खूबसूरत आंटियों के साथ सेक्स पार्टी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित है और में पुणे में रहता हूँ जो कि महाराष्ट्र में आता है. यहाँ हर साल हज़ारो बच्चे पूरे हिन्दुस्तान से पढ़ाई और नौकरी की तलाश में आते है और में भी उनमें से एक था. मेरे परिवार से मुझे ज्यादा मदद नहीं मिलती थी तो मैंने 20 साल की उम्र से ही काम करना स्टार्ट कर दिया था. मुझे शुरुवात में सैलरी काफ़ी अच्छी मिल जाती थी, लेकिन यहाँ रहना काफ़ी महंगा था और में मेरे जो दोस्तों के साथ रह रहा था, वो काफ़ी अमीर थे और उनको कोई फ़र्क नहीं पड़ता था.
अब मुझसे ये बात बर्दाश्त नहीं हुई तो मैंने तुरंत नया फ्लेट ढूँढना स्टार्ट कर दिया, जब मई 2010 का महीना था और उस समय मेरी उम्र 20 साल की थी. फिर मैंने सोचा कि ये ऑफ सीज़न चल रहा है और फ्लेट मेरे बजट में मिल सकता है, क्योंकि उस समय ज्यादातर बच्चे अपने घर जाते है और जुलाई में आते है. फिर मैंने एक फ्लेट मालिक से बात कि तो उसने कहा कि यह फ्लेट सिर्फ शादीशुदा के लिये है. फिर 10 दिनों तक ढूँढने के बाद मुझे एक बंदे का फोन आया और पूछा कि फ्लेट किराए पर चाहिए क्या? तो मैंने कहा कि मेरा बजट कम है और मुझे जल्दी शिफ्ट करना है. तो उसने कहा कि में तुमसे किराया नहीं लूँगा, लेकिन तुम्हें मेरी मदद करनी होगी, अब में सोच में पड़ गया कि क्या होगा?
फिर उसने मुझे मिलने को कहा. फिर मुझे पता चला कि उसका फ्लेट तो एक अमीर सोसाइटी में है तो फिर वो किराए पर क्यों दे रहा है? अब में तो वहाँ की हरयाली देखकर दंग रह गया. फिर जब में उसके फ्लेट में पहुँचा तो मैंने देखा कि फ्लेट काफ़ी अच्छा था और फिर मैंने बेल बजाई तो उसने दरवाजा खोला. फिर में अंदर गया तो उसने मुझे अपना फ्लेट दिखाया. अब में अपनी आँखे फाड़-फाड़ कर देख रहा था और सोच रहा था कि ये फ्लेट तो मेरे पहुँच के बाहर है. फिर मैंने उसकी पत्नी को हैल्लो कहा और हम ड्राइंग रूम में आकर बैठ गये. अब बातें करते-करते उसने मुझसे कहा कि देखो अब में 5 दिन के बाद विदेश जा रहा हूँ और 2 साल ले बाद ही आऊंगा, मुझे किराया नहीं चाहिए, लेकिन कोई चाहिए जो मेरे फ्लेट को साफ़ रखे सके.
में अगर अपने रिश्तेदार को ये फ्लेट दे गया तो वो लोग ठीक से नहीं रहेंगे और मेरी पत्नी को ये सब पसंद नहीं है, इसलिए में कोई ऐसा व्यक्ति ढूँढ रहा हूँ जो मेरे फ्लेट को ठीक से रखे. फिर में तुरंत मान गया और पूछा कि इस फ्लेट का किराया कितना देना होगा? तो उसकी पत्नी ने हंसकर कहा कि किराए के बदले तुम्हें बस इस फ्लेट की देखभाल करनी होगी. फिर में मान गया और कहा कि में 5 दिन के बाद आऊंगा, जब आप लोग जाने के लिए तैयार हो जाओगे, अब में बड़ा खुश था और घर जाने लगा. दोस्तों में आपको बता दूँ कि मुझे काफ़ी समय से अकेले रहने की इच्छा थी, ताकि में अपनी इच्छायें पूरी कर सकूँ.
फिर आख़िरकार पाचवां दिन आ गया और फिर मैंने अपना बैग उठाया और निकल पड़ा मेरे 2 साल के आशियाने में. अब में बड़ा खुश था और जैसे ही में वहाँ पहुँचा तो मैंने देखा कि वो लोग अभी भी पैकिंग कर रहे थे और घर में काफ़ी सामान बिखरा पड़ा था. फिर मैंने अपना सामान रखा और घर में एक बार मुआयना किया. फिर मैंने देखा कि सारी जगह पर उनके कपड़े, किताबें, सी.डी और भी काफ़ी सामान पड़ा हुआ था. अब उसका पति उसकी पत्नी से कह रहा था कि डार्लिंग फ्लाइट में एक व्यक्ति 40 किलोग्राम से ज्यादा नहीं ले जा सकता है, तो उन्होंने 4 बैग पहले से ही पैक कर लिए थे और अब उनकी टैक्सी भी एरयपोर्ट जाने के लिए आ गयी थी.
अब उसकी पत्नी ने कहा कि घर की हालत तो देखो कैसी है? मुझे सब संभालना है. फिर उसके पति ने कहा कि अब संभालने के लिए टाईम नहीं है. फिर उन्होंने मुझे अपने पूरे घर की चाबी दी और सारी अलमारी की भी चाबी दी और कहा कि प्लीज़ सब संभाल लेना और मुझे 10000 रुपये भी दिए और कहा कि ये तुम्हारी मदद के लिए है. अब में खुश हो गया और उनको टैक्सी में सामान रखवाने में मदद कर दी. फिर मैंने उन दोनों को बाय कहा और फिर में ऊपर आ गया, अब में जैसे ही ऊपर आ रहा था तो मैंने देखा कि वो बिल्डिंग ज्यादातर खाली ही रहती है, क्योंकि वहाँ के लोग ज्यादातर बाहर ही रहते है.
फिर मैंने सोचा कि ये तो बड़ी अच्छी बात है, अब में फ्लेट में मज़े कर सकता हूँ और कोई मुझे रोक भी नहीं सकता है. अब में जैसे ही अंदर आया तो मैंने देखा कि फ्लेट की हालत काफ़ी खराब थी और सोचा कि चलो अब काम शुरू किया जाए.
फिर मैंने ड्राइंग रूम से स्टार्ट किया तो वहाँ ज्यादा कपड़े नहीं थे, फिर में बालकनी में गया और देखकर हैरान रह गया. मैंने देखा कि वहाँ पर मकान मालिक कि पत्नी के कपड़े सूख रहे है, जिसमें उसकी 2 ब्रा एक रेड कलर की और एक ब्लू कलर की, साथ में पेंटी और एक गाउन सूख रहा था. अब में तो जैसे उत्तेजित होने लगा, क्योंकि मेरी काफ़ी समय से इच्छा थी कि में आंटीयों के कपड़ो को महसूस करूँ और पहन कर देख सकूँ, लेकिन ये में कभी कर नहीं पाया था. मुझे औरतों के इस्तेमाल किए हुए कपड़े बहुत पसंद आते है, क्योंकि उनमें से काफ़ी अच्छी महक आती है.
अब जैसे ही में अंदर गया तो मैंने पहले सारे बाथरूम चैक किए और देखा कि वहां भी ब्रा और पेंटी रखे हुए है और साथ में इस्तेमाल की हुई 3 लेगी थी. अब मेरा दिल तो मचलने लगा और सोचने लगा कि अब में कितने मज़े करूँगा? अब मेरे हाथ में तो जैकपॉट आ चुका है. फिर मुझे सफाई याद आई और फिर मैंने सारे रूम में से कपड़े इकट्ठा किए, तो मुझे उसकी पत्नी के कुछ कपड़े मिले और फिर मैंने देखा कि उसके कपड़े मुझे फिट हो सकते है तो में उछल पड़ा.
फिर मैंने सोचा कि में पहले सारे घर को साफ़ कर लूँ और आराम से मज़े लूँ, अब मेरे पास पूरी तरह से मजे करने के लिए 2 साल है. फिर इतने में मकान मालिक का कॉल आया और मुझसे कहा कि तुम सारे कपड़े किसी को दे देना, क्योंकि अब वो हमारे काम में नहीं आयेंगे. तो मैंने कहा कि ठीक है और आपकी यात्रा अच्छी हो कहकर फोन कट कर दिया. अब में तो बिल्कुल खुश हो गया और डांस करने लगा, अब मुझे काम करते-करते शाम हो गयी थी. अब में सोचने लगा कि अब क्या किया जाए? तभी मैंने सोचा कि ड्रिंक्स लाई जाए और महँगी सिगरेट लाई जाए ताकि मज़े किए जाए, क्योंकि अब मुझे 2 साल तक परेशान करने के लिए कोई भी नहीं है.
फिर में ड्रिंक की बोतल लाया और खाना भी साथ में लाया, अब में उनके डी.वी.डी प्लेयर में सी.डी चैक कर रहा था तो अचानक से मेरी नज़र एक सी.डी पर गयी, फिर मुझे ऐसी 4 और सी.डी मिली. फिर मैंने सोचा कि ये कोई पॉर्न मूवी हो सकती है और अब में अंदर जाकर कपड़े चेंज करके ब्रा, पेंटी और एक गाउन पहन कर आ गया. फिर मैंने सी.डी चलाई तो मेरी आँखे खुली रह गयी, इस सी.डी में मेरा मकान मालिक और उसकी पत्नी थे, जो हनिमून के टाईम पर सेक्स कर रहे थे.
अब में तो पागल ही हो चुका था, फिर अब में पैग पिए जा रहा था और सी.डी देखे जा रहा था. अब मेरा तो बिना हिलाए ही पानी निकल गया था और अब अगले 5 दिनों तक मेरा यही प्रोग्राम चल रहा था. फिर जैसे ही मेरे रुपये ख़त्म हुए तो मैंने ऑफिस जॉइन कर लिया और रोज़ रात में घर आने के बाद क्रॉस ड्रेसिंग करने लगा. अब में आप सब लोगों को बता दूँ कि मुझे लेडीस के कपड़े पहनना अच्छा लगता है, लेकिन में गे नहीं हूँ. में हमेशा से लड़कियों में और औरतों में ही रूचि रखता हूँ. मुझे यह भी पता है कि लेडीस को भी क्रॉस ड्रेसिंग लड़के पसंद है, वो कैसे? में आप सबको अभी बताता हूँ.
अब मेरी असली कहानी शुरू होती है. कुछ दिन अकेले मजे करने के बाद में सोचने लगा कि कुछ नया किया जाए, जिससे और भी मज़ा आए और अचानक से मुझे विदेश से मेरे मकान मालिक का फोन आया और उसने मेरा हाल चाल पूछा तो मैंने उसे बताया कि सब ठीक है, फिर उसने अचानक से मुझसे पूछा कि एक्सट्रा इनकम कमाना चाहते हो तो मैंने कहा कि कैसे? तो उसने कहा कि 3BHK का फ्लेट है, उसमें से एक बेडरूम तुम ले लो और बाकी में किरायेदार रख लो और जितना भी किराया आयेगा वो आधा आधा कर लेंगे. फिर मैंने तुरंत हाँ कर दी और फिर मेरे मकान मालिक ने कहा कि कोई लेडी को किरायदार रख लो तो तुम्हें खाना बनाने की चिंता भी नहीं रहेगी.
फिर मैंने दूसरे दिन रियल एस्टेट ब्रोकर को इसके बारे में कह दिया. फिर अगले दिन एजेंट ने घर 6-7 लेडीस को दिखाया, जिसमें से 6 लेडीस मान गयी थी. अब मैंने तो 4 का ही कहा था, लेकिन ये तो 6 है अब क्या किया जाए? फिर मैंने सोचा कि में हॉल में एड्जस्ट कर लूँगा और लेडीस को 3 रूम दे देता हूँ और क्यों ना दूँ? मुझे 2 लोग का किराया भी तो ज्यादा मिल रहा था.
