बड़ा मज़ा आने लगा और में भी नीचे से उछल-उछलकर शॉट मारने लगा. इस बीच वो झड़ गई और मेरे ऊपर लेटकर मुझे कसकर पकड़ लिया और किस करते हुए बोली कि आज में कई सालों के बाद ऐसे झड़ी हूँ, सच में बहुत मजा आ गया, लेकिन इस बीच मैंने नीचे से अपना लंड उनकी चूत में हिलाना बंद नहीं किया और धीरे-धीरे शॉट मारता रहा.
अब वो और उनकी चूत थोड़ी ढीली हो चुकी थी तो में उठकर बैठ गया और उन्हें अपनी गोद और बाहों में लेकर किस करता हुआ चोदता रहा. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उन्हें वापस बेड पर लेटा दिया और उनके ऊपर आकर शॉट मारने लगा. इस बीच मैंने अपना लंड एक बार भी उनकी चूत से बाहर नहीं निकाला.
अब हमें सेक्स करते हुए करीब 1 घंटा हो गया था और अब में भी झड़ने वाला था फिर मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी, जिसे वो भी समझ गई और मुझे अपनी बाहों में कसकर मेरे होंठो को चूमते हुए मेरी पीठ पर अपने हाथ ज़ोर-ज़ोर से फेरने लगी. फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और किस करते हुए में भी उनके अंदर ही झड़ गया और मौसी जी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और अपनी चूत को टाईट कर लिया और बोली कि में फिर झड़ गई हूँ.
अब हम इसी तरह करीब 5 मिनट तक लेटे रहे और एक दूसरे को किस करते रहे. अब मेरे लंड का तनाव थोड़ा कम हो चुका था, मगर अभी भी उसमें काफ़ी जान थी तो में अपने लंड को मौसी जी की चूत से बाहर निकाले बिना धीरे-धीरे उसे ऐसे ही हिलाए जा रहा था. फिर हम जब अलग हुए तो हम दोनों बुरी तरह से पसीने से भीगे हुए थे. फिर उन्होंने एक टावल लिया और मुझे और अपने आपको अच्छे से साफ़ किया और मेरे लंड को बड़े प्यार से अपने नाज़ुक मुलायम हाथों में लेकर बड़े आराम से साफ़ किया और उसे 5-6 किस की.
फिर हम दोनों अलग हो गये और फिर उन्होंने अपनी बेटी को फ़ोन करके उनकी मार्केटिंग और उनके आने के बारे में पूछा. मेरी साली ने उनसे कहा कि वो अभी दूर है और उनको आने में करीब 2 घंटे लग जायेगें. फिर हम ये सुनकर बहुत खुश हो गये और एक साथ नहाने के लिए बाथरूम में घुस गये. फिर वहाँ पर हम दोनों ने खूब मस्ती की और वहाँ पर मैंने एक शॉट और लगाया.
फिर बाथरूम में मैंने उन्हें कभी घोड़ी बनाकर तो कभी खड़े होकर तो कभी गोद में लेकर चोदा. हम करीब 25 मिनट तक शॉवर के नीचे ये सेक्स का खेल खेलते रहे. फिर हम दोनों अच्छी तरह से नहाकर रूम में आ गये और फिर मौसी जी ने मेरे बच्चे को दूध पिलाया. फिर वो मेरे लिए चाय बनाकर ले आई. फिर हमने चाय पीने के बाद फिर से उसी रूम में जाकर खूब प्यार की मस्तियाँ की. फिर मेरी पत्नी और साली के आने के बाद हम आराम से बैठे और कुछ देर तक बातें करने के बाद डिनर करके हम घर वापस आ गये.
इसके बाद हमें एक और मौका करीब 1 साल के बाद मिला जब में ऑफिस के काम से वहाँ गया था. मैंने मौका अच्छा समझकर मौसी को फोन किया. मैंने सोचा था कि मेरे बारे में सुनकर वो जल्दी ऑफिस से आ जायेगी और हम आज फिर से मज़े करेगें, लेकिन मेरी किस्मत उस दिन कुछ ज़्यादा ही अच्छी थी. मौसी जी ने कहा कि में तो आज घर पर ही हूँ और में उनके घर के बिल्कुल पास में ही था तो में जल्दी से उनके घर पहुँच गया और उस दिन मौसी जी घर पर अकेली थी और नहाने की तैयारी कर रही थी.
फिर जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो में उन्हें देखता ही रह गया, वो सिर्फ़ पेंटी पहने हुए मेरा इंतजार कर रही थी. अब दरवाजा खोलते ही उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अंदर खींच लिया और दरवाजा बंद करते ही उन्होंने मुझ पर किस की बरसात कर दी और झट से मेरे पूरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए और सिर्फ़ 1 मिनट में उन्होंने मुझे चूमते हुए पूरा नंगा कर दिया.
अब में अभी तक कुछ भी नहीं कर पाया था, लेकिन अब मेरी बारी थी तो मैंने भी मौसी जी को बाहों में भर लिया और किस करते हुए उनकी पेंटी भी उतार फेंकी और गोद में उठाकर उसी रूम में ले गया और उन्हें बेड पर पटककर उनके ऊपर चढ़ गया और उनके पूरे बदन को किस करता हुआ बूब्स और कूल्हों को दबाते हुए उनकी चूत में उंगली करता रहा.
