भानू और मैंने काकी को चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सन्नी है,  में 23 साल का हूँ, लेकिन जब ये घटना हुई तब में 19 साल का था. मेरी हाईट 5 फुट 10 इंच है और जिम बॉडी है. मेरा लंड 7 इंच लम्बा है. और मेरी फेमिली में पापा की उम्र 44 और मम्मी उम्र अभी 41 है. में अमीर फेमिली से हूँ और में बेंगलोर से हूँ और वहां हमारा बहुत बड़ा बिजनेस है और हमारे गावं में भी बहुत जमीन है. हम जमीन के सिलसिले में गावं आये हुए थे.
दोस्तों मेरे पापा काकी को चोदते थे और एक बार मैंने काकी को चोदते हुए उनको देख लिया. मैंने उसी वक़्त मन बना लिया था कि में भी काकी को जरुर चोदूंगा. अब पापा– मम्मी 3 दिन के बाद वापस बेंगलोर जाने लगे तो मैंने कह दिया कि में 1 महीना गाँव रुक कर ही आऊंगा. फिर में गाँव ही रुक गया और 2-3 दिन तक तो में रोज़ चाचा के साथ खेत पर जाता और आता और उनके साथ ही घूमता फिरता. फिर 1 दिन खेत से घर जाते वक़्त मुझे काकी दिखी और मुझसे मेरा हालचाल पूछा और घर आने को भी निमंत्रण दिया. फिर में घर पहुँचा और खाना खाकर भानू के पास चला गया (भानू हमारा नौकर है) मैंने भानू से काकी को चोदने के बारे में बात की.
में : भानू क्या तुम भी काकी को चोदते हो?
भानू : नहीं हुकुम, नहीं कभी नहीं ठोका.
में : सच बोलो वरना तुम्हारी नौकरी गयी, तुम पापा और काकी को छुप-छुपकर चोदते हुए देखते हो और इतना सब देखने के बाद तुमने काकी को ना चोदा हो ये मानना मुश्किल है. पहले तो वो ना ना करता रहा फिर मेरे डराने पर उसने क़ुबूल कर लिया.
भानू : जी छोटे हुकुम, में भी कभी-कभी सेठानी को ठोक लेता हूँ.
में : तो अब कल तुम्हें उन्हें मेरे सामने चोदना होगा.
भानू : (डरते हुए) मतलब?
में : कल तुम्हें भी इसी रूम में काकी को चोदना पड़ेगा और फिर जब तुम उन्हें चोद रहे होंगे तो में बीच में आ जाऊंगा और तब वो मुझे मना नहीं कर पायेंगी और फिर उन्हें मुझे अपनी चूत देनी ही पड़ेगी.
भानू : (घबराते हुए) लेकिन छोटे हुकुम, में कभी उन्हें चोदने के लिए नहीं बुलाता बल्कि वही मुझे बताती है कि कब उन्हें चुदवाना है.
में : कोई बात नहीं, इस बार तुम उन्हें बुला लो.
भानू : लेकिन हुकुम?
में : बहस मत करो, में ना सुनने के मूड में नहीं हूँ. मुझे बस काकी को चोदना है और इसमें तुम्हें मेरी मदद करनी पड़ेगी, चाहे तुम्हें अच्छा लगे या ना लगे.
वो बेचारा क्या करता? उसे मेरी बात माननी ही पड़ी. फिर ये तय हुआ कि रात को वो काकी को मनाकर वहीं रूम पर लायेगा और चोदेगा और जब वो दोनों रूम के लिए निकलेंगे तो वो मेरे मोबाईल पर मिस कॉल देगा. में बेसब्री से उसके मिस कॉल का इंतज़ार करने लगा और रात के 12 बज गये थे. मुझे लगा इस बेवकूफ़ ने काम नहीं किया और में गुस्से में था.
तभी उसने मेरे मोबाईल पर मिस कॉल दिया और में खुश होकर उस रूम की तरफ निकल पड़ा. फिर खेत में जाते जाते मुझे भानू और काकी रूम की तरफ जाते दिखे तो में रुक गया और धीरे धीरे उनके पीछे जाने लगा ताकि उन्हें पता ना चल जाए. फिर वो दोनों अंदर चले गये और में खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया. फिर 2 मिनट के बाद अंदर की लाईट जली और मैंने अंदर देखा तो काकी ने आज लाल रंग का लंहगा चोली पहना हुआ था और वो बहुत खूबसूरत लग रही थी और बाल बिखरे हुए थे. तब काकी 45 साल की थी और हाईट 5 फुट 5 इंच, अच्छी हट्टी कट्टी, बहुत ही गोरी बिल्कुल दूध जैसा रंग था और फिगर बिल्कुल परफेक्ट तो नहीं पता, लेकिन कुछ 38-34-38 था, वो थोड़ी सी मोटी थी.
काकी : तूने मुझे आज यहाँ क्यों बुलाया? मैंने कहा था ना कि मुरारी के बापू 2 दिन के बाद काम से शहर जा रहे है तो में 2 दिन के बाद आती हूँ.
भानू : सेठानी जब आपका मन होता है तो में कभी मना नहीं करता हूँ और जब कहते हो जिस वक़्त कहते हो तैयार रहता हूँ.
काकी : अब तू मुझे मना करेगा, तेरी इतनी हिम्मत हो गई.
भानू : नहीं सेठानी, में तो बस ये कह रहा था.
काकी : (हँसते हुए) अरे अरे डर मत, में तो मज़ाक कर रही थी. तू मेरा इतना ख्याल रखता है इसलिए तो में आज आ गयी.
फिर काकी ने भानू को पकड़ा और अपनी और खींचकर उसके होठों को चूमने लगी, वो दोनों एक दूसरे से चिपक गये और एक दूसरे को खूब चूमा. फिर उन दोनों ने करीब 5 मिनट तक एक दूसरे के होंठ चूमे और इस बीच भानू ने काकी की गांड लहंगे के ऊपर से दबानी शुरू कर दी. ये सब देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया और मैंने भी उसे हाथ में लेकर मूठ मारना शुरू कर दिया. अब उन दोनों ने किस करना छोड़ा और फिर काकी ने भानू का कुर्ता निकाल दिया, अब भानू केवल धोती में था.
काकी ने खुद अपना ब्लाउज खोला. काकी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी थीऔर काकी बहुत ही ज़्यादा गोरी थी और उनके बूब्स भी बहुत बड़े थे. भानू उसे देखकर पागल हो गया और उन पर टूट पड़ा. उसने दोनों हाथों से काकी के बूब्स दबाने शुरू कर दिए. फिर वो काकी के बूब्स को चूसने लग गया और काकी उसके बालों में हाथ फेर रही थी और आहें भर रही थी, अहह उम्म्म्ममममम अहह अब, वो काकी के बूब्स चूसता रहा, फिर 10 मिनट तक वो कभी राईट वाला बूब्स तो कभी लेफ्ट वाला बूब्स चूसता रहा.
फिर उसने मुँह ऊपर उठाया और काकी को चूमने लगा और चूमते-चूमते उसने एक हाथ से काकी के लहंगे का नाड़ा खोल दिया और लहंगे को हल्का सा नीचे खींचा तो काकी का लहंगा नीचे गिर गया. फिर काकी ने अपने पैरो से लहंगे को एक साईड में कर दिया, अब काकी केवल लाल रंग की पेंटी में थी और काकी का पेट थोड़ा बाहर निकला हुआ था और उनकी नाभि काफ़ी गहरी थी.
2-3 मिनट तक एक दूसरे को चूमने के बाद काकी और भानू अलग हुए और फिर काकी नीचे हुई और भानू की धोती उतार दी. उसने बड़ा कच्छा पहना हुआ था जैसा अक्सर गाँव के लोग पहनते है. फिर काकी ने कच्छे के ऊपर से ही भानू का लंड दो तीन बार सहलाया और भानू ने आँखें बंद कर ली. फिर काकी ने एकदम से एक ही झटके में उसका कच्छा नीचे कर दिया और उसका लंड तनतनाता हुआ बाहर आ गया.
उसका लंड बड़ा था कम से कम 8 इंच का होगा, लेकिन पतला था फिर काकी ने उसका लंड सहलाया और वो आँखें बंद करके मज़े ले रहा था. फिर काकी ने उसका लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी. फिर 2-3 मिनट तक काकी खुद चुसती रही. फिर भानू अपने दोनों हाथ काकी के बालों पर ले गया और उन्हें सहलाने लगा और बीच बीच में उनके मुँह को आगे पीछे भी करता. फिर 10 मिनट तक लंड चूसने के बाद उसने काकी को खड़ा किया और फिर दोनों ने 2-3 लिप किस किए और वो काकी को गेहूँ की बोरीयों के ढेर के पास ले गया और उन्हें बोरीयों के सहारे खड़ा कर दिया.
अब उन दोनों की पीठ मेरी तरफ थी और काकी बूब्स टिकाकर और बोरीयाँ पकड़ कर खड़ी थी. फिर उसने काकी की पेंटी घुटनो तक नीचे की और घुटनो के बल बैठकर उनकी गांड और चूत चाटने लगा. फिर वो उनकी चूत में उंगली करके उनकी चूत चाटता रहा. अब काकी भी अपनी आँखें बंद करके मस्त हो रही थी और आहें भर रही थी, आह अहह आ उम्म्म्मममममम आआहह, अब काकी ने अपनी गांड हिलानी चालू कर दी.
भानू : सेठानी आपकी चूत इतनी मीठी है कि इस पर से अपनी जीभ हटाने का मन ही नहीं करता है.
काकी : अया हहह्ह्ह्हह उम्म्म्ममम तो कौन कह रहा है कि जीभ हटा, बस तू तो चाटता जा.
भानू : सेठानी अभी हुकुम चोद कर गये है, तो अभी तो मेरा लंड आपको संतुष्ट कर ही नहीं पायेगा.
काकी : अरे तू उसकी बात छोड़, उउउम्म्म्मममम, वो किसी भी औरत की अहहहह जान निकाल सकता है. अंजू की भी क्या किस्मत है? (अंजू मेरी माँ का नाम है) रोज़ ऐसा तगड़ा लंड लेती होगी.
भानू : जब हुकुम आते है आप कौन सा मौका छोड़ते हो, अपनी गांड पेश कर देते हो.
काकी : तू, आआहह उउम्म्म्मम अपने काम पर ध्यान लगा, ये हमारे देवर भाभी के बीच की बात है.
भानू अब खड़ा हो गया और अपना लंड काकी की चूत पर रगड़ने लगा. फिर काकी ने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के छेद पर लगा दिया. फिर भानू ने एक ज़ोरदार झटका मारा और उसका लंड काकी की चूत में घुस गया. फिर 2 मिनट तक वैसे ही खड़े रहने के बाद और उनके कंधे और गर्दन पर चूमने के बाद, भानू ने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए. अब काकी ने भी आहें भरनी शुरू कर दी, लेकिन धीरे ही, आआअहह उफफफफफफफ्फ़ हुउूऊहह, वो धीरे-धीरे तेज़ धक्के मारने लगा और 3-4 मिनट में ही छूट गया और अपना लंड बाहर निकाल लिया. मेरी तो हंसी निकल गयी कि इतना बड़ा लंड और 10-15 मिनट भी नहीं रुक पाया. अभी तो मेरा भी पानी नहीं निकला था.
फिर काकी ने साईड में पड़ी अपनी चुन्नी उठाई और अपनी चूत में से उसका पानी साफ करने लगी. मुझे उम्मीद नहीं थी कि वो इतनी जल्दी झड़ जायेगा. फिर उसके बाद में एकदम से अन्दर गया तो काकी सामान्य थी और मुझे देखकर बोली कि आ गया मुझे चोदने. मेरे तो पैरों तले जमीन ही खिसक गई थी और में हैरान होकर काकी को देख रहा था. तभी काकी बोली कि चिंता मत कर, भानू ने मुझे सब कुछ पहले ही बता दिया है, चल अब नंगा हो जा और आ जा हमारे साथ. फिर मैंने अपने कपड़े खोले और काकी से लिपट गया.
फिर भानू बोला कि हुकुम मुझे माफ़ करना तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं, मुझे तो काकी की चूत चाहिये थी और वो मुझे मिल गई. फिर काकी ने कहा कि अब ज्यादा देर मत करो और मुझे डबल लंड का मजा दो. फिर काकी ने मेरा लंड चूसा और मैंने उनकी चूत चाटी. फिर हम दोनों ने मिलकर काकी को चोदा. उस एक महीने में हम तीनों ने मिलकर बहुत मजे लिये.
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साले की बीवी के साथ रोमांस

हैल्लो दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है. दोस्तों मेरा नाम योगी है और में 30 साल का हूँ और मेरे साथ जो लड़की इस कहानी में है उसका नाम स्मिता है और उसकी उम्र 32 है और वो मेरे बड़े साले की पत्नी है. यह कहानी करीब एक साल पहले की है. में गुजरात का रहने वाला हूँ और में एक गुजराती हूँ. मेरी शादी को अभी दो साल से भी ज़्यादा टाइम हो गया है, लेकिन यह घटना जब हुई थी तब मेरी शादी को एक साल हुआ था.
मेरी सगाई होने के बाद में अक्सर मेरे ससुराल जाया करता थाज मेरे ससुर के तीन लड़के और तीन लड़कियां है और इसमें स्मिता मेरे दूसरे नंबर के साले की पत्नी है और बाकी के दो साले शहर से बाहर रहते है. तो इसलिए जब भी में मेरे ससुर के घर जाता था तो में मेरे साले की पत्नी के साथ बहुत हंसी मज़ाक करता रहता था और वो भी मुझसे और मेरी पत्नी को मिलने के लिए मुझे अपने ससुराल बुलाती थी, लेकिन उस टाइम मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं था कि में इसके साथ इस तरह तक सेक्स में आगे बढूंगा? तो सगाई के एक साल बाद मेरी शादी हो गई और मेरी पत्नी भी मुझे बहुत अच्छा सेक्स में साथ देती थी, लेकिन हुआ यह कि शादी के बाद जब में पहली बार मेरे ससुर के घर गया तो में दामाद था और अपने ससुर के घर पर मेरी बहुत अच्छी तरह स्वागत हुआ और स्मिता मेरा बहुत अच्छा ख्याल रखती थी.
फिर उसके बाद जब मेरा साला और उसकी पत्नी (स्मिता) जब पहली बार मेरे घर पर आए तो में उसे बहुत जगह पर घुमाने लेकर गया. मेरा साला बहुत बार अपने दूसरे रिश्तेदार के घर पर जाता तो में, मेरी पत्नी और स्मिता साथ में शॉपिंग के लिए भी जाते और उसको में बहुत बार शॉपिंग करवाता था और हम जब भी में उसके साथ जाता तो में सब चीज़ उसको पहनकर देखकर लाने को कहता था और पहनाकर भी देखता था और उस टाईम पहली बार हुआ कि मेरी पत्नी घूमते समय मुझसे अलग हो गई और मेरे साले की पत्नी एक फिटिंग वाली ड्रेस पहनकर देखने के लिए ट्रायल रूम में गई थी तो वो जब वापस बाहर आई तो दिखाने के लिए तब कोई नहीं था.
उसने मुझे कॉल किया तो में आ गया क्योंकि मेरी पत्नी का मोबाईल कार में पड़ा हुआ था, उसने मुझसे पूछा कि मेरी पत्नी कहाँ है? तो मैंने उससे कहा कि में भी उसे बहुत देर से ढूँढ रहा हूँ, लेकिन वो ना जाने कहाँ चली गई है? तब उसने मुझसे बोला कि अब इस ड्रेस का क्या करें? तो मैंने उसे बताया कि इस ड्रेस में आप बहुत अच्छी लग रही हो और इसकी फिटिंग भी बहुत अच्छी आ रही है. उसने अब उस ड्रेस को रख लिया और बाद में ट्रायल रूम से बाहर आकर उसने बोला कि मुझे तो और भी शॉपिंग करनी है, लेकिन सबसे पहले उसे ढूँढते है तो मैंने उससे कहा कि तुम टेंशन मत लो, थोड़ी देर में वो मिल जाएगी और आपको जो भी शॉपिंग करनी है में करवाता हूँ और अब उसे में अच्छी अच्छी ड्रेस दिखाने लगा और हर बार ट्रायल करवाने लगा.
उसने बहुत सारी शॉपिंग की और वो मेरी पसंद से भी खुश हो गई और मॉल से जाते हुये वो अंडरगार्मेंट्स के पास जाकर रुक गई और अब वो सोचने लगी कि अब क्या करें? लेकिन उसे पहले से ही पता था कि में बहुत खुले दिमाग का हूँ तो मैंने उससे पूछा कि लेना है? तो वो थोड़ा सा शरमा गई, लेकिन जब मैंने बोला तो वो अपनी साइज़ देखने लगी और थोड़ी देर के बाद में भी उसे मदद करने लगा और कहा कि इसमे ब्रांडेड ही पहनना चाहिए जिससे कि अपनी साईज़ अच्छी रहती है. उस टाईम मुझे पता चला कि वो 32 साईज की ब्रा पहनती है, तो मैंने उसे मज़ाक मज़ाक में बोला कि क्यों इसको ट्राई नहीं करना है? तो उसने भी जवाब दिया कि बाद में दिखाउंगी किसको?
मैंने कहा कि लेकिन में अभी तैयार हूँ, तो वो मुस्कुराकर पैसे वाले काउंटर पर चली गई और वहां पर मैंने सब बिल दे दिया और फिर मेरी पत्नी भी मिल गई. उसके बाद हमने बाहर खाना खाया और घर पर आए तो वो मेरे सामने देख ही नहीं रही थी और उसके दूसरे दिन हम सब लोगों को बाहर एक रिश्तेदार कर यहाँ पर खाना खाने जाना था और मेरा साला पहले से वहां पर था और मेरी पत्नी और में सुबह से वहां पर चले गये, लेकिन दस बजे मेरी पत्नी ने मुझसे बोला कि आप स्मिता को लेकर आ जाओ.
फिर में कार लेकर उसे लेने के लिए चला गया और जब में घर गया तो वो मेरा इंतजार कर रही थी. मैंने उसे कार में बैठने को कहा तो वो मुस्कुराकर बैठ गई. फिर मैंने उससे बोला कि क्या हुआ आप क्यों इतने शरमाते हो? तो उसने बताया कि आप बहुत शरारती हो और हम बात करने लगे, लेकिन मैंने बातों ही बातों में बोल दिया कि वाह नई ब्रा का अच्छा अहसास आया है.
तो वो मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से चकित हो गई और उसने मुझसे पूछा कि आपको कैसे पता चला कि मैंने वही ब्रा का सेट पहना है? तो मैंने उसे बताया कि जब आप कार में बैठने के लिए थोड़ा झुकी तो वो मुझसे दिखाई दिया और अब उसने मुझे मेरे हाथ पर हाथ मारकर बोला कि आप बहुत शरारती हो. फिर मैंने कहा कि वैसे आप इस साड़ी में बहुत सेक्सी लग रही हो, उसने मुझे धन्यवाद बोला, लेकिन तभी मैंने बोला कि मुझे अफ़सोस है कि मैंने सारी चीज़ पसंद करवाई और आपने मुझे सबकी फिटिंग दिखाई, लेकिन मुझे अब तक इसकी फिटिंग देखने को नहीं मिली.
मेरी यह बात सुनकर एकदम से शरमा गई और तब तक हम वहां पर पहुंच गये थे और उसके एक दिन बाद वो अपने घर यानि कि मेरे ससुर के घर चले गये और दूसरे दिन मैंने उसे कॉल किया कि आप अच्छी तरह से पहुंच तो गये ना? और में उसके बाद में उससे फोन पर अक्सर बात करने लगा. वो भी मुझे खुद ही कॉल करती थी और में उससे बहुत देर तक बात करता और एक दिन बातों ही बातों में उसने मुझसे कहा कि क्यों आपको अपने ससुराल आना नहीं है? तो मैंने बोला कि क्या करेंगे वहां पर आकर? तो वो बोली कि यहाँ पर बहुत कुछ करने का मौका मिल सकता है. फिर मैंने कहा कि लेकिन फिटिंग तो देखने को नहीं मिलेगी ना? तो उसने कहा कि आप एक बार आओ तो सही और फिर मैंने कहा कि ठीक है.
फिर एक महीने के बाद मुझे मेरे गावं जाना था तो मैंने सोचा कि ससुराल भी जाकर आता हूँ तो में मेरे ससुराल गया, लेकिन मैंने मेरे ससुर के घर पर किसी को नहीं बताया था कि में आने वाला हूँ, लेकिन हुआ यह कि में जब वहां पर गया तो सब लोग मेरी साली के लिए लड़का देखने के लिए गये हुए थे, लेकिन सिर्फ़ मेरे साले की पत्नी स्मिता घर पर थी और वो मुझे देखकर एकदम से चकित हो गई और बहुत खुश भी हुई उसने मुझे बताया कि सब लोग बाहर लड़का देखने गये है और उसने उस दिन गुजराती स्टाईल की साड़ी पहनी हुई थी और उसमे वो बहुत सेक्सी लग रही थी और वो उस समय घर का कम कर रही थी.
फिर उसने मुझे पीने को पानी दिया और मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और थोड़ी उसके लिए भी लेकर आई और फिर हम बात करने लगे और चाय पीने लगे. तभी उसने मुझसे पूछा कि क्या खाना खाओगे? तो मैंने कहा कि तुम्हे जो भी अच्छा लगे बना लो और हम इस बात पर मस्ती, मजाक करने लगे कि तुम बताओ और वो बोल रही थी कि तुम बताओ? और मस्ती मस्ती में मैंने कब उसका हाथ पकड़ लिया मुझे पता ही नहीं चला और उसको अपनी तरफ खींच लिया और हम मस्ती करने लगे और इस बीच अचानक से मैंने मेरे होंठ उसके होंठो पर रख दिए कि उसे पता भी नहीं चलने दिया और करीब हमारी वो पहली किस पांच मिनट तक चली और फिर कुछ देर के बाद में वो मुझसे छूटकर बोली कि में खाना बनाने जा रही हूँ, यह बोलकर वो किचन में चली गई और अब वो खाना बनाने लगी.
फिर करीब तीस मिनट बाद जब में किचन में गया तो मैंने देखा कि वो भजिया बना रही थी और फिर मैंने उसे पीछे से जकड़कर पकड़ लिया और अब में उसके बालों को एक साइड करके उस जगह पर किस करने लगा कुछ देर बाद के में गैस बंद करके उसको मैंने मेरी गोद में उठाकर सीधा रूम में लेकर आ गया और मैंने उसे हाथ भी साफ करने नहीं दिये क्योंकि उस दिन वो गुजराती स्टाइल साड़ी में इतनी सेक्सी लग रही थी कि मुझसे रहा नहीं गया और फिर में उसे किस करने लगा और साथ में उसके ब्लाउज पर हाथ घुमाने लगा और अब धीरे धीरे करके मैंने उसके ब्लाउज के सारे बटन खोल दिये, लेकिन मैंने जब बटन खोला तो मुझे पता चला कि उसने आज भी वही ब्रा, पेंटी पहनी हुई थी.
कुछ देर के बाद में मैंने उसकी साड़ी को भी उतार दिया और वो अब सिर्फ़ चोली और ब्रा में थी. मैंने मेरी शर्ट को भी उतार दिया और अब तो वो भी मुझे हर जगह पर किस किए जा रही थी और मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया. जब मैंने उसकी ब्रा को उतारा तो में उसके बूब्स को देखकर एकदम से चकित हो गया, क्योंकि इतने सेक्सी बड़े बड़े एकदम गोल बूब्स मैंने कभी नहीं देखे थे.
अब में तो बस उसको मुहं मे लेकर चूसने लगा और करीब में उसके बूब्स को बीस मिनट तक चूसता रहा और किस करता रहा. उसके बाद मैंने उसकी चोली का नाड़ा खोल दिया और पेंटी को भी उतार दिया. में उसे बस किस करते करते उसकी चूत तक पहुंच गया और उसकी चूत को में बहुत अच्छी तरह से चूसने लगा.
वो पागल होती जा रही थी और बार बार मुहं में से आआहह उूउऊहहह्ह्ह्हह उफफ्फ्फ्फ़ माँ मरी जैसी आवाज़ निकाल रही थी और करीब दस मिनट के बाद उसने मेरे मुहं को ज़ोर से पकड़कर अपनी चूत के मुहं पर दबा दिया, शायद वो अब झड़ गई थी उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के पास में सो गये, लेकिन मुझे उससे कुछ कहना नहीं पड़ा और अब उसने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए और वो मेरा लंड देखकर चकित हो गई और उसे अपने एक हाथ से सहलाने और हिलाने लगी, लेकिन बीच में उसने मुझसे पूछा कि चूत चूसने में कैसे लगा? मैंने कहा कि मुझे बहुत मज़ा आया तो उसने बोला कि मुझे भी बहुत मज़ा आया, लेकिन में बहुत सोच में हूँ कि में आपका यह मुहं में लूँ या नहीं? और यह कैसे लगेगा? तो मैंने कहा कि तुम एक बार कोशिश करो, अगर तुम्हे अच्छा नहीं लगे तो बाहर निकाल देना.
फिर वो उसे अब सहलाते सहलाते हुये धीरे धीरे करके मुहं में लेने लगी और फिर थोड़ी देर में क्या हुआ? कि वो पागल की तरह मेरा लंड चूसने लगी जैसे कि उसको पहली बार लोलीपोप मिला हो और अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. करीब 15 मिनट के बाद में भी उसके मुहं में झड़ गया, लेकिन उसने बाथरूम में जाकर अपने मुहं से सारा वीर्य बाहर निकालकर साफ करके चली आई और उसके बाद उसने खाना बनाया और हमने खाना खाया. फिर हमने जो मॉल से खरीदी हुई फिटिंग वाली ड्रेस और ब्रा का दूसरा सेट था वो उसे पहनकर तैयार हो गई, लेकिन मैंने इस बार कुछ नहीं देखा, क्योंकि में सेक्स करने के लिए बहुत उतावला हो रहा था. बस मैंने जल्दी से उसके और मेरे सारे कपड़े उतार दिए और उसको किस करने लगा और बूब्स चूसने लगा. उसने मेरे लंड को हिलाकर एकदम टाईट कर दिया.
फिर मैंने उसके दोनों पैरों को पकड़ कर चौड़ा किया और मेरा लंड उसकी चूत पर रखकर एक ज़ोर का झटका दिया, जिससे मेरा लंड थोड़ा सा अंदर चल गया और फिर चार पांच झटको में मैंने मेरा पूरा लंड लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसको धक्के देकर चोदने लगा और वो भी मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के मज़े लेने लगी और एक बार झड़ जाने के बाद मेरा दूसरा चुदाई का दौर बहुत लंबा चलता रहा.
फिर हमने डॉगी स्टाईल में भी सेक्स किया. पहले तो वो मुझसे डॉगी स्टाइल में चुदाई करने से मना कर रही थी, लेकिन मेरे समझाने के बाद में वो ठीक तरह से कुतिया की तरह मेरा साथ देने लगी थी और में बस उसको ज़ोर ज़ोर से झटके दिए जा रहा था, लेकिन अब वो डॉगी स्टाइल में बहुत देर चुदने की वजह से बहुत थक गई थी, लेकिन में अब भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था, लेकिन में भी तो अभी तक नहीं झड़ा था. फिर कुछ देर के बाद में मैंने मेरे शॉट के साथ उसे मेरे ऊपर आने को कहा और वो मेरे ऊपर आ गई. मैंने मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में एक ही झटके के साथ डाल दिया और वो एकदम से बहुत ज़ोर से चिल्ला उठी ऊऊईईईईईईईईई माँ मममाआआआआअ मर गई में उह्ह्ह्ह प्लीज धीरे करो ओह्ह्ह्हह्ह थोड़ा धीरे आईईइईईईइ माँ प्लीज मुझ पर थोड़ा रहम करो.
दोस्तों इस बार वो पहली बार इतनी ज़ोर से चीखी थी. तब मुझे पता चला कि वो चुदाई करवाने में कितनी ताकतवर है और बस उसके बाद तो में उसको ऊपर से हिलाने लगा इस चुदाई में उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि ऐसे ऊपर वो पहली बार आई थी और हम दोनों के चिल्लाने की आवाज पूरे रूम को फेलने लगी और फिर वो तो बस आह्ह्ह्हहअहह ऊह्हहह आआआआआआअहह बस और ज़ोर से चोदो मुझे हाँ और ज़ोर से कर रही थी, लेकिन में अब भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था क्योंकि मुझे दूसरी बार झड़ने में बहुत समय लगता है और फिर उसके बाद मैंने उसे वापस नीचे किया और में उसके ऊपर आकर इस बार बहुत ज़ोर से धक्के देने लगा और वो भी बहुत अच्छी तरह से मेरा साथ दे रही थी. अब मेरी और उसकी साँसे तेज हो गई थी और पूरा रूम हमारी आवाज़ से गूँज रहा था.
बस उसके बाद करीब 20 या 25 मिनट के बाद में झड़ गया और तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी. मैंने मेरा सारा पानी उसकी चूत में निकाल दिया और बस हम ऐसे ही करीब एक घंटे तक लेटे रहे. फिर करीब एक घंटे के बाद हम साथ में नहाए और बहुत मज़े किए. फिर उसके थोड़ी देर बाद सारे घरवाले भी आ गये. दोस्तों में आज भी उसको चोदता हूँ और उसकी चूत के मजे लेता हूँ.
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सेक्सी मकान मालकिन की चूत मारी

हैल्लो दोस्तों, सेक्सी लड़कियों और भाभियों आप सभी अब अपनी अपनी चूत को नंगी कर लो, क्योंकि मुझे विश्वास है कि इस कहानी को पढ़ते पढ़ते आप सभी की चूत का पानी निकल जाएगा और लंड वालों आप सभी अपना अपना लंड हाथ में पकड़ लो और मुठ मारना शुरू कर दो, क्योंकि यह मेरी कहानी बहुत गर्म है. दोस्तों मेरा नाम प्रदीप है और में जालंधर के एक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट हूँ. दोस्तों आज में जो कहानी आप सभी के सामने पेश कर रहा हूँ वो मेरे साथ उस वक्त घटित हुई थी जब में कॉलेज के दूसरे साल में अपनी पढ़ाई कर रहा था और में यहाँ पर एक मकान में किराए से रहता था.
उस मकान में मकान मालिक का परिवार जिसमे एक छोटा लड़का उम्र 2 साल लेकिन वो बहुत शरारती है और उस लड़के की माँ जिसे में भाभी कहता हूँ उनकी उम्र करीब 27 साल है और मकान में दादा, दादी भी रहते है. दोस्तों उन भाभी के पति जो कि अभी कनाडा में रहते है और उन्हे यहाँ से गये हुए पूरे दो साल हो गये थे. दोस्तों यह बात फरवरी 2013 की है उस वक़्त पंजाब में बहुत ज्यादा ठंड होती है, क्योंकि मकान में जवान सिर्फ़ भाभी है तो हर काम उन्हे ही देखना पड़ता है, लेकिन जब से में उनके मकान में रहने लगा हूँ तब से उन्हे मेरी तरफ से थोड़ी बहुत मदद मिल जाती थी, क्योंकि में बाहर से कुछ भी जरुरी सामान लाने में उनकी हमेशा मदद किया करता था.
दोस्तों थोड़ा बहुत में अपनी भाभी के बारे में भी बता दूँ कि उनकी उम्र 27 साल, गोरा चेहरा, उनके फिगर का साईज़ 32-30-34 है और वो दिखने में बहुत मस्त है. उन्हे एक बार देखने से ही किसी का भी चोदने का दिल कर जाए. अब में अपने मन की बताऊँ तो भी ऐसा परिवार पाकर बहुत खुश था और भाभी के बूब्स तो मुझे बहुत ज्यादा अच्छे लगते थे और वो मकान पर अधिकतर समय सूट पहनती थी और उन कपड़ो में तो वो बिल्कुल कयामत लगती थी, उन्हे देखते ही मेरा दिल करता है कि बस पकड़कर चोद दूँ. दोस्तों अब में अपनी कहानी को शुरू करता हूँ. तो एक दिन हुआ यह कि मुझे उस मकान में कमरा लिए हुए अभी दो महीने ही हुए थे और में उनके मकान पर एक परिवार के सदस्य की तरह रहने लगा था और उनका मुझ पर विश्वास भी पूरा बन गया था, मेरा रूम ऊपर वाला था और मुझे खाना देने भाभी खुद ही आया करती थी, क्योंकि में बाहर के कामों में उनकी मदद कर देता था और जब मकान के सभी सदस्य खाना खा लेते थे तो उसके बाद भाभी मुझे खाना लाकर ऊपर दे दिया करती थी. दोस्तों पहले पहले तो में भाभी को चोदने के बारे में नहीं सोचा करता था, लेकिन थोड़े दिनों के बाद भाभी की शायद मुझमें रूचि ज्यादा ही बन गई थी और अब वो मेरे साथ कुछ अजीब सा व्यहवार करने लगी थी, उन्होंने मेरे साथ अब हंसी मज़ाक भी करना शुरू कर दिया था और में भी कभी कभी उन्हे मज़ाक में पकड़ लिया करता था, लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती थी और अब मुझे उनका व्यहवार देखकर लगने लगा था कि भाभी मुझसे कुछ चाहती है? लेकिन मैंने उस काम में ज्यादा जल्दी नहीं की. दोस्तों में हर रोज शाम को जिम जाया करता था और फिर वहां से आकर नहाता था.
एक दिन जब में शाम को जिम से वापस आया तो मैंने देखा कि मकान में सिर्फ़ भाभी और उनका लड़का ही था. तो मैंने उनसे पूछा कि मकान के सब लोग कहाँ गये? तो वो मुझसे बोली कि दादा दादी पास में किसी के मकान पर जागरण में गए हुए है, लेकिन मुझे लगता कि शायद वो आज घर नहीं आएँगे. तो उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और फिर में बाथरूम में नहाने चला गया. दोस्तों में हमेशा नंगा होकर नहाता हूँ और हर रोज की तरह आज भी में नंगा ही नहा रहा था, वो बाथरूम इस तरह से बना है कि अगर कोई छत पर खड़ा हो तो उसे ऊपर से अंदर की तरफ सब कुछ दिखेगा, लेकिन वहां पर ज्यादा कोई नहीं जाता है, सिर्फ़ कपड़े सुखाने के लिए तार लगा हुआ है. उस दिन शायद भाभी ने अपने कुछ कपड़े तार पर डाल रखे थे और वो छत पर उन्हे उतारने गई हुई थी, लेकिन मैंने उस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और फिर मैंने अपने लंड पर साबुन लगाया तो वो धीरे धीरे तनकर खड़ा होने लगा और इसी बीच मेरा मुठ मारने का मन किया और फिर में शुरू हो गया और शायद यह सब भाभी देख रही थी, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया. फिर मैंने मुठ मारी और नहाकर बाहर आ गया. दोस्तों मेरा लंड 6 इंच का है. तो उसी रात को भाभी रूम में खाना लेकर आई और फिर पानी वग़ैरह रखकर मेरे सामने ही बैठ गयी. तभी मैंने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा कि लगता है आज आप अपने सभी कामों से बिल्कुल फ्री है? तो उन्होंने कहा कि हाँ और फिर मैंने उनसे पूछा कि छोटू कहाँ है? तो वो बोली कि वो सो गया है.
फिर हम बातें करने लगे और जब मैंने खाना खा लिया तो वो बर्तन ले जाकर रसोईघर में रख आई और फिर दोबारा मेरे रूम में आई और बोली कि आज मेरा मन नहीं लग रहा है क्या हम कुछ देर बात कर सकते है? तो मैंने कहा कि हाँ क्यों नहीं? चलो भाभी हम दोनों आज छत पर बिल्कुल खुले में बैठकर बातें करते है और फिर हम छत पर चले गये, वो मेरे पास में बैठी हुई थी और फिर हम दोनों ने बातें करनी शुरू की. दोस्तों भाभी ने अपनी शादी से पहले बी.ए. की हुई है इसलिए में उनकी कॉलेज लाईफ के बारे में पूछने लगा कि उनकी कॉलेज लाईफ कैसी थी? तो उन्होंने मुझे बताया कि उस समय उनके पीछे कॉलेज के बहुत सारे लड़के थे, लेकिन वो एक लड़के को बहुत पसंद करती थी. फिर वो मेरे बारे में मुझसे पूछने लगी कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि हाँ एक है, तो वो मुझसे मजाक में बोली कि क्यों इसका मतलब तुम तो पूरा मज़ा ले रहे होंगे? और वैसे भी आज कल तो सब बहुत तेज़ हो गया है. मैंने भी उनकी यह बात सुनकर उनको स्माइल किया और मैंने भाभी से कहा कि भाभी क्या में आपसे एक बात पूछ सकता हूँ, आप मुझसे गुस्सा तो नहीं हो जाओगी?
फिर वो बोली कि नहीं तुम पूछ लो ऐसा कुछ नहीं होगा. तो मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए कहा कि आपने शादी से पहले कभी किसी के साथ कुछ किया है? तो यह बात सुनते ही वो मुझे एकदम हैरान होकर देखने लगी और फिर वो हंसकर बोली कि तुम यह मुझसे क्या पूछ रहे हो? तो मैंने कहा कि क्यों हम इतनी बात तो कर ही सकते है ना? तो वो हंसने लगी और फिर बोली कि नहीं पहले कभी मैंने ऐसा कुछ नहीं किया था, लेकिन जिस लड़के को वो दिल से चाहती थी वो एक बार उन्हे अकेले में ले गया था और वहां पर हमने किस किए थे और उसने मेरे बूब्स दबाए थे और मुझसे मेरी चुदाई करने की कह रहा था, लेकिन में नहीं मानी.
मैंने उनकी बात खत्म होते ही उनसे पूछा कि क्या आप अपनी इस लाइफ से खुश हो? तो वो एकदम से बोली कि हाँ और फिर वो मेरी बात को काटते हुए मुझसे पूछने लगी कि तुम बाथरूम में क्या कर रहे थे? दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे तो होश ही उड़ गये और उस घबराहट में मेरे मुहं से आवाज़ नहीं निकली. में पसीने से गीला हो गया, मेरे चेहरे का रंग उड़ गया और में ये, वू, में वो कर रहा था और कुछ भी बड़बड़ाने लगा. फिर वो स्माइल करते हुए बोली कि क्या हुआ मुझसे इतना डर क्यों रहे हो? तुमने तो मुझसे बहुत आसानी से सब कुछ पूछ लिया और जब मैंने तुमसे कुछ तुम्हारे बारे में पूछा तो तुम्हारी आवाज़ नहीं निकल रही ऐसा क्यों? वैसे अब तुम मुझसे बिल्कुल भी मत डरो क्योंकि मैंने तुम्हे वो सब करते हुए देख लिया था.
मैंने कुछ नहीं कहा और थोड़ी देर शांत रहा, लेकिन मन ही मन कुछ सोचता रहा और फिर मैंने कुछ देर बाद उनसे कहा कि भाभी प्लीज आप यह बात किसी से मत कहना. तो वो बोली कि यहाँ पर इस समय कहने और सुनने के लिए सिर्फ़ तुम ही हो और कोई नहीं है. जिससे में यह सब कहूँगी और फिर वो मुझसे मुस्कुराती हुई बोली कि वैसे तुम्हे वो सब करने की ज़रूरत ही नहीं. मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए बहुत हल्की आवाज से पूछा कि क्यों? लेकिन वो कुछ नहीं बोली बस शरारती अंदाज में मुस्कुराती रही.
मैंने पूछा कि भाभी भैया को बाहर गये हुए दो साल हो गये है तो आप कैसे रह लेते हो? फिर वो झट से बोली कि कैसे रह लेती हो का क्या मतलब् है? तो मैंने कहा कि वो सब जो एक पति पत्नी करते है उसका क्या? तो वो बोली कि हाँ ठीक है में तुम्हारा कहने का मतलब समझ गयी, लेकिन वो थोड़ी देर बिल्कुल चुप रही और फिर वो अपनी आंख से आँसू साफ करते हुए बोली कि चलो अब नीचे सोते है, क्योंकि अब रात भी बहुत ज्यादा हो गयी है. दोस्तों में उनकी इन सब बातों से समझ गया था कि भाभी बहुत प्यासी है और उन्हे अब लंड की ज़रूरत है और मैंने भी मन ही मन सोचा कि आज में इसे इस बात का एहसास करा देता हूँ कि उसका पति नहीं है तो क्या हुआ लंड मेरे पास भी है और में उसके पास हूँ ना?
फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी को बैठे हुए ही पीछे से कंधे पर हाथ रखा और मेरे ऐसा करते ही भाभी मेरे कंधे पर अपना सर रखकर रोने लगी और में उन्हे अपनी तरफ खींचकर उनकी पीठ को सहलाने लगा. वो करीब पांच मिनट तक रोती रही. फिर जब उन्होंने अपना चेहरा मेरे कंधे से हटाया और अपने चेहरे को ऊपर किया तो मैंने अचानक से उनके गुलाबी, मुलायम होंठो पर अपने होंठ रख दिए, लेकिन भाभी ने कुछ नहीं कहा बस उन्होंने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया और जिसकी वजह से मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और अब मैंने भाभी को स्मूच करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद भाभी ने भी मेरा पूरा पूरा साथ देना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर के किस के बाद मैंने भाभी को खड़ा किया और अपने साथ उन्हे अपने रूम में ले गया, कमरे की लाइट चालू की और दरवाजा बंद कर दिया और जब मेरी और भाभी की नजरें एक दूसरे से मिली तो हम दोनों ने एक दूसरे को स्माइल किया और में भाभी को पकड़कर बेड पर ले गया और फिर मैंने उन्हे चूमना शुरू कर दिया और इस काम में भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, भाभी ने उस समय सूट पहना हुआ था.
फिर मैंने उनकी चुन्नी को उतार दिया और सूट के ऊपर से ही दोनों बूब्स को दबाने लगा. जिसकी वजह से भाभी अब धीरे धीरे गरम हो रही थी और वो मुझे ज़ोर ज़ोर से किस कर रही थी और अब हम दोनों की जीभ एक दूसरे के मुहं में थी और करीब 15 मिनट किस करने के बाद मैंने भाभी को अलग किया और उनका सूट उतार दिया. अब भाभी सिर्फ़ सलवार में थी और ऊपर ब्रा पहन रखी थी. मैंने फिर से भाभी को पकड़ा और स्मूच करने लगा और ब्रा के ऊपर से ही दोनों बूब्स दबाने लगा.
वाह दोस्तों क्या मस्त बूब्स थे और किस करते ही मैंने सलवार का नाड़ा खोल दिया और वो नीचे सरक गई. भाभी ने उस समय काले रंग की पेंटी पहनी हुई थी और में किस करते वक़्त कभी भाभी के बूब्स दबाता तो कभी पेंटी में हाथ डाल रहा था. तो भाभी ने मुझे अपने जिस्म से अलग किया और मुझे भी पूरा नंगा कर दिया और मेरे लंड को देखकर बोली कि कितना मस्त है? मैंने तुम्हे आज पहली बार तब देखा जब तुम नहाते समय बाथरूम में मुठ मार रहे थे और उसी वक़्त मेरा तुम से चुदने का दिल किया, लेकिन में तुमसे बात नहीं कर सकी और फिर वो मुझसे इतना कहकर मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी. तो आअहह ऊऊओह भाभी मेरे मुहं से आवाज़ निकल पड़ी और भाभी तो पूरी तरह से लंड चूसने में अनुभवी लग रही थी और वो मेरे लंड को बहुत देर तक चूसती रही.
मैंने उसे सीधा लेटाया और उसकी ब्रा और पेंटी को उतार फेंका और उसके दोनों गोरे गोरे पैरों को फैलाया, लेकिन अब उसकी चूत को देखकर मेरी आँखे खुली की खुली रह गयी और मेरा चेहरा देखकर भाभी बोली कि क्या हुआ? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं भाभी आपकी चूत तो बहुत मस्त है. मैंने आज तक एसी चूत कभी किसी ब्लूफिल्म में भी नहीं देखी. दोस्तों उसकी चूत एकदम गोरी, चिकनी, कामुक और बहुत सुंदर थी और उसकी चूत का दाना बिल्कुल लाल रंग का था.
मैंने कहा कि भाभी आप अपनी इस बैचेन चूत को अब तक मुझसे क्यों छुपाकर रख रही थी? तो वो बोली कि नहीं में तो कब से तुमसे चुदने को तैयार थी, लेकिन तुम ही मुझ में बिल्कुल भी रूचि नहीं ले रहे थे. फिर मैंने उनसे कहा कि सॉरी भाभी और मैंने उनके दोनों पैरों को फैलाया और मैंने अपना मुहं उसकी चूत के दाने पर रख दिया तो वो एकदम से उछल पड़ी और उसके मुहं से आहह्ह्ह्हह्ह आईईई की आवाज़ आई और मैंने चूत को चाटना शुरू कर दिया.
दोस्तों वाह क्या मस्त स्वाद था उसकी चूत के पानी का और उसे में चूसता ही रहा और करीब दस मिनट तक चाटता ही रहा, तो इसी बीच वो एक बार झड़ चुकी थी और जब मैंने उसकी तरफ़ देखा तो वो ज़ोर ज़ोर से हाँफ रही थी और स्माईल कर रही थी. मैंने उसे किस किया और बोला कि भाभी क्या आप हमेशा अपनी चूत को क्लीन शेव रखती हो? तो वो बोली कि नहीं मैंने आज ही खाना बनाने से पहले अपनी चूत को साफ किया है और हम फिर से किस करने लगे और उसने मेरे लंड को दोबारा चूसना शुरू कर दिया और जब मेरा लंड पूरा टाइट हो गया तो वो मुझसे बोली कि प्रदीप प्लीज मेरी चूत बहुत प्यासी है आज इसकी प्यास बुझा दो और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रख दिया और एक ज़ोर का धक्का मारा, लेकिन उसकी चीखने की आवाज़ उसके मुहं में दबकर रह गयी और आँखे जैसे बाहर आ गयी. तो यह सब देखकर में थोड़ा सा रुका और वो बोली कि प्लीज थोड़ा धीरे धीरे डालो, मैंने इसमें पिछले दो साल से एक उंगली भी नहीं डाली है और फिर मैंने धीरे धीरे धक्के देकर चोदना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद वो भी अपनी गांड को उछालने लगी और मेरे हर एक धक्के के साथ आअहह आईईईई उफफ्फ्फ् आआआहह ऊऊऊओह की आवाज़ निकालने लगी और में भी उसे ज़ोर ज़ोर से धक्कों के साथ चोदने लगा, उसने मस्ती में अपनी दोनों आँखे बंद कर रखी थी और में उसे इस कामुक अवस्था में देखकर और भी पागल हुआ जा रहा था और उसे ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था.
फिर वो भी अब मुझे बोल रही थी हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे प्रदीप आआआहह और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को, दो साल से वो साला कुत्ता मुझे प्यासी छोड़कर गया हुआ है और वहां पर वो रंडियों को चोद रहा होगा और में यहाँ पर बिना लंड के चुदने के लिए तरस रही हूँ आआआहह ऊऊऊओभ और वो अपनी गांड को ज़ोर ज़ोर से उछालने लगी. मैंने उसे सीधा लेटाया हुआ था और उसके दोनों पैर मेरे कंधे पर थे, जब वो एक बार झड़ गयी तब उसने अपनी आँखे खोली और स्माईल के साथ आअहह कर रही थी. में उसे लगातार धक्के मार रहा था और उसे किस कर रहा था, उसके बूब्स को बारी बारी से चूस रहा था दबा रहा था और फिर करीब दस मिनट तक लगातार धक्के मारने के बाद मेरा भी वीर्य अब निकलने वाला था और में ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. तो उसने कहा कि प्लीज अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही निकालकर आज इसकी प्यास बुझा दे मेरे राजा. फिर यह बात सुनकर मैंने जोश में आकर धक्के और तेज़ कर दिए और दो मिनट में मैंने अपने लंड का सारा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया और उसके ऊपर लेट गया.
वो मुझे किस करने लगी और सहलाने लगी और थोड़ी देर के बाद जब मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हुआ तब भी मेरा लंड उसकी चूत में ही था और वो मुझसे बोली कि प्रदीप तुम बहुत अच्छे हो और में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और आज से तुम मुझे जब भी ठीक टाईम मिले और मौका मिले तो चोदना, तुम इस बात का मुझसे वादा करो. फिर मैंने कहा कि मेरी जान में भी तुमसे उतना ही प्यार करता हूँ और इतनी मस्त, रसीली, कामुक चूत और गांड वाली भाभी को में कैसे बिना चोदे छोड़ सकता हूँ और अब तो दिल करता है कि में तुम्हारी चूत से अपने लंड को बाहर ही नहीं निकालूँ. तो इस पर वो बोली कि तो मैंने कब कहा है कि तुम अपना लंड कभी मेरी चूत से बाहर निकालो. मेरा लंड अब उसकी चूत में ही खड़ा होने लगा था और उसे लंड टाईट होता हुए महसूस हुआ तो वो बोली कि वाह मेरा शेर फिर से एक बार तैयार हो रहा है और इस बार में घोड़ी बनती हूँ. तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है में तुझे डोगी स्टाइल में चोदूंगा और फिर वो कुतिया बन गयी और डोगी स्टाइल में इस बार मैंने उसे करीब 15 मिनट तक लगातार चोदा और मैंने एक बार फिर से उसकी चूत में अपना वीर्य निकाल दिया, लेकिन मुझे तो अब उसकी गांड मारने का दिल कर रहा था.
फिर मैंने उससे कहा कि भाभी में अब तुम्हारी गांड मारूँगा. तो वो बोली कि ठीक है, लेकिन तुम मुझे अभी से भाभी नहीं, रेशमा बोलो, दोस्तों क्योंकि उसका नाम रेशमा था और फिर मैंने उसकी एक बार गांड मारी और उसके साथ उसी के रूम में गया और उसके साथ दो बार और चुदाई करके वहीं पर सो गया और उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता तो हम चुदाई करते है.
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मेरी बीवी सुप्रिया का ग्रुप सेक्स

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम जगदीश है और आज में आप सभी को अपनी एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा हूँ और यह घटना मेरी बीवी की चुदाई पर आधारित है जिसमे मेरी बीवी ने कॉलेज के लड़को से अपनी चुदाई करवाई और अब सीधा अपनी कहानी की तरफ चलता हूँ. दोस्तों मेरी बीवी का नाम सुप्रिया है और उससे मेरी शादी 1 साल 6 महीने पहले हुई और हमारी शादी हमारे घरवालों की मर्जी से हुई, लेकिन सुहागरात की रात को ही मेरी बीवी मेरे लंड को देखकर उदास हो गई, क्योंकि मेरे लंड का साईज़ बहुत छोटा था और मुझे सेक्स के बारे में भी ज्यादा पता नहीं था, क्योंकि मेरी शादी से पहले मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी जिसके साथ सेक्स करके में कुछ सीख सकता और इस कारण से दोस्तों में अपनी बीवी को संतुष्ट नहीं कर सका और उस कारण से वो मुझसे बहुत नाराज रहती थी और मुझे बहुत बुरा भला कहती थी.
अब में अपनी बीवी का परिचय भी आप सभी से करा दूँ, मेरी बीवी का रंग गोरा है और वो पतली दुबली है, लेकिन उसके बूब्स उसके जिस्म में सबसे सुंदर अंग है और वो पतली होने के बाद भी उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े है, जिन्हें देखकर किसी का भी लंड पानी छोड़ दे, उसके फिगर का साईज 36-26-35 है और उसकी लम्बाई 5.4 है और उसकी उम्र 28 साल है वो दिखने में एकदम सेक्सी है.
दोस्तों यह बात उन दिनों की है जब हमारे घर के सभी लोग बाहर घूमने गये हुए थे और घर पर में और मेरी बीवी अकेले थे, दोस्तों ऐसा दिन सभी कपल्स के लिए सोना होता है, लेकिन हमारे लिए नहीं क्योंकि मेरी बीवी मुझसे सेक्स नहीं करती थी और अब मुझे भी इसमे ज्यादा कोई रूचि नहीं थी, लेकिन में यह बात बहुत अच्छी तरह से जानता था कि मेरी बीवी की नज़र हमेशा आते जाते लड़कों पर रहती थी और वो उन पर चान्स मारने की फिराक में थी, क्योंकि मुझे पता था कि उसकी कामुक चूत को किसी के लंड का हमेशा इंतजार रहता था जिससे वो अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझा सके. दोस्तों हमारे घर के पास में एक लड़कों का कॉलेज था और मेरी बीवी हमेशा उस कॉलेज के लड़कों को देखती रहती थी, लेकिन उस कॉलेज में बहुत बेकार आवारा किस्म के लड़के पड़ते थे और वो कभी कभी मेरी बीवी की तरफ गंदे गंदे इशारे भी करते थे, लेकिन सुप्रिया को यह सब अच्छा लगता था और वो उन्हे देखकर बहुत हंसती थी.
फिर कुछ दिनों के बाद गर्मियों की छुट्टियाँ लग गई थी और फिर कॉलेज भी बंद हो गया था, लेकिन उस कॉलेज के दो लड़के जिनकी उम्र करीब 21 साल के आस पास थी और वो हर दिन दोपहर में हमारे घर के पास आकर बैठते थे और फिर सिगरते पीते थे. फिर एक बार जब मैंने यह सब उनसे यहाँ पर करने के लिए मना किया तो उन दोनों ने मुझे डराया धमकाया जाने को कहा और में अपने घर पर आ गया.
फिर मुझसे मेरी बीवी ने भी कहा कि क्या हुआ अगर वो यहाँ पर बैठा करते है तो? और मेरी बीवी उनके लिए मुझसे लड़ने झगड़ने लगी और अब मेरी बीवी जब भी उन्हे देखा करती थी तो दौड़कर बालकनी में चली जाती थी. एक दिन वो दोनों लड़के मेरी बीवी को देखकर अपना लंड पेंट से बाहर निकालकर मूतने लगे और यह सब देखकर मेरी बीवी की आखें फटी की फटी रह गयी, क्योंकि शायद उसने इतना बड़ा लंड पहले कभी नहीं देखा था, लेकिन वो दोनों लड़के दिखने में बहुत गंदे थे, उनका रंग बहुत काला था और पतले दुबले थे, लेकिन उनके शरीर में ताक़त बहुत थी.
फिर उस दिन मेरी बीवी ने उन्हे इशारा करके अपना फोन नंबर उन्हे दे दिया और उस दिन से वो हमेशा उन्ही से बात करती रही और वो मेरी बीवी से गंदी गंदी बातें करते थे. अब मेरी बीवी ने उनसे सेक्स चेट करना शुरू कर दिया था और एक दिन जब यह बात मुझे पता चली तो मेरी बीवी ने मुझसे कहा कि अगर में इसके खिलाफ जाऊंगा तो वो उन दोनों लड़को से कहकर मेरा मज़ाक उड़वाएगी. यह बात सुनकर में बहुत डर गया और मैंने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी, क्योंकि मुझे डर था कि अगर मैंने उससे कुछ भी कहा तो वो मेरा बाहर वालों से मजाक बनवाती जो बातें अभी हमारे घर में थी वो अब बाहर निकल सकती थी, इसलिए में बिल्कुल चुप रहा.
एक दिन उन लड़को ने मेरी बीवी से फोन करके कहा कि उन्हे उसके साथ सेक्स करना है, तभी उनसे यह बात सुनकर मेरी बीवी बहुत खुश हो गई, क्योंकि आखिर में उसे वो सब मिलने वाला था जो वो चाहती थी. मेरी बीवी ने उनसे कहा कि वो इस रविवार को हमारे घर पर आ सकते है. वो दोनों अब मेरी बीवी के साथ हॉट सेक्स करना चाहते थे और फिर इसलिए मेरी बीवी ने ऑनलाइन एक सेक्सी पेंटी, ब्रा माँगवाई, जिसके कारण मेरे बीवी की पूरी गांड पीछे से दिख रही थी और ऊपर एक जालीदार टॉप पहना हुआ था जिसमें से सब कुछ दिख रहा था और अब सुप्रिया यह सब लेकर बहुत खुश थी, लेकिन में बहुत नर्वस था.
अब आख़िर में रविवार का दिन आ ही गया. सुप्रिया उन दोनों का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करने लगी. तभी दरवाजे पर घंटी बजी और मैंने दरवाज़ा खोला और देखा कि वो दोनों बाहर खड़े हुए थे. उनमे से एक ने मुझसे कहा कि क्या बे हिजड़े कैसा है? तो मैंने कुछ भी नहीं बोला और उन्हे अंदर आने को कहा तो वो लोग अंदर आकर सुप्रिया को घूर घूरकर देखने लगे, वो उसके बूब्स को देख रहे थे. सुप्रिया ने उनसे हमारे बेडरूम में बैठने को कहा तो वो दोनों बेड पर बैठ गए, में भी एक कुर्सी लेकर वहाँ पर बैठ गया.
सुप्रिया कुछ ठंडा लाने को किचन में चली गयी और थोड़ी देर में उसने उन्हे ठंडा पीने को दिया और फिर वो नहाने चली गयी, तो वो दो लड़के मुझे देखकर हंस रहे थे और मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था. तभी उनमे से एक ने कहा कि आज में तेरी बीवी का सारा दूध पी जाऊंगा और दूसरे ने कहा कि हम दोनों आज उसकी चूत को फाड़ देंगे और अब वो बहुत गरम हो रहे थे.
तभी सुप्रिया वो हॉट से कपड़े पहनकर बाथरूम से बाहर आई तो वो दोनों अपनी बड़ी बड़ी आखों से देखने लगे और बोले कि क्या हॉट रंडी है? तभी सुप्रिया हंस पड़ी और बोली कि हाँ में तुम्हारी रंडी और तुम्हारी बीवी हूँ. उसके मुहं से यह बात सुनकर मुझे रोना आ गया और में वहाँ से उठकर जाने लगा, लेकिन तभी सुप्रिया ने मुझसे कहा कि तुम यहाँ पर बैठकर यह सब देखोगे? और फिर वो बेड पर जाकर उनके बीच में बैठ गई. उन दोनों ने अपना एक हाथ सुप्रिया की जाँघो पर रख दिया और सुप्रिया उन्हे स्मूच करने लगी.
तभी एक सुप्रिया के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और सुप्रिया अहहहह आईईईइ आवाज़ निकालने लगी और बोली कि हाँ थोड़ा अच्छे से मसलो इन्हे और फिर उन्होंने सुप्रिया का टॉप पकड़कर फाड़ दिया और उसके बूब्स को चूसने लगे और जानवरों की तरह काटने लगे, लेकिन सुप्रिया को इन सब में बहुत मज़ा आ रहा था. तभी एक ने सुप्रिया की पेंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी चूत में उंगली करने लगा और दूसरा उसके बूब्स के साथ खेल रहा था. फिर वो सुप्रिया की चूत चाटने लगे और मानो कि सुप्रिया सातवें आसमान पर हो और वो चिल्लाकर बोलने लगी कि हाँ और ज़ोर से अह्ह्ह्हह उह्ह्हह्ह्ह्ह चूसो, मुझे आज अपनी रंडी बना दो.
यह सब सुनकर में रोने लगा, लेकिन में कर भी कुछ नहीं सकता था. फिर उन दोनों लड़को ने सुप्रिया को पूरी तरह नंगा कर दिया और खुद भी नंगे हो गए. सुप्रिया उनके खड़े लंड को देखकर बिल्कुल पागल जैसी हो गई और फिर बोली कि हाँ आज बुझेगी मेरी प्यास, लेकिन प्लीज अब जल्दी से मुझे चोदकर मेरी चूत को ठंडा कर दो.
फिर उसने दोनों का लंड अपने हाथों में ले लिया और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. उनका लंड बहुत गंदा था और बहुत बदबू आ रही थी, लेकिन सुप्रिया को यह सब बहुत अच्छा लग रहा था और वो उसे चूस रही थी और वो लड़के कह रहे थे कि हाँ चूस, रंडी चूस और ज़ोर से चूस. तभी एक ने सुप्रिया को बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत में लंड डालने लगा और दूसरा लड़का उसे अपना लंड चुसवा रहा था, तो एक झटके में उस लड़के ने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और सुप्रिया ज़ोर से बोली कि आआअहह लेकिन दूसरे ने उसे अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकालने का मौका नहीं दिया और वो सुप्रिया की चूत को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा और सुप्रिया दर्द से चिल्लाने लगी, लेकिन वो लोग फिर भी नहीं रूके और जब एक का काम खत्म हुआ तो दूसरे ने उसको चोदना शुरू किया.
में बहुत डर गया और सोचने लगा कि वो मेरी बीवी की जान ना ले ले, लेकिन मैंने देखा कि अब मेरी बीवी को तो बहुत मज़ा आ रहा था और जब उन दोनों का चूत से मन भर गया तो उन्होंने सुप्रिया को घोड़ी बना दिया और बोले कि आज हम तेरी गांड भी मारेंगे.
तो सुप्रिया ने उनसे विनती करके कहा कि प्लीज यह सब नहीं करना, लेकिन वो नहीं माने और एक ने सुप्रिया का हाथ पकड़ लिया और दूसरे ने मुझसे कहा कि जा थोड़ा सा तेल ले आ. मैंने उसे तेल लाकर दिया और उसने तेल को अपने लंड और सुप्रिया की गांड पर लगा दिया, फिर अपने लंड का सुपड़ा उसकी गांड में डालने लगा और अब लंड आधा ही गांड में घुसा होगा कि सुप्रिया ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी. तब दूसरे ने अपना लंड उसके मुहं में डाल दिया और फिर जो उसकी गांड मार रहा था. एक झटके में उसने अपना पूरा लंड सुप्रिया की गांड में डाल दिया और मैंने सुप्रिया की आखों में आँसू और चेहरे पर हंसी देखी.
फिर वो ज़ोर ज़ोर से सुप्रिया की गांड मारने लगा और जब उसका काम खत्म हो गया तो दूसरे ने भी सुप्रिया की जमकर गांड मारी. फिर उन दोनों ने सुप्रिया को सीधा लेटा दिया और अपना सारा वीर्य उसके सारे बदन और मुहं में गिरा दिया. अब उन दोनों ने सुप्रिया पर मूत दिया और उसे अपने मूत से नहला दिया. इन सब कामों से सुप्रिया बहुत खुश थी और वो कहने लगी कि आज तुमने मुझे वो सब कुछ दिया जिसके लिए में बहुत दिनों से तड़प रही थी. तुमने मुझे आज इस तरह से चोदकर मेरे जिस्म की आग को ठंडा कर दिया है, लेकिन अब मेरी चूत को तुम्हारा यह लंड हर रोज चाहिए.
फिर उनमे से एक ने कहा कि मेरी रांड अब तो तू जब भी हमे बुलाएगी हम तेरी सेवा करने चले आएगें और तू बिल्कुल भी चिंता मत कर, हम बहुत जल्दी तुझे चोदकर तेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे और थोड़ी देर के बाद वो चले गये, लेकिन जाते समय बोले कि इस रविवार को तैयार रहना, हम फिर से तुझे जमकर चोदेंगे.
यह सब होने के बाद सुप्रिया दो दिन तक उसकी जमकर चुदाई होने के कारण ठीक से चल नहीं सकी और अब वो दोनों हमेशा इसे चोदते है और अब उसे गर्भवती भी कर दिया है, मेरी बीवी उनके लंड को कभी अपनी चूत में तो कभी अपनी गांड में तो कभी अपने मुहं में लेकर उनसे अपनी चुदाई के मज़े लेती रहती है. दोस्तों अगर ऊपर वाले ने उसके इसके अलावा भी कोई और छेद दिया होता तो वो उसमें भी उनका लंड डलवाने को तैयार थी और वो अब उनकी छिनाल बन चुकी है और वो उससे जैसा कहते है वो बस वैसा ही करती है. वो उनकी चुदाई से अब बहुत संतुष्ट है और में यह सब हाथ पर हाथ रखकर देखता हूँ, क्योंकि में एकदम लाचार हूँ.
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कजिन के मुहं में लंड डाला

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सूर्य है और में उत्तर प्रदेश के फैजाबाद से हूँ, में इस साईट का बहुत बड़ा फैन हूँ. में इस पर प्रकाशित होने वाली हर कहानी को पढ़ता हूँ. बहुत सी कहानियाँ पड़ने के बाद मुझे भी लगा कि मुझे भी अपनी कहानी लिखनी चाहिए. में एक 22 साल का लड़का हूँ और मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है. में एक अच्छी बॉडी वाला लड़का हूँ, मेरी हाईट 6 फुट है.
मेरी कजिन का नाम ममता है और वो मेरी बुआ की लड़की है. उसका साईज़ 36 बूब्स, 24 कमर और 35 की गांड है, वो हमारे यहाँ रहकर पड़ाई करती थी, वो मुझसे कोई 3 या 4 साल बड़ी है, उसके दो भाई है. अब में आपको बोर ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ, बात आज से करीब 7 या 8 साल पहले की है जब में 10वीं क्लास में पढ़ता था. मुझे दोस्तों से थोड़ी बहुत सेक्स की जानकारी थी, में अक्सर ही उसके साथ चिपक कर सोता था, क्योंकि में बहुत छोटा था इसलिए वो भी बुरा नहीं मानती थी.
एक दिन में अचानक से रात में उठा तो मेरा हाथ उसके बूब्स पर था, मैंने महसूस किया कि वो रात में ब्रा नहीं पहनती थी सिर्फ़ नाइटी पहनकर सोती थी. मुझे उसके बूब्स बड़े मुलायम लगे, तो मैंने उनको धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया और इधर मेरे लंड महाराज भी अपनी नींद से उठ रहे थे. अब लंड धीरे-धीरे उठकर पूरी तरह से खड़ा हो गया. उधर में उसके बूब्स सहला रहा था, क्या बताऊँ यार कितना मज़ा आ रहा था? में तो जन्नत में था. मैंने पहली बार किसी लड़की के बूब्स छुए थे.
फिर धीरे-धीरे में और आगे बड़ा और मैंने अपना हाथ उसकी क्लीवेज पर रखा, जिसमें से उसके आधे बूब्स बाहर नज़र आ रहे थे. अब में अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स सहलाने लगा. मेरा दिल और आगे बढ़ने को कह रहा था, लेकिन दिमाग़ रोक रहा था कि कहीं वो उठ ना जाए और मुझे पकड़ ना ले, लेकिन कहते है ना चूत की भूख की आग लगती है तो भूत से भी डर नहीं लगता है, तो मैंने अपना हाथ उसकी नाइटी में डाल दिया और उसके बूब्स सहलाने और हल्के-हल्के दबाने लगा, क्या मस्त बूब्स थे यार उसके? बड़े मुलायम और शायद मेरे सहलाने की वजह से निपल बड़े सख्त हो गए थे.
फिर धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा हाथ उसके शरीर पर घुमाया. क्या बताऊँ यार उसकी बॉडी की स्किन कितनी सॉफ्ट थी? फिर में हाथ फेरते हुए उसकी नाभि पर पहुँचा और वहाँ हाथ फेरने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद में अपना हाथ उसकी पेंटी पर ले गया, उसकी पेंटी को टच करते ही मेरे शरीर में अजीब जी झंनझनाहट हुई जैसे मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ गई हो. फिर मैंने यहाँ वहां टटोलना जारी रखा तो मुझे एक फूला हुआ पार्ट दिखा. में तुरंत समझ गया कि ये उसकी चूत है.
फिर मैंने उसकी पेंटी के नीचे से उंगली डालकर मैंने उसका जायजा लिया, क्या बताऊँ यार उसकी चूत पूरी आग की भट्टी लग रही थी? एक ऐसी आग जिसमें हर कोई जल जाना चाहता है. फिर ऐसा करते हुए वो रात निकल गई और उसे पता नहीं चला. फिर जब भी में उसके साथ सोता तो में यही सब करता था, लेकिन फिर जब तक वो हमारे यहाँ रही में इसके आगे नहीं बड़ पाया.
फिर उसका कॉलेज पूरा हो गया और वो अपने गावं चली गई. फिर में अकेला पड़ गया और उसको सोचकर मुठ मारने लगा, लेकिन वो मज़ा नहीं आता था. मेरे पापा चार भाई है और उनमें मेरे पापा सबसे बड़े है, मेरे बड़े अंकल की एक बेटी है, उसका नाम सौम्या है, वो मुझसे दो साल छोटी है. जब मेरी बुआ की लड़की चली गई तब मैंने सोचा क्यों ना इसी से काम चलाया जाए? फिर में उसके साथ भी वही सब करने लगा, लेकिन में उसके साथ ज़्यादा खुल नहीं पाया था.
फिर मेरे बड़ी बहन की शादी आ गई, उसमें मेरी बुआ की लड़की भी आई हुई थी. अब वो हमारे घर पर करीब दो साल के बाद आई थी, उन दो सालों में वो काफ़ी ज़्यादा बदल गई थी और उसके बूब्स और बड़े हो गए थे. लेकिन अब में 21 साल का हो गया था, तो मुझे उसके साथ सोने को नहीं मिलता था, लेकिन जब से वो आई है, उसके व्यवहार में काफ़ी बदलाव हुआ है. अब वो खुलकर मज़ाक करती और कभी-कभी तो हद ही पार कर देती थी. एक दिन वो बाथरूम में नहा रही थी, हमारा बाथरूम हमारे घर के बीचो बीच आँगन में है और ऊपर से खुला है.
मैंने डिसाइड किया कि आज इसे नंगा देखूँगा, मेरे घर की छत से बाथरूम के अंदर का पूरा दिखता है तो में छत पर चढ़ गया और छुपकर उसे नहाते हुए देखने लगा, लेकिन वो ठीक से दिख नहीं रही थी. वो बाथरूम में बैठकर नहा रही थी, उसके साथ मेरी बहन भी खड़ी थी तो में निराश हो गया, लेकिन फिर भी में देखता रहा और जब वो कपड़े पहनने के लिए उठी तो वो थोड़ा बाहर आ गई, क्योंकि अब मेरी बहन वहाँ बैठकर नहाने लगी थी.
फिर वो जैसे ही बाहर आई तो में उसे देखता ही रह गया, उसके बूब्स क्या लग रहे थे? और उसका फिगर तो कमाल का था, उसे देखकर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और फिर में उसे देखते हुए वहीं पर उसके नाम की मुठ मारने लगा. तभी उसने मुझे देख लिया, मेरी तो फट गई थी, अब क्या होगा? लेकिन फिर मैंने देखा कि वो छुपने या गुस्सा होने कि बजाए वो तो मुझको एक सेक्सी सी स्माइल दे रही थी. फिर में वहाँ से चला गया और दिनभर उससे बचता रहा. फिर रात को जब में घर वापस आया तो काफ़ी देर हो चुकी थी और घर की सारी औरतें पड़ोस के प्रोग्राम में गई हुई थी. फिर में खाना ख़ाकर एक कमरे में सो गया, फिर थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मुझे नींद नहीं आ रही थी और सुबह का वही सीन मुझे याद आ रहा था. तभी थोड़ी देर के बाद वो फोन पर किसी से बात करते हुए मेरे कमरे में आई और मुझे सोता हुआ देखकर फोन पर बात करते हुए मेरे बगल में सो गई.
उसके बाद में मुझे पता चला कि वो उसका होने वाला पति था, फिर थोड़ी देर के बाद उसने फोन रख दिया. फिर वो लेटे हुए ही मेरे पास आ गई और मुझे जगाने लगी. फिर में थोड़ी देर के बाद बहाना करते हुए उठा तो उसने कहा कि तुम सुबह क्या कर रहे थे? तो मैंने बड़ी हिम्मत करके कहा आपको देख रहा था, तो मैंने सोचा यही मौका है आज जो भी ही करना है कर लो. तो उसने कहा अच्छा बहन को नंगा देखते हुए शर्म नहीं आई, तो मैंने कहा खूबसूरती से शर्माना कैसा? फिर मैंने पूछा आप गुस्सा तो नहीं हुई, फिर मुस्कुरा क्यों रही थी? तब उन्होंने मुझे बताया कि तुम मेरे साथ पहले जो करते थे मुझे सब पता है. फिर में समझ गया इसका भी मन है, फिर उसने कपड़े बदलने के लिए लाईट जलाई. फिर उसने मेरे ही सामने मेरी छोटी कजिन के स्कर्ट और टॉप पहन लिया और आकर मेरे पास सो गई. फिर मैंने देर किए बिना ही उसके बूब्स दबाना और किसिंग करना शुरू कर दिया. तभी उसके मंगेतर का फिर से फ़ोन आ गया, लेकिन में रुका नहीं और में उसे चूमता रहा और उसके बूब्स दबाता रहा.
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए और ब्रा खोल दी. फिर में उसके निपल चूसने लगा वो, अया आह्ह्ह्ह करने लगी थी. उसके पति ने पूछा क्या कर रही हो? तो उसने कहा आपसे बात करके उत्तेजित हो गई तो अपने बूब्स दबा रही हूँ. इधर में उसकी पेंटी उतार चुका था और उसकी चूत में उंगली कर रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. ऐसे ही काफ़ी देर तक करने के बाद वो झड़ गई और फिर में उसे उसके मुँह को चोदने लगा. वो बहुत अच्छा लंड चूसती है. फिर थोड़ी देर तक चोदने के बाद में उसके बूब्स चोदने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद में भी झड़ गया, उसके बाद वो जब तक हमारे घर पर रही हम मौका मिलते ही शुरू हो जाते थे, लेकिन अब वो चली गई है. अब तो बस उसके नाम की मुठ मारकर काम चलाता हूँ.
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