अगले दिन 6 लेडीस आई और मैंने सबको एक-एक चाबी दे दी और अभी तक मैंने सब लेडीस को ठीक से देखा भी नहीं था, वो सभी बहुत खूबसूरत थी, लेकिन में उनके बारे में ज्यादा नहीं जानता था. अब में आपको सबका परिचय देता हूँ, 6 लेडीस में से 4 शादीशुदा है और 2 तलाकशुदा है. उन सबकी उम्र 32 से 38 साल के बीच है, रजनी उम्र 34 साल और फिगर 36-34-36, कोमल उम्र 36 साल और फिगर 35-33-36, नंदिता उम्र 38 साल और फिगर 38-36-38, लीला उम्र 35 साल और फिगर 34-32-36, सौम्या उम्र 33 साल और फिगर 36-34-36 और करिश्मा उम्र 32 साल और फिगर 38-36-40 है.
फिर पहले दिन तो सभी लेडीस ने अपना सामान रखा और अपने-अपने काम पर चली गयी. अब शाम को में जब घर आया तो मैंने देखा कि सब लेडीस आ गयी है और किचन से खुशबू आ रही थी, अब में जैसे ही अंदर गया तो पता लगा कि बिरयानी बन रही है. अब नंदिता किचन में थी और सौम्या सब्ज़ी काट कर रही थी. फिर में फ्रेश हो गया और शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहन कर आ गया. (मैंने मेरे मकान मालिक कि पत्नी के सारे कपड़े इन सबके आने से पहले एक जगह छुपा दिए थे)
अब में फ़ुर्सत से सबको देख रहा था, वैसे सब लेडीस खूबसूरत थी और सबका फिगर भी मस्त था, जिसे भी चाहो देखते रहो और अपनी सारी इच्छा पूरी करो. फिर थोड़ी देर बाद खाना लग गया और हम सब खाना खाने लगे. फिर कुछ दिन ऐसे ही बीत गये और अब मैंने भी अपनी वासनाओं से थोड़ा ध्यान भटका दिया, क्योंकि इतने दिन मुठ मार-मार कर में थक गया था. क्योंकि वो सब किरायदार थी और मुझे मकान मालिक को हर महीने किराया देना होता था, इसलिए मैंने एक महीने तक कोई हरकत नहीं की. अब ऑफिस में व्यस्त होने की वजह से मेरा ज्यादातर टाईम काम में ही जा रहा था.
फिर जैसे ही मेरा प्रॉजेक्ट ख़त्म हुआ तो मैंने 3 दिन की छुट्टी ले ली. अब में सब लेडीस से ऐसे घुल मिल गया था कि जैसे में अपने दोस्तों के साथ रहता था. अब में सभी लेडीस को परेशान करता था और सब मुझे भी तंग करती थी. अब मेरी जब से छुट्टियाँ शुरू हुई तो मैंने सोचा कि पुराने कपड़े पहन कर मज़ा किया जाए, लेकिन मेरा ध्यान अब न्यू माल पर गया जो कि उन लेडीस के कपड़े थे. अब सब लेडीस अपने-अपने ऑफिस गयी थी और अब मेरे पास मज़े करने के लिए पूरा दिन था. फिर में जैसे ही रजनी और कोमल के रूम में गया तो मैंने उनके बैग में से एक ब्लू कलर की ब्रा निकाली और एक टॉप निकाला, जो शायद कोमल का था और साथ में एक वाईट कलर की लेगी भी निकाली, क्योंकि वो मुझे बहुत पसंद है.
फिर में जैसे ही नंदिता और लीला के रूम में गया, तो मैंने लीला का लैपटॉप देखा और उसे चालू कर दिया. अब जैसे ही में फाईल्स चैक कर रहा था तो मुझे एक XXX फोल्डर दिखा, जिसमें MYX लिखा था तो मैंने जैसे ही उस फोल्डर को खोला तो मुझे लीला की एक फोटो दिखी, जिसमें उसने सिर्फ़ ब्रा पहनी थी. फिर मैंने तुरंत लेगी खोली और मुठ मारने लगा. फिर पूरे दिन मैंने यही किया और बाद में सब जैसा का जैसा रख दिया और बाहर घूमने चला गया. फिर में रात को जैसे ही लौटा तो मैंने देखा कि सब नॉर्मल है, अब मुझे जब भी मौका मिलता है तो में रजनी, कोमल, नंदिता, लीला, सौम्या और करिश्मा इन सबके कपड़े पहनता और मज़े लेता था.
अब गर्मियाँ ख़त्म होने में थी, लेकिन ज्यादा गर्मी होने के कारण अब में सिर्फ़ बनियान और शॉर्ट्स पहन कर ही सोता था. अब मेरी शिफ्ट लेट नाईट तक होने की वजह से में सुबह लेट उठता था और अब मैंने कई बार रजनी, कोमल, नंदिता, लीला, सौम्या और करिश्मा सबको मेरे लंड की और देखते हुए देखा है. अब जब हम लोग ग्रुप गेम्स खेलते थे और ड्रिंक्स करते थे तो सब मुझसे पूछती थी कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? तो में हमेशा ना कहता था, क्योंकि में गर्लफ्रेंड में विश्वास नहीं रखता था. अब इतने टाईम में हम सब घुल मिल गये थे.
अब जून का दूसरा हफ़्ता चल रहा था और बारिश स्टार्ट ही हुई थी. में ऑफिस अपनी बाइक पर जाता था और अब में रोज़ अपना रेनकोट ले जाता था. अब एक दिन ऐसा हुआ कि में अपना रेनकोट ऑफिस में ही ही भूल गया और अब जैसे ही में घर लौट रहा था तो अचानक तेज़ बारिश होने लगी और में घर पहुँचते-पहुँचते पूरी तरह से भीग गया. फिर जैसे ही में घर पहुँचा तो मुझे याद आया कि मैंने अपने कपड़े धोबी को धोने के लिए दिए है और अब भीगने की वजह से मेरा फोन भी बंद हो गया था. अब रजनी, कोमल, नंदिता, लीला, सौम्या और करिश्मा अंदर ही बैठे थे और मुझसे पूछने लगे कि क्या हुआ किस सोच में हो? जाओं अपने कपड़े चेंज कर लो नहीं तो ठंड लग जायेगी.
फिर मैंने कहा कि मेरे सारे कपड़े धोबी के पास है और अभी तो मुश्किल ही लग रहा है तो मैंने कहा कि में अभी जाकर अपने कपड़े लेकर आता हूँ. तो उन सबने कहा कि बारिश में धोबी भी घर चला गया होगा और तुम्हें क्या लगता है कि वो तुम्हारे लिए कहीं रेगिस्तान में कपड़े सुखायेगा? अब में ठंड के मारे कांप रहा था. फिर रजनी ने मुझे अपना टावल दिया और कहा कि अपने आपको पोछ लो और फिर इतने में वो सब कुछ बातें करने लगी और अंदर चली गयी. फिर 2 मिनट में वो सब कॉमन बाथरूम में से बाहर आई और कहा कि जाओ बाथरूम में कुछ कपड़े रखे है पहन लो. में तुरंत बाथरूम में भागा और गीले कपड़ो से आज़ाद हुआ, फिर मैंने गीजर चालू किया और नहाने लगा.
फिर जैसे ही मेरा नहाना ख़त्म हुआ तो मैंने कपड़ो की अलमारी पर देखा, तो वहाँ एक वाईट कलर की शॉर्ट लेगी रखी थी जो शायद नंदिता की लग रही थी और रेड कलर की स्लिप रखी थी जो करिश्मा की थी और कोमल का पारदर्शी गाउन रखा था. अब देखते ही देखते मेरा लंड खड़ा हो गया था, फिर मैंने जानबूझ कर बाथरूम में से पूछा कि यही कपड़े है या कोई और है? तो एक की आवाज़ आई कि यही है ट्राई करके देखो. फिर मैंने पहले शॉर्ट लेगी पहनी जो काफ़ी पतली थी, फिर स्लिप पहनी और ऊपर से गाउन पहन लिया, जो कि काफ़ी हद तक पारदर्शी था. फिर मैंने जब खुद को कांच में देखा तो में चौंक गया और सोचने लगा कि मेरा खड़ा लंड और स्लिप सॉफ दिखाई दे रहे है. अब जैसे तैसे मैंने सब ठीक किया और बाहर आया, फिर मैंने सबको थैंक्स कहा और फिर हम खाना खाने लग गये. अब अगले दिन सबकी छुट्टी थी और में हमेशा की तरह सो रहा था और सुबह भी बारिश ज़ोरो से चल रही थी, अब मैंने रात में सोने से पहले गाउन को उतार दिया था और सुबह होते-होते स्लिप ढीली होने की वजह से लगभग उतर चुकी थी.
अब मेरा तना हुआ लंड इलास्टिक में से बाहर आ रहा था और अब यह सीन वो सब देख रही थी. अब लीला ने तो लेगी भी नीचे खींच दी और वो सब मुझे नंगा देखने लगी. अब मेरा तो लंड सबको सलामी दे रहा था, क्योंकि काफ़ी समय बाद मुझे सफलता मिली थी. अब में बस ये सोच रहा था कि अब सब क्या करेंगी? फिर उन सबने मेरे लंड को एक-एक बार हाथ लगाया और कहा कि उंगली, गाजर, बेंगन से तंग आ चुके है यार अब ये असली चाहिए, बस ये मान जाए तो हम सबकी प्यास बुझ जाए. अब में यही तो चाहता था और ये सब सुनते-सुनते मेरा लंड खड़ा ही था. फिर जब में नींद में से जगा तो मैंने देखा कि ड्राइंग रूम में कोई नहीं है, लेकिन में पूरा नंगा था तो मैंने झट से कपड़े पहने और फ्रेश हो गया. अब में नाश्ता करने के बाद टी.वी देख रहा था. फिर मैंने धोबी को फोन लगाया तो उसने कहा कि कपड़े अभी तक नहीं धुले है और बारिश की वजह से कपड़े सूख भी नहीं पायेंगे.
अब ये बात मैंने नहाने से पहले सबको बताई तो उन सबने कहा कि कोई बात नहीं, तुम हमारे कपड़े पहन लो जब तक तुम्हारे कपड़े नहीं आ जाते है. अब में अंदर ही अंदर बहुत खुश हो गया था, अब में जैसे ही नहाने के लिए तैयार हो रहा था तो सौम्या ने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारे लिए बाथरूम में कपड़े रखे है जाकर नहा लो. अब नहाने के बाद मैंने देखा कि वहाँ पर आज लाईट ब्लू कलर की लेगी रखी थी और एक लाल रंग की पेंटी रखी थी, जो कि कुल्हों को सिर्फ़ थोड़ा ही ढकती थी और एक काले कलर की ब्रा रखी थी और एक शॉर्ट पारदर्शी कुर्ती रखी थी. अब में पहन कर बाहर आया तो वो सब हंसने लग गयी.
फिर दोपहर में हमने प्रोग्राम बनाया कि ड्रिंक की जाए और मस्ती की जाए. फिर हमने शॉप में ऑर्डर किया और ड्रिंक्स और स्नेक्स मंगवा लिया और आज मुझे सब लेडीस के तेवर कुछ ठीक नहीं लग रहे थे. फिर जैसे ही हमने ड्रिंक्स स्टार्ट की तो हमने गेम खेलना भी स्टार्ट कर दिया. अब हम लोग 3 पत्ती खेल रहे थे. अब 2-3 पैग तक सब ठीक से चल रहा था, फिर इतने में रजनी, कोमल, नंदिता, लीला, सौम्या और करिश्मा ने कुछ बात की और कहा कि आज गेम में थोड़ा सा चेंज है. तो मैंने पूछा क्या? तो उन्होंने कहा कि अब लास्ट शो में जो हारेगा उसे सबकी बात माननी होगी. में अब सोचने लगा कि क्या करना होगा?
