ब्लू फिल्म वाली आंटी को चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मनीष है और आज में आप सभी को अपने जीवन का एक सच बताने जा रहा हूँ, जिससे मेरी पूरी जिंदगी बदल गई. दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरी आंटी की है और में इस स्टोरी में आप सभी को बताऊंगा कि कैसे मैंने आंटी की जांघो में छुपी हुई गुलाबी कलर की चूत और फूली हुई गांड को बहुत अच्छी तरह से अपने 8 इंच के काले मोटे लंड से रातभर चोदा और उन्हे खुश किया और अब दोस्तों में अपनी कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों में एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ, में पढ़ने में बहुत तेज़ था इसलिए मेरी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लग गई और इसलिए में अपने शहर से नई दिल्ली आ गया और जब में दिल्ली आया तो में यहाँ की लड़कियों और औरतों को देखता था जो कि बहुत छोटे छोटे कपड़ों में रहती थी, कोई अपने बूब्स को हिला हिलाकर चलती तो कोई अपनी गांड को मटका मटकाकर चलती थी. मुझे दिल्ली की आंटी बहुत अच्छी लगती थी, उनकी गांड और बूब्स में तो जैसे मेरा लंड खड़ा करने की जादुई ताक़त थी.
दोस्तों मुझे पढ़ाई के साथ सेक्स का भी बहुत शौक था. में हर वक्त केवल चुदाई के बारे में ही सोचता रहता था और  सेक्सी कहानियाँ पढ़ता था और फिर दिन में दो तीन बार मुठ मार लेता था. जब में नई दिल्ली आया तो मैंने किराए पर एक फ्लेट लिया, वो फ्लेट 10वीं मंजिल पर था और जहाँ मैंने फ्लेट लिया था वहां पर केवल दो ही फ्लेट थे और वहाँ एकदम सुनसान रहता था तो वहाँ पर ज़्यादा कोई आता जाता भी नहीं था. फिर मैंने अपना सारा सामान अपने नये फ्लेट में सेट किया और बाहर लॉन में घूमने निकल गया. फिर जब में बाहर घूम रहा रहा था तभी मुझे मेरे पास वाले फ्लेट में से एक औरत बाहर निकलते हुए दिखी, उसकी उम्र करीब 32 साल की होगी, उसने गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसे ही कलर का गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था, शायद वो कहीं बाहर जा रही थी.
जब मैंने उसे पहली बार देखा तो मेरे होश उड़ गये, उसके बड़े बड़े बूब्स क्या मस्त थे और जब वो चल रही थी तो उसके बूब्स उछल उछलकर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे और उसकी गांड इतनी बड़ी और ब्रेड की तरह फूली हुई थी कि उसमे अगर 12 इंच का लंड भी डालो तो कम पड़ जाएगा और जब वो चल रही थी तो उसके चूतड़ ऊपर नीचे हो रहे थे, उसका चेहरा थोड़ा सांवला था, लेकिन उसके फिगर के आगे उसका चहरा और खिल रहा था. उसका पूरा जिस्म बहुत सेक्सी था, उसके फिगर का साईज करीब 36-24-36 था.
दोस्तों में मन ही मन बहुत खुश हुआ कि मेरे फ्लेट की मंजिल पर केवल दो ही फ्लेट है और उसमें से एक उसका है, फिर मैंने सोचा कि अगर यह एक बार मुझे मिली तो में उसके दोनों बूब्स के बीच की दरारों में अपना 8 इंच का लंड डालकर चुदाई जरुर करूंगा और उसकी गांड के छेद में अपनी सारी उंगलियाँ एक ही बार में डालकर इसे इतना चोदूंगा कि यह भी मेरे लंड की दीवानी हो जाएगी और इतना सोचते ही मेरे लंड ने मेरी जिन्स में ही वीर्य निकाल दिया. वो तनकर एकदम सीधा खड़ा हो गया और उसकी चूत को सलामी देने लगा था. फिर में झट से अपने कमरे में चला गया और अपनी पेंट खोलकर अपने लंड की तरफ देखा तो उसमे से इतना वीर्य निकल रहा था जैसे कि उसको किसी ने अपने मुहं में लेकर बाहर निकाला हो और उसका लार मेरे लंड पर रह गया हो.
मैंने अपने लंड का सुपाड़ा हल्के से पीछे किया तो मेरा सारा वीर्य मेरे हाथ पर गिरने लगा और फिर मैंने हल्के से अपने लंड का सुपाड़ा पकड़ा और उसे हल्के हल्के ऊपर नीचे करना चालू कर दिया. फिर मैंने जैसे ही अपनी आखें बंद की तो उन आंटी का फिगर मेरे सामने आ गया. मैं उसके बूब्स को सोच सोचकर मुठ मारे जा रहा था और में उसकी उभरी हुई गांड के बारे में सोचकर मुठ मारे जा रहा था, तो मेरी हालत एकदम खराब हो गई थी. मेरे काले, मोटे, लंबे, लंड का तो एकदम बुरा हाल हो गया था और उसका सुपाड़ा तो एकदम लाल हो गया था.
में उठा और अपने हाथ को चूत के आकर का बनाया और उसमे अपना लंड डाल दिया आआहहााआअहह क्या बताऊँ दोस्तों मुझे तो जन्नत का मज़ा आ रहा था. में उसकी चूत को सोचकर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था और अभी तक मेरी आँखे बंद थी. फिर मेरे धक्के और भी तेज़ हो गये और अब में झड़ने वाला था. फिर आअहह की आवाज़ के साथ मेरा सारा वीर्य मेरे हाथ पर गिर गया, वो एकदम सफेद गाढ़ा था और जब मैंने अपने हाथों की तरफ देखा तो मेरा वीर्य मेरे पूरे हाथों पर फैला हुआ था.
मैंने अपना वीर्य अपने लंड पर लगाया और उसकी मालिश करने लगा. मैंने अपना थोड़ा सा वीर्य अपनी एक उंगली पर लिया और उस उंगली को अपने मुहं में लगा लिया, मुझे मेरा वीर्य बहुत स्वादिष्ट लगा और उसके बाद मैंने ठान लिया कि में अब आंटी को चोदकर ही रहूँगा और फिर एक अच्छे मौके की तलाश करने लगा.
फिर धीरे धीरे ऐसे ही समय गुजरता चला गया. में अपने ऑफिस के कामों में लग गया, लेकिन चाहकर भी में आंटी की मदहोश कर देने वाली जवानी को नहीं भुला पा रहा था और में उनसे बात करने की नई नई तरकीब सोचता रहता था, लेकिन मेरी किस्मत मेरा साथ नहीं देती, क्योंकि सारा दिन वो अपना कमरा बंद करके रखती थी जिसकी वजह से मुझे मौका नहीं मिल पता था.
एक दिन जब में सो रहा था तभी किसी ने मेरा दरवाजा बजाया, मैंने उठकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि सामने आंटी खड़ी हुई है, दोस्तों वो क्या लग रही थी? वो गुलाबी कलर की मेक्सी पहने हुई थी क्योंकि उसे गुलाबी कलर बहुत पसंद था. वो मेक्सी थोड़ी जालीदार थी, जिसमें से उनके बूब्स के काले काले दाने साफ दिखाई दे रहे थे, क्योंकि उस समय आंटी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी. दोस्तों उसके बूब्स इतने बड़े बड़े थे कि मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और मेरे खड़े लंड को शायद उन्होंने देख लिया था और मुझे हल्की सी स्माइल दी.
में : क्या हुआ आंटी जी?
आंटी : वो मेरा डीवीडी प्लेयर खराब हो गया है, क्या तुम उसे ठीक कर सकते हो, मुझे एक मूवी देखनी है?
में : ठीक है आंटी जी, में ठीक कर दूँगा.
(में अंदर ही अंदर बहुत खुश था क्योंकि आज में पहली बार अपनी सपनों की आंटी से बात कर रहा था)
फिर में आंटी के फ्लेट पर गया, लेकिन मुझे वहाँ पर थोड़ा अजीब सा लगा और वहाँ पर एक अजीब सी सुगंध आ रही थी. जैसे कोई सेक्स करने के बाद आती है, मुझे उनका फ्लेट किसी रंडीखाने जैसे महससू हो रहा था. उनके कमरे में कुछ एडल्ट फोटो लगी हुई थी और कई जगह तो आंटी की भी एडल्ट फोटो लगी हुई थी. फिर में समझ गया कि आंटी बहुत सेक्सी टाइप की है, में मन ही मन बहुत खुश हो रहा था.
में : आंटी जी कहाँ है डीवीडी?
तो आंटी मुझे दूसरे रूम में ले गई, मैंने वहाँ पर देखा कि कई सारे केमरे लगे हुए है मुझे थोड़ा अजीब सा लगा, लेकिन में डीवीडी ठीक करने लगा और मुझे कुछ गड़बड़ लग रही थी. फिर अचानक आंटी मेरा ध्यान काम पर से हटाते हुए बोली.
आंटी : क्या तुम यहाँ पर अकेले रहते हो, क्या तुम्हारे साथ और कोई नहीं है?
में : में यहाँ पर एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता हूँ, लेकिन क्या आप भी यहाँ पर अकेली रहती हो?
आंटी : हाँ में अकेली ही रहती हूँ, मेरे पति की तीन साल पहले मौत हो चुकी है.
अब में समझ गया कि आंटी को कोई रोकने वाला नहीं है. अब तो में इन्हे जब चाहे दिन हो या रात कभी भी चोद सकता हूँ, मेरे तो लंड में एकदम सरसरी दौड़ रही थी और जब आंटी मुझसे बोल रही थी तो में उनके बूब्स को देख रहा था और वो थोड़ा स्माईल दे रही थी और अब में भी खुलकर उनसे बातें करने लगा और बातें करते करते मैंने उनका डीवीडी ठीक कर दिया.
जब मैंने उसे शुरू किया तो मैंने देखा कि उस डीवीडी में एक पॉर्न फिल्म चल रही थी और उसमे जो एक्ट्रेस थी उसकी शक्ल आंटी से बहुत मिल रही थी या फिर वो आंटी ही थी और अब में सब कुछ समझ गया, तभी आंटी उसे बंद करने की कोशिश करने लगी और दौड़कर उस डीवीडी को बंद करने के लिए जाने लगी. तभी मैंने सोचा कि यह एक अच्छा मौका है साली को पकड़कर चोद देता हूँ जो होगा देखा जायेगा. तभी मेरे अंदर ना जाने कहाँ से हिम्मत आ गई और मैंने आंटी का हाथ पकड़ लिया और मैंने उसको दीवार के सहारे लगाकर उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया.
में : तो यह सब करती हो तुम? तुम तो एक नंबर की रंडी हो, अब में तुम्हारी बहुत बेदर्दी से चुदाई करूँगा मेरी जान, तुम देखती जाओ में आज तुम्हारी चूत को फाड़कर फैला दूंगा और तुम्हे कोई नहीं बचाएगा.
आंटी : थोड़ा शरमाते हुए, प्लीज छोड़ो मुझे तुम्हारी कोई बात नहीं सुननी.
में : तो मैंने उनके बूब्स को तेज़ी से एक हाथ से पकड़ लिया और बोला कि जब इतने मर्दों के साथ चुदवाती हो तो मुझसे चुदवाने से क्या फ़र्क पड़ेगा? और फिर में उसके बालों को बड़े प्यार से सहलाने लगा और अब मैंने भी उसकी आँखो में मुझसे चुदने की इच्छा देखी.
आंटी : (आंटी थोड़ा नॉर्मल होते हुए) में यह जानबूझकर नहीं करती हूँ, में यह सब पैसों के लिए करती हूँ.
में : तुम्हे जितना पैसा मिलता है में उससे दुगना देने के लिए तैयार हूँ, लेकिन अभी भी वो मान नहीं रही थी
फिर मैंने इतना बोलकर उसके होंठो पर अपने होंठ लगा दिये और किस करने लगा, वो मुझसे बचने की कोशिश करने लगी और में ज़ोर ज़ोर से उसको किस करने लगा. मैंने उसको दिवार के सहारे और ज़ोर से टिका दिया और अब में अपना एक हाथ उसके बूब्स पर धीरे धीरे घुमाने लगा और फिर उसे दबाने लगा और अब मेरे दोनों हाथ उसके मोटे मोटे बूब्स पर थे. फिर आंटी का विरोध थोड़ा काम हो गया था और फिर मैंने उसको किस करना बंद किया और उसे अपनी बाहों में उठाकर बेड पर ले गया और ज़ोर से पटक दिया.
आंटी : साले हरामी मारेगा क्या तू मुझे?
में : साली रंडी आज में तेरी फूली हुए गांड मारूँगा और तेरा सारा रस निकल दूँगा.
आंटी : यहाँ पर तेरे जैसे रंडवे रोज आते है, लेकिन वो लोग आज तक मेरी चूत का एक बाल भी नहीं हिला सके.
फिर मुझे बहुत गुस्सा आ गया और मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े निकल दिए और अब में पूरी तरह नंगा था. मेरा काला लंड जो कि अब काला नाग बन चुका था उसे देखकर फनफना रहा था.
आंटी : ऊईईईईईईईईईई माँ तेरा लंड तो बहुत बड़ा है. में तो आज मर ही जाउंगी.
में : मेरी जान तुझे में ऐसे कहाँ मरने दूँगा, लेकिन यह तो अभी और भी बड़ा होगा.
अब वो मेरे लंड पर अपना कोमल कोमल हाथ फेरने लगी, वो मेरे सुपाड़े को पकड़कर कभी ऊपर करती तो कभी नीचे करती और एक नशीली सी स्माईल दे रही थी. फिर मैंने उसे बेड से उठा दिया और उसके कपड़े उतारने लगा, मैंने सबसे पहले उसकी मेक्सी को ऊपर किया, वाह दोस्तों क्या कामुक जिस्म था उसका? फिर मैंने देखा कि उसके बूब्स बाहर आने के लिए उछल रहे है और मेरे हाथों में आने के लिए बैचेन थे, तभी मैंने उसकी ब्रा को पकड़कर एक ही झटके में फाड़ दिया.
आंटी : आह्ह्ह कुत्ते, बहनचोद यह क्या किया? तूने मेरी ब्रा फाड़ दी, मादरचोद.
दोस्तों मुझे उसके मुहं से गालियाँ सुनकर बहुत मस्ती चढ़ रही थी और जब मैंने उसके दोनों बूब्स देखे तो भगवान कसम में बिल्कुल पागल हो गया और में अपने हाथों से उसको धीरे धीरे सहलाने लगा और अब उसे भी ज्यादा मज़ा आने लगा और उसकी आँखे बंद होने लगी. फिर मैंने अपनी स्पीड को थोड़ा तेज़ किया और उसके बूब्स को मसलने लगा तो वो सिसकियाँ भरने लगी ऊईईई अह्ह्ह्हह क्या कर रहा है कुत्ते, हरामी? फिर मैंने दस मिनट तक उसके बूब्स दबाने के बाद जब उसके बूब्स को देखा तो वो एकदम तनकर खड़े हो गये थे और एकदम लाल हो गये थे, उन्हे देखकर मेरे मुहं में तो पानी ही आ गया था.
मैंने झट से उसके बूब्स को अपने मुहं में भर लिया और उसके चारों तरफ़ अपनी जीभ घुमाने लगा, मेरे ऐसा करने से उसका तो बहुत बुरा हाल हो रहा था और वो अपनी दोनों आँखे बंद करके अपने दोनों हाथों से बेड पकड़कर सिसकियाँ भरे जा रही थी.
आंटी ने कहा कि अह्ह्ह्हह आईईईई हाँ छोड़ मुझे, लेकिन में कहाँ मानने वाला था. में तो उसके दोनों बूब्स को बारी-बारी से किसी छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था और दबा रहा था और उसके बूब्स के काले काले दाने को अपने दांतो से काट रहा था, यह मैंने दस मिनट तक किया और फिर मैंने अपना हाथ धीरे धीरे उसकी पेंटी की तरफ ले गया तो मैंने महसूस किया कि उसकी पेंटी बिल्कुल भीग चुकी है. फिर मैंने झट से उसकी पेंटी को निकाल दिया और अब मेरे हाथ में उसकी तड़पती हुई चूत थी और उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी, उसमे से पानी निकल रहा था तो मैंने अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया.
आंटी : सिसकियाँ लेते हुए बोली आह्ह्ह्हह्ह माँ अरे में आईईईईइ मर गई, तू यह क्या कर रहा है कुत्ते?
फिर में अपनी उंगली को आगे पीछे करने लगा और वो पागलों की तरह चिल्ला रही थी. फिर मैंने अपनी 4 उंगलियों को उसकी चूत में डाल दिया और फिर उन्हे धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा, लेकिन अब मेरी भी हालत बहुत खराब हो चुकी थी. में एकदम उठकर खड़ा हुआ तो वो मेरी तरफ देखने लगी, फिर में अपना काला लंड पकड़कर उसकी तरफ मुस्कुराया और उसने भी मुझे एक स्माईल दी. फिर मैंने अपना लंड आगे की तरफ बढ़ाया और उसे उसके मुहं के चारो तरफ घुमाने लगा. कभी उसके नाक पर तो कभी उसके कान पर और फिर उसने मेरे खड़े लंड को अपनी मुट्ठी में भर लिया और उसे एक जोरदार थप्पड़ मारा जिससे मुझे बहुत दर्द हुआ.
मैंने कहा कि चूस साली रंडी इसे और वो बड़े प्यार से मेरे लंड को चूसने लगी. मेरी तो हालत देखने वाली थी, वो मेरे लंड को गन्ने की तरह चूस रही थी. मैंने उसके बालों को ज़ोर से पकड़ा और अपने लंड की तरफ धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उसके गले तक चला गया और उसको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और फिर मैंने उसे छोड़ दिया. उसकी आँखो में आँसू आ गये और लगभग 15 मिनट तक चूसने के बाद में झड़ने वाला था और जब मैंने उससे बोला तो उसने कहा कि मेरे मुहं में झाड़ दो मैंने आहह की आवाज़ के साथ पूरा वीर्य उसके मुहं में झाड़ दिया.
फिर में उठा और उसकी चूत की तरफ बढ़ा, मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो वो बिल्कुल रस से भरी हुई थी जिसकी वजह से मेरे मुहं में पानी आ गया और मैंने उसकी चूत में अपनी पूरी जीभ को डाल दिया और उसे धीरे धीरे पीने लगा. में उसकी चूत का सारा वीर्य पी गया और अब वो आउट ऑफ कंट्रोल हो गई थी और इधर मेरा लंड भी अपनी औकात पर आ गया था.
मैंने देर ना करते हुए उसको उठाया और डॉगी स्टाइल की पोज़िशन में करके अपना 8 इंच का काला लंड उसकी चूत के सामने ले जाकर उसकी गांड के चारों तरफ़ रगड़ने लगा, जिसकी वजह से आंटी बिल्कुल मदहोश होने लगी. फिर मैंने उसकी गांड पर दो थप्पड़ मारे, मेरा थप्पड़ इतना तेज़ था कि उसकी गांड पर मेरे हाथ का निशान बन गया और आंटी दर्द से तिलमिला उठी और कहने लगी.
आंटी : साले रंडी के बीज, जल्दी डाल ना मेरी चूत में अपना लंड क्यों मुझे तड़पा रहा है?
में : हाँ मेरी कुतिया यह ले.