फिर जैसे ही मैंने अपने लंड को चूत के मुँह पर रखा तो वो पीछे हो गई और मेरे लंड को पकड़कर अंदर डालने को मना करने लगी. ये सुनकर में हैरान हो गया और फिर वो बोली कि में अभी तक नहाई नहीं हूँ तो हम बाथरूम में जाकर आज नहाते हुए सेक्स और प्यार करते है. फिर हम दोनों बाथरूम में चले गये. बाथरूम में जाते ही उन्होंने झट से शॉवर चालू कर दिया और मुझे लेकर शॉवर के नीचे बैठ गई और मेरे पूरे बदन पर किस करते हुए मुझे वहीं पर ही लेटा दिया. अब वो मेरे भीगे हुए बदन को अपनी जीभ से चाटने लगी और वो मेरे नंगे बदन से बहते हुए पानी को पीकर अपनी प्यास बुझा रही थी. उनकी इस हरकत से में बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गया और उनके बाल पकड़कर उन्हें अपने ऊपर खींच लिया.
फिर मैंने उन्हें किस करते हुए नीचे फर्श पर लेटा दिया और अब में उनका बदन चाटने लगा और पास में पड़ी बाल्टी से उन पर और पानी डालते हुए अपने बदन को उनके बदन से मसलने लगा. फिर अपने मुँह को उनकी चूत के पास ले जाकर डब्बे से पानी डालते हुए चाटने लगा. में पहली बार किसी की चूत को चाट रहा था और जीभ भी अंदर तक डाल रहा था. अब मौसी जी भी इसका पूरा आनन्द ले रही थी और मुँह से हल्की-हल्की आवाज़े निकाल रही थी. ये सब करते हुए हमें करीब 20 मिनट हो गये थे.
फिर हमने उठकर एक दूसरे के बदन को साबुन और शेंपू से अच्छी तरह रगड़ा और अच्छी तरह से साफ़ और चिकना करके वहीं पर ही सेक्स करना शुरू कर दिया. फिर उन्होंने मुझे एक पट्टी पर दीवार के साथ बैठा दिया और खुद मेरे खड़े लंड पर अपनी चूत को फैलाते हुए बैठ गई. अबकी बार मेरा लंड बड़े आराम से उनकी चूत के अंदर समा गया और वो मेरे से लिपटी हुई ऊपर नीचे होने लगी. इस बीच शॉवर का पानी लगातार हमारे ऊपर पड़ता रहा और हम भीगते हुए एक दूसरे से चिपके हुए सेक्स का मज़ा लेते रहे.
फिर मैंने पोजिशन चेंज करते हुए उनको अपनी गोद में उठा लिया और बाँहो के झूले में झूलाते हुए लंड अंदर बाहर करने लगा. उनके बूब्स आज मुझे अपनी छाती पर कुछ ज़्यादा ही टाईट और मखमली से महसूस हो रहे थे. अब मेरे दोनों हाथ उनकी गांड के नीचे झूले की तरह बने हुए थे और हमारे होंठ एक दूसरे के मुँह में दबे हुए थे. हमारी जीभ भी एक दूसरे के मुँह में मज़े से घूम रही थी और अब मौसी जी की टाँगे मेरी कमर पर कसती जा रही थी और हम आज एक दूसरे में पूरी तरह से समाये हुए थे.
फिर कुछ देर के बाद हम अलग हुए और अपना बदन पोंछकर बेडरूम में आ गये, लेकिन में तो अभी तक भी नहीं झड़ा था तो मैंने मौसी जी को पकड़कर अपना लंड उनके मुँह में दे दिया. अब वो ज़ोरदार तरीके से मेरे लंड को चूसने लगी. आज उनकी चूसने की स्टाईल भी बड़ी टाईट थी और स्पीड भी काफ़ी ज़्यादा थी तो मेरा लंड अब ज़ोर मारने लगा.
फिर मैंने कहा कि मौसी जी अब में झड़ने वाला हूँ तो उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह से निकालकर फटाफट अपनी चूत में डाल लिया और वो मेरे ऊपर लेटकर ज़ोर-जोर से सेक्स करने लगी. अब वो बीच-बीच में अपनी चूत को भींच भी रही थी, जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था और कुछ ही देर में उनकी चूत में झड़ गया. फिर हम कुछ देर तक ऐसे ही लेटे रहे और एक दूसरे को प्यार करते रहे. फिर मौसी जी ने उठकर मेरे और अपने लिए चाय बनाई. इस बीच में भी जाने के लिए तैयार हो गया था. फिर हम दोनों ने चाय पीने के बाद एक दूसरे को खूब किस किया और फिर विदा लेकर में भी घर आ गया, ये मेरी जिंदगी का सबसे लंबा सेक्स टाईम था.
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दीदी ने एक डॉक्टर से चुदवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अनुप है. दोस्तों में आज अपनी एक सच्ची घटना बनाते जा रहा हूँ. यह मेरी बहन के बारे में है और उसका नाम अल्का है. दोस्तों अल्का मुझसे उम्र में 7 साल बड़ी है और उसकी शादी भी हो चुकी है और उसके दो लड़कियाँ भी है. उसकी शादी से पहले उसका एक लड़के के साथ चक्कर था जिसके बारे में मेरे घर पर सभी घरवालों को पता चल गया और उसी बात की वजह से उसकी शादी जल्द ही मेरे बहुत दूर के रिश्ते में मामा के बेटे से करावा दी थी.
उसका फिगर दिखने में बहुत अच्छा है और हर कोई उसके मस्त बड़े बड़े बूब्स, मोटी गांड गोल चेहरे को देखकर उसका दीवाना हो जाता था. दोस्तों यह बात तब की है जब मेरे चाचाजी का स्वर्गवास हो गया था और अल्का दीदी अपने परिवार के साथ वहां पर बैठने के लिए आई थी. दो दिन रहने के बाद जीजू बेटियों के साथ वापस चले गये और अल्का दीदी हमारे साथ हमारे घर पर रुक गई और करीब 7 दिन बाद उनको अचानक से एक दिन अपनी कमर में दर्द होना शुरू हो गया. तब माँ ने उसे पड़ोस वाले एक डॉक्टर के पास जाने के लिए बोला. वो डॉक्टर पास के एक गावं में सरकारी अस्पताल का ऑफिसर था और वो अपने घर पर भी अपना एक क्लिनिक चला रहा था.
एक दिन में जब अपने कॉलेज से वापस आ रहा था तो मैंने अपनी अल्का दीदी को डॉक्टर के क्लिनिक में जाते हुए देखा. दोस्तों उस डॉक्टर और मेरी चाची की चुदाई मैंने कई बार देखी थी. मेरी चाची का नाम वर्षा है और वो बहुत बड़ी चुड़क्कड़ भी है उस डॉक्टर की उम्र करीब 40 के आसपास थी. अब में अपने घर पर पहुंचा और फिर में कुछ देर बाद फ्रेश होकर क्लिनिक पर पहुँचा
मैंने देखा कि मेरी दीदी का नंबर आया और वो अंदर चली गई, उनके जाने के बाद कोई और मरीज वहां पर नहीं था इसलिए डॉक्टर ने दरवाजा बंद कर दिया. अब मुझे ना जाने क्यों शक हुआ. में उठकर तुरंत खिड़की के पास चला गया जो कि हमारे मकान की तरफ थी. मैंने उसके अंदर झांककर देखा तो मेरी दीदी उस डॉक्टर के सामने एक कुर्सी पर बैठी हुई थी और फिर डॉक्टर ने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा.
डॉक्टर : कैसी हो अल्का?
दीदी : जी में बिल्कुल ठीक हूँ और आप कैसे हो?
डॉक्टर : में भी ठीक हूँ और तुम्हारी चाची का क्या हाल है?
दीदी : वो भी एकदम ठीक है आप अपनी पत्नी बच्चो के बारे में बताए, वो कैसे है?
डॉक्टर : बस वो भी एकदम बढ़िया है और मेरी बीवी तो कोल्हापुर में रहती है.
दीदी : मतलब वो लोग यहाँ पर नहीं रहते?
डॉक्टर : मेरा बेटा कोल्हापुर में इंजिनियरिंग कर रहा है और बेटी अपनी मेडिकल की तैयारी कर रही है तो वो भी उन्ही के साथ रहती है.
दीदी : क्या तो आप यहाँ पर बिल्कुल अकेले रहते हो?
डॉक्टर : हाँ अब और कोई रास्ता भी तो नहीं है, चलो अब वो सब जाने दो तुम यह बताओ कि तुम्हारी शादीशुदा लाईफ कैसी चल रही है? क्यों तुम वहां पर खुश तो हो ना?
दीदी : हाँ में खुश तो हूँ, लेकिन अब मेरे पास भी कोई रास्ता नहीं है.
फिर डॉक्टर ने दीदी की तरफ घूरकर देखा और फिर वो हंसने लगा और दीदी भी उसकी तरफ देखकर हंसने लगी. फिर डॉक्टर ने दीदी से पूछा कि तुम्हे क्या हो रहा है? दीदी बोली कि मेरी कमर में बहुत दर्द हो रहा है यहाँ बाई तरफ से नीचे की तरफ दर्द हो रहा है और ऐसा कहते हुए दीदी ने अपनी कमर से लेकर अपनी गांड तक हाथ फेरा. डॉक्टर ने उनकी तरफ देखा और मुस्कुराकर कहा कि ठीक है कोई बात नहीं, ऊपर का दर्द है अभी ठीक हो जाएगा, क्या यहाँ पर कोई ऐसा है जिससे तुम अपनी इस जगह पर मसाज करवा सकती हो?
दीदी : जी यहाँ पर तो कोई भी ऐसा नहीं है, मेरे पति भी घर पर चले गये है और फिर दीदी उनकी तरफ थोड़ा सा मुस्कुरा गई और डॉक्टर ने भी उन्हें स्माइल दी.
डॉक्टर : चलो कोई बात नहीं है में तुम्हे इंजेक्शन लगा देता हूँ. यह बात बोलकर उन्होंने दीदी से पूछा कि इंजेक्शन कहाँ पर लगाना है?
दीदी : अब कूल्हों में दर्द है तो वहीं पर इंजेक्शन लगवा लूँगी, क्यों सब चलेगा ना?
डॉक्टर : हाँ हाँ क्यों नहीं? चलो अब जल्दी से तुम उस टेबल पर लेट जाओ.
दीदी टेबल की तरफ चली गई और बोली कि यह तो बहुत उँचा है, में इसके ऊपर चड़ ही नहीं सकती. क्यों ना में खड़े खड़े ही इंजेक्शन लगवा लूँ?
अब डॉक्टर हाँ में अपना सर हिलाकर कहने लगा कि सब चलेगा, लेकिन में तुम्हारी इस साड़ी का क्या करूँ? तो दीदी बोली कि आप बिल्कुल भी चिंता मत करो में उसे थोड़ा ऊपर उठा लूँगी. फिर डॉक्टर बोला कि अब इंजेक्शन लगवाना है तो तुम्हे अपनी साड़ी को ऊपर तो उतनी ही पड़ेगी. फिर दीदी ने तुरंत अपनी साड़ी को नीचे से पकड़कर ऊपर कर दिया और फिर डॉक्टर की तरफ अपनी पीठ करके खड़ी हो गई. वाह दोस्तों उनकी बहुत कमाल की गांड थी. में उन्हें देखता ही रह गया और मेरा लंड उनकी गांड को देखकर अपनी औकात में आने लगा था. उधर डॉक्टर भी चकित होकर उसकी गांड को देखता रह गया.
दीदी की वो पेंटी भी उनकी गांड को छुपा नहीं सकती थी वो उनकी गांड की दरार में ही बिल्कुल अंदर तक फाँसी हुई थी और फिर डॉक्टर ने अपने लंड को अपनी पेंट में सेट किया और टेबल की तरफ जाकर इंजेक्शन भरने लगा. फिर दीदी की पीछे आ गया और उसने अब उनकी गांड पर हाथ में थोड़ी रुई लेकर साफ किया और इंजेक्शन लगा दिया. फिर थोड़ी सी रुई उठाई और इंजेक्शन वाली जगह को मसलने लगा. दोस्तों ऐसा करते वक़्त उसने दीदी की गांड को एक हाथ से पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से वहां जिस जगह पर इंजेक्शन लगा उस जगह पर धीरे धीरे मसल रहा था.
डॉक्टर : इंजेक्शन तो हो गया है, लेकिन यह दर्द बहुत करेगा इसलिए इस जगह को थोड़ा ज्यादा मसलना चाहिए.
दीदी : लेकिन, अब में किसको अपनी गांड को मसलने के लिए बोलूँ? प्लीज आप ही मसल दो ना?
डॉक्टर : हाँ ठीक है, लेकिन इसमे ज्यादा समय लगेगा.
दीदी : कोई बात नहीं, में दरवाजे को अंदर से कुण्डी लगा लेती हूँ ताकि हमें कोई ना देखे, आप बस मेरी मसलते रहो और फिर ऐसा कहकर दीदी ने दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया और फिर वो अपनी साड़ी को उठाकर टेबल को पकड़कर खड़ी हो गई. वो बिल्कुल डॉगी स्टाइल पोज़िशन में खड़ी हुई थी. डॉक्टर भी झट से उनके पास गया और उसने दीदी की गांड पर अपने दोनों हाथ रख दिए और फिर एक हाथ से वो उनकी गांड को मसलने लगा और फिर मसलते वक़्त दीदी उनसे बोली.
दीदी : वैसे आप बिना अपनी बीवी के कैसे काम चला लेते हो?
डॉक्टर : ऐसा बिल्कुल भी नहीं है जैसा आप समझ रही हो.
दीदी : हाँ हाँ में आपके और मेरी चाची के बारे में भी बहुत कुछ जानती हूँ.
डॉक्टर : जब तुम सब कुछ जानती ही हो तो फिर मुझसे क्यों पूछ रही हो?
दीदी : बस आपसे मुझे जानना था कि सिर्फ़ चाची ही है या और कोई भी है?
डॉक्टर : हाँ और भी है, मुझे गाँव की औरतों की चुदाई करना बहुत अच्छा लगता है और अब डॉक्टर ने दीदी से सीधे सीधे शब्दों में बात करनी चालू कर दी और फिर वो बोला कि क्यों अल्का तुम्हे भी तो पहले चुदाई बहुत अच्छी लगती थी?
दीदी : जी लगती थी नहीं, मुझे तो अभी भी चुदाई बहुत अच्छी लगती है.
डॉक्टर : वाह क्या बात है, तो तुम्हारा पति तुम्हारी ज़रूरत जरुर पूरा करता है ना? या फिर तुम अभी भी कहीं बाहर चालू हो?
दीदी : अब आपने मुझे बता दिया है तो मुझे भी तो आपको सब कुछ बताना चाहिए, मेरा पति तो मेरे साथ हफ्ते में दो तीन दिन ही सेक्स करता है और फिर वो भी कुछ मिनट के बाद ठंडा हो जाता है, लेकिन में तो हर रोज़ सेक्स करती हूँ एक दिन में करीब दो तीन बार.
डॉक्टर : रोज दो तीन बार, मतलब तुम्हारे दो तीन बॉयफ्रेंड होंगे? डॉक्टर अब दीदी की गांड पर पूरा चिपक गया था और एक हाथ से इंजेक्शन वाली जगह को दबा रहा था.
दीदी : हाँ वो चार लोग है, दो मेरे पति के दोस्त है, एक मेरे पड़ोस में रहने वाला लड़का है और एक मेरा छोटा देवर भी है. दोस्तों में उनकी यह सभी बातें सुनकर बहुत हैरान होकर सब देख और सुन रहा था.
डॉक्टर : वाह बहुत अच्छा है, क्या तुम्हे तुम्हारी 12th की पढ़ाई याद है?
दीदी : कौन सी स्कूल वाली या आपके साथ की हुई वो वाली?
डॉक्टर : हाँ मेरे साथ की वो वाली.
दीदी : हाँ में उसे कैसे भूल सकती हूँ? आपके साथ तो मैंने अपने बॉयफ्रेंड से भी ज्यादा मज़ा किया था.
डॉक्टर : तो अब क्या ख्याल है? आज एक बार फिर से हो जाए?
दीदी : हाँ में इसलिए तो कब से अपनी साड़ी उठाकर आपको अपनी गांड दिखा रही हूँ और आप हो कि एक सज्जन बने सिर्फ़ इलाज़ ही कर रहे हो.
दोस्तों डॉक्टर ने अब दीदी के मुहं से यह बात सुनकर दीदी को कसकर पीछे से पकड़ लिया और फिर वो उन्हें चूमने लगा. दीदी भी अब उनका पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो डॉक्टर के होंठो को चूस रही थी. फिर डॉक्टर ने जल्दी से अपनी पेंट उतारी और अपने लंड को हाथ में पकड़ लिया. दीदी उससे बोली कि इसे आप मत पकड़ो, में इसको पकड़ती हूँ और आप मेरे आम दबाओ. मुझे पूरे 7-8 दिन हो गये है मैंने अब तक कुछ भी नहीं किया, में अब और ज्यादा समय नहीं रुक सकती. फिर दीदी ने उनके लंड को हाथ से मसलना दबाना चालू किया और डॉक्टर ने भी दीदी के बूब्स को ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया.
फिर थोड़ी देर बाद उसने दीदी का ब्लाउज खोल दिया. दीदी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और उनके बड़े बड़े निप्पल डॉक्टर ने एक एक करके अपने मुहं में लिये और चूसने लगा. दीदी ने अपने एक हाथ से उसका लंड पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से डॉक्टर का सर पकड़ कर उसको वो अपने आम चुसवा रही थी और कुछ देर बाद डॉक्टर ने दीदी को घुमा दिया और फिर दीदी ने भी झट से अपनी पेंटी को घुटनों तक नीचे किया और टेबल को पकड़ कर खड़ी हो गई. डॉक्टर ने भी सही मौका देखकर अपना लंड दीदी की चूत में एक जोरदार धक्का देकर पूरा का पूरा अंदर डाल दिया और अब वो अपने लंड को आगे पीछे करने लगा. दीदी सिर्फ़ टेबल को पकड़कर खड़ी हुई थी और उनको दर्द का कोई अहसास नहीं था, लेकिन उसके बूब्स जोरदार धक्को के साथ हो रही उनकी चुदाई के कारण बहुत ज़ोर ज़ोर से उछल उछलकर हिल रहे थे.
तभी दीदी का फोन बज उठा तो डॉक्टर ने तुरंत अपने धक्के देना बंद कर दिया. उसने लंड को दीदी की चूत से बाहर निकाल लिया. तो दीदी उनसे बोली कि सिर्फ़ एक मिनट और फिर वो फोन को उठाने सेंटर टेबल पर चली गई और बोली कि यह मेरे पति का है और दीदी ने फोन उठाया और बोली कि हैल्लो हाँ बोलिए ना? दोस्तों वो यह बात कहते हुए एक बार फिर से डॉक्टर के सामने आकर खड़ी हो गई और उसने दूसरे हाथ से डॉक्टर का लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल दिया और डॉक्टर को इशारे से चुदाई करने के लिए बोला.
डॉक्टर भी अब अपने लंड को चूत में पूरा अंदर डालकर ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे करके हिलाने लगा और दीदी फोन पर कहने लगी कि एसी कुछ खास बात नहीं है, वो मेरी कमर में अचानक से बहुत दर्द हो रहा था तो उसके इलाज के लिए ही में डॉक्टर के पास आई हूँ. वो अभी मुझे इंजेक्शन दे रहे है और में आपको कुछ देर बाद में फोन करती हूँ और फिर शायद जीजू ने भी उधर से फोन रख दिया था. डॉक्टर बोला कि तू तो कमाल की चुदक्कड़ है पति का फोन चालू है और मेरे लंड से अपनी चूत भी ठुकवा रही थी वाह.
दीदी : हाँ मुझे अब इन सब कामो की एक आदत सी हो गई है. अब मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फोन किसका है या लंड किसका है, बस मुझे चुदवाने का बहुत शौक है.
अब दीदी भी डॉक्टर का पूरा पूरा साथ देने लगी और कुछ देर बाद डॉक्टर अब अचानक से बहुत तेज़ हो गया था दीदी भी जोश में थी और तीन चार मिनट सिर्फ़ चुदाई की ही आवाज़े आ रही थी और फिर डॉक्टर चूत में ज़ोर ज़ोर के झटकों के साथ झड़ गया. दीदी बोली कि वाह मज़ा आ गया, कितने सालो बाद मैंने आपका गरम गरम वीर्य मेरी चूत में लिया है.
डॉक्टर : हाँ अब यहाँ पर हो तो रोज ही ऐसे मज़े लेने के लिए मेरे पास आ जाना.
दीदी : हाँ, आना तो जरुर पड़ेगा, लेकिन अब सिर्फ़ रात में, जिससे जमकर चुदाई हो सके क्यों अगर आप कहो तो चाची जी को भी अपने साथ लेकर आ जाती हूँ?
तो डॉक्टर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा और बोला कि अभी उसको नहीं, कुछ दिन जाने दो, वो एक दिन खुद ही आ जाएगी और मेरे लंड को जरुर खाएगी, लेकिन एक बात जो तुम भी नहीं जानती हो क्या वो में तुम्हे भी बता दूँ?
दीदी : हाँ जल्दी से बताइए, ऐसी वो कौन सी बात है जो मुझे अब तक पता नहीं है.
डॉक्टर : यही कि तुम्हारी गांड बिल्कुल तुम्हारी माँ जैसी ही है, वो भी इतने ही मज़े से मुझसे चुदवाती है.
दोस्तों में उस डॉक्टर के मुहं से यह बात सुनकर एकदम से बहुत चकित हो गया था और मुझे उसकी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं था कि वो यह बात सच कह रहा है और मेरी माँ भी उससे चुद चुकी है? और फिर में चुपचाप उनकी बात सुनने लगा.
दीदी : क्या? आप सच कह रहे हो? ऐसा कब से? और आपने उन्हें कैसे पटाया?
डॉक्टर : दो साल हो गये है, तेरा बाप जब बीमार था तब मैंने ही तेरी माँ की चूत को संभाला था. मैंने उनकी चूत की सेवा करने में अपनी तरफ से कोई भी कमी नहीं छोड़ी. मैंने उन्हें बहुत अच्छी तरह से बहुत बार संतुष्ट किया था, वो भी तुम्हारी तरह बहुत बड़ी चुदक्कड़ है.
दोस्तों में तो उसके मुहं से यह पूरी बात सुनकर बहुत हैरान हो गया था. फिर में अब तुरंत वहां से अपने घर की तरफ निकल पड़ा. घर आकर में पलंग पर लेटकर अपनी दीदी की चुदाई और डॉक्टर की वो कही हुई बातें सोचने लगा.
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बुआ की चुदाई हॉस्पिटल में

हैल्लो दोस्तों, यह मेरी इस साईट पर पहली स्टोरी है, मेरा नाम सन्नी है और में दिल्ली से हूँ. मुझे आंटी और शादीशुदा औरतें बहुत पसंद है. अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. ये कहानी मेरी बुआ के बारे में है, उनकी उम्र 46 साल है, वो दिखने में ज़्यादा सुंदर तो नहीं है, लेकिन उनके बूब्स और गांड बहुत बड़े है, उनका साईज़ 36-34-38 है, वो हॉस्पिटल में नर्स है. मुझे बचपन से ही वो बहुत पसंद है, जब भी वो हमारे घर रहने आती थी तो में उनके साथ ही सोता था, फिर रात में नींद का फायदा उठाकर में उनके बूब्स पर हाथ रखता था, ऐसे ही सब चल रहा था. अब में कॉलेज में आ चुका था, इस जनवरी में मेरे ताऊ को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, उन्हें हार्ट अटेक हुआ था.
फिर ताऊ का ध्यान रखने के लिए मुझे रात को हॉस्पिटल में रुकना था, बुआ की भी उस दिन नाईट शिफ्ट थी तो हम दोनों रात को उस दिन वहाँ थे. फिर सारे काम निपटाने के बाद बुआ और में उनके स्टाफ रूम में थे, फिर हमने वहाँ डिनर किया, फिर इधर उधर की बातें कर रहे थे. मेरा ध्यान तो बुआ के बड़े-बड़े बूब्स से हट ही नहीं रहा था. बुआ ने भी शायद मुझे नोटिस किया. रात के 12 बज चुके थे और हॉस्पिटल भी बिल्कुल शांत था, फिर तभी बुआ ने मुझसे कहा कि..
बुआ : सन्नी चलो सोते है, इस रूम में एक सिंगल बेड है आज रात हमें उसी पर ही एड्जस्ट करना पड़ेगा.
में : (अंदर से बहुत खुश होते हुए) ठीक है बुआ.
फिर बुआ ने अपना एप्रिन निकाल दिया, अब वो सलवार कमीज़ में थी, जिसमें से उनके बूब्स बहुत सुंदर लग रहे थे. फिर हम सोने लगे, बुआ दीवार की साईड थी और में दूसरी साईड था, फिर करीब आधे घंटे बाद जब मुझे लगा कि बुआ गहरी नींद में सो चुकी है तो मैंने उनके बूब्स पर अपना हाथ लगाया, उनके इतने पास सोने की वजह से हम काफ़ी पास पास थे. फिर मैंने धीरे-धीरे हिम्मत करके उनकी कमीज़ ऊपर उठाई और कमर तक कर दी. फिर मैंने उनके पेट पर हाथ रखा तो वो बहुत मुलायम था. फिर मैंने धीरे-धीरे हाथ उनकी ब्रा तक पहुँचाया, में अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था. फिर मैंने उनके बूब्स तेज़ दबा दिए तो एकदम से उनकी नींद खुल गई, वो मुझ पर चिल्ला पड़ी.
बुआ : सन्नी ये सब क्या है?
में : सॉरी बुआ, आप मेरे इतने पास थे तो में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया.
बुआ : तुम्हें शर्म आनी चाहिए, तुमने ऐसा सोचा भी कैसे?
में : बुआ मुझे आप बहुत पसंद हो और आपके इतने पास आकर में अपना कंट्रोल खो बैठा.
बुआ : तुम्हें मुझमें ऐसा क्या अच्छा लगा?
में : बुआ सच कहूँ तो मुझे आपके बूब्स बहुत पसंद है. (मुझे खुद भी नहीं पता, मैंने ऐसे कैसे ये बात बोल दी)
बुआ : लेकिन, फिर भी ये सब ग़लत है.
में : कुछ ग़लत नहीं है बुआ, सब को प्यार पाने का हक है.
ये कहकर मैंने उन्हे हग कर लिया और उनकी पीठ सहलाने लगा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. ये देखकर मैंने उनकी तरफ देखा तो उनकी आँखे बंद थी. फिर मैंने उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए, तो अब वो भी मुझे किस करने लगी. करीब 10 मिनट तक हम एक दूसरे को किस करते रहे. में उनके बूब्स भी दबाए जा रहा था. फिर में उनकी गर्दन को किस करने लगा, वो भी मदहोश होती जा रही थी, फिर मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और उनकी कमीज़ उतार दी और उनके बूब्स के बीच में अपना मुँह डाल दिया, क्या सॉफ्ट बूब्स थे उनके? फिर मैंने उनकी ब्रा खोल दी और उनके निप्पल चूसता रहा, क्या निप्पल थे उनके? ब्राउन कलर के और निप्पल 2 इंच का तो होगा. अब वो भी मेरा सिर पकड़ कर अन्दर दबा रही थी और आआआआआआहह कर रही थी. वो कह रही थी कि खा जा इन्हें सन्नी, आज तू मेरी प्यास बुझा दे. फिर मैंने उनकी सलवार और पेंटी एक साथ उतार दी और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा तो वो मचले जा रही थी. उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. फिर में उनकी चूत चाटने लगा, क्या चूत थी उनकी? में तो बस उन्हे अंदर तक चाटता रहा. फिर में उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब बुआ मुझसे लिपट गई, वो कह रही थी तुने आज मेरी ख्वाइश पूरी कर दी सन्नी, में ज़िंदगी में एक बार ऐसे चिकने और स्ट्रॉंग आदमी से चुदना चाहती थी, आज मेरी ये ख्वाइश पूरी कर दे.
में : बुआ अब तो आपको रोज इस लंड का स्वाद मिलेगा, में आपको खूब मज़े दूँगा, आपको अपनी रंडी बना दूँगा.
ये कहकर मैंने अपना लंड उनके मुँह में दे दिया, वो भी उसे पागलों की तरह चूसने लगी, बुआ सच में बहुत अच्छा लंड चूसती थी. अब मैंने उन्हें सीधा लेटा दिया, फिर उनकी टाँगे अपने कंधे पर रखी और एक झटके में अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया तो वो चिल्ला पड़ी, लेकिन उन्होंने अपना मुँह खुद बंद कर लिया. अब में तेज़ तेज़ झटके मारने लगा, वो भी आआआअहह उूउऊहहह्ह्ह्ह और चोद मुझे, आज मेरी खुजली मिटा दे. फिर करीब 20 मिनट तक उन्हें चोदने के बाद में झड़ गया, वो भी अब तक 2 बार झड़ चुकी थी. फिर में उनके साथ लेट गया. वो काफ़ी खुश थी, उन्होंने मुझे हग कर लिया इसके बाद वो उल्टी हो कर लेट गई. में उनकी पीठ पर हाथ फेरे जा रहा था और आगे हाथ डालकर उनके बूब्स दबा रहा था और अपना लंड उनकी गांड में रगड़ रहा था, तो बुआ बोली.
बुआ : अब क्या इरादा है सन्नी तेरा?
में : में सोच रहा हूँ कि आपकी गांड तो वर्जिन है ना?
फिर वो एकदम से मेरी तरफ़ पलट गई और बोली.
बुआ : नहीं सन्नी, बहुत दर्द होगा.
में : वही तो देखना है कैसा लगता होगा जब आप पहली बार चुदे होंगे.
अब में उनके ऊपर आ गया और उनके होंठो को चूसने लगा. वो भी गर्म होती जा रही थी. फिर मैंने उन्हें उल्टा लेटा दिया और उनके ऊपर आ गया और उनकी गांड पर लंड मसलने लगा.
बुआ : आआअहह, सन्नी आराम से करो प्लीज, ये मेरी गांड है, में सुबह चल नहीं पाऊँगी.
फिर मैंने कुछ नहीं सुना और उनकी गांड में लंड घुसा दिया, वो चिल्ला पड़ी आआआआआआअहह बाहर निकाल बहुत दर्द हो रहा है, मारेगा क्या? अब में उनके ऊपर लेट गया और उनकी गर्दन पर किस करने लगा, अब वो शांत हो गई. फिर मैंने उनकी गांड की चुदाई शुरू की और आधे घंटे तक चोदा, अब में थककर उनके ऊपर ही लेट गया. फिर हम ऐसे ही सो गये.
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कस्टमर के बूब्स का नाप

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जुमैद सहगल है और मेरी उम्र 24 साल है और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच और 2.5 इंच मोटा है. दोस्तों में पेशे से एक दर्जी हूँ और में दिल्ली में रहता हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना बताना चाहता हूँ जिसमे कैसे मैंने अपनी एक ग्राहक को चोदा? दोस्तों उसका नाम मुस्कान है और उसकी उम्र करीब 36 साल है, लेकिन वो चेहरे से दिखने में 26 साल की लगती है.
उसके फिगर का साईज़ 34-28-36 है और वो एकदम हॉट सेक्सी माल लगती है और उसका वो जिस्म मुझे अपनी तरफ बहुत आकर्षित करता था, लेकिन वो मेरी बहुत समय से ग्राहक थी इसलिए में उस पर गंदी नजर कभी नहीं डालता था और वो शादीशुदा थी, लेकिन फिर भी उसका वो सेक्सी बदन देखकर ऐसा लगता था कि वो अभी तक अपनी कुंवारी चूत लिए घूम रही है.
दोस्तों उसके सारे कपड़े मेरी ही दुकान से ही सिलते थे और आखरी बार उसने मुझे अपना ब्लाउज सिलने के लिए दिया, लेकिन उसके साईज़ में कुछ गड़बड़ा थी तो दो दिन बाद वो लौटकर वापस आई और मुझसे अपने ब्लाउज की शिकायत करने लगी. मुझे उसमे कुछ कमियां बताने लगी वो उस समय थोड़ी गुस्से में थी.
तो मैंने उससे कहा कि आपने जैसा मुझे बताया था मैंने वैसा ही सिला है, लेकिन फिर भी अगर आपको इसमें किसी भी तरह की समस्या है तो आप मुझे बता दे में अभी आपकी उस समस्या का समाधान कर दूंगा. फिर वो मुझसे बोली कि यह ब्लाउज मुझे बहुत टाईट है और इसका हुक भी मुझसे नहीं लग रहा क्योंकि वो बहुत खुले ख्याल की है तो वो मुझ को अब अपना साईज़ बताने लगी. मैंने उसे अब ट्रायल रूम में बुलाया और उसका में नाप लेने लगा. उसने उस समय साड़ी पहन रखी थी
मैंने उससे कहा कि आप अपनी साड़ी का पल्लू थोड़ा नीचे करो ताकि में नाप ले सकूँ. फिर उसने भी अब बिल्कुल भी देर नहीं लगाई और फिर झट से अपनी साड़ी का पल्लू पूरा नीचे कर दिया. दोस्तों उसका वो ब्लाउज बहुत टाईट होने के कारण उसके बूब्स एकदम बाहर आ रहे थे जिन्हें देखकर अब मेरी नियत खराब हो रही थी और मेरी नजर उसके बूब्स पर से हटने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी. मुझे उसके वो सुंदर गोरे गोरे बूब्स देखकर ऐसा लग रहा था कि वो बूब्स अब मुझसे चीख चीखकर कह रहे हो कि प्लीज हमें आज़ाद कर दो और चूस लो. दोस्तों उसका नाप लेते लेते मैंने उसके बूब्स को करीब तीन बार छुआ, लेकिन उसने भी इस बात पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया तो मेरे मन में अब एक प्लान आया उसे चोदने का, लेकिन में बहुत डर भी रहा था.
अब मैंने उससे थोड़ी हिम्मत करके कहा कि आपको अपना यह ब्लाउज उतारकर देना पड़ेगा, तब जाकर में आपका बिल्कुल सही साईज़ ले सकता हूँ. तो उसने कहा कि ठीक है तुम्हे जो भी करना है थोड़ा जल्दी करो और अब उसने ट्रायल रूम में अपना वो ब्लाउज उतारा और मुझे दे दिया. दोस्तों उसके ब्लाउज से अच्छी खुशबू आ रही थी और जब में उसे उसका वो ब्लाउज वापस देने गया तो उसने मुझे आवाज देकर अंदर बुलाया और फिर उसने मुझसे कहा कि देखो यह हुक तो अभी भी नहीं लग रहा है और उसने मुझे हुक बंद करने को कहा.
अब में अंदर चला गया और मैंने देखा कि मुझे अब उसकी वो गुलाबी कलर की जालीदार ब्रा दिख रही थी और जब में उसके ब्लाउज का हुक बंद कर रहा था तो उसकी पीठ पर मेरा हाथ छू रहा था, लेकिन वो फिर भी मुझसे कुछ भी नहीं बोली तो इस बात का फायदा उठाकर में अब धीरे धीरे अपना हाथ उसकी कमर पर मसलने लगा और फिर मैंने देखा कि अचानक से उसके चेहरे के हावभाव धीरे धीरे अब बिल्कुल बदल रहे थे. मैंने उसे मेरी तरफ देखने को कहा कि साईज़ पूरा है या नहीं और तभी अचानक से मेरी तरफ घूमते ही उसका वो एकदम ढीला ब्लाउज नीचे सरक गया और उसकी वो सी कट वाली जालीदार गुलाबी कलर की ब्रा के अंदर से उसके बूब्स देखकर मेरा लंड तन गया.
फिर मैंने उससे कहा कि मुझे आपकी छाती का नाप लेना है. मैंने उस समय लूँगी पहन रखी थी और उसमे मेरा लंड तना हुआ साफ बाहर आ रहा था और वो यह सब देखकर भी बिल्कुल अनदेखा कर रही थी. उसके चेहरे पर अब एक अजीब सी स्माइल थी. मैंने इस बात का फायदा उठाते हुए उसको ब्रा उतारने को कहा ताकि में उसकी छाती का सही नाप ले सकूँ और अब उसने शरमाते हुए अपनी ब्रा को उतार दिया. दोस्तों उसकी वो मस्त उभरी हुई छाती और उसके ऊपर वो हल्के भूरे रंग के निप्पल का साईज़ देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि यह साली हर रोज़ अपनी मस्त चुदाई करवाती होगी और जब में उसका नाप ले रहा था तो मेरा हाथ बार बार उसकी निप्पल पर लग रहा था, क्योंकि अब तक उसके वो मोटे मोटे बूब्स और उसके ऊपर वो तने हुए निप्पल पूरी तरह खड़ी थी.
अब में धीरे धीरे उनको सहलाने, मसलने लगा, लेकिन वो मुझसे कुछ नहीं बोली. मेरा होसला और भी बड़ गया और अब उसके मुहं से कुछ अजीब सी सिसकियाँ निकल रही थी और जब में उसके बूब्स मसल रहा था तभी उसने अपना एक हाथ मेरे तने हुए 7 इंच के लंड पर रख दिया और अब वो भी धीरे धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी. में उसके बूब्स को लगातार दबाता जा रहा था और वो मेरे लंड को मसलती जा रही थी. फिर मैंने उसके एक बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना तो दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसना शुरू कर दिया और जिसकी वजह से वो अब तक बिल्कुल गरम होकर अपने होश खो बैठी थी. उसके मुहं से निकलती हुई वो सिसकियों की आवाज पूरे माहोल को और भी गरम कर रही थी और में भी अब पूरे जोश में था.
अब मैंने मौके का फायदा उठाकर उसके पेटिकोट का नाड़ा खोल दिया तो मैंने देखा कि उसने पेटिकोट के अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई थी, लेकिन उसकी चूत बिल्कुल चिकनी, उभरी हुई, जोश से भरपूर और बिना बाल की एकदम साफ थी. उसकी चूत से मस्त रस टपक रहा था. तो मैंने ज्यादा देर ना करते हुए जल्दी से नीचे आकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया.
उसने मेरे सर को अपनी चूत में पूरा अंदर घुसा लिया था, लेकिन कुछ देर चूसने के बाद वो मेरे मुहं में झड़ गई और मुझे जोश ही जोश में उसका वो नमकीन पानी पीना पड़ा. अब मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा तो उसने तुरंत नीचे बैठकर मेरा लंड अपने मुहं में लिया और अब वो किसी रांड की तरह मेरा लंड लोलीपोप समझकर बहुत मज़े लेकर चूसने लगी और में उसके बूब्स को धीरे धीरे दबाने लगा. अपने लंड को उसके हलक तक धक्के देकर नीचे तक उतारने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम तड़प जाती, लेकिन मुझ पर उसकी इन बातोँ का कोई भी असर नहीं था और करीब दस मिनट चले इस काम के बाद में भी तेज तेज धक्को के साथ उसके मुहं में झड़ गया और वो मेरे वीर्य को गटक गई. अपनी जीभ से किसी भूखी बिल्ली की तरह चाट चाटकर बिल्कुल साफ कर गई.
दोस्तों उसके बाद उसने अपने कपड़े पहने और मैंने अपनी लूंगी को नीचे किया और फिर वो वहां से चली गई, लेकिन उस दिन चूसने, चाटने, दबाने से शुरू हुई हमारी कहानी अब चुदाई तक आ पहुंची है. मैंने एक दिन उसको अपने घर पर बुलाकर बहुत बार चोदा और वो मेरी पहली चुदाई से बहुत खुश हुई. उसने मुझे अब उसके पूरे कामुक जिस्म का मालिक बना दिया है. अब में उसको हर कभी मौका देखकर चोद लेता हूँ.
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