उन्होने कहा कि हारने वाले को अपनी बॉडी से एक कपड़ा उतारना पड़ेगा. अब में अंदर से बहुत खुश हो गया कि आज तो 6 लेडीस, 6 चूत, 6 गांड और 12 बूब्स मिल जायेंगे. अब में रूचि लेकर ताश खेल रहा था, क्योंकि अब में सबको नंगा करना चाहता था और चोदना भी चाहता था. अब इस बार में जानबूझ कर हार गया और मुझे अपनी टॉप उतारनी पड़ी, अब में ब्रा पेंटी और लेगी में ही था और अब मेरा खड़ा लंड सबको दिख रहा था, लेकिन में सबको खेलने के लिए कह रहा था.
फिर इस बार मैंने करिश्मा को हरा दिया तो जब उसकी बारी आई तो वो पानी-पानी हो गयी. फिर जैसे ही उसने अपनी टी-शर्ट ऊपर उठाई तो बाहर बिजली की आवाज़ आने लगी और उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी. अब वो सिर्फ़ पिंक कलर की ब्रा और शॉर्ट्स में थी. अब अगले चान्स में मैंने रजनी को हराया और उसने अपनी कमीज़ उतार दी और अब वो सिर्फ़ ब्लू कलर की ब्रा और वाईट कलर की सलवार में थी. तो इस बार नंदिता और कोमल साथ में हार गये, फिर नंदिता ने अपनी जैकेट उतारी और कोमल ने अपना नाईट सूट उतारा, अब नंदिता सिर्फ़ काली स्लिप में थी और कोमल सफ़ेद ब्रा में थी. अब वो क्या सेक्सी नज़ारा लग रहा था? इस बीच लीला और सौम्या भी हार गये, लेकिन उन दोनों ने नाईट गाउन पहना था तो अगले राउंड में उन दोनों को अपनी गाउन उतारनी होगी, तब तक उन्होंने अपने गाउन के बटन खोल दिए थे.
अब गेम में असली मज़ा आ रहा था, अब ड्रिंक पर ड्रिंक्स चल रही थी, अब में बीच-बीच में सिगरेट भी पी रहा था, अब काफ़ी मज़ा आ रहा था. फिर में 2 बार लगातार हार गया और मुझे ब्रा और लेगी उतारनी पड़ी, अब में सिर्फ़ पेंटी में था जिसमें से मेरा लंड बार-बार बाहर आने के लिए तड़प रहा था. अब मैंने गेम के नियम को चेंज कर दिया कि अब जो जीतेगा वही सलामत रहेगा और बाकी सबको अपने कपड़े उतारने होंगे. अब मैंने सोचा कि अब 3-4 चान्स में सबको नंगा कर दूँ, अब में तो पहले से ही नंगा होने में था, तो अगले गेम में में जीत गया और सबको अपनी-अपनी ब्रा खोलनी पड़ गयी. अब में सबको देख रहा था. अब रजनी की ब्लू ब्रा, करिश्मा की पिंक ब्रा, नंदिता की ब्लेक स्लिप, कोमल की वाईट ब्रा, सौम्या और लीला ने अपनी-अपनी नाइटी खोल दी.
फिर कहा कि वो बाकी अब अगले राउंड में खोल देंगे, अब सबके निपल्स टाईट हो गये थे. अब वो सब बहुत सुंदर लग रही थी, उन सबके बूब्स टाईट थे, क्योंकि सबकी उम्र ज्यादा नहीं थी. अब काफ़ी मज़ा आ रहा था और मेरा लंड बाहर आ चुका था, लेकिन में जैसे तैसे संभाल रहा था. अब में कहाँ मानने वाला था, फिर मैंने अगली बाज़ी भी मार ली और अब सबको अपनी लोवर्स, सलवार और पजामा उतारना पड़ा, क्या नज़ारा था? दोस्तों अब सारी आंटीयाँ सिर्फ़ पेंटी में थी और अब सबने मुझसे कहा कि इस बार अगर तू जीत गया तो हम सबकी पेंटी तू खुद उतारेगा. फिर मैंने हाँ कर दी और में जीत गया. फिर मैंने एक-एक करके सबकी पेंटी खोल दी और अब सबकी पेंटी खोलने के बाद उन सबने मुझे घेर लिया और मेरी पेंटी उतार कर सब मुझे चूमने लगी. अब में सातवें आसमान पर था और स्वर्ग जैसा महसूस कर रहा था. अब मैंने सबको किस किया और फिर करीब 10-10 मिनट तक सबको किस करने के बाद मैंने सबके बूब्स दबाए और चूसे. फिर मैंने सबकी चूत को चाटा और फिर सब बेडरूम में जाकर पलंग पर चूत दिखाकर लेट गयी थी. फिर मैंने सबकी चूत चाटी और सबका पानी निकाल दिया. इस बीच 3 घंटे हो गये थे और हमें पता भी नहीं चला था.
फिर मैंने सबके पैग बनाए और अब सब एक-एक करके मेरा लंड चूस रही थी. अब मेरा निकलने वाला था तो वो सब अपना मुँह मेरे लंड के सामने लाई. फिर मेरा इतना वीर्य निकला कि सबको टेस्ट करने के लिये मिल गया और हम अपनी पार्टी में नंगे ही बैठ गये. फिर थोड़ी देर के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो अब सबने अपनी गांड ऊपर कर दी थी. अब यह सीन देखकर में खुद को इतना लकी समझ रहा था कि दोस्तों क्या बताऊँ? अब 6 चूत मेरे सामने थी और मेरा लंड सबको चोदने के लिए बेताब था. फिर मैंने सबको पानी निकलने तक चोदा और संतुष्ट किया, अभी तक मेरा पानी नहीं निकला था और फिर सबने ड्राइंग रूम में बेड लगाए और हम 7 लोग वहीं लेटे रहे, फिर जब मेरा लंड झड़ा तो सबने मेरा वीर्य पिया और हम नंगे ही सो गये.
Share:

बहन ने चुदवाया ब्लू फिल्म की तरह

हैल्लो दोस्तों, में आपको अपनी एक घटना बताने जा रहा हूँ और मुझे उम्मीद है कि आपको ये स्टोरी जरुर पसंद आयेगी. में सेक्स स्टोरी का बहुत पुराना रीडर हूँ तो मैंने सोचा कि में भी अपना पहला सेक्स एक्सपीरियन्स जो कि मेरी तलाकशुदा बहन के साथ था, उसको आप सभी के साथ शेयर करूँ. दोस्तों ये बात उन दिनों की है जब में 19 साल का था और में अपनी स्कूल की पढाई पूरी करके फ्री हुआ था.
दोस्तों में बहुत सुंदर लड़का हूँ क्योंकि जब में छोटा था तो मैंने उस समय से ही जिम जॉइन कर लिया था और उस वजह से मेरी बॉडी अच्छी और टाईट है. मेरा लंड 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है. दोस्तों में एक अमीर फेमिली से हूँ और में पंजाब का रहने वाला हूँ. मेरी एक बहन है जिसका इस घटना से कुछ टाईम पहले तलाक हो गया था, क्योंकि उसका पति उसको सेक्स से खुश नहीं करता था और उस वजह से उनमें झगड़ा हो गया और फिर तलाक हो गया.
एक दिन घर पर सिर्फ़ वो और में ही थे. में अपने रूम में ब्लू फिल्म देखकर मुठ मार रहा था कि तभी पता नहीं कब वो आकर दरवाजे के पास आकर खड़ी-खड़ी सब देख रही थी और उसने मेरा लंड भी देख लिया था. अब वो मेरे लंड की दीवानी हो गई थी, क्योंकि वो पहले से ही पति से खुशी ना मिलने की वजह से बहुत परेशान थी. अब दोस्तों में उसके बारे में थोड़ा बता दूँ. वो बहुत ही सेक्सी हॉट है और उसका नाम रूपाली है और उसका फिगर 36-28-34 है तो अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा स्टोरी पर आता हूँ. अब मुझे नहीं पता था कि वो मुझे देख रही है. फिर जब में मुठ मारने के बाद जब बाहर गया तो मैंने उसको दरवाज़े के पास बैठे पाया तो में थोड़ा घबरा गया, फिर मैंने उससे पूछा.
में : दीदी आप यहाँ कैसे?
रूपाली : में तब आई थी जब तुम अंदर अपने हाथ से अपना लंड हिला रहे थे.
अब में पूरा घबरा गया.
में : दीदी प्लीज, ये बात किसी को मत बताना.
रूपाली : फ़िक्र मत कर, में किसी को कुछ नहीं बताउंगी.
में : थैंक यू सो मच दीदी.
रूपाली : लेकिन, मेरी एक शर्त है. (थोड़ी नॉटी स्माइल करते हुए)
में : (हैरान होते हुए) क्या शर्त है दीदी?
रूपाली : तू मुझे बिल्कुल वैसे ही चोदेगा, जैसे उस ब्लू फिल्म में लड़का अपनी बहन को चोद रहा था.
अब में हैरानी से उसकी तरफ देख रहा था.
रूपाली : ऐसे क्या देख रहा है? बोल मंजूर है या नहीं?
में : ठीक है दीदी, जैसी आपकी मर्ज़ी, अब वो मुझे एकदम से होंठो पर किस करने लगी और में भी उसको किस करने लगा. फिर मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रखा और हल्का सा दबा दिया. उसके मुँह से आअहह निकल गई. फिर उसने ज़ोर से मेरा लंड पकड़ लिया और फिर उसने मेरी पेंट से मेरा लंड बाहर निकाला और ज़ोर-जोर से मेरे लंड को हिलाने लगी. अब मेरा लंड पूरे जोश में आ गया था.
रूपाली : सन्नी तेरा लंड तो बहुत बड़ा है, जान पहले कहाँ छुपा रखा था? पता है में इतने साल से ऐसा लंड लेने के लिए कितना तड़पी हूँ?
में : अब तो मिल गया ना ज़ान, अब में तेरी सारी कसर पूरी कर दूँगा.
अब में उसके टॉप के ऊपर से उसके बूब्स चूसने लगा. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसने भी मेरी जीन्स उतार दी और मैंने भी उसकी जीन्स उतार दी. अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी. फिर मैंने उसकी ब्रा और पेंटी भी उतार दी और उसकी चूत में एक उंगली डाल दी तो उसके मुँह से आआहह निकल गई.
रूपाली : आआआआआअहह सन्नी धीरे डाल जान.
फिर मैंने उसके बूब्स चूसने शुरू किए और वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी आआआआआअहह ऊऊऊऊऊऊहह सन्नी उूउउफफफफफफ्फ़ और ज़ोर से चूस डार्लिंग. अब में उसके बूब्स चूस रहा था और उसकी चूत में अपनी उंगली अन्दर बाहर कर रहा था, जिससे उसकी आँखें बंद हो रही थी.
रूपाली : सन्नी प्लीज और मत तड़पा, अब अपनी बहन को चोद डाल.
में : जानेमन इतनी भी क्या जल्दी है? पहले पूरा मज़ा तो ले लेने दो.
रूपाली : सन्नी प्लीज, अब मुझसे तेरा लंड देखने के बाद और सहन नहीं होता जान.
फिर में बेड पर लेट गया और अब मैंने उसको इशारा किया कि अब वो मेरा लंड चूसे. फिर वो मेरा लंड चूसने लगी. क्या बताऊँ दोस्तों? वो क्या मस्त चूस रही थी और अब वो बिल्कुल रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी. अब में उसके मुँह में धक्के मारने लगा. और फिर वो 5-10 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद बोली कि सन्नी प्लीज अब मुझे चोद डाल. फिर मुझे भी उस पर तरस आ गया और फिर मैंने उसको दीवार के साथ चिपकाकर खड़ा किया और उसके सीधे पैर को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया. फिर मैंने उसके हाथ में अपना लंड दिया तो उसने मेरा लंड अपनी चूत पर लगा लिया. फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा तो मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में चला गया और उसकी चीख निकल गई. अब वो उस पोज़िशन से थोड़ी हिल गई तो मेरा लंड उसकी चूत में से बाहर आ गया. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और खुद उसके ऊपर लेटकर उस पर अपनी पूरी पकड़ मज़बूत कर ली, ताकि इस बार, वो छूट ना सके.
फिर मैंने उसकी चूत पर लंड रखा और एक जोरदार धक्का मारा, जिससे मेरा लंड थोड़ा अंदर चला गया. तो अब उसको बहुत तेज़ दर्द हुआ और वो चिल्लाने लगी, आआआअहह कुत्ते माररररर दिया मम्मउउम्म्म्मयययययययी बाहररर निकाल, गधे की औलाद, अरे फाड़ दी मेरी चूत आआआआआआआअहह. अब वो ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी थी, लेकिन मेरी पकड़ मज़बूत होने के कारण वो छूट ना सकी. फिर वो मुझे बोलने लगी कि प्लीज सन्नी में मर जाउंगी, प्लीज बाहर निकाल, तेरा लंड बहुत बड़ा है. फिर में कुछ देर तक वैसे ही रुक गया और उसके बूब्स चूसने लगा, ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो जाए. अब वो सिसकियाँ लेने लगी थी और फिर 5-7 मिनट के बाद वो नीचे से धक्के लगाने लगी. मैंने भी देर ना करते हुए उसके होंठो में अपने होंठ डालकर एक ज़ोरदार धक्का और मारा और उसकी चूत में से खून निकलने लगा. अब मेरा आधा लंड उसकी चूत में अंदर चला गया था. अब वो मछली की तरह छटपटाने लगी थी, लेकिन वो कुछ कर ना सकी.
अब उसकी आँखों से आँसू आ रहे थे. फिर मैंने उसके दर्द की परवाह किए बिना 2-3 करारे शॉट लगाये और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. अब उसकी आँखें फटी की फटी रह गई और वो बेहोश सी हो गई. फिर में एकदम से वहीं रुक गया और ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स चूसने लगा. फिर कुछ देर के बाद वो होश में आई और मुझे ज़ोर-ज़ोर से पीछे धकेलने लगी, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था. फिर मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू किए और उसको चोदने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और अब वो भी जोश में चिल्लाने लगी, आआआअहह जान चोद मुझे, सन्नी ज़ोर से चोद, आआहह उूउउफफफफफफफफ्फ़, क्या लंड है जान? आज में स्वर्ग में हूँ, डार्लिंग लव यू सो मच, सन्नी, ऊऊऊहह आज अपनी बहन को चोद दे.
अब में भी उसके होंठ पर किस करने लगा. फिर उसने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और झड़ गई, लेकिन में अब भी उसको ज़ोर-ज़ोर से चोद रहा था. फिर मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा तो वो झट से घोड़ी बन गई. फिर मैंने उसके पीछे से चूत में लंड डाल दिया और उसको ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा. तो वो फिर से चिल्लाने लगी, आआआहह सन्नी आई लव यू सो मच जान और चोद मुझे, रंडी की तरह चोद, मुझे आज पूरा मज़ा दे जान. फिर 25-30 मिनट तक चोदने के बाद मैंने अपना सारा पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और उसके ऊपर ही लेट गया. फिर रूपाली ने मुझे किस किया और थैंक यू बोला. फिर वो बोली कि उसे आज से पहले इतना मजा कभी नहीं आया और उसे तो आज ही पता चला है कि चुदाई होती क्या है.
Share:

मुझे बूढ़े ने चोदा दोस्त की शादी में

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम ज्योति है और मैंने एक दिन थोड़ी ख़ुशी के लिए ज़िंदगी भर अपने आप में एक अज़ीब सी फीलिंग ले ली और अपनी नज़र में गिर गयी, काश वो दिन मेरी ज़िंदगी से निकल जाए, लेकिन जो समय बीत जाता है वो ख़त्म नहीं किया जा सकता, लेकिन आप लोग कहानी को पढ़े और देखे कि मैंने ऐसा क्या कर लिया था?
ये मेरी बिल्कुल सच्ची कहानी है जो एक महीने पहले हुई थी. मेरी उम्र 28 साल है और मेरी शादी को 6 महीने हुए है. में अपनी दोंस्त की शादी में अपने पति (गणेश) के साथ गयी थी और फिर रात के 9 बजे हम लोगों ने खाना खाया और दोस्त से बोली कि हम लोग जा रहे है और फिर उसने बोला कि रुक जाओ सुबह चले जाना तो गणेश बोले कि तुम रुक जाओ में सुबह तुम्हें लेने आ जाऊंगा.
फिर में रुक गयी और रात के 1 बजे मुझे नींद आने लगी तो में ऊपर सोने आ गई तो मैंने देखा कि सब रूम भरे है तो में हॉल में गयी तो हॉल में सब लोग सोए है और लास्ट में एक गद्दा खाली था और सब लोग चादर ओढ़े थे लेकिन मेरे पास कोई चादर नहीं थी. और मेरे बगल में कोई 60-62 साल का गावं का बूड़ा सोया था. फिर में वहीं लेट गयी और सो गयी. उस हॉल में ए.सी. था और मेरे बगल में कूलर चल रहा था तो वो हॉल काफ़ी ठंडा था.
फिर रात में मुझे ठंड लगी तो में उस बूढ़े की तरफ़ सरकी तो उसने मुझे अपनी चादर ओढ़ा दी और में सो गयी. अब रात में मुझे लगा कि वो बूड़ा मेरी तरफ़ चिपक गया और मुझे अपनी तरफ़ पीछे खींचकर मुझे चिपका लिया. अब मुझे उसका स्पर्श काफ़ी अच्छा लगा तो अब में भी पीछे सरक गयी और मज़े लेने लगी कि बूड़ा क्या करता है? फिर उसने मेरी जांघ पर हाथ फैरते हुए मेरी साड़ी ऊपर कर दी और मेरी कमर पर अपना पैर रख दिया और मेरा ब्लाउज खोलने लगा और मेरे ब्लाउज के हुक खोलकर निकाल दिया. अब मुझे मज़ा आ रहा था और अब मुझे उसका स्पर्श गणेश से अच्छा लग रहा था.
फिर वो मेरी ब्रा खोलने लगा और मेरा मुँह अपनी तरफ कर लिया और मुझे किस करते हुए मेरी ब्रा निकाल दी. फिर उसने मुझे अपना लंड पकड़ा दिया, वो केवल अंडरवियर में था तो अब में भी उसका लंड सहलाने लगी और उसने मेरी पेंटी निकाल दी. फिर मेरे बूब्स को चूसने लगा तो अब में एकदम मस्त हो गयी और फिर अब वो मेरे बूब्स चूसते हुए मेरी चूत पर हाथ फैरता हुआ अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को चाटने लगा तो अब में पागल सी हो गयी.
तभी किसी ने लाईट जला दी तो में एकदम डर गयी और फिर लाईट बंद हो गयी. फिर मेरे बगल में जगह देखकर कोई लेट गया, क्योंकि में बूढ़े से चिपक गयी थी तो मेरे बगल में जगह हो गयी थी. अब इधर में घबरा रही थी और उधर वो बूड़ा नीचे मेरी चूत को चाट-चाटकर पागल कर रहा था. फिर मेरा ध्यान मेरे ब्लाउज और ब्रा पर गया तो मुझे याद आया कि मेरी ब्रा और ब्लाउज उस बिस्तर पर है तो अब में घबरा गयी और अब मेरा मन चुदाई से हटकर मेरे कपड़ो पर गया. फिर में उस बूढ़े को हटाने लगी तो वो बोलने लगा कि रूको और मुझे पकड़ लिया. अब में फंस गयी थी और अब मुझे बेचैनी सी होने लगी.
फिर उधर वो पीछे वाला आदमी मेरी चादर में घुसने लगा और मेरी गांड पर हाथ फैरने लगा तो अब मुझे लगा कि वो समझ गया है कि बगल में क्या हो रहा है? अब मुझे लगा कि ज्योति आज तो तू मरी. फिर पीछे वाला आदमी मेरा हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखने लगा तो उसने धोती पहनी थी और फिर उसने अपनी धोती साईड में करके अपना लंड मेरे हाथ में थमा दिया. इधर वो पहले वाला बूड़ा मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगा और अपना लंड मेरी चूत पर टिकाकर अंदर करने लगा.
फिर एक दो बार तो उसका लंड फिसला, लेकिन तीसरी बार बूढ़े का लंड मेरी चूत में थोड़ा सा अन्दर घुस गया तो मेरे मुँह से आह्ह कि आवाज़ निकल गयी और में पीछे सरक गयी. फिर पीछे वाला आदमी अपना लंड मेरी गांड के छेद पर थूक लगाकर सेट करने लगा और अंदर करने लगा. अब मेरी गांड फटने लगी कि में कहाँ फंस गयी? अब मुझे पसीना आ गया था और इधर वो पहले वाला बूड़ा अपना लंड हिला-हिलाकर मेरी चुदाई करने लगा था. अब मुझे पीछे से दूसरे आदमी का डर था कि ये कौन है? और में उसका लंड मेरी गांड में नहीं घुसने दे रही थी. अब में अपनी गांड टाईट कर रही थी और वो पीछे पेलने में लगा हुआ था.
इधर मुझे लगा कि वो पहले वाला बूड़ा झड़ने वाला है तो में उसे हटाने लगी, लेकिन उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और तीन चार धक्कों में झड़ गया, अब में रोने लगी थी, क्योंकि मुझे अभी बच्चा नहीं चाहिए था और गणेश तो हमेशा कंडोम का उपयोग करते थे.
अब में इस चुदाई से परेशान होने लगी और उस बूढ़े ने अपना लंड निकालकर अपना अंडरवियर पहना और अलग हो गया. अब पीछे वाले आदमी ने मुझे दूसरी तरफ खींच लिया और चादर से बाहर कर दिया और मेरी टाँगे चौड़ी करके मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड मेरी चूत पर रखकर अंदर करने लगा, उसका लंड बहुत मोटा था. अब मेरी चूत गीली होने के कारण उसका लंड झट से मेरी चूत में घुस गया, लेकिन वो लंबा लंड मुझे तब मालूम हुआ जब वो अंदर रुका और वो मेरे मुँह पर आकर किस करने लगा. फिर मैंने देखा कि उसने ड्रिंक किया है और वो भी बूड़ा है. अब ड्रिंक की वजह से वो अगल बगल ध्यान नहीं दे रहा था और ना ही डर रहा था. अब उसने मेरी चुदाई जोर-जोर से करनी शुरू कर दी.
अब मुझे लगा कि वो भी झड़ने वाला है तो में उसे भी हटाने लगी, लेकिन वो मुझे कसकर पकड़कर चोदने लगा. और फिर थोड़ी देर में वो मेरी चूत में झड़ गया. फिर मैंने उसे तुरंत हटाया और अपना ब्लाउज ब्रा लिया और हॉल के बाथरूम में चली गयी. फिर जब में वापस आई तो हॉल की लाईट जल रही थी और फिर वो दोनों बूढ़े मुझे देखने लगे.
फिर मैंने देखा कि वो दोनों बूढ़े बहुत गंदे थे और अब लाईट की वजह से और लोग भी आँख खोल रहे थे, इसलिए मैंने अपनी पेंटी को ढूंढना ठीक नहीं समझा और वहाँ से बाहर निकल गयी और मेरी दोस्त की माँ के पास आ गयी. अब वो मेरी सबसे बड़ी ग़लती थी, लेकिन आदमी को एक ग़लती माफ़ होती है, अभी मेरे पीरीयड हो गये है और अब सब ठीक है. में इस चुदाई का आनंद तो नहीं ले सकी, लेकिन आपको मेरी कहानी में मज़ा आया होगा.
Share:

मेरी बहन ख्याति की जवानी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और में उम्मीद करता हूँ कि इसे पढ़कर आप सभी को बहुत मज़ा आएगा और वैसे यह कहानी मेरी बहन ख्याति की है और आज से करीब पांच साल पहले की घटना है. दोस्तों मेरी बहन ख्याति ऊपर से नीचे तक दिखने में बहुत सुंदर है और उसके फिगर का साईज 36-28-36 है और उसकी लम्बाई 5.4 और उसका रंग दूध जैसा एकदम गोरा है और उसके कूल्हों तक काले घने बाल है.
दोस्तों अब में अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. में एक बड़े शहर में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ और मेरा पूरा परिवार एक छोटे से शहर में रहता है. दोस्तों ख्याति पढ़ने में पहले से ही बहुत अच्छी थी और उसने अपनी बी-कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद सी.ए. की कोचिंग जाने का निर्णय लिया, लेकिन छोटा शहर होने की वजह से वहां पर ऐसी कोई भी कोचिंग क्लास नहीं थी तो उसने एक दिन मुझसे फोन करके कहा कि भैया क्या में भी तुम्हारे साथ वहां पर रहने के लिए आ जाऊँ? दोस्तों तब तक मैंने उसकी जवानी को महसूस नहीं किया था तो यह सब बात होने के बाद वो एक महीने में मेरे साथ रहने आ गई, लेकिन तब उसका फिगर इतना अच्छा नहीं था, क्योंकि वो थोड़ी मोटी थी और उसके बूब्स का विकास भी कम था, क्योंकि किसी ने कभी उन्हें नहीं छुआ था और ना ही दबाए थे और उसके कूल्हों का आकार भी थोड़ा बड़ा था.
दोस्तों उसका ट्यूशन जाने का और मेरे ऑफिस जाने का समय एक ही था तो में हर रोज़ उसे ट्यूशन अपनी बाईक से छोड़ दिया करता था और दोपहर को वो ट्यूशन से फ्री होकर अकेली घर पर आ जाती थी और में शाम को घर पर आता था. एक दिन मुझे अपने ऑफिस से छुट्टी जल्दी मिल गई तो में उस दिन जल्दी घर पर आ गया, इसलिए मैंने मन ही मन सोचा कि आज में ख्याति को जल्दी आकर चकित करता हूँ.
फिर में घर पर गया और फिर दूसरी चाबी से दरवाज़ा खोलकर अंदर चला गया और जब में अंदर गया तो मैंने देखा कि ख्याति नहाकर अपने रूम में बिल्कुल नंगी खड़ी हुई थी और उसके बालों से पानी टपक रहा था और उसके आधे बाल उसके बूब्स पर थे. उसकी चूत पर बहुत छोटे छोटे सुनहरे बाल थे और उसकी चूत को देखने से ही पता चल रहा था कि वो अब तक कभी किसी से नहीं चुदी है और उसको इस हालत में देखते ही मेरा 6 इंच का लंड तुरंत तनकर खड़ा हो गया, लेकिन में उसके साथ कुछ नहीं कर सकता था, क्योंकि वो इतनी चतुर नहीं थी और वो तब बहुत शर्मीली स्वभाव और पुराने ख्याल की थी. फिर में घर से बाहर चला गया और कुछ देर बाहर खड़े रहने के बाद मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई और वो दौड़ती हुई पूरे कपड़े पहनकर दरवाजा खोलने आई और जब वो दरवाज़ा खोलने आई तब भी उसके बालों से पानी टपक रहा था जो सीधा उसकी छाती को भिगोकर अंदर से उसके उसकी काले रंग की ब्रा को दिखा रहा था.
दूसरे दिन सुबह जब में उसे उसकी ट्यूशन पर छोड़ने जा रहा था तो मैंने उसको कहा कि ख्याति तुम भी मेरे साथ जिम क्यों नहीं चलती, देखो तुम कितनी मोटी हो गई हो? फिर वो बोली कि यह बात तो आप बिल्कुल सही कहते हो, में आपको सोचकर बता दूंगी और फिर उसी शाम वो मेरे घर पर आने के बाद मुझसे बोली कि में भी कल से आपके साथ जिम चलूंगी. फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन तू वहां पर यह सलवार कमीज़ नहीं पहनकर जा सकती, क्योंकि तुम्हे वहां पर जिम के कपड़े पहनकर ही जाना पड़ेगा और फिर में उसके साथ उसके लिए मॉल में केफ्री और टी-शर्ट लेने चला गया और कपड़े पसंद करने के बाद मैंने उसको रूम में पहनकर देखने के लिए भेज दिया और जब वो बाहर आई तो वो क्या मस्त माल लग रही थी? कुछ लड़के रूम के बाहर खड़े थे, क्योंकि उन्हें भी रूम में जाकर कपड़े पहनकर देखना था तो वो भी उसी को अपनी आखें बड़ी करके घूरकर देखते रह गये, क्योंकि उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसकी निप्पल साफ साफ दिख रही थी और उसकी पेंटी भी थोड़ी थोड़ी दिख रही थी, क्योंकि वो कपड़े उसके बदन पर बिल्कुल चिपके हुए एकदम टाईट थे, लेकिन मैंने उससे कहा कि यही सही है और अब मॉल का चौकीदार भी उसको लगातार हवस की नज़रों से देख रहा था.
फिर दूसरे दिन में उसे अपने साथ जिम लेकर चला गया और उसे अपने ट्रेनर से मिलवाया. फिर मैंने उससे कहा कि यह मेरी बहन है और मुझे इसका वजन थोड़ा कम करना है. मैंने उसके ऊपर ध्यान दिया कि जब हमारे बीच में यह सब बातें चल रही थी, तब वो बात तो मुझसे कर रहा था, लेकिन उसका पूरा ध्यान मेरी बहन के सेक्सी जिस्म पर था और वो ख्याति के उभरे हुए फिगर को ताक रहा था. फिर वो ट्रेनर मुझसे बोला कि कोई बात नहीं, में इसका वजन बहुत जल्दी कम करवा दूंगा और वो ख्याति को अपने साथ ले गया और उसने उसको उठक बैठक करने को बोला और जब ख्याति ने उठक बैठक करना शुरू किया तो वो उससे कहने लगा कि तुम यह बिल्कुल ग़लत कर रही हो और उससे यह बात कहकर उसने मेरी बहन के कूल्हों को पकड़ लिया और बोला कि हाँ अब तुम सीधे नीचे जाओ और उसके बाद में ऊपर आओ. दोस्तों वो उसी बहाने उसकी गांड को छूकर मज़े ले रहा था.
अब ख्याति को उस ट्रेनर का उसको इस तरह से छूना और उसके कूल्हों को पकड़कर उसे ऊपर नीचे उठाना बैठाना थोड़ा अजीब लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और चुपचाप उसकी कही गई सभी एक्सर्साईज़ करती रही. दोस्तों पहले दिन उस ट्रेनर ने मेरी बहन को थोड़ी हल्की एक्सर्साईज़ करवाई और फिर कल आने को बोला. फिर घर पर जाते समय रास्ते में ख्याति मुझसे बोली कि वो मुझे छू रहा था तो मुझे उसका इस तरह छूना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा और ना जाने क्यों वो मेरे साथ ऐसा कर रहा था, उसके मन में क्या चल रहा था भगवान ही जाने? फिर मैंने उससे कहा कि वो तो सिर्फ़ तुझे सिखा रहा था और ऐसा कुछ नहीं है, जैसा अभी तुम्हारे दिमाग में चल रहा है और मेरी यह बात सुनकर ख्याति फिर से कुछ नहीं बोली और चुपचाप मेरी बात सुनती रही.
फिर दूसरे दिन जब ख्याति जिम आई तो मेरे ट्रेनर ने मेरा और मेरी बहन का जिम का समय अलग अलग कर दिया और फिर उसने मेरी बहन के लिए एक्सर्साइज़ प्लान बताया, जिसमें पुल, सीट पुश-अप और कुछ योगा भी थे और वो ट्रेनर उसे छूने का कोई भी मौका नहीं छोड़ता था और अब धीरे धीरे जैसे जैसे दिन बीतते गए और ख्याति के लिए वो सब आदत में आ गए थे, लेकिन मैंने महसूस किया कि उसकी वजह से ख्याति का वजन बहुत जल्दी कम हो रहा था और वो हर रोज़ दिन गुजरते हुए और भी ज्यादा सुंदर, सेक्सी होती जा रही थी.
फिर कुछ महीने लगातार वहां पर जाने के बाद वो अब एक मदमस्त गदराए बदन की मालकिन बन चुकी थी और वो अब पहले जितनी शरमाती भी नहीं थी. फिर उसने और भी सेक्सी दिखने के लिए जिम आउटफिट खरीद लिया, वो अगर अब थोड़ा भी नीचे झुके तो किसी को भी उसके टॉप से उसकी छाती साफ दिखे और अब उस आउटफिट से एक्सर्साईज़ करने पर उसके बूब्स और कूल्हों का आकार साफ दिखता था और अब जब ख्याति ज्यादा अच्छी दिखती थी तो उसकी क्लास के लड़के उसको अपनी तरफ आकर्षित करने के कोई मौके नहीं छोड़ते थे, वो उसको पिक्चर दिखाने, बाहर घूमने के बहाने बाईक पर ले जाते और उसे हर कभी कोई ना कोई गिफ्ट देते थे.
अब तो ख्याति भी बहुत अच्छी तरह से जानती थी कि यह लोग अब उससे क्या चाहते है और वो उसके साथ ऐसा क्यों कर रहे है? लेकिन वो उन लोगों को ज्यादा भाव नहीं देती और ख्याति उनके इस काम के बहुत मज़े लूटती. दोस्तों करीब 9 महीने के बाद ख्याति का जिस्म बहुत ही सेक्सी हो गया था और जिसको एक बार देखकर कोई भी लड़का उसे चोदना जरुर चाहेगा. तभी फिर से एक बार में अपने ऑफिस से घर पर जल्दी आ गया.
फिर मैंने सोचा कि में आज फिर से चुपके से अंदर चला जाता हूँ और अंदर जाकर देखता हूँ कि वो क्या कर रही है? और जब में अंदर पहुंचा तो मैंने जो सब उस दिन देखा तो उसको देखकर मुझे अपने आप पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ, क्योंकि ख्याति उस समय लेपटॉप पर ब्लूफिल्म देख रही थी और उस टाईम वो सफेद कलर का टॉप और केफ्री पहने हुई थी और वो टॉप के ऊपर से ही अपने बूब्स को दबा रही थी और में तो उसे हैरान होकर देखता ही रह गया, लेकिन उतने में ही उसने मुझे पीछे मुड़कर देख लिया और फिर वो अपने कपड़े ठीक करने लगी, लेकिन तब तक तो मेरा लंड भी तनकर खड़ा हो चुका था और जिसको को बहुत ध्यान से देख रही थी.
फिर मैंने उससे पूछा कि यह क्या कर रही थी? तो वो थोड़ा डरते हुए बोली कि कुछ नहीं. फिर में उसके पास गया और मैंने वो लेपटॉप बंद करके एक साईड में रख दिया और तब तक वो बेड पर सीधी होकर बैठ चुकी थी और में ठीक उसके पास खड़ा हुआ था और मेरी पेंट से साफ साफ नजर आ रहा था कि मेरा लंड खड़ा हो चुका है. तभी अचानक से मैंने उसको बेड पर ज़ोर से धक्का दे दिया और उसको लेटा दिया और में उसके ऊपर चड़कर उसके होंठो को किस करने लगा. अभी वो मेरा साथ नहीं दे रही थी और वो मेरा विरोध कर रही थी और मुझसे कह रही थी कि भैया यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है, प्लीज अब आप मुझे छोड़ दो, जाने दो मुझे प्लीज. फिर भी में उसकी बात को ना सुनकर उसके कान पर और गले पर धीरे धीरे किस करने लगा और फिर मैंने उसके बंधे हुए रेशमी बालों को एकदम खुला कर दिया और उसके जिस्म को लगातार चूमता चाटता रहा और उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा.
फिर कुछ देर बाद अब उसको भी धीरे धीरे मेरे साथ बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन वो थोड़ा डर रही थी और उसी वजह से वो मेरे साथ यह सब पूरी तरह से खुलकर नहीं कर रही थी. में उसे किस करते करते उसकी गोरी गर्दन तक पहुंच गया और अब तो वो आह्ह्ह आईईईइ की आवाज़ करने लगी थी और फिर मैंने कपड़ो के ऊपर से ही उसके बूब्स को लगातार दबाना चालू रखा और में उसके बूब्स को ज़ोर से निचोड़ रहा था और उसकी निप्पल को मसल रहा था और मैंने उसके एक हाथ को पकड़कर अपनी पेंट के अंदर डाल दिया और जिसकी वजह से मेरा लम्बा, मोटा लंड उसके हाथ में था. फिर मैंने एक एक करके उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए और फिर उसे कुछ ही देर में अपने सामने पूरी नंगी कर दिया.
दोस्तो मैंने देखा कि उसकी चूत पर बहुत छोटे छोटे बाल थे, जिन्हें देखकर में बिल्कुल पागल हो रहा था. फिर मैंने भी अपने कपड़े उतारकर उसके हाथ में अपना लंड दे दिया और उससे कहा कि नीचे बैठकर चूस इसको और वो मुझसे ना बोलने लगी. तब मैंने उसका सर पकड़कर जबरदस्ती लंड को उसके मुहं में डाल दिया. दोस्तों शुरू शुरू में वो बहुत धीमे धीमे चूस रही थी, लेकिन कुछ देर बाद में उसको भी मेरा लंड चूसने में मज़ा आने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से पूरा अंदर बाहर करके चूसने लगा. फिर पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने उसको पीठ के बल लेटा दिया और अब में उसकी चूत का रस पीने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा, लेकिन दोस्तों एक वर्जिन चूत को चाटने, चूसने और चोदने का मज़ा ही सबसे अलग होता है और फिर जब में उसकी चूत को चाट रहा था तो वो ज़ोर ज़ोर से आहहहह उम्म्म्मम आईईईई की आवाज़ करने लगी और तभी मेरे कुछ देर उसकी चूत को चूसने के बाद वो पहली बार झड़ गई और उसका वो सारा गरम गरम माल सीधा मेरे मुहं में चला गया और में उसको पी गया. फिर मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर अच्छी तरह से साफ कर दिया.
दोस्तों करीब 15 मिनट के रसपान के बाद मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर टिका दिया, लेकिन वो मुझसे मना करने लगी और मुझे अपने ऊपर से हटाने लगी और वो कहने लगी कि प्लीज भैया मुझे अब आप छोड़ दो, यह सब बहुत गलत है और मुझे इसको अपने अंदर नहीं लेना, प्लीज मुझे छोड़ दो, मुझे बहुत दर्द होगा, में मर जाउंगी, आपका बहुत बड़ा है प्लीज भैया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, में बहुत आराम से करूंगा और तुम्हे पहली बार में थोड़ा दर्द जरुर होगा, लेकिन उसके बाद में बहुत मज़ा आयेगा और जब तुम मुझसे हटने को कहोगी तो में तभी तुम्हे छोड़ दूंगा.
फिर वो बोली कि ठीक है, लेकिन थोड़ा धीरे धीरे करना और मेरे दर्द का भी ख्याल रखना. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे अंदर डालना शुरू किया, लेकिन वो उस हसीन दर्द से चिल्ला उठी और तड़पने लगी. फिर मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ दिया और एक ही ज़ोर के झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया और जिसकी वजह से उसकी आँख से आंसू बाहर निकल आए थे और उसका पूरा चेहरा पसीने की छोटी छोटी बूंदों से भर गया था और उसके चेहरे का रंग लाल हो चुका था. मुझे उसके दर्द का अंदाजा लग चुका था.
फिर मैंने कुछ देर रुककर बहुत धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया और वो आअहह उम्महा आईईई माँ मर गई प्लीज थोड़ा धीरे करो कि आवाज़ करने लगी, लेकिन में लगातार धक्के देकर उसे चोदता रहा और कुछ देर की चुदाई के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत के अंदर ही डाल दिया और इस बीच वो भी एक बार झड़ चुकी थी. दोस्तों उस रात उसको मैंने चार बार चोदा और पहली चुदाई के बाद मैंने उसको कुछ देर रुककर उसके कहने पर चोदा और फिर तो में हर रोज़ उसको रात को चोदता और हम एक ही बेड पर नंगे होकर एक दूसरे से चिपककर सोते थे.
फिर एक दिन मैंने उसको उसके कहने पर बाहर दूसरे लड़को से भी चुदवाने की भी आज़ादी दे दी. फिर वो एक बार जिम ट्रेनर से भी चुदी, क्योंकि ट्रेनर उसको एक बार जरुर चोदना चाहता था और वो भी अब उसके लंड का ज़ोर देखना चाहती थी, लेकिन उस एक बार की चुदाई की वजह से उसने उसकी फीस लेना भी उससे छोड़ दिया और वो कई बार अपनी क्लास के एक अमीर लड़के से भी चुदी, क्योंकि वो उससे बहुत प्यार करता है और वो अब ख्याति से सारे खर्चे उठाता है और उसने ख्याति को अपने से शादी करने के लिए कहा है और फिर ख्याति ने मुझसे पूछकर एक दिन उसको हाँ कह दिया और उसने अपनी पढ़ाई को पूरा कर लिया है और अब वो एक बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी भी करती है और वो अपने प्रमोशन के लिए अपने बॉस से भी कई बार चुद चुकी है, क्योंकि यह बहुत बड़ी कम्पनी में है तो उसे इंडिया के और बाहर के बॉस को भी खुश करना पड़ता है.
दोस्तों ख्याति ने एक दिन उसी लड़के के साथ शादी की जो उसके साथ क्लास में था और अभी भी जब कभी वो मेरे घर पर आती है तो हम दोनों जमकर चुदाई करते है और वो मेरी चुदाई से हमेशा संतुष्ट रही है और उसने मेरे साथ सेक्स के बहुत मज़े लिए, लेकिन ख्याति ने आज तक अपने पति को अपनी और दूसरी चुदाई के बारे में कभी कुछ नहीं बताया और अब वो दोनों अपनी सेक्स लाईफ में बहुत खुश है. तो दोस्तों यह थी मेरी बहन को चोदकर उसके मन से चुदाई का डर बाहर निकालने की कहानी. जिसमें मैंने उसको पहली बार में ही अपनी चुदाई से बहुत ज्यादा खुश कर दिया और वो उसके बाद बिना किसी डर के सबसे अपनी चुदाई करवाने लगी.
Share:

रूपाली भाभी के साथ नंगा शो

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अक्षत है और में भी आप ही की तरह लगातार सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ और ऐसा पिछले आठ सालों से करता आ रहा हूँ और मैंने अब तक इसकी बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है, लेकिन आज में आप सभी को अपनी खुद की एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ और वैसे तो मेरे बहुत से सेक्स अनुभव रहे है, लेकिन अभी वो बताने जा रहा हूँ, जो मेरा अब तक का सबसे अच्छा और हॉट सेक्स अनुभव रहा.
दोस्तों में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 24 साल, गोरा रंग और में लम्बाई 5.7 का एक पंजाबी लड़का हूँ और वैसे तो मुझे देखकर मुझ पर बहुत सी लड़कियाँ लाईन मारती है, लेकिन मेरी कमजोरी समझदार लड़कियाँ या फिर भारी साईज़ की औरतें है और मेरी इच्छा हमेशा से ही किसी बड़ी उम्र की भाभी के साथ सेक्स करने की थी और मेरी यह इच्छा पिछले महीने पूरे हुई जब मैंने रूपाली भाभी से मिलकर उन्हें चोदा.
दोस्तों रूपाली भाभी मेरी एक पड़ोसन है और मेरे सामने वाले घर में किराए से रहती है और रूपाली भाभी के पास हर वो चीज़ है, जो एक लड़का एक लड़की से माँगता है या उससे पाने की उम्मीद करता है और उनके साथ सेक्स करने के लिए उनके वो बड़े साईज़ के बूब्स, बड़ी सी मटकती हुई गांड हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती थी और वो हमेशा से ही प्यारे छोटे से एकदम टाईट सूट पहने हुए नज़र आती थी और उनका चेहरा जिससे तो वो और भी मस्त लगती थी.
दोस्तों रूपाली भाभी जब से हमारे वहां पर रहने आई थी, तब से ही में उनकी नज़रे देखता था, क्योंकि मुझे उन पर शक था कि वो हर एक लड़के को अपनी भूखी नज़रो से देखती थी और अब में उनके इस देखने के तरीके से समझ गया था कि वो क्या चाहती है? अब धीरे धीरे रूपाली भाभी से हमारे घरवालों की भी बहुत ज्यादा बातचीत होने लगी थी और अब उनसे हमारी बात बहुत अच्छी बन गई और वो हम लोगों से घुल मिलकर रहने लगी थी.
दोस्तों मेरा बेडरूम हमारे घर की पहली मंजिल पर है और वो बालकनी के एक साईड में है, जिसकी वजह से मेरे रूम से रूपाली भाभी का रूम मुझे हमेशा साफ साफ दिखाई देता है, क्योंकि वो मेरे ठीक सामने वाले मकान में पहली मंजिल पर किराए से रहती है तो हमारे बीच में अक्सर बालकनी में ही स्माईल पास हो जाती थी और फिर धीरे धीरे थोड़े समय के बाद हमारे बीच अब हाय हैल्लो भी होने लगी थी. एक दिन शाम को में पास के ही एक पार्क में घूम रहा था कि तभी मैंने देखा कि भाभी भी वहां पर घूमने आ गई और वो मुझे देखकर मेरी तरफ थोड़ा मुस्कुराकर वो भी अब टहलने लगी थी. उस पार्क में दो हिस्से है, एक जो कि बहुत बड़ा है और दूसरा उससे थोड़ा छोटा हिस्सा है, लेकिन उसमें बहुत ही कम लोग होते है, क्योंकि वहां पर लाईट बहुत ही कम होती है.
में हमेशा ज्यादातर समय उस पार्क के छोटे वाले हिस्से में ही रहता था ताकि वहां से में सबको देख सकूँ कि कौन से लड़के क्या कर रहे है? और मुझे वो कोई देख ना सके कि में उन पर नजर रख रहा हूँ. फिर मैंने उस दिन कुछ देर टहलने तक भाभी को चेक किया कि वो लड़को को थोड़ा दूर से ऊपर से नीचे तक देख रही थी और पास आते ही वो तुरंत अपनी आंखे नीचे कर लेती. में उस दिन समझ गया कि वो सब क्या चाहती है? और अब में बिना डरे उन्हे अपना रंग दिखाने वहां पर चला गया. में अब बड़े हिस्से में आ गया और भाभी के पास पहुंचते ही उनसे पहले मैंने उनकी तरफ मुस्कुरा दिया. फिर वो भी चलते चलते मेरी तरफ मुस्कुराने लगी और फिर हम एक दूसरे के बिल्कुल पास से निकल गए.
फिर दूसरे चक्कर में तो हम एक दूसरे के सामने आ गए. फिर मैंने उनकी तरफ मुस्कुराने के साथ साथ उनसे हैल्लो किया और फिर उन्होंने भी अपना सर हिलाते हुए मुझसे हैल्लो कहा और अब तीसरे चक्कर में मैंने उनसे अपनी स्पीड को थोड़ा धीरे करते हुए चलते चलते उनसे पूछा कि कैसे हो आप? अब उन्होंने भी अपनी स्पीड को थोड़ा धीरे करते हुए कहा कि में बिल्कुल ठीक हूँ और आप कैसे है? और चोथे चक्कर में मैंने उन्हे मुस्कुराते हुए जवाब दे दिया कि आपको देखने के बाद में थोड़ा ठीक नहीं रहता.
फिर पांचवे चक्कर में उन्होंने मुझे एक प्यार भरी स्माईल देकर मुझसे धन्यवाद बोला और अब आखरी चक्कर में मैंने उन्हे कहा कि चलो अब हम उस छोटे वाले हिस्से में टहलते है और में उनसे यह बात कहकर दूसरे हिस्से छोटे वाले हिस्से में चला गया, लेकिन मुझे छोटे हिस्से में देखकर भाभी वहां पर नहीं आई. में उन्हे देख रहा था और वो अब भी मुझे देखकर अपनी आंखे नीचे करके बड़े हिस्से में ही टहल रही थी. दोस्तों उस समय में अपने आपको मन ही मन बहुत गालियाँ दे रहा था कि साले भाभी है कोई लड़का नहीं, जो इतनी जल्दी छोटे हिस्से में बुलाकर तूने अपने कदम बड़ा लिए, वहां पर अच्छी ख़ासी हंसकर मुस्कुराकर बात हो रही थी, थोड़ा धीरे धीरे आगे बढ़ता और अब सब खत्म करके यहीं पर अकेले रहे. तभी इतने में ही मैंने देखा कि भाभी दूसरी साईड से छोटे वाले हिस्से में आ गई.
फिर मैंने सोचा कि शायद भाभी ने मेरे मन की बात को सुन लिया है, इसलिए वो यहाँ पर आई है और तब जाकर मेरी जान में जान आई और जैसे ही भाभी मेरे पास आई तो मैंने थोड़ा डरते डरते उनसे एक बार फिर से बात शुरू करने की सोची और पूछा आपने आने में इतनी देर क्यों लगा दी? वो इतनी बात सुनकर आगे बढ़ने लगी और अब भाभी ने मेरे पास में आते हुए मुझे जवाब दिया. अगर हम दोनों एक साथ इस हिस्से में आ जाते तो लोगों को हम पर शक हो जाता, इसलिए में थोड़ा लेट आई हूँ. दोस्तों तब मुझे समझ में आया कि भाभी इस मामले में बहुत समझदार भी है और ऐसे ही चक्कर लगाते लगाते हमारी बहुत सारी बातें हुई और मेरा उनसे बहुत हंसी मजाक भी हुआ.
फिर कुछ दिन तक ऐसे ही बात करते करते मैंने उनसे अपना मोबाईल नंबर ले लिया और अपना नंबर उन्हें दे दिया और अब हमारी मैसेज से चेटिंग भी होने लगी और फिर हम दोनों बहुत जल्दी एक बहुत अच्छे दोस्त भी बन गये थे और अब हम एक दूसरे को गंदे मैसेज भी करने लगे. दोस्तों भाभी मेरे गंदे मैसेज पर बहुत खुश होकर जवाब करती थी और फिर हमारी बहुत बार खुलकर बात भी होने लगी. अब मैंने बहुत रात होने पर कहा कि क्यों कल रात मज़े किये? भाभी भी जवाब दे देती थी और सब इस तरह चलता रहा.
फिर कुछ दिन बाद भाभी ने मुझे छोटा सा एक काम बोला कि उनकी बेटी का कल टेस्ट है और वो उसके लिए पेन्सिल लाना भूल गई है तो क्या तुम ला दोगे? क्योंकि उनके पति रात को उन्हे बाहर नहीं जाने देते थे और उनकी बेटी पांच साल की थी तो इसलिए वो भी नहीं जा सकती थी. फिर मैंने एक पेन्सिल का बॉक्स लाकर अपनी बालकनी से उनकी बालकनी में फेंक दिया और फिर उन्होंने उठाकर मुझसे धन्यवाद बोला, इस तरह कोई भी छोटे मोटे काम जब भी होते तो भाभी मुझसे बोल देती और में भविष्य में उनसे वसूल करने की बात सोचकर खुश हो जाता था.
फिर भाभी ने एक दिन मुझसे कहा कि तुम मेरी बहुत मदद किया करते हो, लेकिन कभी भी मुझसे पैसे नहीं लेते हो, मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता. फिर मैंने तुरंत शरारती हंसी हंसते हुए उनसे कहा कि में आपसे पैसे नहीं कुछ और चाहता हूँ और फिर उन्होंने हैरान होते हुए मुझसे पूछा कि तुम मुझसे ऐसा क्या चाहते हो? फिर मैंने नाटक करते हुए कहा कि आप मुझे देने से साफ मना कर दोगे ( दोस्तों में उन्हें उलझाने के लिए गोल मोल बातें कर रहा था) और फिर भाभी भी मेरा कहने का मतलब समझ रही थी कि मेरा इशारा किस तरफ है? अब भी भाभी मुझसे जानबूझकर पूछ रही थी कि बताओ ना क्या चाहते हो तुम? और आखिरकार मैंने उन्हे कहा कि आप बालकनी में रूम में आ जाओ और में भी वहां पर आ जाता हूँ.
हम दोनों वहां रूम में आ गए और फिर मैंने उन्हे कॉल किया तो वो बोली कि हाँ अब बताओ तुमने मुझे यहाँ पर क्यों बुलाया और तुम मुझे क्या चाहते हो? फिर मैंने कहा कि बस में आपसे यही चाहता हूँ, अब वो बोली कि क्या? में तुम्हारा कहने का मतलब बिल्कुल भी नहीं समझी? फिर मैंने कहा कि बस आप इस तरह मेरे सामने आ जाना, जब भी में चाहू तो भाभी ने मुझे एक सेक्सी सी स्माईल देकर कहा कि तुम जब भी चाहो मुझे बुला लेना, में चली आउंगी.
फिर एक दिन भाभी ने दबंग 2 फिल्म देखी और अब उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे सलमान की बॉडी बहुत अच्छी लगती है. फिर मैंने उनसे कहा कि मुझे भी सल्लू मियाँ बोलते है तो उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों लेकिन तुम्हारी बॉडी तो वैसे नहीं है? मैंने कहा कि आपने कभी देखी नहीं इसलिए आप मुझसे ऐसा कह रहे हो. तभी भाभी बोली कि आओ चलो अभी दिखाओ. फिर में उनके मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चकित रह गया कि आज भाभी मुझसे यह क्या कह रही है?
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम अपने रूम में आ जाओ. जब में पहली मंजिल पर अपने रूम में गया तो मैंने देखा कि सामने वाली मंजिल पर ही भाभी भी अपने रूम में आ गई और फिर वो मुझसे कहती है कि तुम अब अपना रूम बंद करो तो मैंने रूम बंद किया और उधर भाभी ने भी (भाभी और मेरा रूम आमने सामने है तो हमारे रूम में बस हम दोनों ही देख सकते है, आस पास वाले घर नहीं और बालकनी के दरवाजे भी हमने थोड़े से बंद ही रखे थे कि बस हम एक दूसरे को ही देख सके) अब भाभी बोली कि दिखाओ मुझे अपनी बॉडी, मैंने शरमाते हुए अपनी शर्ट को उतार दिया और उन्हे अपनी छाती दिखाने लगा. वो फोन पर यह सब देखते करते हुये हंस रही थी और फिर मैंने उनसे कहा कि क्यों अब आप भी मुझे अपना शरीर दिखाओ ना?
फिर उन्होंने भी तुरंत अपने हाथ फ्री करके मुझे अपने डोले दिखाए और अब हम हंसने लग गये, लेकिन तभी उन्हे हंसता हुआ देखकर पता नहीं मुझे क्या हुआ? और मैंने उन्हे बोल दिया कि भाभी आप मुझे बहुत सुंदर लगते हो और मेरी आवाज़ सुनकर भाभी भी मुझे देखती रह गई और में भी. फिर वो वहां से चली गई और शाम को जब वो मुझे बालकनी में दिखी, लेकिन वो जल्दबाजी के साथ मुझे स्माईल देकर अंदर चली गई और उसी रात को भाभी का करीब दस बजे मेरे पास एक मैसेज आया और में उसे देखकर एकदम चकित रह गया और में मन ही मन सोचने लगा कि आज इतनी रात को उनका मेरे पास मैसेज कैसे आ गया?
फिर भाभी ने मुझे बताया कि उनके पति इस समय ऑफिस की एक पार्टी में गये हुए है और वो रात को देर से आएँगे और अब उनकी बेटी सो गई है. फिर मैंने उस टाईम भाभी को बालकनी वाले रूम में बुलाया और उन्होंने पूछा क्या हुआ? लेकिन मेरे बुलाने पर वो आ गई और फिर जैसे ही वो आई तो मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया. भाभी मेरी तरफ देख रही थी और मेरी टी-शर्ट के नीचे कुछ नहीं था और फिर मैंने अपना लोवर नीचे उतारा और अब में सिर्फ़ अंडरवियर में था और भाभी मुझे लगातार देखती रही थी और फिर कुछ देर बाद वो उठकर वहां से जाने लगी, लेकिन जाते जाते वो मेरी तरफ मुड़कर जरुर देख रही थी. मैंने उन्हे फोन पर पूछा कि क्या हुआ? आप इस तरह उठकर क्यों जा रही हो? वो बोली कि नहीं कुछ नहीं बस ऐसे ही. फिर मैंने उन्हे याद दिलाया कि मैंने उनसे कुछ माँगा था कि जब में आपसे कहूँ आप मेरे सामने आओगी और आपने भी उसके लिए मुझसे हाँ कहा था.
अब मेरे मुहं से यह बात सुनकर भाभी को मैंने वापस बुलाया और में उनके सामने अंडरवियर में खड़ा हुआ उन्हे देखता रहा और भाभी भी देखती रही और अब उनके बड़े बड़े बूब्स देखकर मेरा लंड थोड़ा थोड़ा बड़ा होने लगा और में उस पर हाथ लगाकर अंडरवियर को घिसने लगा. भाभी यह सब देखकर अपनी आखें बंद करके वहीं पर खड़ी रही और धीरे से देखती रही और फिर आंख बंद कर लेती. वो अब हॉट हो रही थी और फिर उन्होंने मुझे फोन पर कहा कि बस करो, मुझे हॉट मत करो.
फिर मैंने कहा कि क्या हुआ, होता है तो होने दो, गरम होने से तो आपकी रात और भी अच्छी कटेगी तो वो मेरी यह बात सुनकर हंस पड़ी और बोली कि मेरी रात तो मेरे पति के साथ कट जाएगी, लेकिन तुम्हारे क्या होगा? तुम यह बात भी तो सोचो. अब मैंने भी तुरंत हंसते हुए उनसे कहा कि मेरी रात आपको अपने साथ लेते हुए सोचते करते हुई गुज़र जाएगी और फिर मेरे मुहं से यह सुनकर भाभी की आखें फटी की फटी रह गई, क्योंकि में उनके सामने इसी स्थिती में था और जिसको देखकर वो बहुत चकित हो गई थी और में मन ही मन बहुत खुश था, क्योंकि आज वो अपनी जगह से थोड़ा भी नहीं हिली थी और वो एक जगह पर जमकर खड़ी हुई थी.
Share:

अनु आंटी के साथ छत पर सेक्स

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम महेश है और में महाराष्ट्र से हूँ. यहाँ बारिश बहुत अच्छी होती है और बहुत मज़ा भी आता है. मुझे बारिश में घूमना बाईक को तेज़ चलाना अच्छा लगता है. मेरी उम्र 28 साल है और अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है. ये कहानी बिल्कुल सच्ची है और ये मेरी और मेरे घर के सामने रहने वाली आंटी के बारे में है.
अब में आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ. पिछले महीने में और आंटी पूना गये थे, उनको हॉस्पिटल में चेकअप करवाना था तो में भी उनके साथ गया था. हम रेल्वे स्टेशन पर लेट गये और हमारी ट्रेन मिस हो गयी. फिर आंटी ने मुझसे कहा कि हम बस से चलते है, बस स्टेण्ड रेल्वे स्टेशन से बस थोड़ा ही दूर है तो में और आंटी बस के लिए चल पड़े और जब दोपहर के 1 बज रहे थे.
फिर हमको बस तो मिली लेकिन बस में भीड़ ज्यादा थी. फिर आंटी को एक सीट मिली तो वो वहाँ पर बैठ गयी, अब में उनके साथ खड़ा था. उस समय आंटी ने सलवार कुर्ता पहना हुआ था और वो भी ब्लू कलर का. अब में उनसे चिपककर खड़ा था. अब आंटी मुझसे चिपककर बात कर रही थी और सब आंटी को देख रहे थे और देखेंगे भी क्यों नहीं? वो इतनी कमाल की जो लग रही थी. वैसे आंटी की उम्र 38 साल है, लेकिन मेकअप करने से वो 30 साल की लगती है और उनके बूब्स 36 साईज के है और वो ड्रेस के नीचे ब्रा नहीं पहनती तो उनके निप्पल ड्रेस से साफ दिखते थे. अब में तो उनके निप्पल को देखकर पागल हो गया था, अब बस अपनी रफ़्तार पर थी और में अपने काम में मस्त था.
फिर एक स्टॉप पर बस रुकी तो आंटी ने कहा कि उनको वॉशरूम जाना है. फिर में उनके साथ नीचे उतरा और फिर आंटी वॉशरूम में गयी. अब में पीछे से उसकी गांड देख रहा था और अब मेरा लंड उसी वक़्त हरकत में आ गया था. फिर आंटी वॉशरूम से जैसे ही बाहर आई तो उन्होंने मेरी हालत देखकर एक सेक्सी स्माईल पास की और मेरा हाथ पकड़कर बस में ले गयी.
फिर आंटी बोली थोड़ी देर तू बैठ जा में खड़ी रहती हूँ. फिर मैंने कहा ठीक है. अरे यार में उनका नाम लिखना भूल गया, उनका नाम अनिता है और आंटी मेरे बाजू में चिपककर खड़ी थी. फिर कुछ देर के बाद आंटी ने अपना एक पैर मेरे पैर से लगा दिया और हिलाने लगी. फिर ऐसा करते-करते हम पूना आ गये. फिर हम बस से उतरे और हॉस्पिटल की तरफ चल दिए तो डॉक्टर वहाँ पर आए हुए थे तो आंटी का काम जल्दी हो गया. फिर हम वहाँ से निकले, लेकिन ट्रेन को आने में टाईम था. फिर आंटी बोली कि अब क्या करे? फिर मैंने आंटी से कहा कि क्यों ना शनिवार वाडा देखने जाए? तो अब आंटी को मेरा प्लान अच्छा लगा.
फिर हम ऑटो से शनिवार वाडा गये जो कि पूना में बहुत मशहूर है, वहाँ ज्यादा भीड़ नहीं थी तो आंटी और में घूम रहे थे. अब नीचे घूमने के बाद हम ऊपर की तरफ गये, अब वहाँ हम दोनों के अलावा और कोई नहीं था. फिर मैंने मेरा मोबाईल निकाला और आंटी की कुछ फोटो लेने लगा. अब फोटो क्लिक करते वक़्त आंटी का दुपट्टा नीचे गिर गया तो आंटी ने उसे उठाने के लिए जैसे ही हाथ नीचे किया तो मुझे उनके रस से भरे बूब्स दिखाई दिए.
फिर आंटी ने दुपट्टा उठाते वक़्त एक नज़र मेरी तरफ देखा तो में उनके बूब्स को देख रहा था तो आंटी सिर्फ़ इतना बोली कि अच्छा लगा, लेकिन में तो अब उनके बूब्स में खोया हुआ था और मेरा लंड बहुत ज्यादा टाईट हो गया था. फिर में और आंटी एक जगह बैठ गये और नॉर्मल बातें कर रहे थे कि आंटी ने मुझसे कहा कि तुम मुझमें क्या देख रहे थे? तो अब में क्या बोलता? फिर मैंने सीधा बोल दिया कि में आपके बूब्स देख रहा था, जिसने मुझे सुबह से पागल बना दिया है तो आंटी हंसने लगी और बोली तो हाथ भी लगाकर देखना.
फिर मैंने मेरी नज़रे यहाँ वहाँ घूमाकर देखा तो ऊपर हम दोनों के अलावा कोई नहीं था. फिर में आंटी के करीब गया तो आंटी ने मेरी कमर में हाथ डाला और मुझे अपनी तरफ ज़ोर से खींचा. फिर में बोला कि आंटी क्या कर रही हो? फिर आंटी बोली सिर्फ़ मुझे अनु बोल महेश और मुझे आज मत रोक में बहुत प्यासी हूँ.
अब में आंटी के लिप पर किस करने लगा. अब हम एक दूसरे के लिप के साथ खेल रहे थे, तभी हमें किसी के ऊपर आने की आवाज़ आई तो हम दोनों अलग हो गये, लेकिन अब आंटी तो गर्म हो चुकी थी तो आंटी ने कहा कि महेश अब में और नहीं रूक सकती हूँ, मेरी चूत में पानी आ रहा है. फिर मैंने कहा कि अनु आग तो मेरे लंड में भी लगी है तुम्हारी चूत में कब डालूं? फिर अनु और में गंदी बातें करते करते रेल्वे स्टेशन पर आ गये. और फिर आंटी ने कहा कि महेश तुम इतनी अच्छी गंदी बातें कैसे करते हो? मेरा तो पानी निकला जा रहा है.
फिर मैंने कहा कि आंटी थोड़ा और रोक कर रखो. फिर देखो कितना मज़ा आता है, उतने में एक फास्ट ट्रेन आई तो हम दोनों उसमें चढ़ गये और बैठ गये, क्योंकि उस ट्रेन में लोनवला के भी कुछ लोग थे.
फिर हम शाम को 9 बजे लोनवला पहुँच गये थे और फिर हम एक ऑटो करके घर आ गये तो आंटी ने कहा कि आज रात को 10 बजे ऊपर छत पर मिलना. पहले में घर जाकर फ्रेश हो गया और मेडिकल की शॉप से कंडोम और एक वियाग्रा की गोली लेकर आया. अब में घर पर खाना खाकर 10 बजने का इन्तजार कर रहा था, तभी मेरे मोबाईल पर आंटी का मैसेज आया कि ऊपर आ जा.
फिर में छत की तरफ गया तो आंटी वहाँ खड़ी थी तो वहाँ बहुत अंधेरा था और कोई हम दोनों को देख भी नहीं सकता था और बारिश भी बहुत तेज़ आ रही थी और हमारी छत ऊपर से और चारो तरफ से बंद है. फिर मैंने आंटी को एक टाईट हग दिया तो अब आंटी के बूब्स मेरे सीने में चुभने लगे, अब आंटी मदहोश हो रही थी.
अब उनके बदन से परफ्यूम की मादक महक आ रही थी और अब में बेकाबू हो गया और उनके लिप पर एक गहरा किस किया. उस वक़्त आंटी ने साड़ी पहनी थी और ब्रा भी पहनी थी. फिर मैंने उनका पल्लू नीचे गिरा दिया और उनके ब्लाउज के दो बटन खोल दिए, अनु के बूब्स कमाल लग रहे थे, लेकिन अंधेरा था तो मुझे कुछ साफ़ नहीं दिख रहा था. फिर मैंने अपने मोबाईल को चालू किया और उसकी रोशनी से अनु के बूब्स देखने लगा.
फिर मैंने उसके एक बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से अपने मुँह में भर लिया और काट लिया तो अनु ज़ोर से चीखी और बोली कि धीरे करो महेश, अब में ज्यादा देर तक रुक नहीं सकता था और मेरा लंड वियाग्रा की गोली के कारण बहुत टाईट हो गया था, जो अब अनु को साड़ी के ऊपर से उसकी चूत में लग रहा था. अब अनु ने मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और बोली कि महेश तेरा लंड कितना कड़क है बिल्कुल लोहे की राड़ की तरह है. फिर मैंने कहा कि अनु ये तुम्हारी चूत के लिए एकदम फिट है.
फिर अनु बोली कि फिर देर क्यों लगाता है? लग जा अपने काम पर तो फिर मैंने अनु की साड़ी को ऊपर करके उसे डॉगी स्टाईल में किया और अपनी जेब से कंडोम बाहर निकालकर अनु के हाथ में दे दिया. फिर अनु उठी और मेरे लंड पर कंडोम लगाकर फिर से डॉगी स्टाईल में हो गयी. अब अनु की गांड बहुत मस्त लग रही थी.
फिर ना जाने कैसे मैंने अनु की गांड पर एक किस किया और अपना लंड पीछे से अनु की चूत में डालने लगा. अब अनु आहह कर रही थी और अब मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में अंदर जा रहा था, जब मेरा लंड अनु की चूत में आसानी से जाने लगा तो मैंने अपनी स्पीड तेज़ की और ज़ोर-ज़ोर से लंड अंदर बाहर करने लगा. अब अनु तो बस आहहाअ हम्म ऊहह करे जा रही थी. फिर में उसके बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही मसल रहा था और अनु भी अपनी गांड को आगे से पीछे मेरे लंड पर मार रही थी, अब 20 मिनट से में उसे चोद रहा था तो अब अनु ने एक बार अपना पानी छोड़ दिया था, लेकिन मेरा वियाग्रा गोली के कारण नहीं निकल रहा था.
अब अनु भी मस्ती में आकर मेरे लंड के साथ-साथ अपनी एक उंगली चूत में डालकर मज़ा ले रही थी और फिर 30 मिनट के बाद मेरे लंड में से पानी आने लगा. फिर मैंने अनु से कहा कि लंड का पानी कंडोम में गिरा दूँ या तुम्हारे बूब्स पर. फिर अनु बोली कि बूब्स पर गिरा दे. फिर मैंने भी कंडोम निकाला और लंड अनु के हाथ में दिया. अब वो मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी. फिर थोड़ी देर में मेरे लंड ने पानी निकाल दिया, जो सीधा जाकर अनु के चेहरे पर गिरा और बहुत सारा पानी अनु के चेहरे पर था.
फिर अनु ने उसे अपने हाथ से साफ किया और ब्लाउज को थोड़ा निकालकर बूब्स पर मलने लग गयी. फिर हम दोनों एक दूसरे के सामने बैठे रहे. मेरा लंड अभी भी टाईट था, लेकिन अब अनु की चूत में दर्द हो रहा था तो अनु बोली कि में फिर से अपने मुँह से तुम्हारा पानी निकाल देती हूँ. अब मुझे और क्या चाहिए था? फिर 15 मिनट के बाद मेरे लंड ने फिर से अनु के मुँह में पानी छोड़ दिया.
फिर हम नीचे आए तो अनु ने मुझे एक बड़ा वाला लिप किस दिया और वो अपने घर चली गयी और में अपने घर आ गया. फिर मुझे उसका मैसेज आया कि महेश तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है आई लव यू. फिर मैंने भी उसे रिप्लाई दिया कि तुम्हारी चूत भी बहुत मस्त है और गांड भी मस्त है. फिर हमें जब भी मौका मिलता तो हम चुदाई कर लेते और खूब मजे करते है.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया