सेक्सी मकान मालकिन की चूत मारी

हैल्लो दोस्तों, सेक्सी लड़कियों और भाभियों आप सभी अब अपनी अपनी चूत को नंगी कर लो, क्योंकि मुझे विश्वास है कि इस कहानी को पढ़ते पढ़ते आप सभी की चूत का पानी निकल जाएगा और लंड वालों आप सभी अपना अपना लंड हाथ में पकड़ लो और मुठ मारना शुरू कर दो, क्योंकि यह मेरी कहानी बहुत गर्म है. दोस्तों मेरा नाम प्रदीप है और में जालंधर के एक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हूँ. दोस्तों आज में जो कहानी आप सभी के सामने पेश कर रहा हूँ वो मेरे साथ उस वक्त घटित हुई थी जब में कॉलेज के दूसरे साल में अपनी पढ़ाई कर रहा था और में यहाँ पर एक मकान में किराए से रहता था.
उस मकान में मकान मालिक का परिवार जिसमे एक छोटा लड़का उम्र 2 साल लेकिन वो बहुत शरारती है और उस लड़के की माँ जिसे में भाभी कहता हूँ उनकी उम्र करीब 27 साल है और मकान में दादा, दादी भी रहते है. दोस्तों उन भाभी के पति जो कि अभी कनाडा में रहते है और उन्हे यहाँ से गये हुए पूरे दो साल हो गये थे. दोस्तों यह बात फरवरी 2013 की है उस वक़्त पंजाब में बहुत ज्यादा ठंड होती है, क्योंकि मकान में जवान सिर्फ़ भाभी है तो हर काम उन्हे ही देखना पड़ता है, लेकिन जब से में उनके मकान में रहने लगा हूँ तब से उन्हे मेरी तरफ से थोड़ी बहुत मदद मिल जाती थी, क्योंकि में बाहर से कुछ भी जरुरी सामान लाने में उनकी हमेशा मदद किया करता था.
दोस्तों थोड़ा बहुत में अपनी भाभी के बारे में भी बता दूँ कि उनकी उम्र 27 साल, गोरा चेहरा, उनके फिगर का साईज़ 32-30-34 है और वो दिखने में बहुत मस्त है. उन्हे एक बार देखने से ही किसी का भी चोदने का दिल कर जाए. अब में अपने मन की बताऊँ तो भी ऐसा परिवार पाकर बहुत खुश था और भाभी के बूब्स तो मुझे बहुत ज्यादा अच्छे लगते थे और वो मकान पर अधिकतर समय सूट पहनती थी और उन कपड़ो में तो वो बिल्कुल कयामत लगती थी, उन्हे देखते ही मेरा दिल करता है कि बस पकड़कर चोद दूँ. दोस्तों अब में अपनी कहानी को शुरू करता हूँ. तो एक दिन हुआ यह कि मुझे उस मकान में कमरा लिए हुए अभी दो महीने ही हुए थे और में उनके मकान पर एक परिवार के सदस्य की तरह रहने लगा था और उनका मुझ पर विश्वास भी पूरा बन गया था, मेरा रूम ऊपर वाला था और मुझे खाना देने भाभी खुद ही आया करती थी, क्योंकि में बाहर के कामों में उनकी मदद कर देता था और जब मकान के सभी सदस्य खाना खा लेते थे तो उसके बाद भाभी मुझे खाना लाकर ऊपर दे दिया करती थी. दोस्तों पहले पहले तो में भाभी को चोदने के बारे में नहीं सोचा करता था, लेकिन थोड़े दिनों के बाद भाभी की शायद मुझमें रूचि ज्यादा ही बन गई थी और अब वो मेरे साथ कुछ अजीब सा व्यहवार करने लगी थी, उन्होंने मेरे साथ अब हंसी मज़ाक भी करना शुरू कर दिया था और में भी कभी कभी उन्हे मज़ाक में पकड़ लिया करता था, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी और अब मुझे उनका व्यहवार देखकर लगने लगा था कि भाभी मुझसे कुछ चाहती है? लेकिन मैंने उस काम में ज्यादा जल्दी नहीं की. दोस्तों में हर रोज शाम को जिम जाया करता था और फिर वहां से आकर नहाता था.
एक दिन जब में शाम को जिम से वापस आया तो मैंने देखा कि मकान में सिर्फ़ भाभी और उनका लड़का ही था. तो मैंने उनसे पूछा कि मकान के सब लोग कहाँ गये? तो वो मुझसे बोली कि दादा दादी पास में किसी के मकान पर जागरण में गए हुए है, लेकिन मुझे लगता कि शायद वो आज घर नहीं आएँगे. तो उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और फिर में बाथरूम में नहाने चला गया. दोस्तों में हमेशा नंगा होकर नहाता हूँ और हर रोज की तरह आज भी में नंगा ही नहा रहा था, वो बाथरूम इस तरह से बना है कि अगर कोई छत पर खड़ा हो तो उसे ऊपर से अंदर की तरफ सब कुछ दिखेगा, लेकिन वहां पर ज्यादा कोई नहीं जाता है, सिर्फ़ कपड़े सुखाने के लिए तार लगा हुआ है. उस दिन शायद भाभी ने अपने कुछ कपड़े तार पर डाल रखे थे और वो छत पर उन्हे उतारने गई हुई थी, लेकिन मैंने उस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और फिर मैंने अपने लंड पर साबुन लगाया तो वो धीरे धीरे तनकर खड़ा होने लगा और इसी बीच मेरा मुठ मारने का मन किया और फिर में शुरू हो गया और शायद यह सब भाभी देख रही थी, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया. फिर मैंने मुठ मारी और नहाकर बाहर आ गया. दोस्तों मेरा लंड 6 इंच का है. तो उसी रात को भाभी रूम में खाना लेकर आई और फिर पानी वग़ैरह रखकर मेरे सामने ही बैठ गयी. तभी मैंने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा कि लगता है आज आप अपने सभी कामों से बिल्कुल फ्री है? तो उन्होंने कहा कि हाँ और फिर मैंने उनसे पूछा कि छोटू कहाँ है? तो वो बोली कि वो सो गया है.
फिर हम बातें करने लगे और जब मैंने खाना खा लिया तो वो बर्तन ले जाकर रसोईघर में रख आई और फिर दोबारा मेरे रूम में आई और बोली कि आज मेरा मन नहीं लग रहा है क्या हम कुछ देर बात कर सकते है? तो मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं? चलो भाभी हम दोनों आज छत पर बिल्कुल खुले में बैठकर बातें करते है और फिर हम छत पर चले गये, वो मेरे पास में बैठी हुई थी और फिर हम दोनों ने बातें करनी शुरू की. दोस्तों भाभी ने अपनी शादी से पहले बी.ए. की हुई है इसलिए में उनकी कॉलेज लाईफ के बारे में पूछने लगा कि उनकी कॉलेज लाईफ कैसी थी? तो उन्होंने मुझे बताया कि उस समय उनके पीछे कॉलेज के बहुत सारे लड़के थे, लेकिन वो एक लड़के को बहुत पसंद करती थी. फिर वो मेरे बारे में मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ एक है, तो वो मुझसे मजाक में बोली कि क्यों इसका मतलब तुम तो पूरा मज़ा ले रहे होंगे? और वैसे भी आज कल तो सब बहुत तेज़ हो गया है. मैंने भी उनकी यह बात सुनकर उनको स्माइल किया और मैंने भाभी से कहा कि भाभी क्या में आपसे एक बात पूछ सकता हूँ, आप मुझसे गुस्सा तो नहीं हो जाओगी?
फिर वो बोली कि नहीं तुम पूछ लो ऐसा कुछ नहीं होगा. तो मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए कहा कि आपने शादी से पहले कभी किसी के साथ कुछ किया है? तो यह बात सुनते ही वो मुझे एकदम हैरान होकर देखने लगी और फिर वो हंसकर बोली कि तुम यह मुझसे क्या पूछ रहे हो? तो मैंने कहा कि क्यों हम इतनी बात तो कर ही सकते है ना? तो वो हंसने लगी और फिर बोली कि नहीं पहले कभी मैंने ऐसा कुछ नहीं किया था, लेकिन जिस लड़के को वो दिल से चाहती थी वो एक बार उन्हे अकेले में ले गया था और वहां पर हमने किस किए थे और उसने मेरे बूब्स दबाए थे और मुझसे मेरी चुदाई करने की कह रहा था, लेकिन में नहीं मानी.
मैंने उनकी बात खत्म होते ही उनसे पूछा कि क्या आप अपनी इस लाइफ से खुश हो? तो वो एकदम से बोली कि हाँ और फिर वो मेरी बात को काटते हुए मुझसे पूछने लगी कि तुम बाथरूम में क्या कर रहे थे? दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तो होश ही उड़ गये और उस घबराहट में मेरे मुहं से आवाज़ नहीं निकली. में पसीने से गीला हो गया, मेरे चेहरे का रंग उड़ गया और में ये, वू, में वो कर रहा था और कुछ भी बड़बड़ाने लगा. फिर वो स्माइल करते हुए बोली कि क्या हुआ मुझसे इतना डर क्यों रहे हो? तुमने तो मुझसे बहुत आसानी से सब कुछ पूछ लिया और जब मैंने तुमसे कुछ तुम्हारे बारे में पूछा तो तुम्हारी आवाज़ नहीं निकल रही ऐसा क्यों? वैसे अब तुम मुझसे बिल्कुल भी मत डरो क्योंकि मैंने तुम्हे वो सब करते हुए देख लिया था.
मैंने कुछ नहीं कहा और थोड़ी देर शांत रहा, लेकिन मन ही मन कुछ सोचता रहा और फिर मैंने कुछ देर बाद उनसे कहा कि भाभी प्लीज आप यह बात किसी से मत कहना. तो वो बोली कि यहाँ पर इस समय कहने और सुनने के लिए सिर्फ़ तुम ही हो और कोई नहीं है. जिससे में यह सब कहूँगी और फिर वो मुझसे मुस्कुराती हुई बोली कि वैसे तुम्हे वो सब करने की ज़रूरत ही नहीं. मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए बहुत हल्की आवाज से पूछा कि क्यों? लेकिन वो कुछ नहीं बोली बस शरारती अंदाज में मुस्कुराती रही.
मैंने पूछा कि भाभी भैया को बाहर गये हुए दो साल हो गये है तो आप कैसे रह लेते हो? फिर वो झट से बोली कि कैसे रह लेती हो का क्या मतलब् है? तो मैंने कहा कि वो सब जो एक पति पत्नी करते है उसका क्या? तो वो बोली कि हाँ ठीक है में तुम्हारा कहने का मतलब समझ गयी, लेकिन वो थोड़ी देर बिल्कुल चुप रही और फिर वो अपनी आंख से आँसू साफ करते हुए बोली कि चलो अब नीचे सोते है, क्योंकि अब रात भी बहुत ज्यादा हो गयी है. दोस्तों में उनकी इन सब बातों से समझ गया था कि भाभी बहुत प्यासी है और उन्हे अब लंड की ज़रूरत है और मैंने भी मन ही मन सोचा कि आज में इसे इस बात का एहसास करा देता हूँ कि उसका पति नहीं है तो क्या हुआ लंड मेरे पास भी है और में उसके पास हूँ ना?
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी को बैठे हुए ही पीछे से कंधे पर हाथ रखा और मेरे ऐसा करते ही भाभी मेरे कंधे पर अपना सर रखकर रोने लगी और में उन्हे अपनी तरफ खींचकर उनकी पीठ को सहलाने लगा. वो करीब पांच मिनट तक रोती रही. फिर जब उन्होंने अपना चेहरा मेरे कंधे से हटाया और अपने चेहरे को ऊपर किया तो मैंने अचानक से उनके गुलाबी, मुलायम होंठो पर अपने होंठ रख दिए, लेकिन भाभी ने कुछ नहीं कहा बस उन्होंने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया और जिसकी वजह से मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और अब मैंने भाभी को स्मूच करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद भाभी ने भी मेरा पूरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर के किस के बाद मैंने भाभी को खड़ा किया और अपने साथ उन्हे अपने रूम में ले गया, कमरे की लाइट चालू की और दरवाजा बंद कर दिया और जब मेरी और भाभी की नजरें एक दूसरे से मिली तो हम दोनों ने एक दूसरे को स्माइल किया और में भाभी को पकड़कर बेड पर ले गया और फिर मैंने उन्हे चूमना शुरू कर दिया और इस काम में भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, भाभी ने उस समय सूट पहना हुआ था.
फिर मैंने उनकी चुन्नी को उतार दिया और सूट के ऊपर से ही दोनों बूब्स को दबाने लगा. जिसकी वजह से भाभी अब धीरे धीरे गरम हो रही थी और वो मुझे ज़ोर ज़ोर से किस कर रही थी और अब हम दोनों की जीभ एक दूसरे के मुहं में थी और करीब 15 मिनट किस करने के बाद मैंने भाभी को अलग किया और उनका सूट उतार दिया. अब भाभी सिर्फ़ सलवार में थी और ऊपर ब्रा पहन रखी थी. मैंने फिर से भाभी को पकड़ा और स्मूच करने लगा और ब्रा के ऊपर से ही दोनों बूब्स दबाने लगा.
वाह दोस्तों क्या मस्त बूब्स थे और किस करते ही मैंने सलवार का नाड़ा खोल दिया और वो नीचे सरक गई. भाभी ने उस समय काले रंग की पेंटी पहनी हुई थी और में किस करते वक़्त कभी भाभी के बूब्स दबाता तो कभी पेंटी में हाथ डाल रहा था. तो भाभी ने मुझे अपने जिस्म से अलग किया और मुझे भी पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड को देखकर बोली कि कितना मस्त है? मैंने तुम्हे आज पहली बार तब देखा जब तुम नहाते समय बाथरूम में मुठ मार रहे थे और उसी वक़्त मेरा तुम से चुदने का दिल किया, लेकिन में तुमसे बात नहीं कर सकी और फिर वो मुझसे इतना कहकर मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी. तो आअहह ऊऊओह भाभी मेरे मुहं से आवाज़ निकल पड़ी और भाभी तो पूरी तरह से लंड चूसने में अनुभवी लग रही थी और वो मेरे लंड को बहुत देर तक चूसती रही.
मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी ब्रा और पेंटी को उतार फेंका और उसके दोनों गोरे गोरे पैरों को फैलाया, लेकिन अब उसकी चूत को देखकर मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी और मेरा चेहरा देखकर भाभी बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं भाभी आपकी चूत तो बहुत मस्त है. मैंने आज तक एसी चूत कभी किसी ब्लूफिल्म में भी नहीं देखी. दोस्तों उसकी चूत एकदम गोरी, चिकनी, कामुक और बहुत सुंदर थी और उसकी चूत का दाना बिल्कुल लाल रंग का था.
मैंने कहा कि भाभी आप अपनी इस बैचेन चूत को अब तक मुझसे क्यों छुपाकर रख रही थी? तो वो बोली कि नहीं में तो कब से तुमसे चुदने को तैयार थी, लेकिन तुम ही मुझ में बिल्कुल भी रूचि नहीं ले रहे थे. फिर मैंने उनसे कहा कि सॉरी भाभी और मैंने उनके दोनों पैरों को फैलाया और मैंने अपना मुहं उसकी चूत के दाने पर रख दिया तो वो एकदम से उछल पड़ी और उसके मुहं से आहह्ह्ह्हह्ह आईईई की आवाज़ आई और मैंने चूत को चाटना शुरू कर दिया.
दोस्तों वाह क्या मस्त स्वाद था उसकी चूत के पानी का और उसे में चूसता ही रहा और करीब दस मिनट तक चाटता ही रहा, तो इसी बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और जब मैंने उसकी तरफ़ देखा तो वो ज़ोर ज़ोर से हाँफ रही थी और स्माईल कर रही थी. मैंने उसे किस किया और बोला कि भाभी क्या आप हमेशा अपनी चूत को क्लीन शेव रखती हो? तो वो बोली कि नहीं मैंने आज ही खाना बनाने से पहले अपनी चूत को साफ किया है और हम फिर से किस करने लगे और उसने मेरे लंड को दोबारा चूसना शुरू कर दिया और जब मेरा लंड पूरा टाइट हो गया तो वो मुझसे बोली कि प्रदीप प्लीज मेरी चूत बहुत प्यासी है आज इसकी प्यास बुझा दो और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रख दिया और एक ज़ोर का धक्का मारा, लेकिन उसकी चीखने की आवाज़ उसके मुहं में दबकर रह गयी और आँखे जैसे बाहर आ गयी. तो यह सब देखकर में थोड़ा सा रुका और वो बोली कि प्लीज थोड़ा धीरे धीरे डालो, मैंने इसमें पिछले दो साल से एक उंगली भी नहीं डाली है और फिर मैंने धीरे धीरे धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद वो भी अपनी गांड को उछालने लगी और मेरे हर एक धक्के के साथ आअहह आईईईई उफफ्फ्फ् आआआहह ऊऊऊओह की आवाज़ निकालने लगी और में भी उसे ज़ोर ज़ोर से धक्कों के साथ चोदने लगा, उसने मस्ती में अपनी दोनों आँखे बंद कर रखी थी और में उसे इस कामुक अवस्था में देखकर और भी पागल हुआ जा रहा था और उसे ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था.
फिर वो भी अब मुझे बोल रही थी हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे प्रदीप आआआहह और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को, दो साल से वो साला कुत्ता मुझे प्यासी छोड़कर गया हुआ है और वहां पर वो रंडियों को चोद रहा होगा और में यहाँ पर बिना लंड के चुदने के लिए तरस रही हूँ आआआहह ऊऊऊओभ और वो अपनी गांड को ज़ोर ज़ोर से उछालने लगी. मैंने उसे सीधा लेटाया हुआ था और उसके दोनों पैर मेरे कंधे पर थे, जब वो एक बार झड़ गयी तब उसने अपनी आँखे खोली और स्माईल के साथ आअहह कर रही थी. में उसे लगातार धक्के मार रहा था और उसे किस कर रहा था, उसके बूब्स को बारी बारी से चूस रहा था दबा रहा था और फिर करीब दस मिनट तक लगातार धक्के मारने के बाद मेरा भी वीर्य अब निकलने वाला था और में ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. तो उसने कहा कि प्लीज अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही निकालकर आज इसकी प्यास बुझा दे मेरे राजा. फिर यह बात सुनकर मैंने जोश में आकर धक्के और तेज़ कर दिए और दो मिनट में मैंने अपने लंड का सारा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और उसके ऊपर लेट गया.
वो मुझे किस करने लगी और सहलाने लगी और थोड़ी देर के बाद जब मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हुआ तब भी मेरा लंड उसकी चूत में ही था और वो मुझसे बोली कि प्रदीप तुम बहुत अच्छे हो और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और आज से तुम मुझे जब भी ठीक टाईम मिले और मौका मिले तो चोदना, तुम इस बात का मुझसे वादा करो. फिर मैंने कहा कि मेरी जान में भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ और इतनी मस्त, रसीली, कामुक चूत और गांड वाली भाभी को में कैसे बिना चोदे छोड़ सकता हूँ और अब तो दिल करता है कि में तुम्हारी चूत से अपने लंड को बाहर ही नहीं निकालूँ. तो इस पर वो बोली कि तो मैंने कब कहा है कि तुम अपना लंड कभी मेरी चूत से बाहर निकालो. मेरा लंड अब उसकी चूत में ही खड़ा होने लगा था और उसे लंड टाईट होता हुए महसूस हुआ तो वो बोली कि वाह मेरा शेर फिर से एक बार तैयार हो रहा है और इस बार में घोड़ी बनती हूँ. तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है में तुझे डोगी स्टाइल में चोदूंगा और फिर वो कुतिया बन गयी और डोगी स्टाइल में इस बार मैंने उसे करीब 15 मिनट तक लगातार चोदा और मैंने एक बार फिर से उसकी चूत में अपना वीर्य निकाल दिया, लेकिन मुझे तो अब उसकी गांड मारने का दिल कर रहा था.
फिर मैंने उससे कहा कि भाभी में अब तुम्हारी गांड मारूँगा. तो वो बोली कि ठीक है, लेकिन तुम मुझे अभी से भाभी नहीं, रेशमा बोलो, दोस्तों क्योंकि उसका नाम रेशमा था और फिर मैंने उसकी एक बार गांड मारी और उसके साथ उसी के रूम में गया और उसके साथ दो बार और चुदाई करके वहीं पर सो गया और उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता तो हम चुदाई करते है.
Share:

मेरी बीवी सुप्रिया का ग्रुप सेक्स

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जगदीश है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और यह घटना मेरी बीवी की चुदाई पर आधारित है जिसमे मेरी बीवी ने कॉलेज के लड़को से अपनी चुदाई करवाई और अब सीधा अपनी कहानी की तरफ चलता हूँ. दोस्तों मेरी बीवी का नाम सुप्रिया है और उससे मेरी शादी 1 साल 6 महीने पहले हुई और हमारी शादी हमारे घरवालों की मर्जी से हुई, लेकिन सुहागरात की रात को ही मेरी बीवी मेरे लंड को देखकर उदास हो गई, क्योंकि मेरे लंड का साईज़ बहुत छोटा था और मुझे सेक्स के बारे में भी ज्यादा पता नहीं था, क्योंकि मेरी शादी से पहले मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी जिसके साथ सेक्स करके में कुछ सीख सकता और इस कारण से दोस्तों में अपनी बीवी को संतुष्ट नहीं कर सका और उस कारण से वो मुझसे बहुत नाराज रहती थी और मुझे बहुत बुरा भला कहती थी.
अब में अपनी बीवी का परिचय भी आप सभी से करा दूँ, मेरी बीवी का रंग गोरा है और वो पतली दुबली है, लेकिन उसके बूब्स उसके जिस्म में सबसे सुंदर अंग है और वो पतली होने के बाद भी उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े है, जिन्हें देखकर किसी का भी लंड पानी छोड़ दे, उसके फिगर का साईज 36-26-35 है और उसकी लम्बाई 5.4 है और उसकी उम्र 28 साल है वो दिखने में एकदम सेक्सी है.
दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब हमारे घर के सभी लोग बाहर घूमने गये हुए थे और घर पर में और मेरी बीवी अकेले थे, दोस्तों ऐसा दिन सभी कपल्स के लिए सोना होता है, लेकिन हमारे लिए नहीं क्योंकि मेरी बीवी मुझसे सेक्स नहीं करती थी और अब मुझे भी इसमे ज्यादा कोई रूचि नहीं थी, लेकिन में यह बात बहुत अच्छी तरह से जानता था कि मेरी बीवी की नज़र हमेशा आते जाते लड़कों पर रहती थी और वो उन पर चान्स मारने की फिराक में थी, क्योंकि मुझे पता था कि उसकी कामुक चूत को किसी के लंड का हमेशा इंतजार रहता था जिससे वो अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझा सके. दोस्तों हमारे घर के पास में एक लड़कों का कॉलेज था और मेरी बीवी हमेशा उस कॉलेज के लड़कों को देखती रहती थी, लेकिन उस कॉलेज में बहुत बेकार आवारा किस्म के लड़के पड़ते थे और वो कभी कभी मेरी बीवी की तरफ गंदे गंदे इशारे भी करते थे, लेकिन सुप्रिया को यह सब अच्छा लगता था और वो उन्हे देखकर बहुत हंसती थी.
फिर कुछ दिनों के बाद गर्मियों की छुट्टियाँ लग गई थी और फिर कॉलेज भी बंद हो गया था, लेकिन उस कॉलेज के दो लड़के जिनकी उम्र करीब 21 साल के आस पास थी और वो हर दिन दोपहर में हमारे घर के पास आकर बैठते थे और फिर सिगरते पीते थे. फिर एक बार जब मैंने यह सब उनसे यहाँ पर करने के लिए मना किया तो उन दोनों ने मुझे डराया धमकाया जाने को कहा और में अपने घर पर आ गया.
फिर मुझसे मेरी बीवी ने भी कहा कि क्या हुआ अगर वो यहाँ पर बैठा करते है तो? और मेरी बीवी उनके लिए मुझसे लड़ने झगड़ने लगी और अब मेरी बीवी जब भी उन्हे देखा करती थी तो दौड़कर बालकनी में चली जाती थी. एक दिन वो दोनों लड़के मेरी बीवी को देखकर अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर मूतने लगे और यह सब देखकर मेरी बीवी की आखें फटी की फटी रह गयी, क्योंकि शायद उसने इतना बड़ा लंड पहले कभी नहीं देखा था, लेकिन वो दोनों लड़के दिखने में बहुत गंदे थे, उनका रंग बहुत काला था और पतले दुबले थे, लेकिन उनके शरीर में ताक़त बहुत थी.
फिर उस दिन मेरी बीवी ने उन्हे इशारा करके अपना फोन नंबर उन्हे दे दिया और उस दिन से वो हमेशा उन्ही से बात करती रही और वो मेरी बीवी से गंदी गंदी बातें करते थे. अब मेरी बीवी ने उनसे सेक्स चेट करना शुरू कर दिया था और एक दिन जब यह बात मुझे पता चली तो मेरी बीवी ने मुझसे कहा कि अगर में इसके खिलाफ जाऊंगा तो वो उन दोनों लड़को से कहकर मेरा मज़ाक उड़वाएगी. यह बात सुनकर में बहुत डर गया और मैंने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी, क्योंकि मुझे डर था कि अगर मैंने उससे कुछ भी कहा तो वो मेरा बाहर वालों से मजाक बनवाती जो बातें अभी हमारे घर में थी वो अब बाहर निकल सकती थी, इसलिए में बिल्कुल चुप रहा.
एक दिन उन लड़को ने मेरी बीवी से फोन करके कहा कि उन्हे उसके साथ सेक्स करना है, तभी उनसे यह बात सुनकर मेरी बीवी बहुत खुश हो गई, क्योंकि आखिर में उसे वो सब मिलने वाला था जो वो चाहती थी. मेरी बीवी ने उनसे कहा कि वो इस रविवार को हमारे घर पर आ सकते है. वो दोनों अब मेरी बीवी के साथ हॉट सेक्स करना चाहते थे और फिर इसलिए मेरी बीवी ने ऑनलाइन एक सेक्सी पेंटी, ब्रा माँगवाई, जिसके कारण मेरे बीवी की पूरी गांड पीछे से दिख रही थी और ऊपर एक जालीदार टॉप पहना हुआ था जिसमें से सब कुछ दिख रहा था और अब सुप्रिया यह सब लेकर बहुत खुश थी, लेकिन में बहुत नर्वस था.
अब आख़िर में रविवार का दिन आ ही गया. सुप्रिया उन दोनों का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करने लगी. तभी दरवाजे पर घंटी बजी और मैंने दरवाज़ा खोला और देखा कि वो दोनों बाहर खड़े हुए थे. उनमे से एक ने मुझसे कहा कि क्या बे हिजड़े कैसा है? तो मैंने कुछ भी नहीं बोला और उन्हे अंदर आने को कहा तो वो लोग अंदर आकर सुप्रिया को घूर घूरकर देखने लगे, वो उसके बूब्स को देख रहे थे. सुप्रिया ने उनसे हमारे बेडरूम में बैठने को कहा तो वो दोनों बेड पर बैठ गए, में भी एक कुर्सी लेकर वहाँ पर बैठ गया.
सुप्रिया कुछ ठंडा लाने को किचन में चली गयी और थोड़ी देर में उसने उन्हे ठंडा पीने को दिया और फिर वो नहाने चली गयी, तो वो दो लड़के मुझे देखकर हंस रहे थे और मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था. तभी उनमे से एक ने कहा कि आज में तेरी बीवी का सारा दूध पी जाऊंगा और दूसरे ने कहा कि हम दोनों आज उसकी चूत को फाड़ देंगे और अब वो बहुत गरम हो रहे थे.
तभी सुप्रिया वो हॉट से कपड़े पहनकर बाथरूम से बाहर आई तो वो दोनों अपनी बड़ी बड़ी आखों से देखने लगे और बोले कि क्या हॉट रंडी है? तभी सुप्रिया हंस पड़ी और बोली कि हाँ में तुम्हारी रंडी और तुम्हारी बीवी हूँ. उसके मुहं से यह बात सुनकर मुझे रोना आ गया और में वहाँ से उठकर जाने लगा, लेकिन तभी सुप्रिया ने मुझसे कहा कि तुम यहाँ पर बैठकर यह सब देखोगे? और फिर वो बेड पर जाकर उनके बीच में बैठ गई. उन दोनों ने अपना एक हाथ सुप्रिया की जाँघो पर रख दिया और सुप्रिया उन्हे स्मूच करने लगी.
तभी एक सुप्रिया के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और सुप्रिया अहहहह आईईईइ आवाज़ निकालने लगी और बोली कि हाँ थोड़ा अच्छे से मसलो इन्हे और फिर उन्होंने सुप्रिया का टॉप पकड़कर फाड़ दिया और उसके बूब्स को चूसने लगे और जानवरों की तरह काटने लगे, लेकिन सुप्रिया को इन सब में बहुत मज़ा आ रहा था. तभी एक ने सुप्रिया की पेंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी चूत में उंगली करने लगा और दूसरा उसके बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर वो सुप्रिया की चूत चाटने लगे और मानो कि सुप्रिया सातवें आसमान पर हो और वो चिल्लाकर बोलने लगी कि हाँ और ज़ोर से अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह्ह्ह चूसो, मुझे आज अपनी रंडी बना दो.
यह सब सुनकर में रोने लगा, लेकिन में कर भी कुछ नहीं सकता था. फिर उन दोनों लड़को ने सुप्रिया को पूरी तरह नंगा कर दिया और खुद भी नंगे हो गए. सुप्रिया उनके खड़े लंड को देखकर बिल्कुल पागल जैसी हो गई और फिर बोली कि हाँ आज बुझेगी मेरी प्यास, लेकिन प्लीज अब जल्दी से मुझे चोदकर मेरी चूत को ठंडा कर दो.
फिर उसने दोनों का लंड अपने हाथों में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. उनका लंड बहुत गंदा था और बहुत बदबू आ रही थी, लेकिन सुप्रिया को यह सब बहुत अच्छा लग रहा था और वो उसे चूस रही थी और वो लड़के कह रहे थे कि हाँ चूस, रंडी चूस और ज़ोर से चूस. तभी एक ने सुप्रिया को बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत में लंड डालने लगा और दूसरा लड़का उसे अपना लंड चुसवा रहा था, तो एक झटके में उस लड़के ने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और सुप्रिया ज़ोर से बोली कि आआअहह लेकिन दूसरे ने उसे अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकालने का मौका नहीं दिया और वो सुप्रिया की चूत को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और सुप्रिया दर्द से चिल्लाने लगी, लेकिन वो लोग फिर भी नहीं रूके और जब एक का काम खत्म हुआ तो दूसरे ने उसको चोदना शुरू किया.
में बहुत डर गया और सोचने लगा कि वो मेरी बीवी की जान ना ले ले, लेकिन मैंने देखा कि अब मेरी बीवी को तो बहुत मज़ा आ रहा था और जब उन दोनों का चूत से मन भर गया तो उन्होंने सुप्रिया को घोड़ी बना दिया और बोले कि आज हम तेरी गांड भी मारेंगे.
तो सुप्रिया ने उनसे विनती करके कहा कि प्लीज यह सब नहीं करना, लेकिन वो नहीं माने और एक ने सुप्रिया का हाथ पकड़ लिया और दूसरे ने मुझसे कहा कि जा थोड़ा सा तेल ले आ. मैंने उसे तेल लाकर दिया और उसने तेल को अपने लंड और सुप्रिया की गांड पर लगा दिया, फिर अपने लंड का सुपड़ा उसकी गांड में डालने लगा और अब लंड आधा ही गांड में घुसा होगा कि सुप्रिया ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी. तब दूसरे ने अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और फिर जो उसकी गांड मार रहा था. एक झटके में उसने अपना पूरा लंड सुप्रिया की गांड में डाल दिया और मैंने सुप्रिया की आखों में आँसू और चेहरे पर हंसी देखी.
फिर वो ज़ोर ज़ोर से सुप्रिया की गांड मारने लगा और जब उसका काम खत्म हो गया तो दूसरे ने भी सुप्रिया की जमकर गांड मारी. फिर उन दोनों ने सुप्रिया को सीधा लेटा दिया और अपना सारा वीर्य उसके सारे बदन और मुहं में गिरा दिया. अब उन दोनों ने सुप्रिया पर मूत दिया और उसे अपने मूत से नहला दिया. इन सब कामों से सुप्रिया बहुत खुश थी और वो कहने लगी कि आज तुमने मुझे वो सब कुछ दिया जिसके लिए में बहुत दिनों से तड़प रही थी. तुमने मुझे आज इस तरह से चोदकर मेरे जिस्म की आग को ठंडा कर दिया है, लेकिन अब मेरी चूत को तुम्हारा यह लंड हर रोज चाहिए.
फिर उनमे से एक ने कहा कि मेरी रांड अब तो तू जब भी हमे बुलाएगी हम तेरी सेवा करने चले आएगें और तू बिल्कुल भी चिंता मत कर, हम बहुत जल्दी तुझे चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे और थोड़ी देर के बाद वो चले गये, लेकिन जाते समय बोले कि इस रविवार को तैयार रहना, हम फिर से तुझे जमकर चोदेंगे.
यह सब होने के बाद सुप्रिया दो दिन तक उसकी जमकर चुदाई होने के कारण ठीक से चल नहीं सकी और अब वो दोनों हमेशा इसे चोदते है और अब उसे गर्भवती भी कर दिया है, मेरी बीवी उनके लंड को कभी अपनी चूत में तो कभी अपनी गांड में तो कभी अपने मुहं में लेकर उनसे अपनी चुदाई के मज़े लेती रहती है. दोस्तों अगर ऊपर वाले ने उसके इसके अलावा भी कोई और छेद दिया होता तो वो उसमें भी उनका लंड डलवाने को तैयार थी और वो अब उनकी छिनाल बन चुकी है और वो उससे जैसा कहते है वो बस वैसा ही करती है. वो उनकी चुदाई से अब बहुत संतुष्ट है और में यह सब हाथ पर हाथ रखकर देखता हूँ, क्योंकि में एकदम लाचार हूँ.
Share:

कजिन के मुहं में लंड डाला

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूर्य है और में उत्तर प्रदेश के फैजाबाद से हूँ, में इस साईट का बहुत बड़ा फैन हूँ. में इस पर प्रकाशित होने वाली हर कहानी को पढ़ता हूँ. बहुत सी कहानियाँ पड़ने के बाद मुझे भी लगा कि मुझे भी अपनी कहानी लिखनी चाहिए. में एक 22 साल का लड़का हूँ और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. में एक अच्छी बॉडी वाला लड़का हूँ, मेरी हाईट 6 फुट है.
मेरी कजिन का नाम ममता है और वो मेरी बुआ की लड़की है. उसका साईज़ 36 बूब्स, 24 कमर और 35 की गांड है, वो हमारे यहाँ रहकर पड़ाई करती थी, वो मुझसे कोई 3 या 4 साल बड़ी है, उसके दो भाई है. अब में आपको बोर ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ, बात आज से करीब 7 या 8 साल पहले की है जब में 10वीं क्लास में पढ़ता था. मुझे दोस्तों से थोड़ी बहुत सेक्स की जानकारी थी, में अक्सर ही उसके साथ चिपक कर सोता था, क्योंकि में बहुत छोटा था इसलिए वो भी बुरा नहीं मानती थी.
एक दिन में अचानक से रात में उठा तो मेरा हाथ उसके बूब्स पर था, मैंने महसूस किया कि वो रात में ब्रा नहीं पहनती थी सिर्फ़ नाइटी पहनकर सोती थी. मुझे उसके बूब्स बड़े मुलायम लगे, तो मैंने उनको धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया और इधर मेरे लंड महाराज भी अपनी नींद से उठ रहे थे. अब लंड धीरे-धीरे उठकर पूरी तरह से खड़ा हो गया. उधर में उसके बूब्स सहला रहा था, क्या बताऊँ यार कितना मज़ा आ रहा था? में तो जन्नत में था. मैंने पहली बार किसी लड़की के बूब्स छुए थे.
फिर धीरे-धीरे में और आगे बड़ा और मैंने अपना हाथ उसकी क्लीवेज पर रखा, जिसमें से उसके आधे बूब्स बाहर नज़र आ रहे थे. अब में अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स सहलाने लगा. मेरा दिल और आगे बढ़ने को कह रहा था, लेकिन दिमाग़ रोक रहा था कि कहीं वो उठ ना जाए और मुझे पकड़ ना ले, लेकिन कहते है ना चूत की भूख की आग लगती है तो भूत से भी डर नहीं लगता है, तो मैंने अपना हाथ उसकी नाइटी में डाल दिया और उसके बूब्स सहलाने और हल्के-हल्के दबाने लगा, क्या मस्त बूब्स थे यार उसके? बड़े मुलायम और शायद मेरे सहलाने की वजह से निपल बड़े सख्त हो गए थे.
फिर धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा हाथ उसके शरीर पर घुमाया. क्या बताऊँ यार उसकी बॉडी की स्किन कितनी सॉफ्ट थी? फिर में हाथ फेरते हुए उसकी नाभि पर पहुँचा और वहाँ हाथ फेरने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद में अपना हाथ उसकी पेंटी पर ले गया, उसकी पेंटी को टच करते ही मेरे शरीर में अजीब जी झंनझनाहट हुई जैसे मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ गई हो. फिर मैंने यहाँ वहां टटोलना जारी रखा तो मुझे एक फूला हुआ पार्ट दिखा. में तुरंत समझ गया कि ये उसकी चूत है.
फिर मैंने उसकी पेंटी के नीचे से उंगली डालकर मैंने उसका जायजा लिया, क्या बताऊँ यार उसकी चूत पूरी आग की भट्टी लग रही थी? एक ऐसी आग जिसमें हर कोई जल जाना चाहता है. फिर ऐसा करते हुए वो रात निकल गई और उसे पता नहीं चला. फिर जब भी में उसके साथ सोता तो में यही सब करता था, लेकिन फिर जब तक वो हमारे यहाँ रही में इसके आगे नहीं बड़ पाया.
फिर उसका कॉलेज पूरा हो गया और वो अपने गावं चली गई. फिर में अकेला पड़ गया और उसको सोचकर मुठ मारने लगा, लेकिन वो मज़ा नहीं आता था. मेरे पापा चार भाई है और उनमें मेरे पापा सबसे बड़े है, मेरे बड़े अंकल की एक बेटी है, उसका नाम सौम्या है, वो मुझसे दो साल छोटी है. जब मेरी बुआ की लड़की चली गई तब मैंने सोचा क्यों ना इसी से काम चलाया जाए? फिर में उसके साथ भी वही सब करने लगा, लेकिन में उसके साथ ज़्यादा खुल नहीं पाया था.
फिर मेरे बड़ी बहन की शादी आ गई, उसमें मेरी बुआ की लड़की भी आई हुई थी. अब वो हमारे घर पर करीब दो साल के बाद आई थी, उन दो सालों में वो काफ़ी ज़्यादा बदल गई थी और उसके बूब्स और बड़े हो गए थे. लेकिन अब में 21 साल का हो गया था, तो मुझे उसके साथ सोने को नहीं मिलता था, लेकिन जब से वो आई है, उसके व्यवहार में काफ़ी बदलाव हुआ है. अब वो खुलकर मज़ाक करती और कभी-कभी तो हद ही पार कर देती थी. एक दिन वो बाथरूम में नहा रही थी, हमारा बाथरूम हमारे घर के बीचो बीच आँगन में है और ऊपर से खुला है.
मैंने डिसाइड किया कि आज इसे नंगा देखूँगा, मेरे घर की छत से बाथरूम के अंदर का पूरा दिखता है तो में छत पर चढ़ गया और छुपकर उसे नहाते हुए देखने लगा, लेकिन वो ठीक से दिख नहीं रही थी. वो बाथरूम में बैठकर नहा रही थी, उसके साथ मेरी बहन भी खड़ी थी तो में निराश हो गया, लेकिन फिर भी में देखता रहा और जब वो कपड़े पहनने के लिए उठी तो वो थोड़ा बाहर आ गई, क्योंकि अब मेरी बहन वहाँ बैठकर नहाने लगी थी.
फिर वो जैसे ही बाहर आई तो में उसे देखता ही रह गया, उसके बूब्स क्या लग रहे थे? और उसका फिगर तो कमाल का था, उसे देखकर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और फिर में उसे देखते हुए वहीं पर उसके नाम की मुठ मारने लगा. तभी उसने मुझे देख लिया, मेरी तो फट गई थी, अब क्या होगा? लेकिन फिर मैंने देखा कि वो छुपने या गुस्सा होने कि बजाए वो तो मुझको एक सेक्सी सी स्माइल दे रही थी. फिर में वहाँ से चला गया और दिनभर उससे बचता रहा. फिर रात को जब में घर वापस आया तो काफ़ी देर हो चुकी थी और घर की सारी औरतें पड़ोस के प्रोग्राम में गई हुई थी. फिर में खाना ख़ाकर एक कमरे में सो गया, फिर थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मुझे नींद नहीं आ रही थी और सुबह का वही सीन मुझे याद आ रहा था. तभी थोड़ी देर के बाद वो फोन पर किसी से बात करते हुए मेरे कमरे में आई और मुझे सोता हुआ देखकर फोन पर बात करते हुए मेरे बगल में सो गई.
उसके बाद में मुझे पता चला कि वो उसका होने वाला पति था, फिर थोड़ी देर के बाद उसने फोन रख दिया. फिर वो लेटे हुए ही मेरे पास आ गई और मुझे जगाने लगी. फिर में थोड़ी देर के बाद बहाना करते हुए उठा तो उसने कहा कि तुम सुबह क्या कर रहे थे? तो मैंने बड़ी हिम्मत करके कहा आपको देख रहा था, तो मैंने सोचा यही मौका है आज जो भी ही करना है कर लो. तो उसने कहा अच्छा बहन को नंगा देखते हुए शर्म नहीं आई, तो मैंने कहा खूबसूरती से शर्माना कैसा? फिर मैंने पूछा आप गुस्सा तो नहीं हुई, फिर मुस्कुरा क्यों रही थी? तब उन्होंने मुझे बताया कि तुम मेरे साथ पहले जो करते थे मुझे सब पता है. फिर में समझ गया इसका भी मन है, फिर उसने कपड़े बदलने के लिए लाईट जलाई. फिर उसने मेरे ही सामने मेरी छोटी कजिन के स्कर्ट और टॉप पहन लिया और आकर मेरे पास सो गई. फिर मैंने देर किए बिना ही उसके बूब्स दबाना और किसिंग करना शुरू कर दिया. तभी उसके मंगेतर का फिर से फ़ोन आ गया, लेकिन में रुका नहीं और में उसे चूमता रहा और उसके बूब्स दबाता रहा.
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए और ब्रा खोल दी. फिर में उसके निपल चूसने लगा वो, अया आह्ह्ह्ह करने लगी थी. उसके पति ने पूछा क्या कर रही हो? तो उसने कहा आपसे बात करके उत्तेजित हो गई तो अपने बूब्स दबा रही हूँ. इधर में उसकी पेंटी उतार चुका था और उसकी चूत में उंगली कर रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. ऐसे ही काफ़ी देर तक करने के बाद वो झड़ गई और फिर में उसे उसके मुँह को चोदने लगा. वो बहुत अच्छा लंड चूसती है. फिर थोड़ी देर तक चोदने के बाद में उसके बूब्स चोदने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद में भी झड़ गया, उसके बाद वो जब तक हमारे घर पर रही हम मौका मिलते ही शुरू हो जाते थे, लेकिन अब वो चली गई है. अब तो बस उसके नाम की मुठ मारकर काम चलाता हूँ.
Share:

अजनबी लोड़ो ने दिया चुदाई का सुख

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम कोमल है और आज में पहली बार आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी शेयर कर रही हूँ, दोस्तों वैसे यह घटना कोई प्यार की नहीं है, लेकिन बेवफ़ाई की है और सेक्स की है. मेरी उम्र 32 है और में एक शादीशुदा औरत हूँ और मेरे दो बेटे है. मेरी शादी को हुए 14 साल हो चुके है.
मैंने अब तक अपने पति के अलावा किसी और के साथ सेक्स का रिश्ता नहीं रखा था, क्योंकि मैंने सोचा था कि मुझे प्यार करने वाला मेरा पति होगा, एक परिवार होगा, लेकिन जैसा हम चाहते है हमेशा वैसा होता नहीं है. मेरे दोनों बच्चो को कुछ समय पहले मेरे पति ने हॉस्टल में पढ़ने के लिए घर से बाहर भेज दिया और अब वो कभी मुझे वक़्त नहीं देते और घर में जैसे उनसे बात करना तो बिल्कुल असम्भव ही नहीं बहुत मुश्किल भी था, क्योंकि उन्हे बात करना पसंद नहीं था. घर पर एक वीरान सी खामोशी रहती थी, बस टीवी की आवाज़ के अलावा बाहर काम करना या बिना इज़ाज़त के बाहर घूमना यह तो बिल्कुल असम्भव था और अब मेरे तो सभी सपने पिंजरे में बंद थे.
दोस्तों में दिखने में बहुत अच्छी हूँ और मेरे फिगर का साईज 34–28–30 और हाईट 5 फिट 8 इंच है और गोरी और बहुत सुंदर हूँ. खेर अब यह सब बताने की ज़रूरत नहीं है मैंने कभी मेरे पति के मुहं से मेरी अपनी तारीफ नहीं सुनी और मेरे पति को चाहिए कि में सेक्स के दौरान लेटी रहूँ और वो जो मन में आए करे, लेकिन मेरा चुदाई के लिए आग्रह करना उन्हे बर्दाश्त नहीं था, वो मुझसे कहते है कि घरेलू औरत को सिर्फ़ शरमाना चाहिए, हे मेरी फूटी किस्मत, लेकिन मुझे पूरी पूरी उम्मीद थी कि यह एक दिन खुलने वाली थी और कुछ पलों के लिए ही सही, लेकिन में एक दिन जन्नत की सेर करने वाली थी और दोस्तों यह वही कहानी है.
दोस्तों हमारे भूत बंगले जैसे घर में काम करने वाली तो आती है, लेकिन एक वॉशिंग मशीन भी है. मेरे पति एक दिन एक नई वॉशिंग मशीन ले आए थे और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि अगर तुम्हे इसमें कोई भी दिक्कत होती है तो तुम इस नंबर पर सर्विस सेंटर कॉल करना. फिर वो मशीन तीन चार दिनों तक बिल्कुल ठीक तक चली, लेकिन उसके बाद में पता नहीं वो क्यों स्टार्ट ही नहीं हो रही था? तो मैंने सर्विस सेंटर में फोन किया और उन्होंने मुझे बताया कि उनके आदमी मेरे घर पर आ जायेंगे.
दोस्तों दो महीने पहले की बात है दरसल में उन दिनों अख़बार के सप्ताहिकी एडिशन में आने वाली सेक्स और प्यार की कहानियों में अपने आप को ढूंढने लगती थी और में उस समय कमरे में बैठकर अंदर अपने ही हाथों से अपनी चूत में उंगली को डाल डालकर बहुत खुश हो रही थी. तभी इसी बीच वो खराब वॉशिंग मशीन के दो इंजिनीयर्स घर पर आए, वहां पर काम वाली थी तो मैंने उनसे कहा कि वो खुद देख ले और में अंदर कमरे में चली गयी, लेकिन मुझे पता नहीं चला कि बाहर क्या हुआ? लेकिन मुझे बाद में पता चला कि वो काम वाली तो जल्दी ही निकल गयी और उन इंजिनीयर्स ने यह तय कर लिया था कि वो पूरी मशीन को ही बदलकर देंगे तो उन्होंने सेंटर में शिकायत दर्ज करवा दी थी और अब उन्हे एक पेपर पर सिर्फ़ मेरे साईन लेकर चले जाना था. फिर जब वो मुझे ढूंड रहे थे तब वहां पर एक छोटी सी खिड़की ने सारी बातें बदला दी. में जिस कमरे में बैठकर अपनी चूत में उंगली डालकर सहला रही थी वो रूम तो बंद था, लेकिन दूसरा दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं था और खिड़की थोड़ी खुली रह गयी थी और जब वो दोनों इंजिनीयर्स मुझे ढूँढ रहे थे. तभी शायद एक की नज़र मुझ पर पड़ी, लेकिन में तो अब तक अपने काम में बहुत मस्त थी. फिर वहां पर एकदम से एक इंजिनियर सीधा अंदर चला आया.
में चकित हो गई और मेरे गले से आवाज़ तक नहीं निकली, में हिल भी नहीं पाई इतनी चकित हो गई थी. फिर उसने मेरे पास आकर मुझे बिल्कुल चुप रहने का इशारा किया और अब वो सीधे मेरी चूत में धीरे धीरे अपनी उंगली डालने लगा और मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि में कैसे उससे मना करूं? में एकदम सन्न रह गयी थी, लेकिन मुझे उसका छूना बेहद अच्छा लगा. मैंने उसके आगे फिर कुछ नहीं सोचा, लेकिन आज जब भी सोचती हूँ तो धक्का लगता है, लेकिन उस समय में बहुत बेबस थी और कुछ सोचना ही नहीं चाहती थी और इतने में दूसरा लड़का भी अंदर आ गया उसने मुहं पर अपनी एक उंगली रखते हुए शीईईईइ कहते हुए मुझे चुप रहने को कहा और फिर नज़दीक आकर बोला कि मेरा नाम अमर है और यह नकुल तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, क्योंकि किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. फिर इतने में नकुल ने कहा कि मुझे लगता है कि आप बरसों से बहुत प्यासी है? और हम दोनों आपकी यह प्यास ज़रूर बुझा देंगे. आपकी चूत बहुत सुंदर है.
अमर ने भी कहा कि हाँ एकदम हॉट, सेक्सी. फिर दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर जैसे मेरी चरम सीमा के सारे बाँध टूट गये और अब में भी एंजाय करने लगी थी और अमर मुझे किस करने लगा और फिर बोला कि किस करते वक़्त अपना इतना मुहं इतना जकड़कर मत रखो अपने लबों को लबों से मिलने तो दो मेरी रानी.
दोस्तों मैंने पहली बार इतनी गहरी किसिंग की, में शब्दों में उस बात को बता नहीं सकती मुझे इतनी खुशी मिल रही थी. अब अमर ने अपनी शर्ट को उतार दिया और पेंट को भी और अब उसने मेरा टॉप भी उतार दिया और वैसे हमेशा में घर पर ब्रा नहीं पहनती थी और अब मेरे ब्रेस्ट जिसे वो बूब्स कहने लगे, उस पर वो दोनों टूट पड़े. अमर और नकुल उसे मसलने लगे, काटने लगे, ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे और निप्पल को काटने लगे थे. फिर मेरे लिए यह सब बहुत ही अजीब था और मेरी सोच से कुछ ज्यादा था.
अमर सिर्फ़ अंडरवियर में था और अब उसके खड़े लंड का साईज़ साफ साफ दिख रहा था, वो बहुत बड़ा था और अब नकुल ने भी अपने कपड़े उतार लिए में तो नकुल का लंड देखकर ही एकदम डर गई, क्योंकि वो अभी से लगभग 7 इंच का था कुछ देर तक किस्सिंग करने के बाद नकुल ने अपना लंड बाहर निकाला और मुझे मेरे मुहं के सामने ला दिया और कहा कि चूसो इसे. फिर में इस काम में थोड़ी ना समझ थी, क्योंकि मैंने पहले कभी ऐसा नहीं किया था और जैसे कि मैंने पहले बताया है कि मेरे पति ऐसा कुछ नहीं करते थे.
अब मुझे देखकर नकुल उसी बेडरूम के फ्रीज़ में से चाकलेट सॉस की बॉटल ले आया और फिर उसने उसको अपने लंड पर लगाया और बोला कि अब तो मुझे ले लो मेडम, तुम्हे यह बहुत अच्छा लगेगा. दोस्तों में उस वक़्त कुछ भी करने को तैयार थी, मैंने नकुल का लंड अपने मुहं में ले लिया और अब में उसे सक करने लगी और अब अमर भी आ गया और में अब बारी बारी से दोनों के लंड को सक कर रही थी ऑश वाअहह में बता नहीं सकती कि में उस समय कितनी खुश थी.
नकुल का लंड बड़ा होकर करीब 9 इंच का हो गया था और अमर का 8 का काला मोटा नाग बहुत देर तक उन दोनों के लंड को मैंने एक एक करके सक किया और कुछ देर के बाद में नकुल वहां से बेड पर सीधा लेट गया और वो मुझसे बोला कि आ जाओ मेडम हम तुम्हे आज जन्नत की सेर करवाते है और अमर ने मेरी चूत में दो तीन बार उंगली डाली और मेरी चूत का गरम रस निकल गया अमर ने नकुल से कहा कि लगता है यह बहुत तैयार हो चुकी है और मुझे देखकर कहा कि चलो सेक्सी आज कुछ तूफानी करते है और अब उसने मुझे नकुल के लंड पर बैठने को कहा नकुल का लंड करीब 9 का था और मैंने इतना बड़ा लंड इससे पहले कभी नहीं लिया था.
अमर मुझसे बोला कि तुम बिल्कुल भी डरो नहीं, थोड़ा दर्द तो होगा, लेकिन दर्द में ही तो मज़ा है और फिर नकुल ने मुझसे कहा कि आ जाओ मेडम मुझे आपकी चूत को देखकर लगता नहीं कि आपने कभी असली लंड से सेक्स किया हो, आ जाओ. फिर मैंने बहुत साहस किया, लेकिन जैसे ही नकुल का लंड मेरे अंदर आया में तो बहुत ज़ोर से चीख पढ़ी और अब में खड़े होने की नाकाम कोशिश करने लगी, लेकिन अमर ने मुझे कसकर पकड़ लिया और ऊपर से भी ज़ोर से झटका देकर मुझे नकुल के खड़े बड़े 9 इंच के लंड पर दे मारा.
में तो ज़ोर से चीख पड़ी अह्ह्ह्हह्ह्ह् अह्ह्हह्ह्ह्ह ऊउईईईईईई माँ, अमर ने मुहं पर हाथ रख दिया जिससे आवाज़ बाहर ना जाए और बोला कि जल्दी जल्दी धक्के लगाओ अच्छा लगेगा. फिर मैंने कहा कि उह्ह्ह प्लीज इसे आईईई बाहर निकालो, नकुल ने भी कहा कि इसे धक्के लगाओ यह तभी बाहर निकलेगा और अब यह घोड़ा मेरा कहा नहीं मानेगा और फिर में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगी और मुझे कुछ देर बाद बहुत अच्छा लगने लगा, लेकिन दर्द भी बहुत हुआ था अहहह्ह्ह्ह उफ्फफ्फ्फ़ और अब में सच में जन्नत में थी. वो बहुत दमदार लंड था और आज मुझे पहली बार सेक्स करते समय इतना मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ ही देर में एक बार फिर मज़ा दर्द में बदल गया.
में तो नकुल के लंड पर ही थी और अब अमर ने मुझे ज़ोर से आगे की तरफ धक्का देकर नकुल के ऊपर सुला दिया और पीछे से अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया अह्ह्हह्ह्ह्ह ऊईईईईईईईई माँ मर गई हाए ऊईईईईईईईईईईईईईई में मर गइईईईईईई. फिर मैंने उससे कहा कि नहीं, यहाँ पर नहीं, नकुल मुझे नीचे से पकड़ते हुए बोला कि मज़े करो मेडम, तेरी चूत और गांड दोनों किसी कुंवारी लड़की की जैसी ही थी, क्या हमें पागल समझा है जो अब हम छोड़ेंगे मज़ा लो. फिर इस बार में ज़ोर ज़ोर से रो ही पड़ी, क्योंकि में उन दोनों के बीच में थी और अब मेरा दर्द बर्दाश्त के बाहर था.
अमर ने अब डॉगी स्टाईल में मुझे बैठने को कहा और पीछे से मेरी गांड में अपना लंड घुसा दिया अहह और नकुल ने अपना लंड मेरे मुहं में डाल दिया अहहऊहह आआआअहह. में अब फिर से एक बार जन्नत में थी में जैसे अब कुछ ही पलों में बिखरने वाली थी और अपनी चरम पर पहुँचने वाली थी इस पोज़िशन में अमर ने बहुत देर तक मुझे चोदा और में भी अपनी कमर को हिला हिलाकर उसका साथ दे रही थी और नकुल मेरे मुहं को चोद रहा था और अब में चरम सीमा पर पहुँच गयी, लेकिन वो दोनों बारी बारी से अभी भी मेरी चूत को मार रहे थे. फिर मैंने कहा कि अब बस करो, में अब बहुत थक चुकी हूँ, तभी इतने में नकुल ने कहा कि हमने आज तक कभी भी इतनी अच्छे से किसी के घर की मशीन को ठीक नहीं किया. आज तो हमने जमकर मेहनत की है मेडम और फिर नकुल ने अपना वीर्य छोड़ दिया और वो भी मेरे मुहं में और मेरा मुहं पकड़कर रखा जिससे में बाहर ना निकल सकूं.
में थोड़ी नाराज़ भी हो गई तो अमर ने अपना सारा वीर्य मेरी छाती पर गिरा दिया और कहा कि तुम सिर्फ़ सुंदर ही नहीं एकदम सेक्सी भी हो. फिर वो दोनों अब अपने अपने कपड़े पहनने लगे और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए. तभी नकुल ने मुझसे कहा कि मेडम जी अब तो इस पेपर्स पर अपने साइन कर दो, बाकी प्यार की निशानी तो आपके पास ही है. मुझे नकुल का यह शरारती स्वाभाव बहुत अच्छा लगा और में थोड़ा सा उनकी तरफ मुस्कुराई और फिर मैंने उन पेपर पर साईन कर दिया और वो दोनों चले गये.
एक महीने बाद उन दोनों ने फिर से मुझे कॉल किया, लेकिन मैंने साफ साफ मना कर दिया दोस्तों ऐसा नहीं कि मुझे उनकी चुदाई में मज़ा नहीं आया था, लेकिन अब मेरी दुनिया अलग थी, सज़ा जैसी ही क्यों ना थी, लेकिन वो ही मेरी दुनिया थी और वो ही मेरी वास्तविकता है और में उसमे बहुत खुश हूँ कि मुझे बहतरीन सेक्स का आनंद मिला और मैंने पहली बार सेक्स में चरम सीमा पाने का आनंद लिया था. मैंने उसके बाद अपने पति से ही अपनी चुदाई करवाना उचित समझा और अब में उनके साथ ही बहुत खुश हूँ, चाहे वो कैसे भी हो? मुझे उस बात से कोई फर्क नहीं पढ़ता. दोस्तों में उम्मीद करती हूँ कि आप सभी को मेरी यह कहानी जरुर पसंद आई होगी.
Share:

दोस्त का इंटरव्यू माँ की चुदाई का

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम प्रमोद है, में आप लोगों के लिए एक स्टोरी ले कर आया हूँ. इस स्टोरी को अगर आप एक इंटरव्यू कहे तो अच्छा होगा, ये इंटरव्यू है मेरे दोस्त राजू का, तो अब स्टोरी पर आते है. एक दिन मैंने दोपहर में राजू को एक औरत को किस करते देखा और में ये देखकर चौंक गया की, वो औरत और कोई नहीं मेरी माँ प्रमिला थी. मैंने उन्हें देखा, लेकिन मेरे दूर होने के कारण वो दोनों मुझे देख नहीं पाए. फिर में राजू से कुछ नहीं बोला, लेकिन रात के समय राजू को अकेला देख सारा सच जानने पहुँच गया और जो हुआ, वो आगे इस प्रकार है.
में – राजू तुझे कोई लड़की पसंद है?
राजू – नहीं, लेकिन तू ये क्यों पूछ रहा है?
में – नहीं ऐसे ही, अच्छा ये बता तुझे कोई औरत पसंद है?
राजू – नहीं, तू ये क्या पूछ रहा है?
में – झूठ मत बोल, मैंने तुझे मेरी माँ को किस करते देखा है. ये सुनकर राजू डर गया और बहुत हाँ ना करने के बाद राजू मान गया.
में – ये सब कब से चल रहा है?
राजू – 3 महीने हुए है.
में – ये किसी और को पता है?
राजू – नहीं.
में – तूने मेरी माँ को कैसे पटाया?
राजू – तेरी माँ जब हमारे यहाँ काम करने आती थी तब हम दोनों एक हो गये.
में – तो तुम्हारा पहला किस कब हुआ? राजू थोड़ा डरा हुआ था, लेकिन कुछ भरोसा देने पर वो फिर बोल पड़ा.
राजू – एक दिन जब तेरी माँ कपड़े धोने नदी पर आई थी, तब घर जाते वक़्त मैंने आंटी को रोका और पेड़ के नीचे हमारा पहला किस हुआ था.
में – क्या सिर्फ़ किस किया है? या कुछ और दबाया या नहीं.
राजू – हाँ, किस करते वक़्त मेरा एक हाथ आंटी के बूब्स पर था और में उन्हें मसल रहा था और एक हाथ उनकी चूत पर था जो रगड़ रहा था, उसके कारण उनकी चूत से पानी आ रहा था.
में – किस तक ही सीमित हो या दोनों आगे भी बड़े हो?
राजू – हाँ.
में – क्या तूने मेरी माँ को चोदा है?
राजू – हाँ, मैंने उन्हें चोदा है.
में – तूने मेरी माँ को कितनी बार चोदा है? अब तक मेरा लंड खड़ा हो गया था, जो राजू ने नोटीस किया और वो अब और खुलकर बात करने लगा.
राजू – में आंटी को हफ्ते में दो या तीन बार चोदता हूँ.
में – तूने मेरी माँ को कहाँ और कैसे पहली बार चोदा है?
राजू – एक बार जब तेरी माँ हमारे खेत में काम करने आई थी, तब हमारे गावं में कोई मर गया था, इसके कारण और कोई भी काम पर नहीं आया था. फिर काम करने के बाद हम दोनों बातें करने लगे और फिर बातें करते करते में आंटी को किस करने लगा. में उनके होठों को पीने लगा और उनके पसीने की स्मेल मुझे पागल करने लगी थी. फिर आंटी ने अपना पल्लू गिरा दिया और मैंने उन्हें सुलाया और उन्हें पूरा नंगा किया, तब आंटी को मैंने पहली बार चोदा था.
में – तुम्हारी चुदाई की जगह कहाँ कहाँ है?
राजू – हम दोनों के घर, खेत और तुम्हारा टायलेट.
में – अच्छा, ये बता माँ का तुझे क्या पसंद है?
राजू – प्रमिला की गांड मुझे बहुत पसंद है, उसकी गांड से आने वाली स्मेल मुझे बहुत पसंद है. में उसकी गांड बहुत चाटता हूँ.
में – उसकी चूत के बारे में कुछ बता?
राजू – प्रमिला की चूत पर घने बाल है, उसके पसीने और चूत की स्मेल अगर मिक्स हो गई तो क्या मज़ा आता है? उसकी चूत इतनी टाईट है जैसे कि वो वर्जिन हो.
में – तूने कभी उसकी चूत चाटी है?
राजू – तू चाटने की बात कर रहा है, में उसकी चूत ख़ाता हूँ.
में – क्या माँ तेरा लंड चूसती है?
राजू – वो तो मेरे लंड की दीवानी है, लंड तो वो ऐसे चाटती है जैसे कि वो आइसक्रीम खा रही हो. वो तो मेरे अंडो को भी चूसती है.
में – तूने मेरी माँ को टायलेट में कैसे चोदा था?
राजू – रात को करीब 11 बजे तेरी माँ टायलेट करने जाती है ना और तुम्हारा टायलेट घर के बाहर है तो टायलेट में जाने के बाद में भी अन्दर आ जाता हूँ और में तो टायलेट में उसकी गांड भी अपने मुँह से साफ करता हूँ. में प्रमिला को उठा उठाकर चोदता हूँ.
में – एक और सवाल माँ ब्रा और पेंटी पहनती है क्या?
राजू – पहनती है, लेकिन जब में उसके साथ रहता हूँ तो ज़्यादा देर बदन पर नहीं टिकती है.
में – मुझे तुम्हारे रिश्ते से कोई प्रोब्लम नहीं है, लेकिन तुम मेरी एक शर्त पर अपना ये काम जारी रख सकते हो, जब भी तुम्हारा काम हो तब उस को देखने का मुझे टिकट चाहिए है.
अब राजू मेरी माँ को चोदता है और में छुपकर उनकी पूरी कामलीला देखता हूँ.
Share:
Copyright © देसी सेक्सी कहानिया