फिर मैंने इतना कहते हुए उसकी चूत में एक धक्का मारा और मेरा लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ 5 इंच अंदर चला गया, आंटी का तो बुरा हाल हो गया था अऊऊऊउ आईईईइ बाहर निकाल अपने लंड को ऊईईईईईइ में मर जाउंगी, लेकिन मैंने अपना एक हाथ उसके मुहं पर रख दिया और फिर एक जोरदार झटका लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ अंदर चला गया. उसकी आखें लगभग बड़ी हो गई थी ऊईईईईई माँ मर गई यह क्या किया तूने बाहर निकाल अपने लंड को उह्ह्ह्हह्ह माँ कोई बचाओ मुझे इस जानवर जैसे लंड से, प्लीज छोड़ दे मुझे औऊऊउ. फिर में अपने लंड को बाहर निकालकर झटके पे झटके मारने लगा और उसकी चूत को चोदने लगा और वो दर्द से चीखती चिल्लाती रही और मुझे गालियाँ देती रही और मेरा जोश बढ़ाती रही.
आंटी : आहह्ह्ह्हह उईईईईई माँ में मर गई.
लेकिन में अब कहाँ रुकने वाला था, मैंने अपनी स्पीड को और बड़ा दिया और अब आंटी का दर्द थोड़ा थोड़ा कम हो गया था और वो भी अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी थी और मुझसे कहने लगी थी कि आहहह हाँ और ज़ोर से चोद मुझे आईईई ऊईईई चोद मुझे मादरचोद अह्ह्ह्ह और जल्दी जल्दी चोद, तू आज मेरी चूत का सारा रस निकल दे.
फिर मेरी स्पीड और बढ़ गई और में उससे कहने लगा कि हाँ ले रंडी और ले.
फिर मैंने उसे और तेज़ धक्कों के साथ चोदना शुरू कर दिया, आंटी का बेड पूरी तरह से हिल रहा था. वो कुतिया की स्टाइल में तो एकदम पॉर्न मूवी वाली लग रही थी और पूरे रूम में फच फच फच की आवाज़ आ रही थी और आंटी को इतना मज़ा आ रहा था कि उसकी आवाज़ इतनी ज़ोर से निकल रही थी कि अगर कोई बाहर हो तो उसे भी सुनाई दे जाए, लेकिन हमारा फ्लेट ऊपर था तो हमे कोई डर नहीं था और लगभग एक घंटे तक लगातार उसकी चुदाई करने के बाद में झड़ने वाला था और मैंने अपने झटके की रफ्तार को इतना तेज़ कर दिया था कि आंटी की गांड बुरी तरह हिल रही थी और आंटी सिसकियाँ ले रही थी आह्ह्ह्हह उउइईईईईईई हाँ और ज़ोर से धक्के देकर चोद मुझे.
में उन्हे और भी तेज धक्कों से चोदने लगा, लेकिन अब थोड़ी देर के बाद मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने उससे बोला कि में झड़ने वाला हूँ, कहाँ निकालू इसे? फिर उसने कहा कि मेरे मुहं में ही झड़ जाओ, तो में उसके मुहं में ही झड़ गया और आंटी मेरा सारा वीर्य पी गई. फिर उसके कुछ देर के बाद वो भी झड़ गई और अब हम दोनों एक दूसरे के ऊपर पड़े थे और पूरे रूम में हमारी तेज़ सांसो की आवाज़ आ रही थी, थोड़ी देर के बाद हम दोनों की आँखे एक दूसरे से मिली और आंटी मुझसे बोली.
आंटी : तुम तो बहुत बुरी तरह चुदाई करते हो.
में : जान, में हमेशा तुम्हे देख देखकर रात में तीन बार मुठ मारता हूँ तो तुम्हे ऐसे ही थोड़ी ना छोड़ सकता था.
आंटी : हाँ अब तो यह जवानी भी तेरी और में भी हमेशा के लिए तेरी हूँ, तूने आज इस तरह से मेरी चूत को चोदकर मुझे बिल्कुल संतुष्ट कर दिया है. आज से यह चूत तेरी और में तेरी गुलाम तू जब, जैसे, जहाँ चाहे मुझे चोद सकता है. फिर मैंने उसकी तीन बार चूत मारी और गांड को भी चोदा और मैंने उसे कुछ पैसे भी दिए. फिर में वहां से चला गया.
Share:

बहन ने चुकाए पैसे रंडी बनकर

हैल्लो फ्रेंड्स, कैसे हो आप सब? में आपकी सेवा में मेरी बहन की एक कहानी लेकर हाज़िर हुआ हूँ. ये कहानी पढ़कर सभी लंड में से पानी निकलेगा और सभी की चूत गीली हो जाएगी. में आपको मेरी बहन के बारे में बताता हूँ, मेरी बहन का नाम संजना है, उसकी उम्र 25 साल है, रंग गोरा और फिगर साईज 36-32-38 है, उसकी सबसे अच्छी बात उसकी गांड है, जब वो अपनी गांड मटका कर चलती है तो सभी के लंड खड़े हो जाते है, मेरा भी लंड उसकी गांड देखकर खड़ा हो जाता है. अब में सीधा स्टोरी पर आता हूँ.
मुझे जुआ खेलने का बहुत शौक था, में अक्सर क्लब में जुआ खेलने जाता था. एक दिन जब में क्लब में जुआ खेल रहा था, तब में बहुत पैसे जीत रहा था. फिर में जाने लगा तो एक आदमी मेरे पास आया और कहा कि चलो मेरे साथ एक गेम खेलो, मैंने उससे नहीं कहा तो वो बोला डर गया क्या? तो मैंने जोश में आकर उसको हाँ कह दिया.
मैंने कहा कि हम एक ही गेम खेलेंगे, तो उसने कहा ठीक है तो फिर उसने पत्ते बाटें. में फिर से जीत गया, में आज 50 हज़ार जीत चुका था, तो में पैसे लेकर जाने लगा तो उसने मुझसे कहा एक और गेम खेलते है. फिर उसने 2 लाख रूपयें निकाले और कहा कि एक ही गेम में सारे पैसे लगाते है, तो मैंने कहा मेरे पास इतने पैसे नहीं है, तो उसने कहा कोई बात नहीं, अगर हार गया तो बाकी के पैसे बाद में दे देना.
मैंने कहा ठीक है फिर मैंने पत्ते बाटें, मुझे आज अपनी किस्मत पर पूरा भरोसा था, इसलिए मैंने खेलने के लिए हाँ कह दिया, लेकिन फिर में हार गया. अब वो मुझसे पैसे माँगने लगा, उसने अपना नाम शेज़ाद बताया, उसने कहा कल के कल मेरे पैसे मिलने चाहिए वरना देख तेरे साथ क्या क्या होता है? उसने मुझे धमकी दी तो में बहुत डर गया, में 2 लाख रूपयें कहाँ से लाऊंगा. फिर में घर वापस आया तो में पूरी रात सो नहीं पाया, अगली सुबह 10 बजे मेरी घर की बेल बजी, तो मैंने मेरी बहन से दरवाजा खोलने को बोला.
उसने दरवाजा खोला तो बहन ने कहा कि भैया आप से कोई मिलने आया है. में बाहर आया तो वहाँ शेज़ाद और उसके साथ दो और आदमी थे, फिर वो अंदर आ गये और सोफे पर बैठ गये. में उनको देखकर बहुत ही डर गया था, उस वक़्त घर में मेरी बहन और में ही था, मेरे मम्मी और पापा ऑफिस गये हुए थे. मैंने देखा कि शेज़ाद मेरी बहन को देखे जा रहा था. फिर मैंने मेरी बहन को अंदर जाने को बोला तो शेज़ाद बोला अरे यार पानी तो पिला दो, तो मैंने संजना को पानी लाने को कहा. फिर संजना जैसे ही पानी लेने किचन की तरफ गई तो मैंने देखा कि शेज़ाद मेरी बहन संजना की गांड को देखे जा रहा था.
फिर संजना पानी लेकर आई और मैंने उसको अंदर जाने को बोला, शेज़ाद मेरी बहन की गांड को देखे ही जा रहा था. फिर मेरी बहन के अंदर जाने के बाद मैंने शेज़ाद से कहा कि प्लीज बाहर चलकर बात करते है, तो उसने कहा कि ठीक है. फिर हम बाहर गये, तभी शेज़ाद ने मेरी शर्ट का कॉलर पकड़ा और कहा कि मेरे पैसे कहाँ है, तो मैंने कहा शेज़ाद भाई प्लीज़ और थोड़ा टाईम दे दो में आपके पूरे पैसे दे दूँगा.
उसने कहा और कितने दिन चाहिए और मुझे थप्पड़ मारने लग गया, फिर मैंने कहा प्लीज भाई थोड़ा टाईम दे दो में आपके पैसे दे दूँगा. में आपके लिए कुछ भी करूँगा. फिर शेज़ाद ने थोड़ा सोचा और कहा कुछ भी करेगा, तो मैंने कहा हाँ भाई कुछ भी करूँगा. तो शेज़ाद ने कहा कि वो लड़की तेरी बहन है ना, तो मैंने कहा हाँ, तो शेज़ाद बोला कि एक रात के लिए मुझे तेरी बहन चाहिए. तो मुझे गुस्सा आ गया और उसकी शर्ट का कॉलर पकड़कर उसको गालियाँ दी और कहा कि वो मेरी बहन है. फिर शेज़ाद के साथ जो लोग आए थे उन लोंगो ने मुझे पकड़ लिया और बहुत मारा, फिर शेज़ाद बोला देख साले आज रात तक का टाईम देता हूँ सोच ले, में बहुत डर गया था मुझे रातभर नींद नहीं आई और कैसे शेज़ाद के पैसे लौटाऊँ सोचने लग गया.
फिर करीब रात के 2 बजे शेज़ाद का फोन आया मैंने कॉल रिसीव किया, तो शेज़ाद बोला कि क्या सोचा? मैंने कहा शेज़ाद भाई प्लीज़ ऐसा मत करो वो मेरी बहन है. फिर शेज़ाद को गुस्सा आया और बोला देख बे अगर तुझे ऐसा नहीं करना है तो सुबह तक मेरे पैसे वापस मिलने चाहिए, वरना तेरा हाल बहुत बुरा होगा. देख एक रात के लिए तेरी बहन को भेज दे या सारे पैसे चुका दे, नहीं तो तेरी और तेरे घर की बदनामी होगी. में बहुत डर गया और कहा कि ठीक है भाई मुझे मंजूर है.
शेज़ाद बहुत खुश हुआ और कहा कि फिर कल मिलते है. तेरी बहन को कल 4 बजे लेकर आना, फिर मैंने कहा ठीक है भाई. फिर अगली सुबह उठकर में सोचने लगा कि संजना को कैसे बाहर लेकर जाऊं. फिर दोपहर को खाना खाकर मैंने संजना को कहा कि चल शाम को मॉल घूमने चलते है तो संजना बोली कि ठीक है.
फिर हम शाम 4 बजे मॉल जाने के लिए निकले. संजना ने उस दिन एक टाईट जीन्स और टॉप पहना था, हम जैसे ही रोड़ पर आए वैसे ही शेज़ाद कार लेकर हमारे सामने आ गया. फिर शेज़ाद कार से उतरा और मुझसे पूछा कि कहाँ जा रहा है, तो मैंने कहा हम मॉल घूमने जा रहे है तो वो बोला चल में तुम लोंगो को छोड़ देता हूँ. फिर मैंने मेरी बहन संजना की तरफ देखा तो संजना ने कहा हाँ चलो भैया चलते है. फिर मैंने कहा ओके तो जैसे ही हम कार की तरफ बड़े और अंदर बैठने लगे तो देखा कि कार में दो आदमी और है, मैंने शेज़ाद की तरफ देखा तो वो थोड़ा मुस्काराया में समझ गया कि आज मेरी बहन ग्रूप में चुदने वाली है. फिर में आगे बैठा शेज़ाद और संजना पीछे बैठ गये. मुझे बहुत डर लग रहा था और मेरी दिल की धड़कन बहुत तेज हो रही थी, आज मेरी बहन 3 लोगों के साथ चुदने वाली है, वो कैसे उसको चोदेंगे?
फिर कार चल पड़ी और में देख रहा था कि मेरी बहन को देखकर सब अपनी लाल टपका रहे थे, सबकी आँखो में हवस नज़र आ रही थी और में बहुत डर रहा था. फिर मैंने अचानक देखा तो बाहर रोड़ पर लडकियाँ मेकअप करके खड़ी थी. मैंने गौर से देखा कि कार कमाठीपुरा में जा रही थी, मैंने तुरंत शेज़ाद की और देखा तो उसने थोड़ा स्माइल किया.
मैंने कहा शेज़ाद भाई थोड़ी बात करनी है, तो शेज़ाद बोला कि बोल और फिर मैंने कहा कि अकेले में बात करनी है तो उन्होंने कार रोक दी. फिर में और शेज़ाद थोड़ी दूर पैदल चलकर गये. फिर मैंने शेज़ाद भाई से कहा भाई मेरी बहन के साथ ऐसा मत करो, तो शेज़ाद बोला क्या नहीं करूँ? मैंने कहा आपने तो कहा था आप ही मेरी बहन को चोदेगे, प्लीज उसको रंडी मत बनाओ. में शेज़ाद के पैरो में गिरकर माफी माँगने लगा, लेकिन शेज़ाद हंसने लगा और कहा साले भोसड़ी के ये सब तुझे जुआ खेलने से पहले सोचना था.
फिर मैंने कहा भाई प्लीज़ में आपके सारे पैसे लौटा दूँगा मेरी बहन को छोड़ दो, उसे रांड मत बनाओ. तो शेज़ाद बोला हरामी तू पैसे कैसे लौटायेगा? देख तेरी बहन क्या मस्त माल है? देख तो रंडी की गांड कैसी है? साले वो कमायेगी तो तेरा ही फायदा है साली इतना कमायेगी कि तुझे कुछ करने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी. चल अब नाटक मत कर नहीं तो तेरी बहन को यही नंगा करूँगा और रास्ते पर ही चोद दूँगा. फिर तो तेरी बहन फ्री में चुदवायेगी. में चुपचाप उठा और फिर हम कार में बैठकर जाने लगे. थोड़ी दूर जाने के बाद कार एक बिल्डिंग के सामने आकर रुकी. फिर हम सब उतर गये, जब मेरी बहन कार से उतर गयी तब उसने पूछा कि ये तुम कहाँ लेकर आए हो, कार की खिड़की बंद थी इसलिए मेरी बहन को पता नहीं चला था कि हम कहाँ जा रहे थे. फिर मेरे आस पास देखा तो वो समझ गयी थी की हम कहाँ आ गये थे.
फिर वो वहाँ से भागने लगी तो शेज़ाद ने अपने दो साथियों से कहा पकड़ साली को तो उन्होंने मेरी बहन को पकड़ लिया और शेज़ाद मेरी बहन के पास गया. फिर उसने मेरी बहन की गांड पर हाथ फेरा और थोड़ी सी गांड दबाकर बोला कि कहाँ भाग रही हो जानेमन, क्या मस्त गांड है तेरी? तुझे आज जन्नत की सेर कराने लाया हूँ. मेरी बहन रोने लगी और उसने कहा कि भैया मुझे बचाओ, तो मैंने अपनी नज़रे नीचे कर दी, में मेरी बहन से नज़र नहीं मिला पा रहा था.
तब शेज़ाद हंसने लगा और बोला तुझे वो क्या बचायेगा? तुझे यहाँ मुझसे चुदवाने के लिए वही तो लेकर आया है, आज तू एक रांड बनने वाली है. ये सुनकर मेरी बहन और रोने लगी, तो शेज़ाद बोला कि मत रो मेरी रंडी, अपनी जवानी के मजे ले. आज तेरा भाई तेरा दलाल बन गया है. फिर हम मेरी बहन को लेकर ऊपर चले गये. वहाँ एक आंटी आई उसने शेज़ाद को बैठने को बोला और फिर शेज़ाद बोला देख आज तेरे लिए क्या माल लाया हूँ? साली आज तेरे कोठे की शान बन जायेगी, हम एक हॉल में बैठे हुए थे वहाँ एक पलंग था.
फिर उन लोगों ने मेरी बहन को पलंग पर पटक दिया. मेरी बहन पलंग पर बैठकर रोने लगी, प्लीज मुझे जाने दो, मेरे साथ ऐसा मत करो. फिर वहाँ सब लोग हंसने लगे.
फिर शेज़ाद मुझसे बोला कि चल अपनी बहन को नंगा कर देखूं तो तेरी छिनाल बहन नंगी कैसी लगती है. में चुपचाप बेड के पास गया और मेरी बहन का टॉप उतारने लगा तो मेरी बहन मेरा विरोध करने लगी. फिर में मेरी बहन का टॉप जबरदस्ती निकालने की कोशिश करने लगा, लेकिन निकाल नहीं पाया. तभी शेज़ाद को गुस्सा आया, उसने आवाज लगाई और 3 लोग वहाँ से आए, उसने उन लोगों से कहा कि साली को पकड़कर खड़ा करो. फिर उन लोगों ने मेरी बहन को पकड़ के खड़ा किया और फिर मुझसे बोला चल अपनी बहन को अब नंगा कर. में मेरी बहन की तरफ बढ़ा, मेरी बहन उन लोगों से अपने आपको उनके हाथों से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उन लोगों ने मेरी बहन को ज़ोर से पकड़ रखा था.
फिर में अपनी बहन के पास गया और मैंने अपनी बहन का टॉप ऊतार दिया. मेरी बहन ने लाल कलर की ब्रा पहनी हुई थी. मेरी बहन के बूब्स देखकर सब हवस से भरी नज़रों से उसे देखने लगे. तभी वहां एक दलाल बोला वाह साली के क्या बूब्स है? तो शेज़ाद बोला अरे यार तेरी बहन के बूब्स कितने बड़े है, इतने शानदार बूब्स क्यों छुपा के रखे थे? देख तो कैसे आज़ाद होने के लिए तड़प रहे. फिर शेज़ाद बोला इसकी ब्रा को जल्दी उतार और पूरे बूब्स को देखने दे.
मैंने उसकी ब्रा खींचकर निकाल दी, जैसे ही ब्रा नीचे ऊतर गयी तो मेरी बहन के बूब्स एक स्प्रिंग की तरह निकल आए, सब मेरी बहन के बूब्स को देख रहे थे. मेरी बहन को जिन लोगों ने पकड़ रखा था, वो मेरी बहन के बूब्स पर हाथ फेरने लगे और कहा शेज़ाद भाई साली के बूब्स कितने मुलायम है. फिर शेज़ाद बोला चल अब अपनी बहन की जीन्स उतार और इस रंडी की चूत के दर्शन करा दे.
फिर मैंने धीरे-धीरे मेरी बहन की जीन्स के बटन खोल दिए. जैसे ही में अपनी बहन की जीन्स की चैन नीचे करने लगा तो शेज़ाद बोला कि रुक हाथ से नहीं अपने मुँह से चैन खोल. फिर में नीचे अपने घुटनों के बल बैठ गया और अपने मुँह से मेरी बहन की जीन्स की चैन पकड़ी और खोलने लग गया, जैसे ही मैंने मेरी बहन की चैन खोली तो उसकी चूत की स्मेल से में उत्तेजित हो गया. फिर मैंने थोड़ा मेरी बहन की चूत को किस किया तो मेरा लंड खड़ा होने लगा था.
शेज़ाद बोला कि देख रंडी तेरा भाई भी तेरी चूत का दीवाना हो गया. ये सुनकर मुझे थोड़ी शर्म आई. फिर में उठा और मेरी बहन की जीन्स निकाल दी, मेरी बहन ने लाल कलर की पेंटी पहनी थी, मेरी बहन पेंटी में क्या कयामत लग रही थी? फिर धीरे- धीरे मुझे भी अपनी बहन को नंगा करने में मज़ा आने लगा और मेरी बहन को सिर्फ़ पेंटी में देख वहाँ के सारे मर्द अपने लंड पर हाथ फेरने लगे. तो मेरा भी लंड पेंट के बाहर आने के लिए तैयार था, शेज़ाद ने शायद ये देख लिया था तो उसने कहा कि सब लोग देखो तो कैसे अपनी बहन को नंगा देखकर इसका भी लंड खड़ा हो गया, तो वो सब लोग मेरे लंड की और देखने लगे.
फिर शेज़ाद बोला क्यों भडवे अपनी बहन को नंगा करने में कैसा लगा? तो में बोला बहुत मज़ा आया भाई. तो शेजाद बोला तेरी बहन है ही इतनी अच्छी माल कि बुड्डे का भी लंड खड़ा हो जायेगा. चल अब अपनी बहन की चूत दिखा. फिर मैंने अपनी बहन की पेंटी को नीचे घुटनो तक ऊतार दिया और कहा कि देखो मेरी बहन की चिकनी चूत कैसी लगी?
सब लोग बोले मस्त है यार तेरी बहन की चूत. फिर शेज़ाद उठा और मेरी बहन को उठाकर बेड पर फेंक दिया और उसको चूमने लगा, मेरी बहन उसका विरोध कर रही थी, लेकिन कुछ कर नहीं पाई. शेज़ाद मेरी बहन के बदन को किस कर रहा था और उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था, उसके निपल्स को काट रहा था, फिर चूस रहा था, वो एक जानवर की तरह मेरी बहन के हर अंग के साथ खेल रहा था, मेरी बहन चिल्ला रही थी प्लीज छोड़ो जाने दो, आह्ह्ह आहह ऊहह आअहह.
फिर शेज़ाद ने एक उंगली मेरी बहन की चूत में डाल दी, और जैसे ही उंगली चूत में अंदर गयी तो मेरी बहन ज़ोर से चिल्ला उठी आआआआहह. फिर शेज़ाद मेरी बहन की चूत को चाटने लगा, मेरी बहन अब गर्म हो चुकी थी, उसका चिल्लाना बंद हो गया था. फिर वो सिसकारियां भरने लगी.. आह्ह्ह्हह ऊहह.
फिर थोड़ी देर तक मेरी बहन की चूत को चाटने के बाद शेज़ाद उठ गया और नंगा हो गया और मेरी बहन को बोला ले छिनाल चल चूस मेरा लंड, तो मेरी बहन चुपचाप शेज़ाद का लंड चूसने लगी. मेरी बहन मस्त होकर शेज़ाद का लंड चूस रही थी तो शेज़ाद बोला देख तेरी बहन क्या मस्त मेरा लंड चूस रही है? एकदम रंडी की तरह साली को लंड बहुत पसंद है.
फिर शेज़ाद ने मेरी बहन की दोनों टाँगे फैलाई और अपना लंड मेरी बहन की चूत पर रखा और ज़ोर से मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया, जैसे ही लंड अंदर गया मेरी बहन चिल्ला उठी आहाआहह. फिर शेज़ाद ने और ज़ोर से मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो शेज़ाद का पूरा लंड मेरी बहन की चूत में चला गया. मेरी बहन दर्द के कारण तड़प रही थी, लेकिन शेज़ाद को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था, मेरी बहन की चिल्लाने की आवाज़ सुनकर में बहुत डर गया.
मैंने शेज़ाद भाई से कहा प्लीज धीरे-धीरे से चोदो भाई, उसकी चूत में दर्द हो रहा है, तो शेज़ाद गुस्से में बोला चुप बे साले भडवे, बहन के दलाल, ये मेरी रंडी है, में जैसे चाहूँगा वैसे करूँगा, तू बीच में बोलने वाला कौन होता है और वो मेरी बहन को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा, मेरी बहन के आँखो से आसूं निकलने लगे थे. फिर में चुपचाप खड़ा होकर मेरी बहन को चुदते हुए देखने लगा. मेरी बहन दर्द के मारे चिल्ला रही थी प्लीज धीरे करो अया हाह्ह्ह्हह आआहह में मर गयी. लेकिन शेज़ाद कहाँ सुनने वाला था, वो मेरी बहन की चूत चोदे जा रहा था, फिर करीब एक घंटे तक चोदने के बाद उसने मेरी बहन की चूत में अपना पानी छोड़ दिया और मेरी बहन के बदन पर गिर गया.
फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरी बहन के बदन से उठा तो देखा कि मेरी बहन की चूत एकदम लाल हो गयी थी, उसकी चूत से खून निकल रहा था. फिर शेज़ाद बोला कि जाओ इसको साफ़ करके ले आओ, फिर वहां की दो रंडिया मेरी बहन को बाथरूम में ले गयी और उसकी चूत साफ करके वापस ही नंगी ले आई और बेड पर बैठा दिया.
शेज़ाद ने वहां की एक रंडी को अपना लंड चुसाया तो फिर से उसका लंड खड़ा हो गया. फिर उसने मुझसे कहा कि चल अपनी बहन को कुत्तिया की तरह बैठा और उसकी गांड चाटने लग जा, में अब इसकी गांड मारूँगा. मैंने कहा प्लीज़ शेज़ाद भाई आज मत करो मेरी बहन थक गयी है कल चोद लेना, तो शेज़ाद ने मुझे ज़ोर से थप्पड़ मारा और कहा साले हरामी रंडी की औलाद जो कह रहा हूँ वो कर. फिर उसने अपने आदमी से कहा साले का मुँह इसकी बहन की गांड में डालो तो दो आदमी उठे और मेरे मुँह को मेरी बहन की गांड में घुसा दिया और ना चाटते हुए मुझे मेरी बहन की गांड को चाटना पड़ा, मेरी बहन कराह रही थी. फिर करीब 10 मिनट तक गांड चाटने के बाद शेज़ाद बोला चल बाजू में हट, तो में हट गया.
फिर उसने कहा चल अपनी बहन की गांड फैला और मेरा लंड पकड़कर अपनी बहन की गांड में डाल दे. फिर मैंने मेरी बहन की गांड फैलाई और एक हाथ से शेज़ाद का लंड पकड़ा और मेरी बहन की गांड के होल पर रख दिया. फिर वैसे ही शेज़ाद ने ज़ोरदार धक्का मारा और पूरा लंड मेरी बहन की गांड में डाल दिया, मेरी बहन को इतना ज़ोर से दर्द हुआ कि वो बेड पर गिर गयी.
शेज़ाद ने मेरी बहन की कमर को पकड़ा और उसको कुतिया बनाकर उसकी गांड चोदने लगा. मेरी बहन ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी लेकिन शेज़ाद मेरी बहन की गांड मारे जा रहा था. फिर शेज़ाद अपने एक आदमी से बोला कि साली के मुँह में लंड डाल. तो बिना टाईम लगाये वो नंगा हो गया और मेरी बहन के मुँह में अपना लंड डाल दिया, अब वो दोनों मेरी बहन को चोद रहे थे.
फिर करीब 45 मिनट तक मेरी बहन की गांड मारने के बाद उसने अपना पानी मेरी बहन की गांड में डाल दिया, जो आदमी मेरी बहन का मुँह चोद रहा था, उसने अपना पानी मेरी बहन के मुँह में डाल दिया और ना चाहते हुए भी मेरी बहन को उसका पानी पीना पड़ा. फिर जैसे ही वो दोनों हट गये, मेरी बहन बेड पर गिर गयी, मेरी बहन इतनी ज़बरदस्ती चुदाई के बाद थक गयी थी. फिर शेज़ाद अपने बाकी 5 साथियों को बोला अब तुम मजे कर लो, फिर मेरी बहन रोने लगी कि प्लीज़ अभी नहीं, में बहुत थक गयी हूँ. लेकिन उन आदमीयों ने मेरी बहन की कुछ ना सुनी और जल्दी से नंगे हो गये और मेरी बहन पर जानवरों की तरह टूट पड़े. कोई उसकी चूत चाट रहा था, कोई उसके बूब्स, तो कोई उसकी गांड चाट रहा था, पांचो आदमी मेरी बहन के बदन से खेल रहे थे. फिर एक आदमी ने मेरी बहन की चूत में अपना लंड डाल दिया और उसको चोदने लगा, दूसरे ने मेरी बहन के मुँह में अपना लंड डाल दिया और बाकी के लोगों ने मेरी बहन के हाथ में लंड दिए और मेरी बहन के बदन से खेलने लगे.
फिर पहले आदमी का होने के बाद दूसरा आदमी उसकी चूत चोदने लगा, फिर तीसरा, ऐसे करके पांचो ने मेरी बहन की चूत मारी. फिर थोड़ी देर रुकने के बाद सबके लंड फिर से खड़े हो गये, फिर मेरी बहन की चूत और गांड में एक साथ लंड डाल दिए और चोदने लग गये, मेरी बहन दर्द के मारे चिल्ला रही थी, वो सब मेरी बहन को और ज़ोर-जोर से चोद रहे थे. शाम के 5 बजे से 8 बजे तक मेरी बहन की लगातार चुदाई हुई. उसके बाद शेजाद ने हमें घर छोड़ दिया और मेरी बहन और में उसे एक हादसा समझकर भूल गये.
Share:

भाभी की चूत का आनंद मिला

मेरे प्रिय दोस्तों, मेरा नाम अरमान सिंह है और में जयपुर राजस्थान में रहता हूँ. में 25 साल का हूँ और में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूँ, मेरी हाईट 5.8 है और में बिल्कुल गोरा चिट्टा सुंदर लड़का हूँ. मुझे बस सेक्स से प्यार है और सेक्स ही मेरी बहुत बड़ी कमज़ोरी है.
अब में अपनी स्टोरी पर आता हूँ. दोस्तों कुछ दिनों पहले मुझे एक लेडी का मैल आया और उन्होंने मुझसे कहा कि वो मुझसे मिलना चाहती है, उनका नाम रानी था, तो मैंने उनसे उनके मोबाईल नंबर माँगे और उन्होंने मुझे अपने नंबर दे दिए. फिर मैंने उन्हे कॉल किया और मुझे बात करते समय उनकी आवाज़ बहुत मीठी, प्यारी लगी और फिर बहुत देर तक हमारी बातें हुई. दोस्तों उनके दिल में डर था कि कहीं में झूठा तो नहीं या कोई मज़ाक तो नहीं कर रहा था? फिर मैंने उन्हे समझाया कि में कोई झूठा नहीं हूँ और में उनकी किसी भी तरह मदद कर सकता हूँ, बस वो मुझे एक बार उनकी सेवा का मौका दे.
उन्होंने मुझे अपने घर का पता मैसेज कर दिया और मुझसे अगले दिन सुबह 11 बजे आने को कहा, क्योंकि जब तक उनके पति अपने ऑफिस चले जाते है. फिर में उनके दिए हुए पते पर अपने ठीक समय पर पहुंच गया और जब उन्होंने दरवाजा खोला तो दोस्तों में एकदम चकित होकर उन्हे देखता ही रह गया, क्योंकि दोस्तों वो भाभी क्या मस्त माल थी? वो गोरी चिट्टी एकदम सेक्स की देवी लग रही थी, उन्होंने नीले रंग की साड़ी पहनी हुई थी, उनका क्या मस्त फिगर था? उनके फिगर का साईज 38-32-40 था, जो मैंने उनसे बाद में पूछा था.
फिर उन्होंने मुझे अपने घर के अंदर बुलाया और मुझसे चाय, कॉफ़ी के लिए पूछा तो मैंने चाय लाने को कहा. फिर थोड़ी देर में वो चाय बनाकर लाई और हम दोनों सोफे पर आमने-सामने बैठ गये और इधर उधर की बातें करने लगे और तभी उन्होंने मुझे बताया कि उनकी शादी को 9 साल हो चुके है, लेकिन अब उनके पति उनके साथ सेक्स एंजाय नहीं करते और महीनो तक उनके साथ सेक्स करना तो बहुत दूर की बात है वो तो उन्हे अब छूते भी नहीं है. उनके दो बच्चे है जो कि हॉस्टल में पढ़ते है और फिर उन्होंने मेरा नाम और इधर उधर की बातें पूछी तो कुछ देर के बाद उन्होंने खुद ही आगे होकर मुझसे कहा कि चलो अब बेडरूम में चलते है और फिर मुझे मेरा हाथ पकड़कर अपने बेडरूम में ले गयी और मुझे किस करने लगी.
फिर मेरे होंठो को आइस्क्रीम की तरह चूसने लगी और अब में भी उनके होंठो को चूसने लगा और हम दोनों एक दूसरे में बिल्कुल मदहोश हो चुके थे और अब मेरा एक हाथ उनकी कमर को छूने लगा जिसका मुझे भी पता नहीं चला. फिर में उनके ब्लाउज के ऊपर से साड़ी को हटाने लगा तो उन्होंने एकदम से मुझे रोक दिया और उन्होंने मेरी शर्ट को खोल दिया और पेंट के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़कर मसलने और सहलाने लगी. फिर मैंने भी जोश में आकर उनकी साड़ी को पूरा खोल दिया और अब वो बस मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में थी. फिर मैंने उन्हे बेड पर पटक दिया और अब में उनके ऊपर आ गया.
फिर हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने, चाटने लगे. कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी छाती को चूमने लगी. फिर वो पेंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरी पेंट की जिप खोलकर मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगी. फिर उन्होंने मेरी पेंट को खोलकर मेरी अंडरवीयर को भी उतार दिया अब में बिल्कुल नंगा था. तो वो मेरे लंड को चूमने, चाटने लगी और मेरा लंड जो उस वक़्त किसी सांप की तरह फुंकार मार रहा था उसे अपने मुहं में ले लिया और बहुत देर तक उसको चाटती, चूसती रही.
मेरा लंड अब किसी लोहे के सरिए की तरह कड़क हो गया था. तो उसने कहा कि मेरे राजा आओ मेरी प्यास बुझा दो और आज अपने लंड से मेरी चूत को रोशन कर दो, बहुत सालों से मेरी चूत किसी से चुदने के लिए तरस रही है आज तुम इसको बहुत जमकर चोदो और इसको अपने लंड की ताकत का अंदाजा करवा दो, इसको तुम आज अच्छी तरह चोद दो.
फिर दोस्तों उसके मुहं से एसी बातें सुनकर में जोश में और भी पागल हो गया और फिर उसके बाद उन्होंने मुझे हर जगह से चाटा चूमा, लेकिन अब मेरी बारी थी तो मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया. वाह दोस्तों क्या मस्त बूब्स थे? उनकी साईज़ 38 थी और बड़े ही मोटे मोटे बूब्स थे, जो मुझसे कह रहे थे कि प्लीज हमें आज़ाद कर दो और खा जाओ. उन्होंने लाल कलर की ब्रा और काली कलर की पेंटी पहनी हुई थी. फिर में उनकी पेंटी के ऊपर से ही चूत को चाटने लगा और वो सिसकियाँ भरने लगी थी आआह्ह्ह्हह्ह उह्ह्हह्ह्ह्ह की आवाजें निकालने लगी थी.
फिर मेरी जीभ अब उनकी चूत चाट रही थी और मेरा एक हाथ उनके दोनों बूब्स को एक एक करके दबा रहा था. फिर मैंने उन्हे गोद में लेकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और उन्हे पूरा नंगा कर दिया. फिर उनको बाहों में लेकर प्यार करने लगा, में उन्हे प्यार कर रहा था कि तभी उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे लंड जैसा उन्होंने अभी तक किसी का लंड नहीं देखा है और उनके पति का लंड बहुत छोटा है.
फिर मैंने उन्हे सीधा किया और उनकी चूत पर अपना लंड रख दिया और धीरे-धीरे धक्के देकर उनकी चूत में अंदर डालने लगा तो वो दर्द की वजह से चीखने चिल्लाने लगी और जब कुछ देर बाद उनका दर्द कम हुआ, तो वो कहने लगी कि आज मेरी चूत की आग बुझा दो आईईईई मेरे राजा हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे. तुम आज मेरी चूत उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह को चोद-चोदकर बिल्कुल शांत ऊईईईईइ कर दो मेरे राजा और फिर उन्होंने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया. हम दोनों बहुत देर तक एक दूसरे को किस करते रहे. फिर उसने मुझे हर जगह किस किया जिसकी वजह से पूरे बदन में जैसे आग लग गयी और करीब 40 मिनट तक लगातार धक्के मारने और अलग-अलग स्टाइल से उन्हे चोदने के बाद वो झड़ गयी, लेकिन में अभी बाकी था तो में ज़ोर ज़ोर से उन्हे चोदने लगा और कुछ देर बाद में भी झड़ गया.
फिर उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे आज पहली बार सेक्स करके अपनी चूत को चुदवाकर मज़े आए है और तुमने मेरी चूत को वो सुख दिया है जिसके लिए में बहुत सालों से तड़प रही थी, तुमने मुझे आज चोदकर मेरी उम्मीद से बढ़कर खुशी दी है जिसे पाने के लिए मेरी चूत सदा के लिए तुम्हारी गुलाम बनकर भी रह सकती है.
दोस्तों कुछ देर हम ऐसे ही बिल्कुल नंगे एक दूसरे के चिपके रहे और उसके बाद हम बाथरूम में भी बहुत देर तक नंगे ही पानी में गीले होते रहे और एक दूसरे के बदन की गर्मी को महसूस करते रहे मज़े लेते रहे. फिर उन्होंने कहा कि अब उनके पति आने वाले है और अब तुम चले जाओ. फिर मैंने कपड़े पहने और अपने घर पर आने लगा तो उन्होंने फिर से मुझे किस किया और कहा कि वो मुझे फिर से कोई अच्छा-सा मौका मिलते ही जरुर बुलाएँगी और फिर में वहां से चला आया. लेकिन में अब भी कभी कभी उनको चोदता हूँ और उनके साथ चुदाई के मज़े करता हूँ.
Share:

मामी और उनकी नौकरानी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है और मेरी उम्र 22 साल है और में बेंगलोर का रहने वाला हूँ. में बेंगलोर की एक अमीर पंजाबी परिवार से हूँ. हमारे घर में सेक्स बहुत रोचक है और बहुत लोग एक दूसरे की बीवियों के साथ सेक्स करते है. मेरे घर में 6 लोग है. मेरी मम्मी उनकी उम्र करीब 46 साल है और वो बहुत सुंदर और बिल्कुल सती सावित्री, मेरे पापा उनकी उम्र करीब 48 साल और उनकी हाईट 6 फीट, लंड 7 इंच लंबा है और उनसे बहुत औरतों के साथ सेक्स सम्बन्ध है. मेरी उम्र 22 साल 5.11 मेरी हाईट और मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और मैंने भी बहुत औरतों के साथ सेक्स किया है. जिसमे मेरी बुआ, मामी, चाची और तीन भाभियों को भी चोद चुका हूँ. अब मेरे चाचा उनकी उम्र 39 साल और उनकी हाईट 5.8 इंच नॉर्मल शरीर, मेरी चाची उनकी उम्र 36 साल और उनकी हाईट 5.6 इंच और एकदम सेक्सी जिस्म और एक उनका बेटा है, उसकी उम्र 10 और वो भी हमारे साथ रहने आ गये है, पहले यह लोग हमारे गाँव में रहते थे.
दोस्तों यह स्टोरी मेरे और मेरी मामी के सेक्स की है और मैंने कैसे उन्हे चोदा और अपने दोस्त कपिल से भी चुदवाया. दोस्तों कपिल मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है और हम दोनों बचपन से ही साथ में रहते है. वो भी 22 साल का है और 5.5 उसकी हाईट है. मैंने और उसने बहुत लड़कियों और आंटियों के साथ में चोदा है. मेरी मामी की उम्र 37 साल है और उनका फिगर 38-32-38 है और वो बहुत गोरी फिगर से तो आपको पता चल ही गया होगा कि थोड़ी मोटी है, लेकिन ज़्यादा नहीं और बिल्कुल सही जगह से मोटी है. दोस्तों हम लोग पंजाबी है, लेकिन मेरी मामी मारवाड़ी है और वो ज्यादातर साड़ी पहनती है, लेकिन नानीजी की म्रत्यु के बाद वो सलवार कमीज़ भी पहनने लगी है.
यह 2012 अक्टूबर की घटना है, जब मुझे और कपिल को चेन्नई जाना पड़ा था और एक कंपनी की ऑडिट के लिए वहाँ हम लोग मेरे मामा के घर पर रुके हुए थे और हम लोग वहाँ पर बुधवार सुबह पहुँच गये थे. मेरे मामाजी का एक बहुत बड़ा तीन मंजिल का बंगला है और उसमे सिर्फ 4 लोग ही रहते है, मामाजी, मामीज़ी, उनका बेटा और एक बाई है जिसका नाम रंजीता है और जो वहीं परमानेंट रहती है. पहले दिन बुधवार को तो हमने आराम किया और फिर दो (गुरुवार & शुक्रवार) दिन नॉर्मल गुज़रे, सुबह हम लोग 9 बजे ऑडिट के लिए जाते और शाम को 7 बजे तक वापस आ जाते और फिर आकर फ्रेश होकर नीचे आते और मामाजी से बात करते, खाना खाकर थोड़ी देर टी.वी. देखते और फिर सो जाते, तीसरे दिन जब हम लोग ऑडिट के बाद घर पर वापस आए तो मामा ने बताया कि वो कल बिजनेस के काम से हैदराबाद जा रहे है और बुधवार तक वापस आ जाएँगे.
में : क्यों मामा फिर तो आप हमसे मिल नहीं पाओगे?
मामा : ऐसा क्यों बेटा?
में : क्योंकि मामा हम लोग तो मंगलवार रात को ही अपने घर के लिए निकल जाएँगे.
मामा : अरे बेटा यह तो दिक्कत हो गयी.
दोस्तों मेरा चेहरा लटक गया, क्योंकि में मामा से बहुत प्यार करता हूँ और मामा भी मुझसे बहुत प्यार करते है.
मामा : अरे कोई बात नहीं बेटा, में जल्दी से जल्दी आने की कोशिश करूंगा, अगर मेरा काम जल्दी ख़त्म हो गया तो एक दिन पहले की रिज़र्वेशन करवा लूँगा नहीं तो में बस से आ जाऊंगा, लेकिन तुझे बिना मिले नहीं जाने दूँगा.
फिर हम सब बहुत खुश हो गये और मामी का सबसे ज़्यादा चेहरा चमक रहा था और मामा की यह बात सुनकर नहीं बल्कि यह सुनकर की मामा जा रहे है और अब मामी मुझसे चुदवा सकेगी और फिर अगले दिन में और कपिल मामा जी को स्टेशन छोड़कर आए तो वापिस आते वक़्त कपिल ने बोला.
कपिल : यार अब तो तेरे ऐश है.
में : तुमने ऐसा क्यों कहा?
कपिल : कमीने ज़्यादा शरीफ मत बन, मुझे सब पता है, क्योंकि अब शनिवार रविवार की छुट्टी है और तू मुझसे पूछता है क्यों?
में : बहुत ही शैतानो वाली स्माईल के साथ बोला कि हाँ अब घोड़ी को घोड़े के साथ अकेले छोड़ेंगे तो अस्तबल तो हिल ही जाएगा ना और हम दोनों हंसने लगे.
कपिल : भाई प्लीज मुझे मत भूल जाना.
में : पागल है क्या, वो मेरी मामी है यार?
कपिल : साले तू मेरी चाची को और सीमा भाभी और नेहा भाभी को चोदता है, तब तो कुछ नहीं बोला कमीने?
में : साले तुझे भूल सकता हूँ क्या? चल अब हम दोनों साथ में घोड़ी को दौड़ाएंगे, लेकिन आज रात तू रंजीता से काम चला ले.
कपिल : अरे हाँ यार रंजीता यहाँ पर रहेगी तो हम अपनी मामी को कैसे चोदेंगे?
में : अरे रंजीता को सब पता है मामी के बारे में और वैसे वो खुद भी बहुत बड़ी वाली है.
कपिल : क्या बात कर रहा है?
में : हाँ रे मुझे भी पता है, मैंने ही पिछली बार मामी को उसके सामने चोदा था और आज में मामी का पूरा पूरा ख़याल रखूँगा और तू रंजीता का, क्यों अब ठीक है?
कपिल : हाँ ठीक है.
फिर हम लोग घर पहुँच गये और उस वक़्त रात के करीब दस बजे होंगे, दरवाज़ा रंजीता ने खोला. फिर हम दोनों ने थोड़ी देर टी.वी. देखी और इतने में रंजीता हमारे लिए एक एक ग्लास ठंडी ठंडाई ले आई और फिर मैंने उससे पूछा कि मामी कहाँ है? तो उसने कहा कि ऊपर के कमरे में बाबा को पढ़ा रही है तो रात के 11 बजे तक अगले दिन का प्लान बनाकर और थोड़ा टी.वी. वगेरह देखकर में ऊपर जाने लगा तो कपिल ने रंजीता को गेस्ट रूम में बुलाया.
मैंने सीड़ी की तरफ जाते जाते रंजीता का सीधा बूब्स दबा दिया और एक स्माईल पास की तो वो भी समझ गई कि कपिल ने उसे गेस्ट रूम में क्यों बुलाया? फिर में ऊपर जाने लगा और इतने में मामी जल्दी से सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी तो मेरी और मामी की ज़बरदस्त टक्कर हो गयी और उनके बूब्स बहुत ज़ोर से मेरी छाती से टकरा गए.
मामी : अरे बाबू संभालकर ( दोस्तों मामी मुझे प्यार से हमेशा बाबू बुलाती है. )
दोस्तों मामी ने पर्पल कलर का नाईट गाउन पहना हुआ था और आँखों में काजल में तो बस मामी को एक टक नजर से देखता ही रह गया.
मामी : बाबू अब देखते ही रहोगे क्या?
में : अरे मामी आप इतनी जल्दी में नीचे कहाँ जा रहे हो?
मामी : में आप ही को ऊपर बुलाने आ रही थी.
में : क्यों छुटका सो गया?
मामी : अब वो पूरे दस साल का हो गया है और अब तो आप उसे छुटका मत बुलाया करो और वैसे छुटका सो गया.
फिर मैंने यह बात सुनते ही तुरंत मामी के चेहरे को थामा और ज़बरदस्त लिप किस किया और अब हम दोनों ही वहाँ सीढ़ियों पर ही एक दूसरे को चूमे जा रहे थे और मामी भी मुझे बहुत टाईट पकड़कर चूमे जा रही थी और हमारी जीभ जैसे आपस में लड़ पड़ी हो और हमारे मुहं से थूक ऐसे इधर से उधर हो रहा था, जैसे आसमान से बारिश हो रही हो. फिर करीब दो तीन मिनट बाद मामी ने किस छोड़ा और कहा कि कमरे में आओ. फिर हम लोग मामा मामी के कमरे में चले गये, में मामी के पीछे चल रहा था और उनकी गांड दबा रहा था और कमरे में जाते ही में मामी को चूमने लगा तो मामी ने मुझे दूर किया और कहा कि एक मिनट रुक जाओ, जल्दी क्या है? अब तो आने वाले तीन दिन अपने ही है और मामी पास वाले कमरे में चली गयी और दो मिनट बाद वापस आई.
में : क्यों कहाँ गये थे?
मामी : अपने बाल बाँधते हुए बोली कि में कुछ नहीं छुटकू को देखने गयी थी और फिर हंसने लगी और बोली कि सो गया?
फिर मामी मेरे पास आई और मुझे चूमने लगी और अब हम दोनों बेड पेर लॉटपोट हो रहे थे और एक दूसरे को चूमे जा रहे थे, चूमते चूमते मामी ने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया और फिर मैंने खुद ही मेरा लोवर भी उतार दिया. इस दौरान भी हम 1 दूसरे क होठों को चूसे जा रहे थे और जीभ आपस मे लड़ रही थी. मामी ने फिर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया.
मैंने मामी को पलटा और उनके ऊपर आ गया. मैंने मामी का गाउन उनके बूब्स तक सरकाया और दोनों बूब्स को दबाते हुये सीधे बूब्स के निप्पल को मुहं मे ले लिया, तो मामी आहें भरने लगी और में दस मिनट तक कभी सीधा बूब्स तो कभी उल्टे बूब्स को चूसता और दबाता रहा. फिर मैंने मामी का गाउन और भी नीचे करना चाहा तो मामी बोल पड़ी.
मामी : अरे बाबू आज इतने उतावले क्यों हो रहे हो और क्या मेरा गाउन फाड़ोगे?
में : नहीं मामी, में आज आपकी गांड फाड़ दूंगा और फिर हम दोनों हंसने लगे.
फिर मामी ने अपना गाउन उतारा और फिर मैंने देखा कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहना हुआ था, ना ब्रा ना पेंटी.
में : अरे मामी क्या बात है, अंदर तो कुछ भी नहीं है?
मामी : जब पता हो कि पिच पर मैच खेला जाना है तो उस पर कवर चढ़ाने का क्या फायदा?
फिर क्या था इतना सुनकर तो में इतना उत्तेजित हो गया कि में मामी पर टूट पड़ा और उनके पूरे बदन को मैंने चूमना शुरू कर दिया. फिर मैंने उनके सर से चूमते हुए गालों को चूमा, कान पर चूमते हुए कान के निचले हिस्से को चूसा और काटा भी, गर्दन पर जीभ घुमाते हुए में नीचे बूब्स की तरफ आया. दोस्तों मामी के बूब्स इतने अच्छे है एकदम गोल, बड़े बड़े, बिल्कुल भरे हुए और इतने गोरे कि कोई भी उनके निप्पल चूसे बिना नीचे जा ही नहीं सकता.
मैंने मामी के बूब्स दबाए और निप्पल को एक एक करके चूसा और फिर पेट को चूमता हुआ नाभि तक पहुँचा, मामी की नाभि बहुत बड़ी और गहरी है और मामी जब साड़ी में होती है तो उनकी नाभि एक आकर्षण का केन्द्र होती है. फिर मैंने उनकी नाभि में उंगली डालकर फेलाया और फिर उसे चूमने और चाटने लगा, करीब 5 मिनट तक चाटने के बाद वो मुझसे बोली.
मामी : बेटा यहाँ कहाँ अपना समय बर्बाद कर रहे हो, बेटा असली जन्नत तो इसके नीचे है.
दोस्तों जब मैंने मामी की तरफ देखा तो मामी ने मुझे बहुत ही शरारती सी स्माईल दी और में तुरंत मामी के पैरों के बीच में आ गया और मामी ने अपने दोनों पैर फैला लिए और मैंने देखा कि मामी की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
में : मामी आपने तो शेविंग कर रखा है, वाह मज़ा आ गया.
मामी : लास्ट टाईम तुमने ही तो कहा था कि तुम्हे खेलने का ज़्यादा मज़ा तब आएगा, जब अगर मैदान साफ हो तो इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना में अपना मैदान अच्छी तरह से साफ कर लूँ?
में : चलो अब मैदान पर थोड़ा पानी में डाल देता हूँ.
मामी : हाँ बिल्कुल ठीक है और वैसे भी यह मैदान हर बार तुम्हारे ही पानी से हरा भरा होता है.
फिर मैंने मौका देखकर अपनी एक उंगली को मामी की चूत में डाल दिया. फिर मैंने महसूस किया कि मामी की चूत अब तक पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैंने फिर दो चार बार लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर किया और फिर उंगली को बाहर निकालकर चाट लिया.
में : वाह मामी मज़ा आ गया, आपका चूत रस तो बहुत मीठा है?
मामी : उंगली में लेने से क्या पता चलेगा डाइरेक्ट मुहं लगाओ, तुम्हे पूरा मज़ा तो तब आएगा.
फिर मैंने मेरी जीभ को अब मामी की चूत पर लगाया और उनकी चूत को चाटने लगा, मामी को तो जैसे मेरी जीभ से करंट सा लग गया हो, वो एकदम पूरी तरह से हिल गई थी और फिर में जितना जीभ को गहराई में ले जाने की कोशिश करता तो मामी उतना ही अपनी गांड उठाकर मुझे अपनी चूत में घुसा लेती, मामी मेरे लंड पर हाथ फेर रही थी और बार बार अपनी गांड उठाकर मेरा मुहं अपनी चूत पर दबा रही थी, मामी ज़ोर ज़ोर से आहें भर रही थी और सिसकियाँ ले रही थी, उनकी सिसकियों की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी, आहहह आईईईइ उफफफफफ्फ़ हाँ बाबू और ज़ोर से ऐसे ही चाटो अहहहह उम्म्म्मम. तभी एकदम से पता नहीं मामी को क्या हुआ उन्होंने मुझे अपनी चूत पर से हटाया और एकदम से उठकर बैठ गयी और फिर मेरा सर दीवार से जाकर लगा.
मामी : नहीं, अब बस करो.
में : क्यों अब क्या हो गया मामी? में अपने सर को मसलते हुए बोला कि वैसे ज़्यादा ज़ोर से तो नहीं पर थोड़ी तो मुझे दीवार से लगी थी.
मामी : सॉरी सॉरी बेटा हम यह सब नहीं कर सकते.
में : क्यों इसमें अब ऐसा क्या हो गया इससे पहले तो हम बहुत कुछ कर चुके है?
मामी : नहीं बेटा, मेरा मतलब वो बात नहीं है. में तो उसके बारे में सोच रही थी नीचे जो वो तुम्हारा दोस्त है.
तो दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर में दो मिनट तक लगातार मामी को घूरता रहा.
में : तो उसमे अब क्या हुआ? दोस्तों और फिर में एकदम ज़ोर से हंसा हा हा हा हा.
मामी : क्या हुआ बेटा ऐसे हंस क्यों रहे हो?
में : हंसते हसते बोला कि हा हा कुछ कुछ नहीं मामी हा हा हा.
मामी : अरे अब बताओ ना क्या हुआ?
में मामी का चेहरा अपने हाथों में थामकर बोला, अरे मामी वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है और उसे भी यह सब पता है और क्या आप भूल गई मैंने आपको बताया था कि मैंने और इसने कितनी सारी लड़कियों, भाभियों, आंटियों, औरतों को साथ में चोदा है और यह कहकर मैंने मामी को होंठ पर एक जोरदार किस किया.
मामी : अरे हाँ में तो बिल्कुल ही भूल गई कि इसे तो मेरे और तुम्हारे बारे में भी सब कुछ पता है.
में : मामी वैसे हम दोनों एक दूसरे की पूरी पूरी खबर रखते है.
अब में फिर से मामी के ऊपर चढ़ गया, लेकिन मामी ने मुझे अब किस नहीं करने दिया और उन्होंने अपना मुहं दूसरी साईड घुमाते हुए मुझसे कहा कि..
मामी : लेकिन, फिर भी अगर वो ऊपर आ गया तो?
में : नहीं आएगा मामी क्योंकि वो तो खुद ही नीचे इस समय रंजीता का आनंद उठा रहा है.
मामी : क्यों तुमने आते ही बेचारी को काम पर लगा दिया?
में : हाँ वो भी तो काम करके बहुत खुश होती है. मामी समझ गई कि में क्या बोलना चाहता हूँ और अब हम दोनों ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे.
फिर मैंने मामी के होठों को चूमना शुरू कर दिया और करीब 5 मिनट ऐसे ही चूमने के बाद मामी के गालों को चूमने लगा और साथ ही साथ मैंने मामी की चूत में अपना लंड सेट किया और फिर मैंने मामी को बिना बताए सही मौका देखकर एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड एक ही बार में मामी की गीली चूत में चला गया.
मामी : आह्ह्ह्हहह उईईईईइइई माँ बेटा कम से कम मुझे एक बार अपने लंड को घुसाने से पहले बोलना तो चाहिए, एकदम से मेरी चूत की फाटक तोड़कर अंदर घुस गये उहहह्ह्ह माँ मर गई.
फिर में बिना कुछ बोले मामी के बूब्स दबाने लगा और आगे पीछे धक्के देने लगा में हल्के हल्के धक्के दे रहा था और मामी भी आहें भर रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी. तभी एकदम से मैंने अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ा दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर मामी को चोदने लगा, वो पूरा कमरा मामी की चीखों से, सिसकियों से और हमारे शरीर के टकराने की आवाज से गूंजने लगा.
मामी : आआआहह हाँ और ज़ोर से आआअहह उह्ह्ह्ह हाँ बेटा थोड़ा और ज़ोर से चोदो मुझे.
अब उनकी तरफ से मुझे ज़ोर से चोदने की अनुमति मिलते ही में और ज़ोर ज़ोर से धक्के देने लगा तो ठप-ठप और हमारे शरीर के टकराने की आवाज़ मुझ में और भी जोश भरने लगी.
मामी : आअहह उईईईई माँ आआअहह में मर गई उह्ह्ह्ह ठप ठप ठप.
फिर दस मिनट तक ऐसे ही लगातार चोदने के बाद में मामी के ऊपर से उठ गया तो मामी भी एकदम से उठकर बैठी और फिर थोड़ा नीचे झुककर मेरे लंड को चूसने लगी तो में दो मिनट के बाद मामी को लेकर पलंग से नीचे उतरा और मैंने उन्हे ड्रेसिंग टेबल के सहारे झुका दिया और नीचे झुककर उनकी गांड को दबाने लगा, क्योंकि मामी को भी गांड के साथ खेलना बहुत पसंद है और सेक्स में अगर गांड के साथ कुछ ना किया तो सेक्स का मज़ा ही क्या? मैंने मामी की गांड को दबाया उसे एक दो बार काटा भी और फिर उनकी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया, होठों को चूमना, गांड को मारना और गांड चाटना तो मेरा सबसे पसंदीदा काम है.
मैंने पीछे से अपना लंड उनकी चूत में डाला और लगातार धक्के देकर चोदने लगा. अब हम दोनों बहुत तेज़ी से सेक्स कर रहे थे. मेरी स्पीड इतनी तेज थी कि मुझे यह भी नहीं मालूम पड़ रहा था कि लंड कब अंदर और कब बाहर हो रहा था, लेकिन ऐसी ताबड़तोड़ चुदाई में मज़ा बहुत आता है में बीच बीच में मामी की पीठ को चाटता और उनके कान पर हल्का सा काटता, कभी मामी के बूब्स दबाता तो कभी पीछे से ही उनके गालों को चूमता.
दोस्तों मैंने मामी को मैंने उस पोज़िशन में करीब 10-15 मिनट तक चोदा और फिर मैंने अपनी स्पीड को बहुत तेज़ कर दिया, क्योंकि अब में झड़ने वाला था और आख़िरकार उनकी चूत में मेरा मतलब मैंने उनके मैदान पर अपना पानी डाल दिया. हम लोग वैसे ही 5 मिनट वहाँ पर खड़े रहे और में मामी के बूब्स को दोनों हाथों से पकड़े हुए थोड़ा थोड़ा हीले जा रहा था और में हल्के हल्के धक्कों के साथ अपना पूरा पानी उनके मैदान में डाल रहा था. फिर मामी धीरे से पलटी जिसकी वजह से मेरा लंड उनकी चूत से बाहर आ गया. मामी ने मेरे होठों पर दो किस दिए और फिर अपने घुटनों पर बैठकर मेरा मेरे लंड को चूसकर साफ किया और बचा हुआ सारा वीर्य चाट लिया. फिर हम दोनों बेड पर जाकर एक दूसरे की बाहों में लेट गये.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया